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MP Board Class 12th Hindi Solutions मकरंद, स्वाति

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MP Board Class 12th Hindi Book Solutions Makrand

Here we have given MP Board Class 12 General Hindi Makrand Solutions Hindi Samanya Kaksha 12 (मकरंद हिंदी सामान्य कक्षा 12).

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MP Board Class 12th General Hindi व्याकरण

MP Board Class 12th General Hindi Model Question Paper

MP Board Class 12th Hindi Book Solutions Swati

Here we have given MP Board Class 12 Special Hindi Swati Solutions Hindi Vishisht Kaksha 12 (स्वाति हिंदी विशिष्ट कक्षा 12).

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पद्य खण्ड : भाव सारांश,सम्पूर्ण पद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या

गद्य खण्ड : सारांश, शब्दार्थ, व्याख्या एवं अभ्यास

MP Board Class 12th Hindi सहायक वाचन Solutions

MP Board Class 12th Special Hindi व्याकरण

भाषा-बोध

काव्य-बोध

अपठित-बोध

MP Board Class 12th Special Hindi Model Question Paper

MP Board Class 12 Special Hindi Syllabus & Marking Scheme

समय : 3 घण्टा
पूर्णांक : 100

क्रमविषय सामग्रीअंककालखण्ड
1.पद्य खण्ड-
पद्य साहित्य का विकास-आधुनिक काव्य प्रवृत्तियाँ, कवि परिचय, व्याख्या, सौन्दर्य बोध, विषय-बोध एवं मूल्य-बोध पर प्रश्न
(4 + 23 = 27)40
2.गद्य खण्ड-
गद्य साहित्य : विविध विधाएँ-निबन्ध, नाटक, कहानी, लेखक परिचय, व्याख्या, विचार-बोध, विषय-बोध पर प्रश्न
(4 + 19 = 23)35
3.सहायक वाचन-
विविध पाठों की विषय-वस्तु तथा आँचलिक भाषा के पाठों पर प्रश्न
1015
4.भाषा बोध-
वाक्य बोध, शुद्ध वाक्य रचना, वाक्य परिवर्तन, भाव-विस्तार, मुहावरे/लोकोक्तियाँ, बोली, विभाषा. मातृभाषा, राजभाषा, राष्ट्रभाषा
1015
5.काव्य बोध-
रस परिचय, अंग, रस भेद उदाहरण सहित, अलंकार, छन्द, काव्य की परिभाषा एवं काव्य के भेद, काव्य गुण
1015
6.अपठित बोध0510
7.पत्र-लेखन0510
8.निबंध-लेखन1020
पुनरावृत्ति20
सम्पूर्ण योग (पूर्णांक)100180

पद्य खण्ड-
पद्य साहित्य का विकास : आधुनिक काल की प्रमुख प्रवृत्तियाँ- छायावाद, रहस्यवाद, प्रगतिवाद, प्रयोगवाद, नई कविता पर आधारित दो प्रश्न, पद्य पाठों पर आधारित कवि का साहित्यिक परिचय (2 + 2 = 4 Marks)
(रचनाएँ, काव्यगत विशेषताएँ-भावपक्ष, कलापक्ष) पर एक प्रश्न (5 Marks)
दो पद्यांश में से एक पद्यांश की प्रसंग सहित व्याख्या (5 Marks)
सौन्दर्य-बोध पर आधारित दो प्रश्न (4 + 3 = 7 Marks)
विषय-वस्तु एवं मूल्य-बोध पर दो प्रश्न (3 + 3 = 6 Marks)

गद्य खण्ड-
गद्य साहित्य : विविध विधाओं (निबन्ध, कहानी, नाटक) पर एक प्रश्न (4 Marks)
लेखक परिचय (रचनाएँ, भाषा-शैली) पर एक प्रश्न (5 Marks)
दो में से एक गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या पर एक प्रश्न (5 Marks)
विचारबोध पर आधारित दो प्रश्न ( 3 + 2 = 5 Marks)
विषय-वस्तु पर आधारित एक प्रश्न (4 Marks)

सहायकवाचन-
पाठों की विषय-वस्तु पर दो प्रश्न (3 + 3 = 6 Marks)
आँचलिक भाषा के पाठों पर दो प्रश्न (2 + 2 = 4 Marks)

भाषा बोध-
वाक्य के प्रकार-रचना के आधार पर, अर्थ के आधार पर, वाच्य के आधार पर, वाक्य परिवर्तन पर एक प्रश्न (2 Marks)
बोली, विभाषा, मातृभाषा, राजभाषा, राष्ट्रभाषा पर एक प्रश्न (2 Marks)
मुहावरे/लोकोक्तियों का वाक्य में प्रयोग पर एक प्रश्न (2 Marks)
भाव विस्तार पर एक प्रश्न (4 Marks)

काव्य बोध-
काव्य की परिभाषा, काव्य भेद, प्रबन्ध काव्य, मुक्तक काव्य पर एक प्रश्न
काव्य गुण पर एक प्रश्न
रस-परिचय, अंग, भेद एवं उदाहरण पर एक प्रश्न
अलंकार-यमक,श्लेष, व्याजस्तुति, व्याज निन्दा, विभावना, विशेषोक्ति पर एक प्रश्न
छन्द-छप्पय, कवित्त, सवैया (मत्तगयन्द, दुर्मिल) पर एक प्रश्न

अपठित बोध-
गद्यांश/पद्यांश (शीर्षक, सारांश एवं प्रश्न) पर आधारित एक प्रश्न (5 Marks)

पत्र-लेखन-
आवेदन-पत्र, स्थानीय निकाय से सम्बन्धित पत्र, सम्पादक के नाम पत्र-अपनी रचना प्रकाशन हेतु, समसामयिक विषयों पर परिचर्चा, सम-सामयिक समस्याओं के समाधान हेतु पत्र पर आधारित एक प्रश्न (5 Marks)

निबन्ध-लेखन-
विचारात्मक, भावात्मक, ललित निबन्ध एवं सम-सामयिक विषयों पर निबन्ध-लेखन पर एक प्रश्न (10 Marks)

प्रायोजना कार्य
1. क्षेत्रीय बोली-पहेलियाँ, चुटकुले, लोकगीत, लोक कथाओं का परिचय तथा खड़ी बोली में उनका अनुवाद
2. दूरदर्शन/आकाशवाणी के कार्यक्रम पर प्रतिक्रियाएँ विश्लेषण।
3. हिन्दी साहित्य का स्वतन्त्र पठन/टिप्पणी एवं प्रेरणाएँ।
4. हस्तलिखित पत्रिका तैयार करना।
5. म. प्र. से प्रकाशित होने वाली हिन्दी भाषा की पत्र-पत्रिकाओं की जानकारी।

टिप्पणी- प्रायोजना कार्य से सम्बन्धित विषय-वस्तु पर (अंक आबंटित न होने के कारण) परीक्षा में प्रश्न पूछे जाना अपेक्षित नहीं है।

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MP Board Class 12th Economics Important Questions Unit 7 आय एवं रोजगार का निर्धारण

MP Board Class 12th Economics Important Questions Unit 7 आय एवं रोजगार का निर्धारण

आय एवं रोजगार का निर्धारण Important Questions

आय एवं रोजगार का निर्धारण वस्तुनिष्ठ प्रश्न

आय और रोजगार का निर्धारण MP Board Class 12th Economics प्रश्न 1.
सही विकल्प चुनकर लिखिए

आय और रोजगार का सिद्धांत MP Board Class 12th Economics प्रश्न (a)
आय तथा रोजगार का निर्धारण होता है –
(a) कुल माँग द्वारा
(b) कुल पूर्ति द्वारा
(C) कुल माँग तथा कुल पूर्ति दोनों के द्वारा
(d) बाजार माँग द्वारा।
उत्तर:
(C) कुल माँग तथा कुल पूर्ति दोनों के द्वारा

आय एवं रोजगार का सिद्धांत MP Board Class 12th Economics प्रश्न (b)
बचत तथा उपभोग के बीच संबंध होता है –
(a) विपरीत
(b) प्रत्यक्ष
(c) विपरीत तथा प्रत्यक्ष दोनों
(d) न तो विपरीत न ही प्रत्यक्ष।
उत्तर:
(a) विपरीत

आय तथा रोजगार का निर्धारण MP Board Class 12th Economics प्रश्न (c)
जब अर्थव्यवस्था अपनी सारी अतिरिक्त आय बचाने का फैसला करता है तो विनियोग गुणक होगा –
(a) 1
(b) अनिश्चित
(c) 0
(d) अपरिमित।
उत्तर:
(a) 1

आय एवं रोजगार का निर्धारण MP Board Class 12th Economics प्रश्न (d)
“पूर्ति अपना माँग स्वयं उत्पन्न कर लेती है।” कथन देने वाले अर्थशास्त्री हैं –
(a) कीन्स
(b) पीगू
(c) जे. बी. से
(d) एडम स्मिथ।
उत्तर:
(c) जे. बी. से

आय तथा रोजगार का निर्धारण In English MP Board Class 12th Economics प्रश्न (e)
क्लासिकल विचारधारा निम्न में से किस तथ्य पर आधारित है –
(a) से’ का बाजार नियम
(b) मजदूरी दर की पूर्ण लोचशीलता
(c) ब्याज दर की पूर्ण लोचशीलता
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी।

आय तथा रोजगार का निर्धारण Meaning In English MP Board प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –

  1. अतिरिक्त विनियोग की प्रत्याशित लाभप्रदता …………………………….. कहलाती है।
  2. अवस्फीतिक अन्तराल …………………………… माँग की माप है।
  3. न्यून माँग …………………………………. अंतराल को बताती है।
  4. माँग आधिक्य की दशा में बैंक दर में ………………………………. करनी चाहिए।
  5. गुणक उल्टी दिशा में कार्य ………………………………… सकता है।
  6. जिस बिन्दु पर समग्र माँग एवं समग्र आपूर्ति बराबर होती है, उसे …………………………………. कहा जाता है।
  7. अपूर्ण रोजगार …………………………………….. माँग का परिणाम है।
  8. उपभोग प्रवृत्ति विवरण योग्य आय तथा ……………………………………. में संबंध दर्शाती है।

उत्तर:

  1. पूँजी की सीमान्त क्षमता
  2. न्यून
  3. अवस्फीतिक
  4. वृद्धि
  5. कर
  6. प्रभावपूर्ण माँग
  7. अभावी
  8. उपभोग।

प्रश्न 3.
सत्य /असत्य बताइये –

  1. पूर्ण रोजगार का आशय शून्य बेरोजगारी नहीं होता है।
  2. भविष्य में ब्याज दर में वृद्धि, बचतों को कम कर देती है।
  3. जिस अनुपात में आय बढ़ती है उसी अनुपात में उपभोग व्यय नहीं बढ़ता है।
  4. रोजगार के सिद्धांत का प्रतिपादन सर्वप्रथम मार्शल ने किया था।
  5. अपूर्ण रोजगार न्यून माँग का परिणाम है।
  6. अर्द्धविकसित देशों में कीन्स का सिद्धांत लागू होता है।
  7. कीन्स का सिद्धान्त पूर्ण प्रतियोगिता पर आधारित है।

उत्तर:

  1. सत्य
  2. असत्य
  3. सत्य
  4. असत्य
  5. असत्य
  6. असत्य
  7. सत्य।

प्रश्न 4.
सही जोड़ियाँ बनाइये –
MP Board Class 12th Economics Important Questions Unit 7 आय एवं रोजगार का निर्धारण img 1
उत्तर:

  1. (d)
  2. (a)
  3. (c)
  4. (f)
  5. (b)
  6. (e).

प्रश्न 5.
एक शब्द/वाक्य में उत्तर दीजिये –

  1. गुणक के रिसाव अधिक होने पर गुणक का प्रभाव कैसा होगा?
  2. माँग आधिक्य किसे जन्म देता है?
  3. अभावी माँग को संतुलित करने का सर्वोत्तम उपाय क्या है?
  4. बेरोजगारी का न्यून माँग सिद्धांत किसने प्रतिपादित किया?
  5. प्रो. कीन्स द्वारा प्रतिपादित ब्याज के सिद्धांत का नाम बताइए?
  6. अभावी माँग को संतुलित करने का सर्वोत्तम उपाय क्या है?

उत्तर:

  1. कम
  2. मुद्रा स्फीति
  3. सार्वजनिक व्यय में वृद्धि
  4. कीन्स
  5. तरलता पसंदगी
  6. निर्यात में वृद्धि करना।

आय एवं रोजगार का निर्धारण लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
आय व रोजगार के परम्परावादी सिद्धान्त की विशेषताएँ लिखिए?
उत्तर:
आय व रोजगार के परम्परावादी सिद्धान्त की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –

1. माँग एवं पूर्ति में स्वतः
सन्तुलन – प्रो. जे. बी. से का विचार था कि, यदि अर्थशास्त्र में अनावश्यक सरकारी या अर्द्ध-सरकारी हस्तक्षेप न हो, तो माँग व पूर्ति का स्वतः सन्तुलन हो जाता है।

2. बेरोजगारी की कल्पना निराधार:
परम्परावादी अर्थशास्त्री बेरोजगारी की समस्या से भयभीत नहीं थे। चूँकि अति – उत्पादन असम्भव है, अतः सामान्य बेरोजगारी भी असंभव होगी।

3. हस्तक्षेप रहित आर्थिक समाज:
परम्परावादी अर्थशास्त्रियों के अनुसार, अर्थव्यवस्था में एक ऐसी लोच होती है, जो बाह्य हस्तक्षेप को किसी दशा में स्वीकार नहीं करती है। यदि अर्थव्यवस्था में सरकारी या अर्द्धसरकारी हस्तक्षेप किया गया तो अवश्य बेरोजगारी उत्पन्न होगी।

4. रोजगार दिलाने वाली लागत का स्वतः
प्रकट होना – परम्परावादी अर्थशास्त्रियों की धारणा है कि, जब बेकार पड़े साधनों को काम पर लगाया जाता है, तब इनसे वस्तुओं का उत्पादन बढ़ जाता है। नये साधनों को विशेषकर श्रमिक को आय प्राप्त होती है, नये – नये साधनों को रोजगार प्राप्त होता है। इस क्रिया से रोजगार तथा आय-स्तर में वृद्धि होने लगती है।

प्रश्न 2.
कीन्स के अनुसार बेरोजगारी क्यों होती है?
उत्त:
कीन्स के अनुसार कुल माँग तथा पूर्ण रोजगार में स्वतः साम्य स्थापित नहीं हो सकता है। इसलिए पूर्ण रोजगार की स्थिति कभी-कभी मुश्किल से पाई जाती है। यह संभव है कि कुल माँग कुल पूर्ति से कम रहे और इस कारण पूर्ण रोजगार की स्थिति गड़बड़ा जाये । कीन्स का विचार है कि अर्थव्यवस्था में अनैच्छिक बेरोजगारी की स्थिति रहती है। कीन्स का कहना है कि बेरोजगारी प्रभावपूर्ण माँग की कमी तथा उपभोग एवं विनियोग पर व्यय की कमी के कारण होती है।

प्रश्न 3.
आय एवं रोजगार के परम्परावादी सिद्धांत की मान्यताएँ लिखिए?
उत्तर:
आय व रोजगार के परंपरावादी सिद्धांत की प्रमुख मान्यताएँ निम्न हैं –

  1. स्वतंत्र प्रतियोगिता तथा स्वतंत्र व्यापार की दशा उपस्थित हो।
  2. बाजार के विस्तार की पूर्ण संभावना हो।
  3. सरकारी व गैर – सरकारी हस्तक्षेप को समाप्त कर दिया गया है तथा संरक्षण नहीं दिया जाता है।
  4. बंद अर्थव्यवस्था का होना।
  5. मुद्रा का न होना । समाज द्वारा अर्जित संपूर्ण आय को उपभोग में व्यय कर देना।

प्रश्न 4.
समग्र माँग के कोई चार घटक बताइये?
उत्तर:
समग्र माँग – समग्र माँग से तात्पर्य एक अर्थव्यवस्था में एक वर्ष में वस्तुओं एवं सेवाओं की माँगी गई कुल मात्रा से है, अर्थात् समग्र माँग से तात्पर्य उस राशि से होता है जो उत्पादक रोजगार के निश्चित स्तर पर उत्पादित वस्तुओं की बिक्री से प्राप्त होने की आशा करते हैं।
घटक – समग्र माँग के घटक निम्नलिखित हैं –

1. निजी उपभोग की माँग:
एक देश के सभी परिवारों द्वारा अपने निजी उपभोग पर जो कुछ व्यय किया जाता है उसे निजी उपभोग व्यय कहा जाता है। चूँकि व्यय ही माँग को जन्म देता है अत: निजी उपभोग व्यय ही उस देश की निजी उपभोग माँग बन जाती है।

2. निजी विनियोग की माँग:
निजी विनियोग माँग से तात्पर्य निजी विनियोग कर्ताओं के द्वारा की जाने वाली पूँजीगत वस्तुओं की माँग से है। निजी विनियोग की माँग दो तत्वों पर निर्भर करती है –

  1. पूँजी की सीमान्त कुशलता एवं
  2. ब्याज की दर।

3. सरकार द्वारा वस्तुओं एवं सेवाओं की माँग:
सरकार के द्वारा भी विभिन्न प्रकार की वस्तुओं एवं सेवाओं की खरीदी की जाती है। अतः सरकार द्वारा खरीदी जाने वाली वस्तुएँ एवं सेवाएँ ही सरकारी माँग कहलाती हैं।

4. विशुद्ध निर्यात माँग:
जब एक देश दूसरे देश को वस्तुओं का निर्यात करता है तो यह विदेशियों द्वारा उस देश में उत्पादित वस्तुओं की माँग को बतलाता है। अतः निर्यात से देश में आय, उत्पादन एवं रोजगार को प्रोत्साहन मिलता है। इसके विपरीत जब देश दूसरे देशों से आयात करता है तो इससे देश की आय विदेशों को चली जाती है। अतः आयात देश में रोजगार बढ़ाने में सहायक नहीं होते हैं। अत: देश की समग्र माँग को ज्ञात करने के लिए विशुद्ध निर्यात माँग को शामिल किया जाता है, अर्थात् निर्यातों में आयातों को घटाया जाता है।

प्रश्न 5.
संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए” –

  1. पूर्ण रोजगार से क्या आशय है?
  2. अपूर्ण रोजगार से क्या आशय है?

उत्तर:

  1. किसी अर्थव्यवस्था में कार्य करने के इच्छुक व्यक्ति को समर्थ प्रचलित मजदूरी दरों पर काम मिलना ही पूर्ण रोजगार है।
  2. अर्थव्यवस्था में कार्य करने के इच्छुक व्यक्ति को प्रचलित मजदूरी दरों पर कार्य न मिलना ही अपूर्ण रोजगार है।

प्रश्न 6.
अत्यधिक माँग को ठीक करने के उपाय बताइए?
उत्तर:
अत्यधिक माँग को ठीक करने के लिए निम्नलिखित उपाय किये जा सकते हैं –

  1. मुद्रा निर्गम सम्बन्धी नियमों को कठोर बनाना: अत्यधिक माँग की मात्रा कम करने के लिए यह आवश्यक है कि सरकार मुद्रा निकालने सम्बन्धी नियमों को कड़ा करे ताकि केन्द्रीय बैंक को अतिरिक्त मुद्रा निकालने में अधिक कठिनाई हो।
  2. पुरानी मुद्रा वापस लेकर नई मुद्रा देना: अत्यधिक माँग की दशा में साधारण उपचार उपयोगी नहीं हो सकते, अतः पुरानी सब मुद्राएँ समाप्त कर उनके बदले में नई मुद्राएँ दे दी जाती हैं।
  3. साख – स्फीति को कम करना: अत्यधिक माँग अथवा स्फीति को कम करने के लिए साख – स्फीति को कम करना आवश्यक है।
  4. बचत का बजट बनाना: अत्यधिक माँग की स्थिति में सरकार को बचत का बजट बनाना चाहिए। बचत का बजट उसे कहते हैं, जिससे सार्वजनिक व्यय की तुलना में सार्वजनिक आय अधिक होती है।
  5. सार्वजनिक व्यय पर नियंत्रण: अत्यधिक माँग की दशा में सरकार को सड़कें बनाने, नहर व बाँधों का निर्माण करने, स्कूल, अस्पताल एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य जैसे कामों पर सार्वजनिक व्यय को कम कर देना चाहिए तथा साथ ही सरकार को सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों में भी विनियोग को कम ही रखना चाहिए।

प्रश्न 7.
समग्र माँग तथा समग्र पूर्ति में अंतर स्पष्ट कीजिए?
उत्तर:
समग्र माँग तथा समग्र पूर्ति में अंतर –

समग्र माँग:

  1. समग्र पूर्ति से अभिप्राय एक लेखा वर्ष के दौरान देश में उत्पादित समस्त वस्तुओं पर किए जाने वाले व्यय के योग से है।
  2. समग्र माँग का मापन वस्तुओं और सेवाओं पर समुदाय द्वारा कुल व्यय पर किया जाता है।
  3. इनमें निम्न दरें शामिल होती हैं –
    • परिवार द्वारा उपभोग पर नियोजित व्यय
    • फर्म के निवेश व्यय
    • सरकार का नियोजित व्यय।

समग्र पूर्ति:

  1. समग्र पूर्ति से अभिप्राय अर्थव्यवस्था में दिए हुए समय में खरीदने के लिए उपलब्ध उत्पाद से है।
  2. समग्र पूर्ति वस्तुओं और सेवाओं के कुल उत्पादन को भी कहते हैं।
  3. इसमें केवल उपभोग तथा पूर्ति शामिल होते हैं।

प्रश्न 8.
प्रेरित निवेश तथा स्वतंत्र निवेश में अंतर स्पष्ट्र कीजिए?
उत्तर:
प्रेरित निवेश तथा स्वतंत्र निवेश में अंतर –
प्रेरित निवेश:

  1. यह आय पर निर्भर होता है।
  2. यह आय लोच होता है।
  3. यह सामान्यतया निजी क्षेत्र के द्वारा किया जाता है।
  4. प्रेरित निवेश वक्र बायें से दायें ऊपर की ओर जाता है।

स्वतंत्र निवेश:

  1. इसका आय से संबंध नहीं होता है अर्थात् स्वतंत्र होता है।
  2. यह आय लोच नहीं होता है।
  3. यह सामान्यतया सरकार द्वारा किया जाता है।
  4. स्वतंत्र निवेश वक्र OX वक्र के समान्तर ही बनता है।

प्रश्न 9.
मितव्ययिता के विरोधाभास की व्याख्या कीजिए?
उत्तर:
बचत (मितव्ययिता) का विरोधाभास यह बताता है कि यदि एक अर्थव्यवस्था में सभी लोग अपनी आय का अधिक भाग बचत करना आरंभ कर देते हैं तो कुल बचत का स्तर या तो स्थिर रहेगा या कम हो जायेगा। दूसरे शब्दों में, यदि अर्थव्यवस्था में सभी लोग अपनी आय का कम बचाना आरंभ कर देते हैं तो अर्थव्यवस्था में कुल बचत का स्तर बढ़ जायेगा। इस बात को इस प्रकार भी कह सकते हैं कि यदि लोग ज्यादा मित्तव्ययी हो जाते हैं तो या तो वे अपने आय का पूर्व स्तर रखेंगे या उनकी आय का स्तर गिर जायेगा।

प्रश्न 10.
‘प्रभावी माँग’ क्या है? जब अंतिम वस्तुओं की कीमत और ब्याज की दर दी हुई हो, तब आप स्वायत्त व्यय गुणक कैसे प्राप्त करेंगे?
उत्तर:
प्रभावी माँग का आशय:
यदि आपूर्ति लोच पूर्णतया लोचदार है तो दी गई कीमत पर उत्पाद का निर्धारण पूर्णतः सामूहिक माँग पर निर्भर करता है। इसे प्रभावी माँग कहते हैं। दी गई कीमत पर साम्य उत्पाद, सामूहिक माँग और ब्याज की दर का निर्धारण निम्न समीकरण द्वारा किया जा सकता है –
स्वायत्त व्यय गुणक = \(\frac { \triangle Y }{ \triangle \bar { A } } \) = \(\frac{1}{1 – C}\)
यहाँ ∆Y = अन्तिम वस्तु उत्पाद की कुल वृद्धि
∆\(\bar { A } \) = स्वायत्त व्यय में वृद्धि
C = सीमान्त उपभोग प्रवृत्ति।

प्रश्न 11.
जब स्वायत्त निवेश और उपभोग व्यय (A) ₹ 50 करोड़ हो और सीमांत बचत प्रवृत्ति (MPS) 0.2 तथा आय (Y) का स्तर ₹ 4,000 – 00 करोड़ हो, तो प्रत्याशित समस्त माँग ज्ञात कीजिए। यह भी बताएँ कि अर्थव्यवस्था संतुलन में है या नहीं। कारण भी बताएँ?
हलः
दिया है –
स्वायत्त उपभोग (A) = ₹ 50 करोड़
MPS = 0.2
AS/ (आय) Y = ₹ 4,000 करोड़
AD = A + CY
C = 1 – MPS तथा Y का मान रखने पर,
AD = 50 + (1 – 0.2) 4,000
= 50 + 0.8 x 4,000
= 50 + 3,200 = ₹ 3,250 करोड़
अत: AD < AS ( ∵ 3,250 < 4,000)
अर्थव्यवस्था संतुलन की स्थिति में तब होती है जब AD तथा AS बराबर होते हैं, क्योंकि यहाँ AD < AS अतः अर्थव्यवस्था संतुलन में नहीं है।

प्रश्न 12.
सीमांत उपभोग प्रवृत्ति किसे कहते हैं? यह किस प्रकार सीमांत बचत प्रवृत्ति से संबंधित है?
उत्तर:
आय में परिवर्तन व उपभोग में परिवर्तन के अनुपात को सीमांत उपभोग प्रवृत्ति कहा जाता है। जिसे निम्न सूत्र द्वारा प्रदर्शित किया जाता है –
उत्तर:
MPC = \(\frac{∆C}{∆Y}\)
जहाँ MPC = सीमांत उपभोग प्रवृत्ति
∆C = उपभोग में परिवर्तन
∆Y = आय में परिवर्तन
सीमांत उपभोग प्रवृत्ति तथा सीमांत प्रवृत्ति में संबंध:
बचत में परिवर्तन तथा आय में परिवर्तन का अनुपात सीमांत बचत प्रवृत्ति कहलाता है। जिसे निम्न सूत्र द्वारा प्रदर्शित किया जाता है –
MPS = \(\frac{∆S}{∆Y}\)
जहाँ MPS = सीमांत बचत प्रवृत्ति
∆S = बचत में परिवर्तन
∆Y = आय में परिवर्तन।
सीमांत उपभोग प्रवृत्ति तथा सीमान्त बचत प्रवृत्ति का योग सदैव इकाई – (1) के बराबर होता है। अर्थात् –
MPC + MPS = 1
यदि MPC या MPS में किसी एक का मूल्य घटता है तो दूसरे के मूल्य में वृद्धि होती है।

आय एवं रोजगार का निर्धारण दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
आय एवं रोजगार के सिद्धान्त के बारे में परम्परावादी अर्थशास्त्रियों एवं कीन्स के विचारों की तुलना कीजिए?
उत्तर:
परम्परावादी सिद्धान्त तथा कीन्स के सिद्धान्त में अंतर –
परम्परावादी सिद्धान्त:

  1. इस सिद्धान्त के अनुसार, आय तथा रोजगार का निर्धारण केवल पूर्ण रोजगार स्तर पर होता है।
  2. यह सिद्धांत प्रो. जे. बी. से के बाजार नियम की मान्यताओं पर आधारित है।
  3. इस सिद्धांत के अनुसार, बचत और विनियोग में समानता ब्याज की दर में परिवर्तन द्वारा स्थापित की जाती है।
  4. यह सिद्धांत दीर्घकालीन मान्यता पर आधारित है।
  5. इस सिद्धांत के अनुसार, अर्थव्यवस्था में सामान्य, अति उत्पादन तथा सामान्य बेरोजगारी की कोई संभावना नहीं हो सकती।

कीन्स का सिद्धान्त:

  1. इस सिद्धान्त के अनुसार, आय तथा रोजगार स्तर का निर्धारण उस बिन्दु पर होगा, जहाँ पर सामूहिक माँग, सामूहिक पूर्ति के बराबर होती है। इसके लिए पूर्ण रोजगार स्तर का होना आवश्यक नहीं है।
  2. यह सिद्धांत उपभोग के मनोवैज्ञानिक नियम पर आधारित है। इस सिद्धांत के अनुसार, बचत और विनियोग में समानता आय में परिवर्तन द्वारा स्थापित होती है।
  3. यह सिद्धान्त अल्पकालीन मान्यता पर आधारित है।
  4. यह सिद्धांत अल्पकालीन मान्यता पर आधारित है।
  5. इस सिद्धांत के अनुसार, अपूर्ण रोजगार संतुलन की एक सामान्य स्थिति है। पूर्ण रोजगार की स्थिति तो एक आदर्श एवं विशेष स्थिति है।
  6. इस सिद्धांत के अनुसार, सामान्य, अति उत्पादन तथा सामान्य बेरोजगारी संभव है।

प्रश्न 2.
गुणक की धारणा को समझाइए?
उत्तर:
गुणक का सिद्धांत:
कीन्स के रोजगार सिद्धांत का एक महत्वपूर्ण अंग गुणक है, लेकिन कीन्स का गुणक ‘विनियोग गुणक’ है। गुणक विनियोग की प्रारंभिक वृद्धि तथा आय की कुल अंतिम वृद्धि के बीच आनुपातिक संबंध को बताता है। कीन्स का विचार है कि जब किसी देश की अर्थव्यवस्था में विनियोग की मात्रा में वृद्धि की जाती है तो उस देश की आय में केवल विनियोग की मात्रा की तुलना में जितने गुना वृद्धि होती है, उसे ही कीन्स ने ‘गुणक’ कहा है।
सूत्र के रूप में,
MP Board Class 12th Economics Important Questions Unit 7 आय एवं रोजगार का निर्धारण img 2
K = \(\frac { \triangle Y }{ \triangle I } \)
यदि गुणक का मूल्य दिया है तो विनियोग में वृद्धि किये जाने से आय में कितनी वृद्धि होगी? यह सरलतापूर्वक निकाली जा सकती है। इसका सूत्र है –
∆Y = K . ∆I
MP Board Class 12th Economics Important Questions Unit 7 आय एवं रोजगार का निर्धारण img 3
सीमान्त उपभोग प्रवृत्ति का आकार जितना बड़ा होगा गुणक का मूल्य भी अधिक होगा। गुणक के गुणक द्वारा कीन्स ने यह बलताया है कि सरकार विनियोग में जिस अनुपात में वृद्धि करती है। गुणक के कारण आय कई गुना बढ़ जाती है। इससे अर्थव्यवस्था में बेरोजगारी को दूर किया जा सकता है।

प्रश्न 3.
पूँजी की सीमांत कुशलता को निर्धारित करने वाले तत्वों को लिखिए?
उत्तर:
पूँजी की सीमांत कुशलता को निर्धारित करने वाले तत्व निम्नलिखित हैं –

1. माँग की प्रवृत्ति:
यदि किसी वस्तु की माँग की आशंका भविष्य में अधिक बढ़ने की है तो पूँजी की सीमांत कुशलता भी ऊँची होगी। जिसके परिणामस्वरूप विनियोग बढ़ जायेगा। इसके विपरीत अगर भविष्य में वस्तुओं की माँग घटने की आशंका है तो पूँजी की सीमांत कुशलता भी घट जायेगा और विनियोग भी कम हो जाएगा।

2. लागतें एवं कीमतें:
यदि भविष्य में वस्तु की उत्पादन लागत बढ़ने की तथा उनकी कीमतों में गिरावट.की सम्भावना है तो पूँजी की सीमांत कुशलता गिर जायेगी। इससे विनियोग की मात्रा भी कम हो जायेगी। इसके विपरीत भविष्य में वस्तु की लागतों में कमी और कीमतों में वृद्धि होने की संभावना है तो पूँजी की सीमांत कुशलता भी बढ़ेगी और विनियोग भी बढ़ेगा।

3. तरल परिसम्पत्तियों में परिवर्तन:
जब एक साहसी के पास विभिन्न प्रकार की परिसम्पत्तियाँ बड़ी मात्रा में नगदी (तरल) के रूप में रहती है तब वह नये-नये विनियोग से लाभ उठाना चाहता है। ऐसी परिस्थिति में पूँजी की सीमांत कुशलता में वृद्धि होगी। इसके विपरीत जब परिसम्पत्तियाँ नगदी के रूप में नहीं होती हैं, तब नये विनियोग अवसरों का लाभ उठाने में कठिनाइयाँ आती हैं। इससे पूँजी की सीमांत कुशलता घट जाती है।

4. आय में परिवर्तन:
अप्रत्याशित लाभ अथवा हानियों के कारण हुए आय में आकस्मिक परिवर्तन तथा भारी कराधान अथवा कर रियायतों के कारणों से आय में जो परिवर्तन होता है उसका भी पूँजी की सीमांत कुशलता पर प्रभाव पड़ता है।

5. उपभोग प्रवृत्ति:
यदि उपभोग प्रवृत्ति अल्पकाल में ऊँची है तो इससे पूँजी की सीमांत कुशलता बढ़ जायेगी। इसके विपरीत उपभोग की प्रवृत्ति कम है तो पूँजी की सीमांत कुशलता घट जाएगी।

प्रश्न 4.
समग्र माँग एवं समग्र पूर्ति द्वारा आय व रोजगार के संतुलन स्तर को तालिका व रेखाचित्र द्वारा स्पष्ट कीजिए?
उत्तर:
कीन्स के अनुसार, आय तथा रोजगार के संतुलन स्तर का निर्धारण वहाँ होता है, जहाँ पर सामूहिक माँग तथा सामूहिक पूर्ति बराबर होते हैं। यहाँ सामूहिक माँग तथा सामूहिक पूर्ति का तात्पर्य समग्र माँग एवं समग्र पूर्ति से है। आय के संतुलन – स्तर के निर्धारण की व्याख्या समग्र माँग तथा समग्र पूर्ति की एक काल्पनिक तालिका की सहायता से की जा सकती है।
तालिका के द्वारा स्पष्टीकरण (र करोड़ में) आय उपभोग विनियोग। बचत समग्र माँग समग्र पर्ति विवरण (C)
MP Board Class 12th Economics Important Questions Unit 7 आय एवं रोजगार का निर्धारण img 4
उपर्युक्त तालिका में राष्ट्रीय आय के ₹ 400 करोड़ के स्तर पर समग्र माँग तथा समग्र पूर्ति बराबर हैं। दोनों ₹400 करोड़ के स्तर पर हैं। इस संतुलन – स्तर पर बचत भी विनियोग के बराबर है। इस संतुलन – स्तर में किसी भी प्रकार का परिवर्तन स्थायी नहीं होगा। उदाहरणस्वरूप, ₹ 400 करोड़ के आय – स्तर से पूर्व कोई भी आय – स्तर है, तो समग्र माँग, समग्र पूर्ति से अधिक होगी। जिसका अर्थ यह है कि उद्यमी अधिक लाभ प्राप्त करने हेतु उत्पादन के साधनों को अधिक रोजगार देंगे तथा उत्पादन का स्तर बढ़ायेंगे, जिसके फलस्वरूप राष्ट्रीय आय बढ़ेगी।

यह तब तक बढ़ेगी, जब तक कि आय के संतुलन बिन्दु तक न पहुँच जाएँ। इसके विपरीत, यदि आयस्तर ₹ 400 करोड़ से अधिक है तो लोग उद्यमियों को प्राप्त होने वाली न्यूनतम राशि से कम व्यय करने को तैयार हैं अर्थात् माँग समस्त पूर्ति से कम होगी। इस स्थिति में उद्यमियों को हानि उठानी होगी, क्योंकि उनका पूरा उत्पादन नहीं बिक सकेगा। ऐसी स्थिति में आय तथा रोजगार का संतुलन उस बिन्दु पर आधारित होगा, जहाँ पर समग्र माँग तथा समग्र पूर्ति एक – दूसरे के बराबर होगी।
रेखाचित्र द्वारा स्पष्टीकरण –
MP Board Class 12th Economics Important Questions Unit 7 आय एवं रोजगार का निर्धारण img 5
प्रस्तुत रेखाचित्र में समग्र माँग वक्र, समग्र पूर्ति वक्र को बिन्दु E पर काटता है। इस बिन्दु पर आय का। संतुलन स्तर ₹ 400 करोड़ निर्धारित होता है। आय में हुए किसी प्रकार के परिवर्तन की आय के संतुलन स्तर की ओर आने की प्रवृत्ति होगी। रेखाचित्र का निचला भाग (भाग – B) आय के इसी स्तर पर बचत और विनियोग को प्रदर्शित करता है। आय के संतुलन – स्तर पर समग्र माँग की मात्रा को कीन्स ने प्रभावपूर्ण माँग कहा है। कीन्स के अनुसार “सामूहिक माँग या समग्र माँग वक्र के जिस बिन्दु पर सामूहिक पूर्ति या समग्र पूर्ति वक्र उसे काटता है, उस बिन्दु का मूल्य ही प्रभावपूर्ण माँग कहलायेगा।”

प्रश्न 5.
उपभोग प्रवृत्ति को निर्धारित करने वाले पाँच तत्व लिखिए?
उत्तर:
उपभोग प्रवृत्ति को निर्धारित करने वाले तत्व निम्नलिखित हैं –

  1. मौद्रिक आय: समाज में रहने वाले व्यक्तियों की जब मौद्रिक आय बढ़ जाती है, तो उपभोग प्रवृत्ति भी बढ़ जाती है। इसके विपरीत मौद्रिक आय में कमी होने पर उपभोग प्रवृत्ति भी घट जायेगी।
  2. राजस्व नीति: यदि सरकार करों की दरों में वृद्धि करती है तो उपभोग प्रवृत्ति घट जाएगी और यदि कल्याणकारी योजनाओं पर अधिक व्यय करती है तो उपभोग प्रवृत्ति में वृद्धि हो जायेगी।
  3. ब्याज की दर: ब्याज की दर में वृद्धि होने पर लोग उपभोग में कमी करेंगे और बचत में वृद्धि करेंगे। इसके विपरीत ब्याज की दर में कमी आने पर बचत कम होगी और उपभोग प्रवृत्ति में वृद्धि होगी।
  4. आय का वितरण: समाज में आय का वितरण असमान होने पर उपभोग प्रवृत्ति कम होती है और समाज में यदि आय का वितरण समान है तो उपभोग प्रवृत्ति में वृद्धि होगी।
  5. प्रदर्शन प्रभाव: जिन राष्ट्रों में समाज में प्रदर्शन प्रभाव या दिखावा अधिक होता है वहाँ के लोगों में उपभोग प्रवृत्ति अधिक होता है।

प्रश्न 6.
पूर्ण रोजगार एवं अनैच्छिक बेरोजगारी की धारणा पर प्रकाश डालिए?
उत्तर:
1. पूर्ण रोजगार से आशय:
साधारण अर्थों में पूर्ण रोजगार से आशय, उस स्थिति से है, जिसमें कोई भी व्यक्ति बेरोजगार न हो, श्रम की माँग और पूर्ति बराबर हो। समष्टि अर्थशास्त्र के आधार पर, पूर्ण रोजगार से आशय है, किसी दिए हुए वास्तविक मजदूरी स्तर पर श्रम की माँग, श्रम की उपलब्ध पूर्ति के बराबर होती है।
MP Board Class 12th Economics Important Questions Unit 7 आय एवं रोजगार का निर्धारण img 6

परंपरावादी परिभाषा:
लर्नर के अनुसार “पूर्ण रोजगार वह अवस्था है जिसमें वे सब लोग जो मजदूरी की वर्तमान दरों पर काम करने के है योग्य तथा इच्छुक हैं, बिना किसी कठिनाई के काम प्राप्त करते हैं।”

आधुनिक परिभाषा:
स्पेन्सर के अनुसार, “पूर्ण रोजगार वह स्थिति है जिसमें प्रत्येक व्यक्ति जो काम करना चाहता है, काम कर रहा है सिवाय उनके जो संघर्षात्मक तथा संरचनात्मक बेरोजगार हैं।” उपर्युक्त परिभाषाओं के आधार पर हम यह कह सकते हैं कि पूर्ण रोजगार की स्थिति शून्य बेरोजगारी की स्थिति नहीं है। यह बेरोजगारी की प्राकृतिक दर की स्थिति है।

2. अनैच्छिक बेरोजगारी:
अनैच्छिक बेरोजगारी वह स्थिति है, जिसमें लोगों को रोजगार के अवसर के अभाव में बेरोजगार रहना पड़ता है। जब लोग मजदूरी की वर्तमान दर पर काम करने को तैयार हैं, लेकिन उन्हें काम नहीं मिलता तो उसे अनैच्छिक बेरोजगारी कहा जाता है।

प्रस्तुत रेखाचित्र में E बिन्दु पूर्ण रोजगार की बिन्दु है। इस बिन्दु पर श्रम की माँग व पूर्ति दोनों बराबर हैं। किन्तु ON2, मजदूरी पर ON, श्रमिक काम करने को इच्छुक हैं । जबकि उत्पादकों द्वारा केवल ON2, श्रमिकों की माँग की जाएगी। इस प्रकार N,N2, श्रम की मात्रा अनैच्छिक रूप से बेरोजगार कहलाएगी।

प्रश्न 7.
अभावी माँग का देश के उत्पादन, रोजगार एवं मूल्यों पर प्रभाव बताइए?
उत्तर:
1. अभावी माँग का उत्पादन पर प्रभाव:
यदि अर्थव्यवस्था में कुल पूर्ति की तुलना में कुल माँग कम हो तो इसका आशय यह होगा कि देश में वस्तुओं एवं सेवाओं की जितनी मात्रा उपलब्ध है, उतनी माँग नहीं है। इससे अर्थव्यवस्था में कुल उत्पादन पर पड़ने वाले प्रभाव निम्न हैं –

  1. माँग की कमी के कारण उत्पादक वस्तुओं का उत्पादन घटाने के लिए बाध्य होंगे।
  2. इस कारण वे अपनी वर्तमान उत्पादन क्षमता का पूर्ण उपयोग नहीं कर पायेंगे।
  3. इसका प्रभाव यह होगा कि देश की उत्पत्ति के साधनों का पूर्ण उपयोग नहीं हो पायेगा।
  4. इसके कारण कुछ वर्तमान फर्मे अपना कार्यकी बन्द करना शुरू कर देगी तथा कई फर्मे बाजार में प्रवेश नहीं कर पायेंगी –
  5. परिणामस्वरूप उत्पादन की लागत में वृद्धि हो जायेगी।

2. अभावी माँग का रोजगार पर प्रभाव:
जब किसी अर्थव्यवस्था में अभावी माँग (माँग की कमी) की स्थिति होती है, तो उसका देश के रोजगार स्तर पर निम्न प्रभाव पड़ता है –

  1. माँग की कमी के कारण उत्पादकों को वस्तुओं एवं सेवाओं के उत्पादन में कमी करनी पड़ेगी, जिससे देश में रोजगार स्तर में कमी आ जायेगी, क्योंकि उन्हें आवश्यक मात्रा में उत्पादन करने के लिए पहले से कम श्रमिकों की आवश्यकता पड़ेगी।
  2. यदि देश में अपूर्ण रोजगार की स्थिति है तो इसका प्रभाव यह होगा कि कुछ लोगों को रोजगार से हाथ धोना पड़ेगा।
  3. यदि देश में पहले से ही अल्प रोजगार की स्थिति है तो इसका अर्थ यह होगा कि यह स्थिति और विकट हो जायेगी।

3. अभावी माँग का मूल्यों पर प्रभाव:
जब किसी अर्थव्यवस्था में अभावी माँग की स्थिति होती है तो उसका अर्थव्यवस्था की कीमतों पर निम्न प्रभाव पड़ता है –

  1. यदि देश कुल माँग, कुल पूर्ति की तुलना में कम है तो इसका सामान्य प्रभाव यह होगा कि देश में मूल्य – स्तर में कमी आ जायेगी।
  2. मूल्य – स्तर में कमी आने से उत्पादकों के लाभ के अन्तर में कमी आ जायेगी।
  3. इस स्थिति का लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा, क्योंकि उन्हें कम मूल्य पर वस्तुएँ एवं सेवाएँ प्राप्त हो सकेंगी।

प्रश्न 8.
प्रभावपूर्ण माँग के निर्धारण को समझाइए?
उत्तर:
किसी अर्थव्यवस्था में एक वर्ष में आम जनता द्वारा वस्तुओं एवं सेवाओं पर किया जाने वाला कुल व्यय जो उपभोग की मात्रा को प्रदर्शित करता है प्रभावपूर्ण समग्र माँग कहलाती है।
MP Board Class 12th Economics Important Questions Unit 7 आय एवं रोजगार का निर्धारण img 7
प्रभावपूर्ण समग्र माँग दो तत्वों पर निर्भर करती है –

  1. उपभोग माँग
  2. निवेश माँग।

उपभोग माँग वक्र आय के बढ़ने से ऊपर की ओर चढ़ता है और आय के घटने से गिरता है लेकिन इसे प्रवृत्ति के स्थिर रहने की दशा में सीमांत उपभोग प्रवृत्ति घटने से उपभोग माँग गिरता हुआ दिखाई देता है। इसी प्रकार विनियोग माँग ब्याज की दर एवं पूँजी की सीमांत उत्पादकता पर निर्भर करती है। ब्याज दर कम है तो निवेश की माँग अधिक होगी एवं ब्याज दर अधिक है तो निवेश की माँग कम होगी।

प्रश्न 9.
प्रभावपूर्ण माँग का महत्व बताइये? (कोई चार बिन्दु)
उत्तर:
प्रभावपूर्ण माँग का महत्व
1. रोजगार का निर्धारण:
कीन्स के अनुसार, रोजगार की मात्रा प्रभावपूर्ण माँग पर निर्भर करती है और कुल माँग, कुल आय के बराबर होती है, अतः रोजगार की मात्रा एक ओर उत्पादन की मात्रा को निर्धारित करती है तथा दूसरी ओर उत्पन्न होने वाली आय को भी निर्धारित करती है।

2. आय की प्राप्ति:
प्रभावपूर्ण माँग आय का भी निर्धारण करता है। प्रभावपूर्ण माँग से श्रमिकों को रोजगार की प्राप्ति होती है। रोजगार प्राप्ति से श्रमिकों को आय की प्राप्ति होती है वह प्रभावपूर्ण माँग का ही परिणाम है।

3. विनियोग का महत्व:
प्रभावपूर्ण माँग विनियोग का भी निर्धारण करता है। प्रभावपूर्ण माँग के कारण उत्पादकों को उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन मिलता है। उत्पादन में वृद्धि करने के लिए विनियोगकर्ता या उत्पादक नये – नये पूँजीगत संसाधनों में विनियोग करने के लिए प्रोत्साहित होते हैं।

4. पूर्ण रोजगार की मान्यता का खण्डन:
प्रभावपूर्ण माँग पूर्ण रोजगार की मान्यता का भी खण्डन करता है। पूर्ण रोजगार का तात्पर्य है कार्य करने योग्य सभी व्यक्तियों को प्रचलित मजदूरी पर रोजगार की प्राप्ति होना। लेकिन वास्तव में व्यावहारिक जीवन में रोजगार की प्राप्ति प्रभावपूर्ण माँग पर निर्भर करता है।

प्रभावपूर्ण माँग बढने पर रोजगार में वृद्धि होती है, लोगों को रोजगार प्राप्त होता है जिससे धीरे – धीरे बेरोजगारी कम होती है। इसके विपरीत प्रभावपूर्ण माँग में कमी होने से रोजगार का स्तर घटने लगता है। समाज में बेरोजगारी फैलती है। तब इन परिस्थितियों में चाहे कितना भी योग्य व्यक्ति या श्रमिक हो उसकी छटनी होने लगती है और वे बेरोजगार हो जाते हैं। वैसे भी व्यावहारिक जीवन में पूर्ण रोजगार की मान्यता नहीं पायी जाती।

प्रश्न 10.
अभावी माँग का क्या आशय है तथा अभावी माँग के उत्पन्न होने के क्या कारण हैं?
उत्तर:
अभावी माँग का अर्थ:
अभावी माँग से अभिप्राय, उस स्थिति से है, जब पूर्ण रोजगार स्तर पर कुल माँग, कुल पूर्ति से कम होती है। अर्थात् जब अर्थव्यवस्था में पूर्ण रोजगार स्तर बनाये रखने के लिए जितना व्यय आवश्यक होता है, उतना नहीं होता तो इसे अभावी माँग की स्थिति कहेंगे। ऐसी स्थिति में, कुल माँग व कुल पूर्ति रोजगार स्तर से पूर्व ही बराबर (संतुलन) होती है अर्थात् कुल माँग पूर्ण रोजगार स्तर बनाये रखने के लिए कम होती है। अभावी माँग के कारण – किसी भी अर्थव्यवस्था में अभावी माँग की स्थिति निम्नलिखित कारणों से उत्पन्न हो सकती है –

1. सरकार द्वारा करेंसी की पूर्ति में कमी या बैंकों द्वारा साख निर्माण को घटाना:
जब देश का केन्द्रीय बैंक चलन में मुद्रा की मात्रा कम कर देता है तो इसके कारण मुद्रा व साख की मात्रा कम हो जाती है। अतः इसके कारण कुल व्यय, कुल आय से कम हो जाती है, जिसके कारण अभावी माँग उत्पन्न हो जाती है।

2. बचत प्रवृत्ति में वृद्धि के कारण उपभोग माँग में कमी:
सामूहिक माँग (समग्र माँग) के कम होने के कारण वस्तुओं व सेवाओं की कीमत में कमी आने लगती है जिसके कारण मुद्रा का मूल्य बढ़ जाता है। अत: व्यक्ति मुद्रा का संचय अधिक करते हैं और व्यय कम करते हैं।

3. करारोपण नीति:
जब सरकार अपने कर नीति में कर की दर वस्तुओं व व्यक्तियों पर अत्यधिक लगाती है तो स्वाभाविक है कि लोगों की उपभोग व्यय की प्रवृत्ति कम हो जाती है और अभावी माँग उत्पन्न हो जाती है।

4. सार्वजनिक व्यय में कमी:
जब सरकार अपने व्ययों में कटौती करती है और योजनागत व्यय या उत्पादकीय कार्यों को भी कम करना प्रारंभ कर देती है, तो सामूहिक माँग कम हो जाती है और अभावी माँग की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

5. मुद्रा के चलन वेग में कमी:
व्यक्तियों की उपभोग प्रवृत्ति घटने और लाभ की आशा कम होने के कारण मुद्रा का चलन वेग घट जाता है और समस्त माँग कम हो जाती है जिसके कारण अभावी माँग उत्पन्न हो जाती है।

प्रश्न 11.
अत्यधिक माँग से क्या आशय है? इसके कारणों पर प्रकाश डालिए?
उत्तर:
किसी भी अर्थव्यवस्था में रोजगार एवं आय का संतुलन उस पर होता है, जहाँ पर कुल माँग एवं कुल पूर्ति बराबर हो। अर्थात् यह आवश्यक नहीं है कि कुल माँग व कुल पूर्ति सदैव बराबर हो। कभी कुल माँग अधिक होती है तो कभी कुल पूर्ति। जब कुल पूर्ति माँग अधिक होती और कुल पूर्ति कम होती है तो इस स्थिति को अत्यधिक माँग कहते हैं।

उदाहरणार्थ, मान लीजिए कि किसी अर्थव्यवस्था में एक निश्चित समयावधि पर कुल माँग ₹ 500 करोड़ है। अब यदि इसकी कुल पूर्ति भी ₹ 500 करोड़ है तो यह कहा जाएगा कि अर्थव्यवस्था संतुलन की स्थिति में है। अब कल्पना कीजिए कि कुल पूर्ति केवल ₹ 400 करोड़ है तो इसका अर्थ यह होगा कि कुल माँग, कुल पूर्ति की तुलना में ₹ 100 करोड़ अधिक है। इसी को अत्यधिक माँग कहते हैं। कीन्स के शब्दों में “अत्यधिक माँग वह स्थिति है जबकि वर्तमान कीमतों पर वस्तुओं और सेवाओं की कुल माँग उपलब्ध कुल पूर्ति से बढ़ जाती है।”

अत्यधिक माँग के कारण:
अत्यधिक माँग के निम्नलिखित कारण हैं –

1. मुद्रा की पूर्ति में वृद्धि:
अर्थव्यवस्था में मुद्रा की पूर्ति में वृद्धि होने से और उत्पादन की मात्रा में वृद्धि न होने के कारण देश में माँग प्रेरित मुद्रा स्फीति उत्पन्न होती है।

2. प्रयोज्य आय में वृद्धि:
जब लोगों की प्रयोज्य आय में वूद्धि होती है तो भी उपभोग व्यय में वृद्धि हो जाती है। परिणामस्वरूप मुद्रा स्फीति की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

3. घाटे की वित्त व्यवस्था:
वर्तमान समय में कल्याणकारी सरकारें घाटे की वित्त व्यवस्था अपनाकर सार्वजनिक व्यय में वृद्धि करती है, तो लोगों के पास एक ओर उपभोग आय में वृद्धि हो जाती है और दूसरी ओर वस्तुओं के न होने के
कारण अत्यधिक माँग की स्थिति उत्पन्न हो जाती है और मूल्य में वृद्धि हो जाती है।

4. विनियोग में वृद्धि:
व्यावसायिक फर्मे ऋण प्राप्त करके नये उपकरणों, मशीनों तथा अन्य क्षेत्रों में विनियोग में वृद्धि करती हैं जिसके परिणामस्वरूप माँग में वृद्धि होती है।

5. वस्तुओं का विदेशों में निर्यात:
वस्तुओं का विदेशों में निर्यात के कारण भी अर्थव्यवस्था में पूर्ति की कमी और माँग में अतिरेक की स्थिति उत्पन्न हो जाती है, परिणामस्वरूप मूल्य – स्तर में वृद्धि होती है।

प्रश्न 12.
अत्यधिक माँग में सुधार के उपायों का वर्णन कीजिए?
उत्तर:
अत्यधिक माँग में सुधार के उपाय:
जव अर्थव्यवस्था में अत्यधिक माँग की दशा उत्पन्न हो जाती है तो उसे निम्नलिखित उपायों से ठीक किया जा सकता है –

(अ) मौद्रिक उपाय
(ब) राजकोषीय उपाय एवं
(स) अन्य उपाय।

(अ) मौद्रिक उपाय:
अत्यधिक माँग को ठीक करने के लिए कुल मुद्रा पूर्ति को कम करना चाहिए। इस दृष्टिकोण से निम्नलिखित उपाय हैं –

1. मुद्रा निर्गम संबंधी नियमों को कठोर बनाना:
अत्यधिक माँग को ठीक करने के लिए यह आवश्यक है कि सरकार मुद्रा निकालने संबंधी नियमों को कड़ा करें ताकि केन्द्रीय बैंक को अतिरिक्त मुद्रा निकालने में अधिक कठिनाई हो।

2. पुरानी मुद्रा वापस लेकर नई मुद्रा देना:
अत्यधिक माँग की दशा में साधारण उपचार उपयोगी नहीं हो सकते, अतः पुरानी सब मुद्राएँ समाप्त कर उनके बदले में नई मुद्राएँ दे दी जाती हैं। प्रथम महायुद्ध के पश्चात् 1924 में जर्मनी की अनियंत्रित मुद्रा – स्फीति को समाप्त करने के लिये 10 खरब मुद्राओं के बदले में एक नयी मुद्रा दी गयी थी।

3. साख स्फीति को कम करना:
अत्यधिक माँग अथवा स्फीति को कम करने के लिए साख स्फीति को कम करना आवश्यक है इसके लिए केन्द्रीय बैंक द्वारा बैंक दर बढ़ाकर, प्रतिभूतियाँ बेचकर तथा बैंकों से अधिक कोष माँगकर, साख कम की
जा सकती है।

(ब) राजकोषीय उपाय:
इसमें निम्नलिखित उपाय हैं –

1. बचत का बजट बनाना:
अत्यधिक माँग की स्थिति में सरकार को बजट, बचत का बनाना चाहिए। इसका तात्पर्य है, जिससे सार्वजनिक व्यय की तुलना में सार्वजनिक आय अधिक होती है।

2. ऋण प्राप्ति:
अत्यधिक माँग को ठीक करने के लिए सरकार को ऋण पत्र बेचनी चाहिए और जनता को यह ऋण – पत्र खरीदने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

3. बचतों को प्रोत्साहन:
अत्यधिक माँग को ठीक करने के लिए सरकार को बैंकों एवं डाकघरों के माध्यम से ऐसी नीतियाँ कार्यान्वित करनी चाहिए जिससे लोग बचत के लिए प्रोत्साहित हो। इसके लिए आकर्षक ब्याज की दर अपनानी चाहिए।

(स) अन्य उपाय:
अन्य उपाय इस प्रकार हैं –

  1. अत्यधिक माँग को ठीक करने के लिए आयात में वृद्धि और निर्यात में कमी करनी चाहिए।
  2. अत्यधिक माँग को ठीक करने के लिए उद्योगों में उचित विनियोग नीति अपनायी जानी चाहिए।
  3. सरकार को मूल्यों में सहायता करनी चाहिए।

प्रश्न 13.
“किसी रेखा में पैरामेट्रिक शिफ्ट” से आप क्या समझते हैं? रेखा में किस प्रकार शिफ्ट होता है जब इसकी

  1. ढाल घटती है और
  2. इसके अंतः खंड में वृद्धि होती है।

उत्तर:
हम दो सरल रेखाएँ लेते हैं, जो एक – दूसरे की अपेक्षा अधिक खड़े ढाल वाली हैं। सत्ताएँ: और m को आरेख का पैरामीटर कहते हैं। जैसे – जैसे m बढ़ता है सरल रेखा ऊपर की ओर बढ़ती है। इसे सरल रेखा में पैरामैट्रिक शिफ्ट कहते हैं।

1. ढाल घटती है:
y = mx + ε के रूप में ε सरल रेखीय समीकरण को दर्शाने वाले आरेख पर क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर अक्षों पर x और y दो परिवर्तों को रेखाचित्र में दर्शाया गया है। यहाँ m सरल रेखा की प्रवणता (ढाल) है और Σ ऊर्ध्वाधर अक्ष पर अन्तः खण्ड है। जब x में एक इकाई की वृद्धि होती है, तो y के मूल्य 10 में m इकाइयों की वृद्धि हो जाती है। जब रेखा की 5प्रवणता (ढाल) घटती है, तो सरल रेखा में ऋणात्मक शिफ्ट होता है। निम्नांकित चित्र से स्पष्ट हो रहा है कि जैसे – जैसे m का। मूल्य घट रहा है अर्थात् m का मूल्य 1 से कम करके 0.5 करने पर। सरल रेखा नीचे की ओर शिफ्ट हो रही है जिससे इसकी ढाल घट जाती है। इसे पैरामैट्रिक शिफ्ट कहते हैं।
MP Board Class 12th Economics Important Questions Unit 7 आय एवं रोजगार का निर्धारण img 8

2. रेखा के अन्तः खण्ड में वृद्धि होती है:
जब सरल रेखा के अंत:खण्ड में वृद्धि होती है तब सरल रेखा समान्तर रूप से शिफ्ट होती है। यदि समीकरण y = 0.5 x + Σ में का मान 2 से बढ़ाकर 3 कर दिया जाये तो सरल रेखा समान्तर रूप से ऊपर की ओर शिफ्ट हो जायेगी। इसे निम्न चित्र में दर्शाया गया है –

रेखाचित्र में Σ के अंत:खण्ड में 2 से 3 तक वृद्धि करने पर सरल रेखा समान्तर रूप से ऊपर की ओर शिफ्ट हो जाती है।
MP Board Class 12th Economics Important Questions Unit 7 आय एवं रोजगार का निर्धारण img 9

प्रश्न 14.
कीन्स के रोजगार सिद्धांत को समझाइये?
उत्तर:
कीन्स का रोजगार सिद्धांत:
कोन्स ने अपनी सुप्रसिद्ध पुस्तक ‘सामान्य सिद्धांत’ में आय एवं रोजगार के सामान्य सिद्धांत का क्रमबद्ध एवं वैज्ञानिक विश्लेषण किया है। तीसा को महामन्दी (सन् 1930) में इन्होंने अपने सिद्धांत का प्रतिपादन किया था। उनके अनुसार एक अर्थव्यवस्था में आय एवं रोजगार का स्तर मुख्य रूप से प्रभावपूर्ण माँग’ के द्वारा निर्धारित होता है। प्रभावपूर्ण माँग में कमी ही बेरोजगारी का कारण होता है किन्तु प्रभावपूर्ण माँग का निर्धारण दो तत्वों के द्वारा होता है –

  1. सामूहिक माँग और
  2. सामूहिक पूर्ति।

सामूहिक पूर्ति और सामूहिक माँग जहाँ एक – दूसरे के बराबर होते हैं, वहीं साम्य बिन्दु प्रभावपूर्ण माँग का बिन्दु भी होता है। इसी प्रभावपूर्ण माँग के बिन्दु पर अर्थव्यवस्था में उत्पादन की मात्रा तथा रोजगार की कुल संख्या का निर्धारण होता है। अत: कीन्स का रोजगार का सिद्धांत समझने के लिए निम्न रेखाचित्र को समझना होगा –
प्रभावपूर्ण माँग = कुल उत्पादन = कुल आय = रोजगार
MP Board Class 12th Economics Important Questions Unit 7 आय एवं रोजगार का निर्धारण img 10
उक्त अनुसार उत्पादन प्रभावपूर्ण माँग के कारण होता है, माँगें कुल माँग द्वारा शासित होती हैं।

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Comprehension’ शब्द

‘Comprehend’ से बना है। ‘Comprehend’ का अर्थ ‘समझना’ होता है। Comprehension Test का अभिप्राय विद्यार्थी को अंग्रेजी के दिए हुए passage के अर्थ को समझने की योग्यता की परीक्षा लेना है। अत: अंग्रेजी का कोई अपठित passage देकर कुछ प्रश्न पूछे जाते हैं जिनके उत्तर उस passage में से ही देने होते हैं। Passage के अर्थ को समझ लेने पर प्रश्नों के उत्तर देना कठिन नहीं होता है। अतएव passage को ध्यानपूर्वक पढ़कर ही उत्तर देना चाहिए।

सभी उत्तरों का विद्यार्थी के अपने शब्दों में होना आवश्यक नहीं है।
“Students can obtain the answer to (several of the) questions by copying the relevant part or parts of the text.”

इस प्रश्न को ऐसे हल करें :

  1. Express yourself in a clear and coherent manner. Your language should be simple and correct, while your expression need be forceful.
    अपने विचारों को सुस्पष्ट एवं सुसम्बद्ध विधि से प्रकट करो। तुम्हारी भाषा सरल और सही हो, जबकि अभिव्यक्ति प्रभावशाली।
  2. Use small and simple sentences.
    छोटे तथा साधारण वाक्यों का प्रयोग करो।
  3. You can state your answer in more than one sentence as long as you keep to the point.
    तुम जब तक अपने सन्दर्भ की सीमा में रहो, अपने उत्तर को एक से अधिक वाक्यों में लिख सकते हो।
  4. The answer should be neither too long nor too short.
    उत्तर न तो ज्यादा लम्बा होना चाहिए न ज्यादा छोटा।
  5. Do not add any new ideas of your own unless you are asked to do so.
    जब तक निर्देशित न किया जाय तब तक कोई नया मत या विचार अपनी तरफ से मत जोड़ो।
  6. Read the passage carefully two or three times.
    गद्यांश को दो या तीन बार पढ़ो।
  7. Try to grasp the general sense of the passage.
    गद्यांश का सामान्य अर्थ ग्रहण करने की कोशिश करो।

Solved Examples

Read the following passages carefully and answer the questions given below them:

1. The Jataka Stories recount the many previous births of the Buddha in human and animal lives. In all there are 547 stories, originally told by the Buddha to his disciples. They were written down in Pali Language around 400 B.C. and absorbed into the Buddhist Canon not long ago after his death. The stories show the progression of his lives through many incarnations, gradually acquiring the wisdom, selflessness and thoughtfulness which eventually lead to enlightment. In each birth he performed some meritorious deed to bring him spiritual progress. Here is one of his stories.

A hare once lived in the forest with his animal friends, the jackal, the otter and the monkey. The animal respected the hare as he was wise and gentle. One day he said that they should all fast and give whatever food they gathered to whoever needed it. So the monkey found ripe mangoes, the jackal found a Lizard and a pot of milk and the otter found a fish. But the hare could not find any food and vowed that if anyone is hungry, he would offer him his own body. His tremendous vow was heard by the earth herself, who told Sakka, Lord of the devas. He decided to test the hare.

Sakka entered the forest disguised as a beggar and asked hare for food. Please eat my body’ the hare replied without hesitation.

So Sakka built fire and the hare willingly ran into the flames. Feeling no pain, he rose up to heaven. In gratitude, Sakka drew an image of hare on the moon for everyone to see and remember the hare’s selfless sacrifice. [2016]

Unseen Passage For Class 12 Mp Board Questions:
(A) Jataka stories are related to the previous incarnations of
(i) Lord Krishna (ii) Mahaveer (iii) Dattatraya (iv) Gautam Buddha.

(B) The stories are written in Language.
(i) Sanskrit (ii) Pali (iii) Prakrit (iv) Awadhi.

(C) The wise animal was
(i) Monkey (ii) Otter (iii) Hare (iv) Jackal.

(D) Sakka entered the forest in disguise of
(i) a beggar (ii) a monk (iii) a fakir (iv) a peasant.

(E) The Jataka Stories contain stories. [1]
(i) 547 (if) 457 (iii) 754 (iv) 745.

(F) Word previous relates to [1]
(i) Present (ii) Past (iii) Future.

(G) Monkey found as food to be given to needy person. [1]
(i) Bananas (ii) Guavas (iii) Ripe mangoes (iv) Oranges.

(H) The Jataka stories were written in [1]
(i) 400 A.D. (ii) 400 B.C. (iii) 420 A.D. (iv) 420 B.C.

(I) What reward did Sakka give to hare for his self-sacrifice? [2]
(J) What do the Jataka Stories show? [2]
Answers:
(A) (iv)
(B) (ii)
(Q) (ii)
(D) (i)
(E) (i)
(F) (ii)
(G) (iii)
(H) (ii)

(I) Sakka drew an image of hare on the moon for everyone to see and remember the hare’s selfless sacrifice.
(J) The Jataka stories show the progression of Buddha’s lives through many incarnations gradually acquiring the wisdom, selflessness and thoughtfulness which eventually lead to enlightenment.

2. The “Pench National Park” [Mogliland] is one of famous National parks in the world. It is in between Nagpur and Jabalpur city. There is also the center point of India. It is on the road National Highway 07. We can reach Kanyakumari from Kashmir by this road. Park is also known as “Mogliland” because of the “Jungle boy”-“Mogli” named later. The history of Seoni district and gazette says about a “miracle” which is related with the Jungle boy and the herd of dangerous wild animals. The boy was^born at Chorgarthiya village now it is very near to the park in Seoni district, M.P. One day when the little innocent boy of [1]8 months was a sleeping out side of the hut, her mother left him and went to her fields. The herd of animals came there and lifted the innocent for their dinner. With the help of history and gazette of Seoni and friends to “Rudyard Kipling”, an Australian novel writer, wrote the famous “Jungle book” novel. Its main script based on Mogli’s true life.

Mogli the hero of the famous Jungle book grew up among .dangerous herd of animals. He ate, ran, jumped, made sounds and helped them with human skills. We have seen in a Television serial in 1989. History says he lived with animals round about 24 years. We know very well that human has great affection to several animals but it is “One and only “miracle” in the modem world” that “animal brought up a human”. Why they give time to grow up? Why did they not eat the boy? It is wonderful. So Pench National Park called the Mogliland because he passed his life and acted like animal in the area. MP’s Ex. Forest Minister, Lt. Harbansh Singh who was very devoted to the children of schools and education, worked a lot for Mogliland and started a program named ‘Mogli Utsav’ for school students of MP in [2002].

“Save animals life”. [2015]
Mp Board English Unseen Passage Questions:
(A) Gazette means:
(i) a book (ii) question paper (iii) government documents (iv) paper for printing.

(B) Mogliland is situated between Nagpur and city.
(i) Indore (ii) Jabalpur (iii) Gwalior (iv) Bhopal.

(C) Write the verb form of the word ‘wonderful’:
(i) Wonder (ii) Wonderful (iii) Wander (iv) Wonderfully.

(D) Pench National Park is known as :
(i) Mogliland (ii) Landmark (iii) England (iv) Island.

(E) “Rudyard Kipling,” wrote a novel its name is :
(i) A history (ii) The Jungle book (iii) Paikbook (iv) Book of Australia.

(F) Who had lifted the innocent child Mogli?
(i) Tiger (ii) Dogs (iii) A herd of animals (iv) Fox.

(G) Select the correct alternative that is the opposite of the word ‘pet’
(i) tame (ii) wild (iii) loving (iv) homely.

(H) Who started Mogli Utsav? Who was forest Minister then?
(i) Harbans Singh (ii) Randheer Yadav (iii) Mr. V. Niranjan (iv) Deepak Saxena.

(J) Who is the hero of the famous novel ‘The Jungle Book’?
(K) Why is “The Pench National Park” called Mogliland?
Answers:
(A) (iii)
(B) (ii)
(Q (i)
(D) (i)
(E) (ii)
(F) (iii)
(G) (ii)
(H) (i)

(I) The hero of the famous novel ‘The Jungle Book’ is Mogli.
(J) The Pench National Park is called Mogliland because Mogli passed his life and acted like animal in that area.

3. How did man discover salt? We are not sure. Perhaps, the cattle of Stone Age tribesmen found and fed on* salt licks or salt rocks. Their masters may have carried pieces of the salt rock to their caves. Salt springs were found to provide a more constant supply of salt. Villages grew around these springs. Man cut down trees for fuel for evaporating water to obtain salt. In China, the early human settlements were near salt pans on the Yellow River. Everywhere in the world, salt production has been going on for thousands of years. The ancient Greeks and Romans included salt in the offerings they made to their gods. The preservative quality of salt made it a specially fitting symbol of enduring fidelity. The word salt was used in phrases conveying high esteem and honor, in ancient and modem languages. In English, the expression, “the salt of the earth”, describes a person greatly respected by the community.

It was considered a prestigious item of commerce and civilizations flourished because of it. The sea has always been man’s most important source of salt supply. When oceans recede, salt ponds and salt marshes are left behind.

The Romans were famous roadbuilders. One of their roads called the Salt Route, built around 400 B.C. exists even today. In those days, salt from Rome was carried along this road to central Italy. The early Egyptians were supplied with salt from swamps at the mouth of the Nile. [2014]

Mp Board Class 12 English Book Solution Questions:
(A) What is the meaning of ‘prestigious’? [1]
(i) having respect (ii) religious (iii) business (iv) necessary.

(B) The noun form of the word‘describe’ is : [1]
(i) describe (ii) description (iii) described (iv) redescribe.

(C) The opposite of the word ‘modem’ is : [1]
(i) new (ii) early (iii) ancient (iv) recent.

(D) The of the tribesmen may have carried salt to their caves. [1]
(i) servant (ii) master (iii) friend (iv) neighbour.

(E) The constant supply of salt was made by : [1]
(i) salt springs (ii) rivers (iii) forests ‘ (iv) early man.

(F) The early Egyptians used to get salt from swamps at the mouth of [1]
(i) Nile river (ii) sea (iii) Yellow river (iv) salt rocks.

(G) In those times, around the springs, grew. [1]
(i) cities (ii) villages (iii) roads (iv) forests.

(H) ‘The salt of the earth’ means : [1]
(i) a person greatly respected in the society (ii) the salt that we get from salt springs (iii) the salt offered to gods (iv) a person not respected in the society.

(I) Why do you think salt is very important since early days? Mention two points. [2]
(J) How was the ‘Salt Route’ important for the Romans? [2]
Answers :
(A) (i)
(B) (ii)
(C) (iii)
(D) (ii)
(E) (i)
(F) (i)
(G) (ii)
(H) (i)

(I) Salt is very important since early days because :
(i) the cattle of Stone Age tribesmen were fed on salt licks,
(ii) salt has preservative quality.

(J) The ‘salt route’ was important for the Romans because in those days salt from Rome was carried along this road to central Italy.

4. Garbage is a great environmental hazard. It comes from various sources used paper, tiffin packings, plastic bags, ice-cream wrappers, bottle caps, fallen leaves from trees and many more.

Garbage makes the premises ugly, unkempt and breeds diseases. A lot of trash that is thrown away contains material that can be recycled and
reused such as paper, metals and glass which can be sent to the nearest recycling centre or disposed of to the junk dealer. It also contains organic matter such as leaves which can enrich soil fertility. A compost pit can be made at a convenient location where the refuse can be placed with layers of soil and an occasional sprinkling ofVater. This would help decomposition to make valuable fertilizer. This would also prevent pollution that is usually caused by burning such organic waste. [2013]

The Spectrum Textbook General English Class 12 MP Board Questions:
(A) The main sources of Garbage in present conditions : [1]
(i) Household things (ii) Plots and other materials (iii) Water and liquid (iv) Plastic bags.

(B) Leaves can enrich fertility. I
(i) water (ii) soil (iii) air (iv) human body.

(C) The noun form of the word ‘recycled’ : [1]
(i) recycle (ii) recycling (iii) recycling (iv) to recycled.

(D) Give the meaning of ‘nearest’ : [1]
(i) closest (ii) closely (iii) fir (iv) far away.

(E) Give a great environmental hazard : [1]
(i) water pollution (ii) air pollution (iii) garbage (iv) all of these.

(F) Garbage makes premises: [1]
(i) clean (ii) beautiful (iii) ugly (iv) dry.

(G) We can dispose garbage to a : [1]
(i) Grocer (ii) Vendor (iii) Bookseller (iv) Junk dealer.

(H) Garbages can be reused by [1]
(i) re-selling (ii) recycling (iii) repairing (iv) renovating.

(I) What are the sources of garbages?. [2]
(J) Mention two things which help organic waste material to change into fertilizer in the compost pit. [2]
Answers :
(A) (i)
(B) (ii)
(C) (ii)
(D) (i)
(E) (iv)
(F) (iii)
(G) (iv)
(H) (ii)

(I) The sources of garbage are used paper, tiffin packings, plastic bags, ice-cream wrappers, bottle caps, fallen leaves from trees etc.

(J) (i) Layers of Soil
(ii) Sprinkling of water.

5. Old people say that childhood is the best part of life. They look back at their childhood and remember all its happy days, the jolly games, the fun they had at school, the sweets land cakes they used to eat, jokes they used to play and endless discussions they had among friends about almost every topic. Perhaps these old folks are right. And yet they forget many things that were not so pleasant in their childhood. There is a funny story that tells of a boy, who was crying because he had to go back to school after the holidays and the father scolded him and said, “Why, I only wish i could be a boy and go to school again. And all in a moment the father was little boy and his son was a grown-up man like his father. And the father, in the shape of a little boy, had to go to school, and I can tell you he did not like it at all. A child’s troubles may seem small to grown-ups but they are very big to him. [2017]

The Spectrum Textbook General English Class 12 Solutions MP Board Questions :
(A) What are the joys of childhood? [1]
(i) games, work hard and fun (ii) labor and work only (iii) eating cakes only (iv) games, fun eating sweets and cakes.

(B) Give the opposite of‘ forget’. [1]
(i) dark (ii) dull (iii) remember (iv) call.

(C) Would old people be happy, if they became children again? [1]
(i) Yes (ii) May be (iii) May not be (iv) No.

(D) What wish did the father make? [1]
(i) He had been a child again (ii) He would become an old-man (iii) He would become a young boy (iv) He would become a rich man.

(E) Givemeaningof‘little’. [1]
(F) Give Adjective form of (II and III form degree)—‘Good’. [1]

(G) Why was the boy crying? [1]
(i) He wanted a lollipop (ii) He did not want to go to school (iii) He had not done his home-work (iv) He was hurt.

(H) To whom does a child’s troubles seem big? [1]
(i) to a mother (ii) to a father (iii) to a child (iv) to a teacher.

(I) What were the things which were not pleasant in the childhood? [2]
(J) How does the author compare Childhood and old age? [2]
Answers :
(A) (iv)
(B) (iii)
(C) (iii)
(D) (i)
(E) Small.
(F) (II) form—Better (III) form—Best.
(G) (ii)
(H) (iii)

(I) Going back to school after holidays and getting scolding from parents were not pleasant in the childhood.
(J) To the author childhood is the best part of life as one looks back at life. It is so because people remember all the games, fun and lovely things but they forget many things that were not so pleasant.

6. Nationalism, of course is a curious phenomenon; which at a certain stage in a country’s history gives life, growth, strength and unity, but at the same time, it has tendency, to limit one, because one thinks of one’s own country as something different from the rest of the world. The perspective changes and one is continuously thinking of one’s own struggles and virtues and failure to the exclusion of other thoughts. The result is that the same nationalism, which is the symbol of growth for a people becomes a symbol of cessation of that growth in the mind. Nationalism, when it becomes successful, sometimes goes on spreading in an aggressive way and becomes a danger internationally. Whatever line of thought you follow, you arrive at the conclusion that some kind of balance must be found, otherwise, something that was good can turn into evil. Culture, which is essentially good, becomes not only static but aggressive and something that breeds conflict and hatred when looked at from a wrong point of view. How do you find a balance?, I do not know. Apart from political and economic problems of the age, perhaps [1] that is the greatest problem today; because behind it there is a tremendous conflict in the spirit of man and a tremendous search for something it cannot find. We turn to economic theories because they have undoubted importance.

It is folly to talk of culture or even of God when human beings starve and die. Before one can talk about anything else; One must provide the normal essentials of life to human beings. That is where economics comes in. Human beings today are not in the mood to tolerate this suffering and starvation and inequality when they see that the burden is not equally shared. Others gain profit while they only bear the burden. [2018]

Questions :
(A) Nationalism is a symbol of [1]
(i) pride (ii) humbleness (iii) growth (iv) culture.

(B) Culture is essentially good but becomes : [1]
(i) dynamic (ii) static (iii) worse (iv) rotten.

(C) We can find balance when we turn to : [1]
(i) economics (ii) history (iii) culture (iv) geography.

(D) The word ‘starve’ in the passage means : [1]
(i) to die of hunger (ii) poverty (iii) lack of strength (iv) diseases.

(E) According to Nehru; Nationalism is a …. phenomenon. [1]
(i) natural (ii) cultural (iii) curious (iv) ethical.

(F) What is the verb form of ‘conclusion’? [1]
(i) include (ii) conclude (iii) conclusive (iv) concludable.

(G) It is folly to talk of culture when : [1]
(i) human beings starve and die (ii) the burden is not equally shared (iii) culture becomes aggressive (iv) nationalism becomes successful

(H) The noun form of ‘tolerate’ is : [1]
(i) tolerance (ii) tolerable (iii) tolerably (iv) toleration.

(I) When does a society become static? [2]
(J) According to Nehru when is it folly to talk about culture or God? [2]
Answers :
(A) (iii)
(B) (ii)
(C) (i)
(D) (i)
(E) (iii)
(F) GO
(G) (i)
(H) (i)

(G) It is folly to talk of culture when :
(I) A society becomes static when it looks at culture from a wrong point of view.
(J) According to Nehru, it is folly to talk of culture or even God when human beings starve and die.

7. Man’s journey of life from childhood to old age is very charming and colorful. Youth is the most exciting period of man’s life, when it is time to grow and dream. A young man is frill of hope, energy and zeal. Nothing is difficult or impossible or dangerous for him. The old people say that youth is not daring but thoughtless. A young man bums the candle at both ends. He commits mistakes and learns only after burning his finger. Sometimes the young men misuse their freedom and thus invite difficulties by their foolish actions. They are full of strength, energy and enthusiasm. They become rebels and are no longer afraid of facing the forces of realities. A young man accepts the challenge of evil, difficulties and hardships, to win or lose the game of life is the mission of his career. He loves to lead an adventurous life and has a keen desire to build up a new world of his dream. But the period of youth does not last long. Soon it is followed by old age, when he regrets his past mistakes and failures. The weak old man feels helpless, depressed and disappointed. He becomes unfit for any adventure. But some fortunate old people never grow old and continue to feel young and active and make the most of even the last years of their lives. It will not be wrong to say that youth brings honour and old age commands respect.

Questions :
(A) Man’s journey of life from childhood to….is very charming and colorful. [1]
(i) Young age (ii) Old age (iii) Death

(B) Who is full of hope, energy and zeal? t
(i) A child (ii) An old man (iii) A young man.

(C) Who misuse their freedom? I
(i) Young men (iii) Women. (ii) Old men

(D) Youth is followed by : [1]
(i) Old age (ii) Death (iii) Neither of the above.

(E) Old age commands : [1]
(i) Admiration (iii) Halted. (ii) Respect

Find out words from the passage which mean :
(F) attractive. i

(G) goal. [1]
(H) dejected. [1]
(I) What is charming and colorful? [2]
(J) What is the most exciting period of man’s life? [2]
Answers :
(A) (i)
(B) (iii)
(C) (i)
(D) (i)
(E) (ii)
(F) charming
(G) mission
(H) depressed
(I) Man’s journey of life from childhood to old age is charming and colorful.
(J) Youth is the most exciting period of a man’s life.

8. Character is one of the greatest power in the world. In its noblest embodiment, it exemplifies human nature in its highest forms, for it exhibits man at his best.

Men of genuine excellence in very station of life-men of industry, of integrity, of high principle, of sterling honesty, of purpose command the spontaneous homage of mankind. It is natural to believe in such men, to have confidence in them, and to imitate them. All that is good in the world is upheld by them, and without their presence in it, the world would not be worth living in.

Although genius always commands admiration, character most secures respect. The former is more the product of brain power, the latter of heart power and in the long run it is the heart that rules in life.’ Men of genius stand to society in the relation of its intellect, as men of character of its conscience, and while the former are admired; the later are followed.

Great men are always exceptional men, and greatness itself is best comparative. Indeed, the range of most men in life is so limited that very few have the opportunity of being great. But each man can act his part honestly and honorably and to the best of his ability. He can use his gifts and not abuse them. He can strive to make the best of life. He can be true, just, honest and faithful, even in small things. In a word, he can do his duty in that sphere in which providence has placed him.

Questions :
(A) Which is one of the greatest powers in the world? [1]
(i) Conduct (ii) Character (iii) Neither of the above.

(B) Genius commands : [1]
(i) Admiration ’ (ii) Respect (iii) Criticism.

(C) What rules life in the long run? [1]
(i) Head (ii) Heart (iii) Body.

(D) Who are exceptional men? [1]
(i) Great men (ii) Brave men (iii) Rich men.

(E) Who are followed by others? [1]
(i) Men of conscience (ii) Men of character (iii) Men of strength.

(F) Give the opposite of the word ‘best’. [1]
(G) Give the noun form of the word ‘believe’. [1]
(H) Select the word from the passage which means ‘chance’. [1]
(I) What is the force of character? [2]
(J) What sort of men command the homage of mankind? [2]
Answers :
(A) (ii)
(B) (i)
(C) (i)
(D) (i)
(E) (ii)
(F) worst.
(G) belief.
(H) opportunity.

(I) Character is one of the greatest powers in the world. In its noblest embodiment, it exemplifies human nature in its highest forms, for it
exhibits man at his best.
(J) Man of genuine excellence in every sphere of life commands the homage of mankind.

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MP Board Class 12th Biology Solutions Chapter 1 जीवों में जनन

MP Board Class 12th Biology Solutions Chapter 1 जीवों में जनन

जीवों में जनन NCERT प्रश्नोत्तर

जीवों में जनन क्लास 12th MP Board Chapter 1 प्रश्न 1.
जीवों के लिए जनन क्यों आवश्यक है?
उत्तर
जनन के द्वारा ही जीवों की निरंतरता बनी रहती है। प्रत्येक जीव निश्चित अवधि के पश्चात् मृत हो जाता है किन्तु, इसके पूर्व जनन क्रिया द्वारा नई संतति का निर्माण कर देता है। यही कारण है कि हजारों वर्षों से पृथ्वी पर पादपों एवं पशु-पक्षियों की विभिन्न जातियों की विशाल संख्या बनी हुई है।

जीवों में जनन MP Board Chapter 1 प्रश्न 2.
जनन की अच्छी विधि कौन-सी है और क्यों?
उत्तर
जनन की लैंगिक विधि (Sexual method) को अच्छा माना जाता है क्योंकि-लैंगिक जनन के कारण संतति में अधिक विभिन्नताएँ उत्पन्न होती हैं। ये विभिन्नताएँ युग्मकजनन के समय होने वाले अर्द्धसूत्री विभाजन में गुणसूत्रों के पृथक्करण, विनिमय तथा युग्मकों के संयोगिक संलयन के कारण उत्पन्न पुनर्संयोजन होते हैं। विभिन्नताएँ जीवों के लिए बदले पर्यावरण में अनुकूलन की संभावना पैदा करते हैं।

जीवों में जनन 12th MP Board Chapter 1 प्रश्न 3.
अलैंगिक जनन द्वारा उत्पन्न हुई संतति को क्लोन क्यों कहा जाता है ?
उत्तर
अलैंगिक जनन द्वारा उत्पन्न हुई सन्तति आकारिकी (Morphological) व आनुवंशिक (Genetic) रूप से एकमात्र जनक के समान होती है, अतः इन्हें क्लोन कहा जाता है।

जीवों में जनन प्रश्न उत्तर MP Board Chapter 1 प्रश्न 4.
लैंगिक जनन के परिणामस्वरूप बनी संतति को जीवित रहने के अच्छे अवसर होते हैं। क्यों? क्या यह कथन हर समय सही रहता है ?
उत्तर
लैंगिक जनन में विभिन्नताएँ उत्पन्न होने के अनेक अवसर होते हैं। जैसे-अर्द्धसूत्री विभाजन में गुणसूत्रों का यादृच्छिक पृथक्करण (Random segregation), विनिमय (Crossing over) तथा संलयन । अधिक विभिन्नताओं के कारण सन्तति की उत्तरजीविता (Survival) के अधिक अवसर होते हैं। नये पुनर्संयोजन (Recombinations) नयी विभिन्नताएँ पैदा करते हैं जो बदले पर्यावरण में महत्वपूर्ण सिद्ध हो सकती हैं। लैंगिक जनन अच्छे अवसर उपलब्ध करवाता है लेकिन पर्यावरण इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। संततियों को जीवित रहने के लिए प्रकृति द्वारा चयन किया जाना अत्यंत आवश्यक है।।

Jivo Mein Janan MP Board Chapter 1 प्रश्न 5.
अलैंगिक जनन द्वारा बनी संतति लैंगिक जनन द्वारा बनी संतति से किस प्रकार भिन्न है ?
उत्तर
अलैंगिक जनन से उत्पन्न संतति अपने जनक के एकदम समान होते हैं। आकारिकी तथा आनुवंशिक रूप से जनक के पूर्णतः समान होती हैं। जबकि लैंगिक जनन में अर्द्धसूत्री विभाजन तथा युग्मकों का संलयन दोनों प्रक्रियाएँ शामिल हैं। युग्मकजनन के समय होने वाले अर्द्धसूत्री विभाजन व युग्मकों के यादृच्छिक (Random) संलयन से अनेक नये पुनर्संयोजन (Recombination) बनते हैं, अतः लैंगिक जनन से बनी संतति जनकों से भिन्न होती हैं।

जीवो में जनन MP Board Chapter 1 प्रश्न 6.
अलैंगिक तथा लैंगिक जनन के मध्य विभेद स्थापित कीजिए। कायिक जनन को प्रारूपिक अलैंगिक जनन क्यों माना जाता है ?
उत्तर
अलैंगिक प्रजनन एवं लैंगिक प्रजनन में अन्तर
जीवों में जनन क्लास 12th MP Board Chapter 1
कायिक जनन को प्रारूपिक अलैंगिक जनन माना जाता है, क्योंकि

  • इसमें एक ही जनक भाग लेता है।
  • सन्तति आकारिकी व आनुवंशिक गुणों में जनक के समान होती है।
  • युग्मक निर्माण व संलयन नहीं होता, अतः अर्द्धसूत्री विभाजन एवं संलयन नहीं होता है।

जीवों में जनन कक्षा 12 MP Board Chapter 1 प्रश्न 7.
कायिक प्रवर्धन से क्या समझते हैं ? कोई दो उपयुक्त उदाहरण दीजिए।
उत्तर
किसी पौधों के वर्धी भागों जैसे-जड़, तना, पत्ती द्वारा नया पौधा तैयार होना कायिक प्रवर्धन .(Vegetative propagation) कहलाता है। यह अलैंगिक जनन का ही एक रूप है जिसमें पौधे के केवल वर्षी भाग (Vegetative parts) ही भाग लेते हैं।

उदाहरण-अदरक (प्रकंद Rhizome) तथा ब्रायोफिलम (Bryophyllum)। अदरक एक प्रकंद है, यह भूमिगत तना है, इसमें पर्व छोटे होते हैं अत: पर्वसंधियाँ एक-दूसरे के निकट होती हैं। पर्वसंधियों में भूरे रंग के शल्की पर्ण होते हैं। अनुकूल परिस्थितियों में अन्तस्थ कलिका से वायुवीय प्ररोह परिवर्धित होते हैं तथा कक्षस्थ कलिका भूमिगत शाखा को बनाती है।

प्रकंद की शाखाएँ एक-दूसरे से अलग होकर वृद्धि कर नये पादप का निर्माण करती है। ब्रायोफिलम की पत्ती भी वर्धी प्रजनन या कायिक प्रवर्धन का अच्छा उदाहरण है। इसी पत्ती पर उपस्थित अपस्थानिक कलिकाएँ नये पौधों को जन्म देती हैं।

Jivo Me Janan Question Answer MP Board Chapter 1 प्रश्न 8.
व्याख्या कीजिए-
(1) किशोर चरण
(2) प्रजनक चरण
(3) जीर्णता चरण या जीर्णावस्था।
उत्तर
(1) किशोर चरण (Juvenile phase)-
जब किसी बीज का अंकुरण होता है तो उससे नवजात पौधे का निर्माण होता है । यह नवजात पौधा धीरे-धीरे विकसित होते हुए व वृद्धि करते हुए अपने विभिन्न कायिक भागों को बनाता है। ये सभी किशोर अवस्था के चरण होते हैं । किशोर या कायिक प्रवस्था के अन्त होने पर जनन प्रावस्था का प्रारंभ होता है।

(2) प्रजनक चरण (Reproductive phase)-
पौधों पर पुष्प लगने पर यह ज्ञात होता है कि अब प्रजनक चरण का प्रारंभ हो गया है। कुछ पौधों में एक विशेष ऋतु में पुष्प आते हैं तो अन्य में वर्ष पर्यन्त पुष्प लगे होते हैं। कुछ पौधे अपने जीवन काल में केवल एक बार ही पुष्प उत्पन्न करते हैं । वार्षिक तथा द्विवार्षिक किस्मों में स्पष्टतः कायिक जनन तथा जीर्णता की प्रावस्थाओं को देखा जा सकता है। इस चरण में प्रजनन कार्य होता है। प्राणियों में भी मौसम और हॉर्मोन का प्रभाव पड़ता है।

(3) जीर्णता चरण या जीर्णावस्था (Senescence phase)-
जैसे-जैसे किसी जीव की आयु बढ़ती है वह वृद्धावस्था की ओर बढ़ता है। वृद्धावस्था के साथ प्रजनन क्षमता समाप्त हो जाती है, उपापचयी क्रिया मंद हो जाती है। इसे जीर्णता चरण या जीर्णावस्था कहते हैं।

जीवों में जनन Notes Class 12 MP Board Chapter 1 प्रश्न 9.
अपनी जटिलता के बावजूद बड़े जीवों में लैंगिक प्रजनन पाया जाता है, क्यों?
उत्तर
लैंगिक जनन में विपरीत लिंग वाले जीव भाग लेते हैं। इन जीवों से नर एवं मादा युग्मक बनते हैं जो संलयन कर युग्मनज तथा बाद में भ्रूण बनाते हैं । लैंगिक जनन से सम्बद्ध संरचनाएँ जीवों में एकदम भिन्न होती हैं। इन संरचनाओं के जटिल होने के बावजूद भी लैंगिक जनन की घटनाएँ एक नियमित अनुक्रम का पालन करती हैं । लैंगिक जनन करने वाले जीवों में युग्मनज अथवा भ्रूण पूर्ण सुरक्षित होता है, इससे उत्तरजीविता के अच्छे अवसर प्राप्त होते हैं।

प्रश्न 10.
व्याख्या करके बताइए कि अर्द्धसूत्री विभाजन तथा युग्मकजनन सदैव अंतर्संबंधित (अंतर्बद्ध) होते हैं।
उत्तर
युग्मकजनन (Gametogenesis) नर तथा मादा दो प्रकार के युग्मकों के निर्माण की प्रक्रिया को दर्शाता है। युग्मक अगुणित होती है, इनका निर्माण द्विगुणित कोशिका में अर्द्धसूत्री कोशिका विभाजन द्वारा हुआ है। इस अर्द्धसूत्री विभाजन के कारण गुणसूत्रों का केवल एक सेट प्रत्येक युग्मक में पहुँचता है। जैसे कि मनुष्यों में द्विगुणित गुणसूत्र संख्या 46 होती है तो उनके नर युग्मक (शुक्राणु) में गुणसूत्रों की संख्या 23 होगी, इसी प्रकार मादा में मादा युग्मक (अण्ड) की गुणसूत्र संख्या 23 होगी। युग्मकों की निर्माण क्रिया को युग्मकजनन कहते हैं तथा इस क्रिया में अर्द्धसूत्री विभाजन भी होता है। इस प्रकार अर्द्धसूत्री विभाजन तथा युग्मकजनन आपस में संबंधित हैं।

प्रश्न 11.
प्रत्येक पुष्पीय पादप के भाग को पहचानें तथा लिखें कि वह अगुणित
(n) है या द्विगुणित (2n)
(i) अण्डाशय,
(ii) परागकोष,
(iii) अण्ड का डिंब (Egg Larva),
(iv) पराग (Pollen),
(v) नर युग्मक (Malegamete),
(vi) युग्मनज ।
उत्तर
(i) अण्डाशय – 2n (द्विगुणित)
(ii) परागकोष – 2n (द्विगुणित)
(iii) अण्ड का डिंब (Egg Larva) – n (अगुणित)
(iv) पराग (Pollen) – n (अगुणित)
(v) नर युग्मक (Male gamete) – n (अगुणित)
(vi) युग्मनज – 2n (द्विगुणित)।

प्रश्न 12.
बाह्य निषेचन की व्याख्या कीजिए। इसके नुकसान बताइये।
उत्तर
जीवों के शरीर के बाहर होने वाला निषेचन बाह्य निषेचन (External fertilization) कहलाता है। अर्थात् इस प्रकार के निषेचन में नर युग्मक (Male gamete/Sperm) व अण्ड (Egg) का संलयन बाह्य माध्यम में होता है।मछलियों व उभयचर जंतुओं में निषेचन बाह्य होता है। मादा जन्तु द्वारा जल में दिये गये अण्डों पर नर जंतु शुक्राणु मुक्त कर देता है।
बाह्य निषेचन की हानियाँ/कमियाँ (Demerits of external fertilization)

  • युग्मकों की सुरक्षा का कोई प्रबंध नहीं होता। अनेक अण्डे व शुक्राणु जल की धारा में बह जाते हैं अथवा प्रतिकूल ताप, रसायन आदि के कारण नष्ट हो जाते हैं।
  • अण्डों का निषेचन होना निश्चित नहीं होता, केवल संयोगवश यह संभव हो पाता है।
  • कुछ अण्डों को निषेचन होने के पूर्व परभक्षियों द्वारा भक्षण कर लिया जाता है।
  • निषेचन पश्चात् बनने वाली संततियों की संख्या अधिक होती है, लेकिन इनकी सुरक्षा का कोई प्रबंध नहीं होता है।

प्रश्न 13.
जूस्पोर ( अलैंगिक चल बीजाणु) तथा युग्मनज के बीच विभेद कीजिए।
उत्तर
जूस्पोर (अलैंगिक चल बीजाणु) तथा युग्मनज के बीच विभेदजूस्पोर (Zoospore)
जीवों में जनन MP Board Chapter 1

प्रश्न 14.
युग्मकजनन एवं भ्रूणोद्भव के बीच अंतर स्पष्ट कीजिए। .
उत्तर
युग्मकों के निर्माण प्रक्रिया को युग्मकजनन कहते हैं। युग्मकों के निर्माण के समय अर्द्धसूत्री विभाजन होने से ये अगुणित होते हैं। युग्मक नर तथा मादा होते हैं जो आपस में संलयित होकर युग्मनज बनाते हैं। युग्मनज से भ्रूण के विकास की प्रक्रिया को भ्रूणोद्भव (Embryogenesis) कहते हैं । युग्मनज जो कि द्विगुणित होता है, इसके विकास से भ्रूण का निर्माण होता है। भ्रूण प्रायः द्विगुणित होता है तथा इससे नये पादप का निर्माण होता है।

प्रश्न 15.
एक पुष्प में निषेचन पश्च परिवर्तनों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर
निषेचन के बाद पुष्प के विभिन्न भागों में परिवर्तन-निषेचन के बाद पुष्प के विभिन्न भागों में निम्न परिवर्तन दिखाई देते हैं

  1. द्विगुणित जाइगोट भ्रूण (Embryo) का निर्माण करता है जो बीज में अत्यन्त सूक्ष्म रूप से मौजूद रहता है। भ्रूण प्रांकुर (Plumule), मूलांकुर (Radicle) और बीजपत्रों (Cotyledons) से मिलकर बनता है।
  2. त्रिक संलयन से बना प्राथमिक एण्डोस्पर्म केन्द्रक विभाजित होकर भ्रूणपोष (Endosperm) बनाता है। यह विकसित होते हुए भ्रूण को खाद्य या पोषण प्रदान करने का कार्य करता है।
  3. भ्रूण के पूर्ण विकसित होने तक, बीजाण्डकाय (Nucellus) पूर्णतः खत्म हो जाता है, किन्तु कुछ पौधों में जैसे, पान आदि में यह भ्रूण निर्माण के बाद भी खाद्य प्रदायी पोषक (Nutritive) ऊतक के रूप में विद्यमान रहता है, तब इसे परिभ्रूणपोष (Perisperm) कहा जाता है।
  4. बाहरी अध्यावरण (Outer integument) बीजकवच या बीजावरण (Testa) और आन्तरिक अध्यावरण टेग्मेन (Tegmen) कहलाता है। ये दोनों मिलकर बीजचोल (Seed coat) बनाते हैं ।
  5. निषेचन के पश्चात् बीजाण्ड बीज बनता है।
  6. निषेचन के बाद अण्डाशय (Ovary), फल (Fruit) में रूपान्तरित होता है । फल की दीवार फलभित्ति (Pericarp) कहलाती है। .
  7. वर्तिका (Style) गिर जाती है और फल पर अपना चिन्ह छोड़ जाती है।
  8. पुष्प के अन्य भाग जैसे-पुंकेसर, दलपुंज (Petals) गिर जाते हैं। कुछ फलों में (सोलेनेसी कुल के) कैलिक्स फल बनने पर भी लगे रहते हैं, जिन्हें चिरलग्न (Perisistent) कहा जाता है।

प्रश्न 16.
एक द्विलिंगी पुष्प क्या है ? अपने आस-पास से पाँच द्विलिंगी पुष्पों को एकत्र कीजिए और अपने शिक्षक की सहायता से इनके सामान्य (स्थानीय) एवं वैज्ञानिक नाम पता कीजिए।
उत्तर
जब किसी एक ही पौधे में दोनों लिंग एक साथ उपस्थित हों तो उसे द्विलिंगी (Bisexual) कहा जाता है। स्थानीय आवास के पाँच द्विलिंगी पुष्पों के सामान्य एवं वैज्ञानिक नाम निम्न प्रकार से हैं
सामान्य नाम – वैज्ञानिक नाम

  • धतूरा – Datura metal
  • सरसों – Brassica campestris
  • गुड़हल – Hibiscus rosa-sinensis
  • अमलताश – Cassia fistula
  • बबूल – Acacia nilotica.

प्रश्न 17.
किसी भी कुकुरबिटा पादप के कुछ पुष्पों की जाँच कीजिए और पुंकेसरी एवं स्त्रीकेसरी पुष्पों को पहचानने की कोशिश कीजिए। क्या आप अन्य एकलिंगी पौधों के नाम जानते हैं ?
उत्तर
कुकुरबिटेसी कुल के पादपों में पुष्प एकलिंगी होते हैं। पुष्पों का निरीक्षण करने पर यदि उसमें केवल पुंकेसर उपस्थित हो अथवा केवल जायांग उपस्थित हो तो यह एकलिंगी नर अथवा मादा पुष्प होगा। अन्य एकलिंगी पुष्पों के उदाहरण हैं

  • कुकुरबिटा  मैक्सिमा (Cucurbita maxima) – सीताफल
  • रिसिनस कोम्युनिस (Ricinus communis) – अरण्ड
  • सिटुलस वल्गेरिस (Citrullus vulgaris) – तरबूज ।

प्रश्न 18.
अण्डप्रजक प्राणियों का उत्तरजीवन (सरवाइवल ) सजीव प्रजक प्राणियों की तुलना में अधिक जोखिमयुक्त क्यों होता है ? व्याख्या कीजिए।
उत्तर
यदि युग्मनज (Zygote) का मादा जनक के शरीर के बाहर विकास होता है तो उन्हें अण्डप्रजक ‘ (Oviparous) कहा जाता है। अण्डप्रजक में युग्मनज का विकास बाहर होने के कारण यह पूर्णतः जोखिमपूर्ण होता है तथा इनकी संतानों का उत्तरजीवन (सरवाइल), सजीव प्रजक प्राणियों की तुलना में कम होता है।

जीवों में जनन अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

जीवों में जनन वस्तुनिष्ठ प्रश्न

1.सही विकल्प चुनकर लिखिए

1. निम्नलिखित में से कैलोज की भित्ति पायी जाती है (CBSE PMT 2007)
(a) नर युग्मक में
(b) अण्ड में
(c) परागकण में
(d) गुरुबीजाणु मातृकोशिका में।
उत्तर
(d) गुरुबीजाणु मातृकोशिका में।

प्रश्न 2.
ऐसा कायिक जनन जिसमें नये पौधे पत्ती के अविच्छिन्न शीर्ष पर विकसित होते हैं, पाया जाता (AFMC2012)
(a) एस्पैरेगस में
(b) अगैव में
(c) क्राइसेन्थेमम में
(d) ब्रायोफिलम में।
उत्तर
(d) ब्रायोफिलम में।

प्रश्न 3.
केले में कायिक जनन होता है (AMU 2012)
(a) कंद से
(b) प्रकन्द से
(c) बल्ब से
(d) अंत:भूस्तारी से।
(b) प्रकन्द से

प्रश्न 4.
सजीव प्रजक प्राणी है
(a) कछुआ
(b) अस्थिल मछली
(c) गुंजन पक्षी
(d) व्हेल मछली।
उत्तर
(d) व्हेल मछली।

प्रश्न 5.
‘क्लोन’ होते हैं
(a) आनुवंशिक लक्षणों में जनक के समान
(b) कायिक जनन से विकसित पादपों की समष्टि
(c) एक ही जनक से विकसित पादप
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर
(d) उपर्युक्त सभी।

प्रश्न 6.
शिशुओं को जन्म देने वाले प्राणी कहलाते हैं
(a) सजीव प्रजकता
(b) उभयचरी
(c) अण्डप्रजक
(d) प्रगुहीय।
उत्तर
(a) सजीव प्रजकता

प्रश्न 7.
युग्मनज में गुणसूत्र के सेट होते हैं
(a) X
(b) 2X
(c)3X
(d)4X.
उत्तर
(b) 2X

प्रश्न 8.
जनक पादपों के समान पादप प्राप्त किये जा सकते हैं
(a) बीज द्वारा
(b) फल द्वारा
(c) तनों के कर्तन द्वारा
(d) संकरण द्वारा।
उत्तर
(c) तनों के कर्तन द्वारा

प्रश्न 9.
आलू का कायिक प्रवर्धन किया जाता है
(a) प्रकंद द्वारा
(b) शल्ककंद द्वारा
(c) तने द्वारा
(d) कंद द्वारा।
उत्तर
(d) कंद द्वारा।

प्रश्न 10.
निम्नलिखित में से अण्ड प्रजक प्राणी कौन है
(a) चमगादड़
(b) व्हेल
(c) पेंग्विन
(d) अमीबा।
उत्तर
(c) पेंग्विन

2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

1. पौधों में जननांग ………………. प्रावस्था के अन्त में विकसित होते हैं।
2. एन्जियोस्पर्म की परागनलिका में ……………… केन्द्रक होते हैं।
3. केले तथा गुलाब में …………… नहीं बनते हैं अतः इनमें जनन केवल ………… से होता है।
4. प्राणियों में जननांग ………………. अवस्था में विभेदित हो जाते हैं।
5. तालाबों में आइकोर्निया ……………… की सहायता से वृद्धि करता है।
6. गुणन की दर ………………. जनन की अपेक्षा ………………. जनन में अधिक होती है।
उत्तर

  1. किशोरावस्था
  2. तीन
  3. बीज, कायिक विधियों
  4. भ्रूण
  5. भूस्तारिका
  6. लैंगिक, अलैंगिक।

3. सही जोड़ी बनाइए

जीवों में जनन 12th MP Board Chapter 1
उत्तर
1.(e),2. (d), 3. (1), 4. (a), 5. (c), 6. (b).

4. एक शब्द में उत्तर दीजिए

1. अलैंगिक प्रजनन के फलस्वरूप उत्पन्न एकजनकीय, संरचना एवं आनुवंशिक गुणों में समान सन्तति को क्या कहते हैं ?
2 जूस्पोर्स द्वारा प्रजनन करने वाले एक शैवाल का नाम लिखिए।
3. गेम्यूल द्वारा वर्षी प्रजनन करने वाला जीव कौन-सा है ?
4. कशाभिकायुक्त बीजाणुओं को क्या कहते हैं ?
5. अजूबा की पत्तियों में कौन-सी कलिकाओं के द्वारा वर्धा प्रजनन होता है ?
उत्तर

  1. क्लोन
  2. क्लैमाइडोमोनास
  3. स्पॉनजिला
  4. जूस्पोर्स
  5. अपस्थानिक कलिका।

जीवों में जनन अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
जीवन अवधि से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर
प्रत्येक जीव के जन्म से उसकी प्राकृतिक मृत्यु तक का काल उस जीव की जीवन अवधि होती है।

प्रश्न 2.
निषेचन को परिभाषित कीजिये।
उत्तर
वह प्रक्रिया जिसमें नर व मादा युग्मक संलयित होकर द्विगुणित युग्मनज (Zygote) बनाते हैं, निषेचन कहलाती है।

प्रश्न 3.
क्लोन किसे कहते हैं ?
उत्तर
एक ही जनक से उत्पन्न आकारिकी व आनुवंशिक रूप से समान जीव क्लोन कहलाते हैं।

प्रश्न 4.
एक ऐसे जीव का नाम लिखिए जिनमें अलैंगिक जनन कोनिडिया द्वारा होता है।
उत्तर
पेनिसीलियम।

प्रश्न 5.
प्रकन्द द्वारा वर्षी प्रजनन किन पौधों में होता है ?
उत्तर
अदरक, हल्दी में।

प्रश्न 6.
एक ऐसे जन्तु का नाम लिखिए जिसमें अनुप्रस्थ द्विविभाजन होता है।
उत्तर
पैरामीशियम।

प्रश्न 7.
वृद्धावस्था का क्या मापदण्ड है ?
उत्तर
प्रजनन की आयु की समाप्ति को जीर्णता या वृद्धावस्था के नाम से जाना जाता है।

प्रश्न 8.
उभयलिंगाश्रयी (Monoecious) पादपों के दो उदाहरण दीजिये।
उत्तर
कुकुरबिटा एवं नारियल उभयलिंगाश्रयी के उदाहरण हैं।

MP Board Class 12th Biology Solutions

MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी

MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी

रासायनिक बलगतिकी NCERT पाठ्यनिहित प्रश्न

प्रश्न 1.
R → Pअभिक्रिया के लिये अभिकारक की सान्द्रता 25 मिनट में परिवर्तित होकर 0.03 M से 0.02 M हो जाती है। औसत वेग की गणना सेकण्ड तथा मिनट दोनों इकाइयों में कीजिये।
हल
अभिक्रिया R → P
अभिक्रिया की औसत दर (वेग) = –\(\frac{\Delta[\mathrm{R}]}{\Delta t}\)
= –\(\frac{[0 \cdot 02-0.03]}{25}\)
= \(\frac{0.01}{25}\)
= 4 × 10-4M मिनट -1
यदि समय सेकण्ड में लिया जाये, तब
अभिक्रिया की औसत दर = –\(\frac{\Delta[\mathrm{R}]}{\Delta t}\)
= \(-\frac{[0.02-0.03]}{25 \times 60}\)
= 6.66 × 10-6M सेकण्ड-1

प्रश्न 2.
2A → उत्पाद अभिक्रिया में A की सान्द्रता 10 मिनट में 0.5 मोल L-1 से घटकर 0.4 मोल L-1 रह जाती है। इस समयांतराल के लिये अभिक्रिया वेग की गणना कीजिये।
हल
औसत दर = –\(\frac{1}{2} \frac{\Delta[\mathrm{A}]}{\Delta t}\)=-\(\frac{1}{2} \frac{[0.4-0.5]}{10}\)
= 0.005 मोल लीटर -1 मिनट -1

प्रश्न 3.
एक अभिक्रिया, A+ B → उत्पाद के लिये वेग नियमr=k[A]1/2 [B]2 दिया गया है। अभिक्रिया की कोटि क्या है ?
हल
अभिक्रिया की कोटि = \(\frac{1}{2}\) + 2 = 2 \(\frac{1}{2}\) = 2.5.

प्रश्न 4.
अणु x का Y में रूपांतरण द्वितीय कोटि की बलगतिकी के अनुरूप होता है। यदि x की सान्द्रता तीन गुनी कर दी जाये तो Y के निर्माण होने के लिए वेग पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
हल
अभिक्रिया X → Y के लिये, जैसा कि इसमें द्वितीय कोटि की बलगतिकी (Kinetics) है। इसका दर नियम समीकरण होगा —
दर = k[X]2 = ka2 (यदि x = a मोल L-1 )
यदि X की सान्द्रता 3 गुनी बढ़ायी जाये तो यह
[X] = 3a मोल L-1 हो जायेगी।
दर = k(3a)2 = 9ka2
अत: अभिक्रिया की दर 9 गुनी हो जायेगी। अर्थात् Y के बनाने की दर 9 गुनी बढ़ जायेगी।

प्रश्न 5.
एक प्रथम कोटि की अभिक्रिया का वेग स्थिरांक 1.15 x 10-3S-1 है। इस अभिक्रिया में अभिकारक की 5g मात्रा घटकर 3g होने में कितना समय लगेगा?
हल
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 1

प्रश्न 6.
SO2Cl2 को अपनी प्रारम्भिक मात्रा से आधी मात्रा में वियोजित होने में 60 मिनट का समय लगता है। यदि अभिक्रिया प्रथम कोटि की हो, तो वेग स्थिरांक की गणना कीजिये।
हल
t1/2 = 60 मिनट = 60 × 60s
∴  k = \(\frac{0.693}{t_{1 / 2}}\) = \(\frac{0.693}{60 \times 60}\)
= 1.925 × 10-4 सेकण्ड-1

प्रश्न 7.
ताप का वेग स्थिरांक पर क्या प्रभाव होगा?
उत्तर
10°C ताप बढ़ाने पर अभिक्रिया का वेग स्थिरांक लगभग दुगुना हो जाता है। वेग स्थिरांक की ताप पर निर्भरता आीनियस समीकरण द्वारा प्रदर्शित की जाती है। k = \(\mathrm{A} e^{-\mathrm{E}_{a} / \mathrm{RT}}\) जहाँ, A आवृत्ति कारक तथा Ea अभिक्रिया की सक्रियण ऊर्जा है।

प्रश्न 8.
परम ताप, 298 K में 10 K की वृद्धि होने पर रासायनिक अभिक्रिया का वेग दुगुना हो जाता है। इस अभिक्रिया के लिये E, की गणना कीजिये।
हल
दिया गया है – k2 = 2k, T1 = 298 K, T2 = 308 K,
R = 8-314JK-1 mol-1
हम जानते हैं कि –
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 2

प्रश्न 9.
581 K ताप पर अभिक्रिया 2HI(g) → H2(g) + I2(g) के लिये सक्रियण ऊर्जा का मान 209.5 kJ मोल -1 है। अणुओं के उस अंश की गणना कीजिये जिसकी ऊर्जा सक्रियण ऊर्जा के बराबर अथवा इससे अधिक है।
हल
प्रश्नानुसार,
Ea = 209.5 kJ मोल -1
= 209.5 × 103 J मोल-1
T = 581 K
अणुओं का प्रभाज जिसकी ऊर्जा सक्रियण ऊर्जा के बराबर या उससे ज्यादा है, को इसके द्वारा प्रदर्शित किया जाता है
x = \(e^{-\mathrm{E}_{a} / \mathrm{RT}}\) (R= 8.314J)
लॉग का उपयोग करने पर,
logx =-\(\frac{\mathrm{E} a}{2 \cdot 303 \mathrm{RT}}\)
logx = –\(\frac{209.5 \times 10^{3}}{2.303 \times 8.314 \times 581}\)
या logx = -18.832
या x = Antilog[-18.832]
या x = 1.472 x 10-19.

रासायनिक बलगतिकी NCERT पाठ्य-पुस्तक प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
निम्न अभिक्रियाओं के वेग व्यंजकों से इनकी अभिक्रिया कोटि तथा वेग स्थिरांकों की इकाइयाँ ज्ञात कीजिए –
(i) 3NO(g) → N2O(g) वेग = k[NO]2
(ii) H2O2(aq) + 3I(aq) + 2H+ → 2H2O(l) + I3 – वेग = k[H2O2] [I]
(iii) CH3CHO(g) → CH4(g) + CO(g) – वेग = k[CH3CHO]3/2
(iv) C2H5Cl(g) → C2H4(g) + HCl(g)
वेग = k[C2H5Cl]
उत्तर
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 3

प्रश्न 2.
अभिक्रिया 2A + B→ A2B के लिए वेग = k[A] [B]2, यहाँk का मान 2.0 x 10-6 mol-2L2s-1 है। प्रारम्भिक वेग की गणना कीजिए; जब [A] = 0-1 mol L-1 एवं [B] = 0.2 molL -1हो तथा अभिक्रिया वेग की गणना कीजिए जब [A] घटकर 0.06 mol L-1रह जाए।
हल
दिया गया है –
दर = k[A] [B]2
प्रारम्भिक दर = 2 × 10-6 × [0.1] [0.2]2
= 8 ×10-9 मोल लीटर-1 सेकण्ड -1
A की सान्द्रता में कमी
अर्थात् Δ[A] = 0.1 – 0.06
= 0.04 मोल लीटर -1
B की सान्द्रता में कमी
अर्थात् Δ[B] = \(\frac{1}{2}\) × 0.04 = 0.02 मोल लीटर -1
B की बची सान्द्रता = 0.2 – 0.02 = 0.18 M
दर = k[A] [B]2
= 2 × 10-6 × 0.06 × [0.18]2
= 3.89 × 10-9 मोल लीटर-1 सेकण्ड -1

प्रश्न 3.
प्लैटिनम सतह पर NH3 का अपघटन शून्य कोटि की अभिक्रिया है। N2 एवं H2 के उत्पादन की दर क्या होगी जब k का मान 2.5 × 10-4mol L-1s-1 हो?
हल
2NH3 → N2 + 3H2
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 4
शून्यं कोटि अभिक्रिया के लिये –
दर = k = 2.5 × 10-4 Ms-1
N2 बनने की दर = \(\frac{d\left[\mathbf{N}_{2}\right]}{d t}\)
= 2.5 × 10-4
= 2.5 × 10-4 Ms-1.
H2 बनने की दर =\(\frac{d\left[\mathrm{H}_{2}\right]}{d t}\) = 3 × 2.5 ×10-4
= 7.5 × 10-4 Ms-1.

प्रश्न 4.
डाईमेथिल ईथर के अपघटन से CH4, H2 तथा CO बनते हैं। इस अभिक्रिया का वेग निम्न समीकरण द्वारा दिया जाता है –
वेग = k[CH3OCH3]3/2
अभिक्रिया के वेग का अनुगमन बंद पात्र में बढ़ते दाब द्वारा किया जाता है, अत: वेग समीकरण को डाईमेथिल ईथर के आंशिक दाब के पद में भी दिया जा सकता है। अतः वेग = k(PCH3OCH3)3/2
यदि दाब को bar में तथा समय को मिनट में मापा जाये तो अभिक्रिया के वेग एवं वेग स्थिरांक की इकाइयाँ क्या होंगी?
हल
अभिक्रिया के दर नियमानुसार,
दर = k(PCH3OCH3)3/2
दर = दाब परिवर्तन / समय परिवर्तन
दर की इकाई = बार मिनट -1
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 5

प्रश्न 5.
रासायनिक अभिक्रिया के वेग पर प्रभाव डालने वाले कारकों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर
अभिक्रिया का वेग निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करता है –
(i) अभिकारकों की सान्द्रता,
(ii) ताप,
(iii) उत्प्रेरक,
(iv) अभिकारक की प्रकृति आदि।

प्रश्न 6.
किसी अभिक्रियक के लिए एक अभिक्रिया द्वितीय कोटि की है।अभिक्रिया का वेग कैसे प्रभावित होगा; यदि अभिक्रियक की सान्द्रता –
(i) दुगुनी कर दी जाए,
(ii) आधी कर दी जाए।
हल
माना कि अभिक्रिया A → B, A के लिये द्वितीय कोटि की अभिक्रिया है –
\(\frac{d x}{d t}\) = k[A]2 = ka2
(i) जब [A] की सान्द्रता दुगुनी कर दी जाये –
A = 2a
अभिक्रिया की नयी दर –
\(\frac{d x^{\prime \prime}}{d t}\) = k[2a]2 = 4ka2
या
= 4\(\frac{d x}{d t}\)
अतः अभिक्रिया की दर चार गुनी हो जाती है, जब सान्द्रता दुगुनी की जाती है।

(ii) जब [A] की सान्द्रता 1/2 कर दी जाये –
A = \(\frac{a}{2}\)
इसलिये अभिक्रिया की नयी दर,
\(\frac{d x^{\prime}}{d t}=k\left[\frac{a}{2}\right]\)
= \(\frac{1}{4}\)ka2 =\(\frac{1}{4} \frac{d x}{d t}\)
अतः अभिक्रिया की दर 1/4 गुनी हो जाती है, जब सान्द्रता 1/2 गुनी की जाती है।

प्रश्न 7.
वेग स्थिरांक पर ताप का क्या प्रभाव पड़ता है ? ताप के इस प्रभाव को मात्रात्मक रूप में कैसे प्रदर्शित कर सकते हैं ?
उत्तर
अभिक्रिया का वेग स्थिरांक ताप के साथ बढ़ता है। अभिक्रिया ऊष्माशोषी है या ऊष्माक्षेपी इससे प्रभावित नहीं होती है। आर्टीनियस समीकरण से वेग स्थिरांक ताप पर निर्भरता को दर्शाता है –
k =\(\mathrm{A} e^{-\mathrm{E}_{a} / \mathrm{KT}}\)

प्रश्न 8.
जल में एस्टर के छद्म प्रथम कोटि के जल-अपघटन के निम्नलिखित आँकड़े प्राप्त हुए –
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 6
(i) 30 से 60 सेकण्ड समय अंतराल में औसत वेग की गणना कीजिए।
(ii) एस्टर के जल-अपघटन के लिए छद्म प्रथम कोटि अभिक्रिया वेग स्थिरांक की गणना कीजिए।
हल
(i)
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 7
(ii)
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 8
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 9

प्रश्न 9.
एक अभिक्रिया A के प्रति प्रथम तथा B के प्रति द्वितीय कोटि की है –
(i) अवकलन वेग समीकरण लिखिए।
(ii) B की सान्द्रता तीन गुनी करने से वेग पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
(iii) A तथा B दोनों की सान्द्रता दुगुनी करने से वेग पर क्या प्रभाव पड़ेगा ?
हल
(i) अवकलन वेग समीकरण, \(\frac{d[\mathrm{R}]}{d t}\) = k[A]1 [B]2
दर (r) = k[A]1 [B]2 यदि [A] = x तथा [B] = y होने पर दर (r1) = kxy2 …………………(1)
(ii) जब [B] = 3y
r2kx (3y)2 …………………..(2)
समीकरण (2) को (1) से भाग देने पर,
r2 = 9r1
अतः दर 9 गुना बढ़ती है।

(ii) जब [A] तथा [B] दोनों दुगुना हो क्तजाता है
r3 = k(2x) (2y)2
(3) समीकरण (3) को (1) से भाग देने पर,
r3 = 8 r1
अर्थात् दर 8 गुनी बढ़ जायेगी।

प्रश्न 10.
A और B के मध्य अभिक्रिया में A और B की विभिन्न प्रारम्भिक सान्द्रताओं के लिए प्रारम्भिक वेग (r0 ) नीचे दिए गए हैं –
A और B के प्रति अभिक्रिया की कोटि क्या है?
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 10
हल
माना कि अभिक्रिया की कोटि A के सन्दर्भ में x तथा B के संदर्भ में y हो, तो
r1 = k[A]x [B]y
∴ दर r1 = k[0.20]x [0.30]y
= 5.07 x 10-5………………………….(1)
तथा दर r2 = k[0.20]x [0.10]y
= 5.07 x 10-5
\(\frac{r_{1}}{r_{2}}\) = \(\frac{(0.30)^{y}}{(0.10)^{y}}\) = 1
3y = 1 या 3y = 3°
∴ y= 0
दर r3 = k[0.40]x [0.05]y
= 1.43 x 10-4
समीकरण (3) को (2) से भाग देने पर,
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 11
2x + \(\frac{1}{2^{y}}\) = 2.8
jab y= 0
∴ 2x + \(\frac{1}{2^{0}}\) = 2.8
या 2x = 2.8
दोनों तरफ लॉग लेने पर,
x log 2 = log 2.8
या x = \(\frac{\log 2.8}{\log 2}\)
= \(\frac{0.45}{0.3010}\) = 1.5
अत: A के प्रति अभिक्रिया की कोटि = 1.5
तथा B के प्रति अभिक्रिया की कोटि = 0.

प्रश्न 11.
2A + B → C + D अभिक्रिया की बलगतिकी अध्ययन करने पर निम्नलिखित परिणाम प्राप्त हुए। अभिक्रिया के लिए वेग नियम तथा वेग स्थिरांक ज्ञात कीजिए।
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 12
हल
प्रयोग I तथा IV की तुलना करने तथा मान रखने पर ज्ञात होता है कि ‘B’ की सान्द्रता स्थिर है, अतः हमें A के सापेक्ष कोटि प्राप्त होती है।
r1 = k (0.1)x (0.1)y = 6.0 × 10-3 ……………..(1)
r2 = k (0.4)x (0.1)y = 2.40 × 10-2 ……………..(2)
(2) समीकरण (2) को (1) से भाग देने पर,
\(\frac{(0.4)^{x}}{(0.1)^{y}}=\frac{2.40 \times 10^{-2}}{6.0 \times 10^{-3}}=4\)
या 4x = 4
या 4x = 41
∴ x = 1
इसी प्रकार, प्रयोग II तथा III की तुलना करने पर B के सापेक्ष में कोटि प्राप्त होती है।
r2 = k (0.3)x (0.2)y = 7.2 × 10-2 ……………..(3)
r3 = k (0.3)x (0.4)y = 2.88 × 10-1 ……………..(4)
समीकरण (4) को (3) से भाग देने पर,
\(\frac{(0.4)^{x}}{(0.2)^{x}}\) =\(\frac{2.88 \times 10^{-1}}{7.2 \times 10^{-2}}\) = 4
(2)y = 4
या (2)y = (2)2
∴y = 2
अतः दर नियम व्यंजक है –
दर = k[A] [B]2
समीकरण (1) में मान रखने पर,
6.0 x 10-3 = k(0.1) (0.1)2
या k = \(\frac{6 \cdot 0 \times 10^{-3}}{(0.1)(0.1)^{2}}\)
= 6.0 मोल -2 लीटर2 मिनट-1

प्रश्न 12.
A तथा B के मध्य अभिक्रिया A के प्रति प्रथम तथा B के प्रति शन्य कोटि की है। निम्न तालिका में रिक्त स्थान भरिएप्रयोग –
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 13
हल
दिया गया है कि A तथा B के मध्य अभिक्रियाA के प्रति प्रथम कोटि तथा B के प्रति शून्य कोटि की है।
∴ दर = k[A]1 [B]0
परन्तु [B]0 = 1
∴ दर = k[A]

प्रयोग I से,
2 × 10-2 = k(0.1)
⇒ k= 0.2 मिनट-1

प्रयोग II से,
4 × 10-2 = 0.2 [A]
⇒ [A] = 0.2 मोल लीटर-1

प्रयोग III से,
दर = (0.2) (0.4)
= 0.08 मोल लीटर-1 मिनट-1

प्रयोग IV से,
2 × 10-2= 0.2[A]
⇒ [A] = 0.1 मोल लीटर -1

प्रश्न 13.
नीचे दी गई प्रथम कोटि की अभिक्रियाओं के वेग स्थिरांक से अर्धायु की गणना कीजिए(i) 200 s-1, (ii) 2 min-1, (iii) 4 year-1.
हल
(i) t1/2 = \(\frac{0.693}{k}\)
= \(\frac{0.693}{200}\)
= 3.465 x 10-3 सेकण्ड।

(ii) t1/2 = \(\frac{0.693}{k}\)
= \(\frac{0.693}{2}\)
= 0.3465 मिनट।

(iii) t1/2 = \(\frac{0.693}{k}\)
= \(\frac{0.693}{4}\)
= 0.1732 वर्ष।

प्रश्न 14.
14C के रेडियोएक्टिव क्षय की अर्धायु 5730 वर्ष है। एक पुरातत्व कलाकृति की लकड़ी में, जीवित वृक्ष की लकड़ी की तुलना में 80% 14C की मात्रा है। नमूने की आयु का परिकलन कीजिए।
हल
रेडियोएक्टिव विघटन की प्रथम कोटि की बलगतिकी होती है।
विघटन स्थिरांक; k = \(\frac{0.693}{t_{1 / 2}}\)
∴ k = \(\frac{0.693}{t_{1 / 2}}\) वर्ष -1
प्रथम कोटि बलगतिकी समीकरण से,
\(t=\frac{2 \cdot 303}{k} \log \frac{a}{a-x}\)
माना a = 100
(a-x) = 80
t = \(\frac{2 \cdot 303}{(0.693 / 5730)} \log \frac{100}{80}\)
या t = 1845.37 वर्ष -1

प्रश्न 15.
गैस प्रावस्था में 318 K पर N2O5 के अपघटन की [2N2O5 → 4N2 + O2] अभिक्रिया के आँकड़े नीचे दिए गए हैं –
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 14
(i) [N2O5] एवं । के मध्य आलेख खींचिए।
(ii) अभिक्रिया के लिए अर्धायु की गणना कीजिए।
(iii) log [N2O5] एवं t के मध्य ग्राफ खींचिए।
(iv) अभिक्रिया के लिए वेग नियम क्या है ?
(v) वेग स्थिरांक की गणना कीजिए।
(vi) k की सहायता से अर्धायु की गणना कीजिए तथा इसकी तुलना (ii) से कीजिए।
हल
(i) समय व [N2O5] के मध्य खींचा गया ग्राफ आगे दिखाया गया है –
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 15
(ii) N2O5 की प्रारम्भिक सान्द्रता = 1.63 × 102M
प्रारम्भिक सान्द्रता का आधा = 1.63 × 102 × \(\frac{1}{2}\)
= 0.815 × 102M
ग्राफ से प्रारम्भिक सान्द्रता के आधे (t1/2) के संगत समय = 1440 सेकण्ड।
(iii) log [N2O5] तथा समय के मध्य ग्राफ –
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(iv) चूँकि log[N2O5] तथा समय का ग्राफ सरल रेखा है, अतः अभिक्रिया 1st कोटि की है
दर = k[N2O5].
(v) रेखा का ढाल = –\(\frac{k}{2 \cdot 303}\) =-2.10 × 10-4
k = -2.10 ×10-4 × (-2.303)
= 4.84 × 10-4s-1
(vi) t1/2 = \(\frac{0.693}{k}=\frac{0.693}{4.84 \times 10^{-4}}\)
= 1432 s.

प्रश्न 16.
प्रथम कोटि की अभिक्रिया के लिए वेग स्थिरांक 60s-1 है। अभिक्रियक को अपनी प्रारम्भिक सान्द्रता से 1/16 वाँ भाग रह जाने में कितना समय लगेगा?
हल
t = \(\frac{2 \cdot 303}{k} \log \frac{a}{a-x}\)
a = 1, k = 60 सेकण्ड-1, (a-x) = \(\frac{1}{16}\)
∴ 60 = \(\frac{2 \cdot 303}{t} \log \frac{1}{1 / 16}\)
या t= 0.046 सेकण्ड।

प्रश्न 17.
नाभिकीय विस्फोट का 28.1 वर्ष अर्धायु वाला एक उत्पाद 90Sr होता है। यदि कैल्सियम के स्थान पर 1μg, 90Sr नवजात शिशु की अस्थियों में अवशोषित हो जाए और उपापचयन से ह्रास न हो तो इसकी 10 वर्ष एवं 60 वर्ष पश्चात् कितनी मात्रा रह जाएगी ?
हल
k = \(\frac{0.693}{t_{1 / 2}}\); t1/2 =281वर्ष
∴ k = \(\frac{0.693}{28 \cdot 1}\)= 0.0247 वर्ष -1
k = \(\frac{2 \cdot 303}{t} log \frac{a}{(a-x)}\)
90Sr की प्रारम्भिक सान्द्रता =1μg
मान लीजिए 90Sr की 10 वर्ष बाद सान्द्रता = x μg
0.0247 = \(\frac{2.303}{10} \log \frac{1 \mu \mathrm{g}}{x \mu \mathrm{g}}\)
या log \(\frac{1}{x}\) = \(\frac{0.0247 \times 10}{2.303}\) = 0.1072
या \(\frac{1}{x}\)= 1.280
या x=0.782 μg
10 वर्ष बाद 90Sr की सान्द्रता = 0.782 μg .
मान लीजिए 60 वर्षों बाद 90Sr की सान्द्रता = y μg
∴ 0.0247 = \(\frac{2 \cdot 303}{60} log \frac{1 \mu \mathrm{g}}{y \mu \mathrm{g}}\)
या \(log\frac{1}{y}\) = \(\frac{0.247 \times 60}{2.303}\) = 0.6435
या \(\frac{1}{y}\) = 4.40
y= 0.228 μg
60 वर्ष बाद 90sr की सान्द्रता = 0.228 μg .

प्रश्न 18.
दर्शाइए कि प्रथम कोटि की अभिक्रिया में 99% अभिक्रिया पूर्ण होने में लगा समय 90% अभिक्रिया पूर्ण होने में लगने वाले समय से दुगुना होता है।
हल
मान लीजिए 90% पूर्ण होने तथा 99% पूर्ण होने में लगे समय को क्रमशः t0.90 तथा t0.99 से प्रदर्शित किया जाये।
प्रथम कोटि बलगतिकी से, k =\(\frac{2 \cdot 303}{t} log \frac{a}{a-x}\)
90% पूर्ण होने के लिए, k = \(\frac{2 \cdot 303}{t_{0.99}} log \frac{100}{1}\)
या k = \(\frac{2 \cdot 303}{t_{0.99}} \times 2\) ………………..(1)
90% पूर्ण होने के लिए,
k = \(\frac{2.303}{t_{0.90}} log \frac{100}{10}\)
या k = \(\frac{2 \cdot 303}{t_{0.90}} \times 1\)
समीकरण (1) तथा (2) से हमें प्राप्त होता है –
to.99 = 2 x t0.90

प्रश्न 19.
एक प्रथम कोटि की अभिक्रिया में 30% वियोजन होने में 40 मिनट लगते हैं। t1/2 की गणना कीजिए।
हल
प्रथम कोटि अभिक्रिया के लिये,
k = \(\frac{2 \cdot 303}{t} log \frac{a}{a-x}\)
t = 40 मिनट, a = 100, x = 30
उपर्युक्त समीकरण में मान रखने पर,
k = \(\frac{2 \cdot 303}{40} log \frac{100}{70}\)
या k = \(\frac{2 \cdot 303}{40} log 1.43\)
या k = \(\frac{2 \cdot 303}{40}\) × 0.1554
या k = 8.94 × 10-3
t1/2= \(\frac{0.693}{k}\) = \(\frac{0.693}{8.94 \times 10^{-3}}\)
= 77.7 मिनट।

प्रश्न 20.
543K ताप पर एजोआइसोप्रोपेन के हेक्सेन तथा नाइट्रोजन में विघटन के निम्न आँकड़े प्राप्त हुए। वेग स्थिरांक की गणना कीजिए –
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हल
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प्रश्न 21.
स्थिर आयतन पर, SO2Cl2 के प्रथम कोटि के ताप अपघटन पर निम्न आँकड़े प्राप्त
हुए
SO2Cl2(g) → SO2(g) + Cl2(g)
अभिक्रिया वेग की गणना कीजिए जब कुल दाब 0.65 atm हो –
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 21
हल
अभिक्रिया है –
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 22
दाब के संदर्भ में प्रथम कोटि अभिक्रिया के लिये –
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 23
हम जानते हैं (व्यंजक देखिये)
x= Pt- Pi
x= 0.65 – 0.5
x= 0.15
(Pi-x) अर्थात्
SO2Cl2(g)) का शेष दाब = 0.5 – 0.15
= 0.35 वायुमण्डलीय
दर = k x pso2cI2
= 2.23x 10-4 x 0.35
= 7.805 x 10-4 वायुमण्डलीय सेकण्ड-1

प्रश्न 22.
विभिन्न तापों पर N2O5 के अपघटन के लिए वेग स्थिरांक नीचे दिए गये हैं –
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 24
In k एवं 1/T के मध्य ग्राफ खींचिए तथा A एवं Ea की गणना कीजिए।30°C तथा 50°C पर वेग स्थिरांक को ज्ञात कीजिए।
हल
1/T को logk के विरुद्ध ग्राफ खींचने पर हम नीचे दिये गये आँकड़ों में इस प्रकार पुनः लिख सकते हैं –

MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 25
नीचे दर्शायी गयी आकृति के अनुसार ग्राफ खींचते हैं। ग्राफ से हमें पता चलता है –
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 26
ढाल = \(\frac{-2 \cdot 4}{0.0047}\) = -5106.38
Ea = – ढाल × 2.303 xR
=(-5106.38) × 2.303 × 8.314
= 97772.58 J मोल -1
=97.77258 kJ मोल -1
हम जानते हैं कि
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 27
इसकी तुलना y = mx + c से करने पर,
log A = माना जो y अक्ष को काटता हैअर्थात् log k अक्ष पर,
[y2– y1] = -1 – (-7.2)
= (-1 + 7.2) = 6.2
log A = 6.2
A = Antilog 6.2
= 1.585 x 106s-1
वेग स्थिरांक k का मान ग्राफ से इस प्रकार प्राप्त करते हैं –
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 28
हम k का मान निम्नलिखित सूत्र से भी निकाल सकते हैं –
log k = log A – \(\frac{\mathrm{E}_{a}}{2 \cdot 303 \mathrm{RT}}\)

प्रश्न 23.
546 K ताप पर हाइड्रोकार्बन के अपघटन में वेग स्थिरांक 2.418 x 10-5s-1 है। यदि सक्रियण ऊर्जा 179.9 kJ/mol हो तो पूर्व-घातांकी गुणन का मान क्या होगा?
हल
प्रश्नानुसारवेग स्थिरांक (K) = 2.418 x 10-5s-1
ताप (T)= 546K
सक्रियण ऊर्जा (Ea) = 179.9 kJ mol-1
log A = log k + \(\frac{\mathrm{E}_{a}}{2.303 \mathrm{RT}}\)
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 29
= -4.6184 + 17:21
log A = -4.6184 + 17.21
log A = 12.5916
A = Antilog 12.5916
= 3.9 × 1012s-1.

प्रश्न 24.
किसी अभिक्रिया A → उत्पाद के लिए k = 2.0 x 10-2S-1 है। यदि A की प्रारम्भिक सान्द्रता 1.0 mol L-1 हो तो 100 s के पश्चात् इसकी सान्द्रता क्या रह जाएगी?
हल
k की इकाई s -1 है।
∴  अभिक्रिया प्रथम कोटि की है।
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 30
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 31

प्रश्न 25.
अम्लीय माध्यम में सुक्रोज का ग्लूकोज एवं फ्रक्टोज़ में विघटन प्रथम कोटि की अभिक्रिया है। इस अभिक्रिया की अर्धायु 3-0 घंटे है। 8 घंटे बाद नमूने में सुक्रोज का कितना अंश बचेगा ?
हल –
k = \(\frac{0.693}{t_{1 / 2}}=\frac{0.693}{3.0}\) = 0.231 घंटा -1
माना कि सुक्रोज (Sucrose) की प्रारम्भिक सान्द्रता (a) = 1 M
8 घंटे बाद सान्द्रता = (a-x)
जहाँ ‘x’ सुक्रोज की विघटित मात्रा है।
k = \(\frac{2 \cdot 303}{t} \log \frac{a}{(a-x)}\)
या 0.231 = \(\frac{0.303}{8} \log \frac{1}{1-x}\)
या log \(\frac{1}{1-x}\) = \(\frac{0 \cdot 231 \times 8}{2 \cdot 303}\) = 0.8024
या \(\frac{1}{1-x}\) = 6.345
या 1 = 6.345 – 6.345x
∴ x = \(\frac{5 \cdot 345}{6 \cdot 345}\) = 0.842
8 घंटे बाद सुक्रोज की शेष सान्द्रता = 1 – 0.842
= 0.158 M.

प्रश्न 26.
हाइड्रोकार्बन का विघटन निम्न समीकरण के अनुसार होता है।E. की गणना कीजिए –
k = (4.5 x 1011s-1)e-28000 K/T
हल
k = (4.5 x 1011s-1)e-28000 K/T
समीकरण की तुलना आर्चीनियस समीकरण से करने पर,
k = \(\mathrm{A} e^{-\mathrm{E}_{a} / \mathrm{RT}}\)
\(\frac{-\mathrm{E}_{a}}{\mathrm{R}}\) = -28000 K
∴  Ea= 28000 x 8.314
= 232792 J मोल -1
= 232.792 kJ मोल -1

प्रश्न 27.
H2O2 के प्रथम कोटि के विघटन को निम्न समीकरण द्वारा लिख सकते हैं –
logk = 14.34 – 1.25 x 104\(\frac{\mathbf{K}}{\mathbf{T}}\)
इस अभिक्रिया के लिए E, की गणना कीजिए। कितने ताप पर इस अभिक्रिया की अर्धायु 256 मिनट होगी?
हल
(i) हम जानते हैं कि
k=\(\mathrm{A} e^{-\mathrm{E}_{a} / \mathrm{RT}}\)…………………….(1)
समीकरण (1) के दोनों तरफ लॉगरिथ्म लेने पर हमें प्राप्त होता है –
log k = log A – \(\frac{\mathrm{E}_{a}}{2 \cdot 303 \mathrm{RT}}\)………………..(2)
दिया गया है –
logk = 14.34 – 1.25 x 104 \(\frac{\mathbf{K}}{\mathbf{T}}\) …………….(3)
समीकरण (2) तथा (3) की तुलना करने पर हमें प्राप्त होता है –
\(\frac{\mathbf{E}_{a}}{2 \cdot 303 \mathrm{R}}\) = 1. 25 × 104K

∴  Ea = (1.25×104 K) (2.303)                          ……………………. ((8.214JK-1मोल -1))
Ea = 239339J मोल-1 …………..(4)

(ii) t1/2 = 256 मिनट = 256 × 60 सेकण्ड
∴  k = \(\frac{0.693}{t_{1 / 2}}\)
= \(\frac{0.693}{256 \times 60}\)
4.5 ×10-5s-1…………………(5)
समीकरण (5) से k के इस मान को समीकरण (3) में रखने पर,
log(45 × 10-5)= 14.34 – \(\frac{1 \cdot 25 \times 10^{4} \mathrm{K}}{\mathrm{T}}\)
∴ T= 668.9 K.

प्रश्न 28.
10°C ताप पर A के उत्पाद में विघटन के लिए k का मान 4.5 x 103s-1तथा सक्रियण ऊर्जा 60 kJ mol-1 है। किस ताप पर k का मान 1.5 x 104s-1 होगा?
हल
दिया गया है, k1 = 4.5 x 103s-1,
k1 = 1.5 x 104 s-1,
T1 = 10°C = 10 + 273 = 283 K,
Ea = 60 kJ मोल -1 = 60000 J मोल -1

आर्चीनियस समीकरण का प्रयोग करने तथा इस मान को समीकरण में रखने पर हमें प्राप्त होता है —
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प्रश्न 29.
298 K ताप पर प्रथम कोटि की अभिक्रिया के 10% पूर्ण होने का समय 308 K ताप पर 25% अभिक्रिया पूर्ण होने में लगे समय के बराबर है। यदि A का मान 4 × 1010S-1 हो तो 318 K ताप पर k तथा Ea की गणना कीजिए।
हल
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प्रश्न 30.
ताप में 293 K से 313 K तक वृद्धि करने पर किसी अभिक्रिया का वेग चार गुना हो जाता है। इस अभिक्रिया के लिए सक्रियण ऊर्जा की गणना यह मानते हुए कीजिए कि इसका मान ताप के साथ परिवर्तित नहीं होता।
उत्तर
\(\log \frac{k_{2}}{k_{1}}=\frac{\mathrm{E}_{a}}{2 \cdot 303 \mathrm{R}}\left[\frac{\mathrm{T}_{2}-\mathrm{T}_{1}}{\mathrm{T}_{1} \mathrm{T}_{2}}\right]\)
इस प्रक्रम में, k2 = 4k1
T1 = 293 K, T2 = 313 K,
R = 8.314 JK-1 mol-1
उपरोक्त समीकरण में ये मान रखने पर,
\(\log 4=\frac{E_{a}}{2 \cdot 303 \times 8 \cdot 314}\left[\frac{313-293}{293 \times 313}\right]\)
E = 52859.8 J / मोल
= 52.8 kJ मोल -1

रासायनिक बलगतिकी अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

रासायनिक बलगतिकी वस्तुनिष्ठ प्रश्न

1. सही विकल्प चुनकर लिखिए

प्रश्न 1.
अधिकांश अभिक्रियाओं का ताप गुणांक किसके मध्य स्थित होता है –
(a) 1 तथा 3
(b) 2 तथा 3
(c) 1 तथा 4
(d) 2 तथा 4.
उत्तर
(b) 2 तथा 3

प्रश्न 2.
प्रथम कोटि की अभिक्रिया के लिए t1/2 का मान होता है –
(a) \(\frac{0.693}{k_{1}}\)
(b) \(\frac{2 \cdot 303}{k_{1}}\)
(c) \(\frac{0.303}{k_{1}}\)
(d) \(\frac{0.693}{t}\)
उत्तर
(a) \(\frac{0.693}{k_{1}}\)

प्रश्न 3.
एक प्रथम कोटि की अभिक्रिया 32 मिनट में 75% पूर्ण होती है, 50% पूर्ण होने में लगा होगा –
(a) 24 मिनट
(b) 16 मिनट
(c) 8 मिनट
(d) 4 मिनट।
उत्तर
(b) 16 मिनट

प्रश्न 4.
अभिक्रिया H2(g) + Br2(g) → 2HBr(g) के लिए प्रायोगिक आँकड़े दर्शाते हैं कि
अभिक्रिया दर =k1 [H2] [Br2]1/2
अभिक्रिया की आण्विकता तथा कोटि है, क्रमश: –
(a) 2,\(\frac{3}{2}\)
(b) \(\frac{3}{2},\frac{3}{2}\)
(c) 1,1
(d) 1,\(\frac{1}{2}\)
उत्तर
(a) 2,\(\frac{3}{2}\)

प्रश्न 5.
निम्नलिखित अभिक्रिया
2FeCl3 + SnCl2 → 2FeCl2 + SnCl4 उदाहरण है –
(a) प्रथम कोटि की अभिक्रिया का
(b) द्वितीय कोटि की अभिक्रिया का
(c) तृतीय कोटि की अभिक्रिया का
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर
(d) इनमें से कोई नहीं।

प्रश्न 6.
अभिक्रिया 2A + B → A2B में अभिकारक A के समाप्त होने की दर –
(a) B के घटने की दर की आधी है
(b) B के घटने की दर के समान है
(c) B के घटने की दर की दो गुनी है
(d) A2B के उत्पादन की दर के समान है।
उत्तर
(b) B के घटने की दर के समान है

प्रश्न 7.
इक्षु शर्करा का ग्लूकोज एवं फ्रक्टोज में अभिक्रिया
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 35
के अनुसार प्रतिलोमन होना एक उदाहरण है –
(a) प्रथम कोटि की अभिक्रिया का
(b) द्वितीय कोटि की अभिक्रिया का
(c) तृतीय कोटि की अभिक्रिया का
(d) शून्य कोटि की अभिक्रिया का।
उत्तर
(a) प्रथम कोटि की अभिक्रिया का

प्रश्न 8.
एक दिये गये ताप पर अभिक्रिया की गति मन्द हो जाती है जबकि –
(a) सक्रियण की प्रात्यतम ऊर्जा उच्चतर होती है
(b) सक्रियण की प्रात्यतम ऊर्जा निम्नतर होती है
(c) एण्ट्रॉपी परिवर्तित होती है
(d) अभिकारकों की प्रारंभिक सान्द्रता स्थिर होती है।
उत्तर
(a) सक्रियण की प्रात्यतम ऊर्जा उच्चतर होती है

प्रश्न 9.
पौधे स्टार्च का निर्माण करते हैं –
(a) फ्लैश फोटोलिसिस से
(b) फोटोलिसिस से
(c) प्रकाश-संश्लेषण से
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर
(c) प्रकाश-संश्लेषण से

प्रश्न 10.
प्रथम कोटि की अभिक्रिया के लिए विशिष्ट अभिक्रिया स्थिरांक निर्भर करता है –
(a) अभिकारकों की सान्द्रता पर
(b) उत्पाद की सान्द्रता पर
(c) समय पर
(d) ताप पर।
उत्तर
(d) ताप पर।

प्रश्न 11.
A तथा B से C प्राप्त करने की अभिक्रिया में A में प्रथम कोटि गतिज तथा B में द्वितीय कोटि प्रदर्शित करती है। दर समीकरण लिखा जाएगा –
(a) दर = k[A]2[B]
(b) दर = k[A][B]2
(c) दर = k[A]1/2[B]
(d) दर = k[A][B]1/2

उत्तर
(b) दर = k[A][B]2

प्रश्न 12.
शर्करा के प्रतीपन की अभिक्रिया की आण्विकता है –
(a) 3
(b) 2
(c) 1
(d) 0.
उत्तर
(c) 1

प्रश्न 13.
अणुओं के अभिक्रिया में भाग लेने हेतु न्यूनतम आवश्यक ऊर्जा कहलाती है –
(a) स्थितिज ऊर्जा
(b) गतिज ऊर्जा
(c) नाभिकीय ऊर्जा
(d) सक्रियण ऊर्जा।
उत्तर
(d) सक्रियण ऊर्जा।

प्रश्न 14.
2A + B → A2B रासायनिक अभिक्रिया में यदि A का सान्द्रण दुगुना एवं B का सान्द्रण स्थिर कर दिया जाता है, तो अभिक्रिया की दर –
(a) चार गुना बढ़ जाएगी
(b) दो गुना कम हो जाएगी
(c) दो गुना बढ़ जाएगी
(d) अपरिवर्तित रहेगी।
उत्तर

प्रश्न 15.
द्वितीय कोटि की अभिक्रिया में अर्द्ध-आयुकाल
(a) प्रारंभिक सान्द्रण के समानुपाती होती है
(b) प्रारंभिक सान्द्रण पर निर्भर नहीं करती
(c) प्रारंभिक सान्द्रण के व्युत्क्रमानुपाती होती है
(d) प्रारंभिक सान्द्रण के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होती है।
उत्तर
(d) प्रारंभिक सान्द्रण के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होती है।

प्रश्न 16.
2H2O2 → 2H2O + O2 अभिक्रिया है –
(a) शून्य कोटि की अभिक्रिया
(b) प्रथम कोटि की अभिक्रिया
(c) द्वितीय कोटि की अभिक्रिया
(d) तृतीय कोटि की अभिक्रिया।
उत्तर
(c) द्वितीय कोटि की अभिक्रिया

प्रश्न 17.
एक यौगिक का ऊष्मीय अपघटन प्रथम कोटि का है। यदि यौगिक के एक नमूने का 120 मिनट में 50% अपघटन होता है, तो 90% अपघटन में कितना समय लगेगा –
(a) लगभग 240 मिनट
(b) लगभग 480 मिनट
(c) लगभग 450 मिनट
(d) लगभग 400 मिनट।
उत्तर
(b) लगभग 480 मिनट

प्रश्न 18.
आीनियस समीकरण है –
(a) k = \(e^{-\mathrm{E}_{n} \mathrm{RT}}\)
(b) k = \(\frac{E_{a}}{R T}\)
(c) k = \(\frac{E_{a}}{R T}\)
(d) k = \(\mathrm{A} e^{-\mathrm{E}_{a} / \mathrm{RT}}\)
उत्तर
(d) k = \(\mathrm{A} e^{-\mathrm{E}_{a} / \mathrm{RT}}\)

प्रश्न 19.
जब ताप में वृद्धि होता है, तो अभिक्रिया का दर बढ़ जाता है। इसका कारण –
(a) सक्रियण ऊर्जा में कमी होता है
(b) संघटनों की संख्या में वृद्धि होता है
(c) सक्रियित अणुओं की संख्या में कमी होता है
(d) संघटनों की संख्या में कमी होना।
उत्तर
(b) संघटनों की संख्या में वृद्धि होता है

प्रश्न 20.
द्वितीय कोटि की रासायनिक अभिक्रिया के वेग स्थिरांक की इकाई है –
(a) मोल-1 लिटर-1 सेकण्ड-1
(b) मोल लिटर-1 सेकण्ड-1
(c) मोल लिटर सेकण्ड
(d) मोल-1 लिटर सेकण्ड-1 |
उत्तर
(d) मोल-1 लिटर सेकण्ड-1 |

प्रश्न 21.
अभिक्रिया 2N2O5 ⇌ 2NO2O4+O2 है –
(a) द्वि-अणुक एवं द्वितीय कोटि की
(b) एक-अणुक एवं प्रथम कोटि की
(c) द्वि-अणुक एवं प्रथम कोटि की
(d) द्वि-अणुक एवं शून्य कोटि की।
उत्तर
(c) द्वि-अणुक एवं प्रथम कोटि की

प्रश्न 22.
प्रथम कोटि की अभिक्रिया में वेग स्थिरांक की इकाई है
(a) mol L-1S-1
(b) mol-1LS-1
(c) S-1
(d) mol L-1S.
उत्तर
(c) S-1

प्रश्न 23.
एक प्रथम कोटि की अभिक्रिया के लिए 90% पूर्ण होने में लगने वाला समय लगभग होता है –
(a) अर्द्ध-आयु का 1.1 गुना
(b) अर्द्ध-आयु का 2.2 गुना
(c) अर्द्ध-आयु का 3.3 गुना
(d) अर्द्ध-आयु का 4.4 गुना।
उत्तर
(c) अर्द्ध-आयु का 3.3 गुना

प्रश्न 24.
रासायनिक अभिक्रिया की दर निर्भर करती है –
(a) सक्रिय द्रव्यमान पर
(b) परमाणु द्रव्यमान पर
(c) तुल्यांकी भार पर
(d) आण्विक द्रव्यमान पर।
उत्तर
(a) सक्रिय द्रव्यमान पर

प्रश्न 25.
द्रव्य-अनुपाती क्रिया के नियम का प्रतिपादन किसने किया –
(a) डॉल्टन ने
(b) गुल्डवर्ग तथा वागे ने
(c) हुण्ड तथा मुलीकन ने
(d) आर्टीनियस ने।
उत्तर
(b) गुल्डवर्ग तथा वागे ने

प्रश्न 26.
अभिक्रिया दर का मात्रक है –
(a) मोल लिटर -1 सेकण्ड-1
(b) मोल -1 लिटर सेकण्ड-1
(c) मोल -1 लिटर-1 सेकण्ड
(d) मोल लिटर सेकण्ड।
उत्तर
(a) मोल लिटर -1 सेकण्ड-1

2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –

  1. किसी अभिक्रिया की दर अभिकारक स्पीशीज के सान्द्रण पर निर्भर नहीं है, तो उस अभिक्रिया की कोटि है ………………..।
  2. किसी रेडियोधर्मी तत्व का अर्द्ध-आयुकाल 140 दिन है, आरम्भ में 1g तत्व लेने पर 560 दिनों के बाद बच जाएगा ………………….. gm.
  3. तीव्र अभिक्रियाएँ ………………. सेकण्ड से भी कम समय में सम्पन्न हो जाती है।
  4. किसी अभिक्रिया की क्रियाविधि में मन्द गति से चलने वाला पद ……………….. कहलाता है।
  5. ………………… द्वारा तीव्र गति से चलने वाली अभिक्रियाओं का अध्ययन किया जाता है।
  6. तृतीय कोटि की अभिक्रिया के लिए दर स्थिरांक की इकाई ………………… होती है।
  7. अभिकारकों की निम्नतम तथा उच्चतम ऊर्जा अवस्था का अन्तर ………………… कहलाती है।
  8. वे अभिक्रियाएँ जो विकिरण के अवशोषण से सम्पन्न होती हैं ………………. कहलाती हैं।
  9. अभिक्रिया में भाग लेने वाले कुल अणुओं की संख्या ………………. कहलाती है।
  10. ………………… से अभिक्रिया की क्रियाविधि के संबंध में जानकारी मिलती है।
  11. एथिल एसीटेट का अम्लीय माध्यम में जल-अपघटन एक ………… कोटि की अभिक्रिया है।
  12. अणुसंख्यता सदैव …………. होती है।
  13. एक मोल अभिकारक को उत्तेजित करने के लिए …………. फोटॉन की आवश्यकता होती है।
  14. समय के किसी विशेष क्षण पर किसी अभिकारक के सान्द्रण में परिवर्तन की दर उस समय की ……………. दर कहलाती है।
  15. अभिक्रिया की दर अभिकारक के सान्द्रण के …………… होता है।
  16. cm-1…………… का मात्रक है।

उत्तर

  1. शून्य,
  2. \(\frac{1}{16}\) gm,
  3. 10-9
  4. दर-निर्धारक पद,
  5. फ्लैश फोटोलिसिस,
  6. लिटर 2 मोल 2 सेकण्ड -1,
  7. सक्रियण ऊर्जा,
  8. प्रकाश-रासायनिक अभिक्रियाएँ,
  9. आण्विकता,
  10. अभिक्रिया की कोटि,
  11. आभासी एक अणुक,
  12. पूर्णांक संख्या,
  13. एक मोल,
  14. तात्क्षणिक,
  15. समानुपाती,
  16. सेल स्थिरांक।

3. उचित संबंध जोड़िए –
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 36
उत्तर
1. (c), 2. (e), 3. (a), 4. (b), 5. (d), 6. (g), 7. (1).

4. एक शब्द/वाक्य में उत्तर दीजिए –

  1. देहली ऊर्जा और सक्रियण ऊर्जा में क्या संबंध है ?
  2. प्रथम कोटि की अभिक्रिया के लिए दर-स्थिरांक का व्यंजक क्या है ?
  3. आर्चीनियस समीकरण का समाकलित रूप लिखिए।
  4. अभिक्रिया A + B → Cशून्य कोटि की हो, तो दर समीकरण लिखिए।
  5. किसी अभिक्रिया के लिए दर समीकरण
    दर = k [NO2]2 [Cl2]
    हो, तो Cl2 के सापेक्ष तथा NO2 के सापेक्ष अभिक्रिया की कोटि तथा अभिक्रिया की कुल कोटि बताइए।
  6. अभिकारकों तथा उत्पादों के सान्द्रण के आधार पर निम्नलिखित अभिक्रियाओं के लिए दर व्यंजक लिखिए- ‘
    2NO2 → 2NO + O2.
  7. दर निर्धारक पद क्या होता है ?
  8. शून्य कोटि की अभिक्रिया का एक उदाहरण लिखिए।
  9. क्वाण्टम दक्षता क्या है ?
  10. आीनियस समीकरण लिखिए।
  11. प्रथम कोटि की अभिक्रिया के अर्द्ध-आयुकाल ज्ञात करने का व्यंजक लिखिए।
  12. अभिकारक के पृष्ठ क्षेत्रफल का अभिक्रिया की दर पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
  13. तात्क्षणिक दर किसे कहते हैं ?
  14. अभिक्रिया का अर्द्ध-आयुकाल क्या है ?
  15. शून्य कोटि की अभिक्रिया के लिए दर स्थिरांक की इकाई लिखिए।
  16. देहली ऊर्जा को समझाइए।
  17. तीव्र अभिक्रियाएँ किसे कहते हैं ?
  18. शून्य कोटि की अभिक्रिया के लिए t1/2 किसके समानुपाती है ?

उत्तर

  1. सक्रियण ऊर्जा = देहली ऊर्जा – अणुओं की आद्य अवस्था में ऊर्जा ।
    या देहली ऊर्जा = सक्रियण ऊर्जा + अणुओं की मूल अवस्था में ऊर्जा।
  2. k =\(\frac{2 \cdot 303}{t}\) \(\log _{10} \frac{a}{a-x}\)
  3. \(\log _{10} \frac{k_{2}}{k_{1}}\) = \(\frac{E_{a}}{2 \cdot 303 R}\left[\frac{T_{2}-T_{1}}{T_{1} T_{2}}\right]\)
  4. –\(\frac{d x}{d r}\) = K[A]0[B]0
  5. Cl2 के सापेक्ष कोटि = 1
    NO2 के सापेक्ष कोटि = 2
    अतः कुल कोटि = 1 + 2 = 3
  6. MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 37
  7. अभिक्रिया के पदों में सबसे धीमा At
    विघटित अणुओं की संख्या पद,
  8. MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 38
  9. MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 39
  10. k =\(\mathrm{A} e^{-\mathrm{E}_{a} / \mathrm{RT}}\)
  11. \(t_{1 / 2}=\frac{0.693}{k}\)
  12. पृष्ठ क्षेत्रफल अधिक होने से अभिक्रिया की दर बढ़ जाती है,
  13. समय के किसी विशेष क्षण पर किसी अभिकारक या उत्पाद के सान्द्रण में परिवर्तन की दर, उस समय की तात्क्षणिक दर कहलाती है,
  14. किसी अभिक्रिया का अर्द्ध-आयुकाल वह समय है जिसमें अभिक्रिया का सान्द्रण घटकर आधा रह जाता है,
  15. लिटर मोल-1सेकण्ड-1,
  16. ऊर्जा की उस न्यूनतम मात्रा को देहली ऊर्जा कहते हैं, जो उन अणुओं के पास होती है जो प्रभावी कारकों द्वारा अभिक्रिया को सम्पन्न करते हैं,
  17.  वे अभिक्रियाएँ जो 10-9 सेकण्ड अथवा उससे कम समय में भी संपन्न हो जाती हैं, तीव्र अभिक्रियाएँ कहलाती हैं,
  18. प्रारंभिक सांद्रण।

रासायनिक बलगतिकी अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
प्रथम कोटि की अभिक्रिया किसे कहते हैं ?
उत्तर
वे अभिक्रियाएँ, जिनमें अभिक्रिया का वेग केवल एक अणु के सान्द्रण पर निर्भर करता है, प्रथम कोटि की अभिक्रियाएँ कहलाती हैं।

प्रश्न 2.
ऊर्जा अवरोध क्या है ?
उत्तर
उस न्यूनतम ऊर्जा को जिसे प्राप्त करने के बाद ही अभिकारक अणु उत्पाद में परिवर्तित हो सकते हैं, ऊर्जा अवरोध कहलाते हैं । अभिकारी अणु जब तक इस शिखर की ऊँचाई (सक्रियण ऊर्जा) तक नहीं पहुँचते तब तक वे सक्रियित संकुल नहीं बना सकते और उत्पाद में परिवर्तित नहीं हो सकते।

प्रश्न 3.
दर निर्धारक पद को समझाइए।
उत्तर
कुछ रासायनिक अभिक्रियाएँ एक से अधिक पदों में संपन्न होती है। अभिक्रिया की दर का निर्धारण सबसे धीमी गति से होने वाले पद द्वारा होता है, जिसे दर निर्धारक पद (Rate determining step) कहते हैं।

प्रश्न 4.
प्रकाश-रासायनिक अभिक्रियाओं की विशेषताएँ लिखिए। (कोई तीन)
उत्तर
विशेषताएँ-

  • इन अभिक्रियाओं के लिए चुम्बकीय विकिरणों का अवशोषण होना आवश्यक है।
  • ये अभिक्रियाएँ ताप से अप्रभावित रहती है, किन्तु विकिरणों की तीव्रता इनकों प्रभावित करती है।
  • क्रियाकारी अणुओं को सक्रिय करने के लिये प्रकाश का होना आवश्यक है।

प्रश्न 5.
आर्चीनियस समीकरण की क्या उपयोगिता है ? (कोई दो)
उत्तर
उपयोगिता-

  1. सक्रियण ऊर्जा की गणना करने में।
  2. किसी अभिक्रिया के लिए एक ताप पर वेग स्थिरांक ज्ञात होने पर दूसरे ताप पर वेग स्थिरांक ज्ञात करने में।

प्रश्न 6.
प्रकाश-रासायनिक अभिक्रिया किसे कहते हैं ? एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर
ऐसी अभिक्रियाएँ जो प्रकाश अथवा किसी अन्य विद्युत्-चुम्बकीय विकिरणों के कारण प्रेरित होती है, प्रकाश-रासायनिक अभिक्रियाएँ कहलाती है। इन विकिरणों की तरंगदैर्घ्य 2000Å से 8000Å तक होती है।
उदाहरण-
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 40

प्रश्न 7.
विशिष्ट अभिक्रिया दर किसे कहते हैं ?
उत्तर
किसी अभिक्रिया की विशिष्ट अभिक्रिया दर दिये गये ताप पर अभिक्रिया की उस दर के बराबर होती है, जब प्रत्येक अभिकारक का सान्द्रण इकाई में लिया गया हो।
अभिक्रिया A2(g) + B2(g) →2AB(g)
अभिक्रिया दर ∝ [A2][B2]
= K[A2][B2]
यदि, [A2] = [B2] = 1 हो, तो
अभिक्रिया दर =K
जहाँ, K विशिष्ट अभिक्रिया दर-स्थिरांक हैं।

प्रश्न 8.
अभिक्रिया की औसत दर का मान कब उसकी तात्कालिक अभिक्रिया दर के बराबर हो जाता है ?
उत्तर
जब समय अंतराल At का मान लगभग शून्य हो जाता है या जब समय अनंत रूप से सूक्ष्म होता है, तब अभिक्रिया की औसत दर उसकी तात्कालिक अभिक्रिया दर के तुल्य हो जाती है। अत: अभिक्रिया की तात्कालिक दर \(\frac{d x}{d t}=\lim _{\Delta t \rightarrow 0} \frac{\Delta x}{\Delta t}\) होती है।

प्रश्न 9.
छद्म एकाणुक अभिक्रिया को उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर
कुछ अभिक्रियाएँ ऐसी होती है, जिनकी अणुसंख्यता दो होती है किन्तु उनका गतिक अध्ययन करने पर ज्ञात होता है कि उनकी अभिक्रिया कोटि एक है। ऐसी अभिक्रियाएँ को छद्म एकाणुक अभिक्रियाएँ कहते हैं।
उदाहरण –
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 41
उपर्युक्त अभिक्रिया द्विअणुक है, लेकिन जल की सान्द्रता अभिक्रिया की दर को प्रभावित नहीं करती हैं। अतः अभिक्रिया की दर केवल शर्करा की सान्द्रता के समानुपाती होती है।
दर = k[C12H22O11]
अतः शर्करा का प्रतिलोमन प्रथम कोटि की अभिक्रिया है। इसे छद्म एकाणुक अभिक्रिया कहते हैं।

प्रश्न 10.
तापमान गुणांक किसे कहते हैं ?
उत्तर
कुछ रासायनिक अभिक्रियाओं में केवल ताप में 10°C वृद्धि करने पर अभिक्रिया दर दो गुना या तीन गुना हो जाता है।
ताप के इस प्रभाव को तापमान गुणांक द्वारा दर्शाते हैं,
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 42
इसे तापमान गुणांक कहते है।
विभिन्न समय पर अभिक्रिया दर का अनुपात जिनके मध्य 10°C ताप का अंतर हो, उसे तापमान गुणांक कहते हैं।

रासायनिक बलगतिकी लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
रासायनिक अभिक्रिया की दर से आप क्या समझते हैं ? इसकी इकाई लिखिए।
उत्तर
किसी रासायनिक अभिक्रिया की दर इकाई समय अन्तराल में अभिकारक अथवा उत्पाद के सान्द्रण में परिवर्तन के बराबर होती है।
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 43
समयान्तराल अभिक्रिया दर की इकाई, सान्द्रण की इकाई तथा समय की इकाई पर निर्भर करती है। यदि सान्द्रण को मोल प्रति लीटर में तथा समय को सेकण्ड में व्यक्त किया जाये तो अभिक्रिया की दर की इकाई मोल प्रति लीटर प्रति सेकण्ड प्राप्त होती है। यदि समय को मिनट में दर्शाया जाये तो अभिक्रिया दर की इकाई मोल प्रति लीटर प्रति मिनट होगी ।

प्रश्न 2.
अभिक्रिया की तात्कालिक दर से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर
किसी विशेष क्षण पर निकाली गई अभिक्रिया की दर को तात्कालिक दर (Instantaneous reaction rate) कहते हैं। किसी अभिक्रिया की दर अभिकारकों के सान्द्रण पर निर्भर करती है। समय बीतने पर अभिकारकों का सान्द्रण कम होता जाता है, अतः अभिक्रिया की दर भी कम होने लगती है। किसी अभिक्रिया की दर को अधिक यथार्थ रूप में दर्शाने के लिए उसकी तात्कालिक दर अधिक यथार्थ मान प्रस्तुत करती है ।
तात्कालिक या तात्क्षणिक वेग = \(\left[-\frac{\Delta \mathrm{A}}{\Delta t}\right]_{\Delta \mathrm{T} \rightarrow 0}
= -\frac{d[\mathrm{A}]}{d t}\)
जहाँ, d[A] सान्द्रण में अति अल्प परिवर्तन है, जो अति अल्प समय अन्तराल dt में होता है।

प्रश्न 3.
किसी अभिक्रिया की आण्विकता (अणुसंख्यता) से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर
अभिक्रिया की अणुसंख्यता (Molecularity of a reaction)- कई रासायनिक अभिक्रियाएँ एक से अधिक पदों में सम्पन्न होती हैं । अभिक्रिया की दर का निर्धारण सबसे धीमी गति से होने वाले पद द्वारा होता है। इस पद को दर निर्धारक पद (Rate determining step) कहते हैं।
“दर निर्धारक पद में भाग लेने वाले अणुओं, परमाणुओं तथा आयनों की संख्या को अणुसंख्यता (Molecularity) कहते हैं ।” अथवा
“किसी रासायनिक अभिक्रिया के सम्पन्न होने के लिए उसके आरम्भिक पद (Elementary step) में भाग लेने वाले अणुओं की संख्या को अणुसंख्यता कहते हैं ।”
O3 → O2 +O (एकाणुक अभिक्रिया)
NO + O3 →NO2 +O2 (द्विअणुक अभिक्रिया)

प्रश्न 4.
अभिक्रिया की आण्विकता और अभिक्रिया की कोटि में चार अन्तर लिखिए।
उत्तर
अभिक्रिया की आण्विकता और अभिक्रिया की कोटि में अन्तर –
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 44

प्रश्न 5.
रासायनिक अभिक्रिया की दर को प्रभावित करने वाले किन्हीं चार कारकों को संक्षेप में । समझाइए।
उत्तर
किसी रासायनिक अभिक्रिया की दर को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं

  • अभिकारकों का सान्द्रण-किसी भी अभिक्रिया का वेग क्रियाकारकों की सान्द्रता के समानुपाती होता है । अभिकारकों का सान्द्रण बढ़ाने पर अभिक्रिया की दर में वृद्धि हो जाती है। समय के साथ क्रियाकारकों का सान्द्रण कम होने पर अभिक्रिया की दर भी कम हो जाती है।
  • अभिक्रिया का ताप-ताप वृद्धि का अभिक्रिया की दर पर अत्यधिक प्रभाव पड़ता है। उच्च ताप पर अभिक्रिया की दर बढ़ जाती है।
  • उत्प्रेरक की उपस्थिति उत्प्रेरक अभिक्रिया की दर को बढ़ा या घटा देते हैं। धनात्मक उत्प्रेरक क्रिया की दर में वृद्धि करते हैं तथा ऋणात्मक उत्प्रेरक क्रिया की दर घटा देते हैं।
  • क्रियाकारकों की प्रकृति-क्रियाकारकों की प्रकृति का भी अभिक्रिया की दर पर बड़ा प्रभाव पड़ता है । किसी भी रासायनिक अभिक्रिया में कुछ पुराने बन्ध टूटते हैं व नये बन्ध बनते हैं। अतः अणु जितने सरल होंगे उतने ही उसमें कम बन्ध टूटेंगे और अभिक्रिया की गति तेज हो जाएगी जबकि जटिल अणुओं में अधिक बन्ध टूटेंगे अतः उनका वेग कम हो जाएगा।
  • विकिरण का प्रभाव-कुछ अभिक्रियाओं का वेग विशिष्ट विकिरणों के अवशोषण से भी बढ़ जाता है। उदाहरणार्थ, प्रकाश की अनुपस्थिति में हाइड्रोजन तथा क्लोरीन के मध्य अभिक्रिया धीमी गति से होती है, किन्तु प्रकाश की उपस्थिति में यह अभिक्रिया तीव्र गति से होती है।

प्रश्न 6.
दर-स्थिरांक के लक्षण बताइए।
उत्तर
दर-स्थिरांक के लक्षण निम्नलिखित हैं –

  • दर-स्थिरांक (k) अभिक्रिया की दर की माप होती है।
  • प्रत्येक अभिक्रिया के लिए दर-स्थिरांक (k) के मान भिन्न-भिन्न होते हैं।
  • निश्चित ताप पर k का मान निश्चित होता है।
  • दर-स्थिरांक, अभिक्रिया की कोटि पर निर्भर करता है।

प्रश्न 7.
अभिक्रिया की कोटि से आप क्या समझते हैं ? उदाहरण दीजिए। .
उत्तर
अभिक्रिया की कोटि (Order of Reaction)-किसी अभिक्रिया की कोटि को हम इस प्रकार परिभाषित कर सकते हैं –
“किसी अभिक्रिया की कोटि उन समस्त घातों का योग है जिन्हें अभिक्रिया की प्रेक्षित दर को दर्शाने के लिए दर-नियम समीकरण में सान्द्रण-पदों पर लगाया जाना चाहिए।”
मानलो सामान्य अभिक्रिया aA + bB + cC → Products के लिए दर-नियम समीकरण इस प्रकार हैं –
दर = –\(\frac{d x}{d t}\) = k[A]p[B]q [C]r
तो सम्पूर्ण अभिक्रिया की कोटि n = p+q+r
जिसमें p,q तथा r क्रमश: A, B तथा C के सापेक्ष अभिक्रिया की कोटि हैं। अभिक्रिया की कुल कोटि n घातों के योग p+q+r के बराबर होती है।
n= 1 हो, तो अभिक्रिया की कोटि एक तथा n = 2 हो तो अभिक्रिया की कोटि 2 होती है, आदि। उदाहरणार्थ, अमोनियम नाइट्राइट का विघटन इस प्रकार होता है –
NH4NO2 → N2 + 2H2O
अभिक्रिया की दर = –\(\frac{d x}{d t}\) = k[NH4NO2]
अतः इस अभिक्रिया की कोटि 1 होगी।

प्रश्न 8.
शून्य कोटि की अभिक्रिया किसे कहते हैं ? इसका एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर
ऐसी अभिक्रियाएँ जिनकी दर अभिकारकों के सान्द्रण पर निर्भर नहीं करती, शून्य कोटि की अभिक्रिया कहलाती हैं।
उदाहरण-Au, Pt जैसी धातुओं के सम्पर्क में आने पर अमोनियो का विघटन हो जाता है, जो शून्य कोटि की अभिक्रिया है।
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 45
यह पाया गया है कि इस अभिक्रिया की दर अमोनिया के सान्द्रण पर निर्भर नहीं होती है।
अभिक्रिया दर = –\(\frac{d x}{d t}\) = k[NH3
इस अभिक्रिया की कोटि शून्य होती है।

प्रश्न 9.
किसी अभिक्रिया का वेग ताप पर किस प्रकार निर्भर करता है ? समझाइए।
उत्तर
ताप वृद्धि से सामान्यतः किसी रासायनिक अभिक्रिया की दर में वृद्धि हो जाती है। कई रासायनिक अभिक्रियाओं में 10 K ताप वृद्धि से अभिक्रिया की दर दुगुनी से पाँच गुनी तक बढ़ जाती है।
10°C ताप वृद्धि से अभिक्रिया का वेग दो से तीन गुना तक बढ़ जाता है। यदि एक ताप t °C पर किसी अभिक्रिया का वेग स्थिरांक kt है और उससे 10°C अधिक अर्थात् (t+10)°C ताप पर उसका वेग स्थिरांक kt +10°C है, तो उसका ताप गुणांक (Temperature coefficient)
\(\frac{k_{t}+10}{k_{t}} = 2\) से 3 के बीच
समांगी गैसीय अभिक्रियाओं में ताप परिवर्तन से वेग स्थिरांक में होने वाला परिवर्तन आर्टीनियस समीकरण द्वारा दिया जा सकता है जो निम्न प्रकार है
k =\(\mathrm{A} e^{-\mathrm{E}_{a} / \mathrm{RT}}\)

प्रश्न 10.
सक्रियण ऊर्जा पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर
सक्रियण ऊर्जा—ऊर्जा की वह न्यूनतम मात्रा जो देहली ऊर्जा से कम ऊर्जा वाले अणुओं को प्राप्त करनी पड़ती है, ताकि वे ऊर्जा अवरोध को पार कर सकें, सक्रियण ऊर्जा कहलाती है।
किसी अभिक्रिया के सम्पन्न होने के लिए यह आवश्यक है कि अभिकारकों की ऊर्जा सक्रियण ऊर्जा के बराबर तो होनी ही चाहिए। उत्प्रेरक की उपस्थिति से इसके मान को कम किया जा सकता है जिससे कम ऊर्जा पाकर भी अभिक्रिया सम्पन्न हो सकती है। सक्रियण ऊर्जा को Ea लिखा जाता है।
सक्रियण ऊर्जा को आीनियस समीकरण के आधार पर ज्ञात किया जा सकता है –
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 46

प्रश्न 11.
अभिक्रिया की दर तथा दर-स्थिरांक में अंतर दीजिए।
उत्तर
अभिक्रिया की दर तथा दर-स्थिरांक में अंतर –
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 47

प्रश्न 12.
सिद्ध कीजिए कि शून्य कोटि की अभिक्रिया का अर्द्ध-आयुकाल अभिकारक की प्रारंभिक सान्द्रता के समानुपाती होता है।
उत्तर
यदि अभिक्रिया का वेग अभिकारकों के सान्द्रता पर निर्भर नहीं करता है तो वह अभिक्रिया शून्य कोटि की अभिक्रिया कहलाती है। . शून्य कोटि की अभिक्रिया के लिए दर-स्थिरांक व सान्द्रण के संबंध को निम्न समीकरण से व्यक्त करते है –
k=\(\frac{[\mathrm{A}]_{0}-[\mathrm{A}]}{t}\) ……………..(1)
अर्द्ध-आयुकाल t1/2 पर [A] = \(\frac{1}{2}\)[A]o
यह मान समी. (1) में रखने पर, .
K = \(\frac{[\mathrm{A}]_{0}-\frac{1}{2}[\mathrm{A}]}{t_{1 / 2}}\)
या t1/2 = \(\frac{1}{2} \frac{[\mathrm{A}]_{0}}{\mathrm{K}}\)
या t1/2 ∝ [A]0
अर्थात शून्य कोटि की अभिक्रिया का अर्द्ध-आयुकाल अभिकारक के प्रारंभिक सान्द्रता के समानुपाती होता है।

प्रश्न 13.
सिद्ध कीजिए कि प्रथम कोटि की अभिक्रिया का अर्द्ध-आयुकाल अभिकारक के प्रारंभिक सान्द्रण पर निर्भर नहीं होता।
उत्तर
प्रथम कोटि की अभिक्रिया का अर्द्ध-आयुकाल अभिकारक के प्रारंभिक सान्द्रण पर निर्भर नहीं होता सिद्ध करना –
किसी अभिक्रिया का अर्द्ध-आयुकाल वह समय है, जिसमें आधी अभिक्रिया पूर्ण हो जाती है। अर्द्धआयुकाल को t1/2 द्वारा दर्शाते हैं। प्रथम कोटि की अभिक्रिया के लिए अर्द्ध-आयुकाल की गणना इस प्रकार की जा सकती है। प्रथम कोटि की अभिक्रिया के लिए समाकलित दर समीकरण (Integrated rate equation) इस प्रकार है
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 48
समीकरण (6) यह दर्शाता है कि प्रथम कोटि की अभिक्रिया के लिए अर्द्ध-आयुकाल का मान अभिकारक के प्रारंभिक सान्द्रण पर निर्भर नहीं होता।

प्रश्न 14.
समाकलित दर नियम विधि क्या है ? टिप्पणी लिखिए।
उत्तर
प्रथम कोटि की अभिक्रिया के लिए समाकलित दर समीकरण निम्न प्रकार है –
k = \(\frac{2 \cdot 303}{t} \log \frac{a}{(a-x)}\)
इस समीकरण से अभिक्रिया की कोटि की गणना की जा सकती है। अभिकारक की प्रारम्भिक सान्द्रता
(a) ज्ञात करके किसी निश्चित समय पर सान्द्रता (a-x) का पता कर लेते हैं।
इस प्रकार यदि हम देखें तो उपर्युक्त समीकरण में है तथा (a-X) के मानों को रखकर k के मान की गणना करते हैं, इस प्रकार यदि k का मान निश्चित अथवा स्थिर रहे तो यह निश्चित है कि अभिक्रिया प्रथम कोटि की है। प्रथम कोटि की अभिक्रिया के लिए सान्द्रता के login (a-x) और 1 के मध्य ग्राफ खींचने पर सीधी रेखा प्राप्त होती है। अन्य अभिक्रिया की कोटि के लिए प्राप्त गतिज समीकरण द्वारा अभिक्रिया की उचित कोटि का निर्धारण करते हैं।

प्रश्न 15.
एक प्रथम कोटि की अभिक्रिया 40 मिनट में 90% पूर्ण हो जाती है। इस अभिक्रिया का अर्द्ध-आयुकाल ज्ञात कीजिए। [log 2 = 0.3010]
हल
माना कि अभिकारक की प्रारंभिक सान्द्रता (a) = 100, t = 40 मिनट
40 मिनट में 90% क्रिया पूर्ण होती है, अतः
x= 90
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 49
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 50

प्रश्न 16.
दर्शाइए कि प्रथम कोटि की अभिक्रिया के लिये 99.9% अभिक्रिया पूर्ण होने में लगा समय उसके अर्द्ध-आयुकाल का लगभग 10 गुना होता है।
हल
यदि अभिकारक की प्रारंम्भिक सान्द्रता a हो, तो x = 0.999a के लिये t = ? प्रथम कोटि की अभिक्रिया के लिये,
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 51

प्रश्न 17.
अभिक्रिया की कोटि क्या है ? शून्य कोटि, प्रथम कोटि एवं द्वितीय कोटि की अभिक्रिया के लिए दर-स्थिरांक k का मात्रक लिखिए।
उत्तर
किसी अभिक्रिया की कोटि अभिकारकों के अणुओं की वह संख्या है जिनकी सान्द्रता अभिक्रिया की दर को प्रभावित करती है।
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 52
यहाँ, n = अभिक्रिया की कोटि है।
शून्य कोटि के लिये k का मात्रक,
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 53
प्रथम कोटि के लिए k का मात्रक,
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 54
k की इकाई = sec-1
द्वितीय कोटि के लिए k का मात्रक,
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 55

प्रश्न 18.
(a) 2N2O5→ 4NO2 +O22 (b) H2 +I2 → 2HI. अभिक्रिया (a) प्रथम कोटि की है, जबकि अभिक्रिया (b) द्वितीय कोटि की है, क्यों ?
उत्तर
(a) अभिक्रिया 2N2O5→ 4NO2 +O2 के लिए पहले अभिक्रिया की दर और [N2O5] के मध्य ग्राफ खींचते हैं। इसके पश्चात् दूसरा ग्राफ अभिक्रिया की दर तथा [N2O5]2 के मध्य खींचते हैं। यह पाया गया है, कि पहले ग्राफ में सरल रेखा प्राप्त होती है।
अतः दर ∝ [N2O5]
दर = k[N2O5]
अतः अभिक्रिया 2N2O5 → 4NO2 +O2 प्रथम कोटि की है।
(b) अभिक्रिया H2 +I2 → 2HI के लिए अभिक्रिया की दर और [H2][I2] के मध्य खींचा गया ग्राफ सरल रेखा है।
अतः दर = k [H2] [I2]
अर्थात् यह अभिक्रिया द्वितीय कोटि की है।

रासायनिक बलगतिकी दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
शून्य-कोटि की अभिक्रिया के लिए दर-स्थिरांक का व्यंजक ज्ञात कीजिए।
उत्तर
यदि किसी अभिक्रिया का वेग अभिकारकों की सान्द्रता पर निर्भर नहीं करता तो उसे शून्य कोटि की अभिक्रिया कहते हैं।
माना शून्य कोटि की अभिक्रिया निम्न है –
A → B
जहाँ, A तथा B अभिकारक तथा उत्पाद की सान्द्रता हैं। इस प्रकार की अभिक्रिया में अभिक्रिया का वेग अभिकारकों की सान्द्रता पर निर्भर नहीं करता, अभिकारक की सान्द्रता में परिवर्तन की दर स्थिर रहती है।
अभिक्रिया की दर = स्थिरांक
अभिकारक A की प्रारंभिक सान्द्रता a मोल/लीटर है। t समय में A का x मोल उत्पाद में परिवर्तित होता है। अतः t समय बाद A की सान्द्रता (a-x) मोल/लीटर रह जाती है।
–\(\frac{d[\mathbf{A}]}{d t}\) या \(\frac{d x}{d t} \propto(a-x)^{0}\)
या \(\frac{d x}{d t}\) = k0(a-x)0 …………….(1)
जहाँ, k0 = शून्य कोटि की अभिक्रिया का वेग स्थिरांक है।
\(\frac{d x}{d t}\) = k0……………………..(2)
\(\frac{d x}{d t}\) = k0dt ……………………..(3)
समीकरण (3) का समाकलन करने पर,
x= k0t + C ……………………..(4)
जहाँ, C = समाकलन स्थिरांक (Integration constants) है।
जब t = 0 तब x = 0 होता है। यह मान समीकरण (4) में रखने पर,
0 =k0 × 0 + C
अतः C=0 ……………………..(5)
समीकरण (5) का मान समीकरण (4) में रखने पर,
x = k0t ……………..(6)
\(k_{0}=\frac{x}{t}\)………………….(7)
समीकरण (7) शून्य कोटि की अभिक्रिया के लिए दर-स्थिरांक का व्यंजक है। k की इकाई
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 56

प्रश्न 2.
आर्चीनियस समीकरण पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-आर्चीनियस ने समांगी गैसीय अभिक्रियाओ में ताप से होने वाले परिवर्तन से वेग स्थिरांक में होने वाले परिवर्तन को निम्नलिखित व्यंजक द्वारा दर्शाया –
k = \(\mathrm{A} e^{-\mathrm{E}_{a} / \mathrm{RT}}\)
इसे आर्टीनियस का समीकरण कहते हैं ।
जिसमें A = आवृत्ति कारक (Frequency factor), Ea = सक्रियण ऊर्जा तथा T = परम ताप है। A तथा Ea अभिक्रिया पर निर्भर करते हैं अभिकारकों पर नहीं।
समीकरण का लॉगरिथ्म लेने पर,
\(\ln k=-\frac{\mathrm{E}_{a}}{\mathrm{RT}}+\ln \mathrm{A}\)
या logk = \(\log \mathrm{A}-\frac{\mathrm{E}_{a}}{2 \cdot 303 \mathrm{RT}}\) …………..(1)
यह एक सरल रेखा का समीकरण है। यदि भिन्न-भिन्न तापों पर log10 k तथा \(\frac{1}{\mathrm{T}}\) के मध्य ग्राफ खींचें तो एक सरल रेखा प्राप्त होगी, जिसका ढाल = \(\frac{\mathrm{-E}_{a}}{2 \cdot 303 \mathrm{R}}\) होगा। ग्राफ द्वारा ढाल = \(\frac{\mathrm{E}_{a}}{2 \cdot 303 \mathrm{R}}\) का मान ज्ञात करके सक्रियण ऊर्जा Ea का मान ज्ञात किया जा सकता है।
Ea की गणना एक दूसरी विधि द्वारा भी कर सकते हैं।
मानलो ताप T1 तथा T2 पर किसी अभिक्रिया के वेग स्थिरांक क्रमशः k1 तथा k2 हों, तो समीकरण (1) के अनुसार,
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इस समीकरण की सहायता से सक्रियण ऊर्जा E, का मान ज्ञात किया जा सकता है ।

प्रश्न 3.
आीनियस समीकरण को सीधी रेखा के समीकरण के रूप में लिखिए। इस समीकरण में ग्राफ का ढाल क्या होगा ? किसी अपघटन अभिक्रिया के अपघटन के लिए \(\frac{1}{\mathrm{T}}\) तथा log k के बीच खींचे गये ग्राफ से वक्र का ढाल –9920 प्राप्त हुआ। क्रिया के सक्रियण ऊर्जा की गणना कीजिए।
उत्तर
आीनियस समीकरण-आर्चीनियस ने समांगी गैसीय अभिक्रियाओं में ताप से होने वाले परिवर्तन से वेग स्थिरांक k में होने वाले परिवर्तन को निम्नलिखित व्यंजक द्वारा दर्शाया –
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 4 रासायनिक बलगतिकी - 59
k = \(\mathrm{A} e^{-\mathrm{E}_{a} / \mathrm{RT}}\)
इसे आर्टीनियस का समीकरण कहते हैं।
जहाँ, A = आवृत्ति कारक, Ea = सक्रियण ऊर्जा तथा T = परम ताप है।
समीकरण का लॉगरिथ्म लेने पर,
In k = –\(\frac{\mathrm{E}_{a}}{\mathrm{R} \mathrm{T}}\)
या logk = \(\log \mathrm{A}-\frac{\mathrm{E}_{a}}{2 \cdot 303 \mathrm{RT}}\)
यह एक सरल रेखा का समीकरण है। यदि भिन्न-भिन्न तापों पर log10k तथा \frac{1}{\mathrm{T}} के मध्य ग्राफ खींचें तो एक सरल रेखा प्राप्त होगी, जिसका ढाल (Slope) = \(\frac{-\mathrm{E}_{a}}{2 \cdot 303 \mathrm{R}}\) होगा। ग्राफ द्वारा ढाल =\(\frac{-\mathrm{E}_{a}}{2 \cdot 303 \mathrm{R}}\) का मान ज्ञात करके सक्रियण ऊर्जा Ea का मान ज्ञात किया जा सकता है।
ढाल = \(\frac{-\mathrm{E}_{a}}{2 \cdot 303 \mathrm{R}}\) (सक्रियण ऊर्जा)
उत्तर
या Ea = ढाल x 2.303 x R
या Ea =-9920 x 2.303 x (-4.58)
∴ Ea = 104633.5808 कैलोरी प्रति ग्राम अणु।

प्रश्न 4.
प्रथम कोटि की अभिक्रिया के लिए वेग स्थिरांक का व्यंजक ज्ञात कीजिए।
उत्तर
वे अभिक्रियाएँ, जिनमें अभिक्रिया का वेग केवल एक अणु के सान्द्रण पर निर्भर करता है प्रथम कोटि की अभिक्रियाएँ कहलाती हैं। मानलो प्रथम कोटि की सामान्य अभिक्रिया इस प्रकार है –
A → Product
माना अभिकारक A का प्रारम्भिक सान्द्रण a ग्राम अणु है। सेकण्ड पश्चात x ग्राम अणु, क्रिया कर लेते हैं तो शेष पदार्थ की मात्रा (a-X) ग्राम अणु होगी।
अतः t समय पश्चात् अभिक्रिया की दर A की सान्द्रता (a -x) के समानुपाती होगी।
अर्थात्
\(\frac{d x}{d t}\) ∝A
\(\frac{d x}{d t}\) = a – x
या \(\frac{d x}{d t}\) = k(a-x),
या \(\frac{d x}{(a-x)}=k \cdot d t\) …(1)
सम्पूर्ण क्रिया का वेग ज्ञात करने के लिए समी. (1) का समाकलन करने पर,
\(\int \frac{d x}{a-x}=\int k \cdot d t\)
In(a-x) =kt+c, (यहाँ c समाकलन स्थिरांक है) …(2)
यदि t=0 है तो x = 0 होगा, अतः ये मान समी. (2) में रखने पर,
-In a =c ……………(3)
समी. (3) से c का मान समी. (2) में रखने पर,
-In (a – x) = kt – In a
या In a – In (a-x) = kt
या In \(\frac{a}{a-x}\) = kt
अतः k =\(\frac{1}{t} \ln \frac{a}{a-x}\)
log का आधार e से 10 करने पर,
k = \(\frac{2 \cdot 303}{t} \log \frac{a}{a-x}\)
यह प्रथम कोटि की अभिक्रिया के लिए वेग स्थिरांक k का व्यंजक है।

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MP Board Class 12th Business Studies Important Questions Chapter 4 नियोजन

MP Board Class 12th Business Studies Important Questions Chapter 4 नियोजन

नियोजन Important Questions

नियोजन वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
सही विकल्प चुनकर लिखिए –

प्रश्न 1.
योजना के निम्न में से कौन-से उद्देश्य हैं –
(a) पूर्वानुमान
(b) मितव्ययता
(c) निश्चित लक्ष्यों को स्थापित करना
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी।

प्रश्न 2.
“नियोजन भविष्य को पकड़ने के लिये बनाया गया पिंजड़ा है।” यह कथन किसने कहा है-
(a) हार्ट
(b) हेनरी फेयोल
(c) उर्विक
(d) ऐलन।
उत्तर:
(d) ऐलन।

प्रश्न 3.
नियोजन प्रक्रिया का अंतिम चरण है –
(a) लक्ष्य निर्धारण
(b) पूर्वानुमान
(c) सर्वोत्तम विकल्प का चयन
(d) अनुसरण करना।
उत्तर:
(d) अनुसरण करना।

प्रश्न 4.
भावी क्रियाओं का पूर्व निर्धारण, प्रबंध के किस कार्य के अंतर्गत किया जाता है –
(a) नियोजन
(b) संगठन
(c) नियंत्रण
(d) निर्देशन
उत्तर:
(a) नियोजन

प्रश्न 5.
उद्देश्य होने चाहिए –
(a) आदर्श
(b) जटिल
(c) व्यावहारिक
(d) एकपक्षीय।
उत्तर:
(c) व्यावहारिक

प्रश्न 6.
निम्न का योजना से संबंध नहीं है –
(a) बजट
(b) अभिप्रेरणा
(c) कार्यक्रम
(d) कार्यविधि।
उत्तर:
(b) अभिप्रेरणा

प्रश्न 7.
“मेरी संपत्ति, कारखाना, सब कुछ ले जाओ, मेरे लिए मेरा संगठन छोड़ दो, मैं अपने व्यापार को पुनः उसी स्थिति में खड़ा कर दूँगा।” यह कथन है –
(a) हेनरी फेयोल
(b) एफ.डब्ल्यू. टेलर
(c) हेनरी फोर्ड
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(c) हेनरी फोर्ड

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –

  1. ………….. एक ऐसी विधि है जो कार्य को पूरा करती है।
  2. नियोजन एक ……………. प्रक्रिया है।
  3. …………… प्रबन्ध का प्राथमिक कार्य है।
  4. बिना लक्ष्य के ……………………. की प्राप्ति नहीं हो सकती।
  5. बजट भविष्य के लिए ………………… का पूर्वानुमान है।

उत्तर:

  1. प्रक्रिया
  2. उद्देश्य निर्धारित
  3. नियोजन
  4. उद्देश्य
  5. खर्चों

प्रश्न 3.
एक शब्द या वाक्य में उत्तर दीजिए

  1. नियोजन करते समय प्रबन्ध को भविष्य के बारे में कुछ कल्पनाएँ (मान्यताएँ) करनी होती है। इन्हें क्या कहते हैं ?
  2. प्रबंध के सभी कार्यों में से एक कार्य को आधारभूत कार्य माना जाता है। उस कार्य का नाम बताइए।
  3. प्रतिस्पर्धी की नीति के विश्लेषण में कौन-सी योजना सहायता करती है ?
  4. वह योजना कौन-सी है जो कर्मचारियों द्वारा किए जाने वाले और न किए जाने वाले कार्य को बताती है ?
  5. प्रबंध के किस स्तर पर नियोजन कार्य किया जाता है ?
  6. नियोजन का घनिष्ठ संबंध किस प्रक्रिया से है ?
  7. लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए किसकी आवश्यकता होती है ?
  8. नियोजन किस प्रकार की प्रक्रिया है ?
  9. प्रबंधकीय कार्यों का आधार क्या है ?
  10. भावी अनिश्चतता दूर करने में क्या आवश्यक है ?
  11. योजना किस प्रकार की क्रिया है ?
  12. नीतियों के निर्धारण का आधार क्या होता है ?
  13. नियोजन में सर्वप्रथम किसका निर्धारण किया जाता है ?
  14. क्या नियोजन पीछे देखने की क्रिया है ?
  15. क्या नियोजन एक भौतिक कसरत है ?

उत्तर:

  1. परिकल्पनाएँ
  2. नियोजन
  3. व्यूह रचना
  4. नियम
  5. सभी स्तरों पर
  6. नियंत्रण
  7. श्रेष्ठनियोजन
  8. बौद्धिक प्रक्रिया
  9. नियोजन
  10. नियोजन
  11. निरंतर चलने वाली क्रिया
  12. लक्ष्य
  13. लक्ष्य/उद्देश्य
  14. नहीं
  15. नहीं।

प्रश्न 4.
सत्य या असत्य बताइये

  1. नियोजन एक भौतिक कसरत है।
  2. नियोजन एक मानसिक कसरत है।
  3. नियोजन प्रबन्ध का प्राथमिक कार्य है।
  4. नियोजन आगे देखने की प्रक्रिया है।
  5. नियोजन समय की बर्बादी है।

उत्तर:

  1. असत्य
  2. सत्य
  3. सत्य
  4. सत्य
  5. असत्य

प्रश्न 5.
सही जोड़ी बनाइये –
MP Board Class 12th Business Studies Important Questions Chapter 4 नियोजन image - 1
उत्तर:

  1. (d)
  2. (e)
  3. (b)
  4. (f)
  5. (a)
  6. (c)

नियोजन अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
“नियोजन एक मानसिक कार्य है।” समझाइए।
उत्तर:
किसी भी योजना को बनाने के लिए उच्च स्तरीय सोच की आवश्यकता होती है, क्योंकि इसमें पूर्वानुमान लंगाना पड़ता है, विकल्पों का मूल्यांकन करते हुए उपयुक्त विकल्प का चयन करना पड़ता है। इन सभी कार्यों हेतु उच्च स्तरीय ज्ञान की आवश्यकता होती है। अतः नियोजन एक मानसिक कार्य है।

प्रश्न 2.
व्युत्पन्न योजना किसे कहते हैं ? क्या सहायक योजना व्युत्पन्न योजना होती है ?
उत्तर:
व्युत्पन्न योजना वह योजना कहलाती है जो मुख्य योजना की सहायता के लिए और मुख्य योजना में से ही बनाई जाती है। हाँ, सहायक योजना, व्युत्पन्न योजना होती है क्योंकि सहायक योजना की व्युत्पत्ति मुख्य योजना से ही होती है।.

प्रश्न 3.
नियोजन को भविष्यवाणी क्यों कहा जाता है ?
उत्तर:
नियोजन का संबंध भविष्य से होता है अतः इसे भविष्यवाणी भी कहा जाता है।

प्रश्न 4.
नियोजन की सीमाओं पर विजय पाने के क्या उपाय हो सकते हैं ?
उत्तर:
नियोजन की सीमाओं पर विजय प्राप्त करने के निम्नलिखित उपाय हो सकते हैं

  1. नियोजन करते समय वर्तमान और भविष्य की समस्याओं का ध्यान रखना चाहिए।
  2. नियोजन उच्च स्तरीय प्रबंधकों द्वारा किया जाना चाहिए।
  3. नियोजन की सफलता हेतु सभी कर्मचारियों का सहयोग लेना चाहिए।
  4. नियोजन की पूर्ण जानकारी संबंधित पक्षों को देनी चाहिए।
  5. नियोजन सदैव विश्वसनीय आँकड़ों द्वारा बनाया जाना चाहिए।
  6. नियोजन लोचपूर्ण होना चाहिए।

प्रश्न 5.
नियोजन के अंतर्गत पाँच डब्ल्यू (W) कौन-से हैं ?
उत्तर:
नियोजन के पाँच डब्ल्यू (W) हैं –

  1. क्या (What)
  2. कहाँ (Where)
  3. कब (When)
  4. क्यों (Why)
  5. तथा कौन (Who)

कोई भी योजना हो इन पाँच दृष्टिकोणों के आधार पर ही बनती है।

प्रश्न 6.
मोर्चाबन्दी कितने प्रकार की होती है ? समझाइए।
उत्तर:
मोर्चाबन्दी दो प्रकार की होती है

  1. बाहरी मोर्चाबन्दी-बाहरी मोर्चाबन्दी से तात्पर्य है जो प्रतियोगी को ध्यान में रखकर बनाई जाती है।
  2. आंतरिक मोर्चाबन्दी-ऐसी मोर्चाबन्दी जो किसी परिवर्तन से संस्था के अंदर ही उत्पन्न होने वाली समस्या का सामना करने के लिए बनाई जाती है।

प्रश्न 7.
क्या बजट का संबंध नियोजन और नियंत्रण दोनों से होता है ? समझाइए।
उत्तर:
जब कोई बजट तैयार किया जाता है तो एक योजना बनाकर तैयार होता है अतः यह नियोजन से संबंधित होता है और जब परिणामों से विचलन को मापने के लिए एक उपकरण के रूप में इसका प्रयोग करते हैं तो इसका संबंध नियंत्रण से होता है। अतः कहा जा सकता है कि बजट का संबंध नियोजन तथा नियंत्रण दोनों से होता है।

प्रश्न 8.
यदि योजना न बनाई जाये तो इसका संगठन पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर:
कार्य कैसे करना है, इसके लिए पहले से ही किया गया नियोजन कार्य को निर्देशित करता है। योजना के अभाव में अलग-अलग दशाओं में कार्य होगा तथा संगठन अपने इच्छित उद्देश्य को प्राप्त करने में सफल नहीं हो पाएगा।

प्रश्न 9.
वे कौन-सी घटनाएँ तथा शक्तियाँ हैं जो व्यवसाय की योजनाओं को प्रभावित करती हैं ?
उत्तर:
कीमतों तथा लागतों में वृद्धि, सरकारी हस्तक्षेप, अप्रत्याशित घटनाएँ तथा परिवर्तन, कानूनी प्रावधान तथा अधिनियम, व्यवसाय की योजनाओं को प्रभावित करते हैं।

प्रश्न 10.
“नियोजन सफलता की गारंटी नहीं है।” इस कथन को समझाइए।
उत्तर:
व्यवसाय की सफलता तभी संभव है जब योजनाओं को उचित प्रकार से बनाया तथा क्रियान्वित किया जाए। व्यावसायिक वातावरण स्थिर नहीं होता वह गत्यात्मक होता है। नियोजन समस्याओं को रोक नहीं सकता। यह केवल उसका पूर्वानुमान लगा सकता है तथा समस्याओं के उत्पन्न होने पर उनका सामना करने के लिए आकस्मिक योजना बना सकता है। प्रबन्ध के द्वारा अच्छे प्रयास किए जाने के बाद भी नियोजन कई बार सफल नहीं हो पाता। इसलिए माना जाता है कि नियोजन सफलता की गारंटी नहीं है।

प्रश्न 11.
निम्न के बारे में आप क्या जानते हैं

  1. सेविवर्गीय नीति
  2. विक्रय नीति
  3. मूल्य निर्धारण नीति।

उत्तर:

  1. सेविवर्गीय नीति-इसके अंतर्गत यह निश्चित किया जाता है कि कर्मचारियों की पदोन्नति का आधार योग्यता होगी या फिर वरिष्ठता।
  2. विक्रय नीति-इस नीति में यह निश्चित किया जाता है कि माल नकद बेचा जाना है या उधार भी।
  3. मूल्य निर्धारण नीति-इस नीति में विक्रय मूल्य का निर्धारण किया जाता है अर्थात् यह तय किया जाता है कि लागत में कितना लाभ जोड़कर विक्रय मूल्य निर्धारित करना है।

प्रश्न 12.
नियोजन की परिभाषा दीजिए।
उत्तर:
नियोजन की बहुमान्य परिभाषाएँ निम्न हैं –

  1. बिली ई. गौज, “नियोजन मूल रूप से चयन करना है और नियोजन की समस्या उसी समय पैदा होती है जबकि किसी वैकल्पिक कार्य विधि की जानकारी हुई हो।”
  2. जार्ज आर. टैरी, “नियोजन भविष्य में झाँकने की एक विधि या तकनीक है तथा भावी आवश्यकताओं का एक रचनात्मक पुनर्निरीक्षण है, जिससे कि वर्तमान क्रियाओं को निर्धारित लक्ष्यों के सम्बन्ध में समायोजित किया जा सके।”

प्रश्न 13.
नियोजन प्रबंध का प्राथमिक कार्य है ?
उत्तर:
नियोजन प्रबंध का प्राथमिक कार्य है, सर्वप्रथम योजना बनाई जाती है। जिसके द्वारा प्रबंध अपने लक्ष्यों एवं उद्देश्यों को निर्धारत करता है तथा लक्ष्य प्राप्ति हेतु क्या, किसे कब कैसे करना है ? इसका निर्धारण करता है। तत्पश्चात् इसकी शर्तों के लिए सभी प्रबन्धकीय क्रियाएँ जैसे–संगठन, नियुक्तिकरण, निर्देशन, नियंत्रण सम्पन्न होती है।

प्रश्न 14.
नियोजन और नियंत्रण में क्या संबंध है ?
उत्तर:
नियोजन और नियंत्रण में घनिष्ठ संबंध है। प्रभावी नियंत्रण उसी उपक्रम में रह सकता है, जहाँ पर समस्त क्रियाएँ निर्बाध गति से चलती हैं। बिना रुकावट के समस्त क्रियाएँ उसी उपक्रम में चलती हैं, जहाँ सम्पूर्ण व्यवस्था नियोजित हो, अतः स्पष्ट है कि जहाँ नियोजन नहीं वहाँ नियंत्रण नहीं। इस प्रकार नियंत्रण व्यवस्था हेतु नियोजन का अत्यधिक महत्व है।

प्रश्न 15.
प्रभावपूर्ण नियंत्रण हेतु नियोजन जरूरी है। समझाइए।
उत्तर:
प्रभावपूर्ण नियंत्रण की दृष्टि से नियोजन प्रबंधकीय नियंत्रण की कुंजी है। पूर्वानुमान बजट निर्माण, बजटरी नियंत्रण आदि के लिए पूर्ण नियोजन आवश्यक है। संस्था के लक्ष्य तभी पूरे हो सकते हैं जब प्रत्येक कदम पर प्रबंधकीय नियंत्रण प्रभावपूर्ण ढंग से लागू किया जाये।

प्रश्न 16.
नियोजन का आशय समझाइये।
उत्तर:
नियोजन-“नियोजन एक बौद्धिक क्रिया है, जिसके द्वारा प्रबंध अपने लक्ष्यों व उद्देश्यों को निर्धारित करता है तथा इसकी प्राप्ति हेतु विभिन्न विकल्पों में से सर्वश्रेष्ठ का चयन कर भावी कार्यों की रूपरेखा तैयार करता है तथा लक्ष्य प्राप्ति हेतु क्या, किसे, कब, कैसे करना है ? इसका निर्धारण करता है।”

प्रश्न 17.
यदि योजना न बनायी जाये तो इसका संगठन पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर:
योजना के अभाव में कर्मचारी भिन्न-भिन्न दिशाओं में कार्य करेंगे और संगठन अपने इच्छित उद्देश्य को प्राप्त करने में असफल होगा।

प्रश्न 18.
विभिन्न विकल्पों में से श्रेष्ठ का चयन करना ही नियोजन है। समझाइये।
उत्तर:
नियोजन का निर्माण करते समय उपलब्ध विभिन्न विकल्पों की तुलना की जाती है अर्थात् लक्ष्यों, नीतियों, विधियों एवं कार्यक्रमों में सबसे उपयोगी एवं उत्तम का चयनकर योजनाएँ व नीतियों का निर्माण कर व्यावसायिक संस्थाओं की सफलता प्राप्त करने का प्रयास किया जाता है।

प्रश्न 19.
“नियोजन भविष्य को पकड़ने के लिए रखा गया पिंजड़ा है।” इस कथन को समझाइए।
उत्तर:
भविष्य के कार्यों का वर्तमान में निर्धारण ही नियोजन है। व्यवसाय के विभिन्न कार्य कब, कैसे कहाँ व किस रूप में करना है इसकी योजना बना लेना ही नियोजन है। इसके अन्तर्गत भविष्य के जोखिमों का पता लगाकर उससे बचने का आवश्यक प्रयोग पूर्ण किया जा सके।

प्रश्न 20.
“नियोजन से भावी अनिश्चितता दूर होती है।” समझाइए।
उत्तर:
बिना नियोजन के भविष्य के प्रत्येक कार्य में अनिश्चितता रहती है कि कब, क्या तथा कैसे करना है अतः इस अनिश्चितता से बचने के लिए नियोजन करना अत्यन्त आवश्यक है। इतना ही नहीं विभिन्न प्राकृतिक एवं अन्य कारकों से भविष्य में अनेक परिवर्तन होते रहते हैं, अतः इन परिवर्तनों का सामना करने के लिए भी नियोजन करना आवश्यक है।

प्रश्न 21.
“नियोजन से साधनों का सदुपयोग होता है।” समझाइए।
अथवा
“श्रेष्ठ नियोजन साधनों के दुरूपयोग को रोकता है।” समझाइए।
उत्तर:
प्रत्येक उपक्रम के पास साधन होते हैं, अतः उपलब्ध साधनों का सदुपयोग करना प्रत्येक उपक्रम के लिए आवश्यक है, इस हेतु नियोजन के अन्तर्गत विभिन्न आँकड़ों व प्रवृत्तियों के द्वारा भविष्य की घटनाओं का अनुमान लगाया जाता है ताकि लक्ष्य को आसानी से प्राप्त किया जा सके। अत: नियोजन से उपक्रम के सभी साधनों का सदुपयोग किया जा सकता है अतः साधनों के दुरुपयोग को नियोजन रोकता है।

प्रश्न 22.
किसी भी राष्ट्र के लिए नियोजन का अत्यधिक महत्व है। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
किसी भी राष्ट्र के लिए नियोजन का अत्यधिक महत्व है। इन्हीं योजनाओं से रोजगार, शिक्षा, व्यापार, उद्योग, कृषि आदि का विकास कैसे हो इस संबंध में योजनायें तैयार की जाती हैं ताकि बेरोजगारी, अशिक्षा जैसे देश के शत्रुओं को भगाया जा सके। राष्ट्रीय नियोजन के कारण ही आज रोजगार के साधनों में वृद्धि को रही है, शिक्षा का प्रसार हो रहा है, उद्योग धंधे स्थापित हो रहे हैं, बेरोजगारी को दूर करने का राष्ट्रीय प्रयास जारी है। यह सब नियोजन से भी संभव हो सका है।

प्रश्न 23.
“बिना नियोजन के लक्ष्यों की प्राप्ति संभव नहीं है। स्पष्ट कीजिए।”
उत्तर:
प्रत्येक संस्था का एक निश्चित लक्ष्य या उद्देश्य होता है। इन निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति समय पर तभी हो सकती है, जब संस्था की समस्त क्रियाएँ पूर्व नियोजित ढंग से सम्पन्न की जाये। नियोजन में प्रत्येक काये व्यवस्थित व सही समय पर होने से लक्ष्य पूर्व निर्धारित समय में आसानी से प्राप्त किया जा सकता है।

प्रश्न 24.
बजट नियोजन का एक प्रारूप (प्रकार) क्यों माना जाता है ?
उत्तर:
क्योंकि बजट विभिन्न विभागों के निर्धारित उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु आवश्यक अनुमानित जन सामग्री, समय एवं अन्य साधनों का ब्यौरा देता है।

प्रश्न 25.
“बजट का संबंध नियोजन व नियंत्रण दोनों से होता है।” स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जब हम बजट तैयार करते हैं, तो उसका संबंध नियोजन से होता है और जब हम परिणामों में विचलन को मापने के लिए एक उपकरण के रूप में इसका प्रयोग करते हैं तो इसका संबंध नियंत्रण से होता है।

प्रश्न 26.
नियंत्रण एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
व्यापारिक वातावरण में परिवर्तन आता रहता है और इसमें इतना अधिक परिवर्तन आता है कि एक ही प्रक्रिया को अपनाना व्यवसाय के लिए हितकर नहीं है और इसमें हानि भी हो सकती है अतः प्रत्येक व्यवसायी के लिए आवश्यक है कि वह परिवर्तनों को ध्यान में रखें तथा समयानुसार उसका अनुसरण करें।

नियोजन लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
नियोजन की सीमाओं के दो उदाहरण दीजिए जो कि नियंत्रण से बाहर होते हैं।
उत्तर:
नियोजन की सीमाएँ निम्न हैं

  1. प्राकृतिक आपदा- प्राकृतिक आपदा कब, कहां और कैसे आ जाए यह पूर्व निश्चित नहीं होता आपदाएँ सदैव मानव के नियंत्रण के बाहर होती हैं।
  2. बाजार में प्रवृत्ति, रुचि या फैशन में परिवर्तन-बाजार में प्रतिदिन नए सामान उपलब्ध हो जाते हैं इस कारण उपभोक्ता की रुचि बदलती रहती है।

प्रश्न 2.
क्या नियोजन के बिना नियंत्रण संभव है ?
उत्तर:
नियोजन को नियंत्रण की पूर्व-आवश्यकता माना जाता है। यह उन लक्ष्यों अथवा मानकों को तय करता है जिसके अनुरूप वास्तविक कार्यानुपालन की माप की जाती है, अन्तरों को जाना जाता है तथा सुधारात्मक कार्यवाही की जाती है क्योंकि लक्ष्य न होने पर न तो अन्तरों का पता लगाया जाता है और न ही सुधारात्मक कार्यवाही हो सकती है अतः नियंत्रण के बिना नियोजन संभव ही नहीं है।

प्रश्न 3.
नियोजन क्या है ? इसकी कोई दो परिभाषाएँ दीजिए।
उत्तर:
नियोजन से आशय-नियोजन से अभिप्राय वर्तमान में यह निश्चय करना कि भविष्य में क्या किया जाना है। यह करने से पूर्व सोचने की क्रिया है। नियोजन प्रक्रिया में प्रबंधक भविष्य का पूर्वानुमान लगाता है। दूसरे शब्दों में नियोजन हम जहाँ हैं, से लेकर हमें जहाँ जाना है कि बीच की दूरी को कम करता है।

परिभाषा-

  1. कूण्ट्ज एवं ओ. डोनेल के अनुसार, “क्या करना है, कैसे करना है, इसे क्यों करना है और इसे किसे करना है, का पूर्व निर्धारण ही नियोजन है।”
  2. एलन के अनुसार, “नियोजन भविष्य को पकड़ने के लिए बनाया गया पिंजरा है।”

प्रश्न 4.
बजट और कार्यक्रम में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
बजट और कार्यक्रम में अंतर –

बजट:

  1. बजट का समय प्रायः एक वर्ष होता है।
  2. बजट में अधिक महत्व वित्त को दिया जाता है।
  3. बजट संस्था के सामान्य उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु एक गुणात्मक सारिणी है।
  4. बजट को प्रायः एक बड़ी योजना का वित्तीय आधार माना जाता है।

कार्यक्रम:

  1. कार्यक्रम का समय उस समय तक होता है जब तक कि उद्देश्य प्राप्त न हो जाए।
  2. कार्यक्रम में वित्त के साथ-साथ कार्यविधि को भी महत्व दिया जाता है।
  3. कार्यक्रम किसी विशिष्ट उद्देश्य की प्राप्ति हेतु क्रमबद्ध व समयबद्ध सारिणी है।
  4. प्रायः प्रत्येक कार्यक्रम का अपना-अपना बजट भी होता है।

प्रश्न 5.
स्थायी और एकल योजनाओं में अन्तर बताइए।
उत्तर:
स्थायी और एकल योजनाओं में अन्तर –
MP Board Class 12th Business Studies Important Questions Chapter 4 नियोजन image - 2

प्रश्न 6.
नियोजन प्रक्रिया एक चरण के रूप में एक विकल्प का चयन करना’ से क्या आशय होता है ?
उत्तर:
एक विकल्प के चयन का अर्थ-एक विकल्प के चुनाव से अभिप्राय उद्देश्य की प्राप्ति के विभिन्न विकल्पों में से एक ऐसे विकल्प का चयन करना है जो संस्था के लिए उपयुक्त हो। यह विकल्प अधिक लाभप्रद, संभव तथा कम नकारात्मक हस्तक्षेप वाला होना चाहिए। कई बार ऐसा होता है कि कोई एक विकल्प उपयुक्त नहीं होता। ऐसी अवस्था में एक विकल्प का चुनाव करने की बजाय विभिन्न विकल्पों का मिश्रण चुना जा सकता है।

प्रश्न 7.
नियम व कार्यविधि में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
नियम व कार्यविधि में अन्तर –
MP Board Class 12th Business Studies Important Questions Chapter 4 नियोजन image - 3

प्रश्न 8.
उद्देश्य व नीतियों में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
उद्देश्य व नीतियों में अंतर
MP Board Class 12th Business Studies Important Questions Chapter 4 नियोजन image - 4

प्रश्न 9.
उद्देश्य की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:

  1. उद्देश्य का निर्धारण प्रायः संस्था के उच्च स्तर के प्रबंधकों द्वारा किया जाता है।
  2. वे भविष्य के मामलों का वर्णन करते हैं जिन्हें संगठन प्राप्त करना चाहता है।
  3. वे व्यापार की संपूर्ण योजना को मार्गदर्शन देते हैं।
  4. संगठन में विभिन्न विभागों या इकाइयों के अपने-अपने अलग उद्देश्य होते हैं।
  5. उद्देश्य दीर्घकालीन भी हो सकते हैं और लघुकालीन भी।

प्रश्न 10.
उद्देश्य के महत्व/आवश्यकता के बिन्दु लिखिए।
उत्तर:
उद्देश्य का महत्व –

  1. उद्देश्य संस्था की विभिन्न गतिविधियों को दिशा प्रदान करते हैं।
  2. वे संगठन में निर्णयन और अन्य समस्त क्रियाओं को मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
  3. सुभाषित उद्देश्य प्रबंधकीय कुशलता लाते हैं।
  4. वे समन्वय को सुविधाजनक बनाते हैं।
  5. वे संसाधनों के सर्वोत्तम प्रयोग में सहायता करते हैं।

प्रश्न 11.
कार्यविधियों की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
कार्यविधियों की विशेषताएँ

  1. वे एक दिनचर्या में प्रयोग किये जाने वाले चरणों का कालक्रम है कि गतिविधियों का किस प्रकार पालन किया जाये।
  2. ये प्रायः आंतरिक लोगों द्वारा पालन करने के लिए बनी होती हैं।
  3. कार्यविधियों का नीतियों के साथ गहरा संबंध होता है।
  4. क्रियाविधियाँ वे चरण हैं जिनका नीतियों के खाके में पालन किया जाता है।
  5. ये नियमित घटनाओं को संचालित करने का एक व्यवस्थित तरीका है।
  6. ये किसी विशेष कार्यों को करने के लिए चरणों की श्रृंखला तय करती हैं।

प्रश्न 12.
व्यूह रचना (रणनीति) की विशेषताएँ/प्रकृति लिखिए।
उत्तर:
व्यूह रचना (रणनीति) की विशेषताएँ-निम्नलिखित विशेषताएँ व्यूह रचना की प्रकृति दर्शाती हैं

  1. रणनीतियाँ प्रतियोगियों की योजनाओं के प्रकाश में बनाई गई योजनाएँ हैं।
  2. वे एकल प्रयोग योजनाएँ होती हैं, क्योंकि वे बाजार की दशाओं में परिवर्तन के साथ प्रायः बदलती रहती है।
  3. इसके तीन उपाय हैं
    • दीर्घकालीन लक्ष्यों का निर्धारण
    • अमुक/विशिष्ट क्रियाविधि को अपनाना
    • उद्देश्यों की पूर्ति के लिए संसाधनों का बँटवारा करना।
  4. रणनीतियों का निर्माण संस्था के उच्च स्तर प्रबंधकों के द्वारा होता है।
  5. रणनीति एक गत्यात्मक अवधारणा है।
  6. जब कभी किसी रणनीति का निर्माण किया जाता है तब उस समय, व्यावसायिक पर्यावरण का ध्यान रखना पड़ता है।

प्रश्न 13.
व्यूह रचना के महत्व के बिन्दु लिखिए।
उत्तर:
व्यूह रचना का महत्व

  1. यह एक व्यापक योजना है जो संगठन के उद्देश्य को पूरा करती है।
  2. यह संगठन के दीर्घकालीन जीवन तथा विकास के लिए आवश्यक है।
  3. व्यूह रचना की सहायता से संगठन पर्यावरण अवसरों से लाभ उठा सकते हैं।
  4. व्यूह रचना की सहायता से संगठन पर्यावरण अवरोधों का मुकाबला कर सकता है।

प्रश्न 14.
नियोजन की सीमाओं को नियंत्रित करने के कोई तीन उपाय लिखिए।
उत्तर:

  1. विश्वसनीय तथ्य एकत्रित करने पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए।
  2. नियोजन में कर्मचारियों की भागीदारी होनी चाहिए।
  3. नियोजन बनाते समय बाहरी पर्यावरण का गहन अध्ययन करना चाहिए।

प्रश्न 15.
आदर्श नियोजन की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
एक आदर्श नियोजन की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  1. निश्चित लक्ष्य-प्रबंध का प्रथम कार्य नियोजन करना है। नियोजन के कुछ निश्चित लक्ष्य होते हैं जिनके आधार पर ही योजनाएँ तैयार की जाती हैं, जिससे लक्ष्यों को आसानी से प्राप्त किया जा सके।
  2. श्रेष्ठ विकल्प का चयन-योजना बनाते समय विभिन्न विकल्पों में से सर्वश्रेष्ठ का चयन करके योजनाएँ एवं नीतियाँ बनाई जाती हैं।
  3. लोचता-योजना में लोचता का गुण होना चाहिए क्योंकि कोई भी योजना जितनी लचीली होगी उतनी ही सफल होगी।
  4. निरंतरता-कोई भी योजना एक बार बनाने की वस्तु नहीं है अपितु यह कार्य सदैव चलते रहना . चाहिए, आवश्यकता पड़ने पर पुरानी योजना में संशोधन भी किया जाता है।

प्रश्न 16.
बताइये किस प्रकार नियोजन निर्णय लेने को सुविधाजनक बनाता है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
नियोजन में लक्ष्य निर्धारित किये जाते हैं। इन लक्ष्यों की सहायता से प्रबंधक विविध गतिविधियों (alternatives) का मूल्यांकन करता है और उपयुक्त गतिविधि का चयन करता है। योजनाएँ पहले से ही बना ली जाती हैं कि क्या करना है और कब । अतः निर्णय पूरे विश्वास से लिए जा सकते हैं।

प्रश्न 17.
योजनाओं के प्रकार के रूप में ‘पद्धति’ और ‘बजट’ में अंतर्भेद कीजिए।
उत्तर:
पद्धति और बजट में अन्तर-पद्धति योजना का वह प्रकार है जो किसी काम को पूरा करने के लिए की जाने वाली विभिन्न क्रियाओं का क्रम निश्चित करती है। इसका संबंध सभी क्रियाओं से न होकर किसी एक क्रिया से होता है।

एक कार्य को पूरा करने की कई विधियाँ होती हैं। कई पद्धतियों से ऐसी पद्धति को चुना जाता है जिससे काम करने वाले व्यक्ति को थकावट कम हो, उत्पादकता में वृद्धि हो तथा कम लागते आये। पद्धतियाँ कर्मचारियों के लिए दिशा-निर्देश के रूप में कार्य करती हैं। ये कर्मचारियों के कार्यों में एकरूपता लाने में सहायता करती है।

प्रश्न 18.
योजनाओं के प्रकार के रूप में ‘उद्देश्य’ तथा ‘युक्ति/रणनीति’ में अंतर्भेद कीजिए।
उत्तर:
उद्देश्य तथा रणनीति में अंतर-उद्देश्य वे अंतिम परिणाम होते हैं जिन्हें व्यवसाय के किसी विशेष क्षेत्र में एक निश्चित समयावधि के भीतर प्राप्त करना होता है। ये व्यावसायिक क्रियाओं को दिशा प्रदान करते हैं। यह भविष्य की इच्छित स्थिति है जहाँ तक प्रबंध पहुंचना चाहता है। उद्देश्य संगठन के मूल होते हैं। उद्देश्यों का अर्थ है कि व्यापारिक फर्मे क्या चाहती हैं। उदाहरण के लिए एक संगठन का उद्देश्य 10% बिक्री बढ़ाना है। इसके विपरीत युक्ति/रणनीति/मोर्चाबंदी एक व्यापक योजना है जो उद्देश्यों को पूरा करती है। जब कभी रणनीति बनाई जाती है तो व्यापारिक वातावरण को ध्यान में रखा जाता है। व्यूह रचना के तीन आयाम हैं

  1. दीर्घकालीन लक्ष्यों का निर्धारण
  2. विशिष्ट कार्य-विधि को अपनाना तथा
  3. उद्देश्यों की पूर्ति के लिए संसाधनों का बँटवारा करना।

नियोजन दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
नियोजन करते समय क्या बाधाएँ या कठिनाइयाँ आती हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
नियोजन के मार्ग में आने वाली बाधाएँ. निम्न हैं

1. व्ययपूर्ण कार्य -यह एक न्यायपूर्ण कार्य है क्योंकि इसको बनाने में बहुत समय, धन तथा श्रम लगता है जिसके कारण लागत बढ़ जाती है। कभी-कभी नियोजन से मिलने वाले लाभ उस पर किए गए व्यय की अपेक्षा बहुत कम होते हैं।

2. भावी घटनाओं की अनिश्चितता -चूँकि भविष्य अनिश्चित होता है और योजनाएँ भविष्य के लिए ही बनाई जाती है अत: यह योजनाएँ पूरी तरह से सटीक हो यह कोई जरूरी नहीं होता क्योंकि जो होने वाला है वह तो होता ही है। ऐसी दशा में नियोजन क्यों और कैसे किया जाए उसका कोई औचित्य नहीं है।

3. सर्वोत्तम विकल्प के चयन में कठिनाई -दिये गए विकल्पों में सर्वोत्तम विकल्प कौन-सा है यह तय करना कठिन है। यह भी संभव है कि जो विकल्प आज सर्वोत्तम है, वह कल सर्वोत्तम नहीं रहे। अत: नियोजन के कार्य में बाधा ध्यान देने योग्य है।

4. नीरस कार्य-योजना बनाने का कार्य मुख्यत – सोचने तथा कागजी खानापूर्ति से संबंध रखता है जबकि प्रबंधक सक्रिय कार्य करना पसंद करते हैं। अतः उनके लिए नियोजन कार्य नीरस प्रकृति का बन जाता

5. लोच का अभाव -नियोजन होने के पश्चात् व्यावसायिक उपक्रमों को अपने समस्त संसाधनों को पूर्व निश्चित क्रम से कार्य में लगाना पड़ता है। इससे प्रबंध में कुछ सीमा तक लोच का अभाव हो जाता है।

प्रश्न 2.
नियोजन के तत्व कौन-कौन से हैं ?
अथवा
निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए

  1. लक्ष्य या उद्देश्य
  2. नीतियाँ
  3. बजट
  4. मोर्चाबन्दी
  5. कार्यक्रम।

उत्तर:

1. लक्ष्य या उद्देश्य-लक्ष्य नियोजन का आधार होते हैं, लक्ष्य परिणाम होते हैं, इन्हीं परिणामों की प्राप्ति के लिए भविष्य की समस्त क्रियायें सम्पादित की जाती हैं। लक्ष्यों के द्वारा हमें क्या करना है, का ज्ञान होता है।

2. नीतियाँ-लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए जिन सिद्धान्तों को ध्यान में रखा जाता है वे सिद्धान्त ही नीतियाँ कहलाती हैं। नीतियाँ प्रबंधकीय क्रियाओं का मार्गदर्शन करती हैं।

3. बजट-बजट भविष्य के लिये खर्चों का पूर्वानुमान होते हैं । बजट बन जाने से खर्चों को नियंत्रित एवं नियमित किया जा सकता है। बजट भविष्य की आवश्यकताओं का अनुमान है जो व्यक्तियों द्वारा लगाया जाता है और एक निश्चित समय में एक निश्चित उद्देश्य को प्राप्त करने का स्पष्टीकरण देता है। यह भविष्य की योजनाएँ होती हैं। इसके बनने के बाद ही विभिन्न विभागों के कार्य-कलापों की सीमा निश्चित हो जाती है।

4. मोर्चाबन्दी-मोर्चाबन्दी या व्यूहरचना एक व्यावहारिक योजना है जिसमें प्रतिस्पर्धियों को ध्यान में रखकर योजना बनाई जाती है। जब एक उत्पादक अपनी योजना को गुप्त रखकर अन्य प्रतिस्पर्धी की योजना को ज्ञात करने का प्रयास करता है, यही मोर्चाबन्दी कहलाती है।

5. कार्यक्रम-किसी कार्य को सम्पन्न करने की संक्षिप्त योजना को कार्यक्रम कहा जाता है। कार्यक्रम एक उद्देश्य की प्राप्ति के लिये आवश्यक प्रयासों की एक श्रेणी है जो प्राथमिकता के क्रम में व्यवस्थित होते हैं।

प्रश्न 3.
आदर्श नियोजन की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
आदर्श नियोजन की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं

1. निश्चित लक्ष्य (Definite goals) -प्रबन्ध का प्रथम कार्य है नियोजन करना। नियोजन के कुछ निश्चित लक्ष्य होते हैं। इन लक्ष्यों के आधार पर ही योजना तैयार की जाती हैं, जिससे लक्ष्यों को आसानी से प्राप्त किया जा सके।

2. पूर्वानुमान (Forecasting) -नियोजन में पूर्वानुमान का विशेष महत्त्व है। जानकारी एवं आँकड़ों के आधार पर पूर्वानुमान किये जाते हैं, जिससे योजना बनाने में काफी सुविधा होती है। हेनरी फेयोल ने इस हेतु ‘PREVOYANCE’ शब्द का प्रयोग किया है, जिसका आशय आगे देखना (Looking Ahead) होता है।

3. श्रेष्ठ विकल्प का चुनाव (Selection of best alternatives) – योजना बनाते समय विभिन्न विकल्पों को तैयार कर उनकी तुलना की जाती है, तत्पश्चात् उनमें से श्रेष्ठ का चुनाव कर कार्य हेतु योजनायें एवं नीतियाँ बनाई जाती हैं।

4. सर्वव्यापकता (Pervasiveness) – सम्पूर्ण प्रबन्ध में नियोजन व्याप्त है, प्रबन्ध के प्रत्येक क्षेत्र में नियोजन का अस्तित्व है, प्रत्येक प्रबन्धक को योजनायें बनानी पड़ती हैं। इसी प्रकार फोरमैन भी अपने स्तर पर योजनायें बनाता है। अत: यह सर्वव्यापी है।

5. लोचता (Flexibility) – योजना में लोच का गुण अवश्य रहता है, अर्थात् आवश्यकतानुसार उसमें परिवर्तन करना पड़ता है, योजनायें जितनी लचीली होंगी, योजना उतनी सफल होगी। अतः योजना में लोचता होनी चाहिये।

6. निरन्तरता (Continuity) – योजना केवल एक बार बनाने की वस्तु नहीं है, अपितु योजना बनाने का कार्य निरन्तर चलता रहता है। आवश्यकतानुसार पुरानी योजनाओं में संशोधन भी किया जाता है। अत: योजनायें निरन्तर चलती रहती हैं।

प्रश्न 4.
नियोजन के उद्देश्य लिखिए।
उत्तर:
नियोजन के उद्देश्य (Goals or Objectives of Planning) नियोजन करना मनुष्य के लिये आवश्यक है। नियोजन के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं –

1. भावी कार्य-योजना तैयार करना-नियोजन का आशय है भविष्य के गर्त को देखना अर्थात् भविष्य में क्या, कहाँ, कैसे, किससे व कौन कार्य करेगा इसकी रूपरेखा तैयार करना ही नियोजन का उद्देश्य होता है।

2. भावी गतिविधियों में निश्चितता लाना-कार्य-योजना सुनिश्चित न होने से कौन-सा कार्य कब, कहाँ, कैसे व कौन करेगा यह अनिश्चित रहता है, जबकि इसका पूर्व निर्धारण कर लेने से भविष्य के कार्यों में निश्चितता आती है। अतः नियोजन भविष्य के कार्य में निश्चितता व स्थिरता प्रदान करता है।

3. कार्यों में एकरूपता लाना-नियोजन द्वारा कार्यों में एकरूपता लाई जा सकती है क्योंकि कार्यों को करने का सम्पूर्ण ढंग नियोजन द्वारा पूर्व से ही निर्धारित कर दिया जाता है। कार्यों में एकरूपता से व्यवसाय व उत्पाद की ख्याति बढ़ती है।

4. भविष्य की जानकारी देना-नियोजन करने के पश्चात् उसकी जानकारी संबंधित कर्मचारियों व अधिकारियों को दी जाती है, ताकि वे नियोजन के अनुरूप कार्य कर सकें। अतः जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से भी नियोजन किया जाता है।

5. अपव्यय रोककर मितव्ययिता लाना-नियोजन के अंतर्गत एक मानक व सम्भावित बजट तैयार किया जाता है। इसमें उन बिन्दुओं को ध्यान में रखा जाता है जहाँ पर अधिक व अनावश्यक व्यय होने की सम्भावना है। इन व्ययों को कम करने के उपाय खोजे जाते हैं । इस प्रकार नियोजन का उद्देश्य अपव्यय को रोककर उत्पादन में मितव्ययिता लाना है।

6. पूर्वानुमान लगाना-नियोजन में भविष्य के कार्यों व व्ययों का पूर्वानुमान लगाया जाता है ताकि उसमें आवश्यकतानुसार परिवर्तन किया जा सके।

प्रश्न 5.
नियम व नीतियों में अन्तर लिखिए।
उत्तर:
नियम व नीति में अन्तर –
MP Board Class 12th Business Studies Important Questions Chapter 4 नियोजन image - 5

प्रश्न 6.
नीतियों तथा कार्यविधियों में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
नीतियाँ तथा कार्यविधि में अंतर
MP Board Class 12th Business Studies Important Questions Chapter 4 नियोजन image - 6

प्रश्न 7.
नियोजन के महत्व या लाभ लिखिए। –
उत्तर:
व्यवसाय हो या सामान्य जीवन, धर्म हो या राजनीति किसी भी क्षेत्र में नियोजन के महत्त्व को नकारा नहीं जा सकता। सत्य तो यही है कि बिना नियोजन के आज कोई भी कार्य अधूरा-सा लगने लगता है। बिना मानचित्र (Map) बनाये हम एक अच्छे भवन निर्माण की कल्पना नहीं कर सकते हैं। आज व्यवसाय में प्रतिदिन हमें नियोजन का सहारा लेना पड़ता है। इसीलिये कहा गया है कि नियोजन व्यवसाय का आधार स्तम्भ है। जिस प्रकार मकान का आधार (Base) कमजोर हो तो पूरा मकान कमजोर होगा। वैसे ही किसी व्यवसाय का नियोजन ही कमजोर रहा तो वह व्यवसाय कभी भी सशक्त व विकसित नहीं हो सकता। नियोजन के महत्त्व को स्पष्ट करते हुए जी.डी. एच. कोल ने कहा है-“बिना नियोजन के कोई भी कार्य तीर और तुक्के पर आधारित होगा जिससे केवल भ्रम, सन्देह एवं अव्यवस्था ही उत्पन्न होगी।” नियोजन के महत्त्व को निम्न शीर्षकों द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है

1. प्रबन्धकीय कार्यों का आधार – प्रबन्ध के अन्तर्गत अनेक कार्य किये जाते हैं, जैसे-संगठन, निर्णयन, नियंत्रण, समन्वय, अभिप्रेरणा आदि। इन सभी कार्यों को कैसे पूर्ण करना है, इस हेतु एक योजना बनाई जाती है, इसी के साथ विभिन्न नीतियों व कार्य विधियों को कैसे लागू किया जाये, ताकि लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके, इस हेतु एक योजना अवश्य बना ली जाती है। इस प्रकार प्रबन्ध के अन्य कार्यों का नियोजन आधार है।

2. भावी अनिश्चितता को दूर करने के लिये – बिना नियोजन के भविष्य के प्रत्येक कार्य में अनिश्चितता.रहती है कि अब क्या व कैसे करना है, अतः इस अनिश्चितता से बचने के लिये नियोजन करना अत्यन्त आवश्यक है। इतना ही नहीं विभिन्न प्राकृतिक एवं अन्य कारकों से भविष्य में अनेक परिवर्तन होते रहते हैं। अतः इन परिवर्तनों का सामना करने के लिये भी एक योजना बनाना अच्छा होता है।

3. उतावले निर्णयों से बचने के लिये – एक कहावत है कि “जल्दी काम शैतान का’ अर्थात् उतावले या शीघ्र निर्णय उसी समय लेना चाहिये जब कोई अन्य विकल्प न हो, उतावले निर्णयों की सफलता पर सदैव संदेह रहता है, इसीलिये व्यवसाय के उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु पूर्व में ही नियोजन कर लिया जाये तो उतावले निर्णयों से बचा जा सकता है। ऐलन ने कहा है- “नियोजन के माध्यम से उतावले निर्णयों और अटकलबाजी कार्यों की प्रकृति को समाप्त किया जा सकता है।”

4. साधनों का सदुपयोग—प्रत्येक उपक्रम के पास साधन होते हैं । अतः उपलब्ध साधनों का सदुपयोग करना प्रत्येक उपक्रम के लिये आवश्यक है। इस हेतु नियोजन के अन्तर्गत विभिन्न आँकड़ों (Datas) व प्रवृत्तियों ( Trends) के द्वारा भविष्य की घटनाओं का अनुमान लगाया जाता है, ताकि लक्ष्य को आसानी से प्राप्त किया जा सके। नियोजन से उपक्रम के सभी साधनों का सदुपयोग किया जा सकता है।

5. लागत व्यय में कमी-नियोजन में प्रत्येक स्तर पर की जाने वाली क्रियाओं के व्यय का पूर्वानुमान लगाया जाता है, यदि किसी स्तर पर व्यय का अनुमान अधिक हो तो उसे पूर्वानुमान करते समय ही कम करने के उपाय खोजे जा सकते हैं साथ ही नियोजन द्वारा विभिन्न क्रियाओं में आने वाली लागत को भी नियंत्रित किया जा सकता है। नियोजन में वस्तु की लागत के विभिन्न स्तर (Process) पर लागत का अनुमान लगाकर एक मानक (Standard) निर्धारित किया जाता है, तत्पश्चात् इसी मानक को ध्यान में रखकर उत्पादन पर व्यय किये जाते हैं।

प्रश्न 8.
कभी-कभी प्रबंध के सर्वोच्च प्रबंधों के बावजूद भी नियोजन क्यों असफल होते हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
हमने नियोजन के लाभों एवं महत्त्व की विस्तृत विवेचना की है। इनके लाभों एवं महत्त्व को देखते हुये प्रबन्धकों को नियोजन अत्यन्त सावधानी व सतर्कता से करना चाहिये तथा नियोजन का कार्य अनुभवी व विशिष्ट योग्यता वाले प्रबन्धकों से कराना चाहिये। नियोजन के निर्माण में सामान्यतः जिन समस्याओं का सामना करना पड़ता है वे निम्नलिखित हैं

1. श्रेष्ठ नियोजकों का अभाव-नियोजन सदैव भविष्य के बचाव के लिये किया जाता है। इसके लिये योग्य, अनुभवी एवं कुशल नियोजकों (नियोजन करने वाले) का अभाव रहता है। योग्य योजना बनाने वाले सभी उपक्रम को नहीं मिल पाते हैं साथ ही भविष्य की योजना के लिये मशीन, यन्त्रों तथा सांख्यिकी ज्ञान की आवश्यकता होती है। इसके अभाव में भी अच्छे नियोजक श्रेष्ठ योजना नहीं बना सकते।

2. नियोजन तकनीक का अभाव-नियोजन का आधार भविष्य होता है भविष्य में क्या होगा और क्या नहीं होगा इसको ज्ञात करने के लिये विशिष्ट तकनीक से अनुमान लगाना तथा विभिन्न वैज्ञानिक तरीकों से जानकारी प्राप्त करना आवश्यक है। इसके लिये विशिष्ट यन्त्रों व उपकरणों की आवश्यकता पड़ती है। भारत में इनका अभाव रहा है तथापि विगत कुछ वर्षों से सूचना तकनीक (Information Technology) के क्षेत्र में आशातीत प्रगति हुई है। इससे मौसम, वर्षा आदि का अनुमान लगाना अब आसान हो गया है। किन्तु व्यापारिक क्षेत्र में अनुमान लगाना काफी कठिन है।

3. सर्वोत्तम विकल्प के चुनाव में कठिनाई-नियोजन करने में अनेक विकल्प सामने रहते हैं। सभी विकल्पों में गुण व दोष होते हैं उनमें से कौन सा श्रेष्ठ होगा यह चुनना एक कठिन कार्य है। इसे चुनने में भी विशिष्ट अनुभव व ज्ञान की आवश्यकता होती है। साथ ही वर्तमान में जो विकल्प श्रेष्ठ होगा वह भविष्य में भी श्रेष्ठ होगा यह आवश्यक नहीं है। अत: सर्वोत्तम विकल्प के चुनने की समस्या भी नियोजन की एक सीमा होती है।

4. भविष्य की अनिश्चितता-यह सर्वविदित है कि भविष्य अनिश्चित है और कोई भी अनुमान शत्-प्रतिशत सत्य नहीं निकलता है। अतः नियोजन के निर्माण में या योजना बनाने में सबसे बड़ी समस्या भविष्य की अनिश्चितता है। भविष्य की अनिश्चितता के कारण ही अनेक समस्यायें एवं बाधायें उत्पन्न होती हैं।

5. नियोजन के दोष या कमियाँ-नियोजन की कुछ सीमायें स्वयं नियोजन के कुछ दोषों के कारण पाई जाती हैं जो इस प्रकार हैं

  1. कुछ आलोचकों का मानना है कि नियोजन अपव्यय है इसे तैयार करने में समय, धन व श्रम लगता है। वह अनावश्यक है।
  2. कुछ आलोचकों का मानना है कि नियोजन एक निश्चित तरीके से कार्य करने को बाध्य करता है जबकि समय परिवर्तनशील है इसमें अधिक स्थिरता उचित नहीं है।
  3. नियोजन की प्रक्रिया में प्रबन्धकों, विशेषज्ञों का मार्गदर्शन उचित नहीं मिल पाता।
  4. योजनाओं का सामयिक मूल्यांकन करने में असफल रहना।
  5. औपचारिकताओं पर अत्यधिक ध्यान देना।
  6. नियोजन पूर्व निर्धारित कार्य पद्धतियों, विधियों, कार्यक्रमों एवं प्रभावों के आधार पर कार्य करने के लिए व्यक्तियों को बाद्ध करता है। फलत: व्यक्तियों में पहलपन (Initiative) का अभाव रहता है।

नियोजन की सीमाओं के सम्बन्ध में जार्ज ए. स्टेनर (George A. Steener) ने कहा है- “नियोजन न तो एक प्रबन्धक की सभी समस्याओं का समाधान ही करेगा और न ही व्यवसाय की सफलता की गारण्टी देगा।”

प्रश्न 9.
नियोजन के सिद्धांत लिखिए।
उत्तर:
बिना किसी सिद्धान्त के किसी भी शास्त्र का विकसित होना सम्भव नहीं है। प्रबन्धशास्त्री कूण्ट्ज ओ’ डोनेल ने विभिन्न दृष्टिकोणों से नियोजन के सिद्धांतों को स्पष्ट किया है। प्रमुख सिद्धान्त निम्नलिखित

1. उद्देश्यों के प्रति योगदान का सिद्धान्त (Principle of contribution to objectives) – यह सिद्धांत इस बात पर बल देता है कि नियोजन संस्था के उद्देश्यों की प्राप्ति में योगदान देने वाला होना चाहिये। यह सिद्धान्त इस बात की ओर भी संकेत करता है कि किसी भी नियोजन को जब तक उद्देश्योन्मुख नहीं किया जाता तब तक वह नियोजन अच्छा परिणाम नहीं दे सकता है।

2. नियोजन की मान्यताओं का सिद्धान्त (Principle of planning premises) – सामान्यतः किसी भी कार्य को करने की कुछ मान्यतायें हैं जिनको ध्यान में रखते हुये ही कार्य किया जाता है। अच्छे नियोजन की मान्यताओं को पहले से ही निश्चित किया जाना चाहिये, इससे समन्वय के कार्यों में अत्यधिक सहायता मिलती है।

3. कार्यकुशलता का सिद्धान्त (Principle of efficiency) – इसी सिद्धान्त के अनुसार नियोजन न्यूनतम प्रयत्नों एवं लागतों द्वारा संगठन या संस्था के लक्ष्यों की प्राप्ति में सहयोग देने वाला होना चाहिये।

4. लोच का सिद्धान्त (Principle of flexibility) – इस सिद्धान्त के अनुसार योजना या नियोजन सदैव लोचदार व परिवर्तनशील होना चाहिये क्योंकि भविष्य की समस्याओं एवं परिस्थितियों के अनुरूप नियोजन में परिवर्तन आवश्यक है।

5. व्यापकता का सिद्धान्त (Principle of pervasiveness) – इस सिद्धान्त के अनुसार नियोजन एक सर्वव्यापी क्रिया है जिसकी आवश्यकता एक उपक्रम में प्रबन्ध के सभी स्तरों में होती है। अतः नियोजन प्रबन्ध के सभी स्तरों के अनुरूप होना चाहिये।

6. समय का सिद्धान्त (Principle of timing) – नियोजन में समय का विशेष महत्व है क्योंकि समय पर नियोजन बना कर उचित समय पर क्रियान्वयन नहीं हो सका तो लक्ष्य को प्राप्त करना कठिन होगा।

MP Board Class 12 Business Studies Important Questions

MP Board Class 12th Hindi Makrand Solutions Chapter 5 लघु कथाएँ

MP Board Class 12th Hindi Makrand Solutions Chapter 5 लघु कथाएँ (लघुकथा, संकलित)

लघु कथाएँ पाठ्य-पुस्तक पर आधारित प्रश्न

लघु कथाएँ लघु उत्तरीय प्रश्न

Laghu Katha Class 12 MP Board प्रश्न 1.
बालक ने दयालु महिला से क्या सवाल किया?
उत्तर:
बालक ने दयालु महिला से सवाल किया कि “इस दूध का मूल्य कैसे चुका पाऊँगा।”

Mp Board Hindi Book Class 12 Pdf प्रश्न 2.
रोगग्रस्त महिला को देखकर डॉक्टर की आँख में चमक-सी क्यों आ गई?
उत्तर:
रोगग्रस्त महिला को डॉक्टर ने पहचान लिया था। ‘दूध का मूल्य’ चुकाने का समय आया देखकर डॉक्टर की आँखों में चमक-सी आ गई।

12th Hindi Book MP Board प्रश्न 3.
रवींद्रनाथ टैगोर क्या जानने के लिए उत्सुक थे?
उत्तर:
रवींद्रनाथ टैगोर ‘सौंदर्य क्या है?’ यह जानने के लिए उत्सुक थे।

प्रश्न 4.
मोमबत्ती बुझाने पर चाँदनी कहाँ-कहाँ फैल गई?
उत्तर:
मोमबत्ती बुझाने पर चाँदनी दरवाजे और खिड़की से होती हुई कमरे में फैल गई।

लघु कथाएँ दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
दयालु महिला ने बालक को क्या उत्तर दिया?
उत्तर:
बालक ने दयालु महिला से सवाल किया था कि वह इस दूध का मूल्य कैसे चुका पाएगा। इस पर महिला ने बालक को उत्तर दिया कि इस दूध के लिए उसे कुछ भी नहीं चुकाना होगा; क्योंकि सद्भाव से किए गए काम से कीमत की अपेक्षा नहीं की जाती।

प्रश्न 2.
डॉक्टर ने महिला को पत्र में क्या लिखा?
उत्तर:
डॉक्टर ने महिला को पत्र में लिखा-“बिल का भुगतान वर्षों पहले हो चुका, एक गिलास दूध ।” नीचे हस्ताक्षर थे-आपका दूधवाला बच्चा, जो आज डॉक्टर है।

प्रश्न 3.
मोमबत्ती बुझाने के बाद परिवेश में क्या परिवर्तन हुआ?
उत्तर:
मोमबत्ती बुझाने के बाद पूर्णिमा के चाँद की चाँदनी दरवाजे और खिड़की से झाँकती हुई पूरे कमरे में फैल गई। सारा परिवेश प्रकाशमय हो गया। चाँद यह कहता जान पड़ा कि “मैं बहुत देर से तुम्हें याद कर रहा था।” चाँदनी की दूधिया रोशनी में सारा परिवेश जगमगा उठा था।

प्रश्न 4.
रवींद्रनाथ टैगोर को सौंदर्य की अनुभूति कैसे हुई?
उत्तर:
ठंडी हवा का झोंका आया और रवींद्रनाथ टैगोर का पूरा शरीर चंद्रमा की चाँदनी में नहा गया। वे प्राकृतिक सौंदर्य में इतने डूब गए कि उनके मुख से निकल पड़ा कि “यह है सौंदर्य!” इस प्रकार से उन्हें सौंदर्य की अनुभूति हुई।

लघु कथाएँ भाव-विस्तार/पल्लवन

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्यों का भाव पल्लवन कीजिए

प्रश्न 1.
सदाशयता किसी कीमत की अपेक्षा नहीं करती।
उत्तर:
भारतीय संस्कृति की यह परंपरा सदियों से चली आ रही है कि सद्भाव के लिए किए गए किसी कार्य के लिए किसी प्रकार के मूल्य की अपेक्षा नहीं की जाती है। यह जीवन का आदर्श मूल्य है। मानव की प्रवृत्ति है कि वह इस प्रकार के कार्य करता रहता है। दीन-दुखियों की सेवा करना, भूखे को रोटी खिलाना आदि कार्य इसी श्रेणी में आते हैं। परोपकार के लिए किए गए कार्यों के पीछे भी यही भावना सक्रिय रहती है।

प्रश्न 2.
केवल शब्द पर ठहरकर अनुभूति नहीं होती।
उत्तर:
केवल शब्दों में लिखित सौंदर्य को पढ़कर सुंदरता की अनुभूति संभव नहीं है। शब्द तो सौंदर्य को व्यक्त करने के साधन मात्र हैं। शब्द अनुभूति कराने में असमर्थ हैं। सौंदर्य की अनुभूति तो अनुभव करने से होती है। मनःस्थिति बदलकर यह अनुभव प्राप्त किया जा सकता है।

लघु कथाएँ भाषा-अनुशीलन

प्रश्न 1.
निम्नलिखित अनेकार्थी शब्दों के वाक्य बनाइए –
अंक, मूल्य, कर, वर्ण, रस।
उत्तर:

  • अंक – परीक्षा में तुम्हें कुल कितने अंक प्राप्त हुए?
    इस नाटक में पाँच अंक हैं।
  • मूल्य – इस रेडियो का मूल्य कितना है?
    सत्य बोलना आदर्श जीवन का मूल्य है।
  • कर – हमें समय पर कर चुकाना चाहिए।
    श्रीकृष्ण के कर में मुरली शोभायमान है।
  • वर्ण – पहले भारतीय सामाजिक व्यवस्था चार वर्णों पर आधारित थी।
    हिंदी में वर्ण दो प्रकार के होते हैं-स्वर और व्यंजन।
  • रस – भारतीय काव्य-शास्त्र में नौ रस माने गए हैं।
    मौसमी का रस रोगी के लिए लाभप्रद होता है।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित भिन्नार्थक समोच्चरित शब्दों का अंतर स्पष्ट कीजिए।
दिन-दीन, उतर-उत्तर, शांत-श्रांत, नींद-निन्द्य।
उत्तर:

  • दिन – दिन में तारे दिखाई नहीं देते।
    दीन – हमें दीन-दुखियों की सेवा करनी चाहिए।
  • उतर – स्टेशन आने पर सवारियाँ गाड़ी से उतर गयीं।
    उत्तर – भारत की उत्तर दिशा में हिमालय पर्वत है।
  • शांत – कृपया शांत होकर नाटक का आनंद लीजिए।
    श्रांत – श्रमिक श्रांत होकर आराम कर रहा है।
  • नींद – चिंता में नींद नहीं आती।
    निन्द्य – दुराचार निन्य कर्म होता है।

प्रश्न 3.
अहा! यह है सौंदर्य’ यह विस्मयादिबोधक वाक्य है। इस वाक्य को निषेधवाचक और प्रश्नवाचक वाक्यों में परिवर्तित कीजिए।
उत्तर:
निषेधवाचक – यह सौंदर्य नहीं है।
प्रश्नवाचक – क्या यही सौंदर्य है?

लघु कथाएँ योग्यता-विस्तार

प्रश्न 1.
ऐसे महापुरुषों की सूची बनाइए जो अभावों में पलकर महान् बने। उनके आदर्शों पर चलने का प्रयत्न कीजिए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 2.
लघुकथाओं की प्रायोजना पुस्तिका बनाइए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 3.
किसी घटना को आधार मानकर एक लघुकथा लिखिए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

लघु कथाएँ परीक्षोपयोगी अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न

I. वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
असहाय बालक छोटी-मोटी चीजें बेचता था ताकि वह ………………
(क) घर का खर्च चला सके
(ख) अपनी पढ़ाई जारी रख सके
(ग) अपनी बीमार माँ का इलाज करा सके
(घ) अपने शौक पूरे कर सके
उत्तर:
(ख) अपनी पढ़ाई जारी कर सके।

प्रश्न 2.
घर का दरवाजा खोला था –
(क) नौकर ने
(ख) लड़की ने
(ग) महिला ने
(घ) गृह स्वामी ने
उत्तर:
(ग) महिला ने।

प्रश्न 3.
महिला को सामने देखकर बालक का जाग उठा …………..
(क) आत्मसम्मान
(ख) लालच
(ग) क्रोध
(घ) भय
उत्तर:
(क) आत्मसम्मान।

प्रश्न 4.
महिला ने बालक को दिया –
(क) एक गिलास दुध
(ख) एक गिलास पानी
(ग) एक गिलास पानी और दूध
(घ) एक गिलास लस्सी
उत्तर:
(क) एक गिलास दूध।

प्रश्न 5.
बालक ने महिला से क्या सवाल किया?
(क) इस दया का मूल्य कैसे चुका पाऊँगा?
(ख) इस दूध का मूल्य कैसे चुका पाऊँगा?
(ग) इस रोटी का मूल्य कैसे चुका पाऊँगा?
(घ) इस ममता का मूल्य कैसे चुका पाऊँगा?
उत्तर:
(ख) इस दूध का मूल्य कैसे चुका पाऊँगा?

प्रश्न 6.
रवींद्रनाथ टैगोर किस विषय पर पुस्तक पढ़ रहे थे?
(क) काव्यशास्त्र पर
(ख) नाट्यशास्त्र पर
(ग) तर्कशास्त्र पर
(घ) सौंदर्यशास्त्र पर
उत्तर:
(घ) सौंदर्यशास्त्र पर

प्रश्न 7.
रवींद्रनाथ टैगोर ने मोमबत्ती क्यों बुझा दी?
(क) वे श्रांत हो गए थे
(ख) वे ऊब गए थे
(ग) उन्हें नींद आने लगी थी
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी।

प्रश्न 8.
कौन-सा सिद्धांत जीवन के हर क्षेत्र में लागू होता है?
(क) अध्ययन का
(ख) अनुभव का
(ग) शब्द का
(घ) बुद्धिमानी का
उत्तर:
(ख) अनुभव का

प्रश्न 9.
‘दूध का मूल्य’ का उद्देश्य है –
(क) नई पीढ़ी में मानवीय भावनाओं का विकास करना
(ख) नई पीढ़ी में कृतज्ञता का भाव उत्पन्न करना
(ग) नई पीढ़ी में अपने ऊपर उपकार को याद रखने का
(घ) नई पीढ़ी में आदर्श जीवन-मूल्यों को स्थापित करना
उत्तर:
(क) नई पीढ़ी में मानवीय भावनाओं का विकास करना।

प्रश्न 10.
‘शब्द और अनुभूति’ कहानी से लेखक का मानना है कि –
(क) सौंदर्य देखने की वस्तु है
(ख) सौंदर्य अनुभव की वस्तु है
(ग) सौंदर्य नष्ट होने वाली वस्तु है
(घ) सौंदर्य बेकार की वस्तु है
उत्तर:
(ख) सौंदर्य अनुभव की वस्तु है।

प्रश्न 11.
रवीन्द्रनाथ टैगोर ने कब फूंक मारकर मोमबत्ती की रोशनी बुझा दी?
(क) जब चाँदनी झाँकती हुई उनके कमरे में घुस गई।
(ख) जब उन्हें नींद आने लगी थी।
(ग) जब सारा वातावरण ज्योतिर्मय हो उठा।
(घ) जब वे यह जानने को उत्सुक हो उठे कि सौन्दर्य क्या है?
उत्तर:
(ख) जब उन्हें नींद आने लगी थी।

II. निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति दिए गए विकल्पों के आधार पर कीजिए –

  1. ………. बालक ने सोचा कि अगर जीना है तो अगले घर से रोटी माँगकर खांनी होगी। (समझदार लाचार)
  2. महिला भीतर गई और बालक को पीने के लिए एक गिलास – ………. दे दिया। (पानी, दूध)
  3. ………. जीवन पाकर महिला बहुत खुश थी। (स्वस्थ, नया)
  4. रवीन्द्रनाथ टैगोर ………. पर एक पुस्तक पढ़ रहे थे। (सौन्दर्यशास्त्र, तर्कशास्त्र)
  5. अंत में ………. काम आता है। (वल, अनुभव)

उत्तर:

  1. लाचार
  2. दूध
  3. नया
  4. सौन्दर्यशास्त्र
  5. अनुभव।

III. निम्नलिखित कथनों में सत्य असत्य छाँटिए –

  1. असहाय बालक अपनी नौकरी जारी रखने के लिए गली-गलियारों 5 में घूमता।
  2. गृहिणी ने दरवाजा खोला और सवाल किया, “तुम कौन हो?”
  3. बालक की बात सुनकर महिला ने कहा, “इस दूध के लिए तुम्हें कुछ भी नहीं चुकाना होगा।”
  4. चिट्ठी में लिखा था-“बिल का भुगतान बरसों पहले हो चुका, एक गिलास दूध।”
  5. यात्रा के आरंभ में अनुभव अवश्य हैं, पर अंत नहीं हो सकते।

उत्तर:

  1. असत्य
  2. असत्य
  3. सत्य
  4. सत्य
  5. असत्य।

IV. निम्नलिखित के सही जोड़े मिलाइए –

प्रश्न 1.
MP Board Class 12th Hindi Makrand Solutions Chapter 5 लघु कथाएँ img-1
उत्तर:

(i) (ग)
(ii) (घ)
(iii) (ङ)
(iv) (ख)
(v) (क)।

V. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द या एक वाक्य में दीजिए –

प्रश्न 1.
लाचार बालक ने क्या सोचा?
उत्तर:
लाचार बालक ने सोचा कि जीना है तो अगले घर से रोटी माँगकर खानी होगी।

प्रश्न 2.
गृहिणी ने बालक से क्या सवाश किया?
उत्तर:
गृहिणी ने बालक से सवाल किया, “क्या है?”

प्रश्न 3.
बालक ने महिला से क्या सवाल किया?
उत्तर:
बालक ने महिला से सवाल किया, “इस दूध का मूल्य कैसे चुका पाऊँगा?”

प्रश्न 4.
महिला किसकी शिकार हो गई?
उत्तर:
महिला एक गंभीर बीमारी की शिकार हो गई।

प्रश्न 5.
रवीन्द्रनाथ टैगोर क्या पढ़ रहे थे?
उत्तर:
रवीन्द्रनाथ टैगोर सौन्दर्यशास्त्र पर एक पुस्तक पढ़ रहे थे।

लघु कथाएँ लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
बालक छोटी-मोटी चीजें क्यों वेचता था?
उत्तर:
बालक अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए छोटी-मोटी चीजें वेचता था।

प्रश्न 2.
बालक ने रोटी माँगकर खाने का निर्णय क्यों किया?
उत्तर:
बालक भूखा-प्यासा था। भूख मिटाने के लिए उसके पास पैसे नहीं थे। इसलिए जीने के लिए उसने रोटी माँगकर खाने का निर्णय किया।

प्रश्न 3.
बालक ने घर का दरवाजा क्यों खटखटाया था?
उत्तर:
वालक ने रोटी माँगने के लिए घर का दरवाजा खटखटाया था।

प्रश्न 4.
सौंदर्य ग्रहण करने की क्षमता का विकास कैसे होता है?
उत्तर:
सौंदर्य ग्रहण करने की क्षमता का विकास स्वयं के अनुभव के द्वारा होता है।

प्रश्न 5.
रवींद्रनाथ टैगोर ‘सौंदर्य क्या है?’ का उत्तर किसमें खोज रहे थे?
उत्तर:
रवींद्रनाथ टैगोर ‘सौंदर्य क्या है’ का उत्तर पुस्तक में खोज रहे थे।

प्रश्न 6.
डॉक्टर ने महिला को कैसे पुनः जीवन प्रदान किया?
उत्तर:
डॉक्टर ने महिला का ऑपरेशन किया और उसकी देखभाल करके उसे पुनः जीवन प्रदान किया।

लघु कथाएँ परिचय प्रश्न

प्रश्न 1.
लघुकथा के स्वरूप और विकास का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
उत्तर:
लघुकथा हिंदी साहित्य की सबसे नई विधा है। यह विधा बड़ी तेजी से विकसित हो रही है। आज छोटी और बड़ी अनेक पत्र-पत्रिकाएँ लघुकथाओं को प्रकाशित कर रही हैं। बड़े-बड़े स्थापित कहानीकार भी लघुकथा लेख के प्रति अपनी अभिरुचि व्यक्त कर रहे हैं। आज के व्यस्तताभरे युग में पाठक को लंबी कहानी पढ़ने का न तो समय है और न उनमें वैसी मानसिकता। इसीलिए कम समय में जीवन का संदेश या निष्कर्ष देने वाली लघुकथा अति अनुकूल होने के कारण आज बड़ी तेजी से विकसित हो रही हैं। उनमें भाषा और शिल्प की नवीनता एवं सरसता दिखाई देती है।

लघुकथा का उद्भव और विकास-लघुकथा का उद्भव 1901 में माधवराव सप्रेम द्वारा लिखित ‘एक टोकरी भर मिट्टी’ से माना जा सकता है। यह हिंदी की पहली लघुकथा के रूप में चर्चित हुई। तब से लेकर आज तक सैकड़ों रचनाकारों ने लघुकथा की रचनात्मक शक्ति को उभारने का प्रयत्न किया है। वरिष्ठ कहानीकार विष्णु नागर के तीन लघुकथा-संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। उनकी भूमिका में नागरजी ने स्वीकार किया है कि जयशंकर प्रसाद, सुदर्शन, उपेंद्रनाथ अश्क आदि जैसे कथाकार पहले से ही लघुकथा लिख रहे थे। यह अलग बात है कि उस समय लघुकथा का नामकरण नहीं हुआ था। सन् 1972-73 में कई प्रांतों से लघुकथाओं के संकलन प्रकाशित हुए, जिनके माध्यम से लघुकथा के स्वरूप को निर्धारित करने का प्रयास हुआ।

लघुकथा का स्वरूप-विगत तीन-चार दशकों में विभिन्न पत्रिकाओं के लघुकथा विशेषांक प्रकाशित हुए। इन पत्रिकाओं में इस विधा को नए कथ्य और शिल्प से मंडित किया गया। भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा प्रकाशित चित्रा मुद्गल का लघुकथा-संग्रह ‘बयान’ बहुचर्चित हुआ। आज हिंदी की प्रतिष्ठित लघुकथा के मर्म और धर्म रूपांतरित हो रहे हैं। अभी उसके स्वरूप का निर्धारण होना शेष है।

चूँकि लघुकथा साहित्य की नवीनतम विधा है इसलिए इसके लिए एक नए आलोचना-शास्त्र की आवश्यकता है। अभी तक लघुकथाकार ही अपनी रचनाओं की समीक्षा करते थे, किंतु अब इस विधा के लिए आलोचना दृष्टियाँ निश्चित हो रही हैं। समीक्षकों ने लघुकथाओं को दो भागों में विभाजित कर दिया है-(1) व्यावसायिक, (2) अव्यावसायिक। व्यावसायिक लघुकथाओं में व्यंग्यात्मकता मुख्य होती है। जबकि अव्यावसायिक लघुकथाओं में समसामयिक विषयानुभूति और कलात्मक यथार्थता होती है। लघुकथा में प्रभावात्मकता और अभिव्यंजना होना वांछनीय है।

लघु कथाएँ पाठ का सारांश

प्रश्न 2.
‘दूध का मूल्य’ और ‘शब्द और अनुभूति’ लघुकथाओं का सार अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
‘दूध का मूल्य’ का सार-एक असहाय बालक अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए घूम-घूमकर छोटी-मोटी चीजें बेचता है। एक दिन वह भूख-प्यास और तेज गर्मी से व्याकुल होकर एक पेड़ के नीचे बैटकर सोचने लगता है कि यदि जीना है, तो रोटी माँगकर खानी होगी। उसने एक दरवाजा खटखटाया। एक स्त्री ने दरवाजा खोला और पूछा-“क्या है?” – स्त्री को सामने देखकर उसका आत्मसम्मान जाग उठा। उसने उससे केवल पानी माँगा। महिला ने उसे एक गिलास दूध दे दिया दूध पीकर बोला, “इस दूध का मूल्य कैसे चुका पाऊँगा।”

बहुत वर्षों के बाद वह महिला बीमार होकर राजधानी के बड़े अस्पताल में इलाज के लिए पहुँची। डॉक्टर के सामने उस महिला रोगी के कागजात लाए गए। डॉक्टर को उसके शहर का नाम बताया गया। कुछ दिन के बाद वह महिला ठीक हो गई। ठीक होने के बाद उसने बिल माँगा, तो उसे एक लिफाफा दिया गया। उसमें एक चिट्ठी थी। उसमें लिखा था-“बिल का भुगतान बरसों पहले हो चुका एक गिलास दूध।” नीचे हस्ताक्षर थे-आपका दूधवाला बच्चा, जो आज डॉक्टर है।

शब्द और अनुभूति का सार-रवींद्रनाथ टैगोर यह जानने के लिए पुस्तक पढ़ रहे थे कि सौंदर्य क्या है? आधी रात बीत जाने पर भी वे समझ नहीं पा रहे थे कि सौंदर्य क्या है। ऊबकर मोमबत्ती की रोशनी बुझा दी। मोमबत्ती बुझाते ही चंद्रमा की चाँदनी दरवाजे और खिड़की से कमरे में घुस गई। सारा वातावरण प्रकाशमय हो उठा। खिड़की से बाहर देखा तो उन्हें लगा कि चाँद जैसे कह रहा हो, “मैं बहुत देर से तुम्हें याद कर रहा था।”

ठंडी हवा का झोंका आया और उनका तन-बदन चाँदनी में नहा गया। टैगोर इस प्राकृतिक दृश्य को देखकर इतने अभिभूत हो गए कि उनके मुख से निकल पड़ा कि-‘यह है सौन्दर्य ।’ वे कमरे से बाहर निकलकर चाँदनी की झील में उतर पड़े। उनकी समझ में आया कि सौंदर्य अनुभव की वस्तु है। मनःस्थिति बदलकर ही उसे पाया जा सकता है।

लघु कथाएँ संदर्भ-प्रसंगसहित व्याख्या

प्रश्न 1.
महिला को सामने देखकर भूख से जूझ रहे बालक का आत्मसम्मान जाग उठा। उसने रोटी माँगने की बजाय सिर्फ प्यास बुझाने के लिए पानी माँगा। भूखे-प्यासे बालक की दशा देखकर महिला घर के भीतर गई और बालक को पीने के लिए एक गिलास दूध दे दिया। चकित बालक ने उस दयालु महिला का चेहरा देखा और बिना कुछ कहे धीरे-धीरे दूध पी लिया। उसकी आँखों में आदर और कृतज्ञता का भाव भर आया था। उसने विनम्रता से उस महिला से सवाल किया-“इस दूध का मूल्य कैसे चुका पाऊँगा?” बालक की बात को सुनकर महिला ने कहा- “इस दूध के लिए तुम्हें कुछ भी नहीं चुकाना होगा।” हमारे बुजुर्गों ने सिखाया है कि सदाशयता के किसी काम के लिए किसी भी तरह की कीमत की अपेक्षा नहीं करना चाहिए। कृतज्ञ बालक उस महिला को सश्रद्ध निहारता चला गया। (Page20)

शब्दार्थ:

  • जूझना – संघर्ष करना।
  • आत्मसम्मान – अपनी प्रतिष्ठा का ध्यान।
  • दशा – स्थिति।
  • चकित – हैरान।
  • कृतज्ञता – उपकार मानने का।
  • विनम्रता – नम्रता के साथ।
  • सदाशयता – सद्भाव।
  • कीमत – मूल्य, दाम।
  • सश्रद्ध – श्रद्धा के साथ।

प्रसंग:
प्रस्तुत गद्यांश ‘दूध का मूल्य’ लघुकथा से लिया गया है। इसमें एक ऐसे बालक का उल्लेख है कि भूख-प्यास और गर्मी से व्याकुल बालक ने जीने के लिए रोटी माँगकर खाने का निर्णय कर, एक घर का दरवाजा खटखटाया। एक महिला ने दरवाजा खोला, तो बालक का आत्मसम्मान जाग उठा। इससे उसका रोटी माँगकर । खाने का विचार बदल जाता है। उसके बदले हुए विचार को इस गद्यांश में व्यक्त किया गया है।

व्याख्या:
महिला को सामने देखकर भूख की व्याकुलता से संघर्षरत बालक का आत्मसम्मान जाग उठा। इससे माँगकर रोटी खाने का उसका इरादा बदल गया। उसने महिला से रोटी माँगने की अपेक्षा केवल अपनी प्यास बुझाने के लिए पानी माँगा। भूख-प्यास से व्याकुल बालक की दयनीय स्थिति देखकर वह महिला घर के अंदर गई और बालक को देने के लिए एक गिलास दूध ले आई। उसने वह दूध से भरा गिलास बालक को दे दिया। चकित बालक ने दूध से भरा गिलास हाथ में लेकर उस दयालु स्त्री का मुख देखा और बिना कुछ बोले धीरे-धीरे दूध पी लिया।

उसकी आँखों में उस महिला के प्रति सम्मान और कृतज्ञता के भाव भर गए। उस बालक ने उस महिला से अत्यंत विनयपूर्वक प्रश्न किया कि मैं इस दूध का मूल्य कैसे चुका पाऊँगा? बालक की बात सुनकर महिला ने उससे कहा कि इस दूध के लिए तुम्हें कुछ भी नहीं देना पड़ेगा। हमारे बड़े-बूढ़ों ने हमें सिखाया है कि सद्भाव से किए गए किसी भी काम के लिए किसी भी प्रकार की मूल्य की आशा नहीं की जाती और न ही करनी चाहिए। क्योंकि सद्भाव के लिए किया गया काम सेवाभाव से किया जाता है। उस महिला के उपकार को मानता हुआ वह बालक उसे श्रद्धा के साथ देखता हुआ वापस चला गया।

विशेष:

  1. बालक के स्वाभिमान के साथ-साथ महिला की दयालुता का भी वर्णन हुआ है।
  2. इससे यह संदेश भी मिलता है कि मनुष्य को कृतज्ञ होना चाहिए।
  3. भाषा सरल, स्पष्ट और सुबोध है।
  4. भाषा पात्रानुकूल और भावानुकूल है।

गद्यांश पर आधारित अर्थग्रहण संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न (i)
महिला को सामने देखकर बालक में क्या परिवर्तन आया और क्यों?
उत्तर:
असहाय बालक भूख से जूझ रहा था। उसने रोटी माँगकर खाने का निर्णय करके एक घर के दरवाजे पर दस्तक दी। एक महिला ने दरवाजा खोला। महिला को देखकर बालक का निर्णय बदल गया। उसने रोटी माँगकर खाने का विचार छोड़ लघुकथाएँ दिया; क्योंकि उसका आत्मसम्मान जाग उठा। शायद उसने सोचा कि यदि उसने एक बार माँगकर रोटी खा ली, तो वह जीवन में कुछ नहीं बन पाएगा।

प्रश्न (ii)
हमारे बुजुर्गों ने हमें क्या सिखाया है?
उत्तर:
हमारे बुजुर्गों ने हमें सिखाया है कि सदाशयता के लिए किए गए किसी भी काम की किसी भी तरह की कीमत की आशा नहीं करनी चाहिए।

प्रश्न (iii)
बालक की आँखों में आवर और कृतज्ञता का भाव क्यों उभर आया?
उत्तर:
बालक भूख-प्यास से व्याकुल था। उसने गृहिणी से प्यास बुझाने के लिए एक गिलास पानी माँगा था, लेकिन गृहिणी ने उसकी दशा देखकर उसे पीने के लिए एक गिलास दूध दिया। दूध पीकर बालक ने पूछा- “मैं इसका कर्ज कैसे चुकाऊँगा?” तो महिला ने उत्तर में कहा कि तुम्हें इसका कर्ज चुकाने की आवश्यकता नहीं है। इसी कारण बालक की आँखों में महिला के प्रति आदर और कृतज्ञता का भाव उभर आया।

गद्यांश पर आधारित विषय-वस्त संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न (i)
बालक ने महिला से रोटी माँगने की अपेक्षा पानी का गिलास क्यों माँगा?
उत्तर:
यद्यपि बालक भूख-प्यास से व्याकुल था, किंतु महिला को सामने देखकर उसका आत्मसम्मान जाग उठा। इसलिए उसने रोटी माँगने की बजाय, सिर्फ प्यास बुझाने के लिए एक गिलास पानी माँगा।

प्रश्न (ii)
महिला ने बालक को दूध का गिलास क्यों दिया?
उत्तर:
महिला दयालु स्वभाव की थी। उसको भूखे-प्यासे बालक की दशा देखकर दया आ गई। इसलिए उसने बालक को पीने के लिए एक गिलास दूध दे दिया।

प्रश्न (iii)
बालक ने दूध पीकर महिला से क्या पूछा?
उत्तर:
बालक ने दूध पीकर महिला से पूछा कि “इस दूध का मूल्य कैसे चुका पाऊँगा?”

प्रश्न 2.
नया जीवन पाकर महिला बहुत खुश थी। उसने अस्पताल के स्टाफ से भुगतान के लिए बिल माँगा। तो कुछ देर बाद उसके हाथ में एक लिफाफा आया। भारी बिल की आशंका से महिला का दिल धड़क-सा रहा था। लिफाफा खोलते ही उसमें एक चिट्ठी मिली जिसमें लिखा था-“बिल का भुगतान बरसों पहले हो चुका, एक गिलास दूध।” नीचे हस्ताक्षर थे-आपका दूधवाला बच्चा, जो आज डॉक्टर है। (Page 20)

शब्दार्थ:

  • स्टाफ – कर्मचारी।
  • भारी बिल – भुगतान हेतु बड़ी राशि।
  • दिल धड़कना – हृदय का तेज गति से चलना।

प्रसंग:
प्रस्तुत गद्यांश ‘दूध का मूल्य’ लघुकथा से लिया गया है। वह महिला एक गंभीर रोग से पीड़ित होकर राजधानी के एक अस्पताल में उपचार कराने पहुंची। डॉक्टर ने महिला को स्वस्थ कर दिया। वह महिला नया जीवन पाकर प्रसन्न थी। उसने अस्पताल से बिल माँगा। इसके बाद की घटना का उल्लेख इस गद्यांश में किया गया है।

व्याख्या:
गंभीर रोग से पीड़ित महिला डॉक्टर के समुचित उपचार से. एकदम स्वस्थ हो गई। नया जीवन पाकर वह बहुत खुश थी। अस्पताल से घर लौटते समय उसने अस्पताल के कर्मचारी से हिसाब-किताब का ब्यौरा माँगा ताकि उसका भुगतान किया जा सके। कुछ देर के बाद अस्पताल के कर्मचारी ने उसके हाथ में एक लिफ़ाफा दे दिया। अत्यधिक देयराशि की आशंका से महिला का हृदय तेजी से धड़कने लगा था। उसने लिफ़ाफा खोला, तो उसे बिल के स्थान पर एक पत्र मिला। उस पत्र में लिखा था-“बिल का भुगतान तो बरसों पहले हो चुका, एक गिलास दूध।” “अर्थात् वर्षों पहले आपने एक भूखे-प्यासे बालक को एक गिलास दूध पिलाकर इस बिल का भुगतान कर दिया था। उस पत्र के नीचे हस्ताक्षर था आपका दूधवाला बच्चा, जो आज डॉक्टर है।” इस प्रकार उस बालक ने एक गिलास दूध का मूल्य चुकाया।

विशेष:

  1. मनुष्य को अपने ऊपर किए गए छोटे-से उपकार को नहीं भूलना चाहिए। अवसर प्राप्त होते ही उपकारी के प्रति कृतज्ञता प्रकट करना सच्ची मानवता है।
  2. भाषा सरल, स्पष्ट और सुबोध है। भाषा में कसावट है।
  3. भाषा पात्रानुकूल व भावानुकूल है।

गद्यांश पर आधारित अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

प्रश्न (i)
‘दूध का मूल्य’ कहानी से क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर:
“दूध का मूल्य’ कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि मनुष्य को अपने ऊपर किए गए छोटे-से उपकार को भी नहीं भूलना चाहिए। अवसर प्राप्त होते ही उपकारी के प्रति कृतज्ञता का भाव प्रकट करना ही सच्ची मानवता है।

प्रश्न (ii)
बालक ने ‘दूध का मूल्य’ किस प्रकार चुकाया?
उत्तर:
बालक को दूध का गिलास पिलाने वाली महिला गंभीर रोग से पीड़ित होकर, उस अस्पताल में पहँची, जहाँ वह बालक डॉक्टर था। उसने महिला को पहचान लिया। उसने उस महिला का ऑपरेशन करके नया जीवन दिया। उस डॉक्टर बने बालक ने उस महिला से अस्पताल का बिल नहीं लिया। इस प्रकार उसने ‘दूध का मूल्य’ चुकाया।

प्रश्न (iii)
महिला के खुश होने का कारण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
महिला गंभीर रोग से पीड़ित थी। स्थानीय डॉक्टरों ने राजधानी के विशेषज्ञ डॉक्टर से इलाज एवं ऑपरेशन कराने का परामर्श दिया। उसे बड़े अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टर ने उस महिला का ऑपरेशन करके उसे स्वस्थ कर दिया। वह नया जीवन पाकर अत्यंत खुश थी।

गद्यांश पर आधारित विषय-वस्तु संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न (i)
महिला का दिल किस आशंका से धड़क-सा रहा था?
उत्तर:
महिला को अस्पताल में नया जीवन मिला था। वह बहुत खुश थी। उसने अस्पताल के स्टाफ से भुगतान करने के लिए बिल माँगा, तो भारी बिल की आशंका से महिला का दिल धड़क रहा था।

प्रश्न (ii)
महिला को हाथ में बिल के स्थान पर क्या मिला था?
उत्तर:
महिला के हाथ में बिल के स्थान पर एक लिफाफा दिया गया था। उस लिफाफे में एक पत्र था, जिसमें लिखा था कि ‘बिल का भुगतान बरसों पहले हो चुका, एक गिलास दूध।’ नीचे हस्ताक्षर थे, आपका दूधवाला बच्चा, जो आज एक डॉक्टर है।

प्रश्न 3.
ठंडी हवा का झोंका आया और उनका तन-बदन चाँदनी में नहा गया। इस प्राकृतिक मनोहारी सौंदर्य को देख वे इतने अभिभूत हो गए कि उनके मुख से अकस्मात् निकल पड़ा कि-‘यह है सौंदर्य!’ वे कक्ष से बाहर निकल छत पर आ गए। उन्हें लगा जैसे वे चाँदनी की झील में उतर गए हों। अब समझ में आया कि शब्द तो माध्यम हैं मुख्य बात तो अनुभव की है, जिससे गुजरना होता है। केवल शब्द पर ठहरकर अनुभूति नहीं होती। इसलिए यात्रा के आरंभ में शब्द अवश्य हैं, पर अंत नहीं हो सकते। अंत में अनुभव काम आएगा और यही सिद्धांत जीवन के हर क्षेत्र में लागू होता है। (Page 20)

शब्दार्थ:

  • मनोहारी सौंदर्य – मन को हरने वाली सुंदरता।
  • अभिभूत – डूबना, संलग्नता।
  • अकस्मात् – अचानक।
  • कक्ष – कमरा।
  • अनुभूति – अनुभव, परिज्ञान।

प्रसंग:
प्रस्तुत गद्यांश ‘शब्द और अनुभूति’ लघुकथा से लिया गया है। गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर जानना चाहते थे कि सौंदर्य क्या है? इसके लिए वे बहुत देर तक पुस्तक पढ़ते रहे, लेकिन उन्हें यह ज्ञात नहीं हो सका कि सौंदर्य क्या है। उन्होंने मोमबत्ती बुझा दी, तो पूर्णिमा के चंद्रमा की चाँदनी कमरे में घुस गई। उन्हें ज्ञात हुआ कि सौंदर्य क्या है। इस सौंदर्य के ज्ञात होने की प्रक्रिया का वर्णन ही इस गद्यांश में किया गया है।

व्याख्या:
ठंडी हवा का एक झोंका आया और टैगोर का पूरा शरीर पूर्णिमा के चाँद की चाँदनी में सराबोर हो गया। वे मन को हरने वाली प्रकृति की इस सुंदरता को देखकर, उसकी सुंदरता में इतने डूब गए कि अचानक उनके मुँह से निकल गया कि यही सौंदर्य है। उन्हें लगा कि यही वह सौंदर्य है, जिसे वे जानने के लिए व्याकुल थे। वे इस प्राकृतिक सौंदर्य को देखने के लिए अपने कमरे से निकलकर खुली छत पर आ गए। छत पर आने पर उन्हें अनुभव हुआ जैसे, वे चाँदनी की झील में उतर गए हों। अब उनकी समझ में आया कि सौंदर्य को व्यक्त करने के लिए शब्द तो साधन मात्र हैं।

मुख्य बात तो सौंदर्य को अनुभव करने की होती है। विना अनुभव के सौंदर्य को नहीं जाना जा सकता। केवल शब्दों में पड़कर सौंदर्य का अनुभव नहीं हो सकता। अतः सौंदर्य को जानने की यात्रा के प्रारंभ शब्द अवश्य हैं, किंतु वे इसका अंत नहीं बन सकते। अंत में तो केवल अनुभव ही काम आता है। अनुभव के अभाव में सौंदर्य को नहीं जाना जा सकता और यही सिद्धांत जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में लागू होता है। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में भी अनुभव ही काम आता है।

विशेष:

  1. सौंदर्य अनुभव की वस्तु है और प्रकृति से तादात्म्य हुए बिना उसे नहीं जाना जा सकता। कथाकार ने यह तथ्य बड़े तार्किक ढंग से समझाया है।
  2. सौंदर्य को मनःस्थिति बदलकर ही पाया जा सकता है।
  3. भाषा परिमार्जित और कसावट लिये हुए है।
  4. भाषा भावानुकूल है।

गद्यांश पर आधारित अर्थग्रहण संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न (i)
रवींद्रनाथ टैगोर किस सौंदर्य को देखकर अभिभूत हो गए?
उत्तर:
रवींद्रनाथ टैगोर यह जानना चाहते थे कि सौंदर्य क्या है। चाँदनी रात में जब वे खिड़की से बाहर झाँक रहे थे तभी एक ठंडी हवा का झोंका आया और उनका तन-बदन चंद्रमा की चाँदनी में नहा गया। इस प्राकृतिक सौंदर्य को देखकर वे बड़े अभिभूत हुए और उनके मुख से अकस्मात् निकल पड़ा कि यह है सौंदर्य।

प्रश्न (ii)
शब्दों के संबंध में रवींद्रनाथ टैगोर के क्या विचार हैं?
उत्तर:
शब्दों के संबंध में रवींद्रनाथ टैगोर के विचार हैं कि शब्द तो केवल माध्यम हैं। शब्दों से सौंदर्य की अनुभूति नहीं हो सकती। यात्रा के आरंभ में शब्द अवश्य होते हैं, परंतु सौंदर्य तो अनुभव की वस्तु है, शब्दों की नहीं।

गद्यांश पर आधारित विषय-वस्तु संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न (i)
कक्ष से बाहर छत पर आने पर रवींद्रनाथ टैगोर को क्या अनुभव हुआ?
उत्तर:
कक्ष से बाहर छत पर आने पर रवींद्रनाथ टैगोर को अनुभव हुआ जैसे वे चाँदनी की झील में उतर आए हैं। उनके चारों ओर प्राकृतिक मनोहारी सौंदर्य फैला हुआ था। उन्हें सौंदर्य का अनुभव हुआ।

प्रश्न (ii)
रवींद्रनाथ को सौंदर्य की अनुभूति कब हुई?
उत्तर:
रवींद्रनाथ को सौंदर्य की अनुभूति उस समय हुई जब वे चाँदनी रात में छत पर आए। छत पर ठंडी हवा के झोंके का स्पर्श तथा चाँदनी में तन-बदन का नहाना उन्हें सौंदर्य की अनुभूति करा गया।

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MP Board Class 12th English The Spectrum Solutions Chapter 4 Wonderful World

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MP Board Class 12th English The Spectrum Solutions Chapter 4 Wonderful World (William Brighty Rands)

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Wonderful World Exercises From The Text-Book

Word Power

A. क्या तुम अन्य Wh- शब्दों Wh से प्रारम्भ होने वाले शब्द] को उनके अर्थ से जोड़ सकते हो?
Answer:

  • Whisper – to say something very quietly using your breath.
  • Whirr – sound like a bird’s wings moving rapidly.
  • Whizz – make the sound of something rushing through air.
  • Wheeze – breathe noisily especially with a whistling sound in the chest.
  • Whip – hitting with a long thin piece of leather which makes a sound when moves through air.’
  • Whirl – to move around very quickly

B. नीचे दी गई तालिका को पूरा कीजिए।
Answer:

Abstract nounAdjectiveVerbAdverb
beautybeautifulbeautifybeautifully
wonderwonderfulwonderwonderfully
hopehopefulhopehopefully
faithfaithfulXfaithfully

Comprehension

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

The Wonderful World Poem Questions And Answers MP Board Question 1.
What is the attire of the earth? [2009, 15, 18]
पृथ्वी की वेशभूषा क्या है?
Answer:
The attire of the earth includes oceans and greenery.
पृथ्वी की वेशभूषा में समुद्र व हरियाली शामिल है।

A Wonderful World Poem Questions And Answers MP Board Question 2.
Which actions of the wind are described in the poem?
कविता में वायु के कौन से क्रिया-कलापों का वर्णन किया गया है?
Answer:
The wind shakes the tree. It walks on the water. It flows on the top of the hills. In fact, the wind is found everywhere.
वायु वृक्षों को हिलाती है। यह जल पर भी बहती है। यह पर्वत श्रृंखलाओं पर भी बहती है। वास्तव में वायु सर्वत्र पायी जाती है।

Wonderful World Poem In Hindi MP Board Question 3.
Why does the poet regard earth a friend? [2009, 11, 13, 16, 17]
कवि पृथ्वी को एक मित्र क्यों मानता है?
Answer:
The poet regards earth a friend because it is found with wheat fields, rivers, cities, gardens, cliffs and isles. In fact, earth nurtures human civilization.

कवि पृथ्वी को मित्र मानता है क्योंकि यह गेहूँ के मैदानों के साथ, नदियों के साथ, शहरों के साथ, बगीचों के साथ, चट्टानों के साथ, द्वीपों के साथ सर्वत्र पायी जाती है। वास्तव में पृथ्वी मानव सभ्यता की रक्षा करती है।

Question 4.
What makes the poet tremble?
कवि किस कारण काँपने लगता है?
Answer:
The poet trembles due to the actions of the earth. He feels that he is so small and the earth is so great.
कवि पृथ्वी के क्रिया-कलापों को देखकर काँपने लगता है। उसे लगता है कि वह कितना छोटा है और पृथ्वी कितनी महान् है।

Question 5.
What makes the poet think that man is God’s greatest creation? [2009, 10, 12, 14]
किस बात से कवि को यह महसूस होता है कि मनुष्य ईश्वर की महानतम् रचना है?
Answer:
Man can love and man can think. The earth cannot do this. This makes the poet think that man is God’s greatest creation.
मनुष्य प्रेम कर सकता है और सोच-विचार भी कर सकता है। पृथ्वी ऐसा नहीं कर सकती है। इससे कवि को यह महसूस होता है कि मनुष्य ईश्वर की महानतम् रचना है।

Wonderful World Summary

– William Brighty Rands

प्रस्तुत कविता में दुनिया एवं दुनिया में मनुष्य के स्थान के विषय में बताया गया है। कविता इसलिए रोचक है और पठनीय भी है। वास्तव में दुनिया चारों तरफ से प्राकृतिक संसाधनों से आच्छादित है, इसलिए सुन्दर भी है। वायु का संचार सर्वत्र है—धरती पर, समुद्र में और पर्वत श्रृंखलाओं पर भी पृथ्वी ने मानव सभ्यता के चिन्हों को अत्यन्त सहेजकर रखा है। महान् पृथ्वी के साथ तुलना करते समय कवि स्वयं को उसके मुकाबले बहुत छोटा मानता है। किन्तु उसके मस्तिष्क में यह विचार भी आता है कि वह पृथ्वी पर सर्वाधिक सुन्दर जीव है क्योंकि एकमात्र वही प्रेम कर सकने में सक्षम है और सोच-विचार करने में भी सक्षम है।

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MP Board Class 12th General English Model Question Paper

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Time : 3 Hrs
M.M.: 100

Instructions :

  • Read the instructions carefully.
  • All questions are compulsory.
  • Answers must be complete and to the point.

Section ‘A’

1. Read the following passage and answer the questions given below it:

Because our eyes are so valuable to us both for work and for play, it is important that we should take very great care of them. By using our eyes foolishly it is possible to damage them so severely that they never fully recover. For this reason, it is wise to observe a few simple rules, especially when reading, writing or doing other close work such as making models.

Whatever work we are doing there should always be enough light. It should be sufficiently strong and should at the same time be, evenly spread. If we are writing we should be in such a position that the hand which holds the pen does not cast a shadow on the paper, where the letters are being formed. Very strong light should be avoided since it is tiring for eyes, particularly when reflected from a sheet of white paper.

When reading or writing it is best to sit straight, but quite comfortably, and to have the page about twelve inches from the eyes. Never look directly at a very bright light, such as the sun or a welder’s arc, unless you have thick dark glass to look through. Lights as bright as these can quickly damage the retina beyond repair.

Mp Board 12th General English Paper 2019 Questions:
(a) Eyes are valuable to us :
(i) for work (ii) for play (iii) for work and play (iv) none of these.

(b) By using our eyes foolishly it is possible to:
(i) protect them (ii) neglect them. (iii) damage them severely (iv) none of these.

(c) The word ‘observe’ in the passage means :
(i) break (ii) follow (iii) ignore (iv) see.

(d) Whatever work we are doing there should be enough : [1]
(i) air (ii) sound (iii) noise (iv) light.

(e) Very strong light should be avoided since it is : [1]
(i) tiring for the eyes (ii) comfortable for the eyes (iii) does not affect our eyes (iv) All the above.

(f) The verb form of‘simple’ is: [1]
(i) simple (ii) simplify (iii) simplicity (iv) None of these.

(g) Whatever work we are doing there should be : [1]
(i) enough light (ii) sufficiently strong light (iii) evenly spread light (iv) All of these.

(h) While reading or writing the page should be……..from the eyes. [1]
(i) twelve inches (ii) twenty inches (iii) two inches (iv) twenty-two inches.

(i) Why we should not look directly at a very bright light? [2]
(j) What care should we take while reading or writing? [2]
Answer:
(a) (iii) for work and play
(b) (iii) damage them severely
(c) (ii) follow
(d) (iv) light
(e) (i) tiring for the eyes
(f) (ii) simplify
(g) (iv) All of these
(h) (i) Twelve inches.
(i) While reading or writing it is best to sit comfortably but straight and to have the page about twelve inches from the eyes.
(j) We should never look directly at very bright light such as the sun or welder’s arc without dark glasses because such bright lights can quickly damage the retina beyond repair.

2. Read the following passage and answer the questions given below it:

Destruction of forests has a major impact on the productivity of our croplands. This happens in two ways. Soil erosion increases manifold and the soil literally gets washed away, leading to an accentuated cycle of floods and droughts. But equally important is the impact of the shortage of firewood on the productivity of croplands. When firewood becomes scarce, people begin to bum cow dung and crop wastes. In many places cow dung and crop wastes are now the major sources of cooking energy. Thus, slowly every part of the plant gets used and nothing goes back to the soil. Over a period of time this nutrient drain affects crop productivity. Add to this the technology of the Green Revolution, the technology of growing high yielding varieties on a limited diet of chemical fertilizers like nitrogen, phosphates and potash. The total biomass production goes up and so does the drain of the nutrients from the soil.

Mp Board 12th English Paper 2019 Questions:
(A) Make notes in points, from the above passage, using abbreviations, where necessary and supply a suitable title also. [5]
(B) Write a summary of the above passage in about 90 words. [3]
Answer:
(A) Title : Destruction of Forests and Productivity of Land.

Notes:

  • Destruction of forests has an impact on the productivity of croplands.
  • It leads to soil erosion and leads to increased floods and droughts.
  • It also results in a shortage of firewood and the resultant use of cow dung and crop wastes. The two are major sources of cooking energy.
  • Thus, every part of the plant gets used up and nothing goes back to the soil. This nutrient drain affects productivity.
  • With Green Revolution, the high yielding varieties require limited fertilizers. With increased biomass production nutrients drain also increases.

(B) Summary : The destruction of forests has adversely affected productivity of croplands. It causes soil erosion and increased floods and droughts. It also leads to shortage of firewood and the resultant use of cow dung and crop waste. Thus, every part of the plant is used up but nothing goes back to the soil. This nutrient drain affects productivity. With. Green Revolution the high yielding varieties require limited fertilizers. Increased biomass production thus increases nutrients drain.

General English Class 12 Mp Board Section ‘B’

3. You are B. Reddy of Bhopal. You want to let out a house. Write out an advertisement to be published in the classified column of a newspaper. [5]
Or
You are Alok Gupta, the secretary of the cultural activities of your school. Draft a notice giving information about the selection of two participants from your school to take part in the inter-school debate competition.
Answer:
See Chapter 3.

4. With the help of the words given below produce a write-up on ‘The Value of Games and Sports.’ [6]
Necessary for life—remove monotony, make our body healthy, learning good habits, develop equality and brotherhood.
Or
Using the following inputs produce a write-up on ‘Illegal Immigration A Real Threat’:
2 crore illegal immigrants, social problems, altering demographic complexion, problem acute in some states and towns, burden on economic resources, security problem.
Answer:
See Chapter 4.

5. Write an application to your principal requesting him to issue a character certificate.
Or [6]
Write an application to the Director of Education. M.P. Bhopal, asking for a job as a teacher in an educational institution, [6]
Answer:
See Chapter 5.

6. Write a letter to your father, explaining why you could not get good, marks in the half-yearly examination. [6]
Or
Your friend is worried about the coming examinations. Write a letter to him giving moral support for success in the examinations.
Answer:
See Chapter 5.

7. Write an essay on any one of the following topics in about 250 words:
(a) The Cleanliness Drive
(b) The Festival You Like Most
(c) The Population Problem in India
(d) Science in Daily Life
(e) Educational Value of Computers
Or
With the help of the words given below, produce a write-up on ‘Grow More Trees’:

Importance of trees, the usefulness of trees in life, to survive in life trees are necessary, useful for animals and birds shelter, protect and development of our trees.
Answer:
See Chapters 6 and 7.

Mp Board 12th General English Paper 2020 Section ‘C’

8. Fill in the blanks with the help of correct alternatives5
(1) We must help the poor. (a, an, the) [1]
(2) He speaks different languages. (few, many, some) [1]
(3) There is milk in the pot. (little, few) [1]
(4) They a house in Delhi two years ago. (buy, bought) [1]
(5) The man is honest is trusted. (who, whom) [1]
Answer:
(1)the,
(2) many,
(3) little,
(4) bought,
(5) who.

9. Do as directed: [5]
(1) The child cried for milk. (Change into Present Continuous)
(2) Post the letter today. (Change the voice)
(3) She is Miss Sheela. She used to teach us English. (Combine using Adjective Clause)
(4) The brave should be honored. (Begin with We )
(5) I have studied English well. I may get a distinction in it. (Combine using ‘so that’)
Answer:
(1) The child is crying for milk
(2) Let the letter be posted today.
(3) She is Miss Sheela who used to teach us English.
(4) We should honor the brave.
(5) I have studied English well so that I may get a distinction in it.

Mp Board Class 12 English Question Paper 2019 Section ‘D’

10. Read the following extracts and answer the questions given below:

(A) Teach me to listen, Lord
To myself
Help me to be less afraid
To trust the voice inside
In the deepest part of me.

English Paper 2019 Class 12 Mp Board Questions:
(1) A word having the same meaning as the word ‘belief is :
(a) afraid (b) deepest (c) trust (d) inside.

(2) A word from the stanza which is the opposite of‘more’ is :
(a) part (b) less (c)lord (d) voice.

(3) What does the poet mean by ‘in the deepest part of me’?
Answer:
See Chapter 16.

(B) Can I admire the statue great,
When living men starve at its feet.
Can I admire the parks green tree,
A roof for homeless misery?

12th English Paper 2019 Mp Board Questions:
(1) Name the poet :
(a) Sri Aurobindo (b) W. H. Davies (c) William Rands (d) Anonymous.

(2) Give the meaning of the word ‘starve’ :
(a) die of hunger (b) labour hard (c) work comfortably (d) live happily.

(3) Why does the poet say that he cannot admire the great statue? [1]
Answer:
See Chapter 15.

11. Answer any two of the following questions: [4]
(a) When does the poet wish to listen to the voice of God?
(b) What does the poet compare the human body with?
(c) What other meaning does the word ‘ball’ have?
Answer:
See Chapter 15.

12. Answer any seven of the following questions: [14]
(a) How did the author prevent his companion from discovering that he was blind?
(b) In which area will India become a global leader?
(c) What was Ghasi’s complaint to the panchayat?
(d) How did the woman in the hut react when she saw Birju?
(e) What strange fact did the narrator discover when he looked at the man’s visiting card?
(f) What is the author’s opinion on things and people we are yet to see and know?
(g) Why did the neighborhood children come to Mini’s house?
(h) What reflects our true belief?
Answer:
See Chapter 15.

13. What are the functions of the two hemispheres of the brain? [4]
Or
What are the governing values? How can we identify our governing values?
14. Answer any four of the following questions: [8]
(a) ‘Which are the two types of reading?
(b) What do you understand by do’s and don’t?
(c) Why we must take risk?
(d) What happens when you dream big?
(e) How does a cloud feel when it travels in the sky?
Answer:
See Chapter 17.

15. How can you say that nature’s bounty is boundless? [4]
Or
Summarize the poem ‘A Psalm of Life’.
Answer:
See Chapter 17.

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MP Board Class 12th English A Voyage Solutions Chapter 9 After Apple-Picking

MP Board Solutions for 12th English Chapter 9 After Apple-Picking Questions and Answers aids you to prepare all the topics in it effectively. You need not worry about the accuracy of the Madhya Pradesh Board Solutions for 12th English as they are given adhering to the latest exam pattern and syllabus guidelines.

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MP Board Class 12th English A Voyage Solutions Chapter 9 After Apple-Picking (Robert Frost)

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After Apple-Picking Textbook Exercises

Word Power

A.There are instances of compounding in the poem. Compounding is a process of word formation, in which two constituent words normally are hound together to form a single word. The first member of a compound word is a modifier whereas the second member acts as an independent unit or head word. For example,
Apple picking (noun) = apple (noun) + picking (noun) – Apple picking is a sort of harvesting. Two-pointed (adj.) = Two (adj.) + pointed (adj.) – I have a two-pointed stick. However, the grammatical category of a compound word is determined by the second member. Coin three new compound words from the same head words as above.
Answer:

  • Multi-vitamin
  • Multi-purpose
  • Multi-dimensional.

B. There are certain phrasal verbs used in the poem: done with, drowse off, look through. Look up a dictionary and find out their meanings and use them in sentences of your Own.
Answer:

  • Done with-tired of-I was done with the meeting.
  • Drowse off-feel sleepy-He was drowsing off due to tiredness.
  • Look through-observe thoroughly-I looked through all the facts to get the clue.

C. In the 21st line of the poem, the poet has used an expression, ‘My instep arch not only keeps the ache’. Here, the words, ‘arch’, and ‘ache’have been used as nouns, meaning ‘the curved part of the bottom of the foot’ and ‘pain’ respectively. But they can also be used as other parts of speech  (grammatical category).
Arch (adj.): Brazil is the arch (chief) rival of Argentina in football.
Ache (verb): My body aches (suffer pain) after a day-long hard work.
Choose some more words from the poem which can be used as different parts of speech.
Answer:
Sleep, sight, end, ache, sound, load, touch, heap, matter, trouble.

Comprehension

A. Answer the following questions in one sentence each:

After Apple Picking Questions And Answers MP Board Class 12th Question 1.
Why does the poet say that he is done with apple-picking?
Answer:
The poet say that he is done with apple-picking because he has spent sleepless nights.

After Apple Picking Summary In Hindi MP Board Class 12th Question 2.
What meaning is conveyed through the expression, ‘instep arch keep the ache’?
Answer:
While picking up the apples, the poet’s curved part of foot began aching.

Justify The Title Of The Poem After Apple-Picking MP Board Question 3.
What does the poet see in his dreams?
Answer:
The. poet sees magnified apples appearing and disappearing in his dreams.

After Apple Picking Class 12th MP Board Question 4.
Which phrase in the poem suggest that the poet has had bumper harvest?
Answer:
The Line T am overtired of the great harvest I myself desired’ suggests that the poet had bumper harvest.

After Apple Picking Answers MP Board Class 12th Question 5.
What helps the poet in balancing his weight on the ladder-round?
Ans.
The instep arch helps the poet in balancing his weight on the ladder-round.

After Apple-Picking Poem Questions And Answers MP Board Class 12th Question 6.
What is the meaning of fleck of russet’?
Answer:
It means a very small area of reddish brown colour of apples.

B. Answer in about 40-60 words each:

After Apple-Picking Questions And Answers MP Board Class 12th Question 1.
Why can’t the poet rub strangeness from his sight?
Answer:
The poet is overtired of apple-picking still there are a lot to pick. He has gone sleepless for many nights. He is drowsing off with the essence of the apples. Whatever he saw from the pane of his window, the fact is far more different. So, he is amazed.

After Apple Picking Poem Questions And Answers MP Board Class 12th Question 2.
What is implied by the phrase, ‘just some human sleep’?
Answer:
Here, the expression ‘just for human sleep’ implies that human being is to have a little rest after working for a certain period continuously. It is this need of his body system which refreshes to enable him to work again with energy. So, he works in the day and sleeps at night. Here, as he is overtired, he wishes just for human sleep.

After Apple Picking Summary MP Board Class 12th Question 3.
What does the repeated reference to ‘sleep’ in the poem imply?
Answer:
In this poem, the poet gives his reflections on boredom and drudgery in the aftermath of the task of picking apple. He has got overtired. He is feeling drowsy, as he is sleepless. Again and again, he talks of ‘sleep’ for he needs it the most. ‘Sleep’ is here used as a rejuvenating factor in a man’s life.

Class 12 English Chapter 9 Question Answer MP Board Question 4.
‘for I have had too much
of apple-picking: I am overtired
of the great harvest I myself desired.
Explain the above lines.
Answer:
The poet here mentions his tiring task of apple-picking. Since he himself desired for a great harvest, he has got one. But the excess harvest has brought excess work for him.

Question 5.
‘For all
That struck the earth,
No matter if not bruised or spiked with stubble,
Went surely to the cider apple heap As of no worth.
What worth is the poet referring to?
Answer:
The poet here talks of the use of apple. He takes all care for the safety of apple but as he is very much tired, he simply thinks to make a heap of it. Apple is of much more importance. Its worth can’t be damaged with a crack or bruise on it.

C. Answer in about 75 words each:

Question 1.
Give the central Idea of the poem. (M.P. Board 2009)
Answer:
After Apple-Picking is a well-known poem on man’s encounter with the natural world, probing dilemma of his existence. Here the poet gives reflections on boredom and drudgery in the aftermath of the task of picking apples. The overtired apple-picker fails to enjoy his life amid the pristine natural beauty. The poem is trapped in the utilitarian ways of modem civilization. Its central theme is that modem civilization marked by the culture of excessive work for increasing material gain leads to no end.

Question 2.
Justify the title of the poem, After Apple-Picking.
Answer:
After Apple-Picking is a suitable title for this poem. In this poem, the poet gives his i feelings for the overstrained civilization and way of modem life. Through the work of apple-picking, he explains his ideas. Apple symbolises a fruit of high worth from every point of view. The poet has a bumper harvest of apple and while picking it up gets , overtired. Every situation reflects the poet’s view and all through apple. Use of ‘after’ symbolises far greater aspect of life which shows that after picking up the apple, his job will be done. What would happen after that, will the poet sleep for now or for ever.

Question 3.
The poet has achieved a bumper crop at the cost of considerable physical and mental exhaustion. Elaborate.
Answer:
See ‘Summary in English’ of this chapter.

Speaking Activity

A. You may be quite familiar with the saying, ‘An apple a day keeps the doctor away’. Conduct a discussion in the class, highlighting the following points.

  • important seasonal fruits.
  • their nutritional and medicinal value.
  • food items made from them.

Answer:
Do it yourself.

Writing Activity

A. Have you ever witnessed the scene of a peasant hand-picking cotton-balls or oranges in a farm with great care? Write a paragraph describing the scene of cotton-ball picking.
Answer:
Do it yourself.

Think it Over

A. Man is indebted to Nature for its bounty. But Nature is being recklessly exploited. What are the repercussions that you visualise?
Answer:
Man is a part of Nature. Our life depends upon it thoroughly. Nature nourishes human
life with all its assets like water, plants, air, .and environment. There is an intricate relationship between man and Nature. If Nature gets any sort of damage to its system, it affects human life but man himself damages it. Nature is exploited recklessly.

Man destroys forests causing a lot of problems to his own life. Global warming, scanty rain, flood, etc are the result of it. Man can cut or damage Nature but he can’t control the disaster caused by it. So, he must be conscious about it. He must be sensible towards it, otherwise Man and Earth will be things of past.

Things to Do

A. Collect some poems mentioning fruits. Using internet, also prepare the profile of the poets, who have composed those poems.
Answer:
Do it yourself.

B. When an animal sleeps through the winter months, it is said to undergo hibernation. The woodchuck, referred to in this poem, has gone into long winter hibernation. Find out which other animals hibernate during winter. Look for information about their habitat.
Answer:
Do it yourself.

C. William Wordsworth has been a great Nature poet of the 19th century. Go through his poem, ‘Lines Written a Few Miles above Tintern Abbey’. Find out the differences between Wordsworth and Frost in their approach towards Nature.
Answer:
Do it yourself. Take help from your teacher.

D. Consider the harvest aspect of the poem. ‘After Apple-Picking’. Compare it to that of Ode to Autumn’ by John Keats, included for studies here in this book.
Answer:
Do it yourself.

After Apple-Picking by Robert Frost Introduction

The poet gives his reflections on boredom and drudgery in the aftermath of the task of picking apples. The apple picker has got exhausted. He is unable to enjoy his life amid the pristine beauty of nature.

After Apple-Picking Summary in English

The poet feels tired of apple picking. Two-three apples are still left. He is getting sleepy. The essence of apple makes him intoxicated. A sense of strangeness is still hovering over his mind. He can’t rub it off from his sight. He is getting uncomfortable. In the morning, he skimmed the apple in a long narrow container. The hoary grass melted away. The magnified apples appear and disappear. The reddish apples look clear. The poet feels pain. There is a pressure on fun of load of the apple-picking.

He is overtired of the great harvest, he himself desired. There are still ten thousand fruits to be touched. He tries to hold the fruit in his hand, not to drop it bn the ground, or to let it crack. He makes a heap of the fruits. It is of no importance here to think what troublesome sleep the poet had and what discomfort he suffers. He here talks of an animal called woodchuck who enjoys long sleep. The poet wishes if he were like that.

After Apple-Picking Summary in Hindi

कवि सेब चुनने के कारण थकान महसूस करता है। दो-तीन सेब अभी भी बचे हैं। उसे नींद आ रही है। सेब की सुगंध उसे मदहोश कर रही है। एक विचित्रता का अहसास उसके दिमाग में चक्कर काट रहा है। वह इसे अपनी नज़रों से ओझल नहीं कर सकता। वह बेचैन हो रहा है। सुबह के समय उसने सेब को एक लम्बे संकीर्ण बर्तन में निचोड़ा। बर्फ से ढकी घास पिघल गई। स्वच्छ आकर्षक सेब नज़रों के सामने आ-जा रहे हैं। लाल सेब साफ दिखते हैं। कवि दर्द महसूस करता है। सेब चुनने के काम का दबाव है।

वह उतने फलों से थकान महसूस करता है जितना उसने स्वयं चाहे थे। अभी भी दस हज़ार फल पड़े हैं। वह फलों को हाथ में लेने की कोशिश करता है। न तो ज़मीन पर गिरने देता है, न उसे फटने देता है। वह फलों का ढेर बनाता है। इस बात का कोई महत्त्व नहीं कि कवि कितनी बेचैन नींद सोया और वह किन परेशानियों से गुज़रा। वह यहाँ वुडचक जानवर की बात करता है जो लम्बी नींद सोता है। कवि उस जैसा होने की इच्छा करता है।

After Apple-Picking Word Meaning

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After Apple-Picking Important Pronunciations

MP Board Class 12th English A Voyage Solutions Chapter 9 After Apple-Picking img 3

After Apple-Picking Stanzas for Comprehension

Read the following stanzas and answer the questions that follow:

1. My long two-pointed ladder’s sticking through a tree
Toward heaven still,
And there’s a barrel that I didn’t fill
Beside it, and there may be two or threes
Apples I didn’t pick upon some bough.
But I am done with apple-picking now.
Essence of Winter sleep is on the night,
The scent of apples: I am drowsing off.
I cannot rub the strangeness from my sight
I got from looking through a pane of glass (Page 67)

Questions:
(i) What action of the poet does the first line refer to?
(ii) ……….. of winter sleep is on the night.
(iii) Find a word which means the same as ‘sleepy’.
(iv) What can the poet not rub from his sight?
Answers:
(i) The act of ‘Apple-picking’ is referred to in the first line.
(ii) Essence.
(iii) ‘Drowsing’ means the same as ‘sleepy’.
(iv) The poet cannot rub strangeness from his sight.

2. Of load on load of apples coming in.
For I have had too much
Of apple-picking: I am overtired
Of the great harvest I myself desired.
There were ten thousand fruit to touch. (Page 68)

Questions:
(i) What does the first line refer to?
(ii) ………….. : I am overtired.
(iii) What did the poet desire?
(iv) Find a word that means same as ‘wished’.
Answers:
(i) The first line it refers to the piling of apples.
(ii) Of apple-picking
(iii) The poet desired for so much harvest, that there were ten thousand to touch.
(iv) Desired’ means same as ‘wished’.

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