MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 15 स्पष्टवादी

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 15 स्पष्टवादी

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 15  प्रश्न-अभ्यास

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

Mp Board Solution Class 6 Hindi प्रश्न 1.
(क) सही जोड़ी बनाइए
1. दिन – (क) अभिनेता
2. संगीत – (ख) प्रार्थी
3. क्षमा – (ग) वादन
4. रंगमंच – (घ) रात
उत्तर
1. (घ), 2. (ग), 3. (ख), 4. (क)

Class 6 Sugam Bharti MP Board प्रश्न (ख)
दिए गए शब्दों में से उपयुक्त शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. मि. रौनकलाल हमेशा…….की चेष्टा करते हैं। (भाषण देने/चुप रहने)
2. अन्दर से वह संवाद…….बोल रहे थे। (अटककर/धाराप्रवाह)
3. किसी तरह वह नाटक….हुआ। (गाकर/लिखकर)
4. लालाजी गाना……..बोले। (गाकर लिखकर)
उत्तर
1. भाषण देने
2. धाराप्रवाह
3. समाप्त
4 गाकर।

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 15 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 6 Hindi Mp Board Solution प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में दीजिए

(क) खरा आदमी कैसी बातें नहीं करता?
उत्तर
खरा आदमी चिकनी चुपड़ी बातें नहीं करता।

(ख) साहित्यकार की जयंती पर कौन-कौन से कार्यक्रम आयोजित किए गए थे?
उत्तर
साहित्यकार की जयंती पर कविता पाठ, संगीत-वादन तथा दो नृत्य आयोजित किए गए थे।

(ग) लालाजी, चतुर्वेदी जी की किस बात पर बिगड़ गए?
उत्तर
चतुर्वेदी जी ने लालाजी के गाने को पसंद नहीं किया और कहा कि आप अपना समय व्यापार बढ़ाने में लगाएँ तो बेहतर होगा। इसी बात पर लाला जी भड़क गए।

(घ) लोग सेठ जी की आवाज की तुलना किससे करते थे?
उत्तर
लोग सेठ जी की आवाज की तुलना ‘लता मंगेशकर’ और ‘मोहम्मद रफी’ से करते थे।

(ड) किशोरीलाल कौन थे? उन्हें क्या खत सवार थी?
उत्तर
किशोरीलाल लेखक के बॉस थे। उन्हें यह खब्ल सवार थी कि वे बहुत बड़े संगीतज्ञ हैं।

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 15 लघु उत्तरीय प्रश्न

Hindi Sugam Bharti Class 6 MP Board प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन-से-पाँच वाक्यों में दीजिए

(क) लेखक को सबसे सरल क्या बनना लगा और क्यों ?
उत्तर
लेखक को सबसे सरल स्पष्टवादी बनना लगा। उन्हें लगा कि सच्चाई की राह सीधी होती है। झूठ बोलने और चिकनी-चुपड़ी बातें करने में खतरा अधिक है। इसलिए
उन्होंने स्पष्टवादिता को अपनाया।

(ख) रौनकलाल जी को क्या मर्ज था और उसका क्या परिणाम निकला?
उत्तर
रौनकलाल जी को भाषण देने का मर्ज था। वे जब भाषण देते थे तो समय, प्रसंग और श्रोता की’ रुचि का खयाल नहीं रखते थे। परिणाम यह हुआ कि एक दिन उन्होंने अपने भाषण से एक उत्सव का सत्यानाश कर दिया और फिर इसी बात पर लेखक से उनकी झड़प हो गई।

(ग) संयोजक विद्यार्थी ने रौनकलाल के सामने क्या प्रस्ताव रखा?
उत्तर
संयोजक विद्यार्थी को रोनकलाल के भाषण देने के मर्ज का पता नहीं था। अज्ञानतावश उसने रौनकलाल से साहित्यकार के जीवन के बारे में पाँच मिनट बोलने का प्रस्ताव रखा। नतीजा यह हुआ कि उनके भाषण ने पूरे उत्सव को मटियामेट करके रख दिया।

(घ) लेखक घर में स्पष्टवादी क्यों नहीं बन सका?
उत्तर
लेखक घर में स्पष्टवादी नहीं बन सका क्योंकि इस आदत के कारण पत्नी से कई बार उनकी झड़प होने से बची। उनका जीवन दूभर हो गया। अतः उन्होंने स्पष्टवादिता को त्यागने का फैसला कर लिया।

(ड) लेखक कटुवादी होने से क्यों बचना चाहता था?
उत्तर
लेखक कटुवादी होने से इसलिए बचना चाहता था ताकि वह सबका प्रिय बना रह सके। उसकी जिंदगी
चैन से गुजरे तथा उसके मित्र और सगे-संबंधी उससे खुश रह सकें।

भाषा की बात

Class 6th Hindi Sugam Bharti MP Board प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों का शुद्ध उच्चारण कीजिए
अज्ञानतावश, स्पष्टवादिता, समानांतर, कटुवादी, रंगमंच।
उत्तर
छात्र स्वयं करें।

Class 6 Hindi Sugam Bharti MP Board प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों की वर्तनी शुद्ध कीजिए
दूनीया, नीदेशक, कवी, जिंदगी
उत्तर
दुनिया, निदेशक, कवि, जिंदगी

Mp Board Solution Class 6th Hindi प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्दों का उच्चारण करते हुए हिंदी अंग्रेजी और उर्दू के शब्द छाँटकर लिखिए
स्पष्टवादी, मिस्टर, प्रतिज्ञा, गोष्ठी, बॉस, फर्म, सम्मेलन, मेहरबान, आरम्भ, मर्ज, चिट, रोशन, पैन, महफिल।
उत्तर
Class 6th Sugam Bharti MP Board

Mp Board Class 6 Hindi Solution प्रश्न 7.
निम्नलिखित मुहावरों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए
नौ दो ग्यारह होना, दिन रात एक करना, पार उतारना, राग अलापना, गाठ बांधना।
उत्तर
पुलिस को देखकर चोर नौ दो ग्यारह हो गया।
कक्षा में प्रथम आने के लिए मैने दिन रात एक कर दिया
केवट ने अपनी नैया से श्रीराम को पार उतार दिया।
वह किसी की नहीं सुनता, अपना राग अलापता रहता है। मोहन ने राजू की बात गांठ बांध ली है।

Class 6th Hindi Mp Board Solution प्रश्न 8.
निम्नलिखित शब्दो में ‘र’ के विभिन्न रूपों का प्रयोग कर शुद्ध शब्द बनाइए
खरचें, टरक, पिरिय, मरज, टरामगाड़ी, कार्यकर्म, परस्ताव, राष्टरपति, चरचा, फरम, स्वारथी।
उत्तर
खर्च, ट्रक, प्रिय, मर्ज, ट्रामगाड़ी, कार्यक्रम, प्रस्ताव, राष्ट्रपति, चर्चा, फर्म, स्वार्थी।

सुगम भारती हिंदी सामान्य कक्षा 6 Solution MP Board प्रश्न 9.
निम्नलिखित वाक्यों में से विकारी एवं अविकारी शब्दों को रेखांकित कीजिए

  • वह शीघ्र चला आया।
  • लड़कों को बुलाओ।
  • उसने खाना खाया।
  • खरा आदमी किसी से चिकनी चुपड़ी बातें नहीं करता।
  • अभिनेता रो रहे थे।

उत्तर
Mp Board Class 6th Hindi Solution

स्पष्टवादी प्रसंग सहित व्याख्या

1. हमारे प्रिय-मित्र मिस्टर रौनकलाल को भाषण देने का मर्ज है। राजनैतिक सम्मेलन हो, साहित्यिक गोष्ठी हो अथवा रिक्शेवालों की हड़ताल से संबंधित समारोह वे भाषण देने की चेष्टा अवश्यक करते हैं। उनके भाषण का हाल यह है कि आरंभ में पाँच सौ व्यक्ति हों तो भाषण के खत्म होने तक पाँच रह जाएँ। वे क्या बोलते हैं या तो वे जानते हैं या उनका भगवान । कोई चुप होने को कहता है तो हाथापाई करने पर उतर आते हैं।

शब्दार्थ-मर्जबीमारी । चेष्टा=प्रयास । साहित्यिक=साहित्य से संबंधित। गोष्टी=बैठक।

प्रसंग-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य पुस्तक सुगम भारती-6 में संकलित ‘स्पष्टवादी’ से ली गई हैं। इसके लेखक ‘बरसाने लाल चतुर्वेदी’ हैं। इन पंक्तियों में वे अपने मित्र के स्वभाव पर व्यंग्य कर रहे हैं।

व्याख्या-लेखक के मित्र रौनकलाल को भाषण देने की इतनी बुरी आदत है कि वे बहाना ढूँढ़ते रहते हैं। चाहे कोई भी अवसर हो, वे चूकते नहीं हैं। इतना ही नहीं उनका भाषण एक बार शरू हो जाए तो रुकने का नाम भी नहीं लेते। यहाँ तक कि श्रोता धीरे-धीरे खिसकने लगते हैं पर उनका बोलना बंद नहीं होता। उनके भाषण में एक कमी यह भी है कि वे प्रसंग से अलग हटकर बोलते हैं, जो श्रोता की समझ के बाहर होता है। यदि कोई साहस करके उन्हें चुप कराने का प्रयास करता है, तो वे उसके साथ मारपीट पर उतर आते हैं।

विशेष

  • मानवीय स्वभाव की कमजोरी पर व्यंग्य किया गया है।

2. बाहर की दुनिया में तो स्पष्टवादिता की प्रतिज्ञा निभ गई, किंतु घर में इस प्रतिज्ञा को झक मारकर तोड़ना पड़ा। दो-एक बार स्पष्टवादिता के चक्कर में श्रीमती जी से झगड़ा होते-होते बचा। मैने सोचा कि प्रतिज्ञा के पीछे ज्यादा पडूंगा तो वह दिन दूर नहीं, जब मेरी जिंदगी दूभर हो जाएगी।

शब्दार्थ-प्रतिज्ञा = शपथ, कसम । दूभर = कठिन, मुश्किल।

प्रसंग-पूर्ववत्

व्याख्या-अपनी स्पष्टवादिता के कारण बाहर की दुनिया में जब मुश्किलें खड़ी होने लगी तो लेखक ने बोलना ही छोड़ दिया परंतु अपनी प्रतिज्ञा नहीं छोड़ी। लेकिन घर में यह संभव नहीं था। अपनी आदत के कारण कई बार पली से झड़प होने से बची। लेखक समझ गए कि अगर उन्होंने स्पष्टवादिता की आदत नहीं छोड़ी तो उनका जीवन कठिन हो जाएगा।

विशेष

  • स्पष्टवादिता की कठिनाई को प्रकट किया गया है।
  • मानवीय स्वभाव पर व्यंग्य किया गया है।

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MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 6 रामलाल का परिवार

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 6 रामलाल का परिवार

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 6 प्रश्न-अभ्यास

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

रामलाल का परिवार MP Board Class 6th प्रश्न 1.
(क) सही जोड़ी बनाइए
1. यह नई पीढ़ी की- (क) हमारा कर्त्तव्य है।
2. परिश्रम के बिना – (ख) उसे समय पर देना है
3. बड़े-बूढ़ों का ध्यान (ग) कौन-सा काम हो रखना सकता है?
4. जो लिया है (घ) जिम्मेदारी है।
उत्तर
1.(घ), 2. (ग), 3. (क), 4. (ख)

Mp Board Solution Class 6 Hindi प्रश्न (ख)
दिए गए शब्दों में से उपयुक्त शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. अब तो बह…..बड़ों के चरण छूता हैं। (रोजाना/कभी-कभी)
2. वे कह रहे थे कि वह….पर आएगी। (होली/दीवाली)
3. ……को हम सबसे बहुत ही मोह है। (दादा-दादी/माता-पिता)
4. आप ठीक कहते हैं कि बुरी आदतों का फल भी…होता है। (बुरा/भला)
उत्तर
1. रोजाना
2. होली
3. दादा-दादी
4. दुरा।

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 6 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

Mp Board Class 6th Hindi Solution प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में दीजिए

(क) रामलाल ने हमारा क्या कर्त्तव्य बताया है?
उत्तर
रामलाल ने बताया है कि बड़े-बूढ़ों का ध्यान रखना हमारा कर्तव्य है।

(ख) चन्दू बैंक क्यों गया था?
उत्तर
चन्दू चक्की के कर्ज की किश्त जमा करने बैंक गया था।

(ग) बुआजी की जमीन क्यों बिक गई थी?
उत्तर
बुआजी की जमीन इसलिए बिक गई क्योंकि उनके पति में बुरी आदतें थीं।

(घ) बीरम काका के लड़के ने किस बात की अवज्ञा की?
उत्तर
वीरम काका के लड़के ने खेत की रखवाली करने से मना कर दिया।

(ङ) दादाजी ने चन्दू से माँ का हाथ बँटाने के लिए क्यों कहा?
उत्तर
दादाजी ने जन्दू से माँ का हाथ बटाने के लिए इसलिए कहा क्योंकि वह (माँ) सुबह से शाम तक अनवरत काम करती रहती है।

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 6 लघु उत्तरीय प्रश्न

Mp Board Class 6 Hindi प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन-से-पाँच वाक्यों में दीजिए

(क) ‘चन्दू में अब बहुत समझ आ गई है।’ उसकी समझदारी के तीन बिन्दु लिखिए।
उत्तर
चन्दू की समझदारी के तीन बिन्दु हैं

  • दादा-दादी को समय पर भोजन कराना
  • समय पर दुकान जाना
  • माँ की बात मानना।

(ख) बुआजी को संभालने के लिए दादाजी ने कौन-से दो कारण बताए?
उत्तर
बुआजी को संभालने के लिए दादाजी ने जो दो कारण बताए वे हैं

  • बुआजी के पति का देहांत हो चुका है।
  • उनकी एक बेटी थी, उसकी भी शादी हो गई है। बुआजी को देखने के लिए कोई नहीं है।

(ग) दादाजी ने परिश्रम का क्या महत्त्व बताया?
उत्तर
दादाजी ने परिश्रम का महत्त्व बताते हुए कहा है कि बिना परिश्रम का कोई काम नहीं हो सकता। जो परिश्रमी होते हैं, केवल वे ही आगे बढ़ते हैं। अतः अपना काम हमें समय पर करना चाहिए।

(घ) ‘बुरी आदतों का फल भी बुरा होता है’ इस पंक्ति का क्या आशय है?
उत्तर
बुरी आदतें तबाही ले आती हैं। सुख-शांति खत्म हो जाती है। जमीन-जायदाद बिक जाते हैं। उस आदमी की असमय मृत्यु हो जाती है। अतः बुरी आदतों से हमें दूर रहना चाहिए।

(ङ) इस पाठ में नई पीढ़ी के किस दायित्व की ओर संकेत किया गया है? |
उत्तरसमाज में फैली विभिन्न तरह की बुराइयों को दूर करना नई पीढ़ी का दायित्व है। अगर नई पीढ़ी चाहे और प्रयास करें तो हमारा समाज बिल्कुल स्वच्द समाज होगा।

भाषा की बात

Class 6 Sugam Bharti MP Board प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों के शुद्ध उच्चारण कीजिए
संकोच, विश्राम, शिक्षाप्रद, घृणा, सांडा
उत्तर
छात्र स्वयं करें

Class 6th Hindi Mp Board प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों की वर्तनी शुद्ध करके लिखिएँ
किस्त, प्रवन्ध, बंक, परीश्रम, दुबल, कार्यकरम
उत्तर
किश्त, प्रबन्ध, बैंक, परिश्रम, दुर्बल, कार्यक्रम

Class 6 Hindi Sugam Bharti MP Board प्रश्न 6.
निम्नलिखित शन्द युग्मों का वाक्यों में प्रयोग करें
अपना-अपना, अभी-अभी, दादा-दादी, बड़े-बूढ़े, कहा-सुनी।
उत्तर
अपना-अपना-शिक्षक ने छात्रों से कहा कि वे अपना-अपना काम करें।
अभी-अभी-अभी-अभी मेहमान आ रहे हैं दादा-दादी-हमें दादा-दादी का ध्यान रखना चाहिए।
बड़े-बूढ़े-बड़े-यूटों की सेवा करना हमारा परम धर्म है।
कहा-सुनी-देखते-देखते दोनों में दोस्तों के बीच कहा-सुनी हो गई।

Sugam Bharti Class 6 Hindi Solutions MP Board प्रश्न 7.
निम्नलिखित शब्दों के तत्सम रूप लिखिए
खेत, चरन, सांझ, पास, दिन
उत्तर
खेत = खेत
चरन = चरण
सांझ – संध्या
पास = पाश
दिन = दिवस

Mp Board Class 6 Solution Hindi प्रश्न 8.
निम्नलिखित गद्यांश में यथा स्थान विराम चिनों का प्रयोग कीजिए..
लुई ने टोककर कहा महामंत्री नकारात्मक मत बोलो देश किससे बड़ा होता है साफ साफ बताओ कालवट ने कहा सुनिए सम्राट देश चरित्र से बड़ा होता है जिसे देश के नागरिकों का चरित्र ऊंचा होता है अपने देश के लिए जिनके मन में अपारं प्यार भरा होता है जो अपने देश पर न्यौछावर हो सकते हैं वह देश कभी पराजित नहीं हो सकता पर हमारे देश के चरित्र का दिवाला निकल रहा है विजय कैसे मिलेगी महाराज
उत्तर
लुई ने टोककर कहा, ‘महामंत्री! नकारात्मक मत बोलो देश किससे बड़ा होता है, साफ-साफ बताओ।’ कालवट ने कहा, ‘सुनिए सम्राट! देश चरित्र से बड़ा होता है। जिसे देश के नागरिकों का चरित्र ऊँचा होता है, अपने देश के लिए जिनके मन में अपार प्यार भरा होता, जो अपने देश पर न्योछावर हो सकते हैं, वह देश कभी पराजित नहीं हो सकता। पर हमारे देश के चरित्र का दिवाला निकल रहा है। विजय कैसे मिलेगी, महाराज?”

रामलाल का परिवार प्रसंग सहित व्याख्या

1. अच्छा किया। बड़े-बूढ़ों का ध्यान रखना हमारा कर्तव्य है। चन्दू में अब बहुत समझ आ गई है।

शब्दार्थ-कर्त्तव्य=फर्ज। समझम्सूझ=बूझ

प्रसंग-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक सुगम भारती-6 में संकलित कहानी ‘रामलाल का परिवार’ से उघृत है। इसमें लेखन ने रामलाल के परिवार की चर्चा की है। रामलाल का परिवार आदर्श प्रस्तुत करता है।

व्याख्या-उनके परिवार में उनके बूढ़े माँ-पिताजी, उनकी पत्नी और उनके दो बेटे-विरजू और चन्टू हैं। दोनों भाई बड़े सज्जन और आज्ञाकारी हैं। वे अपने माता-पिता का ध्यान तो रखते ही हैं। अपने बूढ़े दादा-दादी कभी विशेष ध्यान रखते हैं। दादा-दादी को भोजन कराना, उनकी सेवा करना वे अपना धर्म समझते हैं। रामलाल को अपने परिवार पर गर्व है। उन्हें बहुत अच्दा लगता है कि उनके दोनों बच्चे बड़े-बूढ़ों का इतना ध्यान रखते हैं। वे बुर्जुगों का ध्यान रखते हैं। दरअसल बुर्जुगों का ध्यान रखना इन नवयुवकों का परम कर्त्तव्य है। अगर इस बात की समझ आज के बच्चों में आ जाए, तो उस परिवार में वाकई कभी सुख-शांति की कमी नहीं होगी। वैसे परिवार में साक्षात स्वर्ग उतर आएगा।

2. यह बात थी। विरजू यह तो असभ्यता है। पढ़ाई, परिश्रम से प्रणा तो नहीं सिखाती। परिश्रम के बिना कौन-सा काम हो सकता है, क्या बीरम काका ने उससे नहीं पूछौँ।

शब्दार्य-परिश्रम = मेहनत। घृणा=नफरत ।

प्रसंग-पूर्ववत्

रामलाल का परिवार एक आदर्श परिवार है। उनके बच्चे संस्कारी और आज्ञाकारी हैं। वे अपना कर्तव्य अच्छी तरह समझते हैं। लेकिन उन्हीं के पड़ोस में बीरम काका का घर है। उनके परिवार में वे बातें देखने को नहीं मिलती, जो रामलाल के परिवार में हैं। बीरम काका इस बात को लेकर दुखी रहते हैं। उनका लड़का छुट्टियों में शहर से घर आया है। घर के कामों में उसका मन बिल्कुल नहीं लगता है। बीरम काका चाहते हैं कि उनका लड़का खेत की रखवाली करता। लेकिन वह उनकी एक बात सुनने को तैयार नहीं। बीरम काका क्रोधित हो जाते हैं। कभी-कभी दोनों में कहा-सुनी भी हो जाती हैं।

विरजू के दादाजी को जब इस बात का पता चलता है तो उन्हें बहुत दुख होता है। बीरम काका के लड़के का व्यवहार उन्हें असभ्य-सा लगता है। अपने से बड़ों को जवाब देना, उनकी बात नहीं मानना, काम से जी चुराना ये असभ्यता नहीं है तो और क्या है? बिरजू के दादाजी कहते हैं कि आखिर पढ़ाई यह तो नहीं सिखाता कि काम नहीं करो, मेहनत नहीं करो। विना मेहनत का कोई काम नहीं हो सकता। अतः बीरम काका को अपने लड़के को यह बात समझानी चाहिए ताकि वह काम से जी न चुराए।

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MP Board Class 6th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 15 दस्तक

MP Board Class 6th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 15 दस्तक

MP Board Class 6th Hindi Bhasha Bharti Chapter 15 पाठ का अभ्यास

दस्तक पाठ का सारांश MP Board Class 6th Hindi प्रश्न 1.
सही विकल्प चुनकर लिखिए

(क) लेखक के पुत्र का नाम था
(i) गणेशन
(ii) सोनू
(iii) गरीबा
(iv) हरी बाबू।
उत्तर
(ii) सोनू

(ख) त्रिवेन्द्रम का प्रसिद्ध सागर तट है
(i) कोलकाता
(ii) कोवलम
(iii) मुम्बई
(iv) गोआ।
उत्तर
(ii) कोवलम

दस्तक पाठ के अनुसार MP Board Class 6th Hindi प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

(क) ……….. ऊँचे पद पर कार्यरत थे।
(ख) शीला अवकाश के क्षणों में ……. का कार्य करने लगी।
उत्तर
(क) हरीबाबू
(ख) समाज सेवा

प्रश्न 3.
एक या दो वाक्यों में उत्तर लिखिए-

(क) सोनू अचेत कैसे हो गया था ?
उत्तर
सोनू छत से गिर पड़ा और उसके सदमे से वह अचेत हो गया।

(ख) लेखक गरीबा के घर क्यों गया था?
उत्तर
गरीबा बीमार हो गया था इसलिए मुलाकात न होने के कारण लेखक उससे मिलने के लिए उसके घर चला गया था।

(ग) शीला मूच्छिंत क्यों हो गई थी?
उत्तर
शीला अपने पुत्र सोनू को छत से गिरने पर मूर्णित देखकर स्वयं मूर्च्छित हो गई।

(घ) लेखक ने गणेशन की मदद कैसे की?
उत्तर
लेखक ने आठ वर्षीय गणेशन के पैर में आर-पार चुभी कील को खींचकर निकाला और पट्टी बाँध दी। उसे अपनी पीठ पर लादकर ऑटो स्टैण्ड तक पहुँचाया।

प्रश्न 4.
तीन से पाँच वाक्यों में उत्तर लिखिए

(क) शीला अपने पति से नाराज क्यों रहती थी?
उत्तर
शीला अपने पति से नाराज इसलिए रहती थी कि वह (पति) समाज के काम के लिए, अपनी चिन्ता छोड़कर भी लगे रहते थे। लोगों की सेवा करने, उनकी समस्याओं को दूर कराने में सहायता करने में वे (लेखक महोदय) लगे रहते थे। अपने घर और गृहस्थी के लिए समय नहीं निकाल पाते थे। अतः शीला अपने पति से नाराज रहती थी।

(ख) शीला के व्यवहार में परिवर्तन का क्या कारण था?
उत्तर
सोनू छत से गिर पड़ा, मूर्च्छित हो गया। जिस किसी ने भी यह समाचार सुना, वही सहायता के लिए दौड़ पड़ा। शीला पुत्र को अस्पताल में मूर्च्छित दशा में देखकर मूर्छित हो गई। एकत्र हुए समाज के लोग किसी भी तरह की सहायता, चाहे वह धन की हो या बल की, तैयार थे। इतनी संख्या में सहायकों और सहयोगियों को देखकर शीला के व्यवहार में परिवर्तन आया। लेखक द्वारा की गई समाज सेवा में शीला की आस्था और विश्वास बढ़ गया और वह स्वयं समाज की सहायता में मुहल्लों और पड़ोस की महिला-मण्डलों में जाकर उपस्थित होने लगी।

(ग) समाज ने भी उनके साथ वही व्यवहार किया जैसा उन्होंने किया था? इस कथन का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
लेखक समाज सेवा में हर समय तत्पर रहते थे। वे अपनी गृहस्थी और घर की समस्याओं के समाधान के लिए समय नहीं दे पाते थे। वे समाज सेवा में सब कुछ भूले हुए थे। एक दिन जब उनका सोनू छत से गिर पड़ा, अचेत हो गया, तो समाज के लोग ही उसे अस्पताल ले गए। लेखक तो उस समय त्रिवेन्द्रम में अपने किसी मित्र के कार्य से गए हुए थे। उनकी गैर-मौजूदगी में भी समाज के लोगों ने उनके पुत्र सोनू के लिए जो सहयोग दिया, वैसा तो स्वयं लेखक भी नहीं कर पाते। क्योंकि लेखक चौबीस घण्टे समाज की सेवा में लगे रहते थे, तो उस दिन समाज ने भी अपनी कृतज्ञता का परिचय दिया। समाज ने वही किया, जैसा उन्होंने समाज के लिए किया था।

(घ) शीला ने समाज की उपेक्षा करने वालों के विषय में क्या कहा?
उत्तर
शीला और लेखक के पुत्र सोनू को अस्पताल में सहायता के लिए तत्पर लोगों की भीड़ देखकर तथा सोनू के स्वस्थ हो जाने पर शीला भी समाज के द्वारा दिए गए सहयोग से प्रभावित होकर अपने अवकाश के समय में प्रत्येक मुहल्ले में जाकर महिलाओं के बीच समाज सेवा करने लगी। वह कहने लगी कि समाज की उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए। यदि ऐसा कोई करता भी है तो वह व्यक्ति अपनी ही उन्नति से सन्तुष्ट होता रहता है। उसे समाज के कल्याण की चिन्ता नहीं होती। परन्तु अनुभव से देखा गया है कि ऐसे व्यक्तियों का प्रकृति स्वयं नियन्त्रण करती है। समय आने पर उसे दण्ड भी देती है।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित गद्यांश की व्याख्या कीजिए

‘जो समाज की उपेक्षा कर मात्र अपनी ही उनति में संतुष्ट रहता है, प्रकृति उसका नियन्त्रण स्वयं करती है। समय आने पर उन्हें दण्ड भी देती है।’
उत्तर
प्रस्तुत पंक्ति लेखक की पत्नी शीला का कथन है। (व्याख्या के लिए प्रश्न 4 के खण्ड (घ) के उत्तर का अध्ययन कीजिए।

प्रश्न 6.
सोचिए और बताइए

(क) शीला मुहल्ले-मुहल्ले जाकर समाज सेवा क्यों करने लगी?
उत्तर
शीला अपने पुत्र सोनू के साथ छत से गिरकर हुई दुर्घटना के समय समाज के लोगों ने जो सहयोग दिया, उसे देखकर उसके मन के विचारों में परिवर्तन हुआ। उसे समझ में आने लगा कि लेखक के द्वारा की गई समाज-सेवा का प्रतिफल-समाज के लोगों का सहयोग मिला और सोनू को स्वास्थ्य लाभ मिला। इस सब के पीछे लेखक की समाज सेवा की भूमिका की प्रधानता है। सेवा का बदला सेवा के रूप में ही प्राप्त होता है। यह समझकर शीला मुहल्ले-मुहल्ले जाकर समाज-सेवा करने लगी।

(ख) छत से गिरने की दुर्घटना से कैसे बचा जा सकता है?
उत्तर
मकान की छत की मुंडेर की ऊँचाई अधिक होनी चाहिए। छत पर बच्चों या युवकों को खेलते समय बार-बार ध्यान दिलाते रहना चाहिए कि छत पर सावधानी बरतें, खेलते हुए बच्चे या युवक आपस में धक्का-मुक्की न करें। छत की मुंडेर की तरफ पीठ करके चलना अथवा दौड़ना नहीं चाहिए।

प्रश्न 7.
अनुमान और कल्पना के आधार पर उत्तर दीजिए
(क) यदि त्रिवेन्द्रम में लेखक की जगह आप होते तो क्या करते?
उत्तर
त्रिवेन्द्रम में लेखक की जगह होने पर मैं स्वयं गणेशन को ऑटो स्टैण्ड पर लाकर ऑटो से अस्पताल पहुंचाता और उसकी उचित मरहम-पट्टी करता। उसके थोड़ा सम्हलने पर उसके घर पहुँचा कर ही, अपने काम को पूरा करता।

(ख) यदि हरीबाबू की तरह आप ऊँचे पद पर होते तो क्या-क्या करते?
उत्तर
ऊँचे पद पर होने का तात्पर्य यह नहीं है कि मनुष्य मानवता को भुला दे और अपने स्वार्थों की पूर्ति भर ही करता रहे। सरकारी अधिकारी भी जनता का सेवक होता है। जनता की किसी भी असुविधा का निवारण करना, उसकी सेवा करना ही उसका धर्म है। इस दृष्टि से सेवा-धर्म का निर्वाह ही करता।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
शुद्ध उच्चारण कीजिए
बड़बड़ाहट, प्लास्टर, स्वभाव, अनुपस्थिति, स्वस्थ, नियन्त्रण।
उत्तर
अपने अध्यापक महोदय के सहयोग से उच्चारण कीजिए और अभ्यास कीजिए।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों की वर्तनी शुद्ध कीजिए
(i) मनोरज्जन
(ii) अन्तरद्वनद
(iii) हिरदय
(iv) चनचल
(v) दरशन।
उत्तर
(i) मनोरंजन
(ii) अन्तर्द्वन्द
(iii) हृदय
(iv) चंचल
(v) दर्शन।

प्रश्न 3.
नीचे लिखे शब्दों के विलोम शब्द लिखिए
(i) आशा
(ii) उपस्थित
(iii) कठिन
(iv) अमीर
(v) उन्नति
(vi) कठोर।
उत्तर
(i) निराशा
(ii) अनुपस्थित
(iii) सरल
(iv) गरीब
(v) अवनति
(vi) कोमल।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों में संज्ञा, सर्वनाम व क्रिया छाँटकर लिखिए
(i) चिल्लाना
(ii) वे
(iii) शीला
(iv) बोलना
(v) बड़बड़ाना
(vi) वह
(vii) हरीबाबू
(viii) अघाना
(ix) मैं
(x) सोनू
(xi) उसने
(xii) गरीबा।
उत्तर

  1. संज्ञा-शीला, हरीबाबू, सोनू, गरीबा।
  2. सर्वनाम-वे, वह, मैं, उसने।
  3. क्रिया-चिल्लाना, बोलना, बडबड़ाना, अघाना।

प्रश्न 5.
इस पाठ में अन्य भाषा के शब्द छाँटकर लिखिए।
उत्तर
प्लास्टर, लाचार, सरेआम, फिल्मी, खासी, देहात, आरामखाना, मनुहार, दम, अमुक, कार, तमाम, गन्दी, माफ, मोहल्ला, लायक, बेताव, टेपरिकार्ड, हवाइयाँ, ऑटो स्टैण्ड, किलोमीटर, रूमाल, अस्पताल।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्दों में ‘आई’ का ‘आहट प्रत्यय लगाकर नए शब्द बनाइए
(i) बुरा
(ii) लड़खड़ान
(iii) चतुर
(iv) गुनगुनाना
(v) भला
(vi) लड़ना
(vii) गुदगुदाना
(viii) चहचहाना।
उत्तर
(i) बुरा + आई = बुराई
(ii) लड़खड़ाना + आहट = लड़खड़ाहट
(iii) चतुर + आई = चतुराई
(iv) गुनगुनाना + आहट = गुनगुनाहट
(v) भला + आई = भलाई
(vi) लड़ना + आई = लड़ाई
(vii) गुदगुदाना + आहट = गुदगुदाहट,
(viii) चहचहाना + आहट = चहचहाहट।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयोग कीजिए
(i) तिल का ताड़ बनाना
(ii) नाक में दम करना
(iii) सीधे मुँह बात न करना
(iv) कान भरना।
उत्तर
(i) तिल का ताड़ बनाना-छोटी बात को बढ़ाचढ़ाकर कहना।
प्रयोग-गिरीश बाबू अपने साथियों की थोड़ी भी गलती को अपने साहब से तिल का ताड़ बना कर कहते हैं।
(ii) नाक में दम करना-परेशान कर देना।
प्रयोग-राघव ने अपनी जिद्द पूरा करने के लिए अपने माँ-बाप की नाक में दम कर दिया।
(iii) सीधे मुंह बात न करना-घमण्ड करना।
प्रयोग-राधे की अभी-अभी फूड कार्पोरेशन में नियुक्ति क्या हुई है, वह तो किसी से भी सीधे मुँह बात नहीं करता है।
(iv) कान भरना-चुगली मारना।
प्रयोग-प्रायः देखा गया है कि मेरे दफ्तर के एक-दो बाबू दूसरे कर्मचारियों के खिलाफ अपने अधिकारी के कान भरते रहते हैं।

दस्तक परीक्षोपयोगी गद्यांशों की व्याख्या

(1) उसका अन्तर्द्वन्द्व बराबर चलता रहा। वह औरों की भाँति ही मुझे भी अपने परिवार की प्रगति और खुशहाली में सन्तुष्टि के लिए सीमित रखना चाहती थी। इसलिए मन ही मन उसके विचारों की संकीर्णता और द्वन्द्व समाप्त करने के लिए मैं चिन्तित रहने लगा था।

सन्दर्भ-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य पुस्तक ‘भाषाभारती’ के पाठ ‘दस्तक’ से ली गई है। इस कहानी के लेखक डॉ. शिवभूषण त्रिपाठी हैं।

प्रसंग-कहानीकार ने स्पष्ट किया है कि मन के अन्दर उठने वाले संकुचित विचार मनुष्य को स्वार्थी बना देते हैं।

व्याख्या-लेखक की पत्नी शीला नहीं चाहती कि वे सदा सामाजिक कार्यों में ही लगे रहें। उनके बाहर रहने की स्थिति में घर पर कोई घटना घटती है, तो कौन सहायक होगा, ऐसा कहने पर लेखक ने शीला को कहा कि उसे केवल धैर्य रखना चाहिए। परन्तु उसके मन में उत्पन्न विचारों की हलचल मचती रही। वह चाहती थी कि वह (लेखक) भी सदा अपनी और अपने परिवार की उन्नति, बढ़ोत्तरी और सम्पन्नता के लिए कार्य करने तक ही सीमित रहें। लेखक सोचता था कि उनकी पत्नी की यह संकुचित विचारधारा और उसके मन में उठने वाले विचारों की हलचल समाप्त हो जाय। यही लेखक की चिन्ता का कारण था।

(2) अस्पताल में अमीर-गरीब सभी स्तर के सहयोगियों की एकत्रित भीड़ को देखकर वह दंग रह गई। उसे मेरी अनुपस्थिति की अनुभूति भी नहीं हो सकी थी। शायद मैं उपस्थित रहकर भी उतना धन नहीं जुटा सकता था। उस दिन जिस समाज के पीछे मैं दिवाना रहता था, उसका दर्शन करते वह नहीं अघाती थी।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-लेखक का पुत्र सोनू छत से गिर गया। लेखक किसी के काम से त्रिवेन्द्रम गया हुआ था। बालक गिरने से अचेत हो गया। दर्शक और सहयोगी जन उसे अस्पताल ले गए। पत्नी पुत्र की दशा पर स्वयं मूर्छित हो गई।

व्याख्या-अस्पताल में भर्ती किए गए लेखक के अचेत पुत्र के इलाज के लिए धनवान और गरीब सभी स्तर के लोग वहाँ पहुँच गए। इन सहयोगियों की भीड़ को देखकर वह (लेखक की पत्नी) भी अचम्भे में पड़ गई। उसे लेखक का गैर-हाजिर होना भी मालूम न हुआ क्योंकि रुपये-पैसे का प्रबन्ध किसने किया, यह भी पता नहीं चला। लेखक कहता है, जो भी धन सोनू के लिए खर्च किया गया, उतना वह स्वयं भी एकत्र नहीं कर पाता। पूरा समाज उस दिन अस्पताल में इकट्ठा था। लेखक ने सदा ही समाज की चिन्ता की। उस समाज की सेवा में वह सदा तत्पर रहता था। उस समाज के लोगों की भीड़ देखकर वह अघाती नहीं | थी। अर्थात् समाज का हर व्यक्ति उसकी सेवा के लिए तत्पर था।

(3) सूर्यास्त का समय था। त्रिवेन्द्रम के प्रसिद्ध सागर तट, कोवलम बीच पर हजारों की भीड़ मचल रही थी। बच्चे कभी सागर के जल को एक-दूसरे पर उछालते तो कभी बालुकामय तट पर दौड़ते। वह दृश्य बहुत ही रोचक एवं आकर्षक था।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-सूर्य के छिपने के समय पर समुद्र के किनारे का वर्णन है।

व्याख्या-लेखक अपने मित्र के किसी काम से त्रिवेन्द्रम गया हुआ है। सूर्य के छिपने का समय हो चुका था, त्रिवेन्द्रम का | समुद्री किनारा अपने सायंकालीन सुन्दरता के लिए प्रसिद्ध है। कोवलम नाम से प्रसिद्ध समद्री किनारे पर हजारों की संख्या में लोग इकट्ठे घूम-फिर रहे थे। बच्चे समुद्र के पानी को एक-दूसरे पर उछालते तो कभी बालू भरे समुद्री किनारे पर इधर से उधर दौड़ रहे थे। यह दृश्य बहुत ही अच्छा लग रहा था तथा सब को अपनी ओर खींच रहा था।

(4) इस घटना को सुनकर मेरे सिद्धान्तों के प्रति शीला की आस्था और विश्वास अधिक दृढ़ हो गया था। उसे आश्चर्य हो रहा था कि जब मेरा सोनू छत से गिरा था, ठीक उसी दिन उसी समय मैं आठ वर्षीय गणेशन को पीठ पर लादकर ऑटो स्टैण्ड पर जा रहा था। उसी समय मेरी अनुपस्थिति में सोनू की सहायता के लिए लोग व्याकुल हो उठे थे।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-पैर में कील चुभ जाने से कष्ट पाते गणेशन को ऑटो स्टेण्ड तक लेकर लेखक पहुँचाता है। तो उधर लेखक के पुत्र सोनू की सहायता के लिए भी लोग हड़बड़ाये जा रहे थे। यद्यपि लेखक वहाँ नहीं था।

व्याख्या-लेखक ने जब पैर में कील के चुभने से घायल आठ वर्षीय गणेशन को ऑटो स्टेण्ड तक, अपनी पीठ पर लाद कर पहुँचाया ठीक उसी समय इधर छत से गिरे लेखक के पुत्र सोनू को अस्पताल पहुंचाने में सहायता करने के लिए जुटे लोगों की भीड़ को देखकर लेखक की पत्नी शीला को यह विश्वास हो गया कि लेखक द्वारा समाज के लोगों की सहायता करने के सिद्धान्त का, नियम का ही यह प्रभाव है, जिससे लोग सोनू की सहायता धन और बल दोनों से करने के लिए जुटे हुए थे। समाज सेवा के नियम में शीला की आस्था पक्की होती जा रही थी। लोग लेखक के पुत्र के कष्ट से व्याकुलं थे लेकिन वे सभी उसकी गैर-मौजूदगी में भी सोनू की सहायता को अड़े हुए थे। सेवा का फल मीठा होता है।

(5) समाज को समझने का जब समय था,शक्ति थी, तब समझ न सके और जब समाज को समझने की समझ आई तो बहुत देर हो चुकी थी, काल उनकी देहली पर खड़ा दस्तक दे रहा था।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-जकलेखक त्रिवेन्द्रम से लौटकर अपने घर आए, घटना को जाना-समझा तो उसी समय ऊँचे पद पर आसीन हरीबाबू की याद आई और वह कहने लगे कि

व्याख्या-हरीबाबू ने अच्छे और ऊँचे पद पर रहकर नौकरी की, लेकिन उस नौकरी के मध्य केवल अपना ही स्वार्थ सिद्ध किया। समाज के लोगों की सहायता की बात तो दूर, उनके विषय में सोचा भी नहीं। अपने ही कष्टों से वैभवपूर्ण होने पर भी, पागल की स्थिति में आ गए, कोई भी उनकी सहायता के लिए नहीं आया। जब वे सामर्थ्यवान थे, तो समाज की सेवा कर सकते थे, उस समय उन्होंने समाज को न तो समझा और न उसे समझने की बुद्धि (सूझ-बूझ) आई। अब समाज को समझने लगे, तो समय निकल चुका था। समाज की सेवा करने की समय सीमा से बाहर हो चुके वे रिटायर हो चुके थे क्योंकि अब तो वे अपने जीवन की अन्तिम सीढ़ी पर थे। काल किसी भी समय आकर दस्तक देने वाला था। उस अवस्था में (चौथेपन में) मनुष्य किसी की भी सहायता करने की सामर्थ्य से रहित हो जाता है।

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MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 16 रामेश्वरम्

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 16 रामेश्वरम्

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 16 प्रश्न-अभ्यास

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

Hindi Chapter 16 Class 6th MP Board प्रश्न 1.
(क) सही जोड़ी बनाइए
1. समुद्रराज – (क) विश्नाथ नायर
2. चरण पादुका – (ख) शिव
3. कैलाशवासी – (ग) रामचन्द्र जी
4. मदुरा के राजा – (घ) वरुण
उत्तर
1. (घ), 2. (ग), 3. (ख), 4. (क)

Mp Board Solution Class 6 Hindi प्रश्न (ख)
दिए गए विकल्पों में से उपयुक्त शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. सबको अपने जीवन से…….होता है। (मोह/विद्रोह)
2. पामवन, रामेश्वरम् और धनुष्यकोटि एक…..के तीन विंद हैं। (चतुष्कोण त्रिकोण)
3. श्रीलंका के राजा……में रामेश्वरम् में मोदर बनवाया। (वरदरात शेखर/पराक्रमबाहु)
4. रामेश्वरम में मंदिर के अंदर………तीर्य है। (24/11)
उत्तर
1. मोह
2. त्रिकोण
3. वरदराज शेखर,

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 16 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

रामेश्वरम MP Board Class 6th Hindi प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य से दीजिए

(क) रामेश्वरम् क्यों प्रसिद्ध है?
उत्तर
रामेश्वरम् चार धामों में से एक है इसलिए प्रसिद्ध है।

(ख) कैलाश जाकर शिवजी को लाने का दायित्व किसको सोंपा गया था?
उत्तर
कैलाश जाकर शिवजी को लाने का दायित्व हनुमान को सौंपा गया था।

(ग) गंधमादन पर्वत किसे कहते हैं?
उत्तर
जिस चट्टान से हनुमान जी को लंका की भूमि नजर आई थी, उसे गंधमादन पर्वत कहते हैं।

(घ) श्रीराम के कुपित होने पर समुद्रराज ने क्या किया?
उत्तर
श्रीराम के कुपित होने पर समुद्रराज ने क्षमायाचना

(ङ) किसका नाम विश्वनाथ पड़ा?
उत्तर
रामेश्वरम् के उत्तर में हनुमान जी द्वारा लाया गया शिवलिंग स्थापित है, जिसका नाम विश्वनाथ है।

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 16 लघु उत्तीय प्रश्न

Rameshwaram Temple History In Hindi MP Board प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन-से-पाँच वाक्यों में दीजिए

(क) पामवन के पुल की क्या विशेषताएँ हैं?
उत्तर
पामवन का पुल लोहे का बना हुआ है और समुद्र पर बांधा गया है। यह रेल पुल स्थिर नहीं है। जब जहाजों को निकलना होता है तब यह पुल उठा दिया जाता है जिससे
स्टीमर एक ओर से दूसरी ओर चली जाए।

(ख) ‘उत्सर्ग में तो आनंद है’ इस कथन का आशय स्पष्ट कीजिए
उत्तर
इस कथन का आशय यह है कि त्याग में एक संतुष्टि का भाव छिपा होता है। अपना अस्तित्व समाप्त कर किसी और के अस्तित्व में समाहित हो जाना एक आत्मिक खुशी प्रदान करता है और बलिदान को महत्ता प्रदान करता है।

(ग) रामेश्वरम् का दर्शन करना लाभदायक क्यों माना गया है?
उत्तर
रामेश्वरम् चार धामों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि रामेश्वरम का दर्शन किए बिना एक भारतीय | अपने जीवन की सिद्धि का लाभ नहीं ले पाता। इसलिए रामेश्वरम् का दर्शन करना लाभदायक माना गया है।

(घ) देवनगर से रामेश्वरम् नाम पड़ने की अन्तर्कया | स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
रावण वध के बाद ब्रह्म-हत्या दोष के निवारण के लिए श्री राम ने देवनगर में शिवलिंग की स्थापना की और वहाँ पूजा की। राम द्वारा ईश्वर की पूजा किए जाने के कारण इस स्थान का नाम रामेश्वरम् पड़ा।

(ड) धनुष्यकोटि का क्या महत्व है?
उत्तर
धनुष्यकोटि में पत्ररामनम नामक स्थान पर राम ने समुद्रराज वरुण से सागर पार करने हेतु मार्ग मांगा था। वरुण द्वारा अनुमति मिलने पर कुपित हो कर राम ने धनुष पर दाण सजा लिया था। तब वरुण ने प्रकट होकर क्षमायाचना की और मार्ग दिया।

भाषा की बात

Rameshwaram In Hindi MP Board प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों का शुद्ध उच्चारण कीजिए
दृश्य, समुद्र, प्रातःकाल, अस्तित्व, उत्सर्ग, रामेश्वरम्, स्थापत्य, गर्भगृह, संभवतः
उत्तर
छात्र स्वयं करें।

Mp Board Solution Class 8 Hindi Chapter 16 प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों की वर्तनी शुद्ध कीजिए
लालषा, हिरदय, स्थर, पंक्ती, तीरथ, मालुम, शोभाग्य, अनुमती, दृष्टीगोचर, पुराणिक।
उत्तर
लालसा, हृदय, स्थिर, पंक्ति, तीर्थ, मालूम, सौभाग्य, अनुमति, दृष्टिगोचर, पौराणिक।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए
निर्माण, उदार, वतावरण, असीम, विराजमान, कलाकौशल।
उत्तर
निर्माण-मंदिर का निर्माण पूरा हो गया।
उदार-हमें उदार होना चाहिए।
वातावरण-शहर का वातावरण शुद्ध है।
असीम-मेरे मन में ईश्वर के लिए असीम श्रद्धा है।
विराजमान-बादशाह सिंहासन पर विराजमान हैं।
कलाकौशल-कारीगर का कलाकौशल देखकर सब दंग रह गए।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित वाक्यों में से विशेषण शब्द छाँटकर लिखिए
1. हमारी ट्रेन लम्बी पट्टी पर चल रही थी।
2. यह रेल का पुल स्थिर नहीं है।
3. इस कूप के मधुर जल का हमने पान किया।
उत्तर
1. लम्बी
2. स्थिर
3. मधुर

रामेश्वरम्प्र संग सहित व्याख्या

1. सबको अपने……….. नहीं रहे होंगे।

शब्दार्थ-वियोग=विरह । विगत=बीता हुआ। व्यथा = कष्ट। उल्लास=खुशी। अस्तित्व =हस्ती, सत्ता । उत्सर्ग= त्याग, बलिदान। सर्वस्व-सब कुछ। आनंदाश्रु=खुशी के आँसू।

प्रसंग-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य पुस्तक सुगम भारती-6 में संकलित यात्रा वृतांत ‘रामेश्वरम्’ से ली गई हैं। इसके लेखक हैं ‘महेन्द्र कुमार मानव’ । इन पंक्तियों में लेखक अपनी रामेश्वरम् यात्रा के क्रम में धरती और सागर के मिलन-स्थल पर हुए अनुभवों का वर्णन कर रहे हैं।

व्याख्या-लेखक कहते हैं कि अपने अस्तित्व को कोई भी समाप्त नहीं करना चाहता। यह बात केवल प्राणधारियों पर ही लागू नहीं होती। ऐसा नहीं है कि मनुष्य या जीव-जंतु ही अपने अंत समय में घबराहट या जीवन से तीव्र लगाव महसूस करते हैं और उसे छोड़ना नहीं चाहते। सागर किनारे जब पृथ्वी का अंत होता है तो दूर तक पानी की लहरों में पत्थर के टुकड़े दिखायी देते हैं, मानों वे अपने अस्तित्व से नाता न तोड़ पा रहे हों। परंतु कवि । कहते हैं कि बलिदान कष्टदायक ही हो यह अनिवार्य नहीं है। सर्वस्व त्याग में आत्मिक खुशी और संतोष भी छिपा होता है। हो सकता है पृथ्वी के समर्पण के आँसू उसकी खुशी के आँसू हों।

विशेष

  • प्रत्येक वस्तु या जीव का कहीं न कहीं अंत निश्चित है।
  • त्याग को महिमामंडित किया गया है।

2. कहते हैं …………. दिलाता है।

शब्दार्थ-अनुमति=आदेश। कुपित =क्रोधित।

प्रसंग-पूर्ववत्

व्याख्या-धनुष्यकोटि से एक पौराणिक कथा जुड़ी है। इस कथा के अनुसार भगवान राम को लंका जाने के लिए समुद्र पार करना था। अतः पञरामनम में उन्होंने समुद्रराज वरुण से मार्ग देने की प्रार्थना की। परंतु वरुण के अनुमति न देने पर वे क्रोधित हो गए और उन्होंने धनुष पर बाण चढ़ा लिया। यह देख कर वरुण भयभीत हो गए और उन्होंने राम से क्षमा माँगी। तब जाकर राम शांत हुए।

विशेष

  • पौराणिक कथा का वर्णन है।
  • भगवान राम की महिमा का गुणगान है।

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MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 14 सहनशीलता

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 14 सहनशीलता

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 14 प्रश्न-अभ्यास

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

Class 6 Hindi Chapter 14 MP Board प्रश्न 1.
(क) सही जोड़ी बनाइए
1. दीप्ति – (क) व्याघ्र
2. सहन – (ख) विनय.
3. नर – (ग) हीन
4. दंत – (घ) शीलता
उत्तर
1. (ख), 2. (घ), 3. (क), 4. (ग)

Sahanshilta Kya Hai Iske Prakar Bataiye MP Board Class 6th प्रश्न (ख)
दिए गए विकल्पों में से उपयुक्त विकल्प चुनकर रिक्त स्थान भरिए- .
1. नर व्याघ्र……को कहा गया है। (युधिष्ठर दुर्योधन)
2. रामचन्द्र सिंधु के किनारे…..तक पथ माँगते रहे। (तीन दिवस/पाँच दिवस)
3. उठी अधीर धधक पौरुष की आग राम के…….से। (शर/बल)
4. क्षमा शोमती उस भुजंग को जिसके पास….. हो। (अभिय/गरल)
उत्तर
1. दुर्योधन, 2. तीन दिवस, 3. शर, 4. गरल।

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 14 अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

Sahanshilta In English MP Board Class 6th प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में दीजिए

(क) कौरवों ने कायर किसको समझा?
उत्तर
कौरवों ने पांडवों को कायर समझा।

(ख) क्षमा किसे शोभती है?
उत्तर
क्षमा उसे शोभती है जिसके पास दम है, ताकत है, साहस है।

(ग) सिंधु से रास्ता किसने माँगा?
उत्तर
सिंधु से रास्ता राम ने माँगा।

(घ) इस कविता में ‘सुयोधन’ संबोधन का प्रयोग किसके लिए किया है?
उत्तर
इस कविता में ‘सुयोधन का संबोधन दुर्योधन के लिए किया गया है।

(ङ) किन गुणों को सारा जग पूजता है?
उत्तर
सहनशीलता, क्षमा और दया, तप और त्याग जैसे गुणों को सारा जग पूजता है।

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 14 लघु उत्तरीय प्रश्न

Sahan Shakti In English MP Board Class 6th प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन से पाँच वाक्यों में दीजिए

(क) ‘नर व्याघ्र’ का प्रयोग कवि ने क्यों किया है?
उत्तर
कवि ने ‘नर व्याघ्र’ का प्रयोग सुयोधन (दुर्योधन) के लिए किया है। वह आदमी होकर भी जानवर जैसा वर्ताव कर रहा था। उसमें मानवता नाम की कोई चीज नहीं थी इसीलिए कवि ने ‘नर व्याघ्र’ का प्रयोग किया है।

(ख) सागर किसके चरणों में आ गिरा और क्यों?
उत्तर
सागर राम के चरणों में आ गिरा क्योंकि वह राम के क्रोध को देखकर डर गया। उसे लगा कि राम अपने बाणों से उसे जलाकर भस्म कर देंगे।

(ग) ‘क्षमा शोमती उस भुजंग को जिसके पास गरल हो’ पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
उपरोक्त पंक्ति का शाब्दिक अर्थ है-विष वाला सांप अगर आपको नहीं काटता है, तो इसका मतलब है कि उसने आप पर उपकार किया। अर्थात् क्षमा उस व्यक्ति को शोभा देता है जो वीर है, ताकतवर है और कर्तव्यनिष्ठ है।

(घ) ‘सच पूछो तो शर में ही बसती है दीप्ति विनय की’ पंक्ति के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है?
उत्तर
उपरोक्त पंक्ति के माध्यम से कवि यह कहना चाह रहा है कि वाणों में विनय का तेज भी निहित होता है। उसी के साथ कोई संधि चाहता है। उसी को लोग पूजते हैं और अंत में जीत भी उसी की होती है।

(ङ)
कवि इस कविता के माध्यम से क्या सन्देश देना चाहता
उत्तर
क्षमा किसी सुपात्र को शोभा देता है। आप यदि किसी दुर्जन को क्षमा करते हैं तो वह आपको कमजोर समझेगा। क्षमा देने का अधिकार केवल सक्षम और शक्तिशाली को होता है। कमजोर क्या किसी को क्षमा करेगा।

भाषा की बात

प्रश्न 4.
शुद्ध उच्चारण कीजिए
क्षमा, व्याघ्र, क्षमाशील, समक्ष, पौरुष, दीप्ति, संपूज्य
उत्तर
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 5.
शुद्ध वर्तनी पर गोला लगाइए
सहारा, साहरा, साहारा
शोमति, शीमीति, शोमती
वनीत, विनीत, वीनीत
दिपिती, दीप्ति, दीपती
उत्तर

सहारा, साहरा, साहारा
शोमति, शोमीति, शोमती
वनीत, विनीत, वीनीत
दिपिती, दीप्ति, दीपती

प्रश्न 6.
‘सहनशील’ शब्द में ‘ता’ प्रत्यय लगाकर ‘सहनशीलता’ शब्द बना है। इसी प्रकार के अन्य शब्द बनाइए
उत्तर
सफल – सफलता
धीर – धीरता
वीर – वीरता
अधीर – अधीरता
व्याकुल – याकुलता
सरल – मरलता
मधुर – मधुरता

प्रश्न 7.
निम्नलिखित शब्दों में से अनुस्वार एवं अनुनासिकता वाले शब्दों को छांटिए
कहाँ, “भुजंग, दंतहीन, माँगना, सिंधु, बंधा, बंधन, संपूज्य, आँच, प्रशंसा, आँख, चाँद, कलाएँ, तुरंत।
उत्तर
अनुस्वर वाले शब्द-भुजंग, दंतहीन, सिंधु, बंधन, संपूज्य, प्रशंसा, तुरंत
अनुनासिकता वाले शब्द-कहाँ, माँगना, बंधा, आँच, आँख, चाँद, कलाएँ ।

प्रश्न 8.
दिए गए शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए
भुजंग, गरल, दर्प, पथ, शर, नर
उत्तर
सांप, विष, घमंड, रास्ता, बाण, पुरुष।

प्रश्न 9.
दिए गए शब्दों में से विलोम शब्दों की जोड़ी बनाइए
सरल, दयालु, चरण, कठिन, दुष्ट, दासता, आजादी, शीश
उत्तर
सरल- कठिन
दयालु – दुष्ट
चरण – शीश
दासता – आजादी

सहनशीलता प्रसंग सहित व्याख्या

1. क्षमा, दया, तप, त्याग, मनोबल
सबका लिया सहारा
पर नर-व्याघ्र, सुयोधन तुमसे
कहो, कहाँ, कब हारा?

शब्दार्थ-मनोबल= मन की शक्ति। सहारा =मदद। सुयोध = दुर्योधन।

प्रसंग-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य पुस्तक सुगम भारती-6 में संकलित कविता ‘सहनशीलता’ से ली गई हैं। इसके कवि हैं-रामधारी सिंह दिनकर’। कवि ने महाभारत के प्रसंग को लेकर युधिष्ठिर की सहनशीलता का परिचय दिया है। श्रीकृष्ण युधिष्ठिर को समझाते हुए कहते हैं कि तुमने तो हमेशा ही क्षमा, दया, तप, त्याग और मनोबल का सहारा लिया किंतु सुयोधन (दुर्योधन) पर उसका कोई असर नहीं पड़ा।

उसने कभी तुम्हारे सामने हार नहीं मानी। अतः तुम्हें उसके सामने अपनी शक्ति दिखानी पड़ेगी। अपने शत्रु के आगे विनयशील बनमे से अच्छा है उसे अपनी ताकत दिखाओ। इस प्रकार इन पंक्तियों के माध्यम से कवि ने सहनशीलता की प्रशंसा तो की ही है, लेकिन कभी-कभी -उसके साथ पौरुष बल दिखाने की भी आवश्यकता पड़ती है।

2. क्षमा शोभती उस भुजंग को,
जिसके पास गरल हो।
उसको क्या, जो दंतहीन,
विषरहित, विनीत, सरल हो।

शब्दार्थ-शोभती = शोभा देना। भुजंग = सांप । गरल= विष । दंतहीन = बिना दाँत का। विनीत = सरल सज्जन।

प्रसंग-पूर्ववत्

व्याख्या-महाभारत के प्रसंग को लेकर युधिष्ठिर की सहनशीलता का परिचय दिया गया है। श्रीकृष्ण युधिष्ठिर को समझाते हुए कहते हैं कि तुमने हमेशा से ही क्षमा, दया, तप आदि का सहारा लिया है, लेकिन सुयोधन (हुर्योधन) पर उनका कोई असर नहीं हुआ है। तुम अपने दुश्मन के आगे क्षमाशील बने रहे और वह तुम्हें कायर समझता रहा। क्षमा दरअसल उसी को शोभा देती है जो शक्तिशाली है। जो स्वयं कमजोर है, वह किसी को क्या क्षमा दे सकता है।

श्रीकृष्ण एक उदाहरण द्वारा इसकी पुष्टि करते हैं। वे कहते हैं कि विष वाला सर्प अगर तुम्हें छोड़ दे अर्थात् काटे नहीं तब हम कह सकते हैं कि उसने तुम पर कृपा की। लेकिन जो सांप विषहीन और दंतहीन है, उसकी क्षमा के लिए कोई मोहताज नहीं होता।

3. सिंधु देह धर, त्राहि-त्राहि’
करता आ गिरा शरण में।
चरण पूज, दासता ग्रहण की,
बंधा मूढ़ बंधन में।

शब्दार्थ-देह=शरीर । त्राहि-त्राहि=बचाओ-बचाओ। | दासता=गुलामी। मूद्र=मूर्ख।

प्रसंग-पूर्ववत्

राम तीन दिनों तक समुद्र की पूजा कर उससे रास्ता देने के लिए आग्रह करते रहे। लेकिन समुद्र अनसुनी करता रहा। आखिरकार राम की सहनशीलता खत्म हो गई। वे क्रोधित हो उठे। जब क्रोध में आकर उन्होंने समुद्र को जला देने के लिए अपना धनुष उठाया, तब वही समुद्र ‘त्राहि-त्राहि’ करते हुए राम के चरणों में गिर |पड़ा। उसने सदा के लिए राम की दासता स्वीकार कर ली। इसलिए श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को समझाते हुए कहा |कि उसे भी अब सहनशीलता छोड़नी चाहिए और अपने शत्रु के सामने अपना असली रूप दिखाना चाहिए।

MP Board Class 6th Hindi Solutions

MP Board Class 6th Sanskrit Solutions Chapter 19 विज्ञानस्य आविष्काराः

MP Board Class 6th Sanskrit Solutions Surbhi Chapter 19 विज्ञानस्य आविष्काराः

MP Board Class 6th Sanskrit Chapter 19 अभ्यासः

Class 6 Sanskrit Chapter 19 MP Board प्रश्न 1.
एकपदेन उत्तरं लिखत (एक शब्द में उत्तर लिखो)
(क) वस्तूनि केन शीतलानि भवन्ति? (वस्तुएँ किससे ठंडी होती हैं?)
उत्तर:
हिमशीतकेन (फ्रीज से)

(ख) वायुयानं केन मार्गेण गच्छति? (वायुयान किस मार्ग से चलता है?)
उत्तर:
आकाशमार्गेण

(ग) कस्य यन्त्रस्य गतिः वायुयानात् दुततरा भवति? (किस यन्त्र की गति वायुयान की अपेक्षा तीव्र होती है?)
उत्तर:
राकेट यन्त्रस्य।

Class 6th Sanskrit Chapter 19 MP Board प्रश्न 2.
एकवाक्येन उत्तरं लिखत (एक वाक्य में उत्तर लिखो)
(क) रक्षाक्षेत्रे कस्य यन्त्रस्य महती भूमिका भवति? (रक्षा क्षेत्र में किस यन्त्र की महत्वपूर्ण भूमिका होती है?)
उत्तर:
रक्षाक्षेत्रे राडारयन्त्रस्य महती भूमिका अस्ति। (रक्षा क्षेत्र में राडार यन्त्र की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।)

(ख) आवश्यकता केषां जननी अस्ति? (आवश्यकता किसकी जननी है?)
उत्तर:
“आवश्यकता आविष्काराणां जननी अस्ति”। (आवश्यकता आविष्कारों की जननी है।)

Mp Board Class 6 Sanskrit Chapter 19 प्रश्न 3.
उचितशब्दैः रिक्तस्थानानि पूरयत (उचित शब्दों से रिक्त स्थानों को पूरा करो)
(क) नाटकदर्शनं ……….. भवति। (दूरदर्शनस्य/दूरदर्शनेन)
(ख) शिक्षाक्षेत्रे ……….. महती भूमिका अस्ति। (सङ्गणकयन्त्रस्य/सङ्गणकयन्त्राय)
(ग) वार्तालापः ………. भवति। (दूरभाषयन्त्रेण/दूरभाषयन्त्रस्य)
उत्तर:
(क) दूरदर्शनेन
(ख) सङ्गगणकयन्त्रस्य
(ग) दूरभाषयन्त्रेण।

Sanskrit Class 6 Chapter 19 MP Board प्रश्न 4.
उचितं मेलयत (उचित को मिलाइए)
Sanskrit Class 6 Chapter 19 MP Board
उत्तर:
(क) → 3
(ख) → 1
(ग) → 5
(घ) → 2
(ङ) → 4

प्रश्न 5.
बहुवचनं लिखत (बहुवचन लिखो)
(क) अस्
(ख) भू(भव्)
(ग) गम् (गच्छ)
उत्तर:
Mp Board Class 6 Sanskrit Chapter 19

योग्यताविस्तारः

1. स्वशिक्षकस्य सहाय्येन पञ्चवैज्ञानिकानां नामानि तेषाम् आविष्काराणां नामानि च लिखत। (अपने शिक्षक की सहायता से पाँच वैज्ञानिकों के नाम और उनके आविष्कारों के नाम लिखो)
उत्तर:
पाँच वैज्ञानिकों के नाम तथा उनके आविष्कार

  1. गैलीलियो – टेलिस्कोप
  2. न्यूटन – गुरुत्वाकर्षण
  3. सी. वी. रमन – रमन इफैक्ट
  4. जगदीश चन्द्र बोस – कृषकोग्राफ
  5. मैडम क्यूरी – रेडियम

2. गृहे उपलभ्यानां वस्तूनां नामानि लिखत। (घर में उपलब्ध वस्तुओं के नाम लिखो)
उत्तर:
मम नाम राजीवः।
मेरा नाम राजीव है।
(क) मम गृहे संगणक यंत्रम् अस्ति।
मेरे घर में कम्प्यू टर है।
(ख) मम गृहे दूरभाषयन्त्रम् अस्ति।
मेरे घर में टेलीफोन है।
(ग) मम गृहे आकाशवाणीयंत्रम् अस्ति।
मेरे घर में रेडियो है।
(घ) मम गृहे हिमशीतकम् अस्ति।
मेरे घर में फ्रीज है।
(ङ) मम गृहे स्कूटरयानम् अस्ति।
मेरे घर में स्कूटर है।
(च) मम गृहे विद्युतव्यजनानि सन्ति।
मेरे घर में विद्युत पंखे हैं।
(छ) मम गृहे वस्त्रप्रच्छालन यंत्रम् अस्ति।
मेरे घर में वस्त्र धोने की मशीन है।
(ज) मम गृहे जल-उत्थापनयंत्रम् अस्ति।
मेरे घर में पानी लिफ्ट करने की मशीन है।
(झ) मम गृहे टंकणयंत्रम् अस्ति।
मेरे घर में टाइप करने की मशीन है।
(ञ) मम गृहे कारयानम् अस्ति।
मेरे घर में ‘कार’ गाड़ी है।

विज्ञानस्य आविष्काराः हिन्दी अनुवाद

आधुनिक युगं विज्ञानस्य आविष्काराणां युगम् अस्ति। अस्माकंगृहे अपि विज्ञानेन निर्मितानि बहूनि यन्त्राणि भवन्ति। यथा एतत् हिमशीतकम्। अस्मिन् स्थापितानि वस्तूनि शीतलानि भवन्ति। अधुना गृहे-गृहे अस्य उपयोगः भवति। ग्रीष्मकाले अस्य उपयोगः अधिकः भवति।

अनुवाद :
आधुनिक युग विज्ञान के आविष्कारों का युग है। हमारे घर में भी विज्ञान के द्वारा निर्मित बहुत से यन्त्र होते हैं। जैसे-
यह ‘हिमशीतकम्’ (रेफ्रिजरेटर) है। इसमें रखी हुई वस्तुएँ ठंडी हो जाती हैं। आज घर-घर में इसका उपयोग होता है। ग्रीष्मकाल में इसका उपयोग बहुत अधिक होता है। एतत् आकाशवाणीयन्त्रम् अस्ति। अनेन यन्त्रेण वयं समाचारान्, भाषणानि, गीतानि च शृणुमः। अनके शैक्षिकाः कार्यक्रमाः अनेनैव प्रसारिताः भवन्ति।

अनुवाद :
यह आकाशवाणी यन्त्र (रेडियो) है। इस यन्त्र से हम समाचारों को, भाषणों को तथा गीतों को सुनते हैं। अनेक शैक्षिक कार्यक्रम (शिक्षा सम्बन्धी कार्यक्रम) इससे ही प्रसारित होते हैं।

एतत् दूरदर्शनम् अस्ति। एतत् अत्याधुनिकं दृश्य-श्रव्यं साधनम् अस्ति।-
दूरदर्शनेन वयं गीतानि, नाटकानि, समाचारान् इत्यादीन् शृणुमः पश्यामः च। एतत् दूरवाणीयन्त्रम् अस्ति। अनेन यन्त्रेण जनाः दूरस्थैः जनैः सह वार्तालापं कुर्वन्ति।

अनुवाद :
यह दूरदर्शन है। यह अत्याधुनिक दृश्य-श्रव्य साधन है। दूरदर्शन से हम गीतों, नाटकों, समाचारों इत्यादि को सुनते हैं, और देखते हैं। यह दूरवाणी यन्त्र (टेलीफोन) है। इस यन्त्र से लोग दूर स्थानों पर स्थित लोगों के साथ वार्तालाप करते हैं।

एतत् चलवाणी यन्त्रम् अस्ति। अनेन यन्त्रेण जनाः यात्रायां सर्वत्र वा अन्यैः जनैः सह वार्तालापं कुर्वन्ति।

एतत् सङ्गणकयन्त्रम् अस्ति। अनेन सर्वेषु क्षेत्रेषु क्रा. न्तिकारिपरिवर्तनं जातम्। इदानीं शिक्षाक्षेत्रे अपि अस्य महती भूमिका अस्ति।

अनुवाद :
यह चलवाणी यन्त्र है। इस यन्त्र से (Mobile से) लोग यात्रा में सभी जगह अथवा अन्य लोगों के साथ वार्तालाप करते हैं।

यह संगणकयन्त्र है (कम्प्यूटर है)। इससे सभी क्षेत्रों में क्रान्तिकारी परिवर्तन हो गया है। अब शिक्षा के क्षेत्र में भी इसकी बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका है।

एतत् वायुयानम् अस्ति। एतद दुतगत्या आकाशे उड्डयति। अनेन जनाः आकाशमार्गेण दूरस्थानं विदेशं वा गच्छन्ति।

एतत् रॉकेटयन्त्रम् अस्ति। अस्य गतिः वायुयानात् अपि द्रुततरा भवति।

एतत् राडारयन्त्रम् अस्ति। एतत् यन्त्रं वायुयानस्य नियन्त्रणं करोति। रक्षाक्षेत्रे अस्य यन्त्रस्य महती भूमिका भवति।

अनुवाद :
यह वायुयान है। यह तेजगति से आकाश में उड़ता है। इससे लोग आकाशमार्ग से दूर स्थान को अथवा विदेश को जाते हैं।

यह रॉकेट यन्त्र है। इसकी गति वायुयान से अधिक होती है। यह राडार यन्त्र है। यह यन्त्र वायुयान का नियन्त्रण करता है। रक्षा के क्षेत्र में इस यन्त्र की बड़ी भूमिका होती है।

एतत् उपग्रह-यन्त्रम् अस्ति। मानव-निर्मितेन अनेन यन्त्रेण सूचना सञ्चारज्ञानं, रक्षाक्षेत्रज्ञानं, भौगोलिकज्ञानं, पर्यावरणज्ञानं च भवति। . सम्प्रति भारतदेश: अणुशक्तिसम्पन्नः देशः अस्ति। राष्ट्रस्य सुरक्षायाम् अणुशक्तेः महत्ता अस्ति।
उक्तं च-
“आवश्यकता आविष्काराणां जननी अस्ति।”

अनुवाद :
यह उपग्रह यन्त्र है। मनुष्य द्वारा बनाये गये इस यन्त्र से सूचना, सञ्चार ज्ञान, रक्षा क्षेत्र ज्ञान, भौगोलिक ज्ञान और पर्यावरण का ज्ञान होता है। अब, भारत देश अणुशक्ति सम्पन्न देश है। राष्ट्र की सुरक्षा में अणु शक्ति का (अति) महत्व है। और कहा भी गया है-
“आवश्यकता आविष्कारों की जननी है।”

विज्ञानस्य आविष्काराः शब्दार्थाः

यन्त्रम् = यन्त्र, मशीन, उपकरण, हिमशीतकम् = फ्रीज। सम्प्रति = आजकल। उड्डयति = उड़ता है। महती = महत्वपूर्ण। द्रुततरा = अधिक तेज। सुरक्षायाम् = सुरक्षा में। चलवाणी = मोबाइल। सङ्गणकयन्त्रम् = कम्प्यूटर।

MP Board Class 6th Sanskrit Solutions

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 18 शंकराचार्य मध्यप्रदेश में

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 18 शंकराचार्य मध्यप्रदेश में

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 18 प्रश्न-अभ्यास

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

Sugam Bharti Class 6 MP Board प्रश्न 1.
(क) सही जोड़ी बनाइए
1. उज्जयिनी – (क) कुमारिल भट्ट
2. काशी – (ख) नर्मदा का उद्गम
3. अमरकंटक – (ग) शंकराचार्य का जन्मस्थल
4. कालड़ी – (घ) कापालिकों का केन्द्र
उत्तर
1. (घ), 2. (क), 3. (ख), 4. (ग)

Class 6 Chapter 18 Hindi MP Board प्रश्न (ख)
दिए गए शब्दों में से उपयुक्त शब्द चुन कर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. शंकराचार्य की शिक्षा-दीक्षा…….में हुई थी। (महिष्मती/ओंकारेश्वर)
2. गुरु की खोज में वह……..चल पड़े। (उत्तर से दक्षिण की ओर/दक्षिण से उत्तर की ओर)
3. उन्होंने शंकर को…….से शस्त्रार्थ करने की सलाह दी। (मंडन मिश्र/कापालिक)
4. मध्यप्रदेश को यह गौरव प्राप्त है कि उसके पुत्र को…….भारतीय एकता का विस्तार करने का अवसर प्राप्त हुआ। (दक्षिण में/उत्तर में)
उत्तर
1. ओंकारेश्वर
2. दक्षिण से उत्तर की ओर
3. मंडन मिश्र
4. दक्षिण में

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 18 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

Mp Board Solution Class 6 Hindi  प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में दीजिए

(क) सान्दीपनी आश्रम क्यों प्रसिद्ध है?
उत्तर
सान्दीपनी आश्रम में ही कृष्ण-सुदामा ने शिक्षा प्राप्त की थी, इसलिए यह प्रसिद्ध है।

(ख) नर्मदा का उद्गम स्थल कहाँ है?
उत्तर
अमरकंटक नर्मदा का उद्गम स्थल है।

(ग) कुमारिल भट्ट की प्रसिद्धि का क्या कारण था?
उत्तर
कुमारिल भट्ट मीमांसा दर्शन के प्रकाण्ड विद्वान थे।

(घ) शंकराचार्य का मंडन मिश्र से शास्त्रार्थ कहाँ हुआ था?
उत्तर
शंकरा वार्य का मंडन मिश्र से शास्त्रार्थ माहिष्मती में हुआ था।

(ङ) कापालिकों का मुख्य केंद्र कहाँ था?
उत्तर
कापालिकों का मुख्य केंद्र उज्जयिनी था।

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 18 लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 6 Hindi Chapter 18 Question Answer MP Board प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन-से-पाँच वाक्यों में दीजिए

(क) शंकराचार्य ने किन चार पीठों की स्थापना की?
उत्तर
शंकराचार्य एक महान संगठन-कर्ता थे। उन्होंने उत्तर में बद्रीनाथ धाम, दक्षिण में रामेश्वरम् पूर्व में जगन्नाथपुरी और पश्चिम में द्वारिका पीठ की स्थापना की। इस तरह उन्होंने भारत को एक सूत्र में बांधा।

(ख) ‘शंकर बाल्यकाल से ही विलक्षण प्रतिभा के धनी थे।’ इस संबंध में शंकर की तीन विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर
शंकर एक वर्ष की उम्र में ही बोलने लगे थे। तीव्र स्मरण शक्ति के कारण तीन वर्ष की उम्र में वे सुनी हुई बात को अक्षरशः दुहरा देते थे। पाँच वर्ष की आयु में वे गुरुकुल गए और सात वर्ष में ही उन्होंने शास्त्रों में प्रवीणता प्राप्त कर ली।

(ग) ‘नर्मदाष्टक’ की रचना शंकराचार्य ने कब की? उस घटना का उल्लेख करें।
उत्तर
ओंकारेश्वर वास के दौरान नर्मदा में भीषण बाढ़ आई। अनेक गाँव बह गए। लोगों के कष्टों को देखकर शंकराचार्य ने ‘नर्मदाष्टक’ की रचना की और अपनी यौगिक शक्ति से नर्मदा के जल को कमंडल में भर लिया।

(घ) ‘गुरु गोविंदपाद ने प्रसन्न होकर शंकर को क्या आदेश दिया?
उत्तर
‘गुरु गोविंदपाद ने प्रसन्न होकर शंकर को भारत भ्रमण करने और लोक को सही दिशा देने का आदेश दिया। उन्होंने शंकर को वैदिक धर्म के पुनरुत्थान के लिए प्रयत्न करने की आज्ञा दी। शास्त्रों में पारंगत शंकर से उन्होंने काशी जाकर शास्त्रार्थ करने के लिए कहा।

(ङ) शंकर ने माता से सन्यास की आज्ञा किस प्रकार प्राप्त की?
उत्तर
एक दिन शंकर माता के साथ नदी पर स्नान के लिए गए। वहाँ एक मगरमच्छ ने उनके पैर पकड़ लिए। माता आर्याम्बा यह देखकर विचलित हो गईं। संस्कारवश अकस्मात ही शंकर ने उनसे सन्यास की अनुमति माँगी, उन्होंने यह कहा कि शायद इसी से उनका जीवन बच जाए। पुत्र की रक्षा के लिए माता ने अनचाहे ही अनुमति दे दी।

भाषा की बात

Class 6 Hindi Chapter 18 MP Board प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों के शुद्ध उच्चारण कीजिए
प्रस्थानत्रय, त्राहि-त्राहि, प्रकांड, ओंकारेश्वर, केन्द्र, दृश्य।
उत्तर
छात्र स्वयं करें। प्रश्न

5. निम्नलिखित शब्दों की शुद्ध वर्तनी लिखिए
सिरोधार्य, पुर्नजागरन, भारतिय, अचल
उत्तर
शिरोधार्य, पुनर्जागरण, भारतीय, अंचल

Class 6th Hindi Chapter 18 MP Board प्रश्न 6.
उदाहरण के अनुसार निम्नलिखित शब्दों की संधि कीजिए
शंकर+आचार्य, देह+अन्त, शास्त्र+अर्थ, सर्व+अधिक, दिक्+विजय, पुनः + जागरण, महा+ईश्वर
उत्तर
शंकर आचार्य = शंकराचार्य
देह+अन्त = देहान्त शास्त्र
अर्थ = शास्त्रार्थ
सर्व+अधिक = सर्वाधिक
दिक्+विजय = दिगविजय
पुनः+जागरण = पुनर्जागरण
महा+ईश्वर = महेश्वर प्रश्न

7. उदाहरण के अनुसार ‘त्व’ प्रत्यय लगाकर शब्द बनाइए
उत्तर
Class 6th Hindi Mp Board

Chapter 18 Hindi Class 6 MP Board प्रश्न 8.
निम्नलिखित गयांशों को पढ़िए तथा संयुक्त क्रियाओं को छाँटकर लिखिए
“अपनी माता से आज्ञा लेकर बालक शंकर ने घर छोड़ दिया और गुरु की तलाश में निकल पड़े। वह उत्तर भारत की ओर चल पड़े। यात्रा में उन्हें अनेक आश्रम मिले। वातापि आश्रम से निकल कर उन्होंने गोदावरी पार की और दंडकारण्य में प्रवेश किया।”
उत्तर
छोड़ दिया, निकल पड़े, चल पड़े, पार की, प्रवेश किया।

शंकराचार्य मध्यप्रदेश में प्रसंग सहित व्याख्या

1. गुरु को यह ……………………. काशी जाओ।”
शब्दार्च-महारत = प्रवीणता । विचरण=भ्रमण । प्रयास = कोशिश। समरसता = समानता का भाव। विलासिता = भौतिक सुख । पुनरुत्थान=फिर से उन्नति करना । प्रयत्न = कोशिश । पारंगत= दक्ष, प्रवीण । शास्त्रार्थ=शास्त्रों के ज्ञान के आधार पर वाद-विवाद।

प्रसंग-प्रस्तुर रक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक सुगम भारती-6 में संकलित जीवनी ‘शंकराचार्य-मध्यप्रदेश में’ से उद्धृत है। इनमें गुरु द्वारा शंकराचार्य को उनका कर्तव्य बताया गया है।

व्याख्या-शंकर की शिक्षा पूर्ण हो चुकी थी और उन्होंने योग में भी महारत हासिल कर ली थी। गुरु उनसेप्रसन्न थे। वे उनसे कहते हैं कि बादल एक जगह नहीं रहते। वे घूम-घूमकर संसार में वनस्पतियों पर बरसते हैं और पूरी धरती को हरा-भरा कर देते हैं। वैसे ही तुम भी घूम-घूम कर लोक कल्याण के लिए कार्य करो। भारत में घूम-घूमकर महान धर्म कार्य करो। सामाजिक कुरीतियों को दूर कर समरसता का भाव जगाओ। परंत उससे पहले काशी जाकर शास्त्रार्थ करने की आज्ञा गुरु शंकराचार्य । को देते हैं।

विशेष

  • उस काल की सामाजिक एवं धार्मिक स्थिति दर्शायी गयी है।
  • एक विद्वान के क्या कर्त्तव्य होने चाहिए, यह बताया गया है।

2. आचार्य शंकर महान् संगठन-कर्ता भी थे। उन्होंने भटक से कटक तथा कन्याकुमारी से कश्मीर तक की पैदल यात्रा की। उन्होंने चार पीठों की स्थापना की थी। ये चारों पीठ क्रमशः उत्तर में बद्रीनाथ धाम, दक्षिण में रामेश्वरम्, पूर्व में जगन्नाथ पुरी और पश्चिम में द्वारिका के नाम से विख्यात है। इस तरह उन्होंने पोखरों में बंटे हुए देश को सागर का आभास कराया, और देश को एक सूत्र में बांधा।

शब्दार्व-विख्यात=प्रसिद्ध । पोखर=छोटे-छोटे जलाशय। सूत्र=धागा।

प्रसंग-पूर्ववत्

व्याख्या-शंकराचार्य में संगठन करने की विशेषता थी। उन्होंने संपूर्ण भारत का पैदल भ्रमण किया। पूरब, पश्चिम, उत्तर तथा दक्षिण में चार पीठों की स्थापना कर उन्होंने पूरे भारत को एक दूसरे से जोड़ दिया। आज भी उत्तर भारतीय तीर्थयात्री की यात्रा दक्षिण स्थित रामेश्वरम् के दर्शन के बिना संपन्न नहीं होती और वैसे ही दक्षिण से उत्तर स्थित बद्रीनाथ की यात्रा पर लोग आया करते हैं। पूरबवासी द्वारिका की यात्रा पर पश्चिम जाते हैं और पश्चिमवासी जगन्नाथपुरी के दर्शनों हेतु पूरब आते हैं। इस प्रकार शंकराचार्य ने अपने प्रयासों से छोटे-छोटे जलाशयों में बंट चुकी भारतीय संस्कृति को सागर होने का आभास कराया और पूरे देश को आपस में बाँध दिया।

विशेष

  • शंकराचार्य की संगठन शक्ति एवं दूरदृष्टि का परिचय मिलता है।
  • राष्ट्र-निर्माण में उनकी भूमिका का पता चलता है।

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MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 5 मदनमोहन मालवीय

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 5 मदनमोहन मालवीय

 MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 5 प्रश्न-अभ्यास

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

Mp Board Class 6 Hindi Chapter 5 प्रश्न 1.
(क) सही जोड़ी बनाइए
1. महामना – (क) गोरखुपर
2. हिन्दू – (ख) आंदोलन
3. असहयोग – (ग) मदनमोहन मालवीय
4. चौरी चौरा – (घ) विश्वविद्यालय
उत्तर
1. (ग), 2. (घ), 3. (ख), 4. (क)

Mp Board Solution Class 6 Hindi प्रश्न (ख)
दिए गए शब्दों में से उपयुक्त शब्द चुनकर रिक्त स्थानो की पूर्ति करें
1. कालाकांकर नरेश ने मालवीय जी को वकालत पढ़ने के लिए…..किया। (मजबूर उत्साहित)
2. चौरीचौरा नामक स्थान में……..घटना घटी। (सनसनीपूर्ण/उत्तेजक)
3. ……पाने का समय आता तो वे दूसरों को सामने कर देते। (कीर्ति/अपकीति)
4. विधि की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने……में वकालत शुरू कर दी। (सुप्रीमकोर्ट/हाईकोट)
उत्तर
1. मजबूर
2. सनसनीपूर्ण
3. कीर्ति
4. हाईकोर्ट।

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 5 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

Mp Board Class 5 Hindi Solution प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में दीजिए

(क) मदनमोहन मालवीय जी के नाम का लोग कौन-सा सुंदर अर्थ करते थे?
उत्तर
वह मद न मोह न मालवीय है। अर्थात् ऐसा |व्यक्ति जिसमें मद व मोह नहीं है।

(ख) वकालत के क्षेत्र में मालवीय जी को सबसे बड़ी सफलता कब मिली?
उत्तर
जब उन्होंने चौरी-चौरा कार के अभियुक्तों को फांसी से बचा लिया।

(ग) मालवीय जी ने किन समाचार पत्रों का संपादन किया था?
उत्तर
लीडर और हिंदुस्तान का।

(घ) मदनमोहन मालवीय जी ने अपने जीवन में कौन-सा सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कार्य किया?
उत्तर
उन्होंने अपने जीवन में समाजसेवा का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कार्य किया।

(ङ) मालवीय जी के निःस्वार्थ जीवन की कहानी हमें क्या शिक्षा देती है?
उत्तर
मालवीय जी के निःस्वार्थ जीवन की कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि हम भी उनकी तरह बनने की कोशिश करें।

 MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 5 लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 6 Hindi Chapter 5 Pdf Question Answer MP Board प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन-से-पाँच वाक्यो में दीजिए

(क) मदनमोहन अपने को भारत का भिखारी क्यों मानते थे?
उत्तर
मदनमोहन मालवीय ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना की। इस काम के लिए उन्हें पैसे की जरूरत थी। पैसे इकट्ठा करने के लिए वह झोली लेकर देश के कोने-कोने में घूमे। उनमें एक ऐसी विशेषता थी कि जिसके द्वार पर वह पहुँचते थे, वहाँ से खाली हाथ न लौटते थे। मालवीय अपने को भारत का भिखारी मानते थे।

(ख) ‘मालवीय जी की वाणी बहती गंगा के समान थी।’ समझाइए।
उत्तर
मालवीय जी एक सच्चे देशभक्त थे। उनकी बोली में एक अजीब तरह की मिठास थी। जब वह भाषण देने लगते थे तो लोग मंत्रमुग्ध हो जाते थे। उनकी वाणी से लोगों को प्रेरणा मिलती थी। जो भी उनके संपर्क में आता उनसे प्रभावित हुए बिना नहीं रहता। इस कारण उनकी वाणी की तुलना बहती गंगा से की गई है।।

(ग) चौरी चौरा कांड में मालवीय जी की क्या भूमिका यी?
उत्तर
मालवीय जी वकालत के क्षेत्र में काफी ख्याति अर्जित की। अपनी वकालत के बल-पर उन्होंने चौरी चौरा कांड के अभियुक्तों को फांसी से बचा लिया। फरवरी 1922 में गोरखपुर जिले से चौरी-चौरा नाम के स्थान में एक सनसनी पूर्ण घटना घटी जिसमें जनता ने पलिस थाना को जला दिया। मुकदमा चलने पर रोशन जज ने 151 लोगों को फांसी की सजा दे दी। जब मामला हाईकोर्ट में गया तो पैरबी के लिए मालवीय जी को बुलाया गया। मालवीय जी इतनी अच्छी बहस की कि सभी अभियुक्त साफ बच गए।

(घ) मालवीय जी ने हिंदी की उन्नति के लिए क्या किया?
उत्तर
मालवीय जी ने अपने स्तर पर हिंदी को काफी ऊपर उठाया। एक समय था जब अदालतों में हिंदी में अर्जी देना एक कठिन काम था। मालवीय जी ने जी तोड़-कोशिश करके अदालतों में हिंदी का प्रचार करवाया। जहाँ तब संभव होता वह हिंदी में ही भाषण देते। कई बार अंग्रेजी पढ़े-लिखे लोगों के बीच में और विश्वविद्यालय की सभाओं में भी वे हिंदी में बोलते थे।

(ङ) काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना मालवीय जी ने किन उद्येश्यों के लिए की थी?
उत्तर
मालवीय जी ने देश के नवयुवकों के चरित्र निर्माण पर विशेष बल दिया। उनको उचित शिक्षा मिले, इसके लिए उन्होंने हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना की। इस विश्वविद्यालय में पढ़कर वे शुद्ध, सात्विक, तेजस्वी और वीर पुरुष बनेंगे।

भाषा की बात

Class 6th Hindi Sugam Bharti MP Board प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों का शुद्ध उच्चारण करें
नररत्न, विविद्यालय, स्थापना, व्यक्तित्व, सनसनी, महर्षि मंत्रमुग्ध, प्रेरणा।
उत्तर
छात्र स्वयं करें।

Mp Board Class 5th Hindi Sugam Bharti Solution प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों की वर्तनी शुद्ध कीजिए
द्रष्टि, खयाति, कीर्ती, उननति, अनूरोध
उत्तर
दृष्टि, ख्याति, कीर्ति, उन्नति, अनुरोध

Sugam Bharti Class 6 MP Board प्रश्न 6.
नीचे लिखे वाक्यों में से सर्वनाम छांटकर उनके भेद लिखिए
उत्तर
Sugam Bharti Class 5 Hindi Solutions Pdf MP Board
मदनमोहन मालवीय प्रसंग सहित व्याख्या

1. कालाकांकर नरेश …………………. बचा लिया।

शब्दार्य – स्नेह = प्रेम । अनुरोध = विनती, प्रार्थना। अभियुक्त = दोषी। सनसनीपूर्ण = रोमाँचक।
विधि = वकालत।

प्रसंग-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य पुस्तक सुगम भारती-6 में संकलित लेख ‘मदनमोहन मालवीय’ से ली गई हैं। इसके लेखक हैं-जगदीश गोयल । मदनमोहन मालवीय की प्रशंसा करते हुए लेखक कहता है कि

व्याख्या-वे एक बहुत बड़े देशभक्त थे। उनका स्वभाव भी बहुत सरल और सीधा था। शायद यही कारण था कि कालाकांकर, नरेश राजा रामपाल सिंह को उनसे विशेष प्रेम तथा लगाव था। मदनमोहन मालवीय वकालत की पढ़ाई नहीं करना चाहते थे। लेकिन राजा रामपाल सिंह के अनुरोध पर उन्होंने विधि की पढ़ाई की। राजा रामपाल सिंह पढ़ाई के लिए बराबर दो सौ रुपया देते रहने का वायादा किया। विधि की पढ़ाई के बाद उन्होंने हाईकोर्ट में वकालत शुरू कर दी। वकालत के क्षेत्र में बहुत जल्दी उन्होंने अपनी प्रसिद्धि स्थापित कर दी। वह बहुत अच्छी बहस कर लेते थे।

तभी तो चौरी चौरा कांड के अभियुक्तों को फांसी से बचा लिया। फारवरी 1922 में गोरखपर जिले के चौरी चौरा नामक स्थान पर एक सनसनीखेज घटना घटी जिसमें उग्र जनता ने पुलिस थाना को जता दिया। इस कांड में 151 लोगों को अभियुक्त ठहराया गया। केस चलने पर सेशन जज ने इन सभी को फांसी की सजा दे दी। लेकिन जैसे ही यह मामला होई कोर्ट में गया और पैरवी के लिए मालवीय जी को बुलाया गया, सबकुछ बदल गया। मालवीय जी ने इतनी अच्छी बहस की कि सभी अभियुक्त बेदाग निर्दोष साबित कर दिए गए। मालवीय की यह बहुत बड़ी सफलता थी। वह बहस करने में कितने माहिर थे, यह भी स्पष्ट हो जाता है।

विशेष

  • भाषा सरल और सहज है।
  • मालवीय जी के देश प्रेम को उजागर किया गया है।

2. मदनमोहन मालवीय ………………. करते थे।

शब्दार्थ-मंत्रमुग्ध = मोहित हो जाना। निर्मल =स्वच्छ, साफ। खूबी =विशेषता। कीर्ति =यश । ख्याति=प्रसिद्धि ।

प्रसंग-पूर्ववत्

व्याख्या-मदनमोहन मालवीय एक उच्चकोटि के देशभक्त थे। उनका देशप्रेम अद्वितीय था। त्याग की भावना उनमें कूट-कूटकर भरी थी। उनकी बोली में भी मिठास थी, वह असाधारण थी। वह बहुतों के लिए प्रेरणा के स्रोत थे। उनमें भाषण देने की कला भी थी। एक अच्छा वक्ता होने के नाते जब वे बोलने लगते थे, तो सभी लोग मंत्रमुग्ध हो जाते थे। वह बाहर से जैसे साफ-सुथरा और निर्मल थे, वैसे ही अंदर से भी। उनके अंदर किसी के प्रति कोई द्वेष न था। मेहनत करने में कभी पीछे नहीं हटते थे। किंतु जब यश लूटने का समय आता था तब दूसरों को आगे कर देते थे। यह उनकी सबसे बड़ी विशेषता थी। यह ऐसी विशेषता थी जो बहुत कम लोगों में होती है। इस प्रकार मदनमोहन मालवीय एक श्रेष्ठ इंसान तो थे ही, एक बहुत बड़े देशभक्त भी थे, जिनके लिए देशसेवा सबसे बड़ा धर्म था।

विशेष

  • बहुत ही सहज भाषा का प्रयोग कर मदनमोहन मालवीय के उत्कृष्ट गुणों को उद्धृत किया गया है।
  • शैली बोधगम्य है।

विशेष

  • मदनमोहन मालवीय ने सच्चरित्रता पर विशेष बल दिया है। अगर आज के संदर्भ में इसकी महत्ता का आकलन करें तो यह ज्यादा प्रासंगिक है।
  • लेख की भाषा सहज और बोधगम्य है।

MP Board Class 6th Hindi Solutions

MP Board Class 6th General English Solutions Chapter 6 The Test

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MP Board Class 6th General English Solutions Chapter 6 The Test

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The Test Textual Exercise

Read and Learn
(पढ़ो और याद करो)

Some nouns have irregular plurals. Learn them.
(कुछ संज्ञाओ के बहुवचन अनियमित होते हैं। उन्हें याद करो)
English Reader Special Series Class 6 MP Board

Word Power
(शब्द सामर्थ्य)

1. Make sentences using these word
(इन शब्दों का प्रयोग करके वाक्य बनाओ)
Answer:
1. Ride. I know how to ride a bicycle.
2. Tree. There is a big peepal tree in my garden.
3. Arrow. He pointed an arrow towards his goal.
4. Target. One should fix his eyes upon the target.
5. Successful. Hard working men are always successful.

2. See the list of objects and match with the picture given
(दी गई वस्तुओं की सूची देखकर उनका चित्रों से मिलान करो)
Answer:
Student should do themselves.

Reading Comprehension
(बोध प्रश्न)

1. Choose the correct answer from the given options.
(दिये गये विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए।)

1. ……. is the eldest of Pandav Princes.
(a) Arjun
(b) Bhim
(c) Yudhisthir
(d) Nakul.

2. …… is the Kaurav prince.
(a) Yudhisthir
(b) Duryodhan
(c) Dronacharya
(d) Sahadev.

3. ……. was “the targat” in the test.
(a) The bird
(b) The tree
(c) The bird’s right eye
(d) The fruit.

4. ……. shot “the target” finally.
(a) Bhim
(b) Duryodhan
(c) Yudhisthir
(d) Arjun

5. ……. is the teacher of Pandav and Kaurav Princes.
(a) Bhim
(b) Nakul
(c) Dronacharya
(d) Duryodhan.

Answers:
1. (c) Yudhisthir
2. (b) Duryodhan
3. (c) The bird’s right eye
4. (d) Arjun
5. (c) Dronacharya.

2. Answer the following question
(निम्न प्रश्नों के उत्तर लिखें)

Lesson 6 The Test MP Board Question 1.
Who taught the princes?
(हू टॉट द प्रिंसिज?)
राजकुमारों को कौन शिक्षा देता था?
Answer:
Guru Dronacharya taught the princes.
(गुरु द्रोणाचार्य टॉट द प्रिंसिज)
राजकुमारों को गुरु द्रोणाचार्य शिक्षा देते थे।

Mp Board Class 6 English Solution Chapter 6 Question 2.
Who was the eldest Pandav Prince?
(हू वॉज़ द एल्डेस्ट पाण्डव प्रिंस?)
पाण्डव राजकुमारों में सबसे बड़ा कौन था?
Answer:
Yudhisthir was the eldest Pandav Prince.
(युधिष्ठिर वॉज़ द एलडेस्ट पांडव प्रिंस।)
युधिष्ठिर पाण्डवों में सबसे बड़ा था।

The Test Lesson 6 MP Board Question 3.
What different skills did Guru Dron teach the princes?
(व्हॉट डिफ्रेण्ट स्किल्स डिड गुरु द्रोण टीच द प्रिंसिज़?)
गुरु द्रोण ने राजकुमारों को कौन-कौन सी विभिन्न विद्याएँ सिखायीं?
Answer:
Guru Dron taught to use different arms, to ride horses and to fight the enemy well.
(गुरु द्रोण टॉट टू यूज़ डिफ्रेण्ड आर्मस, टू राइड हॉर्सेज़ एण्ड टू फाइट द एनीमी वेल।)
गुरु द्रोण ने विभिन्न शस्त्र चलाना, घुड़सवारी करना और शत्रु से युद्ध करना सिखाया।

English Reader Special Series Class 6 MP Board Question 4.
What was the test?
(व्हॉट वॉज़ द टेस्ट?)
परीक्षा क्या थी?
Answer:
The test was to shoot the right eye of the bird sitting on the tree.
(द टैस्ट वॉज़ टू शूट द राइट आइ ऑफ द बर्ड सिटिंग ऑन द ट्री।)
पेड़ पर बैठी चिड़िया की दाहिनी आँख में तीर मारना ही परीक्षा थी।

Question 5.
Why was he satisfied with Arjun’s answer?
(व्हाय वॉज़ ही सैटिस्फाइड विद अर्जुन्स आन्सर?)
वे अर्जुन के उत्तर से सन्तुष्ट क्यों थे ?
Answer:
He was satisfied with Arjun’s answer because only he could concentrate on the target.
(ही वॉज़ सैटिस्फाइड विद अर्जुन्स आन्सर बिकॉज़ ओनली ही कुड कन्सण्ट्रेट ऑन द टारगेट)
वे अर्जुन के उत्तर से सन्तुष्ट थे क्योंकि केवल अर्जुन ही लक्ष्य पर एकाग्र हो पाया था।

Question 6.
What do we need to do to be successful in life?
(व्हॉट डू वी नीड टू डू टू बी सक्सैसफुल इन लाइफ?)
हमें जीवन में सफल होने के लिए क्या करने की आवश्यकता है?
Answer:
We need to keep our eyes focused only on the goal. Then alone, we can be successful in life.
(वी नीड टू कीप आवर आइज़ फोकस्ड ओनली ऑन द गोल। दैन अलोन, वी कैन वी सक्सैसफुल इन लाइफ।)
हमें अपना ध्यान केवल लक्ष्य पर साधकर रखना चाहिए। तभी हम जीवन में सफल हो सकते हैं।

Grammar in Use
(व्याकरण प्रयोग)

1. Fill in the blanks
Changing nouns from singular to plural.
(रिक्त स्थान भरो : एकवचन संज्ञा से बहुवचन में बदलना)
Answer:
MP Board Class 6th General English Chapter 6 The Test 2

2. Match the correct forms :
(सही रूपों का मिलान करो)
Answer:
MP Board Class 6th General English Chapter 6 The Test 3

Let’s Talk
(आओ, बात करें)

Do yourself
(स्वयं करें)

Let’s Read
(आओ पढ़ें)

See the passage and Questions in the book.
(गद्यांश एवं प्रश्नों को पुस्तक से देखो।)
Answers:

  1. The poor man lived in a small village.
  2. He completed his graduation with the financial help of Village Panchayat.
  3. The farmer used improved varieties of seeds, biofertilizers and water saving irrigation techniques to grow more crops.
  4. Along with agricultural practices he also provides assistance and guidance to other farmers of the district.
  5. His success story presents an example to the educated youth for adopting farming as a profession.

Let’s Write
(आओ लिखें)

Write five sentences about Arjun, with the help of the clues given
(दिये गये संकेतो की सहायता से अर्जुन के बारे में पाँच वाक्य लिखो।)

(A Pandav prince, very good archer, elder to, younger than, son of.)
Answer:

  1. Arjun was a Pandav prince.
  2. He was a very good archer.
  3. He was the son of Pandu.
  4. He was elder to Nakul.
  5. He was younger than Bhim.

Let’s Do
(आओ करें)

Collect pictures of various indoor and outdoor games and paste them in a note book.
(विभिन्न घर के अन्दर व बाहर खेले जाने वाले खेलों के चित्र एकत्रित करो और उन्हें अपनी पुस्तिका पर चिपकाओ।)

(Take help of newspapers and sports magazines)
Hint : Students can collect the pictures of various indoor games such as chess, snakes and ladders, scrabbles etc. and outdoor games such as cricket, football, hockey etc. from the newspapers and sports magazines

The Test Difficult Word Meanings

Prince (प्रिंस)-राजकुमार, Enemy (ऐनिमी)-शत्रु, Bows and arrows (बोज़ एण्ड ऐरोज़)-धनुष-बाण, Use (यूज़)-प्रयोग, Different (डिफ्रेन्ट)-विभिन्न, Arms (आर्मस)-शस्त्र, Fight (फाइट)-लड़ना, Teach (टीच)-शिक्षा देना, Worry (वरी)-चिन्ता, Chance (चान्स)-मौका, Skills (स्किल्स)-क्षमताएँ, Shoot (शूट)-निशाना लगाना, Branches (ब्रान्चेज़)-शाखाएँ, Turn (टन)-बारी, Ready (रैडी)-तैयार, Try (ट्राइ)-प्रयास, Bird (बर्ड)-चिड़िया, Fruits (फ्रूट्स)-फल, Aiming (एमिंग)-निशाना साधते हुए, Pats (पैट्स)-पीठ थपथपाता है, Allowed (अलाउड)-आज्ञा दी, Concentrate (कन्सण्ट्रेट)-एकाग्रता, Target (टारगेट)-लक्ष्य, Focussed (फोकस्ड)-ध्यान लगाना, Goal (गोल)-लक्ष्य, Successful (सक्सैसफुल)-सफल।

The Test Summary, Pronunciation & Translation

Characters
(कैरेक्टर्स)

Dronacharya: The teacher of Panday and Kaurav princes. Yudhisthir, Bhim, Arjun, Nakul, Sahadev Pandav Princes. Duryodhan Kaurav Prince.
(द्रोणाचार्य: द टीचर ऑफ पांडव एण्ड कौरव प्रिंसेज़। युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल, सहदेव पांडव प्रिंसेज) दुर्योधन कौरव प्रिंस।)

अनुवाद-पात्र:
द्रोणाचार्य: पांडव व कौरव राजकुमारों के गुरु।
युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल, सहदेव पांडव राजकुमार।
दुर्योधन कौरव राजकुमार।

Place: “Guru Dron’s Ashram”
[In the ashram Guru Dron is talking to the princes. The princes are standing with their bows and arrows.]
प्लेस: “गुरु द्रोण’स आश्रम”
[इन दी आश्रम गुरु द्रोण इज़ टॉकिंग टु द प्रिंसेज। द प्रिसेज आर स्टैंडिंग विद देयर बोज एण्ड ऐरोज़]
Dronacharya: Boys, I’ve taught you how to use different arms, to ride a horse and to fight the enemy well. I am sure each one of you can fight the enemy well.
(द्रोणाचार्य: बॉयज, आइ इव टॉट यू हाउ टू यूज डिफरेन्ट ऑर्स, टु राइड अं हॉर्स एण्ड टु फाइट दी ऐनेमी वैल। आइ एम श्योर ईच वन ऑफ यू कैन फाइट द ऐनेमी वैल।)Now I want to know how much you have learnt.
(नाउ आइ वान्ट टु नो हाउ मच यू हैव लट।)

अनुवाद-स्थान-गुरु द्रोण का आश्रम।
(आश्रम में गुरु द्रोण राजकुमारों से बात कर रहे हैं। राजकुमार अपने तीर और कमान के साथ खड़े हुए हैं।)
द्रोणाचार्य: बच्चों, मैंने तुम्हें विभिन्न शस्त्रों का प्रयोग, घुड़सवारी और शत्रु से अच्छी प्रकार से लड़ना सिखाया है। मुझे विश्वास है तुममें से प्रत्येक शत्रु से अच्छी प्रकार से लड़ सकता है।
अब मैं जानना चाहता हूँ कि तुमने कितना सीखा है।

Nakul : Gurudev, won’t you teach us any more?
(नकुल : गुरुदेव, वुडन्ट यू टीच अस ऐनी मोर?)
नकुल : गुरुदेव, क्या आप हमें आगे कुछ नहीं सिखायेंगे?
Dron : Don’t worry my boys, I will. But today I want to give you a test.
(द्रोण : डॉन्ट वरी माइ बॉयज, आइ विल । बट टुडे आइ वान्ट टु गिव यू अ टैस्ट।)
Sahadev : What type of test will it be?
(सहदेव : व्हाट टाइप ऑफ टैस्ट विल इट वी?)
Guru Dron : A test of your skills.
(गुरु द्रोण : अ टैस्ट ऑफ योर स्किल्स।)
Bhim : What’s the test, Gurudev?
(भीम : व्हाट इज द टैस्ट, गुरुदेव?)
Guru Dron : Come here. Look at the tree (pointing to a tree). There is a bird in the tree, shoot it in the right eye. Are you ready?
(गुरु द्रोण : कम हीअर। लुक एट द ट्री
(पॉइन्टिंग टू अ ट्री) देयर इज़ अ बर्ड इन द ट्री, शूट इट इन द राइट आई। आर यू रेडी?)
Princes : Yes Gurudev, we are.
(प्रिन्सेस : येस गुरुदेव, वी आर।)
Guru Dron : Yudhisthir, you are the eldest, you have the first chance. Are you ready?
(गुरु द्रोण : युधिष्ठिर, यू आर द एल्डेस्ट, यू हैव द फर्स्ट चान्स। आर यू रैडी?)
Yudhisthir : Yes, Gurudev, I am.
(युधिष्ठिर: येस, गुरुदेव, आइ एम।)

अनुवाद:
द्रोण : मेरे बच्चों, चिन्ता मत करो, मैं सिखाँऊगा लेकिन आज मैं तुम्हारी एक परीक्षा लेना चाहता हूँ।
सहदेव : यह किस प्रकार की परीक्षा होगी? गुरु द्रोण : आपकी कुशलता की परीक्षा। भीम : गुरुदेव, क्या परीक्षा है?
गुरु द्रोण : यहाँ आओ। उस पेड़ की ओर देखो। (एक पेड़ की ओर इशारा करते हुए) उस पेड़ पर एक पक्षी है। उसकी दॉयी आँख पर निशान लगाओ। क्या तुम तैयार हो?
राजकुमार : हाँ गुरुदेव, हम तैयार हैं।
गुरु द्रोण : युधिष्ठिर तुम सबसे बड़े हो, तुम्हारी पहली बारी है। क्या तुम तैयार हो?
युधिष्ठिर : हाँ गुरुदेव, मैं तैयार हूँ।

Guru Dron : (Pointing to a bird on a tree) what do you see, Yudhisthir?
(गुरु द्रोण : (पॉइटिंग टू अ बर्ड ऑन अ ट्री) व्हाट डू यू सी, युधिष्ठिर?)
Yudhisthir : Gurudev, I see you, my brothers, the tree, its branches and the bird there.
(युधिष्ठिर : गुरुदेव, आइ सी यू, माइ ब्रादर्स, द ट्री, इट्स ब्रान्चेज एण्ड द बर्ड देअर।)
Guru Dron : Don’t shoot. Now Bhim, it’s your turn. Come and try.
(गुरु द्रोण : डोन्ट शूट। नाउ भीम, इट्स योर टर्न। कम एण्ड ट्राइ।)
Bhim : Yes Gurudev.
(भीम : येस, गुरुदेव।)
Guru Dron : What do you see Bhim?
(गुरु द्रोण : व्हाट डू यू सी भीम?)
Bhim : I see the tree, the blue sky behind it and the bird in the branches of the tree.
(भीम : आइ सी द ट्री, द ब्लू स्काइ विहाइंड इट एण्ड द बर्ड इन द ब्रान्चेज ऑफ द ट्री।)
Guru Dron : Don’t shoot. Duryodhan, it’s your turn now. Get ready and come with your bow and arrows.
(गुरु द्रोण : डोन्ट शूट। दुर्योधन, इट्स योर टर्न नाउ। गैट रैडी एण्ड कम विद योर बो एण्ड ऐरोज।)

अनुवाद:
गुरु द्रोण : (पेड़ पर एक पक्षी की ओर इशारा करते हुए) तुम क्या देखते हो, युधिष्ठिर?
युधिष्ठिर : गुरुदेव, मैं आपको, अपने भाइयों, पेड़, इसकी शाखाएँ और वहाँ पक्षी देखता हूँ।
गुरु द्रोण : निशाना मत लगाओ। अब भीम तुम्हारी बारी है, आओ और प्रयत्न करो।
भीम : हाँ, गुरुदेव। गुरु द्रोण : भीम, तुम क्या देखते हो?
भीम : मैं पेड़, उसके पीछे नीला आकाश और पेड़ की शाखाओं में बैठी चिड़िया देखता हूँ।
गुरु द्रोण : निशाना मत लगाओ। दुर्योधन, अब तुम्हारी बारी है। तैयार हो जाओ और अपने धनुष और बाण के साथ आओ।

Duryodhan : I am ready for the test, Gurudev.
(दुर्योधन : आइ एम रैडी फॉर द टैस्ट, गुरुदेव।)
Guru Dron : Tell me what you see.
(गुरु द्रोण : टैल मी व्हाट यू सी।)
Duryodhan : I see the tree, its branches, green leaves, yellow fruits and the bird.
(दुर्योधन : आइ सी द ट्री, इट्स ब्रांचेज, ग्रीन लीब्ज, येलो। फ्रूट्स एण्ड द बर्ड।)
Guru Dron : Stop, don’t shoot. Go back to your place.
(गुरु द्रोण : स्टॉप, डोन्ट शूट। गो बैक टू योर प्लेस।)
Arjun! Come here. Are you ready for the test?
( अर्जुन ! कम हीयर, आर यू रैडी फॉर द टैस्ट?)
Arjun : Yes, Gurudev.
(अर्जुन : येस, गुरुदेव।)
Guru Dron : What do you see?
(गुरु द्रोण : व्हाट डू यू सी?)
Arjun : I see the bird’s right eye (aiming at the bird).
(अर्जुन : आइ सी द बर्ड्स राइट आई (ऐमिंग ऐट द बर्ड)।)

अनुवाद:
दुर्योधन : मैं परीक्षा के लिए तैयार हूँ, गुरुदेव।
गुरु द्रोण : तुम मुझे बताओ तुम क्या देखते हो?
दुर्योधन : मैं पेड़, इसकी शाखाएँ, हरी पत्तियाँ, पीले फल और चिड़िया को देखता हूँ।
गुरु द्रोण : रुको, निशाना मत लगाओ। अपने स्थान पर वापिस चले जाओ।
अर्जुन! यहाँ आओ। क्या तुम परीक्षा के लिए तैयार हो?
अर्जुन : हाँ, गुरुदेव। गुरु द्रोण : तुम क्या देखते हो?
अर्जुन : मैं चिड़िया की दायीं आँख देखता हूँ।
(चिड़िया पर निशाना लगाते हुए।)

Guru Dron : What other things do you see?
(गुरु द्रोण : व्हाट अदर थिंग्स डू यू सी?)
Arjun : Gurudev, I see nothing else.
(अर्जुन : गुरुदेव, आइ सी नथिंग ऐल्स।)
Guru Dron : What tree is that?
(गुरु द्रोण : व्हाट ट्री इज़ दैट?)
Arjun : I can’t see. I can see the bird’s eye only,
(अर्जुन : आइ कान्ट सी। आइ कैन सी द बर्ड्स आई ओन्ली।)
Guru Dron : Very good, Now shoot.
(गुरु द्रोण : वैरी गुड, नाउ शूट।)

अनुवाद:
गुरु द्रोण : तुम अन्य क्या वस्तुएँ देखते हो?
अर्जुन : गुरुदेव, मुझे इसके अतिरिक्त कुछ नहीं दिखाई देता है।
गुरु द्रोण : वह कौन सा पेड़ है?
अर्जुन : मैं नहीं देख पाता हूँ। मैं केवल चिड़िया की आँख देख सकता हूँ।
गुरु द्रोण : बहुत अच्छा। अब निशाना लगाओ।

(Arjun shoots the bird in its right eye. Dron pats his back and other princes clap)
(अर्जुन शूट्स द बर्ड इन इट्स राइट आई। द्रोण पैट्स हिज़ बैक एण्ड अदर प्रिन्सेस क्लैप।)
Guru Dron : Now boys, do you understand why
(गुरु द्रोण : नाउ बॉयज, डू यू अन्डरस्टैण्ड व्हाई)
I haven’t allowed Yudhisthir, Bhim and Duryhodhan to shoot?
(आइ हैवन्ट् अलाउड युधिष्ठिर, भीम एण्ड दुर्योधन टू शूट?)
All the princes : Because ………, we failed to concentrate on the target.
(ऑल द प्रिंसेस : बिकॉज ………., वी फेल्ड टू कन्सन्ट्रेट ऑन द टार्गेट।)
Guru Dron : That’s right. Always keep your eyes focused only on the goal. Then only will you be successful in your life.
(गुरु द्रोण : दैट्स राइट। ऑलवेज कीप योर आइज फोकस्ड ओनली ऑन द गोल। दैन ओनली विल यू बी सक्सैसफुल इन योर लाइफ।)

अनुवाद:
(अर्जुन चिड़िया की दायीं आँख पर निशाना लगाता है। द्रोण उसकी पीठ थपथपाते हैं और दूसरे राजकुमार ताली बजाते हैं।)
गुरु द्रोण : बच्चों, क्या तुम समझते हो क्यों मैंने युधिष्ठिर, भीम और दुर्योधन को निशाना लगाने की आज्ञा नहीं दी है।।
सभी राजकुमार : क्योंकि हम MP Board Class 6th General English Chapter 6 The Test 4 पर एकाग्रचित्त होने में असफल रहे।
गुरु द्रोण : यह सही है। हमेशा लक्ष्य पर अपनी आँखें केन्द्रित रखो। तभी तुम जीवन में सफल होगे।

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MP Board Class 6th Special English Solutions Chapter 14 My Plan (Poem)

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MP Board Class 6th Special English Solutions Chapter 14 My Plan (Poem)

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My Plan (Poem) Text Book Exercise

Word Power

Complete the poem with appropriate words.

I’ll have ……… cabin
All …………. white and ……………
With ………… for the …………….
And ………….. for the …………….
I’ll have a little …………….
On which to ………….. my ……………
And all the ……………
In which to ………….. my ……………
Answer:
a little, painted, red, shutters, window, curtains, bed, cook stove, fry, fishes, Hudson river, wash, dishes.

Comprehension

Answer these questions.

Class 6 English Chapter 14 MP Board Question 1.
What does the poet plan to do when he is a little older?
Answer:
The poet plans to buy a boat when he is a little older.

My Plan Poem Summary MP Board Question 2.
Who are ‘the two of us’?
Answer:
‘The two of us’ refers to the poet and his boat.

My Plan Poem Class 6 MP Board Question 3.
What will he do with the cook stove?
Answer:
He will fry his fishes on the cooking stove.

Chapter 14 English Class 6 MP Board Question 4.
Where will he wash his dishes?
Answer:
He will wash his dishes in the water of the big Hudson River.

My Plan (Poem) Word Meanings

Plan – to have a scheme, योजना बनाना। Float – to sail on water, वानी पर इधर-उधर चलना। Cabin – a small room, कोठरी। Dishes – utensils, बर्तन।

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