MP Board Class 8th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 5 लौहपुरुष सरदार पटेल

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MP Board Class 8th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 5 लौहपुरुष सरदार पटेल

प्रश्न अभ्यास

अनुभव विस्तार

Mp Board Class 8 Hindi Chapter 5 प्रश्न 1.
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
(क) सही जोड़ी बनाइए
(अ) लौहपुरुष – 1. बाल गंगाधर तिलक
(ब) महात्मा – 2. चितरंजनदास
(स) देशबंधु – 3. गांधी।
(द) लोकमान्य – 4. सरदार पटेल
उत्तर-
(अ) 4,
(ब) 3,
(स) 2,
(द) 1

Mp Board Class 8th Hindi Solution Chapter 5 प्रश्न 2.
दिए गए विकल्पों में से रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए(अ) सरदार पटेल को …………………… कहा जाता है। (शलाका पुरुष, लौहपुरुष)
(ब) सरदार पटेल के ………………………. बचपन से ही प्रकट होने लगे थे। (प्रमुख गुण, विशिष्ट गुण)
(स) उनके पास हाजिर-जवाबी तथा विनोदप्रियता का अक्षय और ………………………. कोष था। (असीम, निस्सीम)
(द) हठी विद्रोहियों को ………………………. में लाना उन्हें भली प्रकार आता था। (अनुशासन, विनयानुशासन)
उत्तर-
(अ) लौहपुरुष,
(ब) विशिष्ट गुण,
(स) असीम,
(द) विनयानुशासन।

Class 8 Hindi Chapter 5 Mp Board प्रश्न 2.
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
(अ) सरदार पटेल का स्वभाव कैसा था?
(ब) सहायकों तथा अनुयायियों द्वारा भूल करने पर सरदार पटेल क्या करते थे?
(स) सरदाल पटेल ने गृहमंत्री के रूप में कौन-सा महत्त्वपूर्ण कार्य किया?
(द) सरदार पटेल की प्रबल आकांक्षा क्या थी?
(इ) पटेल को सरदार की उपाधि कैसे मिली?
उत्तर-
(अ) सरदार पटेल का स्वभाव अत्यधिक वीर, निर्भय, दृढ़ निश्चयी, परिश्रमी और लगनशील था।
(ब) अपने सहायकों तथा अनुयायियों द्वारा भूल करने पर सरदार पटेल उन पर कृपा ही करते थे। वे उनकी देखभाल और चिंता पिता के के समान करते थे।
(स) सरदार पटेल ने गृहमंत्री के रूप में देशी रियासतों के एकीकरण का महत्त्वपूर्ण कार्य किया।
(द) सरदार पटेल की यह प्रबल आकांक्षा थी कि भारत अपनी स्वतंत्रता की रक्षा करने में सबल और सुयोग्य बन जाए।
(इ) स्वतंत्रता-संग्राम के समय में दिए गए उनके महत्त्वपूर्ण योगदानों के कारण पटेल को सरदार की उपाधि मिली।

Sugam Bharti Class 5 Hindi Question Answer MP Board प्रश्न 3.
लघु उत्तरीय प्रश्न

(अ) सरदार पटेल को लौहपुरुष क्यों कहा जाता है?
उत्तर-
सरदार पटेल का व्यक्तित्व बड़ा ही बेजोड़ था। उनकी प्रतिभा बड़ी ही अद्भुत थी। उनकी बुद्धि अत्यधिक आकर्षक थी। उनकी प्रशासनिक क्षमता प्रशंसनीय थी। वे कठिन परिस्थितियों में भी सफलता को प्राप्त ही कर लेते थे। यही नहीं उनका स्वभाव भी बड़ा अद्भुत था। वे वीर, निर्भय, दृढ़ निश्चयी, मेहनती और उत्साही थे। इन्हीं विशेषताओं के कारण सरदार पटेल को ‘लौह पुरुष’ कहा जाता है।

(ब) सरदार पटेल का अपने अनुयायियों के साथ व्यवहार कैसा था?
उत्तर-
सरदार पटेल का व्यवहार अपने अनुयायियों के प्रति बड़ा ही सरस और उदार था। वे उनके द्वारा कोई गलत कदम उठाए जाने पर भी, उन्हें माफ़ कर देते थे। उन्हें प्रेमपूर्वक समझाते थे। उन पर वे अपनी कृपा हमेशा किया करते थे। इसलिए उनकी देखभाल और चिंता वैसे ही करते थे, जैसे एक पिता अपनी संतान के प्रति किया करता है।

(स) सरदार पटेल किस गुण के कारण अपने विरोधियों को पछाड़ दिया करते थे?
उत्तर-
सरदार पटेल को जिस युद्ध का सेनापति बनाया जाता, उसमें उनकी ही आज्ञा अंतिम होती थी। उसके दाँव-पेंच को भी अच्छी तरह जान लेते थे। इससे युद्ध की कला दिखलाते हुए अंतिम चोट करने में सफल हो जाते थे। उनकी यह भी बहुत बड़ी विशेषता थी कि वे अपने विरोधी व्यक्तियों अथवा अन्य राजनीतिक दलों की कमजोरियों को अच्छी तरह से जानते थे। उन कमजोरियों को अपने दिल-दिमाग में अच्छी तरह से बैठा लेते थे। फिर उसके द्वारा वे अपने विरोधियों को पछाड़ दिया करते थे।

(द) सरदार पटेल हठी विद्रोहियों को कैसे विनयानुशासन में लाते थे?
उत्तर-
सरदार पटेल ने कभी भी शक्तिशाली बनने की बात नहीं सोची। वे तो शक्ति को हथियाकर उसका नियंत्रण करते थे। फिर उसका संचालन किया करते थे। अपने हाथ में लिया हुआ काम जब तक पूरा नहीं हो जाता था, तब तक वे अपने आपको छिपाए रखते थे। इस प्रकार के युद्ध कौशल दिखलाते हुए अपने हठी विद्रोहियों की कमजोरियों पर अंतिम चोट कर उन्हें विनयानुशासन में लाते थे।

भाषा की बात

Lesson 5 Hindi Class 8 MP Board प्रश्न 1.
बोलिए और लिखिए-
व्यक्तिगत, यद्यपि, परिलक्षित, तत्कालीन, सार्वजनिक, प्रशासनिक, उल्लेखनीय, कृपालु, विनोदप्रियता।
उत्तर-
व्यक्तिगत, यद्यपि, परिलक्षित, तत्कालीन, सार्वजनिक, प्रशासनिक, उल्लेखनीय, कृपालु, विनोदप्रियता।

प्रश्न 2.
सही वर्तनी वाले शब्दों पर गोला लगाइए-
Mp Board Class 8 Hindi Chapter 5
उत्तर-
सही वर्तनी परिलक्षित, दृढ़ता, ईर्ष्या, व्यक्तिगत, आवश्यकता, निश्चय।

प्रश्न 3.
नीचे दिए शब्दों के बहुवचन बनाइए
उत्तर-
Mp Board Class 8th Hindi Solution Chapter 5

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों में उनके सामने दर्शाए प्रत्यय लगाकर नए शब्द बनाइए-
उत्तर-
प्रत्यय लगाकर नए शब्द
Class 8 Hindi Chapter 5 Mp Board

♦ प्रमुख गद्यांशों की संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्याएँ

1. व्यक्तिगत जीवन में सरदार पटेल बड़े ही सहृदयी एवं सच्चे मित्र के रूप में विख्यात थे। विषम परिस्थितियों में किसी भी मित्र के काम आने के लिए वे अपने-आप को वचन-बद्ध मानते थे। सार्वजनिक जीवन में लौहपुरुष की संज्ञा प्राप्त करके भी उनका हृदय नारियल के समान बाहर से कठोर और अंदर से कोमल था। वे किसी भी विषय, भाव या विचार को तत्काल समझ जाते तथा अगले ही क्षण तदनुरूप कार्यवाही करते थे।

शब्दार्थ-सहृदयी-उदार, सरस। विख्यात-प्रसिद्ध। विषय-कठिन। तत्काल-तुरंत, उसी समय। तदनुरूप-उसी के अनुसार। कार्यवाही-कार्य, काम।

संदर्भ-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘सुगम भारती’ (हिंदी सामान्य) भाग-8 के पाठ-5 ‘लौह पुरुष सरदार पटेल’ से ली गई हैं।

प्रसंग-प्रस्तुत पंक्तियों में लेखक ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की अद्भुत विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा है कि-

व्याख्या-सरदार का अपना जीवन भी दूसरों के लिए ही था। वे दूसरी की सहायता करने और अपने संपर्क में आने – वालों के लिए सच्चे मित्र की तरह होते थे। अपनी इस विशेषता के कारण वे बहुत ही लोकप्रिय हो गए थे। इस प्रकार वे कठिन परिस्थितियों में भी अपनी इस विशेषता का परिचय देना नहीं भूलते थे। जहाँ तक उनके सार्वजनिक जीवन की बात थी, उसमें भी वे बड़े ही निडर और दृढ़ बने रहते थे। इससे वे लौह-पुरुष के नाम से प्रसिद्ध हो गए। ऐसी संज्ञा पाकर भी वे भीतर से नारियल के समान कोमल और बाहर से ही कठोर दिखाई देते थे। इस प्रकार की विशेषताओं से भरपूर वे किसी विषय व भाव-विचार को अपनी पैनी दृष्टि से तुरंत समझ जाते थे। फिर अपनी तीव्र बुद्धि से उसके लिए यथोचित कदम उठाते थे।

विशेष-

  • सरदार वल्लभ पटेल के असाधारण गुण हृदयस्पर्शी हैं।
  • वाक्य-गठन बड़े हैं।
  • तत्सम शब्दों के प्रयोग हैं।

2. उनकी यह महती आकांक्षा थी कि भारत अपनी स्वतंत्रता की रक्षा करने में सबल और सुयोग्य बन जाए। उनकी भावना थी कि पूर्व में किया गया श्रम तो स्वराज्य के लिए था; किंतु आज जब हमें स्वराज्य प्राप्त हो गया है, उससे भी अधिक श्रम की आवश्यकता सुराज के लिए है, तभी देश का उत्थान सही अर्थों में हो सकेगा और तभी स्वतंत्रता के लिए किए गए त्याग और बलिदान की सार्थकता होगी।

शब्दार्थ-महती-बड़ी। आकांक्षा-इच्छा। भावना-इच्छा। पूर्व-आजादी से पहले। श्रम-मेहनत। सुराज-सुंदर राज्य (स्वतंत्रता)। उत्थान-विकास। सार्थकता-उपयोगिता।

संदर्भ-पूर्ववत्। –

प्रसंग-इन पंक्तियों में लेखक ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की अपने देश भारत के प्रति सच्ची प्रेम-भावना को बतलाते हुए कहा है कि

व्याख्या-सरदार वल्लभ भाई पटेल की अपने देश भारत के प्रति बहुत बड़ी सच्ची भावना थी। उनकी यह अंतिम इच्छा थी कि भारत देश अपनी स्वतंत्रता को किसी भी दशा में न खोने पाए। इसके लिए वे चाहते थे कि यह पूरा देश हर प्रकार से शक्तिशाली और सुयोग्य बना रहे। उनकी यह भी अंतिम इच्छा थी कि हमने अपने इस देश की आजादी के लिए जो कुछ भी संघर्ष किया, उससे ही हमें आजादी मिले। उस संघर्ष की उपयोगिता आज नहीं है। आज तो उस श्रम-संघर्ष की जरूरत है, जिससे हमें मिली हुई इस आजादी को स्वतंत्र का दर्जा दे सकें। इससे देश का अपेक्षित विकास हो सकेगा। ऐसा होने पर ही आजादी के लिए किए गए हमारे संघर्ष, त्याग, बलिदान आदि की उपयोगिता सही कही जा सकेगी।

विशेष-

  • यह अंश देश-प्रेम के भावों को बढ़ाने वाला है।
  • भाषा-शैली में गति है।

MP Board Class 10th General English Unseen Passages

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MP Board Class 10th General English Unseen Passages

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Discursive Passages

1. Read the following passage and answer the questions given below it.

Man’sourney of life from childhood to old age is very charming and colorful. Youth is the most exciting period of man’s life when it is time to grow and dream. A young man is full of hope, energy and zeal. Nothing is difficult or impossible or dangerous for him. The old people say that youth is not daring but thoughtless. A young man bums the candle at both ends. He commits mistakes and leams only after burning his finger. Sometimes the young men misuse their freedom and thus invite difficulties by their foolish actions. They are full of strength, energy and enthusiasm. They become rebels and are no longer afraid of facing the forces of realities. A young man accepts the challenge of evil difficulties and hardships, to win or lose the game of life is the mission of his career. He loves to lead an adventurous life and has a keen desire to build up a new world of his dream. But the period of youth does not last long. Soon it is followed by old age when he regrets his past mistakes and failures. The weak old man feels helpless, depressed and disappointed. He becomes unfit for any adventure. But some fortunate old people never grow old and continue to feel young and active and make the most of even the last years of their lives. It will not be wrong to say that youth brings honor and old age commands respect.

Questions:
(a) Man’sourney is :
(i) Charming and colorful (ii) exciting (iii) dangerous
(b) What is the opinion of the old people about the young men?
(c) What is the mission of a young man’s career?
(d) Why does the old man feel helpless and disappointed?
(e) Find the antonym of ‘clever’ from the passage.
Answers:
(a) (i) charming and colorful.
(b) The old people say that youth is not daring but thoughtless.
(c) To win or lose the game of life is the mission of his, career.
(d) He feels helpless and disappointed because he becomes unfit for any adventure.
(e) Foolish.

2. Read the following passage and answer the questions given below it.

Whatever may be the cause of their suffering, we have to treat the handicapped with sympathy and understanding. In many instances, physically handicapped children are neglected and left to themselves in their homes. This makes them extremely sad and lonely. Our first duty is to make these children happier and less lonely. Secondly, we have to educate these children and help them to live useful lives. We should secure for them the benefits of education in schools specially intended for them. We have to make them useful citizens by creating suitable opportunities in them to be employed. They will then have a sense of achievement and we can be happy that we have done our duty towards them.

Questions:
(a) The physically handicapped children suffer from:
(i) fever (ii) neglect (iii) cold
(b) Which are the two important duties towards the handicapped children that we should perform?
(c) How can we make them useful citizens?
(d) What will be the outcome of these efforts?
(e) Give the synonym of ‘disabled’ from the passage?
Answers:
(a) (ii) neglect.
(b) Our first duty is to make handicapped children happier and less lonely. Secondly, we should educate them and help them to live useful lives.
(c) We can make them useful citizens by creating suitable opportunities for them to be employed.
(d) The outcome of these efforts will be that they will have a sense of achievement and we can be happy that we have done our duty towards them.
(e) Physically handicapped.

3. Read the following passage and answer the questions given below it.

Reading has a variety of meanings. To some people it means little more than the ability to pronounce aloud the printed word; to others it means it an ability to gain merely a general impression of what they read. Even students daily engaged in the study of books develop a superficial ability to read rapidly, and with apparent understanding, what they it subsequently prove to have understood imperfectly. Ability to read properly, to understand not only the general sense of a given passage but its particular implications, to appreciate so to speak, the light and shade of the passage, the precise meaning of the parts as well as of the whole, what it hints at as well as what it states, to distinguish between what is clearly proved and established and what is merely suggested or put forward as a supposition is still a comparatively rare quality.

Questions:
(a) has a variety of meanings.
(i) Reading (ii) Studying (iii) Understanding.
(b) What does it mean to other people?
(c) How do students develop?
(d) What is a comparatively rare quality?
(e) precise’ means
(i) exact (ii) short (iii) incorrect.
Answers:
(a) (i) Reading.
(b) Others think that it is an ability to gain merely a general impression of what they read.
(c) They develop a superficial ability to read quickly and with apparent understanding, what they subsequently prove to have understood imperfectly.
(d) To distinguish between what is clearly proved and established and what is merely suggested or put forward as a supposition is still a comparatively rare quality.
(e) (i) exact.

4. Read the following passage aid answer the questions given below it.

A cheerful person is always more disposed to be happy than miserable. He tends to look at the bright side of things and thus often derives pleasure from circumstances which would ordinarily sadden a person. “^ cheerful beggar is happier than a low-spirited millionaire. As a source of happiness neither wealth nor fame nor beauty nor power nor even health can be compared even for a moment with cheerful temperament. A great advantage of cheerfulness is that it enables man to do his work more efficiently and prevents him from being easily exhausted. The laborer who whistles over his work goes homeless tired and can work harder than another who deeply thinks over real or imaginary troubles. ’

Questions:
(a) A cheerful person is always :
(i) miserable (ii) happy (iii) beautiful
(b) What is the tendency of a cheerful person?
(c) What cannot be compared with cheerful moment?
(d) What is the real advantage of cheerfulness?
(e) ‘Exhausted’ means :
(i) tired (ii) vigor (iii) low-spirited.
Answers:
(a) (ii) happy.
(b) A cheerful person tends to look at the bright side of things.
(c) Neither wealth nor fame nor beauty nor power nor even health can be compared with a cheerful moment.
(d) The real advantage of cheerfulness is that it enables man to do his work more efficiently and prevents him from being easily exhausted.
(e) (i) tired.

5. Read the following passage and answer the questions given below it.

Discipline means obedience to the established rules of conduct. Certain rules have been laid in every society to control and regulate the life and activities of its members so that the society as a whole may progress in harmony and peace. If any of these rules is broken, there is trouble and society suffers. In fact, discipline is the very basis of progress in every sphere, public or private. A man without discipline is like an engine without a brake. A society that has no rules or whose members do not conform to its rules soon falls into pieces. In game too, discipline is necessary. Every player has to obey his captain and carry out his commands whether he likes them or not. In army, discipline is more necessary. An army without discipline is no better than a lawless mob. In the same way a school or a college cannot run if the boys do not observe the rules and regulations of the institution. Teaching is impossible if the boys do not keep discipline. Discipline cultivates a spirit of respect for elders and superiors, teaches gentlemanly behavior in society and meek submission to any punishment that may be inflicted due to indiscipline. It is the duty of every student to observe them if they want to build their character and prosper in life.

Questions:
(a) When rules are broken suffers :
(i) life (ii) society (iii) man
(b) Why have certain rules of conduct been laid down by the society?
(c) What is a man without discipline?
(d) What does discipline cultivate among the students?
(e) The synonym of’ crowd’ is :
(i) society (ii) mob (iii) members.
Answers:
(a) (ii) society.
(b) Certain rules of conduct have been laid down in every society to control and regulate the life and activities of its members so that society as a whole may progress in harmony and peace.
(c) A man without discipline is an engine without a brake.
(d) Discipline cultivates a spirit of respect for elders and superiors, teaches gentlemanly behavior in society and meek submission to any punishment that may be inflicted due to indiscipline.
(e) (ii) mob.

6. Read the following passage and answer the questions given below it.

Home is the first and the most important school of character. It is here that every human being receives his moral training, or his worst, for it is here! that he imbibes those principles of conduct which endure throughout manhood, and cease only with life.

It is a common saying that, “Manners make the man” and there is a second that, “Mind makes the man”, but truer than either is a third that “Home makes the man”. For the home, training includes not only manners and mind, but also character. It is mainly in the home that the heart is opened, the habits are formed, the intellect is awakened, and the character is molded for good or for evil.

From that source be it pure or impure, issue the principles and maxims of society. Law itself is but the reflection of homes. The finest bits of opinions sown in the minds of children in private life afterward issue forth to the world and become its public opinion, for nations are grown out of nurseries. Those who hold the leading-strings of children may even exercise greater power than those who wield the reins of Government.

Questions:
(a) Which is the most important school of character:
(i) Office (ii) Home (iii) Factory
(b) What does hole training include?
(c) How is public opinion formed at home?
(d) What is done at home with the man?
(e) Find a word from the passage which means ‘to bear’.
(i) intellect (ii) endure (iii) imbibe.
Answers:
(a) (ii) Home.
(b) Home training includes not only the manners and mind, but also character.
(c) The small opinions sown in the minds of children in private life afterward issue forth to the world and become its public opinion.
(d) At home heart is opened, habits are formed, the intellect is awakened and the character of man is molded for good or for evil.
(e) (ii) endure.

literary Passages

1. Read the following poem and answer the questions given below it.

Life ! I know not what thou art,
But know that, thou and I must part.
And when or how, or where we met
I own to me’s secret yet.
Life ! We’ve been long together
Through pleasant and through cloudy weather
Tis hard to part when friends are dear
Perhaps it will cost a sigh, a tear;
Then steal away, give little warning,
Choose thine own time :
Say not good night; but in some better clime,
Bid me good morning.

Questions:
(a) Whom is the poet addressing to :
(i) Friends (ii) Weather (iii) Life
(b) When is it hard to part?
(c) What is a secret to the poet?
(d) How were life and poet associated together?
(e) A word from the poem that means the same as ‘ to leave’ is :
(i) part (ii) steal (iii) clime (iv) none of these.
Answers:
(a) (iii) Life.
(b) It is hard to part from life when the friends and dear ones are close.
(c) It is a secret to the poet that when, how and where he met with life.
(d) Poet and life were associated together in all good and bad times.
(e) (ii) part.

2. Read the following poem and answer the questions given below it.

We have no wings, we cannot soar
But we have feet to scale and climb,
By slow degrees, by more and more,
The cloudy summits of our time.
The heights by great men reached and kept,
Were not attained by sudden flight
But they, while their companions slept,
Were toiling upward in the night.

Questions:
(a) What do we not have :
(i) feet (ii) hands (iii) wings
(b) How did great men reach heights and kept them?
(c) What do we have if not wings?
(d) What lesson do you get from the poem?
(e) Which word in the poem means ‘to fly’?
(i) climb (ii) flighty (iii) soar (iv) scale
Answers:
(a) (iii) wings.
(b) Great men reached heights by working hard even when their friends were sleeping.
(c) We have feet to climb upward if not wings to fly.
(d) We learn from the poem that if one works hard continuously then he reaches great heights.
(e) (iii) soar.

3. Read the following passage and answer the questions given below it.

A poor, villager once saved the life of a wealthy goldsmith by attacking a robber who was about to kill him. When the villager had knocked the robber down with his lathi and bound his hands and feet, the goldsmith said to the villager, “I have no money with me. So I shall give you my watch.” He did so and went on his way. The man was greatly pleased with his watch and spent hours in listening to its ticking and watching the second-hand go round. Next day the watch stopped as the man did not know how to wind it. He was very sad and said, “Alas! It is dead.” Thinking its dead body might be of value, he took the watch to a Mahajan who gave him fifty rupees for it, as it was well worth for two hundred. As he was leaving the room, the villager who was at heart an honest man, turned back and said, “Here take your money. It is dead and I have cheated you.” But the Mahajan only laughed and told him to keep the money and go.

Questions:
(a) The goldsmith presented to the villager:
(i) a watch (ii) money (iii) a pen
(b) Why did the watch stop?
(c) What did the villager do with the dead watch?
(d) What did the villager admit in front of Mahajan?
(e) The synonym of ‘dead’ in the passage is :
(i) stopped (ii) lifeless (iii) immovable
Answers:
(a) (i) a watch.
(b) The watch stopped because the villager did I not know how to wind it.
(c) The villager sold the dead watch to a Mahajan for fifty rupees.
(d) The villager admitted in front of the Mahajan that the watch was dead and he had cheated him.
(e) (i) stopped.

4. Read the following passage and answer the questions given below it.

A deer who was very thirsty went to a pool to s quench his thirst. At the time of drinking water, he saw himself in the clear water “How handsome lam! i thought he. The horns on my head are branching like trees. My coat is smooth and glossy. My eyes sparkle like stars. Only my legs are so long and thin that I am ashamed of them.” just then he heard the sound; of the hunter’s foot steps. He dashed away through the forest. His long, thin legs bearing him swiftly on. ; The forest grew thicker and at last he could not run on account of his branching horns. So he was caught by the hunter. :

“How foolish I have been! ” cried the dying deer.
“Oh ! my splendid horns are the cause of my death.”

Question :
(a) The cause of deer’s death was :
(i) his legs (ii) his coat (iii) his horns
(b) What was he ashamed of?
(c) Why could he not escape?
(d) What did he think at the time of his death?
(e) Which word in the passage means ‘bright’?
(i) splendid (ii) glossy (iii) sparkle
Answers:
(a) (iii) his horns.
(b) He was ashamed of his long and thin legs.
(c) He could not escape because of his horns which got stuck in the dense forest.
(d) At the time of his death, he thought of his foolishness that the horns for whose beauty he was proud were the cause of his death.
(e) (ii) glossy.

5. Read the following passage and answer the questions given below it.

How delightful to Sita, Ram and Lakshman were the years of their forest exile. Wherever they went, they were welcomed by the companies of hermits and admitted to the forest ways of life. Thus they were quickly established in huts made of leaves and carpeted with the sacred grass, like other ascetics. Quickly they had also arranged their articles of worship, and gathered together their small stores of necessities and without any loss of time, Sita fell into the habit of cooking for her husband and brother like any peasant-woman and serving them with her own fair hands. Now and‘then it would happen, during their first years in the forest, that they came across some great saint, who would recognize Ram at the glance as the Lord himself.

Questions.:
(a) The years of forest exile of Ram, Laxman and Sita were :
(i) delightful (ii) gloomy (iii) frustrating
(b) What were the huts made of?
(c) How did Sita help Ram and Laxman?
(d) What did the saint recognize?
(e) Which word in the passage means ‘articles of need’?
(i) necessities (ii) ascetics (iii) none of these.
Answers :
(a) (i) delightful.
(b) The huts were made of leaves and carpeted with the sacred grass.
(c) Sita helped Ram and Laxman by cooking and serving them food.
(d) The saint recognized Ram as the Lord himself.
(e) (i) necessaries.

6. Read the following passage and answer the questions given below it.

Mahmud of Ghazni had conquered so many countries that he could not rule over them properly. In one of these countries, robbers attacked a caravan of merchants and killed many of them and stole then- goods. The mother of one of the merchants walked a long way to Ghazni and made a complaint to the sultan. “My good woman,” said Mahmud, “how can I keep order in that distant land? It is hundreds of miles from Ghazni. I cannot put down robbers nor keep the road safe so far away.” “Why then, ” replied the old woman, “do you take countries which you cannot rule? For the bad rule of every country of which you are the king, God will call you to account, when you die.”

Questions:
(a) Where did the woman go to :
(i) Ghazni (ii) Agra (iii) Delhi
(b) What had the robbers done?
(c) Whiat did the old woman question him?
(d) Why did she say that he would have to give an account to God?
(e) Find the antonym of ‘near’ from the passage.
Answers:
(a) (i) Ghazni.
(b) The robbers had attacked a caravan of merchants and killed many of them and stolen their goods.
(c) The old woman questioned him that why had he taken over countries which he could not rule.
(d) She said so because of his bad rule of every country of which he was the king.
(e) distant.

Factual Passages

1. Read the following passage and answer the questions given below it.

Kashmir is economically a backward state. It has been ruled despotically for several centuries. Progress therefore has been extremely slow. Arts and crafts of Kashmir could not flourish as our handicrafts did not find any market due to difficulties of transport. The peasant in Kashmir still clings to the age-old methods of farming.

As agriculture occupies the most important position in the plan, special attention was given to promote it. More and more facilities were offered to farmers to improve the conditions of agriculture. The launching of the National Extension Service Scheme is the most important step in this direction. This aims at the social, economic and educational uplift of the poor people of Kashmir. The people engaged in the service are enthusiastic workers. The Government is determined to see the prompt accomplishment of responsibilities of reconstructing the countryside through the basic principle of Extension.

Questions:
(a) Kashmir is an economical state :
(i) forward (ii) developed (iii) backward
(b) Why could art and craft not flourish in Kashmir?
(c) What was done to improve agriculture?
(d) What does the National Extension Service Scheme aim at?
(e) Find out the synonyms of ‘sticks’ from the passage.
Answers:
(a) (iii) backward.
(b) Art and craft did not flourish in Kashmir because the handicrafts did not find any market due to difficulties of transport.
(c) More and more facilities were given to the farmers to improve agriculture.
(d) National Extension Service Scheme aims at the social, economic and educational uplift of the poor people in Kashmir.
(e) clings.

2. Read the following passage and answer the questions given below it.

Indira Gandhi was the first woman Prime Minister of India. She was born in Allahabad on November 19, 1917. She was the only child of Pt.awahar Lai Nehru and Kamla Nehru. Indira was a lovely child so her parents and grandparents called her Indira Priyadarshini. They lived in a big house. Its name was Anand Bhawan.

Little Indira had many dolls. Some of them were foreign. She loved to play with them. She dressed them like brides and bridegrooms or Raja and Rani or Satyagrahis and Policemen. At the age of four, Indira went to Gandhiji’s I Ashram at Sabarmati. There she slept on the floor, and ate simple food.

Questions:
(a) Gandhiji’s ashram was at:
(i) Allahabad (ii) Lucknow (iii) Sabarmati
(b) When and where was she born?
(c) What is Anand Bhawan?
(d) How did she dress her dolls?
(e) Which word in the passage means ‘newly married man’?
Answers:
(a) (iii) Sabarmati.
(b) She was born at Allahabad on November 19, 1917.
(c) Anand Bhawan is the name of the house I where Indira Gandhi and her parents lived,
(d) She dressed her dolls as brides and bridegrooms or Raja and Rani or Satyagrahis and policemen.
(e) bridegroom.

3. Read the following passage and answer the questions given below it.

A hockey team from Delhi went to Sri Lanka last month. They came to Chennai by plane. They left Delhi at 7 o’clock in the morning and reached Chennai at 12 o’clock. They stayed in a hotel for the day. They visited the museum and went in for shopping.

The next morning they went by bus to the railway station. They went in two buses. They traveled from Chennai to Dhanushkoti by ship. They went by train to Talaimannar in Sri Lanka. From Talaimannar they went to Colombo by taxi The team stayed in Sri Lanka for ten days.

Questions:
(a) The team stayed in Sri Lanka for:
(i) ten days (ii) one month (iii) three months.
(b) When and where did the hockey team go?
(c) What did the team do in Chennai?
(d) How did the team travel from Chennai to Colombo?
(e) Find a word from the passage which means a place where antique things are kept’.
Answers:
(a) (i) ten days.
(b) Hockey team went from Delhi to Sri Lanka last month.
(c) The team visited the museum and went in for shopping in Chennai.
(d) The team traveled from Chennai to Dhanushkoti by ship. They went by train to Talaimannar in Sri Lanka. From Talaimannar they went to Colombo by taxi.
(e) museum.

4. Read the following passage and answer the questions given below it.

A peacock is a beautiful bird. It is the national bird of India. It feeds on plants and animals. Seeds, fruits, bulbs, roots, grass and leaves are its staple food. It also eats white ants, insects, spiders and worms. It devours lizards and frogs. It is an enemy of all kinds of snakes. It drinks water an hour after sunrise and returns to roost after a heavy meal at dusk. In the monsoon when there is rainfall, it is ready to dance. Its breeding season starts with the rainy season. It dances to see the clouds in the sky. It is considered as an auspicious bird.

Questions:
(a) Which is our National Bird :
(i) Sparrow (ii) Crow (iii) Peacock
(b) What does it feed on?
(c) When does it dance?
(d) When is its breeding season?
(e) Which word in the passage means ‘swallows’?
Answers:
(a) (iii) Peacock.
(b) It feeds on plants and animals. Seeds, fruits, bulbs, roots, grass and leaves are its staple food. It also eats white ants, insects, spiders and worms.
(c) It dances in the monsoon when there is rainfall.
(d) Its breeding season starts with the rainy season.
(e) devours.

5. Read the following passage and answer the questions given below it.

Pandit Jawaharlal Nehru was our first Prime Minister. His father was Pandit Motilal Nehru. He was an advocate and he was a rich man. He lived , in Allahabad. The name of his house is ‘Anand Bhawan’. It is a big house and there is beautiful . garden around it.

Pandit Jawaharlal Nehru studied in India and England. He played cricket too. He was a good writer and a good speaker. He was brave and kind.
Nehru loved children and roses very much. Children lovingly called him ‘Chacha Nehru’. His birthday, 14th November, is celebrated as Children’s
Day. He was a great freedom-fighter. He will always be remembered.

Questions:
(a) Pt. Motilal Nehru was :
(i) a businessman (ii) an advocate (iii) an industrialist
(b) Mention the qualities of Jawaharlal Nehru.
(c) Where did Jawaharlal Nehru study?
(d) When is Children’s Day celebrated?
(e) Find the synonym of ‘author’ from the passage.
Answers:
(a) (ii) an advocate.
(b) Jawaharlal Nehru could play cricket. He was a good writer and speaker. He was brave and kind.
(c) He studied in India and England.
(d) Children’s day is celebrated on 14th November on Jawaharlal Nehru’s birthday.
(e) Writer.

6. Read the following passage and answer the questions given below it.

Kalpana Chawla, the astronaut who died on board the space shuttle Columbia, had been sponsoring two students from her school (Tagore Bal Niketan in Kamal) each year since 1997 for. International Space School Camp in Houston.

Manpreet Kaur and Namita Along visited NASA in August 2002. “We spent an excellent day with KC she even cooked for us and made us feel totally at home”, said Namita. These two and other youngsters who benefitted from this program, say, KC, as she was popularly known, might have been the first Indian-born woman in space but was entirely unaffected by her success.

Gaurav Goel of the 1999 batch and now an engineering student at Ambala said, “Not only was KC down to earth, she still retained the Indian in herself despite living in US for so many years”.

Even as a student, Kalpana had looked out for other students. She used to pay the fees for two of her college mates who could not afford it. “It is possible that to this day they are not aware that Kalpana used to pay their tuition fees,” says Sovina Sood, Kalpana’s sunior in the Punjab Engineering College.

Sovina who now teaches Civil Engineering said that sometimes Kalpana would hand over the money to her “but ask me not to disclose it to anybody”.

Questions:
(a) Kalpana Chawla’s school was at:
(i) Ambala (ii) Kamal (iii) Houston
(b) Who visited NASA in August 2002?
(c) What did Kalpana Chawla do for her college mates when she was a student?
(d) Give a word from a passage that means the same as ‘getting advantage’.
(e) Sponsoring means :
(i) to provide support (ii) contributing (iii) participating.
Answers:
(a) (ii) Kamal.
(b) Manpreet Kaur and Namita Along visited NASA in August 2002.
(c) Kalpana Chawla used to pay the fees for two of her college mates when she was a student.
(d) benefitted.
(e) (ii) contributing.

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MP Board Class 9th Hindi Vasanti Solutions Chapter 4 बूढ़ी काकी

MP Board Class 9th Hindi Vasanti Solutions Chapter 4 बूढ़ी काकी (प्रेमचन्द)

बूढ़ी काकी अभ्यास प्रश्न

बूढ़ी काकी लघूत्तरीय प्रश्नोत्तर

Budhi Kaki Question Answer In Hindi MP Board Class 9th प्रश्न 1.
बूढ़ी काकी बुद्धिराम के पास क्यों रहती थी?
उत्तर
बूढ़ी काकी का बुद्धिराम के सिवा और कोई नहीं था। इसलिए वह बुद्धिराम के पास रहती थी।

Budhi Kaki Question Answer MP Board Class 9th प्रश्न 2.
सुखराम के तिलक पर घर का वातावरण कैसा था?
उत्तर
सुखराम के तिलक पर घर का वातावरण बड़ा ही आनंददायक था। लोगों की भारी भीड़ थी। तरह-तरह के खान-पान तैयार हो रहे थे। मेहमानों का खूब आदर-सत्कार हो रहा था। बुद्धिराम और रूपा कार्यभार संभालने में बहुत व्यस्त थे।

Budhi Kaki Question Answer In Hindi Class 9 प्रश्न 3.
लाडली और बूढ़ी काकी में परस्पर सहानुभूति क्यों थी?
उत्तर
लाडली को अपने दोनों भाइयों के डर से अपने हिस्से की मिठाई-चबैना खाने के लिए बढ़ी काकी के सिवा और कोई सरक्षित जगह नहीं थी। उससे बढ़ी काकी को कुछ खाने के लिए मिल जाता था। इस तरह दोनों में परस्पर सहानुभूति थी।

Budhi Kaki Saransh MP Board Class 9th प्रश्न 4.
रूपा का व्यवहार काकी के प्रति किस प्रकार का था?
उत्तर
रूपा का व्यवहार बूढ़ी काकी के प्रति बड़ा ही अन्यायपूर्ण और कठोर था।

Budhi Kaki Ke Prashn Uttar MP Board Class 9th प्रश्न 5.
बूढ़ी काकी को भोजन न देने पर लाडली का मन क्यों अधीर हो रहा था?
उत्तर
बूढ़ी काकी को भोजन न देने पर लाडली का मन अधीर हो रहा था। यह इसलिए कि वह अपने माता-पिता द्वारा बूढ़ी काकी के प्रति किए गए दुर्व्यवहार से दुखी
और चिंतित थी।

बूढ़ी काकी दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

Budhi Kaki Question Answer In Hindi Class 9 प्रश्न 1.
“बुढ़ापा बहुधा बचपन का पुनरागमन हुआ करता है।” पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
बुढ़ापा आने पर किसी प्रकार की जिम्मेदारी और उत्तरदायित्व निभाने की न कोई क्षमता होती है और न कोई सोच-समझ। बुढ़ापा में बच्चों के समान स्वतंत्रता आ जाती है। स्वार्थपरता के कारण अच्छा-बुरा का कुष्ठ भी ख्याल न बुढ़ापा में होता है और न बचपन में। इस प्रकार की और भी कई बातें होती हैं, जो बचपन और बढ़ापा में होती हैं। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि, “बुढ़ापा बहुधा बचपन का पुनरागमन हुआ करता है।”

Boodhi Kaki Question Answer MP Board Class 9th प्रश्न 2.
भोजन की वाली अपने सम्मुख देख बूढ़ी काकी की मनोदशा का वर्णन कीजिए।
उत्तर
भोजन की थाली अपने सामने देखकर बूढ़ी काकी खिल उठी। उसके रोम-रोम में ताजगी आ गई। उस समय वह अपने ऊपर हुए अत्याचार और तिरस्कार को बिल्कुल भूल गई। वह भोजन की थाली पर टूट पड़ी। धड़ाधड़ पूड़ियों को खाने के लिए वह आतुर हो उठी। उसके एक-एक रोएँ रूपा को आशीर्वाद दे रहे थे।

प्रश्न 3.
रूपा का हृदय परिवर्तन कैसे हुआ?
उत्तर
बूढ़ी काकी को जूठे पत्तलों पर से पूड़ियों के टुकड़े उठा-उठाकर खाते हुए देखकर रूपा का हृदय सन्न हो गया। उसे बूढ़ी काकी के प्रति किए गए अन्याय और अत्याचार का भारी पश्चाताप हुआ। इस प्रकार रूपा का हृदय परिवर्तन हुआ।

प्रश्न 4.
इस पाठ से आपको क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर
इस पाठ से हमें निम्नलिखित शिक्षा मिलती है

  1. हमें बुजुर्गों की भावनाओं को समझना चाहिए।
  2. हमें बुजुर्गों का मान-सम्मान करना चाहिए।
  3. हमें बुजुर्गों की सेवा सच्ची भावना से करनी चाहिए।
  4. हम भी किसी समय बुजुर्ग होंगे। यह समझकर हमें बुजुर्गों पर होने वाले अत्याचार-अन्याय का विरोध करना चाहिए।

प्रश्न 5.
रूपा की जगह यदि आप होते तो बूढ़ी काकी के प्रति आपका व्यवहार कैसा होता?
उत्तर
रूपा की जगह हम होते तो बूढ़ी काकी के प्रति सहानुभूति रखते। उनकी भावनाओं को समझते। उनकी इच्छाओं को पूरी करने की कोशिश करते। अगर वे कोई अनुचित या अशोभनीय कदम उठातीं, तो हम उन पर क्रोध नहीं करते। उन्हें बड़े प्यार और आदर के साथ समझाते। उनकी कठिन जिद्द को नम्रतापूर्वक दूर करने का प्रयास करते।

प्रश्न 6.
स्पष्ट कीजिए।
(क) नदी में जब कगार का कोई वृहद खंड कटकर गिरता है तो आस पास का जल-समूह चारों ओर से उसी स्थान को पूरा करने के लिए दौड़ता है।
(ख) संतोष का सेतु जब टूट जाता है तब इच्छा का बहाव अपरिमित हो जाता है।
उत्तर
(क) उपर्युक्त वाक्य के कथन का आशय यह है कि जब कहीं कोई अवांछित और अनचाही घटना किसी के जीवन में घटित होती है तो हदय और मस्तिष्क की सारी शक्तियाँ, सारे विचार और सभी भार उसी ओर केंद्रित हो जाते हैं।
(ख) उपर्युक्त वाक्य के कथन का आशय यह है कि संतोष से इच्छाओं का प्रवाह रुक जाता है। इसके विपरीत असंतोष से इच्छाओं का प्रवाह किसी प्रकार की सीमा को तोड़ने में तनिक भी देर नहीं लगाता है।

बूढ़ी काकी भाषा-अध्ययन

1. जिह्वा, कृपाण आदि तत्सम शब्द हैं। पाठ में आए ऐसे ही तत्सम शब्दों की सूची बनाइए।
2. दिए हुए शब्दों में से उपसर्ग-प्रत्या छाँटकर अलग कीजिए
स्वाभाविक, प्रतिकूल, मसालेदार, सुगन्धित, अविश्वास, विनष्ट, लोलुपता, असहाय, निर्दयी।
3. ‘दिन-रात खाती न होती तो न जाने किसकी हाँडी में मुँह डालती।’
उपर्युक्त वाक्य में दिन का विलोम शब्द रात आया है। पाठ में आए ऐसे ही अन्य वाक्य छाँटिए जिनमें विलोम शब्दों का एक साथ प्रयोग हुआ हो।
उत्तर
1. चेष्टा, नेत्र, प्रतिकूल, पूर्ण, परिणाम, कालान्तर, तरुण, आय, वार्षिक, ईश्वर, तीव्र, व्यय, संताप, आर्तनाद, अनुराग, क्षुधावर्द्धक, सम्मुख, उद्विग्न, कार्य, क्रोध, वृहद, दीर्घाहार, व्यर्थ, मिथ्या, वाटिका, वर्षा, क्षुधा, प्रबल, प्रत्यक्ष, वृद्धा, आकाश, निमग्न आदि।
MP Board Class 9th Hindi Vasanti Solutions Chapter 4 बूढ़ी काकी img 1

3. (i) फिर जब माता-पिता का यह रंग देखते, तो बूढ़ी काकी को और भी सताया करते।
(ii) यद्यपि उपद्रव-शांति का यह उपाय रोने से कहीं अधिक उपयुक्त था।
(iii) लाडली अपने दोनों भाइयों के भय से अपने हिस्से की मिठाई-चबैना बूढ़ी काकी के पास बैठकर खाया करती थी।
(iv) आघात ऐसा कठोर था कि हृदय और मस्तिष्क की संपूर्ण शक्तियाँ, संपूर्ण । विचार और संपूर्ण भार उसी ओर आकर्षित हो गए।
(v) अवश्य ही लोग खा-पीकर चले गए।

बूढ़ी काकी योग्यता-विस्तार

1. “वृद्धजन का सम्मान ही परिवार का सम्मान है।” इस विषय पर कक्षा में परिचर्चा कीजिए।
2. आप अपनी दादी या नानी से कितना प्यार करते हैं। अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर
उपर्युक्त प्रश्नों को छात्र छात्रा अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से हल करें।

बूढ़ी काकी परीक्षोपयोगी अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

लघूत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
बूढ़ी काकी कब-कब रोती थीं?
उत्तर
जब घरवाले कोई बात उनकी इच्छा के विपरीत करते, भोजन का समय टल जाता या उसका परिणाम पूरा न होता अथवा बाजार से कोई वस्तु आई और उन्हें न मिलती, तो वे रोने लगती थीं।

प्रश्न 2.
बूढ़ी काकी को रोना आया लेकिन वे रो न सकीं। क्यों?
उत्तर
बूढ़ी काकी को रोना आया, लेकिन वे रो न सकीं क्योंकि उन्हें अपशकुन का भय हो गया था।

प्रश्न 3.
बूढ़ी काकी अपनी कोठरी में क्या पश्चाताप कर रही थी?
उत्तर
बूढ़ी काकी अपनी कोठरी में यह पश्चाताप कर रही थीं कि उन्होंने बड़ी जल्दीबाजी की। मेहमानों के खाने तक तो इंतजार करना ही चाहिए था। मेहमानों से पहले घर के लोग कैसे खाएँगे?

प्रश्न 4.
लाडली ही बूढ़ी काकी के लिए क्यों कुढ़ रही थी?
उत्तर
लाडली ही बूढ़ी काकी के लिए कुढ़ रही थी, क्योंकि उसे ही उनसे अत्यधिक प्रेम था।

प्रश्न 5.
रूपा ने रुद्ध कंठ से क्या कहा?
उत्तर
रूपा ने रुद्ध कंठ से कहा, “काकी उठो, भोजन कर लो। मुझसे आज बड़ी भूल हुई। उसका बुरा न मानना। परमात्मा से प्रार्थना कर दो कि वह मेरा अपराध क्षमा कर दें।”

बूढ़ी काकी दीर्य उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
बूढ़ी काकी को भरपेट भोजन बड़ी कठिनाई से क्यों मिलता था?
उत्तर
बूढ़ी काकी ने अपनी सारी सम्पत्ति अपने भतीजे बुद्धिराम को लिख दी। थी। सम्पत्ति लिखाते समय बुद्धिराम ने खूब लंबे-चौड़े वादे किए थे, लेकिन वे खोखले साबित हुए। बुद्धिराम की कृपणता ही इसके मूल में रही। उसी के फलस्वरूप वे बूढ़ी काकी के भोजन में कमी रखने का प्रयास करना नहीं भूलते थे।

प्रश्न 2.
बूढ़ी काकी प्रतीक्षा की घड़ी कैसे बिता रही थीं?
उत्तर
बूढ़ी काकी को एक-एक पल एक-एक युग के समान मालूम होता था। अब पत्तल बिछ गई होंगी। अब मेहमान आ गए होंगे। लोग हाथ-पैर धो रहे हैं. नाई पानी दे रहा है। मालूम होता है लोग खाने बैठ गए। जेवनार गाया जा रहा है, यह विचार कर वह मन को बहलाने के लिए लेट गई। धीरे-धीरे एक गीत गुनगुनाने लगी। उन्हें मालूम हुआ कि मुझे गाते देर हो गई। क्या इतनी देर तक लोग भोजन कर ही रहे होंगे? किसी की आवाज नहीं सुनाई देती। अवश्य ही लोग खा-पीकर चले गए। मुझे कोई बुलाने नहीं आया। रूपा चिढ़ गई। क्या जाने न बुलाए, सोचती हो कि आप ही आवेगी। वह कोई मेहमान तो नहीं जो उन्हें बुलाऊँ। बूढ़ी काकी चलने के लिए तैयार हुई।

प्रश्न 3.
बुद्धिराम ने बूढ़ी काकी के प्रति क्या कठोरता दिखाई?
उत्तर
बुद्धिराम ने जब बूढ़ी काकी को मेहमानों के बीच में देखा तो उनको क्रोध आ गया। वे इससे अपने को संभाल न सके। हाथ में लिए हए पूड़ियों के थाल को उन्होंने जमीन पर पटक दिया। फिर जिस तरह कोई निर्दय महाजन अपने किसी बेईमान और भगोड़े आसामी को देखते ही लपककर उसका टेंटुआ पकड़ लेता है। उसी तरह से उन्होंने भी बुढ़ी काकी के दोनों हाथों को कसकर पकड़ लिया। फिर उन्हें घसीटते हुए उनकी उसी अँधेरी कोठरी में लाकर पटक दिया।

प्रश्न 4.
रूपा ने अपनी गलती का पञ्चाताप किस प्रकार किया?
उत्तर
रूपा ने अपनी गलती का पश्चाताप इस प्रकार किया
“हाय कितनी निर्दयी हूँ! जिसकी सम्पत्ति से मुझे दो सौ रुपया वार्षिक आय हो रही है। उसकी यह दुर्गति! और मेरे कारण! हे दयामय भगवान! मुझसे बड़ी भारी चूक हुई है। मुझे क्षमा करो। आज मेरे बेटे का तिलक था। सैकड़ों मनुष्यों ने भोजन किया। मैं उनके इशारों की दासी बनी रही। अपने नाम के लिए सैकड़ों रुपए व्यय कर दिए, परंतु जिनकी बदौलत हजारों रुपए खाए, उसे इस उत्सव में भरपेट भोजन न दे सकी। केवल इसी कारण कि वह वृद्धा है, असहाय है।”

प्रश्न 5.
रूपा ने बूढ़ी काकी से अपने अपराध के क्षमा के लिए क्या किया?
उत्तर
आधी रात जा चुकी थी। आकाश पर तारों के थाल सजे हुए थे। और उन पर बैठे हुए देवगण स्वर्गीय पदार्थ सजा रहे थे। परंतु उनमें किसी को वह परमानंद प्राप्त न हो सकता था, जो बूढ़ी काकी को अपने सम्मुख थाल देखकर प्राप्त हुआ। रूपा ने कंठावरुद्ध स्वर में कहा, “काकी उठो, भोजन कर लो। मुझसे आज बड़ी भूल हुई, उसका बुरा न मानना। परमात्मा से प्रार्थना कर दो कि वह मेरा अपराध क्षमा कर दें।” भोले-भोले बच्चों की भाँति जो मिठाइयाँ पाकर मार और तिरस्कार सब भूल जाता है, बूढ़ी काकी वैसे सब भुलाकर बैठी हुई खाना खा रही थीं। उनके एक-एक रोएँ से सच्ची सदिच्छाएँ निकल रही थीं और रूपा बैठी इस स्वर्गीय दृश्य का आनंद लूटने में निमग्न थी।

बूढ़ी काकी लेखक-परिचय

प्रश्न
प्रेमचंद का संक्षिप्त जीवन-परिचय देते हुए उनके साहित्य के महत्त्व पर प्रकाश डालिए।
उत्तर
जीवन-परिचय-प्रेमचंद का जन्म उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी जिले के लमही गाँव में सन् 1880 ई. में हुआ था। उनका वास्तविक नाम धनपतराय था, परन्तु आप साहित्य के क्षेत्र में प्रेमचंद नाम से प्रसिद्ध हुए। छोटी आयु में पिता की मृत्यु हो जाने से उनका जीवन गरीबी में बीता था। मैट्रिक पास करने के पश्चात् आपने स्कूल में अध्यापन कार्य किया। उसके बाद स्वाध्याय से बी.ए. की परीक्षा पास की और शिक्षा विभाग में सब-इंस्पेक्टर पद पर कार्य किया। कुछ समय के बाद वहाँ से भी त्याग-पत्र दे दिया और आजीवन साहित्य-सेवा में लगे रहे। बीमारी के कारण 56 वर्ष की आय में सन् 1936 में आपका देहान्त हो गया।
साहित्यिक सेवा-प्रेमचंद ने सर्वप्रथम नवाबराय के नाम से उर्दू में लिखना आरंभ किया था।

उनका ‘सोजेवतन’ नामक कहानी-संग्रह तत्कालीन अंग्रेजी सरकार ने जब्त कर लिया और नवाबराय पर अनेक प्रतिबंध लगा दिए। इसके बाद आपने हिंदी में प्रेमचंद के नाम से लिखना आरंभ किया। आपके साहित्य का मुख्य स्वर समाज-सुधार है। आपने समाज-सुधार और राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत कई उपन्यास और लगभग तीन सौ कहानियाँ लिखी हैं। उन्होंने अपने साहित्य में किसानों की दशा, सामाजिक बंधनों में तड़पती नारियों की वेदना और वर्ण-व्यवस्था की कठोरता के भीतर संत्रस्त हरिजनों की पीड़ा का मार्मिक चित्रण किया है।

भाषा-शैली-प्रेमचंद की भाषा साधारण बोल-चाल की भाषा है। इसमें उर्द, फारसी. अंग्रेजी तथा तत्सम, तदभव शब्दों के साथ-साथ देशज शब्दों का प्रयोग भी मिलता है। इनकी भाषा मुहावरे-लोकोक्तियों और सूक्तियों से युक्त है। हास्य-व्यंग्य के छींटे भाषा को जीवंत बनाए रखते हैं। उन्होंने वर्णनात्मक, आत्मकथात्मक आदि शैलियों का प्रयोग किया है।

रचनाएँ-उपन्यास-सेवासदन, निर्मला, रंगभूमि, कर्मभूमि, गबन और गोदान आदि प्रसिद्ध उपन्यास हैं।

नाटक-कर्बला, संग्राम और प्रेम की बेदी।

निबंध-संग्रह-कुछ विचार संग्रह। सामाजिक और राजनीतिक निबंधों का संग्रह ‘विविध-प्रसंग’ नाम से तीन भागों में प्रकाशित है।

उन्होंने हंस, मर्यादा और जागरण पत्रिकाओं का संपादन किया।कहानी-प्रेमचंद ने अनेक प्रसिद्ध कहानियों की रचना की। उन्होंने लगभग तीन सौ कहानियाँ लिखीं। उनकी कहानियाँ ‘मानसरोवर’ नाम से आठ भागों में संग्रहीत हैं। संक्षेप में यह कहा जा सकता है कि प्रेमचंद का साहित्यिक महत्त्व बहुत अधिक है। फलस्वरूप वे युग-युग तक आने वाली साहित्यिक पीढ़ी को प्रेरित करते रहेंगे।

बूढ़ी काकी कहानी का सारांश

प्रश्न
प्रेमचंद-लिखित कहानी ‘बूढ़ी काकी’ का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर
प्रेमचंद-लिखित कहानी ‘बूढ़ी काकी’ एक सामाजिक-पारिवारिक कहानी है। इसमें वृद्धों की मानसिक स्थितियों को सामने लाने का प्रयास किया गया है। इस कहानी का सारांश इस प्रकार है बूढ़ी काकी जीभ का स्वाद न पूरा होने पर गला फाड़-फाड़कर रोने लगती थी। उनके पतिदेव और जवान बेटे की मौत के बाद उनका भतीजा बुद्धिराम ही उनका अपना था। उसी के नाम उन्होंने अपनी सारी सम्पत्ति लिख दी। सम्पत्ति लिखाते समय बुद्धिराम ने उनकी देखभाल के लम्बे-चौड़े वादे किए थे, लेकिन बाद में वे वादे खोखले साबित होने लगे। बुद्धिराम इतने सज्जन थे कि उनके कोष पर कोई आंच न आए।

उनकी पत्नी रूप-स्वभाव से तीव्र होने पर भी ईश्वर से डरती थी। बढी काकी अपनी जीभ के स्वाद या अपनी भूख मिटाने के लिए किसी की परवाह किए बिना रोती-चिल्लाती थीं। बच्चों के चिढ़ाने पर वह उन्हें गालियाँ देने लगती थीं। रूपा के आते ही वह शान्त हो जाती थीं। पूरे परिवार में बूढ़ी काकी से बुद्धिराम की छोटी लड़की लाडली ही प्रेम संबंध रखती थी। वह अपने खाने-पीने की चीजों में से कुछ चीजें निकालकर चुपके से बूढ़ी काकी को खिला दिया करती थी।

एक दिन बुद्धिराम के लड़के सुखराम का तिलक आया तो मेहमानों के खाने-पीने के लिए तरह-तरह के पकवान-मिठाइयाँ बनाए गए। उनकी सगन्ध से बढ़ी काकी अपनी कोठरी में बैठी हुई बेचैन हो रही थीं। वह एक-एक घड़ी का अंदाजा लगा रही थीं कि इतने देर बाद उन्हें भी वह भोजन मिलेगा। काफी देर बाद जब उनके लिए भोजन लेकर कोई उनके पास नहीं आया, तब उनके धैर्य का बाँध टूट गया। वह उक. बैठकर हाथों के बल सरकती हुई बड़ी कठिनाई से कड़ाह के पास जा बैठीं। उन्हें इस तरह कड़ाह के पास बैठी हुई देखकर रूपा के क्रोध की सीमा न रही। उसने सबके सामने बूढ़ी काकी को खूब खरी-खोटी सुनाई। उसे सुनकर बूढ़ी काकी चुपचाप रेंगती-सरकती हुई अपनी कोठरी में चली गई। किसी के बुलाने की प्रतीक्षा करने लगीं।

बूढ़ी काकी ने बहुत इंतजार किया, लेकिन उन्हें कोई बुलाने नहीं आया। उन्होंने शांत वातावरण से यह अनुमान लगा लिया कि मेहमान खा-पीकर चले गए हैं। मुझे कोई बुलाने नहीं आया तो क्या हुआ। वह मेहमान तो नहीं हैं कि उन्हें कोई बुलाने आएगा। इन्हीं बातों को सोच-समझकर वह पहले की तरह सरकती हुई आँगन में खा रहे मेहमानों के बीच में पहुंच गई। उन्हें देखते ही बुद्धिराम क्रोध से उबल पड़े। उन्होंने बूढ़ी काकी को घसीटते हुए अँधेरी कोठरी में लाकर धम्म से पटक दिया। यह देखकर लाडली को क्रोध तो आया, लेकिन डर से वह कुछ कह न सकी। वह अपने हिस्से की पूड़ियों को सबके सोने के बाद बूढ़ी काकी को खिलाने के लिए उस अँधेरी कोठरी में गई। उसने बूढ़ी काकी को उन पूड़ियों को खाने के लिए सामने रख दिया। उन पूड़ियों को उन्होंने पाँच मिनट में खा लिया। इसके बाद उन्होंने उससे और पूड़ियाँ अपनी माँ रूपा से माँगकर लाने के लिए कहा।

लाडली ने जब अपनी अम्मा से अपने डर की बात कही तब उन्होंने उससे कहा, “मेरा हाथ पकड़कर वहाँ ले चलो, जहाँ मेहमानों ने बैठकर भोजन किया है।” लाडली जब उन्हें वहाँ ले गई, तब उन्होंने पूड़ियों के टुकड़े चुन-चुनकर खाना शुरू किया। नींद खुलने पर रूपा लाडली को खोजती हुई वहाँ पहुँच गई, जहाँ बूढ़ी काकी पूड़ियों के टुकड़े उठा-उठाकर खा रही थीं। उन्हें इस तरह देखकर रूपा काँप उठी। उसे ऐसा लगा, मानो आसमान चक्कर खा रहा है। संसार पर कोई नई विपत्ति आने वाली है। करुणा और भय के आँसुओं से उसने हृदय खोलकर आकाश की ओर हाथ उठाते हुए कहा, “परमात्मा, मेरे बच्चों पर दया करो। इस अधर्म का दंड मुझे मत दो, नहीं तो मेरा सत्यानाश हो जाएगा। मुझे क्षमा करो। आज मेरे बेटे का तिलक था। सैकड़ों मनुष्यों ने भोजन किया। मैं उनके इशारों की दासी बनी रही। अपने नाम के लिए सैकड़ों रुपए खर्च कर दिए। परन्तु जिनकी बदौलत हजारों रुपए खाए, उसे इस उत्सव में भरपेट भोजन न दे सकी। केवल इसी कारण कि वह वृद्धा है, असहाय है।”

रूपा दिया जलाकर भंडार से थाली में सारी सामग्रियाँ सजाकर काकी के पास गई। उसने रुंधे हुए स्वर में कहा, “काकी उठो, भोजन कर लो। मुझसे आज बड़ी भूल हुई, उसका बुरा न मानना। परमात्मा से प्रार्थना कर दो कि वह मेरा अपराध क्षमा कर दे।”
मिठाइयाँ पाकर मार और तिरस्कार भूल जाने वाले भोले-भाले बच्चों की तरह बूढ़ी काकी सब कुछ भुलाकर वह खाना.खा रही थी। उनके रोम-रोम से सदिच्छाएँ निकल रही थीं। रूपा वहाँ बैठी उस स्वगीय आनंद को लूट रही थी।

बूढ़ी काकी संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्या

गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या, अर्थग्रहण एवं विषय-वस्तु पर आधारित प्रश्नोत्तर

1. संपूर्ण परिवार में यदि काकी से किसी को अनुराग था, तो वह बुद्धिराम की छोटी लड़की लाडली थी। लाडली अपने दोनों भाइयों के भय से अपने हिस्से की -मिठाई-चबेना बूढ़ी काकी के पास बैठकर खाया करती थी। वह उसका रक्षागार था और यद्यपि काकी की शरण उनकी लोलुपता के कारण बहुत महँगी पड़ती थी, तथापि भाइयों के अन्याय से वहीं सुलभ थी। इसी स्वार्थानुकूलता ने उन दोनों में प्रेम और सहानुभूति का आरोपण कर दिया था।

शब्दार्थ-अनुराग-प्रेम । लोलुपता-लालच । स्वार्थानुकूलता- स्वार्थ के अनुसार। आरोपण-आरोप लगाना।

प्रसंग-प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘वासंती-हिंदी सामान्य’ में संकलित तथा मुंशी प्रेमचंद-लिखित कहानी ‘बूढ़ी काकी’ से है। इसमें लेखक ने बूढ़ी काकी और लाडली के विषय में बतलाने का प्रयास किया है।

व्याख्या-लेखक का कहना है कि बूढ़ी काकी के प्रति परिवार में किसी को कोई लगाव नहीं था। बूढ़ी काकी का भतीजा बुद्धिराम, उसकी पत्नी रूपा और उसके बच्चे बूढ़ी काकी के प्रति सहानुभूति नहीं रखते थे। अगर उनके प्रति लगाव या सहानुभूति रखने वाला घर का कोई सदस्य था, तो वह थी बुद्धिराम की छोटी लड़की लाडली। वह अपनी सहानुभूति उनके प्रति बराबर दिखाती थी। वह अपना अधिकांश समय उनके पास ही बिताया करती थी। अपने भाइयों से डरी हुई वह अपने हिस्से की मिठाई-चबैना उनके पास बैठकर खाया करती थी। उन्हें देखकर उनको लालच होने लगता था। उनकी लपलपाती हुई जीभ को शांत करने के लिए उसे अपने हिस्से की मिठाई-चबैना के कुछ भाग को दे देना पड़ता है। इससे उसकी उनके प्रति प्रकट की जाने वाली सहानुभूति दुखद साबित होती थी, फिर भी उसे यह अपने भाइयों के बेईमानी से अच्छी लगती थी। इस प्रकार दोनों की स्वार्थपरता ने उन दोनों में प्रेम और सहानुभूति को पैदा कर दिया था।

विशेष-

  1. भाषा तत्सम और तद्भव शब्दों की है।
  2. बाल-स्वभाव और वृद्ध-स्वभाव की समानता का संकेत है।
  3. शैली वर्णनात्मक है।

1. गद्यांश पर आधारित अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

प्रश्न
(i) बूढ़ी काकी से लाडली को क्यों अनुराग था?
(ii) बूढ़ी काकी लाडली को क्यों चाहती थी?
उत्तर
(i) बूढ़ी काकी से लाडली को अनुराग था। यह इसलिए कि वह अपने भाइयों के भय से अपने हिस्से की मिठाई-चबैना बूढ़ी काकी के पास बैठकर निडर हो खाया करती थी।
(ii) बूढ़ी काकी लाडली को चाहती थी। यह इसलिए कि लाडली ही कुछ खिलाकर उनकी लपलपाती हुई जीभ को शांत करती थी।

2. गद्यांश पर आधारित विषय-वस्त से संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न
(i) बूढ़ी काकी और लाडली में परस्पर प्रेम क्यों हो गया था?
(ii) उपर्युक्त गयांश का मुख्य भाव क्या है?
उत्तर
(i) बूढ़ी काकी और लाडली में परस्पर सहानुभूति और प्रेम उन दोनों के परस्पर स्वार्थपूर्ति के फलस्वरूप हो गया था।
(ii) उपर्युक्त गद्यांश का मुख्य भाव है-बाल-स्वभाव और वृद्ध-स्वभाव की समानता को दर्शाना।

2. जिस प्रकार मेढक कॅचए पर झपटता है, उसी प्रकार वह बड़ी काकी पर झपटी और उन्हें दोनों हाथों से झिंझोड़कर बोली, “ऐसे पेट में आग लगे, पेट है या भाड़? कोठरी में बैठते क्या दम घुटता था? अभी मेहमानों ने नहीं खाया, भगवान का भोग नहीं लगा, तब तक धैर्य न हो सका? आकर छाती पर सवार हो गई। जल जाय ऐसी जीभ । दिन-रात खाती न होती, तो न जाने किसकी हाड़ी में मुँह डालती? गाँव देखेगा तो कहेगा, बुढ़िया भरपेट खाने को नहीं पाती, तभी तो इस तरह मुंह बाये फिरती है। डायन, न मरे न माँचा छोड़े। नाम बेचने पर लगी है। नाक कटवाकर दम लेगी। इतना ढूँसती है, न जाने कहाँ भस्म हो जाता है। लो! भला चाहती हो तो जाकर कोठरी में बैठो, जब घर के लोग खाने लगेंगे तब तुम्हें भी मिलेगा। तुम कोई देवी नहीं हो कि चाहे किसी के मुँह में पानी न जाए, परंतु तुम्हारी पूजा पहले हो ही जाए।”

शब्दार्थ-झिंझोड़-झिड़ककर । डायन-राक्षसी।

प्रसंग-पूर्ववत् इसमें लेखक ने उस समय का उल्लेख किया है, जब बढ़ी काकी खाने के लिए अपने धैर्य की सीमा को तोड़ती हुई सबके सामने कड़ाह के पास जा बैठी। उन्हें इस तरह देखकर रूपा ने बहुत तेज फटकार लगाई। उसे बतलाते हुए लेखक ने कहा है।

व्याख्या-बूढ़ी काकी को कड़ाह के सामने बैठी हुई देखकर रूपा के क्रोध की सीमा न रही। उसने सबके सामने ही बूढ़ी काकी पर वैसे ही झपट पड़ी, जैसे मेढक केंचुए पर झपट पड़ता है। उसने उनके दोनों हाथों को कसकर पकड़कर झकझोर दिया। फिर उसने आगबबूला होकर उन्हें फटकारना शुरू कर दिया, “तुम्हें पेट में आग लगी है। तुम्हारा पेट है या भाड़? चुपचाप कोठरी में बैठी रहती तो क्या मरने लगती। तुम्हें इतनी भी समझ नहीं है कि मेहमानों के लिए अभी तो खाना बन रहा है। न पूरा खाना बना और न भगवान को उसे चढ़ाया ही गया, इससे पहले ही छाती पर आकर सवार हो गई। धिक्कार है, तुम्हारी ऐसी जीभ पर। भरपेट भोजन न पाती तो न जाने कहाँ-कहाँ इस लपलपाती जीभ को लिए फिरती। लोग तुम्हें इस तरह देखकर यह अवश्य मान जाएँगे, तुम्हें हम भरपेट नहीं खिलाते हैं। सच ही कहा है-‘डायन, न मरे, न माँचा छोड़े।

3. अब समझ में आ गया कि हम लोगों को बदनाम करने के लिए ऐसा कर रही हो। इसलिए हम लोगों की नाक जब तक नहीं कटवा लेगी, तब तक चुप नहीं बैठेगी। बड़ा अचरज होता है कि लूंस-ठूसकर खाने पर भी खाने के लिए मरती है। अब कान खोलकर सुनो अपनी भलाई चाहती है तो चुपचाप अपनी कोठरी में जाकर बैठ जाओ। घर के लोगों के खाने के समय तुम्हें खिलाया जाएगा। यह अच्छी तरह समझ वह उसका रेंटुआ पकड़कर उससे अपना बकाया वसूल लेने की कोशिश करता है। कुछ इसी प्रकार का कठोर दुर्व्यवहार बुद्धिराम ने बूढ़ी काकी के प्रति किया। उसने बढ़ी काकी के दोनों हाथों को कसकर पकड़ लिया। फिर उन्हें वह घसीटते हुए उनकी उसी अँधेरी कोठरी में लाकर पटक दिया। उसके इस प्रकार के कठोर दुर्व्यवहार से बूढ़ी काकी की आशामयी वाटिका वैसे ही सूख गई, जैसे लू से हरियाली समाप्त हो जाती है।

विशेष-

  1. बुद्धिराम की मनोदशा का स्वाभाविक चित्रण है।
  2. संपूर्ण उल्लेख विश्वसनीय है।
  3. ‘आशा रूपी वाटिका’ में रूपक अलंकार है तो बुद्धिराम की तुलना निर्दय महाजन से किए जाने से उपमा अलंकार है।
  4. शैली दृष्टांत है।
  5. करुण रस का संचार है।

1. गद्यांश पर आधारित अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

प्रश्न-
(i) बुद्धिराम काकी को देखते ही क्रोध से क्यों तिलमिला गए?
(ii) बुद्धिराम ने पूड़ियों के चाल को क्यों पटक दिया?
उत्तर-
(i) बुद्धिराम बूढ़ी काकी को देखते ही क्रोध से तिलमिला गए। यह इसलिए कि उन्हें उस समय खाना खा रहे मेहमानों के बीच बूढ़ी काकी का आना एकदम सहन नहीं हुआ।
(ii) बुद्धिराम ने पूड़ियों के.थाल को पटक दिया। यह इसलिए कि उनका अपने क्रोध पर नियंत्रण न रहा। उन्हें उचित-अनुचित का ध्यान बिल्कुल नहीं रहा।

2. गद्यांश पर आधारित विषय-वस्त से संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न-
(i) बुद्धिराम ने बूढ़ी काकी के प्रति किस प्रकार का व्यवहार किया?
(ii) बुद्धिराम की जगह आप होते तो क्या करते?
उत्तर
(i) बुद्धिराम ने बूढ़ी काकी के प्रति बड़ा ही कठोर और बेगानापन का व्यवहार किया। उसके द्वारा किया गया व्यवहार वैसे ही कठोर था जैसे किसी निर्दय महाजन का अपने बेईमान और भगोड़े आसामी के प्रति होता है।
(ii) बुद्धिराम की जगह अगर हम होते तो बूढ़ी काकी के प्रति शिष्ट और उदार व्यवहार करते। उन्हें समझा-बुझाकर उन्हें उनकी कोठरी में वापस ले जाते।

4. रूपा का हृदय सन्न हो गया। किसी गाय के गर्दन पर छुरी चलते देखकर जो अवस्था उसकी होती वही उस समय हुई। एक ब्राह्मणी दूसरों की जूठी पत्तल टटोले, इससे अधिक शोकमय दृश्य असंभव था। पूड़ियों के कुछ ग्रासों के लिए उनकी चचेरी सासं ऐसा पतित और निकृष्ट कर्म कर रही है। यह वह दृश्य था जिसे देखकर देखने वालों के हृदय काँप उठते हैं। ऐसा प्रतीत होता था मानो जमीन रुक गई, आसमान चक्कर खा रहा है, संसार पर कोई नई विपत्ति आने वाली है। रूपा को क्रोध न आया। शोक के सम्मुख क्रोध कहाँ? करुणा और भय से उसकी आँखें भर आईं। इस अधर्म के पाप का भागी कौन है? उसने सच्चे हृदय से गगनमंडल की ओर हाथ उठाकर कहा-“परमात्मा, मेरे बच्चों पर दया करो। इस अधर्म का दंड मुझे मत दो, नहीं तो हमारा सत्यानाश हो जावेगा।”

शब्दार्च-ग्रास-टुकड़ा। पतित-पापपूर्ण। निकृष्ट-अधम, तुच्छ । प्रतीत होना-जानना ज्ञात होना। सम्मुख-सामने।

प्रसंग-पूर्ववत् । इसमें लेखक ने रूपा की शोकमय दशा का उल्लेख करते हुए कहा है कि

व्याख्या-बूढ़ी काकी को जूठे पत्तलों पर से पूड़ियों के टुकड़ों को उठा-उठाकर खाते हुए देखकर रूपा का कलेजा धक् से रह गया। उसकी उस समय ऐसी अवस्था हो गई थी। जैसे मानों किसी गाय के गर्दन पर कोई छुरी चला रहा है और वह उसे देखकर बिल्कुल हकबक हो रही है। एक ऐसी असहाय और दुखी वृद्धा को जूठी पत्तलों से पूड़ियों के टुकड़ों को टटोल-टटोलकर अपनी भूख मिटाने के लिए ऐसा नीच कर्म करे, इस प्रकार का दृश्य उसके लिए शोकमय और हार्दिक दुखद होने के अतिरिक्त और क्या हो सकता है। उसे स्वयं पर इस बात की ग्लानि हुई कि उसकी चचेरी सास उसकी संपन्नता के बावजूद जूठी पत्तलों के पूड़ियों के कुछ टुकड़ों के लिए इतना नीच और अधम काम कर रही है।

इस प्रकार का दृश्य उसके लिए ही नहीं, अपितु किसी के लिए भी ग्लानिपूर्ण हो सकता है। किसी के लिए दुखद और शोकमय हो सकता है। उस समय रूपा को ऐसा लग रहा था, मानो उसके नीचे की जमीन रुक गई है। आसमान चकरा रहा है। यही नहीं शायद अब कोई नई मुसीबत आने वाली है। इससे उसे क्रोध नहीं आया। उसे तो उस समय शोक ही नहीं अपितु भय और करुणा ने घेर लिया। इससे उसकी आँखें छलछला उठीं। उसे यह नहीं समझ में आ रहा था कि इस अधम पाप का कौन दोषी है? फलस्वरूप उसने बड़ी असहाय होकर आकाश की ओर हाथ उठाकर सच्चे हदय से कहा, “हे प्रभु! आप इस अधम पाप के लिए मुझे क्षमा कर देना। मेरे परिवार पर दया करना। मुझे अगर आप क्षमा नहीं करोगे तो मेरा सारा परिवार बर्बाद हो जाएगा।”

विशेष-

  1. भाषा सरल शब्दों की है।
  2. शैली चित्रमयी है।
  3. मुहावरों के सटीक प्रयोग हैं।
  4. यह अंश मार्मिक है।

1. गद्यांश पर आधारित अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

प्रश्न
(i) रूपा का हृदय सन्न क्यों हो गया?
(ii)-बूढ़ी काकी जूठे पत्तलों पर से पूड़ियों के टुकड़े उठाकर क्यों खा रही थी?
उत्तर
0रूपा का हृदय सन्न हो गया। यह इसलिए कि उसने बूढ़ी काकी को जूठे पत्तलों पर से पूड़ियों के टुकड़े उठाकर खाते हुए देखा। इससे उसे भारी ग्लानि और शोक हुआ कि उसकी ही चचेरी सास इतना अधम काम कर रही है।
(i) बूढ़ी काकी जूठे पत्तलों पर से पूड़ियों के टुकड़े उठाकर खा रही थी। यह इसलिए कि उसका भोजन के लिए बुलाए जाने के लिए और इंतजार करने का धैर्य नहीं रहा। फलस्वरूप उसे इसके सिवा और कोई चारा नहीं दिखाई पड़ा था।

2. गद्यांश पर आधारित विषय-वस्त से संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न
(i) रूपा को क्रोध क्यों नहीं आया?
(ii) रूपा ने परमात्मा से क्यों प्रार्थना की?
उत्तर
(i) रूपा को क्रोध नहीं आया। यह इसलिए कि बूढ़ी काकी का जूठे पत्तलों पर से पूड़ियों के टुकड़ों को उठा-उठाकर खाने का दृश्य उसके लिए ग्लानिपूर्ण और शोकजनक दृश्य था।
(ii) रूपा ने परमात्मा से प्रार्थना की। यह इसलिए कि उसे यह पूरा भरोसा हो गया था कि उसे परमात्मा ही क्षमा कर सकता है और कोई नहीं।

5. रूपा को अपनी स्वार्थपरता और अन्याय इस प्रकार प्रत्यक्ष रूप से कभी न देख पड़े थे। वह सोचने लगी, हाय! कितनी निर्दयी हूँ! जिसकी संपत्ति से मुझे दो सौ रुपया वार्षिक आय हो रही है उसकी यह दुर्गति! और मेरे कारण! हे दयामय भगवान! मुझसे बड़ी भारी चूक हुई है, मुझे क्षमा करो। आज मेरे बेटे का तिलक था। सैकड़ों मनुष्यों ने भोजन पाया। मैं उनके इशारों की दासी बनी रही, अपने नाम के लिए सैकड़ों रुपए व्यय कर दिए, परंतु जिनकी बदौलत हजारों रुपए खाए उसे इस उत्सव में भरपेट भोजन न दे सकी। केवल इसी कारण तो कि वह वृद्धा है, असहाय है।

शब्दार्थ-निर्दयी-कठोर । दुर्गति-दुर्दशा। चूक-भूल । व्यय-खर्च । बदौलत-कारण।

प्रसंग-पूर्ववत्। इसमें लेखक ने रूपा को किस प्रकार अपनी स्वार्थपरता और अन्याय का बोध हुआ, उस पर प्रकाश डालते हुए कहा है कि

व्याख्या-बूढ़ी काकी को जूठे पत्तलों पर से पूड़ियों के टुकड़े उठाकर खाते हुए देखकर रूपा ने अपना अन्याय और अपना स्वार्थ ही माना। उसने इस प्रकार कभी नहीं देखा था। इसका अनुमान भी उसे नहीं था। उसने इसे गंभीरतापूर्वक सोचा-समझा तो यह पाया कि इस अन्याय और स्वार्थ के लिए वही दोषी है। उसकी ही कठोरता से यह हुआ है। उसने हदय से यह स्वीकार किया कि बूढ़ी काकी की ही दी हुई संपत्ति से उसे जो दो सौ रुपए की सालाना आमदनी हो रही है, उसी की इस प्रकार की दुर्दशा हो रही है। उसके लिए वही अपराधी है। इस प्रकार दुखी होकर उसने ईश्वर से अपनी इस कठोरता और अन्याय के लिए क्षमा माँगी। उसने यह पश्चाताप कि उसके बेटे के तिलक के सुअवसर पर अनेक लोगों ने तरह-तरह के भोजन किए। सैकड़ों रुपए उसने अनेक लिए खर्च भी किए। लेकिन यह बड़ी अफसोस की बात है कि जिसके कारण उसने खर्च किए और जिसके दिए-किए से आज वह सुखी-संपन्न है, उसी को इस दुर्दशा में डाल रही है। क्या इसलिए कि वह एक ऐसी वृद्धा है, जिसका कोई सहारा नहीं है।

विशेष

  1. संपूर्ण कथन मार्मिक है।
  2. करुण रस का संचार है।
  3. भाव यथार्थपूर्ण और विश्वसनीय है।
  4. भावात्मक शैली है।

1. गद्यांश पर आधारित अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

प्रश्न
(i) रूपा की स्वापरता और अन्याय क्या वा?
(ii) रूपा से बड़ी भारी चूक क्या हुई?
उत्तर
(i) रूपा की स्वार्थपरता और अन्याय यही था कि वह बूढ़ी काकी की संपत्ति से पल-बढ़ रही थी, फिर भी वह बूढ़ी काकी को जूठे पत्तलों से पूड़ियों के टुकड़े खाने के लिए मजबूर दुर्दशा में डाल रही थी।
(ii) रूपा से बड़ी भारी यह चूक हुई कि बूढ़ी काकी की संपत्ति से दो सौ रुपए की सालाना आमदनी पाकर भी उन्हें दाने-दाने के लिए लाचार बना रही थी।

2. गद्यांश पर आधारित विषय-वस्तु से संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न
(i) रूपा ने भगवान से क्या क्षमा माँगी?
(ii) रूपा को किस बात का सबसे अधिक अफसोस हुआ?
उत्तर
(i) रूपा ने भगवान से यह कहा कि बूढ़ी काकी की दुर्गति कर उससे बड़ी भारी चूक हुई। वह इसके लिए उसे क्षमा कर दे।
(ii) रूपा को इस बात का सबसे अधिक अफसोस हुआ कि जिनकी बदौलत हजारों रुपए खाये, उसे ही वह इस उत्सव में भरपेट भोजन न दे सकी। केवल इसलिए कि वह वृद्धा है और बेसहारा है।

MP Board Class 9th Hindi Solutions

MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व

MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व

p-ब्लॉक के तत्त्व NCERT पाठ्यनिहित प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
ट्राइहैलाइडों की अपेक्षा पेंटाहैलाइड अधिक सहसंयोजी क्यों होते हैं ?
उत्तर
केन्द्रीय परमाणु की जितनी अधिक धनात्मक ऑक्सीकरण अवस्था होगी उसकी ध्रुवण क्षमता उतनी ही अधिक होगी। जिसके कारण केन्द्रीय परमाणु और हैलोजन परमाणु के मध्य बने बन्ध का सहसंयोजी लक्षण बढ़ जाता है। पेन्टाहैलाइड में केन्द्रीय परमणु +5 ऑक्सीकरण अवस्था में है जबकि ट्राइहैलाइड में यह +3 ऑक्सीकरण अवस्था में है। अतः ट्राइहैलाइडों की अपेक्षा पेन्टाहैलाइड अधिक सहसंयोजी होते हैं।

प्रश्न 2.
वर्ग-15 के तत्वों के हाइड्राइडों में BiH3 सबसे प्रबल अपचायक क्यों है ?
उत्तर
वर्ग-15 के सभी तत्वों में Bi परमाणु सबसे बड़ा है। अत: Bi-H आबन्ध दूरी सबसे अधिक और Bi-H बन्ध वियोजन एन्थैल्पी सबसे कम है। यही कारण है कि Bi-H बन्ध, वर्ग के दूसरे हाइड्राइडों की तुलना में आसानी से वियोजित (टूट) हो जाता है जिसके कारण BiH3 सबसे प्रबलतम अपचायक है।

प्रश्न 3.
N2 कमरे के ताप पर कम क्रियाशील क्यों है ?
उत्तर
N ≡ N में आबंध एन्थैल्पी उच्च होती है ऐसा pπ-pπ आबंध के कारण है अत: N2 कम क्रियाशील है। यह केवल उच्च ताप पर क्रियाशील होता है।

प्रश्न 4.
अमोनिया की लब्धि को बढ़ाने के लिये आवश्यक स्थितियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर
व्यापक स्तर पर अमोनिया हैबर प्रक्रम द्वारा बनाई जाती है।

N2(g) +3H2(g) ⇌ 2NH3(g)fH°= -92.4 kJ mol-1

ली-शातेलिए नियम के अनुसार, उच्च दाब अमोनिया निर्मित करने के लिए अनुकूल होता है। अमोनिया उत्पादन के लिए अन्य अनुकूलतम परिस्थितिया निम्न प्रकार हैं –

  • ताप- लगभग 700 K
  • दाब- 200 वायुमण्डलीय दाब या 200 x 105Pa
  • उत्प्रेरक-आयरन ऑक्साइड
  • वर्धक-मॉलिब्डेनम, MO या K2O तथा Al2O3

प्रश्न 5.
Cu2+ विलयन के साथ अमोनिया कैसे क्रिया करती है ?
उत्तर
अमोनिया Cu2+ आयन के नीले रंग के विलयन से क्रिया करता है तथा गहरे नीले रंग का विलयन बनाता है।

Cu+2(aq) +4NH3(aq) ⇌ [Cu(NH3)4]2+(aq)

प्रश्न 6.
N2O5 में नाइट्रोजन की सहसंयोजकता क्या है ? ।
उत्तर
N2O5 की संरचना से ज्ञात होता है कि N2O5 में N की सहसंयोजकता चार है।
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 1

प्रश्न 7.
PH3 से PH+4 का आबंध कोण अधिक है, क्यों ?
उत्तर
PH3 व PH+4 में P की संकरण अवस्था sp3 है। PH4+ आयन में चारों उपकक्षक आबंधित है। जबकि PH3 में फॉस्फोरस पर इलेक्ट्रॉन युग्म होता है जो कोण के मान को प्रतिकर्षण के कारण कम करते हैं। सामान्यतया 109°2s’. से कम होता है।
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 2

प्रश्न 8.
क्या होता है जब श्वेत फॉस्फोरस को CO2के अक्रिय वातावरण में सान्द्र कॉस्टिक सोडा विलयन के साथ गर्म करते हैं ?
उत्तर
श्वेत फॉस्फोरस को CO2 के अक्रिय वातावरण में सान्द्र कॉस्टिक सोडा विलयन के साथ गर्म करने पर PH3 (फॉस्फीन)उत्पन्न होती है।
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 3

प्रश्न 9.
क्या होता है जब PCl5 को गर्म करते हैं ?
उत्तर
PCl5 में 5P-Cl बन्ध है जिसमें तीन निरक्षीय P-Cl आबन्ध (लम्बे) तथा दो अक्षीय आबन्ध छोटे हैं। दोनों अक्षीय आबन्ध, निरक्षीय आबन्धों से बड़े होते हैं क्योंकि निरक्षीय आबन्ध युग्मों की तुलना में अक्षीय आबन्ध युग्मों पर अधिक प्रतिकर्षण होता है। जब PCl5 को गर्म किया जाता है तो कम स्थायी दोनों अक्षीय आबन्ध टूट जाते हैं तथा PCl3 बनता है।
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 4
हल्का गर्म करने पर PCl5 उर्ध्वपातित हो जाता है परन्तु अधिक गर्म करने से वियोजित हो जाता है।

प्रश्न 10.
PCl5 की भारी पानी में जल अपघटन अभिक्रिया का संतुलित समीकरण लिखिए।
उत्तर
PCl5 + D2O → POCl3 + 2DCl.

प्रश्न 11.
H3PO4 की क्षारकता क्या है ?
उत्तर
H3PO4 अणु में P-OH तीन आबंध होते हैं। इसलिए यह तीन क्षारकता दर्शाता है।
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 5

प्रश्न 12.
क्या होता है जब H3PO3 को गरम करते हैं ?
उत्तर
गरम करने पर H3PO4 असमानुपातिक गुण दर्शाता है तथा यह असमानुपातिक होकर आर्थोफॉस्फोरिक अम्ल तथा फॉस्फीन देता है।
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 6

प्रश्न 13.
सल्फर के महत्वपूर्ण स्रोतों को सूचीबद्ध कीजिए।
उत्तर-
सल्फर की उपलब्धता तथा स्रोत भूपर्पटी में सल्फर की उपलब्धता केवल 0.03 से 0.1% है। संयुक्त अवस्था में निम्न रूपों में पाई जाती हैं –

(i) सल्फेटों के रूप में-उदाहरण- जिप्सम (CaSO4. 2H2O), एप्सम लवण (MgSO4.7H2O), बेराइट (BaSO4).
(ii) सल्फाइड़ों के रूप में- उदाहरण- गेलेना (PbS), यशद ब्लैंड (ZnS), कॉपर पाइराइट (CuFeS2)
सल्फर की सूक्ष्म मात्रा ज्वालामुखी में हाइड्रोजन सल्फाइड के रूप में पाई जाती है। कार्बनिक पदार्थों जैसे –
अंडे, प्रोटीन, लहसुन, प्याज, सरसों, बाल तथा ऊन में सल्फर होती है।

प्रश्न 14.
वर्ग-16 के तत्वों के हाइड्राइडों के तापीय स्थायित्व के क्रम को लिखिये।
उत्तर
वर्ग-16 के तत्वों के हाइड्राइडों का तापीय स्थायित्व H-E आबन्ध वियोजन एन्थैल्पी के अनुक्रमानुपाती होता है। वर्ग में नीचे जाने पर, आबन्ध वियोजन एन्थैल्पी घटती है क्योंकि आबन्ध लम्बाई बढ़ती है। अतः आबन्ध वियोजन एन्थैल्पी का घटता हुआ क्रम निम्न है

H2O > H2S > H2Se > H2Te > H2Po.

तापीय स्थायित्व का क्रम भी इसी प्रकार है।

प्रश्न 15.
H2O एक द्रव तथा H2S गैस क्यों है ?
उत्तर
H2O के अणुओं के मध्य प्रबल हाइड्रोजन बंध उपलब्ध होता है जबकि H2S अणुओं के मध्य हाइड्रोजन आबंध नहीं होता अतः जल द्रव है तथा H2S गैस।

प्रश्न 16.
निम्नलिखित में से कौन-सा तत्व ऑक्सीजन के साथ सीधे अभिक्रिया नहीं करता –
Zn, Ti, Pt, Fe.
उत्तर
Pt नोबल धातु होने के कारण ऑक्सीजन से सीधे क्रिया नहीं करता। Zn, Ti तथा Fe सक्रिय धातु होने के कारण ऑक्सीजन से सीधे क्रिया करते हैं।
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 7

प्रश्न 17.
निम्नलिखित अभिक्रियाओं को पूर्ण कीजिए –
(i) C2H4 + O2
(ii) 4Al + 3O2
उत्तर
(i) C2H4 + 3O2 → 2CO2(g) + 2H2O
(ii) 4Al + 3O2 → 2Al2O3

प्रश्न 18.
O3 एक प्रबल ऑक्सीकारक की तरह क्रिया क्यों करती है ?
उत्तर
O3 एक प्रबल ऑक्सीकारक है क्योंकि यह आसानी से नवजात ऑक्सीजन मुक्त करती है।
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 8

प्रश्न 19.
O3 का मात्रात्मक आकलन कैसे किया जाता है ?
उत्तर
जब ओजोन को पोटैशियम आयोडाइड विलयन की अधिकता में क्रियाशील किया जाता है तब आयोडीन उत्पन्न होती है । जब उत्पन्न आयोडीन I2 को सोडियम थायोसल्फेट से क्रियाशील किया जाता है तब मात्रात्मक रूप से O3 गैस की गणना करता है।

2I+H2O(l) + O3(g) → 2OH(aq) + I2(s) + O2(g)

प्रश्न 20.
तब क्या होता है जब सल्फर डाइऑक्साइड को Fe(III) लवण के जलीय विलयन में से प्रवाहित करते हैं ?
उत्तर
Fe (III) आयन विलयन से SO2 गैस को गुजारा जाता है तब Fe (III) आयन अपचयित होकर Fe (II) आयन में बदल जाते हैं।

2Fe+3 + SO2 + 2H2O → 2Fe+2 + SO42- + 4H+

प्रश्न 21.
दो S-O आबन्धों की प्रकृति पर टिप्पणी कीजिए जो SO2 अणु बनाते हैं क्या SO2 अणु के ये दोनों S-O आबन्ध समतुल्य हैं ?
उत्तर
SO2 अणु में दोनों S-O बन्धों की प्रकृति सहसंयोजी है। दोनों की आबन्ध लम्बाई (143 pm) समान है। यह दो विहित रूपों का अनुनाद संकर है। (संरचना के लिये पाठ्यपुस्तक देखें)

प्रश्न 22.
SO2 की उपस्थिति का पता कैसे लगाया जाता है ?
उत्तर
यह तीखी गंध वाली रंगहीन गैस है। इसकी उपस्थिति का पता निम्न दो परीक्षणों द्वारा किया जाता है –
(a) यह अम्लीय पोटैशियम परमैंगनेट (VII) विलयन को रंगहीन कर देती है।
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 9
(b) यह अम्लीय पोटैशियम डाइक्रोमेट विलयन का रंग नारंगी से हरा कर देती है।
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 10

प्रश्न 23.
उन तीन क्षेत्रों का उल्लेख कीजिए जिनमें H2SO4 महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
उत्तर
H2SO4 के उपयोग –

  • इसका उपयोग वर्णकों, प्रलेपों तथा रंजकों के मध्यवर्तियों के उत्पादन में किया जाता है।
  • यह पेट्रोलियम के शोधन में प्रयोग किया जाता है।
  • इसका उपयोग उर्वरकों के उत्पादन में किया जाता है।

प्रश्न 24.
संस्पर्श प्रक्रम द्वारा H2SO4 की मात्रा में वृद्धि करने के लिए आवश्यक परिस्थितियों को लिखिए।
उत्तर
सम्पर्क विधि द्वारा H2SO4 उत्पादन की मुख्य रासायनिक समीकरण निम्न है –

2SO2(g)+ O2(g) ⇌ 2SO3(g)fH°= -1966kJmol-1)

अभिक्रिया उत्क्रमणीय, ऊष्माक्षेपी तथा आयतन के घटते क्रम में प्रेरित होती है।
∴ कम, ताप व उच्च दाब, प्रभावी कारक है H2SO4 के उत्पादन में लेकिन ताप बहुत कम नहीं होना चाहिए। नहीं तो अभिक्रिया धीमी हो जाएगी।
अतः 720 K ताप व 2 बार वायुदाब तथा V2O5 उत्प्रेरक अभिक्रिया को यदि प्रदान करता है।

प्रश्न 25.
जल में H2SO2 के लिए \(K_{a_{2}}<<K_{a_{1}}\) क्यों है ?
उत्तर
जल में H2SO4 प्रबल अम्ल है क्योंकि आयनित होकर H3O+ तथा HSO4 आयन बनाता है। HSO4(aq); से H3O+ बनने की आयतन मान कम है जब अत: \(K_{a_{2}}<<K_{a_{1}}\)
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 11

प्रश्न 26.
आबन्ध वियोजन एन्थैल्पी, इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी तथा जलयोजन एन्थैल्पी जैसे प्राचलों को महत्व देते हुए F2 तथ Cl2 की ऑक्सीकारक क्षमता की तुलना कीजिए।
उत्तर
F2 तथा Cl2 के तुलनात्मक परमाण्विक गुण
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 12

उपरोक्त आँकड़ों से स्पष्ट है कि आबन्ध वियोजन एन्थैल्पी तथा इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी के मान क्लोरीन के लिए उच्च हैं लेकिन जलयोजन एन्थैल्पी का मान फ्लुओरीन के लिए बहुत उच्च है। उन दोनों के प्रभावों की क्षतिपूर्ति करता है। यह मान ही फ्लुओरीन को क्लोरीन की तुलना में प्रबल ऑक्सीकारक बनाता है।
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 13

हैलोजनों की तुलनात्मक ऑक्सीकारक सामर्थ्य को उनकी जल के साथ अभिक्रिया से और अधिक समझा जा सकता है।

2F2(g) +2H2O(l) → 4H+(aq) + 4F(aq) + O2(g)
Cl2(g) +H2O (l) → HCl (aq) + HOCl(aq)

प्रश्न 27.
दो उदाहरणों द्वारा फ्लुओरीन के असामान्य व्यवहार को दर्शाइये।
उत्तर
फ्लुओरीन के दो असामान्य व्यवहार इस प्रकार हैं –
(i) यह केवल एकमात्र ऑक्सी-अम्ल बनाती है जबकि अन्य हैलोजन अनेक ऑक्सी-अम्ल बनाते हैं।
(ii) प्रबल हाइड्रोजन बन्ध के कारण हाइड्रोजन फ्लुओराइड (HF) द्रव है (क्वथनांक 293 K) जबकि दूसरे हाइड्रोजन हैलाइड गैस हैं।

प्रश्न 28.
समुद्र कुछ हैलोजन का मुख्य स्रोत है। टिप्पणी कीजिए।
उत्तर
हैलोजन के लिए महासागर प्रमुख स्रोत है समुद्री जल में क्लोराइड, ब्रोमाइड और आयोडीन के लवण मिलते हैं। जब पानी को सुखाया जाता है तब लवणों को प्राप्त करते हैं।
KCl, MgCl2. 6H2O. तथा 0.5% मात्रा में आयोडीन।

प्रश्न 29.
Cl2 की विरंजक क्रिया का कारण बताइये।
उत्तर
क्लोरीन की विरंजन क्रिया ऑक्सीकरण के कारण है। जब क्लोरीन जल से क्रिया करती है तो यह नवजात ऑक्सीजन देती है जो रंगीन पदार्थों को विरंजित करती है।

Cl2 +H2O → 2HCl + [O]
रंगीन पदार्थ + [O] → रंगहीन पदार्थ

लोरीन का विरंजक प्रभाव स्थायी होता है। यह नमी की उपस्थिति में वानस्पतिक अथवा कार्बनिक पदार्थों को विरंजित करती है।

प्रश्न 30.
उन कुछ विषैली गैसों के नाम बताइये जो क्लोरीन गैस से बनाई जाती है।
उत्तर
(i) फॉस्जीन (COCl2)
(ii) अश्रुगैस (CCl3.NO2)
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 14

प्रश्न 31.
I2 की अपेक्षा ICl अधिक क्रियाशील क्यों है ?
उत्तर
ICl में उपस्थित, I-Cl आबन्ध, I2 में उपस्थित I-Iआबन्ध की तुलना में दुर्बल होते हैं। अतः ICl, I2 की तुलना में अधिक क्रियाशील है।

प्रश्न 32.
हीलियम को गोताखोरी के उपकरणों में उपयोग क्यों किया जाता है ?
उत्तर
रक्त में बहुत कम विलेयता के कारण हीलियम का उपयोग गोताखोरी के उपकरणों में किया जाता है।

प्रश्न 33.
निम्नलिखित समीकरण को संतुलित कीजिए –

XeF6 + H2O →XeO2F2 + HF
उत्तर
XeF6 + 2H2O →XeO2F2 + 4HF.

प्रश्न 34.
रेडॉन के रसायन का अध्ययन करना कठिन क्यों था?
उत्तर
रेडॉन एक रेडियोधर्मी तत्व है जिनकी अर्धआयु बहुत कम है अत: इनकी रासायनिक शास्त्र को समझना कठिन है।

p-ब्लॉक के तत्त्व NCERT पाठ्य-पुस्तक प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
वर्ग 15 के तत्वों के सामान्य गुणधर्मों को उनके इलेक्ट्रॉनिक विन्यास, ऑक्सीकरण अवस्था, परमाण्विक आकार, आयनन एन्थैल्पी तथा विद्युत्ऋणात्मकता के संदर्भ में विवेचना कीजिए।
उत्तर
आवर्त सारणी के समूह 15 में पाँच तत्वों-नाइट्रोजन (N), फॉस्फोरस (P), आर्सेनिक (As), एण्टीमनी (Sb) तथा बिस्मथ (Bi) का समावेश है। इन तत्वों को सम्मिलित रूप से ‘प्रिकोजन’ कहा जाता है तथा उनके यौगिकों को ‘प्रिकोनाइड’ कहते हैं। इसका ग्रीक में अर्थ होता है-दम घुटने वाला (क्योंकि वायुमंडल की आयतनानुसार 21% ऑक्सीजन को हटा दिया जाए तो शेष बची नाइट्रोजन में दम तो घुटेगा ही)।

निम्न बिन्दुओं पर इनकी विवेचना इस प्रकार है –

1. इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (Electronic configuration)-इनके संयोजकता कक्ष में पाँच इलेक्ट्रॉन होते हैं तथा इस कक्ष का सामान्य विन्यास ns2np3 से प्रदर्शित होता है। जहाँ, n= 2 से 6 तक होता है। अंतिम से पहले वाले कक्ष में N में 2, फॉस्फोरस में 8 तथा अन्य में 18 इलेक्ट्रॉन होते हैं। np3 में स्थित तीन इलेक्ट्रॉन हुंड के नियम के अनुसार, npx1npy1npz1 के रूप में वितरित होते हैं। यह विन्यास अर्द्धपूरित अवस्था में होने के कारण स्थायित्व प्रदर्शित करता है। यही कारण है कि ये तत्व अधिक क्रियाशीलता प्रदर्शित नहीं करते।

2. आयनन एन्थैल्पी (Ionization enthalpy)-(a) समूह 14 (कार्बन परिवार) के तत्वों की तुलना में समूह 15 (नाइट्रोजन परिवार) के तत्वों की आयनन एन्थैल्पी अपेक्षा से अधिक होती है।
(b) उसी समूह में ऊपर से नीचे जाने पर आयनन एन्थैल्पी घटती है।

3. विद्युत् ऋणविद्युतता (Electronegativity)-समूह 14 के तत्वों की तुलना में समूह 15 के तत्वों की ऋणविद्युतता अधिक होती है। इसका कारण परमाण्विक त्रिज्या का घटना तथा नाभिकीय आवेश का बढ़ना है।

4. परमाण्विक आकार (Atomic shape)-समूह 15 में ऊपर से नीचे जाने पर विद्युत्ऋणता में कमी होती जाती है, इसका कारण परमाणु त्रिज्या का बढ़ना तथा आवरण प्रभाव का बढ़ना है। .

5. ऑक्सीकरण अवस्था (Oxidation state)-समूह 15 के तत्वों का संयोजकता कक्ष का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास ns2np3 होने के कारण इन तत्वों की संभावित ऑक्सीकरण अवस्थाएँ -3, +3 तथा +5 हो सकती हैं।
N तथा P अपने यौगिकों में -3 ऑक्सीकरण अवस्था में होते हैं। इनकी उच्च विद्युत्ऋणता तथा छोटा आकार इसका कारण है। अधिक विद्युत्धनी तत्वों से संयोगकर, ये नाइट्राइड तथा फॉस्फाइड बनाते हैं । जैसे Mg3N2 तथा Mg3P2, जिसमें N तथा P की ऑक्सीकरण अवस्था -3 है।

किंतु समूह में नीचे जाने पर यह प्रवृत्ति कम होती जाती है क्योंकि परमाणु का आकार भी बढ़ता है तथा विद्युत्ऋणता भी घटती हैं अपने से अधिक विद्युत्ऋणी तत्वों से जब ये संयोग करते है, तो धनात्मक ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करने लगते हैं।

फॉस्फोरस तथा आगे के तत्व +3 एवं +5 ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करते हैं। +3 ऑक्सीकरण अवस्था अधिक स्थायी होती है। समूह में नीचे जाने पर +5 ऑक्सीकरण अवस्था का स्थायित्व घटता जाता है।

+5 ऑक्सीकरण अवस्था के लिये ns2np3 के सभी पाँचों इलेक्ट्रॉन निकलना आवश्यक है किंतु समूह में नीचे जाने पर ns2 इलेक्ट्रॉनों की अक्रियता बढ़ती जाती है। यह इलेक्ट्रॉन युग्म अलग नहीं होता, इसलिए इसे

“अक्रिय इलेक्ट्रॉन युग्म” (Inert electron pair) कहते हैं। इसके प्रभाव से मात्र ns3 के तीन इलेक्ट्रॉन निकल पाते हैं जो +3 ऑक्सीकरण अवस्था के लिए जिम्मेदार हैं। जिस प्रभाव के कारण +5 ऑक्सीकरण अवस्था का स्थायित्व समाप्त हो जाता है, उसे अक्रिय युग्म प्रभाव (Inert pair effect) कहते हैं। इसीलिए BiCl3 का अस्तित्व है, BiCl5 का नहीं।

प्रश्न 2.
नाइट्रोजन की क्रियाशीलता फॉस्फोरस से भिन्न क्यों है ?
उत्तर
नाइट्रोजन द्विपरमाणुक रूप में पाया जाता है। नाइट्रोजन के दो परमाणुओं के बीच त्रिबन्ध (N≡N) की उपस्थिति के कारण इसकी आबन्ध वियोजन एन्थैल्पी (941.4 kJ mol-1) अधिक है। इस प्रकार नाइट्रोजन अपने तत्व रूप में अक्रिय है।

इसके विपरीत फॉस्फोरस (श्वेत या पीला) P4 अणु से बना होता है, क्योंकि N≡N त्रिबन्ध की अपेक्षा (941.4 kJ mol-1), P-P एकल बन्ध काफी दुर्बल (213 kJ mol-1) होता है। अतः फॉस्फोरस, नाइट्रोजन की अपेक्षा बहुत अधिक क्रियाशील है।

प्रश्न 3.
वर्ग 15 के तत्वों की रासायनिक क्रियाशीलता की प्रवृत्ति की विवेचना कीजिए।
उत्तर
रासायनिक क्रियाशीलता (Multiple bonding and Chemical reactivity) –
(a) समूह 15 के तत्व क्रियाशीलता के मामले में बहुत भिन्नता रखते हैं। अधिक विद्युत्ऋणी होने के बावजूद नाइट्रोजन अक्रिय है। N2 की अक्रियता का कारण अणु में त्रिबंध का होना तथा अत्यधिक बंधन ऊर्जा (941.4 kJ mol-1) का होना है।

MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 15

फॉस्फोरस की परमाणुकता 4 है। चारों P परमाणु एक चतुष्फलक के शीर्षों पर स्थित होते हैं तथा आपस में जुड़े होते हैं। इस प्रकार से फॉस्फोरस की तीन सहसंयोजकताएँ पूर्ण होती हैं।

sp3 संकरण में बनने वाला 109°28′ का कोण इसमें लुप्त रहता है तथा 60° का कोण होता है। इस वजह से श्वेत रंग का P4 एक अत्यंत ‘तनाव’ युक्त अणु होता है जो इसे सक्रिय बनाता है। दूसरी ओर लाल रंग का फॉस्फोरस खुली श्रृंखला में होने के कारण अपेक्षाकृत निष्क्रिय होता है। As, Sb तथा Bi भी क्रियाशील नहीं है।।

(b) दो नाइट्रोजन परमाणुओं के बीच Pπ-Pπ बंध के कारण त्रिबंध होता है। फॉस्फोरस में Pπ-Pπ बंध संभव है। ऐसे बंधन मुक्त यौगिकों के उदाहरण – POX3,RN = PX3,R3P = O,R3P = CR2 (R = एल्किल समूह)।

फॉस्फोरस तथा आर्सेनिक में Pπ-Pπ बंध भी बनाने की क्षमता है। ऐसा ये संक्रमण तत्वों के साथ करते हैं। :P(C2H5), तथा :As(C6H5)3 लिगेण्ड के रूप में रहकर संक्रमण धातु के साथ यह बंध बनाते हैं। अभी हाल में P = C, P≡ C, P = N, P = P तथा As = As समूहों से युक्त यौगिकों का भी संश्लेषण किया गया है।

प्रश्न 4.
NH3 हाइड्रोजन बंध बनाती है। परंतु PH3नहीं बनाती क्यों ?
उत्तर
नाइट्रोजन और हाइड्रोजन की विद्युत्ऋणात्मकताओं में अपेक्षाकृत अधिक अन्तर होने से इनके बीच बने सहसंयोजी बन्ध की प्रकृति ध्रुवीय है। यही कारण है कि NH3 अणुओं के बीच H-आबन्ध बनाता है।

MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 16

फॉस्फोरस तथा हाइड्रोजन की विद्युतऋणात्मकताएँ समान हैं यही कारण है कि P-H सहसंयोजी बन्ध अध्रुवीय होता है। अतः PH3 अणुओं के बीच H-आबन्ध नहीं बनते हैं।

प्रश्न 5.
प्रयोगशाला में नाइट्रोजन कैसे बनाते हैं ? संपन्न होने वाली अभिक्रिया के रासायनिक समीकरणों को लिखिए।
उत्तर
(i) N2 के विरचन की प्रयोगशाला विधि – जलीय अवस्था में अमोनियम क्लोराइड और सोडियम नाइट्राइट क्रिया कर N2 बनाते हैं। अभिक्रिया में थोड़ी मात्रा में NO और HNO3 बनाता है जिन्हें H2SO4 और K2Cr2O7 की क्रिया से हटाया जाता है।
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 17
प्रश्न 6
अमोनिया का औद्योगिक उत्पादन कैसे किया जाता है?
उत्तर
अमोनिया निर्माण की हैबर विधि
(a) सिद्धान्त – एक आयतन नाइट्रोजन गैस और तीन आयतन हाइड्रोजन गैस आपस में क्रिया करके अमोनिया बनाती है। यह एक ऊष्माक्षेपी क्रिया है। इसमें अमोनिया के बनने से आयतन में कमी होती है, क्योंकि कुल चार आयतन अभिकारक से दो आयतन क्रियाफल प्राप्त होते हैं । अतः ली-शातेलिये के सिद्धान्त के अनुसार अमोनिया के अधिक उत्पादन हेतु N2 तथा H2 का अधिक सान्द्रण कम ताप एवं उच्च दाब ही उपयुक्त परिस्थिति होगी।
(b) अभिक्रिया का समीकरण –
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 18

(c) विधि-वायु को, शुद्ध N2 तथा वॉटर गैस से प्राप्त H2 को क्रमशः 1 : 3 अनुपात में मिलाकर 200 वायुमण्डलीय दाब से संपीडक में प्रवेश कराते हैं । इसमें Fe चूर्ण एवं उत्प्रेरक वर्धक Mo रखा होता है। इस कक्ष का ताप 450-500°C तक नियंत्रित रखते हैं। उत्प्रेरक कक्ष से निकलने वाली गैसों में 10% से 15% तक NH3 रहती है। इसे संघनित्र की सहायता से ठंडा करके अलग कर लेते हैं। शेष अनुपयुक्त गैस को पम्प की सहायता से पुनः उत्प्रेरक कक्ष में पहुँचा दिया जाता है।

(d) सावधानियाँ-(1) N2 और H2 शुद्ध अवस्था एवं शुष्क अवस्था में होनी चाहिए, क्योंकि अशुद्धियाँ उत्प्रेरक को विषाक्त कर देती हैं । (2) ताप एवं दाब नियन्त्रित होने चाहिए।

(e) क्लोरीन की अधिकता में क्रिया
3Cl2 +8NH3 → N2 + 6NH4Cl.

प्रश्न 7.
उदाहरण देकर समझाइए कि कॉपर धातु HNO3 के साथ अभिक्रिया करके किस प्रकार भिन्न उत्पाद दे सकती है ?
उत्तर-
कॉपर धातु की HNO3 के साथ अभिक्रिया के उत्पाद, प्रयुक्त HNO3 की प्रयोग की जाने वाली सान्द्रता पर निर्भर करते हैं।
(i) कॉपर धातु, तनु HNO3 के साथ अभिक्रिया करके नाइट्रोजन (II) ऑक्साइड देता है।

3Cu + 8HNO3 (तनु) → 3Cu(NO3)2+4H2O + 2NO

(ii) कॉपर धातु, सान्द्र HNO, के साथ अभिक्रिया करके नाइट्रोजन (IV) ऑक्साइड या नाइट्रोजन डाइऑक्साइड NO2 देता है।
Cu + 4HNO3 (सान्द्र) →Cu(NO3)2+ 2H2O + 2NO2

प्रश्न 8.
NO2 तथा N2O5 के अनुनादी संरचनाओं को लिखिए।
उत्तर-
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 19

प्रश्न 9.
HNH कोण का मान, HPH, HAsH तथा HSbH कोणों की अपेक्षा अधिक क्यों है ?
(संकेत-NH3 में sp3संकरण के आधार तथा हाइड्रोजन ओर वर्ग के दूसरे तत्वों के बीच केवल s-p आबंधन के द्वारा व्याख्या की जा सकती है।)
उत्तर
वर्ग-15 के हाइड्राइडों में केन्द्रीय परमाणु E (जहाँ E = N, P, As, Sb, Bi)sp3 संकरित है। वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर इसकी विद्युत्ऋणात्मकता घटती है परन्तु आकार बढ़ता है। जिससे केन्द्रीय परमाणु के चारों ओर बन्धन इलेक्ट्रॉन युग्मों के मध्य प्रतिकर्षण बलों में निरन्तर कमी आती है। इस प्रकार वर्ग के नीचे जाने पर आबन्ध कोण घटता जाता है।
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 78

प्रश्न 10.
R3P = O पाया जाता है जबकि R3N= O नहीं क्यों ( R = ऐल्किल समूह)?
उत्तर- नाइट्रोजन ऑक्सीजन के साथ dπ-pπ बन्ध नहीं बना पाता है क्योंकि इसके संयोजकता कोश में d-कक्षक अनुपस्थित होते हैं। अतः इसकी सहसंयोजकता 3 तक सीमित है। परन्तु, R3N = O में नाइट्रोजन की संयोजकता 5 होनी चाहिये। अतः यह यौगिक नहीं पाया जाता। फॉस्फोरस में d-कक्षक उपस्थिति होता है जिसके कारण यह dπ-pπ बन्ध बना सकता है तथा अपनी सहसंयोजकता 4 से अधिक दिखा सकता है। अतः फॉस्फोरस R3P = O बनाता है जिसमें इसकी सहसंयोजकता 5 है।

प्रश्न 11.
समझाइए कि क्यों NH3 क्षारकीय है जबकि BiH3 केवल दुर्बल क्षारक है।
उत्तर
NH3 और BiH3 में केन्द्रीय परमाणु पर इलेक्ट्रॉन युग्म उपस्थित होता है जिस कारण से लुईस क्षार की भांति व्यवहार करते हैं। NH3 से BiH3 तक क्षार गुण का होता है क्योंकि परमाणु आकार बढ़ने से इलेक्ट्रॉन घनत्व कम होता जाता है। अतः इलेक्ट्रॉन युग्म त्यागने की प्रवृत्ति कम होती है। इसलिए क्षारक गुण घटता है।

प्रश्न 12.
नाइट्रोजन द्विपरमाणुक अणु के रूप में पाया जाता है तथा फॉस्फोरस P4 के रूप में क्यों?
उत्तर
नाइट्रोजन का छोटा आकार होता है तथा वैद्युत्ऋणात्मकता प्रबल है जिससे pπ-pπ बहुआबंध बनाता है । अतः नाइट्रोजन अपने ही परमाणु के साथ त्रिआबंध बनाता है। फॉस्फोरस परमाणु का आकार बड़ा है तथा नाइट्रोजन की तुलना में वैद्यत्ऋणात्मकता कम है। अतः pπ-pπ आबंध बनाने की क्षमता कम है। इसलिए फॉस्फोरस व फॉस्फोरस परमाणु के मध्य एकल आबंध बनते हैं। अत: P, के रूप में होता है।

प्रश्न 13.
लाल फॉस्फोरस तथा श्वेत फॉस्फोरस के गुणों की मुख्य भिन्नताओं को लिखिए।
उत्तर
लाल फॉस्फोरस तथा सफेद फॉस्फोरस के गुणों में तुलना –

MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 21

प्रश्न 14.
फॉस्फोरस की तुलना में नाइट्रोजन श्रृंखलन गुणों को कम प्रदर्शित करता है, क्यों?
उत्तर
छोटा आकार तथा अनाबंध इलेक्ट्रॉन की उपस्थिति के कारण आबंध युग्म के साथ प्रतिकर्षण दर्शाता है जबकि p-फॉस्फोरस का आकार बड़ा है जिसके कारण अनाबंध इलेक्ट्रॉन युग्म व आबंध इलेक्ट्रॉन युग्म में प्रतिकर्षण कम होता है। परिणामस्वरूप N-N एकल आबंध दुर्बल तथा P-P एकल आबंध प्रबल होता है। अत: N आबंध प्रबलता कम दर्शाता है या शृंखलन गुण कम दर्शाता है।

प्रश्न 15.
H3PO3 की असमानुपातन अभिक्रिया दीजिए।
उत्तर- ऑर्थोफॉस्फोरस अम्ल गर्म करने पर असमानुपातित होकर आर्थोफॉस्फोरिक अम्ल तथा फॉस्फीन देता है।

MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 22

प्रश्न 16.
क्या PCI5 ऑक्सीकारक और अपचायक दोनों कार्य कर सकता है ? तर्क दीजिए।
उत्तर
PCl5 में, P की ऑक्सीकरण संख्या +5 है जो अधिकतम है। इसे यह और नहीं बढ़ा सकता। अत: PCl5, अपचायक का कार्य नहीं कर सकता है। परन्तु यह अपनी ऑक्सीकरण संख्या +5 से घटाकर +3 कर सकता है अतः यह ऑक्सीकारक का कार्य कर सकता है।
उदाहरण –
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 23

प्रश्न 17.
O, S, Se, Te तथा Po को इलेक्ट्रॉनिक विन्यास, ऑक्सीकरण अवस्था तथा हाइड्राइड निर्माण के संदर्भ में आवर्त सारणी के एक ही वर्ग में रखने का तर्क दीजिए।
उत्तर-
समूह-16 के तत्वों को समग्र रूप से केल्कोजन कहा जाता है।
(i) समूह-16 के तत्वों में प्रत्येक में 6-संयोजी इलेक्ट्रॉन होते हैं। इन तत्वों का सामान्य इलेक्ट्रॉनिक विन्यास ns2np4 होता है। जहाँ, n का मान 2 से 6 तक बदल सकता है।

(ii) ऑक्सीकरण अवस्था- चूँकि इन तत्वों में 6-संयोजी इलेक्ट्रॉन विद्यमान होते हैं, (ns2, np4) अतः ये -2 ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करते हैं। इस प्रकार केवल ऑक्सीजन ही प्रभावी रूप से -2 ऑक्सीकरण अवस्था दर्शाते है, अर्थात् ये उच्च विद्युत् ऋणात्मक होते हैं। ये -1 (H2O2), 0 (O2) और +2 (OF2) ऑक्सीकरण अवस्था भी प्रदर्शित करते हैं । इस प्रकार समूह में नीचे आने पर तत्वों की विद्युत् ऋणात्मकता में निरंतर कमी होने के कारण -2 ऑक्सीजन अवस्था के स्थायित्व में भी कमी आती है। इस समूह के भारी तत्व d-कक्षक की उपस्थिति के अनुसार +2, +4 एवं +6 ऑक्सीकरण अवस्था दर्शाते हैं।

(iii) हाइड्राइड्स का निर्माण-ये तत्व H2E प्रकार के हाइड्राइड्स का निर्माण करते हैं। जहाँ, E= O, S, Se, Te, PO होता है। ऑक्सीजन तथा सल्फर को H2E2 प्रकार के हाइड्राइड्स का निर्माण करते हैं। ये हाइड्राइड्स पूर्णतया परितवर्तनशील गुण वाले होते हैं।

प्रश्न 18.
क्यों डाइऑक्सीजन एक गैस है जबकि सल्फर एक ठोस है ?
उत्तर
लघु आकार वाले ऑक्सीजन अणु में अन्तरा इलेक्ट्रॉनिक प्रतिकर्षण के कारण O-O आबन्ध, S-S आबन्ध की तुलना में दुर्बल होता है। उच्च विद्युत्ऋणात्मकता और आकार छोटा होने के कारण, ऑक्सीजन pr-pr बहुआबन्ध बनाती है। अतः यह द्विपरमाणुक अणु के रूप में विद्यमान है जो एक-दूसरे से दुर्बल वाण्डर वाल्स बलों द्वारा जुड़े होते हैं । इस प्रकार ऑक्सीजन कमरे के ताप पर गैस रूप में उपस्थित है। सल्फर की pπ-pπ बहुआबन्ध बनाने की प्रवृत्ति कम है। परमाणु आकार बड़ा तथा कम विद्युत्ऋणात्मकता होने के कारण यह मजबूत S-S एकल आबन्ध बनाती है। यही कारण है कि सल्फर शृंखलन गुण दर्शाती है तथा बहुपरमाणुक अणु Sg रूप में विद्यमान होती है। अतः सल्फर कमरे के ताप पर ठोस रूप में विद्यमान होती है।

प्रश्न 19.
यदि O → O तथा O → O2- के इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी मान पता हो, जो क्रमश: 141 तथा 702 kJ morl-1है, आप कैसे स्पष्ट कर सकते हैं कि O2- स्पीशीज वाले ऑक्साइड अधिक बनते हैं न कि O वाले ?
(संकेत-यौगिकों के बनने में जालक ऊर्जा कारक को ध्यान में रखिए)
उत्तर
O→ O तथा O → O2- के लिए क्षय इलेक्ट्रॉन लब्धि मान होता है। 141 तथा 702 kJ mol-1 क्रमश: बहुत से ऑक्साइड O2- आयन रखते हैं, न कि O आयन क्योंकि कुल एन्थैल्पी मान ऋणात्मक होता

प्रश्न 20.
कौन-से एरोसोल्स ओजोन हैं ?
उत्तर
क्लोरोफ्लुओरो कार्बन या फ्रियॉन।

प्रश्न 21.
संस्पर्श प्रक्रम द्वारा H2SO4 के उत्पादन का वर्णन कीजिए।
उत्तर
निर्माण-सल्फ्यूरिक अम्ल का औद्योगिक निर्माण अधिकतर संपर्क विधि से किया जाता है जिसके लिए कच्चे माल के रूप में सल्फर अथवा आयरन पायराइटीज को लिया जाता है।
सिद्धांत-शुद्ध एवं शुष्क SO2 तथा वायु के मिश्रण को उत्प्रेरक V2O5 पर प्रवाहित करने से, वह SO3 में ऑक्सीकृत हो जाती है, जो जल से क्रिया करके H2SO4 बनाता है।

2SO2 + O2 → 2SO3 + 45.2 kcal
SO3 + H2O → H2SO4

विधि-विधि का क्रमबद्ध वर्णन निम्नलिखित है –

  • सल्फर बर्नर (Sulphur or pyrite burner)-भट्ठियों (B) में शंधक को जलाकर SO2 बनायी जाती है।
  • धूल कक्ष (Dust chamber)-बनी हुई so2 धूल कक्ष D से गुजरती है। यहाँ आने वाले वाष्पीय मिश्रण पर जल-वाष्प का फुहारा छोड़ा जाता है। भाप द्वारा भीगकर धूल के कण भारी हो जाते हैं और नीचे बैठ जाते हैं।
  • शीतक पाइप (Cooling pipes)-गैसीय मिश्रण अब शीतक पाइपों से गुजरता है, जिससे ताप कम होकर 100°C हो जाता है।
  • धोवन स्तम्भ (Washing tower or scrubber)- इस कक्ष (W) में क्वार्ट्ज के टुकड़े भरे होते हैं और ऊपर से ठण्डे पानी की फुहार चालू रहती है। गैसीय मिश्रण यहाँ से गुजरते समय उसमें बचे धूल के कण और जल में विलेय अशुद्धियाँ हट जाती हैं।
  • शुष्क स्तम्भ (Drying tower)-ऊँचे बने हुए इस कक्ष (D) में क्वार्ट्ज के टुकड़े भरे होते हैं और ऊपर से सान्द्र गंधकाम्ल का फुहारा चलता रहता है। गैसें इस कक्ष में नीचे से प्रवेश करती हैं। गंधकाम्ल के द्वारा गैसें शुष्क होकर आगे बढ़ती हैं।
  • आर्सेनिक शोधक-इस स्तम्भ (P) में फेरिक हाइड्रॉक्साइड रहता है। गैसों में उपस्थित आर्सेनिक के ऑक्साइड यहाँ सोख लिए जाते हैं।

परीक्षण कक्ष (Testing chamber)-इस प्रकार शुद्ध किया हुआ गैसीय मिश्रण सम्पर्क कक्ष में भेजने के पूर्व उसका परीक्षण किया जाता है। परीक्षण कक्ष (T) में प्रकाश की तेज किरण पुंज भेजी जाती है। यदि धूल आदि के कण हों तो वे चमक जाते हैं तब इस गैसीय मिश्रण को पुन:शुद्ध किया जाता है। पूर्ण शुद्ध और परीक्षित गैसीय मिश्रण अब गर्म कर (H द्वारा) सम्पर्क कक्ष (R) में भेजा जाता है।

सम्पर्क कक्ष (Contact chamber)-यह लोहे, का बना एक बड़ा कक्ष (R) होता है जिसमें लोहे के कई पाइप होते हैं। इन पाइपों में उत्प्रेरक वेनेडियम पेण्टॉक्साइड (V2O5) या प्लैटिनम युक्त ऐस्बेस्टॉस या अन्य उपयुक्त उत्प्रेरक भरा रहता है। इनका ताप 450°C रखा जाता है। शुद्ध एवं परीक्षित सल्फर डाइऑक्साइड और हवा का गर्म मिश्रण इन पाइपों में उत्प्रेरक के सम्पर्क में रहकर आगे बढ़ता है और सल्फर ट्राइऑक्साइड (SO3) बनाता है।

MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 24
कैलोरी क्रिया ऊष्माक्षेपी होने से अब ताप स्वयं ही मिलने लगता है।

अवशोषक स्तम्भ (Absorption tower)- बनी हुई सल्फर ट्राइऑक्साइड को सान्द्र गन्धकाम्ल के फुहारे लगे कक्ष (A) में भेजा जाता है । गन्धकाम्ल SO3 अवशोषित होकर उसे और अधिक सान्द्र बनाती है। यह अम्ल SO3 की अधिकता के कारण कुहरा जैसी धूम्र से कक्ष भर जाता है। प्राप्त हुआ अम्ल सधूम गंधकाम्ल (Fuming sulphuric acid) या ओलियम (Oleum) कहलाता है।

H2SO4 + SO3 → H2S2O7

ओलियम में आवश्यकतानुसार जल मिलाकर उससे वांछित सान्द्रता वाला गन्धकाम्ल प्राप्त कर लिया जाता है।

H2S2O7 + H2O → 2H2SO4

So3 जल में तेजी से और सूं-सूं की आवाज के साथ घुलती है।
उपकरण का नामांकित चित्र –
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नोट-विस्तृत वर्णन हेतु NCERT पाठ्य-पुस्तक देखें।

प्रश्न 22.
SO2 किस प्रकार से एक वायु प्रदूषक है?
उत्तर-

  • कम सान्द्रता में भी यह पौधों के लिए हानिकारक है। यह क्लोरोफिल बनने की प्रक्रिया को मंद करती है। पत्तियों का कटना-फटना तथा हरे रंग का क्षय (क्लोरोसिस) इसके कारण है।
  • SO2 वायु में उपस्थित नमी से क्रिया करके सल्फ्यूरस अम्ल बनाती है जो अम्ल वर्षा का कारण है। यह इमारतों के संगमरमर को नष्ट करती है तथा पौधों, जानवरों तथा मनुष्यों में अनेक रोग उत्पन्न करती है।
    SO2 + \(\frac{1}{2}\) O2 + H2O → H2SO4

प्रश्न 23.
हैलोजन प्रबल ऑक्सीकारक क्यों होते हैं ?
उत्तर
एक इलेक्ट्रॉन तत्काल प्रतिग्रहण कर लेने की प्रवृत्ति के कारण हैलोजनों की प्रबल ऑक्सीकारक प्रकृति होती है। कम आबन्ध वियोजन एन्थैल्पी, उच्च विद्युत्ऋणात्मकता तथा अधिक ऋणात्मक इलेक्ट्रॉन लब्धि के कारण हैलोजन प्रबलता से इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की प्रवृत्ति रखते हैं।
x2 +2e → 2x
इस प्रकार ये एक अच्छे ऑक्सीकारक है।

प्रश्न 24.
स्पष्ट कीजिए कि फ्लुओरीन केवल एक ही ऑक्सी-अम्ल, HOF क्यों बनाता है ?
उत्तर
उच्च विद्युत्ऋणात्मकता, छोटे आकार तथा d-कक्षकों की अनुपस्थिति के कारण फ्लुओरीन ऑक्सी-अम्लों में केवल +1 ऑक्सीकरण अवस्था दर्शाती है। यह अन्य सदस्यों की तरह +3, +5 और +7 ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित नहीं करती। यही कारण है कि अन्य हैलोजनों की अपेक्षा यह केवल एकमात्र ऑक्सी-अम्ल HOF बनाती है। HOFO, HOFO2 और HOFO3 नहीं।

प्रश्न 25.
व्याख्या कीजिए कि क्यों लगभग एक समान विद्युत्-ऋणात्मकता होने के पश्चात् भी नाइट्रोजन हाइड्रोजन आबंध निर्मित करता है, जबकि क्लोरीन नहीं ?
उत्तर
ऑक्सीजन परमाणु में केवल दो कक्षक होते हैं 1s22s22p4 जबकि क्लोरीन में तीन कक्षक 1s22s22p63s23p5 अतः ऑक्सीजन परमाणु का आकार छोटा होता है। हाइड्रोजन आबंध के लिए आवश्यक’ शर्त छोटा आकार होता है । छोटा आकार हाइड्रोजन आबंध बनने में सहायक है। अतः ऑक्सीजन हाइड्रोजन से आबंध बनाकर हाइड्रोजन आबंध बनाता है जबकि क्लोरीन नहीं।

प्रश्न 26.
ClO2 के दो उपयोग लिखिए।
उत्तर
(i) क्लोरीन डाइऑक्साइड ClO2 प्रबल ऑक्सीकारक है।
(ii) यह प्रबल क्लोरीकारक है और इसकी ब्लीच क्षमता Cl2 की तुलना में 30 गुना अधिक है।

प्रश्न 27. हैलोजन रंगीन क्यों होते हैं ?
उत्तर
हैलोजन समूह के समस्त तत्व रंगीन होते हैं, उनका रंग परमाणु संख्या में वृद्धि के साथ गहरा होता जाता है।
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 26
पीला हरा-पीला भूरा बैंगनी हैलोजनों में रंग उनके अणुओं द्वारा दृश्य प्रकाश (Visible light) के अवशोषण के कारण होता है। अणुओं द्वारा दृश्य प्रकाश के अवशोषण के फलस्वरूप बाह्यतम इलेक्ट्रॉन उत्तेजित होकर उच्च ऊर्जा स्तर पर चले जाते हैं, जिसके कारण ये तत्व रंगीन दिखाई देते हैं। उदाहरणार्थ-फ्लुओरीन का आकार अत्यन्त छोटा होने के कारण बाह्य इलेक्ट्रॉन पर नाभिक का आकर्षण अधिक होता है तथा बाह्यतम इलेक्ट्रॉन को उत्तेजित करने के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता पड़ती है। फ्लुओरीन परमाणु अधिक ऊर्जा वाले बैंगनी विकिरणों को अवशोषित करते हैं, अत: वे हल्के पीले दिखाई देते हैं। जबकि आयोडीन परमाणु का आकार बड़ा होता है। बाह्यतम इलेक्ट्रॉन नाभिक से काफी दूर रहते हैं। उन्हें उत्तेजित करने के लिए कम ऊर्जा वाले पीले विकिरणों की आवश्यकता होती है। दृश्य प्रकाश से पीले रंग के विकिरण के अवशोषण के कारण वे बैंगनी दिखाई देते हैं।

प्रश्न 28.
जल के साथ F2 तथा Cl2 की अभिक्रियाएँ लिखिए।
उत्तर
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 27

प्रश्न 29.
आप HCl से Cl2 तथा Cl2 से HCl को कैसे प्राप्त करेंगे? केवल अभिक्रियाएँ लिखिए।
उत्तर
(i) Cl2 का HCl से निर्माण
MnO2 +4HCl → MnCl2 + Cl2 + 2H2O
(ii)
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 28

प्रश्न 30.
एन-बार्टलेट Xe तथा PtF6 के बीच अभिक्रिया कराने के लिए कैसे प्रेरित हुए ?
उत्तर- एन-बार्टलेट ने निम्न अभिक्रिया द्वारा एक लाल रंग के यौगिक O2+: [PtF6] को बनाने में सफलता प्राप्त की
O2(g) + PtF6(g) → O2+[PtF6]

उन्होंने अनुभव किया कि ऑक्सीजन और जिनॉन की प्रथम आयनन एन्थैल्पी लगभग समान हैं।
O2 की lE1 = 1175 kJmol-1
Xe की lE1 = 1170 kJmol-1

इससे उन्होंने O2+ [PtF2] जैसा ही जिनॉन का यौगिक बनाने पर विचार किया तथा Xe और PtF6 को मिलाकर लाल रंग के एक-दूसरे यौगिक Xe+PtF6 के विरचन में सफलता प्राप्त की।
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प्रश्न 31.
निम्नलिखित में फॉस्फोरस की ऑक्सीकरण अवस्थाएँ क्या हैं ?
(i) H3PO3, (ii) PCl3, (iii) Ca3P2, (iv) Na3PO4, (v) POF3.
उत्तर-
(i) माना H3PO3 की ऑक्सीकरण अवस्था
3x (+1) + x + 3x (-2) = 0, x = +3
(ii) PCl3 = x + 3(-1) = 0 or x = +3
(iii) Ca3P2 = 3 x (+2) + 2x = 0 or x = -3
(iv) Na3PO4 = 3 x (+1) + x + 4 x (-2) = 0 x = +5
(v) POF3 = x + (-2) + 3 x (-1) = 0 or x = +5.

प्रश्न 32.
निम्नलिखित के लिए संतुलित समीकरण दीजिए –
(i) जब NaCl को MnO, की उपस्थिति में सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ गरम किया जाता है।
(ii) जब क्लोरीन गैस को Nal के जलीय विलयन में से प्रवाहित किया जाता है।
उत्तर
(i) सम्पूर्ण अभिक्रिया 4NaCl + MnO2 + 4H2SO4 → MnCl2 + 4NaHSO4 + 2H2O + Cl2
(ii) Cl2(g) + 2NaI(aq)→ 2NaCl(aq) + I2(s)

प्रश्न 33.
जीनॉन फ्लु ओराइड, XeF2, XeF4 तथा XeF6 कैसे बनाए जाते हैं ?
उत्तर
जीनॉन फ्लु ओराइड (Xenon Fluoride)-जीनॉन के तीन फ्लुओराइड महत्वपूर्ण है – XeF2, XeF4 तथा XeF6 । ये सभी यौगिक जीनॉन तथा फ्लुओरीन के बीच निकिल की नलिका में उच्च ताप तथा दाब पर बनाए गये हैं –

MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 30

प्रश्न 34.
किस उदासीन अणु के साथ ClO समइलेक्ट्रानी है? क्या एक अणु लुइस क्षारक है ?
उत्तर
ClO सहइलेक्ट्रॉन गुण दर्शाता है ClF के साथ क्योंकि दोनों में 26 इलेक्ट्रॉन होते हैं।

प्रश्न 35.
XeO3 और XeOF4 बनाने की प्रक्रिया बताइए।
उत्तर
XeF4 और XeF6 का जल अपघटन करने पर XeO3 बनता है।
6XeF4 +12H20 → 4Xe + 2XeO3 + 24F+3O2
XeF6 +3H2O → XeO3 +6HF
XeF6 के आंशिक अपघटन से XeOF4 बनता है
XeF6 + H2O → XeOF4 +2HF

प्रश्न 36.
निम्नलिखित प्रत्येक समुच्चय को सामने लिखे गुणों के अनुसार सही क्रम में व्यवस्थित कीजिए
(i) F6, Cl2, Br2, I2 आबंध वियोजन एन्थैल्पी बढ़ते क्रम में
(ii) HF, HCl, HBr, HI अम्ल सामर्थ्य बढ़ते क्रम में।
(iii) NH3, PH3, ASH3, SbH3, BiH3 – क्षारक सामर्थ्य बढ़ते क्रम में।
उत्तर
(i) I2 <F2 < Br2 <Cl2
(ii) HF <HCl< HBr <HI
(iii) BiH3 < SbH3 < ASH3 < PH3 < NH3

प्रश्न 37.
निम्नलिखित में से कौन-सा एक अस्तित्व में नहीं है ?
(i) XeOF4, (ii) NeF2, (iii) XeF2, (iv) XeF6.
उत्तर-
NeF2 नहीं बन सकता।

प्रश्न 38.
उस उत्कृष्ट गैस स्पीशीज का सूत्र देकर संरचना की व्याख्या कीजिए जो कि इनके साथ समसंरचनीय है-.
(i) ICl4, (ii) IBr2 , (iii) BrO3.
उत्तर
(i) XeF4 तथा ICl4 सहइलेक्ट्रॉन गुण दर्शाते हैं दोनों की संरचना वर्ग समतल है।
(ii) XeF2 व IBr2 सहइलेक्ट्रॉन गुण दर्शाते हैं दोनों रेखीय है।
(iii) XeO3 व BrO3, पिरामिड आकृति के हैं तथा सह-इलेक्ट्रॉन दर्शाते हैं। संरचना के लिये पाठ्यपुस्तक देखिए।

प्रश्न 39.
उष्कृष्ट गैसों के परमाण्विक आकार तुलनात्मक रूप से बड़े क्यों होते हैं ?
उत्तर
उत्कृष्ट गैसों के परमाण्विक आकार तुलनात्मक रूप से बड़े होते हैं क्योंकि इनकी त्रिज्याएँ, वाण्डरवाल्स त्रिज्याएँ होती हैं जिनका मान सहसंयोजी त्रिज्याओं तथा धात्विक त्रिज्याओं से अपेक्षाकृत अधिक होता है। जबकि एक ही आवर्त में दूसरे सदस्यों की त्रिज्याएँ सहसंयोजक त्रिज्याएँ या धात्विक त्रिज्याएँ होती हैं जिनका मान कम होता है।

प्रश्न 40.
निऑन तथा ऑर्गन गैसों के उपयोग सूचीबद्ध कीजिए।
उत्तर
निऑन –

  • 1000 वोल्ट तथा 2 mm दाब पर जब नियॉन की नली से विद्युत् विसर्जन किया जाता है, तो चमकदार नारंगी रंग की प्रतिदीप्ति बनती है। इसलिए इसका उपयोग साइन बोर्ड में किया जाता है। अन्य गैसों के साथ मिलकर विभिन्न रंग मिलते हैं, इसलिए विज्ञापन बोर्डो में इसका भरपूर उपयोग होता है।
  • हरितगृहों में नियॉन लैम्पों का उपयोग होता है, क्योंकि यह क्लोरोफिल निर्माण में तथा पौधों की वृद्धि को बढ़ाता है।
  • विद्युत् उपकरणों में सुरक्षा के तहत इसका उपयोग होता है।

ऑर्गन-

  • विद्युत् बल्बों में लगे टंगस्टन के फिलामेण्ट की आयु बढ़ाने के लिए इसे भरा जाता है।
  • रेडियो वाल्व तथा रेक्टिफायर (Rectifires) में।
  • प्रतिदीप्ति नलिका (जैसे-ट्यूबलाइट) में मयूरी वाष्प के साथ इसे भरा जाता है।
  • कुछ रासायनिक अभिक्रियाओं में अक्रिय वातावरण निर्माण करने में तथा वेल्डिंग में अक्रिय वातावरण निर्माण करने में।

p-ब्लॉक के तत्त्व अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

p-ब्लॉक के तत्त्व वस्तुनिष्ठ प्रश्न

1. (A) सही विकल्प चुनकर लिखिए –

प्रश्न 1.
किस यौगिक में ऑक्सीजन + 2 ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करता है –
(a) H2O
(b) Na2O
(c) OF2
(d) MgO.
उत्तर
(c) OF2

प्रश्न 2.
लाल-भूरे रंग की गैस निर्मित करती है, जब वायु द्वारा नाइट्रिक ऑक्साइड ऑक्सीकृत होती है। वह गैस है –
(a) Na2O2
(b) Na2O4
(c) NO2
(d) N2O3.
उत्तर
(c) NO2

प्रश्न 3.
फॉस्फोरस के एक ऑक्सी अम्ल का सूत्र H3PO4 है, वह है –
(a) द्वि क्षारकीय अम्ल
(b) एक क्षारकीय अम्ल
(c) त्रिक्षारकीय अम्ल
(d) चतुष्क्षारकीय अम्ल।
उत्तर
(c) त्रिक्षारकीय अम्ल

प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से कौन-सा एक प्रारूपिक धातु है –
(a) P
(b) As
(c) Sb
(d) Bi.
उत्तर
(d) Bi.

प्रश्न 5.
निम्नलिखित में कौन-सा ऑक्साइड अनु चुम्बकीय है –
(a) NO2O4
(b) NO2
(c) P4O6
(d) N2O5
उत्तर
(b) NO2

प्रश्न 6.
अमोनिया को शुष्क बनाया जाता है –
(a) H2SO4 से
(b) P2O5 से
(c) अजलीय CaCl2
(d) कोई नहीं।
उत्तर
(d) कोई नहीं।

प्रश्न 7.
नाइट्रिक अम्ल, आयोडीन को परिवर्तित करता है –
(a) आयोडिक अम्ल में
(b) हाइड्रोआयोडिक अम्ल में
(c) आयोडीन पेन्टॉक्साइड में
(d) आयोडीन नाइट्रेट में।
उत्तर
(a) आयोडिक अम्ल में

प्रश्न 8.
अमोनिया एक लुइस बेस है यह धनायनों के साथ संकर लवण बनाती है। निम्न धनायनों में कौन NH3 के साथ संकर लवण नहीं बनाता है –
(a) Ag+
(b) Cu2+
(c) Cd2+
(d) Pb2+
उत्तर
(d) Pb2+

प्रश्न 9.
अमोनिया विलयन पर्याप्त घुल जाता है
(a) Hg2Cl2 में
(b) PbCl2 में
(c) AgI में
(d) Cu(OH)2 में।
उत्तर
(d) Cu(OH)2 में।

प्रश्न 10.
P2O5 के एक अणु को ऑर्थो-फॉस्फोरिक अम्ल में परिवर्तित करने के लिए जल के अणुओं की आवश्यकता होती है –
(a) 2
(b) 3
(c) 4
(d) 5.
उत्तर
(b) 3

प्रश्न 11.
So2 के विरंजन क्रिया का कारण है –
(a) अपचयन
(b) ऑक्सीकरण
(c) जल-अपघटन
(d) इसकी अम्लीय प्रकृति।
उत्तर
(a) अपचयन

प्रश्न 12.
जब SO2 अम्लीय K2Cr2O7 विलयन में प्रवाहित की जाती है –
(a) विलयन नीला हो जाता है
(b) विलयन रंगहीन हो जाता है
(c) SO2 अपचयित हो जाती है
(d) हरा क्रोमिक सल्फेट बनता है।
उत्तर
(d) हरा क्रोमिक सल्फेट बनता है।

प्रश्न 13.
P2O3 से निम्नलिखित में से कौन-सा अम्ल बनता है –
(a) H4P2O7
(b) H3PO4
(c) H3PO3
(d) HPO3.
उत्तर
(c) H3PO3

प्रश्न 14.
निम्नलिखित में कौन-सा हैलाइड सबसे अधिक अम्लीय है –
(a) PCl5
(b) SbCl3
(c) BrCl3
(d) CCl4.
उत्तर
(a) PCl5

प्रश्न 15.
सल्फ्यूरिक अम्ल के औद्योगिक निर्माण में प्रयुक्त उत्प्रेरक है –
(a) Al2O3
(b) CrO3
(c) V2O5
(d) MnO2.
उत्तर
(c) V2O5

प्रश्न 16.
फॉस्फोरस ट्राइ हैलाइड के जल-अपघटन से प्राप्त होते हैं –
(a) एक एकक्षारकीय अम्ल तथा एक द्विक्षारकीय अम्ल
(b) एक एकक्षारकीय अम्ल तथा एक त्रिक्षारकीय अम्ल
(c) एक एकक्षारकीय अम्ल तथा एक लवण
(d) दो द्विक्षारकीय अम्ल।
उत्तर
(a) एक एकक्षारकीय अम्ल तथा एक द्विक्षारकीय अम्ल

प्रश्न 17.
निम्नलिखित अभिक्रिया में –
P4 + 3NaOH + 3H2O → PH3 + 3NaH2PO2
(a) फॉस्फोरस ऑक्सीकृत हुआ है
(b) फॉस्फोरस ऑक्सीकृत और अवकृत दोनों हुआ है
(c) फॉस्फोरस अवकृत हुआ है
(d) सोडियम ऑक्सीकृत हुआ है।
उत्तर
(b) फॉस्फोरस ऑक्सीकृत और अवकृत दोनों हुआ है

प्रश्न 18.
हास्य गैस है –
(a) NO
(b) N2O
(c) N2O3
(d) N2O5.
उत्तर
(b) N2O

प्रश्न 19.
सफेद फॉस्फोरस (P) में नहीं होता है –
(a) छ: P-P एकल बंध
(b) चार P-P एकल बंध
(c) चार एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म
(d) P-P-P कोण 60° का।
उत्तर
(b) चार P-P एकल बंध

प्रश्न 20.
NH4Cl तथा NaNO2 विलयन को गर्म करने पर प्राप्त होती है –
(a) N2O
(b) N2
(c) NO2
(d) NH3
उत्तर
(b) N2

प्रश्न 21.
मेटा फॉस्फोरिक अम्ल का सूत्र है
(a) H3PO4
(b) HPO3
(c) H3PO3
(d) H2PO2.
उत्तर
(b) HPO3

प्रश्न 22.
वह गैस जो जल पर एकत्रित नहीं की जा सकती है-
(a) Na
(b) O2
(c) SO2
(d) PH5
उत्तर
(c) SO2

(B) सही विकल्प चुनकर लिखिए –

प्रश्न 1.
क्लोरीन विरंजन गुण निम्न में से एक की उपस्थिति में ही होता है –
(a) शुष्क वायु
(b) नमी
(c) सूर्य का प्रकाश
(d) शुद्ध ऑक्सीजन।
उत्तर
(b) नमी

प्रश्न 2.
He, Ar, Kr और Xe में से कौन-सा तत्व सबसे कम संख्या में यौगिक बनाता है –
(a) He
(b) Ar
(c) K
(d) Xe.
उत्तर
(a) He

प्रश्न 3.
चमकीले विद्युत् विज्ञापनों में किस गैस का उपयोग होता है –
(a) जेनॉन
(b) आर्गन
(c) निऑन
(d) हीलियम।
उत्तर
(c) निऑन

प्रश्न 4.
मोनाजाइट स्रोत है –
(a) Ne
(b) Ar
(c) Kr
(d) He.
उत्तर
(d) He.

प्रश्न 5.
निम्नलिखित में से कौन-से अवयवों की सीधी अभिक्रिया से प्राप्त नहीं होता –
(a) XeF2
(b) XeF4
(c) XeO3
(d) XeF6.
उत्तर
(a) XeF2

प्रश्न 6.
कौन-सा हैलाइड न्यूनतम स्थायी है, जिसका अस्तित्व सन्देहात्मक है –
(a) CI4 .
(b) GeI4
(c) SnI4
(d) PbI4.
उत्तर
(d) PbI4.

प्रश्न 7.
निम्न में से तीव्रतम अम्ल कौन-सा है –
(a) HBr
(b) HCl
(c) HF
(d) HI.
उत्तर
(d) HI.

प्रश्न 8.
निम्न में से कौन सबसे अधिक ऋणविद्युती है –
(a) F
(b) Cl
(c) Br
(d) I.
उत्तर
(a) F

प्रश्न 9.
कौन-सा हैलोजन कमरे के ताप पर ठोस अवस्था में रहता है –
(a) F
(b) Cl
(c) Br
(d) I.
उत्तर
(d) I.

प्रश्न 10.
इलेक्ट्रॉन बन्धुता अधिकतम है –
(a) F
(b) Cl
(c) Br
(d) I.
उत्तर
(b) Cl

प्रश्न 11.
हैलोजन परमाणु के बाह्यतम् कोश का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास है –
(a) s2p5
(b) s2p3
(c) s2p6
(d) s2p4
उत्तर
(a) s2p5

प्रश्न 12.
निम्न में से सबसे अधिक क्षारीय गुण प्रदर्शित करने वाला तत्व है –
(a) F
(b) Cl
(c) Br
(d) I.
उत्तर
(d) I.

प्रश्न 13.
सबसे प्रबल अपचायक है –
(a) F
(b) Br
(c) I
(d) Cl.
उत्तर
(c) I

प्रश्न 14.
निम्नलिखित में से सबसे दुर्बल अम्ल है –
(a) HF
(b) HCl
(c) HBr
(d) HI.
उत्तर
(a) HF

प्रश्न 15.
ऑक्सीकारक गुण सबसे अधिक होता है –
(a) I2
(b) Br2
(c) F2
(d) Cl2.
उत्तर
(c) F2

प्रश्न 16.
किस अक्रिय गैस का अष्टक पूर्ण नहीं है
(a) हीलियम
(b) निऑन
(c) आर्गन
(d) क्रिप्टॉन।
उत्तर
(a) हीलियम

प्रश्न 17.
कौन-सा हैलोजन ऊर्ध्वपातित होता है
(a) क्लोरीन
(b) ब्रोमीन
(c) आयोडीन
(d) फ्लुओरीन।
उत्तर
(c) आयोडीन

प्रश्न 18.
निम्न में से कौन-सा उत्कृष्ट गैस जल में सर्वाधिक विलेय है –
(a) He
(b) Ar
(c) Ne
(d) Xe.
उत्तर
(d) Xe.

प्रश्न 19.
KI के घोल में I2 सुगमता से घुलकर बनाती है –
(a) I
(b) KI2
(c) KI
(d) KI3
उत्तर
(d) KI3

प्रश्न 20.
दमा के मरीजों के लिए श्वसन में प्रयुक्त गैस जिसे ऑक्सीजन में मिलाते हैं –
(a) N2
(b) Cl2
(c) He
(d) Ne.
उत्तर
(c) He

प्रश्न 21.
डीकन विधि का उपयोग इसके निर्माण में होता है –
(a) विरजंक चूर्ण
(b) क्लोरीन
(c) नाइट्रिक अम्ल
(d) सल्फ्यूरिक अम्ल।
उत्तर
(b) क्लोरीन

प्रश्न 22.
समुद्री घास निम्न के औद्योगिक निर्माण का स्रोत है –
(a) क्लोरीन
(b) ब्रोमीन
(c) आयोडीन
(d) फ्लुओरीन।
उत्तर
(c) आयोडीन

प्रश्न 23.
विद्युत् बल्ब में कौन-सी गैस भरना ज्यादा उपयोगी है –
(a) He
(b) Ne
(c) Ar
(d) Kr.
उत्तर
(c) Ar

2. (A) रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –

  1. N2 O एक ……….. ऑक्साइड है।
  2. कैरो अम्ल का रासायनिक सूत्र ……… होता है।
  3. सान्द्र नाइट्रिक अम्ल जिसमें ……….. घुली रहती है, इसके कारण इसका रंग गहरा भूरा होता है।
  4. नाइट्रोजन के ऑक्साइड में ……….. तथा ………. अनुचुम्बकीय है।
  5. पायरो फॉस्फोरिक अम्ल ………. क्षारकीय अम्ल है।
  6. H2S गैस को सान्द्र H2SO4 द्वारा शुष्क नहीं किया जा सकता, क्योंकि H2S उसे ……… कर देती है।
  7. सधूम सल्फ्यूरिक अम्ल SO3 में घुलकर ………… बनाता है।
  8. H2S2O8 (मार्शल अम्ल)में S की ऑक्सीकरण अवस्था …………..होती है।
  9. NH3 को HCl के साथ संयोग करके ………….. का सफेद धूम्र देता है।
  10. समूह 16 के तत्वों को ………….. कहते हैं।
  11. …………. प्रशीतक के रूप में उपयोग आती है।

उत्तर

  1. उदासीन
  2. H2SO5
  3. NO2
  4. NO; NO2
  5. चतुष्क
  6. अपचयित
  7. ओलियम
  8. + 6
  9. NH4Cl
  10. कैल्कोजन
  11. द्रव NH3 .

(B) रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –

  1. सर्वोच्च इलेक्ट्रॉन बन्धुता …………. की होती है।
  2. नमी की उपस्थिति में क्लोरीन …………. का कार्य करती है।
  3. ब्लीचिंग पाउडर को ………… भी कहा जाता है।
  4. सामान्य ताप पर ब्रोमीन ………………. है।
  5. AX5 अन्तर हैलोजन यौगिक की आकृति …………. होती है।
  6. क्लोरीन की खोज …………. ने की थी।
  7. नील बर्टलेट ने सर्वप्रथम उत्कृष्ट यौगिक ……….. बनाया है।
  8. सबसे अधिक इलेक्ट्रॉन बन्धुता रखने वाला तत्व ……….. है।
  9. हैलोजन के ऑक्सी अम्लों में ………… संकरण पाया जाता है।
  10. गैस जो हल्की होने की कारण ………… वायुयानों के टायर में भरी जाती है।
  11. विज्ञापनों के लिए अक्रिय गैस ………………का सर्वाधिक उपयोग होता है।
  12. समूह 17 के तत्व सामान्यतया …………….. कहलाते हैं।
  13. ………….. रेडियोऐक्टिव अक्रिय गैस है।

उत्तर

  1. क्लोरीन
  2. विरंजक
  3. कैल्सियम क्लोरोहाइपो क्लोराइड,
  4. द्रव
  5. वर्ग पिरामिडीय
  6. शीले
  7. Xe[PtF6 ],
  8. क्लोरीन,
  9. sp3
  10. हीलियम,
  11. Ne (निऑन),
  12. हैलोजन,
  13. रेडॉन।

3. (A) एक शब्द/वाक्य में उत्तर दीजिए –

  1. पराबैंगनी किरणों से पृथ्वी की रक्षा कौन करती है ?
  2. कसीस का तेल जिसे किंग ऑफ केमिकल कहा जाता है, इसका रासायनिक नाम बताइए।
  3. प्रशीतन में किस गैस का उपयोग किया जाता है ?
  4. जल का घनत्व किस ताप पर सर्वाधिक होता है ?
  5. सल्फ्यूरिक अम्ल में SO3 गैस विलेय करने पर क्या बनता है ?
  6. एक प्रतिक्लोर का नाम लिखिए।
  7. हाथी दाँत, तेल आदि के विरंजन में किस गैस का उपयोग किया जाता है ?
  8. अमोनियम लवण क्षारीय नेसलर अभिकर्मक से क्रिया करके किस रंग का अवक्षेप देता है ?
  9. N से Bi की ओर जाने पर Bi +3 ऑक्सीकरण अवस्था अधिक स्थायी होता है +5 की अपेक्षा, क्यों?
  10. प्रकृति में आयतन के अनुसार N2 का प्रतिशत बताइए।

उत्तर

  1. ओजोन परत
  2. सल्फ्यूरिक अम्ल
  3. NH3
  4. 4°C
  5. ओलियम
  6. SO2
  7. ओजोन
  8. भूरे
  9. अक्रिय युग्म प्रभाव के कारण
  10. 80%.

(B) एक शब्द/वाक्य में उत्तर दीजिए –

  1. रेडियो एक्टिव हैलोजन का नाम बताइए।
  2. विद्युत् बल्बों में नाइट्रोजन के साथ किस उत्कृष्ट गैस का उपयोग किया जाता है ?
  3. कैन्सर के उपचार में उपयोग आने वाली उत्कृष्ट गैस का नाम लिखिए।
  4. कार्नेलाइट का सूत्र लिखिए।
  5. वायुमण्डल में किस उत्कृष्ट गैस की उपलब्धता सर्वाधिक है ?
  6. XeF6 की आकृति क्या होती है ?
  7. फ्लुओरीन का एक उपयोग लिखिए।
  8. XeO3 में किस प्रकार का संकरण पाया जाता है ?
  9. F की ऑक्सीकरण अवस्था कितनी है ?
  10. प्रयोगशाला में क्लोरीन किस अभिक्रिया से बनाते हैं ? केवल समीकरण लिखिए।
  11. AX3 प्रकार के अन्तर हैलोजन यौगिक की आकृति क्या होती है ?
  12. हैलोजन अम्लों की शक्ति का सही क्रम लिखिए।
  13. कौन-सी उत्कृष्ट गैसें यौगिक नहीं बनाती हैं ?
  14. F किस उत्कृष्ट गैस के साथ यौगिक बनाता है ?
  15. समुद्री शैवाल किस हैलोजन का मुख्य स्रोत है ?

उत्तर-

  1. ऐस्टेटीन
  2. Ar
  3. Rn
  4. KCI.MgCl2.6H2 O
  5. आर्गन
  6. विकृत अष्टफलकीय
  7. फ्लुओरो कार्बन बनाने में, जिसका उपयोग रेफ्रिजरेशन में होता है,
  8. sp3
  9. -1
  10. MnO2 + 4HCl → MnCl2 +2H2 O + Cl2
  11. T आकृति की,
  12. HF < HCI< HBr < HI,
  13. He, Ne एवं Ar,
  14. Xe,
  15. आयोडीन।

4. उचित सम्बन्ध जोड़िए –
I.
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 31
उत्तर
1. (d), 2. (c), 3. (a), 4. (b), 5. (1), 6. (g), 7. (e), 8. (i), 9. (j), 10. (h).

II.
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 32
उत्तर
1. (e), 2. (c), 3. (b), 4. (a), 5. (d).

III.
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 33
उत्तर
1. (e)
2. (d)
3. (b)
4. (a)
5. (c).

p-ब्लॉक के तत्त्व अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
सान्द्र गंधक अम्ल उच्च क्वथनांक वाला तैलीय द्रव क्यों है ?
उत्तर
H2SO4 अणुओं के बीच हाइड्रोजन बंध होने के कारण यह उच्च क्वथनांक वाला तैलीय द्रव है।

MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 34

प्रश्न 2.
डाइनाइट्रोजन (N) कमरे के ताप पर कम क्रियाशील क्यों है ?
उत्तर
N≡N बंध की उच्च बन्ध एन्थैल्पी के कारण डाइनाइट्रोजन कमरे के ताप पर काफी अक्रिय है।

प्रश्न 3.
N2 गैस है जबकि P4 एक वाष्पशील ठोस, क्यों ?
उत्तर
N2 अणु में N≡N के बीच त्रिबंध होता है तथा यह पूर्णत: अध्रुवीय अणु होता है, इसमें वाण्डर वाल्स बल नगण्य होता है इसलिए यह गैसीय अवस्था में होता है एवं P4 अणु की संरचना चतुष्फलकीय होती है। इसमें चतुष्फलकीय अणु दुर्बल वाण्डर वाल्स बंध द्वारा जुड़कर क्रिस्टलीय रूप ले लेता है। .

प्रश्न 4.
HCIO, HBro एवं HIO के अम्लीय प्रबलता का क्रम लिखिए।
उत्तर
HCIO से HIO तक हाइपो हैलस अम्लों की प्रबलता घटती है –
HCIO > HBrO > HIO.

प्रश्न 5.
क्लैथेट यौगिक क्या है ? .
उत्तर
किसी यौगिक के क्रिस्टल जालक के होल या रिक्तिको में छोटे आकार के तत्व जैसे उत्कृष्ट गैसों के समा जाने या प्रवेश करने से क्लैथ्रेट यौगिक प्राप्त होते है। उदाहरण-Kr3 (β क्विनॉल)।

प्रश्न 6.
1 परमाणु की तुलना में F परमाणु की ऋणविद्युत्ता अधिक है फिर भी HF की अम्लीय प्रबलता HI की अपेक्षा कम होती है। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
F परमाणु का आकार छोटा होने के कारण H-F बंध की बंध वियोजन H-I बंध की अपेक्षा बहुत उच्च होती है जिसमें । परमाणु का आकार बड़ा होता है।

प्रश्न 7.
कौन-कौन-सी उत्कृष्ट गैसे रासायनिक यौगिक बना सकती हैं ?
उत्तर
Kr एवं Xe अत्यधिक विशिष्ट परिस्थितियों के अन्तर्गत यौगिक बना सकती है।

प्रश्न 8.
फ्लुओरीन, क्लोरीन की तुलना में प्रबल ऑक्सीकारक क्यों है ?
उत्तर
फ्लुओरीन, क्लोरीन से अधिक विद्युत्-ऋणात्मक होने के कारण इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की अधिक क्षमता रखता है, फलस्वरूप फ्लुओरीन, क्लोरीन की तुलना में प्रबल ऑक्सीकारक है।

प्रश्न 9.
F2O को फ्लुओरीन का ऑक्साइड नहीं माना जाता है, क्यों?
उत्तर-फ्लुओरीन आवर्त सारणी का सर्वाधिक ऋणविद्युती तत्व है। इसकी ऋणविद्युत्ता 0 से अधिक होती है। नामकरण पद्धति में कम ऋणविद्युती तत्व का नाम पहले एवं अधिक ऋणविद्युती तत्व का नाम बाद में लिखते हैं इसलिए F2O या OF2 को ऑक्सीजन डाइफ्लुओराइड कहा जाता है।

प्रश्न 10.
अंतर हैलोजन यौगिक हैलोजन की अपेक्षा अधिक क्रियाशील होते हैं, क्यों ? .
उत्तर-
दो भिन्न हैलोजन के बीच बना बंध (A-B), शुद्ध हैलोजन (एक ही प्रकार के हैलोजन) परमाणु के बीच बने बंध (A-A या B-B) की तुलना में ज्यादा ध्रुवीय और दुर्बल होता है इसलिए अन्तर हैलोजन यौगिक अधिक क्रियाशील होते हैं।

प्रश्न 11.
हीलियम और निऑन फ्लुओरीन के साथ यौगिक नहीं बनाते हैं, क्यों ?
उत्तर
He और Ne के संयोजकता कक्ष में d-ऑर्बिटल नहीं होने के कारण इनके इलेक्ट्रॉन उत्तेजित होकर Xe के समान उच्च ऊर्जा के d-कक्षक में नहीं जा सकते इसलिए He और Ne फ्लुओरीन के साथ यौगिक नहीं बनाते हैं।

p-ब्लॉक के तत्त्व लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
सामान्य ताप पर H2O द्रव है जबकि H2S गैस है, क्यों ? जल का क्वथनांक उच्च क्यों होता है ?
उत्तर
जल के अणु में Oxygen परमाणु उच्च विद्युत्-ऋणात्मक होता है। जिसके कारण जल के अन्य अणुओं से H- बन्धन (Inter molecular hydrogen bonding) करता है। फलस्वरूप जल के समस्त अणु संगुणित हो जाते हैं, जिससे क्वथनांक उच्च हो जाता है।

MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 35
H2S में हाइड्रोजन बंध नहीं पाये जाने के कारण इसके अणुओं में संगुणन नहीं होता तथा गैसीय अवस्था में रहता है। जबकि H2O द्रव अवस्था में।

प्रश्न 2.
फॉस्फोरस के पाँच ऑक्सी अम्लों के नाम लिखकर उनकी संरचना सूत्र दर्शाइए।
उत्तर
फॉस्फोरस के पाँच ऑक्सी अम्लों के नाम –

  1. हाइपो फॉस्फोरस अम्ल (H3PO2) एक क्षारकीय
  2. हाइपो फॉस्फोरिक अम्ल (H4P2O6) चतुर्भारकीय
  3. फॉस्फोरस अम्ल (H3PO3) द्विक्षारकीय
  4. ऑर्थो-फॉस्फोरिक अम्ल (H3PO4) त्रिक्षारकीय
  5. पायरो फॉस्फोरिक अम्ल (H4P2O7) चतुर्धारकीय।

MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 36

प्रश्न 3.
ऑक्सीजन का व्यवहार अपने समूह के अन्य तत्त्वों से भिन्न है। कारण लिखिए।
उत्तर
ऑक्सीजन के असंगत व्यवहार के निम्न कारण हैं –

  • परमाणु आकार का छोटा होना।
  • विद्युत्-ऋणात्मकता का मान अधिक होना।
  • d-कक्षक का उपलब्ध न होना।
  • इसकी आयनन ऊर्जा उच्च होती है।

प्रश्न 4.
क्या कारण है कि ऑक्सीजन एक गैस है, जबकि सल्फर एक ठोस है ?
उत्तर
ऑक्सीजन द्वि-परमाणुक अणु O2 बनाता है। इसमें ऑक्सीजन के विभिन्न अणु दुर्बल अन्तरअणुक वाण्डर वाल बल द्वारा बँधे होते हैं। अतः ऑक्सीजन सामान्य ताप पर गैस होती है।
दूसरी ओर सल्फर आठ परमाणुओं की जटिल आण्विक संरचना बनाता है। अतः सल्फर के इस S8 अणु का आण्विक द्रव्यमान अधिक होने के कारण यह ठोस अवस्था में होता है।

प्रश्न 5.
जल उदासीन होता है किन्तु H2S एक दुर्बल अम्ल है, क्यों ?
उत्तर
जल के अणुओं में प्रबल H-बन्ध पाये जाने के कारण इनके अणु परस्पर संगुणित अवस्था में रहते हैं, जिससे इसके वियोजन स्थिरांक (Ka) का मान कम होता है। अत: जल उदासीन द्रव है। जबकि H2S में S की ऋणविद्युत्ता अधिक नहीं होने के कारण हाइड्रोजन बन्ध नहीं बना पाता तथा सल्फर का परमाणु आकार ऑक्सीजन के परमाणु चित्र-S, अणु की संरचना आकार से बड़ा होता है। जिससे यह हाइड्रोजन का प्रोटॉन के रूप में मुक्त होने के लिए सहायक होता है। अतः H2S दुर्बल अम्ल है।

MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 37

प्रश्न 6.
प्रयोगशाला में अमोनिया गैस को शुष्क करने के लिए अनबुझे चूने का ही प्रयोग किया जाता है। कारण लिखिए।
उत्तर
प्रयोगशाला में अमोनियम क्लोराइड (नौसादर) और क्षार या बुझा हुआ चूना विलयन को कठोर काँच के फ्लास्क में गर्म करने पर अमोनिया गैस बनती है। इसे बिना बुझे हुए चूने द्वारा शुष्क कर हवा के अधोविस्थापन द्वारा एकत्रित कर लिया जाता है।
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 38
अमोनिया को चूने के अलावा अन्य जल शोषक पदार्थों (H2SO4, P2O5, CaCl2) से शुष्क नहीं किया जा सकता क्योंकि वह उनसे क्रिया करती है। अमोनिया के, जल में अत्यधिक विलेय होने से जल के ऊपर भी एकत्रित नहीं किया जा सकता।

2NH3 + H2SO4 → (NH4)2SO4बनता है।
CaCl2 + 8NH3 → CaCl2 . 8NH3 योगात्मक यौगिक बनता है।
6NH3 + P2O5 +3H2O → 2(NH4)3 PO4 बनता है।

प्रश्न 7.
SO2 तथा Cl2 की विरंजन क्रिया में अन्तर लिखिए।
अथवा, क्लोरीन द्वारा फूलों का विरंजन स्थायी होता है जबकि SO2 द्वारा अस्थायी होता है, कारण समझाइए।
उत्तर
SO2 द्वारा विरंजन-नमी की उपस्थिति में SO2 गैस वनस्पतियों के रंगीन पदार्थ को अपचयन द्वारा रंगहीन बना देती है। यह विरंजन अस्थायी होता है, क्योंकि वायुमण्डल की ऑक्सीजन द्वारा रंगहीन पदार्थ का ऑक्सीकरण हो जाता है तथा वह रंगीन पदार्थ में बदल जाता है।

MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 39

Cl2 द्वारा विरंजन-Cl2 द्वारा विरंजन ऑक्सीकरण क्रिया से होता है। नमी की उपस्थिति में यह वनस्पतियों एवं रंगीन वस्तुओं का विरंजन कर देती है । Cl2 और जल की क्रिया से नवजात ऑक्सीजन बनती है, जो रंगीन पदार्थ को ऑक्सीकरण द्वारा रंगहीन पदार्थ में बदल देती है।

Cl2 + H2O →HCl + HClO
HClO→ HCI +O
रंगीन पदार्थ + O → रंगहीन पदार्थ

Cl2 द्वारा किया गया विरंजन स्थायी होता है।

प्रश्न 8.
सल्फर के किन्हीं पाँच ऑक्सी अम्लों के सूत्र एवं संरचना लिखिए।
उत्तर
सल्फर के प्रमुख ऑक्सी अम्ल तथा उसमें सल्फर की ऑक्सीकरण अवस्था निम्नलिखित हैं –
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 40

प्रश्न 9.
H2SO4 के निर्माण की सीस कक्ष विधि के प्रयुक्त ग्लोबर स्तम्भ के कोई चार कार्य लिखिए।
उत्तर
ग्लोबर स्तम्भ के मुख्यत: चार कार्य हैं –

  • सीस कक्ष का अम्ल जिसमें जल की अशुद्धि होती है। SO2 से मिलकर H2SO4 बनाता है जिससे इस अम्ल का सान्द्रण 80% तक हो जाता है।
  • गैलूसैक स्तम्भ से प्राप्त नाइट्रीकृत H2SO4 में से N2 के ऑक्साइड मुक्त हो जाते हैं।
  • बर्नर से प्राप्त SO2 तथा NO2 का मिश्रण 50 से 80°C तक ठण्डा हो जाता है।
  • इस स्तम्भ में कुछ SO2 का SO3 में ऑक्सीकरण हो जाता है।

प्रश्न 10.
अम्लराज क्या है ? इसका उपयोग लिखिए।
उत्तर
अम्लराज (Aqua regia)—यह 1 भाग सान्द्र HNO3 तथा 3 भाग सान्द्र HCl को मिलाने से बनता है।
उपयोग–अम्लराज Au, Pt और Ir को घोलने के लिए प्रयुक्त होता है।
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 41

प्रश्न 11.
सल्फ्यूरिक अम्ल के निर्माण में संपर्क विधि को सीस कक्ष विधि से अधिक उपयुक्त क्यों माना जाता है ?
उत्तर

  • सम्पर्क विधि से प्राप्त अम्ल शुद्ध होता है किन्तु सीस कक्ष विधि से प्राप्त अम्ल अशुद्ध होता है।
  • सम्पर्क विधि के संयंत्र के लिये कम स्थान लगता है जबकि सीस कक्ष विधि के संयंत्र के लिये अधिक स्थान चाहिए।
  • सम्पर्क विधि में ठोस उत्प्रेरक प्लैटिनीकृत एस्बेस्टस प्रयुक्त होता है जबकि सीस कक्ष विधि में प्रयुक्त उत्प्रेरक गैसीय होता है जिसका प्रवाह नियमित रखना आवश्यक है।
  • सम्पर्क विधि संयंत्र को लगाने में सीस कक्ष संयंत्र की तुलना में कम खर्च आता है।
  • सम्पर्क विधि में प्राप्त अम्ल अधिक सान्द्र होता है किन्तु सीस कक्ष विधि में तनु अम्ल प्राप्त होता है।

प्रश्न 12.
PH3 का क्वथनांक NH3 से कम होता है, क्यों ?
उत्तर
नाइट्रोजन और फॉस्फोरस दोनों की विद्युत्-ऋणात्मकता में बड़ा अन्तर होने के कारण NH3 अणु अन्तर आण्विक H- बन्ध बनाने में भाग लेता है इसलिए NH3 एक संगुणित अणु के रूप में विद्यमान रहता है। इन हाइड्रोजन बन्धों को तोड़ने के लिए ऊर्जा की अधिक मात्रा की आवश्यकता होती है।
जबकि PH3 हाइड्रोजन बन्ध बनाने में भाग नहीं लेता है इसलिए यह अखण्डित अणु के स्वरूप में विद्यमान नहीं रह पाता इसलिए PH3 का क्वथनांक NH3 से कम ही पाया जाता है।
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 42

प्रश्न 13.
फॉस्फीन बनाने की प्रयोगशाला विधि का नामांकित चित्र बनाइए तथा रासायनिक समीकरण दीजिए।
उत्तर
प्रयोगशाला में फॉस्फीन गोल पेंदी के फ्लास्क में सफेद फॉस्फोरस और NaOH को CO2 एवं तेल गैस के अक्रिय वातावरण में गर्म करके बनायी जाती है। मुक्त फॉस्फीन में अपद्रव्य के रूप में फॉस्फोरस डाइहाइड्राइड होने के कारण इसमें बड़ी शीघ्रता से आग लग जाती है। गैस के बुलबुले वायु के सम्पर्क में आते ही वलयाकार धुएँ के चक्र बनाते हैं। NaOH के स्थान पर ऐल्कोहॉली KOH भी प्रयुक्त कर सकते हैं।
फॉस्फीन PH3 बनाने की प्रयोगशाला विधि का नामांकित चित्र –
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 43
अभिक्रिया समीकरण –
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 44

प्रश्न 14.
नाइट्रोजन का अपने समूह 15 से भिन्नता एवं समूह 16 के गन्धक से विकर्ण सम्बन्ध रखती है, समानता एवं भिन्नता का कारण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
नाइट्रोजन की अन्य तत्वों से भिन्नता के कारण निम्नलिखित हैं –

  • नाइट्रोजन के परमाणु आकार का छोटा होना।
  • उच्च ऋणविद्युत्ता का होना।
  • बहु-बन्ध बनाने की प्रवृत्ति का होना।
  • d-ऑर्बिटलों का अभाव होना।

नाइट्रोजन का गन्धक से विकर्ण सम्बन्ध-नाइट्रोजन समूह 15 का तत्व है जबकी गन्धक समूह 16 का तत्व, परन्तु दोनों समानता प्रदर्शित करते हैं।
इन तत्वों में मुख्य समानताएँ निम्नलिखित हैं –

  • दोनों ही तत्व अधातु हैं।
  • दोनों ही तत्व ऋणविद्युती हैं।
  • दोनों ही तत्वों के ऑक्साइड अम्लीय होते हैं।
  • दोनों ही तत्व अस्थायी सहसंयोजक ऑक्सी हैलाइड तथा हैलाइड बनाते हैं।

प्रश्न 15.
पायरो फॉस्फोरिक अम्ल की संरचना लिखिए।
उत्तर
पायरो फॉस्फोरिक अम्ल में फॉस्फोरस की ऑक्सीकरण संख्या +5
है। यह चतुर्भारकीय अम्ल है। पायरो शब्द ऐसे अम्लों के लिए प्रयुक्त होता है जो दो अणुओं को गर्म करने पर एक जल अणु की कमी से प्राप्त होता है। इसका रासायनिक सूत्र H4P2O7,(P2O5.2H2O) है।
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 45

प्रश्न 16.
ऑक्सीजन -2 से +2 तक ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करता है, जबकि इस समूह के अन्य तत्व + 2, +4 तथा + 6 ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करते हैं। इसका कारण लिखिए।
उत्तर
ऑक्सीजन की ऑक्सीकरण अवस्था – 2 है, परन्तु H2O2, O2,O2F2 तथा OF2 आदि में यह क्रमशः – 1, 0, +1 तथा +2 ऑक्सीकरण अवस्था भी प्रदर्शित करता है। इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 1s22s22p22p1y2p1z है एवं ऑक्सीजन के पास nd कक्षक रिक्त नहीं होते हैं, जिससे इसकी संयोजकता इससे अधिक नहीं होती। ऑक्सीजन के अतिरिक्त अन्य तत्वों के पास nd कक्षक रिक्त होते हैं, जिससे आवश्यकतानुसार ns तथा np कक्षक के इलेक्ट्रॉन स्थानान्तरित होकर इनमें आ जाते हैं, किन्तु ऑक्सीजन में ऐसी परिस्थिति नहीं है।

प्रश्न 17.
समझाइए ऑक्सीजन का अणुसूत्र O2 है, जबकि सल्फर का ss है।
उत्तर
ऑक्सीजन परमाणु का आकार छोटा होता है अतः यह स्वयं के साथ स्थायी द्विबन्ध बनाने की क्षमता रखता है। अतः इसका अणु सूत्र O2 है जबकि सल्फर परमाणु का आकार बड़ा होने के कारण यह बहुबन्ध नहीं बनाता है, इसलिए यह S2 के रूप में नहीं रहता है। इसके साथ ही साथ S-S बन्ध ऊर्जा अधिक होने के कारण इसमें श्रृंखलन का गुण ऑक्सीजन से अधिक होता है, इसलिए सल्फर S रूप में रहता है जिसमें प्रत्येक सल्फर परमाणु अन्य सल्फर परमाणुओं से एकल सहसंयोजी बन्ध द्वारा जुड़कर सिकुड़ी हुई रिंग (Puckered ring) जैसी संरचना बनाता है।

प्रश्न 18.
नाइट्रोजन के महत्वपूर्ण ऑक्साइडों की संरचना लिखिए।
उत्तर-
नाइट्रोजन के ऑक्साइडों की संरचना –
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 46

प्रश्न 19.
ओजोन के निर्माण की सीमेन-हालस्के ओजोनाइजर विधि को समझाइए तथा नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर
ओजोन की अधिक मात्रा में बनाने के लिए सीमेन और हालस्के का ओजोनाइजर (Siemen’s and Halske’s ozonizer) प्रयुक्त किया जाता है, जो ढलवाँ लोहे का बॉक्स होता है। बक्से में दो-दो की कतारों में लगभग दस-बारह काँच की नलियाँ होती हैं। इन नलियों में ऐल्युमिनियम के इलेक्ट्रोड लगे होते हैं। नली में से शुष्क वायु प्रवाहित करते हैं तथा इलेक्ट्रोडों से 800-1000 वोल्ट विभव पर विद्यत धारा प्रवाहित करते । हैं। उपकरण को ठण्डा रखने के लिए उसके चारों ओर जल प्रवाहित करते हैं। लोहे के पात्र का भू-सम्पर्क कर देते हैं। क्रिया के पश्चात् बाहर आयी हुई वायु ओजोन मिश्रित होती है।
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 47

प्रश्न 20.
H2O की तुलना में H2S प्रबल अपचायक है, क्यों? कोई तीन कारण दीजिए।
उत्तर
H2O की अपेक्षा H2S एक प्रबल अपचायक है क्योंकि H2S अपना हाइड्रोजन आसानी से मुक्त कर देता है H2O नहीं, इसके मुख्य कारण हैं

  • H2O में H-बन्ध होता है जिससे हाइड्रोजन मुक्त करने में अतिरिक्त ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
  • S का आकार ऑक्सीजन से बड़ा होता है।
  • ऑक्सीजन की विद्युत्-ऋणता सल्फर से अधिक होती है।

प्रश्न 21.
सल्फ्यूरस अम्ल अपचायक क्यों है ?
उत्तर
क्योंकि H2SO3 के सल्फर परमाणु पर अभी भी एक अनाबंधित इलेक्ट्रॉन होता है, इस इलेक्ट्रॉन युग्म को खोकर H,SO, का सल्फर परमाणु अपनी उच्च ऑक्सीकरण अवस्था में आ सकता है। इसलिए H2SO3 अपचायक की तरह कार्य करता है।

प्रश्न 22.
उत्कृष्ट गैसों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखिए।
उत्तर
उत्कृष्ट गैसों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास निम्नलिखित हैं –
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 48

प्रश्न 23.
कारण स्पष्ट कीजिए –
(a) HF द्रव है, जबकि अन्य हैलोजन के हाइड्राइड सामान्य ताप पर गैस है।
(b) फ्लुओरीन, पॉलीहैलाइड नहीं बनाता ।
उत्तर
(a) फ्लुओरीन की ऋणविद्युत्ता अन्य हैलोजनों से सर्वोच्च होती है। अत: HF अणु H बंध द्वारा संयुग्मित होते हैं। इसके साथ ही साथ HF का क्वथनांक अन्य हैलोजन अम्लों से अधिक होता है, इसलिए HF द्रव होता है, जबकि हैलोजन के हाइड्राइड कमरे के ताप पर गैस होते हैं।
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 49
(b) फ्लुओरीन का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 1s22s2p5 है। इसके संयोजकता कोश में रिक्त d-कक्षक की अनुपस्थिति के कारण यह उच्च ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित नहीं करता है और इसीलिए यह पॉलीहैलाइड नहीं बनाता है।
आर्गन

प्रश्न 24.
कारण दीजिए –
(a) उत्कृष्ट गैसें एकपरमाणुक होती हैं।
(b) उत्कृष्ट गैसों की परमाणु त्रिज्याएँ सबसे अधिक होती हैं।
(c) उत्कृष्ट गैसों की आयनन ऊर्जा सर्वोच्च होती है।
उत्तर
(a) उत्कृष्ट गैसों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास में एक भी अयुग्मित इलेक्ट्रॉन नहीं होते हैं इसलिए वे रासायनिक बन्ध नहीं बनाते हैं और एकपरमाणुक होते हैं।
(b) उत्कृष्ट गैसों के बाह्यतम् कोश पूर्णतः भरे होते हैं तथा उत्कृष्ट गैसों के परमाणुओं की वाण्डर वाल्स त्रिज्या का मान अन्य परमाणुओं के सहसंयोजक त्रिज्या के मान से अधिक होता है।
(c) उत्कृष्ट गैसों के बाह्य कोश में सभी इलेक्ट्रॉन युग्मित होते हैं, अतः इन्हें अयुग्मित करने के लिए अत्यधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जिससे इनकी आयनन ऊर्जा अपने-अपने आवर्गों में सर्वोच्च होती है।

प्रश्न 25.
प्राप्य क्लोरीन से आप क्या समझते हैं ? समीकरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
ब्लीचिंग पाउडर तनु H2SO4 के आधिक्य (अथवा CO2) से क्रिया करके क्लोरीन गैस मुक्त करता है।

CaOCl2 + H2SO4→ CaSO4 + H2O + Cl2
CaOCl2 + CO2 → CaCO3 + Cl2

इस प्रकार मुक्त क्लोरीन “प्राप्य क्लोरीन” कहलाता है। एक अच्छे नमूने में 35-38% प्राप्य क्लोरीन होती है।

प्रश्न 26.
हीलियम के दो उपयोग लिखिए।
उत्तर
हीलियम के उपयोग- (1) दमा के रोगियों को हीलियम ऑक्सीजन का मिश्रण साँस लेने के लिए दिया जाता है।
(2) वायु की अपेक्षा हीलियम का भार कम होने के कारण इसे वायुयानों के टायरों में भरा जाता है। ,

प्रश्न 27.
XeF2 तथा XeF4 की संरचना समझाइए।
उत्तर
XeF2 की संरचना-XF2 में Xe, sp3d संकरित अवस्था में होता है। इसलिए इसकी संरचना त्रिभुजीय द्विपिरामिडीय होनी चाहिए। लेकिन 3 एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म की उपस्थिति के कारण XeF2 की संरचना रेखीय होती है।
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 50
XeF2 की संरचना – Xe की उत्तेजित अवस्था में 5p-कक्षक के 2 इलेक्ट्रॉन 54-कक्षक में जाकर sp2d2 संकरण बनाते हैं। इन 6 संकरित कक्षकों में से चार अयुग्मित इलेक्ट्रॉन XeF4 बनाते हैं। दो एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म की उपस्थिति के कारण संरचना वर्ग समतलीय होती है।
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 51

प्रश्न 28.
फ्लुओरीन केवल एक ही ऑक्सीकरण अवस्था (-1) प्रदर्शित करता है, क्यों?
उत्तर
फ्लुओरीन की विद्युत्-ऋणात्मकता सबसे अधिक होती है। अत: वह हमेशा -1 ऑक्सीकरण अवस्था दर्शाती है। साथ ही फ्लुओरीन के संयोजकता कोश में d-कक्षक नहीं पाये जाते, अत: उसकी कोई उत्तेजित अवस्था नहीं हो सकती। इसके फलस्वरूप वह कोई उच्च ऑक्सीकरण अवस्था नहीं दर्शाता।

प्रश्न 29.
क्लोरीन के किन्हीं तीन प्रमुख ऑक्सी अम्लों के सूत्र, संरचना एवं उनकी ऑक्सीकरण अवस्थाएँ लिखिए।
उत्तर
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 52
संरचना-HClO की संरचना-HClO के ClO आयन में केन्द्रीय परमाणु क्लोरीन sp3 संकरण द्वारा चार संकर कक्षक बनाता है, जिनमें से तीन पर एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म और चौथा ऑक्सीजन परमाणु के d-कक्षक से अतिव्यापन करके σ-बन्ध बनाता है। इनकी आकृति रेखीय हो जाती है।
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 53
HClO4 की संरचना-इसके केन्द्रीय परमाणु Cl में sp3 संकरण होता है, इस प्रकार ClO4 आयन की संरचना चतुष्फलकीय होती है।
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 54

प्रश्न 30.
ब्लीचिंग पाउडर की विरंजन क्रिया को समझाइए।
उत्तर
जिस वस्त्र का विरंजन करना होता है, उसे Na2CO3 विलयन के साथ उबालकर चिकनाई हटा लेते हैं। फिर उसे घिर्रियों की सहायता से अनेक बड़े पत्थरों के टबों में ले जाया जाता है। वस्त्र को पहले एक ऐसे पात्र में डुबाया जाता है, जिसमें विरंजक चूर्ण (CaOCl2) का तनु विलयन भरा रहता है । वस्त्र को इस पात्र से निकाल कर दूसरे पात्र में डुबाते हैं, जिसमें तनु H2SO4 भरा रहता है । तनु H2SO4 की विरंजक चूर्ण की क्रिया से क्लोरीन गैस निकलती है, जो वस्त्र का विरंजन कर देती है।
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 55
अब इसे तीसरे पात्र में, जिसमें सोडियम थायो-सल्फेट या हाइपो का विलयन होता है डुबा देते हैं। हाइपो द्वारा क्लोरीन की अधिक मात्रा समाप्त हो जाती है। इसके पश्चात् कपड़े को चौथे टब में ले जाया जाता है, जिससे इसे पानी में खूब धोते हैं । यहाँ कपड़े में लगे सारे रासायनिक पदार्थों को धोकर निकाल दिया जाता है। इसके बाद कपड़े को गर्म रोलरों पर दबाया जाता है, जिससे कपड़ा सूख जाता है तथा इस्तरी करने के बेलनों से कपड़े की सिकुड़न दूर कर दी जाती है। अन्त में रंग उड़े कपड़े को छड़ पर गोल करके लपेट देते हैं।

प्रश्न 31.
उत्कृष्ट गैसें निष्क्रिय क्यों होती हैं ?
उत्तर
उत्कृष्ट गैसें निम्नलिखित कारणों से निष्क्रिय होती हैं –

  • उत्कृष्ट गैसें निष्क्रिय होती हैं, क्योंकि इनका अष्टक पूर्ण होता है, जो तत्व की सबसे अधिक स्थायी अवस्था है। इनके परमाणु में कोई अयुग्मित इलेक्ट्रॉन नहीं होता है।
  • उत्कृष्ट गैसों की आयनन ऊर्जा अति उच्च होती है तथा इलेक्ट्रॉन बन्धुता एवं ऋणविद्युत्ता शून्य होती है, अतः ये न तो इलेक्ट्रॉन ग्रहण करते हैं, न त्यागते हैं और न ही साझा करते हैं। अत: ये निष्क्रिय होते हैं।

प्रश्न 32.
फ्लुओरीन की अन्य हैलोजनों से भिन्नता के कोई तीन कारण दीजिए।
उत्तर
फ्लुओरीन के अन्य हैलोजनों से भिन्नता के निम्न कारण हैं –

  • फ्लुओरीन की बन्ध ऊर्जा अत्यन्त कम 158 kJ मोल-1 है, जिसके कारण F2 से अभिक्रिया हेतु बहुत कम सक्रियण ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
  • फ्लुओरीन परमाणु का आकार अन्य हैलोजनों की तुलना में छोटा होता है, फलस्वरूप फ्लुओरीन का अन्य परमाणुओं के साथ बना सहसंयोजी बन्ध प्रबल होता है।
  • फ्लुओरीन की ऋणविद्युत्ता अन्य हैलोजनों से अधिक होती है, अत: यह आसानी से F आयन बना सकता है। ऋणविधुत्ता अधिक होने के कारण यह दूसरे तत्वों को उनके यौगिकों से प्रतिस्थापित कर देता है।

प्रश्न 33.
जीनॉन उत्कृष्ट गैस है, फिर भी यह यौगिक बनाती है, क्यों ? इसके दो यौगिक के संरचना सूत्र दर्शाइए।
उत्तर
सन् 1962 में नील बार्लेट ने देखा कि ऑक्सीजन PtF6 से क्रिया करके O2[PtF6 ] बनाता है। उन्होंने सोचा कि ऑक्सीजन और जीनॉन की प्रथम आयनन ऊर्जा लगभग बराबर होती है। इसी आधार पर उन्होंने Xe व PtF6 की सीधी अभिक्रिया द्वारा प्रथम यौगिक Xe[Ptf6 ] बना लिया, जो नारंगी पीले रंग का ठोस था।
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 56
प्रश्न 34.
फ्लुओरीन, क्लोरीन की तुलना में प्रबल ऑक्सीकारक है, कारण दीजिए।
उत्तर
फ्लुओरीन, क्लोरीन की तुलना में निम्नलिखित कारणों से प्रबल ऑक्सीकारक है—

  • F परमाणु का आकार Cl परमाणु से छोटा होता है।
  • F की ऋणविद्युत्ता Cl से अधिक होती है।
  • फ्लुओरीन की वियोजन ऊर्जा क्लोरीन से बहुत कम होती है।
  • फ्लुओरीन का E0 का मान क्लोरीन से अधिक होता है।

प्रश्न 35.
क्लोरीन गैस बनाने की प्रयोगशाला विधि का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर
प्रयोगशाला विधि-हाइड्रोक्लोरिक अम्ल और MnO2 की क्रिया से-एक फ्लास्क में MnO2 लिया जाता है। थिसिल फनल द्वारा सान्द्र HCI डाला जाता है। HCl की मात्रा इतनी डाली जाती है कि MnO2 पूर्ण रूप से ढंक जाये। फ्लास्क को धीरे-धीरे गर्म करते हैं, जिससे हरे-पीले रंग की Cl2 गैस निकलती है।

MnO2 + 4HCl → MnCl2 + 2H2O+Cl2

MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 57
प्राप्त Cl2 गैस में HCl और जल वाष्प की अशुद्धियाँ होती हैं, जो क्रमशः जल और सान्द्र H2SO4 में प्रवाहित करने से दूर हो जाती है।

प्रश्न 36.
उत्कृष्ट गैसों के पाँच भौतिक गुणों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर
उत्कृष्ट गैसों के भौतिक गुण –

  • परमाणु त्रिज्या उत्कृष्ट गैसों की आयनिक त्रिज्या वाण्डर वाल्स त्रिज्या के संगत है। समूह में ऊपर से नीचे जाने पर वाण्डर वाल्स त्रिज्या बढ़ती जाती है।
  • आयनन ऊर्जा—इनका स्थायी इलेक्ट्रॉनिक विन्यास होने के कारण आयनन ऊर्जा बहुत अधिक होती है। आयनन ऊर्जा का मान परमाणु क्रमांक में वृद्धि के साथ घटता जाता है।
  • इलेक्ट्रॉन बन्धुता—इनके स्थायी विन्यास ns2np6 के कारण उत्कृष्ट गैसों में इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की प्रवृत्ति नहीं होती है। इस कारण इनकी इलेक्ट्रॉन बन्धुता लगभग शून्य होती है।
  • गलनांक एवं क्वथनांक इनके परमाणुओं में दुर्बल आकर्षण बल होने के कारण इन गैसों के गलनांक एवं क्वथनांक कम होते हैं। समूह में ऊपर से नीचे जाने पर m.p. और b.p. का मान क्रमशः बढ़ता जाता है।
  • द्रवीकरण-उत्कृष्ट गैसें सुगमता से द्रवीभूत नहीं होती हैं । इसका कारण इनमें दुर्बल वाण्डर वाल्स बलों का होना है।

प्रश्न 37.
हैलोजन के हाइड्राइडों की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर
हैलोजन, हाइड्रोजन से योग करके वाष्पशील हैलाइड बनाते हैं, जिनका सामान्य सूत्र HX है।
x2 + H2 → 2HX
इन हाइड्राइडों की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –

  • भौतिक अवस्था सामान्य परिस्थितियों में HCl, HBr और HI गैस तथा HF द्रव है।
  • स्थायित्व समूह में ऊपर से नीचे की ओर जाने पर हाइड्राइडों का स्थायित्व घटता है। H सबसे अधिक तथा HI सबसे कम स्थायी है।
  • अपचायक प्रवृत्ति समूह में ऊपर से नीचे जाने पर HF से HI तक अपचायक गुण बढ़ता है।
  • बन्ध की प्रकृति सभी हैलाइड सहसंयोजी प्रकृति के होते हैं, किन्तु कुछ में आयनिक लक्षण भी होते हैं। आयनिक लक्षण HF से HI तक क्रमशः घटता है।
  • अम्लीय शक्ति सभी जल में आयनित होकर अम्ल की तरह व्यवहार करते हैं। इन अम्लों की शक्ति HF से HI की ओर बढ़ती है।

प्रश्न 38.
समूह 17 के तत्व (हैलोजन) रंगीन होते हैं, क्यों?
उत्तर
हैलोजन समूह के समस्त तत्व रंगीन होते हैं, उनका रंग परमाणु संख्या में वृद्धि के साथ गहरा होता जाता है।
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 58
हैलोजनों में रंग उनके अणुओं द्वारा दृश्य प्रकाश (Visible light) के अवशोषण के कारण होता है। अणुओं द्वारा दृश्य प्रकाश के अवशोषण के फलस्वरूप बाह्यतम् इलेक्ट्रॉन उत्तेजित होकर उच्च ऊर्जा स्तर पर चले जाते हैं, जिसके कारण ये तत्व रंगीन दिखाई देते हैं। उदाहरणार्थ-फ्लोरीन का आकार अत्यन्त छोटा होने के कारण बाह्य इलेक्ट्रॉन पर नाभिक का आकर्षण अधिक होता है तथा बाह्यतम् इलेक्ट्रॉन को उत्तेजित करने के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता पड़ती है। फ्लुओरीन परमाणु अधिक ऊर्जा वाले बैंगनी विकिरणों को अवशोषित करते हैं, अत: वे हल्के पीले दिखाई देते हैं जबकि आयोडीन परमाणु का आकार बड़ा होता है । बाह्यतम् इलेक्ट्रॉन नाभिक से काफी दूर रहते हैं। उन्हें उत्तेजित करने के लिए कम ऊर्जा वाले पीले विकिरणों की आवश्यकता होती है। दृश्य प्रकाश से पीले रंग के विकिरण के अवशोषण के कारण वे बैंगनी दिखाई देते हैं।

प्रश्न 39.
फ्लुओरीन केवल +1 या-1 ऑक्सीकरण अवस्था दर्शाता है जबकि अन्य हैलोजन तत्व इसके अतिरिक्त +3, +5 एवं +7 ऑक्सीकरण अवस्था भी दर्शाते हैं, क्यों ?
उत्तर
फ्लुओरीन केवल +1 या-1 ऑक्सीकरण अवस्था दर्शाता है जबकि अन्य हैलोजन तत्व जैसेCl, Br तथा I, +3, +5, +7 ऑक्सीकरण अवस्था भी दर्शाते हैं क्योंकि शेष हैलोजन Cl, Br व I में रिक्त d-कक्षक भी उपस्थित होता है। जिसके फलस्वरूप उत्तेजित अवस्था में इलेक्ट्रॉन d-कक्षक में जाने से क्रमशः 3,5, 7 अयुग्मित इलेक्ट्रॉन हो जाते हैं। यही कारण है कि ये हैलोजन क्रमशः +3, +5 एवं +7 ऑक्सीकरण अवस्था भी दर्शाते हैं।
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 59

प्रश्न 40.
कारण स्पष्ट कीजिए(a) आयोडीन कुछ धात्विक गुण प्रदर्शित करता है। (b) हैलोजन प्रबल ऑक्सीकारक होते है, क्यों?
उत्तर
(a) आयोडीन की आयनन ऊर्जा कुछ कम होती है, अतः यह अपने संयोजकता कोश के एक इलेक्ट्रॉन को मुक्त कर कुछ अभिक्रियाओं में I आयन देता है। इसलिए यह कुछ धात्विक गुण रखता है।
I → I+ + e
(b) सभी हैलोजनों की इलेक्ट्रॉन बंधुता अधिक होती है, अतः इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की प्रकृति अधिक होती है, इसलिए हैलोजन प्रबल ऑक्सीकारक है। ऑक्सीकारक क्षमता F से I की ओर जाने पर घटती है।

F2> Cl2> Br2 > I2 अतः फ्लुओरीन सबसे प्रबल ऑक्सीकारक है।

प्रश्न 41.
हैलोजन श्रेणी में फ्लुओरीन अन्य सदस्यों की तुलना में सबसे अधिक सक्रिय है, किन्हीं तीन बिन्दुओं द्वारा स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
फ्लुओरीन की क्रियाशीलता के निम्नलिखित कारण हैं –
1. परमाणु त्रिज्या-फ्लुओरीन की परमाणु त्रिज्या छोटी होती है तथा इसके नाभिक पर उच्च धन आवेश होता है। इसलिये यह शीघ्रता से सहसंयोजी बंध बनाते हैं।
2. विद्युत् ऋणात्मकता-इसकी विद्युत् ऋणात्मकता का मान आवर्त सारणी के सभी तत्वों की विद्युत् ऋणात्मकता से अधिक है।
3. ऑक्सीकारक गुण-फ्लोरीन अन्य हैलोजन की तुलना में प्रबल ऑक्सीकारक है। इसलिये यह सरलता से इलेक्ट्रॉन ग्रहण कर ऋण आयन बना सकता है।

p-ब्लॉक के तत्त्व दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
ओजोन की निम्नलिखित पर रासायनिक समीकरण दीजिए –
(1) K2MnO4
(2) I2
(3) Ag2O
(4) CH2== CH2
(5) PbS.
उत्तर
(1) पोटैशियम मैंगनेट से पोटैशियम परमैंगनेट बनता है।
2K2MnO4 + H2O + O3 → 2KMnO4 + 2KOH +O2

(2) आयोडीन ऑक्सीजन से क्रिया करके आयोडिक अम्ल देता है।

I2 + H2O + 5O3 → 2HIO3 + 5O2

(3) सिल्वर ऑक्साइड अवकृत होकर सिल्वर देता है।

Ag2O + O3 →2Ag + 2O2

(4) एथिलीन ओजोनॉइड बनाता है।
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 60
(5) Pbs को PbSOA में ऑक्सीकृत कर देता है।

PbS + 4O3 → PbsO4 +4O2

प्रश्न 2.
नाइट्रिक अम्ल के निर्माण की ओस्टवाल्ड विधि का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर
ओस्टवाल्ड की विधि-1 आयतन अमोनिया और 8 आयतन वायु का मिश्रण प्लैटिनम की जाली (Platinum-gauze) के ऊपर 800°C ताप पर प्रवाहित किया जाता है तो 90% अमोनिया का नाइट्रिक ऑक्साइड में ऑक्सीकरण हो जाता है।
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 61
बनी हुई नाइट्रिक ऑक्साइड को बची हुई ऑक्सीजन कक्ष में भेजा जाता है, जिससे वह नाइट्रोजन परॉक्साइड में बदल जाती है।

2NO +O2 → 2NO2

यह NO, शोषक कक्ष में भेज दी जाती है, जहाँ ऊपर से धीरे-धीरे जल गिरता रहता है। जल और NO, के संयोग से तनु नाइट्रिक अम्ल बन जाता है।

2NO2 + H2O → HNO2 + HNO3
3HNO2 → HNO3 + H2O + 2NO.

प्रश्न 3.
नाइट्रोजन अपने समूह के तत्वों से किन-किन गुणों में भिन्नता प्रदर्शित करता है, और क्यों?
उत्तर
नाइट्रोजन निम्न कारणों से अपने समूह के अन्य तत्वों से भिन्नता प्रदर्शित करता है –

  • परमाणु का छोटा आकार,
  • उच्च विद्युत्-ऋणात्मकता,
  • बहु बन्ध बनाने की प्रवृत्ति
  • संयोजकता में वृद्धि के लिए d-उपकक्ष का उपलब्ध न होना।

गुणों में भिन्नता-

  • नाइट्रोजन निष्क्रिय गैस है जबकि अन्य सदस्य क्रियाशील ठोस हैं ।
  • नाइट्रोजन अणु द्विपरमाणुक (N2) है जबकि अन्य तत्वों के अणु चतुःपरमाणुक (P4, AS4, Sb4) हैं ।
  • नाइट्रोजन जटिल यौगिक नहीं बनाता जबकि अन्य तत्व रिक्त d-कक्षक की उपस्थिति के कारण जटिल यौगिक बनाते हैं।
  • नाइट्रोजन के अनेक ऑक्साइड (N2O, NO, N2O3, N2O4, N2O5) ज्ञात हैं। अन्य तत्वों के इतने ऑक्साइड नहीं बनते।
  • NH2 उच्च क्वथनांक वाला द्रव है जबकि अन्य हाइड्राइड गैस हैं ।
  • नाइट्रोजन अपने यौगिक में श्रृंखलन गुण प्रदर्शित करता है जबकि अन्य तत्वों में शृंखलन गुण नहीं पाया जाता ।
  • नाइट्रोजन अपरूपता प्रदर्शित नहीं करता जबकि अन्य तत्व कई अपरूपों में ज्ञात हैं ।
  • नाइट्रोजन संकुल आयन नहीं बनाता जबकि अन्य तत्व संकुल आयन बनाते हैं जैसे, PF4SbF6आदि।

प्रश्न 4.
ब्रॉडी ओजोनाइजर का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर
यह काँच की U आकार की नली होती है। भीतर नली में तनु H2SO4 डालकर Pt का तार डाला जाता है। काँच के सम्पूर्ण उपकरण को काँच के बर्तन में लटका देते हैं। इसमें भी H2SO4 भरा होता है। बाहरी बर्तन में भी Pt का इलेक्ट्रोड लगा देते हैं। U नली से शुष्क O2 प्रवाहित करते हैं। तीव्र विद्युत् विसर्जन से .ओजोनीकृत ऑक्सीजन प्राप्त होती है। इसमें ओजोन की मात्रा 20% होती है।
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 62

प्रश्न 5.
नाइट्रोजन परिवार के हाइड्राइडों का निम्न बिन्दुओं पर वर्णन कीजिए –
(i) नाम व सूत्र, (ii) क्षारीय गुण, (iii) अपचायक गुण, (iv) बंध कोण, (v) गलनांक एवं क्वथनांक।
उत्तर
(i)
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 63
(ii) क्षारीय गुण-NH3 से BiH3 की ओर जाने पर क्षारीयता घटती जाती है। क्योंकि नाइट्रोजन के छोटे आकार के कारण एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म की उपस्थिति से इस पर इलेक्ट्रॉन घनत्व उच्च होता है।
(iii) अपचायक गुण-NH3 से BiH3 की ओर जाने पर अपचायक क्षमता बढ़ती है।
(iv) बंध कोण-समूह में ऊपर से नीचे चलने पर बन्ध कोण घटता जाता है क्योंकि केन्द्रीय परमाणु की विद्युत्-ऋणात्मकता घटती है।
(v) गलनांक तथा क्वथनांक (m.p. and b.p.) – जहाँ तक गलनांक अथवा क्वथनांक का प्रश्न है, समूह 15 के तत्व कोई क्रमिकता प्रदर्शित नहीं करते। N से लेकर As तक गलनांक बढ़ता जाता है, जबकि पुनः Sb तथा Bi तक घटता है। क्वथनांक N से Bi तक लगातार बढ़ता जाता है। . .

प्रश्न 6.
ऑक्सीजन परिवार के हाइड्राइडों का निम्न बिन्दुओं पर वर्णन कीजिए –
(i) नाम व सूत्र, (ii) ऊष्मीय स्थायित्व, (iii) अपचायक गुण, (iv) अम्लीय गुण, (v) सहसंयोजक गुण।
उत्तर
(i)
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 64
(ii) ऊष्मीय स्थायित्व-हाइड्राइडों का ऊष्मीय स्थायित्व नीचे की ओर घटता है क्योंकि परमाणु आकार में वृद्धि से बंध शक्ति घटती है।
(iii) अपचायक गुण – H2O अपचायक नहीं है। H2S से H2Te तक अपचायक गुण बढ़ता है क्योंकि बंध शक्ति कम होने से हाइड्रोजन देने की प्रकृति बढ़ती है।
(iv) अम्लीय गुण-सभी दुर्बल अम्लीय प्रकृति के होते हैं। H2O से H2Te तक अम्लीय प्रकृति बढ़ती है क्योंकि हाइड्राइडों द्वारा सरलता से H’ दिया जाता है।
(v) सहसंयोजक गुण-हाइड्रोजन के बाह्यतम् कक्ष में एक इलेक्ट्रॉन होता है इससे वह ऑक्सीजन परिवार के अन्य तत्वों से सहसंयोजक बंध बनाकर अपना बाह्यतम् कक्ष पूर्ण करता है।

प्रश्न 7.
क्लोरीन निर्माण की विधि का निम्न बिन्दुओं के आधार पर वर्णन कीजिए –
(1) नेल्सन सेल का नामांकित चित्र, (2) सिद्धान्त तथा (3) डीकन विधि।
उत्तर
क्लोरीन का निर्माण ब्राइन NaCl के विद्युत्-अपघटन द्वारा किया जाता है इसमें क्लोरीन उपजात के रूप में प्राप्त होती है। नेल्सन सेल-यह इस्पात की टंकी में बेलनाकार ऐस्बेस्टॉस की तह लगी इस्पात की छिद्र युक्त नली लगाकर चित्र में दिखाये अनुसार बनाया जाता है। इस्पात की यह छिद्र युक्त नली कैथोड का कार्य करती है। इस नली में NaCl का विलयन भरकर इस्पात की टंकी में लटका देते हैं। इस विलयन में कार्बन की छड़ लगाकर उसे ऐनोड बनाया जाता है। विद्युत् प्रवाहित करने पर NaCl का विद्युत्-अपघटन हो जाता है। क्लोरीन ऐनोड पर मुक्त होकर बाहर निकल जाती है और सोडियम आयन ऐस्बेस्टॉस की तह को पार कर कैथोड पर मुक्त होने के बाद टंकी में आने वाली भाप से क्रिया करके NaOH विलयन बनाता है, जो अलग निकाल दिया जाता है। NaCl प्रयुक्त होने वाले सभी विद्युत्-अपघटनी सेलों में अभिक्रिया अग्रानुसार होती है –
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 65
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 66
(2) डीकन विधि-क्लोरीन का उत्पादन पहले डीकन विधि द्वारा किया जाता था, जिसमें HCl अम्ल गैस को उत्प्रेरक क्यूप्रिक क्लोराइड (CuCl2) की उपस्थिति में ऑक्सीजन के साथ 450°C पर गर्म किया जाता था।
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 67

प्रश्न 8.
क्लोरीन की निम्न के साथ होने वाली अभिक्रिया का समीकरण दीजिए –
(1) NH3 (2) NaOH, (3) H2O, (4) विरंजन गुण।।
उत्तर
क्लोरीन की अभिक्रिया –
(1) अमोनिया से क्रिया-अभिक्रिया दो प्रकार की होती है –
(a) अमोनिया के आधिक्य में अमोनियम क्लोराइड और नाइट्रोजन बनती है।
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 68
(b) यदि क्लोरीन की अधिकता हो तो एक विस्फोटक पदार्थ नाइट्रोजन ट्राइक्लोराइड बनता है।
NH3 +3Cl2 → NCl3 + 3HCl

(2) NaOH से क्रिया –
(a) ठण्डे और तनु कॉस्टिक सोडा से अभिक्रिया कर क्लोराइड और हाइपोक्लोराइट बनाती है।
Cl2 + 2NaOH → NaCl+NaClO + H2O
(b) गर्म और सान्द्र कॉस्टिक सोडा के साथ क्रिया कर क्लोराइड और क्लोरेट बनाती है।
3Cl2 + 6NaOH → NaClO3 +5NaCl +3H2O

(3) जल से क्रिया-Cl2 जल में घुलकर क्लोरीन जल बनाती है। यह हाइपोक्लोरस अम्ल होता है, जो बाद में HCl में विघटित हो जाता है।
[Cl2 + H2O → HOCl + HCl] x 2
2HOCl→2HCl + O2
2Cl2 + 2H2O → 4HCl + O2

(4) विरंजन गुण-नमी की उपस्थिति में क्लोरीन विरंजन का कार्य करती है तथा वनस्पतियाँ और रंगीन वस्तुओं का रंग उड़ा देती है। यह क्रिया ऑक्सीकरण के कारण होती है। अतः विरंजन स्थायी होती है।
Cl2 +H2 O → HClO + HCl
HCIO → HCl + O
रंगीन पदार्थ +(O) → रंगहीन पदार्थ ।

प्रश्न 9.
उत्कृष्ट गैसों के पृथक्करण की डेवार विधि का संक्षिप्त में वर्णन कीजिए –
उत्तर
डेवार विधि –
सिद्धांत – नारियल का कोयला या काष्ठ कोयला विभिन्न तापक्रमों पर विभिन्न गैसों का अधिशोषण करता है।

विधि – चित्रानसार उपकरण में उत्कृष्ट गैसों का मिश्रण लिया जाता है। शीत कुण्ड में रखे उपकरण में नारियल का कोयला भरा होता है, इसमें-100°C पर Xe, Kr तथा Ar का अधिशोषण हो जाता है। अनाशोषित He और Ne के मिश्रण को – 180°C पर नारियल के कोयले के सम्पर्क में रखा जाता है, जिससे निऑन पूर्ण रूप से अधिशोषित हो जाती है तथा He मुक्त अवस्था में बची रहती है। इसे चारकोल का ताप
बढ़ाकर Ne पृथक् कर लेते हैं।
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 69

MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 70

Ar, Kr और Xe अधिशोषित चारकोल को द्रव वायु के ताप (- 193°C) पर रखे एक अन्य चारकोल के सम्पर्क में लाने पर Ar इस चारकोल में अधिशोषित हो जाती है। Kr और Xe वाले चारकोल का ताप – 90°C कर देने पर Kr निकल जाती है और Xe चारकोल के साथ बची रहती है। अब विभिन्न गैसें अधिशोषित चारकोल का ताप बढ़ाकर प्राप्त कर ली जाती हैं।

प्रश्न 10.
समूह 17 के तत्वों को हैलोजन क्यों कहते हैं ? हैलोजन के निम्नलिखित गुणों की प्रकृति समझाइए
(1) ऑक्सीकरण अवस्था, (2) विद्युत्-ऋणात्मकता, (3) ऑक्सीकारक गुण, (4) अन्य तत्वों के साथ बन्ध बनाने की प्रकृति।
उत्तर
हैलोजन शब्द का अर्थ है समुद्री लवण बनाने वाला। वर्ग 17 के प्रथम चार सदस्य समुद्री जल में लवण के रूप में पाये जाते हैं । अत: वर्ग 17 के तत्वों को हैलोजन कहते हैं।
हैलोजनों में गुणों की प्रकृति –
(1) ऑक्सीकरण अवस्थाएँ-हैलोजनों की सामान्य ऑक्सीकरण संख्या – 1 होती है। फ्लुओरीन को छोड़कर अन्य हैलोजनों की ऑक्सीकरण संख्या +7 तक पाई जाती है।
F → -1
Cl → -1, + 1, + 3, +5, +7
Br → -1, + 1, +3,+5
I → -1, +1, + 3, +5, +7

अन्तिम कोश अष्टक विन्यास प्राप्त करने हेतु एक इलेक्ट्रॉन लेते या साझा करते समय, जब ये अपने से कम ऋणविद्युती तत्व से संयुक्त होते हैं तो इनकी ऑक्सीकरण अवस्था – 1 होती है और यदि अपने से अधिक ऋणविद्युती तत्वों से संयुक्त होते हैं, तो ऑक्सीकरण अवस्था + 1 होती है। HF, HCl व HI में हैलोजन की ऑक्सीकरण अवस्था -1 तथा ClF BrF, IF, HClO, HBrO, HIO में हैलोजन की ऑक्सीकरण अवस्था + 1 है।

फ्लुओरीन सर्वाधिक ऋणविद्युती तत्व है तथा हमेशा – 1 ऑक्सीकरण अवस्था दर्शाता है। F परमाणु के संयोजकता कोश में d-कक्षक नहीं होते, जिससे यह किसी उत्तेजित अवस्था में नहीं आ पाता, जिसके कारण यह कोई उच्च ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित नहीं करता। _

F को छोड़कर शेष अन्य हैलोजन परमाणुओं के संयोजकता कोश में d-कक्षक होते हैं, जिससे p तथा s कक्षकों के इलेक्ट्रॉन उत्तेजित होकर इन कक्षकों में पहुँच सकते हैं, जिसके कारण ये +3, +5, +7 ऑक्सीकरण अवस्थाएँ प्रदर्शित करते हैं । ब्रोमीन परिरक्षण प्रभाव (Screening effect) की अधिकता के कारण +7 ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित नहीं करता।

(2) विद्युत्-ऋणात्मकता-इस समूह के तत्वों की विद्युत्-ऋणात्मकता अन्य समूह के तत्वों से अधिक होती है तथा F से At तक घटती है । ज्ञात तत्वों में फ्लुओरीन की विद्युत्-ऋणात्मकता सर्वाधिक है, जिसका मान 4 दिया गया है।

(3) ऑक्सीकारक गुण-हैलोजन प्रबल ऑक्सीकारक है। इन तत्वों की इलेक्ट्रॉन बन्धुता अधिक होती है। अतः इनमें इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की क्षमता अधिक है। इस कारण ये प्रबल ऑक्सीकारक होते हैं। ऑक्सीकारक गुण के घटने का क्रम इस प्रकार है- F2> Cl2 > Br2 >I2

(4) अन्य तत्वों के साथ बन्ध बनाने की प्रकृति-हैलोजन, धातु अथवा विद्युत् धनात्मक तत्वों के साथ आयनिक बन्ध बनाते हैं । हैलोजन परमाणु का आकार बढ़ने के साथ-साथ आयनिक बन्ध बनाने की प्रकृति कम होती जाती है। उदाहरण-AIF3 आयनिक है, जबकि AlCl2 सहसंयोजक है। ये अधातुओं के साथ सहसंयोजक बन्ध बनाते हैं।

(a) हाइड्राइड-सभी हैलोजन HX प्रकार के हाइड्राइड बनाते हैं। HF द्रव है, जबकि HCI, HBr व HI गैसें हैं।
(b) हैलोजन ऑक्सीजन से सीधे क्रिया नहीं करते, ये अप्रत्यक्ष रूप से बनाये जाते हैं। उदाहरणऑक्सीजन डाइफ्लुओराइड, OF2 को NaOH पर F2 की क्रिया द्वारा बनाया जाता है।

2F2 + 2NaOH → 2 NaF + OF2 + H2O.

प्रश्न 11:
ब्लीचिंग पाउडर का निम्नलिखित बिन्दुओं पर वर्णन कीजिए –
(i) बनाने की विधि
(ii) गुण
(iii) उपयोग।
उत्तर
(i) बनाने की विधि-बुझे हुए चूने पर क्लोरीन की क्रिया से ब्लीचिंग पाउडर (विरंजक चूर्ण) बनता है।
Ca(OH)2 + Cl2 → CaOCl2 +H2O
ब्लीचिंग पाउडर बनाने के लिए दो प्रकार के संयन्त्र होते हैं।

(1) हेसेनक्लेवर संयन्त्र-इसमें अनेक क्षैतिज बेलन होते हैं जिनमें घूमने वाले शेफ्ट लगे होते हैं। ऊपर से बुझा हुआ चूना डाला जाता है, जो घूमने
वाले शेफ्ट से एक बेलन से दूसरे में होता हुआ नीचे कम पहुँच जाता है। इसमें नीचे की ओर से क्लोरीन प्रवाहित की जाती है। नीचे आता हुआ Ca(OH)2 तथा नीचे से ऊपर जाती हुई क्लोरीन आपस में क्रिया कर ब्लीचिंग पाउडर बनाते हैं। इसे नीचे ग्राही में एकत्र कर लेते हैं।
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 70
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 71

(2) बेकमेन संयन्त्र-आजकल विरंजक चूर्ण को बेकमेन संयन्त्र द्वारा बनाया जाता है। यह लोहे का एक ऊर्ध्वाधर स्तम्भ होता है जिसमें नीचे से थोड़ा ऊपर क्लोरीन तथा गर्म वायु के अन्दर जाने का रास्ता होता है तथा ऊपर एक कीप लगी रहती है। ऊपरी सिरे पर अप्रयुक्त क्लोरीन एवं वायु के एक निकास द्वार होता है। स्तम्भ के अन्दर की ओर क्षैतिज खाने के बने होते हैं। प्रत्येक खाने में घूमने वाली रेक लगी होती है तथा नीचे जाने पर यह ऊपर आती क्लोरीन से क्रिया कर ब्लीचिंग पाउडर में परिवर्तित हो जाती है।
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 72
(ii) ब्लीचिंग पाउडर के गुण –

(1) यह सफेद रंग का चूर्ण है, जिसमें क्लोरीन की प्रबल गन्ध होती है।
(2) यह ठण्डे जल में विलेय है। किन्तु चूने की उपस्थिति के कारण स्वच्छ विलयन नहीं बनता है।
चित्र-बेकमेन संयंत्र
(3) ठण्डे पानी में हिलाकर छानने पर ठण्डा छनित विलयन क्लोराइड हाइपोक्लोराइड आयनों की अभिक्रियाएँ प्रदर्शित करता है, जबकि गर्म करने पर यह क्लोराइड तथा क्लोरेट आयनों की उपस्थिति को प्रदर्शित करता है।
(4) तनु अम्लों की कम मात्रा से क्रिया-तनु अम्लों की अपर्याप्त मात्रा से ब्लीचिंग पाउडर की क्रिया कराने पर हाइपोक्लोरस अम्ल मुक्त होता है, जो नवजात ऑक्सीजन देने के कारण ऑक्सीकारक तथा विरंजक का कार्य करता है।
(5) तनु अम्लों की अधिक मात्रा से क्रिया-ब्लीचिंग पाउडर तनु अम्लों की अधिक मात्रा से क्रिया कर क्लोरीन गैस मुक्त करता है।

CaOCl2 + H2SO4 → CaSO4 + H2O + Cl2

इस प्रकार मुक्त क्लोरीन ‘प्राप्य क्लोरीन’ (Available chlorine) कहलाती है। एक अच्छे नमूने (Sample) में 35 – 38% प्राप्य क्लोरीन होती है।

(6) अपघटन उत्प्रेरक कोबाल्ट क्लोराइड की अल्प मात्रा की उपस्थिति में अपघटित होकर ऑक्सीजन देता है।

2CaOCl2 → 2CaCl2 + O2

अधिक समय तक रखा रहने पर इसका स्वतः ऑक्सीकरण हो जाता है तथा यह कैल्सियम क्लोरेट, कैल्सियम क्लोराइड के मिश्रण में परिवर्तित हो जाता है।

6CaoCl2→ Ca(ClO3)2 +5CaCl2

(iii) उपयोग–(1) जल को कीटाणुओं तथा रोगाणुओं से मुक्त करने में।
(2) क्लोरोफॉर्म के निर्माण में।
(3) ऊन को सिकुड़ने से बचाने के लिए।
(4) कपड़े, कागज के कारखानों में विरंजक के रूप में।

प्रश्न 12.
अन्तर हैलोजन यौगिक किन्हें कहते हैं ? ये कितने प्रकार के होते हैं ? प्रत्येक प्रकार का एक-एक उदाहरण देकर संरचना खींचिए।
उत्तर
हैलोजन परिवार के सदस्यों की ऋणविद्युतता में अन्तर होने के कारण दो भिन्न हैलोजनों का संयोग सम्भव हो जाता है जब दो भिन्न हैलोजन आपस में मिलकर द्विअंगी यौगिक बनाते हैं तो उन्हें अन्तर हैलोजन यौगिक कहते हैं।
ये यौगिक चार प्रकार के होते हैं इसका सामान्य सूत्र AXn होता है। जहाँ n = 1, 3, 5, 7 है।

1. AX – CIF, BrF, BrCI, IBr, ICI
2. AX3 – ClF3, BrF3, ICl3
3. AX5 – BIF5, IF5
4. AX7 – IF7

1. AX प्रकार-जैसे-CIF, BrCl, IBr, ICl.
इनकी आकृति रेखीय (Linear) होती है। चित्र के अनुसार ClF में क्लोरीन का मूल अवस्था (Ground state) में इलेक्ट्रॉनिक विन्यास दिखाया गया है। इसमें एक अयुग्मित इलेक्ट्रॉन है, जो दूसरे हैलोजन परमाणु से सहसंयोजी बन्ध बनाकर अन्तरा-हैलोजन यौगिक बनाता है।
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 73

2. AX3 प्रकार-इनकी T-आकृति होती है। जैसे-ClF3 अणु इनका केन्द्रीय परमाणु X में sp3d संकरण होता है।
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 74
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 75

3. AX5 (IF5, BrF5 आदि) प्रकार-इस प्रकार के यौगिकों में sp3d2 संकरण होता है। इनकी संरचना वर्ग पिरामिडीय होती है, जिसमें एक स्थान पर एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म रहता है। जैसे-चित्र में IF5 अणु का बनना दिखाया गया है।
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 76

4. AX7(IF7) प्रकार-इसकी आकृति पंचभुजीय पिरामिडीय होती है, जो कि sp3d3 संकरण से बनती है। IF7 अणु में होने वाला sp3d3 संकरण
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 7 p-ब्लॉक के तत्त्व - 77

 

प्रश्न 13.
अक्रिय गैसों के उपयोग लिखिए।
उत्तर
अक्रिय गैसों के उपयोग (Uses of Noble Gases) –
हीलियम के उपयोग-1. हीलियम का घनत्व बहुत कम है। यह हाइड्रोजन के बाद सबसे हल्की गैस है। मौसम का पता लगाने वाले गुब्बारों में आजकल हाइड्रोजन और हीलियम के मिश्रण का उपयोग किया जाता है।
2. गोताखोरों द्वारा गहरे समुद्र में साँस लेने के लिए हीलियम और ऑक्सीजन के मिश्रण का उपयोग किया जाता है। इसका कारण यह है, कि हीलियम गैस नाइट्रोजन की अपेक्षा अधिक दाब पर रक्त में कम विलेय है।
3. दमा (Asthma) के रोगियों को भी हीलियम-ऑक्सीजन का मिश्रण स्वाँस लेने के लिए दिया जाता है।
4. वायु की अपेक्षा हीलियम का भार कम होता है इसलिए बड़े वायुयानों के टायरों में इसे भरा जाता है।
5. निम्न ताप के मापन में प्रयुक्त गैस थर्मामीटर में इसका उपयोग होता है।’
6. अक्रिय गैस होने के कारण यह सिग्नल लैम्प, निर्वात् नलिकाओं (Vacuum tubes), रेडियो ट्यूब तथा विद्युत-ट्रांसफॉर्मरों में भरने के काम आती है।

आर्गन के उपयोग-

  • हीलियम के समान इसका भी उपयोग ऐल्युमिनियम व स्टेनलेस स्टील के वेल्डिंग के लिए अक्रिय वातावरण उत्पन्न करने के लिए होता है। .
  • विद्युत् बल्बों में 25% नाइट्रोजन के साथ आर्गन गैस भरी जाती है।
  • इसका उपयोग रेडियो वाल्वों में किया जाता है।
  • विभिन्न रंगों का प्रकाश उत्पन्न करने के लिए आर्गन को निऑन के साथ विसर्ग नली में मिश्रित किया जाता है।

निऑन के उपयोग-

  • निऑन प्रकाश का उपयोग विज्ञापनों के लिए किया जाता है। निऑन से हरा प्रकाश उत्पन्न करने के लिए निऑन के साथ पारे की वाष्प मिला देते हैं।
  • निऑन लैम्पों का उपयोग हवाई जहाजों के संकेतक के रूप में होता है। निऑन प्रकाश बहुत दूर तक दिखता है तथा कोहरे का भी उस पर प्रभाव नहीं होता।

क्रिप्टॉन (Kr) और जीनॉन (Xe) के उपयोग-

  • आर्गन के स्थान पर इनका भी उपयोग विद्युत् बल्बों में किया जा सकता है, परन्तु ये महँगी है।
  • इन गैसों का उपयोग क्षणदीप्ति फोटोग्राफी (Flash photography) में किया जाता है।
  • क्रिप्टॉन का उपयोग प्रतिदीप्नि (Fluorescence), तापदीप्ति (Incandescence) तथा विसर्जन लैम्पों में अधिक हो रहा है।
  • क्रिप्टॉन लैम्प का उपयोग हवाई जहाज के उतरने के स्थान पर चिन्ह (Sign) के रूप में होता है। यह लैम्प एक मिनट में 40 बार चमकता है।

रेडॉन (Rn) के उपयोग-1. कैन्सर के उपचार में तथा रेडियोधर्मी सम्बन्धी शोध कार्य में प्रयुक्त होता है।
2.X-किरणों के उपस्थापन (Substitute) के रूप में, प्रौद्योगिकी रेडियोलॉजी में।

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MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 17 जीवन दीप

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 17 जीवन दीप

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 17 प्रश्न-अभ्यास

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

Mp Board Solution Class 7 Chapter 17 जीवन दीप प्रश्न 1.
(क) सही जोड़ी बनाइए
1. चित्र = (क) कारागार
2. कैदी = (ख) पतवार
3. जीवन नौका = (ग) चित्रकार
4. क्रूरता = (घ) राजा
5. विनयी = (ङ) कुसंगति
उत्तर-
1. – (ग)
2. – (क)
3. – (ख)
4. – (ङ)
5. – (घ)

Mp Board Solution 7 Chapter 17 जीवन दीप प्रश्न (ख)
दिए गए शब्दों में से उपयुक्त शब्द का चयन कर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

1. चित्र को देखकर कैदी …………. रोने लगा। (फूट-फूटकर/डरकर)
2. यात्रियों ने कहा………….. किस काम का? (लूट का माल/पराया धन)
3. रास्ते के एक किनारे पर एक …………… बैठा था। (भिखारी/साधु)
4. आदमी अपनी …………… से खुद अपनी पहचान बता देते हैं। (वाणी/शक्ल)
उत्तर-
1. फूट-फूटकर,
2. पराया धन,
3. भिखारी,
4. वाणी।

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 17 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए

(क) चित्रकार का कौन-सा चित्र सबसे ज्यादा पसंद किया गया?
उत्तर-
जिस चित्र में बालक के मुख से भोलेपन, सरलता और दीनता के भाव उजागर हो रहे थे वह चित्र चित्रकार सबसे अधिक पसंद किया गया।

(ख) चित्रकार किस तलाश में कारगार गया था?
उत्तर-
चित्रकार ऐसे व्यक्ति का चित्र बनाना चाहता था जिसके मुख से धूर्तता, क्रूरता और स्वार्थ लिप्सा फूट पड़ती हो।

(ग) पहले यात्री ने अपने दोनों झोलों में क्या भरकर रखा था?
उत्तर-
पहले यात्री के आगे के झोले में बुराई तथा पीछे के झोले में अच्छाई थी।

(घ) महाराज! आपने इधर से किसी जानवर के भागने की आवाज सुनी? यह विनम्र वाणी किस व्यक्ति की थी?
उत्तर-
महाराज! आपने इधर से किसी जानवर के भागने की आवाज सुनी? वह विन्रम वाणी राजा की थी।

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 17 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन से पाँच वाक्यों में लिखिए

(क) चित्रकार किस प्रकार का चित्र बनाना चाहता था?
उत्तर-
चित्रकार ऐसे व्यक्ति का चित्र बनाना चाहता था जिसके मुख से धूर्तता, क्रूरता और स्वार्थ लिप्सा फूट पड़ती हो।

(ख) अपना पहला चित्र देखकर कैदी क्यों रोने लगा?
उत्तर-
अपना पहला चित्र देखकर कैदी इसलिए रोने लगा कि मैं पहले कितना भोला था और अब यह दशा मेरी कुसंगति के कारण ही हुई है।”

(ग) तीसरे यात्री ने झोलों में रखी सामग्री के बारे में क्या स्पष्टीकरण दिया?
उत्तर-
तीसरे यात्री ने कहा कि पीछे वाले झोले में दूसरों की जो बुराइयाँ मुझे मिलती हैं, उन्हें डाल देता हूँ। उसमें नीचे मैंने बड़ा छेद बना दिया है, जिसमें से वे बुराइयाँ गिरती जाती हैं और उन्हें भूल जाता हूँ ‘इस तरह दूसरों के उपकार और उनकी अच्छाइयाँ ही मेरे सामने रहती है और मेरा जीवन उत्साह से भरा रहता है।

(घ) वाणी से आदमी की पहचान किस प्रकार होती है? पाठ के आधार पर इसका उत्तर दीजिए।
उत्तर-
साधु ने कहा-“भाई, आदमी अपनी वाणी से खुद अपनी पहचान बता देता है। जो जितना बड़ा होता है वह उतना ही उम्र और विनयी होता है और दूसरों का सम्मान करता है।”

(ङ) “यह भार मेरे लिए वैसे ही है, जैस चिड़ियों के लिए पंख।’ इस कथन में कौन सा भाव झलकता है?
उत्तर-
तीसरा यात्री कहता है कि इस पीछे वाले झोले में दूसरों की जो बुराइयाँ मुझे मिलती हैं, उन्हें डाल देता हूँ। उसमें नीचे मैंने बड़ा छेद बना दिया है, जिसमें से वे बुराइयाँ गिरती जाती हैं।

भाषा की बात

प्रश्न 4.
नीचे दिए गए शब्दों के शुद्ध उच्चारण कीजिएविक्रय, क्रूरता, वाणी, चित्र, गुण
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों की वर्तनी शुद्ध कीजिए-
प्रतिया, अभिपराय, आशचर्य, कुसंगति, कुटुम्बीयों, अच्छाईयां
उत्तर-
शब्द शुद्ध वर्तनी
प्रतिया = प्रतियाँ
अभिपराय = अभिप्राय
आशचर्य = आश्चर्य
कुसंगति = कुसंगति
कुटुंबीयों = कुटुंबियों
अच्छाईयाँ = अच्छाइयाँ

प्रश्न 6.
पाठ में आई लोकोक्तियों का अर्थ बताते हुए नए वाक्य बनाइए
(i) अब पछताय होत क्या, जब चिड़ियां चुग गई। खेत।
(ii) जाके पांव न फटी बिबाई, सो क्या जाने पीर पराई।
(iii) तुम डाल-डाल, हम पात-पात।
उत्तर-
(i) अब पछताय होत क्या, जब चिड़ियां चुग गईं खेत।
अर्थ-अवसर चूकने के बाद पछताने से कोई लाभ नहीं होता।
वाक्य-पूरे वर्ष तो परिश्रम नहीं किया। परीक्षा में फेल हो जाने पर अब क्यों रो रहे हो? अरे, अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत।

(ii) जाके पैर न फटी बिवाई, सो क्या जाने पीरपराई।
अर्थ-कष्ट सहन करने वाले ही दूसरों के कष्ट का अनुभव कर सकते हैं।
वाक्य-आलीशान बंगलों में रहने वाले धनाढ्य लोग गरीबों के दुखों को क्या समझे? किसी ने सही ही कहा है-जाके पैर न फटी बिवाई, सो क्या जाने पीर पराई।

(iii) तुम डाल-डाल, हम पात-पात।
अर्थ-किसी की चाल का जवाब देना।
वाक्य-तुमने क्या सोचा था, हमारे पास कोई जवाब नहीं था, तुम डाल-डाल, हम पात-पात।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित रेखांकित शब्दों में विशेषण कौन-कौन से प्रकार है, लिखिए।
(क) पहले यात्री ने अपने झोले में अच्छाइयाँ भर रखी थी।
(ख) मुझे थोड़ा पानी पिला दो।
(ग) इस भारी थैले को अपने पास रखिए।
(घ) रास्ते के किनारे एक दुबला व्यक्ति बैठा था।
उत्तर-
1. संख्यावाचक विशेषण
2. परिमाणवाचक विशेषण
3. सार्वनामिक विशेषण
4. गुणवाचक विशेषण

कुसंगति का फल

चित्रकार ऐसे व्यक्ति का चित्र बनाना चाहता है जो भोलेपन, सरलता और दीनता के भाव लिए हो। कठिन परिश्रम के बाद उसे एक बालक मिलता है जिसमें उपर्युक्त सारे भाव थे। चित्रकार ने उसका चित्र बनाया तथा उसकी ढेरसारी प्रतियाँ बेची। देखते-ही-देखते वह धनवान बन जाता है। कुछ समय पश्चात् चित्रकार को एक क्रूर, स्वार्थी और लालची व्यक्ति का चित्र बनाने की सूझती है। तब वह जेल पहुँचता है, वहाँ उसे वैसा ही क्रूर व्यक्ति मिलता है। चित्रकार उसे बताया है कि पंद्रह वर्ष पहले उसने एक भोले बच्चे की तस्वीर बनाई थी। तब कैदी घूट-फूट कर रोने लगा। उसने चित्रकार को बताया कि वही बचपन का भोला था। उसने बताया कि गलत संगत के कारण ऐसी हालत हुई है।

जीवन दीप संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्या

एक चित्रकार ऐसे ……………… नाना चाहता हूँ। (पृ. 97)

शब्दार्थ-दीनता = दुःखी; बिक्री = बेचना; मालामाल = धनी; पुष्टता = बुरा भाव, क्रूरता = निर्दयता, लिप्सा = लालच, कारागार = जेल।

संदर्भ-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘सुगम-भारती (हिंदी सामान्य) भाग-7 के पाठ-17 ‘जीवन दीप’ में उद्धत ‘कुसंगति का फल’ से ली गई हैं।

प्रसंग-इमसें कुसंगति का परिणाम दिखाया गया है। व्याख्या-चित्रकार को एक भोली और दीन दिखने वाली सूरत की जरुरत होती है। मेहनत से उसे एक बालक में ये सारी छवियाँ दिख जाती हैं। वह उसका चित्र बनाकर तथा उसकी अनेक प्रतिलिपियाँ बेचकर मालामाल हो जाता है। दस-पंद्रह साल बाद चित्रकार एक ऐसे चेहरे को ढूँढता है जिसमें से धूर्तता, क्रूरता और स्वार्थ लिप्सा झलकती हो। अतंतः उसे ऐसा चेहरा एक कारागार में, एक कैदी में मिल गया। चित्रकार उसे कहता है कि वह उसका चित्र बनाना चाहता है।

विशेष-

  • भाषा का सरल रुप है।

वाणी से आदमी की पहचान

एक बार किसी राज्य में राजा, मंत्री, हवलदार और सिपाही शिकार पर निकले। रास्ते में पेड़ के नीचे एक . साधु बैठा था। सिपाही ने साधु से पूछा-अरे! ओ साधु! ‘किसी जानवर भागने की आवाज तुमने सुनी?’ साधु ने मना कर दिया। फिर हवलदार ने पूछा- “क्यों साधु, तुमने किसी जानवर के भागने की आवाज सुनी?’ साधु ने नहीं कह दिया। उसके बाद राजा के मंत्री ने साधु से पूछा-महाराज! आपने इधर से किसी जानवर की भागने की आवाज सुनी?” साधु ने हाथ जोड़ कर कहा-नहीं राजा जी, मैंने नहीं सुनी।” एक आदमी पास में खड़ा था, उसने साधु से पूछा-बिना देखे आपने कैसे पहचान लिया कि कौन हवलदार है, कौन मंत्री और कौन राजा?” साधु ने कहा-जो जितना बड़ा होता है वह उतना ही नम्र और विनयी होता है और दूसरों का सम्मान करता है।”

जीवन दीप संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्या

एक बार राजा……………….सम्मान करता है। (पृ. 98)

शब्दार्थ-अभिप्राय = मतलब, अर्थ;

संदर्भ-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘सुगम-भरती’ (हिंदी सामान्य) भाग-7 के पाठ-17 ‘जीवन दीप’ की ‘वाणी से आदमी की पहचान’ से ली गई हैं।

प्रसंग-इसमें लोगों की वाणी से आदमी की पहचान के बारे में बताया गया है।

व्याख्या-इस बार राजा अपने मंत्री, हवलदार और सिपाही के साथ शिकार पर निकला। रास्ते में एक पेड़ के नीचे एक अंधा साधु बैठा था। सिपाही ने साधु से पूछा-अरे! ओ साधु-किसी जानवर के भागने की आवाज तुमने सुनी?’ साधु ने उसे विनम्रता से ना कह दिया। फिर हवलदार ने साधु से पूछा-“क्यों साधु, तुमने किसी जानवर के भागने की आवाज सुनी?” साधु ने कहा-“हवलदार जी, मैंने नहीं सुनी।” उसके बाद मंत्री ने पूछा- “सूरदासजी, तुमने किसी के भागने की आवाज सुनी?” साधु ने कहा-“नहीं मंत्री जी हमने नहीं सुनी।” – उसके बाद राजा ने पूछा- “महाराज! आपने इधर से किसी जानवर के भागने की आवाज सुनी?” साधु ने आदरपूर्वक ना कह दिया। पास से खड़े व्यक्ति ने साधु से कहा कि वे देखे कैसे जान गए कि कौन राजा है और कौन सिपाही? साधु से कहा-आदमी की बोली से पता चल जाता है कि जो जितना नम्र और विनयी होता है, दूसरों का उतना ही सम्मान करता है।

अच्छाइयाँ-बुराइयाँ

एक चौराहे पर तीन यात्री मिले। तीनों के कंधे पर आगे और पीछे दो पोटली लटकी थीं। पहले यात्री की आगे की पोटली में बुराइयाँ और पीछे कुटुंबियों और उपकारी मित्रों की भलाइयाँ भरी थी। उसकी नजर सदैव आगे की झोली पर रहती थी इसलिए उसका मन कुढ़ता रहता था। दूसरे की झोली में आगे अच्छाइयाँ और पीछे बुराइयाँ थी। इसलिए वह आगे की झोली देखकर खुश होता रहता था। उसकी नजर पीछे नहीं जाती थी। तीसरे यात्री के आगे का झोला काफी भारी है, उसमें दूसरों के गुण, उपकार और भलाइयाँ थी जबकि पीछे के झोली हल्की थी और उसमें वह कहता, मेरा जीवन उत्साह से भरा रहता था।

जीवन दीप संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्या

एक चौराहे……………………से भरा रहता है। (पृ. 99)

शब्दार्थ- पराया = दूसरे की संपत्ति; पतवार = नाव को खेने वाली लकड़ी, जिसका एक सिरा चपटा होता है। (चप्पू)। माजरा = घटना, दृश्य, घटना क्रम, वृत्तांत।

संदर्भ-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘सुगम-भारती’ (हिंदी सामान्य) भाग-7 के पाठ-17 ‘जीवन दीप’ की ‘अच्छाइयाँ-बुराइयाँ’ से ली गई हैं।

प्रसंग-इसमें अच्छाई एवं बुराई के संदर्भ में कहा गया है।

व्याख्या-तीन यात्री एक चौराहे पर मिलते है। तीनों के काव्य पर लाठी है जिसमें आगे और पीछे झोला लटक रहा है। पहले यात्री के आगे के झोले में बुराइयाँ थीं ओर पीछे अच्छाइयाँ, इसलिए मन स्वार्थी और कपटी था। दूसरे यात्री के आगे के झोले में अच्छाइयाँ और पीछे के झोले में बुराइयाँ थी, अतः उसकी नजर सदैव तीसरे यात्री का आगे का झोला भारी था तथा पीछे का झोला हल्का था, ऐसा इसलिए क्योंकि आगे के झोले में अच्छाइयाँ तथा पीछे बुराइयाँ थी, उसने बुराइयों के झोले में छेद इसीलिए उसका जीवन उत्साह से भरा रहता है।
विशेष-अच्छाइयों और बुराइयों के बारे में बताया गया है।

MP Board Class 7th Hindi Solutions

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 7 वृक्ष निभाता रिश्ता-नाता

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 7 वृक्ष निभाता रिश्ता-नाता

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 7 प्रश्न-अभ्यास

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

वृक्ष ना हो तो पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ेगा MP Board Class 6th Hindi प्रश्न 1.
(क) सही जोड़ी मिलाइए
1. देवदार, इमली – (क) माम-मामी
2. पीपल, तुलसी – (ख) दादा-दादी
3. आम, खिरनी – (ग) पिता-माता
4. महुआ, मेंहदी – (घ) मामा-मामी
उत्तर
1. (ख), 2. (ग), 3. (घ), 4. (क)

वृक्ष निभाता रिश्ता नाता MP Board Class 6th Hindi प्रश्न (ख)
दिए गए शब्दों में से उपयुक्त शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. नीम…..सा लेकिन रोगों का त्राता। (ननद-ननदोइ/सास-ससुर)
2. गुलमोहर…….सा जिसकी रंगत हरे उदासी। (नाना/चाचा)
3. अशोक…….सा रिश्तों की नैया खेता। (भ्राता/परनाना)
4. वृक्ष निभाता आज भी…….रिश्ता नाता। (सामाजिक पारिवारिक)
उत्तर
1. ननद-ननदोई
2. चाचा
3. परनाना
4. पारिवारिक

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 7 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

Mp Board Class 6 Hindi Solution प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में दीजिए

(क) कवि तुलसी को किस रूप में स्मरण करता है?
उत्तर
कवि तुलसी को माता के रूप में स्मरण करता

(ख) आम से हमारा कौन-सा रिश्ता है?
उत्तर
आम हमारे नाना सदृश है।

(ग) जामुन किस रोग की दवा है?
उत्तर
जामुन मधुमेह की दवा है।

(घ) अशोक के वृक्ष को परनाना क्यों कहा है?
उत्तर
अशोक के वृक्ष को परनाना इसलिए कहा गया है क्योंकि वह काफी पुराना वृक्ष होता है।

(ङ) पौधों के प्रति हमारे क्या कर्त्तव्य हैं?
उत्तर
हमें पौधों की रखवाली करनी चाहिए। समय-समय पर पानी और खाद देते रहना चाहिए।

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 7 लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

Class 6 Hindi MP Board प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन-से-पाँच वाक्यों में दें

(क) किन्हीं दो वृक्षों की उपमा किन-किन रिश्तों से की गई है? बताइए।
उत्तर
ये दो वृक्ष हैं-पीपल और तुलसी । पीपल हमारे पिता के समान है और तुलसी हमारी माता के सदृश ।

(ख) किन-किन वृक्षों से औषधियाँ बनती हैं?
उत्तर
निम्न वृक्षों से औषधियाँ बनती हैं-त्रिफला, जामुन, तुलसी।

(ग) वृक्ष न हों तो पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर
वृक्षों की अनुपस्थिति में पर्यावरण में असंतुलन आ जाएगा। कार्बन की अधिकता और ऑक्सीजन की कमी हो जाएगी। ऐसी स्थिति में मानव जीवन का अस्तित्व ही संकट में पड़ जाएगा। वृक्ष बादल लाते हैं, जिससे वर्षा होती है। वृक्षों के नहीं रहने से वर्षा नहीं होगी। पृथ्वी पर विद्यमान सभी नदी-नाले सूख जाएँगे।।

(घ) ‘आओ आनंद उलीचें से कवि का क्या तात्पर्य है?
उत्तर
‘आओ आनंद उलीचें’ से कवि का तात्पर्य है पेड़ लगाकर खुशियाँ बाटें। पेड़-पौधे हमारे जीवन को आनंदमय बनाते हैं। हमें पेड़ लगाने चाहिए, क्योंकि तभी हमारा जीवन आनंदित होगा।

(ङ) कविता के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है?
उत्तर
कविता के माध्यम से कवि यह बताना चाहता है कि पेड़-पौधे हमारे जीवन के अति महत्त्वपूर्ण अंग हैं। पेड़-पौधों से हमारा पारिवारिक नाता है। अतः ज्यादा से ज्यादा पौधों को लगाना चाहिए। उनकी कटाई नहीं करनी चाहिए। पेड़-पौधे जीवनदायी होते हैं। उनको बचाने में हमारी भलाई है।

भाषा की बात

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों के शुद्ध उच्चारण कीजिए
त्रिफला, औषधियाँ, पारिवारिक, जीवनदायी, नाता, वैद्य।
उत्तर
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों की शुद्ध वर्तनी पर गोला लगाइए
उत्तर
MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 7 वृक्ष निभाता रिश्ता-नाता 1

प्रश्न 6.
उदाहरण के अनुसार स्त्रीलिंग रूप लिखिए
उत्तर
MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 7 वृक्ष निभाता रिश्ता-नाता 2

प्रश्न 7.
वाक्यों को शुद्ध कीजिए
नदियाँ में बढ़ा आ गई है।
आप क्या काम करेगा?
बच्चों काम कर रहे हैं।
कइयों लोगों ने कोशिश की है
तुम कब आया?
उत्तर

नदियों में बाढ़ आ गई है।
आप क्या काम करेंगे।
बच्चे काम कर रहे हैं।
कई लोगों ने कोशिश की है।
तुम कब आए?

प्रश्न 8.
निम्नलिखित शब्दों के तत्सम रूप लिखिए
पिता, माता, आम, ससुर
उत्तर
पितृ, मातृ, आम्र, श्वसुर

वृक्ष निभाता रिश्ता-नाता प्रसंग सहित व्याख्या

1. पीपल पावन पिता सरीखा, तुलसी जैसे माता
‘त्रिफला’ वहन-बहू-विटिया-सा, बेर सरीखा भ्राता,
महुआ मामा जैसा लगता, बन उपवन महकाता
आम-वृक्ष नाना-सा वत्सल, मीठे फल बरसाता
पोषक, रक्षक, जीवनदायी औषधियों का दाता।
वृक्ष निमाता आज भी पारिवारिक रिश्ता-नाता।
पौधों को रो-सींचें।।
आओ! आनन्द उलीचें।

शब्दार्थ-पावन पवित्र । सरीखा=समान । भ्राता=भाई। उपवन-बाग=बगीचा । महकता = सुगंध फैलाता । वत्सल= पुत्रवत् प्रेम करने वाला। औषधि =दवा।

प्रसंग-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य पुस्तक सुगम भारती-6 में संकलित कविता ‘वृक्ष निर्माता रिश्ता-नातासे ली गई हैं।

ब्याख्या-पीपल पिता के समान और तुलसी माता के समान है। त्रिफला बहन, बहू या बिटिया जैसी है जबकि बेर भाई के समान है। महुआ बिल्कुल मामा जैसा है, जिसकी सुगंध चारों तरफ फैली होती है। आम का पेड़ विल्कुल नाना की तरह है जो मीठे फल के रूप में आम बाँटकर अपना प्रेम दिखाता है। इन वृक्षों में कई तरह के पोषक तत्त्व और जीवनरक्षक तत्त्व मिले हैं। ये हमें जीवन देते हैं। अतः कवि कहता है कि हमें ज्यादा-से-ज्यादा पेड़ लगना चाहिए। क्योंकि तभी हमारा जीवन आनंदित होगा।
इस प्रकार इन पंक्तियों में पेड़-पौधों की महत्ता को उजागर किया गया है। हम इनकी महत्ता समझनी चाहिए और पेड़-पौधे लगाकर जीवन को आनंदित बनाना चाहिए।

2. मौलसिरी यानी ज्यों मौसी मोहक ममता बाली
मेंहदी मामी-सी है किंतु अद्भुत क्षमता वाली
है अशोक परनाना-सा, रिश्तों की नैया खेता
शीशम शगुन श्वसुर-सा देता, नहीं कभी कुछ लेता
मधुमेह का कुशल वैद्य है जामुन ज्यों जामाता।
वृक्ष निभाता आज भी पारिवारिक रिश्ता-नाता।
पौधों को रोपें-सींचें।।
आओ आनन्द उलीचें।।

शब्दार्थ-मोहक = आकर्षक। अद्भुत= विचित्र, विलक्षण । नैया = नाव। कुशल=निपुण । वैद्य = डाक्टर। जमाता = दामाद। मधुमेह एक प्रकार की बीमारी जिसमें शरीर में चीनी की अधिकता हो जाती है।

प्रसंग-पूर्ववत्

व्याख्या-मौलसिरि मौसी की तरह ममतामयी हैमेंहदी अद्भुत गुणों वाली मामी जैसी है। अशोक का पेड़ परनाना की तरह सभी संबंधों को आगे बढ़ाता है। शीशम का पेड़ सब गुणों से भरा हुआ श्वसुर समान है। वह सिर्फ देता है, लेता नहीं है। जामुन का पेड़ वैद्य की तरह है जो मधुमेह का इलाज करता है। कवि उसकी तुलना जामाता (दामाद) से करता है। इस प्रकार पेड़-पौधों से हमें कुछ न कुछ मिलता |ही है। वे हमसे लेते कुछ नहीं हैं, सिर्फ देते हैं। वे जीवनदायी हैं। हमारे जीवन को आनंदमय बनाते हैं। अतः हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए।

MP Board Class 6th Hindi Solutions

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 11 नई सुबह

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 11 नई सुबह

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 11 प्रश्न-अभ्यास

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

Mp Board Solution Class 6 Hindi प्रश्न 1.
(क) सही जोड़ी बनाइए
1. सगे – (क) संवरी
2. सजी – (ख) प्रार्थी
3. क्षमा – (ग) अप्रत्यक्ष
4. प्रत्यक्ष – (घ) संबंधी
उत्तर
1. (घ), 2. (क), 3. (ख), 4. (ग)

Nai Subah Kahani Ka Saransh Likhiye MP Board प्रश्न (ख)
कोष्टक में दिए गए विकल्पों में से उपयुक्त विकल्प चुनकर वाक्य को पूरा कीजिए
1. जो कुछ है हमारा…….तो गीता ही है। (मन/धन)
2. …….. हैं, थोड़ा बहुत तो तंग करते हैं। (घराती/बाराती)
3. थोड़ी देर पहले जो रौनक थी वह……..हो गई। (समाप्त/आरंभ)
4. सब तरफ……..हुई सो अलग। (प्रशंसा/बदनामी)
उत्तर
1. धन
2. बराती
3. समाप्त
4.बदनामी।

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 11 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

Nai Subah Kahani Ka Saransh MP Board प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में दीजिए

(क) गीता क्यों अनमनी थी?
उत्तर
गीता अनमनी इसलिए थी क्योंकि उसे स्पष्ट नजर आ रहा था कि उसकी शादी जिस घर में हो रही थी, उस घर के लोग, दहेज के लालची थे।

(ख) महिलाएँ गीता के भाग्य को क्यों सराह रही थीं?
उत्तर
महिलाएँ गीता के भाग्य को इसलिए सराह रहीं थीं क्योंकि गीता की शादी इंजीनियर लड़के से हो रही थी।

(ग) शंभुपुरा वालों का रिश्ता किस कारण ठुकराया गया था?
उत्तर
शंभुपुरा वालों का रिश्ता इसलिए ठुकराया गया क्योंकि वे लोग गरीब थे।

(घ) ‘हम दहेज के खिलाफ हैं।’ यह किसने कहा?
उत्तर
‘हम दहेज के खिलाफ हैं’-ऐसा लड़के के पिता ने कहा।

(ङ) रघुनाथ जी का स्वभाव कैसा था?
उत्तर
रघुनाथ जी मिलनसार और मानवतावादी थे।

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 11 लघु उत्तरीय प्रश्न

Mp Board Class 6th Hindi Solution प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन-से-पाँच वाक्यों में दीजिए

(क) गीता के घर शादी के दिन कैसा वातावरण था?
उत्तर
गीता के घर शादी के दिन आनंद एवं खुशी का वातावरण था।

(ख) गीता को किनकी बातों में छलावा नजर आ रहा था, वह छलावा क्या था?
उत्तर
गीता को इंजीनियर लड़के के पिता की बातों में छलावा नजर आ रहा था। यह छलावा उनके दहेज के प्रति लालच का था जो वे स्पष्ट नहीं कर पा रहे थे।

(ग) “अगर आप बुरा न माने” कहकर गीता ने पिताजी से कौन-सी बात कही?
उत्तर
गीता ने पिताजी से शंभुपरा के रघुनाथ जी के घर फिर से जाकर शादी का प्रस्ताव करने को कहा।

(घ) शंभुपरा पहुँचकर गीता के चाचा ने रघुनाथ जी को कौन-सी घटना बताई?
उत्तर
गीता के चाचा ने रघुनाथ जी से दहेज के लोभी | परिवार वालों के आचरण की घटना बताई।

(ङ) “अपमान का दहेज” लेकर कौन लौटा तवा क्यों?
उत्तर
इंजीनियर के पिता और उसके परिवार के लोग अपमान का दहेज लेकर लौटे क्योंकि उन्हें अपने नीच,कार्य कर पुरस्कार मिल चुका था।

भाषा की बात

Mp Board Solution Class 6th Hindi प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों का शुद्ध उच्चारण कीजिए दहेज, इंजीनियर, सुसंस्कारी, सन्नाटा
उत्तर
छात्र स्वयं करें।

Class 6 Hindi Mp Board Solution प्रश्न 5.
शुद्ध वर्तनी पर सही का (✓)का निशान लगाइए
रिस्ता/रीश्ता/रिश्ता
व्यसत/व्यस्त/वयस्त
बिलकुल/बिलकूल /विलकुल
सनाटा/संनाटा/सन्नाटा
सहर्ष/सर्हष/सहर्से
उत्तर
रिश्ता, व्यस्त, बिलकुल, सन्नाटा, सहर्ष

Class 6th Hindi Sugam Bharti MP Board प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्दों के ‘विलोम’ शब्द लिखिए
मंगल, मान, दण्ड, बेचैन, प्रसन्न
उत्तर
अमंगल, अपमान, पुरस्कार, चैन, दुखी, अप्रसन्न

नई सुबह प्रसंग सहित व्याख्या

1. गीता ने विवशता से कहा, “माँ, सब साधनों से सुख नहीं मिलता। लोग अच्छे होने चाहिए। आपने शंभुपरा वालों का रिश्ता उनकी गरीबी के कारण ठुकराया, पर मुझे लगता है कि वे लोग अच्छे हैं।

शब्दार्थ-विवशता = मजबूरी। रिश्ता=संबंध ठुकराना= इंकार करना।

प्रसंग-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य पुस्तक सुगम भारती-6 में संकलित कहानी ‘नई सुबह से ली गई हैं। इसमें दहेज जैसी समस्या को उठाया गया है।।

व्याख्या-रामनाथ जी अपनी बेटी गीता की शादी इंजीनियर लडका से तय कर दी है। परिवार में सभी खश हैं। एक तो लड़का इंजीनियर और ऊपर से बिल्कुल राजकुमार जैसा। आखिर लोग खुश क्यों न हों। लेकिन लड़का का पिता लालची निकला। उसे अपने इंजीनियर बेटे पर घमंड है। उसे अच्छा-खासा दहेज चाहिए। रामनाथ जी के लिए दहेज जुटाना मुश्किल है। गीता को लालची लोग बिल्कुल पसंद नहीं। वह माँ से इस बारे में बात करती है।

लेकिन माँ उसकी बात नहीं सुनती है। माँ की नजरों में हर बेटा वाला थोड़ा नाज-नखरा दिखाता है। वह गीता को समझाती है कि वह बहुत किस्मत वाली है जो उसे इतना अच्छा घर-बर मिल रहा है। सुख के सभी साधन । लंडका वालों के यहाँ है। गीता वास्तविकता में जीती है। वह कहती है कि सुश-शांति से जीवन जीने के लिए अच्छे लोगों की जरूरत है न कि धन-दौलत और सब तरह के साधनों की। वह बाप से विनती करती है कि वे उसका रिश्ता इन लालची लोगों के यहाँ न कर शंभुपुरा बालों से करें। वे गरीब जरूर हैं लेकिन सही मायने में मानव हैं। इस प्रकार इन पंक्तियों में यह बताया गया है कि सुख-शांति के लिए व्यक्ति का भला होना आवश्यक है। लालची व्यक्ति कभी किसी चीज का सुख नहीं दे सकता।

2. रघुनाथ जी बहुत ही मिलनसार मानवतावादी थे। वे गीता जैसी सुशील, सुंदर बहू पाने की सोचकर बहुत खुश हुए। उन्होंने सहर्ष यह, रिश्ता स्वीकार कर लिया
और अपने कुछ सगे-संबंधियों को लेकर लग्न मंडप में पहुँच गए।

शब्दार्थ-मानवतावादी मनुष्यों के प्रति सहानुभूति रखने वाला रिश्ता-संबंध। सहर्ष तत्क्षण।

Class 6th Mp Board Hindi Solution प्रसंग-पूर्ववत्

व्याख्या-रामनाथ जी ने अपनी बेटी गीता की शादी इंजीनियर लड़का से तय किया है। लड़के का पिता दहेज का लालची है। उसे अच्छा-खासा दहेज चाहिए। रामनाथजी के लिए यह काम बिल्कुल असंभव-सा प्रतीत होता है। गीता भी नहीं चाहती कि लालची लोगों के घर में उसकी शादी हो। आखिरकार बारातियों के नाज-नखरे उठाते-उठाते सभी परेशान हो गए। गीता यह सब देखदेखकर अलग दुखी हो रही थी। अंत में उसे मुंह खोलना ही पड़ा। उसने पिताजी से शंभुपुरा वालों के घर जाने का अनुरोध किया। यहीं पर गीता की शादी की बात पहले-पहल चली थी।

लेकिन गीता के घर वालों ने गीता की शादी यहाँ करने से इसलिए इंकार कर दिया क्योंकि यह लोग गरीब थे। रामनाथ ने गीता की बात चुपचाप मान ली। वे तुरंत शंभुपुरा पहुँच गए और रघुनाथ जी से गीता को बहू बना लेने का अनुरोध किया । रघुनाथ ने रामनाथजी का अनुरोध तुरंत स्वीकार कर लिया। वे तत्क्षण अपने सगे-संबंधियों को लेकर लग्न मंडप में पहुँच गए और गीता को अपनी बहू बना लिया।

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MP Board Class 10th English The Rainbow Solutions Chapter 7 Report of An Adjudged Case

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MP Board Class 10th English The Rainbow Solutions Chapter 7 Report of An Adjudged Case (William Cowper)

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Report of An Adjudged Case Textbook Exercises

Report of An Adjudged Case Vocabulary

I. Point out the important characteristics of the following words:
spectacles, news, trousers, scissors.
Answer:
Spectacles—A pair of lenses set in frame for the use of defective eyes.
Trousers—A piece of dress worn on the legs from the waist to the ankles.
Scissors—An instrument consisting of two blades joined in the , middle and used for cutting.

II. A. Here are some words/phrases which are generally used by the lawyers. Write their meanings and use them in your own sentences.
dispute, argument, laws, lordship, amounts to, observe, case, condemn, shifting his side, plead, decreed.
Answer:

WordMeaningUsage
1. DisputeArgument and discussion.Their conclusions are open to dispute.
2. ArgumentsDiscussion based on reasoning.He agreed to stay with me without much argument.
3. LawsRules established by authority.You should obey the laws of the land.
4. LordshipA title used in speak­ing to a man of title.Your  Lordship should listen to the case heedfully.
5. Amounts toIs equal to.His crime amounts
6. ObserveTo see minutely, to watch and note.He has filed a case against Ramesh.
7. CaseA lawsuit.He was condemned for murder.
8. CondemnTo pronounce punish­ment.She shifted side to his business rival.
9. Shifting his sideSpeaking in favour, of other party.He pleaded guilty.
10. PleadTo present a case to a court of law.The court had decreed only after a logn trial.
11. DecreedGave a lawful decision.

B. Read the following sentences and consult the dictionary to know the meaning of the word CONTEST in these sentences.
(i) I intend to contest the Judge’s decision in another court.
(ii) There is a contest for the leadership of the party.
(iii) There is going to be a beauty contest in our school.
(iv) As a protest, the party has decided not to contest this election.
(v) Cricket is a hotly contested game.
Answer:
(i) challenge
(ii) struggle
(iii) event in which people compete
(iv) fight
(v) debated/indulged in.

III. Say the following and point out the difference
Report Of An Adjudged Case Summary MP Board Class 10th English
Answer:
Word – Meaning
can’t test – unable to examine
contest – a dispute / struggle / competition etc.
nose – a limb of the face with smelling powers
knows – possesses the knowledge
I scream – I moan/yell
ice cream – ice-candy/frozen sweet ice for eating
a gain – some profit
a gain – once more
lawyer – A person who practices law
Liar – one who this lies
Law – a rule established by authority below the usual, normal or avenge level
low – a thing on which something is mounted ‘death for murder
amount – sum of money moment a short period
movement – an act of changing position forward march

Report of An Adjudged Case Comprehension

A. Answer the following questions in about 25 words:

Report Of An Adjudged Case Summary MP Board Class 10th English Question 1.
What was the point of dispute between Nose and Eyes?
Answer:
There was a strange contest between Nose and Eyes. It was over the spectacles. Nose called the spectacles as his. Similarly the eyes expressed their claim over the spectacles.

Mp Board Class 10 English Chapter 7 Question 2.
Explain:
So Tongue was the lawyer, and argued the case with a great deal of skill, and a wig full of learning; While chief baron Ear sat to balance the laws, so famed for his talent in nicely discerning.
Answer:
A lawyer is needed to argue the case on behalf of the claimant. So the tongue assumed the role of the lawyer. The tongue was both skilled in expression and learned. The ear was talented for perception of right or wrong. It sat to weigh the laws.

Class 10 English Chapter 7 Mp Board Question 3.
What were the arguments given by the lawyer in favour of the Nose as the owner of the spectacles?
Answer:
The lawyer gave the following arguments in favour of the Nose as the owner of the spectacles:

  1. The Nose had been wearing the spectacles since times immemorial.
  2. The spectacles with their straddle are fitted on the straddle of the Nose.
  3. Any face without a Nose cannot wear spectacles.

Report Of An Adjudged Case MP Board Class 10th English Question 4.
Who pleaded the case on behalf of the Eyes and to what effect?
Answer:
The same lawyer (tongue) shifted his side and pleaded the case on behalf of the Eyes. The court refuted the argument because the previous arguments of the tongue in favour of the nose were far wiser than them.

Report Of An Adjudged Case Poem MP Board Class 10th English Question 5.
In whose favour did the judge decide the case and how did he do so?
Answer:
The judge decided the case in favour of the Nose. He considered the tongue’s arguments in favour of the Eyes as not so wise. He advised that Eyes should be shut whenever the Nose puts his spectacles on.

B. Answer the following questions in about 50 words.

Mp Board Class 10 English Workbook Solutions Chapter 7 Question 1.
“In this poem Cowper has used the language and background of the courtroom to provide humorous effects.” Explain.
Answer:
In this poem Cowper has used the language and background of the courtroom. He desires to provide humorous effects. The Nose and the Eyes are the rival parties. A strange dispute arose between them. Both of them claimed their sole right over the spectacles. The Tongue acted like a lawyer. The talented Ear sat like the chief baron to balance the law. He used words/phrases like point in dispute, argued the cause, on behalf of, your lordship etc.

Report Of An Adjudged Case Meaning In Hindi Mp Board Class 10 Question 2.
What do you understand by the title “Report of an Adjudged Case”?
Answer:
The title ‘Report of an Adjudged Case’ says that justice is not done in the court of law. The lawyers have no character. They speak in favour of both the rival parties with similar zeal. They are hired to fight false cases. They do not feel shy even if they lose the case. They cannot be relied on. They charge money from both the rival parties. They be fool the clients with only words and rob them of their hard earned money. They give vague arguments. The judges also give random (unlawful) justice.

Speaking Skill

I. Form groups of four. Play the roles of the spectacles, Eye, Nose, Ear and Tongue using the language of the court. Start your argument with:

Question 1.
My Lord! I beg to say .
Answer:
Tongue My Lord! I beg to say that the spectacles and the Nose are meant for each other.

Question 2.
Objection My Lord! My dear friend has forgotten the fact that
Answer:
Spectacles Objection My Lord! My dear friend has forgotten the fact that spectacles help the eyes to see clearly.

Question 3.
It is pleaded to the honourable court that
Answer:
Ear It is pleaded to the honourable court that balanced judgement should be given.
Spectacles My Lord! should the eyes remain shut whenever the nose puts his spectacles on

II. In this world no two leaves are identical. In the same way we can see that though we live together affectionately in a family, yet sometimes we quarrel.
Talk about a quarrel and start as follows:

  • It must have been my mistake that I could not make him
  • I am sorry to have behaved that way and

Answer:
Every action has a reaction, I had provoked my brother with some bitter words and he reacted sharply. I told him that it was a joke. But he took it seriously and called me abusive names. I could not tolerate his words. We came to a quarrel and then to. blows. The ugly matter reached our parents. It was a quarrel over a canvas ball. My parents intervened and the matter finished when we were sent outside to play with the same ball.

Writing Skill

Question 1.
Imagine you are a judge and a theft case has been put up before you. What steps will you take to judge the case? Write. (50 words)
Answer:
I am a judge. A case of theft has been put before me. I shall take the thief into confidence. I shall ask him number of questions. The questions will include his family and parentage. What made him a thief? Who were his accomplices? In which area was he committing theft? Was he supported by some policemen? Was any policeman against him? He will furnish vague answers. In the, end I shall give him a word of honour to acquit him in case he spoke the truth. This will make him confess his crime. His true information will make my case easy to judge.

Question 2.
Suppose you are the captain of a team. Draft a speech for your team members for a better co-ordination and team spirit. (150 words)
Answer:
Dear team members,
For two decades, I was also a team member like you. My sportsmanship raised me to the position of the captain of this team. I shall narrate before you about the magical effects of sportsmanship. As most of you know that I was known for my sincerity, discipline, punctuality and obedience, I shall seek your co-operation by dint of my brotherly conduct with you. I cannot achieve single handedly without your good wishes, devotion, dedication and co-operation. Sincerity is the most essential part of sportsmanship. The attempts become half-hearted in its absence. Discipline makes a man more systematic. Punctuality is the essence of sportsmanship. If it is not followed, chaos will reign. Obedience is the last dimension of sportsmanship. You have to obey the principles of the job. It also means trusting the judgements of the captain for the final achievement of the goal. I hope you will show a better co-ordination and team spirit.

Think It Over

Question 1.
It is nice to be important, but it is more important to be nice. Think and elaborate the statement.
Answer:
Most of the thugs, murderers, kidnappers and robbers become important because they’have a large number of supporters: The people are afraid of their kicks and blows. They are worshipped like savages. Power, pelf and prosperity make them important personalities. The people are their yes-men in their presence. On their back, they are abused. A nice person becomes more important by virtue of his nobility of mind, speech and action. Such a person remains important even after his death. A nice person is fearless, indifferent and bold. He is far more important than the so called important ones. I give more importance to a sincere, courteous, truthful and useful, good mannered and disciplined nice person.

Question 2.
When a problematic situation arises, one should ask oneself. “Am I part of the problem or part of the solution?” Think and apply this principle to yourself and write your views briefly.
Answer:
Once a quarrel arose between my elder brother and my younger brother over the division of lands. I was also an equal sharer. Law allowed me to be a part of the problem. I could side with either of my brothers or quarrel with both of them. I gave the situation a deep thought and became the part of the solution. I met both of my brothers one after the other. Then I assessed their problem. I found a healthy solution. Both of my brothers agreed to my suggestion/solution. The problem was finished once for all.

Things To Do

We send different greeting cards to our relatives and friends on different occasions. Prepare a greeting card for ’the Republic Day’ having patriotic message on it.
Answer:
For self-attempt.

Report of An Adjudged Case Additional Important Questions

A. Read the stanzas and answer the questions that follow:

1. ‘In behalf of the Nose, it will quickly appear,
And your lordship,’ he said, ‘will undoubtedly find
That the Nose has had spectacles always in wear,
Which amounts to possession time out of mind.’ (Page 59)

Questions:
(a) The poet of these lines is
(i) John Keats
(ii) William Cowper
(iii) Robert Frost
(iv) Rabindranath Tagore
Answer:
(ii) William Cowper

(b) The word used for ‘with no doubt’ in the above stanza is
(i) quickly
(ii) undoubtedly
(iii) amounts
(iv) possession
Answer:
(ii) Undoubtedly

(c) What does the nose do for spectacles?
Answers:
(c) The spectacles have always been put on nose.

I. Match the following:
1. A strange contest arose – (a) The Ear
2. Tongue – (b) with a straddle
3. The chief baron was – (c) between Nose and Eyes
4. The spectacles are made – (d) for the spectacles
5. Nose was plainly intended
Answer:
1. (c), 2. (e), 3. (a), 4. (b), 5. (d)

II. Pick out the correct choice.

(i) The poem ’Report of an Adjudged Case’ is written by:
(a) William Wordsworth
(b) Willian Shakespeare
(c) Thomas Gray
(d) Willian Cowper

(ii) A. The spectacles set them unhappily ………… (foul/wrong).
B. Ear sat to ……………. (measure/balance) the laws.
C. Which amounts to possession time out of ……………….. (mind/ gear).
D. That the Nose was (virtually/plainly) intended for them ……………………. (the spectacles).
Answers:
A. wrong
B. balance
C. mind
D. plainly.

III. Write ‘True’ or ‘False’:
1. A strange contest arose between Ears and Nose.
2. The chief baron Ear sat to balance the laws.
3. The Nose has had spectacles always in wear.
4. The judge decreed in favour of the Eyes.
5. The lawyer’s arguments were equally wise in case of the Nose and both Eyes.
Answers:

  1. False
  2. True
  3. True
  4. False
  5. False

IV. Fill in the following blanks:
1. Tongue was the ………………. in the case.
2. The spectacles are made with a ……………
3. Who would wear spectacles if the …………….. had not a Nose.
4. His …………. decreed, with a grave solemn tone.
5. Whenever the Nose put his spectacles on Eyes should be
Answers:

  1. lawyer
  2. straddle
  3. visage/countenance.
  4. lordship
  5. shut.

B. Short Answer Type Questions (In about 25 words)

Question 1.
Give a brief description of the poet ‘William Cowper’.
Answers:
William Cowper was a poet. He was also a qualified lawyer. An attack of madness interrupted his legal career. After some years, he recovered his mental health. He returned to the country. There he lived a quiet life. He wrote poetry in a simple and gentle style.

Question 2.
Give the theme of the poem ‘Report of an Adjudged Case.
Answers:
The theme of the poem is a dispute between the Eyes and the Nose. Both of them went to the court. The Tongue acted as a lawyer. The judge heard the lawyer’s arguments and decreed in favour of the Nose.

Question 3.
How did the eyes, the real claimant of the spectacles lose their claim in the court?
Answers:
It is an admitted fact that the spectacles are meant, for the eyes. They are called ‘eye glasses’ since the glasses are meant for the eyes. However, the lawyer gave wise arguments and won the case in favour of the Nose. The poor eyes lost the case.

Question 4.
Give examples of humour in the poem ‘Report of an Adjudged Case’.
Answers:
The poem is full of humour. The Nose wrongly claimed itself to be the possessor of spectacles. The lawyer too justified his claim. It is humorous that the same lawyer acted as judge for both the rival parties. The judge gave the judgement in favour of the Nose (the wrong claimant).

Question 5.
Give the rhyme scheme of the poem ‘Report of an Adjudged Case’.
Answers:
The poem ‘Report of an Adjudged Case’ is written in a simple and gentle style. Its rhyme scheme is a b a b. The rhyme and rhythm are perfect. The rhyming words are correctly arranged without breaking the flow of ideas.

C. Long Answer Type Questions (In about 50 words)

Question 1.
How did the Tongue prove to be a skilled lawyer?
Answers:
The tongue was the lawyer when the dispute between the Nose and the Eyes came to the court. It was a dispute about the possession of spectacles. The tongue proved a skilled lawyer of great learning. It gave cogent and convincing arguments in favour of the Nose. It also gave arguments in favour of the Eyes but they were too weak. On the basis of the tongue’s arguments, the judge decreed in favour of the Nose.

Question 2.
Why did the Eyes lose the case?
Answers:
The Eyes claimed themselves as possessors of spectacles. The Nose refuted their claim. A dispute arose between the two. Their case was sent to the court. The eyes engaged the same lawyer who had pleaded for the Nose. He gave cogent arguments in favour of the nose. He pleaded in favour of the eyes in a weaker and not so wise a tone. The judge gave his decision in favour of the Nose on the basis of the lawyer’s arguments. The eyes lost the case. It justifies the saying ’Courts deliver decisions and not justice’.

Report of An Adjudged Case Introduction

A dispute arose between the Nose and the Eyes. Both claim their sole right over the spectacles. The tongue acted as a lawyer and the Ear as the chief baron to balance the laws. The poem presents a background of the courtroom to provide humorous effects.

Report of An Adjudged Case Summary in English

Once a contest arose between the nose and eyes about the ownership of spectacles. The tongue acted as the lawyer. The chief baron (Ear) sat to balance the laws. He was well known for his talent and sense of perception. The lawyer addressed the judge as ‘My Lord’. He said that there is no doubt that the nose has had its claim on the spectacles since times immemorial. Spectacles are made with a bridge which settles itself properly on the bridge of the nose. A man without a nose cannot wear spectacles. In a nutshell, the nose and the spectacles are meant for each other only.

Then the same lawyer pleaded on behalf of the eyes. His arguments favouring the eyes were not judged to be so wise. The judge seriously gave his judgement in favour of the nose. He said that eyes should be shut whenever the nose put his spectacles on.

Report of An Adjudged Case Summary in Hindi

एक बार चश्मों की मल्कियत की बारे में नाक और आँखों के बीच झगड़ा हो गया। जीभ ने वकील का काम किया। मुख्य सामंत (कान), कानून का संतुलन करने के लिए बैठ गया। वह अपनी प्रतिभा और विवेक के लिए प्रसिद्ध था।

वकील ने ‘माई लॉर्ड’ कहकर जज को सम्बोधित किया। उसने कहा, “इसमें संशय नहीं है कि चिरकाल से नाक की ही चश्मों पर मल्कियत रही है। चश्मों में एक खाँचा बना होता है जो नाक के खाँचे पर सही बैठता (जमता) है। बिना नाकवाला व्यक्ति चश्मे नहीं पहन सकता है। संक्षिप्त रूप में यों कहिए कि नाक और चश्मे एक-दूसरे के लिए ही बने हैं।

फिर उसी वकील ने आँखों की तरफ से दलील की। आँखों के विषय में उसके द्वारा दिए गए तर्कों को कम बुद्धिमत्तापूर्ण माना गया। जज ने बड़ी संजीदगी से नाक के पक्ष में अपना निर्णय सुनाया। उसने कहा कि जब कभी नाक, चश्मे को पहने तो आँखों को बन्द कर लेना चाहिए।

Report of An Adjudged Case Word-Meanings

Mp Board Class 10 English Chapter 7
Class 10 English Chapter 7 Mp Board

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Report Of An Adjudged Case MP Board Class 10th English

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MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 10 बने और बिखरे

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 10 बने और बिखरे

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 10 प्रश्न-अभ्यास

वस्तुनिष्ठ प्रश्न
Mp Board Class 7th Hindi Chapter 10 प्रश्न 1.
(क) सही जोड़ी बनाइए
1. सुख = (क) प्यास
2. रेशमी = (ख) संन्यासी
3. भूखा = (ग) सुविधा
4. बैरागी = (घ) पगड़ी
उत्तर
1. (ग), 2. (घ), 3. (क), 4. (ख)

Mp Board Class 7th Hindi Sugam Bharti प्रश्न (ख)
दिए गए शब्दों से उपयुक्त शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. शिष्य सामान समेटकर ……………… बांध रहा है। (पोटली बिस्तर)
2. यह व्यक्ति तो बड़ा ……………. निकला। (सभ्य/असभ्य)
3. हम ……………. से ही पैदल चल रहे हैं। (सुबह/शाम)
4. तुम्हें इतना …………… नहीं होना चाहिए। (अधीर/विकल)
5. महिला …………. पर घड़ा रखे आ रही है। (सिर/कंधे)
6. शिष्य, गाँव चलकर थोड़ा ……………… कर लें। (भोजन/विश्राम)
उत्तर
1. पोटली
2. असभ्य
3. सुबह
4. अधीर
5. सिर
6. विश्राम।

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 10 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

7th Class Hindi Chapter 10 Question Answer MP Board प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए

(क)
शिष्य किसे रोकने के लिए खड़ा रहा?
उत्तर
शिष्य प्यास से व्याकुल था, इसलिए वह किसी गाँववासी से पानी प्राप्त करने के लिए खड़ा रहा।

(ख)
शिष्य गुरु से बैठने के लिए क्यों कहता है?
उत्तर
शिष्य थककर चूर हो गया, वह आराम करने के लिए गुरु से बैठने के लिए कहता है।

(ग)
मार्ग में मिलने वाले व्यक्ति की वेश-भूषा कैसी थी?
उत्तर
मार्ग में मिलने वाला व्यक्ति रेशमी पगड़ी, मोतियों की माला, कीमती जूतियाँ और सुंदर रेशमी वस्त्र पहने था।

(घ)
संतों को किसकी उपेक्षा नहीं करना चाहिए?
उत्तर
संतों को असभ्यो और कुसंस्कृतियों की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए।

(ङ)
गुरु और शिष्य किस बात की शिक्षा देने निकले थे?
उत्तर
गुरु और शिष्य लोगों को सन्मार्ग की शिक्षा देने निकल थे।

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 10 लघु उत्तरीय प्रश्न

कक्षा 7 के लिए अनदेखी मार्ग MP Board प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन से पाँच वाक्यों में लिखिए

(क)
साधना के मार्ग में आने वाली मुश्किलों को कैसे जीता जा सकता है?
उत्तर
गुरु कहते हैं हम, लोगों को सन्मार्ग की शिक्षा देने निकले हैं आराम करने के लिए नहीं साधना के मार्ग में ऐसी कठिनाइयाँ आती ही हैं। धैर्य और संयम से इनको जीतना होगा। संतों को सुख-सुविधाओं की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए।

(ख)
गुरुजी ने सभ्य व असभ्य गाँववासियों के लिए ईश्वर से क्या प्रार्थना की?
उत्तर-गुरु ने असभ्य गाँववासियों के लिए ईश्वर से माँगा कि इन लोगों पर कृपा करना। ये सदा इसी गाँव में बने रहे। जबकि सभ्य गाँव के लिए कहा-इस गाँव के लोग अत्यंत सभ्य और सुशील गाँव के लिए कहा-इस गाँव के लोग अत्यंत सभ्य औरा सुशील हैं। इन्हें सारे संसार में बिखरा दे।

(ग)
शिष्य के जल पिलाने की बात पर महिला ने क्या कहा?
उत्तर
शिष्य के जल पिलाने की बात पर महिला ने कहा-घड़ा मेरा, कुएँ से जल मैंने भरा, तुम्हें क्यों दे दूं? जाओ, खुद निकालो और पियो आलसी कहीं के…।

(घ)
एकांकी में आए पात्रों में से जिस पात्र से आप अधिक प्रभावित हुए हैं, उसके बारे में तीन वाक्य लिखिए।
उत्तर
एकांकी में सबसे प्रभावी व्यक्तित्व गुरु जी हैं-उनकी तीन विशेषताएँ हैं :

  • वे कठिन स्थिति में भी मुस्कराते रहते थे।
  • उन्होंने सभ्य-असभ्य सभी प्रकार के लोगों के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते थे।
  • वे सर्वदा सन्मार्ग पर चलते रहते हैं।

(ङ)
“हे, ईश्वर हमारी गलतियों को क्षमा करें” किसने, किससे, क्यों कहा?
उत्तर
‘हे ईश्वर, हमारी गलतियों को क्षमा करें…’ ये शब्द गुरु जी ने ईश्वर के समक्ष कहे और इसलिए | कहे ताकि उनके हृदय में करुणा, संतोष, प्रेम, सहिष्णुता
और विनय का वास हो।

भाषा की बात

Class 7 Hindi Chapter 10 MP Board प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों का शुद्ध उच्चारण कीजिए
हृदय, वस्त्र, संस्कृति, स्पर्श, विश्राम, भ्रष्ट
उत्तर
छात्र स्वयं करें।

Mp Board Class 7th Hindi Solution प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों में शुद्ध वर्तनी पर गोला लगाइए
उत्तर
Class 7 Chapter 10 Hindi MP Board

Mp Board Solution Class 7th Hindi प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्दों के वचन परिवर्तन कीजिए
गलती, संन्यासी, शिष्य, यात्रियों, व्यक्ति, पुत्र, गाड़ियाँ, टुकड़ा
उत्तर
शब्द – वचन परिवर्तन
गलती = गलतियाँ
संन्यासी = संन्यासियों
शिष्य = शिष्यों
यात्रियों = यात्री
व्यक्ति = व्यक्तियों
पुत्र = पुत्रों
गाड़ियाँ = गाड़ी
टुकड़ा = टुकड़े

Mp Board Class 7th Hindi प्रश्न 7.
उपर्युक्त उदाहरण के अनुसार ‘आ’ उपसर्ग का प्रयोग करते हुए पाँच नए शब्द बनाइए।
उत्तर
“आ’ उपसर्ग का प्रयोग करके पाँच नए शब्द :

  • आवृत्ति = आ-वृत्ति
  • आसक्त = आ+सक्त
  • आरोही = आ+रोही
  • आखेट = आ+खेट
  • आसमान = आ+समान

Mp Board Solution 7th प्रश्न 8.
निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए
सभ्य, शांत, न्याय, अनुकूल, बल।
उत्तर

  • शब्द – विलोम
  • सभ्य = असभ्य
  • शांत = अशांत
  • न्याय = अन्याय
  • अनुकूल = प्रतिकूल
  • बल = निर्बल

बने और बिखरे पाठ का परिचय

प्रस्तुत एकांकी में लेखक ने अलग उदाहरणों से लोगों की प्रवृत्ति को उजागर किया है। गुरु और शिष्य अपने पथ पर चले जा रहे हैं। शिष्य का प्यास से बुरा हाल है। उन्हें एक व्यक्ति मिलता है। शिष्य उसे पूछता है कि कहीं कुँआ या सरोवर मिलेगा। व्यक्ति घूरकर चला जाता है। आगे उन्हें एक औरत मिलती है। जिसके सिर पर पानी का घड़ा है। शिष्य बड़े आग्रह से पानी के लिए कहता है। वह औरत भी उन्हें कामचोर कहकर चली जाती है। आगे एक संपन्न व्यक्ति मिलता है, वह भी गुरु और शिष्य को अनदेखा करके चला जाता है। वे दोनों अपने पथ पर बढ़ते रहते हैं। गुरु अपनी प्रार्थना में कहता है कि इस गाँव के लोग सदा बने रहें। शिष्य हैरान होता है। आगे जाकर वे अन्य गाँव में पहुँचते है, जहाँ उनका बड़ा मान किया जाता है तथा उनकी वंदना की जाती है। गुरु अपनी प्रार्थना में कहते हैं कि पहले गाँव के बरे लोगों के लिए आपने दिया जबकि इस भले गाँव के लिए बिखरने का। गुरु कहते हैं बरे लोगों का नहीं फैलना ही समाज के लिए उचित है।

MP Board Class 7th Hindi Solutions

MP Board Class 12th Special Hindi गद्य साहित्य की विभिन्न विधाएँ

MP Board Class 12th Special Hindi गद्य साहित्य की विभिन्न विधाएँ

गद्य वह वाक्यबद्ध विचारात्मक रचना है, जिसमें हमारी चेष्टाएँ, हमारी कल्पनाएँ, हमारे मनोभाव और हमारी चिन्तनशील मनःस्थितियाँ सरलतापूर्वक अभिव्यक्त की जा सकती हैं। वास्तव में आधुनिक युग गद्य साहित्य के विकास का युग है। अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम होने के कारण गद्य साहित्य अपनी विभिन्न विधाओं के माध्यम से वर्तमान युग में अत्यधिक लोकप्रिय होता जा रहा है।

 

गद्य की विभिन्न विधाएँ

गद्य साहित्य की विभिन्न विधाओं को निम्नलिखित दो श्रेणियों में विभक्त किया जा सकता है
(1) गद्य की प्रमुख विधाएँ इसके अन्तर्गत निबन्ध,कहानी,नाटक, एकांकी एवं उपन्यास जैसी लोकप्रिय विधाएँ आती हैं।
(2) गद्य की लघु विधाएँ – हिन्दी गद्य ने पुराने रूपों में परिवर्तन कर नए रूपों को अपनाया, जिनमें रिपोर्ताज, संस्मरण, जीवनी, आत्मकथा, आलोचना, रेखाचित्र, यात्रावृत्त (यात्रा साहित्य), गद्य – काव्य, भेटवार्ता,डायरी एवं पत्र – साहित्य जैसी विधाएँ सम्मिलित हैं।

गद्य की प्रमुख विधाएँ

गद्य साहित्य का विकास सही जोड़ी MP Board Class 12th 1. निबन्ध

हिन्दी गद्य साहित्य में निबन्ध एक महत्त्वपूर्ण विधा है। हिन्दी में निबन्ध का आविर्भाव आधुनिक युग में ही हुआ। हिन्दी निबन्ध साहित्य के विकास को निम्नलिखित चार वर्गों में विभाजित किया गया है –
गद्य साहित्य का विकास सही जोड़ी MP Board Class 12th

1. भारतेन्दु युग (1850 – 1900)
भारतेन्दुयुगीन निबन्धों की सामान्य विशेषताएं इस प्रकार हैं –
(1) इतिहास, धर्म,समाज, राजनीति, आलोचना, यात्रा, प्रकृति वर्णन, आत्मचरित, व्यंग्य – विनोद आदि विषयों पर लिखा गया।
(2) इस युग में राजनीति और समाज – सुधार के निबन्ध अधिक लिखे गये।
(3) प्रायः व्यंग्यात्मक शैली के सहारे कटु सत्य का वर्णन किया गया।
(4) कहावतों और मुहावरों का अधिक प्रयोग हुआ।
(5) गम्भीर विषयों को भी इस युग के लेखकों ने सरल, सुबोध एवं मनोरंजक शैली में प्रस्तुत किया।
(6) इनके निबन्ध शुष्क वैज्ञानिक नहीं, वरन् आदर्श साहित्यिक निबन्ध हैं।
(7) इन निबन्धों में ज्ञानवर्द्धन और रसानुभूति दोनों विद्यमान हैं।
(8) लोक प्रचलित शब्दों का प्रयोग है।

प्रमुख रचनाकार – भारतेन्दु हरिश्चन्द्र, बालकृष्ण भट्ट, बदरीनारायण चौधरी ‘प्रेमघन, प्रतापनारायण मिश्र, बालमुकुन्द गुप्त, राधाचरण गोस्वामी आदि उल्लेखनीय एवं प्रमुख नाम हैं।

भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के निबन्ध – कश्मीर कुसुम’, ‘उदय – पुरोदय’, ‘कालचक्र’, ‘बादशाह दर्पण’, ‘स्वर्ग में विचार सभा का अधिवेशन’, ‘वैष्णवता’ और ‘भारतवर्ष’ हैं। इनमें ऐतिहासिक, धार्मिक एवं राजनीतिक समस्याओं के साथ व्यंग्य और आलोचना भी हैं।

बालकृष्ण भट्ट ने “हिन्दी प्रदीप’ पत्रिका में वर्णनात्मक, भावात्मक, विवरणात्मक और विचारात्मक सभी प्रकार के निबन्ध समाविष्ट किये। ‘मेला ठेला’, वकील’, सहानुभूति’,’आशा’, ‘खटका’, ‘इंगलिश पढ़े तो बाबू होय’, ‘माधुर्य’, ‘शब्द की आकर्षण शक्ति’, ‘आत्म – निर्भरता’, ‘रोटी तो किसी भाँति कमा खाय मुछन्दर’, भट्टजी के निबन्ध हैं, जिनमें विचारों की मौलिकता, विषय की व्यापकता,शैली की रोचकता आदि गुण हैं।

प्रतापनारायण मिश्र ने ‘ब्राह्मण’ पत्रिका का सम्पादन किया और अनेक निबन्ध लिखे। भौं. दाँत,पेट, मुच्छ,नाक आदि पर विनोदपूर्ण निबन्ध लिखे। ‘बुद्ध’, प्रताप’,’चरित’,’दान’, ‘जुआ, ‘अपव्यय’, ‘नास्तिक’, ‘ईश्वर की मूर्ति’, ‘शिवमूर्ति’, ‘सोने का डण्डा’,’मनोवेग’, ‘समझदार की मौत’ आदि विचारात्मक निबन्ध लिखे। इनके निबन्धों में मुहावरों का प्रयोग अत्यधिक मात्रा में हुआ है।

बदरीनारायण ‘प्रेमघन’ ने दो पत्रों का सम्पादन किया – ‘आनन्द कादम्बिनी’ और ‘नागरी – नीरद’। इनके प्रमुख निबन्ध हैं – ‘हिन्दी भाषा का विकास’, ‘उत्साह – आलम्बन’, ‘परिपूर्ण – प्रवास’। इनकी भाषा में आलंकारिकता और चमत्कार के दर्शन होते हैं।

बालमुकुन्द गुप्त और राधाचरण गोस्वामी भारतेन्दु युग और द्विवेदी युग के बीच की कड़ी थे। गुप्तजी ‘शिवशम्भु’ उपनाम से लिखते थे। ‘शिवशम्भु का चिट्ठा’ में उनके अनेक प्रसिद्ध निबन्ध संग्रहीत हैं। गोस्वामीजी का ‘यमपुर का चिह्न’ हास्य – व्यंग्य का काल्पनिक लेख है।
गद्य साहित्य का विकास MP Board Class 12th

2. द्विवेदी युग (1900 – 1920)
इस युग का प्रारम्भ महावीर प्रसाद द्विवेदी ने ‘सरस्वती’ पत्रिका के सम्पादक के रूप में किया। कवि और कविता’, ‘प्रतिभा’,’कविता’, ‘साहित्य की महत्ता’, ‘क्रोध आदि रोचक निबन्धों की रचना आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी ने की।

इस यग के प्रमख निबन्धकार थे – माधव प्रसाद मिश्र गोविन्दनारायण मिश्र श्यामसुन्दर दास, पदमसिंह शर्मा, अध्यापक पूर्णसिंह एवं चन्द्रधर शर्मा ‘गुलेरी’। माधवप्रसाद मिश्र के निबन्ध ‘धृति’ और ‘सत्य’ गम्भीर शैली के निबन्ध हैं। गोविन्दनारायण मिश्र की शैली आलंकारिक थी। श्यामसुन्दर दास ने आलोचनात्मक निबन्ध लिखे। ‘भारतीय साहित्य की विशेषताएँ’, ‘समाज और साहित्य’, ‘हमारे साहित्योदय की प्राचीन कथा’, ‘कर्त्तव्य और सत्यता’, आदि उनके प्रसिद्ध निबन्ध हैं। पदमसिंह शर्मा के दो निबन्ध संकलन प्रकाशित हुए ‘पद्म पराग’ और ‘प्रबन्ध मंजरी’। इनमें महापुरुषों का जीवन – चित्रण, समकालीन व्यक्तियों के संस्मरण, श्रद्धांजलि एवं साहित्य समीक्षा आदि विषय संग्रहीत हैं।

अध्यापक पूर्णसिंह और चन्द्रधर शर्मा गुलेरीजी की विशिष्ट शैली थी। इन दोनों ने कम निबन्ध लिखे,पर उनमें प्राचीन और नवीन का समन्वय था। ‘आचरण की सभ्यता’ और ‘कछुआ धर्म’ क्रमशः पूर्णसिंह और गुलेरीजी के प्रसिद्ध निबन्ध हैं।

द्विवेदी युग के निबन्धकारों ने विचार – प्रधान निबन्ध लिखे। ये निबन्ध मौलिकता लिये हुए नवीन विषयों पर थे और गम्भीर निबन्धों की कोटि में आते हैं।
हिंदी गद्य के विकास पर आधारित प्रश्न Class 12 MP Board

3. शुक्ल युग (1920 – 1940)
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के नाम पर यह युग ‘शुक्ल युग’ कहलाया। गद्य के क्षेत्र में निबन्ध की विधा में सबसे अधिक समृद्धि शुक्लजी ने ही की।

‘चिन्तामणि’ में शुक्लजी के प्रौढ़तम निबन्ध संग्रहीत हैं। उनके निबन्ध साहित्यिक और आलोचनात्मक हैं। ‘साधारणीकरण’, ‘व्यक्ति वैचित्र्यवाद’, ‘रसात्मक बोध के विविध रूप’, ‘काव्य में लोकमंगल की साधनावस्था’ आदि अनेक चिन्तापूर्ण एवं मौलिक विचारों वाले निबन्ध हैं।

शुक्ल युग के अन्य निबन्धकारों में डॉ. गुलाबराय, पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी, माखनलाल चतुर्वेदी, डॉ. रघुवीर सिंह, वियोगी हरि, रायकृष्ण दास, वासुदेवशरण अग्रवाल, शान्तिप्रिय द्विवेदी के नाम उल्लेखनीय हैं।

गुलाबरायजी के अनेक निबन्ध संग्रह हैं। ‘फिर निराश क्यों?’, ‘मेरी असफलताएँ’,’मेरे निबन्ध’ आदि। पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी के निबन्ध हैं—’उत्सव’, रामलाल पण्डित’, समाज सेवा’, ‘विज्ञान’ आदि। डॉ. वासुदेवशरण अग्रवाल ने सांस्कृतिक विरासत और संस्कृत साहित्य पर निबन्ध लिखे। डॉ. रघुवीर सिंह ने इतिहास पर निबन्ध लिखे। ‘ताज’, ‘फतेहपुर सीकरी’ उनके प्रसिद्ध निबन्ध हैं।

इस युग में साहित्य,मनोविज्ञान, संस्कृति, इतिहास जैसे गम्भीर विषयों पर प्रचुर संख्या में उच्चकोटि के निबन्धों की रचना हुई। इन निबन्धों की भाषा गम्भीर और क्लिष्ट है तथा तत्सम शब्दों का अधिक प्रयोग हुआ है।
हिंदी गद्य साहित्य का इतिहास कक्षा 12 MP Board

4. शुक्लोत्तर युग (1940 से अब तक)
इस युग के निबन्धकारों में आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी, नन्ददुलारे वाजपेयी, वासुदेवशरण अग्रवाल, शान्तिप्रिय द्विवेदी, डॉ. नगेन्द्र, जैनेन्द्र कुमार, डॉ. विनयमोहन शर्मा, प्रभाकर माचवे,रामवृक्ष बेनीपुरी, रामधारीसिंह ‘दिनकर’, शिवदान सिंह चौहान, प्रकाशचन्द्र गुप्त, देवेन्द्र सत्यार्थी, कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’, डॉ. भगवतशरण उपाध्याय, डॉ. भगीरथ मिश्र, डॉ. रामविलास शर्मा, धर्मवीर भारती, विद्यानिवास मिश्च एवं अज्ञेय प्रमुख हैं।

इस युग के निबन्धकारों में आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी का स्थान प्रमुख है। उनके निबन्ध संग्रह, अशोक के फूल’,’आलोक पर्व’, ‘कल्पलता’,’विचार और वितर्क’, विचार प्रवाह’, कुटज’ आदि हैं। इनका विषय क्षेत्र अत्यन्त व्यापक है तथा उनमें चिन्तन की गहराई और विचारों की सघनता मिलती है। अधिकांश निबन्ध ललित या कलात्मक निबन्धों की कोटि में आते हैं।

आचार्य नन्ददुलारे वाजपेयी ने मूलतः आलोचनात्मक निबन्ध लिखे हैं। उनके निबन्ध संग्रह हैं – ‘हिन्दी साहित्य बीसवीं सदी’, आधुनिक साहित्य’, ‘नया साहित्य : नये प्रश्न’।

इस युग के निबन्धकारों ने भावात्मक एवं आत्मपरक निबन्ध लिखे जिनमें विषय – वस्तु की विविधता सन्निहित थी। शैली विचारात्मक, भावात्मक एवं समीक्षात्मक रही।
Hindi Gadya Sahitya Ki Dharohar MP Board

अन्य निबन्धकार और उनकी रचनाएँ
(1) शान्तिप्रिय द्विवेदी – ‘जीवनयात्रा’, ‘साहित्यिक’, ‘हमारे साहित्य निर्माता’, ‘कवि और काव्य’, ‘संचारिणी’, ‘युग और साहित्य’,’सामयिकी’ आदि।
(2) डॉ. नगेन्द्र – विचार और विवेचना’, ‘विचार और अनुभूति’, ‘कामायनी के अध्ययन की समस्याएँ।
(3) जैनेन्द्र कुमार – ‘जड़ की बात’, ‘जैनेन्द्र के विचार’, ‘साहित्य का श्रेय और प्रेय’, ‘प्रस्तुत दर्शन’, ‘सोच – विचार’, मन्थन’।
(4) डॉ. विनयमोहन शर्मा – ‘साहित्यावलोकन’, ‘दृष्टिकोण’, ‘कलाकार और सौन्दर्य बोध’।
(5) प्रकाश चन्द्रगुप्त ‘नया हिन्दी साहित्य एक भूमिका’, साहित्यधारा’।
(6) शिवदानसिंह चौहान – साहित्यानुशीलन’ और ‘आलोचना के मान’।
(7) डॉ. भगवतशरण उपाध्याय – भारत की संस्कृति का सामाजिक विश्लेषण’, ‘इतिहास के पृष्ठों पर’,’खून के धब्बे’, सांस्कृतिक निबन्ध।
(8) रामधारीसिंह ‘दिनकर’ – ‘मिट्टी की ओर’, अर्द्धनारीश्वर’,रती के फूल’।
(9) रामवृक्ष बेनीपुरी – माटी की मूरतें’, ‘गेहूँ और गुलाब’।
(10) अज्ञेय’त्रिशंकु’।
(11) प्रभाकर माचवे – ‘मुँह’, ‘गला’, ‘गाली’, ‘बिल्ली’, मकान’।
(12) देवेन्द्र सत्यार्थी – ‘एक युग एक प्रतीक’, रेखाएँ बोल उठी’, ‘क्या गोरी क्या साँवरी’, कला के हस्ताक्षर।
(13) कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’ – ‘जिन्दगी मुस्करायी’, ‘बाजे पायलिया के घुघरू’, ‘दीप जले शंख बजे’,’क्षण बोले कण मुस्कराये।
(14) डॉ. विद्यानिवास मिश्र – तुम चन्दन हम पानी’।
(15) हरवंशराय बच्चन’ ने ‘क्या भूलूँ, क्या याद करूँ’ आदि चार खण्डों में जीवन के मर्मस्पर्शी संस्मरण प्रस्तुत किए हैं।

गद्य साहित्य का विकास MP Board Class 12th 2. कहानी

कहानी का शाब्दिक अर्थ है, कहना। जो कुछ भी कहा जाय, कहानी है; किन्तु विशिष्ट अर्थ में किसी रोचक घटना का वर्णन कहानी है। कहानी के अनिवार्य लक्षण हैं –
(1) गद्य में रचित होना।
(2) मनोरंजक या कौतूहलवर्द्धक होना।
(3) अन्त में किसी चमत्कारपूर्ण घटना की योजना।

हिन्दी गद्य में कहानी शीर्षक से प्रकाशित होने वाली रचना है – रानी केतकी की कहानी’ जो 1803 में लिखी गयी। इसके बाद राजा शिवप्रसाद ‘सितारे हिन्द’ की ‘राजा भोज का सपना’, भारतेन्दु हरिश्चन्द्र का अद्भुत अपूर्व स्वप्न’ है।

‘सरस्वती’ नामक पत्रिका में कहानी का विकास – क्रम इस प्रकार दिया गया है :
(1) ‘इन्दुमती’ – किशोरीलाल गोस्वामी (1900 ई)।
(2) ‘गुलबहार – किशोरी लाल गोस्वामी (1902 ई)।
(3) ‘प्लेग की चुडैल’ – मास्टर भगवान दास (1902)।
(4) ग्यारह वर्ष का समय’ – आचार्य रामचन्द्र शुक्ल (1903)।
(5) ‘पण्डित और पण्डितानी’ – गिरिजादत्त वाजपेयी (1903)।
(6) ‘दुलाईवाली’ – बंग महिला (1907)।

ये सभी कहानियाँ ‘सरस्वती’ में प्रकाशित हुईं। इस प्रकार प्रथम कहानीकार किशोरीलाल गोस्वामी सिद्ध होते हैं।

(1) प्रथम युग – इसके बाद हिन्दी में अनेक उच्चकोटि के कहानीकारों ने कहानियाँ लिखीं। जयशंकर प्रसाद,प्रेमचन्द, चन्द्रधर शर्मा ‘गुलेरी’,विश्वम्भरनाथ शर्मा कौशिक’, सुदर्शन ‘पाण्डेय, बेचन शर्मा ‘उग्र’, आचार्य चतुरसेन शास्त्री आदि।

जयशंकर प्रसाद की कहानी ‘ग्राम’ सन् 1909 ई. में प्रकाशित हुई। इसके बाद इनके अनेक कहानी संग्रह प्रकाशित हुए –
(1) ‘छाया’,
(2) ‘प्रतिध्वनि’,
(3) ‘आकाशदीप’,
(4) ‘आँधी’,
(5) ‘इन्द्रजाल’।

प्रेमचन्द द्वारा रचित कहानियों की संख्या तीन सौ से अधिक है,जो ‘मानसरोवर’ नामक ग्रन्थ के आठ भागों में संग्रहीत हैं। उनके कुछ स्फुट संग्रह – ‘सप्त सरोज’, ‘नवनिधि’, ‘प्रेम पच्चीसी’, ‘प्रेम पूर्णिमा’, ‘प्रेम द्वादसी’, ‘प्रेम तीर्थ’, ‘सप्त सुमन’ हैं। उनकी पहली कहानी ‘पंच परमेश्वर 1916 में प्रकाशित हुई थी। उनकी प्रसिद्ध कहानियाँ हैं –
(1) ‘आत्माराम’,
(2) ‘बड़े घर की बेटी’,
(3) ‘शतरंज के खिलाड़ी’,
(4) ‘वज्रपात’,
(5) ‘रानी सारन्धा’,
(6) ‘अलग्योझा’,
(7) ‘ईदगाह’,
(8) ‘कफन’,
(9) ‘पूस की रात’।

चन्द्रधर शर्मा ‘गुलेरी’ ने केवल तीन कहानियाँ लिखी और अमर हो गये। उनकी प्रथम कहानी ‘उसने कहा था’ (1915) में प्रकाशित हुई थी,उनकी अन्य दो कहानियाँ
(1) ‘सुखमय जीवन’ और
(2) ‘बुद्धू का काँटा’ हैं।

विश्वम्भरनाथ शर्मा ‘कौशिक’ ने पहली कहानी ‘रक्षाबन्धन’ 1913 में लिखी। उनकी लगभग 300 कहानियाँ इन दो कहानी संग्रहों में संग्रहीत हैं—
(1) ‘कल्प – मन्दिर’ और
(2) ‘चित्रशाला’।

बद्रीनाथ भट्ट ‘सुदर्शन’ ने पहली कहानी ‘हार की जीत’ 1920 में लिखी। उनके कहानी संग्रह इस प्रकार हैं –
(1) ‘सुदर्शन सुधा’,
(2) सुदर्शन सुमन’,
(3) ‘तीर्थ – यात्रा’,
(4) ‘पुष्पलता’,
(5) ‘गल्प मंजरी’,
(6) ‘सुप्रभात’,
(7) ‘झरोखा’,
(8) ‘चार कहानियाँ’,
(9) ‘नगीना’,
(10) ‘पंचवटी’।

आचार्य चतुरसेन शास्त्री के कहानी संग्रह हैं—
(1) ‘रजकण’,
(2) अक्षत’,
(3) ‘ककड़ी की कीमत’,
(4) ‘भिक्षुराज’,
(5) ‘दे खुदा की राह पर’,
(6) ‘दुखवा मैं कासे कहूँ मोरी सजनी’।

(2) द्वितीय युग – हिन्दी कहानी का द्वितीय युग जैनेन्द्र कुमार से प्रारम्भ होता है। उनकी कहानियों के संग्रह हैं –
(1) ‘वातायन’,
(2) स्पर्धा’,
(3) ‘फाँसी’,
(4) पाजेब’,
(5) ‘वयःसन्धि’,
(6) “एक रात’,
(7) ‘दो चिड़ियाँ।

वृन्दावनलाल वर्मा, गोविन्दबल्लभ पन्त, सियारामशरण गुप्त और हृदयेश भी इस युग के अच्छे कहानीकार हैं। वृन्दावनलाल वर्मा की कहानियाँ कलाकार का दण्ड’ नामक शीर्षक संग्रह में प्रकाशित हैं।

(3) तृतीय युग – हिन्दी कहानी के तीसरे युग में भगवतीप्रसाद वाजपेयी ने अपनी कहानियों को मनोवैज्ञानिक ढंग से लिखा। इनके अनेक कहानी संग्रह (1) ‘हिलोर’, (2) पुष्करिणी’, (3) ‘खाली बोतल’ हैं। इनकी प्रसिद्ध कहानी ‘मिठाईवाला’, ‘वंशी वादन’, ‘झाँकी’ और ‘त्याग’ हैं। भगवतीचरण वर्मा के कहानी संग्रह ‘खिलते फूल’ तथा ‘दो बाँके’ हैं।

अज्ञेय के कहानी संग्रह हैं—
(1) ‘विपथगा’,
(2) ‘परम्परा’,
(3) ‘कोठरी की बात’,

(4) ‘जयदोल’। इलाचन्द्र जोशी ने
(1) रोमांटिक छाया’,
(2) ‘आहुति’,
(3) ‘दीवाली और होली’ नामक कहानी संग्रह लिखे।

। उपेन्द्रनाथ ‘अश्क’, चन्द्रगुप्त ‘विद्यालंकार’ ने भी अच्छी कहानियाँ लिखीं। यशपाल ने साम्यवादी विचारधारा से प्रभावित होकर सामाजिक कहानियाँ लिखीं।
हास्य कहानियों में जी.पी.श्रीवास्तव, कृष्णदेव प्रसाद गौड़ ‘बेढब बनारसी’, अन्नपूर्णानन्द, जयनाथ नलिन के नाम प्रसिद्ध हैं।

महिला कहानी लेखिकाओं में सुभद्राकुमारी चौहान, शिवरानी देवी, उषादेवी मित्रा, सत्यवती मलिक, चन्द्रकिरण सौनरिक्सा आदि के नाम प्रम –

(4) वर्तमान युग – सन् 1950 से कहानी के क्षेत्र में अतियथार्थवादी दृष्टिकोण आया। नये कहानीकारों में राजेन्द्र यादव, मोहन राकेश, कमलेश्वर, मार्कण्डेय, अमरकान्त, धर्मवीर भारती,निर्मल वर्मा, ज्ञानरंजन, भीष्म साहनी, शैलेश मटियानी, फणीश्वरनाथ रेणु’, राजेन्द्र अवस्थी, शरद जोशी, हरिशंकर परसाई,रवीन्द्रनाथ त्यागी आदि प्रमुख हैं।

नयी उभरती प्रतिभाओं में कहानी लेखिकाओं का योगदान भी उल्लेखनीय है। इनमें प्रमुख हैं – मनू भण्डारी, रजनी पणिक्कर, उषा प्रियम्वदा, मृदुला गर्ग, कृष्णा सोबती, मृणाल पाण्डे, मंजुला भगत, मालती जोशी, शिवानी, ममता कालिया, सूर्यबाला, कुसुम अंसल। इन लेखिकाओं ने कथा साहित्य के इतिहास में नया मोड़ दिया है। नारी मन के अन्तर्द्वन्द्व को समझकर मनोवैज्ञानिक विश्लेषण कर जो समस्याएँ समाज को जाग्रत करें, झकझोर कर रख दें, ऐसी कहानियाँ इन महिला लेखिकाओं ने लिखकर नयी कहानी के युग को समृद्ध किया है।
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हिंदी गद्य के विकास पर आधारित प्रश्न Class 12 MP Board 3. नाटक

नाटक एक प्रमुख दृश्य काव्य है। यह एक ऐसी अभिनयपरक विधा है, जिसमें सम्पूर्ण मानव जीवन का रोचक वर्णन होता है। [2015]
नाटक के प्रमुख तत्व हैं –
(1) कथावस्तु,
(2) पात्र एवं चरित्र – चित्रण,
(3) संवाद या कथोपकथन,
(4) भाषा – शैली,
(5) देशकाल एवं वातावरण,
(6) उद्देश्य,
(7) संकलनत्रय,
(8) अभिनेयता आदि।

वैसे तो नाटक के भी वे ही तत्त्व होते हैं जो कहानी, उपन्यास आदि के होते हैं, किन्तु नाटकों में रस की प्रधानता होती है। वास्तव में, नाटक काव्य की वह विधा है जिसमें लोक – परलोक की घटित – अपघटित घटनाओं का दृश्य दिखाने का आयोजन किया जाता है। इस कार्य के लिए अभिनय की सहायता ली जाती है। शास्त्रीय परिभाषा में नाटक को रूपक कहा जाता है। एक सफल नाटक के प्रदर्शन के लिए उसका रूप और आकार, दृश्यों और अंकों का उपयुक्त विभाजन, रस का साधारणीकरण, क्रिया व्यापार, प्रवेग तथा प्रवाह, अनुभावों और सात्विक भावों का निदर्शन, संवादों की कसावट, नृत्य और गीत, भाव, भाषा और साहित्यिक अलंकरण,वर्जित दृश्यों का अप्रदर्शन,सुरुचिपूर्ण प्रदर्शन,आलेखन,अलंकरण तथा परिधान और प्रकाश की व्यवस्था आवश्यक होती है।

हिन्दी नाटक साहित्य का काल विभाजन विद्वानों ने अनेक प्रकार से किया है, लेकिन निम्नलिखित विभाजन को सर्वमान्य रूप से स्वीकारा गया है-
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1. भारतेन्दु काल (1837 – 1904)
हिन्दी में रंगमंच नाटकों का आरम्भ भारतेन्दु हरिश्चन्द्र से माना गया है। भारतेन्दु के साथ हिन्दी नाट्य – साहित्य की परम्परा प्रारम्भ हुई,जो अब तक चली आ रही है। इस काल में नाटकों की रचना का मूल उद्देश्य मनोरंजन के साथ – साथ जनमानस को जाग्रत करना था। इस काल के नाटककारों में भारतेन्दु का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण स्थान है। __ भारतेन्दु के अतिरिक्त इस काल के अन्य प्रमुख नाटककारों में बालकृष्ण भट्ट, राधाचरण गोस्वामी, लाला श्री निवासदास, राधाकृष्ण दास, किशोरी लाल गोस्वामी इत्यादि के नाम प्रमुख हैं।

2. संधि काल (1904 – 1915)
इस काल में भारतेन्दु काल की धाराओं के साथ – साथ नवीन धाराओं का आविर्भाव भी हुआ। इस काल में बंगाली, अंग्रेजी, संस्कृत नाटकों के हिन्दी अनुवाद हुए। बदरीनाथ भट्ट, जयशंकर प्रसाद आदि इस काल के प्रमुख नाटककार थे। करुणालय’ जैसी रचना इसी काल में सृजित हुई।

3. प्रसाद युग (1915 – 1933)
जयशंकर प्रसाद के नाम पर इस युग को ‘प्रसाद युग’ कहा गया। इस युग को हिन्दी नाटक साहित्य के विकास युग की संज्ञा प्रदान की गई है। हिन्दी नाटक साहित्य को सुदृढ़ बनाने में प्रसाद का महत्त्वपूर्ण एवं उल्लेखनीय योगदान रहा है। इस युग के नाटकों में ऐतिहासिक नाटकों की अधिकता रही। इस युग के प्रमुख नाटककारों में दुर्गादत्त पांडे,वियोगी हरि, कौशिक, सुदर्शन, गोविन्द वल्लभ पंत, पांडेय बेचन शर्मा ‘उग्र’, सेठ गोविन्द दास, लक्ष्मी नारायण मिश्र जैसे बड़े नाम शामिल हैं।

4. वर्तमान युग (1933 – अब तक)
इस युग को प्रसादोत्तर युग भी कहा गया। इस युग में समस्या – प्रधान एवं नए पुराने जीवन मूल्यों पर आधारित नाटक लिखे गये। इस युग में कई प्रतिभाशाली नाटककारों ने अपनी प्रबल लेखनी और कल्पनाशीलता से हिन्दी नाटक की विधा को और भी परिष्कृत किया।
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हिंदी गद्य साहित्य का इतिहास कक्षा 12 MP Board 4. एकांकी

एकांकी एक अंक का वह दृश्य काव्य है जिसमें एक कथा तथा एक उद्देश्य को कुछ पात्रों के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है।
एकांकी के प्रमुख तत्त्व हैं –
(1) कथावस्तु,
(2) पात्र एवं चरित्र – चित्रण,
(3) संकलन – त्रय,
(4) द्वन्द्व संघर्ष,
(5) संवाद या कथोपकथन,
(6) भाषा – शैली,
(7) अभिनेयता आदि।

हिन्दी एकांकी का आरम्भ भारतेन्दु युग से होता है। भारतेन्दुजी ने ‘अन्धेर नगरी’, ‘विषस्य विषमौषधम्’, ‘वैदिकी हिंसा – हिंसा न भवति’ आदि की रचना की। भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के
अतिरिक्त निम्नलिखित लेखकों के एकांकी भी प्रसिद्ध हैं
(1) ‘तन, मन, धन, गुसाईजी के अर्पण’ – राधाचरण गोस्वामी,
(2) कलयुगी जनेऊ’ देवकीनन्दन त्रिपाठी,
(3) ‘शिक्षादान’ – बालकृष्ण भट्ट,
(4) ‘दुखिनी बाला’ – रायकृष्ण दास,
(5) रेल का विकट खेल’ – कार्तिक प्रसाद,
(6) ‘चौपट – चपेट’ – किशोरीलाल गोस्वामी।

द्विवेदी युग में हिन्दी एकांकियों पर पाश्चात्य प्रभाव पड़ने लगा। इनका प्रमुख उद्देश्य समाज – सुधार था। ऐसे एकांकी एवं एकांकीकार इस प्रकार हैं :
(1) ‘शेरसिंह’ – मंगलाप्रसाद विश्वकर्मा,
(2) ‘कृष्ण’ – सियारामशरण गुप्त,
(3) रेशमी’ – रामसिंह वर्मा,
(4) ‘भयंकर भूल’ – सरयूप्रसाद मिश्र,
(5) ‘चार बेचारे’–पाण्डेय बेचन शर्मा ‘उग्र’,
(6) ऑनरेरी मजिस्ट्रेट’ – सुदर्शन।

जयशंकर प्रसाद ने 1930 के लगभग प्रसिद्ध एकांकी ‘एक घुट’ की रचना की,जो एकांकी तकनीक की दृष्टि से सर्वश्रेष्ठ माना गया है।

मौलिक एकांकियों की परम्परा में डॉ. रामकुमार वर्मा ने ‘बादल की मृत्यु’ सर्वप्रथम एकांकी लिखा। उनके कुछ सफल एकांकी हैं—
(1) ‘पृथ्वीराज की आँखें’,
(2) रेशमी टाई’,
(3) ‘चारुमित्रा’,
(4) ‘विभूति’,
(5) ‘सप्तकिरण’,
(6) ‘रूपरंग’,
(7) ‘कौमुदी – महोत्सव’,
(8) ‘ध्रुवतारिका’,
(9) ऋतुराज’,
(10) ‘रजत रश्मि’,
(11) ‘दीपदान’,
(12) ‘काम कंदला’,
(13) ‘बापू’,
(14) ‘इन्द्रधनुष’,
(15) ‘रिमझिम’।

उपेन्द्रनाथ ‘अश्क’ के सामाजिक, प्रतीकात्मक और मनोवैज्ञानिक एकांकी सर्वाधिक लोकप्रिय हुए। उनके एकांकी इस प्रकार हैं –
(1) पासी’,
(2) लक्ष्मी का स्वागत’,
(3) ‘आपस का समझौता’,
(4) ‘स्वर्ग की झलक’,
(5) ‘विवाह के दिन’,
(6) ‘जोक’,
(7) ‘चरवाहे’,
(8) ‘चिलमन’,
(9) ‘चमत्कार’,
(10) ‘सूखी डाली’,
(11) ‘अन्धी गली’,
(12) ‘भँवर’,
(13) ‘जीवन साथी’।

उदयशंकर भट्ट ने अनेक एकांकी लिखे –
(1) ‘नकली और असली’,
(2) ‘आदमी की मृत्यु’,
(3) ‘विष की पुड़िया’,
(4) ‘मुंशीलाल अनोखेलाल’,
(5) ‘समस्या का अन्त’,
(6) ‘पिशाचों का नाच’,
(7) ‘वापसी’,
(8) ‘नये मेहमान’,
(9) ‘पर्दे के पीछे’,
(10) ‘दो अतिथि’,
(11) ‘विस्फोट’,
(12) ‘धूम्र – शिखा’,
(13) ‘एकला चलो रे’,
(14) ‘अमर अर्चना’,
(15) ‘मालती माधव’,
(16) ‘मदन – दहन’,
(17) ‘वन महोत्सव’,
(18) ‘धर्म परम्परा’ आदि।

सेठ गोविन्ददास ने सभी विषयों पर नाटक और एकांकी लिखे,जो संख्या में 100 से भी अधिक हैं। कुछ एकांकी इस प्रकार हैं :
(1) ऐतिहासिक एकांकी –
(1) ‘बुद्ध की एक शिष्या’,
(2) ‘बुद्ध के सच्चे स्नेही कौन’,
(3) ‘नानक की नमाज’,
(4) तेगबहादुर की भविष्यवाणी’,
(5) ‘परमहंस का पत्नी – प्रेमी’।

(2) सामाजिक एकांकी–
(1) ‘स्पर्द्धा’
(2) ‘मानव – मन’,
(3) ‘मैत्री’,
(4) ‘ईद और होली’,
(5) जाति उत्थान’,
(6) वह मरा क्यों?’।

(3) राजनैतिक एकांकी–’सच्चा काँग्रेसी’।
(4) पौराणिक – ‘कृषि – यज्ञ’ आदि।

जगदीशचन्द्र माथुर का प्रथम एकांकी ‘मेरी बाँसुरी’ 1936 में प्रकाशित हुआ। माथुरजी ने रंगमंच की दृष्टि से बड़े सफल एकांकी लिखे। उन्होंने समस्या उठाकर समाधान भी प्रस्तुत किये। उनके एकांकियों में हास्य – व्यंग्य का पुट भी है। उनके एकांकी इस प्रकार हैं –
(1) ‘भोर का तारा’,
(2) ‘कलिंग विजय’,
(3) रीढ़ की हड्डी’,
(4) ‘मकड़ी का जाला’,
(5) ‘खण्डहर’,
(6) ‘खिड़की राह’,
(7) ‘घोंसले’,
(8) ‘कबूतरखाना’,
(9) भाषण’,
(10) ‘ओ मेरे सपने’,
(11) ‘शारदीया’,
(12) ‘बन्दी’।

हरिकृष्ण प्रेमी और वृन्दावनलाल वर्मा ने उत्कृष्ट एकांकियों की रचना की। इनके बाद जो और एकांकीकार हुए, उनके नाम इस प्रकार हैं – भगवतीचरण वर्मा, डॉ. लक्ष्मीनारायण लाल, विनोद रस्तोगी, चिरंजीत, सत्येन्द्र शरत, देवराज दिनेश, विष्णु प्रभाकर, मन्नू भण्डारी आदि।
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Hindi Gadya Sahitya Ki Dharohar MP Board 5. उपन्यास

उपन्यास शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है जिसका अर्थ है – ‘उप’ + ‘न्यास’ अर्थात् ‘पास रखा हुआ’। उपन्यास गद्य की एक महत्त्वपूर्ण विधा है। उपन्यास एक वृहत् आकार का आख्यान या वृत्तान्त है जिसके अन्तर्गत वास्तविक जीवन के पात्रों और कार्यों का चित्रण किया जाता है।

उपन्यास के प्रमुख तत्त्व हैं –
(1) कथावस्तु,
(2) पात्र या चरित्र – चित्रण,
(3) कथोपकथन या संवाद,
(4) देशकाल – परिस्थिति,
(5) शैली,
(6) उद्देश्य।

शैली की दृष्टि से उपन्यासों में भेद हैं—
(1) आत्मकथात्मक शैली,
(2) कथात्मक शैली,
(3) पत्र शैली,
(4) डायरी शैली।

हिन्दी उपन्यासों के विकास में तीन लेखकों को श्रेय है –
(1) देवकीनन्दन खत्री,
(2) गोपालराम गहमरी,
(3) किशोरीलाल गोस्वामी।

खत्रीजी ने ‘चन्द्रकान्ता सन्तति’ और ‘भूतनाथ’ तक एक लम्बी उपन्यास की श्रृंखला लिखी, जो बेहद लोकप्रिय हुई। गोस्वामीजी ने 65 छोटे – बड़े उपन्यास लिखे। गहमरीजी ने ‘जासूस’ नाम की पत्रिका निकालकर 60 से भी अधिक जासूसी उपन्यास लिखे।

प्रेमचन्दजी का नाम ‘उपन्यास सम्राट’ के रूप में जाना जाता है। इन्होंने अनेक प्रसिद्ध उपन्यास लिखे। जिनमें ‘गोदान’, ‘गबन’, ‘निर्मला’, ‘कर्मभूमि’ प्रसिद्ध हैं। जयशंकर प्रसाद ने ‘तितली और कंकाल’ नामक उपन्यास की रचना की।

इसके बाद आचार्य चतुरसेन शास्त्री, वृन्दावनलाल वर्मा और उपेन्द्रनाथ ‘अश्क’ आये। बाद के प्रसिद्ध उपन्यास लेखक जैनेन्द्र कुमार, यशपाल, भगवतीचरण वर्मा, इलाचन्द्र जोशी, भगवती प्रसाद वाजपेयी, अज्ञेय, राहुल सांकृत्यायन, रांगेय राघव, भीष्म साहनी, फणीश्वरनाथ ‘रेणु’, नागार्जुन, अमृतलाल नागर, श्रीलाल शुक्ल, राजेन्द्र यादव, कमलेश्वर, मोहन राकेश, नरेश मेहता, शानी, शैलेश मटियानी, धर्मवीर भारती, निर्मला वर्मा, श्रीलाल शुक्ल, राही मासूम रजा, मनोहरश्याम जोशी, रमेश बक्षी, रामदरश मिश्र, मन्नू भण्डारी और शिवानी प्रसिद्ध उपन्यासकार हैं। डॉ. हजारीप्रसाद द्विवेदी ने ‘बाणभट्ट की आत्मकथा’,’चारु – चन्द्रलेख’ तथा ‘अनामदास का पोथा’ नामक उपन्यासों की रचना की।
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गद्य की लघु विधाएँ

Hindi Gadya Sahitya Ka Itihas Class 12 MP Board 1. रिपोर्ताज

गद्य की इस विधा में किसी विषय का आँखों देखा या कानों सुना वर्णन इतने प्रभावशाली ढंग से किया जाता है कि उसकी अमिट छाप हृदय – पटल पर अंकित हो जाती है। रिपोर्ताज में तथ्य वर्णन पर बल होता है, उसमें कलात्मकता पर ध्यान नहीं दिया जाता है।।

इस विधा का आरम्भ शिवदानसिंह चौहान की ‘लक्ष्मीपुरा’ से हुआ। रांगेय राघव द्वारा बंगाल के दुर्भिक्ष एवं महामारी के बारे में लिखे गये रिपोर्ताज काफी मार्मिक बन पड़े हैं। इनका संकलन ‘तूफानों के बीच’ नामक रचना में हुआ है। प्रकाशचन्द्र गुप्त, उपेन्द्रनाथ ‘अश्क’, . रामनारायण उपाध्याय, अमृतराय, निर्मल वर्मा, विष्णु प्रभाकर, कुबेरनाथ राय, प्रभाकर माचवे के रिपोर्ताज भी प्रसिद्ध हैं। भदन्त आनन्द कौसल्यायन देश की मिट्टी बोलती है’, शिवसागर मिश्र ‘वे लड़ेंगे हजारों साल’,धर्मवीर भारती ‘युद्ध यात्रा’, कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’ ‘क्षण बोले कण मुस्काए’ तथा शमशेर बहादुर सिंह ‘प्लाट का मोर्चा’ इस विधा की समर्थ रचनाएँ हैं।

इस विधा के विकास में पत्र – पत्रिकाओं ने महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। ‘हंस’ के ‘समाचार विचार’ तथा ‘धर्मयुग’,’हिन्दुस्तान’, ‘दिनमान’, रविवार में जगदीश प्रसाद चतुर्वेदी, निर्मल वर्मा, कमलेश्वर, विष्णुकान्त शास्त्री, उदयन शर्मा, लक्ष्मीकान्त वर्मा ने रिपोर्ताज लिखे हैं।

2. संस्मरण

संस्मरण जीवनी लेखन का एक विशेष रूप है। इसमें लेखक अपने जीवन के विशेष प्रसंगों और अनुभवों का उल्लेख करता है। जीवन की मर्मस्पर्शी स्मृतियों के आधार पर प्रभावशाली भाषा का लेखन ही संस्मरण है। संस्मरण का अर्थ है – भलीभाँति याद करना। जीवन में कभी कोई विशिष्ट व्यक्ति,घटना या वस्तु इस प्रकार प्रभाव डालती है कि हम उन्हें कभी भी भूल नहीं पाते। संस्मरण लिखते समय लेखक अपने बारे में अधिक लिखता है। उसका विशिष्ट स्वरूप, आकृति, आचार – विचार, रंग, रूप, उसका कौशल, उसकी भावना, उसके आस – पास के अन्य लोगों पर किस प्रकार प्रभाव डालता है; इस सबका मनोयोगपूर्वक वर्णन ही संस्मरण है। इसमें या तो व्यक्तिपरकता या प्राकृतिक सौन्दर्य उपादान या घटना विशेष की मर्मस्पर्शी छवि लेखक के मन में पूरे समय रहती है और लेखक संस्मरण लिखते समय पूर्ण रूप से उसी पर केन्द्रित रहता है और उससे सम्बन्धित छोटी से छोटी बात या घटना लिखना नहीं भूलता। यह यथार्थपरक होती है। संस्मरण लेखन में श्री पदमसिंह शर्मा ने साहित्यकारों और रसिकों के लिए आकर्षक और रोचक संस्मरण लिखकर अपना स्थान अग्रणी रखा है। महादेवी वर्मा ने ‘अतीत के चलचित्र’ और ‘स्मृति की रेखाएँ’ नामक संस्मरण लिखे हैं। श्री बनारसीदास चतुर्वेदी, नगेन्द्र, यशपाल, श्रीनारायण चतुर्वेदी, उपेन्द्रनाथ ‘अश्क’ आदि अनेक लेखकों ने संस्मरण लिखे हैं।

3. जीवनी

जीवनी में लेखक इतिहासकार की तरह पूरी सच्चाई से किसी व्यक्ति के जीवन की जन्म से लेकर मृत्यु तक सभी घटनाओं के बारे में लिखता है। वह व्यक्ति विशेष के जीवन का परिचय इस तरह प्रस्तुत करता है कि उसके जीवन के सभी अच्छे – बुरे पहलू सामने आयें और जीवनी पढ़ते – पढ़ते हम उस व्यक्ति से अपनापन अनुभव करने लगते हैं। जीवनी लेखन में लेखक तटस्थ रहकर लिखता है। वह अपने विचार और प्रतिक्रियाएँ नहीं दर्शाता। उसके जीवन के उन तथ्यों पर विशेष ध्यान देता है जिससे हमें कुछ प्रेरणा प्राप्त हो सके। उसके जीवन की उस घटना से हम अपने जीवन में उन्नति कर सकते हैं। साहित्यिक विधा के रूप में जीवनी लेखन की शुरूआत भारतेन्दु युग से ही हुई। जीवनी का प्रामाणिक होना आवश्यक है। इस युग में प्राचीन सन्तों, महापुरुषों, कवियों और साहित्यकारों की जीवनियाँ लिखी गयीं। बाद में राष्ट्रीय महापुरुषों और नेताओं की जीवनियाँ लिखी गयीं।

4. आत्मकथा

आत्मकथा में लेखक स्वयं अपने जीवन की कथा पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करता है। वह पूरी निष्पक्षता और सच्चाई से अपने जीवन में घटित प्रत्येक घटना का वर्णन अपनी स्मरण शक्ति के आधार पर प्रस्तुत करता है। जब वह अपनी कहानी कहता है तब उसके जीवन में आने वाले हर पहलू का वह चित्रण करता है। अपने जीवन पर जिन व्यक्तियों, पुस्तकों की छाप है, जिससे उसे प्रेरणा मिली यह सब भी वह लिखता है। जब वह अपनी आत्मकथा लिखता है तो उस समय उसके जीवन काल में जो भी पारिवारिक, सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक घटनाक्रम होते हैं उसके भी दर्शन होते हैं। उसके जीवन काल में क्या नैतिक मूल्य थे, क्या परम्पराएँ थीं, क्या अन्धविश्वास थे,कौन – से सामाजिक बन्धन थे, यह सब हमें उसकी आत्मकथा से पता चलता है। भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ने – ‘कुछ आप बीती कुछ जग बीती’ नामक आत्मकथा लिखी। श्यामसुन्दर दास, वियोगी हरि, गुलाबराय, यशपाल आदि ने भी आत्मकथाएँ विभिन्न रूप में लिखीं।

महात्मा गाँधी की आत्मकथा’, जवाहरलाल नेहरू की ‘मेरी कहानी’, ‘राजेन्द्र प्रसाद की आत्मकथा’ श्रेष्ठ साहित्य हैं। चतुरसेन शास्त्री तथा सेठ गोविन्ददास ने भी आत्मकथा लिखीं। आधुनिक काल में श्री हरिवंशराय बच्चन ने चार भागों में अपनी आत्मकथा लिखी जो लोकप्रिय हुई।

5. आलोचना

आलोचना साहित्य का इतिहास आधुनिक काल से ही प्रारम्भ हुआ है। डॉ. श्यामसुन्दर दास के अनुसार, “आलोचना किसी भी साहित्यिक कृति या रचना को भली – भाँति पढ़कर उसका मूल्यांकन करना है। यदि साहित्य जीवन की व्याख्या है तो आलोचना उस व्याख्या की व्याख्या है। आलोचना लेखक की रचना और पाठक के बीच पुल का काम करती है। आलोचना किसी भी रचना का सही मूल्यांकन करके पाठकों तक उसकी विशेषता और गहराई प्रस्तुत कर उस कृति को पढ़ने की प्रेरणा देती है।।

भारतेन्दु युग में वास्तविक समीक्षा का विकास नहीं हो पाया था। प्रारम्भ अवश्य हो गया था। पत्र – पत्रिकाओं में समीक्षात्मक निबन्धों का प्रकाशन प्रारम्भ हुआ था। आलोचना की दृष्टि से द्विवेदी युग महत्त्वपूर्ण है। स्वयं द्विवेदीजी ने आलोचना लिखी। इनमें भाषा के शुद्ध रूप और विचारों को व्यवस्थित रूप से अभिव्यक्त करने की प्रेरणा दी गयी।

आचार्य रामचन्द्र शुक्ल सर्वश्रेष्ठ आलोचक माने गये। बाद में बाबू गुलाबराय, आचार्य नन्ददुलारे वाजपेयी, डॉ. नगेन्द्र आदि समीक्षक हुए।

6. रेखाचित्र

इसे अंग्रेजी में ‘स्कैच’ कहा जाता है। चित्रकार जिस प्रकार अपनी तूलिका से चित्र बनाता है उसी प्रकार लेखक अपने शब्दों के रंगों के द्वारा ऐसे चित्र उपस्थित करता है जिससे वर्णन योग्य वस्तु की आकृति का चित्र हमारी आँखों के सामने घूमने लगे। चित्रकार की सफलता उसके रेखांकन तथा रंगों के तालमेल पर निर्भर करती है, जबकि रेखाचित्र के लेखक की उसके शब्दों को गूंथने की कला पर। रेखाचित्र का लेखक अपने शब्दों में ऐसा चित्र बनाता है जो हमारे मानस पटल पर उभरकर मूर्त रूप धारण कर लेता है। इस विधा के प्रमुख लेखक हैं श्रीराम शर्मा, बनारसीदास चतुर्वेदी, रामवृक्ष बेनीपुरी, कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’, निराला तथा महादेवी वर्मा।

7. यात्रावृत्त (यात्रा साहित्य)। यह साहित्य की एक रोचक तथा मनोरंजन – प्रधान विधा है। इसमें लेखक विशेष स्थलों की यात्रा का सरस तथा सुन्दर वर्णन इस दृष्टि से करता है कि जो पाठक उन स्थलों की यात्रा करने में समर्थ न हों वे उसका मानसिक आनन्द उठा सकें और घर बैठे ही उन स्थलों के प्राकृतिक दृश्यों, वहाँ के निवासियों के आचार – विचार,खान – पान, रहन – सहन आदि से परिचित हो सकें। इस विधा का यह लक्ष्य रहता है कि लेखक अपनो यात्रा में प्राप्त किये हुए आनन्द तथा ज्ञान को पाठकों तक पहुँचा सकें। यह विधा आत्मपरक, अनौपचारिक,संस्मरणात्मक तथा मनोरंजक होती है। इसकी सफलता लेखक के स्वरूप – निरीक्षण तथा उसकी वर्णन – शैली के सौष्ठव एवं सौन्दर्य पर अधिक निर्भर रहती है। इसमें लेखक अपनी यात्रा की कठिनाई,सम्बन्धों तथा उपलब्धियों का रोचक विवरण पाठकों के समक्ष रखता है। यात्रा साहित्य की रचना की दृष्टि से राहुल सांकृत्यायन, अज्ञेय, देवेन्द्र सत्यार्थी, डॉ. नगेन्द्र, यशपाल और विनय मोहन शर्मा के नाम उल्लेखनीय हैं। इस संकलन में विनयमोहन शर्मा का ‘दक्षिण भारत की एक झलक’ यात्रा वत्तान्त पर्याप्त रोचक और ज्ञानवर्धक होने के कारण सफल यात्रा वृत्तान्त का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।

8. गद्य – काव्य

गद्य – काव्य,गद्य तथा काव्य के बीच की विधा है। इसमें गद्य के माध्यम से किसी भावपूर्ण विषय की काव्यात्मक अभिव्यक्ति होती है। इसका गद्य भी सामान्य गद्य से अधिक सरस, भावात्मक, अलंकृत, संवेदनात्मक तथा संगीतात्मक होता है। इसमें लेखक अपने हृदय की संवेदना की अभिव्यक्ति इस प्रकार करता है कि पाठक उसे पढ़कर रसमय हो जाता है। इसमें विचारों की अभिव्यक्ति की अपेक्षा भावों की सरस अभिव्यक्ति की ओर लेखक का अधिक ध्यान रहता है। यह निबन्ध की अपेक्षा संक्षिप्त,वैयक्तिक तथा एकतथ्यता लिए होता है। इसका ध्येय प्रायः निश्चित होता है तथा इसमें केवल केन्द्रीय भाव की प्रधानता होती है। इसकी शैली प्रायः चमत्कारपूर्ण एवं कवित्वपूर्ण होती है तथा विचारों का समावेश भी प्रायः भावों के ही रूप में होता है। गद्य – काव्य के लेखकों में वियोगी हरि तथा रामवृक्ष बेनीपुरी के नाम उल्लेखनीय हैं।

9. भेटवार्ता

भेंटवार्ता वह रचना है जिसमें लेखक किसी व्यक्ति विशेष से साक्षात्कार करके उसके सम्बन्ध में कतिपय जानकारियों को तथा उसके सम्बन्ध में अपनी क्रिया – प्रतिक्रियाओं को अपनी पूर्व धारणाओं,आस्थाओं और रुचियों से रंजित कर सरस एवं भावपूर्ण शैली में व्यक्त करता है। यह एक प्रकार से संस्मरण का ही रूप है। पद्मसिंह शर्मा ‘कमलेश’ और रणवीर रांगा ने वास्तविक भेंटवार्ताएँ लिखी हैं। राजेन्द्र यादव तथा लक्ष्मीचन्द जैन ने कल्पना के आधार पर भेंटवार्ताएँ लिखी हैं।

10. डायरी

अपने जीवन के दैनिक प्रसंगों को या किसी प्रसंग विशेष को डायरी के रूप में लिखा जाता है। इनमें जीवन की यथार्थ घटनाओं का वर्णन संक्षेप में रहता है। व्यंजना, व्यंग्य और वर्णन डायरी की विशेताएँ हैं।

हिन्दी में डायरी विधा में लेखन को आरम्भ करने का श्रेय डॉ. धीरेन्द्र वर्मा की ‘मेरी कॉलेज डायरी’ नामक रचना को है। इस विधा में रामधारी सिंह दिनकर, शमशेर बहादुर सिंह, इलाचन्द्र जोशी,सुन्दरलाल त्रिपाठी तथा मोहन राकेश के नाम महत्त्वपू हैं।

11. पत्र – साहित्य

पत्र – साहित्य भी गद्य की एक सशक्त विधा है : उर्दू में ‘गुबारे खातिर’ (आजाद का पत्र संग्रह) और रूसी भाषा में ‘टालस्टाय की डायरी’ स्थायी साहित्य की निधि हैं। पत्र के द्वारा आत्म – प्रदर्शन, विचारों की अभिव्यक्ति को अच्छी दिशा प्राप्त होती है। हिन्दी में ‘द्विवेदी पत्रावली’, ‘द्विवेदी युग के साहित्यकारों के पत्र’, ‘पिता के पत्र पुत्री के नाम’ आदि रचनाएँ उल्लेखनीय हैं। इस विधा के प्रवर्तन में बैजनाथ सिंह, विनोद, बनारसीदास चतुर्वेदी, जवाहरलाल नेहरू आदि का योगदान महत्त्वपूर्ण है।

(क) वस्तुनिष्ठ प्रश्न

  • बहु – विकल्पीय प्रश्न

1. गद्य साहित्य के विकास का युग माना जाता है –
(अ) आधुनिक युग, (ब) भारतेन्दु युग, (स) द्विवेदी युग, (द) कहानी।

2. गद्य की प्रमुख विधा है
(अ) रिपोर्ताज, (ब) संस्मरण, (स) पत्र – साहित्य, (द) शुक्ल युग।

3. गद्य की लघु विधा है
(अ) कहानी, (ब) जीवनी, (स) उपन्यास, (द) निबन्ध।

4. हिन्दी निबन्ध साहित्य के विकास को कितने वर्गों में बाँटा गया है?
(अ) एक, (ब) दो, (स) चार, (द) छः।

5. भारतेन्दुयुगीन सुप्रसिद्ध निबन्धकार हैं
(अ) बालकृष्ण भट्ट, (ब) श्यामसुन्दर दास, (स) डॉ.वासुदेवशरण अग्रवाल, (द) प्रेमचन्द।

6. भारतेन्दु काल के नाटककार हैं [2009]
(अ) जयशंकर प्रसाद, (ब) बालकृष्ण भट्ट, (स) शम्भूनाथ सिंह, (द) डॉ.रामकुमार वर्मा।

7. प्रसादजी ने लगभग कहानियाँ लिखी हैं [2009]
(अ) 49, (ब) 59, (स) 69, (द) 79.

8. ‘आचरण की सभ्यता’ है, एक
(अ) कहानी, (ब) उपन्यास, (स) निबन्ध, (द) एकांकी।

9. ‘राजा भोज का सपना’ कहानी के कहानीकार हैं
(अ) राजा शिवप्रसाद सितारे हिन्द’, (ब) जयशंकर प्रसाद, (स) प्रेमचन्द, (द) मास्टर भगवान दास।

10. एक प्रमुख दृश्य – काव्य है
(अ) नाटक, (ब) उपन्यास, (स) कहानी, (द) जीवनी।

11. एकांकी में अंकों की संख्या होती है
(अ) एक, (ब) दो, (स) तीन, (द) कई।

12. सुप्रसिद्ध उपन्यास ‘चन्द्रकान्ता सन्तति’ के उपन्यासकार हैं [2013]
(अ) प्रेमचन्द, (ब) यशपाल, (स) वृन्दावनलाल वर्मा, (द) देवकीनन्दन खत्री।
उत्तर–
1. (अ), 2. (द), 3. (ब), 4. (स), 5. (अ), 6. (स), 7. (स), 8. (स), 9. (अ), 10. (अ), 11. (अ), 12. (द)।

  • रिक्त स्थानों की पूर्ति

1. हिन्दी में निबन्ध का आविर्भाव ….. युग में हुआ।
2. ‘भारतवर्ष’ नामक निबन्ध के निबन्धकार ……… हैं।
3. प्रतापनारायण मिश्र ने ……… नामक पत्रिका का सम्पादन किया।
4. जयशंकर प्रसाद की कहानी ‘ग्राम’ सन् ……. ई.में प्रकाशित हुई।
5. नाटक एक प्रमुख ……… काव्य है।
6. सुप्रसिद्ध नाटक ‘आधे – अधूरे’ के लेखक ……. हैं।
7. हिन्दी एकांकी का आरम्भ … युग से माना गया है।
8. ……. एक वृहत् आकार का आख्यान या वृत्तान्त है, जिसके अन्तर्गत वास्तविक जीवन के पात्रों और कार्यों का चित्रण किया जाता है।
9. प्रेमचन्द को ….की उपाधि प्रदान की गई है। [2015]
10. ….. में लेखक स्वयं अपने जीवन की कथा पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करता है। (2009, 11)
11. आलोचना के क्षेत्र में वरदानस्वरूप …….का आगमन हुआ। [2009]
12. …… के आगमन के साथ ही हिन्दी आलोचना का आरम्भ माना जाता है। [2013]
उत्तर–
1. आधुनिक,
2. भारतेन्दु हरिश्चन्द्र,
3. ब्राह्मण,
4. 1909,
5. दृश्य,
6. मोहन राकेश,
7. भारतेन्दु,
8. उपन्यास,
9. उपन्यास सम्राट,
10. आत्मकथा,
11. आचार्य रामचन्द्र शुक्ल,
12. भारतेन्दु हरिश्चन्द्र।

  • सत्य/असत्य

1. रेखाचित्र गद्य साहित्य की एक मख्य विधा है।
2. हास्य – व्यंग्य भारतेन्दुयुगीन निबन्धों की एक प्रमुख विशेषता है।
3. ‘हिन्दी प्रदीप’ नामक पत्रिका का सम्पादन बालकृष्ण भट्ट ने किया।
4. यशपाल ने साम्यवादी विचारधारा से प्रभावित होकर सामाजिक कहानियाँ लिखीं।
5. ‘अभिनेयता’ नाटक का एक प्रमुख तत्त्व है।
6. हिन्दी रंगमंचीय नाटकों का आरम्भ उपेन्द्रनाथ अश्क’ से माना जाता है।
7. ‘प्रसाद युग’ का नामकरण जयशंकर प्रसाद के नाम पर हुआ।
8. नाटक और एकांकी में कोई अन्तर नहीं है। [2010]
9. प्रेमचन्द ने ‘तितली और कंकाल’ नामक उपन्यास की रचना की।
10. ‘टालस्टाय की डायरी’ पत्र – साहित्य का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
11. एकांकी दृश्य काव्य का रूप होता है। [2009]
12. ‘रानी केतकी की कहानी’ को हिन्दी का सर्वप्रथम लघु उपन्यास मानते हैं। [2011]
13. ‘चिन्तामणि’ के लेखक आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी हैं। [2012]
14. जीवनी सत्य घटनाओं पर आधारित होती है। [2015]
उत्तर–
1. असत्य,
2. असत्य,
3. सत्य,
4. सत्य,
5. सत्य,
6. असत्य,
7. सत्य,
8. असत्य,
9. असत्य,
10. सत्य,
11. सत्य,
12. असत्य,
13. असत्य,
14. सत्य।

  • सही जोड़ी मिलाइये

I. ‘क
(1) शिव शम्भू का चिट्ठा – (अ) कहानी
(2) बड़े घर की बेटी – (ब) एकांकी आषाढ़ का एक दिन
(स) निबन्ध –
(4) दीपदान – (द) उपन्यास
(5) गोदान – (इ) नाटक
(6) आत्मकथा के क्षेत्र से निकली विधा [2009] – (ई) निबन्ध
(7) हिन्दी गद्य साहित्य की धरोहर [2009] – (उ) संस्मरण
उत्तर–
(1) → (स),
(2) → (अ),
(3) → (इ),
(4)→ (ब),
(5) → (द),
(6) → (उ),
(7) → (ई)।

‘ख’
(1) संवदिया [2012] – (अ) धर्मवीर भारती
(2) पिता के पत्र पुत्री के नाम – (ब) फणीश्वरनाथ रेणु
(3) युद्ध यात्रा – (स) पं.जवाहर लाल नेहरू
(4) समाज और साहित्य – (द) जयशंकर प्रसाद
(5) एक घुट – (इ) बाबू श्यामसुन्दर दास
उत्तर–
(1) → (ब),
(2) → (स),
(3) →(अ),
(4) → (इ),
(5) → (द)।

  • एक शब्द/वाक्य में उत्तर

प्रश्न 1.
एक अंक वाली नाट्य कृति क्या कहलाती है?
उत्तर–
एकांकी।

प्रश्न 2.
हिन्दी की प्रथम कहानी कौन – सी मानी गयी है?
उत्तर–
इन्दुमती।

प्रश्न 3.
चन्द्रगुप्त किसकी नाट्य – रचना है? [2015]
उत्तर–
जयशंकर प्रसाद की।

प्रश्न 4.
‘आनन्द कादम्बिनी’ नामक पत्र का सम्पादन किसने किया था?
उत्तर–
बदरीनारायण ‘प्रेमधन’।

प्रश्न 5.
महावीर प्रसाद द्विवेदी ने किस पत्रिका का सम्पादन किया?
उत्तर–
सरस्वती।

प्रश्न 6.
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर निबन्ध लिखने वाले निबन्धकार कौन थे?
उत्तर–
डॉ. रघुवीर सिंह।

प्रश्न 7.
यशपाल ने साम्यधारी विचारधारा से प्रभावित होकर किस प्रकार की कहानियाँ लिखीं? [2013]
उत्तर–
सामाजिक कहानियाँ।

प्रश्न 8.
‘मुक्ति पथ’ नामक नाटक के लेखक कौन हैं?
उत्तर–
उदयशंकर भट्ट।

प्रश्न 9.
जगदीश चन्द्र माथुर का प्रथम एकांकी (1936 में प्रकाशित) कौन – सा था?
उत्तर–
मेरी बाँसुरी।

प्रश्न 10.
‘दक्षिण भारत की एक झलक’, हिन्दी साहित्य की किस विधा का उदाहरण है?
उत्तर–
यात्रावृत्त (यात्रा साहित्य)।

प्रश्न 11.
‘गणेश शंकर विद्यार्थी’ साहित्य की किस विधा में लिखा गया है? [2010]
उत्तर–
संस्मरण विधा में।

प्रश्न 12.
संकलन त्रय क्या है? [2012]
उत्तर–
देश, काल और घटनाओं को संकलन त्रय कहा जाता है।

  • (ख) अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
हिन्दी की आधुनिक कहानी का विकास कब से माना जाता है?
उत्तर–
हिन्दी की आधुनिक कहानी का विकास सन् 1900 से माना जाता है।

प्रश्न 2.
नाटक के चार तत्त्व लिखिए।
उत्तर–
(1) कथावस्तु,
(2) चरित्र – चित्रण,
(3) संवाद,
(4) अभिनेयता।

प्रश्न 3.
उपन्यास के कोई चार तत्त्व बताइये।
उत्तर–
(1) कथावस्तु,
(2) पात्र या चरित्र – चित्रण,
(3) कथोपकथन या संवाद,
(4) भाषा – शैली।

  • (ग) लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
निबन्ध की परिभाषा देते हुए दो निबन्धकारों के नाम लिखिए तथा उनकी एक – एक निबन्ध रचना का नाम लिखिए।
उत्तर–
निबन्ध की परिभाषा – “निबन्ध उस गद्य रचना को कहते हैं, जिसमें सीमित आकार के भीतर किसी विषय का वर्णन या प्रतिपादन एक विशेष निजीपन,स्वच्छन्दता, सौष्ठव और सजीवता तथा आवश्यक संगति और सम्बद्धता के साथ किया गया हो।”

निबन्धकार तथा उनकी निबन्ध रचना –
(1) डॉ. नन्ददुलारे वाजपेयी – राष्ट्रीय साहित्य’,
(2) डॉ. नगेन्द्र ‘आलोचक की आस्था’।

प्रश्न 2.
निबन्ध लेखन की व्यास तथा समास शैली में अन्तर स्पष्ट कीजिए। [2009]
उत्तर–
व्यास शैली में विषय का विस्तार से विवेचन प्रस्तुत किया जाता है, जबकि समास शैली में सूत्ररूप से विषय – वस्तु प्रस्तुत कर दी जाती है।

प्रश्न 3.
डॉ. भगीरथ मिश्र के अनुसार निबन्ध की परिभाषा दीजिए।
उत्तर–
डॉ. भगीरथ मिश्र के अनुसार, “निबन्ध वह गद्य रचना है, जिसमें लेखक किसी भी विषय पर स्वच्छन्दतापूर्वक परन्तु एक सौष्ठव सहित सजीवता और वैयक्तिकता के साथ अपने भावों, विचारों और अनुभवों को व्यक्त करता है।”

प्रश्न 4.
निबन्ध को गद्य की कसौटी क्यों कहा गया है? [2011]
उत्तर–
इस कथन का तात्पर्य यह है कि पद्य की तुलना में गद्य रचना सम्पन्न करना दुष्कर कार्य है,क्योंकि अगर आठ पंक्तियों वाली कविता में यदि एक भी पंक्ति भावपूर्ण लिख जाती है तो कवि प्रशंसा का भागी होता है,परन्तु गद्य के सन्दर्भ में ऐसा नहीं देखा जाता। गद्यकार को एक – एक वाक्य सुव्यवस्थित एवं सोच – विचारकर लिखना होता है। उसी स्थिति में गद्यकार प्रशंसनीय है। गद्य में निबन्ध लेखन बहुत ही दुष्कर कार्य है। निबन्ध को सुरुचिपूर्ण, आकर्षक एवं व्यवस्थित होना चाहिए। इसी हेतु निबन्ध को गद्य की कसौटी कहा गया है।

प्रश्न 5.
“भावों की पूर्णाभिव्यक्ति का विकास निबन्ध में ही सबसे अधिक सम्भव होता है।” इस कथन का आशय समझाइए।
उत्तर–
निबन्ध गद्य लेखन की एक उत्कृष्ट विधा है। भावों की सम्पूर्ण अभिव्यक्ति का विकास निबन्ध में ही सम्भव होता है, क्योंकि निबन्ध व्यक्ति – सापेक्ष्य होता है। वैयक्तिकता ही निबन्ध का प्रधान गुण है। लेखक के व्यक्तित्व का प्रभाव ही निबन्ध में परिलक्षित होता है। भावों के प्रकाशन (अभिव्यक्ति) का सबसे उपयुक्त साधन निबन्ध हैं, क्योंकि इसका विकास निबन्ध में ही सम्भव है।

प्रश्न 6.
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल और गुलाबराय द्वारा दी गयी निबन्ध की परिभाषाएँ लिखिए।
उत्तर–
(1) आचार्य रामचन्द्र शक्ल – “यदि गद्य लेखकों की कसौटी है. तो निबन्ध गद्य की कसौटी है।” प्रस्तुत कथन का आशय है कि निबन्ध से ही गद्यकार के लेखन की उत्कृष्टता का ज्ञान होता है।
(2) गुलाबराय–“निबन्ध उस गद्य रचना को कहते हैं, जिसमें एक सीमित आकार के भीतर किसी विषय का वर्णन या प्रतिपादन एक विशेष निजीपन, स्वच्छन्दता, सौष्ठव और सजीवता तथा आवश्यक संगति और सम्बद्धता के साथ किया गया हो।”

प्रश्न 7.
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के अनुसार ‘निबन्ध’ की परिभाषा देते हुए बताइए कि हिन्दी निबन्ध साहित्य को किन – किन वर्गों में विभाजित किया गया है? [2009]
उत्तर–
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के अनुसार, “यदि गद्य लेखकों की कसौटी है, तो निबन्ध गद्य की कसौटी है।”

हिन्दी निबन्ध साहित्य को निम्नलिखित चार वर्गों में विभाजित किया गया है-
MP Board Class 12th Special Hindi गद्य साहित्य की विभिन्न विधाएँ img-12

प्रश्न 8.
द्विवेदीयुगीन निबन्धों की चार प्रमुख विशेषताएँ बताते हुए इस युग के दो प्रमुख निबन्धकारों के नाम उनकी एक – एक रचना के साथ लिखिए। [2013]
उत्तर–
विशेषताएँ–
(1) विषय – वस्तु की गम्भीरता,
(2) राष्ट्रीय भावना,
(3) समाज सुधार,
(4) हास्य – व्यंग्यात्मकता।

प्रमुख निबन्धकार – रचनाएँ
महावीर प्रसाद द्विवेदी – साहित्य की महत्ता, विचार वीथी
सरदार पूर्णसिंह – कन्यादान, आचरण की सभ्यता

प्रश्न 9.
द्विवेदीयुगीन गद्य की कोई चार विशेषताएँ लिखिए। [2012]
उत्तर–
द्विवेदीयुगीन गद्य की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं
(1) विषय – वस्तु को व्यवस्थित ढंग से प्रभावी शैली में प्रस्तुत करने पर बल दिया गया।
(2) भाषा को परिमार्जित एवं परिष्कृत किया गया।
(3) नैतिकता, राष्ट्रीयता, समाज – सुधार जैसे विषयों पर लिखा गया।
(4) इस युग के गद्य, विशेषकर निबन्धों में हास्य – व्यंग्यात्मक शैली को अपनाया गया।

प्रश्न 10.
भारतेन्दू युग और द्विवेदी युग के निबन्धों का अन्तर स्पष्ट कीजिए।
अथवा
भारतेन्दु युग के निबन्धों की दो विशेषताएँ बताइए। [2014]
उत्तर–
भारतेन्दुयुगीन निबन्ध रोचक ही नहीं, प्रेरक भी थे। निबन्धों का मूल स्वर समाज – सुधार की भावना, राजनीतिक तथा सांस्कृतिक चेतना पर आधारित था। इस युग के निबन्धों में वैयक्तिकता की झलक और हास्य – व्यंग्य का समावेश विशेष रूप से लक्षित होता है।

द्विवेदी युग में भाषा, भाव – विचार के विस्तार की अपेक्षा परिष्कार पर अधिक ध्यान दिया गया। इसलिए इस युग के निबन्ध भाव, विचार और भाषा की दृष्टि से अपेक्षाकृत अधिक परिष्कृत हैं तथा उनमें स्वछन्दता के स्थान पर गम्भीरता अवलोकनीय है।

प्रश्न 11.
शुक्लयुगीन निबन्धों की तीन विशेषताएँ बताइए तथा यह भी बताइए कि निबन्ध का स्वर्णकाल’ किस युग को कहा गया है? [2009]
अथवा
शुक्ल युग के निबन्धों की दो विशेषताएँ तथा इस युग के दो लेखकों एवं उनके निबन्धों के नाम लिखिए। [2016]
उत्तर–
शुक्ल युग के निबन्धों की विशेषताएँ –
(1) साहित्य और जीवन के विविध विषयों पर विचारात्मक तथा विश्लेषणात्मक निबन्धों की रचना,
(2) निबन्धों में भाव – पक्ष की अपेक्षा चिन्तन पक्ष की प्रधानता,
(3) भाषा और शैली में परिष्कार तथा लालित्य। ‘शुक्ल युग’ को ही हिन्दी निबन्ध का स्वर्णकाल माना गया है।

प्रमुख लेखक एवं उनके निबन्ध
(1) आचार्य रामचन्द्र शुक्ल – क्रोध,उत्साह,भय।
(2) बाबू गुलाबराय – मेरी असफलताएँ, सिद्धान्त और अध्ययन।

प्रश्न 12.
शुक्लोत्तर युग के निबन्धों की चार विशेषताएँ लिखिए। [2017]
उत्तर–
शुक्लोत्तर युग निबन्ध के विकास की चरम सीमा का युग है। इस युग में विषय वैविध्य अपेक्षाकृत अधिक दृष्टिगत होता है। इस युग के निबन्ध लेखक की अपनी निजी विशेषताएँ हैं।
विशेषताएँ –
(1) भावनात्मक एवं आत्मपरक निबन्ध,
(2) विषय – वस्तु की विविधता,
(3) विचारात्मक, भावात्मक,समीक्षात्मक शैली,
(4) निबन्धों के विकास का चरमोत्कर्ष।।

प्रश्न 13.
प्रेमचन्द के अनुसार कहानी की परिभाषा लिखते हुए बताइए कि सुविधा की दृष्टि से कहानी को किन – किन वर्गों में बाँटा गया है? [2009]
उत्तर–
प्रेमचन्द के अनुसार, “कहानी एक ऐसी रचना है जिसमें जीवन के किसी एक अंश या मनोभाव को प्रदर्शित करना ही कहानीकार का उद्देश्य होता है।”

सुविधा की दृष्टि से कहानी को निम्नलिखित चार वर्गों में बाँटा जा सकता है-
MP Board Class 12th Special Hindi गद्य साहित्य की विभिन्न विधाएँ img-13

प्रश्न 14.
श्रेष्ठ कहानी की कोई चार विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर–
(1) जीवन के सुन्दर एवं महत्त्वपूर्ण पहलुओं का वर्णन,
(2) जिज्ञासा एवं कौतूहल का समावेश,
(3) कथानक का अप्रत्याशित (चरम) विकास तथा प्रभावपूर्ण अन्त,
(4) संक्षिप्तता।

प्रश्न 15.
कहानी के तत्त्व लिखिए। [2015]
उत्तर–
कहानी के छः तत्त्व हैं –
(1) कथानक,
(2) पात्र या चरित्र – चित्रण,
(3) कथोपकथन या संवाद,
(4) देशकाल वातावरण,
(5) भाषा – शैली,
(6) उद्देश्य।

प्रश्न 16.
कहानी में कथोपकथन या संवाद की कोई चार विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर–
(1) कथोपकथन स्पष्ट हों,
(2) छोटे – छोटे सरल वाक्यों में लिखे गये हों,
(3) भाषा सीधी,चुटीली एवं मर्मस्पर्शी हो,
(4) पात्रानुकूलता हो।

प्रश्न 17.
नाटक किसे कहते हैं? नाटक और एकांकी में क्या अन्तर है?
उत्तर–
नाटक शब्द ‘नट’ से बना है जिसका अर्थ भावों का अभिनय है। इस प्रकार नाटक का सम्बन्ध रंगमंच से है। इसमें रंगमंच और अभिनय का ध्यान रखा जाता है। नाटक का कथानक कुछ अंकों और दृश्यों में विभाजित होता है।

नाटक का लघु आकार एकांकी है। इसमें मात्र एक अंक में कथावस्तु प्रस्तुत की जाती है। इस प्रकार नाटक में जीवन का वृहद् चित्रण होता है और एकांकी में एक अंश चित्रित किया जाता है।

प्रश्न 18.
हिन्दी में नाटक सम्राट किसे कहा गया है? उनके दो नाटकों के नाम लिखिए। [2009]
उत्तर–
हिन्दी में नाटक साहित्य को उत्कर्ष पर पहुँचाने का श्रेय जयशंकर प्रसाद को है। उन्होंने भारतीय तथा पाश्चात्य शैलियों का समन्वय करके एक नवीन शैली का प्रारम्भ किया। प्रसाद ने इतिहास के स्वर्णिम पृष्ठों को अपने नाटकों का आधार बनाया। इतिहास के कथानकों में उन्होंने वर्तमान का सन्देश दिया। राष्ट्रीयता,सांस्कृतिक – प्रेम तथा नारी के प्रति सहानुभूति का भाव आपके नाटकों में स्पष्ट दिखाई पड़ता है। ‘चन्द्रगुप्त’ एवं ‘ध्रुवस्वामिनी प्रसाद जी के प्रसिद्ध नाटक हैं।

प्रश्न 19.
हिन्दी नाट्य परम्परा में भारतेन्दु हरिश्चन्द्र का योगदान बताइए।
उत्तर–
आधुनिक युग में नाट्य परम्परा का विकास भारतेन्दु हरिश्चन्द्र से माना जाता है। उन्होंने पूर्व परम्पराओं से हटकर नाटक को नया रूप दिया। उन्होंने ही सर्वप्रथम नाटक को रंगमंचीय रूप प्रदान किया। उन्होंने मौलिक नाटकों की रचना के साथ – साथ संस्कृत,बंगला और अंग्रेजी के नाटकों का अनुवाद किया।

प्रश्न 20.
एकांकी किसे कहते हैं? हिन्दी के दो प्रमुख एकांकीकारों के नाम लिखिए।
उत्तर–
एक अंक वाले नाटक को एकांकी कहते हैं। ये आकार में छोटे होते हैं तथा लगभग आधा घण्टे में समाप्त हो जाते हैं। इसमें जीवन का खण्ड चित्र प्रस्तुत होता है। आधुनिक युग में एकांकी पर्याप्त मात्रा में लिखे गये हैं। डॉ. रामकुमार वर्मा तथा उपेन्द्रनाथ अश्क’ के नाम प्रमुख दो एकांकीकारों में गिनाये जा सकते हैं।

प्रश्न 21. नाटक एवं एकांकी के चार अन्तर बताइए। [2014]
अथवा
गद्य की नाटक विधा की तीन विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर–
(1) नाटक में एक मुख्य कथा के साथ – साथ अन्य प्रासंगिक कथाएँ होती हैं, जबकि एकांकी में एक ही कथा होती है। प्रासंगिक कथाएँ नहीं होती।
(2) नाटक में अनेक घटनाएँ तथा कार्य – व्यापार होते हैं, जबकि एकांकी में एक ही घटना तथा एक ही कार्य व्यापार होता है।
(3) नाटक में अनेक अंक होते हैं, जबकि एकांकी में एक ही अंक होता है। (4) नाटक में विस्तार होता है, जबकि एकांकी में संक्षिप्तता होती है।

प्रश्न 22.
भारतेन्दु युग तथा प्रसाद युग के तीन – तीन प्रमुख एकांकीकारों के नाम एवं प्रत्येक के एक – एक उल्लेखनीय एकांकी के शीर्षक बताइए।
उत्तर–
भारतेन्दु युग
(1) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र – ‘अंधेर नगरी’,
(2) राधाकृष्णदास ‘दुःखिनी बाला’,
(3) प्रतापनारायरण मिश्र ‘कलि कौतुक’।

प्रसाद युग –
(1) जयशंकर प्रसाद – एक घूट’,
(2) वृन्दावनलाल वर्मा – राखी की लाज’,
(3) सुदर्शन – ‘ऑनरेरी मजिस्ट्रेट’।

प्रश्न 23.
रेखाचित्र किसे कहते हैं? हिन्दी के दो प्रसिद्ध रेखाचित्रकारों के नाम लिखिए। रेखाचित्र की तीन विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर–
रेखाचित्र रेखाचित्र में शब्दों की कलात्मक रेखाओं के द्वारा किसी व्यक्ति, वस्तु अथवा घटना के बाह्य तथा आन्तरिक स्वरूप का सजीव तथा वास्तविक रूप प्रस्तुत किया जाता है।
रेखाचित्रकार – दो प्रसिद्ध रेखाचित्रकार हैं –
(1) महादेवी वर्मा,
(2) रामवृक्ष बेनीपुरी।

रेखाचित्र की विशेषताएँ –
(1) रेखाचित्र कल्पना प्रधान हो सकता है।
(2) रेखाचित्र के लिये किसी भी विषय को अपनाया जा सकता है।
(3) रेखाचित्र की विषय – वस्तु विस्तृत होती है।

प्रश्न 24.
रेखाचित्र और संस्मरण में दो अन्तर [2014]
स्पष्ट करते हुए अपनी पाठ्य – पुस्तक में संकलित दोनों विधाओं की एक – एक रचना का नाम लिखिए। [2010]
अथवा
रेखाचित्र एवं संस्मरण में कोई चार अन्तर लिखिए। [2016] \
उत्तर–
रेखाचित्र और संस्मरण में अन्तर –
(1) रेखाचित्र सामान्य से सामान्य व्यक्ति का हो सकता है,जबकि संस्मरण महान व्यक्ति का ही होता है।
(2) रेखाचित्र कल्पना प्रधान होता है, जबकि संस्मरण वास्तविक होता है।
(3) रेखाचित्र में चित्रात्मक शैली प्रयुक्त होती है, जबकि संस्मरण में विवरणात्मक शैली का प्रयोग होता है।
(4) रेखाचित्र में भाषा सांकेतिक होती है, जबकि संस्मरण में भाषा अभिधामूलक होती है।

पाठ्य – पुस्तक में संकलित रचनाएँ –
(1) रेखाचित्र – गौरा (महादेवी वर्मा)।
(2) संस्मरण – गणेश शंकर विद्यार्थी (भगवतीचरण वर्मा)।

प्रश्न 25.
गद्य काव्य किसे कहते हैं? हिन्दी के दो प्रमुख गद्य संग्रहों के नाम लिखिए।
उत्तर–
गद्य काव्य में गद्य के माध्यम से किसी भावपूर्ण विषय की काव्यात्मक अभिव्यक्ति होती है। इसमें केवल एक ही भाव की प्रधानता होती है। इसकी भाषा – शैली अलंकृत, संवेदनात्मक, चमत्कारपूर्ण एवं कवित्वपूर्ण होती है। दो प्रमुख गद्य संग्रह हैं—
(1) ‘साधना’,
(2) ‘अन्तर्नाद’।

प्रश्न 26.
गद्य काव्य की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर–
किसी अनुभूति का कलात्मक लय से गद्य में प्रस्तुत किया जाना गद्य काव्य है। गद्य काव्य की प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं : भावात्मक – भावना की गहनता ही इस रचना का स्रोत है। अनुभूति की प्रबलता से प्रेरित लेखक ही सफल गद्य काव्यकार हो सकते हैं। प्रवाहपूर्णता – – गद्य काव्य में कविता की सी प्रवाहपूर्णता अपेक्षित है। यह प्रवाहात्मकता भाव तथा भाषा दोनों में ही होती है। लयात्मकता – गद्य युक्त होती है। सघनता – इसमें लेखक की तन्मयता तथा भाव सघनता के सर्वत्र दर्शन होते हैं। इसके अतिरिक्त गद्य – काव्य में व्यक्त अनुभूति विचारों से युक्त होती है।

प्रश्न 27.
यात्रा – साहित्य से आप क्या समझते हैं? किसी एक यात्रा – साहित्य लेखक तथा उसके एक यात्रा – वृत्तान्त का नामोल्लेख कीजिए।
उत्तर–
यात्रावृत्त में लेखक यात्रा के किसी स्थान, घटना विशेष का सजीव एवं आकर्षक वर्णन करता है। इसमें लेखक की व्यक्तिगत विशेषताएँ भी प्रतिभाषित हो जाती हैं। यात्रा सम्बन्धी साहित्य में राहुल सांस्कृत्यायन, काका कालेलकर,श्रीराम शर्मा, अज्ञेय’,धर्मवीर भारती, मोहन राकेश,विनय मोहन शर्मा आदि के नाम उल्लेखनीय हैं। राहुल जी की ‘अथातो घुमक्कड़ जिज्ञासा’ श्रेष्ठ यात्रा वृत्तान्त है।

प्रश्न 28.
रिपोर्ताज का क्या अर्थ है? हिन्दी के दो प्रमुख रिपोर्ताज लेखकों के नाम उनकी एक – एक रचना सहित लिखिए। [2010]
उत्तर–
रिपोर्ताज में किसी विषय का आँखों देखा या कानों सुना वर्णन इतने प्रभावशाली ढंग से किया जाता है कि उसकी अमिट छाप हृदय – पटल पर अंकित हो जाती है। रिपोर्ताज में तथ्य वर्णन पर बल होता है, उसमें कलात्मकता पर ध्यान नहीं दिया जाता है। रिपोर्ताज में सूचना के अतिरिक्त साहित्यिकता भी होती है। रिपोर्ताज का सम्बन्ध वर्तमान से होता है।

हिन्दी के प्रमुख रिपोर्ताज लेखकों के नाम एवं उनकी रचनाएँ –
(1) शिवदान सिंह चौहान (‘लक्ष्मीपुरा),
(2) रांगेय राघव (‘तूफानों के बीच),
(3) उपेन्द्रनाथ अश्क (रेखाएँ तथा चित्र),
(4) धर्मवीर भारती (‘युद्ध यात्रा),
(5) शमशेर बहादुर सिंह (‘प्लाट का मोचा),
(6) शिवसागर मिश्र (‘वे लड़ेंगे हजारों साल) आदि।

प्रश्न 29.
रिपोर्ताज से क्या आशय है? रिपोर्ताज की विशेषताएँ लिखिए। [2012]
उत्तर–
रिपोर्ताज में किसी विषय का आँखों देखा या कानों सुना वर्णन इतने प्रभावशाली ढंग से किया जाता है कि उसकी अमिट छाप हृदय – पटल पर अंकित हो जाती है। रिपोर्ताज में तथ्य वर्णन पर बल होता है, उसमें कलात्मकता पर ध्यान नहीं दिया जाता है। रिपोर्ताज में सूचना के अतिरिक्त साहित्यिकता भी होती है। रिपोर्ताज का सम्बन्ध वर्तमान से होता है।

हिन्दी के प्रमुख रिपोर्ताज लेखकों के नाम एवं उनकी रचनाएँ –
(1) शिवदान सिंह चौहान (‘लक्ष्मीपुरा),
(2) रांगेय राघव (‘तूफानों के बीच),
(3) उपेन्द्रनाथ अश्क (रेखाएँ तथा चित्र),
(4) धर्मवीर भारती (‘युद्ध यात्रा),
(5) शमशेर बहादुर सिंह (‘प्लाट का मोचा),
(6) शिवसागर मिश्र (‘वे लड़ेंगे हजारों साल) आदि।

रिपोर्ताज की विशेषताएँ –
(1) यह किसी घटना का वास्तविक वर्णन या विवरण होता है।
(2) घटना का विवेचन तथा विश्लेषण होता है।
(3) रिपोर्ताज में रेखाचित्र,कहानी तथा निबन्धों की भी विशेषताएँ पायी जाती हैं।
(4) सरलता,रोचकता, प्रभावपूर्णता एवं आत्मीयता के गुण पाये जाते हैं।

प्रश्न 30.
उपन्यास किसे कहते हैं? तीन प्रसिद्ध उपन्यासों के नाम लिखिए।
उत्तर–
उपन्यास शब्द का अर्थ है – ‘जीवन के निकट’। इस तरह उपन्यास मानव जीवन को निकटता से प्रस्तुत करता है। इसमें जीवन का विस्तृत रूप प्रस्तुत किया जाता है। उपन्यास के विस्तृत कथानक में अनेक पात्र, घटनाएँ आदि होती हैं। हिन्दी में यह विधा बड़ी लोकप्रिय तथा विकसित है। उपन्यास सामाजिक, ऐतिहासिक, राजनीतिक आदि विविध विषयों पर लिखे जाते हैं। हिन्दी के अनेक महत्त्वपूर्ण उपन्यासों में ‘गोदान’, ‘चित्रलेखा’ तथा ‘पुनर्नवा’ तीन के नाम प्रमुख हैं।

प्रश्न 31.
हिन्दी में ‘उपन्यास सम्राट’ किसे कहा गया है? उनके दो उपन्यासों के नाम लिखिए।
अथवा [2809, 14]
हिन्दी उपन्यास साहित्य के विकास में प्रेमचन्द के योगदान का निरूपण कीजिये। [2011]
उत्तर–
हिन्दी में प्रेमचन्द को ‘उपन्यास सम्राट’ कहा गया है। वास्तव में, प्रेमचन्द के अवतरण के साथ ही हिन्दी उपन्यास को सशक्त प्रतिभा का सम्बल मिला। प्रेमचन्द ने नवजात उपन्यास विधा को पूर्ण विकास तक पहुँचाया। गोदान, कर्मभूमि, रंगभूमि, सेवासदन, प्रेमाश्रय, निर्मला, गबन आदि आपके उत्कृष्ट उपन्यास हैं। विषय तथा शिल्प दोनों दृष्टियों में आपने उपन्यास साहित्य को पुष्ट किया। आप यथार्थवादी लेखक हैं। राजनीति,समाज तथा मानव की समस्याओं को उभारकर उनके समाधान दिये गये हैं।

प्रश्न 32.
कहानी और उपन्यास के तीन प्रमुख अन्तर स्पष्ट कीजिए। साथ ही, दो प्रमुख कहानीकारों तथा दो उपन्यासकारों के नाम लिखिए। [2013]
अथवा
कहानी और उपन्यास में कोई चार अन्तर लिखिए। [2017]
उत्तर–
कहानी और उपन्यास में प्रमुख अन्तर –
(1) कहानी जीवन के किसी एक खण्ड का चित्रण करती है जबकि उपन्यास में सम्पूर्ण जीवन का चित्रण होता है।
(2) कहानी में एक ही कथा होती है, उपन्यास में मुख्य कथा के साथ – साथ अन्य प्रासंगिक कथाएँ जुड़ी होती हैं।
(3) कहानी में सीमित पात्र तथा घटनाएँ होती हैं जबकि उपन्यास में अनेक पात्र एवं घटनाओं का वर्णन होता है।
(4) कहानी का कथानक संक्षिप्त होता है किन्तु उपन्यास का कथानक अत्यन्त विस्तृत होता है।

दो प्रमुख कहानीकार
(1) प्रेमचन्द,
(2) जयशंकर प्रसाद।

दो प्रमुख उपन्यासकार –
(1) प्रेमचन्द,
(2) जैनेन्द्र कुमार।

प्रश्न 33.
एकांकी के चार तत्त्व लिखिए।
उत्तर–
एकांकी के चार तत्त्व
(1) कथावस्तु,
(2) पात्र – योजना,
(3) संवाद एवं
(4) अभिनेयता।

प्रश्न 34.
जीवनी और आत्मकथा में तीन अन्तर स्पष्ट करते हुए दोनों विधाओं की एक – एक रचना लिखिए। [2009]
अथवा
जीवनी और आत्मकथा में अन्तर लिखिए। [2011]
उत्तर–
(1) जीवनी में लेखक इतिहासकार की तरह पूरी सच्चाई से किसी व्यक्ति के जीवन की जन्म से लेकर मृत्यु तक सभी घटनाओं के बारे में लिखता है जबकि आत्मकथा में लेखक स्वयं अपने जीवन की कथा पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करता है।
(2) जीवनी लेखन में लेखक तटस्थ रहकर लिखता है। आत्मकथा में लेखक अपने जीवन की घटना का वर्णन अपनी स्मरण शक्ति के आधार पर करता है।
(3) जीवनी में लेखक अपने विचार और प्रतिक्रिया नहीं दर्शाता है। आत्मकथा में लेखक अपने परिवार, समाज,आर्थिक दशा,राजनैतिक घटनाक्रम का बराबर दर्शन कराता रहता है।
जीवनी – कलम का सिपाही’ (अमृतलाल)।
आत्मकथा – ‘मेरी कहानी’ (जवाहरलाल नेहरू)।

प्रश्न 35.
आलोचना का क्या अर्थ है? हिन्दी के दो आलोचकों के नाम लिखिए। [2009]
उत्तर–
आलोचना विधा अथवा समीक्षा आधुनिक काल की देन है। गद्य साहित्य के क्षेत्र में इसका महत्त्वपूर्ण स्थान है। हिन्दी में आलोचकों का शुभारम्भ भारतेन्दु युग से ही प्रारम्भ हो
चुका है।
(1) बालकृष्ण भट्ट,
(2) चौधरी बदरी नारायण प्रेमघन’ सुप्रसिद्ध आलोचक थे।

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