MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.2

MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.2

प्रश्न 1.
आठवीं कक्षा के 30 विद्यार्थियों के रक्त समूह ये हैं :
A, B, O, O, AB, O, A, O, B, A, O, B, A, O, O, A, AB, O, A, A, O, O, AB, B, A, O, B, A, B, O.
इन आँकड़ों को एक बारम्बारता बंटन सारणी के रूप में प्रस्तुत कीजिए। बताइए कि इन विद्यर्थियों में कौन-सा रक्त समूह अधिक सामान्य है और कौन-सा रक्त समूह विरलतम रक्त समूह है ? (2019)
हल:
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.2 image 1
अतः अधिक सामान्य रक्त समूह O है तथा सबसे विरलतम रक्त समूह AB.

प्रश्न 2.
40 इन्जीनियरों की उनके आवास से कार्य स्थल की किलोमीटर में दूरियाँ ये हैं :
5, 3, 10, 20, 25, 11, 13, 7, 12, 31, 19, 10, 12, 17, 18, 11, 32, 17, 16, 2, 7, 9 ,7,8, 3, 5, 12, 15, 18, 3, 12, 14, 2,9, 6, 15, 15, 7, 6, 12. 0-5 को, जिसमें 5 सम्मिलित नहीं है, पहला अन्तराल लेकर ऊपर दिए हुए आँकड़ों से वर्ग माप 5 वाली एक वर्गीकृत बारम्बारता बंटन सारणी बनाइए। इस सारणीबद्ध निरूपण में आपको कौन-से मुख्य लक्षण देखने को मिलते हैं ?
हल:
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.2 image 2
अतः सर्वाधिक इन्जीनियर 5 से 10 और 10 से 15 किमी दूरी पर रहते हैं तथा सबसे कम 20 से 25, 25 से 30 एवं 30 से 35 किमी दूरी पर।

प्रश्न 3.
30 दिन वाले महीने में एक नगर की सापेक्ष आर्द्रता (% में) यह रही है :
98.1, 98.6, 99.2, 90.3, 86.5, 95.3, 92.9, 96.3, 94.2, 95.1, 89.2, 92.3, 97.1, 93.5, 92.7, 95.1, 97.2, 93.3, 95.2, 97.3, 96.2, 92.1, 84.9, 90.2, 95.7, 98.3, 97.3, 96.1, 92.1, 89.0.
(i) वर्ग 84 – 86, 86 – 88 आदि लेकर एक वर्गीकृत बारम्बारता बंटन बनाइए।
(ii) क्या आप बता सकते हैं कि ये आँकड़े किस महीने या ऋतु से सम्बन्धित हैं?
(iii) इन आँकड़ों का परिसर क्या है ?
हल :
(i) अभीष्ट बारम्बारता बंटन सारणी :
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.2 image 3
(ii) ये आँकड़े वर्षा ऋतु के किसी महीने में लिए गए हैं क्योंकि सापेक्ष आर्द्रता अधिक है।
(iii) अभीष्ट परिसर = 99.2 – 84.9 = 14.3.

प्रश्न 4.
निकटतम सेण्टीमीटर में मापी गई 50 विद्यार्थियों की लम्बाइयाँ ये हैं :
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.2 image 4
(i) 160 – 165, 165 – 170 आदि का वर्ग अन्तराल लेकर ऊपर दिए गए आँकड़ों को एक वर्गीकृत बारम्बारता सारणी के रूप में निरूपित कीजिए।
(ii) इस सारणी की सहायता से आप विद्यार्थियों की लम्बाइयों के सम्बन्ध में क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं?
हल :
(i) अभीष्ट वर्गीकृत बारम्बारता सारणी :
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.2 image 5
(ii) उपर्युक्त सारणी से निष्कर्ष निकलता है कि 50% से अधिक छात्रों की लम्बाई 165 cm से कम है।

प्रश्न 5.
एक नगर में वायु में सल्फर डाइ ऑक्साइड का सान्द्रण का भाग प्रति मिलियन [parts per million (ppm)] में ज्ञात करने के लिए एक अध्ययन किया गया। 30 दिनों के प्राप्त किए गए आँकड़े ये हैं:
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.2 image 6
(i) 0.00 – 0.04, 0.04 – 0.08 आदि का वर्ग अन्तराल लेकर इन आँकड़ों की एक वर्गीकृत बारम्बारता सारणी बनाइए।
(ii) सल्फर डाइ-ऑक्साइड की सान्द्रता कितने दिन 0.11 भाग प्रति मिलियन से अधिक रही?
हल :
(i) अभीष्ट वर्गीकृत बारम्बारता सारणी:
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.2 image 7
(ii) 8 दिनों तक सल्फर डाइ-ऑक्साइड का सान्द्रण 0.11 ppm से अधिक रहा।

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प्रश्न 6.
तीन सिक्कों को एक साथ 30 बार उछाला गया। प्रत्येक बार चित (head) आने की संख्या निम्न है:
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.2 image 8
ऊपर दिए गए आँकड़ों के लिए एक बारम्बारता बंटन सारणी बनाइए।
हल :
अभीष्ट बारम्बारता बंटन सारणी:
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.2 6.1

प्रश्न 7.
50 दशमलव स्थान तक शुद्ध का मान नीचे दिया गया है :
3.14159265358979323846264338327950288419716939937510.
(i) दशमलव बिन्दु के बाद आने वाले 0 से 9 तक के अंकों का एक बारम्बारता बंटन बनाइए।
(ii) सबसे अधिक बार और सबसे कम बार आने वाले अंक कौन-कौन से हैं ?
हल :
(i) अभीष्ट बारम्बारता बंटन सारणी :
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.2 image 10
(ii) सबसे अधिक बार आने वाले अंक 3 और 9 हैं एवं सबसे कम बार आने वाला अंक 0 है।

प्रश्न 8.
तीस बच्चों से यह पूछा गया कि पिछले सप्ताह उन्होंने कितने घण्टों तक टी. वी. के प्रोग्राम देखे। प्राप्त परिणाम ये रहे हैं (2019)
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.2 image 11
(i) वर्ग चौड़ाई 5 लेकर और एक वर्ग अन्तराल को 5 – 10 लेकर इन आँकड़ों को एक वर्गीकृत बारम्बारता बंटन सारणी बनाइए।
(ii) कितने बच्चों ने सप्ताह में 15 या अधिक घण्टों तक टेलीविजन देखा ?
हल :
(i) अभीष्ट वर्गीकृत बारम्बारता बंटन सारणी :
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.2 image 12
(ii) सप्ताह में 15 या अधिक घण्टे टेलीविजन देखने वाले बच्चे = 2.

प्रश्न 9.
एक कम्पनी एक विशेष प्रकार की कार बैटरी बनाती है। इस प्रकार की 40 बैटरियों के जीवन-काल (वर्षों में) ये रहे हैं
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.2 image 13
0.5 माप के वर्ग अन्तराल लेकर तथा अन्तराल 2.0 – 2.5 से प्रारम्भ करके इन आँकड़ों की एक वर्गीकृत बारम्बारता बंटन सारणी बनाइए।
हल :
अभीष्ट वर्गीकृत बारम्बारता बंटन सारणी :
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.2 image 14

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MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 12 हीरोन का सूत्र Ex 12.2

MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 12 हीरोन का सूत्र Ex 12.2

प्रश्न 1.
एक पार्क चतुर्भुज ABCD के आकार का है जिसमें ∠C = 90°, AB = 9 m, BC = 12 m, CD = 5 m और AD = 8 m है। इस पार्क का कितना क्षेत्रफल है ?
हल:
दिए हुए पार्क का आकार संलग्न चित्र में प्रदिर्शित है जिसमें
∠C = 90°, AB = 9 m, BC = 12 m, CD = 5 m और AD = 8 m है।
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 12 हीरोन का सूत्र Ex 12.2 1
चित्र 12.7
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 12 हीरोन का सूत्र Ex 12.2 1a
पार्क का कुल क्षेत्रफल = ar (ABD) + ar (BCD)
= 6 √35 + 30 = 6 x 5.916 + 30 [समी. (1) + (2) से]
⇒ ar (ABCD) = 35.496 + 30 = 65-496 ≈ 65.5 m2 (लगभग)
अतः पार्क का अभीष्ट क्षेत्रफल = 65.5 m2.(लगभग)

प्रश्न 2.
एक चतुर्भुज ABCD का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए जिसमें AB = 3 cm, BC = 4 cm, CD = 4 cm, DA = 5 cm और AC = 5 cm है।
हल:
चतुर्भुज ABCD का आकार संलग्न चतुर्भुज में दिखाया गया है
जिसमें AB = 3 cm, BC = 4 cm, CD = 4 cm, AD = 5 cm और AC = 5 cm है।
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 12 हीरोन का सूत्र Ex 12.2 2
चित्र 12.8
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 12 हीरोन का सूत्र Ex 12.2 2a
ar (ABCD) = ar (ABD) + ar (ADC)
= 6 + 2√21
= 6 + 9.165
= 15.165 cm2
= 15.2 cm2 (लगभग)
अतः चतुर्भुज ABCD का अभीष्ट क्षेत्रफल = 15.2 cm2.(लगभग)।

प्रश्न 3.
राधा ने एक रंगीन कागज से एक हवाई जहाज का चित्र बनाया जैसा संलग्न चित्र में दिखाया गया है। प्रयोग किए गए कागज का कुल क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
हल:
चित्र कुल 5 भागों में बँटा हुआ है।
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 12 हीरोन का सूत्र Ex 12.2 3
चित्र 12.9
I भाग एक समद्विबाहु त्रिभुजाकार है जिसकी भुजाएँ 5 cm, 5 cm. 1 cm।
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 12 हीरोन का सूत्र Ex 12.2 3a
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 12 हीरोन का सूत्र Ex 12.2 3b
II भाग एक आयत है जिसकी भुजाएँ 6-5 cm एवं 1 cm हैं।
⇒ ar (II) = 6.5 x 1 = 6.5 cm2 …(2)
III भाग एक समलम्ब चतुर्भुज है जिसकी समान्तर भुजाएँ 1 cm और 2 cm है तथा असमान्तर भुजाएँ 1 cm और 1 cm हैं। मान लीजिए दोनों समान्तर भुजाओं के बीच की दूरी में है तो के अनुसार
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 12 हीरोन का सूत्र Ex 12.2 3c
चित्र 12.10
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 12 हीरोन का सूत्र Ex 12.2 3d
IV एवं V भाग दो समान विमाओं के समकोण त्रिभुज हैं जिनकी समकोण बनाने वाली भुजाएँ 6 cm एवं 1.5 cm हैं।
⇒ ar (IV & V) = 2 x \(\frac { 1 }{ 2 }\) x 6 x 1.5
= 9.0 cm2 ….(4)
ar (हवाई जहाज) = ar (I) + ar (II) + ar (III) + ar (IV &V)
⇒ ar (हवाई जहाज) = 2.5 + 6.5 + 1.3 + 9.0 = 19.3 cm2 (लगभग)
अतः प्रयोग किए गए रंगीन कागज का अभीष्ट क्षेत्रफल = 19.3 cm2.(लगभग)

प्रश्न 4.
एक त्रिभुज और एक समान्तर चतुर्भुज का एक ही आधार है और क्षेत्रफल भी एक ही है। यदि त्रिभुज की भुजाएँ 26 cm, 28 cm और 30 cm हैं तथा समान्तर चतुर्भुज 28 cm के आधार पर स्थित है तो उसकी संगत ऊँचाई ज्ञात कीजिए।
हल:
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 12 हीरोन का सूत्र Ex 12.2 4
चित्र 12.9
ज्ञात है : एक ही आधार AB = 28 cm पर एक समान्तर AL
चतुर्भुज ABCD एवं त्रिभुज EAB स्थित हैं जिसमें
AE = 30 cm एवं BE = 26 cm है।
ar (EAB) = ar (ABCD)
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 12 हीरोन का सूत्र Ex 12.2 4A
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 12 हीरोन का सूत्र Ex 12.2 4B
मान लीजिए समान्तर चतुर्भुज की संगत ऊँचाई = d cm है।
चूँकि ar (ABCD) = ar (EAB) (दिया है)
28 x d = 336
d = \(\frac { 336 }{ 28 }\) = 12 cm
अतः समान्तर चतुर्भुज की अभीष्ट संगत ऊँचाई = 12 cm.

प्रश्न 5.
एक समचतुर्भुजाकार घास के खेत में 18 गायों के चरने के लिए घास है। यदि इस समचतुर्भुज की प्रत्येक भुजा 30 m है और बड़ा विकर्ण 48 m है, तो प्रत्येक गाय को चरने के लिए इस घास के खेत का कितना क्षेत्रफल प्राप्त होगा? (2018)
हल:
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 12 हीरोन का सूत्र Ex 12.2 5
चित्र 12.12
ज्ञात है : एक सम चतुर्भुजाकार घास का मैदान ABCD जिसकी भुजा AB = BC = CD = DA = 30 m एवं दीर्घ विकर्ण AC = 48 m, जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। विकर्ण AC समचतुर्भुज ABCD को बराबर के क्षेत्रफल वाले ar (ABC) = ar (DAC) में विभक्त करता है।
अब ∆ABC की भुजाएँ क्रमशः 30 m, 30 m, एवं 48 m हैं।
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 12 हीरोन का सूत्र Ex 12.2 5A
= 24 x 6 x 3 = 432 m2
चूँकि ar (ABCD) = 2 x ar (ABC)
= 2 x 432 = 864 m2
एक गाय के लिए उपलब्ध क्षेत्रफल = 800 = 48 m2
अतः एक गाय के चरने के लिए उपलब्ध घास के खेत का अभीष्ट क्षेत्रफल = 48 m2.

प्रश्न 6.
दो विभिन्न रंगों के कपड़ों के 10 त्रिभुजाकार टुकड़ों को सीकर एक छाता बनाया गया है (देखिए संलग्न चित्र)। प्रत्येक टुकड़े की माप 20 cm, 50 cm और . 50 cm है। छाते में प्रत्येक रंग का कितना कपड़ा लगा है ?
हल:
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 12 हीरोन का सूत्र Ex 12.2 6
चित्र 12.13
ज्ञात है : 10 त्रिभुजाकार समान क्षेत्रफल वाले दो रंग के कपड़े के टुकड़े जिनकी विमाएँ प्रत्येक 20 cm, 50 cm और 50
cm हैं तथा प्रत्येक रंग के 5 टुकड़े हैं।
एक त्रिभुजाकार टुकड़े के लिए,
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 12 हीरोन का सूत्र Ex 12.2 6A
⇒ प्रत्येक रंग के 5 टुकड़ों का क्षेत्रफल = 5 x 200√6 cm2
= 1000√6 cm2
अतः प्रत्येक रंग के कपड़े का अभीष्ट क्षेत्रफल = 1000√6 cm2.

प्रश्न 7.
एक पतंग तीन भिन्न-भिन्न शेडों (Shades) के कागजों से बनी है। इन्हें संलग्न चित्र में I, II और III से दर्शाया गया है। पतंग का ऊपरी भाग 32 cm विकर्ण का एक वर्ग है और निचला भाग 6 cm, 6 cm और 8 cm भुजाओं का एक समद्विबाहु त्रिभुज है। ज्ञात कीजिए कि प्रत्येक शेड का कितना कागज प्रयुक्त किया गया है।
हल:
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 12 हीरोन का सूत्र Ex 12.2 7
चित्र 12.14
ज्ञात है : एक पतंग जिसमें ABCD एक वर्ग है जिसके विकर्ण DB = CA = 32 cm तथा AEF एक समद्विबाहु त्रिभुज जिसमें AE = AF = 6 cm एवं EF = 8 cm है। मान लीजिए विकर्ण DB एवं CA बिन्दु 0 पर परस्पर लम्ब समद्विभाजक हैं। (वर्ग के प्रगुण के अनुसार)
यह पतंग तीन अलग-अलग रंग के भागों
I∆CDB, II ∆DAB और III ∆ AEF में विभाजित है।
ar (∆CDB) = ar (∆DAB) (वर्ग का विकर्ण वर्ग को समद्विभाजित करता है)
भाग I-अब ∆ CDB में आधार DB = 32 cm एवं शीर्षलम्ब
CO = \(\frac { 1 }{ 2 }\) = CA = \(\frac { 1 }{ 2 }\) = x 32 = 16 cm है।
ar (CDB) = \(\frac { 1 }{ 2 }\) x 32 x 16 = 256 cm2
भाग II-चूँकि ar (DAB) = ar (CDB) (बराबर त्रिभुज हैं)
= 256 cm2 (∵ ar (CDB) = 256 cm2 ज्ञात कर चुके हैं)
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 12 हीरोन का सूत्र Ex 12.2 7A
अतः I भाग का अभीष्ट क्षेत्रफल = II भाग का अभीष्ट क्षेत्रफल = 256 cm2 एवं III भाग का अभीष्ट क्षेत्रफल = 17.92 cm2.

प्रश्न 8.
फर्श पर एक फूलों का डिजायन 16 त्रिभुजाकार टाइलों से बनाया गया है जिनमें से प्रत्येक की भुजाएँ 9 cm, 28 cm और 35 cm हैं (देखिए संलग्न चित्र)।. इन टाइलों को 50 पैसे प्रति cm की दर से पॉलिश कराने का व्यय ज्ञात कीजिए।
हल:
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 12 हीरोन का सूत्र Ex 12.2 8
चित्र 12.15
दिया है : संलग्न चित्र में 16 त्रिभुजाकार टाइलों से बना डिजायन, प्रत्येक की भुजाएँ 9 cm, 28 cm और 35 cm हैं।
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 12 हीरोन का सूत्र Ex 12.2 8A
⇒ 16 टाइलों का क्षेत्रफल = 16∆ = 16 x 36√6 cm2
चूँकि टाइलों पर पॉलिश का व्यय = दर x क्षेत्रफल
⇒ कुल व्यय = ₹ 70 x 16 x 36√6
= ₹ 705.60
अत: टाइलों पर पॉलिश का अभीष्ट व्यय = ₹ 705.60.

प्रश्न 9.
एक खेत एक समलम्ब के आकार का है जिसकी समान्तर भुजाएँ 25 m और 10 m है। इसकी असमान्तर भुजाएँ 14 m और 13 m हैं। इस खेत का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
हल:
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 12 हीरोन का सूत्र Ex 12.2 9
चित्र 12.16
ज्ञात है : एक समलम्ब के आकार का खेत जिसमें AB|| DC,
AB = 25 m, DC = 10 m, BC = 14 m एवं DA = 13 m है।
CE || DA एवं CF ⊥ AB खींचिए।
चूँकि AECD एक समान्तर चतुर्भुज है [DC || AB (दिया है) और CE || DA (रचना से)]
⇒ CE = DA = 13 cm (समान्तर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ हैं)
चूंकि EB = AB – AE = AB – DC (AE = DC समान्तर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ)
⇒ EB = 25 – 10 = 15 m
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 12 हीरोन का सूत्र Ex 12.2 9a
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 12 हीरोन का सूत्र Ex 12.2 9b
अत: समलम्ब खेत का का अभीष्ट क्षेत्रफल = 196.0 m2

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MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 11 रचनाएँ Ex 11.1

MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 11 रचनाएँ Ex 11.1

प्रश्न 1.
एक दी हुई किरण के प्रारम्भिक बिन्दु पर 90° के कोण की रचना कीजिए और कारण सहित रचना की पुष्टि कीजिए।
हल:
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 11 रचनाएँ Ex 11.1 1
चित्र 11.9
रचना :
(i) किरण BC के प्रारम्भिक बिन्दु B को केन्द्र मानकर किसी त्रिज्या से एक चाप खींचिए जो BC को बिन्दु P पर प्रतिच्छेद करता है।
(ii) P को केन्द्र लेकर इसी त्रिज्या से चाप PQ काटिए।
(iii) Q को केन्द्र लेकर इसी त्रिज्या से पुनः चाप QR काटिए।
(iv) Q और R को क्रमशः केन्द्र लेकर QR के आधे से अधिक की त्रिज्या लेकर चाप खींचिए जो परस्पर A बिन्दु पर प्रतिच्छेद करते हैं।
(v) किरण BA खींचिए।
यही ∠ABC = 90° का अभीष्ट कोण है।
कारण : PQ, QR, BQ एवं BR को मिलाइए।
चूँकि BP = PQ = BQ ⇒ ∆QBP एक समबाहु त्रिभुज है। (रचना से)
⇒ OBP = 60° (समबाहु ∆ का कोण है) ….(1)
चूँकि QB = QR = BR = ∆ BQR एक समबाहु त्रिभुज है (रचना से)
⇒ ∠QBR = 60° (समबाहु ∆ का कोण है) …(2)
चूँकि किरण AB, ∠QBR का अर्द्धक है (रचना से)
⇒ ∠QBA = = x 60° = 30° ….(3)
⇒ ∠QBP + ∠QBA = 60° + 30° = 90°
समीकरण (1) + (3) से]
अतः ABC = 90°. (चित्रानुसार) इति सिद्धम्

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प्रश्न 2.
एक दी हुई किरण के प्रारम्भिक बिन्दु पर 45° के कोण की रचना कीजिए और कारण सहित रचना की पुष्टि कीजिए।
हल:
रचना :
(i) किरण BC के प्रारम्भिक बिन्दु B को केन्द्र लेकर किसी त्रिज्या से एक चाप खींचिए जो BC को बिन्दु P पर प्रतिच्छेद करता है।
(ii) Pको केन्द्र लेकर उसी त्रिज्या से एक चाप खींचिए जो पूर्व चाप को बिन्दु Q पर प्रतिच्छेद करता है।
(iii) कोण ∠PBQ की समद्विभाजक किरण BR खींचिए जो पूर्व चाप को बिन्दु S पर प्रतिच्छेद करती है।
(iv) कोण ∠ SBQ की समद्विभाजक किरण BA खींचिए।
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 11 रचनाएँ Ex 11.1 2
चित्र 11.10
यही ∠ABC = 45° का अभीष्ट कोण है।
कारण : PQ एवं BQ को मिलाइए।
चूँकि BP = PQ = BQ ⇒ ∆QBP एक समबाहु त्रिभुज है। (रचना से)
⇒ ∠QBP = 60° (समबाहु A का कोण है)
चूँकि किरण BR, ∠QBP की समद्विभाजक है। (रचना से)
⇒ ∠QBR = ∠ RBC = \(\frac { 1 }{ 2 }\) QBP = \(\frac { 1 }{ 2 }\) x 60° = 30° …(1)
चूँकि किरण BA, ∠QBR की समद्विभाजक है। (रचना से)
⇒ ∠ABR = \(\frac { 1 }{ 2 }\) x ∠ QBR = \(\frac { 1 }{ 2 }\) x 30° = 15°
∠ABR + ∠RBC = 15° + 30° = 45° . [समी (1) + (2) से]
अतः ∠ABC = 45°. (चित्रानुसार)
इति सिद्धम

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प्रश्न 3.
निम्न मापों के कोणों की रचना कीजिए :
(i) 30° (2018)
(ii) 22 \(\frac { 1 }{ 2 }\)°
(iii) 15°.
हल:
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 11 रचनाएँ Ex 11.1 3
चित्र 11.11
(i) रचना : (a) किरण BC खींचिए।
(b) किरण BC के प्रारम्भिक बिन्दु B को केन्द्र लेकर किसी त्रिज्या से एक चाप खींचिए जो किरण BC को बिन्द P A पर प्रतिच्छेद करता है।
(c) P को केन्द्र लेकर उसी त्रिज्या से एक चाप खींचिए जो पहले चाप को बिन्दु O पर प्रतिच्छेद करता है।
(d) कोण QBP की समद्विभाजक किरण BA खींचिए। यही ∠ABC = 30° का अभीष्ट कोण है।

(ii) रचना :
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 11 रचनाएँ Ex 11.1 4
चित्र 11.12
(a) किरण BC खींचिए।
(b) B को केन्द्र लेकर किसी त्रिज्या से एक चाप खींचिए A जो BC को P पर प्रतिच्छेद करता है।
(c) P को केन्द्र लेकर उसी त्रिज्या से एक चाप खींचिए का जो पहले चाप को Q पर प्रतिच्छेद करता है।
(d) ∠OBP की समद्विभाजक किरण BR खींचिए।
(e) ∠RBC की समद्विभाजक किरण BS खींचिए।
(f) ∠ RBS की समद्विभाजक किरण BA खींचिए।
यही ∠ ABC = 22 \(\frac { 1 }{ 2 }\)° का अभीष्ट कोण है।

(iii) रचना :
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 11 रचनाएँ Ex 11.1 8
चित्र 11.13
(a) किरण BC खींचिए।
(b) B को केन्द्र लेकर किसी त्रिज्या से एक चाप खींचिए जो किरण BC को P पर प्रतिच्छेद करती है।
(c) P को केन्द्र लेकर उसी त्रिज्या से एक चाप खींचिए जो पहले चाप को बिन्दु Q पर प्रतिच्छेद करता है।
(d) ∠QBP की समद्विभाजक किरण BR खींचिए।
(e) ∠RBC की समद्विभाजक किरण BA खींचिए। यही ∠ABC = 15° का अभीष्ट कोण है।

प्रश्न 4.
निम्न कोणों की रचना कीजिए और चाँदे द्वारा मापकर पुष्टि कीजिए :
(i) 75° (2019)
(ii) 1050
(iii) 135°.
हल:
(i) रचना :
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 11 रचनाएँ Ex 11.1 9
चित्र 11.14
(a) किरण BC खींचिए।
(b) बिन्दु B को केन्द्र लेकर किसी त्रिज्या से एक चाप खींचिए जो BC को बिन्दु P पर प्रतिच्छेद करता है।
(c) P को केन्द्र लेकर उसी त्रिज्या से चाप PQ तथा Q को केन्द्र लेकर उसी त्रिज्या से चाप QR काटिए।
(d) ∠ RBO की समद्विभाजक किरण BS खींचिए।
(e) ∠ SBQ की समद्विभाजक किरण BA खींचिए।
यही ∠ ABC = 75° का अभीष्ट कोण है जिसकी पुष्टि चाँदे से नापने पर होती है।

(ii) रचना :
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 11 रचनाएँ Ex 11.1 10
चित्र 11.15
(a) किरण BC खींचिए।
(b) B को केन्द्र लेकर किसी त्रिज्या से एक चाप खींचिए जो किरण BC को बिन्दु P पर प्रतिच्छेद करता है।
(c) P को केन्द्र लेकर उसी त्रिज्या से PQ चाप एवं ए को केन्द्र लेकर उसी त्रिज्या से QR चाप खींचिए।
(d) ∠QBR का समद्विभाजक BS खींचिए।
(e) ∠ SBR का समद्विभाजक BA खींचिए।
यही ∠ABC = 105° का अभीष्ट कोण है जिसकी पुष्टि चाँदे से नापने पर होती है।

(iii) रचना :
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 11 रचनाएँ Ex 11.1 11
चित्र 11.16
(a) किरण BC खींचिए।
(b) B को केन्द्र लेकर किसी त्रिज्या से एक चाप खींचिए जो किरण BC को बिन्दु P पर प्रतिच्छेद करती है।
(c) P को केन्द्र लेकर उसी त्रिज्या से PQ, Q को केन्द्र लेकर QR एवं R को केन्द्र लेकर RS चाप खींचिए।
(d) ∠ RBS का समद्विभाजक BT खींचिए।
(e) ∠RBT का समद्विभाजक BA खींचिए।
यही ∠ABC = 135° का अभीष्ट कोण है जिसकी पुष्टि चाँदे से नापने पर होती है।

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प्रश्न 5.
एक समबाहु ∆ की रचना कीजिए जब इसकी भुजा दी हो तथा कारण सहित रचना की पुष्टि कीजिए।
हल:
रचना :
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 11 रचनाएँ Ex 11.1 12
चित्र 11.17
(i) दी हुई भुजा की लम्बाई के बराबर लम्बाई का एक रेखाखण्ड BC खींचिए।
(ii) B और C को केन्द्र लेकर BC के बराबर त्रिज्या से क्रमश: चाप खींचिए जो परस्पर A बिन्दु पर प्रतिच्छेद करते हैं।
(iii) AB और AC को मिलाइए। यही ∆ABC अभीष्ट समबाहु त्रिभुज है जिसकी भुजा दी हुई है।
कारण : AB = BC = AC (रचना से)
अत: ∆ABC समबाहु ∆ है।

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MP Board Class 9th Social Science Solutions Chapter 8 मानचित्र : पठन एवं अंकन

MP Board Class 9th Social Science Solutions Chapter 8 मानचित्र : पठन एवं अंकन

MP Board Class 9th Social Science Chapter 8 पाठान्त अभ्यास

MP Board Class 9th Social Science Chapter 8 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

सही विकल्प चुनकर लिखिए

प्रश्न 1.
मानचित्र में कौन-सा तत्व आनुपातिक दूरी दर्शाने से सम्बन्धित है?
(i) मापक
(ii) अक्षांश व देशान्तर रेखाओं का जाल
(iii) रंगों का उपयोग
(iv) रूढ़ चिह्नों का उपयोग।
उत्तर:
(i) मापक

प्रश्न 2.
मानचित्र का प्रकार नहीं है.
(i) केरल का भौतिक मानचित्र
(ii) राजनैतिक मानचित्र
(iii) भारत का रेखाचित्र
(iv) वितरण मानचित्र।
उत्तर:
(iii) भारत का रेखाचित्र

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प्रश्न 3.
कौन-सा मापक प्रदर्शक भिन्न (R.F.) है?
(i) एक इंच बराबर दस मील,
(ii) 1 सेमी = 1 किमी
(iii) दस किलोमीटर के लिए एक सेमी
(iv) 1 : 1,00,000
उत्तर:
(iv) 1 : 1,00,000

प्रश्न 4.
रूढ़ चिह्नों को मान्यता प्रदान करता है
(i) केन्द्रीय सूचना विभाग,
(ii) भारतीय संविधान
(iii) सर्वेक्षण विभाग
(iv) भारतीय संसद।
उत्तर:
(iii) सर्वेक्षण विभाग

सही जोड़ी मिलाइए
MP Board Class 9th Social Science Solutions Chapter 8 मानचित्र पठन एवं अंकन - 1
उत्तर:

  1. → (ङ)
  2. → (ग)
  3. → (घ)
  4. → (ख)
  5. → (क)।

MP Board Class 9th Social Science Chapter 8 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
मानचित्र किसे कहते हैं?
उत्तर:
मानचित्र, पृथ्वी या उसके किसी भाग के चुने हुए तथ्यों व लक्षणों का एक निश्चित मापक तथा प्रक्षेप पर उपयुक्त रूढ़ चिह्नों द्वारा किसी समतल पटल पर प्रदर्शन है।

प्रश्न 2.
मानचित्र के आवश्यक तत्व/अंग कौन-कौनसे हैं? लिखिए।
उत्तर:
एक भौगोलिक मानचित्र में जिन बातों का होना आवश्यक है, उन्हें ही मानचित्र के तत्व कहते हैं। एक पूर्ण मानचित्र में निम्नलिखित तत्व सम्मिलित होते हैं-

  1. दिशा संकेत
  2. शीर्षक व उपशीर्षक
  3. रूढ़ चिह्न।

प्रश्न 3.
मापक कितने प्रकार के होते हैं? नाम लिखिए।
उत्तर:

  1. कथनात्मक मापक
  2. रेखात्मक मापक
  3. प्रदर्शक भिन्न।

प्रश्न 4.
भौतिक मानचित्र में क्या दर्शाया जाता है?
उत्तर:
इन मानचित्रों में धरातलीय तथ्य व लक्षण; यथा-पर्वत, पठार, मैदान, घाटियाँ आदि समोच्च रेखाओं के अनुरूप विभिन्न रंगों (यथा- भूरा, पीला, हरा) द्वारा दर्शाए जाते हैं।

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MP Board Class 9th Social Science Chapter 8 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
रेखाचित्र व मानचित्र में अन्तर स्पष्ट कीजिए। (2016)
उत्तर:
मानचित्र हमारे समक्ष पृथ्वी के विभिन्न भागों का चित्र प्रस्तुत करते हैं। मानचित्रों के द्वारा ही संसार के महाद्वीपों को प्रदर्शित किया जा सकता है। जबकि रेखाचित्र किसी विशेष लक्ष्य, भू-आकार आदि को बताने के लिए बनाये जाते हैं।

प्रश्न 2.
मानचित्र में मापक का क्या महत्त्व है?
उत्तर:

  1. मापक द्वारा किसी विस्तृत भूखण्ड का छोटे कागज पर छोटे आकार में प्रदर्शन कर पाना सम्भव होता है।
  2. मापक को घटा-बढ़ाकर आवश्यकतानुसार मानचित्रों को छोटा या बड़ा बनाया जा सकता है।
  3. मापक से ही मानचित्र का कोई मूल्य होता है इसके अभाव में वह केवल चित्र रह जाता है। चित्र की दूरियों से धरातल की वास्तविक दूरी का पता नहीं लग सकता है और पृथ्वी के धरातल से मानचित्र का सही अन्तर्सम्बन्ध नहीं आंका जा सकता है।

प्रश्न 3.
प्रदर्शक भिन्न क्या है?
उत्तर:
प्रदर्शक भिन्न-इसको प्रतिनिधि भिन्न भी कहते हैं। इसमें मानचित्र पर मापी गई दूरी तथा भूमि पर मापी गई दूरी का अनुपात ऐसी भिन्न द्वारा प्रदर्शित किया जाता है जिसका अंश सदैव 1 (एक) रहता है। अंश मानचित्र पर मापी गई दूरी बताता है और हर भूमि पर मापी गई दूरी का ज्ञान कराता है। इसमें हर और अंश मापक की एक ही इकाई में होते हैं। अतः इस विधि में मापक का प्रदर्शन किसी मापक की इकाई में नहीं किया जाता बल्कि इसको किसी भी इकाई में पढ़ सकते हैं। इसी गुण के कारण यह मापक संसार में सर्वमान्य है। इसलिए सभी मानचित्रों में मापक प्रदर्शक भिन्न द्वारा दर्शाया जाता है और साथ में देश विशेष में उपयुक्त माप की इकाई में रेखात्मक मापक भी बनाया जाता है।

प्रश्न 4.
कथनात्मक मापक क्या है? समझाइए।
उत्तर:
कथनात्मक मापक-इस विधि में मापक शब्दों में व्यक्त किया जाता है। कथन द्वारा लिखा गया मापक; जैसे-एक सेमी बराबर दस किमी अथवा 10 किमी के लिए 1 सेमी कथनात्मक मापक कहलाता है। यह मापक बताता है कि मानचित्र पर 1 सेमी की दूरी धरातल पर 10 किमी की वास्तविक दूरी है।

प्रश्न 5.
मानचित्र पठन से क्या लाभ है?
उत्तर:
मानचित्र पठन एक कला है। इसके निरन्तर अभ्यास से हम मानचित्रों का पठन सफलतापूर्वक कर सम्बन्धित भू-भाग के विषय में उचित ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। मानचित्र पठन अत्यन्त रोचक विषय है। दो या तीन व्यक्ति भी एक साथ मानचित्र पठन का कार्य कर सकते हैं। मानचित्र द्वारा किसी स्थान की स्थिति, उच्चावच, जलवायु, वनस्पति तथा मानव जीवन का सही ज्ञान प्राप्त हो जाता है।

प्रश्न 6.
समोच्च रेखाएँ किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी स्थान की ऊँचाई-नीचाई को समुद्र तल से नापा जाता है। समुद्र तल से समान ऊँचाई के स्थानों को मिलाने वाली काल्पनिक रेखा को समोच्च रेखा या कन्टूर लाइन कहते हैं। समोच्च रेखाओं की ऊँचाई मीटर में समुद्र तल से नापी जाती है। इस तल को आधार तल कहते हैं। यहाँ ऊँचाई सदैव शून्य मानकर इस आधार रेखा के सन्दर्भ में स्थल की ऊँचाई-नीचाई को मापा जाता है।

MP Board Class 9th Social Science Chapter 8 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
उपयोगिता के आधार पर मानचित्र कितने प्रकार के होते हैं? (2014)
उत्तर:
उपयोगिता के आधार पर मानचित्र-उपयोगिता के आधार पर बनाये जाने वाले मानचित्रों को निम्नलिखित चार भागों में बाँटा जा सकता है –

  • भौतिक मानचित्र :
    इस प्रकार के मानचित्रों में धरातलीय तथ्य व लक्षण; जैसे-पर्वत, पठार, धाटियाँ, मैदान आदि समोच्च रेखाओं के अनुरूप विभिन्न रंगों; जैसे- भूरा, हरा, पीला द्वारा प्रदर्शित किए जाते हैं।
  • वितरण मानचित्र :
    इन मानचित्रों में पृथ्वी, महाद्वीप, देश या उसके किसी भाग में पाये जाने वाले तथ्यों का वितरण दर्शाया जाता है। इन मानचित्रों में वर्षा, ताप, वायुदाब, जलवायु, कृषि उत्पादन, वनस्पति, खनिज, उद्योग, व्यापार, परिवहन के साधन, जनसंख्या, पर्यटन स्थल आदि का वितरण दर्शाया जाता है।
  • विशेष मानचित्र :
    इस प्रकार के मानचित्र किसी विशेष उद्देश्य से बनाए जाते हैं इनका उपयोग विशिष्ट जानकारी के लिए होता है। इनके अन्तर्गत अनेक प्रकार के मानचित्र आते हैं; जैसे-भू-आकृतिक मानचित्र, भूगर्भीय मानचित्र, नगर योजना मानचित्र, मौसम मानचित्र, सैन्य मानचित्र, समुद्री मार्ग व वायुमार्ग आदि।
  • राजनीतिक मानचित्र :
    इनमें विभिन्न राष्ट्रों तथा राज्यों की सीमाएँ और उनके उपविभाग प्रदर्शित किये जाते हैं। राज्यों, उनकी राजधानियों एवं नगरों को तथा सड़कें, रेलें तथा अन्य आवश्यक जानकारियों को भी इनमें दर्शाया जाता है। भौतिक व सांस्कृतिक स्वरूप भी पृष्ठभूमि में कभी-कभी परिलक्षित किये जाते हैं।

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प्रश्न 2.
मानचित्र क्या है? मानचित्र के महत्त्व को लिखिए।
अथवा
मानचित्र के पाँच महत्त्व लिखिए। (2017, 18)
उत्तर:
मानचित्र का आशय-मानचित्र पृथ्वी या उसके किसी भाग का समतल कागज या धरातल पर एक विशेष अनुपात में लघु चित्रण होता है। धरातल का रूप जो ऊपर से दिखायी देता है, मानचित्र में उसी की आकृति बनायी जाती है। धरातल पर पायी जाने वाली ऊँचाई मानचित्र में नहीं दिखायी जाती। इस प्रकार पर्वत, पठार तथा मैदान आदि मानचित्र पर नहीं दिखाये जाते परन्तु इनको दिखाने के लिए कुछ विधियाँ अपनायी जाती हैं।

मानचित्रों का महत्त्व

  1. मानचित्र अल्प समय में चिह्नों द्वारा अधिक से अधिक जानकारी सुलभ कराने की कला है।
  2. मानचित्र के द्वारा किसी स्थान का अध्ययन घर बैठे ही किया जा सकता है। मानचित्र के द्वारा उन स्थानों की जानकारी प्राप्त की जा सकती है, जहाँ जाना कठिन होता है।
  3. मानचित्र भूगोलवेत्ता का एक प्रमुख यन्त्र है। भूगोल का सही ज्ञान कराने में मानचित्र बहुत सहायक होते हैं। मानचित्रों द्वारा किसी स्थान की स्थिति, उच्चावच, जलवायु, वनस्पति तथा मानव जीवन का सही ज्ञान प्राप्त हो जाता है।
  4. मानचित्र किसी तथ्य को रोचक तरीके व सारांश में उसके सही स्थान पर प्रस्तुत करने की तकनीक है।
  5. दो सीमावर्ती राष्ट्रों के बीच सीमा विवाद को सुलझाने के लिए मानचित्र एक प्रामाणिक दस्तावेज होता है।
  6. प्रादेशिक योजनाओं को तैयार करने के लिए स्थलाकृति (भू-पत्रक) मानचित्रों का उपयोग किया जाता है।
  7. किसी क्षेत्र में उपलब्ध संसाधनों को मानचित्र में उनकी स्थिति दर्शाकर क्षेत्र का औद्योगिक विकास किया जा सकता है।
  8. राज्य पुनर्गठन आयोग के लिए मानचित्र की उपयोगिता उस समय बढ़ जाती है जब किसी नए राज्य, नए जिले या नई तहसीलों का सीमांकन किया जाता है।
  9. पर्यटन उद्योग के लिए पर्यटन स्थलों और पहुँचने के मार्गों को दर्शाने में मानचित्र बहुत उपयोगी होते हैं।

इस प्रकार मानचित्र आधुनिक सभ्यता के विशेष साधन हैं। इनका प्रयोग केवल भूगोलवेत्ता एवं भूगोल के विद्यार्थी ही नहीं करते बल्कि नाविक, यात्री, वैज्ञानिक, शासक, योजनाकार, राजनीतिज्ञ, इतिहासकार, व्यापारी, अर्थशास्त्री, इंजीनियर तथा प्रत्येक नागरिक करता है। सैनिकों की तो यह आँख है। मानचित्र के बिना वह आगे बढ़ ही नहीं सकते। युद्ध की सभी योजनाएँ मानचित्रों पर आधारित होती हैं।

प्रश्न 3.
मानचित्र अंकन प्रणाली क्या है ? समझाइए।
उत्तर:
पृथ्वी का धरातल सर्वत्र समान नहीं होता है। इसमें अनेक प्रकार की विविधताएँ पाई जाती हैं। इन विविध भू-आकृतियों का चित्रण ही मानचित्र अंकन (उच्चावच प्रदर्शन) कहलाता है।

मानचित्र अंकन प्रणाली :
छोटे मापक के मानचित्रों, जैसे-दीवार मानचित्र या एटलस में उच्चावच प्रदर्शन विभिन्न रंगों द्वारा किया जाता है। सामान्यतः नीचे भागों से ऊँचे भागों की ओर क्रमशः हरा, पीला, भूरा, लाल तथा बैंगनी रंगों का प्रयोग करते हैं। हिम क्षेत्रों को सफेद रंग द्वारा दर्शाया जाता है या खाली छोड़ दिया जाता है। ऊँचाई को मीटर या फीट द्वारा व्यक्त किया जाता है। समुद्र की गहराई को नीले रंग की विभिन्न आभाओं द्वारा व्यक्त किया जाता है। सभी प्रकार के बड़े मापक के मानचित्रों, जैसे-स्थलाकृति मानचित्र में उच्चावच प्रदर्शन समोच्च रेखाओं द्वारा किया जाता है।

समुद्र तल से समान ऊँचाई वाले स्थानों को मानचित्र में समोच्च रेखाओं द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। किसी एक क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर सर्वेक्षण द्वारा ऊँचाई ज्ञात कर मानचित्र में समोच्च रेखाएँ बनाई जाती हैं। मानचित्र पर इन सर्वेक्षित स्थानों की ऊँचाई अंकित कर समोच्च रेखा अन्तर्वेशन विधि द्वारा समोच्च रेखाएँ खींची जाती हैं। इनके मध्य रेखा अन्तराल निश्चित रहता है। यह 20, 50 या 100 मीटर हो सकता है। यह सदैव शून्यांत अंकों में होना चाहिए। समोच्च रेखाओं का पास-पास होना, तीव्र ढाल को और दूर-दूर होना, मन्द ढाल को प्रदर्शित करता है।
कुछ प्रमुख स्थलाकृति लक्षणों को कन्टूर आकृतियों द्वारा प्रदर्शित किया जाता है जिससे इनका ढाल समझने में आसानी होती है।

प्रश्न 4.
मापक के प्रकारों को उनकी उपयोगिता के आधार पर समझाइए।
उत्तर:
मापक को पैमाना या मापनी भी कहा जाता है। किसी भू-भाग का मानचित्र बिना मापक के बनाना सम्भव नहीं है। धरातल बहुत व्यापक है। इतना बड़ा कागज उपलब्ध होना असम्भव है। इसलिए सुविधाजनक मानचित्र बनाने के लिए मापक का प्रयोग किया जाता है। जिसके अनुसार धरातल के चुनिन्दा तथ्य व लक्षणों को एक छोटे समतल पर नियमानुसार बना लिया जाता है। मानचित्र की दूरियों व धरातल की वास्तविक दूरियों के बीच एक अनुपात होता है, यह अनुपात ही मापक कहलाता है। उदाहरणार्थ-यदि किन्हीं दो स्थानों की धरातलीय दूरी 100 किमी. है और मानचित्र पर उन स्थानों की दूरी 1 सेमी है तो उस मानचित्र का मापक 1 सेमी है अर्थात् मानचित्र का मापक 1 सेमी = 100 किमी होगा।
मापक के प्रकार-मापक प्रदर्शित करने की निम्नलिखित तीन विधियाँ हैं-

(1) कथनात्मक मापक :
कथनात्मक मापक-इस विधि में मापक शब्दों में व्यक्त किया जाता है। कथन द्वारा लिखा गया मापक; जैसे-एक सेमी बराबर दस किमी अथवा 10 किमी के लिए 1 सेमी कथनात्मक मापक कहलाता है। यह मापक बताता है कि मानचित्र पर 1 सेमी की दूरी धरातल पर 10 किमी की वास्तविक दूरी है।

(2) रेखात्मक मापक :
इस विधि में मापक की दूरियाँ, एक निश्चित रेखा द्वारा प्रदर्शित की जाती हैं। इस रेखा को समान भागों एवं उपविभागों में बाँट दिया जाता है तथा उस पर दूरियाँ अंकित कर दी जाती हैं। मापनी रेखा के प्रथम भाग (बाईं ओर से) जिसमें गौण भागों का उपविभाजन किया जाता है, को छोड़कर 0 (शून्य) का अंकन किया जाता है। उसके आगे वाले भाग में (दाईं ओर से) क्रमशः वास्तविक दूरियों के मान विभाजन के अनुसार लिखे जाते हैं और शून्य के बाईं ओर गौण भागों के मान क्रमशः विभाजन के अनुसार लिख दिये जाते हैं।

(3) प्रदर्शक भिन्न :
प्रदर्शक भिन्न-इसको प्रतिनिधि भिन्न भी कहते हैं। इसमें मानचित्र पर मापी गई दूरी तथा भूमि पर मापी गई दूरी का अनुपात ऐसी भिन्न द्वारा प्रदर्शित किया जाता है जिसका अंश सदैव 1 (एक) रहता है। अंश मानचित्र पर मापी गई दूरी बताता है और हर भूमि पर मापी गई दूरी का ज्ञान कराता है। इसमें हर और अंश मापक की एक ही इकाई में होते हैं। अतः इस विधि में मापक का प्रदर्शन किसी मापक की इकाई में नहीं किया जाता बल्कि इसको किसी भी इकाई में पढ़ सकते हैं। इसी गुण के कारण यह मापक संसार में सर्वमान्य है। इसलिए सभी मानचित्रों में मापक प्रदर्शक भिन्न द्वारा दर्शाया जाता है और साथ में देश विशेष में उपयुक्त माप की इकाई में रेखात्मक मापक भी बनाया जाता है।

MP Board Class 9th Social Science Chapter 8 अन्य परीक्षोपयोगी प्रश्न

MP Board Class 9th Social Science Chapter 8 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
प्रादेशिक योजनाओं को तैयार करने के लिए प्रयोग किया जाता है
(i) वितरण मानचित्र
(ii) भू-पत्रक मानचित्र
(iii) रूढ़ चिह्न
(iv) विशेष मानचित्र।
उत्तर:
(ii) भू-पत्रक मानचित्र

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प्रश्न 2.
सामान्यतः उत्तर दिशा को किस अक्षर द्वारा प्रदर्शित किया जाता है?
(i) ‘N’
(ii) ‘S’
(iii) ‘L’
(iv) ‘P’
उत्तर:
(i) ‘N’

रिक्त स्थान पूर्ति

  1. भूगोल के अध्ययन में ………… का विशेष महत्त्व है।
  2. मानचित्र सैनिकों को …………. उपयोगी होते हैं।
  3. उत्तर दिशा को …………. अक्षर से प्रकट किया जाता है।
  4. सुविधाजनक मानचित्र बनाने के लिए ………… का प्रयोग करते हैं।
  5. वर्षा, कृषि उपज, वनस्पति, उद्योगों को ………… मानचित्रों में दर्शाया जाता है।

उत्तर:

  1. मानचित्र
  2. युद्ध के समय
  3. ‘N’
  4. मापक
  5. वितरण।

सत्य/असत्य

प्रश्न 1.
समुद्र की गहराई को नीले रंग की विभिन्न आभाओं द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
उत्तर:
सत्य

प्रश्न 2.
देश का मानचित्र बनाने का कार्य भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा किया जाता है।
उत्तर:
सत्य

प्रश्न 3.
मानचित्र पठन एक विज्ञान है।
उत्तर:
असत्य

प्रश्न 4.
पृथ्वी का धरातल चौकोर है।
उत्तर:
असत्य

प्रश्न 5.
मानचित्र में मापक का विशेष महत्त्व है।
उत्तर:
सत्य

सही जोड़ी मिलाइए

MP Board Class 9th Social Science Solutions Chapter 8 मानचित्र पठन एवं अंकन - 2

उत्तर:

  1. → (ग)
  2. → (घ)
  3. → (क)
  4. → (ख)।

एक शब्द/वाक्य में उत्तर

प्रश्न 1.
किसी भू-भाग का चित्रात्मक स्वरूप कहलाता है।
उत्तर:
मानचित्र

प्रश्न 2.
देशान्तर व अक्षांश रेखाओं के जाल का जो चित्र बनाया जाता है।
उत्तर:
प्रक्षेप

प्रश्न 3.
धरातलीय तथ्यों व लक्षणों को दिखाये जाने वाले चिह्न को कहते हैं।
उत्तर:
रूढ़ चिह्न

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प्रश्न 4.
‘N’ का संकेत चिह्न क्या दर्शाता है?
उत्तर:
उत्तर दिशा को।

MP Board Class 9th Social Science Chapter 8 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
प्रक्षेप किसे कहते हैं?
उत्तर:
गोलाकार धरातल या उसके किसी अंश को समतल कागज या कपड़े पर दर्शाने हेतु किसी मापक और नियमों के अनुसार अक्षांश व देशान्तर रेखाओं के जाल का जो चित्र बनाया जाता है, उसे प्रक्षेप कहते हैं।

प्रश्न 2.
रूढ़ चिह्न क्या है?
उत्तर:
मानचित्र में धरातलीय तथ्यों व लक्षणों को दर्शाने हेतु कुछ चिह्न व संकेत तय किए गए हैं जिन्हें रूढ़ चिह्न कहते हैं।

प्रश्न 3.
दिशा संकेत क्या है?
उत्तर:
धरातल पर विभिन्न दिशाओं (पूर्व, पश्चिम, उत्तर व दक्षिण) का बोध कराने हेतु मानचित्र में किसी उपयुक्त स्थान पर दिशा संकेत का चिह्न होता है। सामान्यत: उत्तर दिशा को ‘N’ अक्षर या ‘उ’ वर्ण या ‘उत्तर’ शब्द से प्रदर्शित किया जाता है।

प्रश्न 4.
मापक से क्या आशय है?
उत्तर:
मानचित्र के किन्हीं दो बिन्दुओं के बीच की दूरी और धरातल पर उन्हीं दो बिन्दुओं के बीच की वास्तविक दूरी के अनुपात को मापक कहते हैं।

MP Board Class 9th Social Science Chapter 8 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
मानचित्र की आवश्यकता को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
मानचित्र की आवश्यकता-किसी राष्ट्र या भू-भागका भौगोलिक अध्ययन मानचित्र के बिना अधूरा है, क्योंकि मानचित्र भू-भाग का चित्रात्मक स्वरूप प्रस्तुत करता है। भूगोल में हम केवल पृथ्वी का प्राकृतिक स्वरूप ही नहीं पढ़ते वरन् धरातल पर निवास करने वाले मनुष्य और प्रकृति दोनों की गतिविधियों व उनके परस्पर प्रभाव का भी अध्ययन करते हैं। यह परस्पर प्रभाव जानने के लिए मानचित्र और उसकी समझ बहुत आवश्यक है। धरातल के भौतिक, राजनैतिक तथा अन्य स्वरूप सम्बन्धी लेखों को समझने में मानचित्र बहुत सहायक हैं अर्थात् भूगोल के अध्ययन में मानचित्र का विशेष महत्त्व है।

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प्रश्न 2.
मानचित्रों में रूढ़ चिह्नों के प्रयोग की आवश्यकता क्यों होती है?
उत्तर:
स्थलाकृति मानचित्रों में विभिन्न भू-आकृतियों; जैसे- पर्वत, नदी, झील, रेलमार्ग, सड़क, मन्दिर, मस्जिद, नगर आदि को प्रदर्शित किया जाता है किन्तु ये मानचित्र इतने छोटे होते हैं कि इनमें सभी वस्तुओं का नाम लिख पाना सम्भव नहीं है। अतः धरातलीय वस्तुओं के मानचित्र में कुछ चिह्न या संकेत निर्धारित कर लिये गये हैं जिन्हें रूढ़ चिह्न कहते हैं। रूढ़ चिह्नों का प्रयोग मानचित्र को सूचनात्मक तथा अधिकतम पठनीय बनाने के लिए किया जाता है। सर्वेक्षण विभाग रूढ़ चिह्नों की सूची जारी करता है।

प्रश्न 3.
छोटे मापक पर कौन-से मानचित्र बनाये जाते हैं? इनको कैसे प्रदर्शित किया जाता
उत्तर:
छोटे मापक पर पर्वत, पठार और मैदान के मानचित्र बनाये जाते हैं। छोटे मापक के मानचित्रों, जैसे-दीवार मानचित्र या एटलस में उच्चावच प्रदर्शन विभिन्न रंगों द्वारा किया जाता है। सामान्यतः नीचे भागों से ऊँचे भागों की ओर क्रमशः हरा, पीला, भूरा, लाल तथा बैंगनी रंगों का प्रयोग करते हैं। अधिक ऊँचे भागों (हिम क्षेत्रों) को रिक्त छोड़ दिया जाता है या सफेद रंग से दर्शाया जाता है। ऊँचाई को मीटर या फीट में प्रदर्शित किया जाता है। समुद्र की गहराई को नीले रंग की विभिन्न आभाओं द्वारा व्यक्त किया जाता है। अधिक गहरी आभा समुद्र के गहरे भाग को प्रदर्शित करती है।

MP Board Class 9th Social Science Chapter 8 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
मानचित्र पठन हेतु हमें किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर:
मानचित्र पठन एक रोचक विषय है। किसी जिले के स्थलाकृतिक पत्रक को निम्न प्रकार पढ़ा जा सकता है –

  • शीर्षक :
    मानचित्र के शीर्षक से यह ज्ञात हो जाता है कि मानचित्र किसलिए खींचा गया है।
  • मापक :
    मापक द्वारा स्थानों के बीच की दूरी का ज्ञान होता है।
  • निर्देश :
    निर्देश द्वारा मानचित्र में दिखाये गये चिह्नों का बोध होता है।
  • प्रक्षेप :
    पृथ्वी की गोल आकृति को समतल कागज पर बनाने के लिए अक्षांश एवं देशान्तर रेखाओं के भिन्न-भिन्न प्रकार के ग्रिड बनाये जाते हैं जिनको प्रक्षेप कहते हैं। अतः मानचित्रों को आवश्यकतानुसार किसी एक प्रक्षेप पर बनाना पड़ता है।
  • धरातलीय स्वरूप-:
    स्थलाकृतिक मानचित्र में समोच्च रेखाओं की ऊँचाई के आधार पर धरातलीय स्वरूप पहचाना जा सकता है।
  • परम्परागत चिह्न :
    पृथ्वी के विभिन्न स्वरूपों, नदियों, झीलों, सड़कों, आवास आदि को प्रदर्शित करने के लिए परम्परागत चिह्नों का प्रयोग किया जाता है। ये चिह्न अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त होते हैं।
  • दिशा :
    प्रत्येक मानचित्र पर तीर का निशान हमें भौगोलिक उत्तर या चुम्बकीय उत्तर की दिशा बतलाता है।
  • वन क्षेत्र :
    पत्रक में वन क्षेत्र को हरे रंग से दर्शाया जाता है। इस प्रकार स्थलाकृतिक मानचित्र के पठन से हम किसी क्षेत्र विशेष की भौगोलिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित के रूढ़ चिह्न बनाइए
मन्दिर (2009, 10, 12, 13, 14, 16, 18), मस्जिद (2009, 11, 13, 15), चर्च (2009), राज्य की सीमा (2011, 14), पक्की सड़क (2011, 12, 14, 16, 18), कच्ची सड़क (2015, 17), अन्तर्राष्ट्रीय सीमा (2011, 15), बड़ी रेल लाइन (2011, 13, 15, 18), झरना (2009), कुँआ (2009, 12, 14, 17), नदी (2009, 13, 15, 17), प्रकाश स्तम्भ रेलवे लाइन छोटी (2009, 12, 16), ईदगाह (2009), पगडण्डी (2010), तालाब (2010, 12, 14, 18), जिले की सीमा (2010, 17), उद्यान (2010, 16), पेड़ (2013), बसाहट (2016, 18)
उत्तर:
MP Board Class 9th Social Science Solutions Chapter 8 मानचित्र पठन एवं अंकन - 3
प्रश्न 3.
भारत के रेखा मानचित्र में निम्नलिखित क्षेत्रों को दर्शाइए।

  1. उष्ण कटिबन्धीय सदाबहार वन एवं ज्वारीय वन।
  2. भरतपुर पक्षी अभ्यारण्य एवं साइलेण्ट वैली।
  3. कान्हा किसली (2015) एवं कार्बेट नेशनल पार्क। (2008, 09)
  4. नन्दा देवी (2008), नीलगिरि (2008,09, 12, 15), सुन्दर वन, जैव आरक्षित क्षेत्र, बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान (2008)

उत्तर:
MP Board Class 9th Social Science Solutions Chapter 8 मानचित्र पठन एवं अंकन - 4

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प्रश्न 4.
भारत के मानचित्र में निम्नलिखित को दर्शाइए

  1. कराकोरम पर्वतमाला, सतपुड़ा (2008, 09, 10), अरावली (2008, 13)
  2. शिवालिक श्रेणियाँ, विन्ध्याचल पर्वत श्रेणियाँ (2012)
  3. भारत में हिमालय का सर्वोच्च शिखर (माउण्ट एवरेस्ट) (2009)
  4. छोटा नागपुर का पठार, महादेव श्रेणी (2010)
  5. गंगा (2008, 09, 15), ताप्ती, कृष्णा नदी (2008, 09), ब्रह्मपुत्र, कावेरी (2013), नर्मदा, (2008, 09)
  6. थार का मरुस्थल (2008,09)
  7. गोदावरी नदी, महानदी (2008)
  8. चिल्का झील (2009)
  9. अरब सागर (2008,09)
  10. नाथुला दर्रा, हिमालय (2012)
  11.  मालवा का पठार (2013)।

उत्तर:
MP Board Class 9th Social Science Solutions Chapter 8 मानचित्र पठन एवं अंकन - 5

प्रश्न 5.
भारत के मानचित्र में निम्नलिखित को दर्शाइए

  1. दिल्ली (2008, 09), विशाखापट्टनम्, भिलाई, भोपाल (2008, 09, 12, 15), चेन्नई (2009), मुम्बई (2008, 09, 13) अहमदाबाद, कोच्चि, इन्दौर, लखनऊ व कोलकाता
  2. चावल उत्पादक क्षेत्र
  3. सर्वाधिक वर्षा वाला स्थान (चेरापूँजी)
  4. बंगाल की खाड़ी (2008, 09)।

उत्तर:
MP Board Class 9th Social Science Solutions Chapter 8 मानचित्र पठन एवं अंकन - 6

प्रश्न 6.
भारत के मानचित्र में निम्नांकित को दर्शाइए

  1. कर्क रेखा (2008, 09, 15)
  2. कच्छ का रन
  3. काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (2009)
  4. भाखड़ा-नंगल बाँध, हीराकुंड बाँध (2008), गाँधी सागर बाँध (2008, 09), सरदार सरोवर बाँध (2008, 09)।

उत्तर:
MP Board Class 9th Social Science Solutions Chapter 8 मानचित्र पठन एवं अंकन - 7

प्रश्न 7.
भारत के राजनैतिक मानचित्र में निम्नलिखित राज्यों को दर्शाइए

  1. जम्मू और कश्मीर
  2. असम
  3. कर्नाटक
  4. गुजरात
  5. मध्य प्रदेश
  6. लक्षद्वीप (2013)।

उत्तर:
MP Board Class 9th Social Science Solutions Chapter 8 मानचित्र पठन एवं अंकन - 8

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MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.3

MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.3

प्रश्न 1.
एक शंकु के आधार का व्यास 10.5 cm है और इसकी तिर्यक ऊँचाई 10 cm है। इसका वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
हल :
दिया है : शंकु के आधार का व्यास d = 10.5 cm ⇒ त्रिज्या r = 5.25 cm तथा तिर्यक ऊँचाई l = 10 cm है।
शंकु का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = πrl = \(\frac { 22 }{ 7 }\) x 5.25 x 10 = \(\frac { 1155 }{ 7 }\) = 165 cm²
अत: शंकु का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = 165 cm².

प्रश्न 2.
एक शंकु का कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए जिसकी तिर्यक ऊँचाई 21.0 m है और आधार का व्यास 24 m है।
हल :
दिया है : एक शंकु की तिर्यक ऊँचाई l = 21 m, आधार का व्यास d = 24 m ⇒ त्रिज्या r = 12 m
अब शंकु का कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल = πr (r + l)
= \(\frac { 22 }{ 7 }\) x 12 x (12 + 21)
= \(\frac{22 \times 12 \times 33}{7}\)
= 1244.57 m²
अतः शंकु का अभीष्ट कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल = 1244.57 m².

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प्रश्न 3.
एक शंकु का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल 308 cm² और इसकी तिर्यक ऊँचाई 14 cm है। ज्ञात कीजिए :
(i) आधार की त्रिज्या,
(ii) शंकु का कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल।
हल :
दिया है : शंकु का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल Sc = 308 cm² एवं तिर्यक ऊँचाई l = 14 cm ; मान लीजिए आधार की त्रिज्या = r cm
(i) चूँकि शंकु का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल Sc = πrl
\(\frac { 22 }{ 7 }\) x r x 14 = 308
⇒ 44r = 308
⇒ r = \(\frac { 308 }{ 44 }\) = 7 cm
अतः शंकु के आधार की अभीष्ट त्रिज्या = 7 cm.

(ii) चूँकि शंकु का कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल Sw = πr (r + 1)
= \(\frac { 22 }{ 7 }\) x 7 (7 + 14) = 22 x 21 = 462 cm²
अतः शंकु का अभीष्ट कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल = 462 cm².

प्रश्न 4.
शंकु के आकार का एक तम्बू 10 m ऊँचा है और उसके आधार की त्रिज्या 24 m है तो ज्ञात कीजिए:
(i) तम्बू की तिर्यक ऊँचाई (2019)
(ii) तम्बू में लगे कैनवास की लागत यदि 1 m² केनवास की लागत Rs 70 है।
हल :
दिया है : शंक्वाकार तम्बू की ऊँचाई h = 10 m एवं उसके आधार की त्रिज्या r = 24 m तथा
कैनवास की लागत दर = Rs 70 प्रति m²
(i) तिर्यक ऊँचाई \(l=\sqrt{r^{2}+h^{2}}=\sqrt{(24)^{2}+(10)^{2}}\) (पाइथागोरस प्रमेय)
\(=\sqrt{576+100}=\sqrt{676}\)
= 26 m
अतः शंकु के आकार के लम्बू की अभीष्ट तिर्यक ऊँचाई = 26 m.

(ii) कैनवास का क्षेत्रफल = शंकु का पार्श्व पृष्ठीय क्षेत्रफल
= \(\pi r l=\frac{22}{7} \times 24 \times 26=\frac{13728}{7} \mathrm{m}^{2}\)
कैनवास की कुल लागत = लागत दर – पार्श्व पृष्ठीय क्षेत्रफल
= \(70 \times \frac{13728}{7}\)
= Rs 137280
अतः तम्बू बनाने में कुल अभीष्ट लागत = Rs 137280.

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प्रश्न 5.
8 मीटर ऊँचाई और आधार की त्रिज्या 6 m वाले एक शंकु के आकार का तम्बू बनाने में 3 मीटर चौड़े तिरपाल की कितनी लम्बाई लगेगी? यह मानकर चलिए कि इसकी सिलाई और
कटाई में 20 cm तिरपाल अतिरिक्त लगेगा। (π = 3.14 का प्रयोग करें।)
हल :
दिया है : शंक्वाकार तम्बू की ऊँचाई h = 8 m, त्रिज्या r = 6 m एवं तिरपाल की चौड़ाई = 3 m
तथा तिरपाल की अतिरिक्त लम्बाई = 20 cm = 0.2 m
शंक्वाकार तम्बू की तिर्यक ऊँचाई \(l=\sqrt{r^{2}+h^{2}}=\sqrt{(6)^{2}+(8)^{2}}\)
\(l=\sqrt{36+64}=\sqrt{100}=10 \mathrm{m}\)
तम्बू का पार्श्व पृष्ठीय क्षेत्रफल = πrl = 3.14 x 6 x 10.
= 188.4 m²
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.3 image 1
तिरपाल की कुल लम्बाई = 62.8 m + 0.2 m
= 63 m
अतः तिरपाल की अभीष्ट लम्बाई = 63 m.

प्रश्न 6.
शंकु के आकार की एक गुम्बज की तिर्यक ऊँचाई और आधार का व्यास क्रमशः 25 m और 14 m है। इसकी वक्र पृष्ठ पर Rs 210 प्रति 100 m² की दर से सफेदी कराने का व्यय ज्ञात
कीजिए।
हल :
दिया है : शंक्वाकार गुम्बज की तिर्यक ऊँचाई l = 25 m और व्यास d = 14 m ⇒ त्रिज्या \(r=\frac { 14 }{ 2 }\) = 7 m एवं सफेदी कराने का व्यय = Rs 210 प्रति 100 m²
शंक्वाकार गुम्बज का पार्श्व पृष्ठीय क्षेत्रफल = πrl
= \(\frac { 22 }{ 7 }\) x 7 x 25 = 550 m²
सफेदी कराने का कुल व्यय = दर x क्षेत्रफल = \(\frac { 210 }{ 100 }\) x 550 = Rs 1,155
अतः शंक्वाकार गुम्बज पर सफेदी कराने का अभीष्ट व्यय = Rs 1,155.

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प्रश्न 7.
एक जोकर की टोपी एक शंकु के आकार की है, जिसके आधार की त्रिज्या 7 cm और ऊँचाई 24 cm है। इसी प्रकार की 10 टोपियाँ बनाने के लिए आवश्यक गत्ते का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए। हल :
दिया है : शंक्वाकार टोपी के आधार की त्रिज्या = 7 cm तथा ऊँचाई h = 24 cm एवं टोपियों की संख्या = 10
चूँकि टोपी की तिर्यक ऊँचाई, \(l=\sqrt{(7)^{2}+(24)^{2}}\) (पाइथागोरस प्रमेय से)
⇒ \(l=\sqrt{49+576}=\sqrt{625}=25 \mathrm{cm}\)
चूँकि टोपी का पार्श्व पृष्ठीय क्षेत्रफल Sc = πrl (सूत्र से)
⇒ Sc = \(\frac { 22 }{ 7 }\) x 7 x 25 = 550 cm²
⇒ 10 टोपियों का कुल पार्श्व पृष्ठीय क्षेत्रफल = 10 x 550 = 5500 cm²
अतः आवश्यक गत्ते का अभीष्ट क्षेत्रफल = 5500 cm².

प्रश्न 8.
किसी बस स्टाप को पुराने गत्ते से बने 50 खोखले शंकुओं द्वारा सड़क से अलग किया हुआ है। प्रत्येक शंकु के आधार का व्यास 40 cm है और ऊँचाई 1 m है। यदि इन शंकुओं की बाहरी पृष्ठों को पेंट करवाना है और पेंट की दर Rs 12 प्रति m² है तो इसका पेंट करवाने में कितनी लागत आयेगी? (π = 3.14 और √1.04 = 1.02 का प्रयोग कीजिए।)
हल :
दिया है : 50 खोखले शंकु जिनके आधार का व्यास d = 40 cm = 0.4 m ⇒ r = 0.2 m,
ऊँचाई h = 1 m और पेंट कराने की दर = Rs 12 प्रति m²
खोखले शंकु की तिर्यक ऊँचाई \(l=\sqrt{r^{2}+h^{2}}\) (पाइथागोरस प्रमेय से)
⇒ \(l=\sqrt{(0.2)^{2}+(1)^{2}}=\sqrt{0 \cdot 04+1}=\sqrt{1 \cdot 04}=1 \cdot 02 \mathrm{m}\)
चूँकि खोखले शंकु का पार्श्व पृष्ठीय क्षेत्रफल = πrl
⇒ Sc = 3.14 x 0.2 x 1.02 = 0.64056 m²
⇒ 50 खोखले शंकुओं का पार्श्व पृष्ठीय क्षेत्रफल = 50 x 0.64056 m²
S = 32.028 m²
पेंट कराने में व्यय = दर x क्षेत्रफल
= Rs 12 x 32.028
= Rs 384.34
अतः खोखले शंकुओं पर पेंट कराने का अभीष्ट व्यय = Rs 384.34.

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MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.1

MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.1

प्रश्न 1.
उन आँकड़ों के पाँच उदाहरण दीजिए जिन्हें आप दैनिक जीवन में एकत्रित कर सकते हैं। (2018)
उत्तर-

  1. अपनी कक्षा में छात्रों की संख्या।
  2. अपने विद्यालय में पंखों की संख्या।
  3. पिछले दो वर्षों के घर की बिजली के बिल।
  4. टेलीविजन या समाचार पत्रों में प्राप्त चुनाव परिणाम।
  5. शैक्षिक सर्वेक्षण से प्राप्त साक्षरता दर के आँकड़े।

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प्रश्न 2.
ऊपर दिए गए प्रश्न 1 के आँकड़ों को प्राथमिक आँकड़ों या गौण आँकड़ों में वर्गीकृत करना।
उत्तर-
प्राथमिक आँकड़े : (1), (2) एवं (3)
गौण आँकड़े : (4) एवं (5).

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MP Board Class 9th Social Science Solutions Chapter 5 भारत : जलवायु

MP Board Class 9th Social Science Solutions Chapter 5 भारत : जलवायु

MP Board Class 9th Social Science Chapter 5 पाठान्त अभ्यास

MP Board Class 9th Social Science Chapter 5 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

सही विकल्प चुनकर लिखिए

प्रश्न 1.
भारत में दक्षिण-पश्चिम मानसून का समय है (2010)
(i) जुलाई से अक्टूबर तक
(ii) जून से सितम्बर तक
(iii) मार्च से मई तक
(iv) दिसम्बर से फरवरी तक।
उत्तर:
(iii) मार्च से मई तक

प्रश्न 2.
किस राज्य में दक्षिण-पश्चिम मानसून से वर्षा बहुत कम होती है?
(i) राजस्थान
(ii) तमिलनाडु
(iii) कर्नाटक
(iv) पंजाब।
उत्तर:
(i) राजस्थान

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प्रश्न 3.
भारत के कारोमण्डल तट पर सर्वाधिक वर्षा होती है (2008, 09)
(i) जनवरी-फरवरी में
(ii) जून-सितम्बर में
(iii) मार्च-मई में
(iv) अक्टूबर-नवम्बर में।
उत्तर:
(i) जनवरी-फरवरी में

प्रश्न 4.
वर्षा की मात्रा में सर्वाधिक परिवर्तनशीलता कहाँ पाई जाती है? (2009, 18)
(i) महाराष्ट्र
(ii) असम
(iii) आन्ध्र प्रदेश
(iv) राजस्थान।
उत्तर:
(ii) असम

सही जोड़ी मिलाइए
MP Board Class 9th Social Science Solutions Chapter 5 भारत जलवायु - 1
उत्तर:

  1. → (घ)
  2. → (ग)
  3. → (ख)
  4. → (क)।

MP Board Class 9th Social Science Chapter 5 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
जलवायु से क्या आशय है?
उत्तर:
किसी स्थान के मौसम की दीर्घकालिक औसत वायुमण्डलीय दशाओं को जलवायु कहते हैं।

प्रश्न 2.
भारत को कौन-सी जलवायु का प्रदेश कहते हैं? (2016)
उत्तर:
मानसूनी जलवायु।

प्रश्न 3.
मानसून से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
‘मानसून’ शब्द की उत्पत्ति अरबी भाषा के मौसिम (Mausim) से हुई है, इसका आशय है-मौसम या मौसम के अनुसार हवाओं में होने वाला परिवर्तन, जिसके अनुसार वर्ष में छ: माह तक एक दिशा में तथा छः माह तक विपरीत दिशा में हवाएँ चला करती हैं। इस प्रकार मौसम के परिवर्तन के अनुसार चलने वाली हवाओं को ‘मानसून’ कहते हैं।

प्रश्न 4.
वर्षा ऋतु में मानसून की प्रमुख शाखाएँ कौन-कौन सी हैं? (2016)
उत्तर:
भारत में दक्षिण-पश्चिम मानसून की दो शाखाएँ होती हैं-

  1. अरब सागर की मानसून शाखा, जो प्रायद्वीप के अधिकतर भागों में वर्षा करती है, और
  2. बंगाल की खाड़ी की शाखा जो निम्न वायुदाब की ओर गंगा के मैदान में वर्षा करती हैं।

MP Board Class 9th Social Science Chapter 5 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत की भू-रचना जलवायु को कैसे प्रभावित करती है?
उत्तर:
यहाँ की भू-रचना न केवल तापमान अपितु वर्षा को भी प्रभावित करती है। देश के उत्तरी भाग में पूरब से पश्चिम तक फैला हुआ विशाल हिमालय पर्वत शीत ऋतु में उत्तर से आने वाली अति ठण्डी हवाओं को रोककर भारत को अत्यधिक शीतल होने से बचाता है। यह पर्वत मानसून पवनों को रोककर वर्षा में भी सहायता करता है।

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प्रश्न 2.
भारत के उत्तरी मैदान की जलवायु विषम क्यों है?
उत्तर:
कर्क रेखा भारत को उष्ण तथा उपोष्ण दो कटिबन्धों में बाँटती है, लेकिन भारत के तापमान के वितरण पर समुद्र से दूरी का स्पष्ट प्रभाव देखा जाता है। भारत के तटीय भागों में समुद्र का समकारी प्रभाव पड़ने से सम जलवायु है, जबकि उत्तरी मैदान समुद्र से दूर होने के कारण यहाँ गर्मी में अधिक गर्मी और सर्दी में अधिक सर्दी पड़ती है। भारत के उत्तरी मैदान में विषम जलवायु (महाद्वीपीय प्रकार) होने का यही कारण है।

प्रश्न 3.
शीत ऋतु में तमिलनाडु तट पर वर्षा क्यों होती है?
उत्तर:
तमिलनाडु राज्य भारत के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित है। यहाँ शीतकाल में चलने वाली उत्तर-पूर्वी मानसून पवनें अधिक वर्षा करती है जबकि ग्रीष्मकालीन दक्षिण-पश्चिमी मानसून पवनें कम वर्षा करती हैं। इसका कारण यह है कि ग्रीष्मकाल में मानसून पवनें दक्षिण-पश्चिम दिशा से चलती हैं। अतः यह क्षेत्र पश्चिमी घाट पर्वत की वृष्टि छाया में पड़ता है जिससे कम वर्षा होती है। शीतकाल में लौटती हुई मानसून पवनें बंगाल की खाड़ी को पार करके नमी ग्रहण कर लेती हैं। ये पवनें पूर्वी घाट की पहाड़ियों से टकराकर तमिलनाडु के तटीय प्रदेश में वर्षा करती हैं। इस प्रकार जाड़े के मौसम में यह प्रदेश आर्द्र पवनों के सम्मुख होने के कारण अधिक वर्षा प्राप्त करता है।

प्रश्न 4.
भारत में अधिक वर्षा वाले क्षेत्र कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
अधिक वर्षा वाले क्षेत्र-इसमें वे क्षेत्र हैं, जहाँ 200 सेमी से अधिक वर्षा होती है। इसके अन्तर्गत पश्चिमी घाट (केरल, गोवा, तटीय कर्नाटक और तटीय महाराष्ट्र) असम, मेघालय तथा पूर्वी हिमालय के क्षेत्र आते हैं।

प्रश्न 5.
भारतीय कृषि को मानसून का जुआ क्यों कहते हैं? (2015)
उत्तर:
भारतीय कृषि मानसूनी वर्षा पर निर्भर करती है। भारत में वर्षा प्रायः अनिश्चित एवं अनियमित होती है। कभी मानसून जल्दी शुरू हो जाता है तो कभी देर से। वर्षा का वितरण भी असमान है। कहीं अधिक वर्षा से बाढ़ आती हैं तो कहीं सूखा पड़ता है। इसके परिणामस्वरूप कृषि को भारी हानि होती है। वर्षा की मात्रा सामान्य हो, तो कृषि उपज अच्छी होती है। मानसूनी पवनों द्वारा कम या अधिक मात्रा में वर्षा होने से कृषि को भारी क्षति पहुँचती है। अतः भारतीय कृषि को ‘मानसून का जुआ’ कहा जाता है।

प्रश्न 6.
जलवायु स्वास्थ्य पर कैसे प्रभाव डालती है?
उत्तर:
जलवायु स्वास्थ्य पर निम्न प्रकार से प्रभाव डालती है –

  1. भारत में उपलब्ध जलवायु दशाओं के कारण सामान्यतः वर्ष भर कृषि हो सकती है। विभिन्न फसलों के लिये यहाँ का तापमान वर्ष भर उपयुक्त है।
  2. जलवायु की विविधता विविध फसलों के उत्पादन के लिये अनुकूल वातावरण उपस्थित करती है, जैसे-उत्तर प्रदेश की जलवायु गेहूँ के लिये, पश्चिम बंगाल की जलवायु पटसन एवं चावल के लिये तथा मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र की जलवायु कपास के लिये उपयुक्त है।
  3. जून, जुलाई तथा अगस्त के महीनों की वर्षा जल्दी पकने वाली फसलों, जैसे- ज्वार, बाजरा, मक्का आदि के लिये लाभदायक होती है।
  4. वर्षा के कारण चारा भी उपलब्ध होता है जिससे पशुपालन को बल मिलता है।
  5. गर्मी के बाद होने वाली वर्षा कई रोगों को जन्म देती है। गड्ढों और तालाबों में जल एकत्र हो जाता है। जिससे मच्छरों का जन्म होता है और रोगों का प्रसार होता है।

प्रश्न 7.
मानसून पवनों की उत्पत्ति कैसे होती है?
उत्तर:
मानसून पवनें बड़े पैमाने पर स्थलीय एवं सामुद्रिक पवनें हैं। जिस प्रकार स्थल भाग एवं समुद्री सतह पर तापमान की सापेक्ष भिन्नता के कारण पवनें दिन में समुद्र से स्थल की ओर तथा रात्रि में स्थल से समुद्र की ओर चलती हैं, उसी प्रकार ग्रीष्म ऋतु में पवनें सागरीय उच्च दाब से स्थलीय निम्न दाब की ओर तथा शीत ऋतु में इसके विपरीत स्थलीय उच्च दाब से सागरीय निम्न दाब की ओर चलती हैं, जिन्हें मानसून कहा जाता है।

MP Board Class 9th Social Science Chapter 5 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
भारतीय जलवायु को प्रभावित करने वाले कारक कौन-कौनसे हैं?
उत्तर:
भारत की जलवायु को प्रभावित करने वाले कारक भारत की जलवायु को प्रभावित करने वाले अग्रलिखित कारक हैं –

  • स्थिति :
    भारत की जलवायु को प्रभावित करने में देश की अक्षांशीय स्थिति महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भारत उत्तरी गोलार्द्ध में एशिया महाद्वीप के दक्षिण में स्थित है। कर्क रेखा इसके मध्य से होकर गुजरती है। भारत की इस विशिष्ट स्थिति के कारण इसके दक्षिणी भाग में उष्ण कटिबन्धीय जलवायु तथा उत्तरी भाग में महाद्वीपीय जलवायु पायी जाती है।
  • समुद्र से दूरी :
    भारत के तटीय भागों में समुद्र का समकारी प्रभाव पड़ने से सम जलवायु है, जबकि उत्तरी मैदान समुद्र से दूर होने के कारण वहाँ गर्मी में अधिक गर्मी और सर्दी में अधिक सर्दी पड़ती है। फलस्वरूप वहाँ महाद्वीपीय जलवायु पायी जाती है।
  • भू-रचना :
    भारत की भू-रचना न केवल तापमान अपितु वर्षा को भी प्रभावित करती है। देश के उत्तरी भाग में पूरब से पश्चिम को फैला हुआ विशाल हिमालय पर्वत शीत ऋतु में उत्तर से आने वाली अति ठण्डी हवाओं को रोककर भारत को अत्यधिक शीतल होने से बचाता है। यह पर्वत मानसून पवनों को रोककर वर्षा में मदद करता है।
  • जल और थल का वितरण :
    भारत को तीन ओर से समुद्र घेरता है-पश्चिम में अरब सागर, दक्षिण में हिन्द महासागर और पूर्व में बंगाल की खाड़ी। उत्तर में विशाल मैदान स्थित है। ग्रीष्म काल में इसका पश्चिमी भाग अत्यधिक गर्म हो जाता है और वहाँ निम्न वायुदाब स्थापित हो जाता है जिससे समुद्र की ओर से हवाएँ चलने लगती हैं। ये हवाएँ दो शाखाओं-अरब सागरीय मानसून शाखा और बंगाल की खाड़ी मानसून शाखा में विभाजित हो जाती हैं, इनसे पूर्वी, उत्तर-पूर्वी और दक्षिण भारत में वर्षा होती है।
  • उपरितन वायुधाराएँ :
    वायुधाराएँ हवाओं से भिन्न होती हैं क्योंकि वे भू-पृष्ठ से बहुत ऊँचाई पर चलती हैं। भारत की जलवायु जेट वायुधाराओं की गति से भी प्रभावित होती है। ऊपरी वायुमण्डल में बहुत तीव्र गति से चलने वाली हवाओं को जेट वायुधाराएँ कहते हैं। शीतकाल में पश्चिमी विक्षोभों को भारतीय उपमहाद्वीप तक लाने में जेट प्रवाह मददगार होते हैं। इस प्रकार उपरितन वायुधाराएँ भारत की जलवायु को प्रभावित करने वाला महत्त्वपूर्ण कारक है।
  • मानसूनी पवनें :
    हमारा देश व्यापारिक पवनों के प्रवाह क्षेत्र में आता है, किन्तु यहाँ की जलवायु पर मानसूनी पवनों का व्यापक प्रभाव देखा जाता है। ये पवनें हमारे देश में ग्रीष्म ऋतु में समुद्र से स्थल की ओर तथा शीत ऋतु में स्थल से समुद्र की ओर चला करती हैं। मानसूनी हवाओं के इस परिवर्तन के साथ भारत में मौसम और ऋतुओं में परिवर्तन हो जाता है।

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प्रश्न 2.
मानसून की प्रमुख विशेषताएँ बताते हुए विभिन्न ऋतुओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मानसून की विशेषताएँ

  1. मानसूनी हवाएँ मौसमी हवाएँ हैं। ये मौसम के अनुसार प्रवाहित होती हैं।
  2. ग्रीष्मकाल में चलने वाली मौसमी हवाओं को ग्रीष्मकालीन मानसून एवं शीतकाल में चलने वाली मौसमी हवाओं को शीतकालीन मानसून कहते हैं।
  3. ग्रीष्मकालीन मानसूनी हवाएँ भारत की प्रायद्वीपीय स्थिति के कारण दो भागों में बँट जाती हैं- पहली अरब सागरीय मानसून एवं दूसरी बंगाल की खाड़ी का मानसून।
  4. भारत में ग्रीष्म ऋतु में इन हवाओं की दिशा दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर एवं शीत ऋतु में उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिमी होती है।
  5. ग्रीष्म ऋतु में ये हवाएँ समुद्र से थल भाग की ओर चलने के कारण उष्ण व आर्द्र होती हैं जबकि शीत ऋतु में ये हवाएँ स्थल से समुद्र की ओर चलने के कारण ठण्डी व शुष्क होती हैं।
  6. वर्षा का अधिकांश भाग दक्षिणी-पश्चिमी मानसून हवाओं से प्राप्त होता है।
  7. भारत में मानसूनी वर्षा समय के अनुसार निश्चित नहीं होती। कभी मानसूनी पवनें जल्दी और कभी बहुत देर में आती है अर्थात् कई बार मानसून के समय एवं उसकी मात्रा में अन्तर भी आ जाता है।

भारत की ऋतुएँ :
मानसूनी विभिन्नता के आधार पर चार ऋतुओं में बाँटा गया है :

i. उत्तर-पूर्वी मानसून की ऋतुएँ :

  1. शीत ऋतु-दिसम्बर से फरवरी तक,
  2. ग्रीष्म ऋतु-मार्च से मई तक।

ii. दक्षिण-पश्चिमी मानसून की ऋतुएँ :

  1. वर्षा ऋतु-जून से सितम्बर तक,
  2. पीछे हटते मानसून की ऋतु-अक्टूबर से नवम्बर तक।

i.
1. शीत ऋतु :
शीत ऋतु लगभग दिसम्बर से फरवरी तक सम्पूर्ण भारत में रहती है। जनवरी सबसे ठण्डा महीना है। इस ऋतु में उत्तरी मैदानों में उच्च वायुदाब रहता है। इस ऋतु में देश के ऊपर उत्तर-पूर्वी व्यापारिक हवाएँ चलती हैं। हमारे देश के अधिकांश भागों में ये स्थल से समुद्र की ओर चलती हैं। परिणामस्वरूप शीत ऋतु शुष्क रहती है। चेन्नई और कालीकट का जनवरी का औसत तापमान लगभग 25° सेल्सियस रहता है तथा उत्तरी मैदानों में औसत तापमान 10° से 15° सेल्सियस रहता है। शीत ऋतु में दिन सामान्यत: उष्ण तथा रातें ठण्डी होती हैं। कुछ ऊँचे स्थानों पर पाला भी पड़ता है।

उत्तर-पूर्वी मानसून शीत ऋतु में बंगाल की खाड़ी में आर्द्रता ग्रहण कर तमिलनाडु के कारोमण्डल तट पर वर्षा करता है। इसे लौटती हुई मानसून की वर्षा कहते हैं।

2. ग्रीष्म ऋतु :
मानसूनी हवाएँ मौसमी हवाएँ हैं। ये मौसम के अनुसार प्रवाहित होती हैं। ग्रीष्मकाल में चलने वाली मौसमी हवाओं को ग्रीष्मकालीन मानसून एवं शीतकाल में चलने वाली मौसमी हवाओं को शीतकालीन मानसून कहते हैं। ग्रीष्मकालीन मानसूनी हवाएँ भारत की प्रायद्वीपीय स्थिति के कारण दो भागों में बँट जाती हैं- पहली अरब सागरीय मानसून एवं दूसरी बंगाल की खाड़ी का मानसून। भारत में ग्रीष्म ऋतु में इन हवाओं की दिशा दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर एवं शीत ऋतु में उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिमी होती है। ग्रीष्म ऋतु में ये हवाएँ समुद्र से थल भाग की ओर चलने के कारण उष्ण व आर्द्र होती हैं जबकि शीत ऋतु में ये हवाएँ स्थल से समुद्र की ओर चलने के कारण ठण्डी व शुष्क होती हैं।

ii.
1. वर्षा ऋतु :
भारत के उत्तर-पश्चिम भाग में तेजी से बढ़ते तापमान के परिणामस्वरूप शीत ऋतु का उच्च दाब अत्यन्त निम्न दाब में बदल जाता है। इस निम्न दाब के क्षेत्र की ओर बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से वायु खिंच जाती है। दक्षिण गोलार्द्ध की व्यापारिक पवनें इनके साथ मिलकर दक्षिण-पश्चिम मानसून का निर्माण करती हैं। यह धीरे-धीरे दक्षिण से उत्तर की ओर बढ़ता है और जून के अन्त तक देश के अधिकांश भागों में फैल जाता है।

2. पीछे हटते मानसून की ऋतु :
उत्तर-पश्चिम भारत में बना निम्न वायुदाब का क्षेत्र सूर्य की स्थिति बदलने के कारण कमजोर होकर दक्षिण की ओर खिसकने लगता है। सितम्बर के प्रथम सप्ताह में यह राजस्थान से पीछे हट जाता है। नवम्बर में यह कर्नाटक और तमिलनाडु के ऊपर चला जाता है। दिसम्बर के मध्य तक यह प्रायद्वीप से पूरी तरह हट जाता है। इस पीछे हटते हुए मानसून की ऋतु में प्रायद्वीप के पूर्वी भाग-प्रमुख रूप से तमिलनाडु में व्यापक वर्षा होती है।

प्रश्न 3.
भारत में वर्षा के वितरण को मानचित्र पर दर्शाइए और विभिन्न क्षेत्रों के नाम लिखिए।
उत्तर:
वार्षिक वर्षा के आधार पर भारतवर्ष को चार भागों में बाँटा जा सकता है। :

  1. अधिक वर्षा वाले क्षेत्र-लघु उत्तरीय प्रश्न 4 का उत्तर देखें।
  2. मध्यम वर्षा वाले क्षेत्र-इसके अन्तर्गत बिहार, झारखण्ड, उड़ीसा, पूर्वी उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु तथा पश्चिम बंगाल आते हैं। यहाँ औसत वर्षा 100 से 200 सेमी होती है।
  3. साधारण वर्षा वाले क्षेत्र-इसमें 50 सेमी से 100 सेमी तक वर्षा वाले क्षेत्र आते हैं। इसके अन्तर्गत मध्य प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, आन्ध्र प्रदेश, तमिलनाडु पंजाब तथा हरियाणा आते हैं।
  4. अल्प वर्षा वाले क्षेत्र-इन क्षेत्रों में औसत वर्षा 50 सेमी से कम रहती है। सबसे कम वर्षा वाले क्षेत्रों में राजस्थान का अधिकांश भाग, लद्दाख का पठार तथा दक्षिणी पठार का वृष्टि छाया प्रदेश आता है।
    MP Board Class 9th Social Science Solutions Chapter 5 भारत जलवायु - 2

प्रश्न 4.
भारत की जलवायु का मानव जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
जलवायु का मानव जीवन पर प्रभाव

  1. गर्मी में उच्च तापमान और ग्रीष्मकालीन वर्षा के कारण भारतीय उपमहाद्वीप में कुछ विशिष्ट फसलों की खेती होती है; जैसे-धान, जूट और चाय। ये फसलें मानसूनी जलवायु की उपज हैं।
  2. मानसूनी वर्षा की मात्रा कृषि कार्य के लिए उपयुक्त है।
  3. धान की खेती से अधिकाधिक लोगों का भरण-पोषण सम्भव है, अतः ऐसे क्षेत्र घने आबाद होते हैं।
  4. अधिक गर्मी पड़ने के कारण लोग सुस्त हुआ करते हैं जो आर्थिक विकास के लिए बाधक हैं।
  5. वर्षा के असमान वितरण के कारण सिंचाई व्यवस्था करनी पड़ती है।
  6. पश्चिमोत्तर भारत में शीतकालीन वर्षा के कारण गेहूँ, जौ आदि की अच्छी उपज होती है।
  7. वर्षा के कारण चारा भी उपलब्ध हो जाता है जिससे पशुपालन को बल मिलता है। कहा जाता है कि प्राचीनकाल में भारत में दूध व घी की नदियाँ बहती थीं। यह चारे की पर्याप्त उपलब्धि से ही सम्भव था। लेकिन वर्तमान में वर्ष के कुछ महीनों को छोड़कर शेष महीने शुष्क होते हैं। वर्षाकाल में उगने वाली घास शुष्क महीनों में सूख जाती है, इसलिए यहाँ सदाबहार चरागाह भूमि का अभाव है।
  8. वर्षा की अनिश्चितता का प्रभाव कृषि पर पड़ता है। वर्षा यदि समय पर और पर्याप्त मात्रा में हो जाती है तो कृषि उत्पादन ठीक होता है, लेकिन यदि मानसून आने में देरी हो जाए या पर्याप्त वर्षा न हो तो कृषि उत्पादन पर उसका विपरीत प्रभाव पड़ता है, इसलिए भारतीय कृषि को मानसून का जुआ कहते हैं।
  9. कभी-कभी वर्षा की अधिकता से भयंकर बाढ़ें आती हैं।
  10. चक्रवाती या तूफानी वर्षा से फसलों, पशुओं और निर्धन लोगों को बहुत नुकसान पहुँचता है। ओलों से खड़ी फसल मारी जाती है।

इस प्रकार जलवायु की भिन्नता के फलस्वरूप वन सम्पदा, पशु सम्पदा, परिवहन एवं मानव जीवन में भी विभिन्नता है। ये हमारे आर्थिक जीवन का महत्त्वपूर्ण तत्व है।

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MP Board Class 9th Social Science Chapter 5 अन्य परीक्षोपयोगी प्रश्न

MP Board Class 9th Social Science Chapter 5 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अधिक वर्षा वाले राज्य (2011)
(i) बिहार, उड़ीसा
(ii) मेघालय असम
(iii) मध्य प्रदेश, गुजरात
(iv) राजस्थान, पंजाब।
उत्तर:
(iii) मध्य प्रदेश, गुजरात

प्रश्न 2.
मानसूनी हवाओं का सम्बन्ध है (2008)
(i) मौसम
(ii) जलवायु
(iii) ऋतु
(iv) उक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(i) मौसम

रिक्त स्थान पूर्ति

  1. भारत की वर्षा का वार्षिक औसत …………. है। (2008)
  2. जिस क्षेत्र में औसतन तापमान 18° से. से ऊपर रहता है उसे ………… जलवायु कहते हैं। (2009)
  3. ग्रीष्म ऋतु में चलने वाली हवाओं को …………. कहते हैं। (2015)
  4. अल्प वर्षा वाले क्षेत्रों में औसत वर्षा ………… वार्षिक से कम रहती है।
  5. भारत में दक्षिण-पश्चिम मानसून की अनियमितता तथा अनिश्चितता का कारण …………. का उत्तर और दक्षिण की ओर खिसकना है।

उत्तर:

  1. 105 सेमी,
  2. उष्ण कटिबन्धीय,
  3. लू,
  4. 50 सेमी.
  5. जेट स्ट्रीम।

सत्य/असत्य

प्रश्न 1.
आम्रवृष्टि मध्य प्रदेश में होती है। (2008, 09)
उत्तर:
असत्य

प्रश्न 2.
भारतीय मानसून में होने वाली वर्षा अनिश्चित है।
उत्तर:
सत्य

प्रश्न 3.
मानसूनी हवाएँ अपनी दिशाएँ नहीं बदलती हैं।
उत्तर:
असत्य

प्रश्न 4.
शीत ऋतु दिसम्बर से शुरू होती है।
उत्तर:
सत्य

प्रश्न 5.
ग्रीष्म ऋतु में उत्तर भारत में चलने वाली हवा को लू कहते हैं।
उत्तर:
सत्य

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सही जोड़ी मिलाइए

MP Board Class 9th Social Science Solutions Chapter 5 भारत जलवायु - 3

उत्तर:

  1. → (ख)
  2. -→ (क)
  3. → (घ)
  4. → (ङ)
  5. → (ग)।

एक शब्द/वाक्य में उत्तर

प्रश्न 1.
पर्वतीय वायु विमुख क्षेत्र जहाँ वर्षा नहीं होती।
उत्तर:
वृष्टि छाया क्षेत्र

प्रश्न 2.
जहाँ गर्मी में अधिक गर्मी तथा सर्दी में अधिक सर्दी हो, वह जलवायु कहलाती है।
उत्तर:
महाद्वीपीय जलवायु

प्रश्न 3.
हवाएँ छः माह की अवधि में अपनी दिशा बदलती हैं।
उत्तर:
मानसून मौसम सम्बन्धी हवाएँ

प्रश्न 4.
किसी स्थान की दीर्घ अवधि की वायुमण्डलीय दशा कहलाती है।
उत्तर:
जलवायु

प्रश्न 5.
भारत के कोरोमण्डल तट पर सर्वाधिक वर्षा कब होती है? (2014)
उत्तर:
जनवरी-फरवरी में।

MP Board Class 9th Social Science Chapter 5 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
मौसम से क्या आशय है?
उत्तर:
मौसम का आशय किसी स्थान विशेष के किसी निर्दिष्ट समय की वायुमण्डलीय दशाओं, तापमान, वायुदाब, हवा, आर्द्रता एवं वर्षा से होता है। वायुमण्डल की उपर्युक्त दशाओं को ही जलवायु और मौसम के तत्व कहते हैं।

प्रश्न 2.
जेट वायु धाराएँ (प्रवाह) किन्हें कहते हैं?
उत्तर:
ऊपरी वायुमण्डल में तीव्र गति से चलने वाली पवनों को जेट वायुधाराएँ कहते हैं। ये बहुत ही सँकरी पट्टी में चलती हैं।

प्रश्न 3.
मैंगो शावर (आम्रवृष्टि) क्या है?
उत्तर:
मानसून के आने से पूर्व प्रायद्वीपीय पठार में वर्षा होती है जिसे मैंगो शावर (आम्रवृष्टि) कहते हैं। केरल में इसे फूलों वाली बौछार कहा जाता है, क्योंकि इस वर्षा से कहवा उत्पादन वाले क्षेत्रों में फूल खिलने लगते हैं।

प्रश्न 4.
व्यापारिक पवनें किन्हें कहते हैं?
उत्तर:
भूमध्यरेखीय निम्न वायुदाब कटिबन्ध की ओर दोनों ही गोलार्डों के उपोष्ण उच्च वायुदाब कटिबन्धों से निरन्तर बहने वाली पवन को व्यापारिक पवन कहते हैं।

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प्रश्न 5.
वृष्टि छाया प्रदेश क्या है?
उत्तर:
पर्वतीय वायु विमुख ढाल क्षेत्र जहाँ वर्षा नहीं हो पाती और वह क्षेत्र शुष्क रह जाता है, वृष्टि छाया क्षेत्र की श्रेणी में आता है।

MP Board Class 9th Social Science Chapter 5 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
दक्षिण-पश्चिमी मानसून की उत्पत्ति का क्या कारण है ?
उत्तर:
ग्रीष्म ऋतु में तापमान बढ़ जाने के कारण भारत के उत्तर-पश्चिमी मैदानों में निम्न वायुदाब का क्षेत्र बन जाता है। इस समय हिन्द महासागर पर अपेक्षाकृत उच्च वायुदाब का क्षेत्र होता है जिसके कारण हिन्द महासागर में दक्षिण-पूर्वी व्यापारिक हवाओं की उत्पत्ति होती है और जहाँ से ये अरब सागर तथा बंगाल की खाड़ी में आ जाती हैं। इसके पश्चात् ये भारत के वायुमण्डल की संरचना का अंग बन जाती हैं। विषुवतीय गर्म धाराओं के ऊपर से गुजरने के कारण ये भारी मात्रा में आर्द्रता ग्रहण कर लेती हैं। विषुवत् वृत्त को पार करते ही इनकी दिशा दक्षिण-पश्चिम हो जाती है। इसीलिए इन्हें दक्षिण-पश्चिमी मानसून कहा जाता है।

प्रश्न 2.
मानसून के रचना-तन्त्र की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
मानसून शब्द अरबी भाषा के ‘मौसिम’ शब्द से बना है जिसका अर्थ है ऋतु या मौसम। इस प्रकार मानसून का अर्थ उन मौसमी हवाओं से है जो मौसमी परिवर्तन के साथ अपनी दिशा पूर्णतया बदल देती हैं। शुष्क और गर्म स्थलीय हवाएँ समुद्री और वाष्पकणों से भरी हुई हवाओं में बदल जाती हैं। ये मानसून हवाएँ हिन्द महासागर में भूमध्य रेखा को पार करते ही दक्षिण-पश्चिम दिशा अपना लेती हैं। जब कभी उत्तरी गोलार्द्ध में प्रशान्त महासागर के विषुवतीय भागों में उच्च दाब होता है तब हिन्द महासागर के दक्षिणी भागों में दबाव कम होता है और यह परिवर्तन का क्रम चलता रहता है। इस प्रकार भूमध्य रेखा के आस-पास की हवाएँ विभिन्न दिशाओं में आती जाती रहती हैं। इन हवाओं की अदला-बदली का मानसून हवाओं पर गहरा प्रभाव पड़ता है।

प्रश्न 3.
पश्चिमी चक्रवाती विक्षोभ क्या है?
उत्तर:
पश्चिमी चक्रवाती विक्षोभ :
शीत ऋतु के महीनों में उत्पन्न होने वाला पश्चिमी चक्रवाती विक्षोभ भूमध्य सागरीय क्षेत्र से आने वाले पश्चिमी जेट स्ट्रीम पवनों के कारण होता है। ये प्रायः भारत के उत्तर एवं उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र को प्रभावित करते हैं। उष्ण कटिबन्धीय चक्रवात मानसूनी महीनों के अलावा अक्टूबर एवं नवम्बर के महीनों में भी आते हैं एवं देश के तटीय क्षेत्रों को प्रभावित करते हैं। शीत ऋतु में पश्चिमी चक्रवाती विक्षोभों के आने से उत्तरी भारत में हल्की वर्षा होती है। इन्हीं विक्षोभों के कारण कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में भारी हिमपात होता है।

MP Board Class 9th Social Science Chapter 5 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत में ग्रीष्म ऋतु में जलवायु की दशाओं की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
ग्रीष्म ऋतु में उत्तरी भारत में तापमान अधिक रहने से वायुदाब कम रहता है। मई माह तक थार मरुस्थल से लेकर छोटा नागपुर पठार तक न्यून वायुदाब क्षेत्र बन जाता है। हिन्द महासागर में उच्च वायुदाब रहता है। पवनें उच्चदाब से न्यूनदाब की ओर चलती हैं। ग्रीष्मकाल में स्थानीय पवनें-लू, वैशाखी (धूल भरी आँधियाँ) सक्रिय हो जाती हैं।

कर्क रेखा भारत के लगभग मध्य भाग से गुजरती है। 21 जून को कर्क रेखा पर सूर्य की किरणें लम्बवत् गिरती हैं, अत: उत्तरी भारत का तापमान बढ़ने लगता है। देश के उत्तर-पश्चिम भाग में तापमान 45° से 48° सेल्सियस तक हो जाता है। दक्षिण भारत में समुद्र के समकारी प्रभाव के कारण तापमान अधिक नहीं हो पाता है। यह 27° से 30° सेल्सियस तक रहता है। ग्रीष्म ऋतु के अन्त में केरल तथा कर्नाटक के तटीय भागों में मानसून से पूर्व की वर्षा होती है, जिसका स्थानीय नाम आम्रवृष्टि है। इस समय दक्कन के पठार पर अपेक्षाकृत उच्चदाब होने के कारण मानसून से पूर्व की वर्षा का क्षेत्र आगे नहीं बढ़ पाता है। इस ऋतु में बंगाल और असम में भी उत्तर-पश्चिमी तथा उत्तरी पवनों द्वारा वर्षा की तेज बौछारें पड़ती हैं।

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MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Additional Questions

MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Additional Questions

MP Board Class 9th Maths Chapter 15 अतिरिक्त परीक्षोपयोगी प्रश्न

MP Board Class 9th Maths Chapter 15 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
दो पाँसों को एक साथ 500 बार फेंका जाता है। प्रत्येक बार उनके ऊपर आई संख्याओं के योग को ज्ञात करके नीचे दी गई सारणी के अनुसार रिकॉर्ड किया गया है

योगबारम्बारता
2
3
4
5
6
7
8
9
10
11
12
14
30
42
55
72
75
70
53
46
28
15

यदि इन पाँसों को एक बार पुनः फेंका जाए तो निम्नलिखित योग ज्ञात करने की क्या प्रायिकता है ?
(i) 3,
(ii) 10 से अधिक,
(iii) 5 से कम या उसके बराबर,
(iv) 8 और 12 के बीच।
हल :
(i) चूँकि E1 = 30 एवं n = 500 (प्रश्नानुसार)
प्रायिकता \(P\left(E_{1}\right)=\frac{E_{1}}{n}=\frac{30}{500}=0 \cdot 060\)
अतः अभीष्ट प्रायिकता = 0.060.

(ii) चूँकि E2 = 10 से अधिक योग वाले = 28 + 15 = 43 एवं n = 500
प्रायिकता \(P\left(E_{2}\right)=\frac{E_{2}}{n}=\frac{43}{500}=0 \cdot 086\)
अतः अभीष्ट प्रायिकता = 0.086.

(iii) 5 से कम या बराबर E3 = 55 + 42 + 30 + 14 = 141 एवं n = 500 (प्रश्नानुसार)
प्रायिकता \(P\left(E_{3}\right)=\frac{E_{3}}{n}=\frac{141}{500}=0.282\)
अतः अभीष्ट प्रायिकता = 0.282.

(iv) 8 और 12 के मध्य संख्याओं का योग = 53 + 46 + 28 = 127
इस प्रकार E4 = 127 एवं n = 500
प्रायिकता \(P\left(E_{4}\right)=\frac{E_{4}}{n}=\frac{127}{500}=0 \cdot 254\)
अतः अभीष्ट प्रायिकता = 0.254.

प्रश्न 2.
पिछले 200 कार्य दिवसों में किसी मशीन द्वारा निर्मित खराब पुों की संख्या निम्नलिखित सारणी में दी गई है:

खराब पुजों की संख्या012345678910111213
दिन50322218121210101086622

इनकी प्रायिकता निर्धारित कीजिए कि कल के उत्पादन में :
(i) कोई खराब पुर्जा नहीं होगा,
(ii) न्यूनतम एक खराब पुर्जा होगा,
(iii) 5 से अधिक खराब पुर्जे नहीं होंगे,
(iv) 13 से अधिक खराब पुर्जे नहीं होंगे।
हल :
(i) चूँकि E1 = शून्य खराब पुर्जे = 50 एवं n = 200
प्रायिकता \(P\left(E_{1}\right)=\frac{E_{1}}{n}=\frac{50}{200}=0 \cdot 25\)
अतः अभीष्ट प्रायिकता = 0.25.

(ii) न्यूनतम एक खराब पुर्जा = 200 – 50 = 150
E2 = 150 एवं n = 200
प्रायिकता \(P\left(E_{2}\right)=\frac{E_{2}}{n}=\frac{150}{200}=0 \cdot 75\)
अतः अभीष्ट प्रायिकता = 0.75.

(iii) 5 से अधिक खराब पुर्जे नहीं होंगे अर्थात् 5 तक खराब पुर्जे होंगे जिनका योग E3 = 50 + 32 + 22 + 18 + 12 + 12 = 146 एवं n = 200 (प्रश्नानुसार)
प्रायिकता \(P\left(E_{3}\right)=\frac{E_{3}}{n}=\frac{146}{200}=0 \cdot 73\)
अतः अभीष्ट प्रायिकता = 0.73.

(iv) चूँकि 13 से अधिक खराब पुर्जे नहीं हैं E4 = 0 एवं n = 200
प्रायिकता \(P\left(E_{4}\right)=\frac{E_{4}}{n}=\frac{0}{200}=0\)
अतः अभीष्ट प्रायिकता = 0.

प्रश्न 3.
कुछ समय पहले ही किए गए एक सर्वेक्षण में यह पाया गया कि एक फैक्टरी के श्रमिकों की आयु का बंटन निम्नलिखित है:

आयु (वर्षों में)20 – 2930 – 3940 – 4950 – 5960 और उससे ऊपर
श्रमिकों की संख्या382786463

यदि इनमें से एक व्यक्ति यदृच्छिक रूप से चुना जाता है तो इसकी क्या प्रायिकता है कि वह व्यक्ति:
(i) 40 वर्ष या उससे अधिक आयु का होगा ?
(ii) 40 वर्ष से कम आयु का होगा?
(iii) 30 और 39 वर्ष के बीच की आयु का होगा?
(iv) 60 वर्ष से कम आयु का होगा परन्तु 39 वर्ष से अधिक होगा?
हल :
प्रत्येक स्थिति से कुल श्रमिकों की संख्या (n) = 38 + 27 + 86 + 46 + 3
n = 200 .
(i) 40 वर्ष या उससे अधिक श्रमिक (E1) = 86 + 46 + 3 = 135
प्रायिकता \(P\left(E_{1}\right)=\frac{E_{1}}{n}=\frac{135}{200}=0 \cdot 675\)
अतः अभीष्ट प्रायिकता = 0.675.

(ii) 40 वर्ष से कम आयु के श्रमिकों की संख्या (E2) = 38 + 27 = 65
प्रायिकता \(P\left(E_{2}\right)=\frac{E_{2}}{n}=\frac{65}{200}=0 \cdot 325\)
अतः अभीष्ट प्रायिकता = 0.325.

(iii) 30 और 39 वर्ष के बीच श्रमिकों की संख्या (E3) = 27
प्रायिकता \(P\left(E_{3}\right)=\frac{E_{3}}{n}=\frac{27}{200}=0 \cdot 135\)
अतः अभीष्ट प्रायिकता = 0.135.

(iv) 60 वर्ष से कम और 39 वर्ष से अधिक आयु के श्रमिकों की संख्या (E4) = 86 + 46 = 132
प्रायिकता \(P\left(E_{4}\right)=\frac{E_{4}}{n}=\frac{132}{200}=0 \cdot 66\)
अतः अभीष्ट प्रायिकता = 0.66.

प्रश्न 4.
एक पाँसे को 1000 बार फेंकने पर प्राप्त परिणामों की सारणी इस प्रकार हैं:

परिणाम123456
बारम्बारता180150160170150190

प्रत्येक परिणाम के प्राप्त होने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए। (2019)
हल :
ज्ञात है : n (E) = 1000 तो प्रश्नानुसार,
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Additional Questions image 1
अतः अभीष्ट प्रायिकताएँ हैं : P1 = 0.18, P2 = 0.15, P3 = 0.16, P4 = 0.17, P5 = 0.15 एवं P6 = 0.19.

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MP Board Class 9th Maths Chapter 15 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
यहाँ एक जन्म-मृत्यु दर सारणी का एक अंश दिया गया है:

आयु (वर्षों में)606162636465
जीवित व्यक्तियों की संख्या एक मिलियन के प्रतिदर्श में से16,09011,4908,0125,4483,6072,320

(i) इस सूचना के आधार पर 60 वर्ष की आयु के व्यक्ति की एक वर्ष के अन्दर मृत्यु हो जाने की प्रायिकता क्या है ?
(ii) इसकी प्रायिकता क्या है कि 61 वर्ष की आयु वाला व्यक्ति 4 वर्ष तक जीवित रहेगा ?
हल :
(i) हम देखते हैं कि 60 वर्ष की आयु वाले कुल 16,090 व्यक्तियों में से (16,090 – 11,490)
अर्थात् 4,600 व्यक्ति 61वें वर्ष के होने से पहले ही मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं। यहाँ E1 = 4600 एवं n = 16,090 है।
प्रायिकता \(P\left(E_{1}\right)=\frac{E_{1}}{n}=\frac{4600}{16,090}=\frac{460}{1,609}\)
अतः 60 वर्ष की आयु के व्यक्ति को एक वर्ष के अन्दर मृत्यु हो जाने की अभीष्ट प्रायिकता = \(\frac { 460 }{ 1609 }\)

(ii) 61 वर्ष की आयु वाले व्यक्तियों की संख्या = 11,490, इनमें से चार वर्ष तक जीवित बचने वाले व्यक्तियों की संख्या = 2,320 अर्थात् E2 = 2320 एवं n = 11,490
प्रायिकता \(P\left(E_{2}\right)=\frac{E_{2}}{n}=\frac{2,320}{11,490}=\frac{232}{1,149}\)
अतः 61 वर्ष की आयु वाले व्यक्ति के 4 वर्ष तक जीवित रहने की अभीष्ट प्रायिकता = \(\frac { 232 }{ 1149 }\)

प्रश्न 2.
एक कम्पनी ने 4,000 परिवारों को यदृच्छिक रूप से चुना तथा उनके आय स्तर और घर में स्थित टी. वी. सेटों की संख्या में सम्बन्ध ज्ञात करने हेतु एक सर्वेक्षण किया। इस प्रकार प्राप्त सूचनाओं को निम्नलिखित सारणी के रूप में सूचीबद्ध किया गया है :

मासिक आय (Rs में)टी.वी. सेटों/परिवारों की संख्या 
0122 से अधिक
<10,000
10,000 – 14,999
15,000 – 19,999
20,000 – 24,999
25,000 और उससे अधिक
20
10
0
0
0
80
240
380
520
1100
10
60
120
370
760
0
0
30
80
720

निम्नलिखित की प्रायिकता ज्ञात कीजिए :
(i) एक परिवार की आय Rs 10,000 से Rs 14,999 होने और घर में ठीक एक टी. वी. सेट होना।
(ii) एक परिवार की आय Rs 25,000 और उससे अधिक होने और घर में दो टी. वी. सेट होना।
(iii) एक परिवार में एक भी टी. वी. सेट नहीं होना।
हल :
(i) चूँकि यहाँ E1 = 240 एवं n= 4,000 (प्रश्नानुसार)
प्रायिकता \(P\left(E_{1}\right)=\frac{E_{1}}{n}=\frac{240}{4,000}=\frac{3}{50}\)
अतः अभीष्ट प्रायिकता = \(\frac { 3 }{ 50 }\)

(ii) चूँकि यहाँ E2 = 760 एवं n = 4,000 (प्रश्नानुसार)
प्रायिकता \(P\left(E_{2}\right)=\frac{E_{2}}{n}=\frac{760}{4,000}=\frac{19}{100}\)
अतः अभीष्ट प्रायिकता = \(\frac { 19 }{ 100 }\)

(iii) चूँकि E3 = बिना टी. वी वाले परिवार = 20 + 10 = 30 एवं n = 4,000
प्रायिकता \(P\left(E_{3}\right)=\frac{E_{3}}{n}=\frac{30}{4,000}=\frac{3}{400}\)
अतः अभीष्ट प्रायिकता = \(\frac { 3 }{ 400 }\)

प्रश्न 3.
पैक किए गए प्रत्येक डिब्बे में बल्बों की संख्या 90 है। इनमें से 700 डिब्बों के खराब बल्बों की संख्या ज्ञात करने के लिए जाँच की गई तथा इसके परिणाम निम्नलिखित सारणी में दिए गए हैं:

खराब बल्बों की संख्या01234566 से अधिक
बारम्बारता400180484118832

इन डिब्बों में से एक डिब्बा यादृच्छिक रूप से चुना जाता है। इसकी क्या प्रायिकता है कि इस डिब्बे में:
(i) कोई बल्ब खराब नहीं होगा ?
(ii) खराब बल्बों की संख्या 2 से 6 तक होगी ?
(iii) 4 से कम खराब बल्ब होंगे ?
हल :
(i) यहाँ n = 700 एवं E1 = शून्य खराब बल्ब वाले डिब्बे = 400
प्रायिकता \(P\left(E_{1}\right)=\frac{E_{1}}{n}=\frac{400}{700}=\frac{4}{7}\)
अतः अभीष्ट प्रायिकता = \(\frac { 4 }{ 7 }\)

(ii) यहाँ n = 700 एवं E2 = 2 से 6 तक खराब बल्बों वाले डिब्बों की कुल संख्या
E2 = 48 + 41 + 18 + 8 + 3 = 118
प्रायिकता \(P\left(E_{2}\right)=\frac{E_{2}}{n}=\frac{118}{700}=\frac{59}{350}\)
अतः अभीष्ट प्रायिकता = \(\frac { 59 }{ 350 }\)

(iii) यहाँ n = 700 एवं E3 = 4 से कम खराब बल्बों वाले डिब्बों की संख्या
E3 = 400 + 180 + 48 + 41 = 669
प्रायिकता \(P\left(E_{3}\right)=\frac{E_{3}}{n}=\frac{669}{700}\)
अतः अभीष्ट प्रायिकता = \(\frac { 669 }{ 700 }\)

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MP Board Class 9th Maths Chapter 15 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
क्या किसी घटना की प्रायोगिक प्रायिकता एक ऋणात्मक संख्या हो सकती है ? यदि नहीं तो क्यों?
उत्तर-
प्रायिकता ऋणात्मक संख्या नहीं हो सकती, क्योंकि उन अभिप्रयोगों की जिनमें कोई घटना हो सकती है, ऋणात्मक नहीं हो सकती तथा कुल अभिप्रयोगों की संख्या भी ऋणात्मक नहीं हो सकती।

प्रश्न 2.
क्या किसी घटना की प्रायोगिक प्रायिकता 1 से अधिक हो सकती है ? अपने उत्तर का औचित्य दीजिए।
उत्तर-
किसी घटना की प्रायोगिक प्रायिकता 1 से अधिक कभी भी नहीं हो सकती, क्योंकि उन अभिप्रयोगों की संख्या जिनमें कोई घटना हो सकती है कभी भी अभिप्रयोगों की कुल संख्या से अधिक नहीं हो सकती।

प्रश्न 3.
जैसे-जैसे एक सिक्के के उछालों की संख्या बढ़ती जाती है चितों की संख्या और पटों की संख्या का अनुपात \(\frac { 1 }{ 2 }\) हो जाता है। क्या यह सही है ? यदि नहीं तो इसे सही रूप में लिखिए।
उत्तर-
कथन असत्य है, क्योंकि जैसे-जैसे एक सिक्के के उछालों की संख्या बढ़ती जाती है, वैसे-वैसे चितों की संख्या और कुल उछालों की संख्या में \(\frac { 1 }{ 2 }\) के निकटतम होता जाता है, ठीक \(\frac { 1 }{ 2 }\) नहीं होता।

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MP Board Class 9th Maths Chapter 15 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
एक पाँसे को 1000 बार फेंका गया और परिणाम निम्नलिखित प्रकार से रिकॉर्ड किए गए:

परिणाम123456
बारम्बारता180150160170150190

यदि पाँसे को एक बार और फेंका जाए तो इसकी प्रायिकता कि यह 5 दर्शाएगा :
(a) \(\frac { 9 }{ 50 }\)
(b) \(\frac { 3 }{ 20 }\)
(c) \(\frac { 4 }{ 25 }\)
(d) \(\frac { 7 }{ 25 }\)
उत्तर:
(b) \(\frac { 3 }{ 20 }\)

प्रश्न 2.
642 व्यक्तियों पर किए गए एक प्रतिदर्श अध्ययन में यह पाया गया कि 514 व्यक्तियों के पास हाईस्कूल सर्टिफिकेट हैं। यदि इनमें से एक व्यक्ति को यादृच्छिक रूप से चुना जाए तो इसकी प्रायिकता कि उस व्यक्ति के पास हाईस्कूल सर्टिफिकेट है:
(a) 0.5
(b) 0.6
(c) 0.7
(d) 0.8.
उत्तर:
(d) 0.8.

प्रश्न 3.
19 – 36 महीने की आयु वाले 364 बच्चों पर किए गए एक सर्वे में यह पाया गया कि 91 बच्चे आलू के चिप्स खाना पसंद करते हैं। इनमें से एक बच्चा यदि यादृच्छिक रूप से चुना जाता है, तो इसकी प्रायिकता कि वह बच्चा आलू के चिप्स पसंद नहीं करेगा, है :
(a) 0.25
(b) 0.50
(c) 0.75
(d) 0.80.
उत्तर:
(c) 0.75

प्रश्न 4.
किसी कक्षा के विद्यार्थियों की एक मेडीकल परीक्षा में निम्नलिखित रक्त समूह रिकॉर्ड किए गए:

रक्त समूहAABBO
विद्यार्थियों की संख्या1013125

इस कक्षा में से एक विद्यार्थी यादृच्छिक रूप से चुना जाता है। इस विद्यार्थी का रक्त समूह B होने की प्रायिकता है:
(a) \(\frac { 1 }{ 4 }\)
(b) \(\frac { 13 }{ 40 }\)
(c) \(\frac { 3 }{ 10 }\)
(d) \(\frac { 1 }{ 8 }\)
उत्तर:
(c) \(\frac { 3 }{ 10 }\)

प्रश्न 5.
दो सिक्कों को 1000 बार उछाला जाता है और इनके परिणाम निम्नलिखित प्रकार से रिकॉर्ड किए जाते हैं:

चितों की संख्या210
बारम्बारता200550250

इस सूचना के आधार पर अधिकतम एक चित की प्रायिकता है :
(a) \(\frac { 1 }{ 5 }\)
(b) \(\frac { 1 }{ 4 }\)
(c) \(\frac { 4 }{ 5 }\)
(d) \(\frac { 3 }{ 4 }\)
उत्तर:
(c) \(\frac { 4 }{ 5 }\)

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प्रश्न 6.
एक संग्रह में से 80 बल्ब यदृच्छिक रूप से चुने जाते हैं और उनके जीवनकालों (घण्टों में) को निम्नलिखित बारम्बारता सारणी के रूप में रिकॉर्ड किया गया:

जीवनकाल (घण्टों से)3005007009001100
बारम्बारता1012232510

इस संग्रह में से एक बल्ब यादृच्छिक रूप से चुना जाता है। इस बल्ब का जीवनकाल 1150 घण्टा होने की प्रायिकता है:
(a) \(\frac { 1 }{ 80 }\)
(b) \(\frac { 7 }{ 16 }\)
(c) 0
(d) 1
उत्तर:
(c) 0

प्रश्न 7.
एक संग्रह में से 80 बल्ब यदृच्छिक रूप से चुने जाते हैं और उनके जीवनकालों (घण्टों में) को निम्नलिखित बारम्बारता सारणी के रूप में रिकॉर्ड किया गया:

जीवनकाल (घण्टों से)3005007009001100
बारम्बारता1012232510

इस संग्रह में से एक बल्ब यदृच्छिक रूप से चुने जाने पर इसका जीवनकाल 900 घण्टे से कम होने की प्रायिकता है:
(a) \(\frac { 11 }{ 40 }\)
(b) \(\frac { 5 }{ 16 }\)
(c) \(\frac { 7 }{ 16 }\)
(d) \(\frac { 9 }{ 16 }\)
उत्तर:
(d) \(\frac { 9 }{ 16 }\)

प्रश्न 8.
एक सिक्के को उछालने पर हैड (चित) आने की प्रायिकता है :
(a) 0
(b) 3
(c) \(\frac { 1 }{ 2 }\)
(d) \(-\frac { 1 }{ 3 }\)
उत्तर:
(c) \(\frac { 1 }{ 2 }\)

प्रश्न 9.
किसी घटना के घटित होने की सम्भावनाओं के परिणाम को कहते हैं
(a) मध्यमान
(b) आवृत्ति
(c) परास
(d) प्रायिकता।
उत्तर:
(d) प्रायिकता।

प्रश्न 10.
एक सिक्के के एक बार उछालने पर पट आने से प्रायिकता होगी :
(a) \(\frac { 1 }{ 4 }\)
(b) \(\frac { 1 }{ 2 }\)
(c) 1
(d) \(\frac { 3 }{ 4 }\)
उत्तर:
(b) \(\frac { 1 }{ 2 }\)

प्रश्न 11.
किसी पाँसे की फेंक में 7 आने की प्रायिकता होगी :(2019)
(a) \(\frac { 1 }{ 6 }\)
(b) 1
(c) 0
(d) \(\frac { 1 }{ 7 }\)
उत्तर:
(c) 0

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रिक्त स्थानों की पूर्ति

1. दो सिक्कों को एक साथ उछालने पर कम-से-कम एक चित आने की प्रायिकता ………… होगी। (2018)
2. एक घनाकार पाँसे को फेंकने पर विषम अंक आने की प्रायिकता ………… होगी।
3. सभी सम्भव प्रायिकताओं का योग सदैव …………. होता है।
4. किसी भी घटना के न घटने की प्रायिकता सदैव ……….. होती है।
5. एक सिक्के को असंख्य बार फेंकने पर पट आने की प्रायिकता ……….. होती है।
6. किसी पाँसे के फेंकने पर 1 अंक ऊपर आने की प्रायिकता ……….. होती है। (2019)
7. किसी असम्भव घटना की प्रायिकता ……….. होती है। (2019)
उत्तर-
1. \(\frac { 3 }{ 4 }\)
2. \(\frac { 1 }{ 2 }\)
3. 1,
4. 0 (शून्य),
5. \(\frac { 1 }{ 2 }\)
6. \(\frac { 1 }{ 6 }\)
7. 0 (शून्य)।

जोड़ी मिलान

MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Additional Questions image 2
उत्तर-
1. (c)
2. (d)
3. (e)
4. (a)
5. (b).

सत्य/असत्य कथन

1. किसी घटना की प्रायिकता का मान ऋणात्मक भी हो सकता है।
2. एक पाँसे को फेंकने पर उसके फलक पर 7 आने की प्रायिकता शून्य होती है।
3. किसी घटना की प्रायिकता एक से अधिक भी हो सकती है।
4. असम्भव घटनाओं की प्रायिकता सदैव एक होती है।
5. एक सिक्के को उछालने पर चित आने की प्रायिकता 1 होती है।
6. किसी निश्चित घटना की प्रायिकता सदैव एक होती है। (2019)
उत्तर-
1. असत्य,
2. सत्य,
3. असत्य,
4. असत्य,
5. असत्य,
6. सत्य।

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एक शब्द/वाक्य में उत्तर

1. किसी घटना के घटित होने की सम्भावनाओं का परिमाणबोधक या संख्यात्मक निरूपण क्या कहलाता है? (2018)
2. किसी घटना के घटने की प्रायिकता क्या हो सकती है?
3. प्रायिकता का अनुप्रयोग किस क्षेत्र में किया जाता है।
4. किसी पाँसे को फेंकने पर फलक पर 7 का अंक आने की प्रायिकता क्या होगी?
5. प्रायिकता का सूत्र लिखिए।
6. एक निश्चित घटना की प्रायिकता क्या होगी? (2019)
7. एक सिक्का उछाला गया, तब हेड आने की प्रायिकता क्या होगी? (2019)
8. किसी पासे की फेंक में अंक 2 आने की प्रायिकता क्या होगी? (2019)
उत्तर-
1. प्रायिकता,
2. 0 से 1 के बीच (जिसमें 0 और 1 भी सम्मिलित हैं) होती है,
3. भौतिकी, वाणिज्य, जीव विज्ञान, खगोलशास्त्र, ज्योतिष और मौसम विभाग में,
4. शून्य,
5.
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Additional Questions image 3
6.1 (एक),
7. \(\frac { 1 }{ 2 }\)
8. \(\frac { 1 }{ 6 }\)

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MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.2

MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.2

(जब तक अन्यथा न कहा जाए तब तक \(\pi=\frac{22}{7}\) लीजिए।)

प्रश्न 1.
ऊँचाई 14 cm वाले एक लम्बवृत्तीय बेलन का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल 88 cm³ है। बेलन के आधार का व्यास ज्ञात कीजिए। (2018, 19)
हल :
चूँकि वृत्तीय बेलन का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल Sc = 2πrh
⇒ \(2 \times \frac{22}{7} \times r \times 14=88\)
⇒ \(r=\frac{88 \times 7}{2 \times 22 \times 14}\)
= 1 cm
∴ व्यास = 2r = 2 x 1 = 2 cm
अत: बेलन का अभीष्ट व्यास = 2 cm.

प्रश्न 2.
एकधातु की चादर से 1 m ऊँची और 140 cm व्यास के आधार वाली एक बन्द बेलनाकार टंकी बनाई जानी है। इस कार्य के लिए कितने वर्ग मीटर चादर की आवश्यकता होगी? (2019)
हल :
बेलनाकार टंकी की ऊँचाई h = 1 m = 100 cm, आधार का व्यास d = 140 cm
त्रिज्या r = \(\frac { 140 }{ 2 }\) = 70 cm .
∴ टंकी का सम्पूर्ण पृष्ठ = 2πr (r + h) = 2 x \(\frac { 22 }{ 7 }\) x 70 (70 + 100)
= 440 x 170
= 74800 cm²
= 7.48 m²
अतः चादर का अभीष्ट क्षेत्रफल = 7.48 m².

प्रश्न 3.
धातु का एक पाइप 77 cm लम्बा है। इसके एक अनुप्रस्थ काट का आन्तरिक व्यास 4 cm है और बाहरी व्यास 4.4 cm है (देखिए संलग्न चित्र)। ज्ञात कीजिए:
(i) आन्तरिक वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल।
(ii) बाहरी वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल।
(iii) कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल।
हल :
दिया है : धातु के पाइप (खोखले बेलन) की लम्बाई (ऊँचाई) h = 77 cm
अनुप्रस्थ काट (वृत्ताकार छल्ला) का बाह्य व्यास d1 = 4.4 cm ⇒ r1 = 2.2 cm एवं आन्तरिक व्यास d2 = 4 cm ⇒ r2 = 2 cm
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.2 image 1

(i) आन्तरिक वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = πd2h
= \(\frac{22}{7} \times 4 \times 77\)
= 22 x 44
= 968 cm² …(1)
अतः अभीष्ट आन्तरिक वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = 968 cm².
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.2 image 2

(ii) बाह्य वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = πd1h
= \(\frac{22}{7} \times 4.4 \times 77\)
= 22 x 4.4 x 11
= 1064.8 cm² ….(2)
अत: अभीष्ट बाह्य वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = 1064.8 cm².

(iii) पाइप के दोनों सिरों का क्षेत्रफल = \(2 \pi\left(r_{1}^{2}-r_{2}^{2}\right)=2 \times \frac{22}{7}\left[(2 \cdot 2)^{2}-(2)^{2}\right]\)
= \(2 \times \frac{22}{7}(4 \cdot 84-4)\)
= \(2 \times \frac{22}{7} \times 0.84\)
= 44 x 0.12
= 5.28 cm² …(3)
पाइप का कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल = 968 + 1064.8 + 5.28 . [(1) + (2) + (3) से]
= 2038.08 cm²
अतः पाइप का अभीष्ट कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल = 2038.08 cm².

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प्रश्न 4.
एक रोलर (roller) का व्यास 84 cm है और लम्बाई 120 cm है। एक खेल के मैदान को एक बार समतल करने के लिए 500 चक्कर लगाने पड़ते हैं। खेल के मैदान का मीटर में क्षेत्रफल
ज्ञात कीजिए।
हल :
रोलर का व्यास d = 84 cm तथा लम्बाई h = 120 cm
चूँकि बेलन का पार्श्व पृष्ठीय क्षेत्रफल = πdh = \(\frac { 22 }{ 7 }\) x 84 x 120 cm²
= 22 x 12 x 120
= 31680 cm²
500 चक्कर में कुल क्षेत्रफल = 500 x 31680 cm²
= \(\frac{500 \times 31680}{10000} \mathrm{m}^{2}\)
= 1584 m²
अतः खेल के मैदान का अभीष्ट क्षेत्रफल = 1584 m².

प्रश्न 5.
किसी बेलनाकार स्तम्भ का व्यास 50 cm है और ऊँचाई 3.5 m है। Rs 12.50 प्रति m² की दर से इस स्तम्भ के वक्र पृष्ठ पर पेंट कराने का व्यय ज्ञात कीजिए।
हल :
दिया है : बेलनाकार स्तम्भ का व्यास, d = 50 cm = 0.5 m
ऊँचाई h = 3.5 m, और पेंट कराने की दर = Rs 12.50 प्रति m²
स्तम्भ का वक्र पृष्ठ = πdh = \(\frac { 22 }{ 7 }\) x 0.5 x 3.5 = 5.50 m²
पेंट कराने का व्यय = दर x क्षेत्रफल = 12.50 x 5.50 = Rs 68.75
अत: पेंट कराने का अभीष्ट व्यय = Rs 68.75.

प्रश्न 6.
एक लम्ब वृत्तीय बेलन का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल 4.4 m² है। यदि बेलन के आधार की त्रिज्या 0.7 m है तो उसकी ऊँचाई ज्ञात कीजिए।
हल :
दिया है : बेलन का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल Sc = 4.4 m² एवं आधार की त्रिज्या r = 0.7 m
चूँकि बेलन का वक्र पृष्ठ Sc = 2πrh
⇒ \(2 \times \frac{22}{7} \times 0.7 \times h=4 \cdot 4\)
⇒ \(h=\frac{4 \cdot 4 \times 7}{2 \times 22 \times 0.7}=1 \mathrm{m}\)
अतः बेलन की अभीष्ट ऊँचाई = 1 m.

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प्रश्न 7.
किसी वृत्ताकार कुएँ का आन्तरिक व्यास 3.5 m है और यह 10 m गहरा है। ज्ञात कीजिए :
(i) आन्तरिक वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल।
(ii) Rs 40 प्रति m² की दर से इसके वक्र पृष्ठ पर प्लास्टर कराने का व्यय।
हल :
कुएँ का आन्तरिक व्यास d = 3.5 m तथा गहराई h = 10 m दिया हुआ है तथा पेंट कराने की दर Rs 40 प्रति m² है।
(i) चूँकि कुएँ का आन्तरिक वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = \(\pi d \times h=\frac{22}{7} \times 3.5 \times 10\) = 110 m²
अतः कुएँ का अभीष्ट आन्तरिक वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = 110 m².

(ii) प्लास्टर कराने का व्यय = दर x क्षेत्रफल = 40 x 110 = Rs 4,400
अतः वक्र पृष्ठ पर प्लास्टर कराने का अभीष्ट व्यय = Rs 4,400.

प्रश्न 8.
गर्म पानी द्वारा गर्म रखने वाले एक संयन्त्र में 28 m लम्बाई और 5 cm व्यास वाला एक बेलनाकार पाइप है। इस संयन्त्र में गर्मी देने वाला कुल कितना पृष्ठ है?
हल :
पाइप की लम्बाई h = 28 m एवं व्यास d = 5 cm = 0.05 m
पाइप का वक्र पृष्ठ = \(\pi d h=\frac{22}{7} \times 0.05 \times 28\) = 4.4 m²
अतः संयन्त्र का गर्मी देने वाला अभीष्ट पृष्ठ = 4.4 m².

प्रश्न 9.
ज्ञात कीजिए:
(i) एक बेलनाकार पेट्रोल की बंद टंकी का पार्श्व तल या वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल जिसका व्यास 4.2 m और ऊँचाई 4.5 m है।
(ii) टंकी को बनाने में कुल कितना इस्पात (steel) लगा होगा, यदि कुल इस्पात का \(\frac { 1 }{ 12 }\) भाग बनाने में नष्ट हो जाता है।
हल :
दिया है : बेलनाकार पेट्रोल की टंकी का व्यास d = 4.2 m, ऊँचाई h = 4.5 m और टंकी बनाने में कुल इस्पात का \(\frac { 1 }{ 12 }\) भाग नष्ट होता है अर्थात् \(\frac { 11 }{ 12 }\) भाग प्रयुक्त होता है।
(i) पार्श्व पृष्ठ = \(\pi d h=\frac{22}{7} \times 4 \cdot 2 \times 4 \cdot 5\) = 59.4 m²
अतः टंकी का अभीष्ट पार्श्व तल = 59.4 m².

(ii) टंकी का कुल पृष्ठ = \(2 \pi r(h+r)=2 \times \frac{22}{7} \times 2 \cdot 1(4 \cdot 5+2 \cdot 1)\)
= 2 x 22 x 0.3 x 6.6 m² [d = 4.2 ⇒ r = 2.1]
चूँकि इस्पात का \(\frac { 1 }{ 12 }\) भाग नष्ट हो जाता है अतः \(\frac { 11 }{ 12 }\) भाग प्रयुक्त होता है।
मान लीजिए इस्पात का कुल क्षेत्रफल = x m² है, तो
\(\frac{11}{12} x=2 \times 22 \times 0 \cdot 3 \times 6 \cdot 6\)
\(x=\frac{2 \times 22 \times 0.3 \times 6.6 \times 12}{11}\)
∴ x = 1.2 x 6.6 x 12 = 95.04 m²
अतः इस्पात का अभीष्ट कुल क्षेत्रफल = 95.04 m².

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प्रश्न 10.
संलग्न चित्र में आप एक लैंपशेड का फ्रेम देख रहे हैं। इसे एक सजावटी कपड़े से ढका जाना है। इस फ्रेम के आधार का व्यास 20 cm है और ऊँचाई 30 cm है। फ्रेम के ऊपर और नीचे मोड़ने के लिए दोनों ओर 2.5 cm अतिरिक्त कपड़ा भी छोड़ा जाना है। ज्ञात कीजिए कि लैंपशेड को ढकने के लिए कुल कितने कपड़े की आवश्यकता होगी?
हल :
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.2 image 3
दिया है : फ्रेम के आधार का व्यास d = 20 cm
एवं ऊँचाई = 30 cm लेकिन दोनों सिरों पर (2.5 cm + 2.5 cm) = 5.0 cm कपड़ा छोड़ा जाना है,
अतः प्रभावी ऊँचाई h = 30 + 5 = 35 cm
कपड़े का क्षेत्रफल = पार्श्व पृष्ठ का प्रभावी क्षेत्रफल
\(=\pi d \times h=\frac{22}{7} \times 20 \times 35=2200 \mathrm{cm}^{2}\)
अतः अभीष्ट कपड़े की आवश्यकता = 2200 cm².

प्रश्न 11.
किसी विद्यालय के विद्यार्थियों से एक आधार वाले बेलनाकार कलमदानों को गत्ते से बनाने और सजाने की प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए कहा गया। प्रत्येक कलमदान को 3 cm त्रिज्या और 10.5 cm ऊँचाई का होना था। विद्यालय को इसके लिए प्रतिभागियों को गत्ता देना था। यदि इसमें 35 प्रतिभागी थे तो विद्यालय को कितना गत्ता खरीदना पड़ा होगा?
हल :
दिया है : कलमदान के आधार की त्रिज्या, r = 3 cm और ऊँचाई = 10.5 cm तथा कलमदानों की संख्या 35 है।
कलमदान का पार्श्व पृष्ठीय क्षेत्रफल = 2πrh = 2π x 3 x 10.5 = 63.0 π cm²
आधार का क्षेत्रफल = πr² = π x 3² = 9π cm²
एक कलमदान में प्रयुक्त कुल गत्ता = 63π + 9π = 72π cm²
35 कलमदानों में प्रयुक्त कुल गत्ता = 35 x 72π = 35 x 72 x \(\frac { 22 }{ 7 }\) cm²
= 7920 cm²
अत: गत्ते का अभीष्ट क्षेत्रफल = 7920 cm².

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MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Additional Questions

MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Additional Questions

MP Board Class 9th Maths Chapter 10 अतिरिक्त परीक्षोपयोगी प्रश्न

MP Board Class 9th Maths Chapter 10 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
यदि PO और R क्रमशः एक त्रिभुज की भुजाओं BC. CA और AB के मध्य-बिन्दु हैं तथा AD शीर्ष A से BC पर लम्ब है तो सिद्ध कीजिए कि P, Q, R और D चक्रीय
हल:
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Additional Questions 1
चित्र 10.27
दिया है : P Q और R क्रमश: ∆ABC की भुजाओं BC, CA एवं AB के मध्य-बिन्दु हैं तथा AD I BC है।
सिद्ध करना है : P, Q, R और D चक्रीय हैं।
रचना : PO, QR और RD को मिलाया।
उपपत्ति : चूँकि R और Q क्रमश: ∆ABC की भुजाओं AB और AC के मध्य-बिन्दु हैं।
⇒ RQ || BC …(1)
एवं बिन्दु P और Q क्रमश: ∆ABC की भुजाओं BC और AC के मध्य-बिन्दु हैं।
⇒ PQ || BA …(2)
⇒ PQRB एक समान्तर चतुर्भुज है।
⇒∠RBP = ∠RQP …(3) (समान्तर चतुर्भुज के सम्मुख कोण हैं)
समकोण ∆ADB में कर्ण AB के मध्य-बिन्दु R को शीर्ष D से मिलाया।
⇒ RD = RB (RD कर्ण AB की आधी है)
⇒ ∠RBD = ∠ RDB (बराबर भुजाओं के सम्मुख कोण हैं)
⇒ ∠RDB = ∠RBD = ∠RQP (समान्तर चतुर्भुज के सम्मुख कोण हैं)
लेकिन LRDB + ∠ RDP = 180° (BC के बिन्दु D पर एक ओर के कोण हैं)
∠RQP + ∠ RDP = 180° (∠RDB = ∠RQP)
अतः P, Q, R और D चक्रीय हैं। (PQRD के सम्मुख कोण सम्पूरक हैं।)

प्रश्न 2.
ABCD एक समान्तर चतुर्भुज है। A और B से होकर एक वृत्त इस प्रकार खींचा गया है कि यह AD को P पर और BC को Q पर प्रतिच्छेद करता है। सिद्ध कीजिए कि P, Q, C और D चक्रीय हैं।
हल:
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Additional Questions 2
चित्र 10.28
दिया है : ABCD एक समान्तर चतुर्भुज जिसके शीर्ष A और B से होकर एक वृत्त खींचा गया है, जो AD को P पर तथा BC को Q पर प्रतिच्छेद करता है।
सिद्ध करना है : P Q, C और D चक्रीय हैं।
उपपत्ति : चूँकि ∠ABQ + ∠APQ = 180°…(1) (चक्रीय चतुर्भुज ABOP के सम्मुख कोण हैं)
चूँकि ∠DCQ+ ∠ABQ = 180° …(2) (AB || DC एवं तिर्यक रेखा BC के एक ओर के अन्तः कोण हैं)
चूँकि ∠APO + ∠DPO = 180° …(3) (AD के बिन्दु P पर बने एक ओर के कोण)
⇒ ∠DCQ + ∠ABQ + ∠APQ + ∠DPQ = 360° [समीकरण (2) + (3) से] …(4)
⇒ ∠DCQ + ∠DPQ = 180° [समीकरण (4) – (1) से]
अत: P, Q, C और D चक्रीय हैं। (□ PQCD के सम्मुख कोण सम्पूरक है) इति सिद्धम्

प्रश्न 3.
एक वृत्त की दो बराबर जीवाएँ AB और CD बढ़ाने पर बिन्दु P पर प्रतिच्छेद करती हैं। सिद्ध कीजिए कि PB = PD.
हल:
ज्ञात है : एक वृत्त की दो जीवाएँ AB = CD बढ़ाने पर बिन्दु P पर मिलती हैं।
सिद्ध करना है : PB = PD
रचना : AD एवं BC को मिलाया।
उपपत्ति : चूँकि ∠ABC = ∠ADC ….(1) (एक ही वृत्तखण्ड के कोण हैं)
चूँकि ∠CBD = ∠ADB ….(2) (बराबर जीवाओं द्वारा शेष परिधि पर बने कोण हैं)
⇒ ∠ABC + ∠CBD = ∠ADC + ∠ADB [समीकरण (1) और (2) से]
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Additional Questions 3
चित्र 10.29
⇒ ∠ABD = ∠CDB (चित्रानुसार)
⇒ ∠ PBD = ∠PDB (बराबर कोणों के सम्पूरक बराबर होते हैं)
अतः PB = PD. (बराबर कोणों की सम्मुख भुजाएँ हैं) इति सिद्धम्

MP Board Class 9th Maths Chapter 10 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
A, B और C किसी वृत्त पर स्थित तीन बिन्दु हैं। सिद्ध कीजिए कि AB, BC और CA के लम्ब समद्विभाजक वृत्त के केन्द्र से होकर जाते हैं।
हल:
ज्ञात है : एक वृत्त पर स्थित तीन बिन्दु A, B और C। AB, BC और CA को मिलाया गया है।
मान लीजिए AB और AC के लम्बार्धक बिन्दु O पर मिलते हैं। OD ⊥ BC खींचा गया है।
सिद्ध करना है : OD, BC का लम्बार्द्धक है तथा O वृत्त का केन्द्र है।
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Additional Questions 4
चत्र 10.30
रचना:
OA, OB और OC को मिलाइए।
उपपत्ति : चूँकि बिन्दु O भुजा AB के लम्बार्द्धक पर स्थित है।
⇒ OA = OB …(1) (किसी रेखाखण्ड के लम्बार्द्धक का प्रत्येक बिन्दु रेखाखण्ड के सिरों से बराबर दूरी पर होता है)
चूँकि बिन्दु O भुजा AC के लम्बार्द्धक पर स्थित है।।
⇒ OA = OC …(2) (किसी रेखाखण्ड के लम्बार्द्धक का प्रत्येक बिन्दु रेखाखण्ड के सिरों पर बराबर दूरी पर होता है)
⇒ OB = OC [समीकरण (1) और (2) से]
⇒ O भुजा BC के लम्बार्द्धक पर स्थित होगा
OD ⊥ BC ज्ञात है।
⇒ OD भुजा BC का लम्बार्द्धक है।
चूँकि वृत्त की त्रिज्याएँ OA = OB = OC समीकरण (1) और (2) से]
अत: AB, BC और CA के लम्बार्द्धक वृत्त के केन्द्र से होकर जाते हैं। इति सिद्धम्

प्रश्न 2.
AB और AC वृत्त की दो बराबर जीवाएँ हैं। सिद्ध कीजिए कि ∠BAC का समद्विभाजक वृत्त के केन्द्र से होकर जाता है।
हल:
ज्ञात है : वृत्त पर दो जीवाएँ AB = AC दी हैं तथा AD, ∠BAC का समद्विभाजक है जो BC से मिलाने पर उसे बिन्दु D पर मिलता है।
सिद्ध करना है : AD वृत्त के केन्द्र से होकर जायेगा।
उपपत्ति: ∆ADB और ∆ADC में,
चूँकि AB = AC (दिया है)
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Additional Questions 5
चित्र 10.31
∠BAD = ∠CAD
एवं AD = AD (उभयनिष्ठ है)
⇒ ∆ADB ≅ ∆ADC (SAS सर्वांगसमता प्रमेय)
⇒ ∠ADB = ∠ADC एवं BD = CD (CPCT)
लेकिन ∠ADB + ∠ADC = 180° (BC के बिन्दु D पर एक ओर बने कोण हैं)
∠ADB = ∠ADC = 90°
⇒ AD जीवा BC पर लम्ब समद्विभाजक है।
अतः AD वृत्त के केन्द्र से होकर जाता है। इति सिद्धम्

प्रश्न 3.
यदि वृत्त की दो जीवाओं के मध्य-बिन्दुओं को मिलाने वाला , रेखाखण्ड वृत्त के केन्द्र से होकर जाता है, तो सिद्ध कीजिए कि दोनों जीवाएँ समान्तर हैं।
हल:
ज्ञात है : केन्द्र O वाला एक वृत्त जिसकी दो जीवाएँ AB और CD के मध्य-बिन्दु क्रमशः M और N हैं। MN वृत्त के केन्द्र O से होकर जाता है।
सिद्ध करना है : AB || CD
उत्पत्ति : चूँकि जीवा AB के मध्य-बिन्दु M को केन्द्र O से मिलाया गया है।
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Additional Questions 6
चित्र 10.32
⇒ OM ⊥AB अर्थात् ∠AMO= ∠BMO = 90°
चूँकि जीवा CD के मध्य बिन्दु N को केन्द्र Oसे मिलाया गया है।
⇒ ON ⊥ CD अर्थात् ∠CNO =∠DNO = 90°.
चूँकि दो रेखाओं AB और CD को एक तिर्यक रेखा MN प्रतिच्छेद कर रही है और
∠AMO + ∠CNO = 90° + 90° = 180°
अतः AB || CD. (एक ही ओर के अन्तः कोण है) इति सिद्धम्

प्रश्न 4.
एक वृत्त की दो जीवाएँ AB और AC क्रमशः 90° और 150° के कोण अन्तरित करती है। ∠BAC ज्ञात कीजिए, यदि AB और AC केन्द्र के विपरीत ओर स्थित है।
हल:
ज्ञात है: केन्द्र O वाले एक वृत्त की जिसकी दो जीवाएँ AB और AC वृत्त के केन्द्र के विपरीत स्थित हैं तथा केन्द्र पर क्रमश: 90° और 150° के कोण अन्तरित करती हैं।
∠BAC का मान ज्ञात करना है।
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Additional Questions 7
चित्र 10.33
चूँकि ∠AOB + ∠AOC + ∠ BOC = 360° (एक बिन्दु पर बने कोण है)
⇒ 90° + 150° + ∠BOC = 360°
⇒ ∠BOC = 360° – 240° = 120°
∠ BAC = \(\frac { 1 }{ 2 }\)BOC (किसी चाप द्वारा शेष परिधि पर बना कोण उसी चाप द्वारा केन्द्र पर बने कोण का आधा होता है)
⇒ ∠BAC = \(\frac { 1 }{ 2 }\) x 120° = 60° (∠ BOC = 120° ज्ञात कर चुके हैं)
अत: ∠ BAC का अभीष्ट मान = 60°.

प्रश्न 5.
यदि BM और CN त्रिभुज ABC की भुजाओं AC और AB पर खींचे गए लम्ब हैं, तो सिद्ध कीजिए कि बिन्दु B, C, M और N चक्रीय हैं।
हल:
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Additional Questions 8
चित्र 10.34
ज्ञात है : ∆ABC की भुजाओं AC और AB पर क्रमशः BM और CN लम्ब खींचे गए हैं।
सिद्ध करना है : B, C, M और N चक्रीय हैं।
उपपत्ति: ∠BNC = 90° …(1) (CN ⊥ AB) ।
एवं ∠CMB = 90° …(2) (BM ⊥ AC)
∠BNC = ∠ CMB = 90° [समीकरण (1) और (2) से]
जब कोई दो बिन्दु अपने एक ही ओर अन्य दो बिन्दुओं पर बराबर कोण अन्तरित करें, तो चारों बिन्दु चक्रीय होते हैं।
अंत: B, C, M और N चक्रीय हैं। इति सिद्धम्

प्रश्न 6.
यदि किसी समद्विबाहु त्रिभुज के आधार के समान्तर कोई रेखा उसकी बराबर भुजाओं को प्रतिच्छेद करने के लिए खींची जाये, तो सिद्ध कीजिए कि इस प्रकार बना चतुर्भुज चक्रीय होता है।
हल:
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Additional Questions 9
चित्र 10.35
ज्ञात है : समद्विबाहु ∆ABC जिसमें AB = AC तथा DE || BC भुजाओं AB और AC को क्रमशः D और E बिन्दुओं पर प्रतिच्छेद करती है।
सिद्ध करना है : □BCED एक चक्रीय चतुर्भुज है।
उपपत्ति : चूँकि ∠ABC = ∠ACB …(1) (बराबर भुजाओं के सम्मुख कोण हैं)
चूँकि ∠ABC + ∠BDE = 180° (BC || DE द्वारा तिर्यक रेखा AB के एक ही ओर बने अन्त:खण्ड हैं) …(2)
∠ACB + ∠BDE = 180° [ समीकरण (1) और (2) से]
अतः चतुर्भुज BCED चक्रीय चतुर्भुज है। (सम्मुख ∠ACB एवं ∠ BDE सम्पूरक है) इति सिद्धम्

प्रश्न 7.
किसी वृत्त की एक जीवा उसकी त्रिज्या के बराबर है। इस जीवा द्वारा दीर्घ वृत्तखण्ड में किसी बिन्दु पर अन्तरित कोण ज्ञात कीजिए।
हल:
MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Additional Questions 11
चित्र 10.36
ज्ञात है : एक वृत्त जिसकी जीवा AB = OA = OB वृत्त की त्रिज्या तथा दीर्घ वृत्तखण्ड पर कोई बिन्दु P है।
ज्ञात करना है : ∠APB का मान।
∆OAB में, OA = OB = AB (दिया है)
⇒ ∠AOB = 60° (समद्विबाहु त्रिभुज का एक कोण है)
चूँकि ∠APB = \(\frac { 1 }{ 2 }\) ∠AOB (किसी जीवा द्वारा शेष परिधि
पर बना कोण उसके द्वारा केन्द्र पर बने कोण का आधा होता है)
⇒ ∠APB = \(\frac { 1 }{ 2 }\) x 60° = 30°
अत: ∠APB का अभीष्ट मान = 30°.

MP Board Class 9th Maths Chapter 10 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

निम्नलिखित में प्रत्येक के लिए सत्य या असत्य लिखिए और अपने उत्तर का औचित्य दीजिए।

प्रश्न 1.
एक वृत्त की दो जीवाएँ AB और CD में से प्रत्येक केन्द्र से 4 cm की दूरी पर हैं। तब AB = CD है।
उत्तर:
कथन सत्य है, क्योंकि केन्द्र से बराबर दूरी पर स्थित जीवाएँ बराबर होती हैं।

प्रश्न 2.
केन्द्र O वाले वृत्त की दो जीवाएँ AB और AC, OA के विपरीत ओर स्थित हैं। तब ∠AOB = ∠AOC है।
उत्तर:
कथन असत्य है, क्योंकि कोण तभी बराबर होंगे जब AB = AC.

प्रश्न 3.
O और O’ केन्द्रों वाले दो सर्वांगसम वृत्त A और B दो बिन्दुओं पर प्रतिच्छेद करते हैं। तब ∠AOB = ∠AO’B
उत्तर:
कथन सत्य है, क्योंकि सर्वांगसम वृत्तों की बराबर जीवाएँ संगत केन्द्रों पर बराबर कोण अन्तरित करती हैं।

प्रश्न 4.
तीन संरेख बिन्दुओं से होकर एक वृत्त खींचा जा सकता है।
उत्तर:
कथन असत्य है, क्योंकि किन्हीं दो बिन्दुओं से होकर जाने वाला वृत्त इन दोनों बिन्दुओं के संरेख तीसरे बिन्दु से होकर नहीं जा सकता।

प्रश्न 5.
दो बिन्दुओं A और B से होकर 3 cm त्रिज्या का एक वृत्त खींचा जा सकता है यदि AB = 6 cm है।
उत्तर:
कथन सत्य है, तब AB इसका व्यास होगा।

प्रश्न 6.
AOB वृत्त का एक व्यास है तथा C वृत्त पर स्थित कोई बिन्दु है। तब AC2 + BC2 = AB2 है।
उत्तर:
कथन सत्य है, क्योंकि ∆ACB कोण C पर एक समकोण त्रिभुज है। (पाइथागोरस प्रमेय से)

प्रश्न 7.
ABCD एक चक्रीय चतुर्भुज है जिसमें ∠A = 90°, LB = 70°, ∠C = 95° और ∠D = 105° हैं।
उत्तर:
कथन असत्य है, क्योंकि ∠A + ∠C = 90° + 95° = 185° + 180°.

प्रश्न 8.
यदि A, B, C और D चार बिन्दु इस प्रकार हैं कि ∠ BAC = 30° और ∠ BDC = 60° है, तो D उस वृत्त का केन्द्र है, जो A, B और C बिन्दुओं से होकर खींचा जाता है।
उत्तर:
कथन असत्य है, क्योंकि ऐसे अनेक बिन्दु D हो सकते हैं कि ∠BDC = 60° हो जिनमें से प्रत्येक बिन्दु A, B और C से खींचे जाने वाले वृत्त का केन्द्र नहीं हो सकता।

प्रश्न 9.
यदि A, B, C और D चार बिन्दु इस प्रकार हैं कि ∠ BAC = 45°, और ∠ BDC = 45° है, तो A, B,C और D चक्रीय है।
उत्तर:
कथन सत्य है, क्योंकि ∠BAC और ∠BDC एक ही वृत्तखण्ड के कोण हैं।

MP Board Class 9th Maths Chapter 10 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1. किसी वृत्त का AD एक व्यास है और AB एक जीवा है। यदि AD = 34 cm, AB = 30 cm है, तो वृत्त के केन्द्र से AB की दूरी है :
(a) 17 cm
(b) 15 cm
(c) 4 cm
(d) 8 cm.
उत्तर:
(d) 8 cm.

प्रश्न 2.
यदि AB = 12 cm, BC = 16 cm और AB रेखाखण्ड BC पर लम्ब है, तो A, B और C से होकर जाने वाली वृत्त की त्रिज्या है :
(a) 6 cm
(b) 8 cm
(c) 10 cm
(d) 12 cm.
उत्तर:
(c) 10 cm

प्रश्न 3.
ABCD एक ऐसा चक्रीय चतुर्भुज है कि AB इस चतुर्भुज के परिगत वृत्त का एक व्यास है तथा ∠ADC = 140° है। तब ∠BAC बराबर है :
(a) 80°
(b) 50°
(c) 40°
(d) 30°.
उत्तर:
(b) 50°

प्रश्न 4.
तीन असंरेख बिन्दुओं से होकर अधिकतम वृत्त खींचे जा सकते हैं :
(a) एक
(b) दो
(c) तीन
(d) अनेक।
उत्तर:
(a) एक

प्रश्न 5.
अर्द्धवृत्त पर बना कोण होता है :
(a) 180°
(b) 90°
(c) 45°
(d) 270°.
उत्तर:
(b) 90°

प्रश्न 6.
5 cm त्रिज्या वाले वृत्त के केन्द्र से 3 cm की दूरी पर स्थित जीवा की लम्बाई होगी :
(a) 4 cm
(b) 10 cm
(c) 6 cm
(d) 8 cm.
उत्तर:
(c) 6 cm

प्रश्न 7.
किसी चक्रीय चतुर्भुज के सम्मुख कोणों का योग होता है :
(a) 360°
(b) 90°
(c) 180°
(d) 60°.
उत्तर:
(c) 180°

रिक्त स्थानों की पूर्ति

1. वृत्त की सबसे बड़ी जीवा को …….. कहते हैं।
2. वृत्त के एक ही खण्ड (अवधा) के कोई दो कोण ………… होते हैं।
3. अर्द्धवृत्त का कोण ……….. होता है। (2019)
4. वृत्त की परिधि के किन्हीं दो बिन्दुओं को मिलाने वाले रेखाखण्ड को वृत्त की ……. कहते हैं।
5. वृत्त के केन्द्र से वृत्त की जीवा पर डाला गया लम्ब जीवा को ……….. करता है।
6. यदि किसी वृत्त की त्रिज्याएँ बराबर हों तो वे …….. होते हैं।
7. चक्रीय चतुर्भुज के सम्मुख कोणों का योग ……….. होता है।
8. दो वृत्त सदैव ……… होते हैं। (2019)
उत्तर:
1. व्यास,
2. बराबर,
3. समकोण,
4. जीवा,
5. समद्विभाजित,
6. बराबर (सर्वांगसम),
7. 180°,
8. समरूप।

जोड़ी मिलान

MP Board Class 9th Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Additional Questions 10
उत्तर:
1. → (c),
2. → (f),
3. → (e),
4. → (a),
5. → (b),
6. → (d).

सत्य/असत्य कथन
1. दीर्घ वृत्तखण्ड में अन्तरित कोण न्यूनकोण होता है।
2. वृत्त की समान जीवाएँ केन्द्र पर समान कोण अन्तरित करती हैं।
3. वृत्त की सबसे बड़ी जीवा त्रिज्या कहलाती है।
4. अर्द्धवृत्त में अन्तरित कोण समकोण होता है।
5. यदि दो वृत्तों की त्रिज्याएँ समान हों, तो वे वृत्त सर्वांगसम होते हैं।
6. तीन असरेख बिन्दुओं से होकर एक वृत्त खींचा जा सकता है।
उत्तर:
1. सत्य,
2. सत्य,
3. असत्य,
4. सत्य,
5. सत्य,
6. सत्य।

एक शब्द/वाक्य में उत्तर
1. अर्द्धवृत्त में अन्तरित कोण कैसा होता है ?
2. दीर्घ वृत्तखण्ड में अन्तरित कोण कैसा होता है ?
3. लघु वृत्तखण्ड में अन्तरित कोण कैसा होता है ?
4. चक्रीय समान्तर चतुर्भुज क्या कहलाता है?
5. चक्रीय समचतुर्भुज क्या कहलाता है ?
6. वृत्त की सबसे बड़ी जीवा क्या कहलाती है? (2019)
उत्तर:
1. समकोण,
2. न्यूनकोण,
3. अधिक कोण,
4. आयत,
5. वर्ग,
6. व्यास।

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