MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.4

MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.4

प्रश्न 1.
5 cm और 3 cm की त्रिज्या वाले दो वृत्त दो बिन्दुओं पर प्रतिच्छेद करते हैं तथा उनके केन्द्रों के बीच की दूरी 4 cm है। उभयनिष्ठ जीवा की लम्बाई ज्ञात कीजिए।
हल:
दिए हुए वृत्त के केन्द्र क्रमशः O तथा O’ है जिनके बीच की दूरी OO’ = 4 cm है। वृत्त एक-दूसरे को P और Q दो बिन्दुओं पर प्रतिच्छेद करते है। वृत्तों की त्रिज्याएँ क्रमशः
OP = 5 cm तथा OP = 3 cm हैं।
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.4 1
चित्र 10.6
चूँकि (OO’)2 + (O’P)2 = (4)2 + (3)2 = 16 + 9 = 25 = (5)2 = (OP)2
अतः ∆OO’P एक समकोण त्रिभुज है। (पाइथागोरस का विलोम)
⇒ OO’ ⊥ O’P
चूँकि उभयनिष्ठ जीवा PQ छोटे वृत्त के केन्द्र O’ से जाती है, इसलिए PQ छोटे वृत्त का व्यास है।
⇒ PQ = 2 x O’P = 2 x 3 = 6 cm
अत: उभयनिष्ठ जीवा की अभीष्ट लम्बाई = 6 cm.

प्रश्न 2.
यदि एक वृत्त की दो समान जीवाएँ वृत्त के अन्दर परस्पर प्रतिच्छेद करें तो, सिद्ध कीजिए कि एक जीवा के खण्ड दूसरी जीवा के संगत खण्डों के बराबर है।
हल:
दिया है : O केन्द्र वाले एक वृत्त की दो जीवाएँ AB = CD परस्पर E बिन्दु पर प्रतिच्छेद करती हैं, तो सिद्ध करना है कि
AE = DE एवं CE = BE
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.4 2
चित्र 10.7
रचना : O से OM ⊥ AB तथा ON ⊥ CD खींचिए तथा OE को मिलाइए।
उपपत्ति : समकोण ∆OME एवं ∆ONE में,
चूँकि कर्ण OE = OE (उभयनिष्ठ है)
एवं OM = ON (बराबर जीवाएँ केन्द्र से बराबर दूरी पर होती है)
⇒ ΔΟΜΕ ≅ ΔΟΝΕ (RHS सर्वांगसमता प्रमेय)
⇒ ME = NE
चूँकि AB = CD, OM ⊥ AB एवं ON ⊥ CD
⇒ AM = DN एवं BM = CN
⇒ AM + ME = DN + NE [समीकरण (1) और (2) से]
⇒ AE = DE
एवं CN – EN = BM – EM [समीकरण (1) और (2) में]
⇒ CE = BE
अतः वृत्त की बराबर जीवाएँ वृत्त के अन्दर यदि प्रतिच्छेद करती हैं। तो उनके संगत खण्ड बराबर होते हैं। इति सिद्धम्

प्रश्न 3.
यदि एक वृत्त की दो समान जीवाएँ वृत्त के अन्दर प्रतिच्छेद करें, तो सिद्ध कीजिए कि प्रतिच्छेद बिन्दु को केन्द्र से मिलाने वाली रेखा जीवाओं से बराबर कोण बनाती है।
हल:
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चित्र 10.8
ज्ञात है : O केन्द्र वाले एक वृत्त की दो जीवाएँ AB = CD वृत्त के अन्दर बिन्दु E पर परस्पर प्रतिच्छेद करती हैं। OE को मिलाया गया है।
सिद्ध करना है: ∠OEA = ∠OED
रचना : OM ⊥ AB एवं ON ⊥ CD खींचिए।
उपपत्ति : समकोण ΔOME एवं ΔONE में,
चूँकि कर्ण OE = कर्ण OE (उभयनिष्ठ है)
एवं OM = ON (बराबर जीवाएँ केन्द्र से बराबर दूरी पर होती हैं)
⇒ ΔΟΜΕ ≅ ΔΟΝΕ (RHS सर्वांगसमता प्रमेय)
⇒ ∠OEM = ∠OEN (CPCT)
अतः ∠OEA = ∠OED (चित्रानुसार) इति सिद्धम्

प्रश्न 4.
यदि एक रेखा दो संकेन्द्री वृत्तों (एक ही केन्द्र वाले वृत्त) को जिनका केन्द्र O है A, B, C और D पर प्रतिच्छेद करें, तो सिद्ध कीजिए कि AB = CD है (देखिए संलग्न चित्र)। (2019)
हल:
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.4 4
चित्र 10.9
दिया है : O केन्द्र वाले दो संकेन्द्री वृत्तों को रेखा AD बिन्दुओं A, B, C और D पर (चित्रानुसार) प्रतिच्छेद करती है तो सिद्ध करना है कि AB = CD
रचना : OM ⊥ AD खींचिए।
उपपत्ति : बाह्य वृत्त में चूँकि AD वृत्त की जीवा है तथा OM ⊥ AD
⇒ AM = DA …..(1) (केन्द्र से जीवा पर डाला लम्ब उसे समद्विभाजित करता है)
चूँकि अन्तः वृत्त की जीवा CB पर OM लम्ब है। (चित्रानुसार)
⇒ BM = CM …(2) (वृत्त के केन्द्र से जीवा पर डाला गया लम्ब उसे समद्विभाजित करता है)
⇒ AM – BM = DM – CM [समीकरण (1) और (2) से]
अतः AB = CD. (चित्रानुसार) इति सिद्धम्

प्रश्न 5.
एक पार्क में बने 5 m त्रिज्या वाले वृत्त पर खड़ी तीन लड़कियाँ रेशमा, सलमा एवं मनदीप खेल रही हैं। रेशमा एक गेंद को सलमा के पास, सलमा मनदीप के पास तथा मनदीप रेशमा के पास फेंकती है। यदि रेशमा तथा सलमा के बीच और सलमा तथा मनदीप के बीच की प्रत्येक दूरी 6 m हो, तो रेशमा और मनदीप की बीच की दूरी क्या है ?
हल:
मान लीजिए वृत्ताकार पार्क का केन्द्र O है। बिन्दु R, S और M पर क्रमशः रेशमा, सलमा और मनदीप हैं। वृत्त की त्रिज्या OR = 5 m, तथा RS = SM = 6 m दी गई है तो दूरी RM ज्ञात करना है।
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.4 5
चित्र 10.10
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.4 5A
अत: रेशमा और मनदीप के बीच की दूरी RM = 2 x x = 2 x 4.8 = 9.6 m.

प्रश्न 6.
20 m त्रिज्या का एक गोल पार्क (वृत्ताकार) एक कॉलोनी में स्थित है। तीन लड़के अंकुर, सैय्यद, डेविड इसकी परिसीमा पर बराबर दूरी पर बैठे हैं और प्रत्येक के हाथ में एक खिलौना टेलीफोन आपस में बात करने के लिए है। प्रत्येक टेलीफोन की डोरी की लम्बाई ज्ञात कीजिए।
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.4 6
चित्र 10.11
हल:
दिया है : एक 20 m त्रिज्या का 0 केन्द्र वाला वृत्ताकार पार्क जिसकी परिसीमा पर अंकुर, सैय्यद और डेविड क्रमश: A, S और D बिन्दुओं पर इस प्रकार बैठे हैं कि AS = SD = DA =x मान लीजिए।
चूँकि समबाहु त्रिभुज की सभी माध्यिकाएँ बराबर होती हैं, वे सम्मुख भुजाओं को समकोण पर समद्विभाजित करती हैं तथा परस्पर एक बिन्दु पर 2 : 1 के अनुपात में प्रतिच्छेद करती है एवं यह बिन्दु उसके शीर्षों से समान दूरी पर होता है अर्थात् ASD से जाने वाले वृत्त का केन्द्र।
⇒ AO = SO = DO = 20 m (वृत्त की त्रिज्या दी है)
एवं OM = \(\frac { 1 }{ 2 }\)AO = \(\frac { 1 }{ 2 }\) x 20 = 10 m
⇒ AM = AO + OM = 20 + 10 = 30 m
समकोण ∆AMS में पाथागोरस प्रमेय से,
AS2 = AM2 + SM2
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.4 6A
अतः प्रत्येक टेलीफोन की छोरी की अभीष्ट लम्बाई = 34.64 m.

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MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.3

MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.3

प्रश्न 1.
वृत्तों के कई जोड़े (युग्म) खींचिए। प्रत्येक जोड़े में कितने बिन्दु उभयनिष्ठ हैं ? उभयनिष्ठ बिन्दुओं की अधिकतम संख्या क्या होगी?
हल:
वृत्तों के अभीष्ट युग्म (जोड़े) :
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.3 1
चित्र 10.3
उभयनिष्ठ बिन्दुओं की संख्या-
(a) में शून्य,
(b) में एक,
(c) में दो,
(d) में एक,
(e) में शून्य।
अतः अधिकतम उभयनिष्ठ बिन्दुओं की संख्या = दो।

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प्रश्न 2.
मान लीजिए आपको एक वृत्त दिया है। एक रचना इसके केन्द्र को ज्ञात करने के लिए दीजिए।
हल:
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.3 2
चित्र 10.4
एक वृत्त दिया है जिसका केन्द्र ज्ञात करना है।
रचना :
(i) वृत्त पर तीन बिन्दु P, Q और R लीजिए।
(ii) PQ एवं QR को मिलाइए।
(iii) PQ का लम्ब समद्विभाजक AB खींचिए।
(iv) OR का लम्ब समद्विभाजक CD खींचिए जो AB को बिन्दु O पर प्रतिच्छेद करता है। यही बिन्दु O वृत्त का अभीष्ट केन्द्र है।

प्रश्न 3.
यदि दो वृत्त परस्पर दो बिन्दुओं पर प्रतिच्छेद करें, तो सिद्ध कीजिए कि उनके केन्द्र उभयनिष्ठ जीवा के लम्ब समद्विभाजक पर स्थित हैं।
हल:
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.3 3
चित्र 10.5
दिया है : O और O’ केन्द्र वाले दो वृत्त एक-दूसरे को दो बिन्दुओं P और Q पर प्रतिच्छेद करते हैं। तो सिद्ध करना है कि उनके केन्द्र उभयनिष्ठ जीवा PQ के लम्ब समद्विभाजक पर स्थित हैं।
रचना : केन्द्र O और O’ को उभयनिष्ठ जीवा PQ के मध्य-बिन्दु R से मिलाइए।
उपपत्ति : चूँकि O केन्द्र वाले वृत्त में केन्द्र O को जीवा PQ के मध्य-बिन्दु R से मिलाया गया है।
⇒ OR ⊥ PO अर्थात् ∠ORP = 90° ….(1)
चूँकि O’ केन्द्र वाले वृत्त में केन्द्र O’ को जीवा PQ के मध्य बिन्दु R से मिलाया गया है।
⇒ OR ⊥ PO अर्थात् ∠O’RP = 90° …..(2)
⇒ ∠ORP + ∠O’RP = 180° [समीकरण (1) और (2) से]
⇒ ORO’ एक सरल रेखाखण्ड है जो जीवा PQ का लम्बार्द्धक है।
अतः यदि दो वृत्त परस्पर दो बिन्दुओं पर प्रतिच्छेद करें, तो उनके केन्द्र उभयनिष्ठ जीवा के लम्बार्द्धक पर स्थित हैं। इति सिद्धम्

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MP Board Class 9th Social Science Solutions Chapter 2 पर्यावरण संरक्षण के प्रयास व सफलताएँ

MP Board Class 9th Social Science Solutions Chapter 2 पर्यावरण संरक्षण के प्रयास व सफलताएँ

MP Board Class 9th Social Science Chapter 2 पाठान्त अभ्यास

MP Board Class 9th Social Science Chapter 2 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

सही विकल्प चुनकर लिखिए

प्रश्न 1.
आधुनिक कृषि में प्रोत्साहन दिया जा रहा है – (2016)
(i) जैविक खेती को
(ii) जैव उर्वरकों के उपयोग को
(iii) जैव कीटनाशकों के उपयोग को
(iv) उपर्युक्त सभी को।
उत्तर:
(iv) उपर्युक्त सभी को।

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प्रश्न 2.
पर्यावरण प्रभाव के निर्धारण का अन्तिम स्तर है
(i) विस्तृत प्रभाव निर्धारण
(ii) आलोचनात्मक पहलुओं का अध्ययन,
(iii) तीव्र प्रभाव निर्धारण
(iv) जोखिम का विश्लेषण।
उत्तर:
(i) विस्तृत प्रभाव निर्धारण

प्रश्न 3.
भारत में पर्यावरण प्रभाव के निर्धारण की जिम्मेदारी है
(i) पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की
(ii) रक्षा मंत्रालय की
(iii) पर्यटन एवं शहरी मंत्रालय की
(iv) कृषि मंत्रालय की।
उत्तर:
(i) पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की

प्रश्न 4.
चिपको आन्दोलन का प्रारम्भ हुआ (2008)
(i) कर्नाटक में
(ii) पूर्वोत्तर भारत में
(iii) उत्तराखण्ड में
(iv) केरल में।
उत्तर:
(iii) उत्तराखण्ड में

प्रश्न 5.
भारत में सी. एन. जी. का उपयोग सबसे पहले प्रारम्भ हुआ (2009, 12)
(i) मुम्बई में
(ii) दिल्ली में
(iii) कोलकाता में
(iv) चेन्नई में।
उत्तर:
(ii) दिल्ली में

रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए

  1. साइलेण्ट वेली …………. राज्य का एक छोटा-सा वन क्षेत्र है।
  2. चिपको आन्दोलन की शुरूआत वर्ष ………… में हुई।

उत्तर:

  1. केरल,
  2. 19741

MP Board Class 9th Social Science Chapter 2 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पर्यावरण संरक्षण से क्या आशय है? समझाइए। (2008)
उत्तर:
पर्यावरण प्रदूषण और संसाधन को नष्ट होने से बचाने के लिए आयोजित प्रबन्धन को पर्यावरण संरक्षण कहते हैं।

प्रश्न 2.
पर्यावरण प्रभाव निर्धारण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
पर्यावरण प्रभाव निर्धारण पर्यावरणीय गुणवत्ता को बनाए रखने की महत्त्वपूर्ण तकनीक है।

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प्रश्न 3.
पर्यावरण प्रभाव का निर्धारण भारत में किस मंत्रालय की जिम्मेदारी है?
उत्तर:
पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की।

प्रश्न 4.
जैविक खेती से आप क्या समझते हैं? (2017, 18)
उत्तर:
जैविक खेती वह खेती है जिसमें कृत्रिम रासायनिक खाद का प्रयोग नहीं किया जाता है, वरन् जैविक खाद (गोबर या पेड़-पौधों की पत्तियों से बनी हरी खाद) का उपयोग होता है।

प्रश्न 5.
पर्यावरण प्रभाव निर्धारण के तीन प्रमुख स्तर कौन-कौन-से हैं?
उत्तर:

  1. प्रथम स्तर-प्रारम्भिक जाँच;
  2. द्वितीय स्तर-तीव्र प्रभाव निर्धारण;
  3. तृतीय स्तर-विस्तृत प्रभाव निर्धारण।

प्रश्न 6.
हमें पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता क्यों है? (2008)
उत्तर:
भावी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए मानव, वनस्पति, जीव-जन्तु एवं अन्य प्राकृतिक संसाधनों (जल, वायु, खनिज) को संरक्षित किया जाना आवश्यक है।

MP Board Class 9th Social Science Chapter 2 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
चिपको आन्दोलन क्या है एवं इसके आधारभूत तत्व कौन-कौन-से हैं?
उत्तर:
चिपको आन्दोलन प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए एक कारगर उपाय है। यह केवल वृक्षों को बचाने का आन्दोलन ही नहीं है, अपितु भूमि नीति में आमूल परिवर्तन की माँग कर स्थायी कल्याणकारी आर्थिक पक्ष (अनाज, चारा, ईंधन, खाद, उर्वरक, कपड़ा) के लिए एक आधार प्रस्तुत करता है। इस आन्दोलन में महिलाओं की भागीदारी उल्लेखनीय है। इस आन्दोलन की सफलता ने सिद्ध कर दिया है कि गहन समस्याओं का निदान केवल नियम कानून बनाने से ही सम्भव नहीं होता। इसके लिए जनचेतना और अधिकारों की समझ होना भी आवश्यक है।

प्रश्न 2.
पर्यावरण संरक्षण किन महत्त्वपूर्ण उद्देश्यों की पूर्ति के लिए आवश्यक है ? समझाइए।
उत्तर:
पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता :
पृथ्वी पर विविध प्रकार के पेड़-पौधे और जन्तु निवास करते हैं। मनुष्य पृथ्वी का सबसे बुद्धिमान और शक्तिशाली जीव है, पर प्रकृति ने मनुष्य को यह अधिकार नहीं दिया है कि वह यहाँ के संसाधनों को नष्ट करें। आवश्यकता इस बात की है कि हम इन संसाधनों को सजगता के साथ उपयोग करें। आज पर्यावरण असन्तुलन विश्व की सबसे बड़ी समस्या है। दूसरी ओर भावी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए मानव, वनस्पति, जीव-जन्तु एवं अन्य प्राकृतिक संसाधनों (जल, वायु, खनिज) को संरक्षित किया जाना आवश्यक है।

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प्रश्न 3.
ई.आई.ए. की क्या भूमिका है? किन तत्वों को आधार मानकर ई. आई. ए. तैयार किया जाता है, वर्णन कीजिए।
(2009)
उत्तर:
पर्यावरणीय प्रभाव अनुमानक (ई.आई.ए.)-वर्तमान में पर्यावरण प्रदूषण और विघटन उच्च स्तर तक पहुंच चुका है। पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुंचे, इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए पर्यावरणीय प्रभाव अनुमानक या ई.आई.ए. (Environment Impact Assessment) महत्त्वपूर्ण हो जाता है। पर्यावरणीय प्रभाव का निर्धारण अपनी परियोजनाओं से पर्यावरण पर पड़ने वाले विपरीत प्रभाव को शामिल करता है। पर्यावरण प्रभाव अनुमानक परियोजना से होने वाले लाभकारी और नुकसानदेह प्रभाव का मूल्यांकन गुणात्मक और संख्यात्मक दोनों प्रकार से करता है। ई.आई.ए. का लक्ष्य इस बात का ध्यान रखना होता है कि पर्यावरण का विघटन कम से कम हो।

पर्यावरणीय प्रभाव अनुमानक (ई.आई.ए.) के तत्व –

  1. भूमि पर प्रभाव-भूमि विघटन
  2. भूकम्प की सम्भावना
  3. मिट्टी एवं वायु की गुणवत्ता, धरातलीय एवं भूगर्भिक जल
  4. पौधों एवं वन्य जीवों की खतरे में पड़ी किस्मों की जानकारी
  5. ध्वनि प्रदूषण की स्थिति का आकलन
  6. सामाजिक आर्थिक प्रभाव
  7. अवशिष्ट व बचे पदार्थों का पर्याप्त उपयोग तथा
  8. जोखिम विश्लेषण व आपदा प्रबन्धन।

प्रश्न 4.
सी.एन.जी. से क्या आशय है? (2018) भारत में इसका सर्वाधिक उपयोग किस रूप में किया जा रहा है?
उत्तर:
सी.एन.जी. यानी कम्प्रैस्ड नेचुरल गैस धरती के भीतर पाए जाने वाले हाइड्रोकार्बन का मिश्रण है और इसमें 80 से 90 प्रतिशत मात्रा मीथेन गैस की होती है। सी.एन.जी. को वाहनों के ईंधन के रूप में इस्तेमाल करने के लिए 200 से 250 किग्रा. प्रति वर्ग सेमी. तक दबाया यानी कम्प्रैस किया जाता है। यह गैस रंगहीन, गंधहीन, हवा से हल्की तथा पर्यावरण की दृष्टि से सबसे कम प्रदूषण उत्पन्न करती है। सी.एन.जी. को जलाने के लिए एल.पी.जी. की अपेक्षा ऊँचे तापमान की आवश्यकता पड़ती है इसलिए आसानी से आग पकड़ने का खतरा भी नहीं रहता। इसका उपयोग आज बिजलीघरों, खाद-कारखानों, इस्पात कारखानों, घरेलू ईंधन तथा वाहन के ईंधन के रूप में हो रहा है।

MP Board Class 9th Social Science Chapter 2 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
चिपको आन्दोलन से क्या आशय है? इसका प्रारम्भ कैसे हुआ तथा इसकी अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति के क्या कारण थे? (2008, 15)
अथवा
चिपको आन्दोलन से क्या आशय है? समझाइए। (2013, 17)
उत्तर:
विश्व प्रसिद्ध ‘चिपको आन्दोलन’ गढ़वाल की महिलाओं द्वारा चलाया गया था। आन्दोलन का मुख्य उद्देश्य वनों की कटाई पर रोक लगाना था। इस आन्दोलन के प्रणेता सुन्दरलाल बहुगुणा हैं। इनके द्वारा प्रारम्भ किया गया चिपको आन्दोलन जंगल बचाने का एक पर्यायवाची शब्द बन चुका है।

यह केवल वृक्षों को बचाने का आन्दोलन ही नहीं है, अपितु भूमि नीति में आमूल परिवर्तन की माँग कर स्थायी कल्याणकारी आर्थिक पक्ष (अनाज, चारा, ईंधन, खाद, उर्वरक, कपड़ा) के लिए एक आधार. प्रस्तुत करता है। इस आन्दोलन का कर्म क्षेत्र, अब केवल भारतवर्ष में न होकर स्विट्जरलैण्ड जर्मनी और हॉलैण्ड भी है। यह आन्दोलन 1974 में तत्कालीन उत्तर प्रदेश (वर्तमान में उत्तराखण्ड) सरकार द्वारा जंगलों को काटने का ठेका देने के विरोध में एक गांधीवादी संस्था ‘दशोली ग्राम स्वराज मण्डल’ ने चमोली जिले के गोपेश्वर में रेनी नामक ग्राम में प्रसिद्ध पर्यावरणविद् बहुगुणा के नेतृत्व में प्रारम्भ किया गया।

इस आन्दोलन के तहत् महिलाएँ पेड़ों से चिपककर पेड़ को काटने से रक्षा करती थीं। पुरुषों की अनुपस्थिति में रेनी गाँव की एक साधारण महिला गौरा देवी श्रमिकों द्वारा वृक्षों को काटने से रोकने के लिए आगे आई। गौरा देवी ने गाँव में घर-घर जाकर लड़कियों और स्त्रियों को प्रतिरोध करने के लिए प्रेरित किया। गौरा देवी के नेतृत्व में वृक्षों को बचाने के लिए अहिंसक तकनीक चिपको का प्रयोग किया गया। स्त्रियों का कहना था कि ये जंगल हमारा मायका है, इसे हम किसी भी कीमत पर कटने नहीं देंगे। महिलाओं ने निरन्तर 48 घण्टे दिन-रात जंगल को घेरे रखा और ठेकेदार व वनकर्मियों की बन्दूक का भय भी इनकी हिम्मत को कम न कर पाया। इस घटना के बाद पूरे उत्तराखण्ड में वन संरक्षण हेतु जनता में नवीन उत्साह का संचार हुआ। इस आन्दोलन को गति प्रदान करने के लिए सुन्दरलाल बहुगुणा ने 2800 किमी की पदयात्रा की।

इस आन्दोलन के फलस्वरूप हिमालय क्षेत्र के वनों को संरक्षित क्षेत्र घोषित करने की माँग स्वीकार की गई। इस क्षेत्र के वनों के हरे वृक्षों को अगले 15 वर्षों तक काटने पर रोक लगा दी गयी। परिणामस्वरूप जंगलों का संवर्द्धन, भूमि की उर्वरा शक्ति में वृद्धि एवं वन्य प्राणियों के शिकार पर नियन्त्रण सम्भव हुआ।

प्रश्न 2.
साइलेण्ट वैली पर टिप्पणी कीजिए। (2008, 09, 10, 12)
उत्तर:
साइलेण्ट वैली (शान्त घाटी)-साइलेण्ट वैली केरल का एक छोटा वन क्षेत्र है। यह पश्चिमी घाट पर नीलगिरि के दक्षिण-पश्चिमी ढाल पर स्थित है। इसका कुल क्षेत्रफल 90 वर्ग किमी है। यह क्षेत्र चारों ओर से ऊँची पहाड़ियों से घिरा हुआ है। यह जनसंख्याविहीन, क्षेत्र है। कुन्तीपूजा नदी साइलेण्ट वैली के बीच से होकर बहती है। इस घाटी में दुर्लभ एवं मूल्यवान वनस्पति एवं जन्तुओं का भण्डार है।

केरल राज्य विद्युत् बोर्ड कुन्तीपूजा नदी पर बाँध बनाकर जल विद्युत् पैदा करना चाहता है। इसी प्रस्ताव के कारण पर्यावरणीय विवाद प्रारम्भ हुआ। केन्द्र सरकार के पर्यावरण विभाग ने केरल सरकार को बाँध निर्माण पर पुनः विचार करने को कहा। उक्त कार्य हेतु एक समिति गठित की गयी। एम. जी. के. मेनन की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने बाँध निर्माण को पर्यावरण की अपूरणीय क्षति बताकर बाँध न बनाने की सिफारिश की। समिति की जाँच रिपोर्ट के अनुसार शान्त घाटी कुछ विशिष्ट प्रकार की वनस्पतियों एवं वन्य प्राणियों का आश्रय स्थल है। यहाँ के भूमध्यरेखीय वर्षा वन बिना मानवीय हस्तक्षेप की स्थिति में ही सुरक्षित है। 1985 में साइलेण्ट वैली ‘राष्ट्रीय आरक्षित वन क्षेत्र’ घोषित करना पड़ा। इस प्रकार जन आन्दोलन के कारण ही बहुमूल्य वर्षा वन, दुर्लभ वनस्पति एवं जीव-जन्तुओं को सुरक्षित किया जा सका।

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प्रश्न 3.
जल संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए मध्य प्रदेश में कौन-कौन-से प्रयास किये गये हैं ? विस्तार से वर्णन कीजिए। (2008,09)
उत्तर:
मध्य प्रदेश में जल संरक्षण संवर्द्धन हेतु किये गए प्रयास पर्यावरण सुरक्षा के क्षेत्र में मील के पत्थर हैं। प्रमुख प्रयास निम्न प्रकार हैं –
(1) राजीव गांधी जल संग्रहण मिशन :
वर्ष 1994 में सूखा, अकाल एवं वन विनाश की समस्याओं के समाधान के लिए राजीव गांधी जल संग्रहण मिशन का कार्य प्रारम्भ हुआ। यह मिशन अन्तिम उपभोक्ता को भूमि और जल संरक्षण कार्यक्रम से जोड़कर उसके क्रियाकलाप और रख-रखाव पर बल देता है। मिशन के तहत जल संग्रहण हेतु स्थानीय समुदाय की माँग पर स्टाप डेम और तालाब बनाये गये। इन स्टाप डेमों और तालाबों में जल संग्रहण से जल की मात्रा में वृद्धि हुई। मृदा का कटाव रुका, सिंचाई हेतु जल मिला, पेड़-पौधे हरे-भरे हुए तथा जल संकट से मुक्ति हुई एवं पशुओं को सरलता से जल उपलब्ध होने लगा जिससे पशुधन व कृषि उत्पादन में वृद्धि हुई।

(2) एक पंच एक तालाब योजना :
वर्ष 1999 में राज्य सरकार ने इस योजना के अन्तर्गत पंचायत के प्रत्येक सरपंच को अपने पाँच वर्ष के कार्यकाल में कम से कम एक तालाब के निर्माण को व पुराने तालाब के सुधार को अनिवार्य कर दिया। इनकी लागत का एक-चौथाई व्यय जनता द्वारा वहन किया।

(3) मिट्टी बचाओ अभियान :
मध्य प्रदेश में तवा बाँध के कारण अत्यन्त जल-जमाव एवं खारेपन को रोकने तथा किसानों को उसके लिए मुआवजा दिलाने हेतु वर्ष 1977 में मिट्टी बचाओ आन्दोलन प्रारम्भ किया गया।

(4) पानी रोको अभियान :
वर्ष 2000 में पानी रोको अभियान के अन्तर्गत छोटे-छोटे बाँध बनाकर पानी के संग्रहण को बढ़ाया गया, इससे लगभग 7 लाख जल संग्रहण क्षेत्र विकसित हुए।

MP Board Class 9th Social Science Chapter 2 अन्य परीक्षोपयोगी प्रश्न

MP Board Class 9th Social Science Chapter 2 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
चिपको आन्दोलन के प्रणोता कौन थे? (2009)
(i) नारायण दत्त तिवारी
(ii) सुन्दरलाल बहुगुणा
(iii) उमा भारती,
(iv) चौधरी देवीलाल।
उत्तर:
(ii) सुन्दरलाल बहुगुणा

प्रश्न 2.
साइलेण्ट वैली को राष्ट्रीय उद्यान कब घोषित किया गया?
(i) 1980
(ii) 1985
(iii) 1975
(iv) 1995
उत्तर:
(ii) 1985

प्रश्न 3.
सी. एन. जी. (C.N.G) का पूरा नाम है
(i) Compressed Natural Gas
(ii) Computerised Natural Gas
(iii) Common Natural Gas
(iv) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(i) Compressed Natural Gas

रिक्त स्थान पूर्ति

  1. मनुष्य प्रकृति का सर्जक ही नहीं, एक …………. भी है।
  2. चिपको आन्दोलन …………. के संरक्षण के लिए एक कारगर उपाय है।
  3. वर्ष 2000 में पानी रोको अभियान के अन्तर्गत ……….. बनाकर पानी के संग्रहण को बढ़ाया गया।

उत्तर:

  1. घटक
  2. प्राकृतिक संसाधनों
  3. छोटे-छोटे बाँध

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सत्य/असत्य

प्रश्न 1.
कुन्तीपूजा नदी साइलेण्ट वैली के बीच से होकर गुजरती है। (2009)
उत्तर:
सत्य

प्रश्न 2.
भारत में पर्यावरणीय प्रभाव निर्धारण का कार्य कृषि मन्त्रालय द्वारा किया जाता है।
उत्तर:
असत्य

प्रश्न 3.
भारत में सी. एन. जी का उपयोग सबसे पहले दिल्ली में प्रारम्भ हुआ। (2008)
उत्तर:
सत्य

प्रश्न 4.
सन् 1999 में राज्य सरकार ने एक पंच एक तालाब योजना लागू की।
उत्तर:
सत्य

प्रश्न 5.
चिपको आन्दोलन को राष्ट्रीय समर्थन व लोकप्रियता मिली।
उत्तर:
सत्य

सही जोड़ी मिलाइए
MP Board Class 9th Social Science Solutions Chapter 2 पर्यावरण संरक्षण के प्रयास व सफलताएँ - 1

उत्तर:

  1. → (ग)
  2. → (घ)
  3. → (ङ)
  4. → (क)
  5. → (ख)

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एक शब्द/वाक्य में उत्तर

प्रश्न 1.
राजीव गांधी जल संग्रहण मिशन कब प्रारम्भ किया गया? (2009)
उत्तर:
1994

प्रश्न 2.
एक सस्ता, अच्छा और कम प्रदूषण फैलाने वाला ऊर्जा संसाधन, जो वाहनों के लिए उपयोगी है, क्या है?
उत्तर:
सी. एन. जी. (Compressed Natural Gas)

प्रश्न 3.
मृदा को उपजाऊ बनाने के लिए खेतों में मौसम के अनुसार बदल-बदलकर पैदावार की व्यवस्था को क्या कहते हैं?
उत्तर:
फसल चक्र

प्रश्न 4.
वे जीव जो मृदा में पौष्टिक तत्व उत्पन्न करते हैं। (2008)
उत्तर:
जैव उर्वरक

प्रश्न 5.
चिपको आन्दोलन का प्रारम्भ किस राज्य में हुआ? (2018)
उत्तर:
उत्तराखण्ड।

MP Board Class 9th Social Science Chapter 2 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
फसल चक्र से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिये खेतों में मौसम के अनुसार बदल-बदलकर पैदावार की व्यवस्था करना ही फसल चक्र कहलाता है।

प्रश्न 2.
जैव उर्वरक किसे कहते हैं?
उत्तर:
वे जीव जो मिट्टी में पौष्टिक तत्व पैदा करते हैं; जैसे-जीवाणु, वर्मी, फफूंद आदि जैव उर्वरक कहलाते हैं।

प्रश्न 3.
पुनः चक्रण से क्या आशय है?
उत्तर:
ऐसी वस्तुओं या उत्पादों जिनका वास्तविक मूल्य उपयोग के कारण खत्म हो गया हो, को पुनः उपयोगी बनाना पुनः चक्रण कहलाता है।

MP Board Class 9th Social Science Chapter 2 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पर्यावरण प्रभाव अनुमानक के प्रमुख उद्देश्य बताइए। (2008)
उत्तर:
पर्यावरण प्रभाव निर्धारण पर्यावरणीय गुणवत्ता को बनाए रखने की महत्त्वपूर्ण तकनीक है। इसके मुख्य उद्देश्य निम्न हैं –

  1. पर्यावरण की गुणवत्ता बनी रहे।
  2. पर्यावरण को विघटन से बचाया जाए ताकि उपचार किया जा सके।
  3. पर्यावरण को क्षति पहुँचाए बिना प्रगति हो।

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प्रश्न 2.
एक उदाहरण देकर समझाइए कि मनुष्य ने प्राकृतिक पर्यावरण की आपदाओं पर विजय कैसे प्राप्त की है?
उत्तर:
मनुष्य पहले पर्यावरण का दास था। ऐसा माना जाता है कि मानव के क्रिया-कलाप पर्यावरण के प्रतिबन्धों से प्रभावित होते हैं अर्थात् मनुष्य जिस प्रकार के पर्यावरण में रहता है, उसके क्रिया-कलाप उसी पर्यावरण के अनुसार होते हैं। परन्तु आज मनुष्य ने विज्ञान और तकनीक के विकास द्वारा पर्यावरण की आपदाओं पर विजय प्राप्त कर ली है। उसने पर्यावरण प्रतिबन्धों को हटाना सीख लिया है। उदाहरण के लिए-अब उष्ण कटिबन्धीय मरुस्थलों की भयानक गर्मी मनुष्य के लिए कोई समस्या नहीं है।

उसने इस भीषण गर्मी से बचाव के लिए वातानुकूलित (एयरकंडीशन) निवास स्थान बना लिए हैं। मनुष्य ने समुद्र के खारे जल को मीठे जल में परिवर्तित करना सीख लिया है। मनुष्य ने बाढ़ जैसी आपदाओं से बचाव हेतु नदियों पर बाँध बना लिये हैं, इन बाँधों से वह सिंचाई हेतु जल तथा विद्युत् भी प्राप्त करने लगा है। इस प्रकार स्पष्ट है कि मनुष्य ने प्राकृतिक पर्यावरण की आपदाओं पर विजय प्राप्त कर उन्हें अपनी आवश्यकतानुसार परिवर्तित कर लिया है।

प्रश्न 3.
कोई विकासात्मक परियोजना प्रारम्भ करने के पूर्व परियोजनाकर्ता एवं प्रबन्धक को किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है, वर्णन कीजिए।
उत्तर:
कोई विकासात्मक परियोजना प्रारम्भ करने के पूर्व परियोजनाकर्ता एवं प्रबन्धक को यह जानना आवश्यक हो जाता है कि उस योजना का उस स्थान विशेष की जलवायु, वनस्पति, जीव-जन्तु एवं समाज पर क्या प्रभाव पड़ेगा। विकास की इन योजनाओं; जैसे-विद्युत् संयन्त्र, बाँध, इस्पात एवं लौह कारखाने का पर्यावरण पर क्या प्रभाव होगा। खाद्यान्न तेल, कागज, सीमेण्ट उद्योग में यह और भी अधिक आवश्यक हो जाता है। अत: इन योजनाओं को प्रारम्भ से पूर्व पर्यावरण मसौदा तैयार किया जाता है। इस प्रकार विकास योजना के पूर्व पर्यावरण प्रभाव वक्तव्य तैयार किया जाता है, इसमें भूमि, धरातल, मिट्टी, जीव-जन्तु, सामाजिक-आर्थिक प्रभाव, प्रदूषण एवं आपदा प्रबन्धन से सम्बन्धित जानकारियाँ होती हैं।

MP Board Class 9th Social Science Chapter 2 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पर्यावरण संरक्षण से क्या अभिप्राय है? इसके लिए सुझाव दीजिए।
उत्तर:
पर्यावरण संरक्षण का अर्थ विकास ही समझा जाना चाहिए और इस कार्य में ग्रामीण तथा शहरी सभी लोगों को सक्रिय होकर हिस्सा लेना चाहिए। बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए रचनात्मक कदम उठाने होंगे जिससे न तो पर्यावरण प्रदूषित हो और न ही आर्थिक, सामाजिक विकास अवरुद्ध हो। इस सम्बन्ध में यहाँ कुछ सकारात्मक सुझाव दिए जा रहे हैं –

  1. जनसाधारण को प्रदूषण से उत्पन्न खतरों से अवगत कराया जाय जिससे प्रत्येक व्यक्ति अपने स्तर पर प्रदूषण कम करने का हर सम्भव प्रयास ईमानदारी से करे।
  2. पर्यावरण की सुरक्षा के लिए औद्योगिक विकास अवरुद्ध न किया जाय बल्कि औद्योगिक विकास नियोजित ढंग से हो, जिससे कि पर्यावरण में किसी भी प्रकार का असन्तुलन उत्पन्न न हो। क्योंकि देखा गया है कि जिस ढंग से औद्योगिक विकास के लिए पेड़-पौधों को काटा जा रहा है वह आज की पर्यावरण सम्बन्धी सबसे बड़ी समस्या है।
  3. यातायात के साधनों से होने वाले प्रदूषण से बचने के लिए मोटर वाहन सम्बन्धी नियमों व कानून को सख्ती से लागू किया जाय। अत्यधिक धुआँ छोड़ने वाले तथा तीव्र ध्वनि के हॉर्न वाले वाहनों पर प्रतिबन्ध लगाया जाए।
  4. उद्योगों से निकलने वाला प्रदूषित जल, जोकि नदियों व कृषि भूमि में पहुँचता है, इस पर भी प्रतिबन्ध लगाया जाना चाहिए। सभी उद्योगों में जल उपचार संयन्त्र स्थापित किये जाने चाहिए जिससे प्रदूषित जल को शुद्ध किया जा सके।
  5. जनसंख्या वृद्धि पर नियन्त्रण कर प्रदूषण को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
  6. वनों की अन्धाधुन्ध कटाई पर सरकार को सख्ती बरतनी चाहिए, भूमि को बंजर होने से बचाने, पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने तथा वन रोपने हेतु सिंचाई की व्यवस्था में सुधार के लिए सघन वृक्षारोपण कार्यक्रम चलाया जाना चाहिए।
  7. योजना आयोग, पर्यावरण और वन विभाग और परम्परागत ऊर्जा विभाग, विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी विभागों के बीच ऐसा समन्वय हो कि ये तीनों विभाग पर्यावरण की सुरक्षा के लिए कृत संकल्प होकर कार्य करें।

प्रश्न 2.
वाटर हार्वेस्टिंग से क्या आशय है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
वाटर हार्वेस्टिंग का आशय है पानी को रोकना, सहेजना, जमा करना और बाद में उसे पृथ्वी के ऊपर या नीचे जलस्रोतों में डालना। यह तकनीक बहुत सरल, सुगम और सस्ती है। अनुमान है कि 2000 वर्ग फुट की छत पर एक सेण्टीमीटर वर्षा होने पर वहाँ से लगभग 2000 लीटर पानी बहकर निकल जाता है। किसी क्षेत्र में अगर 100 सेण्टीमीटर वर्षा हो तो 100 वर्ग फुट की छत से वर्षाकाल में लगभग एक लाख लीटर पानी नलकूप, हैण्डपम्प, कुएँ, बावड़ी या जलाशय जैसे जलस्रोतों तक पहुँचाया जा सकता है। इस तरह इन जलस्रोतों की हर वर्ष भरपाई होते रहने से क्षेत्रों को सूखने से बचाया जा सकता है।

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MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.2

MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.2

प्रश्न 1.
याद कीजिए कि दो वृत्त सर्वांगसम होते हैं, यदि उनकी त्रिज्याएँ बराबर हैं। सिद्ध कीजिए कि सर्वांगसम वृत्तों की बराबर जीवाएँ उनके केन्द्रों पर बराबर कोण अन्तरित करती हैं। (2018, 19)
हल:
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.2 1
चित्र 10.1
दिया है : दो सर्वांगसम वृत्त जिनके केन्द्र O तथा O’ हैं।
जीवा AB = जीवा PQ केन्द्रों पर ∠AOB और ∠PO’Q अन्तरित करते हैं।
अब ΔOAB और OPQ में,
चूँकि OA = O’P (सर्वांगसम वृत्तों की त्रिज्याएँ हैं)
OB = O’Q (सर्वांगसम वृत्तों की त्रिज्याएँ हैं)
AB = PQ (दिया है)
⇒ ΔΟΑΒ ≅ ΔΟΡΟ (SSS सर्वांगसम प्रमेय)
⇒ ∠AOB = ∠PO’Q (CPCT)
अतः सर्वांगसम वृत्तों की बराबर जीवाएँ केन्द्रों पर बराबर कोण अन्तरित करती हैं। इति सिद्धम्

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प्रश्न 2.
सिद्ध कीजिए कि यदि सर्वांगसम वृत्तों की जीवाएँ उनके केन्द्रों पर बराबर कोण अन्तरित करें, तो जीवाएँ बराबर होती हैं।
हल:
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.2 2
चित्र 10.2
दिया है : दो सर्वांगसम वृत्त जिनके केन्द्र O तथा O’ है तथा जीवाएँ AB और PQ केन्द्रों पर क्रमशः
∠AOB = ∠PO’Q अन्तरित करती हैं।
अब ΔAOB और ΔPO’Q में,
चूँकि OA = O’P (सर्वांगसम वृत्तों की त्रिज्याएँ हैं)
∠AOB = ∠PO’Q (दिया है)
OB = O’Q (सर्वांगसम वृत्तों की त्रिज्याएँ)
⇒ ΔAOB ≅ ΔPO’Q (SAS सर्वांगसमता प्रमेय)
⇒ AB = PQ (CPCT)
अतः सर्वांगसम वृत्तों में वे जीवाएँ जो केन्द्र पर बराबर कोण अन्तरित करती हैं आपस में बराबर होती हैं। इति सिद्धम्

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MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.1

MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.1

प्रश्न 1.
खाली स्थान भरिए
(i) वृत्त का केन्द्र वृत्त के ………………… में स्थित होता है। (बहिर्भाग/अभ्यन्तर)
(ii) एक बिन्दु, जिसकी वृत्त के केन्द्र से दूरी त्रिज्या से अधिक हो, वृत्त के ……….. स्थित होता है। (बहिर्भाग/अभ्यन्तर)
(iii) वृत्त की सबसे बड़ी जीवा वृत्त का ………….. होता है।
(iv) एक चाप ……………… होता है, जब इसके सिरे एक व्यास के सिरे हों।
(v) वृत्तखण्ड एक चाप तथा ………………. के बीच का भाग होता है।
(vi) एक वृत्त, जिस तल पर स्थित है, उसे ………………. भागों में विभाजित करता है।
उत्तर:
(i) अभ्यन्तर,
(ii) बहिर्भाग,
(iii) व्यास,
(iv) अर्द्धवृत्त,
(v) जीवा,
(vi) तीन।

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प्रश्न 2.
लिखिए सत्य/असत्य। अपने उत्तर का कारण दीजिए-
(i) केन्द्र को वृत्त पर किसी बिन्दु से मिलाने वाला रेखाखण्ड वृत्त की त्रिज्या होती है।
(ii) एक वृत्त में समान लम्बाई की सीमित जीवाएँ होती हैं।
(iii) यदि एक वृत्त को तीन बराबर भागों में बाँट दिया जाये, तो प्रत्येक भाग दीर्घ चाप होता है।
(iv) वृत्त की एक जीवा जिसकी लम्बाई त्रिज्या से दो गुनी होती है, वृत्त का व्यास कहलाती है।
(v) त्रिज्यखण्ड जीवा एवं संगत चाप के बीच का क्षेत्र होता है।
(vi) वृत्त एक समतल आकृति है।
उत्तर:
(i) कथन सत्य है, यही वृत्त की त्रिज्या की परिभाषा है।
(ii) कथन असत्य है, क्योंकि वृत्त में समान लम्बाई की असीमित जीवाएँ होती हैं।
(iii) कथन असत्य है, क्योंकि दीर्घ चाप वृत्त के आधे से अधिक होता है।
(iv) कथन सत्य है, क्योंकि वृत्त का व्यास केन्द्र से होकर जाने वाली जीवा है, जो दो त्रिज्याओं से मिलकर बना है।
(v) कथन असत्य है, क्योंकि यह वृत्तखण्ड होता है।
(vi) कथन सत्य है, क्योंकि वृत्त एक तल पर बिन्दुओं का समूह है।

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MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Additional Questions

MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Additional Questions

MP Board Class 9th Maths Chapter 9 अतिरिक्त परीक्षोपयोगी प्रश्न

MP Board Class 9th Maths Chapter 9 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
किसी समान्तर चतुर्भुज ABCD की भुजा BC पर कोई बिन्दु E लिया जाता है। AE और DC को बढ़ाया जाता है जिससे वे F पर मिलते हैं। सिद्ध कीजिए किar (ADF) = ar (ABFC) है।
हल:
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Additional Questions 1
चित्र 9.26
समान्तर चतुर्भुज ABCD दिया है जिसकी भुजा BC पर कोई बिन्दु E है। AE और DC को बढ़ाया गया है जो बिन्दु F पर मिलते हैं। AC और BF को मिलाइए।
चूँकि AC समान्तर चतुर्भुज ABCD का विकर्ण है
⇒ ar (ADC) = ar (ABC) …(1)
चूँकि उभयनिष्ठ आधार FC पर DF || AB के मध्य ∆ACF एवं ∆BCF स्थित हैं।
⇒ ar (ACF) = ar (BCF) …(2)
⇒ ar (ADC) + ar (ACF) = ar (ABC) + ar (BCF) [समी. (1) और (2) से]
ar (ADF) = ar (ABFC). (चित्रानुसार) इति सिद्धम्

प्रश्न 2.
संलग्न चित्र में ABCDE एक पंचभुज है। AC के समान्तर खींची गई BP बढ़ायी गई DC को P पर तथा AD के समान्तर खींची गई EQ बढ़ायी गई CD से Q पर मिलती है।
सिद्ध कीजिए कि-
ar (ABCDE) = ar (APQ)
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Additional Questions 2
चित्र 9.27
हल:
दिया है : ABCDE एक पंचभुज है। BP || AC और EQ || AD खींची गई हैं जो DC को दोनों ओर बढ़ाने पर क्रमशः P और Q बिन्दुओं पर मिलती हैं।
चूँकि उभयनिष्ठ आधार AC पर AC || BP के मध्य ∆ABC एवं ∆APC स्थित हैं। =
⇒ ar (ABC) = ar (APC) ….(1)
चूँकि उभयनिष्ठ आधार AD पर AD || EQ के मध्य ∆ADE और ∆ADO स्थित हैं।
⇒ ar (ADE) = ar (ADQ) …(2)
⇒ ar (ABC) + ar (ADE) = ar (APC) + ar (ADQ) [समीकरण (1) और (2) से]
⇒ ar (ABC) + ar (ACD) + ar (ADE) = ar (APC) + ar (ACD) + ar (ADQ) [दोनों ओर ar (ACD) जोड़ने पर]
अतः ar (ABCDE) = ar (APQ). (चित्रानुसार) इति सिद्धम्

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प्रश्न 3.
एक समान्तर चतुर्भुज ABCD के विकर्ण बिन्दु पर प्रतिच्छेद करते हैं। O से होकर एक रेखा खींची जाती है, जो AD को P और BC को Q पर मिलती है। दर्शाइए कि PQ इस समान्तर
चतुर्भुज ABCD को बराबर क्षेत्रफल वाले दो भागों में विभाजित करती है।
हल:
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Additional Questions 3
चित्र 9.28
ABCD एक दिया हुआ चतुर्भुज है जिसके विकर्ण AC और BD परस्पर O बिन्दु पर प्रतिच्छेद करते हैं। O से होकर रेखा POQ खींची गई है जो AD और BC को क्रमशः P और Q पर प्रतिच्छेद करती है। सिद्ध करना है कि PQ समान्तर चतुर्भुज ABCD को दो समान क्षेत्रफल वाले भागों में विभाजित करती है।
अर्थात् ar (ABQP) = ar (PQCD)
∆POA और ∆QOC में,
चूँकि ∠OAP = ∠OCQ (एकान्तर कोण हैं)
OA = OC (O, कर्ण AC का मध्य-बिन्दु है)
∠POA = ∠QOC (सम्मुख कोण हैं)
⇒ ∆POA = ∆QOC (ASA सर्वांगसमता प्रमेय से) …(1)
∆AOB और ∆COD में,
OA = OC (O, कर्ण AC का मध्य-बिन्दु है)
OB = OD (O, कर्ण BD का मध्य-बिन्दु है)
∠AOB = ∠COD (सम्मुख कोण हैं) AAOB = A COD (SAS सर्वांगसमता प्रमेय)…(2)
∆BOQ और ∆DOP में,
चूँकि ∠QOB = ∠POD (सम्मुख कोण हैं)
OB = OD (O कर्ण BD का मध्य-बिन्दु है)
∠OBQ = ∠ODP (एकान्तर कोण हैं)
∆BOQ ≅ ∆DOP (ASA सर्वांगसमता प्रमेय)…(3)
⇒ ar (POA) + ar (AOB) + ar (BOQ) = ar (QOC) + ar (COD) + ar (DOP) [समी (1) + (2) + (3) से]
अतः ar (ABQP) = ar (PQCD). (चित्रानुसार)
इति सिद्धम्

प्रश्न 4.
संलग्न चित्र में ABCD और AEFD दो समान्तर चतुर्भुज है। सिद्ध कीजिए कि ar (PEA) = ar (QFD).
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Additional Questions 4
चित्र 9.28
हल:
ABCD एवं AEFD दो समान्तर चतुर्भुज दिए हैं।
⇒ BA || CD तथा EA || FD (चित्रानुसार)
चूँकि BA || CD को EQ तिर्यक रेखा बिन्दु P और Q पर प्रतिच्छेद करती है।
⇒ ∠EPA = ∠FQD (संगत कोण हैं)…(1)
चूँकि EA || FD को EQ तिर्यक रेखा बिन्दु E और F पर प्रतिच्छेद करती है।
∠PEA = ∠QFD (संगत कोण हैं) …(2)
अब ∆PEA और ∆QFD में,
∠EPA = ∠FQD [समीकरण (1) से]
∠PEA = ∠QFD [समीकरण (2) से]
एवं EA = FD (समान्तर चतुर्भुज AEFD की सम्मुख भुजाएँ हैं)
⇒ ∆PEA ≅ ∆QFD
अतः ar (PEA) = ar (QFD) (सर्वांगसम त्रिभुज क्षेत्रफल में समान होते हैं) इति सिद्धम्

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MP Board Class 9th Maths Chapter 9 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
संलग्न चित्र में PSDA एक समान्तर चतुर्भुज है। PS पर P बिन्दुए और R इस प्रकार लिए गए हैं कि PQ = QR = RS है। तथा PA || QB || RC है। सिद्ध कीजिए कि-
ar (PQE) = ar (CFD) है।
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Additional Questions 5
चित्र 9.30
हल:
चूँकि PS | | AD को तिर्यक रेखा PD क्रमशः बिन्दु P और D पर प्रतिच्छेद करती है।
⇒ ∠SPD = ∠ADP अर्थात् ∠OPE = ∠CDF …(1) (एकान्तर कोण हैं)
चूँकि OP || RC को तिर्यक रेखा PD क्रमशः E और F पर प्रतिच्छेद करती है।
⇒ ∠PEQ = ∠EFR (संगत कोण हैं)
लेकिन ∠EFR = ∠DFC (सम्मुख कोण हैं)
∠PEQ = ∠DFC …(2)
अब ∆PEQ एवं ∆DFC में,
चूंकि ∠QPE = ∠CDF [समीकरण (1) से]
⇒ ∠PEQ = ∠DFC [समीकरण (2) से]
PQ = DC [PQ = RS दिया है RS = CD (RCDS एक समान्तर चतुर्भुज है)]
⇒ ∆PEQ = ∆DFC
अत: ar (PEQ) = ar (DFC). (सर्वांगसम त्रिभुजों के क्षेत्रफल बराबर होते हैं)
इति सिद्धम् वैकल्पिक विधि: PA || QB || RC || SD तिर्यक रेखा PS से PQ = QR = RS …(1)
अन्त:खण्ड काटते हैं, तो तिर्यक रेखा PD से PE = EF = FD …(2)
अन्त:खण्ड काटेंगे और तिर्यक रेखा AD से भी AB = BC = CD …(3)
अन्त:खण्ड काटेंगे।
चूँकि PS एवं AD समान्तर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ हैं।
⇒ PS = AD …(4)
अब ∆PQE और ∆CFD में,
चूँकि PQ = CD [समीकरण (1), (2) और (4) से]
∠QPE = ∠CDF (PS || AD एवं तिर्यक रेखा PD से बने एकान्तर कोण)
एवं PE = FD [समीकरण (2) से]
AQPE = ACFD (SAS सर्वांगसमता प्रमेय से)
अतः ar (POE) = ar (CFD). (सर्वांगसम के क्षेत्रफल बराबर होते हैं) इति सिद्धम्

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प्रश्न 2.
XY त्रिभुज LMN की भुजा LN पर स्थित दो बिन्दु इस प्रकार हैं कि LX = XY = YN है। Xसे होकर जाती हुई एक रेखा LM के समान्तर खींची गई है जो MNको zपर मिलती है देखिए संलग्न चित्र। सिद्ध कीजिए कि
ar (LZY) = ar (MZYX) है।
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Additional Questions 6
चित्र 9.31
हल:
दिया है : ∆LMN की भुजा पर स्थित दो बिन्दु X और Y इस M –
प्रकार कि LX=XY = YN एवं XZ|| LM रेखाखण्ड MN को Z पर मिलती है। LZ को मिलाया गया है।
अब उभयनिष्ठ आधार XZ पर XZ || LM के बीच दो ∆LXZ और ∆MXZ स्थित हैं।
ar (LXZ) = ar (MXZ) 2 ar (LXZ) + ar (XYZ) = ar (MXZ) + ar (XYZ) (ar (XYZ) को दोनों ओर जोड़ने पर)
⇒ ar (LZY) = ar (MZYX). (चित्रानुसार) इति सिद्धम्

प्रश्न 3.
संलग्न चित्र में समान्तर चतुर्भुज ABCD एवं ABEF हैं। यदि समान्तर चतुर्भुज ABCD का क्षेत्रफल 90 cm2 है तो ज्ञात कीजिए
(i) ar (ABEF),
(ii) ar (ABD),
(iii) ar (BEF).
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Additional Questions 7
चित्र 9.32
हल:
दिया है : दो समान्तर चतुर्भुज ABCD एवं ABEF तथा समान्तर चतुर्भुज ABCD का क्षेत्रफल 90 cm2 है। BF एवं BD को। मिलाया।

(i) उभयनिष्ठ आधार पर समान्तर चतुर्भुज ABCD और समान्तर चतुर्भुज ABEF एक ही AB || FC के मध्य स्थित हैं।
⇒ ar (ABEF) = ar (ABCD)
अतः ar (ABEF) = 90 cm2 . (∵ ar (ABCD) = 90 cm2)

(ii) चूँकि BD समान्तर चतुर्भुज ABCD का विकर्ण है।
ar (ABD) = \(\frac { 1 }{ 2 }\) ar (ABCD)
अतः ar (ABD) = \(\frac { 1 }{ 2 }\) x 90 cm2 = 45 cm2. (∵ ar (ABCD) = 90 cm2)

(iii) चूँकि FB समान्तर चतुर्भुज ABEF का विकर्ण हैं।
⇒ ar (BEF) = \(\frac { 1 }{ 2 }\) ar (ABEF)
अतः ar (BEF) = \(\frac { 1 }{ 2 }\) x 90 cm2 = 45 cm2. (ar (ABEF) = 90 cm2)

प्रश्न 4.
संलग्न चित्र में त्रिभुज ABC की भुजा AB का मध्य-बिन्दु है। यदि रेखाखण्ड CQ || PD भुजा AB में Q पर मिलता है तो सिद्ध कीजिए कि ar (BPQ) = \(\frac { 1 }{ 2 }\)ar (ABC) है।
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Additional Questions 8
चित्र 9.33
हल:
∆ABC की भुजा AB का मध्य-बिन्दु D है तथा भुजा BC पर दिया हुआ कोई बिन्दु P है एवं CQ || PD भुजा AB से Q पर मिलता है।
PQ और CD को मिलाइए।
अब उभयनिष्ठ आधार DP पर DP || QC के मध्य ADPQ एवं ADPC स्थित हैं।
ar (DPQ) = ar (DPC) = ar (DPQ) + ar (DBP) = ar (DPC) + ar (DBP) [ar (DBP) को दोनों ओर जोड़ने पर]
⇒ ar (BPQ) = ar (DBC) (चित्रानुसार) …(2)
लेकिन ar (DBC) = \(\frac { 1 }{ 2 }\) ar (ABC) (DC, ∆ ABC की माध्यिका है) …(3)
अतः ar (BPQ) = \(\frac { 1 }{ 2 }\)ar (ABC). [समीकरण (2) एवं (3) से] इति सिद्धम्

प्रश्न 5.
संलग्न चित्र में ABCD एक वर्ग है। E और F क्रमशः BC और CD भुजाओं के मध्य-बिन्दु हैं। यदि R रेखाखण्ड EF का मध्य-बिन्दु है। सिद्ध कीजिए कि-
ar (AER) = ar (AFR) है।
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Additional Questions 9
चित्र 9.34
हल:
ABCD एक वर्ग दिया है जिसकी भुजा BC और CD के मध्य-बिन्दु
क्रमशः E और F हैं तथा R रेखाखण्ड EF का मध्य-बिन्दु है।
अब ∆ABE और ∆ADF में,
चूँकि AB = AD (वर्ग की भुजाएँ हैं)
∠ABE = ∠ADF (वर्ग के कोण हैं)
एवं BE = DF (वर्ग की भुजाओं के आधे हैं)
⇒ ∆ABE ≅ ∆ADF (SAS सर्वांगसमता प्रमेय)
⇒ AE = AF (CPCT)
अब ∆AER और ∆AFR में,
चूंकि AE = AF (सिद्ध कर चुके हैं)
ER = FR (EF का मध्य-बिन्दु R दिया है)
AR = AR (उभयनिष्ठ है)
∆AER ≅ ∆AFR (SSS सर्वांगसमता प्रमेय)
अत: ar (AER) = ar (AFR). (सर्वांगसम क्षेत्रों के क्षेत्रफल बराबर होते हैं) इति सिद्धम्

वैकल्पिक विधि :
∆AEF की माध्यिका AR है (∵ R रेखाखण्ड EF का मध्य-बिन्दु है)
ar (AER) = ar (AFR). (माध्यिका त्रिभुज को दो बराबर क्षेत्रफल के क्षेत्रों में विभक्त करती हैं) इति सिद्धम्

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प्रश्न 6.
एक समलम्ब ABCD में, AB || DC है तथा L भुजा BC का मध्य-बिन्दु है। L से होकर एक रेखा PQ || AD खींची गई है जो AB को P पर और बढ़ाई गई DC को Q पर मिलती है (देखिए संलग्न चित्र)। सिद्ध कीजिए कि-
ar (ABCD) = ar (APQD) है
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Additional Questions 10
चित्र 9.35
हल:
ABCD एक समलम्ब चतुर्भुज दिया है जिसकी भुजा BC का A मध्य-बिन्दु L है। से होकर PQ || AD खींची गई है तथा
समलम्ब की भुजाएँ AB || DC है।
अब ∆LPB और ∆LOC में,
चूँकि ∠LPB = ∠LQC (एकान्तर कोण हैं, क्योंकि AB || DQ एवं PQ तिर्यक)
∠LBP ≅ ∠LCQ (एकान्तर कोण हैं, क्योंकि AB || DQ एवं CB तिर्यक)
एवं BL = LC (BC का मध्य-बिन्दु L दिया है)
⇒ ∆LPB ≅ ∆LQC (AAS सर्वांगसमता प्रमेय से)
⇒ ar (LPB) = ar (LQC) (सर्वांगसमता क्षेत्रों के क्षेत्रफल बराबर होते हैं)
⇒ ar (APLCD) + ar (LPB) = ar (APLCD) + ar (LQC) [ar (APLCD) को दोनों ओर जोड़ने पर]
अतः ar (ABCD) = ar (APQD). (चित्रानुसार) इति सिद्धम्

प्रश्न 7.
किसी समान्तर चतुर्भुज का आधार 20 सेमी तथा ऊँचाई (शीर्षलम्ब) 10 सेमी है, तो समान्तर चतुर्भुज का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए। (2019)
हल:
समान्तर चतुर्भुज का क्षेत्रफल = आधार x ऊँचाई (शीर्षलम्ब)
= 20 x 10 = 200 सेमी2
अतः समान्तर चतुर्भुज का अभीष्ट क्षेत्रफल = 200 सेमी2

प्रश्न 8.
यदि किसी समान्तर चतुर्भुज का आधार 4 cm तथा शीर्षलम्ब (ऊँचाई) 2 cm है, तो समान्तर चतुर्भुज का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए। (2019)
हल:
निर्देश : उपर्युक्त प्रश्न की तरह हल करें
उत्तर-अभीष्ट क्षेत्रफल = 8 cm

प्रश्न 9.
संलग्न चित्र में यदि AB || CD और ∆ABC का क्षेत्रफल 100 वर्ग सेमी है, तो ∆ABD का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए और कारण भी दीजिए। (2019)
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Additional Questions 11
चित्र 9.36
हल:
चूँकि ∆ABC एवं ∆ABD दोनों ही समान आधार AB पर तथा AB || CD के मध्य स्थित हैं।
इसलिए, क्षेत्रफल (∆ABD) = क्षेत्रफल (∆ABC)
⇒ क्षेत्रफल (∆ABD) = 100 वर्ग सेमी
अतः ∆ABD का अभीष्ट क्षेत्रफल = 100 वर्ग सेमी।

प्रश्न 10.
केवल चित्र द्वारा प्रदर्शित कीजिए कि समान्तर चतुर्भुज के दोनों विकर्ण उसे बराबर (क्षेत्रफल वाले चार) त्रिभुजों में बाँटते हैं। (2019)
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Additional Questions 12
चित्र 9.37
हल:
ABCD एक समान्तर चतुर्भुज है जिसके विकर्ण AC एवं BD परस्पर O बिन्दु पर समद्विभाजित करके इसे चार बराबर-बराबर क्षेत्रफल वाले त्रिभुजों में विभाजित कर रहे हैं, अर्थात् क्षेत्रफल (∆ OBC) = क्षेत्रफल (∆ OCD) = क्षेत्रफल B (∆ODA) = क्षेत्रफल (∆OAB)

MP Board Class 9th Maths Chapter 9 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

सत्य/असत्य लिखिए और अपने उत्तर का औचित्य दीजिए।

प्रश्न 1.
ABCD एक समान्तर चतुर्भुज और X- भुजा AB का मध्य-बिन्दु है। यदि ar(AXCD) = 24cm2 है तो ar (ABC) = 24 cm है।
उत्तर:
असत्य कथन, क्योंकि ar (AXCD) ≠ ar (ABC).

प्रश्न 2.
PORS एक आयत है, जो त्रिज्या 13 cm वाले वृत्त के चतुर्थांश के अन्तर्गत है। A भुजा PQ पर स्थित कोई बिन्दु है। यदि PS = 5 cm है, तो ar (PAS) = 30 cm2 है।
उत्तर:
कथन असत्य है, क्योंक
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Additional Questions 13

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प्रश्न 3.
PQRS एक समान्तर चतुर्भुज है जिसका क्षेत्रफल 180 cm2 है तथा A विकर्ण QS पर स्थित कोई बिन्दु है तब ∆ASR का क्षेत्रफल 90 cm2 है।
उत्तर:
कथन असत्य है, क्योंकि ∆QSR का क्षेत्रफल = \(\frac { 1 }{ 2 }\) x 180 = 90 cm2 तथा
ar (ASR) < ar (QSR).

प्रश्न 4.
ABC और BDE दो समबाहु त्रिभुज इस प्रकार है कि D भुजा BC का मध्य-बिन्दु है। तब
ar (BDE) = \(\frac { 1 }{ 4 }\)ar (ABC).
उत्तर:
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Additional Questions 14

प्रश्न 5.
संलग्न चित्र में ABCD और EFGD दो समान्तर चतुर्भुज है तथा G भुजा CD का मध्य-बिन्दु है, तब
ar (DPC) = ar (EFGD).
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Additional Questions 15
चित्र 9.38
उत्तर:
कथन असत्य है, क्योंकि ar(DPC) ≠ ar(EFGD) है।

MP Board Class 9th Maths Chapter 9 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
12 cm और 16 cm विकर्णों वाले एक समचतुर्भुज की भुजाओं के मध्य-बिन्दुओं को मिलाने से बनी आकृति का क्षेत्रफल है :
(a) 48 cm2 .
(b) 64 cm
(c) 96 cm2
(d) 192 cm2.
उत्तर:
(a) 48 cm2 .

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प्रश्न 2.
त्रिभुज की माध्यिकाएँ उसे विभाजित करती हैं, दो :
(a) बराबर क्षेत्रफल वाले त्रिभुजों में
(b) सर्वांगसम त्रिभुजों में
(c) समकोण त्रिभुजों में
(d) समद्विबाहु त्रिभुजों में।
उत्तर:
(a) बराबर क्षेत्रफल वाले त्रिभुजों में

प्रश्न 3.
8 cm और 6 cm भुजाओं वाले एक आयत की आसन्न भुजाओं के मध्य-बिन्दुओं को मिलाने से बनी आकृति है :
(a) 24 cm2 क्षेत्रफल का एक आयत
(b) 25 cm2 क्षेत्रफल का एक वर्ग
(c) 24 cm2 क्षेत्रफल का एक समलम्ब
(d) 24 cm2 क्षेत्रफल एक समचतुर्भुज।
उत्तर:
(d) 24 cm2 क्षेत्रफल एक समचतुर्भुज

प्रश्न 4.
संलग्न चित्र में समान्तर चतुर्भुज ABCD का क्षेत्रफल है :
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Additional Questions 16
चित्र 9.39
(a) AB x BM
(b) BC – BN
(c) DC – DL
(d) AD x DL.
उत्तर:
(c) DC – DL

प्रश्न 5.
संलग्न चित्र में यदि समान्तर चतुर्भुज ABCD और आयत ABEM समान क्षेत्रफल वाले हैं, तो :
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Additional Questions 17
चित्र 9.40
(a) ABCD का परिमाप = ABEM का परिमाप
(b) ABCD का परिमाप < ABEM का परिमाप (c) ABCD का परिमाप > ABEM का परिमाप
(d) ABCD का परिमाप = = (ABEM का परिमाप)।
उत्तर:
(c) ABCD का परिमाप > ABEM का परिमाप

प्रश्न 6.
किसी त्रिभुज की भुजाओं के मध्य-बिन्दु किसी भी एक शीर्ष को चौथा बिन्दु लेकर एक समान्तर चतुर्भुज बनाते हैं जिसका क्षेत्रफल बराबर है :
(a) \(\frac { 1 }{ 2 }\)ar (ABC)
(b) \(\frac { 1 }{ 3 }\)Jar (ABC).
(c) \(\frac { 1 }{ 4 }\)ar (ABC)
(d) ar (ABC).
उत्तर:
(a) \(\frac { 1 }{ 2 }\)ar (ABC)

प्रश्न 7.
दो समान्तर चतुर्भज बराबर आधारों पर और एक ही समान्तर रेखाओं के मध्य स्थित हैं। उनके क्षेत्रफलों में अनुपात होगा :
(a) 1 : 2
(b) 1 : 1
(c) 2 : 1
(d) 3 : 1.
उत्तर:
(b) 1 : 1

प्रश्न 8.
ABCD एक चतुर्भुज है जिसका विकर्ण AC है, उसे बराबर क्षेत्रफल वाले दो भागों में विभाजित करता है। तब ABCD :
(a) एक आयत है
(b) सदैव एक सम चतुर्भुज है
(c) एक समान्तर चतुर्भुज है
(d) (a), (b) या (c) में से कोई भी होना आवश्यक नहीं।
उत्तर:
(d) (a), (b) या (c) में से कोई भी होना आवश्यक नहीं

प्रश्न 9.
एक त्रिभुज और एक समान्तर चतुर्भुज एक ही आधार पर और एक ही समान्तर रेखाओं के बीच स्थित हैं, तो त्रिभुज के क्षेत्रफल का समान्तर चतुर्भुज के क्षेत्रफल से अनुपात है :
(a) 1 : 3
(b) 1 : 2
(c) 3 : 1
(d) 1 : 4.
उत्तर:
(b) 1 : 2

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प्रश्न 10.
ABCD एक समलम्ब है जिसकी समान्तर भुजाएँ AB = a cm और DC = b cm है (देखिए चित्र 9.41)। E और F समान्तर भुजाओं के मध्य-बिन्दु हैं। ar (ABFE) और ar (EFCD) का अनुपात है :

MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Additional Questions 18
(a) a : b
(b) (3a + b) : (a + 3b)
(c) (a + 3b) : (3a + b)
(d) (2a + b) : (3a + b).
उत्तर:
(b) (3a + b) : (a + 3b)

प्रश्न 11.
समानान्तर चतुर्भुज का क्षेत्रफल होता है : (2018)
(a) आधार x ऊँचाई
(b) आधार + ऊँचाई
(c) 1/2 आधार x ऊँचाई
(d) आसन्न भुजाओं का गुणनफल
उत्तर:
(a) आधार x ऊँचाई

रिक्त स्थानों की पूर्ति

1. समचतुर्भुज का क्षेत्रफल उसके विकर्णों के गुणनफल का ……..होता है।
2. एक ही आधार और दो समान्तर रेखाओं के बीच बने समान्तर चतुर्भुज क्षेत्रफल में … होते हैं। (2019)
3. एक ही आधार पर व एक ही समान्तर रेखाओं के एक युग्म के बीच स्थित त्रिभुज क्षेत्रफल में ……. होते हैं।
4. एक ही आधार और उन्हीं समान्तर रेखाओं के मध्य स्थित आयत और समान्तर चतुर्भुज के क्षेत्रफल ……. होते हैं।
5. एक ही आधार और समान्तर रेखाओं के मध्य स्थित समान्तर चतुर्भुज का क्षेत्रफल त्रिभुज के क्षेत्रफल का ……… होता है।
उत्तर:
1. आधा,
2. बराबर,
3. बराबर,
4. बराबर,
5. दो गुना।

जोड़ी मिलान
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Additional Questions 19
उत्तर:
1. → (c),
2. → (d),
3. → (e),
4. → (a),
5. → (b).

सत्य/असत्य कथन
1. समान्तर चतुर्भुज जो एक ही आधार और समान्तर रेखाओं के बीच स्थित हों, क्षेत्रफल में बराबर नहीं होते।
2. समान्तर चतुर्भुज के विकर्ण उसे दो समान क्षेत्रफल वाले त्रिभुजों में विभक्त करते हैं।
3. प्रत्येक समान्तर चतुर्भुज समचतुर्भुज होता है।
4. प्रत्येक वर्ग एक आयत होता है लेकिन प्रत्येक आयत एक वर्ग नहीं होता।
5. आयत के विकर्ण परस्पर समकोण पर समद्विभाजित करते हैं।
उत्तर:
1. असत्य,
2. सत्य,
3. असत्य,
4. सत्य,
5. असत्य।

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एक शब्द/वाक्य में उत्तर
1. एक सरल बन्द आकृति द्वारा घेरा गया तल क्या कहलाता है?
2. किसी बंद आकृति द्वारा घेरे गए तल का परिमाण क्या कहलाता है?
3. समान भुजाओं वाले समान्तर चतुर्भुज को क्या कहते हैं ?
4. यदि किसी चतुर्भुज की सम्मुख भुजाओं का एक युग्म समान्तर हो तो उसे क्या कहते हैं?
5. किसी समान्तर चतुर्भुज के विकर्ण उस समान्तर चतुर्भुज को चार त्रिभुजों में विभक्त करते हैं, उनके क्षेत्रफल में क्या सम्बन्ध होता है ?
6. यदि त्रिभुज का आधार एवं शीर्षलम्ब दिया हो, तो त्रिभुज का क्षेत्रफल ज्ञात करने का सूत्र लिखिए। (2019)
उत्तर:
1. तलीय क्षेत्र,
2. उस आकृति का क्षेत्रफल,
3. समचतुर्भुज,
4. समलम्ब चतुर्भुज या समलम्ब,
5. बराबर होते हैं।,
6. \(\frac { 1 }{ 2 }\) x आधार x शीर्षलम्ब।

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MP Board Class 9th Social Science Solutions Chapter 1 मानव एवं पर्यावरण

MP Board Class 9th Social Science Solutions Chapter 1 मानव एवं पर्यावरण

MP Board Class 9th Social Science Chapter 1 पाठान्त अभ्यास

MP Board Class 9th Social Science Chapter 1 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

सही विकल्प चुनकर लिखिए

प्रश्न 1.
शोर नापने की इकाई है (2010, 18)
(i) सेण्टीमीटर
(ii) डेसीबल
(iii) सेल्सियस
(iv) मिली बार।
उत्तर:
(ii) डेसीबल

प्रश्न 2.
विश्व का सर्वाधिक शोरयुक्त शहर है (2009, 12)
(i) मुम्बई
(ii) न्यूयार्क
(iii) रियो डि जेनेरो
(iv) टोकियो।
उत्तर:
(iii) रियो डि जेनेरो

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प्रश्न 3.
सर्वप्रथम ओजोन छिद्र 1985 में किस क्षेत्र में देखा गया था? (2009, 13)
(i) ऑस्ट्रेलिया
(ii) अलास्का
(iii) अंटार्कटिका
(iv) पश्चिमी यूरोप।
उत्तर:
(iii) अंटार्कटिका

प्रश्न 4.
पृथ्वी के ऊपर ओजोन परत की स्थिति है
(i) धरातल से 5 से 10 किमी की ऊँचाई पर
(ii) 25 किमी की ऊँचाई पर
(iii) 32 से 80 किमी की ऊँचाई पर
(iv) 75 से 100 किमी की ऊँचाई पर।
उत्तर:
(iii) 32 से 80 किमी की ऊँचाई पर

प्रश्न 5.
पर्यावरण क्षरण का मुख्य कारण है (2016)
(i) स्थानान्तरी कृषि,
(ii) पर्यटन को बढ़ावा,
(iii) भूमि के उपयोग का बदलता स्वरूप,
(iv) ये सभी।
उत्तर:
(iv) ये सभी।

प्रश्न 6.
जनसंख्या विस्फोट से क्या आशय है? (2017)
(i) प्रवजन,
(ii) जन्म-दर व मृत्यु-दर में समानता
(iii) भीड़ का बढ़ जाना,
(iv) मनुष्यों की संख्या में निरन्तर वृद्धि।
उत्तर:
(iv) मनुष्यों की संख्या में निरन्तर वृद्धि।

प्रश्न 7.
‘काटो और जलाओ’ का सम्बन्ध है (2011)
(i) स्थानान्तरी कृषि से
(ii) पर्यटन व तीर्थ यात्रा से
(iii) अति खनन से,
(iv) बाँध निर्माण से।
उत्तर:
(i) स्थानान्तरी कृषि से

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रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए

  1. वे भौतिक पदार्थ या वस्तु जो मानव के लिए उपयोगी हैं ………… कहलाते हैं।
  2. पृथ्वी के …………. प्रतिशत भाग पर स्थल एवं ………… प्रतिशत भाग पर जल है।
  3. विश्व के कुल भूमि क्षेत्र का ……….. प्रतिशत भाग वनों से ढका हुआ है। (2015)
  4. ‘एसिड रेन’ शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम सन् …………. में ब्रिटिश वैज्ञानिक ने किया था।
  5. बस्तर की डोलोमाइट खदानों से …………. राष्ट्रीय उद्यान को खतरा उत्पन्न हो गया है।

उत्तर:

  1. संसाधन
  2. 29, 71
  3. 30
  4. 1873
  5. कांगेर घाटी।

MP Board Class 9th Social Science Chapter 1 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पर्यावरण से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
पर्यावरण का आशय हमारे चारों ओर के उस वातावरण एवं परिवेश से है जिससे हम घिरे हुए हैं व प्रभावित होते हैं; जैसे-वायु, जल, पेड़-पौधे, पृथ्वी, सूर्य, चन्द्रमा, तारे, आकाश आदि।

प्रश्न 2.
सांस्कृतिक पर्यावरण से क्या आशय है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
मानव तथा प्राकृतिक पर्यावरण के पारस्परिक सम्बन्धों द्वारा ही सांस्कृतिक पर्यावरण का निर्माण होता है। इसके अन्तर्गत मानव द्वारा निर्मित वस्तुएँ; जैसे-सड़कें, पुल, नहर, कारखाने, जातियाँ, शासन प्रणाली आदि हैं।

प्रश्न 3.
भारत की पाँच प्रमुख प्रदूषित नदियाँ कौन-कौन-सी हैं? लिखिए।
उत्तर:
भारत की प्रमुख प्रदूषित नदियाँ निम्न हैं –

  1. गंगा
  2. यमुना
  3. हुगली
  4. दामोदर
  5. गोदावरी।

प्रश्न 4.
ग्लोबल वार्मिंग क्या है? (2018)
उत्तर:
प्रकाश संश्लेषण की दर में कमी होने से पेड़-पौधों की वृद्धि रुक जाती है एवं जंगल सूखने लगते हैं। इस कारण से वायुमण्डल में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है। वायुमण्डल में उपस्थित कार्बन डाइऑक्साइड तथा अन्य ऊष्मारोधी गैसें, ऊष्मा का कुछ भाग शोषित कर भूतल पर वापस कर देती हैं। इससे निचले वायुमण्डल में अतिरिक्त ऊष्मा जमा होने लगती है और वायुमण्डल का तापमान बढ़ जाता है, जिसे ग्लोबल वार्मिंग कहते हैं।

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MP Board Class 9th Social Science Chapter 1 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
वायु अथवा ध्वनि प्रदूषण का मानवीय स्वास्थ्य पर कैसे दुष्प्रभाव पड़ता है? लिखिए।
उत्तर:
वायु प्रदूषण का मानवीय स्वास्थ्य पर प्रभाव –

  1. धूल तथा मिट्टी के कणों के वायु में उपस्थित रहने से श्वसन की क्रिया में बाधा आती है। ये कण फेफड़ों में जाकर बीमारियाँ उत्पन्न करते हैं।
  2. कोयले और खनिज तेल के जलने से सल्फर डाइ-ऑक्साइड भी वायुमण्डल में चली जाती है। मोटरों और कारों के कै धुएँ के साथ निकले सीसे, कार्बन मोनो ऑक्साइड तथा नाइट्रोजन ऑक्साइड्स के अंश भी वायुमण्डल में मिल जाते हैं। मोटर-कारों का धुआँ साँस के साथ नाक में जाकर जलन पैदा करता है तथा साँस के रोगों का कारण बनता है।
  3. प्रदूषित वायु में से होकर जब वर्षा होती है, जब प्रदूषक तत्व वर्षा जल के साथ मिलकर जलाशयों, भूमि और महासागरों को प्रदूषित कर देते हैं। वायु प्रदूषण का प्रभाव पौधों, मनुष्यों तथा अन्य जन्तुओं पर भी पड़ता है।

ध्वनि प्रदूषण का मानवीय स्वास्थ्य पर प्रभाव –

  1. ध्वनि प्रदूषण से चिड़चिड़ापन, सिरदर्द, क्रोध आदि आता है।
  2. ध्वनि प्रदूषण से नींद नहीं आती, आराम नहीं मिलता है।
  3. वैज्ञानिक अनुसन्धानों का निष्कर्ष है कि 85 डेसीबल से ऊपर की ध्वनि के प्रभाव में लम्बे समय तक रहने से व्यक्ति बहरा हो सकता है।
  4. 120 डेसीबल की ध्वनि से अधिक तीव्र ध्वनि गर्भवती महिलाओं तथा उनके शिशुओं पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है।

प्रश्न 2.
रेडियोधर्मी पदार्थों से प्रदूषण कैसे फैलता है?
उत्तर:
रेडियोधर्मी पदार्थ वातावरण में प्रवेश करके रेडियोधर्मी प्रदूषण उत्पन्न करते हैं। यूरेनियम, थोरियम, सीजियम, स्ट्रांशियम, प्लूटोनियम, कोबाल्ट जैसे रेडियोसक्रिय तत्त्व नाभिकीय प्रक्रियाओं में काम आते हैं। ये तत्त्व ही रेडियोधर्मी प्रदूषण के कारक हैं। परमाणु बमों के निर्माण तथा परीक्षण रेडियोधर्मी प्रदूषण फैलाते हैं। रेडियोधर्मी पदार्थों से फैले विकिरण के प्रभाव दूरगामी होते हैं। परमाणु परीक्षणों के दौरान अधिक ऊर्जा निकलने से मानव व जीव-जन्तुओं की कोशिकाएँ नष्ट हो जाती हैं। स्ट्रांशियम जैसा हानिकारक रेडियोधर्मी
सक्रिय तत्त्व, मृदा की उर्वरा शक्ति नष्ट कर देता है।

प्रश्न 3.
प्रदूषण व प्रदूषक में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
प्रदूषण व प्रदूषक में अन्तर पर्यावरण की प्राकतिक संरचना एवं सन्तुलन में उत्पन्न अवांछनीय परिवर्तन को प्रदूषण कहते हैं। दूसरी ओर प्रदूषक वे अनुपयोगी पदार्थ हैं जो अनुचित मात्रा में उपस्थित होकर प्रदूषण के लिए उत्तरदायी हों, प्रदूषक कहलाते हैं। प्रदूषक दो प्रकार के होते हैं-(i) प्राकृतिक प्रदूषक तथा (ii) मानवीय प्रदूषक, जैसे-कीटनाशक, उर्वरक, प्लास्टिक, रेडियोधर्मी तत्त्व, लेड, विभिन्न प्रकार के रसायन आदि।

प्रश्न 4.
ओजोन परत के क्षरीकरण की समस्या को स्पष्ट कीजिए। (2010)
उत्तर:
यद्यपि ओजोन वायुमण्डल की एक सूक्ष्म परत है तथापि ओजोन की यह पतली-सी परत धरती पर जीवन की सुरक्षा के लिए अत्यन्त आवश्यक है क्योंकि यह सूर्य की ‘पराबैंगनी किरणों’ को पृथ्वी पर पहुँचने से रोकती है। मुख्य रूप से क्लोरोफ्लोरोकार्बन, नाइट्रिक ऑक्साइड, क्लोरीन ऑक्साइड आदि गैसों की ओजोन परत क्षरण में मुख्य भूमिका है। फ्रिज, एयर कण्डीशनर, जैसे उपकरणों में काम में आने वाली गैस क्लोरोफ्लोरोकार्बन (सी. एफ. सी.) के अधिक उपयोग से ओजोन परत में छेद हो गया है।

ओजोन परत में छिद्र होने से पथ्वी पर पराबैंगनी किरणों का कहर फैल रहा है। इन किरणों से त्वचा कैंसर तथा मोतियाबिन्द आदि बीमारियों का खतरा बनता है। शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है और कृषि पैदावार कम होने के अलावा वन-सम्पदा क्षतिग्रस्त होती है।

प्रश्न 5.
मृदा प्रदूषण क्या है? इसके प्रमुख दुष्प्रभाव कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
मृदा प्रदूषण-भूमि के भौतिक, रासायनिक या जैविक गुणों में ऐसा कोई भी अवांछित परिवर्तन जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति तथा उपयोगिता नष्ट होती है, मृदा प्रदूषण है।

जनसंख्या के बढ़ते दबाव, रासायनिक उर्वरक एवं कीटनाशक दवाओं के अधिकाधिक प्रयोग से भूमि की अवशोषण एवं शुद्धीकरण क्षमता का तेजी से ह्रास हुआ है। परिणामतः भूमि की उत्पादन क्षमता दिन-प्रतिदिन घटती जा रही है। वैज्ञानिकों के अनुसार, कृषि भूमि में नाइट्रोजन के प्रयोग से काफी प्रदूषण बढ़ रहा है और यह नाइट्रेट रासायनिक खादों की देन है। वैज्ञानिकों के अनुसार, कल-कारखानों के अवसाद, टीन एवं काँच के टुकड़े, पॉलीथिन के थैले, प्लास्टिक की वस्तुएँ आदि आसानी से जमीन में विघटित नहीं होते हैं और आस-पास की जमीन को कुछ समय बाद अनुपयोगी बना देते हैं।

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प्रश्न 6.
जनसंख्या विस्फोट से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
‘जनसंख्या विस्फोट’ शब्द से तात्पर्य जनसंख्या के अत्यन्त तीव्र गति से एकाएक वृद्धि से ही ‘विस्फोट’ शब्द उस तरह की स्थिति को स्पष्ट करता है, जिसके प्रभाव उतने ही गम्भीर और भयानक होते हैं जितने कि परमाणु बम के गिरने या उसके दूषित पदार्थों से प्रभावित होने से होते हैं।

हर देश में जब विकास होगा तो जन्म-दर की तुलना में मृत्यु-दर अधिक तीव्र गति से घटेगी और उसका परिणाम यह होगा कि जनसंख्या में वृद्धि होगी। आज पैदा होने वाले बच्चे, जिन्हें अकाल शिशु मृत्यु से बचा लिया जाएगा 20-22 वर्ष बाद स्वयं बच्चे पैदा करेंगे। यहाँ से ही ‘जनसंख्या विस्फोट’ स्थिति निर्मित होगी।

प्रश्न 7.
अति चारण के कारण भूमि की गुणवत्ता पर क्या प्रभाव पड़ता है?
अथवा
अतिचारण क्या है? इसके प्रमुख दुष्प्रभाव कौन-कौन से हैं? (2011)
उत्तर:
पशुओं द्वारा वनस्पति के अधिक चारण को अतिचारण कहा जाता है। अतिचारण से वहाँ पुनः वनस्पति शीघ्र नहीं पनप पाती। इसका दुष्प्रभाव यह होता है कि भूमि पर से वनस्पति की सतह समाप्त हो जाती है। भू-अपरदन के कारण भूमि के मरूस्थल में परिवर्तित होने का खतरा उत्पन्न हो जाता है। इस प्रकार के क्षेत्रों में मृदा पानी कम सोख पाती है और वनस्पति को पर्याप्त पानी प्राप्त नहीं होता। ऐसी स्थिति राजस्थान, गुजरात एवं पश्चिमी मध्यप्रदेश के उच्च पठारी प्रदेशों में उत्पन्न हो गई है।

प्रश्न 8.
स्थानान्तरी कृषि कैसे की जाती है?
उत्तर:
कृषि के सबसे प्राचीन रूप को स्थानान्तरीय कृषि कहते हैं। इसमें वृक्षों को काटो और जलाओ का सिद्धान्त अपनाया गया। फिर उस भूमि पर कुछ समय कृषि कार्य करके छोड़ दिया गया। मिट्टी की उर्वरा शक्ति में कमी से फसलों की उपज में कमी आयी एवं नये वनों को काटने का काम शुरू हुआ। कृषि की इस प्रणाली से न केवल कृषि उपज कम होती है, अपितु वन क्षेत्र भी कम होते हैं।

प्रश्न 9.
वन अपरोपण क्या है? वन अपरोपण के कारणों को सूचीबद्ध कीजिए।
अथवा
वन-अपरोपण के कोई तीन कारण लिखिए। (2017)
उत्तर:
वन अपरोपण का आशय है वनों को काटना या किसी क्षेत्र से पेड़ों का सफाया करना। वनों का कम होना विभिन्न मानवीय प्रयासों का फल है। विशाल बाँधों के निर्माण से जल विद्युत् परियोजनाओं के प्रारम्भ करने से बिजली वितरण तथा रेल लाइनों एवं सड़क के विस्तार से एवं आवासीय क्षेत्रों के फैलाव से और ईंधन की आपूर्ति तथा उद्योगों के लिए वृक्षों की कटाई से भी वनों को नुकसान हुआ है।

प्रश्न 10.
अधिक मात्रा में कीटनाशकों का प्रयोग क्यों नहीं करना चाहिए?
उत्तर:
साधारण तौर पर पेड़-पौधों को कीड़ों, चंपा, दीमक एवं फफूंद आदि से बचाने के लिए किसान कई प्रकार के विषाक्त कीटनाशकों का छिड़काव करते हैं। दूसरी ओर पैदावार में वृद्धि करने के लिए पोटाश, यूरिया तथा सल्फर आदि रासायनिक उर्वरकों का भी अन्धाधुन्ध उपयोग किया जाता है। ऐसे रासायनिक उर्वरकों के उपयोग से कृषि उत्पादन में वृद्धि तो होती है परन्तु दूसरी ओर इसका दुष्प्रभाव मानव स्वास्थ्य पर पड़ता है। अन्य शब्दों में, जिस रसायन से कीट-पतंगों की मृत्यु होती है उसका विपरीत प्रभाव मानव के स्वास्थ्य पर भी अवश्य पड़ेगा।

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प्रश्न 11.
खनन से किसी क्षेत्र के पर्यावरण पर क्या दुष्प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
खनन का आशय है धरती को खोदकर खनिज एवं अन्य पदार्थों को निकालना। इसका पर्यावरण पर अत्यन्त बुरा प्रभाव पड़ता है क्योंकि भूमि से पेड़-पौधों को काटा जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप भूमिगत जल के संचरण में रुकावट होती है तथा भू-स्खलन, मलबे का जमाव, मृदा अपरदन और नई भू-आकृतियों का निर्माण होता है। अति खनन के दुष्प्रभावों को भारत के हिमालय पर्वत श्रेणियों से घिरी गंगा-यमुना से बनी दून घाटी में देखा जा सकता है। पहले यह घाटी क्षेत्र बासमती, लीची, चाय जैसी फसलों के लिये विश्व प्रसिद्ध था परन्तु अब चूना पत्थर के अंधाधुन्ध खनन से घाटी क्षेत्र का सिर्फ 12% भाग ही हरियाली युक्त है।

प्रश्न 12.
नगरीकरण पर्यावरण को कैसे बिगाड़ता है?
उत्तर:
नगरों के विस्तार की क्रिया ही नगरीकरण है। नगरीकरण से जनसंख्या घनत्व सघन होने लगता है। यातायात की सुविधाएँ बढ़ती हैं। सड़कों, रेलों, अस्पतालों, दफ्तरों, सामुदायिक केन्द्रों आदि का विस्तार होता है। इन सभी से प्रदूषण में वृद्धि होती है। महानगरों में प्रदूषण का प्रमुख कारण सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सीसा, नाइट्रस ऑक्साइड, फ्लोराइड्स आदि विषैले रसायन हैं जो वाहनों एवं औद्योगिक संस्थानों से निकलते हैं। महानगरों में स्थित कल-कारखानों का कचरा नदियों में प्रवाहित कर दिये जाने से नदियों का जल प्रदूषित हो जाता है। इन सभी का प्रभाव मानव स्वास्थ्य पर पड़ता है। अनेक महानगर तरह-तरह की अव्यवस्थाओं, पेयजल, समस्या, नगरीय प्रदूषण, अशान्ति आदि के शिकार होते जा रहे हैं।

MP Board Class 9th Social Science Chapter 1 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पर्यावरण की अवधारणा बताते हुए मानव व पर्यावरण में सम्बन्ध समझाइए। (2008)
उत्तर:
पर्यावरण की अवधारणा-पर्यावरण का आशय मानव के चारों ओर पाई जाने वाली प्राकृतिक दशाओं से है। ये स्थल, जल, वायु एवं मनुष्य द्वारा स्वयं उत्पन्न की गई परिस्थितियाँ हो सकती हैं। मानव पृथ्वी पर कुछ विशेष प्रकार की परिस्थितियों के अन्तर्गत निवास करता है। यह परिस्थितियाँ ही उसका पर्यावरण कहलाती हैं अर्थात् “पर्यावरण एक आवरण या घेरा है जो मानव समुदाय को चारों ओर से घेरे हुए है तथा मानव को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करता है।”

मानव एवं पर्यावरण में सम्बन्ध-मनुष्य पृथ्वी पर निवास करता है और पृथ्वी पर पाए जाने वाले पौधे तथा जीव-जन्तु उसके पर्यावरण के प्रमुख अंग हैं। मानव प्राकृतिक भूदृश्यों को परिवर्तित करने के लिए नहरें खोदता है, वृक्ष काटता है, खनिजों का दोहन करता है, जंगली जीवों का शिकार करता है, जल प्रवाह की गति पर नियन्त्रण करता है या उसके प्रवाह को ही मोड़ देता है। वह उसके स्थान पर खेत, कारखाने, नगर, कस्बे, सड़कें, रेलमार्ग आदि का निर्माण करता है। परन्तु मनुष्य यह सब अपनी प्रकृति के अनुरूप ही करता है। दूसरे शब्दों में, मानव अपने भोजन तथा अन्य विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए वह पौधों और जन्तुओं पर ही आश्रित है। इस प्रकार स्पष्ट है कि मानव और पर्यावरण एक-दूसरे से सम्बद्ध हैं।

प्रश्न 2.
पर्यावरण के प्रमुख तत्व कौन-कौन से हैं ? मानव ने पर्यावरण को कैसे प्रभावित किया है ? स्पष्ट कीजिए। (2008)
उत्तर:
पर्यावरण के तत्व-पर्यावरण के चार तत्व हैं-स्थल, जल, वायु और जीव। इनमें से प्रथम तीन परस्पर मिलकर भौतिक पर्यावरण का निर्माण करते हैं और जीव-जन्तु जैवमण्डल का निर्माण करते हैं। उपयुक्त चारों तत्वों में अत्यन्त घनिष्ठ सम्बन्ध स्थापित है। उदाहरण के लिए, जलमण्डल से जल का वाष्पीकरण होता है। जलवाष्प वायु द्वारा पृथ्वी पर वर्षा आदि के रूप में पहुँचकर जीवों का भरण-पोषण करती है। यह एक ऐसा प्राकृतिक वातावरण है जिसका इन चारों तत्वों के आपसी तालमेल के कारण ही निर्माण होता है।

मनुष्य पर्यावरण पर निम्न प्रकार प्रभाव डाल रहा है –

  1. मानव ने अपने जीवन-यापन के लिए वनों को काटा। जंगलों की अन्धाधुन्ध कटाई के कारण जैवमण्डल का सन्तुलन बिगड़ गया है।
  2. निरन्तर वनों के ह्रास के कारण और भूमि पर से वनस्पति को हटाकर मानव द्वारा कुछ विशेष प्रकार की फसलें उगाने से, वनस्पति की विविधता समाप्त होती जा रही है।
  3. वायु और जल प्रदूषण के कारण पेड़-पौधों की कई प्रजातियाँ विलुप्त हो गईं क्योंकि प्रदूषित वायु और जल उनके अनुकूल नहीं होता।
  4. मनुष्य जाति सर्वभक्षी है क्योंकि वह न केवल वनस्पति अपितु पशु उत्पाद भी भोजन के रूप में खाता है। मानव द्वारा अन्धाधुन्ध शिकार करने की प्रवृत्ति के फलस्वरूप पशु-पक्षियों की कई जातियाँ पूर्णतया विलुप्त हो गई हैं और कुछ विलुप्त प्रायः हैं।
  5. हमने अपनी जनसंख्या में इतनी तीव्र गति से वृद्धि की है, जिसे बहुधा विनाश का पर्याय माना जा सकता है। हम बड़ी शीघ्रता से विश्व के अपूर्व साधनों का प्रयोग कर रहे हैं तथा अनेक प्रकार से पर्यावरण को हानि पहुँचा रहे हैं। जैसे-जैसे हमारी जनसंख्या बढ़ती गयी, उपजाऊ भूमि व वन सिमटते गये। तीव्रगति से बढ़ती हुई जनसंख्या की माँग को पूरा करने के लिए प्राकृतिक संसाधन का दोहन भी तीव्र गति से हुआ है।

प्रश्न 3.
प्रदूषण से क्या आशय है? प्रदूषण के प्रकारों का वर्णन कीजिए। (2009, 13)
अथवा
प्रदूषण के कोई तीन प्रकारों का वर्णन कीजिए। (2017)
उत्तर:
प्रदूषण का आशय-राष्ट्रीय पर्यावरण शोध संस्थान के अनुसार, “मानव के क्रियाकलापों से उत्पन्न अपशिष्टों के रूप में पदार्थ एवं ऊर्जा विमोचन से प्राकृतिक पर्यावरण में होने वाले हानिकारक परिवर्तनों को प्रदूषण कहते हैं।” अतः प्रदूषण को इस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है, “प्रदूषण वायु, जल और स्थल की भौतिक, रासायनिक और जैविक विशेषताओं का अवांछनीय परिवर्तन है।”
पर्यावरण प्रदूषण के प्रकार-पर्यावरण प्रदूषण के प्रकार निम्नलिखित हैं –
(1) वायु प्रदूषण :
वायु प्रदूषण का प्रादुर्भाव उसी दिन से हो गया था, जब मानव ने सर्वप्रथम आग जलाना सीखा। धीरे-धीरे जनसंख्या में वृद्धि होती गई और जंगल कटते चले गए इसके साथ ही वायुमण्डल में धुआँ भी बढ़ता गया, फलस्वरूप वायुमण्डल में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा में वृद्धि होती चली गयी। 1870 के बाद के अन्तराल से अब तक वायुमण्डल में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा में 16 प्रतिशत की वृद्धि हो गई है, जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

वायुमण्डल में पायी जाने वाली गैसें एक निश्चित मात्रा एवं अनुपात में होनी चाहिए। इस मात्रा एवं अनुपात में वृद्धि या कमी हो जाती है, तो यह वायु प्रदूषण कहलाता है।

(2) जल प्रदूषण :
जल में आवश्यकता से अधिक खनिज पदार्थ, अनावश्यक लवण, कार्बनिक तथा अकार्बनिक पदार्थ, औद्योगिक इकाइयों तथा अन्य संयन्त्रों से निकले हुए अपशिष्ट, मल-मूत्र, मृतजीवी, कूड़ा-करकट आदि नदियों, झीलों तथा सागरों में विसर्जित किये जाते रहने से ये पदार्थ जल के वास्तविक स्वरूप को नष्ट कर उसे प्रदूषित कर देते हैं जिससे जल प्रदूषित हो जाता है।

(3) भूमि प्रदूषण :
बाढ़ के पानी, रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों, जीवाणुनाशकों के अत्यधिक प्रयोग तथा बहु फसल प्रणाली के तहत भूमि के अधिक उपयोग के चलते मिट्टी की पारिस्थितिकी बदल गई है और उसमें इतनी विकृतियाँ आ गई हैं कि वह अपनी प्राकृतिक संरचना और उर्वरता बनाए रखने के लिए आवश्यक तत्व खो चुकी है। इस स्थिति को भूमि प्रदूषण कहते हैं।

(4) ध्वनि प्रदूषण :
प्रत्येक मनुष्य अपने चारों ओर फैले प्रदूषकों के प्रति एक निश्चित सीमा तक सहनशील होता है। मानव के कानों में भी ध्वनि को साधारणतया ग्रहण करने की एक सीमा होती है। इस सीमा से अधिक की ध्वनि जब होने लगती है, तो वह कानों को अच्छी नहीं लगती, उसका बुरा प्रभाव मानव के स्वास्थ्य पर पड़ता है, इसे ध्वनि प्रदूषण या शोर कहा जाता है। वास्तव में शोर वह ध्वनि है जिसके द्वारा मानव के अन्दर अशान्ति व बेचैनी उत्पन्न होने लगती है, इसी को ध्वनि प्रदूषण कहते हैं। ध्वनि की साधारण मापन इकाई को डेसीबल कहते हैं।

(5) रेडियोधर्मी प्रदूषण :
मानव द्वारा विभिन्न रेडियोधर्मी विकिरण निकलते हैं जो मानवीय स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। स्ट्रांशियम-90 नामक रेडियोधर्मी विकिरण स्थानीय पौधों द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है जो मानवीय स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है।

(6) तापीय प्रदूषण :
विश्व के सामान्य तापक्रम में होने वाली अत्यधिक वृद्धि जिसका प्रभाव जीवमण्डल पर पड़े, तापीय प्रदूषण है। कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन, सी. एफ. सी. नाइट्रस ऑक्साइड, ताप विद्युत् ग्रहों से निकली ऊष्मा, ओजोन छिद्र, वन में लगी आग तथा परमाणु परीक्षण वायुमण्डलीय तापमान में वृद्धि करते हैं। सूखा, बाढ़, स्थाई जल स्रोतों का सूख जाना, समुद्री जल स्तर में वृद्धि, जलीय जन्तु का लोप, जलवायु परिवर्तन से कृषि उपजों की कमी, ओजोन क्षरण इत्यादि तापीय प्रदूषण के प्रमुख दुष्प्रभाव हैं।

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प्रश्न 4.
संसाधन से क्या तात्पर्य है? संसाधन के प्रमुख प्रकारों का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए। (2014)
उत्तर:
संसाधन का आशय :
कोई भी भौतिक वस्तु या पदार्थ जब मानव के लिए उपयोगी या मूल्यवान होता है, तो उसे संसाधन कहते हैं। संसाधन सामान्यतः तीन प्रकार के होते हैं
(1) प्राकृतिक संसाधन :
इस प्रकार के संसाधन जो हमें प्रकृति ने प्रदान किये हैं एवं जिनके निर्माण में मानव की भूमिका बिल्कुल नहीं है, प्राकृतिक संसाधन कहलाते हैं। इस आधार पर संसाधनों को दो वर्गों में बाँटा जा सकता है –

  • नवीकरणीय संसाधन-वे संसाधन जिन्हें उपयोग के बाद पुनः उत्पादित किया जा सकता है या पुनः उपयोग में लाया जा सकता है, जैसे-कृषि उपजें, चारागाह, कृषि-भूमि, जल संसाधन एवं वायु संसाधन आदि।
  • अनवीकरणीय संसाधन-ये संसाधन सीमित होते हैं और कभी-न-कभी समाप्त हो सकते हैं। इनकी उपलब्धि सीमित होती है, जैसे-खनिज संसाधन, कोयला एवं पेट्रोलियम।

(2) मानव संसाधन :
मानव संसाधनों से आशय मानव शक्ति के उपयोग से है। किसी भी देश का सबसे महत्वपूर्ण संसाधन उसके निवासी ही होते हैं। यहाँ यह एक महत्त्वपूर्ण तथ्य है कि केवल योग्य, शिक्षित, कार्यकुशल एवं तकनीकी में निपुण लोग ही देश के संसाधन हो सकते हैं। ऐसे ही लोग प्राकृतिक संसाधनों का उचित प्रयोग कर सकते हैं और उनको बहुमूल्य बना सकते हैं। मानव संसाधनों के बिना किसी देश के प्राकृतिक संसाधन महत्त्वहीन होते हैं।

(3) मानव निर्मित :
मानव निर्मित संसाधन उत्पादन के वे साधन हैं, जिनका निर्माण मानव ने पर्यावरण के भौतिक पदार्थों का उपयोग करने के लिए किया है; जैसे-मशीनें, भवन, उपकरण आदि।

इसके अतिरिक्त कुछ अन्य प्रमुख संसाधन निम्न प्रकार हैं –

  • भूमि संसाधन :
    भूमि एक महत्त्वपूर्ण संसाधन है, क्योंकि मानव भूमि पर ही रहता है और उसकी अधिकांश आवश्यकताओं की पूर्ति भी भूमि से ही होती है। भूमि का उपयोग विभिन्न प्रकार के कार्यों; जैसे-मकान, सड़क और रेलमार्ग, कृषि, पशुचारण, खनन, उद्योग आदि में किया जाता है। भूमि का उपयोग समय-समय और स्थान-स्थान पर अलग-अलग हो सकता है। एक ही प्रदेश में समय-समय पर इसका उपयोग बदल सकता है।
  • कृषि संसाधन :
    भूमि, मृदा एवं जल कृषि के आधारभूत साधन हैं। समुद्र के तटीय मैदान तथा नदियों की घाटियों की जलोढ़ उपजाऊ मिट्टी में कृषि कार्य आसानी से किया जाता रहा है। उर्वरकों, कीटनाशकों, सिंचाई के विभिन्न साधनों तथा उन्नत बीजों और यन्त्रों की मदद से प्रति एकड़ उपज में वृद्धि हुई है।
  • जल संसाधन :
    धरातल पर जल वर्षा, नदियों, झीलों, तालाबों, हिमनदों, झरनों, नलकूपों आदि से प्राप्त होता है। जल का उपयोग सिंचाई, उद्योग, घरेलू जल आपूर्ति, मत्स्य पालन एवं जल परिवहन में होता है। सम्पूर्ण विश्व में सर्वाधिक जल का उपयोग कृषि कार्य हेतु किया जाता है।
  • मृदा संसाधन :
    इसमें कोई सन्देह नहीं है कि मृदा वास्तव में एक महत्त्वपूर्ण साधन है। मृदा पौधे को उगाने का एक प्राकृतिक माध्यम है। पौधे अपने विकास के लिए पोषक तत्व मृदा से ही ग्रहण करते हैं। इसके बदले में ये पशुओं के लिए पोषक आहार तथा मानव के लिए खाद्यान्न एवं रेशे प्रदान करते हैं। मृदा संसाधन से हमें भोजन, वस्त्र एवं बहुत अंश तक आवास के आधारभूत तत्व प्राप्त होते हैं, जो वास्तव में हमारी प्रमुख सम्पदा है, अतः मृदा हमारे जीवन का आधार है।
  • वन संसाधन :
    वर्तमान में विश्व के कुल 30 प्रतिशत भाग पर ही वनों का वितरण पाया जाता है परन्तु पारिस्थितिकीय दृष्टिकोण से समस्त भूमि के.33 प्रतिशत भाग पर वनों का विस्तार होना चाहिए। पर्यावरण में वन अत्यन्त महत्त्वपूर्ण हैं। वृक्ष वायुमण्डल से कार्बन डाइऑक्साइड लेते हैं तथा ऑक्सीजन छोड़ते हैं। वन वर्षा करने में सहायक होते हैं। वन पक्षियों, वन्य जीवों एवं अन्य प्राणियों के सुरक्षित आवास हैं।

प्रश्न 5.
भूमि के उपयोग के बदलाव के कारण पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ा है? समझाइए।
उत्तर:
भूमि के बदलते उपयोग व उसके प्रभाव
मानव की अधिकांश आवश्यकताएँ भूमि से ही पूरी होती हैं; जैसे-मकान बनाना, सड़क बनाना, रेलमार्ग निर्माण, कृषि कार्य, पशुचारण, उद्योग-धन्धे, खनन आदि कार्यों के लिए भूमि अत्यन्त उपयोगी है। मानव द्वारा की गई तीव्र प्रगति, नगरीकरण और औद्योगीकरण से प्राकृतिक पर्यावरण में महत्त्वपूर्ण बदलाव हुए। पूरे विश्व में प्राकृतिक पर्यावरण के विनाश का मुख्य कारण भूमि के उपयोग का बदलता स्वरूप है।

भारत में कृषि क्षेत्र बढ़ाने के लिए धीरे-धीरे वनों को नष्ट किया जा रहा है। मनुष्य ने भूमि का उपयोग अपने आवास स्थल के लिए भी व्यापक रूप से किया है। खुले स्थान धीरे-धीरे गायब होते जा रहे हैं। वनों की कटाई एवं पशुचारण जल विद्युत् आपूर्ति एवं सिंचाई हेतु बड़े बाँधों के निर्माण, नई सड़कों एवं रेलमार्गों के फैलाव तथा कारखानों के विकास ने भारत में भूमि उपयोग के तौर-तरीकों को काफी बदल दिया है। इससे प्राकृतिक सन्तुलन बिगड़ा है। विभिन्न प्रकार के जीवों के आवास नष्ट हुए हैं और हजारों किस्म के पौधे एवं जीव लुप्त होने लगे हैं।

मृदा भूमि का अंग है इसलिए मनुष्य भूमि का उपयोग विभिन्न फसलों के लिए करता है; जैसे-खाद्यान्न उत्पादन करना, व्यापारिक फसलों का उत्पादन करना, विभिन्न प्रकार के फल एवं साग-सब्जियों का उत्पादन करना आदि। कृषि भूमि में अधिक खाद्यान्न पैदा करने के कारण ही अनेक पर्यावरणीय समस्याएँ पैदा हो गईं।

प्रश्न 6.
अधिक जनसंख्या ने मानव जीवन को कैसे प्रभावित किया है? समझाइए। (2016)
उत्तर:
वर्तमान समय में मनुष्यों की संख्या में निरन्तर वृद्धि ने जनसंख्या विस्फोट का रूप ले लिया है। इसके प्रमुख प्रभाव निम्न प्रकार हैं –

  1. हमारे देश में जनसंख्या वृद्धि के परिणामस्वरूप भूमि पर दबाव निरन्तर बढ़ता जा रहा है। इससे भू-जोतों का आर्थिक विभाजन हुआ है तथा कृषि उत्पादकता में कमी आयी है।
  2. जनसंख्या में तेजी से वृद्धि होने से प्रति व्यक्ति आय में धीमी वृद्धि होती है। ऐसे में निवेश का बड़ा भाग जनसंख्या के भरण-पोषण में लग जाता है तथा आर्थिक विकास के लिए निवेश का एक छोटा-सा भाग ही बचता है।
  3. जनसंख्या में तीव्र गति से वृद्धि होने से देश में बच्चों तथा वृद्ध व्यक्तियों की संख्या बढ़ रही है यह लोग कार्यशील जनसंख्या (15 वर्ष से 60 वर्ष तक की आयु) पर आश्रित हैं। इसका कारण यह है कि यह केवल उपभोग करने वाले होते हैं, उत्पादन करने वाले नहीं। आश्रितों की संख्या बढ़ने पर देश पर भार बढ़ रहा है।
  4. जनसंख्या वृद्धि के कारण बेरोजगारी की समस्या निरन्तर बढ़ती जा रही है। सरकार जितने लोगों को रोजगार उपलब्ध कराती है उससे अधिक नये लोग बेरोजगारी की लाइन में आ जाते हैं।
  5. जनसंख्या वृद्धि के कारण सरकार को आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य, जन-कल्याण, कानून एवं सुरक्षा पर अधिक व्यय करना पड़ता है। अतः विकास कार्यों के लिए धन का अभाव हो जाता है।

प्रश्न 7.
बड़े बाँधों का निर्माण पर्यावरण की दृष्टि से किस प्रकार हानिकारक है? समझाइए। (2009)
उत्तर:
तीव्र गति से बढ़ती जनसंख्या की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए प्राकृतिक संसाधनों का दोहन स्वाभाविक है। सिंचाई, जल विद्युत्, नहर, मछली पालन, नौका परिवहन, बाढ़ नियन्त्रण के लिए बड़ी नदियों पर बाँध बनाये जा रहे हैं। स्वतन्त्रता के बाद देश में लगभग 700 बाँध बनाये जा चुके हैं। ये बाँध पर्यावरण की दृष्टि से उचित नहीं है। जब किसी नदी घाटी योजना को प्रारम्भ किया जाता है तो बाँध निर्माण के कर्मचारियों के लिए आवास व्यवस्था, सड़क निर्माण, रेलवे लाइन, भूमिगत सुरंग निर्माण आदि आवश्यक हो जाते हैं। इससे निर्माण स्थल के आस-पास के बड़े क्षेत्र की हरियाली गायब हो जाती है।

विशाल बाँध से निर्मित कृत्रिम जलाशय में वन और कृषि भूमि डूब जाते हैं। उदाहरण के लिए, टिहरी का तो पूरा शहर ही जलमग्न हो गया है। बाँध से निकाली गई नहरों के पानी से जमीन का खारापन भी बढ़ता है, उसकी उर्वरा शक्ति क्षीण होती है। बाँध एवं नहर क्षेत्र निरन्तर पानी से भरा रहने के कारण वहाँ की भूमि कृषि योग्य नहीं रहती है। बाँध निर्माण क्षेत्र से बस्तियों को विस्थापित भी किया जाता है। कई परिवारों को अन्यत्र विस्थापित होना पड़ा; जैसे-नर्मदा नदी पर स्थित इन्दिरा सागर और सरदार सरोवर बाँध के निर्माण के लिए भी अनेक परिवारों को विस्थापित किया गया है।

इस प्रकार बड़े बाँध के निर्माण से मानव विस्थापन होता है। वन्य जीवों का विनाश होता है। कृषि और वन भूमि की कमी हो जाती है।

प्रश्न 8.
उद्योग का केन्द्रीयकरण पर्यावरण के लिए गम्भीर खतरा है? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए। (2009, 12, 15)
उत्तर:
कुछ निश्चित सुविधाओं के कारण किसी निश्चित स्थान में निश्चित उद्योगों के केन्द्रित हो जाने को उद्योगों का केन्द्रीयकरण कहते हैं। औद्योगिक विकास के साथ-साथ उद्योगों के स्थानीयकरण की प्रवृत्ति बढ़ती जाती है। इसमें एक ओर तो कृषि और वन भूमि का उपयोग होता है तथा दूसरी ओर विशाल मशीनों की भूख मिटाने के लिए खदानों से कच्चा माल भी उपलब्ध कराना होता है। औद्योगिक कारखानों की चिमनियों के कारण निकलने वाला धुआँ वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण है।

कारखानों, फैक्ट्रियों, विद्युत् संयन्त्रों आदि में प्रयुक्त होने वाला ईंधन और कोयले का धुआँ पर्यावरण में उपलब्ध ऑक्सीजन को नुकसान पहुंचाता है। अपशिष्ट पदार्थों को आस-पास की भूमि पर खुले ढेर के रूप में छोड़ दिया जाता है। प्रदूषित जल को नदियों में प्रवाहित किया जाता है, जो मानवीय स्वास्थ्य एवं पर्यावरण को सीधे प्रभावित करते हैं। औद्योगीकरण वायु, जल, ध्वनि, भूमि एवं रासायनिक तथा रेडियोधर्मी प्रदूषण का केन्द्र बिन्दु है। बड़ी-बड़ी औद्योगिक इकाइयाँ, छोटे-छोटे कल कारखाने नदियों के जल का अधिकाधिक प्रयोग करके अपशिष्टों को पुनः नदियों, नालों में डालकर जल को प्रदूषित करते हैं। अतः एक ओर उद्योग जहाँ वरदान हैं, वहीं दूसरी ओर पर्यावरण के लिए एक अभिशाप है।

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प्रश्न 9.
जल प्रदूषण से क्या आशय है? भारत में बढ़ते हुए नदी जल प्रदूषण का वर्णन कीजिए।
अथवा
जल प्रदूषण के उदाहरण दीजिए। जल प्रदूषण कैसे फैलता है? (2009, 14, 16)
उत्तर:
जल निरन्तर प्रदूषित हो रहा है। इसके प्रमुख कारण कारखानों का कूड़ा-कचरा नदियों और जलाशयों में बहाना, दूसरी ओर शहरों के गन्दे नालों का पानी नदियों में बहाना तथा कृषि में प्रयुक्त उर्वरकों तथा कीटनाशकों के द्वारा भी जल प्रदूषित हो जाता है। जल प्रदूषण के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं –

  1. कागज और चीनी की मिलें तथा चमड़ा साफ करने के कारखाने अपना कूड़ा-कचरा नदियों में बहा देते हैं या भूमि पर सड़ने के लिए छोड़ देते हैं।
  2. तमिलनाडु के उत्तरी अर्काट जिले में चमड़े के अनेक कारखाने हैं। उनके कचरे से आस-पास के बहुत-से गाँवों के कुआँ का जल प्रदूषित हो गया है, क्योंकि कूड़े-कचरे का अंश रिस-रिसकर भूमिगत जल में मिल जाता है।
  3. सागरों का जल तेलवाहक जहाजों से तेल रिसने और तटों पर स्थित नगरों के कड़े-कचरे तथा कारखानों के कचरों के कारण प्रदूषित हो जाता है। ऐसी स्थिति में सागर के जीव जीवित नहीं रह पाते।
  4. बड़ी-बड़ी औद्योगिक इकाइयाँ, छोटे-छोटे कल-कारखाने नदियों के जल का अधिकाधिक प्रयोग करके अपशिष्टों को पुनः नदियों, नालों में डालकर जल को प्रदूषित करते हैं। फलस्वरूप सभी नदियाँ दूषित हो चली हैं। लखनऊ में गोमती का जल कागज और लुग्दी के कारखानों से निकले अपशिष्टों से दूषित होता है तो दिल्ली में यमुना का जल डी. डी. टी. के कारखानों से निकले पदार्थों से प्रदूषित होता है।

MP Board Class 9th Social Science Chapter 1 अन्य परीक्षोपयोगी प्रश्न

MP Board Class 9th Social Science Chapter 1 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
प्राचीन काल में वेदों में प्रकृति को किस रूप में प्रस्तुत किया गया है?
(i) पिता
(ii) माता
(iii) भाई
(iv) बहन।
उत्तर:
(ii) माता

प्रश्न 2.
कोई भी भौतिक वस्तु या पदार्थ जो मानव के लिये उपयोगी या मूल्यवान होता है
(i) संसाधन कहलाता है
(ii) स्थानान्तरी पदार्थ कहलाता है
(iii) पर्यावरण कहलाता है,
(iv) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(i) संसाधन कहलाता है

प्रश्न 3.
वे अनुपयोगी पदार्थ जो अनुचित मात्रा में उपस्थित होकर प्रदूषण के लिये जिम्मेदार हैं, क्या कहलाते
(i) प्रदूषक
(ii) विदूषक
(iii) उत्सर्जक
(iv) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(i) प्रदूषक

रिक्त स्थान पूर्ति

  1. वनों से प्राप्त लकड़ी और जड़ी-बूटी पर अनेक …………. आधारित हैं।
  2. भारत में लगभग …………. सतही जल प्रदूषित है।
  3. भारत में पर्यावरण सन्तुलन के लिए कुल भूमि के ………… प्रतिशत भाग पर वन होना चाहिए।

उत्तर:

  1. उद्योग
  2. 90 प्रतिशत
  3. 33

सत्य/असत्य

प्रश्न 1.
पर्यावरण और मानव एक-दूसरे के सर्जक, पोषक एवं रक्षक हैं।
उत्तर:
सत्य

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प्रश्न 2.
पृथ्वी का लगभग 71 प्रतिशत भाग थल तथा 29 प्रतिशत जल है।
उत्तर:
असत्य

प्रश्न 3.
विश्व के कुल भूमि क्षेत्र का 30 प्रतिशत भाग वनों से ढका है।
उत्तर:
सत्य

प्रश्न 4.
भारत में लगभ 80,000 हेक्टेयर भूमि पर खनन कार्य हो रहा है।
उत्तर:
सत्य

प्रश्न 5.
बड़े बाँध से मानव विस्थापन होता है।
उत्तर:
सत्य।

सही जोड़ी मिलाइए
MP Board Class 9th Social Science Solutions Chapter 1 मानव एवं पर्यावरण - 1

उत्तर:

  1. → (ग)
  2. → (घ)
  3. → (ङ)
  4. → (क)
  5. → (ख)

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एक शब्द/वाक्य में उत्तर
प्रश्न 1.
किस ग्रन्थ में पृथ्वी को परमात्मा का शरीर, स्वर्ग को मस्तिष्क, सूर्य-चन्द्रमा को आँखें तथा आकाश को मन माना है?
उत्तर:
उपनिषदों में,

प्रश्न 2.
भगवान बुद्ध को किस वृक्ष के नीचे ज्ञान (बौद्धिसत्व) प्राप्त हुआ था?
उत्तर:
वट वृक्ष के नीचे

प्रश्न 3.
वे अनुपयोगी पदार्थ जो अनुचित मात्रा में उपस्थित होकर प्रदूषण के लिए उत्तरदायी हों, क्या कहलाते हैं?
उत्तर:
प्रदूषक

प्रश्न 4.
1985 में ओजोन छिद्र सर्वप्रथम किस क्षेत्र में देखा गया? (2014, 17)
उत्तर:
अन्टार्कटिका में,

प्रश्न 5.
कितने डेसीबल की ध्वनि मनुष्य को पागल बना देती है?
उत्तर:
140 डेसीबल,

प्रश्न 6.
पृथ्वी की कोई भी वस्तु जो मानव के लिए उपयोगी है। (2008)
उत्तर:
संसाधन।

MP Board Class 9th Social Science Chapter 1 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पर्यावरण के तत्व कौन-से हैं?
उत्तर:
पर्यावरण के चार तत्व हैं-स्थल, जल, वायु और जीव। इनमें से प्रथम तीन परस्पर मिलकर भौतिक पर्यावरण का निर्माण करते हैं और जीव-जन्तु जैवमण्डल का निर्माण करते हैं।

प्रश्न 2.
पर्यावरण के विभिन्न प्रकारों को बताइए।
उत्तर:
पर्यावरण के प्रमुख प्रकार निम्न हैं-

  1. प्राकृतिक पर्यावरण
  2. सांस्कृतिक पर्यावरण
  3. भौतिक पर्यावरण
  4. जैविक पर्यावरण तथा
  5. गतिशील पर्यावरण।

प्रश्न 3.
प्राकृतिक पर्यावरण किसे कहते हैं?
उत्तर:
प्राकृतिक पर्यावरण के तत्व प्रकृति से सम्बन्धित हैं। इसमें भौगोलिक स्थिति, भूमि की रचना, खनिज, वनस्पति, वन्य-जन्तु, जलवायु आदि हैं।

प्रश्न 4.
प्रदूषण क्या है?
उत्तर:
पर्यावरण की प्राकृतिक संरचना एवं सन्तुलन में उत्पन्न अवांछनीय (हानिकारक) परिवर्तन को पर्यावरण प्रदूषण कहते हैं।

MP Board Class 9th Social Science Chapter 1 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अम्लीय वर्षा किसे कहते हैं? (2018)
उत्तर:
कारखाने से निकली विषाक्त सल्फर डाइ-ऑक्साइड तथा नाइट्रोजन गैसें (नाइट्रिक ऑक्साइड) वायुमण्डल में मिलकर वहाँ की विद्यमान वाष्प के साथ क्रिया करके क्रमशः सल्फ्यूरिक अम्ल तथा नाइट्रिक अम्ल बनाती हैं। यह अम्ल जब वर्षा के साथ धरती पर गिरता है तो इसे अम्लीय वर्षा, तेजाबी वर्षा या एसिड रेन कहते हैं।

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प्रश्न 2.
भौतिक पर्यावरण और सामाजिक पर्यावरण क्या है ? उदाहरण सहित समझाइए। (2011)
उत्तर:
भौतिक पर्यावरण :
भौतिक या प्राकृतिक पर्यावरण से आशय उन प्राकृतिक परिस्थितियों; जैसे-स्थिति, धरातल, जलवायु, वनस्पति, जीव-जन्तु एवं खनिज आदि से है जो मानव जीवन को अनेक प्रकार से प्रभावित करती हैं। प्राकृतिक पर्यावरण के ये तत्व प्रकृति प्रदत्त हैं और इन्हें सरलता से परिवर्तित नहीं किया जा सकता है।

सांस्कृतिक व सामाजिक पर्यावरण :
मानव तथा प्राकृतिक पर्यावरण के आपसी सम्बन्धों के द्वारा सांस्कृतिक-सामाजिक पर्यावरण विकसित होता है। इसमें मानव द्वारा निर्मित, विकसित, संचालित, आर्थिक व सामाजिक गतिविधियों; जैसे-कृषि, उद्योग, रीति-रिवाज, बसावट, सड़कें, रेलमार्ग, वायु सेवाएँ, सिंचाई के साधन, शासन प्रणाली व विज्ञान एवं तकनीक सम्मिलित हैं।

MP Board Class 9th Social Science Chapter 1 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत में पर्यावरण प्रदूषण की समस्या के कारण बताइए।
उत्तर:
पर्यावरण प्रदूषण के कारण-निरन्तर विकास के अवधारणा का मूल मन्त्र ही पर्यावरण प्रदूषण का प्रमुख कारण है। पर्यावरण प्रदूषित होने के अनेक कारण हैं जिनमें से कुछ प्रमुख निम्न प्रकार हैं

(1) संसाधनों का अभाव :
पर्यावरण प्रदूषित होने का एक प्रमुख कारण भारत में हो रहे संसाधनों की कमी है, कारण है कि जनसंख्या वृद्धि होने के साथ-साथ जमीन, खनिजों, कृषि उत्पादों, ऊर्जा तथा आवास की प्रति व्यक्ति उपलब्धता कम होती जा रही है।

(2) जंगलों का कटाव :
जंगलों का अन्धाधुन्ध काटा जाना तथा जनसंख्या में वृद्धि से पर्यावरण में असन्तुलन पैदा हुआ है। प्रतिवर्ष 1.50 लाख हेक्टेयर की दर से बड़े पैमाने पर वनों के क्षेत्रफल का ह्रास हो रहा है।

(3) अनियमित जलवायु :
समय पर वर्षा का न होना, भयंकर बाढ़, भूकम्प, महामारी एवं सूखा पड़ना आदि जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण पर्यावरण का प्रदूषित हो जाना है।

(4) औद्योगीकरण :
तीव्र गति से बढ़ते औद्योगीकरण से पर्यावरण सर्वाधिक प्रदूषित हुआ है। आजकल कारखानों की चिमनियों से निरन्तर निकलता धुआँ, तरह-तरह के वाहन तथा ताप बिजलीघर वायुमण्डल में भारी मात्रा में धुआँ छोड़ते हैं, जिससे वायुमण्डल में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा में बढोत्तरी ही नहीं हुई अपितु इससे देश की नदियों, समुद्रों और तालाबों में प्रदूषण की समस्या ने जन्म लिया है। उससे पेड़-पौधों के साथ-साथ जीव-जन्तु भी मरने लगे हैं।

(5) वायुमण्डल के तापमान में वृद्धि :
आज पर्यावरण प्रदूषण का खतरा रासायनिक पदार्थों, जहरीले धुएँ आदि से इतना अधिक नहीं जितना पृथ्वी पर वायुमण्डल के तापमान के बढ़ने से उत्पन्न हुआ है। इससे कम वर्षा वाले क्षेत्र रेगिस्तान होते जा रहे हैं और कृषि योग्य भूमि की उत्पादकता में कमी आ रही है।

(6) स्रोतों का उपयोग :
पर्यावरणपर्यावरण प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण ऊर्जा के परम्परागत स्रोतों का अन्धाधुन्ध उपयोग है। यदि समय रहते इस पर रोक नहीं लगाई गई तो परिस्थितियाँ तेजी से प्रतिकूल दिशा में बढ़ती हुई हमारे नियन्त्रण से बाहर हो जाएगी।

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MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Ex 9.3

MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Ex 9.3

प्रश्न 1.
संलग्न चित्र में ∆ABC की एक माध्यिका AD पर स्थित E कोई बिन्दु है। दर्शाइए कि
ar (ABE) = ar (ACE).
हल:
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Ex 9.3 1
चित्र 9.8
चूँकि A ABC की माध्यिका AD हैं।
⇒ ar (ADB) = ar (ADC)
⇒ ar (ABE) + ar (EDB) = ar (ACE) + ar (EDC) …(1)
चूँकि A EBC की माध्यिका ED है।
⇒ ar (EDB) = ar (EDC) …(2)
अतः ar (ABE) = ar (ACE) [समीकरण (1) और (2) से] इति सिद्धम्

प्रश्न 2.
∆ABC में, E माध्यिका AD का मध्य-बिन्दु है। दर्शाइए कि-
ar (BED) = \(\frac { 1 }{ 4 }\)ar (ABC)
हल:
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Ex 9.3 2
चित्र 9.9
∆ABC की माध्यिका का मध्य-बिन्दु E है।
चूँकि ∆ABC की माध्यिका AD है
⇒ ar (ADB) = \(\frac { 1 }{ 4 }\) ar (ABC) …(1) ,
चूँकि BE, ∆ADB की माध्यिका है।
⇒ ar (BED) = \(\frac { 1 }{ 2 }\) ar (ADB) …(2)
अतः ar (BED) = \(\frac { 1 }{ 4 }\)ar (ABC). [समीकरण (1) और (2) से] इति सिद्धम्

प्रश्न 3.
दर्शाइए कि समान्तर चतुर्भुज के दोनों विकर्ण उसे बराबर क्षेत्रफल वाले चार त्रिभुजों में बाँटते हैं।
हल:
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Ex 9.3 3
चित्र 9.10
दिया है : ABCD एक समान्तर चतुर्भुज है जिसके विकर्ण AC और BD परस्पर बिन्दु O पर प्रतिच्छेद करते हैं।
चूँकि ar (ABC) = ar (ADC) …(1)
(विकर्ण समान्तर चतुर्भुज A को समद्विभाजित करते हैं।)
ar (OAB) = ar (OBC) = \(\frac { 1 }{ 2 }\) ar (ABC) . …(2) (BO,A ABC की माध्यिका है)
ar (ODA) = ar (OCD) = \(\frac { 1 }{ 2 }\)ar (ADC) …(3) (DO,AADC की माध्यिका है)
ar (OAB) = ar (OBC) = ar (ODA) = ar (OCD) [समीकरण (1), (2) एवं (3) से]
अतः समान्तर चतुर्भुज के दोनों विकर्ण उसे बराबर क्षेत्रफल वाले चार त्रिभुजों में बाँटते हैं इति सिद्धम्

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प्रश्न 4.
संलग्न चित्र में ABC और ABD एक ही आधार AB पर बने दो त्रिभुज हैं। यदि रेखाखण्ड CD, रेखाखण्ड AB से बिन्दु O पर समद्विभाजित होता है तो दर्शाइए कि-
ar (ABC) = ar (ABD) है।
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Ex 9.3 4
चित्र 9.11
हल:
एक ही आधार AB पर दो त्रिभुज A ABC एवं A ABD दिए हैं जिसमें AB एवं CD परस्पर O बिन्दु पर समद्विभाजित करते हैं।
⇒ ADBC एक समान्तर चतुर्भुज है (विकर्ण AB, CD पर परस्पर समद्विभाजित कर रहे हैं)
CM ⊥ AB एवं DN ⊥ AB खींचिए।
अब ∆AMC और ∆BND में,
चूँकि AC = BD (समान्तर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ हैं)
∠CAM = ∠DBN (एकान्तर कोण हैं)
एवं ∠AMC = ∠BND = 90° (CM ⊥ AB एवं DN ⊥ AB)
⇒ ∆AMC = ∆BND , (AAS सर्वांगसमता प्रमेय)
⇒ CM = DN (CPCT)
चूँकि ∆ABC और ∆ABD एक ही आधार AB पर स्थित हैं तथा उनके शीर्षलम्ब CM = DN (सिद्ध कर चुके हैं)
अतः ar (ABC) = ar (ABD). इति सिद्धम्

प्रश्न 5.
D, E और F क्रमशः त्रिभुज ABC की भुजाओं BC, CA और AB के मध्य-बिन्दु हैं। दर्शाइए कि-
(i) BDEF एक समान्तर चतुर्भुज है।
(ii) ar (DEF) = \(\frac { 1 }{ 4 }\) ar (ABC).
(iii) ar (BDEF) = \(\frac { 1 }{ 2 }\)ar (ABC).
हल:
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Ex 9.3 5
चित्र 9.12
दिया है : AABC की भुजाओं BC, CA और AB के मध्य-बिन्दु
क्रमश: D, E और F हैं। DE, EF एवं FD को मिलाया गया है।
(i) चूँकि D एवं E क्रमशः BC और CA के मध्य-बिन्दु हैं।
⇒ DE = \(\frac { 1 }{ 2 }\)AB एवं DE || AB
⇒ DE = FB एवं DE || FB (AB का मध्य-बिन्दु F है)
अत: BDEF एक समान्तर चतुर्भुज है। (सम्मुख भुजाओं का युग्म बराबर एवं समान्तर है) इति सिद्धम्

(ii) चूँकि BDEF एक समान्तर चतुर्भुज सिद्ध कर चुके हैं।
इसी प्रकार सिद्ध कर सकते हैं कि DCEF एवं EAFD भी समान्तर □ हैं।
चूँकि समान्तर चतुर्भुज BDEF, DCEF एवं EAFD के विकर्ण क्रमश: FD, DE एवं EF हैं, जो उनको समद्विभाजित करते हैं।
⇒ ar (DFB) = ar (DCE) = ar (EAF) = ar (DEF)
लेकिन ar (DFB) + ar (DCE) + ar (EAF) + ar (DEF) = ar (ABC)
अतः ar (DEF) = \(\frac { 1 }{ 4 }\) ar (ABC). इति सिद्धम्

(iii) ar (BDEF) = ar (DFB) + ar (DEF) (चित्रानुसार)
= 2 ar (DEF) [ar (DFB) = ar (DEF)]
= 2 x \(\frac { 1 }{ 4 }\) ar (ABC) ar (DEF) = \(\frac { 1 }{ 4 }\)ar (ABC)
अतः ar (BDEF) = \(\frac { 1 }{ 2 }\) ar (ABC). इति सिद्धम्

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प्रश्न 6.
संलग्न चित्र में चतुर्भुज ABCD के विकर्ण AC और BD परस्पर बिन्दु 0 पर इस प्रकार प्रतिच्छेद करते हैं कि OB = OD है। यदि AB = CD है, तो दर्शाइए कि-
(i) ar (DOC) = ar (AOB).
(ii) ar (DCB) = ar (ACB).
(iii) DA || CB या ABCD एक समान्तर चतुर्भुज है।
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Ex 9.3 6
चित्र 9.13
हल:
दिया है : ABCD चतुर्भुज के विकर्ण AC एवं BD परस्पर बिन्दु O पर इस प्रकार प्रतिच्छेद करते हैं कि OB = OD तथा AB = CD है।
बिन्दु B एवं D से क्रमशः BE I AC एवं DF I AC खींचिए। (i) अब ADOF एवं ABOE में, OD = OB
(दिया है) ∠DOF = ∠BOE
(सम्मुख कोण हैं) ∠DFO = ∠BEO = 90° (DF ⊥ AC एवं BE ⊥AC)
⇒ ∆DOF ≅ ∆BOE (SAA सर्वांगसमता प्रमेय)…(1)
⇒ DF = BE (CPCT)
पुनः समकोण ∆DFC और समकोण ∆BEA में,
चूँकि कर्ण CD = कर्ण AB (दिया है)
DF = BE (सिद्ध कर चुके हैं)
∠DFC =∠BEA = 90° (RHS सर्वांगसमता प्रमेय) …(2)
⇒ ∆DFC ≅ ∆BEA (RHS सर्वांगसमता प्रमेय)…(2)
⇒ ∆DOF + ∆DFC = ∆BOE + ∆BEA [समीकरण (1) और (2) से]
⇒ ∆DOC = ∆AOB (चित्रानुसार)
अतः ar (DOC) = ar (AOB). (सर्वांगसम क्षेत्रों के क्षेत्रफल हैं) इति सिद्धम्

(ii) चूँकि ar (DOC) = ar (AOB) (सिद्ध कर चुके हैं)
⇒ ar (DOC) + ar (OCB) = ar (AOB) + ar (OCB) (बराबर संख्याओं में समान संख्या का योग बराबर होता है)
अतः ar (DCB) = ar (ACB). (चित्रानुसार) इति सिद्धम्

(iii) चूँकि ∆DOC ≅ ∆AOB (सिद्ध कर चुके हैं)
⇒ ∠DCO = ∠BAO (CPCT)
⇒ DC || AB (∠DCO = ∠BAO (एकान्तर कोण है).
अतः DA || CB (DC || AB एवं DC = AB)
या ABCD एक समान्तर चतुर्भुज है। (DA || CB एवं CD || AB). इति सिद्धम्

प्रश्न 7.
बिन्दु D और E क्रमश: ∆ABC की भुजाओं AB और AC पर इस प्रकार स्थित हैं कि ar (DBC) = ar (EBC) है। दर्शाइए कि DE || BC है। (2018)
हल:
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Ex 9.3 7
चित्र 9.14
दिया है : ∆ABC की भुजाओं AB एवं AC पर दो बिन्दु D और E इस प्रकार हैं कि ar (DBC) = ar (EBC)
DE को मिलाइए। चूँकि ∆DBC एवं ∆EBC एक उभयनिष्ठ आधार BC पर तथा रेखाखण्ड BC एवं DE के मध्य स्थित है तथा ar (DBC) = ar (EBC)
अतः DE || BC. (एक ही आधार पर बराबर क्षेत्रफल वाले ∆ हैं) इति सिद्धम्

प्रश्न 8.
XY त्रिभुज ABC की भुजा BC के समान्तर एक रेखा है। यदि BE|| AC और CF || AB रेखा XYसे क्रमशः E और F पर मिलती हैं, तो दर्शाइए कि-ar (ABE) = ar (ACF).
हल:
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Ex 9.3 8
चित्र 9.15
ABC एक दिया हुआ त्रिभुज है जिसकी भुजा BC के समान्तर
XY एक रेखा खींची जाती है जो BE || AC और CF || AB को क्रमश: E और F बिन्दुओं पर प्रतिच्छेद करती है।
BF एवं CE को मिलाइए।
चूँकि उभयनिष्ठ आधार BE पर BE || AC के मध्य ∆ABE और ∆CBE स्थित हैं।
⇒ ar (ABE) = ar (CBE) …(1)
चूँकि उभयनिष्ठ आधार CF पर CF || AB के मध्य ∆ACF और ∆BCF स्थित हैं।
⇒ ar (ACF) = ar (BCF) …(2) .
चूँकि उभयनिष्ठ आधार BC पर BC || EF के मध्य ∆CBE और ∆BCF स्थित हैं।
⇒ ar (CBE) = ar (BCF)
अतः ar (ABE) = ar (ACF).
समीकरण (1), (2) एवं (3) से] इति सिद्धम्

प्रश्न 9.
संलग्न चित्र में समान्तर चतुर्भुज ABCD की एक भुजा AB को एक बिन्दु P तक बढ़ाया गया है। A से होकर CP के समान्तर खींची गई रेखा बढ़ाई गई CB को Q पर मिलती है और फिर समान्तर चतुर्भुज PBQR को पूरा किया जाता है। दर्शाइए कि-
ar (ABCD) = ar (PBQR) है।
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Ex 9.3 9
चित्र 9.16
हल:
चित्र 9.16 में ABCD एक समान्तर चतुर्भुज है। CP|| AQ है तथा PBOR भी एक समान्तर चतुर्भुज है।
AC और QP को मिलाइए।
अब उभयनिष्ठ आधार AQ पर AQ || CP के मध्य दो त्रिभुज ∆CAQ एवं ∆PAQ स्थित हैं।
⇒ ar (CAQ) = ar (PAQ)
⇒ ar (CAB) + ar (BAQ) = ar (BAQ) + ar (BQP)
⇒ ar (CAB) = ar (BQP) [ar (BAQ) उभयनिष्ठ है]
⇒\(\frac { 1 }{ 2 }\)ar (ABCD) = \(\frac { 1 }{ 2 }\)ar (PBOR)
(AC और PQ क्रमशः समान्तर चतुर्भुज ABCD और PBQR के विकर्ण हैं)
अतः ar (ABCD) = ar (PBOR). (बराबर के दोनों बराबर होते हैं) इति सिद्धम्

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प्रश्न 10.
एक समलम्ब ABCD, जिसमें AB || DC है, के विकर्ण AC और BD परस्पर O पर प्रतिच्छेद करते हैं। दर्शाइए कि ar (AOD) = ar (BOC) है।
हल:
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Ex 9.3 10
चित्र 9.17
ABCD एक समलम्ब चतुर्भुज है जिसमें AB || DC तथा उसके विकर्ण AC और BD परस्पर O पर प्रतिच्छेद करते हैं।
उभयनिष्ठ आधार AB पर AB || DC के मध्य A DAB एवं ACAB स्थित हैं।
⇒ ar (DAB) = ar (CAB)
⇒ ar (AOD) + ar (OAB) = ar (OAB) + ar (BOC) (चित्रानुसार)
अतः ar (AOD) = ar (BOC). (ar (OAB) उभयनिष्ठ है) इति सिद्धम्

प्रश्न 11.
संलग्न चित्र में ABCDE एक पंचभुज है। B से होकर AC के समान्तर खींची गई रेखा बढ़ाई गई DC को F पर मिलती है। दर्शाइए कि-
(i) ar (ACB) = ar (ACF).
(ii) ar (AEDF) = ar (ABCDE).
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Ex 9.3 11
चित्र 9.18
हल:
ABCDE एक पंचभुज है जिसकी भुजा DC बढ़ाई गई है।
बिन्दु B से BF || AC खींची गई है जो DC को F पर मिलती है।
(i) चूँकि उभयनिष्ठ आधार AC पर AC || BF के मध्य दो चित्र 9.18 त्रिभुज क्रमशः ∆ACB एवं ∆ACF स्थित हैं
अतः ar (ACB) = ar (ACF). इति सिद्धम्

(ii) ar (ACB) = ar (ACF) (सिद्ध कर चुके हैं)
⇒ ar (BAC) + ar (ACDE) = ar (FAC) + ar (ACDE) (बराबर संख्याओं में एक ही संख्या जोड़ने पर)
⇒ ar (ABCDE) = ar (AEDF)
⇒ ar (AEDF) = ar (ABCDE). इति सिद्धम्

प्रश्न 12.
गाँव के एक निवासी इतवारी के पास एक चतुर्भुजाकार भूखण्ड था। उस गाँव की ग्राम पंचायत ने उसके भूखण्ड के एक कोने से उसका कुछ भाग लेने का निर्णय लिया ताकि वहाँ एक स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण कराया जा सके। इतवारी इस प्रस्ताव को इस प्रतिबन्ध के साथ स्वीकार कर लेता है कि उसे इस भाग के बदले उसी भूखण्ड से संलग्न एक भाग ऐसा दे दिया जाए कि उसका भूखण्ड त्रिभुजाकार हो जाए। स्पष्ट कीजिए कि इस प्रस्ताव को किस प्रकार क्रियान्वित किया जा सकता है ?
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Ex 9.3 12
चित्र 9.19
हल:
ग्राम निवासी के पास चतुर्भुज ABCD के आकार का भूखण्ड है। प्रतिबन्ध के साथ प्रस्ताव निम्न प्रकार क्रियान्वित किया जा सकता है-
चित्रानुसार CD को आगे बढ़ाइए। विकर्ण BD के समान्तर AE खींचिए जो CD को E पर मिलती है।
ग्रामवासी अपने भूखण्ड से भाग ABD ग्राम पंचायत को देगा तथा बदले में भूखण्ड BDE लेगा। इस प्रकार उसका भूखण्ड BCE हो जायेगा। जो त्रिभुजाकार है तथा क्षेत्रफल में मूल भूखण्ड के बराबर है। चूँकि उभयनिष्ठ आधार BD पर BD || AE के मध्य दो त्रिभुज ∆ABD एवं ∆EBD स्थित हैं।
⇒ ar (ABD) = ar (EBD)
⇒ ar (ABD) + ar (BCD) = ar (EBD) + ar (BCD) (बराबर संख्याओं में एक ही संख्या जोड़ी गई है)
अतः ar (BCE) = ar (ABCD). इति सिद्धम्

प्रश्न 13.
ABCD एक समलम्ब है जिसमें AB || DC है। AC के समान्तर रेखा AB को X पर और BC को Y पर प्रतिच्छेद करती है। सिद्ध कीजिए कि-
ar (ADX) = ar (ACY)
हल:
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Ex 9.3 13
चित्र 9.20
ABCD एक समलम्ब चतुर्भुज दिया है जिसमें AB || DC एवं विकर्ण AC के समान्तर खींची गई रेखा AB को X पर और BC को Y पर प्रतिच्छेद करती है।
CX को मिलाइए।
उभयनिष्ठ आधार AX पर AX || DC के मध्य ∆ADX एवं ∆ACX स्थित हैं।
⇒ ar (ADX) = ar (ACX) …(1)
उभयनिष्ठ आधार AC पर AC || XY के मध्य ∆ACX और ∆ACY स्थित हैं।
⇒ ar (ACX) = ar (ACY) …(2)
अतः ar (ADX) = ar (AC) है। [समीकरण (1) और (2) से] इति सिद्धम्

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प्रश्न 14.
संलग्न चित्र में AP || BQ || CR है। तो, सिद्ध कीजिए कि-
ar (AQC) = ar (PBR) है।
हल:
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Ex 9.3 14
चित्र 9.21
दिया है : AP || BQ || CR
विकर्ण AQ, BP, CQ, BR को मिलाया गया है।
चूँकि उभयनिष्ठ आधार BQ पर BQ || AP के मध्य ∆ABQ एवं ∆PBQ स्थित हैं।
चूँकि उभयनिष्ठ आधार BQ पर BQ || CR के मध्य ∆BCQ एवं ∆BRQ स्थित हैं।
⇒ ar (BCQ) = ar (BRQ) …(2)
⇒ ar (ABQ) + ar (BCQ) = ar (PBQ) + ar (BRQ) [समीकरण (1) एवं (2) से]
अतः ar (AQC) = ar (PBR). (चित्रानुसार) इति सिद्धम्

प्रश्न 15.
चतुर्भुज ABCD के विकर्ण AC और BD परस्पर बिन्दु O पर इस प्रकार प्रतिच्छेद करते हैं कि ar (AOD) = ar (BOC) है। सिद्ध कीजिए कि ABCD एक समलम्ब चतुर्भुज है।
हल:
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Ex 9.3 15
चित्र 9.22
ABCD चतुर्भुज के विकर्ण AC और BD एक-दूसरे को बिन्दु O पर प्रतिच्छेद करते हैं,
जहाँ ar (AOD) = ar (BOC) …(1)
⇒ ar (AOD) + ar (ODC) = ar (BOC) + ar (ODC) (बराबर संख्याओं में समान संख्या का योग है)
⇒ ar (ACD) = ar (BCD)
ये दोनों त्रिभुज उभयनिष्ठ आधार CD पर दो रेखाओं DC एवं AB के मध्य स्थित हैं।
अत: AB || DC अर्थात् ABCD एक समलम्ब चतुर्भुज है। इति सिद्धम्

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प्रश्न 16.
संलग्न चित्र में ar (DRC) = ar (DPC) है और ar (BDP) = ar (ARC) है। दर्शाइए कि दोनों चतुर्भुज ABCD और DCPR समलम्ब हैं।
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Ex 9.3 16
हल:
प्रश्नानुसार,
चूँकि ar (DRC) = ar (DPC) (दिया है)…(1)
ये दोनों त्रिभुज DRC एवं DPC उभयनिष्ठ आधार DC और दो रेखाओं DC एवं RP के मध्य स्थित हैं।
⇒ DC || RP अर्थात् □DCPR एक समलम्ब चतुर्भुज है।
चूँकि ar (BDP) = ar (ARC) (दिया है)
⇒ ar (BDC) + ar (DPC) = ar (DRC) + ar (ADC) (चित्रानुसार)…(1)
⇒ ar (BDC) = ar (ADC) [समीकरण (1) और (2) से]
ये दोनों त्रिभुज BDC एवं ADC उभयनिष्ठ आधार DC एवं दो रेखाओं DC एवं AB के मध्य स्थित हैं।
⇒ DC || AB अर्थात् चतुर्भुज ABCD एक समलम्ब चतुर्भुज है।
अतः दोनों चतुर्भुज ABCD और DCPR समलम्ब चतुर्भुज हैं। इति सिद्धम्

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MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Ex 9.2

MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Ex 9.2

प्रश्न 1.
संलग्न चित्र में ABCD एक समान्तर चतुर्भुज है। AE ⊥ DC और CF ⊥ AD है। यदि AB = 16 cm, AE = 8 cm और CF = 10 cm हो, तो AD ज्ञात कीजिए। (2019)
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Ex 9.2 1
चित्र 9.2
हल:
चूँकि समान्तर चतुर्भुज ABCD का क्षेत्रफल = आधार x शीर्षलम्ब
⇒ AD x CF = DC x AE (क्रमशः AD और DC को आधार लेकर)
⇒ AD x CF = AB x AE (∵AB = DC समान्तर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ हैं)
⇒ AD x 10 = 16 x 8 = 128
⇒ AD = \(\frac { 128 }{ 10 }\) = 12.8 cm
अत: AD का अभीष्ट मान = 12.8 cm.

प्रश्न 2.
यदि E, F, G और H क्रमशः समान्तर चतुर्भुज ABCD की भुजाओं के मध्य-बिन्दु हैं तो दर्शाइए कि-
ar (EFGH) = \(\frac { 1 }{ 2 }\) ar (ABCD).
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Ex 9.2 2
चित्र 9.3
हल:
□ EFGH, समान्तर चतुर्भुज ABCD की भुजाओं AB, BC, CD और DA के मध्य-बिन्दुओं E, F, G और H को क्रमशः मिलाने से बना है।
EG को मिलाइए।
अब आधार EG पर EG || AD के मध्य समान्तर चतुर्भुज DAEG और ∆HEG स्थित हैं
⇒ ar (HEG) = \(\frac { 1 }{ 2 }\)ar (DAEG) …..(1)
एवं आधार EG पर EG || BC के मध्य समान्तर चतुर्भुज CBEG एवं ∆FEG स्थित हैं
⇒ ar (FEG) = \(\frac { 1 }{ 2 }\) ar (CBEG) …(2)
⇒ ar (HEG) + ar (FEG) = \(\frac { 1 }{ 2 }\)ar (DAEG) + \(\frac { 1 }{ 2 }\)ar (CBEG)
अतः ar (EFGH) = \(\frac { 1 }{ 2 }\)ar (ABCD). (fearger) इति सिद्धम्

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प्रश्न 3.
P और Q क्रमशः समान्तर चतुर्भुज ABCD की भुजाओं DC और AD पर स्थित बिन्दु हैं। दर्शाइए कि-
ar (APB) = ar (BQC). (2019)
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Ex 9.2 3
चित्र 9.4
हल:
चूँकि एक ही आधार AB पर AB || DC के मध्य ∆APB और समान्तर चतुर्भुज ABCD स्थित है।
⇒ ar (APB) = \(\frac { 1 }{ 2 }\)ar (ABCD) …(1) ,
चूँकि एक ही आधार BC और BC || AD के बीच ∆BOC और समान्तर चतुर्भुज ABCD स्थित हैं।
⇒ ar (BQC) = \(\frac { 1 }{ 2 }\)ar (ABCD)
अतः ar (APB) = ar (BQC). [समीकरण (1) और (2) से] इति सिद्धम्

प्रश्न 4.
संलग्न चित्र में P समान्तर चतुर्भुज ABCD के अभ्यन्तर में स्थित कोई बिन्दु है। दर्शाइए कि-
(i) ar (APB) + ar (PCD) = \(\frac { 1 }{ 2 }\)ar (ABCD).
(ii) ar (APD) + ar (PBC) = ar (APB) + ar (PCD).
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Ex 9.2 4
चित्र 9.5
हल:
दिया है : ABCD एक समान्तर चतुर्भुज जिसके अभ्यन्तर P कोई दिया हुआ बिन्दु है। PA, PB, PC एवं PD को मिलाया।
बिन्दु P से होकर EPF || AB रेखा खींचिए।
यहाँ EF || AB || DC (AB || DC समान्तर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ हैं)

(i) चूँकि उभयनिष्ठ आधार EF पर EF || AB के मध्य समान्तर चतुर्भुज AEFB और ∆APB स्थित हैं।
⇒ ar (APB) = \(\frac { 1 }{ 2 }\)ar (AEFB) …(1)
एवं उभयनिष्ठ आधार DC पर DC || EF के मध्य समान्तर चतुर्भुज EDCF एवं ∆PCD स्थित है।
⇒ ar (PCD) = \(\frac { 1 }{ 2 }\) ar (EDCF) …(2)
⇒ ar (APB) + ar (PCD) = \(\frac { 1 }{ 2 }\) ar (AEFB) + \(\frac { 1 }{ 2 }\) ar (EDCF) [समीकरण (1) एवं (2) से]
अतः ar (APB) + ar (PCD) = \(\frac { 1 }{ 2 }\) ar (ABCD). (AEFB + EDCF = ABCD) इति सिद्धम्

(ii) चूँकि ar (APB) + ar (PCD) = \(\frac { 1 }{ 2 }\) ar (ABCD) [भाग (i) से सिद्ध कर चुके हैं] …(3)
और ar (APB) + ar (PCD) + ar (APD) + ar (PBC) = ar (ABCD) (चित्रानुसार) …(4)
⇒ ar (APD) + ar (PBC) = \(\frac { 1 }{ 2 }\)ar (ABCD) [समीकरण (3) और (4) से] …(5)
अतः ar (APB) + ar (PCD) = ar (APD) + ar (PBC). समी. (4) और (5) में] इति सिद्धम्

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प्रश्न 5.
संलग्न चित्र में PORS और ABRS समान्तर चतुर्भुज हैं तथा x भुजा BR पर स्थित कोई बिन्दु है। दर्शाइए कि-
(i) ar (PQRS) = ar (ABRS).
(ii) ar (AXS) = \(\frac { 1 }{ 2 }\) ar (PQRS).
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Ex 9.2 5
चित्र 9.6
हल:
(i) चूँकि उभयनिष्ठ आधार SR पर SR || PB के मध्य समान्तर चतुर्भुज ABRS एवं PQRS स्थित हैं।
अतः ar (PQRS) = ar (ABRS). इति सिद्धम्

(ii) चूँकि उभयनिष्ठ आधार AS पर AS | | BR के मध्य एक समान्तर चतुर्भुज ABRS एवं एक ∆AXS स्थित हैं
⇒ ar (AXS) = \(\frac { 1 }{ 2 }\) ar (ABRS)
अतः ar (AXS) = \(\frac { 1 }{ 2 }\) ar (PQRS). [∵ ar (PQRS) = ar (ABRS)] इति सिद्धम्

प्रश्न 6.
एक किसान के पास समान्तर चतुर्भुज PQRS के रूप का एक खेत था। उसने RS पर स्थित कोई बिन्दु A लिया और उसे P और Q से मिला दिया। खेत कितने भागों में विभाजित हो गया है ? इन भागों के आकार क्या हैं ? वह किसान खेत में गेहूँ और दालें बराबर-बराबर भागों में अलग-अलग बोना चाहता है। वह ऐसा कैसे करे ?
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Ex 9.2 6
चित्र 9.6
उत्तर:
किसान का खेत PQRS समान्तर चतुर्भुज के आकार का है जिसकी भुजा RS पर स्थित बिन्दु A को P और Q से मिला दिया गया है।

  1. खेत तीन भागों में विभक्त हो गया है।
  2. तीनों भाग त्रिभुजाकार हैं।
  3. वह किसान गेहूँ APQ भाग में तथा शेष APS एवं AQR में दालें बोए अथवा APQ में दालें तथा APS एवं AOR में गेहूँ बोए।

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MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Ex 9.1

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प्रश्न 1.
निम्नलिखित आकृतियों में से कौनसी आकृतियाँ एक ही आधार पर और एक ही समान्तर रेखाओं के बीच स्थित हैं ? ऐसी स्थिति में, उभयनिष्ठ आधार और दोनों समान्तर रेखाएँ लिखिए।
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Ex 9.1
चित्र 9.1
उत्तर:
चित्र : 9.1 (i) उभयनिष्ठ आधार = DC और DC || AB
चित्र : 9.1 (iii) उभयनिष्ठ आधार = QR और QR || PS
चित्र : 9.1 (v) उभयनिष्ठ आधार = AD और AD || BC

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