MP Board Class 7th Social Science Solutions Chapter 28 एशिया महाद्वीप : भौगोलिक स्वरूप
MP Board Class 7th Social Science Chapter 28 अभ्यास प्रश्न
प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(1) संसार का सबसे बड़ा महाद्वीप” ………..”है।
(2) संसार की सबसे ऊँची चोटी ……………. है।
(3) एशिया के उत्तरी भाग के मैदान को ……………. का मैदान कहा जाता है।
(4) एशिया के मध्यवर्ती भाग में ……………… के पठार को ‘दुनिया की छत’ के नाम से भी जाना जाता है।
(5) शीतकाल में एशिया के …………… भाग में उच्च वायुदाब का क्षेत्र बन जाता है।
(6) …………. विश्व में सबसे अधिक वर्षा वाला स्थान है।
उत्तर:
(1) एशिया महाद्वीप
(2) माउण्ट एवरेस्ट
(3) साइबेरिया
(4) पामीर
(5) मध्य
(6) मौसिनराम (भारत)।
MP Board Class 7th Social Science Chapter 28 लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 2.
(1) एशिया महाद्वीप किन-किन महासागरों से घिरा है ?
उत्तर:
एशिया महाद्वीप पूर्व में प्रशान्त महासागर, उत्तर में आर्कटिक महासागर तथा दक्षिण में हिन्द महासागर से घिरा है।
(2) एशिया महाद्वीप के किन्हीं दो पर्वत एवं दो पठारों के नाम लिखिए।
उत्तर:
एशिया महाद्वीप के दो पर्वत-यूराल एवं हिमालय। एशिया महाद्वीप के दो पठार-पामीर का पठार, तिब्बत का पठार।
(3) एशिया महाद्वीप को कितने प्राकृतिक भागों में बाँटा जाता है? उनके नाम लिखिए।
उत्तर:
एशिया महाद्वीप को पाँच प्राकृतिक भागों में बाँटा जाता है –
- उत्तरी निम्न मैदान
- मध्यवर्ती पर्वतीय एवं पठारी क्षेत्र
- दक्षिणी प्रायद्वीपीय पठार
- नदियों के मैदान, तथा
- द्वीप समूह।
(4) एशिया महाद्वीप की जलवायु को प्रभावित करने वाले दो कारक बताइए।
उत्तर:
एशिया महाद्वीप की जलवायु को प्रभावित करने वाले कारक –
- मध्यवर्ती भाग में फैली उच्च पर्वतमालाएँ एवं पठार, तथा
- एशिया का बड़ा आकार तथा विस्तार।
(5) एशिया महाद्वीप के उत्तरी भाग तथा दक्षिणी भाग की वनस्पति के दो अन्तर बताइए।
उत्तर:
एशिया महाद्वीप के उत्तरी भाग तथा दक्षिणी भाग की वनस्पति में अन्तर
MP Board Class 7th Social Science Chapter 28 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 3.
(1) एशिया महाद्वीप के धरातलीय भागों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
उत्तर:
एशिया महाद्वीप को पाँच धरातलीय भागों में विभाजित किया जाता है –
(i) उत्तरी निम्न मैदान – इसे साइबेरिया का मैदान भी कहते हैं। यह पश्चिम में यूराल पर्वत, पूर्व में लीना नदी तथा दक्षिण में मध्यवर्ती पर्वतों के बीच फैला हुआ है। इस मैदान की ओब, लीना और येनीसी प्रमुख नदियाँ हैं।
(ii) मध्यवर्ती पर्वतीय क्षेत्र – उत्तरी मैदान के दक्षिण में तथा महाद्वीप के मध्यवर्ती भाग में कई पर्वत श्रृंखलाएँ हैं जो एक पठारी भू-भाग से बँधी हुई दिखाई देती हैं। यह ऊँचा पठारी भाग ‘पामीर के पठार’ के नाम से जाना जाता है, इसे “दुनिया की छत” भी कहते हैं। पामीर के पठार के पूर्व में तिब्बत का पठार है। यहाँ हिमालय पर्वत की सबसे ऊँची चोटी माउण्ट एवरेस्ट है, जिसे सागरमाथा भी कहते हैं। थ्यानश्यान और अल्ताई पर्वतमाला के मध्य ‘गोबी का मरुस्थल’ है।
(ii) दक्षिणी पठार – मध्यवर्ती पर्वतमालाओं के दक्षिण में दक्षिण दिशा की ओर फैले हुए प्राचीन शैलों से बने कुछ पठार हैं, ये तीन ओर से पानी से घिरे होने के कारण ‘प्रायद्वीप’ कहलाते हैं। इनमें अरब का पठार, दक्षिण-भारत का पठार, ईरान का पठार मुख्य हैं।
(iv) नदियों के मैदान-नदियों द्वारा लाकर जमा की गई मिट्टियों से बने मैदान प्रायः पूर्वी एवं दक्षिणी एशिया में पाए जाते हैं। पश्चिम एशिया में ये मैदान अरब, ईरान और इराक में दजला-फरात नदियों द्वारा बनाए गए हैं। दक्षिण एवं दक्षिण पूर्व एशिया में सिन्धु, गंगा-ब्रह्मपुत्र के मैदान, इरावदी, साल्विन नदियों के मैदान, याँगटिसीक्यांग और ह्वांगहो, मीनांग-मीकांग, अमूर-सर दरिया नदी मैदान प्रमुख मैदान हैं।
(v) द्वीप समूह-एशिया महाद्वीप के पूर्व तथा दक्षिण – पूर्व में तीन प्रमुख द्वीप समूह इण्डोनेशिया, फिलीपींस और जापान द्वीप समूह हैं। इनका मध्यवर्ती भाग पर्वतीय है, जिनके चारों ओर सँकरे तटीय मैदान हैं। इण्डोनेशिया द्वीप समूह, महाद्वीप का सबसे बड़ा द्वीप समूह है।
(2) एशिया महाद्वीप की जलवायु एवं वनस्पति का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
जलवायु:
एशिया की जलवायु को प्रभावित करने वाले मुख्य कारक एशिया का सबसे बड़ा आकार तथा विस्तार = एवं मध्य एशिया में फैली उच्च पर्वतमाला एवं पठार हैं। इस महाद्वीप का उत्तरी भाग वर्ष भर हिमाच्छादित रहता – है तथा दक्षिणी भाग गर्म व आर्द्र रहता है। एशिया महाद्वीप का अधिकांश भाग उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित है। ग्रीष्म ऋतु में सूर्य के – इस गोलार्द्ध में सीधे चमकने के कारण यहाँ का तापमान अधिक रहता है जिससे मध्य एशिया में निम्न वायुदाब का क्षेत्र बन जाता है। इसी समय हिन्द तथा प्रशान्त महासागर में उच्च वायदाब रहता है जिससे समुद्र से भाप भरी हवाएँ एशिया के मध्य भाग की ओर चलती हैं।
इन्हें दक्षिणी – पश्चिमी मानसूनी हवाएँ कहते हैं। इन्हीं हवाओं से यहाँ वर्षा होती है। एशिया महाद्वीप में सबसे अधिक वर्षा वाला स्थान मौसिनराम (भारत) है। अक्टूबर-दिसम्बर में दक्षिणी गोलार्द्ध में सूर्य की किरणें तिरछी पड़ती हैं। अत: यहाँ शात ऋतु होती है। एशिया के मध्य भाग में तापमान गिरने से उच्च वायुदाब क्षेत्र तथा दक्षिणी क्षेत्र में निम्न वायुदाब क्षेत्र बन जाता है। अतः हवाएँ मध्य एशिया से दक्षिण एशिया की ओर चलती हैं जो वर्षा नहीं करती हैं। जिन स्थानों पर हवाएँ समुद्र पर से होकर जाती हैं वहाँ समुद्र के तटवर्ती _ भागों में वर्षा होती है। तमिलनाडु के तट पर इसी तरह की वर्षा शीत ऋतु में होती है।
वनस्पति – महाद्वीप के उत्तरी भाग में कड़ाके की ठण्ड पड़ती है अत: यहाँ ठण्ड को सहन करने वाली वनस्पति लिचेन, झरबेरी, काई आदि पायी जाती हैं। दक्षिण भाग साइबेरिया के मैदान में फर, चीड़, स्यूस जैसे वृक्षों वाली सदाबहार वनस्पति तथा महाद्वीप के मध्य एवं दक्षिण-पश्चिम भाग में मरुस्थली वनस्पति बबूल, खजूर, नागफनी व कँटीली झाड़ियाँ पायी जाती हैं। दक्षिण-पूर्वी एशिया में सागौन, साल, बाँस, चन्दन, आम, बरगद जैसे पतझड़ वन हैं।
मानचित्र कार्य:
निम्नांकित को एशिया के मानचित्र में दर्शाइए –
- पामीर का पठार
- दक्कन का पठार
- हिमालय पर्वत
- यूराल पर्वत
- गंगा नदी
- यांगटिसीक्यांग नदी
- साइबेरिया का मैदान
- गंगा-ब्रह्मपुत्र का मैदान
- इण्डोनेशिया द्वीप समूह
- जापान द्वीप समूह।