MP Board Class 6th Sanskrit Solutions Surbhi Chapter 14 जन्तुशाला
MP Board Class 6th Sanskrit Chapter 14 अभ्यासः
Jantushala In Sanskrit MP Board प्रश्न 1.
एक वाक्येन उत्तरं लिखत (एक वाक्य में उत्तर लिखो)
(क) वानरः कुत्र भ्रमति? (बन्दर कहाँ घूमता है?)
उत्तर:
वानरः पञ्जरे भ्रमति। (बन्दर पिंजड़े में घूमता है।)
(ख) कः उच्चैः गर्जति? (ऊँचे स्वर में कौन गरजता है?)
उत्तर:
सिंहः उच्चैः गर्जति। (शेर ऊँचे स्वर में गर्जना करता है।)
(ग) मकरः कुत्र वसति? (मगरमच्छ कहाँ रहता है?)
उत्तर:
मकरः जले वसति। (मगरमच्छ जल में रहता है।)
(घ) जन्तुशालायां कः नृत्यति? (जन्तुशाला में कौन नाचता है?)
उत्तर:
जन्तुशालायां मयूरः नृत्यति। (जन्तुशाला में मोर नाचता है।)
Mp Board Solution Class 6 Sanskrit प्रश्न 2.
रिक्तस्थानं पूरयत (रिक्त स्थान को पूरा करो)
(क) तव ………….. नमः।
(ख) मयूरः अस्माकं ………….. पक्षी अस्ति।
(ग) जन्तवः अस्माकं …………… सन्ति।
(घ) सिंहः ……….. गर्जति।
उत्तर:
(क) जनकाय जनन्यै च
(ख) राष्ट्रियः
(ग) मित्राणि
(घ) उच्चैः।
Class 6th Sanskrit Chapter 14 MP Board प्रश्न 3.
निम्नलिखिततालिकया वाक्यरचनां कुरुत (निम्नलिखित तालिका से वाक्य रचना कीजिए)
उत्तर:
- वानरः वृक्षे वसति।
- सिंहः उच्चैः गर्जति।
- अहम् खगान् अपश्यम्।
- सरोवरे कमलानि विकसन्ति।
- वृक्षेषु फलानि सन्ति।
Jantushala In Sanskrit In Hindi MP Board प्रश्न 4.
रिक्तस्थानं पूरयत (रिक्त स्थान को पूरा करे)
उत्तर:
- तरुः = (क) तरोः, (ख) तरुणाम्, (ग) तरौ।
- भानुः = (क) भानोः, (ख) भानूनाम्, (ग) भानौ।
- शिशुः = (क) शिशोः, (ख) शिशूनाम्, (ग) शिशौ।
Class 6th Subject Sanskrit Chapter 14 MP Board प्रश्न 5.
त्वं संदीपः असि। तव मित्रम् अस्ति सुनीलः। तव विद्यालयस्य वार्षिकोत्सवस्य वर्णनं कृत्वा मित्राय एकं पत्रं लिख। (तुम संदीप हो। तुम्हारा मित्र सुनील है। अपने विद्यालय के वार्षिक उत्सव का वर्णन करके मित्र को एक पत्र लिखो।)
उत्तर:
पत्रम् मित्रम् प्रति
उज्जयिनीतः
१४-०२-….
प्रिय मित्र सुनीलः।
सस्नेह नमस्ते।
अत्र सर्वं कुशलं तत्रापि कुशलं भवतु । मम विद्यालये जनवरीमासस्य षड्विंशतिः तारिकायां वार्षिकोत्सवः सम्पन्नः अभवत्। दिसम्बर मासे अर्द्धवार्षिकी परीक्षा समाप्ता जाता। प्रत्येक कक्षा-वर्गस्य छात्रा: विविध कार्यक्रमेषु-क्रिकेट खेलम्, कन्दुक खेलम्, धावन प्रतियोगिताषु-प्रतिभागिनः आसन् सायंकाले विद्यालयस्य विशालकक्षे एकम् सांस्कृतिकम् कार्यक्रमः अपि संजातः। गीतानि, भाषणानि नाटकानि आदि कार्यक्रमानि प्रस्तुतानि छात्रैः। कार्यक्रमस्य अन्ते अस्य उत्सवस्य मुख्यः अतिथि: विद्यालयस्य प्राचार्यः आसीत्। तेन प्रतिभागिनेभ्यः छात्रेभ्यः विविधपुरस्कारैः पुरस्कृताः। सर्वाणि कार्यक्रमाणि अतिरुचिकराणि आसन्। अहं इच्छामि यत् त्वम् स्वपरीक्षानन्तरे – मम गृहं आगच्छः।
तव जनकाय जनन्यै च नमः। स्वस्ति अनुजाय। पत्रोत्तरम्। शीघ्रम् लिखतु।
तत्र मित्रम्
सन्दीपः
योग्यताविस्तारः
1. योग्यशब्दं चित्वा उचितस्थाने लिखत (उचित शब्द चुनकर उचित स्थान पर लिखो)-
काकः, पिकः, गजः, व्याघ्रः, धेनुः, शशकः, मयूरः, सिंहः, अजा, मार्जार, सर्पः, अश्वः, हरिणः, भल्लूकः, वानरः, श्वानः, महिषी, चटका।
2. पशुपक्षीणां चित्रावल्याः निर्माणं कुरुत। तेषां नामानि संस्कृते लिखत। (पशुपक्षियों की चित्रावली का निर्माण करो। उनके नाम संस्कृत में लिखिये)
उत्तर:
चित्रावली स्वयं निर्मित करें। पशुपक्षियों के संस्कृत में नाम-वन्य पशवः तथा ग्राम्य पशवः तालिका से लिखें।
जन्तुशाला हिन्दी अनुवाद
भोपालनगरात्
२२-१०-०५
प्रिय मित्र गोपाल!
सस्नेह नमस्ते।
अत्र सर्वं कुशलं तत्रापि कुशलं भवतु। मम मासिकमूल्याङ्कनं समाप्तम्। अहं जनकेन सह जन्तुशालाम् अगच्छम्। किं त्वं जानासि ? जन्तवः अस्माकं मित्राणि सन्ति। जन्तुशालायां जन्तवः अस्माकं मनांसि रञ्जयन्ति। तत्र अहं व्याघ्र जम्बूकं,ऋक्षं, गज, सिंह, वानरं, मकर,शशकं, हरिणं च अपश्यम्। अहं तत्र शुकं, बकं, सारसं, मयूर, हंसं तथा च अन्यान् खगान् अपि अपश्यम्।
अनुवाद :
भोपाल नगर से
२२-१०-०५
प्रिय मित्र गोपाल!
स्नेहपूर्वक नमस्ते।
यहाँ सब कुशल हैं, वहाँ भी कुशल होंगे। मेरी तिमाही परीक्षा समाप्त हो गयी हैं। मैं पिता के साथ जन्तुशाला (चिड़ियाघर) गया था। क्या तुम जानते हो ? जन्तु (प्राणी) हमारे मित्र हैं। जन्तुशाला में जन्तु हमारे मन को प्रसन्न करते हैं। वहाँ मैंने व्याघ्र, जम्बूक (सियार), रीछ, हाथी, सिंह (शेर), बन्दर, मगरमच्छ, खरगोश और हिरण देखे। मैंने वहाँ तोता, बगुला, सारस, मोर, हंस तथा अन्य पक्षियों को भी देखा।
सिंहः उच्चैः गर्जति। वानरः पञ्जरे भ्रमति, उत्पतति च। तस्य पुच्छं दीर्घं भवति। मकरः जले निवसति। मयूरः नृत्यति। सः अस्माकं राष्ट्रीयः पक्षी अस्ति। अलम् अतिविस्तरेण, त्वं अत्र स्थितस्य प्राणिसंग्रहालयस्य अवलोकनार्थं भोपालनगरे मम गृहं आगच्छ। तव जनकाय जनन्यै च नमः। स्वस्ति अनुजाय। पत्रोत्तरं शीघ्रं लिखतु।
तव मित्रम्
सुरेशः
अनुवाद :
सिंह जोर से (ऊँची) गरजना करता है। बन्दर पिंजड़े में घूमता है और उछलता है। उसकी पूँछ लम्बी होती है। मगरमच्छ जल में रहता है। मोर नाचता है। वह हमारा राष्ट्रीय पक्षी है। अधिक विस्तार की आवश्यकता नहीं है। तुम यहाँ स्थित प्राणि संग्रहालय को देखने के लिए भोपाल नगर में मेरे घर आ जाओ। तुम्हारे पिता और माता को नमस्कार। छोटे भाई को स्वस्ति (कल्याण हो)। पत्र का उत्तर शीघ्र लिखो।
तुम्हारा मित्र
सुरेश।
जन्तुशाला शब्दार्थाः
जन्तुशाला = चिड़ियाघर। अस्माकं = हमारा। शुकं = तोता को। रञ्जयन्ति = मनोरंजन करते हैं। बकं = बगुला को। व्याघ्नं = बाघ को। जम्बूकं = सियार को। उच्चैः = जोर से। ऋक्षं = रीछ को। गर्जति = गरजता है। खगान = पक्षियों को। उत्पतति = उछलता है। गज = हाथी को। निवसति = रहता है। वानरं = बन्दर को। अलं = बस। मकरं = मगर को। आगच्छ = आओ। शशकं = खरगोश को। नेष्यामि = ले जाऊँगा। हरिणं = हरिण को। अनुजाय = छोटे भाई को।