MP Board Class 9th Special Hindi Sahayak Vachan Solutions Chapter 1 नया वर्ष नया विहान

MP Board Class 9th Special Hindi सहायक वाचन Solutions Chapter 1 नया वर्ष नया विहान (आलेख, अमृतलाल बेगड़)

नया वर्ष नया विहान अभ्यास

बोध प्रश्न

प्रश्न 1.
हमारी पृथ्वी को सूर्य की परिक्रमा करने में कितने दिन लगते हैं?
उत्तर:
हमारी पृथ्वी को सूर्य की परिक्रमा करने में 365 दिन लगते हैं।

प्रश्न 2.
सौर पंचांग किसे कहते हैं?
उत्तर:
पृथ्वी को सूर्य के चक्कर लगाने में 365 दिन का समय लगता है। इसी के आधार पर बनाई गई तिथियों आदि के क्रमवार विवरण को हम सौर पंचांग कहते हैं।

प्रश्न 3.
अधिकांश देशों में कौन-सा संवत् प्रचलित है?
उत्तर:
अधिकांश देशों में ईसवी संवत् प्रचलित है।

प्रश्न 4.
चन्द्रमा कितने दिनों में पृथ्वी की परिक्रमा पूरी करता है?
उत्तर:
चन्द्रमा 27½ दिन में पृथ्वी की परिक्रमा पूरी करता है।

प्रश्न 5.
हमारे देश में कौन-कौन से संवत् चलते हैं?
उत्तर:
हमारे देश में अनेक संवत् चलते हैं जिनमें वीर निर्माण संवत्, शक संवत्, ईसवी संवत् तथा विक्रम संवत् प्रमुख हैं।

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प्रश्न 6.
लेखक ने स्वाद के सम्बन्ध में किस प्रकार की जिज्ञासा प्रकट की है?
उत्तर:
स्वाद के सम्बन्ध में यह जिज्ञासा उत्पन्न होने पर कि स्वाद जीभ में है या गुलाब जामुन में? यदि स्वाद गुलाब जामुन में है तब तो वह तश्तरी में रखे-रखे ही स्वाद देगा और यदि जीभ में स्वाद है तो फिर गुलाब जामुन खाने की क्या जरूरत है? वास्तव में स्वाद न केवल जीभ में है और न केवल गुलाब जामुन में अपितु वह तो दोनों के योग में है।

प्रश्न 7.
हमें निराश क्यों नहीं होना चाहिए?
उत्तर:
हमें कभी भी निराश नहीं होना चाहिए। क्योंकि निराशा हमारी आत्मा के खेत में जंगली घास के समान है। अतः उसे समय पर उखाड फेंक देना चाहिए नहीं तो वह सारे खेत पर छा जाएगी। निराशा कायरता है, आशा साहस है।

प्रश्न 8.
संकल्प से होने वाले लाभों के बारे में बताइए।
उत्तर:
संकल्प से अनेक लाभ मिलते हैं। इसके द्वारा हम असम्भव कार्यों को भी सम्भव बना लेते हैं। इसके द्वारा ही हम अपनी क्षमताओं पर विश्वास करना सीखते हैं। इसके द्वारा हमें जीवन में नयी ऊर्जा प्राप्त होती है।

प्रश्न 9.
लेखक ने व्यायाम के क्या लाभ बताये हैं?
उत्तर:
लेखक ने व्यायाम के लाभों के बारे में बताया है कि एक तन्दुरुस्ती हजार नियामत है। व्यायाम करने से हमारा स्वास्थ्य ठीक रहेगा। हम कभी रोगी नहीं होंगे। इससे हमारा जीवन सहज और सुखमय बनता है। प्रतिदिन आधा घंटा तेज गति से चलकर हम अपने यौवन को वापस ला सकते हैं।

प्रश्न 10.
मानव ने समय को कितने भागों में विभाजित किया है?
उत्तर:
मानव ने समय को वर्ष, महीने, सप्ताह, दिन, घंटे आदि में विभाजित किया है।

प्रश्न 11.
मिस्रवासियों ने वर्षों की गणना किस आधार पर की है?
उत्तर:
मिस्रवासियों ने वर्षों की गणना नदी की बाढ़ों को देखकर की है। वे एक बाढ़ से दूसरी बाढ़ तक के समय को पूरा एक वर्ष मानते थे।

प्रश्न 12.
अतीत को भुला देने के पीछे लेखक ने क्या तर्क दिए हैं? लिखिए।
उत्तर:
अतीत को भुला देने के पीछे लेखक ने यह तर्क दिए हैं कि अतीत के विषय में पश्चात्ताप करना व्यर्थ है। अतीत के विषय में सोचना व्यर्थ का बोझ ढोना है। दु:ख के क्षण जब बीत जाएँ तो उनको भूल जाने में ही मानव का भला है। जब हम यह जानते हैं कि बीता हुआ पल कभी वापस नहीं लौटता है तब उसके विषय में सोचने से क्या लाभ? अतीत को बदलने की शक्ति मानव में नहीं है तब उसके बारे में सोचना व्यर्थ ही मानसिक तनाव को न्यौता देना है।

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प्रश्न 13.
आशय स्पष्ट कीजिए-
(i) मनुष्य की मंगल यात्रा निरन्तर चलती रहेगी।
उत्तर:
आशय-लेखक कहता है कि चलना और आगे बढ़ना मानव का स्वाभाविक धर्म है। उसकी मंगल यात्रा निरन्तर चलती रहेगी। दुःख और अवसाद उस यात्रा में क्षणिक रुकावट भले ही पैदा करे पर उस मंगल यात्रा को रोक नहीं सकते।।

(ii) दुःख और पीड़ा हमारे जीवन को नया आयाम देते हैं।
उत्तर:
आशय-लेखक का आशय है कि मनुष्य के भाग्य में सुख भी आता है और दुःख भी। इसी का नाम जिन्दगी है। हमें दु:ख को, पीड़ा को जीवन का आवश्यक अंग समझना चाहिए। कवियों और दार्शनिकों ने दुःख और पीड़ा को नया जीवन देने वाला बताया है।

(iii) निराशा हमारी आत्मा के खेत में जंगली घास है।
उत्तर:
आशय-लेखक कहता है कि हमें जीवन में कभी भी निराश नहीं होना चाहिए क्योंकि निराशा हमारी आत्मा के खेत में जंगली घास के समान है। अगर इसे समय रहते न उखाड़ा गया तो वह सारे खेत पर छा जाएगी और अच्छे बीज के उगने की जगह नहीं बचेगी। निराशा कायरता है, आशा साहस है।

प्रश्न 14.
स्वाद के विषय में लेखक का तर्क स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
स्वाद के सम्बन्ध में यह जिज्ञासा उत्पन्न होने पर कि स्वाद जीभ में है या गुलाब जामुन में? यदि स्वाद गुलाब जामुन में है तब तो वह तश्तरी में रखे-रखे ही स्वाद देगा और यदि जीभ में स्वाद है तो फिर गुलाब जामुन खाने की क्या जरूरत है? वास्तव में स्वाद न केवल जीभ में है और न केवल गुलाब जामुन में अपितु वह तो दोनों के योग में है।

प्रश्न 15.
अमृतलाल बेगड़ मूलतः किस विधा के रचनाकार हैं? उस विद्या का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
उत्तर:
अमृतलाल बेगड़ मूलत: चित्रकार हैं। उन्होंने अपनी कूँची से नर्मदा के सौन्दर्य को अनेक छवियों में उकेरा है। जितने अच्छे वे चित्रकार हैं उतने ही अच्छे वे शब्द शिल्पी भी हैं। उन्होंने नर्मदा परिक्रमा पर आधारित अनेक यात्रा-प्रसंगों को जीवंत-रूप में लिखा है।

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MP Board Class 9th Hindi Navneet Solutions कहानी Chapter 2 ताई

MP Board Class 9th Hindi Navneet Solutions कहानी Chapter 2 ताई (कहानी, विश्वम्भरनाथ शर्मा ‘कौशिक’)

ताई अभ्यास

बोध प्रश्न

ताई अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
“ताऊजी हमें रेलगाड़ी ला दोगे।” यह वाक्य किसने और किससे कहा?
उत्तर:
“ताऊजी हमें रेलगाड़ी ला दोगे।” यह वाक्य मनोहर ने अपने ताऊ रामजीदास ने कहा।

प्रश्न 2.
मनोहर और रामेश्वरी का क्या रिश्ता था?
उत्तर:
मनोहर रामेश्वरी देवी के देवर का बेटा था तथा वह उसकी ताई है।

प्रश्न 3.
रामेश्वरी के मन में किस चीज की कामना थी?
उत्तर:’
रामेश्वरी के मन में निजी सन्तान की कामना थी।

प्रश्न 4.
‘ताई’ कहानी का प्रमुख उद्देश्य एक वाक्य में लिखिए।
उत्तर:
‘ताई’ कहानी का प्रमुख उद्देश्य प्रेम द्वारा घृणा को जीतना है।

प्रश्न 5.
कहानी से उन दो प्रमुख स्थलों को लिखिए जिसमें नायिका में मार्मिक भाव जागता है।
उत्तर:
कहानी का एक स्थल है-शाम का समय था। रामेश्वरी खुली छत पर बैठी हवा खा रही थी। मनोहर तथा उसकी बहिन भी खेल रहे थे। मनोहर की बहिन खिलखिलाती हुई दौड़कर रामेश्वरी की गोद में आ गिरी। उसके पीछे-पीछे मनोहर भी दौड़ा हुआ आया और वह भी ताई की गोद में जा गिरा। रामेश्वरी उस समय द्वेष भूल गई। उन्होंने दोनों बच्चों को उसी प्रकार हृदय से लगा लिया जिस तरह वह मनुष्य लगाता है जो कि बच्चों के लिए तरस रहा हो।

दूसरा स्थल है :
छत पर रामेश्वरी खड़ी है। तभी मनोहर छत पर आ जाता है। आकाश में पतंगें उड़ रही हैं। पतंगें देखकर मनोहर ताई से पतंग मँगाने की बात कहता है पर ताई उसे अनसुना कर देती है। थोड़ी देर में एक पतंग कटकर उसी छत पर आती है। मनोहर उसे पकड़ने के लिए दौड़ता है तभी उसका पैर फिसल जाता है। पैर फिसलने पर वह मुंडेर को पकड़ लेता है और ‘ताई’ को बचाव के लिए पुकारता है। पहले तो ताई अनसुना कर देती है फिर दुबारा पुकारने पर उसका हृदय पसीज जाता है और वह मनोहर को बचाने के दौड़ती है लेकिन तभी मनोहर के हाथ से मुंडेर छूट जाती है और वह धड़ाम से नीचे गिर जाता है। इसी समय रामेश्वरी भी चीख मारकर छज्जे पर गिर पड़ी। अपनी बीमारी की दशा में होश आने पर वह मनोहर का ही हाल-चाल पूछती है।

प्रश्न 6.
विशम्भरनाथ शर्मा ‘कौशिक’ की दो प्रमुख कहानियों के नाम लिखिए।
उत्तर:
कौशिक की दो प्रमुख कहानियाँ हैं-‘इक्केवाला’ और ‘अशिक्षित छन्द’।

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ताई लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
रामेश्वरी ममता और त्याग की प्रतिमूर्ति हैं, कहानी के आधार पर लिखिए।
उत्तर:
रामेश्वरी एक साधारण स्त्री है। उसे भी सन्तानहीनता का दुःख सताता है लेकिन हृदय से वह उदार एवं ममतामयी है। इस कहानी में दो घटनाएँ ऐसी हैं जिनसे उसके ममत्व और त्याग की पहचान होती है। एक दिन शाम के समय वह खुली छत पर बैठकर हवा खा रही थी। दोनों बच्चे भी छत पर खेल रहे थे। रामेश्वरी उनके खेलों को देख रही थी। इस समय रामेश्वरी को उन बच्चों का खेलना-कूदना बड़ा भला मालूम हो रहा था। हवा में उड़ते हुए उनके बाल, कमल की तरह खिले हुए उनके नन्हे-नन्हे मुख, उनकी प्यारी-प्यारी तोतली बातें, उनका चिल्लाना, भाग जाना, लोट जाना इत्यादि क्रीड़ाएँ उनके हृदय को शीतल कर रही थी। सहसा मनोहर अपनी बहन को मारने दौड़ा। वह खिलखिलाती हुई दौड़कर रामेश्वरी की गोद में आ गिरी। उसके पीछे-पीछे मनोहर भी दौड़ता हुआ आया और वह भी ताई की गोद में जा गिरा। रामेश्वरी इस समय सारा द्वेष भूल गई। उन्होंने दोनों बच्चों को उसी प्रकार हृदय से लगा लिया जिस तरह वह मनुष्य लगाता है जो कि बच्चों के लिए तरस रहा हो।

दूसरी घटना मनोहर के छज्जे से गिरने की है। “वह अत्यन्त भय तथा करुण नेत्रों से रामेश्वरी की ओर देखकर चिल्लाता है-“अरी ताई।” रामेश्वरी की आँखों से मनोहर की आँखें आ मिली। मनोहर की वह करुण दृष्टि देखकर रामेश्वरी का कलेजा मुँह को आ गया। उन्होंने व्याकुल होकर मनोहर को पकड़ने के लिए अपना हाथ बढ़ाया। उसका हाथ मनोहर के हाथ तक पहुँचा भी नहीं था कि मनोहर के हाथ से मुंडेर छूट गई। वह नीचे आ गिरा, रामेश्वरी चीख मारकर छज्जे पर गिर पड़ी। दोनों घटनाओं से यह ज्ञात होता है कि रामेश्वरी ममता और त्याग की प्रतिमूर्ति थी।

प्रश्न 2.
पूर्ण स्वस्थ होने के बाद ताई के हृदय में क्या परिवर्तन हुआ?
उत्तर:
एक दिन रामेश्वरी अपने घर की छत पर टहल रही थी। उसी समय मनोहर वहाँ आ जाता है। आकाश में उड़ती हुई पतंगों को देखकर उसका मन भी पतंग उड़ाने के लिए ललचा जाता है। अत: वह ताई से पतंग मँगाने की बात कहता है परन्तु रामेश्वरी उसे अनसुना कर देती है। तभी एक पतंग टूटकर आती है। मनोहर उसे पकड़ने के लिए छत पर दौड़ लगाता है। पर उसका पैर फिसल जाता है। वह गिरते समय छज्जे की मुंडेर पकड़ लेता है। वह बचाव के लिए ताई को आवाज लगाता है पर रामेश्वरी उनको अनसुना कर देती है।

तब फिर वह दुबारा बचाने की प्रार्थना करता है। मनोहर की डबडबाई आँखें देखकर उसके मन में ममता की भावना हिलोरें लेने लगती हैं तभी उसे बचाने के लिए जैसे ही वह कदम बढ़ाती है, उससे पूर्व ही मनोहर गिर पड़ता है। इस दृश्य को देखकर वह अपने मन को धिक्कारती है तथा चेतना शून्य होकर छत पर गिर जाती है। होश आने पर उसकी ईर्ष्या की भावना ममता में परिवर्तित हो जाती है। अब वे मुन्नी से भी बात करने लगती हैं। अब मनोहर उन्हें प्राणों से भी अधिक प्यारा लगने लगा।।

प्रश्न 3.
“ताई हमें प्याल नहीं करती” वाक्य में मनोहर ने किसकी बात की ओर संकेत किया है?
उत्तर:
“ताई हमें प्याल नहीं करती” इस वाक्य में मनोहर ने ताई के व्यवहार की ओर संकेत किया है।

प्रश्न 4.
मनोहर की बाल सुलभ चेष्टाएँ अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
मनोहर रामजीदास के छोटे भाई का पुत्र है। वह लगभग पाँच वर्ष का है। वह एक अबोध तथा सरल हृदय वाला बालक है।

मनोहर की चेष्टाएँ बाल सुलभ हैं। अन्य बालकों के समान वह अपने ताऊ एवं ताई से खिलौने एवं पतंग लाने का आग्रह करता है। वह यह बात अच्छी तरह जानता है कि उसकी ताई उससे प्रेम नहीं करती है पर फिर भी वह ताई से पतंग मँगाने का आग्रह करता है।

ताऊ द्वारा यह पूछे जाने पर कि रेल में वह किन-किन को बैठायेगा तो वह सहज रूप में कह देता है कि वह रेल में ताऊ को बैठायेगा और ताई को नहीं। ताऊ द्वारा यह पूछे जाने पर कि वह ताई को क्यों नहीं बैठायेगा तो वह सहज भाव से कह देता है कि ताई मुझे प्यार नहीं करती है।

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ताई दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
रामेश्वरी, मनोहर, रामजीदास के चरित्र की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
रामेश्वरी का चरित्र-रामेश्वरी ‘ताई’ कहानी की प्रमुख पात्र है। उसके चरित्र की विशेषताएँ इस प्रकार हैं-रामेश्वरी बाबू रामजीदास की पत्नी है। वह नि:सन्तान है। इसी कारण वह प्रायः खिन्न रहती है। सन्तान के लिए उसके मन में तीव्र अभिलाषा है। इस बात का उलाहना वह अपने पति को भी देती है।

बाबू रामजीदास का अपने भाई के पुत्र-पुत्री से विशेष स्नेह है जबकि रामेश्वरी का नहीं। रामेश्वरी जब भी अपने पति को उन बच्चों से प्यार करते देखती है तो उसके मन में उन बच्चों के प्रति द्वेष भावना उत्पन्न हो जाती है। रामेश्वरी का हृदय ममता से शून्य नहीं है। एक दिन खेलते-खेलते जब ये बच्चे उसकी गोद में आ जाते हैं तो वह उन्हें बहुत प्यार करती है। मनोहर के छत से गिरने पर उसको आघात लगता है, वह चीखकर बेहोश हो जाती है और जब होश में आती है तभी वह मनोहर का हाल-चाल पूछती है। होश में आने तथा स्वस्थ होने पर वह मनोहर को हृदय से लगा लेती है और बेहद प्यार करने लग जाती है।

मनोहर का चरित्र :
मनोहर रामजीदास के छोटे भाई का पुत्र है। वह लगभग पाँच वर्ष का है। वह एक अबोध एवं सरल हृदय का बालक है। कहानी का आरम्भ ही ‘ताऊजी हमें लेलगाड़ी ला दोगे।’ के वाक्य से होता है।

वह जब जान लेता है कि उसकी ताई उसे प्रेम नहीं करती है तो वह सहज रूप में ताऊ द्वारा पूछने पर कह देता है कि वह रेल में ताऊ को तो बैठायेगा पर ताई को नहीं। क्योंकि ताई उसे प्यार नहीं करती है।

वह बालकों के समान ही कभी ताऊ से तो कभी ताई से रेल एवं पतंग लाने का आग्रह करता है। वह ताई की नीरसता एवं ताऊ के लाड़-प्यार को भली-भाँति जानता है।

रामजीदास का चरित्र :
रामजीदास यद्यपि नि:सन्तान हैं पर वे अपने छोटे भाई के बच्चों को भी अपना बच्चा समझते हैं और उनसे बहुत प्यार करते हैं। यद्यपि उनके इस प्यार से कभी-कभी उनकी पत्नी नाराज हो जाती है। पर वह अपनी पत्नी को भी इन बच्चों से प्यार करने की बात कहता है। वे अपनी पत्नी का भी ध्यान रखते हैं और संयुक्त परिवार की भावना को समझाते हैं।

प्रश्न 2.
ताई के हृदय में उठने वाले द्वन्द्वों को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
ताई रामेश्वरी नि:सन्तान हैं। वह कहानी के आरम्भ से अन्त तक द्वन्द्वों से घिरी रहती हैं। जब वह द्वन्द्व से बाहर आती हैं वह अपने भतीजे एवं भतीजी को प्रेम करने लग जाती हैं।

उसका मन बच्चों से प्रेम तो करना चाहता है पर अपने-पराये की भावना से ग्रसित होने पर वह उनसे उपेक्षा करने लग जाती है। जब रामजीदास मनोहर को उसकी गोद में बैठाते हैं तो वह ईर्ष्या से जलने लग जाती है।

एक बार खेलते-खेलते जब मुन्नी और मनोहर उसकी गोद में आ जाते हैं तो वह उन्हें भरपूर प्यार करने लग जाती है लेकिन रामजीदास को देखकर वह उन्हें गोद से हटाकर फटकार देती है।

रामेश्वरी का हृदय प्रेम शून्य नहीं है लेकिन द्वन्द्व में फँसी | होने के कारण वह बच्चों को भरपूर स्नेह नहीं दे पाती है। कहानी
के अंतिम भाग में जब पतंग पकड़ने के बहाने मनोहर छत से गिर पड़ता है तो इस दृश्य को देखकर उनका हृदय परिवर्तित हो जाता है और फिर वह बच्चों को बहुत प्यार करने लग जाती हैं।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए
(अ) मनुष्य का हृदय ………….. उससे प्रेम करता है।
उत्तर:
सन्दर्भ :
यह गद्यांश ‘ताई’ नामक कहानी से अवतरित है। इसके लेखक विशम्भरनाथ शर्मा ‘कौशिक’ हैं।

प्रसंग :
इस गद्यांश में कहानीकार ने यह बताया है कि मानव तभी किसी से प्रेम करता है जब वह उसे अपना समझता है।

व्याख्या :
कहानीकार कहता है कि मानव किसी के प्रति तभी प्रेम करता है जब उसके हृदय में उसके प्रति ममता की भावना हो। जब उसे यह ज्ञात हो जाता है कि वह वस्तु विशेष या व्यक्ति विशेष उसका अपना न होकर पराया है तो उसके प्रति वह अपनेपन की भावना नहीं रखता है। इसके विपरीत यदि किसी अनुपयोगी या भद्दी से भद्दी वस्तु को भी वह अपना प्यार देता है जब उससे उसका अपनेपन का नाता जुड़ जाता है। अतः प्रेम के लिए अपनापन होना बहुत आवश्यक है।

(ब) रामेश्वरी की आँखों………मुंडेर छूट गई।”
उत्तर:
सन्दर्भ :
पूर्ववत्।

प्रसंग :
जिस समय कटी पतंग पकड़ने के लिए मनोहर दौड़ा तो उसका पैर फिसल गया और वह मुंडेर पकड़कर लटक गया। मदद के लिए उसने ताई को पुकारा, तब ताई ने उसकी ओर जो देखा, उसी का यहाँ वर्णन है।

व्याख्या :
छत पर कटी हुई पतंग को पकड़ने के लिए मनोहर दौड़ा। तभी उसका पैर फिसल गया। उसने सहायता के लिए ताई को पुकारा। रामेश्वरी ने पहले तो उसकी बात को अनसुना कर दिया लेकिन दूसरी बार पुकारने पर उसका हृदय पिघल जाता है

और वह जैसे ही मनोहर को पकड़ने के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाती है, उससे पहले ही मनोहर के हाथ से मुंडेर छूट जाती है और वह नीचे गिर जाता है। इस घटना से रामेश्वरी को बड़ा आघात लगता है। वह संज्ञा शून्य होकर छज्जे पर ही गिर जाती है। उसके मन में यह अपराध बोध जन्म ले लेता है कि उसकी उपेक्षा के कारण ही मनोहर छज्जे से गिरा है। इसका उसे बहुत दुःख होता है।

प्रश्न 4.
‘ताई’ कहानी का सार अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
एक दिन संध्या के समय रामेश्वरी छत पर घूम रही थीं तभी मनोहर उनका भतीजा वहाँ आ गया। आकाश में पतंगें उड़ रही थीं। पतंगों को देखकर उसने ताई रामेश्वरी से पतंग दिलाने को कहा पर रामेश्वरी ने उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया। उसी समय आसमान से एक पतंग कटकर छत के छज्जे की ओर गई। मनोहर उस पतंग को पकड़ने के लिए छज्जे की ओर दौड़ा। इसी समय मनोहर का पैर अचानक फिसल गया और गिरते समय उसने दोनों हाथों से मुंडेर को पकड़ लिया था।

वह ‘ताई’ को मदद के लिए चीखा। पहले तो रामेश्वरी ने उसकी चीख की ओर कोई ध्यान नहीं दिया लेकिन उसके दुबारा पुकारने पर रामेश्वरी का हृदय पिघल गया और वह पकड़ने के लिए भागी लेकिन तब तक मनोहर के हाथ से मुंडेर छूट गयी और वह धड़ाम से नीचे गिर गया। इस दृश्य को देखकर रामेश्वरी भी चीखकर छज्जे पर गिर पड़ी। एक सप्ताह तक वह बुखार से पीड़ित रही तथा मूर्छित रही। जब उन्हें होश आया तो उसने सबसे पहले मनोहर की कुशलता पूछी। इसके बाद स्वस्थ होने पर प्रेम से अभिभूत होकर उसने मनोहर को गले लगा लिया और अब मनोहर उसे प्राणों से भी अधिक प्यारा हो गया है। यहीं कहानी समाप्त हो जाती है।

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ताई भाषा अध्ययन

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के हिन्दी रूप लिखिए-
परवाह, मुबारक, चुहलबाजी, गुस्सा।
उत्तर:
MP Board Class 9th Hindi Navneet Solutions कहानी Chapter 2 ताई img 1

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों से उपसर्ग एवं प्रत्यय पहचानकर अलग कीजिए-
मूल्यवान, अपरिचित, तत्पश्चात्, समझता, मेहनती, पराई, अपशब्द, प्रसन्नता, असह्य।
उत्तर:
MP Board Class 9th Hindi Navneet Solutions कहानी Chapter 2 ताई img 2
प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिएनेत्र, आकाश, हृदय, चिराग, प्रार्थना, माँ।
उत्तर:
नेत्र – चक्षु, अक्षि।
आकाश – गगन, अम्बर।
हृदय – दिल, अन्त:करण।
चिराग – दीपक, दीप।
प्रार्थना – विनती, आराधना।
माँ – माता, जननी।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित लोकोक्तियों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए
आँखों का अंधा नाम नैन सुख, चार दिन की चाँदनी फिर अंधेरी रात।
उत्तर:
(क) आँखों का अंधा नाम नैन सुख (नाम के विपरीत काम होना)-घर में फूटी कौड़ी नहीं है नाम है कुबेर सिंह। इसे ही कहते हैं आँख के अंधे नाम नैन सुख।
(ख) चार दिन की चाँदनी फिर अंधेरी रात (अल्पकाल के लिए सुख मिलना)-उत्तर प्रदेश में बेरोजगारों को मिलने वाला बेरोजगारी भत्ता ऐसे ही है जैसे चार दिन की चाँदनी फिर अंधेरी रात।

प्रश्न 5.
मुहावरा और लोकोक्ति में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
मुहावरे और लोकोक्तियों में मुख्य अन्तर यह है कि मुहावरा वाक्यांश है जबकि लोकोक्ति पूरा वाक्य है।

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ताई पाठ का सारांश

बाबू रामजीदास एक सम्पन्न परिवार के मुखिया हैं। उनकी पत्नी का नाम राजेश्वरी है। रामजीदास नि:सन्तान हैं इस कारण उनकी पत्नी रामेश्वरी खिन्न रहती है। रामजीदास के छोटे भाई के यहाँ एक पुत्र और एक पुत्री है। रामजीदास अपने भतीजे तथा भतीजी को बहुत प्यार करते हैं। उनका यह प्रेम उनकी पत्नी को अच्छा नहीं लगता है। उनके भतीजे रामजीदास को ही सब कुछ मानते थे। जब भी वे घर में घुसते बालक उन्हें पकड़ लेता और तरह-तरह की फरियाद करता है। एक दिन बालक ने ताऊजी से रेलगाड़ी लाने की फरियाद की। ताऊ ने पूछा कि उस रेल में किन-किनको बिठायेगा तो बालक सहज स्वभाव से कह देता है कि ताऊ जी को। जब ताऊजी ने यह पूछा कि वह अपनी ताई को नहीं बैठायेगा तो बालक ने सहज रूप में कह दिया कि वह ताईजी को रेल में नहीं बैठायेगा क्योंकि ताई उसे प्यार नहीं करती हैं।”

रामेश्वरी अपने नि:सन्तान जीवन पर दुःखी र्थी पर कभी इन बच्चों की किलकारियों में खेल-कूद से वे बहुत अधिक प्रसन्न भी हो जाया करती थीं।

एक दिन संध्या के समय रामेश्वरी छत पर घूम रही थीं तभी मनोहर उनका भतीजा वहाँ आ गया। आकाश में पतंगें उड़ रही थीं। पतंगों को देखकर उसने ताई रामेश्वरी से पतंग दिलाने को कहा पर रामेश्वरी ने उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया। उसी समय आसमान से एक पतंग कटकर छत के छज्जे की ओर गई। मनोहर उस पतंग को पकड़ने के लिए छज्जे की ओर दौड़ा। इसी समय मनोहर का पैर अचानक फिसल गया और गिरते समय उसने दोनों हाथों से मुंडेर को पकड़ लिया था। वह ‘ताई’ को मदद के लिए चीखा।

पहले तो रामेश्वरी ने उसकी चीख की ओर कोई ध्यान नहीं दिया लेकिन उसके दुबारा पुकारने पर रामेश्वरी का हृदय पिघल गया और वह पकड़ने के लिए भागी लेकिन तब तक मनोहर के हाथ से मुंडेर छूट गयी और वह धड़ाम से नीचे गिर गया। इस दृश्य को देखकर रामेश्वरी भी चीखकर छज्जे पर गिर पड़ी। एक सप्ताह तक वह बुखार से पीड़ित रही तथा मूर्छित रही। जब उन्हें होश आया तो उसने सबसे पहले मनोहर की कुशलता पूछी। इसके बाद स्वस्थ होने पर प्रेम से अभिभूत होकर उसने मनोहर को गले लगा लिया और अब मनोहर उसे प्राणों से भी अधिक प्यारा हो गया है। यहीं कहानी समाप्त हो जाती है।

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MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation

MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation

Statistical Tools and Interpretation Important Questions

Statistical Tools and Interpretation Objective Type Questions

Question 1.
Choose the correct option:

Question (a)
The most common measurement of central tendency is:
(a) Median
(b) Multiple
(c) Mean
(d) Weighted mean.
Answer:
(c) Mean

Question 2.
Division of one column in ten equal parts is called:
(a) Decile
(b) Quartile
(c) Percentile
(d) None.
Answer:
(a) Decile

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Question 3.
Which of the following equation is correct:
(a) Anova = σ
(b) Anova = σ -2
(c) Anova = σ 4
(d) Anova = √σ × 2.
Answer:
(b) Anova = σ -2

Question 4.
Where is correlation multiple placed:
(a) Between 0 and + 1
(b) Between – 1 and 0
(c) Between – 1 and + 1
(d) None of these.
Answer:
(c) Between – 1 and + 1

Question 5.
Base year is:
(a) Comparison year
(b) Present year
(c) Any year
(d) One year previous to present year.
Answer:
(a) Comparison year

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Question 2.
Fill in the blanks:

  1. Rule of ……………………….. is supposed to be idle for creation of index.
  2. Multiple is the value of column in which ……………………… comes repeatedly.
  3. The value which divides the column into more than two parts is called ……………………………
  4. ………………………. is the difference between maximum and minimum value.
  5. …………………………. is the simple ray that shows relation between two values.

Answer:

  1. Fisher
  2. Maximum
  3. Division
  4. Range
  5. Analogical relation.

Question 3.
Match the columns:
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 1
Answer:

  1. (c)
  2. (d)
  3. (a)
  4. (e)
  5. (b).

Question 4.
State true or false:

  1. Cumulative frequency shows “less than” or “more than” of any sequence.
  2. 5 is the mode of the numbers 3, 4, 3, 5, 5, 3, 2.
  3. Range is found by adding highest value and smallest value.
  4. Money inflation is measured on changes of index number of whole sale market of weekly statement.
  5. High income leads high savings.

Answer:

  1. True
  2. False
  3. False
  4. True
  5. True.

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Question 5.
Answer in one word:

  1. Graphic method of studying dispersion.
  2. Definite relation between two or more groups.
  3. One which divides column in ten equal parts.
  4. In India which index helps to measure average change in prices.
  5. Saving is directly related to.

Answer:

  1. Lorenz curve
  2. Correlation
  3. Deciles
  4. Consumer Price Index
  5. Income.

Statistical Tools and Interpretation Very Short Answer Type Questions

Question 1.
What is measure of central tendency?
Answer:
Measure of central tendency is the single value which represents the characteristics of the entire universe.

Question 2.
Which is the popular measure of central tendency?
Answer:
Arithmetic mean.

Question 3.
Define Arithmetic mean?
Answer:
It is defined as the sum of the values of all observations divided by the number of observations.

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Question 4.
Find out mode from the following data:
7, 12, 8, 5, 9, 10, 9, 11, 96
Answer:
9 is the number which is repeated maximum number of times. Hence, mode is 9.

Question 5.
Write the formula of weighted arithmetic mean?
Answer:
Weighted Arithmetic Mean = \(\frac{ΣWx}{ΣW}\)

Question 6.
Arrange the following series in descending order:
5, 16, 18, 2, 13, 15, 3, 19, 17, 20.
Answer:
20, 19, 18, 17, 16, 15, 13, 5, 3, 2

Question 7.
Name any two positional averages?
Answer:

  1. Median and
  2. Mode.

Question 8.
What is median?
Answer:
Median is that value which divides a series into two equal parts.

Question 9.
Write the formula of median in discrete series?
Answer:
Median (M) = size of (\(\frac{N+1}{2}\))th item.

Question 10.
Write the formula of median in continuous series?
Answer:
Median (M) =
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 2

Question 11.
What is Quartile?
Answer:
It divides the series into four equal parts. These are three quartiles Q1, Q2 and Q3.

Question 12.
Write the formula of first quartile?
Answer:
First Quartile (Q1) =
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 62

Question 13.
Write the formula of third quartile?
Answer:
Third quartile (Q3) =
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 3

Question 14.
What is a mode?
Answer:
Mode is defined as that value which occurs the most frequently in the distribution.

Question 15.
Write the formula to calculate mode?
Answer:
Mode Z =
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 4

Question 16.
Write the names of two measures of central tendency which can be determined from graph paper?
Answer:

  1. Median and
  2. Mode.

Question 17.
Which is the mostly used measure of central tendency?
Answer:
Mean.

Question 18.
Which measure of central tendency is not affected by extreme values?
Answer:
Median.

Question 19.
What is Percentile?
Answer:
Percentile divides the series into 100 equal parts.

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Question 20.
Which measure of central tendency is used to explain qualitative data?
Answer:
Mode.

Question 21.
Name the measure of central tendency which is based on all items?
Answer:
Mean.

Question 22.
Define measure of dispersion?
Answer:
Dispersion measures that extent to which different items tend to disperse away from an average.

Question 23.
What is Range?
Answer:
Range is the difference between the highest value and lowest value in a series.

Question 24.
Write the formula of range?
Answer:
Range = Highest value in series – Lowest value in series.

Question 25.
Define Quartile deviation?
Answer:
Quartile deviation is the half of inter quartile range.

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Question 26.
Write the formula of quartile deviation?
Answer:
Quartile deviation = \(\frac { Q_{ 3 }-Q_{ 1 } }{ 2 } \)

Question 27.
Write the formula of coefficient of quartile deviation?
Answer:
Coefficient of quartile deviation = \(\frac{Q_{3}-Q_{1}}{Q_{3}+Q_{1}}\)

Question 28.
Define mean deviation?
Answer:
It is the arithmetic mean of the deviations of various items from their average.

Question 29.
Write the formula of coefficient of mean deviation?
Answer:
Coefficient of mean deviation = \(\frac { MD }{ \overline { XorMorZ } } \)

Question 30.
Define standard deviation?
Answer:
Standard deviation is the square root of the arithmetic mean of the squares of all deviation.

Question 31.
Write the formula of standard deviation?
Answer:
Standard deviation =
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 5

Question 33.
What is coefficient of variation?
Answer:
It is the percentage variation in the mean, the standard deviation being considered as the total variation in the mean.

Question 34.
Write the formula of coefficient of variation?
Answer:
Coefficient of variation = \(\frac { \sigma }{ \overline { X } } \) × 100.

Question 35.
What does Lorenz curve show?
Answer:
Lorenz curve is the graphic representation of dispersion in a distribution. It shows the actual distribution of items.

Question 36.
What is coefficient of correlation?
Answer:
Correlation is an analysis of covariation between two or more variables.

Question 37.
What is positive correlation?
Answer:
Correlation is said to be positive when two variables move together in the same direction.

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Question 38.
What is negative correlation?
Answer:
Correlation is said to be negative when two variables move together in the opposite direction.

Question 39.
If coefficient of correlation is zero then what does it mean?
Answer:
There is no correlation between two variable.

Question 40.
Write the formula of Karl Pearson to calculate correlation?
Answer:
\(r=\frac{\sum x y}{N \sigma_{1} \sigma_{2}}\)

Question 41.
When is Spearman’s rank difference method used?
Answer:
When variables are qualitative like Beauty, Bravery, Ability, Intelligence etc.

Question 42.
Write the formula of Spearman’s rank difference method?
Answer:
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 6

Question 44.
What is the measure of Index in base year?
Answer:
100.

Question 45.
What is base year?
Answer:
Base year is the year of reference with which the extent of change in the current year is measured.

Question 46.
Write two types of Index number?
Answer:

  1. Simple Index number and
  2. Weighted Index number.

Question 47.
What is simple index number?
Answer:
These are the index numbers in which all items of the series are accorded equal importance.

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Question 48.
What is weighted index number?
Answer:
These are the index numbers in which different items of the series are accorded different weightage, depending upon their relative importance.

Question 49.
Who publishes wholesale price index in India?
Answer:
Central statistics organization (CSO).

Question 50.
What does wholesale price index show?
Answer:
It measures the relative changes in the prices of commodity traded in the wholesale markets.

Question 51.
On which basis wholesale price index is available in India?
Answer:
Weekly basis.

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Question 52.
What is the other name of consumer price index?
Answer:
Cost of living index.

Question 53.
Define consumer price index?
Answer:
Consumer price index is the index number which measures the average change in prices paid by the specific class of consumers for goods and services consumed by them in the current year in comparison with base year.

Question 54.
What is base year of Index number of Industrial production?
Answer:
1993 – 1994.

Question 55.
What is Assumed mean?
Answer:
Assumed mean is the value of a series which helps in calculating the arithmetic mean.

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Question 56.
What is senses?
Answer:
Sensex is an index representing the movement in share price of major companies listed in Bombay stock exchange.

Question 57.
What is the base year of sensex?
Answer:
1978 – 1979.

Question 58.
How many companies are included in sensex?
Answer:
30.

Question 59.
What does it mean when sensex goes up?
Answer:
If sensex goes up it means that the prices of the stocks of most of the companies under BSE sensex have gone up.

Statistical Tools and Interpretation Short Answer Type Questions

Question 1.
A measure of dispersion is a good supplement to the central value in under – standing a frequency distribution? Comment?
Answer:
Dispersion is the extent to which values in a distribution differ from the average of the distribution. Knowledge of only average is insufficient as it does not reflect the quantum of variation in values. Measures of dispersion enhance the understanding of a distribution considerably by providing information about how much the actual value of items in a series deviate from the central value, e.g., per capita income. Thus, a measure of dispersion is a good supplement to the central value in understanding a frequency distribution.

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Question 2.
Which measure of dispersion is the best and how?
Answer:
Standard deviation is considered to be the best measure of dispersion and is therefore the most widely used measure of dispersion.

  1. It is based on all values and thus provides information about the complete series.
  2. It is independent of origin but not of scale.
  3. It is useful in advanced statistical calculations like comparison of variability in two data sets.
  4. It can be used in testing of hypothesis.
  5. It is capable of further algebraic treatment.

Question 3.
Some measures of dispersion depend upon the spread of values whereas some calculate the variation of values from a central value. Do you agree?
Answer:
Yes, it is true that some measures of dispersion depend upon the spread of values, whereas some calculate the variation of values from the central value. Range and Quartile Deviation measure the dispersion by calculating the spread within which the value lie. Mean deviation and standard deviation calculate the extent to which the values differ from the average or the central value.

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Question 4.
In town, 25% of the persons earned more than? 45,000 whereas 75% earned more than 18,000. Calculate the absolute and relative values of dispersion?
Answer:
25% of the persons earned more than 45,000. This implies that upper quartile Q3 = 45,000 75% earned more than 18,000. This implies that lower quartile Q1 = 18,000. Absolute measure of dispersion = Q3 – Q1 = 45,000 – 18,000 = 27,000
Relative measure of Dispersion:
Co – efficient of Quartile Deviation = \(\frac { Q_{ 3 }-Q_{ 1 } }{ Q_{ 3 }+Q_{ 1 } } \) where Q3 = 3rd Quartile Q1 = 1st Quartile
= \(\frac{45,000-18,000}{45,000+18,000}\) = \(\frac{27,000}{63,000}\)

Question 5.
When is rank correlation more precise than simple correlation coefficient?
Answer:
Rank correlation is more precise than simple correlation coefficient in the following situations:

1. When the measurement of the variables are suspect e.g., in a remote village where measuring rods or weighing scales are not available, height and weight of people cannot be measured precisely but the people can be easily ranked in terms of height and weight.

2. When data is qualitative: It is difficult to quantify qualities such as fairness, honesty etc.

3. When data has extreme values: Sometimes the correlation coefficient between two variables with extreme values may be quite different form the coefficient without the extreme values. Under these circumstances rank correlation provides a better alternative to simple correlation.

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Question 6.
Does zero correlation mean independence?
Answer:
No, zero correlation does not mean independence. If there is zero correlation (rXY= 0), it means the two variables are uncorrelated and there is no linear relation between them. However, other types of relation may be there and they may not be independent.

Question 7.
Why do we need on Index number?
Answer:
Index number are needed due to the following reasons:

  1. Measurement of change in the price level or the value of money.
  2. Information of foreign trade.
  3. Calculating real wages.
  4. Measuring and comparing output.
  5. Policy making of government.

Question 8.
What are the desirable properties of the base period?
Answer:
Base period should have the following properties:

  1. The base year should be a normal period and periods in which extraordinary events have occurred should not be taken as base periods as they are not appropriate for general comparisons.
  2. Extreme value should not be selected as base period.
  3. The period should not be too far in the past as comparison with current period cannot be done with such base year as policies, economic and social conditions change with time.
  4. It should be updated periodically.

Question 9.
Why is it essential to have different CPI for categories of consumers?
Answer:
The Consumer Price Index (CPI) in India is calculated for different categories as under:

  1. CPI for industrial workers.
  2. CPI for urban non – manual employees.
  3. CPI for agricultural labourers.

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Question 10.
What is the difference between a price index and a quantity index?
Answer:
The difference between a Price index and a Quantity index:
Price Index:

  1. It measure and allow for comparison of the prices of certain goods.
  2. Its widely used.
  3. It is known as unweighted index numbers.

Quantity Index:

  1. It measure the changes in the physical volume of production construction or employment.
  2. Its narrowly used.
  3. It is known as weighted index numbers.

Question 11.
“Index numbers are Economic Barometers”? Explain?
Answer:
Index numbers are used to measure the level of economic activities like barometers. They are called as barometers due to following reasons:

  1. Wholesale price index number shows the changes in general price level which can be used for any consumer category.
  2. Index number of agricultural production is a weighted average of quantity relatives.
  3. Index number is a useful guide to help in decision making while investing in the stock market.

Question 12.
What is “mode”? Explain its merits?
Answer:
The word “mode” has been derived from the French word “La mode” which means fashion. In statistics, mode means the value, which occurs most frequently in the series. Following are the merits of mode:

1. Simple calculation:
Calculation of mode is simple. Sometimes in individual and discrete series it can be found out by inspection only.

2. Least effect of extreme values:
Mode is not affected by extreme values. If the groups are unequal even then mode can be calculated.

3. Representative measure:
Mode is a representative and real measure of the series because this is one of the values from the group itself.

4. Use in quantitative facts:
Mode is also used for describing the quantitative data.

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Question 13.
Explain the merits and demerits of Karl Pearson’s coefficient of correlation?
Answer:
Merits:

  1. This method gives us precise magnitude of the correlation due to which interpretation of result becomes easy.
  2. It is the most popular method of measuring relationship between the two variables.
  3. It expresses the direction and degree of change in two variables.

Demerits:

  1. It cannot be used to quantity qualities such as honesty fairness, etc.
  2. The value of correlation are largely affected by the values of extreme items.

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Question 14.
Explain the merits and demerits of Spearman rank difference method?
Answer:
Merits:

1. Simple:
Spearman’s ranking method is very simple compare to Pearson’s method. It can be easily calculated and understood than Pearsonian coefficient of correlation. In Karl Pearson’s method more calculation are required

2. Compulsory calculations:
In case ranks of values in the series are given rank methods is the only way to compute coefficient of correlation.

3. Useful for data of qualitative nature:
In case the data is related to ability, performance, beauty, honesty, intelligence and honesty etc. So this is the most suitable method to calculate coefficient of correlation.

4. Same result:
The answer obtained by rank method equals the answers determined through Pearsonian method, if values are not repeated.

5. Convenient:
This method can be used convenient by even if numbers in series are given in irregular way.

6. Best method:
This method is the best method in cases where the correlation is found by personal data.

7. This method is appropriate when number of elements is only 20 or 30.

Demerits:
Though the method is good but still there are certain drawbacks in it. They are as follows:

1. Unsuitable of grouped frequency distribution:
This method cannot be used for finding out correlation in grouped frequency distribution. This method is applicable only in individual observation.

2. Unsuitable if the values of the series exceed 30:
In such cases, obtaining ranks their difference and square becomes difficult so Pearsonian coefficient of correlation method is recommended. When N becomes more than thirty the counting becomes complicated. The scope of this method is limited.

3. Lack in precision:
This method is based on ranks. All the information related to data is not used, so it lacks precision as compared to Pearsonian method of coefficient of correlation.

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Question 15.
The monthly expenditure of some families in a village are as follows:
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 7
Calculate range and its coefficient?
Answer:
Range = H – L
= 5,000 – 500 = 4,500 Rs.
Coefficient of range = \(\frac{H – L}{H + L}\) = \(\frac{5000 – 500}{5000 + 500}\) =\(\frac { 4500 }{ 5500 }\) = 0.82

Question 16.
Two factories A and B are established in one industry? Following information are available about them:
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 8
In which of factory wages rates are more?
Answer:
To find out the difference in wage rates we will have to find out coefficient of variation.
Coefficient of variation = \(\frac{S D}{\bar{X}} \times 100\)
Coefficient of variation of factory A = \(\frac{3}{120}\) × 100 = 2.5 %
Coefficient of variation of factory B = \(\frac{4}{85}\) × 100 = 4.7 %
Wage rates of factory B is more.

Question 17.
Explain the importance of correlation in statistics?
Answer:
Some importance features about the correlation:

  1. The correlation of a sample is represented by the letter r.
  2. The range of possible values for a correlation is between – 1 to +1.
  3. A positive correlation indicates a positive linear association. The strength of the positive linear association increases as the correlation becomes closer to +1.
  4. A negative correlation indicates a negative linear association. The strength of the negative linear association increases as the correlation becomes closer to -1.
  5. A correlation of either +1 or -1 indicates a perfect linear relationship. This is hard to find with real data.

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Question 18.
Explain the utility of index numbers?
Answer:

1. Index numbers help in framing suitable policies:
Index numbers provide various type of information on the basis of which various policies suitable to our economy are framed. On the basis of index number the insurance companies fix their premiums and banks fix their interest rates. Railways fixed their fare on this index only. It gives knowledge about the purchasing power, industrial and agricultural production about other countries.

2. Make the difficult facts easy:
By index number, sometimes we make some facts and events easy which is not possible by any other method. For example, measurement of trading activities is not possible by studying single fact. But by analysing the progress of industrial production, Banking and transportation the trading index can be found out. Many emotional facts take the concrete form with the help of index. Thus, they are made simple and easier for general people.

3. Comparative study is possible:
By index number comparative study is possible. This is because they express changes in relative form so it is not difficult to compare two things.

4. Indication towards future economic tendency:
Index number expresses not only the present conditions but on the basis of it we can find out the conclusions of the facts of future also. Thus, we reach to the present facts with the help of future inferences and thus we get the indication of future economic tendency.

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Question 19.
Define base year? What are the guidelines to be observed while determining the base year?
Answer:
Base year is the period with respect to which change is measured. Following guidelines are to be observed while determining the base year:

  1. Base year should be a normal year i.e. it should be free form abnormalities like wars, earthquakes, floods, etc.
  2. Base year should not be too old.
  3. Base year should be clearly defined.

Question 20.
Construct price index for 1990 taking 1989 as base year from the following information:
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 9
Answer:
Calculation of Price Index by simple aggregative method:
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 10
Price Index for year 1990 (P01) = \(\frac { \Sigma P_{ 1 } }{ \Sigma P_{ 0 } } \) x 100
= \(\frac{360}{300}\) x 100
= \(\frac{36000}{300}\) = 120
These is a net increase of (120 – 100) = 20% in prices in 1989 as compared to 1990.

Question 21.
Calculate Index for 1989 taking base year 1989 by average of price relatives method?
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 11
Answer:
Calculation of Price Index by average of price relatives method:
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 12

Question 22.
Calculation of Index by Laspeyre’s method from the following:
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 13
Answer:
Calculate of Index by Laspeyre’s method:
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 14

Question 23.
Calculate index by Paasche’s method the following:
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 15
Answer:
Calculation of index by Paasche’s method:
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 61

Statistical Tools and Interpretation Long Answer Type Questions

Question 1.
If the arithmetic mean of the data given below is 28. Find:

  1. Missing frequency
  2. Median of the series.

MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 17
Answer:
Calculation of missing frequency:
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 18

\(\overline { X } \) = \(\frac{Σfm}{Σf}\)
or 28 = \(\frac{2100+35x}{80+x}\)
or or 2240+ 28x = 2100 + 35x
or 2240 – 2100 = 35x – 28x
or 7x = 140
x = \(\frac{140}{7}\)
Hence, missing frequncy is 20.

Question 2.
Calculate median from the following:
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 19
Answer:
Calculation of median:
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 20
Median = Size of (\(\frac{N}{2}\))th items.
= \(\frac{100}{2}\)th item.
= 50th item.
50th median class is 20 – 30.
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 21
= 20 + \(\frac{20}{27}\) x 10 = 20 + 7.41 = 27.41

Question 3.
Calculate arithmetic mean by shortcut method:
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 22
Answer:
Calculate of mean by shortcut method:
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 23

Formula: \(\overline { X } \) = A + \(\frac { \Sigma fdx }{ N } \)
Here, \(\overline { X } \) = ?, N = 100, A = 25, Σfdx = 620.
∴ \(\overline { X } \) = 25 + \(\frac{620}{100}\) = 25 + 6.2 = 31.2.

Question 4.
Calculate mode from the following data:
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 24
Answer:
From the following table modal class is 20 – 30 as its frequency is the highest.
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 25

Question 5.
Calculate quartiles from the followings:
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 26
Answer:
Calculate of quartiles:
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 27

Q1 = \(\frac{N+1}{4}\) th item = \(\frac{100+1}{4}\) th item.
= 25.25 th item
= 25 th item + 0.25 (26 th item – 25 th item)
= 7 + 0.25 (7-7)
= 7 + 0.25(0) = 7 + 0 = 7.
Q2 = 2 (\(\frac{N+1}{4}\)) th item = 50.50 th item.
= 50 th item + 0.5 (51th item – 50th item)
= 9 + 0.5 (9 – 9) = 9 + 0.5(0) = 9 + 0 = 9.
Q3 = 3 (\(\frac{N+1}{4}\)) th item = 75.75 th item
75th item + 0.75 (76 th item – 75 th item)
= 16 + 0.75 (16 – 16)
= 16 + 0.75(0) = 16 + 0
= 16.

Question 6.
Calculate dispersion and relative measures of dispersion:
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 28
Answer:
Calculating relative measure of dispersion:
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 29
Here, R = ?, L = 35.5, S = 3.5.
Formula: R = L – S = 35.5 – 3.5 = 32
∴ Relative measure of dispersion = \(\frac{L-S}{L+S}\)
= \(\frac{35.5-3.5}{35.5+3.5}\)
= \(\frac{32}{39}\) = 0.8205 (Approx).

Question 7.
Calculate quartile deviation and its coefficient from the following data:
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 30
Answer:
Calculation of quartile deviation and its coefficient:
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 31
Q1 = Size of \(\frac{N+1}{4}\) th item = Size of \(\frac{87+1}{4}\) th item.
= Size of \(\frac{88}{4}\) th item.
= Size of 22 th item, which lies in C.F. 38
∴ Q1 =9
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 32
∴ Coefficient of Q.D. = 0.5.

Question 8.
The yield of wheat and rice per acre for 10 districts of a state:
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 33
Calculate mean deviation about mean.
Answer:
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 34MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 63
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 64

Question 9.
The yield of wheat and rice of 10 districts of a state are:
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 35
Calculate mean deviation from median.
Answer:
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 65
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 66

Question 10.
The yield of rice and wheat of 10 districts of a state are:
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 35
Calculate standard deviation and its coefficient?
Answer:
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 36

MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 36

Question 11.
A batsman is to be selected for a cricket team? The choice is between X and Y on the basis of their scores in five previous scores which are:
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 37
Which batsman should be selected if we want?

  1. A higher run gether or
  2. A more reliable batsman is the team

Answer:
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 38

Question 12.
Calculate the correlation coefficient between the heights of fathers in inches (x) and their son (y):?
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 39
Answer:
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 40

Question 13.
Calculate coefficient of correlation between x and y, and comment on their relationship?
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 41
Answer:
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 42
These are perfectly positive correlation between x and y.

Question 14.
There are 80 students in a class. Average marks of statistics in class is 65 marks. There are two sections in the class, first have 50 students whose average marks is 60. Calculate the average marks of other section?
Answer:
Total students N = 80
Average of marks \(\bar{X}_{1}\) = 65
Students of 1st section N1 = 50
Students of second section N2 = 80 – 50 = 30
Average marks of students of 1st section \(\bar{X}_{1}\) = 60
N \(\bar{X}_{1}\) = + N1 \(\overline { X } _{ 1 }\) + N2 \(\overline { X } _{ 2 }\)
80 x 65 = 50 x 60 + 30 \(\overline { X } _{ 2 }\)
5,200 – 3,000 = 30 \(\overline { X } _{ 2 }\)
30 \(\overline { X } _{ 2 }\) = 2,200
Average marks of students of 2nd section \(\overline { X } _{ 2 }\) = \(\frac { 1 }{ 2 }\)
\(\overline { X } _{ 2 }\) = 73.33.

Question 15.
Calculate mode from the following data:
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 43
Answer:
Modal class is 30 – 40 as from observation highest frequency is 32?
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 44

Question 16.
The median in following table is 42? Determine the missing frequency?
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 45
Answer:
Let the frequency of class 20 – 30 be f2 Unknown frequency of class 50 – 60 f2.
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 46
N = 288 = 106 + f1 + f2
160 + f1 + f2 = 288
f1 + f2 = 288
f1 + f2 = 288 – 106 = 182
Median 42 is in class 40 – 50.
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 47
= 5 (42 – 40) = 94 – f1
= 210 – 200 = 94 – f1
= 10 – 94 = – f1
f1 = 84
f1 + f2 = 182
f2 = 182 – f1 = 182 – 84
f2 = 98

Question 17.
Compare the arithmetic mean, median and mode as measures of central tendency?
Answer:
Following table shows the comparison of arithmetic mean, median and mode as measures of central tendency:
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 48

Question 18.
Distinguish between mean deviation and standard deviation?
Answer:
Following are differences between mean deviation and standard deviation:

  1. Algebraic sign like plus (+) and minus (-) are ignored while calculating mean deviation, they are taken into account in the calculation of standard deviation.
  2. Mean deviation can be calculated by any of the three averages i.e., mean, median and mode standard deviation can be calculated only by the Arithmetic mean.
  3. Mean deviation cannot be used for further algebraic treatment while standard deviation is capable of further algebraic treatment.
  4. Standard deviation is considered to be superior to mean deviation.
  5. Mean deviation is easy to calculated and to understand as compared to standard deviation.

Question 19.
Calculate standard deviation from the following data:
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 49
Answer:
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 50

Question 20.
Calculate coefficient of correlation by Karl Pearson method from following data:
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 51
Answer:
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 52

Question 21.
Calculate coefficient of correlation by Karl Pearson method from following data:
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 53
Answer:
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 54

Question 22.
Calculate coefficient of correlation by Spearman rank difference method?
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 55
Answer:
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 56

Question 23.
In a drama competition two judges gave the following marks to 10 participants? Calculate rank coefficient?
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 57
Answer:
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 58

Question 24.
What is index number? What is its importance in statistics?
Answer:
An index number is a specialised average designed to measure the net change in a group of related variables over a period of time. Following are the main uses of index number which show its importance in statistics:

1. To simplify complicated matters:
Index numbers present the given information in such a manner that it can be easily understood.

2. To measure comparative changes:
Index numbers facilitate comparison of changes from time to time, among different places and in series expressed in different units. The changes in price level, cost of living etc. which are not capable to measurement directly are measured with the help of index numbers.

3. To frame suitable policies:
Index numbers guide a lot in framing suitable economic policies. For example, wholesale and retail price index number help in economic and business policy – making regarding, price, output, demand, sales etc. The indices of consumption of various commodities help in the planning of their future production. Index numbers are applied with advantage for formulating and revising their policies from time to time.

4. To measure the purchasing power of money:
Index numbers are helpful in measuring the purchasing power, i. e., value of the money. This helps in fixing proper wage policy in the country.

5. To study trends and to make forecast:
Index number are most widely used for measuring changes over a period of time. On the basis of present indices, the forecast for the future can be made.

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Question 25.
What is the purpose of constructing an index number of price and quantities?
Answer:
The purpose of constructing and index number of prices is to enable us to compare prices of certain goods over a period of time. It is used to measure change in the price level or the value of money during different periods of time.

The purpose of constructing an index number of quantities is to enable us to compare physical quantity of goods produced, consumed or distributed over a period of time. It is used to show whether the level of agricultural and industrial production in the economy is increasing or decreasing.

Question 26.
What are the limitations of index number?
Answer:
The limitation of index numbers are as follows:

  1. Since index numbers are based on sample data, they only provide approximate results which may not exactly represent the changes in relative levels.
  2. There are more chances of errors in construction of index numbers. It may be any where from level of selection of commodities to choice of the formula.
  3. Index numbers often find difficulty to record change in the quality of a variable.
  4. There does not exist a unique index number method which is acceptable to all.
  5. Index numbers are also misused by dishonest persons to draw desirable conclusion for their selfish motives.

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Question 27.
Throw light on importance of consumer price index?
Answer:
The importance of consumer price index is:

  • It is used to determine the purchasing power of money and real wages.
  • It is also used to analyze the market of specific commodities.
  • It helps to formulate government policies.
  • It helps in estimation of national income.
  • Cost of living index numbers are used as basis for the wage adjustments.

Question 28.
Calculate Price Index by Fisher’s method from following data:
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 58
Answer:
MP Board Class 11th Economics Important Questions Unit 3 Statistical Tools and Interpretation img 60

Question 29.
What are the points to be kept in mind while constructing index number?
Answer:
The points to be kept in mind while constructing Index number are:

1. Purpose:
The purpose of construction of Index numbers should be clearly defined because every index number has a specific use.

2. Selection of a base years:
Selection of base year is important for construction of index number. It should be selected carefully.

3. Selection of number of Items:
It refers to collection of data which should be determined by the purpose for which the index is constructed.

4. Selection of an average:
As Index number are specialized averages. We need to decide on the average to be used. We need to select from various averages such as
arithematic mean, geometric mean, etc.

5. Selection system of weighing:
Weighing is having an important place in construction of index number. In this various goods are weighed according to their weights.

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MP Board Class 9th Hindi Navneet Solutions कहानी Chapter 1 बड़े घर की बेटी

MP Board Class 9th Hindi Navneet Solutions कहानी Chapter 1 बड़े घर की बेटी (कहानी, प्रेमचंद)

बड़े घर की बेटी अभ्यास

बोध प्रश्न

बड़े घर की बेटी अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
बेनी माधवसिंह के पिता ने गाँव में क्या-क्या बनवाया था?
उत्तर:
बेनी माधवसिंह के पिता ने गाँव में मन्दिर, पक्का तालाब आदि बनवाये थे।

प्रश्न 2.
श्रीकंठ का चेहरा कान्तिहीन क्यों था?
उत्तर:
बी. ए. तक की पढ़ाई में अधिक मेहनत करने के कारण श्रीकंठ का चेहरा कान्तिहीन हो गया था।

प्रश्न 3.
आनन्दी का विवाह किसके साथ हुआ था?
उत्तर:
आनन्दी का विवाह श्रीकंठ के साथ हुआ था।

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बड़े घर की बेटी लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
ठाकुर भूपसिंह के घर का वातावरण कैसा था?
उत्तर:
ठाकुर भूपसिंह एक छोटी-सी रियासत के ताल्लुकेदार थे। वे ऑनरेरी मजिस्ट्रेट थे तथा इसके साथ ही वे एक उदार व्यक्ति थे। उनके घर में सभी रईसी ठाठ-बाट थे। उनके घर में एक हाथी, तीन कुत्ते आदि पालतू जानवर थे। घर में झाड़-फानूस की सजावट हो रही थी। खाने-पीने का भी उच्च स्तर था।

प्रश्न 2.
“हाथी मरा भी नौ लाख का” यह बात किसने कही और क्यों कही?
उत्तर:
दाल में घी न डालने पर लालबिहारी आनन्दी से लड़ने लगा। लड़ाई में उसने आनन्दी के मायके पर व्यंग्य कसा। इस पर आनन्दी ने पलटवार करते हुए कहा कि पहले जैसा वैभव न होने पर भी उसके मायके में रहन-सहन और खान-पान में कोई कमी नहीं आयी है क्योंकि मरा हाथी भी नौ लाख का होता है।

प्रश्न 3.
आनन्दी की संयुक्त परिवार के बारे में क्या राय थी?
उत्तर:
आनन्दी की संयुक्त परिवार के बारे में अच्छी राय नहीं थी। कारण कि वह यह मानती थी कि यदि संयुक्त परिवार में खूब परस्पर सम्मान देने और बहुत कुछ करने के पश्चात् भी यदि परिवार में खुशहाली का वातावरण नहीं बनता है और बात-बात में नुक्ताचीनी और काट-छाँट होती है तो उससे अलग होकर रहना चाहिए। इससे कम-से-कम मन में शान्ति तो रहेगी।

प्रश्न 4.
श्रीकंठ का अपने भाई के साथ कैसा व्यवहार था?
उत्तर:
श्रीकंठ का अपने छोटे भाई लालबिहारी के साथ बड़े ही प्रेम का व्यवहार था। वह जब भी इलाहाबाद से आते उसके लिए कुछ-न-कुछ लेकर आते थे। एक बार जब अखाड़े में लालबिहारी ने दूसरे पहलवान को पछाड़ दिया था तो उन्होंने पाँच रुपये के पैसे लुटाए थे।

किन्तु आनन्दी के साथ हुए अभद्र व्यवहार को सुनकर उनका सारा प्रेम समाप्त हो जाता है और उसके प्रति घृणा पैदा हो जाती है यहाँ तक कि वे उसका मुँह भी देखना पसन्द नहीं करते हैं। लेकिन जब आनन्दी ने अपने बड़प्पन का परिचय देते हुए लालबिहारी को माफ कर दिया तो श्रीकंठ का हृदय पुनः परिवर्तित होकर अपने भाई से प्यार करने लग जाते हैं।

प्रश्न 5.
“अब अन्याय और हठका प्रकोप हो रहा है”-यह कथन श्रीकंठ ने क्यों कहा?
उत्तर:
इलाहाबाद से शनिवार को जब श्रीकंठ अपने घर पर आये तो आनन्दी से लालबिहारी द्वारा की गयी अभद्रता की जानकारी हुई। रातभर वे बेचैन रहे और सुबह होते ही अपने पिता से बोले-“दादा, अब इस घर में मेरा निर्वाह न होगा।” बेनी माधव अपने पुत्र की यह बात सुनकर घबरा उठे और बोले- क्यों’। इस पर श्रीकंठ ने कहा-“इसलिए कि मुझे भी अपनी मान-प्रतिष्ठा का कुछ विचार है। आपके घर में अब अन्याय और हठ का प्रकोप हो रहा है। जिनको बड़ों का आदर करना चाहिए, वे उनके सिर चढ़ते हैं।”

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बड़े घर की बेटी दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
लालबिहारी सिंह के स्वभाव का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
लालबिहारी सिंह, बेनी माधव सिंह का छोटा पुत्र है। लाड़-प्यार में वह पढ़-लिख नहीं पाया है। खेतों-खलिहानों में घूमना और कुश्ती-दंगल में भाग लेना उसकी दिनचर्या के अंग थे। वह दोहरे बदन का सजीला जवान था। भरा हुआ मुखड़ा और चौड़ी छाती थी। भैंस का दो सेर ताजा दूध वह उठकर सुबह पी जाता था।

वह अपने बड़े भाई श्रीकंठ का बहुत आदर करता था। श्रीकंठ के सामने न तो वह चारपाई पर बैठता था और न हुक्का पी सकता था और न पान खा सकता था। वह अपने बाप से भी ज्यादा अपने भाई का मान करता था।

पर वह बिना पढ़ा-लिखा एवं उजड्ड था। बिना सोचे-समझे ऐसा निर्णय ले लेता था जिसके लिए उसे प्रायश्चित्त करना पड़ता था। एक दिन दाल में घी न होने की बात पर वह अपनी भाभी से उल्टा-सीधा व्यवहार कर डालता है जिससे परिवार टूटने के कगार पर आ जाता है पर आनन्दी के बड़प्पन से वह परिवार टूटने से बच जाता है।

प्रश्न 2.
आनन्दी के चरित्र की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
आनन्दी ताल्लुकेदार भूपसिंह की बेटी और ‘बड़े घर की बेटी’ कहानी की प्रधान नायिका है। उसके पति का नाम श्रीकंठ है। उसके चरित्र की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं-
(i) स्वाभिमानी :
आनन्दी एक स्वाभिमानी स्त्री है। अपने देवर लालबिहारी के अभद्रतापूर्ण व्यवहार से वह दु:खी हो जाती है और इस घटना की जानकारी वह अपने पति के आने पर उसको देती है।

(ii) उदार एवं करुण हृदय वाली :
आनन्दी का हृदय करुणा एवं दया से पूर्ण है। जब उसका देवर लालबिहारी अपनी गलती को स्वीकार करके भाई और भाभी से पश्चात्ताप करता हुआ माफी माँगता है तो आनन्दी का हृदय करुणा से पिघल जाता है और वह अपनी सौगंध देकर उसको घर छोड़ने से रोक लेती है। इस प्रकार वह एक संयुक्त परिवार को टूटने से बचा लेती है। वास्तव में वह एक उच्च चरित्र वाली उदार एवं स्वाभिमानी स्त्री है।

प्रश्न 3.
आनन्दी के मायके और ससुराल के वातावरण में क्या अंतर था? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
आन के मायके के अनौखे ठाठ-बाट थे। उसके पिता एक यासर ताल्लुकेदार थे। उनके पास विशाल भवन, एक हाथा, तोन, कुत्ते, बाज, वहरी-शिकरे, झाड़-फानूस, ऑनरेरी मजिस्ट्रटी और ऋण देने आदि की सुविधाएँ थी। आनन्दी की तीन बहिनों का बड़े ठाठ-बाट से विवाह हुआ था।

आनन्दी के ससुराल का वातावरण कुछ और ही था। यहाँ उसके मायके जैसी न टीम-टाम थी और न अन्य सुविधाएँ। हाथी-घोड़ों की बात तो बहुत दूर यहाँ कोई सजी हुई सुन्दर बहली तक न थी। न यहाँ बाग-बगीचे थे न मकान में खिड़कियाँ, न जमीन पर फर्श, न दीवार पर तस्वीरे। यहाँ तो एक सीधा-सादा देहाती मकान था परन्तु आनन्दी ने थोड़े ही दिनों में अपने आपको इस नयी व्यवस्था में ढाल लिया था।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिएजिस तरह सूखी लकड़ी …………. तिनक जाता है।
उत्तर:
भाव-कहानीकार प्रेमचन्द कहते हैं कि जिस प्रकार सूखी लकड़ी जल्दी से आग पकड़ लेती है उसी तरह भूख से पागल मनुष्य भी जरा-जरा सी बात पर तिनक जाता है, वह लड़ने-मरने को आमादा हो जाता है।

प्रश्न 5.
“बड़े घर की बेटियाँ ऐसी ही होती हैं।” इस कथन से लेख्क का क्या आशय है?
उत्तर:
इस कथन से लेखक का आशय यह है कि बड़े घर की बेटियाँ बहुत सभ्य, व्यवहारकुशल और घर को बनाने वाली होती हैं। वे सही समय पर उचित निर्णय लेकर परिवार की विपत्ति को दूर कर देती हैं। पहले तो आनन्दी अपने देवर के अभद्र व्यवहार पर बहुत क्रोधित होती है पर जब उसने देखा कि उसके क्रोध से घर उजड़ जाएगा तो वह माफी माँगने पर अपने देवर को क्षमा कर देती है तथा अपने पति से भी उसे क्षमा दिला देती है।

प्रश्न 6.
इस कहानी से हमें क्या प्रेरणा मिलती है?
उत्तर:
इस कहानी से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि यदि हम उदार हैं, दूसरों के प्रति सहृदय हैं तो बड़ी-से-बड़ी विपत्ति भी दूर हो जाती है। आज के संयुक्त परिवारों को टूटने से बचाने वाली यह कहानी शिक्षाप्रद है। इस कहानी की नायिका अपने देवर के अभद्र व्यवहार से बहुत दु:खी होती है पर देवर द्वारा सच्चे हृदय से माफी माँगने पर वह उसे क्षमा कर देती है तथा जब वह घर छोड़ने की बात कहता है तो अपनी सौगन्ध देकर तथा उसका हाथ पकड़कर रोक लेती है। ऐसा करके वह टूटते परिवार को बचा लेती है।

प्रश्न 7.
किस घटना ने आनन्दी के हृदय को परिवर्तित कर दिया? विवरण सहित लिखिए।
उत्तर:
श्रीकंठ के मुख से यह बात सुनकर कि अब मैं लालबिहारी की सूरत नहीं देखना चाहता। लालबिहारी तिलमिला गया तथा कपड़े पहनकर आनन्दी के द्वार पर आकर बोला-“भाभी, भैया ने निश्चय किया है कि वह मेरे साथ इस घर में न रहेंगे। अब वह मेरा मुँह नहीं देखना चाहते, इसलिए अब मैं जाता हूँ। उन्हें फिर मुँह न दिखाऊँगा। मुझसे जो कुछ अपराध हुआ, उसे क्षमा करना।” लालबिहारी की इस बात से आनन्दी का हृदय परिवर्तित हो गया वह अपने कमरे से निकली और लालबिहारी का हाथ पकड़ लिया और कहा “तुम्हें मेरी सौगंध, अब एक पग भी आगे न बढ़ाना” बाद में श्रीकंठ का हृदय भी पिघल गया और दोनों भाई गले लगकर फूट-फूटकर रोए। इस प्रकार आनन्दी ने अपने उदार हृदय से टूटते हुए घर को बचा लिया।

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बड़े घर की बेटी भाषा अध्ययन

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्द-युग्मों से पुनरुक्त और विलोम शब्द युग्म छाँटकर लिखिए।
गरम-गरम, फूट-फूट, साथ-साथ, अच्छा-बुरा, सुख-दुख, दिन-रात।
उत्तर:
पुनरुक्त शब्द – गरम-गरम, फूट-फूट, साथ-साथ।
विलोम शब्द – अच्छा-बुरा, सुख-दुख, दिन-रात।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के हिन्दी मानक रूप लिखिए-
व्याह, भावज, निबट, लात, जवाब, कर्ज।
उत्तर:
MP Board Class 9th Hindi Navneet Solutions कहानी Chapter 1 बड़े घर की बेटी img 1

प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रत्यय जोड़कर शब्द बनाइए-
आहट, आई, ता, हारा, वान, हीन, ईय, माला, कार।
उत्तर:
MP Board Class 9th Hindi Navneet Solutions कहानी Chapter 1 बड़े घर की बेटी img 2

प्रश्न 4.
उपसर्गों के योग से शब्द बनाइए-
उप, अभि, सु, अप, कु, अव, वि, अधि, अनु।
उत्तर:
MP Board Class 9th Hindi Navneet Solutions कहानी Chapter 1 बड़े घर की बेटी img 3

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बड़े घर की बेटी पाठ का सारांश

गौरीपुर गाँव के जमींदार ठाकुर बेनी माधवसिंह थे। उनके पिता इलाके के प्रतिष्ठित रईस थे पर बेनी माधव की माली हालत अच्छी नहीं थी। उनकी साल भर की आमदनी मात्र हजार रुपये रह गयी थी। ठाकुर के दो पुत्र थे-श्रीकंठ और लालबिहारी। श्रीकंठ बी. ए. की परीक्षा उत्तीर्ण कर किसी ऑफिस में इलाहाबाद में नौकरी करने लगा था। छोटा भाई लालबिहारी पढ़ा-लिखा नहीं था। कुश्ती, लड़ाई -झगड़ा और खेत-खलिहानों में अपना समय बिताया करता था।

श्रीकंठ अंग्रेजी से डिग्री लेने के बाद भी अंग्रेजी रीति-रिवाजों के विरोधी थे। वे सम्मिलित परिवार के पक्षधर थे। उनकी इस विचारधारा के कारण गाँव की नवविवाहिता उनकी आलोचना किया करती थीं।

भूपसिंह एक छोटी रियासत के ताल्लुकेदार थे। उन्होंने अपनी चौथी बेटी आनन्दी का विवाह श्रीकंठ से कर दिया। आनन्दी जब नये घर में आई तो यहाँ का वातावरण उसे अपने परिवार से बिल्कुल भिन्न मिला परन्तु आनन्दी ने एक वर्ष में ही अपने को उस परिवार में खपा लिया था।

एक दिन सब्जी पकाते समय आनन्दी ने जितना घी (एक पाव) डिब्बे में बचा था, वह सब सब्जी में डाल दिया। फलतः दाल में डालने के लिए घी बचा ही नहीं। जब लाल बिहारी खाना खाने बैठा तो दाल में घी न देखकर भाभी से इसका कारण पूछा। भाभी द्वारा पूरी बात बताई जाने पर भी लालबिहारी ने गुस्से में आकर भोजन की थाली फेंक दी और अपने पैर की खड़ाऊ आनन्दी को मारने के लिए फेंकी। आनन्दी ने हाथ से इस वार को बचा लिया लेकिन इस कारण उसकी उँगली में चोट लग गयी। इस घटना ने आनन्दी को झकझोर डाला। उसने गुस्से में खाना-पीना छोड़ दिया। उसका पति श्रीकंठ इलाहाबाद से हर शनिवार को आता था। जब श्रीकंठ दो दिन बाद घर वापस आता है तो उसके पिता बेनीमाघव उल्टे आनन्दी के व्यवहार की शिकायत उससे करते हैं।

इस पर पहले तो श्रीकंठ आनन्दी पर गुस्सा करते हैं लेकिन पूछने पर जब आनन्दी ने पूरी घटना श्रीकंठ को बताई तो श्रीकंठ आग बबूला हो उठे। सुबह होते ही उसने अपने पिता से कहा कि वह अब इस घर में एक पल भी नहीं रह सकता। वह अपने छोटे भाई लालबिहारी को उल्टा-सीधा कहते हैं। जब लालबिहारी अपने बड़े भाई के अपने विषय में इस प्रकार के विचार सुनते हैं तो उन्हें प्रायश्चित्त के साथ बड़ा दुःख होता है और भाई की बात रखने के लिए वह हमेशा के लिए घर छोड़कर जाना चाहता है। लालबिहारी ने आनन्दी के द्वार पर आकर कहा-“भाभी, भैया ने निश्चय किया है कि वह मेरे साथ इस घर में न रहेंगे। वह मेरा मुँह नहीं देखना चाहते, इसलिए अब मैं जाता हूँ उन्हें फिर मुँह न दिखाऊँगा। मुझसे जो अपराध हुआ, उसे क्षमा करना।”

लालबिहारी के इन वचनों को सुनकर आनन्दी का हृदय परिवर्तित हो गया और स्वयं अपने पति से कहा ‘लालाजी’ को अन्दर बुला लो। श्रीकंठ ने इस पर कुछ उत्तर नहीं दिया तो आनन्दी ने स्वयं आगे बढ़कर लालबिहारी को रोक लिया और कहने लगी “तुम्हें मेरी सौगंध, अब एक पग भी आगे न बढ़ाना।”

कुछ ही देर में श्रीकंठ भी पिघल गया और उसने भी लालबिहारी को अपने गले से लगा लिया। दोनों भाई रोने लगते हैं। इसी समय बेनी माधव आ जाते हैं और खुश होकर कहने लगते हैं “बड़े घर की बेटियाँ ऐसी ही होती हैं।”

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MP Board Class 9th Hindi Navneet Solutions एकांकी Chapter 2 बहू की विदा

MP Board Class 9th Hindi Navneet Solutions एकांकी Chapter 2 बहू की विदा (एकांकी, विनोद रस्तोगी)

बहू की विदा अभ्यास

बोध प्रश्न

बहू की विदा अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
‘बहू की विदा’ एकांकी किस समस्या पर आधारित है?
उत्तर:
‘बहू की विदा’ एकांकी समाज में फैली दहेज की समस्या पर आधारित है।

प्रश्न 2.
प्रमोद अपनी बहिन की विदा क्यों कराना चाहता था?
उत्तर:
प्रमोद अपनी बहिन की विदा इसलिए कराना चाहता था जिससे वह अपनी शादी के पश्चात् पड़ने वाले पहले सावन को अपने मायके में बिता सके।

प्रश्न 3.
जीवनलाल ने कमला को विदा करने से क्यों मना कर दिया?
उत्तर:
जीवनलाल ने कमला को विदा करने से इसलिए मना कर दिया था क्योंकि कमला के पिता ने शादी में उनके स्तर के अनुरूप दहेज दिया था।

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बहू की विदा लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
“बेटी वाले होकर हमारी मूंछे ऊँची हैं।” इस कथन का क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
इस कथन का अभिप्राय यह है कि हमने अर्थात् जीवनलाल ने तो अपनी बेटी की शादी में भरपूर दहेज दिया था अतः हमें ससुराल वालों के सामने झुकने की कोई आवश्यकता नहीं है अर्थात् हमारी मूंछ ऊँची है हम उनसे दबकर नहीं रह सकते।

प्रश्न 2.
प्रमोद अपना घर क्यों बेचना चाहता था?
उत्तर:
प्रमोद अपना घर जीवनलाल की इच्छा पूर्ति अर्थात् दहेज के लिए पाँच हजार रुपये जटाने के लिए बेचना चाहता था।

प्रश्न 3.
राजेश्वरी ने बहू की विदा करवाने के लिए क्या उपाय किया?
उत्तर:
राजेश्वरी को जब यह बात ज्ञात हुई कि उसका पति कमला की विदाई के बदले में पाँच हजार रुपये माँग रहा है तो वह अपने पास से पाँच हजार रुपये देकर जीवनलाल के मुँह पर मारने की बात कहती है।

बहू की विदा बहू की विदा

प्रश्न 1.
‘बहू की विदा’ एकांकी की कथावस्तु अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
इसके लिए पाठ के प्रथम भाग ‘पाठ का सारांश’ देखें।

प्रश्न 2.
जीवनलाल का चरित्र-चित्रण कीजिए।
उत्तर:
बहू की विदा’ एकांकी के रचनाकार श्री विनोद रस्तोगी हैं। इस एकांकी का प्रधान पात्र जीवनलाल है। यह व्यक्ति अहंकारी एवं लालची है। उसके चरित्र में निम्नलिखित विशेषताएँ देखी जा सकती हैं
(i) दहेज लोभी :
जीवनलाल दहेज का लोभी व्यक्ति है। तभी तो वह पाँच हजार रुपये पाये बिना प्रमोद के संग कमला को भेजने को तैयार नहीं होता है।

(ii) अहंकारी :
जीवनलाल एक अहंकारी व्यक्ति है। कम दहेज मिलने पर वह प्रमोद का अपमान करता है और अपनी बेटी की शादी में दिए गए दहेज की डींगें मारता है और वह यहाँ तक कह देता है कि मैं बेटी वाला होकर भी अपनी मूंछे ऊँची रखता हूँ।

(iii) हृदयहीन :
जीवनलाल एक हृदयहीन व्यक्ति है। प्रमोद के बार-बार विनती करने का भी उस पर कोई असर नहीं होता है और वह स्पष्ट कर देता है कि जब तक उसे पाँच हजार रूपये नहीं मिलेंगे वह कमला की विदा नहीं करेगा।

(iv) हृदय परिवर्तन :
जीवनलाल की लड़की को भी जब उसका ससुर विदा नहीं करता है और अधिक दहेज की माँग करता है तब जीवनलाल को पता चलता है कि उसका व्यवहार कितना गलत था लेकिन उसकी पत्नी की भलमनसाहत से उसका हृदय बदल जाता है और वह कमला की विदा कर देता है।

प्रश्न 3.
किस घटना ने जीवनलाल का हृदय परिवर्तित कर दिया। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जीवनलाल एक धनलोभी व्यक्ति है। वह अपनी बहू कमला की विदा इसलिए नहीं करता है कि उसे पाँच हजार रुपये दहेज के रूप में और मिलने चाहिए। कमला के भाई प्रमोद की विनती का उस पर कोई असर नहीं होता है। लेकिन थोड़ी ही देर बाद जब उसका बेटा रमेश उसकी बेटी गौरी को ससुराल से लाये बिना अकंला लौटता है तथा वह यह भी बताता है कि दहेज पूरा न मिलने के कारण उसके ससुराल वालों ने गौरी को नहीं भेजा है तो जीवनलाल को इससे धक्का लगता है। इसी समय उसकी पत्नी राजेश्वरी उसे फटकारती हुई कहती है कि जो व्यवहार तुम्हें कष्ट दे रहा है वही व्यवहार तुम अपनी बहू कमला के साथ कर रहे हो। इससे जीवनलाल का हृदय परिवर्तित हो जाता है और वह कमला को विदा कर देता है।

प्रश्न 4.
राजेश्वरी के चरित्र की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
राजेश्वरी ‘बहू की विदा’ एकांकी के प्रधान पात्र जीवनलाल की पत्नी है। पर वह अपने व्यवहार में सभ्य एवं उदार महिला है। उसके चरित्र की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं
(i) ममतामयी :
राजेश्वरी ममतामयी माँ है। उसके हृदय में ममता की भावना कूट-कूटकर भरी है। वह अपने पुत्र रमेश के समान ही अपनी बहू कमला के भाई प्रमोद को समझती है, उसे ढाँढ़स बँधाती है। तभी तो वह प्रमोद से कहती है-“मेरे लिए जैसा रमेश, वैसे तुम ! बोलो कितना रूपया चाहते हैं वे! वह मैं अभी तुम्हें लाकर देती हूँ। वह अपनी बहू के साथ भी पुत्री के तुल्य व्यवहार करती है। वह प्रमोद से कहती है कि माँ होने के नाते वह समझ सकती है कि उसकी माँ भी अपनी पुत्री कमला का वैसे ही आँखें बिछाये इंतजार कर रही होगी, जैसा मैं अपनी पुत्री गौरी की प्रतीक्षा कर रही हूँ।

(ii) दहेज विरोधी :
राजेश्वरी प्रारम्भ से ही दहेज विरोधी है। उसकी मान्यता है कि बेटी वाला कितना भी दहेज दे पर बेटे वाले कभी सन्तुष्ट नहीं होते। बेटी गौरी के विदा न होने पर जब जीवनलाल को गहरा आघात पहुँचता है तब भी वह यही कहती है-“बेटी वाले चाहे अपना घर-द्वार बेचकर दे दें पर बेटे वालों की नाक-भौंह सिकुड़ी रहती है।” इस समस्या के समाधान के लिए वह कहती है कि यदि सब बेटे वाले यह ध्यान रखें कि वे बेटी वाले भी हैं तो सब उलझनें दूर हो जाएँ।

(ii) मानवता से पूर्ण :
राजेश्वरी मानवता से पूर्ण है। वह अपनी भावनाओं के समान ही दूसरों की भावनाओं को भी समझती है। वह अपने पति जीवनलाल से कहती है-“जो व्यवहार अपनी बेटी के लिए तुम दूसरों से चाहते हो, वह दूसरे की बेटी को भी दो।”

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बहू की विदा भाषा अध्ययन

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों की शुद्ध वर्तनी कीजिएदरद, हां, विनति, व्यरथ, किमत, सूहाग, भय्या, आंचल।
उत्तर:
MP Board Class 9th Hindi Navneet Solutions एकांकी Chapter 2 बहू की विदा 1

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के हिन्दी मानक रूप लिखिए
ख्याल, बेवकूफ, ज्यादा, तबियत, नजर, शराफत, इंसानियत, जिद, खून।
उत्तर:
MP Board Class 9th Hindi Navneet Solutions एकांकी Chapter 2 बहू की विदा 2

प्रश्न 3.
निम्नलिखित मुहावरों एवं लोकोक्तियों को अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
उत्तर:

  1. हृदय टूटना-परीक्षा में असफल होने पर गोपाल का हृदय टूट गया।
  2. नाक-भौं सिकोड़ना-बहू कमला के घर का पूरा काम निबटा देने पर भी ससुर जीवनलाल की नाक-भौं सिकुड़ी रहती थी।
  3. ठेस पहुँचान-उधार के रुपये न लौटाने पर हरीश ने अपने मित्र के हृदय को ठेस पहुंचाई।
  4. दाँतों तले उँगली दबाना-रानी लक्ष्मीबाई की वीरता के आगे अंग्रेज सेना दाँतों तले उँगली दबा लेती थी।
  5. राह देखना-उर्मिला ने अपने पति लक्ष्मण के वन से लौटकर आने के लिए चौदह वर्ष तक उनकी राह देखी।
  6. नाक वाले होना-जीवनलाल अपने को बहुत ही नाक वाला मानता था।
  7. बाल धूप में सफेद होना-बुजुर्गों के बाल धूप में सफेद नहीं होते हैं।
  8. झोंपड़ी में रहकर महलों से नाता जोड़ना-झोपड़ी में रहने वालों को जीवन में कभी भी महलों से नाता नहीं जोड़ना चाहिए।
  9. मूंछ ऊँची होना-केवल थोथी शान बघारने से किसी की मूंछ ऊँची नहीं होती है। उसे कुछ ठोस काम करके दिखाना चाहिए।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्द-युग्मों से-पूर्ण पुनरुक्त, अपूर्ण, पुनरुक्त, प्रतिध्वन्यात्मक और भिन्नार्थक शब्द अलग-अलग कीजिए।
उत्तर:
पूर्ण पुनरुक्त – समझाते-समझाते, हँसती-हँसाती।
अपूर्ण पुनरुक्त – भोली-भाली, रंग-बिरंगे, इधर-उधर।
प्रतिध्वन्यात्मक – सखी-सहेलियाँ, हँस-खेलकर। सुखसुहाग।।
भिन्नार्थक शब्द – माँ-बहन, सात-आठ, भाई-बहन, घर-द्वार।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए।
उत्तर:
शब्द        विलोम
आशा       अपना
पराया      अन्याय
न्याय        सुन्दर
कुरूप      निराशा

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बहू की विदा पाठका सारांश

इस एकांकी की कथावस्तु उच्चवर्ग के परिवार से सम्बन्ध रखती है। हिन्दू रीति-रिवाज के अनुसार सावन के महीने में सावन से पूर्व विवाहिता स्त्री पहला सावन अपने घर पर ही मनाती है। प्रमोद भी अपनी बहिन कमला को ससुराल से ले आने के लिए उसकी ससुराल जाता है। कमला के ससुर जीवनलाल अहंकारी व्यक्ति हैं तथा अपने पैसे के आगे किसी को कुछ भी नहीं समझते हैं। जब प्रमोद जीवनलाल से अपनी बहिन की विदा की बात छेड़ता है तो जीवनलाल यह बहाने बनाते हैं कि तुम्हारे पिता ने उनकी हैसियत के हिसाब से दहेज नहीं दिया है। प्रमोद द्वारा अपनी मजबूरी बताने पर भी जीवनलाल टस से मस नहीं होते हैं और वे अपना अन्तिम निर्णय प्रमोद को सुनाते हुए कहते हैं कि जब तक तुम पाँच हजार रुपये लेकर नहीं आओगे तब तक कमला को यहाँ से विदा नहीं किया जाएगा। प्रमोद मन मसोसकर रह जाता है और जीवनलाल से कहता है कि बेटी वाला होने के कारण आपने मेरा अपमान किया है। लेकिन याद रखिए आप भी बेटी वाले हैं। इस बात का उत्तर देते हुए जीवनलाल कहता है कि मेरी बेटी तो पहला सावन अपने मायके में ही मनायेगी क्योंकि मैने पूरा दहेज दिया है।

कमला जब कमरे में आती है तो अपने भाई से गले मिलकर बहुत रोती है। तभी प्रमोद कमला को बताता है कि तुम्हारे श्वसुर ने पाँच हजार रुपये की हमसे माँग की है, अतः वह रुपये का प्रबंध करने वापस लौटकर जा रहा है। इसी समय कमला की सास राजेश्वरी आ जाती है। जब राजेश्वरी को अपने पति की जिद्द का पता चलता है तो वह अपने पति से छिपाकर पाँच हजार रुपये प्रमोद को देने को तैयार हो जाती है। कमला अपनी सास की इस ममता को देखकर उनसे लिपट जाती है तभी उसके श्वसुर जीवनलाल का प्रवेश होता है। जीवनलाल अपनी बेटी के ससुराल से आने की आतुरता से प्रतीक्षा कर रहे हैं।

तभी उनका पुत्र रमेश आकर बताता है कि गौरी को उसके ससुराल वालों ने भेजने से मना कर दिया है। यह सुनकर जीवनलाल के हृदय को चोट पहुँचती है और वे कहते हैं कि मैंने तो उनको भरपूर दहेज दिया था अब वे किस दहेज की बातें कर रहे हैं। तभी उनकी पत्नी राजेश्वरी कहती है कि दूसरों के साथ हमें वैसा ही व्यवहार करना चाहिए जैसा कि हम अपने लिए चाहते हैं। बहू और बेटी को समान समझना चाहिए तभी घर में सुख-समृद्धि एवं शान्ति आ सकती है। अपनी पत्नी के इन वचनों को सुनकर जीवनलाल की आँखें खुल जाती हैं और वे खुशी-खुशी कमला की विदा कर देते हैं। यहीं एकांकी समाप्त हो जाती है।

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MP Board Class 11th Business Studies Important Questions Chapter 10 Internal Trade

MP Board Class 11th Business Studies Important Questions Chapter 10 Internal Trade

Internal Trade Important Questions

Internal Trade Objective Type Questions

Question 1.
Choose the correct answer:

Question 1.
It is characteristics of where in one roof goods are sold by making different departments –
(a) Multiple shops
(b) Departmental stores
(c) Wholesale trade
(d) None of these.
Answer:
(b) Departmental stores

Question 2.
Price is same in –
(a) Retail trade
(b) Chain shop
(c) Super bazar
Answer:
(b) Chain shop

Question 3.
Number of goods sold in wholesale trade is –
(a) More
(b) One
(c) Less
(d) None of these
Answer:
(c) Less

Question 4.
Less capital is required in –
(a) Departmental store
(b) Wholesale trade
(c) Production
(d) None’of these.
Answer:
(d) None’of these.

Question 5.
Which is not related to the trade by moving from one place to another –
(a) Hawkers
(b) Street sellers
(c) Pedlars
(d) Street shops.
Answer:
(d) Street shops.

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Question 6.
Which do not come in fixed retail sellers –
(a) General store
(b) Departmental store
(c) Hawkers and pedlars
(d) Chain stores.
Answer:
(c) Hawkers and pedlars

Question 7.
Shop where manufacturer also sells the goods –
(a) Chain shops
(b) Departmental shops
(c) Hawkers
(d) Stall shops.
Answer:
(a) Chain shops

Question 8.
In consumer co – operative store goods are sold –
(a) Only in cash
(b) Only credit
(c) Both
(d) Free
Answer:
(a) Only in cash

Question 9.
Payment made in internal trade –
(a) Import duty
(b) Export duty
(c) VAT
(d) None of these
Answer:
(c) VAT

Question 10.
Not an movable sellers –
(a) Hawkers
(b) Street sellers
(c) Mill sellers
(d) Departmental stores
Answer:
(d) Departmental stores

Question 11.
Retail seller sold goods to –
(a) Wholeseller
(b) Consumers
(c) Departmental stores
(d) All of the above
Answer:
(b) Consumers

Question 12.
Not big shops –
(a) Super bazar
(b) Mall
(c) Fair trade shops
(d) Franchisee
Answer:
(c) Fair trade shops

Question 13.
Which is not characteristics of departmental store –
(a) Different departments
(b) Sole trade
(c) Under one roof
(d) Multiple management.
Answer:
(d) Multiple management.

Question 14.
Number of sellers in the automatic vending machine –
(a) One who sell goods
(b) Not even one
(c) One who received goods
(d) Two, one seller and other receiving payment
Answer:
(b) Not even one

Question 15.
Which is not a retail shop –
(a) General stores
(b) Street shops
(c) Old goods shop
(d) Departmental stores.
Answer:
(d) Departmental stores.

Question 16.
Which is not characteristic of wholesaler –
(a) Selling goods on large scale
(b) Direct relation with customers
(c) No focus on shop deco
(d) Trade of limited goods.
Answer:
(b) Direct relation with customers

Question 17.
Which is not big scale retail trader –
(a) Departmental store
(b) Super bazar
(c) Permanent shop
(d) Multiple shops.
Answer:
(c) Permanent shop

Question 18.
Which is not a permanent shop –
(a) General store
(b) Specialized shop
(c) Super bazar
(d) None of these.
Answer:
(c) Super bazar

Question 19.
Where departmental store are famous –
(a) USA and Europe
(b) India
(c) China
(d) Pakistan.
Answer:
(a) USA and Europe

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Question 20.
Which is not example of big scale retail shop –
(a) Departmental store
(b) Super bazar
(c) Multiple shop
(d) Mail store.
Answer:
(d) Mail store.

Question 21.
Whidris not retail store selling –
(a) Mail store
(b) Internet shopping
(c) Selling by AVM
(d) Super bazar.
Answer:
(d) Super bazar.

Question 22.
Which is not characteristics of super bazar –
(a) Member of super bazar invest their own capital
(b) This store remains in form of cooperative society
(c) Goods sold on credit in super bazar
(d) Situated at centre of city.
Answer:
(c) Goods sold on credit in super bazar

Question 2.
Fill in the blanks:

  1. The business which is undertaken in one state is called ……………..
  2. ……………. is compulsory for cooperative society.
  3. Retailer is a link between ……………… and ……………..
  4. Hawker and Peddlers are the part of …………….. business.
  5. …………….. are shops opened by producers.
  6. …………….. Activities are done in postal business.
  7. …………….. there are many buildings and shopping center.
  8. Mcdonald’s restaurant is a example of ……………..
  9. All the basic needs are available in ……………..
  10. Organization of super bazar is based on ……………..
  11. …………….. Purchased goods from Hawkers and Peddlers.
  12. After receiving debit note firm issued …………….. as a proof.

Answer:

  1. Internal trade
  2. Registration
  3. Wholesaler, consumers
  4. Retailer
  5. Multiple shop
  6. Correspondence
  7. Mall
  8. Franchisee
  9. Departmental stores
  10. Department
  11. Housewife
  12. Credit note.

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Question 3.
Write true or false:

  1. Wholesaler sells consumer goods.
  2. Business by post is a example of retail trade.
  3. The decoration of chain stores are same in everywhere.
  4. Wholesaler is hot necessary for business.
  5. Super bazar is a biggest retail institute.
  6. Wholesaler sales goods to consumer.
  7. Departmental stores and multiple stores are Complementary to each other.
  8. Retailer is a link between consumer and wholesaler.
  9. Chamber of commerce works for the interest of industries and business.
  10. Chamber of commerce is voluntary organization for industries and business.
  11. Multiple stores are flourish in all over country.
  12. Mall offers lowest price of goods.

Answer:

  1. False
  2. True
  3. True
  4. False
  5. True
  6. False
  7. True
  8. True
  9. True
  10. True
  11. True
  12. False.

Question 4.
Match The columns:
MP Board Class 11th Business Studies Important Questions Chapter 10 Internal Trade 1
Answer:

1. (c)
2. (d)
3. (b)
4. (a)
5. (f)
6. (e).

Question 5.
Give answer in one word / sentence:

Question 1.
Purchase goods from wholesaler and sell to the consumers?
Answer:
Retailer.

Question 2.
Purchase goods from manufacturer and sell it to the retailer?
Answer:
Wholesaler.

Question 3.
Wholesaler reduces risk of whom?
Answer:
Retailers.

Question 4.
Who is middleman between manufacturer and the customer?
Answer:
Wholeseller, retailers.

Question 5.
By which name big business complex is called?
Answer:
Mall.

Question 6.
Different goods sold under one roof?
Answer:
Departmental store.

Question 7.
Institution which makes available goods to their customers at lower rates?
Answer:
Consumer cooperative stores.

Question 8.
Business done within boundary of any country?
Answer:
Internal trade.

Question 9.
Seller who deals from door to door for selling goods?
Answer:
Hawkers.

Question 10.
Machine used for selling and payment?
Answer:
Automatic vending machine.

Question 11.
Lac bangles market is which kind of market?
Answer:
State business.

Question 12.
Currency used in internal trade?
Answer:
Domestic currency.

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Question 13.
Market related to daily use product and perishable goods.
Answer:
Local market.

Question 14.
Into how many copies credit note is prepared?
Answer:
Two.

Question 15.
The business done in different states of a country is called by which name?
Answer:
National market.

Internal Trade Very Short Answer Type Questions

Question 1.
Write meaning of wholesale trade?
Answer:
Those traders which purchases goods in large quantities directly from the producers and sell in small quantity to the retailers are called as wholesalers.

Question 2.
Write the meaning of the retailers?
Answer:
Those traders who purchase goods from the wholesalers and sell directly to the customers is called as retailers.

Question 3.
What is departmental store?
Answer:
Departmental store is a big store engaged in the retail trade of wide variety of articles under the same roof.

Question 4.
What do you understand by chain shops?
Answer:
Chain stores are retail organization comprising two or more retail stores, owned and operated by under one management.

Question 5.
What is franchisee?
Answer:
It is an authorization granted by a government or company to an individual or group enabling them to carry out specified commercial activities.

Question 6.
What is super bazar?
Answer:
Super bazar is a place where goods of daily use are available under one roof. The commodities are displayed in shelves and consumers are free to choose the commodities of his need and choice.

Question 7.
What do you mean by itinerant shops or hawkers?
Answer:
These are retailer who do not have a fixed place of business and they move from place to place selling their wares, e.g. utensils, toys, garments, fruits, vegetables etc.

Question 8.
What are chain shops ?
Answer:
Chain store is a group of stores handling similar lines of merchandise with single ownership and centralized location.

Question 9.
Name kinds of goods.
Answer:
Types of Goods are:

  1. Industrial goods
  2. Customer goods.

Question 10.
What is called as industrial goods?
Answer:
Those goods whose production is done for production of other goods are called as industrial goods.

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Question 11.
Write kinds of industrial goods?
Answer:
Types of Industrial Goods are:

  1. Raw material
  2. Semi – finished
  3. Finished goods.

Question 12.
What are consumer goods?
Answer:
These are those goods which are directly used in the society by the customers.

Question 13.
Write kinds of internal trade?
Answer:
The kinds of internal trades are:

1. Direct selling:
The selling technique where there is direct selling of the goods to consumers and have direct relation among them is called as direct selling.

2. Indirect selling:
Selling done by means of middlemen is called as indirect selling.

Question 14.
Write the meaning of internal trade?
Answer:
When the trading is done within the boundary of the country is called as the internal trade.

Question 15.
What is direct trade?
Answer:
Normally, it is seen that in the trading activities many middlemen also exist. That format of trade where no middlemen exist but the goods are directly sold by the producers to the customers is called as direct trade.

Question 16.
What is indirect trade?
Answer:
When the goods are sold by the medium of middlemen then it is called as indirect trade. They are:

  1. Wholesalers
  2. Retailers.

Question 17.
What is lorry receipt?
Answer:
This is issued by the transport company for giving acceptance to transport the goods from one place to another.

Question 18.
What is railway receipt?
Answer:
This is issued by the railway company for giving acceptance to transport the goods from one place to another.

Question 19.
What is invoice ?
Answer:
The details of goods which is obtained from the seller for credit sale is called as invoice.

Question 20.
What is proforma invoice?
Answer:
It is a confirm purchase order containing the terms and condition on which buyer and seller agree on the product detail and cost. A sale quote is prepared in the form of proforma invoice.

Question 21.
What is debit note?
Answer:
A form or letter issued by seller to advise the amount owed by buyer.

Question 22.
What is business?
Answer:
When any trading activity is done in order to earn profit then it is called as business.

Question 23.
Class business on the basis of geographical location.
Answer:
Class business on the basis of geographical location are:

  1. Internal trade
  2. External trade.

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Question 24.
What is credit note ?
Answer:
It is a monetary instrument issued by seller that allows a buyer to purchase any item or service on a future date. It is issued by seller.

Question 25.
Classify the internal trade on the basis of different levels.
Answer:
The internal trades on the basis of different levels:

  1. Local level trade
  2. State level trade
  3. National level trade.

Question 26.
Classify the internal trade on the basis of quantity.
Answer:
The internal trades on the basis of quantity are:

  1. Wholesale trade
  2. Retail trade.

Question 27.
When the trading from mail or post started?
Answer:
1872 in USA.

Question 28.
Write meaning of mail order business.
Answer:
When the trade is done through the orders which are received through the post and goods are supplied through post then it is called as mail order business.

Question 29.
Define mail order business.
Answer:
According to Canon and Richard:
“Business through post is a trade in which the orders are received through post and goods are supplied through post”.

Question 30.
Define departmental stores.
Answer:
According to James Stephenson:
“Departmental store is a big store engaged in the retail trade of a wide variety of articles under the same roof”.

Question 31.
What do you mean by multiple shop?
Answer:
A multiple shop consists of number of similar shops owned by a single business firm.

Question 32.
Write three objectives of multiple shops.
Answer:
The three objectives of multiple shops are:

  1. Fair price
  2. Elimination of middle men
  3. Absence of bad debts.

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Question 33.
Write two names of multiple shops.
Answer:
They are:

  1. Bata Shoe company
  2. Delhi cloth mills.

Question 34.
What are super bazars?
Answer:
Supermarket or Super bazar is a place where goods of daily use are available under one roof.

Question 35.
What is called as pin to plane shop?
Answer:
Department stores.

Internal Trade Short Answer Type Questions

Question 1.
What is internal trade?
Answer:
Buying and selling of goods within the geographical units of a country is known as internal trade. Either goods are sold at one place only or at the centre of the place, through the departmental stores, chain shops, super markets, by hawkers or the peddlers.

Question 2.
What is wholesale trade? Write characteristics.
Answer:
The trade in which the trader purchases goods in bulk quantity from manufacturer and producers and sells them to transfer or consumers in small quantity is called wholesale trade.

The characteristics are:

  1. Require large capitals.
  2. Goods are purchased in bulk quantity.
  3. Deals in a particular line of trade.
  4. Trade is done through samples.
  5. Goods are sold to the retailers.

Question 3.
Write the function of wholesale trader.
Answer:
The functions of the wholesale trader are as under:

  1. Collection of the goods.
  2. Storing of bulk goods at one place.
  3. Selling of the goods to the retailers.
  4. Providing the facilities of the transportation.
  5. To provide the finance facility.
  6. To take risk and provide advise to the producers and also retailers.

Question 4.
Define retailers. Write its characteristics?
Answer:
According to the Cundiff and Still:
“Retailing consists of those activities involved in selling directly to ultimate consumers.”
The characteristics are:

  1. Purchasing in a big quantity and selling in a small quantity to the customers.
  2. Deals in the variety of the goods.
  3. Requires minimum capital for the start-up.
  4. Cash and credit both the facility is made available.
  5. Personal contact the customers.
  6. Concentration on taste, fashion, customs of the society.

Question 5.
Write the characteristics of fixed shop retail trader.
Answer:
There are such kind of retailers which do not go on door to door for the trading to the customers. The characteristics are:

  1. They have more resources as compared to the hawkers and peddlers.
  2. They vary in the form, small to big sizes.
  3. They deal in the goods which have durability for short and long term.

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Question 6.
Write the objective of the facility of storing goods given to the wholesalers?
Answer:
Facility of storing goods given to the wholesalers because when the goods are produced by the manufacturers then they are not required to” be stored in the godowns is the manufacturer but they are transferred to the wholesalers. Hence, storage problem is not there with the manufacturers.

Question 7.
How manufacturer is benefitted by the information provided by the wholesaler?
Answer:
Wholesalers remain in direct touch with the retailers and due to which they give advise to the producers on the different matters. These matters can be related to the choice of the customers, position of the market, competition in the market and also regarding the need of the customers.

Question 8.
Differentiate between one commodity store and specialized commodity store. Can you find them?
Answer:
MP Board Class 11th Business Studies Important Questions Chapter 10 Internal Trade 2
Yes, they can be recognized by the following examples:

One commodity store:
Bata shoe store, Liberty shoe store, Raymond store, Titan watch.

Specialized store:
Kids readymade centre, Toys centre, etc.

Question 9.
Differentiate between the line trader and low price shoppers?
Answer:
Differences between line trader and low price shoppers:
MP Board Class 11th Business Studies Important Questions Chapter 10 Internal Trade 3

Question 10.
What services are provided by the retailers to the wholesale traders and the customers?
Answer:
Retailer provides following services to the wholesalers:

  1. They provide ready market to wholesalers.
  2. They provide market information to wholesalers.
  3. They also help them in dealing of large goods.
  4. They also take the business risk and help to the wholesalers.
  5. Helps in distribution work of goods.

Retailer provides following services to die customers:

  1. Regular availability of goods to customers.
  2. Information of new goods to customers.
  3. Facility of choose the goods.
  4. Home delivery facility.
  5. Selling in small quantity to customers.

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Question 11.
What services are provided by the wholesaler to the producers?
Answer:
Following services are provided by the wholesaler to the producers:

  1. To make arrangement for the selling of produced goods
  2. To reduce the risk involved in credit sales.
  3. To maintain the stock in the proper quantity.
  4. Reduction in the distribution expenses.

Internal Trade Long Answer Type Questions – I

Question 1.
Itinerant traders have been an integral part of internal trade in India. Analyses the reasons for their survival in spite of competition from large scale retailers.
Answer:
Itinerant retailers are traders who do not have a fixed place of business to operate from. They keep on moving with their wares from street to street or place to place, in search of customers. Followings are the reasons for their survival in spite of competition from large scale retailers:

1. They are small traders and hence rural customers and consumers from backward areas find themselves more comfortable dealing with them.

2. They normally deal in consumer products of daily use such as toiletry products, fruits and vegetables, etc. demand for which does not fall much with time.

3. The emphasis of such traders is on providing greater customer service by making the products available at the very doorstep of the customers. This makes it convenient for the consumers and helps in the survival of itinerant sellers.

Question 2.
Why are consumer cooperative stores considered to be less expensive? What are its relative advantages over other large scale retailers?
Answer:
A consumer cooperative store is an organizations owned, managed and controlled by consumers themselves. The cooperative stores generally buy in large quantity directly from manufacturers or wholesalers and sell them to the consumers at reasonable prices. Members get products of good quality at cheaper rates since the middlemen are eliminated or reduced.

The major advantages of a consumer cooperative store are as follows:

1. Ease of formation:
It is easy to form a consumer co – operative society. Any 10 people can come together to form association and get themselves registered with the a voluntary Registrar of co – operative Societies by completing certain formalities.

2. Limited liability:
The liability of the members in a co – operative store is limited to the extent of the capital contributed by them. They are not liable personally to pay for the debts of society. In case the liabilities are greater than its assets.

3. Democratic management:
Co – operative societies are democratically managed through management committees which are elected by the members. Each member has one vote. Irrespective or the number of shares held by him/her.

4. Lower prices:
A co – operative store purchases goods directly from the manufacturers or wholesalers and sells them to members and others elimination of middlemen results in lower prices for the consumer goods to the members.

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Question 3.
What services are provided by the wholesalers toward retailers?
Answer:
Services Towards Retailers:

1. Provide goods as per need:
Wholesaler supplies goods to retailers as per their needs. Though they have large stock, they sell in small quantities to retailers.

2. Minimization of wastage:
The unsold goods of retailers are often taken back by the wholesalers. Thus, the retailer does not suffer much as he has his own ways of disposing surplus.

3. Increase in sale:
Wholesalers make publicity and advertisement for and on behalf of the retailers. This increases the sale of retailers.

4. Control on market price:
Wholesalers exercise control on market price by releasing goods at the time of high demand, thus increasing the retailers margin.

Question 4.
Explain the usefulness of mail orders houses. What type of products are generally handled by them ? Specify.
Answer:
Advantages of mail order houses:

1. Limited capital requirement:
Mail order business can be started with relatively low amount of capital as it does not require heavy expenditure on building and.other infra structure facilities.

2. Elimination of middlemen:
The biggest advantage of mail order business for consumers is that unnecessary middlemen between the buyers and sellers are
eliminated which results in savings to the buyers as well as to sellers.

3. Absence of bad debt:
Since the mail order houses do not extend credit facilities to the customers, there are no chances of any bad debt on account of non payment by the customers.

4. Wide reach:
This system has a wide reach as a large number of people throughout the country can be served throught mail and die goods can be sent to all the places having postal services.

5. Convenience:
This system is very convenient for the consumers as the goods are delivered at the doorstep of the customers.

Mail order houses usually deals only in the goods that can be:

1. Graded and standardizes.
2. Easily transported at low cost.
3. Have ready demand in the market.
4. Are availabel in large quantity throughout the year.
5. Involve least possible competition in the market.
6. Can be described through pictures etc.

Question 5.
Write limitations of retailers.
Answer:
The limitations are:

1. Higher rates:
A retailer always hikes the prices for obtaining his share of profit. Thus, the consumer pays a high price for each and every product obtained from the retailer.

2. Limited area:
The scope of retail trade is confined to a limited area. Thus, he can cater to the needs of local consumers only.

3. Small profit margin:
As retailers invest small capital, they may not earn large profits. The volume of sales is less and hence profit is also less.

4. Lack of expertise in marketing:
Retailer lacks expertise in marketing and sales methods. So, he satisfies his local customers and is unable to increase his sales.

5. Goods of inferior quality:
Sometimes in order to increase his margin of profit, the retailer keeps goods of inferior quality or in short duplicate goods, but changes price of genuine products. In this way, consumers are exploited and the retailer loses his goodwill.

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Question 6.
Write demerits of super market/bazar.
Answer:
Demerits of super bazar are:

  1. Availability of large space at the heart of the city is a difficult task.
  2. Large capital is required for keeping variety of goods in bank, land and building, window dressing, etc.
  3. They are meant for middle or high class people.
  4. Maintenance and operating cost is more. .

Question 7.
What is Mall? Write its kinds.
Answer:
Any business house which is big in size and have all facilities inside it including Shopping centre, Service centre, Advertisement club and different offices are called as Mall.
Kinds of Mall are:

  1. Shopping arcade
  2. Strip mall / retail parks
  3. Regional mall
  4. Super regional mall.

Question 8.
Write the merits of hawkers.
Answer:
Merits of hawkers:

  1. Goods required and used by women and children are available at the door.
  2. Business can be commenced by investing less capital.
  3. Consumers valuable time, energy and money is saved from going to market area for purchasing goods of daily use like vegetables, utensils, etc.
  4. The rejects, remnant and wastes of houses are disposed to the hawkers such as newspapers, old utensils, plastic goods, etc.

Question 9.
Differentiate between super bazar and departmental stores.
Answer:
Differences between super bazar and departmental stores:
MP Board Class 11th Business Studies Important Questions Chapter 10 Internal Trade 4

Question 10.
Write the difference between departmental store and multiple shop.
Answer:
Difference between departmental store and multipe shop:
MP Board Class 11th Business Studies Important Questions Chapter 10 Internal Trade 5

Question 11.
What is super market? Write its characteristics.
Answer:
The market where the goods are available of the daily use at the proper price is called as super market. This also reflect like the departmental store. It was started since 1929 in the depression time in USA.

Followings are the characteristics:

  1. Large scale retail shop.
  2. Management is same as the department basis.
  3. As similar to department store they also sell different commodity.
  4. It does not have any sellers.
  5. Works on the basis of self service.

Question 12.
Why super market runs on loss?
Answer:
Followings are the reason of the loss in the super markets:

  1. Lack of proper management.
  2. Heavy management expenditure.
  3. Improper purchase policy.
  4. Less control on the goods.
  5. Corruption among the employees.

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Question 13.
What is mall? Write its characteristics.
Answer:
The shopping complex where different kinds of goods and services are available is called as mall. There are multiple stores/shops/counter situated in it. All are linked to each other so that the customers can reach to them easily. These kinds of shopping malls are already established in big cities like Delhi, Mumbai, Kolkata, Bengaluru, etc. and they are running successfully.

Characteristics of mall:

1. Big size retail shops:
These are such shopping complex in which large numbers of shops are located for the convenience of the customers.

2.Different services:
These malls also not only provide goods but different services are also available.

3. Central location:
They are established at the central location so, they are easily accessible by the customers.

4. Different goods:
Goods are made available for the different age group people.

5. Ownership:
All the shops of the mall not belongs to one person but they belongs to the different persons.

Question 14.
‘Wholesalers should not be eliminated’. Give reason?
Answer:
Wholesalers should not be eliminated because of following reasons:

  1. They are also helpful for the customers.
  2. Wholesaler only predicts the future demands.
  3. Producers cannot find out the tastes of the customers.
  4. Retails will suffer if wholesaler will be removed.
  5. They favour the specialization.
  6. They also provide the credit facility.

Question 15.
Differentiate between Wholesaler and Retailer.
MP Board Class 11th Business Studies Important Questions Chapter 10 Internal Trade 6

Question 16.
Why wholesalers should be removed? Give reason.
Answer:
Followings are the reasons to remove wholesalers:

1. Encouragement to black marketing:
Many of the wholesalers hoard goods with them with a view that when prices increases then it can sold. It leads to black marketing.

2. Increase in price:
Wholesaler and retailer is the link between producer and the customer. These middlemen add their profit in the price of the goods as due to which prices of goods increases.

3. More remuneration:
The wholesalers do not produce goods and even they do not bring any innovation in the product, but only on die basis of capital they sell and purchase of the commodity which is one of the simple task.

4. Advertisement of harmful goods:
Wholesaler some time gets engaged in the advertisement of the harmful goods as useful goods such as cigarette, gutkha, etc.

Question 17.
Write the characteristics of the departmental store.
Answer:
The departmental stores possesses the following characteristics:

1. Business under one roof:
Various departmental stores are present under one roof and one ownership dealing in a particular line of product

2. Variety of goods:
Departmental stores deal in variety of goods, each department dealing in one line of product For example; electronics, electricals, readymade garments, wood craft, cosmetics, etc.

3. Large capital:
Departmental store is a gigantic structure requiring lots of space for its departments. Thus, large capital is needed for requiring land, building purpose and purchase of goods in bulk.

4. Management:
Each department is separately managed by a manager but the whole departmental store is controlled and governed by a board of directors.

5. Other services:
It also provides certain services like parking facilities, entertainment and refreshment to the customers.

Internal Trade Long Answer Type Questions – II

Question 1.
What is Automatic Vending Machine ? Write its advantage and disadvantage.
Answer:
Automatic Vending Machine:
It is a revolution in terms of direct sales. The consumer has to insert a coin or taken of a specific denomination and the automatic machine disgarges the desired product. Normally, the use of this machine for vending goods can be done of standardized goods which are similar in terms of size, weight and price.

For example, soft drinks, newspapers, chocolates, platform tickets, etc. presently this method is gaining popularity in urban region. The speciality of this system of selling is that no sales¬man is required for any transaction. Automated Teller Machine (ATM) is a similar machine which has brought revolution in banking sector. We all know the benefits of such machines.
Advantages:

  1. Availability of goods at 24 hours a day.
  2. No salesman is required.
  3. Goods identical in every aspect is sold through this machine.
  4. Operation of machine is simple and easy.
  5. Helpful for travellers as mostly such machines are installed at railway station.

Disadvantages:

  1. Cost of maintenance is more.
  2. Cost of machine is more.
  3. Similar coins are required which a consumer may not have at the time of need.
  4. Suitable for specific goods only.
  5. Functioning depends on electricity or battery. In case of no current or low battery, this machine stops functioning.

Question 2.
Write characteristics of mail order business.
Answer:
The characteristics of the mail order business is as under:

  1. Goods are sold by the advertisement.
  2. All the goods are sent by the mail and VPP is applied.
  3. Customers order through mail for the purchase of goods.
  4. No importance of the middlemen have in this kind of trade.
  5. Goods need not be stored for this kind of business.

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Question 3.
Is wholesale trade necessary? Give arguments in favour of it
Answer:
Wholesalers should not be eliminated because of following reasons:

  1. They are also helpful for the customers.
  2. Wholesaler only predicts the future demands.
  3. Producers cannot find out the tastes of the customers.
  4. Retails will suffer if wholesaler will be removed.
  5. They favour the specialization.
  6. They also provide the credit facility.

Question 4.
Write the problems of retail trade in India and also suggest to remove these problems?
Answer:
In our country the retailers have been great importance since long time. As per research 70% of the trade of India is done through the retail trade only. But they also have some common problems that they face. They are:

1. Lack of capital:
The main problem of the retail trade is the lack of capital and due to lack of capital. They cannot expand their business.

2. Lack of communication:
India is land of villages. Now also many villages have kutcha roads which acts as hurdle for transportation and even communication for the retail trader.

3. Legal formalities:
Retailers have to obtain license from the government for selling of kerosene, rice, wheat, oil, etc. which is a problem for them.

4. Bad behaviour:
Many officer and employees do not behave properly with the retailers.

5. Lack of modern selling technique:
Many of die retailers do not have the modem selling technique. This lead to less selling of the goods by the retailers.

6. Illiteracy:
Now also many people in our country are illiterate and they live in the villages, so the retailers have to teach them the use of different commodities before selling to them.

Suggestions to remove these problems:

  1. Government should provide loan facilities for providing funds.
  2. Development of means of transport and communication.
  3. Government officers and employees involved in corruption should be punished.
  4. Legal formalities should be made simple.
  5. Population should be educated properly.
  6. Government should make the arrangement of godown for storing the goods.

Question 5.
Explain the different types of small level retailers?
Answer:
Types of small level retailers:

1. Itinerant retailers:
They do not do their trading by the one place but move from one place to another. They are:

  • Hawkers
  • Peddlers
  • Line sellers
  • Low priced shops.

2. Fixed shop small retailers:
They have more resources as compared to the itinerant retailers. They are:

  • General stores
  • Specialized stores
  • Stalls of locality
  • Old goods shop
  • One commodity shop.

Question 6.
Difference between invoice and proforma invoice?
Answer:
Differences between invoice and proforma invoice:
MP Board Class 11th Business Studies Important Questions Chapter 10 Internal Trade 7

Question 7.
Write the advantages of deparmental stores?
Answer:
Advantages of departmental stores are:

1. Large – scale economies:
Departmental stores enjoy large-scale economics because of bulk purchases from manufacturers.

2. Convenience in advertising:
Free advertising of a department is done by other departments. Thus, interdepartmental advertising saves the firm from spending more on advertising substantially in newspaper, magazines, etc.

3. After sales service:
The quality and quantum of after sales service is loudable in a departmental store. They provide extra facilities like refreshment, entertainment, etc.

4. Central location:
Departmental stores are centrally located. Hence, they are easily accessible.

5. Convenience shopping:
Departmental stores offer convenience in shopping, as all variety of goods are available under one roof.

6. Quality goods:
Departmental stores provide goods of superior quality.

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Question 8.
What are the necessary elements required for the success of retailers?
Answer:
Followings are the necessary elements required for the success of retailers:

1. Sufficient capital:
A retailer mist invest and possess sufficient personal capital. It is required for establishment of business, advertisement, expansion plans and for exigencies. Borrowed capital is a burden on the business and extra amount has to be paid back in the form of interest. Hence, borrowing of loans must be avoided.

2. Advertisement:
In todays world of cut throat competition, advertisement is an important tool for the creation of goodwill in the market. A retailer must emphasise on advertisement at local level and abstain from unnecessary expenditure on advertisement.

3. Determination of price:
A retailer must be cautions while determining the price of the commodity. (MRP) Maximum Retail Price is printed on packed goods but for unpacked or ‘open’ goods, reasonable price must be fixed. It must be customer’s ‘pocket friendly’.

4. Location of business:
The success of retailer highly depends on the location of the business promises. It must be centrally located and must be accessible to all.

5. Window dressing:
Nowadays window dressing is an important factor in success of retail trade. Huge amount is spent bn window dressing so that customers are tempted to buy commodities. Goods must be displayed properly. Widow dressing is usually done by jewellery shops, super bazars, readymade garments, shops, etc.

6. Cash and credit sale:
In todays business world, nearly 20 % to 30 % trade is carried, on credit basis. Credit sale is essential for increasing the turnover but a retailer must allow credit sale according to his capacity and only to known customers in order to avoid bad debts.

Question 9.
What are the elements required for the success of wholesale trade?
Answer:
Elements for Success of Wholesale Trade:
1. Sufficient capital:
Sufficient capital is essential for wholesale trade. Without sufficient capital, wholesale trade can’t be started at all. Also he needs sufficient capital to perform other miscellaneous functions like warehousing, grading, packing, advertisment, etc.

2. Knowledge of trade:
The full knowledge of particular goods is necessary. Knowledge about the availability of goods, rules and regulations of trade, etc. are also essential.

3. Knowledge of market:
Wholesaler assembles and collects the goods for selling. So, he must have full knowledge about the market of that particular goods and its demand.

4. Big storage:
Big storage should be there so that goods may be stored for a long time and in large quantity. Morever the storage must be safe.

5. Knowledge of advertisement and sales technique:
He must have proper knowledge about the various media of advertisement. He must have also knowledge of sales technique.

6. Personal quality of the trader:
The wholesaler should be hardworking and devoted person. He should pay proper attention for the development of trade.

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Question 10.
Give suggestions to make consumer’s cooperative stores popular.
Answer:
Suggestions to Make Consumer’s Cooperative Stores Popular:

1. There should not be any political interference:
To make consumers cooperative stores popular, it is necessary that there should not be any political interference.

2. Increase of capital:
Sincere effort to be made to increase the capital as without sufficient capital no business can prosper.

3. Appointment of experienced persons:
One of the reasons of failure of cooperative is unexperienced persons. So, in running cooperative stores, help of experienced persons should be taken and they should be appointed.

4. Development of cooperative spirit:
There should be development of cooperative spirit. The number of members should increase and members must remain active.

5. Price of the goods:
Price of the goods in cooperative stores should be less than the market price.

MP Board Class 11 Business Studies Important Questions

MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचरण

MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचरण

शरीर द्रव तथा परिसंचरण निष्कासन NCERT प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
रक्त के संगठित पदार्थों के अवयवों का वर्णन कीजिए तथा प्रत्येक अवयव के एक प्रमुख कार्य के बारे में लिखिए।
उत्तर:
रक्त के प्रमुख संगठित अवयवों के नाम हैं –

  • लाल रुधिर कणिकाएँ (R.B.Cs. or Erythrocytes)
  • श्वेत रुधिर कणिकाएँ (W.B.Cs. or Leucocytes) एवं
  • प्लेटलेट्स (Platelets), ये सभी अवयव रक्त के 45% भागों का निर्माण करते हैं।

प्रमुख कार्य:
1. लाल रुधिर कणिकाएँ (R.B.Cs. or Erythrocytes) – ये कणिकाएँ, शरीर के अन्दर गैसीय विनिमय (O2) तथा CO2) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

2. श्वेत रुधिर कणिकाएँ (W.B.Cs. or Leucocytes) – श्वेत रुधिर कणिकाएँ विभिन्न प्रकार के संक्रमण (Infections) से शरीर को बचाने का कार्य करते हैं।

3. प्लेटलेट्स (Platelets) – प्लेटलेट्स या थ्रॉम्बोसाइट्स, रक्त का थक्का जमाने (Clotting of Bloods) की क्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। प्लेटलेट्स की संख्या में कमी होने पर थक्का जमने की क्रिया धीमी पड़ जाती है, जिसके कारण शरीर के कटे हुए हिस्से से रक्त का बहाव अनवरत जारी रहता है।

प्रश्न 2.
प्लाज्मा प्रोटीन का क्या महत्व है ?
उत्तर:
प्लाज्मा प्रोटीन को मुख्यत: तीन वर्गों में विभाजित किया गया है –

  1. सीरम ऐल्ब्यूमिन
  2. सीरम ग्लोब्यूलिन
  3.  फाइब्रिनोजेन।

प्लाज्मा प्रोटीन के महत्व:

  1. शरीर प्रतिरोधकता-ग्लोबिन प्रोटीन एण्टिबॉडी के समान कार्य करती है।
  2. रुधिर हानि को रोकना-फाइब्रिनोजेन, जिसका संश्लेषण यकृत में होता है, रूधिर का थक्का जमाने में सहायक है।
  3. रुधिर को तरल बनाए रखना-एल्ब्यूमिन, ग्लोब्यूलिन में जल-धारण करने की क्षमता अधिक होती है, जिसके कारण रुधिर द्रव रूप में बना रहता है।

यह परिवहन में सहायक है।

  1. यह रुधिर का pH नियंत्रित करती है।
  2. यह शरीर में समान तापक्रम बनाए रखता है।
  3. यह ऊष्मा का संवहन करता है।

प्रश्न 3.
स्तंभ-I का स्तंभ-II से मिलान कीजिए –

MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचरण - 13
उत्तर:

  1. (c) संक्रमण प्रतिरोधन
  2. (e) गैस परिवहन (अभिगमन)
  3. (b) सर्व अदाता
  4. (a) रक्त जमाव (स्कंदन)
  5. (d) हृदय संकुचन

प्रश्न 4.
रक्त को एक संयोजी ऊतक क्यों मानते हैं ?
उत्तर:
लगभग एक ही परिमाण तथा आकार की कोशिकाओं का समूह जो उत्पत्ति, विकास, रचना तथा कार्य के विचार से एक समान हो, ऊतक कहलाता है। संरचना तथा कार्य की दृष्टि से रुधिर संयोजी ऊतकों के ही समान होता है। इसमें संयोजी ऊतकों के ही समान एक आधात्री होती है जिसमें रुधिर कोशिकाएँ बिखरी होती हैं, लेकिन यह आधात्री संयोजी ऊतकों के विपरीत तरल रूप में होती है। कार्य की दृष्टि से भी शरीर के सभी अंगों में सम्बन्ध स्थापित करता है। रुधिर की संयोजी ऊतकों से इसी कार्यात्मक तथा रचनात्मक समानता के कारण इसे ‘तरल संयोजी’ ऊतक कहते हैं।

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प्रश्न 5.
रुधिर एवं लसीका में अन्तर बताइए।
उत्तर:
रुधिर एवं लसीका में अन्तर –

रुधिर (Blood):

  • R.B.Cs. पाये जाते हैं।
  • W.B.Cs. कम, न्यूट्रोफिल्स अधिक संख्या में जाते हैं।
  • विलेय प्रोटीन अधिक मात्रा में एवं अविलेय प्रोटीन कम मात्रा में पाई जाती हैं।
  • O2 एवं पोषक पदार्थ अधिक मात्रा में पाये जाते हैं
  • उत्सर्जी पदार्थ एवं CO2 की मात्रा कम होती है।
  • यह लाल रंग का द्रव है।

लसीका (Lymph):

  • R.B.Cs. नहीं पाये जाते हैं।
  • W.B.Cs. अधिक, लिम्फोसाइट अधिक मात्रा में पाये पाये जाते हैं।
  • विलेय प्रोटीन कम एवं अविलेय प्रोटीन अधिक मात्रा में पाई जाती है।
  • O2 एवं पोषक पदार्थ कम मात्रा में पाये जाते हैं।
  • उत्सर्जी पदार्थ एवं CO2 की मात्रा अधिक पाई जाती है।
  • यह रंगहीन द्रव है।

प्रश्न 6.
दोहरे परिसंचरण तन्त्र से क्या समझते हैं ? इससे क्या लाभ हैं ?
उत्तर:
वह परिसंचरण जिसमें रक्त हृदय से दो बार होकर बहता है, वह दोहरा परिसंचरण तन्त्र कहलाता है। पहले शरीर का O2 विहीन रुधिर महाशिराओं द्वारा हृदय में लाया जाता है। वहाँ से यह फेफड़े में जाता है, वहाँ O2 युक्त रक्त पुनः हृदय में आता है, तब इसे सम्पूर्ण शरीर में वितरित किया जाता है। लाभ-इस परिसंचरण तन्त्र में O2 युक्त तथा O2 विहीन रुधिर अलग-अलग रहता है।

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प्रश्न 7.
भेद स्पष्ट कीजिए –

  1. रक्त एवं लसीका
  2. खुला व बंद रक्त परिसंचरण तंत्र
  3. प्रकुंचन तथा अनुशिथिलन (4)P तरंग तथा T तरंग।

उत्तर:

  1. रक्त एवं लसीका-उपर्युक्त प्र.क्र. 5 का उत्तर देखिए।
  2. खुला रक्त परिसंचरण तंत्र एवं बन्द रक्त परिसंचरण तंत्र में अंतर –

खुला रक्त परिसंचरण तंत्र (Open blood vascular system):

  • रुधिर प्रवाह रुधिर वाहिनियों में नहीं होता है।
  • देहगुहा रुधिर से भरी रहती है, जिसे हीमोसील कहते हैं।
  • हीमोसील में उपस्थित द्रव को हीमोलिम्फ कहते हैं।
  • रुधिर दबाव के साथ प्रवाहित नहीं होता है।
  • उदाहरण-ऑर्थोपोड्स, घोंघा।

बन्द रक्त परिसंचरण तंत्र (Closed blood vascular system)

  • रुधिर प्रवाह बन्द नलियों या रुधिर वाहिनियों में होता है।
  • देहगुहा रुधिर से भरी नहीं रहती है।
  • देहगुहा में लसीका द्रव पाया जाता है।
  • रुधिर दबाव के साथ प्रवाहित होता है।
  • केंचुआ एवं सभी कशेरुक जन्तु।

(3) प्रकुंचन तथा अनुशिथिलन में अंतर –

(i) प्रकुंचन (Systole):
हृदचक्र में नियमित रूप से हृदय की धमनी एवं शिराओं में फैलती एवं सिकुड़ती रहती है। हृदय के सिकुड़ने की क्रिया को प्रकुंचन (Systole) कहते हैं। इस क्रिया में हृदय के अन्दर रक्त उच्च दाब के साथ बाहर की ओर ढकेल दिये जाते हैं।

(ii) अनुशिथिलन (Diastole):
इस क्रिया में हृदय का सिकुड़न समाप्त होकर आरामावस्था में पहुँच जाता है अथवा शिथिल हो जाता हैं । इससे हृदय का आयतन बढ़ जाता है तथा रक्त वाहिनियों का रुधिर शरीर से हृदय में भर जाता है।

(4) P तरंग तथा T तरंग में अंतर –

(i) P तरंग (P-wave):
यह एक छोटी आरोही तरंग है, जो S.A नोड से संपूर्ण अलिन्द (Auricle) में आवेग के विस्तार अर्थात् अलिंद के निध्रुवण (Depolarization) को इंगित करती है।

(ii) T तरंग (T-wave):
T तरंग निलयी संकुचन की अंतिम प्रावस्था तथा इसके क्रमिक अनुशिथिलन की सूचक होती है।

प्रश्न 8.
कशेरुकी के हृदयों में विकासीय परिवर्तनों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
कशेरुकी के हृदयों में विकासीय परिवर्तन –
(1) मछलियों का हृदय (Fish heart):
मछलियों का हृदय दो कोष्ठों, एक आलिन्द (Auricle) एवं एक निलय (Ventricle) का बना होता है। इन दोनों कोष्ठों में ऑक्सीजनरहित रुधिर आता है तथा यहाँ से यह रुधिर ऑक्सीजनीकरण (Oxygenation) के लिये गलफड़ों (Gills) में पम्प किया जाता है। अतः मछलियों के हृदय को बैँकियल (Branchial) या वीनस हृदय (Venous heart) कहते हैं। गलफड़ों में रुधिर का ऑक्सीजनीकरण होने के पश्चात् पृष्ठ महाधमनी के द्वारा शरीर के विभिन्न भागों में भेजा जाता है।

MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचरण - 3

(2) उभयचरों का हृदय (Amphibian heart):
उभयचरों का हृदय तीन कोष्ठों, दो आलिन्द तथा एक निलय का बना होता है। शरीर के विभिन्न भागों का रुधिर शिरापात्र में एकत्रित होकर दाहिने आलिन्द में जाता है। यहाँ से यह निलय से होते हुए फेफड़ों में ऑक्सीजन युक्त होने के लिए जाता है, वहाँ से यह लौटकर पुनः हृदय के बायें आलिन्द में होते हुए निलय में आता है।

इस प्रकार निलय में ऑक्सीजन युक्त तथा ऑक्सीजन विहीन दोनों रुधिर एक साथ आते हैं। इस प्रकार मेढक के आलिन्द में तो ऑक्सीजन युक्त और ऑक्सीजन विहीन रुधिर अलग – अलग रहते हैं लेकिन निलय में मिश्रित हो जाते हैं। यह मिश्रित रुधिर ही कैरोटिड (Carotid) तथा सिस्टेमिक (Systemic) चापों द्वारा शरीर के विभिन्न भागों को वितरित कर दिया जाता है।

MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचरण - 4

(3) सरीसृपों का हृदय (Reptilian heart):
कम विकसित सरीसृपों का हृदय तीन कोष्ठों लेकिन विकसित सरीसृपों का चार कोष्ठों, 2 आलिन्द तथा 2 निलय का बना होता है। सरीसृपों में शरीर के विविध भागों से एकत्रित ऑक्सीजन विहीन रुधिर दाहिने आलिन्द में तथा फेफड़ों से आया ऑक्सीजन युक्त रुधिर बायें आलिन्द में आता है।

आलिन्दों के संकुचित होने पर आलिन्दों का रुधिर निलय में चला जाता है लेकिन निलय में दो कोष्ठ होने के कारण वहाँ पर भी यह नहीं मिलता है। निलय संकुचन के बाद दाहिने भाग का रुधिर फेफड़ों में ऑक्सीजन युक्त होने के लिए चला जाता है जबकि बायें निलय का ऑक्सीजन युक्त रुधिर धमनियों द्वारा शरीर के विविध भागों में वितरित हो जाता है।

MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचरण - 5

(4) पक्षियों एवं स्तनियों का हृदय (Avian and mammalian heart):

(i) पक्षियों का हृदय स्पष्ट रूप से चार कोष्ठों का बना होता है। शरीर के विभिन्न भागों से एकत्रित ऑक्सीजन विहीन रुधिर दाहिने आलिन्द से, दाहिने निलय, दाहिने निलय से पल्मोनरी महाधमनी (Pulmonary aorta) द्वारा ऑक्सीजन युक्त होने के लिए फेफड़ों में चला जाता है, जो लौटकर पुन: बायें आलिन्द में आता है और वहाँ से बायें निलय में होते हुए कैरोटिको सिस्टेमिक आर्च (Carotico systemic arch) द्वारा शरीर के विभिन्न भागों में चला जाता है। इस प्रकार पक्षियों के हृदय के दाहिने भाग में ऑक्सीजन विहीन तथा बायें भाग में ऑक्सीजन युक्त रुधिर रहता है।
MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचरण - 6

(ii) स्तनी वर्ग के जन्तु प्रकृति के सबसे विकस्ति तथा जटिल शरीर वाले जीव हैं। इनके सभी तन्त्र भी विकसित तथा जटिल होते हैं। इनका परिसंचरण तन्त्र बन्द तथा दोहरा (Closed and double) होता है। मनुष्य का हृदय भी अन्य विकसित कशेरुकियों के समान चार कोष्ठों का बना होता है।

प्रश्न 9.
मानव हृदय को पेशीजनक (मायोजेनिक) क्यों कहते हैं ?
उत्तर:
ऐसे हृदय जिनका स्पन्दनिक संकुचन या तो रूपान्तरित पेशियों के द्वारा प्रेरित किया जाता है अथवा तंत्रिकाओं के द्वारा नियंत्रित मायोजेनिक पेशियों के द्वारा प्रेरित किया जाता है। मायोजेनिक पेशियाँ ऐसी विशिष्ट ऊतक होती हैं, जो कि एक पेस मेकर की भाँति कार्य करती हैं। इन्हें निकालने के कुछ समय पश्चात् ही हृदय का स्पन्दन रुक जाता है। ऐसा हृदय मनुष्य, मोलस्क एवं कशेरुकियों में पाया जाता है।

प्रश्न 10.
शिरा आलिंद पर्व (कोटरालिंद गाँठ SAN) को हृदय का गति प्रेरक (पेसमेकर) क्यों कहा जाता है ?
उत्तर:
साइनो ऑरिकुलर नोड हृदय के दाहिने आलिन्द के ऊपरी भाग में स्थित होता है। इससे ही हृदय के स्पन्दन की क्रिया का प्रारम्भ होता है, इसी कारण इसे हृदय का पेसमेकर या गति निर्धारक कहते हैं। कभीकभी जब साइनो ऑरिकुलर नोड ठीक से कार्य नहीं करता या कार्य करना बन्द कर देता है, तब हृदय की गति अनियमित, धीमी या बन्द हो जाती है।

पहली दो स्थितियों में हृदय रुधिर को पूरे शरीर में ठीक से आवश्यकतानुसार पम्प नहीं कर पाता। ऐसी परिस्थिति में एक कृत्रिम पेसमेकर लगाया जाता है, जो प्राकृतिक साइनो ऑरिकुलर नोड के समान ही कार्य करता है और हृदय की गति को सामान्य कर देता है।

प्रश्न 11.
आलिंद निलय गाँठ (AVN) तथा आलिंद निलय बंडल (AVB) का हृदय के कार्य में क्या महत्व है।
उत्तर:
आलिंद निलय गाँठ (AVN):
A.V. नोड-S.A. नोड के ही समान पेशियों तथा तन्त्रिकीय ऊतकों का बना एक ऊतक समूह दोनों आलिन्दों के बीच के पट के आधार पर पाया जाता है, जिसे A.V. नोड कहते हैं। यह S.A. नोड के आवेगों से प्रेरित होकर तन्त्रिकीय शाखाओं जिन्हें हिज बण्डल कहते हैं, के द्वारा निलयों के संकुचन तथा शिथिलन को नियन्त्रित करता है।

आलिंद निलय बंडल (AVB):
हिज (His, 1893) ने सर्वप्रथम मानव हृदय मेंA.V. नोड (A.V. Node) की खोज की। इसे बाद में ‘हिज के समूह’ (Bundle of His) के नाम से जाना गया। यह एक विशेष प्रकार के पेशी तन्तु का बना होता है, जो कि औतिकी की दृष्टि में हृदय पेशी की तुलना में भिन्न होता है । यह दाँये आलिन्द से निलय में प्रेरणा संवाह के लिए संयोजक का कार्य करता है। उद्दीपन A.V. नोड द्वारा निलय में उपस्थित सेप्टम में पहुँचती है, जो कि हिज के समूह (Bundle of His) द्वारा दोनों निलय में उपस्थित पुर्किन्जे तन्तु में पहुँचती है।

प्रश्न 12.
हृद चक्र तथा हृद निकास को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
1. हृद चक्र (Cardiac cycle):
हृदय में एक स्पंदन या धड़कन की समाप्ति से लेकर अगले स्पंदन की समाप्ति तक हृदय में होने वाले परिवर्तनों को हृदचक्र (Cardiac Cycle) कहते हैं।

2. हृद निकास (Cardiac output):
रक्त की वह मात्रा, जो निलयों द्वारा प्रति मिनट निर्गत या निकास की जाती है, हृद निकास कहलाती है।

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प्रश्न 13.
हृदय ध्वनियों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
जब रुधिर हृदय में आता है तथा वहाँ से शरीर के विभिन्न भागों में भेजा जाता है, तो हृदयी चक्र के दौरान धड़कन होती है। इस क्रिया में कुछ ध्वनियाँ उत्पन्न होती हैं, जिन्हें हृदयक ध्वनि कहते हैं। उदाहरणDub एवं Lubb ध्वनि। लब ध्वनि द्विवलन कपाट (Bicuspid valve) तथा त्रिवलन कपाट (Tricuspid valve) के बन्द होने के कारण पैदा होती है। यह निलय संकुचन के आरम्भ को प्रदर्शित करती है। डब ध्वनि अर्द्ध-चन्द्राकर कपाटों के बन्द होने के कारण पैदा होती है और निलय शिथिलन के आरम्भ को व्यक्त करती है।

प्रश्न 14.
एक मानक ई. सी.जी. को दर्शाइए तथा उसके विभिन्न खण्डों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (E.C.G.):
हृदय स्पंदन में तंत्रिका एवं पेशियों द्वारा उत्पादित वैद्युत संकेतों को बताता है तथा लिपिबद्ध करता है। इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम हृदय के आवेगों को एक कागज के ऊपर ग्राफ के रूप में व्यक्त करता है, जो कि इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफ कहलाता है। प्राय: E.C.G. में एक P – तरंग (लहर), एक QRS सम्मिश्रण तथा एक T-तरंग होता है।

 

QRS में तीन अलग-अलग तरंग Q, R एवं S होता है। P – तरंग छोटा तथा ऊपर की ओर जाने वाला तरंग होता है, जो कि आलिंद (Auricle) के निध्रुवीकरण (Depolarization) को या साइनस नोड से आरंभ होकर सारे आलिंद में फैल रहे आवेग को दर्शाता है। दूसरा तरंग QRS, P तरंग के बाद आता है। QRS, लघु अधोमुखी निक्षेप Q – के रूप में आरंभ होता है। उसके बाद यह ऊपर की ओर जाने वाली बड़ी त्रिकोणी तरंग R बन जाती है।

MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचरण - 7

अंत में अधोमुखी तरंग S होती है। इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफ में P स्थिति शिरा आलिंद नोड में आवेग P की उत्पत्ति P- Q के बीच का स्थान आलिंदों के संकुचन, Q से QS R का उत्थान शिरा आलिंद नोड के आवेग, R-5 के बीच का स्थान हिज बण्डलों में आवेग के संचरण और S एवं T के बीच का स्थान निलय के संकुचन को व्यक्त करता है एवं T लहर निलय के शिथिलन के प्रारंभ को प्रदर्शित करती है।

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शरीर द्रव तथा परिसंचरण निष्कासन अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

शरीर द्रव तथा परिसंचरण निष्कासन वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
सही विकल्प चुनकर लिखिए –
1. लसीका को परिभाषित कर सकते हैं –
(a) W.B.Cs. के साथ रुधिर
(b) बिना R.B.Cs. के रुधिर
(c) बिना प्लेटलेट के रुधिर
(d) प्लाज्मा के साथ रुधिर।
उत्तर:
(a) W.B.Cs. के साथ रुधिर

2. बाइकस्पिड कपाट कहाँ पाया जाता है –
(a) दायें आलिन्द व पल्मोनरी धमनी में
(b) पश्च महाशिरा के आलिन्द में
(c) बायें आलिन्द व बायें निलय में
(d) दायें आलिन्द व दायें निलय में।
उत्तर:
(c) बायें आलिन्द व बायें निलय में

3. फेफड़ों से बाहर जाने वाले रुधिर में फेफड़ों के अन्दर वाले रुधिर से किसकी मात्रा अधिक होती है –
(a) CO2
(b) H2
(c) O2
(d) HO
उत्तर:
(c)O2

4. एक सामान्य व्यक्ति का रुधिर दाब होता है –
(a) 120/80 mmHg
(b) 18/100 mmHg
(c) 80/120 mmHg
(d) 100/80 mm Hg.
उत्तर:
(a) 120/80 mmHg

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5. जन्तु शरीर में रुधिर बैंक क्या है –
(a) तिल्ली
(b) फेफड़ा
(c) हृदय
(d) यकृत।
उत्तर:
(a) तिल्ली

6. किसमें पेशीय भित्ति नहीं होती –
(a) केशिका
(b) धमनी
(c) शिरा
(d) धमनिका।
उत्तर:
(a) केशिका

7. स्तनियों में शिरा की तुलना में एक धमनी –
(a) की दीवार पतली होती है
(b) शरीर की सतह के निकट होती है
(c) किसी अंग से रक्त ले जाती है
(d) में भीतर कपाट नहीं होते।
उत्तर:
(d) में भीतर कपाट नहीं होते।

8. धमनी में –
(a) दीवार महीन, रक्त दाब कम
(b) दीवार मोटी, रक्त दाब उच्च
(c) दीवार महीन, रक्त दाब उच्च
(d) दीवार मोटी, रक्त दाब कम।
उत्तर:
(b) दीवार मोटी, रक्त दाब उच्च

9. नाड़ी दर मापी जाती है –
(a) शिरा
(b) धमनी
(c) तन्त्रिका
(d) केशिका।
उत्तर:
(b) धमनी

10. कपाट की आवश्यकता शिराओं में होती है धमनियों में नहीं क्योंकि
(a) शिराओं में अशुद्ध रक्त बहता है
(b) शिराएँ रक्त को हृदय से दूर ले जाती हैं
(c) शिराओं की दीवार अधिक पेशीय होती है
(d) शिराएँ रक्त को हृदय की ओर ले जाती हैं।
उत्तर:
(c) शिराओं की दीवार अधिक पेशीय होती है

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11. शिरा किस लक्षण में धमनी से अन्तर प्रदर्शित करती है –
(a) पतली गुहा
(b) रंगायुक्त दीवार
(c) अधिक पेशीय दीवार
(d) कपाट की उपस्थिति।
उत्तर:
(d) कपाट की उपस्थिति।

12. उच्च रक्त दाब वाले व्यक्तियों को रक्त दाब की वृद्धि को रोकने के लिए –
(a) अधिक सोना चाहिए
(b) उत्तेजना एवं भावुकता से बचना चाहिए
(c) अधिक समय तक खड़ा नहीं रहना चाहिए
(d) शरीर का भार बढ़ाना चाहिए।
उत्तर:
(b) उत्तेजना एवं भावुकता से बचना चाहिए

13. कौन-सा विटामिन रक्त का थक्का जमाने में मदद करता है –
(a) विटामिन ‘E’
(b) विटामिन ‘K’
(c) विटामिन ‘C’
(d) विटामिन ‘D’
उत्तर:
(b) विटामिन ‘K’

14. स्तनियों में लसीका गाँठों का प्रमुख कार्य है –
(a)R.B.Cs. विनाश
(b) हॉर्मोन्स का स्राव
(c)W.B.Cs. निर्माण
(d) विषाणुओं एवं रोगाणुओं का विनाश।
उत्तर:
(b) हॉर्मोन्स का स्राव

15. रक्त में रोग उत्पन्न करने वाले जीवाणुओं को नष्ट करने वाली कोशिकाएँ हैं –
(a) प्लेटलेट्स
(b) लाल रुधिराणु
(c) श्वेत रुधिराणु
(d) त्वचीय कोशिकाएँ।
उत्तर:
(c) श्वेत रुधिराणु

16. किस वाहिनी में सबसे कम यूरिया होता है –
(a) फुफ्फुसीय शिरा में
(b) यकृत निवाहिका शिरा में
(c) यकृत शिरा में
(d) वृक्क शिराओं में।
उत्तर:
(d) वृक्क शिराओं में।

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17. यूस्टेकियन कपाट कहाँ पाया जाता है –
(a) मध्य कर्ण एवं ग्रसनी के सन्धि स्थान पर
(b) मध्य कर्ण
(c) हृदय के बाँयें निलय में
(d) हृदय के दाहिने आलिन्द में।
उत्तर:
(d) हृदय के दाहिने आलिन्द में।

18. रुधिर दाब व हृदय स्पन्दन की दर का नियन्त्रण किस हॉर्मोन द्वारा होता है –
(a) थायरॉक्सिन
(b) एड्रीनेलिन
(c) गैस्ट्रीन
(d) सिक्रेटीन।
उत्तर:
(b) एड्रीनेलिन

19. साइनो ऑरिकुलर नोड कहाँ पाया जाता है –
(a) मस्तिष्क में
(b) यकृत में
(c) प्लीहा में
(d) हृदय में।
उत्तर:
(d) हृदय में।

20. मनुष्य के रक्त चाप को किस धमनी द्वारा मापते हैं –
(a) बँकियल धमनी
(b) रेडियल धमनी
(c) सियाटिक धमनी
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(a) बँकियल धमनी

21. वयस्क मनुष्य की प्लीहा हटा देने पर –
(a) लाल रुधिर कणिकाओं का निर्माण कम हो जायेगा
(b) प्रतिरक्षी निर्माण कम हो जायेगा
(c) मृत लाल रुधिर कणिकाओं का निस्पन्दन नहीं होगा
(d) श्वेत रुधिर कणिकाओं का निर्माण हो जायेगा।
उत्तर:
(c) मृत लाल रुधिर कणिकाओं का निस्पन्दन नहीं होगा

22. मनुष्य के हृदय में A.V. नोड होता है –
(a) पेसमेकर में
(b) पेसमेकर से संबंधित नहीं
(c) पुरकिंजे तन्तु में
(d) हिंज के समूह में।
उत्तर:
(d) हिंज के समूह में।

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23. रुधिर प्लेटलेट्स स्रोत होते हैं –
(a) फाइब्रिनोजेन का
(b) कैल्सियम का
(c) थ्रॉम्बोप्लास्टिन का
(d) हीमोग्लोबिन का।
उत्तर:
(c) थ्रॉम्बोप्लास्टिन का

24. मायोकार्डियल संक्रमण में कौन-सी धमनी प्रभावित होती है –
(a) बाँयी अग्रधमनी
(b) दाँयी वलय कोरोनरी धमनी
(c) दाँयी कोरोनरी धमनी
(d) बाँयी वलय कोरोनरी धमनी।
उत्तर:
(c) दाँयी कोरोनरी धमनी

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प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिये –

  1. एम्फीबियन जीवों के हृदय में ………….. कक्ष होते हैं।
  2. स्पंजों में ………….. संवहन तंत्र पाया जाता है।
  3. न्यूरोजेनिक हृदय ………….. में पाया जाता है।
  4. फेफड़ों से ऑक्सीकृत रक्त हृदय के बाएँ आलिन्द में ……….. द्वारा पहुँचता है।
  5. रुधिर निर्माण की प्रक्रिया को ………….. कहते हैं।
  6. पेरीकार्डियम ………….. स्तरीय होता है।
  7. ………….. एक लिम्फेटिक अंग है।
  8. स्तनियों में …………. हृदय पाया जाता है।
  9. ………….. रुधिरोत्पादक ऊतक है।
  10. मानव के R.B.Cs. में ………….. नहीं होता।

उत्तर:

  1. 3
  2. जल
  3. मेढक
  4. पल्मोनरी शिरा
  5. हीमोपोएसिस
  6. दो
  7. प्लीहा
  8. मायोजेनिक
  9. अस्थि मज्जा
  10. केन्द्रक।

प्रश्न 3.
उचित संबंध जोड़िए –

MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचरण - 1
उत्तर:

  1. (c) A.V. बण्डल
  2. (d) पेसमेकर
  3. (b) सिस्टेमैटिक सर्कुलेशन
  4. (e) अर्द्धवलयाकार कपाट
  5. (a) A.V. कपाट

MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचरण - 2
उत्तर:

  1. (e) चार कक्ष
  2. (d) तीन कक्ष
  3. (a) तंत्रिका तन्तु
  4. (b) प्लीहा
  5. (c) बायाँ आलिन्द एवं बायाँ निलय

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शरीर द्रव तथा परिसंचरण निष्कासन अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
एककोशिकीय जीवों में किस प्रकार का परिवहन पाया जाता है ?
उत्तर:
एककोशिकीय जीवों में प्लाज्मा झिल्ली द्वारा पदार्थों का आदान – प्रदान होता है, जो कि सीधे बाह्य वातावरण के सम्पर्क में रहती है इस कारण इसमें परिवहन तंत्र का अभाव होता है। इसमें सामान्य विसरण द्वारा गैसीय विनिमय एवं भोज्य पदार्थों का आवागमन होता है।

प्रश्न 2.
हृदय अवरोध (Heart block) क्या है ?
उत्तर:
जब हिज बण्डल ठीक से कार्य नहीं करते तब आलिंद नोड का हृदय धड़कन आवेग निलय तक नहीं पहुँच पाता जिसके कारण निलय में गति नहीं होती और परिसंचरण रुक जाता है, इस पूरी अवस्था को ही हृदय अवरोध कहते हैं।

प्रश्न 3.
कार्बामीनोहीमोग्लोबिन क्या है ?
उत्तर:
हीमोग्लोबिन, ऊतकों में CO2 से संयुक्त होकर एक यौगिक बनाता है, जिसे कार्बामीनोहीमोग्लोबिन कहते हैं। यह शिराओं के रुधिर को नीला रंग प्रदान करता है।
Hb + CO2 → HbCO2

प्रश्न 4.
थॉम्बोसाइट्स क्या हैं ? ये मनुष्य के शरीर में कहाँ पैदा होते हैं ?
उत्तर:
ये मनुष्य के रुधिर में पायी जाने वाली अनियमित आकार की कणिकाएँ हैं, जो रुधिर के थक्का बनने में सहायक होती हैं। ये अस्थि मज्जा में कोशिकाओं के टूट-फूट से बनती हैं।

प्रश्न 5.
श्वसनीय गैसों का आंशिक दाब किस प्रकार ऑक्सीजन के रुधिर केशिकाओं से ऊतकों में विसरित होने को नियन्त्रित करता है ?
उत्तर:
ऊतकों में श्वसन गैसों (ऑक्सीजन) का आंशिक दाब लगभग 40 mm (अर्थात् कम) होता है। इस कारण O2 हीमोग्लोबिन से अलग होकर ऊतकों में चली जाती है और CO2 रुधिर में मिल जाती है, क्योंकि इसका आंशिक दाब लगभग 46 mm होता है।

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प्रश्न 6.
नाड़ी (Pulse) क्या है ? मनुष्य की सामान्य नाड़ी दर कितनी होती है ?
उत्तर:
हृदय की प्रत्येक धड़कन (एक प्रकुंचन तथा एक शिथिलन) के समय धमनी के रुधिर में एक दाब लहर पैदा होती है, जिसे नाड़ी (Pulse) कहते हैं। एक स्वस्थ युवक की नाड़ी एक मिनट में 72 बार लहर दाब पैदा करती है। बच्चों में यह दर 120 तथा वृद्धों में 60 होती है।

प्रश्न 7.
हृदय की स्पन्दन गति का नियमन किस प्रकार होता है ?
उत्तर:
हृदय की स्पन्दन गति का नियमन तीन विधियों के द्वारा होता है –

  • तंत्रिकीय नियमन – इस प्रकार का नियंत्रण मेड्यूला ऑब्लांगेटा में उपस्थित कार्डियक केन्द्र द्वारा होता है।
  • हॉर्मोनल नियमन – थायरॉक्सिन एवं ऐड्रीनेलिन हॉर्मोन स्वतन्त्र रूप से हृदय की धड़कन को नियंत्रित करते हैं।
  • रासायनिक नियमन – ऐसा नियंत्रण रुधिर में उपस्थित ऐसीटिल कोलीन नामक रासायनिक पदार्थ के द्वारा होता है।

प्रश्न 8.
धमनियों की दीवार, शिराओं की अपेक्षा मोटी होती है, क्यों?
उत्तर:
हृदय में होने वाले क्रमिक स्पंदनों के कारण रुधिर रुक-रुक कर अधिक दाब के साथ धमनियों में बहता रहता है। इसी कारण धमनियों की दीवार, शिरा की अपेक्षा मोटी होती है।

प्रश्न 9.
पेरिकार्डियल द्रव के दो कार्य लिखिये।
उत्तर:

  • पेरिकार्डियल द्रव हृदय को बाहरी धक्कों से बचाता है।
  • यह द्रव हृदय को सूखने व रगड़ से बचाता है।

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प्रश्न 10.
रुधिर वाहिकाओं में बहते रुधिर में थक्का नहीं बनता, क्यों?
उत्तर:
रुधिर में प्रतिजामन पाया जाता है। संयोजी ऊतक की मास्ट कोशिकाएँ हिपेरीन नामक एक संयुक्त पॉलीसैकेराइड मुक्त करती हैं जो रुधिर को रुधिर वाहिकाओं में जमने से रोकता है।

प्रश्न 11.
हीमोसील क्या है, यह किसमें पाया जाता है ?
उत्तर:
ऑर्थोपोडा एवं मोलस्का वर्ग के जन्तुओं में रुधिर बंद नलिकाओं में न बहकर पूरी देहगुहा में स्वतंत्र रूप से बहता है इस प्रकार की देहगुहा को, जिसमें रुधिर भरी रहती है, रुधिर गुहा या हीमोसील कहते हैं।

शरीर द्रव तथा परिसंचरण निष्कासन लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
निलय शिथिलन के समय रक्त आलिन्द से निलय में क्यों आ जाता है ?
उत्तर:
निलय शिथिलन के समय फैल जाता है, जिसके कारण इसकी गुहा का आयतन बढ़ जाता है। फलतः इसके अंदर का दाब धमनियों की तुलना में कम हो जाता है, जिससे धमनियों का रुधिर निलय गुहा में आने के प्रयास में इनके अर्द्ध-चन्द्राकर कपाट को बन्द कर देता है।

इन कपाटों के बन्द होने के बावजूद भी निलय शिथिलन अवस्था में ही रहते हैं, जिसके कारण इसकी गुहा का दाब कम ही बना रहता है, तब इस दाब को संतुलित करने के लिए आलिन्द-निलय कपाट खुल जाते हैं और रुधिर आलिन्दों से निलय में आने लगता है और गुहा को भर देता है।

अब इसके बाद निलय संकुचित होता है, जिससे इसकी गुहा का रुधिर पुनः धमनियों में चला जाता है। संकुचन के बाद निलय पुनः शिथिलन में आने लगता है। निलय संकुचन तथा शिथिलन का क्रम इस प्रकार एक के बाद एक चलते रहता है।

प्रश्न 2.
रुधिर दाब से आप क्या समझते हैं ? सिस्टोलिक एवं डायस्टोलिक रुधिर दाब को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
शरीर में परिवहन करते हुए रुधिर के द्वारा रुधिर वाहिकाओं पर डाले गये दाब को रुधिर दाब (Blood pressure) कहते हैं। इसे दो रूपों में व्यक्त करते हैं सिस्टोलिक दाब-निलय के तीव्र गति से संकुचन के कारण धमनियों में बहते रुधिर का दाब अधिकतम हो जाता है, रुधिर वाहिनियों के इसी अधिकतम रुधिर दाब को सिस्टोलिक रुधिर दाब कहते हैं।

वयस्क व्यक्ति का सिस्टोलिक रुधिर दाब 120 mm. Hg होता है। डायस्टोलिक दाब-जब निलय में शिथिलन होता है, तब रुधिर वाहिनियों का दाब न्यूनतम होता है, रुधिर वाहिनियों के इस न्यूनतम दाब को डायस्टोलिक रुधिर दाब कहते हैं। वयस्क व्यक्ति का डायस्टोलिक दाब 80 mm. Hg होता है।

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प्रश्न 3.
धमनी और शिरा में अंतर लिखिए।
उत्तर:
धमनी और शिरा में अंतर –

धमनी (Artery):

  • इनके द्वारा रुधिर हृदय से शरीर के अंगों में प्रवाहित होता है।
  • इनमें ऑक्सीजनित रुधिर होता है। (केवल फुफ्फुसीय शिरा को छोड़कर)
  • इनकी दीवार लचीली और मोटी होती है।
  • धमनियाँ गहरे लाल रंग की दिखाई देती हैं, क्योंकि इसमें ऑक्सीजनित रुधिर बहता है।

शिरा (Vein):

  • इनके द्वारा रुधिर शरीर के अंगों से हृदय में लाया जाता है।
  • इनमें ऑक्सीजन रहित रुधिर बहता है। (केवल फुफ्फुसीय धमनी को छोड़कर)
  • इनकी दीवार पतली होती है।
  • शिराएँ नीले रंग की होती हैं। यह रंग रक्त में उपस्थित CO2 के कारण होता है।

प्रश्न 4.
खुला तथा बन्द परिसंचरण तंत्र को समझाइए। बन्द परिसंचरण तंत्र के दो लाभ लिखिए।
अथवा
बन्द परिवहन तंत्र का क्या अर्थ है ?
उत्तर:
बन्द परिसंचरण तंत्र-वह परिसंचरण तंत्र है, जिसमें परिसंचरण करने वाला द्रव चारों ओर से बन्द लचीली रक्त वाहिनियों में बहता है। इस तंत्र में द्रव खुले रूप में अन्तराकोशिकीय अवकाशों में नहीं बहता। जैसे-केंचुआ एवं मनुष्य। खुला परिसंचरण तंत्र-वह परिसंचरण तंत्र है, जिसमें परिसंचरणीय द्रव रक्त वाहिनियों में न बहकर खुले रूप में अन्तराकोशिकीय अवकाशों तथा देह गुहा में बहता है और ऊतकों को परोक्ष रूप से भिगोते रहता है। जैसे – कॉकरोच।

बन्द परिसंचरण तंत्र के लाभ:

  • यह परिसंचरण वर्णकयुक्त होता है, जिससे ऑक्सीजन का परिवहन ज्यादा प्रभावी ढंग से होता है।
  • यह उत्सर्जी पदार्थों को ज्यादा तीव्रता से बाहर निकालने में सहायता करता है।
  • इसकी वाहिनियों में उपस्थित कपाट उल्टे परिवहन को रोकते हैं।

प्रश्न 5.
मानव हृदय में द्विवलनी, त्रिवलनी एवं अर्द्धचन्द्राकार कपाट कहाँ स्थित होते हैं ? इनके कार्य लिखिए।
उत्तर:
द्विवलनी कपाट:
मानव हृदय में द्विवलनी कपाट बायें आलिंद व निलय के मध्य होता है। यह अशुद्ध रुधिर को निलय से आलिंद में जाने से रोकता है। त्रिवलनी कपाट-मानव ह्दय में त्रिवलनी कपाट दाहिने आलिंद व निलय के मध्य होता है। यह रुधिर को निलय से आलिंद में जाने से रोकता हैं। अर्द्ध-चन्द्राकार कपाट-जिस समय से दोनों महाधमनियाँ निकलती हैं वहाँ पर 3-3 की संख्या में होती हैं। ये रुधिर को महाधमनियों से निलयों में जाने से रोकते हैं।

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प्रश्न 6.
साइनो ऑरिकुलर (S.A.) नोड तथा ऑरिकुलो वेण्ट्रिकुलर (A.V.) नोड की तुलना चार बिन्दुओं में कीजिए।
उत्तर:
S.A. नोड तथा A.V. नोड की तुलना –
साइनो ऑरिकुलर (S.A.) नोड:

  • यह दाँये आलिन्द में स्थित होता है।
  • यह हृदय की पूर्णगति का नियन्त्रण करता है।
  • इसके उद्दीपन से दोनों आलिन्द संकुचित होते हैं।
  • इससे अतिरिक्त शाखाएँ सम्बन्धित नहीं होती।

ऑरिकुलो वेण्ट्रिकुलर (A.V.) नोड:

  • यह आलिन्द एवं निलय के सम्पर्क वाले स्थान पर स्थित होता है।
  • यह गति नियन्त्रण में आंशिक रूप से मदद करता है।
  • इसके उद्दीपन से निलय संकुचित होता है।
  • इससे दो अतिरिक्त शाखाएँ संबंधित होती हैं।

प्रश्न 7.
मिट्रल कपाट एवं अर्द्ध-चन्द्राकार कपाट में अंतर स्पष्ट कीजिए
उत्तर:
मिटूल कपाट एवं अर्द्ध-चन्द्राकार कपाट में अंतर –
मिट्रल कपाट (Mitral valve):

  • बायाँ आलिन्द निलय छिद्र में मिट्रल कपाट या बाइकस्पिड कपाट पाये जाते हैं।
  • मिट्रल कपाट आलिन्द से निलय में रुधिर प्रवाह बनाए रखते हैं परन्तु रुधिर को निलय से आलिन्द में नहीं जाने देते।

अर्द्ध-चन्द्राकारकपाट (Semilunar valve):

  • आलिन्द एवं बायाँ निलय के प्रारम्भिक बिन्दु पर अर्द्ध-चन्द्राकार कपाट या ट्राइकस्पिड कपाट पाये जाते हैं।
  • अर्द्ध-चन्द्राकार कपाट रुधिर बहाव को दिशात्मक बनाए रखते हैं।

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शरीर द्रव तथा परिसंचरण निष्कासन दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित के कारण स्पष्ट कीजिए –

  1. डॉक्टर द्वारा इन्जेक्शन शिराओं में लगाये जाते हैं।
  2. शिराओं की दीवार में कपाट पाये जाते हैं, जबकि धमनी की दीवार में नहीं। क्यों?
  3. शिराएँ नीली दिखाई देती हैं, जबकि धमनी लाल।

उत्तर:
(1) डॉक्टर द्वारा इन्जेक्शन शिराओं में लगाये जाते हैं-शिराओं द्वारा रुधिर हृदय में लाया जाता है, जिससे इन्जेक्शन लगाने पर दवा पूरे रुधिर (हृदय) में मिल जाती है एवं धमनियों द्वारा वितरण पूरे शरीर में हो जाता है। शिरा शरीर सतह पर स्थित होती है, जबकि धमनी गहराई में स्थित होती है। यदि धमनी में इन्जेक्शन लगाया जाए तो दवा का प्रभाव केवल उस धमनी क्षेत्र तक ही सीमित रहता है।

(2) शिराओं की दीवार में कपाट पाये जाते हैं, जबकि धमनियों की दीवार में नहीं-शिराओं में रुधिर कम दाब एवं समान गति से प्रवाहित होता है। यदि इसमें कपाट न हो तो रुधिर के विपरीत दिशा में प्रवाहित होने की सम्भावना अधिक होती है । इसे रोकने के लिए शिराओं की दीवार में कपाट पाये जाते हैं। धमनी में रुधिर अधिक दाब एवं झटके के साथ प्रवाहित होता है, जिससे रुधिर के विपरीत दिशा में प्रवाह की सम्भावना कम होती

(3) शिराएँ नीली दिखाई देती हैं, जबकि धमनी लाल-धमनियों में ऑक्सीजनित रुधिर प्रवाहित होता है, जिसका रंग लाल होता है इसलिए धमनी लाल रंग की दिखाई देती है। शिराओं में अनॉक्सीकृत रुधिर प्रवाहित होता है, जिसका रंग नीला होता है। इसलिये शिराओं का रंग नीला दिखाई देता है।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित कथनों के कारण स्पष्ट कीजिये –

  1. दाँये निलय की तुलना में बाँये निलय की दीवार अधिक मोटी होती है।
  2. आलिन्द की तुलना में बाँये निलय की दीवार अधिक मोटी होती है।
  3. लसीका, प्लाज्मा की तुलना में कम प्रोटीनयुक्त होती है।
  4. बन्द परिवहन तंत्र, खुले परिवहन तंत्र की तुलना में श्रेष्ठ हैं।
  5. सिस्टोल के समय निलय एक बन्द कक्ष होता है।

उत्तर:
(1) दाँये निलय की तुलना में बाँये निलय की दीवार अधिक मोटी होती है-दाँये निलय में अशुद्ध रुधिर पाया जाता है। पल्मोनरी धमनी में रुधिर प्रवाह के लिए दाँये निलय में कम दाब की आवश्यकता होती है कम दाब सहन करने में दायें निलय की दीवार सक्षम होती है। (शेष के लिए (2) भी देखें)

(2) आलिन्द की तुलना में बाँये निलय की दीवार अधिक मोटी होती है-बाँये निलय में रुधिर दाब अधिक होता है, जो कि पूरे शरीर में रुधिर प्रवाह को बनाए रखता है। इस रुधिर दाब को सहन करने के लिए बाँये निलय की दीवार अधिक मोटी होती है।

(3) लसीका, प्लाज्मा की तुलना में कम प्रोटीनयुक्त होती है-लसीका में उपस्थित केशिका भित्ति (Capillary wall) अपारगम्य (Impermeable) होती है। इस कारण लसीका में प्लाज्मा की तुलना में प्रोटीन की मात्रा कम पाई जाती है।

(4) बन्द परिवहन तंत्र, खुले परिवहन तंत्र की तुलना में श्रेष्ठ है-खुले परिवहन तंत्र में रुधिर बन्द नलियों में नहीं प्रवाहित होता है। रुधिर हीमोसील में पाया जाता है एवं सीधे अंगों के सम्पर्क में आता है। खुले परिवहन में रुधिर दाब अल्प होता है। जैसे-तिलचट्टा, घोंघा। बन्द परिवहन में रुधिर धमनी, केशिका, शिरा एवं हृदय से घिरा रहता है।

बंद परिवहन उच्च श्रेणी के जन्तुओं में पाया जाता है। इस परिवहन में रुधिर बन्द नलियों के द्वारा तेजी से प्रवाहित होता है एवं अल्प समय में यह फिर से हृदय में वापस आ जाता है। इस प्रकार शरीर के ऊतकों में पदार्थों का शीघ्रता से आदान-प्रदान होता है। इस प्रकार खुले परिवहन तंत्र में इस प्रकार का नियन्त्रण नहीं होता है। इस कारण बन्द परिवहन खुले परिवहन की तुलना में श्रेष्ठ है।

(5) सिस्टोल के समय निलय एक बन्द कक्ष होता है-निलय सिस्टोल के समय निलय में दाब आलिन्द की तुलना में अधिक होता है इस कारण रुधिर आलिन्द से निलय में आता है। एट्रियो वेण्ट्रिकुलर कपाट बन्द हो जाने से रुधिर का प्रवाह विपरीत दिशा में नहीं हो पाता है। निलय दाब, पल्मोनरी धमनी दाब की तुलना में कम होने के कारण अर्द्ध-चन्द्राकार कपाट (Semilunar valve) बन्द हो जाते हैं। इस प्रकार निलय बन्द कक्ष के रूप में संकुचित होता है।

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प्रश्न 3.
रक्तदान कौन तथा किसे कर सकता है ? रक्तदान करते समय क्या सावधानी बरतनी चाहिये?
उत्तर:
रक्तदान मुख्यतः रक्त समूह पर निर्भर होता है अत:

  • A रक्त समूह के व्यक्ति का रुधिर A एवं AB वर्ग के व्यक्ति को दिया जा सकता है।
  • B वर्ग का व्यक्ति B एवं AB रक्त समूह वाले व्यक्ति को रक्त दे सकता है।
  • AB वर्ग का व्यक्ति केवल AB रक्त समूह वाले व्यक्ति को ही रक्त दे सकता है।
  • O वर्ग का व्यक्ति सार्वत्रिक दाता है, परन्तु यह केवल O रक्त समूह का रक्त ही ले सकता है।

इसी प्रकार AB रक्त समूह वाले व्यक्ति को सभी रक्त समूह वाले व्यक्ति का रक्त दिया जा सकता है। अतः इसे सार्वत्रिक प्राप्यक कहते हैं।

रक्तदान में सावधानियाँ (Precautions for blood donation):

  1. रक्त दान के समय सर्वप्रथम दाता एवं ग्राह्य व्यक्ति के रक्त समूह की भली-भाँति जाँच करवा लेना चाहिए ताकि ऐग्लूटिनेशन की समस्या न आये।
  2. आजकल कई प्रकार के घातक रोग रक्त के माध्यम से फैलते हैं । अत: दाता व्यक्ति के रुधिर का HIV परीक्षण एवं हिपेटाइटिस विषाणु का परीक्षण अनिवार्य रूप से करने के पश्चात् ही रुधिर दान एवं आधान करना चाहिए।
  3. एक व्यक्ति को एक बार में अधिकतम 500 ml रुधिर ही दान करना चाहिए।
  4. वर्ष में दो बार से अधिक रक्तदान नहीं करना चाहिए।
  5. रक्तदाता पूर्णरूप से स्वस्थ होना चाहिए।
  6. समस्त उपकरण पूर्णरूप से निजीकृत होना चाहिए।

प्रश्न 4.
मनुष्य के हृदय रोगों का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
उत्तर:
मनुष्य के हृदय में होने वाले प्रमुख रोग निम्नलिखित हैं –
(1) निलयी तन्तुकता (Ventricular fibrillation):
इस रोग में निलय का प्रत्येक भाग अलग-अलग संकुचित होता है।

(2) कपाटीय रोग (Valvular disease):
वह रोग है, जिसमें कपाटों की खराबी के कारण हृदय में रुधिर उल्टा बहने लगता है। इस रोग को ऑपरेशन द्वारा ठीक किया जा सकता है।

(3) एन्जाइना (Angina):
यह वह रोग है, जिसमें थक्का बनने या कोरोनरी धमनी के संकुचन के कारण हृदय की भित्ति को ठीक से रुधिर प्राप्त नहीं होता और सीने तथा कन्धे में तेज दर्द होता है।

(4) मायोकार्डियल इनफ्रैक्शन (Myocardial infraction):
जब कोरोनरी धमनी में अवरोध के कारण हृदय पेशियों को पर्याप्त रुधिर प्राप्त नहीं होता तब ये क्षतिग्रस्त हो जाती हैं और अपना कार्य पूरी क्षमता से नहीं कर पाती, इस अवस्था को मायोकार्डियल इनफ्रैक्शन या हृदय आघात कहते हैं।

(5) रिामैटिक हृदय रोग (Rheumatic heart disease);
इस रोग में जीवाणु (Streptococcus viridans) के संक्रमण के कारण हृदय के कपाट ठीक से कार्य नहीं कर पाते।

(6) पेरिकार्डियोटिस (Pericardiotis):
इसमें जीवाणु संक्रमण के कारण हृदयावरण में सूजन आ जाती है और हृदय का आकार बड़ा दिखाई देने लगता है तथा इसे दबाव में काम करना पड़ता है।

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प्रश्न 5.
निवाहिका तंत्र किसे कहते हैं ? मनुष्य के यकृत निवाहिका तंत्र का वर्णन कीजिये।
उत्तर:
उन शिराओं को जो रुधिर को सीधे हृदय में न लाकर किसी अन्य अंग में केशिकाओं का जाल बनाती हैं, निवाहिका शिराएँ कहलाती हैं। इन शिराओं से बने तंत्र को निवाहिका तंत्र (Portal system) कहते है।

मनुष्य का यकृतीय निवाहिका तंत्र (Hepatic Postcaval portal system of man):
मनुष्य के यकृतीय निवाहिका तंत्र की शिराएँ आहारनाल की विविध भागों से रुधिर एकत्रित कर सीधे हृदय में न जाकर यकृत में रुधिर ले जाती हैं। यकृत में आया यह रुधिर एक जोड़ी रुधिर शिराओं के माध्यम से पश्च शिरा में जाता है, जो इसे हृदय में पहुँचा देती है।

चूँकि आहारनाल से रुधिर लाने वाली शिराएँ यकृत में आकर समाप्त होती हैं। इस कारण इस निवाहिका तन्त्र को यकृतीय निवाहिका तन्त्र कहते हैं तथा इन शिराओं को यकृत निवाहिका शिराएँ कहते हैं। इस तन्त्र में निम्नलिखित शिराएँ सम्मिलित होती हैं –

  1. लिनियोगैस्ट्रिक शिरा (Lineogastric vein) – यह शिरा आमाशय की दीवार तथा प्लीहा से रुधिर लाती हैं।
  2. ड्यूओडिनल शिरा (Duodenal vein) – यह ड्यूओडिनम से रुधिर लाती है।
  3. अग्र आन्त्र योजनी शिरा (Anterior mesenteric vein) – यह शिरा छोटी आँत, सीकम तथा कोलन से रुधिर एकत्रित करती है।
  4. पश्च आन्त्र योजनी शिरा (Posterior mesenteric vein) – यह शिरा मलाशय एवं गुदा से रुधिर लाती है।

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प्रश्न 6.
दोहरा परिवहन से क्या समझते हो? मनुष्य में दोहरा परिवहन का आरेख चित्र सहित वर्णन कीजिए।
अथवा
मनुष्य में किस प्रकार का परिसंचरण तंत्र होता है ? धमनी व शिरा में कोई चार अंतर लिखिये।
उत्तर:
दोहरा परिवहन (Double circulation):
ऐसा परिवहन जिसके एक चक्र में रुधिर हृदय से दो बार प्रवाहित होता है, उसे दोहरा परिवहन कहते हैं। पहले शरीर का ऑक्सीजनविहीन रुधिर महाशिराओं द्वारा हृदय में लाया जाता है, वहाँ से यह फेफड़ों में जाता है, वहाँ से ऑक्सीजनयुक्त रक्त एक बार पुनः हृदय में आता है तब इसे सम्पूर्ण शरीर में वितरित किया जाता है। स्तनधारियों के हृदय में दोहरा परिवहन पाया जाता है। दोहरे परिवहन में दो प्रकार के परिवहन पाये जाते हैं –

  • सिस्टेक परिवहन
  • पल्मोनरी परिवहन।

(a) मिसिस्टेमिक परिवहन (Systemic circulation) – यह परिवहन शरीर के संपूर्ण अंगों से संबंधित है।
(b) पल्मोनरी परिवहन (Pulmonary circulation) – इस प्रकार का परिवहन केवल फेफड़ों (Lungs) से संबंधित है।

स्तनधारियों में शुद्ध एवं अशुद्ध रुधिर आपस में नहीं मिल पाता, क्योंकि निलय दो कक्षों में विभाजित रहता है। उभयचर एवं सरीसृप में निलय के एक कक्षीय होने के कारण शुद्ध एवं अशुद्ध रुधिर आपस में मिल जाता है। अग्र एवं पश्च महाशिरा द्वारा लाया गया रुधिर दाँये आलिन्द में पहुँचता है। दाँये आलिन्द का रुधिर पल्मोनरी धमनी द्वारा फेफड़ों तक पहुँचता है।

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पल्मोनरी शिरा द्वारा रुधिर बाँये आलिन्द (शुद्ध) में आता है। बाँयें आलिन्द से रुधिर निलय में पहुँचता है। निलय से रुधिर धमनियों द्वारा सम्पूर्ण शरीर में पहुँचाया जाता है। स्तनधारियों में शुद्ध रुधिर बाँये आलिन्द एवं बाँये निलय तथा अशुद्ध रुधिर दाँये आलिन्द एवं दाँये निलय में पाया जाता है।

दोहरे परिवहन को संक्षिप्त रूप में निम्न प्रकार से समझाया जा सकता है –
बाँया आलिन्द → बाँया निलय → कैरोटिको सिस्टेमिक धमनी → अन्तरांग → ऊतक → शिराएँ → अग्र एवं पश्च महाशिरा→ दाँया आलिन्द → दाँया निलय → पल्मोनरी महाधमनी → धमनी → फेफड़ा → पल्मोनरी शिरा → बाँया आलिन्द, रुधिर केशिकाएँ ऊतक की प्रत्येक कोशिका तक नहीं जातीं इसलिए रुधिर केशिकाओं से कोशिकाओं तक विविध पदार्थों के आवागमन के लिए कोशिकाओं के अन्तरा कोशिकीय अवकाशों में एक विशिष्ट द्रव पाया जाता है, जिसे लसीका कहते हैं।

वास्तव में यह रुधिर केशिकाओं से छना हुआ रुधिर है जिसमें R.B.Cs. नहीं पायी जाती लेकिन W.B.Cs. पायी जाती है। लसीका भी हमारे शरीर में खुले तंत्र के रूप में बहता है।

टीप:

धमनी (Artery):

  • इनके द्वारा रुधिर हृदय से शरीर के अंगों में प्रवाहित होता है।
  • इनमें ऑक्सीजनित रुधिर होता है। (केवल फुफ्फुसीय शिरा को छोड़कर)
  • इनकी दीवार लचीली और मोटी होती है।
  • धमनियाँ गहरे लाल रंग की दिखाई देती हैं, क्योंकि इसमें ऑक्सीजनित रुधिर बहता है।

शिरा (Vein):

  • इनके द्वारा रुधिर शरीर के अंगों से हृदय में लाया जाता है।
  • इनमें ऑक्सीजन रहित रुधिर बहता है। (केवल फुफ्फुसीय धमनी को छोड़कर)
  • इनकी दीवार पतली होती है।
  • शिराएँ नीले रंग की होती हैं। यह रंग रक्त में उपस्थित CO2 के कारण होता है।

प्रश्न 7.
स्तनियों के हृदय की रचना बताइए।
अथवा
हृदय की संरचना एवं कार्यविधि का वर्णन कीजिए।
अथवा
हृदय की खड़ी काट का नामांकित चित्र बनाइये।
उत्तर:
हृदय की स्थिति (Position of Heart):
हृदय वक्षगुहा में बाँयी ओर दोनों फेफड़ों के मध्य में स्थित होता है। यह 12 सेमी लम्बा एवं 9 सेमी चौड़ा होता है। हृदय की बाह्य संरचना-हृदय पेरिकार्डियम गुहा में सुरक्षित रहता है। यह पेरिकार्डियम नामक दोहरी झिल्ली द्वारा घिरा रहता है। बाहरी झिल्ली को पेरिकार्डियम एवं भीतरी झिल्ली को ऐपिकार्डियम झिल्ली कहते हैं।

पेरिकार्डियम गुहा में पेरिकार्डियम द्रव पाया जाता है, जो कि हृदय को नम बनाये रखता है एवं बाहरी आघात व घर्षण से बचाता है। ऐम्फिबिया, रेप्टेलिया में हृदय तीन एवं पक्षी, मैमेलिया में हृदय चार कक्षों में विभाजित होता है। हृदय में 2 आलिन्द (Auricle) एवं 2 निलय (Ventricle) पाये जाते हैं।

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हृदय की आन्तरिक संरचना:
हृदय पेशियों द्वारा हृदय का मध्य स्तर बना होता है, जिसे मायोकार्डियम (Myocardium) कहते हैं। दाँये एवं बाँये आलिन्दों को अलग करने वाली पट्टी को अन्तरा-आलिन्द पट्टी (Inter Auricular Septum) कहते हैं। अन्तरा आलिन्द पट्टी के पिछले भाग पर एक छोटा अण्डाकार गड्ढा होता है, जिसे फोसा-ओवेलिस (Fossa-ovalis) कहते हैं। पश्च महाशिरा के छिद्र से फोसा ओवेलिस तक एक झिल्लीनुमा संरचना पायी जाती है, जिसे यूस्टेकियन कपाट (Eustachian valve) कहते हैं। बाँयी अग्र महाशिरा के छिद्र पर थीबेसियन कपाट (Thebasian valve) पाया जाता है।
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दोनों आलिन्दों को पृथक् करने वाली पट्टी को अन्तरा-निलय पट्टी (Intra-ventricular septum) कहते हैं। बाँये निलय की दीवार दाँये निलय की तुलना में काफी मोटी होती है। आलिन्द एवं निलय के बीच आलिन्द निलय छिद्र (Auriculo – ventricular aperture) पाया जाता है। दाँये आलिन्द निलय छिद्र में तीन वलय वाले ट्राइकस्पिड कपाट (Tricuspid valve) पाये जाते हैं।

बाँये आलिन्द निलय छिद्र में दो वलय वाले कपाट पाये जाते हैं, जिसे बाइकस्पिड कपाट (Bicuspid valve) कहते हैं। बाँये निलय से कैरोटिकोसिस्टेमिक चा (Carotico-systemic arch) एवं दाँये निलय से पल्मोनरी चाप निकलता है। इन चापों में अर्द्ध-चन्द्राकार कपाट (Semilunar valve) पाये जाते हैं। भ्रूण अवस्था में डक्टस आर्टिरिओसिस (Ductus Arteriosis) होती है, जो कि भ्रूणावस्था की समाप्ति के साथ खत्म हो जाती है।

प्रश्न 8.
हृदय की कार्यविधि का वर्णन कीजिये।
अथवा
मनुष्य के हृदय की क्रियाविधि समझाइए।
उत्तर:
हृदय की कार्यविधि-हृदय की पम्पिन्ग क्रिया उसकी पेशीयुक्त भित्तियों के संकुचन पर निर्भर करती है। आलिन्द तथा निलय का एकान्तरित संकुचन एवं शिथिलन का कार्य चलता रहता है।
(1) आलिंद संकुचन:
हृदय में संकुचन एवं शिथिलन का कार्य दाँये आलिन्द की भीतरी दीवार पर स्थित साइनोऑरिकुलर नोड (S.A. Node) द्वारा प्रारम्भ होता है। संकुचन क्रिया आलिन्द से प्रारम्भ होती है और सबसे पहले दोनों आलिन्द सिकुड़ते हैं एवं इनका रक्त अपने – अपने तरफ के ऑरिकुलो वेण्ट्रिकुलर छिद्र द्वारा दाँये और बाँये निलय में आ जाता है।

वास्तव में आलिन्द में रक्त भरते ही साइनोऑरिकुलर नोड से संकुचन तरंग उठती है। यह संकुचन तरंग सम्पूर्ण आलिन्द में फैल जाती है, इसी कारण दोनों आलिन्द एक साथ सिकुड़ते हैं। आलिन्द में संकुचन समाप्त होने के बाद ये फिर अपनी पहली जैसी स्थिति में आना प्रारम्भ करते हैं। जैसे-जैसे शिथिलन अधिक होता जाता है, इसमें शिराओं से रक्त आता जाता है।

निलय में रक्त भर जाने के बाद इसमें आलिन्द की अपेक्षा अधिक तेजी से संकुचन होता है, जिससे इनमें भरे रक्त पर भी दबाव पड़ता है। निलय का संकुचन इसके संकुचन केन्द्र आलिन्द-निलय नोड (A.V. Node) जो अन्तः आलिन्द पट के करीब दायें आलिन्द की दीवार पर पाया जाता है, से संकुचन तरंगें प्रारम्भ होती हैं और यहाँ से ये तरंगें दोनों निलय की दीवारों में फैल जाती हैं।

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(2) निलय संकुचन:
इसके बाद दोनों निलय एक साथ संकुचित होते हैं। संकुचन के फलस्वरूप निलय में एकत्रित रुधिर पर दबाव पड़ता है, रक्त के दबाव से आलिन्द निलय छिद्रों पर पाये जाने वाले ट्राइकस्पिड और बाइकस्पिड वाल्व खिंचकर इन छिद्रों को बन्द कर देते हैं, जिससे रुधिर आलिन्द में वापस नहीं जा पाता। इस प्रकार दायें निलय का पूर्ण ऑक्सीजन विहीन रुधिर पल्मोनरी चाप के प्रवेश द्वार पर लगे हुए सेमील्यूनर वाल्व को धकेलता हुआ पल्मोनरी चाप में चला जाता है तथा बायें निलय का रुधिर कैरोटिड सिस्टेमिक ऐओर्टा में चला जाता है।

(3) निलय शिथिलन:
निलय के फैलने या प्रारम्भिक अवस्था में आने को निलय शिथिलन कहते हैं । निलय शिथिलन निलयों के फैलने के कारण धमनियों के अर्द्ध-चन्द्राकार कपाट बन्द हो जाते हैं और आलिन्द-निलय कपाट खुल जाते हैं तथा आलिन्दों का रुधिर निलयों में आ जाता है। इसके बाद पुनः आलिन्द संकुचन की क्रिया होती है । इस पूरी क्रिया का नियन्त्रण मस्तिष्क में स्थित कार्डियक केन्द्र होता है।

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प्रश्न 9.
हृदय स्पन्दन की सामान्य गति का नियन्त्रण किस प्रकार होता है ?
उत्तर:
हृदय स्पन्दन की सामान्य गति का नियन्त्रण:
हृदय स्पन्दन की सामान्य गति का नियन्त्रण दाहिने आलिन्द के ऊपरी भाग में स्थित ऊतकों के एक समूह द्वारा होता है, जिसे शिरा आलिन्द नोड (S.A. Node) कहते हैं। हृदय गति पर नियन्त्रण करने के कारण ही इसे हृदय गति निर्धारक कहते हैं।

ठीक ऐसा ही एक नोड आलिन्द और निलय के पट पर स्थित होता है, जिसे आलिन्द निलय नोड (A.V. Node) कहते हैं। दोनों नोड पेशियों, तन्त्रिका तन्तुओं और तन्त्रिका कोशिकाओं के बने होते हैं। आलिन्द निलय नोड (A.V. Node) से दो शाखाएँ निकलकर दोनों निलयों को जाती हैं, जिन्हें हिज बण्डल या पुरकिन्जे तन्तु कहते हैं।

हृदय स्पन्दन का आवेग शिरा आलिन्द नोड (S.A. Node) से हमेशा विद्युत् चुम्बकीय तरंगों के रूप में निकलता रहता है। ये तरंगें जिन पेशियों से गुजरती हैं, वे संकुचित हो जाती हैं। जब ये तरंगें आलिन्द निलय नोड (A.V. Node) पर पहुँचती हैं तो यह उत्तेजित होकर इस आवेग को निलयों को पहुँचा देता है। इन तरंगों के कारण ही पहले आलिन्द संकुचित होता है, जिससे रुधिर आलिन्द से निलय में चला जाता है।

इसके बाद निलय संकुचित होता है। जब निलय संकुचित होता है, तब रुधिर धमनियों से होता हुआ शरीर के विविध भागों को चला जाता है। जब आलिन्द शिथिल रहता है तब निलय संकुचित लेकिन जब निलय शिथिल रहता है, तो आलिन्द संकुचित अवस्था में रहता है। यह क्रम हमेशा चलता रहता है। शिरा आलिन्द नोड (S.A. Node) का नियन्त्रण मेड्यूला ऑब्लांगेटा में स्थित एक नियन्त्रण केन्द्र से होता है, जिसे कार्डियक सेण्टर कहते हैं।

इस केन्द्र में दो भाग होते हैं, पहला भाग अर्थात् कार्डियो निरोधक भाग वैगस तन्त्रिका द्वारा अपने आवेगों को शिरा आलिन्द नोड (S.A. Node) को जबकि दूसरा भाग सिम्पैथिटिक तन्त्रिका द्वारा अपने आवेगों को शिरा आलिन्द नोड (S.A. Node) को भेजता रहता है। पहला भाग हृदय गति को धीमा तथा दूसरा तेज करता है। इसके अलावा थायरॉक्सिन, ऐड्रीनेलीन तथा ऐसीटिल कोलीन हॉर्मोन व कुछ रसायन भी हृदय स्पन्दन को प्रभावित करते हैं।

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MP Board Class 9th Hindi Navneet Solutions गद्य Chapter 7 कर्म कौशल

MP Board Class 9th Hindi Navneet Solutions गद्य Chapter 7 कर्म कौशल (निबन्ध, डॉ. रघुवीर प्रसाद गोस्वामी)

कर्म कौशल अभ्यास

बोध प्रश्न

कर्म कौशल अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
नैसर्गिक नियमों को क्या कहा जाता है?
उत्तर:
व्यक्ति के जीवन को चलाने के लिए जो नैसर्गिक नियम बनाये गये हैं, उन्हें प्राकृतिक नियम कहा जाता है।

प्रश्न 2.
किस ग्रन्थ में विवेचित कर्म सिद्धान्त की विशिष्ट पहचान है?
उत्तर:
श्रीमद्भगवद्गीता में विवेचित कर्म सिद्धान्त जो सार्वकालिक, सार्वजनीय एवं सत्य से अनुप्राणित है, की आज विश्व में विशिष्ट पहचान है।

प्रश्न 3.
कर्ता को किस प्रकार का कार्य करना चाहिए?
उत्तर:
कर्ता द्वारा वही कार्य करना चाहिए जिसके कार्य का सम्पन्न होना उसके लिए लाभदायक हो।

प्रश्न 4.
किस कारण से मनुष्य स्वयं को कर्ता मानने लगता है?
उत्तर:
अज्ञान एवं मिथ्या अभियान के कारण ही मनुष्य स्वयं को कर्ता मानने लगता है।

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कर्म कौशल लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
जीव समुदाय से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
ईश्वर की अनुपम रचना है-प्रकृति जिसमें सजीवनिर्जीव, सुन्दर-कुरूप, लाभदायक-हानिकारक, सत्-असत् आदि समस्त रचनाएँ आती हैं। इसी प्रकार प्रकृति जीव-समुदाय से परिपूर्ण है। अतः जीव समुदाय का तात्पर्य है-वृक्ष, वनस्पति, जीव-जन्तु और मानव संसृति। यहाँ पर लेखक के द्वारा प्रकृति में केवल सजीव वस्तुओं को ही लिया गया है।

प्रश्न 2.
कर्म के पाँच कारण कौन-कौन से होते हैं?
उत्तर:
इस जीव-जगत् में कोई भी जीव (प्राणी) एक पल भी बिना कर्म के नहीं रह सकता और प्रत्येक कर्म का कोई-न-कोई कारण अवश्य होता है। इसलिए गीता में कहा गया है कि सम्पन्न किए जाने वाले किसी भी कर्म के पाँच कारण होते हैं-अधिष्ठान, कर्ता, कारण, इन्द्रिय चेष्टाएँ तथा देव। सभी कर्म इन पाँच तत्वों के समूहीकरण के द्वारा उत्पन्न होते हैं।

प्रश्न 3.
युद्ध के लिए प्रेरित करते हुए योगेश्वर ने अर्जुन से क्या कहा?
उत्तर:
युद्ध के लिए प्रेरित करते हुए योगेश्वर कृष्ण ने अर्जुन से स्पष्ट कहा था कि परिणाम पर दृष्टि न रखते हुए मनुष्य को अपना कर्म अत्यन्त श्रद्धा एवं पूर्ण समर्पण भाव से करना चाहिए क्योंकि मनुष्य कर्म का निमित्त मात्र है, कर्ता तो योगेश्वर हैं। जो संस्कार युक्त बुद्धि न होने के कारण यह समझे कि एक मैं ही कर्म का कर्ता हूँ, वह प्राणी की भूल है।

प्रश्न 4.
किस कारण से कर्ता का समय व्यर्थ नष्ट हो जाता है?
उत्तर:
मनुष्य स्वाभाविक रूप से कर्म से बँधा है। वह कर्म किए बिना एक पल भी नहीं रह सकता, परन्तु जब मनुष्य केवल फल-प्राप्ति का चिन्तन करके कर्म करता है तो कर्ता का समय व्यर्थ नष्ट हो जाता है। फल प्राप्त होने के पश्चात् वह उसी फल-भोग में उलझकर रह जाता है। इस प्रकार फल-प्राप्ति के चिन्तन और फल-भोग में उसका सारा समय नष्ट हो जाता है।

प्रश्न 5.
श्रेष्ठ व्यक्ति का चरित्र कैसा होता है?
उत्तर:
श्रेष्ठ व्यक्ति का चरित्र अन्य व्यक्तियों के लिए सदा ही अनुकरणीय अर्थात् अनुसरण करने के योग्य होता है और वही लोक में प्रमाण बन जाता है। अतः समाज के श्रेष्ठ व्यक्तियों को यह अवश्य ध्यान में रखना चाहिए कि वे कहीं अपने सद्कर्म से गिर तो नहीं गये हैं या भटक तो नहीं गये हैं। उन्हें सदैव सद्कर्मों पर अटल रहना चाहिए। श्रेष्ठ व्यक्तियों का चरित्र ही एक आदर्श समाज की रचना करता है।

कर्म कौशल दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
सबसे प्रमुख सावधानी की ओर अर्जुन का ध्यान आकृष्ट करते हुए श्रीकृष्ण ने क्या कहा?
उत्तर:
गीताकार ने कर्म करते समय अर्जुन को अनेक सावधानियाँ बरतने के लिए कहा था जिसमें सबसे प्रमुख सावधानी की ओर कृष्ण ने अर्जुन का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा था कि किसी सिद्धि और असिद्धि तथा अनुकूलता और प्रतिकूलता में समान भाव रखकर मन, वाणी और क्रिया के पूर्ण भाव से युक्त होकर कर्म करे। तात्पर्य है कि कर्म का फल अच्छा हो या बुरा, यह सोचे बिना मन, वाणी और क्रिया के साथ कर्म करें। व्यक्ति का जीवन एक युद्ध के समान है अत: उसमें जय-पराजय, लाभ-हानि, सुख-दुःख दोनों ही सम्भव हैं। इन दोनों बातों की परवाह किए बिना मोह को त्याग कर कर्म करना है। इसी निष्काम कर्म करने की सावधानी बरतने के लिए कृष्ण ने अर्जुन से कहा। कामना रहित या निष्काम कर्म करना ही प्रमुख सावधानी है और फल के प्रति समान भाव रखना भी, जिसे योग कहते हैं, प्रमुख सावधानी है।

प्रश्न 2.
फल प्राप्ति में सन्देह का प्रश्न किस स्थिति में नहीं रहता है?
उत्तर:
फल प्राप्ति में सन्देह का प्रश्न निम्नलिखित स्थितियों में नहीं रहता है-

  1. कर्ता की दृष्टि या भाव शुद्ध हों।
  2. कर्म में बुद्धि की पूर्णता का समावेश हो।
  3. फल प्राप्ति का चिन्तन न हो।
  4. निष्काम कर्म की भावना हो।
  5. कर्म अनासक्त भाव से किया जाए।
  6. फल के प्रति समत्व की भावना हो।
  7. मन, वाणी और कर्म में शुद्धता हो।
  8. स्वार्थपरायणता को त्यागने की भावना हो।

प्रश्न 3.
अपने संकल्प से विपरीत होने पर भी मनुष्य को कर्म क्यों करना पड़ता है?
उत्तर:
मनुष्य का स्वभाव है कर्म करते रहना, इसीलिए मनुष्य कर्म के पराधीन होता है। कहावत है-‘कर्म प्रधान सब जग जाना’। अनेक बार उसे बिना इच्छा के बिना चाहे हुए कर्म करना पड़ता है। उसका स्वभाव तथा ये पाँच कारण-अधिष्ठान, कर्ता, करण, इन्द्रिय चेष्टाएँ और देवसिद्धि सर्वोपरि शक्तियाँ-सामूहिक रूप से मनुष्य को कर्म करने के लिए प्रेरित करती हैं। इसका अर्थ यह हुआ कि मनुष्य निर्धारित कर्म को नहीं छोड़ सकता। कर्म को छोड़ना उसके लिए असम्भव होता है। इसीलिए मनुष्य को न चाहते हुए भी कर्म करना होता है। वह अपने संकल्पों को त्यागकर कर्म करता है क्योंकि उसका स्वभाव कर्म से बँधा होता है। जीवन में कर्म अनिवार्य होता है। मनुष्य के लिए कर्म त्याग असम्भव होता है, इस कारण उसे सत्कर्म ही करना चाहिए।

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कर्म कौशल भाषा अध्ययन

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए-
नैसर्गिक, समुदाय, मिथ्या, योगेश्वर, व्यवधान।
उत्तर:

प्रश्न 2.
निम्नलिखित वाक्यांशों के लिए शब्द लिखिए
उत्तर:

  1. अपयश को देने वाला = अपयशदायक।
  2. हानि करने वाला = हानिकारक।
  3. कामना से रहित कर्म = निष्काम कर्म।
  4. जो योग का ईश्वर हो = योगेश्वर।
  5. स्वार्थ से रहित भाव वाला व्यक्ति = नि:स्वार्थी।

कर्म कौशल संदर्भ-प्रसंगसहित व्याख्या

(1) प्रकृति अनेकानेक जीव-समुदाय से परिपूर्ण है। जीव-समुदाय का तात्पर्य है वृक्ष, वनस्पति, जीव-जन्तु और मानव संसृति। प्रत्येक के जीवन-संचालन हेतु जो नैसर्गिक नियम बने उन्हें प्राकृतिक नियम कहा गया पर मानव-बुद्धि ने निरन्तर परिष्कार करके जिस नियम पद्धति का विकास किंया उसे कर्तव्य या कर्म कहा गया। कर्म या कर्म साधना की आवश्यकता एवं अनिवार्यता न केवल सभ्य समाज के लिये अपरिहार्य है अपितु सृष्टि के स्थायित्व के लिये भी महत्त्वपूर्ण है।

कठिन शब्दार्थ :
नैसर्गिक = प्राकृतिक। परिष्कार = सुधार। अपरिहार्य = जिसे टाला न जा सके। सृष्टि = संसार।

सन्दर्भ :
प्रस्तुत गद्यांश ‘कर्म कौशल’ निबन्ध से अवतरित है। इसके लेखक डॉ. रघुवीर प्रसाद गोस्वामी हैं।

प्रसंग :
कुरुक्षेत्र में मैदान में खडे अर्जन को जो युद्ध रूपी कर्म से मोह के कारण विमुख हो गया था। उसे कृष्ण नै निष्काम कर्म का उपदेश दिया था इन पंक्तियों में कर्म का अर्थ व उसकी आवश्यकता को बताया गया है।

व्याख्या :
डॉ. रघुवीर प्रसाद गोस्वामी कहते हैं कि इस संसार में अनेक प्राकृतिक जीव-प्राणियों के वर्ग हैं। जीव-प्राणियों का अर्थ केवल मनुष्य से ही नहीं है बल्कि पशु, पक्षी, पेड़, पौधे अर्थात् जीवित प्रत्येक वस्तु जीव जगत् में मानी जाती है। प्रत्येक जीव-प्राणी को अपना जीवन बिताने के लिय कुछ-न-कुछ कार्य अवश्य करना पड़ता है तथा उन कार्यों के करने के कुछ नियम हैं। इन नियमों को प्राकृतिक या अनिवार्य नियम कहा जाता है। परन्तु मनुष्य ने बुद्धि पाई है इस कारण वह अपनी बुद्धि का प्रयोग करता है तथा नियमों में परिवर्तन करता रहता है।

साथ ही प्रकृति व बुद्धि दोनों ही परिवर्तनशील हैं, अतः वह प्रतिदिन नये-नये नियम बनाता रहता है। इन नियमों के बनाने की प्रक्रिया को ही कर्म कहते हैं। यह कर्म सभ्य समाज के लिए ही आवश्यक नहीं है वरन् इस संसार को स्थायी बनाये रखने के लिए भी कर्म आवश्यक है। इसका अर्थ यह हुआ कि सम्पूर्ण जीव-जगत् के लिए कर्म जरूरी है जिससे यह संसार बना रहे और संसार के क्रियाकलाप चलते रहें। भगवान की इस संसार रूपी सुन्दर रचना का अन्त न हो।

विशेष :

  1. कर्म की अनिवार्यता बताई गई है।
  2. भाषा अति क्लिष्ट खड़ी बोली है।
  3. संस्कृत के शब्दों का प्रयोग है।
  4. गम्भीर व विचारात्मक शैली का प्रयोग है।

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(2) कर्म शुद्धि का साधन यही है कि मनुष्य वासनाओं एवं आसक्ति की अशुद्धताओंतथा अपूर्णताओंका मन सेमूलोच्छेदन कर दे। कर्मों का संचालन आत्मा अर्थात् एक विशिष्ट सत्ता करती रहती है। मनुष्य अनन्यभाव से सम्पूर्ण कर्मफल को ईश्वरार्पण करके अनासक्त स्थिति में परम लक्ष्य को प्राप्त होता है और उसके परम उद्देश्य में ईश्वर भी सहायक होता है।

कठिन शब्दार्थ :
आसक्ति = मोह। मूलोच्छेदन = जड़ से उखाड़ना। अनन्यभाव = एक ही भाव को समर्पित। अनासक्त = बिना मोह के।

सन्दर्भ :
पूर्ववत्।

प्रसंग :
लेखक डॉ. रघुवीर प्रसाद गोस्वामी कहते हैं कि मनुष्य का स्वभाव है प्रतिपल कर्म करना, अर्थात् मनुष्य कर्म को त्याग नहीं सकता। इसलिए मनुष्य को सदैव सत्कर्म ही करने चाहिए। तब ही उसे अपने परम लक्ष्य की प्राप्ति होती है।

व्याख्या :
इन पंक्तियों में लेखक ने बताया है कि मनुष्य हर समय कुछ-न-कुछ कर्म अवश्य करता रहता है चाहे वह कर्म अच्छा हो या बुरा। यह प्रकृति का नियम है कि हम अच्छाई की ओर जाते हैं। इस कारण हमें सदा शुद्ध कर्म अर्थात् सत्कर्म ही करना चाहिए। सत्कर्म करने के लिए आवश्यक है कि हम मन में बुरे विचारों को न आने दें। कर्म के फल में हमारा मोह न हो तथा कर्म के पूरा न होने का हमारे मन में भय न हो। कर्म करना मनुष्य के हाथ में नहीं होता, वह तो आत्मा या कहें ईश्वर के हाथ में होता है।

कर्म करना प्राणी के वश की बात नहीं होती, अतः मनुष्य को अपना कर्म तथा कर्म फल ईश्वर को अर्पित करके समान भाव से (सुख-दुःख से परे) करना चाहिए। जब मनुष्य फल प्राप्ति के लालच में नहीं पड़ता है तो उसे अपने परम लक्ष्य की प्राप्ति हो जाती है। कर्म को पूरा करने और उद्देश्य को प्राप्त करने में भगवान भी सहायता करते हैं। जब भगवान सहायता करते हैं तो कर्म में सफलता और सफलता से सुख-शान्ति अवश्य मिलेगी। यही मनष्य का परम लक्ष्य है।

विशेष :

  1. सत्कर्म करने की प्रेरणा दी गई है।
  2. मूलोच्छेदन, अनन्यभाव आदि शब्दों के प्रयोग से भाषा दुरूह हो गई है।
  3. खड़ी बोली का प्रयोग है।
  4. विचारात्मक शैली।

(3) वस्तुतः गीता का चिन्तन जीवन-संग्राम में शाश्वत विजय का क्रियात्मक अथवा व्यावहारिक प्रशिक्षण है। यह सत् एवं असत् प्रवृत्तियों का संघर्ष है। हमारा शरीर ही एक क्षेत्र (खेत) है जिसमें बोया हुआ भला और बुरा बीज संस्कार-रूप में सदैव उगता है। इसीलिये इसमें व्यक्ति को स्वयं को संस्कारित करते हुए निश्चित कर्म-कर्तव्य में निरन्तर रत रहने की दृष्टि समाहित है।

कठिन शब्दार्थ :
वस्तुतः = वास्तव में। शाश्वत = हमेशा रहने वाली। संस्कारित = सुधार कर। रत = लगा हुआ। समाहित = मिली हुई।

सन्दर्भ :
पूर्ववत्।

प्रसंग :
डॉ. रघुवीर प्रसाद गोस्वामी ने बताया है कि गीता मनुष्य को संस्कारित कर्म करने की प्रेरणा देती है। कर्म के अनुसार ही फल मिलता है। अतः सत्कर्म करना ही मनुष्य का उद्देश्य है।

व्याख्या :
गीता में बताया गया है कि कर्म का सिद्धान्त मानव जाति को स्थायी सुख देने वाला है। यह जीवन कर्म का युद्ध है। इस युद्ध में गीता अनन्त विजय को प्राप्त करने का रास्ता दिखाती है। इस विजय को प्राप्त करने के लिए मनुष्य को कर्तव्यशील बनना होगा। उसे इस संसार के व्यवहार को समझना होगा, तब ही उसका कर्म शाश्वत होगा। महाभारत अच्छाई व बुराई का युद्ध है। जिसमें अच्छाई की जीत दिखाई गई है। लेखक एक उदाहरण देकर कर्म का महत्त्व बताता है।

जैसे एक खेत में जैसा बीज बोया जाता है वैसी ही फसल उगती है। ठीक उसी प्रकार इस शरीर में जैसे कर्मों का बीज डाला जाता है वैसे ही संस्कार व आदतें बनती हैं। कर्म का परिणाम संस्कार होते हैं। संसार में जो व्यक्ति अपने में सत् विचारों को धारण करता है, तब कर्म में संलग्न होता है। व्यक्ति कर्म थोड़े समय के लिए न करके लगातार जीवन भर सत् कर्म करता रहता है, तब उसे स्थायी रहने वाली विजय अर्थात् परम आनन्द व सुख मिलता है। अन्त में वह व्यक्ति मुक्ति को प्राप्त कर लेता है। इसी मुक्ति को पाने का चिन्तन गीता में किया गया है।

विशेष :

  1. गीता का चिन्तन विषय सत् कर्म बताया गया है।
  2. शुद्ध साहित्यिक खड़ी बोली का प्रयोग है।
  3. शरीर रूपी खेत तथा संस्कार रूपी बीज में रूपक अलंकार है।
  4. भाषा क्लिष्ट होते हुए भी बोधगम्य है।

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MP Board Class 9th Hindi Navneet Solutions गद्य Chapter 6 एक कुत्ता और एक मैना

MP Board Class 9th Hindi Navneet Solutions गद्य Chapter 6 एक कुत्ता और एक मैना (संस्मरण, हजारीप्रसाद द्विवेदी)

एक कुत्ता और एक मैना अभ्यास

बोध प्रश्न

एक कुत्ता और एक मैना अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
लेखक सर्वव्यापक पक्षी किसे समझ रहा था?
उत्तर:
लेखक सर्वव्यापक पक्षी’कौए’ को समझ रहा था।

प्रश्न 2.
दूसरी बार सबेरे गुरुदेव के पास कौन उपस्थित था?
उत्तर:
दूसरी बार गुरुदेव के पास स्वयं लेखक हजारी प्रसाद द्विवेदी उपस्थित थे।

प्रश्न 3.
लेखक के अनुसार मैना कैसा पक्षी है?
उत्तर:
लेखक के अनुसार मैना दूसरों पर अनुकम्पा दिखाने वाला पक्षी है।

प्रश्न 4.
गुरुदेव कहाँ रहते थे?
उत्तर:
गुरुदेव श्री निकेतन के पुराने तिमंजिले मकान में रहते थे।

प्रश्न 5.
गुरुदेव ने शांति निकेतन को छोड़ कहीं और रहने का मन क्यों बनाया?
उत्तर:
गुरुदेव ने शंति निकेतन को छोड़कर स्वास्थ्य के गड़बड़ होने के कारण दूसरी जगह रहने का मन बनाया।

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एक कुत्ता और एक मैना लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्यों का आशय स्पष्ट कीजिए-
(क) भावहीन दृष्टि की करुण व्याकुलता जो कुछ समझती है, उसे समझा नहीं पाती और मुझे इस सृष्टि में मनुष्य का सच्चा परिचय समझा देती है।
उत्तर:
आशय-गुरुदेव शान्ति निकेतन छोड़कर श्री निकेतन में रहने लगते हैं। उनका पालूत कुत्ता अपने अन्तर्मन से गुरुदेव का नया ठिकाना ढूँढ़ लेता है। वह दो मील की दूरी बिना किसी के बताये अकेला ही तय करके गुरुदेव के पास पहुँच जाता है। उस कुत्ते की भावदृष्टि की करुणामय व्याकुलता ने बिना भाषा के प्रयोग किए ही गुरुदेव को समझा दिया कि उसका लगाव गुरुदेव के प्रति सच्चा है।।

(ख) “सबेरे की धूप में मानो सहज मन से आहार चुगती हुई झड़े हुए पत्तों पर कूदती फिरती है सारा दिन।”
उत्तर:
आशय-लेखक कहता है कि वह विधवा मैना सबेरे के समय की धूप में सहज भाव से अपने आहार को चुगती हुई पेड़ से गिरे हुए पत्तों पर पूरे दिन कूदती फिरती रहती है।

(ग) मूक प्राणी मनुष्य से कम संवेदनशील नहीं होते।
उत्तर:
आशय-लेखक कहता है कि बोलने की क्षमता ईश्वर ने केवल मनुष्य को प्रदान की है पर मूक प्राणी भी मनुष्य से किसी भी दशा में कम संवेदनशील नहीं होते हैं। कहने का भाव यह है कि इन मूक प्राणियों को भी दु:ख सुख, हर्ष-विषाद की अनुभूति होती है और उसे वे अपने आचरण से व्यक्त कर देते हैं।

एक कुत्ता और एक मैना दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
हजारी प्रसाद द्विवेदी के लेखन कला की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
हजारी प्रसाद द्विवेदी ने निबंध, उपन्यास, आलोचना, शोध हिन्दी साहित्य का इतिहास आदि विविध विषयों पर अपनी लेखनी चलाई है। इन विविध विषयों में उन्होंने अनेक शैलियों का प्रयोग किया है। आपने अपनी रचनाओं के अनुरूप ही भाषा का प्रयोग किया है। उनकी भाषा के तीन रूप हैं-तत्सम प्रधान, तद्भव प्रधान एवं उर्दू-अंग्रेजी शब्द युक्त व्यावहारिक रूप। आपकी भाषा प्रांजल, सुबोध एवं प्रवाहमय है। शब्द चयन उत्तम और वाक्य-विन्यास सुगठित है। यथास्थान आपने लोकोक्तियों एवं मुहावरों का भी प्रयोग किया है।

प्रश्न 2.
निबंध गद्य साहित्य की उत्कृष्ट विधा है, जिसमें लेखक अपने भावों और विचारों को कलात्मक और लालित्यपूर्ण शैली में अभिव्यक्त करता है। इस निबंध में उपर्युक्त विशेषताएँ कहाँ झलकती हैं? किन्हीं चार विशेषताओं को लिखिए।
उत्तर:
लेखक ने अपने भावों और विचारों को कलात्मक और लालित्यपूर्ण शैली में इस अंश में व्यक्त किया है, उदाहरण प्रस्तुत है “एक दिन हमने सपरिवार दर्शन की ठानी। दर्शन को मैं जो यहाँ विशेष रूप से दर्शनीय बनाकर लिख रहा हूँ। उसका कारण यह है कि गुरुदेव के पास जब कभी मैं जाता था तो प्रायः वे यह कहकर मुस्करा देते थे कि ‘दर्शनार्थी हैं क्या?’ शुरू-शुरू में मैं उनसे ऐसी बांग्ला में बात करता था जो वस्तुतः हिन्दी मुहावरों का अनुवाद हुआ करती थी।”

एक अन्य उदाहरण प्रस्तुत है-
“गुरुदेव वहाँ बड़े आनन्द में थे। अकेले रहते थे। भीड़-भाड़ उतनी नहीं होती थी जितनी शांति निकेतन में। जब हम लोग ऊपर गए तो गुरुदेव बाहर एक कुर्सी पर चुपचाप बैठे अस्तगामी सूर्य की ओर ध्यान स्तिमित नयनों से देख रहे थे। हम लोगों को देखकर मुस्कराए, बच्चों से जरा छेड़छाड़ की, कुशल प्रश्न पूछे और फिर चुप हो रहे।”

अन्य उदाहरण-
“इसकी भावहीन दृष्टि की करुण व्याकुलता जो कुछ . समझती है, समझा नहीं पाती और मुझे इस सृष्टि में मनुष्य का सच्चा परिचय समझा देती है।

अन्य उदाहरण-
“सबेरे की धूप में मानो सहज मन से आहार चुगती हुई झड़े हुए पत्तों पर कूदती फिरती है, सारा दिन।”

प्रश्न 3.
करुण मैना को देखकर गुरुदेव ने कविता लिखी, उसका सार अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
“उस मैना को आज न जाने क्या हो गया है? वह न मालूम अपने दल से क्यों अलग हो गई है? पहले दिन मैंने उसे एक पैर से लंगड़ाते हुए देखा था। इसके बाद नित्य प्रात:काल मैं उसे देखता हूँ तो वह अकेली ही बिना अपने नर मैना के कीड़ों का शिकार किया करती है और नाच-कूदकर इधर-उधर फुदकती रहती है। उसकी यह चिंतनीय दशा क्यों हो गई, इसे मैं बार-बार सोचा करता हूँ।”

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एक कुत्ता और एक मैना भाषा अध्ययन

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों में से रूढ़ योगरूढ़ और यौगिक शब्द अलग-अलग कीजिए।
विद्यानगर, त्रिवेणी, महादेवी, श्रीहीन, असामयिक, चरण, निर्मल, काव्य-सरोवर, दशानन, दशरथनन्दन, प्रसाद, अनुराग, विवेकानन्द, ब्रजनंदन, गुण, चहलकदमी।
उत्तर:
रूढ़ शब्द – चरण, प्रसाद, गुण।
योगरूढ़ – विद्यानगर, त्रिवेणी, महादेवी, श्रीहीन, निर्मल, दशानन, अनुराग विवेकानन्द।
यौगिक – असामयिक, काव्य-सरोवर, दशरथनन्दन चहलकदमी।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
उत्तर:

  1. विभूतियाँ-हिन्दी साहित्य में अनेक विभूतियाँ! उत्पन्न हुई। यथा-रामचन्द्र शुक्ल, हजारीप्रसाद द्विवेदी, भारतेन्दु, हरिश्चन्द्र विद्यानिवास मिश्र आदि।
  2. अधिवेशन-हिन्दी परिषद् का अधिवेशन आगामी में 15 अप्रैल, 2008 को होगा।
  3. अवसाद-मनुष्य के जीवन में कभी-कभी अवसाद के क्षण आ जाते हैं।
  4. आशुतोष-शिव भगवान आशुतोष हैं।
  5. रसानुभूति-अच्छी कविता पढ़ने में पाठकों को रसानुभूति होती है।
  6. गंगाजल-भारतीय संस्कृति में गंगाजल बड़ा पवित्र माना जाता है।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों की शुद्ध वर्तनी लिखिए।
उत्तर:
दुरभाग = दुर्भाग्य; आसुतोष = आशुतोष; औजसवी = ओजस्वी; अनकूल = अनुकूल; विशाद = विषाद; निशतेज = निस्तेज; साहित्यक = साहित्यिक।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित वाक्यांश के लिए एक शब्द लिखिए।
उत्तर:

  1. हृदय को स्पर्श करने वाली दृष्टि = हृदयस्पर्शी, मर्म-स्पर्शी।
  2. साहित्य की रचना करने वाला = साहित्यकार।
  3. जानने की इच्छा = जिज्ञासा।
  4. रस की अनुभूति करना = रसानुभूति।
  5. जो पढ़ा-लिखा न हो = अशिक्षित।
  6. जो सब जगह व्याप्त हो = सर्वव्यापक।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों के युग्मरूप लिखिए।
उत्तर:
समय-असमय; अवस्था-अनअवस्था; शक्ति-भक्ति; दिन-रात।

प्रश्न 6.
पाठ में आये वाक्यांशों के अर्थ लिखिए।
उत्तर:
विद्यार्थी पाठ पढ़कर स्वयं लिखे।।

प्रश्न 7.
नीचे पाठ के आधार पर कुछ शब्द-युग्म दिये गए हैं, जैसे-संभव-असंभव, स्वस्थ-अस्वस्थ।
इसी तरह पाठ से कुछ शब्द चुनिए एवं अया अन् उपसर्ग लगाकर नए शब्द बनाइए।
उत्तर:
प्रगल्भ – अप्रगल्भ
स्थान – अस्थान
अवस्था – अनवस्था
स्वीकृति – अस्वीकृति
करुण – अकरुण
दृष्टि – अदृष्टि
सत्य – असत्य।

प्रश्न 8.
भाषा और बोली में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
बोली बहुत सीमित स्थान में ही बोली जाती है। इसमें लिखा हुआ कोई साहित्य नहीं होता है। जब बोलने वालों का क्षेत्र बढ़ जाता है तब बोली भाषा बन जाती है और भाषा में साहित्य का सृजन होने लगता है। कभी-कभी राजनैतिक कारणों से किसी बोली का स्थान ऊँचा उठ जाता है जैसे कि आज की खड़ी बोली जो राष्ट्रभाषा के पद पर बैठी है वह स्वतन्त्रता से पूर्व केवल दिल्ली, गाजियाबाद, मेरठ आदि के आस-पास बोली जाती थी। साथ ही उस समय उसमें कोई विशेष साहित्य भी नहीं था। पर दिल्ली राजधानी होने से उसका स्थान बहुत ऊँचा हो गया है और वह आज राष्ट्रभाषा मानी जाती है अर्थात् पूरे देश की मानक भाषा। ब्रज, अवधी आदि भाषाएँ हैं।

प्रश्न 9.
मध्य प्रदेश की प्रमुख चार बोलियों के नाम लिखिए।
उत्तर:
ग्वालरी, भदावरी, उज्जैनी, मालवी।

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एक कुत्ता और एक मैना संदर्भ-प्रसंगसहित व्याख्या

(1) यहाँ यह दुःख के साथ कह देना चाहता हूँ कि अपने देश के दर्शनार्थियों में कितने ही इतने प्रगल्भ होते थे कि समय-असमय, स्थान-अस्थान, अवस्था-अनवस्था की एकदम परवाह नहीं करते थे और रोकते रहने पर भी आ जाते थे। ऐसे दर्शनार्थियों से गुरुदेव कुछ भीत-भीत से रहते थे।

कठिन शब्दार्थ :
दर्शनार्थियों में दर्शन के लिए आने वालों में; प्रगल्भ = लापरवाह, धृष्ट; भीत-भीत से = डरते से।

सन्दर्भ :
प्रस्तुत गद्यांश ‘एक कुत्ता और एक मैना’ पाठ से लिया गया है। इसके लेखक आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी हैं।

प्रसंग :
इस अंश में लेखक ने भारतवर्ष के दर्शनार्थियों की प्रवृत्ति पर प्रकाश डाला है।

व्याख्या :
लेखक कहता है कि हमारे देश के नागरिकों में सभ्य समाज के सिद्धान्तों एवं ढंगों का ज्ञान तक नहीं होता है। वे बड़े ही दु:ख के साथ कह देना चाहते हैं कि हमारे देश के दर्शनार्थियों में शिष्टता की कमी होती है। वे जिन महान् पुरुषों का दर्शन करना चाहते हैं उनसे मिलने का कौन-सा उचित समय है, उनसे मिलने का कौन-सा उचित स्थान है और कौन-सी अवस्था है। इस तक का ज्ञान नहीं होता है। उनको रोकने की चेष्टा भी व्यर्थ जाती थी। इस प्रकार के अशिष्ट दर्शनार्थियों से गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर को भय लगा रहता था।

विशेष :

  1. लेखक ने अपने देश के दर्शनार्थियों में जो शिष्टता की कमी है, उस ओर ध्यान दिलाया है।
  2. भाषा सहज एवं सरल है।

(2) इस वाक्यहीन प्राणिलोक में सिर्फ यही एक जीव अच्छा-बुरा सबको भेदकर सम्पूर्ण मनुष्य को देख सका है, उस आनन्द को देख सका है, जिसे प्राण दिया जा सकता है जिसमें अहेतुक प्रेम ढाल दिया जा सकता है, जिसकी चेतना असीम चैतन्य लोक में राह दिखा सकती है। जब मैं इस मूक हृदय का प्राणपण आत्मनिवेदन देखता हूँ, जिसमें वह अपनी दीनता बताता रहता है, तब मैं यह सोच ही नहीं पाता कि उसने अपने सहज बोध से मानव स्वरूप में कौन-सा मूल आविष्कार किया है। इसकी भावहीन दृष्टि की करुण व्याकुलता जो कुछ समझती है, उसे समझा नहीं पाती और मुझे इस सृष्टि में मनुष्य का सच्चा परिचय समझा देती है।

कठिन शब्दा :
र्थवाक्यहीन = मुख से न बोलने वाले प्राणिलोक = प्राणी संसार में; अहेतुक = बिना किसी कारण या अभिप्राय के; असीम = सीमा रहित; चैतन्य लोक = चेतना युक्त संसार में; प्राणपण = प्राणों की बाजी लगाने वाले आविष्कार = खोज; सृष्टि = संसार में।

सन्दर्भ :
पूर्ववत्।

प्रसंग :
इस गद्यांश में लेखक गुरुदेव रवीन्द्रनाथ के स्वामीभक्त कुत्ते की मानवीय भावना का वर्णन करते हैं।

व्याख्या :
लेखक कहता है कि अपने स्वामीभक्त पालतू कुत्ते की भावनाओं की अभिव्यक्ति में कविवर टैगोर ने ‘आरोग्य’ नामक पत्रिका में एक कविता लिखी थी। उसी कविता के भावों का वर्णन यहाँ किया गया है। कवि टैगोर के शब्दों को व्यक्त करते हुए लेखक कहता है कि वह मूक प्राणी प्राणियों की अच्छी बुरी भावनाओं से भी ऊपर उठकर मनुष्य को देख सका है, वह उस आनन्द को देख सका है जिसे प्राण दिया जा सकता है, साथ ही वह अहेतुक प्रेम में ऐसा ढल गया था कि उसकी चेतना असीम चैतन्य लोक में मार्ग दिखा सकती है।

कवि टैगोर जी आगे कहते हैं कि जब मैं इस मूक प्राणी के प्राणों की बाजी लगा देने वाले आत्मनिवेदन को देखता हूँ जिसमें कि वह अपनी दीनता को व्यक्त करता रहता है, तब उस क्षण मैं यह सोच ही नहीं पाता कि उस मूक प्राणी ने अपने सहज ज्ञान से मानक स्वरूप में कौन-सी नई चीज खोज ली है। उसकी भावहीन दृष्टि की करुण बेचैनी जो कुछ मुझे समझाना चाहती है, उसे वह समझा नहीं पाती है. और मुझे इस जगत् में उसके स्वरूप में मनुष्य का सच्चा परिचय समझा देती है।

विशेष :

  1. गुरुदेव टैगोर अपने स्वामीभक्त कुत्ते से बहुत स्नेह करते थे। उसके आन्तरिक अलौकिक गुणों की उन्हें पहचान थी।
  2. भाषा संस्कृतनिष्ठ एवं दुरूह है।

(3) तीन-चार वर्ष से मैं एक नये मकान में रहने लगा था। मकान के निर्माताओं ने दीवारों में चारों ओर एक-एक सुराख छोड़ रखी है। यह शायद आधुनिक वैज्ञानिक खतरे का समाधान होगा। सो, एक मैना दंपति नियमित भाव से प्रतिवर्ष यहाँ गृहस्थी जमाया करते हैं, तिनके और चीथड़ों का अम्बार लगा देते हैं, भलेमानस गोबर के टुकड़े तक ले आना नहीं भूलते। हैरान होकर हम सूराखों में ईंट भर देते हैं, परन्तु वे खाली बची जगह का भी उपयोग कर लेते हैं।

कठिन शब्दार्थ :
निर्माताओं = बनाने वालों ने; सुराख = छेद; समाधान = इलाज, बचाव; दम्पति = नर और मादा का जोड़ा; प्रतिवर्ष = हर साल; गृहस्थी= घर-परिवार; अम्बार = ढेर।

सन्दर्भ :
पूर्ववत्।

प्रसंग :
लेखक जब नये मकान में रहने आता है तो वह वहाँ दीवारों के सुराख में मैना के अण्डे सैने की घटना का वर्णन करते हैं।

व्याख्या :
लेखक कहता है कि तीन-चार वर्ष से मैं एक नये मकान में किरायेदार रूप में रह रहा हूँ। इस भवन के निर्माणकर्ताओं ने संभवतः किसी वैज्ञानिक सिद्धान्त के सहारे मकान की दीवारों में कुछ सुराख करवा रखे थे। इन दीवारों के सुराखों में एक मैना दम्पति प्रतिवर्ष अण्डे सैने के लिए अपना घोंसला बना लेते थे। इस घोंसले के निर्माण के लिए वे तिनके, चीथड़ों का एक ढेर इकट्ठा कर देते थे और इससे भी जब उनका मन नहीं भरता तो वे गोबर के टुकड़े तक ले आया करते थे। उनके द्वारा निर्मित घोंसले से हमारे घर में गन्दगी फैलती थी अतः हैरान होकर हमने मकान की दीवारों के सुराखों को ईंटों से भर दिया था परन्तु उसने भी जो खाली जगह मिल जाती उसी में वे अपना घोंसला जमा लिया करते थे।

विशेष :

  1. इस अवतरण में लेखक ने मैना दम्पति के गृह निर्माण की कथा को व्यक्त किया है।
  2. भाषा सहज एवं भावानुकूल है।

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(4) उस मैना को क्या हो गया है, यही सोचता हूँ। क्यों वह दल से अलग होकर अकेली रहती है ? पहले दिन देख था संसार के पेड़ के नीचे मेरे बगीचे में। जान पड़ा जै एक पैर से लंगड़ा रही हो। इसके बाद उसे रोज सबेरे देखन हूँ संगीहीन होकर कीड़ों का शिकार करती फिरती है। चढ़ जाती है बरामदे में। नाच-नाचकर चहलकदमी किया करती है, मुझसे जरा भी नहीं डरती। क्यों है ऐसी दशा इसकी? समाज के किस दंड पर उसे निर्वासन मिला है, दल के किस अविचार पर उसने मान किया है।

कठिन शब्दार्थ :
संसार = एक वृक्ष का नाम; संगीहीन = अपने नर पति के बिना; चहलकदमी = घूमना-फिरना; निर्वासन = पति से अलग; अविचार = अनुचित निर्णय पर।

सन्दर्भ :
पूर्ववत्।

प्रसंग :
लेखक इस अंश में यह बताता है कि गुरुदेव के बगीचे एवं बरामदे में एक अकेली मैना मादा इधर-उधर फुदकती रहती है। इसी मादा को आधार बनाकर गुरुदेव ने उस पर एक कविता लिखी थी। इसी कविता का भाव इस अंश में है।

व्याख्या :
लेखक कहता है कि गुरुदेव ने उस विधवा मैना पर जो कविता लिखी है उसका भाव यह है कि उस मैना को न मालूम क्या हो गया है, मैं यही सोचता रहता है। वह बेचारी अपने संगी-साथियों से अलग होकर क्यों रह रही है? प्रथम दिन मैंने उसे अपने बगीचे में संसार पेड़ के नीचे देखा था। ऐसा लग रहा था कि वह एक पैर से लंगड़ा रही हो। इसके बाद मैं उसे रोजाना सबेरे के समय देखता हूँ कि वह अपने नर साथी के अभाव में अकेली ही कीड़ों को पकड़कर खा रही है। कभी वह बरामदे पर चढ़ जाती है। वह मुझसे जरा भी भय नहीं करती है और मेरे सामने ही नाच-नाचकर इधर-उधर घूमा करती है। मैं उसकी इस दशा को देखकर दुःखी हो उठता हूँ और सोचने लग जाता हूँ कि पक्षी समाज ने कौन-सा दण्ड देकर उसे अकेला छोड़ दिया है या फिर पक्षी समाज का ऐसा कौन-सा विवेकहीन निर्णय था जिस पर वह अकेली ही मान किये अलग-अलग थिरक रही है।

विशेष :

  1. कविवर गुरुदेव की पैनी दृष्टि ने पक्षियों के व्यवहार को भी पढ़ लिया था।
  2. भाषा सहज एवं भावानुकूल है।

(5) इस बेचारी को ऐसा कुछ भी शौक नहीं है। इसके जीवन में कहाँ गाँठ पड़ी है, यही सोच रहा हूँ। “सवेरे की धूप में मानो सहज मन से आहार चुगती हुई झड़े हुए पत्तों पर कूदती फिरती है सारा दिन।” किसी के ऊपर इसका कुछ अभियोग है, यह बात बिलकुल नहीं जान पड़ती। इसकी चाल में वैराग्य का गर्व भी तो नहीं है, दो आग सी जलती आँखें भी तो नहीं दिखतीं।

कठिन शब्दार्थ :
सहज = स्वाभाविक; आहार = भोजन; अभियोग = मुकदमा; वैराग्य = विरक्ति।

सन्दर्भ :
पूर्ववत्।

प्रसंग:
इस अंश में लेखक ने उसी विधवा मैना का वर्णन किया है जो गुरुदेव के बगीचे में फुदकती रहती है।

व्याख्या :
लेखक कहता है कि यह विधवा ना अन्य मैनाओं से अलग रूप में दिखाई देती है। क्योंकि जहाँ अन्य मैनाएँ बक-बक करती हुई उछल-कूद कर रही हैं। वैसा व्यवहार इस मैना का नहीं है। मैं बार-बार यही सोचता रहता हूँ कि इसके जीवन में न मालूम कौन-सी गाँठ पड़ गई है जिसने इसकी सहज खुशी को छीन लिया है। वह प्रात:काल की धूप में सहज भाव से अपना आहार चुगती रहती हैं। वह पेड़ से गिरे हुए पत्तों पर पूरे दिन कूदती-फिरती रहती है। किसी अन्य जीव ने इसके साथ कुछ धोखा किया है, यह बात भी पता नहीं चलती है। उसकी चाल में विरक्ति का भाव भी दिखाई नहीं देता है और क्रोध के कारण उसकी दोनों आँखें जलती हुई भी दिखाई नहीं देती।

विशेष :

  1. लेखक पक्षी जगत् के जीवों के मनोभावों को बड़े ही सहज रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं।
  2. भाषा भावानुकूल है।

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MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 19 उत्सर्जी उत्पाद एवं उनका निष्कासन

MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 19 उत्सर्जी उत्पाद एवं उनका निष्कासन

उत्सर्जी उत्पाद एवं उनका निष्कासन NCERT प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
गुच्छीय निस्यंद-दर (GFR) को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
वृक्कों के द्वारा प्रति मिनट निस्पंदित (Filter) की गई मात्रा गुच्छीय निस्यंद-दर (GFR,Glomerulus Filterate Rate) कहलाती है। एक स्वस्थ व्यक्ति में यह दर 125 मिली प्रति मिनट होती है।

प्रश्न 2.
गुच्छीय निस्यंद दर (GFR) की स्वनियमन क्रियाविधि को समझाइए।
उत्तर:
गुच्छीय निस्वंद दर के नियमन (Regulation) के लिए वृक्कों के गुच्छीय आसन्न तंत्र द्वारा एक अतिसूक्ष्म छनन (Ultrafiltration) की क्रिया संपन्न की जाती है। यह विशेष तंत्र अभिवाही (Afferent) एवं अपवाही (Efferent) धमनिकाओं (Arterioles) के संपर्क स्थल पर दूरस्थ कुण्डलित नलिका (Distal convoluted tubules) के रूपान्तरण से बनता है। गुच्छीय निस्यंद – दर (GFR) में गिरावट के इन आसन्न गुच्छ केशिकाओं (Glomerular capillaries) को रेनिन (Renin) के स्रावण के लिए सक्रिय करती है, जो वृक्कीय रुधिर का प्रवाह, बढ़ाकर गुच्छ निस्यंद-दर को पुनः सामान्य कर देती है।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित कथनों को सही अथवा गलत में इंगित कीजिए –

  1. मूत्रण प्रतिवर्ती क्रिया द्वारा होता है।
  2. A.D.H. मूत्र को अल्पपरासरी बनाते हुए जल के निष्कासन में सहायक होता है।
  3. हेनले-लूप मूत्रण के सांद्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  4. बोमन-सम्पुट में रक्त प्लाज्मा से प्रोटीनरहित तरल निस्पंदित होता है।
  5. समीपस्थ संवलित नलिका (PCT) में ग्लूकोस सक्रिय रूप से पुनः अवशोषित होता है।

उत्तर:

  1. सही
  2. गलत
  3. गलत
  4. गलत
  5. सही।

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प्रश्न 4.
प्रतिधारा क्रियाविधि का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
स्तनधारी सांद्रित मूत्र का उत्पादन करते हैं। इस कार्य में हेनले लूप (Henle’s loop) तथा वासा इरेक्टा (Vasa erecta) महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं NaCI और यूरिया आदि का परिवहन, हेनले लूप तथा वासा इरेक्टा की विशेष व्यवस्था द्वारा सुगम बनाया जाता है, जिसे प्रतिधारा क्रियाविधि (Counter currentmechanism) कहते हैं।

यह क्रियाविधि मध्यांश के अंतरकोशीय की प्रवणता को बनाए रखती है। इस प्रकार की अंतरकोशीय प्रवणता संग्रहण नलिका (Collecting duct) द्वारा जल के सहज अवशोषण (Absorption) में योगदान करती है और निस्यंद (Filterate) का सांद्रण करती है।
हमारा वृक्क प्रारंभिक निस्यंद की अपेक्षा लगभग चार गुना अधिक सांद्र मूत्र उत्सर्जित करते हैं। यह निश्चित ही जल के ह्रास (Loss) को रोकने की मुख्य क्रियाविधि है।

प्रश्न 5.
उत्सर्जन में यकृत, फुफ्फुस तथा त्वचा का महत्व बताइए।
उत्तर:
यकृत-उत्सर्जन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह रुधिर के अतिरिक्त अमीनो अम्लों को ऑक्सीडेटिव डिएमीनेशन द्वारा अमोनिया और पाइरुविक अम्ल में बदल देता है। पाइरुविक अम्ल ऑक्सीकरण द्वारा ऊर्जा देता है जबकि अमीनो अम्ल को यकृत की कोशिकाएँ कम हानिकारक पदार्थ यूरिया में बदल देती है जिसे वृक्क रुधिर से अलग कर देता है।

MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 19 उत्सर्जी उत्पाद एवं उनका निष्कासन - 2

इसके अलावा यकृत पुरानी मृत R.B.Cs को परिसंचरण तंत्र से विखण्डित करके अलग कर देता है और इसके हीमोग्लोबिन को उपयोगी पित्त वर्णकों में बदल देता है। यह कोलेस्ट्रॉल के अलावा आंत्र से अवशोषित स्केटॉल तथा इण्डोल को भी कम हानिकारक पदार्थों में परिवर्तित करके रक्त परिवहन में मिला देता है, जो वृक्क द्वारा रुधिर से अलग कर दिये जाते हैं।त्वचा व फेफड़े सहायक उत्सर्जी अंग हैं –

त्वचा (Skin):
अन्य कार्यों के अलावा मनुष्य की त्वचा में तैलीय (Sebaceous) तथा स्वेद ग्रन्थियाँ (Sweat glands) पायी जाती हैं । ये ग्रंथियाँ अपने स्रावों क्रमश: सीबम (Sebum) तथा पसीने के साथ कुछ उत्सर्जी पदार्थों को भी शरीर से बाहर करती हैं, इस कारण त्वचा को उत्सर्जी अंग कहते हैं।

फफ्फुस / फेफड़ा (Lungs):
हमारे फेफड़े प्रतिदिन भारी मात्रा में CO2 (18 L/day) एवं जलवाष्प का प्रतिदिन निष्कासन करते हैं।

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प्रश्न 6.
मूत्रण की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
मूत्र उत्सर्जन की क्रिया मूत्रण (Urination) कहलाती है और इसे संपन्न करने वाली क्रियाविधि मूत्र-प्रतिवर्त कहलाती है। एक वयस्क मनुष्य प्रतिदिन औसतन 1-1.5 लीटर मूत्र उत्सर्जित करता है। मूत्र एक विशेष गन्ध वाला जलीय तरल है, जो रंग में हल्का पीला तथा थोड़ा अम्लीय (pH-6) होता है औसतन प्रतिदिन 25-30 ग्राम यूरिया का उत्सर्जन होता है। विभिन्न अवस्थाएँ मूत्र की विशेषताओं को प्रभावित करती हैं।

प्रश्न 7.
स्तंभ-I के बिन्दुओं का खण्ड स्तंभ-II से मिलान कीजिएस्तंभ –

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उत्तर:

  1. (c) अस्थिल मछलियाँ
  2. (e) वृक्क नलिका।
  3. (d) मूत्राशय
  4. (a) पक्षी
  5. (b) जल का पुनः अवशोषण

प्रश्न 8.
परासरण नियमन का अर्थ बताइये।
उत्तर:
परासरण नियमन का अर्थ-जीव शरीर या कोशिका या रुधिर में उपस्थित जल की मात्रा का परासरण की क्रिया द्वारा नियन्त्रण परासरण नियन्त्रण (Osmoregulation) कहलाता है। हमारे शरीर में यह कार्य वृक्क द्वारा किया जाता है, शेष जन्तु भी इस कार्य को उत्सर्जी अंगों के द्वारा ही करते हैं।

प्रश्न 9.
स्थलीय प्राणी सामान्यतया यूरिया या यूरिक अम्ल उत्सर्जित करते हैं तथा अमोनिया का उत्सर्जन नहीं करते हैं, क्यों?
उत्तर:
जल की हानि को रोकने के लिए स्थलीय प्राणी यूरिया या यूरिक अम्ल का उत्सर्जन करते हैं, अमोनिया का उत्सर्जन जलीय जीवों के द्वारा किया जाता है। शुष्क वातावरण में रहने वाले जन्तुओं के शरीर में उपापचयी क्रियाओं में बनी अमोनिया को यकृत कोशिकाओं द्वारा यूरिक अम्ल में बदल दिया जाता है, इसके बाद इस यूरिक अम्ल को शरीर से बाहर किया जाता है। यह यूरिक अम्ल न ही विषैला होता है और न ही जल में घुलनशील।

जल में अघुलनशील होने के कारण यूरिकोटेलिज्म उत्सर्जन करने वाले जन्तुओं में उत्सर्जन के कारण जल की हानि अपेक्षाकृत कम होती है और इसे ठोस रवों (Crystals) के रूप में जल की बहुत कम मात्रा के साथ मूत्र के रूप में उत्सर्जित किया जाता है। ये जन्तु कुछ यूरिक अम्ल को मल के साथ भी बाहर करते हैं। यूरिकोटेलिज्म उत्सर्जन करने वाले जन्तुओं को यूरिकोटेलिक जन्तु (Urecotelic animals) कहते हैं। वास्तव में इन जन्तुओं में यह उत्सर्जन शुष्क वातावरण के लिए एक रूपान्तरण है, जिसके द्वारा ये जल हानि को रोकते हैं।

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प्रश्न 10.
वृक्क के कार्य में जक्स्टा गुच्छ उपकरण (JGA) का क्या महत्व है ?
उत्तर:
जब शरीर में पानी की कमी होती है, तब वृक्क अधिक गाढ़े और कम मात्रा में मूत्र का उत्सर्जन करके शरीर से जल हानि को रोकता है । इस क्रिया का श्रेय जक्स्टा मेडुलरी वृक्क नलिकाओं को जाता है। शरीर में वैसोप्रेसिन के अधिक स्रावण के फलस्वरूप ही यह क्रिया होती है । इस क्रिया को वृक्क एक विशिष्ट प्रक्रिया द्वारा सम्पन्न करता है, जिसे प्रति प्रवाह प्रक्रिया (Counter current mechanism) कहते हैं।

प्रश्न 11.
नाम का उल्लेख कीजिए –

  1. एक कशेरुकी, जिसमें ज्वाला कोशिकाओं द्वारा उत्सर्जन होता है।
  2. मनुष्य के वृक्क के वल्कुट के भाग, जो मध्यांश के पिरामिड के बीच से रहते हैं।
  3. हेनले-लूप के समानांतर उपस्थित कोशिका का लूप।

उत्तर:

  1. प्लेनेरिया।
  2. बर्टीनी स्तंभ (Column of Bertini)।
  3. यू (U) आकार की संरचना वासा इरेक्टा बनाती है।

प्रश्न 12.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिये –

  1. हेनले-लूप की आरोही भुजा जल के लिए ………..जबकि अवरोही भुजा इसके लिए …….. है।
  2. वृक्क नलिका के दूरस्थ भाग द्वारा जल का पुनरावशोषण …………….. हॉर्मोन द्वारा होता है।
  3. अपोहन द्रव में …………….. पदार्थ के अलावा रक्त प्लाज्मा के अन्य सभी पदार्थ उपस्थित होते हैं।
  4. एक स्वस्थ वयस्क मनुष्य द्वारा औसतन ……………… ग्राम यूरिया का प्रतिदिन उत्सर्जन होता है।

उत्तर:

  1. अपारगम्य (Impermeable), पारगम्य (Permeable)
  2. एण्टी-डाइयूरेटिक एंजाइम (ADH)
  3.  नाइट्रोजन अपशिष्ट (Nitrogenous wastes)
  4. 25 – 30.

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उत्सर्जी उत्पाद एवं उनका निष्कासन अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

उत्सर्जी उत्पाद एवं उनका निष्कासन वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
सही विकल्प चुनकर लिखिए –
1. यूरीनीफेरस नलिका में होते हैं –
(a) साधारण घनाकार एपीथीलियम ऊतक
(b) साधारण सीलियायुक्त एपीथीलियम
(c) स्क्वैमस एपीथीलियम
(d) स्ट्रेटीफाइड एपीथीलियम।
उत्तर:
(b) साधारण सीलियायुक्त एपीथीलियम

2. परानिस्यन्दन किस कारण होता है –
(a) ऑस्मोटिक सान्द्रता
(b) ग्लोमेरुलस हाइग्रोस्टेटिक दाब
(c) रुधिर परिवहन
(d) स्रावण।
उत्तर:
(b) ग्लोमेरुलस हाइग्रोस्टेटिक दाब

3. स्तनधारी वृक्क में बोमन सम्पुट कहाँ स्थित होते हैं –
(a) मेडुला में
(b) कॉर्टेक्स में
(c) पेल्विस में
(d) हाइलम में।
उत्तर:
(b) कॉर्टेक्स में

4. जब A.D.H. की मात्रा कम होती है तो मूत्र विसर्जन की दर –
(a) कम होती है
(b) बढ़ती है
(c) वैसी ही रहती है
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(b) बढ़ती है

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5. निम्न में से कौन-सा भाग प्रोटोजोआ संघ की संकुचनशील रिक्तिका के कार्य के समरूप होता है –
(a) पसीना ग्रन्थियाँ
(b) वृक्क
(c) हृदय
(d) आहारनाल।
उत्तर:
(b) वृक्क

6. स्तनियों का मुख्य उत्सर्जी पदार्थ होता है –
(a) अमीनो अम्ल
(b) अमोनिया
(c) यूरिया
(d) यूरिक अम्ल।
उत्तर:
(c) यूरिया

7. यूरिया की सबसे कम मात्रा किसमें होती है –
(a) पल्मोनरी शिरा में
(b) यकृतीय धमनी में
(c) निवाहिका शिरा में
(d) वृक्कीय शिरा में।
उत्तर:
(d) वृक्कीय शिरा में।

8. मनुष्य के मूत्र में प्रोटीन उपापचय से बने वर्ण्य पदार्थ होते हैं –
(a) यूरेसिल, अमोनिया, यूरिया
(b) यूरिया, यूरिक अम्ल, सोडियम क्लोराइड
(c) यूरिया, मिलैनिन, ग्वानीन
(d) यूरिया, यूरिक अम्ल, क्रिएटिनिन।
उत्तर:
(d) वृक्कीय शिरा में।

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9. ग्लोमेरुलर निस्यन्द होता है –
(a) रुधिराणु रहित रुधिर
(b) जल, अमोनिया, रुधिराणुओं का मिश्रण
(c) रुधिराणु एवं प्लाज्मा प्रोटीन रहित रुधिर
(d) मूत्र।
उत्तर:
(c) रुधिराणु एवं प्लाज्मा प्रोटीन रहित रुधिर

10. स्तनी प्राणियों की उदर गुहा में दोनों वृक्क अनियमित स्थिति में होते हैं, बायाँ वृक्क कुछ पीछे या पश्च स्थित होता है। यह किसकी उपस्थिति के कारण होता है –
(a) स्प्लीन के
(b) आमाशय के
(c) सीकम तथा कोलन के
(d) बड़े मलाशय के।
उत्तर:
(b) आमाशय के

11. स्तनधारी के वृक्क में बोमन सम्पुट कहाँ स्थित होते हैं –
(a) मेडुला में
(b) कॉर्टेक्स में
(c) पेल्विस में
(d) हाइलम में।
उत्तर:
(b) कॉर्टेक्स में

12. डाइयूरेसिस अवस्था जिसमें –
(a) मूत्र की मात्रा बढ़ जाती है
(b) मूत्र की मात्रा घट जाती है
(c) वृक्क मूत्र निर्माण बन्द कर देते हैं
(d) रुधिर का जल आयतन समाप्त हो जाता है।
उत्तर:
(a) मूत्र की मात्रा बढ़ जाती है

13. वृक्क बहुत सूक्ष्म कोशिकाओं तथा नलिकाओं का बना होता है जो कहलाती है –
(a) ऐक्जॉन्स
(b) डेण्ड्रॉन
(c) न्यूरॉन्स
(d) नेफ्रॉन्स।
उत्तर:
(d) नेफ्रॉन्स।

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14. मानव मूत्र में यूरिया किसके टूटने से बनता है –
(a) ग्लूकोज के
(b) अमीनो अम्ल के
(c) वसा के
(d) यूरिक अम्ल के।
उत्तर:
(d) यूरिक अम्ल के।

15. वृक्क में जल का पुनः अवशोषण किस हॉर्मोन के नियन्त्रण में होता है –
(a) STH के
(b)ACTH के
(c) LH के
(d) ADH के।
उत्तर:
(d) ADH के।

16. सामान्य अवस्था में वृक्क नलिकाओं द्वारा कौन-सा पदार्थ पुनः पूर्णरूप से अवशोषित कर लिया जाता है –
(a) यूरिया
(b) यूरिक अम्ल
(c) लवण
(d) ग्लूकोज।
उत्तर:
(d) ग्लूकोज।

17. वृक्कों द्वारा रुधिर के संगठन के नियन्त्रण को सन्तुलित करने की क्रिया कहलाती है –
(a) ऑस्मोरेगुलेशन
(b) होमियोस्टेसिस
(c) कन्जरवेशन
(d) प्रभावी फिल्टरन।
उत्तर:
(b) होमियोस्टेसिस

18. केशिका गुच्छ के उत्सर्जी पदार्थों का निस्यन्द होता है –
(a) अवशोषण द्वारा
(b) परासरण द्वारा
(c) विसरण द्वारा
(d)अतिसूक्ष्म निस्यन्द द्वारा।
उत्तर:
(d)अतिसूक्ष्म निस्यन्द द्वारा।

19. स्तनी में हेनले का लूप वृक्क नलिकाओं का भाग है जो पाये जाते हैं –
(a) मेडुला में
(b) कॉर्टेक्स में
(c) पेल्विस में
(d) विर्डर नाल में।
उत्तर:
(a) मेडुला में

20. मनुष्य का वृक्क होता है –
(a) प्रोनेफ्रॉन
(b) मीसोनेफ्रॉन
(c) मेटानेफ्रॉन
(d) ओपिस्थोनेफ्रॉन।
उत्तर:
(c) मेटानेफ्रॉन

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प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिये –

  1. जलीय जन्तु नाइट्रोजनी उत्सर्जी पदार्थों को ……………. के रूप में बाहर छोड़ते हैं।
  2. मूत्र के निर्माण की प्रक्रिया को बढ़ाने वाले पदार्थ ………….. कहलाते हैं।
  3. शरीर से उत्सर्जी पदार्थों को कृत्रिम रूप से बाहर करना ……………. कहलाता है।
  4. ……………. मूत्र के सान्द्रण हेतु उत्तरदायी होता है।
  5. मूत्र का पीला रंग ……………. नामक वर्णक के कारण होता है।
  6. यूरिया का निर्माण ……………. में होता है।
  7. वृक्कों की क्रियात्मक इकाइयाँ ……………. होती हैं।
  8. झींगा का उत्सर्जन अंग …………… है।
  9. केंचुए का उत्सर्जन अंग …………. है।
  10. जब मूत्र में जल और सोडियम की मात्रा बढ़ जाती है तो इसे ………….. रोग कहते हैं।

उत्तर:

  1. अमोनिया
  2. डाइयूरेटिक्स
  3. हीमोडायलिसिस
  4. हेनले लूप
  5. बिलिरुबिन
  6. यकृत
  7. नेफ्रॉन
  8. ग्रीन लैण्ड
  9. नेफ्रीडिया
  10. एडीसन।

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प्रश्न 3.
उचित संबंध जोडिए –
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उत्तर:

  1. (d) पित्त रस
  2. (a) यूरिकोटेलिक
  3. (e) यूरिया
  4. (b) ग्रीन ग्रंथि
  5. (c) वृक्क

प्रश्न 4.
एक शब्द में उत्तर दीजिए –

  1. मूत्र में उपस्थित वर्णक का नाम बताइये।
  2. मूत्र में सोडियम एवं पोटैशियम के उत्सर्जन को कौन-सा पदार्थ नियन्त्रित करता है ?
  3. मूत्र के आयतन को नियन्त्रित करने वाले कारक कौन-से हैं ?
  4. हाइड्रा के उत्सर्जन अंग का नाम लिखिए।
  5. वृक्क नलिका के उस भाग का नाम बताइए जो A.D.H. द्वारा उत्तेजित होता है।
  6. उस हॉर्मोन का नाम बताइए जो नेफ्रॉन में मूत्र निर्माण को नियन्त्रित करता है।
  7. मनुष्य के प्रमुख उत्सर्जी पदार्थों के नाम बताइए।
  8. हेनले लूप क्या है ?
  9. उस धमनी का नाम बताइए जो वृक्क में रक्त ले जाती है।
  10. यूरिया का निर्माण कहाँ होता है ?
  11. कॉकरोच के उत्सर्जी अंग का नाम लिखिए।
  12. वृक्क की संरचनात्मक इकाई क्या है ?
  13. यूरिया का निर्माण यकृत में किस रासायनिक चक्र द्वारा होता है ?
  14. प्रोटीन के डी-एमीनेशन से कौन-सा पदार्थ बनता है ?
  15. प्रॉन के उत्सर्जी अंग का नाम लिखिए।

उत्तर:

  1. यूरोक्रोम
  2. एल्डोस्टीरॉन
  3. वैसोप्रेसिन हॉर्मोन
  4. शरीर की कोशिकाएँ
  5. दूरस्थ कुंडलित नलिका
  6. वैसोप्रेसिन
  7. यूरिया
  8. नेफ्रॉन की U आकार की नलिका
  9. रीनल आर्टरी
  10. यकृत
  11. मैल्पीघी नलिकाएँ
  12. नेफ्रॉन
  13. आर्निथीन चक्र द्वारा
  14. अमोनिया
  15. ग्रीन
  16. ग्लैण्ड।

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उत्सर्जी उत्पाद एवं उनका निष्कासन अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
यूरियोटेलिक जन्तुओं में इस उत्सर्जन के महत्व को समझाइए।
उत्तर:
इस प्रकार के उत्सर्जन में जन्तु नाइट्रोजनी उत्सर्जी पदार्थों को यूरिया के रूप में उत्सर्जित करते हैं। यूरिया प्रकृति में अन्य उत्सर्जी पदार्थों के अनुपात में कम हानिकारक होती है। इस प्रकार उत्सर्जन या तो जलीय जन्तुओं में या उन स्थानीय जन्तुओं में पाया जाता है, जिनको जल के संरक्षण की आवश्यकता नहीं होती अर्थात् उन जन्तुओं में यह उत्सर्जन एक प्रकार से उपर्युक्त परिस्थितियों के लिए अनुकूलन है।

प्रश्न 2.
यूरिया के स्थान पर यूरिक अम्ल का उत्सर्जन पक्षियों एवं सरीसृपों के लिए ज्यादा उपयोगी है, क्यों?
उत्तर:
यूरिक अम्ल तथा इसके लवण अपेक्षाकृत कम विषैले तथा जल में अघुलनशील होते हैं। इस कारण इनका उत्सर्जन ठोस रूप में किया जाता है। फलत: जल की हानि नहीं होती जबकि यूरिया के उत्सर्जन में जल की हानि होती है। इस प्रकार पक्षियों तथा सरीसृपों में यूरिक अम्ल का उत्सर्जन जल की हानि को रोकने का एक रूपान्तरण है।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित जन्तुओं के उत्सर्जी अंगों के नाम लिखिए –

  1. प्रोटोजोआ
  2. सीलेन्ट्रेट्स
  3. मोलस्क
  4. ऑर्थोपोड्स
  5. एनीलिडा।

उत्तर:

  1. प्रोटोजोआ-संकुचनशील धानियाँ, प्लाज्मा झिल्ली।
  2. सीलेन्ट्रेट्स-कोशिका झिल्ली से सीधा विसरण।
  3. मोलस्क-रीनल अंग या वृक्क।
  4. ऑर्थोपोड्स-मैल्पीषियन नलिकाएँ।
  5. एनीलिडा–नेफ्रीडिया।

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प्रश्न 4.
ऊँट में कूबड़ क्यों पाया जाता है ?
उत्तर:
ऊँट में कूबड़ पाया जाता है, जिसमें काफी मात्रा में वसा संगृहीत होती है। इसी वसा में जल संचित रहता है। मरुस्थलीय जन्तु होने के कारण जल उपलब्ध नहीं होने पर वसा के विघटन से प्राप्त जल शारीरिक क्रियाओं के काम आता है। इस प्रकार कूबड़, ऊँट में जल की कमी को पूरा करने के लिए एक अनुकूल है।

प्रश्न 5.
शरीर के किस अंग के द्वारा अमोनिया को यूरिया में परिवर्तित किया जाता है ?
उत्तर:
यकृत।

प्रश्न 6.
यदि किसी मनुष्य के यकृत में डी-एमीनेशन की क्रिया बन्द कर दी जाये तो उत्सर्जन की क्रिया पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर:
अमोनिया का आगे यूरिया में परिवर्तित होकर शरीर से बाहर निकलना बन्द हो जाएगा, क्योंकि छोटी आँत से यकृत में आयी हुई अमीनो अम्ल की अधिक मात्रा से अमीनो भाग को हटाकर शर्करा का निर्माण बन्द हो जाएगा, फलतः पायरुविक अम्ल और अमोनिया का बनना बन्द हो जाएगा। इस प्रकार इस क्रिया के कारण हमारे शरीर की दूसरी जैविक क्रियाएँ भी प्रभावित होंगी और शरीर में हानिकारक पदार्थ एकत्रित होते रहेंगे।

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उत्सर्जी उत्पाद एवं उनका निष्कासन लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
दूरस्थ कुण्डलित तथा संग्राहक कुण्डलित नलिका की पारगम्यता किस प्रकार नियन्त्रित की जाती है ? जिसके कारण शरीर में जल की मात्रा का नियन्त्रण किया जाता है।
उत्तर:
जब हमारे शरीर में जल की मात्रा अधिक होती है, तब वृक्क के नेफ्रॉन्स इसे रुधिर से अवशोषित करके मूत्र को तनु और अधिक मात्रा में बनाते हैं, लेकिन जब शरीर में जल की मात्रा कम हो जाती है तब वृक्क नलिकाएँ जल अवशोषण को कम कर देती हैं, जिससे मूत्र कम तथा गाढ़ा हो जाता है। मूत्र की प्रकृति में ये परिवर्तन नेफ्रॉन्स की दूरस्थ कुण्डलित नलिकाओं और संग्रह नलिकाओं की पारगम्यता में परिवर्तन के कारण पैदा होते हैं और इनकी पारगम्यता का नियन्त्रण दो हॉर्मोनों के द्वारा किया जाता है।

पहला हॉर्मोन ऐल्डोस्टीरॉन (Aldosteron) है, जो वृक्क नलिकाओं के निस्यद (Filtrate) से Na’ के पुनः अवशोषण को बढ़ाता है, जिससे शरीर के आन्तरिक वातावरण में Na’ की उचित मात्रा बनी रहे। दूसरा हॉर्मोन वैसोप्रेसिन (Vasopressin) मूत्र की तनुता और सान्द्रता का नियन्त्रण करता है । ऐल्डोस्टीरॉन का निर्माण ऐड्रीनल ग्रन्थि के कॉर्टेक्स तथा वैसोप्रेसिन का निर्माण पीयूष ग्रन्थि की पश्च पालि में होता है।

प्रश्न 2.
वृक्क के किन्हीं चार कार्यों को लिखिए।
उत्तर:
वृक्क का मुख्य कार्य नाइट्रोजन युक्त उत्सर्जी पदार्थों को शरीर से बाहर निकालना है। इसके अलावा ये निम्नलिखित कार्यों का भी सम्पादन करते हैं
1. जल सन्तुलन (Water balance):
वृक्क शरीर में जल की मात्रा को सन्तुलित बनाये रखने का कार्य करते हैं। ये जल की अतिरिक्त मात्रा को शरीर से बाहर निकालते हैं।

2. लवण संतुलन (Salt balance)
अतिरिक्त लवणों को भी वृक्क मूत्र के साथ बाहर निकाल देते हैं। इस प्रकार रुधिर में आवश्यकता से अधिक लवण नहीं हो पाते।

3. अम्ल-क्षार सन्तुलन (Acid-Base balance)
वृक्क शरीर में अम्ल-क्षार का सन्तुलन बनाये रखते हैं।

4. हानिकारक पदार्थों का संतुलन (Balance of harmful substances)
वृक्क शरीर में अनावश्यक रूप से उत्सर्जी पदार्थों, जैसे-विष, दवाइयों इत्यादि को भी मूत्र के साथ बाहर निकालते हैं और इस प्रकार हानिकारक पदार्थों का संतुलन बनाये रखते हैं।

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प्रश्न 3.
नेफ्रॉन का चित्र बनाकर निम्न को नामांकित कीजिये –
(1) ग्लोमेरुलस
(2) बोमेन्स कैप्सूल
(3) हेनले का लूप
(4) संग्रहण नलिका।
अथवा
मनुष्य के नेफ्रॉन का नामांकित चित्र बनाइये।
उत्तर:

MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 19 उत्सर्जी उत्पाद एवं उनका निष्कासन - 4

टीप:
तारांकित स्थानों पर नामांकन दिखाया गया है।

प्रश्न 4.
ऐल्डोस्टीरॉन का क्या कार्य है ? समझाइए।
उत्तर:
ऐल्डोस्टीरॉन हॉर्मोन ऐड्रीनल ग्रन्थि द्वारा स्रावित होता है। यह रुधिर में Na+ आयन की मात्रा को नियन्त्रित करता है। पुनः अवशोषण का नियन्त्रण रेनिन (Renin) हॉर्मोन द्वारा होता है, जो कि वृक्क द्वारा स्रावित होता है। रेनिन हॉर्मोन द्वारा ऐन्जियोटेन्सिनोजन का एन्जियोटेन्सिन (Angiotensin) में परिवर्तित करता है। ऐन्जियोटेन्सिन ऐड्रीनल कॉर्टेक्स में ऐल्डोस्टिरॉन के स्रावण को उत्प्रेरित करता है।

प्रश्न 5.
नेफ्रोस्टोम (Nephrostome) क्या है ? इसकी कार्यविधि को समझाइए।
उत्तर:
यह कीप के समान संरचना है, जिसके मुख पर रोम पाये जाते हैं। इसकी चौड़ी शिरा देहगुहा एवं सँकरी शिरा वृक्क शिराओं में खुलती है। मुख में उपस्थित रोम की गति से देहगुहा का द्रव वृक्क शिरा (Renal vein) में आता है। नेफ्रोस्टोम मेढक की भ्रूणीय अवस्था में पाये जाते हैं जो बाद में नष्ट हो जाते हैं।

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प्रश्न 6.
होमियोस्टेसिस एवं डाइयूरेसिस से क्या समझते हैं ?
उत्तर:
होमियोस्टेसिस (Homeostasis):
शरीर के अंदर के वातावरण को स्थायी एवं नियन्त्रित बनाये रखना होमियोस्टेसिस कहलाता है। नेफ्रॉन या वृक्क नलिकाओं द्वारा स्थायी नियन्त्रण बना रहता है। इनके द्वारा जल, खनिज लवण एवं अन्य पोषक पदार्थों का अवशोषण होता है एवं उत्सर्जी पदार्थों को शरीर से बाहर करती हैं।

डाइयूरेसिस (Diuresis)-मूत्र स्रावण की मात्रा बढ़ जाने की क्रिया को डाइयूरेसिस कहते हैं। ऐसे पदार्थ जो मूत्र स्रावण की मात्रा बढ़ाते हैं, वे डाइयूरेटिक (Diuretic) पदार्थ कहलाते है। यूरिया एक प्रकार का डाइयूरेटिक है, जो कि मूत्र स्रावण को बढ़ा देता है। ग्लूकोज, कैफीन भी डाइयूरेटिक पदार्थ हैं।

उत्सर्जी उत्पाद एवं उनका निष्कासन दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
मनुष्य के वृक्क की संरचना को संक्षेप में समझाइए।
उत्तर:
वृक्क की बाह्य संरचना (External structure of kidney):
वृक्क कशेरुक दण्ड के नीचे उदर में स्थित सेम के बीज के समान संरचना है, जिसकी लम्बाई 10 cm एवं चौड़ाई 6 cm होती है। इसका भार लगभग 150 gm होता है। वृक्क मनुष्य का मुख्य उत्सर्जी अंग है। वृक्क के दोनों ओर ऐड्रीनल ग्रन्थियाँ पायी जाती हैं। वृक्कों द्वारा रुधिर में उपस्थित पदार्थ पृथक् किये जाते हैं, जिसे मूत्र द्वारा शरीर के बाहर कर दिया जाता है। वृक्क के अंदर अवतल किनारा हाइलम कहलाता है। इस स्थान से मूत्रवाहिनी एवं वृक्क शिरा बाहर निकलती हैं और वृक्क धमनी प्रवेश करती है।

वृक्क की आंतरिक संरचना (Inter to Urinary bladder nal structure of kidney):
वृक्क की आंतरिक संरचना में दो भाग स्पष्ट दिखाई देते हैं-बाहरी भाग कॉर्टेक्स (Cortex) तथा भीतरी भाग मेड्यूला (Medulla) कहलाता है। मेड्यूला (Medulla) से घिरे मूत्र वाहिनी के विस्तृत भाग को वृक्क श्रेणी या पेल्विस कहते हैं। वृक्क में अनेक कुण्डलित इकाइयाँ (नलियाँ) पायी जाती हैं, जिन्हें वृक्क नलिकाएँ कहते हैं। प्रत्येक वृक्क नलिका (Uriniferous tubular) का आरम्भ मेड्यूला भाग से होता है।

इनके सिरे पर एक प्याली जैसी रचना बोमेन सम्पुट (Bowman capsule) होती है, जिसमें रक्त केशिकाओं का जाल ग्लोमेरुलस (Glomerulus) होता है। ग्लोमेरुलस का निर्माण एक अभिवाही धमनी (Afferent arteriole) द्वारा होता है, जो अपवाही धमनिका (Efferent arteriole) के रूप में बोमेन सम्पुट से बाहर निकलती है यह वृक्क के चारों ओर एक जाल बनाती है। ये केशिकाएँ आपस में मिलकर सूक्ष्म शिराएँ (Venules) बनाती हैं, जो मिलकर वृक्क शिरा (Renal vein) के रूप में बाहर निकलती हैं।

केशिका गुहा का निर्माण करने वाली धमनिकाएँ वृक्क धमनी (Renal artery) की शाखाएँ होती हैं। वृक्क नलिकाएँ संग्राहक नलिकाओं में खुलती हैं। यहीं मूत्र एकत्रित होता है। संग्रह नलिकाएँ ही मिलकर मूत्र वाहिनियों का निर्माण करती हैं। दोनों वृक्कों से आने वाली मूत्र वाहिनियाँ (Ureter) पीछे की ओर अलग-अलग छिद्रों द्वारा मूत्राशय में खुलती है।

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है। यह यूरिक अम्ल न ही विषैला होता है और न ही जल में घुलनशील। जल में अघुलनशील होने के कारण यूरिकोटेलिज्म उत्सर्जन करने वाले जन्तुओं में उत्सर्जन के कारण जल की हानि अपेक्षाकृत कम होती है और इसे ठोस रवों (Crystals) के रूप में जल की बहुत कम मात्रा के साथ मूत्र के रूप में उत्सर्जित किया जाता है । ये जन्तु कुछ यूरिक अम्ल को मल के साथ भी बाहर करते हैं।

यूरिकोटेलिज्म उत्सर्जन करने वाले जन्तुओं को यूरिकोटेलिक जन्तु (Urecotelic animals) कहते हैं। वास्तव में इन जन्तुओं में यह उत्सर्जन शुष्क वातावरण के लिए एक रूपान्तरण है, जिसके द्वारा ये जल हानि को रोकते हैं।

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प्रश्न 2.
मूत्र निर्माण की क्रियाविधि का विस्तृत वर्णन कीजिए।
उत्तर:
शरीर में उपस्थित उपापचयी हानिकारक पदार्थों को बाहर करने की क्रिया को उत्सर्जन कहते हैं। नाइट्रोजन युक्त pressure उपापचयी उत्सर्जी पदार्थों का उत्सर्जन मूत्र के । रूप में होता है। वृक्क प्रमुख उत्सर्जी अंग है, जिसमें कार्यात्मक इकाई नेफ्रॉन उपस्थित रहता है। 30 mm Hg वृक्क के अंदर ही मूत्र (Urine) का निर्माण होता है।

मूत्र निर्माण की क्रियाविधि (Mecha Renal intratubular nism of urine formation):
यकृत में यूरिया का निर्माण होता है एवं रुधिर में पहुँचकर वक्क नलिकाओं में पहुँचता है। वक्क नलिकाओं द्वारा चित्र-अतिसूक्ष्म निस्यन्दन का भित्तीय प्रदर्शन मूत्र का निर्माण तीन भौतिक विधियों द्वारा होता है –

  1. अतिसूक्ष्म निस्यन्दन (Ultrafiltration)
  2. पुनः अवशोषण (Reabsorption)
  3. स्रावण (Secretion)।

1. अतिसूक्ष्म निस्यन्दन (Ultrafiltration):
यह क्रिया वृक्क के बोमेन कैप्स्यूल में होती है। ग्लोमेरुलस एवं बोमेन कैप्स्यूल की भित्तियाँ आपस में सटी-सटी रहती हैं, जो कि छानने का कार्य करती हैं। अभिवाही धमनी से रुधिर जब ग्लोमेरुलस में आता है तो इसका दाब काफी बढ़ जाता है, क्योंकि अपवाही धमनी का व्यास कम होता है। ग्लोमेरुलस में रुधिर दाब को द्रवस्थैतिक दाब (Hydrostatic Pressure) कहते हैं। यह दाब 70 mm Hg होता है।

इस दाब के कारण रुधिर में उपस्थित यूरिया, यूरिक अम्ल, ग्लूकोज, लवण एवं अन्य पदार्थ विसरित होकर बोमेन सम्पुट में आ जाते हैं। छनित द्रव को ग्लोमेरुलस निस्यन्द (Glomerulus filtrate) कहते हैं। मनुष्य में प्रभावी निस्यन्दन दाब 10 mm Hg होता है जिससे छानने की क्रिया होती है। मानव में 125ml छनित द्रव दोनों वृक्कों से प्रति मिनट बनता है। एक दिन में लगभग 180 लीटर छनित द्रव प्राप्त होता है, जिसमें 0.8% ही मूत्र के रूप में परिवर्तित होता है।

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2. पुनः अवशोषण (Reabsorption):
जैसा कि हम देखते हैं कि वर्ण्य या उत्सर्जी पदार्थों के साथ कुछ उपयोगी पदार्थों जैसे-ग्लूकोज, जल तथा लवण को भी ग्लोमेरुलस द्वारा छानकर अलग कर दिया जाता है। चूंकि ये पदार्थ शरीर के लिए उपयोगी होते हैं। अतः इन्हें मूत्र के साथ बाहर न करके पुनः अवशोषित कर लिया जाता है। वृक्क नलिकाओं के चारों तरफ रीनल धमनिका तथा रीनल शिराओं का जाल बिछा होता है, जब रुधिर से छना भाग कुण्डलित वृक्क नलिकाओं से गुजरता है तो वृक्क नलिकाओं की एपिथीलियल कोशिकाएँ इन उपयोगी पदार्थों को अवशोषित कर लेती हैं तथा इसे रुधिर कोशिकाओं में डाल देती हैं।

यहाँ पर पानी की अधिकांश मात्रा (लगभग 90%) भी अवशोषित कर ली जाती है, जिससे वृक्क नलिका का शेष द्रव गाढ़ा हो जाता है, अब इसे मूत्र कहते हैं। इससे कुछ जल, यूरिया तथा कुछ लवण घुले होते हैं। यह मूत्र संग्रह नलिकाओं, संग्रह वाहिनियों और मूत्र वाहिनी से होता हुआ मूत्राशय में एकत्र किया जाता है।

मूत्राशय की दीवार पारदर्शक तथा बाहर की ओर एपिथीलियम तथा बीच में अरेखित पेशियों व संयोजी ऊतकों की बनी होती है। जब ये अरेखित पेशियाँ संकुचित होती हैं तो मूत्र मूत्रमार्ग से होता हुआ शरीर से बाहर चला जाता है।
पुनः अवशोषण की क्रिया नेफ्रॉन या वृक्क नलिका के लावी भाग में होती है।

3. स्त्रावण (Secretion):
ग्लोमेरुलस में छनन के बावजूद रुधिर में कुछ उत्सर्जी पदार्थ शेष रह जाते हैं, जिन्हें वृक्क नलिका की दीवार की कोशिकाएँ अवशोषित कर लेती हैं, क्योंकि ग्लोमेरुलस से आने वाली कोशिकाएँ वृक्क नलिका के चारों तरफ जाल के रूप में स्थित होती हैं । वृक्क नलिका द्वारा अवशोषित ये वर्ण्य पदार्थ वृक्क नलिका की कोशिकाओं से विसरित होकर नलिका के मूत्र में शामिल हो जाते हैं। इस क्रिया को स्रावण कहते हैं।

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए –

  1. नेफ्रिडियम
  2. हरित ग्रन्थि।

उत्तर:
(1) नेफ्रिडियम (Nephridium):
यह एक उत्सर्जी अंग है, जो ऐनीलिडा संघ के जन्तुओं में पाया जाता है। नेफ्रिडियम, नेफ्रोस्टोम व शीर्षस्थ वाहिनी (Terminal duct) से मिलकर बना होता है। नेफ्रोस्टोम एक सिलिएटेड फनल द्वारा देहगुहा में खुलता है। नेफ्रोस्टोम के पीछे एक छोटी तथा सँकरी नलिका होती है, जो नेफ्रोस्टोम को शीर्षस्थ वाहिनी से जोड़ती है इसे ग्रीवा कहते हैं।

नेफ्रोस्टोम का शरीर लम्बी कुण्डलित नली का बना होता है जिसे दो पालियों में बाँटा जा सकता है-सीधी lobe पालि (Straight lobe) तथा वयावृत पालि (twisted lobe) नेफ्रोस्टोम की ग्रीवा से शीर्ष उत्सर्जन नलिका (Terminal excretory duct) है, जो सेप्टल उत्सर्जी नाल (Septal excretory duct) में खुलती है।

यह नाल अपने ही ओर की सुप्राइन्टेस्टाइनल उत्सर्जी नाल (Supra -intestinal excretory duct ) में खुलती है जो आहारनाल में खुलती है। इस प्रकार प्रत्येक नेफ्रिडियम देहगुहा तथा रुधिर से उत्सर्जी पदार्थ एकत्रित करके आहारनाल द्वारा शरीर से बाहर निकाल देता है।

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(2) हरित ग्रन्थि (Green gland):
पैलीमोन आर्थोपोडा संघ के वर्ग क्रस्टेशिया का जन्तु हैं, जिसमें उत्सर्जी अंग हरित ग्रन्थि होती है। ये ऐण्टिनी में स्थित Glandular होते हैं। प्रत्येक हरित ग्रन्थि में एक एण्ड सैक (End sac), लेबिरिन्थ (Labyrinth) तथा आशय (Bladder) होते हैं। एण्ड सैक एक सेम के बीज के आकार की रचना है, जिसमें रुधिर रिक्तिकाएँ होती हैं।

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यहीं सर्वप्रथम Renal sac / मूत्र का निर्माण होता है, जो लेबिरिन्थ की नलिकाओं से होता हुआ आमाशय में पहुँचता है। आमाशय एक सूक्ष्म मूत्र नलिका (Ureter) से जुड़ा रहता है और छिद्र द्वारा बाहर खुलता है, जिसे वृक्क छिद्र (Renal pores) कहते हैं। आशय एक नलिका द्वारा वृक्क थैली (Renal sacs) से भी जुड़ता है।

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