MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 17 राष्ट्रीय आन्दोलन (1885-1918)

MP Board Class 8th Social Science Chapter 17 अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए –
(1) गरम दल के प्रमुख नेता थे
(क) गोपाल कृष्ण गोखले
(ख) विपिन चन्द्र पाल
(ग) पं. मोतीलाल नेहरू
(घ) फिरोजशाह मेहता।
उत्तर:
(ख) विपिनचन्द्र पाल

(2) “स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा’, यह किसने कहा था ?
(क) व्योमेश चन्द्र चटर्जी
(ख) दादाभाई नौरोजी
(ग) बालगंगाधर तिलक
(घ) सरदार भगतसिंह।
उत्तर:
(ग) बाल गंगाधर तिलक

(3) बंगाल विभाजन किया गया
(क) लॉर्ड कॉर्नवालिस द्वारा
(ख) लॉर्ड कर्जन द्वारा
(ग) लॉर्ड हेस्टिंग्स द्वारा
(घ) लॉर्ड विलियम बैंटिक द्वारा।
उत्तर:
(ख) लॉर्ड कर्जन द्वारा

(4) 1908 ई. में बाल गंगाधर तिलक को गिरफ्तार करके कहाँ निष्कासित किया गया था ?
(क) श्रीलंका
(ख) चीन
(ग) बर्मा (म्यांमार)
(घ) जापान।
उत्तर:
(ग) बर्मा (म्यांमार)

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(1) कलकत्ता (कोलकाता) में सुरेन्द्र नाथ बनर्जी ने …………. की स्थापना की थी।
(2)  …………….. ने कांग्रेस की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी।
(3) …………… के नेतृत्व में एक मुस्लिम शिष्टमण्डल वायसराय मिण्टो से मिला।
(4) महात्मा गाँधी का जन्म गुजरात राज्य के …………… नामक स्थान में हुआ था।
(5) गाँधीजी ने अत्याचारों के खिलाफ लड़ने का अपना एक तरीका विकसित किया। इसे …………… कहा जाता है।
उत्तर:

  1. इण्डियन एसोसियेशन
  2. ए. ओ. ह्यूम
  3. आगा खान
  4. पोरबन्दर
  5. सत्याग्रह।

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 17 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 3.
(1) कांग्रेस का प्रथम अधिवेशन कहाँ हुआ था ?
उत्तर:
कांग्रेस का प्रथम अधिवेशन बम्बई (मुम्बई) के गोकुलदास तेजपाल, संस्कृत कॉलेज में आयोजित हुआ।

(2) बंगाल विभाजन की घटना किस वायसराय के समय घटित हुई थी?
उत्तर:
बंगाल विभाजन की घटना वायसराय लॉर्ड कर्जन के समय घटित हुई थी।

(3) चम्पारण आन्दोलन का नेतृत्व किसके द्वारा किया गया था ?
उत्तर:
चम्पारण आन्दोलन का नेतृत्व महात्मा गाँधी द्वारा किया गया था।

(4) मुस्लिम लीग के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करने वाले किन्हीं दो नेताओं के नाम लिखिए। .
उत्तर:
आगा खान और नवाब सली मुल्लाह मुस्लिम लीग के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करने वाले दो प्रमुख नेता थे।

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 17 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 4.
(1) बाल गंगाधर तिलक ने जनता में चेतना जागृत करने के लिए किन उत्सवों को पुनर्जीवित किया ?
उत्तर:
बाल गंगाधर तिलक ने जनता को राजनैतिक दृष्टि से जागृत करने के लिए ‘गणपति’ और ‘शिवाजी’ उत्सवों को पुनर्जीवित किया।

(2).बंगाल विभाजन के कारण लिखिए।
उत्तर:
लॉर्ड कर्जन के समय बंगाल सहित भारत के अनेक भागों में क्रान्तिकारी एवं राष्ट्रवादी गतिविधियों में वृद्धि हो रही थी, इसके लिए उसने फूट डालो और राज करो की नीति अपनाई। अतः उसने 1905 ई. में बंगाल को दो भागों में विभाजित कर दिया।

(3) मुस्लिम लीग के गठन का उद्देश्य बताइए।
उत्तर:
मुस्लिम लीग के गठन के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित थे –

  • मुसलमानों में ब्रिटिश सरकार के प्रति वफादारी की भावना जगाना।
  • मुसलमानों के मन में यदि कोई गलतफहमी हो तो उसे दूर करना तथा उनकी आशाओं और आकांक्षाओं को आदर के साथ सरकार के सामने रखना।
  • भारतीय मुसलमानों के राजनीतिक अधिकारों और हितों की रक्षा की घोषणा करना तथा दूसरे समुदायों के प्रति किसी भी प्रकार के विरोध की भावना को रोकना।

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 17 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 5.
(1) राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना से पूर्व विकसित संगठनों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना से पूर्व विकसित कुछ प्रमुख संगठन इस प्रकार थे 1851 ई. – कलकत्ता (कोलकाता) में ‘ब्रिटिश इण्डियन एसोसिएशन’ 1852 ई. – बम्बई (मुम्बई) में ‘बम्बई एसोसिएशन’। 1852 ई. – मद्रास (चेन्नई) में ‘मद्रास नेटिव एसोसिएशन’ इनके बाद ऐसे कई संगठन बने जो इन एसोसिएशनों की अपेक्षा जनता का अधिक प्रतिनिधित्व करते थे। ऐसे कुछ संगठन थे 1870 ई. – पुणे सार्वजनिक सभा। 1876 ई.-इण्डिया एसोसिएशन 1884 ई. – मद्रास महाजन सभा। 1885 ई. – बॉम्बे प्रेसीडेन्सी एसोसिएशन।

(2) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की मुख्य आरम्भिक माँगें क्या थीं?
उत्तर:
अपनी स्थापना के आरम्भिक वर्षों में कांग्रेस ने नरम नीतियाँ अपनाईं इसलिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की मुख्य आरम्भिक माँगें अग्र प्रकार थीं-

  • प्रान्तीय और केन्द्रीय विधायी परिषदों में भारतीयों का प्रतिनिधित्व।
  • भारत में इण्डियन सिविल सर्विस परीक्षाओं का आयोजन और इसके लिए अधिकतम आयु सीमा बढ़ाना।
  • शिक्षा का प्रचार-प्रसार
  • भारत का औद्योगिक विकास।
  • किसानों को कर्ज में राहत।
  • हथियार कानून में संशोधन।

(3) कांग्रेस में गरम पंथ के उदय का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
बीसवीं सदी के आरम्भिक वर्षों में ‘गरम पंथ’ नामक नई प्रवृत्ति का विकास हुआ। इस नई प्रवृत्ति के प्रभाव के कारण राष्ट्रवाद आन्दोलन ने केवल प्रार्थना करने की परम्परा छोड़ दी। इन नई प्रवृत्तियों को उभारने वाले नेता थो-बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय और विपिन चन्द्र पाल। भारतीय जनमानस में आत्मविश्वास और राष्ट्रीय गर्व की भावना जगाने के लिए उन्होंने देश के अतीत का गुणगान किया। उन्होंने कहा कि प्रशासन में सुधारों की माँग करना पर्याप्त नहीं है। भारतीय जनता का उद्देश्य होना चाहिए-स्वराज प्राप्त करना।

तिलक ने प्रसिद्ध नारा दिया-‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है – और मैं इसे लेकर रहँगा।’ इसके लिए जनता में काम करना और राजनीतिक आन्दोलनों में जनता को सहभागी बनाना जरूरी था। तिलक का ‘केसरी’ पत्र राष्ट्रवादियों के इस नए समूह का प्रवक्ता बना। इन राष्ट्रवादियों ने जनता को राजनीतिक दृष्टि से जागृत करने के लिए ‘गणपति’ और ‘शिवाजी’ उत्सवों को पुनर्जीवित किया। उन्होंने हड़तालों और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार जैसे राजनीतिक आन्दोलन के नए तरीके भी अपनाए।

(4) होमरूल आन्दोलन की स्थापना कब हुई एवं इसका भारतीय राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर:
अप्रैल, 1916 ई. में बाल गंगाधर तिलक ने इण्डियन होमरूल लीग तथा एनी बेसेण्ट ने सितम्बर, 1916 ई. में होमरूल लीग की स्थापना की, जिसका लक्ष्य ब्रिटिश साम्राज्य के अन्तर्गत भारतीयों के लिए स्वशासन प्राप्ति था। इस आन्दोलन के महत्व का उल्लेख करते हुए विपिन चन्द्र पाल ने लिखा है-‘होमरूल आन्दोलन की सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि इसने भावी राष्ट्रीय आन्दोलन के लिए जुझारू योद्धा तैयार किए।’ होमरूल आन्दोलन सोसायटी के पं. मोतीलाल नेहरू, चितरंजन दास, तेज बहादुर सपू, रामास्वामी अय्यर, मोहम्मद अली, मूलाभाई देसाई आदि सदस्य थे।

(5) चम्पारण, अहमदाबाद एवं खेड़ा आन्दोलन में गाँधीजी की भूमिका स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
1917 ई. और 1918 ई. के आरम्भ में गाँधीजी ने तीन संघर्षों – चम्पारण आन्दोलन (बिहार), अहमदाबाद और खेड़ा आन्दोलन (गुजरात) का नेतृत्व किया। ये संघर्ष स्थानीय आर्थिक माँगों से जोड़कर लड़े गये। 19वीं सदी के आरम्भ में गोरे बागान मालिकों ने किसानों से एक अनुबन्ध करा लिया। जिसके तहत किसानों को अपनी जमीन के एक हिस्से में नील की खेती करना अनिवार्य था। इसे ‘तिनकठिया’ पद्धति कहते थे। अंग्रेज, भारतीय नील उगाने वाले किसानों पर अत्याचार करते थे। इन किसानों को अत्याचारों से मुक्ति दिलाने के लिए 1917 . ई. में गाँधीजी चम्पारण गए। वहाँ उन्हें चम्पारण छोड़ने का आदेश दिया गया, किन्तु गाँधीजी ने उसे नहीं माना।

उन्होंने किसानों पर हुए अत्याचारों की जाँच के लिए और उसका अन्त करने के लिए सरकार को मजबूर कर दिया। 1918 ई. में उन्होंने अहमदाबाद के कपड़ा मिल मजदूरों और खेड़ा के किसानों को न्याय दिलाया। अहमदाबाद के मिल मजदूर वेतन में वृद्धि की माँग कर रहे थे और खेड़ा के किसान फसल बरबाद हो जाने के कारण राजस्व वसूली रोक देने की माँग कर रहे थे। – चम्पारण (बिहार), अहमदाबाद और खेड़ा (गुजरात) आन्दोलन ने संघर्ष के गाँधीवादी तरीकों को आजमाने और गाँधीजी को देश की जनता के नजदीक आने का अवसर दिया।

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