MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex 7.2

MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex 7.2

प्रश्न 1.
एक समद्विबाहु त्रिभुज ABC में जिसमें AB = AC है, ∠B और ∠C के समद्विभाजक परस्पर 0 बिन्दु पर प्रतिच्छेद करते हैं। A और O को जोड़िए। दर्शाइए कि-
(i) OB = OC.
(ii) AO, ∠A को समद्विभाजित करता है।
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चित् 7.9
हल:
(i) चित्रानुसार (चित्र संलग्न है।)
चूँकि ∆ABC में, AB = AC (दिया है)
इसलिए ∠ABC = ∠ACB (समान भुजाओं के सम्मुख कोण हैं)
चूँकि OB एवं OC क्रमश: ∠ABC एवं ∠ACB के समद्विभाजक हैं। (दिया है)
इसलिए ∠OBC = ∠OCB (बराबर वस्तुओं के आधे बराबर होते हैं)
अतः OB = OC. (AOBC के बराबर कोणों की सम्मुख भुजाएँ हैं) इति सिद्धम्

(ii) अब ∆AOB और ∆AOC में,
चूँकि भुजा AB = भुजा AC (दिया है)
भुजा OB = भुजा OC (सिद्ध कर चुके हैं)
भुजा AO = भुजा A0 (उभयनिष्ठ है)
अतः ∆AOB ≅ ∆AOC (SSS सर्वांगसमता प्रमेय)
⇒ ∠BAO = ∠CAO (CPCT)
अत: AO, ∠A को समद्विभाजित करता है। इति सिद्धम्

प्रश्न 2.
∆ABC में AD भुजा BC का लम्ब समद्विभाजक है (देखिए संलग्न चित्र)। दर्शाइए कि ∆ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज है, जिसमें AB = AC है।
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चित् 7.10
हल:
∆ADB और ∆ADC में,
चूँकि BD = CD (दिया है : AD, BC का समद्विभाजक)
∠ADB = ∠ADC (दिया है : AD, BC पर लम्ब)
AD = AD (उभयनिष्ठ है)
⇒ ∆ADB ≅ ∆ADC (SAS सर्वांगसमता प्रमेय)
⇒ AB = AC (CPCT)
अत: ∆ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज है जिसमें AB = AC. इति सिद्धम्

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प्रश्न 3.
संलग्न चित्र में ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज है जिसमें बराबर भुजाओं AC और AB पर क्रमशः शीर्ष लम्ब BE और CF खींचे गए हैं। दर्शाइए कि ये शीर्ष लम्ब बराबर है।
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चित् 7.11
हल:
∆ABE और ∆ACF में,
चूँकि AB = AC (समद्विबाहु ∆ की । बराबर भुजाएँ दी गई हैं।)
∠BAE = ∠CAF (उभयनिष्ठ है)
⇒ ∠AEB = ∠AFC = 90° (:: BE ⊥ AC एवं CF ⊥ AB)
⇒ ∆ABE ≅ ∆ACF (AAS सर्वांगसमता प्रमेय)
⇒ BE = CF (CPCT)
अतः अभीष्ट शीर्ष लम्ब बराबर हैं। इति सिद्धम्

प्रश्न 4.
ABC एक त्रिभुज है जिसमें AC और AB पर खींचे गए शीर्ष लम्ब BE और CF समान हैं (देखिए संलग्न चित्र)।
दर्शाइए कि-
(i) ∆ABE ≅ ∆ACE
(ii) AB = AC अर्थात् ∆ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज है।
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चित् 7.12
हल:
(i) ∆ABE और ∆ACF में,
चूँकि ∠BAE = ∠CAF (उभयनिष्ठ है)
∠AEB = ∠AFC = 90° [∵ BE ⊥ AC और CF ⊥ AB (दिया है)]
एवं BE = CF (दिया है)
∆ABE ≅ ∆ACE (AAS सर्वांगसमता प्रमेय) इति सिद्धम्

(ii) ∆ABE ≅ ∆ACF [भाग (i) में सिद्ध कर चुके हैं।]
⇒ AB = AC (CPCT)
अतः त्रिभुज ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज है। इति सिद्धम्

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प्रश्न 5.
ABC और DBC समान आधार BC पर स्थित दो समद्विबाहु त्रिभुज है (देखिए संलग्न चित्र)। दर्शाइए कि-
∠ABD = ∠ACD. (2019)
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चिन्न 7.13
हल:
∵ ∆ABC एक समद्विबाहु A है (दिया है)
⇒ ∠ABC = ∠ACB …(1) (समान BT भुजाओं के सम्मुख कोण हैं)
∵ ∆DBC एक समद्विबाहु त्रिभुज है (दिया है)
⇒ ∠DBC = ∠DCB …(2) (समान भुजाओं के सम्मुख कोण हैं)
⇒ ∠ABC + ∠DBC = ∠ACB + ∠DCB [समीकरण (1) एवं (2) से]
अतः ∠ABD = ∠ACD. (चित्रानुसार) इति सिद्धम्

प्रश्न 6.
ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज है, जिसमें AB = AC है। भुजा BA बिन्दु D तक इस प्रकार बढ़ाई गई है कि AD = AB है (देखिए संलग्न चित्र)। दर्शाइए कि ∠BCD एक समकोण है।
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चित्र 7.14
हल:
∆ABC में, AB = AC (दिया है)
⇒ ∠ABC = ∠ACB ….(1) (बराबर भुजाओं के सम्मुख कोण हैं)
चूँकि AB = AD एवं AB = AC (दिया है)
⇒ AD = AC (यूक्लिड अभिधारणा-I)
⇒ ∆ACD में, चूँकि AD = AC
⇒ ∠ADC = ∠ACD …(2) (बराबर भुजाओं के सम्मुख कोण है)
⇒ ∠ABC + ∠ADC = ∠ACB + ∠ACD [समी. (1) एवं (2) से]
⇒ ∠ABC + ∠ADC = ∠BCD (∵ ∠ACB + ∠ACD =∠BCD, चित्रानुसार)
लेकिन ∠ABC + ∠ADC + ∠BCD = 180° (त्रिभुज के अन्तः कोण है)
= ∠ABC + ∠ADC = ∠BCD = 90°
अतः अभीष्ट कोण ∠BCD = 90° इति सिद्धम्

प्रश्न 7.
ABC एक समकोण त्रिभुज है जिसमें ∠A = 90° और AB = AC है। ∠B और ∠C ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया है AB = AC ⇒ ∠B = ∠C (बराबर भुजाओं के सम्मुख कोण हैं)
∵ ∠A + ∠B + ∠C = 180° (त्रिभुज के अन्तः कोण हैं)
⇒ 90° + x + x = 180° [माना ∠B = ∠C = x एवं ∠A = 90° (दिया है)]
⇒ 2x = 180° – 90° = 90°
⇒ x = 90°/2 = 45°
अतः अभीष्ट कोण ∠B = ∠C = 45°.

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प्रश्न 8.
दर्शाइए किसी समबाहु त्रिभुज का प्रत्येक कोण 60° होता है।
हल:
चूँकि समबाहु त्रिभुज का प्रत्येक कोण एक-दूसरे के बराबर होता है। मान लीजिए इसका मान x° है।
इसलिए x + x + x = 180° (त्रिभुज के अन्तः कोण है)
⇒ 3x = 180° = x = 180°/3 = 60°
अतः समबाहु त्रिभुज का प्रत्येक कोण 60° होता है।

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MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex 7.1

MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 7 त्रिभुज Ex 7.1

प्रश्न 1.
चतुर्भुज ∆CBD में AC=AD और AB कोणA को समद्विभाजित करता है। (देखिए चित्र 7.1) दर्शाइए कि ∆ ABC ≅ ∆ ABD है। BC और BD के बारे में आप क्या कह सकते हैं ?
(2018, 19)
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चित्र 7.1
हल:
चित्रानुसार ∆ABC और ∆ABD में,
∵ भुजा AC = भुजा AD
∵ ∠BAC = ∠BAD
∵ भुजा AB = भुजा AB
∵ ∆ABC ≅ ∆ABD (SAS सर्वांगसमता नियम से) इति सिद्धम्
भुजा BC = भुजा BD. (CPCT)

प्रश्न 2.
ABCD एक चतुर्भुज है जिसमें AD = BC और । ∠DAB = ∠CBA है। (देखिए चित्र 7.2) सिद्ध कीजिए कि-
(i) ∆ABD ≅ ∆BAC
(ii) BD = AC
(iii) ∠ABD = ∠BAC.
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चित्र 7.2
हल:
(i) चित्रानुसार ∆ ABD और ∆BAC में,
∵ भुजा AD = भुजा BC (दिया है)
∵ ∠DAB = ∠CBA (दिया है)
∵ भुजा AB = भुजा AB (उभयनिष्ठ हैं)
∴ ∆ABD = ∆BAC. (SAS सर्वांगसमता नियम से) इति सिद्धम्

(ii) ∵ ∆ABD ≅ ∆BAC (सिद्ध कर चुके हैं)
∴ भुजा BD = भुजा AC. (CPCT) इति सिद्धम्

(iii) ∵∆ABD ≅ ∆BAC (सिद्ध कर चुके हैं)
∴ ∠ABD = ∠BAC. (CPCT) इति सिद्धम्

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प्रश्न 3.
एक रेखाखण्ड AB पर AD और BC दो बराबर लम्ब रेखाखण्ड हैं (देखिए चित्र 7.3)। दर्शाइए कि चित्र CD रेखाखण्ड AB को समद्विभाजित करता है।
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चित्र 7.3
हल:
चित्रानुसार रेखाखण्ड CD, रेखाखण्ड AB को बिन्दु O पर प्रतिच्छेद करता है।
अब ∆OAD और ∆OBC में,
∵ भुजा AD = भुजा BC (दिया है)
∵ ∠OAD = ∠OBC = 90° (दिया है)
∵ ∠AOD = ∠BOC (शीर्षाभिमुख कोण हैं)
∴ ∆OAD ≅ ∆OBC (SAA सर्वांगसमता नियम से)
∴ भुजा OA = भुजा OB (CPCT)
अतः रेखाखण्ड CD रेखाखण्ड AB को समद्विभाजित करता है। इति सिद्धम्

प्रश्न 4.
1 और m दो समान्तर रेखाएँ हैं जिन्हें समान्तर रेखाओंp और का एक अन्य युग्म प्रतिच्छेदित करता है। (देखिए चित्र 7.4)। दर्शाइए कि-
∆ABC ≅ ∆CDA है।
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चित्र 7.4
हल:
∵l || m को रेखाखण्ड AC क्रमश: A और C बिन्दुओं पर प्रतिच्छेद करता है।
∴ ∠ACB = ∠CAD …(1) (एकान्तर कोण हैं)
∵ p || q को रेखाखण्ड AC क्रमशः A और C बिन्दुओं पर प्रतिच्छेद करता है।
∴ ∠CAB = ∠ACD (एकान्तर कोण है)…(2)
अब ∆ABC एवं ∆CDA में,
∵ ∠ACB = ∠CAD [सिद्ध कर चुके हैं समीकरण (1) से]
∵ ∠CAB = ∠ACD [सिद्ध कर चुके हैं समीकरण (2) से]
∵ भुजा AC = भुजा AC (उभयनिष्ठ है)
अतः ∆ABC ≅ ∆CDA. (ASA सर्वांगसमता नियम से) इति सिद्धम्

प्रश्न 5.
रेखा l कोण A को समद्विभाजित करती है और B रेखा l पर स्थित कोई बिन्दु है। BP और BQ कोण A की भुजाओं पर B से डाले गए लम्ब हैं (देखिए चित्र 7.5)। दर्शाइए कि
(i) ∆APB ≅ ∆AQB.
(ii) BP = BQ अर्थात् बिन्दु B कोणों की भुजाओं से समदूरस्थ है।
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चित्र 7.5
हल:
∵ रेखा l कोण A की समद्विभाजक है। (दिया है)
∴ ∠BAP = ∠BAQ ..(1)
∵ BP L AP एवं BQ LAQ (दिया है)
∵ LAPB = ∠AQB = 90° ….(2)
अब (i) ∆APB और ∆AQB में,
∵ ∠BAP = ∠BAQ [समीकरण (1) से ]
∵ ∠APB = ∠AQB [समीकरण (2) से]
∵ भुजा AB = भुजा AB (उभयनिष्ठ है)
∴ ∆APB ≅ ∆AQB. (SAA सर्वांगसमता नियम से) इति सिद्धम्

एवं (ii) ∵ ΔΡΒΕ ≅ ΔΑΟΒ (सिद्ध कर चुके हैं)
∴ भुजा BP = भुजा BQ (CPCT)
अर्थात् बिन्दु B कोणों की भुजाओं से समदूरस्थ है। इति सिद्धम्

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प्रश्न 6.
चित्र 7.6 में AC = AE एवं AB = AD और ∠BAD = ∠EAC है। दर्शाइए कि BC = DE है।
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चित्र 7.6
हल:
चित्रानुसार ΔABC एवं ΔADE में,
∵ भुजा AB = भुजा AD. (दिया है)
∵ ∠BAD = ∠EAC (दिया है)
∵ भुजा AC = भुजा AE (दिया है)
ΔABC ≅ ΔADE (SAS सर्वांगसमता नियम)
अतः भुजा BC = भुजा DE (CPCT) इति सिद्धम्

प्रश्न 7.
संलग्न चित्र में AB एक रेखाखण्ड है और Pइसका मध्य-बिन्दु है। D और E रेखाखण्ड AB के एक ही ओर स्थित दो बिन्दु इस प्रकार हैं कि ∠BAD = ∠ABE और ∠EPA = ∠DPB. दर्शाइए कि-
(i) ΔDAP ≅ ΔEBP.
(ii) AD = BE.
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चित्र 7.7
हल:
प्रश्नानुसार, AP = BP (दिया है AB का मध्य-बिन्दु P)…(1)
∵ ∠EPA = ∠DPB (दिया है)
⇒ ∠EPA + ∠EPD = ∠DPB + ∠EPD (यूक्लिड अभिगृहीत-II)
⇒ ∠APD = ∠BPE (चित्रानुसार)…(2)
∵ ∠BAD = ∠ABE (दिया है)
⇒ ∠PAD = ∠PBE (चित्रानुसार) …(3)

(i) अब ΔDAP एवं ΔEBP में,
∵ ∠PAD = ∠PBE [समीकरण (3) से]
∵ AP = BP [समीकरण (1) से]
∵ ∠APD = ∠BPE [समीकरण(2) से]
अतः ΔDAP ≅ ΔEBP (ASA सर्वांगसमता गुण) इति सिद्धम्

(ii) ∵ ΔDAP ≅ ΔEBP [भाग (i) में सिद्ध कर चुके हैं।
अतः AD = BE. (CPCT) इति सिद्धम्

प्रश्न 8.
एक समकोण त्रिभुज ABC में जिसमें कोण C समकोण है। M कर्ण AB का मध्य-बिन्दु है। C को M से मिलाकर D तक इस प्रकार बढ़ाया गया है कि DM = CM है। बिन्दु D को बिन्दु B से मिला दिया जाता है (संलग्न चित्र देखिए)। D दर्शाइए कि-
(i) ΔAMC ≅ ΔBMD.
(ii) ∠DBC एक समकोण है।
(iii) ΔBDC ≅ ΔACB.
(iv) CM = \(\frac { 1 }{ 2 }\) AB.
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चित्र 7.8
हल:
(i) ΔAMC और ΔBMD में,
∵ AM = BM (दिया है : AB का मध्य-बिन्दु M)
∵ CM = DM (दिया है)
∵∠AMC=∠BMD (शीर्षाभिमुख कोण हैं)
ΔAMC ≅ ΔBMD. (SAS सर्वांगसमता गुण) इति सिद्धम्

(ii) चूँकि ΔAMC ≅ ΔBMD. (सिद्ध कर चुके हैं।)
⇒ ∠ACM= ∠BDM (CPCT)
⇒ DB || AC (एकान्तर कोण बराबर हैं)
⇒ ∠DBC + ∠ACB = 180° (एक ही ओर के अन्तः कोण हैं)
⇒ ∠DBC + 90° = 180° (∠ACB समकोण है।)
⇒ ∠DBC = 180° – 90° = 90°
अत: ∠DBC एक समकोण है। इति सिद्धम्

(iii) चूँकि ΔAMC ≅ ΔBMD. (सिद्ध कर चुके हैं)
⇒ AC = BD (CPCT)
अब ΔDBC और ΔACB में,
चूँकि BD = AC (सिद्ध कर चुके हैं)
∠DBC = ∠ACB = 90° (सिद्ध कर चुके हैं)
एवं BC = BC (उभयनिष्ठ है)
अतः ΔDBC ≅ ΔACB. इति सिद्धम्

(iv) चूँकि ΔDBC ≅ ΔACB (सिद्ध कर चुके हैं)
⇒ DC = AB (CPCT)
अतः CM = 1/2AB. (CPCT) [∵ CM = DM (दिया है)] इति सिद्धम्

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MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.3

MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.3

प्रश्न 1.
संलग्न चित्र में ∆PQR की भुजाओं OP और RO को क्रमशः बिन्दुओं S और T तक बढ़ाया गया है। यदि ∠SPR = 135° है और ∠PQT = 110° है, तो ∠PRQ
ज्ञात कीजिए।
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चित्र 6.23
हल:
∵ ∠PQT + ∠PQR = 180° (रैखिक युग्म अभिगृहीत से)
110° + ∠PQR = 180° ∵ ∠PQT = 110° (दिया हुआ है)]
∠PQR = 180° – 110° = 70°
∵ ∠SPR + ∠QPR = 180° (रैखिक युग्म अभिगृहीत)
135° + ∠QPR = 180° [∵ ∠SPR = 135° (दिया हुआ है)]
∠QPR = 180° – 135° = 45° …..(2)
अब ∆PQR में, :: LOPR + ∠PQR + ∠PRQ = 180° (प्रमेय 6.7, त्रिभुज के तीनों अन्त:कोणों का योग है)
⇒ 45° + 70° + ∠PRQ = 180° [समीकरण (1) एवं समीकरण (2) से]
⇒ ∠PRQ = 180° – 45° – 70°
⇒ ∠PRQ = 180° – 115° = 65°
अतः ∠PRO का अभीष्ट मान = 65°.

प्रश्न 2.
संलग्न चित्र में ∠X = 62° और ∠XYZ = 54° है। यदि YO और ∠O क्रमश: ∠XYZ के ∠XYZ और ∠XZY के समद्विभाजक हैं, तो ∠OZY और ∠YOZ ज्ञात कीजिए।
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.3 2
हल:
∆XYZ में,
∵ ∠YXZ + ∠XYZ + ∠XZY = 180° [प्रमेय 6.7, त्रिभुज के तीनों अन्तः कोणों का योग है।]
⇒ 62° + 54° + ∠XZY = 180° [∵ ∠YXZ = 62° एवं ∠XYZ = 54° (दिया है)]
⇒∠XZY = 180° – 62° – 54° = 180° – 116° = 64°
∵∠YO, ∠XZY का समद्विभाजक है।
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.3 2A
अब ∆OYZ में,
∵∠OYZ+ ∠OZY + ∠YOZ = 180° (प्रमेय 6.7, त्रिभुज के तीनों अन्तः कोणों का योग है)
⇒ 27° + 32° + ∠YOZ = 180°
[∵ ∠OZY = 32° एवं ∠OYZ = 27° (ज्ञात कर चुके हैं)]
∠YOZ = 180° – 27° – 32° = 180° – 59° = 121°
अतः ∠OZY का अभीष्ट मान = 32° एवं ∠YOZ का अभीष्ट मान = 121.

प्रश्न 3.
संलग्न चित्र में यदि AB || DE, ∠BAC = 35° और LCDE = 53°, तो ∠DCE ज्ञात कीजिए। (2019)
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.3 3
चित्र 6.25
हल:
दिया है: AB ||DE, ∠BAC = 35° एवं ∠CDE = 53°
∵ AB || DE एवं AE तिर्यक रेखा है।
⇒ ∠CED = ∠BAC = 35° [एकान्तर कोण हैं तथा/BAC = 35° (दिया है)]
अब ∆CDE में (प्रमेय 6.7 त्रिभुज के तीनों अन्तः कोणों का योग 180° होता है)
∵ ∠DCE + ∠CDE + ∠CED = 180°
⇒ ∠DCE + 53° + 35° = 180° [∵∠CDE = 53° दिया है तथा
∠CED = 35° ज्ञात कर चुके हैं।
⇒ ∠DCE = 180° – 53° – 35° = 180° – 88° = 92°
अत: ∠DCE का अभीष्ट मान = 92°.

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प्रश्न 4.
संलग्न चित्र में यदि रेखाएँ PO और RS बिन्दु T पर इस प्रकार प्रतिच्छेद करती है कि ∠PRT = 40°, ∠RPT = 95° और ∠TSQ = 75°, तो ∠SQT ज्ञात कीजिए।
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चित्र 6.26
हल:
∆PRT में,
∵ ∠PTR + CRPT + ∠PRT = 180° (प्रमेय 6.7 त्रिभुज के तीनों अन्तः कोण हैं)
⇒ ∠PTR + 95° + 40° = 180° [∵∠RPT = 95° एवं ∠PRT = 40° (दिया है)]
⇒ ∠PTR = 180° – 950 – 40° = 180° – 135° = 450
∵ PQ एवं RS एक-दूसरे को बिन्दु T पर प्रतिच्छेद करती हैं।
⇒ ∠QTS = ∠PTR = 45° (शीर्षाभिमुख कोण हैं और ∠PTR = 45°)
अब ∆QTS में,
∵ ∠SQT + ∠TSQ + ∠OTS = 180°
∵∠SOT + 75° + 45° = 180°
[∵ ∠TSQ = 75° (दिया है) तथा ∠QTS = 45° ज्ञात कर चुके हैं ]
∠SOT = 180° – 75° – 45° = 180° – 120° = 60°
अतः ∠SOT का अभीष्ट मान = 60°.

प्रश्न 5.
संलग्न चित्र में, यदि PQ ⊥ PS, PQ || SR, ∠SOR = 28° और ∠QRT = 65° है, तो x और y के मान ज्ञात कीजिए।
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चित्र 6.27
हल:
∵ PQ ⊥ PS = ∠OPS = 90°
∵ ∠SQR = 28° एवं ∠QRT = 65° (दिए हैं)
∵ PQ || SR को QR तिर्यक रेखा प्रतिच्छेद करती है।
⇒ ∠PQR = ∠QRT (एकान्तर कोण है)
⇒ ∠PQS + ∠SOR = ∠ORT (चित्रानुसार)
⇒ x + 28° = 65° [∵ ∠SOR = 28° एवं ∠QRT = 65° (दिया है)]
⇒ x = 65° – 28° = 37°
अब ∆POS में,
∵ ∠OPS + ∠PQS + ∠PSQ = 180° (प्रमेय 6.7 से A के तीनों अन्तः कोणों का योग है)
⇒ 90° + 37° + y = 180°
⇒ y = 180° – 90° – 37° = 180° – 127° = 53°
[∠QPS = 90° एवं ∠PQS = x = 37° (ज्ञात है)]
अतः x एवं के अभीष्ट मान क्रमशः 37° एवं 53° हैं।

प्रश्न 6.
संलग्न चित्र में, ∆POR की भुजा QR को बिन्दु S तक बढ़ाया गया है। यदि ∠PQR और ∠PRS के समद्विभाजक बिन्दु T पर मिलते हैं तो सिद्ध कीजिए कि
∠QTR = \(\frac { 1 }{ 2 }\)∠QPR.
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.3 6
चित्र 6.28
हल:
∆PQR का बहिष्कोण ∠PRS है।
= ∠PRS = ∠QPR + ∠PQR (प्रमेय 6.8)…(1)
∆TOR का बहिष्कोण ∠TRS है।
⇒ ∠TRS = ∠QTR + ∠TOR (प्रमेय 6.8)…(2)
∵ ∠PQR और ∠PRS के समद्विभाजक क्रमशः OT एवं RT हैं।
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.3 6A

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MP Board Class 9th Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता

MP Board Class 9th Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता

MP Board Class 9th Science Chapter 7 पाठ के अन्तर्गत के प्रश्नोत्तर

प्रश्न श्रृंखला-1 # पृष्ठ संख्या 91

प्रश्न 1.
हम जीवधारियों का वर्गीकरण क्यों करते हैं?
उत्तर:
वर्गीकरण जीवों की विविधता को स्ष्ट करने में सहायक होता है, इसलिए हम जीवधारियों का वर्गीकरण करते हैं।

प्रश्न 2.
अपने चारों ओर फैले जीव रूपों की विविधता के तीन उदाहरण दें।
उत्तर:

  1. हरे पौधे प्रकाश-संश्लेषण द्वारा स्वयं अपना भोजन बनाते हैं अर्थात् वे स्वपोषी हैं जबकि जन्तु अपने भोजन के लिए पौधों पर निर्भर करते हैं अर्थात् वे परपोषी हैं।
  2. पक्षिगण आकाश में उड़ सकते हैं जबकि कुत्ते, बिल्ली आदि नहीं।
  3. पक्षी अण्डे देते हैं जबकि गाय, भैंस बच्चों को जन्म देती हैं।

प्रश्न श्रृंखला-2 # पृष्ठ संख्या 92

प्रश्न 1.
जीवों के वर्गीकरण के लिए सर्वाधिक मूलभूत लक्षण क्या हो सकता है?
(a) उनका निवास स्थान
(b) उनकी कोशिका संरचना।
उत्तर:
(b) उनकी कोशिका संरचना।

प्रश्न 2.
जीवों के प्रारम्भिक विभाजन के लिए किस मूल लक्षण को आधार बनाया गया?
उत्तर:
उनके आवास को।

प्रश्न 3.
किस आधार पर जन्तुओं और वनस्पतियों को एक-दूसरे से भिन्न वर्ग में रखा गया है?
उत्तर:
जन्तु अपना भोजन स्वयं नहीं बनाते बल्कि बाहर से प्राप्त करते हैं। जबकि वनस्पतियाँ अपना भोजन प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया द्वारा स्वयं बनाती हैं। इसी विविधता के आधार पर जन्तुओं और वनस्पतियों को एक-दूसरे से भिन्न वर्ग में रखा गया है।

प्रश्न श्रृंखला-3 # पृष्ठ संख्या 93

प्रश्न 1.
आदिम जीव किन्हें कहते हैं ? ये तथाकथित उन्नत जीवों से किस प्रकार भिन्न हैं?
उत्तर:
आदिम जीव
“जिन जीवों की शारीरिक संरचना में प्राचीन काल से लेकर आज तक कोई खास परिवर्तन नहीं हुआ उन्हें आदिम जीव कहते हैं।”

आदिम जीवों एवं उन्नत जीवों में भिन्नता
आदिम जीवों की शारीरिक संरचना में आदि काल से अब तक कोई परिवर्तन नहीं हुआ जबकि उन्नत जीवों में पर्याप्त परिवर्तन हुआ है।

प्रश्न 2.
क्या उन्नत जीव और जटिल जीव एक होते हैं?
उत्तर:
हाँ।

प्रश्न श्रृंखला-4 # पृष्ठ संख्या 96

प्रश्न 1.
मोनेरा अथवा प्रोटिस्टा जैसे जीवों के वर्गीकरण के मापदण्ड क्या हैं?
उत्तर:
इन जीवों की शारीरिक संरचना में कोशिका भित्ति के होने या न होने के कारण आये परिवर्तन तुलनात्मक रूप से बहुकोशिकीय जीवों में कोशिका भित्ति होने या न होने के कारण आये परिवर्तनों से भिन्न होते हैं। पोषण के स्तर पर ये स्वपोषी या विषमपोषी दोनों हो सकते हैं।

प्रश्न 2.
प्रकाश-संश्लेषण करने वाले एककोशिकीय यूकैरियोटी जीव को आप किस जगत में रखेंगे?
उत्तर:
प्रोटिस्टा जगत में।

प्रश्न 3.
वर्गीकरण के विभिन्न पदानुक्रमों में किस समूह में सर्वाधिक समान लक्षण वाले सबसे कम जीवों को और किस समूह में सबसे ज्यादा संख्या में जीवों को रखा जायेगा?
उत्तर:
सबसे कम जीवों को प्रोकैरियोटी समूह में और सबसे अधिक जीवों को यूकैरियोटी समूह में रखा जाएगा।

प्रश्न श्रृंखला-5 # पृष्ठ संख्या 99

प्रश्न 1.
सरलतम पौधों को किस वर्ग में रखा गया है? उत्तर-थैलोफाइटा वर्ग में। प्रश्न 2. टेरिडोफाइट और फैनेरोगेम में क्या अन्तर है?
उत्तर:
टेरिडोफाइट में जननांग अप्रत्यक्ष होते हैं तथा इनमें बीज उत्पन्न करने की क्षमता नहीं होती जबकि फैनेरोगेम में जनन ऊतक पूर्ण विकसित एवं विभेदित होते हैं तथा जनन प्रक्रिया के पश्चात् बीज उत्पन्न करने की क्षमता होती है।

प्रश्न 3.
जिम्नोस्पर्म और एन्जियोस्पर्म एक-दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं?
उत्तर:
जिम्नोस्पर्म में बीज नग्न अर्थात् बिना फलों के होते हैं जबकि एन्जियोस्पर्म में बीज फलों के अन्दर ढके हुए होते हैं।

प्रश्न श्रृंखला-6 # पृष्ठ संख्या 105

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प्रश्न 1.
पोरीफेरा एवं सीलेण्ट्रेटा वर्ग के जन्तुओं में क्या अन्तर है?
उत्तर:
पोरीफेरा वर्ग के जन्तुओं के पूरे शरीर पर अनेक छिद्र पाये जाते हैं तथा इनमें ऊतकों का विभेदन नहीं होता जबकि सीलेण्ट्रेटा वर्ग के जन्तुओं में ऊतकीय स्तर का शारीरिक संगठन होता है तथा शरीर कोशिकाओं की दो परतों का बना होता है।

प्रश्न 2.
एनीलिडा के जन्तु आर्थोपोडा के जन्तुओं से किस प्रकार भिन्न हैं?
उत्तर:
एनीलिडा के जन्तुओं का शरीर समखण्डों में विभाजित होता है जबकि आर्थोपोडा के जन्तुओं का शरीर तीन खण्डों सिर, धड़ एवं उदर में विभाजित होता है तथा इनमें जुड़े हुए पैर पाये जाते हैं।

प्रश्न 3.
जल-स्थलचर और सरीसृप में क्या अन्तर होता है?
उत्तर:
जल-स्थलचर के जन्तुओं के शरीर पर शल्क नहीं पाये जाते तथा इनमें श्वसन क्लोम अथवा फेफड़ों द्वारा होता है जबकि सरीसृप वर्ग के जन्तुओं के शरीर पर शल्क पाये जाते हैं तथा इनमें श्वसन फेफड़ों के द्वारा होता है।

प्रश्न 4.
पक्षी वर्ग और स्तनपायी वर्ग के जन्तुओं में क्या अन्तर है? (कोई चार) (2018)
उत्तर:
पक्षी वर्ग के जन्तु एवं स्तनपायी वर्ग के जन्तुओं में अन्तर:
MP Board Class 9th Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता image 1

MP Board Class 9th Science Chapter 7 पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
जीवों के वर्गीकरण से क्या लाभ है? (2019)
उत्तर:
वर्गीकरण के लाभ-वर्गीकरण के निम्नलिखित प्रमुख लाभ हैं –

  1. जीवों की पहचान होना।
  2. जीवों की विविधता का ज्ञान होना।
  3. जीवों के आपसी सम्बन्धों का ज्ञान होना।
  4. जीवों की उत्पत्ति की जानकारी होना।
  5. जीवों के विकास के क्रम का ज्ञान होना।

प्रश्न 2.
वर्गीकरण में पदानुक्रम निर्धारण के लिए दो लक्षणों में से आप किस लक्षण का चयन करेंगे?
उत्तर:
जाति (स्पीशीज) का।

प्रश्न 3.
जीवों के पाँच जगत में वर्गीकरण के आधार की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
जीवों के पाँच जगत वर्गीकरण का आधार-यह वर्गीकरण कोशिकीय संरचना, पोषण के स्रोत, और तरीके तथा शारीरिक संगठन के आधार पर किया गया है।

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प्रश्न 4.
पादप जगत के प्रमुख वर्ग कौन हैं ? इस वर्गीकरण का क्या आधार है?
उत्तर:
पादप जगत के प्रमुख वर्ग:

  1. थैलोफाइटा
  2. ब्रायोफाइटा
  3. टेरिडोफाइटा
  4. जिम्नोस्पर्म
  5. एन्जियोस्पर्म।

वर्गीकरण का आधार-पादप शरीर के प्रमुख घटक पूर्णरूपेण विकसित हैं या नहीं, जल अथवा अन्य पदार्थों के संवहन-ऊतकों की उपस्थिति एवं बीजधारण की क्षमता पादपों में है या नहीं, यदि है तो बीज फल के अन्दर विकसित होते हैं अथवा नग्न अवस्था में।

प्रश्न 5.
जन्तुओं और पौधों के वर्गीकरण के आधारों में मूल अन्तर क्या है? (2019)
उत्तर:
जन्तुओं और पौधों के वर्गीकरण के आधारों में मूल अन्तर:
MP Board Class 9th Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता image 2

प्रश्न 6.
वर्टीब्रेटा (कशेरुकी प्राणी) को विभिन्न वर्गों में बाँटने के आधार की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
वर्टीब्रेटा (कशेरुकी प्राणी) को विभिन्न वर्गों में बाँटने का आधार:
अण्डज या जरायुज, हृदय की संरचना, श्वसन प्रक्रिया, त्वचा की संरचना में अन्तर आदि।

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MP Board Class 9th Science Chapter 7 परीक्षोपयोगी अतिरिक्त प्रश्नोत्तर

MP Board Class 9th Science Chapter 7 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से किसमें जल-संवहन के लिए विशेष ऊतक पाए जाते हैं?
(a) थैलोफाइटा
(b) ब्रायोफाइटा
(c) टेरिडोफाइटा
(d) जिम्नोस्पर्म (अनावृतबीजी)
उत्तर:
(c) टेरिडोफाइटा

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से कौन बीज उत्पन्न कर सकता है?
(a) थैलोफाइटा
(b) ब्रायोफाइटा
(c) टेरिडोफाइटा
(d) जिम्नोस्पर्म
उत्तर:
(d) जिम्नोस्पर्म

प्रश्न 3.
कौन-सी यथार्थ मछली है?
(a) जैली फिश
(b) स्टार फिश
(c) डॉग फिश
(d) सिल्वर फिश
उत्तर:
(c) डॉग फिश

प्रश्न 4.
निम्नलिखित में कौन-से प्राणी समुद्रों में पाए जाते हैं?
(a) पोरीफेरा
(b) इकाइनोडर्मेटा
(c) मोलस्का
(d) पिसीज (मत्स्य वर्ग)
उत्तर:
(b) इकाइनोडर्मेटा

प्रश्न 5.
निम्नलिखित में से किसमें खुला परिसंचरण तन्त्र पाया जाता है?
(i) आर्थोपोडा
(ii) मोलस्का
(iii) एनीलिडा
(iv) सीलेण्ट्रेटा

(a) (i) और (ii)
(b) (iii) और (iv)
(c) (i) और (iii)
(d) (ii) और (iv)
उत्तर:
(a) (i) और (ii)

प्रश्न 6.
वह कौन-सा समूह है जिसके प्राणियों में प्रगुहा रुधिर से भरी होती है?
(a) आर्थोपोडा
(b) एनीलिडा
(c) निमेटोडा
(d) इकाइनोडर्मेटा
उत्तर:
(a) आर्थोपोडा

प्रश्न 7.
श्लीपद अर्थात् फीलपाँव रोग निम्नलिखित के द्वारा होता है?
(a) वुचेरेरिया
(b) पिनकृमि
(c) प्लैनेरियन प्राणी
(d) यकृत पर्णाभ कृमि
उत्तर:
(a) वुचेरेरिया

प्रश्न 8.
कशेरुकियों का निम्नलिखित में से कौन-सा सबसे महत्वपूर्ण अथवा सामान्य लक्षण है?
(a) पृष्ठ रज्जु का पाया जाना
(b) त्रिकोरकी अवस्था का पाया जाना
(c) क्लोम कोष्ठ का पाया जाना
(d) देहगुहा का पाया जाना।
उत्तर:
(a) पृष्ठ रज्जु का पाया जाना

प्रश्न 9.
निम्नलिखित में से किसमें शल्क होते हैं?
(i) ऐम्फिबिया
(ii) पिसीज
(iii) सरीसृप
(iv) स्तनधारी

(a) (i) और (iii)
(b) (iii) और (iv)
(c) (ii) और (iii)
(d) (i) और (ii)।
उत्तर:
(c) (ii) और (iii)

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प्रश्न 10.
टेरिडोफाइटा में कौन-सा अंग नहीं होता?
(a) मूल
(b) तना
(c) पुष्प
(d) पत्तियाँ।
उत्तर:
(c) पुष्प

प्रश्न 11.
पोरीफेरा संघ के सदस्य को पहचानिए –
(a) स्पॉन्जिला
(b) यूग्लीना
(c) पेनिसिलियम
(d) फाइलेरिया
उत्तर:
(a) स्पॉन्जिला

प्रश्न 12.
कौन-सा एक जलीय प्राणी नहीं है?
(a) हाइड्रा
(b) जैलीफिश
(c) कोरल
(d) फाइलेरिया
उत्तर:
(d) फाइलेरिया

प्रश्न 13.
ऐम्फिबियनों में नहीं होता है –
(a) तीन प्रकोष्ठ वाला हृदय
(b) क्लोम या फेफड़ा
(c) शल्क
(d) श्लेष्म ग्रन्थि
उत्तर:
(c) शल्क

प्रश्न 14.
बिना केन्द्रक एवं कोशिकाओं वाले जीव कौन से वर्ग में आते हैं?
(i) कवक
(ii) प्रोटिस्टा
(iii) साइनोबैक्टीरिया
(iv) आर्कीबैक्टीरिया

(a) (i) और (ii)
(b) (iii) और (iv)
(c) (i) और (iv)
(d) (ii) और (iii)
उत्तर:
(b) (iii) और (iv)

प्रश्न 15.
निम्नलिखित में कौन-सा सजीवों के वर्गीकरण के लिए लक्षण मापदण्ड नहीं है?
(a) जीव की देह रचना
(b) अकेले अपना भोजन बनाने की सामर्थ्य
(c) झिल्लीयुक्त केन्द्रक एवं कोशिकांग
(d) पादप की ऊँचाई
उत्तर:
(b) अकेले अपना भोजन बनाने की सामर्थ्य

प्रश्न 16.
‘प्रोटोकॉर्डेटा का जो विशिष्ट लक्षण नहीं है –
(a) पृष्ठ रज्जु का होना
(b) द्विपार्श्व सममित एवं प्रगुहा
(c) संधिपाद
(d) परिसंचारी तन्त्र का होना
उत्तर:
(c) संधिपाद

प्रश्न 17.
इकाइनोडर्मेटा का चलन-अंग है –
(a) नालपाद
(b) पेशीय पाद
(c) संधिपाद
(d) पार्श्वपाद
उत्तर:
(a) नालपाद

प्रश्न 18.
कोरल (प्रवाल) क्या होते हैं?
(a) ठोस आधार से चिपके रहने वाले पोरीफेरा संघ के प्राणी
(b) अकेले रहने वाले निडेरिया संघ के प्राणी
(c) समुद्री तल पर पाये जाने वाले पोरीफेरा संघ के प्राणी
(d) निबह (कॉलोनी) में रहने वाले निडेरिया संघ के प्राणी।
उत्तर:
(d) निबह (कॉलोनी) में रहने वाले निडेरिया संघ के प्राणी।

प्रश्न 19.
जीवों की वैज्ञानिक नाम पद्धति की व्यवस्था किसने प्रस्तुत की?
(a) रॉबर्ट ह्विटेकर
(b) कैरोलस लिनियस
(c) रॉबर्ट हुक
(d) अर्नेस्ट हेकेल
उत्तर:
(b) कैरोलस लिनियस

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प्रश्न 20.
दो प्रकोष्ठ वाला हृदय किसमें पाया जाता है?
(a) मगरमच्छ में
(b) मछली में
(c) पक्षी में
(d) उभयचर में
उत्तर:
(b) मछली में

प्रश्न 21.
सम्पूर्ण रूप से उपास्थि का बना कंकाल किसमें होता है?
(a) शार्क में
(b) ट्यूना में
(c) रोहू में
(d) इनमें से किसी में नहीं
उत्तर:
(a) शार्क में

प्रश्न 22.
निम्नलिखित में से कोई एक एनेलिड प्राणी नहीं है –
(a) नेरीज
(b) केंचुआ
(c) जोंक
(d) अर्चिन
उत्तर:
(d) अर्चिन

प्रश्न 23.
‘सिस्टेमा नेचुरी’ नामक पुस्तक निम्नलिखित में से किसके द्वारा लिखी गई थी?
(a) लिनियस
(b) हेकेल
(c) ह्विटेकर
(d) रॉबर्ट ब्राउन
उत्तर:
(a) लिनियस

प्रश्न 24.
कार्ल वॉन लिने का योगदान विज्ञान की किस शाखा में था?
(a) आकारिकी में
(b) वर्गीकरण में
(c) कार्यिकी में
(d) आयुर्विज्ञान में
उत्तर:
(b) वर्गीकरण में

प्रश्न 25.
वास्तविक अंग किस वर्ग में नहीं होते?
(a) मोलस्का में
(b) सीलेण्ट्रेटा में
(c) आर्थोपोडा में
(d) इकाइनोडर्मेटा में
उत्तर:
(b) सीलेण्ट्रेटा में

प्रश्न 26.
कठोर कैल्सियम कार्बोनेट से बनी संरचना का कंकाल के रूप में निम्नलिखित में से किसके द्वारा इस्तेमाल किया जाता है?
(a) इकाइनोडर्मेटा
(b) प्रोटोकॉर्डेटा
(c) आर्थोपोडा
(d) निमेटोडा
उत्तर:
(a) इकाइनोडर्मेटा

प्रश्न 27.
निम्नलिखित में से किसकी खण्डीय व्यवस्था में विभेदन होता है?
(a) जोंक में
(b) स्टार फिश में
(c) घोंघा में
(d) ऐस्केरिस में
उत्तर:
(a) जोंक में

प्रश्न 28.
वर्गिकीय पदानुक्रम में कुल (फैमिली) कौन-से दो के मध्य में आती है?
(a) वर्ग एवं गण
(b) गण एवं वंश
(c) वंश एवं जाति
(d) डिवीजन और वर्ग
उत्तर:
(b) गण एवं वंश

प्रश्न 29.
पाँच-जगत वर्गीकरण की पद्धति निम्नलिखित में से किसके द्वारा प्रस्तुत की गई?
(a) मॉरंगन
(b) आर ह्विटेकर
(c) लिनियस
(d) हेकेल
उत्तर:
(b) आर ह्विटेकर

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प्रश्न 30.
सुपरिभाषित केन्द्रक किसमें नहीं पाया जाता है?
(a) नील-हरित शैवाल में
(b) डायटम में
(c) शैवाल में
(d) यीस्ट में
उत्तर:
(a) नील-हरित शैवाल में

प्रश्न 31.
‘जातियों का उद्भव’ नामक पुस्तक निम्नलिखित में से किसके द्वारा लिखी गई?
(a) लिनियस
(b) डार्विन
(c) हेकेल
(d) ह्विटेकर
उत्तर:
(b) डार्विन

प्रश्न 32.
मीना और हरि ने अपने बगीचे में एक जीव देखा। हरि ने इसको कीट बताया जबकि मीना ने कहा यह केंचुआ है। निम्नलिखित में से उस लक्षण को चुनिए जो उसके कीट होने की पुष्टि करता है –
(a) द्विपार्श्व सममिति वाली देह
(b) संधित पाद वाला शरीर
(c) बेलनाकार शरीर
(d) खण्ड युक्त शरीर
उत्तर:
(b) संधित पाद वाला शरीर

रिक्त स्थानों की पूर्ति

1. कवक में …………….. प्रकार की पोषण विधि पाई जाती है।
2. कवक की कोशिका भित्ति …………… की बनी होती है।
3. नील-हरित शैवाल तथा कवक का एक साथ पाया जाना ………….. कहलाता है।
4. काइटिन की रासायनिक प्रकृति ………….. है।
5. …………….. में समान लक्षणों की अधिकतम संख्या के साथ कम जीवों की संख्या होती है।
6. तना, मूल एवं पत्ती में स्पष्ट रूप से विभेदित न होने वाले पादपों को ………….. में रखा गया है।
7. ……………..” को पादप जगत के जल-स्थलचर अर्थात् उभयचर कहा गया है।
8. सजीवों के लिए पाँच जगत वर्गीकरण की पद्धति …………. के द्वारा दी गई।
9. वर्गीकरण की आधारभूत छोटी इकाई ………….. है।
10. प्रोकैरियोटिक जीवों को …………….. संघ के अन्तर्गत रखा गया है।
11. पैरामीशियम को इसके ………….. होने के कारण प्रोटिस्टा जगत में रखा गया है।
12. कवक में ………….. नहीं होता है।
13. …………… नामक कवक को आप बिना सूक्ष्मदर्शी के देख सकते हैं।
14. ब्रेड बनाने में सामान्य कवक ……………. का उपयोग किया जाता है।
15. शैवाल एवं कवक के परस्पर सहजीवी सहवास को …………… कहा जाता है।
16. द्विपार्श्व, पृष्ठाधर सममिति …………….. में पाई जाती है।
17. फीलपाँव रोग उत्पन्न करने वाला ……………. कृमि है।
18. ……. में खुला परिसंचरण तन्त्र पाया जाता है जहाँ प्रगुही गुहा रुधिर से भरी होती है।
19. ……………. को उसमें कूट प्रगुहा होने के कारण जाना जाता है।
उत्तर:

  1. मृतजीवी
  2. काइटिन
  3. लाइकेन
  4. कार्बोहाइड्रेट
  5. जाति
  6. थैलोफाइटा
  7. ब्रायोफाइटा
  8. ह्विटेकर
  9. जाति
  10. मोनेरा
  11. यूकैरियोटिक एककोशीय जीव
  12. पर्णहरित (क्लोरोफिल)
  13. मशरूम
  14. यीस्ट
  15. लाइकेन
  16. लिवर फ्लूक (यकृत पर्णाभ कृमि)
  17. फाइलेरिया,
  18. आर्थोपोडा
  19. निमेटोडा।

सही जोड़ी बनाना
MP Board Class 9th Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता image 3
उत्तर:

  1. → (ii)
  2. → (i)
  3. → (iv)
  4. → (iii)
  5. → (vi)
  6. → (v)
  7. → (vii)

MP Board Class 9th Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता image 4
उत्तर”

  1. → (iii)
  2. → (ii)
  3. → (vi)
  4. → (i)
  5. → (v)
  6. → (iv)

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सत्य/असत्य कथन

1. एककोशिकीय यूकैरियोटिक जीवों को प्रोटिस्टा जगत के अन्तर्गत रखा गया है।
2. ह्विटेकर द्वारा कोशिका संरचना, पोषण के स्रोत एवं प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए जीवों को पाँच जगत में वर्गीकृत किया गया है।
3. मोनेरा जगत एवं प्रोटिस्टा जगत दोनों स्वपोषी अथवा विषमपोषी हो सकते हैं।
4. मोनेरा जगत के जीवों में सुस्पष्ट केन्द्रक होता है।
5. एवीज वर्ग के पक्षी समतापी, अण्डे देने वाले तथा हृदय में चार कक्ष वाले होते हैं।
6. एवीज वर्ग के पक्षियों का शरीर परों से ढका होता है। इनके अग्रपाद रूपान्तरित होकर पंख बनाते हैं और ये फेफड़ों के द्वारा साँस लेते हैं।
7. मछलियाँ, जल-स्थलीय जीव (उभयचर) तथा रेंगने वाले जीव (सरीसृप) सभी अण्डे देने वाले (अण्ड प्रजनक) होते हैं।
8. स्तनधारी वर्ग के प्राणी सदैव जरायुज होते हैं, अर्थात् बच्चे को जन्म देते हैं।
9. पाँच जगप्त वर्गीकरण को ह्विटेकर ने प्रस्तुत किया था।
10. मोनेरा जगत को आर्कीबैक्टीरिया तथा यूबैक्टीरिया में विभाजित किया गया है।
11. वर्ग से शुरू करने पर जाति वंश से पहले आती है।
12. ऐनाबीना मोनेरा जगत से सम्बन्धित है।
13. नील-हरित शैवाल प्रोटिस्टा जगत से सम्बन्धित है।
14. सभी प्रोकैरियोट अर्थात् प्राक्केन्द्रकी प्राणियों को मोनेरा जगत के अन्तर्गत वर्गीकृत किया गया है।
15. जिम्नोस्पर्म आवृतबीजों की मौजूदगी के आधार पर ऐन्जियोस्पर्मों से भिन्न होते हैं।
16. अपुष्पी पादप क्रिप्टोगेम कहलाते हैं।
17. ब्रायोफाइट में संवहन ऊतक होते हैं।
18. फ्यूनेरिया एक मॉस है।
19. अनेक फर्न में संयुक्त पत्तियाँ पायी जाती हैं।
20. बीजों के भीतर भ्रूण होता है।
उत्तर:

  1. असत्य
  2. सत्य
  3. सत्य
  4. सत्य
  5. सत्य
  6. सत्य
  7. सत्य
  8. असत्य
  9. सत्य
  10. सत्य
  11. असत्य
  12. सत्य
  13. असत्य
  14. सत्य
  15. असत्य
  16. सत्य
  17. असत्य
  18. सत्य
  19. सत्य
  20. सत्य।

एक शब्द/वाक्य में उत्तर

प्रश्न 1.
किसने सम्पूर्ण जैव जगत को पाँच जगतों में वर्गीकृत किया?
अथवा
जीवों का आधुनिक वर्गीकरण किस वैज्ञानिक ने किया?
उत्तर:
आर. एच. ह्विटेकर।

प्रश्न 2.
वर्गीकरण का पिता किसे कहा जाता है?
उत्तर:
कैरोलस लिनियस।

प्रश्न 3.
कैरोलस लिनियस द्वारा रचित पुस्तक का क्या नाम है?
उत्तर:
सिस्टेमा नेचुरी।

प्रश्न 4.
मनुष्य का जन्तु वैज्ञानिक नाम क्या है?
उत्तर:
होमो सेपियन्स।

प्रश्न 5.
आर. एच. ह्विटेकर ने सम्पूर्ण जीव जगत को कितने जगतों में वर्गीकृत किया?
उत्तर:
पाँच।

प्रश्न 6.
अमीबा के चलन अंग का नाम लिखिए।
उत्तर:
कूटपाद।

प्रश्न 7.
युग्लीना के चलन अंग का क्या नाम है?
उत्तर:
फ्लैजिला।

प्रश्न 8.
पैरामीशियम के चलन अंग का नाम लिखिए।
उत्तर:
सीलिया।

प्रश्न 9.
श्रम विभाजन किस जन्तु में होता है?
उत्तर:
हाइड्रा में।

प्रश्न 10.
स्टारफिश में चलन अंग क्या होता है?
उत्तर:
नालपाद (ट्यूब फीट)।

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MP Board Class 9th Science Chapter 7 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
जीवन की विविधता किसे कहते हैं?
अथवा
‘जैव विविधता’ से आप क्या समझते हो? (2019)
उत्तर:
जैव विविधता या जीवन की विविधता (Diversity of Life):
“जीवों में पाई जाने वाली विभिन्नता या असमानता को जीवन की विविधता या जैव विविधता कहते हैं।”

प्रश्न 2.
जीवों के वर्गीकरण से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
जीवों का वर्गीकरण (Classification of Living Organisms):
“जीवों को खोजकर पहचानने, नाम देने तथा इनके गुणों एवं आदतों का पता लगाकर समूहबद्ध करने की क्रिया को जीवों का वर्गीकरण कहते हैं।”

प्रश्न 3.
वर्गिकी से आप क्या समझते हैं?
अथवा
वर्गिकी क्या है? (2019)
उत्तर:
वर्गिकी (Taxonomy):
“विज्ञान की वह शाखा जिसके अन्तर्गत जीवों के वर्गीकरण का अध्ययन किया जाता है, वर्गिक़ी कहलाती है।”

प्रश्न 4.
विकासात्मक वर्गीकरण किसे कहते हैं?
उत्तर:
विकासात्मक वर्गीकरण (Evolutionary Classification):
“जो वर्गीकरण विकास के आधार पर किया जाता है, उसे विकासात्मक वर्गीकरण कहते हैं।

प्रश्न 5.
सम्पूर्ण जीव जगत को कितने जगतों में विभाजित किया गया है? उनके नाम लिखिए।
उत्तर:
जीव जगत का विभाजन:
सम्पूर्ण जीव जगत को निम्नलिखित दो जगतों में विभाजित किया गया है –

  1. पादप जगत (Plant Kingdom)
  2. जन्तु जगत (Animal Kingdom)।

प्रश्न 6.
द्विजगत वर्गीकरण किसे कहते हैं?
उत्तर:
द्विजगत वर्गीकरण:
“जिस वर्गीकरण में सम्पूर्ण जीवों को दो जगतों में विभाजित किया गया है, उसे द्विजगत वर्गीकरण कहते हैं।”

प्रश्न 7.
पाँच जगत वर्गीकरण या आधुनिक वर्गीकरण किसे कहते हैं?
उत्तर:
आधुनिक वर्गीकरण या पाँच जगत वर्गीकरण:
“जिस वर्गीकरण में सम्पूर्ण जीवों को पाँच जगतों में विभाजित किया गया है उस वर्गीकरण को आधुनिक वर्गीकरण या पाँच जगत वर्गीकरण कहते हैं।

प्रश्न 8.
जीवों के नामकरण की पद्धति की क्या आवश्यकता है?
अथवा
जीवों के वैज्ञानिक नामों की क्या आवश्यकता है?
उत्तर:
जीवों को विभिन्न स्थानों पर विभिन्न नामों से पुकारा जाता था। अतः सम्पूर्ण विश्व में अध्ययन के लिए जीवों के ऐसे नामों की आवश्यकता हुई जो विश्व भर में एक समान हों। ऐसे नामों को वैज्ञानिक नाम कहा गया।

प्रश्न 9.
द्विनाम पद्धति क्या है?
उत्तर:
द्विनाम पद्धति (Binomial System):
“जिस पद्धति में जीवों का नाम दो शब्दों में रखा जाता है, जिसमें पहला शब्द वंश (Genus) और दूसरा शब्द उसकी जाति (Species) को बतलाता है, उस पद्धति को द्विनाम पद्धति कहते हैं।”

प्रश्न 10.
त्रिनाम पद्धति क्या है?
उत्तर:
त्रिनाम पद्धति:
“जिस पद्धति में जीवों का नाम तीन शब्दों पर रखा जाता है, जिसमें पहला शब्द वंश, दूसरा शब्द उसकी जाति तथा तीसरा शब्द उसकी उप-जाति को बतलाता है, उस पद्धति को त्रिनाम पद्धति कहते हैं।”

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प्रश्न 11.
त्रिनाम पद्धति की आवश्यकता क्यों पड़ी?
उत्तर:
त्रिनाम पद्धति की आवश्यकता:
कभी-कभी अलग-अलग वातावरण में रहने वाले एक ही जाति के जीवों में कुछ भिन्नताएँ आ जाती हैं। इस समस्या के निराकरण के लिए त्रिनाम पद्धति की आवश्यकता पड़ी।

प्रश्न 12.
पादप जगत को कितने प्रभागों में बाँटा गया है ? उनके नाम लिखिए।
उत्तर:
पादप जगत को पाँच प्रभागों में बाँटा गया है। ये हैं –

  1. थैलोफाइटा
  2. ब्रायोफाइटा
  3. टेरिडोफाइटा
  4. जिम्नोस्पर्म
  5. एन्जियोस्पर्म।

प्रश्न 13.
ट्रेकियोफाइटा को कितने उप-प्रभाग में बाँटा गया है? नाम लिखिए।
उत्तर:
ट्रेकियोफाइटा का वर्गीकरण:
ट्रेकियोफाइटा को निम्न तीन उप-प्रभागों में बाँटा गया है –

  1. टेरिडोफाइटा (Pteridophyta)
  2. अनावृतबीजी (Gymnosperms)
  3. आवृतबीजी (Angiosperms)।

प्रश्न 14.
आवृतबीजी पौधों को कितने वर्गों में बाँटा गया है ? उनके नाम लिखिए।
उत्तर:
आवृतबीजी पौधों का वर्गीकरण-आवृतबीजी पौधों को निम्न दो वर्गों में बाँटा गया है –

  1. एकबीजपत्री (Monocotyledons)
  2. द्विबीजपत्री (Dicotyledons)।

प्रश्न 15.
जन्तु जगत को कितने उप-जगतों में विभाजित किया गया है ? उसके नाम लिखिए।
उत्तर:
जन्तु जगत का वर्गीकरण:
जन्तु जगत को निम्नांकित उप-जगत में विभाजित किया गया है –

  1. अपृष्ठवंशी या अकशेरुकी या नॉन-कॉर्डेटा (Non-Chordata)
  2. पृष्ठवंशी या कशेरुकी या कॉर्डेटा (Chordata)।

प्रश्न 16.
संघ-प्रोटोजोआ का प्रमुख लक्षण क्या है?
उत्तर:
संघ-प्रोटोजोआ (Phylum-Protozoa) का प्रमुख लक्षण:
इस संघ के सभी जीव एककोशिकीय होते हैं।

प्रश्न 17.
संघ-पोरीफेरा के एक लक्षण को लिखिए।
उत्तर:
संघ-पोरीफेरा (Phylum-Porifera) का प्रमुख लक्षण:
इस संघ के जीवों के शरीर पर छोटे-छोटे रन्ध्र (छिद्र) पाये जाते हैं।

प्रश्न 18.
मेंढक को ऐम्फिबिया वर्ग में क्यों रखा गया है ?
उत्तर:
मेंढक एक असमतापी उभयचर है जिसमें ऐम्फीबिया वर्ग के लगभग सभी लक्षण मौजूद हैं इसलिए इसे ऐम्फिबिया वर्ग में रखा गया है।

प्रश्न 19.
आपको चना, गेहूँ, लौकी, मक्का, चावल और मटर के बीज दिए गए हैं। इन्हें एकबीजपत्री तथा द्विबीजपत्री में वर्गीकृत कीजिए।
उत्तर:
एकबीजपत्री-गेहूँ, चावल, मक्का। द्विबीजपत्री-चना, लौकी, मटर।

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प्रश्न 20.
अण्डे देने वाले दो स्तनधारियों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  1. प्लेटीपस
  2. एकिडना।

प्रश्न 21.
मछलियों का अंतःकंकाल ‘अस्थि’ अथवा ‘उपास्थि’ का बना होता है। निम्नलिखित मछलियों को ‘अस्थिल’ अथवा ‘उपास्थिल’ में वर्गीकृत कीजिए –
टारपीडो, दंश रे, डॉग फिश, रोहू, ऐंग्लर फिश एवं एक्सोसीटस।
उत्तर:
अस्थिल-रोहू, एक्सोसीटम। उपास्थिल-टारपीडो, दंश रे, डॉग फिश, ऐंग्लर फिश।

MP Board Class 9th Science Chapter 7 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
द्विजगत वर्गीकरण की कमियाँ बताइए।
उत्तर:
द्विजगत वर्गीकरण की कमियाँ-द्विजगत वर्गीकरण की निम्नलिखित कमियाँ हैं –

  1. एककोशिकीय एवं बहुकोशिकीय जीवों को साथ-साथ रखना।
  2. प्रोकैरियोटिक एवं यूकैरियोटिक को साथ-साथ रखना।
  3. स्वपोषी एवं विषमपोषी जीवों को साथ-साथ रखना।
  4. जन्तु समूहों में कुछ पादपों एवं पादप समूहों में कुछ जन्तुओं को रखना।

प्रश्न 2.
वे पाँच लक्षण कौन-कौन से हैं जिनके आधार पर आधुनिक वर्गीकरण किया गया है?
उत्तर:
निम्नलिखित पाँच लक्षणों के आधार पर आधुनिक वर्गीकरण किया गया –

  1. कोशिका की जटिलता प्रोकैरियोटिक या यूकैरियोटिक।
  2. पोषण विधियाँ।
  3. जीवनशैली।
  4. जीव जगत की संगठनात्मक जटिलता-एककोशिकीयता एवं बहुकोशिकीयता।
  5. जीवों का विकासात्मक या जातिवृत्तीय सम्बन्ध।

प्रश्न 3.
पाँच जगत वर्गीकरण (आधुनिक वर्गीकरण) की कमियाँ बताइए।
उत्तर:
पाँच जगत वर्गीकरण (आधुनिक वर्गीकरण) की कमियाँ-इस वर्गीकरण की निम्नलिखित कमियाँ हैं –

  1. एककोशिकीय शैवालों को अलग रखना।
  2. प्रोटिस्टा जगत का विविधतापूर्ण होना।
  3. जीवों की उत्पत्ति को बहुस्रोत वाला दर्शाना।
  4. विषाणु का स्थान निश्चित न होना।
  5. मिलते-जुलते गुणों वाले जीवों को दूर रखना।

प्रश्न 4.
शैवालों के लक्षण लिखिए।
उत्तर:
शैवालों के लक्षण:

  1. इनका शरीर शूकायवत् (Thalloid) होता है अर्थात् यह जड़, तना एवं पत्ती में विभेदित नहीं होता है।
  2. ये स्वपोषी जीव होते हैं।
  3. इनके शरीर में संवहनी ऊतक नहीं पाया जाता है।
  4. ये जलीय वातावरण या नम स्थानों में पाये जाते हैं।

प्रश्न 5.
ब्रायोफाइटा के लक्षण लिखिए।
उत्तर:
ब्रायोफाइटा के लक्षण:

  1. ये असंवहनी (Non-vascular) हरित लवक युक्त पौधे हैं।
  2. इनमें निषेचन के बाद भ्रूण (Embryo) बनता है तथा इनके निषेचन के लिए जल आवश्यक है।
  3. इनमें प्रतिपृष्ठ सतह पर मूलरोमों के समान रचनाएँ पाई जाती हैं जिन्हें मूलाभास (Rhizoids) कहते
  4. कुछ विकसित ब्रायोफाइट्स में तने सदृश रचनाएँ पाई जाती हैं।
  5. ये नम भूमि या पेड़ की छालों आदि पर पाये जाते हैं।

प्रश्न 6.
ट्रेकियोफाइटा के लक्षण लिखिए।
उत्तर:
ट्रेकियोफाइटा के लक्षण:

  1. इनमें संवहनी ऊतक जाइलम (Xylem) एवं फ्लोएम (Phloem) पाये जाते हैं।
  2. इनका शरीर विभिन्न परिस्थितियों में रहने के लिए अनुकूलित होता है।
  3. ये पौधे जड़, तना तथा पत्ती में विभेदित होते हैं।
  4. इनमें श्रम विभाजन पाया जाता है।

प्रश्न 7.
टेरिडोफाइटा के लक्षण लिखिए।
उत्तर:
टेरिडोफाइटा के लक्षण:

  1. इनका शरीर जड़, तना तथा पत्ती में विभेदित होता है।
  2. इनमें संवहनी ऊतक पाया जाता है जो जाइलम एवं फ्लोएम का बना होता है।
  3. ये पुष्पहीन होते हैं अतः इनमें बीज का निर्माण नहीं होता।
  4. इनका मुख्य पौधा बीजाणुद्भिद होता है जिस पर बीजाणु पैदा होते हैं, जो अंकुरित होकर युग्मकोद्भिद पौधे का निर्माण करते हैं।

प्रश्न 8.
जिम्नोस्पर्म (अनावृतबीजी) के लक्षण लिखिए। (2019)
उत्तर:
जिम्नोस्पर्म (अनावृतबीजी) के लक्षण:

  1. इन पौधों के बीजों के चारों तरफ कोई आवरण नहीं पाया जाता है अतः इनके बीज नग्न बीज होते हैं।
  2. इनमें वायु द्वारा परागण होता है।
  3. ये पौधे बहुवर्षी, काष्ठीय तथा मरुद्भिद स्वभाव के होते हैं।
  4. इनका संवहनी ऊतक जाइलम एवं फ्लोएम में विभेदित रहता है।

प्रश्न 9.
एन्जियोस्पर्म (आवृतबीजी) के लक्षण लिखिए।
उत्तर:
एन्जियोस्पर्म (आवृतबीजी) के लक्षण:

  1. इन पौधों के बीजों के चारों ओर आवरण पाया जाता है।
  2. इनमें दोहरे निषेचन की क्रिया पाई जाती है।
  3. इनमें वातावरण के प्रति बहुत अधिक अनुकूलन पाया जाता है।
  4. ये परजीवी (अमरबेल), मृतजीवी (ऑर्किड), सहजीवी (दाल वाले पादप) तथा स्वपोषी रूप में पाये जाते हैं।

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प्रश्न 10.
एकबीजपत्री के लक्षण लिखिए।
उत्तर:
एकबीजपत्री के लक्षण:

  1. इनके बीजों में केवल एक बीजपत्र पाया जाता है।
  2. इनकी पत्तियों में समानान्तर शिराविन्यास पाया जाता है।
  3. इनकी पत्तियाँ अवृन्त रहती हैं।
  4. इनमें प्रायः रेशेदार (झकड़ा) जड़ें होती हैं।
  5. इनके पुष्पों के भाग तीन या इसके गुणांक में होते हैं।

प्रश्न 11.
द्विबीजपत्री के लक्षण लिखिए।
उत्तर:
द्विबीजपत्री के लक्षण:

  1. इनके बीजों में दो बीजपत्र पाये जाते हैं।
  2. इनकी पत्तियों में जालिकावत् शिराविन्यास होता है।
  3. इनकी पत्तियाँ प्रायः सवृन्त होती हैं।
  4. इनमें मूसला जड़ पाई जाती है।
  5. इनके पुष्प के भाग चार या पाँच या इनके गुणांक में होते हैं।

प्रश्न 12.
पादप जगत के वर्गीकरण का रेखाचित्र बनाइए।
उत्तर:
पादप जगत के वर्गीकरण का रेखाचित्र:
MP Board Class 9th Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता image 5
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प्रश्न 13.
अपृष्ठवंशी या अकशेरुकी या नॉन-कॉर्डेटा के विशिष्ट लक्षण लिखिए।
अथवा
उप-जगत नॉन-कॉर्डेटा के मुख्य लक्षण लिखिए।
उत्तर:
अपृष्ठवंशी (अकशेरुकी) नॉन-कॉर्डेटा (Non-chordata) के विशिष्ट लक्षण:

  1. शरीर में मेरुदण्ड का अभाव होता है।
  2. रक्त में लाल कणिकाओं का अभाव रहता है।
  3. मस्तिष्क ठोस होता है।
  4. हृदय स्पष्ट नहीं होता है। यदि उपस्थित रहता है तो शरीर के पृष्ठ तल पर उपस्थित रहता है।
  5. शरीर पर बाह्यकंकाल (Exoskeleton) पाया जाता है।

प्रश्न 14.
अकशेरुकी (अपृष्ठवंशी या नॉन-कॉर्डेटा) को कितने संघों में विभाजित किया गया है? उनके नाम लिखिए।
अथवा
नॉन-कॉर्डेटा के वर्गों के नाम लिखिए।
उत्तर:
अकशेरुकी, अपृष्ठवंशी या नॉन-कॉर्डेटा (Non-chordata) का वर्गीकरण-इस उप-जगत को निम्नलिखित 9 संघों में विभाजित किया गया है –

  1. प्रोटोजोआ (Protozoa)
  2. पोरीफेरा (Porifera)
  3. सीलेण्ट्रेटा (Coelenterata)
  4. प्लैटीहेल्मिन्थीज (Platyhelminthes)
  5. निमैटहेल्मिन्थीज (Nemathelminthes)
  6. ऐनेलिडा (Annelida)
  7. आर्थोपोडा (Arthropoda)
  8. मोलस्का (Mollusca)
  9. इकाइनोडर्मेटा (Echinodermata)।

प्रश्न 15.
संघ-पोरीफेरा के लक्षण लिखिए।
उत्तर:
संघ-पोरीफेरा (Phylum – Porifera) के लक्षण:

  1. ये जन्तु बहुकोशिकीय होते हैं।
  2. ये जन्तु द्विस्तरीय (Diploblastic) होते हैं।
  3. इस संघ के जन्तुओं में मुख नहीं होता, परन्तु छोटे-छोटे रन्ध्र (Ostia) ही मुख का कार्य करते हैं।

प्रश्न 16.
संघ-सीलेण्ट्रेटा के लक्षण लिखिए। (2019)
उत्तर:
संघ-सीलेण्ट्रेटा (Phylum-Coelenterata) के लक्षण:

  1. ये जन्तु द्विस्तरीय (Diploblastic) होते हैं।
  2. इनके शरीर में लम्बी केन्द्रीय गुहा होती है।
  3. इन जन्तुओं की पीढ़ियों में एकान्तरण होता है।
  4. ये जन्तु द्विलिंगी (Bisexual) होते हैं।
  5. इनमें श्रम विभाजन पाया जाता है।

प्रश्न 17.
संघ-प्लैटीहेल्मिन्थीज के लक्षण लिखिए।
उत्तर:
संघ-प्लैटीहेल्मिन्थीज (Phylum Platyhelminthes) के लक्षण:

  1. ये जन्तु परजीवी (Parasites) होते हैं।
  2. इनके शरीर में कंकाल खण्डरहित होता है।
  3. इनका शरीर द्विपार्श्व सममित होता है।
  4. इनमें गुदा का अभाव होता है।
  5. इनमें देहगुहा का अभाव होता है।

प्रश्न 18.
संघ-निमैटहेल्मिन्थीज के लक्षण लिखिए।
उत्तर:
संघ-निमैटहेल्मिन्थीज (Phylum-Nemathelminthes) के लक्षण:

  1. इन जन्तुओं का शरीर लम्बा, बेलनाकार व खण्डरहित होता है।
  2. ये मनुष्य के आहार नाल में पाये जाते हैं।
  3. इनमें मादा नर से बड़ी होती है।
  4. ये परजीवी होते हैं।
  5. इनमें श्वसन अंगों का अभाव रहता है।

प्रश्न 19.
संघ-ऐनेलिडा के लक्षण लिखिए।
उत्तर:
संघ-ऐनेलिडा (Phylum Annelida) के लक्षण:

  1. ये जन्तु लम्बे व बेलनाकार होते हैं।
  2. इनका शरीर समखण्डों में विभाजित होता है।
  3. ये प्रायः उभयलिंगी (Bisexual) होते हैं।
  4. ये जल एवं नम मिट्टी में रहते हैं।

प्रश्न 20.
संघ-आर्थोपोडा के लक्षण लिखिए।
उत्तर:
संघ-आर्थोपोडा (Phylum Arthropoda) के लक्षण:

  1. इन जन्तुओं का शरीर सिर, धड़ एवं उदर में बँटा होता है।
  2. इन जन्तुओं में प्रायः संयुक्त आँखें (Compound eyes) पाई जाती हैं।
  3. इन जन्तुओं में निषेचन आन्तरिक होता है।

प्रश्न 21.
संघ-मोलस्का के लक्षण लिखिए।
उत्तर:
संघ-मोलस्का (Phylum-Mollusca) के लक्षण:

  1. इनका शरीर बिना खण्डों वाला एवं कोमल होता है।
  2. इनमें श्वसन क्रिया गलफड़ों द्वारा होती है।
  3. इनके शरीर पर एक कोमल पर्त मैण्टिल होती है।
  4. इनकी देहगुहा विकसित होती है।

प्रश्न 22.
संघ-इकाइनोडर्मेटा के लक्षण लिखिए।
उत्तर:
संघ-इकाइनोडर्मेटा (Phylum – Echinodermata) के लक्षण:

  1. इनके शरीर पर कैल्सियम कार्बोनेट के कंटक पाये जाते हैं।
  2. इनका शरीर बेलनाकार एवं सितारे के समान होता है।
  3. इनके शरीर में आहार नाल, संवहन तन्त्र एवं तन्त्रिका तन्त्र विकसित होता है।

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प्रश्न 23.
उप-जगत कॉर्डेटा के मुख्य लक्षण लिखिए।
अथवा
पृष्ठवंशी या कशेरुकी या कॉर्डेटा के लक्षण लिखिए। (2019)
उत्तर:
पृष्ठवंशी या कशेरुकी या कॉर्डेटा (Chordata) के लक्षण:

  1. इन जन्तुओं में जीवन की किसी-न-किसी अवस्था में नोटोकॉर्ड (Notochord) अवश्य पाई जाती है।
  2. इनके शरीर की पृष्ठ सतह पर खोखली नर्व कॉर्ड पायी जाती है।
  3. इनके जीवन की किसी-न-किसी अवस्था में ग्रसनीय क्लोम दरारें पायी जाती हैं।
  4. इनका हृदय अधर तल की ओर होता है।

प्रश्न 24.
मत्स्य-वर्ग के लक्षण लिखिए।
उत्तर:
मत्स्य-वर्ग (Class – Pisces) के लक्षण:

  1. ये सभी असमतापी या शीत रक्त (Cold-blooded) जलीय जन्तु है।
  2. इनका हृदय अलिंद (Auricle) और निलय (Ventricle) में बँटा रहता है। दोनों भाग सदैव अशुद्ध जल – से भरे रहते हैं जिसके कारण इनके हृदय को शिराहृदय (Venous heart) भी कहते हैं।
  3. फेफड़ा मछली को छोड़कर शेष सभी जन्तु गिल्स (Gills) द्वारा श्वसन करते हैं।
  4. इन जन्तुओं का शरीर नाव के आकार का होता है।

प्रश्न 25.
ऐम्फिबिया वर्ग (उभयचरों) के लक्षण लिखिए।
उत्तर:
वर्ग-उभयचर या ऐम्फिबिया (Class – Amphibia) के लक्षण:

  1. ये जन्तु उभयचर होते हैं अर्थात् ये अपना जीवनयापन जल एवं थल दोनों में करते हैं।
  2. इनकी त्वचा, नम, चिकनी एवं ग्रन्थिमय होती है।
  3. ये असमतापी या शीत रुधिर प्राणी होते हैं।
  4. इनमें बाह्य निषेचन होता है।

प्रश्न 26.
सरीसप या रेप्टीलिया वर्ग के लक्षण लिखिए।
उत्तर:
वर्ग-सरीसृप या रेप्टीलिया (Class-Reptilia) के लक्षण:

  1. ये जन्तु असमतापी तथा रेंगकर चलने वाले जलचर एवं स्थलचर होते हैं।
  2. इनके हृदय में दो अलिन्द एवं एक निलय अर्थात् तीन कोष्ठ पाये जाते हैं।
  3. इनकी त्वचा रूखी एवं ग्रन्थिविहीन होती है लेकिन इनकी त्वचा पर शल्क पाये जाते हैं।

प्रश्न 27.
पक्षी वर्ग के लक्षण लिखिए।
उत्तर:
पक्षी वर्ग (Class-Aves) के लक्षण:

  1. ये समतापी या गर्म रक्त प्राणी है।
  2. इनका शरीर सिर, धड़ एवं पूँछ में बँटा होता है।
  3. इनके हृदय में चार कोष्ठ अर्थात् दो अलिंद एवं दो निलय पाये जाते हैं।
  4. इनके कंकाल में छोटे-छोटे कोष्ठ पाये जाते हैं जिनमें हवा भरी होती है अर्थात् इनकी हड्डियाँ खोखली एवं हल्की होती हैं। इनसे इन जन्तुओं को उड़ने में सहायता मिलती है।

प्रश्न 28.
स्तनी वर्ग या मैमेलिया वर्ग के लक्षण लिखिए।
उत्तर:
स्तनी वर्ग या मैमेलिया वर्ग (Class – Mammalia) के लक्षण:

  1. इनकी मादाओं में अपने बच्चों के दूध द्वारा पोषण के लिए स्तन ग्रन्थियाँ पाई जाती हैं।
  2. ये नियततापी या समतापी या गर्म रक्त (Warm-blooded) जन्तु होते हैं।
  3. इस वर्ग के अधिकतर जन्तु बच्चों को जन्म देते हैं।
  4. इनमें चार प्रकार के दाँत पाये जाते हैं अतः इनका दन्तक्रम विषमदन्ती (Heterodont) होता है।

प्रश्न 29.
संघ कॉर्डेटा के वर्गीकरण को एक चार्ट के रूप में बनाइए। (2019)
उत्तर:
MP Board Class 9th Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता image 6

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प्रश्न 30.
निम्नलिखित जीवों को उनमें यथार्थ प्रगुहा के होने अथवा न होने के आधार पर वर्गीकृत कीजिए –
स्पॉन्जिला, समुद्री ऐनीमोन, प्लैनेरिया, यकृत पर्णाभ कृमि, वुचेरेरिया, ऐस्केरिस, नेरीस, केंचुआ, बिच्छू, पक्षी, मछली और घोड़ा।
उत्तर:
1. अगुहिक:
स्पॉन्जिला, यकृत पर्णाभ कृमि, समुद्री ऐनीमोन एवं प्लैनेरिया।

2. कूट प्रगुहिक:
वुचेरेरिया एवं ऐस्केरिस।

3. प्रगुहिक:
नेरीस, बिच्छू, केंचुआ, पक्षी, मछली एवं घोड़ा (अश्व)।

प्रश्न 31.
निम्नलिखित को उनके हृदय में उपस्थित प्रकोष्ठों की संख्या के आधार पर वर्गीकृत कीजिए –
रोहू, स्कोलियोडॉन, मेंढक, सेलामेण्डर, उड़न छिपकली, नागराज, मगरमच्छ, शुतुरमुर्ग, कबूतर, चमगादड़, ह्वेल।
उत्तर:
1. दो प्रकोष्ठ वाले:
रोहू एवं स्कोलियोडॉन।

2. तीन प्रकोष्ठ वाले:
मेंढक, सेलामेण्डर, उड़न छिपकली एवं नागरांज।

3. चार प्रकोष्ठ वाले:
मगरमच्छ, शुतुरमुर्ग, कबूतर, चमगादड़ एवं ह्वेल।

प्रश्न 32.
रोहू, स्कोलियोडॉन, उड़न छिपकली, नागराज, मगरमच्छ, मेंढक, सेलामेण्डर, शुतुरमुर्ग, कबूतर, चमगादड़ एवं ह्वेल को असमतापी/समतापी प्राणियों में वर्गीकृत कीजिए।
उत्तर:
1. असमतापी जीव:
रोहू, स्कोलियोडॉन, मेंढक, सेलामेण्डर, उड़न छिपकली, नागराज एवं मगरमच्छ।

2. समतापी जीव:
शुतुरमुर्ग, कबूतर, चमगादड़ एवं ह्वेल।

प्रश्न 33.
(a) नीचे दिए गए चित्र में a, b, c तथा d के नाम लिखिए।
(b) का कार्य बताइए।
MP Board Class 9th Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता image 7
उत्तर:

(a) पृष्ठ पख
(b) पुच्छ पख
(c) श्रोणि पख
(d) अंस पख

(b) पुच्छ पख का कार्य:
पुच्छ पख जल में मछली की गति को सन्तुलित रखने में सहायता करता है।

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प्रश्न 34.
कुछ थैलोफाइट पादपों के नाम लिखिए। स्पाइरोगाइरा का एक आरेख बनाइए।
उत्तर:
थैलोफाइट पादपों के उदाहरण:

  1. यूलोथ्रिक्स
  2. स्पाइरोगाइरा
  3. क्लेडोफोरा
  4. अल्वा
  5. कारा।

स्पाइरोगाइरा का नामांकित चित्र:
MP Board Class 9th Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता image 8

प्रश्न 35.
निम्नलिखित शब्दों को परिभाषित कीजिए और प्रत्येक का एक-एक उदाहरण दीजिए –
(a) द्विपार्श्व सममिति
(b) प्रगुहा
(c) त्रिकोरकी।
उत्तर:

(a) द्विपार्श्व सममिति:
“कुछ जन्तुओं में बाएँ तथा दाएँ अर्धांश समान रचना वाले होते हैं, उनकी यह विशेषता द्विपाव सममिति कहलाती है।”
उदाहरण – लिवरफ्लूक।

(b) प्रगुहा:
“देहगुहा, देहभित्ति और अंतरंग अंगों के बीच आन्तरिक गुहा होती है जिसमें सुविकसित अंग व्यवस्थित हो सकते हैं, इस आन्तरिक गुहा को प्रगुहा कहते हैं।”
उदाहरण – तितली।

(c) त्रिकोरकी:
“वे प्राणी जिनमें त्रिस्तरीय कोशिकाएँ होती हैं और जिनसे विभेदित ऊतक बन सकते हैं, त्रिकोरकी कहलाते हैं।”
उदाहरण – स्टार फिश (तारा मछली)।

प्रश्न 36.
आपको जोंक, नेरीस, स्कोलोपेण्ड्रा, झींगा एवं बिच्छू दिए गए हैं और ये सभी सखंड देह रचना वाले प्राणी हैं। क्या आप इन्हें एक समूह में वर्गीकृत करेंगे? यदि नहीं, तो उन महत्वपूर्ण लक्षणों को लिखिए जिनके आधार पर इन प्राणियों को विभिन्न समूहों में पृथक् करेंगे।
उत्तर:
प्रश्न में दिए गए सभी जीव एक समूह के अन्तर्गत नहीं आते हैं बल्कि –

(1) जोंक एवं नेरीस ऐनेलिडा संघ के अन्तर्गत आते हैं क्योंकि इनका शरीर मेटामेरिक (खण्ड वाला) होता है अर्थात् इनका शरीर अन्दर से सेप्टा (पट) के द्वारा खण्डों में बँटा होता है। देहखण्ड सिर से लेकर पुच्छ तक एक के बाद एक पंक्तिबद्ध होते हैं।
(2) स्कोलोपेण्ड्रा, झींगा एवं बिच्छू आर्थोपोडा संघ में आते हैं क्योंकि इनमें संधित पाद एवं खुला परिसंचारी तंत्र होता है।

प्रश्न 37.
जीवाणु, मशरूम तथा आम का वृक्ष में से कौन-सा जीव अधिक जटिल और विकसित है ? कारण दीजिए।
उत्तर:
आम का वृक्ष अधिक जटिल एवं विकसित है क्योंकि यह यूकैरियोटिक (सुकेन्द्रकी), स्वपोषी एवं आवृतबीजों वाला, स्थलीय, बीजाणुद्भिद (स्पोरोफाइट) पादप है। जबकि जीवाणु एककोशिक, प्रोकैरियोट है और मशरूम (कवक) विषमपोषी तथा बिना ऊतक तन्त्र वाले साधारण थैलोफाइट हैं।

प्रश्न 38.
बिल्ली, चूहा तथा चमगादड़ में कुछ सामान्य विशेषताओं की सूची बनाइए।
उत्तर:
बिल्ली, चूहा तथा चमगादड़ स्तनधारी समूह में आते हैं तथा इनमें निम्नलिखित सामान्य विशेषताएँ पायी जाती हैं –

  1. जीवन चक्र की कुछ अवस्थाओं तक सभी में पृष्ठ रज्जु होती है।
  2. सभी समतापी हैं अर्थात् इनके शरीर का ताप सदैव स्थिर रहता है।
  3. सभी में चार कक्ष वाला हृदय पाया जाता है।
  4. सभी की त्वचा पर बाल होते हैं तथा तेल एवं स्वेद ग्रन्थियाँ पायी जाती हैं।

प्रश्न 39.
कछुआ तथा सर्प दोनों को हम एक ही वर्ग में क्यों रखते हैं?
उत्तर:
कछुआ तथा सर्प दोनों को हम एक ही वर्ग सरीसृप वर्ग में रखते हैं क्योंकि दोनों में सामान्य विशेषताएँ पाई जाती हैं जो निम्नलिखित हैं –

  1. दोनों असमंतापी जीव हैं क्योंकि इनके रक्त का ताप वायुमण्डल के ताप से प्रभावित होता रहता है।
  2. दोनों के शरीर पर शल्क पाये जाते हैं।
  3. दोनों ही फुफ्फुस (फेफड़ों) से श्वसन करने वाले जीव हैं।
  4. दोनों का हृदय तीन कक्ष वाला होता है।
  5. दोनों ही कठोर आवरण युक्त अण्डे देने वाले जीव हैं।

प्रश्न 40.
जल स्थल चर और सरीसृप में क्या अन्तर है ? (कोई चार) (2018)
उत्तर:
जल स्थल चर और सरीसृप में अन्तर:
MP Board Class 9th Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता image 8

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प्रश्न 41.
पोरीफेरा एवं सीलेण्ट्रेटा वर्ग के जन्तुओं में अन्तर लिखिए। (2019)
उत्तर:
पोरीफेरा एवं सीलेण्ट्रेटा वर्ग के जन्तुओं में अन्तर:
MP Board Class 9th Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता image 10

प्रश्न 42.
कशेरुकी जन्तुओं के लक्षण तथा इनका वर्गीकरण संक्षिप्त में लिखिए। (2019)
उत्तर:
पृष्ठवंशी या कशेरुकी या कॉर्डेटा (Chordata) के लक्षण:

  1. इन जन्तुओं में जीवन की किसी-न-किसी अवस्था में नोटोकॉर्ड (Notochord) अवश्य पाई जाती है।
  2. इनके शरीर की पृष्ठ सतह पर खोखली नर्व कॉर्ड पायी जाती है।
  3. इनके जीवन की किसी-न-किसी अवस्था में ग्रसनीय क्लोम दरारें पायी जाती हैं।
  4. इनका हृदय अधर तल की ओर होता है।

MP Board Class 9th Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता image 11

प्रश्न 43.
अनावृतबीजी एवं आवृतबीजी में अन्तर लिखिए। (2019)
उत्तर:
अनावृतबीजी एवं आवृतबीजी में अन्तर:
MP Board Class 9th Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता image 12

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MP Board Class 9th Science Chapter 7 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अग्रांकित चित्र के बॉक्सों में उचित अभिलक्षणों/पादपों के नाम लिखिए –
MP Board Class 9th Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता image 13
उत्तर:

  • (a) थैलोफाइटा
  • (b) विशिष्ट संवहन ऊतक रहित
  • (c) टेरिडोफाइटा
  • (d) पुष्पोद्भिद
  • (e) अनावृतबीजों को धारण करने वाले
  • (f) एन्जियोस्पर्म (आवृतबीजी)
  • (g) दो बीजपत्रों वाले बीज होते हैं
  • (h) एकबीजपत्री।

प्रश्न 2.
थैलोफाइटा, ब्रायोफाइटा एवं टेरिडोफाइटा “क्रिप्टोगैम” कहलाते हैं। जिम्नोस्पर्म एवं ऐन्जियोस्पर्म “फैनेरोगेम” कहलाते हैं। चर्चा कीजिए क्यों ? जिम्नोस्पर्म का एक उदाहरण देते हुए आरेख बनाइए।
उत्तर:
थैलोफाइटा, ब्रायोफाइटा एवं टेरिडोफाइटा “क्रिप्टोगैम” कहलाते हैं क्योंकि इन समूहों के जननांग आवृत अथवा छिपे हुए रहते हैं तथा इनमें बीज नहीं होते हैं। दूसरी ओर जिम्नोस्पर्म एवं ऐन्जियोस्पर्म “फैनेरोगेम” (पुष्पोद्भिद) कहलाते हैं क्योंकि इनमें स्पष्ट रूप से विभेदित जनन ऊतक एवं संग्रहीत भोजन के साथ भ्रूण होते हैं। इनमें भ्रूण, बीज में विकसित होता है।
जिम्नोस्पर्म का उदाहरण – पाइनस।

MP Board Class 9th Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता image 14

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प्रश्न 3.
उड़न छिपकली तथा पक्षी के बीच अन्तर बताइए। इनके आरेख भी बनाइए।
उत्तर:
उड़न छिपकली एवं पक्षी में अन्तर:
MP Board Class 9th Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता image 15
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MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.2

MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.2

प्रश्न 1.
संलग्न चित्र में x और y के मान ज्ञात कीजिए और फिर दर्शाइए कि AB || CD है। (2018, 19)
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.2 1
हल:
चित्रानुसार,
∵ x° + 50° = 180° (कोणों का रैखिक युग्म है)
⇒ x = 180° – 50° = 130°
∵ y = 130° (शीर्षाभिमुख कोण हैं) …(2)
⇒ x = y = 130° [समीकरण (1) एवं (2) से]
लेकिन ये एकान्तर अन्तः कोण हैं।
अतः AB || CD. इति सिद्धम्
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प्रश्न 2.
संलग्न चित्र में AB || CD, CD || EF और y : z = 3 : 7 हैं, तो x का मान ज्ञात कीजिए।
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.2 2
हल:
माना AB || CD एवं CD || EF को तिर्यक रेखा बिन्दु P, Q, R पर प्रतिच्छेद करती है। जहाँ,
∠APQ = x, ∠PQC = y Td ∠QRF = z (दिया है)
∵ ∠DQR = ∠PQC = y (शीर्षाभिमुख कोण हैं) …(1)
∵ ∠DQR + ∠QRF = 180° [एक ही ओर के अन्तः कोणों का युग्म है]
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.2 2a
∴ x + y = 180° (एक ही ओर के अन्तः कोणों का युग्म है)
⇒ x + 54° = 180°
⇒ x = 180° – 54° = 126° [∵ y = 54° समीकरण (3) से]
अतः x का अभीष्ट मान = 126°.

प्रश्न 3.
संलग्न चित्र में यदि AB || CD, EF ⊥ CD और ∠GED = 126° है, तो ∠AGE, ∠GEF और ∠FGE ज्ञात कीजिए।
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.2 3
हल:
∵ AB || CD एवं GE तिर्यक रेखा है,
⇒ ∠AGE = ∠GED (एकान्तर कोण हैं)
⇒ ∠AGE = 126° [क्योंकि ∠GED = 126° (दिया है)]
∵ ∠GEF + FED = ∠GED = 126° [∵ ∠GED = 126° (दिया है)]
⇒ ∠GEF + 90° = 126° [∵ EF ⊥ CD (दिया है) ⇒ ∠FED = 90°]
⇒ ∠GEF = 126° – 90° = 36°
∵ ∠FGE + ∠GED = 180° एक ही ओर के अन्तः कोणों का युग्म]
⇒ ∠FGE + 126° = 180° [∠GED = 126° (दिया है)]
∠FGE = 180° – 126° = 54°
अतः अभीष्ट ∠AGE = 126°, ∠GEF = 36° एवं ∠FGE = 54°.
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प्रश्न 4.
संलग्न चित्र में यदि PQ || ST, ∠PQR = 110° और ∠RST = 130°, तो ∠ORS ज्ञात कीजिए।
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.2 4
हल:
दिया है : PQ || ST, ∠RST = 130°, ∠PQR = 110°
ज्ञात करना है : ∠ORS का मान। रचना : बिन्दु R से होकर किरण RX || ST खींचिए।
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.2 4A
उपपत्ति: ∵ PQ || ST (दिया है)
∵ RX || ST (रचना से)
⇒ PQ || ST || RX
∵ ST || RX एवं SR तिर्यक रेखा है ∠SRX + ∠RST = 180° [एक ही ओर के अन्त:कोणों का युग्म है]
⇒ ∠SRX + 130° = 180° [∠RST = 130° (दिया है)]
⇒ ∠SRX = 180° – 130° = 50°
∵ PQ || RX एवं QR तिर्यक रेखा है
⇒ ∠QRX = ∠PQR = 110° [एकान्तर कोण हैं एवं ∠PQR = 110° (दिया है)]
⇒ ∠QRS + ∠SRX = 110° [∵ ∠QRX= ∠QRS + ∠SRX]
⇒ ∠QRS + 50° = 110° [∵ ∠SRX = 50° ज्ञात कर चुके हैं।
⇒ ∠QRS = 110° – 50° = 60°
अतः अभीष्ट कोण ∠QRS = 60°.
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प्रश्न 5.
संलग्न चित्र में यदि AB || CD, ∠APQ = 50°, और ∠PRD = 127° है, तो x और y ज्ञात कीजिए।
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.2 5
हल:
∵ AB || CD को तिर्यक रेखा PQ प्रतिच्छेद करती है
⇒ ∠PQR = ∠APQ (एकान्तर कोण हैं)
⇒ x = 50° [∵ ∠PQR = x एवं ∠APQ = 50° (दिया है)]
∵ APQR की भुजा QR बिन्दु D तक बढ़ी है
⇒ ∠PQR + ∠QPR = ∠PRD [∵ किसी त्रिभुज का बहिष्कोण सम्मुख अन्त:कोणों के योग के बराबर होता है]
⇒ 50° + y = 127° [∵ ∠PQR = x = 50 ज्ञात कर चुके हैं ∠QPR = y एवं ∠PRD = 127° (दिए हैं)]
⇒ y = 127° – 50° = 77°
अतः x एवं y के अभीष्ट मान क्रमश: 50° एवं 77° हैं।

प्रश्न 6.
संलग्न चित्र में PQ और RS दो दर्पण हैं जो एक-दूसरे के समान्तर रखे गए हैं। एक आपतन किरण (Incident Ray) AB दर्पण PQ से B पर टकराती है और परावर्तित किरण (Reflected Ray) पथ BC पर चलकर दर्पण RS +-T से C पर टकराती है तथा पुनः CD के अनुदिश परावर्तित हो जाती है। सिद्ध कीजिए कि AB || CD है।
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.2 6
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हल:
∵ दर्पण PQ के बिन्दु B पर आपतित किरण AB एवं परावर्तित किरण BC है।
⇒ ∠PBA = ∠QBC …(1) (परावर्तन के नियम से)
∵ दर्पण RS के बिन्दु C पर आपतित किरण BC एवं परावर्तित किरण CD है।
⇒ ∠BCR = ∠DCS …(2) (परावर्तन के नियम से)
∵ PQ || RS को तिर्यक रेखा BC बिन्दुओं B एवं C पर प्रतिच्छेद करती है।
⇒ ∠QBC = ∠BCR …(3) (एकान्तर कोण हैं)
∵ ∠PBA + ∠ABC + ∠QBC = ∠BCR + ∠BCD + ∠DCS = 180° …(4)
(∵ रेखा के एक बिन्दु पर एक ही ओर के कोणों का योग = 180°)
∵ ∠PBA = ∠QBC = ∠BCR = ∠DCS [समीकरण (1), (2) एवं (3) से]
⇒ ∠PBA + ∠QBC = ∠BCR + ∠DCS …(5)
⇒ ∠ABC = ∠BCD [समीकरण (4) – समीकरण (5) से]
लेकिन ये एकान्तर कोण है
अतः AB || CD. इति सिद्धम्

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MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.1

MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.1

प्रश्न 1.
संलग्न चित्र में रेखाएँ AB और CD बिन्दु 0 पर प्रतिच्छेद करती हैं। यदि ∠AOC + LBOE = 70° है और ∠BOD = 40° है, तो ∠BOE और प्रतिवर्ती ∠COE ज्ञातकीजिए।
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.1 1
हल:
∴∠AOC = ∠BOD = 40° ….(1) .. [शीर्षाभिमुख कोण हैं तथा ∠BOD = 40° (दिया है)]
∠AOC + ∠BOE = 70° …(2) (दिया है)
⇒ 40° + ∠BOE = 70° [समीकरण (1) एवं (2) से]
⇒ ∠BOE = 70° – 40° = 30° ….(3)
अतः अभीष्ट कोण ∠BOE = 30°
∴ ∠AOC + ∠COE + ∠BOE = 180° [ रेखा AB के बिन्दु 0 पर बने एक ओर के कोण हैं] …(4)
⇒ 40° + ∠COE + 30° = 180° [समीकरण (1), (3) एवं (4) से]
⇒ ∠COE = 180° – 40° – 30° = 180° – 70° = 110° …(5)
⇒ प्रतिवर्ती ∠COE = 360° – ∠COE (परिभाषा से) …(6)
⇒ प्रतिवर्ती ∠COE = 360° – 110° = 250° [समीकरण (5) एवं (6) से]
अतः अभीष्ट प्रतिवर्ती ∠COE = 250°.
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प्रश्न 2.
संलग्न चित्र में रेखाएँ XY और MN बिन्दु 0 पर प्रतिच्छेद करती हैं। यदि ∠POY= 90° और a : b = 2 : 3 है, तो c ज्ञात कीजिए।
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.1 2
हल:
∵ a/b = 2/3 (दिया है)
⇒ a = \(\frac { 2 }{ 3 }\)b ….(1)
∵ a + b + ∠POY = 180° [∵ XY के बिन्दु 0 पर एक ओर बने कोण हैं।]
⇒ a + b + 90° = 180° [∵ ∠POY = 90° (दिया है)]
⇒ a + b = 180° – 90° = 90° …(2)
⇒ \(\frac { 2 }{ 3 }\)b + b = 90° [समीकरण (1) और (2) से]
⇒ 90° = b = \(\frac { 3 }{ 5 }\) x 90° = 3 x 18° = 54°
∵ b + c = 180° [∵ MN के बिन्दु 0 पर एक ओर बने कोण हैं।]
⇒ 54° + c = 180°
⇒ c = 180° – 54° = 126° [∵ b = 54° समीकरण (3) से]
अतः अभीष्ट कोण c = 126°.

प्रश्न 3.
संलग्न चित्र में यदि ∠PQR = ∠PRQ तो सिद्ध कीजिए कि : ∠PQS = ∠PRT है। (2019)
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.1 3
हल:
∵ ∠PQS + ∠PQR = 180° (∵ रेखा ST के बिन्दु Q पर बने एक ओर के कोण है) …(1)
∵ ∠PRQ + ∠PRT = 180° (∵ रेखा ST के बिन्दु R पर बने एक ओर के कोण है) …(2)
⇒ ∠PQS + ∠PQR = ∠PRQ + ∠PRT, [समीकरण (1) एवं (2) से] …(3)
∵ ∠PQR = ∠PRQ (दिया है) …(4)
अतः ∠PQS = ∠PRT. [समीकरण (3) – समीकरण (4) से]
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प्रश्न 4.
संलग्न चित्र में यदि x + y = w + x है तो सिद्ध कीजिए कि AOB एक रेखा है।
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.1 4
हल:
चूँकि एक बिन्दु पर बने सभी कोणों का योग = 360°
⇒ x + y + z + w = 360° …(1)
∵ x + y = w + z …(2)
⇒ (x + y) + (x + y) = 360° [समीकरण (1) एवं (2) से]
⇒ 2 (x + y) = 360°
⇒ x + y = \(\frac { { 360 }^{ ° } }{ 2 }\) = 180°
अत: AOB एक रेखा है। (रैखिक युग्म अभिगृहीत से)

प्रश्न 5.
संलग्न चित्र में POQ एक रेखा है। किरण OR रेखा PQ पर लम्ब है। किरणों OP और OR के बीच OS एक अन्य किरण है।
सिद्ध कीजिए: ∠ROS = \(\frac { 1 }{ 2 }\) (∠QOS – ∠POS). (2018)
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.1 5
हल:
∵ ∠QOS = ∠ROS + ∠ROQ (चित्रानुसार) …(1)
∵ ∠POS = ∠POR – ∠ROS (चित्रानुसार) …(2)
∠POR = ∠ROQ = 90° (∵ RO ⊥ PQ) …(3)
∠POS = ∠ROQ – ∠ROS [समीकरण (2) एवं (3) से] …(4)
⇒ ∠QOS – ∠POS = 2 ∠ROS [समीकरण (1) – समीकरण (4) से]
अतः ∠ROS = \(\frac { 1 }{ 2 }\)(∠QOS – ∠POS). इति सिद्धम्

प्रश्न 6.
यह दिया है कि ∠XYZ = 64° और XY को बिन्दु P तक बढ़ाया गया है। दी हुई सूचना से एक आकृति खींचिए। यदि किरण YQ, ∠ZYP को समद्विभाजित करती है, तो ∠XYQ और प्रतिवर्ती ∠QYP के मान ज्ञात कीजिए।
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 6 रेखाएँ और कोण Ex 6.1 6
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हल:
दी हुई सूचना के आधार पर खींची गई आकृति चित्र 6.15 में है।
प्रश्नानुसार,
∠XYZ = 64° …(1)
⇒ ∠ZYP = 180° – ∠XYZ = 180° – 64° = 116° …(2)
चूँकि किरण YQ, ∠ZYP की समद्विभाजक है। (दिया है)
⇒ ZYQ = ∠OYP = \(\frac { 1 }{ 2 }\) ∠ZYP ….(3)
⇒ ∠ZYQ = ∠QYP = \(\frac { 1 }{ 2 }\) x 116° = 58° [समीकरण (2) एवं (3) से] …(4)
∠XYQ = ∠XYZ + ∠ZYQ = 64° + 58° = 122° [समी. (1) एवं (4) से]
एवं प्रतिवर्ती ∠QYP = 360° – ∠QYP
प्रतिवर्ती ∠OYP = 360° – 58° ∵ ∠QYP = 58°, समी. (4) से]
= 302°
अतः अभीष्ट ∠XYQ = 122° एवं अभीष्ट प्रतिवर्ती ∠QYP = 302°.

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MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 5 युक्लिड के ज्यामिति का परिचय Ex 5.2

MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 5 युक्लिड के ज्यामिति का परिचय Ex 5.2

प्रश्न 1.
आप यूक्लिड की पाँचवीं अभिधारणा को किस प्रकार लिखेंगे ताकि यह सरलता से समझी जा सके?
उत्तर:
यदि एक सीधी रेखा दो सीधी रेखाओं को प्रतिच्छेद करे और अपने एक ही ओर के दो अन्तः कोणों का योग 2 समकोण (180°) से कम है तो वे रेखाएँ प्रतिच्छेदी रेखाएँ होंगी, समान्तर नहीं।

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प्रश्न 2.
क्या यूक्लिड की पाँचवीं अभिधारणा से समान्तर रेखाओं के अस्तित्व का औचित्य निर्धारित होता है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 5 युक्लिड के ज्यामिति का परिचय Ex 5.2 1
यदि कोई सरल रेखा l, दो सरल रेखाओं m एवं n पर पड़ती है इस प्रकार कि l के एक ओर के अन्तः कोणों का योग 2 समकोण (180°) हो तो वे रेखाएँ m एवं n इस ओर कभी भी नहीं मिलेंगी (यूक्लिड के पाँचवीं अभिगृहीत के अनुसार) एवं चूँकि दूसरी ओर के अन्त: कोणों का योग भी चित्र 5.12 दो समकोण (180°) होगा।
अतः ये इस तरफ भी नहीं मिलेंगी। अत: रेखाएँ m एवं n परस्पर समान्तर होंगी।

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MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 5 युक्लिड के ज्यामिति का परिचय Ex 5.1

MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 5 युक्लिड के ज्यामिति का परिचय Ex 5.1

प्रश्न 1.
निम्नलिखित कथनों में से कौन-कौन से कथन सत्य हैं और कौन-कौन से कथन असत्य हैं ?
अपने उत्तरों के लिए कारण दीजिए :
(i) एक बिन्दु से होकर केवल एक ही रेखा खींची जा सकती है।
(ii) दो भिन्न बिन्दुओं से होकर जाने वाली असंख्य रेखाएँ हैं।
(iii) एक सांत रेखा दोनों ओर अनिश्चित रूप से बढ़ाई जा सकती है।
(iv) यदि दो वृत्त बराबर हैं तो उनकी त्रिज्याएँ बराबर होंगी।
(v) निम्न आकृति में यदि AB = PQ और PQ = XY है तो AB = XY होगा।
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 5 युक्लिड के ज्यामिति का परिचय Ex 5.1 1
उत्तर:
(i) असत्य, क्योंकि एक बिन्दु से अनन्ततः अनेक रेखाएँ खींची जा सकती हैं।
(ii) असत्य, क्योंकि दो भिन्न बिन्दुओं से होकर एक और केवल एक रेखा खींची जा सकती है? (यूक्लिड की अभिधारणा – 1 का अन्तर्विरोध)।
(ii) सत्य, क्योंकि यूक्लिड की अभिधारणा – 2 के अनुसार।
(iv) सत्य, क्योंकि दो समान वृत्त सम्पाती होते हैं तथा उनके केन्द्र, परिधि एवं त्रिज्या भी सम्पाती होती हैं।
(v) सत्य, क्योंकि वे वस्तुएँ जो एक ही वस्तु के बराबर होती हैं परस्पर बराबर होती हैं। (यूक्लिड अभिगृहीत-1)
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प्रश्न 2.
निम्नलिखित पदों में से प्रत्येक की परिभाषा दीजिए। क्या इनके लिए कुछ ऐसे पद हैं, जिन्हें परिभाषित करने की आवश्यकता है ? वे क्या हैं ? और आप इन्हें कैसे परिभाषित कर पाएंगे ?
(i) समान्तर रेखाएँ,
(ii) लम्ब रेखाएँ,
(iii) रेखाखण्ड,
(iv) वृत्त की त्रिज्या,
(v) वर्ग।
उत्तर:
(i) समान्तर रेखाएँ: “वे दो सीधी रेखाएँ जिन्हें अनिश्चित रूप से बढ़ाए जाने पर एक दूसरे से कभी भी नहीं मिलें, समान्तर रेखाएँ कहलाती हैं।” यहाँ AB || CD (चित्र 5.2)।
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 5 युक्लिड के ज्यामिति का परिचय Ex 5.1 2
चित्र 5.2. समान्तर रेखाएँ

(ii) लम्ब रेखाएँ: “वे दो सीधी रेखाएँ जिनके मध्य का कोण माना 90° अर्थात् एक समकोण हो, परस्पर लम्ब रेखाएँ कहलाती है।” यहाँ AB ⊥ CD या CD ⊥ AB (चित्र 5.3)।
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 5 युक्लिड के ज्यामिति का परिचय Ex 5.1 3
चित्र 5.3 लम्ब रेखाएँ

(iii) रेखाखण्ड: “किसी सीधी रेखा के किन्हीं दो बिन्दुओं के मध्य दूरी रेखाखण्ड कहलाती है।” यह \(\overline { CD }\) रेखा \(\stackrel{\leftrightarrow}{A B}\) का रेखाखण्ड है (चित्र 5.4)।
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 5 युक्लिड के ज्यामिति का परिचय Ex 5.1 4
चित्र 5.4. रेखाखण्ड
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(iv) वृत्त की त्रिज्या: “किसी वृत्त के केन्द्र से उसकी परिधि के किसी बिन्दु की दूरी उस वृत्त की त्रिज्या कहलाती है।” यहाँ OP वृत्त की त्रिज्या है (चित्र 5.5)।
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 5 युक्लिड के ज्यामिति का परिचय Ex 5.1 5
चित्र 5.5. वृत्त की त्रिज्या

(v) वर्ग : वह चतुर्भुज जिसकी चारों भुजाएँ बराबर हों तथा प्रत्येक कोण एक समकोण (90°) हो, वर्ग कहलाता है। यहाँ ABCD वर्ग है (चित्र 5.6)।
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 5 युक्लिड के ज्यामिति का परिचय Ex 5.1 6
(चित्र 5.6) वर्ग

प्रश्न 3.
नीचे दी गई अभिधारणाओं पर विचार कीजिए:
(i) दो भिन्न बिन्दु A और B दिए रहने पर एक तीसरा बिन्दु C ऐसा विद्यमान है जो A और B के बीच स्थित होता है।
(ii) यहाँ कम-से-कम ऐसे तीन बिन्दु विद्यमान हैं कि वे एक सीधी रेखा पर स्थित नहीं हैं। क्या इन अभिधारणाओं में कोई अपरिभाषित शब्द हैं ? क्या वे अभिधारणाएँ अविरोधी हैं ? क्या ये यूक्लिड की अभिधारणाओं से प्राप्त होती हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
ऐसे अनेक अपरिभाषित शब्द हैं जिनकी जानकारी छात्र को होनी चाहिए। ये संगत होते हैं, क्योंकि इनमें दो अलग-अलग A स्थितियों का अध्ययन किया जाता है।
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 5 युक्लिड के ज्यामिति का परिचय Ex 5.1 7

(i) यदि दो बिन्दु A और B दिए हैं तो उनके बीच स्थित बिन्दु C होता है। यदि AC + CB = AB.
(ii) यदि दो बिन्दु A और B दिए हैं जो एक सीधी रेखा पर हैं तथा बिन्दु C ऐसा है जो AB के मध्य स्थित नहीं है यदि AC + CB > AB.
ये अभिगृहीत यूक्लिड की अभिगृहीतों का अनुसरण A नहीं करते फिर भी ये यूक्लिड की अभिधारणा 5.1 का चित्र 5.8 अनुसरण करते हैं।
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 5 युक्लिड के ज्यामिति का परिचय Ex 5.1 7A

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प्रश्न 4.
यदि दो बिन्दुओं A और B के बीच एक बिन्दु C ऐसा स्थित है कि AC = BC है तो सिद्ध कीजिए AC = \(\frac { 1 }{ 2 }\)AB। एक चित्र खींचकर इसे स्पष्ट कीजिए।
हल:
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 5 युक्लिड के ज्यामिति का परिचय Ex 5.1 8
दिया है: AC = BC
सिद्ध करना है : AC = \(\frac { 1 }{ 2 }\) AB.
उपपत्ति :
∵ AC = BC (दिया है)
⇒ AC + AC = BC + AC (यूक्लिड अभिगृहीत – 2)
⇒ 2AC = AB [∵ BC + AC = AC + CB = AB सम्पाती है]
⇒ AC = \(\frac { 1 }{ 2 }\)AB. इति सिद्धम्

प्रश्न 5.
प्रश्न 4 में C रेखाखण्ड AB का एक मध्य-बिन्दु कहलाता है। सिद्ध कीजिए कि एक रेखाखण्ड का एक और केवल एक ही मध्य-बिन्दु होता है।
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 5 युक्लिड के ज्यामिति का परिचय Ex 5.1 10
हल:
माना रेखाखण्ड AB के दो मध्य-बिन्दु C एवं D हैं।
∵ रेखाखण्ड AB का मध्य-बिन्दु C है
⇒ AC = CB = \(\frac { 1 }{ 2 }\)AB ….(1)
∵ रेखाखण्ड AB का मध्य-बिन्दु D भी है
⇒ AD = DB = \(\frac { 1 }{ 2 }\)AB
⇒ AC = AD [समीकरण (1) एवं (2) से]
इस प्रकार रेखाखण्ड AC रेखाखण्ड AD पर सम्पाती होगा।
चूँकि AC का बिन्दु A, AD के बिन्दु A पर सम्पाती होगा।
इसलिए बिन्दु C बिन्दु D पर सम्पाती होगा।
इस प्रकार बिन्दु C एवं बिन्दु D दो अलग बिन्दु नहीं अपितु एक ही बिन्दु हैं।
अतः एक रेखाखण्ड का एक और केवल एक ही मध्य-बिन्दु होता है। इति सिद्धम्
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प्रश्न 6.
संलग्न चित्र में AC = BD है, तो सिद्ध कीजिए कि AB = CD.
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 5 युक्लिड के ज्यामिति का परिचय Ex 5.1 9
हल:
दिया है: AC = BD
सिद्ध करना है: AB = CD
उपपत्ति : AC = BD (दिया है)
⇒ AB + BC = BC + CD [:: AC = AB + BC एवं BD = BC+CD]
⇒ AB + BC – BC = BC + CD – BC [यूक्लिड अभिग्रहीत 3 से]
अतः AB = CD. [अर्थात् बराबरों में से बराबर घटाया जाए तो शेषफल भी बराबर होता है] इति सिद्धम्

प्रश्न 7.
यूक्लिड की अभिगृहीतों की सूची में दिया हुआ अभिगृहीत-5 एक सर्वव्यापी सत्य क्यों माना जाता है? (ध्यान दीजिए कि यह प्रश्न पाँचवीं अभिधारणा से सम्बन्धित नहीं हैं।)
उत्तर:
क्योंकि विश्व के किसी भी भाग में किसी भी वस्तु के लिए यह सत्य है, इसलिए अभिगृहीत-5 को सार्वभौमिक (सर्वव्यापी) सत्य माना जाता है।

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MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 4 दो चरों वाले रैखिक समीकरण Ex 4.4

MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 4 दो चरों वाले रैखिक समीकरण Ex 4.4

प्रश्न 1.
(i) एक चर वाले, (ii) दो चर वाले समीकरण के रूप में y = 3 का ज्यामितीय निरूपण कीजिए।
हल:
(i) समीकरण y = 3 का एक चर वाले समीकरण के रूप में ज्यामितीय निरूपण :
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 4 दो चरों वाले रैखिक समीकरण Ex 4.4 1
अतः समीकरण y = 3 का एक चर वाले समीकरण के रूप में अभीष्ट ज्यामितीय निरूपण चित्र 4.11 में है।

(ii) समीकरण y = 3 का दो चर वाले समीकरण के रूप में ज्यामितीय निरूपण :
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 4 दो चरों वाले रैखिक समीकरण Ex 4.4 1a
अतः समीकरण y = 3 का दो चर वाले समीकरण रूप में ज्यामितीय निरूपण चित्र 4.12 में है
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प्रश्न 2.
(i) एक चर वाले (ii) दो चर वाले समीकरण के रूप में 2x + 9 = 0 का ज्यामितीय निरूपण कीजिए।
हल:
(i) समीकरण 2x + 9 = 0 ⇒ x = -9/2 का एक चर वाले समीकरण के रूप में ज्यामितीय निरूपण :
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 4 दो चरों वाले रैखिक समीकरण Ex 4.4 2
अतः समीकरण 2x + 9 = 0 का एक चर वाले समीकरण के रूप में अभीष्ट ज्यामितीय निरूपण का चित्र 4.13 में है।

(ii) समीकरण 2x + 9 = 0 का दो चर वाले समीकरण के रूप में ज्यामितीय निरूपण :
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 4 दो चरों वाले रैखिक समीकरण Ex 4.4 2a
अतः समीकरण 2x + 9 = 0 का दो चर वाले समीकरण के रूप में अभीष्ट ज्यामितीय निरूपण चित्र 4.14 में है।

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MP Board Class 9th Science Solutions Chapter 6 ऊतक

MP Board Class 9th Science Solutions Chapter 6 ऊतक

MP Board Class 9th Science Chapter 6 पाठ के अन्तर्गत के प्रश्नोत्तर

प्रश्न श्रृंखला-1 # पृष्ठ संख्या 77

प्रश्न 1.
ऊतक क्या है?
उत्तर:
ऊतक-“उन कोशिकाओं का समूह जो आकृति में समान होता है तथा किसी कार्य को एक साथ सम्पन्न करता है, ऊतक कहलाता है।”.

प्रश्न 2.
बहुकोशिक जीवों में ऊतकों का क्या उपयोग है?
उत्तर:
बहुकोशिक जीवों में ऊतकों का उपयोग- बहुकोशिकीय जीवों में श्रम विभाजन होता है जिसमें विभिन्न क्रियाकलापों का सम्पादन एवं संचालन विभिन्न ऊतकों द्वारा किया जाता है इसलिए बहुकोशिक जीवों में ऊतकों का महत्वपूर्ण उपयोग होता है।

प्रश्न शृंखला-2 # पृष्ठ संख्या 81

प्रश्न 1.
प्रकाश-संश्लेषण के लिए किस गैस की आवश्यकता होती है?
उत्तर:
कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) गैस की।

प्रश्न 2.
पौधों में वाष्पोत्सर्जन के कार्यों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
वाष्पोत्सर्जन के द्वारा पौधों में जल का नियमन होता है।

प्रश्न श्रृंखला-3 # पृष्ठ संख्या 83

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प्रश्न 1.
सरल ऊतकों के कितने प्रकार हैं?
उत्तर:
तीन:

  1. पैरेनकाइमा
  2. कॉलेनकाइमा
  3. स्क्ले रेनकाइमा।

प्रशन 2.
प्ररोह का शीर्षस्थ विभंज्योतक कहाँ पाया जाता है?
उत्तर:
जड़ों एवं तनों की वृद्धि वाले भाग में।

प्रश्न 3.
नारियल का रेशा किस ऊतक का बना होता है?
उत्तर:
स्क्लेरेनकाइमा ऊतक का।

प्रश्न 4.
फ्लोएम के संघटक कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
फ्लोएम के संघटक, निम्न चार होते हैं –

  1. चालनी नलिका
  2. साथी कोशिकाएँ
  3. फ्लोएम पैरेनकाइमा
  4. फ्लोएम रेशा।

प्रश्न शृंखला-4# पृष्ठ संख्या 87

प्रश्न 1.
उस ऊतक का नाम बताएँ जो हमारे शरीर में गति के लिए उत्तरदायी है।
उत्तर:
पेशीय ऊतक।

प्रश्न 2.
न्यूरॉन देखने में कैसा लगता है?
उत्तर:
न्यूरॉन देखने में धागों जैसी संरचना होती है जिससे पतले लम्बे बालों जैसी संरचना निकली होती है।

प्रश्न 3.
हृदय पेशी के तीन लक्षणों को बताएँ।
उत्तर:
हृदय पेशी के लक्षण:

  1. हृदय पेशी अनैच्छिक पेशी होती है।
  2. यह जीवन भर लयबद्ध होकर प्रसार एवं संकुचन करती रहती है।
  3. इन पेशियों की कोशिकाएँ बेलनाकार, शाखाओं वाली और एककेन्द्रकीय होती हैं।

प्रश्न 4.
एरिओलर ऊतक के क्या कार्य हैं?
उत्तर:
एरिओलर ऊतक के कार्य:

  1. अंगों के भीतर की खाली जगह को भरता है।
  2. आन्तरिक भागों को सहारा प्रदान करता है।
  3. ऊतकों की मरम्मत में सहायता प्रदान करता है।

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MP Board Class 9th Science Chapter 6 पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
ऊतक को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
ऊतक की परिभाषा:
“उन कोशिकाओं का समूह जो आकृति में समान होती हैं तथा किसी कार्य को एक साथ सम्पन्न करती हैं, ऊतक कहलाता है।”

प्रश्न 2.
कितने प्रकार के तत्व मिलकर जाइलम ऊतक का निर्माण करते हैं?
उत्तर:
जाइलम ऊतक निम्न चार प्रकार के तत्वों से मिलकर निर्मित होता है –

  1. ट्रेकीड (वाहिनिका)
  2. वाहिका
  3. जाइलम पैरेनकाइमा
  4. जाइलम फाइबर (रेशे)।

प्रश्न 3.
पौधों में सरल ऊतक जटिल ऊतक से किस प्रकार भिन्न होते हैं?
उत्तर:
सरल स्थायी ऊतक पतली कोशिका भित्ति वाली जीवित तथा बन्धन मुक्त सरल कोशिकाओं से मिलकर बनता है जबकि जटिल स्थायी ऊतक एक से अधिक प्रकार की कोशिकाओं से मिलकर बना होता है जो परस्पर मिलकर एक इकाई के रूप में कार्य करते हैं।

प्रश्न 4.
कोशिका भित्ति के आधार पर पैरेनकाइमा, कॉलेनकाइमा और स्क्लेरेनकाइमा के बीच भेद स्पष्ट करें।
उत्तर:
पैरेनकाइमा की कोशिका भित्ति बहुत पतली होती है, कॉलेनकाइमा की कोशिका भित्ति लचीली होती है जबकि स्क्लेरेनकाइमा की कोशिका भित्ति लिग्निन के कारण मोटी और दृढ़ होती है।

प्रश्न 5.
रन्ध्र के क्या कार्य हैं?
उत्तर:
रन्ध्र के कार्य:

  1. वायुमण्डल से गैसों का आदान-प्रदान करना।
  2. वाष्पोत्सर्जन द्वारा पौधों में जल का नियमन करना।

प्रश्न 6.
तीनों प्रकार के पेशीय रेशों में चित्र बनाकर अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
पेशीय ऊतकों के तीन प्रकार (रेखित, अरेखित एवं कार्डियक) में अन्तर:
MP Board Class 9th Science Solutions Chapter 6 ऊतक image 1
MP Board Class 9th Science Solutions Chapter 6 ऊतक image 2
MP Board Class 9th Science Solutions Chapter 6 ऊतक image 3
MP Board Class 9th Science Solutions Chapter 6 ऊतक image 4

प्रश्न 7.
कार्डियक (हृदयक) पेशी का विशेष कार्य क्या है?
उत्तर:
हृदय का लयबद्ध होकर निरन्तर स्पन्दन कराना।

प्रश्न 8.
रेखित, अरेखित तथा कार्डियक (हृदयक) पेशियों में शरीर में स्थिति, कार्य और स्थान के आधार पर अन्तर स्पष्ट करें।
उत्तर:
MP Board Class 9th Science Solutions Chapter 6 ऊतक image 5

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प्रश्न 9.
न्यूरॉन का नामांकित चित्र बनाइए। (2018)
उत्तर:
MP Board Class 9th Science Solutions Chapter 6 ऊतक image 6

प्रश्न 10.
निम्नलिखित के नाम लिखें –
(a) ऊतक जो मुँह के भीतरी अस्तर का निर्माण करता है।
(b) ऊतक जो मनुष्य में पेशियों को अस्थि से जोड़ता है।
(c) ऊतक जो पौधों में भोजन का संवहन करता है।
(d) ऊतक जो हमारे शरीर में वसा का संचय करता है।
(e) तरल आधात्री सहित संयोजी ऊतक।
(f) मस्तिष्क में स्थित ऊतक।
उत्तर:
(a) एपिथीलियमी ऊतक
(b) कण्डरा
(c) फ्लोएम
(d) वसामय ऊतक
(e) रक्त
(f) तन्त्रिका ऊतक (न्यूरॉन)।

प्रश्न 11.
निम्नलिखित में ऊतक के प्रकार की पहचान करें-त्वचा, पौधे का वल्क, अस्थि, वक्कीय नलिका का अस्तर, संवहन बण्डल।
उत्तर:
त्वचा-एपिथीलियमी ऊतक, पौधे का वल्क-स्क्लेरेनकाइमा सरल स्थायी ऊतक। अस्थि-संयोजी ऊतक, वृक्कीय नलिका का अस्तर-घनाकार एपिथीलियम। संवहन बण्डल-जटिल स्थायी ऊतक।

प्रश्न 12.
पैरेनकाइमा ऊतक किस क्षेत्र में पाया जाता है?
उत्तर:
पत्तियों, जड़ों एवं तनों में।

प्रश्न 13.
पौधों में एपीडर्मिस की क्या भूमिका है ?
उत्तर:
पौधों में एपीडर्मिस की भूमिका-एपीडर्मिस पौधों के सभी भागों की रक्षा करती है तथा पानी की हानि को रोकती है।

प्रश्न 14.
छाल (कॉक) किस प्रकार सुरक्षा ऊतक के रूप में कार्य करता है?
उत्तर:
छाल (कॉर्क) पौधों की जल हानि को रोकती है। यह पौधों की यान्त्रिक आघातों एवं परजीवी कवक के प्रवेश से रक्षा करती है तथा सुरक्षा आवरण बनाती है।

प्रश्न 15.
निम्न दी गई तालिका को पूर्ण करें –
MP Board Class 9th Science Solutions Chapter 6 ऊतक image 7
उत्तर:

  1. पैरेनकाइमा
  2. स्क्लेरेनकाइमा
  3. फ्लोएम।

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MP Board Class 9th Science Chapter 6 परीक्षोपयोगी अतिरिक्त प्रश्नोत्तर

MP Board Class 9th Science Chapter 6 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से कौन-से ऊतक में मृत कोशिकाएँ पायी जाती हैं?
(a) मृदूतक
(b) दृढ़ोतक
(c) स्थूलकोण ऊतक
(d) उपकला ऊतक
उत्तर:
(b) दृढ़ोतक

प्रश्न 2.
तने की परिधि निम्नलिखित के कारण बढ़ती है –
(a) शीर्षस्थ विभज्योतक
(b) पार्श्व विभज्योतक
(c) अन्तर्विष्ट विभज्योतक
(d) ऊर्ध्व विभज्योतक।
उत्तर:
(b) पार्श्व विभज्योतक

प्रश्न 3.
कौन-सी कोशिका में छिद्रिल कोशिका भित्ति नहीं होती?
(a) वाहिनिकाएँ
(b) सहचर कोशिकाएँ
(c) चालनी कोशिकाएँ
(d) वाहिकाएँ।
उत्तर:
(b) सहचर कोशिकाएँ

प्रश्न 4.
आँत्र पचे हुए भोजन को अवशोषित करती है। उपकला कोशिकाओं का कौन-सा प्रकार इसके लिए उत्तरदायी है?
(a) स्तरित शल्की उपकला
(b) स्तम्भाकार उपकला
(c) तओ रेशे उपकला
(d) घनाकार उपकला।
उत्तर:
(b) स्तम्भाकार उपकला

प्रश्न 5.
किसी व्यक्ति की दुर्घटना में हाथ की दोनों बड़ी हड्डियाँ (अस्थियाँ) अपने स्थान से हट गईं। निम्नलिखित में से कौन-सा सम्भावित कारण हो सकता है ?
(a) कण्डरा का टूटना
(b) कंकाल पेशी का टूटना
(c) स्नायु का टूटना
(d) एरिओलर (गर्तिका) ऊतक का टूटना।
उत्तर:
(c) स्नायु का टूटना

प्रश्न 6.
काम करते समय एवं दौड़ते समय आप अपने हाथ-पैर आदि अंगों को हिलाते हैं। निम्नलिखित में कौन-सा कथन सही है?
(a) चिकनी पेशियाँ संकुचित होकर अस्थियों को चलायमान करने के लिए स्नायु को खींचती हैं।
(b) चिकनी पेशियाँ संकुचित होकर अस्थियों को चलायमान करने के लिए कण्डराओं को खींचती हैं।
(c) कंकाल पेशियाँ संकुचित होकर अस्थियों को चलायमान करने के लिए स्नायु को खींचती हैं।
(d) कंकाल पेशियाँ संकुचित होकर अस्थियों को चलायमान करने के लिए कण्डराओं को खींचती
उत्तर:
(d) कंकाल पेशियाँ संकुचित होकर अस्थियों को चलायमान करने के लिए कण्डराओं को खींचती

प्रश्न 7.
कौन-सा पेशी-युग्म अनैच्छिक पेशियों के रूप में कार्य करता है?
(i) स्तरित पेशियाँ
(ii) चिकनी पेशियाँ
(iii) हृद पेशियाँ
(iv) कंकाल पेशियाँ।

(a) (i) तथा (ii)
(b) (ii) तथा (iii)
(c) (iii) तथा (iv)
(d) (i) तथा (iv)
उत्तर:
(b) (ii) तथा (iii)

प्रश्न 8.
पादपों में विभज्योतक ऊतक
(a) स्थानीकृत एवं स्थायी होते हैं।
(b) कुछ भागों तक वे सीमित नहीं होते।
(c) स्थानीकृत एवं विभाजनकारी कोशिकाओं के बने होते हैं।
(d) परिमाण में बढ़ते रहते हैं।
उत्तर:
(c) स्थानीकृत एवं विभाजनकारी कोशिकाओं के बने होते हैं।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित में से बाह्यत्वचा (एपीडर्मिस) का कौन-सा कार्य नहीं है?
(a) प्रतिकूल परिस्थितियों में बचाव
(b) गैसीय विनिमय
(c) जल संवहन
(d) वाष्पोत्सर्जन
उत्तर:
(c) जल संवहन

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प्रश्न 10.
निम्न में से किसमें उपास्थि नहीं पायी जाती?
(a) नाक में
(b) कान में
(c) वृक्क में
(d) कंठ में
उत्तर:
(c) वृक्क में

प्रश्न 11.
मानव शरीर में वसा निम्नलिखित में भण्डारित होती है –
(a) घनाकार उपकला में
(b) वसा ऊतक में
(c) अस्थियों में
(d) उपास्थि में
उत्तर:
(b) वसा ऊतक में

प्रश्न 12.
अस्थि आधात्री में किसकी अधिक मात्रा होती है?
(a) फ्लुओराइड एवं कैल्सियम की
(b) कैल्सियम एवं फॉस्फोरस की
(c) कैल्सियम एवं पोटैशियम की
(d) फॉस्फोरस एवं पोटैशियम की
उत्तर:
(b) कैल्सियम एवं फॉस्फोरस की

प्रश्न 13.
संकुचनशील प्रोटीन पाई जाती है –
(a) अस्थियों में
(b) रुधिर में
(c) पेशियों में
(d) उपास्थि में
उत्तर:
(c) पेशियों में

प्रश्न 14.
ऐच्छिक पेशी पाई जाती है –
(a) आहार नाल में
(b) पाद में
(c) आँख की परितारिका (आइरिस) में
(d) फेफड़ों (फुफ्फुस) की श्वसनी में
उत्तर:
(b) पाद में

प्रश्न 15.
तन्त्रिका ऊतक कहाँ नहीं पाये जाते?
(a) मस्तिष्क में
(b) मेरुरज्जु में
(c) कण्डराओं में
(d) तन्त्रिका में।
उत्तर:
(c) कण्डराओं में

प्रश्न 16.
तन्त्रिका कोशिका में कौन नहीं होता?
(a) तंत्रिकाक्ष
(b) तंत्रिका के अन्तिम सिरे
(c) कण्डराएँ
(d) द्रुमिकाएँ (डेण्ड्राइट)
उत्तर:
(c) कण्डराएँ

प्रश्न 17.
निम्नलिखित में से कौन-सी संरचना ऊतकों की मरम्मत तथा अंगों के खाली स्थान को भरने में सहायता करती है?
(a) कण्डरा
(b) वसा ऊतक
(c) गर्तिका (एरिओलर)
(d) उपास्थि
उत्तर:
(c) गर्तिका (एरिओलर)

प्रश्न 18.
निम्नलिखित में कौन-सा पेशीय ऊतक है जो बिना थके जीवन भर लगातार कार्य करता रहता है?
(a) कंकाल पेशी
(b) हृद पेशी
(c) चिकनी पेशी
(d) ऐच्छिक पेशी
उत्तर:
(b) हृद पेशी

प्रश्न 19.
निम्नलिखित में से कौन-सी कोशिकाएँ शरीर के उपास्थिमय ऊतकों में पाई जाती हैं?
(a) मास्ट कोशिकाएँ
(b) क्षारकरंजी (बेसोफिल)
(c) ऑस्टियोसाइट
(d) उपास्थि अणु
उत्तर:
(d) उपास्थि अणु

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प्रश्न 20.
फ्लोएम में पाए जाने वाले निर्जीव पदार्थ हैं –
(a) सहचर कोशिकाएँ
(b) फ्लोएम तन्तु
(c) फ्लोएम मृदूतक
(d) चालनी नलिकाएँ
उत्तर:
(b) फ्लोएम तन्तु

प्रश्न 21.
निम्नलिखित में से किसमें परिपक्वता के समय केन्द्रक लोप नहीं होता है?
(a) सहचर कोशिकाएँ
(b) लाल रुधिर कणिकाएँ
(c) वाहिकाएँ
(d) चालनी नलिका कोशिकाएँ।
उत्तर:
(a) सहचर कोशिकाएँ

प्रश्न 22.
मरुस्थली पादपों में जल ह्रास की दर में निम्नलिखित में से किसके कारण कमी आती है?
(a) उपत्वचा (क्यूटिकल)
(b) स्टोमेटा
(c) लिग्निन
(d) सुबेरिन
उत्तर:
(a) उपत्वचा (क्यूटिकल)

प्रश्न 23.
एक लम्बे वृक्ष में अनेक शाखाएँ होती हैं। इन सभी शाखाओं में जल के पाश्र्वीय संवहन में सहायता करने वाले ऊतक हैं –
(a) स्थूलकोण ऊतक
(b) जाइलम मृदूतक
(c) मृदूतक (पैरेनकाइमा)
(d) जाइलम वाहिकाएँ
उत्तर:
(d) जाइलम वाहिकाएँ

प्रश्न 24.
खेत में उगे गन्ने के पौधे के अग्रभाग को यदि काटकर हटा दिया जाए तो भी वह पौधा लम्बाई में बढ़ता रहता है। ऐसा निम्नलिखित में से किस कारण होता है?
(a) ऐधा (कैम्बियम)
(b) शीर्षस्थ विभज्योतक
(c) पाीय विभज्योतक
(d) अंतर्वेशी विभज्योतक
उत्तर:
(d) अंतर्वेशी विभज्योतक

प्रश्न 25.
एक कील को वृक्ष के तने में भूमि सतह से एक मीटर की ऊँचाई पर ठोंक दिया गया है। तीन वर्ष के पश्चात् यह कील –
(a) निचले स्तर पर आ जायेगी
(b) उच्चतर स्तर पर आ जायेगी
(c) उसी स्थान पर बनी रहेगी
(d) पार्श्व में पहुँच जायेगी।
उत्तर:
(c) उसी स्थान पर बनी रहेगी

प्रश्न 26.
मृदूतक कोशिकाएँ होती हैं –
(a) अपेक्षाकृत अविशिष्टीकृत एवं पतली भित्ति वाली
(b) मोटी भित्ति युक्त एवं विशिष्टीकृत
(c) लिग्निन युक्त
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(a) अपेक्षाकृत अविशिष्टीकृत एवं पतली भित्ति वाली

प्रश्न 27.
पादपों में लचीलापन निम्नलिखित में से किसके कारण होता है?
(a) स्थूलकोण ऊतक
(b) दृढ़ोतक
(c) मृदूतक
(d) हरित ऊतक।
उत्तर:
(a) स्थूलकोण ऊतक

प्रश्न 28.
कॉर्क कोशिकाओं में निम्नलिखित में से किसकी उपस्थिति होने से उनकी जल तथा गैसों के लिए पारगम्यता समाप्त हो जाती है?
(a) सेलुलोज
(b) लिपिड
(c) सुबेरिन
(d) लिग्निन
उत्तर:
(c) सुबेरिन

प्रश्न 29.
स्थलीय पर्यावरण में पादपों की उत्तरजीविता उनमें निम्नलिखित में से किसकी उपस्थिति के कारण सम्भव होती है?
(a) अन्तर्विष्ट विभज्योतक
(b) संवहन ऊतक
(c) शीर्षस्थ विभज्योतक
(d) मृदूतक।
उत्तर:
(b) संवहन ऊतक

प्रश्न 30.
जिम्नोस्पर्म (अनावृतबीजी पौधों) में जल संवहन ऊतक सामान्यतया निम्नलिखित में से किसमें पाये जाते हैं?
(a) वाहिकाएँ
(b) चालनी नलिकाएँ
(c) वाहिनिकाएँ
(d) जाइलम तन्तु
उत्तर:
(c) वाहिनिकाएँ

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प्रश्न 31.
पौधों में जल तथा खनिज का संवहन होता है – (2019)
(a) फ्लोएम द्वारा
(b) मृदूतक द्वारा
(c) जाइलम द्वारा
(d) इन सभी के द्वारा।
उत्तर:
(c) जाइलम द्वारा

रिक्त स्थानों की पूर्ति

1. रुधिर कणिकाओं का अस्तर ……………. से बना होता है।
2. छोटी अथवा क्षुद्रान्त का अस्तर ……………. से बना होता है।
3. वृक्क नलिकाओं का अस्तर ……………. से बना होता है।
4. पक्ष्माभिका उपकला कोशिकाएँ हमारे शरीर के ……………. में पाई जाती हैं।
5. कॉर्क की भित्तियों पर …………….. होता है, जिसके कारण ये गैस एवं जल के लिए अपारगम्य होती है।
6. …………….. में छिद्रित भित्तियों वाली नलिकाकार कोशिकाएँ होती हैं और ये सजीव होती हैं।
7. अस्थियों में कठोर आधात्री होता है जो …………. एवं ………….. से बना होता है।
8. ……………. जटिल ऊतक के प्रकार हैं।
9. …………….. में द्वार कोशिकाएँ होती हैं।
10. कॉर्क की कोशिकाओं में पाए जाने वाले रसायन को …………….. कहते हैं।
11. नारियल का छिलका ………….. ऊतकों का बना होता है।
12. ……………. पादपों को लचीलापन प्रदान करता है।
13. ……………. एवं …………….. दोनों संवहनी ऊतक है।
14. जाइलम के द्वारा मृदा से …………… एवं …………… का अभिगमन होता है।
15. फ्लोएम …………….. से ……………. को पौधे के दूसरे अंगों में पहुँचाने का कार्य करता है।
उत्तर:

  1. शल्की उपकला
  2. स्तम्भाकार उपकला
  3. घनाकार उपकला
  4. श्वसन पथ
  5. सुबेरिन
  6. चालनी नलिकाओं
  7. कैल्सियम, फॉस्फोरस
  8. जाइलम, फ्लोएम
  9. रन्ध्र
  10. सुबेरिन
  11. दृढ़
  12. स्थूलकोण ऊतक
  13. जाइलम, फ्लोएम
  14. जल, खनिज लवण
  15. पत्ती, भोजन।

सही जोड़ी बनाना
MP Board Class 9th Science Solutions Chapter 6 ऊतक image 8
उत्तर:

  1. → (v)
  2. → (iv)
  3. → (iii)
  4. → (i)
  5. → (ii)
  6. → (vi)

MP Board Class 9th Science Solutions Chapter 6 ऊतक image 9
उत्तर:

  1. → (i)
  2. → (ii)
  3. → (iv)
  4. → (iii)
  5. → (v)

सत्य/असत्य कथन

1. मृदूतक ऊतकों में अन्तराकोशिक स्थान होता है।
2. स्थूलकोण ऊतकों की कोशिकाओं के कोने अनियमित रूप से मोटे हो जाते हैं।
3. शीर्षस्थ एवं अन्तर्विष्ट विभज्योतक स्थायी ऊतक होते हैं।
4. विभज्योतकी कोशिकाओं की प्रारम्भिक अवस्था में रसधानियाँ नहीं होती हैं।
5. रुधिर के आधात्री (मैट्रिक्स) में प्रोटीन, लवण एवं हॉर्मोन होते हैं।
6. दो अस्थियाँ, स्नायु की वजह से जुड़ी होती हैं।
7. कण्डरा रेशेहीन एवं कमजोर (फ्रेजाइल) ऊतक होते हैं।
8. उपास्थि संयोजी ऊतक का एक प्रकार है।
9. मैट्रिक्स का स्वरूप ऊतकों के कार्यों के अनुसार भिन्न-भिन्न प्रकार का होता है।
10. वसा का संग्रह त्वचा के नीचे एवं आन्तरिक अंगों के मध्य होता है।
11. उपकला ऊतकों के मध्य अन्तरकोशिकीय स्थान होते हैं।
12. रेखित पेशियों की कोशिकाएँ बहुकेन्द्रकीय एवं अशाखित होती हैं।
13. प्राणी शरीर का रक्षक ऊतक उपकला ऊतक होता है।
14. रुधिर वाहिकाओं, फुफ्फुस कूपिकाओं एवं वृक्क नलिकाओं का अस्तर (lining) उपकला ऊतकों का बना होता है।
15. उपकला स्तर, पारगम्य स्तर की तरह कार्य करता है।
16. उपकला स्तर बाहरी वातावरण तथा शरीर के मध्य पदार्थों के नियमन को नहीं होने देता।
उत्तर:

  1. सत्य
  2. सत्य
  3. असत्य
  4. सत्य
  5. सत्य
  6. सत्य
  7. असत्य
  8. सत्य
  9. सत्य
  10. सत्य
  11. असत्य
  12. सत्य
  13. सत्य
  14. सत्य
  15. सत्य
  16. असत्य।

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एक शब्द/वाक्य में उत्तर

प्रश्न 1.
‘ऊतक’ शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग किसने किया?
उत्तर:
बिचैट ने।

प्रश्न 2.
जड़ों द्वारा अवशोषित जल एवं खनिज लवणों के संवहन के लिए कौन-सा ऊतक उत्तरदायी है?
उत्तर:
जाइलम।

प्रश्न 3.
पत्तियों द्वारा निर्मित भोजन के संवहन के लिए कौन-सा ऊतक उत्तरदायी है?
उत्तर:
फ्लोएम।

प्रश्न 4.
पेशियों को अस्थियों से जोड़ने वाले ऊतक का नाम लिखिए।
उत्तर:
कण्डराएँ (टेण्डन्स)।

प्रश्न 5.
हड्डियों को हड्डियों से जोड़ने वाले ऊतक का नाम लिखिए।
उत्तर:
स्नायुः (लिगामेण्ट)।

प्रश्न 6.
आहार नाल, पित्ताशय एवं मूत्राशय में किस प्रकार का पेशी ऊतक पाया जाता है?
उत्तर:
अरेखित पेशी ऊतक।

प्रश्न 7.
हाथ एवं पैरों में किस प्रकार का पेशी ऊतक पाया जाता है?
उत्तर:
रेखित पेशी ऊतक।

प्रश्न 8.
द्रव संयोजी ऊतक का नाम लिखिए।
उत्तर:
रक्त।

प्रश्न 9.
मस्तिष्क में पाये जाने वाले ऊतक का नाम क्या है?
उत्तर:
तन्त्रिका ऊतक।

प्रश्न 10.
परजीवी के आक्रमण से पादप शरीर की कौन-सी संरचना रक्षा करती है?
उत्तर:
मोम वाले पदार्थ युक्त मोटी उपत्वचा (क्यूटिकल)।

MP Board Class 9th Science Chapter 6 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
शीत क्षेत्रों के प्राणी एवं ठण्डे जल में रहने वाली मछलियों में उपत्वचीय वसा की अधिक मोटी परत पाई जाती है। क्यों ? वर्णन कीजिए।
उत्तर:
शीत क्षेत्रों के प्राणी एवं ठण्डे जल में रहने वाली मछलियों में उपत्वचीय वसा की अधिक मोटी परत पाई जाती है क्योंकि यह ताप नियमन के लिए उपत्वचीय रोधन की तरह कार्य करती है।

प्रश्न 2.
यदि एक पौधा युक्त गमले को एक काँच के जार से ढक देते हैं तो जार की दीवार पर पानी की बूंदें दिखाई देने लगती हैं। ऐसा क्यों ? व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
वाष्पोत्सर्जन के द्वारा पेड़-पौधे जलवाष्प उत्सर्जित करते हैं जो काँच के जार की ठंडी दीवारों से संघनित होकर पानी की बूंदों में परिवर्तित हो जाती है। इस कारण दीवारों पर पानी की बूंदें दिखाई देती हैं।

प्रश्न 3.
ऐच्छिक एवं अनैच्छिक पेशी के आधार पर निम्न क्रियाकलापों में भेद कीजिए –
(a) मेंढक का कूदना
(b) हृदय का पम्पिंग करना
(c) हाथ से लिखना
(d) आपकी आँतों में चॉकलेट की गति।
उत्तर:

(a) ऐच्छिक पेशी
(b) अनैच्छिक पेशी
(c) ऐच्छिक पेशी
(d) अनैच्छिक पेशी।

प्रश्न 4.
जलकुम्भी पानी की सतह पर तैरती रहती है। व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
फूले हुए पर्णवृन्तों में वायूतकों के होने के कारण इसकी पत्तियाँ जल से हल्की हो जाती हैं इसलिए तैरती रहती हैं।

प्रश्न 5.
जाइलम ऊतक के कार्य लिखिए। (2019)
उत्तर:
जाइलम ऊतक का कार्य है जड़ों द्वारा अवशोषित जल एवं खनिज लवणों को पत्तियों तक पहुँचाना।

MP Board Class 9th Science Chapter 6 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
मृदूतक या पैरेनकाइमा का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मृदूतक या पैरेनकाइमा (Parenchyma)-मृदूतक पौधों में जड़, तना, पत्ती, फूल एवं फलों में प्रमुखता में पाये जाते हैं। इनकी कोशिकाएँ जीवित और पतली भित्ति वाली होती हैं। ये गोल, अण्डाकार या बहुतलीय (बहुकोणीय) होती हैं। इनके बीच में बड़ी रसधानी होती है तथा इनका कोशिकाद्रव्य सघन होता है। ये सामान्यतः समव्यासी होती हैं।
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प्रश्न 2.
मृदूतकों या पैरेनकाइमा के प्रमुख कार्य लिखिए।
उत्तर:
मृदूतकों या पैरेनकाइमा के प्रमुख कार्य –

  1. ये भोजन का संचय करते हैं।
  2. ये पौधों को दृढ़ता प्रदान करते हैं।
  3. ये अकार्बनिक पदार्थ रेजिन, टेनिन, गोंद कण आदि को संचित करते हैं।
  4. पेरेनकाइमा कोशिकाओं में जब क्लोरोफिल उपस्थित रहता है, तो इन्हें क्लोरेनकाइमा कहते हैं। ये ऊतक प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया द्वारा भोजन निर्माण का कार्य करते हैं।

प्रश्न 3.
स्थूलकोण ऊतक या कॉलेनकाइमा का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
स्थूलकोण ऊतक या कॉलेनकाइमा (Collenchyma):
इनकी कोशिकाएँ जीवित, अवकाश रहित होती हैं तथा आकार लगभग बहुतलीय, सामान्यतः समव्यासी तथा अन्तरकोशिकीय मृदूतकों या पैरेनकाइमा की तरह होता है। इनकी भित्तियाँ सेल्यूलोज द्वारा स्थूलित होती हैं। यह स्थूलन इनके कोणों पर अधिक होता है। ये मजबूत एवं लचीली होती हैं।
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प्रश्न 4.
दृढ़ोतक या स्क्लेरेनकाइमा का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
दृढ़ोतक या स्क्ले रेनकाइमा (Sclerenchyma)इस प्रकार के ऊतकों की कोशिकाएँ प्रायः मृत, लम्बी तथा पतली होती हैं। इनकी भित्तियाँ लिग्निन द्वारा स्थूलित होती हैं। इनमें अन्तरकोशिकीय अवकाश नहीं होते हैं। कभी-कभी ये बहुत लम्बी और दोनों सिरों पर नुकीली होती हैं। दो कोशिकाओं के मध्य में सुस्पष्ट मध्य पटलिका होती है। कभी-कभी इनमें विशेष प्रकार की कोशिकाएँ होती हैं जिन्हें स्क्लेरिड्स कहते हैं। ये ऊतक पौधों के कॉर्टेक्स, पिथ एवं कठोर बीज आदि में उपस्थित होते हैं।
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प्रश्न 5.
दारू या जाइलम का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
दारू या जाइलम (Xylem):
यह पौधे का काष्ठीय भाग है जो निम्नांकित चार प्रकार की कोशिकाएँ से बना होता है –

1. वाहिनिकाएँ या ट्रेकीड्स (Tracheids):
ये दोनों सिरों पर नुकीली नली के आकार की होती हैं।

2. वाहिकाएँ या वैसल्स (Tracheae or Vessels):
ये कई कोशिकाओं में बनी नली के आकार की होती हैं।

3. काष्ठ मृदूतक (Wood Parenchyma) या जाइलम पैरेनकाइमा (Xylem Parenchyma):
ये साधारण पैरेनकाइमा की तरह होती हैं।

4. काष्ठ तन्तु (Wood Fibres) या जाइलम तन्तु (Xylem Fibres) या जाइलम स्क्ले रेनकाइमा (Xylem Sclerenchyma):
ये लम्बे नुकीले तथा लिग्निन से स्थूलित तथा दृढ़ होते हैं।
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प्रश्न 6.
अधोवाही या फ्लोएम का सचित्र वर्णन – मृदूतकी कीजिए।
उत्तर:
अधोवाही या फ्लोएम (Phloem):
यह जीवित संवहनी ऊतक है जो निम्न चार प्रकार की कोशिकाओं से मिलकर बना होता है –

1. चालनी नलिका (Sieve Tubes):
ये सहकोशिका नलिकाओं की तरह होती है जिनमें स्थान-स्थान पर चालनी पट्टिकाएँ होती हैं।

2. सहकोशिकाएँ (Companion Cells):
सदैव चालनी नलिकाओं के साथ पाई जाने वाली तथा आकार में लम्बी होती हैं। इसमें बड़ा केन्द्रक तथा अधिक मात्रा में जीवद्रव्य होता है।

3. अधोवाही मृदूतक या फ्लोएम पैरेनकाइमा चालनी नलिका (Phloem Parenchyma)
साधारण मृदूतक की तरह जीवित कोशिकाएँ होती हैं।

4. अधोवाही रेशे या बास्ट रेशे (Bast Fibres):
ये लम्बी, नुकीली तथा लिग्निन युक्त होती हैं।
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प्रश्न 7.
विशिष्ट स्त्रावी ऊतकों का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
विशिष्ट स्रावी ऊतक-ये ऊतक दो प्रकार के होते हैं –

1. ग्रन्थिल स्त्रावी ऊतक (Glandular Secretory Tissues):
ये ग्रन्थि युक्त होते हैं तथा गोंद, रेजिन, तेल, सुगन्धित तेल एवं मकरन्द आदि का स्रावण करते हैं।
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2. आक्षीरी स्रावी ऊतक (Latex Secretory Tissues):
ये नलिका युक्त होते हैं तथा आक्षीर या दूध जैसे पदार्थ का स्रावण करते हैं।
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प्रश्न 8.
जाइलम एवं फ्लोएम में अन्तर स्पष्ट कीजिए। ये जटिल ऊतक क्यों कहलाते हैं ?
उत्तर:
जाइलम एवं फ्लोएम में अन्तर:
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जाइलम एवं फ्लोएम दोनों में एक से अधिक प्रकार की कोशिकाएँ होती हैं जो सामान्य कार्यों का समन्वयन करती हैं इसलिए इन्हें जटिल ऊतक कहते हैं।

प्रश्न 9.
रेखित पेशी का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
रेखित पेशी (Striated muscles):
सूक्ष्मदर्शी से देखने पर ये पेशियाँ हल्के तथा गहरे रंग की एक के बाद एक रेखाओं या धारियों की तरह दिखाई देती हैं। इसलिए इन्हें रेखित पेशी कहते हैं। इन पेशियों को हम अपनी इच्छानुसार गति करा सकते हैं इसलिए ये ऐच्छिक पेशियाँ कहलाती हैं। ये पेशियाँ प्रायः हड्डियों से जुड़ी होती हैं। इसलिए इन्हें कंकाल पेशी भी कहते हैं। ये शरीर को गति कराने में सहायक होती हैं। इनकी कोशिकाएँ लम्बी, बेलनाकार, शाखारहित एवं बहुनाभीय (बहुकेन्द्रकीय) होती हैं।
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प्रश्न 10.
अरेखित पेशी का सचित्र वर्णन कीजिए। (2019)
उत्तर:
अरेखित पेशी (Unstriated muscles):
ये पेशियाँ उन अगों जो अनैच्छिक रूप से गति करते हैं, में पाई जाती हैं। ये आहार नाल, पित्ताशय, मूत्राशय, श्वासनली, रुधिर वाहिनियों आदि में पाई जाती हैं। इन्हें अनैच्छिक पेशियाँ भी कहते हैं। ये पेशी तर्कुरूप में होती हैं। इसमें द्रव्य भरा होता है जिसे सारकोप्लाज्म कहते हैं। कोशिकाद्रव्य में असंख्य पतले-पतले तन्तु रहते हैं, जिन्हें पेशी तन्तुक (Myofibrils) कहते हैं। इन्हीं तन्तुओं के कारण पेशियों का संकुचन व शिथिलन होता है। इनमें धारियाँ या रेखाएँ नहीं होती इसलिए ये अरेखित पेशी या चिकनी पेशी भी कहलाती हैं। इनकी कोशिकाएँ लम्बी तर्कुरूप एवं एकनाभिकीय (एककेन्द्रकीय) होती हैं।
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प्रश्न 11.
हृदय पेशी का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
हृदय पेशियाँ (कार्डियक पेशी) अनैच्छिक पेशी होती हैं। इसकी कोशिकाएँ बेलनाकार शाखाओं वाली तथा एककेन्द्रकीय होती हैं। ये पेशियाँ जीवनभर लयबद्ध होकर प्रसार एवं संकुचन करती रहती हैं।
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प्रश्न 12.
जाइलम के विभिन्न घटकों के नाम लिखिए तथा एक सजीव घटक का नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर:
जाइलम के विभिन्न घटक:

  1. जाइलम वाहिनिका (ट्रैकीड)
  2. वाहिका
  3. जाइलम मृदूतक (जाइलम पैरेनकाइमा)
  4. जाइलम तन्तु (फाइबर)

सजीव घटक:
जाइलम मृदूतक (पैरेनकाइमा) का चित्र।
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प्रश्न 13.
फ्लोएम के विभिन्न अवयवों के चित्र बनाइए।
उत्तर:
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प्रश्न 14.
ऐच्छिक एवं अनैच्छिक पेशी के बीच भेद कीजिए तथा प्रत्येक प्रकार का एक-एक उदाहरण दीजिए।
अथवा
रेखित तथा अरेखित पेशियों में अन्तर स्पष्ट कीजिए। (2019)
उत्तर:
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उदाहरण:

  1. ऐच्छिक पेशी-हाथ-पैरों की माँसपेशियाँ।
  2. अनैच्छिक पेशी-आमाशय की पेशियाँ।

प्रश्न 15.
वसीय ऊतक एवं रंगा ऊतक का नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर:
वसीय ऊतक एवं रंगा ऊतक का नामांकित चित्र निम्नांकित है –
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प्रश्न 16.
न्यूरॉन (तन्त्रिका कोशिका) का नामांकित चित्र बनाइए। (2019)
उत्तर:
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MP Board Class 9th Science Solution Chapter 6 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
तन्त्रिका कोशिका या तन्त्रिका ऊतक (न्यूरॉन) का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
तन्त्रिका कोशिका या तन्त्रिका ऊतक का सचित्र वर्णन:

तन्त्रिकीय ऊतक (Nervous Tissue):
यह ऊतक सोचने, समझने, संवेदनाओं, उद्दीपन या बाह्य परिवर्तनों को ग्रहण करने की क्षमता रखता है। यह दो विशिष्ट प्रकार की कोशिकाओं का बना होता है –

1. तन्त्रिका कोशिका (Neurons):
ये तन्त्रिका तन्त्र का निर्माण करती हैं व 4 से 135 u या अधिक व्यास की कोशिकाएँ हैं। ये दो भागों की बनी होती हैं –

(अ) कोशिकाकाय या सायटॉन (Cell Body or Cyton):
यह तन्त्रिका का मुख्य भाग है, इसके कोशिकाद्रव्य में छोटे-छोटे निसिल्स कण (Nissils granules) पाये जाते हैं।

(ब) कोशिका प्रवर्ध (Cell Processes):
कोशिकाकाय से एक या एक से अधिक छोटे-बड़े कोशिकाद्रव्यीय प्रवर्ध निकले रहते हैं। ये दो प्रकार के होते हैं –

  • डेण्ड्राइट्स (Dendrites)
  • एक्सॉन (Axon)।

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2. न्यूरोग्लिया (Neurogloea):
ये एक्सॉन रहित कोशिकाएँ हैं जो तन्त्रिकाओं में आवरण बनाती हैं।

प्रश्न 2.
जालिकावत् एवं रेशेदार संयोजी ऊतकों के नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर:
जालिकावत् एवं रेशेदार संयोजी ऊतकों के नामांकित चित्र:
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प्रश्न 3.
उपकला ऊतकों के विभिन्न प्रकारों की संरचना एवं कार्यों का वर्णन कीजिए। उपकला ऊतक के कई तरह के चित्र भी बनाइए।
अथवा
उपकला ऊतक के प्रकारों का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
उपकला ऊतक के प्रकार-उपकला ऊतक के निम्न प्रकार होते हैं:

1. सरल घनाकार उपकला ऊतक (Simple Cuboidal Epithelial Tissue):
ये घनाकार होते हैं इनकी लम्बाई, चौड़ाई, ऊँचाई बराबर होती है। यह स्वेद ग्रन्थियाँ, थायरॉइड ग्रन्थियाँ, यकृत, वृक्क नलिकाओं व जनदों में पाया जाता है।
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2. सरल स्तम्भाकार ऊतक (Simple Columnar Epithelial Tissue)-इस ऊतक की कोशिकाएँ एक-दूसरे से सटी हुई व समान दिखाई देती हैं। इनके स्वतन्त्र सिरों पर सूक्ष्मांकुर (Microvilli) पाये जाते हैं। ये अवशोषण तल को बढ़ाते हैं व संवेदी अंगों से संवदेना ग्रहण करते हैं। पित्ताशय व पित्तवाहिनी की दीवार इसी ऊतक की बनी होती है।
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3. स्तरित उपकला ऊतक (Stratified Epithelial Tissue):
इसमें कोशिकाएँ कई स्तरों में व्यवस्थित रहती हैं एवं स्तम्भाकार एवं जीवित होती हैं। इसमें जीवनपर्यन्त विभाजन की क्षमता पाई जाती है। विभाजन की क्षमता होने के कारण इसे जनन स्तर कहते हैं। यह ऊतक घर्षण करने वाले स्थानों, मुखगुहा, त्वचा, एपिडर्मिस, ईसोफेगस, नासा गुहा की म्यूकोसा, योनि आदि में पाया जाता है।
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4. ग्रन्थिल उपकला ऊतक (Glandular Epithelial Tissue):
हमारे शरीर में कई प्रकार की ग्रन्थियाँ पाई जाती हैं। इन ग्रन्थियों की स्वतन्त्र आन्तरिक सतह पर पाये जाने वाले ऊतक को ग्रन्थिल उपकला ऊतक कहते हैं। ये ग्रन्थियाँ एककोशिकीय व बहुकोशिकीय होती हैं। ये ग्रन्थियाँ त्वचा, स्वेद ग्रन्थि, स्तन ग्रन्थि, तेल ग्रन्थि, लार ग्रन्थि, जठर ग्रन्थि, अग्न्याशयी ग्रन्थि में होती हैं।
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5. सरल पक्ष्माभी उपकला ऊतक (Simple Ciliated Epithelial Tissue):
इस ऊतक की कोशिकाएँ स्तम्भाकार या घनाकार होती हैं। इसके सिरों पर छोटी-छोटी महीन धागों के समान रचनाएँ पायी जाती हैं, जिन्हें सिलिया (Cilia) कहते हैं। ये ऊतक अण्डवाहिनी (Oviduct), मूत्रवाहिनी (Ureter), मुखगुहा की श्लेष्मिका (Mucous membrane), टिम्पैनिक गुहा, मस्तिष्क एवं मेरुरज्जु की केन्द्रीय नाल (Central canal) तथा श्वास नली की भीतरी सतह पर पाये जाते हैं। इस ऊतक के पक्ष्माभ अन्य पदार्थों को धकेलने में मदद करते हैं।
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6. सरल शल्की उपकला ऊतक (Simple Squamous Epithelial Tissue):
यह ऊतक शरीर की सतह का सुरक्षात्मक आवरण बनाता है। मूत्र नलिका, देहगुहा, हृदय के चारों ओर रक्षात्मक आवरण बनाता है।
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7. संवेदी उपकला ऊतक (Sensory Epithelial Tissue):
ये स्तम्भी उपकला ऊतक का रूपान्तरण है। इनके सिरे पर संवेदी रोम (Sensory hair) पाये जाते हैं। ये रोम तन्त्रिका तन्तु से जुड़े रहते हैं। यह ऊतक घ्राण कोष, आँख की रेटिना तथा मुखगुहा की म्यूकस झिल्ली में पाया जाता है।
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प्रश्न 4.
मानव शरीर में पायी जाने वाली विभिन्न प्रकार की पेशियों के नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर:
मानव शरीर में निम्न तीन प्रकार की पेशियाँ पाई जाती हैं –

  1. रेखित पेशी
  2. अरेखित पेशी
  3. हृदयक पेशी (2018)।

1. रेखित पेशी का नामांकित चित्र:
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2. अरेखित पेशी का नामांकित चित्र:
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3. हृदयक पेशी का नामांकित चित्र:
MP Board Class 9th Science Solutions Chapter 6 ऊतक image 37

प्रश्न 5.
उपास्थि एवं अस्थि में अन्तर बताइए।
उत्तर:
उपास्थि एवं अस्थि में अन्तर:
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प्रश्न 6.
मृदूतक एवं दृढ़ोतक में भेद कीजिए। इनके सभी भागों के नाम स्पष्ट रूप से लिखिए।
उत्तर:
मृदूतक एवं दृढ़ोतक में भेद:
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1. मृदूतकों के भाग:
कोशिकाद्रव्य, केन्द्रक, मध्य पटलिका, हरित लवक, रसधानी, अन्तरकोशिकीय स्थान, प्राथमिक कोशिका भित्ति।

2. दृढ़ोतकों के भाग:
सँकरी अवकोशिका (ल्यूमेन), लिग्निनयुक्त मोटी भित्ति, साधारण गर्त युग्म।

प्रश्न 7.
कॉर्क की विशिष्टताएँ लिखिए। ये कैसे बनती हैं? इनकी भूमिका का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
कॉर्क की विशेषताएँ:

  1. कॉर्क कोशिकाएँ परिपक्व होने पर मर जाती हैं।
  2. ये कोशिकाएँ सघन रूप से व्यवस्थित होती हैं।
  3. कोशिकाओं में अन्तरकोशिकीय स्थान नहीं होते।
  4. कोशिकाओं की भित्तियों में एक रासायनिक पदार्थ सुबेरिन होता है।
  5. इनमें कोशिकाएँ अनेक स्तरों में व्यवस्थित होती हैं।

कॉर्क का बनना:
जैसे ही पादप वृद्धि करते हुए काफी समय का हो जाता है तो द्वितीय विभज्योतक की एक पट्टी तने की बाह्यत्वचा (एपीडर्मिस) का स्थान ले लेती है। इस विभज्योतक के कारण बाहरी सतह पर कटी कोशिकाओं का निर्माण होता है जिन्हें कॉर्क कहते हैं।

कॉर्क की भूमिका:
यह गैस व जल के लिए अपारगम्य होती है। यह तने एवं उनकी टहनियों (शाखाओं) को सुरक्षा प्रदान करती है।

प्रश्न 8.
निम्नलिखित के उत्तर दीजिए –
1. पादपों में विभज्योतक एवं स्थायी ऊतकों में भेद कीजिए।
2. विभेदन की प्रक्रिया को परिभाषित कीजिए।
3. पादपों के किन्हीं दो सरल एवं दो जटिल स्थायी ऊतकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
1. विभज्योतकों की कोशिकाएँ अत्यधिक क्रियाशील होती हैं। इनके पास बहुत अधिक कोशिकाद्रव्य, पतली कोशिका भित्ति और स्पष्ट केन्द्रक होता है लेकिन रसधानी का अभाव होता है। ये ऊतक विभाजित होते रहते हैं इसी कारण पौधों के विभिन्न भागों में वृद्धि होती है। जबकि स्थायी ऊतक स्वयं विभज्योतकों से बनी नई कोशिकाओं से बनता है जो विभाजित होने की शक्ति खो देती हैं तथा ये विशिष्ट कार्य करती हैं।

2. विभेदन की परिभाषा:
“निश्चित आकार, माप एवं प्रकार्यों के कारण ऊतकों की कोशिकाओं में विभाजित होने की सामर्थ्य समाप्त हो जाती है तथा ये विशिष्ट कार्य करने के लिए स्थायी रूप एवं आकार ग्रहण कर लेती हैं। इस प्रक्रिया को विभेदन कहते हैं।”

3. दो सरल ऊतकों के नाम:
मृदूतक एवं दृढ़ोतक। दो जटिल ऊतकों के नाम-जाइलम एवं फ्लोएम।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित के बारे में कारण बताइए –
1. मृदूतक कोशिकाओं में सुस्पष्ट केन्द्रक एवं सघन कोशिकाद्रव्य होता है लेकिन इनमें रसधानियों का अभाव होता है।
2. दृढ़ोतकों में अन्तराकोशिकीय अवकाश नहीं होते।
3. जब हम नाशपाती फल को चबाते हैं तो हमें एक दानेदार एवं कुरकुरे का-सा अहसास होता है।
4. नारियल वृक्ष से छिलके को उतारना बहुत कठिन होता है।
उत्तर:

  1. मृदूतक कोशिकाओं को जल या अन्य पदार्थों के संग्रहण की आवश्यकता नहीं होती बल्कि इनका कार्य विभाजन करके नई कोशिकाएँ बनाना है इसलिए इनमें सुस्पष्ट केन्द्रक एवं सघन कोशिकाद्रव्य होता है और रसधानियों का अभाव होता है।
  2. लिग्निन युक्त होने के कारण दृढ़ोतकों में अन्तराकोशिकीय अवकाश का अभाव होता है।
  3. दृढ़ोतक कोशिकाओं की उपस्थिति के कारण नाशपाती खाते समय हमको दानेदार एवं कुरकुरे कासा अहसास होता है।
  4. नारियल वृक्ष के तने में स्थूलकोण ऊतक की उपस्थिति के कारण ये पर्याप्त कठोर एवं सुदृढ़ होते हैं इसलिए इसके छिलके को उतारना बहुत कठिन होता है।

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