MP Board Class 7th Maths Solutions Chapter 8 राशियों की तुलना Ex 8.2

MP Board Class 7th Maths Solutions Chapter 8 राशियों की तुलना Ex 8.2

प्रश्न 1.
दी गई भिन्न संख्याओं को प्रतिशत में बदलो :
(a) \(\frac { 1 }{ 8 } \)
(b) \(\frac { 5 }{ 4 } \)
(c) \(\frac { 3 }{ 40 } \)
(d) \(\frac { 2 }{ 7 } \)
हल:
(a) \(\frac { 1 }{ 8 } \) = \(\frac { 1 }{ 8 } \) × \(\frac { 100 }{ 100 } \) = \(\frac { 100 }{ 8 } \) % = \(\frac { 25 }{ 2 } \) % = 12.5%

(b) \(\frac { 5 }{ 4 } \) = \(\frac { 5 }{ 4 } \) × \(\frac { 100 }{ 100 } \) = \(\frac{5 \times 100}{4}\)% = 125%

(c) \(\frac { 3 }{ 40 } \) = \(\frac { 3 }{ 40 } \) × \(\frac { 100 }{ 100 } \) = \(\frac{3 \times 100}{40}\)% = 7.5%

(d) \(\frac { 2 }{ 7 } \) = \(\frac { 2 }{ 7 } \) × \(\frac { 100 }{ 100 } \) = \(\frac { 200 }{ 7 } \)% = 28\(\frac { 4 }{ 7 } \)%

प्रश्न 2.
दी गई दशमलव भिन्नों को प्रतिशत में बदलो:
(a) 0.65
(b) 2.1
(c) 0.02
(d) 12.35
हल:
(a) 0.65 = \(\frac { 65 }{ 100 } \) = \(\frac { 65 }{ 100 } \) × 100% = 65%
(b) 2.1 = \(\frac { 21 }{ 10 } \) = \(\frac { 21 }{ 10 } \) × 100% = 210%
(c) 0.02 = \(\frac { 2 }{ 100 } \) = \(\frac { 2 }{ 100 } \) × 100% = 2%
(d) 12.35 = \(\frac { 1235 }{ 100 } \) = \(\frac { 1235 }{ 100 } \) × 100% = 1235%

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प्रश्न 3.
अनुमान लगाइए कि आकृति का कितना भाग रंग दिया गया है और इस प्रकार ज्ञात कीजिए कि कितने प्रतिशत रंगीन है।
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हल:
(i) ∵ रंगीन भाग = \(\frac { 1 }{ 4 } \)
∴ रंगे भाग का प्रतिशत = \(\frac { 1 }{ 4 } \) × 100% = 25%
अतः रंगीन भाग 25% है।

(ii) ∵ रंगीन भाग = \(\frac { 3 }{ 5 } \)
∴ रंगे भाग का प्रतिशत = \(\frac { 3 }{ 5 } \) × 100% = 60%
अतः रंगीन भाग 60% है।

(iii) यहाँ 8 में से 3 भाग रंगीन हैं।
∴ रंगीन भाग = \(\frac { 3 }{ 8 } \)
∴ रंगे भाग का प्रतिशत = \(\frac { 3 }{ 8 } \) × 100% = \(\frac { 75 }{ 2 } \) %
= 37.5%
अत: रंगीन भाग 37.5% है।

प्रश्न 4.
ज्ञात कीजिए:
(a) 250 का 15%
(b) 1 घण्टे का 1%
(c) 2500 का 20%
(d) 1 किग्रा का 75%
हल:
(a) 250 का 15% = \(\frac { 15 }{ 100 } \) × 250
= \(\frac { 75 }{ 2 } \) = 37.5%

(b) 1 घण्टे का 1% = \(\frac { 1 }{ 100 } \) × 1 घण्टे
= \(\frac { 1 }{ 100 } \) × 60 मिनट
= \(\frac { 3 }{ 5 } \) मिनट
= \(\frac { 3 }{ 5 } \) × 60 सेकण्ड
= 36 सेकण्ड

(c) 2500 का 20% = \(\frac { 20 }{ 100 } \) × 2500 = 500

(d) 1 किग्रा का 75% = \(\frac { 75 }{ 100 } \) × 1 किग्रा
= 0.75 किग्रा
= 0.75 × 1000 ग्राम = 750 ग्राम

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प्रश्न 5.
सम्पूर्ण राशि ज्ञात कीजिए, यदि
(a) इसका 5%, 600 है।
(b) इसका 12%, 1080 है।
(c) इसका 40%,500 km है।
(d) इसका 70%, 14 मिनट है।
(e) इसका 8%, 40 लीटर है।
हल:
(a) माना कि सम्पूर्ण राशि x है।
∴ x का 5% = 600
या \(\frac { 5 }{ 100 } \) × x = 600
या x = \(\frac{600 \times 100}{5}\) = 12000
अत: अभीष्ट राशि 12000 है।

(b) मानाकि सम्पूर्ण राशि x है।
∴ x का 12% = 1080
या \(\frac { 12 }{ 100 } \) × x = 1080
या x = \(\frac{1080 \times 100}{12}\) = 9000
अतः अभीष्ट राशि 9000 है।

(c) मानाकि सम्पूर्ण राशि x है।
∴ x का 40% = 500 km
या \(\frac { 40 }{ 100 } \) × x = 500 km
या x = \(\frac{500 \times 100}{40}\) km = 1250 km
अतः अभीष्ट राशि 1250 km है।

(d) मानाकि सम्पूर्ण राशि x है।
∴ x का 70% = 14 मिनट या \(\frac { 70 }{ 100 } \) × x = 14 मिनट
या x = \(\frac{14 \times 100}{70}\) मिनट = 20 मिनट
अतः अभीष्ट राशि 20 मिनट है।

(e) मानाकि सम्पूर्ण राशि x है।
∴ x का 8% = 40 लीटर
या \(\frac { 8 }{ 100 } \) × x = 40 लीटर
या x = \(\frac{40 \times 100}{8}\) लीटर = 500 लीटर
अतः अभीष्ट राशि 500 लीटर है।

प्रश्न 6.
दिए गए प्रतिशतों को साधारण व दशमलव भिन्नों में बदलो और अपने उत्तर को सरलतम रूप में लिखो :
(a) 25%
(b) 150%
(c) 20%
(d) 5%
हल:
(a) साधारण भिन्न – 25% = \(\frac { 25 }{ 100 } \) = \(\frac { 1 }{ 4 } \)
दशमलव भिन्न = \(\frac { 1 }{ 4 } \) = 0.25

(b) साधारण भिन्न – 150% = \(\frac { 150% }{ 100 } \) = \(\frac { 3 }{ 2 } \)
दशमलव भिन्न – \(\frac { 3 }{ 2 } \) = 1.5

(c) साधारण भिन्न – 20% = \(\frac { 20 }{ 100 } \) = \(\frac { 1 }{ 5 } \)
दशमलव भिन्न- \(\frac { 1 }{ 5 } \) = 0.20

(d) साधारण भिन्न – 5% = \(\frac { 5 }{ 100 } \) = \(\frac { 1 }{ 20 } \)
दशमलव भिन्न – \(\frac { 1 }{ 20 } \) = 0.05

प्रश्न 7.
एक नगर में 30% महिलाएं, 40% पुरुष तथा शेष बच्चे हैं। बच्चों का प्रतिशत कितना है ?
हल:
∴ महिलाएँ = 30% तथा पुरुष = 40%
∴ बच्चों का प्रतिशत = 100% – (30% + 40%)
= 100% – 70% = 30%

प्रश्न 8.
किसी क्षेत्र के 15,000 मतदाताओं में से 60% ने मतदान में भाग लिया। ज्ञात कीजिए कि कितने प्रतिशत ने मतदान में भाग नहीं लिया। क्या अब ज्ञात कर सकते हैं कि वास्तव में कितने मतदाताओं ने मतदान नहीं किया ?
हल:
कुल मतदाता = 15,000
मतदान करने वाले मतदाताओं का प्रतिशत = 60%
∴ मतदान न करने वाले मतदाताओं का प्रतिशत
= 100% – 60% = 40%
मतदान न करने वाले मतदाताओं की संख्या
= 15000 का 40%
= \(\frac { 40 }{ 100 } \) × 15000 = 6000
अत: 6000 मतदाताओं ने मतदान नहीं किया।

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प्रश्न 9.
मीता अपने वेतन में से ₹ 4000 बचाती है। यदि यह उसके वेतन का 10% है, तब उसका वेतन कितना है ?
हल:
माना कि उसका वेतन ₹ है।
उसकी बचत = वेतन का 10%
∴ x का 10% = ₹4000
या \(\frac { 10 }{ 100 } \) × x = ₹4000
या x = ₹ \(\frac{4000 \times 100}{10}\) = ₹40000
अत: उसका वेतन ₹40000 है।

प्रश्न 10.
एक स्थानीय क्रिकेट टीम ने, एक सत्र (Season) में 20 मैच खेले। इनमें से उस टीम ने 25% मैच जीते। जीते गए मैचों की संख्या कितनी थी ?
हल:
कुल खेले गये मैचों की संख्या = 20
टीम द्वारा जीते गए मैच = 25%
∴ जीते गए मैचों की संख्या = 20 का 25%
= \(\frac { 25 }{ 100 } \) × 20 = 5
अत: टीम ने 5 मैच जीते।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 179

प्रयास कीजिए

प्रश्न 1.
15 मिठाइयों को मनु तथा सोनू में इस प्रकार बाँटिए कि उन्हें कुल का क्रमशः 20% तथा 80% मिले।
हल:
कुल मिठाइयों की संख्या = 15
मनु का हिस्सा = 15 का 20%
= \(\frac { 20 }{ 100 } \) × 15
= 3 मिठाइयाँ
सोनू का हिस्सा = 15 का 80%
= \(\frac { 80 }{ 100 } \) × 15
= 12 मिठाइयाँ

प्रश्न 2.
यदि किसी त्रिभुज के कोणों में अनुपात 2:3:4 है तब उसके प्रत्येक कोण की माप क्या होगी?
हल:
∵ त्रिभुज के तीनों अन्त:कोणों का योग = 180°
त्रिभुज के कोणों का अनुपात = 2:3:4
अनुपात का योग = 2 + 3 + 4 = 9
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अतः अभीष्ट कोण 40°, 60° और 80° हैं।

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पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 180

प्रयास कीजिए

प्रश्न 1.
बढ़ने या घटने का प्रतिशत ज्ञात कीजिए :
(i) कमीज का मूल्य ₹ 80 से घटकर 60 हो गया।
(ii) किसी परीक्षा में प्राप्तांक बढ़कर 20 से 30 हो गए।
हल:
(i) कमीज का वास्तविक मूल्य = ₹ 80
कमीज का नया मूल्य = ₹60
कमीज के मूल्य में कमी = ₹80 – ₹60 = ₹20
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(ii) मूल प्राप्तांक = 20
नये प्राप्तांक = 30
प्राप्तांक में वृद्धि = 30 – 20 = 10
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प्रश्न 2.
मेरी माताजी कहती हैं कि उनके बचपन, के समय पैट्रोल की दर ₹ 1 प्रति लीटर थी और आजकल यह ₹52 प्रति लीटर है। पैट्रोल की दर में कितने प्रतिशत की वृद्धि हुई ?
हल:
पैट्रोल का पहले का मूल्य = ₹ 1 प्रति लीटर
पैट्रोल का नया मूल्य = ₹52 प्रति लीटर
पैट्रोल के मूल्य में वृद्धि =₹52 – ₹ 1 = ₹51
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पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 183

प्रयास कीजिए

प्रश्न 1.
एक दुकानदार ने एक कुर्सी ₹ 375 में खरीदी तथा ₹ 400 में बेच दी। उसका लाभ प्रतिशत ज्ञात कीजिए।
हल:
कुर्सी का क्रय मूल्य = ₹ 375
कुर्सी का विक्रय मूल्य = ₹ 400
∴ विक्रय मूल्य > क्रय मूल्य
∴ लाभ = ₹400 – ₹375 = ₹25
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प्रश्न 2.
एक वस्तु ₹50 में क्रय की गई तथा 12 प्रतिशत लाभ पर बेच दी गई। उसका विक्रय मूल्य ज्ञात कीजिए।
हल:
वस्तु का क्रय मूल्य = ₹50, लाभ = 12%
∴ ₹50 पर लाभ = ₹50 का 12%
= \(\frac { 12 }{ 100 } \) × ₹50 = ₹6
अत: वस्तु का विक्रय मूल्य = ₹50 + ₹6 = ₹56

प्रश्न 3.
एक वस्तु ₹ 250 में बेचने पर 5 प्रतिशत लाभ प्राप्त हुआ। उसका क्रय मूल्य क्या था?
हल:
वस्तु का विक्रय मूल्य = ₹250, लाभ = 5%
माना कि क्रय मूल्य x रूपया है।
लाभ = x का 5%
= \(\frac { 5 }{ 100 } \) × x = ₹ \(\frac { x }{ 20 } \)
∴ विक्रय मूल्य = क्रय मूल्य + लाभ
∴ ₹ 250 = ₹x + ₹\(\frac { x }{ 20 } \)
या ₹250 = ₹ \(\frac { 21x }{ 20 } \)
या x = ₹ \(\frac{250 \times 20}{21}\) = ₹ 238 \(\frac { 2 }{ 21 } \)
अत: वस्तु का क्रय मूल्य = ₹ 238 \(\frac { 2 }{ 21 } \)

प्रश्न 4.
एक वस्तु 5 प्रतिशत हानि उठाकर ₹ 540 में बेची गई। उसका क्रय मूल्य क्या था ?
हल:
वस्तु का विक्रय मूल्य = ₹ 540, हानि = 5%
माना कि वस्तु का क्रय मूल्य = ₹ x
हानि = ₹ x का 5% = \(\frac { 5 }{ 100 } \) × x = ₹ \(\frac { x }{ 20 } \)
∴ विक्रय मूल्य = क्रय मूल्य – हानि
∴ ₹540 = ₹x – ₹\(\frac { x }{ 20 } \) = ₹ \(\frac { 19 }{ 20 } \)x
या x = ₹ \(\frac{540 \times 20}{19}\) = ₹ 568 \(\frac { 8 }{ 19 } \)
अत: वस्तु का क्रय मूल्य = 568 \(\frac { 8 }{ 19 } \)

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पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 185

प्रयास कीजिए

प्रश्न 1.
₹ 10000, 5 प्रतिशत वार्षिक दर से जमा किए जाते हैं। एक वर्ष बाद कितना ब्याज प्राप्त होगा?
हल:
मूलधन (P) = ₹10000, दर R = 5%,
समय (T) = 1 वर्ष
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प्रश्न 2.
₹ 3500, 7 प्रतिशत वार्षिक दर से उधार दिए जाते हैं। दो वर्ष बाद कितना साधारण ब्याज देय होगा?
हल:
मूलधन (P) = ₹ 3500, दर (R) = 7%, समय (T) = 2 वर्ष
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प्रश्न 3.
₹ 6,050, 6.5 प्रतिशत वार्षिक दर से उधार लिए जाते हैं। 3 वर्ष बाद कितना ब्याज तथा कितना मिश्रधन देय होगा?
हल:
मूलधन (P) = ₹ 6050, दर (R) = 6.5%, समय (T) = 3 वर्ष
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∴ मिश्रधन = मूलधन + ब्याज
∴ मिश्रधन = ₹6050 + ₹ 1179.75
= ₹7229.75

प्रश्न 4.
₹ 7000, 3.5 प्रतिशत वार्षिक दर से दो वर्ष के लिए उधार लिए जाते हैं। दो वर्ष बाद कितना मिश्रधन देय होगा?
हल:
मूलधन (P) = ₹ 7000, दर (R) = 3.5%, समय (T) = 2 वर्ष
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∴ मिश्रधन = मूलधन + ब्याज
∴ मिश्रधन = ₹7,000 + ₹490
= ₹7,490

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पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 186

प्रयास कीजिए

प्रश्न 1.
आपके बैंक खाते में ₹ 2,400 जमा हैं तथा ब्याज की दर 5 प्रतिशत वार्षिक है। कितने वर्षों बाद ब्याज की राशि ₹ 240 होगी?
हल:
यहाँ, मूलधन (P) = ₹ 2,400, दर (R) = 5%, ब्याज (S.I.) = ₹240, समय (T) = ?
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प्रश्न 2.
किसी धन का 5 प्रतिशत वार्षिक दर से 3 वर्ष का ब्याज ₹ 450 होता है। वह धन ज्ञात कीजिए।
हल:
यहाँ, दर (R) = 5%, समय (T) = 3 वर्ष, साधारण ब्याज (S.I.) = ₹ 450, मूलधन (P) = ?
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MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 13 उत्तर अमेरिका का भौगोलिक स्वरूप

MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 13 उत्तर अमेरिका का भौगोलिक स्वरूप

MP Board Class 8th Social Science Chapter 13 अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए –
(1) किन धाराओं के मिलने से न्यूफाउन्डलैण्ड के निकट घना कोहरा छा जाता है ?
(क) गल्फस्ट्रीम और अलास्का जलधारा
(ख) गल्फस्ट्रीम और कैलीफोर्निया की धारा
(ग) गल्फस्ट्रीम और लेब्रेडोर जलधारा
(घ) लेब्रेडोर और अलास्का की जलधारा।
उत्तर:
(ग) गल्फस्ट्रीम और लेब्रेडोर जलधारा

(2) निम्न में से किस प्रकार की जलवायु प्रदेश में शीत ऋतु में वर्षा होती है ?
(क) उष्ण मरुस्थलीय जलवायु
(ख) भूमध्य सागरीय जलवायु
(ग) टुण्ड्रा जलवायु प्रदेश
(घ) भूमध्य रेखीय जलवायु प्रदेश।
उत्तर:
(ख) भूमध्य सागरीय जलवायु।

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 13 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 2.
(1) उत्तर अमेरिका का अक्षांशीय और देशान्तरीय विस्तार लिखिए।
उत्तर:
इसका अक्षांशीय विस्तार 10 डिग्री उत्तरी अक्षांश से 80 डिग्री उत्तरी अक्षांश तक तथा देशान्तरीय विस्तार 20 डिग्री पश्चिम देशान्तर से 170 डिग्री पश्चिमी देशान्तर तक है। –

(2) उत्तर अमेरिका का सबसे ऊँचा पर्वत शिखर कौन-सा है ?
उत्तर:
उत्तर अमेरिका का सबसे ऊँचा पर्वत शिखर माउन्ट मैकिन्ले है जो अलास्का में है।

(3) उत्तर अमेरिका की महान झीलों के नाम लिखिए।
उत्तर:
इनके नाम हैं –

  • सुपीरियर झील
  • मिशीगन झील
  • ह्यूरन झील
  • दूरी झील और
  • ओन्टेरियो झील।

(4) वे कौन-सी चार महासागरीय धाराएँ हैं, जो उत्तर अमेरिका की जलवायु को प्रभावित करती हैं।
उत्तर:

  • गल्फस्ट्रीम
  • अलास्का की गर्म धारा
  • लेब्रेडोर की ठंडी धारा व
  • कैलिफोर्निया की ठंडी धारा उत्तर अमेरिका की जलवायु को प्रभावित करती हैं।

(5) कोणधारी वनों की दो विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
कोणधारी वनों के वृक्षों की शाखाएँ नीचे की ओर झुकी हुई होती हैं तथा इन वृक्षों की पत्तियाँ भी नुकीली होती हैं।

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 13 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 3.
(1) उत्तर अमेरिका के किन्हीं तीन पठारों के नाम उनकी स्थिति सहित लिखिए।
उत्तर:
कार्डिलेरा के पश्चिमी भाग में अन्तर पर्वतीय पठार ‘ग्रेट बेसिन’ का विस्तार है। पूर्वोत्तर में लेब्रेडोर का पठार तथा दक्षिण पूर्व में अप्लेशियन का पठार शामिल है।

(2) उत्तर अमेरिका की वनस्पति में विविधता के कारण लिखिए।
उत्तर:
उत्तर अमेरिका एक ऐसा महाद्वीप है जहाँ विश्व में पाई जाने वाली लगभग सभी प्रकार की वनस्पतियाँ पाई जाती हैं। जलवायु की विविधता तथा वर्षा के असमान वितरण के कारण वनस्पति में भी विविधता दृष्टिगोचर होती है।

(3) भूमध्य सागरीय वनस्पति की तीन विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
यहाँ रसदार फलों के वृक्ष बहुतायत में विकसित होते हैं। वृक्षों की छाल मोटी, पत्तियाँ चिकनी व मोटी होती हैं।

(4) केनियन और कार्डिलेरा में क्या अन्तर है ?
उत्तर:
उत्तर अमेरिका के शुष्क तथा अर्द्धशुष्क प्रदेशों में पाया जाने वाला, खड़े ढालों से निर्मित अपेक्षाकृत संकीर्ण किन्तु बड़े आकार का एक गहरा गॉर्ज जिसकी तली में ऐसी नदी बहती है जो मृदु शैलों का अपरदन करती है, ‘ग्रेट केनियन’ के नाम से विख्यात है। जबकि ऐसी पर्वत श्रृंखला जिसमें अनेक पर्वत श्रेणियाँ एक-दूसरे के समान्तर दूर-दूर तक फैली हुई होती हैं। उत्तर अमेरिका में इनके सम्मिलित रूप को ‘कार्डिलेरा’ कहा जाता है।

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 13 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 4.
(1) उत्तर अमेरिका के भौतिक विभागों के नाम लिखते हुए प्रत्येक का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
धरातलीय उच्चावच के आधार पर उत्तर अमेरिका को निम्न तीन प्रमुख भागों में बाँटा जा सकता है –

1. पश्चिमी पर्वतीय प्रदेश या कार्डिलेरा-पश्चिमी पर्वतीय प्रदेश को ही कार्डिलेरा कहा जाता है। कार्डिलेरा का विस्तार महाद्वीप के पश्चिमी भाग में उत्तर में अलास्का से लेकर दक्षिण में मैक्सिको तक है। कार्डिलेरा के पश्चिमी भाग में अनेक पर्वत श्रेणियाँ समानान्तर उत्तर दक्षिण फैली हुई हैं। पूर्व में रॉकी पर्वतमाला, मध्य में सियेरानिवेदा तथा पश्चिम में तटीय श्रेणी है। इन पर्वत श्रेणियों के बीच में अन्तर पर्वतीय पठार ‘ग्रेट बेसिन’ का विस्तार है।

2. पूर्वी उच्च भूमि-महाद्वीप के पूर्वी भाग में प्राचीन संरचना वाले अपरदित पठार फैले हैं। पूर्वोत्तर में लेब्रेडोर का पठार तथा दक्षिण पूर्व में अप्लेशियन का पठार सम्मिलित है। इनकी ऊँचाई 450 से 2000 मीटर तक है। ये प्राचीन खनिजों के भण्डार हैं। इनमें अनेकों खनिज बड़ी मात्रा में पाये जाते हैं।

3. मध्यवर्ती निम्न भूमि-पश्चिमी कार्डिलेरा और पूर्वी उच्च भूमि के मध्य निम्न भूमि का विस्तार है। इसका आकार बड़े त्रिभुज जैसा है। इस त्रिभुजाकार मैदान को ‘प्रेयरी का मैदान’ कहा जाता है। इस भाग में विश्व प्रसिद्ध सुपीरियर झील, मिशीगन झील, घुरन झील, इरी झील और ओन्टेरियो झील हैं।

(2) कोणधारी वन तथा उनमें पाये जाने वाले वन्य प्राणियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
टुण्ड्रा के दक्षिण में पूर्व से पश्चिम तक इस सम्पूर्ण चौड़ी पट्टी में नुकीली पत्ती वाले कोणधारी वन पाये जाते हैं। इन वनों के वृक्षों की शाखाएँ नीचे झुकी हुई होने से ऊपरी सिरे का आकार कोण जैसा दिखाई देता है। इस प्रकार के वृक्षों वाले वन को कोणधारी वन कहते हैं। इन वनों में समूर (मुलायम बाल) वाले जीव, जैसे-बीवर, सफेद भालू, लोमड़ी, भेड़िये, खरगोश तथा बारहसिंगा आदि पाये जाते हैं।

(3) उत्तर अमेरिका की जलवायु को प्रभावित करने वाले कारकों को विस्तार से लिखिए।
उत्तर:
उत्तर अमेरिका की जलवायु को मुख्य रूप से निम्नलिखित चार कारक प्रभावित करते हैं –

1. महाद्वीप का अक्षांशीय विस्तार – उत्तर अमेरिका का दक्षिणी भाग उष्ण कटिबन्ध में, मध्य भाग शीतोष्ण कटिबन्ध में और उत्तरी भाग ध्रुवीय शीत कटिबन्ध में आता है। अतः दक्षिणी भाग अधिक गर्म, मध्य भाग समान रूप से गर्म और ठंडा तथा उत्तरी भाग अत्यधिक ठंडा रहता है।

2. धरातलीय विविधता का प्रभाव – पश्चिम में कार्डिलेरा पछुआ पवनों को रोककर अधिक वर्षा प्राप्त करता है, जबकि पूर्वी ढाल पूर्णतः वृष्टि छाया में आने से बहुत कम वर्षा प्राप्त करता है। जैसे-जैसे हम पूर्व तथा दक्षिण-पूर्व की ओर के पठारों व पर्वतों की ओर बढ़ते हैं, वर्षा की मात्रा भी बढ़ती जाती है। महाद्वीप के उत्तरी भाग में वर्षा हिमपात के रूप में और कम मात्रा में होती है।

3. स्थाई पवनों का प्रभाव – पश्चिम में कार्डिलेरा और पूर्व में उच्च भूमि, दोनों उत्तर से दक्षिण तक फैली हैं, इन दोनों के बीच विशाल मैदान है। शीतकाल में उत्तर से आने वाली ठंडी ध्रुवीय पवनें तथा ग्रीष्म में दक्षिण से चलने वाली पवनें सम्पूर्ण मैदानी भाग को प्रभावित करती हैं। इसलिए यह शीतकाल में ठंडा व ग्रीष्म में गर्म रहता है।

4. जलधाराओं का प्रभाव – महाद्वीप के दक्षिणी-पूर्वी तट पर गल्फ स्ट्रीम और उत्तरी पश्चिमी तट पर अलास्का की गर्म धाराएँ बहती हैं। इसके प्रभाव से तटीय भागों का तापमान सदैव ऊँचा रहता है। हवाएँ इनसे गर्म होकर नमी ग्रहण कर वर्षा करती हैं। लेब्रेडोर की ठंडी धारा उत्तर-पूर्वी भाग तथा कैलिफोर्निया की ठंडी धारा दक्षिणी-पश्चिमी भाग के निकट बहती हैं। इससे तटीय क्षेत्रों की जलवायु अधिक ठंडी हो जाती है।

प्रश्न 5.
उत्तर अमेरिका के रेखा मानचित्र में निम्नांकित को दर्शाइएं –

  1. अप्लेशियन पर्वत, रॉकी पर्वत।
  2. मिसीसिपी, सेंट लारेंस, कोलोरेडो नदियाँ।
  3. महान झील क्षेत्र तथा विनिपेग।
  4. मैक्सिको, हडसन और कैलिफोर्निया की खाड़ी।
  5.  प्रेयरी, का मैदान।
  6. एरीजोना मरुस्थल।
  7. लेब्रेडोर का पठार।
  8. गल्फस्ट्रीम, लेब्रेडोर जलधारा।
  9. कर्क रेखा।
  10. पश्चिमी द्वीप समूह, ग्रीनलैण्ड, न्यूफाउण्डलैण्ड।

उत्तर:

MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 13 उत्तर अमेरिका का भौगोलिक स्वरूप img 1

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MP Board Class 9th Sanskrit Solutions Chapter 16 अध्ययने प्रत्यूहः

MP Board Class 9th Sanskrit Solutions Durva Chapter 16 अध्ययने प्रत्यूहः (नाट्यांशः)

MP Board Class 9th Sanskrit Chapter 16 पाठ्य पुस्तक के प्रश्न

प्रश्न 1.
एक पदेन उत्तरं लिखत (एक शब्द में उत्तर लिखो)
(क) सद्भिः सङ्गः केन भवति? (सज्जनों के साथ सम्पर्क किससे होता है?)
उत्तर:
पुण्येना। (पुण्य से)

(ख) दण्डकारण्यप्रदेशे के प्रमुखाः वसन्ति? (दण्डकारण्य प्रदेश में प्रमुख रूप से कौन रहता है?)
उत्तर:
अगस्त्यादयः। (अगस्तादि प्रमुख ऋषि रहते हैं)

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(ग) देवताविशेषेण अद्भुतं किम् उपनीतम्? (देवता गण किस अद्भुत विशेषण को बताते हैं?)
उत्तर:
जृम्भकास्त्राणि। (जृम्भकास्त्र।)

(घ) दारको केन पोषितौ रक्षितौ च? (दोनों किसके द्वारा रक्षित पोषित हुए?)
उत्तर:
वल्मीकिना। (वाल्मीकि के द्वारा)।

(ङ) तयोः कानि जन्मसिद्धानि? (उन दोनों को क्या जन्म सिद्ध था?)
उत्तर:
जृम्भकास्त्र। (जृम्भकास्त्र।)

प्रश्न 2.
एकवाक्येन उत्तरं लिखत (एक वाक्य में उत्तर लिखो)
(क) आत्रेयी दण्डकारण्ये किमर्थं भ्रमति स्म? (आत्रेयी दण्डकारण्य वन में क्यों घूमते थे?)
उत्तर:
आत्रेयी दण्डकारण्ये महानध्ययनप्रत्यूह भ्रमति स्मः। (आत्रेयी दण्डकारण्य में पढ़ाई में विघ्न आ जाने के कारण घूमते थे।)

(ख) वाल्मीकिना तयोः कां विद्याम् अध्यापितौ? (वाल्मीकि के द्वारा उन दोनों को कौन-सी विद्या पढ़ाई जाती थी?)
उत्तर:
वाल्मीकिना तयोः त्रयीवर्जमितरास्तिस्त्रो विद्याम् अध्यापितौ। (वाल्मीकि के द्वारा उन दोनों को वेद को छोड़कर और तीनों (आन्वीक्षिकी, वार्ता और दण्डनीति) विद्याओं का अध्ययन कराया जाता था।)

(ग) गुरुः विद्या कथं वितरति? (गुरु विद्या कैसे देते हैं?)
उत्तर:
गुरुः विद्या प्राज्ञे विद्यां यथैव तथा जड़े वितरति। (गुरु जिस तरह बुद्धिमान छात्र को उसी तरह मन्द बुद्धि छात्र को भी विद्या देता है।)

(घ) ब्रह्मर्षिः किमर्थं तमसामनुप्रपन्नः? (बह्मर्षि तमसा नदी के किनारे किसलिए गए?)
उत्तर:
बह्मर्षिः माध्यन्दिनसवनाय नदीं तमसामनुप्रपन्नः। (ब्रह्मर्षि तमसा नदी के किनारे मध्याह्न (दोपहर की संध्या) वन्दन करने के लिए तमसा नदी के किनारे गए।)

(ङ) क्रौञ्चयोः एकं कः हतवान्? (क्रौञ्च में से एक को किसने मारा?)
उत्तर:
क्रौञ्चयोरेकं एक व्याधेन हतवान्। (क्रौञ्च में से एक को बहेलिया ने मारा।)

प्रश्न 3.
अधोलिखित प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत
(क) वनदेवता वनस्य सौन्दर्य विषये तापसी किं वदति? (वनदेता वन के सौन्दर्य के विषय में तापसी से क्या कहता है?)
उत्तर:
वनदेवता वनस्य सौन्दर्य विषये तापसी यथेच्छा भोग्यं दो वदति। (वनदेवता वन के सौन्दर्य के विषय में तापसी से कहता है कि यह वन आपकी इच्छा के अनुसार उपभोग योग्य है।)

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(ख) पद्मयोनिः वाल्मीकि किमवोचत्? (ब्रह्मा ने वाल्मीकि से क्या कहा?)
उत्तर:
पद्मयोनिरवोचत्-ऋषेः प्रबुद्धोऽसि वागात्मनि ब्रह्ममणि। तदृ ब्रहि रामचरितम्। (ब्रह्मा ने वाल्मीकि से कहा कि ऋषि जी! तुम शब्द रूप ब्रह्म में ज्ञान सम्पन्न हो गए हो, इस कारण रामचरित का वर्णन करो।)

(ग) साधूनां चरित कीदृशमस्ति? (सज्जनों का चरित किस तरह का होता है?)
उत्तर:
साधूनां चरितं सतां सद्भिः सङ्गः कथमपि हि पुण्येन भवति। (सज्जनों की संगति सज्जनों द्वारा कष्टमय पुण्य से होती है।)

(घ) क्रौञ्चवधानन्तरं वाल्मीकिमुखात् का वाणी निर्गता? (क्रौञ्च के वध के अनन्तर वाल्मीकि के मुख से कौन-सी वाणी निकली?)
उत्तर:
क्रौञ्चवधानन्तरं वाल्मीकि किं मुखात् वाणी निर्गता-मा निषाद्। प्रतिष्ठां त्वमगमः शाश्वतीः समाः। (क्रौंच के वध के अनन्तर वाल्मीकि के मुख से वाणी निकली कि-हे व्याध! जो कि तूने एक का वध कर दिया है इसलिए तू बहुत समय तक प्रतिष्ठा प्राप्त न कर सकेगा)

प्रश्न 4.
यथायोग्यं योजयत
MP Board Class 9th Sanskrit Solutions Chapter 16 अध्ययने प्रत्यूह img-1

प्रश्न 5.
शुद्धवाक्यानां समक्षम् “आम्” अशुद्धवाक्यानां समक्षं “न” इति लिखत
उदाहरणम् :
तापसी अध्वगवेषा अस्ति। – आम्
व्याधः क्रौञ्च न हतवान्। – न
(क) गुरुः यथा प्राज्ञे तथैव जड़े विद्यां वितरति।
(ख) जृम्भकास्त्राणि जन्मसिद्धानि आसन्।
(ग) लवकुशौ त्रयी विद्यां न अधीतवन्तौ।
(घ) वाल्मीकिः आदिकविः अस्ति।
(ङ) वाल्मीकिः रामायणं न लिखितवान्
उत्तर:
(क) आम्
(ख) आम्
(ग) न
(घ) आम्
(ङ) न

प्रश्न 6.
उचितैः पदैः रिक्तस्थानानि पूरयत
(निगमान्तविद्याम्, पुण्येन, प्रतिष्ठाम, विशुद्धम्, माध्यन्दिनसवनाय)
(क) सतां सद्भिः सङ्गः पुण्येन भवति।
(ख) आत्रेयी निगमान्तविद्याम् अध्येतुम् पर्यटति।
(ग) महर्षि माध्यन्दिनसवनाय तमसामनुप्रपन्नः।
(घ) मा! निषाद प्रतिष्ठाम् त्वमगमः शाश्वतीः समाः।
(ङ) रहस्यं साधूनामनुपधि विशुद्धं विजयते।

प्रश्न 7.
सन्धिविच्छेदं कृत्वा सन्धेः नाम लिखत
उदाहरणम् :
केनापि- केन + अपि = दीर्घस्वरसन्धिः।
(क) अथापरः – अथ + अपर = दीर्घस्वरसंधिः।
(ख) यथेच्छा – यथा इच्छा – गुणस्वरसंधिः।
(ग) यथैव – यथा + एव = वृद्धिस्वरसंधिः।
(घ) आत्रेय्यस्मि – आत्रेयी + अस्मि = यणस्वरसंधिः।
(ङ) अन्येऽपि – अन्ये + अपि = पूर्ण रूप।

प्रश्न 8.
अव्ययैः वाक्य निर्माण कुरुत
उदाहरणं यथाः
तत्र महर्षिः वाल्मीकिः वसति स्म।
(क) अपि – रामः अपि फलं खादति।
(ख) यदा – यदा मोहितः आगच्छति तदा अन्शुलः, राशिन्तश्च गच्छति।
(ग) किल – रामचन्द्रः किल पितृभक्तिः आसीत्।
(घ) खलु – पासः प्रधानं खलु योग्यतायाः।
(ङ) एकदा – एकदा अहं भेड़ाघट्टम्अवश्यमेव गमिष्यामि।

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अध्ययने प्रत्यूहः पाठ-सन्दर्भ/प्रतिपाद्य

महाकवि भवभूति रचित ‘उत्तर रामचरितम्’ नामक नाटक ग्रन्थ से उद्धृत यह अंश संस्कृत भाषा के नाट्य परम्परा का परिचय प्रस्तुत करने में सक्षम है। बुद्धि कौशल युक्त गुरु का छात्रों के प्रति समान रूप से समदर्शिता का भाव यहाँ प्रस्तुत किया गया है।

अध्ययने प्रत्यूहः पाठ का हिन्दी अर्थ
(ततः प्रविशत्यध्वगवेषा तापसी)

1. तापसी-अये, वनदेवता फलकुसुमगर्भेण पल्लवायेण दूरान्मामुपतिष्ठते। (प्रविश्य) वनदेवता-(अर्घ्य विकीय)
यथेच्छाभोग्यं वो वनमिदमयं मे सुदिवसः
सतां सद्भिः सङ्गः कथमपि हि पुण्येन भवति।
तरुच्छाया तोयं यदपि तपसां योग्यमशनं
फलं वा मूलं वा तदपि न पराधीनमिह वः॥

तापसी :
किमत्रोच्यते?
प्रियप्राया वृत्तिर्विनयमधुरो वाचि नियमः
प्रकृत्या कल्याणी मतिरनवगीतः परिचयः।
पुरो वा पश्चाद् वा तदिदमविपर्यासितरसं
रहस्यं साधूनामनुपधि विशुद्धं विजयते॥
(उपविशतः)

शब्दार्थः :
वनदेवता-वनदेवता-forest God;फलकुसुमगर्भेण-फल और फलो से भरे-full of fruits and flowers; पल्लवादंण-पल्लवसहित-with new leaves; दूरान्मामुपतिष्ठते-दूर से ही मेरा सत्कार करती है-salute me from long distance; अर्घ्य विकीर्य-अर्घ्य देखकर-water give by hands; यथेच्छायोग्य इच्छा के अनुसार योग्य-like desire consumation; कथमपि-किसी तरह से-any how; पुण्येन-पुण्य के द्वारा-By good work; तरुछाया-वृक्ष की छाया-shade of tree; तदापि-वह भी-he also; किमत्रोक्यते-क्या कहा जाए-what do say; पुरो-पहले-first; पश्चाद्-बाद में-after; विनयमूर्धरा-विनय के कारण हृदयाकर्षक-to reason of attration by heart; अनवगीतः-अनिन्दित-not criticise; प्रियाप्रायव्रति-अतिशय प्रियकारी व्यवहार-lovely behavioure.

हिन्दी अर्थः :
(तब पथिक रूप में तपस्विनी का प्रवेश)

तापसी :
अरे! वन देवता पुष्प-फलों से पूर्ण, पल्लव फपी अर्घ्य के द्वारा दूर से ही मेरा स्वागत करते हैं। (प्रवेश करके)

वन देवता :
(अर्घ्य देकर) यह वन इच्छानुरूप भोग के लिए आप को अर्पित है क्योंकि सज्जनों का सज्जन पुरुष से संयोग बड़े पुण्य से होता है। वृद्धा की छाया, जल और तप के योग्य जो भी पदार्थ-फल मूल है वह आपकी सेवा में है, पराधीन नहीं है।

तापसी :
इस पर क्या कहा जाए?

व्यवहार अत्यधिक प्रीतियुक्त, हृदय को आकर्षित करने वाली नम्रता, स्वभाव से ही मंगल रूप बुद्धि, न बदलने वाला, व अनिंदित प्रेम, छल-कपट से रहित और विशुद्ध-ऐसा उत्कृष्ट रूप साधुओं का होता है। (दोनों बैठते हैं)

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2. वनदेवता-काम् पुनरत्रभवतीमवगच्छामि?

तापसी :
आत्रेय्यस्मि।

वनदेवता :
आर्ये आत्रेयि! कुतःपुनरिहागम्यते? किम् प्रयोजनो दण्डकारण्योपवनप्रचारः?

आत्रेयी :
अस्मिन्नगस्त्यप्रमुखाः प्रदेशे भूयांस उद्गीथविदो वदन्ति।
तेभ्योऽधिगन्तुं निगमान्तविद्यां वाल्मीकिपादिह पर्यटामि॥

वनदेवता :
यदा तावदन्येऽपि मुनयस्तमेव हि पुराणब्रह्मवादिनम् प्राचेतसमृषिम् ब्रह्मपारायणायोपासते, तत्कोऽयमार्यायाः प्रवासः?

आत्रेयी :
तस्मिन् हि महानध्ययनप्रत्यूह इत्येष दीर्घप्रवासोऽङ्गीकृतः। वनदेवता-कीदृशः?

आत्रेयी :
तत्र भगवतः केनापि देवताविशेषेण सर्वप्रकाराद्भुतं स्तन्यत्यागमात्रके वयसि धर्तमानं दारकद्वयमुपनीतम्। तत्खलु न केवलं तस्य, अपितु तिरश्चामप्यन्तः करणानि तत्त्वान्युपस्नेहयति।

शब्दार्थः :
आत्रेयरिम-मैं आत्रेयी हूं-I am Aitreyi. कुत्रः-कहां से-from where; प्रयोजना-प्रयोजन है -is pland. अगस्त्यप्रमुखाः -अगस्त्य आदि प्रमुख-Augustya and main; प्रदेशे-क्षेत्र में-In area; पर्यटामि-घूमते हुए आ रहा हूं-coming into wonderd; वदन्ति-कहते हैं-says; ब्रह्मवादिनाम्ब्रह्मवादी-of Bramha; उपासते-उपासना करते हैं-prayers; आर्याया-आर्यों का-Aryar; प्रवासः-प्रवास-migration; तस्मिनः-वहां-there; प्रत्यूह- विघ्न-disturbe; दीर्घ प्रवासो-दीर्घप्रवास को-lang bravery; अंगीकृता-स्वीकृत किया है-expect; कीदृशः-कैसा-how, सर्वेकारात-सभी प्रकार से-all types; वयस्वीउम्र में-In age; तस्य-उसके-his; अधिगतुम्-जानने के लिए-for knowing,

हिन्दी अर्थ :
वन देवता-आपको मैं क्या समझू?

तापसी :
मैं आत्रेयी हूँ।

वनदेवता :
आर्ये आत्रेयी! आप कहाँ से आ रही हैं? किस प्रयोजन से आप दण्डकारण्य में घूम रही हैं?

आत्रेयी :
इस स्थान में अगस्त्य आदि प्रमुख ऋषि रहते हैं। उनसे वेदान्त की शिक्षा प्राप्त करने के लिए ऋषि वाल्मीकि के आश्रम से आ रही हूँ।

वनदेवता :
जब अनेक ऋषि मुनि एवं अनुभवी ब्रह्मवेत्ता मुनि महर्षि वाल्मीकि के यहाँ वेदांत शिक्षा ग्रहण करते हैं, तब आर्या के यहाँ आकर प्रवास का क्या कारण है?

आत्रेयी :
वहाँ पढ़ने में व्यवधान उत्पन्न हो जाने के कारण मैंने दीर्घ प्रवास को स्वीकार किया।

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3. वनदेवता-तयैव किल देवतया तयोः कुशलवाविति नामनी प्रभावश्चाख्यातः।

वनदेता :
कीदृशः प्रभावः?

आत्रेयी :
तयोः किल सरहस्यानि जृम्भकास्त्राणि जन्मसिद्धनीति।

वनदेवता :
अहो नु भोश्चित्रमेतत्।

आत्रेयी :
तौ च भगवता वाल्मीकिना धात्रीकर्मतः परिगृह्य पोषितौ रक्षितौ च, निर्वृत्तचौलकर्मणोस्तयोस्त्रयी-वर्जमितरास्तिस्रो विद्याः सावधानेन परिनिष्ठापिताः। तदनन्तरं भगवतैकादशे वर्षे क्षात्रेण कल्पेनोपनीय त्रयीविद्यामध्यापितौ न त्वेताभ्यामतिदीप्तिप्रज्ञाभ्यामस्मदादेः सहाध्ययनयोगोऽस्ति यतः
वितरति गुरुः प्राज्ञे विद्यां यथैव तथा जडे
न तु खलु तयोाने शक्तिं करोत्यपहन्ति वा।
भवति हि पुनर्भूयान् भेदः फलम् प्रति, तद्यथा
प्रभवति शुचिबिम्बग्राहे मणिनं मृदादयः॥

वनदेवता :
अयमध्ययनप्रत्यूहः?

आत्रेयी :
अन्यश्च।

वनदेवता :
अथापरः कः?

शब्दार्थः :
कीदृशः-किस तरह-How type; वितरति-वितरित करती है-Distributes; प्राज्ञे-शास्त्र विषय-Knowledge of book; प्रभवति-प्रभावित करती है-to affect; सुचि-पवित्रता-holyness; प्रत्यूहः-बाध्य-trouble.

हिन्दी अर्थः :
वनदेवता-कैसा विघ्न?

आत्रेयी :
वहाँ भगवान वाल्मीकि के निकट किसी देवता ने सभी प्रकार से अद्भुत एवं स्तन त्याग करने की अवस्था के दो बच्चों को छोड़ दिया है। वे बालक केवल उन्हीं के नहीं वरन् पशु-पक्षियों के हृदय में भी स्नेह का संचार करते हैं।

वनदेवता :
क्या आप उन दोनों बालकों का नाम जानती हैं?

आत्रेयी :
उसी देवता ने उन दोनों का नाम लव एवं कुश यह नाम व प्रभाव बताया है।

वनदेवता :
कैसा प्रभाव? आत्रेयी-उन दोनों को मन्त्रपूरित जृम्भका नामक अस्त्र सिद्ध है। वनदेवता-यह आश्चर्य है।

आत्रेयी :
उन दोनों को भगवान वाल्मीकि ने धात्री के समान पालन-पोषण व रक्षित किया है। चूडाकर्म से निवृत्त होने के बाद बहुत कुशलतापूर्वक उन्हें वेदाध्ययन के अतिरिक्त अन्य तीन विद्याओं (आन्वीक्षिकी, वार्ता एवं दण्डनीति) का अध्ययन कराया। पुनः उनकी ग्यारहवीं साल की उम्र में क्षत्रिय विधि से उपनयन संस्कार कर उन्हें वेद की शिक्षा प्रदान की। अत्यंत प्रतिभा के धनी उन दोनों बालकों के साथ हम लोगों का पढ़ना बहुत कठिन है क्योंकि गुरु तीव्र बद्धि एवं मंद बुद्धि वाले दोनों तरह के छात्रों को एक समान शिक्षा प्रदान करता है। दोनों में से किसी को न अलग से समझने की सामर्थ्य प्रदान करता है और न ही किसी को बोध-शक्ति को नष्ट ही करता है। ऐसा होने पर भी परिणाम में बहुत भिन्नता होती है, जैसे कि हीरा, स्फटिक मणि आदि सभी प्रतिबिम्ब ग्रहण करने में समर्थ होते हैं किन्तु मिट्टी आदि पदार्थ प्रतिबिम्ब धारण नहीं कर सकते।

वन देवता :
पढ़ने में यही विघ्न है?

आत्रेयी :
और दूसरा भी

वन देवता :
और दूसरा विघ्न क्या है?

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4. आयेत्री-अथ स ब्रह्मर्षिरेकदा माध्यन्दिनसवनाय नदीं तमसामनुप्रपन्नः। तत्र युग्मचारिणोः क्रौञ्चयोरेकं व्याधेन वध्यमानं ददर्श। आकस्मिकप्रत्यवभासां देवीं वाचमानुष्टुभेन छन्दसा परिणतामभ्युदैरयत्-
मा निषाद! प्रतिष्ठां त्वमगमः शाश्वतीः समाः।
वनदेवता-चित्रम्? भग्नायादन्यत्र नूतनश्छन्दसामवतारः।

आत्रेयी :
तेन हि पुनः समयेन तं भगवन्तमाविर्भूतशब्दप्रकाशमृषिमुपसङ्गम्य भगवान् भूतभावनः-पद्मयोनिरवोचत् ऋषे प्रबुद्धोऽसि वागात्मनि ब्रह्माणि। तब्रूहि रामचरितम्। अव्याहतज्योतिरार्षं ते चक्षुः प्रतिभातु। आयः कविरसि इत्युक्त्वान्तर्हितः। अथ स भगवान् प्राचेतसः प्रथमम् मनुष्येषु शब्दब्रह्मणस्तादृशं विवर्तमितिहासं रामायणम् प्रणिनाय।

वनदेवता :
हन्त! पण्डितः संसारः।

आत्रेयी :
तस्मादेव हि ब्रवीमि ‘तत्र महानध्ययनप्रत्यूह’ इति।

वनदेवता :
युज्यते। आत्रेयी-विश्रान्तास्मि भद्रे! संप्रत्यगस्त्याश्रमस्य पन्थानम् ब्रूहि।

वनदेवता :
इतः पञ्चवटीमनुप्रविश्य गम्यतामनेन गोदावरी तीरेण।
(इति निष्क्रान्तः)।

शब्दार्थः :
व्याधेन-बहेलिया ने-Hunter. पद्मयोनि-ब्रह्म-Brahma; प्रबुद्धोऽसि-प्रबुद्ध है-wise man; तादृशं-उस तरह-this type; तस्मादेव-इसी कारण से-for this reason; ब्रवीमि-कहती हूँ-says.

हिन्दी अर्थ :
एक दिन ब्रह्मर्षि दोपहर स्नान के लिए तमसा नदी के तट पर गए। वहाँ प्रेमरत नर-मादा क्रौंच पक्षियों में से एक नर को बहेलिए द्वारा मारे जाते हुए देखा। तब उन्होंने एकाएक उत्पन्न हुए छन्दबद्ध श्लोक के रूप में कहा-हे बहेलिए तुमने काम मोहित क्रौंच पक्षी के जोड़े में से एक को मार दिया, इस कारण तुम बहुत समय तक प्रतिष्ठा नहीं प्राप्त कर सकोगे।।

वनदेवता :
आश्चर्य है! वेद के अतिरिक्त भी छन्द का नया जन्म हुआ।

आत्रेयी :
जिनको छन्द रूपी प्रकाश का दर्शन हो गया है एवं भगवान वाल्मीकि के पास आकर लोक के जन्मदाता ब्रह्मा ने आकर कहा-ऋषि! तुम शब्द रूप ब्रह्मा से अभिभूत हो गए हो। अब तुम रामचरित का वर्णन करो। न क्षीण होने वाला प्रकाश रूपी आर्य ज्ञान तुम्हें प्रकाशित करे। तुम आदि कवि हो। ऐसा कहकर ब्रह्मा अंतर्धान हो गए। तब भगवान वाल्मीकि ने मनुष्यों में सर्वप्रथम शब्द ब्रह्म का रूपान्तर कर रामायण नामक इतिहास की रचना की।

वनदेवता :
हाय! तब तो सांसारिक लोग भी पण्डित हो जाएँगे। आत्रेयी-इसी कारण वहाँ पढ़ने में विघ्न है-ऐसा मैं कहती हूँ। वनदेवता-ठीक है।

आत्रेयी :
हे भद्र! मैं विश्राम कर चुकी। अब मुझे भगवान अगस्त्य के आश्रम का मार्ग बताएँ।

वनदेवता :
वहाँ से पंचवटी में प्रवेश कर गोदावरी के किनारे से जाइए। इस तरह जाते हैं।

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MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 12 भारत की रक्षा व्यवस्था

MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 12 भारत की रक्षा व्यवस्था

MP Board Class 8th Social Science Chapter 12 अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए –
(1) नौ सेना की दक्षिणी कमान का मुख्यालय कहाँ –
(क) मुम्बई
(ख) कोच्चि
(ग) विशाखापट्टनम
(घ) बंगलौर।
उत्तर:
(ख) कोच्चि

(2) थल सेना का मुख्यालय स्थित है –
(क) बंगलौर
(ख) मुम्बई
(ग) विशाखापट्टनम
(घ) नई दिल्ली।
उत्तर:
(घ) नई दिल्ली

(3) तारापुर परमाणु संयन्त्र किस राज्य में स्थित है ?
(क) मध्य प्रदेश
(ख) महाराष्ट्र
(ग) तमिलनाडु
(घ) कर्नाटक
उत्तर:
(ख) महाराष्ट्र।

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(1) वायु सेना का अध्यक्ष ………….. होता है।
(2) विंग कमाण्डर का पद: सेना में होता है।
(3) शान्ति काल में सेना के कार्य करती है।
(4) भारत में परमाणु बम का परीक्षण में किया गया।
उत्तर:

  1. एयर चीफ मार्शल
  2. वायु
  3. समाज, सेवा
  4. 1974, 1998

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 12 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 3.
(1) नौ सेना अध्यक्ष के पद (रैंक) का नाम लिखिए।
उत्तर:
नौ सेना अध्यक्ष के पद (रैंक) का नाम ‘एडमिरल’ होता है।

(2) भारतीय सेना के अंगों के नाम बताइए।
उत्तर:
भारतीय सेना के अंग थल सेना, नौसेना व वायुसेना

(3) सन् 2001 में तीनों सेनाओं के संयुक्त कमान की स्थापना कहाँ की गई?
उत्तर:
सन् 2001 में तीनो सेनाओं के संयुक्त कमान की स्थापना अण्डमान निकोबार द्वीप समूह में की गई है।

(4) नेशनल कैडेट कोर की स्थापना क्यों की गई ? .
उत्तर:
विद्यालय के छात्र-छात्राओं में अनुशासन व सैन्य अभिरुचि जगाने हेतु नेशनल कैडेट कोर की स्थापना की गई।

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 12 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 4.
(1) भारतीय सेना के प्रमुख अंगों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारतीय सेना के प्रमुख तीन अंग निम्नवत् हैं –
1. थल सेना – इस सेना का मुख्यालय नई दिल्ली में है। इसका सर्वोच्च अधिकारी थल सेना अध्यक्ष होता है जिसका पद जनरलक्के समकक्ष होता है। थल सेना को पाँच क्षेत्रों (कमान) में संगठित किया गया – है-केन्द्रीय, पूर्वी, पश्चिमी, उत्तरी तथा दक्षिणी कमान।

2. नौसेना – नौसेना का मुख्य कार्यालय नई दिल्ली में है। इसका सर्वोच्च अधिकारी नौसेना अध्यक्ष (एडमिरल) होता है। नौसेना को पूर्वी नौसेना कमान विशाखापट्टनम, पश्चिमी नौसेना कमान मुम्बई एवं दक्षिणी नौसेना कमान कोच्चि (कोचीन) में संगठित किया गया है।

3. वायुसेना – वायुसेना का मुख्य कार्यालय भी नई दिल्ली में है। इसका सर्वोच्च अधिकारी एयर चीफ मार्शल (रैक) का होता है। इसके छः प्रमुख कमान (क्षेत्र) इस प्रकार हैं-पूर्वी, पश्चिमी, मध्य, दक्षिणी, दक्षिणी-पश्चिमी व प्रशिक्षण।

(2) भारत की जल सीमा का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
भारत एक प्रायद्वीप है। इसकी सीमाएँ तीन दिशाओं से जल को स्पर्श करती हैं। भारत की जल सीमा काफी विस्तृत है। पूर्व दिशा में बंगाल की खाड़ी, पश्चिमी दिशा में अरब सागर तथा दक्षिणी में हिन्द महासागर का क्षेत्र स्थित है। अतः विशाल जल सीमा की रक्षा हेतु एक सुगठित व शक्तिशाली नौसेना है।

(3) भारत के प्रमुख प्रक्षेपास्त्रों (मिसाइल) के नाम बताइए।
उत्तर:
अग्नि, पृथ्वी, त्रिशूल, नाग, आकाश, अस्त्र व ब्रह्मोस आदि भारत के प्रमुख प्रक्षेपास्त्रों (मिसाइलों) के नाम हैं जो रक्षा पंक्ति को मजबूती प्रदान करते हैं।

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 12 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 5.
(1) शान्तिकाल में रक्षा सेनाओं की भूमिका पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
रक्षा सेना शान्तिकाल में समाज सेवा के अनेक प्रकार के कार्य करती है, जैसे-बाढ़, भूकम्प, अन्य प्राकृतिक प्रकोपों व बड़ी दुर्घटनाओं के समय पर राहत कार्य करना। संयुक्त राष्ट्र द्वारा विश्व के विभिन्न देशों में शान्ति स्थापित करने के कार्यों में भी भारतीय सेना ने सहायता की है। हमारी सेनाओं द्वारा कोरिया, गाजा पट्टी, लेबनान, कांगो, यमन आदि स्थानों में किये गये कार्यों की सराहना की गई है। इसके अलावा देश में हो रही विघटनकारी एवं आतंकवादी गतिविधियों का सामना करने में भी सेना का विशेष योगदान रहा है।

(2) वायु सेना के प्रमुख कार्यों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
किसी भी राष्ट्र की रक्षा व्यवस्था में वायु सेना की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। युद्धकाल में आक्रमणकारी देश के प्रमुख सैनिक ठिकानों पर बमबारी करना एवं उनका यातायात, संचार तन्त्र नष्ट करना वायु सेना का प्रमुख कार्य है। थल सेना को युद्ध भूमि में शस्त्र एवं अन्य युद्ध सामग्री तथा खाद्य सामग्री पहुँचाना भी वायु सेना का कार्य है। वायु सेना नभ से देश की सीमाओं की निगरानी करती है जिसके लिए भारतीय सेना में 1000 से अधिक हवाई जहाज और हेलीकॉप्टर हैं।

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MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 4 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 4.5

MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 4 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 4.5

निम्नलिखित की रचना कीजिए –

प्रश्न 1.
एक वर्ग READ जिसमें RE = 5.1 cm है।
हल:
रचना के चरण –

  1. एक सर्वप्रथम एक रेखाखण्ड RE = 5.1 cm बनाया।
  2. रेखाखण्ड RE के R के बिन्दु पर ∠XRE = 90° बनाया।
  3. किरण RX से 5.1 cm लम्बा रेखाखण्ड काट लिया।
  4. D तथा E बिन्दुओं के केन्द्र मानकर और 4 cm त्रिज्या लेकर दो चाप लगाए जो एक-दूसरे को A पर काटते हैं।
  5. DA तथा EA को मिलाया। इस प्रकार प्राप्त आकृति READ अभीष्ट वर्ग है।

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प्रश्न 2.
एक समचतुर्भुज जिनके विकर्णों की लम्बाई 5.2 cm और 6-4 cm है।
हल:
रचना के चरण –

  1. माना कि विकर्ण AC = 5.2 cm तथा BD = 6.4 cm है।
  2. रेखाखण्ड AC = 5.2 cm बनाया।
  3. AC का लम्ब समद्विभाजक खींचा जो AC को O बिन्दु पर काटता है।
    MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 4 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 4.5 img-2
  4. O बिन्दु को केन्द्र मानकर तथा \(\frac{BD}{2}\) = \(\frac{6.4}{2}\) cm = 3.2 cm त्रिज्या लेकर दो चाप लगाए जो OX को D पर तथा OY को B पर काटता है।
  5. AD, CD, CB और AB को मिलाया।
  6. प्राप्त आकृति ABCD अभीष्ट समचतुर्भुज है।

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प्रश्न 3.
एक आयत जिसकी आसन्न भुजाओं की लम्बाइयाँ 5 cm और 4 cm हैं।
हल:
रचना के चरण –

  1. सर्वप्रथम रेखाखण्ड PQ = 5 cm बनाया।
  2. P बिन्दु पर ZQPX = 90° बनाया।
  3. बिन्दु K को केन्द्र मानकर तथा 4 cm त्रिज्या लेकर चाप लगाया जो XP सेवा को S पर प्रतिच्छेद करता है।
  4. अब S को केन्द्र मानकर तथा 5 cm त्रिज्या लेकर एक चाप लगाया।
  5. Q बिन्दु को केन्द्र मानकर तथा 4 cm त्रिज्या लेकर एक चाप लगाया। ये दोनों चाप एक दूसरे को बिन्दु R पर प्रतिच्छेद करते हैं।
  6. SR तथा QR को मिलाया। इस प्रकार प्राप्त आकृति PQRS एक अभीष्ट आयत है।

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प्रश्न 4.
एक समान्तर चतुर्भुज OKAY जहाँ OK = 5.5 cm और KA = 4.2 cm है। क्या यह अद्वितीय है?
हल:
किसी चतुर्भुज की रचना के लिए पाँच मापों का होना आवश्यक है।

यहाँ समान्तर चतुर्भुज की रचना के लिए दो आसन्न भुजाएँ दी गई हैं। अर्थात् चार भुजाएँ दी गई हैं। सम्मुख भुजाएँ बराबर हैं। अतः चतुर्भुज की रचना के लिए एक और माप आवश्यक है। यह माप दो आसन्न भुजाओं के बीच का कोण हो सकता है या अद्वितीय चतुर्भुज के लिए यह एक विकर्ण हो सकता है।

अतः दी गई चार मापों से अभीष्ट समान्तर चतुर्भुज की रचना नहीं हो सकती है।

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MP Board Class 9th Sanskrit Solutions Chapter 15 श्रेष्ठतमं कार्यम्

MP Board Class 9th Sanskrit Solutions Durva Chapter 15 श्रेष्ठतमं कार्यम् (कथा)

MP Board Class 9th Sanskrit Chapter 15 पाठ्य पुस्तक के प्रश्न

प्रश्न 1.
एकपदेन उत्तरं लिखत (एक शब्द में उत्तर लिखो)
(क) कुण्डलः कः आसीत? (कुण्डल कौन था?)
उत्तर:
वृद्धः ब्राह्मणः। (वृद्ध ब्राह्मण था।)

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(ख) कुण्डलस्य पुत्रस्य नाम किम्? (कुण्डल के पुत्र का क्या नाम था?)
उत्तर:
सुकर्मा। (सुकर्मा)।।

(ग) कस्य प्रभावेण प्राणिनः जातिवैरम् परित्यज्य आनन्देन निवसन्ति स्म? (किसके प्रभाव से जीव-जाति, बैर, त्याग कर आनंदपूर्वक रहते हैं?)
उत्तर:
पिप्पलस्य। (पिप्पल के।)

(घ) कः सारसरूपं धृत्वा पिप्पलस्य समीपं गतवान्? (कौन सारस का रूप धारण कर पिप्पल के पास गया?)
उत्तर:
पितामहः ब्रह्मा। (पितामह ब्रह्मा।)

(ङ) वरम प्राप्य पिप्पलः कीदृशः जातः?(वरदान प्राप्त कर पिप्पल किस तरह हो गया?)
उत्तर:
अहङ्कारी। (अहंकारी।)

प्रश्न 2.
एकवाक्येन उत्तरं लिखत (एक वाक्य में उत्तर लिखो)
(क) कः महान् पितृभक्तः आसीत्? (महान पितृभक्त कौन था?)
उत्तर:
सुकुर्मा महान् पितृभक्तः आसीत्। (सुकर्मा महान पितृभक्त था।)

(ख) पिप्पलः कं वरं याचितवान्? (पिप्पल कौन-सा वरदान माँगा?)
उत्तर:
पिप्पलः अशेषं विश्वं मम अधीन भवतु वरं याचितवान्। (पिप्पल ने वरदान माँगा कि पूरा विश्व मेरे अधीन हो जाये।)

(ग) सगर्वं पिप्पलं वीक्ष्य ब्रह्मा किं निश्चितवान्? (पिप्पल को घमण्डी जानकर ब्रह्मा ने क्या निश्चय किया?)
उत्तर:
सगर्वं पिप्पलं वीक्ष्य ब्रह्मा पिप्पलस्य गर्वः निवारणीय। (पिप्पल को घमण्डी जानकर ब्रह्मा ने पिप्पलस्य के गर्व को दूर करने का निश्चय किया।)

(घ) केन प्रकारेण पिप्पलस्य गर्वः अपगतः? (किस तरह से पिप्पल का घमण्ड दूर हो गया?)
उत्तर:
सुकर्मणः वचनं श्रुतवतः पिप्पलस्य गर्वः अपगतः। (सुकर्मा के वचनों को सुनकर पिप्पल का घमण्ड दूर हो गया।)

(ङ) कस्य उपरि देवाः पुष्पवृष्टिं कृतवन्तः? (किसके ऊपर देवों ने फूलों की वर्षा की?)
उत्तर:
सुकर्मणः उपरि देवाः पुष्पवृष्टिं कृतवन्तः। (सकर्मा के ऊपर देवों ने फलों की वर्षा की।)

(च) पाठमालक्ष्य श्रेष्ठतमं कार्यं किमस्ति? (पाठ के अनुसार श्रेष्ठ कार्य क्या है?)
उत्तर:
पाठमालक्ष्य श्रेष्ठतमं कार्यं पित्रोः सेवायाः श्रेष्ठतमं। (पाठ के अनुसार श्रेष्ठ कार्य माता-पिता की सेवा करना ही है।)

प्रश्न 3.
अधोलिखित प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत (निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखो)
(क) सुकर्मा कथं पित्रोः सेवां करोति स्म? (सुकर्मा किस तरह से माता-पिता की सेवा करता था?)
उत्तर:
सुकर्मा पित्रोः स्नानं कारयति, रुचिकरमं पाकं कृत्वा व्यजनेन वीजयति इदृशं सेवां करोति स्म। (सुकर्मा माता-पिता को स्नान कराता था, रुचिकर भोजन पकाकर खिलाता था तथा पंखे से हवा करके इस तरह सेवा करता था।)

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(ख) पिप्पलस्य गर्वापनयनाय पितामहः किंमुक्तवान्? (पिप्पत के घमण्ड को दूर करने के लिये ब्रह्मा ने क्या किया?)
उत्तर:
पिप्पलस्य गर्वापनयनाय पितामहः सारसरूपं धृत्वा पिप्पलस्य समीपम् अगच्छत् अवदच्च। महत् तपः कृत्वा अपि भवान् ज्ञानं न लब्धवान्। (पिप्पल के घमण्ड को दूर करने के लिये पितामह ब्रह्मा ने सारस का रूप धारण कर पिप्पल से बोले-बहुत अधिक तपस्या करके भी आप ज्ञान को प्राप्त नहीं कर सके।)

(ग) श्रेष्ठतम कार्यमिति पाठस्य आशयः कः? (श्रेष्ठतम कार्य नामक पाठ का आशय क्या है?)
उत्तर:
श्रेष्ठतं कार्यमिति पाठस्य आशयः पित्रोः सेवायाः श्रेष्ठतम् अन्यत् कार्य नास्ति। (श्रेष्ठतम कार्य नामक पाठ का आशय है कि माता-पिता की सेवा ही श्रेष्ठ कार्य है’अन्य दूसरा कोई कार्य श्रेष्ठ नहीं है।)

प्रश्न 4.
उचितशब्दैः रिक्तस्थानपूर्तिं कुरुत
(अहमेव, तपः, पितृभक्तः, विनयशीलः, पिप्पलः)
(क) कुण्डलस्य पुत्रः सुकर्गा महान् पितृभक्तः
(ख) वरप्राप्त्या पिप्पलः अहङ्कारी जातः।।
(ग) सः आश्रमे तिष्ठन् घोरं तपः आचरति।
(घ) अहमेव सर्वश्रेष्ठः इति सः चिन्तितवान्।
(ङ) सः विनयशीलः सञ्जातः।

प्रश्न 5.
निम्नलिखितशब्दानां पर्यायशब्दान् लिखत
(क) पुत्रः – वत्सः।
(ख) इन्द्रः – महेन्द्रः।
(ग) निशा – रात्रिः।
(घ) माता – जननी।
(ङ) पिता – जनकः।

प्रश्न 6
अधोलिखितपदानां विभक्तिं वचनं च लिखत
MP Board Class 9th Sanskrit Solutions Chapter 15 श्रेष्ठतमं कार्यम् img-1

प्रश्न 7.
अधोलिखितपदानि संस्कृतवाक्येषु प्रयुज्यन्ताम्
(क) परित्यज्य – बुद्धः पितरौ परित्यज्य वनं गतवान्।
(ख) तपस्वी – सुकर्मा महान् तपस्वी आसीत्।
(ग) पितभक्तः – सुकर्मा महान पितृभक्तः आसीत्।
(घ) सर्वश्रेष्ठः – पितृ सेवाया सर्वश्रेष्ठः।
(ङ) कृतवान् – पिप्पलः कठोरमं तपः कृतवान्।

प्रश्न 8.
शुद्धवाक्यानां समक्षम् “आम्” अशुद्धवाक्यानां समक्षं “न” इति लिखत
(क) कुण्डलः वेदशास्त्रज्ञः आसीत्।
(ख) पिप्पलः वरप्राप्त्या निरभिमानी जातः।
(ग) इन्द्रः सारसरूपं धृत्वा पिप्पलस्य समीपं गतवान।
(घ) सेवायाः श्रेष्ठतमम् अन्यत् कार्यं नास्ति।
(ङ) सुकर्मा आश्रमे तिष्ठन घोरं तपः आचरति।
उत्तर:
(क) आम्
(ख) न
(ग) न
(घ) आम्
(ङ) न

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प्रश्न 9.
निम्नलिखित वाक्येषु रेखाङ्कितानि सर्वनाम पदानि कस्य स्थाने प्रयुक्तानि? पाठम् आधृत्य लिखत
(क) अहमेव सर्वश्रेष्ठः इति सः चिन्तितवान्।
उत्तर:
पिप्पलः स्थाने सः प्रयुक्तः।

(ख) पित्रो. सेवायामेव तस्य सर्वः अपि समयः व्ययित भवति।
उत्तर:
सुकर्मा स्थाने तस्य प्रयुक्तः।

(ग) तस्य गर्वः अपि अपगतः।
उत्तर:
पिप्पलस्य स्थाने तस्य प्रयुक्तः।

(घ) भवतां कथं एतादृशं ज्ञानं सम्पादितवान्।
उत्तर:
सुकर्मा स्थाने भवतां प्रयुक्तः।

(ङ) सन्तुष्टः देवाः तस्य उपरि पुष्पवृष्टिं कृतवन्तः।
उत्तर:
सुकर्मा स्थाने तस्य प्रयुक्तः।

प्रश्न 10.
अधोलिखितपदानां सन्धिं सन्धिविच्छेदं च कृत्वा सन्धि नाम लिखत
MP Board Class 9th Sanskrit Solutions Chapter 15 श्रेष्ठतमं कार्यम् img-2

प्रश्न 11.
अधोलिखितानां शब्दानां समास विग्रहं कुरुत
MP Board Class 9th Sanskrit Solutions Chapter 15 श्रेष्ठतमं कार्यम् img-3

श्रेष्ठतमं कार्यम् पाठ-सन्दर्भ/प्रतिपाद्य

कथा के माध्यम से नीति, धर्म, त्याग, सेवा, परोपकारादि भावों का शिक्षण संस्कृत साहित्य में बहुत पुराने समय से ही चलता आ रहा है। वैदिक काल से ही गद्य साहित्य में कथा-विधा का प्रचार-प्रसार एवं लेखन निरंतर आज तक चलता आ रहा है। यहाँ संभाषण संदेश से संकलित यह बाल मनोविनोदिनी कथा प्रस्तुत है।

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श्रेष्ठतमं कार्यम् पाठ का हिन्दी अर्थ

1. कुण्डलः-कश्चन् सदाचारी वृद्धः ब्राह्मणः। सः वेदशास्त्रज्ञः आसीत्। कुण्डलस्य पुत्रः सुकर्मा महान् पितृभक्तः। सः पितुः सकाशादेव वेदशास्त्रयोः अध्ययनं करोति स्म। श्रद्धया मातुः पितुश्च सेवां करोति स्म।

सुकर्मा ‘मातृदेवो भव’ ‘पितृदेवो भव’ इति वचनम् अव्यवधानेन पालयति स्म। प्रतिदिनं नदीतेः जलम् आनीय पित्रोः स्नानं कारयति। समये रुचिकरम् पाकं कृत्वा परिवेषयति। ग्रीष्मकाले तौ व्यजनेन वीजयति। रात्रौ जागरितः सन् एव तयोः सेवां करोति। एवं च पित्रोः सेवायामेव तस्य सर्वः अपि समयः व्ययितः भवतिस्म।

तस्मिन् काले एव पिप्पलः नाम कश्चन् तपस्वी निवसति स्म। सः आश्रमे निष्ठन् घोरं तपः आचरति। तस्य तपःप्रभावेण प्राणिनः अपिजातिवैरंपरित्यज्य सहैव आनन्देन निवसन्ति स्म।

पिप्पलः :
घर्षं यावत् जलम् अन्नं च अस्वीकृत्य वायुमात्रं सेवमानः तपः आचरितवान्। तपसः प्रभावेण तस्य शरीरे अपूर्वं तेजः प्राकाशत। सन्तुष्टाः देवाः तस्य उपरि पुष्प वृष्टिं कृतवन्तः। इन्द्रः प्रत्यक्षः भूत्वा “वरं याचतु” इति उक्तवान्।

शब्दार्थ :
अव्यवधानेन-बाधा के कारण-For disturbing; परिवेष्यति-ढूंढ़ता-Founds; तौ-वे दोनों-They both; वीजयति-पंखा करता है-To file fan; व्यजनेन-पंखे के द्वारा-By fan; जागरित-जाग कर-Get up; भवति स्म-हुआ था-Was happend; घोरं-बहुत अधिक-Very much; जातिवैरं-जाति बैर-Malafide intention by caste; सदैव-हमेशा-Daily; स्म-थे-Were; उक्तवान्-कहा-Invitation; अस्वीकृत्यअस्वीकार-Not accepting; उपरि-ऊपर-Upper; भूत्वा-होकर-Passing, cross.

हिन्दी अर्थ :
कहीं कुण्डल नामक ए. सदाचारी वृद्ध ब्राह्मण रहता था। वह वेदशास्त्रों का अच्छा ज्ञाता था। कण्डल का एक पुत्र सुकर्मा बहुत पित्रभक्त था। वह अपने पिता के साथ वेदशास्त्रों ५। अध्ययन करता रहता था और श्रद्धापूर्वक माता-पिता की सेवा किया करता।

सुकर्मा ‘मातृ देवो भव’, ‘पितृ देवोभव’ इस प्रकार के वचन का व्यवधान रहित पालन किया करता था। प्रतिदिन नदी से जल लाकर माता-पिता को स्नान कराता, समय पर (यथा संभव) स्वादिष्ट भोजन बनाकर परोसता। गर्मी के दिनों में उन दोनों को पंखे से हवा करता। रात्रि में जागकर भी वह उन दोनों की सेवा करता। इस प्रकार माता-पिता की सेवा करता हुआ वह अपना समय व्यतीत करता था।

उन्हीं दिनों पिप्पल नामक कोई तपस्वी निवास करता था। वह आश्रम में रह तप का आचरण करता था। उसके तप के प्रभाव से सभी प्राणी जाति-बैर त्यागकर आनन्दपूर्वक साथ-साथ निवास करते थे। पिप्पल ने एक वर्ष तक अन्न जल का त्याग कर केवल हवा पीकर तपस्या की। उसके तपके प्रभाव से शरीर में अद्वितीय तेज प्रस्फुटित होने लगा। देवगणों ने फूलों की वर्षा की, इंद्रदेव (स्वयं) प्रकट होकर ‘वरदान’ माँगने को कहा।

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2. पिप्पलः-“अशेषं विश्वं मम अधीन भवतु” इति वरमयाचत्। इन्द्रः “तथास्तु” इति उक्तवान्। परन्तु वरप्राप्त्या पिप्पलः अहङ्कारी जातः। प्रपञ्चे मत्सदृशः तपस्वी अन्यः कोऽपि नास्ति। अहमेव सर्वश्रेष्ठः इति सः अमन्यतं।

पितामहः ब्रह्मा “पिप्पलस्य गर्वः निवारणीय” इति निश्चित्य सारसरूपं धृत्वा पिप्पलस्य समीपम् अगच्छत् अवदच्च-“भवान् किमर्थम् आत्मानं श्रेष्ठं मन्यते? एषः भवतः अहङ्कारः। महत् तपः कृत्वा अपि भवान् ज्ञानं न लब्धवान्। कुण्डलस्य पुत्रः सुकर्मा भवदपेक्षया ज्ञानी अस्ति। यद्यपि सः यज्ञयागादिकं न कृतवान्, त्वत् सदृशः कठोरं तपः अपि न आचरितवान्। तथापि तेन पित्रोः सेवया तादृशं ज्ञानं लब्धम्” इति।

एतदाकर्ण्य आश्चर्यचकितः पिप्पलः तदा एव सुकर्मणः समीपं गत्वा अपृच्छत्-“भवता कथम् एतादृशं ज्ञानम् अर्जितम्?” इति।।

सुकर्मा विनयेन पिप्पलं नमस्कृत्य अवोचत्-ब्रह्मन्! अहं किमपि न जानामि। न मया यज्ञः कृतः, न वा तीर्थाटनं कृतम्, तपः अपि न आचरितम्, अहं तु पित्रोः सेवामेव कृतवान्। अहं चिन्तयामि यत् पित्रोः सेवायाः श्रेष्ठतमम् अन्यत् कार्यं नास्ति। तयोः सेवायाः परिणामतः एव मया एतादृशी सिद्धिः प्राप्ता।

सुकर्मणः :
वचनं श्रुतवतः पिप्पलस्य ज्ञाननेत्रे उद्घाटिते। तस्य गर्वः अपि अपगतः। सः विनय-शीलः सञ्जातः।।

शब्दार्थ :
अहङ्कारी-अहंकारी-Proudy; प्रपञ्चे-प्रपञ्च में-; सदृशः-के समान-Like that; अमन्यत्-माना-Obey; ब्रह्मा-ब्रह्मा-God; निवारणीय-निवारण करता हूँ-Solves; साररूपं-सार रूप में-In summary; अवदच्च-और बोला-And speak; मन्यते-मानते हैं-Obeys; कृत्वा-करके-Do; लब्धवान्-प्राप्त किया-Received; भवदपेक्षया-आपकी अपेक्षा-Than you; यज्ञभागादिकं-यज्ञ आदि-And worship; सदृशः-के समान-Like that; एतदाकर्ण्य-ऐसा सुनकर-Listen that; अहं-मैं-I; सजातः-हुआ-Happend.

हिन्दी अर्थ :
पिप्पल-पूरा संसार हमारे अधीन हो-ऐसा वर माँगा। इन्द्र-‘तथास्तु’ ऐसा होगा। किन्तु वर प्राप्त कर लेने के बाद पिप्पल अहंकार से भर उठा। उसे ऐसा प्रपंच लगने लगा कि उसके समान तपस्वी संसार में कोई दूसरा नहीं। उसे अपने सर्वश्रेष्ठ होने का अहंकार हो गया।

पितामह ब्रह्मा पिप्पल के गर्व का निवारण करने हेतु सारस का रूप धारण कर उसके पास आए और बोले-आप अपने को क्यों सर्वश्रेष्ठ मानते हो? यह तुम्हारा अहंकार है। महान तपस्वी सुकर्मा तुम्हारी अपेक्षा अधिक ज्ञानवान है इतनी तपस्या करने पर भी तुम ज्ञान को प्राप्त न हो सके। यद्यपि कुण्डल पुत्र सुकर्मा तुम्हारे समान कठोर तपस्या भी नहीं किया, न ही यज्ञ-यागादि ही किया, तो भी उसने मातृ-पितृ सेवा के ज्ञान प्राप्त कर लिया। (ब्रह्मा की) यह बात सुन आश्चर्यचकित पिप्पल सुकर्मा के निकट जाकर पूछा-आपने कैसे इस प्रकार ज्ञान अर्जित कर लिया?

सुकर्मा ने विनय पूर्वक पिप्पल को नमस्कार कर कहा-ब्रह्मन्! मैं कुछ भी नहीं जानता। न तो मैंने कोई यज्ञ किया, न तीर्थ-व्रत किया, मैंने तपस्या भी नहीं की। मैंने तो केवल माता-पिता की सेवा की है। मैं सोचता हूँ-माता-पिता की सेवा ही सर्वश्रेष्ठ है। दूसरा अन्य कोई कार्य श्रेष्ठ नहीं है। उनकी सेवा के फलस्वरूप मुझे यह ज्ञान प्राप्त हुआ। सुकर्मा के वचन सुन पिप्पल के ज्ञान चक्षु खुल गए। उसका अहंकार तिरोहित हो गया वह विनयी हो गया।

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MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 11 आर्थिक विकास

MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 11 आर्थिक विकास

MP Board Class 8th Social Science Chapter 11 अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए –
(1) भारत में कार्यशील जनसंख्या का लगभग कितने प्रतिशत कृषि कार्य में संलग्न है ?
(क) 50 प्रतिशत
(ख) 60 प्रतिशत
(ग) 70 प्रतिशत
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(ख) 60 प्रतिशत

(2) भारत के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का योगदान –
(क) 26 प्रतिशत
(ख) 36 प्रतिशत
(ग) 42 प्रतिशत
(घ) 100 प्रतिशत
उत्तर:
(क) 26 प्रतिशत

(3) औद्योगिक विकास से –
(क) कृषि पर निर्भरता कम होती है
(ख) जीवन स्तर में सुधार आता है
(ग) उपर्युक्त दोनों
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(ग) उपर्युक्त दोनों।

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(1) भारत, नेपाल, चीन, पाकिस्तान ……….. देश हैं तथा जापान, सिंगापुर, ब्रिटेन, अमेरिका …………. देश हैं।
(2) औद्योगिक विकास देश व नागरिकों के लिए …………. लाता है।
(3) लोहा-इस्पात का आधुनिक कारखाना …………. में लगाया गया।
(4) अर्थव्यवस्था के मंद विकास से …………. बढ़ती है।
उत्तर:

  1. विकासशील, विकसित
  2. समृद्धि
  3. जमशेदपुर (झारखण्ड)
  4. बेरोजगारी

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 11 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 3.
(1) निर्धनता किसे कहते हैं ?
उत्तर:
निर्धनता वह दशा है, जिसमें किसी व्यक्ति को अपने जीवन-यापन के लिए भोजन, वस्त्र और मकान जैसी न्यूनतम आवश्यकताओं की पूर्ति करने में कठिनाई होती है।

(2) बेरोजगारी किस स्थिति को कहते हैं ?
उत्तर:
बेरोजगारी वह स्थिति है जिसमें कोई व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से कार्य करने का इच्छुक होने पर भी कार्य पाने में असमर्थ रहता है। .

(3) खनिज आधारित उद्योग कौन-कौनसे हैं ?
उत्तर:
लोहा और इस्पात, सीमेण्ट तथा रसायन उद्योग खनिज आधारित उद्योग हैं।

(4) कुटीर उद्योगों के नाम लिखिए।
उत्तर:
प्रमुख रूप से खिलौने बनाना, लिफाफे बनाना, पापड़ बनाना, बड़ी बनाना, चटाई बनाना, झाड़ बनाना, मसाले तैयार करना, बीड़ी बनाना और कपड़े बुनना आदि कार्य कुटीर उद्योगों में शामिल हैं।

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 11 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 4.
(1) प्राचीन काल में हमारे देश की अर्थव्यवस्था कैसी थी?
उत्तर:
प्राचीनकाल में भारतीय अर्थव्यवस्था समृद्ध एवं विकसित थी। भारत आर्थिक क्षेत्र में आत्मनिर्भर था। ईस्ट इण्डिया कम्पनी शुरू के वर्षों में बहुमूल्य धातुओं के बदले भारत में बने कपड़े, मसाले व कुटीर उत्पाद खरीदती थी।

(2) लघु उद्योग का क्या अर्थ है ?
उत्तर:
लघु उद्योग में कम पूँजी लगती है। कम मजदूरों द्वारा ही कार्य करा लिया जाता है। इनसे उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलती है तथा बेरोजगारों को रोजगार प्राप्त हो जाता है।

(3) आत्मनिर्वाह कृषि क्या है ?
उत्तर:
देश के बहुसंख्यक किसान छोटी और बिखरी जोतों व परम्परागत औजारों का प्रयोग करते हैं। कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण उन्नत बीजों, उर्वरकों एवं कीटनाशकों का प्रयोग नहीं कर पाते, अतः इससे उत्पादन भी कम होता है। इनका उत्पादन खाद्यान्न के रूप में उनके परिवार के उपभोग में प्रयुक्त हो जाता है। इस प्रकार की कृषि को आत्मनिर्वाह कृषि कहते हैं।

(4) ग्रामीण रोजगार गारन्टी’ योजना क्या है ?
उत्तर:
केन्द्र सरकार द्वारा ‘ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना-2005’ विधेयक पारित किया गया है। इस विधेयक में ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक परिवार के एक वयस्क व्यक्ति को 100 दिवसों का रोजगार उसके निवास के निकट (पाँच किलोमीटर के दायरे में) दिये जाने हेतु प्रावधान किया गया है।

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 11 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 5.
(1) आर्थिक विकास में कृषि किस प्रकार सहायक है ?
उत्तर:
कृषि भारत की अर्थव्यवस्था का आधार है –
तथा इसका भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 26 प्रतिशत का योगदान है। भारतीय कृषि खाद्यान्न उत्पादन के साथ-साथ उद्योगों के लिए कच्चा माल भी उपलब्ध कराती है। कृषि के अन्तर्गत खेती-बाड़ी, पशुपालन, वानिकी, मत्स्य पालन आदि भी शामिल हैं। मानसून पर कृषि की निर्भरता अभी भी बनी हुई है। प्राकृतिक विशेषताओं; जैसे-भूमि की प्रकृति, जलवायु तथा सिंचाई की सुविधाओं के कारण भारतीय किसान विभिन्न प्रकार की कृषि करते हैं।

भारत के प्रत्येक क्षेत्र में कृषि की उत्पादकता भी समान नहीं रही है। हमारे देश की बड़ी जनसंख्या कृषि कार्य करती है। इससे उन्हें रोजगार, खाद्यान्न और आय प्राप्त होती है। उद्योगों को कच्चा माल कृषि से प्राप्त होता है। फसलों में किसानों की आय बढ़ने से उनका जीवन स्तर ऊँचा होता है। खाद्यान्नों में आत्मनिर्भरता के साथ-साथ कृषि उत्पादों का निर्यात करके विदेशी मुद्रा प्राप्त करके राष्ट्रीय आय में वृद्धि की जा सकती है।

(2) खनिज आधारित उद्योगों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
खनिज अधारित उद्योगों का वर्णन अग्र प्रकार है –
ऐसे उद्योग जो कच्चे माल के लिए खनिजों पर निर्भर हैं, जैसे-लोहा और इस्पात, सीमेण्ट तथा रसायन उद्योग खनिज आधारित उद्योग हैं। भारत में लोहा व इस्पात का पहला कारखाना सन् 1830 में पोटॉनोवा (तमिलनाडु) में लगाया गया। लोहा व इस्पात बनाने का आधुनिक कारखाना 1907 में जमशेदपुर (झारखण्ड) में लगाया गया। इसमें लौह-अयस्क, कोकिंग कोयला, चूना पत्थर और मैंगनीज अयस्क का उपयोग किया जाता है।

एल्युमीनियम एवं ताँबा प्रगलन भी भारत के बड़े उद्योग हैं। इसके अतिरिक्त रासायनिक उद्योग जिसके अन्तर्गत उर्वरक, कृत्रिम रेशे, कृत्रिम रबड़, प्लास्टिक की वस्तुएँ, रंग-रोगन तथा औषधियाँ तैयार की जाती हैं। परिवहन उपकरण; जैसे – रेल के इंजन, डिब्बे, मोटर वाहन (बस, ट्रक, कार, मोटर साइकिल आदि) वायुयान एवं पोत बनाने सम्बन्धी बड़े एवं भारी उद्योग तथा इलेक्ट्रॉनिक उद्योग स्थापित किये गये हैं।

(3) मुख्य आर्थिक समस्याओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
आज हमारे सामने जो मुख्य आर्थिक समस्याएँ खड़ी हैं उनका वर्णन इस प्रकार है –
1. जनसंख्या वृद्धि – भारत के आर्थिक विकास में तेजी से बढ़ती जनसंख्या एक बड़ी समस्या है। स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद केवल इसी समस्या के कारण गरीबी, बेरोजगारी जैसी समस्याएँ आज तक सुलझ नहीं सकी। वर्ष 1951 में हमारे देश की कुल जनसंख्या 36 करोड़ थी, वहीं 2001 में जनसंख्या 102 करोड़ पहुँच गई।

2. निर्धनता – निर्धनता एक ऐसी अवस्था है, जिसमें किसी व्यक्ति को अपने जीवन-यापन के लिए भोजन, वस्त्र, मकान जैसी न्यूनतम आवश्यकताओं की पूर्ति करने में कठिनाई होती है। निर्धनता का दुष्परिणाम व्यक्तिगत और परिवार के स्वास्थ्य पर भी होता है। जिससे व्यक्ति की उत्पादन क्षमता घट • जाती है, अतः निर्धनता निरन्तर बनी रहती है। .

3. बेरोजगारी – हमारे देश में बेरोजगारी का प्रथम कारण है अर्थव्यवस्था का मंद विकास। बेरोजगारी का दूसरा कारण है जनसंख्या में अत्यधिक वृद्धि। इसके परिणामस्वरूप 15 से 59 आयु वर्ग के सर्वाधिक व्यक्ति रोजगार की प्रतीक्षा में हैं। विगत दशकों में जनसंख्या जिस गति से बढ़ी है उस गति से रोजगार के अवसर नहीं बढ़े।

4. मूल्य वृद्धि – निरन्तर और अनियन्त्रित मूल्यवृद्धि सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था को संकट में डालती है, निर्धन और अधिक निर्धन हो जाते हैं। मूल्यवृद्धि आर्थिक असमानता एवं निर्धनता को बढ़ाती है।

5. भ्रष्टाचार – भ्रष्टाचार से आर्थिक असमानता बढ़ती है और गरीब अधिक हो जाते हैं। यह उन्नति की जड़ों को कुतरकर खोखला कर देता है। सरकार ने अनेक नियम और कानून बनाकर भ्रष्टाचार रोकने के प्रयास किये हैं।

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MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 4 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 4.4

MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 4 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 4.4

प्रश्न 1.
निम्न चतुर्भुजों की रचना कीजिए –
(i) चतुर्भुज DEAR जिसमें –

  • DE = 4 cm
  • EA = 5 cm
  • AR = 4.5 cm
  • ∠E = 60°
  • और ∠A = 90° है।

(ii) चतुर्भुज TRUE जिसमें –

  • TR =3.5 cm
  • RU = 3 cm
  • UE = 4 cm
  • ∠R = 75°
  • और ∠U = 120° है।

हल:
(i) रचना के चरण –

  1. सर्वप्रथम रेखाखण्ड EA = 5 cm बनाया।
  2. E बिन्दु पर ∠XEA= 60° बनाते हुए रेखा XE खींची।
  3. E बिन्दु को केन्द्र मानकर तथा 4 cm त्रिज्या लेकर ED = 4 cm रेखा EX में से काट लिया।
  4. अब A बिन्दु 90° का कोण बनाते हुए रेखा AY खींची।
  5. अब A बिन्दु को केन्द्र मानकर तथा 4.5 cm त्रिज्या लेकर AR = 4.5 cm AY में से काट लिया।
  6. DR को मिलाया।
  7. इस प्रकार बनी हुई आकृति DEAR अभीष्ट चतुर्भुज है।

MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 4 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 4.4 img-1

(ii) रचना के चरण –

  1. सर्वप्रथम रेखाखण्ड RU = 3 cm बनाया।
  2. R बिन्दु पर ∠XRU = 75° बनाया।
  3. R बिन्दु को केन्द्र मानकर तथा 3.5 cm की त्रिज्या लेकर एकचाप लगा जो RX को T बिन्दु पर काटता है। TR = 3.5 cm.
  4. U बिन्दु पर 120° का कोण बनाती हुई रेखा UY खींची। R को केन्द्र मानकर तथा 4 cm त्रिज्या लेकर इसमें से UE = 4 cm काट लिया।
  5. ET को मिलाया। इस प्रकार बनी हुई आकृति TRUE अभीष्ट चतुर्भुज है।

MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 4 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 4.4 img-2

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 72

प्रयास कीजिए

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प्रश्न 1.
आप एक आयत PQRS की रचना कैसे करेंगे यदि आप केवल PO और QR की लम्बाई जानते हैं?
हल:
हमें यहाँ आयत की केवल दो आसन्न भुजाएँ ज्ञात हैं। लेकिन यह आयत है, अतः आयत के गुणधर्म के अनुसार –

  1. इसकी सम्मुख भुजाएँ बराबर होंगी।
  2. प्रत्येक कोण 90° का होगा।

अतः सर्वप्रथम हम PQ रेखाखण्ड बनाएँगे। Q बिन्दु पर ∠PQR = 90° बनाते हुए दी हुई लम्बाई की PQ रेखा खींचेंगे।
पुनः P बिन्दु पर ∠SPQ = 90° बनाएँगे तथा PS = QR बनाकर SR को मिलाएँगे।
इस प्रकार प्राप्त आकृति PQRS अभीष्ट आयत होगा।
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प्रश्न 2.
एक पतंग EASY की रचना कीजिए यदि AY = 8 cm, AE = 4 cm और EY = 6 cm है। रचना के दौरान आपने पतंग के कौन-से गुणों का प्रयोग किया?
हल:
पतंग की रचना के दौरान हम निम्न गुणधर्म प्रयुक्त करते हैं –

  1. पतंग के आसन्न भुजाओं के युग्म बराबर होते हैं।
  2. सम्मुख भुजाएँ असमान लम्बाई की होती हैं।

रचना के चरण –

  1. सर्वप्रथम 8 सेमी लम्बाई की रेखा AY खींचते हैं।
  2. अब A को केन्द्र मानकर परकार में AE = AS = 4 सेमी की त्रिज्या लेकर दो चाप (एक ऊपर व एक नीचे) लगाते हैं।
  3. अब Y को केन्द्र मानकर परकार में YE = YS = 6 सेमी की त्रिज्या लेकर दो चाप लगाते हैं जो पहले वाले चापों को क्रमशः E व S पर काटते हैं।
  4. EA, AS, SY तथा YE तथा ES को मिलाया। इस प्रकार हम अभीष्ट पतंग EASY प्राप्त करते हैं।

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MP Board Class 8th Social Science Solutions विविध प्रश्नावली 1

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MP Board Class 8th Social Science विविध प्रश्नावली 1 अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए –
(1) 1608 ई. में प्रथम अंग्रेजी जहाजी बेड़ा किसके नेतृत्व में भारत पहुँचा था ?
(क) डूप्ले
(ख) रॉबर्ट क्लाइव
(ग) कैप्टन हॉकिन्स
(घ) चार्ल्स द्वितीय।
उत्तर:
(ग) कैप्टन हॉकिन्स

(2) इंग्लैण्ड में कानून बनाकर भारतीय कपड़े के आयात पर कब रोक लगाई गई ?
(क) 1700 ई. में
(ख) 1813 ई. में
(ग) 1793 ई. में
(घ) 1716 ई. में।
उत्तर:
(क) 1700 ई. में

(3) अंग्रेजों के विरुद्ध ‘संन्यासी विद्रोह’ का उल्लेख किस पुस्तक में मिलता है ?
(क) गीत गोविन्द
(ख) आनन्द मठ
(ग) कामायनी
(घ) आइने अकबरी।
उत्तर:
(ख) आनन्द मठ

(4) प्राचीन काल में वर्ण व्यवस्था किस पर आधारित थी?
(क) धर्म
(ख) कर्म
(ग) यज्ञ
(घ) जाति।
उत्तर:
(ख) कर्म

(5) लोकतन्त्र जनता का, जनता के लिए और जनता द्वारा शासन है” यह कथन है –
(क) अब्राहम लिंकन
(ख) महात्मा गांधी
(ग) पं. जवाहरलाल नेहरू
(घ) कार्ल मार्क्स।
उत्तर:
(क) अब्राहम लिंकन

(6) पृथ्वी की सबसे बाहरी व ऊपरी पर्त को क्या कहते –
(क) भूपर्पटी
(ख) शैल
(ग) जलमण्डल
(घ) वायुमण्डल
उत्तर:
(क) भूपर्पटी

(7) नर्मदा नदी अपने मुहाने पर बनाती है –
(क) ज्वारनदमुख
(ख) वी-आकार की घाटी
(ग) जलप्रपात
(घ) गोखुर झील
उत्तर:
(क) ज्वारनदमुख

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(1) अलीवर्दी ………….. खाँ ई. में बंगाल का नवाब बना।
(2) 1843 ई. में कानून बनाकर ………… प्रथा पर रोक लगाई गई।
(3) ………….. के नेतृत्व में खासी विद्रोह हुआ था।
(4) …………. के माध्यम से शिक्षा देना अधिक सरल एवं उपयोगी होता है।
(5) हमारे देश में संविधान के अनुसार ………… शासन पद्धति की स्थापना की गई है।
(6) पृथ्वी के ऊपरी धरातल का लगभग 80 प्रतिशत भाग …………. चट्टानों से ढका है।
(7) जबलपुर के पास भेड़ाघाट ………….. दर्शनीय है।
उत्तर:

  1. 1740
  2. दास
  3. राजा तीरह सिंह
  4. मातृभाषा
  5. लोकतन्त्र
  6. अवसादी
  7. का महाखड्ड

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MP Board Class 8th Social Science विविध प्रश्नावली 1 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 3.
(1) डलहौजी द्वारा अवध को किस आधार पर ब्रिटिश शासन का अंग बनाया गया ?
उत्तर:
1856 ई. में अवध के नवाब पर कुशासन का आरोप लगाकर डलहौजी द्वारा अवध को ब्रिटिश शासन का अंग बनाया गया।

(2) एशियाटिक सोसाइटी की स्थापना कब व किसके द्वारा की गई ?
उत्तर:
सन् 1784 ई. में सर विलियम जोंस द्वारा एशियाटिक सोसाइटी की स्थापना की गई।

(3) बैरकपुर में नये कारतूसों का इस्तेमाल करने से किसने मना किया था ?
उत्तर:
मंगल पांडे ने बैरकपुर में नये कारतूसों का इस्तेमाल करने से मना किया था। .

(4) हमारे राष्ट्रीय पर्व कौन-कौन से हैं ?
उत्तर:
स्वतन्त्रता दिवस, गणतन्त्र दिवस व गाँधी जयन्ती हमारे राष्ट्रीय पर्व हैं।

(5) लोकतन्त्र का चौथा स्तम्भ किसे कहा गया है ?
उत्तर:
स्वतन्त्र प्रेस को लोकतन्त्र का चौथा स्तम्भ कहा गया है।

(6) भूकम्प की उत्पत्ति जिस स्थान पर होती है, उसे क्या कहते हैं। भूकम्प की उत्पत्ति
उत्तर:
भूकम्प की उत्पत्ति जिस स्थान पर होती है उसे ‘भूकम्प केन्द्र (फोकस)’ कहते हैं। .

(7) लोएस किसे कहते हैं ?
उत्तर:
अत्यन्त महीन बालू मृदा के साथ बहुत दूर जाकर जमा होती है और इस तरह जिस मैदान की रचना होती है उसे लोएस कहते हैं।

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MP Board Class 8th Social Science विविध प्रश्नावली 1 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 4
(1) भारत में अंग्रेजों की सफलता का कोई एक कारण बताइए।
उत्तर:
अंग्रेजों की सफलता का कारण उनके हल्के और छोटे हथियार तथा प्रशिक्षित सेनाएँ थीं। अंग्रेजों के पास एक अच्छा तोपखाना भी था जो उनकी विजय का कारण बना।

(2) रैय्यतवाड़ी व्यवस्था क्या थी ?
उत्तर:
रैय्यतवाड़ी व्यवस्था में भूमि जोतने वाले को भू-स्वामी माना गया। इनसे कम्पनी सीधे कर लेती थी। लगान न देने पर किसानों का भूमि पर से अधिकार समाप्त कर दिया जाता था।

(3) रामोसी विद्रोह का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पश्चिम घाट में बसने वाली एक आदिम जाति रामोसी ने अंग्रेजी प्रशासन के विरुद्ध 1822 ई. में अपने सरदार चित्तर सिंह के नेतृत्व में विद्रोह कर दिया और उन्होंने सतारा के आस-पास का क्षेत्र लूट लिया था।

(4) राष्ट्रीय एकीकरण में पर्यटन के महत्त्व को समझाइए।
उत्तर:
प्रारम्भ से ही पर्यटन राष्ट्रीय एकीकरण का महत्त्वपूर्ण तत्व रहा है। इतने विशाल देश को समझने में और सभी में एकता का भाव जगाने में पर्यटन सहयोगी होता है। पर्यटन से एक-दूसरे की विशेषताओं और समस्याओं को समझते हैं, जिसके कारण समान भाव, विचार और दृष्टिकोण विकसित होता है।

(5) निःशस्त्रीकरण से क्या आशय है ?
उत्तर:
निःशस्त्रीकरण का अर्थ शस्त्रों की दौड़ समाप्त करने अथवा शस्त्रों को कम या समाप्त करने से है। निःशस्त्रीकरण विश्व शान्ति की स्थापना के लिए आवश्यक है।

(6) मैदानों को ‘सभ्यता का पालना’ क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
मैदान मानव निवास के लिए सबसे उपयुक्त स्थल है। क्योंकि मैदान ही उसकी भोजन, वस्त्र, मकान और अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं, इसलिए विश्व की लगभग सभी सभ्यताओं का जन्म मैदानी भू-भाग में हुआ है। इसीलिए मैदानों को ‘सभ्यता का पालना’ कहा जाता है।

(7) जैविक अपक्षय किसे कहते हैं ?
उत्तर:
जैविक अपक्षय वनस्पतियों, जीव-जन्तुओं और मनुष्यों द्वारा होता है। वृक्षों की जड़ें चट्टानों की संधियों में पहुँचकर और अधिक चौड़ा कर उन्हें तोड़ देती हैं। चूहे, दीमक, चीटियाँ, केंचुए और जीव नरम चट्टानों को तोड़ते-फोड़ते और खुरचते हैं। मनुष्य भी कृषि उपयोग के लिए, भवन निर्माण के लिए, सड़क निर्माण के लिए चट्टानों की तोड़-फोड़ करता है। इस प्रकार के अपक्षय को ‘जैविक अपक्षय’ कहते हैं।

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MP Board Class 8th Social Science विविध प्रश्नावली 1 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 5.
(1) बक्सर के युद्ध का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
प्लासी के युद्ध के बाद नवाब मीर जाफर कम्पनी के लिए एक कठपुतली शासक के समान था। नवाब का खजाना कम्पनी और उसके कर्मचारियों को भेंट और रिश्वत देने में खाली हो गया। कम्पनी की माँग में निरन्तर वृद्धि होती जा रही थी। इससे पहले कि नवाब मीर जाफर कोई कठोर निर्णय लेता, कम्पनी ने उसे गद्दी से हटाकर उसके दामाद मीर कासिम को बंगाल का नया नवाब बना दिया। मीर कासिम कम्पनी पर अपनी निर्भरता को कम करना चाहता था।

उसने शक्ति संचय करना शुरू कर दिया। नया सैनिक संगठन खड़ा किया। व्यापारिक चुंगी समाप्त कर दी। जिससे कम्पनी को नुकसान हुआ। परिणामस्वरूप 1736 ई. में नवाब मीर कासिम और कम्पनी के मध्य हुए युद्ध में मीर कासिम पराजित हुआ। मीर कासिम भागकर अवध चला गया। अवध का नवाब शुजाउद्दौला भी अंग्रेजों से नाराज था। मुगल सम्राट शाह आलम भी दिल्ली से भागकर अवध में ही निवास कर रहा था। तीनों ने मिलकर बक्सर नामक स्थान पर 23 अक्टूबर, 1764 ई. को कम्पनी की सेनाओं के साथ युद्ध किया। मुगल सम्राट और दोनों नवाब युद्ध में पराजित हुए।

(2) ब्रिटिश शासन की न्याय एवं कानून व्यवस्था का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
किसी भी देश के शासन संचालन के लिए कानून का होना आवश्यक है। जिसका अनुपालन सरकार एवं जनता द्वारा किया जाना जरूरी है। ब्रिटिश शासनकाल में सरकार द्वारा न्यायालयों की स्थापना गई। न्यायालयों द्वारा कानूनों का उल्लंघन करने वाले लोगों पर कठोर दण्डात्मक कार्यवाही की जाती थी।

प्रारम्भ में अंग्रेजों ने भारत में प्रचलित कानूनों के साथ छेड़छाड़ नहीं की और विवाह, उत्तराधिकार सम्बन्धी कानून, रीति – रिवाज और धर्म ग्रन्थों पर आधारित पुरातन कानूनों को चलने दिया, किन्तु अंग्रेजों और भारतीयों में विवाद होने पर उसका निराकरण अंग्रेजी कानून से होता था। सन् 1793 ई. में बनाये गये बंगाल रेग्यूलेशन एक्ट के तहत न्यायालयों में भारतीयों के निजी एवं मालिकाना अधिकारों के लिए फैसले होने लगे थे। इस एक्ट में हिन्दुओं और मुसलमानों के निजी,कानूनों को शामिल किया गया। इससे भारत में लिखित कानूनों का चलन आरम्भ हुआ था।

(3) 1857 से पूर्व किसानों और दस्तकारों की स्थिति का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
अंग्रेजों द्वारा लागू की गई भूमि व्यवस्थाओं से किसानों की हालत बदतर हो गई थी। पुराने जमींदारों को हटा देने पर किसानों की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। बल्कि कम्पनी और उसके कर्मचारियों का किसानों पर अत्याचार बढ़ गया। कई मामलों में राजस्व की माँग में वृद्धि हुई तो किसानों के कष्ट और बढ़ गए। जब इंग्लैण्ड में तैयार हुआ माल भारत में पहुँचने लगा तो यहाँ के पुराने हस्तशिल्प बरबाद हो गये। पीड़ित किसान और कारीगर ब्रिटिश शासन को उखाड़ फेंकने की लड़ाई के लिए मजबूर हो गये।

(4) साम्प्रदायिकता देश की एकता के लिए खतरा है। समझाइए।
उत्तर:
साम्प्रदायिकता’ शब्द सम्प्रदाय से बना है। साम्प्रदायिकता का अर्थ है, ऐसी भावनाएँ व क्रियाकलाप जो अपने सम्प्रदाय और उसकी विशेषताओं को तो श्रेष्ठ समझें तथा दूसरे के सम्प्रदाय और विश्वासों को हीन समझें। ऐसा दृष्टिकोण अपने धर्म अथवा सम्प्रदाय के आधार पर किसी समूह विशेष के हितों पर बल देता है और उन हितों को राष्ट्रहितों के ऊपर समझता है – हम जानते हैं कि संकीर्ण साम्प्रदायिक विचारों के कारण 1947 में साम्प्रदायिक दंगे हुए तथा भारत दो भाग, भारत और पाकिस्तान में विभाजित हो गया।

लाखों लोग इन दंगों में मारे गए और बेघर हुए। स्वतन्त्रता के इतने वर्षों के बाद आज भी भारत में भिन्न-भिन्न स्थानों पर सामाजिक तनाव, साम्प्रदायिक दंगों में परिवर्तित हो जाते हैं। यह सब स्वार्थ, अज्ञानता और धार्मिक कट्टरता के कारण होता है। अनेक पंथ होने से कोई हानि नहीं है, लेकिन जब इन पंथों को मानने वाले अपने हितों को राष्ट्रहितों से ऊपर रखते हैं तो इससे देश की एकता और अखण्डता को खतरा पैदा हो जाता है और यह इस देश का दुर्भाग्य है।

(5) लोकतन्त्र में मतदान के महत्व को समझाइए।
उत्तर:
प्रजातान्त्रिक व्यवस्था में मतदान का बहुत अधिक महत्व है। मतदान द्वारा मतदाता यह तय करता है कि वह किस प्रकार के प्रतिनिधियों को अपने शासक के रूप में देखना चाहता है। परन्तु हमारे देश में कुछ नागरिक अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं करते। जिसका मुख्य कारण है जागरूकता की कमी और शिक्षा का अभाव।

कुछ नागरिक उदासीनता के कारण मतदान नहीं करते। नागरिकों को समझदारी का परिचय देते हुए ऐसे राजनीतिक दलों के प्रत्याशी को अपना मत देना चाहिए, जो देश की एकता और अखण्डता बनाये रखने और सभी नागरिकों के हितों की रक्षा करने के लिए तत्पर हो। जाति, धर्म या क्षेत्र विशेष की भावनाओं में प्रेरित मतदान लोकतन्त्र को कमजोर बनाता है। अतः इससे बचना चाहिए।

(6) ज्वालामुखी के प्रकारों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
ज्वालामुखी मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं –

  • सक्रिय ज्वालामुखी – जिन ज्वालामुखियों से एक बार उद्भेदन होने के बाद निरन्तर समय-समय पर उद्भेदन होते रहते हैं, उन्हें सक्रिय ज्वालामुखी कहते हैं। इटली के एटना तथा स्ट्राम्बोली ज्वालामुखी इसके उदाहरण हैं।
  • अर्द्धसक्रिय या प्रसुप्त ज्वालामुखी – ये वे ज्वालामुखी हैं जिनसे कई बार. उद्भेदन के बाद उद्भेदन की समस्त क्रियाएँ कुछ समय के लिए बन्द हो जाती हैं। किन्तु अकस्मात् पुनः उद्भेदन हो जाता है। इन्हें अर्द्धसक्रिय या प्रसुप्त ज्वालामुखी कहते हैं। इटली का विसूवियस ज्वालामुखी इसका उदाहरण है।
  • विसुप्त या शान्त ज्वालामुखी – जिन ज्वालामुखियों में एक बार उद्भेदन होने के बाद लम्बे समय तक उद्भेदन नहीं होता तथा पुनः उद्भेदन की सम्भावना भी नहीं होती, ऐसे ज्वालामुखी विसुप्त या शान्त ज्वालामुखी कहलाते हैं। अफ्रीका का किलिमंजारो पर्वत इसका उदाहरण है।

(7) नदी अपरदन से निर्मित स्थलाकृतियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
नदी अपरदन से अग्रलिखित स्थलाकृतियों का निर्माण होता है –
1. महाखड्ड-अपने ऊपरी भाग में, उद्गम के पास और अपनी युवावस्था में नदी का प्रमुख कार्य अपनी घाटी को गहरा करना होता है। इस भाग में जल वेग अधिक होने से चट्टानों के टुकड़े अपनी तली को खुरच-खुरच कर गहरा करते रहते हैं। इसके कारण गहरी कन्दराएँ, महाखड्ड और केनियन का निर्माण होता है।

2.  वी (V) आकार की घाटी-नदी के अपरदन कार्य का लक्ष्य अपने आधार तल तक पहुँचना होता है। उस झील या समुद्र के तल को जिसमें वह गिरती है नदी अपरदन का ‘आधार तल’ कहते हैं। नदी अपनी घाटी को गहरा और किनारों को चौड़ा करती है, जिससे वी (V) आकार की घाटी का विकास होता है।

3. जल प्रपात-जब नदी का जल किसी चट्टानी कगार पर ऊपर से सीधा नीचे गिरता है तो उसे जल प्रपात कहते हैं। यदि नदी के मार्ग में कोई कठोर चट्टान लम्बवत् खड़ी पाई जाती है तो गिरने वाला जल अपनी अपरदन शक्ति से नीचे की कोमल चट्टानों को तेजी से काटता है। जलधारा के नीचे गहरा गड्ढा बन जाता है।

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MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 10 हमारा समाज

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 10 अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए –
(1) समाज को उन्नत कैसे बनाया जा सकता है ?
(क) व्यक्तियों में जागृति लाकर
(ख) व्यक्तियों को आर्थिक सहायता देकर
(ग) उद्योग लगाकर
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी

(2) मौलिक अधिकारों में शामिल किया गया है –
(क) विदेश में बसने का अधिकार
(ख) विदेश में घूमने-फिरने का अधिकार
(ग) 6-14 आयु वर्ग के बच्चों को निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार
(घ) संविधान का पालन करना।
उत्तर:
(ग) 6-14 आयु वर्ग के बच्चों को निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार

(3) कार्यात्मक साक्षरता है –
(क) आत्मनिर्भरता
(ख) अपने अभावों के कारणों को जानना
(ग) अभाव के कारणों को दूर करना
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी।

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(1) हमारे देश में स्वतन्त्रता प्राप्ति के समय साक्षरता दर प्रतिशत थी।
(2) नशीले पदार्थों के सेवन से स्वास्थ्य पर …………. प्रभाव पड़ता है।
(3) अस्पृश्यता को …………… घोषित किया गया है।
(4) अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों के विकास के लिए समाज की मनोवृत्ति इनके प्रति ……….. की होनी चाहिए।
(5) शिक्षा से व्यक्ति …………. व ………… नागरिक बनते हैं।
(6) 14 वर्ष से कम आयु के बच्चे से कारखाने व होटल आदि में काम कराना कानूनी …………. है।
उत्तर:

  1. 18
  2. बुरा
  3. अपराध
  4. सहयोग
  5.  जागरूक, उत्तम
  6. अपराध

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 10 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 3.
(1)मनुष्य में सामाजिकता का गुण किस कारण से है ?
उत्तर:
मनुष्य में सामाजिकता का गुण पारस्परिक निर्भरता के कारण है।

(2) हमारे प्राचीन भारत का समाज कैसा था ?
उत्तर:
हमारे प्राचीन भारत का समाज उन्नत व समृद्धशाली था।

(3) उत्तम नागरिक लोकतन्त्रीय सरकार के संचालन में कैसे सहयोग करते हैं ?
उत्तर:
उत्तम नागरिक लोकतन्त्रीय सरकार के संचालन में सहज सहयोग देते हैं।

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 10 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 4.
(1) लोकतन्त्रीय देश में सभी नागरिकों को समान अधिकार क्यों दिये जाते हैं ?
उत्तर:
लोकतन्त्रीय देश में सभी नागरिकों को समान अधिकार इसलिए दिये जाते हैं जिससे सभी अपना, अपने धर्म व अपने समाज का समुचित विकास कर सकें और सभी अपने
को समान मानते हुए परस्पर सहयोग द्वारा देश हित में कार्य कर सकें।

(2) किसी एक सामाजिक समस्या का कारण बताइए।
उत्तर:
अशिक्षा, गरीबी और बड़े परिवार के कारण प्रायः बच्चों को अपना पेट भरने एवं पारिवारिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कम उम्र में ही काम करने के लिए मजबूर होना पड़ता है, जबकि इस आयु में उन्हें स्कूल जाना चाहिए।

(3) वर्तमान समाज में क्या-क्या परिवर्तन हुए हैं ?
उत्तर:
वर्तमान समाज में शिक्षा के प्रसार और जागरूकता से स्थिति में सुधार हो रहा है। अब सभी जातियों के लोग लोक सेवकों, वैज्ञानिकों, न्यायाधीशों जैसे पदों पर कार्य कर रहे हैं। शिक्षा का प्रतिशत बढ़ रहा है और आर्थिक सामाजिक दशा में सुधार हो रहा है।

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 10 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 5.
(1) मद्यपान व धूम्रपान से व्यक्ति व समाज को क्या-क्या हानियाँ हैं ?
उत्तर:
विभिन्न प्रकार के पान मसाले, गुटका पाउचों के रूप में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में इनका सेवन बढ़ रहा है। ऐसे पदार्थ स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालते हैं। मद्यपान एवं धूम्रपान भी एक सामाजिक बुराई है। भारत जैसे विकासशील देशों में ये आदतें परिवारों का विघटन कर रही हैं। नशे के आदी व्यक्ति घर पर बच्चों एवं महिलाओं पर अत्याचार करने लगते हैं। इससे घर एवं समाज की शान्ति भंग होती है, आर्थिक तंगी भी बढ़ती है। ऐसे परिवारों का सम्मान भी कम होता है। नशे की बुरी आदत के कारण अपराध बढ़ रहे हैं, चारित्रिक गिरावट आ रही है।

(2) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के कल्याण के लिए राज्य द्वारा क्या-क्या व्यवस्थाएँ की गई हैं ?
उत्तर:
भारतीय संविधान द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के कल्याण के लिए तथा शेष समाज को समान स्तर पर लाने के लिए निम्नलिखित व्यवस्थाएँ की गई हैं –

  • संविधान में इनके हितों व अधिकारों का उल्लेख किया गया है। अस्पृश्यता को अपराध घोषित किया गया है।
  • संविधान द्वारा इन वर्गों को संरक्षण प्रदान किया गया है।
  • अन्याय तथा शोषण से मुक्ति के लिए कानून बनाये गये हैं।
  • लोक सभा, विधान सभाओं, स्थानीय स्व-शासन संस्थाओं में इनकी जनसंख्या के आधार पर स्थान आरक्षित किये गये हैं।
  • इनके कल्याण के लिए अलग मन्त्रालय, विभाग, पुलिस व न्यायालय में प्रकोष्ठ बनाये गये हैं।
  • शिक्षा प्राप्त करने के लिए स्थान आरक्षित हैं तथा छात्रवृत्ति आदि की व्यवस्था की गई है।
  • निर्धारित न्यूनतम योग्यता प्राप्त कर लेने पर शासकीय | सेवाओं में स्थान आरक्षित किये गये हैं।
  • इन वर्गों को योग्यता सम्बन्धी शर्तों में भी कुछ छूट दी गई है।

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