MP Board Class 10th Sanskrit Solutions Chapter 16 ब्रह्मवादिनी मैत्रेयी

MP Board Class 10th Sanskrit Solutions Durva Chapter 16 ब्रह्मवादिनी मैत्रेयी (गद्यम्) (सङ्कलितम्)

MP Board Class 10th Sanskrit Chapter 16 पाठ्यपुस्तक के प्रश्न

कक्षा 10 संस्कृत पाठ 16 MP Board प्रश्न 1.
एकपदेन उत्तरं लिखत-(एक पद में उत्तर लिखिए)।
(क) भारतीयसमाजे का सदैव पूज्या अस्ति? (भारतीय समाज में कौन हमेशा पूजनीय है?)
उत्तर:
नारी (स्त्री)

(ख) मैत्रेयी कस्य पत्नी आसीत्? (मैत्रेयी किसकी पत्नी थी?)
उत्तर:
याज्ञवल्क्यस्य (याज्ञवल्क्य की)

(ग) जनकः सीताम् अध्यापयितुं कां नियोजितवान्? (जनक ने सीता को पढ़ाने के लिए किसे नियुक्त किया?)
उत्तर:
मैत्रेयीम् (मैत्रेयी को)

(घ) आश्रमव्यवस्था का पश्यति स्म? (आश्रम की व्यवस्था कौन देखती थी?)
उत्तर:
कात्यायनी (कात्यायनी)

(ङ) सर्वस्य जलस्य आधारः कः? (सारे जल का आधार क्या है?)
उत्तर:
समुद्रः (समुद्र)

Mp Board Class 10 Sanskrit Chapter 16 प्रश्न 2.
एकवाक्येन उत्तरं लिखत-(एक पाक्य में उत्तर लिखिए)
(क) देवताः कुत्र रमन्ते? (देवता कहाँ खुश होते हैं?)
उत्तर:
यत्र नार्यः पूज्यन्ते देवताः तत्र रमन्ते। (जहाँ नारियों की पूजा होती है, वहाँ देवता खुश होते हैं।)

(ख) मैत्रेयी सीतां केषां ज्ञानं दत्तवती? (मैत्रेयी ने सीता को किसका ज्ञान दिया?)
उत्तर:
मैत्रेयी सीतां वेदानां संस्काराणाम् इन्द्रियनिग्रहस्य च ज्ञानं दत्तवती। (मैत्रेयी ने सीता को वेदों, संस्कारों और इन्द्रियों के संयम का ज्ञान दिया।)

(ग) धनेन किं न प्राप्यते। (धन से क्या नहीं मिलता?)
उत्तर:
धनेन अमृतत्वं न प्राप्यते। (धन से अमृतत्व प्राप्त नहीं होता।)

(घ) अमृतत्वस्य साधनं किम्? (अमृतत्व का साधन क्या है?)
उत्तर:
अमृतत्वस्य साधनम् आत्मसाक्षात्कारः आस्त। (अमृतत्व का साधन अपने को जानना है।)

(ङ) कः मुक्तिं प्राप्तुं न शक्नोति? (कौन मुक्ति प्राप्त नहीं कर सकता?)
उत्तर:
यः सर्वाणि भूतानि आत्मनः भिन्नानि पश्यति सः मुक्तिं प्राप्तुं न शक्नोति। (जो सब प्राणियों की आत्मा को भिन्न देखता है, वह मुक्ति प्राप्त नहीं कर सकता।)

Class 10 Sanskrit Chapter 16 MP Board प्रश्न 3.
अधोलिखितप्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत-(नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लिखिए-)
(क) देवताः कुत्र रमन्ते? कुत्र न रमन्ते? (देवता कहाँ खुश होते हैं? कहाँ नहीं?)
उत्तर:
यत्र नार्यः पूज्यन्ते, देवता तत्र रमन्ते। यत्र ताः अपमानिताः भवन्ति, तत्र न रमन्ते। (जहाँ नारियों की पूजा होती है, वहाँ देवता खुश होते हैं, जहाँ उनका अपमान होता है, वहाँ वे खश नहीं होते।)

(ख) उपनिषत्काले भारते नारीणां दशा कीदृशी आसीत्? (उपनिषद् के समय में भारत में नारियों की दशा कैसी थी?)
उत्तर:
उपनिषत्काले स्त्री शिक्षायाः महत्वम् अधिकम् आसीत्। ताः वेदाध्ययनम् अपि कुर्वन्ति स्म। तासाम् उपनयन संस्कारः अपि भवति स्म।
(उपनिषद् काल में स्त्री शिक्षा का महत्व बहुत अधिक था। वे वेदों का अध्ययन भी करती थीं। उनका उपनयन संस्कार भी होता था।)

(ग) याज्ञवल्क्यः मैत्रेयीं कात्यायनी च आहूय किम् उक्तवान्? (याज्ञवल्क्य ने मैत्रेयी और कात्यायनी को बुलाकर क्या कहा?)
उत्तर:
याज्ञवल्क्यः मैत्रेयीं कात्यायनी च आहूय उक्तवान् यत्-“अद्य अहं गृहस्थाश्रमं त्यक्त्वा संन्यासाश्रमं स्वीकरोमि। मम गमनादनन्तरं युवयोर्मध्ये कलहः मा भवतु। अतः सम्पत्ति विभाजनं कृत्वा एव गच्छामि” इति।

(याज्ञवल्क्य ने मैत्रेयी और कात्यायनी को बुलाकर कहा-“आज मैं गृहस्थाश्रम छोड़कर संन्यासाश्रम ले रहा हूँ। मेरे जाने के बाद तुम दोनों के बीच झगड़ा न हो। इसलिए सम्पत्ति का विभाजन करके ही जाऊँगा।”)

Mp Board Class 10th Sanskrit Chapter 16 प्रश्न 4.
प्रदत्तशब्दैः रिक्तस्थानानि पूरयत-(दिए गए शब्दों से रिक्त स्थान भरिए-)
(अद्वितीयं, आत्मा, मैत्रेयी, अमृतत्वस्य, वेदाध्ययन)
(क) सर्वेषु शरीरेषु…………. एक एव।
(ख) मैत्रेयी…………. कुर्वती आसीत्।
(ग) एकमेव ………….परब्रह्म।
(घ) याज्ञवल्क्यात् …………. ब्रह्मज्ञानं प्राप्तवती।
(ङ) आत्मसाक्षात्कारः एव …………. साधनम्
उत्तर:
(क) आत्मा
(ख) वेदाध्ययनं
(ग) अद्वितीयं
(घ) मैत्रेयी
(ङ) अमृतत्वस्य।

Sanskrit Chapter 16 MP Board प्रश्न 5.
शुद्धवाक्यानां समक्षम् ‘आम्’ अशुद्धवाक्यानां समक्षम् ‘न’ इति लिखत
(शुद्ध वाक्यों के सामने ‘आम्’ तथा अशुद्ध वाक्यों के सामने ‘न’ लिखिए-)
(क) आत्मा एव अखिलविश्वस्य आधारः अस्ति।
(ख) धनेन अमृतत्वं प्राप्यते।
(ग) वैदिककाले नारी शिक्षिता आसीत्।।
(घ) उपनिषत्काले नारीणाम् उपनयनसंस्कारः अपि क्रियते स्म।।
(ङ) कात्यायनी सीतां ज्ञानं दत्तवती।
उत्तर:
(क) आम्:
(ख) न:
(ग) आम्:
(घ) आम्:
(ङ) न।

Class 10 Sanskrit Mp Board प्रश्न 6.
अधोलिखितशब्दानां मूलशब्दं विभक्तिं वचनं च लिखत
(नीचे लिखे शब्दों के मूलशब्द, विभक्ति और वचन लिखिए-)
कक्षा 10 संस्कृत पाठ 16 MP Board
उत्तर:
Mp Board Class 10 Sanskrit Chapter 16

Sanskrit Class 10 Chapter 16 Mp Board प्रश्न 7.
अधोलिखितशब्दानां धातुं लकारं च लिखत
(नीचे लिखे शब्दों के धातु और लकार लिखिए-)
Class 10 Sanskrit Chapter 16 MP Board
उत्तर:
Mp Board Class 10th Sanskrit Chapter 16

Sanskrit Class 10 Mp Board प्रश्न 8.
अधोलिखितशब्दानां धातुं प्रत्ययञ्च पृथक कुरुत
(नीचे लिखे शब्दों के धातु और प्रत्यय अलग कीजिए-)
Sanskrit Chapter 16 MP Board
उत्तर:
Class 10 Sanskrit Mp Board

Class 10th Sanskrit Mp Board प्रश्न 9.
अधोलिखितशब्दानां पर्यायशब्दान् लिखत
(नीचे लिखे शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए-)
यथा- नारीणाम् – स्त्रीणाम्
(क) सङ्कटकाले
(ख) उपनयनसंस्कारः
(ग) समुद्रे
(घ) पतिः
उत्तर:
(क) सङ्कटकाले – आपत्तिकाले/आपत्काले
(ख) उपनयनसंस्कारः – यज्ञोपवीतसंस्कारः
(ग) समुद्रे – सागरे
(घ) पतिः – भर्ता, स्वामी

Mp Board Class 10 Sanskrit Solution प्रश्न 10.
अव्ययैः वाक्यनिर्माणं कुरुत-(अव्ययों से वाक्य बनाइए-)
यथा- यदा-तदा – यदा रामः पठति तदा कृष्णः पठति
(क) कृते
(ख) एव
(ग) बहिः
(घ) यत्र।
उत्तर:
(क) कृते – अहम् तव कृते कार्यं करोमि। (मैं तुम्हारे लिए काम करता हूँ।)
(ख) एव – रामः एव नृपः अभवत्। (राम ही राजा बने।)
(ग) बहिः – ग्रहात् बहिः वृष्टिः भवति। (घर के बाहर वर्षा हो रही है।)
(घ) यत्र – यत्र त्वम् कथयिष्यसि वयं तत्र गमिष्यामः (जहाँ तुम कहोगे हम सब वहीं चलेंगे।)

Mp Board Class 10th Sanskrit Solution योग्यताविस्तार –

वैदिककाले याः अन्याः ब्रह्मवादिन्यः आसन् तासां विषये अन्विष्य पठत।
(वैदिक काल में जो अन्य ब्रह्मवादिनी है; उनके विषय में ढूँढ़ कर पढ़िए।)

वैदिककाले नारीणां दशा भारतवर्षे कीदृशी आसीत् लिखत।
(वैदिक काल में भारत में नारी की दशा कैसी थी लिखिए।

ब्रह्मवादिनी मैत्रेयी पाठ का सार

प्रस्तुत पाठ में ‘ब्रह्मवादिनी मैत्रेयी’ की विद्वत्ता का संक्षेप में वर्णन किया गया है। उनके जीवन-चरित्र पर भी प्रकाश डाला गया है कि वे याज्ञवल्क्य की पत्नी थी। वैदिक ज्ञान से युक्त थी तथा अधिक विदुषी थी। उनके कारण नारी जाति का स्थान समाज में ऊँचा हुआ था।

ब्रह्मवादिनी मैत्रेयी पाठ का अनुवाद

1. भारतीयसमाजे नारी सदैव सम्मानार्हा पूज्या च अस्ति। अत एवोक्तम्
यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः।
यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफलाः क्रियाः॥

यत्र नारीणाम् आरः भवति तत्र देवताः स्वयं निवसन्ति। परं यत्र ताः अपमानिताः भवन्ति तत्र सर्वाणि कार्याणि विफलानि भवन्ति।

भारते वैदिककाले उपनिषत्काले च नारी शिक्षिता आसीत्। सा न केवलम् अध्ययनम् अपितु सूक्तरचनाः अपि करोति स्म। वैदिककाले अपाला, घोषा, विश्ववारा, मैत्रेयी एतादृश्यः ब्रह्मवादिन्यः आसन् । उपनिषत्काले ताः जीवनविषयकं जगद्विषयकञ्च ज्ञानम् अधिगन्तुम इच्छन्ति स्म उपनिषत्काले वेदाध्ययनस्य कृते तासाम् उपनयनसंस्कारः अपि क्रियते स्म। “पुरा कल्पे तु नारीणां मौजीबन्धनमिष्यते” इत्यनेन स्मृतिवचनेन तद् ज्ञायते।

Class 10th Mp Board Sanskrit शब्दार्थाः :
सम्मानार्हा-सम्मान के योग्य- adorable, deserving honour; रमन्ते–आनन्दित होते हैं-enjoy, feel delighted; सूक्तरचनाः-वैदिक सूक्तों की रचना-composing vedic hymns; ब्रह्मवादिन्यः-ब्रह्मतत्व को जानने वाली/अध्यापन कराने वाली-knowers of delicacies of Brahman; अधिगन्तुम-जानने के लिए-to know/ to teach; मौजीबन्धनम्-मुंज की घास का बना कटि सूत्र पहनना-wearing a sacred thread of grass.

Mp Board Class 10 Sanskrit अनुवाद :
भारतीय समाज में नारी सदैव सम्मान के योग्य व पूजनीय (रही) है। इसलिए कहा भी है
जहाँ नारियों की पूजा होती है, वहीं देवता खुश होते हैं, जहाँ उनकी पूजा नहीं होती, वहाँ सभी कार्यों के फल प्राप्त नहीं होते।”

जहाँ नारियों का आदर होता है, वहाँ देवता स्वयं निवास करते हैं। पर जहाँ वे अपमानित होती हैं वहाँ सब कार्य विफल होते हैं।

भारत में वैदिक काल में और उपनिषद् काल में नारी शिक्षित थी। वह न केवल पढ़ती थी बल्कि सूक्तों की रचना भी करती थी। वैदिक समय में अपाला, घोषा, विश्ववारा, मैत्रेयी ऐसी ब्रह्मतत्व को जानने वाली थीं। उपनिषद् काल में वे जीवन विषयक और जगद विषयक का ज्ञान जानने के लिए इच्छुक थीं। उपनिषद् काल में वेदाध्ययन के लिए उनका उपनयन-संस्कार भी किया जाता था। “प्राचीन समय में तो नारियों के मौजी बंधती थी” इन स्मृति के वचनों के द्वारा यह ज्ञात होता है।

Mp Board Solution Class 10 Sanskrit English :
Women were always held in respect. They were educated-composed vedic hymns also-women studied Brahman during vedic age–Their thread ceremony was held in upanisdic ageThey wore the girdle of grass.

2. याज्ञवल्क्यस्य भार्याद्वयम् आसीत्। कात्यायनी मैत्रेयी च। कात्यायनी गृहकर्मकुशला आश्रमव्यवस्थां पश्यति स्म। मैत्रेयी आध्यात्मिकरूचिसम्पन्ना वेदाध्ययनं शास्त्रचर्चा च कुर्वती आसीत्। महाराजजनकः तस्याः पाण्डित्यम् अध्यापनकौशलं ज्ञात्वा तां सीताम् अध्यापयितुं नियोजितवान्। मैत्रेयी सीतां वेदानां संस्काराणाम् इन्द्रियनिग्रहस्य च ज्ञानं दत्तवती। एतादृशेण अध्यापनेन दृढसंस्कारैः च सीता स्वजीवने सङ्कटकाले अपि न विचलिता अभवत्।

Mp Board Class 10 Sanskrit Book Pdf शब्दार्थाः :
पाण्डित्यम्-ज्ञान को-learning, wisdom, knowledge; इन्द्रियनिग्रहस्य-इन्द्रियों के संयम का-restraint over senses.

अनुवाद :
याज्ञवल्क्य की दो पत्नियां थीं। कात्यायनी और मैत्रैयी। कात्यायनी घर के कार्यों में कुशल थी तथा आश्रम की व्यवस्था देखती थी। मैत्रेयी आध्यात्मिक रूचि से सम्पन्न वेदाध्ययन और शास्त्रचर्चा करती थी। महाराज जनक ने उनके ज्ञान को तथा अध्यापन कौशल को जानकर उन्हें सीता को पढ़ाने के लिए नियुक्त किया। मैत्रेयी ने सीता को वेदों का, संस्कारों का और इन्द्रियों को संयम में रखने का ज्ञान दिया। ऐसे अध्यापन तथा दृढ़ संस्कारों से ही सीता अपने जीवन में सङ्कट के समय में भी विचलित नहीं हुई।

Class 10 Mp Board Sanskrit Solution English :
Maitreyi was Yagyavalkayas’s wife she had spiritual tastes-she read vedas and discussed scriptures-king Janak engaged her to teach vedas, sacraments and sense restraint to Sita.

3. एकदा याज्ञवल्क्यः मैत्रेयीं कात्यायनी च आहूतवान् तथा उक्तवान्-“अद्य अहं गृहस्थाश्रमं त्यक्त्वा संन्यासाश्रम स्वीकारोमि। मम गमनादनन्तरं युवयोर्मध्ये कलहः मा भवतु। अतः सम्पत्तिविभाजनं कृत्वा एवं गच्छामि” इति। पत्युः निर्णयं श्रुत्वा मैत्रेयी चिन्तामग्ना अभवत्। यदि मम सर्वाधारः पतिः संन्यासं स्वीकरोति तर्हि एतेन नश्वरेण धनेन किम्? इति विचिन्त्य सा उक्तवती-“भगवन् अनेन ऐश्वर्येण युक्तं पृथिवीं प्राप्य अहम् अमृता भविष्यामि वा?” नहि।” “धनेन धनिकः मनुष्यः यथा जीवनं सुखेनैव यापयति तथैव भवत्याः अपि जीवन सुखमयं भवेत्। परम् एतेन धनेन अमृतत्वं न प्राप्यते” इति याज्ञवल्क्यः उक्तवान्।

तत् श्रुत्वा मैत्रेयी अवदत्-“यदि वित्तेन नाहम् अमृता भविष्यामि तर्हि धनं स्वीकृत्य किं करोमि? यत् अमृतत्वस्य साधनम् अस्ति तद् वदतु भवान्।”

शब्दार्थाः :
आहूतवान्-बुलाया-called; गमनादनन्तरम्-जाने के बाद-after departure; युवयोर्मध्ये–तुम दोनों के बीच में-between you both; सर्वाधारः-सम्पूर्ण आधार-basis.

अनुवाद :
एक बार याज्ञवल्क्य ने मैत्रेयी और कात्यायनी को बुलाया और कहा-“आज मैं गृहस्थाश्रम छोड़कर संन्यासाश्रम स्वीकार कर रहा हूँ। मेरे जाने के बाद तुम दोनों के बीच क्लेश न हो। इसलिए सम्पति का विभाजन करके ही जाऊँगा।” पति का निर्णय सुनकर मैत्रेयी चिन्तित हो गई। यदि मेरा सम्पूर्ण आधार पति संन्यास ले रहे हैं तो इस नश्वर धन से क्या? यह सोचकर उसने कहा-“भगवन्! इस ऐश्वर्य से युक्त पृथ्वी को प्राप्त कर मैं अमर हो जाऊँगी क्या?” नहीं। “धन से धनवान् मनुष्य जैसे जीवन सुख से ही बिताता है वैसे ही तुम्हारा जीवन भी सुखमय हो। पर इस धन से अमरत्व नहीं मिलेगा” ऐसा याज्ञवल्क्य ने कहा। यह सुनकर मैत्रेयी ने कहा- “यदि धन से मैं अमर नहीं होऊँगी तो धन लेकर क्या करूँगी? जो अमरत्व का साधन है, आप वह कहिए।”

English :
Yagyavalkya desired to make division of property between his wife Katyayani and Maitrayi. Maitrayi called the worldly possessions useless-They could not make her immortal-rejected the acceptance (offer) of division.

4. स्वपल्याः ब्रह्मजिज्ञासां ज्ञात्वा याज्ञवल्क्यः आत्मनिरूपणम् आरब्धवान्-“मैत्रेयि! पत्न्याः कृते पतिः प्रियः भवति, पुत्रः प्रियः भवति। परं सः पुत्रस्य कृते पत्युः कृते वा प्रियः न भवति, अपितु आत्मनः कृते प्रियः भवति। तथैव धनं प्रियं भवति, देवाः प्रियाः भवन्ति। परं सर्वम् आत्मनः कृते एव। यस्मिन् आत्मनि वयं स्निह्यामः सः एकः एव। अयं ब्राह्मणः, अयं क्षत्रियः इति एतेषां शरीराणि भिन्नानि परन्तु तेषु शरीरेषु सर्वेषु आत्मा एक एव। यः सर्वाणि भूतानि आत्मनः भिन्नानि पश्यति सः मुक्तिं प्राप्तुं न शक्नोति। सर्वेषु शरीरेषु एकः एव आत्मा इति यः जानाति सः मुक्तिं प्राप्नोति। अयम् आत्मा एव अखिलस्य विश्वस्य आधारः इति। ‘कथम्’ इति तं मैत्रेयी अपृच्छत्।

शब्दार्थाः :
आरब्धवान्-शुरू किया-began; आत्मनः-स्वयं का-of self;स्निह्यापः-स्नेह करते हैं-love, attachment.

अनुवाद :
अपनी पत्नी की ब्रह्म जिज्ञासा को जानकर याज्ञवल्क्य ने आत्मा का निरूपण शुरू किया-“मैत्रेयी! पत्नी के लिए पति प्रिय होता है, पुत्र प्रिय होता है। परन्तु वह पुत्र के लिए और पति के लिए प्रिय नहीं होता, बल्कि अपने लिए प्रिय होता है। वैसे ही धन प्रिय होता है, देव प्रिय होते हैं। पर सब अपने ही लिए। जिस आत्मा में हम स्नेह रखते हैं वह एक ही है। यह ब्राह्मण है, यह क्षत्रिय है, इस प्रकार शरीर भिन्न हैं पर उन सब शरीरों में आत्मा एक ही है। जो सब प्राणियों की आत्मा को भिन्न देखता है, वह मुक्ति नहीं पा सकता। सब शरीरों में एक ही आत्मा है जो यह जानता है वह मुक्ति प्राप्त करता है । यह आत्मा ही पूरे विश्व का आधार है। ‘कैसे’ मैत्रेयी ने उससे पूछा।

English :
Yagyavalkaya started describing the soul one loves every being or object for one’s own sake. There is a single soul in all bodies of all castes-one who knows this seeks salvation and vice versa.

5. याज्ञवल्क्यः उदाहरणेन स्पष्टं कृतवान्-“यथा सर्वस्य जलस्य समुद्रः एव आधारः। समुद्रात् निर्मितं जलं पुनः समुद्रे एव विलीनं भवति। तथैव ब्रह्मतत्वात् निर्मितं विश्वं तत्रैव विलीनं भवति। इदं ब्रह्मतत्वं सम्पूर्णविश्व व्याप्तम् अस्ति। यथा शर्करा जले सर्वत्र समानरूपेण व्याप्ता भवति तथैव आत्मा अपि अन्तर्बाह्यव्याप्तः। अयमात्मा सर्वेषां देहे तिष्ठति। देहः नश्वरः। यदा सः देहे तिष्ठति तदा तस्य भिन्नानिनामानि सन्ति। देहनाशादनन्तरम् आत्मा देहात बहिः निर्गच्छति, तदा तस्य कापि संज्ञा नास्ति। सः न नश्यति। तत्र विकाराः अपि न भवन्ति। एकमेव अद्वितीयं परब्रह्म। यदा तस्य ज्ञानं भवति तदा सर्वं विदितं भवति। अमृतत्वं च प्राप्यते।

अस्य अमृतत्वस्य साधनं किम्? इति मैत्रेयी अपृच्छत्। तदा याज्ञवल्क्यः उक्तवान्-आत्मसाक्षात्कारः एव अमृतत्वस्य साधनम्। इति ब्रह्मनिरूपणं कृत्वा याज्ञवल्क्यः संन्यासं स्वीकृतवान्। एवं ब्रह्मवादिनी मैत्रेयी याज्ञवल्क्यात् ब्रह्मज्ञानं प्राप्तवती।

नास्ति कुत्रचित् एतादृशी ब्रह्मवादिनी स्त्रीः या धनं विहाय ब्रह्मज्ञानम् इच्छति। अतः मैत्रेयी भारतीयसंस्कृती आदर्शभूता।

शब्दार्थाः :
अन्तर्बाह्यव्याप्तः-अन्दर और बाहर (शरीर व संसार में) व्याप्त-pervading bothinsideand outside the body; विकाराः-दोष-deformation; विदितम्-ज्ञात-is known; आत्मसाक्षात्कार-स्वयं को जानना-knowing of self; ब्रह्मनिरूपणम्-ब्रह्म का निरूपण-description of brahman.

अनुवाद :
याज्ञवल्क्य ने उदाहरण से स्पष्ट किया-“जैसे सारे जल का आधार समुद्र ही है। समुद्र से बन कर जल फिर समुद्र में ही विलीन होता है। वैसे ही ब्रह्मतत्व से बना विश्व उसी में लीन होता है। यह ब्रह्मतत्व पूरे विश्व में व्याप्त है। जैसे शक्कर पूरे जल में समान रूप से व्याप्त होती है, वैसे ही आत्मा भी अन्दर और बाहर (शरीर और संसार में) व्याप्त होती है, यह आत्मा सबके शरीर में रहती है। शरीर नश्वर है। जब वह शरीर में होती है, तब उसके अलग-अलग नाम होते हैं। शरीर के नष्ट होने के बाद आत्मा शरीर से बाहर निकल जाती है, तब उसका कोई नाम नहीं होता। वह नष्ट नहीं होती। उसमें कोई विकार नाम नहीं होता। एक ही अद्वितीय परब्रह्म है। जब उसका ज्ञान होता है तब सबका ज्ञान होता है। और अमृतत्व की प्राप्ति होती है।

इस अमृतत्व का साधन क्या है? ‘मैत्रेयी ने पूछा। तब याज्ञवल्क्य ने कहा- “स्वयं को जानना ही अमृतत्व का साधन है। इस प्रकार ब्रह्मनिरुपण करके याज्ञवल्क्य ने संन्यास स्वीकार किया। इस तरह ब्रह्मवादिनी मैत्रेयी ने याज्ञवल्क्य से ब्रह्मज्ञान प्राप्त किया।

ऐसी ब्रह्मवादिनी स्त्री कहीं नहीं है, जो धन को छोड़कर ब्रह्मज्ञान चाहती है। अतः मैत्रेयी भारतीय संस्कृति में आदर्श है।

English :
Yagyavalkaya quoted many instances-sea is the basis of all water—as oceanic water returns to oceanso individual souls return to divine (cosmic) soul element of supreme scul exist in individual soul as sagar in water. Soul is named differently according to bodies-Soul never dies with the body. It knows no deformation or distortion-He who knows supreme Brahman seeks salvation.

Maitreyi was unique since she discarded wealth to obtain supreme knowledge.

MP Board Class 10th Sanskrit Solutions

MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 4 Materials: Metals and Non-Metals

MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 4 Materials: Metals and Non-Metals

MP Board Class 8th Science Materials: Metals and Non-Metals NCERT Textbook Exercises

Mp Board Class 8 Science Chapter 4 Question 1.
Which of the following can be beaten into thin sheets?
(a) Zinc
(b) Phosphorus
(c) Sulphur
(d) Oxygen.
Answer:
(a) Zinc.

Mp Board Class 8 Science Solution Chapter 4 Question 2.
Which of the following statements is correct?
(a) All metals are ductile.
(b) All non-metals are ductile.
(c) Generally, metals are ductile.
(d) Some non-metals are ductile.
Answer:
(c) Generally metals are ductile.

Class 8 Science Chapter 4 Mp Board Question 3.
Fill in the blanks:
(a) Phosphorus is a very …………… non – metal.
(b) Metals are …………….. conductors of heat and
(c) Iron is ……….. reactive than copper.
(d) Metals react with acids to produce ………….. gas.
Answer:
(a) reactive
(b) good, electricity,
(c) more,
(d) hydrogen.

Mp Board Solution Class 8 Science Question 4.
Mark ‘T’ if the statement is true and ‘F’ if it is false.
(a) Generally, non-metals react with acids. [ ]
(b) Sodium is a very reactive metal. [ ]
(c) Copper displaces zinc from zinc sulphate solution. [ ]
(d) Coal can be drawn into wires. [ ]
Answer:
(a) False
(b) True
(c) False
(d) False.

Class 8th Science Chapter 4 Question Answer Question 5.
Some properties are listed in the following table. Distinguish between metals and non-metals on the basis of these properties.
Mp Board Class 8 Science Chapter 4
Answer:
Mp Board Class 8 Science Solution Chapter 4

Mp Board Class 8 Social Science Solution Chapter 4 Question 6.
Give reasons for the following:
(a) Aluminium foils are used to wrap food items.
(b) Immersion rods for heating liquids are made up of metallic substances.
(c) Copper cannot displace zinc from its salt solution.
(d) Sodium and potassium are stored in kerosene.
Answer:
(a) Aluminium foils are used to wrap food items because aluminium is a light metal which can be converted into very thin sheets.
(b) Immersion rods are made up of metallic substances because metals are good conductors of heat and electricity.
(c) Copper cannot displace zinc from its salt solution because copper is less reactive than zinc.
(d) Sodium and potassium react vigorously with oxygen and water. Therefore, they are stored in kerosene.

Mp Board Class 8 Science Solution English Medium Question 7.
Can you store lemon pickle in an aluminium utensil? Explain.
Answer:
Lemon pickle contains acids which tends to attack aluminium and iron forming poisonous salts. Therefore, aluminium and iron containers are not used to store pickles.

Mp Board Solution Class 8 Question 8.
Match the substances given in column A with their uses given in column B.
Class 8 Science Chapter 4 Mp Board
Answer:
(i) (d), (ii) (e), (iii) (c), (iv) (f), (v) (b), (vi) (a).

Mp Board Class 8th Science Solution Question 9.
What happens when
(a) Dilute sulphuric acid is poured on a copper plate?
(b) Iron nails are placed in copper sulphate solution?
Write word equations of the reactions involved.
Answer:
(a) When dilute sulphuric acid is poured on a copper plate, it reacts to form copper sulphate and hydrogen.
Copper + Sulphuric acid → Copper sulphate + Hydrogen

(b) When iron nails are placed in copper sulphate solution, iron being more reactive than copper, displaces copper to form ferrous sulphate solution.

The blue colour is, thus, changed to light green.
Iron + Copper sulphate → Nail Solution (Blue)
Ferrous sulphate + Copper Solution (Reddish brown)
(Light green)

Class 8 Science Chapter 4 Question Answer Question 10.
Saloni took a piece of burning charcoal and collected the gas evolved in a test tube.
(a) How will she find the nature of the gas?
(b) Write down avoid equations of all the reactions taking place in this process.
Answer:
(a) She will bring a moist blue litmus paper near the mouth of the test tube. It turns red. It indicates that the gas is acidic in nature. When passed into lime water, the lime water turns milky.

(b) Mp Board Solution Class 8 Science

Mp Board Solution Class 8 English Medium Question 11.
One day Reeta went to a jeweller’s shop with her mother. Her mother gave an old gold jewellery to the goldsmith to polish. Next day when they brought the jewellery back, they found that there was a slight loss in its weight. Can you suggest a reason for the loss in weight?
Answer:
In polishing, the jeweller put the gold jewellery in a mild acidic solution, which on reaction with acid goes into the solution. So, in this process certain amount of gold is lost to the acidic solution.

MP Board Class 8th Science Materials: Metals and Non-Metals NCERT Extended Learning-Activities and Projects

Class 8 Science Chapter 4 Notes Pdf Question 1.
Prepare Index Cards for any four metals and four non-metals. The card should have information like name of metal/non-metal; its physical properties, chemical properties and its uses.
Answer:
Name of metal: Copper.

Class 8 Chapter 4 Science Question Answer Physical Properties:
(i) It is hard.
(ii) It is ductile and malleable.
(iii) It is a good conductor of heat and electricity.

Science 8 Class Chapter 4 Chemical Properties:
(i) It reacts, with moist air to form greenish coating.
(ii) It’s oxide is basic in nature.
(iii) It reacts with acids to produce hydrogen gas.
(v) It displaces iron from iron sulphate solution.
Uses: Copper is used to make electrical wires, base of cooking utensils, etc.

Class 8 Mp Board Solution Metal and Non-Metal
Name of metal: Zinc
1. It is bluish-white in colour.
2. It is lustrous.
3. It is a reasonable conductor of electricity chemical properties.

(i) It reacts with air and a coating of zinc oxide is formed.
(ii) Zinc does not react with nitrogen,
(iii) In reactions with alkalis, the element forms complex compounds.
Uses: Zinc is used for treatment and prevention of Zinc deficiency and its consequences.
Name of metal: Lead.

Class 8 Science Mp Board Solution Physical Properties:
1. It is bluish-white lustrous metal.
2. It is a poor conductor of electricity.
3. It is very soft, highly malleable and ductile.

Mp Board Class 8 Science Solution Chemical Properties
(i) It is a moderately active metal.
(ii) It dissolves slowly in water and in most cold acids.
(iii) It does not react with oxygen in the air readily.
Uses: It is used in ammunition (shot and bullets) and as a constituent of solder.
Name of metal: Iron

Class 8 Science Chapter 4 Physical Properties:
(i) It is malleable
(ii) It is ductile
(iii) It is sonorous
(iv) It is hard
(v) It is a good conductor of heat and – electricity.

Mp Board Solution Class 8th Science Chemical Properties:
(i) It reacts with oxygen to form rust.
(ii) It reacts with water.
(iii) It reacts with acid to form hydrogen gas.

Name of non-metal: Coal Physical Properties
(i) It is not ductile.
(ii) It is not malleable.
(iii) It is poor conductor of electricity.
(iv) It is not sonorous and does not shine. It is soft.

Mp Board Class 8 Science Book Pdf Chemical Properties:
(i) It’s oxide is acidic in nature.
(ii) It produces oxides of carbon when burnt.
(iii) It does not take part in replacement reaction.
Uses: Coal is used for electricity generation, cement manufacturing, etc.

Name of non-metal: Sulphur.
Physical Properties:
(i) It is soft and dull.
(ii) It is neither ductile nor malleable.
(iii) It is a poor conductor of heat and electricity.

Chemical Properties:
(i) It reacts with oxygen to produce sulphur dioxide.
(ii) It reacts with water to form sulphuric acid (H2SO4) which is acidic in nature.
(iii) Metals are heated to mould them.
Uses: Sulphur is used in the vulcanisation of black rubber, fungicide, and in black gunpowder.
Name of non-metal: Aluminium

Physical Properties:
1. It is a soft metal.
2. It is silvery light metal.
3. It possesses good thermal and electrical conductivity.

Chemical Properties:
1. It reacts strongly with hydrochloric acid and caustic soda.
2. It reacts with oxygen to form aluminium oxide.
Uses: Aluminium is used in a huge variety of products including cans, foils, kitchen utensils, window frames, beer kegs reacts with sodium hydroxide to and aeroplane parts. produce hydrogen gas.
Name of non-metal: Oxygen
Uses: Used to make machines, tools, doors, etc.

Physical Properties:
1. Oxygen gas is colourless, odourless and colourless.
2. Oxygen exists as liquid, solid and gas.
3. Its elemental structure is a cubic crystal shape.

Chemical Properties:
1. It is a highly reactive element.
2. It supports combustion.
3. It is highly paramagnetic.
Uses: Oxygen gas is used for oxy-acetylene welding and cutting of metals.

Question 2.
Visit a blacksmith and observe how metals are moulded.
Answer:
Do yourself.

Question 3.
Suggest an experiment to compare the conductivity of electricity by iron, copper, aluminium and zinc. Perform the experiment and ^prepare a short report on the results.
Answer:
Do yourself.

Question 4.
Find out the locations of the deposits of iron, aluminium and zinc in India. Mark these in an outline map of India. In which form are the deposits found? Discuss in the class.
Answer:
Do yourself.

Question 5.
Discuss with your parents/neighbours!goldsmiths why gold is preferred for making jewellery.
Answer:
Gold is preferred for making jewellery because it is less reactive, ductile and is a expensive metal.

MP Board Class 8th Science Materials: Metals and Non-Metals NCERT Intext and Projects Activities

TABLE 4.2 Malleability of Materials
Class 8th Science Chapter 4 Question Answer

TABLE 4 3 Electrical Conductivity of Materials
Mp Board Class 8 Social Science Solution Chapter 4

MP Board Class 8th Science Materials: Metals and Non-Metals NCERT Additional Important Questions

A. Short Answer Type Questions

Question 1.
Which property of metal is used for making bells?
Answer:
Metals are generally sonorous. They make a ringing sound when struck. This property of metals is used for making bells.

Question 2.
Why electric wires are made of aluminium and copper?
Answer:
Electric wires are made of aluminium and copper because they are good conductors of electricity.

Question 3.
Why cooking utensils and water boilers are made of iron, copper and aluminium?
Answer:
Iron, copper and aluminum have high melting point and they are good conductor of heat. That is why they are used for making utensils and boilers.

Question 4.
What do you understand by ductility?
Answer:
Metals like copper, aluminium, iron and magnesium can be drawn into wires.

Question 5.
Name a common metal which is highly resistant to corrosion?
Answer:
The common metal which is highly resistant to corrosion is gold.

B. Long Answer Type Questions

Question 6.
A copper plate was dipped in AgN03 solution. After certain time silver from the solution was deposited on the copper plate. State the reason why it happened? Give the chemical equation of the reaction involved.
Answer:
Copper is more reactive than silver. Therefore, it displaces silver from silver nitrate.
Mp Board Class 8 Science Solution English Medium

Question 7.
What are alloy steels? Name any three alloy steels and give their composition.
Answer:
Steel is an alloy of carbon and iron. When other metals are also present, then it is known as alloy steels. The examples of alloy steel are:

  1. Stainless steel: Fe + C + Cr + Ni
  2. Tungsten steel: Fe + C + W
  3. Iron steel: Fe + C + Ni

Question 8.
Describe some of the physical properties of metals.
Answer:
General physical properties of metals are:

  • Metals have a shiny appearance that is why they show metallic lustre.
  • Metals on being hammered can be beaten into thin sheets. This property is called malleability.
  • Metals can be drawn into wires. This property is called ductility.
  • Metal have high melting point.
  • Metals are sonorous that means when struck make a ringing sound.
  • They are good conductor of electricity and heat.

Question 9.
Write a short note on:
(a) Galvanizing
(b) Electroplating
(c) Alloying.
Answer:
(a) Galvanizing. It is a common method of protecting iron from rusting. This is done by dipping the object in molten zinc. The metal object get galvanized by zinc.

(b) Electroplating. This is done by coating the object with a layer of tin or chromium with the help of electricity.

(c) Alloying. Metals which corrode easily are mixed with other metals in molten state. A homogenous mixture is made, that mixture is called alloy. So by alloying corrosion is prevented. For example, stainless steel which is an alloy of iron.

MP Board Class 8th Science Solutions

MP Board Class 7th Social Science Solutions Chapter 22 Aurangzeb and the Decline of the Mughal Empire

MP Board Class 7th Social Science Solutions Chapter 22 Aurangzeb and the Decline of the Mughal Empire

MP Board Class 7th Social Science Chapter 22 Text Book Questions

Choose the correct alternatives:

Class 7 Social Science Chapter 22 MP Board Question 1.
Aurangzeb ruled for:
(a) 30 years
(b) 40 years
(c) 50 years
(d) 60 years
Answer:
(b) 40 years

Mp Board Class 7th Social Science Chapter 22 Question 2.
The Jats lived near:
(a) Delhi and Agra
(b) Agra and Mathura
(c) Mathura and Bharatpur
(d) Arga and Jhansi
Answer:
(b) Agra and Mathura

The Jets Lived Near MP Board Question 3.
The third battle of Panipat was fought in:
(a) 1526 AD
(b) 1556 AD
(c) 1560 AD
(d) 1761 AD
Answer:
(d) 1761 AD

Decline Of Mughal Empire Class 7 MP Board Question 4.
The Indian goods which were in great demand in the European markets were:
(a) Clothes and spices
(b) Clothes and silver
(c) Spices and gems
(d) Spices and horses
Answer:
(a) Clothes and spices

Fill in the blanks:

  1. ……………. and …………. were die Bundela rulers who revolted against Aurangzeb.
  2. Gurudwara Sheshganj was built at the Martyrdom place of ……………
  3. Nadh  Shah invaded India in ………….
  4. Due to Aurangzeb’s policy of …………….. the Mughal administration weakend.

Answer:

  1. Compestral, Chhatrasal
  2. Guru Teg Bahadur
  3. 1739 AD
  4. Deccan

MP Board Class 7th Social Science Chapter 22 Short Answer Type Questions

Mp Board Class 8 Social Science Solution Chapter 22 Question 1.
Which taxes were imposed on the Hindus by Aurangzeb?
Answer:
Aurangzeb imposed the Jazia tax on the Hindus.

Mp Board Class 8 Social Science Chapter 22 Question 2.
Who do you know about the Satnamis?
Answer:
Satnamis were the followers of truth. They used to dress like the purohits orpriests. They revolted due to the religious oppression of Aurangzeb. Their main center was Namaul and Mewar. However Aurangzeb suppressed their revolts ruthlessly.

Mp Board Class 8 Social Science Solutions Chapter 22 Question 3.
Due to which policy of Aurangzeb his successors remained weak?
Answer:
Due to Aurangzeb’s policy of expansion his successors remained weak. The Mughal Empire was very vast and it was difficult to manage such a vast empire. The incompetent successors were not able to protect it.

Social Science Success Class 7 Solutions MP Board Question 4.
What were the outcomes of the invasions of Nadir shah and Ahmad Shah Abdali?
Answer:
As a result of the invasions of Nadir Shah and Ahmad Shah Abdali the Mughal Empire became weak and remained restricted to Delhi and surrounding area.

MP Board Class 7th Social Science Chapter 22 Long Answer Type Questions

Class 8 Social Science Chapter 22 MP Board Question 1.
Describe the causes of the decline of the Mughal Empire.
Answer:
After the death of Aurangzeb in 1707, the Mughal Empire broke up. Its fall had already begun during Aurangzeb’s reign. But during the eighteenth century the fall was nearly complete.

The factors that led to the down-break of the Mughal empire were as follows:
1. Weak and incapable successors:
The successors of Aurangzeb were very weak and incapable. They had no capacity to rule over such a vast empire. They remained puppets in the hands of their subedars and other officers.

2. Wars of succession:
After the death of Aurangzeb war of succession broke out. They reduced the strength of the Kingdom.

3. The Suspicious nature of Aurangzeb and his rigid religious policy:
Aurabgzeb’s nature was very suspicious. Due this nature he could not provide administrative and military training to his sons. As a result they became incapable of managing the empire. His religious policy was based on intolerance. This made the Sikhs, Jats, Satnamis, Rajputs and Marathas his great enemies. They revolted against him.

4. Aurangzeb’s Deccan Policy:
Aurangzeb spent the last 25 years of his life fighting battles in the south. This made the Mughal administration in the north very weak.

5. Luxurious life styles of the Mughal rulers and Aristocrats:
Resulted in the decline of the Mughal Empire.

6. Foreign invasion:
Nadirshah, the ruler of Iran invaded the Mughal Empire in 1739. He looted the wealth about seventy crores of rupees. After his assassination in 1747 AD his general Ahmadshah Abdali, became the ruler and fought third battle of Panipat with Maratha in which Maratha were defeated. Because of these invasions Mughal Empire became weak and remained restricted to Delhi and surrounding areas.

7. Lack of Naval Power:
Neglect of navy proved fatal for the Mughal Empire.

Project Work:
On an outline map of India mark the extent of the Mughal Empire. Also mark the areas of Bundelas, Jats and Satnamis.
Answer:

Class 7 Social Science Chapter 22 MP Board

MP Board Class 7th Social Science Solutions

MP Board Class 10th Social Science Solutions Chapter 3 भारत में उद्योग

In this article, we will share MP Board Class 10th Social Science Book Solutions Chapter 3 भारत में उद्योग Pdf, These solutions are solved subject experts from the latest edition books.

MP Board Class 10th Social Science Solutions Chapter 3 भारत में उद्योग

MP Board Class 10th Social Science Chapter 3 पाठान्त अभ्यास

MP Board Class 10th Social Science Chapter 3 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

 

सही विकल्प चुनकर लिखिए

भारत के उद्योग MP Board Class 10th Social Science प्रश्न 1.
भारत की औद्योगिक नीति की घोषणा किस वर्ष में की गई? (2014)
(i) 1947
(ii) 1951
(iii) 1948
(iv) 1972
उत्तर:
(iii) 1948

भारत के प्रमुख उद्योग MP Board Class 10th Social Science प्रश्न 2.
भारत के सूती वस्त्र की ‘राजधानी’ है –
(i) अहमदाबाद
(ii) मुम्बई
(iii) इलाहाबाद
(iv) इन्दौर
उत्तर:
(ii) मुम्बई

भारत में उद्योग MP Board Class 10th Social Science  प्रश्न 3.
भारत में नोट छापने के कागज बनाने का कारखाना किस स्थान पर है ?
(i) नेपानगर
(ii) टीटागढ़
(iii) सहारनपुर
(iv) होशंगाबाद।
उत्तर:
(iv) होशंगाबाद।

उद्योग के प्रकार MP Board Class 10th Social Science प्रश्न 4.
निम्नांकित उद्योगों में सबसे अधिक वायु प्रदूषण किसमें होता है ?
(i) दियासलाई उद्योग
(ii) कागज उद्योग
(iii) रासायनिक उद्योग
(iv) फर्नीचर उद्योग।
उत्तर:
(iii) रासायनिक उद्योग

उद्योग किसे कहते हैं उत्तर MP Board Class 10th Social Science प्रश्न 5.
मध्य प्रदेश लघु वनोपज व्यापार एवं विकास सहकारी संघ की स्थापना का वर्ष है
(i) 1984
(ii) 1994
(iii) 2004
(iv) 1974
उत्तर:
(i) 1984

MP Board Class 10th Social Science Chapter 3 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

उद्योग पाठ के प्रश्न उत्तर MP Board Class 10th Social Science प्रश्न 1.
उद्योग किसे कहते हैं ?
उत्तर:
मनुष्य का वस्तु निर्माण करने का कार्य उद्योग कहलाता है। उद्योग की इस प्रक्रिया में मानव कच्चे माल का उपयोग कर श्रम, शक्ति व तकनीक के माध्यम से आवश्यकतानुसार पक्का माल तैयार करता है।

प्रश्न 2.
कागज उद्योग का कच्चा माल क्या है?
उत्तर:
भारतीय कागज उद्योग में प्रयोग होने वाले कच्चे माल निम्नलिखित हैं –

  1. वनों से प्राप्त कच्चा माल-53 प्रतिशत
  2. कृषि उपजों से मिलने वाला कच्चा माल-23 प्रतिशत
  3. रद्दी कागज-15 प्रतिशत
  4. अन्य प्रकार का कच्चा माल-9 प्रतिशत।

प्रश्न 3.
भारत का सबसे बड़ा लोहा इस्पात कारखाना कौन-सा है ?
उत्तर:
टाटा आयरन एण्ड स्टील कम्पनी (टिस्को) जमशेदपुर में स्थापित।

प्रश्न 4.
प्रदूषण से क्या आशय है ?
उत्तर:
प्रदूषण का अर्थ-वायु, जल और भूमि में किसी भौतिक, रासायनिक अथवा जैविक अनचाहे परिवर्तन से, जिससे प्राणी मात्र का स्वास्थ्य, सुरक्षा और कल्याण को प्रभावी तौर से हानि पहुँचती हो, तो उसे प्रदूषण कहते हैं।

MP Board Class 10th Social Science Chapter 3 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
स्वामित्व के आधार पर उद्योगों के कितने प्रकार हैं ? (2014)
उत्तर:
स्वामित्व के आधार पर उद्योग चार प्रकार के होते हैं –

  1. निजी उद्योग-इस प्रकार के उद्योग व्यक्तिगत स्वामित्व में होते हैं।
  2. सरकारी उद्योग-वे उद्योग जो सरकार के स्वामित्व में होते हैं।
  3. सहकारी उद्योग-जो सहकारी स्वामित्व में होते हैं।
  4. मिश्रित उद्योग-जो उपर्युक्त में से किन्हीं दो या अधिक के स्वामित्व में होते हैं।

प्रश्न 2.
कच्चे माल के आधार पर उद्योग कितने प्रकार के होते हैं ? (2009, 11)
उत्तर:
कच्चे माल के आधार पर उद्योग तीन प्रकार के होते हैं –

  1. कृषि आधारित उद्योग-जिन्हें कच्चा माल कृषि उत्पादन से प्राप्त होता है; जैसे – सूती वस्त्र उद्योग।
  2. खनिज आधारित उद्योग-जिन्हें कच्चा माल खनिजों से प्राप्त होता है; जैसे – लोहा-इस्पात उद्योग।
  3. वन आधारित उद्योग-जिन्हें कच्चा माल वनों से प्राप्त होता है; जैसे – कागज उद्योग।

प्रश्न 3.
लोहा-इस्पात उद्योग आधारभूत’ उद्योग क्यों कहलाता है ? (2009, 13, 18)
उत्तर:
लोहा एवं इस्पात उद्योग आधारभूत उद्योगों में से एक महत्त्वपूर्ण उद्योग है। किसी भी देश के आर्थिक विकास के लिए लोहा एवं इस्पात उद्योग का विकास आवश्यक होता है। इस उद्योग की गणना महत्वपूर्ण उद्योगों में की जाती है। यह किसी भी राष्ट्र की अर्थव्यवस्था का आधार-स्तम्भ होता है। यह आधुनिक औद्योगिक ढाँचे का आधार और राष्ट्रीय शक्ति का मापदण्ड है। लोहा-इस्पात उद्योग का उपयोग मशीनें, रेलवे लाइन, यातायात के साधन, रेल-पुल, जलयान, अस्त्र-शस्त्र एवं कृषि-यन्त्र आदि बनाने में किया जाता है। इसीलिए लोहा-इस्पात उद्योग को आधारभूत उद्योग कहा जाता है।

प्रश्न 4.
पश्चिम बंगाल में कागज उत्पादक केन्द्र किन-किन स्थानों पर हैं ? (2011)
उत्तर:
पश्चिम बंगाल में प्रमुख कागज उत्पादक केन्द्र टीटागढ़, रानीगढ़, नैहाटी, कोलकाता, काँकिनाडा, बड़ानगर, शिवराफूली आदि हैं। पश्चिम बंगाल का कागज उद्योग में राष्ट्रीय उत्पादन का 40 प्रतिशत योगदान है।

प्रश्न 5.
वनोपज आधारित कुटीर व लघु उद्योगों की स्थापना की आवश्यकता बताइए।
उत्तर:
वनों में रहने वाले हमारे वनवासियों एवं गाँवों में रहने वाले ग्रामीणों के क्षेत्र में उद्योग-धन्धों की कमी है। इस कमी को वनोपज आधारित लघु एवं कुटीर उद्योगों को प्रारम्भ कर दूर किया जा सकता है। इसके परिणामस्वरूप इन क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी और लोगों की आय व जीवनस्तर में वृद्धि हो सकेगी।

MP Board Class 10th Social Science Chapter 3 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत में उद्योग कितने प्रकार के हैं ? वर्णन कीजिए। (2010)
अथवा
भारत में उद्योग कितने प्रकार के हैं ? स्वामित्व के आधार पर उद्योगों का वर्णन करिए। (2015)
अथवा
आकार के आधार पर उद्योगों के कितने प्रकार हैं ? किन्हीं दो का वर्णन कीजिए। (2014,16)
[संकेत : ‘आकार के आधार पर’ शीर्षक देखें।]
उत्तर:
भारत में उद्योगों के प्रकार
(1) स्वामित्व के आधार पर – लघु उत्तरीय प्रश्न 1 का उत्तर देखें।

(2) उपयोगिता के आधार पर-इस आधार पर उद्योग दो प्रकार के होते हैं

  • आधारभूत उद्योग-वे उद्योग जो अन्य उद्योगों के आधार होते हैं। इनके उत्पादन अन्य उद्योगों के निर्माण तथा संचालन के काम आते हैं; जैसे-लोहा-इस्पात उद्योग।
  • उपभोक्ता उद्योग-वे उद्योग जो लोगों की दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति करने के काम आते हैं; वस्त्र, चीनी, कागज आदि।

(3) आकार के आधार पर-इस आधार पर उद्योग चार प्रकार के होते हैं

  • वृहद् उद्योग-औद्योगिक इकाइयाँ जिनमें पूँजी निवेश 10 करोड़ रुपये या उससे अधिक है; जैसे-टाटा आयरन एण्ड स्टील कम्पनी।
  • मध्यम उद्योग-जिन उद्योगों में पूँजी निवेश 5 से 10 करोड़ रुपये के मध्य होता है; जैसे-चमड़ा उद्योग।
  • लघु उद्योग-जिनमें कुल पूँजी निवेश 2 से 5 करोड़ रुपये तक है; जैसे-लाख उद्योग।
  • कुटीर उद्योग-जिनमें पूँजी निवेश नाममात्र का होता है तथा परिवार के सदस्यों की सहायता से चलाए जाते हैं। ग्रामीण क्षेत्र में स्थित होने पर यह ग्रामीण उद्योग तथा नगर में स्थित होने पर नगरीय कुटीर उद्योग कहे जाते हैं।

(4) तैयार माल की प्रकृति के आधार पर इस आधार पर उद्योग दो प्रकार के हैं

  • भारी उद्योग – जिनमें भारी वस्तुओं, मशीनों आदि का निर्माण किया जाता है; जैसे-ट्रैक्टर बनाने का कारखाना।
  • हल्के उद्योग – जिनमें दैनिक उपयोग की छोटी-छोटी वस्तुओं का निर्माण किया जाता है; जैसे-खिलौना उद्योग।

(5) कच्चे माल के आधार पर – लघु उत्तरीय प्रश्न 2 का उत्तर देखें।

प्रश्न 2.
भारत में लोहा इस्पात उद्योग किन चार चरणों में केन्द्रित है और क्यों है ?
अथवा
लोहा-इस्पात उद्योग के उत्पादन एवं वितरण पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
लोहा-इस्पात उद्योग

प्राचीन काल में भारत में यह लघु उद्योग के रूप में था। वृहद् पैमाने का भारत का प्रथम लोहा-इस्पात कारखाना सन् 1907 में जमशेद जी टाटा द्वारा झारखण्ड राज्य के साकची नामक स्थान पर खोला गया। स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् सरकार द्वारा विभिन्न पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम से इस उद्योग के क्रमबद्ध व तीव्र विकास के प्रयास किए गए। यह उद्योग सार्वजनिक व निजी दोनों ही क्षेत्रों में विकसित हुआ। भारत सरकार ने इन उद्योगों में समन्वय स्थापित करने हेतु ‘स्टील ऑथोरिटी ऑफ इण्डिया’ (SAIL) की स्थापना की जो विश्व की सबसे बड़ी औद्योगिक संस्था है।

यह उद्योग मुख्यत: चार क्षेत्रों में केन्द्रित है –

  1. कोयला क्षेत्रों में स्थित इस्पात केन्द्र-बर्नपुर, हीरापुर, कुल्टी, दुर्गापुर तथा बोकारो।
  2. लौह-अयस्क क्षेत्रों में स्थित इस्पात केन्द्र-भिलाई, राउरकेला, भद्रावती, सलेम, विजयनगर और चन्द्रपुर लौह-अयस्क खानों के समीप स्थित है।
  3. कोयला व लौह-अयस्क के बीच जोड़ने वाले परिवहन सुविधा प्राप्त स्थानों पर स्थित इस्पात केन्द्र-जमशेदपुर।
  4. तटीय सुविधा स्थल पर स्थित इस्पात केन्द्र-विशाखापट्टनम

लोहा इस्पात संयन्त्र
भारत के उद्योग MP Board Class 10th Social Science

प्रश्न 3.
भारत में कागज उद्योग के उत्पादन व विपणन क्षेत्रों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
कागज उद्योग
देश के सामाजिक, आर्थिक विकास में कागज उद्योग की अहम् भूमिका है। वन आधारित उद्योगों में कागज को सर्वाधिक महत्वपूर्ण उद्योग माना जाता है। भारत का प्रथम आधुनिक सफल कारखाना 1716 में तमिलनाडु राज्य के ट्रंकुबार नामक स्थान पर स्थापित हुआ।

उद्योग का केन्द्रीकरण – औसतन 1 टन, कागज बनाने के लिए 2.38 टन बाँस की आवश्यकता पड़ती है। अत: भारत में इस उद्योग का केन्द्रीयकरण कच्चे माल के प्राप्ति स्थलों के निकटवर्ती ऐसे भागों में हुआ है जहाँ उद्योग की स्थापना हेतु अन्य आवश्यक भौगोलिक कारक; जैसे-समतल धरातल, परिवहन के साधन, कुशल श्रम व शक्ति के साधन उपलब्ध हैं। भारत के प्रमुख कागज उत्पादन केन्द्र निम्नवत् हैं –

कागज उत्पादन क्षेत्र
भारत के प्रमुख उद्योग MP Board Class 10th Social Science
अन्य कागज उत्पादक राज्यों में कर्नाटक, केरल, बिहार, झारखण्ड आदि प्रमुख हैं। मध्य प्रदेश के होशंगाबाद में नोट छापने के कागज का कारखाना स्थापित है।

कागज का उत्पादन – भारतीय कागज उद्योग करीब एक सदी से अस्तित्व में है और इसने उल्लेखनीय प्रगति हासिल की है। स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद देश के कागज उत्पादन में 35 गुना वृद्धि हुई है। देश में करीब 850 मिले हैं। भारतीय कागज उद्योग में तीन लाख व्यक्तियों को प्रत्यक्ष रोजगार जबकि दस लाख व्यक्तियों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिले हुए हैं।

देश में सभी प्रकार के कागज व गत्ते का उत्पादन 1950-51 में 116 हजार टन था जो 2014-15 में बढ़कर 4,130 हजार टन हो गया।2

हमारे देश में कागज उत्पादन की तुलना में कागज की माँग बहुत बढ़ी है। अत: इस उद्योग में तीव्र विकास अपेक्षित है।

प्रश्न 4.
राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में उद्योगों के योगदान का वर्णन कीजिए। (2009, 13, 17)
उत्तर:
राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में उद्योगों का योगदान

औद्योगिक आयोग के अनुसार ईसा से पूर्व भी भारत एक औद्योगिक राष्ट्र था। भारत में निर्मित मलमल, रेशमी-वस्त्र, आभूषण आदि विदेशों को निर्यात किए जाते थे, परन्तु अठारहवीं शताब्दी के मध्य में यूरोप में हुई औद्योगिक क्रान्ति के फलस्वरूप यहाँ के परम्परागत कुटीर उद्योग को भारी हानि हुई। इस कारण देश की अर्थव्यवस्था में उद्योगों का स्थान धीरे-धीरे सीमित होता गया और भारतीय अर्थव्यवस्था कृषि प्रधान हो गई।
1 भारत 2018; पृष्ठ 336.
2 आर्थिक समीक्षा 2014-15;A-90.
स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद देश के आर्थिक विकास हेतु औद्योगिक विकास की आवश्यकता का अनुभव किया गया। सन् 1950 में ‘राष्ट्रीय योजना आयोग’ की स्थापना हुई। पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम से भारत के औद्योगिक विकास हेतु चरणबद्ध उद्देश्य निर्धारित किए गए। राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में उद्योगों के विकास से निम्नलिखित लाभ प्राप्त हुए –

  1. उद्योगों के विकास से उत्पादन में वृद्धि होती है जिससे प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होती है तथा जीवन स्तर उन्नत होता है।
  2. रोजगार के साधनों में वृद्धि होती है। साथ ही मानव संसाधन भी पुष्ट होते हैं।
  3. राष्ट्रीय आय में वृद्धि तथा पूँजी का निर्माण होता है।
  4. उद्योगों के विकास से अर्थव्यवस्था के अन्य क्षेत्रों-कृषि, खनिज, परिवहन आदि में प्रगति होती है।
  5. अनुसन्धानों को बल मिलता है तथा तकनीक विकसित होती है। भारत में सकल घरेलू उत्पाद में विभिन्न उत्पादक क्षेत्रों की वृद्धि दर निम्न प्रकार से हुई –

उद्योग के मूल के अनुसार उत्पादन लागत के आधार पर वास्तविक सकल

घरेलू उत्पाद की वार्षिक वृद्धि दरें
भारत में उद्योग MP Board Class 10th Social Science
स्त्रोत : आर्थिक समीक्षा 2016 – 17, P – 140. क : नई श्रृंखला।
उपर्युक्त तालिका से स्पष्ट है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में औद्योगिक उत्पादन में निरन्तर वृद्धि हो रही है, जो कि उद्योगों के अर्थव्यवस्था में बढ़ते महत्त्व को दर्शाती है।

प्रश्न 5.
औद्योगिक प्रदूषण पर प्रकाश डालिए। (2010)
अथवा
प्रदूषण के कोई चार प्रकारों को समझाइए। (2018)
अथवा
ध्वनि प्रदूषण किसे कहते हैं ? (2009)
[संकेत : इसी प्रश्न के उत्तर में ‘ध्वनि प्रदूषण’ शीर्षक देखिए।]
उत्तर:
औद्योगिक प्रदूषण

औद्योगिक प्रगति ने अर्थव्यवस्था को विकसित व उन्नत बनाने में जहाँ अपना महत्त्वपूर्ण सहयोग दिया वहीं दूसरी ओर पर्यावरण सम्बन्धी ऐसी कठिनाइयों को जन्म दिया जो आज विकराल रूप से हमारे समक्ष खड़ी हैं। आज पर्यावरणविद् इस बात का अनुभव कर रहे हैं कि औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाला कचरा, दूषित जल, विषैली गैस आदि सम्पूर्ण पर्यावरण को प्रदूषित कर रही हैं, पारिस्थितिकी तन्त्र का सन्तुलन बिगड़ रहा है तथा प्रदूषण की स्थिति संकट बिन्दु तक पहुँच गई है और पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है। औद्योगीकरण से होने वाले प्रमुख प्रदूषण निम्नलिखित हैं –

(1) वायु प्रदूषण – औद्योगिक कारखानों की चिमनियों के कारण निकलने वाला धुआँ वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण है। विभिन्न उद्योगों से होने वाले प्रदूषण की मात्रा एवं प्रकृति, उद्योग के प्रकार प्रयुक्त होने वाले कच्चे माल एवं निर्माण आदि पर निर्भर करती है। इस दृष्टि से कपड़ा उद्योग, रासायनिक उद्योग, धातु उद्योग, तेल शोधक एवं चीनी उद्योग अन्य उद्योगों की अपेक्षा अधिक प्रदूषण फैलाते हैं। इन उद्योगों से वायुमण्डल में, कार्बन डाइ-ऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, धूल आदि हानिकारक व विषैले तत्व मिल जाते हैं जो वाय को प्रदूषित करते हैं।

(2) जल प्रदूषण – जल जीवन का आधार है। जल निरन्तर प्रदूषित हो रहा है। इसके प्रमुख कारण कारखानों का कूड़ा-करकट नदियों और जलाशयों में बहाना। कागज और चीनी की मिलें तथा चमड़ा साफ करने के कारखाने अपना कूड़ा-कचरा नदियों में बहा देते हैं या भूमि पर सड़ने के लिए छोड़ देते हैं जिससे भूमिगत जल प्रदूषित होता है, क्योंकि कूड़े-कचरे का अंश रिस-रिसकर भूमिगत जल में मिल जाता है। इस जल का उपयोग या सम्पर्क प्राणियों और वनस्पतियों के लिए हानिकारक होता है।

(3) भूमि प्रदूषण – इसे मृदा प्रदूषण’ भी कहते हैं। औद्योगिक अपशिष्ट का भूतल पर फैलाव भूमि प्रदूषण का कारण बनता है। इस प्रकार के अपशिष्ट में अनेक ऐसे पदार्थ होते हैं जो प्राकृतिक रूप में घटित नहीं होते तथा इनका प्रकृति में पुन: चक्रीकरण नहीं होता जिससे भूमि की गुणवत्ता में कमी आती है।

(4) ध्वनि प्रदूषण – मानव के कानों में भी ध्वनि को साधारणतया ग्रहण करने की एक सीमा होती है। वास्तव में शोर वह ध्वनि है जिसके द्वारा मानव के अन्दर अशान्ति व बेचैनी उत्पन्न होने लगती है, इसी को ध्वनि प्रदूषण कहते हैं। उद्योगों में अनेक प्रकार की मशीनें प्रयोग की जाती हैं जिनसे निरन्तर शोर होता रहता है। इसके अतिरिक्त कारखानों में जनरेटर भी चलाये जाते हैं। इन सभी से निरन्तर अधिक शोर होता है। इससे इनमें कार्य करने वाले श्रमिक अनेक मानसिक रोगों तथा बहरेपन के शिकार हो जाते हैं।

प्रश्न 6.
औद्योगिक प्रदूषण को नियन्त्रित करने के उपाय बताइए। (2009)
अथवा
ध्वनि प्रदूषण को नियन्त्रित करने के कोई चार उपाय लिखिए। (2016)
[संकेत : ‘ध्वनि प्रदूषण को नियन्त्रित करने के उपाय’ शीर्षक देखें।]
अथवा
जल प्रदूषण को रोकने के चार उपाय लिखिए। (2012, 15)
[संकेत : ‘जल प्रदूषण को नियन्त्रित करने के उपाय’ शीर्षक देखें।]
उत्तर:
औद्योगिक प्रदूषण को नियन्त्रित करने के उपाय
औद्योगिक प्रदूषण के नियन्त्रण हेतु निम्नलिखित उपाय किए जाने चाहिए –

वायु प्रदूषण को नियन्त्रित करने के उपाय

  1. कारखानों की चिमनियों की ऊँचाई बढ़ाकर उनसे निकलने वाली हानिकारक गैसों के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
  2. कारखानों में कम-से-कम प्रदूषण करने वाले ऊर्जा संसाधनों का उपयोग होना चाहिए; जैसे-सौर ऊर्जा।
  3. औद्योगिक इकाई की स्थापना से पूर्व ही प्रदूषण अनुमान लगाकर उसको नियन्त्रित करने के साधन जैसे वनस्पति आवरण आदि कारखाना परिसर में विकसित किया जाना चाहिए।
  4. उद्योगों में प्रदूषण नियन्त्रक उपकरण लगाए जाने चाहिए।

जल प्रदूषण को नियन्त्रित करने के उपाय

  1. उद्योगों में प्रयोग किए गए जल के उपचार की व्यवस्था कारखाने की स्थापना के साथ ही की जानी चाहिए।
  2. रासायनिक उद्योग जो कि जल को सर्वाधिक प्रदूषित करते हैं को जलाशयों व नदियों से दूर स्थापित किया जाना चाहिए।
  3. सड़क के किनारे तथा कारखानों के निकट खाली स्थानों पर वृक्ष लगाये जाने चाहिए।
  4. उद्योग संचालकों को जल प्रदूषण नियन्त्रण परामर्श नियमित दिए जाने चाहिए तथा उद्योगों से विसर्जित जल की प्रशासनिक निगरानी होनी चाहिए।

भू-प्रदूषण को नियन्त्रित करने के उपाय

  1. औद्योगिक संस्थानों को अपने अपशिष्ट पदार्थों को बिना उपचार किए विसर्जित करने से रोका जाना चाहिए।
  2. औद्योगिक अपशिष्टों के निक्षेपण की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। अपशिष्ट निक्षेपण खुले स्थानों में नहीं होना चाहिए।
  3. अपशिष्टों को आधुनिक तकनीक से जलाकर उससे उत्पन्न ताप को ऊर्जा के रूप में प्रयोग किया जा सकता है।
  4. औद्योगिक अपशिष्टों को पुनरुत्पादन हेतु प्रयुक्त करने की तकनीक विकसित की जानी चाहिए।

ध्वनि प्रदूषण को नियन्त्रित करने के उपाय

  1. औद्योगिक इकाइयों को शहर से दूर स्थापित करना चाहिए।
  2. कारखानों में ध्वनिनिरोधक यन्त्रों का उपयोग किया जाना चाहिए।
  3. कल कारखानों में मशीनों का रख-रखाव सही करके, मशीनों का शोर कम किया जा सकता है। खराब मशीनें अधिक शोर करती हैं।
  4. अधिक शोर उत्पन्न करने वाली औद्योगिक इकाइयों में श्रमिकों को कर्ण बन्दकों का प्रयोग करना चाहिए। पर्यावरण की सुरक्षा के लिए औद्योगिक विकास अवरुद्ध न किया जाए बल्कि औद्योगिक विकास नियोजित ढंग से हो, जिससे पर्यावरण में किसी भी प्रकार का असन्तुलन उत्पन्न न हो।

प्रश्न 7.
मध्य प्रदेश में वन क्षेत्रों में कुटीर एवं लघु उद्योग की स्थापना हेतु सुझाव कीजिए।
उत्तर:
मध्य प्रदेश वन सम्पन्न प्रदेश है। अतः इन क्षेत्रों में कुटीर एवं लघु उद्योग की स्थापना करने हेतु कुछ प्रयास अनिवार्य हैं। यहाँ कुछ सुझाव प्रस्तुत हैं
(1) कार्यस्थल की व्यवस्था – उद्योग को चलाने के लिए उपयुक्त कार्यस्थल की व्यवस्था वनवासी स्वयं नहीं कर सकते अतः इसकी व्यवस्था सहकारी समितियों व शासन द्वारा आर्थिक सहायता से की जानी चाहिए।

(2) वित्तीय सुविधा – उद्योग कोई-सा भी लगाया जाए कम या अधिक मात्रा में पूँजी की आवश्यकता होती है। आदिवासी एवं वनवासियों को इसका अभाव होता है। अतः प्राथमिक, सहकारी समितियों के माध्यम से ऋण आपूर्ति की व्यवस्था उद्योग स्थापना के लिए आर्थिक सहायता से की जानी चाहिए।

(3) तकनीकी सहायता – अच्छे उत्पादन हेतु तकनीकी ज्ञान की आवश्यकता भी होती है। अतः क्षेत्रीय उद्योग की आवश्यकता को देखते हुए तकनीशियनों की सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिए।

(4) विज्ञापन की व्यवस्था – वर्तमान युग विज्ञापन का युग है। हर उत्पाद की बिक्री विज्ञापनों के माध्यम से होती है। हमारे कुटीर व लघु उद्योग चलाने वाले उत्पादकों के पास इतने साधन नहीं होते कि वे विज्ञापन पर खर्च कर सकें। अतः यह दायित्व भी प्रशासन का होता है कि वे इनका प्रचार-प्रसार करवाएँ।

(5) विपणन की व्यवस्था – वनोपज आधारित कुटीर एवं लघु उद्योग उसी शर्त पर सफल हो सकते हैं, जबकि उनके उत्पादों की बिक्री की उचित व्यवस्था हो। माल के बिकने से ही आय की प्राप्ति होगी। इसके लिए मेले व प्रदर्शनियों के साथ-साथ इनके सहकारी बिक्री स्टोर्स आदि की व्यवस्था होनी चाहिए।

MP Board Class 10th Social Science Chapter 3 अन्य परीक्षोपयोगी प्रश्न

MP Board Class 10th Social Science Chapter 3 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

बहु-विकल्पीय

प्रश्न 1.
अखबारी कागज की मिल कहाँ हैं ?
(i) टीटागढ़
(ii) सहारनपुर
(iii) नेपानगर,
(iv) राजमहेन्द्री।
उत्तर:
(iii) नेपानगर,

प्रश्न 2.
भिलाई इस्पात संयन्त्र कहाँ है?
(i) उत्तर प्रदेश
(ii) बिहार
(iii) मध्य प्रदेश
(iv) उड़ीसा।
उत्तर:
(iii) मध्य प्रदेश

प्रश्न 3.
दुर्गापुर इस्पात संयन्त्र कहाँ है ?
(i) मध्य प्रदेश
(ii) पश्चिम बंगाल
(iii) बिहार
(iv) उत्तर प्रदेश।
उत्तर:
(iii) बिहार

प्रश्न 4.
भारत का सबसे प्राचीन और प्रमुख उद्योग है-
(i) लोह तथा इस्पात उद्योग
(ii) जूटं उद्योग
(iii) सूती वस्त्र उद्योग
(iv) कागज उद्योग।
उत्तर:
(iii) सूती वस्त्र उद्योग

प्रश्न 5.
कौन-सा उद्योग कृषि पर आधारित नहीं है ?
(i) सूती वस्त्र
(ii) पटसन
(iii) चीनी
(iv) सीमेण्ट
उत्तर:
(iv) सीमेण्ट

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

  1. वे उद्योग जिन पर कई अन्य उद्योग निर्भर होते हैं, उन्हें …………. कहते हैं।
  2. राउरकेला इस्पात कारखाना …………. के सहयोग से स्थापित किया गया।
  3. लोहा-इस्पात उद्योग को …………. की संज्ञा प्राप्त है।
  4. …………. सबसे अधिक का उत्पादन करने वाला राज्य है। (2009)
  5. टाटा आयरन एण्ड स्टील कम्पनी, जमशेदपुर …………. राज्य में स्थित है। (2010, 16)

उत्तर:

  1. आधारभूत उद्योग
  2. जर्मनी
  3. आधारभूत उद्योग
  4. पश्चिम बंगाल
  5. झारखण्ड।

सत्य/असत्य

  1. अहमदाबाद को भारत के ‘मानचेस्टर’ की संज्ञा प्रदान की गई है।
  2. वस्त्र उत्पादन में गुजरात का पहला स्थान है।
  3. ‘टिस्को’ एशिया महाद्वीप का सबसे बड़ा इस्पात कारखाना है।
  4. सन् 1950 में ‘राष्ट्रीय योजना आयोग’ की स्थापना हुई।
  5. प्रदूषण को रोका नहीं जा सकता केवल नियन्त्रित किया जा सकता है।

उत्तर:

  1. सत्य
  2. असत्य
  3. सत्य
  4. सत्य
  5. सत्य

जोड़ी मिलाइए
उद्योग के प्रकार MP Board Class 10th Social Science
उत्तर:

  1. → (ग)
  2. → (घ)
  3. → (ङ)
  4. → (ख)
  5. → (क)

एक शब्द/वाक्य में उत्तर

प्रश्न 1.
कृषि पर आधारित उद्योग कौन-से हैं ?
उत्तर:
चीनी उद्योग, सूती वस्त्र उद्योग, तेल उद्योग, जूट उद्योग।

प्रश्न 2.
एक टन कागज बनाने के लिए कितने टन बाँस की आवश्यकता होगी ? (2009)
उत्तर:
2.38 टन।

प्रश्न 3.
पहला लोहा इस्पात कारखाना कब और कहाँ स्थापित किया गया ?
उत्तर:
सन् 1830 में तमिलनाडु राज्य के पोर्टोनोवो नामक स्थान पर।

प्रश्न 4.
पूर्णत: भारतीय तकनीक पर आधारित कौन-सा इस्पात कारखाना है ?
उत्तर:
विजयनगर इस्पात कारखाना (कर्नाटक में)।

प्रश्न 5.
भारत में प्रथम कागज उद्योग का कारखाना कहाँ स्थापित किया गया ?
उत्तर:
1716 में तमिलनाडु राज्य के ट्रंकुबार नामक स्थान पर।

प्रश्न 6.
भारत के सूती वस्त्र उद्योग की राजधानी। (2009)
उत्तर:
मुम्बई।

प्रश्न 7.
उद्योग स्थापना विस्तार व निवेश की उदार नीति को क्या कहते हैं ?
उत्तर:
उदारीकरण।

MP Board Class 10th Social Science Chapter 3 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
‘आधारभूत उद्योग’ से क्या आशय है ?
उत्तर:
जो उद्योग अन्य उद्योगों के विकास के लिए आधार बनाते हैं, उन्हें आधारभूत उद्योग कहा जाता है; जैसे-इस्पात उद्योग एवं भारी इंजीनियरिंग उद्योग और मशीनरी उद्योग।

प्रश्न 2.
भारत में कृषि पर आधारित उद्योग कौन-से हैं ?
उत्तर:
वस्त्र उद्योग, चीनी उद्योग, कागज उद्योग, पटसन उद्योग, वनस्पति उद्योग कृषि पर आधारित उद्योग हैं।

प्रश्न 3.
लोहा इस्पात उद्योग कहाँ स्थापित किया जा सकता है ?
उत्तर:
जहाँ इस उद्योग से सम्बन्धित कच्चा माल (लौह अयस्क, कोयला, चूना पत्थर और मैंगनीज) व पर्याप्त मात्रा में शक्ति के साधन उपलब्ध हों।

प्रश्न 4.
कुटीर उद्योग किसे कहते हैं?
उत्तर:
कुटीर उद्योग से आशय ऐसे उद्योगों से है जो पूर्णतया या मुख्यतया परिवार के सदस्यों की सहायता से पूर्णकालिक या अंशकालिक व्यवसाय के रूप में चलाये जाते हैं।

MP Board Class 10th Social Science Chapter 3 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत में औद्योगिक विकास के लिए कौन-कौनसी परिस्थितियाँ उपलब्ध हैं ?
उत्तर:

  1. धरातलीय दशाएँ उद्योगों की स्थापना के अनुकूल हैं।
  2. अधिकांश प्रदेशों में जलवायु दशाएँ सामान्य हैं।
  3. देश में सस्ता श्रम उपलब्ध है।
  4. खनिज, वन व कृषि आधारित कच्चे माल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।
  5. परिवहन तन्त्र का फैलाव समुचित है, तथा
  6. सघन जनसंख्या से विशाल बाजार उपलब्ध है।

प्रश्न 2.
“भारत विश्व अर्थव्यवस्था में एक औद्योगिक राष्ट्र के रूप में उभर रहा है।” स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् सन् 1948 में भारत की औद्योगिक नीति घोषित की गई। फलतः उद्योगों को राजकीय और निजी क्षेत्रों में विकसित किया जाने लगा। उद्योगों के विकास हेतु औद्योगिक नीति में सरकार द्वारा समय-समय पर परिवर्तन किये जाते रहे हैं। भारत की नवीनतम ‘उदारीकरण’ की आर्थिक नीति के अन्तर्गत देश में देशी-विदेशी निवेशकों हेतु उद्योग लगाने के मार्ग खोल दिए हैं। परिणामस्वरूप बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की उद्योग जगत में सहभागिता बढ़ी है और भारत विश्व अर्थव्यवस्था में एक औद्योगिक राष्ट्र के रूप में उभर रहा है।

प्रश्न 3.
आधारभूत उद्योग और उपभोक्ता उद्योग में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
आधारभूत उद्योग और उपभोक्ता उद्योग

आधारभूत उद्योग

  1. आधारभूत उद्योगों के उत्पादों का प्रयोग अन्य प्रकार के उत्पादन प्राप्त करने के लिए किया जाता है; जैसे-लौह-इस्पात उद्योग, भारी मशीन उद्योग
  2. इन उद्योगों के उत्पादों का प्रयोग उसी समय समाप्त नहीं होता बल्कि भविष्य में उत्पादन प्रक्रम में योगदान देता है।
  3. इन उद्योगों से प्राप्त मशीनें अन्य उत्पादों को बनाने के लिए प्रयोग की जाती हैं।

उपभोक्ता उद्योग

  1. उपभोक्ता उद्योगों के उत्पादों का प्रयोग प्रायः लोगों के दैनिक उपयोग की वस्तुओं के लिए करते हैं; जैसे-खाने के तेल, चाय, कॉफी, वस्त्र, चीनी आदि।
  2. इन उद्योगों के उत्पादों का प्रयोग उसी समय समाप्त हो जाता है। ये उद्योग प्रायः छोटे पैमाने तथा हल्के वर्ग के होते हैं।
  3. इन उद्योगों से प्राप्त वस्तुएँ सीधी दैनिक जीवन में प्रयोग की जाती हैं।

प्रश्न 4.
भारत में लोहा-इस्पात उद्योग के केन्द्रीकरण को किन-किन बातों ने प्रभावित किया है ?
उत्तर:
भारत में लोहा-इस्पात उद्योग कच्चे माल के क्षेत्रों में केन्द्रित हैं। कच्चे माल के क्षेत्रों में इस उद्योग की स्थापना का प्रमुख कारण इस उद्योग द्वारा अशुद्ध कच्चे माल का उपयोग करना है इस उद्योग में, लौह-अयस्क, कोयला, मैंगनीज, चूने का पत्थर तथा डोलोमाइट को प्रमुख कच्चे माल के रूप में प्रयोग किया जाता है। ये सभी पदार्थ वजनी, मूल्य में सस्ते तथा अशुद्धता से भरे होते हैं। इसीलिए ये प्राप्ति स्थान के समीप ही इस्पात कारखाने की स्थापना को आकर्षित करते हैं।

हमारे देश में लोहा-इस्पात उद्योग के केन्द्रीयकरण को कच्चे माल के अलावा परिवहन की सुविधाओं ने भी प्रभावित किया है। कोयला व लौह-अयस्क की खानों के मध्य रेल सुविधा प्राप्त स्थान इसी कारण इस उद्योग के केन्द्र बने हैं। सस्ते परिवहन के कारण तटीय क्षेत्रों में भी ये उद्योग केन्द्रित हैं।

MP Board Class 10th Social Science Chapter 3 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
प्रदूषण का मानव जीवन पर प्रभाव बताइए। (2017)
उत्तर:
प्रदूषण का मानव जीवन पर प्रभाव-प्रदूषित वातावरण सम्पूर्ण पारिस्थितिकी तन्त्र को हानि पहुँचाता है। मानव जीवन पर इसके प्रमुख दुष्प्रभाव निम्नांकित हैं –

(1) प्रदूषित वायु मानव को श्वसन क्रिया में हानि पहुँचाती है। इससे दमा, निमोनिया, गले में दर्द, खाँसी के साथ ही कैंसर, मधुमेह और हृदय रोग जैसे घातक रोग होते हैं तथा हानिकारक गैसों का वायुमण्डल में अधिक मिश्रण बड़े हादसों को जन्म देता है, जिससे मनुष्य अकाल मौत के शिकार हो जाते हैं। भोपाल गैस त्रासदी इसी प्रकार की औद्योगिक गैस रिवास का परिणाम थी।

(2) प्रदूषित पेयजल अनेक रोगों के कीटाणु, विषाणु मानव के शरीर में पहुँचकर रोगों को उत्पन्न करते हैं। प्रदूषित जल के सेवन से पेचिश, हैजा, अतिसार, टायफाइड, चर्मरोग, खाँसी, जुकाम, अन्धापन, पीलिया व पेट के रोग हो जाते हैं।

(3) गन्दगी के क्षेत्रों एवं प्रदूषित चीजों पर मक्खी, मच्छर, कीड़े आदि पनपते हैं। गन्दगी युक्त वातावरण में अनेक कीटाणु पैदा होते हैं जो मानव के लिए पेचिश, तपेदिक, हैजा, आँतों के रोग, आँखों में जलन आदि रोग हेतु उत्तरदायी होते हैं।

(4) ध्वनि प्रदूषण का सबसे बुरा प्रभाव सुनने की शक्ति पर पड़ता है। अत्यधिक शोर से व्यक्ति बहरा हो जाता है।

औद्योगीकरण से बढ़ते प्रदूषण और वायुण्डल में बिखरती कार्बन डाइ-ऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड से ‘ग्रीन हाउस’ प्रभाव का जन्म हुआ है। सूर्य की गर्मी वायुमण्डल में कैद हो जाने से धरती के औसत ताप में वृद्धि हो रही है जिससे भूतापन (ग्लोबल वार्मिंग) होने लगी है। इसके दुष्परिणाम मानव जाति के लिए अत्यन्त घातक हैं।

MP Board Class 7th Social Science Solutions Chapter 18 Humidity and Rainfall

MP Board Class 7th Social Science Solutions Chapter 18 Humidity and Rainfall

MP Board Class 7th Social Science Chapter 18 Text Book Questions

Choose the correct alternatives from the following

Mp Board Class 7th Social Science Chapter 18 Question 1.
Hail falls in the form of:
(a) Liquid
(b) Solid
(c) Elastic
(d) Gas
Answer:
(b) Solid

Class 7 Social Science Chapter 18 MP Board Question 2.
Cyclonic rains in the North western part of India occurs during:
(a) Summer Season
(b) Winter Season
(c) Spring Season
(d) Rainy Season
Answer:
(b) Winter Season

Fill in the blanks:

  1. The process of changing of water into vapor is called …………..
  2. When water vapor again changes to liquid or solid state it is known as …………..
  3. The ……………. is an instruments to measure rainfall.

Answer:

  1. Evaporation
  2. condensation
  3. rain gauge

MP Board Class 7th Social Science Chapter 18 Short Answer the Questions

Humidity And Rainfall Class 7 MP Board Question 1.
What are water vapors?
Answer:
When very small particles of water are converted to gaseous water molecules are called water vapor.

Chapter 18 Class 7th Science MP Board Question 2.
Why does evaporation increase and decrease?
Answer:
The change in temperature brings about a change in evaporation. The rate of evaporation is more when strong winds blow.

Social Science Class 7 Chapter 18 MP Board Question 3.
Why are clouds formed?
Answer:
The vapor that rises up from the water bodies reaches high up in the sky and is converted into droplets due to cooling. These droplets get dense and form clouds. When the clouds contain less water droplets it appears white and as its density increases it appears black.

Question 4.
How do you understand by snowfall?
Answer:
The water vapors on reaching higher up in the sky is converted into ice particles due to very low temperature. These ice particles are called snow. When this snow falls on earth it is called snowfall.

Question 5.
What is cyclonic rain?
Answer:
When the hot and cold air meet, the hot air rises upwards and the cold air rushes to occupy the low-pressure area in the center. As a result there is circular movement which causes the whirling air in the center to rise upwards. This rising air cools down, condenses and brings rain. This type of rainfall is called cyclonic rainfall.

MP Board Class 7th Social Science Chapter 18 Long Answer Type Questions

Question 1.
What is condensation? what are its Various forms?
Answer:
The process in which water vapor in die atmosphere changes into minute dip pelts of water or ice crystals is called condensation. Its various forms are dew, frost, fog, smog and hails.

Question 2.
How many types of rainfall are there? Explain with diagram.
Answer:
There are three types of rainfall. They are:

  1. Convectional rain
  2. Orographic rain
  3. Cyclonic rain

1. Convectional rain:
The vapors formed from water bodies due to strong heat rises up in the sky and are condensed due to low temperature there, and falls on the earth in the form of raindrops. This process is called convection. Since the rainfall occurs because of the above – mentioned process, it is called convectional rain. The diagram of convectional rain is given below.

Mp Board Class 7th Social Science Chapter 18
2. Orographic rain:
When a mountain range lies in the path of a Tain – bearing wind, it causes die wind to rise along its slope. As a result, it cools and gets saturated. Further cooling due to its ascent leads to rainfall. This is called orographic rain. The diagram of Orographic rain is given

Class 7 Social Science Chapter 18 MP Board
3. Cyclonic rain:
When die hot and cold air meet, the hot air rises upwards and the cold air rushes to occupy the low-pressure area in die center. As a result there is circular movement which causes the whirling air in the center to rise upwards. This rising air cools down, condenses and brings rain. This type of rainfall is called cyclonic rain.
The diagram of Cyclonic rain:

Humidity And Rainfall Class 7 MP Board

Question 3.
Make a diagram of rain gauge:
Answer:

Chapter 18 Class 7th Science MP Board

Question 4.
What is humidity? What are the different forms of humidity?
Answer:
The word humidity’ is used to denote die amount of dampness in die atmosphere. In other words the amount of water vapor present in the air is called humidity.

The different forms of humidity:
1. Clouds:
Clouds are formed due to the condensation of water vapor. As the moist air is lifted upwards, it clings to the dust particles in the air to form clouds.

2. Fog:
Fog, as a kind of cloud, is found on or near die surface of the land or water bodies. It is formed by the cooling of the air below its dew point in die lower layers of atmosphere.

3. Rain:
As the clouds arc cooled in the cooler upper region of the atmosphere, the small droplets of water in it grow in size and can no longer float in the air. Falling of these droplets of water from the clouds is called rain.

4. Snowfall:
As condensation takes place at temperature below 0°C, the water-vapor in the atmosphere changes into millions of tiny crystals. Sometimes, they combine together to form flakes of snow. Coming down of these snowflakes to die ground from clouds is termed as snowfall.

5. Hail:
Hails are caused by the rapid ascent of moist air higher regions where temperature is far-below freezing-point This causes the raindrops to freeze. When the hailstones become so big and heavy that the air can no longer hold them, they fall from the cloud on the earth as hailstones.

6. Dew:
On a cold and clear nights moist air comes in contact with cold objects on the earth. The moisture in the air condenses into droplets of water. It is known as dew.

7. Frost:
Frozen dew is called frost In the case of frost, the dew point is or below freezing point 0° Celsius.

MP Board Class 7th Social Science Solutions

MP Board Class 10th Social Science Solutions Chapter 4 परिवहन, संचार एवं विदेशी व्यापार

In this article, we will share MP Board Class 10th Social Science Book Solutions Chapter 4 परिवहन, संचार एवं विदेशी व्यापार Pdf, These solutions are solved subject experts from the latest edition books.

MP Board Class 10th Social Science Solutions Chapter 4 परिवहन, संचार एवं विदेशी व्यापार

MP Board Class 10th Social Science Chapter 4 पाठान्त अभ्यास

MP Board Class 10th Social Science Chapter 4 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

सही विकल्प चुनकर लिखिए

परिवहन संचार एवं विदेशी व्यापार MP Board Class 10th Social Science प्रश्न 1.
भारत में रेलवे जोन की कुल संख्या है
(i) 9
(ii) 16
(iii) 14
(iv) 15
उत्तर:
(ii) 16

You can download MP Board 10th sanskrit solution to help you to revise complete syllabus and score more marks in your examinations.

Class 10th Mp Board Social Science Solution  प्रश्न 2.
बड़ी रेलवे लाइन में रेल की दोनों पटरियों के मध्य की दूरी होती है
(i) 1,676 मिमी
(ii) 1000 मिमी
(iii) 792 मिमी
(iv) 1,560 मिमी।
उत्तर:
(i) 1,676 मिमी

प्रश्न 3.
भूमिगत रेलपथ (मेट्रो रेल) से सम्बन्धित है –
(i) बंगलूरू
(ii) कोलकाता
(iii) अहमदाबाद
(iv) भोपाल।
उत्तर:
(ii) कोलकाता

प्रश्न 4.
गैस लाइन है
(i) बरौनी-हल्दिया
(ii) बरौनी-जालंधर
(iii) नाहरकटिया-बरौनी
(iv) हजीरा-जगदीशपुर।
उत्तर:
(iv) हजीरा-जगदीशपुर।

प्रश्न 5.
मुम्बई बन्दरगाह के दबाव को कम करने हेतु विकसित बन्दरगाह है (2017)
(i) पाराद्वीप
(ii) हल्दिया
(iii) न्हावाशेवा
(iv) काण्डला।
उत्तर:
(iii) न्हावाशेवा

प्रश्न 6.
विदेशों में रह रहे लोगों से बात करने हेतु भारत में उपलब्ध दूरसंचार सेवा है (2016)
(i) बी. पी. टी.
(ii) आई. एस. डी.
(iii) एस. टी. डी.
(iv) डब्ल्यु. एल. एल.
उत्तर:
(ii) आई. एस. डी.

प्रश्न 7.
जिन उपभोक्ताओं के पास कम्प्यूटर या इन्टरनेट उपलब्ध नहीं हैं, उन्हें प्रारम्भ की गई दूरसंचार सेवा
(i) व्यापारिक चैनल
(ii) स्पीड पोस्ट
(iii) ई-पोस्ट
(iv) ई-बिलपोस्ट।
उत्तर:
(iii) ई-पोस्ट

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

प्रश्न 1.
आन्ध्र प्रदेश के कोरोमण्डल तट पर सर्वाधिक सुरक्षित व गहरा बन्दरगाह ……. है।
उत्तर:
विशाखापट्टनम

प्रश्न 2.
स्थानीय पत्रों के प्रेषण हेतु बड़े शहरों में लगाई गई पत्र पेटियाँ ……” कहलाती हैं।
उत्तर:
ग्रीन चैनल

प्रश्न 3.
सभी राज्यों की राजधानियों में डाक छाँटने व प्रेषण हेतु उपयोगी चैनल ……. है।
उत्तर:
राजधानी चैनल

प्रश्न 4.
इन्टरनेशनल नेटवर्क का संक्षिप्त नाम है। (2009, 11, 13)
उत्तर:
इण्टरनेट

प्रश्न 5.
विदेशी व्यापार से आशय एक देश का अन्य देशों से वस्तुओं के …….. से है। (2010)
उत्तर:
आदान-प्रदान

प्रश्न 6.
स्वतन्त्रता प्राप्ति के समय भारत का विदेशी व्यापार ……का स्वरूप लिये हुआ था।
उत्तर:
औपनिवेशिक व्यापार

प्रश्न 7.
1992 की घोषित आयात-निर्यात नीति में ……. को काफी उदार बना दिया गया है।
उत्तर:
लाइसेंस प्रणाली।

सही जोड़ी मिलाइए
MP Board Class 10th Social Science Solutions Chapter 4 परिवहन, संचार एवं विदेशी व्यापार 1
उत्तर:

  1. → (ङ)
  2. → (क)
  3. → (ख)
  4. → (ग)
  5. → (घ)

MP Board Class 10th Social Science Chapter 4 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
कोलकाता से 125 किमी. दूर कौन-सा बन्दरगाह विकसित किया गया है ?
उत्तर:
हल्दिया बन्दरगाह।

प्रश्न 2.
इण्डियन एयरलाइन्स का मुख्यालय कहाँ हैं ?
उत्तर:
दिल्ली में।

प्रश्न 3.
भारत में प्रधानमन्त्री ग्राम सड़क योजना का प्रमुख उद्देश्य क्या है ?
उत्तर:
प्रधानमन्त्री ग्राम सड़क योजना का उद्देश्य 500 तक की आबादी वाले सभी गाँवों को बारहमासी सड़कों से जोड़ना है।

प्रश्न 4.
परिवहन व संचार से क्या आशय है ?
उत्तर:
व्यक्तियों या जीव-जन्तुओं को किसी माध्यम द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान तक लाने ले जाने की प्रक्रिया परिवहन कहलाती है।
संचार तन्त्र के अन्तर्गत सूचनाओं का आदान-प्रदान या प्रसारण सम्मिलित है।

प्रश्न 5.
दूरदर्शन में विज्ञापन सेवा कब प्रारम्भ की गई थी ?
उत्तर:
1976 में विज्ञापन सेवा प्रारम्भ की गई।

प्रश्न 6.
अन्तर्राष्ट्रीय दर्शकों को भारतीय सामाजिक, सांस्कृतिक एवं आर्थिक क्षेत्रों की जानकारी किस चैनल द्वारा प्रदान की जाती है ?
उत्तर:
डी. डी. इण्डिया चैनल द्वारा।

प्रश्न 7.
वर्तमान में रेडियो प्रसारण सेवा का नाम क्या है ?
उत्तर:
आकाशवाणी।

प्रश्न 8.
भारत में दूरदर्शन के शैक्षिक चैनल को प्रमुखतया किस नाम से जाना जाता है ?
उत्तर:
डी. डी. ज्ञानदर्शन शैक्षिक चैनल नाम से जाना जाता है।

प्रश्न 9.
भारत के प्रमुख अन्तर्राष्ट्रीय जलमार्गों के नाम बताइए।
उत्तर:
भारत वर्ष से गुजरने वाले प्रमुख अन्तर्राष्ट्रीय जलमार्ग निम्नलिखित हैं –

  1. सिंगापुर मार्ग-कोलकाता से जापान होते हुए संयुक्त राज्य अमेरिका के तटों तक।
  2. ऑस्ट्रेलिया मार्ग-चेन्नई से सिंगापुर होते हा ऑस्ट्रेलिया व न्यूजीलैण्ड तक।
  3. स्वेज मार्ग-मुम्बई से पोर्टसईद तथा लन्दन तक।
  4. उत्तमाशा अन्तरीप मार्ग-मुम्बई, मोम्बासा से यूरोप व अमेरिका तक।

MP Board Class 10th Social Science Chapter 4 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
मैट्रो रेल सेवा से क्या तात्पर्य है ? (2009)
उत्तर:
मैट्रो रेल सेवा – जनसंख्या के महानगरों में केन्द्रित होने से घने बसे क्षेत्रों में रेलमार्गों के विकास की सम्भावनाएँ सीमित हैं। इसलिए महानगरों में भूमिगत रेल पथ (मैट्रो रेल) विकसित करने की योजना है। कोलकाता, मुम्बई एवं दिल्ली में यह कार्य पूरा किया जा चुका है।

प्रश्न 2.
आन्तरिक जल परिवहन की प्रमुख बाधाएँ कौन-कौनसी हैं ? (2014)
उत्तर:
आन्तरिक जल परिवहन की प्रमुख बाधाएँ निम्नलिखित हैं –

  1. देश की अधिकांश नदियाँ मौसमी हैं। कुछ नदियाँ तो शुष्क मौसम में बिल्कुल सूख जाती हैं और कुछ में जलधारा इतनी पतली और उथली होती है कि उसमें नावें या स्टीमर नहीं चलाये जा सकते।
  2. वर्षा ऋतु में जल की अधिकता, विकराल गति एवं बाढ़ की स्थिति के कारण वर्षा ऋतु में नाव्य नदियों का परिवहन के लिए उपभोग नहीं हो पाता।
  3. सदा नीरा नदियों से सिंचाई के लिए जगह-जगह से नहरें निकाली गई हैं, जिससे नदियों में जलस्तर तो कम हो ही जाता है, मार्ग में द्वार या बन्द बनाने से मार्ग बाधायुक्त हो जाता है। अतः जो नदियाँ पहले नौ संचालन के योग्य थीं, अब उपयोगी नहीं रहीं।।
  4. दक्षिण भारत की नदियाँ पथरीले भागों से बहती हुई प्रपात बनाती हैं। प्रपाती नदियों में गति तो तीव्र होती है, साथ ही प्रपातों के साथ-साथ स्वाभाविक रूप से नावों या स्टीमरों को नहीं चलाया जा सकता।

प्रश्न 3.
बन्दरगाह व पत्तन में क्या अन्तर है ? (2013)
उत्तर:
बन्दरगाह व पत्तन में निम्नलिखित अन्तर हैं –

बन्दरगाह

  1. जलयानों व जहाजों के तट पर आने-जाने, ठहरने,विश्राम करने के स्थान को बन्दरगाह कहते हैं।
  2. बन्दरगाह पर सामान्य सुविधाएँ ही होती हैं। नगर जैसी सुविधाएँ नहीं होती हैं।

पत्तन

  1. समुद्रतट का वह अन्त:स्थल जहाँ जहाज में माल लादने एवं उतारने का कार्य होता है, पत्तन कहलाता है।
  2. पत्तन में नगर जैसी सुविधाएँ; जैसे-यात्रियों को ठहरने तथा माल को सुरक्षित रखने की सुविधाएँ होती हैं।

प्रश्न 4.
सेल्युलर फोन क्या है ?
उत्तर:
सेल्युलर फोन या मोबाइल फोन-यह बेतार का तार जैसा फोन है जिसे सेल्युलर फोन या मोबाइल फोन कहते हैं। इस फोन को हम कहीं भी जेब में रखकर ले जा सकते हैं वहीं से फोन कर सकते हैं एवं बाहर से फोन प्राप्त (रिसीव) कर सकते हैं। 2007 तक देश में इस सेवा का उपयोग करने वालों की संख्या 165.09 मिलियन थी जो वर्तमान में बढ़कर 969.54 मिलियन हो गई है।

प्रश्न 5.
तार व फैक्स में क्या अन्तर है ? (2013)
उत्तर:
तार – अमेरिकी वैज्ञानिक थॉमस एडिसन ने टेलीग्राफ का आविष्कार किया। इससे सन्देश शीघ्र भेजे जाने लगे। इसके लिए खम्भों पर टेलीग्राफ के तार स्थाई रूप से बाँधा जाना जरूरी था। इन तारों द्वारा बिजली के माध्यम से सन्देश एक स्थान से दूसरे स्थान तक कोडेंसी मशीन द्वारा भेजे जाते हैं। सभी देश तार भेजने के लिए मोर्सकोड नामक सांकेतिक भाषा का प्रयोग करते हैं।

फैक्स – फैक्स एक प्रकार से लिखित सन्देश प्राप्त करने या भेजने का साधन है। इसके लिए एक मशीन की आवश्यकता होती है जिसे फैक्स मशीन कहते हैं। इस मशीन को टेलीफोन नम्बर से जोड़ देते हैं एवं सन्देश लगा देते हैं। यह मशीन उस सन्देश को कागज पर छाप देती है। साथ ही भेजने वाले का टेलीफोन नम्बर, पता एवं समय लिख देती है।

प्रश्न 6.
इण्टरनेट से क्या तात्पर्य है ? (2009, 11, 14)
उत्तर:
इण्टरनेट-इण्टरनेट इण्टरनेशनल नेटवर्क का संक्षिप्त नाम है। इण्टरनेट कम्प्यूटरों को जोड़ने की सर्वाधिक सक्षम अन्तर्राष्ट्रीय सूचना प्रणाली है जिसने वर्तमान में करोड़ों उपयोगकर्ताओं को आपस में जोड़ रखा है। इस सेवा से कोई भी व्यक्ति घर बैठे देश-विदेश की प्रत्येक घटना को देख सकता है व सम्पर्क कर सकता है। सामान्यतः इण्टरनेट का उपयोग संवादों से सम्बन्धित आँकड़ों के संग्रह या प्रकाशन कार्य के लिए भी होता है। इण्टरनेट के द्वारा व्यक्ति अपने-अपने संवादों को तुरन्त एक-दूसरे के कम्प्यूटर स्क्रीन पर पढ़ और जान सकता है तथा अतिशीघ्र जवाब दे सकता है। जून 2015 तक प्राप्त सूचना के अनुसार भारत में करीब 302 मिलियन इण्टरनेट ग्राहक थे।

प्रश्न 7.
भारतीय दूरदर्शन सेवा का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारतीय दूरदर्शन
भारत में टेलीविजन सेवा का नियमित प्रसारण 1965 से प्रारम्भ हुआ। सन् 1976 में इसे आकाशवाणी से पृथक् कर दूरदर्शन नामक अलग संगठन बनाया गया। अब देश की लगभग 87 प्रतिशत से अधिक जनता, 1,402 स्थल ट्रान्समीटरों के माध्यम से दूरदर्शन के कार्यक्रम देख सकती है। कार्यक्रम तैयार करने वाले केन्द्रों की संख्या 20 है। 1976 में विज्ञापन सेवा प्रारम्भ की गई। 1982 से दूरदर्शन ने रंगीन कार्यक्रमों का प्रसारण प्रारम्भ कर दिया। डी. डी. 1 एवं डी. डी. 2 दिल्ली से प्रारम्भ किये गये। तत्पश्चात् 11 क्षेत्रीय भाषाओं के उपग्रह चैनल शुरू किये। फरवरी 1987 से दूरदर्शन की प्रात:कालीन सेवा प्रारम्भ हुई। 26 जनवरी, 1989 से दोपहर की सेवा प्रारम्भ की गई। इस प्रकार दूरदर्शन की तीनों सभाएँ संचालित करके सभी वर्गों के लिए कार्यक्रम प्रसारित हो रहे हैं। खेल सम्बन्धी गतिविधियों के लिए डी. डी. स्पोर्ट्स चैनल, गुणवत्तायुक्त शिक्षा तक पहुँच बनाने हेतु सन् 2000 में डी. डी. ज्ञान दर्शन शैक्षिक चैनल आरम्भ किया गया। दूरदर्शन के अनेक निजी चैनल भी हैं।

प्रश्न 8.
उपग्रह संचार सेवा से क्या आशय है ? (2010)
उत्तर:
उपग्रह संचार-वैज्ञानिकों ने मानव हितों की पूर्ति के लिए मशीनीकृत उपग्रह तैयार कर रॉकेटों की सहायता से अन्तरिक्ष में स्थापित किया है। ये कृत्रिम उपग्रह पृथ्वी का चक्कर लगाते हुए मौसम, प्राकृतिक संसाधनों, सैनिक गतिविधियों आदि की जानकारी चित्र और मानचित्र के माध्यम से पृथ्वी पर भेजते हैं। आर्यभट्ट, एप्पल, इन्सेट, आई. आर. एस. कृत्रिम उपग्रह इसी दिशा में किये गये प्रयास हैं।

प्रश्न 9.
विदेशी या अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से क्या तात्पर्य है ? (2010, 11)
उत्तर:
विदेशी या अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार-प्रत्येक राष्ट्र अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए विदेशों से वस्तुएँ खरीदता है और बदले में अपने देश की वस्तुओं को बेचता है। वस्तुओं के इस पारस्परिक विनिमय को ही व्यापार कहा जाता है। दो या अधिक राष्ट्रों के बीच होने वाले विनिमय को अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार कहते हैं। एक देश दूसरे देशों के साथ जो क्रय-विक्रय करता है वह उसका विदेशी व्यापार कहलाता है। उदाहरण के लिए, बांग्लादेश तथा भारत के बीच होने वाला व्यापार विदेशी व्यापार कहलायेगा।

प्रश्न 10.
सांस्कृतिक भिन्नता व्यापार को किस प्रकार प्रभावित करती है ?
उत्तर:
विश्व के सभी राष्ट्र सांस्कृतिक रूप से समान नहीं हैं। विभिन्न राष्ट्रों में सामाजिक एवं धार्मिक दृष्टिकोण, रहन-सहन, रीति-रिवाज, रुचियाँ भिन्न-भिन्न हैं। इस सांस्कृतिक भिन्नता के कारण उत्पादन एवं माँग भी भिन्न-भिन्न है। इस भिन्नता का प्रभाव अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार पर पड़ता है।

प्रश्न 11.
विदेशी व्यापार संरचना से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
विदेशी व्यापार संरचना-विदेशी व्यापार की संरचना से आशय आयात-निर्यात के स्वरूप से होता है। दूसरों शब्दों में, इसका आशय इस बात से होता है कि कोई राष्ट्र किस प्रकार की वस्तुओं का आयात-निर्यात करता है। जब एक राष्ट्र से वस्तुओं को दूसरे राष्ट्र को भेजा जाता है तो उसे निर्यात कहते हैं। इसके विपरीत जब अन्य राष्ट्र से वस्तुओं को मँगाया जाता है तो इसे आयात कहते हैं।

प्रश्न 12.
निर्यात संवर्द्धन एवं आयात प्रतिस्थापन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
निर्यात संवर्द्धन – यह ऐसी प्रक्रिया है जिसमें निर्यात वृद्धि के लिए पुराने निर्यातकर्ताओं को तथा नवीन व्यक्तियों को निर्यात में वृद्धि करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
आयात प्रतिस्थापन – यह ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें विदेशों से आयात की जाने वाली वस्तुओं के स्थान पर उन्हें कोई निकट स्थानापन्न देश में ही उत्पादित किया जाता है।

प्रश्न 13.
भारत की पाँच प्रमुख आयात एवं निर्यात वस्तुओं के नाम बताइए। (2009)
उत्तर:
भारत के आयात-भारत के आयात को प्रमुख रूप से तीन श्रेणियों में बाँटा जा सकता है –

  1. पूँजीगत वस्तुएँ-इसमें मशीनें, धातुएँ, अलौह धातुएँ एवं परिवहन के सामान शामिल होते हैं।
  2. कच्चा माल-इसमें खनिज तेल, कपास, जूट तथा रासायनिक वस्तुओं का समावेश होता है।
  3. उपभोक्ता वस्तुएँ-इसमें खाद्यान्न, विद्युत उपकरण, औषधियाँ, वस्त्र, कागज इत्यादि का समावेश होता है।

भारत के निर्यात – भारत से निर्यात की जाने वाली वस्तुओं को चार श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है –

  1. खाद्यान्न समूह (या कृषिजन्य वस्तुएँ)- इसमें अनाज, चाय, तम्बाकू, कॉफी, काजू, मसाले आदि का समावेश होता है।
  2. कच्चा माल-इसमें खाल, चमड़ा, ऊन, रुई, कच्चा लोहा, मैंगनीज, खनिज पदार्थ आदि शामिल किये जाते हैं।
  3. निर्मित वस्तुएँ-इसमें जूट का सामान, कपड़े, चमड़े का सामान, सीमेण्ट, खेल का सामान, जूते आदि शामिल होते हैं।
  4. पूँजीगत सामान-इसमें मशीनें, परिवहन उपकरण, लोहा-इस्पात, इन्जीनियरिंग वस्तुएँ सॉफ्टवेयर एवं सिलाई मशीनें आदि को शामिल किया जाता है।

MP Board Class 10th Social Science Chapter 4 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
परिवहन के साधन मानव सभ्यता की प्रगति के पथ प्रदर्शक कैसे हैं ? लिखिए। (2016)
उत्तर:
परिवहन का महत्त्व एवं उपयोगिता

आधुनिक औद्योगिक समाज के लिए परिवहन व संचार के साधन आवश्यक आवश्यकता बन गये हैं। जैसे-जैसे मानव सभ्यता की ओर अग्रसर होता गया, परिवहन का इतिहास मानव सभ्यता का इतिहास बनता गया। अत: परिवहन के साधन मानव सभ्यता की प्रगति के पथ प्रदर्शक बन गये हैं जैसा कि निम्नलिखित तथ्यों से स्पष्ट है –

  1. दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति-परिवहन के साधन; जैसे-सड़कें, रेलें, जलमार्ग, वायुमार्ग आदि मण्डी के लिए कृषि उपजें, उद्योगों के लिए कच्चा माल, उपभोक्ताओं के लिए तैयार माल तथा व्यापारियों के लिए दूरस्थ माल आदि को सुलभ कराते हैं। हमारी छोटी दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति इन साधनों से ही सम्भव होती है।
  2. राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ आधार प्रदान करना-परिवहन के साधन भारतीय राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ आधार प्रदान करते हुए सद्भाव एवं भाईचारे को जाग्रत कर देश को एकता के सूत्र में बाँधने का कार्य करते हैं।
  3. वैचारिक व भौगोलिक दूरियों को सीमित करना- भारत के विस्तृत विस्तार, आर्थिक, सांस्कृतिक तथा सामाजिक बहुलता एवं विविधता, भाषायी, सांस्कृतिक तथा वैचारिक एवं भौगोलिक दूरी से राष्ट्रीय एकता को खण्डित होने का खतरा लगातार बना रहता है। परिवहन के साधन वैचारिक व भौगोलिक दूरियों को सीमित करके राष्ट्रीय एकता को विकसित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  4. राष्ट्रीय प्रगति के सूचक-परिवहन के साधन राष्ट्रीय प्रगति व समृद्धि के सूचक हैं। इनसे ही माल व यात्री ढुलाई नियमित, विश्वसनीय व तीव्रगामी होती है।
  5. विश्वव्यापीकरण को बढ़ावा-परिवहन व संचार के द्रुतगामी व सक्षम साधनों के द्वारा दुनियाँ बहुत छोटी हो गयी है। किसी एक देश के बाजारों में हुए परिवर्तन का प्रभाव अन्य देशों के बाजारों पर अवश्य पड़ता है। दुनिया के लोगों की परस्पर निर्भरता को परिवहन के साधन सुलभ बना देते हैं।
  6. प्राकृतिक आपदाओं के समय मददगार-परिवहन के साधन प्राकृतिक आपदाओं; जैसे-अकाल, बाढ़, महामारी, अतिवृष्टि, अनावृष्टि आदि के समय समाज के मददगार होते हैं।

प्रश्न 2.
भारत के प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
राष्ट्रीय राजमार्ग
राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास और रख-रखाव की जिम्मेदारी केन्द्र सरकार की है। सभी राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास और रख-रखाव का कार्य परिवहन मन्त्रालय, राज्यों के लोक निर्माण विभाग, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और सीमा संगठन के माध्यम से करती हैं। ये पक्की सड़कें राष्ट्र के राज्यों की राजधानियों, बड़े औद्योगिक एवं व्यापारिक नगरों, प्रमुख बन्दरगाहों तथा पड़ोसी राष्ट्रों की सड़कों से मिलती है। “भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लम्बाई 1,03,933 किलोमीटर है जो सड़कों की कुल लम्बाई का मात्र 2 प्रतिशत है लेकिन यातायात का 40 प्रतिशत इन्हीं राष्ट्रीय राजमार्गों से गुजरता है।”

देश में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए ‘राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना’ 1999 तैयार की गयी जिसके अनुसार सन् 2007 तक करीब 14 हजार किमी. लम्बे 4/6 लेन वाले राष्ट्रीय राजमार्ग का लक्ष्य है। देश के कुछ राष्ट्रीय राजमार्ग अनलिखित हैं –
1 भारत 2018; पृष्ठ 499.

राष्ट्रीय राजमार्ग
MP Board Class 10th Social Science Solutions Chapter 4 परिवहन, संचार एवं विदेशी व्यापार 2

प्रश्न 3.
“रेलमार्गों का वितरण भारत में असमान है।” स्पष्ट कीजिए। (2017)
उत्तर:
भारत में रेलमार्गों का वितरण
भारत में रेलमार्गों का विकास उन्हीं क्षेत्रों में हुआ है जो आर्थिक दृष्टि से अधिक विकसित हैं। यह वितरण अत्यधिक असमान है।

(1) अधिक सघन रेलमार्ग क्षेत्र – यह क्षेत्र उत्तर भारत में सतलज-गंगा के मैदान में पंजाब से लेकर पश्चिम बंगाल तक फैला हुआ है। इस रेल क्षेत्र के प्रमुख स्टेशन लुधियाना, दिल्ली, कानपुर, लखनऊ, इलाहाबाद, वाराणसी, आसनसोल, हावड़ा आदि हैं।

(2) मध्य सघन रेलमार्ग क्षेत्र-इस मार्ग में प्रायद्वीपीय मैदान एवं दक्षिण के पठार सम्मिलित हैं। अहमदाबाद, बड़ोदरा, चेन्नई प्रमुख स्टेशन हैं।

(3) कम सघन रेलमार्ग क्षेत्र-देश के पर्वतीय, पठारी, मरुस्थलीय, दलदली, जंगली तथा पिछड़ी अर्थव्यवस्था एवं विरल जनसंख्या वाले भूभाग जहाँ परिवहन की सुविधाएँ नगण्य हैं, रेलमार्गों का विकास नहीं हो पाया है। इनमें कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नागालैण्ड, मिजोरम, त्रिपुरा, मेघालय, छत्तीसगढ़ का बस्तर एवं उड़ीसा के अधिकांश भाग सम्मिलित हैं।

भारतवर्ष के पर्वी एवं पश्चिमी तटीय भागों में समद्र तट के कटा-फटा व सँकरे होने तथा पहाड़ियों के किनारे के साथ रेलमार्ग पर्याप्त विकसित नहीं हो सके हैं। पूर्वी तट पर समुद्र तट के कन्याकुमारी से हावड़ा तक रेलमार्ग विकसित है। पश्चिमी तटीय क्षेत्र में कोंकण रेल निगम की स्थापना के साथ 837 किमी. का रेलमार्ग विकसित हुआ है।

जनसंख्या के महानगरों में केन्द्रित होने से घने बसे क्षेत्रों में रेलमार्गों के विकास की सम्भावनाएँ सीमित हैं। महानगरों में भमिगत रेल पथ (मैट्रो रेल) विकसित करने की योजना है। भारत में कोलकाता, मुम्बई एवं दिल्ली में यह कार्य पूरा किया जा चुका है।

प्रश्न 4.
संचार के साधन वर्तमान युग में अत्यन्त महत्त्वपूर्ण व उपयोगी कैसे हैं ? वर्णन कीजिए। (2009)
उत्तर:
संचार के साधनों का महत्त्व

संचार तन्त्र के अन्तर्गत सूचनाओं का आदान-प्रदान या प्रसारण सम्मिलित है। मानव एक सामाजिक प्राणी है। अतः उसे अपने व्यक्तिगत, पारिवारिक और सामाजिक जीवन में संचार की अत्यन्त आवश्यकता पड़ती है। प्रारम्भ में मानव स्वयं सूचनाओं व सन्देशों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाता था बाद में घोड़ों या ऊँटों की पीठ पर बैठकर वह दूर तक सन्देशों को ले जाता था। इस कार्य के लिए कबूतरों का भी उपयोग होता था। संचार के साधन आज अत्यन्त महत्त्वपूर्ण हो गये हैं। इसके महत्वपूर्ण होने के निम्नलिखित आधार हैं

  1. राष्ट्र के विकास कार्यक्रम और नीतियों के बारे में जनता में जागरूकता विकसित करने के लिए एवं राष्ट्रनिर्माण में इन साधनों का महत्वपूर्ण योगदान है।
  2. ये विभिन्न राष्ट्रों को परस्पर सम्पर्क सूत्र द्वारा एक-दूसरे से जोड़ने का कार्य करते हैं तथा सद्भावना बढ़ाते हैं।
  3. संचार के साधनों द्वारा किसी क्षेत्र में माल की आवश्यकता उसकी पूर्ति, वस्तुओं की कीमत आदि सूचनाएँ दूसरे क्षेत्रों को प्राप्त होती हैं।
  4. प्रशासन को अपना कार्य सुचारु रूप से चलाने के लिए संचार के साधनों की बहुत उपयोगिता है।
  5. संचार के साधनों द्वारा परिवहन व्यवस्था को भी द्रुतगामी एवं सुचारु बनाया गया है। यात्रा करने एवं माल भेजने की व्यवस्था के पहले से ही सूचना भेजी जा सकती है।
  6. युद्ध, दुर्घटना, भूकम्प एवं आपातकाल आदि घटनाओं के समय स्थिति का समाचार देना और शीघ्र राहत सामग्री भेजने में मदद करना।
  7. विश्व के किसी भी कोने में अपने मित्र व परिवार वालों से बातचीत करना।
  8. ये साधन देश के आर्थिक, सामाजिक एवं राजनीतिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं तथा ये प्रगति के प्रेरक बन गये हैं।

प्रश्न 5.
“दूरदर्शन संचार का सबसे उपयुक्त माध्यम है।” स्पष्ट कीजिए। (2009)
उत्तर:

  1. दूरदर्शन में ध्वनि एवं चित्रों का साथ-साथ प्रसारण होता है। यह अधिक लोकप्रिय और प्रभावशाली साधन है।
  2. दूरदर्शन द्वारा विश्व में कहीं भी घटित घटनाओं का सजीव चित्रण प्रस्तुत होता है।
  3. दूरदर्शन से समाचारों के अतिरिक्त मौसम, कृषि, उद्योग, विज्ञान, खेल, स्वास्थ्य, शिक्षा, मनोरंजन, घर-परिवार, बालक, महिलाओं आदि सम्बन्धी विविध जानकारी का प्रसारण होता है।
  4. ज्ञानवर्द्धन के साधनों के रूप में इसकी बहुत विशिष्ट भूमिका है। विश्व के अनेक राष्ट्रों में दूरदर्शन, शिक्षा पद्धति का अभिन्न अंग है।
  5. दूरदर्शन के माध्यम से छात्रों को विभिन्न देशों के महत्वपूर्ण स्थलों को देखने का अवसर मिलता है तथा विभिन्न कलात्मक तथा ऐतिहासिक भवन घर पर ही देखने को मिल जाते हैं।
  6. दूरदर्शन द्वारा जनता को राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय समस्याओं को समझने में भी सरलता रहती है।
  7. इसके माध्यम से लोगों को राष्ट्र की सामाजिक व सांस्कृतिक घटना तथा धार्मिक सद्भाव देखने के अवसर प्राप्त होते हैं। इससे राष्ट्र में जागरूकता उत्पन्न होती है।

इस प्रकार दूरदर्शन संचार का सबसे उपयुक्त माध्यम है।

प्रश्न 6.
विदेशी व्यापार का आर्थिक विकास में योगदान बताते हुए अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
अथवा
विदेशी व्यापार का आर्थिक विकास में योगदान बताइए। (2016)
अथवा
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को प्रभावित करने वाले कौनसे कारक हैं ? कोई चार लिखिए। (2009, 12, 15)
उत्तर:
विदेशी व्यापार का आर्थिक विकास में योगदान
वर्तमान समय में अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का बड़ा महत्त्व है। कोई भी राष्ट्र बिना विदेशी व्यापार को बढ़ाये प्रगति नहीं कर सकता। वस्तुतः अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार आज किसी भी राष्ट्र की आर्थिक प्रगति का मापदण्ड है। विदेशी व्यापार का आर्थिक विकास में योगदान अग्रलिखित बातों से स्पष्ट है –

  1. कृषि व उद्योगों का विकास-अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से कृषि व उद्योगों का विकास सम्भव हो सकता है। एक राष्ट्र दूसरे राष्ट्र से आधुनिक मशीनों व यन्त्रों आदि का आयात करके राष्ट्र में उद्योगों का विकास कर सकता है। कृषि क्षेत्र में भी कृषि के उपकरण, उर्वरक तथा उन्नत बीजों का आयात कर कृषि का विकास किया जा सकता है।
  2. विदेशी मुद्रा की प्राप्ति-अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होती है जिसका उपयोग राष्ट्र के आर्थिक विकास में किया जा सकता है।
  3. रोजगार के अवसर-इससे उद्योग एवं कृषि में रोजगार के अवसर बढ़ते हैं।
  4. उपभोक्ता को लाभ-इससे बाहर में वस्तुओं की विविधता देखने को मिलती है। उपभोक्ता अपने जीवनस्तर को उन्नत कर सकता है।
  5. परिवहन व संचार साधनों का विकास-अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के कारण ही यातायात और संचार के साधनों की प्रगति हुई है। व्यापार से परिवहन व संचार साधनों का घनिष्ठ सम्बन्ध है। आयात-निर्यात हेतु परिवहन व संचार साधनों की आवश्यकता पड़ती है।
  6. श्रम विभाजन-इससे श्रम विभाजन को बढ़ावा मिलता है, जो आर्थिक विकास का परिचायक है।

अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को प्रभावित करने वाले कारक

व्यापार पर अनेक प्राकृतिक, आर्थिक, राजनैतिक एवं सामाजिक परिस्थितियों का प्रभाव पड़ता है। इसे प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक निम्नलिखित हैं –

  1. स्थिति-जो राष्ट्र विश्व के व्यापारिक मार्गों पर स्थित होते हैं, उनकी व्यापारिक प्रगति शीघ्र होती है।
  2. प्राकृतिक संसाधन-किसी राष्ट्र का व्यापार वहाँ के प्राकृतिक संसाधनों की भिन्नता से प्रभावित होता है। प्राकृतिक संसाधनों में देश की जलवायु, वन, कृषि योग्य भूमि, कृषि उपजें, खनिज आदि सम्मिलित किये जाते हैं। इन्हीं साधनों पर उत्पादन निर्भर करता है।
  3. समुद्र तट-जिन राष्ट्रों का समुद्र तट बहुत कटा-फटा होता है वहाँ उन्नत बन्दरगाह विकसित होते हैं, लोग साहसी और अच्छे नाविक होते हैं।
  4. आर्थिक विकास-सभी राष्ट्रों के आर्थिक विकास की स्थिति एकसमान नहीं होती। जो राष्ट्र आर्थिक प्रगति में आगे हैं उनका व्यापार अधिक विकसित होगा।
  5. जनसंख्या की भिन्नता-जनसंख्या का असमान वितरण व्यापार को प्रभावित करता है। अधिक जनसंख्या वाले राष्ट्रों में माँग अधिक रहती है।
  6. शान्ति-अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का विकास शान्ति के समय ही हो सकता है। युद्ध एवं अशान्ति से व्यापार में हानि होती है।

प्रश्न 7.
भारत में निर्यात संवर्द्धन के लिए किए गए प्रयासों का वर्णन कीजिए। (2017)
उत्तर:
निर्यात संवर्द्धन वह प्रक्रिया है जिसमें निर्यात वृद्धि के लिए पुराने निर्यातकर्ताओं को तथा नवीन व्यक्तियों को निर्यात में वृद्धि करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

निर्यात संवर्द्धन के प्रयास

निर्यात संवर्द्धन हेतु निम्नलिखित उपाय किये गये हैं –

  1. विभिन्न संगठनों की स्थापना-भारत सरकार ने निर्यात के लिए बाजार खोजने, घरेलू माल का विदेशों में प्रचार करने तथा निर्यातकों को सुविधा देने के लिए विदेशी व्यापार संस्थान, आयात-निर्यात सलाहकार परिषद, राजकीय व्यापार निगम, निर्यात संवर्द्धन परिषद्, सूती वस्त्र निगम, जूट निगम, निर्यात-आयात बैंक की स्थापना की है।
  2. व्यापार विकास संस्था-निर्यात संवर्द्धन के क्षेत्र में कार्यरत् विभिन्न संस्थाओं में समन्वय स्थापित कर आवश्यक सेवाएँ उपलब्ध कराने हेतु व्यापार विकास संस्था की स्थापना की गयी।
  3. राजकीय व्यापार निगम की स्थापना-1956 में स्थापित इस निगम को स्थापित करने का उद्देश्य था-निर्यात का विविधीकरण करना, विद्यमान बाजारों का विस्तार करना, निर्यातों को प्रोत्साहन देना तथा आयातित वस्तुओं के वितरण की व्यवस्था करना।
  4. निर्यात गृहों की स्थापना-मान्यता प्राप्त संस्थाओं को निर्यात संवर्द्धन के लिए विपणन विकास विधि से आर्थिक सहायता प्रदान कराने हेतु इसकी स्थापना की गई। भारत में सात निर्यात संसाधन क्षेत्र हैं-काण्डला (गुजरात), सान्ताक्रुज (महाराष्ट्र), कोच्चि (केरल), चेन्नई (तमिलनाडु), नोएडा (उत्तर प्रदेश), फाल्टा (पश्चिम बंगाल), विशाखापट्टनम (आन्ध्र प्रदेश)। यहाँ कस्टम क्लीयरेंस की सुविधाएँ भी उपलब्ध हैं।
  5. भारतीय निर्यात-आयात बैंक की स्थापना-1 जनवरी, 1982 को सरकार ने इस बैंक की स्थापना की, जिसके संचालक मण्डल में ‘रिजर्व बैंक’, ‘औद्योगिक विकास बैंक’ एवं ‘निर्यात साख व गारण्टी निगम’ के प्रतिनिधि हैं। इस बैंक का कार्य मुख्यतः निर्यात व्यापार को बढ़ावा देना है।
  6. ग्रीन कार्ड-सरकार ने निर्यात तेजी से बढ़ाने के उद्देश्य से शत-प्रतिशत निर्यात करने वाली संस्थाओं को ‘ग्रीन कार्ड’ जारी किया है, जो उत्पादन से विपणन तक सभी मामलों में ‘ग्रीन कार्ड धारक संस्था’ को उच्च प्राथमिकता प्रदान करता है।
  7. उदार लाइसेंस प्रणाली-सरकार ने 1992 में नई आयात-निर्यात नीति की घोषणा करके लाइसेंस प्रणाली को काफी उदार बना दिया और देश का निर्यात बढ़ाने के लिए मुक्त व्यापार को बढ़ावा दिया है।

MP Board Class 10th Social Science Chapter 4 अन्य परीक्षोपयोगी प्रश्न

MP Board Class 10th Social Science Chapter 4 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
‘राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना’ को किस वर्ष में तैयार किया गया ?
(i) 1991
(ii) 1994
(iii) 1996
(iv) 1999.
उत्तर:
(iv) 1999.

प्रश्न 2.
भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है
(i) ब्रिटेन
(ii) जापान
(iii) संयुक्त राज्य अमेरिका
(iv) रूस।
उत्तर:
(iii) संयुक्त राज्य अमेरिका

प्रश्न 3.
भारत की प्रमुखतम् आयात वस्तु है
(i) खनिज तेल
(ii) मशीनरी
(iii) कम्प्यू टर
(iv) रसायन।
उत्तर:
(i) खनिज तेल

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

  1. दूरदर्शन ने रंगीन कार्यक्रमों का प्रसारण वर्ष …………… में प्रारम्भ किया।
  2. अमृतसर-अम्बाला-जालंधर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग की लम्बाई …………… किमी. है।

उत्तर:

  1. 1982
  2. 456

सत्य/असत्य

प्रश्न 1.
भारत में रेलवे प्रणाली का प्रारम्भ 1837 में हुआ।
उत्तर:
असत्य

प्रश्न 2.
भारतीय रेलमार्गों की लम्बाई एशिया में सबसे अधिक है। (2012)
उत्तर:
सत्य

प्रश्न 3.
विशाखापट्टनम कर्नाटक के समुद्र तट पर स्थित है।
उत्तर:
असत्य

प्रश्न 4.
बन्दरगाह जल व थल के मिलन स्थल होते हैं।
उत्तर:
सत्य

प्रश्न 5.
भारत में टेलीविजन सेवा का नियमित प्रसारण 1965 से प्रारम्भ हुआ।
उत्तर:
सत्य।

जोड़ी मिलाइए
MP Board Class 10th Social Science Solutions Chapter 4 परिवहन, संचार एवं विदेशी व्यापार 3
उत्तर:

  1. → (ख)
  2. → (क)
  3. → (घ)
  4. → (ग)

एक शब्द/वाक्य में उत्तर

प्रश्न 1.
भारत में रेलमार्गों का विकास किस वर्ष में हुआ ? (2009)
उत्तर:
1853

प्रश्न 2.
पवनहंस की स्थापना कब की गई ?
उत्तर:
15 अक्टूबर, 1985

प्रश्न 3.
सभी देश तार भेजने के लिए कौन-सी सांकेतिक भाषा का प्रयोग करते हैं ?
उत्तर:
मोर्स कोड

प्रश्न 4.
किसी राष्ट्र द्वारा निर्यात से प्राप्त माल को किसी अन्य राष्ट्र के लिए निर्यात को क्या कहते हैं ?
उत्तर:
पुनः निर्यात

प्रश्न 5.
जब कोई राष्ट्र अपनी आवश्यकता की वस्तुएँ विदेशों से मँगाता है, तो उसे क्या कहते हैं ?
उत्तर:
आयात।

MP Board Class 10th Social Science Chapter 4 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
भीतरी व्यापार क्या है ?
उत्तर:
एक ही तटीय खण्ड में उपस्थित पत्तनों के मध्य परस्पर व्यापार को भीतरी व्यापार कहा जाता है।

प्रश्न 2.
ई-बिल पोस्ट क्या है ?
उत्तर:
जहाँ विभिन्न सेवाओं के भुगतान की सुविधा एक ही स्थान पर उपलब्ध होती है, ई-बिल पोस्ट कहलाती है।

प्रश्न 3.
ट्रेम्प किसे कहते हैं ?
उत्तर:
माल वाहक जहाज को ट्रेम्प कहते हैं।

प्रश्न 4.
आयात-निर्यात से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
आयात – जब कोई राष्ट्र अपनी आवश्यकता की वस्तुएँ विदेशों से मँगाता है, तो उसे आयात कहते हैं।
निर्यात – जब कोई राष्ट्र अपनी आवश्यकता से अधिक की वस्तुओं को अपने देश से बाहर भेजता है, तो उसे निर्यात कहते हैं।

MP Board Class 10th Social Science Chapter 4 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पुनः निर्यात व्यापार से क्या आशय है ?
उत्तर:
पुनः निर्यात-विदेशों से वस्तुओं का आयात करके उन्हें पड़ोसी राष्ट्रों को निर्यात करना पुनः निर्यात व्यापार कहलाता है। दसरे शब्दों में, किसी राष्ट द्वारा निर्यात से प्राप्त माल को किसी अन्य रा निर्यात करने को पुनः निर्यात कहा जाता है। उदाहरण के लिए-ब्रिटेन भारत से चाय का आयात करता है तथा विश्व के अन्य राष्ट्रों को निर्यात करता है, यह पुनः निर्यात कहा जायेगा।

प्रश्न 2.
पाइप लाइन परिवहन के महत्त्व बताइए।
उत्तर:
पाइप लाइन परिवहन का महत्व
जिस प्रकार मोटर, रेल, जल, जहाज एवं हवाई जहाज से तरल, ठोस, शुष्क माल का परिवहन होता है उसी प्रकार तरल और गैसीय पदार्थों का परिवहन पाइप लाइनों द्वारा किया जाता है। कच्चे तेल, पेट्रोलियम उत्पाद एवं गैसीय पदार्थों का परिवहन करने के लिए पाइप लाइनों का जाल बिछाया गया है। इसके प्रमुख महत्त्व निम्नलिखित हैं-

  1. पाइप लाइन परिवहन को कठिन एवं ऊबड़-खाबड़ भू-भागों, दुर्गम स्थानों, मरुस्थलों, पर्वतों में एवं पानी के भीतर बिछाया जा सकता है।
  2. इसके संचालन और रख-रखाव की लागत बहुत कम होती है। केवल पाइप लाइन डालने में ही पहले खर्चा हो जाता है।
  3. इसमें माल की पूर्ति निरन्तर होती रहती है तथा दूर-दूर के स्थानों पर खनिज तेल व गैस पहुँचाई जाती है।
  4. पाइप लाइन परिवहन के विकास से गैस आधारित ताप विद्युत संयन्त्रों की स्थापना दूर-दराज़ के क्षेत्रों में भी सम्भव हो सकी है।

प्रश्न 3.
भारत के पश्चिमी तट पर स्थित प्रमुख पत्तनों के नाम बताइए। वहाँ से परिवहन की जाने वाली वस्तुओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
पश्चिमी भारत के प्रमुख पत्तन निम्नलिखित हैं –
काण्डला – यह गुजरात में स्थित है। यहाँ से कच्चा तेल, पेट्रोलियम उत्पाद, उर्वरक, नमक, कपास, सीमेण्ट, चीनी, खाद्य तेल का परिवहन होता है।
मुम्बई – यह एक प्राकृतिक पोताश्रय है तथा भारत का सबसे बड़ा पत्तन है। यहाँ से पेट्रोलियम उत्पाद तथा शुष्क माल का परिवहन होता है।
न्हावाशेवा – नई मुम्बई के पश्चिमी तट पर यह बन्दरगाह विकसित किया गया है। यह भारत का आधुनिकतम बन्दरगाह है जिसका नाम जवाहरलाल नेहरू बन्दरगाह रखा गया है। यह मुम्बई बन्दरगाह के दबाव को कम करने के लिए विकसित किया गया है।
मार्मुगाओ – यह गोवा में स्थित प्रमुख पत्तन है। यहाँ से मुख्यतः लौह-अयस्क निर्यात होता है।
न्यूमंगलौर – यह कर्नाटक राज्य में है। इस पत्तन से उर्वरक, पेट्रोलियम पदार्थ, खाद्य तेल, ग्रेनाइट पत्थर, शीरा तथा सामान्य माल का परिवहन होता है।
कोच्चि – यह पत्तन केरल में स्थित है। इस पत्तन से पेट्रोलियम उत्पाद, उर्वरक तथा अन्य कच्चे माल का व्यापार होता है।

प्रश्न 4.
परिवहन के साधन तथा संचार के साधनों में क्या अन्तर है ?
अथवा
यातायात और संचार में कोई दो अन्तर लिखिए।
उत्तर:
परिवहन के साधन तथा संचार के साधनों में अन्तर

परिवहन के साधन

  1. एक स्थान से दूसरे स्थान को माल का लाना व ले जाना तथा सवारियों का आना-जाना परिवहन के साधनों द्वारा होता है।
  2. परिवहन के साधन स्थल मार्ग, जल मार्ग तथा वायु मार्ग हैं। इनमें कार, बस, रेल, जलयान,वायुयान आदि वाहनों का प्रयोग किया जाता है।

संचार के साधन

  1. सन्देश एवं सूचनाओं को एक स्थान से दूसरे स्थान को पहुँचाना संचार कहलाता है।
  2. संचार के साधनों में डाक, तार, टेलीफोन, बे-तार का तार, मोबाइल, रेडियो, दूरदर्शन आदि का प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 5.
भारत के अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार की कोई चार विशेषताएँ लिखिए। (2009)
अथवा
भारत के विदेशी व्यापार की विशेषताओं को लिखिए।
उत्तर:
भारत के विदेशी व्यापार की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –

  1. भारत के विदेशी व्यापार का लगभग 90% समुद्री मार्ग द्वारा और शेष 10% में वायु परिवहन एवं सड़क परिवहन का योगदान रहता है।
  2. भारत का 50% विदेशी व्यापार ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका तथा जापान के साथ होता है।
  3. भारत का अधिकांश विदेशी व्यापार केवल छः पत्तनों से होता है-कोलकाता, विशाखापट्टनम्, कोच्चि, मुम्बई, काँदला व चेन्नई।
  4. भारत अधिकतर उन वस्तुओं का आयात करता है जो देश के औद्योगिक विकास के लिए आवश्यक हैं।
  5. भारत में खनिज तेल की माँग निरन्तर बढ़ रही है, अतः आयातित खनिज तेल की मात्रा निरन्तर बढ़ती जा रही है। भारत के सम्पूर्ण आयात का लगभग एक-चौथाई भाग खनिज तेल का होता है।

प्रश्न 6.
उन देशों के नाम लिखिए जिनसे भारत का विदेशी व्यापार होता है।
उत्तर:
भारत के 11 प्रमुख व्यापारिक भागीदार देश निम्नलिखित हैं, जिनसे भारत का 48 प्रतिशत व्यापार होता है-संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, बेल्जियम, जर्मनी, जापान, स्विट्जरलैण्ड, हांगकांग, संयुक्त अरब अमीरात, चीन, सिंगापुर एवं मलेशिया। संयुक्त राज्य अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार रहा है। वर्ष 2005-06 में चीन दूसरे व्यापारिक भागीदार के रूप में उभरा है। चीन के साथ व्यापार में प्रभावशाली वृद्धि अयस्क, धातुएँ एवं इस्पात, जैव-रसायन के निर्यात एवं मशीनरी, रसायन के आयात से हुई है। संयुक्त अरब अमीरात व सिंगापुर अगले प्रमुख भागीदार राष्ट्र हैं।

प्रश्न 7.
आयात प्रतिस्थापन का देश के आर्थिक विकास पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर:
भारतीय अर्थव्यवस्था विकासशील है। भारत में आयात की जाने वाली वस्तुओं का देशी विकल्प ढूँढ़कर विदेशों पर निर्भरता कम करने के प्रयास किये गये हैं जिससे आयात बिल कम होता है, आयात बिल की कमी से विदेशी मुद्रा की बचत होती है, औद्योगीकरण को बल मिलता है, रोजगार के अवसरों का सृजन होता है एवं बेरोजगारी का दबाव घटता है। इस प्रक्रिया से देश का आर्थिक विकास आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ता है।

MP Board Class 10th Social Science Chapter 4 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
“परिवहन तथा संचार के साधन किसी राष्ट्र की जीवन रेखाएँ हैं।” इस कथन की पुष्टि कीजिए। (2009)
उत्तर:
किसी भी राष्ट्र की आर्थिक प्रगति में परिवहन व संचार साधनों का महत्त्वपूर्ण योगदान होता है। परिवहन में रेल परिवहन, सड़क परिवहन, जहाजरानी, जलयान एवं वायुयान आते हैं। संचार के अन्तर्गत डाक सेवाएँ तथा दूरसंचार, तार, टेलीफोन, दूरदर्शन आते हैं।

परिवहन व संचार साधनों के निम्नलिखित महत्त्व हैं –

  1. परिवहन व संचार के साधन उत्पादन के सभी साधनों को गतिशीलता प्रदान करते हैं। इससे न केवल देश में उपलब्ध साधनों का उचित प्रयोग सम्भव हो जाता है बल्कि देश में व्याप्त क्षेत्र विषमताएँ भी कम हो जाती हैं।
  2. परिवहन और संचार के साधन उद्योगों द्वारा निर्मित वस्तुओं को देश के कोने-कोने में पहुँचाने में सहायक सिद्ध होते हैं।
  3. विकसित तथा सस्ते परिवहन और संचार के साधन उपलब्ध होने पर उत्पादक को अपने पास वस्तुओं के अनावश्यक स्टॉक रखने की आवश्यकता नहीं होती, अपितु वस्तुओं को जल्दी बेचकर उत्पादक अपनी पूँजी का पुनः निवेश कर वस्तुओं का उत्पादन कर सकता है।
  4. इन साधनों द्वारा आर्थिक विकास में योगदान देने वाले सभी साधनों को अधिक से अधिक मात्रा में जुटाया जा सकता है।
  5. इन सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि परिवहन व संचार के साधन परस्पर सम्पर्क स्थापित करने में सहायक होते हैं।

प्रश्न 2.
संचार से क्या आशय है ? इसके साधनों को संक्षेप में समझाइए। (2018)
[संकेत : संचार से आशय अति लघु उत्तरीय प्रश्न 4 देखें।]
अथवा
किन्हीं चार संचार साधनों के बारे में लिखिए। (2012, 15)
उत्तर:
सेल्युलर फोन या मोबाइल फोन-यह बेतार का तार जैसा फोन है जिसे सेल्युलर फोन या मोबाइल फोन कहते हैं। इस फोन को हम कहीं भी जेब में रखकर ले जा सकते हैं वहीं से फोन कर सकते हैं एवं बाहर से फोन प्राप्त (रिसीव) कर सकते हैं। 2007 तक देश में इस सेवा का उपयोग करने वालों की संख्या 165.09 मिलियन थी जो वर्तमान में बढ़कर 969.54 मिलियन हो गई है।

तार – अमेरिकी वैज्ञानिक थॉमस एडिसन ने टेलीग्राफ का आविष्कार किया। इससे सन्देश शीघ्र भेजे जाने लगे। इसके लिए खम्भों पर टेलीग्राफ के तार स्थाई रूप से बाँधा जाना जरूरी था। इन तारों द्वारा बिजली के माध्यम से सन्देश एक स्थान से दूसरे स्थान तक कोडेंसी मशीन द्वारा भेजे जाते हैं। सभी देश तार भेजने के लिए मोर्सकोड नामक सांकेतिक भाषा का प्रयोग करते हैं।

फैक्स – फैक्स एक प्रकार से लिखित सन्देश प्राप्त करने या भेजने का साधन है। इसके लिए एक मशीन की आवश्यकता होती है जिसे फैक्स मशीन कहते हैं। इस मशीन को टेलीफोन नम्बर से जोड़ देते हैं एवं सन्देश लगा देते हैं। यह मशीन उस सन्देश को कागज पर छाप देती है। साथ ही भेजने वाले का टेलीफोन नम्बर, पता एवं समय लिख देती है।

इण्टरनेट-इण्टरनेट इण्टरनेशनल नेटवर्क का संक्षिप्त नाम है। इण्टरनेट कम्प्यूटरों को जोड़ने की सर्वाधिक सक्षम अन्तर्राष्ट्रीय सूचना प्रणाली है जिसने वर्तमान में करोड़ों उपयोगकर्ताओं को आपस में जोड़ रखा है। इस सेवा से कोई भी व्यक्ति घर बैठे देश-विदेश की प्रत्येक घटना को देख सकता है व सम्पर्क कर सकता है। सामान्यतः इण्टरनेट का उपयोग संवादों से सम्बन्धित आँकड़ों के संग्रह या प्रकाशन कार्य के लिए भी होता है। इण्टरनेट के द्वारा व्यक्ति अपने-अपने संवादों को तुरन्त एक-दूसरे के कम्प्यूटर स्क्रीन पर पढ़ और जान सकता है तथा अतिशीघ्र जवाब दे सकता है। जून 2015 तक प्राप्त सूचना के अनुसार भारत में करीब 302 मिलियन इण्टरनेट ग्राहक थे।

उपग्रह संचार-वैज्ञानिकों ने मानव हितों की पूर्ति के लिए मशीनीकृत उपग्रह तैयार कर रॉकेटों की सहायता से अन्तरिक्ष में स्थापित किया है। ये कृत्रिम उपग्रह पृथ्वी का चक्कर लगाते हुए मौसम, प्राकृतिक संसाधनों, सैनिक गतिविधियों आदि की जानकारी चित्र और मानचित्र के माध्यम से पृथ्वी पर भेजते हैं। आर्यभट्ट, एप्पल, इन्सेट, आई. आर. एस. कृत्रिम उपग्रह इसी दिशा में किये गये प्रयास हैं।

प्रश्न 3.
परिवहन से क्या आशय है ? इसके साधनों को संक्षेप में समझाइए। (2018)
उत्तर:
व्यक्तियों या जीव-जन्तुओं को किसी माध्यम द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान तक लाने ले जाने की प्रक्रिया परिवहन कहलाती है।
संचार तन्त्र के अन्तर्गत सूचनाओं का आदान-प्रदान या प्रसारण सम्मिलित है।

प्रश्न 4.
भारत में रेल परिवहन के महत्त्व को स्पष्ट करते हुए प्रमुख भारतीय रेलवे जोन व उनके मुख्यालयों के नाम लिखिए।
उत्तर:
रेल परिवहन का महत्त्व

देश में माल ढोने और यात्री परिवहन का मख्य साधन रेलें हैं। देश के कोने-कोने तक के लोगों को आपस में जोड़ने के अलावा इसने कारोबार, देशाटन, तीर्थयात्रा और शिक्षा को सुलभ बनाया है। रेले राष्ट्रीय एकता स्थापित करने की प्रमुख कड़ी साबित हुई हैं। इसने राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को एक सूत्र में पिरोया है और साथ ही कृषि तथा औद्योगिक विकास को तीव्र गति प्रदान की है।

भारत में रेलमार्गों का विकास सन् 1853 में आरम्भ हुआ। उस समय मुम्बई से थाणे तक देश में 34 किमी. लम्बी रेल लाइन विकसित की गई थी। आज देश में रेलों का व्यापक जाल बिछा हुआ है। भारतीय रेल नेटवर्क को 17 जोन्स (क्षेत्रों) में बाँटा गया है। इन 17 जोन्स और उनके मुख्यालयों का ब्यौरा नीचे दिया गया है –
MP Board Class 10th Social Science Solutions Chapter 4 परिवहन, संचार एवं विदेशी व्यापार 4

MP Board Class 7th Social Science Solutions Chapter 2 Kingdoms of the South India

MP Board Class 7th Social Science Solutions Chapter 2 Kingdoms of the South India

MP Board Class 7th Social Science Chapter 2 Text Book Questions

Choose the Correct answer from the given alternatives:

Mp Board Class 7th Social Science Solution In English Question 1.
Which ruler of the Pallava dynasty defeated Pulakeshin 11 and assumed the title of Vatapikonda?
(a) Mahendra Vamian
(b) Narsimha Varmaa
(c) Aparajit Varman
(d) Yasho Verman
Answer:
(b) Narsimha Varmaa

Mp Board Class 7th Social Science Chapter 2 Question 2.
Which ruler of the Rashtrakuta dynasty built the Kailasha temple at Ellora?
(a) Krishna – I
(b) RajaDhruva
(c) Krishna – II
(d) Rayendral
Answer:
(a) Krishna – I

Mp Board Class 7 Social Science Chapter 2 Question 3.
Who translated Ramayan into Tamil
(a) Valmiki
(b) Tulsidas
(c) Kamban
(d) Adi Shankaracharya
Answer:
(c) Kamban

Fill in the blanks with appropriate words given in the brackets:

  1. The capital of the Pallava Kingdom was ……………. (Thiruvananthapuram, Tanjore, Kanchipuram).
  2. The Rajarajeshwara (Brihadeshwara) temple built by the Cholas is situated at ………. (Thiruvananthapuram, Tanjore, Kanchipuram).
  3. The districts in the Chola period was known as …………….(Ur, Mandalam, Valalnadus).

Answer:

  1. Kanchipuram
  2. Tanjore
  3.  Valanadus

MP Board Class 7th Social Science Chapter 2 Short Answer Type Questions

Mp Board Class 7th Social Science Solution In English Medium Question 1.
Give one main reason for the contact between the North and South India from 8th to 12th century.
Answer:
The various rulers of South India invited the Brahmans of North India to settle in the South for teaching and performing religious practices. This proved to be the main reason for the contact between the North and the South.

Class 7 Social Science Mp Board Question 2.
Which province of the Chola province was known as “Mumadi Chola Mandalam”?
Answer:
The Northern part of Sri Lanka became a Chola province under the name of “Mumadi Chola Mandulam”.

Mp Board Class 7th Social Science Solution Question 3.
Give two examples of the architecture of the Chola period.
Answer:
Two examples of the architecture of die Chola period:

  • The Rajarajeshwara temple of Tanjore.
  • The various temples at Gangaikondacholapuram

Class 7th Social Science Chapter 2 Question 4.
Mention the names of three kings of the Rashtrakuta dynasty.
Answer:
The names of three kings of the Rashtrakuta dynasty:

  • Krishna – I
  • Govinda – II
  • Dharavarsha Govind – III.

MP Board Class 7th Social Science Chapter 2 Long Answer Question

Mp Board Class 7th Social Science Question 1.
Mention the main features of the Chola government.
Answer:
The main features of the Chola government can be stated as under:

  1. Though the Chola kings had vast powers, yet they used to consult their ministers and even Purohita.
  2. There was decentralization: from center into mandalams, mandalam into valanadus. The administration was divided into numerous departments. The village administration was carried on by village authorities.
  3. The Chola kingdom received revenue from
    • land
    • trade part ofrevenue collection Was kept forking’s expenditure.
  4. The Chola kings spent money on the promotion of the art, literature and spread of education.
  5. The Chola kings took active interest in temple-building, architecture, sculpture, painting and music.

Mp Board Class 7 Social Science Project Work
On an outline map of India show the capitals of the various dynasties of South India.
Answer:
Class 7 Social Science Chapter 2 Question Answer

MP Board Class 7th Social Science Solutions

MP Board Class 10th Social Science Solutions Chapter 8 भारत में राष्ट्रीय जागृति एवं राजनैतिक संगठनों की स्थापना

In this article, we will share MP Board Class 10th Social Science Book Solutions Chapter 8 भारत में राष्ट्रीय जागृति एवं राजनैतिक संगठनों की स्थापना Pdf, These solutions are solved subject experts from the latest edition books.

MP Board Class 10th Social Science Solutions Chapter 8 भारत में राष्ट्रीय जागृति एवं राजनैतिक संगठनों की स्थापना

MP Board Class 10th Social Science Chapter 8 पाठान्त अभ्यास

MP Board Class 10th Social Science Chapter 8 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

सही विकल्प चुनकर लिखिए

भारत में राष्ट्रीय जागृति के पांच कारण लिखिए MP Board Class 10th प्रश्न 1.
कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन के अध्यक्ष थे
(i) दादाभाई नौरोजी
(ii) अरविन्द घोष
(iii) गोपालकृष्ण गोखले
(iv) व्योमेश चन्द्र बनर्जी।
उत्तर:
(iv) व्योमेश चन्द्र बनर्जी।

Bharat Mein Rashtriy Jagriti Ke Panch Karan MP Board Class 10th प्रश्न 2.
अंग्रेजी शिक्षा को भारत में मुख्यतः लागू किया
(i) रामकृष्ण गोपाल ने
(ii) मैक्स मूलर ने
(iii) मैकाले ने
(iv) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ने।
उत्तर:
(iii) मैकाले ने

भारत में राष्ट्रीय जागृति के पांच कारण MP Board Class 10th प्रश्न 3.
लाला लाजपतराय ने कौन-से समाचार-पत्र के माध्यम से जनता को संघर्ष के लिए प्रेरित किया ?
(i) केसरी
(ii) संवाद कौमुदी
(iii) हिन्दुस्तान
(iv) कायस्थ समाचार
उत्तर:
(iv) कायस्थ समाचार

भारत में राष्ट्रीय जागृति के पांच कारण बताइए MP Board Class 10th प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से कौन उदारवादी विचारों का नहीं था ? (2017)
(i) दादाभाई नौरोजी
(ii) अरविन्द घोष
(iii) गोपालकृष्ण गोखले
(iv) फिरोजशाह मेहता।
उत्तर:
(ii) अरविन्द घोष

Mp Board Class 10th Social Science Chapter 8 प्रश्न 5.
‘स्वतन्त्रता मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा।’ यह कथन किससे सम्बन्धित है?
(i) विपिनचन्द्र पाल
(ii) लाला लाजपत राय
(iii) अरविन्द घोष
(iv) बाल गंगाधर तिलक।
उत्तर:
(iv) बाल गंगाधर तिलक।

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

  1. वाइसराय …………… की प्रतिक्रियावादी नीति प्रजातीय भेदभाव से परिपूर्ण थी। (2017)
  2. कांग्रेस का संस्थापक …………… को माना जाता है।
  3. ‘वन्देमारतम्’ की रचना …………… ने की।
  4. 1883 में इण्डियन एसोसिएशन का राष्ट्रीय सम्मेलन …………… में बुलाया गया।

उत्तर:

  1. लॉर्ड लिटन
  2. ए. ओ. ह्यूम
  3. बंकिम चन्द्र चटर्जी
  4. कोलकाता।

सही जोड़ी मिलाइए
भारत में राष्ट्रीय जागृति के पांच कारण लिखिए MP Board Class 10th
उत्तर:

  1. → (ङ)
  2. → (ग)
  3. → (क)
  4. → (ख)
  5. → (घ)

MP Board Class 10th Social Science Chapter 8 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

भारत में राष्ट्रीय जागृति के पांच कार्य लिखिए MP Board Class 10th प्रश्न 1.
कांग्रेस ने अपने आरम्भिक काल में दुःखों तथा शिकायतों के निराकरण के लिए कौन-से तरीके अपनाए ?
उत्तर:
कांग्रेस ने अपने आरम्भिक काल में दु:खों तथा शिकायतों के निराकरण के लिए निम्नलिखित तरीके अपनाये –

  1. भारतीय राजनीतिज्ञों तथा नेताओं को एक राष्ट्रमंच पर एकत्र करना।
  2. जो व्यक्ति राष्ट्र-हित के कार्यों में लगे हों उनसे सम्पर्क करना।
  3. प्रान्तीयता, जातिवाद तथा संकीर्ण धार्मिक भावनाओं का परित्याग कर राष्ट्रीय एकता का विकास करना।
  4. जनता की मूल समस्याओं पर विचार कर सरकार तक पहुँचाना।

भारत में राष्ट्रीय जागृति की पांच कारण लिखिए MP Board Class 10th प्रश्न 2.
उग्रराष्ट्रवादी विचारधारा के प्रमुख नेताओं के नाम बताइए। (2016)
उत्तर:
उग्रराष्ट्रवादी विचारधारा के प्रमुख नेता लाला लाजपतराय, बाल गंगाधर तिलक, विपिनचन्द्र पाल, अरविन्द घोष आदि।

भारत में राष्ट्रीय जागृत के पांच कारण लिखिए MP Board Class 10th प्रश्न 3.
बहिष्कार का अर्थ स्पष्ट कीजिए। (2017)
उत्तर:
‘बहिष्कार’ का अर्थ केवल विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार से नहीं था अपितु इसका व्यापक अर्थ सरकारी सेवाओं, प्रतिष्ठानों तथा उपाधियों का बहिष्कार था।

भारत में राष्ट्रीय जागृति के कारण MP Board Class 10th प्रश्न 4.
लॉर्ड कर्जन ने शासन की कौन-सी नीति अपनाई? (2018)
उत्तर:
लॉर्ड कर्जन ने 1905 में फूट डालो और शासन करो’ की नीति का अनुसरण करते हुए बंगाल को दो भागों में विभाजित कर दिया। उसने बंगाल की जनता की एकता को आघात पहुँचाने और वहाँ के हिन्दुओं
और मुसलमानों में सदैव के लिए फूट डालने के उद्देश्य से विभाजन का कुटिल षड्यन्त्र रचा था जिससे बंगाल में विस्फोट की स्थिति उत्पन्न हो गयी।

प्रश्न 5.
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना ह्यूम ने किन उद्देश्यों को लेकर की थी ?
उत्तर:
इतिहासकारों के अनुसार ह्यूम और उसके साथियों ने अंग्रेजी सरकार के इशारे पर ब्रिटिश साम्राज्य की सुरक्षा कवच के रूप में कांग्रेस की स्थापना की। ह्यूम नहीं चाहते थे कि सरकार के असन्तोष से नाराज जनता हिंसा का मार्ग अपनाये, अतः वे जनता को हिंसा के मार्ग की अपेक्षा वैधानिक मार्ग अपनाने के लिए प्रेरित करना चाहते थे। ह्यूम का विचार था कि अंग्रेजी सरकार और भारतीय जनता के बीच एक कड़ी होनी चाहिए। अतः उन्होंने कांग्रेस की स्थापना की।

प्रश्न 6.
कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन में कितने प्रतिनिधियों ने भाग लिया ? .
उत्तर:
कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन में 72 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कांग्रेस के इस प्रथम अधिवेशन के अध्यक्ष व्योमेश चन्द्र बनर्जी थे।

MP Board Class 10th Social Science Chapter 8 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत में राष्ट्रीय जागृति के विकास में पश्चिम के विचारों और शिक्षा ने क्या भूमिका निभाई? (2009, 17)
उत्तर:
अंग्रेजी शिक्षा का प्रचार लॉर्ड मैकॉले ने भारतीय राष्ट्रीयता को जड़ से समाप्त करने के उद्देश्य से किया था। वह भारत में अंग्रेजी भाषा का प्रचार कर एक ऐसा वर्ग तैयार करना चाहता था जो ब्रिटिश साम्राज्य के हित के लिए कार्य करे। परन्तु अंग्रेजी शिक्षा ने भारतीयों को विदेशी बन्धन से मुक्त होने की प्रेरणा दी। अंग्रेजी शिक्षा का ज्ञान होने के कारण भारतीय पाश्चात्य साहित्य, विचार, दर्शन और शासन प्रणाली से परिचित हुए। रूसो, वाल्टेयर, मैजिनी, बर्क और गैरीबाल्डी के विचारों ने उन्हें अत्यधिक प्रभावित किया।

इस प्रकार पाश्चात्य शिक्षा ने भारतीयों को राष्ट्रीयता, स्वतन्त्रता, समानता और लोकतन्त्र जैसे आधुनिक विचारों से अवगत कराया।

प्रश्न 2.
राष्ट्रीय जागृति के विकास में किन भारतीय समाचार-पत्रों ने अपनी भूमिका निभाई थी? लिखिए।
अथवा
भारत में राष्ट्रीय चेतना को जाग्रत करने में प्रेस का क्या योगदान रहा ?
उत्तर:
जन-साधारण में जागृति लाने के लिए प्रेस एक शक्तिशाली माध्यम सिद्ध हुआ। भारतीयों में राष्ट्रीयता, देश-भक्ति और राजनीतिक विचारों का संचार करने में तत्कालीन पत्र-पत्रिकाओं ने बहुत सहायता की। प्रेस द्वारा ब्रिटिश सरकार की जमकर आलोचना की गयी तथा शोषण पर आधारित उनकी नीतियों का पर्दाफाश किया गया। इस कार्य को करने के लिए जिन पत्र-पत्रिकाओं ने योगदान दिया, उनमें प्रमुख हैं-अमृत बाजार पत्रिका, हिन्दू, इण्डियन मिरर, पैट्रियेट आदि। बंगाल से तथा मद्रास से स्वदेशी मित्र, हिन्दू और केरल पत्रिका, उत्तर-प्रदेश से एडवोकेट, हिन्दुस्तानी और आजाद तथा पंजाब से कोहनूर, अखबारे आम और ट्रिब्यून आदि। आधुनिकं राष्ट्रवाद के प्रसार में प्रेस ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं ने सरकारी नीतियों की खुलेआम आलोचना करके लोगों में विदेशी शासन के विरोध का उत्साह जाग्रत कर दिया।

प्रश्न 3.
अंग्रेजों के आर्थिक शोषण की नीति ने भारतीय कुटीर उद्योगों को कैसे प्रभावित किया ? (2009, 12, 13, 17)
उत्तर:
भारत में ब्रिटिश सरकार की आर्थिक नीतियों के कारण भारतीय उद्योग-व्यापार नष्ट हो गये। औद्योगिक क्रान्ति के पश्चात् इंग्लैण्ड में सूती वस्त्र उद्योग के विकास के कारण तथा यूरोप से आयातों पर बढ़ते प्रतिबन्ध के कारण अंग्रेजी सरकार ने भारतीय उद्योगों को नष्ट करने की नीति अपनायी। भारत कुछ ही दशकों के भीतर एक प्रमुख निर्यातक स्थिति से गिरकर विदेशी वस्तुओं का सबसे बड़ा उपभोक्ता राष्ट्र बन गया। भारतीय कुटीर तथा छोटे पैमाने के उद्योगों का तेजी से पतन हो गया, क्योंकि वे इंग्लैण्ड के कारखानों के बने माल की प्रतियोगिता विदेशी सरकार की शत्रुतापूर्ण नीति के कारण न कर सके। अब वह ब्रिटिश उद्योगों के लिए कच्चे माल का उत्पादन करने लगे। भारत का विदेशी व्यापार भारतीय व्यापारियों के हाथों से निकल गया।

प्रश्न 4.
भारत में बसने वाले युरोपियों (अंग्रेजों) ने इलबर्ट बिल का विरोध क्यों किया ? (2010, 12, 18)
उत्तर:
इलबर्ट बिल-लॉर्ड रिपन ने जातीय भेदभाव को दूर करने के लिए एक कानून बनाने का प्रयास किया। इसे विधि सदस्य इलबर्ट ने तैयार किया था। अतः इसे इलबर्ट बिल कहा गया है। इसके द्वारा मजिस्ट्रेट और सेशन जज को फौजदारी मुकदमों में यूरोपीय लोगों की सुनवाई का अधिकार दिया जाना था।

इलबर्ट बिल प्रजातीय भेदभाव की नीति को उजागर करता था। भारतीय न्यायाधीशों को यूरोपीय अपराधियों का मुकदमा सुनने का अधिकार नहीं था। इस भेदभाव को दूर करने के लिए इलबर्ट बिल लाया गया। भारत में बसने वाले यूरोपियनों ने इलबर्ट बिल का संगठित होकर विरोध किया और इसे काला कानून माना। अन्ततः ब्रिटिश सरकार को इलबर्ट बिल वापस लेना पड़ा। भारतीयों के मन पर इसका गहरा प्रभाव पड़ा।

प्रश्न 5.
कांग्रेस की स्थापना के क्या उद्देश्य थे ? लिखिए। (2018)
उत्तर:
कांग्रेस के प्रथम अध्यक्ष व्योमेश चन्द्र बनर्जी ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन (1885) में निम्नलिखित उद्देश्य बताए

  1. साम्राज्य के विभिन्न भागों में राष्ट्र के हित के कार्यों में संलग्न ऐसे सभी व्यक्तियों में परस्पर घनिष्ठता और मित्रता को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य करना।
  2. अपने सभी राष्ट्र-प्रेमियों में जाति, धर्म या प्रान्तीयता के सभी सम्भव पूर्वाग्रहों को सीधे मित्रतापूर्ण व्यक्तिगत सम्पर्क से दूर करना और राष्ट्रीय एकता की उन भावनाओं को पूरी तरह विकसित और संगठित करना।
  3. तत्कालीन महत्वपूर्ण और ज्वलन्त सामाजिक समस्याओं के बारे में शिक्षित वर्ग के परिपक्व व्यक्तियों के साथ पूरी तरह से विचार-विमर्श करने के बाद बहुत सावधानी से इनका प्रमाणित लेखा-जोखा तैयार करना।
  4. जिन दिशाओं में और जिस तारीख से अगले बारह महीनों में देश के राजनीतिज्ञों को लोकहित के लिए कार्य करना चाहिए उनका निर्धारण करना।

प्रश्न 6.
उन्नीसवीं शताब्दी के अन्तिम दशक में किन कारणों से उग्रराष्टवाद को प्रोत्साहन मिला? (2013)
अथवा
उग्र राष्टवाद के उदय के कोई पाँच कारण लिखिए। (2009, 12, 15)
उत्तर:
उन्नीसवीं शताब्दी के अन्तिम दशक में निम्न कारणों से उग्र राष्ट्रवाद को प्रोत्साहन मिला –

  1. अकाल व प्लेग-19 वीं शताब्दी के अन्तिम वर्षों में भारत में कई भागों में अकाल तथा प्लेग फैला। ब्रिटिश सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। इससे लोगों में असन्तोष फैला जिससे उग्रराष्ट्रवाद ने जन्म लिया।
  2. बंगाल विभाजन-लार्ड कर्जन ने 1905 में बंग-भंग द्वारा बंगाल का विभाजन कर दिया। इससे जनता में रोष भर गया और वह उग्रराष्ट्रवाद की ओर अग्रसर हुई।
  3. धार्मिक और सामाजिक सुधारों का प्रभाव-धार्मिक और सामाजिक सुधारकों ने भारतीय जनता में आत्मविश्वास पैदा कर दिया था।
  4. विदेशी घटनाओं का प्रभाव-फ्रांस और अमेरिका की क्रान्तियों ने भी भारतीयों को प्रेरणा प्रदान की। अतः वे उग्रराष्ट्रवादी आन्दोलनों द्वारा स्वतन्त्रता प्राप्त करने का प्रयास करने लगे।
  5. ब्रिटिश सरकार की आर्थिक नीति-ब्रिटिश सरकार की आर्थिक शोषण की नीति के कारण भारतीय कृषि और उद्योग-धन्धों को अपार क्षति पहुँची। ब्रिटिश आर्थिक नीति पूँजीपतियों के हित संरक्षण की थी। इस प्रकार अंग्रेजों की आर्थिक शोषण की नीतियों ने भी उग्रराष्ट्रवाद के विकास में परम योगदान दिया।

MP Board Class 10th Social Science Chapter 8 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
भारतीय राष्ट्रीय जागृति में धार्मिक एवं सामाजिक सुधार आन्दोलनों की भूमिका स्पष्ट कीजिए। (2009)
उत्तर:
राष्ट्रीय जागृति में धार्मिक एवं सामाजिक सुधार आन्दोलनों की भूमिका
धार्मिक एवं सामाजिक सुधार आन्दोलनों ने राष्टवाद के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन सुधार आन्दोलनों के प्रणेता राजनीतिक जागृति के पथप्रदर्शक बने। इस आन्दोलन ने भारतीयों के हृदय में भारतीय संस्कृति के प्रति सम्मान की भावना उत्पन्न की। सामाजिक और धार्मिक सुधार आन्दोलन के प्रणेता-राजा राममोहन राय, स्वामी दयानन्द सरस्वती, रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानन्द, श्रीमती ऐनी बेसेन्ट आदि ने भारतीयों में स्वधर्म, स्वदेशी और स्वराज्य की भावना जागृत की।

उन्नीसवीं शताब्दी के आन्दोलन मूलरूप में सामाजिक और धार्मिक थे तथा उनमें राष्ट्रीयता की भावनाओं का समावेश था। स्वामी दयानन्द सरस्वती के ‘आर्य-समाज’ स्वामी विवेकानन्द के रामकृष्ण मिशन’ के अतिरिक्त ऐसे अनेक आन्दोलन, सम्प्रदाय और व्यक्ति हुए जिन्होंने समाज में चेतना जगायी। मुसलमानों में अलीगढ़ और देवबन्द आन्दोलन, सिक्खों में सिंह सभा और गुरुद्वारा सुधार आन्दोलन और थियोसोफिकल सोसायटी ने भारतीय समाज और चिन्तन को बदल डाला।

इस प्रकार भारत में सुधार आन्दोलनों ने राष्ट्रवाद के उत्थान में बहुत बड़ा योगदान दिया। उनके प्रभावों से लोगों में एकता उत्पन्न हुई और उन्होंने धर्मनिरपेक्ष तथा राष्ट्रीय दृष्टिकोण अपनाना शुरू कर दिया। फलस्वरूप लोग जातिवाद तथा संकुचित दृष्टिकोण छोड़ने लगे। इन आन्दोलनों ने लोगों में एकता की भावना का संचार किया तथा सहयोग एवं भाईचारे को बढ़ावा दिया। सुधार आन्दोलनों ने सामाजिक बुराइयों को राष्ट्रीय स्तर पर उजागर किया न कि सम्प्रदाय के आधार पर। अतः लोगों में राष्ट्रवाद की भावना जागृत होनी स्वाभाविक थी।

प्रश्न 2.
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना के लिए उत्तरदायी कारणों का विवरण दीजिए। (2014)
अथवा
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना के प्रमुख उद्देश्य लिखिए। (2009)
उत्तर:
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना के कारण

कांग्रेस की स्थापना ए. ओ. ह्यूम ने सन् 1885 में की थी। राम सेवानिवृत्त एक सरकारी अधिकारी था। जब वह सरकारी सेवा में था उस समय देश के विभिन्न भागों से गुप्तचर विभाग की एक गोपनीय रिपोर्ट देखने को मिली थी। उस रिपोर्ट से उसे यह विश्वास हो गया था कि देश में ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध गहरा असन्तोष और घृणा फैली हुई है और हिंसात्मक विद्रोह की आशंका है। उसने यह अनुभव किया कि इस हिंसात्मक विद्रोह को यदि सांविधानिक दिशा नहीं दी गयी तो देश में क्रान्ति हो सकती है। इसके लिए एक राष्ट्रीय संगठन की आवश्यकता है। उसने अपनी इस योजना को गवर्नर जनरल लार्ड डफरिन के सामने रखा। उसने इस पर अपनी स्वीकृति दे दी। इस प्रकार अंग्रेजों ने अपनी सुरक्षा हेतु कांग्रेस की स्थापना की। कांग्रेस के स्थापना सम्मेलन में 72 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कांग्रेस के इस प्रथम सम्मेलन के अध्यक्ष व्योमेश चन्द्र बनर्जी बने।

स्थापना के उद्देश्य – इतिहासकारों का कथन है कि ह्यूम और उसके साथियों ने अंग्रेजी सरकार के इशारे पर ब्रिटिश साम्राज्य के सुरक्षा कवच के रूप में कांग्रेस की स्थापना की। ह्यूम नहीं चाहते थे कि सरकार के असन्तोष से नाराज जनता हिंसा का मार्ग अपनाये। अत: वे जनता को हिंसा के मार्ग की अपेक्षा वैधानिक मार्ग अपनाने के लिए प्रेरित करना चाहते थे। संवैधानिक मार्ग से आशय है-प्रार्थना-पत्रों और प्रतिनिधि मण्डलों के माध्यम से ब्रिटिश सरकार को प्रभावित कर अपनी माँगें पूर्ण करवाना।

कांग्रेस के नेताओं ने कांग्रेस की स्थापना में ह्यूम का नेतृत्व स्वीकार किया क्योंकि वे तत्कालीन परिस्थितियों में ब्रिटिश सरकार के साथ खला संघर्ष करने की स्थिति में नहीं थे। वे ब्रिटिश संरक्षण में कांग्रेस की स्थापना के विचार को लाभदायक मानते थे और ह्यूम के विचारों से सहमत थे। व्यावहारिकता इसी में थी कि वे एक मंच तैयार करने में ह्यूम को सहयोग प्रदान करें जहाँ देश की समस्याओं पर विचार-विमर्श हो सके।

कांग्रेस की स्थापना के लिए उस समय की राष्ट्रव्यापी हलचलें-देशभक्ति की भावना, विभिन्न वर्गों में व्याप्त बेचैनी, ब्रिटेन की उदारवादी पार्टी से भारतीयों को निराशा एवं विभिन्न राजनीतिक संगठनों द्वारा एक केन्द्रव्यापी संगठन की आवश्यकता महत्वपूर्ण कारण थे। इसीलिए कुछ विद्वान इसे राष्ट्रीय चेतना की अभिव्यक्ति मानते हैं।

प्रश्न 3.
उदारवादी दल की कार्यविधि उग्रराष्ट्रवादी दल की कार्यविधि से किस प्रकार भिन्न थी? स्पष्ट कीजिए। (2016)
उत्तर:
उदारवादी दल और उग्रराष्ट्रवादी दल के बीच अन्तर

इन दोनों की कार्यविधि में निम्नलिखित अन्तर थे –

  1. उदारवादी अंग्रेजी शासन के अधीन रहकर आर्थिक सुधारों के पक्ष में थे, जबकि उग्रराष्ट्रवादी दल वाले यह समझते थे कि देश आर्थिक क्षेत्र में तब तक प्रगति नहीं कर सकता जब तक यहाँ अंग्रेजी साम्राज्य का अन्त नहीं हो जाता।
  2. उदारवादी दल शान्तिमय तथा संवैधानिक रास्ता अपनाकर उद्देश्य की प्राप्ति के पक्ष में था, जबकि उग्रराष्ट्रवादी दल वाले क्रान्तिकारी तथा शक्ति के प्रयोग से अपना उद्देश्य प्राप्त करने के पक्ष में थे।
  3. उदारवादी दल वालों के प्रति सरकार का रुख उदार था, जबकि उग्रराष्ट्रवादी दल के प्रति सरकार का रुख कठोर एवं शत्रुतापूर्ण था। नरम दल के नेताओं (दादाभाई नौरोजी. गोपालकृष्ण गोखले, सुरेन्द्रनाथ बनर्जी) को सरकार ने कभी बन्द नहीं किया, जबकि गरम दल के नेताओं; जैसे–लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक, विपिनचन्द्र पाल आदि को अनेक बार जेल भेजा गया।
  4. उदारवादी दल वाले अंग्रेजी शासन से कोई विशेष घृणा नहीं करते थे जबकि उग्रराष्ट्रवादी दल वाले ब्रिटिश साम्राज्य का अन्त करके स्वतन्त्रता प्राप्ति को अपना लक्ष्य समझते थे।
  5. उदारवादी दल के नेता राजनैतिक उन्नति के स्थान पर भारतीयों के सामाजिक व आर्थिक विकास के अधिक समर्थक थे, जबकि उग्रराष्ट्रवादी दल के नेता पहले राजनैतिक स्वतन्त्रता के पक्ष में थे। गरम दल वालों का कहना था, “स्वतन्त्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है।” उग्रराष्ट्रवादी दल वाले नेताओं का कहना था कि, “राजनैतिक स्वतन्त्रता के बिना भारतीयों की आर्थिक दशा सुधारी नहीं जा सकती।”
  6. उदारवादी पश्चिमी सभ्यता की सराहना करने वाले थे जबकि उग्रराष्ट्रवादी दल को भारतीय सभ्यता पर गर्व था।

इस प्रकार स्पष्ट है कि उदारवादी दल के नेताओं की सभी नीतियाँ व साधन उदार थे, जबकि उग्रराष्ट्रवादी दल के नेता उदार साधनों के विरुद्ध थे।

प्रश्न 4.
टिप्पणी लिखिए

(क) बाल गंगाधर तिलक
(ख) विपिनचन्द्र पाल
(ग) लाला लाजपतराय।

उत्तर:
(क) बाल गंगाधर तिलक

बाल गंगाधर तिलक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के गरम दल के प्रमुख नेता थे। सर वैलेण्टाइन शिरोल के अनुसार, “तिलक भारतीय विप्लव के जन्मदाता थे। वे पहले भारतीय थे जिन्होंने राष्ट्रीय आन्दोलन को जन आन्दोलन का रूप दिया।” तिलक भारतीय संस्कृति में गहन आस्था रखते थे तथा विदेशी शासन तथा नौकरशाही को अभिशाप समझते थे। उनका विश्वास था कि स्वतन्त्रता और अधिकार भीख माँगने से प्राप्त नहीं किये जा सकते वरन् इनको प्राप्त करने के लिए सतत् संघर्षों की आवश्यकता है। उन्होंने देशवासियों को नारा दिया-“स्वतन्त्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और इसे हम लेकर रहेंगे।” तिलक का एक निर्भीक तथा राष्ट्रप्रेमी लेखक भी थे। उन्होंने ‘केसरी’ और ‘मराठा’ नामक समाचार-पत्रों का सम्पादन किया। एक लेख ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध प्रकाशित होने के कारण तिलक को चार माह की जेलयात्रा भी करनी पड़ी थी।

तिलक ने कांग्रेस में उग्रराष्ट्रवादी दल का नेतृत्व करना प्रारम्भ कर दिया था, अतः अंग्रेजी सरकार उनसे असन्तुष्ट हो गयी। 1907 ई. में तिलक पर पुनः आरोप लगाकर अंग्रेज सरकार ने उन्हें 7 वर्ष की सजा दी। तिलक जेल से निकलने के पश्चात पुनः स्वतन्त्रता संग्राम में भाग लेने लगे तथा उन्होंने “होमरूल आन्दोलन” की स्थापना की तथा ऐनी बेसेण्ट के साथ मिलकर इस आन्दोलन का बड़ी सक्रियता के साथ संचालन किया। परिणामस्वरूप वे राष्ट्रीय आन्दोलन के सर्वमान्य नेता हो गये।

(ख) विपिनचन्द्र पाल

राष्ट्रीयता की उग्रराष्ट्रवादी विचारधारा के अग्रदूत विपिनचन्द्र पाल ओजस्वी वक्ता, कशल पत्रकार एवं शिक्षाशास्त्री थे। ‘न्यू इण्डिया’ और ‘वन्देमातरम्’ पत्रों के माध्यम से उन्होंने अपने विचार प्रकट किये। विपिनचन्द्र पाल ने मद्रास का दौरा किया और जनता में ब्रिटिश शासन के विरुद्ध चेतना का संचार किया। विपिनचन्द्र पाल तथा सुरेन्द्र बनर्जी ने बंगाल से लेकर असम तक की यात्रा की तथा स्थान-स्थान पर सभाओं का आयोजन किया तथा जनता से स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करने तथा विदेशी माल का बहिष्कार करने की अपील की। बंगाल में अभूतपूर्व राष्ट्रीय चेतना के विकास में विपिनचन्द्र पालन की महत्वपूर्ण भूमिका रही। पाल ने स्वदेशी के दिनों में देशभक्ति की नयी सशक्त भावना का सन्देश दिया। पाल ने उस समय देश में प्रचलित विजातीय तथा मूलविहीन शिक्षा-प्रणाली की भर्त्सना की और तिलक तथा अरविन्द की भाँति राष्ट्रीय शिक्षा का समर्थन किया। पाल ने दृढ़ता से कहा कि, “भारत में राजनीति को अर्थतन्त्र से, राजनीति को औद्योगिक प्रगति से पृथक् करना असम्भव है।”

वे भारत में सशक्त, साहसपूर्ण, स्वावलम्बी तथा प्रचण्ड राष्ट्रवाद के पैगम्बर के रूप में प्रकट हुए।

(ग) लाला लाजपतराय

लाला लाजपतराय पंजाब के शेर कहलाते थे। स्वाधीनता सेनानियों की पंक्ति में उनका उच्च स्थान है। वे राष्ट्रीय वीर थे। पक्के राष्ट्रवादी, समाज-सुधारक तथा स्वाधीनता के निर्भीक योद्धा के रूप में वे सम्पूर्ण देश की प्रशंसा तथा प्रेम के पात्र बन गये थे। उनका जन्म सन् 1865 ई. को लुधियाना जिले में स्थित जगराँव में हुआ था। सन् 1905 ई. में उन्होंने देश की राजनीति में सक्रिय भाग लेना शुरू किया। वे गरम दल के नेता थे। उन्होंने बंगाल विभाजन का बहुत विरोध किया। उन्होंने ‘कायस्थ समाचार’ के माध्यम से जनता को संघर्ष के लिए प्रेरित किया। उन्होंने ‘पंजाबी’, ‘वन्दे मातरम्’ (उर्दू में) और ‘द पीपुल’ इन तीन समाचार पत्रों की स्थापना की और उनके द्वारा स्वराज का सन्देश फैलाया। उन्होंने 1916 में अमेरिका में ‘यंग इण्डिया’ नामक पुस्तक लिखी। उसमें उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन की व्याख्या प्रस्तुत की।

उन्होंने अपने ओजस्वी भाषणों और लेखों द्वारा जनता में महान जागृति उत्पन्न की। वे समाजवादी थे और पूँजीवादी तथा आर्थिक शोषण के सख्त विरुद्ध थे। वे किसानों तथा श्रमिकों की उन्नति चाहते थे। सन 1907 में उन्होंने सरदार अजीत सिंह से मिलकर कोलोनाइजेशन बिल के विरुद्ध आन्दोलन चलाया। इस आन्दोलन से ब्रिटिश सरकार आतंकित हो उठी और उसने इन दोनों देशभक्तों को बिना मुकदमा चलाये 6 माह के लिए देश से निर्वासित का दण्ड देकर माण्डले (बर्मा) की जेल में बन्द कर दिया। 18 नवम्बर, सन् 1907 को वे जेल से छूटकर लाहौर पहुँचे। वहाँ उनका भव्य स्वागत किया गया।

लाला लाजपतराय राष्ट्रीय शिक्षा, स्वदेशी प्रचार एवं विदेशी कपड़े के बहिष्कार, निष्क्रिय प्रतिरोध तथा सांविधानिक आन्दोलन के समर्थक थे। उन्होंने असहयोग आन्दोलन में आगे बढ़कर काम किया। उनको सन्

  • आधुनिक भारतीय राजनीतिक चिन्तन : विश्वनाथ प्रसाद वर्मा, पृष्ठ 235.
  • पुनः वही, पृष्ठ 231.

1920 में कलकत्ता के कांग्रेस के अधिवेशन में सभापति चुना गया। असहयोग आन्दोलन में उनको गिरफ्तार कर लिया गया। जेल से छूटने के बाद वे तिलक के स्वराज्य दल में सम्मिलित हो गये। सन 1928 ई. में उन्होंने साइमन कमीशन का विरोध किया और लाहौर में एक जुलूस निकाला। पुलिस अधिकारी साण्डर्स ने उन पर बड़े घातक लाठी प्रहार किये, जिसके कारण 17 नवम्बर, सन् 1928 ई. को उनका स्वर्गवास हो गया। ऐसे महान देशभक्त, शिक्षाशास्त्री, ओजस्वी वक्ता और उच्चकोटि के साहित्यकार की मृत्यु से सारे देश में शोक छा गया।

MP Board Class 10th Social Science Chapter 8 अन्य परीक्षोपयोगी प्रश्न

MP Board Class 10th Social Science Chapter 8 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

बहु-विकल्पीय

प्रश्न 1.
भारत से धन निष्कासन और उसके कारण उत्पन्न कुप्रभावों से किसने परिचित कराया ?
(i) बाल गंगाधर तिलक
(ii) दादाभाई नौरोजी
(iii) अरविन्द घोष
(iv) विपिनचन्द्र पाल।
उत्तर:
(ii)

प्रश्न 2.
‘इण्डियन लीग’ की स्थापना हुई
(i) 1875 में
(ii) 1880 में
(iii) 1885 में
(iv) 1890 में।
उत्तर:
(i)

प्रश्न 3.
राष्ट्रीय आन्दोलन का उग्रराष्ट्रवादी स्वरूप सर्वप्रथम किस राज्य में परिलक्षित हुआ ?
(i) मध्य प्रदेश
(ii) गुजरात
(iii) महाराष्ट्र
(iv) राजस्थान।
उत्तर:
(iii)

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

  1. ………………….. एक्ट द्वारा भारतीय भाषाओं के समाचार-पत्रों के दमन करने का प्रयास किया।
  2. उदारवादियों ने लन्दन से ………………….. नामक एक समाचार-पत्र का प्रकाशन आरम्भ किया।

उत्तर:

  1. वर्नाक्यूलर प्रेस
  2. इण्डिया।

सत्य/असत्य

प्रश्न 1.
1867 ई. में मुम्बई में प्रार्थना समाज की स्थापना हुई।
उत्तर:
सत्य

प्रश्न 2.
थियोसोफिकल सोसाइटी की स्थापना सुरेन्द्रनाथ बनर्जी ने की थी।
उत्तर:
असत्य

प्रश्न 3.
इलबर्ट बिल प्रजातीय भेदभाव की नीति को उजागर करता था।
उत्तर:
सत्य

प्रश्न 4.
ईस्ट इण्डिया एसोसिएशन के प्रमुख सदस्य बाल गंगाधर तिलक व फिरोजशाह मेहता थे।
उत्तर:
असत्य

प्रश्न 5.
1906 में मुस्लिम लीग की स्थापना की गई थी।
उत्तर:
सत्य।

जोड़ी मिलाइए
MP Board Class 10th Social Science Solutions Chapter 8 भारत में राष्ट्रीय जागृति एवं राजनैतिक संगठनों की स्थापना 2
उत्तर:

  1. → (ख)
  2. → (ग)
  3. → (क)

एक शब्द/वाक्य में उत्तर

प्रश्न 1.
कांग्रेस के प्रथम अध्यक्ष कौन थे ?
उत्तर:
व्योमेश चन्द्र बनर्जी

प्रश्न 2.
बंगाल का विभाजन कब और किसके द्वारा किया गया था?
उत्तर:
20 जुलाई, 1905 को लॉर्ड कर्जन द्वारा

प्रश्न 3.
“स्वराज्य हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और हम इसे लेकर रहेंगे।” यह कथन किसने कहा था ? (2016)
उत्तर:
लोकमान्य तिलक

प्रश्न 4.
किस नाटक में नील बागान के मजदूरों पर हो रहे अत्याचारों और दुःखों को उजागर किया गया था ?
उत्तर:
नील दर्पण

प्रश्न 5.
महाराष्ट्र में गणपति उत्सव को कब और किसने सार्वजनिक रूप प्रदान किया ?
उत्तर:
1893 ई. में बाल गंगाधर तिलक।

MP Board Class 10th Social Science Chapter 8 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
‘बाल-लाल-पाल’ से तात्पर्य है ?
उत्तर:
भारत के राष्ट्रीय आन्दोलन के नेतृत्व में महाराष्ट्र के बाल गंगाधर तिलक, पंजाब के लाल लाजपतराय तथा बंगाल के विपिनचन्द्र पाल की अपनी विशिष्ट भूमिका रही थी। इस कारण ही भारत स्वतन्त्रता संग्राम के इतिहास में इन तीनों को बाल-लाल-पाल के नाम से सम्बोधित किया गया तथा इन तीनों को राष्ट्रीय आन्दोलन के इतिहास में प्रमुख स्थान दिया गया है।

प्रश्न 2.
‘राष्ट्रीय शिक्षा परिषद’ की स्थापना क्यों की गई थी ?
उत्तर:
अंग्रेजी शिक्षा भारतीयों के बौद्धिक विकास को अवरुद्ध करती थी। राष्ट्रवादियों ने राष्ट्रीय शिक्षा के कार्यक्रम के माध्यम से भारतीयों के बौद्धिक विकास के लिए प्रयास किये। इसका प्रमुख उद्देश्य था-विद्यार्थियों को ऐसी शिक्षा देना जो देश के हितों के अनुकूल हो। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए ‘राष्ट्रीय शिक्षा परिषद’ की स्थापना की गयी।

प्रश्न 3.
कांग्रेस की स्थापना कब और किसने की थी ? (2015)
उत्तर:
कांग्रेस की स्थापना 1885 ई. में ए. ओ. ह्यूम ने की थी।

MP Board Class 10th Social Science Chapter 8 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
उग्रराष्ट्रवादी आन्दोलन का महत्व स्पष्ट कीजिए। (2009)
उत्तर:
उग्रराष्ट्रवादी आन्दोलन का महत्व-उग्र राष्ट्रवादियों ने ब्रिटिश सरकार के साथ सहयोग की अपेक्षा निष्क्रिय प्रतिरोध की नीति अपनायी। जो आन्दोलन केवल शिक्षित वर्ग तक सीमित था उसे उन्होंने जन आन्दोलन में बदल दिया। उग्र राष्ट्रवादियों के आन्दोलन का सबसे बड़ा महत्व यह है कि इस आन्दोलन के प्रणेताओं ने हिंसा के मार्ग को कभी नहीं अपनाया तथा आन्दोलन को प्रभावशाली बनाने के लिए रचनात्मक कार्यक्रम पर विशेष जोर दिया। उन्होंने बहिष्कार में स्वदेशी और राष्ट्रीय शिक्षा जैसे रचनात्मक कार्य आरम्भ किए तथा स्वाभिमान, स्वावलम्बन और आत्मनिर्भरता जैसे आन्तरिक गुणों के विकास पर बल दिया।

प्रश्न 2.
उदारवादी कांग्रेस की प्रमख माँगें क्या थीं?
उत्तर:
उदारवादी कांग्रेस की माँगें- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशनों एवं अन्य अवसरों पर उदारवादियों ने जो माँगें प्रस्तुत की, उनमें प्रमुख थीं –

  1. प्रान्तीय तथा केन्द्रीय विधान सभाओं में निर्वाचित सदस्यों की संख्या में वृद्धि की जाए।
  2. प्रशासनिक सेवाओं का भारतीयकरण किया जाए।
  3. सेना के खर्चों में कमी की जाए।
  4. ब्रिटिश साम्राज्य की सुरक्षा का भार भारत पर न डाला जाए।
  5. कुटीर उद्योगों तथा तकनीकी शिक्षा का विस्तार किया जाए।
  6. उच्च पदों पर भारतीयों की नियुक्ति की जाएँ।
  7. किसानों पर से कर के बोझ कम किये जाएँ।

प्रश्न 3.
उदारवादियों की प्रमुख उपलब्धियाँ बताइए।
उत्तर:
उदारवादियों की उपलब्धियाँ-उदारवादियों की महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ निम्नलिखित थीं –

  1. उन्होंने कांग्रेस के शैशव काल में राष्ट्रीय संघर्ष के लिए उपयुक्त वातावरण तैयार किया।
  2. उन्होंने भारतीयों को देश की समस्याओं पर विचार-विमर्श के लिए एक मंच उपलब्ध कराया और उन्हें राजनीतिक रूप से शिक्षित किया।
  3. उन्होंने लोगों को बताया कि विदेशी शासन से हमें क्या-क्या हानियाँ हो रही हैं।
  4. दादाभाई नौरोजी ने भारत से धन निष्कासन और उसके कारण उत्पन्न कुप्रभावों से लोगों को परिचित कराया।
  5. इन्हीं नरम-पंथी नेताओं ने राष्ट्रीय आन्दोलन की नींव रखी तथा इनकी उपलब्धियाँ ही बाद में तीव्र राष्ट्रीय आन्दोलन का आधार बन गयीं।

प्रश्न 4.
उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में भारत में राष्ट्रीय जागृति के क्या कारण थे ?
अथवा
भारत में राष्ट्रीय जागृति के कारणों का वर्णन कीजिए। (2010)
उत्तर:
राष्ट्रीय जागृति के लिए उत्तरदायी तत्व – 19वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में भारत में राष्ट्रीय जागृति के लिए निम्नलिखित प्रमुख तत्व उत्तरदायी थे –

(1) विश्व के अनेक राष्ट्रों में राष्ट्रीय जागृति उत्पन्न करने में धर्म-सुधार आन्दोलन की प्रमुख भूमिका रही है। उन्नीसवीं शताब्दी में अनेक महापुरुषों ने सामाजिक और धार्मिक कुरीतियों का अन्त करने का बीड़ा उठाया और भारतीयों के सामाजिक जीवन में नयी जान डाल दी। इन महापुरुषों में राजा राममोहन राय, स्वामी दयानन्द सरस्वती, देवेन्द्रनाथ ठाकुर, ईश्वरचन्द्र विद्यासागर, स्वामी विवेकानन्द इत्यादि के नाम उल्लेखनीय हैं। इन सुधारकों ने एकता, समानता एवं स्वतन्त्रता का पाठ पढ़ाकर भारतीय जन-जीवन में एक नयी चेतना का मन्त्र फेंक दिया।

(2) ब्रिटिश सरकार की व्यापारिक तथा औद्योगिक नीति के कारण भारतीय गृह उद्योग नष्ट हो गये जिसके कारण लाखों जुलाहे और दस्तकार बेकार हो गये थे। देश में बेरोजगारी और निर्धनता भयंकर रूप में बढ़ी। इस आर्थिक दुर्दशा के कारण जनता में असन्तोष की भावना पनपी, जो राष्ट्रीय जागृति में बहुत सहायक सिद्ध हुई।

(3) उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में बड़े पैमाने पर राष्ट्रीय विचारधारा से ओत-प्रोत समाचार-पत्रों का प्रकाशन हुआ जिनके माध्यम से राष्ट्रवादी भारतीयों ने राष्ट्रीयता की भावना का प्रसार किया।

(4) यातायात के साधनों में सुधार तथा एक भाषा (अंग्रेजी) की प्राप्ति से भारत के नेताओं को देश के कोने-कोने में राष्ट्रीयता का प्रचार करने तथा सामान्य जनता तक अपने विचार पहुँचाने का अवसर प्राप्त हुआ, जिससे भारतीयों में राष्ट्रीय जागृति उत्पन्न हुई।

MP Board Class 10th Social Science Chapter 8 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत में राष्ट्रीयता के उदय होने के कारणों का वर्णन कीजिए।
अथवा
वे कौनसे प्रमुख कारण थे जिन्होंने भारत में राष्ट्रीयवाद को बढ़ाने में सहायता पहुँचाई ?
उत्तर:
भारत में राष्ट्रीयता के उदय होने के निम्नलिखित प्रमुख कारण थे –
(1) राजनीतिक और प्रशासनिक एकीकरण – ब्रिटिश शासन से पूर्व भारत में राजनीतिक एकता का अभाव था। भारत छोटे-छोटे राज्यों में बँटा हुआ था। ब्रिटिश शासन के फलस्वरूप सम्पूर्ण देश एक राजनीतिक तथा प्रशासनिक सूत्र में बँध गया। फलतः भारतवासी अपने को एक राष्ट्र मानने लगे। इससे राष्ट्रीयता की उत्पत्ति तथा विकास में भारी सहयोग मिला।

(2) 1857 का प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम – 1857 की क्रान्ति भारतीय इतिहास की महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है। यह एक महत्वपूर्ण परिवर्तनशील बिन्दु था। इस आन्दोलन ने राष्ट्रीय भावनाओं को उत्तेजित किया और इस प्रकार राष्ट्रीय आन्दोलन का मार्ग साफ कर दिया।

(3) पाश्चात्य शिक्षा का प्रभाव-ब्रिटिश शासनकाल में अंग्रेजी की शिक्षा शुरू हुई जिससे विभिन्न प्रान्तों के शिक्षित वर्ग के लोग अंग्रेजी द्वारा अपने विचार व्यक्त करने लगे। इस प्रकार एक भाषा-माध्यम की प्राप्ति से देश के नेताओं को देश के कोने-कोने में राष्ट्रीयता का प्रचार करने तथा सामान्य जनता तक अपने विचार पहुँचाने का अवसर प्राप्त हुआ।

(4) लॉर्ड लिटन का प्रशासन-लॉर्ड लिटन का प्रतिक्रियावादी शासन राष्ट्रीयता की भावना बढ़ाने में सहायक हुआ। उस समय देश में भयंकर अकाल पड़ा था, परन्तु लिटन ने दिल्ली में शानदार दरबार का आयोजन कर जले पर नामक छिड़कने का काम किया। इस कारण भारतीय समाचार-पत्रों ने खुलकर लिटन की आलोचना की। इससे भारतीय जनता में आक्रोश भड़का जो राष्ट्रीयता के लिए हितकर सिद्ध हुआ।

(5) साहित्य और समाचार-पत्रों का योगदान-भारतीय राष्ट्रवाद की पृष्ठभूमि भी कतिपय साहित्यकारों द्वारा तैयार की गयी थी। इस दिशा में दीनबन्धु मित्र, ईश्वरचन्द्र, बंकिमचन्द्र, भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। बंकिमचन्द्र का ‘वन्देमातरम्’ गीत भारतीय जनता के गले का हार बन गया। अंग्रेजी तथा भारतीय समाचार-पत्रों ने भी देश में राष्ट्रीय जागरण की भावना प्रसारित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इनमें प्रमुख अमृत बाजार पत्रिका’, ‘हिन्दू’, ‘मिरर’ तथा ‘ट्रिब्यून’ इत्यादि उल्लेखनीय हैं। इन्होंने स्वदेश-प्रेम का प्रचार किया और राष्ट्रीयता की भावना जागृत की।

(6) इलबर्ट बिल-लॉर्ड लिटन के बाद लॉर्ड रिपन भारत का वायसराय बनकर आया। वह उदार था और भारतीयों को राजनीतिक शिक्षा देने का पक्षपाती था, परन्तु उसके शासनकाल में एक ऐसी घटना हुई, जिससे भारतीयों को विश्वास हो गया कि अंग्रेजों से न्याय की आशा करना भूल है और शक्तिशाली संगठन की आवश्यकता है।

(7) भारतीयों का आर्थिक शोषण-ब्रिटिश सरकार की व्यापारिक व औद्योगिक नीति के कारण भारतीय गृह-उद्योग नष्ट हो गये, जिसके कारण बेकारी फैली। इस आर्थिक दुर्दशा के कारण लोगों में असन्तोष की भावना फैली, जो राष्ट्रीय जागृति में सहायक सिद्ध हुई।

(8) भारतीयों के प्रति भेदभाव की नीति-शरू से ही अंग्रेजों ने भारतीयों के प्रति भेदभाव की नीति अपनायी थी। 1857 की क्रान्ति के बाद इस नीति को और बढ़ावा मिला। रेलगाड़ी में, क्लबों में, सड़कों पर और होटलों में ब्रिटिश लोग भारतीयों के साथ दुर्व्यवहार करते थे। इससे भारतीयों में अंग्रेजों के प्रति विद्रोह की भावना जागृत हुई जिससे राष्ट्रीय जागृति को प्रोत्साहन मिला।

(9) यातायात तथा संचार-साधनों का विकास-ब्रिटिश शासनकाल में परिवहन, संचार व यातायात के साधनों में महत्त्वपूर्ण सुधार हुए जिसके परिणामस्वरूप विभिन्न प्रान्तों के लोग एक दूसरे से मिलने लगे और परस्पर विचारों का आदान-प्रदान शुरू हुआ। नेताओं के परस्पर सम्पर्क के कारण राष्ट्रीय जागृति कायम करने में भरपूर सहायता मिली।

MP Board Class 7th Social Science Solutions Chapter 26 Rights of a Child and Human Rights

MP Board Class 7th Social Science Solutions Chapter 26 Rights of a Child and Human Rights

Fill in the blanks by using the correct words given in the brackets:
(Equality, Rights, occupations, all round, birthrights, culture, healthy, wealth)

  1. The rights to live is our ……………….
  2. All the children of the world should get …………… food.
  3. All the people have the right to protect their language, script and ……………
  4. Humans are the ……………. of the society.
  5. We have the right to choose …………… according to our ability and within legal boundary.
  6. The children have the rights for proper facilities for their…………. development.
  7. All citizens have rights to ……………… of opportunity.

Answer:

  1. birthright
  2. healthy
  3. culture
  4. wealth
  5. occupations
  6. all round
  7. equality.

MP Board Class 7th Social Science Chapter 26 Short Answer Type Questions

Class 7 Social Science Chapter 26 MP Board Question 1.
What was published in the newspaper?
Answer:
The news was, “The Hindu Inheritance (Amendment) Bill 2005 giving equal rights to daughter of Hindu undivided families in immovable property was passed in the Parliament on Monday, the 20th August, 2005.”

Mp Board Class 7th Social Science Chapter 26 Question 2.
To whom did lata read the news to?
Answer:
Lata read the news to her civics teacher.

Mp Board Class 7 Social Science Chapter 26 Question 3.
What did the children want to know from the teacher?
Answer:
The children wanted to know the answer of a number of questions as to ‘What are rights’?, ‘What is this world organisation’?, ‘What are the Rights of the child’?, At what age do we acquire these rights.

MP Board Class 7th Social Science Chapter 26 Long Answer Type Questions

The Right To Live Is Our Fill In The Blanks MP Board Question 1.
Describe the important Rights of Child.
Answer:
The important Rights of Child are:

  1. Rights to live
  2. Rights to Education
  3. Rights of expression, information and to form associations
  4. Rights to protection against exploitation.

1. Rights to live

  • The child has basic Right to live.
  • It is the duty of the State to provide opportunities for the development of the child.
  • The Rights of the Child to live with their family and protection to orphans.
  • It is the responsibility of the family to nurture the child and the state aids the parents in this.
  • Healthy food, potable water, safe shelter.
  • Sufficient health facilities
  • Rights to protection of life from exploitation.
  • The state will pay special attention to reduce the infant death rate.

2. Rights to Education

  • Right to proper education and facilities for the aid – round development of personality.
  • Protection from all obstacles in education and development
  • Not to wean the children from their language, religion and culture.

3. Right of expression, information and the Right to form associations

  • Freedom to express their thoughts and religious freedom
  • Rights to receive all rights given to human without any discrimination.
  • Right to play an active role in the society.
  • Guidance to the family by the state for the development of interests and hobbies of the children.
  • To form association according to their age.

4. Rights to protection against exploitation.

  • Social protection to children.
  • Not to compel children to do things they are incapable of doing.
  • Protection from ill-treatment.
  • To prevent the children from being employed in illegal business.

Choose the correct alternatives:

1. The National Human Rights Commission was formed in the year:
(a) 1993
(b) 1992
(c) 1990
(d) 1997
Answer:
(a) 1993

2. The Madhya Pradesh Human Rights Commission was formed on:
(a) 17th Sept. 1993
(b) 13th Sept. 1995
(c) 13th Oct. 1996
(d) 13th Nov. 1993
Answer:
(b) 13th Sept. 1995

MP Board Class 7th Social Science Chapter 26 Short Answer Type Questions – 2

Science Class 7th Mp Board  Question 1.
What was the world wide Declaration of the Human Rights by the UNO?
Answer:
In die world wide declaration of Human Rights, the civic and the political freedom have been mentioned. It also includes the economic, social and cultural rights.

Chapter Number 26 MP Board Class 7th Social Science Question 2.
How useful are Human Rights to society?
Answer:
The Human Rights make it possible for us to lead a good social life. These Rights form the foundation of the society. These rights are also used to strengthen the feeling of brotherhood.

The Right Way To Celebrate His Freedom Was Class 7 MP Board Question 3.
Which year was celebrated as the International Year of Human Rights?
Answer:
The year 1968 was celebrated as the international year of Human Rights.

Question 4.
If the Government does not protect the Human Rights then who keeps a tap on it?
Answer:
All the member countries of the U.N.O. have formed the Human Rights Commission in their countries. The Indian government also formed the National Human Rights Commission in Oct. 1993. These Commissions are supposed to take care of the Human Rights of their respective countries in case the Government does not protect them.

Question 5.
How are the Human Rights violated due to terrorism?
Answer:
The terrorists want to rule the world with their conditions, policies and thought. For that, they indulge themselves in violence and violate the Human Rights.

MP Board Class 7th Social Science Chapter 26 Long Answer Type Questions – 2

Question 1.
Make a list of the Human Rights. Which council functions to promote these Rights?
Answer:
A list of the Human Rights:

  1. Right to freedom of life
  2. Right to equality before law
  3. Right to property
  4. Right to equality in participation of the Government and to be selected in Government Services.
  5. Right to be treated as innocent until proven guilty.
  6. Right to freedom from being jailed without investigation, house arrest and expulsion from the country.
  7. Right to hearing by an independent and importation judiciary.
  8. Right to expression and voting.
  9. Right to organised peaceful meeting/ marches.
  10. Right to freedom from slavery.
  11. Right to freedom of religion and intellect
  12. Freedom from exploitation or cruelty, inhuman or insulting behavior or punishment
  13. Equal pay for equal work.
  14. Right to leave and rest
  15. Right to education and to participation in the cultural activities of the society.

Question 2.
Write a short note on the Human Rights.
Answer:
Human Rights are those rights which every human being must enjoy. These Rights make it possible for us to lead a good social life. The United Nations Organisation promoted worldwide respect to these Rights and basic freedom and its implementation without any discrimination of caste, sex, language orreligion. The Economic and Social Council of die UNO established the Human Rights Commission in its first session in Feb. 1946.

This Commission after long deliberations put up a draft for the world wide declaration of Human Rights in 1948 which was approved by die General Assembly of the UNO. In the world wide declaration of Human Rights, the civic and die political freedom have been mentioned.

It also includes the economic, social and cultural Rights, The Human Rights are considered to be the most important documents of the world. These rights form the foundation of the society. These Rights are also used to strengthen the feeling of brotherhood.

MP Board Class 7th Social Science Solutions

MP Board Class 10th Social Science Solutions Chapter 15 आर्थिक विकास और नियोजन

In this article, we will share MP Board Class 10th Social Science Book Solutions Chapter 15 आर्थिक विकास और नियोजन Pdf, These solutions are solved subject experts from the latest edition books.

MP Board Class 10th Social Science Solutions Chapter 15 आर्थिक विकास और नियोजन

MP Board Class 10th Social Science Chapter 15 पाठान्त अभ्यास

MP Board Class 10th Social Science Chapter 15 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

सही विकल्प चुनकर लिखिए

प्रश्न 1.
आर्थिक विकास का परिणाम है – (2014)
(i) जीवन-स्तर में सुधार का
(ii) आर्थिक कल्याण में वृद्धि का
(iii) जीवन प्रत्याशा में वृद्धि का
(iv) उक्त सभी का।
उत्तर:
(iv) उक्त सभी का।

प्रश्न 2.
देश की प्रतिव्यक्ति आय की गणना किस आधार पर की जाती है ?
(i) उस देश की जनसंख्या
(ii) विश्व की जनसंख्या से
(iii) राज्यों की जनसंख्या से
(iv) अन्य देश की जनसंख्या से।
उत्तर:
(i) उस देश की जनसंख्या

प्रश्न 3.
प्रो. अमर्त्य सेन ने विकास का आधार क्या माना है ? (2009, 13)
(i) सम्पन्नता
(ii) आत्मनिर्भरता
(iii) जन-कल्याण
(iv) विदेशी व्यापार।
उत्तर:
(iii) जन-कल्याण

प्रश्न 4.
विकसित देशों में प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग होता है –
(i) अतिअल्प
(ii) बिल्कुल नहीं
(iii) थोड़ा-बहुत
(iv) बहुत अधिक।
उत्तर:
(iv) बहुत अधिक।

प्रश्न 5.
अब तक भारत में कितनी पंचवर्षीय योजनाएँ पूर्ण हुई हैं ? (2010)
(i) 5
(ii) 10
(iii) 15
(iv) 11
उत्तर:
(iv) 11

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

  1. आर्थिक विकास से जनता के …………………….. स्तर में वृद्धि होती है।
  2. इण्डिया विजन-2020 का प्रकाशन वर्ष …………………….. में हुआ था। (2011)
  3. जीवन की भौतिक गुणवत्ता सूचक का निर्माण …………………….. ने किया है। (2016)
  4. विश्व बैंक के अनुसार विकसित राष्ट्र वह है जिसकी प्रति व्यक्ति आय …………………….. प्रति वर्ष या उससे अधिक है।
  5. दसवीं योजना का कार्यकाल …………………….. से …………………….. तक था।

उत्तर:

  1. जीवन
  2. जनवरी 2003
  3. प्रो. मौरिस
  4. ₹4,53,000
  5. 1 अप्रैल, 2002, 31 मार्च, 2007

MP Board Class 10th Social Science Chapter 15 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
वणिकवाद के अनुसार आर्थिक विकास का क्या अर्थ है ? लिखिए।
उत्तर:
जर्मनी एवं फ्रांस के वणिकवादी विचारक’ सोने एवं चाँदी की प्राप्ति को विकास का आधार मानते थे। विलियम पैटी ने लिखा है, “व्यापार का अन्तिम और महान् परिणाम धन नहीं बल्कि सोना-चाँदी और जवाहरात की प्रमुखता है जो नष्ट नहीं होते। इनको प्रत्येक समय और स्थान में प्रयुक्त किया जा सकता है।”

प्रश्न 2.
राष्ट्रीय आय की गणना किस समय अवधि में की जाती है ? लिखिए। (2017, 18)
उत्तर:
राष्ट्रीय आय की गणना देश में एक वर्ष (1 अप्रैल से 31 मार्च) में उत्पादित वस्तुओं तथा सेवाओं के मौद्रिक मूल्य को जोड़कर ज्ञात की जाती है।

प्रश्न 3.
मानव विकास सूचकांक की गणना किसके आधार पर की जाती है ? लिखिए।
उत्तर:
मानव विकास सूचकांक के निर्माण में जीवन के तीन आवश्यक मूलभूत घटकों का प्रयोग किया जाता है। ये घटक हैं –

  1. एक लम्बे और स्वस्थ जीवन के मापन हेतु जन्म के समय जीवन प्रत्याशा।
  2. वयस्क साक्षरता दर तथा कुल नामांकन अनुपात।
  3. प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद।

प्रश्न 4.
विश्व बैंक के अनुसार विकसित देशों की प्रति व्यक्ति आय कितनी होनी चाहिए ? लिखिए।
उत्तर:
विश्व बैंक ने अपनी विकास रिपोर्ट 2006 में विकसित एवं विकासशील राष्ट्रों के मध्य अन्तर करने के लिए प्रति व्यक्ति आय मापदण्ड का प्रयोग किया है। रिपोर्ट के अनुसार, वे राष्ट्र जिनकी वर्ष 2004 में प्रति व्यक्ति आय 4,53,000 रु. प्रतिवर्ष या उससे अधिक है, उसे विकसित राष्ट्र तथा वे राष्ट्र जिनकी प्रति व्यक्ति आय 37,000 रु. प्रतिवर्ष या उससे कम है, उन्हें विकासशील (निम्न आय) राष्ट्र माना गया है।

प्रश्न 5.
आर्थिक विकास की माप के प्रमुख मापदण्ड कौन-कौनसे हैं ? लिखिए।
उत्तर:
आधुनिक अर्थशास्त्रियों ने आर्थिक विकास के कई मापदण्ड बताये हैं, जिनमें मुख्य निम्नलिखित हैं –

  1. राष्ट्रीय आय
  2. प्रति व्यक्ति आय
  3. आर्थिक कल्याण, तथा
  4. सामाजिक अभिसूचक।

MP Board Class 10th Social Science Chapter 15 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
राष्ट्रीय आय क्या है व इसे कैसे ज्ञात किया जाता है ? लिखिए। (2009, 11, 15)
उत्तर:
राष्ट्रीय आय – किसी देश के श्रम एवं पूँजी उसके प्राकृतिक साधनों के साथ मिलकर एक वर्ष में जिन वस्तुओं और सेवाओं का शुद्ध वास्तविक उत्पादन करते हैं, के मौद्रिक मूल्य को राष्ट्रीय आय कहा जाता है। प्रो. मार्शल के अनुसार, “देश का श्रम एवं पूँजी उसके प्राकृतिक साधनों पर क्रियाशील होकर प्रतिवर्ष भौतिक एवं अभौतिक वस्तुओं के शुद्ध योग, जिसमें सभी प्रकार की सेवाएँ सम्मिलित होती हैं, का उत्पादन करते हैं। यही देश की वास्तविक शुद्ध आय या राष्ट्रीय लाभांश कहलाता है।”
राष्ट्रीय आय की गणना के सम्बन्ध में निम्न बातें महत्वपूर्ण हैं –

  1. राष्ट्रीय आय का सम्बन्ध किसी अवधि विशेष या एक वर्ष (1 अप्रैल से 31 मार्च) में उत्पादित समस्त वस्तुओं एवं सेवाओं की मात्रा से है।
  2. राष्ट्रीय आय में सभी प्रकार की वस्तुओं और सेवाओं की बाजार कीमतें सम्मिलित की जाती हैं, इसमें एक वस्तु की कीमत को एक ही बार गिना जाता है।
  3. इसमें विदेशों से प्राप्त आय को जोड़ा जाता है तथा विदेशियों द्वारा देश से प्राप्त आय को घटाया जाता है।

प्रश्न 2.
प्रति व्यक्ति आय क्या है ? इसकी गणना का सूत्र लिखिए। (2010, 14, 16)
उत्तर:
प्रति व्यक्ति आय (Per Capita Income) – एक देश की किसी वर्ष विशेष में औसत आय को ही प्रति व्यक्ति आय कहते हैं। इसे ज्ञात करने के लिए किसी एक वर्ष को राष्ट्रीय आय में वर्ष की जनसंख्या से भाग दे दिया जाता है।
संक्षेप में,
MP Board Class 10th Social Science Solutions Chapter 15 आर्थिक विकास और नियोजन 1
स्पष्ट है कि राष्ट्रीय आय में वृद्धि की दर जनसंख्या वृद्धि दर से अधिक होने पर ही प्रति व्यक्ति आय बढ़ेगी अन्यथा इसमें कमी हो जायेगी।
प्रति व्यक्ति आय हमें उस देश के निवासियों के जीवन-स्तर की जानकारी प्रदान करती है। यदि किसी राष्ट्र में प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोत्तरी हो रही है तो इसका आशय है कि उस देश के निवासियों के जीवन-स्तर में सुधार हो रहा है।

प्रश्न 3.
मानव विकास के संकेतक बनाने के मुख्य उद्देश्य लिखिए। (2009)
उत्तर:
विकास के अन्तर्गत जनसामान्य को प्राप्त होने वाली स्वास्थ्य, शिक्षा, आवास, पोषक आहार, पेयजल जैसी सुविधाओं की उपलब्धता का भी समावेश होना चाहिए। फलतः आर्थिक विकास को मापने के लिए राष्ट्रीय आय एवं प्रति व्यक्ति आय के विकल्प के रूप में मानव विकास संकेतक’ को महत्व दिया गया।

मानव विकास संकेतकों में भौतिक एवं अभौतिक दोनों प्रकार के घटकों को सम्मिलित किया गया है। इनमें भौतिक घटक के रूप में सकल घरेलू उत्पाद और अभौतिक घटक के रूप में शिशु मृत्यु दर, जीवन की सम्भाव्यता और शैक्षणिक प्राप्तियाँ आदि को लिया गया है।

प्रश्न 4.
भारत के विकसित एवं विकासशील राज्य कौन-कौनसे हैं ? लिखिए।
उत्तर:
प्रति व्यक्ति आय मापदण्ड के आधार पर हम भारत के 15 बड़े राज्यों को दो वर्गों में बाँट सकते हैं-विकसित राज्य तथा विकासशील राज्य। इन 15 राज्यों में 2001 की जनगणना के अनुसार देश की कुल आबादी का 90 प्रतिशत हिस्सा निवास करता है। इसमें से 48 प्रतिशत जनसंख्या तुलनात्मक रूप से विकसित राज्यों में निवास करती है और 42 प्रतिशत आबादी विकासशील या पिछड़े राज्यों में रहती है। तुलनात्मक रूप से विकसित और विकासशील राज्यों को निम्न तालिका में दिखाया गया है।

भारत के विकसित एवं विकासशील राज्य

राज्यानुसार प्रति व्यक्ति निबल घरेलू उत्पाद 2014-15 (वर्तमान कीमतों पर)
MP Board Class 10th Social Science Solutions Chapter 15 आर्थिक विकास और नियोजन 2
+ : 2012 – 13 के आँकड़े
स्रोत : आर्थिक समीक्षा-2015-16; A – 25

उपर्युक्त तालिका से स्पष्ट है कि भारत में तुलनात्मक रूप से विकसित राज्य वे हैं जिनकी प्रति व्यक्ति आय उस वर्ष की सम्पूर्ण भारत की प्रति व्यक्ति आय से अधिक है, जबकि विकासशील या पिछड़े राज्य वे हैं, जिनकी प्रति व्यक्ति आय सम्पूर्ण भारत की प्रति व्यक्ति आय की तुलना में कम है। 2014-15 में प्रति व्यक्ति आय के आधार पर विकसित राज्यों में हरियाणा का स्थान सबसे ऊपर है, जबकि विकासशील राज्यों में सबसे कम प्रति व्यक्ति आय बिहार राज्य की है।

प्रश्न 5.
इण्डिया विजन-2020 क्या है ? लिखिए। (2009, 11, 13, 14)
उत्तर:
इण्डिया विजन-2020-आने वाले दो दशकों में अर्थव्यवस्था की प्रगति का पूर्वाकलन करने वाला महत्वपूर्ण दस्तावेज ‘इण्डिया विजन-2020’ योजना आयोग ने 23 जनवरी, 2003 को जारी किया। योजना आयोग के इस दस्तावेज में यह दर्शाने का प्रयत्न किया गया है कि दो दशकों के बाद क्या कुछ प्राप्त किया जा सकता है ? दस्तावेज के अनुसार 2020 तक देश की 1.35 अरब जनसंख्या बेहतर पोषित अच्छे रहन-सहन के स्तर वाली, अधिक शिक्षित व स्वस्थ तथा अधिक औसत आयु वाली होगी। निरक्षरता व प्रमुख संक्रामक रोगों का तब तक अन्त हो चुका होगा तथा 6-14 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों का स्कूली पंजीकरण लगभग शत-प्रतिशत होगा। 2 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि की दर से रोजगार के 20 करोड़ अतिरिक्त अवसर सृजित किए जा सकेंगे।

MP Board Class 10th Social Science Chapter 15 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
आर्थिक विकास की प्राचीन एवं नवीन अवधारणा को समझाइए। (2009)
उत्तर:
आर्थिक विकास की प्राचीन अवधारणा

प्राचीन काल में आर्थिक विकास के अन्तर्गत भौतिक सुख-सुविधाओं के साथ-साथ मानव मूल्यों को भी महत्वपूर्ण स्थान दिया गया था। महान् विचारक कौटिल्य ने अपनी पुस्तक ‘अर्थशास्त्र’ में इन विचारों की विस्तार से व्याख्या की है। भारत के प्राचीनतम ग्रन्थ वेदों में सबकी समृद्धि और बाहुल्यता की धारणा बताई गई है।

प्राचीनकाल में वैश्विक स्तर पर आर्थिक विकास के अन्तर्गत भौतिक सम्पन्नता को विशेष स्थान प्राप्त था। जर्मनी एवं फ्रांस के ‘वणिकवादी विचारक’ सोने एवं चाँदी की प्राप्ति को विकास का आधार मानते थे। समय के साथ-साथ विकास की अवधारणा भी बदलती रही। एडम स्मिथ का विचार था कि किसी राष्ट्र में वस्तुओं तथा सेवाओं की वृद्धि ही आर्थिक विकास है। कार्ल मार्क्स ने समाजवाद की स्थापना को आर्थिक विकास माना है परन्तु जे. एस. मिल ने लोककल्याण व आर्थिक विकास के लिए सहकारिता के सिद्धान्त को अपनाने को आर्थिक विकास माना।

आर्थिक विकास की नवीन अवधारणा

नवीन अर्थशास्त्रियों में पॉल एलबर्ट राष्ट्र के उत्पादन के साधनों के कुशलतम प्रयोग द्वारा राष्ट्रीय आय में वृद्धि को आर्थिक विकास मानते हैं जबकि विलियमसन और बॉडिक का विचार है कि राष्ट्र के निवासियों की प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि आर्थिक विकास है। इनसे भिन्न डी. ब्राइट सिंह का विचार है कि यदि आय में वृद्धि के साथ-साथ समाज कल्याण में भी वृद्धि होती है तो वह आर्थिक विकास है। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित ‘प्रो. अमर्त्य सेन’ ने भी आर्थिक कल्याण को विशेष महत्व दिया है।

आर्थिक विकास को परिभाषित करते हुए मेयर एवं बाल्डविन ने कहा है, “आर्थिक विकास एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें दीर्घकाल में अर्थव्यवस्था की वास्तविक राष्ट्रीय आय में वृद्धि होती है।”

प्रश्न 2.
मानव विकास संकेतक का अर्थ बताते हुए इसके घटकों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
मानव विकास संकेतक (या सूचक)
[Human Development Index-HDI]

मानव विकास ही मानव का साध्य है तथा आर्थिक विकास का श्रेष्ठ मापक है, क्योंकि राष्ट्रीय आय सम्बन्धी आँकड़े अनेक दृष्टियों से उपयोगी होने के बावजूद राष्ट्रीय आय की संरचना व उससे वास्तव में लाभान्वित होने वाले निवासियों पर प्रकाश नहीं डालते। मानव विकास रिपोर्ट के अनुसार, ‘मानव विकास लोगों की पसन्दगी को व्यापक करने की एक प्रक्रिया है।’ ये पसन्दगियाँ अनेक हो सकती हैं और इन पसन्दगियों में समय के साथ परिवर्तन हो सकता है।

इस दिशा में प्रो. मौरिस ने जीवन के भौतिक गुणों के सूचकांक (Physical Quality of Life Index या POLI) का विकास किया। इसी प्रकार प्रो. पॉल स्ट्रीटन (Paul Streetan) के मूल आवश्यकता दृष्टिकोण को अपनाने पर जोर दिया। इन विचारों को मूर्त रूप देते हुए सन् 1990 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने मानव विकास संकेतक या सूचकांक (HDI) प्रकाशित किये। इसके बाद आर्थिक विकास के ये संकेतक प्रति वर्ष मानव विकास संकेतक रिपोर्ट में प्रकाशित किये जा रहे हैं।

मानव विकास सूचक की गणना करने के लिए सबसे पहले उपरोक्त तीनों घटकों के अलग-अलग सूचक तैयार किये जाते हैं। तदोपरान्त उनका औसत ज्ञात करके उनके मूल्य को 0 से 1 के मध्य प्रदर्शित किया जाता है। सबसे अधिक विकसित राष्ट्र का सूचक एक तथा सबसे अधिक पिछड़े राष्ट्र का सूचक शून्य के निकट होता है। इस आधार पर विश्व के सभी राष्ट्रों को उनके विकास के स्तर के अनुसार निम्नलिखित तीन वर्गों में वर्गीकृत किया जाता है –

  1. उच्च मानवीय विकास वाले राष्ट्र-जिन राष्ट्रों के सूचक का माप 0.8 का या इससे अधिक होता है, उन्हें उच्च मानवीय विकास वाले राष्ट्र कहा जाता है।
  2. मध्यम मानवीय विकास वाले राष्ट्र-जिन राष्ट्रों के सूचक का माप 0.5 से 0.8 होता है उन्हें मध्यम मानवीय विकास वाले राष्ट्र माना जाता है।
  3. निम्न मानवीय विकास वाले राष्ट्र-जिन राष्ट्रों के सूचक का मान 0-5 से कम होता है उन्हें निम्न मानवीय विकास वाले राष्ट्र माना जाता है।

प्रश्न 3.
विकसित एवं विकासशील अर्थव्यवस्था में अन्तर बताइए।
उत्तर:
विकसित अर्थव्यवस्था – विकसित अर्थव्यवस्था में वे राष्ट्र आते हैं, जहाँ नागरिक अपनी भोजन, कपड़ा व मानवं की आवश्यकताएँ सरलतापूर्वक पूरी कर रहे हैं। इन राष्ट्रों में निर्धनता व बेरोजगारी नियन्त्रण में है। विकसित राष्ट्रों में जापान, अमेरिका, इंग्लैण्ड आदि देश आते हैं।

विकासशील राष्ट्र – ऐसे राष्ट्र जहाँ नागरिकों को भरपेट भोजन भी प्राप्त नहीं होता, पहनने को सीमित मात्रा में कपड़े मिलते हैं, नागरिकों का जीवन-स्तर बहुत निम्न है-इन राष्ट्रों में व्यापक बेरोजगारी व अशिक्षा पायी जाती है। इन राष्ट्रों को अल्पविकसित या विकासशील राष्ट्र कहा जाता है। भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका तथा म्यांमार आदि को इस श्रेणी में रखा जाता है।

विकसित तथा विकासशील (अर्द्धविकसित) राष्ट्रों की अर्थव्यवस्था में प्रमुख अन्तर निम्नलिखित हैं –
MP Board Class 10th Social Science Solutions Chapter 15 आर्थिक विकास और नियोजन 3

प्रश्न 4.
आर्थिक नियोजन का अर्थ बताते हुए भारत में नियोजन के प्रमुख उद्देश्य बताइए।
उत्तर
आर्थिक नियोजन का आशय

आर्थिक नियोजन का आशय एक केन्द्रीय सत्ता द्वारा देश में उपलब्ध प्राकृतिक एवं मानवीय संसाधनों का सन्तुलित ढंग से, एक निश्चित अवधि के अन्तर्गत निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति करना है जिससे देश का तीव्र गति से आर्थिक विकास किया जा सके। इस प्रकार आर्थिक नियोजन के लिए दो बातें होनी चाहिए-(1) निर्धारित लक्ष्य, जिन्हें प्राप्त करना है तथा (2) इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए उपलब्ध संसाधन तथा उनके उपयोग के ढाँचे का विवरण।

आर्थिक नियोजन में सरकार द्वारा यह सुनिश्चित किया जाता है कि किस प्रकार समाज की अधिकतम सन्तुष्टि के लिए देश के संसाधनों का प्रयोग किया जाता है। नियोजन से पूर्व देश के आर्थिक संसाधनों का आकलन किया जाता है। इसमें घरेलू संसाधनों के साथ-साथ विदेशों से प्राप्त होने वाले साधनों को भी शामिल किया जाता है। इसके बाद आर्थिक लक्ष्यों का निर्धारण कर, देश में उपलब्ध संसाधनों को श्रेष्ठतम प्रयोग करते हुए लक्ष्यों को प्राप्त करने का प्रयास किया जाता है।

भारत में आर्थिक नियोजन के उद्देश्य

भारत में आर्थिक नियोजन के प्रमुख उद्देश्य निम्न प्रकार हैं –

(1) आर्थिक संवृद्धि या विकास – भारत की सभी पंचवर्षीय योजनाओं का मुख्य उद्देश्य आर्थिक संवद्धि रहा है। आर्थिक विकास की गति को तेज करके ही आत्मनिर्भरता की स्थिति को प्राप्त किया जा सकता है तथा गरीबी और बेरोजगारी जैसी आधारभूत समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।

(2) आत्मनिर्भरता – आत्मनिर्भरता प्राप्त करना आर्थिक नियोजन का प्रमुख उद्देश्य है। तीसरी योजना के बाद से इस उद्देश्य पर विशेष बल दिया गया। छठी योजना में तो इस लक्ष्य की प्राप्ति पर अधिक जोर दिया गया। इस योजना में निम्नलिखित बातें इस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु कही गई

  • विदेशी सहायता पर निर्भरता में कमी,
  • घरेलू उत्पादन में विविधता और इसके परिणामस्वरूप कुछ महत्त्वपूर्ण वस्तुओं के आयात में कमी, तथा
  • निर्यात को प्रोत्साहित करना ताकि हम अपने साधनों से आयातों का भुगतान कर सकें।

(3) रोजगार के अवसरों में वृद्धि करना – सभी को रोजगार प्रदान करना आर्थिक नियोजन का महत्त्वपूर्ण लक्ष्य है। इसलिए प्रत्येक योजना में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने तथा अर्द्ध-बेरोजगारी को दूर करने के कार्यक्रमों पर विशेष ध्यान दिया गया है।

(4) आर्थिक असमानताओं में कमी – आयोजन का एक अन्य महत्त्वपूर्ण उद्देश्य आर्थिक समानता है ताकि देश में सामाजिक न्याय की स्थापना की जा सके। धन व आय की असमानताएँ सामान्य जीवन-स्तर को ऊपर उठाने में बाधक होती हैं। स्वस्थ आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है कि इन असमानताओं को दूर किया जाये। आयोजन का मुख्य उद्देश्य देश में समाजवादी ढंग के समाज की स्थापना है।।

(5) आर्थिक स्थिरता – आर्थिक आयोजन का एक अन्य महत्त्वपूर्ण उद्देश्य अर्थव्यवस्था में स्थिरता लाना और उसे बनाये रखना है।आर्थिक स्थिरता से अभिप्राय है कि अर्थव्यवस्था में होने वाले अनियमित उतार-चढ़ाव को समाप्त किया जाए जिससे अर्थव्यवस्था ठीक ढंग से आगे बढ़ सके और जनसाधारण के जीवन-स्तर में समय के साथ सुनिश्चित सुधार लाए जा सकें।

प्रश्न 5.
भारत में नियोजन की सफलताएँ और असफलताएँ लिखिए।
अथवा
भारत के नियोजन की सफलताओं की संक्षिप्त वर्णन कीजिए। (2010)
उत्तर:
भारत में नियोजन की सफलताएँ एवं असफलताएँ

भारत में आर्थिक नियोजन 1 अप्रैल, 1951 से प्रारम्भ हुआ। अभी तक 10 पंचवर्षीय योजनाएँ पूर्ण हो गई हैं। इस अवधि में देश का औद्योगिक ढाँचा सुदृढ़ हुआ और कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त हुई। शिक्षा, स्वास्थ्य एवं अन्य सामाजिक क्षेत्रों में तेजी से विस्तार हुआ। भारत में नियोजन से प्राप्त प्रमुख सफलताएँ निम्न प्रकार रहीं –

(1) राष्ट्रीय एवं प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि – भारत की राष्ट्रीय आय वर्ष 1950-51 में वर्तमान कीमतों पर केवल 10,360 करोड़ रुपये थी जो वर्ष 2015-16 में बढ़कर 1,34,09,892 करोड़ रुपये हो गई। इसी प्रकार प्रति व्यक्ति आय इस अवधि में 274 रुपये से बढ़कर 93,231 रुपये हो गई। इस प्रकार स्पष्ट है कि नियोजन की अवधि में राष्ट्रीय एवं प्रति व्यक्ति आय में तेजी से वृद्धि हुई है।

(2) पूँजी निर्माण की दर – अर्थव्यवस्था में योजनाकाल के प्रारम्भिक वर्षों में पूँजी निर्माण की दर कम रही है, परन्तु अब पूँजी निर्माण की दर में सुधार है। वर्ष 1950-51 में पूँजी निर्माण की दर सकल घरेलू उत्पाद का 9:3% थी जो वर्ष 2014-15 में बढ़कर 34-2% हो गई।2

(3) कृषि क्षेत्र – नियोजन काल में कृषि के उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। खाद्यान्न उत्पादन जो वर्ष 1950-51 में 508 लाख टन था, वह वर्ष 2014-15 में बढ़कर 2,527 लाख टन हो गया।

(4) विद्युत उत्पादन – योजना काल के दौरान विद्युत का उत्पादन तेजी से बढ़ा है। अनेक नई विद्युत परियोजनाओं का निर्माण किया गया। ताप-विद्युत और अणु शक्ति के विकास का प्रयत्न किया गया। विद्युत उत्पादन वर्ष 1950-51 में 5.1 बिलियन किलोवाट था जो वर्ष 2014-15 में 1105-2 बिलियन किलोवाट हो गया।

(5) औद्योगिक क्षेत्र – योजनावधियों में औद्योगिक प्रगति संतोषजनक रही। औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि को हम सूचकांक की सहायता से मापते हैं। भारत में औद्योगिक उत्पादन का सूचकांक जो 1950-51 में मात्र 7.9 (आधार वर्ष 2004-5) था, वह 2014-15 में बढ़कर 176.9 हो गया जो इस बात का सूचक है कि औद्योगिक उत्पादन के क्षेत्र में भारत ने तेजी से प्रगति की है। स्वतन्त्रता के समय भारत सुई से लेकर वायुयान तक विदेशों से आयात करता था। आज भारत न केवल सभी तरह की औद्योगिक वस्तुओं का उत्पादन अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए करता है, बल्कि इनका विदेशों को निर्यात भी करता है।

(6) स्वास्थ्य और परिवार कल्याण योजना काल के दौरान देश में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण की सुविधाओं में विस्तार हुआ है। देश भर में अस्पतालों और ग्रामीण डिस्पेन्सरियों की संख्या में वृद्धि हुई है।

  1. आर्थिक समीक्षा, 2015-16
  2. पुनः वही।

मृत्यु-दर में कमी स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार का परिणाम है। वर्ष 1950-51 में मृत्यु-दर 27.4 प्रति हजार थी जो वर्ष 2013 में 7 प्रति हजार हो गयी।

(7) शिक्षा – शिक्षा के क्षेत्र में योजना काल में पर्याप्त प्रगति हुई है। नए स्कूलों, कॉलेजों, प्रशिक्षण केन्द्रों, विश्वविद्यालय और छात्रों की बढ़ती हुई संख्या से इस प्रगति का आभास होता है। वर्ष 1950-51 में केवल 30 विश्वविद्यालय एवं 700 महाविद्यालय थे जिनमें लगभग 2.50 लाख छात्र अध्ययन कर रहे थे, जबकि इस समय 757 विश्वविद्यालयों में लगभग 296 लाख छात्र पंजीकृत हैं। स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद से उच्चतर शिक्षा प्रणाली में विश्वविद्यालयों तथा कॉलेजों की संख्या में 38 गुना वृद्धि हई है।

(8) बैंकिंग क्षेत्र में प्रगति – देश ने बैंकिंग क्षेत्र में भी पर्याप्त प्रगति की है। 30 जून, 1969 को वाणिज्य बैंकों की संख्या 8,262 थी जो 30 जून, 2015 को बढ़कर 1,31,750 तक पहुँच गई।

भारत में आर्थिक नियोजन की असफलता के कारण

भारत में आयोजन की सीमित सफलता के अनेक कारण हैं, जिनमें प्रमुख निम्न प्रकार हैं –

(1) प्राकृतिक कारण – भारत में प्राकृतिक दुर्घटनाएँ समय-समय पर अपना प्रभाव दिखाती रही हैं। कभी देश को बाढ़ की मुसीबत झेलनी पड़ती है, कभी सूखे की। कृषि पर इसका विशेष रूप से प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। कृषि उत्पादन में कमी अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों को प्रभावित करती है। इसलिए देश में आयोजन को पूरी सफलता नहीं मिलती है।

(2) जनसंख्या में भारी वृद्धि – सन् 1951 से 2011 तक भारत की जनसंख्या में 85 करोड़ की वृद्धि हुई अर्थात जनसंख्या तीन गुना हो गई। इस अवधि में उत्पादन में जो वृद्धि हुई उसे बढ़ी हुई जनसंख्या खा गई जो नियोजन काल में बाधक रही।

(3) सार्वजनिक क्षेत्र की अकुशलता – भारत में आयोजन की सफलता बहुत कुछ सार्वजनिक क्षेत्र की कुशलता पर निर्भर थी। भारत के लोकतान्त्रिक राजनैतिक ढाँचे में सार्वजनिक क्षेत्र की योजनाओं को बनाना, उन पर लोकसभा में विचार होना, उसमें बार-बार काँट-छाँट होना आदि में समय की हानि हुई। अधिकारियों में आपसी तालमेल का अभाव रहा। कभी-कभी विभिन्न परस्पर विरोधी नीतियों को अपनाते रहे। इन सबका संयुक्त परिणाम हुआ आर्थिक आयोजन की सीमित सफलता।

(4) प्रतिरक्षा का भारी बोझ – शान्तिप्रिय राष्ट्र होने के बावजूद भारत पर युद्ध के बादल सदा मँडराते रहे हैं जिससे निपटने के लिए आवश्यक है कि भारत अपनी प्रतिरक्षा व्यवस्था मजबूत करे। साथ ही, युद्ध की आधुनिक तकनीक में अनेक महत्त्वपूर्ण परिवर्तन होते जा रहे हैं। फलस्वरूप, प्रतिरक्षा की व्यवस्था पर होने वाले व्यय की राशि निरन्तर बढ़ती जा रही है।

(5) अन्य आर्थिक कारण – किसी राष्ट्र के तीव्र आर्थिक विकास के लिए कुछ मौलिक सुविधाओं की आवश्यकता होती है; जैसे-यातायात एवं संचार के विकसित साधन, शक्ति के साधनों की उपलब्धि, प्रशिक्षित कारीगर, इन्जीनियर, तकनीशियन और वैज्ञानिक, उन्नत बैंकिंग व्यवस्था और पर्याप्त मात्रा में पूँजी निर्माण। स्वतन्त्रता के समय देश में इन मौलिक आवश्यकताओं का अभाव था। पूँजी निर्माण की दर केवल 5% वार्षिक थी, जबकि विकास के लिए कम-से-कम 25 प्रतिशत होनी चाहिए। प्रशिक्षित कारीगर तथा इन्जीनियर नहीं थे। बहुत-सा समय और साधन इन मौलिक आवश्यकताओं के निर्माण में व्यय हो गए। इस प्रकार आर्थिक विकास की गति धीमी रही और योजनाओं में सफलता भी सीमित ही रही।

उपर्युक्त विवेचन से स्पष्ट है कि नियोजनकाल में कृषि, उद्योग, शिक्षा आदि के क्षेत्रों में जहाँ विकास हुआ है वहीं बेरोजगारी, निर्धनता तथा असमानताओं आदि के क्षेत्र में असफलता रही है। अतः नियोजनकाल की सफलताएँ सीमित रही हैं।

  1. आर्थिक समीक्षा 2015-16; A – 155.
  2. आर्थिक समीक्षा 2015-16; A – 69.

MP Board Class 10th Social Science Chapter 15 अन्य परीक्षोपयोगी प्रश्न

MP Board Class 10th Social Science Chapter 15 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

बहु-विकल्पीय

प्रश्न 1.
ग्यारहवीं योजना प्रारम्भ हुई
(i) 1 अप्रैल, 2005 से
(ii) 1 अप्रैल, 2006 से
(iii) 1 अप्रैल, 2007 से
(iv) 1 अप्रैल, 2008 से।
उत्तर:
(iii) 1 अप्रैल, 2007 से

प्रश्न 2.
प्राचीन काल में भारत को कहा जाता था -(2009)
(i) सोने का घड़ा
(ii) सोने की चिड़िया
(iii) सोने का देश
(iv) सोने का घर।
उत्तर:
(ii) सोने की चिड़िया

प्रश्न 3.
भारत में आर्थिक नियोजन प्रारम्भ किया गया है
(i) 1 अप्रैल, 1948 से
(ii) 1अप्रैल, 1949 से
(iii) 1 अप्रैल, 1951 से
(iv) 1 अप्रैल, 1955 से।
उत्तर:
(iii) 1 अप्रैल, 1951 से

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

  1. आर्थिक विकास एक ………….. प्रक्रिया है।
  2. व्यक्ति के जीवित रहने की औसत आयु को ………….. कहते हैं।
  3. वस्तुओं के थोक बाजार में पाए जाने वाले मूल्य को ………….. कहा जाता है।

उत्तर:

  1. सतत्
  2. जीवन प्रत्याशा
  3. थोक मूल्य।

सत्य/असत्य

प्रश्न 1.
जे. एस. मिल ने सहकारिता की स्थापना को आर्थिक विकास का मापदण्ड माना है।
उत्तर:
सत्य

प्रश्न 2.
उत्पादक कार्यों में पूँजी लगाने को विनियोग कहा जाता है। (2014)
उत्तर:
सत्य

प्रश्न 3.
कार्ल मार्क्स ने पूँजी की स्थापना को आर्थिक विकास माना है।
उत्तर:
असत्य

प्रश्न 4.
आर्थिक विकास एक सतत् एवं निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है। (2017)
उत्तर:
सत्य

प्रश्न 5.
भारत में आर्थिक नियोजन के अन्तर्गत अब तक दस पंचवर्षीय योजनाओं को पूरा किया जा चुका है।
उत्तर:
सत्य

जोड़ी मिलाइए
MP Board Class 10th Social Science Solutions Chapter 15 आर्थिक विकास और नियोजन 4
उत्तर:

  1. → (ग)
  2. → (क)
  3. → (ख)
  4. → (ङ)
  5. → (घ)

एक शब्द/वाक्य में उत्तर

प्रश्न 1.
कौटिल्य द्वारा लिखी गई पुस्तक का क्या नाम है ?
उत्तर:
अर्थशास्त्र

प्रश्न 2.
भारतीय योजना आयोग का गठन कब किया गया था ? (2017)
उत्तर:
15 मार्च, 1950 को

प्रश्न 3.
मानवीय विकास सूचकांक की गणना किसके आधार पर की जाती है ? कोई एक लिखिए। (2014)
उत्तर:
जीवन प्रत्याशा

प्रश्न 4.
मानव विकास सूचकांक किस अन्तर्राष्ट्रीय संस्था ने तैयार किया है ?
उत्तर:
संयुक्त राष्ट्र संघ ने

प्रश्न 5.
PQLI का पूरा नाम बताइए।
उत्तर:
जीवन का भौतिक गुणवत्ता सूचक

प्रश्न 6.
विश्व बैंक के अनुसार विकासशील राष्ट्रों की प्रति व्यक्ति आय कितनी होनी चाहिए?
उत्तर:
37,000 रुपये प्रतिवर्ष या उससे कम है

प्रश्न 7.
वर्ष 2004-05 में प्रति व्यक्ति आय के आधार पर विकसित राज्यों में किस राज्य का स्थान सबसे ऊपर है ?
उत्तर:
हरियाणा

प्रश्न 8.
देश में सार्वजनिक क्षेत्र में उद्यमों की संख्या कितनी है ?
उत्तर:
242

प्रश्न 9.
भारत में प्रथम पंचवर्षीय योजना कब लागू की गयी है ? (2015)
उत्तर:
1 अप्रैल 1951

MP Board Class 10th Social Science Chapter 15 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
वणिकवाद से क्या आशय है ?
उत्तर:
वणिकवाद से आशय उस आर्थिक विचारधारा से है जो 16वीं शताब्दी से लेकर 18वीं शताब्दी के मध्य तक यूरोप के राष्ट्रों में लोकप्रिय रही।

प्रश्न 2.
आर्थिक कल्याण क्या है ?
उत्तर:
आर्थिक कल्याण, सामाजिक कल्याण का वह भाग है, जिसे मुद्रा के मापदण्ड से प्रत्यक्ष रूप से मापा जा सके।

प्रश्न 3.
नियोजन किसे कहा जाता है ?
उत्तर:
एक निश्चित अवधि में राष्ट्र में उपलब्ध संसाधनों के द्वारा निर्धारित लक्ष्यों का प्राप्त करने की प्रक्रिया को नियोजन कहा जाता है।

प्रश्न 4.
शिशु मृत्यु दर क्या है ?
उत्तर:
एक वर्ष की आयु से पहले हुई मृत्यु, शिशु मृत्यु दर कहलाती है। शिशु मृत्यु दर प्रतिवर्ष हजार जीवित जन्मे शिशुओं में से मृत शिशुओं की संख्या है।

प्रश्न 5.
क्षेत्रीय असन्तुलन से क्या आशय है ?
उत्तर:
जब कुछ क्षेत्रों में उद्योग-धन्धों का केन्द्रीयकरण हो जाता है तथा अन्य क्षेत्र पिछड़े रह जाते हैं तो उसे क्षेत्रीय असन्तुलन कहा जाता है।

MP Board Class 10th Social Science Chapter 15 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
आर्थिक विकास की प्रमुख विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
आर्थिक विकास की विशेषताएँ

आर्थिक विकास के प्रमुख लक्षण (या विशेषताएँ) निम्नलिखित हैं –

  1. सतत् प्रक्रिया – आर्थिक विकास एक सतत एवं निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है जिसके परिणामस्वरूप राष्ट्रीय आय में क्रमशः वृद्धि होती रहती है। इस प्रक्रिया के परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्था में वस्तुओं की माँग और पूर्ति में निरन्तरता बनी रहती है।
  2. राष्ट्रीय आय और प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि – आर्थिक विकास के परिणामस्वरूप राष्ट्रीय आय व प्रति व्यक्ति आय में निरन्तर वृद्धि होती है।
  3. दीर्घकालीन प्रक्रिया – आर्थिक विकास की निरन्तर प्रक्रिया में वास्तविक राष्ट्रीय आय में निरन्तर वृद्धि होनी चाहिए। इस वृद्धि का सम्बन्ध दीर्घकाल से है जिसमें कम-से-कम 15-20 वर्षों का समय लगता है। आर्थिक विकास का सम्बन्ध अल्पकाल या एक या दो वर्षों में होने वाले परिवर्तनों से नहीं है। इसलिए अगर किसी अर्थव्यवस्था में किन्हीं अस्थायी कारणों से देश की आर्थिक स्थिति में सुधार हो जाता है; जैसे-अच्छी फसल, अप्रत्याशित निर्यात आदि का होना तो इसे आर्थिक विकास नहीं समझना चाहिए।
  4. संसाधनों का समुचित विदोहन – आर्थिक विकास में देश में उपलब्ध संसाधनों का कुशलतापूर्वक विदोहन किया जाता है।
  5. उच्च जीवन स्तर की प्राप्ति – आर्थिक विकास के दौरान प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि के फलस्वरूप जनसाधारण के जीवन-स्तर में सुधार आता है। आर्थिक विषमता में कमी आती है तथा सरकार द्वारा शिक्षा सार्वजनिक स्वास्थ्य आदि जनकल्याण कार्यक्रमों में वृद्धि की जाती है। इससे लोगों के रहन-सहन का स्तर ऊँचा उठता है। आर्थिक विकास के परिणामस्वरूप राष्ट्र की आय एवं उसमें रहने वाले लोगों की आय में वृद्धि होती है जिसे हम राष्ट्रीय आय एवं प्रति व्यक्ति आय के रूप में जानते हैं।