MP Board Class 7th Science Solutions Chapter 1 पादपों में पोषण

MP Board Class 7th Science Solutions Chapter 1 पादपों में पोषण

MP Board Class 7th Science Chapter 1 पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
जीवों को खाद्य की आवश्यकता क्यों होती है?
उत्तर:
जीवों को अपनी शारीरिक संरचना, वृद्धि एवं क्षतिग्रस्त भागों के रख-रखाव तथा विभिन्न जैव प्रक्रियाओं के संचालन के लिए आवश्यक ऊर्जा प्राप्त करने के लिए खाद्य की आवश्यकता होती है।

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प्रश्न 2.
परजीवी एवं मृतजीवी में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
परजीवी एवं मतजीवी में अन्तर:

परजीवी मृतजीवी
परजीवी अपना पोषण किसी जीवित पौधे या से लेते हैं। मृतजीवी अपना पोषण मृत जीवों के शरीर तथा सड़े-गले पदार्थों से लेते हैं।
उदाहरण – अमरबेल। उदाहरण – म्यूकर, कवक, कुकुरमुत्ता, यीस्ट तथा कुछ जीवाणु आदि।

प्रश्न 3.
आप पत्ती में मण्ड (स्टार्च) की उपस्थिति का परीक्षण कैसे करोगे?
उत्तर:
एक गमले में लगे हुए पौधे को 24 घण्टे तक अँधेरे में रख देते हैं जिससे उसकी पतियाँ मण्ड रहित हो जाती हैं। इस
पौधे की एक पत्ती के दोनों तरफ के कुछ भाग को एक काले कागज से क्लिप की सहायता से ढककर गमले को सूर्य के प्रकाश में रख देते हैं। 5-6 घण्टे बाद उस पत्ती को तोड़कर ऐल्कोहल में उबालकर रंगहीन कर लेते हैं। इसके पश्चात् पत्ती पर आयोडीन का घोल डालते हैं।

पत्ती का जो भाग काले कागज से ढका था, वह नीला नहीं होता तथा शेष भाग नीला हो जाता है। काले कागज से ढके हुए भाग को प्रकाश नहीं मिल पाता, इस कारण प्रकाश संश्लेषण की क्रिया नहीं हो पाती है तथा शेष भाग में प्रकाश संशलेषण की क्रिया होती है। प्रकाश संश्लेषण की क्रिया होना स्टार्च की उपस्थिति दर्शाती है।

प्रश्न 4.
हरे पादप में खाद्य संश्लेषण प्रक्रम का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
उत्तर:
पत्तियाँ पादप की खाद्य फैक्ट्रियाँ हैं। पादपों में खाद्य पदार्थों का संश्लेषण उनकी पत्तियों में होता है। मृदा में उपस्थित जल एवं लवण जड़ों द्वारा अवशोषित किये जाते हैं तथा तने के माध्यम से वाहिकाओं द्वारा पत्तियों तक पँहचते हैं। पत्तियों में सूक्ष्म रन्ध्र होते हैं जो वायुमण्डल की कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं तथा पत्तियों में उपस्थित क्लोरोफिल सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा संग्रहण करने में पत्तियों की सहायता करता है। पत्तियों में संग्रहित सौर ऊर्जा का उपयोग जल एवं कार्बन डाइऑक्साइड से खाद्य संश्लेषण में होता है।

प्रश्न 5.
किसी प्रवाह चित्र की सहायता से दर्शाइए कि पादप भोजन के मूलभूत स्रोत हैं।
उत्तर:
MP Board Class 7th Science Solutions Chapter 1 पादपों में पोषण 1

प्रश्न 6.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –

  1. क्योंकि हरे पादप. अपना खाद्य स्वयं बनाते हैं, इसलिए उन्हें ………….. कहते हैं।
  2. पादपों द्वारा संश्लेषित खाद्य का भंडारण …………. के रूप में किया जाता है।
  3. प्रकाश संश्लेषण के प्रक्रम में जिस वर्णक द्वारा सौर ऊर्जा संग्रहित की जाती है, उसे …………. कहते हैं।
  4. प्रकाश संश्लेषण में पादप वायुमण्डल से लेते हैं तथा ……………. का उत्पादन करते हैं।

उत्तर:

  1. स्वपोषी।
  2. स्टार्च।
  3. क्लोरोफिल।
  4. कार्बन डाइऑक्साइड, ऑक्सीजन।

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प्रश्न 7.
निम्न कथनों से सम्बद्ध पारिभाषिक शब्द बताइए –

  1. पीत दुर्बल तने वाला परजीवी पादप।
  2. एक पादप जिसमें स्वपोषण एवं विषमपोषण दोनों ही प्रणाली पाई जाती हैं।
  3. वे रन्ध्र जिनके द्वारा पत्तियों में गैसों का आदान-प्रदान (विनिमय) होता है।

उत्तर:

  1. अमरबेल।
  2. घटपर्णी (पिचर पादप)।
  3. रंध्र।

प्रश्न 8.
सही उत्तर पर (✓) का चिह्न लगाइए –
(क) अमरबेल उदाहरण है किसी –

  1. स्वंपोषी का।
  2. परजीवी का।
  3. मृतजीवी का।
  4. परपोषी का।

उत्तर:
परजीवी का।

(ख) कीटों को पकड़कर अपना आहार बनाने वाले पादप का नाम है –

  1. अमरबेल।
  2. गुड़हल।
  3. घटपर्णी (पिचर पादप)।
  4. गुलाब।

उत्तर:
घटपर्णी (पिचर पादप)।

प्रश्न 9.
कॉलम A में दिए गए शब्दों का मिलान कॉलम B के शब्दों से कीजिए –
MP Board Class 7th Science Solutions Chapter 1 पादपों में पोषण 2
उत्तर:
(क) → (iv)
(ख) → (i)
(ग) → (v)
(घ) → (ii)
(च) → (iii)

प्रश्न 10.
निम्न कथनों में से सत्य एवं असत्य कथनों का चयन कीजिए –

  1. प्रकाश संश्लेषण में कार्बन डाइऑक्साइड मुक्त होती है।
  2. ऐसे पादप, जो अपना भोजन स्वयं संश्लेषित करते हैं, मृतजीवी कहलाते हैं।
  3. प्रकाश संश्लेषण का उत्पादन प्रोटीन नहीं है।
  4. प्रकाश संश्लेषण में सौर ऊर्जा का रासायनिक ऊर्जा में रूपांतरण हो जाता है।

उत्तर:

  1. असत्य।
  2. असत्य।
  3. सत्य।
  4. सत्य।

सही विकल्प चुनिए –

प्रश्न 11.
पादप के किस भाग द्वारा प्रकाश संश्लेषण हेतु वायु से कार्बन डाइऑक्साइड ली जाती है –

  1. मूलरोम।
  2. रंध्र।
  3. पर्णशिराएँ।
  4. बाह्यदल।

उत्तर:
रंध्र।

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प्रश्न 12.
वायुमण्डल में मुख्यत: जिस भाग द्वारा पादप कार्बन डाइऑक्साइड प्राप्त करते हैं, वह है –

  1. जड़।
  2. तना।
  3. पुष्प।
  4. पत्तियाँ।

उत्तर:
पत्तियाँ।

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MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 18 वायु तथा जल का प्रदूषण

MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 18 वायु तथा जल का प्रदूषण

MP Board Class 8th Science Chapter 18 पाठ के अन्तर्गत के प्रश्नोत्तर

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 239

वायु प्रदूषण

क्रियाकलाप 18.1

प्रश्न 1.
अपने अनुभवों के आधार पर नीचे दिए गए संस्थानों पर वायु की गुणवत्ता की तुलना कीजिए –

  1. उपवन तथा भीड़ वाली सड़क।
  2. आवासीय क्षेत्र तथा औद्योगिक क्षेत्र।
  3. दिन में विभिन्न समयों पर जैसे प्रातः काल, दोपहर तथा सायंकाल में भीड़ वाला चौराहा।
  4. गाँव तथा शहर।

उत्तर:

  1. उपवन की वायु शुद्ध वायु होती है जबकि भीड़ वाली सड़क की वायु प्रदूषित होती है जो धूल के कण, धुएँ, हानिकारक गैसों आदि से प्रदूषित हो जाती हैं।
  2. आवासीय क्षेत्र भी प्रदूषित होता है लेकिन औद्योगिक क्षेत्र की तुलना में ये कम प्रदूषित होता है। औद्योगिक क्षेत्र सबसे अधिक प्रदूषित होते हैं क्योंकि इन क्षेत्रों से निकलने वाले रासायनिक प्रदूषक, हानिकारक गैसें आदि वातावरण को प्रदूषित कर देती हैं।
  3. प्रात:काल के समय यातायात कम रहता है, अतः इस समय प्रदूषण बहुत कम रहता है। लेकिन दोपहर के समय वाहनों से निकलने वाले धुएँ, आदि से प्रदूषण काफी अधिक हो जाता है। शाम के समय प्रदूषण अत्यधिक हो जाता है।
  4. साधारण: गाँव प्रदूषित नहीं होते जबकि शहर वायु से प्रदूषित होते हैं। शहरों में वायु के साथ-साथ जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण एवं अन्य प्रदूषण भी रहते हैं।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 240

प्रश्न 1.
क्या आप जानते हैं कि यह धुआँ कहाँ से आया होगा?
उत्तर:
वातावरण में यह धुआँ फैक्ट्रियाँ तथा वाहनों से निकला हुआ धुआँ आता है।

वायु कैसे प्रदूषित होती है?

प्रश्न 1.
क्या आपने कभी यह ध्यान दिया है कि हमारे शहरों में कितनी तेजी से वाहनों की संख्या बढ़ रही है?
उत्तर:
हाँ, हमारे शहरों में वाहनों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 241

प्रश्न 1.
क्या आपने ओजोन छिद्र के बारे में सुना है?
उत्तर:
हाँ, हमने इसके बारे में सुना है। यह क्लोरोफ्लोरो कार्बन के उत्सर्जन के कारण हो जाता है।

क्रियाकलाप 18.3

प्रश्न – उपर्युक्त प्रदूषकों का उपयोग करके एक सारणी बनाइए। उसमें आप और अधिक आँकड़े भी जोड़ सकते हैं।
उत्तर:
सारणी:
MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 18 वायु तथा जल का प्रदूषण 1

विशिष्ट अध्ययन: ताजमहल

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 242

प्रश्न 1.
अपने बड़े-बूढ़ों से चर्चा करके यह देखिए कि वे अब से 20 अथवा 30 वर्ष पूर्व के ताज की अवस्था के बारे में क्या कहते हैं। अपनी (कतरन-पुस्तिका) के लिए ताजमहल का चित्र प्राप्त करने का प्रयास कीजिए।
उत्तर:
अब से 20-30 वर्ष पूर्व ताजमहल बिल्कुल श्वेत (सफेद) दिखता था। प्रत्येक पूर्णिमा एवं विशेष रूप से शरद पूर्णिमा की रात्रि में अत्यन्त सुन्दर लगता था इसमें लगे संगमरकर के पत्थर हीरे की तरह चमकते थे तथा यह दध की तरह सफेद दिखाई पड़ता था। लेकिन आज इसका रंग पीलापन लिए हुए है अब इसमें इतना आकर्षण नहीं है जो पहले था।
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प्रश्न 2.
मुझे फसलों वाला अध्याय याद आता है। मैं हैरान हूँ कि क्या अम्लीय वर्षा खेती की मिट्टी (मृदा) तथा पौधों को भी प्रभावित करती है?
उत्तर:
हाँ, अम्लीय वर्षा खेती की मिट्टी को अम्लीय बना देती है जो कि फसलों के लिए लाभदायक नहीं हैं। यदि खेत में फसल लगी हुई है तो अम्लीय वर्षा फसल को नष्ट कर देगी।

पौधा-घर प्रभाव

प्रश्न 1.
परन्तु वायुमण्डल में CO2 की मात्रा कैसे बढ़ती है और इसका आधिक्य कैसे हो सकता है?
उत्तर:
मानवीय क्रियाकलापों के कारण वातावरण में CO2 की मात्रा बढ़ रही है तथा वन क्षेत्र घट रहा है। पौधे प्रकाश – संश्लेषण की क्रिया में CO2 का उपयोग करते हैं जिससे वायुमण्डल में CO2 की मात्रा कम हो जाती है। वनोन्मूलन के कारण CO2 की मात्रा बढ़ जाती है क्योंकि CO2 की खपत करने वाले वृक्षों की संख्या घट जाती है। इस प्रकार मानवीय क्रियाकलापों से वायुमण्डल में CO2 की मात्रा में वृद्धि हो जाती है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 243

प्रश्न 1.
बूझो को यह सुनकर आश्चर्य हो रहा है कि पृथ्वी के ताप में केवल 0.5°C जितनी कम वृद्धि के इतने गम्भीर परिणाम हो सकते हैं।
उत्तर:
हाँ, इतने कम ताप के बढ़ने से विश्व ऊष्णन उत्पन्न हो जाता है। विश्व ऊष्णन के कारण समुद्र का जल स्तर बढ़ जाता है। इसके परिणामस्वरूप तटीय क्षेत्रों में बाढ़ आ जाती है। बाढ़ आने से जन जीवन तथा सम्पत्ति की हानि होती है। वर्षा समय पर नहीं होती इससे फसलें प्रभावित होती हैं। ग्लेशियर पिघलने लगते हैं। इससे तापमान में कुछ वृद्धि होती है। इससे घोर संकट उत्पन्न हो जाता है।

क्या किया जा सकता है?

प्रश्न 1.
वायु प्रदूषण कम करने के लिए हम क्या कर सकते हैं?
उत्तर:
वायु प्रदूषण कम करने के लिए हमें निम्न उपाय करने चाहिए –

  1. वाहनों में सीसा रहित पेट्रोल तथा सी.एन.जी. जैसे ईंधनों को उपयोग में लाना चाहिए।
  2. पटाखों का बहिष्कार करना चाहिए।
  3. जीवाश्म ईंधनों के स्थान पर वैकल्पित ईंधनों को उपयोग में लाये जाए। जैसे-सौर ऊर्जा, जल ऊर्जा और पवन ऊर्जा आदि।
  4. अधिक से अधिक वृक्षारोपण किया जाए तथा लोगों को इसके लिए जागरूक किया जाए।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 244

प्रश्न 1.
क्या आप विद्यालयों में बच्चों द्वारा चलाए गए अभियान “पटाखों का बहिष्कार करिए” के विषय में जानते हैं?
उत्तर:
हाँ, विद्यालयों में बच्चों द्वारा चलाए गए अभियान “पटाखों का बहिष्कार करिए” से दिवाली के दिनों में वायु प्रदूषण के स्तर में काफी अन्तर ला दिया है। इससे वायु प्रदूषण का स्तर कम हुआ है।

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प्रश्न 2.
क्या आप वन महोत्सव के विषय में जानते हैं?
उत्तर:
हाँ, हम इसके बारे में जानते हैं। यह पर्यावरण को सुरक्षित रखने तथा जमीन को हरा-भरा करने के लिए किया जाता है।

क्रियाकलाप 18.4

प्रश्न 1.
इन विकल्पों की वायु की गुणवत्ता पर प्रभाव के बारे में अपनी कक्षा में चर्चा कीजिए।
उत्तर:
विद्यालय पैदल चलकर अथवा साइकिल चलाकर जाने से किसी प्रकार का प्रदूषण नहीं होता है। बस अथवा अन्य सार्वजनिक परिवहन द्वारा या कार में साझेदारी करके द्वारा यात्रा करने से एक सीमा तक प्रदूषण फैलता है, किन्तु व्यक्तिगत कार द्वारा यात्रा करने से अधिक प्रदूषण फैलेगा।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 245

प्रश्न 1.
पहेली ने सोचा कि जलाने से अच्छा विकल्प तो इन्हें (सूखी पत्तियाँ) कम्पोस्ट पिट में डालना हो सकता है। आप क्या सोचते हैं?
उत्तर:
पहेली का इस प्रकार सोचना सही है। सूखी पत्तियाँ तथा सूखे पौधों को जलाना खतरनाक है क्योंकि इनके जलाने से वातावरण में जहरीली गैसें उत्पन्न होती हैं जो श्वास से सम्बन्धित समस्याएँ/बीमारियाँ उत्पन्न करती हैं। यदि इन्हें कम्पोस्ट पिट में डाल दिया जाए तो इनसे पौधों के लिए अच्छी खाद पैदा होगी।

जल प्रदूषण

क्रियाकलाप 18.5

प्रश्न 1.
नल, तालाब, कुएँ तथा झील के जल के नमूनों को एकत्र करने का प्रयास कीजिए। प्रत्येक को काँच के अलग-अलग बर्तनों में उड़ेलिए इनकी गन्ध, अम्लीयता तथा रंग की तुलना कीजिए। निम्नलिखित सारणी को भरिए।
उत्तर:
सारणी:
MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 18 वायु तथा जल का प्रदूषण 3
जल कैसे प्रदूषित हो जाता है?

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 246

विशिष्ट अध्ययन

प्रश्न 1.
नदी के जल के प्रदूषण के लिए उत्तरदायी कारक क्या हैं?
उत्तर:
घरों से निकलने वाला अनौपचारित वाहित मल तथा औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले हानिकारक रसायनों को नदियों में बहा दिया जाता है जिससे नदी का जल प्रदूषित हो जाता है। इसके अतिरिक्त लोग ठोस प्रदूषक, कूड़ा-करकट, फूल, पूजा सामग्री, मृत जीव, पॉलिथीन आदि नदी में डाल देते हैं। इनसे भी नदी का जल प्रदूषित हो जाता है।

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प्रश्न 2.
गंगा नदी की पूर्व गरिमा को प्राप्त करने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं?
उत्तर:

  1. गंगा नदी की पूर्व गरिमा को प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित उपाय करने चाहिए –
  2. गंगा नदी प्रदूषित करने वालों के लिए अधिनियम बनाए जाएँ और उनका सख्ती से पालन किया जाए।
  3. उद्योगों से उत्पन्न अपशिष्टों को सीधे गंगा में प्रवाहित होने से रोका जाए।
  4. औद्योगिक क्षेत्रों में जल उपचारक प्लाण्ट लगाने चाहिए।

प्रश्न 3.
कूड़े करकट आदि का विसर्जन किस प्रकार नदी के जीवित प्राणियों को प्रभावित करता है?
उत्तर:
नदी में कूड़ा-करकट आदि का विसर्जन करने से नदी का जल संदूषित हो जाता है। जब नदी में कूड़ा-करकट सड़ने लगता है तो इससे जहरीली/हानिकारक गैसें निकलने लगती हैं जिससे कि जीव जन्तु श्वास नदी ले पाते और वे मर जाते हैं।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 247

प्रश्न 1.
क्या भौम-जलवाहितमलद्वारा प्रदूषित हो सकता है, कैसे?
उत्तर:
हाँ, यह प्रदूषित हो सकता है। इसमें जीवाणु, वायरस, कवक तथा परजीवी हो सकते हैं, जो भौम-जल को प्रदूषित कर सकते हैं जो हैजा, टाइफाइड, पीलिया आदि रोग फैलाते हैं।

क्रियाकलाप 18.6

प्रश्न 1.
क्या आपको याद है कि आपके घर से वाहित मल कैसे एकत्र किया गया था और फिर वह कहाँ गया?
उत्तर:
सामान्यतः घरों तथा सार्वजनिक भवनों में एक पाइप सेट शुद्ध पानी आने के लिए तथा दूसरा पाइप सेट बेकार जल को ले जाने के लिए होता है। वह पाइप जो बेकार जल ले जाता है, सीवर कहलाता है। ये सीवर वाहित मल को घर से उपचारित स्थान तक ले जाता है। वहाँ इसे उपचारित किया जाता है। इसमें रासायनिक एवं जैविक अपशिष्टों को अलग किया जाता है। पेयजल क्या होता है तथा

जल को शुद्ध कैसे किया जाता है?

क्रियाकलाप 18.7

प्रश्न 1.
पीने से पहले हमें जल को फिल्टर करने की आवश्यकता क्यों होती है?
उत्तर:
जल में धूल के कण तथा रासायनिक पदार्थ मिले होते हैं जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। फिल्टर करने से ये पदार्थ जल से अलग हो जाते हैं और जल पीने के योग्य हो जाता है।

प्रश्न 2.
अपने घर में उपयोग होने वाला पीने का जल आप कैसे प्राप्त करते हैं?
उत्तर:
हमारे घर से उपयोग होने वाला पीने का जल, जल निगम द्वारा सप्लाई किया जाता है।

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प्रश्न 3.
यदि हम प्रदूषित जल पिएँ तो क्या होगा?
उत्तर:
यदि हम प्रदूषित जल पिएँगे तो हम प्रदूषण से फैलने वाली बीमारियाँ, हैजा, पीलिया, हैपेटाइटिस, पेचिश आदि रोगों से ग्रसित हो जाएँगे।

क्या किया जा सकता है?

क्रियाकलाप 18.8

प्रश्न 1.
समुदाय में जल द्वारा होने वाले सामान्य रोग कौन से हैं?
उत्तर:
समुदाय में जल द्वारा होने वाले सामान्य रोग डायरिया, पेचिश, हैजा, पीलिया आदि हैं।

प्रश्न 2.
इस क्षेत्र में कार्यरत सरकारी तथा गैर-सरकारी संस्थाएँ कौन-कौन सी हैं? जनता में जागृति उत्पन्न करने के लिए इनके द्वारा क्या उपाय किए गए हैं?
उत्तर:
इस क्षेत्र में बहुत सारी सरकारी संस्थाएँ, जैसे अस्पताल, स्वास्थ्य केन्द्र, पब्लिक वैलफयर डिपार्टमेंट कार्य कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त एन. जी. ओ भी इस क्षेत्र में कार्यरत् हैं, ये संस्थाएँ क्षेत्रों में जाकर, विज्ञापनों द्वारा मीडिया तथा अन्य दूसरे संसाधनों से जागृति उत्पन्न कर रही हैं।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 248

प्रश्न 1.
अपनी दिनचर्या पर विचार कीजिए- आप जल की बचत कैसे कर सकते हैं?
उत्तर:
हम जल की बचत निम्न प्रकार कर सकते हैं –

  1. रोजाना के कार्यों जैसे-नहाने, कपड़े धोने, सफाई करने आदि में आवश्यकतानुसार ही जल उपयोग में लाएँ। जल को बर्बाद न होने दें।
  2. पानी का उपयोग कम करें।
  3. जल का पुन: उपयोग तथा पुनः चक्रण करना चाहिए।
  4. सब्जियों को धोने में इस्तेमाल किए गए जल का उपयोग पौधों की सिंचाई में कर सकते हैं।
  5. नल को खुला छोड़कर दाँतों में ब्रुश, शेविंग आदि न करें।
  6. यदि नलों की टोंटियों से पानी टपकता हो तो उन्हें ठीक कराएँ ताकि पानी टपकना बन्द हो जाए।

MP Board Class 8th Science Chapter 18 पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
किन विभिन्न विधियों द्वारा जल का संदूषण होता है?
उत्तर:
निम्नलिखित विधियों द्वारा जल का संदूषण होता है –

  1. बहुत सी औद्योगिक इकाइयाँ हानिकारक रसायनों को जल से प्रवाहित कर देती हैं जिसके कारण जल प्रदूषित हो जाता है।
  2. खेतों में प्रयुक्त होने वाले पीड़कनाशी तथा अपतृणनाशी जल में घुलकर खेतों से जलाशयों में पहुँच जाते हैं। यह भूमि में रिसकर भौम-जल को प्रदूषित करते हैं।
  3. तालाबों में उगने वाले शैवाल जब मर जाते हैं तो जीवाणु जैसे घटकों के लिए ये भोजन का कार्य करते हैं। यह अत्यधिक ऑक्सीजन का उपयोग कर ऑक्सीजन की कमी कर देते हैं। इससे जल प्रदूषित हो जाता है जिससे जलीय जीव मर जाते हैं।
  4. वाहित अनुपचारित मल भी जल को संदूषित कर देता है। इस जल में जीवाणु वायरस, कवक तथा परजीवी होते हैं जो पीलिया, हैजा आदि रोग उत्पन्न करते हैं।

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प्रश्न 2.
व्यक्तिगत स्तर पर आप वायु प्रदूषण को कम करने में कैसे सहायता कर सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, इतने कम ताप के बढ़ने से विश्व ऊष्णन उत्पन्न हो जाता है। विश्व ऊष्णन के कारण समुद्र का जल स्तर बढ़ जाता है। इसके परिणामस्वरूप तटीय क्षेत्रों में बाढ़ आ जाती है। बाढ़ आने से जन जीवन तथा सम्पत्ति की हानि होती है। वर्षा समय पर नहीं होती इससे फसलें प्रभावित होती हैं। ग्लेशियर पिघलने लगते हैं। इससे तापमान में कुछ वृद्धि होती है। इससे घोर संकट उत्पन्न हो जाता है।

क्या किया जा सकता है?

प्रश्न 3.
स्वच्छ पारदर्शी जल सदैव पीने योग्य होता है। टिप्पणी कीजिए।
उत्तर:
स्वच्छ पारदर्शी जल सदैव पीने योग्य होता है। यह सदैव सत्य नहीं है क्योंकि इसमें रोगवाहक सूक्ष्मजीव और घुले हुए अपद्रव्य हो सकते हैं जो मनुष्य को रोगग्रस्त कर सकते हैं। यदि पानी की गुणवत्ता के बारे में जब तक सही जानकारी न हो तो उसे उबालकर या फिल्टर करके ही पीना चाहिए।

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प्रश्न 4.
आप अपने शहर की नगर पालिका के सदस्य हैं। ऐसे उपायों की सूची बनाइए जिससे नगर के सभी निवासियों को स्वच्छ जल की आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।
उत्तर:
स्वच्छ जल की आपूर्ति के लिए मैं निम्न कार्य कर करता –

  1. जल निगम के साथ समय-समय पर बैठक करता और जल के नमूने लेकर उसकी गुणवत्ता की प्रयोगशालाओं में जाँच करवाता। आवश्यकता होने पर जल की गुणवत्ता में सुधार हेतु कार्यवाही करवाता।
  2. पेयजल पाइपों को भी समय-समय पर चैक करवाता तथा पाइपों को बदलवा कर नए पाइप लगवाता ताकि प्रदूषित जल घरों तक न पहुँचे।
  3. क्षेत्र की पानी की टंकियों की समय-समय पर सफाई करवाता।
  4. पेयजल टैंकरों की व्यवस्था करवाता ताकि आवश्यकता पड़ने पर क्षेत्र में स्वच्छ पेय जल की आपूर्ति की जा सके।
  5. यदि कहीं पानी की चोरी हो रही हो तो उन लोगों के विरुद्ध कार्यवाही कराना ताकि वे भविष्य में ऐसा कार्य न करें।
  6. जल अनमोल प्राकृतिक संसाधन है, इसके संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करूँगा।
  7. क्षेत्र में जाकर लोगों की जल आपूर्ति से सम्बन्धित समस्याओं की जानकारी करता और उन्हें उनकी समस्याओं को दूर करता।

प्रश्न 5.
शुद्ध वायु तथा प्रदूषित वायु में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
शुद्ध वायु प्रदूषकों से मुक्त होती है। इसमें कोई गन्ध नहीं होती। श्वास लेने में कोई परेशानी नहीं होती और न ही आँखों में जलन महसूस होती है। प्रदूषित वायु में अनचाहे हानिकारक पदार्थ होते हैं। इसमें से असहनीय गंध आती है। यदि लोग प्रदूषित वायु में श्वास लेते हैं तो उन्हें श्वास, हृदय एवं फेफड़े सम्बन्धी समस्याएँ उत्पन्न हो जाती हैं। इससे मनुष्य की मृत्यु तक हो सकती है। आँखों में तेज जलन भी होती है।

प्रश्न 6.
उन अवस्थाओं की व्याख्या कीजिए जिनमें अम्ल वर्षा होती है, अम्ल वर्षा हमें कैसे प्रभावित करती है?
उत्तर:
सल्फर डाइऑक्साइड तथा नाइट्रोजन डाइऑक्साइड गैसें वायुमण्डल में उपस्थित जल वाष्प से अभिक्रिया करके सल्फ्यूरिक अम्ल तथा नाइट्रिक अम्ल बनाती हैं। ये वर्षा को अम्लीय बनाकर वर्षा के साथ पृथ्वी पर बरस जाते हैं। इसे अम्ल वर्षा कहते हैं। अम्ल वर्षा के कारण स्मारकों के संगमरमर का संक्षारण होता है। इस परिघटना को संगमरमर कैंसर कहते हैं। अम्ल वर्षा फसल को भी प्रभावित करते हैं। पौधे और फसल नष्ट हो जाती है। यह मृदा की गुणवत्ता को भी नष्ट कर देती है। यह मृदा को अम्लीय बना देती है। अम्लीय मृदा फसल उत्पादन के लिए उपयुक्त नहीं है।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित में से कौन-सी पौधा घर गैस नहीं है?

  1. कार्बन डाइऑक्साइड।
  2. सल्फर डाइऑक्साइड।
  3. मेथेन।
  4. नाइट्रोजन।

उत्तर:
सल्फर डाइऑक्साइड।

प्रश्न 8.
पौधा घर प्रभाव का अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पौधा घर प्रभाव का प्रमुख कारण कार्बन डाइऑक्साइड, मेथेन, नाइट्रस ऑक्साइड तथा क्लोरोफ्लोरो कार्बन गैसें हैं जिन्हें ग्रीन हाउस गैसें कहते हैं। पौधा घर प्रभाव (ग्रीन हाउस प्रभाव) के अन्तर्गत CO2 की मोटी पर्त किसी पौधा घर के शीशे तरह कार्य करता है। जिस प्रकार पौधा घर का शीशा सूर्य की ऊष्मा को अन्दर तो आने देता है परन्तु उसकी ऊष्मा को बाहर आने से रोकता है। ठीक इसी तरह CO2 की पर्त पृथ्वी की ऊष्मा को बाहर जाने से रोकती है। जिससे पृथ्वी के उस क्षेत्र विशेष का तापमान बढ़ जाता है। इस प्रभाव को पौधा घर प्रभाव/ ग्रीन हाउस प्रभाव कहते हैं।

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प्रश्न 9.
आपके द्वारा कक्षा में विश्व ऊष्णन के बारे में दिया जाने वाला संक्षिप्त भाषण लिखिए।
उत्तर:
विश्व ऊष्णन से अभिप्राय औसत तापमान में हुई वृद्धि से है। पृथ्वी और इसके वायुमण्डल का तापमान लगातार बढ़ रहा है। विश्व तापमान की इस वृद्धि को विश्व ऊष्णन कहते हैं। विश्व ऊष्णन का कारण पर्यावरण प्रदूषण के लिए उत्तरदायी ग्रीन हाउस गैसें हैं-क्लोरोफ्लोरो कार्बन, मेथेन, कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड तथा पर्यावरण प्रदूषण हैं।

पृथ्वी तक आने वाली सौर ऊर्जा का लगभग 75% भाग पृथ्वी की सतह सोख लेती है तथा शेष ऊष्मा वायुमण्डल में वापस चली जाती है लेकिन पौधा घर गैसें पृथ्वी से उत्सर्जित ऊष्मा को वापस वायुमण्डल में जाने से रोकती हैं जिससे वायुमण्डल के औसतन तापमान में वृद्धि हो जाती है। विश्व ऊष्णन के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार CO2 है जो कि वातावरण में मानव क्रियाकलापों द्वारा तेजी से बढ़ रही है।

विश्व ऊष्णन के कारण समुद्र तल में वृद्धि हो रही है। कई जगह तटीय प्रदेश जल मग्न हो गए हैं। विश्व ऊष्णन के परिणामस्वरूप वर्षा प्रतिरूप, कृषि, वन, पौधे तथा जीव-जन्तु प्रभावित हो सकते हैं। हाल ही में प्रकाशित मौसम परिवर्तन की रिपोर्ट के अनुसार शताब्दी के अन्त तक 2°C तक ताप में वृद्धि हो सकती है जो संकटकारी स्तर है।

विश्व ऊष्णन पर नियन्त्रण करने के लिए हमें गैर-परम्परागत ऊर्जा स्रोतों जैसे सौर ऊर्जा, वायु ऊर्जा आदि का उपयोग करना चाहिए। CO2 की मात्रा को कम करने के लिए अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना चाहिए।

प्रश्न 10.
ताजमहल की सुन्दरता पर संकट का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
ताजमहल की सुन्दरता संसार में अद्वितीय है। इसे विश्व में सात अजूबों में स्थान मिला हुआ है। परन्तु तेजी से बढ़ते प्रदूषण ने विश्व की इस अमूल्य धरोहर पर संकट ला दिया है। वायु-प्रदूषक इसके सफेद संगमरमर को बदरंग कर रहे हैं। आगरा एवं इसके चारों ओर स्थित रबड़ प्रक्रमण, स्वचालित वाहन, रसायन और विशषकर मथुरा तेल परिष्करणी (रिफाइनरी) जैसे उद्योग प्रदूषित गैसों को वर्षा के साथ मिलाकर अम्ल वर्षा करते हैं।

अम्ल वर्षा के कारण संगमरमर का संक्षारण हो रहा है और यह पीला भी हो रहा है। इसे सुरक्षित रखने के लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने उद्योगों को CNG (संपीडित प्राकृतिक गैस) तथा LPG (द्रवित पेट्रोलियम गैस) आदि स्वच्छ ईंधनों का उपयोग करने के आदेश दिए हैं तथा ताज के क्षेत्र में मोटर वाहनों को सीसा रहित पेट्रोल का उपयोग करने के भी आदेश दिए हैं।

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प्रश्न 11.
जल के पोषकों के स्तर में वृद्धि किस प्रकार जल जीवों की उत्तरजीविता को प्रभावित करती है?
उत्तर:
कहीं-कहीं पर जलाशयों में शैवाल उग आते हैं। यह उर्वरकों में उपस्थित नाइट्रेट एवं फॉस्फेटों जैसे रसायनों की अधिक मात्राओं के कारण होता है। ये रसायन शैवालों को फलने-फूलने के लिए पोषक की भाँति कार्य करते हैं। जब ये शैवाल मर जाते हैं तो मरे हुए शैवाल जीवाणु जैसे घटकों के लिए भोजन का कार्य करते हैं। ये अत्यधिक ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं। इससे जल में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है जिससे जलीय जीव मरने लगते हैं।

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MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 17 तारे एवं सौर परिवार

MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 17 तारे एवं सौर परिवार

MP Board Class 8th Science Chapter 17 पाठ के अन्तर्गत के प्रश्नोत्तर

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 215

प्रश्न 1.
क्या सभी तारे टिमटिमाते प्रतीत होते हैं? क्या आपको तारे जैसा कोई ऐसा पिण्ड दिखाई देता है जो टिमटिमाता न हो?
उत्तर:
आकाश में सभी पिण्ड टिमटिमाते प्रतीत नहीं होते हैं जो पिण्ड टिमटिमाते प्रतीत नहीं होते हैं वे ग्रह हैं और जो टिमटिमाते हैं, वे तारे हैं।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 216

प्रश्न 1.
क्या सभी आकाशीय पिण्ड समान होते हैं?
उत्तर:
नहीं, सभी आकाशीय पिण्ड समान नहीं होते हैं। उनकी आकृति, साइज एवं स्थिति अलग-अलग होती है।

चन्द्रमा

प्रश्न 1.
क्या चन्द्रमा की आकृति में प्रतिदिन परिवर्तन होता है?
उत्तर:
हाँ, चन्द्रमा की आकृति में प्रतिदिन परिवर्तन होता है।

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प्रश्न 2.
क्या ऐसे भी दिन हैं जब चन्द्रमा की आकृति पूर्णतः गोल प्रतीत होती है?
उत्तर:
हाँ, पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा की आकृति पूर्णतः गोल प्रतीत होती है।

प्रश्न 3.
क्या ऐसे भी दिन हैं जब स्वच्छ आकाश होने पर भी चन्द्रमा को नहीं देखा जा सकता?
उत्तर:
हाँ, महीने के पन्द्रहवें दिन स्वच्छ आकाश होने पर भी चन्द्रमा को नहीं देखा जा सकता। इस दिन को अमावस्या कहते हैं।

प्रश्न 4.
चन्द्रमा अपनी आकृति में प्रतिदिन परिवर्तन क्यों करता है?
उत्तर:
हमें चन्द्रमा इसलिए दिखाई देता है क्योंकि यह अपने पर पड़ने वाले सूर्य के प्रकाश को हमारी ओर परावर्तित कर देता है, इसीलिए हम चन्द्रमा के उस भाग को देख पाते हैं जिस भाग से सूर्य का परावर्तित प्रकाश हम तक पहुँचता है। बाल चन्द्र के पश्चात् पृथ्वी से देखने पर प्रतिदिन चन्द्रमा के प्रदीप्त भाग में वृद्धि होती जाती है। पूर्णिमा के पश्चात् पृथ्वी से देखने पर चन्द्रमा का सूर्य द्वारा प्रदीप्त भाग प्रतिदिन आकार में घटता जाता है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 218

प्रश्न 1.
क्या अब आप पूर्णिमा तथा अमावस्या के दिन सूर्य, चन्द्रमा तथा पृथ्वी की सापेक्ष स्थितियों का अनुमान लगा सकते हैं? उनकी स्थितियों को अपनी नोटबुक में आरेखित कीजिए।
उत्तर:
पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच में होता है तथा तीनों एक ही सीध में होते हैं। अमावस्या के दिन पृथ्वी, सूर्य और चन्द्रमा के बीच स्थित होती है तथा तीनों एक ही सीध में होते हैं।
MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 17 तारे एवं सौर परिवार 1

प्रश्न 2.
पूर्ण चन्द्रमा देखने के लिए आप आकाश के किस भाग में देखेंगे?
उत्तर:
पूर्ण चन्द्रमा देखने के लिए हम पूर्व भाग में देखेंगे।

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प्रश्न 3.
मैंने सुना है कि हम पृथ्वी से चन्द्रमा के पीछे की ओर के भाग को कभी नहीं देखते। क्या यह सही है?
उत्तर:
हाँ, यह सही है।

क्रियाकलाप 17.3

प्रश्न 1.
क्या आपका मित्र आपकी पीठ देख सकता है?
उत्तर:
नहीं, मेरा मित्र मेरी पीठ नहीं देख सकता है।

प्रश्न 2.
एक परिक्रमा करने में आपने कितने घूर्णन पूरे किए?
उत्तर:
एक परिक्रमा करने में मैंने एक घूर्णन पूरा किया।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 219

चन्द्रमा का पृष्ठ

प्रश्न 1.
क्या चन्द्रमा पर किसी प्रकार की जीवन की सम्भावना हो सकती है?
उत्तर:
नहीं, चन्द्रमा पर किसी प्रकार के जीवन की सम्भावना नहीं हो सकती है क्योंकि चन्द्रमा पर न तो वायुमण्डल है और न ही जल।

प्रश्न 2.
क्या हम चन्द्रमा पर कोई ध्वनि सुन सकते हैं?
उत्तर:
नहीं, हम चन्द्रमा पर ध्वनि नहीं सुन सकते हैं क्योंकि चन्द्रमा पर ध्वनि के गमन करने के लिए कोई माध्यम नहीं है।

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प्रश्न 3.
अध्याय 13 में हमने सीखा था कि जब कोई माध्यम नहीं होता तो ध्वनि गमन नहीं कर सकती। तब फिर हम चन्द्रमा पर किसी ध्वनि को कैसे सुन सकते हैं?
उत्तर:
ईयर फोन की सहायता से हम चन्द्रमा पर ध्वनि सुन सकते हैं।

तारे

प्रश्न 1.
रात्रि के आकाश में आप अन्य कौन-सी वस्तुएँ देख सकते हैं?
उत्तर:
रात्रि के आकाश में हम असंख्य तारों के साथ ग्रह, चन्द्रमा तथा अन्य खगोलीय पिण्ड देख सकते हैं।

प्रश्न 2.
क्या सभी तारे समान रूप से चमकीले हैं?
उत्तर:
नहीं, सभी तारे समान रूप से चमकीले नहीं हैं। कुछ तारे अधिक चमकीले हैं तथा अन्य बहुत कम चमकीले हैं।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 220

प्रश्न 1.
क्या सभी तारों का रंग एक जैसा है?
उत्तर:
सभी तारे श्वेत प्रकाश उत्सर्जित करते हैं, अतः वे चमकीले दिखाई पड़ते हैं। इसीलिए सभी तारों का रंग एक जैसा प्रतीत होता है।

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प्रश्न 2.
अन्य तारों की तुलना में सूर्य इतना अधिक बड़ा क्यों दिखाई देता है?
उत्तर:
सूर्य भी एक तारा है परन्तु बाकी तारे सूर्य की तुलना में लाखों गुना अधिक दूर हैं। पृथ्वी से सूर्य सबसे नजदीक तारा है। यही कारण है कि अन्य तारों की तुलना में इतना अधिक बड़ा दिखाई देता है।

प्रश्न 3.
आपके पास रखी फुटबॉल अथवा 100 m दूरी पर रखी फुटबॉल में से कौन बड़ी प्रतीत होती है?
उत्तर:
हमारे पास रखी फुटबॉल बड़ी प्रतीत होती है।

प्रश्न 4.
ऐल्फा सेण्टॉरी की पृथ्वी से दूरी लगभग, 40,000,000,000,000 km है। क्या आप इस दूरी को आसानी से पढ़ सकते हैं?
उत्तर:
नहीं, इसे आसानी से नहीं पढ़ा जा सकता है। इसे हम प्रकाश वर्ष में पढ़ेंगे।

प्रश्न 5.
यदि तारों का प्रकाश हमारे पास तक पहुँचने में वर्षों का समय लेता है तो तारों को देखते समय क्या हम अपने अतीत को देख रहे होते हैं?
उत्तर:
हाँ, तारों को देखते समय हम अपने अतीत को देख रहे होते हैं।

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प्रश्न 6.
मैं यह जानना चाहता हूँ कि हम दिन के समय तारों को क्यों नहीं देख पाते। वे हमें रात में ही क्यों दिखाई देते हैं?
उत्तर:
वास्तव में दिन के समय भी आकाश में तारे होते हैं तथापि, उस समय सूर्य के तीव्र प्रकाश के कारण वे हमें दिखाई नहीं देते। रात को सूर्य के प्रकाश के न होने के कारण वे हमें रात में आसानी से दिखाई देते हैं।

प्रश्न 7.
आपको क्या पता चलता है? क्या आप आकाश में तारों की स्थितियों में कोई परिवर्तन होता हुआ पाते हैं?
उत्तर:
हाँ, हम आकाश में तारों की स्थितियों में परिवर्तन होता हुआ पाते हैं। हम देखते हैं कि तारे पूर्व से पश्चिम की ओर गति करते हुए प्रतीत होते हैं। कोई तारा जो सूर्यास्त होते ही पूर्व में उदय होता है। सामान्यतः सूर्योदय से पहले ही पश्चिम में अस्त हो जाता है।

प्रश्न 8.
तारे पूर्व से पश्चिम की ओर गति करते क्यों प्रतीत होते हैं?
उत्तर:
तारे पूर्व से पश्चिम की ओर गति करते इसलिए प्रतीत होते हैं क्योंकि पृथ्वी जिससे कि हम उन्हें देखते हैं, पृथ्वी अपनी अक्ष पर पश्चिम से पूर्व की ओर घूमती है।

प्रश्न 9.
यदि हमें तारे पूर्व से पश्चिम की ओर गमन करते प्रतीत होते हैं तो क्या इसका अर्थ है कि पृथ्वी पश्चिम से पूर्व दिशा में घूर्णन करती है?
उत्तर:
हाँ, इसका अर्थ यही है कि पृथ्वी पश्चिम से पूर्व दिशा में घूर्णन करती है।

क्रियाकलाप 17.4

प्रश्न 1.

कमरे में रखी वस्तुएँ किस दिशा में गति करती प्रतीत होती हैं?
उत्तर:
कमरे में रखी वस्तुएँ विपरीत दिशा में गति करती प्रतीत होती हैं।

प्रश्न 2.
क्या आप इन वस्तुओं को अपनी गति के विपरीत दिशा में गतिमान पाते हैं?
उत्तर:
हाँ, हम इन्हें अपनी गति के विपरीत दिशा में गतिमान पाते हैं।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 221

प्रश्न 1.
मेरे दादाजी ने मुझे बताया था कि आकाश में एक ऐसा तारा है जो एक ही स्थान पर स्थिर दिखाई देता है। यह कैसे सम्भव होता है?
उत्तर:
यदि कोई तारा जो पृथ्वी के अक्ष की दिशा में स्थित होता है। वह गति करता प्रतीत नहीं होता है।

क्रियाकलाप 17.5

प्रश्न 1.
क्या कोई ऐसा तारा है जो गति करता प्रतीत नहीं होता? यह तारा कहाँ स्थित है?
उत्तर:
हाँ, वह तारा जो छाते की केन्द्रीय छड़ की स्थिति पर है, वह तारा गति करता प्रतीत नहीं होता है।

प्रश्न 2.
यदि कोई तारा वहाँ स्थित होता जहाँ आकाश में पृथ्वी का अक्ष मिलता है, तो क्या वह तारा भी स्थिर होता?
उत्तर:
हाँ, यदि कोई तारा वहाँ स्थित होता जहाँ आकाश में पृथ्वी का अक्ष मिलता है, तो वह तारा भी स्थिर होता।

तारामण्डल

प्रश्न 1.
क्या कुछ तारे चित्र 17.2 (पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या 221) में दर्शाए अनुसार आकृतियों के समूह बनाए हुए हैं?
उत्तर:
हाँ, कुछ तारे चित्रानुसार विशेष आकृतियों के समूह बनाए हुए हैं।
MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 17 तारे एवं सौर परिवार 2
पहचाने जाने योग्य आकृतियों वाले तारों के समूह को तारामण्डल कहते हैं।

क्रियाकलाप 17.6

प्रश्न 1.
कुछ घंटों तक तारामण्डल का प्रेक्षण कीजिए। क्या आप इसकी आकृति में कोई परिवर्तन देखते हैं? क्या आप इसकी स्थिति में कोई परिवर्तन देखते हैं?
उत्तर:
नहीं, हम तारामण्डल की आकृति में कोई परिवर्तन नहीं देखते। इसकी आकृति समान रहती है। हाँ इसकी स्थिति में परिवर्तन होता है। यह तारामण्डल पूर्व से पश्चिम की ओर गति करता प्रतीत होता है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 222

प्रश्न 1.
मैंने सुना है कि हम सप्तर्षि की सहायता से ध्रुव तारे का स्थान निश्चित कर सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, हम सप्तर्षि की सहायता से ध्रुव तारे का स्थान निश्चित कर सकते हैं। सप्तर्षि के सिरों के दो तारों के बीच की दूरी से लगभग पाँच गुना दूरी पर उत्तर की ओर ध्रुव तारा स्थित है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 223

क्रियाकलाप 17.8

प्रश्न 1.
क्या सप्तर्षि पूर्व से पश्चिम की ओर गमन करता है?
उत्तर:
हाँ, यह पूर्व से पश्चिम की ओर गमन करता है।

प्रश्न 2.
क्या यह ध्रुव तारे की परिक्रमा करता दिखाई देता है?
उत्तर:
हाँ, यह ध्रुव तारे की परिक्रमा करता दिखाई देता है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 224

सौर परिवार

प्रश्न 1.
मैंने तो यह पढ़ा था कि और सौर परिवार में नौ ग्रह हैं।
उत्तर:
नहीं, अब सौर परिवार में आठ ग्रह हैं। अब प्लूटो सौर परिवार का ग्रह नहीं है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 225

प्रश्न 1.
क्या आप तारों तथा ग्रहों में भेद कर सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, तारों तथा ग्रहों में भेद:
MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 17 तारे एवं सौर परिवार 3

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 226

प्रश्न 1.
मैं यह जानना चाहता हूँ कि सूर्य की परिक्रमा करते समय ग्रहों की टक्कर क्यों नहीं होती?
उत्तर:
सूर्य की परिक्रमा करते समय ग्रहों की टक्कर इसलिए नहीं होती क्योंकि ग्रह की कक्षाएँ निश्चित होती हैं जिनमें वे सूर्य की परिक्रमा करते हैं।

प्रश्न 2.
पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है। क्या इस कारण से पृथ्वी सूर्य का उपग्रह है?
उत्तर:
पृथ्वी को सूर्य का उपग्रह कह सकते हैं। सामान्यतः हम इसे सूर्य का ग्रह कहते हैं। ग्रहों की परिक्रमा करने वाले पिण्डों को उपग्रह कहते हैं; जैसे-चन्द्रमा पृथ्वी का उपग्रह है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 227

प्रश्न 1.
तब क्या इसका यह अर्थ हुआ कि शुक्र पर सूर्योदय पश्चिम में तथा सूर्यास्त पूर्व में होता होगा?
उत्तर:
नहीं, ऐसा नहीं होता। क्योंकि शुक्र ग्रह है और ग्रह सूर्य की परिक्रमा करते हैं।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 228

प्रश्न 1.
यदि मेरी आयु 13 वर्ष है तो मैंने सूर्य की कितनी परिक्रमा कर ली हैं?
उत्तर:
मैंने सूर्य की 13 परिक्रमाएँ कर ली हैं।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 229

प्रश्न 1.
बूझो को एक नटखट विचार आया। “यदि हम यह कल्पना करें कि शनि किसी विशाल जलकुण्ड में है तो वह उसमें तैरेगा।”
MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 17 तारे एवं सौर परिवार 4
उत्तर:
हाँ, वह उस जलकुण्ड में तैरेगा क्योंकि वह जल से कम सघन है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 231

धूमकेतु

प्रश्न 1.
क्या आप बता सकते हैं कि अगली बार हैलेका धूमकेतु कब दिखाई देगा?
उत्तर:
हाँ, बता सकते हैं, अगली बार हैलेका धूमकेतु सन् 2062 में दिखाई देगा।

MP Board Class 8th Science Chapter 17 पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1-3 में सही उत्तर का चयन कीजिए

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से कौन सौर परिवार का सदस्य नहीं है?

  1. छुद्रग्रह।
  2. उपग्रह।
  3. तारामण्डल।
  4. धूमकेतु।

उत्तर:
तारामण्डल।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से कौन सूर्य का ग्रह नहीं है?

  1. सीरियस।
  2. बुध।
  3. शनि।
  4. पृथ्वी।

उत्तर:
सीरियस।

प्रश्न 3.
चन्द्रमा की कलाओं के घटने का कारण यह है कि –

  1. हम चन्द्रमा का केवल वह भाग ही देख सकते हैं जो हमारी ओर प्रकाश को परावर्तित करता है।
  2. हमारी चन्द्रमा से दूरी परिवर्तित होती रहती है।
  3. पृथ्वी की छाया चन्द्रमा के पृष्ठ के केवल कुछ भाग को ही ढकती है।
  4. चन्द्रमा के वायुमण्डल की मोटाई नियत नहीं है।

उत्तर:
हम चन्द्रमा का केवल वह भाग ही देख सकते हैं जो हमारी ओर प्रकाश को परावर्तित करता है।

प्रश्न 4.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –

  1. सूर्य से सबसे अधिक दूरी वाला ग्रह …….. है।
  2. वर्ण के रक्ताभ प्रतीत होने वाला ग्रह …….. है।
  3. तारों के ऐसे समूह को जो कोई पैटर्न बनाता है …….. कहते हैं।
  4. ग्रह की परिक्रमा करने वाले खगोलीय पिण्ड को ……… कहते हैं।
  5. शूटिंग स्टार वास्तव में …….. नहीं है।
  6. क्षुद्रग्रह …….. तथा …….. कक्षाओं के बीच पाये जाते हैं।

उत्तर:

  1. नेप्ट्यून।
  2. मंगल।
  3. तारामण्डल।
  4. उपग्रह।
  5. तारा।
  6. मंगल, बृहस्पति।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित कथनों पर सत्य (T) अथवा असत्य (F) अंकित कीजिए –

  1. ध्रुव तारा सौर परिवार का सदस्य है।
  2. बुध सौर परिवार का सबसे छोटा ग्रह है।
  3. यूरेनस सौर परिवार का दूरतम ग्रह है।
  4. INSAT एक कृत्रित उपग्रह है।
  5. हमारे सौर परिवार में नौ ग्रह हैं।
  6. ‘ओरॉयन’ तारामण्डल केवल दूरदर्शक द्वारा देखा जा सकता है।

उत्तर:

  1. असत्य।
  2. सत्य।
  3. असत्य।
  4. सत्य।
  5. असत्य।
  6. असत्य।

प्रश्न 6.
स्तम्भ I के शब्दों का स्तम्भ II के एक या अधिक पिण्ड या पिण्डों के समूह से उपयुक्त मिलान कीजिए –
MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 17 तारे एवं सौर परिवार 5
उत्तर:
(क) → (e) पृथ्वी, (g) मंगल।
(ख) → (a) शनि।
(ग) → (c) सप्तर्षि, (f) ओरॉयन।
(घ) → (d) चन्द्रमा।

प्रश्न 7.
यदि शुक्र सांध्य तारे के रूप में दिखाई दे रहा है, तो आप इसे आकाश के किस भाग में पाएँगे?
उत्तर:
हम इसे पश्चिम भाग में पाएँगे।

प्रश्न 8.
सौर परिवार के सबसे बड़े ग्रह का नाम लिखिए।
उत्तर:
सौर परिवार का सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति है।

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प्रश्न 9.
तारामण्डल क्या होता है? किन्हीं दो तारामण्डलों के नाम लिखिए।
उत्तर:
पहचाने जानने योग्य आकृतियों वाले तारों के समूह को तारामण्डल कहते हैं।
उदाहरण:
सप्तर्षि तारामण्डल, ओरॉयन आदि।

प्रश्न 10.
(i) सप्तर्षि तथा (ii) ओरॉयन तारामण्डल के प्रमुख तारों की आपेक्षिक स्थितियाँ दर्शाने के लिए आरेख खींचिए।
उत्तर:
MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 17 तारे एवं सौर परिवार 6

प्रश्न 11.
ग्रहों के अतिरिक्त सौर परिवार के अन्य दो सदस्यों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  1. उल्का।
  2. धूमकेतु।

प्रश्न 12.
व्याख्या कीजिए कि सप्तर्षि की सहायता से ध्रुव तारे की स्थिति आप कैसे ज्ञात करेंगे?
उत्तर:
सप्तर्षि के दो तारों से गुजरने वाली सरल रेखा को उत्तर दिशा में बढ़ाने पर यह एक ऐसे तारे तक पहुँचती है जो अधिक चमकीला है। यह तारा ही ध्रुव तारा है।
MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 17 तारे एवं सौर परिवार 7

प्रश्न 13.
क्या आकाश में सभी तारे गति करते हैं? व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
नहीं, आकाश में तारे गति नहीं करते हैं। परन्तु वे पूर्व से पश्चिम की ओर गति करते हुए प्रतीत होते हैं। क्योंकि पृथ्वी पश्चिम से पूर्व की ओर अपनी अक्ष पर गति करती है।

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प्रश्न 14.
तारों के बीच की दूरी को प्रकाश वर्ष में क्यों व्यक्त करते हैं? इस कथन से क्या तात्पर्य है कि कोई तारा पृथ्वी से आठ प्रकाश वर्ष दूर है?
उत्तर:
तारों की दूरी बहुत अधिक है। इन दूरियों को किलोमीटर में व्यक्त नहीं कर सकते। इतनी अधिक दूरियों को लम्बाई के अन्य मात्रक प्रकाश वर्ष में व्यक्त करते हैं। यह प्रकाश द्वारा एक वर्ष में चली गई दूरी है। तारा पृथ्वी से आठ प्रकाश वर्ष दूर है। इसका अर्थ है कि यह दूरी 8 वर्ष में प्रकाश द्वारा चली गई दूरी है।

प्रश्न 15.
बृहस्पति की त्रिज्या पृथ्वी की त्रिज्या की 11 गुनी है। बृहस्पति तथा पृथ्वी के आयतनों का अनुपात परिकलित कीजिए। बृहस्पति में कितनी पृथ्वियाँ समा सकती हैं?
हल:
MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 17 तारे एवं सौर परिवार 8

प्रश्न 16.
बूझो ने सौर परिवार का निम्नलिखित आरेख खींचा। क्या यह आरेख सही है? यदि नहीं तो इसे संशोधित कीजिए।
MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 17 तारे एवं सौर परिवार 9
उत्तर:
यह आरेख सही नहीं है। सही आरेख के लिए यूरेनस ओर नेप्ट्यून की स्थिति आपस में बदलनी चाहिए। मंगल और शुक्र की स्थिति आपस में बदलनी चाहिए।
MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 17 तारे एवं सौर परिवार 10

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MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 16 प्रकाश

MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 16 प्रकाश

MP Board Class 8th Science Chapter 16 पाठ के अन्तर्गत के प्रश्नोत्तर

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 199

प्रश्न 1.
क्या आप जानते हैं कि ये सब देखना कैसे सम्भव हो पाता है?
उत्तर:
हाँ, जब किसी वस्तु से प्रकाश हमारी आँख में प्रवेश करता है, तो हम वस्तु को देख पाते हैं।

वस्तुओं को दृश्य कौन बनाता है?

प्रश्न 1.
क्या कभी आपने सोचा है कि हम विभिन्न वस्तुओं को कैसे देख पाते हैं?
उत्तर:
हाँ, हम विभिन्न वस्तुओं को प्रकाश की सहायता से अपने नेत्रों से देखते हैं।

प्रश्न 2.
क्या आप अँधेरे में किसी वस्तु को देख पाते हैं?
उत्तर:
नहीं, किसी वस्तु को देखने के लिए प्रकाश का होना आवश्यक है। जब किसी वस्तु से आने वाला प्रकाश हमारे नेत्रों में प्रवेश करता है, तभी हम वस्तु को देख पाते हैं।

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प्रश्न 3.
क्या आप बता सकते हैं कि किसी पृष्ठ पर पड़ने वाला प्रकाश किस दिशा में परावर्तित होगा?
उत्तर:
जब किसी सतह पर प्रकाश की किरण पड़ती है, तो वह अन्य दूसरी दिशा में परावर्तित हो जाती है।

परावर्तन के नियम

क्रियाकलाप 16.1

प्रश्न 1.
आप क्या देखते हैं?
उत्तर:
हम देखते हैं कि प्रकाश की किरण दर्पण से टकराने के बाद दूसरी दिशा में परावर्तित हो जाती है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 200

प्रश्न 1.
प्रेक्षणों को सारणी में लिखिए।
उत्तर:
सारणी – आपतन कोण तथा परावर्तन कोण क्रम संख्या आपतन कोण परावर्तन कोण
MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 16 प्रकाश 1

प्रश्न 2.
क्या आप आपतन कोण तथा परावर्तन कोणके बीच कोई सम्बन्ध पाते हैं? क्या ये दोनों लगभग बराबर हैं?
उत्तर:
हाँ, आपतन कोण सदैव परावर्तन कोण के बराबर होता है। हाँ, ये दोनों लगभग बराबर हैं।

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प्रश्न 3.
यदि दर्पण पर प्रकाश अभिलम्ब के अनुदिश डालें तो क्या होगा?
उत्तर:
प्रकाश अभिलम्ब के अनुदिश ही परावर्तित होगा।

क्रियाकलाप 16.2

प्रश्न 1.
क्या आप अब भी परावर्तित किरण देख पाते हैं?
उत्तर:
नहीं, अब हम परावर्तित किरण नहीं देख पाते हैं।

प्रश्न 2.
क्या आप फिर से परावर्तित किरण को देख पाते हैं? इससे आप क्या निष्कर्ष निकालते हैं?
उत्तर:
हाँ, हम फिर से परावर्तित किरण देख पाते हैं। इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि आपतित किरण, परावर्तित किरण तथा आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब ये सभी एक तल में होते हैं।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 201

प्रश्न 1.
पहेली ने उससे उन लक्षणों का स्मरण करने के लिए पूछा क्या प्रतिबिम्ब सीधा या अथवा उल्टा?
उत्तर:
प्रतिबिम्ब सीधा था।

प्रश्न 2.
क्या प्रतिबिम्ब का साइज वस्तु के साइज के बराबर था?
उत्तर:
हाँ, प्रतिबिम्ब का साइज वस्तु के बराबर था।

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प्रश्न 3.
क्या प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे उतनी ही दूरी पर दिखाई दिया था। जितनी दूरी पर वस्तु दर्पण के सामने रखी थी?
उत्तर:
हाँ, प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे उतनी ही दूरी पर दिखाई दिया था जितनी दूरी पर वस्तु दर्पण के सामने रखी थी।

प्रश्न 4.
क्या प्रतिबिम्ब पर्दे पर प्राप्त किया जा सकता था?
उत्तर:
नहीं, इसे पर्दे पर प्राप्त नहीं किया जा सकता है क्योंकि यह आभासी प्रतिबिम्ब है।

क्रियाकलाप 16.3

प्रश्न 1.
क्या आप परावर्तित किरणों की दिशा ज्ञात कर सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, हम परावर्तित किरणों की दिशा ज्ञात कर सकते हैं।

प्रश्न 2.
इन्हें आगे की ओर बढ़ाइए। क्या ये मिलती हैं? अब इन्हें पीछे की ओर बढ़ाइए। क्या अब ये मिलती हैं?
उत्तर:
ये किरणें आगे की ओर बढ़ाने पर एक बिन्दु पर नहीं मिलती हैं। इन्हें पीछे की ओर बढ़ाने पर ये एक बिन्दु पर मिलती हैं।

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प्रश्न 3.
क्या परावर्तित किरणें E पर स्थित किसी दर्शक के नेत्र को बिन्दु I से आती हुई प्रतीत होंगी?
MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 16 प्रकाश 2
उत्तर:
हाँ, परावर्तित किरणें E पर स्थित किसी दर्शक के नेत्र को बिन्दु I से आती हुई प्रतीत होंगी।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 202

नियमित तथा विसरित परावर्तन

क्रियाकलाप 16.4

प्रश्न 1.
क्या ये परावर्तित किरणें एक-दूसरे के समान्तर हैं?
उत्तर:
नहीं, ये परावर्तित किरणें एक-दूसरे के समान्तर नहीं हैं।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 203

प्रश्न 1.
मेरे मन में एक प्रश्न है। यदि परावर्तित किरणें किसी अन्य दर्पण पर आपतित हों, तो क्या वे फिर परावर्तित हो सकती हैं?
उत्तर:
हाँ, यदि परावर्तित किरणें किसी अन्य दर्पण पर आपतित हों, तो वे फिर परावर्तित हो सकती हैं।

परावर्तित प्रकाश को पुनः परावर्तित किया जा सकता है?

प्रश्न 1.
क्या आप बता सकते हैं कि अपने सिर के पीछे के बालों को आप कैसे देख सकते हैं?
उत्तर:
हम अपने सिर के पीछे के बालों को अपने सिर के पीछे रखे दर्पण से होने वाले प्रकाश के परावर्तन द्वारा देख सकते हैं।

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प्रश्न 2.
क्या आप बता सकते हैं कि दो दर्पण परावर्तन द्वारा आप उन वस्तुओं को देखने योग्य कैसे बना पाते हैं जिन्हें आप सीधे नहीं देख पाते?
उत्तर:
हाँ, इस प्रक्रिया में एक दर्पण से परावर्तित होने वाली प्रकाश किरण पुनः दूसरे दर्पण से परावर्तित होती है। परिदर्शी द्वारा वस्तुओं को देखने में इसी घटना का उपयोग किया जाता है।

बहु प्रतिबिम्ब

प्रश्न 1.
यदि दो समतल दर्पणों को संयोजन में उपयोग करें तो क्या होगा?
उत्तर:
यदि दो समतल दर्पणों को एक-दूसरे से किसी कोण में रखें तो उनसे अनेक प्रतिबिम्ब प्राप्त होते हैं।

क्रियाकलाप 16.5

प्रश्न 1.
आपको इस सिक्के के कितने प्रतिबिम्ब दिखाई देते हैं?
उत्तर:
सिक्के के चार प्रतिबिम्ब दिखाई देते हैं।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 204

प्रश्न 1.
क्या अब आप यह स्पष्ट कर सकते हैं कि केश प्रसाधक की दुकान पर आप अपने सिर के पीछे के भाग को कैसे देख पाते हैं?
उत्तर:
हाँ, हम अपने सिर के पीछे के भाग को सिर के पीछे रखे दर्पण से प्रकाश के रासन द्वारा देख पाते हैं।

बहुमूर्तिदर्शी

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 205

क्रियाकलाप 16.7

प्रश्न 1.
आप इसकी व्याख्या किस प्रकार करेंगे?
उत्तर:
दर्पण एवं जल संयुक्त रूप से एक प्रिज्म बनाते हैं, यह प्रकाश को उसके सात घटकों में विभक्त कर देता है। प्रकाश का इस प्रकार अपने घटकों में विभाजन होना प्रकाश का विक्षेपण कहलाता है।

क्रियाकलाप 16.8

प्रश्न 1.
क्या आप पुतली के साइज में कोई अन्तर देख पाते हैं? किस स्थिति में पुतली बड़ी थी? क्या आप बता सकते हैं कि ऐसा क्यों होता है?
उत्तर:
हाँ, जब टॉर्च से आँख पर प्रकाश डाला जाता है तो पुतली का साइज छोटा हो जाता है जिससे कि रेटिना पर प्रकाश की मात्रा कम पड़े। जब पुतली पर प्रकाश नहीं पड़ता है, तब इसका साइज कुछ बड़ा होता है, जिससे कि रेटिना पर अधिक प्रकाश जा सके। ऐसा इसलिए होता है कि आँखों में प्रवेश करने वाले प्रकाश को नियन्त्रित किया जा सके।

प्रश्न 2.
किस स्थिति में आपको आँख में अधिक प्रकाश भेजने की आवश्यकता है, मन्द प्रकाश में या तीव्र प्रकाश में?
उत्तर:
जब प्रकाश मन्द होता है, तब आँख में अधिक प्रकाश भेजने की आवश्यकता होती है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ परख्या # 206

प्रश्न 1.
किस प्रकार का लेंस केन्द्र पर मोटा होता है?
उत्तर:
उत्तल लेंस केन्द्र पर मोटा होता है।

क्रियाकलाप 16.9

प्रश्न 1.
आप क्या देखते हैं? क्या गोल चिह्न शीट के किसी दूरी तक आने पर अदृश्य हो जाता है?
उत्तर:
शीट को धीरे-धीरे अपनी ओर लाने पर गोल चिह्न धुंधला होता जाता है। हाँ, एक निश्चित दूरी आने पर वह अदृश्य हो जाता है।

प्रश्न 2.
क्या इस बार क्रॉस अदृश्य हो जाता है?
उत्तर:
हाँ, क्रॉस इस बार भी अदृश्य हो जाता है। इसका कारण है कि रेटिना पर एक बिन्दु ऐसा है जो प्रकाश गिरने पर इसकी सूचना मस्तिष्क तक नहीं पहुँचाता।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 207

क्रियाकलाप 16.10

प्रश्न 1.
गत्ते के घूमते समय क्या आपको पक्षी पिंजरे के अन्दर दिखाई देता है?
उत्तर:
हाँ, गत्ते के घूमते समय हमको पक्षी दिखाई देता है।

MP Board Class 8th Science Chapter 16 पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
मान लीजिए आप अँधेरे कमरे में हैं। क्या आप कमरे में वस्तओं को देख सकते हैं? क्या आप कमरे के बाहर वस्तुओं को देख सकते हैं? व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
हम अँधेरे कमरे में वस्तुओं को नहीं देख सकते हैं। क्योंकि अँधेरे कमरे की वस्तुओं को हम उनके द्वारा प्रकाश के परावर्तन द्वारा ही देख सकते हैं जो प्रकाश न होने के कारण अँधेरे कमरे में नहीं होगा। कमरे के बाहर वस्तुओं को हम तभी देख सकते हैं जबकि वहाँ रखी हुई वस्तुओं से परावर्तित प्रकाश हमारी आँखों तक आ सके।

प्रश्न 2.
नियमित तथा विसरित परावर्तन में अन्तर बताइए। क्या विसरित परावर्तन का अर्थ है कि परावर्तन के नियम विफल हो गए हैं?
उत्तर:
नियमित परावर्तन:
दर्पण जैसे चिकने पृष्ठ से होने वाले परावर्तन को नियमित परावर्तन कहते हैं। इस प्रकार के परावर्तन में सभी समान्तर किरणें किसी समतल पृष्ठ से परावर्तित होने के पश्चात् समान्तर हो जाती है।

विसरित परावर्तन:
विसरित परावर्तन खुरदरे पृष्ठ से होता है। इस प्रकार के परावर्तन में सभी समान्तर किरणें किसी समतल पृष्ठ से परावर्तित होने के पश्चात् समान्तर नहीं होती। नहीं, विसरित परावर्तन का अर्थ यह नही है कि परावर्तन के नियम विफल हो गए। विसरित परावर्तन में भी परावर्तन के नियमों का सफलतापूर्वक पालन होता है।

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प्रश्न 3.
निम्न में से प्रत्येक के स्थान के सामने लिखिए, यदि प्रकाश की एक समान्तर किरण-पुंज इनसे टकराए तो नियमित परावर्तन होगा या विसरित परावर्तन होगा। प्रत्येक स्थिति में अपने उत्तर का औचित्य बताइए।

  1. पॉलिश युक्त लकड़ी की मेज।
  2. चॉक पाउडर।
  3. गत्ते का पृष्ठ।
  4. संगमरमर के फर्श पर फैला जल।
  5. दर्पण।
  6. कागज का टुकड़ा।

उत्तर:

  1. पॉलिश युक्त लकड़ी की मेज – नियमित परावर्तन क्योंकि मेज की सतह पॉलिश युक्त है।
  2. चॉक का पाउडर – विसरित परावर्तन क्योंकि इसकी सतह खुरदरी है।
  3. गत्ते का टुकड़ा – विसरित परावर्तन क्योंकि इसकी सतह खुरदरी है।
  4. संगमरमर के फर्श पर फैला जल – विसरित परावर्तन क्योंकि यह संगमरमर और जल के संयुक्त होने से प्रिज्म बनेगा।
  5. दर्पण – नियमित परावर्तन – क्योंकि दर्पण की सतह चमकदार तथा पॉलिश युक्त है।
  6. कागज का टुकड़ा – विसरित परावर्तन क्योंकि कागज की सतह खुरदरी होती है।

प्रश्न 4.
परावर्तन के नियम बताइए।
उत्तर:
परावर्तन के दो नियम हैं –

  1. आपतन कोण सदैव परावर्तन कोण के बराबर होता है।
  2. आपतित किरण, परावर्तित किरण तथा आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब तीनों एक ही तल में होते हैं।

प्रश्न 5.
यह दर्शाने के लिए कि आपतित किरण, परावर्तित किरण तथा आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब एक ही तल में होते हैं, एक क्रियाकलाप का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
प्रयुक्त सामग्री – सफेद कागज की शीट, समतल दर्पण, पैमाना, पेंसिल, ड्राइंग बोर्ड, ड्राइंग पिन, आलपिन, दर्पण स्टैण्ड।

विधि:

  1. सफेद कागज की शीट को ड्राइंग पिनों की सहायता से ड्राइंग बोर्ड पर लगाते हैं।
    MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 16 प्रकाश 3
  2. इस शीट पर एक सीधी रेखा खींचकर उस पर दर्पण स्टैण्ड की सहायता से समतल दर्पण खड़ा करते हैं।
  3. दर्पण के लिए खींची गई रेखा पर मध्य में एक अभिलम्ब खींचते हैं।
  4. अभिलम्ब के साथ कोई न्यून कोण बनाती हुई रेखा खींचते हैं। इस पर दो आलपिन आपस में थोड़ी दूरी पर लगाते है।
  5. इन दोनों पिनों का प्रतिबिम्ब दर्पण में देखते हुए दो आलपिनें इस प्रकार लगाते हैं कि चारों पिनों के आधार एक सीध में रहें।
  6. शीट पर परावर्तित किरण खींचते हैं।
  7. शीट पर आपतन कोण और परावर्तन कोण खींचते हैं।
  8. अब शीट को बोर्ड से उठाकर परावर्तित किरण की ओर मोड़ते हैं।
  9. शीट को खोलकर देखने पर ज्ञात होता है कि आपतित किरण AO, परावर्तित किरण BO तथा अभिलम्ब ON, आपतन बिन्दु O पर मिलते हैं।

अतः स्पष्ट है कि आपतित किरण, परावर्तित किरण तथा आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब तीनों एक ही तल में होते हैं।

प्रश्न 6.
नीचे दिए गए रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –

  1. एक समतल दर्पण के सामने 1 m दूर खड़ा एक व्यक्ति अपने प्रतिबिम्ब से ………….. m दूर दिखाई देगा।
  2. यदि किसी समतल दर्पण के सामने खड़े होकर आप अपने दाएँ हाथ अपने ………….. कान को छुएँ तो दर्पण में ऐसा लगेगा कि आपका दायाँ कान …….. हाथ से छुआ गया है।
  3. जब आप मन्द प्रकाश में देखते हैं तो आपकी पुतली का साइज ………….. हो जाता है।
  4. रात्रि पक्षियों के नेत्रों में शलाकाओं की संख्या की अपेक्षा शंकुओं की संख्या ………….. होती है।

उत्तर:

  1. 2
  2. बाएँ, बाएँ।
  3. बड़ा।
  4. अधिक।

प्रश्न 7 तथा 8 में सही विकल्प छाँटिए –

प्रश्न 7.
आपतन कोण परावर्तन कोण के बराबर होता है –

  1. सदैव।
  2. कभी-कभी।
  3. विशेष दशाओं में।
  4. कभी नहीं।

उत्तर:
सदैव।

प्रश्न 8.
समतल दर्पण द्वारा बनाया गया प्रतिबिम्ब होता है –

  1. आभासी, दर्पण के पीछे तथा आवर्धित।
  2. आभासी, दर्पण के पीछे तथा बिम्ब के साइज के बराबर।
  3. वास्तविक, दर्पण के पृष्ठ पर तथा आवर्धित।
  4. वास्तविक, दर्पण की पीछे तथा बिम्ब के साइज के बराबर।

उत्तर:
आभासी, दर्पण के पीछे तथा बिम्ब के साइज के बराबर।

प्रश्न 9.
कैलाइडोस्कोप की रचना का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
कैलाइडोस्कोप गत्ते या मोटे चार्ट पेपर शीट की बनी एक बेलनाकार ट्यूब होती है। इस ट्यूब में दर्पण की तीन
आयताकार पट्टियाँ प्रिज्म की आकृति में जोड़कर दृढ़ता से ट्यूब में लगा देते हैं। ध्यान रहे कि ट्यूब दर्पण की पट्टियों से थोड़ी लम्बी हो। ट्यूब के एक सिरे को एक ऐसी डिस्क से बन्द कर देते हैं जिसमें अन्दर का दृश्य देखने के लिए एक छिद्र बना हो।

इस डिस्क को टिकाऊ बनाने के लिए इसके नीचे पारदर्शी प्लास्टिक की शीट चिपका देते हैं। ट्यूब के दूसरे सिरे पर समतल काँच की एक वृत्ताकार प्लेट दर्पणों को छूते हुए लगा देते हैं। इस प्लेट पर छोटे-छोटे रंगीन काँच के टुकड़े (रंगीन चूड़ियों के टुकड़े) रख देते हैं। ट्यूब के इस सिरे को घिसे हुए काँच की प्लेट से बन्द कर देते हैं। रंगीन टुकड़ों का हिलने-डुलने के लिए पर्याप्त जगह होनी चाहिए। इस प्रकार कैलाइडोस्कोप की रचना कर लेते हैं।
MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 16 प्रकाश 4

प्रश्न 10.
मानव नेत्र का नामांकित रेखाचित्र बनाइए।
उत्तर:
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प्रश्न 11.
गुरमीत लेजर टॉर्च के द्वारा क्रियाकलाप 16.8 को करना चाहता था। उसके अध्यापक ने ऐसा करने से मना किया। क्या आप अध्यापक की सलाह के आधार की व्याख्या कर सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, गुरमीत के अध्यापक ने लेजर टॉर्च का प्रयोग करने से इसलिए मना किया क्योंकि लेजर टॉर्च का प्रकाश रेटिना को हानि पहुँचा सकता है, जिससे उसमें स्थाई दृष्टि सम्बन्धी समस्या आ सकती है।

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प्रश्न 12.
वर्णन कीजिए कि आप अपने नेत्रों की देखभाल कैसे करेंगे?
उत्तर:
अपने नेत्रों की देखभाल हम निम्न प्रकार कर सकते हैं –

  1. नेत्रों से सम्बन्धित कोई समस्या होने पर हमें नेत्र विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।
  2. हमें नेत्रों की नियमित जाँच कराते रहना चाहिए।
  3. बहुत अधिक और बहुत कम प्रकाश नेत्रों के लिए हानिकारक है। हमें सूर्य या शक्तिशाली लैम्प के अत्यधिक तीव्र प्रकाश अथवा लेजर टॉर्च के प्रकाश से बचना चाहिए। लेजर टॉर्च का प्रकाश रेटिना को क्षति पहुँचा सकता है।
  4. हमें सूर्य अथवा शक्तिशाली प्रकाश स्रोत को कभी भी सीधा नहीं देखना चाहिए।
  5. हमें अपने नेत्रों को कभी नहीं रगड़ना चाहिए। नेत्रों में धूल का कण गिर जाने पर नेत्रों को स्वच्छ जल से धोना चाहिए। सुधार न होने पर डॉक्टरों से सलाह लेनी चाहिए।
  6. हमें पठन सामग्री अथवा पुस्तक को सदैव दृष्टि की सामान्य दूरी पर रखना चाहिए।

प्रश्न 13.
यदि परावर्तित किरण आपतित किरण से 90° का कोण बनाए तो आपतन कोण का मान कितना होगा?
उत्तर:
आपतन कोण का मान 45° होगा।

प्रश्न 14.
यदि दो समान्तर दर्पण एक-दूसरे से 40 cm के अन्तराल पर रखे हों तो इनके बीच रखी एक मोमबत्ती के कितने प्रतिबिम्ब बनेंगे?
उत्तर:
मोमबत्ती के अनगिनत प्रतिबिम्ब बनेंगे।

प्रश्न 15.
दो दर्पण एक-दूसरे के लम्बवत् रखे हैं। प्रकाश की एक किरण एक दर्पण पर 30° के कोण पर आपतित होती हैं जैसा कि चित्र 16.5 में दर्शाया गया है। दूसरे दर्पण से परावर्तित होने वाले परावर्तित किरण बनाइए।
उत्तर:
MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 16 प्रकाश 6

प्रश्न 16.
निम्नांकित चित्र में दर्शाए अनुसार बूझो एक समतल दर्पण के सामने पार्श्व से कुछ हटकर एक किनारे A पर खड़ा होता है। क्या वह स्वयं को दर्पण में देख सकता है? क्या वह P, Q, तथा R पर स्थित वस्तुओं के प्रतिबिम्ब भी देख सकता है?
MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 16 प्रकाश 7
उत्तर:
बूझो स्वयं को दर्पण में नहीं देख सकता। वह P तथा Q पर स्थित वस्तुओं के प्रतिबिम्ब देख सकता है। वह R पर स्थित वस्तु का प्रतिबिम्ब नहीं देख सकता है।

प्रश्न 17.

  1. A पर स्थित किसी वस्तु के समतल दर्पण से बनने वाले प्रतिबिम्ब की स्थिति ज्ञात कीजिए उपर चित्र को देख सकता है।
  2. क्या स्थिति B से पहली प्रतिबिम्ब को देख सकती है?
  3. क्या स्थिति C से बूझो इस प्रतिबिम्ब को देख सकता है?
  4. जब पहेली B से C पर चली जाती है तो A का प्रतिबिम्ब किस ओर खिसक जाता है?

उत्तर:

MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 16 प्रकाश 8

  1. A पर स्थित किसी वस्तु का प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे उतनी ही दूरी पर बनेगा जितनी दूरी पर वस्तु दर्पण के सामने रखी है।
  2. हाँ, स्थिति B से पहेली प्रतिबिम्ब देख सकती है।
  3. हाँ, स्थिति C से बूझो इस प्रतिबिम्ब को देख सकता है।
  4. A का प्रतिबिम्ब उसी स्थान पर रहेगा। प्रतिबिम्ब केवल उसी स्थिति में खिसकेगा जबकि वस्तु या दर्पण खिसके।

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MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 15 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ

MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 15 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ

MP Board Class 8th Science Chapter 15 पाठ के अन्तर्गत के प्रश्नोत्तर

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 184

प्रश्न 1.
मुझे आश्चर्य है कि उन्हें इस समानता को ज्ञात करने में इतने वर्ष क्यों लगे?
उत्तर:
इस समानता को ज्ञात करने में इतने वर्ष इसलिए लगे क्योंकि किसी वस्तु का परिणाम जानने के लिए वैज्ञानिक खोजें करते हैं। खोज करने के लिए उन्हें लम्बे समय तक कठिन परिश्रम करना पड़ता है तब उनके परिश्रम का परिणाम निकलता है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 185

रगड़ द्वारा आवेशन

क्रियाकलाप 15.2

प्रश्न 1.
सारणी में दी गई वस्तुएँ तथा पदार्थ एकत्र कीजिए। इनमें से प्रत्येक वस्तु को सारणी में दिए अनुसार पदार्थ के साथ रगड़कर आवेशित कीजिए। अपने अनुभवों को नोट कीजिए। आप इस सारणी में और अधिक वस्तुएँ जोड़ सकते है।
उत्तर:
MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 15 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ 1

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 186

क्रियाकलाप 15.3

प्रश्न 1.
आप क्या देखते हैं?
उत्तर:
गुब्बारे एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं।

प्रश्न 2.
क्या गिलास में रखे रिफिल पर कोई प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
हाँ, गिलास में रखे रिफिल पर प्रभाव पड़ता है।

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प्रश्न 3.
क्या ये दोनों रिफिल एक-दूसरे को आकर्षित अथवा प्रतिकर्षित करते हैं?
उत्तर:
हाँ, वे एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं।

प्रश्न 4.
यदि भिन्न पदार्थों से बनी दो आवेशित वस्तुओं को एक-दूसरे के निकट लाएँ तो क्या होगा?
उत्तर:
वे एक-दूसरे को आकर्षित करेंगी।

आवेशों के प्रकार तथा इनकी अन्योन्य क्रिया

प्रश्न 1.
क्या यह इंगित करता है कि गुब्बारे पर आवेश रिफिल के आवेश से भिन्न प्रकार का है?
उत्तर:
हाँ, यह इंगित करता है कि गुब्बारे पर आवेश रिफिल के आवेश से भिन्न प्रकार का है।

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प्रश्न 2.
क्या फिर हम यह कह सकते हैं कि आवेश दो प्रकार के होते हैं?
उत्तर:
हाँ, आवेश दो प्रकार के होते हैं। धन आवेश तथा ऋण आवेश।

प्रश्न 3.
क्या हम यह भी कह सकते हैं कि सजातीय आवेश एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं जबकि विजातीय आवेश एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं?
उत्तर:
हाँ, यह सत्य है कि सजातीय आवेश एक-दूसरे को प्रतिकर्षित तथा विजातीय आवेश एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 187

प्रश्न 1.
आपके विचार से प्लास्टिक स्ट्रॉ पर किस प्रकार का आवेश होना चाहिए?
उत्तर:
प्लास्टिक स्ट्रॉ पर ऋणात्मक आवेश होना चाहिए।

आवेश का स्थानान्तरण

क्रियाकलाप 15.4

प्रश्न 1.
प्रेक्षण कीजिए क्या होता है? क्या पन्नी की पट्टियों पर कोई प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
हाँ, पन्नी की पट्टियाँ फैल जाती हैं।

प्रश्न 2.
क्या वे एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करती हैं अथवा आकर्षित करती हैं?
उत्तर:
हाँ, वे एक-दसरे को प्रतिकर्षित करती हैं।

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प्रश्न 3.
क्या हर बार पन्नी की पट्टियाँ समान रूप से व्यवहार करती हैं?
उत्तर:
हाँ, वे हर बार समान रूप से व्यवहार करती हैं।

प्रश्न 4.
क्या इस उपकरण का उपयोग यह पहचान करने के लिए कर सकते हैं कि कोई वस्तु आवेशित है अथवा नहीं? व उत्तर:
हाँ, इस उपकरण का उपयोग हम यह पहचान करने के लिए कर सकते हैं कि कोई वस्तु आवेशित है या नहीं।

प्रश्न 5.
क्या आप यह स्पष्ट कर सकते हैं कि पन्नी की पट्टियाँ एक-दूसरे को क्यों प्रतिकर्षित करती हैं?
उत्तर:
पन्नी की पट्टियाँ आवेशित वस्तुओं से समान आवेश प्राप्त करती हैं। समान आवेश वाली पट्टियाँ एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करती हैं और वे फैल जाती हैं।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 189

तड़ित झंझा के समय क्या करें क्या न करें।

प्रश्न 1.
क्या आपको याद है कि तड़ित एक विद्युत् विसर्जन है?
उत्तर:
हाँ, याद है कि तड़ित एक विद्युत् विसर्जन है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 191

क्रियाकलाप 15.5

प्रश्न 1.
इन भूकम्पों द्वारा लोगों को हुई क्षति से सम्बन्धित संक्षिप्त रिपोर्ट बनाइए।
उत्तर:
पृथ्वी का अचानक काँपना अथवा थरथराना भूकम्प कहलाता है। यह एक प्राकृतिक आपदा है। भूकम्प के अन्तर्गत पृथ्वी अचानक थरथराने लगती है। इसका पहले से आभास नहीं होता है। भूकम्प के आने पर जनजीवन तथा सम्पत्ति की अपार क्षति होती है। इसके परिणामस्वरूप, भवन, सड़क, पुल, बाँध आदि नष्ट हो जाते हैं। जब भूकम्प काफी शक्तिशाली होते हैं तो जनजीवन और सम्पत्ति की बहुत अधिक हानि होती है। भूकम्प के आने से क्षेत्र सम्पूर्ण रूप से नष्ट हो जाते हैं। इसके आने से बाढ़, भूस्खलन, सुनामी आदि का खतरा बढ़ जाता है।

भूकम्प क्या होता है?

प्रश्न 1.
भूकम्प क्या होता है?
उत्तर:
पृथ्वी का अचानक काँपना अथवा थरथराना भूकम्प कहलाता है।

प्रश्न 2.
जब यह आता है तो क्या होता है?
उत्तर:
भूकम्प के आने से जनजीवन और सम्पत्ति की अपार हानि होती है। इसके आने से भवन, सड़क, पुल, बाँध आदि नष्ट हो जाते हैं। भूकम्प के आने से बाढ़, भूस्खलन तथा सुनामी आदि जैसी अन्य प्राकृतिक आपदाएँ आने की सम्भावना रहती है।

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प्रश्न 3.
इसके प्रभाव को कम करने के लिए हम क्या कर सकते हैं?
उत्तर:
भूकम्प के प्रभाव को कम करने के लिए निम्न उपाय कर सकते हैं –

  1. भवनों का निर्माण ऐसा हो कि वे बड़े भूकम्पों के झटकों को सहन कर सकें। भवनों के ढाँचे सरल हों ताकि वे ‘भूकम्प निरापाद’ हों।
  2. सभी भवनों विशेषकर ऊँची इमारतों में अग्निशमन के सभी उपकरण कार्यकारी स्थिति में होने चाहिए।
  3. भूकम्प प्रतिरोधी भवनों का निर्माण कराना चाहिए।
  4. दीवार घड़ी, फोटो फ्रेम, जल तापक आदि को दीवार पर लगाते समय सावधानी रखनी चाहिए ताकि वे भूकम्प आने पर लोगों के ऊपर न गिरें।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 192

क्रियाकलाप 15.6

प्रश्न 1.
अपने माता-पिता अथवा परिवार के अन्य बड़े-बूढ़ों अथवा पास-पड़ौस से भारत में सुनामी के कारण हुए नुकसान की जानकारी एकत्र कीजिए।
उत्तर:
प्राणघातक सुनामी लहरें हिन्द महासागर में 26 दिसम्बर, 2004 को आई थीं। इसमें लाखों लोगों की जीवनलीला समाप्त हो गई। इस आपदा से आर्थिक, जैविक तथा भावनात्मक असीमित हानि हुई। तमिलनाडु राज्य के दक्षिण-पूर्व समुद्री क्षेत्र तथा संघीय प्रदेश अण्डमान एवं निकाबार द्वीप समूह में हजारों मछुहारों तथा कई गाँवों से मानव सम्पदा समाप्त हो गई। तटीय क्षेत्र नष्ट हो गए। नागापट्टिनम शहर के कई मछुआरों के समुदाय समाप्त हो गए। वास्तव में ये इतनी ज्वारिक लहरें थीं जिसने हिंसक तांडवीय रूप धारण कर लिया था।

भूकम्प का क्या कारण है?

प्रश्न 1.
मेरी दादी ने मुझे बताया था कि पृथ्वी किसी सांड के एक सींग पर टिकी है तथा जब सांड़ उसे दूसरे सींग पर ले जाता है, तो भूकम्प आता है। यह कैसे सत्य हो सकता है?
उत्तर:
यह असत्य है। प्राचीन काल में लोग भूकम्प आने का सही कारण नहीं जानते थे। अतः उनकी धारणा मनगढन्त कथाओं द्वारा व्यक्त की जाती थी।

प्रश्न 2.
पृथ्वी के अन्दर भू-कंपन के क्या कारण हो सकते हैं?
उत्तर:
पृथ्वी के अन्दर की सबसे ऊपरी सतह भूपर्पटी में विक्षोभ के कारण भू-कंपन होते हैं।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 193

प्रश्न 1.
यदि वैज्ञानिक भूकम्प के बारे में इतना अधिक जानते हैं तो क्या वे आने वाले भूकम्प के समय तथा स्थान की भविष्यवाणी कर सकते हैं?
उत्तर:
यद्यपि वे भूकम्प के बारे में बहुत अधिक जानते हैं परन्तु अभी तक यह सम्भव नहीं हो सका है कि आने वाले भूकम्प के समय और स्थान की भविष्यवाणी कर सकें। ये अचानक आते हैं।

MP Board Class 8th Science Chapter 15 पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1 व 2 में सही विकल्प का चयन कीजिए –

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से किसे घर्षण द्वारा आसानी से आवेशित नहीं किया जा सकता?

  1. प्लास्टिक का पैमाना।
  2. ताँबे की छड़।
  3. फूला हुआ गुब्बारा।
  4. ऊनी वस्त्र।

उत्तर:
ताँबे की छड़।

प्रश्न 2.
जब काँच की छड़ को रेशम के कपड़े से रगड़ते हैं तो छड़ –

  1. तथा कपड़ा दोनों धनावेश अर्जित कर लेते हैं।
  2. धनावेशित हो जाती है तथा कपड़ा ऋणावेशित हो जाती है।
  3. तथा कपड़ा दोनों ऋणावेश अर्जित कर लेते हैं।
  4. ऋणावेशित हो जाती है तथा कपड़ा धनावेशित हो जाता है।

उत्तर:
धनावेशित हो जाती है तथा कपड़ा ऋणावेशित हो जाती है।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित कथनों के सामने सही के सामने ‘T’और गलत के सामने ‘F’ लिखिए।

  1. सजातीय आवेश एक-दूसरे को आकर्षित करते (T/F)
  2. आवेशित काँच की छड़ आवेशित प्लास्टिक स्ट्रॉ को आकर्षित करती है। (T/F)
  3. तड़ित चालक किसी भवन की तड़ित से सुरक्षा नहीं कर सकता। (T/F)
  4. भूकम्प की भविष्यवाणी की जा सकती है। (T/F)

उत्तर:

  1. असत्य।
  2. सत्य।
  3. असत्य।
  4. असत्य।

प्रश्न 4.
सर्दियों में स्वेटर उतारते समय चट-चट की ध्वनि सुनाई देती है। व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
सर्दियों में जब हम स्वेटर उतारते हैं तो वह हमारी चा से रगड़ खाकर आवेशित हो जाता है। स्वेटर पर आवेश आने के कारण चट-चट की आवाज सुनाई देती है तथा चिंगारी भी दिखाई देती है। वास्तव में यह तड़ित के समान ही एक परिघटना है।

प्रश्न 5.
जब हम किसी आवेशित वस्तु को हाथ से छूते हैं तो वह अपना आवेश खो देती है। व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
हमारा शरीर विद्युत् का सुचालक है। जब हम किसी आवेशित वस्तु को हाथ से छूते हैं तो उसका आवेश हमारे शरीर में होकर पृथ्वी में चला जाता है और आवेशित वस्तु अनावेशित हो जाती है।

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प्रश्न 6.
उस पैमाने का नाम लिखिए जिस पर भूकम्पों की विनाशी ऊर्जा मापी जाती है। इस पैमाने पर किसी भूकम्प की माप 3 है। क्या इसे भूकम्प लेखी (सीसमोग्राफी) से रिकॉर्ड किया जा सकेगा? क्या इससे अधिक हानि होगी?
उत्तर:
भूकम्पों की विनाशकारी ऊर्जा को रिक्टर पैमाने पर मापा जाता है। हाँ, इसे भूकम्पलेखी, (सीसमोग्राफ) से रिकॉर्ड किया जा सकेगा। नहीं, इससे अधिक हानि नहीं होगी।

प्रश्न 7.
तड़ित से अपनी सुरक्षा के तीन उपाय सुझाइए।
उत्तर:
तड़ित से सुरक्षा के उपाय:
तड़ित के समय टेलीफोन व विद्युत् के तारों तथा धातु के पाइपों को नहीं छूना चाहिए।
बहते जल के सम्पर्क से बचने के लिए स्नान नहीं करना चाहिए।
घर में अन्दर होने पर कम्प्यूटर, टी.वी. आदि जैसे विद्युत् उपकरणों के प्लगों को सॉकेट से निकाल देना चाहिए।

प्रश्न 8.
आवेशित गुब्बारा दूसरे आवेशित गुब्बारे को प्रतिकर्षित करता है, जबकि अनावेशित गुब्बारा आवेशित गुब्बारे द्वारा आकर्षित किया जाता है। व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
आवेशित गुब्बारा दूसरे आवेशित गुब्बारे को प्रतिकर्षित करता है क्योंकि दोनों गुब्बारों पर सजातीय आवेश है। हम जानते हैं कि सजातीय आवेश एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं। परन्तु आवेशित गुब्बारा अनावेशित गुब्बारे को आकर्षित करता है और अपने आवेश में से कुछ आवेश दूसरे गुब्बारे को दे देता है। हम जानते हैं कि आवेशित वस्तु अनावेशित वस्तु को आकर्षित करती है।

प्रश्न 9.
चित्र की सहायता से किसी ऐसे उपकरण का वर्णन कीजिए जिसका उपयोग किसी आवेशित वस्तु की पहचान में होता है।
उत्तर:
साधारण विद्युतदर्शी एक ऐसा उपकरण है जिससे किसी वस्तु में आवेश की उपस्थिति का पता लगाया जा सकता है कि वस्तु पर आवेश है या नहीं। साधारण विद्युतदर्शी काँच का एक बोतल या जार होता है जिसके मुँह पर कॉर्क का एक ढक्कन लगा होता है। कॉर्क के मध्य में एक छेद करके धातु की एक छड़ लगा दी जाती है। छड़ के निचले सिरे पर सोने/ऐलुमिनियम की 4 cm × 1 cm आकार की दो पट्टियाँ लगा दी जाती हैं। छड़ के ऊपरी सिरे पर धातु की एक चकती लगा दी जाती है। जब आवेशित वस्तु के सिरे को धातु की चकती से स्पर्श कराते हैं तो आवेश पट्टियों पर चला जाता है। पट्टियों पर समान आवेश होने से वे एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करती हैं और फैल जाती हैं। इस प्रकार इसका उपयोग करके ज्ञात किया जा सकता है कि वस्तु आवेशित है या नहीं।
MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 15 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ 2

प्रश्न 10.
भारत के उन तीन राज्यों (प्रदेशों) की सूची बनाइए जहाँ भूकम्पों के झटके अधिक सम्भावित हैं।
उत्तर:
भारत के तीन राज्य जहाँ भूकम्पों के झटके अधिक सम्भावित हैं –

  1. राजस्थान।
  2. कश्मीर।
  3. कच्छ का रन (गुजरात)।

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प्रश्न 11.
मान लीजिए आप घर से बाहर हैं तथा भूकम्प के झटके लगते हैं। आप अपने बचाव के लिए क्या सावधानियाँ बरतेंगे?
उत्तर:
यदि हम घर के बाहर हैं और भूकम्प के झटके लगते हैं तो हम निम्न सावधानियाँ बरतेंगे –

  1. भवनों, वृक्षों तथा ऊपर जाती हुई विद्युत् लाइनों से दूर किसी खुले स्थान को खोजकर धरती पर लेट जाएँगे।
  2. यदि हम किसी वाहन (कार/बस) में होंगे तो बाहर नहीं निकलेंगे और धीरे-धीरे किसी खुले हुए सुरक्षित स्थान पर पहुँचेंगे।

प्रश्न 12.
मौसम विभाग यह भविष्यवाणी करता है कि किसी निश्चित दिन तड़ित झंझा की सम्भावना है और मान लीजिए उस दिन आपको बाहर जाना है। क्या आप छतरी लेकर जाएँगे? व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
तड़ित झंझा की सम्भावना होने पर उस दिन हम छतरी लेकर बाहर नहीं जाएँगे क्योंकि छतरी की डण्डी धातु की बनी होती है, इसलिए तड़ित उसकी डण्डी पर आघात कर सकती है।

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MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 14 विधुत धारा के रासानिक प्रभाव

MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 14 विधुत धारा के रासानिक प्रभाव

MP Board Class 8th Science Chapter 14 पाठ के अन्तर्गत के प्रश्नोत्तर

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 172

प्रश्न 1.
क्या आप जानते हैं कि गीले हाथों से किसी विद्युत् साधित्र को छूना क्यों खतरनाक है?
उत्तर:
हाँ, हम जानते है कि गीले हाथों से किसी विद्युत् साधित्र को छूने से हमारे शरीर में विद्युत् प्रवाहित हो सकती है।

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प्रश्न 2.
क्या आपको याद है कि इसे सुनिश्चित करने में संपरीक्षित्र ने हमारी किस प्रकार सहायता की थी?
उत्तर:
हाँ, याद है। यदि संपरीक्षित्र (टेस्टर) में धारा प्रवाहित हो जाती है, तो बल्व दीप्त हो जाता है। यदि बल्ब दीप्त
नहीं होता है तो इसका अर्थ है कि विद्युत् धारा प्रवाहित नहीं हो रही है।

प्रश्न 3.
क्या द्रव भी विद्युत् चालन करते हैं?
उत्तर:
हाँ, कुछ द्रव जैसे, नलों का पानी, नींबू का रस, अम्ल, क्षार, लवण इत्यादि विद्युत् का चालन करते हैं।

क्रियाकलाप 14.1

प्रश्न 1.
क्या आप.इसके सम्भावित कारण बता सकते हैं? क्या यह सम्भव है कि तारों के संयोजन शिथिल हों या बल्ब फ्यूज हो गया हो अथवा आपके सेल बेकार हो गए हों?
उत्तर:
हाँ, यह सम्भव है कि तारों के संयोजन शिथिल हों या बल्ब फ्यूज हो गया हो अथवा सेल बेकार हो गये हों।

क्रियाकलाप 14.2

प्रश्न 1.
क्या संपरीक्षित्र का बल्ब दीप्त होता है? क्या नींबू का रस या सिरका विद्युत् का चालन करता है?
उत्तर:
हाँ, संपरीक्षित्र का बल्ब दीप्त होता है। हाँ, नींबू का रस या सिरका विद्युत् का चालन करता है।

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प्रश्न 2.
नींबू के रस या सिरके को आप सुचालक या हीन चालक में से किस वर्ग में रखेंगे?
उत्तर:
हम इन्हें सुचालक वर्ग में रखेंगे।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 173

प्रश्न 1.
कुछ स्थितियों में द्रव के चालक होने पर भी सम्भव हो सकता है कि बल्ब दीप्त न हो। ऐसा क्रियाकलाप 14.2 में भी हो सकता है। इसका क्या कारण हो सकता है?
उत्तर:
इसका कारण हो सकता है कि परिपथ में प्रवाहित धारा इतनी दुर्बल हो कि बल्ब का तन्तु पर्याप्त गर्म न हो पाने के कारण दीप्त न हो।

प्रश्न 2.
क्या आपको याद है कि बल्ब से विद्युत् प्रवाहित होने पर वह दीप्त क्यों होता है?
उत्तर:
हाँ, याद है। विद्युत् धारा के ऊष्मीय प्रभाव के कारण बल्ब का तन्तु उच्च ताप तक गर्म होकर दीप्त हो जाता है।

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प्रश्न 3.
अब आप यह जानना चाहेंगे किसी परिपथ में विद्युत् धारा दुर्बल कब होती है?
उत्तर:
किसी परिपथ में विद्युत् धारा दुर्बल उस स्थिति में हो सकती है जब कोई द्रव विद्युत् का चालन ठीक प्रकार से न कर पाता हो।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 174

प्रश्न 1.
क्या हम कोई ऐसा अन्य संपरीक्षित्र बना सकते हैं जो दुर्बल धारा को भी संसूचित कर सके?
उत्तर:
हाँ, हम दुर्बल धारा संसूचित करने के लिए प्रकाश उत्सर्जक डायोड (LED) उपयोग कर सकते हैं। यह दुर्बल धारा प्रवाहित होने पर भी दीप्त होता है।

प्रश्न 2.
क्या आपको याद है कि विद्युत् धारा चुम्बकीय प्रभाव उत्पन्न करती है?
उत्तर:
हाँ, याद है विद्युत् धारा चुम्बकीय प्रभाव उत्पन्न करती है।

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प्रश्न 3.
जब किसी तार में विद्यत धारा प्रवाहित होती है तो उसके पास रखी चुम्बकीय सुई पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
जब किसी तार में विद्युत् धारा प्रवाहित होती है तो उसके पास रखी चुम्बकीय सुई विक्षेपित हो जाती है।

प्रश्न 4.
क्या हम विद्युत् धारा के चुम्बकीय प्रभाव का उपयोग करके कोई संपरीक्षित्र बना सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, हम विद्युत् धारा के चुम्बकीय प्रभाव का उपयोग करके संपरीक्षित्र (टेस्टर) बना सकते हैं। यदि तार में धारा कम भी बहेभी तब भी चुम्बकीय सुई में विक्षेप हो जायेगा।

क्रियाकलाप 14.3

प्रश्न 1.
क्या संपरीक्षित्र के स्वतन्त्र सिरों को नींबू के रस में डुबोते ही आपको चुम्बकीय सुई में विक्षेप दिखाई देता है?
उत्तर:
नहीं, जब तार के स्वतन्त्र सिरों के बीच में खाली | स्थान रहेगा तो विद्युत् परिपथ पूरा नहीं होगा। इस स्थिति में
चुम्बकीय सुई में विक्षेप नहीं होगा।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 175

प्रश्न 1.
प्रत्येक स्थिति में देखिए कि चुम्बकीय सुई विक्षेप दर्शाती है अथवा नहीं। अपने प्रेक्षणों को सारणी में अंकित कीजिए।
उत्तर:
MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 14 विधुत धारा के रासानिक प्रभाव 1a

प्रश्न 2.
पहेली यह जानना चाहती है कि क्या हर अवस्था में वायु विद्युत् की हीन चालक होती है।
उत्तर:
हाँ, वायु विद्युत् की हीन चालक होती है लेकिन जब यह आर्द्र होती तब यह विद्युत् की सुचालक होती है।

प्रश्न 3.
इसी से प्रेरित होकर बूझो यह जानना चाहता है कि क्या हीन चालकों की श्रेणी में रखे अन्य पदार्थ भी विशेष परिस्थिति में अपने में से विद्युत् को प्रवाहित होने देते हैं?
उत्तर:
नहीं, हीन चालकों की श्रेणी में रखे अन्य पदार्थ भी विशेष परिस्थिति में अपने में से विद्युत् धारा प्रवाहित कर सकते हैं।

क्रियाकलाप 14.4

प्रश्न 1.
संपरीक्षित्र का उपयोग करके परीक्षण कीजिए कि आसुत जल विद्युत् चालन करता है अथवा नहीं। आप क्या पाते हैं? क्या आसुत जल विद्युत् चालन करता है?
उत्तर:
जब संपरीक्षित्र को आसुत जल में रखते हैं तो संपरीक्षित्र,का बल्ब दीप्त नहीं होता। इससे स्पष्ट है कि आसुत जल विद्युत् चालन नहीं करता है।

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प्रश्न 2.
अब एक चुटकी साधारण नमक लेकर इसे आसुत जल में घोलिए फिर परीक्षण कीजिए। इस बार आप क्या निष्कर्ष निकालते हैं?
उत्तर:
जब संपरीक्षित्र को नमक मिले आसुत जल में डालते हैं तो संपरीक्षित्र का बल्ब दीप्त हो जाता है। यह दर्शाता है कि जब आसुत जल में चुटकी भर नमक घोल देते हैं तो वह विद्युत् का अच्छा चालक बन जाता है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 176

प्रश्न 1.
वे कौन-से अन्य पदार्थ हैं जो आसुत जल में घुलने पर इसे चालक बना देते हैं?
उत्तर:
अम्ल, क्षार और लवण ऐसे पदार्थ हैं जिन्हें आसुत जल में घोलने पर इसे चालक बना देते हैं।

प्रश्न 2.
जब विद्युत् धारा किसी चालक विलयन से प्रवाहित होती है तो क्या वह उस विलयन में कोई प्रभाव उत्पन्न करती है।
उत्तर:
जब विद्युत् धारा चालक-विलयन से प्रवाहित होती है तो वह रासायनिक प्रभाव उत्पन्न करती है।

क्रियाकलाप 14.5

प्रश्न 1.
आपको क्या परिणाम प्राप्त होते हैं?
उत्तर:
हम पाते हैं कि जब अम्लों, क्षारकों और लवणों के विलयनों को आसुत जल में मिलाते हैं तो इन विलयनों में होकर विद्युत् का चालन होता है। इसका अर्थ है कि जब अम्लों, क्षारकों और लवणों को आसुत जल में मिलाते हैं तो आसुत जल में विद्युत् धारा का चालन हो जाता है अर्थात आसुत जल चालक विलयन बन जाता है।

विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव

प्रश्न 1.
आपने विद्युत् धारा के कछ प्रभावों के बारे में सीखा था। क्या आप इन प्रभावों की सूची बना सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, विद्युत् धारा के कुछ प्रभाव हैं –

  1. विद्युत् धारा का ऊष्मीय प्रभाव।
  2. विद्युत् धारा का चुम्बकीय प्रभाव।
  3. विद्युत् धारा का रासायनिक प्रभाव।

क्रियाकलाप 14.6

प्रश्न 1.
क्या आप इलेक्ट्रोडों के समीप किसी गैस के बुलबुले देख पाते हैं?
उत्तर:
हाँ, हम इलेक्ट्रोडों के समीप ऑक्सीजन एवं हाइड्रोजन गैसों के बुलबुले देखते हैं।

प्रश्न 2.
क्या हम विलयन में हो रहे परिवर्तनों को रासायनिक परिवर्तन कह सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, हम विलयन में हो रहे परिवर्तनों को रासायनिक परिवर्तन कह सकते हैं।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 178

विद्युत लेपन

प्रश्न 1.
क्या आप जानते हैं कि एक धातु की सतह के ऊपर दूसरी धातु की परत किस प्रकार निक्षेपित कर दी जाती है?
उत्तर:
हाँ, हम जानते हैं कि एक धातु की सतह के ऊपर दूसरी धातु की परत विद्युत् लेपन प्रक्रिया द्वारा निक्षेपित की जाती है।

प्रश्न 2.
विद्युत् लेपन के क्रियाकलाप को करने के पश्चात् पहेली ने इलेक्ट्रोड़ों को आपस में बदलकर क्रियाकलाप को दोहराया। आपके विचार से इस बार क्या प्रेक्षण करेगी?
उत्तर:
इस बार विद्युत् लेपन की प्रक्रिया नहीं होगी।

प्रश्न 3.
विलयन से कॉपर के क्षय की पूर्ति कैसे होती है?
उत्तर:
दूसरा इलेक्ट्रोड जो ताँबे की प्लेट का बना है उससे समान मात्रा का कॉपर विलयन में घुल जाता है। इस प्रकार विलयन से जो कॉपर कम होता है, वह विलयन में पुनः स्थापित हो जाता है, यह प्रक्रिया चलती रहती है। इस प्रकार विद्युत् लेपन प्रक्रिया में एक इलेक्ट्रोड से कॉपर दूसरे इलेक्ट्रोड पर स्थानान्तरित होता है।

क्रियाकलाप 14.7

प्रश्न 1.
क्या आप उनमें से किसी एक में कुछ अन्तर पाते हैं?
उत्तर:
हाँ, हम एक इलेक्ट्रोड में अन्तर पाते हैं। एक इलेक्ट्रोड पर ताँबा जमा हो गया है।

प्रश्न 2.
क्या आप इस पर कोई परत चढ़ी देखते हैं?
उत्तर:
हाँ, हम इस पर एक परत चढ़ी देखते हैं।

प्रश्न 3.
इस परत का रंग कैसा है?
उत्तर:
इस परत का रंग हरा-नीला है।

प्रश्न 4.
बैटरी के उस टर्मिनल को नोट कीजिए जिससे यह इलेक्ट्रोड संयोजित है।
उत्तर:
यह इलेक्ट्रोड बैटरी के ऋण टर्मिनल से संयोजित है?

MP Board Class 8th Science Chapter 14 पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –

  1. विद्युत् चालन करने वाले अधिकांश द्रव ………….. तथा ……… के विलयन होते हैं।
  2. किसी विलयन से विद्युत्. धारा प्रवाहित होने पर …… प्रभाव उत्पन्न होता है।
  3. यदि कॉपर सल्फेट विलयन से विद्युत् धारा प्रवाहित की जाए तो कॉपर बैटरी के ……….. टर्मिनल से संयोजित प्लेट पर निक्षेपित होती है।
  4. विद्युत् धारा द्वारा किसी पदार्थ पर वांछित धातु की परत निक्षेपित करने की प्रक्रिया को ……….. कहते हैं।

उत्तर:

  1. अम्लों, क्षारकों, लवणों।
  2. चुम्बकीय।
  3. ऋण।
  4. विद्युत् लेपन।

प्रश्न 2.
जब किसी संपरीक्षित्र के स्वतन्त्र सिरों को किसी विलयन में डुबोते हैं तो चुम्बकीय सुई विक्षेपित होती है। क्या आप ऐसा होने के कारण की व्याख्या कर सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, ऐसा होने के कारण की व्याख्या कर सकते हैं। जब किसी संपरीक्षित्र (टेस्टर) के स्वतन्त्र सिरों को किसी विलयन में डुबोते हैं तो चुम्बकीय. सुई विक्षेपित होने का कारण है कि विद्युत् धारा चुम्बकीय प्रभाव उत्पन्न करती है। विद्युत् धारा दुर्बल होने पर भी चुम्बकीय सुई विक्षेपित होती है। चुम्बकीय सुई का विक्षेपण धारा की प्रबलता पर निर्भर करता है। धारा जितनी प्रबल होगी चुम्बकीय सुई उतना ही अधिक विक्षेपित होगी।

प्रश्न 3.
तीन ऐसे द्रवों के नाम लिखिए जिनका परीक्षण निम्नांकित चित्र में दर्शाए अनुसार करने पर चुम्बकीय सुई विक्षेपित हो सके।
उत्तर:
MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 14 विधुत धारा के रासानिक प्रभाव 2

  1. कॉपर सल्फेट का विलयन।
  2. नींबू का रस।
  3. नल की टोंटी का जल।

प्रश्न 4.
निम्नांकित चित्र में दर्शाई गई व्यवस्था में बल्ब नहीं जलता। क्या आप सम्भावित कारणों की सूची बना सकते हैं? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए।
MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 14 विधुत धारा के रासानिक प्रभाव 3
उत्तर:
दर्शाई गई व्यवस्था में बल्ब के न जलने के निम्न सम्भावित कारण हो सकते हैं।

  1. बल्ब फ्यूज हो सकता है।
  2. विद्युत् धारा इतनी दुर्बल हो कि बल्ब का तन्तु पर्याप्त गर्म न हो पाता हो फलस्वरूप बल्ब नहीं जलता हो।
  3. सेल से धारा प्रवाहित ही न हो रही हो।
  4. परिपथ में तारों का संयोजन ढीला हो।

प्रश्न 5.
दो द्रवों A और B के विद्युत् चालन की जाँच करने के लिए एक संपरीक्षित्र का प्रयोग किया गया। यह देखा गया कि संपरीक्षित्र का बल्ब द्रव A के लिए चमकीला दीप्त हुआ जबकि द्रव B के लिए अत्यन्त धीमा दीप्त हुआ। आप निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि –

  1. द्रव A, द्रव B से अच्छा चालक है।
  2. द्रव B, द्रव A से अच्छा चालक है।
  3. दोनों द्रवों की चालकता समान है।
  4. द्रवों को चालकता के गुणों की तुलना इस प्रकार नहीं की जा सकती।

उत्तर:
द्रव A, द्रव B, से अच्छा चालक है।

प्रश्न 6.
क्या शुद्ध जल विद्युत् का चालन करता है? यदि नहीं, तो इसे चालक बनाने के लिए इसमें अम्ल या क्षार या लवण घोलना चाहिए।
उत्तर:
नहीं, शुद्ध जल विद्युत् का चालन नहीं करता है। इसे चालक बनाने के लिए इसमें अम्ल या क्षार या लवण घोलना चाहिए।

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प्रश्न 7.
आग लगने के समय, फायरमैन पानी के हौज (पाइपों) का उपयोग करने से पहले उस क्षेत्र की मुख्य विद्युत् आपूर्ति को बन्द कर देते हैं। व्याख्या कीजिए कि वे ऐसा क्यों करते हैं?
उत्तर:
आग लगने के समय, फायरमैन पानी के हौज (पाइपों) का उपयोग करने से पहले उस क्षेत्र की मुख्य विद्युत् आपूर्ति इसलिए बन्द कर देते हैं कि साधारण पानी विद्युत् का सुचालक होता है। यदि पानी का छिड़काव करते समय यदि पानी विद्युत् बोर्ड आदि में चला गया तो सारे क्षेत्र में विद्युत् धारा फैलने का खतरा रहता है जिससे जान-माल की हानि हो सकती है।

प्रश्न 8.
तटीय क्षेत्र में रहने वाला एक बालक अपने संपरीक्षित्र से पीने के पानी तथा समुद्र के पानी का परीक्षण करता है। वह देखता है कि समुद्र के पानी के लिए चुम्बकीय सुई अधिक विक्षेप दर्शाती है। क्या आप उसके कारण की व्याख्या कर सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, समुद्र के पानी के लिए चुम्बकीय सुई अधिक विक्षेप इसलिए दिखाती है क्योंकि समुद्र का पानी पीने के पानी से अधिक अच्छा विद्युत् का चालक है, क्योंकि इसमें अधिक मात्रा में लवण घुले रहते हैं।

प्रश्न 9.
क्या तेज वर्षा के समय किसी लाइनमैन के लिए बाहरी मुख्य लाइन के विद्युत् तारों की मरम्मत करना सुरक्षित है? व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
नहीं, तेज वर्षा के समय किसी लाइनमैन के लिए बाहरी मुख्य लाइन के विद्युत् तारों की मरम्मत करना सुरक्षित नहीं है क्योंकि पानी विद्युत् का सुचालक है। तेज वर्षा के समय जरा भी विद्युत् लीक होने की दशा में लाइनमैन को करेंट लग सकता है और उसकी जान तक जा सकती है।

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प्रश्न 10.
पहेली ने सुना था कि वर्षा का जल उतना ही शुद्ध है जितना कि आसुत जल। इसलिए उसने एक स्वच्छ काँच के बर्तन में कुछ वर्षा का जल एकत्रित करके संपरीक्षित्र से उसका परीक्षण किया। उसे यह देखकर आश्चर्य हुआ कि चुम्बकीय सुई विक्षेप दर्शाती है। इसका क्या कारण हो सकता है?
उत्तर:
चुम्बकीय सुई द्वारा विक्षेप दर्शाने के निम्न कारण हो सकता है-वर्षा का जल वास्तव में एक अच्छा आसुत जल है लेकिन जब ये वायुमण्डल में आता है तो इसमें धूल, मिट्टी के कण तथा अन्य अशुद्धियाँ मिल जाती हैं जो विद्युत् का सुचालक बना देती हैं। अतः जब पहेली अपने संपरीक्षित्र से वर्षा के जल का परीक्षण करती है तो चुम्बकीय सुई विक्षेप दर्शाती है।

प्रश्न 11.
अपने आस-पास उपलब्ध विद्युत् लेपित वस्तुओं की सूची बनाइए।
उत्तर:
आस-पास की कुछ विद्युत् लेपित वस्तुएँ:

  1. नकली आभूषण।
  2. स्नान गृह की टोंटी।
  3. गैस बर्नर।
  4. सोफे के फ्रेम।
  5. साइकिल के पार्ट्स।
  6. कार के पार्ट्स।
  7. दरवाजों के हैण्डिल।
  8. ट्रेक्टर के पार्ट्स।
  9. मकान में लगी ग्रिल आदि।

प्रश्न 12.
जो प्रक्रिया आपने क्रियाकलाप 14.7 में देखी वह कॉपर के शोधन में उपयोग होती है। एक पतली शुद्ध कॉपर छड़ एवं एक अशुद्ध कॉपर की छड़ इलेक्ट्रोड के रूप में उपयोग की जाती है। कौन-सा इलेक्ट्रोड बैटरी के धन टर्मिलन से संयोजित किया जाए। कारण भी लिखिए।
उत्तर:
अशुद्ध कॉपर की छड़ को इलेक्ट्रोड के रूप में बैटरी के धन टर्मिनल से संयोजित करना चाहिए क्योंकि अशुद्ध छड़ का कॉपर विलयन में मिलेगा तथा कॉपर ऋण टर्मिलन से जुड़े शुद्ध कॉपर की छड़ पर जमा हो जायेगा।

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MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 13 ध्वनि

MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 13 ध्वनि

MP Board Class 8th Science Chapter 13 पाठ के अन्तर्गत के प्रश्नोत्तर

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 157

प्रश्न 1.
अपने विद्यालय में आपको कैसे ज्ञात होता है कि कालांश (पीरियड), समाप्त हो गया है?
उत्तर:
जब घण्टी बजती है तब हम समझ जाते हैं कि पीरियड समाप्त हो गया है।

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प्रश्न 2.
आँखों पर पट्टी बँधे होने पर भी उस खिलाड़ी को कैसे पता चला जाता है कि उसके सबसे समीप कोई खिलाड़ी है।
उत्तर:
जब समीप वाला खिलाड़ी आवाज (ध्वनि) करता है तो उसकी आवाज सुनकर आँखों पर पट्टी बँधे होने पर भी वह अनुमान लगा लेता है कि उसके समीप कोई खिलाड़ी है।

प्रश्न 3.
अपने आस-पास सुनाई देने वाली ध्वनियों की एक सूची बनाइए।
उत्तर:
आस-पास सुनाई देने वाली ध्वनियाँ:

  1. टेम्पो, बस, रिक्शा आदि के हॉर्नों की ध्वनि।
  2. रेलगाड़ी की ध्वनि।
  3. गली में आने-जाने वाले हॉकरों की ध्वनि।
  4. मन्दिर, मस्जिद, गुरुद्वारे में बजने वाली लाउडस्पीकर की ध्वनि।
  5. म्यूजिक सिस्टम, टी.वी. आदि की ध्वनि।

प्रश्न 4.
ध्वनि कैसे उत्पन्न होती है? यह एक स्थान से दूसरे स्थान तक कैसे पहुँचती है? कुछ ध्वनियाँ दूसरों की अपेक्षा प्रबल क्यों होती है?
उत्तर:
(1) जब कोई वस्तु कम्पन करती है तो ध्वनि उतपन्न होती है।

(2) वायु में रखी कोई वस्तु जब कम्पन करती है तब वस्तु की सतह के सम्पर्क वाले वायु के कण कम्पन करने लगते हैं। प्रत्येक कम्पित कण इन कम्पनों को अपने सम्पर्क वाले अन्य कणों में स्थानान्तरित करते चले जाते हैं। इन कम्पनों के फलस्वरूप ध्वनि एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचती है। इस प्रकार ध्वनि संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है।

(3) प्रबलता ध्वनि का वह गुण है जिससे ध्वनि कान को तीव्र या मन्द सुनाई देती है। ध्वनि की प्रबलता ध्वनि के कम्पन्न आयाम पर निर्भर करती है। वे ध्वनियाँ जिनका आयाम दूसरी ध्वनियों की अपेक्षा अधिक होगा वे दूसरों की अपेक्षा प्रबल होंगी।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 158

ध्वनि कम्पित वस्तुओं द्वारा उत्पन्न होती है।

प्रश्न 1.
विद्यालय की घण्टी को जब बज न रही हो, छूकर देखिए। आप कैसा अनुभव करते हैं?
उत्तर:
घण्टी में कुछ नहीं होता है।

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प्रश्न 2.
जब वह ध्वनि उत्पन्न कर रही हो तो उसे पुनः छूकर देखिए। क्या आप इसे कम्पित होता हुआ अनुभव कर सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, वह इस समय कम्पन कर रही होती है।

क्रियाकलाप 13.1

प्रश्न 1.
क्या आप कम्पनों का अनुभव करते हैं?
उत्तर:
हाँ, हम कम्पनों का अनुभव करते हैं।

प्रश्न 2.
प्लेट पर फिर से छड़ी से चोट मारिए तथा चोट मारने के तुरन्त बाद इसे अपने हाथों से कसकर पकड़ लीजिए। क्या आप अब भी ध्वनि सुन पाते हैं?
उत्तर:
नहीं, अब हम ध्वनि नहीं सुन पाते हैं।

प्रश्न 3.
जब प्लेट ध्वनि उत्पन्न करना बन्द कर दे तब इसे फिर से छूकर देखिए। क्या अब आप अपने कम्पनों का अनुभव कर पाते हैं?
उत्तर:
नहीं, अब हम अपने कम्पनों का अनुभव नहीं कर पाते हैं। अब कोई कम्पन नहीं है।

क्रियाकलाप 13.2

प्रश्न 1.
क्या आपको कोई ध्वनि सुनाई देती है?
उत्तर:
हाँ, रबड़ के छल्ले को खीचने से ध्वनि उत्पन्न होती है।

प्रश्न 2.
क्या रबड़ का छल्ला कम्पन करता है?
उत्तर:
हाँ, रबड़ का छल्ला कम्पन करता है।

क्रियाकलाप 13.3

प्रश्न 1.
क्या आप ध्वनि सुन पाते हैं?
उत्तर:
हाँ, बहुत कम ध्वनि सुनाई देती है।

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प्रश्न 2.
थाली पर पुनः आघात कीजिए और तब इसे छूकर देखिए। क्या आप थाली का कंपित होता अनुभव करते है।
उत्तर:
हाँ, थाली कम्पन कर रही है।

प्रश्न 3.
थाली पर पुनः आघात कीजिए। जल की सतह को देखिए। क्या आप वहाँ पर कोई तरंगें देख पाते हैं?
उत्तर:
हाँ, जल की सतह पर वृत्ताकार तरंगें बन रही हैं।

प्रश्न 4.
अब थाली को पकड़िए। आप जल की सतह पर क्या परिवर्तन देखते हैं? क्या आप इस परिवर्तन की व्याख्या कर सकते हैं?
उत्तर:
अब, पानी की सतह पर कोई तरंगें नहीं हैं। तरंगें अदृश्य हो गईं; क्योंकि थाली को पकड़ने से अवरोध उत्पन्न हो गया। इन विनाशी तरंगों के परिवर्तन का कारण थाली को पकड़ना है।

प्रश्न 5.
क्या इससे वस्तु के कम्पनों को ध्वनि के साथ जोड़ने का कोई संकेत मिलता है?
उत्तर:
हाँ, वस्तु में होने वाले कम्पन ध्वनि उत्पन्न करते हैं। यह ध्वनि और कम्पन के बीच सम्बन्ध को दर्शाता है।

क्रियाकलाप 13.4

प्रश्न 1.
नारियल का खोखला खोल लीजिए और इससे एक वाद्य यंत्र ‘एकतारा’ बनाइए। इस वाद्ययन्त्र को बजाइए और इसके कम्पायमान भाग को पहचानिए।
उत्तर:
इस वाद्ययन्त्र का कम्पायमान भाग तना हुआ तार है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 159

प्रश्न 1.
सुपरिचित वाद्ययन्त्रों की एक सूची बनाइए और इनके कम्पायमान भागों को पहचानिए। कुछ उदाहरण निम्नांकित सारणी में दिए गए हैं। शेष सारणी को पूरा कीजिए।
उत्तर:
MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 13 ध्वनि 1

प्रश्न 2.
क्या आप इस प्रकार के कुछ अन्य वाद्ययन्त्रों के नाम बता सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, ढपली, ड्रम, बोन्गो, ड्रम।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 160

प्रश्न 1.
जब हम बोलते हैं तो क्या हमारे शरीर का कोई भाग कंपित होता है?
उत्तर:
हाँ, जब हम बोलते हैं तो हमारे वाक्-तन्तु कंपित होते हैं।

मनुष्यों (मानवों) द्वारा उत्पन्न ध्वनि

प्रश्न 1.
कुछ समय तक जोर से बोलिए या गाना गाइए अथवा भौरे की तरहगुंजन कीजिए। अपने हाथ को अपने कंठ पर रखिए। क्या आपको कुछ कम्पनों का अनुभव होता है?
उत्तर:
हाँ, जब कम्पन होते हैं तब ध्वनि उत्पन्न होती है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 161

ध्वनि संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है

प्रश्न 1.
जब आप कुछ दूरी पर खड़ी अपनी सहेली को पुकारती है तो आपकी सहेली आपकी आवाज को सुन पाती है। उसके पास तक आपकी ध्वनि कैसे पहुँचती है?
उत्तर:
मेरी ध्वनि मेरी सहेली तक हवा के माध्यम द्वारा पहुँचती है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 161-162

क्रियाकला 13.7

प्रश्न 1.
क्या गिलास में से वायु खींचने पर घंटी की ध्वनि धीमी हो जाती है।
उत्तर:
हाँ, गिलास में से वायु खींचने पर घंटी की आवाज धीमी हो जाती है।

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प्रश्न 2.
गिलास को अपने मुँह से हटाइए। क्या ध्वनि फिर से प्रबल हो जाती है?
उत्तर:
हाँ, ध्वनि फिर से प्रबल हो जाती है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 162

प्रश्न 1.
क्या आप ऐसा सोच सकते हैं कि ऐसा क्यों हुआ?
उत्तर:
हाँ, ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि ध्वनि को संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है। प्रथम स्थिति में, जब गिलास से वायु निकाल ली गई तो ध्वनि की गति धीमी हो गई। द्वितीय स्थिति में, जब गिलास से वायु खींचना रोक दिया तो ध्वनि फिर से प्रबल हो गई क्योंकि गिलास में पुनः वायु आने लगी।

प्रश्न 2.
क्या यह सम्भव है कि गिलास में वायु की मात्रा कम होने और घण्टी की प्रबलता कम होने में कोई सम्बन्ध है?
उत्तर:
हाँ, गिलास में वायु की मात्रा/आयतन कम होने से ध्वनि की प्रबलता घट जाती है।

प्रश्न 3.
क्या ध्वनि द्रवों में संचरित होती है?
उत्तर:
हाँ, ध्वनि द्रवों में भी संचरित होती है।

क्रियाकलाप 13.8

प्रश्न 1.
क्या आप घण्टी की ध्वनि सुन पाते हैं? क्या इससे पता चलता है कि ध्वनि का संचरण द्रवों में हो सकता है?
उत्तर:
हाँ, हम घण्टी की ध्वनि सुन पाते हैं। हाँ, इससे पता चलता है कि ध्वनि का संचरण द्रवों में हो सकता है।

क्रियाकला 13.9

प्रश्न 1.
क्या आप खरोंचने की ध्वनि सुन पाते हैं? अपने आस-पास खड़े हुए मित्रों से पूछिए कि क्या वे भी इस ध्वनि को सुन पाए?
उत्तर:
हाँ, हम खरोंचने की ध्वनि सुन सकते हैं। लेकिन मेरे आस-पास खड़े हुए मित्र इस ध्वनि को नहीं सुन पाए।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 163

प्रश्न 1.
क्या आप कह सकते हैं कि ध्वनि डोरियों में भी गमन कर सकती है?
उत्तर:
हाँ, हम कह सकते हैं कि ध्वनि धातुओं की डोरियों में गमन कर सकती है।

प्रश्न 2.
अब तक हमने सीखा कि कम्पायमान वस्तुएँ ध्वनि उत्पन्न कर सकती हैं तथा वह किसी माध्यम में सभी दिशाओं में संचरित हो सकती है। इस ध्वनि को हम सुनते कैसे हैं?
उत्तर:
जब ध्वनि हमारे कान में प्रवेश करती है तो यह एक नली से गुजर कर कर्ण पटह तक पहुँचती है। ध्वनि के कम्पन कर्ण पटह को कम्पित कर देते हैं। कर्ण पटह कम्पनों को आंतर कर्ण तक भेज देता है। वहाँ से संकेतों को मस्तिष्क तक भेज दिया जाता है। इस प्रकार हम ध्वनि सुन पाते हैं।

क्रियाकलाप 13.10

प्रश्न 1.
देखिए अन्न के दानों का क्या होता है? अन्न के दाने ऊपर और नीचे क्यों उछलते हैं?
उत्तर:
अन्न के दाने तनी हुई रबड़ के ऊपर, ऊपर और नीचे तेजी से उछलते हैं। अन्न के दाने ऊपर और नीचे इसलिए उछलते हैं क्योंकि तानित रबड़ में कम्पन हो रहे हैं।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 164

कंघन का आयाम, आवर्तकाल तथा आवृत्ति

प्रश्न 1.
यदि कोई वस्तु एक सेकण्ड में 20 दोलन पूरे करती है तो इसकी आवृत्ति क्या होगी?
उत्तर:
इस वस्तु की आवृत्ति 20 हर्ट्ज होगी।

प्रश्न 2.
ध्वनि उत्पन्न करने वाली वस्तु को देखे बगैर भी आप अनेक सुपरिचित ध्वनियों को पहचान सकते हैं। यह कैसे सम्भव हो पाता है?
उत्तर:
यह ध्वनियों के आयामों और आवृत्तियों की पहचान के द्वारा सम्भव है।

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प्रश्न 3.
क्या हम ध्वनियों में उनके आयामों तथा आवृत्तियों के आधार पर अन्तर कर सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, हम ध्वनियों में उनके आयामों तथा आवृत्तियों के आधार पर अन्तर कर सकते हैं।

प्रबलता तथा तारत्व

क्रियाकलाप 13.11

प्रश्न 1.
क्या गिलास पर जोर से आघात करने पर ध्वनि अधिक प्रबल हो जाती है?
उत्तर:
हाँ, गिलास पर जोर से आघात करने पर ध्वनि अधिक प्रबल हो जाती है।

प्रश्न 2.
किस स्थिति में आयाम अधिक है?
उत्तर:
पहली स्थिति में आयाम अधिक है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 165

प्रश्न 1.
किसी बच्चे की ध्वनि की तुलना एक वयस्क से कीजिए। क्या इनमें कुछ अन्तर है?
उत्तर:
हाँ, दोनों की ध्वनि में अन्तर है।

प्रश्न 2.
मैं चकित हूँ कि मेरी आवाज मेरे अध्यापक से भिन्न क्यों है?
उत्तर:
मनुष्य की आवाज, आवाज के आयाम पर निर्भर करती है। यदि कम्पनों का आयाम अधिक होता है तब ध्वनि की तीक्ष्णता/तारत्व अधिक प्रबल होती है। जब आयाम कम होता है तो ध्वनि मन्द होती है। यही कारण है कि बूझो की आवाज उसके अध्यापक से भिन्न है क्योंकि दोनों की आवाजों के आयाम भिन्न हैं।

पाठ्य-पुस्तक या # 166

प्रश्न 1.
आप प्रतिदिन बच्चों तथा वयस्कों की आवाजें सुनते हैं। क्या आप उनकी आवाजों में कोई अन्तर पाते हैं?
उत्तर:
हाँ, हम उनकी आवाजों में अन्तर पाते हैं।

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प्रश्न 2.
क्या आप कह सकते हैं कि बच्चे की आवाज की आवृत्ति वयस्क की आवृत्ति से अधिक है?
उत्तर:
बच्चे की आवाज उच्च तारत्व की होती है जबकि । वयस्क की आवाज निम्न तारत्व की होती है। यद्यपि वयस्क की ध्वनि प्रबल और बच्चे की ध्वनि दुर्बल होती हैं। यही कारण है कि बच्चे की आवाज की आवृत्ति वयस्क की आवृत्ति से अधिक होती है।

श्रव्य तथा अश्रव्य ध्वनियाँ

प्रश्न 1.
क्या हम सभी कंपायमान वस्तुओं की ध्वनियाँ सुन सकते हैं?
उत्तर:
नहीं, हम सभी कंपायमान वस्तुओं की ध्वनियाँ सुन सकते हैं। हम केवल 20 हर्ट्स से 20,000 हर्ट्ज के बीच की
आवृत्ति वाली ध्वनियाँ सुन सकते हैं।

शोर तथा संगीत

प्रश्न 1.
हम अपने चारों ओर विभिन्न प्रकार की ध्वनियाँ सुनते हैं। क्या ध्वनि सदैव सुखद होती है? क्या ध्वनियाँ कभी-कभी आपको कष्ट पहुँचाती हैं?
उत्तर:
हाँ, हम अपने चारों ओर विभिन्न प्रकार की ध्वनियाँ सुनते हैं। नहीं, ये सभी ध्वनियाँ, सदैव सुखद नहीं होती हैं। कुछ ध्वनियाँ हमें सुखद लगती हैं और कुछ अच्छी नहीं लगती हैं।

प्रश्न 2.
क्या निर्माण स्थल से आने वाली ध्वनियाँ सखद प्रतीत होती हैं?
उत्तर:
नहीं, निर्माण स्थल से आने वाली ध्वनियाँ सुखद प्रतीत नहीं होती हैं। वास्तव में ये ध्वनियाँ अप्रिय होती हैं।

प्रश्न 3.
क्या आपको बसों ओर ट्रकों के हॉर्न (horns) की ध्वनियाँ अच्छी लगती हैं?
उत्तर:
नहीं, बसों और ट्रकों के हॉर्न की ध्वनियाँ हमें अच्छी नहीं लगती हैं। ये ध्वनियाँ भी अप्रिय लगती हैं।

प्रश्न 4.
कक्षा में यदि सभी विद्यार्थी एक साथ बोलें तो खान टोने वाली प्रतनिको म्या कहेंगे?
उत्तर:
यदि, कक्षा में सभी विद्यार्थी एक साथ बोलें तो उत्पन्न होने वाली ध्वनि को हम शोर कहेंगे।

प्रश्न 5.
लेकिन यदि संगीत अत्यन्त प्रबल हो जाए, तब भी क्या ये संगीत रहेगा?
उत्तर:
नहीं, यदि संगीत अत्यन्त प्रबल हो जाए, तब ये संगीत नहीं रहेगा।

ध्वनि प्रदूषण

प्रश्न 1.
क्या आप ध्वनि प्रदूषण के कुछ स्रोतों की सूची बना सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, ध्वनि प्रदूषण के कुछ स्रोत निम्नलिखित हैं –

  1. निर्माण स्थल से आने वाली ध्वनियाँ।
  2. बसों और ट्रकों के हॉर्न से उत्पन्न ध्वनियाँ।
  3. टी.वी. के चलने, रेडियो तथा लाउडस्पीकर के उच्च आवाज में बजने से उत्पन्न ध्वनियाँ।
  4. पटाखों के फटने से उत्पन्न ध्वनि।
  5. कारखानों में मशीनों के चलने से उत्पन्न ध्वनि।
  6. कूलर एवं वातानुकूलक आदि सभी ध्वनि प्रदूषण फैलाते हैं।

प्रश्न 2.
घर में कौन-से स्रोत ध्वनि प्रदूषण उत्पन्न कर सकते हैं?
उत्तर:
घर में ऊँची आवाज में चलाए गए टेलिविजन, ट्रान्जिस्टर तथा रेडियो, रसोई घर के कुछ उपकरण, कूलर, वातानुकूलकं आदि ध्वनि प्रदूषण उत्पन्न कर सकते हैं।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 167

ध्वनि प्रदूषण को सीमित रखने के उपाय

प्रश्न 1.
ध्वनि को नियन्त्रित करने के लिए हमें ध्वनि के स्रोतों पर नियन्त्रण करना चाहिए। यह कैसे किया जा सकता है?
उत्तर:
इसके लिए वायुयानों के इंजनों, यातायात के वाहनों, औद्योगिक मशीनों तथा घरेलू उपकरणों में ध्वनि अवरोधक/आवाज कम करने के यन्त्र लगाने चाहिए।

प्रश्न 2.
आवासीय क्षेत्रों में ध्वनि प्रदूषण को कैसे नियन्त्रित किया जा सकता है?
उत्तर:
आवासीय क्षेत्रों में ध्वनि प्रदूषण को निम्न प्रकार से नियन्त्रित किया जा सकता है –

  1. ध्वनि उत्पन्न करने वाले क्रियाकलापों को आवासीय क्षेत्र से दूर स्थापित करना चाहिए।
  2. ध्वनि उत्पन्न करने वाले उद्योगों को आवासीय क्षेत्रों से दूर स्थापित करना चाहिए।
  3. स्वचालित वाहनों के हॉर्न का उपयोग कम से कम करना चाहिए।
  4. टेलीविजन तथा संगीत निकायों की ध्वनि प्रबलता कम रखनी चाहिए।
  5. सड़कों तथा भवनों के आसपास पेड़ लगाने चाहिए, जिससे कि ध्वनि प्रदूषण के हानिकारक प्रभाव को न्यूनतम किया जा सके।

MP Board Class 8th Science Chapter 13 पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
सही उत्तर चुनिएध्वनि संचरित हो सकती है –

  1. केवल वायु या गैसों में।
  2. केवल ठोसों में।
  3. केवल द्रवों में।
  4. ठोसों, द्रवों तथा गैसों में।

उत्तर:
ठोसों, द्रवों तथा गैसों में।

प्रश्न 2.
निम्न में से किस वाक् ध्वनि कीआवृत्ति न्यूनतम होने की सम्भावना है –

  1. छोटी लड़की की।
  2. छोटे लड़के की।
  3. पुरुष की।
  4. महिला की।

उत्तर:
छोटी लड़की की।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित कथनों में सही कथन के सामने ‘T’ तथा गलत कथन के सामने ‘F’ पर निशान लगाइए –

  1. ध्वनि निर्वात में संचरित नहीं हो सकती। (T/F)
  2. किसी कम्पित वस्तु के प्रति सेकण्ड होने वाले दोलनों की संख्या को इसका आवर्तकाल कहते हैं। (T/F)
  3. यदि कम्पन का आयाम अधिक है तो ध्वनि मंद होती है। (T/F)
  4. मानव कानों के लिए श्रव्यता का परास 20 Hz से 20,000 Hz है। (T/F)
  5. कम्पन की आवृत्ति जितनी कम होगी तारत्व उतना ही अधिक होगा। (T/F)
  6. अवांछित या अप्रिय ध्वनि को संगीत कहते हैं। (T/F)
  7. ध्वनि प्रदूषण आंशिक श्रवण अशक्तता उत्पन्न कर सकता है। (T/F)

उत्तर:

  1. सत्य।
  2. असत्य।
  3. असत्य।
  4. सत्य।
  5. असत्य।
  6. असत्य।
  7. सत्य।

प्रश्न 4.
उचित शब्दों द्वारा रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –

  1. किसी वस्तु द्वारा एक दोलन को पूरा करने में लिए गए समय को …….. कहते हैं।
  2. प्रबलता कम्पन के ……… से निर्धारित होती है।
  3. आवृत्ति का मात्रक …….है।
  4. अवांछित ध्वनि को ……… कहते हैं।
  5. ध्वनि की तीक्ष्णता कम्पनों की …….. से निर्धारित होती है।

उत्तर:

  1. आवर्तकाल।
  2. आयाम।
  3. हों।
  4. शोर।
  5. आवृत्ति।

प्रश्न 5.
एक दोलक 4 सेकण्ड में 40 बार दोलन करता है। इसका आवर्तकाल तथा आवृत्ति ज्ञात कीजिए।
हल:
आवर्तकाल-एक दोलन को पूरा करने में लगा समय –
MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 13 ध्वनि 2

प्रश्न 6.
एक मच्छर अपने पंखों को 500 कम्पन प्रति सेकण्ड की औसत दर से कम्पित करके ध्वनि उत्पन्न करता है। कम्पन का आवर्तकाल कितना है?
हल:
500 कम्पन करने में लगा समय = 1 सेकण्ड
MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 13 ध्वनि 3

प्रश्न 7.
निम्न वाद्ययन्त्रों में उस भाग को पहचानिए जो ध्वनि उत्पन्न करने के लिए कम्पित होता है –

  1. ढोलक।
  2. सितार।
  3. बाँसुरी।

उत्तर:

  1. ढोलक – तनी हुई झिल्ली।
  2. सितार – तने हुए तार।
  3. बाँसुरी – वायु स्तम्भ।

प्रश्न 8.
शोर तथा संगीत में क्या अन्तर है? क्या कभी संगीत शोर बन सकता है?
उत्तर:

  1. शोर: कानों को अप्रिय लगने वाली अवांछित ध्वनि को शोर कहते हैं।
  2. संगीत: सुस्वर ध्वनि को संगीत कहते हैं। यह सुखद होती है।

हाँ, संगीत की कभी-कभी शोर बन सकता है यदि संगीत अत्यन्त प्रबल हो जाए।

प्रश्न 9.
अपने वातावरण में ध्वनि प्रदूषण के स्रोतों की सूची बनाइए।
उत्तर:
ध्वनि प्रदूषण के स्रोत:

  1. वाहनों की ध्वनियाँ।
  2. पटाखों का फटना (विस्फोट)।
  3. कारखानों में मशीनों के चलने से उत्पन्न आवाज।
  4. तेज गति से चलने वाले कूलर।
  5. ऊँची आवाज में चलाए जाने वाले. टी.वी., रेडियो, लाउडस्पीकर आदि।

प्रश्न 10.
वर्णन कीजिए कि ध्वनि प्रदूषण मानव के लिए किस प्रकार से हानिकारक है?
उत्तर:
ध्वनि प्रदूषण मानव के लिए निम्न प्रकार से हानिकारक है –

  1. ध्वनि प्रदूषण से अनेक स्वास्थ सम्बन्धी समस्याएँ उत्पन्न हो जाती हैं। जैसे-अनिद्रा, उच्च रक्तचाप, तनाव, चिन्ता इत्यादि।
  2. व्यक्ति के सुनने की क्षमता अस्थायी अथवा स्थायी रूप से कम हो जाती है।

प्रश्न 11.
माता-पिता एक मकान खरीदना चाहते हैं। उन्हें एक मकान सड़क के किनारे पर तथा दूसरा सड़क से तीन गली छोड़कर देने का प्रस्ताव किया गया है। आप अपने माता-पिता को कौन-सा मकान खरीदने का सुझाव देंगे? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
हम अपने माता-पिता को सड़क से तीन गली छोड़कर मकान खरीदने का प्रस्ताव देंगे। इस मकान में ध्वनि प्रदूषण, शोर आदि सड़क के किनारे बने मकान की अपेक्षा कम होगा। क्योंकि सड़क के किनारे बने मकान में वाहनों की ध्वनियाँ काफी अधिक सुनाई देंगी। इससे स्वास्थ्य सम्बन्धी बीमारियाँ उत्पन्न हो सकती हैं तथा सुनने की क्षमता भी प्रभावित होगी। इसके अतिरिक्त वायु प्रदूषण भी काफी होगा। अतः सड़क से तीन गली छोड़कर मकान लेना ही उचित रहेगा।

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प्रश्न 12.
मानव वाक्यन्त्र का चित्र बनाइए तथा इसके कार्य की अपने शब्दों में व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
मनुष्य में वाक्यन्त्र श्वास नली के ऊपरी सिरे पर होता है। इसका कार्य ध्वनि उत्पन्न करना है। वाक्यन्त्र के आर-पार दो तनित अवस्था में वाक्-तन्तु होते हैं उनके बीच में वाय के निकलने के लिए एक संकीण झिरी बनी होती है। जब
फेफड़ों से वायु झिरों में होकर बाहर निकलती है तो वाक्-तन्तु कम्पित होते हैं।

वाक्-तन्तुओं के कम्पित होने से ध्वनि उत्पन्न होती है। वाक्-तन्तुओं से जुड़ी माँसपेशियाँ तन्तुओं को तना हुआ या ढीला कर सकती हैं। जब वाक्-तन्तु तने हुए या पतले होते हैं तब वाक् ध्वनि का प्रकार उस वाक्-ध्वनि से भिन्न होता है जब वे ढीले व मोटे होते हैं।
MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 13 ध्वनि 4

प्रश्न 13.
आकाश में तड़ित तथा मेघ गर्जन की घटना एक समय पर तथा हमसे समान दूरी पर घटित होती है। हमें तड़ित पहले दिखाई देती है तथा मेघगर्जन बाद में सुनाई देता है। क्या आप इसकी व्याख्या कर सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, हमें तड़ित पहले दिखाई देने तथा मेघगर्जन बाद में सुनाई देने का कारण यह है कि वायु में प्रकाश की चाल = (3 × 108 मी/सेकण्ड), ध्वनि की चाल (330/सेकण्ड) से काफी अधिक है। इसलिए हमें तड़ित पहले दिखाई देती है तथा मेघगर्जन बाद में सुनाई देती है।

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MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 12 घर्षण

MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 12 घर्षण

MP Board Class 8th Science Chapter 12 पाठ के अन्तर्गत के प्रश्नोत्तर

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 146

प्रश्न 1.
क्या आपने कभी सोचा है कि ब्रेक लगाने पर वाहन मन्द क्यों हो जाते हैं?
उत्तर:
हाँ, ब्रेक लगाने से वाहन पर घर्षण बल कार्य करता है। इस बल के कारण वाहन मन्द हो जाते हैं।

प्रश्न 2.
क्या आपने फर्श पर लुढ़कती गेंद को कुछ समय पश्चात् रुकते देखा है?
उत्तर:
हाँ, हमने फर्श पर लुढ़कती गेंद को कुछ समय पश्चात् रुकते देखा है। पृथ्वी द्वारा घर्षण बल लगता है जिससे गेंद की गति धीमी होती जाती है और अन्त में गेंद रुक जाती है।

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प्रश्न 3.
केले के छिलके पर कदम पड़ते ही हम क्यों फिसल जाते हैं?
उत्तर:
केले का छिलका बहुत चिकना होता है इसमें घर्षण नहीं होता। अतः जब हमारा कदम उस पर पड़ता है, हम फिसल जाते हैं।

प्रश्न 4.
किसी चिकने तथा गीले फर्श पर चलना क्यों कठिन होता है?
उत्तर:
चिकने तथा गीले फर्श पर चलने के लिए उचित घर्षण की आवश्यकता होती है जो हमें नहीं मिल पाता। इसलिए चिकने तथा गीले फर्श पर चलना कठिन होता है।

घर्षण बल

क्रियाकलाप 12.1

प्रश्न 1.
क्या इस बार भी पुस्तक रुक जाती है?
उत्तर:
हाँ, इस बार भी पुस्तक रुक जाती है।

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प्रश्न 2.
क्या आप इसका स्पष्टीकरण सोच सकते हैं?
उत्तर:
इस स्थिति में पुस्तक कुछ दूरी चलने के बाद रुक जाती है। इसका कारण है कि पुस्तक पर मेज की सतह का घर्षण बल लगता है जो पुस्तक की गति का विरोध करता है।

प्रश्न 3.
क्या हम कह सकते हैं कि पुस्तक की गति का विरोध करने के लिए उस पर कोई बल लगना चाहिए?
उत्तर:
हाँ, पुस्तक की गति का विरोध करने के लिए उस पर बल लग रहा है। इस बल को हम घर्षण बल कहते हैं।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 147

प्रश्न 1.
क्या सभी पृष्ठों पर समान घर्षण बल लगता है? क्या यह पृष्ठों के चिकनेपन पर निर्भर करता है?
उत्तर:
नहीं, सभी पृष्ठों पर समान घर्षण बल नहीं लगता। हाँ, यह पृष्ठों के चिकनेपन पर निर्भर करता है। चिकने पृष्ठों पर कम घर्षण बल लगता है जबकि रूक्ष पृष्ठों पर अधिक घर्षण बल लगता है।

घर्षण को प्रभावित करने वाले कारक

क्रियाकलाप 12.2

प्रश्न 1.
क्या आप उपरोक्त दोनों स्थितियों में कमानीदार तुला के पाठ्यांकों में कोई अन्तर पाते हैं?
उत्तर:
हाँ, पहली स्थिति में कमानीदार तुला का पाठ्यांक दूसरी स्थिति के पाठ्यांक से कम होगा।

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प्रश्न 2.
इस अन्तर का क्या कारण हो सकता है?
उत्तर:
प्रथम स्थिति में फर्श के सम्पर्क में आने वाली ईंट की सतह अधिक खुरदरी है, अतः घर्षण बल अधिक होगा। लेकिन दूसरी स्थिति में, जब ईंट के ऊपर पॉलीथीन का टुकड़ा लपेट देते हैं तो ईंट की सतह अपेक्षाकृत चिकनी हो जाती है अतः इस स्थिति में ईंट को गति देने में कम घर्षण बल की आवश्यकता होगी।

क्रियाकलाप 12.3

प्रश्न 1.
आनत समतल के किसी बिन्द पर पेन से कोई चिह्न अंकित कीजिए। अब कोई पेन्सिल सेल इस बिन्दु से नीचे लुढ़कने दीजिए। रुकने से पूर्व यह (पेन्सिल सेल) मेज पर कितनी दूरी तय करता है?
उत्तर:
रुकने से पूर्व यह आनत समतल के आखिरी तक जाता है और मेज पर रुक जाता है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 148

प्रश्न 1.
किस स्थिति में पेन्सिल सेल द्वारा तय की गई दूरी सबसे कम है?
उत्तर:
पेन्सिल सेल द्वारा तय की गई दूरी उस स्थिति में सबसे कम होगी जब मेज पर रेत की पतली पर्त बिछाई गई है।

प्रश्न 2.
सेल द्वारा तय की गई दूरियाँ भिन्न-भिन्न क्यों होती हैं? इसका कारण जानने का प्रयास कीजिए।
उत्तर:
इसका कारण भिन्न-भिन्न सतहों द्वारा उत्पन्न विभिन्न घर्षण की मात्रा है। रेत की सतह पर चली गई दूरी सबसे कम होगी क्योंकि रेत की सतह पर घर्षण अधिक होगा।

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प्रश्न 3.
क्या सेल द्वारा चली दूरी जिस पृष्ठ पर वह चलता है, उसकी प्रकृति पर निर्भर करती है?
उत्तर:
हाँ, सेल द्वारा चली गई दूरी उस पृष्ठ की प्रकृति पर निर्भर करती है जिस पर वह चलता है।

प्रश्न 4.
क्या पेन्सिल सेल के पृष्ठ का चिकनापन भी चली गई दूरी को प्रभावित करता है?
उत्तर:
हाँ, पेन्सिल सेल के पृष्ठ का चिकनापन भी चली गई दूरी को प्रभावित करता है।

प्रश्न 5.
मैं इस क्रियाकलाप को सेल पर रेगमाल का टुकड़ा लपेट कर करूँगा।
उत्तर:
तब इस स्थिति में घर्षण बल बढ़ जाएगा।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 149

घर्षण: हानिकारक परन्तु अनिवार्य

प्रश्न 1.
किसी काँच के गिलास अथवा किसी कुल्हड़ में से किसे पकड़े रखना आसान है?
उत्तर:
काँच के गिलास की अपेक्षा कुल्हड़ को पकड़ना आसान है क्योंकि इसकी सतह खुरदरी होती है। इसमें अधिक घर्षण बल होगा।

प्रश्न 2.
मान लीजिए किसी गिलास का बाहरी पृष्ठ चिकना है अथवा उस पर पकाने के तेल की परत चढ़ी है तो क्या उसे हाथ में पकड़ना आसान होगा अथवा अधिक कठिन हो जाएगा?
उत्तर:
यदि गिलास का बाहरी पृष्ठ चिकना अथवा उस पर पकाने के तेल की परत चढ़ी है तो उसे पकड़ना अधिक कठिन हो जाएगा क्योंकि इस सतह पर न्यूनतम घर्षण होगा। इसलिए वह फिसलता जाएगा।

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प्रश्न 3.
यदि घर्षण न हो तो क्या आपके लिए गिलास को पकड़े रखना सम्भव हो पाएगा?
उत्तर:
नहीं, यह कभी सम्भव नहीं हो पाएगा।

प्रश्न 4.
क्या आप घर्षण न होने की स्थिति में चलने की कल्पना कर सकते हैं?
उत्तर:
नहीं, घर्षण न होने की स्थिति में हम चलने की कल्पना नहीं कर सकते। हम फिसल जायेंगे।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 150

प्रश्न 1.
कुछ मिनट तक अपनी हथेलियों को तेजी से एक-दूसरे के साथ रगड़िए। आप क्या अनुभव करते हैं?
उत्तर:
हथेलियों को एक-दूसरे के साथ रगड़ने से हम गर्मी का अनुभव करते हैं। हमारी हथेलियाँ गर्म हो जाती हैं।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 151

घर्षण बढ़ाना तथा घटाना

प्रश्न 1.
क्या आपने कभी यह सोचा है कि आपके जूतों की तली खाँचेदार क्यों है?
उत्तर:
जूतों की खाँचेदार तली फर्श से अच्छी पकड़ बनाती है जिसके कारण हम अच्छी तरह चल सकते हैं।

प्रश्न 2.
कैरम बोर्ड पर आप महीन पाउडर क्यों छिड़कते हैं?
उत्तर:
कैरम बोर्ड पर हम महीन पाउडर घर्षण को कम करने के लिए डालते हैं जिससे कि स्ट्राइकर तेजी से गति कर सके।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 152

प्रश्न 1.
क्याहमपृष्ठों परपॉलिशकरकेअथवाअत्यधिक मात्रा में स्नेहक पदार्थों का उपयोग करके घर्षण को घटाकर शून्य कर सकते हैं?
उत्तर:
हम पृष्ठों पर पॉलिश करके अथवा अत्यधिक मात्रा में स्नेहक पदार्थों का उपयोग करके घर्षण को शून्य नहीं कर सकते। घर्षण को हम केवल न्यूनतम कर सकते हैं।

पहिए घर्षण कम कर देते हैं

प्रश्न 1.
आपने अटैचियों तथा अन्य भारी सामानों (असबाबों) पर रोलर जड़े देखे होंगे। ऐसे सामानों को कोई छोटा बच्चा भी आसानी से खींच सकता है। ऐसा क्यों होता है?
उत्तर:
रोलर जब लुढ़कते हैं तो उन पर लोटनिक घर्षण कार्य करता है। रोलर का लोटन घर्षण को कम कर देता है। यही कारण है कि रोलर जड़ा सामान खींचना सुविधाजनक होता है, इसीलिए ऐसे सामानों को कोई छोटा बच्चा भी आसानी से खींच सकता है।

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प्रश्न 2.
क्या अब आप यह समझ सकते हैं कि पहिए के आविष्कार को मानव जाति की महानतम खोजों में क्यों गिना जाता है?
उत्तर:
पहिया लोटनिक घर्षण प्रदान करता है जो सी घर्षण से कम होता है। इसलिए अधिकांश मशीनों में घर्षण को बाल बेयरिंग का उपयोग करके लोटन में प्रतिस्थापित किया जाता है। अतः पहिए के उपयोग करने से कीमत कम हो जाती है। यही कारण है कि पहिए को मानव जाति की महानतम खोजों में गिना जाता है।

क्रियाकलाप 12.4

प्रश्न 1.
क्या आप यह अनुभव करते हैं कि पुस्तक को सरकाने की तुलना में इस प्रकार गतिशील कराने में घर्षण कम हो गया है?
उत्तर:
हाँ, हम अनुभव करते हैं कि पुस्तक को सरकाने की तुलना में इस प्रकार गति कराने में घर्षण बल कम हो गया है।

प्रश्न 2.
क्या आपने भारी मशीनों को उनके नीचे लकड़ी के लढें रखकर एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाते देखा है?
उत्तर:
हाँ, हमने भारी मशीनों को उनके नीचे लकड़ी के लढें रखकर एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाते देखा है क्योंकि लोटनिक घर्षण सी घर्षण से कम होता है। इसलिए भारी मशीनों के बीच लकड़ी के लढे लगा देते हैं।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 153

तरल घर्षण

प्रश्न 1.
आपके विचार से वैज्ञानिकों को उन विशिष्ट आकृतियों के बारे में कहाँ से संकेत प्राप्त होते हैं?
उत्तर:
वैज्ञानिकों को इन विशिष्ट आकृतियों के बारे में संकेत प्रकृति से प्राप्त होते हैं।

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प्रश्न 2.
क्या आप किसी वायुयान की आकृति तथा किसी पक्षी की आकृति में कोई समानता पाते हैं?
उत्तर:
हाँ, वायुयान तथा पक्षी की आकृति चिकनी, गोल तथा आगे से नुकीली होती है जो उनके उड़ते समय वायु द्वारा उत्पन्न घर्षण को कम कर देती है।

MP Board Class 8th Science Chapter 12 पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –

  1. घर्षण एक-दूसरे के रखे सम्पर्क में रखी दो वस्तुओं के बीच …….. का विरोध करता है।
  2. घर्षण पृष्ठों के …….. पर निर्भर करता है।
  3. घर्षण से ……… उत्पन्न होती है।
  4. कैरम बोर्ड पर पाउडर छिड़कने से घर्षण …….. हो जाता है।
  5. सी घर्षण स्थैतिक घर्षण से ……… होता है।

उत्तर:

  1. गति।
  2. प्रकृति।
  3. ऊष्मा।
  4. कम।
  5. कम।

प्रश्न 2.
चार बच्चों को लोटनिक, स्थैतिक तथा सी घर्षण के कारण बलों को घटते क्रम में व्यवस्थित करने के लिए कहा गया। उनकी व्यवस्था नीचे दी गई है। सही व्यवस्था का चयन कीजिए –

  1. लोटनिक, स्थैतिक, सी।
  2. लोटनिक, सी, स्थैतिक।
  3. स्थैतिक, सपी, लोटनिक।
  4. सी, स्थैतिक, लोटनिक।

उत्तर:
स्थैतिक, सी, लोटनिक।

प्रश्न 3.
आलिदा अपनी खिलौना कार को संगमरमर के सूखे फर्श, संगमरमर के गीले फर्श, फर्श पर बिछे समाचार-पत्र तथा तौलिए पर चलाती है। कार पर विभिन्न पृष्ठों पर लगे घर्षण बल का क्रम होगा –

  1. संगमरमर का गीला फर्श, संगमरमर का सूखा फर्श, समाचार-पत्र, तौलिया।
  2. समाचार पत्र, तौलिया, संगमरमर का सूखा फर्श, संगमरमर का गीला फर्श।
  3. तौलिया, समाचार पत्र, संगमरमर का सूखा फर्श, संगमरमर का गीला फर्श।
  4. संगमरमर का गीला फर्श, संगमरमर का सूखा फर्श, तौलिया, समाचार पत्र।

उत्तर:
संगमरमर का गीला फर्श, संगमरमर का सूखा फर्श,,समाचार पत्र, तौलिया।

प्रश्न 4.
मान लीजिए आप अपने डेस्क को थोड़ा झुकाते हैं। उस पर रखी कोई पुस्तक नीचे की ओर सरकना आरम्भ कर देती है। इस पर लगे घर्षण बल की दिशा दर्शाइए।
उत्तर:
घर्षण बल की दिशा पुस्तक के सरकने की दिशा के विपरीत अर्थात् ऊपर की ओर होगी।
MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 12 घर्षण 1

प्रश्न 5.
मान लीजिए दुर्घटनावश साबुन के पानी से भरी बाल्टी संगमरमर के किसी फर्श पर उलट जाए। इस गीले फर्श पर आपके लिए चलना आसान होगा या कठिन। अपने उत्तर का कारण बताइए।
उत्तर:
साबुन का पानी फर्श द्वारा प्रदान किए गए घर्षण बल को कम कर देता है। इसलिए इस गीले फर्श पर चलना कठिन होगा।

प्रश्न 6.
खिलाड़ी कीलदार जूते (स्पाइक्स) क्यों पहनते हैं? व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
खिलाड़ी कीलदार जूते (स्पाइक्स) इसलिए पहनते हैं जिससे कि पर्याप्त घर्षण बल मिल सके। स्पाइक्स उन्हें आवश्यक घर्षण बल प्रदान करता है जिससे जमीन पर उनकी पकड़ बनी रहती है।

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प्रश्न 7.
इकबाल को हल्की पेटिका धकेलनी है तथा सीमा को उसी फर्श पर भारी पेटिका धकेलनी है। कौन अधिक घर्षण बल का अनुभव करेगा और क्यों?
उत्तर:
सीमा अधिक घर्षण बल का अनुभव करेगी क्योंकि सीमा की पेटिका भारी है उसे अधिक बल लगाना पड़ेगा। अतः सीमा अधिक घर्षण बल का अनुभव करेगी।

प्रश्न 8.
व्याख्या कीजिए, सी घर्षण स्थैतिक घर्षण से कम क्यों होता है?
उत्तर:
सी घर्षण स्थैतिक घर्षण से इसलिए कम होता है, क्योंकि जब कोई वस्तु गतिमान होती है तो उसके पृष्ठ को उतना समय नहीं मिल पाता कि वे फर्श के सम्पर्क बिन्दुओं में धंस सके। अतः सी घर्षण स्थैतिक घर्षण से कम होता है।

प्रश्न 9.
वर्णन कीजिए कि घर्षण किस प्रकार शत्रु एवं मित्र दोनों है?
उत्तर:
घर्षण शत्रु है –
घर्षण के हानिकारक प्रभाव निम्न है –

  1. घर्षण से मशीनों के पुर्जे घिस जाते हैं।
  2. मशीनों की दक्षता घट जाती है।
  3. मशीनों को दी गई ऊर्जा का कुछ भाग ऊष्मा के रूप में व्यय हो जाता है।

घर्षण मित्र है –
घर्षण अनिवार्य है, क्योंकि –

  1. घर्षण के बिना हम चल नहीं सकते।
  2. घर्षण के कारण ही हम दीवार पर कील ठोंक पाते हैं।
  3. घर्षण के कारण ही हम वाहनों पर ब्रेक लगाकर हम उन्हें रोक लेते हैं।
  4. भोजन का चबाना भी घर्षण के कारण है।
  5. घर्षण के कारण लिखना सम्भव है।
  6. माचिस की तीली घर्षण के कारण ही आग उत्पन्न करती है।

प्रश्न 10.
वर्णन कीजिए कि तरल में गति करने वाली वस्तुओं की आकृति विशेष प्रकार की क्यों बनाते हैं?
उत्तर:
वायु की तरह तरल भी वस्तुओं पर घर्षण बल लगाते हैं। पक्षी और मछलियाँ हमेशा तरल में गति करती हैं। अत: उनकी आकृति इस प्रकार की बनाई जाती है कि उन्हें घर्षण बल का सामना करने के लिए अधिक ऊर्जा व्यय न करनी पड़े। इस प्रकार की आकृति चिकनी एवं गोल (Streamlined) होती है। विशेष प्रकार की आकृति देने से घर्षण कम हो जाता है।

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MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब

MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब

MP Board Class 8th Science Chapter 11 पाठ के अन्तर्गत के प्रश्नोत्तर

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 127

प्रश्न 1.
हम यह कैसे निश्चित करते हैं कि कोई वस्तु दूसरी वस्तु से अधिक तेजी से गतिशील है?
उत्तर:
दोनों वस्तुओं की चाल से।

प्रश्न 2.
किसी वस्तु द्वारा एकांक समय में चली गई दूरी क्या सूचित करती है?
उत्तर:
किसी वस्तु द्वारा एकांक समय में चली गई दूरी उसकी चाल कहलाती है।

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प्रश्न 3.
क्या आपने कभी सोचा है कि गतिशील वस्तु धीमी या तेज कैसे हो जाती है, आपका अपनी जाति को दिशा कैसे बदल लेती है?
उत्तर:
बल वह एक कारक है जिससे गतिशील वस्तु धीमी या तेज हो जाती है अथवा गति की दिशा बदल लेती है।

प्रश्न 4.
किसी फुटबॉल को गतिशील करने के लिए क्या करते हैं?
उत्तर:
फुटबॉल को आगे गतिशील करने के लिए किक मारते हैं। किक मारने से फुटबॉल पर बल लगता है।

प्रश्न 5.
किसी गतिशील गेंद को और अधिक तेजी से चलाने के लिए आप क्या करते हैं?
उत्तर:
किसी गतिशील गेंद को और अधिक तेजी से चलाने के लिए गेंद को और अधिक बल से धकेलते हैं।

प्रश्न 6.
एक गोली (गोलरक्षक) गेंद को किस प्रकार रोकता है?
उत्तर:
गोलरक्षक गेंद पर बल लगाकर गेंद को गोल में आने से रोकता है।

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प्रश्न 7.
क्षेत्ररक्षक, बल्लेबाज द्वारा हिट की गई गेंद को कैसे रोकते हैं?
उत्तर:
क्षेत्ररक्षक, बल्लेबाज द्वारा हिट की गई गेंद को बल लगाकर रोकने का प्रयास करते हैं।

प्रश्न 8.
बल क्या है?
उत्तर:
कार्य करने के लिए धक्का या खिंचाव लगाया जाता है, उसे बल कहते हैं।

प्रश्न 9.
जिन वस्तुओं पर यह लगाया जाता है उन पर यह क्या प्रभाव डालता है?
उत्तर:
जिन वस्तुओं पर यह लगाया जाता है उससे वस्तु गतिशील हो सकती, अपनी ओर खिंच सकती है, गतिशील वस्तु रुक सकती है, उछल सकती है, अपनी दिशा में परिवर्तन कर सकती है, आदि।

बल-अपकर्षण या अभिकर्षण

प्रश्न 1.
क्या इन शब्दों की जगह एक या अधिक अन्य शब्दों का प्रयोग कर सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, इन शब्दों की जगह धक्का या खिंचाव का प्रयोग कर सकते हैं।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 128

क्रियाकलाप 11.1

प्रश्न 1.
सारणी में गति की सुपरिचित स्थितियों के कुछ उदाहरण दिए गए हैं। आप इनमें से कुछ ऐसी ही और अधिक स्थितियों को जोड़ सकते हो अथवा इन उदाहरणों में से कुछ को बदल सकते हो। प्रत्येक दशा में कार्य को धक्का देना अथवा/या खींचना के रूप में पहचानिए तथा सारणी में लिखिए। आपकी सहायता के लिए एक उदाहरण दिया गया है।
उत्तर:
MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब 1

प्रश्न 2.
क्या आपने ध्यान दिया कि इनमें से प्रत्येक कार्य को अभिकर्षण (खींचना) या अपकर्षण (धक्का देना) अथवा दोनों के रूप में व्यक्त किया जा सकता है। क्या हम इससे यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि किसी वस्तु को गति में जाने के लिए उसे धक्का देना (अपकर्षित करना) या खींचना (अभिकर्षित करना) पड़ता है?
उत्तर:
हाँ, प्रत्येक कार्य को धक्का देना या खींचने के रूप में व्यक्त किया जा सकता है। यहाँ से हम यह निष्कर्ष निकालते हैं
कि किसी वस्तु को गति में लाने के लिए धक्का देना, या खींचना और कभी-कभी दोनों ही आवश्यक हैं।

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प्रश्न 3.
वस्तुओं पर बल कब लगता है?
उत्तर:
किसी वस्तु पर बल उस समय लगता है जब हम वस्तु को धक्का देते हैं, खींचते हैं, उस पर प्रहार करते हैं, उसको उछालते हैं, उसमें ठोकर मारते हैं, इत्यादि।

प्रश्न 4.
मैंने कक्षा VI में पढ़ा है कि चुम्बक एक लोहे के टुकड़े को अपनी ओर आकर्षित करता है। क्या आकर्षण भी एक खिंचाव (अभिकर्षण) है। किसी चुम्बक के दो समान ध्रुवों के बीच प्रतिकर्षण के बारे में आप क्या सोचते हैं? यह खिंचाव (अभिकर्षण) है या धक्का (अपकर्षण)?
उत्तर:
हाँ, आकर्षण भी एक खिंचाव ‘अभिकर्षण’ है, क्योंकि एक चुम्बक, दूसरी चुम्बक अथवा चुम्बकीय पदार्थ को आकर्षित करती है। प्रतिकर्षण धक्का देना (अपकर्षण) है क्योंकि चुम्बकों के समान ध्रुव एक-दूसरे को दूर हटाते हैं।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 129

बल अन्योन्य क्रिया के कारण लगते हैं

प्रश्न 1.
मान लीजिए कोई आदमी स्थिर कार के पीछे खड़ा है। क्या उसकी उपस्थिति के कारण कार गति में आएगी?
उत्तर:
नहीं, उसकी उपस्थिति के कारण कार में कोई गति नहीं आएगी।

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प्रश्न 2.
निम्नांकित चित्र तीन स्थितियाँ दर्शाता है। क्या आप बता सकते हैं कि इन स्थितियों में कौन खींच रहा है और कौन धक्का दे रहा है? चित्र
(i) में दोनों लड़कियाँ एक-दूसरे को धक्का देती हुई प्रतीत होती हैं जबकि चित्र?
(ii) में लड़कियों का एक युग्म एक-दूसरे को खींचने का प्रयत्न कर रहा है। इसी प्रकार चित्र?
(iii) में गाय तथा आदमी एक-दूसरे को खींचते हुए प्रतीत होते हैं। यहाँ पर दर्शायी गई दोनों स्थितियों में लड़कियाँ एक-दूसरे पर बल लगा रही हैं। क्या यह बात आदमी तथा गाय पर भी लागू होती हैं?
MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब 2
उत्तर:
हाँ, यह बात आदमी तथा गाय पर भी लागू होती है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 130

क्रियाकलाप 11.2

प्रश्न 1.
क्या आप इसे खिसका पाते हैं?
उत्तर:
नहीं, हम इसे नहीं खिसका पाते।

प्रश्न 2.
क्या अब इसको खिसकाना आसान है? क्या आप बता सकते हैं कि ऐसा क्यों हुआ?
MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब 3
उत्तर:
हाँ, इसको खिसकाना आसान है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि हम दोनों के द्वारा लगाया गया बल जुड़कर पहले लगाये गए बल से अधिक है। अब वस्तु अधिक बल के कारण खिसक जाएगी।

प्रश्न 3.
अपने मित्र से कहिए कि वह इसे विपरीत दिशा से धकेले। क्या वस्तु गतिमान होती है?
MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब 4
यदि वह गति में आती है तो इसकी गति की दिशा को नोट कीजिए। क्या आप अनुमान लगा सकते हैं कि आप में से कौन अधिक बल लगा रहा है?
उत्तर:
हाँ, वह वस्तु गतिमान होगी। इस स्थिति में नेट बल दोनों के द्वारा लगाए गए बलों के अन्तर के बराबर होगा। अतः वस्तु पर लगने वाले बल का परिमाण जिस दिशा में अधिक होगा वस्तु उसी ओर गति करेगी।

बलों की खोजबीन

प्रश्न 1.
क्या आपने कभी रस्साकसी का खेल देखा है?
उत्तर:
हाँ, हमने रस्साकसी का खेल देखा है।

प्रश्न 2.
क्या यह चित्र 11.2 (प्रश्न 3) चित्र में दर्शायी गई स्थिति के समान नहीं है?
उत्तर:
हाँ, यह चित्र 11.2 (प्रश्न 3) चित्र में दर्शायी गई स्थिति के समान ही है।
MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब 5

प्रश्न 3.
क्रियाकलाप 11.2 में जब आप दोनों भारी सन्दूक को,विपरीत दिशा में धकेल रहे थे तो आपने क्या देखा था?
उत्तर:
हमने देखा था कि वस्तु पर जिस दिशा में बल का परिमाण अधिक लगता है वस्तु उसी ओर गति करती है।

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प्रश्न 4.
क्या इसका अर्थ यह है कि यदि किसी वस्तु पर विपरीत दिशाओं में लगने वाले बल बराबर हैं तो उस पर लगने वाला नेट बल शून्य होगा?
उत्तर:
हाँ, इसका अर्थ यह है कि यदि किसी वस्तु पर विपरीत दिशाओं में लगने वाले बल बराबर हैं तो उस पर लगने वाला नेट बल शून्य होगा।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 131

क्रियाकलाप 11.3

प्रश्न 1.
गेंद को धीरे से समतल पर धक्का दीजिए, क्या गेंद गति में आ जाती है?
उत्तर:
हाँ, गेंद गति में आ जाती है।

प्रश्न 2.
गतिशील गेंद को फिर से धक्का दीजिए। क्या इसकी चाल में कुछ परिवर्तन होता है? यह बढ़ती है या घटती है?
उत्तर:
हाँ, इसकी चाल में परिवर्तन होता है। इसकी चाल बढ़ जाती है।

प्रश्न 3.
क्या आपकी हथेली गेंद पर कोई बल लगाती है? गेंद की चाल पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है? क्या यह बढ़ती है या घटती है।
उत्तर:
हाँ, हमारी हथेली गेंद पर बल लगाती है। इससे गेंद की चाल धीमी हो जाती है। गेंद की चाल घट जाती है।

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प्रश्न 4.
यदि आप गतिशील गेंद को अपनी हथेली से रोक लें तो क्या होगा?
उत्तर:
यदि गतिशील गेंद को हथेली पर रोक लें तो गेंद रुक जाएगी और इसकी गति शून्य होगी।

बल वस्तु की गति की अवस्था में परिवर्तन कर सकता है

प्रश्न 1.
मैंने बच्चों को एक-दूसरे से रबड़ के टायर या किसी घेरे की धकेल कर तेल चलाने की होड़ लगाते देखा है। अब मैं समझ गया कि धक्का देने पर टायर की चाल क्यों बढ़े जाती है?
MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब 6
उत्तर:
जब चलते हुए टायर में उसकी गति की दिशा में बल लगाया जाता है तो उसकी चाल बढ़ जाती है।

क्रियाकलाप 11.4

प्रश्न 1.
क्या पैमाने से टकराने के पश्चात् गेंद उसी दिशा में गति करती रहती है?
उत्तर:
नहीं, पैमाने से टकराने के बाद गेंद उसी दिशा में गति नहीं करेगी। उसकी गति की दिशा बदल जाएगी। वह उस दिशा में गति करेगी जिस दिशा से वह आ रही थी।

प्रश्न 2.
उस क्रियाकलाप को दोहराइए तथा प्रत्येक बार पैमाने को इस प्रकार रखिए कि ये गतिशील गेंद के पथ से पहले से भिन्न कोण बनाए। प्रत्येक स्थिति में पैमाने से टकराने के पश्चात् गेंद की गति की दिशा के बारे में अपने प्रेक्षणों को नोट करिए।
उत्तर:
इस स्थिति में गेंद नहीं रुकेगी लेकिन गतिशील गेंद की दिशा एवं चाल बदल जाएगी। वह धीमी चाल से गति करेगी।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 132

प्रश्न 1.
पहेली यह जानने के लिए उत्सुक है कि क्या बल लगाने से केवल वस्तु की चाल ही परिवर्तित होती है?
उत्तर:
नहीं, बल लगाने से वस्तु की केवल चाल ही परिवर्तित नहीं होती, गतिशील वस्तु की दिशा भी बदल सकती

प्रश्न 2.
क्या आप इस प्रकार के कुछ और उदाहरण प्रस्तुत कर सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, फुटबॉल, बॉलीबॉल और बैंडमिण्टन की स्थिति में दिशा एवं चाल दोनों ही बदल जाते हैं।

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प्रश्न 3.
क्या इसका यह अर्थ है कि बल लगाने पर सदैव ही किसी वस्तु की गति की अवस्था में परिवर्तन होगा?
उत्तर:
नहीं, इसका अर्थ यह नहीं है कि किसी वस्तु पर बल लगाने पर सदैव ही उसकी गति की अवस्था में परिवर्तन होगा। परिवर्तन का होना बल पर निर्भर करता है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 133

क्रियाकलाप 11.5

प्रश्न 1.
जितनी स्थितियों में सम्भव हो बल का प्रभाव देखने का प्रयत्न कीजिए। आप अपने पर्यावरण में उपलब्ध सामग्री का उपयोग करके इसी प्रकार की कुछ अन्य स्थितियों को भी यहाँ पर जोड़ सकते हैं। अपने प्रेक्षणों को सारणी के स्तम्भ 4 तथा 5 में नोट कीजिए।
उत्तर:
MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब 7

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 134

प्रश्न 1.
उपरोक्त सारणी के प्रेक्षणों से आप क्या निष्कर्ष निकालते हैं?
उत्तर:
बल लगाने पर प्रथम तीन स्थितियों में आकृति में परिवर्तन होता है। अन्तिम स्थिति में आकृति में परिवर्तन नहीं होता।

प्रश्न 2.
जब आप हथेलियों के बीच एक फूले हुए गुब्बारे को रखकर दबाते हैं तो क्या होता है? जब गुंथे आटे की लोई को बेलकर चपाती बनाते हैं तो उसकी आकृति पर क्या प्रभाव पड़ता है? जब आप मेज पर रखी किसी गेंद को दबाते हैं तो क्या होता है?
उत्तर:
तीनों ही स्थितियों में हाथ से बल लगाया जा रहा है। अतः इनकी आकृति में परिवर्तन होगा। गुब्बारे तथा गेंद की आकृति में अस्थायी रूप से परिवर्तन होगा जबकि आटे की लोई की आकृति में स्थायी परिवर्तन होगा।

सम्पर्क बल

पेशीय बल

प्रश्न 1.
क्या आप मेज पर रखी पुस्तक को बगैर छुए धकेल या उठा सकते हैं?
उत्तर:
नहीं, हम मेज पर रखी पुस्तक को बगैर छुए हुए न तो धकेल सकते हैं और न ही उठा सकते हैं।

प्रश्न 2.
क्या बगैर पकड़े पानी की किसी बाल्टी को उठा सकते हैं?
उत्तर:
नहीं, बगैर पकड़े पानी की किसी बाल्टी को हम नहीं उठा सकते।

प्रश्न 3.
क्या इस प्रक्रिया को पेशीय बल करता है?
उत्तर:
हाँ, इस प्रक्रिया को पेशीय बल करता है।

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प्रश्न 4.
श्वसन प्रक्रिया को सम्भव बनाने के लिए ये पेशियाँ कहाँ स्थित हैं?
उत्तर:
ये पेशियाँ फेफड़ों में स्थित हैं।

प्रश्न 5.
हमारे शरीर में पेशियों द्वारा बल लगाने के क्या कुछ और उदाहरण आप बतला सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, ये उदाहरण हैं –

  1. हाथ-पैरों की गति।
  2. हृदय में स्पन्दन होना।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 135

घर्षण

प्रश्न 1.
क्या आप इस प्रकार के कुछ अन्य अनुभवों को इसमें जोड़ सकते हैं?
उत्तर:
हाँ,

  1. फर्श पर लुढ़कता हुआ सिक्का रुक जाता है।
  2. बच्चों की रेलगाड़ी खिलौना बल लगाने से चलने के कुछ समय बाद रुक जाती है।

प्रश्न 2.
इनकी गति की अवस्था में परिवर्तन किस कारण होता है? क्या इन पर कोई बल लग रहा होता है? क्या आप अनुमान लगा सकते हैं कि प्रत्येक दिशा में बल किस दिशा में लग रहा होगा?
उत्तर:
वस्तुओं में लगने वाला यह घर्षण बल है जो वस्तु की गति की अवस्था में परिवर्तन कर देता है। जिस दिशा में घर्षण बल लगता है उसके विपरीत वस्तु की गति होती है।

असम्पर्क बल

चुम्बकीय बल

क्रियाकलाप 11.6

प्रश्न 1.
देखिए क्या होता है, अब चुम्बक के दूसरे सिरे को बेलनों पर रखे चुम्बक के उसी सिरे के समीप लाइए चित्र प्रत्येक बार नोट कीजिए कि क्या होता है जब दूसरे चुम्बक को बेलनों पर रखे चुम्बक के समीप लाया जाता है।
MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब 8
उत्तर:
जब चुम्बक के एक सिरे को पेन्सिलों के ऊपर रखे चुम्बक के एक सिरे के समीप लाते हैं तो प्रतिकर्षण होता है [चित्र. 11.5(i)]। जब चुम्बक के उसी सिरे को पेन्सिलों के ऊपर रखे चुम्बक के दूसरे सिरे के समीप लाते हैं तो आकर्षण होता है। चित्र [(11.5(ii)]।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 136

प्रश्न 1.
क्या बेलनों पर रखा चुम्बक, दूसरे चुम्बक को समीप लाने पर गति करने लगता है? क्या वह सदैव समीप आने वाले चुम्बक की दिशा में गति करता है?
उत्तर:
हाँ, बेलनों पर रखा चुम्बक, दूसरे चुम्बक को समीप लाने पर गति करने लगता है। नहीं, वह सदैव समीप आने वाले चुम्बक की दिशा में गति नहीं करता। यदि दोनों चुम्बकों के विपरीत ध्रुव एक-दूसरे के समीप होंगे तो बेलनों पर रखा चुम्बक समीप आने वाले चुम्बक की दिशा में गति करता है तथा समान ध्रुव होने पर यह विपरीत दिशा में गति करेगा।

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प्रश्न 2.
ये प्रेक्षण क्या सुझाते हैं? क्या इसका अर्थ यह है कि चुम्बकों के बीच कोई बल अवश्य ही कार्य कर रहा है?
उत्तर:
ये प्रेक्षण सुझाते हैं कि –

  1. दो चुम्बकों के समान ध्रुव (समान बल) होने पर प्रतिकर्षण बल कार्य करता है।
  2. दो चुम्बकों के असमान ध्रुव (असमान बल) होने पर आकर्षण बल कार्य करता है। हाँ, इसका अर्थ यह है कि चुम्बकों के बीच कोई बल अवश्य ही कार्य करता है।

प्रश्न 3.
क्या चुम्बकों के बीच लगने वाले बल को देखने के लिए आपको उन्हें सम्पर्क में लाना पड़ता है?
उत्तर:
नहीं, चुम्बकों के बीच लगने वाले बल को देखने के लिए हमें इन्हें सम्पर्क में नहीं लाना पड़ता।

स्थिर वैद्युत बल

क्रियाकलाप 11.7

प्रश्न 1.
आप क्या देखते हैं?
उत्तर:
हम देखते हैं कि लटका हुआ स्ट्रॉ हाथ वाले स्ट्रॉ की ओर आकर्षित होता है।

प्रश्न 2.
अब आप क्या देखते हैं?
उत्तर:
इस स्थिति में दोनों स्ट्रॉ के बीच प्रतिकर्षण होता है।

गुरुत्वाकर्षण बल

प्रश्न 1.
पेड़ से अलग होने के पश्चात् पत्तियाँ या फल भी धरती की ओर ही गिरते हैं। क्या कभी आपने सोचा है कि ऐसा क्यों होता है?
उत्तर:
हाँ, यह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण होता है।

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प्रश्न 2.
क्या इस पर बिना बल लगे ऐसा हो सकता है? यह बल कौन-सा है?
उत्तर:
नहीं, इस पर बिना बल लगे ऐसा नहीं हो सकता। यह बल गुरुत्व बल है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 137

दाब

प्रश्न 1.
क्या दाब तथा बल में कोई सम्बन्ध है?
उत्तर:
हाँ, एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले बल को दाब कहते हैं।
MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब 9

प्रश्न 2.
किसी लकड़ी के तख्ते में एक कील को इसके शीर्ष से ठोंकने का प्रयत्न कीजिए। क्या आप सफल हो पाते हैं?
उत्तर:
नहीं।

प्रश्न 3.
अब कील को नुकीले सिरे से ठोंकने का प्रयत्न कीजिए। क्या आप इस बार सफल हो पाते हैं?
उत्तर:
हाँ, नुकीले सिरे से ठोंकने पर कील लकड़ी के तख्ने में ठुक जाती है।

प्रश्न 4.
सब्जियों को किसी कुंठित (blunt) तथा एक तीखे चाकू से काटने का प्रयास कीजिए। किसमें आसानी है?
उत्तर:
सब्जियों को कुंठित चाकू से काटने की अपेक्षा तीखे चाकू से काटने में आसानी है।

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प्रश्न 5.
क्या आपको ऐसा लगता है कि जिस क्षेत्रफल पर बल लगाया जाता है (उदाहरण के लिए कील के नुकीले सिरे पर) वह इन कार्यों को आसान बनाने में एक भूमिका निभाता है?
उत्तर:
हाँ, यह सत्य है कि जिस क्षेत्रफल पर बल लगाया जाता है वह इन कार्यों को आसान बनाने में एक भूमिका निभाता है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 138

प्रश्न 1.
क्या अब आप बता सकते हैं कि कंधे पर लटकाने वाले थैलों में चौड़ी पट्टी क्यों लगाई जाती है? इन थैलों में बारीक पट्टी क्यों नहीं लगायी जाती? और काटने तथा सुराख करने वाले औजारों के किनारे सदैव तीक्ष्ण क्यों होते हैं?
उत्तर:
हाँ, थैलों में चौड़ी पट्टी लगाने से भार का सम्पर्क क्षेत्रफल बढ़ जाता है। इससे कंधों पर दाब कम हो जाता है। अतः कंधों पर दाब कम करने के लिए थैलों में बारीक पट्टी नहीं लगाई जाती। बारीक पट्टी लगाने से सम्पर्क क्षेत्रफल कम होगा, इससे कंधे पर दाब अधिक पड़ेगा। इसी प्रकार काटने और सुराख करने वाले औजारों के तीक्ष्ण किनारे होने से क्षेत्रफल कम हो जाता है, इससे दाब बढ़ जाता है। इसलिए वस्तुओं को काटना आसान हो जाता है।

प्रश्न 2.
क्या द्रवों तथा गैसों द्वारा भी दाब लगता है? क्या यह भी उस क्षेत्रफल पर निर्भर होता है जिस पर बल कार्य करता है?
उत्तर:
हाँ, द्रव और गैसें भी दाब लगाते हैं। लेकिन ये बर्तनों की दीवारों पर दाब लगाते हैं। द्रवों और गैसों द्वारा लगाया गया दाब बर्तन के आधार पर निर्भर नहीं करता। यह उस बर्तन में, द्रव या गैस के स्तम्भ की ऊँचाई पर निर्भर करता है जिसमें ये रखे जाते हैं।

द्रवों तथा गैसों द्वारा लगाया गया बल

क्रियाकलाप 11.8

प्रश्न 1.
क्या रबड़ की शीट बाहर की ओर फल जाती है?
उत्तर:
हाँ, जब पाइप में पानी का स्तम्भ बढ़ता है, तो रबड़ की शीट बाहर की ओर फूल जाती है।

प्रश्न 2.
क्या आप रबड़ शीट के फुलाव तथा पाइप में पानी के स्तम्भ की ऊँचाई में कुछ सम्बन्ध देख पाते हैं?
उत्तर:
हाँ, रबड़ शीट का फुलाव बर्तन में पानी के स्तम्भ की ऊँचाई के समानुपाती होता है।

क्रियाकलाप 11.9

प्रश्न 1.
आप क्या देखते हैं? इस बार काँच की नली के मुँह पर लगाई गई रबड़ की शीट क्यों फूल जाती है? बोतल में कुछ पानी और डालिए, क्या रबड़ की शीट के फुलाव में कुछ अन्तर आता है?
उत्तर:
हम देखते हैं कि काँच की नली के मुंह पर लगाई गई रबड़ की शीट फूल जाती है। इसका कारण है कि बोतल में भरा पानी का दाब है। यदि बोतल में कुछ पानी और डाल देते हैं तो जल की दाब बढ़ जाता है और रबड़ शीट और फूल जाती है।

प्रश्न 2.
क्या रबड़ शीट का फूलना यह दर्शाता है कि पानी बर्तन की दीवारों पर भी दाब डालता है?
उत्तर:
हाँ, रबड़ शीट का फूलना यह दर्शाता है कि पानी बर्तन की दीवारों पर भी दाब डालता है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 139

क्रियाकलाप 11.10

प्रश्न 1.
आप क्या देखते हैं? क्या सुराखों से निकला पानी बोतल से बराबर की दूरी पर गिरता है? यह क्या दर्शाता है?
उत्तर:
हम देखते हैं कि पानी सभी सुराखों से बाहर निकलता है। हाँ सुराखों से निकला पानी बोतल से बराबर की दूरी पर गिरता है। यह दर्शाता है कि पानी बराबर ऊँचाई पर, समान दाब डालता है।

दीवारों पर दाब डालते हैं?

प्रश्न 1.
क्या गैसें भी दाब डालती हैं? क्या वे भी जिस बर्तन में रखी जाती हैं, उसकी दीवारों पर दाब डालती हैं?
उत्तर:
हाँ, गैसें भी दाब डालती हैं। हाँ, गैसें जिस बर्तन में रखी जाती हैं उसकी दीवारों पर दाब डालती हैं।

प्रश्न 2.
जल संभरण के लिए प्रयोग किए जाने वाले पाइपों के लीक करते हुए जोड़ों या सुराखों से मैंने पानी के फुब्बारों को बाहर आते देखा है। क्या यह पानी द्वारा पाइप की दीवारों पर लगाए जाने वाले दाब के कारण नहीं है?
उत्तर:
हाँ, यह पानी द्वारा पाइप की दीवारों पर लगाए जाने वाले दाब के कारण है।

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प्रश्न 3.
जब आप किसी गुब्बारे को फुलाते हैं तो उसके मुँह को क्यों बन्द करना पड़ता है?
उत्तर:
उसके मुँह को इसलिए बन्द करना पड़ता है जिससे कि गैस बाहर न निकले।

प्रश्न 4.
यदि किसी फुलाए हुए गुब्बारे के मुँह को खोल दें तो क्या होता है?
उत्तर:
यदि किसी फुलाए हुए गुब्बारे के मुँह को खोल दें तो गुब्बारे से गैस तेजी से बाहर निकलती है जिसको गुब्बारे के मुँह पर हाथ रखकर अनुभव किया जा सकता है।

प्रश्न 5.
मान लीजिए कि आपके पास एक ऐसा गुब्बारा है जिसमें सुराख है। क्या आप इसे फुला पायेंगे? यदि नहीं तो क्यों?
उत्तर:
नहीं, हम ऐसे गुब्बारे को नहीं फुला पायेंगे जिसमें छेद है क्योंकि गुब्बारे में हवा भरने पर वह सुराख में होकर निकल जाएगी।

प्रश्न 6.
क्या हम कह सकते हैं कि वायु प्रत्येक दिशा में दाब लगाती है?
उत्तर:
हाँ, हम कह सकते हैं कि वायु प्रत्येक दिशा में दाब डालती है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 140

प्रश्न 1.
स्मरण कीजिए कि यदि साइकिल की ट्यूब में पंक्चर हो तो इसके अन्दर की हवा का क्या होता है? क्या ये प्रेक्षण दर्शाते हैं कि वायु किसी फुलाए हुए गुब्बारे या साइकिल की ट्यूब की अन्दर की दीवारों पर दाब डालती है?
उत्तर:
यदि साइकिल की ट्यूब में पंक्चर हो तो इसके अन्दर की हवा पंक्चर हुए सुराख से धीमे-धीमे बाहर आती है। हाँ, ये प्रेक्षण दर्शाते हैं कि वायु किसी फुलाए हुए गुब्बारे या साइकिल के ट्यूब की अन्दर की दीवारों पर दाब डालती है।

वायुमण्डलीय दाब

प्रश्न 1.
वायुमण्डल दाब है कितना?
उत्तर:
वायुमण्डलीय दाब बहुत अधिक है।

क्रियाकलाप 11.11

प्रश्न 1.
क्या यह पृष्ठ से चिपक जाता है? इसको खींचकर पृष्ठ से उठाने का प्रयास कीजिए। क्या आप सफल हो पाते हैं?
उत्तर:
हाँ, यह पृष्ठ से अच्छी तरह चिपक जाता है। नहीं, इसको उठाने में हम सफल नहीं हो पाते। इसको उठाने में हमें काफी अधिक बल लगाना पड़ेगा।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 141

प्रश्न 1.
क्या इससे आप अनुमान लगा सकते हैं कि वायुमण्डलीय दाब कितना अधिक होता है?
उत्तर:
हाँ,इससे हम अनुमान लगा सकते हैं कि वायुमण्डलीय दाब बहुत अधिक होता है।

प्रश्न 2.
यदि मेरे सिर का क्षेत्रफल 15 cm × 15 cm हों तो मैं अपने सिर पर कितना भार वहन कर रहा हूँ?
उत्तर:
सिर का क्षेत्रफल = 15 cm × 15 cm = 225 cm2
225 cm2 क्षेत्रफल तथा वायुमण्डल की ऊँचाई के स्तम्भ में वायु का भार लगभग 225 kg द्रव्यमान के किसी पिण्ड के भार 2250 N के बराबर होता है। अतः मैं अपने सिर पर 2250 N के बराबर भार वहन कर रहा हूँ।

प्रश्न 3.
इस भार के नीचे हम दबकर पिचक क्यों नहीं जाते?
उत्तर:
इसका कारण है कि हमारे शरीर के अन्दर का दाब वायुमण्डल दाब के बराबर है जो बाहरी दाब को निरस्त कर देता है।

MP Board Class 8th Science Chapter 11 पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
धक्के या खिंचाव के द्वारा वस्तुओं की गति की अवस्था में परिवर्तन के दो-दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
धक्के के कारण गति की अवस्था में परिवर्तन।

उदाहरण:

  1. हॉकी के खिलाड़ी द्वारा गेंद पर प्रहार करना।
  2. किसी बच्चे द्वारा टायर चलाते हुए गति बढ़ाने के लिए टायर पर लकड़ी से प्रहार करना।

खिंचाव के करण गति की अवस्था में परिवर्तन:
उदाहरण:

  1. किसी धनुर्धर द्वारा तीर चलाना।
  2. कुएँ से रस्सी द्वारा पानी की बाल्टी ऊपर खींचना।

प्रश्न 2.
ऐसे दो उदाहरण दीजिए जिनमें लगाए गए बल द्वारा वस्तु की आकृति में परिवर्तन हो जाए।
उत्तर:

  1. रबड़ की गेंद को दोनों हाथों से दबाना।
  2. रबड़ बैंड खींचना।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित कथनों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –

  1. कुएँ से पानी निकालते समय हमें रस्सी को ……. पड़ता है।
  2. एक आवेशित वस्तु अनावेशित वस्तु को ………… करती है।
  3. सामान से लदी ट्रॉली को चलाने के लिए हमें उसको ………. पड़ता है।
  4. किसी चुम्बक का उत्तरी ध्रुव दूसरे चुम्बक के उत्तरी ध्रुव को ……….. करता है।

उत्तर:

  1. खींचना (अभिकर्षण)।
  2. आकर्षित।
  3. धक्का देना (अपकर्षण)।
  4. प्रतिकर्षित।

प्रश्न 4.
एक धनुर्धर लक्ष्य पर निशाना साधते हुए अपने धनुष को खींचती है। तब वह तीर को छोड़ती है जो लक्ष्य की ओर बढ़ने लगता है। इस सूचना के आधार पर निम्नलिखित प्राक्कथनों में दिए गए शब्दों का उपयोग करके रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
प्रेशीय/सम्पर्क/असम्पर्क/गुरुत्व/घर्षण/आकृति/आकर्षण –

  1. धनुष को खींचने के लिए धनुर्धर एक बल लगाती है, जिसके कारण इसकी ……….. में परिवर्तन होता है।
  2. धनुष को खींचने के लिए धनुर्धर द्वारा लगाया गया बल ……. बल का उदाहरण है।
  3. तीर की गति की अवस्था में परिवर्तन के लिए उत्तरदायी बल का प्रकार ….. बल का उदाहरण है।
  4. जब तीर लक्ष्य की ओर गति करता है तो इस पर लगने वाले बल ……… तथा वायु के ………. के कारण होते हैं।

उत्तर:

  1. आकृति।
  2. पेशीय।
  3. सम्पर्क।
  4. गुरुत्व, घर्षण।

प्रश्न 5.
निम्न स्थितियों में बल लगाने वाले कारक तथा जिस वस्तु पर बल लग रहा है, उनको पहचानिए। प्रत्येक स्थिति में जिस रूप में बल का प्रभाव दिखाई दे रहा है उसे भी बताइए।
(क) रस निकालने के लिए नींबू के टुकड़ों को अंगुलियों से दबाना।
(ख) दन्त मंजन की ट्यूब से पेस्ट बाहर निकालना।
(ग) दीवार में लगे हुए हुक से लटकी कमानी के दूसरे सिरे पर लटका एक भार।
(घ) ऊँची कूद करते समय एक खिलाड़ी द्वारा एक निश्चित ऊँचाई की छड़ (बाधा) को पार करना।
उत्तर:
MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब 10

प्रश्न 6.
एक औजार बनाते समय कोई लोहार लोहे के टुकड़े को हथौड़े से पीटता है। पीटने के कारण लगने वाला बल लोहे के टुकड़े को किस प्रकार प्रभावित करता है।
उत्तर:
औजार बनाते समय लोहार लोहे के गरम टुकड़े को हथौड़े से पीटता है। पीटने से पेशीय बल जो एक सम्पर्क बल है, लोहे के टुकड़े को फैला देता है जिससे उसकी आकृति में परिवर्तन हो जाता है।

प्रश्न 7.
एक फुलाए हुए गुब्बारे को संश्लिष्ट कपड़े के टुकड़े के रगड़कर एक दीवार पर दबाया गया। यह देखा गया कि गुब्बारा दीवार से चिपक जाता है। दीवार तथा गुब्बारे के बीच आकर्षण के लिए उत्तरदायी बल का नाम बताइए।
उत्तर:
दीवार तथा गुब्बारे के बीच आकर्षण के लिए उत्तरदायी बल स्थिर वैद्यत बल है।

प्रश्न 8.
आप अपने हाथ से पानी से भरी एक प्लास्टिक की बाल्टी लटकाए हुए हैं। बाल्टी पर लगने वाले बलों के नाम बताइए। विचार-विमर्श कीजिए कि बाल्टी पर लगने वाले बलों द्वारा इसकी गति की अवस्था में परिवर्तन क्यों नहीं होता?
उत्तर:
यदि हम अपने हाथ से पानी से भरी बाल्टी लटकाए हुए हैं, तो बाल्टी पर लगने वाले बल-पृथ्वी द्वारा गुरुत्व बल
एवं बाल्टी में भरे पानी का दाब जो बाल्टी के आधार एवं उसकी दीवारों पर पड़ता है। बाल्टी पर लगने वाले बलों द्वारा उसकी गति को अवस्था में परिवर्तन इसलिए नहीं होता क्योंकि बाल्टी पर लगने वाला कुल (नेट) बल शून्य है।

प्रश्न 9.
किसी उपग्रह को इसकी कक्षा में प्रमोचित करने के लिए किसी रॉकेट को ऊपर की ओर प्रक्षेपित किया गया। मंच को छोड़ने के तुरन्त बाद रॉकेट पर लगने वाले दो बलों के नाम बताइए।
उत्तर:
प्रमोचन मंच को तुरन्त छोड़ने के बाद रॉकेट पर लगने वाले दो बल हैं –

  1. पृथ्वी का गुरुत्वीय बल जो नीचे की ओर कार्य करता है।
  2. वायु के कणों द्वारा उत्पन्न घर्षण बल।

प्रश्न 10.
जब किसी ड्रॉपर के चंचु (नोजल) को पानी में रखकर उसके बल्ब को दबाते हैं तो ड्रॉपर की वायु बुलबुलों के रूप में बाहर निकलती हुई दिखलाई देती है। बल्ब पर से दाब हटा लेने पर ड्रॉपर में पानी भर जाता है। ड्रॉपर में पानी के चढ़ने का कारण है –

  1. पानी का दाब
  2. पृथ्वी का गुरुत्व
  3. रबड़ के बल्ब की आकृति
  4. वायुमण्डलीय दाब।

उत्तर:
वायुमण्डलीय दाब।

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MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर

MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर

MP Board Class 8th Science Chapter 10 पाठ के अन्तर्गत के प्रश्नोत्तर

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 113

प्रश्न 1.
मानव किसी निश्चित आयु के बाद ही क्यों जनन कर सकते हैं?
उत्तर:
मानव में एक निश्चित आयु के बाद ही जनन अंग परिपक्व होते हैं। इसलिए वे एक निश्चित आयु के बाद ही जनन कर सकते हैं। मनुष्य का वह जीवन काल जबकि शरीर में परिवर्तन होते हैं जिसके परिणामस्वरूप जनन परिपक्वता आती है, किशोरावस्था कहलाती है। यह अवस्था 11 वर्ष की आयु से 19 वर्ष की आयु तक रहती है।

किशोरावस्था एवं यौवनारम्भ

प्रश्न 1.
शरीर में होने वाले इस परिवर्तन की अवधि कब तक रहती है?
उत्तर:
शरीर में होने वाले इस परिवर्तन की अवधि लगभग 11 वर्ष की आयु से 18 – 19 वर्ष की आयु तक रहती है।

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प्रश्न 2.
जीवन का यह ऐसा अजीव काल है कि इसमें आप न तो बच्चे रहते हैं और न ही बड़े। मैं जिज्ञासु हूँ कि क्या बाल्यकाल एवं युवावस्था के मध्य की इस अवधि का कोई विशेष नाम है?
उत्तर:
बाल्यकाल एवं युवावस्था के मध्य की इस अवधि को किशोरावस्था कहते हैं। किशोरावस्था अंग्रेजी में teens (thirteen से eighteen/nineteen वर्ष की आयु) तक होती है, किशोरों को टीनेजर्स भी कहते हैं।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 114

प्रश्न 1.
पहेली और बूझो को एहसास होता है कि लम्बाई में एकाएक वृद्धि एवं लड़कों में हलकी दाढ़ी-मूंछों का आना किशोरावस्था के लक्षण हैं। वे यौवनारम्भ में होने वाले अन्य परिवर्तनों के विषय में जानना चाहते हैं।
उत्तर:
यौवनारम्भ में होने वाले अन्य परिवर्तन निम्न हैं –
1. लड़कों में:
आवाज में परिवर्तन आ जाता है। आवाज फटने/भर्राने लगती है। चेहरे पर बाल उगने लगते हैं अर्थात् दाढ़ी-मूंछ आने लगती है। वृषण एवं शिश्न पूर्णतः विकसित हो जाते हैं। वृषण से शुक्राणुओं का उत्पादन भी प्रारम्भ हो जाता है। कन्धे व सीना पहले की अपेक्षाकृत चौड़े हो जाते हैं। वे स्वतन्त्र और अपने प्रति अधिक सचेत हो जाते हैं।

2. लड़कियों में:
कमर का निचला भाग चौड़ा हो जाता है। लड़कियों का स्वर उच्च तारत्व वाला होता है। स्तनों का विकास होने लगता है एवं अण्डाशय के साइज में वृद्धि हो जाती है तथा अण्ड परिपक्व होने लगते हैं। अण्डाशय से अण्डाणुओं का निर्मोचन प्रारम्भ हो जाता है।

क्रियाकलाप 10.2

प्रश्न 1.
क्रियाकलाप 10.1 में दिए गए आँकड़ों का उपयोग करके एक ग्राफ बनाइए। आयु को ‘X-अक्ष’ पर तथा लम्बाई में वृद्धि का प्रतिशत ‘Y-अक्ष’ पर लीजिए। अपनी आयु को ग्राफ पर विशिष्ट रूप से चिह्नित कीजिए। आप जिस लम्बाई के प्रतिशत को प्राप्त कर चुके हैं, उसका पता लगाइए। आप अन्ततः जिस लम्बाई को प्राप्त कर सकेंगे, उसका परिकलन कीजिए। आप अपने ग्राफ की तुलना निम्न ग्राफ से कीजिए।
उत्तर:
MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर 1
चित्र मेरी वर्तमान आयु = 13 वर्ष; लम्बाई = 120 सेमी
13 वर्ष की आयु पर पूर्ण लम्बाई का प्रतिशत = 88% (चार्ट में दिए गए मान के अनुसार)
MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर 2

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 115

प्रश्न 1.
मैं चिन्तित हूँ। यद्यपि मैं लम्बी हो गई हूँ, परन्तु शरीर की तुलना में मेरा चेहरा छोटा है।
उत्तर:
पहेली को चिन्तित होने की आवश्यकता नहीं है। शरीर के सभी अंग समान दर से वृद्धि नहीं करते।

शारीरिक आकृति में परिवर्तन

प्रश्न 1.
क्या आपने ध्यान दिया है कि आपकी कक्षा के छात्रों के कन्धे एवं सीना निचली कक्षा के छात्रों की अपेक्षा अधिक चौड़े होते हैं?
उत्तर:
हाँ, हमारी कक्षा के छात्रों के कंधे एवं सीना निचली कक्षा के छात्रों की अपेक्षा अधिक चौड़े होते हैं। इसका कारण यह है कि वे यौवनारम्भ में प्रवेश कर चुके होते हैं और वृद्धि के कारण उनके कंधे और सीना निचली कक्षा के छात्रों की अपेक्षा चौड़े हो जाते हैं।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 116

स्वर में परिवर्तन

प्रश्न 1.
मेरे अनेक सहपाठियों की फटी आवाज है। अब में जान गया हूँ, ऐसा क्यों है?
उत्तर:
इसका कारण है कि किशोर लड़कों में कभी-कभी स्वरयन्त्र की पेशियों में अनियन्त्रित वृद्धि हो जाती है। अतः उनकी आवाज फटी होती है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 117

गौण लैंगिक लक्षण

प्रश्न 1.
बूझो और पहेली दोनों ही जानना चाहते हैं कि यौवनारम्भ में होने वाले इन परिवर्तनों का प्रारम्भ कौन करता है?
उत्तर:
यौवनारम्भ में होने वाले इन परिवर्तनों का प्रारम्भ हॉर्मोन करते हैं।

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प्रश्न 2.
परन्तु वे जानना चाहते हैं कि क्या जनन काल एक बार प्रारम्भ होने के बाद जीवन-पर्यन्त तक चलता है या कभी समाप्त होता है?
उत्तर:
नहीं, जनन काल एक बार प्रारम्भ होने के बाद यह जीवन-पर्यन्त नहीं चलता है। सामान्यतः यह 45 वर्ष से 50 वर्ष की आयु तक चलता रहता है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 118

मानव में जनन काल की अवधि

प्रश्न 1.
पहेली कहती है कि स्त्रियों में जनन काल की अवधि रजोदर्शन से रजोनिवृत्ति तक होती है। क्या वह सही है?
उत्तर:
हाँ, वह बिल्कुल सही है।

संतति का लिंग निर्धारण किस प्रकार होता है?

प्रश्न 1.
मुझे यह जानने की उत्सुकता है कि इस बात का निर्धारण कैसे होता है कि निषेचित अण्डाणु लड़के में अथवा लड़की में विकसित होगा?
उत्तर:
मनुष्य के केन्द्रक में 23 जोड़े गुणसूत्र पाए जाते हैं। इनमें से 2 गुणसूत्र (एक जोड़ी) लिंग-सूत्र होते हैं। स्त्री में दो X गुणसूत्र होते हैं और पुरुष में एक X और एक Y गुणसूत्र होते हैं। युग्मक (अण्डाणु और शुक्राणु) में गुणसूत्रों का एक जोड़ा होता है जो लिंग का निर्धारण करता है।

अनिषेचित अण्डाणु में सदैव एक X गुणसूत्र होता है। परन्तु शुक्राणु दो प्रकार के होते हैं जिनमें एक प्रकार में X गुणसूत्र एवं दूसरे प्रकार में Y गुणसूत्र होता है। जब X गुणसूत्र वाला शुक्राणु अण्डाणु में निषेचित करता है तो युग्मनज में दो X गुणसूत्र होंगे तथा वह मादा शिशु (लड़की) में विकसित होगा। यदि अण्डाणु को निषेचित करने वाले शुक्राणु में Y गुणसूत्र है तो युग्मनज नर शिशु (लड़का) में विकसित होगा।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 120-121

प्रश्न – क्या अन्य जन्तुओं में भी हॉर्मोन स्रावित होते हैं? क्या जनन प्रक्रिया में उनका कोई योगदान है?
उत्तर:
हाँ, अन्य जन्तुओं में भी हॉर्मोन स्रावित होते हैं और जनन प्रक्रिया में उनका योगदान होता है।

कीट एवं मेंढक में जीवन-चक्र पूर्ण करने में हॉर्मोन का योगदान।

प्रश्न – यदि व्यक्ति के आहार में पर्याप्त आयोडीन न हो तो क्या उन्हें थायरॉक्सिन की कमी के कारण ‘गॉयटर’ हो जाएगा?
उत्तर:
हाँ, यदि व्यक्ति के आहार में पर्याप्त मात्रा में आयोडीन नहीं होगा, तो उन्हें गॉयटर हो जाएगा।

क्रियाकलाप 10.3

प्रश्न 1.
किसी पत्रिका अथवा डॉक्टर से सूचना एकत्र कर आयोडीन युक्त नमक के उपयोग पर एक नोट तैयार कीजिए। आप इसकी जानकारी इण्टरनेट पर भी देख सकते हैं।
उत्तर:
आहार में आयोडीन की मात्रा मनुष्य को गॉयटर से बचाती है। यह थायरॉइड ग्रन्थि का रोग है। जब थायरॉइड ग्रन्थि थायरॉक्सिन हार्मोन का निर्माण नहीं करती तब यह रोग हो जाता है। थायरॉक्सिन निर्माण के लिए आहार अथवा जल में आयोडीन की उपस्थिति आवश्यक है। आहार में आयोडीन की कमी से गॉयटर रोग हो जाता है।

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प्रश्न 2.
सन्तुलित आहार क्या है?
उत्तर:
सन्तुलित आहार का अर्थ है भोजन में प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन एवं खनिज लवणों का पर्याप्त मात्रा में
होना।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 121

प्रश्न – अपने दोपहर एवं रात्रि के भोजन के खाद्य पदार्थों की जाँच कीजिए। क्या भोजन सन्तुलित एवं पोषक है? क्या इसमें ऐसे खाद्यान्न हैं जो ऊर्जा प्रदान करते हैं तथा क्या इनमें दूध, माँस, नट एवं दालें भी शामिल हैं जो वृद्धि हेतु प्रोटीन प्रदान करते हैं? क्या इसमें वसा एवं शक्कर भी शामिल हैं, जो ऊर्जा प्रदान करते हैं? फल एवं सब्जियों का क्या स्थान है जो रक्षी भोजन हैं?
उत्तर:
मैं अपने दोपहर एवं रात्रि के भोजन में रोटी, दाल, चावल, तरकारी आदि लेता हूँ। दोपहर एवं रात्रि के भोजन के बाद में सेब, केला, अंगर आदि मौसमी फल लेता हूँ। सोने से पूर्व में एक गिलास दूध लेता हूँ। हाँ, मैं सोचता हूँ मेरा भोजन सन्तुलित एवं पोषक है। हाँ, इसमें ऐसे भी खाद्यान्न हैं जो ऊर्जा प्रदान करते हैं। मेरे भोजन में दूध, नट एवं दालें शामिल हैं जो वृद्धि हेतु प्रोटीन प्रदान करते हैं। हाँ, इसमें वसा एवं शक्कर भी शामिल है, जो ऊर्जा प्रदान करते हैं।

क्रियाकलाप 10.4

प्रश्न – अपने मित्रों के साथ एक समूह बनाइए। उन खाद्य पदार्थों के नाम लिखिए जो आपने पिछले दिन (कल) नाश्ते, दोपहर के भोजन एवं रात्रिकालीन भोजन में खाए थे। उन खाद्य पदार्थों की पहचान कीजिए जो समुचित वृद्धि के लिए उत्तरदायी हैं। ‘जंक फूड’ की भी पहचान कीजिए जो आपने पिछले दिन खाया था?
उत्तर:
मेरे तीन मित्र हैं, गुरुचरन सिंह, पंजाबी सिख, एस. एच. बेकन, ईसाई, तथा कुन्जु नटराजन, दक्षिण भारतीय यह मेरा एक समूह है जिसमें मैं स्वयं भी हूँ। नाश्ते, दोपहर के भोजन एवं रात्रिकालीन भोजन में खाद्य पदार्थों का विवरण निम्न प्रकार है –
(1) मेरा स्वयं का:

  1. नाश्ता: ब्रेड, 1 चपाती, तरकारी और एक गिलास दूध।
  2. दोपहर का भोजन: चपाती, चावल, दाल, तरकारी, दही, सेब।
  3. रात्रि का भोजन: चपाती, दाल, तरकारी, खीर, एक फल एवं एक गिलास दूध। किसी सीमा तक मेरा भोजन सन्तुलित भोजन है,जो मेरी समुचित वृद्धि के लिए काफी है।

(2) गुरुचरन सिंह:

  1. नाश्ता: पूड़ी, सब्जी एवं चाय अथवा छोले-भटूरे एवं चाय।
  2. दोपहर का भोजन: चपाती, दाल, माँस/मछली आदि और दही।
  3. रात्रि का भोजन: चपाती, मछली/अण्डा, कढ़ी एवं दही।

उपर्युक्त भोजन एक सीमा तक सन्तुलित आहार है। इससे समुचित वृद्धि सम्भव है।

(3) एस. एच. ब्रेकन:

  1. नाश्ता: ब्रेड, मक्खन एवं चाय। दोपहर का भोजन-चावल, माँस एवं तली हुई तरकारी।
  2. रात्रि का भोजन: चपाती, दाल, चावल, सब्जी एवं दही।

यह भी किसी सीमा तक सन्तुलित आहार है। अतः समुचित वृद्धि के लिए ठीक है।

(4) कुन्जु नटराजन:

  1. नाश्ता: सांभर, बड़ा/इडली एवं चाय।
  2. दोपहर का भोजन: चावल, सांभर, चटनी एवं दही।
  3. रात्रि का भोजन: चावल, सांभर, चटनी, दही एवं चपाती।

यह भोजन एक सन्तुलित आहार नहीं है। इस भोजन से समुचित वृद्धि सम्भव नहीं है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 122

क्रियाकलाप 10.6

प्रश्न – अपनी कक्षा में उन सहपाठियों के आँकड़े एकत्र कीजिए जो नियमित रूप से व्यायाम करते हैं तथा उनके आँकड़े भी एकत्रित कीजिए जो व्यायाम नहीं करते। क्या आपको उनकी चुस्ती एवं स्वास्थ्य में कोई अन्तर दिखाई देता है? नियमित व्यायाम के लाभ पर एक रिपोर्ट तैयार कीजिए।
उत्तर:
विभिन्न प्रकार के व्यायाम करने से हमारा शरीर हष्ट-पुष्ट रहता है, अंगों में फुर्ती आती है तथा मस्तिष्क की कार्य शक्ति बढ़ जाती है। शरीर रक्त परिभ्रमण की क्रिया सुचारु रूप से होती है। व्यायाम मनुष्य के लिए वरदान है।

हाँ, हमको व्यायाम करने वाले छात्रों और व्यायाम न करने वाले छात्रों में अन्तर दिखाई देता है। व्यायाम न करने वाले छात्र तन्दुरुस्त नहीं हैं, आलसी हैं तथा अधिकतर बीमार रहते हैं। उनका पढ़ाई में भी मन नहीं लगता।

नियमित व्यायाम करने से लाभ:

  1. नियमित व्यायाम करने से शरीर सुन्दर एवं सुडौल बनता है।
  2. माँसपेशियाँ क्रियाशील रहती हैं।
  3. रुधिर का संचार सुचारु रूप से होता है तथा कार्यक्षमता बढ़ती है।
  4. शरीर से विषैले पदार्थ जैसे, यूरिया, यूरिक अम्ल आदि पसीने के रूप में बाहर निकल जाते हैं।
  5. मस्तिष्क में रक्त संचार होने से मस्तिष्क की कार्य शक्ति बढ़ती है।
  6. हृदय एवं श्वास रोग होने की सम्भावना कम हो जाती

MP Board Class 8th Science Chapter 10 पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
शरीर में होने वाले परिवर्तनों के लिए उत्तरदायी अन्तःस्रावी ग्रन्थियों द्वारा स्रावित पदार्थ का क्या नाम है?
उत्तर:
शरीर में होने वाले परिवर्तनों के लिए उत्तरदायी अन्तःस्रावी ग्रन्थियों द्वारा स्रावित पदार्थ का नाम हॉर्मोन है।

प्रश्न 2.
किशोरावस्था को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
जीवन काल की वह अवधि जब शरीर में ऐसे परिवर्तन होते हैं जिसके परिणामस्वरूप जनन परिपक्वता आती है, किशोरावस्था कहलाती है। किशोरावस्था लगभग 11 वर्ष की आयु से प्रारम्भ होकर 18 – 19 वर्ष की आयु तक रहती है।

प्रश्न 3.
ऋतुस्राव क्या है? वर्णन कीजिए।
उत्तर:
स्त्रियों में यौवनारम्भ पर अण्डाणु परिपक्व होने लगते हैं। अण्डाणुओं में एक अण्डाणु परिपक्व होता है तथा लगभग 28 से 30 दिनों के अन्तराल पर किसी एक अण्डाशय द्वारा निर्मोचित होता है। इस अवधि में गर्भाशय की दीवार मोटी हो जाती है जिससे वह अण्डाणु के निषेचन के पश्चात् युग्मनज को ग्रहण कर सके। यदि अण्डाणु का निषेचन नहीं होता तो अण्डाणु तथा गर्भाशय का मोटा स्तर उसकी रुधिर वाहिकाओं सहित निस्तारित हो जाता है। इससे स्त्रियों में रक्तस्राव होता है, जिसे ऋतुस्त्राव अथवा रजोधर्म कहते हैं।

प्रश्न 4.
यौवनारम्भ के समय होने वाले शारीरिक परिवर्तनों की सूची बनाइए।
उत्तर:
यौवनारम्भ के समय होने वाले शारीरिक परिवर्तनों की सूची:

  1. लम्बाई में वृद्धि।
  2. शारीरिक आकृति में परिवर्तन।
  3. स्वर में परिवर्तन।
  4. स्वेद एवं तैल ग्रन्थियों की क्रियाशीलता में वृद्धि।
  5. जनन अंगों का विकास।
  6. मानसिक, बौद्धिक एवं संवेदनात्मक परिपक्वता।

प्रश्न 5.
दो कॉलम वाली एक सारणी बनाइए जिसमें अन्तःस्रावी ग्रन्थियों के नाम तथा उनके द्वारा स्रावित हॉर्मोन के नाम दर्शाए गए हों।
उत्तर:
MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर 3

प्रश्न 6.
लिंग हॉर्मोन क्या है? उनका नामकरण इस प्रकार क्यों किया गया? उनके प्रकार्य बताइए।
उत्तर:
हमारे शरीर में अन्तःस्रावी ग्रन्थियाँ, वृषण, अण्डाशय लैंगिक हॉर्मोन स्रावित करते हैं। ये हॉर्मोन गौण लैंगिक लक्षणों के लिए उत्तरदायी हैं जो लड़कों को लड़कियों से पहचानने में सहायता करते हैं। इसलिए इन्हें लिंग हॉर्मोन कहते हैं। ये पीयूष ग्रन्थि द्वारा स्रावित हॉर्मोन के नियन्त्रण में रहते हैं।

प्रकार्य:
लिंग हॉर्मोन रासायनिक पदार्थ हैं। ये अन्तःस्रावी ग्रन्थियों द्वारा अथवा अन्तःस्रावी तन्त्र द्वारा स्रावित किए जाते हैं।
(1) यौवनारम्भ के साथ ही वृषण पौरुष हॉर्मोन टेस्टोस्टेरॉन स्रावित करना प्रारम्भ कर देता है। यह लड़कों में परिवर्तन का कारक है। जैसे-चेहरे पर बालों का आना।

(2) यौवनारम्भ के साथ लड़कियों में अण्डाशय स्त्री हॉर्मोन एस्ट्रोजन स्रावित करना प्रारम्भ कर देता है, जिससे स्तन एवं दुग्ध ग्रन्थियाँ विकसित हो जाती हैं। इन हॉर्मोनों के उत्पादन का नियन्त्रण पीयूष ग्रन्थि द्वारा स्रावित हॉर्मोन द्वारा होता है।

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प्रश्न 7.
सही विकल्प चुनिए –
(क) किशोर को सचेत रहना चाहिए कि वह क्या खा रहे हैं? क्योंकि –

  1. उचित भोजन से उनके मस्तिष्क का विकास होता है।
  2. शरीर में तीव्र गति से होने वाली वृद्धि के लिए उचित आहार की आवश्यकता होती है।
  3. किशोर को हर समय भूख लगती है।
  4. किशोर में स्वाद कलिकाएँ (ग्रन्थियाँ) भली भाँति विकसित होती है।

(ख) स्त्रियों में जनन आयु (काल) का प्रारम्भ उस समय होता है जब उनके –

  1. ऋतुस्राव प्रारम्भ होता है।
  2. स्तन विकसित होना प्रारम्भ करते हैं।
  3. शारीरिक भार में वृद्धि होने लगती है।
  4. शरीर की लम्बाई बढ़ती है।

(ग) निम्न में से कौन-सा आहार किशोर के लिए सर्वोचित है –

  1. चिप्स, नूडल, कोक।
  2. रोटी, दाल, सब्जियाँ।
  3. चावल, नूडल्स, बर्गर।
  4. शाकाहारी टिक्की, चिप्स तथा लेमन पेय।

उत्तर:
(क) शरीर में तीव्र गति से होने वाली वृद्धि के लिए उचित आहार की आवश्यकता होती है।

(ख) ऋतुस्राव प्रारम्भ होता है।

(ग) रोटी, दाल, सब्जियाँ।

प्रश्न 8.
निम्न पर टिप्पणी लिखिए –

  1. ऐडॅम्स ऐपॅल।
  2. गौण लैंगिक लक्षण।
  3. गर्भस्थ शिशु में लिंग निर्धारण।

उत्तर:
1. ऐडम्स ऐपॅल:
किशोरावस्था में लड़कों का स्वरयन्त्रविकसित होकर अपेक्षाकृत बड़ाहो जाता है। लड़कों में बढ़ा हुआ स्वरयन्त्र गले के सामने की ओर सुस्पष्ट उभरे भाग के रूप में दिखाई देता है, जिसे ऐडॅम्स ऐपॅल (कण्ठमणि) कहते हैं।
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2. गौण लैंगिक लक्षण:
युवावस्था में लड़कियों में स्तनों का विकास होने लगता है तथा लड़कों के चेहरे पर दाढ़ी-मूंछ आने लगती है। ये लक्षण लड़कियों को लड़कों से पहचानने में सहायता करते हैं, अतः इन्हें गौण लैंगिक लक्षण कहते हैं। लड़कों के सीने पर बाल आ जाते हैं। लड़के व लड़कियों दोनों में ही बगल तथा प्यूबिक क्षेत्र में भी बाल आ जाते हैं। ये सभी परिवर्तन हॉर्मोन द्वारा नियन्त्रित होते हैं और हॉर्मोन अन्तःस्रावी ग्रन्थियों द्वारा स्रावित होते हैं।

3. गर्भस्थ शिशु में लिंग निर्धारण:
सभी मनुष्यों की कोशिकाओं के केन्द्रक में 23 जोड़े गुणसूत्र होते हैं। इनमें से 2 गुणसूत्र (1 जोड़ा) लिंग निर्धारण करता है। युग्मक (अण्डाणु तथा शुक्राणु) में गुणसूत्रों का एक जोड़ा होता है। अण्डाणु में सदा X गुणसूत्र होता है परन्तु शुक्राणु दो प्रकार के होते हैं जिसमें एक प्रकार में X गुणसूत्र एवं दूसरे प्रकार में Y गुणसूत्र होता है। जब X गुणसूत्र वाला शुक्राणु अण्डाणु को निषेचित करता है तो युग्मनज में दो X गुणसूत्र होंगे तथा वह मादा शिशु में विकसित होगा। यदि अण्डाणु को निषेचित करने वाले शुक्राणु में Y गुणसूत्र हैं तो युग्मनज नर शिशु में विकसित होता है। इस प्रकार गर्भस्थ शिशु में लिंग-निर्धारण के लिए पिता के लिंग गुणसूत्र उत्तरदायी हैं।

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प्रश्न 9.
शब्द पहेली: शब्द बनाने के लिए संकेत सन्देश का प्रयोग कीजिए –
बाईं से दाईं ओर:
3. एड्रिनल ग्रन्थि से स्रावित हॉर्मोन।
4. मेंढक में लारवा से वयस्क तक होने वाला परिवर्तन।
5. अन्तःस्रावी ग्रन्थियों द्वारा स्रावित पदार्थ।
6. किशोरावस्था को कहा जाता है।

ऊपर से नीचे की ओर:
1. अन्तःस्रावी ग्रन्थियों का दूसरा नाम।
2. स्वर पैदा करने वाला अंग।
3. स्त्री हॉर्मोन।
उत्तर:
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प्रश्न 10.
नीचे दी गई सारणी में आयु वृद्धि के अनुपात में लड़के एवं लड़कियों की अनुमानित लम्बाई के आँकड़े दर्शाए गए हैं। लड़के व लड़कियों दोनों की लम्बाई एवं आयु को प्रदर्शित करते हुए एक ही ग्राफ कागज पर ग्राफ खींचिए। इस ग्राफ से आप क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं?
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उत्तर:
ग्राफ से स्पष्ट है कि जन्म के समय दोनों की लम्बाई समान होती है। 4-8 वर्ष के अन्तराल में लड़कियों की अपेक्षा लड़कों की लम्बाई अधिक तेजी से बढ़ती है। 8-12 वर्ष के अन्तराल में लड़कियों की लम्बाई लड़कों से ज्यादा होती है। 16 वर्ष तक पहुँचते-पहुँचते दोनों की = लम्बाई समान हो जाती है। परन्तु 16-20 वर्ष की आयु में लड़कों की लम्बाई लड़कियों की लम्बाई से अधिक हो जाती है।

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