MP Board Class 6th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 15 दस्तक

MP Board Class 6th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 15 दस्तक

MP Board Class 6th Hindi Bhasha Bharti Chapter 15 पाठ का अभ्यास

दस्तक पाठ का सारांश MP Board Class 6th Hindi प्रश्न 1.
सही विकल्प चुनकर लिखिए

(क) लेखक के पुत्र का नाम था
(i) गणेशन
(ii) सोनू
(iii) गरीबा
(iv) हरी बाबू।
उत्तर
(ii) सोनू

(ख) त्रिवेन्द्रम का प्रसिद्ध सागर तट है
(i) कोलकाता
(ii) कोवलम
(iii) मुम्बई
(iv) गोआ।
उत्तर
(ii) कोवलम

दस्तक पाठ के अनुसार MP Board Class 6th Hindi प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

(क) ……….. ऊँचे पद पर कार्यरत थे।
(ख) शीला अवकाश के क्षणों में ……. का कार्य करने लगी।
उत्तर
(क) हरीबाबू
(ख) समाज सेवा

प्रश्न 3.
एक या दो वाक्यों में उत्तर लिखिए-

(क) सोनू अचेत कैसे हो गया था ?
उत्तर
सोनू छत से गिर पड़ा और उसके सदमे से वह अचेत हो गया।

(ख) लेखक गरीबा के घर क्यों गया था?
उत्तर
गरीबा बीमार हो गया था इसलिए मुलाकात न होने के कारण लेखक उससे मिलने के लिए उसके घर चला गया था।

(ग) शीला मूच्छिंत क्यों हो गई थी?
उत्तर
शीला अपने पुत्र सोनू को छत से गिरने पर मूर्णित देखकर स्वयं मूर्च्छित हो गई।

(घ) लेखक ने गणेशन की मदद कैसे की?
उत्तर
लेखक ने आठ वर्षीय गणेशन के पैर में आर-पार चुभी कील को खींचकर निकाला और पट्टी बाँध दी। उसे अपनी पीठ पर लादकर ऑटो स्टैण्ड तक पहुँचाया।

प्रश्न 4.
तीन से पाँच वाक्यों में उत्तर लिखिए

(क) शीला अपने पति से नाराज क्यों रहती थी?
उत्तर
शीला अपने पति से नाराज इसलिए रहती थी कि वह (पति) समाज के काम के लिए, अपनी चिन्ता छोड़कर भी लगे रहते थे। लोगों की सेवा करने, उनकी समस्याओं को दूर कराने में सहायता करने में वे (लेखक महोदय) लगे रहते थे। अपने घर और गृहस्थी के लिए समय नहीं निकाल पाते थे। अतः शीला अपने पति से नाराज रहती थी।

(ख) शीला के व्यवहार में परिवर्तन का क्या कारण था?
उत्तर
सोनू छत से गिर पड़ा, मूर्च्छित हो गया। जिस किसी ने भी यह समाचार सुना, वही सहायता के लिए दौड़ पड़ा। शीला पुत्र को अस्पताल में मूर्च्छित दशा में देखकर मूर्छित हो गई। एकत्र हुए समाज के लोग किसी भी तरह की सहायता, चाहे वह धन की हो या बल की, तैयार थे। इतनी संख्या में सहायकों और सहयोगियों को देखकर शीला के व्यवहार में परिवर्तन आया। लेखक द्वारा की गई समाज सेवा में शीला की आस्था और विश्वास बढ़ गया और वह स्वयं समाज की सहायता में मुहल्लों और पड़ोस की महिला-मण्डलों में जाकर उपस्थित होने लगी।

(ग) समाज ने भी उनके साथ वही व्यवहार किया जैसा उन्होंने किया था? इस कथन का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
लेखक समाज सेवा में हर समय तत्पर रहते थे। वे अपनी गृहस्थी और घर की समस्याओं के समाधान के लिए समय नहीं दे पाते थे। वे समाज सेवा में सब कुछ भूले हुए थे। एक दिन जब उनका सोनू छत से गिर पड़ा, अचेत हो गया, तो समाज के लोग ही उसे अस्पताल ले गए। लेखक तो उस समय त्रिवेन्द्रम में अपने किसी मित्र के कार्य से गए हुए थे। उनकी गैर-मौजूदगी में भी समाज के लोगों ने उनके पुत्र सोनू के लिए जो सहयोग दिया, वैसा तो स्वयं लेखक भी नहीं कर पाते। क्योंकि लेखक चौबीस घण्टे समाज की सेवा में लगे रहते थे, तो उस दिन समाज ने भी अपनी कृतज्ञता का परिचय दिया। समाज ने वही किया, जैसा उन्होंने समाज के लिए किया था।

(घ) शीला ने समाज की उपेक्षा करने वालों के विषय में क्या कहा?
उत्तर
शीला और लेखक के पुत्र सोनू को अस्पताल में सहायता के लिए तत्पर लोगों की भीड़ देखकर तथा सोनू के स्वस्थ हो जाने पर शीला भी समाज के द्वारा दिए गए सहयोग से प्रभावित होकर अपने अवकाश के समय में प्रत्येक मुहल्ले में जाकर महिलाओं के बीच समाज सेवा करने लगी। वह कहने लगी कि समाज की उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए। यदि ऐसा कोई करता भी है तो वह व्यक्ति अपनी ही उन्नति से सन्तुष्ट होता रहता है। उसे समाज के कल्याण की चिन्ता नहीं होती। परन्तु अनुभव से देखा गया है कि ऐसे व्यक्तियों का प्रकृति स्वयं नियन्त्रण करती है। समय आने पर उसे दण्ड भी देती है।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित गद्यांश की व्याख्या कीजिए

‘जो समाज की उपेक्षा कर मात्र अपनी ही उनति में संतुष्ट रहता है, प्रकृति उसका नियन्त्रण स्वयं करती है। समय आने पर उन्हें दण्ड भी देती है।’
उत्तर
प्रस्तुत पंक्ति लेखक की पत्नी शीला का कथन है। (व्याख्या के लिए प्रश्न 4 के खण्ड (घ) के उत्तर का अध्ययन कीजिए।

प्रश्न 6.
सोचिए और बताइए

(क) शीला मुहल्ले-मुहल्ले जाकर समाज सेवा क्यों करने लगी?
उत्तर
शीला अपने पुत्र सोनू के साथ छत से गिरकर हुई दुर्घटना के समय समाज के लोगों ने जो सहयोग दिया, उसे देखकर उसके मन के विचारों में परिवर्तन हुआ। उसे समझ में आने लगा कि लेखक के द्वारा की गई समाज-सेवा का प्रतिफल-समाज के लोगों का सहयोग मिला और सोनू को स्वास्थ्य लाभ मिला। इस सब के पीछे लेखक की समाज सेवा की भूमिका की प्रधानता है। सेवा का बदला सेवा के रूप में ही प्राप्त होता है। यह समझकर शीला मुहल्ले-मुहल्ले जाकर समाज-सेवा करने लगी।

(ख) छत से गिरने की दुर्घटना से कैसे बचा जा सकता है?
उत्तर
मकान की छत की मुंडेर की ऊँचाई अधिक होनी चाहिए। छत पर बच्चों या युवकों को खेलते समय बार-बार ध्यान दिलाते रहना चाहिए कि छत पर सावधानी बरतें, खेलते हुए बच्चे या युवक आपस में धक्का-मुक्की न करें। छत की मुंडेर की तरफ पीठ करके चलना अथवा दौड़ना नहीं चाहिए।

प्रश्न 7.
अनुमान और कल्पना के आधार पर उत्तर दीजिए
(क) यदि त्रिवेन्द्रम में लेखक की जगह आप होते तो क्या करते?
उत्तर
त्रिवेन्द्रम में लेखक की जगह होने पर मैं स्वयं गणेशन को ऑटो स्टैण्ड पर लाकर ऑटो से अस्पताल पहुंचाता और उसकी उचित मरहम-पट्टी करता। उसके थोड़ा सम्हलने पर उसके घर पहुँचा कर ही, अपने काम को पूरा करता।

(ख) यदि हरीबाबू की तरह आप ऊँचे पद पर होते तो क्या-क्या करते?
उत्तर
ऊँचे पद पर होने का तात्पर्य यह नहीं है कि मनुष्य मानवता को भुला दे और अपने स्वार्थों की पूर्ति भर ही करता रहे। सरकारी अधिकारी भी जनता का सेवक होता है। जनता की किसी भी असुविधा का निवारण करना, उसकी सेवा करना ही उसका धर्म है। इस दृष्टि से सेवा-धर्म का निर्वाह ही करता।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
शुद्ध उच्चारण कीजिए
बड़बड़ाहट, प्लास्टर, स्वभाव, अनुपस्थिति, स्वस्थ, नियन्त्रण।
उत्तर
अपने अध्यापक महोदय के सहयोग से उच्चारण कीजिए और अभ्यास कीजिए।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों की वर्तनी शुद्ध कीजिए
(i) मनोरज्जन
(ii) अन्तरद्वनद
(iii) हिरदय
(iv) चनचल
(v) दरशन।
उत्तर
(i) मनोरंजन
(ii) अन्तर्द्वन्द
(iii) हृदय
(iv) चंचल
(v) दर्शन।

प्रश्न 3.
नीचे लिखे शब्दों के विलोम शब्द लिखिए
(i) आशा
(ii) उपस्थित
(iii) कठिन
(iv) अमीर
(v) उन्नति
(vi) कठोर।
उत्तर
(i) निराशा
(ii) अनुपस्थित
(iii) सरल
(iv) गरीब
(v) अवनति
(vi) कोमल।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों में संज्ञा, सर्वनाम व क्रिया छाँटकर लिखिए
(i) चिल्लाना
(ii) वे
(iii) शीला
(iv) बोलना
(v) बड़बड़ाना
(vi) वह
(vii) हरीबाबू
(viii) अघाना
(ix) मैं
(x) सोनू
(xi) उसने
(xii) गरीबा।
उत्तर

  1. संज्ञा-शीला, हरीबाबू, सोनू, गरीबा।
  2. सर्वनाम-वे, वह, मैं, उसने।
  3. क्रिया-चिल्लाना, बोलना, बडबड़ाना, अघाना।

प्रश्न 5.
इस पाठ में अन्य भाषा के शब्द छाँटकर लिखिए।
उत्तर
प्लास्टर, लाचार, सरेआम, फिल्मी, खासी, देहात, आरामखाना, मनुहार, दम, अमुक, कार, तमाम, गन्दी, माफ, मोहल्ला, लायक, बेताव, टेपरिकार्ड, हवाइयाँ, ऑटो स्टैण्ड, किलोमीटर, रूमाल, अस्पताल।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्दों में ‘आई’ का ‘आहट प्रत्यय लगाकर नए शब्द बनाइए
(i) बुरा
(ii) लड़खड़ान
(iii) चतुर
(iv) गुनगुनाना
(v) भला
(vi) लड़ना
(vii) गुदगुदाना
(viii) चहचहाना।
उत्तर
(i) बुरा + आई = बुराई
(ii) लड़खड़ाना + आहट = लड़खड़ाहट
(iii) चतुर + आई = चतुराई
(iv) गुनगुनाना + आहट = गुनगुनाहट
(v) भला + आई = भलाई
(vi) लड़ना + आई = लड़ाई
(vii) गुदगुदाना + आहट = गुदगुदाहट,
(viii) चहचहाना + आहट = चहचहाहट।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयोग कीजिए
(i) तिल का ताड़ बनाना
(ii) नाक में दम करना
(iii) सीधे मुँह बात न करना
(iv) कान भरना।
उत्तर
(i) तिल का ताड़ बनाना-छोटी बात को बढ़ाचढ़ाकर कहना।
प्रयोग-गिरीश बाबू अपने साथियों की थोड़ी भी गलती को अपने साहब से तिल का ताड़ बना कर कहते हैं।
(ii) नाक में दम करना-परेशान कर देना।
प्रयोग-राघव ने अपनी जिद्द पूरा करने के लिए अपने माँ-बाप की नाक में दम कर दिया।
(iii) सीधे मुंह बात न करना-घमण्ड करना।
प्रयोग-राधे की अभी-अभी फूड कार्पोरेशन में नियुक्ति क्या हुई है, वह तो किसी से भी सीधे मुँह बात नहीं करता है।
(iv) कान भरना-चुगली मारना।
प्रयोग-प्रायः देखा गया है कि मेरे दफ्तर के एक-दो बाबू दूसरे कर्मचारियों के खिलाफ अपने अधिकारी के कान भरते रहते हैं।

दस्तक परीक्षोपयोगी गद्यांशों की व्याख्या

(1) उसका अन्तर्द्वन्द्व बराबर चलता रहा। वह औरों की भाँति ही मुझे भी अपने परिवार की प्रगति और खुशहाली में सन्तुष्टि के लिए सीमित रखना चाहती थी। इसलिए मन ही मन उसके विचारों की संकीर्णता और द्वन्द्व समाप्त करने के लिए मैं चिन्तित रहने लगा था।

सन्दर्भ-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य पुस्तक ‘भाषाभारती’ के पाठ ‘दस्तक’ से ली गई है। इस कहानी के लेखक डॉ. शिवभूषण त्रिपाठी हैं।

प्रसंग-कहानीकार ने स्पष्ट किया है कि मन के अन्दर उठने वाले संकुचित विचार मनुष्य को स्वार्थी बना देते हैं।

व्याख्या-लेखक की पत्नी शीला नहीं चाहती कि वे सदा सामाजिक कार्यों में ही लगे रहें। उनके बाहर रहने की स्थिति में घर पर कोई घटना घटती है, तो कौन सहायक होगा, ऐसा कहने पर लेखक ने शीला को कहा कि उसे केवल धैर्य रखना चाहिए। परन्तु उसके मन में उत्पन्न विचारों की हलचल मचती रही। वह चाहती थी कि वह (लेखक) भी सदा अपनी और अपने परिवार की उन्नति, बढ़ोत्तरी और सम्पन्नता के लिए कार्य करने तक ही सीमित रहें। लेखक सोचता था कि उनकी पत्नी की यह संकुचित विचारधारा और उसके मन में उठने वाले विचारों की हलचल समाप्त हो जाय। यही लेखक की चिन्ता का कारण था।

(2) अस्पताल में अमीर-गरीब सभी स्तर के सहयोगियों की एकत्रित भीड़ को देखकर वह दंग रह गई। उसे मेरी अनुपस्थिति की अनुभूति भी नहीं हो सकी थी। शायद मैं उपस्थित रहकर भी उतना धन नहीं जुटा सकता था। उस दिन जिस समाज के पीछे मैं दिवाना रहता था, उसका दर्शन करते वह नहीं अघाती थी।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-लेखक का पुत्र सोनू छत से गिर गया। लेखक किसी के काम से त्रिवेन्द्रम गया हुआ था। बालक गिरने से अचेत हो गया। दर्शक और सहयोगी जन उसे अस्पताल ले गए। पत्नी पुत्र की दशा पर स्वयं मूर्छित हो गई।

व्याख्या-अस्पताल में भर्ती किए गए लेखक के अचेत पुत्र के इलाज के लिए धनवान और गरीब सभी स्तर के लोग वहाँ पहुँच गए। इन सहयोगियों की भीड़ को देखकर वह (लेखक की पत्नी) भी अचम्भे में पड़ गई। उसे लेखक का गैर-हाजिर होना भी मालूम न हुआ क्योंकि रुपये-पैसे का प्रबन्ध किसने किया, यह भी पता नहीं चला। लेखक कहता है, जो भी धन सोनू के लिए खर्च किया गया, उतना वह स्वयं भी एकत्र नहीं कर पाता। पूरा समाज उस दिन अस्पताल में इकट्ठा था। लेखक ने सदा ही समाज की चिन्ता की। उस समाज की सेवा में वह सदा तत्पर रहता था। उस समाज के लोगों की भीड़ देखकर वह अघाती नहीं | थी। अर्थात् समाज का हर व्यक्ति उसकी सेवा के लिए तत्पर था।

(3) सूर्यास्त का समय था। त्रिवेन्द्रम के प्रसिद्ध सागर तट, कोवलम बीच पर हजारों की भीड़ मचल रही थी। बच्चे कभी सागर के जल को एक-दूसरे पर उछालते तो कभी बालुकामय तट पर दौड़ते। वह दृश्य बहुत ही रोचक एवं आकर्षक था।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-सूर्य के छिपने के समय पर समुद्र के किनारे का वर्णन है।

व्याख्या-लेखक अपने मित्र के किसी काम से त्रिवेन्द्रम गया हुआ है। सूर्य के छिपने का समय हो चुका था, त्रिवेन्द्रम का | समुद्री किनारा अपने सायंकालीन सुन्दरता के लिए प्रसिद्ध है। कोवलम नाम से प्रसिद्ध समद्री किनारे पर हजारों की संख्या में लोग इकट्ठे घूम-फिर रहे थे। बच्चे समुद्र के पानी को एक-दूसरे पर उछालते तो कभी बालू भरे समुद्री किनारे पर इधर से उधर दौड़ रहे थे। यह दृश्य बहुत ही अच्छा लग रहा था तथा सब को अपनी ओर खींच रहा था।

(4) इस घटना को सुनकर मेरे सिद्धान्तों के प्रति शीला की आस्था और विश्वास अधिक दृढ़ हो गया था। उसे आश्चर्य हो रहा था कि जब मेरा सोनू छत से गिरा था, ठीक उसी दिन उसी समय मैं आठ वर्षीय गणेशन को पीठ पर लादकर ऑटो स्टैण्ड पर जा रहा था। उसी समय मेरी अनुपस्थिति में सोनू की सहायता के लिए लोग व्याकुल हो उठे थे।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-पैर में कील चुभ जाने से कष्ट पाते गणेशन को ऑटो स्टेण्ड तक लेकर लेखक पहुँचाता है। तो उधर लेखक के पुत्र सोनू की सहायता के लिए भी लोग हड़बड़ाये जा रहे थे। यद्यपि लेखक वहाँ नहीं था।

व्याख्या-लेखक ने जब पैर में कील के चुभने से घायल आठ वर्षीय गणेशन को ऑटो स्टेण्ड तक, अपनी पीठ पर लाद कर पहुँचाया ठीक उसी समय इधर छत से गिरे लेखक के पुत्र सोनू को अस्पताल पहुंचाने में सहायता करने के लिए जुटे लोगों की भीड़ को देखकर लेखक की पत्नी शीला को यह विश्वास हो गया कि लेखक द्वारा समाज के लोगों की सहायता करने के सिद्धान्त का, नियम का ही यह प्रभाव है, जिससे लोग सोनू की सहायता धन और बल दोनों से करने के लिए जुटे हुए थे। समाज सेवा के नियम में शीला की आस्था पक्की होती जा रही थी। लोग लेखक के पुत्र के कष्ट से व्याकुलं थे लेकिन वे सभी उसकी गैर-मौजूदगी में भी सोनू की सहायता को अड़े हुए थे। सेवा का फल मीठा होता है।

(5) समाज को समझने का जब समय था,शक्ति थी, तब समझ न सके और जब समाज को समझने की समझ आई तो बहुत देर हो चुकी थी, काल उनकी देहली पर खड़ा दस्तक दे रहा था।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-जकलेखक त्रिवेन्द्रम से लौटकर अपने घर आए, घटना को जाना-समझा तो उसी समय ऊँचे पद पर आसीन हरीबाबू की याद आई और वह कहने लगे कि

व्याख्या-हरीबाबू ने अच्छे और ऊँचे पद पर रहकर नौकरी की, लेकिन उस नौकरी के मध्य केवल अपना ही स्वार्थ सिद्ध किया। समाज के लोगों की सहायता की बात तो दूर, उनके विषय में सोचा भी नहीं। अपने ही कष्टों से वैभवपूर्ण होने पर भी, पागल की स्थिति में आ गए, कोई भी उनकी सहायता के लिए नहीं आया। जब वे सामर्थ्यवान थे, तो समाज की सेवा कर सकते थे, उस समय उन्होंने समाज को न तो समझा और न उसे समझने की बुद्धि (सूझ-बूझ) आई। अब समाज को समझने लगे, तो समय निकल चुका था। समाज की सेवा करने की समय सीमा से बाहर हो चुके वे रिटायर हो चुके थे क्योंकि अब तो वे अपने जीवन की अन्तिम सीढ़ी पर थे। काल किसी भी समय आकर दस्तक देने वाला था। उस अवस्था में (चौथेपन में) मनुष्य किसी की भी सहायता करने की सामर्थ्य से रहित हो जाता है।

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MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 16 रामेश्वरम्

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 16 रामेश्वरम्

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 16 प्रश्न-अभ्यास

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

Hindi Chapter 16 Class 6th MP Board प्रश्न 1.
(क) सही जोड़ी बनाइए
1. समुद्रराज – (क) विश्नाथ नायर
2. चरण पादुका – (ख) शिव
3. कैलाशवासी – (ग) रामचन्द्र जी
4. मदुरा के राजा – (घ) वरुण
उत्तर
1. (घ), 2. (ग), 3. (ख), 4. (क)

Mp Board Solution Class 6 Hindi प्रश्न (ख)
दिए गए विकल्पों में से उपयुक्त शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. सबको अपने जीवन से…….होता है। (मोह/विद्रोह)
2. पामवन, रामेश्वरम् और धनुष्यकोटि एक…..के तीन विंद हैं। (चतुष्कोण त्रिकोण)
3. श्रीलंका के राजा……में रामेश्वरम् में मोदर बनवाया। (वरदरात शेखर/पराक्रमबाहु)
4. रामेश्वरम में मंदिर के अंदर………तीर्य है। (24/11)
उत्तर
1. मोह
2. त्रिकोण
3. वरदराज शेखर,

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 16 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

रामेश्वरम MP Board Class 6th Hindi प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य से दीजिए

(क) रामेश्वरम् क्यों प्रसिद्ध है?
उत्तर
रामेश्वरम् चार धामों में से एक है इसलिए प्रसिद्ध है।

(ख) कैलाश जाकर शिवजी को लाने का दायित्व किसको सोंपा गया था?
उत्तर
कैलाश जाकर शिवजी को लाने का दायित्व हनुमान को सौंपा गया था।

(ग) गंधमादन पर्वत किसे कहते हैं?
उत्तर
जिस चट्टान से हनुमान जी को लंका की भूमि नजर आई थी, उसे गंधमादन पर्वत कहते हैं।

(घ) श्रीराम के कुपित होने पर समुद्रराज ने क्या किया?
उत्तर
श्रीराम के कुपित होने पर समुद्रराज ने क्षमायाचना

(ङ) किसका नाम विश्वनाथ पड़ा?
उत्तर
रामेश्वरम् के उत्तर में हनुमान जी द्वारा लाया गया शिवलिंग स्थापित है, जिसका नाम विश्वनाथ है।

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 16 लघु उत्तीय प्रश्न

Rameshwaram Temple History In Hindi MP Board प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन-से-पाँच वाक्यों में दीजिए

(क) पामवन के पुल की क्या विशेषताएँ हैं?
उत्तर
पामवन का पुल लोहे का बना हुआ है और समुद्र पर बांधा गया है। यह रेल पुल स्थिर नहीं है। जब जहाजों को निकलना होता है तब यह पुल उठा दिया जाता है जिससे
स्टीमर एक ओर से दूसरी ओर चली जाए।

(ख) ‘उत्सर्ग में तो आनंद है’ इस कथन का आशय स्पष्ट कीजिए
उत्तर
इस कथन का आशय यह है कि त्याग में एक संतुष्टि का भाव छिपा होता है। अपना अस्तित्व समाप्त कर किसी और के अस्तित्व में समाहित हो जाना एक आत्मिक खुशी प्रदान करता है और बलिदान को महत्ता प्रदान करता है।

(ग) रामेश्वरम् का दर्शन करना लाभदायक क्यों माना गया है?
उत्तर
रामेश्वरम् चार धामों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि रामेश्वरम का दर्शन किए बिना एक भारतीय | अपने जीवन की सिद्धि का लाभ नहीं ले पाता। इसलिए रामेश्वरम् का दर्शन करना लाभदायक माना गया है।

(घ) देवनगर से रामेश्वरम् नाम पड़ने की अन्तर्कया | स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
रावण वध के बाद ब्रह्म-हत्या दोष के निवारण के लिए श्री राम ने देवनगर में शिवलिंग की स्थापना की और वहाँ पूजा की। राम द्वारा ईश्वर की पूजा किए जाने के कारण इस स्थान का नाम रामेश्वरम् पड़ा।

(ड) धनुष्यकोटि का क्या महत्व है?
उत्तर
धनुष्यकोटि में पत्ररामनम नामक स्थान पर राम ने समुद्रराज वरुण से सागर पार करने हेतु मार्ग मांगा था। वरुण द्वारा अनुमति मिलने पर कुपित हो कर राम ने धनुष पर दाण सजा लिया था। तब वरुण ने प्रकट होकर क्षमायाचना की और मार्ग दिया।

भाषा की बात

Rameshwaram In Hindi MP Board प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों का शुद्ध उच्चारण कीजिए
दृश्य, समुद्र, प्रातःकाल, अस्तित्व, उत्सर्ग, रामेश्वरम्, स्थापत्य, गर्भगृह, संभवतः
उत्तर
छात्र स्वयं करें।

Mp Board Solution Class 8 Hindi Chapter 16 प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों की वर्तनी शुद्ध कीजिए
लालषा, हिरदय, स्थर, पंक्ती, तीरथ, मालुम, शोभाग्य, अनुमती, दृष्टीगोचर, पुराणिक।
उत्तर
लालसा, हृदय, स्थिर, पंक्ति, तीर्थ, मालूम, सौभाग्य, अनुमति, दृष्टिगोचर, पौराणिक।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए
निर्माण, उदार, वतावरण, असीम, विराजमान, कलाकौशल।
उत्तर
निर्माण-मंदिर का निर्माण पूरा हो गया।
उदार-हमें उदार होना चाहिए।
वातावरण-शहर का वातावरण शुद्ध है।
असीम-मेरे मन में ईश्वर के लिए असीम श्रद्धा है।
विराजमान-बादशाह सिंहासन पर विराजमान हैं।
कलाकौशल-कारीगर का कलाकौशल देखकर सब दंग रह गए।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित वाक्यों में से विशेषण शब्द छाँटकर लिखिए
1. हमारी ट्रेन लम्बी पट्टी पर चल रही थी।
2. यह रेल का पुल स्थिर नहीं है।
3. इस कूप के मधुर जल का हमने पान किया।
उत्तर
1. लम्बी
2. स्थिर
3. मधुर

रामेश्वरम्प्र संग सहित व्याख्या

1. सबको अपने……….. नहीं रहे होंगे।

शब्दार्थ-वियोग=विरह । विगत=बीता हुआ। व्यथा = कष्ट। उल्लास=खुशी। अस्तित्व =हस्ती, सत्ता । उत्सर्ग= त्याग, बलिदान। सर्वस्व-सब कुछ। आनंदाश्रु=खुशी के आँसू।

प्रसंग-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य पुस्तक सुगम भारती-6 में संकलित यात्रा वृतांत ‘रामेश्वरम्’ से ली गई हैं। इसके लेखक हैं ‘महेन्द्र कुमार मानव’ । इन पंक्तियों में लेखक अपनी रामेश्वरम् यात्रा के क्रम में धरती और सागर के मिलन-स्थल पर हुए अनुभवों का वर्णन कर रहे हैं।

व्याख्या-लेखक कहते हैं कि अपने अस्तित्व को कोई भी समाप्त नहीं करना चाहता। यह बात केवल प्राणधारियों पर ही लागू नहीं होती। ऐसा नहीं है कि मनुष्य या जीव-जंतु ही अपने अंत समय में घबराहट या जीवन से तीव्र लगाव महसूस करते हैं और उसे छोड़ना नहीं चाहते। सागर किनारे जब पृथ्वी का अंत होता है तो दूर तक पानी की लहरों में पत्थर के टुकड़े दिखायी देते हैं, मानों वे अपने अस्तित्व से नाता न तोड़ पा रहे हों। परंतु कवि । कहते हैं कि बलिदान कष्टदायक ही हो यह अनिवार्य नहीं है। सर्वस्व त्याग में आत्मिक खुशी और संतोष भी छिपा होता है। हो सकता है पृथ्वी के समर्पण के आँसू उसकी खुशी के आँसू हों।

विशेष

  • प्रत्येक वस्तु या जीव का कहीं न कहीं अंत निश्चित है।
  • त्याग को महिमामंडित किया गया है।

2. कहते हैं …………. दिलाता है।

शब्दार्थ-अनुमति=आदेश। कुपित =क्रोधित।

प्रसंग-पूर्ववत्

व्याख्या-धनुष्यकोटि से एक पौराणिक कथा जुड़ी है। इस कथा के अनुसार भगवान राम को लंका जाने के लिए समुद्र पार करना था। अतः पञरामनम में उन्होंने समुद्रराज वरुण से मार्ग देने की प्रार्थना की। परंतु वरुण के अनुमति न देने पर वे क्रोधित हो गए और उन्होंने धनुष पर बाण चढ़ा लिया। यह देख कर वरुण भयभीत हो गए और उन्होंने राम से क्षमा माँगी। तब जाकर राम शांत हुए।

विशेष

  • पौराणिक कथा का वर्णन है।
  • भगवान राम की महिमा का गुणगान है।

MP Board Class 6th Hindi Solutions

MP Board Class 11th Special Hindi छन्द

MP Board Class 11th Special Hindi छन्द

छन्द शब्द छद् धातु से निष्पन्न होकर असन् प्रत्यय लगाने से बना है। इसका अर्थ है प्रसन्न करना, बाँधना अथवा आच्छादित करना। छन्द मात्रिक और वार्णिक भेदों के आधार पर ध्वनियों के क्रम से गति और यति के नियमों से बँधा होता है। इससे कविता में प्रवाह, लय और संगीतात्मकता की उत्पत्ति होती है। छन्दों के दो भेद हैं

1. मात्रिक और वर्णिक
[2008]

मात्राओं की गणना किए जाने वाले छन्दों को मात्रिक छन्द और वर्गों की संख्या तथा हस्व दीर्घ स्वरों की गणना किए जाने वाले छन्दों को वर्णिक छन्द कहते हैं।

2. कुण्डलियाँ
[2008, 09, 12]

कुण्डलियाँ छः पंक्तियों का छन्द है। इसके प्रथम दो दल दोहे के तथा अन्तिम चार दल रोला के होते हैं। इसके प्रत्येक चरण में 24-24 मात्राएँ होती हैं।
उदाहरण- 1
ऽऽ।।।। ऽ।।।।।।ऽऽ =24
सोई अवसर के परे को न सहै दुःख द्वन्द्व
ऽ।। ऽऽ ऽ।।। ऽ ऽ ऽ ।।ऽ। =24
जाय बिकाने डोम घर वै राजा हरिचन्द
वै राजा हरिश्चन्द करै मरघट रखवारी।
धरे तपस्वी भेष फिरे अर्जुन बलधारी।।
कह गिरिधर कविराय, तपै वह भीम रसोई।
को न करै घटि काम सरे अवसर के सोई।।

उदाहरण 2
।।ऽ।।।।ऽ।।।।। ऽऽ ऽ ऽ।
“रहिये लट पट काटि दिन, बरु धामें मौ सोय।
छाँह न बाकी बैठिये, जो तरु पतरो होय।।” 13 + 11 = 24
ऽ।।।। ऽ ऽ। ऽ।।। ऽऽ ऽऽ
जो तरु पतरो होय एक दिन धोखा दै है।
जो दिन चले बयारि टूटि जर से जै हे।। 11 + 13 – 24
कह गिरधर’ कविराय, छाँह मोटे की गहिये।
पाती सब झरिजाय, तऊ छाया में रहिये।।

उदाहरण
3-“तुक बन्दी का बढ़ रहा, कविता में अति जोर।
लगे नाचने मुर्गे भी, समझ स्वयं को मोर।।
समझ स्वयं को मोर, अर्थ तक नहीं जानते।
पढ़ औरों से गीत, गर्व से रस बखानते।।
कहै कपिल समुझाय, चल रही है दलबन्दी।
कविता रोती आज हँस रही है तुकबन्दी।।

3. घनाक्षरी
[2008]

घनाक्षरी छन्द के प्रत्येक चरण में 32 वर्ण होते हैं। 8, 8, 8, 8 पर यति और अन्त में गुरु-लघु (51) आते हैं।
उदाहरण-
।।।ऽऽ।।।ऽ।ऽऽ। ऽ ऽ।
नगर से दूर कुछ, गाँव की सी बस्ती एक
।।ऽ।ऽ ऽऽऽ।।।।।।। = 32
हरे भरे खेतों के, समीप अति अभिराम।।
जहाँ पत्र जाल अन्तराल से झलकते हैं।
लाल खपरैल श्वेत छज्जों के सँवारे धाम।।

उदाहरण
1-“लखि घनश्याम तन, मोर है मगन मन,
सुमन सकल अलि गावहिं गुनन-गुनन।
जीवनि को जीवन-प्रदायक सबहिं विधि,
नाचैं बनसीकर सु-धारन छनन-छनन।।
सीतल सुगन्ध मन्द कहति त्रिविधि वायु,
मधुर-मधुर स्वप्न करति सनन-सनन।
हषीकेश सुषमा अलौकिक विलोकि अहो?
परम अगम सुख मिलतु जनन-जनन।।

उदाहरण
2. भूरी हरी घास आस-पास फूली सरसों है,
पीली-पीली बिन्दियों का चारों ओर है प्रसार।
कुछ दूर विरल सघन फिर और आगे,
एक रंग मिला चला पीत पारावार।।
गाढ़ी हरी श्यामता की तुंग राशि रेखा धनी,
बाँधती है दक्षिण की और उसे घेर घार।
जोड़ता है जिसे खुले नीचे नीले नभ मण्डल से,
धुंधली सी नीली नगमाला उठी धुआँधार।।

4. मन्दाक्रान्ता
[2014]

यह छन्द मगण, भगण, नगण दो तगण तथा दो गुरुओं के योग से बनता है। इसके प्रत्येक चरण में 17 वर्ण होते हैं। चौथे, छठे और सातवें वर्ण पर यति होती है।
उदाहरण-
ऽऽ ऽऽ।।।।। ऽ ऽ 1 ऽऽ। ऽ ऽ = 17 वर्ण
धाता द्वारा सृजित जग में हो धरा मध्य आ के
ऽऽऽऽ।।।।। ऽ।ऽ ऽ। ऽ ऽ
पाके खोये विभव कित प्राणियों ने अनेकों।
ऽऽऽऽ।।।।। ऽ ऽ ऽ ऽ । ऽऽ
जैसा प्यारा विभव ब्रज के हाथ से आज खोया।
ऽऽऽऽ।।।।। ऽऽ। ऽऽ।ऽऽ
पाके ऐसा विभव वसुधा में न खोया किसी ने।।

प्रश्नोत्तर

  • लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
काव्य की परिभाषा किन्हीं दो संस्कृत आचार्यों एवं एक हिन्दी आचार्य के अनुसार लिखिए। [2009]
उत्तर-
संस्कृत आचार्यों के अनुसार काव्य की परिभाषा-
(1) आचार्य विश्वनाथ ने “रसात्मकं वाक्यं काव्यम्” कहा है।
(2) पण्डितराज जगन्नाथ ने “रमणीयार्थ प्रतिपादकः शब्दः काव्यम्”कहा है।
हिन्दी आचार्य के अनुसार काव्य की परिभाषा-प्रश्न संख्या 2 देखिए।

प्रश्न 2.
हिन्दी के एक आचार्य की काव्य की परिभाषा लिखिए।
उत्तर-
हिन्दी में आचार्य रामचन्द्र शुक्ल की परिभाषा इस प्रकार है-“जिस प्रकार आत्मा की मुक्तावस्था ज्ञान दशा कहलाती है, उसी प्रकार हृदय की मुक्तावस्था रस दशा कहलाती है। हृदय की इसी मुक्ति साधना के लिए मनुष्य की वाणी जो शब्द-विधान करती आई है उसे कविता कहते हैं।”

प्रश्न 3.
काव्य के प्रमुख भेद कौन-से माने गये हैं?
उत्तर-
भारतीय आचार्यों ने काव्य के दो प्रकार माने हैं—
(i) श्रव्य काव्य,
(ii) दृश्य काव्य।
श्रव्य काव्य-जिस काव्य की आनन्दानुभूति पढ़ने या सुनने से होती है, उसे श्रव्य काव्य कहते हैं; जैसे-कविता, कहानी आदि।
(ii) दृश्य काव्य-जिस काव्य की अनुभूति अभिनय आदि देखकर होती है, उसे दृश्य काव्य कहते हैं; जैसे—नाटक, प्रहसन आदि।

प्रश्न 4.
प्रबन्ध काव्य के प्रमुख भेद कौन-से हैं?
उत्तर–
प्रबन्ध काव्य के दो भेद माने गये हैं—

  • महाकाव्य,
  • खण्डकाव्य।

प्रश्न 5.
महाकाव्य किसे कहते हैं? एक महाकाव्य का नाम लिखिए।
उत्तर—
महाकाव्य में किसी महापुरुष के जीवन का समग्र चित्रण होता है। इसमें मुख्य कथा के साथ प्रासंगिक कथाएँ भी होती हैं। इसमें शृंगार, वीर, शान्त आदि रसों की योजना की जाती है। इसकी कथा कुछ खण्डों, सर्गों, काण्डों आदि में विभाजित होती है। रामचरितमानस हिन्दी का श्रेष्ठ महाकाव्य है।

प्रश्न 6.
महाकाव्य एवं खण्डकाव्य की विशेषताएँ बताते हुए प्रमुख महाकाव्यों एवं खण्डकाव्यों के नाम लिखिए।
अथवा [2009]
खण्डकाव्य की दो विशेषताएँ बताइए। [2015]
अथवा
खण्डकाव्य के दो लक्षण एवं एक खण्डकाव्य एवं उसके रचनाकार का नाम लिखिए। [2016]
उत्तर—
प्रबन्ध काव्य के दो भेद-
(1) महाकाव्य एवं
(2) खण्डकाव्य माने गये हैं।

(1) महाकाव्य–महाकाव्य शब्द ‘महत्’ और ‘काव्य’ दो शब्दों के योग से बना है। इसकी प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार होती हैं—
(1) महाकाव्य में किसी महापुरुष के समग्र जीवन का चित्रण होता है।
(2) इसमें प्रमुख कथा के साथ-साथ प्रासंगिक कथाएँ भी होती हैं और
(3) इसमें वीर, शान्त एवं शृंगार रसों की योजना होती है; जैसे-साकेत, प्रियप्रवास महाकाव्य हैं।

(2) खण्डकाव्य-खण्डकाव्य में जीवन के एक खण्ड का चित्रण होता है। इसकी कथा स्वयं में पूर्ण होती है; जैसे—पंचवटी (मैथिलीशरण गुप्त), रश्मिरथी (रामधारी सिंह ‘दिनकर’) खण्डकाव्य हैं।

प्रश्न 7.
महाकाव्य और खण्डकाव्य में अन्तर बताइए। [2014, 17]
उत्तर—
(1) महाकाव्य में जीवन का समग्र चित्रण होता है, जबकि खण्डकाव्य में जीवन का खण्ड चित्र प्रस्तुत हो पाता है।
(2) महाकाव्य का आकार विस्तृत होता है किन्तु खण्डकाव्य का आकार सीमित होता है।
(3) महाकाव्य में कई सर्ग, खण्ड, काण्ड आदि होते हैं, जबकि खण्डकाव्य में कम सर्ग, खण्ड, काण्ड होते हैं।
(4) पात्रों, घटनाओं आदि की संख्या महाकाव्य में अधिक होती है, खण्डकाव्य में कम।

प्रश्न 8.
मुक्तक काव्य किसे कहते हैं? [2012]
उत्तर-
वह पद्य रचना जिसके छन्द स्वतः पूर्ण और स्वतन्त्र रहते हैं और किसी क्रम से संचालित नहीं होते हैं, मुक्तक काव्य कहलाते हैं; जैसे-बिहारी सतसई, दोहावली।

प्रश्न 9.
प्रबन्ध काव्य तथा मुक्तक काव्य में अन्तर बताइए। दो मुक्तक काव्यकारों के नाम लिखिए। [2009]
उत्तर-
प्रबन्ध काव्य में छन्दों का पूर्वापर सम्बन्ध होता है। इसमें छन्दों का क्रम बदलना सम्भव नहीं है जबकि मुक्तक काव्य में प्रत्येक छन्द का स्वतः पूर्ण अर्थ होता है। ये किसी क्रम से संचालित नहीं होते हैं। रामचरितमानस, प्रिय प्रवास प्रबन्ध काव्य हैं तथा बिहारी सतसई, सूर सागर मुक्तक रचनाओं के ग्रन्थ हैं।

मुक्तक काव्यकार—सूरदास, मीराबाई एवं बिहारी।

प्रश्न 10.
मुक्तक काव्य की दो विशेषताएँ बताते हुए एक मुक्तक काव्य रचना का नाम लिखिए।
उत्तर—
मुक्तक काव्य की दो विशेषताएँ इस प्रकार हैं
(i) मुक्तक काव्य के प्रत्येक छन्द का अर्थ स्वयं में पूर्ण होता है। इसके छन्दों का पूर्वापर सम्बन्ध नहीं होता है।
(ii) मुक्तक काव्य के छन्द किसी क्रम से संचालित नहीं होते हैं। ‘बिहारी सतसई’ हिन्दी की श्रेष्ठ मुक्तक काव्य कृति है।

प्रश्न 11.
काव्य में गुण कितने प्रकार के होते हैं? परिभाषित कीजिए। [2014]
अथवा
काव्य गुण के प्रकार लिखते हुए प्रसाद गुण की परिभाषा सोदाहरण दीजिए। [2009]
अथवा
काव्य में ओजगुण किसे कहते हैं? [2012]
उत्तर–
शब्द गुण तीन प्रकार के माने गये हैं-
(i) माधुर्य,
(ii) ओज एवं
(iii) प्रसाद।

(i) माधुर्य—जिस काव्य के सुनने या पढ़ने से मन पुलकित हो उठे और कानों को मधुर प्रतीत हो, वहाँ माधुर्य गुण होता है।
(ii) ओज-जिस काव्य के सुनने या पढ़ने से चित्त की उत्तेजना वृत्ति जाग्रत हो, वह रचना ओज गुण सम्पन्न होती है।
(iii) प्रसाद-जिस रचना के सुनने या पढ़ने से हृदय प्रभावित हो, बुद्धि निर्मल बने, मन खिल उठे, उसमें प्रसाद गुण होता है।

प्रश्न 12.
शब्द-शक्ति किसे कहते हैं? इसके भेद बताइए। [2009]
उत्तर-
शब्द और अर्थ के सम्बन्ध को शब्द-शक्ति कहते हैं। यह सम्बन्ध ही शब्द का अर्थ व्यक्त करता है। शब्द-शक्ति के तीन प्रकार माने गये हैं –
(i) अभिधा,
(ii) लक्षणा एवं
(iii) व्यंजना।

प्रश्न 13.
अभिधा, लक्षणा तथा व्यंजना की परिभाषा लिखिए।
उत्तर-
अभिधा—शब्द और अर्थ का साक्षात् सम्बन्ध अभिधा कहलाता है। परम्परागत रूप में प्रचलित मुख्य अर्थ का बोध कराने वाली शब्द-शक्ति अभिधा कहलाती है, जैसे—श्याम
का अर्थ काला।
लक्षणा–शब्द के मुख्य अर्थ में बाधा होने पर उसके सहयोग से रूढ़ि अथवा प्रयोजन के आधार पर अन्य अर्थ लक्षित कराने वाले शब्द-शक्ति लक्षणा कहलाती है; जैसे—’मोहन तो शेर है’ में लक्षणा के द्वारा शेर का अर्थ वीर निकलता है। [2009, 16]
व्यंजना—जब अभिधा और लक्षणा से अर्थ व्यक्त नहीं होता है तब व्यंजना शब्द-शक्ति की सहायता से व्यंग्यार्थ निकलता है। जैसे—’गंगा में घर है’ में गंगा के समान घर की पवित्रता प्रकट होती है। [2010]

प्रश्न 14.
छन्द की परिभाषा देते हुए उसके भेद बताइए। [2009, 17]
अथवा
छन्द किसे कहते हैं? इसके प्रमुख प्रकार बताइए। [2011]
उत्तर-
परिभाषा-वर्ण, मात्रा, यति, तुक आदि का ध्यान रखकर की गयी शब्द रचना छन्द कहलाती है। इससे काव्य में प्रवाह, संगीतात्मकता तथा प्रभावशीलता आ जाती है।
प्रकार-छन्द दो प्रकार के होते हैं-
(1) मात्रिक छन्द,
(2) वर्णिक छन्द।

  • मात्रिक छन्द-जिस छन्द में मात्राओं की गणना की जाती है उसे मात्रिक छन्द कहते [2015]
  • वर्णिक छन्द-वर्णिक छन्द में वर्गों की गणना की जाती है।

प्रश्न 15.
घनाक्षरी और कुण्डली छन्दों का अन्तर बताइए।
उत्तर-
कुण्डली मात्रिक छन्द है जबकि घनाक्षरी वर्णिक छन्द है। कुण्डली में छः चरण होते हैं। प्रथम दो चरण दोहा के तथा बाद के चार चरण रोला के होते हैं। प्रत्येक चरण में 24 मात्राएँ होती हैं। जबकि घनाक्षरी के प्रत्येक चरण में 32 वर्ण होते हैं। इसमें 8,8,8,8 पर यति और अन्त में गुरु-लघु आते हैं।

प्रश्न 16.
अलंकार की परिभाषा एवं भेद लिखिए। [2017]
उत्तर-
आचार्य दण्डी ने लिखा है ‘काव्य शोभाकरान्त धर्मान् अलंकारान् प्रचक्षते’ अर्थात् काव्य का सौन्दर्य बढ़ाने वाले धर्म अलंकार कहलाते हैं।

शब्द और अर्थ के आधार पर अलंकारों के तीन प्रकार माने गये हैं-
(i) शब्दालंकार,
(ii) अर्थालंकार, व
(iii) उभयालंकार।

प्रश्न 17.
निम्नलिखित में किस शब्द-शक्ति का प्रयोग हुआ है
(i) सुनील ने आसमान सिर पर उठा रखा है।
(ii) अपनी जन्मभूमि से सबको प्यार होता है।
(iii) रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून।
पानी गये न ऊबरे मोती मानस चून।।
उत्तर—
इन पंक्तियों में शब्द-शक्तियाँ इस प्रकार हैं
(i) लक्षणा,
(ii) अभिधा,
(iii) व्यंजना।

प्रश्न 18.
निम्नलिखित काव्य पंक्तियों में अलंकार बताइए [2009]
(i) जान स्याम घनस्याम को, नाच उठे वन मोर।
(ii) सत्य कहहुँ हौं दीनदयाला।
बन्धु न होय मोर यह काला।।
(iii) मैं निज रोदन में राग लिए फिरता हूँ,
शीतल वाणी में आग लिए फिरता हूँ।
उत्तर-
(i) भ्रान्तिमान अलंकार,
(ii) अपहृति अलंकार,
(iii) विरोधाभास अलंकार।

प्रश्न 19.
अलंकारों के प्रकारों पर प्रकाश डालिए।
उत्तर-
अलंकारों के तीन प्रकारों का परिचय इस प्रकार है
(1) शब्दालंकार—जहाँ शब्द से काव्य की शोभा बढ़ती है, वहाँ शब्दालंकार होता है; जैसे–अनुप्रास, यमक, श्लेष आदि।
(2) अर्थालंकार-जिनमें अर्थ के कारण सौन्दर्य वृद्धि होती है, वे अर्थालंकार कहलाते हैं; जैसे—उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा आदि।
(3) उभयालंकार-कुछ अलंकारों में शब्द और अर्थ दोनों का चमत्कार विद्यमान रहता है, वे उभयालंकार कहलाते हैं।

प्रश्न 20.
सन्देह और भ्रान्तिमान अलंकारों में सोदाहरण अन्तर बताइए। [2008,09, 12, 13, 14]
उत्तर-
सन्देह अलंकार में उपमेय में उपमान का सन्देह रहता है तथा भ्रान्तिमान अलंकार में उपमेय का ज्ञान नहीं रहता है, भ्रमवश उसे उपमान समझ लिया जाता है। सन्देह में निरन्तर सन्देह बना ही रहता है कि यह है या नहीं, जबकि भ्रान्तिमान में भ्रम अन्ततः प्रतीति बन जाता है। अतः सन्देह में अनिश्चय तथा भ्रान्तिमान में निश्चय होता है।

उदाहरण सन्देह रस्सी है या साँप।
भ्रान्तिमान-रस्सी नहीं साँप है।

प्रश्न 21.
श्लेष अलंकार की परिभाषा लिखिए। [2015]
उत्तर-
जहाँ एक शब्द के एक से अधिक अर्थ निकलते हैं वहाँ श्लेष अलंकार होता है।

प्रश्न 22.
श्रृंगार रस और वीर रस में भेद बताइए। (कोई तीन) [2015]
उत्तर-
श्रृंगार रस और वीर रस में तीन भेद इस प्रकार हैं-
(1) श्रृंगार रस का स्थायी भाव ‘रति’ होता है जबकि वीर रस का स्थायी भाव उत्साह होता है।
(2) शृंगार रस में आलम्बन प्रेमी (नायक-नायिका) होते हैं किन्तु वीर रस का आलम्बन शत्रु होता है।
(3) श्रृंगार रस में माधुर्य गुण की अधिकता होती है जबकि वीर रस में ओज गुण का प्राधान्य पाया जाता है।

प्रश्न 23.
हास्य रस की परिभाषा एवं उदाहरण लिखिए। [2017]
उत्तर-
परिभाषा-विचित्र रूप, वेष, वाणी, चेष्टा आदि के कारण हृदय में जाग्रत हास भाव पुष्ट होकर हास्य रस में परिणत होता है।

उदाहरण—
बिन्ध्य के बासी उदासी तपोव्रतधारी महाबिनु नारि दुखारे।
गौतम तीय तरी, तुलसी, सो कथा सुनि भै मुनि वृंद सुखारे।
है हैं सिला सब चन्द्रमुखी परसे पद-मंजुल कंज तिहारे।
कीन्हीं भली रघुनायक जू करुना करि कानन को पगु धारे॥

  • अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पद्य के तीन प्रकारों के नाम लिखिए।
उत्तर—
पद्य के तीन प्रकार—
(i) प्रबन्ध काव्य,
(ii) मुक्तक काव्य, तथा
(iii) गीतिकाव्य, माने गये हैं।

प्रश्न 2.
हिन्दी के दो महाकाव्यों के नाम लिखिए।
उत्तर-
‘रामचरितमानस’ तथा ‘पद्मावत’ हिन्दी के श्रेष्ठ महाकाव्य हैं।

प्रश्न 3.
हिन्दी के दो खण्डकाव्यों के नाम लिखिए।
उत्तर—
‘पंचवटी’ तथा ‘कुरुक्षेत्र’ हिन्दी के श्रेष्ठ खण्डकाव्य हैं।

प्रश्न 4.
‘रसात्मकं वाक्यं काव्यम्’ किसकी परिभाषा है?
उत्तर—
‘रसात्मकं वाक्यं काव्यम्’ आचार्य विश्वनाथ द्वारा दी गई काव्य की परिभाषा है।

प्रश्न 5.
पण्डितराज जगन्नाथ ने काव्य की क्या परिभाषा दी है?
उत्तर-
पण्डितराज जगन्नाथ ने काव्य की परिभाषा देते हुए लिखा है-‘रमणीयार्थ प्रतिपादकःशब्द:काव्यम्’ अर्थात् रमणीय अर्थ का प्रतिपादन करने वाले शब्द ही काव्य कहलाते हैं।

प्रश्न 6.
आधुनिक काल के दो महाकाव्यों के नाम लिखिए। उत्तर-‘प्रियप्रवास’ तथा ‘कामायनी’ आधुनिक काल के प्रमुख महाकाव्य हैं।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित पंक्ति में गुण बताइए ‘हे, प्रभो आनन्ददाता ! ज्ञान हमको दीजिए।’
उत्तर-
इस पंक्ति में ‘प्रसाद गुण’ है। प्रश्न 8. ओज गुण का उदाहरण लिखिए। [2016]
उत्तर-
ओज गुण से युक्त दो पंक्तियाँ इस प्रकार हैं
“बुन्देले हरबोलों के मुख हमने सुनी कहानी थी।
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।”

प्रश्न 9.
वीर रसपूर्ण काव्य में किस गुण की अधिकता रहती है?
उत्तर–
वीर रसपूर्ण काव्य में ओज गुण’ की अधिकता रहती है।

प्रश्न 10.
माधुर्य गुण युक्त काव्य में कैसे वर्गों का प्रयोग होता है?
उत्तर-
माधुर्य गुण युक्त काव्य में य, र, ल, ग, ज आदि कोमल वर्णों का प्रयोग होता है।

प्रश्न 11.
प्रसाद गुण युक्त काव्य में कैसे शब्दार्थ का प्रयोग किया जाता है?
उत्तर-
प्रसाद गुण युक्त काव्य में सरल शब्दार्थ का प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 12.
माधुर्य गुण किन रसों से युक्त काव्य में होता है?
उत्तर-
करुण, शृंगार या शान्त रसों से युक्त काव्य में माधुर्य गुण होता है।

प्रश्न 13.
शब्द-शक्ति किसे कहते हैं?
उत्तर–
शब्द और अर्थ के सम्बन्ध को शब्द-शक्ति कहते हैं।

प्रश्न 14.
अभिधा शब्द-शक्ति किसे कहते हैं?
उत्तर-
शब्द और अर्थ के साक्षात् सम्बन्ध को अभिधा शब्द-शक्ति कहते हैं; जैसे— स्वर्ण का अर्थ सोना।

प्रश्न 15.
“बूढ़े भारत में भी आई फिर से नई जवानी थी।” में कौन-सी शब्द शक्ति है?
उत्तर-
इस पंक्ति में लक्षणा शब्द-शक्ति है।

प्रश्न 16.
“सूर्योदय हो गया।” में शब्द-शक्ति बताइए।
उत्तर-
सूर्योदय हो गया।’ का अर्थ है कि हमें जागकर शीघ्र विद्यालय जाना चाहिए। अतः इसमें व्यंजना शब्द-शक्ति है।

प्रश्न 17.
‘राकेश तो गधा है।’ में शब्द शक्ति बताइए।
उत्तर-
राकेश तो गधा है।’ में लक्षणा शब्द-शक्ति है।

प्रश्न 18.
‘प्रेम पर्यो चपल चुचाइ पुतरीन सों’ में कौन-सी शब्द शक्ति है?
उत्तर-
‘प्रेम पर्यो चपल चुचाइ पुतरीन सों’ में व्यंजना शब्द-शक्ति है।

प्रश्न 19.
वर्ण किसे कहते हैं?
उत्तर-
अक्षर को ही वर्ण कहते हैं, जैसे—क, ख, ग आदि।

प्रश्न 20.
निम्नांकित पंक्तियों में छन्द बताइए
सच्चे स्नेही अवनिजन के देश के श्याम जैसे।
राधा जैसे सदय-हृदया विश्व प्रेमानुरक्ता।।
हे विश्वात्मा! भरत भुव के अंक में और आवें।
ऐसी व्यापी विरह-घटना किन्तु कोई न होवे।।
उत्तर-
इन पंक्तियों में ‘मन्दाक्रान्ता’ छन्द का प्रयोग हुआ है।

प्रश्न 21.
निम्नांकित पद्य का छन्द बताइए-
“करनी विधि की देखिये, अहो न बरनी जाति।
हरनी के नीके नयन बसै विपिन दिन राति।।
बसै विपिन दिनराति बराबर बरही कीने।
कारी छवि कलकण्ठ किये फिर काक अधीने।।
बरनै दीनदयाल धीर धरते दिन धरनी।
बल्लभ बीच वियोग, विलोकहु निधि की करनी।।”
उत्तर—
इस पद्य का छन्द कुण्डली है।

प्रश्न 22.
छन्द के अंग बताइए।
उत्तर-
वर्ण, मात्रा, यति, चरण, तुक और गण छन्द के अंग होते हैं।

प्रश्न 23.
निम्नांकित पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है
किधी सूर को सर लग्यो, किधौं सूर की पीर।
किधौं सूर को पद लग्यो, रह-रह धुनत शरीर।।
उत्तर—
इन पंक्तियों में ‘सन्देह’ अलंकार है।

प्रश्न 24.
निम्न पंक्तियों में कौन-से छन्द का प्रयोग हुआ है? स्पष्ट कीजिए
S SSS I III ISSIS SISS
“जो मैं कोई विहग उड़ता देखती व्योम में हूँ।
तो उत्कण्ठा विवश हो चित्त में सोचती हूँ।”
उत्तर—
इसमें 4,6 और 7 वर्णों पर यति होती है, इसलिए यह मन्दाक्रान्ता छन्द है।

प्रश्न 25.
‘कान्ह-दूत कैधो ब्रह्मदूत कै पधारे आय’ में कौन-सा अलंकार है?
उत्तर-
कान्ह-दूत कैधो ब्रह्मदूत है पधारे आय’ में ‘सन्देह’ अलंकार है।

प्रश्न 26.
जहाँ विरोध न होते हुए भी विरोध प्रतीत हो वहाँ कौन-सा अलंकार होता है?
उत्तर-
जहाँ विरोध न होते हुए भी विरोध प्रतीत हो वहाँ विरोधाभास’ अलंकार होता है।

प्रश्न 27.
वह कौन-सा अलंकार है जिसमें उपमेय में उपमान का भ्रम हो जाता है?
उत्तर-
जहाँ उपमेय में उपमान का भ्रम हो जाये वहाँ भ्रान्तिमान’ अलंकार होता है।

प्रश्न 28.
विरोधाभास अलंकार का उदाहरण लिखिए। [2016]
उत्तर-
“वा मुख की मधुराई कहा कहों,
मीठी लगे अँखियान लुनाई।” .

सम्पूर्ण अध्याय पर आधारित महत्त्वपूर्ण वस्तुनिष्ठ प्रश्न

  • बहु-विकल्पीय प्रश्न

1. ‘रसात्मकं वाक्यं काव्यम्’ परिभाषा है— [2009, 16]
(i) आचार्य विश्वनाथ की,
(ii) पण्डितराज जगन्नाथ की,
(iii) आचार्य रामचन्द्र शुक्ल की,
(iv) भामह की।

2. निम्नलिखित में से प्रबन्ध काव्य नहीं है [2009]
(i) साकेत,
(ii) सूरसागर,
(iii) कामायनी,
(iv) रामचरितमानस।

3. महाकाव्य में होता है [2010]
(i) जीवन का खण्ड चित्रण,
(ii) जीवन का वृहत् चित्रण,
(iii) दोहा छन्द,
(iv) उत्साह भाव।

4. इनमें से कौन-सा काव्य खण्डकाव्य नहीं है? [2012, 14]
(i) पंचवटी,
(ii) रश्मिरथी,
(iii) प्रियप्रवास,
(iv) सुदामा चरित।

5. महाकाव्य में कम-से-कम कितने सर्ग होने चाहिये? [2017]
(i) तीन,
(ii) पाँच,
(iii) चार,
(iv) आठ।

6. शब्द और अर्थ का साक्षात् सम्बन्ध होता है
(i) व्यंजना में,
(ii) लक्षणा में,
(iii) अभिधा में,
(iv) किसी में नहीं।

7. चित्त की उत्तेजना वृत्ति से सम्बन्ध होता है
(i) ओज गुण का,
(ii) प्रसाद गुण का,
(iii) माधुर्य गुण का,
(iv) किसी का नहीं।

8. “राजा शिवराज के नगारन की धाक सुनि, केते बादशाहन की छाती दरकति है।” में गुण है
(i) माधुर्य,
(ii) ओज,
(iii) प्रसाद,
(iv) कोई नहीं।

9. छन्द कितने प्रकार के होते हैं?
(i) चार प्रकार के,
(iv) तीन प्रकार के,
(iii) पाँच प्रकार के,
(iv) दो प्रकार के।

10. काव्य की शोभा बढ़ाने वाले धर्म कहलाते हैं
(i) शब्द-शक्ति,
(ii) अलंकार,
(iii) छन्द,
(iv) गुण।

11. ‘रस्सी है या साँप’ में अलंकार है….
(i) उपमा,
(ii) रूपक,
(iii) भ्रान्तिमान,
(iv) सन्देह।

12. वीर, भयानक, रौद्र रसों में प्रधानता होती है [2011]
(i) माधुर्य गुण,
(ii) ओज गुण,
(iii) प्रसाद गुण,
(iv) शब्द गुण।

13. श्रृंगार रस का स्थायी भाव है [2015]
(i) रति,
(ii) जुगुप्सा
(iii) हास्य,
(iv) रौद्र।
उत्तर-
1. (i), 2. (ii), 3. (ii), 4.(i), 5. (iv), 6. (iv), 7. (i), 8. (ii), 9. (iv), 10. (ii), 11. (iv), 12. (ii), 13. (i)।

  • रिक्त स्थान पूर्ति

1. रामचरितमानस ……….. है। [2008]
2. खण्डकाव्य में जीवन का ………. चित्रण होता है।
3. वीर, भयानक तथा रौद्र रस पूर्ण काव्य में ………” गुण होता है।
4. माधुर्य गुण में ……….” वर्णों की प्रधानता होती है। [2010]
5. ‘भूरा तो उल्लू है’ में ………. शब्द-शक्ति है।
6. ‘प्रेम पर्यो चपल चुचाइ पुतरीन सौं’ में ……….” शब्द-शक्ति है।
7. शब्द के ……. प्रकार होते हैं।
8. वर्गों की गिनती के आधार पर जिस छंद की रचना होती है, उसे ….. छंद कहते हैं। [2016]
9. विरोध न होते हुए भी जहाँ विरोध का आभास हो, वहाँ ……… अलंकार होता है। [2009]
10. ‘मुख है किधौ मयंक है’ में ………. अलंकार है। 11. रस के ……….” अंग हैं। [2011]
12. दोहा छन्द ……….. काव्य है। [2012]
13. काव्य की शोभा बढ़ाने वाले धर्म ……….’ कहलाते हैं। [2014]
14. शान्त रस का स्थायी भाव ………. है।। [2017]
उत्तर-
1. महाकाव्य, 2. खण्ड, 3. ओज, 4. कोमल, 5. लक्षणा, 6. व्यंजना, 7. तीन, 8. वर्णिक, 9. विरोधाभास, 10. सन्देह, 11. चार, 12. मुक्तक, 13. अलंकार, 14. निर्वेद।

  • सत्य/असत्य

1. प्रबन्ध काव्य में जीवन का खण्ड चित्रण होता है।
2. पंचवटी एक महाकाव्य है। [2008]
3. ‘साकेत’ मैथिलीशरण गुप्त जी द्वारा रचित एक महाकाव्य है। [2017]
4. शब्द और अर्थ का साक्षात् सम्बन्ध अभिधा कहलाता है।
5. जिस छन्द में मात्राओं की गणना की जाती है, वह मात्रिक छन्द है। [2014]
6. वर्ण, मात्रा, यति, चरण, तुक एवं गण छन्द के अंग होते हैं।
7. जहाँ एक वर्ण की आवृत्ति बार-बार होती है, वहाँ यमक अलंकार होता है। [2015]
8. मन्दाक्रान्ता छन्द में 17 वर्ण होते हैं।
9. ‘रस्सी नहीं साँप है’ में भ्रान्तिमान अलंकार है।
10. स्थायी भाव, संचारी भाव, विभाव और अनुभाव रस के चार अंग हैं। [2008]
11. माधुर्य गुण शृंगार, वात्सल्य और शान्त रस में पाया जाता है। [2008]
12. मुक्तक काव्य में प्रत्येक छन्द अपने आपमें स्वतन्त्र नहीं होता है। [2008]
13. “क्रान्तिधात्रि ! कविते जाग उठ आडम्बर में आग लगा दे।” इस पंक्ति में माधुर्य गुण है। [2008]
14. ‘जुगन-जुगन समझावत हारा कहा न मानत कोई रे।’ इस पंक्ति में अनुप्रास अलंकार [2011]
15. जो भाव मानव हृदय में स्थायी रहते हैं, उन्हें संचारी भाव कहते हैं। [2008, 16]
16. रस को काव्य की आत्मा कहा जाता है। [2008]
17. प्रत्येक रस का एक-एक स्थायी भाव होता है। [2010]
उत्तर-
1. असत्य, 2. असत्य, 3. सत्य,4. सत्य, 5. सत्य, 6. सत्य, 7. असत्य, 8. सत्य, 9. सत्य, 10. सत्य, 11. सत्य, 12. असत्य, 13. असत्य, 14. असत्य, 15. असत्य, 16. सत्य, 17. सत्य।

जोड़ी मिलाइए
I. 1. महाकाव्य [2015] – (क) पण्डितराज जगन्नाथ
2. ‘रमणीयार्थ प्रतिपादकः शब्दः काव्यम्’ परिभाषा है – (ख) रामचरितमानस
3. रसात्मकं वाक्यं काव्यम् [2010, 14] – (ग) व्यंजना
4. ‘चिन्मय नाक में दम किए रहता है’ में शब्द-शक्ति है – (घ) आचार्य विश्वनाथ
5. ‘राम का घर गंगा में है’ में शब्द-शक्ति है। – (ङ) माधुर्य लक्षणा
उत्तर-
1.→ (ख),
2. → (क),
3. → (घ),
4. →(ङ),
5. →(ग)।

II. 1. जहाँ काव्य सुनने से मन पुलकित हो, वहाँ गुण होता है। – (क) वर्णिक छन्द
2. जिस छन्द में वर्गों की गणना की जाती है, उसे कहते हैं। – (ख) घनाक्षरी छन्द
3. जिसमें 32 वर्ण हों तथा 8,8,8,8 पर यति हो उसे कहते हैं – (ग) माधुर्य
4. जिसका अर्थ ‘चिपका हुआ’ [2017] – (घ) सन्देह अलंकार
5. जहाँ समानता से अप्रस्तुत का संशय हो जाय, वहाँ होता है – (ङ) श्लेष
उत्तर-
1. → (ग),
2. → (क),
3. → (ख),
4. → (ङ),
5. → (घ)।

  • एक शब्द /वाक्य में उत्तर

1. विस्तृत कलेवर वाले वाक्य को क्या कहते हैं?
2. जिस काव्य में प्रत्येक पद अपने आप में स्वतंत्र रहता है, उसे क्या कहते हैं? [2016]
3. गद्य-पद्य मिश्रित रचना को क्या नाम दिया गया है?
4. शब्द के प्रचलित अर्थ का बोध कराने वाली शब्द-शक्ति का क्या नाम है?
5. व्यंग्यार्थ को व्यक्त करने वाली शब्द-शक्ति को क्या कहते हैं? [2009]
6. जिस रचना को सुनने से चित्त में उत्तेजना पैदा होती है उसमें कौन-सा गुण होता है?
7. सरल शब्दार्थ का प्रयोग किस गुण में किया जाता है?
8. जहाँ भ्रमवश एक वस्तु में दूसरी की कल्पना की जाये, वहाँ कौन-सा अलंकार होता है?
9. जब अनिश्चय की स्थिति लगातार बनी रहती है, तो कौन-सा अलंकार होता है? [2016]
10. जिसमें प्रथम दो चरण दोहा के तथा चार चरण रोला के हों वहाँ कौन-सा छन्द होता है?
11. ‘सारी बीच नारी है कि नारी बीच सारी है’ में कौन-सा अलंकार है?
12. ‘पतन पाप पाखंड जले’ पंक्ति में कौन-सा अलंकार है? [2012, 14]
13. ‘तरनि तनुजा तट तमाल तरुवर बहु छाये’ पंक्ति में निहित अलंकार का नाम लिखिए। [2013]
14. ‘चारु चन्द्र की चंचल किरणें’ पंक्ति में कौन-सा अलंकार है? [2017]
उत्तर—
1. महाकाव्य, 2. मुक्तक काव्य 3. चम्पू, 4. अभिधा, 5. व्यंजना, 6. ओज, 7. प्रसाद में, 8. भ्रान्तिमान, 9. सन्देह अलंकार, 10. कुण्डलियाँ, 11. सन्देह, 12. अनुप्रास, 13. अनुप्रास, 14. अनुप्रास।

MP Board Class 11th Hindi Solutions

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 14 सहनशीलता

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 14 सहनशीलता

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 14 प्रश्न-अभ्यास

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

Class 6 Hindi Chapter 14 MP Board प्रश्न 1.
(क) सही जोड़ी बनाइए
1. दीप्ति – (क) व्याघ्र
2. सहन – (ख) विनय.
3. नर – (ग) हीन
4. दंत – (घ) शीलता
उत्तर
1. (ख), 2. (घ), 3. (क), 4. (ग)

Sahanshilta Kya Hai Iske Prakar Bataiye MP Board Class 6th प्रश्न (ख)
दिए गए विकल्पों में से उपयुक्त विकल्प चुनकर रिक्त स्थान भरिए- .
1. नर व्याघ्र……को कहा गया है। (युधिष्ठर दुर्योधन)
2. रामचन्द्र सिंधु के किनारे…..तक पथ माँगते रहे। (तीन दिवस/पाँच दिवस)
3. उठी अधीर धधक पौरुष की आग राम के…….से। (शर/बल)
4. क्षमा शोमती उस भुजंग को जिसके पास….. हो। (अभिय/गरल)
उत्तर
1. दुर्योधन, 2. तीन दिवस, 3. शर, 4. गरल।

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 14 अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

Sahanshilta In English MP Board Class 6th प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में दीजिए

(क) कौरवों ने कायर किसको समझा?
उत्तर
कौरवों ने पांडवों को कायर समझा।

(ख) क्षमा किसे शोभती है?
उत्तर
क्षमा उसे शोभती है जिसके पास दम है, ताकत है, साहस है।

(ग) सिंधु से रास्ता किसने माँगा?
उत्तर
सिंधु से रास्ता राम ने माँगा।

(घ) इस कविता में ‘सुयोधन’ संबोधन का प्रयोग किसके लिए किया है?
उत्तर
इस कविता में ‘सुयोधन का संबोधन दुर्योधन के लिए किया गया है।

(ङ) किन गुणों को सारा जग पूजता है?
उत्तर
सहनशीलता, क्षमा और दया, तप और त्याग जैसे गुणों को सारा जग पूजता है।

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 14 लघु उत्तरीय प्रश्न

Sahan Shakti In English MP Board Class 6th प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन से पाँच वाक्यों में दीजिए

(क) ‘नर व्याघ्र’ का प्रयोग कवि ने क्यों किया है?
उत्तर
कवि ने ‘नर व्याघ्र’ का प्रयोग सुयोधन (दुर्योधन) के लिए किया है। वह आदमी होकर भी जानवर जैसा वर्ताव कर रहा था। उसमें मानवता नाम की कोई चीज नहीं थी इसीलिए कवि ने ‘नर व्याघ्र’ का प्रयोग किया है।

(ख) सागर किसके चरणों में आ गिरा और क्यों?
उत्तर
सागर राम के चरणों में आ गिरा क्योंकि वह राम के क्रोध को देखकर डर गया। उसे लगा कि राम अपने बाणों से उसे जलाकर भस्म कर देंगे।

(ग) ‘क्षमा शोमती उस भुजंग को जिसके पास गरल हो’ पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
उपरोक्त पंक्ति का शाब्दिक अर्थ है-विष वाला सांप अगर आपको नहीं काटता है, तो इसका मतलब है कि उसने आप पर उपकार किया। अर्थात् क्षमा उस व्यक्ति को शोभा देता है जो वीर है, ताकतवर है और कर्तव्यनिष्ठ है।

(घ) ‘सच पूछो तो शर में ही बसती है दीप्ति विनय की’ पंक्ति के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है?
उत्तर
उपरोक्त पंक्ति के माध्यम से कवि यह कहना चाह रहा है कि वाणों में विनय का तेज भी निहित होता है। उसी के साथ कोई संधि चाहता है। उसी को लोग पूजते हैं और अंत में जीत भी उसी की होती है।

(ङ)
कवि इस कविता के माध्यम से क्या सन्देश देना चाहता
उत्तर
क्षमा किसी सुपात्र को शोभा देता है। आप यदि किसी दुर्जन को क्षमा करते हैं तो वह आपको कमजोर समझेगा। क्षमा देने का अधिकार केवल सक्षम और शक्तिशाली को होता है। कमजोर क्या किसी को क्षमा करेगा।

भाषा की बात

प्रश्न 4.
शुद्ध उच्चारण कीजिए
क्षमा, व्याघ्र, क्षमाशील, समक्ष, पौरुष, दीप्ति, संपूज्य
उत्तर
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 5.
शुद्ध वर्तनी पर गोला लगाइए
सहारा, साहरा, साहारा
शोमति, शीमीति, शोमती
वनीत, विनीत, वीनीत
दिपिती, दीप्ति, दीपती
उत्तर

सहारा, साहरा, साहारा
शोमति, शोमीति, शोमती
वनीत, विनीत, वीनीत
दिपिती, दीप्ति, दीपती

प्रश्न 6.
‘सहनशील’ शब्द में ‘ता’ प्रत्यय लगाकर ‘सहनशीलता’ शब्द बना है। इसी प्रकार के अन्य शब्द बनाइए
उत्तर
सफल – सफलता
धीर – धीरता
वीर – वीरता
अधीर – अधीरता
व्याकुल – याकुलता
सरल – मरलता
मधुर – मधुरता

प्रश्न 7.
निम्नलिखित शब्दों में से अनुस्वार एवं अनुनासिकता वाले शब्दों को छांटिए
कहाँ, “भुजंग, दंतहीन, माँगना, सिंधु, बंधा, बंधन, संपूज्य, आँच, प्रशंसा, आँख, चाँद, कलाएँ, तुरंत।
उत्तर
अनुस्वर वाले शब्द-भुजंग, दंतहीन, सिंधु, बंधन, संपूज्य, प्रशंसा, तुरंत
अनुनासिकता वाले शब्द-कहाँ, माँगना, बंधा, आँच, आँख, चाँद, कलाएँ ।

प्रश्न 8.
दिए गए शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए
भुजंग, गरल, दर्प, पथ, शर, नर
उत्तर
सांप, विष, घमंड, रास्ता, बाण, पुरुष।

प्रश्न 9.
दिए गए शब्दों में से विलोम शब्दों की जोड़ी बनाइए
सरल, दयालु, चरण, कठिन, दुष्ट, दासता, आजादी, शीश
उत्तर
सरल- कठिन
दयालु – दुष्ट
चरण – शीश
दासता – आजादी

सहनशीलता प्रसंग सहित व्याख्या

1. क्षमा, दया, तप, त्याग, मनोबल
सबका लिया सहारा
पर नर-व्याघ्र, सुयोधन तुमसे
कहो, कहाँ, कब हारा?

शब्दार्थ-मनोबल= मन की शक्ति। सहारा =मदद। सुयोध = दुर्योधन।

प्रसंग-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य पुस्तक सुगम भारती-6 में संकलित कविता ‘सहनशीलता’ से ली गई हैं। इसके कवि हैं-रामधारी सिंह दिनकर’। कवि ने महाभारत के प्रसंग को लेकर युधिष्ठिर की सहनशीलता का परिचय दिया है। श्रीकृष्ण युधिष्ठिर को समझाते हुए कहते हैं कि तुमने तो हमेशा ही क्षमा, दया, तप, त्याग और मनोबल का सहारा लिया किंतु सुयोधन (दुर्योधन) पर उसका कोई असर नहीं पड़ा।

उसने कभी तुम्हारे सामने हार नहीं मानी। अतः तुम्हें उसके सामने अपनी शक्ति दिखानी पड़ेगी। अपने शत्रु के आगे विनयशील बनमे से अच्छा है उसे अपनी ताकत दिखाओ। इस प्रकार इन पंक्तियों के माध्यम से कवि ने सहनशीलता की प्रशंसा तो की ही है, लेकिन कभी-कभी -उसके साथ पौरुष बल दिखाने की भी आवश्यकता पड़ती है।

2. क्षमा शोभती उस भुजंग को,
जिसके पास गरल हो।
उसको क्या, जो दंतहीन,
विषरहित, विनीत, सरल हो।

शब्दार्थ-शोभती = शोभा देना। भुजंग = सांप । गरल= विष । दंतहीन = बिना दाँत का। विनीत = सरल सज्जन।

प्रसंग-पूर्ववत्

व्याख्या-महाभारत के प्रसंग को लेकर युधिष्ठिर की सहनशीलता का परिचय दिया गया है। श्रीकृष्ण युधिष्ठिर को समझाते हुए कहते हैं कि तुमने हमेशा से ही क्षमा, दया, तप आदि का सहारा लिया है, लेकिन सुयोधन (हुर्योधन) पर उनका कोई असर नहीं हुआ है। तुम अपने दुश्मन के आगे क्षमाशील बने रहे और वह तुम्हें कायर समझता रहा। क्षमा दरअसल उसी को शोभा देती है जो शक्तिशाली है। जो स्वयं कमजोर है, वह किसी को क्या क्षमा दे सकता है।

श्रीकृष्ण एक उदाहरण द्वारा इसकी पुष्टि करते हैं। वे कहते हैं कि विष वाला सर्प अगर तुम्हें छोड़ दे अर्थात् काटे नहीं तब हम कह सकते हैं कि उसने तुम पर कृपा की। लेकिन जो सांप विषहीन और दंतहीन है, उसकी क्षमा के लिए कोई मोहताज नहीं होता।

3. सिंधु देह धर, त्राहि-त्राहि’
करता आ गिरा शरण में।
चरण पूज, दासता ग्रहण की,
बंधा मूढ़ बंधन में।

शब्दार्थ-देह=शरीर । त्राहि-त्राहि=बचाओ-बचाओ। | दासता=गुलामी। मूद्र=मूर्ख।

प्रसंग-पूर्ववत्

राम तीन दिनों तक समुद्र की पूजा कर उससे रास्ता देने के लिए आग्रह करते रहे। लेकिन समुद्र अनसुनी करता रहा। आखिरकार राम की सहनशीलता खत्म हो गई। वे क्रोधित हो उठे। जब क्रोध में आकर उन्होंने समुद्र को जला देने के लिए अपना धनुष उठाया, तब वही समुद्र ‘त्राहि-त्राहि’ करते हुए राम के चरणों में गिर |पड़ा। उसने सदा के लिए राम की दासता स्वीकार कर ली। इसलिए श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को समझाते हुए कहा |कि उसे भी अब सहनशीलता छोड़नी चाहिए और अपने शत्रु के सामने अपना असली रूप दिखाना चाहिए।

MP Board Class 6th Hindi Solutions

MP Board Class 7th Science Solutions Chapter 15 प्रकाश

MP Board Class 7th Science Solutions Chapter 15 प्रकाश

MP Board Class 7th Science Chapter 15 पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –

  1. जिस प्रतिबिम्ब को पर्दे पर न प्राप्त किया जा सके, वह …………….. कहलाता है।
  2. यदि प्रतिबिम्ब सदैव आभासी तथा साइज में छोटा हो, तो यह किसी उत्तल …………….. द्वारा बना होगा।
  3. यदि प्रतिबिम्ब सदैव बिम्ब के साइज का बने, तो दर्पण …………… होगा।
  4. जिस प्रतिबिम्ब को पर्दे पर प्राप्त किया जा सके, वह ………………. प्रतिबिम्ब कहलाता है।
  5. अवतल ……………… द्वारा बना प्रतिबिम्ब पर्दे पर प्राप्त नहीं किया का सकता।

उत्तर:

  1. आभासी प्रतिबिम्ब।
  2. दर्पण।
  3. समतल।
  4. वास्तविक।
  5. लेंस।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित वक्तव्य ‘सत्य’ हैं अथवा ‘असत्य’।

  1. हम उत्तल दर्पण से आवर्धित तथा सीधा प्रतिबिम्ब प्राप्त कर सकते हैं।
  2. अवतल लेंस सदैव आभासी प्रतिबिम्ब बनाता है।
  3. अवतल दर्पण से हम वास्तविक, आवर्धित तथा उल्टा प्रतिबिम्ब प्राप्त कर सकते हैं।
  4. वास्तविक प्रतिबिम्ब को पर्दे पर प्राप्त नहीं किया जा सकता।
  5. अवतल दर्पण सदैव वास्तविक प्रतिबिम्ब बनाता है।

उत्तर:

  1. असत्य।
  2. सत्य।
  3. सत्य।
  4. असत्य।
  5. असत्य।

प्रश्न 3.
कॉलम A में दिए गए शब्दों का मिलान कॉलम B के एक अथवा अधिक कथनों में दीजिए:
MP Board Class 7th Science Solutions Chapter 15 प्रकाश 1
उत्तर:
(क) → (v)
(ख) → (ii), (vi)
(ग) → (i), (iv)
(घ) → (iii), (iv)
(च) → (vi)

प्रश्न 4.
समतल दर्पण द्वारा बने प्रतिबिम्ब के अभिलक्षण लिखिए।
उत्तर:
समतल दर्पण द्वारा बने प्रतिबिम्ब के अभिलक्षण:

  1. प्रतिबिम्ब सीधा व वस्तु के आकार का होता है।
  2. प्रतिबिम्ब आभासी होता है एवं दर्पण के अन्दर बनता है।
  3. बने प्रतिबिम्ब पार्श्व परिवर्तित होते हैं।
  4. दर्पण से वस्तु जितनी दूरी पर होती है, उसका प्रतिबिम्ब दर्पण के अन्दर उतनी ही दूरी पर बनता है।

प्रश्न 5.
अंग्रेजी या अन्य कोई भाषा, जिसका आपको ज्ञान है, की वर्णमाला के उन अक्षरों का पता लगाइए, जिनके समतल दर्पण में बने प्रतिबिम्ब बिल्कुल अक्षरों के सदृश्य लगते हैं। अपने परिणामों की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
अक्षर, समतल दर्पण में जिनके प्रतिबिम्ब अक्षरों के समान लगते हैं – C, D, E, H, I, K, O और X. इन अक्षरों के पार्श्व में कोई अदला-बदली नहीं हुई है तथा प्रतिबिम्ब उल्टा नहीं दिखाई देता।

प्रश्न 6.
आभासी प्रतिबिम्ब क्या होता है? कोई ऐसी स्थिति बताइए, जहाँ आभासी प्रतिबिम्ब बनता है।
उत्तर:
जब किसी वस्तु से परावर्तित होकर आने वाली प्रकाश की किरणों आभासी रूप में मिलती हुई प्रतीत होती हैं, तो इस प्रकार बनने वाले प्रतिबिम्ब आभासी प्रतिबिम्ब कहलाते हैं। आभासी प्रतिबिम्ब को पर्दे पर नहीं लिया जा सकता है। उत्तल दर्पण के सामने वस्तु को कहीं पर भी रखा जाए, उसका प्रतिबिम्ब सदैव आभासी बनता है।

प्रश्न 7.
उत्तल तथा अवतल लेंसों में दो अन्तर लिखिए।
उत्तर:
उत्तल तथा अवतल लेंसों में अन्तर:

उत्तल लेंस अवतल लेंस
उत्तल लेंस बीच में मोटा तथा किनारों पर पतला होता है। अवतल लेंस बीच में पतला तथा किनारों पर मोटा होता है।
यह लेंस प्रकाश किरणों को एक बिन्दु.पर एकत्रित करता है। यह लेंस प्रकाश किरणों को फैलाता है।

प्रश्न 8.
अवतल तथा उत्तल दर्पणों का एक-एक उपयोग लिखिए।
उत्तर:

  1. अवतल दर्पण का उपयोग: दन्त विशेषज्ञों द्वारा अवतल दर्पण का उपयोग दाँतों का बड़ा प्रतिबिम्ब देखने के लिए किया जाता है।
  2. उत्तल दर्पण का उपयोग: ट्रकों, बसों तथा कारों में ड्राइवर सीट के पास उत्तल दर्पण लगाते हैं जिससे कि ड्राइवर अधिक क्षेत्र में फैली हुई वस्तुओं के प्रतिबिम्ब एक साथ देख सकें।

प्रश्न 9.
किस प्रकार का दर्पण वास्तविक प्रतिबिम्ब बना सकता है?
उत्तर:
अवतल दर्पण वास्तविक प्रतिबिम्ब बना सकता है।

प्रश्न 10.
किस प्रकार का लेंस सदैव आभासी प्रतिबिम्ब बना सकता है।
उत्तर:
अवतल लेंस सदैव आभासी प्रतिबिम्ब बना सकता है।

प्रश्न संख्या 11 से 13 में सही विकल्प का चयन कीजिए –

प्रश्न 11.
बिम्ब के बड़े साइज का आभासी प्रतिबिम्ब बनाया जा सकता है –

  1. अवतल लेंस द्वारा
  2. अवतल दर्पण द्वारा
  3. उत्तल दर्पण द्वारा
  4. समतल दर्पण द्वारा।

उत्तर:
अवतल दर्पण द्वारा।

प्रश्न 12.
डेविड अपने प्रतिबिम्ब को समतल दर्पण में देख रहा है। दर्पण तथा उसके प्रतिबिम्ब के बीच की दूरी 4m है। यदि वह दर्पण की ओर 1 m चलता है, तो डेविड तथा उसके प्रतिबिम्ब की दूरी होगी –

  1. 3 m
  2. 5 m
  3. 6 m
  4. 8 m

उत्तर:
6 m.

प्रश्न 13.
एक कार का पश्च दृश्य दर्पण समतल दर्पण है। ड्राइवर अपनी कार को 2 m/s की चाल से ‘बैक’ करते समय पश्च दृश्य दर्पण में अपनी कार के पीछे खड़े (पार्क किए हुये) किसी ट्रक का प्रतिबिम्ब देखता है। ड्राइवर को ट्रक का प्रतिबिम्ब जिस चाल से अपनी ओर आता प्रतीत होगा, वह है।

  1. 1 m/s
  2. 2 m/s
  3. 4 m/s
  4. 8 m/s

उत्तर:
1 m/s

MP Board Class 7th Science Solutions

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 13 भगतसिंह के पत्र

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 13 भगतसिंह के पत्र

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 13 प्रश्न-अभ्यास

वस्तुनिष्ट प्रश्न

Mp Board Class 7th Hindi Chapter 13 प्रश्न 1.
(क) सही जोड़ी बनाइए
1. पूज्य पिताजी = (क) आशीर्वाद
2. प्रिय भाई = (ख) नमस्कार
3. साथियों = (ग) सत् श्री अकाल!
4. प्रिय पुत्र = (घ) चरण स्पर्श
उत्तर
1. (घ), 2. (ग), 3. (ख), 4. (क)

Mp Board Class 7 Hindi Chapter 13 प्रश्न (ख)
दिए गए शब्दों में से उपयुक्त शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. आपका पत्र पढ़कर बड़ा ………. व आश्चर्य हुआ। (सुख/दुख)
2. मैं इस स्थान को छोड़कर …………… जा रहा (यत्र/तत्र)
3. मुझसे अधिक ……………. कौन होगा। (दुर्भाग्यशाली/सौभाग्यशाली)
4. एक दिन तुम ……………….. को साथ लेकर आए। (माँ जी/पिताजी)
उत्तर
1. दुख
2. यत्र
3. सौभाग्यशाली
4. माँ जी।

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 13 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

Bhagat Singh Ki Jivani In Hindi MP Board प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए

(क)
भगतसिंह ने किस-किस को पत्र लिखे?
उत्तर
भगतसिंह ने पिताजी, भाई कुलवीर सिंह जी तथा कैदी साथियों को पत्र लिखे।

(ख)
भगतसिंह ने किस बंधन में बंधने से मना किया था?
उत्तर
भगतसिंह ने विवाह के बंधन में बंधने से मना किया था।

(ग)
जेल में भगतसिंह से मिलने भाई के साथ कौन आया था?
उत्तर
जेल में भगतसिंह से मिलने उसकी माँ मिलने आई।

(घ)
भगतसिंह को किससे बचने का लालच कभी नहीं आया?
उत्तर
भगतसिंह को फाँसी से बचने का लालच कभी नहीं आया।

(ङ)
भगतसिंह ने अपने भाई को पत्र कहाँ से लिखा था?
उत्तर
भगतसिंह ने अपने भाई को जेल से पत्र लिखा।

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 13 लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 7 Hindi Chapter 13 MP Board प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन वाक्यों में दीजिए

(क)
भगतसिंह किस शर्त पर जिंदा रहना चाहते थे?
उत्तर
भगतसिंह एक शर्त पर जिंदा रह सकते थे कि वे कैद होकर या पाबंद होकर जीना नहीं चाहते थे। वे स्वयं को किसी के अधीन नहीं समझते थे।

(ख)
भगतसिंह क्रांति का प्रतीक कैसे बने?
उत्तर
भगतसिंह दिलेराना ढंग से हंसते-हंसते उसके फाँसी चढ़ने की सूरत में हिंदुस्तानी माताएँ अपने बच्चों को भगत सिंह बनने की आरजू किया करेंगी और देश की आजादी के लिए कुर्बानी देने वालों की तादाद बढ़ जाएगी।

(ग)
भगतसिंह फाँसी के फंदे से क्यों नहीं घबराए?
उत्तर
भगतसिंह फाँसी के फंदे से इसलिए नहीं घबराए क्योंकि वे हजारों सपूतों के लिए प्रेरणा के स्रोत बनने जा रहे हैं। उनके बलिदान से साम्राज्यवाद की नींव कमजोर पड़ने वाली थी।

(घ)
भगतसिंह बहादुरी से क्यों मरना चाहते थे?
उत्तर
भगतसिंह बाहदुरी से इसलिए मरना चाहते थे क्योंकि उनमें स्वाभिमान कूट-कूट भरा था और वे एक गुलामी भरी जिंदगी को बिल्कुल स्वीकार नहीं कर सकते थे। वे आने
वाले नौजवानों के लिए प्रेरणा के स्रोत बनना चाहते थे।

(ङ)
भगतसिंह का ‘अंतिम परीक्षा’ से क्या आशय था?
उत्तर
भगतसिंह का अंतिम परीक्षा से आशय बलिदान से था। वह चाहते थे कि वे देश की आजादी के लिए स्वयं को कुर्बान कर दे। इसीलिए उसे बड़ी बेताबी से अंतिम परीक्षा का इंतजार था।

भाषा की बात

भगत सिंह के खिलाफ वकील का नाम MP Board Class 7th Hindi प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों का शुद्ध उच्चारण कीजिए
मद्धिम, तादाद, घृष्टता, प्रतीक-चिह, ख्याल, साम्राज्यवाद, हरगिज। ।
उत्तर
छात्र स्वयं करें।

भगत सिंह की फांसी MP Board Class 7th Hindi प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों की शुद्ध वर्तनी लिखिए
कुरबानी, आर्शीवाद, बाबजूद, क्रांती, हिंदूस्तानी, सार्माज्य
उत्तर
शब्द – शुद्ध वर्तनी
कुरबानी = कुर्बानी
आर्शीवाद = आशीर्वाद
बाबजुद = बावजूद
क्रांती = क्रांति
हिंदूस्तानी = हिंदुस्तानी
सार्माज्य = साम्राज्य

भगत सिंह की मृत्यु कब हुई MP Board Class 7th Hindi प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द लिखिए
कुर्बानी, मुलाकात, हरगिज, आरजू, बेताबी, तादाद
उत्तर
शब्द समानार्थी शब्द
कुर्बानी – त्याग, बलिदान
मुलाकात – गुफ्तगु
हरगिज – बिल्कुल
आरजू – तमन्ना,चाह
बेताबी. – तड़प
तादाद – भीड, अत्यधिक

Class 7 Hindi Chapter 13 Question Answer MP Board प्रश्न 7.
निम्नलिखित शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए
साम्राज्यवाद, धृष्टता, सौभाग्यशाली, हसरत, गर्व,
आरजू,
उत्तर-
शब्द – वाक्य में प्रयोग
साम्राज्यवाद = यूरोप ने अफ्रीका और एशिया में साम्राज्यवाद फैलाया।
धृष्टता = तुम यह धृष्टता कैसे कर सकते हो?
सौभाग्यशाली = भगतसिंह सौभाग्यशाली व्यक्ति थे।
हसरत = यह हसरत रहेगी कि देश के अन्य कार्य नहीं कर सका।
गर्व = हमें भगतसिंह के बलिदान पर गर्व करना चाहिए
आरजू = मेरी भी आरजू है कि मैं भी भगतसिंह जैसा बलिदानी बर्नु।

Class 7th Hindi Chapter 13 Question Answer MP Board प्रश्न 8.
प्रधानाचार्य को पुस्तकालय से पुस्तकें प्रदान करने हेतु आवेदन

विद्यालय छात्रावास
अरेरा कॉलोनी
प्रधानाचार्य
अरेरा कॉलोनी भोपाल
सविनय निवेदन इस प्रकार है कि मैं सातवीं कक्षा में पढ़ता हूँ। मेरे पिताजी एक निर्धन व्यक्ति हैं। वे मेरी सभी किताबें खरीदने में असमर्थ हैं। कृपया आप मुझे अपने विद्यालय के पुस्कालय से विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान, तथा हिंदी की पुस्तकें निर्गमित करें ताकि मैं अपनी परीक्षाओं की तैयारी भलिभांति कर सकु। आप की अति कृपा होगी।

आपका आज्ञाकारी शिष्य
कनिष्क बंधु
कक्षा-VII

पिताजी को पत्र जिसमें पढ़ाई के बारे में जानकारी
पूजनीय पिताजी
चरण स्पर्श,
आशा है आप सकुशल और स्वस्थ होंगे। मैं भी यहाँ | पूर्णतया ठीक हूँ। आपकी आज्ञानुसार मैं पढ़ाई की सूचना दे रहा हूँ। पिछले दो माह से मेरी तबीयत ठीक नहीं चल रही थी, फिर भी मेंने परिक्षाओं की तैयारी की और अपनी पूरी क्षमता के साथ परिक्षाएं दी। जैसी उम्मीद थी, वैसे तो अंक प्राप्त नहीं किए, किंतु प्रथम श्रेणी तो प्राप्त कर ली। अपनी अगली कक्षा में मैं पूरे विद्यालय में प्रथम आने का प्रयल करूंगा।

आपका आज्ञाकारी पुत्र
प्रवीण

भगतसिंह के पत्र पाठ का परिचय

प्रस्तुत पाठ में लेखक भगतसिंह के कुछ पत्रों का समावेश करता है जिसमें भगतसिंह की देशभक्ति, जागृति तथा चेतना को दर्शाया गया है। प्रथम पत्र में भगतसिंह अपने पिता को जवाब लिखते हुए कहता है कि आश्चर्य की बात है आप मेरी शादी के लिए सोच रहे है। शादी उसकी मंजिल से उसे भटका सकती है। आप अपने बेटे को आशीर्वाद दें। अपने अगले पत्र में भगतसिंह ने अपने भाई कलवीर सिंह जी को लिखा, जिसमें उन्होंने कहा कि उसकी मलाकात माँ से नहीं हो सकी, इसका उसको दुख है, लेकिन मिलने से लाभ भी क्या होगा। क्या दो-चार मुलाकातों से तृप्ति मिल सकती है! घबराने का कोई फायदा नहीं। फाँसी से एक दिन पहले अपने साथियों को पत्र लिखा जिसमें उन्होंने बताया कि मेरी होने वाली कुर्बानी से मुझे और क्रांतिकारियों का सर ऊँचा उठा देगी। उसे स्वयं पर गर्व है।

भगतसिंह के पत्र संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्या

1. आपका पत्र ………. क्षमा करेंगे।

शब्दार्थ- विचलित = अस्थिर; विवश = मजबूर; अन्यत्र = दूसरी जगह; घृष्टता = ढीठता।

संदर्भ-भ्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘सुगम भारती’ (हिंदी सामान्य) भाग-7 के पाठ-13 ‘भगतसिंह के पत्र’ से ली गई हैं।

प्रसंग-इसमें भगतसिंह ने अपने पिता को पत्र लिखा

व्याख्या-प्रस्तुत अवतरण में भगत सिंह ने पिता के ऊपर हैरानगी जताई है कि वे स्वयं देश-भक्त हैं, तो फिर कैसे उसकी शादी तय कर सकते हैं। उसे विश्वास है कि पिता के आशीर्वाद और भगवान की कृपा से उसे सफलता प्राप्त होगी। मुझे दुःख है, मैं तुम्हारी इच्छा पूरी नहीं कर सकता। लेकिन विवाह का बंधन मेरे सारे कार्यक्रम को नष्ट कर देगा।

विशेष-भावों को पूर्णता के साथ दर्शाया गया है।

2. मुझे यह जानकर……………क्या फायदा? (पृ. 72)

शब्दार्थ- तसल्ली = संतुष्टि, धीरत, धैर्यः खयाल = विचार, पाबंदी = रोक, प्रतिबंध, प्रतीक = चिह्न, कुर्बानी = बलिदान, हरगिज = कभी भी।

संदर्भ-पूर्ववत।

प्रसंग-इसमें भगतसिंह ने भाई कुलवीर सिंह को पत्र लिखा।

व्याख्या-भगतसिंह को बड़ी निराशा हुई जब उसकी माँ उससे मिले बिना ही चली गई। भगतसिंह ने भाई को कहा कि वे माँ को साथ लेकर क्यों आए? माँ बहुत घबरा गई होगी। इस घबराहट का कोई फायदा नहीं है। हमें साहस से हालात का मुकाबला करना चाहिए। दुनिया में हजारों व्यक्ति है जो दुखी हैं। मिलने से कोई अंतिम तृप्ति नहीं मिलती। इसलिए वे घबराए नहीं।

विशेष-भगतसिंह के दर्शन को दर्शाया गया है।

MP Board Class 7th Hindi Solutions

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 18 शंकराचार्य मध्यप्रदेश में

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 18 शंकराचार्य मध्यप्रदेश में

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 18 प्रश्न-अभ्यास

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

Sugam Bharti Class 6 MP Board प्रश्न 1.
(क) सही जोड़ी बनाइए
1. उज्जयिनी – (क) कुमारिल भट्ट
2. काशी – (ख) नर्मदा का उद्गम
3. अमरकंटक – (ग) शंकराचार्य का जन्मस्थल
4. कालड़ी – (घ) कापालिकों का केन्द्र
उत्तर
1. (घ), 2. (क), 3. (ख), 4. (ग)

Class 6 Chapter 18 Hindi MP Board प्रश्न (ख)
दिए गए शब्दों में से उपयुक्त शब्द चुन कर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. शंकराचार्य की शिक्षा-दीक्षा…….में हुई थी। (महिष्मती/ओंकारेश्वर)
2. गुरु की खोज में वह……..चल पड़े। (उत्तर से दक्षिण की ओर/दक्षिण से उत्तर की ओर)
3. उन्होंने शंकर को…….से शस्त्रार्थ करने की सलाह दी। (मंडन मिश्र/कापालिक)
4. मध्यप्रदेश को यह गौरव प्राप्त है कि उसके पुत्र को…….भारतीय एकता का विस्तार करने का अवसर प्राप्त हुआ। (दक्षिण में/उत्तर में)
उत्तर
1. ओंकारेश्वर
2. दक्षिण से उत्तर की ओर
3. मंडन मिश्र
4. दक्षिण में

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 18 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

Mp Board Solution Class 6 Hindi  प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में दीजिए

(क) सान्दीपनी आश्रम क्यों प्रसिद्ध है?
उत्तर
सान्दीपनी आश्रम में ही कृष्ण-सुदामा ने शिक्षा प्राप्त की थी, इसलिए यह प्रसिद्ध है।

(ख) नर्मदा का उद्गम स्थल कहाँ है?
उत्तर
अमरकंटक नर्मदा का उद्गम स्थल है।

(ग) कुमारिल भट्ट की प्रसिद्धि का क्या कारण था?
उत्तर
कुमारिल भट्ट मीमांसा दर्शन के प्रकाण्ड विद्वान थे।

(घ) शंकराचार्य का मंडन मिश्र से शास्त्रार्थ कहाँ हुआ था?
उत्तर
शंकरा वार्य का मंडन मिश्र से शास्त्रार्थ माहिष्मती में हुआ था।

(ङ) कापालिकों का मुख्य केंद्र कहाँ था?
उत्तर
कापालिकों का मुख्य केंद्र उज्जयिनी था।

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 18 लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 6 Hindi Chapter 18 Question Answer MP Board प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन-से-पाँच वाक्यों में दीजिए

(क) शंकराचार्य ने किन चार पीठों की स्थापना की?
उत्तर
शंकराचार्य एक महान संगठन-कर्ता थे। उन्होंने उत्तर में बद्रीनाथ धाम, दक्षिण में रामेश्वरम् पूर्व में जगन्नाथपुरी और पश्चिम में द्वारिका पीठ की स्थापना की। इस तरह उन्होंने भारत को एक सूत्र में बांधा।

(ख) ‘शंकर बाल्यकाल से ही विलक्षण प्रतिभा के धनी थे।’ इस संबंध में शंकर की तीन विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर
शंकर एक वर्ष की उम्र में ही बोलने लगे थे। तीव्र स्मरण शक्ति के कारण तीन वर्ष की उम्र में वे सुनी हुई बात को अक्षरशः दुहरा देते थे। पाँच वर्ष की आयु में वे गुरुकुल गए और सात वर्ष में ही उन्होंने शास्त्रों में प्रवीणता प्राप्त कर ली।

(ग) ‘नर्मदाष्टक’ की रचना शंकराचार्य ने कब की? उस घटना का उल्लेख करें।
उत्तर
ओंकारेश्वर वास के दौरान नर्मदा में भीषण बाढ़ आई। अनेक गाँव बह गए। लोगों के कष्टों को देखकर शंकराचार्य ने ‘नर्मदाष्टक’ की रचना की और अपनी यौगिक शक्ति से नर्मदा के जल को कमंडल में भर लिया।

(घ) ‘गुरु गोविंदपाद ने प्रसन्न होकर शंकर को क्या आदेश दिया?
उत्तर
‘गुरु गोविंदपाद ने प्रसन्न होकर शंकर को भारत भ्रमण करने और लोक को सही दिशा देने का आदेश दिया। उन्होंने शंकर को वैदिक धर्म के पुनरुत्थान के लिए प्रयत्न करने की आज्ञा दी। शास्त्रों में पारंगत शंकर से उन्होंने काशी जाकर शास्त्रार्थ करने के लिए कहा।

(ङ) शंकर ने माता से सन्यास की आज्ञा किस प्रकार प्राप्त की?
उत्तर
एक दिन शंकर माता के साथ नदी पर स्नान के लिए गए। वहाँ एक मगरमच्छ ने उनके पैर पकड़ लिए। माता आर्याम्बा यह देखकर विचलित हो गईं। संस्कारवश अकस्मात ही शंकर ने उनसे सन्यास की अनुमति माँगी, उन्होंने यह कहा कि शायद इसी से उनका जीवन बच जाए। पुत्र की रक्षा के लिए माता ने अनचाहे ही अनुमति दे दी।

भाषा की बात

Class 6 Hindi Chapter 18 MP Board प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों के शुद्ध उच्चारण कीजिए
प्रस्थानत्रय, त्राहि-त्राहि, प्रकांड, ओंकारेश्वर, केन्द्र, दृश्य।
उत्तर
छात्र स्वयं करें। प्रश्न

5. निम्नलिखित शब्दों की शुद्ध वर्तनी लिखिए
सिरोधार्य, पुर्नजागरन, भारतिय, अचल
उत्तर
शिरोधार्य, पुनर्जागरण, भारतीय, अंचल

Class 6th Hindi Chapter 18 MP Board प्रश्न 6.
उदाहरण के अनुसार निम्नलिखित शब्दों की संधि कीजिए
शंकर+आचार्य, देह+अन्त, शास्त्र+अर्थ, सर्व+अधिक, दिक्+विजय, पुनः + जागरण, महा+ईश्वर
उत्तर
शंकर आचार्य = शंकराचार्य
देह+अन्त = देहान्त शास्त्र
अर्थ = शास्त्रार्थ
सर्व+अधिक = सर्वाधिक
दिक्+विजय = दिगविजय
पुनः+जागरण = पुनर्जागरण
महा+ईश्वर = महेश्वर प्रश्न

7. उदाहरण के अनुसार ‘त्व’ प्रत्यय लगाकर शब्द बनाइए
उत्तर
Class 6th Hindi Mp Board

Chapter 18 Hindi Class 6 MP Board प्रश्न 8.
निम्नलिखित गयांशों को पढ़िए तथा संयुक्त क्रियाओं को छाँटकर लिखिए
“अपनी माता से आज्ञा लेकर बालक शंकर ने घर छोड़ दिया और गुरु की तलाश में निकल पड़े। वह उत्तर भारत की ओर चल पड़े। यात्रा में उन्हें अनेक आश्रम मिले। वातापि आश्रम से निकल कर उन्होंने गोदावरी पार की और दंडकारण्य में प्रवेश किया।”
उत्तर
छोड़ दिया, निकल पड़े, चल पड़े, पार की, प्रवेश किया।

शंकराचार्य मध्यप्रदेश में प्रसंग सहित व्याख्या

1. गुरु को यह ……………………. काशी जाओ।”
शब्दार्च-महारत = प्रवीणता । विचरण=भ्रमण । प्रयास = कोशिश। समरसता = समानता का भाव। विलासिता = भौतिक सुख । पुनरुत्थान=फिर से उन्नति करना । प्रयत्न = कोशिश । पारंगत= दक्ष, प्रवीण । शास्त्रार्थ=शास्त्रों के ज्ञान के आधार पर वाद-विवाद।

प्रसंग-प्रस्तुर रक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक सुगम भारती-6 में संकलित जीवनी ‘शंकराचार्य-मध्यप्रदेश में’ से उद्धृत है। इनमें गुरु द्वारा शंकराचार्य को उनका कर्तव्य बताया गया है।

व्याख्या-शंकर की शिक्षा पूर्ण हो चुकी थी और उन्होंने योग में भी महारत हासिल कर ली थी। गुरु उनसेप्रसन्न थे। वे उनसे कहते हैं कि बादल एक जगह नहीं रहते। वे घूम-घूमकर संसार में वनस्पतियों पर बरसते हैं और पूरी धरती को हरा-भरा कर देते हैं। वैसे ही तुम भी घूम-घूम कर लोक कल्याण के लिए कार्य करो। भारत में घूम-घूमकर महान धर्म कार्य करो। सामाजिक कुरीतियों को दूर कर समरसता का भाव जगाओ। परंत उससे पहले काशी जाकर शास्त्रार्थ करने की आज्ञा गुरु शंकराचार्य । को देते हैं।

विशेष

  • उस काल की सामाजिक एवं धार्मिक स्थिति दर्शायी गयी है।
  • एक विद्वान के क्या कर्त्तव्य होने चाहिए, यह बताया गया है।

2. आचार्य शंकर महान् संगठन-कर्ता भी थे। उन्होंने भटक से कटक तथा कन्याकुमारी से कश्मीर तक की पैदल यात्रा की। उन्होंने चार पीठों की स्थापना की थी। ये चारों पीठ क्रमशः उत्तर में बद्रीनाथ धाम, दक्षिण में रामेश्वरम्, पूर्व में जगन्नाथ पुरी और पश्चिम में द्वारिका के नाम से विख्यात है। इस तरह उन्होंने पोखरों में बंटे हुए देश को सागर का आभास कराया, और देश को एक सूत्र में बांधा।

शब्दार्व-विख्यात=प्रसिद्ध । पोखर=छोटे-छोटे जलाशय। सूत्र=धागा।

प्रसंग-पूर्ववत्

व्याख्या-शंकराचार्य में संगठन करने की विशेषता थी। उन्होंने संपूर्ण भारत का पैदल भ्रमण किया। पूरब, पश्चिम, उत्तर तथा दक्षिण में चार पीठों की स्थापना कर उन्होंने पूरे भारत को एक दूसरे से जोड़ दिया। आज भी उत्तर भारतीय तीर्थयात्री की यात्रा दक्षिण स्थित रामेश्वरम् के दर्शन के बिना संपन्न नहीं होती और वैसे ही दक्षिण से उत्तर स्थित बद्रीनाथ की यात्रा पर लोग आया करते हैं। पूरबवासी द्वारिका की यात्रा पर पश्चिम जाते हैं और पश्चिमवासी जगन्नाथपुरी के दर्शनों हेतु पूरब आते हैं। इस प्रकार शंकराचार्य ने अपने प्रयासों से छोटे-छोटे जलाशयों में बंट चुकी भारतीय संस्कृति को सागर होने का आभास कराया और पूरे देश को आपस में बाँध दिया।

विशेष

  • शंकराचार्य की संगठन शक्ति एवं दूरदृष्टि का परिचय मिलता है।
  • राष्ट्र-निर्माण में उनकी भूमिका का पता चलता है।

MP Board Class 6th Hindi Solutions

MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 11 गिरधर की कुण्डलियाँ

MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 11 गिरधर की कुण्डलियाँ

गिरधर की कुण्डलियाँ पाठ का अभ्यास

 गिरधर की कुण्डलियाँ बोध प्रश्न

गिरधर की कुंडलियां के प्रश्न उत्तर MP Board प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ शब्दकोश से खोजकर लिखिए
उत्तर

  1. दौलत-सम्पत्ति; ठाँऊस्थान, स्थिर; पाहुनअतिथि, मेहमान; निदान = अन्त में, कारण, उपचार; निस= रात; अभिमान : घमण्ड; जस= यश; जग संसार, दुनिया; जियत = जीवित रहना, जीते रहना।।
  2. गाहक = ग्राहक, ग्रहण करने वाला; कोकिला = कोयल; सहस = हजार; बिनु = बिना; लहै = प्राप्त कर सकना; ठाकुर मन के = मन के मालिक, मन के स्वामी।
  3. ताहि उसको; खता= चूक, गलती, कमी; परतीती = विश्वास, भरोसा; सुधि लेइ = खोज खबर लेनी चाहिए, सोच-समझकर आचरण करना चाहिए; बिसारि दे= भुला दे।

Girdhar Ki Kundaliya Class 8 MP Board प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में लिखिए
(क) हमें दूसरे व्यक्तियों से किस प्रकार के वचन बोलना चाहिए?
उत्तर
हमें दूसरे व्यक्तियों से विनयपूर्वक मीठे वचन बोलने चाहिए।

(ख) कोयल सबको अच्छी क्यों लगती है ?
उत्तर
कोयल सबको अच्छी लगती है क्योंकि वह मिठास भरी बोली बोलती है।

(ग) धनी व्यक्ति को क्या नहीं करने को कहा है ?
उत्तर
धनी व्यक्ति को अपने धन का घमण्ड नहीं करना चाहिए।

(घ) ‘गुन के गाहक’ से क्या आशय है ?
उत्तर
गुण (अच्छी बात या लाभकारी वस्तु) के ग्रहण करने वाली सभी होते हैं। गुण रहित (खराब और अलाभकारी) वस्तु को कोई भी स्वीकार नहीं करता है।

(ङ) बीति ताहि …… कहकर कवि ने कौन सी सलाह दी है?
उत्तर
कवि ने सलाह दी है कि जो बात (घटना) घट चुकी है, उसे भुला देना ही उचित है। इससे आगे सोच-समझकर व्यवहार करना चाहिए।

Giridhar Ki Kundaliya Question Answer MP Board प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से लिखिए

(क) धन पाकर हमें अभिमान क्यों नहीं करना चाहिए?
उत्तर
धन पाकर हमें अभिमान नहीं करना चाहिए क्योंकि धन तो चंचल है, कभी धन आ जाता है, तो कभी चला जाता है। सम्पत्ति किसी पर भी सदा के लिए नहीं रहती। यह तो बहते हुए जल के समान होती है जिस प्रकार जल एक स्थान पर स्थिर नहीं रहता उसी तरह धन कभी भी एक व्यक्ति के पास सदा स्थिर बनकर नहीं रहता। इसे स्थिर बनाकर रखने का कोई उपचार भी नहीं है। यह धन तो चार दिन-रात का मेहमान होता है। इसलिए मीठा बोलकर, विनयपूर्वक सबके साथ व्यवहार करना चाहिए।हमें प्रेमपूर्वक सन्तुलित बात करनी चाहिए। धन पर घमण्ड करना घाटे का (हानि का) सौदा है।

(ख) कोयल और कौए की वाणी में क्या अन्तर है?
उत्तर
कोयल और कौआ दोनों ही काले रंग के पक्षी हैं। इनकी वाणी को सभी लोग सुनते हैं लेकिन कोयल की वाणी सभी को अच्छी लगती है, सुहाती है। अपनी कर्कश बोली के कारण कौए सबके द्वारा अपवित्र और त्याज्य माने गये हैं। कोयल की वाणी मीठी होने से सब लोगों द्वारा उसकी मिठास की प्रशंसा की जाती है। सभी लोग उसके ग्राहक हैं। कोयल की मधुर वाणी हजारों लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर लेती है।

(ग) बीती बातों को भुलाने से क्या लाभ तथा क्या हानि है ?
उत्तर
बीती बातों को भुलाने से ही लाभ है क्योंकि भविष्य में लाभ होने की बात को ठीक तरह से सोच-समझ लेने से घटित घटना को भुला देने में ही भलाई है। घटित घटना से हमें निराश और हतोत्साहित नहीं हो जाना चाहिए। आगे के कार्य को सोच-समझकर कर, मन लगाकर करना चाहिए। फिर जो आसानी से हो सके उसे करना चाहिए। मन लगाकर काम करने से उसमें सफलता मिलती है। दुष्ट व्यक्ति भी फिर हँसी नहीं उड़ा पाते। मन में कोई चूक (कभी गलती) न होने से, मन में पक्का विश्वास करके अपने काम में जुट जाना चाहिए। इससे भविष्य में सफलता मिलती है। भविष्य में सुख प्राप्ति की आशा होती है। अतः जो घटना (बात) बीत गई (घटित हो गई) उसे भुला देने में ही लाभ है।

गिरधर की कुंडलियां पाठ से एक पद लिखिए MP Board प्रश्न 4.
‘लोक व्यवहार की बातें’ इन कुण्डलियों में हैं। उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर
(1) किसी भी व्यक्ति को अपने धन का घमण्ड सपने में भी नहीं करना चाहिए। यह धन कभी आ जाता है तो कभी चला जाता है।
(2) हमें मीठे वचन बोलने चाहिए। मधुर व्यवहार से और विनयपूर्वक बोलने से हमें संसार में यश की प्राप्ति होती है। जो लोग घमण्ड रहित होकर, मधुर वाणी बोलकर व्यवहार नहीं करते, वे निश्चय ही घाटे का सौदा प्राप्त करते हैं।
(3) धन का घमण्ड उचित नहीं क्योंकि धन सदा किसी के पास नहीं रहता।

द्रष्टव्य है

  • दौलत पाय न कीजिए सपने में अभिमान।
  • मीठे वचन सुनाय, विनय सब ही सौं कीजै।
  • पाहुन निस दिन चारि, रहत सब ही के दौलत।

(4) मधुर और मीठे बोल सभी को अच्छे लगते हैं। ‘सबद सुनै सब कोय, कोकिला सबै सुहावन।’
(5) घटित घटना को भुला देना ही लाभकारी है। भविष्य में सबका भला हो, इस भावना से उचित व्यवहार की बात को सोच समझकर बीती बात भुला देनी चाहिए। मन में किसी भी प्रकार चूक न रखते हुए मन पर पूरा विश्वास रखते हुए आगे का उचित व्यवहार अपनाना चाहिए। इसी में भलाई है, सुख है। ‘बीती ताहि बिसारे दे, आगे की सुधि लेइ।

गिरधर की कुण्डलियाँ का भावार्थ MP Board प्रश्न 5.
निम्नलिखित पंक्तियों का सन्दर्भ सहित भाव स्पष्ट कीजिए-
(क) सबद सुनै सब कोय, कोकिला सबै सुहावन।
दोऊ को रंग एक, काग सब भए अपावन।।

(ख) बीति ताहि बिसारि दे, आगे की सुधि लेड़।
जो बनि आवै सहज में, ताही में चित्त देई।।
उत्तर
महाकवि गिरधर कहते हैं कि गुणों के (अच्छी बात के) ग्रहण करने वाले लोग तो हजारों की संख्या में होते हैं। बिना गुण की वस्तु को (जो वस्तु अच्छी नहीं है, उसे) कोई भी नहीं लेता। जिस तरह कौआ और कोयल के शब्द को (वाणी को) तो सभी सुनते ही हैं लेकिन कोयल की वाणी सभी को अच्छी लगती है। इन दोनों-कौआ और कोयल का रंग एक-सा होता है, परन्तु सभी कौए अपवित्र हो गये। हे मन के स्वामी (मनमौजी) ! कवि गिरधर कहते हैं कि आप सभी इस एक बात को सुन लीजिए कि कोई भी व्यक्ति – बिना गुण वाली (खराब) वस्तु को ग्रहण नहीं करेगा। गुणकारी (अच्छी) वस्तु के ग्राहक तो हजारों लोग होते हैं।

जो बात हो चुकी उसे भुला देना चाहिए, हमें, फिर, भविष्य के बारे में सोच-विचार (खोज खबर लेनी चाहिए) करना चाहिए। जो बात (काम) आसानी से हो सके, उसमें ही अपने मन को लगाना चाहिए। जो भी बात (काम) बन सके (हो सके) तो उसे ही मन लगाकर करना चाहिए। इस तरह कोई भी दुष्ट व्यक्ति हमारी हँसी भी नहीं उड़ा सकेगा और मन में कोई भी चूक अथवा दोष भी नहीं आ सकेगा। कविवर गिरधर कहते हैं कि उस काम को मन में विश्वास के साथ कीजिए। भविष्य में होने वाले सुख की बात को समझकर उस बात को भुला दीजिए, जो बीत चुकी है, घट चुकी है।

गिरधर की कुण्डलियाँ भाषा-अध्ययन

Mp Board Class 8 Hindi Chapter 11 प्रश्न 1.
‘जस’ शब्द का मानक रूप ‘यश’ है। इसी प्रकार निम्नलिखित शब्दों के मानक रूप लिखिए
सपने, सहस, सबद, गुन, परतीती, जियत, ग्राहक।
उत्तर

  1. स्वप्न
  2. सहस्र
  3. शब्द
  4. गुण
  5. प्रतीति
  6. जीवित
  7. ग्रहणकर्ता।

गिरधर की कुंडलियां अर्थ सहित MP Board प्रश्न 2.
निम्नलिखित विकल्पों में से सही विकल्प चुनिए
“सबद सुनै सब कोइ, कोकिला सबै सुहावन” में अलंकार है (यमक, अनुप्रास, श्लेष)
उत्तर
‘अनुप्रास’

Girdhar Ki Kundaliya Question Answers MP Board प्रश्न 3.
इस पाठ की कुण्डलियों में अभिमान’ शब्द के समान ‘निदान’ तुकान्त शब्द आया है।
इसी प्रकार निम्नलिखित तालिका में से तुकान्त शब्द चुनिए और सही क्रम में लिखिए लीजै
Girdhar Ki Kundaliya Question Answers Class 8
उत्तर

  1. लीजै-कीजै
  2. तौलत-दौलत
  3. सुहावनअपावन
  4. देइ-लेइ
  5. पावै-आवै।

Class 8 Hindi Chapter 11 Mp Board प्रश्न 4.
अनुस्वार और आनुनासिक के प्रयोग वाले पाँच-पाँच शब्द लिखिए।
उत्तर
अनुस्वार के प्रयोग वाले शब्द-पंच, गंज, पंक, पंत, कंस, कोंपल, चौंच।
आनुनासिक के प्रयोग वाले शब्द-जाँच, आँच, आँख, नदियाँ, फलियाँ।

Girdhar Ki Kundaliya Question Answers Class 8 प्रश्न 5.
कुण्डलियाँ छन्द के अन्य उदाहरण छाँटकर उसकी मात्राओं की गणना कीजिए।
उत्तर
गिरधर की कुंडलियां पाठ से एक पत्र लिखिए MP Board
Girdhar Ki Kundaliya Ke Prashn Uttar MP Board
लक्षण – कुण्डलियाँ के छ: चरण होते हैं। प्रत्येक चरण में 24 मात्राएँ होती हैं। इस छन्द के आरम्भ में दोहा और अन्त में रोला छन्द होता है। इस छन्द की एक विशेषता यह भी है कि जो शब्द इसके आरम्भ में आता है, वही इसके अन्त में भी आता है।

गिरधर की कुंडलियां पाठ से एक पत्र लिखिए MP Board प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द वर्ग पहेली से छाँटकर लिखिए
दौलत, संसार, अभिमान, पाहुन।
उत्तर-
शब्द – पर्यायवाची शब्द
दौलत = सम्पदा, धन।
संसार = लोक, जग।
अभिमान = गर्व, दर्प।
पाहुन = अतिथि, मेहमान।

गिरधर की कुण्डलियाँ सम्पूर्ण पद्यांशों की व्याख्या

1. दौलत पाय न कीजिए सपने में अभिमान।
चंचल जल दिन चारि को, ठाँउ न रहत निदान।।
ठाँउ न रहत निदान, जियत अग में जस लीजै।
मीठे वचन सुनाय, विनय सब ही सौं कीजै।।
कह गिरधर कविराय, अरे यह सब घट तौलत।
पाहुन न निस दिन चारि, रहत सब ही के दौलत।

शब्दार्थ-दौलत सम्पत्ति:पाय प्राप्त करके अभिमान घमण्ड; ठाँउ = स्थिर; निदान = अन्त में; जीयत = जीवित रहते हुए; जग = संसार; जस = यश; लीजै = प्राप्त कर लीजिए; सुनाय = सुनाकर; सौं = से; कीजै = कीजिए; घट = कम; तौलत = तोलते हैं; पाहुन = मेहमान, अतिथि; निसिदिन चारि = चार रात-दिन की, थोड़े समय की; सब ही के सभी के पास।

सन्दर्भ-प्रस्तुत कुण्डलियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘भाषाभारती’ के पाठ ‘ गिरधर की कुण्डलियाँ से अवतरित हैं। इसके रचयिता कविवर गिरधर हैं।

प्रसंग-कवि गिरधर ने इन कुण्डलियों के माध्यम से बताया है कि धन सम्पत्ति का मनुष्य को घमण्ड नहीं करना चाहिए क्योंकि यह तो थोड़े समय की ही होती है।

व्याख्या-हमें धन-सम्पत्ति प्राप्त करके स्वप्न में भी घमण्ड नहीं करना चाहिए। यह सम्पत्ति तो जल के समान चंचल है, बहुत थोड़े समय रहती है। अन्त में यह एक स्थान पर (किसी एक व्यक्ति के पास) नहीं रहती है। क्योंकि सम्पत्ति स्थिर नहीं रहती, इसलिए इस संसार में अपने जीवनकाल में यश प्राप्त करो। सभी से मधुर वचन बोलिए और सभी के साथ विनयपूर्वक व्यवहार कीजिए। महाकवि गिरधर कहते हैं कि धन-सम्पत्ति प्राप्त करके जो कम तौलते हैं अर्थात् कपट का व्यवहार करते हैं, उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि यह सम्पत्ति तो चार दिन रात (थोड़े समय) की मेहमान (अतिथि) है; यह सभी के पास सदा नहीं रहती है।

(2) गुन के गाहक सहस नर, बिन गुन लहै न कोय।
जैसे कागा कोकिला, सबद सुनै सब कोय।।
सब सुनै सब कोय, कोकिला सबै सुहावन।
दोऊ को रंग एक, काग सब भए अपावन।।
कह गिरधर कविराय, सुनो हो ठाकुर मन के।
बिनु गुन लहै न कोय, सहस नर गाहक गुन के।।

शब्दार्थ-गुन = गुण; गाहक = ग्रहण करने वाले; सहसहजारों; लहै = ग्रहण करते हैं; न कोय = कोई भी नहीं; कागाकौआकोकिला = कोयल; सबद = वाणी, बोली; सब कोयसभी लोग: सबै सभी को सुहावन = अच्छी लगती है; अपावन = अपवित्र; ठाकुर मन के = मन के स्वामी; गुन = गुणों के, लाभकारी होने से; गुण के अच्छे के।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-कवि बताते हैं कि गुणकारी (लाभदायक) अथवा अच्छी वस्तु (बात) के हजारों लोग ग्राहक होते हैं।

व्याख्या-महाकवि गिरधर कहते हैं कि गुणों के (अच्छी बात के) ग्रहण करने वाले लोग तो हजारों की संख्या में होते हैं। बिना गुण की वस्तु को (जो वस्तु अच्छी नहीं है, उसे) कोई भी नहीं लेता। जिस तरह कौआ और कोयल के शब्द को (वाणी को) तो सभी सुनते ही हैं लेकिन कोयल की वाणी सभी को अच्छी लगती है। इन दोनों-कौआ और कोयल का रंग एक-सा होता है, परन्तु सभी कौए अपवित्र हो गये। हे मन के स्वामी (मनमौजी) ! कवि गिरधर कहते हैं कि आप सभी इस एक बात को सुन लीजिए कि कोई भी व्यक्ति – बिना गुण वाली (खराब) वस्तु को ग्रहण नहीं करेगा। गुणकारी (अच्छी) वस्तु के ग्राहक तो हजारों लोग होते हैं।

3. बीती ताहि बिसारि दे, आगे की सुधि लेड।
जो बनि आवै सहज में, ताही में चित्त देइ।।
साही में चित्त देइ, बात जोई बनि आवै।
दुर्जन हँसे न कोय, चित्त में खता न पावै।।
कह गिरधर कविराय, यह करू मन परतीती।
आगे को सुख समुझि, होय बीती सो बीती।।

शब्दार्थ-बीती ताहि = जो बात (घटना) समाप्त हो गई, घट गई उसे; बिसारि दे = भुला दे; आगे की सुधि लेइ = इसमें आगे विचार करके आचरण (व्यवहार) करना चाहिए, खोज खबर लेनी चाहिए; जो बनि आवै = जो भी कुछ हो सके उसे; सहज में = सरलता से, आसानी से; ताही में = उसी में; चित्त देइ = मन लगाना चाहिए; बात जोई बनि आवै = जो भी बात बन सके दुर्जन = दुष्ट व्यक्ति; कोय = कोई भी; हँसे न = हँसी न ठड़ा सके; खता = दोष या चूक; पावै = प्राप्त होने दो; यहै = वही; मन परतीती = मन में विश्वास के साथ; करू = कीजिए; आगे को = भविष्य में (आने वाले समय में); समुझि = समझकर; बीती सो बीती = जो बात (घटना) बीत गई (हो गई), सो हो गई।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-जो बात (घटना) घट चुकी, उसके ऊपर अधिक सोच-विचार नहीं करना चाहिए, कवि को ऐसी सलाह है।

व्याख्या-जो बात हो चुकी उसे भुला देना चाहिए, हमें, फिर, भविष्य के बारे में सोच-विचार (खोज खबर लेनी चाहिए) करना चाहिए। जो बात (काम) आसानी से हो सके, उसमें ही अपने मन को लगाना चाहिए। जो भी बात (काम) बन सके (हो सके) तो उसे ही मन लगाकर करना चाहिए। इस तरह कोई भी दुष्ट व्यक्ति हमारी हँसी भी नहीं उड़ा सकेगा और मन में कोई भी चूक अथवा दोष भी नहीं आ सकेगा। कविवर गिरधर कहते हैं कि उस काम को मन में विश्वास के साथ कीजिए। भविष्य में होने वाले सुख की बात को समझकर उस बात को भुला दीजिए, जो बीत चुकी है, घट चुकी है।

MP Board Class 8th Hindi Solutions

MP Board Class 12th General English Letter Writing

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नोट-Letter writing में बोर्ड द्वारा निम्नलिखित प्रकार के Letters पाठ्यक्रम के लिए निर्धारित हैं
(A) Personal/Informal letters
(B) Applications for job/formal letters
(C) Business or official letters
(D) Letters to the editor पत्र दो प्रकार के होते हैं

(1) अनौपचारिक पत्र (Informal Letters)—ये पत्र रिश्तेदारों, अति निकट के लोगों तथा मित्रों के लिए लिखे जाते हैं। .
(2) औपचारिक पत्र (Formal Letters) ये वे पत्र हैं जो ऑफिसों के लिए व व्यापार सम्बन्धी कार्यों के लिए लिखे जाते हैं। ये निम्नलिखित प्रकार के होते हैं

Mp Board Solution Class 12 (1) Applications,
(ii) Business or official letters,
(iii) Letters to the editor. अच्छे पत्र की विशेषताएँ

1. भाषा (Language)-पत्र की भाषा सरल तथा स्पष्ट होनी चाहिए।
2. स्पष्ट विचार (Clear views)-विचार स्पष्ट और संक्षिप्त होने चाहिए।
3. नम्र स्वभाव (Polite nature)—पत्र में नम्रतापूर्वक अपनी बात कहनी चाहिए। कठोर भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
4.लिखावट (Handwriting)-पत्र लिखावट सुन्दर होनी चाहिए, ताकि उसे सभी लोग पढ़ सकें।
5. संक्षिप्तता (Brevity)—पत्र संक्षिप्त होना चाहिए। अनावश्यक बातों को पत्र में नहीं लिखना चाहिए।

Some Examples

A. Formal Letters

General English Class 12 Mp Board I. Applications
1. You are the monitor of the class. Your classroom is not cleaned regularly. Write an application to the principal of your school requesting him to look into the matter. [2012]
Answer:
Class Monitor
Xll-B
August 25, 20
The Principal, .
Govt. H. S. School,
Ujjain

Sir,
With due respect I beg to draw your kind attention towards our dirty class-room. It has been quite some time that our classrooms are not cleaned. When we enter the room in the morning, the room, the tables and the chairs are dirty. We cannot sit on them. The floor is full of dirt. We have to clean the room and the tables before the teacher enters the classroom. This is causing bed effect on the health of the students.
I request you to look into the matter and ask the sweeper to clean the room regularly.

Yours Obediently
Deepak Kumar

Loudspeaker Application 12th Class In English MP Board 2.
You are Sheetal Verma, have passed XII class. Write an application to the Principal of S. N. P. W. H. S. School, Dewas, M.P. to issue you School Leaving Certificate as you have to join for higher studies in other cities. [2015,17]
Answer:
Ratan Nagar,
Dewas
October 24, 20……..

To,
The Principal,
S.N.P.W.H.S. School Dewas, M.P.

Sir,
With due respect, I want to state that 1 have passed Xllth standard from your school in this session. I have got selection in police department as constable. I need my School Leaving Certificate to join higher studies.

Therefore, I request you to kindly issue me a School Leaving Certificate. I shall be thankful.

Yours Obediently
Sheetal Verma

Application 12th Class Mp Board 3.
Write an application to your principal requesting him to issue a character certificate. [2016]
Answer:
45, Anand Nagar
M. G. Road
Raipur ’
June 18,20.,…
The Principal
Govt. H. S. School
Raipur

Sir,
With due respect I want to say that I have passed Xllth standard from your school in this session. I have been selected in Electricity Department as a clerk. I have been asked by the Department to submit character certificate issued by the Principal of the college last attended.

I, therefore, request you to please issue me a character certificate. I shall be thankful.

Yours obediently,
Anil Kumar

12th Class Application MP Board 4.
Write an application to the Manager, State Bank of India, Bhopal for the post of a clerk.
Answer:
123, Ashok Nagar
Bhopal
May 20,20….
The Manager,
State Bank of India,
Bhopal.

Sir,
In response to your advertisement ¡n ‘The Hindustan Times’, Thursday, dated 18. 5. 20…, for the post of a clerk, I wish to offer my candidature for it. So far as my academic qualifications are concerned, I am to submit as follows:
General English Class 12 Mp Board

My typing speed in Hindi is 30 w. p. m. My date of birth is July 23, 19 I am a young man of strong physique. I was a member of the cricket team of my college during the years 20…. – 20 ……… .

I am enclosing herewith, the attested copies of certificates, degrees and testimonials which will testify to my’ conduct and ability. I may be permitted to submit that if given a chance, J shall leave no stone unturned in serving your reputed organisation.

Yours faithfully,
Sharad Bharadwaj

Mp Board Class 12 English Book Solution 5.
Write an application to the Director of Education, M. P. Bhopal, asking for a job as a teacher in an educational institution.
Answer:
C/o Ram Gopal Rastogi 100,
Civil Lines,
Muzaffar Nagar,
Ratlam [M. P.]
March 12,20
The Director of Education,
M. P.,
Bhopal

Sir,
With reference to your advertisement in The Times of India, dated March 11, 20…., for the post of teachers in trained graduate grade, I beg to offer myself as a candidate.

As regards my academic qualifications, I beg to state that I passed my B. A. examination in 20…. from Meerut University, Meerut with English Literature, Economics and Geography as my subjects. I took my B. Ed. degree from Aligarh Muslim University, Aligarh in 20 I have been teaching in a local High School for about one year with full satisfaction to all.

I am a young man of about 25 years. I am a good player of cricket and football. I may assure you, sir, that if I am given an opportunity, I shall do my utmost to prove myself worthy of the job.

Yours faithfully,
Ajay

Encl. : Xerox copies of all certificates.

II. Letters to the Editor

Class 12 General English MP Board 1.
Write a letter to the Editor of a newspaper against the practice of begging in your city.
Answer:
96, Chandan Nagar,
Indore
October, 15, 20….
The Editor,
Dainik Bhaskar,
Indore

Dear Sir,
I shall be grateful to you if you permit me to express my views on street begging in our city through the columns of your esteemed daily. I wish to draw the attention of the public as well as the Government against this menance.

Begging in Ranikhet has become a common sight. Turn where you may, you will always find one or two beggars with their begging bowls asking to spare a few coins for them. Some of these beggars are quite hale and hearty and can jolly well earn their living but they seem to have taken to easy money out of the pockets of others. Let me tell you that these beggars do not spare even the tourists to this area. It is indeed a reflection of our culture and country. I would therefore, appeal to the public not to encourage these beggars and to the Government that the Anti-Beggary Law should be stringently implemented to uproot this social evil.

Yours truly,
R. K. Luthra

12th English Letter Writing MP Board 2.
Write a letter to the Editor of a newspaper drawing attention towards acute shortage of water in your city.
Answer:
3, Laxmi Nagar,
Ujjajn
Sept. 6, 20….
The Editor, .
Dainik Jagran,
Bhopal

Dear Sir,
I wish to draw the attention of the concerned authorities towards the acute shortage of drinking water in our city causing unavoidable inconvenience to the public.

For the last one month a very serious problem has come out about drinking water in this city. A month or so ago the Water Works of this town got the tanks cleaned. Now we get water but when we keep it still for an hour or so, a great deal of dust particles collect in the bottom of our vessels.
Our verbal request to the municipal authorities have gone unheeded to so far. The existing water supply which is polluted, will also lead to spread of diseases. In the interest of health of the public, I once again request the municipal authorities to pay heed to the genuine problem of drinking-water of this city at the earliest. It is needless to say that all the citizens are paying their municipal taxes and are entitled to the minimum civic facilities like drinking water.

Yours faithfully,
Dinesh Kumar

Application 12 Class English MP Board 3.
Write a letter to the Editor, The Dainik Bhaskar, Rewa drawing attention of the authorities towards the repairs of the road.
Answer:
233, Nehru Nagar,
Rewa
October 10,20….

To,
The Editor,
The Dainik Bhaskar,
Rewa

Sir,
Through the columns of your esteemed daily, we wish to draw the attention of the authorities of Nagar Mahapalika towards the bad condition of the roads of Kaiju Nagar. It has been impossible for us to move on this road for the last four months. In dark nights, it is dangerous for four-wheelers to pass this road. Pregnant women cry with pain while moving through this road. Many children have broken their legs due to big holes on the road. I make an appeal to the concerned authorities to immediately look into this matter and order for immediate repairs of the road.

Yours etc.
Avinash Mehta

III. Business or Official Letters

एक अच्छे व्यापारिक पत्र (Business letter) में बात पूर्णतः स्पष्ट होनी चाहिए। ऐसे शब्दों का प्रयोग किया जाये जिससे कि पाठक को Dictionary का सहारा न लेना पड़े।
पत्र यथासम्भव संक्षिप्त होना चाहिए। आज के व्यस्त युग में व्यापारी के पास अधिक समय नहीं होता। अनावश्यक पत्र व्यवहार से बचने के लिए पूर्ण बातें लिखनी चाहिए ताकि लेखक का मन्तव्य स्पष्ट हो सके। ऐसा न हो कि पाठक को पत्र लिखकर पूछना पड़े कि लेखक क्या चाहता है अथवा जो पत्र लेखक जानकारी देना/लेना चाहता था वो अधूरी हो और पुनः पत्र लिखना पड़े और अनावश्यक देरी हो।

  1. जिस फर्म को पत्र लिखा जाता है उसका पता बायीं ओर लिखा जाता है। यदि किसी व्यक्ति को पत्र लिखा जाता है तो नाम के पहले Mr. या Shri लिखा जाता है। फर्म के नाम के पहले M/s या Messers लिखा जाता है। अच्छे व्यापारिक पत्र में संक्षेप में वह विषय दिया जाता है जिस सम्बन्ध में पत्र लिखा जा रहा है।
  2. फर्म के लिए Dear Sirs तथा व्यक्ति के लिए Dear Sir लिखा जाता है।
  3. किसी पत्र के जवाब में उस पत्र का Reference (सन्दर्भ) दिनांक सहित दिया जाता है और भविष्य के पत्र व्यवहार के लिए अपने पत्र का Ref. No. दिया जा सकता है। ताकि यदि पत्र का जवाब मिले तो पता चल सके कि किस पत्र का जवाब है।
  4. पत्र की समाप्ति Your faithfully और हस्ताक्षर से करते हैं। फर्म के नाम से पहले For लिखते हैं और हस्ताक्षर करने वाले का नाम व पद लिखते हैं।

Making Enquiries

Letter Writing 12th Class MP Board 1.
Write a letter on behalf of M/s Gupta & Sons, 14, Hauz Qazi, Delhi to M/s Sita Ram Om Prakash, L. I. G. Colony, Jabalpur asking quotations for woollen clothes and their rate of discount and terms regarding payment.
Answer:
Gupta & Sons
14, Hauz Qazi,
Delhi
November 11,20

M/s Sita Ram Om Prakash,
L. I. G. Colony,
Jabalpur

Dear Sirs,
Please send us your price-list and quotations for woollen clothes within a week after the receipt of this letter.

We also request you to kindly let us know the rate of discount and terms regarding payment and delivery.

Hoping to receive an early reply.

Yours faithfully,
For Gupta & Sons,
Ramesh Gupta Manager

Letter Writing Class 12 MP Board 2.
Write a letter to M/s Deepali Stationery Mart New Market, Ratlam asking them to send their rates and terms of supply of stationery items.
Answer:
28, Civil Lines,
Ratlam
10 June, 20…..

M/s Deepali Stationery Mart,
New Market,
Ratlam
Sub.: Quotation for supply of Stationery Items.

Sir,
We intend to place an order for supply of stationery items like registers, paper rims, carbon sheets, staplers, pens and other stationery items. We would also like to have your terms and conditions for the supply of these items. Thq details to required items are:
Mp Board Solution Class 12
Please let us know the mode of payment. Defective and substandard items will not be accepted. Kindly reply at the earliest.

Yours faithfully
Inder Verma
Office Superintendent

Complaints

Mp Board Class 12 Special English Book Pdf 1.
Last month you bought a digital camera from Shan Electronics, Bhopal. Now you find something wrong with it. Write a letter to the dealer complaining about the problem. [2014]
Answer:
L.I.G. Colony,
Gwalior
April 12,20

The Manager,
Shan Electronics,
Bhopal

Dear Sir,
I purchased a Sony digital camera WX 501D from your shop on March 25,20…. I am facing some problems with it. The flash does not work and the camera hangs in the middle while processing the photo.

I would like to claim the warranty on my camera and, therefore, request you to get the defective parts replaced. A photostat copy of the invoice and warranty card are attached with this letter.

With thanks,

Yours faithfully,
Abhay Verma.

Mp Board English Solution Class 12 2.
Write a letter to the Manager, Agarwal Cycle Company, Jabalpur complaining about a Cycle you bought last week.
Answer:
L. I. G. Colony,
Jabalpur March 5, 20..
The Manager,
Agarwal Cycle Co.,
Jabalpur

Dear Sir,
I purchased one cycle no. X-216879 Hercules MTB from you on March 1, 20 I regret to inform you that some of its parts are defective. The handle
has lost the polish and the saddle has given way.

I, therefore, request you to take this defective cycle back and deliver me a new cycle.

With thanks.
Yours faithfully,
Pranjal

3. Write a letter to the Post Master of your area complaining against the postman of your area. [2016]
Answer:
19, Rajmahal Colony
Rewa ‘
July 17, 20

Subject : Complaint against postman

Dear Sir,
I regret to lodge a complaint against the postman of our area Mr. Satish Charan. He is very careless and irregular in discharging his duties. Usually he brings the dak very late. He often delivers our private letters to wrong persons. Letters are many a time tom owing to his careless handling. He demands tips for delivering money orders and insured articles. It causes us great difficulty.

Hence I request you to warn him to mend his ways and be careful and responsible or to transfer him to some other area.

A quick action is solicited.

Yours faithful
Dinesh Kumar Singh

Orders And Replies

1. Write a letter to a sports dealer placing an order.
Answer:
42, Anand Nagar,
Raipur.
July 18,200…
M/s Sportsman,
Railway Road,
Bareilly.

Dear Sirs,
Please send me the following games material by railway parcel to my address and send the receipt for payment :

Thanking you for early compliance.

Yours faithfully,
Alok Jain

2. Write a letter to the General Electrical Co., Ujjain placing an order for the supply of fans.
Answer:
Connaught Place,
New Delhi.
August 25, 20
The General Electrical Co. Ltd.,
Ujjain

Dear Sir,
Please supply us by goods train the following items within a fortnight:
2 dozen Ceiling Fans 48″
1 dozen Ceiling Fans 56″
4 dozen Table Fans 16″

R/R may please be sent through the Central Bank of India, New Delhi.

Yours faithfully,
For the Northern Electrical Stores,
R. L. Agarwal,
Manager

Reply to the above
Answer:
The General Electrical Company Limited
Khajuri Bazar
Ujjain
August 30, 20

The Northern Electrical Stores,
Connaught Place,
New Delhi.

Dear Sirs,
We thank you very much for your esteemed order of the 25th instant. We have despatched the articles this day by goods train.

The invoice for the articles amounting to Rs. 12,547/- is enclosed. This includes all incidental charges.

R/R No. A 000153 dated the 30th Aug. 20…….. is being sent through the Central Bank of India, New Delhi.

Assuring you always of our best services.

Yours faithfully,
For the General Electrical Co. Ltd.,
R. Ranjan,
Manager
Enel. 1

3. Write a letter to the Manager, Central Bank, Indore to allow over-draft facilities.
Answer:
Indore
Sept. 12,20
The Manager,
The Central Bank of India,
Indore.

Dear Sir,

We propose to keep a good stock of woollen cloth for the season. We shall, therefore, need adequate funds during October and November.

We shall feel obliged if you please allow us overdraft facilities up to Rs. 40,000/- for these two months. We are prepared to entrust you Government Securities to the value of Rs. 40,000/-.

We hope this will satisfy you.
Soliciting the favour of an early reply.

Yours faithfully,
For Khanna Brothers,
Signature and Designation

Official Letters

1. Write a letter to the Superintendent of Police/SDM about the nuisance of loudspeakers and requesting him to ban the use of them during
the examination days. [2013, 15, 18]
Answer:
B-l 1, Chanakyapuri,
Jabalpur
Oct. 20,20
The. Superintendent of Police/SDM,
Jabalpur

Sir,
I want to draw your kind attention to the nuisance caused by the use of loud-speakers. I am a student of class XII appearing at the Board examinations. It is a time when all the students are busy day and night preparing for the coming examinations. Their success depends much on the proper use of their time and the concentration of their minds. It is regrettable that majority of citizens do not realise the importance of this time for students. They enjoy full liberty to use loud-speakers at their highest pitch to celebrate every occasion that comes to their hands. The result is that we are unable to make preparations in the right way.

I, therefore, request you to kindly impose a ban on the use of loud-speakers for the period of Examinations and punish those who are found guilty.

Thanking you,

Yours faithfully,
Rohil,

2. Write a letter to the Collector of your District about the lack of facilities and malfunctioning of the government hospital of your area.
[2011, 14, 18]
Answer:
31, Malviya Nagar Itarsi
June 30,20
The District Magistrate Itarsi.

Sir,
I wish to draw your kind attention towards the lack of facilities and malfunctioning of the government hospital of our area. The hospital has reached a sony state of affairs. The doctors and the staff are never in time and leave the hospital premises much before the hospital hours. The wards are not cleaned by the sweepers. The operation theatre wears a worse look. It is neglected by the doctors and the staff. Patients’ are forced to purchase medicines from medical stores in the market. Even serious patients are not properly attended by the doctors on duty.

As a result of this, unrest is growing among the residents of the locality. They have made several complaints against all this to the incharge of the hospital but no action has been taken so far.

I, therefore, request you to look into this matter immediately so that the government hospital of the area comes back on the track.

Yours faithfully
K. K. Bhardwaj

3. Write a letter to the SSP, Rewa about increasing goondaism in your locality.
Answer:
19, Rajmahal Colony,
Rewa
August, 18, 20
The Senior Supdt. of Police
Rewa.

Sir,
I have the honour to draw your kind attention to the increasing ‘goonda’ activity in our locality. It has become a normal practice of the goonda elements to assemble at the chaurahas of this colony. Several cases of molesting and assaulting girls and women have been registered with the Police in the last two months. It has become very difficult for couples to go for a short walk late in the evening. Many cases of robbing pedestrians, and snatching away of gold chains and ear-rings from women have gone unre ported. There is tremendous fear and a feeling of insecurity among the citizens of this area. Inspite of the repeated complaints, the Police of this area seem to be unconcerned and ineffective as they have failed to take any effective step to curb the activities of ‘goondas’.

May I hope-that you will make seripus efforts to mobilize and activize the Police of this area and keep the undesirable elements under strict vigilance in order to ensure order and peace to the citizens of this area.

Yours faithfully,
Radhey Shyam Bajaj

B. Informal/Personal Letters

Informal Letters के अन्तर्गत Letters to relatives, friends और अन्य सभी friendly (मैत्रीपूर्ण) Letters आते हैं।

ऐसे पत्रों की setting निम्न प्रकार से होनी चाहिए।

1. पत्र लेखक का पता प्रथम पृष्ठ पर ऊपर बायीं ओर लिखा जाना चाहिए।
उदाहरण-
5/77, L. I. G. Colony
Railway Road
Katni.

Note मकान नं. के बाद अर्द्ध-विराम आवश्यक नहीं है। पते की प्रत्येक पंक्ति के बाद अर्द्ध-विराम तथा अन्त में पूर्ण विराम प्रायः लगाया जाता है।

2. तारीख-पते के ठीक नीचे लिखी जानी चाहिए। यह कई प्रकार से लिखी जाती है; जैसे, 31 August 20…..; 31st August, 20……; August 31, 20…..; August 31st, 20……: 31/8/20……: 31.8.20…….

तारीख बिना विरामों के अधिक प्रचलित हो रही है।

Note-पता तथा तारीख की सभी पंक्तियाँ एक ही सीध में लिखी जा सकती हैं।

जैसे-
5/77, L. I. G. Colony,
Railway Road,
Katni
30/8/2008

3. सम्बोधन (Salutation) इसका स्थान पत्र के प्रथम पृष्ठ पर बायीं ओर, तारीख से कुछ नीचे होता है। सम्बोधन के कई प्रकार होते हैं :
Dear Father; My dear Father; Dearest Sister; My dearest Sister; My dear Pankaj; Dearest Pankaj; My dearest Pankaj;
अधिक सुरक्षित ढंग है Dear + वह नाम जिससे आप उस व्यक्ति को पुकारते हैं, जैसे- Dear Pankaj; Dear Papa.
यदि आप किसी को Mr. (या Shri) Saxena कहते हैं तो लिखिए : Dear Mr. Saxena

4. पत्र का मुख्य भाग (Main Body of the Letter) निम्नलिखित बातें इस भाग के लिए किसी भी पत्र के लिए महत्त्वपूर्ण हैं :

  1. यदि पत्र बहुत छोटा न हो तो उसे विषय-भेद के अनुसार Paragraphs में विभाजित कीजिए।
  2. भाषा सरल, स्पष्ट व सीधी होनी चाहिए। वाक्य छोटे और सरल होने चाहिए।
  3. पत्र को बहुत लम्बा न होने दीजिए।
  4. सूक्ष्म होते हुए भी पत्र में पूरी बात होनी चाहिए।
  5. पुनरावृत्ति से बचिए।
  6. शब्दों को रेखांकित न कीजिए।
  7. इस प्रकार लिखिए कि जैसे आप सम्बोधित व्यक्ति से आमने-सामने बात कर रहे हों।।
  8. सम्बोधित व्यक्ति से अपने सम्बन्ध के अनुसार ही Familiar terms का प्रयोग करिए।
  9. Punctuation पर ध्यान दीजिए।
  10. लिखने से पूर्व सोच लीजिए कि क्या लिखना है।

5. पत्र का अन्त (Subscription या Courteous Leave-taking)-दस भाग को पत्र की समाप्ति पर नीचे बायीं ओर लिखा जाता है।

जैसे-
Yours sincerely,
Ram Prakash

पत्र का अन्त कई प्रकार से किया जाता है। परिवार के किसी सदस्य या किसी घनिष्ठ मित्र को लिखे गये पत्र में—Yours affectionately, Yours affectionate friend, Your affectionate (या loving) son, आदि।

अन्य पत्रों में—Yours sincerely, Sincerely yours; Yours cordially; Cordially yours.

Some Examples

1. You are Mohit Verma residing at 15 Abhinav Homes, Raipur. Write a letter to your friend advising him to study English and General Knowledge for competitive exams. [2014]
Answer:
15, Abhinav Homes
Raipur
26 April, 20….

Dear Sachin,
I am fine here and hope the same for you. I am glad to know that you have passed Higher Secondary Examination with very good marks. You are studious and have rightly decided to sit for the competitive exams. I would like to advice you regarding preparations for the exams. Please pay due attention to the study of English along with subjects of General Knowledge and Current Affairs. You will be required to qualify various sections like English, Reasoning and Economy. I wish you all the best for your future. Please pay my regards to your parents and love to your brother.

Yours affectionately,
Mohit Verma

2. You are Bharat Singh residing at 192, Dwaraka Colony, Bhind. Write a letter to your friend Harish, congratulating him on his brilliant success in the Higher Secondary Certificate Examination. [2013, 18]
Or
You are Naina Bhawsar residing at 2/80, Nayapura Colony, Indore. Write a letter to your friend congratulating him/her on his/her grand success in PET exams. [2014,16]
Answer:
192, Dwaraka Colony,
Bhind.
10 April, 20

Dear Harish,
I am glad to learn that you have topped your school with distinction marks in the Higher Secondary Certificate/PET Examination. 1 offer my congratulations to you on your brilliant success.

I wish that you will get better success in future. Give my regards to your parents.

With love,
Bharat Singh

3. You are Vivek. Write a letter to your younger sister advising her to celebrate Diwali without crackers. [2012, 16]
Answer:
L.I.G. Colony,
Jabalpur.
Sept. 09, 20

My Dear Sugandha,
I am quite well here and hope you are all happy and cheerful. Diwali is about 10 days away and you must be preparing for the festival. This year I will advise you to celebrate Diwali without crackers. You know that it is vety risky to fire crackers. One may be injured any time. Sometimes crackers injure eyes also. Not only this, crackers spread noise pollution and harm the environment. Keeping this in view I hope you will not celebrate Diwali with crackers this time.

Please pay me regards to mother and love to younger brother.

Yours affectionately
Vivek.

4. Write a letter to your brother telling him how you spent your last summer vacation. [2015]
Answer:
20, LajpatKunj
Jabalpur
November 10,20…

Dear brother,
I am fine here and hope the same for you. My classes have started and I have started preparing for the up coming first term test. I would like tell you about my visit to Agra. Last summer I got a chance to stay with Uncle and Aunty at Agra. Agra is a historical city. It was the capital of Mughals. There are various historical monuments in Agra. We visited the Sikandra [Akbar’s tomb], Itmaduddaula [the tomb of Noorjahan’s father], the Agra fort, Fatehpur Sikri [the capital of Mughals before Agra] and the Taj Mahal. It was built by Shahjahan in the fond memory of his wife. Twenty thousand artisans took twenty years to complete it. It is made of white marble and studded with coloured stones. It is the pride of not only Agra but also our country. There are four big temples of Lord Shiva on the four comers of the city.

I can never forget my visit to Agra. It was a wonderful experience. I think you should also visit Agra when you get a chance to do so. I hope your studies are going well. Do write to me when you get free time.

Yours lovingly
Vivek

5. Write a letter to your father explaining why you could not get good marks in the half-yearly examination.
Or
Write a letter from a son to his father informing him of his progress at School.
Answer:
17, Saket Colony,
Ratlam.
June 9, 20…

My dear Father,
I received your letter yesterday evening. I am sorry to note that you are not satisfied with my half-yearly examination marks. As I wrote to you, I was ill during the examination days. Therefore, I could not do well. Otherwise my preparation was good. You should not worry about my studies. I shall get much better marks in the next quarterly examination.

With love,

Yours affectionate Son,
Pradeep

6. Write a letter to your father requesting him to send you Rs. 1000/- for school and hostel fee, school uniform and books. [2018]
Answer:
15, Saket Nagar,
Gwalior.
April 7,20….

Dear Father,
I am quite well here. I am studying veiy hard and regularly these days. Next month I have to pay my school and hostel fee. I also need to buy my school uniform and books.

Therefore, I shall need some extra money. I request you to send me one thousand rupees more.

With best regards to dear mother and love to Neera.

Yours affectionately,
Rakesh

7. Your friend is worried about the coming examinations. Write a letter to him giving moral support for success in the examination.
Answer:
21, Civil Lines Katni
10 April, 20….

Dear Aditi,
I am fine here and hope the same for you. I received your letter two days ago. Your performance in the Home examinations is quite satisfactory but you should work hard in Maths and English. You still have two months time to prepare for Final exams. You should make a schedule for study and give some extra time to these two subjects. Fm sure you will do well in your final exams. 1 wish you all the best. Please pay my regards to your parents.

Yours Affectionately.
Rati

8. Write a letter to your father about your future plan.
Answer:
6, L.. I. G. Colony,
Jabalpur.
June 14,20

Dear father,
I couldn’t write to you since long. You might be feeling worried about me. Father, this year I gave my nights and days to my studies. So I didn’t get time. Now my examinations are over and I am feeling very much relaxed. Dear father, you will be glad to know that I have done well in all the papers and expect to get a first and even some position in the university.

Many of my friends are very studious and they have decided to sit for the competitive examinations. 1 have also made up my mind to appear in the I. A. S. examination. I am working’ very hard from right now. I have decided not to waste even a single minute unnecessarily. 1 shall harness my entire time and energy to this great task. I shall not get time to come home during the summer vacations.

Please tell about my thoughts to my mother also.

With love and regards to all,

Yours loving son,
Rajesh

9. Write a letter to your friend Abhinav Solanki describing a recent exciting cricket match in which your team won. Suppose you are Devendra Kumar residing at 15/K Preet Vihar, New Delhi. [2011, 15]
Answer:
15/K, Preet Vihar,
New Delhi April 7,20…

Dear Abhinav,
1 am fine here and hope that my letter will find you in a good health too. I want to share a good news with you. Recently our school cricket team participated in Inter-School Cricket Tournament. Our team won the tournament. The .final match was very exciting. Our captain decided to field first. We were given a target of 151 runs in 20 overs. We lost first wicket on the first ball. Soon we lost two more wickets at a score of 71 runs in 8 overs and we lost all hope of winning the match. But our captain played very well. I supported him with my score of 47 runs not out. Later I was awarded man of the match for making 47 runs and taking 3 important wickets. All the players were given certificates, medals and a cash prize of one thousand rupees. We got praise and appreciation from all the teachers and the principal. I shall neyer forget this match. I am very eager to show you my certificate and medal when we meet.

Please pay my regards to your parents and love to your younger brother.

Your affectionately,
Devendra

Exercises For Practice

  1. Write a letter to your friend inviting him and his parents to a dinner party, you are hosting to celebrate your brother’s success in I. A. S. examination. [Do not write your name].
  2. Write a letter to your friend inviting him/her to attend the marriage
    ceremony of your sister. [2017]
  3. Write a letter to your elder brother telling him why you failed to pass the examination. [Do not write your name].
  4. Write a letter to your father requesting him to send you some more money next month. Give’ reasons for demanding additional money. [Do not write your name].
  5. Write a letter to your elder brother telling how you are struggling hard to maintain your position in the coming examination and some of the difficulties that are coming in your way.
  6. Write an application to the Principal of your college requesting him to issue you a character certificate. [Do not write your name].
  7. Write an application to Manager of a Sugar Mill requesting him to appoint you as a clerk in his staff. [Do not write your name].
  8. Write an application to the Principal of your college requesting him to instruct his office clerk to be prompt and regular in paying stipends to students. State facts about the delay, hardship caused to the students in this regard. [Do not write your name].
  9. Write an application to the District Supply Officer to issue a permit for 50 kg of sugar for the marriage of your sister. [Do not write your name].
  10. Write an application to the Principal of your college requesting him to give you a transfer certificate.
  11. You are the Manager of Bhatia Watch Company, Mumbai. You want to purchase 100 pairs of shoes for the workers of your company. Write a letter to the Liberty Shoe Company inviting quotations.
  12. You are Varsha/Rohan living at 28, Geeta Enclave, Indore. Write a letter to M/s Bajaj & Company, Station Road, Bhopal requesting them to cancel your order for the electric goods. Give reasons for your cancellation.
  13. You are Ashok from M/s Shanker Steel Almirah Company, Station Road, Katni. Write a letter to your customer, M/s Gauri Steel Furniture Company, Hanidia requesting for early payment.
  14. Write a letter to M/s Sharma Bros., 29, Industrial Area, Noida complaining that the sewing machine supplied by them is giving trouble. Sign yourself as Umesh of E-29, Radha Nagar, Rewa.

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MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 5 मदनमोहन मालवीय

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 5 मदनमोहन मालवीय

 MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 5 प्रश्न-अभ्यास

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

Mp Board Class 6 Hindi Chapter 5 प्रश्न 1.
(क) सही जोड़ी बनाइए
1. महामना – (क) गोरखुपर
2. हिन्दू – (ख) आंदोलन
3. असहयोग – (ग) मदनमोहन मालवीय
4. चौरी चौरा – (घ) विश्वविद्यालय
उत्तर
1. (ग), 2. (घ), 3. (ख), 4. (क)

Mp Board Solution Class 6 Hindi प्रश्न (ख)
दिए गए शब्दों में से उपयुक्त शब्द चुनकर रिक्त स्थानो की पूर्ति करें
1. कालाकांकर नरेश ने मालवीय जी को वकालत पढ़ने के लिए…..किया। (मजबूर उत्साहित)
2. चौरीचौरा नामक स्थान में……..घटना घटी। (सनसनीपूर्ण/उत्तेजक)
3. ……पाने का समय आता तो वे दूसरों को सामने कर देते। (कीर्ति/अपकीति)
4. विधि की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने……में वकालत शुरू कर दी। (सुप्रीमकोर्ट/हाईकोट)
उत्तर
1. मजबूर
2. सनसनीपूर्ण
3. कीर्ति
4. हाईकोर्ट।

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 5 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

Mp Board Class 5 Hindi Solution प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में दीजिए

(क) मदनमोहन मालवीय जी के नाम का लोग कौन-सा सुंदर अर्थ करते थे?
उत्तर
वह मद न मोह न मालवीय है। अर्थात् ऐसा |व्यक्ति जिसमें मद व मोह नहीं है।

(ख) वकालत के क्षेत्र में मालवीय जी को सबसे बड़ी सफलता कब मिली?
उत्तर
जब उन्होंने चौरी-चौरा कार के अभियुक्तों को फांसी से बचा लिया।

(ग) मालवीय जी ने किन समाचार पत्रों का संपादन किया था?
उत्तर
लीडर और हिंदुस्तान का।

(घ) मदनमोहन मालवीय जी ने अपने जीवन में कौन-सा सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कार्य किया?
उत्तर
उन्होंने अपने जीवन में समाजसेवा का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कार्य किया।

(ङ) मालवीय जी के निःस्वार्थ जीवन की कहानी हमें क्या शिक्षा देती है?
उत्तर
मालवीय जी के निःस्वार्थ जीवन की कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि हम भी उनकी तरह बनने की कोशिश करें।

 MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 5 लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 6 Hindi Chapter 5 Pdf Question Answer MP Board प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन-से-पाँच वाक्यो में दीजिए

(क) मदनमोहन अपने को भारत का भिखारी क्यों मानते थे?
उत्तर
मदनमोहन मालवीय ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना की। इस काम के लिए उन्हें पैसे की जरूरत थी। पैसे इकट्ठा करने के लिए वह झोली लेकर देश के कोने-कोने में घूमे। उनमें एक ऐसी विशेषता थी कि जिसके द्वार पर वह पहुँचते थे, वहाँ से खाली हाथ न लौटते थे। मालवीय अपने को भारत का भिखारी मानते थे।

(ख) ‘मालवीय जी की वाणी बहती गंगा के समान थी।’ समझाइए।
उत्तर
मालवीय जी एक सच्चे देशभक्त थे। उनकी बोली में एक अजीब तरह की मिठास थी। जब वह भाषण देने लगते थे तो लोग मंत्रमुग्ध हो जाते थे। उनकी वाणी से लोगों को प्रेरणा मिलती थी। जो भी उनके संपर्क में आता उनसे प्रभावित हुए बिना नहीं रहता। इस कारण उनकी वाणी की तुलना बहती गंगा से की गई है।।

(ग) चौरी चौरा कांड में मालवीय जी की क्या भूमिका यी?
उत्तर
मालवीय जी वकालत के क्षेत्र में काफी ख्याति अर्जित की। अपनी वकालत के बल-पर उन्होंने चौरी चौरा कांड के अभियुक्तों को फांसी से बचा लिया। फरवरी 1922 में गोरखपुर जिले से चौरी-चौरा नाम के स्थान में एक सनसनी पूर्ण घटना घटी जिसमें जनता ने पलिस थाना को जला दिया। मुकदमा चलने पर रोशन जज ने 151 लोगों को फांसी की सजा दे दी। जब मामला हाईकोर्ट में गया तो पैरबी के लिए मालवीय जी को बुलाया गया। मालवीय जी इतनी अच्छी बहस की कि सभी अभियुक्त साफ बच गए।

(घ) मालवीय जी ने हिंदी की उन्नति के लिए क्या किया?
उत्तर
मालवीय जी ने अपने स्तर पर हिंदी को काफी ऊपर उठाया। एक समय था जब अदालतों में हिंदी में अर्जी देना एक कठिन काम था। मालवीय जी ने जी तोड़-कोशिश करके अदालतों में हिंदी का प्रचार करवाया। जहाँ तब संभव होता वह हिंदी में ही भाषण देते। कई बार अंग्रेजी पढ़े-लिखे लोगों के बीच में और विश्वविद्यालय की सभाओं में भी वे हिंदी में बोलते थे।

(ङ) काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना मालवीय जी ने किन उद्येश्यों के लिए की थी?
उत्तर
मालवीय जी ने देश के नवयुवकों के चरित्र निर्माण पर विशेष बल दिया। उनको उचित शिक्षा मिले, इसके लिए उन्होंने हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना की। इस विश्वविद्यालय में पढ़कर वे शुद्ध, सात्विक, तेजस्वी और वीर पुरुष बनेंगे।

भाषा की बात

Class 6th Hindi Sugam Bharti MP Board प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों का शुद्ध उच्चारण करें
नररत्न, विविद्यालय, स्थापना, व्यक्तित्व, सनसनी, महर्षि मंत्रमुग्ध, प्रेरणा।
उत्तर
छात्र स्वयं करें।

Mp Board Class 5th Hindi Sugam Bharti Solution प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों की वर्तनी शुद्ध कीजिए
द्रष्टि, खयाति, कीर्ती, उननति, अनूरोध
उत्तर
दृष्टि, ख्याति, कीर्ति, उन्नति, अनुरोध

Sugam Bharti Class 6 MP Board प्रश्न 6.
नीचे लिखे वाक्यों में से सर्वनाम छांटकर उनके भेद लिखिए
उत्तर
Sugam Bharti Class 5 Hindi Solutions Pdf MP Board
मदनमोहन मालवीय प्रसंग सहित व्याख्या

1. कालाकांकर नरेश …………………. बचा लिया।

शब्दार्य – स्नेह = प्रेम । अनुरोध = विनती, प्रार्थना। अभियुक्त = दोषी। सनसनीपूर्ण = रोमाँचक।
विधि = वकालत।

प्रसंग-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य पुस्तक सुगम भारती-6 में संकलित लेख ‘मदनमोहन मालवीय’ से ली गई हैं। इसके लेखक हैं-जगदीश गोयल । मदनमोहन मालवीय की प्रशंसा करते हुए लेखक कहता है कि

व्याख्या-वे एक बहुत बड़े देशभक्त थे। उनका स्वभाव भी बहुत सरल और सीधा था। शायद यही कारण था कि कालाकांकर, नरेश राजा रामपाल सिंह को उनसे विशेष प्रेम तथा लगाव था। मदनमोहन मालवीय वकालत की पढ़ाई नहीं करना चाहते थे। लेकिन राजा रामपाल सिंह के अनुरोध पर उन्होंने विधि की पढ़ाई की। राजा रामपाल सिंह पढ़ाई के लिए बराबर दो सौ रुपया देते रहने का वायादा किया। विधि की पढ़ाई के बाद उन्होंने हाईकोर्ट में वकालत शुरू कर दी। वकालत के क्षेत्र में बहुत जल्दी उन्होंने अपनी प्रसिद्धि स्थापित कर दी। वह बहुत अच्छी बहस कर लेते थे।

तभी तो चौरी चौरा कांड के अभियुक्तों को फांसी से बचा लिया। फारवरी 1922 में गोरखपर जिले के चौरी चौरा नामक स्थान पर एक सनसनीखेज घटना घटी जिसमें उग्र जनता ने पुलिस थाना को जता दिया। इस कांड में 151 लोगों को अभियुक्त ठहराया गया। केस चलने पर सेशन जज ने इन सभी को फांसी की सजा दे दी। लेकिन जैसे ही यह मामला होई कोर्ट में गया और पैरवी के लिए मालवीय जी को बुलाया गया, सबकुछ बदल गया। मालवीय जी ने इतनी अच्छी बहस की कि सभी अभियुक्त बेदाग निर्दोष साबित कर दिए गए। मालवीय की यह बहुत बड़ी सफलता थी। वह बहस करने में कितने माहिर थे, यह भी स्पष्ट हो जाता है।

विशेष

  • भाषा सरल और सहज है।
  • मालवीय जी के देश प्रेम को उजागर किया गया है।

2. मदनमोहन मालवीय ………………. करते थे।

शब्दार्थ-मंत्रमुग्ध = मोहित हो जाना। निर्मल =स्वच्छ, साफ। खूबी =विशेषता। कीर्ति =यश । ख्याति=प्रसिद्धि ।

प्रसंग-पूर्ववत्

व्याख्या-मदनमोहन मालवीय एक उच्चकोटि के देशभक्त थे। उनका देशप्रेम अद्वितीय था। त्याग की भावना उनमें कूट-कूटकर भरी थी। उनकी बोली में भी मिठास थी, वह असाधारण थी। वह बहुतों के लिए प्रेरणा के स्रोत थे। उनमें भाषण देने की कला भी थी। एक अच्छा वक्ता होने के नाते जब वे बोलने लगते थे, तो सभी लोग मंत्रमुग्ध हो जाते थे। वह बाहर से जैसे साफ-सुथरा और निर्मल थे, वैसे ही अंदर से भी। उनके अंदर किसी के प्रति कोई द्वेष न था। मेहनत करने में कभी पीछे नहीं हटते थे। किंतु जब यश लूटने का समय आता था तब दूसरों को आगे कर देते थे। यह उनकी सबसे बड़ी विशेषता थी। यह ऐसी विशेषता थी जो बहुत कम लोगों में होती है। इस प्रकार मदनमोहन मालवीय एक श्रेष्ठ इंसान तो थे ही, एक बहुत बड़े देशभक्त भी थे, जिनके लिए देशसेवा सबसे बड़ा धर्म था।

विशेष

  • बहुत ही सहज भाषा का प्रयोग कर मदनमोहन मालवीय के उत्कृष्ट गुणों को उद्धृत किया गया है।
  • शैली बोधगम्य है।

विशेष

  • मदनमोहन मालवीय ने सच्चरित्रता पर विशेष बल दिया है। अगर आज के संदर्भ में इसकी महत्ता का आकलन करें तो यह ज्यादा प्रासंगिक है।
  • लेख की भाषा सहज और बोधगम्य है।

MP Board Class 6th Hindi Solutions