MP Board Class 12th Hindi Makrand Solutions Chapter 13 तीन बच्चे (कहानी, सुभद्राकुमारी चौहान)

तीन बच्चे पाठ्य-पुस्तक पर आधारित प्रश्न

तीन बच्चे लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
बच्चों में किस बात पर बहस छिड़ी थी?
उत्तर:
बच्चों में अपनी-अपनी क्यारियों में फूल अधिक सुंदर होने को लेकर बहस छिड़ी थी।

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प्रश्न 2.
माँ को अपने बच्चों के प्रति न्याय करने में कठिनाई क्यों आ रही थी?
उत्तर:
माँ के लिए सभी बच्चे एक समान होते हैं इसीलिए उसे न्याय करने में कठिनाई आ रही थी।

प्रश्न 3.
लड़की ने अपने पिता के संबंध में क्या बताया?
उत्तर:
लड़की ने बताया कि उसका पिता शराब पीकर दंगा करता था और माँ को मारता था।

प्रश्न 4.
लड़की की माँ को जेल क्यों हुई थी?
उत्तर:
लड़की की माँ ने उन पुलिसवालों को मारा था, जो उसके बाप को पकड़कर ले जा रहे थे।

तीन बच्चे दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
तीनों बच्चों की दशा कैसी थी? (M.P. 2009)
उत्तर:
तीनों बच्चों की दशा दयनीय थी। उन्होंने चिथड़े पहन रखे थे। शरीर पर मैल की परत जम गई थी। वे भूखे और असहाय थे। जेल के पास नाले पर बने पुल के नीचे रहते थे। वे भीख माँगकर पेट भरते थे।

प्रश्न 2.
चौके का काम निपटाकर बाहर आने पर लेखिका ने क्या देखा? (M.P. 2009)
उत्तर:
चौके का काम निपटाकर लेखिका घर से बाहर गई, तो उसने देखा-तीन भिखारी बच्चे बड़े मजे में पूरियाँ खा रहे थे और उसके बच्चे भी बड़े उत्साह से उन्हें पूरियाँ परस रहे थे।

प्रश्न 3.
लेखिका को सबसे छोटे लड़के पर दया क्यों आई?
उत्तर:
लड़का उन तीनों में सबसे छोटा था। वह मुश्किल से पाँच वर्ष का था। उसने फटे-पुराने कपड़े पहने हुए थे। उसके बाल रूखे-सूखे थे। कई दिनों से न नहाने के कारण उसके शरीर पर मैल की परत जम गई थी। उसके गालों पर आँसुओं के निशान बने हुए थे। लड़के की असहाय स्थिति को देखकर लेखिका को बड़ी दया आई।

प्रश्न 4.
जबलपुर की जेल में लेखिका को किस प्रकार रखा गया था?
उत्तर:
लेखिका को जबलपुर की जेल में रखने की जगह अस्पताल में रखा था। उसकी सेवा के लिए दो महिला कैदियों को नियुक्त किया गया था।

प्रश्न 5.
अखबार में जबलपुर की कौन-सी घटना छपी थी?
उत्तर:
अखबार में जबलपुर की निम्नलिखित घटना छपी थी कल रात एकाएक पानी बरसा और खूब बरसा। जेल के पास के नाले में तीन गरीब बच्चे बह गए। उन तीनों की लाशें मिलीं। बहुत कोशिश करने पर भी इनकी शिनाख्त नहीं हो सकी। दो लड़कियाँ हैं और एक लड़का। ऐसा सुना गया है कि वे गाना गाकर भीख माँगा करते थे।

तीन बच्चे भाव-विस्तार/पल्लवन

प्रश्न 1.
निम्नलिखित कथनों का भाव-विस्तार कीजिए – (M.P. 2010)

प्रश्न 1.
“जज के पथ-प्रदर्शन के लिए कानून होते हैं और नज़ीर भी।”
उत्तर:
न्यायालय में न्याय करने के लिए न्यायाधीश को न्याय का रास्ता दिखाने के लिए लिखित कानून हैं और उसके सामने उदाहरण भी होते हैं। न्यायाधीश उन कानूनों के अंतर्गत, वकीलों के तर्क, गवाहों और उदाहरणों की रोशनी में न्याय करते हैं। कभी-कभी आँख मूंदकर कानूनों को मानने से न्याय करने में अन्याय भी हो जाताहै।

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प्रश्न 2.
“कैदखाने की दुनिया भी एक विचित्र ही है।”
उत्तर:
कैदखाने अर्थात् जेल का संसार भी अद्भुत ही होता है। जेल में विभिन्न प्रकार के अपराध करने वाले अपराधी होते हैं। इन अपराधियों में स्त्री-पुरुष दोनों होते हैं। कोई चोर है, तो कोई हत्यारा और कोई चरस बेचने का अवैध धंधा करता है। कोई अपने ही बच्चे की जान लेने वाली होती है तो कोई पुलिस की पिटाई करने वाले/वाली है। कैदियों में जवान से लेकर बूढ़े तक होते हैं। सब अलग-अलग धर्म और जाति के होते हुए पुलिस की दृष्टि में सब अपराधी और कैदी हैं।

तीन बच्चे भाषा-अनुशीलन

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्द-युग्मों को वाक्यों में प्रयोग कीजिए –
अपनी-अपनी, खाली-खाली, दो-दो, ठहरो-ठहरो, रोज-रोज।
उत्तर:

  1. अपनी-अपनी-वर्तमान में सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी ढपली बजा रहे हैं।
  2. खाली-खाली-भिखारियों की झोली खाली-खाली लग रही थी।
  3. दो-दो-पहलवान दो-दो हाथ करने को तैयार हैं।
  4. ठहरो-ठहरो-ठहरो, ठहरो! कहाँ जाते हो? पुलिस आ रही है।
  5. रोज-रोज़-तुम रोज़-रोज़ यहाँ खाने आ जाते हो। इसे क्या धर्मशाला समझ रखा है।

प्रश्न 2.
मुहावरों का अर्थ स्पष्ट करते हुए वाक्यों में प्रयोग कीजिए –
लकीर का फकीर होना, माथा टेकना, पेट दिखाना, बाँह पकड़ना।
उत्तर:
MP Board Class 12th Hindi Makrand Solutions Chapter 13 तीन बच्चे img-1

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों का समास-विग्रह कीजिए –
पथ-प्रदर्शक, सत्याग्रह, दशानन, भरपेट, चौराहा।
उत्तर:
MP Board Class 12th Hindi Makrand Solutions Chapter 13 तीन बच्चे img-2

प्रश्न 4.
दिए गए गद्यांश को पढ़कर यथास्थान उचित विराम-चिह्नों का प्रयोग कीजिए –
मैं बहत सोचती थी कि लखिया कौन है वह जेल क्यों आई एक दिन अचानक मैंने मेट्रन से पूछा जिसका उत्तर मिला ओह यह बड़ी खतरनाक औरत है इसने पुलिस को मारा है पुलिस को पर हमने इसका दिमाग ठीक कर दिया है आपको कोई तकलीफ तो नहीं देती।
उत्तर:
मैं बहुत सोचती थी कि लखिया कौन है। वह जेल क्यों आई? एक दिन अचानक मैंने मेट्रन से पूछा, जिसका उत्तर मिला- ‘ओह! यह बड़ी खतरनाक औरत है। इसने पुलिस को मारा है-पुलिस को। पर हमने उसका दिमाग ठीक कर दिया है। आपको कोई तकलीफ तो नहीं देती?”

प्रश्न 5.
निम्नलिखित वाक्यों को निर्देशानुसार परिवर्तित कीजिए –

  1. आपको चुप रहना चाहिए। (आज्ञा वाचक)
  2. क्या तुम खेलोगे? (इच्छा वाचक)
  3. अहा! कैसा सुंदर दृश्य है। (विधिवाचक)

उत्तर:

  1. आप चुप रहिए।
  2. ईश्वर करे! तुम खेलो।
  3. बहुत सुंदर दृश्य है।

तीन बच्चे योग्यता विस्तार

प्रश्न 1.
आपने सड़क पर भजन गाते हुए छोटे बच्चों को देखा होगा, उन्हें देखकर आपके मन में क्या विचार आते हैं?
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

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प्रश्न 2.
न्यायालय, न्यायाधीश और जेल पर चार-चार वाक्य लिखिए।
उत्तर:
न्यायालय:

  1. देश में अपराधों की रोकथाम के लिए न्यायालयों की स्थापना की गई है।
  2. न्यायालय दो प्रकार के होते हैं-दीवानी और फौजदारी न्यायालय।
  3. देश में कनिष्ठ न्यायालय से लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक की न्याय व्यवस्था है।
  4. सुप्रीम कोर्ट देश का सर्वोच्च न्यायालय है।

न्यायाधीश:

  1. न्यायाधीश का कार्य न्याय करना होता है।
  2. न्यायाधीश के अदालतों के स्तर पर अपने-अपने अधिकार क्षेत्र होते हैं।
  3. न्यायाधीश मुकदमों की सुनवाई करते हैं।
  4. न्यायाधीश अपराधियों को सजा सुनाते हैं।

जेल:

  1. जेल न्यायालय से सजा-प्राप्त कैदियों को रखने का स्थान होता है।
  2. जेल में विभिन्न प्रकार के अपराधी रखे जाते हैं।
  3. जेल में यातनाएँ दी जाती हैं।
  4. जेल एक भयावह स्थान है। हमें जेल जाने योग्य कर्म नहीं करने चाहिए।

प्रश्न 3.
बच्चों का भविष्य सुरक्षित रखने के लिए क्या योजनाएँ चलाई जा रही हैं? इन योजनाओं की जानकारी स्थानीय निकायों से प्राप्त कीजिए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 4.
बाल-सुधार गृह व बाल न्यायालय के बारे में जानकारी एकत्रित करके जानकारी प्राप्त करें।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

तीन बच्चे परीक्षोपयोगी अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न

I. वस्तुनिष्ठ प्रश्न –

प्रश्न 1.
बच्चों के काकाजी को किसी का ………… के ऊपर बोलना पसंदनहीं था।
(क) सप्तम स्वर
(ख) पंचम स्वर
(ग) अष्टम स्वर
(घ) द्वितीय स्वर
उत्तर:
(ख) पंचम स्वर।

प्रश्न 2.
बड़ी लड़की की आयु दस वर्ष और छोटी की आयु सात-आठ वर्ष और लड़के की आयु थी ……..।
(क) छह वर्ष
(ख) चार वर्ष
(ग) पाँच वर्ष
(घ) एक वर्ष
उत्तर:
(ग) पाँच वर्ष।

प्रश्न 3.
लेखिका के जेल में जाने का कारण था –
(क) भारत छोड़ो आंदोलन में सत्याग्रह करना
(ख) नमक तोड़ो आंदोलन में सत्याग्रह करना
(ग) युद्ध विरोधी आंदोलन में सत्याग्रह करना
(घ) बहिष्कार आंदोलन में भाग लेना।
उत्तर:
(ग) युद्ध विरोधी आंदोलन में सत्याग्रह करना।

प्रश्न 4.
भिखारी बच्चों का बाप अमरावती जेल में था और माँ …….. थी।
(क) अमरावती जेल में
(ख) जबलपुर जेल में
(ग) थाणे जेल में
(घ) तिहाड़ जेल में
उत्तर:
(ख) जबलपुर जेल में।

प्रश्न 5.
भिखारी बच्चों ने अपने न नहाने का कारण बताया था कि …..।
(क) हमारे पास दूसरे कपड़े नहीं हैं।
(ख) हमारे पास नहाने के लिए साबुन नहीं है।
(ग) हमारे पास पानी नहीं है।
(घ) हमारे पास घर नहीं है।
उत्तर:
(क) हमारे पास दूसरे कपड़े नहीं हैं।

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प्रश्न 6.
भिखारी बच्चे जेल के पास के एक ……….. में रहते थे।
(क) झोंपड़ी
(ख) नाले
(ग) मकान
(घ) छप्पर
उत्तर:
(ख) नाले।

प्रश्न 7.
जेल में मिनू किससे हिल गई थी?
(क) लेखिका से
(ख) लखिया से
(ग) जेलर से
(घ) मेट्रन से
उत्तर:
(ख) लखिया से।

प्रश्न 8.
तीन भिखारी बच्चों की मौत हुई थी …….।
(क) बरसात के पानी में बहने से
(ख) बीमारी लग जाने से
(ग) भूख के कारण से
(घ) दुर्भाग्य से
उत्तर:
(क) बरसात के पानी में बहने से।

प्रश्न 9.
हर एक का कहना था कि –
(क) उसकी क्यारी के पौधे सबसे अधिक सुन्दर हैं।
(ख) उसकी क्यारी के फूल सबसे सुन्दर हैं।
(ग) उसकी क्यारी की मिट्टी सबसे अच्छी है।
(घ) उसकी क्यारी सबसे अधिक सुन्दर है।
उत्तर:
(ख) उसकी क्यारी. के फूल सबसे सुन्दर हैं।

II. निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति दिए गए विकल्पों के आधार पस्कीजिए –

  1. तीन बच्चे ………. है। (एकांकी/कहानी) (M.P. 2012)
  2. सुभद्राकुमारी का जन्म सन् ………. में हुआ था। (1804/1904)
  3. तीन बच्चे के रचनाकार हैं ……….। (मनमोहन मदारिया/सुभद्राकुमारी चौहान)
  4. बिखरे मोती सुभद्रा कुमारी चौहान का ………. है। (काव्य-संग्रह/कहानी-संग्रह)
  5. सत्याग्रह के दौरान सुभद्राकुमारी ………. गईं। (जेल/जेल नहीं)

उत्तर:

  1. कहानी
  2. 1904
  3. सुभद्राकुमारी चौहान
  4. कहानी-संग्रह
  5. जेल।

III. निम्नलिखित कथनों में सत्य असत्य छाँटिए –

  1. जज के पथ-प्रदर्शन के लिए कानून होते हैं।
  2. लेखिका के सामने कानून और नज़ीर थीं।
  3. गाना कोरस में था और स्वर बच्चों का-सा।
  4. लेखिका ने बाहर आकर देखा-चार बच्चे।
  5. लेखिका की सेवा के लिए दो औरतें तैनात थीं।

उत्तर:

  1. सत्य
  2. असत्य
  3. सत्य
  4. असत्य
  5. सत्य।

IV. निम्नलिखित के सही जोड़े मिलाइए –

प्रश्न 1.
MP Board Class 12th Hindi Makrand Solutions Chapter 13 तीन बच्चे img-3
उत्तर:

(i) (ग)
(ii) (घ)
(iii) (ङ)
(iv) (ख)
(v) (क)।

V. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द या एक वाक्य में दीजिए –

प्रश्न 1.
तीन बच्चे कौन थे?
उत्तर:
दो लड़कियाँ और एक लड़का।

प्रश्न 2.
लड़की ने गोद से लड़के को उतारकर क्या किया?
उत्तर:
लड़की ने गोद से लड़के को उतारकर जमीन से माथा टेककर लेखिका को प्रणाम किया।

प्रश्न 3.
बच्चों ने लेखिका को क्या बतलाया?
उत्तर:
बच्चों ने लेखिका को बतलाया कि वे भूखे हैं।

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प्रश्न 4.
बाहर से कौन-से गाने की आवाज आई?
उत्तर:
बाहर से निम्नलिखित गाने की आवाज आई “भगवान दया करके मेरी नैया को पार लगा देना।”

प्रश्न 5.
लड़की की माँ जेल में क्यों थी?
उत्तर:
पुलिस की पिटाई करने के कारण लड़की की माँ जेल में थी।

तीन बच्चे लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
लेखिका ने किन्हें हिटलर और मुसोलिनी कहा है?
उत्तर:
लेखिका ने अपने बच्चों को हिटलर और मुसोलिनी कहा है।

प्रश्न 2.
काका ने बच्चों का झगड़ा कैसे समाप्त किया?
उत्तर:
काका ने कहा, यदि तुम लड़े-भिड़े तो मैं तुम्हारी माँ को सत्याग्रह नहीं करने दूंगा। यह सुनकर बच्चों ने अपना झगड़ा समाप्त कर दिया।

प्रश्न 3.
तीन बच्चे किस प्रकार भीख माँग रहे थे?
उत्तर:
तीन बच्चे गाना गाकर भीख माँग रहे थे।

प्रश्न 4.
लेखिका ने अपने बच्चों को क्या निर्देश दिया?
उत्तर:
लेखिका ने अपने बच्चों को भीख माँगने वालों को दो-दो पूरियाँ देने का निर्देश दिया।

प्रश्न 5.
तीनों बच्चों के क्या नाम थे?
उत्तर:
बड़ी लड़की का ईठी, छोटी लड़की का सीठी और लड़के का प्रेम नाम था।

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प्रश्न 6.
बच्चों का बाप कहाँ था?
उत्तर:
अमरावती जेल में।

प्रश्न 7.
लेखिका की सेवा के लिए दोनों औरतें कैसी थीं?
उत्तर:
लेखिका की दोनों औरतें अलग-अलग विशेषताओं की थीं। उनमें एक अल्लड़-सी थी, जिसे कुछ काम-काज नहीं आता था। दूसरी समझदार थी जो हर काम को मन लगाकर करती थी।

तीन बच्चे दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
बच्चे कौन-सा गाना गाकर भीख माँग रहे थे?
उत्तर:
बच्चे निम्नलिखित गाना गाकर भीख माँग रहे थे –
“भगवान दया करना इतनी,
मेरी नैया को पार लगा देना।”
“मैं तो डूबत हूँ मँझधार पड़ीं.
मेरी बैयाँ पकड़ के उठा लेना।”

प्रश्न 2.
दूसरे दिन लेखिका के बच्चों ने क्या तर्क देकर भिखारी बच्चों को पूरियाँ खिलाईं?
उत्तर:
बच्चों ने कहा पूरियाँ तो धरी हैं। बेचारे छोटे-छोटे बच्चे हैं। जाने अकी माँ है या नहीं। वे भला कहाँ पकायेंगे। इससे तो अच्छा यह है कि उन्हें कुछ न दिया जाए। आप माँ होकर ऐसा क्यों कहती हो। उन बेचारों को भी भूख लगी होगी। हमारे हिस्से की ही दें दो। हम शाम को नाश्ता नहीं करेंगे। ये तर्क देकर लेखिका के बच्चों ने दूसरे दिन भिखारी बच्चों को पूरियाँ खिलाईं।

प्रश्न 3.
लेखिका जेल क्यों गई?
उत्तर:
लेखिका युद्ध-विरोध के आंदोलन में सत्याग्रह करके जेल गई। उसके बच्चे चाहते थे कि उनकी माँ सत्याग्रह करके जेल जाएँ।

प्रश्न 4.
लड़की ने अपने माता-पिता के संबंध में क्या बताया?
उत्तर:
लड़की ने बताया कि उसका बाप शराब पीकर दंगा करता था। माँ को मारता था और गाली बकता था। इसलिए पुलिसवाले पकड़कर ले गए और माँ ने पुलिसवालों को मारा था क्योंकि उसने हमारे बाप को पकड़ा था। इसलिए पुलिस उसे भी साथ ले गई। अब माँ-बाप दोनों जेल में हैं।

प्रश्न 5.
नाले में तीनों बच्चे क्यों बह गए?
उत्तर:
नाले में तीनों बच्चे बह गए क्योंकि उस दिन खूब पानी बरसा था। खूब बादल गरजे थे और कड़क-कड़क कर बिजली चमकी थी। अधिक पानी बरसने से बच्चों को बचने की कोई गुंजाइश नहीं रही। वे उस पानी में बह गए।

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प्रश्न 6.
लेखिका को लखिया के बारे में मेट्रन से क्या जानकारी मिली?
उत्तर:
लेखिका को लखिया के बारे में मेट्रन से यह जानकारी मिली कि वह बड़ी खतरनाक औरत है। उसने पुलिस को मारा है लेकिन पुलिस ने जेल में उसके दिमाग को ठीक कर दिया है।

तीन बच्चे लेखिका-परिचय

प्रश्न 1.
सुभद्राकुमारी चौहान का संक्षिप्त जीवन-परिचय देते हुए उनकी. साहित्यिक विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
जीवन-परिचय:
श्रीमती सुभद्राकुमारी चौहान का जन्म 16 अगस्त, 1904 ई० को निहालपुर, इलाहाबाद में हुआ था। इनका परिवार एक प्रगतिशील परिवार था। इन्होंने प्रयाग के क्रास्थवेस्ट स्कूल में शिक्षा प्राप्त की। इनकी पहली रचना ‘नीम’ 1913 ई० में ‘मर्यादा’ नामक पत्रिका में प्रकाशित हुई। उस समय इनकी आयु मात्र 9 वर्ष की थी। इनका विवाह 1919 में श्री लक्ष्मणसिंह के साथ हुआ। 1921 में गाँधी जी के असहयोग आंदोलन का प्रभाव इन पर भी पड़ा। इन्होंने अपने पति के साथ पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी।

इसके पश्चात् आप दोनों ने स्वाधीनता संग्राम में भाग लिया। 1923 में इनको सत्याग्रह के सिलसिले में पुलिस ने हिरासत में ले लिया। 1942 में भी इनको दस मास का कारावास मिला। देश के स्वाधीन होने पर आप मध्य प्रदेश विधानसभा की सदस्य बनीं। 15 फरवरी, 1948 में एक मोटर-दुर्घटना में इनकी दिमाग की नस फट गई और सिवनी में ही इनका देहावसान हो गया।

साहित्यिक विशेषताएँ:
श्रीमती सुभद्राकुमारी की साहित्य और राजनीति में आरंभं से ही रुचि थी। स्वाधीनता संग्राम में भाग लेने के कारण आप अधिक साहित्य रचना नहीं कर पाईं। फिर भी कविता, कहानी और निबंध के क्षेत्र में इनका महत्त्वपूर्ण योगदान है। इनकी रचनाएँ पत्र-पत्रिकाओं में बिखरी हुई हैं। इनकी सुप्रसिद्ध कविता ‘झाँसी की रानी’ है, जिसे अंग्रेजों ने जब्त कर लिया था। इनकी कविताओं के दो विषय रहे-राष्ट्रीयता तथा सामाजिक जीवन की समस्याएँ। राष्ट्रीय रचनाओं का मूल स्वर स्वाधीनता आंदोलन और देशभक्ति रहा।

इन कविताओं में अपने देश के प्रति अपनी भक्ति-भावना को प्रदर्शित किया है। इन कविताओं में राष्ट्रभक्ति के साथ-साथ निर्भीकता और ओजस्विता का गुण मुख्य है। सुभद्राजी हिंदी काव्य जगत् में अकेली ऐसी कवयित्री हैं, जिन्होंने अपने कंठ की पुकार से लाखों भारतीय युवक-युवतियों को युग-युग की अकर्मण्य उदासी को त्याग, स्वतंत्रता संग्राम में अपने को समर्पित कर देने के लिए प्रेरित किया। सामाजिक जीवन से संबंधित कविताओं में दाम्पत्य-प्रेम और वात्सल्य भाव की कविताएँ विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। इनके काव्य में एक ओर नारी सुलभ ममता तथा सुकुमारता है तो दूसरी ओर पद्मिनी के जौहर की भीषण ज्वाला है।

रचनाएँ:
काव्य-संग्रह-त्रिधारा और मुकुल।

कहानी-संग्रह:
सीधे-सादे चित्र, बिखरे मोती और उन्मादिनी।

इनकी कविताओं की भाषा सरल तथा बोलचाल के निकट है। वर्ण्य-विषय के अनुरूप उसमें प्रसाद और ओजगुण मिलता है। आपकी कविताओं में मानक जीवन की सहज अनुभूति हुई है। इन कविताओं में अलंकारों का प्रयोग भी सहज ढंग से ही हुआ है; अर्थात् इन रचनाओं में अलंकारों का प्रयोग प्रयत्नपूर्ण नहीं किया गया है।

तीन बच्चे पाठ का सारांश

प्रश्न 1.
‘तीन बच्चे’ कहानी का सार लिखिए।
उत्तर:
लेखिका के बच्चों ने घर की क्यारियों में फूलों के पौधे लगाए थे। थोड़े दिन बाद क्यारियों में फूल खिल आए। बच्चे आपस में झगड़ने लगे कि उसकी क्यारी के फूल सबसे सुंदर हैं। उनके झगड़े की आवाज सुनकर लेखिका को रसोईघर छोड़कर बगीचे में जाना पड़ा। लेखिका को बच्चों की लड़ाई को न्यायपूर्वक समाप्त करना था। इतने में बच्चों के काकाजी आ गए। उन्होंने बच्चों से कहा कि यदि तुम लड़े-भिड़े तो मैं तुम्हारी माँ को सत्याग्रह न करने दूंगा। लेखिका के बच्चे चाहते थे कि मैं (लेखिका) सत्याग्रह करूँ और जेल जाऊँ। बच्चों ने झगड़ना बंद कर दिया और कहा सभी क्यारियों के फूल सुंदर हैं।

सब घर के अंदर जा रहे थे कि बाहर से बच्चों के गाने की आवाज आई, “भगवान दया करना इतनी, मेरी नैया को पार लगा देना।” हम दरवाजे की और दौड़ पड़े। बाहर आकर देखा तीन बच्चे थे। दो लड़कियाँ और एक लड़का। बड़ी लड़की 10 साल की तथा छोटी 8 साल की होगी। लड़का 5 साल के लगभग होगा, जो बड़ी लड़की की गोद में था। उनके कपड़े फटे-पुराने थे। उन्होंने बताया कि वे भूखे हैं। कल से कुछ नहीं खाया है। लेखिका ने अपने बच्चों से उन्हें दो-दो पूरी लाकर देने को कहकर, अंदर चली गई। बच्चों ने उन्हें भरपेट पूरियां खिलाईं।

दूसरे दिन जब वे लोग चाय पी ही रहे थे कि उन बच्चों की टोली फिर आ पहुँची। लेखिका ने अपने बच्चों से कहा कि कल तुमने खूब पूरियाँ खिलाई थीं न, अब वे सब फिर आ गए। जैसे उनके लिए यहाँ रोज पूरियाँ रखी हैं। बच्चों ने एक साथ कहा, ‘धरी तो हैं माँ! इसके साथ ही उनके हाथ पूरी के डिब्बे की ओर बढ़े। एक बच्चे ने कहा, ‘न जाने उनकी माँ भी है या नहीं।’ बच्चों ने उन तीनों को पूरियाँ खिलाईं।

लेखिका भी दरवाजे पर पहुँच गई। लेखिका ने उनके संबंध में जानना चाहा। उसे पता लगा कि वे तीनों भाई-बहन हैं। उनमें से बड़ी लड़की का नाम ‘ईठी’, छोटी बहन का नाम ‘सीठी’ और भाई का नाम ‘प्रेम’ था। उनके माँ-बाप जेल में थे। उनका बाप शराब पीकर दंगा मचाता था और उनकी माँ को पीटता था। पुलिस ने उसके बापू को पकड़ा, तो माँ ने पुलिसवालों को मारा था इसलिए पुलिसवाले उसे भी ले गए। उनकी माँ के साथ उनका एक छोटा भाई भी था।

लेखिका को बड़ा दुख हुआ कि माँ-बाप जेल में और ये अनाथ सड़क पर भीख माँगते फिरते हैं। उन्हें देखकर लेखिका को लगा कि इन बच्चों को नहाये हुए भी काफी दिन हो गए हैं। लेखिका ने बड़ी लड़की से पूछा कि तुम अपनी माँ से मिलने जेल नहीं जातीं। इस पर उसने बताया कि तीन महीने में एक बार मुलाकात होती है। एक बार मुलाकात करने गए थे। दूसरी बार तीन महीने बाद गए, तो पता चला कि माँ को यहाँ की जेल में भेज दिया गया है। इसलिए हम काली माँ के साथ यहाँ आ गए।

काली माँ भीख माँगती है। वे तीनों बच्चे जेल के पास बने नाले के पुल के नीचे रहते हैं। कभी-कभी काली माँ आ जाती है। बड़ी लड़की कहती है-जब माँ जेल से छूटेगी तो हम उसको साथ लेकर देश जाएँगे। बालिका का मुँह इस विचार से खुशी से भर उठा। बच्चों ने लेखिका को बताया कि उनके पास दूसरे कपड़े नहीं हैं। इस पर लेखिका के बच्चों ने अपने ढेर सारे कपड़े उन्हें लाकर दिए।

लेखिका भी युद्ध-विरोधी सत्याग्रह करके जेल की अतिथि बनी। उनकी सबसे छोटी बेटी मिनू उनके साथ ही गई; क्योंकि वह बहुत छोटी थी। उन्हें जेल की बजाय, अस्पताल में रखा गया और उनकी सेवा के लिए दो साधारण कैदी स्त्रियों को लगा दिया गया था। लेखिका की सेवा में तैनात औरतों में से एक अल्हड़-सी थी। उसे कुछ काम-काज नहीं आता था और दूसरी प्रौढ़ा थी। उसकी गोद में एक बच्चा था। वह बड़ी फिक्र से सब काम करती थी। मिनू को तो उसने अपनी बच्ची की तरह हिला लिया था। उस औरत का नाम लखिया था। लेखिका लखिया के संबंध में सोचती थी कि लखिया कौन है? यह जेल क्यों आई? एक दिन लेखिका ने मेट्रन से पूछा तो उसने बताया कि इसने पुलिस को मारा था।

इस पर लेखिका को उन तीन बच्चों की याद आई। उनकी माँ भी तो पुलिस को मारने के कारण जेल में थी और उसके साथ भी एक बच्चा था लेकिन लेखिका लखिया से कुछ पूछने का साहस न जुटा पाई। एक दिन खूब मूसलाधार बरसात हुई। बादल जोर-जोर से गरजे। लेखिका ने ईश्वर से सब बच्चों को अच्छी तरह रखने की प्रार्थना की। लेखिका के पास जेल में अखबार आता था। उसमें एक खबर थी। कल रात, एकाएक बहुत पानी बरसा। जेल के पास के नाले में तीन गरीब बच्चे बह गए। उनकी लाशें मिलीं।

वे गाकर भीख माँगा करते थे। लेखिका के सामने उन तीनों बच्चों के चित्र खिंच गए। उसने जबरदस्ती अपने आँसुओं को रोका। उसके मुख से निकला-बेचारे बच्चे। लेखिका ने लखिया से पूछा कि जेल के बाहर उसके कितने बच्चे हैं? लखिया ने गहरी साँस लेकर कहा-“जेल के बाहर बाई साहब! वो तो भगवान के हैं-अपने कैसे कहूँ।” उसके बाद वह अखबार की खबर पूछती ही रह गई लेकिन उसे कुछ नहीं बता सकी।

तीन बच्चे संदर्भ-प्रसंगसहित व्याख्या

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प्रश्न 1.
संग्राम में विषैले वाक्यों का प्रयोग होते सुनकर मुझे चौके का काम छोड़, बगीचे की ओर जाना पड़ा। मुझे देखते ही सब एक साथ अपने-अपने पक्ष का समर्थन कर न्याय की दुहाई देने लगे। न्याय का कार्य उतना आसान न था, जितना एक अदालत के जज का होता है। जज के पथ-प्रदर्शन के लिए कानून होते हैं और नजीरें भी। चाहे लकीर की फकीरी में अन्याय ही क्यों न हो जाए; पर उसका मार्ग स्पष्ट रहता है। मेरे सामने न कानून था, न नज़ीर-फिर भी मुझे यह लड़ाई समाप्त करनी थी और न्यायपूर्वक। (Page 57)

शब्दार्थ:

  • संग्राम – युद्ध, लड़ाई।
  • विषैले – जहर में बुझे।
  • आसान – सरल।
  • अदालत – न्यायपालिका।
  • जज – न्यायाधीश।
  • नज़ीरें – अनेक उदाहरण।
  • प्रदर्शन – दिखावा।

प्रसंग:
प्रस्तुत गद्यांश सुभद्राकुमारी चौहान द्वारा लिखित कहानी ‘तीन बच्चे’ से , उद्धृत है। लेखिका इस गद्यांश में अपने बच्चों के परस्पर हो रही लड़ाई का वर्णन करते हुए और उनकी लड़ाई समाप्त करने के लिए न्यायाधीश की भूमिका निभाने की अपनी स्थिति का वर्णन कर रही है।

व्याख्या:
लेखिका के बच्चों ने घर की क्यारियों में एक-एक फूलों का बगीचा लगाया था। उन क्यारियों में फूल खिल आए थे और बच्चे अपनी-अपनी क्यारियों के फूलों को एक-दूसरे से सुंदर बताते हुए परस्पर लड़ने लगे थे। बच्चों की लड़ाई में प्रयुक्त हो रहे, विष की तरह वाक्यों को सुनकर लेखिका को रसोईघर का काम बीच में ही छोड़कर बगीचे में जाना पड़ा। लेखिका को बगीचे में देखकर बच्चे परस्पर लड़ना छोड़कर, लेखिका से अपने-अपने पक्ष का समर्थन कर न्याय की माँग करने लगे। बच्चे चाहते थे कि वह न्याय करे कि किसकी क्यारी के फूल सुंदर हैं।

लेखिका कहती हैं कि बच्चों में न्याय करना सरल नहीं था। यदि एक का पक्ष लेकर उसकी क्यारी के फूलों को सुंदर बताया तो दूसरा नाराज. हो जाएगा और यदि दूसरे के फूलों को सुंदर बताया तो पहला नाराज हो जाएगा। न्यायालय में बैठे न्यायाधीश के लिए न्याय करना अधिक आसान होता है, क्योंकि न्याय के लिए न्यायालय के न्यायाधीश के सामने कानून होता है, जो उसको मार्ग दिखाते हैं।

इतना ही नहीं उसके सामने उदाहरण होते हैं और वकीलों के तर्क होते हैं। यह दूसरी बात है कि कानूनों का अक्षरशः पालन करने में अन्याय ही क्यों न हो जाए, किंतु उसका न्याय करने का रास्ता एकदम साफ होता है। लेखिका कहती है कि उसके सामने न तो कोई कानून था और न ही कोई उदाहरण था। ऐसी स्थिति में भी उसे बच्चों की इस लड़ाई को.समाप्त करना था और वह भी बिना किसी का पक्ष लिए हुए। उसे निष्पक्ष रहकर न्याय करनाथा।

विशेष:

  1. लेखिका ने इस तथ्य को उजागर किया है कि बच्चों की लड़ाई का निर्णय करना आसान नहीं होता है।
  2. न्याय के रास्ते की कठिनाइयों का वर्णन किया गया है।
  3. भाषा उर्दू शब्दावली युक्तखड़ी बोली है।
  4. मुहावरों का भी प्रयोग किया गया है।

प्रश्न 2.
हम लोगों को देखते ही उन्होंने गाना बंद कर दिया। लड़के को गोद से उतारकर, बड़ी ने जमीन से माथा टेककर हमें प्रणाम किया। उसकी देखा-देखी छोटी लड़की और लड़के ने जमीन से माथा टेका और तीनों ने अपने चीथड़ों से छिपे हुए पेट को दिखाकर यह बतलाया कि वे भूखे हैं। बड़ी के हाथ में एक झोली थी और छोटी के हाथ में एक टीन का डिब्बा। उन्होंने एक बार झोली की ओर देखा जो बिलकुल खाली जान पड़ती थी फिर हमारी ओर याचना की दृष्टि से देखने लगे। मैंने उनसे कहा-“तुम गाती तो बहुत अच्छा हो, और भी कोई गाना. जानती हो?” (Page 57)

शब्दार्थ:

  • जमीन – धरती, पृथ्वी।
  • चीथड़ों – फटे-पुराने कपड़े।
  • माथा टेकना – भूमि से सर लगाकर प्रणाम करना।
  • याचना – प्रार्थना करना, माँगना।

प्रसंग:
प्रस्तुत गद्यांश सुभद्राकुमारी चौहान द्वारा रचित कहानी ‘तीन बच्चे’ से उद्धृत है। लेखिका तीन भीख माँगने वाले बच्चों की दुर्दशा का वर्णन करती हुई कहती है।

व्याख्या:
बच्चों की लड़ाई समाप्त होने के बाद लेखिका घर के अंदर जा रही थी कि बाहर से बच्चों के गाने की आवाज सुनकर सब दरवाजे की ओर दौड़ पड़े और बाहर आकर उन्होंने देखा कि तीन बच्चे दो लड़कियाँ और एक लड़का गाकर भीख माँग रहे हैं। लेखिका कहती है कि हमें बाहर आया देखकर उन तीनों बच्चों ने गाना बंद कर दिया। उनमें से बड़ी लड़की ने लड़के को गोद से उतार दिया और भूमि से सर लगाकर उसे प्रणाम किया।

उस बड़ी लड़की का अनुसरण करते हुए छोटी लड़की और लड़के ने भी भूमि से माथा टेककर उसे प्रणाम किया। उन तीनों ने अपने फटे-पुराने, मैल से भरे हुए कपड़ों में छिपे पेट को दिखलाते हुए बताया कि वे भूखे हैं। बड़ी लड़की के हाथ में एक झोली थी और छोटी के हाथ में टीन का डिब्बा था। उनकी झोली बिलकुल खाली थी। उन तीनों में माँगने की दृष्टि से हमारी ओर देखा। लेखिका कहती है कि मैंने उन तीनों से कहा कि तुम तीनों बहुत अच्छा गाते हो। क्या और भी कोई गाना जानती हो?

विशेष:

  1. भीख माँगने वाले बच्चों की स्थिति का हृदयस्पर्शी वर्णन किया गया हैं।
  2. भाषा सरल, स्पष्ट, सुबोध खड़ी बोली है।
  3. मुहावरों का भी प्रयोग हुआ है।

प्रश्न 3.
हमारी माँ ने पुलिस वालों को मारा था-जिसने हमारे बाप को पकड़ा था न, उसी को। और फिर वे हमारी माँ को भी पकड़ कर ले गए। बड़े बुरे होते हैं पुलिस वाले-“हमारी माँ को भी ले गए। माँ के बिना हमको भी बुरा लगता है, पर यह प्रेमा तो रात-दिन रोता ही रहता है।” मैंने लड़के की ओर देखा-बेचारा छोटा-सा बच्चा; मुश्किल से पाँच बरस का फटे चीथड़ों में लिपटा हुआ, सर में महीनों से तेल का नाम नहीं, रूखे-बिखरे बाल न जाने कब से नहाया नहीं था; शरीर पर एक मैल की तह-सी जम गई थी, गालों पर आँसुओं के निशान बने हुए थे, आँसुओं के साथ-साथ उस स्थान की मैल जो धुल गई थी। मुझे उस बच्चे पर बड़ी दया आई। (Pages 59-60)

शब्दार्थ:

  • मुश्किल – कठिनाई।
  • तह जमना – परत जमना।

प्रसंग:
प्रस्तुत गद्यांश सुभद्राकुमारी चौहान द्वारा रचित कहानी ‘तीन बच्चे’ से उद्धृत है। भीख माँगने वाली लड़की अपनी माँ के जेल जाने का कारण लेखिका को बता रही है, तो लेखिका उनके साथ छोटे लड़के की दुर्दशा का चित्रण कर रही है।

व्याख्या:
भीख माँगने वाले तीन बच्चों में से बड़ी लड़की बताती है कि हमारी माँ ने उन पुलिसवालों को मारा था, जिन्होंने हमारे बाप को पकड़ा था। पुलिसवालों को पीटने के अपराध में पुलिस हमारी माँ को भी पकड़कर ले गई थी। लड़की कहती है कि पुलिसवाले बहुत बुरे होते हैं। वे हमारी माँ को पकड़कर ले गए। उसे भी जेल में डाल दिया। माँ के बिना हम बच्चों को बुरा लगता है। माँ का अभाव हमें खलता है। यह मेरा भाई प्रेम तो रात-दिन माँ को याद करके रोता ही रहता है।

लेखिका कहती है कि मैंने उस लड़के की ओर देखा-बेचारा (असहाय, विवश) छोटा-सा बच्चा है। वह मुश्किल से पाँच वर्ष का होगा। फटे-पुराने मैले कपड़ों में लिपटा हुआ है। उसके बाल रूखे-सूखे हैं, लगता है उसे नहाये हुए बहुत दिन हो गए थे। उसके शरीर पर मैल की एक तह-सी जम गई थी। उसके गालों पर आँसुओं के बहने के निशान बन गए थे। गालों पर आँसुओं के बहने से उस छोटे-से बच्चे के गालों से मैल भी धुल गई थी। लेखिका कहती है कि मुझे उसकी दुर्दशा देखकर बड़ी दया आई। लेखिका के मन में उस अबोध बालक के प्रति दया का भाव जागृत हो उठा।

विशेष:

  1. लड़की ने अपनी माँ के जेल जाने के कारण को स्पष्ट किया है।
  2. लेखिका ने छोटे लड़के की दयनीय स्थिति पर प्रकाश डाला गया
  3. भाषा सरल, स्पष्ट खड़ी बोली है।

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प्रश्न 4.
मेरी सेवा के लिए जो दो औरतें तैनात थीं, उनमें एक तो अल्हड़-सी थी, जिसे कुछ काम-काज न आता था पर दूसरी समझदार थी। वह प्रौढ़ा थी। उसकी गोद में भी एक बच्चा था। वह बड़ी फिक्र से सब काम करती थी। वह अधिकतर चुप रहती थी, जैसे सदा मन ही मन कुछ सोचा करती हो। मिनू को तो उसने इस प्रकार हिला लिया था जैसे वह उसकी बच्ची हो। उसका खुद का बच्चा पाँव-पाँव चलता और मिनू उसकी गोदी पर। पानी भरती, तो मिनू उसके साथ होती; दाल दलती, तो मिनू उसके साथ और बर्तन मलती तो मिनू भी उसके साथ छोटी-छोटी कटोरियाँ और गिलास मलती दीख पड़ती। अंत को बात इतनी बढ़ी कि वह मिनू को अपनी पीठ से बाँधकर झाडू देने लगी। उसका नाम का लखिया’। (Page 61)

शब्दार्थ:

  • तैनात – नियुक्त।
  • अल्हड़ – बालोचित सरलता के साथ मस्त और लापरवाह।
  • प्रौढ़ा – वह स्त्री जिसकी आयु अधिक हो चली हो।
  • फिक्र – चिंता।
  • हिला लेना – घुल-मिल जाना।

प्रसंग:
प्रस्तुत गद्यांश सुभद्राकुमारी चौहान द्वारा रचित कहानी ‘तीन बच्चे – उद्धृत है। इस गद्यांश में लेखिका उनकी सेवा में नियुक्त दोनों स्त्रियों की विशेषताओं पर प्रकाश डाल रही है।

व्याख्या:
लेखिका युद्ध-विरोधी आंदोलन में सत्याग्रह करके जेल चली गई, तो उसे जबलपुर जेल में रखने की अपेक्षा अस्पताल में आ गया और दो महिला कैदियों को उसकी देखभाल के लिए नियुक्त कर दिया था था। उन दोनों महिलाओं में से एक बातूनी सरसता के साथ मस्त और लापरवाह थी। उसे कोई काम-काज नहीं आता था किंतु दूसरी समझदार थी। वह अधिक आयु की थी। उसकी गोद में भी एक बच्चा था। वह प्रत्येक काम में निपुण थी और बड़ी चिंता के साथ सब काम करती थी। वह अधिक नहीं बोलती थी। अधिकांश समय चुप ही रहती थी। उसे देखकर लगता था जैसे वह मन ही मन सोचती रहती हो।

लेखिका कहती कि उस औरत ने मेरी लड़की मिनू को अपने साथ इस प्रकार घुला मिला लिया था जैसे वह उसकी लड़की हो। उसका स्वयं का लड़का पैदल चलता था और मीनू उसकी गोदी में रहती। जब वह पानी भरती तो भी मिनू उसके साथ ही रहती, दाल दलती तो भी मिनू उसके साथ ही रहती और वह बर्तन साफ करती तो मिनू भी उसके काम में हाथ बँटाती। वह छोटी-छोटी कटोरियाँ और गिलास मलती दिखाई पड़ती। भाव यह कि मिनू उस औरत के ही साथ रहती। आखिर में बात इतनी बढ़ गई कि वह मिनू को अपनी पीठ से बाँधकर सफाई का काम करने लगी। उस औरत का नाम लखिया था। लखिया के साथ मीनू बहुत अधिक घुल-मिल गई थी।

विशेष:

  1. लेखिका ने लखिया नामक महिला कैदी और अपनी सेविका के चरित्र पर प्रकाश डाला है।
  2. भाषा चित्रात्मक है।
  3. भाषा खड़ी बोली है।

प्रश्न 5.
मैं बहुत सोचती थी कि लखिया कौन है। वह जेल क्यों आई? एक दिन अचानक मैंने मेट्रन से पूछा, जिसका उत्तर मिला-“ओह! यह बड़ी खतरनाक औरत है। इसने पुलिस को मारा है-पुलिस को। पर हमने उसका दिमाग ठीक कर दिया है। आपको कोई तकलीफ तो नहीं देती?” अचानक मुझे उन बच्चों का ख्याल में गया। उनकी माँ भी तो पुलिस को मारने के कारण जेल भेजी गई थी और उसके साथ भी तो एक छोटा बच्चा था। पूछना मैंने कई बार चाहा, पर लखिया की गंभीर और उदास मुद्रा देखकर, हिम्मत मेरी एक बार भी न हुई। (Page 61)

शब्दार्थ:

  • अचानक – एकाएक, अकस्मात।
  • दिमाग – मस्तिष्क।
  • तकलीफ – कष्ट, दुख।
  • ख्याल – ध्यान।
  • मुद्रा – आकृति।

प्रसंग:
प्रस्तुत गद्यांश सुभद्राकुमारी चौहान द्वारा रचित कहानी ‘तीन बच्चे’ से उद्धृत है। लेखिका लखिया के संबंध में बता रही है।

व्याख्या:
लेखिका कहती है कि मैं लखिया के संबंध में बहुत सोचती थी कि यह कौन है और किस अपराध में जेल आई है? एक दिन एकाएक मैंने मेट्रन से लखिया के संबंध में पूछा, तो उसने बताया कि यह बहुत खतरनाक स्त्री है। इसने पुलिसवालों की पिटाई की है किंतु हमने इसका दिमाग ठीक कर दिया है। यह आपको कोई कष्ट तो नहीं देती। लेखिका कहती है कि यह सुनकर कि इसने पुलिसवालों को पीटा है, मुझे उन तीन भीख माँगने वाले बच्चों का ध्यान आ गया।

उनकी माँ भी तो पुलिसवालों को मारने के अपराध में जेल में थी। उसके साथ भी एक बच्चा था। लेखिका कहती है कि मैंने इस संबंध में लखिया से कई बार पूछना चाहा लेकिन उसका गंभीर और उदास मुख देखकर, एक बार भी साहस नहीं हुआ। कहने का भाव यह है कि लेखिका लखिया से चाहते हुए भी कुछ नहीं पूछ सकी।

विशेष:

  1. लेखिका लखिया के संबंध में जिज्ञासा होते हुए उससे कुछ भी पूछने का साहस नहीं जुटा सकी। लेखिका की मनःस्थिति पर प्रकाश डाला गया है।
  2. भाषा सरल, स्पष्ट खड़ी बोली है।

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