MP Board Class 8th Science Solutions Chapter 18 वायु तथा जल का प्रदूषण
MP Board Class 8th Science Chapter 18 पाठ के अन्तर्गत के प्रश्नोत्तर
पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 239
वायु प्रदूषण
क्रियाकलाप 18.1
प्रश्न 1.
अपने अनुभवों के आधार पर नीचे दिए गए संस्थानों पर वायु की गुणवत्ता की तुलना कीजिए –
- उपवन तथा भीड़ वाली सड़क।
- आवासीय क्षेत्र तथा औद्योगिक क्षेत्र।
- दिन में विभिन्न समयों पर जैसे प्रातः काल, दोपहर तथा सायंकाल में भीड़ वाला चौराहा।
- गाँव तथा शहर।
उत्तर:
- उपवन की वायु शुद्ध वायु होती है जबकि भीड़ वाली सड़क की वायु प्रदूषित होती है जो धूल के कण, धुएँ, हानिकारक गैसों आदि से प्रदूषित हो जाती हैं।
- आवासीय क्षेत्र भी प्रदूषित होता है लेकिन औद्योगिक क्षेत्र की तुलना में ये कम प्रदूषित होता है। औद्योगिक क्षेत्र सबसे अधिक प्रदूषित होते हैं क्योंकि इन क्षेत्रों से निकलने वाले रासायनिक प्रदूषक, हानिकारक गैसें आदि वातावरण को प्रदूषित कर देती हैं।
- प्रात:काल के समय यातायात कम रहता है, अतः इस समय प्रदूषण बहुत कम रहता है। लेकिन दोपहर के समय वाहनों से निकलने वाले धुएँ, आदि से प्रदूषण काफी अधिक हो जाता है। शाम के समय प्रदूषण अत्यधिक हो जाता है।
- साधारण: गाँव प्रदूषित नहीं होते जबकि शहर वायु से प्रदूषित होते हैं। शहरों में वायु के साथ-साथ जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण एवं अन्य प्रदूषण भी रहते हैं।
पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 240
प्रश्न 1.
क्या आप जानते हैं कि यह धुआँ कहाँ से आया होगा?
उत्तर:
वातावरण में यह धुआँ फैक्ट्रियाँ तथा वाहनों से निकला हुआ धुआँ आता है।
वायु कैसे प्रदूषित होती है?
प्रश्न 1.
क्या आपने कभी यह ध्यान दिया है कि हमारे शहरों में कितनी तेजी से वाहनों की संख्या बढ़ रही है?
उत्तर:
हाँ, हमारे शहरों में वाहनों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है।
पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 241
प्रश्न 1.
क्या आपने ओजोन छिद्र के बारे में सुना है?
उत्तर:
हाँ, हमने इसके बारे में सुना है। यह क्लोरोफ्लोरो कार्बन के उत्सर्जन के कारण हो जाता है।
क्रियाकलाप 18.3
प्रश्न – उपर्युक्त प्रदूषकों का उपयोग करके एक सारणी बनाइए। उसमें आप और अधिक आँकड़े भी जोड़ सकते हैं।
उत्तर:
सारणी:
विशिष्ट अध्ययन: ताजमहल
पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 242
प्रश्न 1.
अपने बड़े-बूढ़ों से चर्चा करके यह देखिए कि वे अब से 20 अथवा 30 वर्ष पूर्व के ताज की अवस्था के बारे में क्या कहते हैं। अपनी (कतरन-पुस्तिका) के लिए ताजमहल का चित्र प्राप्त करने का प्रयास कीजिए।
उत्तर:
अब से 20-30 वर्ष पूर्व ताजमहल बिल्कुल श्वेत (सफेद) दिखता था। प्रत्येक पूर्णिमा एवं विशेष रूप से शरद पूर्णिमा की रात्रि में अत्यन्त सुन्दर लगता था इसमें लगे संगमरकर के पत्थर हीरे की तरह चमकते थे तथा यह दध की तरह सफेद दिखाई पड़ता था। लेकिन आज इसका रंग पीलापन लिए हुए है अब इसमें इतना आकर्षण नहीं है जो पहले था।
प्रश्न 2.
मुझे फसलों वाला अध्याय याद आता है। मैं हैरान हूँ कि क्या अम्लीय वर्षा खेती की मिट्टी (मृदा) तथा पौधों को भी प्रभावित करती है?
उत्तर:
हाँ, अम्लीय वर्षा खेती की मिट्टी को अम्लीय बना देती है जो कि फसलों के लिए लाभदायक नहीं हैं। यदि खेत में फसल लगी हुई है तो अम्लीय वर्षा फसल को नष्ट कर देगी।
पौधा-घर प्रभाव
प्रश्न 1.
परन्तु वायुमण्डल में CO2 की मात्रा कैसे बढ़ती है और इसका आधिक्य कैसे हो सकता है?
उत्तर:
मानवीय क्रियाकलापों के कारण वातावरण में CO2 की मात्रा बढ़ रही है तथा वन क्षेत्र घट रहा है। पौधे प्रकाश – संश्लेषण की क्रिया में CO2 का उपयोग करते हैं जिससे वायुमण्डल में CO2 की मात्रा कम हो जाती है। वनोन्मूलन के कारण CO2 की मात्रा बढ़ जाती है क्योंकि CO2 की खपत करने वाले वृक्षों की संख्या घट जाती है। इस प्रकार मानवीय क्रियाकलापों से वायुमण्डल में CO2 की मात्रा में वृद्धि हो जाती है।
पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 243
प्रश्न 1.
बूझो को यह सुनकर आश्चर्य हो रहा है कि पृथ्वी के ताप में केवल 0.5°C जितनी कम वृद्धि के इतने गम्भीर परिणाम हो सकते हैं।
उत्तर:
हाँ, इतने कम ताप के बढ़ने से विश्व ऊष्णन उत्पन्न हो जाता है। विश्व ऊष्णन के कारण समुद्र का जल स्तर बढ़ जाता है। इसके परिणामस्वरूप तटीय क्षेत्रों में बाढ़ आ जाती है। बाढ़ आने से जन जीवन तथा सम्पत्ति की हानि होती है। वर्षा समय पर नहीं होती इससे फसलें प्रभावित होती हैं। ग्लेशियर पिघलने लगते हैं। इससे तापमान में कुछ वृद्धि होती है। इससे घोर संकट उत्पन्न हो जाता है।
क्या किया जा सकता है?
प्रश्न 1.
वायु प्रदूषण कम करने के लिए हम क्या कर सकते हैं?
उत्तर:
वायु प्रदूषण कम करने के लिए हमें निम्न उपाय करने चाहिए –
- वाहनों में सीसा रहित पेट्रोल तथा सी.एन.जी. जैसे ईंधनों को उपयोग में लाना चाहिए।
- पटाखों का बहिष्कार करना चाहिए।
- जीवाश्म ईंधनों के स्थान पर वैकल्पित ईंधनों को उपयोग में लाये जाए। जैसे-सौर ऊर्जा, जल ऊर्जा और पवन ऊर्जा आदि।
- अधिक से अधिक वृक्षारोपण किया जाए तथा लोगों को इसके लिए जागरूक किया जाए।
पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 244
प्रश्न 1.
क्या आप विद्यालयों में बच्चों द्वारा चलाए गए अभियान “पटाखों का बहिष्कार करिए” के विषय में जानते हैं?
उत्तर:
हाँ, विद्यालयों में बच्चों द्वारा चलाए गए अभियान “पटाखों का बहिष्कार करिए” से दिवाली के दिनों में वायु प्रदूषण के स्तर में काफी अन्तर ला दिया है। इससे वायु प्रदूषण का स्तर कम हुआ है।
प्रश्न 2.
क्या आप वन महोत्सव के विषय में जानते हैं?
उत्तर:
हाँ, हम इसके बारे में जानते हैं। यह पर्यावरण को सुरक्षित रखने तथा जमीन को हरा-भरा करने के लिए किया जाता है।
क्रियाकलाप 18.4
प्रश्न 1.
इन विकल्पों की वायु की गुणवत्ता पर प्रभाव के बारे में अपनी कक्षा में चर्चा कीजिए।
उत्तर:
विद्यालय पैदल चलकर अथवा साइकिल चलाकर जाने से किसी प्रकार का प्रदूषण नहीं होता है। बस अथवा अन्य सार्वजनिक परिवहन द्वारा या कार में साझेदारी करके द्वारा यात्रा करने से एक सीमा तक प्रदूषण फैलता है, किन्तु व्यक्तिगत कार द्वारा यात्रा करने से अधिक प्रदूषण फैलेगा।
पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 245
प्रश्न 1.
पहेली ने सोचा कि जलाने से अच्छा विकल्प तो इन्हें (सूखी पत्तियाँ) कम्पोस्ट पिट में डालना हो सकता है। आप क्या सोचते हैं?
उत्तर:
पहेली का इस प्रकार सोचना सही है। सूखी पत्तियाँ तथा सूखे पौधों को जलाना खतरनाक है क्योंकि इनके जलाने से वातावरण में जहरीली गैसें उत्पन्न होती हैं जो श्वास से सम्बन्धित समस्याएँ/बीमारियाँ उत्पन्न करती हैं। यदि इन्हें कम्पोस्ट पिट में डाल दिया जाए तो इनसे पौधों के लिए अच्छी खाद पैदा होगी।
जल प्रदूषण
क्रियाकलाप 18.5
प्रश्न 1.
नल, तालाब, कुएँ तथा झील के जल के नमूनों को एकत्र करने का प्रयास कीजिए। प्रत्येक को काँच के अलग-अलग बर्तनों में उड़ेलिए इनकी गन्ध, अम्लीयता तथा रंग की तुलना कीजिए। निम्नलिखित सारणी को भरिए।
उत्तर:
सारणी:
जल कैसे प्रदूषित हो जाता है?
पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 246
विशिष्ट अध्ययन
प्रश्न 1.
नदी के जल के प्रदूषण के लिए उत्तरदायी कारक क्या हैं?
उत्तर:
घरों से निकलने वाला अनौपचारित वाहित मल तथा औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले हानिकारक रसायनों को नदियों में बहा दिया जाता है जिससे नदी का जल प्रदूषित हो जाता है। इसके अतिरिक्त लोग ठोस प्रदूषक, कूड़ा-करकट, फूल, पूजा सामग्री, मृत जीव, पॉलिथीन आदि नदी में डाल देते हैं। इनसे भी नदी का जल प्रदूषित हो जाता है।
प्रश्न 2.
गंगा नदी की पूर्व गरिमा को प्राप्त करने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं?
उत्तर:
- गंगा नदी की पूर्व गरिमा को प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित उपाय करने चाहिए –
- गंगा नदी प्रदूषित करने वालों के लिए अधिनियम बनाए जाएँ और उनका सख्ती से पालन किया जाए।
- उद्योगों से उत्पन्न अपशिष्टों को सीधे गंगा में प्रवाहित होने से रोका जाए।
- औद्योगिक क्षेत्रों में जल उपचारक प्लाण्ट लगाने चाहिए।
प्रश्न 3.
कूड़े करकट आदि का विसर्जन किस प्रकार नदी के जीवित प्राणियों को प्रभावित करता है?
उत्तर:
नदी में कूड़ा-करकट आदि का विसर्जन करने से नदी का जल संदूषित हो जाता है। जब नदी में कूड़ा-करकट सड़ने लगता है तो इससे जहरीली/हानिकारक गैसें निकलने लगती हैं जिससे कि जीव जन्तु श्वास नदी ले पाते और वे मर जाते हैं।
पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 247
प्रश्न 1.
क्या भौम-जलवाहितमलद्वारा प्रदूषित हो सकता है, कैसे?
उत्तर:
हाँ, यह प्रदूषित हो सकता है। इसमें जीवाणु, वायरस, कवक तथा परजीवी हो सकते हैं, जो भौम-जल को प्रदूषित कर सकते हैं जो हैजा, टाइफाइड, पीलिया आदि रोग फैलाते हैं।
क्रियाकलाप 18.6
प्रश्न 1.
क्या आपको याद है कि आपके घर से वाहित मल कैसे एकत्र किया गया था और फिर वह कहाँ गया?
उत्तर:
सामान्यतः घरों तथा सार्वजनिक भवनों में एक पाइप सेट शुद्ध पानी आने के लिए तथा दूसरा पाइप सेट बेकार जल को ले जाने के लिए होता है। वह पाइप जो बेकार जल ले जाता है, सीवर कहलाता है। ये सीवर वाहित मल को घर से उपचारित स्थान तक ले जाता है। वहाँ इसे उपचारित किया जाता है। इसमें रासायनिक एवं जैविक अपशिष्टों को अलग किया जाता है। पेयजल क्या होता है तथा
जल को शुद्ध कैसे किया जाता है?
क्रियाकलाप 18.7
प्रश्न 1.
पीने से पहले हमें जल को फिल्टर करने की आवश्यकता क्यों होती है?
उत्तर:
जल में धूल के कण तथा रासायनिक पदार्थ मिले होते हैं जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। फिल्टर करने से ये पदार्थ जल से अलग हो जाते हैं और जल पीने के योग्य हो जाता है।
प्रश्न 2.
अपने घर में उपयोग होने वाला पीने का जल आप कैसे प्राप्त करते हैं?
उत्तर:
हमारे घर से उपयोग होने वाला पीने का जल, जल निगम द्वारा सप्लाई किया जाता है।
प्रश्न 3.
यदि हम प्रदूषित जल पिएँ तो क्या होगा?
उत्तर:
यदि हम प्रदूषित जल पिएँगे तो हम प्रदूषण से फैलने वाली बीमारियाँ, हैजा, पीलिया, हैपेटाइटिस, पेचिश आदि रोगों से ग्रसित हो जाएँगे।
क्या किया जा सकता है?
क्रियाकलाप 18.8
प्रश्न 1.
समुदाय में जल द्वारा होने वाले सामान्य रोग कौन से हैं?
उत्तर:
समुदाय में जल द्वारा होने वाले सामान्य रोग डायरिया, पेचिश, हैजा, पीलिया आदि हैं।
प्रश्न 2.
इस क्षेत्र में कार्यरत सरकारी तथा गैर-सरकारी संस्थाएँ कौन-कौन सी हैं? जनता में जागृति उत्पन्न करने के लिए इनके द्वारा क्या उपाय किए गए हैं?
उत्तर:
इस क्षेत्र में बहुत सारी सरकारी संस्थाएँ, जैसे अस्पताल, स्वास्थ्य केन्द्र, पब्लिक वैलफयर डिपार्टमेंट कार्य कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त एन. जी. ओ भी इस क्षेत्र में कार्यरत् हैं, ये संस्थाएँ क्षेत्रों में जाकर, विज्ञापनों द्वारा मीडिया तथा अन्य दूसरे संसाधनों से जागृति उत्पन्न कर रही हैं।
पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 248
प्रश्न 1.
अपनी दिनचर्या पर विचार कीजिए- आप जल की बचत कैसे कर सकते हैं?
उत्तर:
हम जल की बचत निम्न प्रकार कर सकते हैं –
- रोजाना के कार्यों जैसे-नहाने, कपड़े धोने, सफाई करने आदि में आवश्यकतानुसार ही जल उपयोग में लाएँ। जल को बर्बाद न होने दें।
- पानी का उपयोग कम करें।
- जल का पुन: उपयोग तथा पुनः चक्रण करना चाहिए।
- सब्जियों को धोने में इस्तेमाल किए गए जल का उपयोग पौधों की सिंचाई में कर सकते हैं।
- नल को खुला छोड़कर दाँतों में ब्रुश, शेविंग आदि न करें।
- यदि नलों की टोंटियों से पानी टपकता हो तो उन्हें ठीक कराएँ ताकि पानी टपकना बन्द हो जाए।
MP Board Class 8th Science Chapter 18 पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
किन विभिन्न विधियों द्वारा जल का संदूषण होता है?
उत्तर:
निम्नलिखित विधियों द्वारा जल का संदूषण होता है –
- बहुत सी औद्योगिक इकाइयाँ हानिकारक रसायनों को जल से प्रवाहित कर देती हैं जिसके कारण जल प्रदूषित हो जाता है।
- खेतों में प्रयुक्त होने वाले पीड़कनाशी तथा अपतृणनाशी जल में घुलकर खेतों से जलाशयों में पहुँच जाते हैं। यह भूमि में रिसकर भौम-जल को प्रदूषित करते हैं।
- तालाबों में उगने वाले शैवाल जब मर जाते हैं तो जीवाणु जैसे घटकों के लिए ये भोजन का कार्य करते हैं। यह अत्यधिक ऑक्सीजन का उपयोग कर ऑक्सीजन की कमी कर देते हैं। इससे जल प्रदूषित हो जाता है जिससे जलीय जीव मर जाते हैं।
- वाहित अनुपचारित मल भी जल को संदूषित कर देता है। इस जल में जीवाणु वायरस, कवक तथा परजीवी होते हैं जो पीलिया, हैजा आदि रोग उत्पन्न करते हैं।
प्रश्न 2.
व्यक्तिगत स्तर पर आप वायु प्रदूषण को कम करने में कैसे सहायता कर सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, इतने कम ताप के बढ़ने से विश्व ऊष्णन उत्पन्न हो जाता है। विश्व ऊष्णन के कारण समुद्र का जल स्तर बढ़ जाता है। इसके परिणामस्वरूप तटीय क्षेत्रों में बाढ़ आ जाती है। बाढ़ आने से जन जीवन तथा सम्पत्ति की हानि होती है। वर्षा समय पर नहीं होती इससे फसलें प्रभावित होती हैं। ग्लेशियर पिघलने लगते हैं। इससे तापमान में कुछ वृद्धि होती है। इससे घोर संकट उत्पन्न हो जाता है।
क्या किया जा सकता है?
प्रश्न 3.
स्वच्छ पारदर्शी जल सदैव पीने योग्य होता है। टिप्पणी कीजिए।
उत्तर:
स्वच्छ पारदर्शी जल सदैव पीने योग्य होता है। यह सदैव सत्य नहीं है क्योंकि इसमें रोगवाहक सूक्ष्मजीव और घुले हुए अपद्रव्य हो सकते हैं जो मनुष्य को रोगग्रस्त कर सकते हैं। यदि पानी की गुणवत्ता के बारे में जब तक सही जानकारी न हो तो उसे उबालकर या फिल्टर करके ही पीना चाहिए।
प्रश्न 4.
आप अपने शहर की नगर पालिका के सदस्य हैं। ऐसे उपायों की सूची बनाइए जिससे नगर के सभी निवासियों को स्वच्छ जल की आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।
उत्तर:
स्वच्छ जल की आपूर्ति के लिए मैं निम्न कार्य कर करता –
- जल निगम के साथ समय-समय पर बैठक करता और जल के नमूने लेकर उसकी गुणवत्ता की प्रयोगशालाओं में जाँच करवाता। आवश्यकता होने पर जल की गुणवत्ता में सुधार हेतु कार्यवाही करवाता।
- पेयजल पाइपों को भी समय-समय पर चैक करवाता तथा पाइपों को बदलवा कर नए पाइप लगवाता ताकि प्रदूषित जल घरों तक न पहुँचे।
- क्षेत्र की पानी की टंकियों की समय-समय पर सफाई करवाता।
- पेयजल टैंकरों की व्यवस्था करवाता ताकि आवश्यकता पड़ने पर क्षेत्र में स्वच्छ पेय जल की आपूर्ति की जा सके।
- यदि कहीं पानी की चोरी हो रही हो तो उन लोगों के विरुद्ध कार्यवाही कराना ताकि वे भविष्य में ऐसा कार्य न करें।
- जल अनमोल प्राकृतिक संसाधन है, इसके संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करूँगा।
- क्षेत्र में जाकर लोगों की जल आपूर्ति से सम्बन्धित समस्याओं की जानकारी करता और उन्हें उनकी समस्याओं को दूर करता।
प्रश्न 5.
शुद्ध वायु तथा प्रदूषित वायु में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
शुद्ध वायु प्रदूषकों से मुक्त होती है। इसमें कोई गन्ध नहीं होती। श्वास लेने में कोई परेशानी नहीं होती और न ही आँखों में जलन महसूस होती है। प्रदूषित वायु में अनचाहे हानिकारक पदार्थ होते हैं। इसमें से असहनीय गंध आती है। यदि लोग प्रदूषित वायु में श्वास लेते हैं तो उन्हें श्वास, हृदय एवं फेफड़े सम्बन्धी समस्याएँ उत्पन्न हो जाती हैं। इससे मनुष्य की मृत्यु तक हो सकती है। आँखों में तेज जलन भी होती है।
प्रश्न 6.
उन अवस्थाओं की व्याख्या कीजिए जिनमें अम्ल वर्षा होती है, अम्ल वर्षा हमें कैसे प्रभावित करती है?
उत्तर:
सल्फर डाइऑक्साइड तथा नाइट्रोजन डाइऑक्साइड गैसें वायुमण्डल में उपस्थित जल वाष्प से अभिक्रिया करके सल्फ्यूरिक अम्ल तथा नाइट्रिक अम्ल बनाती हैं। ये वर्षा को अम्लीय बनाकर वर्षा के साथ पृथ्वी पर बरस जाते हैं। इसे अम्ल वर्षा कहते हैं। अम्ल वर्षा के कारण स्मारकों के संगमरमर का संक्षारण होता है। इस परिघटना को संगमरमर कैंसर कहते हैं। अम्ल वर्षा फसल को भी प्रभावित करते हैं। पौधे और फसल नष्ट हो जाती है। यह मृदा की गुणवत्ता को भी नष्ट कर देती है। यह मृदा को अम्लीय बना देती है। अम्लीय मृदा फसल उत्पादन के लिए उपयुक्त नहीं है।
प्रश्न 7.
निम्नलिखित में से कौन-सी पौधा घर गैस नहीं है?
- कार्बन डाइऑक्साइड।
- सल्फर डाइऑक्साइड।
- मेथेन।
- नाइट्रोजन।
उत्तर:
सल्फर डाइऑक्साइड।
प्रश्न 8.
पौधा घर प्रभाव का अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पौधा घर प्रभाव का प्रमुख कारण कार्बन डाइऑक्साइड, मेथेन, नाइट्रस ऑक्साइड तथा क्लोरोफ्लोरो कार्बन गैसें हैं जिन्हें ग्रीन हाउस गैसें कहते हैं। पौधा घर प्रभाव (ग्रीन हाउस प्रभाव) के अन्तर्गत CO2 की मोटी पर्त किसी पौधा घर के शीशे तरह कार्य करता है। जिस प्रकार पौधा घर का शीशा सूर्य की ऊष्मा को अन्दर तो आने देता है परन्तु उसकी ऊष्मा को बाहर आने से रोकता है। ठीक इसी तरह CO2 की पर्त पृथ्वी की ऊष्मा को बाहर जाने से रोकती है। जिससे पृथ्वी के उस क्षेत्र विशेष का तापमान बढ़ जाता है। इस प्रभाव को पौधा घर प्रभाव/ ग्रीन हाउस प्रभाव कहते हैं।
प्रश्न 9.
आपके द्वारा कक्षा में विश्व ऊष्णन के बारे में दिया जाने वाला संक्षिप्त भाषण लिखिए।
उत्तर:
विश्व ऊष्णन से अभिप्राय औसत तापमान में हुई वृद्धि से है। पृथ्वी और इसके वायुमण्डल का तापमान लगातार बढ़ रहा है। विश्व तापमान की इस वृद्धि को विश्व ऊष्णन कहते हैं। विश्व ऊष्णन का कारण पर्यावरण प्रदूषण के लिए उत्तरदायी ग्रीन हाउस गैसें हैं-क्लोरोफ्लोरो कार्बन, मेथेन, कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड तथा पर्यावरण प्रदूषण हैं।
पृथ्वी तक आने वाली सौर ऊर्जा का लगभग 75% भाग पृथ्वी की सतह सोख लेती है तथा शेष ऊष्मा वायुमण्डल में वापस चली जाती है लेकिन पौधा घर गैसें पृथ्वी से उत्सर्जित ऊष्मा को वापस वायुमण्डल में जाने से रोकती हैं जिससे वायुमण्डल के औसतन तापमान में वृद्धि हो जाती है। विश्व ऊष्णन के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार CO2 है जो कि वातावरण में मानव क्रियाकलापों द्वारा तेजी से बढ़ रही है।
विश्व ऊष्णन के कारण समुद्र तल में वृद्धि हो रही है। कई जगह तटीय प्रदेश जल मग्न हो गए हैं। विश्व ऊष्णन के परिणामस्वरूप वर्षा प्रतिरूप, कृषि, वन, पौधे तथा जीव-जन्तु प्रभावित हो सकते हैं। हाल ही में प्रकाशित मौसम परिवर्तन की रिपोर्ट के अनुसार शताब्दी के अन्त तक 2°C तक ताप में वृद्धि हो सकती है जो संकटकारी स्तर है।
विश्व ऊष्णन पर नियन्त्रण करने के लिए हमें गैर-परम्परागत ऊर्जा स्रोतों जैसे सौर ऊर्जा, वायु ऊर्जा आदि का उपयोग करना चाहिए। CO2 की मात्रा को कम करने के लिए अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना चाहिए।
प्रश्न 10.
ताजमहल की सुन्दरता पर संकट का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
ताजमहल की सुन्दरता संसार में अद्वितीय है। इसे विश्व में सात अजूबों में स्थान मिला हुआ है। परन्तु तेजी से बढ़ते प्रदूषण ने विश्व की इस अमूल्य धरोहर पर संकट ला दिया है। वायु-प्रदूषक इसके सफेद संगमरमर को बदरंग कर रहे हैं। आगरा एवं इसके चारों ओर स्थित रबड़ प्रक्रमण, स्वचालित वाहन, रसायन और विशषकर मथुरा तेल परिष्करणी (रिफाइनरी) जैसे उद्योग प्रदूषित गैसों को वर्षा के साथ मिलाकर अम्ल वर्षा करते हैं।
अम्ल वर्षा के कारण संगमरमर का संक्षारण हो रहा है और यह पीला भी हो रहा है। इसे सुरक्षित रखने के लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने उद्योगों को CNG (संपीडित प्राकृतिक गैस) तथा LPG (द्रवित पेट्रोलियम गैस) आदि स्वच्छ ईंधनों का उपयोग करने के आदेश दिए हैं तथा ताज के क्षेत्र में मोटर वाहनों को सीसा रहित पेट्रोल का उपयोग करने के भी आदेश दिए हैं।
प्रश्न 11.
जल के पोषकों के स्तर में वृद्धि किस प्रकार जल जीवों की उत्तरजीविता को प्रभावित करती है?
उत्तर:
कहीं-कहीं पर जलाशयों में शैवाल उग आते हैं। यह उर्वरकों में उपस्थित नाइट्रेट एवं फॉस्फेटों जैसे रसायनों की अधिक मात्राओं के कारण होता है। ये रसायन शैवालों को फलने-फूलने के लिए पोषक की भाँति कार्य करते हैं। जब ये शैवाल मर जाते हैं तो मरे हुए शैवाल जीवाणु जैसे घटकों के लिए भोजन का कार्य करते हैं। ये अत्यधिक ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं। इससे जल में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है जिससे जलीय जीव मरने लगते हैं।