MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 2 एक चर वाले रैखिक समीकरण Ex 2.1

MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 2 एक चर वाले रैखिक समीकरण Ex 2.1

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प्रश्न 1.
निम्न समीकरणों को हल कीजिए –
1. x – 2 = 7
2. y + 3 = 0
3. 6 = z + 2
4. 1 + x = 17
5. 6x = 12
6. \(\frac{t}{5}\) = 10
7. \(\frac{2x}{3}\) = 18
8. 1.6 = \(\frac{y}{1.5}\)
9. 7x – 9 = 16
10. 14y – 8 = 13
11. 17 + 6p = 9
12. \(\frac{x}{3}\) +1 = 1
हल:
1. x – 2 = 7
दोनों पक्षों में 2 जोड़ने पर हम प्राप्त करते हैं,
x – 2 + 2 = 7 + 2
या x = 9
∴ समीकरण का अभीष्ट हल: x = 9 होगा

2. y + 3 = 10
दोनों पक्षों में से 3 घटाने पर,
y + 3 – 3 = 10 – 3
या y = 7
∴ समीकरण का अभीष्ट हल: y=7

3. 6 = z + 2
दोनों पक्षों का पक्षान्तर करने पर,
z + 2 = 6
दोनों पक्षों में से 2 घटाने पर,
z + 2 – 2 = 6 – 2
या z = 4
∴ समीकरण का अभीष्ट हल: z = 4

4. \(\frac{3}{7}\) + x = \(\frac{17}{7}\)
x = \(\frac{17}{7}\) – \(\frac{3}{7}\)
(\(\frac{3}{7}\) को दाएँ पक्ष में पक्षान्तर करने पर)
x = \(\frac{17-3}{7}\) = \(\frac{14}{7}\)
या x = 2
∴ समीकरण का अभीष्ट हल: x = 2

5. 6x = 12
दोनों पक्षों को 6 से भाग देने पर,
\(\frac{6x}{6}\) = \(\frac{12}{6}\)
या x=2
∴ समीकरण का अभीष्ट हल: x = 2

6. \(\frac{t}{5}\) = 10
दोनों पक्षों को 5 से गुणा करने पर,
\(\frac{t}{5}\) x 5 = 10 x 5
या t=50
∴ समीकरण का अभीष्ट हल: t = 50

7. \(\frac{2x}{3}\) = 18
दोनों पक्षों को 3 से गुणा करने पर,
∴ \(\frac{2x}{3}\) x 3 = 18 x 3
या 2x = 54
दोनों पक्षों को 2 से भाग करने पर,
\(\frac{2x}{2}\) = \(\frac{54}{2}\)
या x = 27
∴ समीकरण का अभीष्ट हल: x = 27

8. 1.6 = \(\frac{y}{1.5}\)
दोनों पक्षों का पंक्षातर करने पर
\(\frac{y}{1.5}\) x 1.5 = 1.6 x 1.5
दोनों पक्षों को 1.5 से गुणा करने पर
या y = 2.4
∴ समीकरण का अभीष्ट हल: y = 2.4

9. 7x – 9 = 16.
दोनों पक्षों में 9 जोड़ने पर,
7x – 9 + 9 = 16 + 9
या 7x = 25
दोनों पक्षों को 7 से भाग करने पर,
\(\frac{7x}{7}\) = \(\frac{25}{7}\)
या x = \(\frac{25}{7}\)
∴ समीकरण का अभीष्ट हल: x = \(\frac{25}{7}\)

10. 14y – 8 = 13
दोनों पक्षों में 8 जोड़ने पर,
∴ 14y – 8 + 8 = 13 + 8
या 14y = 21
\(\frac{14y}{14}\) = \(\frac{21}{14}\)
दोनों पक्षों में 14 से भाग करने पर,
y = \(\frac{3}{2}\)
∴ समीकरण का अभीष्ट हल: y = \(\frac{3}{2}\)

11. 17 + 6p = 9
दोनों पक्षों से 17 घटाने पर,
∴ 17 – 17 + 6p = 9 – 17
या 6p = – 8
दोनों पक्षों को 6 से भाग करने पर,
∴ \(\frac{6p}{6}\) = \(\frac{-8}{6}\)
या p = \(\frac{-4}{3}\)
∴ समीकरण का अभीष्ट हल: p = \(\frac{-4}{3}\)

12. \(\frac{x}{3}\) + 1 = 13
दोनों पक्षों से 1 घटाने पर,
∴ \(\frac{x}{3}\) + 1 – 1 = 13 – 1
या  \(\frac{x}{3}\) = \(\frac{7-15}{15}\) = \(\frac{-8}{15}\)
दोनों पक्षों को 3 से गुणा करने पर,
\(\frac{x}{3}\) x 3 = \(\frac{-8}{15}\) x 3
या  x = \(\frac{-8}{5}\)
∴ समीकरण का अभीष्ट हल: x = \(\frac{-8}{5}\)

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MP Board Class 7th Social Science Solutions विविध प्रश्नावली 2

MP Board Class 7th Social Science Solutions विविध प्रश्नावली 2

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए –
(1) गुलाम वंश का संस्थापक था
(अ) मोहम्मद गौरी
(ब) इल्तुतमिश
(स) कुतुबुद्दीन ऐबक
(द) अलाउद्दीन खिलजी।
उत्तर:
(स) कुतुबुद्दीन ऐबक

(2) राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति किसके द्वारा की जाती है ?
(अ) प्रधानमन्त्री
(ब) राष्ट्रपति
(स) राज्यपाल
(द) मुख्यमन्त्री।
उत्तर:
(ब) राष्ट्रपति

(3) पानीपत का प्रथम युद्ध हुआ था –
(अ) 1526 ई. में
(ब) 1556 ई. में
(स) 1529 ई. में
(द) 1527 ई. में।
उत्तर:
(अ) 1526 ई. में

(4) हमारी पृथ्वी के कितने प्रतिशत भाग पर थलमण्डल –
(अ) 71%
(ब) 72%
(स) 28%
(द) 29%
उत्तर:
(द) 29%

(5) दीर्घ ज्वार आता है –
(अ) पंचमी को
(ब) पूर्णिमा को
(स) अष्टमी को
(द) चतुर्थी को।
उत्तर:
(ब) पूर्णिमा को।

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प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(1) खिलजी वंश का संस्थापक …………. था।
(2) गुरुनानक देव का जन्म …………… गाँव में हुआ था।
(3) भारत के उपराष्ट्रपति का कार्यकाल ………….. वर्ष का होता है।
(4) वर्षा मापने वाले यन्त्र को ………… कहते हैं।
(5) भारत में ऋतुओं की संख्या …………..’ हैं।
उत्तर:
(1) जलालुद्दीन खिलजी
(2) तलवण्डी
(3) 5
(4) वर्षा मापक
(5) तीन।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित की सही जोड़ियाँ बनाइए
MP Board Class 7th Social Science Solutions विविध प्रश्नावली 2
उत्तर:
(1) (b) ताँबे की मुद्रा का प्रचलन
(2) (c) पहेलियाँ-मुकरियाँ
(3) (a) इक्ता प्रणाली तुगलक
(4) (e) चतुर, वाकपटु, सलाहकार
(5) (d) लहरें

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प्रश्न 4.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में लिखिए –
(1) अलाउद्दीन खिलजी की बाजार नियन्त्रण व्यवस्था को समझाइए।
उत्तर:
धन की पूर्ति हेतु उसने बाजार नियन्त्रण नीति को लागू किया था। उसने वस्तुओं की कीमतें निश्चित कर दी। व्यापारियों पर नियन्त्रण रखने के लिए उसने कुशल तथा ईमानदार कर्मचारियों की नियुक्ति की। दुकानदारों द्वारा बाजार के नियमों का पालन न करने पर उन्हें कठोर दण्ड दिया जाता था। बाजार भावों पर गुप्तचरों द्वारा निगरानी रखी जाती थी। अकाल पड़ने पर सरकारी गोदामों से खाद्यान्नों की पूर्ति की जाती थी।

(2) ज्वार – भाटे से कौन-कौन से लाभ हैं, लिखिए।
उत्तर:
ज्वार-भाटे से निम्नलिखित लाभ हैं –

  •  ज्वारीय शक्ति से जल विद्युत उत्पन्न की जा सकती है।
  • अनेक प्रकार की सीमें, शंख, मोती आदि वस्तुएँ किनारों पर आ जाती हैं।
  • नदियों के मुहानों की गंदगी साफ हो जाती है तथा नौकायन में सहायता मिलती है।
  • ज्वार के समय उथले बन्दरगाहों की गहराई बढ़ जाती है, जिससे बड़े-बड़े जलयान बन्दरगाह तक पहुँच जाते हैं और भाटे के साथ लौट आते हैं। इससे व्यापारिक माल ढोने में सहायता मिलती है।

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(3) अध्यादेश से क्या आशय है ?
उत्तर:
जब विधानसभा की बैठकें नहीं चल रही हों और किसी कानून की तुरन्त आवश्यकता हो तो राज्यपाल द्वारा जारी आदेश अध्यादेश कहलाता है। अध्यादेश कानून के ही समान होते हैं।

(4) शाहजहाँ के शासनकाल में स्थापत्य कला की प्रगति को लिखिए।
उत्तर:
शाहजहाँ ने अपने शासन काल में दिल्ली का लाल किला, दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास, जामा मस्जिद, ताजमहल आदि का निर्माण कराया। उसकी शान-शौकत और ऐश्वर्य का प्रतीक मयूर सिंहासन भी है जिसमें विख्यात कोहिनूर हीरा भी जड़ा हुआ था।

(5) चक्रवातीय वर्षा पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
चक्रवातीय वर्षा – गर्म और ठण्डी हवाओं के मिलने पर गर्म हवाएँ ऊपर की ओर उठती हैं और ठण्डी हवाएँ तेजी से कम दबाव की ओर आती हैं। पृथ्वी की गति के कारण ये हवाएँ चक्र की भाँति घूमने लगती हैं जिन्हें चक्रवात कहते हैं। चक्रवात के मध्य की हवाएँ ठण्डी होने पर वर्षा करती हैं। इसे चक्रवाती वर्षा कहते हैं।

MP Board Class 7th Social Science Solutions Chapter 18 आर्द्रता एवं वर्षा-3

(6) अकबर की मनसबदारी व्यवस्था की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
अकबर की मनसबदारी व्यवस्था की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –

  • गुप्तचर व डाक व्यवस्था में सुधार करना।
  • प्रशासनिक तन्त्र को सैन्य स्तर पर संगठित करना।
  • सरकारी सेवारत अधिकारियों को सैन्य पद (मनसबदार) पर नियुक्त करना।
  • मनसबदारों को नकद वेतन देना तथा सेना के रख-रखाव के लिए भूमि (जागीर) देना।

(7) भक्ति आन्दोलन का जनजीवन पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर:

  • भक्ति आन्दोलन ने धर्म व समाज में व्याप्त आडम्बर और कुरीतियों को दूर करने का प्रयास किया।
  • समाज में हिन्दू व मुसलमानों के भेद व अलगाव को दूर कर दोनों को निकट लाने का प्रयास किया।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से लिखिए
(1) समुद्री धाराओं का मानव जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है ? लिखिए।
उत्तर:
जल धाराओं के उत्पन्न होने के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं –

  1. स्थायी पवनों का प्रभाव-स्थायी पवनों के प्रभाव से जलधाराएँ उत्पन्न होकर इन हवाओं की दिशा की ओर बहने लगती हैं।
  2. तापमान में भिन्नता का प्रभाव-विषुवत रेखा के आस-पास तापमान अधिक रहने के कारण समुद्री जल गर्मी पाकर फैलता है और जलधाराएँ ध्रुवों की ओर बढ़ने लगती हैं।विषुवत रेखा के समीप खाली स्थान को भरने के लिए ध्रुवों की ओर से ठण्डी जलधाराएँ विषुवत रेखा की ओर बहने लगती हैं। इस प्रकार तापमान की भिन्नता जलधाराओं को उत्पन्न करती हैं।
  3. पृथ्वी की दैनिक परिभ्रमण गति का प्रभाव-पृथ्वी। अपने अक्ष पर पश्चिम से पूर्व की ओर 24 घण्टे में घूर्णन गति द्वारा एक चक्कर पूरा करती है जिससे जलधाराएँ उत्तरी गोलार्द्ध में। अपने दायीं ओर तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में बायीं ओर मुड़ जाती हैं।
  4. स्थल भू-भाग का प्रभाव-बहती हुई धारा के सामने जब कोई विशाल स्थल भाग आ जाता है, तो वह अपनी दिशा। स्थल के अनुरूप बदल लेती हैं।
  5. समुद्र की लवणता का प्रभाव-कुछ धाराएँ जल के घनत्व में अन्तर होने से भी उत्पन्न होती हैं। जलधाराओं का मानव जीवन पर प्रभाव – इन धाराओं का जलवायु, आवागमन, वर्षा और मत्स्य उद्योग पर प्रभाव पड़ता है –
    • गर्म जलधाराएँ अपने तटवर्ती स्थानों का तापमान बढ़ा देती हैं तथा ठण्डी धाराएँ निकटवर्ती क्षेत्रों का सामान्य तापमान कम कर देती हैं।
    • समुद्रों में जहाँ गर्म और ठण्डी धाराएँ मिलती हैं, तो वहाँ घना कोहरा उत्पन्न हो जाता है।
    • गर्म जलधारा के कारण ऊँचे अक्षांशों में स्थित बन्दरगाह वर्षभर खुले रहते हैं। गर्म धाराओं के ऊपर बहने वाली हवाएँ गर्म होकर
      आर्द्रता ग्रहण कर लेती हैं और निकटवर्ती क्षेत्रों में पर्याप्त वर्षा । कर देती हैं।

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(2) शेरशाह के शासन प्रबन्ध का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
शेरशाह की शासन व्यवस्था –

  • केन्द्रीय शासन-केन्द्रीय शासन का सबसे बड़ा अधिकारी स्वयं सम्राट था। उसकी सहायता के लिए अनेक अधिकारी व कर्मचारी होते थे। वह एक उदार शासक था। उसकी दण्ड व्यवस्था कठोर थी। हिन्दुओं के साथ उसका व्यवहार अच्छा था।
  • जिले का शासन – शासन की सुविधा के लिए शेरशाह ने अपने समस्त साम्राज्य को अनेक सरकारों (जिलों) में विभाजित किया, जिन्हें पुनः परगनों में विभाजित किया गया। सरकारों और परगनों के अधिकारियों को समय-समय पर स्थानान्तरित किया जाता था।
  •  सैनिक प्रशासन – शेरशाह ने एक विशाल एवं शक्तिशाली सेना का संगठन किया जिसमें पैदल सिपाही, घुड़सवार, तोपखाना व हाथी चार विभाग थे। सैनिकों को नकद वेतन दिया जाता था तथा उनका हुलिया एक रजिस्टर में दर्ज किया जाता था। घोड़ों को दागने की प्रथा प्रचलित थी।
  • भूमि प्रबन्ध – शेरशाह ने भूमि की नाप कराकर उसे उपज के अनुसार बाँट दिया गया था। किसानों से उपज का चौथाई भाग लगान के रूप में वसूल किया जाता था।
  • न्यायव्यवस्था – सम्राट न्याय विभाग का सर्वोच्च अधिकारी था। वह न्याय में किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं करता था। साम्राज्य के विभिन्न भागों में काजियों की नियुक्ति की गई।
  • जनता की भलाई के कार्य-शिक्षा के क्षेत्र में उसने मदरसों का निर्माण कराया। उसने यात्रियों की सुविधा के लिए कुँओं और सरायों की व्यवस्था की। अनेक सड़कें बनवाईं तथा उनके किनारे छायादार वृक्ष लगवाए। आज की ग्राण्ड ट्रंक रोड (शेरशाह सूरी मार्ग) उसी की देन है।

(3) विधानसभा के गठन की प्रक्रिया को समझाइए।
उत्तर:
वित्तीय कार्य:
विधानसभा राज्य की वित्तीय व्यवस्था पर नियंत्रण रखती है। प्रतिवर्ष विधान सभा में वित्तमन्त्री द्वारा राज्य का आय-व्यय विधेयक (बजट) प्रस्तुत होता है। विधानसभा द्वारा बजट पारित होने पर इसे राज्यपाल के हस्ताक्षर हेतु भेजा जाता है। राज्यपाल के हस्ताक्षर होने के बाद सभी वित्तीय कार्य संचालित होते हैं। इसके अतिरिक्त विधान सभा कार्य विभिन्न माध्यमों से जनहित के कार्यों, सरकारी योजनाओं, विभागीय कार्यवाहियों आदि के सम्बन्ध में जानकारियाँ प्राप्त करना है।

विधानसभा की शक्तियाँ:
विधान सभा सरकारी विभागों द्वारा किए गए कार्यों पर नियन्त्रण रखती है। यह कार्य विधानसभा सदस्य विभिन्न प्रस्तावों के माध्यमों से करते हैं। ऐसे प्रस्ताव काम रोको प्रस्ताव, ध्यानाकर्षण, प्रश्न पूछना, बजट में कटौती प्रस्ताव आदि हैं। गम्भीर स्थिति उत्पन्न होने पर सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव भी पेश किया जा सकता है।

(4) महासागरों से कौन-कौन से लाभ हैं ? लिखिए।
उत्तर:
महासागरों से निम्नलिखित लाभ हैं –

  • भूमि पर वर्षा – भूमि पर समस्त वर्षा समुद्र के पानी के वाष्पन से उत्पन्न भाप से होती है, जो वनस्पति, जीव-जन्तु एवं मानव जीवन के लिए उपयोगी है।
  • तापमान का सन्तुलन – महासागर धरातल पर तापमान का सन्तुलन बनाने में उपयोगी हैं।
  • आवागमन के साधन – महासागर विभिन्न महाद्वीपों को जोड़ते हैं जो अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में सहायक हैं।
  • अन्य – इसके अतिरिक्त महासागर खनिजों के भण्डार, सुरक्षा के उत्तम साधन, मछलियों के भण्डार एवं प्राकृतिक सौन्दर्य से भी परिपूर्ण हैं।

(5) सल्तनतकालीन वास्तुकला की प्रमुख विशेषताओं को लिखिए।
उत्तर:
सल्तनतकालीन वास्तुकला की प्रमुख विशेषताएँ निम्न हैं –

  • नुकीले मेहराब और गुम्बद तथा ऊँची सँकरी मीनारें इस काल की वास्तुकला की महत्वपूर्ण विशेषता थी।
  • इस काल के अनेक शासकों ने उल्लेखनीय निर्माण कार्य करवाए। दिल्ली की कुतुबमीनार, फिरोजशाह का दुर्ग, अलाई दरवाजा, लाल महल, तुगलकाबाद का किला, लोदी सुल्तानों के रंग-बिरंगे खपरैलों की डिजाइनों से सजे मकबरे आदि का निर्माण कराया।
  • दक्षिण के शासकों ने किले के अन्दर शानदार – इमारतें बनवायीं। दौलताबाद एवं गोलकुण्डा के किले इनमें प्रमु ख हैं।
  • सुदूर दक्षिण में विजयनगर के शासकों द्वारा मन्दिरों का निर्माण व जीर्णोद्धार कराया गया। इनके द्वारा

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MP Board Class 7th Social Science आदर्श प्रश्न-पत्र

MP Board Class 7th Social Science Solutions आदर्श प्रश्न-पत्र

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए –
1. इब्नबतूता किसके शासनकाल में आया था?
(अ) मोहम्मद बिन तुगलक
(ब) रजिया
(स) अलाउद्दीन खिलजी
(द) इब्राहिम लोदी।
उत्तर:
(अ) मोहम्मद बिन तुगलक

2. मुगलकाल में लोगों का प्रमुख व्यवसाय था –
(अ) कृषि
(ब) काष्ठ उद्योग
(स) विदेशी व्यापार
(द) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(अ) कृषि

3. मध्य प्रदेश में मानव संग्रहालय स्थित है –
(अ) इन्दौर
(ब) जबलपुर
(स) भोपाल
(द) उज्जैन।
उत्तर:
(स) भोपाल

4. वायुदाब को मापने वाली इकाई कहलाती है –
(अ) मिलीमीटर
(ब) मिलीबार
(स) मिलीग्राम
(द) सेण्टीमीटर।
उत्तर:
(ब) मिलीबार।

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित की सही जोड़ियाँ बनाइए –
(अ)                                                   (ब)
(1) नुकीली पत्ती वाले वन          (a) गोमतेश्वर की जैन मूर्ति
(2) श्रवणबेलगोला                    (b) राष्ट्रपति
(3) सहारा                               (c) टैगा
(4) क्षमादान का अधिकार          (d) मरुस्थल
उत्तर:
(1) (c) टैगा
(2) (a) गोमतेश्वर की जैन मूर्ति
(3) (d) मरुस्थल
(4) (b) राष्ट्रपति

प्रश्न 3.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(1) समुद्र तली के ………….. में मछलियाँ सर्वाधिक पाई जाती हैं।
(2) मध्य प्रदेश की विधानसभा में सदस्यों की कुल संख्या …………. है।
(3) बाबर द्वारा लिखी आत्मकथा का नाम …………. है।
उत्तर:
(1) महाद्वीपीय निमग्न तट
(2) 230
(3) तुजुकए-बाबरी (बाबरनामा)

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निर्देश : निम्नांकित प्रश्नों के उत्तर लगभग 10-20 शब्दों में लिखिए। प्रत्येक के लिए 3-3 अंक निर्धारित हैं।
प्रश्न 4.
मध्यकालीन इतिहास के साहित्यिक स्त्रोतों के नाम लिखिए।
उत्तर:
मध्यकाल के साहित्यिक स्रोत ताड़पत्रों और भोज पत्रों पर लिखा विवरण था।

प्रश्न 5.
भारतीय संविधान सभा के किन्हीं तीन सदस्यों के नाम लिखिए।
उत्तर:
भारतीय संविधान सभा के तीन सदस्य डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, पं. जवाहरलाल नेहरू एवं सरदार वल्लभ भाई पटेल थे।

प्रश्न 6.
पृथ्वी की कौन-कौन सी गतियाँ हैं ?
उत्तर:
पृथ्वी अन्तरिक्ष में अपने अक्ष पर घूमने के साथ – साथ अण्डाकार मार्ग पर सूर्य की परिक्रमा करती है। इस प्रकार पृथ्वी की दो गतियाँ होती हैं-

  • घूर्णन अथवा दैनिक गति
  • परिक्रमण अथवा वार्षिक गति।

घूर्णन गति:
पृथ्वी अपने अक्ष पर घूमते हुए 24 घण्टे में एक चक्कर पूर्ण कर लेती है। पृथ्वी की इस गति को घूर्णन गति कहते हैं –

MP Board Class 7th Social Science आदर्श प्रश्न-पत्र - 1
पृथ्वी की घूर्णन गति

निर्देश : निम्नांकित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30-40 शब्दों में लिखिए। प्रत्येक के लिए 5-5 अंक निर्धारित हैं।
प्रश्न 7.
चोलकालीन स्थापत्य कला के उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
चोलकालीन स्थापत्य कला के उदाहरण:

  • राजराजेश्वर मन्दिर के अहाते में ‘गोपुरम’ नामक विशाल प्रवेश द्वार का निर्माण कराना।
  • तंजौर में राजराजेश्वर मन्दिर तथा गंगेकोंड चोलपुरम में अनेक भव्य मन्दिरों का निर्माण कराना।

प्रश्न 8.
अकबर की धार्मिक नीति का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मुगल सम्राट इस्लाम धर्म के कट्टर अनुयायी थे। विभिन्न धर्मों के तुलनात्मक अध्ययन के आधार पर उसने दीन-ए-इलाही नामक पंथ चलाया। औरंगजेब ने जजिया तथा तीर्थयात्रा कर लगाए। हिन्दुओं में वैष्णव, शैव मत अधिक प्रचलित थे। जैन धर्म का समाज में अधिक महत्व था। जैन और हिन्दुओं में तीर्थयात्रा का प्रचलन था। बौद्ध धर्म का लगभग ह्रास हो चुका था।

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प्रश्न 9.
प्रमुख बाल अधिकारों को लिखिए।
उत्तर:
मनुष्यों को निम्नलिखित मानव अधिकार प्राप्त हैं –

  • जीवन की स्वतन्त्रता का अधिकार।
  • समानता का अधिकार।
  • सम्पत्ति का अधिकार।
  • देश के शासन में भाग लेने तथा सरकारी सेवाओं में चयन हेतु समानता का अधिकार।
  • अपराध प्रमाणित न होने तक निर्दोष समझे जाने का अधिकार।
  • बिना किसी जाँच के बन्दी बनाए जाने, नजरबन्द करने, देश से निकालने से स्वतन्त्रता का अधिकार।
  • स्वतन्त्र एवं निष्पक्ष न्यायपालिका द्वारा सुनवाई का अधिकार।
  • मत व अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता का अधिकार।
  • शान्तिपूर्वक सभा आयोजित करने का अधिकार।
  • दासता, विवेक और धर्म की स्वतन्त्रता का अधिकार।
  • उत्पीड़न अथवा क्रूर अमानुषिक या अपमानजनक व्यवहार या दण्ड से स्वतन्त्रता का अधिकार।।
  • उचित व अनुकूल व्यवस्थाओं के अन्तर्गत काम करने का अधिकार।
  • समान कार्य के लिए समान वेतन का अधिकार।
  • अवकाश व विश्राम का अधिकार।
  • शिक्षा का अधिकार व समाज के सांस्कृतिक जीवन में भाग लेने का अधिकार।

इन अधिकारों की भावनाओं को प्रोत्साहन देने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ की आर्थिक व सामाजिक परिषद् कार्य करती है।

प्रश्न 10.
मौसम और जलवायु में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
मौसम और जलवायु में अन्तर –
MP Board Class 7th Social Science आदर्श प्रश्न-पत्र - 2
प्रश्न 11.
मिश्रित खेती किसे कहते हैं ?
उत्तर:
खेती का वह प्रणाली जिसमें विभिन्न फसलों के साथ-साथ पशुपालन भी किया जाता है, मिश्रित खेती कहलाती है।

प्रश्न 12.
विधान सभा सदस्य बनने के लिए निर्धारित अर्हताओं को लिखिए।
उत्तर:
विधानसभा सदस्य बनने के लिए निर्धारित अर्हताएँ निम्नलिखित हैं –

  • वह भारत का नागरिक हो।
  • वह 25 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुका हो।
  • वह दिवालिया अथवा पागल न हो।
  • वह भारत सरकार या किसी राज्य सरकार के अधीन लाभ के पद पर न हो।

निर्देश : निम्नांकित प्रश्नों के उत्तर लगभग 80-100 शब्दों में लिखिए। प्रत्येक के लिए 10-10 अंक निर्धारित हैं।
प्रश्न 13.
शिवाजी में उच्चकोटि की प्रशासनिक क्षमताएँ थीं।’ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
शिवाजी के शासन प्रबन्ध का मुख्य उद्देश्य प्रजा की सुख-समृद्धि तथा मातृभूमि की रक्षा के लिए श्रेष्ठ सेना का गठन करना था। शिवाजी राज्य के सर्वेसर्वा थे। असीम निरंकुश शक्तियों के होते हुए भी शिवाजी ने उनका उपयोग जन-कल्याण के कार्यों के लिए किया। वे वीर सेनानायक, कूटनीतिज्ञ व उत्तम शासक थे। धार्मिक सहिष्णुता, उच्चकोटि का चरित्र, न्यायप्रियता और कुशल प्रशासन के कारण, वे महान शासक के रूप में प्रसिद्ध हुए। उच्चकोटि की प्रशासनिक क्षमता के कारण शिवाजी ने अपना शासन सुचारु रूप से चलाया। अतः हम कह सकते हैं कि शिवाजी में उच्चकोटि की प्रशासनिक क्षमता थी।

अथवा
सल्तनतकालीन भाषा, साहित्य एवं विज्ञान का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भाषा एवं साहित्य –

  • प्राथमिक शिक्षा केन्द्र मन्दिर व मस्जिद होते थे। कुछ स्थानों पर प्राथमिक विद्यालयों की स्थापना की गई।
  • उच्च शिक्षा के लिए टोल (महाविद्यालय) व मदरसों की व्यवस्था थी।
  • केन्द्रीय स्तर पर फारसी भाषा का प्रयोग होता था।
  • हिन्दी और फारसी के सम्मिश्रण से ‘उर्दू भाषा का जन्म हुआ।
  • उर्दू भाषा के शब्दकोष में फारसी व हिन्दी भाषाओं के शब्दों का प्रयोग किया।
  • इस काल में क्षेत्रीय भाषाओं का विकास हुआ, जिनमें उत्तम साहित्य की रचना हुई।
  • कुछ हिन्दू राज्यों (विजयनगर आदि) के राज दरबार में संस्कृत भाषा का प्रयोग किया जाता था। संस्कृत ग्रन्थों के अनुवाद भारतीय
  • भाषाओं के साथ-साथ अरबी व फारसी में भी किए गए।
  • कागज के प्रचलन से अनेक प्राचीन ग्रन्थों का पुनः लेखन हुआ।

प्रश्न 14.
भारत के राष्ट्रपति को प्राप्त शक्तियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
राष्ट्रपति को निम्नलिखित शक्तियाँ प्राप्त हैं –

  • राष्ट्रपति प्रधानमन्त्री की नियुक्ति करते हैं तथा प्रधानमन्त्री के सुझाव पर अन्य मन्त्रियों की भी नियुक्ति करते हैं।
  • राष्ट्रपति राज्यों के राज्यपाल, सर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति करते हैं।
  • राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति भी राष्ट्रपति के द्वारा की जाती है।
  • राष्ट्रपति को अध्यादेश जारी करने का अधिकार है। ऐसे अध्यादेशों को कानून के ही समान मान्यता प्राप्त है।
  • राष्ट्रपति को क्षमादान का अधिकार प्राप्त है। न्यायालय द्वारा दिए गए किसी व्यक्ति के मृत्युदण्ड को राष्ट्रपति चाहे तो माफ कर सकते हैं या सजा को आजीवन कारावास में बदल सकते हैं।

अथवा

भारत के नागरिकों को प्राप्त स्वतन्त्रताओं को लिखिए।
उत्तर:
स्वतन्त्रता के अधिकार के अन्तर्गत हमें निम्न स्वतन्त्रताएँ प्राप्त हैं –

  • विचार व्यक्त करने की स्वतन्त्रता – भारत के सभी नागरिकों को विचार व्यक्त करने, भाषण देने, अपने तथा दूसरे व्यक्तियों के विचारों को जानने और प्रचार करने, समाचार-पत्र में लेख आदि लिखने की स्वतन्त्रता है।
  • सम्मेलन करने की स्वतन्त्रता – हमें अपने विचारों को समझाने के लिए सभा करने तथा जुलूस निकालने की स्वतन्त्रता है। लेकिन जुलूस शान्तिपूर्ण होना चाहिए। वे सभी व्यक्ति जो किसी बात पर एक समान विचार रखते हों, अपने अधिकारों के लिए इकट्ठे होकर संगठन बना सकते हैं।
  • भ्रमण की स्वतन्त्रता – भारत के सभी नागरिकों को बिना किसी विशेष अधिकार पत्र के देश में कहीं भी आने-जाने की स्वतन्त्रता है।
    निवास एवं बसने की स्वतन्त्रता – भारत के सभी नागरिकों को अपनी इच्छानुसार अस्थायी या स्थायी रूप से भारत के किसी भी स्थान पर बसने एवं निवास करने की स्वतन्त्रता एवं अधिकार है।
  • व्यापार एवं व्यवसाय की स्वतन्त्रता – प्रत्येक नागरिक को कानूनी सीमा में रहकर अपनी इच्छानुसार कार्य तथा व्यवसाय करने की स्वतन्त्रता है।
  • जीवन तथा व्यक्तिगत स्वतन्त्रता-समस्त अधिकारों का महत्व केवल तब तक है जब तक कि व्यक्ति सुरक्षित एवं जीवित है। संविधान के अनुसार व्यक्ति को उसकी इच्छा के विरुद्ध कहीं नहीं ले जाया जा सकता है। संविधान जीवन व सुरक्षा का अधिकार प्रदान करता है।

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प्रश्न 15.
अफ्रीका महाद्वीप के धरातलीय स्वरूप का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
अफ्रीका महाद्वीप का अधिकांश भाग पठारी होने के कारण इसे पठारों का महाद्वीप कहा जाता है। उत्तर-पश्चिम में पठार । कुछ नीचा तथा दक्षिण-पूर्व में ऊँचा है। यह महाद्वीप प्राचीन कठोर। शैलों से बना है। इसके तटीय भागों में सँकरे मैदान मिलते हैं। पूर्वी भाग में भूमध्य रेखा के समीप वर्ष भर बर्फ से ढका रहने वाला ज्वालामुखी पर्वत किलिमंजारो है। उत्तर-पश्चिम की ओर लम्बी एटलस पर्वत श्रृंखला है जो नवीन वलित पर्वत है। दक्षिण – पूर्व में ड्रेकेन्सबर्ग पर्वत श्रृंखला है।

सहारा मरुभूमि में होगर पर्वत व तिबेस्ती पठार हैं। पश्चिम में कांगो और नाइजर नदी के बीच अदामावा का पठार है। इसका सबसे ऊंचा शिखर केमरून है। उत्तरी-पूर्वी भाग में अबीसीनिया का पठार है। यहाँ की भ्रंश घाटी अफ्रीका के पूर्व में न्यास झील से तुरकाना झील होती हुई लाल सागर और जॉर्डन घाटी तक फैली है। इस घाटी में विक्टोरिया, न्यास, अलबर्ट, टैगानिका झीलें हैं। अफ्रीका के उत्तरी मैदानी भाग में सहारा तथा दक्षिणी भाग में कालाहारी मरुस्थल हैं।

अथवा

यूरोप की जलवायु तथा वनस्पति का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
यूरोप की जलवायु – यूरोप शीतोष्ण जलवायु वाला महाद्वीप है। इसका अधिकांश भाग शीतोष्ण कटिबन्ध में है। यहाँ की जलवायु पर समुद्र की समीपता, पर्वतों, पठारों, उत्तरी अटलांटिक प्रवाह तथा पछुआ हवाओं का गहरा प्रभाव पड़ता है। साल भर चलने वाली पछुआ हवाओं और समुद्री धाराओं के प्रभाव से पश्चिम में पर्याप्त वर्षा होती है। पश्चिम से पूर्व की ओर जाने वाली वर्षा कम होती जाती है तथा ठण्ड बढ़ती जाती है। इस प्रकार की जलवायु महाद्वीपीय जलवायु कहलाती है।

यहाँ गर्मियों में अधिक गर्मी तथा जाड़ों में अधिक ठण्ड पड़ती है। पर्वतीय भागों में वर्षा 100 से 200 सेमी तक होती है। दक्षिणी यूरोप भूमध्यसागरीय जलवायु वाला क्षेत्र है। यहाँ गर्मी प्रायः सूखी निकल जाती है तथा जाड़ों में वर्षा होती है। यूरोप का उत्तरी भाग आर्कटिक वृत्त में आ जाने से यहाँ ठण्ड अधिक पड़ती है और वर्षा बहुत कम होती है। रूस और नार्वे के उत्तरी भाग में तेज ठण्डी हवाओं के कारण लगभग साल भर बर्फ जमी रहती है। इसे टुण्ड्रा की जलवायु कहते हैं।

वनस्पति – यूरोप के लगभग एक चौथाई भाग में वन हैं –

  • टुण्ड्रा के वन – महाद्वीप के सबसे उत्तरी भाग में नार्वे देश के उत्तर में टुण्ड्रा प्रदेश है। यहाँ साल भर बर्फ जमे रहने के कारण वनों का अभाव है। गर्मियों में बर्फ पिघलने पर लिचेन, काई तथा मॉस नामक छोटी झाडियाँ उग आती हैं।
  • टैगा के वन – टुण्ड्रा के दक्षिण में कोणधारी पेड़ों के वन पाए जाते हैं, जिन्हें टैगा कहते हैं। यहाँ के पेड़ों की आकृति कोण के समान तथा पत्तियाँ नुकीली होती हैं। मुख्य वृक्ष फर,। पाइन, स्यूस, लार्च आदि हैं।
  • मिश्रित वन – यूरोप के मध्यवर्ती व पश्चिमी भाग में कोणधारी व चौड़ी पत्ती वाले मिश्रित वन हैं। यह वन टैगा वनों के दक्षिण में पाए जाते हैं जिनमें ओक, ऐस, पोपलर आदि वृक्ष मुख्य हैं।
  • स्टेप्स के घास के मैदान – यूरोप के दक्षिणी-पूर्वी भाग में कम वर्षा के क्षेत्र में छोटी घास विशेष रूप से पैदा होती है।
  • भूमध्यसागरीय वनस्पति – यूरोप के दक्षिण में भूमध्य सागर के पास विशेष प्रकार की भूमध्य सागरीय वनस्पति पाई जाती है। गहरी जड़ों वाले छोटे पौधे इस जलवायु में विशेष रूप से पैदा होते हैं। ये छोटी, मोटी और चमकीली पत्तियों वाले वृक्ष होते हैं।

प्रश्न 16.
निम्नांकित को एशिया महाद्वीप के रेखा मानचित्र में दर्शाइए

(1) हिमालय पर्वत
(2) साइबेरिया का मैदान
(3) रबर उत्पादक देश
(4) ट्रान्स साइबेरियन रेलमार्ग
(5) स्वेज नहर।
उत्तर:

MP Board Class 7th Social Science आदर्श प्रश्न-पत्र - 3

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MP Board Class 7th Social Science Solutions विविध प्रश्नावली 3

MP Board Class 7th Social Science Solutions विविध प्रश्नावली 3

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए –
(1) पानीपत का तृतीय युद्ध किस-किस के मध्य हुआ था ?
(अ) मराठों और अहमदशाह अब्दाली
(ब) औरंगजेब और तुर्कों
(स) सिक्खों और अहमदशाह अब्दाली
(द) सिक्खों और मराठों।
उत्तर:
(अ) मराठों और अहमदशाह अब्दाली

(2) अकबर के शासनकाल में साम्राज्य कितने सूबों में विभक्त था ?
(अ) 20
(ब) 22
(स) 18
(द) 11
उत्तर:
(स) 18

(3) आन्ध्र प्रदेश की प्रमुख जनजाति है –
(अ) कहार
(ब) चंचुस
(स) भील
(द) सहरिया।
उत्तर:
(ब) चेंचुस

(4) वियना में मानव अधिकारों पर विश्व सम्मेलन किस वर्ष में हुआ था ?
(अ) 1997
(ब) 1991
(स) 1993
(द) 2001
उत्तर:
(स) 1993

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(1) क्षेत्रफल की दृष्टि से यूरोप का विश्व में स्थान है।
(2) अफ्रीका में जनसंख्या का घनत्व …………. व्यक्ति प्रति वर्ग किमी है।
(3) सिक्ख धर्म के प्रणेता …………… थे।
(4) छिन्दवाड़ा के तामिया में ………. दर्शनीय स्थल है।
(5) उच्चतम न्यायालय में एक मुख्य न्यायाधीश तथा ……….” अन्य न्यायाधीश होते हैं।
उत्तर:
(1) छटवाँ
(2) 21
(3) गुरुनानक
(4) पातालकोट
(5) 30

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित की सही जोड़ियाँ बनाइए –
MP Board Class 7th Social Science Solutions विविध प्रश्नावली 3
उत्तर:
(1) (b) कम आबादी
(2) (a) मरुस्थल
(3) (d) सूरसागर
(4) (e) बुलन्द दरवाजा
(5) (c) टोडा जनजाति

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MP Board Class 7th Social Science विविध प्रश्नावली 3 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 4.
(1) एशिया महाद्वीप के अक्षांशीय व देशान्तरीय विस्तार को लिखिए।
उत्तर:
एशिया महाद्वीप को पाँच धरातलीय भागों में विभाजित किया जाता है –

1. उत्तरी निम्न मैदान – इसे साइबेरिया का मैदान भी कहते हैं। यह पश्चिम में यूराल पर्वत, पूर्व में लीना नदी तथा दक्षिण में मध्यवर्ती पर्वतों के बीच फैला हुआ है। इस मैदान की ओब, लीना और येनीसी प्रमुख नदियाँ हैं।

2. मध्यवर्ती पर्वतीय क्षेत्र – उत्तरी मैदान के दक्षिण में तथा महाद्वीप के मध्यवर्ती भाग में कई पर्वत श्रृंखलाएँ हैं जो एक पठारी भू-भाग से बँधी हुई दिखाई देती हैं। यह ऊँचा पठारी भाग ‘पामीर के पठार’ के नाम से जाना जाता है, इसे “दुनिया की छत” भी कहते हैं। पामीर के पठार के पूर्व में तिब्बत का पठार है। यहाँ हिमालय पर्वत की सबसे ऊँची चोटी माउण्ट एवरेस्ट है, जिसे सागरमाथा भी कहते हैं। थ्यानश्यान और अल्ताई पर्वतमाला के मध्य ‘गोबी का मरुस्थल’ है।

3. दक्षिणी पठार – मध्यवर्ती पर्वतमालाओं के दक्षिण में दक्षिण दिशा की ओर फैले हुए प्राचीन शैलों से बने कुछ पठार हैं, ये तीन ओर से पानी से घिरे होने के कारण ‘प्रायद्वीप’ कहलाते हैं। इनमें अरब का पठार, दक्षिण-भारत का पठार, ईरान का पठार मुख्य हैं।

4. नदियों के मैदान-नदियों द्वारा लाकर जमा की गई मिट्टियों से बने मैदान प्रायः पूर्वी एवं दक्षिणी एशिया में पाए जाते हैं। पश्चिम एशिया में ये मैदान अरब, ईरान और इराक में दजला-फरात नदियों द्वारा बनाए गए हैं। दक्षिण एवं दक्षिण पूर्व एशिया में सिन्धु, गंगा-ब्रह्मपुत्र के मैदान, इरावदी, साल्विन नदियों के मैदान, याँगटिसीक्यांग और ह्वांगहो, मीनांग-मीकांग, अमूर-सर दरिया नदी मैदान प्रमुख मैदान हैं।

5. द्वीप समूह-एशिया महाद्वीप के पूर्व तथा दक्षिण – पूर्व में तीन प्रमुख द्वीप समूह इण्डोनेशिया, फिलीपींस और जापान द्वीप समूह हैं। इनका मध्यवर्ती भाग पर्वतीय है, जिनके चारों ओर सँकरे तटीय मैदान हैं। इण्डोनेशिया द्वीप समूह, महाद्वीप का सबसे बड़ा द्वीप समूह है।

(2) यूरोप महाद्वीप की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
यूरोप महाद्वीप की प्रमुख विशेषताएँ –

  • यूरोप महाद्वीप अफ्रीका, एशिया, उत्तरी अमेरिका और दक्षिणी अमेरिका महाद्वीपों के मध्य स्थित है। अतः यहाँ से इन महाद्वीपों को जाने के लिए समुद्री मार्ग की सुविधा है
  • यहाँ का अधिकांश भाग शीतोष्ण कटिबन्ध में है अतः यहाँ की जलवायु जनजीवन के लिए अनुकूल है।
  • यूरोप महाद्वीप के बहुत कटे-फटे समुद्री तट आन्तरिक जल यातायात की सुविधा प्रदान करते हैं तथा मछलियाँ पकड़ने | के लिए आदर्श स्थान प्रदान करते हैं।

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(3) अफ्रीका महाद्वीप की प्रमुख जलवायु विशेषताओं को लिखिए।
उत्तर:
अफ्रीका महाद्वीप की प्रमुख जलवायु विशेषताएँ निम्न हैं –

  • इस महाद्वीप का अधिकांश विस्तार उष्ण कटिबन्ध है। यहाँ वर्ष भर ऊँचा तापमान रहता है तथा पर्वतीय भागों में । साधारण तापमान रहता है।
  • पठारी भागों में दिन का तापमान अधिक और रात का तापमान कम हो जाता है।
  • भूमध्य रेखा के निकट दोनों ओर फैले क्षेत्रों में उष्ण और आर्द्र जलवायु पाई जाती है।
  • भूमध्यरेखीय जलवायु प्रदेश के उत्तर व दक्षिण में ग्रीष्म ऋतु उष्ण तथा शीत ऋतु सामान्य रहती है। वर्षा ग्रीष्म ऋतु में  होती है। इस जलवायु के कारण इस क्षेत्र में लम्बी-लम्बी ‘हाथी घास’ उग आती है।

(4) पुरन्दर की सन्धि किस-किस के मध्य हुई थी ? लिखिए।
उत्तर:
पुरन्दर की सन्धि शिवाजी और राजा जयसिंह के मध्य हुई थी।

(5) किन्हीं तीन बाल अधिकारों को लिखिए।
उत्तर:
बाल अधिकार –

  • जीवन जीने का अधिकार,
  •  शिक्षा का अधिकार,
  • शोषण से सुरक्षा का अधिकार।

(6) अफ्रीका महाद्वीप में उगाई जाने वाली प्रमुख फसलों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
महाद्वीप के विभिन्न भागों में जलवायु की भिन्नता के कारण अफ्रीका महाद्वीप में निम्नांकित फसलें मुख्य रूप से उगाई जाती हैं –

  • गेहूँ तथा जौ – मिस्र, अल्जीरिया और मोरक्को में।
  • मकई (मक्का) – बेल्जियम, कांगो, अंगोला, केनिया, मोरक्को में।
  • कपास – मिस्र, युगांडा, केन्या और नाइजीरिया में।
  • मूंगफली – नाइजर, सूडान और नाइजीरिया में।
  • कोको – घाना, नाइजीरिया और अंगोला में।
  • चावल – मलागासी, सेनेगल और नाइजीरिया में।
  • लौंग – जंजीबार तथा पेंबा द्वीपों में।

MP Board Class 7th Social Science विविध प्रश्नावली 3 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 5.
(1) एशिया महाद्वीप के भौतिक भू-भागों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
एशिया महाद्वीप को पाँच धरातलीय भागों में विभाजित किया जाता है –
1. उत्तरी निम्न मैदान – इसे साइबेरिया का मैदान भी कहते हैं। यह पश्चिम में यूराल पर्वत, पूर्व में लीना नदी तथा दक्षिण में मध्यवर्ती पर्वतों के बीच फैला हुआ है। इस मैदान की ओब, लीना और येनीसी प्रमुख नदियाँ हैं।

2. मध्यवर्ती पर्वतीय क्षेत्र – उत्तरी मैदान के दक्षिण में तथा महाद्वीप के मध्यवर्ती भाग में कई पर्वत श्रृंखलाएँ हैं जो एक पठारी भू-भाग से बँधी हुई दिखाई देती हैं। यह ऊँचा पठारी भाग ‘पामीर के पठार’ के नाम से जाना जाता है, इसे “दुनिया की छत” भी कहते हैं। पामीर के पठार के पूर्व में तिब्बत का पठार है। यहाँ हिमालय पर्वत की सबसे ऊँची चोटी माउण्ट एवरेस्ट है, जिसे सागरमाथा भी कहते हैं। थ्यानश्यान और अल्ताई पर्वतमाला के मध्य ‘गोबी का मरुस्थल’ है।

3. दक्षिणी पठार – मध्यवर्ती पर्वतमालाओं के दक्षिण में दक्षिण दिशा की ओर फैले हुए प्राचीन शैलों से बने कुछ पठार हैं, ये तीन ओर से पानी से घिरे होने के कारण ‘प्रायद्वीप’ कहलाते हैं। इनमें अरब का पठार, दक्षिण-भारत का पठार, ईरान का पठार मुख्य हैं।

4.  नदियों के मैदान – नदियों द्वारा लाकर जमा की गई मिट्टियों से बने मैदान प्रायः पूर्वी एवं दक्षिणी एशिया में पाए जाते हैं। पश्चिम एशिया में ये मैदान अरब, ईरान और इराक में दजला-फरात नदियों द्वारा बनाए गए हैं। दक्षिण एवं दक्षिण पूर्व एशिया में सिन्धु, गंगा-ब्रह्मपुत्र के मैदान, इरावदी, साल्विन नदियों के मैदान, याँगटिसीक्यांग और ह्वांगहो, मीनांग-मीकांग, अमूर-सर दरिया नदी मैदान प्रमुख मैदान हैं।

5. द्वीप समूह – एशिया महाद्वीप के पूर्व तथा दक्षिण – पूर्व में तीन प्रमुख द्वीप समूह इण्डोनेशिया, फिलीपींस और जापान द्वीप समूह हैं। इनका मध्यवर्ती भाग पर्वतीय है, जिनके चारों ओर सँकरे तटीय मैदान हैं। इण्डोनेशिया द्वीप समूह, महाद्वीप का सबसे बड़ा द्वीप समूह है।

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(2) प्रमुख मानव अधिकारों को लिखिए।
उत्तर:
मनुष्यों को निम्नलिखित मानव अधिकार प्राप्त हैं –

  • जीवन की स्वतन्त्रता का अधिकार।
  • समानता का अधिकार।
  • सम्पत्ति का अधिकार।
  • देश के शासन में भाग लेने तथा सरकारी सेवाओं में चयन हेतु समानता का अधिकार।
  • अपराध प्रमाणित न होने तक निर्दोष समझे जाने का अधिकार।
  • बिना किसी जाँच के बन्दी बनाए जाने, नजरबन्द करने, देश से निकालने से स्वतन्त्रता का अधिकार।
  • स्वतन्त्र एवं निष्पक्ष न्यायपालिका द्वारा सुनवाई का अधिकार।
  • मत व अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता का अधिकार।
  • शान्तिपूर्वक सभा आयोजित करने का अधिकार।
  • दासता, विवेक और धर्म की स्वतन्त्रता का अधिकार।
  • उत्पीड़न अथवा क्रूर अमानुषिक या अपमानजनक व्यवहार या दण्ड से स्वतन्त्रता का अधिकार।।
  • उचित व अनुकूल व्यवस्थाओं के अन्तर्गत काम करने का अधिकार।
  • समान कार्य के लिए समान वेतन का अधिकार।
  • अवकाश व विश्राम का अधिकार।
  • शिक्षा का अधिकार व समाज के सांस्कृतिक जीवन में भाग लेने का अधिकार।

इन अधिकारों की भावनाओं को प्रोत्साहन देने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ की आर्थिक व सामाजिक परिषद् कार्य करती है।

(3) यूरोप महाद्वीप के प्राकृतिक भागों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
यूरोप को चार भागों में बाँटा जा सकता है –

1.  उत्तरी – पश्चिमी उच्च भूमि – महाद्वीप के उत्तरीपश्चिमी भाग में पर्वत और पठार हैं। इनका विस्तार नार्वे तथा स्वीडन देशों में अधिक है। अतः इन्हें नार्वे और स्वीडन के पर्वत और पठार भी कहते। इन्हें स्केन्डिनेवियन पर्वत भी कहा जाता है। नार्वे के समुद्री तट बहुत कटे-फटे, सँकरे और अधिक ढालू हैं, जिन्हें फियोर्ड तट कहते हैं।

2. मध्य के विशाल मैदान-ये मैदान पश्चिम में अटलांटिक महासागर के तट पर फ्रांस से लेकर पूर्व में यूराल पर्वत तक यूरोपीय रूस में फैले हुए हैं। मैदानों की चौड़ाई रूस में सबसे अधिक है और ये पश्चिम की ओर क्रमश: सँकरे होते गए हैं। उत्तर में श्वेत सागर से लेकर दक्षिणी पर्वतमाला तक इन मैदानों का विस्तार सामाणिकपशाग है। नदियों के कछार बनने के कारण यहाँ की मिट्टी उपजाऊ है। मैदान के पूर्वी भाग में वोल्गा नदी तथा पश्चिम में डेन्यूब नदी है जो क्रमशः कैस्पियन सागर तथा काला सागर में गिरती हैं।

3. मध्यवर्ती पठार – यूरोप के मैदानी भाग के दक्षिण में पठारों और कम ऊँचे पर्वतों की श्रृंखला फैली हुई है। इनमें फ्रांस का मैसिफ, ब्लैक फॉरेस्ट और बोहेमियाँ के पठार हैं। पुर्तगाल व स्पेन में भी पठारों का विस्तार है। अधिकांश भाग चट्टानी तथा अनुपजाऊ है।

4.  दक्षिणी अल्पाइन पर्वतमाला – दक्षिण में ऊँचे नवीन पर्वतों की श्रृंखला भी है। यह श्रृंखला पश्चिम में अटलांटिक महासागर से पूर्व में कैस्पियन सागर तक फैली है। इनमें सबसे महत्वपूर्ण आल्पस पर्वत की श्रृंखला है, जिसकी सबसे ऊँची चोटी माउण्ट ब्लैक है। अन्य पर्वत श्रेणियों में पेरेनीज, एपीनाइन, डिनारिक, कार्पेशियन और कॉकेशस हैं। कॉकेशस की सबसे ऊँची चोटी एलब्रुस चोटी है।

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(4) शिवाजी के शासन प्रबन्ध की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
शिवाजी के शासन प्रबन्ध की प्रमुख विशेषताएँ अग्रलिखित हैं –

  • शिवाजी के शासन प्रबन्ध का मुख्य उद्देश्य प्रजा की सुख-समृद्धि तथा मातृभूमि की रक्षा के लिए श्रेष्ठ सेना का गठन करना था।
  • शिवाजी अत्यन्त कल्याणकारी शासक थे। उन्होंने अपनी शक्तियों का उपयोग जन-कल्याण के कार्यों के लिए किया।
  • शासन का प्रबन्ध उनके द्वारा बनाई गई आठ मन्त्रियों की परिषद् के परामर्श से होता था।
  •  सैनिकों पर कठोर अनुशासन व नियन्त्रण रहता था।
  • रामायण, गीता, कुरान आदि पवित्र ग्रन्थों की रक्षा करना सैनिकों का प्रमुख कर्त्तव्य था।
  • स्त्रियों, बच्चों एवं वृद्धों का अत्यन्त सम्मान किया। जाता था।
  • आक्रमण के समय कृषि को हानि नहीं पहुँचायी जाती थी।

(5) मुगल साम्राज्य के पतन के लिए औरंगजेब को दोषी ठहराना कहाँ तक उचित है ? समझाइए।
उत्तर:
औरंगजेब इस्लाम धर्म का कट्टर अनुयायी तथा अविश्वासी स्वभाव का व्यक्ति था। उसकी अनुदार व असहिष्णुतापूर्ण धार्मिक नीति के कारण सिक्खों, जाटों, सतनामियों, राजपूतों तथा मराठों आदि से अपने धर्म की रक्षा के लिए उसके निरन्तर संघर्ष होते रहे। इन संघर्षों के प्रयास में युद्ध होते रहे, इसके परिणामस्वरूप मुगल साम्राज्य का पतन हुआ।

औरंगजेब के अन्तिम समय में लगभग 25 वर्षों तक दक्षिण भारत में युद्ध होता रहा, जिसके परिणामस्वरूप उत्तर भारत में प्रशासन पर मुगलों की पकड़ ढीली हो गई। अनेक युद्धों के कारण राजकोष भी खाली हो गया। औरंगजेब अन्तिम समय तक अपने विरुद्ध होते विद्रोह का दमन न कर सका। फलस्वरूप मुगल साम्राज्य का पतन हुआ। अत: मुगल साम्राज्य के पतन में औरंगजेब की गलत नीतियाँ प्रमुख कारण हैं।

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(6) मुगलकालीन सामाजिक स्थिति का वर्णन कीजिए।
उत्तर:

  • मुगलकाल में समाज हिन्दू व मुस्लिम दो प्रमुख समाजों में बँटा हुआ था। समाज में सामंत, अमीर वर्ग तथा जागीरदारों का वर्चस्व था।
  • मध्यम वर्ग में शासकीय कर्मचारी, शिल्पकार, छोटे-छोटे दुकानदार, सामान्य व्यापारी तथा निम्न वर्ग में कृषक, श्रमिक व दैनिक मजदूरी के कारीगर व सेवक आदि सम्मिलित थे।
  • हिन्दू समाज जाति-प्रथा पर आधारित था। ब्राह्मण व क्षत्रियों का समाज में ऊँचा स्थान था। मुसलमानों में शिया व सुन्नी मतभेद बढ़ रहे थे।
  • समाज में स्त्रियों की दशा में गिरावट आई। पर्दा प्रथा, सती प्रथा, बहु-विवाह, बाल-विवाह, जौहर प्रथा जैसी बुराइयाँ समाज में व्याप्त थीं। उच्च कुल की लड़कियाँ ही अपने घरों में शिक्षा पाती थीं।
  • समाज में शाकाहारी तथा माँसाहारी दोनों प्रकार का भोजन प्रचलित था।
  • सूती, ऊनी, रेशमी, रंगीन व सफेद कपड़ों का प्रचलन था। नुकीली जूतियाँ तथा खड़ाऊँ का उपयोग किया जाता था।
  • पोलो, शिकार, घुड़सवारी, पशुदौड़, शतरंज, चौपड़, ताश, मेले व त्यौहार आदि मनोरंजन के प्रमुख साधन थे।

(7) लोक रुचिवाद पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
सामान्य जन की भलाई के लिए हमारी सरकार । प्रतिबद्ध है। यदि अनजाने में किसी का उत्पीड़न होता है अथवा । किसी व्यक्ति अथवा समूह को किसी कारणवश कोई क्षति होती । है तो ऐसे लोगों को न्याय दिलाने और उनकी रक्षा के लिए हमारी न्यायपालिका प्रतिबद्ध है। ऐसे लोगों की पीड़ा को कोई व्यक्ति अथवा समाजसेवी संगठन पत्र लिखकर न्यायालय तक पहुँचा सकता है। न्यायपालिका ऐसे लोगों की सुनवाई करती है। इसे लोक रुचिवाद कहते हैं।

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MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 2 एक चर वाले रैखिक समीकरण Intext Questions

MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 2 एक चर वाले रैखिक समीकरण Intext Questions

MP Board Class 8th Maths Chapter 2 पाठान्तर्गत प्रश्नोत्तर

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 26

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प्रश्न 1.
किसी समीकरण का हल केसे ज्ञात करें?
उत्तर:
किसी बीजीय समीकरण में चरों का प्रयोग करते हुए समता ‘=’ का चिह्न होता है। समता चिह्न के बायीं ओर वाला बायाँ पक्ष (L.H.S.) और दाहिनी ओर वाला दायाँ पक्ष (R.H.S.) कहलाता है। हम समीकरण के दोनों पक्षों पर एक जैसी ही गणितीय संख्याएँ करते हैं, जिससे कि समीकरण का सन्तुलन न बिगड़े। तत्पश्चात् समीकरण का अभीष्ट हल प्राप्त करते हैं।

समीकरण 2x – 3 = 7 में,
चर = x
बायाँ पक्ष = 2x – 3,
दायाँ पक्ष = 7

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MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Ex 1.2

MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Ex 1.2

प्रश्न 1.
निम्नलिखित संख्याओं को संख्या रेखा पर निरूपित कीजिए:
(i) \(\frac{7}{4}\)
(ii) \(\frac{-5}{6}\)
उत्तर:
(i)
यहाँ हमें 0 के दाहिनी ओर \(\frac{1}{4}\) की समान दूरी पर 7 बिन्दु अंकित करने हैं।
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Ex 1.2 img-1
बिन्दु P परिमेय संख्या \(\frac{7}{4}\) को निरूपित करता है।

(ii)
यहाँ हमें 0 के बायीं ओर \(\frac{1}{6}\) की समान दूरी पर 5 बिन्दु अंकित करने हैं।
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Ex 1.2 img-2
बिन्दु B परिमेय संख्या 1 को निरूपित करता है।

प्रश्न 2.
\(\frac{-2}{11}\), \(\frac{-5}{11}\), \(\frac{-9}{11}\), को संख्या रेखा पर निरूपित कीजिए।
हल:
यहाँ, संख्या रेखा को 0 के बायीं ओर 11 समान भागों में विभक्त करेंगे। प्रत्येक भाग \(\frac{1}{11}\) भाग को निरूपित करेगा।
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Ex 1.2 img-3
परिमेय संख्याओं को \(\frac{-2}{11}\), \(\frac{-5}{11}\) और \(\frac{-9}{11}\) को क्रमशः बिन्दु A, B तथा C द्वारा निरूपित किया गया है।

प्रश्न 3.
ऐसी पाँच परिमेय संख्याएँ लिखिए जो 2 से छोटी हों।
उत्तर:
2 से छोटी पाँच परिमेय संख्याएँ –
1, \(\frac{1}{2}\), 0, \(\frac{-1}{2}\), -1

प्रश्न 4.
\(\frac{-2}{5}\) और \(\frac{1}{2}\) के मध्य दस परिमेय संख्याएँ ज्ञात कीजिए।
हल:
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Ex 1.2 img-4
हम जानते हैं कि, – 8 < – 7, < – 6 < 5, …… 9, < 10
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Ex 1.2 img-5
अतः \(\frac{-2}{5}\) तथा \(\frac{1}{2}\) के बीच परिमेय संख्याएँ
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Ex 1.2 img-6

प्रश्न 5.
(i) \(\frac{2}{3}\) और \(\frac{4}{5}\)
(ii) \(\frac{-3}{2}\) और \(\frac{5}{3}\)
(iii) \(\frac{1}{4}\) और \(\frac{1}{2}\) के बीच मध्य पाँच परिमेय संख्याएँ ज्ञात कीजिए।
हल:
(i)
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Ex 1.2 img-7
हम जानते हैं कि 40 < 41 < 42 < 43 < 44 < 45 < ……. < 48
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Ex 1.2 img-8
अतः \(\frac{2}{5}\) और \(\frac{4}{5}\) के बीच पाँच परिमेय संख्याएँ
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Ex 1.2 img-9
(ii)
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Ex 1.2 img-10
हम जानते हैं कि -9 < – 8 < – 7 < – 6 < – 5 < …… < 0 < 1 < 2 < …… < 9 < 10
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Ex 1.2 img-11
अतः \(\frac{-3}{2}\) और \(\frac{5}{3}\) के मध्य पाँच परिमेय संख्याएँ \(\frac{-8}{6}\), \(\frac{-7}{6}\), 0, \(\frac{1}{6}\), \(\frac{2}{6}\) हैं।

(iii)
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Ex 1.2 img-12
हम जानते हैं कि 8 < 9 < 10 < 11 < 12 < 13 < 14 < 15 < 16
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Ex 1.2 img-13
अतः \(\frac{1}{4}\) और \(\frac{1}{2}\) के मध्य पाँच परिमेय संख्याएँ \(\frac{9}{32}\), \(\frac{10}{32}\), \(\frac{11}{32}\), \(\frac{12}{32}\), \(\frac{13}{32}\) हैं।
(इसके अतिरिक्त और भी परिमेय संख्याएँ हो सकती हैं)

MP Board Solutions

प्रश्न 6.
-2 से बड़ी पाँच परिमेय संख्याएँ लिखिए।
हल:
– 2 से बड़ी पाँच परिमेय संख्याएँ \(\frac{-3}{2}\), -1, \(-\frac{-2}{5}\), 0, 1, \(\frac{1}{2}\) हैं।
(इसके अतिरिक्त और भी परिमेय संख्याएँ हो सकती हैं)

प्रश्न 7.
3 और 2 के मध्य दस परिमेय संख्याएँ ज्ञात कीजिए।
हल:
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Ex 1.2 img-14
हम जानते हैं कि
96 < 97 < 98 < 99 < 100 < 101 < ……. <118 < 119 < 120
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Ex 1.2 img-15
अतः हैं और है के मध्य दस परिमेय संख्याएँ
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Ex 1.2 img-16
(इसके अतिरिक्त और भी परिमेय संख्याएँ हो सकती हैं)

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MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Intext Questions

MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Intext Questions

MP Board Class 8th Maths Chapter 1 पाठान्तर्गत प्रश्नोत्तर

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 02

संवृत

प्रश्न 1.
प्राकृत संख्याओं के लिए सभी चार संक्रियाओं के अन्तर्गत संवृत गुण की जाँच कीजिए।

1. योग:
यदि a और b दो पूर्ण संख्याएँ हैं तो a + b भी एक पूर्ण संख्या होगी।

प्रश्न 1.
4 + 7 = …… क्या यह एक पूर्ण संख्या
हल:
4 + 7 = 11; हाँ, यह एक पूर्ण संख्या है।
जाँच:
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Intext Questions img-1
अतः पूर्ण संख्याएँ योग के अन्तर्गत संवृत हैं उत्तर

2. व्यवकलन:
यदि a और b दो प्राकृत संख्याएँ इस प्रकार हैं कि a > b, तब a – b = प्राकृत संख्या होगी। यदि a < b या a = b, तो a-b प्राकृत संख्या नहीं होगी।
जाँच:
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Intext Questions img-2
अतः पूर्ण संख्याएँ व्यवकलन के अन्तर्गत संवृत नहीं हैं।

3. गुणन:
यदि a तथा b कोई दो पूर्ण संख्याएँ हैं, तो उनका गुणनफल भी एक पूर्ण संख्या होती है।

MP Board Solutions

प्रश्न 1.
3 x 7 = …. क्या यह एक पूर्ण संख्या है?
हल:
3 x 7 = 21 ; हाँ, यह एक पूर्ण संख्या है।
जाँच:
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Intext Questions img-3
अतः पूर्ण संख्याएँ गुणन के अन्तर्गत संवृत हैं।

4. भाग:
यदि a तथा b दो प्राकृत संख्याएँ हैं, तो यह आवश्यक नहीं कि a ÷ b प्राकृत संख्या होगी।
जाँच:
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Intext Questions img-4
अतः पूर्ण संख्याएँ भाग के अन्तर्गत संवृत नहीं हैं।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 02-03

पूर्णांक

1. योग
प्रश्न 1.
क्या – 7 + (-5) एक-पूर्णांक है?
हल:
– 7 + (-5) = – 7 – 5 = – 12; हाँ, यह एक पूर्णांक।

प्रश्न 2.
क्या 8 + 5 एक पूर्णांक है?
हल:
8 + 5 = 13; हाँ, यह एक पूर्णांक है। अतः पूर्णांक योग के अन्तर्गत संवृत हैं।

2. व्यवकलन

MP Board Solutions

प्रश्न 1.
क्या 5 – 7 एक पूर्णांक है?
हल:
5 – 7 = – 2; हाँ, यह एक पूर्णांक हैं।

प्रश्न 2.
क्या 8 – (-6) एक पूर्णांक है?
हल:
8 – (-6) = 8 + 6 = 4; हाँ, यह एक पूर्णांक है।

प्रश्न 3.
जाँच कीजिए कि क्या b – a भी एक पूर्णांक है?
हल:
हाँ, (b – a) भी एक पूर्णांक है। अतः पूर्णांक व्यवकलन के अन्तर्गत संवृत है।

3. गुणन

प्रश्न 1.
क्या – 5 x 8 एक पूर्णांक है?
हल:
– 5 x 8 = – 40; हाँ, यह एक पूर्णांक है। अतः पूर्णांक गुणन के अन्तर्गत संवृत है।

4. भाग

प्रश्न 1.
क्या 5 + 8 एक पूर्णांक है?
हल:
5 + 8 = है, यह एक पूर्णांक नहीं है। अतः पूर्णांक भाग के अन्तर्गत संवृत नहीं है।

परिमेय संख्याएँ

(a) क्या आप जानते हैं कि परिमेय संख्याओं को कैसे जोड़ा जाता है?

प्रश्न 1.
\(\frac{-3}{8}\) + \(\frac{-4}{5}\) =\(\frac { -15+(-32) }{ 40 } \) = …… क्या यह एक परिमेय संख्या है?
हल:
\(\frac{-3}{8}\) + \(\frac { (-4) }{ 5 } \) = \(\frac { -15+(-32) }{ 40 } \)
= \(\frac{-47}{40}\); हाँ, यह एक परिमेय संख्या है।

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प्रश्न 2.
\(\frac{4}{7}\) + \(\frac{6}{11}\) = . . . . ; क्या यह एक परिमेय संख्या है?
हल:
\(\frac{4}{7}\) + \(\frac{6}{11}\) = \(\frac { 44+22 }{ 77 }\) = \(\frac{86}{77}\); हाँ, यह एक परिमेय संख्या है। अतः परिमेय संख्याएँ योग के अन्तर्गत संवृत हैं।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 04

प्रश्न 1.
दो परिमेय संख्याओं का योग भी एक परिमेय संख्या है। कुछ और परिमेय संख्याओं के युग्म लेकर इसकी जाँच कीजिए।
हल:
(i) \(\frac{2}{3}+\frac{1}{5}=\frac{10}{15}+\frac{3}{15}=\frac{10+3}{15}=\frac{13}{15}\); एक परिमेय संख्या है।
(ii) \(\frac{-3}{4}+\frac{5}{7}=\frac{-21}{28}+\frac{20}{28}=\frac{-21+20}{28}=\frac{-1}{28}\); एक परिमेय संख्या है।
(iii) \(\frac{-9}{4}+\frac{-2}{12}=\frac{-27}{12}+\frac{-2}{12}=\frac{-27-2}{12}=\frac{-29}{12}\); एक परिमेय संख्या है।
अतः किन्हीं दो परिमेय संख्याओं a तथा b के लिए a+b भी एक परिमेय संख्या है।

(b)
प्रश्न 1.
क्या दो परिमेय संख्याओं का अन्तर भी एक परिमेय संख्या होगा?
उत्तर:
हाँ, दो परिमेय संख्याओं का अन्तर भी एक परिमेय संख्या होगा।

प्रश्न 2.
\(\frac{5}{8}-\frac{4}{5}=\frac{25-32}{40}\) = …… क्या यह एक परिमेय संख्या है?
उत्तर:
\(\frac{5}{8}-\frac{4}{5}=\frac{25-32}{40}\) = \(\frac{-7}{40}\) यह एक परिमेय संख्या है।

प्रश्न 3.
\(\frac{3}{7}-\left(\frac{-8}{5}\right)\) = …… क्या यह एक परिमेय संख्या है।
उत्तर:
\(\frac{3}{7}-\left(\frac{-8}{5}\right)=\frac{3}{7}+\frac{8}{5}=\frac{15+56}{35}=\frac{71}{35}\) ; यह एक परिमेय संख्या है।

प्रश्न 4.
परिमेय संख्याओं के कुछ और युग्मों के लिए इसकी जाँच कीजिए?
उत्तर:
(i)
\(\frac{7}{9}-\frac{2}{5}=\frac{7 \times 5-2 \times 9}{45}=\frac{35-18}{45}=\frac{17}{45}\) यह एक परिमेय संख्या है।
(ii)
\(=\frac{33+5}{15}=\frac{38}{15}\) ; यह एक परिमेय संख्या है।
अतः परिमेय संख्याएँ व्यवकलन के अन्तर्गत संवृत हैं। अर्थात् किन्हीं दो परिमेय संख्याओं a तथा b के लिए a-b भी एक परिमेय संख्या होगी।

(c) दो परिमेय संख्याओं के गुणनफल

प्रश्न 1.
\(\frac{-4}{5}\)x\(\frac{-6}{11}\) = …… ; क्या यह एक परिमेय संख्या है?
उत्तर:
\(\frac{-4}{5}\)x\(\frac{-6}{11}\) = \(\frac { (-4)x(-6) }{ 5×11 } \) = \(\frac{24}{55}\) हाँ, यह एक परिमेय संख्या है।

MP Board Solutions

प्रश्न 2.
परिमेय संख्याओं के कुछ और युग्म लीजिए और जाँच कीजिए कि उनका गुणनफल भी एक परिमेय संख्या है।
हल:
(i) \(\frac{-3}{5} \times 7=\frac{(-3) \times 7}{5}=\frac{-21}{5}\) यह एक परिमेय संख्या है।
(ii) \(\frac{-3}{4} \times \frac{1}{7}=\frac{(-3) \times 1}{4 \times 7}=\frac{-3}{28}\) यह एक परिमेय संख्या है।
(iii) \(\frac{2}{3} \times \frac{5}{9}=\frac{2 \times 5}{3 \times 9}=\frac{10}{27}\) यह एक परिमेय संख्या है।
अतः स्पष्ट है कि परिमेय संख्याएँ गुणन के अन्तर्गत संवृत हैं। अर्थात् किन्हीं दो परिमेय संख्याओं a तथा b के लिए ax b भी एक परिमेय संख्या होगी।

(d)
प्रश्न 1.
\(\frac{2}{7}\) ÷ \(\frac{5}{3}\) ; क्या यह एक परिमेय संख्या है?
उत्तर:
\(\frac{2}{7} \div \frac{5}{3}=\frac{2}{7} \times \frac{3}{5}=\frac{2 \times 3}{7 \times 5}=\frac{6}{35}\) ; हाँ, यह एक परिमेय संख्या है।

प्रश्न 2.
\(\frac{-3}{8}\) ÷ \(\frac{5}{3}\) ; क्या यह एक परिमेय संख्या है?
उत्तर:
\(\frac{-3}{8} \div \frac{-2}{9}=\frac{-3}{8} \times \frac{9}{-2}=\frac{-27}{-16}=\frac{27}{16}\) हाँ, यह एक परिमेय संख्या है।

प्रश्न 3.
क्या आप कह सकते हैं कि परिमेय संख्याएँ भाग के अन्तर्गत संवृत हैं?
उत्तर:
किसी संख्या a के लिए a ÷ 0 परिभाषित नहीं है। अतः परिमेय संख्याएँ भाग के अन्तर्गत संवृत नहीं हैं। तथापि, यदि हम शून्य को शामिल न करें तो दूसरी सभी परिमेय संख्याओं का समूह, भाग के अन्तर्गत संवत है।

MP Board Solutions

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 05

प्रयास कीजिए (क्रमांक 1.1)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित सारणी में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
उत्तर:
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Intext Questions img-5

क्रमविनिमेयता

(i) पूर्ण संख्याएँ

प्रश्न 1.
निम्नलिखित सारणी के रिक्त स्थानों को भरते हुए विभिन्न संक्रियाओं के अन्तर्गत पूर्ण संख्याओं की क्रमविनिमेयता का स्मरण कीजिए।
उत्तर:
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Intext Questions img-6

प्रश्न 2.
जाँच कीजिए कि क्या प्राकृतिक संख्याओं के – लिए भी ये संक्रियाएँ क्रमविनिमेय हैं?
उत्तर:
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Intext Questions img-7

(ii) पूर्णांक

प्रश्न 1.
निम्नलिखित सारणी के रिक्त स्थानों को भरिए और पूर्णांकों के लिए विभिन्न संक्रियाओं की क्रमविनिमेयता जाँचिए।
उत्तर:
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Intext Questions img-8

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 06

(iii) परिमेय संख्याएँ

(a) योग:

प्रश्न 1.
(i) क्या \(\frac{-6}{5}+\left(\frac{-8}{3}\right)=\left(-\frac{8}{3}\right)+\left(\frac{-6}{5}\right)\) है?
(ii) क्या \(\frac{-3}{8}+\frac{1}{7}=\frac{1}{7}+\left(\frac{-3}{8}\right)\) है?
हल:
(i)
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Intext Questions img-9
(ii)
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Intext Questions img-10
अतः परिमेय संख्याओं के लिए योग क्रम- विनिमेय है।

(b) व्यवकलन:

प्रश्न 1.
(i) क्या \(\frac{2}{3}-\frac{5}{4}=\frac{5}{4}-\frac{2}{3}\) है?
(ii) क्या \(\frac{1}{2}-\frac{3}{5}=\frac{3}{5}-\frac{1}{2}\) है?
हल:
(i)
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Intext Questions img-11
(ii)
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Intext Questions img-12
स्पष्ट है कि परिमेय संख्याओं के लिए व्यवकलन क्रमविनिमेय नहीं है।

(c) गुणन:
हम पाते हैं कि \(\frac{-7}{3} \times \frac{6}{5}=\frac{-42}{15}=\frac{6}{5} \times \frac{(-7)}{3}\)

प्रश्न 1.
क्या \(\frac{-8}{9} \times\left(\frac{-4}{7}\right)=\left(\frac{-4}{7}\right) \times\left(\frac{-8}{9}\right)\) है?
हल:
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Intext Questions img-13

प्रश्न 2.
कुछ और गुणनफलों के लिए जाँच कीजिए।
हल:
(i)
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Intext Questions img-14
(ii)
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Intext Questions img-15
अतः परिमेय संख्याओं के लिए गुणन क्रमविनिमेय है।

(d) भाग:

प्रश्न 1.
क्या \(\frac{-5}{4} \div \frac{3}{7}=\frac{3}{7} \div\left(\frac{-5}{4}\right)\) है?
हल:
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Intext Questions img-16
हम पाते हैं कि दोनों पक्षों के व्यंजक समान नहीं हैं। अतः परिमेय संख्याओं के लिए भाग क्रमविनिमेय नहीं है।

MP Board Solutions

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 07

प्रयास कीजिए (क्रमांक 1.2)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित सारणी को पूरा कीजिए –
उत्तर:
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Intext Questions img-17

(i) पूर्ण संख्याएँ –

प्रश्न 1.
इस सारणी को भरिए और अन्तिम स्तम्भ में दी गई टिप्पणियों को सत्यापित कीजिए।
उत्तर:
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Intext Questions img-18

प्रश्न 2.
प्राकृत संख्याओं के लिए विभिन्न संक्रियाओं की साहचर्यता की स्वयं जाँच कीजिए।
उत्तर:
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Intext Questions img-19

(ii) पूर्णांक

प्रश्न 1.
पूर्णांकों के लिए चार संक्रियाओं की साहचर्यता निम्नलिखित सारणी से देखी जा सकती है –
उत्तर:
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Intext Questions img-20

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 08

(iii) परिमेय संख्याएँ

(a) योग

प्रश्न 1.
ज्ञात कीजिए \(\frac{-1}{2}+\left[\frac{3}{7}+\left(\frac{-4}{3}\right)\right]\) और \(\left[\frac{-1}{2}+\frac{3}{7}\right]+\left(\frac{-4}{3}\right)\) क्या ये दोनों योग समान हैं?
हल:
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Intext Questions img-21

प्रश्न 2.
कुछ और परिमेय संख्याएँ लीजिए। उपर्युक्त उदाहरणों की तरह उन्हें जोड़िए और देखिए कि क्या दोनों योग समान हैं?
(i) \(\left[\frac{-1}{3}+\frac{3}{4}\right]+\left(\frac{-5}{6}\right)\) और \(\left(\frac{-1}{3}\right)+\left[\frac{3}{4}+\left(\frac{-5}{6}\right)\right]\)
(ii) \(\left[\frac{-6}{7}+\left(\frac{-7}{14}\right)\right]+7\) और \(\frac{-6}{7}+\left[\left(\frac{-7}{14}\right)+7\right]\)
हल:
(i)
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Intext Questions img-22
(ii)
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Intext Questions img-23
हम पाते हैं कि दोनों योग समान हैं। अतः परिमेय संख्याओं के लिए योग साहचर्य है।
अर्थात् किन्हीं तीन परिमेय संख्याओं a, b तथा c के लिए a + (b + c) = (a + b) + c.

(b) व्यवकलन

MP Board Solutions

प्रश्न 1.
क्या \(\frac{-2}{3}-\left[\frac{-4}{5}-\frac{1}{2}\right]=\left[\frac{-2}{3}-\left(\frac{-4}{5}\right)\right]-\frac{1}{2}\) है? स्वयं जाँच कीजिए।
हल:
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Intext Questions img-24
अतः परिमेय संख्याओं के लिए व्यवकलन साहचर्य नहीं है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 09

(c) गुणन

प्रश्न 1.
क्या \(\frac{2}{3} \times\left(\frac{-6}{7} \times \frac{4}{5}\right)=\left(\frac{2}{3} \times \frac{-6}{7}\right) \times \frac{4}{5}\) है?
हल:
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Intext Questions img-25

प्रश्न 2.
कुछ और परिमेय संख्याएँ लीजिए और स्वयं जाँच कीजिए। क्या \(\left(\frac{-5}{3} \times \frac{3}{-7}\right) \times \frac{3}{2}=\frac{-5}{3} \times\left(\frac{3}{-7} \times \frac{3}{2}\right)\) है?
हल:
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Intext Questions img-26
हम पाते हैं कि परिमेय संख्याओं के लिए गुणन साहचर्य है। अर्थात् किन्हीं तीन परिमेय संख्याओं a, b तथा c के लिए ax (bx c)= (ax b) x c.

(d) भाग

प्रश्न 1.
आइए, देखते हैं कि यदि \(\frac{1}{2} \div\left[\frac{-1}{3} \div \frac{2}{5}\right]=\left[\frac{1}{2} \div\left(\frac{-1}{3}\right)\right] \div \frac{2}{5}\) है? क्या L.H.S. = R.H.S. है?
हल:
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Intext Questions img-27
अतः बायाँ पक्ष ≠ दायाँ पक्ष
स्पष्ट है कि परिमेय संख्याओं के लिए भाग साहचर्य नहीं है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 10

MP Board Solutions

प्रयास कीजिए (क्रमांक 1.3)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित सारणी को पूरा कीजिए
उत्तर:
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Intext Questions img-28

प्रश्न 2.
क्या आप सोचते हैं कि क्रमविनिमेयता और साहचर्यता के गुणधर्मों की सहायता से परिकलन आसान हो गया है?
उत्तर:
हाँ, वास्तव में क्रमविनिमेयता और साहचर्यता के गुणधर्मों की सहायता से परिकलन आसान हो गया है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 11

शून्य (0) की भूमिका

प्रश्न 1.
निम्नलिखित पर विचार कीजिए –
2 + 0 = 0 + 2 = 2 (शून्य को पूर्ण संख्या में जोड़ना)
– 5+ 0 = …+… = – 5(शून्य को पूर्णांक में जोड़ना)
\(\frac{-2}{7}\) + ……. = 0 + \(\left(\frac{-2}{7}\right)\) = \(\frac{-2}{7}\) (शून्य को परिमेय संख्या में जोड़ना)
हल:
– 5 + 0 = 0 + (-5) = – 5
\(\frac{-2}{7}\) + 0 = 0 + \(\left(\frac{-2}{7}\right)\) = \(\frac{-2}{7}\)

प्रश्न 2.
ऐसे कुछ और योग ज्ञात कीजिए। आप क्या देखते हैं?
हल:
(i) 7 + 0 = 0 + 7 = 7
(ii) 121 + 0 = 0 + 121 = 121
(iii) – 11 + 0 = 0 + (-11) = – 11
(iv) – 150 + 0 = 0 + (-150) = -150
(v) \(\frac{2}{11}\) + 0 = 0 + \(\frac{2}{11}\) = \(\frac{2}{11}\)
(vi) \(\frac{-3}{17}\) = + 0 = 0 + \(\left(\frac{-3}{17}\right)\) = \(\frac{-3}{17}\)
हम देखते हैं कि किसी पूर्ण संख्या अथवा पूर्णांक अथवा परिमेय संख्याओं में शून्य जोड़ा जाता है तो वही संख्या प्राप्त होती है।
अतः पूर्ण संख्याओं, पूर्णांकों और परिमेय संख्याओं के योग के लिए शून्य योज्य तत्समक है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 12

1 की भूमिका

प्रश्न 1.
हम पाते हैं कि 5 x 1 = 5 = 1 x 5 (पूर्ण संख्या के साथ 1 का गुणन) –
\(\frac{-2}{7}\) x 1 =……. x ….. \(\frac{-2}{7}\)
\(\frac{3}{8}\) x …….. = 1 x \(\frac{1}{8}\) = \(\frac{3}{8}\)
आप क्या पाते हैं? कुछ और परिमेय संख्याओं के लिए इसकी जाँच कीजिए।
हल:
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Intext Questions img-29
कुछ और गुणनफल इस प्रकार है –
(i) – 11 x 1 = 1 x (-11) = – 11
(ii) \(\frac{3}{13}\) x 1 = 1 x \(\frac{3}{13}\) = \(\frac{3}{13}\)
(iii) \(\frac{-11}{29}\) x 1 = 1 x \(\left(\frac{-11}{29}\right)\) = \(\frac{-11}{29}\)
हम पाते हैं कि किसी परिमेय संख्या a के लिए 1 गुणनात्मक तत्समक है।
a x 1 = 1 x a = a

प्रश्न 2.
क्या 1 पूर्णांकों और पूर्ण संख्याओं के लिए भी गुणनात्मक तत्समक है?
उत्तर:
हाँ, 1 पूर्णांकों और पूर्ण संख्याओं के लिए भी गुणनात्मक तत्समक है।

सोचिए, चर्चा कीजिए और लिखिए –

प्रश्न 1.
यदि कोई गुणधर्म परिमेय संख्याओं के लिए सत्य है तो क्या वह गुणधर्म पूर्णांकों, पूर्ण संख्याओं के लिए भी सत्य होगा? कौन-से गुणधर्म इनके लिए सत्य होंगे और कौन-से सत्य नहीं होंगे?
उत्तर:
हाँ, वे गुणधर्म जो परिमेय संख्याओं के लिए सत्य हैं, तो वे गुणधर्म पूर्णांकों और पूर्ण संख्याओं के लिए भी सत्य हैं।

  1. पूर्णांकों और पूर्ण संख्याओं के लिए व्यवकलन और भाग साहचर्य नहीं हैं।
  2. पूर्णांकों और पूर्ण संख्याओं के लिए व्यवकलन और भाग संवृत नहीं हैं।
  3. पूर्णांकों और पूर्ण संख्याओं के लिए व्यवकलन और भाग क्रमविनिमेय नहीं हैं।

एक संख्या का ऋणात्मक

MP Board Solutions

प्रश्न 1.
किसी परिमेय संख्या \(\frac{2}{3}\) के लिए हम पाते हैं, \(\frac{2}{3}+\left(-\frac{2}{3}\right)=\frac{2+(-2)}{3}=0\) इसके अतिरिक्त \(\left(-\frac{2}{3}\right)+\frac{2}{3}=0\) कैसे? इसी प्रकार \(\frac{-8}{9}\) + …. ….. +\(\left(\frac{-8}{9}\right)\) = 0 ….. + \(\left(\frac{-11}{7}\right)\) = \(\left(\frac{-11}{7}\right)\) + …… = 0
हुल:
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Intext Questions img-30
अत: \(\frac{a}{b}\) का योज्य प्रतिलोम –\(\frac{a}{b}\) तथा \(-\left(\frac{a}{b}\right)\) का योज्य प्रतिलोम है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 14

प्रयास कीजिए (क्रमांक 1.4)

प्रश्न 1.
वितरकता के उपयोग से निम्नलिखित का मान ज्ञात कीजिए –
(i) \(\left\{\frac{7}{5} \times\left(\frac{-3}{12}\right)+\frac{7}{5} \times \frac{5}{12}\right\}\)
(ii) \(\left\{\frac{9}{16} \times \frac{4}{12}\right\}+\left\{\frac{9}{16} \times \frac{-3}{9}\right\}\)
हल:
वितरकता के अन्तर्गत हम एक गुणनफल को दो गुणनफलों के योग अथवा अन्तर के रूप में विभक्त करते हैं।
(i)
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Intext Questions img-31
(ii)
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 1 परिमेय संख्याएँ Intext Questions img-32

MP Board Class 8th Maths Solutions

MP Board Class 7th Social Science Solutions विविध प्रश्नावली 1

MP Board Class 7th Social Science Solutions विविध प्रश्नावली 1

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए –
(1) भारत में मध्यकाल का आरम्भ माना जाता है –
(अ) तेरहवीं शताब्दी से
(ब) सातवीं शताब्दी से
(स) आठवीं शताब्दी से
(द) बारहवीं शताब्दी से।
उत्तर:
(स) आठवीं शताब्दी से

(2) तंजौर के प्रसिद्ध राजराजेश्वर मन्दिर का निर्माण करवाया था –
(अ) राजराज प्रथम
(ब) राजेन्द्र प्रथम
(स) कृष्ण प्रथम
(द) कृष्ण द्वितीय।
उत्तर:
(अ) राजराज प्रथम

(3) संविधान निर्माण सभा के अध्यक्ष थे –
(अ) डा. हरीसिंह गौर
(ब) डा. भीमराव अम्बेडक
(स) डा. राजेन्द्र प्रसाद
(द) पं. जवाहरलाल नेहरू
उत्तर:
(स) डा. राजेन्द्र प्रसाद,

(4) राज्यसभा में सदस्यों की कुल संख्या है –
(अ) 238
(ब) 250
(स) 230
(द) 260
उत्तर:
(ब) 250

(5) दिन और रात बराबर होते हैं –
(अ) 21 मार्च व 25 सितम्बर को
(ब) 21 जून व 22 दिसम्बर को
(स) 25 दिसम्बर व 25 जून को
(द) इनमें से किसी तिथि पर नहीं
उत्तर:
(द) इनमें से किसी तिथि पर नहीं

(6) वायुमण्डल में कितने प्रतिशत ऑक्सीजन गैस पाई जाती है?
(अ) 78%
(ब) 21%
(स) 28%
(द) 71%
उत्तर:
(ब) 21%

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प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(1) व्यापार के माध्यम से भारत का ………….. निरन्तर सम्पर्क बना रहा।
(2) ……………. ने प्रसिद्ध ग्रन्थ रामायण की रचना तमिल भाषा में की।
(3) मध्य प्रदेश की राजधानी का प्राचीन नाम …………… था।
(4) भारतीय संविधान लिखित एवं …………. संविधान
(5) पृथ्वी का अक्ष अपने तल से ……………. अंश का कोण बनाता है।
उत्तर:
(1) अरबों
(2) कंबन
(3) भोजपाल
(4) निर्मित
(5) 66,00

प्रश्न 3.
निम्नलिखित की सही जोड़ियाँ बनाइए –
MP Board Class 7th Social Science Solutions विविध प्रश्नावली 1
उत्तर:
(1) (b) उत्तर रामचरित
(2) (a) गीत गोविन्द
(3) (d) सिद्धान्त शिरोमणि
(4) (c) जीवन रक्षक गैस

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प्रश्न 4.
निम्नांकित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में लिखिए –
(1) चौहान वंश के प्रमुख शासकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
चौहान वंश के प्रमुख शासक अजयराज चौहान एवं पृथ्वीराज चौहान थे।

(2) चोलकालीन आर्थिक व्यवस्था की कोई तीन विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
चोलकालीन आर्थिक व्यवस्था की तीन विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –

  • चोल साम्राज्य में जन-जीवन बहुत सम्पन्न था।
  • कृषि तथा व्यापार उन्नत अवस्था में थे।
  • राज्य की आय के प्रमुख स्रोत भूमिकर तथा व्यापार कर थे।

(3) “पंथ निरपेक्षता” से क्या आशय है ? लिखिए।
उत्तर:
‘पंथ निरपेक्षता’ भारतीय संविधान की एक प्रमुख विशेषता है। इसके अनुसार राज्य की दृष्टि से सभी धर्म समान हैं और राज्य के द्वारा विभिन्न धर्मावलम्बियों में कोई मतभेद नहीं किया जाता है। राज्य किसी भी धर्म के लिए पक्षपातपूर्ण कार्य व हस्तक्षेप नहीं करेगा।

(4) राज्यसभा सदस्य होने के लिए कोई तीन आवश्यक अर्हताएँ लिखिए।
उत्तर:
राज्यसभा सदस्य होने के लिए तीन आवश्यक अर्हताएँ निम्न हैं –

  • उसकी आयु 30 वर्ष या उससे अधिक हो।
  • वह भारत का नागरिक हो तथा मतदाता सूची में उसका नाम हो।
  • वह न्यायालय द्वारा पागल, दिवालिया घोषित न हो।

(5) क्षोभ अथवा परिवर्तन मण्डल किसे कहते हैं ?
उत्तर:
क्षोभमण्डल, वायुमण्डल की एक परत है। ध्रुवों पर। इसकी ऊँचाई 8 किमी तथा विषुवत् वृत्त पर 18 किमी तक है। इस परत में जल वाष्प व धूल के कण पाए जाते हैं। इसमें मौसम सम्बन्धी सभी घटनाएँ घटित होती हैं। इस परत में सभी प्रकार का जीवन पाया जाता है। इसमें ऊँचाई बढ़ने पर प्रति 165 मीटर ऊँचाई के साथ 1°C की दर से तापमान घटता है।

(6) पृथ्वी के अक्ष से क्या आशय है ?
उत्तर:
पृथ्वी के मध्य में उत्तरीय ध्रुव तथा दक्षिणी ध्रुव से गुजरने वाली धुरी पृथ्वी का अक्ष कहलाती है। पृथ्वी अपने अक्ष पर 23 ° झुकी हुई है।

(7) ऋतु परिवर्तन किसे कहते हैं ?
उत्तर:
वर्ष की वह अवधि जिसमें मौसम सम्बन्धी दशाएँ लगभग समान होती हैं और जो पृथ्वी अक्ष पर झुकाव और उसके द्वारा सूर्य की परिक्रमा करने के परिणामस्वरूप बनती हैं, उसे ऋतु कहते हैं। ऋतुओं का क्रम से बदलना ऋतु परिवर्तन कहलाता है। इसका मूल आधार ताप है।

(8) सूर्य जब मकर रेखा पर होता है तो भारत में कौन-सी ऋतु होती है ?
उत्तर:
सूर्य जब मकर रेखा पर होता है तब उत्तरी गोलार्द्ध में सूर्य की किरणें पड़ती हैं जिससे वहाँ का तापमान कम रहता है। भारत उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित है, इसलिए भारत में शीत ऋतु होती है।

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प्रश्न 5.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से लिखिए
(1) पूर्व मध्यकाल के आरम्भ में भारत की राजनैतिक स्थिति का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पूर्व मध्यकाल के आरम्भ में भारत अनेक छोटे:
छोटे राज्यों में बँटा हुआ था, जिनमें राज्य विस्तार के लिए संघर्ष चलते रहते थे। दक्षिण भारत में सबसे शक्तिशाली चोल राज्य था। आरम्भ में इनका राज्य कोरोमण्डल और मद्रास (चैन्नई) तक था। नवीं शताब्दी में चोल नरेशों ने पांड्य राजाओं से तंजौर जीतकर उसे अपनी राजधानी बनाया।

इन्होंने व्यवस्थित शासन प्रबन्ध के लिए साम्राज्य को कई इकाइयों में विभाजित किया, आर्थिक व्यवस्था सुदृढ़ की और साहित्य तथा स्थापत्य कला को संरक्षण दिया। उनकी सामुद्रिक शक्ति बहुत बढ़ी हुई थी। चोल नरेश राजेन्द्र प्रथम ने सन् 1025 ई. में मलाया तथा सुमात्रा द्वीपों पर विजय प्राप्त की। चोल राज्य के व्यापारिक सम्बन्ध चीन तथा दक्षिण एशिया के अन्य देशों से थे।

(2) पल्लव वंश की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
पल्लव वंश की प्रमुख विशेषताएँ निम्न हैं –

  • पल्लवों का शासन प्रबन्ध सुव्यवस्थित था।
  • इनके शासन काल में शिक्षा, साहित्य एवं कला की उन्नति हुई।
  • यहाँ की स्थानीय भाषा तमिल थी, जिसमें उत्तम साहित्य की रचना हुई।
  • अधिकांश पल्लव राजा भगवान शिव के भक्त थे तथा हिन्दू धर्म का प्रचार-प्रसार अधिक था।
  • पल्लवों ने काँची के धर्मराज व कैलाशनाथ मन्दिर तथा महाबलीपुरम् में समुद्र तट पर चट्टान को काटकर रथ मन्दिर बनवाया।

(3) स्वतन्त्रता का अधिकार के अन्तर्गत हमें प्राप्त स्वतन्त्रताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
स्वतन्त्रता के अधिकार के अन्तर्गत हमें निम्न स्वतन्त्रताएँ प्राप्त हैं –

  • विचार व्यक्त करने की स्वतन्त्रता – भारत के सभी नागरिकों को विचार व्यक्त करने, भाषण देने, अपने तथा दूसरे व्यक्तियों के विचारों को जानने और प्रचार करने, समाचार-पत्र में लेख आदि लिखने की स्वतन्त्रता है।
  • सम्मेलन करने की स्वतन्त्रता – हमें अपने विचारों को समझाने के लिए सभा करने तथा जुलूस निकालने की स्वतन्त्रता है। लेकिन जुलूस शान्तिपूर्ण होना चाहिए। वे सभी व्यक्ति जो किसी बात पर एक समान विचार रखते हों, अपने अधिकारों के लिए इकट्ठे होकर संगठन बना सकते हैं।
  • भ्रमण की स्वतन्त्रता – भारत के सभी नागरिकों को बिना किसी विशेष अधिकार पत्र के देश में कहीं भी आने-जाने की स्वतन्त्रता है।
  • निवास एवं बसने की स्वतन्त्रता – भारत के सभी नागरिकों को अपनी इच्छानुसार अस्थायी या स्थायी रूप से भारत के किसी भी स्थान पर बसने एवं निवास करने की स्वतन्त्रता एवं अधिकार है।
  • व्यापार एवं व्यवसाय की स्वतन्त्रता – प्रत्येक नागरिक को कानूनी सीमा में रहकर अपनी इच्छानुसार कार्य तथा व्यवसाय करने की स्वतन्त्रता है।
  • जीवन तथा व्यक्तिगत स्वतन्त्रता-समस्त अधिकारों का महत्व केवल तब तक है जब तक कि व्यक्ति सुरक्षित एवं जीवित है। संविधान के अनुसार व्यक्ति को उसकी इच्छा के विरुद्ध कहीं नहीं ले जाया जा सकता है। संविधान जीवन व सुरक्षा का अधिकार प्रदान करता है।

(4) कानून निर्माण की प्रक्रिया को समझाइए।
उत्तर:
किसी विषय पर कानून बनाने से पूर्व मन्त्रिपरिषद् एक प्रस्ताव तैयार करती है जिसे विधेयक कहते हैं। यह दो प्रकार के होते हैं –

  • साधारण विधेयक
  •  वित्त विधेयक।

1. विधेयक का प्रथम वाचन – सभापति की अनुमति से मन्त्रिपरिषद् का कोई सदस्य या सांसद सदन में विधेयक प्रस्तुत करता है। इस विधेयक का शीर्षक विधेयक प्रस्तुत करने वाले सदस्य द्वारा पढ़ा जाता है। इस प्रस्ताव की प्रति सभी सदस्यों को दे दी जाती है। इस प्रस्ताव का केन्द्रीय सरकार के शासकीय गजट में प्रकाशन होता है। इस विधेयक पर बहस नहीं होती है।

2. विधेयक का दूसरा वाचन – इस समय विधेयक पर विचार – विमर्श होता है। सरकार एवं विपक्ष द्वारा इस विधेयक की उपयोगिता या अनुपयोगिता पर बहस होती है। विधेयक के प्रत्येक बिन्दु एवं मुद्दों तथा निहित सिद्धान्तों पर परिचर्चा होती है। विधेयक में संशोधन के प्रस्ताव रखे जाते हैं। विधेयक में संशोधन हेतु बहुमत के आधार पर निर्णय होता है।

3. विधेयक का तृतीय वाचन – द्वितीय वाचन के बाद विधेयक का प्रारूप निश्चित हो जाता है। इस वाचन के समय संशोधन सहित तैयार विधेयक को स्वीकृत किए जाने हेतु एक प्रस्ताव विधेयक के प्रस्तावक द्वारा सदन में रखा जाता है। इस समय विधेयक में संशोधन नहीं किए जाते। सदन विधेयक को स्वीकार अथवा अस्वीकार भी कर सकता है। विधेयक पर मतदान के बाद यह क्रिया पूर्ण हो जाती है।

4. विधेयक के स्वीकृत हो जाने पर इसे दूसरे सदन में स्वीकृति हेतु भेजा जाता है। दूसरे सदन में भी विधेयक का प्रथम, द्वितीय  एवं तृतीय वाचन होता है। यदि विधेयक दूसरे सदन में स्वीकृत हो जाता है तो इसे राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए भेजा जाता है। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह विधेयक कानून बन जाता है। इस कानून का सरकार के राजकीय गजट में प्रकाशन किया जाता है।

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(5) वायुमण्डल के संघटन को समझाइए।
उत्तर:
पृथ्वी के चारों ओर फैली हुई वायु अनेक गैसों का मिश्रण है। इनमें नाइट्रोजन 78%, ऑक्सीजन 21% तथा 1% आर्गन, कार्बन डाइऑक्साइड, हाइड्रोजन, हीलियम तथा ओजोन गैसें पाई जाती हैं। इसके अतिरिक्त कुछ मात्रा में जल वाष्प, धुआँ, धूल के कण आदि मौजूद रहते हैं। ऑक्सीजन ‘जीवनदायिनी’ तथा | ओजोन ‘जीवनरक्षक’ गैस है। नाइट्रोजन वनस्पति के विकास में सहायक है। हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन से पानी बनता है। कार्बन डाइऑक्साइड और जल पेड़-पौधों के लिए आवश्यक है।

(6) स्थायी पवनों के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
स्थायी पवनें तीन प्रकार की होती हैं –

(i) व्यापारिक पवनें – प्राचीन काल में व्यापारी पालयुक्त जलयानों के संचालन में इन पवनों का उपयोग करते थे। ये पवनें ! पृथ्वी के दोनों गोलार्डों में पूरे वर्ष नियमित रूप से चलती हैं। उत्तरी। गोलार्द्ध में ये पवनें उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम की ओर तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में दक्षिण-पूर्व से उत्तर-पश्चिम की ओर चलती हैं।

(ii) पछुवा पवनें – ये पवनें दोनों गोलार्डों में वर्ष भर निश्चित दिशा में उच्च वायुदाब से उपध्रुवीय निम्न वायुदाब की ओर चलती। हैं। ये उत्तरी गोलार्द्ध में दक्षिण-पश्चिम से उत्तर – पूर्व की ओर तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व की ओर चलती हैं।

(iii) ध्रुवीय पवनें – ये पवनें दोनों गोलार्डों में ध्रुवीय उच्च दाब की पेटियों से उपध्रुवीय निम्न वायुदाब की पेटियों की ओर चलती हैं। उत्तरी गोलार्डों में ये उत्तर-पूर्व से दक्षिण – पश्चिम की ओर तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में दक्षिण-पूर्व से उत्तर-पश्चिम की ओर होती हैं। ध्रुवों से चलने के कारण ये हवाएँ ठण्डी और शुष्क होती हैं।

(7) पृथ्वी पर ऋतु परिवर्तन किस प्रकार होता है ? चित्र द्वारा समझाइए।
उत्तर:
ऋतुओं का क्रम से बदलना ऋतु परिवर्तन कहलाता है। ऋतु परिवर्तन का मूल आधार ताप है। पृथ्वी को ताप सूर्य से प्राप्त होता है। सूर्य की परिक्रमा और अपने अक्ष पर 23, झुकी होने के कारण पृथ्वी को मिलने वाली ताप की मात्रा बदलती रहती है। इससे पृथ्वी पर ऋतु परिवर्तन होता है।
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MP Board Class 10th Sanskrit Solutions Chapter 9 मदपरिणामः

MP Board Class 10th Sanskrit Solutions Durva Chapter 9 मदपरिणामः (कथा) (पञ्चतन्त्रात्)

MP Board Class 10th Sanskrit Chapter 9 पाठ्यपुस्तक के प्रश्न

प्रश्न 1.
एकपदेन उत्तरं लिखत-(एक पद में उत्तर लिखिए)।
(क) रथकारस्य नाम किम् आसीत्? (रथकार का क्या नाम था?)
उत्तर:
उज्ज्वलकः (उज्जवलक)

(ख) रथकारः वने काम् अपश्यत्? (रथकार ने वन में किसे देखा?)
उत्तर:
उष्ट्रीम् (ऊँटनी को)

(ग) महतीघण्टा केन प्रतिबद्धा? (बड़ा घण्टा किसके बँधा था?)
उत्तर:
दासेरकेन (ऊँट के बच्चे के)

(घ) कः महानुष्ट्राः सञ्जातः? (कौन बड़ा ऊँट बन गया?)
उत्तर:
दासेरकः (ऊँट का बच्चा)

(ङ) रक्षापुरुषस्य प्रतिवर्ष का वृत्तिः? (रक्षा पुरुष का प्रतिवर्ष क्या वेतन था?)
उत्तर:
करभमेकम् (एक ऊँट)

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प्रश्न 2.
एकवाक्येन उत्तरं लिखत-(एक वाक्य में उत्तर लिखिए-)
(क) उज्ज्वलकः कां गृहीत्वा स्वस्थानाभिमुखः प्रस्थितः? (उज्ज्वलक किसे लेकर अपने घर की ओर चला था?)
उत्तर:
उज्ज्वलकः दासेरकयुक्तामुष्ट्रीं गृहीत्वा स्वस्थानाभिमुखः प्रस्थितः। (उज्ज्वलक ऊँट के बच्चे के साथ ऊँटनी को लेकर अपने घर की ओर चला था)

(ख) रथकारः पर्वतदेशे किमर्थं गतः? (रथकार पर्वतदेश में किसलिए गया?)
उत्तर:
रथकारः पल्लवानयनार्थं पर्वतदेशे गतः। (रथकार पत्तियाँ लाने के लिए पर्वतदेश में गया था।)

(ग) दासेरकाः आहारार्थं कुत्र गच्छन्ति? (ऊँट के बच्चे भोजन के लिए कहाँ जाते थे?)
उत्तर:
दासेरकाः आहारार्थं अधिष्ठानोपवनम् गच्छन्ति। (ऊँट के बच्चे भोजन के लिए नगर के बगीचे में जाते थे।)

(घ) दासेरकाः कस्मिन् समये गहमागच्छन्ति? (ऊँट के बच्चे किस समय घर आते थे?)
उत्तर:
दासरेकाः सायंतनसमये गृहमागच्छन्ति। (ऊँट के बच्चे शाम के समय घर आते थे।)

(ङ) उष्ट्रकथायाः सारः कः? (ऊँट की कथा का सार क्या है?)
उत्तर:
उष्ट्रकथायाः सारः अस्ति यत्-“यः सतां वचनादिष्टं मदेन न करोति सः घण्टोष्ट्र इव सत्वरम् विनश्यति।”

(ऊँट की कथा का सार यह है कि जो सज्जनों के वचनों को घमण्ड के कारण नहीं मानता है वह इस ऊँट के समान शीघ्र नष्ट हो जाता है।)

प्रश्न 3.
अधोलिखितप्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत-(नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लिखिए-)
(क) उष्ट्री पीवरतनुः कथं सजाता? (ऊँटनी स्थूलशरीर वाली कैसे हुई?)
उत्तर:
उष्ट्री पल्लव भक्षणप्रभावाद् अहर्निशं पीवरतनुः सञ्जाता। (ऊँटनी पत्ते खाने के प्रभाव से दिन रात स्थूल शरीर वाली हो गई।)

(ख) रथकारः किमर्थं गुर्जरदेशं गतवान्? (रथकार किसलिए गुर्जरदेश में गया?)
उत्तर:
रथकारः कलभग्रहणाय गुर्जरदेशं गतवान्। (रथकार ऊँटनी लेने के लिए गुर्जर देश में गया।)

(ग) कः व्यापारः समीचीनः? (कौन सा व्यापार ठीक था?)
उत्तर:
उष्ट्रपरिपालनः व्यापारः समीचीनः। (ऊँट पालने का व्यापार ठीक था।)

प्रश्न 4.
यथायोग्यं योजयत- (उचित क्रम से जोडिए-)
MP Board Class 10th Sanskrit Solutions Chapter 9 मदपरिणामः img 1
उत्तर:
(क) 5
(ख) 1
(ग) 2
(घ) 3
(ङ) 4

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प्रश्न 5.
शुद्धवाक्यानां समक्षम् “आम्” अशुद्धवाक्यानां समक्षं “न” इति लिखत
(शुद्ध वाक्यों के सामने ‘आम्’ और अशुद्ध वाक्यों के सामाने ‘न’ लिखिए-)
(क) पल्लवभक्षणप्रभावात् पीवरतनुरुष्ट्री सजाता।
(ख) उज्ज्वलकः नित्यमेव दुग्धं गृहीत्वा स्वकुटुम्बं परिपालयति।
(ग) उज्ज्वलकेन महदुष्ट्रयूथं कृत्वा रक्षापुरुषो धृतः।
(घ) यूथाद् भ्रष्टः दासेरकः घण्टां वादयन्नागच्छति।
(ङ) कश्चित्सिंहो घण्टारवमाकर्ण्य समायातः।
उत्तर:
(क) आम्
(ख) आम्
(ग) आम्
(घ) आम्
(ङ) आम्

प्रश्न 6.
अघोलिखितक्रियापदानां धातुं लकारं पुरुषं वचनञ्च लिखत
(नीचे लिखे क्रियापदों के धातु, लकार, पुरुष व वचन लिखिए)
MP Board Class 10th Sanskrit Solutions Chapter 9 मदपरिणामः img 2
उत्तर:
MP Board Class 10th Sanskrit Solutions Chapter 9 मदपरिणामः img 3

प्रश्न 7.
अधोलिखितपदानां सन्धिविच्छेदं कृत्वा सन्धिनाम लिखत
(नीचे लिखे पदों के सन्धि-विच्छेद करके सन्धि का नाम लिखिए)
MP Board Class 10th Sanskrit Solutions Chapter 9 मदपरिणामः img 4
उत्तर:
MP Board Class 10th Sanskrit Solutions Chapter 9 मदपरिणामः img 5

प्रश्न 8.
समासविग्रहं कृत्वा समासनाम लिखत (समास का विग्रह कर समास का नाम लिखिए)
(क) प्रतिवर्षम्
(ख) दारिद्रयोपहतः
(ग) प्रसववेदनया
(घ) पीवरतनुः
(ङ) रथकारः
उत्तर:
MP Board Class 10th Sanskrit Solutions Chapter 9 मदपरिणामः img 6

प्रश्न 9.
रेखाङ्कितपदान्याधृत्व प्रश्ननिर्माणं कुरुत- (रेखाङ्कित पदों के आधार पर प्रश्न बनाइए-)
(क) रथकारः प्रतिवसति स्म। (रथकार रहता था।)
उत्तर:
कः प्रतिवसति स्मः? (कौन रहता था?)

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(ख) मम गृहे उष्ट्रः अस्ति। (मेरे घर में ऊँट है।)
उत्तर:
कस्थ गृहे उष्ट्रः अस्ति? (किसके घर में ऊँट है?)

(ग) स दुग्धं गृहीत्वा स्वकुटुम्बं परिपातयति। (वह दूध लेकर अपना परिवार पालता था।)
उत्तर:
सः किं गृहीत्वा स्वकुटुम्बं परिपालयति? (वह क्या लेकर अपना परिवार पालता था?)

(घ) सः यूथाद् भ्रष्टोऽभवत्। (वह झुण्ड से भटक गया।)
उत्तर:
सः कस्मात् भ्रष्टोऽभवत्? (वह किससे भटक गया?)

(ङ) कलभैः अभिहितम्। (ऊँटों के द्वारा कहा गया।)
उत्तर:
कैः अभिहितम्? (किनके द्वारा कहा गया?)

प्रश्न 10.
कथाक्रम संयोजयत-(क्रम से कथा बनाइए)।
(क) उष्ट्रः यूथाद् भ्रष्टोऽभवत्?
उत्तर:
रथकारः दारिद्र्योपहतः देशान्निष्क्रान्तः।

(ख) सिंहेन उष्ट्रः मारितः?
उत्तर:
वने प्रसववेदनया पीड्यमानाम् उष्ट्रीम् अपश्यत्।

(ग) रथकारः गुर्जरदेशं गत्वोष्ट्रीं गृहीत्वा स्वगृहमागतः?
उत्तर:
रथकारः गुर्जरदेशं गत्वोष्ट्रीं गृहीत्वा स्वगृहमागतः।

(घ) तेन प्रचुरा उष्ट्राः करभाश्च सम्मिलिताः?
उत्तर:
तेन प्रचुरा उष्ट्राः करभाश्च सम्मिलिताः।

(ङ) वने प्रसवेदनया पीड्यमानाम् उष्ट्रीम् अपश्यत्?
उत्तर:
उष्ट्रः यूथाद् भ्रष्टोऽभवत्।

(च) रथकारः दारिद्र्योपहतः देशान्निष्क्रान्तः।
उत्तर:
सिंहेन उष्ट्रः मारितः।

योग्यताविस्तार –

“मदपरिणामः” इत्यस्य पाठस्य कलेवरमाधृत्य सरलसंस्कृतसंवादरीत्या पाठविषयकचर्चा कुरुत। (‘मदपरिणामः’ इस पाठ पर आधारित सरल संस्कृत संवाद में पाठ विषयक चर्चा करो।) पञ्चतन्त्रस्य अन्याः कथाः पठत। (पञ्चतंत्र की अन्य कथाएँ पढ़िए।) संस्कृतसाहित्यस्य अन्याः कथाः पठत। (संस्कृतसाहित्य की अन्य कथाएँ पढ़िए।)

मदपरिणामः पाठ का सार

प्रस्तुत पाठ ‘विष्णुशर्मा’ द्वारा रचित ‘पंचतन्त्र’ से लिया गया है। इस पाठ में घमण्ड के कारण प्राप्त फल का वर्णन किया गया है कि घमण्ड के कारण वह ऊँट सिंह द्वारा मार दिया गया। अतः व्यक्ति को कभी घमण्ड नहीं करना चाहिए, अन्यथा परिणाम भयङ्कर होता है।

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मदपरिणामः पाठ का अनुवाद

1. कस्मिंश्चिदधिष्ठाने उज्ज्ालको नाम रथकारः प्रतिवसति स्म। स चातीव दारिद्रयोपहतश्चिन्तितवान्-‘अहो! धिगियं दरिद्रता मद्गृहे। यतः सर्वेऽपि जनः स्वकर्मणैव रतस्तिष्ठति। अस्मदीयः पुनापारो नानाधिष्ठानेऽर्हति। यतः सर्वलोकानां चिरन्तनाश्चतुर्भूमिका गृहाः सन्ति। मभ च नात्र। तत्किं मदीयेन रथकारत्वेन प्रयोजनम्।’ इति चिन्तयित्वा देशनिष्क्रान्तः। यात्कञ्चिद्वनं गच्छति तावद्गहराकारवनगहनमध्ये सूर्यास्तपनवेलायां स्वयूद् भ्रष्टां प्रसववेदनया पीड्यमानामुष्ट्रीमपश्यत्। स च दासेरकयुक्तामुष्ट्रीं गृहीत्वा स्वस्थानाभिमुखः प्रस्थितः। गृहमासाद्य रज्जु गृहीत्वा तामुष्ट्रिकां पबन्ध। ततश्य तीक्ष्णं परशुमादाय तस्याः पल्लवानयनार्थ पर्वतैकदेशे गतः। तत्र च नूतनानि कोमलानि बहूनि पल्ल्वानि छित्वा शिरसि समारोप्य तस्याग्रे निचिक्षेप। तया च तानि शनैः शनैर्भक्षितानि। पश्चात्पल्लवभक्षणप्रभावादहर्निशं पीवरतनुरुष्ट्री सजाता। सोऽपि दासेरको महानुष्ट्रः सञ्जातः।

शब्दार्थाः :
अधिष्ठाने-नगर में-town/city; दारिद्रयोपहतः-गरीबी से परेशान होकर-being disgusted with poverty; चतुर्भूमिकाः-चौमंजिला-four storeyed; गहाराकार-गुफा के आकार के-cave-shaped, cavern; स्वयूथाद्-अपने झुण्ड से-from own herd; दासेरक-ऊँट का बच्चा-young one of a camel; आसाद्य-पहुँचकर -reaching; रज्जुम्-रस्सी-rope; परशुमादाय-कुल्हाड़ी लेकर-taking an axe; समारोप्य-उठाकर-picking up; पीवरतनु-स्थूल शरीर-bulky, fatty.

अनुवाद :
किसी नगर में उज्जवलक नाम का रथकार रहता था। और वह बहुत अधिक गरीबी से परेशान होकर सोचने लगा-“आह! मेरे घर की इस गरीबी को धिक्कार है। क्योंकि सभी लोग अपने कर्म में लगे हुए हैं। फिर मेरा काम ही इस नगर के योग्य नहीं है। क्योंकि सब लोगों के बहुत समय से चौमंजिला घर हैं। और मेरा यहाँ नहीं है। तो मेरा रथ बनाने का क्या प्रयोजन? यह सोचकर देश से चला गया। जब वह एक वन में गया तब गुफा के आकार के घने जंगल के बीच में सूर्यास्त के समय अपने झुण्ड से भटकी प्रसव पीड़ा से पीड़ित एक ऊँटनी को देखा। और वह ऊँट के बच्चे से युक्त ऊँटनी को लेकर अपने घर की ओर चल पड़ा। घर पहुँच कर रस्सी लेकर उस ऊँटनी को बाँध दिया। और फिर तीखी कुल्हाड़ी लेकर उसके लिए पत्ते लाने के लिए एक पर्वतीय प्रदेश में गया और वहाँ से बहुत से नये व कोमल पत्ते काटकर सिर पर उठाकर लाकर उसके आगे फेंक दिए। उस ऊँटनी के द्वारा उनको धीरे-धीरे खाया गया। पत्ते खाने के बाद उसके प्रभाव से रात दिन वह ऊँटनी स्थूल शरीर वाली होती गई। उसका बच्चा भी बड़ा ऊँट बन गया।

English :
Ujjwalak-a maker of chariots-fed up with acute poverty-leaves town-reached a forest-saw a she camel in labour pains-delivered a young one-Ujjwalak brought both home-fed them on tender leaves-became fatty-young one alse grew up.

2. ततः स नित्यमेव दुग्धं गृहीत्वा स्वकुटुम्वं परिपालयति। अथ रथकारेण वल्लभत्वाद्दासेरकग्रीवायां महतीघण्टा प्रतिबद्धा। पश्चाद्रथकारो व्यचिन्तयत्- ‘अहो! किमन्यैर्दुष्कृतकर्मभिः, यावन्ममैतस्मादेवोष्ट्रपरिपालनादस्य कुटुम्बस्य भव्यं सजातम् । तत्किमन्येन व्यापारेण ।’ एवं विचिन्त्य गहमागत्य प्रियामाह-‘भद्रे! समीचीनोऽयं व्यापारः। तव सम्मतिश्चेत्कुतोऽपि धनिकात्किञ्चिद् द्रव्यमादाय मया गुर्जरदेशे गन्तव्यं कलभग्रहणाय। तावत्वयैतौ यत्नेन रक्षणीयौ। यावदहमपरामुष्ट्री नीत्वा समागच्छामि।’

शब्दार्थाः :
वल्लभत्वात्-प्रेमवश-outofaffection; ग्रीवायाम्-गर्दन में-ontheneck; दृष्कृत-कठिनाई से करने वाले-difficult, arduous; भव्यम्-समृद्ध-progressive, weil off; कलभग्रहणाय-ऊँटों को लेने के लिए-to fetch camels; समीचीन-ठीक/रचित है-proper.

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अनुवाद :
तब से वह प्रतिदिन दूध लेकर अपने परिवार का पालता है। बाद में रथकार के द्वारा प्रेमवश ऊँट के बच्चे के गले में बड़ा घण्टा बाँध दिया गया। उसके बाद रथकार ने सोचा-“अरे! अन्य दुष्कृत कर्मों से क्या लाभ, जब मेरे इस ऊँट को पालने से ही परिवार समृद्ध हो गया। तब अन्य किसी व्यापार से क्या।’ ऐसा सोचकर घर आकर पत्नी से कहा-‘प्रिय! यह व्यापार/काम ठीक है। यदि तुम्हारी सम्मति हो तो किसी भी धनिक से कुछ धन लेकर मेरे द्वारा गुर्जरप्रदेश में ऊँटों को लाने के लि जाना चाहिए। तब तक तुम इन दोनों की रक्षा करने का प्रयास करो। जब तक मैं दूसरी ऊँटनी लेकर आता हूँ।”

English :
Feeds family on milk-tied bell around young-one of camel-thought of borrowing money and camel rearing as sole profession-went to Gujjar region to bring another she camel.

3. ततश्च गुर्जरदेशं गत्वोष्ट्रीं गृहीत्वा स्वगृहमागतः। किंबहुना? तेन तथा कृतं यथा तस्य प्रचुरा उष्ट्राः करभाश्च सम्मिलिताः। ततस्तेन महदुष्ट्रयूथं कृत्वा रक्षापुरुषो धृतः। तस्य प्रतिवर्षं वृत्या करभमेकं प्रयच्छति। प्रतिवर्षं अन्यच्चाहर्निशं दुग्धपानं तस्य निरूपितम् । एवं रथकारोऽपि नित्यमेवोष्ट्रीकरभव्यापारं कुर्वन्सुखेन तिष्ठति। अथ ते दासेरका अधिष्ठानोपवनाहारार्थ गच्छन्ति। कोमलवल्लीर्यथेच्छया भक्षयित्वा महति सरसि पानीयं पीत्वा सायंतनसमये मन्दं मन्दं लीलया गृहमागच्छन्ति। स च पूर्वदासेरको मदातिरेकात्पृष्ठे आगत्य मिलति।

शब्दार्थ :
किं बहुना-और अधिक क्या-What more; करभाः-बहुत से ऊँट-many youngones of camels; वृत्या-वेतन में-in salary; निरुपितम्-निर्धारित किया-fixed; मदातिरेकात्-अधिक घमण्ड के कारण-due to excessive pride; पृष्ठे-बाद में-afterwards.

अनुवाद :
और वहाँ से गुर्जर देश जाकर ऊँटनी लेकर अपने घर आ गया। और अधिक क्या? उसने ऐसा किया जिससे उसके पास बहुत से ऊँट ऊँटनी इकट्ठे हो गए। तब उसने इतने बड़े ऊँट के झुण्ड बनाकर एक पहरेदार रखा। उसको हर. वर्ष वेतन में एक ऊँट दे देता। हर वर्ष बाकियों से दिन-रात दूध पीना उसने.निर्धारित किया। इस प्रकार रथकार भी सदा ही ऊँट-ऊँटनी के व्यापार को करते हुए सुख से रहने लगा। फिर वे सारे ऊँट के बच्चे नगर के उपवन में आहार के लिए जाते। कोमल पत्तियों को इच्छानुसार खाकर बहुत सारा सरोवर का जल पीकर सांयकाल में धीरे-धीरे खेलते हुए घर आ जाते। और वह पहले वाला ऊँट का बच्चा अत्यधिक घमण्ड से युक्त बाद में आकर मिलता।

English :
Brought a she camel from gujjar region a flock of camels grew up–engaged a guard-sought pleasure in their service-the herd went to graze in the grove of the town-returned after feeding on leaves and drinking of river water-previous young one of camels joined last of all.

4. ततस्तैः कलभैरभिहितम्- ‘अहो मन्दमतिरयं दासेरको यथा यूथाद् भ्रष्टः पृष्ठे स्थित्वा घण्टा वादयन्नागच्छति। यदि कस्यापि दुष्टसत्त्वस्य मुखे पतिष्यति, तन्नूनं मृत्युमवाप्स्यति। अथ तस्य तद्वनं गाहमानस्य कश्चित्सिहो घण्टारवमाकर्ण्य समायातः। यावदवलाकयति, तावदुष्ट्रीदासेरकाणां यूथं गच्छति। एकस्तु पुनः पृष्ठे क्रीड़ां कुर्वन्दल्लरीश्चरन्यावत्तिष्ठति, तावदन्ये दासेरकाः पानीयं पीत्वा स्वगृहे गताः।

सोऽपि वनान्निष्क्रम्य यावद्दिशोऽवलोकयति, तावन्नकञ्चिन्मार्गं पश्यति वेत्ति च। यूथाद् भ्रष्टो मन्दं मन्दं बृहच्छब्दं कुर्वन्यावत्कियदूरं गच्छति तावत्तच्छब्दानुसारी सिंहोऽपि क्रमं कृत्वा निर्भतोऽग्रे व्यवस्थितः। ततो यावदुष्ट्रः समीपमागतः, तावत्सिंहेन लम्भयित्वा ग्रीवायां गृहीतो मारितश्च। अतोऽहं ब्रवीमि –
सतां वचनमादिष्टं मदेन न करोति यः।
स विनाशमवाप्नोति घण्टोष्ट्र इव सत्वरम्॥

शब्दार्था :
अभिहितम्-कहा-said; गाहमानस्य-विचरण करता हुआ-wandering; समायात-आ गया-came; आकर्ण्य-सुनकर-hearing; निभृतः-चुपचाप-silently; लम्भयित्वा-छलाँग लगाकर-jumping; व्यवस्थितः-खड़ा हुआ था-stood; अवाप्नोति-प्राप्त होता है-seeks, is subject to, meets.

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अनुवाद :
तब उन ऊँटों के द्वारा कहा गया-“अरे! यह तो मन्दबुद्धि बच्चा है, जो झुण्ड से अलग होकर पीछे खड़े होकर घण्टा बजाता हुआ आता है। यदि किसी दुष्ट प्राणी के मुँह में पड़ गया तो निश्चय ही मृत्यु को प्राप्त हो जाएगा। फिर उस वन में विचरण करते हुए कोई शेर घण्टे की आवाज सुनकर आ गया। जब उसने देखा, तब ऊँटनी के बच्चों का झुण्ड जा रहा था। एक तो फिर पीछे खेलता हुआ पत्तियाँ खाता हुआ वहीं खड़ा हो गया, तब तक बाकी बच्चे पानी पीकर अपने घर चले गए।

वह भी वन से निकलकर जब उस दिशा में देखता है, तब कोई रास्ता न देखता है और न ही पहचानता है। झुण्ड से अलग धीरे-धीरे आवाज करता. हुआ जब कुछ दूर जाता है, तब शब्द का अनुसरण करता हुआ शेर भी पीछा करके चुपचाप आगे खड़ा हो जाता है। तब जैसे ही ऊँट पास आता है, वैसे ही वह शेर के द्वारा छलाँग लगाकर गर्दन से पकड़ा जाता है और मार दिया जाता है। इसलिए मैं कहता हूँ

जो सज्जनों के कहे वचनों का घमण्ड के कारण पालन नहीं करता वह इस घण्टे वाले ऊँट के समान शीघ्र विनाश को प्राप्त हो जाता है।

English :
The flock of camels predicted-dull witted camel will be killed-A lion-heard sound of bell-stands on the way-catches by the neck-killed at once. Moral-Pride hath a fall.

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MP Board Class 7th Social Science Solutions Chapter 29 एशिया महाद्वीप : आर्थिक स्वरूप

MP Board Class 7th Social Science Solutions Chapter 29 एशिया महाद्वीप : आर्थिक स्वरूप

MP Board Class 7th Social Science Chapter 29 अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए –
(1) एशिया महाद्वीप में सबसे अधिक कोयला मिलता
(अ) रूस
(ब) मलेशिया
(स) जावा
(द) पाकिस्तान।
उत्तर:
(अ) रूस

(2) ‘रेशम मार्ग’ किस देश से सम्बन्धित है ?
(अ) भारत
(ब) श्रीलंका
(स) चीन
(द) जापान।
उत्तर:
(स) चीन

(3) प्रमुख पेट्रोलियम उत्पादक देश है –
(अ) कुवैत
(ब) भारत
(स) चीन
(द) श्रीलंका।
उत्तर:
(अ) कुवैत

(4) ‘ग्राण्ड ट्रंक मार्ग’ किस देश में है ?
(अ) श्रीलंका
(ब) भारत
(स) चीन
(द) मंगोलिया।
उत्तर:
(ब) भारत

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प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(1) एशिया महाद्वीप की अधिकांश जनसंख्या ……….. पर निर्भर है।
(2) एशिया महाद्वीप में टिन का उत्पादन सबसे अधिक …………….. देश में होता है।
(3) विश्व का सबसे बड़ा रेलमार्ग …………… है।
(4) स्वेज एक ……………. है जो लाल सागर और ……………. को जोड़ती है।
उत्तर:
(1) कृषि
(2) मलेशिया
(3) ट्रान्स साइबेरियन
(4) नहर, भूमध्यसागर।

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MP Board Class 7th Social Science Chapter 29 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 3.
(1) एशिया महाद्वीप में लोहा किन देशों में पाया जाता है?
उत्तर:
एशिया महाद्वीप में लोहा भारत, चीन और रूस में पाया जाता है।

(2) एशिया महाद्वीप की प्रमुख फसलें कौन-कौन सी हैं?
उत्तर:
एशिया महाद्वीप की प्रमुख फसलें चावल, गेहूँ, मक्का, गन्ना, चाय, कपास, रेशम, जूट, रबर, तम्बाकू, मसाले एवं फल हैं।

(3) ट्रान्स साइबेरियन रेलमार्ग पर पड़ने वाले प्रमुख शहरों के नाम लिखिए।
उत्तर:
ट्रान्स साइबेरियन रेलमार्ग पर पड़ने वाले प्रमुख शहर मास्को, ओमस्क, इर्कुटस्क, चीता एवं ब्लाडीबोस्टक हैं।

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MP Board Class 7th Social Science Chapter 29 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 4.
(1) एशिया महाद्वीप के आर्थिक संसाधन के रूप में कृषि का क्या महत्त्व है ?
उत्तर:
नदियों द्वारा निर्मित मैदानों में उपजाऊ कछारी मिट्टी होने से बड़ी मात्रा में कृषि की जाती है। इस महाद्वीप की चावल, गेहूँ, मक्का , गन्ना, चाय, कपास, रेशम, जूट, रबर, तम्बाकू, मसाले एवं फल, चाय, रेशम, जूट, रबर मुख्य फसलें हैं, जो विभिन्न देशों की आर्थिक स्थिति को मजबूत आधार प्रदान करती हैं।

(2) खनिज एवं ऊर्जा संसाधनों ने एशिया महाद्वीप के आर्थिक विकास में कैसे सहयोग किया है ?
उत्तर:
खनिज एवं ऊर्जा के संसाधन किसी भी देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत आधार प्रदान करते हैं, क्योंकि खनिज एवं ऊर्जा के साधन ही उद्योगों के मुख्य आधार होते हैं। चीन, जापान, रूस और भारत में कोयला, ईरान, ईराक, कुवैत, और संयुक्त अरब अमीरात में पेट्रोलियम पदार्थ इन देशों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में महत्त्वपूर्ण योगदान देते हैं। टिन का उत्पादन मलेशिया का मुख्य आर्थिक स्तम्भ है। लोहा भारत, चीन और रूस की आर्थिक स्थिति को मजबूती प्रदान करने में सहायक है। इसके अतिरिक्त ताँबा, अभ्रक, सीसा, सोना, मैंगनीज आदि विभिन्न देशों की आर्थिक स्थिति को मजबूत आधार प्रदान करती है।

(3) एशिया महाद्वीप में यातायात के साधन आर्थिक विकास में किस तरह सहायक हैं ?
उत्तर:
एशिया महाद्वीप में सड़कों के विकास के साथ-साथ यातायात के साधनों का अच्छा विकास हुआ है। चीन का ‘रेशम मार्ग’ भारत का ‘ग्राण्ड ट्रंक रोड’ प्राचीन काल से प्रसिद्ध हैं। इन मार्गों से इन देशों के उद्योगों और व्यापार में बहुत उन्नति होने से, वहाँ की आर्थिक दशा प्रभावित हुई है। ‘ट्रान्स साइबेरियन रेलमार्ग’ जो रूस की राजधानी मास्को ने से ब्लाडीबोस्टक तक है, यहाँ के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता है। जलमार्गों में स्वेज नहर का अत्यधिक महत्त्व है, जो भूमध्य सागर और लालसागर को जोड़ती है, एशिया महाद्वीप में इसका व्यापारिक महत्व है। इससे एशिया के देश तथा विश्व के अन्य औद्योगिक देश आपस में नजदीक आए हैं। इसी प्रकार एशिया महाद्वीप के सभी महत्वपूर्ण शहर वायुमार्गों से जुड़े हैं।

मानचित्र कार्य:
निम्नांकित को एशिया के रेखा मानचित्र में दर्शाइए –

  • चावल उत्पादक क्षेत्र
  • रबर उत्पादक देश
  • कोयला उत्पादक देश
  • पेट्रोलियम उत्पादक देश
  • स्वेज नहर
  • ट्रान्स साइबेरियन रेलमार्ग।
    MP Board Class 7th Social Science Solutions Chapter 29 एशिया महाद्वीप - आर्थिक स्वरूप

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