MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 11 शंकु परिच्छेद Ex 11.3

MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 11 शंकु परिच्छेद Ex 11.3

निम्नलिखित प्रश्नों 1 से 9 तक प्रत्येक दीर्घवृत्त में नाभियों और शीर्षों के निर्देशांक, दीर्घ और लघु अक्ष की लंबाइयाँ, उत्केंद्रता तथा नाभिलंब जीवा की लम्बाई ज्ञात कीजिए।
प्रश्न 1.
\(\frac{x^{2}}{36}+\frac{y^{2}}{16}\) = 1
हल:
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 11 शंकु परिच्छेद Ex 11.3 img-1

प्रश्न 2.
\(\frac{x^{2}}{4}+\frac{y^{2}}{25}\) = 1
हल:
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 11 शंकु परिच्छेद Ex 11.3 img-2
दीर्घ अक्ष की लंबाई = 2a = 2 × 5 = 10
लघु अक्ष की लंबाई = 2b = 2 × 2 = 4
उत्केंद्रता = e = \(\frac{c}{a}=\frac{\sqrt{21}}{5}\)
नाभिलंब जीवा की लंबाई = \(\frac{2 b^{2}}{a}=\frac{2 \times 4}{5}=\frac{8}{5}\).

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प्रश्न 3.
\(\frac{x^{2}}{16}+\frac{y^{2}}{9}\) = 1
हल:
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 11 शंकु परिच्छेद Ex 11.3 img-3

प्रश्न 4.
\(\frac{x^{2}}{25}+\frac{y^{2}}{100}\) = 1
हल:
दीर्घवृत्त का समीकरण \(\frac{x^{2}}{25}+\frac{y^{2}}{100}\) = 1
∴ a2 = 100, b2 = 25
∴ a = 10, b = 5
∴ c2 = a2 – b2 = 100 – 25 = 75
∴ c = 5\(\sqrt{3}\)
नाभि के निर्देशांक (0, ± c) या (0, ± 5\(\sqrt{3}\))
शीर्षों के निर्देशांक (0, ± a) या (0, ± 10)
दीर्घ अक्ष की लंबाई = 2a = 2 × 10 = 20
लघु अक्ष की लंबाई = 2b = 2 × 5 = 10
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प्रश्न 5.
\(\frac{x^{2}}{49}+\frac{y^{2}}{36}\) = 1
हल:
दीर्घवृत्त का समीकरण \(\frac{x^{2}}{49}+\frac{y^{2}}{36}\) = 1
∴ a2 = 49, b2 = 36
∴ a = 7, b = 6
दीर्घ अक्ष, x-अक्ष के अनुदिश है
c2 = a2 – b2 = 49 – 36 = 13
c = \(\sqrt{13}\)
नाभियों के निर्देशांक (± c, 0) या (± \(\sqrt{13}\), 0)
शीर्षों के निर्देशांक (± a, 0) या (± 7, 0)
दीर्घ अक्ष की लंबाई = 2a = 2 × 7 = 14
लघु अक्ष की लंबाई = 2b = 2 × 6 = 12
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प्रश्न 6.
\(\frac{x^{2}}{100}+\frac{y^{2}}{400}\) = 1
हल:
दीर्घवृत्त का समीकरण \(\frac{x^{2}}{100}+\frac{y^{2}}{400}\) = 1
∴ a2 = 400, b2 = 100
∴ a = 20, b = 10
c2 = a2 – b2 = 400 – 100 = 300
∴ c = 10\(\sqrt{3}\)
दीर्घ अक्ष, y- अक्ष के अनुदिश है
नाभियों के निर्देशांक (0, ± c) या (0, ± 10\(\sqrt{3}\))
शीर्षों के निर्देशांक (0, ± a) या (0, ± 20)
दीर्घ अक्ष की लंबाई = 2a = 2 × 20 = 40
लघु अक्ष की लंबाई = 2b = 2 × 10 = 20
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प्रश्न 7.
36x2 + 4y2 = 144.
हल:
दीर्घवृत्त का समीकरण 36x2 + 4y2 = 144
या \(\frac{x^{2}}{4}+\frac{y^{2}}{36}\) = 1
∴ a2 = 36, b2 = 4
∴ a = 6, b = 2
∴ c2 = a2 – b2 = 36 – 4 = 32
∴ c = 4\(\sqrt{2}\)
दीर्घवृत्त का अक्ष, y-अक्ष के अनुदिश है
नाभियों के निर्देशांक (0, ± c) या (0, ± 4\(\sqrt{2}\))
शीर्षों के निर्देशांक (0, ± a) या (0, ± 6)
दीर्घ अक्ष की लंबाई = 2a = 2 × 6 = 12
लघु अक्ष की लंबाई = 2b = 2 × 2 = 4
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 11 शंकु परिच्छेद Ex 11.3 img-7

प्रश्न 8.
16x2 + y2 = 16.
हल:
दीर्घवृत्त का समीकरण 16x2 + y2 = 16
या \(\frac{x^{2}}{1}+\frac{y^{2}}{16}\) = 1
∴ दीर्घवृत्त का अक्ष, y-अक्ष के अनुदिश है।
a2 = 16, b2 = 1
∴ a = 4, b = 1
c2 = a – b2 = 16 – 1 = 15
∴ c = \(\sqrt{15}\)
नाभियों के निर्देशांक (0, ± c) या (0, ± \(\sqrt{15}\))
शीर्षों के निर्देशांक (0, ± a) या (0, ± 4)
दीर्घ अक्ष की लंबाई = 2a = 2 × 4 = 8
लघु अक्ष की लंबाई = 2b = 2 × 1 = 2
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प्रश्न 9.
4x2 + 9y2 = 36.
हल:
दीर्घवृत्त का समीकरण 4x2 + 9y2 = 36
या \(\frac{x^{2}}{9}+\frac{y^{2}}{4}\) = 1
दीर्घ अक्ष, x-अक्ष के अनुदिश है।
∴ a2 = 9, b2 = 4
∴ a= 3, b = 2
c2 = a2 – b2 = 9 – 4 = 5
∴ c = \(\sqrt{5}\)
नाभियों के निर्देशांक (± c, 0) या (± \(\sqrt{5}\), 0)
शीर्षों के निर्देशांक (± a, 0) या (± 3,0)
दीर्घ अक्ष की लंबाई = 2a = 2 × 3 = 6
लघु अक्ष की लंबाई = 2b = 2 × 2 = 4
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 11 शंकु परिच्छेद Ex 11.3 img-9

निम्नलिखित प्रश्नों 10 से 20 तक प्रत्येक में, दिए प्रतिबंधों को संतुष्ट करते हुए दीर्घवृत्त का समीकरण ज्ञात कीजिए।
प्रश्न 10.
शीर्षों (± 5, 0), नाभियाँ (± 4, 0).
हल:
a = 5, c = 4, c2 = a2 – b2
या 16 = 25 – b2
∴ b2 = 25 – 16 = 9
और a2 = 25
दीर्घवृत्त का समीकरण,
\(\frac{x^{2}}{25}+\frac{y^{2}}{9}\) = 1

प्रश्न 11.
शीर्षों (0, ± 13), नाभियाँ (0, ± 5).
हल:
दीर्घ अक्ष, y-अक्ष के अनुदिश है।
∴ c = 5, a = 13, c2 = a2 – b2
∴ 25 = 169 – b2
∴ b2 = 169 – 25 = 144,
और a2 = 132 = 169
∴ दीर्घवृत्त का समीकरण
\(\frac{x^{2}}{144}+\frac{y^{2}}{169}\) = 1

प्रश्न 12.
शीर्ष (± 6, 0), नाभियाँ (± 4, 0).
हल:
दीर्घ अक्ष x-अक्ष के अनुदिश है।
a= 6, ∴ a2 = 36, c = 4
c2 = a2 – b2 या 16 = 36 – b2
∴ b2 = 36 – 16 = 20
∴ दीर्घवृत्त का समीकरण
\(\frac{x^{2}}{36}+\frac{y^{2}}{20}\) = 1.

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प्रश्न 13.
दीर्घ अक्ष के अंत्य बिन्दु (± 3, 0), लघु अक्ष के अंत्य बिन्दु (0, ± 2).
हल:
दीर्घ अक्ष x-अक्ष के अनुदिश है।
a = 3, b = 2, ∴ a2 = 9, b2 = 4
दीर्घवृत्त का समीकरण,
\(\frac{x^{2}}{9}+\frac{y^{2}}{4}\) = 1

प्रश्न 14.
दीर्घ अक्ष के अंत्य बिन्दु (0, ± \(\sqrt{5}\)), लघु अक्ष के अंत्य बिन्दु (± 1, 0).
हल:
दीर्घ अक्ष, y-अक्ष के अनुदिश है।
a = \(\sqrt{5}\), b = 1, ∴ a2 = 5, b2 = 1
दीर्घवृत्त का समीकरण,
\(\frac{x^{2}}{1}+\frac{y^{2}}{5}\) = 1

प्रश्न 15.
दीर्घ अक्ष की लंबाई = 26, नाभियाँ (45, 0).
हल:
दीर्घ अक्ष, x-अक्ष के अनुदिश है।
और 2b = 26, ∴ b = 13 या a2 = 169,
c = 5, c2 = 25 = a2 – b2 = 169 – b2
∴ b2 = 169 – 25 = 144
अतः a2 = 169, b2 = 144
∴ दीर्घवृत्त का समीकरण,
\(\frac{x^{2}}{169}+\frac{y^{2}}{144}\) = 1.

प्रश्न 16.
दीर्घ अक्ष की लंबाई = 16, नाभियाँ (0, ± 6).
हल:
दीर्घ अक्ष, y-अक्ष के अनुदिश है।
2b = 16, ∴ b = 8 या b2 = 64,
c = 6, c2 = 36,
c2 = a2 – b2
या 36 = a2 – 64
∴ a2 = 64 + 36 = 100
∴ दीर्घवृत्त का समीकरण
\(\frac{x^{2}}{64}+\frac{y^{2}}{100}\) = 1

प्रश्न 17.
नाभियाँ (± 3, 0), a = 4.
हल:
दीर्घ अक्ष, x-अक्ष के अनुदिश है।
∴ c = 3, a = 4
अब c2 = a2 – b2
या 9 = 16 – b2
∴ b2 = 16 – 9 = 7
∴ दीर्घवृत्त का समीकरण,
\(\frac{x^{2}}{16}+\frac{y^{2}}{7}\) = 1

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प्रश्न 18.
b = 3, c = 4, केन्द्र मूल बिन्दु पर, नाभियाँ x-अक्ष पर है।
हल:
दीर्घ अक्ष, x-अक्ष के अनुदिश है
c2 = a2 – b2
16 = a2 – 9
a2 = 16 +9 = 25
∴ दीर्घवृत्त का समीकरण,
\(\frac{x^{2}}{25}+\frac{y^{2}}{9}\) = 1

प्रश्न 19.
केंद्र (0, 0) पर, दीर्घ अक्ष y-अक्ष पर और बिन्दुओं (3, 2) और (1, 6) से जाता है।
हल:
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 11 शंकु परिच्छेद Ex 11.3 img-10

प्रश्न 20.
दीर्घ अक्ष,x-अक्ष पर और बिन्दुओं (4, 3), (6, 2) से जाता है।
हल:
मान लीजिए दीर्घवृत्त का समीकरण \(\frac{x^{2}}{a^{2}}+\frac{y^{2}}{b^{2}}\) = 1
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 11 शंकु परिच्छेद Ex 11.3 img-11
∴ दीर्घवृत्त का समीकरण,
\(\frac{x^{2}}{52}+\frac{y^{2}}{13}\) = 1

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MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 8 कोशिका : जीवन की इकाई

MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 8 कोशिका : जीवन की इकाई

कोशिका : जीवन की इकाई NCERT प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
इनमें कौन-सा सही नहीं है –
(a) कोशिका की खोज रॉबर्ट ब्राउन ने की थी।
(b) श्लीडेन व श्वान ने कोशिका सिद्धान्त का प्रतिपादन किया था।
(c) वर्चीव के अनुसार कोशिका पूर्व स्थित कोशिका से बनती है।
(d) एककोशिकीय जीव अपने जीवन के कार्य एक कोशिका के भीतर करते हैं।
उत्तर:
(a) कोशिका की खोज रॉबर्ट ब्राउन ने की थी।

प्रश्न 2.
नई कोशिका का निर्माण होता है –
(a) जीवाणु किण्वन से
(b) पुरानी कोशिकाओं के पुनरुत्पादन से
(c) पूर्व स्थित कोशिकाओं से
(d) अजैविक पदार्थों से।
उत्तर:
(c) पूर्व स्थित कोशिकाओं से

प्रश्न 3.
MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 8 कोशिका जीवन की इकाई - 4
उत्तर:

  1. (b) सूत्रकणिका में अंतर्वलन
  2. (c) गॉल्जी उपकरण बिंब आकार की थैली
  3. (a) पीठिका में चपटे कलामय झिल्ली

प्रश्न 4.
इनमें से कौन-सा सही है –
(a) सभी जीव कोशिकाओं में केन्द्रक मिलता है।
(b) दोनों जन्तु और पादप कोशिकाओं में स्पष्ट कोशिका भित्ति होती है
(c) प्रोकैरियोटिक कोशिका की झिल्ली में आवरित अंगक नहीं मिलते हैं
(d) कोशिका का निर्माण अजैविक पदार्थों से नए सिरे से होता है।
उत्तर:
(a) सभी जीव कोशिकाओं में केन्द्रक मिलता है।

प्रश्न 5.
प्रोकैरियोटिक कोशिका में मीसोसोम क्या होता है ? इसके कार्यों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
प्रोकैरियोटिक कोशिका में एक विशिष्ट झिल्ली मीसोसोम पायी जाती है। इस झिल्ली का निर्माण प्लाज्मा झिल्ली के वृद्धि से होता है।

मीसोसोम के कार्य:

  • कोशिका भित्ति का निर्माण
  • DNA प्रतिकृतिकरण एवं पुत्री कोशिकाओं का वितरण करना
  • कोशिकीय श्वसन, स्रावण आदि कार्यों में सहायता करना आदि है।

प्रश्न 6.
कैसे उदासीन विलेय जीवद्रव्य झिल्ली से होकर गति करते हैं ? क्या ध्रुवीय अणु उसी प्रकार से इससे होकर गति करते हैं ? यदि नहीं तो इनका जीवद्रव्य झिल्ली से होकर परिवहन कैसा होता है?
उत्तर:
उदासीन विलेय सान्द्रता प्रवणता के अनुसार जैसे-उच्च सान्द्रता से निम्न सान्द्रता की ओर साधारण विसरण द्वारा इस झिल्ली से बाहर होकर जाते हैं। ध्रुवीय अणु उदासीन विलेय की तरह जीवद्रव्य झिल्ली से होकर गति नहीं करते चूँकि ध्रुवीय अणु जो अध्रुवीय लिपिड द्वि-सतह से होकर नहीं जा सकते उन्हें झिल्ली से होकर परिवहन के लिए झिल्ली की वाहक प्रोटीन की आवश्यकता होती है।

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प्रश्न 7.
दो कोशिकीय अंगकों के नाम बताइए जो द्विकला से घिरे होते हैं। इन दो अंगकों की क्या विशेषताएँ हैं ? इनका कार्य व रेखाचित्र बनाइए।
उत्तर:
द्विकला (Double membrane) से घिरे हुए दो कोशिकीय अंगकों (Cell organelles) के नाम हैं –

  1. गॉल्गीकाय
  2. अन्तःप्रद्रव्यी जालिका।

गॉल्गीकाय की संरचना:
R.B.Cs. को छोड़कर शेष सभी कोशिकाओं में 3 से 20 तक इकाई झिल्लियों के गुच्छे पाये जाते हैं, जिन्हें गॉल्गीकाय या डिक्टियोसोम कहते हैं। ये इकाई झिल्ली के दोहरे आवरण के बने चपटे सिस्टर्नी (Cisternae), आशय (Vesicle) एवं रिक्तिकाओं (Vacuoles) के बने होते हैं। नई बनी कोशिकाओं में ये काफी विकसित होते हैं, लेकिन धीरे-धीरे ह्रासित होते हुए पुरानी कोशिकाओं में पूर्णतः समाप्त हो जाते हैं। इनकी उत्पत्ति केन्द्रकीय झिल्ली से होती है।

गॉल्गीकाय के कार्य:

  • विभिन्न स्थानों पर निर्मित पदार्थों जैसे-एन्जाइम, हॉर्मोन व कुछ लवणों का सान्द्रण तथा स्रावण कोशिकाओं में गॉल्गी उपकरण द्वारा होता है।
  • शर्करा के सरल अणुओं से कार्बोहाइड्रेट्स के जटिल र अणुओं का निर्माण होता है।
  • ये समसूत्री विभाजन की अवस्था में थैलियों का निर्माण करती हैं, जो मिलकर कोशिकापट्ट बनाती है।
  • ये लाइसोसोम का भी निर्माण करती है और रूपान्तरित होकर शुक्राणुओं का ऐक्रोसोम भी बनाती है।
  • ये कार्बोहाइड्रेट्स व प्रोटीन का संयोजन कर ग्लाइकोप्रोटीन बनाती है।
  • कोशिकाभित्ति निर्माण के लिए आवश्यक प्रोटीन का भी संश्लेषण करती है।
  • अन्तःस्रावी कोशिकाओं में ये हॉर्मोन्स के स्रावण में भी मदद करती है।
  • ATP उत्पन्न करने के लिए माइटोकॉण्ड्रिया को प्रेरित करते हैं।

MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 8 कोशिका जीवन की इकाई - 5

अन्तःप्रद्रव्यी जालिका की संरचना:
कोशिका के कोशिकाद्रव्य में महीन, शाखित, सूक्ष्म नलिकाओं अथवा रिक्तिकाओं का समूह पाया जाता है, जिन्हें अन्तःप्रद्रव्यी जालिकाएँ (Endoplasmic Reticulum) कहते हैं। जब इनकी बाह्य सतह पर राइबोसोम्स चिपक जाते हैं, तब इन्हें खुरदरी अन्तःप्रद्रव्यी जालिकाएँ अन्यथा चिकनी अन्त:प्रद्रव्यी जालिकाएँ कहते हैं। इसकी खोज गार्नियर ने सन् 1897 में की थी। E.R. की रिक्तिकाएँ इकाई झिल्ली से घिरी रहती हैं तथा लम्बे चपटे कोष, अण्डाकार या वृत्ताकार आशय एवं नलिकाओं की बनी होती हैं। ये सभी रचनाएँ केन्द्रकीय झिल्ली के बहिर्गमन से बनती हैं।

अन्तःप्रद्रव्यी जालिका के कार्य:

  • ये कोशिका को यान्त्रिक सहारा देने के साथ प्रोटीन संश्लेषण में मदद करते हैं।
  • इनके द्वारा कोशिका के अन्दर परिवहन होता है।
  • ये कोशिका विभाजन के समय केन्द्रकीय झिल्ली के निर्माण में भाग लेते हैं।
  • यह एंजाइम के लिए अतिरिक्त सतह प्रदान करती है तथा ग्लाइकोजन उपापचय में सहायता देती है।

MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 8 कोशिका जीवन की इकाई - 6

प्रश्न 8.
प्रोकैरियोटिक कोशिका की क्या विशेषताएँ हैं ?
उत्तर:
प्रोकैरियोटिक कोशिका विशेषताएँ:
ये प्राथमिक प्रकार की अविकसित कोशिकाएँ हैं, जिनके केन्द्रक के चारों तरफ केन्द्रकीय झिल्ली नहीं पायी जाती। इनकी कोशिकाओं में दोहरी भित्ति वाले कोशिकांग जैसे – माइटोकॉण्ड्रिया, क्लोरोप्लास्ट, गॉल्जीकाय व लाइसोसोम भी नहीं पाये जाते। उदाहरण–जीवाणुओं तथा नीले-हरे शैवालों की कोशिकाएँ।

प्रश्न 9.
बहुकोशिकीय जीवों में श्रम विभाजन की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
ऐसे जीव जिनका शरीर अनेक कोशिकाओं से मिलकर बनता है। उन्हें बहुकोशिकीय जीव (Multicellular animal) कहा जाता है। बहुकोशिकीय जीवों में अलग-अलग कार्यों को करने के लिए विशिष्ट कोशिकाएँ पायी जाती हैं। इनमें कार्यों का विभाजन होता है। इसे ही श्रम विभाजन (Division of labour) कहा जाता है। श्रम विभाजन निम्नलिखित तथ्यों से प्रदर्शित होता है –

  • कुछ कोशिकाएँ अतिरिक्त कोशिकीय पदार्थों का संश्लेषण कर कोशिकाओं को जोड़ने का कार्य करती हैं।
  • कुछ कोशिकाएँ संवेदनाओं को पहुँचाने का कार्य करती हैं।
  • जीवों में श्वसन, उत्सर्जन, परिसंचरण आदि क्रियाएँ अलग-अलग कोशिकीय समूहों द्वारा पूर्ण की जाती हैं।
  • शरीर में अनेक कोशिकाएँ प्रतिदिन नष्ट हो जाती हैं। अस्थि मज्जा द्वारा निर्मित नवीन कोशिकाएँ प्रतिदिन इनका स्थान ले लेती हैं। इसलिए ऊतकों की टूट-फूट अथवा कोशिकाओं की मृत्यु जीव को अधिक हानि नहीं पहँचाती और शीघ्र नवीन कोशिकाओं के द्वारा क्षति की पूर्ति कर ली जाती है।

प्रश्न 10.
कोशिका जीवन की मूल इकाई है, इसे संक्षिप्त में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
यदि एककोशिकीय जीवों का अध्ययन करें तो ज्ञात होता है कि ये बहुकोशिकीय जीवों के शरीर के समान सभी कार्यों को स्वतन्त्र रूप से करते हैं। पोषण, श्वसन, प्रचलन, प्रजनन, उत्सर्जन, उत्तेजनशीलता इत्यादि सभी कार्य इसके द्वारा सफलतापूर्वक किये जाते हैं। इसी कारण कोशिका को एक आत्मनिर्भर इकाई माना जाता है। चूँकि इनकी कोशिकाएँ जीव शरीर के समान कार्य करती हैं, इस कारण इनकी कोशिकाओं को कोशिका न मानकर इन्हें अकोशिकीय जीव कहा जाता है।

बहुकोशिकीय जीवों की कोशिकाएँ किसी कार्य को संयुक्त रूप से करती हैं अर्थात् इनकी कोशिकाएँ कुछ हद तक दूसरी कोशिकाओं पर निर्भर रहती हैं, लेकिन यदि इनकी कोशिकाओं को भी शरीर से बाहर पोषक माध्यम में स्वतन्त्र रूप से बढ़ने दिया जाय तो ये भी एककोशिकीय जीवों के समान ही सारी जैविक क्रियाओं को स्वतन्त्र रूप से करती हैं। इनका नियन्त्रण एवं समन्वय भी कोशिका के अन्दर ही स्थित अवयवों, आनुवंशिक इकाइयों एवं प्रोटीनों के द्वारा होता है।

प्रत्येक कोशिका चारों तरफ से प्लाज्मा झिल्ली से घिरी रहती है, जिससे इसके अन्दर का जीवद्रव्य बाहरी वातावरण से पृथक् हो जाता है, इसी पृथकता के कारण कोशिका के अन्दर का संगठन अपना अलग अस्तित्व बनाये रखता है। झिल्ली के द्वारा स्वतन्त्र इकाई के रूप में घिरे रहने के कारण ही कोशिका को “अपने आप में एक कोष्ठ के रूप में आत्मनिर्भर इकाई” माना जाता है।

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प्रश्न 11.
केन्द्रक छिद्र क्या है ? इसके कार्य बताइये।
उत्तर:
केन्द्रक के चारों तरफ के आवरण में निश्चित स्थानों पर केन्द्रक छिद्र (Nuclear pore) पाया जाता है। यह छिद्र केन्द्रक आवरण की दोनों झिल्लियों के संलयन (Fusion) से बनता है।

कार्य:
केन्द्रक छिद्र के द्वारा RNA एवं प्रोटीन के अणु केन्द्रक में कोशिकाद्रव्य से होकर अभिगमन करते है।

प्रश्न 12.
लयनकाय व रसधानी दोनों अंतःझिल्लीमय संरचना है। फिर भी कार्य की दृष्टि से ये अलग होते हैं, इस पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
लयनकाय (Lysosome):
लाइसोसोम का निर्माण गॉल्जीकाय के द्वारा होता है। लाइसोसोम अनेक पुटिकाओं से बनी है जिनमें सभी प्रकार के जल-अपघटनी एंजाइम (हाइड्रोलेजेस, लाइपेजेस, प्रोटोएजेस आदि) मिलते हैं। सभी एंजाइम अम्लीय माध्यम में सक्रिय होकर कार्बोहाइड्रेट, लिपिड, न्यूक्लिक अम्लों का पाचन करते हैं।

रसधानी (Vacuole):
कोशिकाद्रव्य में झिल्ली द्वारा घिरे रिक्त स्थान को रसधानी कहा जाता है। रसधानी के अन्दर कोशिकाद्रव्य के अनुपयोगी पदार्थ जैसे-अतिरिक्त जल, उत्सर्जी पदार्थ एवं अन्य कोशिकीय उत्पाद भरे रहते हैं। रसधानी, एकल झिल्ली (Single membrane) से आवृत्त होती है जिसे टोनोप्लास्ट कहते हैं। पौधों की कोशिकाओं में आयन एवं दूसरे पदार्थ सांद्रता प्रवणता के विपरीत टोनोप्लास्ट से होकर रसधानी में अभिगमित होते हैं, इस कारण इनकी सांद्रता रसधानी में कोशिका द्रव्य की अपेक्षा काफी अधिक होती है।

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प्रश्न 13.
रेखांकित चित्र की सहायता से निम्न की संरचना का वर्णन कीजिए –

  1. केन्द्रक
  2. तारककाय।

उत्तर:
(1) केन्द्रक (Nucleus):
यह कोशिका का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। इसके द्वारा कोशिका में होने वाली समस्त जैविक क्रियाओं का नियंत्रण किया जाता है। अतः इसे कोशिका का नियंत्रण कक्ष अथवा कोशिका का मस्तिष्क कहा जाता है। लगभग सभी कोशिकाओं में गोल, वृत्ताकार या अण्डाकार एक संरचना पायी जाती है, जिसे केन्द्रक कहते हैं। कोशिका में इसकी खोज रॉबर्ट ब्रॉउन ने सन् 1831 में की। बेलर के अनुसार- “यह कोशिकाद्रव्य से घिरी ऐसी रचना है, जिसमें कोशिका विभाजन के समय गुणसूत्रों का उदय होता है।”
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इसके चारों तरफ दोहरी इकाई झिल्ली की बनी केन्द्रकीय झिल्ली पायी जाती है, जिसमें जगह-जगह पर केन्द्रकीय छिद्र पाये जाते हैं। केन्द्रकीय झिल्ली के बाहर राइबोसोम पाये जाते हैं तथा इसके अन्दर केन्द्रकद्रव्य नामक पदार्थ भरा होता है, जिसमें क्रोमैटिन नामक न्यूक्लियो प्रोटीन का जाल पाया जाता है, जो कोशिका विभाजन के समय संघनित होकर गुणसूत्र बना देता है। क्रोमैटिन जाल कहीं-कहीं पर गाढ़ा होकर हेटेरोक्रोमैटिन बनाता है इसके कम गाढ़े भाग को यूक्रोमैटिन कहते हैं। केन्द्रक में एक या अधिक नग्न संरचनाएँ पायी जाती हैं, जिन्हें केन्द्रिका कहते हैं, इन्हीं में r-RNA का संश्लेषण होता है।

केन्द्रक के कार्य (Functions of Nucleus):

  • यह कोशिका में पायी जाने वाली समस्त क्रियाओं को नियन्त्रित करता है।
  • यह सभी कोशिकीय RNA का उत्पादन करता है, जो प्रोटीन संश्लेषण हेतु आवश्यक होते हैं।
  • यह कोशिका विभाजन में महत्वपूर्ण कार्य करता है और कोशिका वृद्धि को नियन्त्रित करता है।
  • आनुवंशिक गुणों को वहन करने वाली इकाइयाँ इसी में पायी जाती हैं।

(2) तारककाय (Centriole):
ये सभी जन्तु कोशिकाओं एवं चलायमान (Motile) पादप कोशिकाओं में पाया जाता है। ये कलाविहीन (Membraneless) रचना के रूप में कोशिकाद्रव्य में केन्द्रक के पास गॉल्गीकाय से लगा हुआ पाया जाता है। एक तारककाय दो बेलनाकार संरचनाओं से मिलकर बना होता है जो तारक केन्द्र कहलाता है। दोनों तारक केन्द्र तारककाय में लम्बवत् (90° कोण पर ) स्थित होते हैं। प्रत्येक तारक केन्द्र की रचना बैलगाड़ी के पहिये के समान होती है। यह संरचनात्मक रूप से खोखले डंठल की तरह होते हैं। इसमें समांगी (Homogenous) द्रव भरा होता है जिसे सेन्ट्रोस्फीयर (Centrosphere) कहते हैं।

इसमें एक मध्य नाभि (Central hub) के चारों ओर नौ छड़ के समान रचनाएँ पायी जाती हैं। प्रत्येक छड़ तीन महीन नलिकाओं के बने होते हैं। इन नलिकाओं को मध्य से क्रमशः बाहर की ओर a,b एवं c द्वारा दिखाया जाता है। ये ट्यूब्यूलिन (Tubulin) प्रोटीन के बने होते हैं। प्रत्येक नलिका का व्यास लगभग 250Å होता है। तारक केन्द्र का व्यास 15002500Å तथा लम्बाई 3000 – 20000Å होती है।

तारककाय को दो कोशिका विभाजन के बीच की अवस्था में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। कोशिका विभाजन के समय तारककाय के दोनों तारक केन्द्र एक-दूसरे से अलग होकर कोशिका के दोनों ध्रुवों पर चले जाते हैं। साथ ही कोशिका के अंदर तर्क (Spindle fibres) का निर्माण करते हैं। विश्रामावस्था में तारक केन्द्र गुणन द्वारा पुनः अपना जोड़ा बना लेता है। इस प्रकार तारक केन्द्र से तारककाय बन जाता है।
MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 8 कोशिका जीवन की इकाई - 8

कार्य (Functions):

  • जन्तु कोशिकाओं में सेण्ट्रिओल कोशिका विभाजन को प्रारम्भ करते हैं।
  • कोशिका विभाजन के समय ये तर्कुओं (Spindles) का निर्माण करते हैं।
  • ये कोशिकीय पक्ष्माभों एवं कशाभिकाओं का निर्माण करते हैं।
  • ये कशाभिकीय एवं पक्ष्माभ प्रचलन को प्रारम्भ तथा नियन्त्रित करते हैं।
  • ये कोशिका के अन्दर आधारीय काय (Basal bodies) का निर्माण करते हैं।
  • ये कोशिकीय कंकाल का निर्माण करते हैं।
  • ये कोशिकीय क्रमानुकुंचन में सहायता करते हैं।

प्रश्न 14.
गुणसूत्र बिन्दु क्या है ? गुणसूत्र बिन्दु के स्थिति के आधार पर गुणसूत्र का वर्गीकरण किस रूप में होता है ? अपने उत्तर को देते हुए विभिन्न प्रकार के गुणसूत्रों पर गुणसूत्र बिन्दु की स्थिति को दर्शाने हेतु चित्र बनाइए।
उत्तर:
गुणसूत्र बिन्दु (Centromere) प्रत्येक गुणसूत्र में एक प्राथमिक संकीर्णन मिलता है, इसे ही गुणसूत्र बिन्दु (Centromere) कहा जाता है। यह बिन्दु गुणसूत्र के दो अर्धभागों (Chromatids) को जोड़ता गुणसूत्र के प्रकार-गुणसूत्र बिन्दु की स्थिति के आधार पर गुणसूत्र चार प्रकार के होते हैं –

  • टीलोसेण्ट्रिक (Telocentric) – इस प्रकार के गुणसूत्र में सेन्ट्रोमियर एक किनारे पर स्थित होता हैं।
  • एक्रोसेण्ट्रिक (Acrocentric) – इस प्रकार के गुणसूत्र में एक क्रोमैटिड बहुत छोटा तथा एक बड़ा होता है।
  • सब-मेटासेण्ट्रिक (Sub – metacentric) – इस प्रकार के गुणसूत्र में दोनों क्रोमैटिड बराबर नहीं होते, एक भाग कुछ बड़ा होता है। ऐसे क्रोमोसोम L अथवा J प्रकार के होते हैं।
  • मेटासेण्ट्रिक (Metacentric) – इस प्रकार के गुणसूत्र में दोनों क्रोमैटिड की लम्बाई बराबर होती

MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 8 कोशिका जीवन की इकाई - 9

कोशिका : जीवन की इकाई अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

कोशिका : जीवन की इकाई वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
सही विकल्प चुनकर लिखिए –

1. कोशिका की खोज किस वैज्ञानिक ने की –
(a) रॉबर्ट हुक ने
(b) रॉबर्ट ब्राउन ने
(c) श्लीडेन ने
(d) श्वान ने।
उत्तर:
(a) रॉबर्ट हुक ने

2. केन्द्रक की खोज किसने की –
(a) श्लीडेन ने
(b) राबर्ट हुक ने
(c) रॉबर्ट ब्राउन ने
(d) मेण्डल ने।
उत्तर:
(c) रॉबर्ट ब्राउन ने

3. कोशिका सिद्धान्त देने वाले वैज्ञानिक हैं –
(a) श्लीडेन एवं श्वान
(b) लैमार्क एवं ट्रेविरेनस
(c) मुईर तथा साथी
(d) माहेश्वरी एवं गुहा।
उत्तर:
(a) श्लीडेन एवं श्वान

4. टोटीपोटेन्सी से सम्बन्धित वैज्ञानिक हैं –
(a) लैमार्क
(b) हैबरलैण्ड्ट
(c) श्लीडेन
(d) श्वान।
उत्तर:
(b) हैबरलैण्ड्ट

5. कायिक कोशिका से पूर्ण विकसित जीव बनने का गुण कहलाता है –
(a) कायिक संकरण
(b) कायिक जनन
(c) टोटीपोटेन्सी
(d) प्लाज्मोलिसिस।
उत्तर:
(c) टोटीपोटेन्सी

6. प्रोकैरियॉटिक कोशिका में अनुपस्थित होती है –
(a) कोशिका भित्ति
(b) केन्द्रकीय भित्ति
(c) प्लाज्मा झिल्ली
(d) रसधानी।
उत्तर:
(b) केन्द्रकीय भित्ति

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7. प्रोकैरियॉटिक कोशिकाओं का राइबोसोम होता है –
(a)70S
(b) 80s
(c) (a) और (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(a)70S

8. कोशिका गमन है –
(a) सक्रिय अभिगमन
(b) विसरण
(c) परासरण
(d) निष्क्रिय अभिगमन।
उत्तर:
(a) सक्रिय अभिगमन

9. कोशिका झिल्ली द्वारा द्रव अन्तर्ग्रहण को कहते हैं –
(a) एण्डोसाइटोसिस
(b) पिनोसाइटोसिस
(c) परासरण
(d) विसरण।
उत्तर:
(b) पिनोसाइटोसिस

10. जैव-झिल्ली में प्रोटीन की मात्रा होती है –
(a)30-40%
(b) 10-20%
(c)5%
(d)60-80%.
उत्तर:
(d)60-80%.

11. जैव-झिल्ली में लिपिड की प्रतिशत मात्रा होती है –
(a)20-40%
(b)60-80%
(c)5%
(d) 10-20%.
उत्तर:
(a)20-40%

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12. प्लाज्मा-झिल्ली की बाह्य तथा आन्तरिक स्तर किसकी बनी होती है –
(a) लिपिड
(b) प्रोटीन
(c) कार्बोहाइड्रेट
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(b) प्रोटीन

13. डेस्मोसोम्स होता है –
(a) प्लाज्मा-मेम्ब्रेन में पाया जाने वाला छिद्र।
(b) प्लाज्मा-मेम्ब्रेन की सतह पर पाया जाने वाला विशेष क्षेत्र जिस पर दूसरी कोशिका झिल्ली जुड़ी होती है।
(c) प्लाज्मा-झिल्ली के संगठन में भाग लेने वाला पदार्थ।
(d) दो कोशिका को जोड़ने वाला रसायन।
उत्तर:
(b) प्लाज्मा-मेम्ब्रेन की सतह पर पाया जाने वाला विशेष क्षेत्र जिस पर दूसरी कोशिका झिल्ली जुड़ी होती है।

14. प्लाज्मा झिल्ली की संरचना का स्तरित सिद्धान्त किसने प्रदिपादित किया –
(a) डेनियली एवं डेविडसन
(b) रॉबर्टसन
(c) रॉबर्ट ब्रॉउन
(d) सिंगर एवं निकोलसन।
उत्तर:
(a) डेनियली एवं डेविडसन

15. कोशिका का ‘पॉवर हाउस’ कहलाता है –
(a) केन्द्रक
(b) माइटोकॉण्ड्रिया
(c) गॉल्गीबॉडी
(d) हरितलवक।
उत्तर:
(b) माइटोकॉण्ड्रिया

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प्रश्न 2.
एक शब्द में उत्तर दीजिए –

  1. रॉबर्ट हुक ने सर्वप्रथम जिस शब्द का प्रयोग किया उसका नाम बताइये।
  2. रॉबर्ट ब्राउन ने ऑर्किड मूलों में किसकी खोज की?
  3. एक ऐसी तकनीक जिसके अंतर्गत कोशिका या कोशिका समूह शरीर के बाहर कृत्रिम भोज्य पदार्थों के माध्यम में जीवित रखे जाते हैं
  4. वो तकनीक क्या कहलाती है ?
  5. शरीर के बाहर जाइगोट के अलावा किसी दूसरी कोशिका से विकसित भ्रूण को क्या कहते हैं ?
  6. ऐसी तकनीक जिसके द्वारा कोशिकीय घटकों को अलग किया जाता है।
  7. प्रोटीन-संश्लेषण के समय राइबोसोम संयुक्त होकर एक छोटी श्रृंखला बनाते हैं, जो प्रोटीन-संश्लेषण में मदद करता है।
  8. कोशिकाद्रव्य में पाई जाने वाली इकहरी इकाई झिल्ली की बनी गोलाकार रचनाएँ जो H,O, के उपापचय से संबंधित एंजाइम रखते हैं।
  9. कोशिका भित्ति के विभिन्न छिद्रों से एक कोशिका का जीवद्रव्य दूसरी कोशिका के जीवद्रव्य से तंतुओं द्वारा जुड़ा होता है।
  10. वह क्रिया जिसके द्वारा प्लाज्मा झिल्ली द्रव पदार्थों का अंतर्ग्रहण करती है।
  11. जब कोई विलायक के अणु अर्धपारगम्य झिल्ली को पार करके किसी कोशिका के अन्दर प्रवेश करता है तो यह प्रक्रिया कहलाती है।

उत्तर:

  1. कोशिका
  2. नाभिक (केन्द्रक)
  3. ऊतक-संवर्धन
  4. एम्ब्रीऑइड्स (Embryoids)
  5. कोशिका विभेदीकरण
  6. पॉलीराइबोसोम
  7. परॉक्सीसोम
  8. प्लाज्मोडेस्मेटा
  9. पीनोसाइटोसिस
  10. परासरण

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प्रश्न 3.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –

  1. पादप कोशिका के बाह्य आवरण को ………….. कहते हैं।
  2. ………. एक प्रकार का तंतुमय प्रोटीन है जो कोशिकीय अवयवों के निर्माण में भाग लेता है।
  3. प्रकिण्वों से भरी छोटी कायों के रूप में …………….. पाई जाती है।
  4. बाह्य पदार्थों के बड़े कणों को ग्रहण करने की क्रिया को …………….. कहते हैं।
  5. कोशिकाकला कोशिका के लिये ……………… पारगम्यता प्रदर्शित करती है।
  6. ………. को प्रोटीन की फैक्ट्री कहते हैं।
  7. कोशिका झिल्ली …………. होती है।
  8. आत्महत्या की थैली ………….. कोशिकांग को कहते हैं।
  9. कोशिका सिद्धान्त …………… ने प्रतिपादित किया।
  10. प्रत्येक कोशिका …………….. कोशिका से उत्पन्न होती है।
  11. झिल्ली बंद कोशिकांग ……………कोशिकाओं में पाये जाते हैं।
  12. जन्तु तथा वनस्पति कोशिका में मुख्य अन्तर …………….. का होता है।
  13. प्रोकैरियॉटिक कोशिका में आनुवंशिक पदार्थ …………….. में होती है।
  14. स्टीवर्ड ने टोटीपोटेन्सी के प्रयोग …………….. की कोशिकाओं पर किए।

उत्तर:

  1. कोशिका भित्ति
  2. क्रोमैटिन
  3. लाइसोसोम
  4. परिग्रहण
  5. चयनात्मक
  6. माइटोकॉन्ड्रिया
  7. नरम
  8. लाइसोसोम
  9. श्लीडेन एवं श्वान
  10. मातृ (पूर्ववर्ती)
  11. यूकैरियॉटिक
  12. लवकव भित्ति
  13. केन्द्रकीय अम्लों की श्रृंखला के रूप
  14. गाजर जड़ की फ्लोएम।

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प्रश्न 4.
उचित संबंध जोडिए –
MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 8 कोशिका जीवन की इकाई - 1

उत्तर:

  1. (b) लवक एवं माइटोकॉण्ड्रिया
  2. (d) लाइसोसोम
  3. (e) जीवद्रव्य
  4. (a) राइबोसोम
  5. (c) माइटोकॉण्ड्रिया
  6. (f) श्लीडेन एवं श्वान।

MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 8 कोशिका जीवन की इकाई - 2
उत्तर:

  1. (b) डिक्टियोसोम
  2. (a) हरित लवक
  3. (d) R.N.A. + प्रोटीन
  4. (e) शुक्राणु
  5. (c) एन्डोप्लाज्मिक रेटीकुलम

MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 8 कोशिका जीवन की इकाई - 3
उत्तर:

  1. (b) एक्टिव ट्रांसपोर्ट
  2. (e) क्रीनेशन
  3. (d) परासरण
  4. (a) पेसिव ट्रांसपोर्ट
  5. (c) लाल रक्त कणिका का फटना

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प्रश्न 5.
सत्य / असत्य बताइए –

  1. कोशिका अंतस्थ के अन्दर कार्बनिक एवं अकार्बनिक दोनों वस्तुएँ आती हैं।
  2. ग्रैना रहित लवक C, पादपों में पाये जाते हैं।
  3. लाइसोसोम जिन कोशिकाओं में उपस्थित है उन्हीं में विघटित हो जाये तो कोशिकाएँ विखंडित हो जायेंगी।
  4. 80S राइबोसोम की बड़ी उप इकाई 50s की होती है।
  5. गुणसूत्र शब्द का सबसे पहले प्रयोग वाल्डेयर ने किया।
  6. सेण्ट्रिओल एवं राइबोसोम कोशिका के अन्दर पाये जाने वाले दो झिल्लीयुक्त कोशिकांग हैं।
  7. कोशकाओं में जैविक क्रियाओं के संचालन एवं नियमन की क्षमता पाई जाती है। इसी कारण इन्हें आत्मनिर्भर इकाई कहते हैं।
  8. प्राथमिक अविकसित कोशिकाएँ जिनमें दोहरी झिल्ली युक्त रचनाएँ नहीं होती यूकैरियोटिक कोशिका कहलाती है।
  9. कायिक संकरण वह विधि है जिसके द्वारा आनुवंशिक रूप से दो भिन्न जातियों की कोशिकाओं के कोशिका द्रव्यों को मिलाया जाता है।
  10. कोशिकांग कोशिका के बाहर उपस्थित वे विशिष्ट रचनाएँ हैं जो कोशिका की विभिन्न उपापचयी क्रियाओं को संपादित करती हैं।

उत्तर:

  1. सत्य
  2. असत्य
  3. सत्य
  4. असत्य
  5. सत्य
  6. असत्य
  7. सत्य
  8. असत्य
  9. सत्य
  10. असत्य।

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कोशिका : जीवन की इकाई अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अर्द्ध स्वनियन्त्रित कोशिकांग किसे कहते हैं ? एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
वे कोशिकांग, जो अपने प्रोटीन का संश्लेषण कर लेते हैं, स्वतन्त्र रूप से जनन कर लेते हैं तथा उनमें इनका अपना आनुवंशिक पदार्थ (DNA and RNA) होता है, अर्द्ध स्वनियन्त्रित कोशिकांग कहलाते हैं, जैसे-माइटोकॉण्ड्रिया एवं लवक।

प्रश्न 2.
लाइसोसोम को आत्महत्या की थैली कहते हैं, क्यों?
उत्तर:
लाइसोसोम में कोशिकांगों के विभिन्न संघटकों का पाचन करने वाले 25 प्रकार के प्रकीण्व जैसे-राइबोन्यूक्लियस, डिऑक्सीराइबोन्यूक्लियस, ग्लाइकोसिडेज, प्रोटिएज, फॉस्फेटेज, सल्फेटेज आदि पाये जाते हैं। किसी कारणवश जब ये एन्जाइम लाइसोसोम से बाहर आ जाते हैं, तो कोशिका के विभिन्न घटकों का विघटन हो जाता है तथा कोशिका की मृत्यु हो जाती है। इसलिए लाइसोसोम को आत्महत्या की थैली कहते हैं।

प्रश्न 3.
विसरण का महत्व लिखिए।
उत्तर:
विसरण का महत्व –

  • इसके द्वारा प्रकाश-संश्लेषण तथा श्वसन के समय गैसों का आदानप्रदान होता है।
  • पौधों द्वारा वाष्पोत्सर्जन के समय जल का वाष्पीकरण विसरण द्वारा ही होता है।
  • पौधों में खाद्य पदार्थों के परिवहन में भी विसरण का बहुत बड़ा योगदान होता है।
  • कोशिकाओं के अन्दर विविध पदार्थों का आवागमन भी विसरण के द्वारा ही होता है।
  • इसके द्वारा जीव शरीर के ताप का नियमन भी होता है।

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कोशिका : जीवन की इकाई लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में अन्तर स्पष्ट कीजिए

  1. जलरागी एवं जलविरागी अणु
  2. निष्क्रिय एवं सक्रिय अभिगमन
  3. पिनोसाइटोसिस एवं फैगोसाइटोसिय।

उत्तर:

1. जलरागी एवं जलविरागी अणु:
वे अणु जो जल से बन्धुता प्रदर्शित करते हैं। जलरागी अणु कहलाते हैं, जबकि वे अणु जो जल से बन्धुता प्रदर्शित नहीं करते जलविरागी अणु कहलाते हैं। प्लाज्मा झिल्ली को बनाने वाले प्रोटीनों के कुछ अमीनो अम्ल जलरागी तथा कुछ जलविरागी होते हैं।

2. निष्क्रिय एवं सक्रिय अभिगमन:
प्लाज्मा झिल्ली के द्वारा होने वाला वह अभिगमन, जिसमें ऊर्जा खर्च नहीं होती है निष्क्रिय अभिगमन कहलाता है। जैसे–विसरण एवं परासरण द्वारा होने वाला अभिगमन। जबकि प्लाज्मा झिल्ली से होकर होने वाला वह अभिगमन, जिसमें ऊर्जा खर्च होती है सक्रिय अभिगमन कहलाता है। जैसे – K+ का प्लाज्मा झिल्ली से होकर होने वाला अभिगमन।

3. पिनोसाइटोसिस एवं फैगोसाइटोसिस:
पिनोसाइटोसिस वह क्रिया है, जिसके द्वारा प्लाज्मा झिल्ली द्रव पदार्थों का अन्तर्ग्रहण कहती है, जबकि फैगोसाइटोसिस वह क्रिया है, जिसके द्वारा प्लाज्मा झिल्ली ठोस पदार्थों का अन्तर्ग्रहण करती है।

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प्रश्न 2.
सक्रिय अभिगमन के महत्व को बताइए।
उत्तर:
भक्रिय अभिगमन का महत्व –

  • इस क्रिया के कारण जीवित कोशिकाओं का रासायनिक संगठन एक-सा बना रहता है।
  • कोशिका के अन्दर तथा बाहर आयनों का सन्तुलन बना रहता है।
  • इस क्रिया के द्वारा उपयोगी खनिज लवणों का अवशोषण किया जाता है, इस क्रिया में अवशोषण निष्क्रिय अवशोषण की अपेक्षा तीव्र गति से होता है।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित से सम्बन्धित खोज करने वाले वैज्ञानिक / वैज्ञानिकों के नाम लिखिए –

  1. कोशिका
  2. केन्द्रक
  3. कोशिकावाद
  4. नई कोशिकाओं का जन्म।

उत्तर:

  1. कोशिका – कोशिका की खोज सन् 1665 में रॉबर्ट हुक ने की थी।
  2. केन्द्रक- केन्द्रक की खोज सन् 1831 में रॉबर्ट ब्रॉउन ने की थी।
  3. कोशिकावाद – कोशिकावाद की खोज सन् 1838 में श्लीडेन एवं श्वान ने की थी।
  4. नई कोशिकाओं का जन्म – नई कोशिकाओं के जन्म की खोज रुडोल्फ वर्शोव ने सन् 1855 में की थी। उनके अनुसार नई कोशिकाओं का जन्म पुरानी कोशिकाओं से कोशिका विभाजन द्वारा होता है।

प्रश्न 4.
कोशिकावाद से क्या तात्पर्य है ? समझाइये।
उत्तर:
श्लीडेन एवं श्वान ने मिलकर अपने अध्ययनों के आधार पर सन् 1938 में कोशिका के सम्बन्ध में एक वाद प्रस्तुत किया जिसे कोशिकावाद या कोशिका सिद्धान्त कहते हैं । ये वाद निम्नानुसार हैं –

  • सभी जीव एक या अनेक कोशिकाओं के बने होते हैं।
  • सभी कोशिकाओं में एक जैसी उपापचयी क्रियाएँ होती हैं और ये जीवन की रचनात्मक एवं कार्यात्मक इकाई होती हैं।
  • किसी भी जीव द्वारा प्रदर्शित क्रियाएँ वास्तव में उसकी कोशिकाओं के अन्दर की क्रियाओं एवं उनकी आपसी क्रियाओं का परिणाम होती हैं।
  • नयी कोशिकाएँ पूर्ववर्ती कोशिकाओं से ही बनती हैं अर्थात् ये अपने-आप नहीं बनतीं।

प्रश्न 5.
कोशिका की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
श्लीडेन एवं श्वान के कोशिका सिद्धान्त के अनुसार “कोशिका सभी जीवों की रचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई होती है। दूसर शब्दों में हम कह सकते हैं कि, “कोशिका एक स्वतन्त्र अस्तित्व वाली सूक्ष्मतम जीवित इकाई है। आधुनिक वैज्ञानिक लोई तथा सिकेविट्स (Loewy and Sickevitz, 1963) ने कोशिका को निम्नलिखित प्रकार से परिभाषित किया है – “कोशिका वरणात्मक पारगम्य झिल्ली से घिरी हुई जैविक क्रियाओं की ऐसी इकाई है, जो जावित तन्त्रों से मुक्त माध्यम में स्वयं प्रजनन कर सकती है।”

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प्रश्न 6.
टोटीपोटेन्सी किसे कहते हैं ?
उत्तर:
पादप कोशिका की प्रत्येक कोशिका में यह क्षमता पायी जाती है कि वह विकसित होकर एक नया पौधा बना देती है। कोशिका के इस गुण को टोटीपोटेन्सी तथा इन कोशिकाओं को टोटीपोटेण्ट कहते हैं। टोटीपोटेन्सी का विचार सबसे पगले हैबरलैण्ड्ट ने सन् 1902 में दिया। बाद में स्टीवर्ड ने सन् 1950 में गाजर के जड़ की फ्लोएम कोशिकाओं से पूर्ण विकसित पादप प्राप्त करने में सफलता हासिल की। आजकल इस तकनीक से अगुणित पादपों को भी विकसित किया जाता है।

प्रश्न 7.
बहुकोशिकीयता के क्या लाभ हैं ?
उत्तर:
लाभ:

  • जीवों में श्रम विभाजन का प्रादुर्भाव हो जाता है, जिससे वे अधिक संगठित हो जाते हैं।
  • विशिष्ट कोशिकाओं द्वारा मरम्मत होने के कारण कोशिकाओं की आयु बढ़ जाती है।
  • अंग-भंग होने के बाद भी जीव जीवित रहते हैं।
  • जीवों में अनुकूलन की क्षमता बढ़ जाती है।
  • कार्य व्यवस्थित होने के कारण बहुकोशिकीयता जीवों की आयु को बढ़ाती है।
  • जीवों के आकार में वृद्धि होती है।

प्रश्न 8.
रैफाइड्स (Raphaides), स्फिरेफाइड्स तथा सिस्टोलिथ किसे कहते हैं ?
उत्तर:
पौधों की संग्राहक कोशिकाओं में जैसे कॉर्टेक्स (Cortex), पिथ (Pith) की कोशिकाओं में कैल्सियम ऑक्जेलेट के छड़ाकार या सूच्याकार रवे उपस्थित हों, तो उन्हें रैफाइड्स कहा जाता है। अगर ये रवे ताराकृति (Star shaped) के रूप में होते हैं, तो उन्हें स्फिरेफाइंड्स कहा जाता है। कैल्सियम कार्बोनेट्स के रवे प्रायः अंगूर के फलों के गुच्छे सदृश होते हैं, इन्हें सिस्टोलिथ (Cystolith) कहा जाता है।

प्रश्न 9.
कोशिका सिद्धान्त के कोई पाँच अपवाद बताइये।
उत्तर:
कोशिका सिद्धान्त के अपवाद –

  • विषाणु में कोशिकीय संरचना नहीं पायी जाती।
  • लाल रुधिराणुओं में ऑक्सी-श्वसन नहीं होता।
  • लाल रुधिराणु पूर्ण कोशिका नहीं होते, क्योंकि इनमें केन्द्रक, माइटोकॉण्ड्रिया, L.R. इत्यादि नहीं पाये जाते।
  • पूर्व विकसित तन्त्रिका कोशिका में विभाजन एवं पुनर्जनन की क्षमता नहीं होती।
  • यकृत तथा पेशी कोशिकाएँ विभाजन की क्षमता के बावजूद विभाजित नहीं होती, लेकिन इनमें पुनर्जनन (Regeneration) होता है।

प्रश्न 10.
परासरण का महत्व बताइए।
उत्तर:
परासरण का महत्व –

  • जीवित कोशिकाओं की प्लाज्मा झिल्ली से होकर होने वाला अधिकांश अभिगमन परासरण के द्वारा ही होता है।
  • मूलरोम द्वारा जल तथा जलीय जीवों विविध पदार्थों का अवशोषण परासरण के द्वारा ही होता है।
  • जायलम द्वारा जल का संवहन परासरण के द्वारा होता है।
  • कोशिकाओं की स्फीति दशा बनाये रखने तथा पौधों एवं जन्तुओं की कार्यिकीय क्रियाओं में भी परासरण का बहुत अधिक महत्व होता है।

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प्रश्न 11.
जैव झिल्ली किसे कहते हैं ? समझाइए।
उत्तर:
सभी कोशिकाओं के चारों तरफ पतली, लचीली, वरणात्मक अर्द्धपारगम्य झिल्ली पायी जाती है, जिसे प्लाज्मा झिल्ली कहते हैं। ठीक ऐसी ही झिल्ली महत्वपूर्ण कोशिकांगों, केन्द्रक तथा रिक्तिकाओं के चारों तरफ भी पायी जाती है, जिसे उपकोशिकीय झिल्ली कहते हैं। सभी झिल्लियों को एक साथ जैव झिल्ली कहते हैं।

प्रश्न 12.
क्या होगा यदि R.B.Cs. को अतिपरासरी विलयन में रखा जाये?
उत्तर:
नमक का (0.9% से अधिक सांद्रित विलयन अतिपरासरी होता है, क्योंकि उसका परासरण दाब R.B.Cs. के कोशिकाद्रव्य से अधिक होता है। अत: इस प्रकार के विलयन में R.B.Cs. को रखने पर इनसे जल का क्षय होने के कारण इनकी कोशिका में जीवद्रव्यकुंचन हो जाता है, कोशिका में से बाहर के माध्यम में इस प्रकार के विसरण को बाह्य परासरण (Exosmosis) कहते हैं । जीवद्रव्यकुंचन के कारण R.B.Cs. की मृत्यु भी हो सकती है।

प्रश्न 13.
निम्नलिखित में अन्तर स्पष्ट कीजिए

  1. बाह्य एवं अन्तःपरासरण
  2. एक्सोसाइटोसिस एवं एण्डोसाइटोसिस
  3. अर्द्ध-पारगम्य एवं वरणात्मक पारगम्य झिल्ली।

उत्तर:

1. बाह्य एवं अन्तःपरासरण:
वह परासरण जिसके द्वारा कोशिका के अन्दर के पदार्थ को बाहर निकाला जाता है बाह्य परासरण कहलाता है, जबकि वह परासरण जिसमें किसी पदार्थ का परासरण कोशिका के बाहर से कोशिका के अन्दर की ओर होता है, अन्त:परासरण कहलाता है।

2. एक्सोसाइटोसिस एवं एण्डोसाइटोसिस:
एक्सोसाइटोसिस (कोशिकावमन) वह क्रिया है, जिसके द्वारा कोशिका के अन्दर की वस्तुओं को कोशिका के बाहर किया जाता है जैसे-उत्सर्जन जबकि एण्डोसाइटोसिस (कोशिका परिग्रहण) वह क्रिया है, जिसके द्वारा खाद्य पदार्थों या बड़े पदार्थों को कोशिका के अन्दर किया जाता है, कोशिकापायन एवं कोशिका भक्षण इसके उदाहरण हैं।

3. अर्द्धपारगम्य एवं वरणात्मक पारगम्य झिल्ली:
अर्द्धपारगम्य झिल्ली वह झिल्ली है, जिससे होकर सभी छोटे अणुओं का आदान-प्रदान हो सकता है, जबकि वह झिल्ली है, जिससे होकर कुछ सूक्ष्म अणुओं का आदान-प्रदान हो सकता है, जबकि कुछ अणुओं का आदान-प्रदान नहीं हो सकता। प्लाज्मा झिल्ली एक वरणात्मक पारगम्य झिल्ली है।

प्रश्न 14.
कभी-कभी रासायनिक खाद देने के बाद पौधे मुरझा जाते हैं, क्यों?
उत्तर:
जब कभी पौधों को इतनी मात्रा में रासायनिक खाद दे दी जाती है कि मृदा की सान्द्रता पौधे के अन्दर की सान्द्रता से ज्यादा हो जाती है, तब बाह्य परासरण के कारण पौधे के अन्दर का जल बाहर निकल जाता है और पौधा मुरझा जाता है।

प्रश्न 15.
क्या होगा यदि R.B.Cs. को अल्पपरासरी विलयन में रखा जाये ?
उत्तर:
0.9% से कम सान्द्रित नमक का विलयन अल्पपरासरी होता है, क्योंकि R.B.Cs. की तुलना में उसका परासरण दाब कम होता है। इस दशा में जल बाह्य माध्यम से कोशिका में प्रवेश करता है। कोशिकाओं में जल के विसरण को अन्तःपरासरण (Endosmosis) कहते हैं। इसके कारण R.B.Cs. फटकर मर सकती है।

प्रश्न 16.
“लिपिड के समुद्र में प्रोटीन के द्वीप” के नाम से किसे जाना जाता है ? और क्यों ?
उत्तर:
द्रव मोजैक मॉडल के अनुसार प्लाज्मा झिल्ली संरचनात्मक रूप से लिपिड एवं प्रोटीन की बनी होती है, जिसमें लिपिड सामान्य ताप पर (37°C) पर द्रव रूप में रहता है, जिसमें प्रोटीन के ठोस अणु तैरते रहते हैं. इस कारण प्लाज्मा झिल्ली को लिपिड के समुद्र में प्रोटीन का द्वीप कहते हैं।

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प्रश्न 17.
प्लाज्मा झिल्ली के कार्यों को लिखिए।
उत्तर:
कार्य:

  1. यह कोशिका को एक निश्चित आकार देती है।
  2. यह कोशिकीय आदान-प्रदान में भाग लेती है, जिससे कोशिका का संघटन एक जैसा बना रहता है अर्थात् यह विविध उपयोगी पदार्थों को ग्रहण करती है तथा हानिकारक पदार्थों को शरीर से बाहर करती है।
  3. यह कोशिकीय प्रचलन कूटपाद द्वारा तथा तरंग द्वारा सम्पन्न करती है।
  4. यह कोशिका जनन में भाग लेती है।
  5. यह जीवद्रव्य को बाहरी झटकों से बचाती है तथा जैविक कार्यों में सहयोग करती है।

प्रश्न 18.
जीवद्रव्यकुंचन क्या है ? समझाइए।
उत्तर:
जब किसी कोशिका को उसके जीवद्रव्य से अधिक सान्द्र विलयन (अतिपरासरी विलयन) में रखा जाता है, तो कोशिका के रिक्तिका का जल बाह्य परासरण के कारण बाहर जाने लगता है फलतः रिक्तिका संकुचित हो जाती है। रिक्तिका के संकुचित होने के कारण जीवद्रव्य भी संकुचित हो जाता है। इस क्रिया को जीवद्रव्यकुंचन कहते हैं।

जन्तुओं की R.B.Cs. में भी जीवद्रव्यकुंचन देखा जा सकता है। यदि जीवद्रव्य कुंचित. कोशिका को फिर से आसुत जल में रख दिया जाय तो यह पूर्ववत् हो जायेगी। जीवद्रव्यकुंचन को निम्नलिखित प्रकार से परिभाषित कर सकते हैं-किसी अतिपरासरी विलयन में रखने पर कोशिका के जीवद्रव्य के संकुचन को जीवद्रव्यकुंचन कहते हैं।

प्रश्न 19.
प्रोकैरियोटिक एवं यूकैरियोटिक कोशिकाओं की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर:
प्रोकैरियोटिक कोशिका:
ये प्राथमिक प्रकार की अविकसित कोशिकाएँ हैं, जिनके केन्द्रक के चारों तरफ केन्द्रकीय झिल्ली नहीं पायी जाती। इनकी कोशिकाओं में दोहरी भित्ति वाले कोशिकांग जैसेमाइटोकॉण्ड्रिया, क्लोरोप्लास्ट, गॉल्गीकाय व लाइसोसोम भी नहीं पाये जाते। उदाहरण – जीवाणुओं तथा नीले हरे शैवालों की कोशिकाएँ। यूकैरियोटिक कोशिका – ये विकसित तथा सुगठित कोशिकाएँ हैं, जिनके केन्द्रक के चारों तरफ केन्द्रकीय झिल्ली पायी जाती है। इनमें दोहरी भित्ति वाले कोशिकांग जैसे-माइटोकॉण्ड्रिया, हरितलवक, गॉल्गीकाय इत्यादि पाये जाते हैं। उदाहरण-सभी विकसित जन्तुओं तथा पादपों की कोशिकाएँ।

प्रश्न 20.
कोशिकाओं के अन्दर सूचनाओं का प्रवाह किस प्रकार होता है ?
उत्तर:
कोशिका के अन्दर तथा एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में सूचनाओं एवं निर्देशों का आदान-प्रदान या प्रवाह विशिष्ट आनुवंशिक पदार्थ DNA के द्वारा होता है, लेकिन कुछ विषाणुओं में यह कार्य RNA के द्वारा किया जाता है। केन्द्रक कोशिका के मस्तिष्क का कार्य करता है। केन्द्रक में सूचनाएँ DNA के अन्दर न्यूक्लियोटाइडों के विशिष्ट क्रम के रूप में संचित रहती है। DNA द्विगुणन द्वारा इन सूचनाओं को RNA के रूप में परिवर्तित कर देता है। यह RNA केन्द्र की सूचना को राइबोसोम को देता है जो सूचनाओं के अनुसार अनेक प्रकार के प्रोटीनों को बनाता है। ये प्रोटीन कोशिकीय क्रियाओं का नियन्त्रण करते हैं।

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प्रश्न 21.
कोशिका की ऊर्जा कहाँ संचित रहती है ?
उत्तर:
कोशिका की ऊर्जा A.T.P. (Adenosine tri – phosphate) के अन्दर स्थित फॉस्फेट समूह के उच्च ऊर्जा बन्धों के रूप में माइटोकॉण्ड्रिया में संचित रहती है। आवश्यकतानुसार ये बन्ध टूटकर संचित ऊर्जा को मुक्त कर देते हैं।

प्रश्न 22.
ट्रोफोप्लाज्म या कोशिकांग किसे कहते हैं ?
उत्तर:
कोशिकाद्रव्य में उपस्थित वे विशिष्ट रचनाएँ जो कोशिकाओं में होने वाली विभिन्न उपापचयिक क्रियाओं को संपादित करने वाले स्थल के रूप में जानी जाती हैं, कोशिकांग कहलाती है। कोशिकांगों के समूह को ट्रोफोप्लाज्म कहते हैं।

प्रश्न 23.
एक प्रोकैरियोटिक कोशिका का स्वच्छ नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर:
MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 8 कोशिका जीवन की इकाई - 10

कोशिका : जीवन की इकाई दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
प्रोकैरियॉटिक तथा यूकैरियॉटिक कोशिका में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
प्रोकैरियॉटिक तथा यूकैरियॉटिक कोशिका में अन्तर –
MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 8 कोशिका जीवन की इकाई - 11

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MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 11 शंकु परिच्छेद Ex 11.2

MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 11 शंकु परिच्छेद Ex 11.2

निम्नलिखित प्रश्न 1 से 6 तक प्रत्येक में नाभि के निर्देशांक, परवलय का अक्ष, नियता का समीकरण और नाभिलंब जीवा की लंबाई ज्ञात कीजिए।
प्रश्न 1.
y2 = 12x.
हल:
परवलय का समीकरण, y2 = 12x
∴ y2 = 4ax से तुलना करने पर
4a= 12 या a= 3
(i) नाभि के निर्देशांक (a, 0) या (3, 0)
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 11 शंकु परिच्छेद Ex 11.2 img-1
(ii) परवलय का अक्ष OX
इसका समीकरण y = 0
(iii) नियता का समीकरण : x = – a अर्थात् x = – 3
(iv) नाभिलंब जीवा की लंबाई = 4a = 12.

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प्रश्न 2.
x2 = 6y.
हल:
परवलय का समीकरण x2 = 6y
∴ 4a = 6 या a = \(\frac{3}{2}\)
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 11 शंकु परिच्छेद Ex 11.2 img-2
इसका अक्ष y-अक्ष है जिसका
(i) समीकरण x = 0 है।
(ii) नाभि F (0, a) के निर्देशांक \(\left(0, \frac{3}{2}\right)\) है।
(iii) नियता y = – a का समीकरण y = – \(\frac{3}{2}\)
(iv) नाभिलंब जीवा की लम्बाई 4a = 6.

प्रश्न 3.
y2 = – 8x.
हल:
परवलय का समीकरण y2 = – 8x
∴ 4a = 8, a = 2
(i) नाभि F(- a, 0) के निर्देशांक (- 2, 0)
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 11 शंकु परिच्छेद Ex 11.2 img-3
(ii) परवलय का अक्ष x-अक्ष
इसका समीकरण y = 0
(iii) नियता x = a का समीकरण x = 2.
(iv) नाभिलंब जीवा की लंबाई = 4a = 8.

प्रश्न 4.
x2 = – 16y.
हल:
परवलय का समीकरण x2 = – 16y
∴ 4a = 16 या a = 4
नियता
(i) नाभि F (0, – a) के निर्देशांक (0, – 4)
(ii) परवलय अक्ष का समीकरण x = 0.
(iii) नियता y = 0 का समीकरण y = 4.
(iv) नाभिलंब जीवा की लंबाई 4a = 16.

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प्रश्न 5.
y2 = 10x.
हल:
परवलय का समीकरण y2 = 10x (आकृति प्रश्न 1 में देखें)
4a = 10 या a = \(\frac{5}{2}\)
(i) नाभि F (a, 0) के निर्देशांक \(\left(\frac{5}{2}, 0\right)\)
(ii) परवलय का अक्ष : x-अक्ष, समीकरण y = 0
(iii) नियता x = – a का समीकरण x = – \(\left(\frac{5}{2}, 0\right)\)
(iv) नाभिलंब जीवा की लंबाई 4a = 10.

प्रश्न 6.
x2 = – 9y.
हल:
परवलय का समीकरण x2 = – 9y (आकृति प्रश्न 4 में देखें)
4a = 9 या a = \(\frac{9}{4}\)
(i) नाभि (0, – a) के निर्देशांक \(\left(0,-\frac{9}{4}\right)\)
(ii) परवलय का अक्ष : y-अक्ष, समीकरण x = 0
(iii) नियता y = a का समीकरण y = \(\frac{9}{4}\)
(iv) नाभिलंब जीवा की लंबाई 4a = 9.

निम्नलिखित प्रश्न 7 से 12 तक प्रत्येक में परवलय का समीकरण ज्ञात कीजिए जो दिए प्रतिबंध को संतुष्ट करता है।
प्रश्न 7.
नाभि (6, 0), नियता x = – 6.
हल:
परवलय का अक्ष : x-अक्ष, y = 0
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 11 शंकु परिच्छेद Ex 11.2 img-4
शीर्ष (0, 0) है, नाभि के निर्देशांक (6, 0)
परवलय का अक्ष, धन x-अक्ष के अनुदिश है।
परवलय का समीकरण y2 = 24x.

प्रश्न 8.
नाभि (0, – 3), नियता y = 3.
हल:
परवलय का अक्ष y-अक्ष है।
शीर्ष (0, – 3), (0, 3) का मध्य बिन्दु (0, 0) है। नाभि (0, – 3) से स्पष्ट होता है कि परवलय की अक्ष OY के अनुदिश है।
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 11 शंकु परिच्छेद Ex 11.2 img-5
∴ परवलय के समीकरण का रूप x2 = – 4ay
यहाँ पर a = 3, ∴ 4a = 12
∴ परवलय का समीकरण x2 = – 12y.

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प्रश्न 9.
शीर्ष (0, 0), नाभि (3, 0) (आकृति प्रश्न 7 की देखिए)
हल:
परवलय का अक्ष OX के अनुदिश हैं।
∴ परवलय के समीकरण का रूप y2 = 4ax
नाभि (3, 0) है। ∴ a = 3
4a = 4 x 3 = 12
∴ परवलय का समीकरण y2 = 12x.

प्रश्न 10.
शीर्ष (0, 0), नाभि (-2, 0).
हल:
परवलय का अक्ष OX’ के अनुदिश
नाभि (- 2, 0) है तो a= 2
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 11 शंकु परिच्छेद Ex 11.2 img-6
∴ 4a = 8
परवलय का रूप y2 = – 4ax
परवलय का समीकरण y2 = – 8x.

प्रश्न 11.
शीर्ष (0, 0), (2, 3) से जाता है और अक्ष, x-अक्ष के अनुदिश है।
हल:
परवलय का शीर्ष (0, 0) है और अक्ष : x-अक्ष है।
∴ परवलय के समीकरण का रूप y2 = 4ax
यह बिन्दु (2, 3) से होकर जाता है
∴ 9 = 4a.2 या 4a = \(\frac{9}{2}\)
अतः परवलय का समीकरण y2 = \(\frac{9}{2}\)x या 2y2 = 9x.

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प्रश्न 12.
शीर्ष (0, 0), (5, 2) से जाता है और y-अक्ष के सापेक्ष सममित है।
हल:
शीर्ष (0, 0), परवलय y-अक्ष के सापेक्ष सममित है।
समीकरण का रूप x2 = 4ay है। यह बिन्दु (5, 2) से गुजरता है।
∴ 25 = 4a × 2
∴ 4a = \(\frac{25}{2}\)
∴ परवलय का समीकरण, x2 = \(\frac{25}{2}\)y या 2x2 = 25y

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MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 11 शंकु परिच्छेद Ex 11.1

MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 11 शंकु परिच्छेद Ex 11.1

निम्नलिखित प्रश्न 1 से 5 तक प्रत्येक में वृत्त का समीकरण ज्ञात कीजिए :
प्रश्न 1.
केंद्र (0, 2) और त्रिज्या 2 इकाई।
हल:
यहाँ h = 0, k = 2 तथा r = 2 रखने पर,
वृत्त का समीकरण, (x – 0)2 + (y – 2)2 = 22
या x2 + y2 – 4y + 4 =4
अतः वृत्त का अभीष्ट समीकरण, x2 + y2 – 4y = 0.

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प्रश्न 2.
केंद्र (- 2, 3) और त्रिज्या 4 इकाई।
हल:
∴ वृत्त का समीकरण (x + 2)2 + (y – 3)2 = 42
या (x2 + 4x + 4) + (y2 – 6y + 9) = 16
या x2 + y2 + 4x – 6y – 3 = 0.

प्रश्न 3.
केंद्र \(\left(\frac{1}{2}, \frac{1}{4}\right)\) और त्रिज्या \(\frac{1}{12}\) इकाई।
हल:
यहाँ h = \(\frac{1}{2}\), k = \(\frac{1}{4}\), तथा r = \(\frac{1}{12}\) हो, तब
वृत्त का समीकरण,
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 11 शंकु परिच्छेद Ex 11.1 img-1

प्रश्न 4.
केंद्र (1, 1) और त्रिज्या -2 इकाई।
हल:
यहाँ h = 1, k = 1 तथा r = \(\sqrt{2}\) हों, तब
वृत्त का समीकरण,
(x – 1)2 + (y – 1)2 = (\(\sqrt{2}\))2
या (x2 – 2x + 1) + (y2 – 2y + 1) = 2
या x2 + y2 – 2x – 2y= 0.

प्रश्न 5.
केंद्र (- a, – b) और त्रिज्या \(\sqrt{a^{2}-b^{2}}\) इकाई।
हल:
वृत्त का समीकरण,
(x + a)2 + (y + b)2 = \((\sqrt{a^{2}-b^{2}})\)2
या x2 + 2ax + a2 + y2 + 2by + b2 = a2 – b2.
या x2 +y2 + 2ax + 2by + 2b2 = 0.

निम्नलिखित प्रश्न 6 से 9 तक में प्रत्येक वृत्त का केन्द्र और त्रिज्या ज्ञात कीजिए :
प्रश्न 6.
(x + 5)2 + (y – 3)2 = 36.
हल:
वृत्त (x + 5)2 + (y – 3)2 = 36 की (x – h)2 + (y – k)2 = r2 से तुलना करने पर,
– h = 5, – k = – 3, r2 = 36
∴ h = – 5, k = 3, r= 6
∴ केन्द्र (- 5, 3), त्रिज्या = 6.

प्रश्न 7.
x2 +y2 – 4x – 8y – 45 = 0.
हल:
(x2 – 4x) + (y2 – 8y) = 45
या (x2 – 4x + 4) + (y2 – 8y + 16) = 45 + 4 + 16 = 65
(x – 2)2 + (y – 4)2 = 65
∴ h = 2, k = 4, r = \(\sqrt{65}\)
⇒ केन्द्र (2, 4) और त्रिज्या = \(\sqrt{65}\)
दूसरी विधि : 2g = – 4, 2f= – 8, c = – 45
g = – 2, f = – 4, r = \(\sqrt{g^{2}+f^{2}-c}\)3
r = \(\sqrt{4+16+45}\)
= \(\sqrt{65}\)
केन्द्र (- g, – f) अर्थात् (2, 4)
त्रिज्या = r = \(\sqrt{65}\).

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प्रश्न 8.
x2 + y2 – 8x + 10y – 12 = 0.
हल:
(x2 – 8x) + (y2 + 10y) = 12
या (x2 – 8x + 16) + (y2 + 10y + 25) = 12 + 16 + 25
(x – 4)2 + (y + 5)2 = 53.
∴ केन्द्र (4, – 5), त्रिज्या= \(\sqrt{53}\).

प्रश्न 9. 2x2 + 2y2 – x= 0.
हल:
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 11 शंकु परिच्छेद Ex 11.1 img-2

प्रश्न 10.
बिन्दुओं (4, 1) और (6, 5) से जाने वाले वृत्त का समीकरण ज्ञात कीजिए जिसका केन्द्र रेखा 4x + y = 16 पर स्थित है।
हल:
वृत्त का व्यापक समीकरण
x2 + y2 + 2gx + 2fy + c = 0
बिन्दु (4, 1) इस पर स्थित है
∴ 16 + 1 + 8g + 2f + c = 0
∴ 8g + 2f + c = – 17 …..(1)
बिन्दु (6, 5) वृत्त पर स्थित है
∴ 36 + 25 + 12g + 10f + c = 0
∴ 12g + 10f + c = – 61 …..(2)
केंद्र (- g, – 1) रेखा 4x + y = 16 पर स्थित है
∴ – 4g – f = 16
या 4g + f = – 16 …..(3)
समीकरण (1) को (2) में से घटाने पर
4g + 8f = – 44
समीकरण (3) को (4) में से घटाने पर
7f = – 44 + 16 = – 28
f = – 4
समीकरण (3) में f का मान रखने पर
4g – 4 = – 16 या 4g = – 12
∴ g = – 3
f और g का मान समी (1) में रखने पर
– 24 – 8 + c = – 17
c = 32 – 17 = 15
अतः वृत्त का समीकरण
x2 + y2 – 6x – 8y + 15 = 0.

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प्रश्न 11.
बिन्दुओं (2, 3) और (- 1, 1) से जाने वाले वृत्त का समीकरण ज्ञात कीजिए जिसका केंद्र रेखा x – 3y – 11 = 0 पर स्थित है।
हल:
मान लीजिए वृत्त का समीकरण
x2 + y2 + 2gx + 2fy + c = 0 ….(1)
इस पर बिन्दु (2, 3) स्थित है।
∴ 4 + 9 + 4g + 6f + c = 0
या 4g + 6f + c = – 13 ……(2)
इसी प्रकार (- 1, 1) भी वृत्त (1) पर स्थित है।
जब p = – 2, वृत्त का समीकरण
(x + 2)2 + y2 = 25
या x2 + y2 + 4x – 21 = 0
जब p = 6, वृत्त का समीकरण
(x – 6)2 + y2 = 25
x2 + y2 – 12x + 36 – 25 = 0
या x2 + y2 – 12x + 11 = 0
∴ वृत्त के अभीष्ट समीकरण
x2 + y2 + 4x – 21 = 0 और x2 + p2 – 12x + 11 = 0π

प्रश्न 13.
(0, 0) से होकर जाने वाले वृत्त का समीकरण ज्ञात कीजिए जो निर्देशांक्षों पर a और b अंत: खण्ड बनाता है।
हल:
वृत्त मूल बिन्दु से होकर जाता है और अक्षों पर अंत:खण्ड a, b बनाता है।
OA = a, ∴ A के निर्देशांक (a, 0)
OB = b, ∴ B के निर्देशांक (0, b)
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 11 शंकु परिच्छेद Ex 11.1 img-3
या x2 + y2 – ax – by = \(\frac{a^{2}+b^{2}}{4}-\frac{a^{2}+b^{2}}{4}\)
∴ वृत्त का अभीष्ट समीकरण
x2 + y2 – ax – by = 0.

प्रश्न 14.
उस वृत्त का समीकरण ज्ञात कीजिए जिसका केंद्र (2, 2) हो तथा (4, 5) से जाता है।
हल:
वृत्त की त्रिज्या = केंद्र (2, 2) और बिन्दु (4, 5) के बीच की दूरी
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प्रश्न 15.
क्या बिन्दु (- 2.5, 3.5) वृत्त x2 + y2 = 25 के अंदर, बाहर या वृत्त पर स्थित है।
हल:
वृत्त का केंद्र O(0, 0) है।
दिया हुआ बिन्दु P(- 2.5, 3.5) है।
OP= \(\sqrt{(-2.5)^{2}+(3.5)^{2}}\)
= \(\sqrt{6.25+12.25}\)
= \(\sqrt{18.50}\)
= 4.25 (लगभग)
यह त्रिज्या जो 5 इकाई से कम है
अतः बिन्दु (- 2.5, 3.5) वृत्त के अंदर स्थित होगा।

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MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 7 प्राणियों में संरचनात्मक संगठन

MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 7 प्राणियों में संरचनात्मक संगठन

प्राणियों में संरचनात्मक संगठन NCERT प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
एक शब्द या वाक्य में उत्तर दीजिए –

  1. पेरिप्लेनेटा अमेरिकाना का सामान्य नाम लिखिए।
  2. केंचुए में कितनी शुक्राणुधानियाँ पाई जाती हैं ?
  3. तिलचट्टे में अंडाशय की स्थिति क्या है ?
  4. तिलचट्टे के उदर में कितने खण्ड होते हैं ?
  5. मैल्पीघी नलिकाएँ कहाँ पाई जाती हैं ?

उत्तर:

  1. तिलचट्टा (कॉकरोच)।
  2. केंचुए के 6 से लेकर 9 वें खण्डों में चार जोड़ी शुक्राणुधानियाँ (Spermathecae) पायी जाती हैं।
  3. केंचुए के उदरगुहा (Abdominal cavity) के 4,5 एवं 6 वें उदरीय खण्डों में अंडाशय पाया जाता है।
  4. तिलचट्टे के उदरीय भाग में 3 से 7 खण्ड पाये जाते हैं।
  5. तिलचट्टे के मध्यांत्र (Midgut) व पश्चांत्र (Hindgut) के संधि स्थल पर लगभग 100-150 पतली पीले रंग की नलिकाएँ होती हैं, जिन्हें मैल्पीघी नलिकाएँ कहते हैं। यह अंग उत्सर्जन में सहायक है।

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प्रश्न 2.
निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए –

  1. वृक्कक का क्या कार्य है ?
  2. अयनी स्थिति के अनुसार केंचुए में कितने प्रकार के वृक्कक पाए जाते हैं ?

उत्तर:
(1) वृक्कक (Nephridia) के कार्य:
वृक्कक (Nephridia) केंचुए का उत्सर्जी अंग है। वृक्कक एक कुण्डलित कीपनुमा संरचना है जो कि केंचुए के गुहीय कक्ष से अतिरिक्त द्रव को संचित करता है। कीप वृक्कक के नलिकीय भाग से जुड़ा रहता है जो अतिरिक्त द्रव (उत्सर्जी पदार्थों) को छिद्र द्वारा शरीर से एकत्र कर आहारनाल में डालता है।

(2) स्थिति के अनुसार केंचुए में निम्नलिखित वृक्कक (Nephridia) पाये जाते हैंकेंचुए के उत्सर्जन तंत्र में 3 प्रकार के नेफ्रीडिया होते हैं –

1. पटीय नेफ्रीडिया (Septal nephridia):
यह 15 वें खंड के बाद सभी अंतखंडीय पट्टों के दोनों ओर दो-दो अर्द्धचन्द्राकार पंक्तियों में पाये जाते हैं। इस प्रकार प्रत्येक खंड में चार पंक्तियाँ पायी जाती हैं। एक पंक्ति में 20-25 नेफ्रीडिया होते हैं। ये उत्सर्जी पदार्थों को आहारनाल में छोड़ देते हैं।

2. ग्रसनी नेफ्रीडिया (Pharyngeal nephridia):
ये 4,5,6 खंड में ग्रसनी व ग्रसिका के दोनों ओर पृष्ठ पर गुच्छों के रूप में पाये जाते हैं। ये 3 जोड़ी समूहों में पाये जाते हैं। प्रत्येक में 100 नेफ्रीडिया तक होते हैं। यह मुखगुहिका एवं फैरिक्स में उत्सर्जी पदार्थ ग्रहण करते हैं। ये आहारनाल में खुलते हैं अत: नेफ्रिक प्रकृति के होते हैं।

3. अध्यावरणी नेफ्रीडिया (Integumentery nephridia):
यह पहले 6 खण्डों को छोड़कर सभी खंडों में पाये जाते हैं। ये देहभित्ति की भीतरी सतह पर पाये जाते हैं। इनकी संख्या 200-250 तक होती हैं। ये सीधे उत्सर्जी पदार्थ बाहर निकालते है। ये बाह्य नेफ्रिक प्रकृति के होते हैं।

प्रश्न 3.
केंचुए के जननांगों (जनन तंत्र) का नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर:
MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 7 प्राणियों में संरचनात्मक संगठन - 1

प्रश्न 4.
तिलचट्टे की आहारनाल का नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर:
MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 7 प्राणियों में संरचनात्मक संगठन - 2

प्रश्न 5.
निम्न में विभेद कीजिए –

  1. पुरोमुख एवं परितुंड
  2. पटीय वृक्कक और ग्रसनी वृक्कक।

उत्तर:
1. पुरोमुख एवं परितुंड (Prostomium and Peristomium)
पुरोमुख (Prostomium):
यह मुख को ढंकने वाली एक पालि (Lobe) है। यह मृदा की दरारों को खोलकर कृमि को उसके अन्दर रेंगकर जाने में मदद करती है। यह एक संवेदी संरचना है।

परितुंड (Peristomium):
शरीर पहला खण्ड परितुंड या मुख खण्ड कहलाता है। परितुंड में मुख (Mouth) पाया जाता है।

2. पटीय वृक्कक और ग्रसनी वृक्कक (Septal Nephridia and Pharyngeal Nephridia) –
पटीय वृक्कक (Septal nephridia):
यह 15वें खंड के बाद सभी अंतर्खडीय पट्टों के दोनों ओर दोदो अर्द्धचन्द्राकार पंक्तियों में पाये जाते हैं । इस प्रकार प्रत्येक खंड में चार पंक्तियाँ पायी जाती हैं। एक पंक्ति में 2025 नेफ्रीडिया होते हैं। ये उत्सर्जी पदार्थों को आहारनाल में छोड़ देते हैं।

ग्रसनी वृक्कक (Pharyngeal nephridia):
ये 4,5,6 खंड में ग्रसनी व ग्रसिका के दोनों ओर पृष्ठ पर गुच्छों के रूप में पाये जाते हैं। ये 3 जोड़ी समूहों में पाये जाते हैं। प्रत्येक में 100 नेफ्रीडिया तक होते हैं। यह मुखगुहिका एवं फैरिक्स में उत्सर्जी पदार्थ ग्रहण करते हैं। ये आहारनाल में खुलते हैं अत: नेफ्रिक प्रकृति के होते हैं।

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प्रश्न 6.
रुधिर के कणीय अवयव क्या हैं?
उत्तर:
रुधिर के अवयव कण इस प्रकार हैं –

  • प्लाज्मा
  • लाल रक्त कोशिकाएँ
  •  श्वेत रक्त कणिकाएँ और प्लेटलेट्स।

प्रश्न 7.
निम्न क्या है तथा प्राणियों के शरीर में कहाँ मिलते हैं –

  1. उपास्थि अणु (कॉण्ड्रोसाइट)
  2. तंत्रिकाक्ष (एक्सॉन)
  3. पक्ष्माभ उपकला।

उत्तर:
1. उपास्थि अणु (Chondrocyte):
उपास्थि का मैट्रिक्स अर्द्धठोस होता है। मैट्रिक्स में थैली समान रचनाएँ पायी जाती हैं, जिन्हें लैकुनी कहते हैं। मैट्रिक्स कॉण्ड्रिन प्रोटीन का बना होता है। प्रत्येक लैकुनी में 2 – 4 कॉण्ड्रियोसाइट कोशिकाएँ पायी जाती हैं, जिनमें विभाजन की क्षमता होती है। कॉण्ड्रियोसाइट कोशिका द्वारा कॉण्ड्रिन का स्रावण होता है। इसके चारों तरफ पेरीकॉण्ड्रियम नामक स्तर पाया जाता है जिसकी भीतरी स्तर कॉण्ड्रियोब्लास्ट होती है। कॉण्ड्रियोब्लास्ट कोशिकाएँ कॉण्ड्रियोसाइट का निर्माण करती हैं।

2. तंत्रिकाक्ष (Axon):
एक तंत्रिका कोशिका में एक मुख्य काय होता है जिसे साइटॉन कहते हैं, जिसमें अनेक प्रवर्ध निकलते हैं उनमें से एक अधिक लम्बा हो जाता है जिसे एक्सॉन कहते हैं। एक्सॉन द्वारा सूचनाएँ दूसरी न्यूरॉन, पेशियों एवं ग्रन्थियों में पहुँचती हैं। एक्सॉन जब शाखायुक्त होता है, उसे टीलोडेण्ड्रिया कहते हैं। जब एक्सॉन में समकोण पर पार्श्व शाखाएँ निकल आती हैं तो उसे कोलेटरल तन्तु कहते हैं।

3. पक्ष्माभ उपकला (Ciliated epithelium):
इसकी कोशिकाएँ स्तम्भाकार या घनाकार उपकला ऊतक के समान होती हैं, लेकिन इनकी सतहों पर पक्ष्म पाये जाते हैं। जैसे-मूत्रवाहिनी को आस्तरित करने वाला ऊतक।

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प्रश्न 8.
रेखांकित चित्र की सहायता से विभिन्न उपकला ऊतकों का वर्णन कीजिए। .
उत्तर:
जन्तुओं की स्वतंत्र या बाहरी सतहों पर पाये जाने वाले ऊतक को उपकला ऊतक कहते हैं। इसकी कोशिकाएँ चपटी तथा एक-दूसरे से सटी होती हैं। यह ऊतक निम्न प्रकार का होता है –

1. सरल शल्की उपकला ऊतक:
इसकी कोशिकाएँ चपटी, एक-दूसरे से सटी होती हैं, जैसे-त्वचा की बाह्य सतह की कोशिकाएँ, रुधिर वाहिनियों की बाहरी सतह की कोशिकाएँ।

2. सरल घनाकार उपकला ऊतक:
इसकी कोशिकाएँ घनाकार तथा जीवद्रव्य कणिकामय होता है। जैसे-थायरॉइड ग्रन्थि तथा यकृत की कोशिकाएँ।

3. सरल स्तम्भकार उपकला ऊतक:
इस ऊतक की कोशिकाएँ लम्बी, सटी, स्तम्भ के समान होती हैं। इनकी स्वतंत्र सतहों पर सामान्यतः प्रवर्ध पाये जाते हैं । जैसे-आँत तथा पित्त वाहिनी की आन्तरिक सतह का ऊतक।

4. सरल पक्ष्माभी उपकला ऊतक:
इसकी कोशिकाएँ स्तम्भाकार या घनाकार उपकला ऊतक के समान होती है, लेकिन इनकी सतह पर पक्ष्म पाये जाते हैं। जैसे–मूत्र वाहिनी को आस्तरित करने वाला ऊतक।

5. संयुक्त उपकला ऊतक:
यह उपकला ऊतक कई स्तरों में व्यवस्थित रहता है। कोशिकाओं के आधार पर यह स्तरित उपकला शल्की, घनाकार या स्तम्भी प्रकार का हो सकता है। स्त्रियों के मूत्र मार्ग में इस  प्रकार का ऊतक पाया जाता है।

6. विशेषीकृत उपकला ऊतक:
यह कार्यों के आधार पर कई प्रकार का होता है। जैसे-संवेदी उपकला, रंगा उपकला, जनन उपकला तथा ग्रन्थिल उपकला ऊतक। संवेदी उपकला ऊतक संवेदी कोशिकाओं का बना होता है, जबकि रंगा उपकला ऊतक में वर्णक पाये जाते हैं। जनन उपकला ऊतक जनन अंगों में पाया जाता है तथा जनन कोशिकाओं को पैदा करता है। ग्रन्थिल उपकला ऊतक ग्रन्थियों को आस्तरित करता है तथा स्रावी कोशिकाओं का बना होता है।
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प्रश्न 9.
निम्न में विभेद कीजिए –

  1. सरल उपकला तथा संयुक्त उपकला ऊतक
  2. हृदय पेशी तथा रेखित पेशी
  3. सघन नियमित एवं सघन अनियमित संयोजी ऊतक
  4. वसामय तथा रुधिर ऊतक 5. सामान्य तथा संयुक्त ग्रंथि।

उत्तर:
1. सरल उपकला एवं संयुक्त उपकला (एपिथीलियम) में अन्तर –
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2. हृदय पेशी एवं रेखित पेशी में अन्तर –
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3. सघन नियमित एवं सघन अनियमित संयोजी ऊतक –
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4. वसामय तथा रुधिर ऊतक में अन्तर –
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5. सामान्य ग्रंथि एवं संयुक्त ग्रंथि में अन्तर –
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प्रश्न 10.
निम्न शृंखलाओं में सुमेल न होने वाले अंशों को इंगित कीजिए –

  1. एरिओलर ऊतक, रुधिर, तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन), कंडरा (टेण्डन)
  2. लाल रुधिर कणिकाएँ, सफेद रुधिर काणिकाएँ, प्लेटलेट्स, उपास्थि
  3. बाह्यस्रावी, अन्तःस्रावी, लार ग्रंथि, स्नायु (लिगामेन्ट)
  4. मैक्सिला, मैण्डिबल, लेब्रम, शृंगिका (एण्टिना)
  5. प्रोटोनेमा, मध्य वक्ष, पश्च वक्ष तथा कक्षांग (कॉक्स)।

उत्तर:

  1. तंत्रिका कोशिका न्यूरॉन
  2. उपास्थि
  3. स्नायु (लिगामेन्ट)
  4. लेबम
  5. प्रोटोनेमा।

प्रश्न 11.
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उत्तर:

  1. (c) त्वचा
  2. (d) किर्मीर दृष्टि
  3. (e) केंचुआ
  4. (b) तिलचट्टे
  5. (a) आहारनाल
  6. (g) अस्थि
  7. (f) शिश्न खण्ड

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प्रश्न 12.
केंचुए के परिसंचरण तंत्र का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
केंचुए का परिसंचरण तंत्र (Circulatory system of Earthworm) केंचुए का परिसंचरण तंत्र बंद प्रकार का होता है जिसमें रुधिर वाहिकाएँ, कोशिकाएँ और हृदय होता है। बंद परिसंचरण तंत्र होने के कारण रुधिर हृदय तथा रक्त वाहिनियों तक ही सीमित रहता है। इसमें रक्त परिसंचरण एकदिशीय (Unidirectional) होता है।

सूक्ष्म रुधिर वाहिकाएँ रक्त को आहारनाल, तंत्रिका तंत्र और शरीर भित्ति तक पहुँचाती है। रुधिर ग्रंथियाँ 4,5 और 6 वें देहखण्ड पर पायी जाती हैं ये ग्रंथियाँ हीमोग्लोबिन तथा रुधिर कोशिकाओं का निर्माण करती हैं जो रुधिर प्लाज्मा में घुल जाती है। केंचुए में विशिष्ट श्वसन तंत्र नहीं होता। गैसीय विनिमय त्वचा की आर्द्र सतह से उसमें प्रवाहित रुधिर के माध्यम से सम्पन्न होता है।

प्रश्न 13.
मेढक के पाचन तंत्र का नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर:
मेढक के पाचन तंत्र का चित्र
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प्रश्न 14.
निम्न के कार्य बताइए –

  1. मेढक की मूत्रवाहिनी
  2. मैल्पीधी नलिका
  3. केंचुए की देहभित्ति।

उत्तर:
1. मेढक की मूत्रवाहिनी के कार्य (Function of ureters of frog):
नर मेढक में वृक्क से दो मूत्रवाहिनी (Ureter) निकलती है। मूत्रवाहिनी अवस्कर द्वार (Cloaca) में खुलती है। मूत्रवाहिनी, मूत्र जनन नलिका (Urinogenital duct) के रूप में कार्य करती है। मेढक यूरिया का उत्सर्जन करता है। उत्सर्जी अपशिष्ट रक्त द्वारा वृक्क (Kidney) में पहुँचते हैं, जहाँ पर ये अलग कर दिए जाते हैं और उनका उत्सर्जन कर दिया जाता है। मूत्रवाहिनी नाइट्रोजनी अपशिष्ट को शरीर से बाहर निकालने में मदद करती है।

2. मैल्पीघी नलिका के कार्य (Function of malpighi tubule):
मैल्पीघी नलिकाएँ हीमोलिम्फ से उत्सर्जी पदार्थों के उत्सर्जन में सहायक होती हैं।

3. केंचुए की देहभित्ति के कार्य (Function of Earthworm’s body cell):
केंचुए की शारीरिक भित्ति निम्न संरचनाओं की बनी होती है –

1. क्यूटिकल:
यह एक पतली, एककोशिकीय नर्म तथा काइटिनस क्यूटिकल से ढंकी होती है।

2. अधिचर्म:
यह एक स्तरीय क्यूटिकल के नीचे कई प्रकार की कोशिकाओं की बनी होती है।

  1. सहायक कोशिका
  2. ग्रंथिल कोशिका
  3. म्यूकस कोशिका
  4. एल्ब्यूमिन कोशिका
  5. अपिका कोशिका
  6. आधारीय कोशिका
  7. ग्राही कोशिका
  8. सेटीजेरस।

3. पेशीय स्तर:
अधिचर्म के नीचे बाह्य वलयाकार एवं आंतरिक लंबवत् पेशियों से बनी होती है। ये समानांतर समूहों के रूप में होती हैं। वलयाकार पेशियाँ पेरिटोनियम के बाह्य भाग में पायी जाती हैं। ये दो प्रकार की होती हैं –

  • प्रोट्रेक्टर
  • रिट्रेक्टर पेशियाँ।

4. पैराइटल पेरिटोनियम:
इसे पैराइटल परत भी कही जाती है। यह शारीरिक भित्ति की सबसे आंतरिक भित्ति होती है। यह सीलोम की बाह्य सीमा बनाती है, यह गुहीय द्रव स्रावित करने में मदद करती है।
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प्राणियों में संरचनात्मक संगठन अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

प्राणियों में संरचनात्मक संगठन  वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
सही विकल्प चुनकर लिखिए1. मानव रुधिर का pH है –
(a) 8 – 4
(b) 7.4
(b) 6.4
(d) 5.4.
उत्तर:
(b) 7.4

2. ऐच्छिक पेशियाँ उपस्थित होती हैं –
(a) फेफड़े में
(b) पित्ताशय में
(c) रुधिर वाहिनियों में
(d) पाद मांसपेशियों में।
उत्तर:
(d) पाद मांसपेशियों में।

3. पेशियों में पाया जाने वाला संगृहीत खाद्य पदार्थ है –
(a) प्रोटीन
(b) ग्लाइकोजन
(c) लिपिड
(d) फॉस्फोजन।
उत्तर:
(b) ग्लाइकोजन

4. ऐच्छिक पेशियाँ हैं –
(a) बहुकेन्द्रकीय
(b) एककेन्द्रकीय
(c) द्विकेन्द्रकीय
(d) केन्द्रक रहित।
उत्तर:
(a) बहुकेन्द्रकीय

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5. टेण्डन का प्रमुख कार्य है –
(a) दो अस्थियों को जोड़ना
(b) दो पेशियों को जोड़ना
(c) पेशियों को अस्थियों से जोड़ना
(d) पेशियों को तन्त्रिकाओं से जोड़ना।
उत्तर:
(c) पेशियों को अस्थियों से जोड़ना

6. संयोजी ऊतक की उत्पत्ति होती है –
(a) बाह्यस्तर से
(b) अन्तःस्तर से
(c) मध्यस्तर से
(d) मध्य अन्तःस्तर से।
उत्तर:
(c) मध्यस्तर से

7. वसीय कोशिकाएँ मुख्यतः पायी जाती हैं –
(a) अस्थियों में
(b) उपास्थियों में
(c) संयोजी ऊतक में
(d) तन्त्रिकाओं में।
उत्तर:
(c) संयोजी ऊतक में

8. उपकला ऊतक की उत्पत्ति होती है –
(a) बहिर्जन स्तर से
(b) अन्तर्जन स्तर से
(c) मध्यजन स्तर से
(d) उपर्युक्त सभी से।
उत्तर:
(a) बहिर्जन स्तर से

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9. श्वसनिका में उपकला होती है –
(a) मिथ्या स्तरित तथा स्तम्भाकार
(b) शल्काभ तथा संवेदी।
(c) मिथ्या स्तरित तथा संवेदी
(d) क्यूबॉएडल तथा स्तम्भाकार।
उत्तर:
(d) क्यूबॉएडल तथा स्तम्भाकार।

10. स्नायु तथा कण्डरा निर्मित होती हैं –
(a) कंकालीय ऊतक से
(b) उपकला ऊतक से
(c) पेशीय ऊतक से
(d) संयोजी ऊतक से।
उत्तर:
(c) पेशीय ऊतक से

11. पेशी संकुचन में –
(a) ATP टूटता है
(b) ATP निर्मित होता है
(c) GTP टूटता है
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(a) ATP टूटता है

12. आम मास्ट कोशिकाएँ कहाँ पायी जाती हैं –
(a) वसीय ऊतक में
(b) अवकाशी ऊतक में
(c) पीत रेशेदार ऊतक में
(d) श्वेत रेशेदार ऊतक में।
उत्तर:
(b) अवकाशी ऊतक में

13. मस्तिष्क की गुहाओं को स्तरित करने वाली कोशिकाओं को कहते हैं –
(a) इपैनडायमल कोशिकाएँ
(b) तन्त्रिका कोशिकाएँ
(c) न्यूरोग्लिया
(d) श्वान कोशिकाएँ।
उत्तर:
(a) इपैनडायमल कोशिकाएँ

14. हृदय भित्ति बनी होती है –
(a) बाह्य हृदयस्तर की
(b) मध्य हृदयस्तर की
(c) अन्त:हृदयस्तर की
(d) उपर्युक्त सभी की।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी की।

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15. मास्ट कोशिकाएँ पायी जाती हैं –
(a) उपकला ऊतक में
(b) तन्त्रिकीय ऊतक में
(c) कंकालीय ऊतक में
(d) संयोजी ऊतक में।
उत्तर:
(d) संयोजी ऊतक में।

16. केंचुए की त्वचा का भूरा रंग किस वर्णक के कारण है –
(a) मिलैनिन
(b) पोरफाइरिन
(c) हीमोग्लोबिन
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(b) पोरफाइरिन

17. वह कौन-सा अंग है जिसके आधार पर नर एवं मादा कॉकरोच को पहचानते हैं –
(a) टरगा
(b) एनल स्टाइल
(c) आसेली
(d) स्टरना।
उत्तर:
(b) एनल स्टाइल

18. तिलचट्टे के पृष्ठ कंकाल खण्ड को कहते हैं –
(a) नोटम
(b) क्यूटिकिल
(c) स्टनम
(d) उपत्वचा।
उत्तर:
(c) स्टनम

19. तिलचट्टा किस वर्ग का जन्तु है –
(a) क्रस्टेशिया
(b) इन्सेक्टा
(c) अरेक्निडा
(d) डिप्लोपोडा।
उत्तर:
(b) इन्सेक्टा

20. कीटवर्ग का प्रमुख लक्षण है –
(a) तीन जोड़ी पैर
(b) दो जोड़ी पंख
(c) संधियुक्त पाद
(d) मुखांग।
उत्तर:
(a) तीन जोड़ी पैर

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21. शीत निष्क्रियता तथा ग्रीष्म निष्क्रियता किस जीव में देखने को मिलती है –
(a) केंचुए
(b) मेढक
(c) कॉकरोच
(d) छिपकली।
उत्तर:
(b) मेढक

22. मेढक में विशेष संयोजी शिराएँ यकृत आँतों के मध्य वृक्क तथा शरीर के निचले भागों के मध्य पायी जाती हैं इन्हें ………..कहते हैं –
(a) यकृत निवाहिका तंत्र
(b) वृक्कीय निवाहिका तंत्र
(c) यकृत निवाहिका एवं वृक्कीय निवाहिका तंत्र
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(c) यकृत निवाहिका एवं वृक्कीय निवाहिका तंत्र

23. केंचुए के किस खण्ड की प्रतिपृष्ठ सतह पर नर जनन छिद्र पाया जाता है –
(a) चौदहवाँ खण्ड
(b) सोलहवाँ खण्ड
(c) सत्रहवाँ खण्ड
(d) अट्ठारहवाँ खण्ड।
उत्तर:
(d) अट्ठारहवाँ खण्ड।

24. क्लाइटेलम का मुख्य कार्य है –
(a) कोकून निर्माण
(b) उत्सर्जन
(c) मैथुन
(d) प्रचलन।
उत्तर:
(a) कोकून निर्माण

25. शुक्राशय छिद्र केंचुए के किन अन्तर खण्डीय खाँचों में पाए जाते हैं –
(a) 13/14, 14/15, 15/16, 16/17
(b) 5/6, 6/7,7/8,8/9
(c) 1/2, 2/3,3/4,4/5
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(b) 5/6, 6/7,7/8,8/9

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प्रश्न 2.
एक शब्द में उत्तर दीजिए –

  1. एक एपीक्राइन ग्रंथि का नाम लिखिये।
  2. पेशीय कोशिका के कोशिका द्रव्य को क्या कहते हैं ?
  3. दो तंत्रिका कोशिकाओं के डेन्ड्राइट कोशिका के ऐक्सॉन से विशिष्ट बंधों द्वारा जुड़े होते हैं। इसे क्या कहते हैं ?
  4. रुधिर कोशिकाओं के विघटन को क्या कहते हैं ?
  5. ऊतकों का अध्ययन करने वाली जीव विज्ञान की शाखा क्या कहलाती है ?
  6. रुधिर का थक्का जमाने में कौन-सी कणिकाएं सहायक हैं ?
  7. कॉकरोच के बाह्य कंकाल की काइटिन युक्त प्लेट को क्या कहते हैं ?
  8. द्विलैंगिकता दर्शाने वाले एक स्तनी का नाम लिखिए।
  9. द्विलिंगी होने पर भी किस जीन में परनिषेचन होता है ?
  10. क्या केंचुए में पुनरुद्भवन की क्षमता होती है ?
  11. केंचुए के उत्सर्जी अंग का नाम लिखिए।
  12. किस वर्ग के जन्तुओं को हेक्सापोडा भी कहते हैं ?
  13. मूत्र व सीमन त्यागने के लिए प्रयुक्त छिद्र को कॉकरोच में क्या कहते हैं ?

उत्तर:

  1. स्वेद ग्रंथि
  2. सार्कोप्लाज्म
  3. युग्मानुबंध
  4. हीमोलिसिस
  5. औतिकी
  6. रुधिर पट्टिकाणु,
  7. स्क्लेराइट
  8. चूहा
  9. केंचुआ
  10. हाँ
  11. नेफ्रीडिया
  12. कीट (इन्सेक्ट)
  13. स्पाइरिकल।

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प्रश्न 3.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –

  1. कॉकरोच के मुख उपांग ………………. प्रकार के होते हैं।
  2. केंचुए के शरीर के पहले खंड को ……………….कहते हैं।
  3. केंचुए के प्रचलन में ………………. तथा ……………… सहायक होते हैं।
  4. कॉकरोच के शिशु में बीस खण्ड तथा वयस्क में …………… खण्ड पाये जाते हैं।
  5. कॉकरोच का बाह्य कंकाल शरीर में होने वाली ……………….की हानि को रोकता है।
  6. कॉर्डेटा संघ के जन्तुओं में ……………. होती है। यह इनका विशिष्ट लक्षण है।
  7. हमारी वायुनाल की …………….. श्लेष्मा को बाहर की ओर धकेलती है।
  8. उपास्थि में पाई जाने वाली कोशिकाएँ …………….. कहलाती हैं।
  9. कशेरुक प्राणियों में रेखित पेशियाँ…………….में पाई जाती हैं।
  10. हृदयभित्ति बाह्य, …………….. व अंत:हृदय स्तर का बना होता है।
  11. तंत्रिका ऊतक ……. ………. तथा …………….. का कार्य करता है।
  12. मेढक ………………. जीव हैं।

उत्तर:

  1. चवर्णक
  2. पेरिस्टोमियम
  3. सीटी / पेशियाँ
  4. 19
  5. जल
  6. नोटोकॉर्ड
  7. रोमाभी उपकला
  8. कॉण्ड्रोसाइट
  9. पित्ताशय
  10. मध्य
  11. समन्वय, प्रेरण संवहन
  12. उभयचर।।

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प्रश्न 4.
उचित संबंध जोडिए –
MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 7 प्राणियों में संरचनात्मक संगठन - 12
उत्तर:

  1. (d) लिम्फोसाइट
  2. (e) लिगामेंट
  3. (a) अस्थि
  4. (c) सार्कोमियर
  5. (b) अस्थि मज्जा

MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 7 प्राणियों में संरचनात्मक संगठन - 13
उत्तर:

  1. (e) लसीका
  2. (a) सीरम
  3. (b) ल्यूकेमिया
  4. (c) हीमोफिलिया
  5. (d) प्रति जामन

MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 7 प्राणियों में संरचनात्मक संगठन - 14
उत्तर:

  1. (d) चूहा
  2. (a) कॉकरोच
  3. (b) यकृत
  4. (c) ऑर्थोपोडा

MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 7 प्राणियों में संरचनात्मक संगठन - 15
उत्तर:

  1. (c) चूहा
  2. (d) कॉकरोच
  3. (a) केंचुआ
  4. (b) नर कॉकरोच

प्रश्न 5.
सत्य / असत्य बताइए

  1. केंचुआ में मेटामेरिक खंडीभवन पाया जाता है।
  2. तिलचट्टे के सिर पर पाँच खंड पाये जाते हैं ।
  3. कीट वर्ग का प्रमुख लक्षण तीन जोड़ी पैर है।
  4. नर व मादा तिलचट्टे की पहचान एनल स्टाइल के आधार पर होती है।
  5. क्लाइटेलम का मुख्य कार्य मैथुन करना है।

उत्तर:

  1. सत्य
  2. असत्य
  3. सत्य
  4. सत्य
  5. असत्य।

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प्राणियों में संरचनात्मक संगठन अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
मास्ट कोशिकाएँ कहाँ होती हैं ? ये किन पदार्थों को स्रावित करती हैं ?
उत्तर:
मास्ट कोशिकाएँ सामान्यतः रक्त वाहिनियों के चारों तरफ स्थित अन्तराली ऊतकों में पायी जाती हैं। ये कोशिकाएँ हिस्टेमीन, हिपैरिन, सिरटोनिन इत्यादि पदार्थों को स्रावित करती हैं, जो रुधिर प्लाज्मा में पाये जाते हैं।

प्रश्न 2.
रुधिर एवं लसीका में पायी जाने वाली दो समानता बताइए।
उत्तर:

  • रुधिर एवं लसीका दोनों में ही W.B.Cs. पायी जाती हैं।
  • दोनों में ही शर्करा, यूरिया, अमीनो अम्ल, लवण इत्यादि लगभग समान मात्रा में पाये जाते हैं, इसके साथ ही दोनों में थक्का बनाने की क्षमता होती है।

प्रश्न 3.
रुधिर वाहिकाओं की आन्तरिक सतह को आस्तरित करने वाले ऊतक का नाम बताइए।
उत्तर:
सरल उपकला (Simple epithelium) और कूटस्तरित उपकला ऊतक (Pseudostratified epithelium) रुधिर वाहिकाओं की आन्तरिक सतह को आस्तरित करते हैं।

प्रश्न 4.
फैलोपियन नलिका और बैंकिओल्स की आन्तरिक सतह पर पाये जाने वाले ऊतक का नाम बताइए।
उत्तर:
तन्तुमय उपकला ऊतक (Ciliated epithelium)।

प्रश्न 5.
कौन-सा मानव अंग अपने नष्ट हुए भाग को बहुत आसानी से पैदा कर लेता है ?
उत्तर:
त्वचा।

प्रश्न 6.
स्तरित स्क्वैमस एपिथीलियल ऊतक की बाहरी स्तर किस कारण पानी के लिए अपारगम्य हो जाती है ?
उत्तर:
स्तरित स्क्वैमस एपिथीलियल ऊतक की बाहरी स्तर की कोशिकाएँ एक-दूसरे से चिपकी रहती हैं, इस कारण पानी के लिए अपारगम्य होती हैं।

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प्रश्न 7.
मनुष्य के एरिथ्रोसाइट की औसत आयु क्या है ? भ्रूणीय तथा वयस्क अवस्था में ये कहाँ पैदा होती हैं ?
उत्तर:
मनुष्य में एरिथ्रोसाइट्स (R.B.Cs.) की औसत आयु 100-120 दिन है। भ्रूणीय अवस्था में ये यकृत (Liver) और प्लीहा (Spleen) में, जबकि वयस्क में लाल अस्थि मज्जा (Red bone marrows) में पैदा होती हैं।

प्रश्न 8.
पॉलिसाइथेमिया क्या है ?
उत्तर:
पॉलिसाइथेमिया हमारे शरीर में पायी जाने वाली ऐसी अनियमितता है, जिसमें रुधिर के अन्दर R.B.Cs. की संख्या में असामान्य रूप से वृद्धि हो जाती है।

प्रश्न 9.
ऊतक की परिभाषा दीजिए।
उत्तर:
ऐसी कोशिकाओं का समूह जिनकी उत्पत्ति, संरचना एवं कार्य समान हों, ऊतक कहते हैं । ऊतक शब्द का नामकरण बाइकाट वैज्ञानिक ने किया था।

प्रश्न 10.
अंग एवं अंग-तंत्र को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
ऊतकों के समूह से अंग का निर्माण होता है एवं विशेष कार्य करते हैं, जो कि जीव के लिए महत्वपूर्ण होता है। अंग – “एक या एक से अधिक समान कार्य करने वाले ऊतकों से बने शरीर के उस भाग को, जो एक या कई विशिष्ट कार्यों को करता है, अंग कहते हैं।” अंग – तंत्र -“कई समान कार्य करने वाले अंगों के समूह को अंग – तंत्र कहते हैं। अंग-तंत्र मिलकर जन्तु शरीर का निर्माण करते हैं।”

प्रश्न 11.
दुबले व्यक्तियों की अपेक्षा मोटे व्यक्तियों को ठण्ड अधिक न लगने का क्या कारण है ?
उत्तर:
मोटे व्यक्तियों में वसा ऊतक अधिक मात्रा में पाये जाते हैं, जिससे त्वचा के ऊपर एक तापरोधी स्तर बन जाती है, इस कारण ठण्ड अधिक नहीं लगती है।

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प्रश्न 12.
हिस्टेमीन, हिपैरिन एवं सिरेटोनिन के क्या कार्य हैं ?
उत्तर:
हिस्टेमीन-रुधिर का थक्का जमाने में सहायक है। हिपैरिन-रुधिर वाहिनियों में रुधिर का थक्का नहीं जमने देता है। सिरेटोनिन-रुधिर वाहिनियों में रुधिर दाब का नियंत्रण करता है।

प्रश्न 13.
प्लाज्मा प्रोटीन का नाम दीजिये जो कशेरुकियों के रक्त को जमाने का कार्य करता है।
उत्तर:
फाइब्रिनोजन।

प्रश्न 14.
शरीर के अन्दर परिवहन करता रुधिर नहीं जमता क्यों?
उत्तर:
शरीर के अन्दर के रुधिर में एक विशिष्ट प्रोटीन हिपैरिन पाया जाता है, जो शरीर के अन्दर रुधिर को जमने से रोकता है, इस कारण शरीर के अन्दर रुधिर नहीं जमता।

प्रश्न 15.
रैनवियर का नोड क्या है ?
उत्तर:
मायलिन युक्त तंत्रिका तन्तु का वह भाग जहाँ पर मायलिन प्रोटीन नहीं पाई जाती है, रैनवियर नोड कहते हैं।

प्रश्न 16.
हैवर्सियन तंत्र किन जन्तुओं के ऊतकों में पाया जाता है ?
अथवा
स्तनधारियों में हैवर्सियन नलिकाएँ कहाँ पायी जाती हैं ?
उत्तर:
हैवर्सियन तंत्र स्तनधारियों की अस्थियों में पाया जाता है।

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प्रश्न 17.
मनुष्य की त्वचा में उपस्थित ग्रंथियों के केवल नाम लिखिए।
उत्तर:
त्वचा की डर्मिस में तीन प्रकार की ग्रंथियाँ पाई जाती हैं –

  • स्वेद ग्रन्थि
  • सीबेसियस ग्रन्थि
  • स्तन ग्रन्थि।

प्रश्न 18.
कुंचनशील पेशी तंतुओं को बनाने वाले दो विशिष्ट प्रोटीनों के नाम लिखिये।
अथवा
रेखित पेशियों में गहरे व हल्के रंग की पट्टी का निर्माण करने वाली प्रोटीनों के नाम बताइये।
उत्तर:

  • गहरे रंग की पट्टी का निर्माण करने वाली प्रोटीन मायोसिन (गाढा प्रोटीन)।
  • हल्के रंग की पट्टी का निर्माण करने वाली प्रोटीन ऐक्टिन (पतला प्रोटीन)।

प्रश्न 19.
अरेखित पेशी का नामांकित चित्र बनाइये।
उत्तर:
अरेखित पेशी का नामांकित चित्र –
MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 7 प्राणियों में संरचनात्मक संगठन - 16

 

प्रश्न 20.
वसीय ऊतक का नामांकित चित्र बनाइये।
उत्तर:
वसीय ऊतक का नामांकित चित्र –
MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 7 प्राणियों में संरचनात्मक संगठन - 17

प्राणियों में संरचनात्मक संगठन लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
प्लाज्मा प्रोटीन के प्रकार एवं कार्य लिखिए।
उत्तर:
प्लाज्मा प्रोटीन को मुख्यतः तीन वर्गों में विभाजित किया गया है –

  • सीरम एल्ब्यूमिन
  • सीरम ग्लोब्यूलिन
  • फाइब्रिनोजन।

प्लाज्मा प्रोटीन के कार्य –

  • शरीर प्रतिरोधकता-ग्लोबिन प्रोटीन एण्टीबॉडी के समान कार्य करती है।
  • रुधिर हानि को रोकना-फाइब्रिनोजन जिसका संश्लेषण यकृत में होता है, रुधिर का थक्का जमाने में सहायक है।
  • रुधिर को तरल बनाए रखना-ऐल्ब्यूमिन, ग्लोब्यूलिन में जल धारण करने की क्षमता अधिक होती है, जिसके कारण रुधिर द्रव रूप में बना रहता है।
  • यह परिवहन में सहायक है।
  • यह रुधिर का pH नियंत्रित करती है।
  • यह शरीर में समान तापक्रम बनाए रखता है।
  • यह ऊष्मा का संवहन करता है।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित क्या हैं एवं जन्तु शरीर में कहाँ पर पाए जाते हैं

  1. ऑस्टियोसाइट
  2. निसिल्सकण
  3. हीमोग्लोबिन
  4. हैवर्सियन तंत्र
  5. कैनालीकुली
  6. रोमाभी एपिथीलियम
  7. लैकुनी।

उत्तर:

  1. ऑस्टियोसाइट (Osteocyte) – यह अस्थि कोशिका है, जो कि संघनित अस्थि ऊतक के लैमिली अवकाश में पाई जाती है।
  2. निसिलकण (Nissil’s granule) – ये तंत्रिका कोशिका के कोशिकाद्रव्य में पाए जाते हैं, जिनका सम्बन्ध संवेदना प्रवाह से होता है।
  3. हीमोग्लोबिन (Haemoglobin) – यह एक जटिल प्रोटीन है, जिसका निर्माण लाल अस्थि मज्जा के अन्दर होता है।
  4. हैवर्सियन तंत्र (Haversian system) – यह स्तनधारियों की अस्थि में पाई जाने वाली नलिकाओं का समूह है।
  5. कैनालीकुली (Canaliculli) – विभिन्न प्रकार की लैकुनी छोटी कैनाल द्वारा जुड़ी रहती है, जिसे कैनालीकुली कहते हैं।
  6. रोमाभी एपिथीलियम (Hairy epithelium) – स्तम्भाकार एवं घनाकार एपिथीलियम में जब रोम पाए जाते हैं तब उन्हें रोमाभी एपीथीलियम कहते हैं, जैसे-वृक्क नलिका, अण्डवाहिनी, श्वास नली।
  7. लैकुनी (Lacunae) – अस्थियों तथा उपास्थियों के मैट्रिक्स में छोटे-छोटे खाली स्थान पाये जाते हैं, जिन्हें गर्तिकाएँ या लैकुनी कहते हैं । इन्हीं के अन्दर अस्थि तथा उपास्थि कोशिकाएँ पायी जाती हैं।

प्रश्न 3.
टेण्डन तथा लिगामेण्ट में चार अन्तर बताइए।
उत्तर:
टेण्डन तथा लिगामेण्ट में अन्तर –
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प्रश्न 4.
लसीका या लिम्फ क्या है ? इसके दो कार्य लिखिए।
उत्तर:
रक्त कोशिकाओं से कुछ रुधिर रिसकर बाहर, ऊतकों में आ जाता है, जिसे लसीका (Lymph) कहते हैं। इसमें R.B.Cs. अनुपस्थित तथा W.B.Cs उपस्थित रहती है। अतः यह अन्तरकोशिकीय अवकाशों में पाया जाने वाला रंगहीन द्रव है, जो रुधिर प्लाज्मा, W.B.Cs., O,, वर्ण्य तथा पौष्टिक पदार्थों का बना होता है।

कार्य:

  1. इसमें उपस्थित W.B.Cs. रोगाणुओं का भक्षण करती है।
  2. यह परिसंचरण में भाग लेता है।
  3. यह रुधिर वाहिकाओं तथा कोशिकाओं के बीच माध्यम का कार्य करता है।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित क्रियाओं में किस प्रकार की पेशियाँ संलग्न हैं

  1. पैरों की गति
  2. ईसोफेगस में भोजन की गति
  3. रक्तवाहिनियों में संकुचन क्रिया
  4. एक आँख का बन्द करना।

उत्तर:
पेशीय गति – प्रकार

  1. पैरों की गति – रेखित पेशी
  2. ईसोफेगस में भोजन की गति – अरेखित पेशी
  3. रक्त वाहिनियों में संकुचन क्रिया – अरेखित पेशी
  4. एक आँख का बन्द करना – वृत्ताकार अरेखित पेशी।

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प्रश्न 6.
ऐच्छिक व अनैच्छिक पेशियों से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:
ऐच्छिक पेशी (Voluntary) – ऐसी पेशियाँ, चालक तन्त्रिकाओं द्वारा मस्तिष्क तथा स्पाइनल कार्ड से सम्बन्धित रहती हैं तथा इनका मस्तिष्क की इच्छा शक्ति द्वारा पूर्ण नियन्त्रण रहता है। उदाहरण-रेखित पेशी, कंकालीय पेशी आदि।

अनैच्छिक पेशी (Involuntary):
इस प्रकार की पेशियाँ स्वचालित तन्त्रिका तन्त्र द्वारा नियंत्रित होती हैं। इनमें संकुचन जीव की इच्छाशक्ति पर निर्भर नहीं करता। उदाहरण – हृदयकपेशी, अकंकाली पेशी आदि।

प्रश्न 7.
अन्तर बताइये –

  •  A बैण्ड और I बैण्ड
  • प्लाज्मा और सीरम।

उत्तर:
1.  A बैण्ड और I बैण्ड में अंतर –
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2. प्लाज्मा और सीरम में अन्तर –
MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 7 प्राणियों में संरचनात्मक संगठन - 20

प्रश्न 8.
उपास्थि तथा अस्थि में चार अन्तर बताइए।
उत्तर:
उपास्थि एवं अस्थि में अन्तर –
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प्रश्न 9.
केंचुए में पाये जाने वाले खण्डीभवन को समझाइये।
उत्तर:
केंचुए में खण्डीभवन (Segmentation in Earthworm):
केंचुए का सम्पूर्ण शरीर बाहर की ओर से गोलाकार खाँचों (Circular grooves) में बँटा रहता है जिन्हें वलय या खण्ड (Annuli) कहते हैं। इनकी संख्या 100 से 120 तक होती है। इस प्रकार से वलयों या खण्डों के बनने की क्रिया को चिन्हित विखंडन (Metameric segmentation) कहते हैं। अगले सिरे के प्रथम खण्ड को मुख खण्ड (Buccal segment) या पेरिस्टोमियम (Peristomium) कहते हैं जिसके कारण अग्रभाग पर अर्द्ध चन्द्राकार मुख पाया जाता है।

मुख के ऊपर प्रथम खण्ड का ही एक प्रवर्ध निकला रहता है जो प्रोस्टोमियम (Prostomium) कहलाता है। यह मुख को ढंके रहता है। शरीर का अन्तिम खण्ड गुदा खण्ड कहलाता है जिसके अन्त में गुदा (Anus) स्थित होती है। प्रत्येक दो खण्डों के बीच में अन्तर खण्ड दरार (Inter segmental groove) स्थित होती है। केंचुए के शरीर की पूरी लम्बाई के मध्य पृष्ठीय (Mid dorsal) सतह पर एक नीली रेखा पायी जाती है जो वास्तव में पृष्ठीय रुधिर वाहिका के कारण होती है।

प्रश्न 10.
केंचुए के आहारनाल का नामांकित चित्र बनाइये।
उत्तर:
केंचुए के आहारनाल का चित्र
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प्राणियों में संरचनात्मक संगठन दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
नर एवं मादा तिलचट्टे में अन्तर स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
नर एवं मादा तिलचट्टे में अन्तर – तिलचट्टा एकलिंगी जन्तु है अर्थात् इनमें नर तथा मादा जनन अंग अलग-अलग पाया जाता है। तिलचिट्टे में लैंगिक द्विरूपता (Sexual dimorphism) पायी जाती है अर्थात् नर एवं मादा तिलचिट्टे को बाहर से ही पहचाना जा सकता है। नर तथा मादा तिलचट्टे में पाया जाने वाला अन्तर सारणी में दिया गया है।
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प्रश्न 2.
तिलचट्टे के मुखांग का सचित्र वर्णन कीजिये।
उत्तर:
तिलचट्टे के मुखांग – तिलचट्टे के मुखांग चवर्णक प्रकार के होते हैं जिनकी सहायता से यह भोजन को कुतर कर खाता है। तिलचट्टे में निम्न मुखांग पाये जाते हैं –

1. लेब्रम (Labrum):
यह क्लीपियस के निचले सिरे से जुड़ी एक चौड़ी काइटिन की प्लेट जैसी रचना है। यह मुखगुहा को सामने से ढंके रहती है। इसी कारण इसे ऊपरी होंठ भी कहते हैं। इसके ऊपरी सतह पर एक संवेदी शूक (Sensory setae) पाया जाता है। लेब्रम तथा मैण्डिबल के जोड़ पर कुछ पेशियाँ पायी जाती हैं जिनसे होंठ को ऊपर-नीचे किया जा सकता है।

2. मैण्डिबल (Mandible):
यह सिर के साथ बॉल एण्ड सॉकेट ज्वाइण्ट (Ball and Socket joint) के द्वारा जुड़ी काइटिन की बनी अखण्डित गहरे भूरे रंग की रचना है। इनकी भीतरी सतह कोमल होती है जो प्रोस्थीका (Prostheca) कहलाती है। इनके अन्दर का भाग कड़ा होता है जिस पर आरी के समान दाँत पाये जाते हैं। इनकी सहायता से तिलचट्टा अपने भोजन को कुतरता है । इसके साथ दो पेशियाँ एडक्टर (Aductor) तथा एब्डक्टर (Abductor) जुड़ी होती है जिनके संकुचन से मैण्डिबिल पृथक्-पृथक् हो जाते हैं।

3. प्रथम मैक्सिला (First maxilla):
ये सिर के दोनों पार्यों पर स्थित एक जोड़ी रचनाएँ हैं जो तीन भागों की बनी होती हैं-प्रोटोपोडाइट (Protopodite), एण्डोपोडाइट (Endopodite) और एक्सोपोडाइट (Exopodite)। प्रोटोपोडाइट दो भागों-कार्डो (Cardo) तथा स्टाइप्स (Stipes) का बना होता है। कार्डो तथा स्टाइप्स एक-दूसरे से समकोण पर स्थित होते हैं।

इण्डोपोडाइट भी दो खण्डों का बना होता है – लैसिनिया (Lacinia) तथा गैलिया (Galea)। ये दोनों मुड़ी हुई रचनाएँ हैं जिन पर कड़े बाल पाये जाते हैं। एक्सोपोडाइट या मैक्सिलरी पैल्प (Maxillary palp)5 खण्डों का बना होता है जिनके ऊपर कड़े बाल पाये जाते हैं। एक्सोपोडाइट भोजन को पकड़कर उसे मुख में डालता है। एण्डोपोडाइट भोजन को पकड़ने में सहायता करते हैं। प्रथम मैक्सिला भोजन पकड़ने के अलावा ब्रुश की तरह ऐण्टिना तथा प्रथम जोड़ी टाँगों को साफ करने का कार्य भी करती है।
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4. द्वितीय मैक्सिला या लैबियम (Second maxilla or Labium):
इसे निचला होंठ भी कहते हैं। वास्तव में यह दो मैक्सिलाओं के मिलने से बनता है तथा प्रथम मैक्सिला से पीछे मुखगुहा की अधर तल पर स्थित होता है। लैबियम दो खण्डों का बना होता है-प्री तथा पोस्ट मेण्टम (Per and post – mentum) पोस्ट मेण्टम एक बड़े, मजबूत सबमेण्टम (Sub – mentum) तथा एक छोटे मेण्टम (Mentum) का बना होता है। प्रीमेण्टम से दो विखण्डीय बालयुक्त रचनाएँ निकलती हैं जिन्हें लैबियम पैल्प (Labial palps) कहते हैं।

प्रत्येक पैल्प के उद्गम पर एक-एक और खण्ड स्थित होते हैं जिन्हें पैल्पीजर (Palpiger) कहते हैं। प्रीमेण्टम पर 4 खण्ड और सधे रहते हैं जिनमें से भीतरी खण्डों को ग्लोसा (Glossa) व बाहरी खण्डों को पैराग्लोसा (Paraglossa) कहते हैं। इन चारों खण्डों को सम्मिलित रूप से लिंगुला (Lingula) कहते हैं। लैबियम एक स्पर्श संवेदनांग है, जबकि लिंगुला चवर्ण के समय भोजन को बाहर जाने से रोकता है।

5. हाइपोफैरिक्स (Hypopharynx):
यह लैबियम के सामने तथा प्रथम मैक्जिला के बीच में स्थित ऊँगली के समान रचना होती है। इसे जिह्वा भी कहते हैं। इसके आधार पर लार ग्रन्थि (Salivary glands) खुलती है। लैबियम के प्रतिपृष्ठ सतह आहारनाल के उद्गम की भीतरी दीवार एपिफैरिक्स (Epipharynx) नामक रचना बनाती है। यह जिह्वा के समान ही है। यह मुखगुहा में भोजन को इधर-उधर करके लार मिलाने का कार्य करती है। इसके ऊपरी सिरे पर एक संवेदी शूक पाया जाता है।

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MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ विविध प्रश्नावली

MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ विविध प्रश्नावली

प्रश्न 1.
k के मान । ज्ञात कीजिए जब कि रेखा (k – 3)x – (4 – k2)y + K2 – 7k + 6 = 0
(a) x-अक्ष के समान्तर है।
(b) y-अक्ष के समान्तर है।
(c) मूल बिन्दु से जाती है।
हल:
(i) x-अक्ष के समान्तर y = a
∴ प्रश्न में दिए गए समीकरण में x का गुणांक = 0 या k – 3 = 0 अर्थात् k = 3.
(ii) xy-अक्ष के समान्तर रेखा x =q
दिए गए समीकरण में y का गुणांक = 0 या 4 – k2 = 0 अर्थात् k = ± 2.
(iii) यदि रेखा मूल बिन्दु से जाती है तो (0, 0) इसके समीकरण को संतुष्ट करेगा।
0 – 0 + K2 – 7k + 6 = 0 या (k – 6) (k – 1) = 0 या k = 1, 6.

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प्रश्न 2.
θ और p के मान ज्ञात कीजिए यदि समीकरण x cos θ + y sin θ = p रेखा \(\sqrt{3}\)x + y + 2 = 0 का लम्ब रूप है।
हल:
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ विविध प्रश्नावली img-1

प्रश्न 3.
उन रेखाओं के समीकरण ज्ञात कीजिए जिनके अक्षों से कटे अंतःखण्डों का योग और गुणनफल क्रमशः 1 और – 6 हैं।
हल:
मान लीजिए अक्षों पर कटे अतः खण्ड a और b हैं।
दिया है : a + b = 1, ab = – 6
b = 1 – a
∴ a(1 – a) = – 6
या a – a2 = – 6
a2 – a – 6 = 0
या (a – 3) (a + 2) = 0
∴ a = 3, – 2
∴ b = – 2, 3
3, – 2 अंत:खण्ड वाली रेखा का समीकरण,
\(\frac{x}{3}+\frac{y}{-2}\) = 1
या 2x – 3y = 6.
और – 2, 3 अंत:खण्ड वाली रेखा का समीकरण,
\(\frac{x}{-2}+\frac{y}{3}\) = 1
या – 3x + 2y = 6.

प्रश्न 4.
y-अक्ष पर कौन से बिन्दु ऐसे हैं, जिनकी रेखा \(\frac{x}{3}+\frac{y}{4}\) = 1 से दूरी 4 इकाई है।
हल:
मान लीजिए y-अक्ष पर बिन्दु (0, y1) है।
(0, y1) की रेखा 4x + 3y = 12 से दूरी
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ विविध प्रश्नावली img-2

प्रश्न 5.
मूल बिन्दु से बिन्दुओं (cos θ, sin θ) और (cos ϕ, sin ϕ) को मिलाने वाली रेखा की लांबिक दूरी ज्ञात कीजिए।
हल:
(cos θ, sin θ), (cos ϕ, sin ϕ) को मिलाने वाली रेखा का समीकरण,
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ विविध प्रश्नावली img-3
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ विविध प्रश्नावली img-4

प्रश्न 6.
रेखाओं x – 7y + 5 = 0 और 3x + y = 0 के प्रतिच्छेद बिन्दु से खीची गई और y-अक्ष के समान्तर रेखा का समीकरण ज्ञात कीजिए।
हल:
दी गयी रेखाएँ
x – 7y + 5 = 0 …(1)
3x + y = 0 …(2)
समी (2) से,
y = – 3x
y का मान समी (1) में रखने पर,
x – 7(- 3x) + 5 = 0
या 22x + 5 = 0
x = \(\frac{-5}{22}\)
अब y = – 3x = – \(3\left(\frac{-5}{22}\right)\) = \(\frac{15}{22}\)
वह रेखा का जो \(\left(-\frac{5}{22}, \frac{15}{22}\right)\) से जाती है और y-अक्ष के समान्तर है, समीकरण x = – \(\frac{5}{22}\) या 22x + 5 = 0.

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प्रश्न 7.
रेखा \(\frac{x}{4}+\frac{y}{6}\) = 1 पर लंब उस बिन्दु से खींची गई रेखा का समीकरण ज्ञात कीजिए जहाँ यह रेखा y-अक्ष से मिलती है।
हल:
रेखा AB का समीकरण,
\(\frac{x}{4}+\frac{y}{6}\) = 1 या 3x + 2y = 12,
2y = – 3x + 12
y = \(\frac{-3}{2} x+\frac{12}{2}\)
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ विविध प्रश्नावली img-5
∵ रेखा y-अक्ष पर प्रतिच्छेद करती है, इसलिए बिन्दु B(0, 6) है।
∴ BC रेखा का समीकरण
y – 6 = \(\frac{2}{3}\)(x – 0)
या 3y – 18 = 2x
या 2x – 3y + 18 = 0.

प्रश्न 8.
रेखाओं y – x = 0, x + y = 0, और x – k = 0 से बने त्रिभुज का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
हल:
y – x = 0 और y + x = 0 बिन्दु (0, 0) पर मिलते हैं।
x = k को y – x = 0 में रखने से, y – k = 0 या y = k
x – k = 0 और y – x = 0 बिन्दु (k, k) पर मिलते हैं।
x = k को y + x = 0 में रखने से,
y + k = 0 या y = – k
x = k और y + x = 0 बिन्दु (k, – k) पर मिलते हैं।
अब बिन्दु (0, 0), (k, k) और (k, – k) से बने त्रिभुज का क्षेत्रफल
= \(\left|\frac{1}{2}[0 .(-2 k)+k(-k)+k(-k)]\right|\)
= \(\left|\frac{1}{2}\left(-k^{2}-k^{2}\right)\right|\)
= k2 वर्ग इकाई।
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ विविध प्रश्नावली img-6
दूसरी विधि : त्रिभुज OPQ का क्षेत्रफल
= 2 × क्षेत्रफल ∆OAP
= 2 × [\(\frac{1}{2}\) × k × k] = k2 वर्ग इकाई।

प्रश्न 9.
p का मान ज्ञात कीजिए जिससे तीन रेखाएँ 3x + y – 2 = 0, px + 2y – 3 = 0 और 2x – y – 3 = 0 एक बिन्दु पर प्रतिच्छेद करें।
हल:
दी गयी रेखाएँ
3x + y = 2 …(1)
2x – y = 3 …(2)
समी (1) और (2) को जोड़ने पर,
5x = 5 या x = 1
∴ y = 2 – 3x = 2 – 3 = – 1
∴ समी (1) और (2) वाली रेखाएँ बिन्दु (1, – 1) पर प्रतिच्छेद करती हैं।
तीसरी रेखा px + 2y – 3 = 0 भी इसी बिन्दु से जाती है इसलिए (1, – 1) इस समीकरण को संतुष्ट करेगा।
p × 1 + 2 × (- 1) – 3 = 0
p – 2 – 3 = 0
∴ p = 5
अतः दी गयी रेखाएँ संगामी हैं यदि p = 5.

प्रश्न 10.
यदि तीन रेखाएँ जिनके समीकरण y = m1x + c1, y = m2x + c2 और y =m3x + c3 हैं, संगामी हैं, तो दिखाइए कि m1(c2 – c3) + m2(c3 – c1) + m3(c1 – c2) = 0.
हल:
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ विविध प्रश्नावली img-7
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ विविध प्रश्नावली img-8

प्रश्न 11.
बिन्दु (3, 2) से जाने वाली उस रेखा का समीकरण ज्ञात कीजिए जो रेखा x – 2y = 3 से 45° का कोण बनाती है।
हल:
माना रेखा AB का समीकरण : x – 2y = 3
या y = \(\frac{1}{2}\)x – 3
तब रेखा AB की ढाल = \(\frac{1}{2}\)
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ विविध प्रश्नावली img-9
+ve चिन्ह लेने पर, 1 = \(\frac{2 m-1}{m+2}\)
या 2m – 1 = m + 2
∴ m = 3
2m -1
– ve चिन्ह लेने पर, – 1 = \(\frac{2 m-1}{m+2}\)
या 2m – 1 = – m – 2
∴ 3m = – 1
या m = \(\frac{-1}{3}\)
अतः रेखा PA का समीकरण जहाँ बिन्दु P = (3, 2) हो और m = \(\frac{-1}{3}\) हो।
y – 2 = – \(\frac{-1}{3}\)(x – 3)
3y – 6 = – x + 3
या x + 3y – 9 = 0
अब जब ढाल m = 3 हो, तब बिन्दु P(3, 2) से रेखा का समीकरण,
y – 2 = 3(x – 3)
y – 2 = 3x – 9
या 3x – y – 7 = 0.

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प्रश्न 12.
रेखाओं 4x + 7y – 3 = 0 और 2x – 3y + 1 = 0 के प्रतिच्छेद बिन्दु से जाने वाली रेखा का समीकरण ज्ञात कीजिए जो अक्षों से समान अंतः खण्ड बनाती हैं।
हल:
4x + 7y = 3 …(1)
2x – 3y = – 1 …(2)
समी (2) को 2 से गुणा करने पर,
4x – 6y = – 2 …(3)
समी (3) को (1) में से घटाने पर
13y = 5
∴ y = \(\frac{5}{13}\)
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ विविध प्रश्नावली img-10
जो रेखा अक्षों पर बने अंतः खण्ड समान हैं तो वह धन x-अक्ष के साथ 45° या 135° का कोण बनाती हैं। इसलिए उसकी ढाल ±1 होगी।
∴ PA और PB रेखाओं के समीकरण
y – y1 = m(x – x1)
(i) जब m = 1 हो, तब y – \(\frac{5}{13}\) = 1 \(\left(x-\frac{1}{13}\right)\)
या 13y – 5 = 13 x – 1 या 13x – 13y + 4 = 0.
(i) जब m = – 1 हो, तब y – \(\frac{5}{13}\) = 1 \(\left(x-\frac{1}{13}\right)\)
13y – 5 = – 13x + 1
∴ 13x + 13y – 6 = 0.

प्रश्न 13.
दर्शाइए कि मूल बिन्दु से जाने वाली और रेखा y = mx + c से θ कोण बनाने वाली उस रेखा का समीकरण \(\frac{y}{x}=\pm \frac{m+\tan \theta}{1-m \tan \theta}\) हैं।
हल:
रेखा PA का समीकरण y = mx + c है
यह रेखा OP के साथ कोण θ बनाती है।
रेखा PA की ढाल = m
मान लीजिए OP की ढाल = m1 है।
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MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ विविध प्रश्नावली img-12
या \(\frac{y}{x}\) = m1
∴ अभीष्ट रेखाओं का समीकरण
\(\frac{y}{x}\) = \(\frac{m \pm \tan \theta}{1 \mp m \tan \theta}\)

प्रश्न 14.
(- 1, 1) और (5, 7) को मिलाने वाली रेखाखण्ड को रेखा x + y = 4 किस अनुपात में विभाजित करती है ?
हल:
मान लीजिए बिन्दु P रेखाखण्ड AB को k : 1 के अनुपात में विभाजित करता है। जबकि A और B के क्रमशः (- 1, 1) और (5, 7) निर्देशांक हैं।
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ विविध प्रश्नावली img-13
अतः बिन्दु P रेखाखण्ड AB को 1 : 2 के अनुपात में विभाजित करता है। .

प्रश्न 15.
बिन्दु (1, 2) से रेखा 4x + 7y + 5 = 0 की 2x – y = 0 के अनुदिश दूरी ज्ञात करो।
हल:
माना रेखा PC का समीकरण, 2x – y = 0 जिस पर बिन्दु P(1, 2) स्थित है।
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ विविध प्रश्नावली img-14
रेखा AB का समीकरण 4x + 7y + 5 = 0 और 2x – y = 0 को हल करने पर,
∴ x = \(\frac{-5}{18}\)
और y = \(-\frac{5}{9}\)
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प्रश्न 16.
बिन्दु (- 1, 2) से खींची जा सकने वाली उस रेखा की दिशा ज्ञात कीजिए जिसका रेखा x + y = 4 से प्रतिच्छेदन बिन्दु दिए बिन्दु से 3 इकाई की दूरी पर है।
हल:
मान लीजिए अभीष्ट रेखा PQ की ढाल m है
रेखा PQ जो बिन्दु P(- 1, 2) से होकर जाती है और ढाल m है, का समीकरण
y – y1 = m(x – x1)
y – 2 = m(x + 1)
या mx – y + m + 2 = 0 …(1)
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ विविध प्रश्नावली img-16
रेखा AB का समीकरण x+ y = 4
∴ y = 4 – x
y का मान समी (1) में रखने पर,
mx – (4 – x) + m + 2 = 0
या (m + 1) x + m – 2 = 0
∴ x = – \(\frac{m-2}{m+1}\)
अब y = 4 – x = 4 + \(\frac{m-2}{m+1}\)
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ विविध प्रश्नावली img-17
अतः रेखा PQ की ढाल 0 है अर्थात् रेखा x-अक्ष के समांतर है।

प्रश्न 17.
समकोण त्रिभुज के कर्ण के अंत्य बिन्दु (1, 3) और (- 4, 1) हैं। त्रिभुज के पाद (leg) (समकोणीय भुजाओ) का एक समीकरण ज्ञात कीजिए।
हल:
माना त्रिभुज ABC एक समकोणीय त्रिभुज है जिसका कर्ण AB है। A और B के निर्देशांक क्रमशः (1, 3) और (- 4, 1) हैं।
मान लीजिए BC की ढाल m है।
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ विविध प्रश्नावली img-18
AC ⊥ BC
∴ AC की ढाल = – \(\frac{1}{m}\)
रेखा BC का समीकरण,
y – y1 = m(x – x1)
y – 1 = m(x + 4)
या mx – y + 4m + 1 = 0 …(1)
रेखा AC का समीकरण
y – 3 = – \(\frac{1}{m}\)(x – 1)
या my – 3m = – x + 1
या x + my – 3m – 1 = 0 …(2)
यह दोनों रेखाएँ m के दिए मान से इन का समीकरण ज्ञात कर सकते हैं। यदि BC भुजा x-अक्ष के समांतर हो तो m = 0.
BC का समीकरण, y – 1 = 0
या y = 1
∴ AC, y-अक्ष के समांतर हो और यह A(1, 3) से जाती है। अतः AC का समीकरण x = 1
अत: BC और AC के समीकरण y = 1 और x = 1 हैं।

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प्रश्न 18.
किसी बिन्दु के लिए रेखा को दर्पण मानते हुए बिन्दु (3, 8) का रेखा x + 3y = 7 में प्रतिबिंब ज्ञात कीजिए।
हल:
माना रेखा AB का समीकरण x + 3y = 7 है और बिन्दु P के निर्देशांक (3, 8) हैं।
y = – \(\frac{1}{3} x +\frac{7}{3}\)
बिन्दु P का प्रतिबिंब Q होगा यदि PQ ⊥ AB, PQ और AB बिन्दु M पर इस प्रकार प्रतिच्छेद करते हैं कि
PM = QM
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ विविध प्रश्नावली img-19
रेखा AB की ढाल = – \(\frac{1}{3}\)
और PQ की ढाल = 3
∴ PQ रेखा का समीकरण,
y – 8 = 3(x – 3)
= 3x – 9
या 3x – y = 1 …(1)
AB का समीकरण x + 3y = 7 …(2)
समी (1) को 3 से गुणा करके समी (2) में जोड़ने पर,
10x = 10 या x = 1
समी (1) से y = 3x – 1 = 3 – 1 = 2
∴ बिन्दु M के निर्देशांक (1, 2) हैं।
मान लीजिए Q के निर्देशांक (x1, y1) हैं
बिन्दु M रेखाखण्ड PQ का मध्य बिन्दु है
∴ जबकि P(3, 8) है।
∴ \(\frac{x_{1}+3}{2}\) = 1 या x1 = – 1
\(\frac{y_{1}+8}{2}\) = 2 या y1 = – 4
∴ P का प्रतिबिंब (- 1, – 4) हैं।

प्रश्न 19.
यदि रेखाएँ y = 3x + 1 और 2y = x + 3, रेखा y = mx + 4 पर समान रूप से आनत हो तो m का मान ज्ञात कीजिए।
हल:
रेखा AB का समीकरण, y = 3x + 1 की ढाल = 3
रेखा BC का समीकरण, y = mx + 4 को ढाल = m
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ विविध प्रश्नावली img-20
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ विविध प्रश्नावली img-21
अतः m का अभीष्ट मान = \(\frac{1 \pm 5 \sqrt{2}}{7}\).

प्रश्न 20.
यदि एक वर बिन्दु P(x, y) की रेखाओं x + y – 5 = 0 और 3x – 2y + 7 = 0 से लांबिक दूरियों का योग सदैव 10 रहे तो दर्शाइए कि P अनिवार्य रूप से एक रेखा पर गमन करता है।
हल:
P(x, y) से रेखा x + y – 5 = 0 की दूरी
= \(\frac{x+y-5}{\sqrt{2}}\)
P(x, y) से रेखा 3x – 2y + 7 = 0 की दूरी
= \(\frac{3 x-2 y+7}{\sqrt{9+4}}\)
दोनों दूरियों का योग = 10 (दिया है)
∴ \(\sqrt{13}\)(x + y – 5) + \(\sqrt{2}\)(3x – 2y + 7) = 10\(\sqrt{26}\)
या \((\sqrt{13}+3 \sqrt{2}) x+(\sqrt{13}-2 \sqrt{2}) y-5 \sqrt{13}+7 \sqrt{2}-10 \sqrt{26}\) = 0
जो कि एक सरल रेखा का समीकरण है।
अत: P एक अनिवार्य रूप से एक रेखा पर गमन करता है।

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प्रश्न 21.
समांतर रखाओं 9x + 6y – 7 = 0 और 3x + 2y + 6 = 0 से समदूरस्थ रेखा का समीकरण ज्ञात कीजिए।
हल:
दी गयी समांतर रेखाएँ
9x + 6y – 7 = 0 …(1)
और 3x + 2y + 6 = 0
या 9x + 6y + 18 = 0 …(2)
एक रेखा जो इसके समांतर है, उसका समीकरण
9x + 6y + c = 0 …(3)
रेखा (1) और (3) के बीच दूरी
\(\frac{(c+7)}{\sqrt{81+36}}=\frac{(c+7)}{\sqrt{117}}\) …(4)
रेखा (2) और (3) के बीच दूरी
\(\frac{(c-18)}{\sqrt{81+36}}=\frac{c-18}{\sqrt{117}}\) ….(5)
दूरियाँ (4) और (5) आपस में समान हैं।
\(\frac{(c+7)}{\sqrt{117}}=\pm \frac{c-18}{\sqrt{117}}\) [+ve चिन्ह मान्य नहीं है।]
c + 7 = – (c – 18)
= – c + 18
2c = 18 – 7 = 11
या c = \(\frac{11}{2}\)
c का मान समी (3) में रखने पर,
9x + 6y + \(\frac{11}{2}\) = 0
या 18x + 12y + 11 = 0.

प्रश्न 22.
बिन्दु (1, 2) से होकर जाने वाली एक प्रकाश किरण x-अक्ष के बिन्दु A से परावर्तित होती है और परावर्तित किरण बिन्दु (5, 3) से होकर जाती है। A के निर्देशांक ज्ञात कीजिए।
हल:
मान लीजिए BC, x-अक्ष के अनुदिश उस बिन्दु के निर्देशांक A (a, 0) है। AN इस पर लंब है। PA एक आपतित किरण है और AQ परावर्तित किरण है।
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ विविध प्रश्नावली img-22
⇒ आपतित कोण PAN = परावर्तित कोण NAQ
⇒ ∠PAB = ∠QAC
⇒ यदि QA का झुकाव 0 हो तो PA का झुकाव 180 – θ होगा।
QA की ढाल जबकि Q(5, 3) और A(a, 0) हो, तो
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ विविध प्रश्नावली img-23

प्रश्न 23.
दिखाइए कि (\(\sqrt{a^{2}-b^{2}}\), 0) और (-\(\sqrt{a^{2}-b^{2}}\),0) बिन्दुओं से रेखा \(\frac{x}{a}\)cosθ + \(\frac{y}{b}\)sinθ = 1 पर खींचे गए लम्बों की लंबाइयों का गुणनफल b2 है।
हल:
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ विविध प्रश्नावली img-24
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प्रश्न 24.
एक व्यक्ति समीकरणों 2x – 3y + 4= 0 और 3x + 4y – 5 = 0 से निरूपित सरल रेखीय पथों के संधि बिन्दुओं (junction/crosing) पर खड़ा है और समीकरण 6x – 7y + 8 = 0 से निरूपित पथ पर न्यूनतम समय में पहुँचना चाहता है। उसके द्वारा अनुसरित पथ का समीकरण ज्ञात कीजिए।
हल:
AB और BC दो रेखीय पथ हैं। AB व BC रेखाओं के समीकरण
2x – 3y + 4 = 0 …(1)
और 3x + 4y – 5 = 0 …(2)
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ विविध प्रश्नावली img-26
AB और BC बिन्दु B पर मिलते हैं।
समी (1) को 3 से तथा समी (2) को 2 से गुणा करने पर
6x – 9y = – 12 ….(3)
6x + 8y = 10 ….(4)
समी (3) को समी (4) में से घटाने पर,
17y = 10 + 12 = 22
∴ y = \(\frac{22}{17}\)
y का मान समी (1) में रखने पर,
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ विविध प्रश्नावली img-27
B से AC तक न्यूनतम समय में पहुंचने के लिए कम से कम दूरी BD ( BD ⊥ AC) तय करनी है।
रेखा AC का समीकरण, 6x – 7y + 8= 0 की ढाल = \(\frac{6}{7}\)
BD की ढाल = – \(\frac{7}{6}\)
BD बिन्दु B \(\left(\frac{-1}{17}, \frac{22}{17}\right)\) से होकर जाती है।
∴ रेखा BD का समीकरण
y – y1 = m(x – x1)
\(y-\frac{22}{17}=-\frac{7}{6}\left(x+\frac{1}{17}\right)\)
102 से गुणा करने पर,
102y – 132 = – 119x – 7
119x + 102y – 125 = 0 .
अतः B से AC तक पहुँचने के लिए BD पथ अपनाना है जिसका समीकरण 119x + 102y – 125 = 0 है।

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MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 6 पुष्पी पादपों का शारीर

MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 6 पुष्पी पादपों का शारीर

पुष्पी पादपों का शारीर NCERT प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
विभिन्न प्रकार के मेरिस्टेम की स्थिति तथा कार्य बताइए।
उत्तर:
स्थिति के अनुसार विभज्योतक निम्न प्रकार के होते हैं –
1.शीर्षस्थ विभज्योतक (Apical meristem):
ये ‘जड़ तथा तने के शीर्ष पर पाये जाते हैं इनकी कोशिकाओं के विभाजन से तने तथा जड़ें लम्बाई में बढ़ती हैं। इनसे जड़ व तनों के सिरों पर वृद्धि बिन्दु का निर्माण होता है।

2. अन्तर्विष्ट विभज्योतक (Intercalary meristem):
वास्तव में यह शीर्षस्थ विभज्योतक से पृथक् हुआ भाग है जो प्ररोह की वृद्धि के समय शीर्षस्थ भाग से अलग हो जाता है और स्थायी ऊतक में परिवर्तित नहीं होता एवं स्थायी ऊतकों के बीच में विभज्योतक ऊतक के रूप में बचा रहता है। यह ऊतक पत्ती के आधार के पास अथवा पर्व के आधार के पास स्थित रहता है। अन्तर्विष्ट विभज्योतक ऊतक सामान्यतः घासों में पर्व के आधार के पास, पुदीने (Mentha) की पर्वसन्धि के नीचे इत्यादि स्थानों पर पाये जाते हैं। ये ऊतक अस्थायी होते हैं लेकिन बाद में स्थायी ऊतकों में परिवर्तित हो जाते हैं। इस ऊतक के कारण पौधा लम्बाई में बढ़ता है।

3. पार्श्व विभज्योतक (Lateral meristem):
ये विभज्योतक ऊतक तनों तथा जड़ों के पार्यों में स्थित हैं, जैसे कि संवहन एधा और कॉर्क एधा। ये ऊतक स्थायी ऊतकों के पुनः विभेदन के कारण बनते हैं। इनके विभाजन से द्वितीयक वृद्धि होती है जिससे जड़ व तने मोटाई में वृद्धि करते हैं।
MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 6 पुष्पी पादपों का शारीर - 1

प्रश्न 2.
कार्क कैंबियम ऊतकों से बनता है, जो कार्क बनाते हैं। क्या आप इस कथन से सहमत हैं ? वर्णन कीजिए।
उत्तर:
जब द्विबीजपत्री जड़ और तने के परिधि में वृद्धि होती है तब वल्कुट तथा बाह्य त्वचा की सतहें टूटती जाती है और उन्हें नई संरक्षी कोशिका सतह की आवश्यकता होती है। इसलिए एक दूसरा मेरीस्टेमी ऊतक तैयार हो जाता है जिसे कार्क कैंबियम अथवा कागजन कहते हैं। यह प्रायः वल्कुट क्षेत्र में विकसित होता है इसकी सतह मोटी और सँकरी पतली भित्ति वाली आयताकार कोशिकाओं की बनी होती है। कागजन दोनों ओर की कोशिकाओं को बनाता है।

बाहर की ओर की कोशिकाएँ कार्क अथवा काग में बँट जाती है और अंदर की ओर की कोशिकाएँ द्वितीयक वल्कुट अथवा कागास्तर में विभेदित हो जाती है। कार्क कोशिकाओं में पानी का प्रवेश नहीं होता है क्योंकि इसकी कोशिका भित्ति पर सूबेरिन जमा रहता है। द्वितीयक वल्कुट कोशिकाएँ पैरेकाइमी होती है। कागजन, काग तथा काग मिलकर परिचर्म बनाते हैं । ये बाहरी तथा तने के भीतरी ऊतकों के बीच गैसों का आदान-प्रदान करते हैं। ये अधिकांश काष्ठीय वृक्षों में पाये जाते हैं।

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प्रश्न 3.
चित्रों की सहायता से काष्ठीय एंजियोस्पर्म के तने में द्वितीयक वृद्धि के प्रक्रम का वर्णन कीजिए। इसकी क्या सार्थकता है?
उत्तर:
द्वितीयक वृद्धि (Secondary growth):
“कैम्बियम तथा कॉर्क कैम्बियम की क्रियाशीलता के फलस्वरूप क्रमशः स्टील के अन्दर तथा स्टील के बाहर द्वितीयक ऊतकों के बनने के कारण जड़ तथा तने में मोटाई में हुई वृद्धि द्वितीयक वृद्धि कहलाती है।” द्वितीयक वृद्धि के कारण ही आवृतबीजी और द्विबीजपत्री पौधे वृक्ष जैसी रचना बना पाते हैं द्वितीयक वृद्धि के अभाव के कारण ही एकबीजपत्री पादपों में सामान्यतः वृक्ष का अभाव रहता है। अत: कुछ अपवादों को छोड़कर एकबीजपत्री पादपों में द्वितीयक वृद्धि का पूर्णतः अभाव होता है। जबकि द्विबीजपत्री पादपों (जड़ एवं तना) में द्वितीयक वृद्धि पायी जाती है।

द्विबीजपत्री तने में द्वितीयक वृद्धि (Secondary growth in cambium) – एक प्रारूपी द्विबीजपत्री तने में द्वितीयक वृद्धि निम्न प्रकार से होती है –

(A) कैम्बियम की क्रियाशीलता (Activity of cambium):
आप जानते हैं कि द्विबीजपत्री तने में जाइलम तथा फ्लोएम के बीच एक पट्टी पायी जाती है जिसे पूलीय कैम्बियम (Fascicular cambium) कहते हैं। जब तना वयस्क हो जाता है अर्थात् उसमें द्वितीयक वृद्धि होनी होती है तब पूलीय कैम्बियम क्रियाशील हो जाता है तथा इसके साथ ही दो सम्वहन पूलों के बीच की कैम्बियम की सन्धि वाली कोशिकाएँ, जो मृदूतकी होती हैं, भी विभाजित हो जाती हैं अब इन्हें अन्तरपूलीय कैम्बियम (Interfascicular cambium) कहते हैं। इस प्रकार कैम्बियम का एक वलय बन जाता है जिसे कैम्बियम वलय (Cambium ring) कहते हैं।

अनुकूल परिस्थिति में कैम्बियम कोशिकाएँ विभाजन करने लगती हैं। यह विभाजन स्पर्श रेखीय (Tangential) होता है जिसके कारण वलय के बाहर द्वितीयक फ्लोएम तथा अन्दर द्वितीयक जाइलम का निर्माण होता है। सामान्यतः द्वितीयक फ्लोएम की अपेक्षा द्वितीयक जाइलम अधिक मात्रा में बनता है, इस कारण कैम्बियम का वलय परिधि की ओर खिसकता जाता है।

प्राथमिक जाइलम तथा फ्लोएम इस क्रिया के कारण दूर हो जाते हैं जबकि कैम्बियम क्रियाशीलता के पहले ये पास-पास स्थित होते हैं। इस समय प्राथमिक फ्लोएम दबाव के कारण कुचलकर अवशेष के रूप में रह जाता है जबकि प्राथमिक जाइलम केन्द्रीय मज्जा की ओर आ जाता है। कुछ कैम्बियम कोशिकाएँ द्वितीयक जाइलम तथा फ्लोएम के स्थान पर केवल मृदूतकी कोशिकाओं का निर्माण करने लगती हैं –
MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 6 पुष्पी पादपों का शारीर - 2

जिससे अक्ष के क्षैतिज द्वितीयक जाइलम से द्वितीयक फ्लोएम तक एक पट्टी दिखाई देने लगती है। जिसे द्वितीयक ऊतकों में स्थित होने के कारण द्वितीयक मेड्यूलरी रश्मियाँ (Secondary medulary rays) कहते हैं। ये संवहन ऊतक की जीवित कोशिकाओं से सम्बन्ध स्थापित करती हैं, इन्हीं से होकर फ्लोएम तथा जाइलम की जीवित कोशिकाओं को भोजन सामग्री पहुँचती है। इसके अलावा ये कोशिकाएँ भोजन संग्रह का भी कार्य करती हैं।
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(B) कॉर्क कैम्बियम की सक्रियता (Activity of cork cambium):
कैम्बियम द्वारा नये ऊतकों के बनने के कारण तने के बाहरी ऊतकों पर दबाव पड़ता है जिसके कारण बाह्य त्वचा फट जाती है। इसी समय कॉर्टेक्स की बाहरी पर्त विभाजित होकर नयी कोशिकाएँ बनाने लगती हैं इस पर्त को ही कॉर्क कैम्बियम या फेलोजन (Cork cambium or Phellogen) कहते हैं। कॉर्क कैम्बियम अन्दर तथा बाहर दोनों तरफ कोशिकाओं का निर्माण करता है लेकिन बाहर की तरफ अपेक्षाकृत अधिक कोशिकाएँ बनती हैं।

कॉर्क कैम्बियम द्वारा बाहर की ओर जो कोशिकाएँ बनती हैं उन्हें कॉर्क या फेलम (Phellem) तथा अन्दर की तरफ बनी कोशिकाओं को फैलोडर्म कहते हैं। बाहर बनी कोशिकाओं में अन्तराकोशिकीय अवकाश नहीं पाया जाता है तथा ये सुबेरिन का निर्माण कर मृत हो जाती है और तने की छाल (Bark) बनाती हैं। अन्दर की ओर कोशिकाएँ द्वितीयक कॉर्टेक्स बनाती हैं जो मृदूतकी कोशिकाओं का बना होता है जिसमें हरितलवक पाया जाता है। सामान्यत: कॉर्क कैम्बियम द्वारा बनाये ऊतकों को कॉर्क (Cork or Periderm) कहा जाता है जो तने को यांत्रिक सहारा देने के साथ ही रक्षात्मक आवरण बनाता है तथा आन्तरिक ऊतकों से जल हानि को रोकता है।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित में विभेद कीजिए –

  1. वाहिका तथा ट्रैकीड
  2. पैरेनकाइमा तथा कोलेनकाइमा
  3. रसदारु तथा अंत:काष्ठ
  4. खुला तथा बंद संवहन बंडल।

उत्तर:
1. वाहिका एवं वाहिनिका (ट्रैकीड) में अन्तर –
MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 6 पुष्पी पादपों का शारीर - 4

2. पैरेनकाइमा (मृदूतक) तथा कोलेनकाइमा (स्थूलकोण ऊतक) पैरेनकाइमा (Perenchyma):

  1. इसकी कोशिकाएँ जीवित एवं पतली भित्ति वाली होती हैं।
  2. इनकी कोशिका भित्ति सेल्युलोज की बनी होती है।
  3. इनकी कोशिकाओं में रिक्तिकाएँ संख्या में अधिक होती हैं।
  4. इनकी कोशिकाएँ गोल या बहुभुजी और अन्तराकोशिकीय अवकाश युक्त होती हैं।
  5. इनका मुख्य कार्य भोज्य पदार्थों का संग्रहण करना है।
  6. जब इनमें क्लोरोफिल उपस्थित होता है, तब इन्हें क्लोरेनकायमा कहते हैं। यह प्रकाश-संश्लेषण. का कार्य करता है।
  7. जब इन कोशिकाओं के अन्तराकोशिकीय अवकाश बड़े-बड़े होते हैं तब इन्हें ऐरेनकायमा कहते हैं। ये जलीय पौधों में पाये जाते हैं तथा उनको तैरने में सहायता करते हैं।

स्थूलकोण ऊतक (Collenchyma):

  1. यह जीवित ऊतक है, जिसकी कोशिकाएँ लम्बी होती हैं।
  2. इनकी कोशिकाओं में अन्तर कोशिकीय अवकाशों का अभाव होता है।
  3. इनकी कोशिकाओं की कोशिका भित्ति के कोने सेल्युलोज एवं पेक्टिन के जमाव के कारण मोटे व स्थूलित हो जाते हैं इसलिए इन्हें स्थूलकोण ऊतक कहा जाता है।
  4. क्लोरोप्लास्ट उपस्थित होने पर ये प्रकाश-संश्लेषण का कार्य करते हैं।
  5. यह पौधे को यांत्रिक मजबूती प्रदान करता है।
  6. लचीला होने के कारण यह अंगों को तनन सामर्थ्य प्रदान करता है।
  7. क्लोरोप्लास्ट उपस्थित होने पर यह प्रकाश-संश्लेषण का कार्य करता है।

3. रसदारु तथा अंतःकाष्ठ में अन्तर।
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4. खुला तथा बंद संवहन बंडल

  • खुला संवहन बंडल (Open vascular bundle) – इसमें जायलम तथा फ्लोएम के बीच में कैम्बियम स्थित होता है। इस प्रकार का सम्वहन पूल द्विबीजपत्री तनों में पाया जाता है।
  • बन्द संवहन बंडल (Closed vascular bundle) – इस प्रकार के सम्वहन पूलों में कैम्बियम नहीं पाया जाता। यह एकबीजपत्री पौधों के तनों में पाया जाता है।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित में शारीरिकी (Anatomy) के आधार पर अंतर बताइए

  1. द्विबीजपत्री मूल तथा एकबीजपत्री मूल।
  2. द्विबीजपत्री तना तथा एकबीजपत्री तना।

उत्तर:
1. एकबीजपत्री एवं द्विबीजपत्री जड़ (मूल) की आन्तरिक संरचना में अन्तर –
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2. द्विबीजपत्री तथा एकबीजपत्री तने में अन्तर –
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प्रश्न 6.
आप एक शैशव तने की अनुप्रस्थ काट का सूक्ष्मदर्शी अवलोकन कीजिए।आप कैसे पता करेंगे कि यह एकबीजपत्री तना अथवा द्विबीजपत्री तना है ? इसके कारण बताइए।
उत्तर:

एक शैशव तने की अनुप्रस्थ काट का सूक्ष्मदर्शी में अवलोकन करने के पश्चात् एकबीजपत्री एवं द्विबीजपत्री तना को निम्नलिखित संरचनाओं के आधार पर पहचाना जा सकता है –

द्विबीजपत्री तने की आंतरिक संरचना(Internal structure of dicot stem) – यदि हम सूर्यमुखी के तने की आंतरिक संरचना को देखें तो इसमें निम्न रचनाएँ दिखाई देती हैं –

1. बाह्यत्वचा (Epidermis):
यह सबसे बाहरी एक कोशिकीय स्तर है जिस पर क्यूटिकिल पायी जाती है। इस पर कहीं-कहीं बहुकोशिकीय रोम तथा स्टोमेटा पाये जाते हैं।

2. कॉर्टेक्स (Cortex):
यह बाह्यत्वचा के नीचे के स्तर है जो तीन स्तरों की बनी होती है –

  • अधस्त्व चा (Hypodermis) – यह कोलेनकाइमेटस कोशिकाओं की 3 से 5 परतों की बनी होती है। इन कोशाओं में अन्तराकोशिकीय अवकाश अनुपस्थित तथा हरित लवक उपस्थित होता है।
  • सामान्य कॉर्टेक्स (General cortex) – यह अधस्त्वचा के नीचे स्थित होता है तथा अन्तराकोशिकीय अवकाशों युक्त मृदूतकी कोशिकाओं का बना होता है।
  • अन्तस्त्वचा (Endodermis) – यह कॉर्टेक्स की आन्तरिक एक कोशिकीय स्तर जो ढोलक के समान कोशिकाओं की बनी होती है। जिसमें स्टार्च कण पाये जाते हैं। इसमें कैस्पेरियन स्ट्रिप स्पष्ट दिखाई देती है।

3. पेरिसाइकिल (Pericycle):
यह परत मृदूतकी तथा दृढ़ऊतकी कोशिकाओं के एकान्तर क्रम में व्यवस्थित होने से बनती है और अन्तरस्त्वचा के नीचे स्थित होती है।
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4.संवहन पूल (Vascular bundle):
इनके संवहन पूल संयुक्त (Conjoint), कोलेटरल (Collateral), खुले (Open) तथा एक घेरे में व्यवस्थित होते हैं। इनका प्रत्येक संवहन पूल जाइलम, फ्लोएम तथा कैम्बियम का बना होता है। इनका जाइलम वैसेल्स, ट्रैकीड, काष्ठ तन्तु तथा काष्ठ मृदूतक का बना होता है जबकि फ्लोएम चालनी नलिकाओं, सखि कोशिकाओं तथा मृदूतक कोशिकाओं का बना होता है। इनके जाइलम तथा फ्लोएम के बीच में पतली भित्ति वाली कोशिकाओं की एक पट्टी पायी जाती है जिसे कैम्बियम कहते हैं।

5. पिथ (Pith):
तने के मध्य में मृदूतकी कोशिकाओं का बना पिथ पाया जाता है। एकबीजपत्री तने की आंतरिक संरचना (Internal structure of monocot stem) – मक्का सामान्य रूप से पाया जाने वाला एकबीजपत्री पादप है। जिसके अनुप्रस्थ काट में निम्न संरचनाएँ दिखाई देती हैं –

1. बाह्यत्वचा (Epidermis) – इसमें क्यूटिकिल उपस्थित लेकिन रोम अनुपस्थित होते हैं।

2. हाइपोडर्मिस (Hypodermis) – बाह्यत्वचा के नीचे दृढ़ऊतकी कोशिकाओं की दो से चार परतें पायी जाती हैं, जिन्हें हाइपोडर्मिस कहते हैं।
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3. भरण ऊतक (Ground tissue):
यह मृदूतकी अन्तराकोशिकीय अवकाश युक्त कोशिकाओं का बना भाग है जो अधस्त्वचा से लेकर तने के केन्द्र तक फैला होता है।

4. संवहन पूल (Vascular bundle):
इनके भरण ऊतक में बहुत – से संयुक्त (Conjoint), कोलेटरल (Collateral) तथा बन्द (Close) संवहन पूल बिखरे होते हैं अर्थात् इनमें कैम्बियम का अभाव होता है। प्रत्येक संवहन पूल के चारों तरफ स्क्लेरेनकाइमा कोशिकाएँ पायी जाती हैं। इनका संवहन पूल जाइलम तथा फ्लोएम का बना होता है। इसका जाइलम वेसेल्स, ट्रैकीड्स तथा जाइलम मृदूतक का बना होता है। जबकि फ्लोएम चालनी नलिकाओं तथा सखि कोशिकाओं का बना होता है। एकबीजपत्री तनों में फ्लोएम पैरेनकाइमा नहीं पायी जाती हैं। एकबीजपत्री तने में मज्जा (Pith) का अभाव होता है।

प्रश्न 7.
सूक्ष्मदर्शी किसी पौधे के भाग की अनुप्रस्थ काट का निम्नलिखित शरीर रचनाएँ दिखाती

  1. संवहन बंडल संयुक्त, फैले हुए तथा उसके चारों ओर स्क्लेरेनकाइमी आच्छद है।
  2. फ्लोएम पैरेनकाइमी है। आप इसे कैसे पहचानेंगे यह किसका है?

उत्तर:
यह एकबीजपत्री तने (Monocot stem) की अनुप्रस्थ काट की रचना है।

प्रश्न 8.
जाइलम एवं फ्लोएम को जटिल ऊतक क्यों कहते हैं ?
उत्तर:
जटिल स्थायी ऊतक (Complex permanent tissue) – पौधे के संवहनी ऊतक (Vascular tissues) ही जटिल ऊतक हैं। ये पौधे में पदार्थों को एक-स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने का कार्य करते हैं। इसलिए इनका नाम संवहनी ऊतक (Conductive tissue) है। जटिल ऊतक कोशिकाओं का वह समूह होता है जिसमें एक से अधिक प्रकार की कोशिकाएँ होती हैं लेकिन सब मिलकर एक इकाई की तरह कार्य करती है। जटिल ऊतक के प्रमुख उदाहरण दारू (Xylem) तथा पोषवाह (Phloem) हैं।

ऐसे ऊतक जो पानी और लवणों (Salts) को गुरुत्वाकर्षण बल के विपरीत ऊपर की ओर ले जाते हैं, जाइलम (Xylem or Wood) तथा जो ऊतक प्रकाश-संश्लेषी उत्पादों (Prepared food) के संवहन से सम्बन्धित होते हैं, उन्हें पोषवाह या बास्ट (Pholem or Bast) कहा जाता है। चूँकि कार्य सम्पादन के दृष्टिकोण से दारू और पोषवाह अलंग-अलग काम करते हैं, इसलिए उनकी रचना में भी भिन्नता पाई जाती है। चूंकि ये ऊतक एक.से अधिक ऊतकों के बने होते हैं इसलिए इन्हें जटिल ऊतक कहा जाता है।

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प्रश्न 9.
रंध्रीय तंत्र क्या है? रंध्र की रचना का वर्णन कीजिए और इसका चिन्हित चित्र बनाइए।
उत्तर:
रंध्र (Stomata) ऐसी रचनाएँ हैं, जो पत्तियों की बाह्यत्वचा पर होते हैं। प्रत्येक रंध्र में दो सेम के आकार की द्वार कोशिकाएँ (Guard cells) होती हैं। द्वार कोशिका की बाहरी भित्ति पतली तथा आंतरिक भित्ति मोटी होती है। द्वार कोशिकाओं में क्लोरोप्लास्ट होता है और यह रंध्र के खुलने तथा बंद होने के क्रम को नियमित करता है। कभी-कभी कुछ बाह्यत्वचीय कोशिकाएँ, जो रंध्र के आस – पास पायी जाती हैं, इन्हें सहायक कोशिकाएँ (Subsidiary cells) कहते हैं। रंध्रीय छिद्र, द्वार कोशिका तथा सहायक कोशिकाएँ मिलकर रन्ध्रीय तंत्र (Stomatal system) का निर्माण करती हैं।
MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 6 पुष्पी पादपों का शारीर - 11

प्रश्न 10.
पुष्पीय पौधों के तीन मूलभूत ऊतक तंत्र बताइए। प्रत्येक तंत्र के ऊतक बताइए।
उत्तर:
पुष्पीय पौधों के तीन मूलभूत ऊतक तंत्र निम्नलिखित हैं –

  • साधारण ऊतक
  • जटिल ऊतक
  • विशिष्ट ऊतक।

MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 6 पुष्पी पादपों का शारीर - 12

प्रश्न 11.
पादप शरीर (Anatomy) का अध्ययन हमारे लिए कैसे उपयोगी है ?
उत्तर:
सजीवों के आकारिकी (Morphology) का अध्ययन करने से उनके केवल बाह्य आकृति, रूप रंग में समानता अथवा भिन्नता का पता चल पाता है, लेकिन बहुत-से जीवों के बाह्य समानता होने के बावजूद उनमें विभिन्नता हो सकती है। जब हम पादपों अथवा जन्तुओं के आंतरिक संरचना का अध्ययन करते हैं तब हमें उनकी कोशिका, ऊतकों तथा अंगों में विभिन्नता दिखाई देती है। पादपों के आंतरिक संरचना का अध्ययन, विज्ञान की शरीर शाखा (Anatomy) के अन्तर्गत किया जाता है। शरीर के अध्ययन करने से पादपों की औतिकी, संरचना एवं उनके कार्यों का पता चलता है, जैसे – कि जाइलम एवं फ्लोएम ऊतकों का जल एवं भोज्य पदार्थों का संवहन करना है।

प्रश्न 12.
परिचर्म क्या है ? द्विबीजपत्री तने में परिचर्म कैसे बनता है ?
उत्तर:
कागजन कॉर्क तथा काग मिलकर परिचर्म बनाते हैं। जैसे-जैसे तने की परिधि में वृद्धि होती है वैसे ही बाहरी कॉर्टेक्स तथा बाह्य त्वचा की सतहें टूटती जाती हैं तब उन्हें संरक्षी कोशिकीय सतह की आवश्यकता पड़ती है। इसी कारण एक दूसरा प्रविभाजी ऊतक विकसित होता है जिसे कॉर्क कैम्बियम या कागजन कहते हैं। यह प्राय: कॉर्टेक्स क्षेत्र में विकसित होता है। इसकी सतहें मोटी और सँकरी भित्ति वाले आयताकार कोशिकाओं से बनी होती है।

कागजन दोनों ओर कोशिकाओं को बनाता है। बाहर की ओर की कोशिकाएँ कॉर्क अथवा काग में बँट जाते हैं। अंदर की ओर की कोशिकाएँ द्वितीयक कॉर्टेक्स अथवा काग स्तर में विभेदित हो जाती हैं। कॉर्क की कोशिकाभित्ति में सुबेरिन का जमाव हो जाता है, इस कारण इसमें पानी का प्रवेश नहीं होता है। द्वितीयक कॉर्टेक्स की कोशिकाएँ पैरेनकाइमी होती है। इस प्रकार से तीन रचनाओं कागजन, कॉर्क तथा काग मिलकर परिचर्म बनाते हैं।

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प्रश्न 13.
पृष्ठाधारी पत्ती की भीतरी रचना का वर्णन चिन्हित चित्रों की सहायता से कीजिए।
उत्तर:
द्विबीजपत्री ( पृष्ठाधारी पत्ती) पत्ती की आन्तरिक संरचना (Internal structure of dicot leaf) – वे पत्तियाँ, जिनकी ऊपरी तथा निचली सतह में संरचनात्मक भिन्नता पायी जाती है पृष्ठाधारी पत्ती कहलाती है। द्विबीजपत्री पादपों में इसी प्रकार की पत्तियाँ पायी जाती हैं। आम एक सामान्य द्विबीजपत्री पौधा है, जिसकी संरचना निम्नानुसार होती है –

1. ऊपरी बाह्यत्वचा (Upper epidermis):
वे एक कोशिका स्तर मोटी पैरेनकाइमेटस कोशिकाओं की बनी होती है, जिसमें क्लोरोप्लास्ट तथा स्टेमेटा नहीं पाये जाते लेकिन उनकी बाहरी सतह पर क्यूटिकिल का एक आवरण पाया जाता है। इनकी कोशिकाएँ ढोलक के समान तथा एक-दूसरे से सटी होती हैं।

2. निचली बाह्यत्वचा (Lower epidermis):
यह एक कोशिका मोटी निचली स्तर है जिसकी संरचना बाह्य त्वचा के समान होती है लेकिन इस स्तर में कुछ विशेष प्रकार के छिद्र पाये जाते हैं जिन्हें स्टोमेटा (Stomata) कहते हैं ये वाष्पोत्सर्जन तथा वायु के आदान-प्रदान में भाग लेते हैं। स्टोमेटा एक कक्ष में खुलते हैं जिसे श्वसन कक्ष कहते हैं।

3. पर्ण मध्योतक (Mesophyll):
ऊपरी तथा निचली त्वचा के बीच के ऊतक को पर्ण मध्योतक कहते हैं। इनमें बाह्यत्वचा से लगे अन्तराकोशीय अवकाशविहीन तथा हरितलवक युक्त ऊतक पाये जाते हैं जिन्हें खम्भ मृदूतक (Palisade parenchyma) कहते हैं। ये प्रकाश-संश्लेषण में भाग लेते हैं। इन ऊतकों के नीचे के ऊतक की कोशिकाएँ अण्डाकार अन्तराकोशीय अवकाश तथा हरितलवकयुक्त होती हैं इन्हें स्पॉन्जी (Spongy parenchyma) कहते हैं।

4. संवहन पूल (Vascular bundle):
पत्तियों में संवहन पूल स्पॉन्जी मृदूतक में बिखरे रहते हैं। जिन पत्तियों में मध्यशिरा पाया जाता है उनकी मध्यशिरा का संवहन पूल सबसे बड़ा होता है। उनके सम्वहन पूल कोलेटरल या बन्द प्रकार के होते हैं तथा उनके चारों तरफ मृदूतकी कोशिकाओं का एक आवरण पाया जाता है जिसे बण्डल छाद (Bundle seath) कहते हैं। इनका जाइलम ट्रैकीड्स, वेसेल्स, काष्ठ तन्तु (Wood fire) तथा जाइलम पैरेनकाइमा का बना होता है तथा जल एवं खनिज लवणों का सम्वहन करता है।

इनका फ्लोएम, चालनी नलिकाओं, सखि कोशिकाओं तथा फ्लोएम पैरेनकाइमा का बना होता है। फ्लोएम भोज्य पदार्थों के सम्वहन का कार्य करता है। इनका जाइलम बाह्यत्वचा की ओर तथा फ्लोएम नीचे की ओर स्थित होता है जाइलम का प्रोटोजाइलम भी बाह्यत्वचा की ओर ही स्थित होता है। इसके सम्वहन पूल के ऊपर तथा नीचे पैरेनकाइमा अथवा कोलेनकाइमा की कोशिकाएँ बाह्यत्वचा तक स्थित होती हैं।
MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 6 पुष्पी पादपों का शारीर - 13

प्रश्न 14.
त्वक कोशिकाओं की रचना तथा स्थिति उन्हें किस प्रकार विशिष्ट कार्य करने में सहायता करती है ?
उत्तर:
घास में ऊपरी बाह्य त्वचा की कुछ कोशिकाएँ लंबी, खाली तथा रंगहीन होती हैं। इन कोशिकाओं को आवर्ध त्वक कोशिका कहते हैं। जब कोशिकाएँ स्फीत होती हैं, तब ये कोशिकाएँ मुड़ी हुई पत्तियों को खुलने में सहायता करती हैं। वाष्पोत्सर्जन की अधिक दर होने पर ये पत्तियाँ वाष्पोत्सर्जन की दर कम करने के लिए मुड़ जाती हैं।

पुष्पी पादपों का शारीर अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

पुष्पी पादपों का शारीर वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
सही विकल्प चुनकर लिखिए –

1. कुछ पादप कोशिकाओं की कोशिकाभित्ति मोटी तथा सिरों पर नुकीली होती है, यह हो सकती –
(a) पैरेनकाइमा
(b) क्लोरेनकाइमा
(c) स्क्लेरेनकाइमा
(d) ऐरेनकाइमा।
उत्तर:
(c) स्क्लेरेनकाइमा

2. शीर्षस्थ ऊतक के डर्मेटोजन का प्रमुख कार्य है –
(a) उपत्वचा का निर्माण
(b) बाह्यत्वचा का निर्माण
(c) संवहन ऊतक का निर्माण
(d) हाइपोडर्मिस का निर्माण।
उत्तर:
(b) बाह्यत्वचा का निर्माण

3. लेटेक्स वाहिकाएँ पायी जाती हैं –
(a) दारु ऊतक में
(b) पोषवाह ऊतक में
(c) वल्कुट में
(d) उपर्युक्त में से किसी में नहीं।
उत्तर:
(c) वल्कुट में

4. एक ऊतक जिसकी कोशिकाएँ सक्रिय बढ़ने वाले अंगों के यान्त्रिक ऊतकों को बनाती हैं और
इनकी कोशिका भित्तियों में कोशिकाओं के कोनों पर सेल्यूलोजिक, अलिग्नीन स्थूलन पाये जाते हैं, ये हो सकती हैं
(a) स्क्लेरेनकाइमा
(b) पैरेनकाइमा
(c) कोलेनकाइमा
(d) क्लोरेनकाइमा।
उत्तर:
(c) कोलेनकाइमा

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5. एकबीजपत्रियों के प्रारूपी संवहन पूल होते हैं –
(a) बहिफ्लोएमी
(b) उभय फ्लोएमी
(c) संकेन्द्री
(d) अरीय।
उत्तर:
(a) बहिफ्लोएमी

6. ऊतक किसे कहते हैं –
(a) कोशिकाओं का अलग-अलग विकसित होने वाला समूह
(b) कोशिकाओं का वह समूह जो रचना, उत्पत्ति तथा कार्य में समान हो
(c) कोशिकाओं का वह समूह जो रचना में समान लेकिन कार्य में भिन्न हो
(d) कोशिकाओं का एकसमान आयु वाला समूह।
उत्तर:
(b) कोशिकाओं का वह समूह जो रचना, उत्पत्ति तथा कार्य में समान हो

7. पैरेनकाइमा (मृदूतकी) ऊतक किसे कहते हैं –
(a) मोटी कोशिकीय भित्ति वाली कोशिकाओं का समूह
(b) मृत कोशिकाओं का समूह
(c) पतली कोशिकीय भित्ति वाली जीवित कोशिकाओं का समूह
(d) लिग्निन युक्त कोशिकाओं का समूह।
उत्तर:
(c) पतली कोशिकीय भित्ति वाली जीवित कोशिकाओं का समूह

8. एक ऊतक जिसकी कोशिकाएँ महीन भित्ति वाली, समव्यासी और अन्तराकोशिकीय स्थान वाली हैं, वह होगा –
(a) पैरेनकाइमा
(b) कोलेनकाइमा
(c) स्क्लेरेनकाइमा
(d) क्लोरेनकाइमा।
उत्तर:
(a) पैरेनकाइमा

9. डर्मेटोजन, पेरीब्लेम तथा प्लीरोम पाये जाते हैं –
(a) पूर्णाग्र में
(b) तने की गाँठों पर
(c) मूलाग्र तथा तनाग्र में
(d) जायलम तथा फ्लोएम में।
उत्तर:
(c) मूलाग्र तथा तनाग्र में

10. पादपों के जलोत्सर्जक या हाइडेथोड हैं –
(a) वाष्पोत्सर्जन करने वाली रचनाएँ
(b) रसारोहण करने वाली रचनाएँ
(c) म्यूसीलेज स्रावित करने वाली रचनाएँ
(d) जल स्रावित करने वाली रचनाएँ।
उत्तर:
(d) जल स्रावित करने वाली रचनाएँ।

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11. रसकाष्ठ होता है –
(a) द्वितीयक जाइलम का बाहरी क्रियाशील भाग
(b) द्वितीयक जाइलम का आंतरिक अक्रियाशील भाग
(c) द्वितीयक जाइलम का आंतरिक तथा बाह्य भाग
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(a) द्वितीयक जाइलम का बाहरी क्रियाशील भाग

12. पुराने तने में गैस का आदान-प्रदान किसके द्वारा होता है –
(a) स्टोमेटा
(b) हाइडेथोड्स
(c) वातरंध्र
(d) पैलेड कोशिका।
उत्तर:
(c) वातरंध्र

13. पेरीडर्म में होते हैं –
(a) कॉर्क कैम्बियम, कॉर्क, द्वितीयक कॉर्टेक्स
(b) कॉर्क कैम्बियम तथा कॉर्क
(c) कॉर्क
(d) कॉर्क तथा द्वितीयक फ्लोएम।
उत्तर:
(a) कॉर्क कैम्बियम, कॉर्क, द्वितीयक कॉर्टेक्स

14. जैसे-जैसे द्वितीयक वृद्धि होती है किसकी मोटाई में वृद्धि होती है –
(a) अन्त:काष्ठ
(b) रसकाष्ठ
(c) अन्तः एवं रसकाष्ठ
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(a) अन्त:काष्ठ

15. वृक्ष की आयु का पता लगाने का सबसे आसान तरीका है –
(a) तने का व्यास मापना
(b) पत्तियों की संख्या की गिनती करना
(c) तने के आधार पर वार्षिक वलयों की गणना
(d) शाखाओं की गणना करना।
उत्तर:
(c) तने के आधार पर वार्षिक वलयों की गणना

16. द्विबीजपत्री तने के काष्ठ में जाइलम का सबसे नया स्तर स्थित होता है –
(a) कैम्बियम के बाहर
(b) कैम्बियम के अंदर
(c) पिथ के बाहर
(d) कॉर्टेक्स के अंदर।
उत्तर:
(b) कैम्बियम के अंदर

17. द्विबीजपत्री तने में संवहन पूल होते हैं –
(a) खुला, कोलैटरल तथा एन्डार्क
(b) बंद, कोलैटरल तथा एन्डार्क
(c) खुला, कोलैटरल तथा एक्सार्क
(d) बंद, कोलैटरल तथा एक्सॉर्क।
उत्तर:
(a) खुला, कोलैटरल तथा एन्डार्क

18. द्विबीजपत्री जड़ में पाये जाने वाले संवहन पूल होते हैं –
(a) रेडियल एक्सॉर्क
(b) संयुक्त एण्डार्क
(c) रेडियल एन्डार्क
(d) संयुक्त एक्सॉर्क।
उत्तर:
(a) रेडियल एक्सॉर्क

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19. कॉर्क का निर्माण किससे होता है –
(a) कॉर्क कैम्बियम
(b) संवहन कैम्बियम
(c) फ्लोएम
(d) जाइलम।
उत्तर:
(a) कॉर्क कैम्बियम

20. कॉर्क कैम्बियम का कार्य किसका निर्माण करना होता है –
(a) द्वितीयक जाइलम तथा द्वितीयक फ्लोएम
(b) कॉर्क तथा द्वितीयक कॉर्टेक्स
(c) द्वितीयक कॉर्टेक्स तथा फ्लोएम
(d) कॉर्क।
उत्तर:
(b) कॉर्क तथा द्वितीयक कॉर्टेक्स

21. कैस्पेरियन बैन्ड्स कहाँ पाये जाते हैं:
(a) एपिडर्मिस
(b) एण्डोडर्मिस
(c) पेरीसाइकिल
(d) फ्लोएम।
उत्तर:
(a) एपिडर्मिस

22. वार्षिक वलय का निर्माण किसकी सक्रियता से होता है –
(a) कैम्बियम
(b) जाइलम
(c) फ्लोएम
(d) जाइलम तथा फ्लोएम दोनों।
उत्तर:
(a) कैम्बियम

23. टाइलोसेज किसमें पाये जाते हैं –
(a) द्वितीयक जाइलम
(b) द्वितीयक फ्लोएम
(c) थैलस ऊतक
(d) कॉर्क कोशाएँ।
उत्तर:
(a) द्वितीयक जाइलम

24. वेसेल्स के अंदर मृदूतक कोशिकाओं का बैलून के समान अतिवृद्धि कहलाती है –
(a) हिस्टोजन
(b) टाइलोसेज
(c) फैलोजेन
(d) ट्यूनिका।
उत्तर:
(b) टाइलोसेज

25. एकबीजपत्री पौधों में ग्राफ्टिग संभव नहीं है, क्योंकि –
(a) कैम्बियम नहीं पाया जाता
(b) संवहन पूल बिखरे होते हैं
(c) समान्तर शिराविन्यास पाये जाते हैं
(d) पृथक् अरीय संवहन पूल पाये जाते हैं।
उत्तर:
(a) कैम्बियम नहीं पाया जाता

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26. संयुक्त, कोलैटरल, खुला तथा एण्डार्क संवहन पूल किसमें पाये जाते हैं –
(a) एकबीजपत्री तना
(b) एकबीजपत्री जड़
(c) द्विबीजपत्री जड़
(d) द्विबीजपत्री तना।
उत्तर:
(d) द्विबीजपत्री तना।

27. जड़ों में पार्श्व शाखाएँ किससे विकसित होती हैं –
(a) एपिब्लेमा
(b) पेरीसाइकिल
(c) कॉर्टेक्स
(d) एण्डोडर्मिस।
उत्तर:
(b) पेरीसाइकिल

28. कॉर्क कोशिकाएँ किसके जमाव के कारण अपारगम्य होती हैं –
(a) क्यूटिन
(b) लिग्निन
(c) सुबेरिन
(d) काइटिन।
उत्तर:
(b) लिग्निन

29. वेलामेन ऊतक किसमें भाग लेते हैं –
(a) श्वसन
(b) नमी का अवशोषण
(c) वाष्पोत्सर्जन
(d) संरक्षण।
उत्तर:
(b) नमी का अवशोषण

30. एकबीजपत्री तने में संवहन पूल होते हैं –
(a) बाइकोलैटरल तथा बंद
(b) बाइकोलैटरल तथा खुला
(c) (a) एवं (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(a) बाइकोलैटरल तथा बंद

प्रश्न 2.
एक शब्द में उत्तर दीजिए –

  1. द्वितीयक वृद्धि से बनने वाली रचना जो वातावरण से गैसों का आदान-प्रदान करती है।
  2. पुष्पीय पौधों की पत्तियों के सिरों पर पाई जाने वाली विशेष रचना जिनसे पानी की बूंदों के रूप में स्राव होता है।
  3. एक पार्श्व विभज्योतक ऊतक जिसके कारण पौधों की मोटाई में वृद्धि होती है।
  4. अरीय संवहन पूल किसमें पाये जाते हैं ?
  5. किसी एक बीजपत्री पौधे का नाम जिसमें द्वितीयक वृद्धि होती है।
  6. वृक्ष में हल्के रंग की लकड़ी को क्या कहते हैं?
  7. द्विबीजपत्री जड़ में संवहन पूल की क्या संख्या होती है ?
  8. दो बाह्य त्वचीय अतिवृद्धियों के नाम लिखिये।
  9. रबर क्षीरी, कोशिका वाले पौधे का नाम लिखिये।
  10. कैम्बियम की उपस्थिति वाले संवहन पूल को क्या कहते हैं?
  11. फैलोजन, फैलोडर्म तथा फैलम का सम्मिलित नाम क्या है ?
  12. द्विबीजपत्री तनों के बाह्य भाग में पाया जाने वाला काष्ठीय भाग क्या कहलाता है?
  13. ऐसा संवहन पूल जिसमें जाइलम के दोनों ओर कैम्बियम तथा फ्लोएम पाये जाते हैं ?
  14. तने में एपिडर्मिस के नीचे पाया जाने वाला कोलेनकाइमेटस भाग क्या कहलाता है ?

उत्तर:

  1. वातरंध्र
  2. जलरंध्र
  3. कैम्बियम
  4. जड़
  5. ड्रैसीना
  6. रसकाष्ठ
  7. 1 से 6 तक
  8. ट्राइकोम्स व सिस्टोलिथ
  9. यूफोर्बिया
  10. खुला संवहन पूल
  11. पेरीडर्म
  12. रसकाष्ठ
  13. बाइकोलैटरल
  14. हाइपोडर्मिस।

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प्रश्न 3.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –

  1. डर्मेटोजन, पेरीब्लेम तथा प्लीरोम …………….. में पाये जाते हैं।
  2. वाहिकाओं के बीच पाई जाने वाली गुब्बारे जैसी रचना को …………. कहते हैं।
  3. वार्षिक वलय …………….. से बनता है।
  4. लेटेक्स वाहिकाएँ …………….. में पाई जाती हैं। ………..
  5. द्विबीजपत्री तने में सबसे पुराना फ्लोएम …………….. में स्थित होता है।
  6. पौधों की ……………. में वृद्धि को द्वितीयक वृद्धि कहते हैं।
  7. द्वितीयक वृद्धि ………….. में सक्रियता के कारण होती है।
  8. कॉर्टेक्स सामान्यतः ……………. कोशिकाओं द्वारा बना होता है।
  9. द्वितीयक संवहनी ऊतकों का निर्माण ……………. में होता है।
  10. तने में वार्षिक वलय ……………. तथा ……………. के कारण होता है।

उत्तर:

  1. मूलाग्र व तनाग्र में
  2. टायलोसिस
  3. स्प्रिंग व ऑटम काष्ठ से
  4. कॉर्टेक्स
  5. प्राथमिक फ्लोएम के अन्दर
  6. मोटाई
  7. कैम्बियम
  8. पैरेन्काइमेट्स
  9. कैम्बियम
  10. वसन्त काष्ठ, शरद काष्ठ।

प्रश्न 4.
उचित संबंध जोडिए –
MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 6 पुष्पी पादपों का शारीर - 14
उत्तर:

  1. (c) संयुक्त कोलेटरल वर्षी पूल
  2. (d) अरीय 6 से कम संवहन पूल
  3. (a) संयुक्त कोलेटरल अवर्धी पूल
  4. (e) अरीय 6 से अधिक संवहन पूल।
  5. (b) दृढ़ोतकी बंडल छाद

MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 6 पुष्पी पादपों का शारीर - 15
उत्तर:

  1. (d) संयुक्त कोलैटरल बंद पूल
  2. (e) अंत:काष्ठ में अतिवृद्धि।
  3. (a) द्विबीजपत्री पौधा
  4. (b) चौड़ी व बड़ी कोशिकाएँ
  5. (c) सँकरी व छोटी कोशिकाएँ

MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 6 पुष्पी पादपों का शारीर - 16
उत्तर:

  1. (c) संवहन ऊतक का कोर
  2. (d) कैस्पेरियन पट्टी।
  3. (a) वेलामेन ऊतक
  4. (b) एकबीजपत्री जड़

MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 6 पुष्पी पादपों का शारीर - 17
उत्तर:

  1. (b) द्वितीयक संवहन ऊतक
  2. (a) पेरीडर्म
  3. (d) टाइलोसेज़।
  4. (c) सखी कोशाएँ

प्रश्न 5.
सत्य / असत्य बताइए

  1. विकसित प्रौढ़ पादपों में द्वितीयक वृद्धि पाई जाती है।
  2. छाल पर वात विनिमय हेतु कुछ विशिष्ट छिद्र होते हैं जिसे जलरंध्र कहते हैं।
  3. ऐसे ऊतक जिनकी कोशिकाओं में विभाजन क्षमता नहीं होती प्रविभाजी ऊतक कहलाते हैं।
  4. किसी तने के अनुप्रस्थ काट में वार्षिक वलयों को गिनकर वृक्ष की उम्र का पता लगाया जाता है।
  5. अपवादस्वरूप कुछ एकबीजपत्री पादपों के तनों में भी द्वितीयक वृद्धि पाई जाती है।
  6. एकबीजपत्री पौधों में द्वितीयक वृद्धि नहीं पाई जाती।
  7. कॉर्क कैम्बियम का निर्माण संवहन पूल में होता है।
  8. कॉर्क कैम्बियम को फैलोजन भी कहा जाता है।
  9. वार्षिक वलय की संख्या के आधार पर पौधे की आयु का पता लगाया जा सकता है।
  10. पेरीडर्म तथा छाल वानस्पतिक रूप से एक समान होते हैं।
  11. तने की छाल पर पाये जाने वाले छिद्र को वातरंध्र कहते हैं।
  12. घावों को भरना पौधे में वैस्कुलर कैम्बियम की सक्रियता के कारण होता है।
  13. पर्ण विलगन के समय विलगन परत का निर्माण होता है।
  14. द्विबीजपत्री तने में अरीय संवहन पूल पाये जाते हैं।
  15. व्यापारिक दृष्टि से अंत:काष्ठ अधिक महत्वपूर्ण होता है।

उत्तर:

  1. सत्य
  2. असत्य
  3. असत्य
  4. सत्य
  5. सत्य
  6. सत्य
  7. असत्य
  8. सत्य
  9. सत्य
  10. असत्य
  11. सत्य
  12. असत्य
  13. सत्य
  14. असत्य
  15. सत्य।

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पुष्पी पादपों का शारीर अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
ऊतक क्या है ?
उत्तर:
एकसमान उत्पत्ति एवं विकास वाली कोशिकाओं का ऐसा समूह जो एकसमान कार्य करता हो, ऊतक कहलाता है।

प्रश्न 2.
जाइलम का कार्य बताइए।
उत्तर:

  • जाइलम जल एवं उसमें घुले लवणों का संवहन करता है।
  • यह पौधों को यांत्रिक शक्ति (मजबूती) प्रदान करता है।

प्रश्न 3.
द्वार कोशिकाएँ कहाँ पायी जाती हैं ? इसके क्या कार्य हैं ?
उत्तर:
द्वार कोशिकाएँ (Guard cells) पत्तियों के रन्ध्रों में पायी जाती हैं, ये रन्ध्रों के खुलने एवं बन्द होने की क्रिया को नियंत्रित करती हैं। .

प्रश्न 4.
कैम्बियम क्या है? इसके कार्य बताइए।
उत्तर:
कैम्बियम एक पार्श्व विभज्योतक ऊतक है, जिसके कारण पौधे की मोटाई में वृद्धि होती है।

प्रश्न 5.
स्थायी ऊतक किसे कहते हैं?
उत्तर:
ऐसे ऊतक जिनमें विभाजन की क्षमता नहीं पायी जाती है, उन्हें स्थायी ऊतक कहते हैं।

प्रश्न 6.
बास्ट रेशा क्या है?
उत्तर:
फ्लोएम के साथ सम्बद्ध दृढ़ोतक कोशिकाएँ बास्ट रेशे कहलाती हैं।

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प्रश्न 7.
जायलम ऊतक में पायी जाने वाली कोशिकाओं के नाम बताइए।
उत्तर:
जायलम में निम्नलिखित चार प्रकार की कोशिकाएँ पायी जाती हैं –

  • वाहिनिका (Tracheids)
  • वाहिनी (Vessel or Tracheae)
  • जायलम रेशे या काष्ठ रेशे (Xylem fibres or Wood fibres)
  • जायलम या काष्ठ पैरेनकायमा (Xylem or Wood parenchyma)।

प्रश्न 8.
कैम्बियम कहाँ पाया जाता है?
उत्तर:
कैम्बियम प्रायः द्विबीजपत्री पौधों के संवहन पूलों में पार्श्व विभज्योतक के रूप में संवहन पूलों (V. B.) में जायलम एवं फ्लोएम के बीच पाया जाता है।

प्रश्न 9.
फ्लोएम में पायी जाने वाली कोशिकाओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
फ्लोएम में निम्नलिखित कोशिकाएँ पायी जाती हैं –

  • चालनी नलिका (Sieve tube)
  • सखि कोशिकाएँ (Companian cells)
  • फ्लोएम पैरेनकायमा (Phloem parenchyma)
  • बास्ट रेशे (Bast fibres)।

प्रश्न 10.
ऊतक तंत्र किसे कहते हैं?
उत्तर:
पुष्पीय पौधों में अनेक प्रकार के स्थायी ऊतक आपस में संयुक्त होकर एक या कई कार्यों का निर्वहन करते हैं। इन संयुक्त ऊतकों से निर्मित तंत्र को ही ऊतक तंत्र (Tissue system) कहते हैं।

प्रश्न 11.
काष्ठ क्या है?
उत्तर:
तनों में उपस्थित द्वितीयक जायलम को काष्ठ (Wood) कहते हैं।

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पुष्पी पादपों का शारीर लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
प्रविभाजी / विभज्योतक ऊतक की चार विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
प्रविभाजी विभज्योतक ऐसी कोशिकाओं से मिलकर बना होता है, जिसमें बार-बार विभाजन की क्षमता होती है। इनमें निम्नलिखित विशेषताएँ पायी जाती हैं –

  • इनकी आकृति बहुभुजी या चौकोर होती है। कोशिकाओं की भित्ति पतली व सेल्युलोज की बनी होती है।
  • कोशिकाओं में बड़े तथा निश्चित केन्द्रक होते हैं। कोशिकाएँ आपस में सटी हुई होती हैं अर्थात् अन्तरकोशिकीय अवकाशों का अभाव होता है।
  • कोशिकाओं में लवण प्राकलवक (Proplastid) अवस्था में होते हैं।
  • इन कोशिकाओं में जीवद्रव्य सघन तथा प्रायः रिक्तिकाहीन होता है। ये कोशिकाएँ सक्रिय उपापचय की अवस्था में रहती हैं।

प्रश्न 2.
जड़ एवं तने के वैस्कुलर बंडल में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
अथवा
अरीय व संयुक्त वाहिनी पूल में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
अरीय व संयुक्त वाहिनी पूल में अन्तर –
MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 6 पुष्पी पादपों का शारीर - 18

प्रश्न 3.
वातरंध्र पर संक्षिप्त टिप्पणी दीजिए।
उत्तर:
तने की छाल पर पाये जाने वाले छिद्र को वातरंध्र कहते हैं। इसकी सहायता से वातावरण से गैसों का आदान-प्रदान होता है। द्वितीयक वृद्धि के बाद बनने वाली कॉर्क की कोशाएँ जल तथा वायु के लिए अपारगम्य होती हैं। वातरंध्र बनने के पहले शिशु तने के उन्हीं स्थानों पर स्टोमेटा पाये जाते हैं। इनका निर्माण पेरिडर्म के निर्माण के साथ ही प्रारंभ हो जाता है। इन स्थानों पर फैलोजन की कोशिकाएँ बाहर की ओर कॉर्क कोशिकाओं का निर्माण नहीं कर पातीं। इनके स्थान पर ये पतली भित्ती वाली पैरेनकाइमेटस कोशाएँ बनाती हैं। इन कोशाओं को पूरक कोशाएँ कहते हैं।

इनके दबाव के कारण एपिडर्मिस की कोशिकाएँ टूट जाती हैं तथा छिद्र के समान संरचना बन जाती है इसे वातरंध्र कहते हैं। परक कोशिकाओं के बीच पर्याप्त अंतराकोशिकीय अवकाश पाया जाता है। अनेक स्थितियों में वातरंध्र स्टोमेटा के स्थान पर नये स्थान पर भी बनते हैं। नये तनों की सतह पर वातरंध्र को छोटे – छोटे उभार के रूप में आसानी से देखा जा सकता है। शीतऋतु में सामान्यतः कॉर्क कोशिकाओं द्वारा बँक जाते हैं। बसंत ऋतु आने पर फैलोजेन की सक्रियता के कारण पुरानी कॉर्क कोशिकाएँ नष्ट हो जाती हैं तथा नई कोशिकाएँ तेजी से बनने लगती हैं, इससे वातरंध्र खुल जाते हैं।

प्रश्न 4
द्विबीजपत्री एवं एकबीजपत्री पत्ती की आन्तरिक संरचना में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
अथवा
एकबीजपत्री एवं द्विबीजपत्री में अन्तर लिखिए।
उत्तर:
द्विबीजपत्री तथा एकबीजपत्री की आन्तरिक संरचना में अन्तर –
MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 6 पुष्पी पादपों का शारीर - 19

पुष्पी पादपों का शारीर दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
विभिन्न प्रकार के संवहन बण्डलों की रचना समझाइए।
उत्तर:
संवहन पूलों का प्रकार (Types of vascular bundles):
विभिन्न अंगों या ऊतकों का बना वह तन्त्र जो संवहन का कार्य करता है, संवहन तन्त्र कहलाता है। पौधों का सम्वहन तन्त्र अनेक छोटी-छोटी समान इकाइयों का बना होता है, जिन्हें संवहन पूल (Vascular bundle) कहते हैं। प्रत्येक सम्वहन पूल जायलम तथा फ्लोएम या जायलम, फ्लोएम तथा कैम्बियम का बना होता है। जायलम तथा फ्लोएम की स्थिति तथा कैम्बियम की उपस्थिति और अनुपस्थिति के आधार पर सम्वहन पूल निम्नलिखित प्रकार के हो सकते हैं –

1. अरीय (Radial) – इसमें जायलम तथा फ्लोएम एक-दूसरे से अलग – अलग भिन्न – भिन्न त्रिज्याओं पर एकान्तरित क्रम में स्थित होते हैं। यह सम्वहन पूल मुख्यतः जड़ों में पाया जाता है।

2. संयुक्त (Conjoint) – इसमें जायलम तथा फ्लोएम एक ही त्रिज्या पर एक – दूसरे से जुड़े हुए स्थित होते हैं। यह मुख्यतः तने में पाया जाता है। यह सम्वहन पूल दो प्रकार का होता है –

(a) कोलैटरल (Collateral):
इन सम्वहन पूलों में एक ही त्रिज्या पर फ्लोएम बाहर की तरफ तथा जायलम अन्दर की तरफ स्थित होता है। यह पुनः दो प्रकार का होता है –
MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 6 पुष्पी पादपों का शारीर - 21

1. कोलैटरल खुला (Collateral open) – इसमें जायलम तथा फ्लोएम के बीच में कैम्बियम स्थित होता है। इस प्रकार का सम्वहन पूल द्विबीजपत्री तनों में पाया जाता है।
2. कोलैटरल बन्द (Collateral closed) – इस प्रकार के सम्वहन पूलों में कैम्बियम नहीं पाया जाता। यह एक बीजपत्री पौधों के तनों में पाया जाता है।

(b) बाइकोलैटरल (Bicollateral):
इस प्रकार के सम्वहन पूल में जायलम बीच में स्थित होता है और इसके दोनों तरफ कैम्बियम तथा फ्लोएम पाये जाते हैं। इस प्रकार यह एक जायलम, दो कैम्बियम तथा दो फ्लोएम का बना होता है। कुकरबिटेसी, सोलेनेसी, कान्वल्वुलेसी और एपोसाइनेसी कुल के पौधों में इस प्रकार का सम्वहन पूल पाया जाता है।

3. संकेन्द्री (Concentric):
इस प्रकार के सम्वहन बण्डल में जायलम तथा फ्लोएम में से एक-दूसरे को पूरी तरह से घेरे रहता है। यह बण्डल बन्द प्रकार का होता है, अर्थात् इसमें कभी भी कैम्बियम नहीं पाया जाता है। यह दो प्रकार का होता है –

(a) एम्फीक्राइबल (Amphicribal):
इसमें जायलम को फ्लोएम पूरी तरह से घेरे रहता है। यह सम्वहन पूल कुछ जलीय पौधों और टेरिडोफाइट्स जैसे – सिलैजिनेला (Selaginella) और लाइकोपोडियम (Lycopodium) में पाया जाता है।

(b) एम्फीवेसल (Amphivasal):
इसमें फ्लोएम को जायलम चारों तरफ से घेरे रहता है। यह कुछ एकबीजपत्री पौधों के तनों में पाया जाता है। जैसे – ड्रैसीना (Dracena), यूक्का (Yucca)।

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MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ Ex 10.3

MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ Ex 10.3

प्रश्न 1.
निम्नलिखित समीकरणों को ढाल अंतःखण्ड रूप में रूपान्तरित कीजिए और उनके ढाल तथा y-अंतः खण्ड ज्ञात कीजिए :
(i) x + 7y = 0,
(ii) 6x + 3y – 5 = 0,
(iii) y = 0.
हल:
(i) x + 7y = 0
∴ y = – \(\frac{1}{7}\)x + 0
∴ ढाल = – \(\frac{1}{7}\), y-अंत: खण्ड = 0.
(ii) 6x + 3y – 5 = 0,
3y = – 6x + 5
∴ y = – 2x + \(\frac{5}{3}\)
ढाल = – 2, y-अंत: खण्ड = \(\frac{5}{3}\)
(iii) y = 0
या y = 0. x + 0.
ढाल = 0, y-अंत: खण्ड = 0

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित समीकरणों को अंतःखण्ड रूप में रूपान्तरित कीजिए और अक्षों पर इनके द्वारा काटे गए अंतःखण्ड ज्ञात कीजिए :
(i) 3x + 2y – 12 = 0,
(ii) 4x – 3y = 6,
(iii) 3y + 2 = 0.
हल:
(i) 3x + 2y – 12 = 0
या 3x + 2y = 12
12 से दोनों पक्षों में भाग देने पर
\(\frac{x}{4}+\frac{y}{6}\) = 1
अतः अंत: खण्ड 4 तथा 6 हैं।
(ii) 4x – 3y = 6
6 से दोनो पक्षों में भाग देने पर,
\(\frac{4 x}{6}-\frac{3 y}{6}\) = 1
\(\frac{x}{\frac{3}{2}}+\frac{y}{-2}\) = 1.
अत: अंत:खण्ड \(\frac{3}{2}\) तथा – 2 हैं।
3y + 2 = 0
या 3y = – 2
y = – \(\frac{2}{3}\).
अन्त: खण्ड हेतु समीकरण का रूप:
\(\frac{x}{0}+\frac{y}{-\frac{2}{3}}\) = 1
अंत:खण्ड 0 और –\(\frac{2}{3}\) हैं।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित समीकरणों को लम्ब रूप में रूपान्तरित कीजिए। उनकी मूल बिन्दु से लांबिक दूरियाँ और लम्ब तथा धन x-अक्ष के बीच का कोण ज्ञात कीजिए :
(i) x – \(\sqrt{3}\)y + 8 = 0,
(ii) y – 2 = 0,
(iii) x – y = 4.
हल:
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ Ex 10.3 img-1
(ii) y – 2 = 0 या y = 2
0·x + y·1 = 2
x cos 90° + y sin 90° = 2 [∵ cos 90° = 0, sin 90° = 1]
∴ p = 2, α = 90°.
(iii) x – y =4
\(\sqrt{2}\) से भाग देने पर
\(\frac{1}{\sqrt{2}} x+\left(-\frac{1}{\sqrt{2}}\right) y\) = 2\(\sqrt{2}\)
\(\frac{1}{\sqrt{2}}\) = cos (360° – 45°) = cos 315°
और – \(\frac{1}{\sqrt{2}}\) = sin 315०
∴ x – y = 4 का लम्ब रूप
x cos 315° + y sin 315° = 4
की तुलना x cos α + y sin α = p से करने पर,
p = 2\(\sqrt{2}\) , α = 315°.

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प्रश्न 4.
बिन्दु (- 1, 1) की रेखा 12(x + 6) = 5(y – 2) से दूरी ज्ञात कीजिए।
हल:
12(x + 6) = 5(y – 2).
या 12x + 72 = 5y – 10
12x – 5y + 82 = 0
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ Ex 10.3 img-2

प्रश्न 5.
x-अक्ष पर बिन्दुओं को ज्ञात कीजिए जिनकी रेखा \(\frac{x}{3}+\frac{y}{4}\) = 1 से दूरियाँ 4 इकाई हैं।
हल:
दिया गया समीकरण है: \(\frac{x}{3}+\frac{y}{4}\) = 1
12 से गुणा करने पर
4x + 3y – 12 = 0 …(1)
x- अक्ष पर माना कोई बिन्दु (a, 0) हो, तो बिन्दु (a, 0) से रेखा (1) की दूरी
= \(\frac{4 a+0-12}{\sqrt{16+9}}\) = ± \(\frac{4 a-12}{5}\)
∴ ± \(\frac{4 a-12}{5}\) = 4
या ± (4a – 12) = 20
+ ve चिन्ह लेकर 4a = 32 या a = 8
x-अक्ष पर अभीष्ट बिन्दु (8, 0) है।
– ve चिन्ह लेकर, –\(\frac{4 a-12}{5}\) = 4 या – 4a + 12 = 20
4a = – 8, a = – 2
दूसरा अभीष्ट बिन्दु (- 2, 0) है।

प्रश्न 6.
समान्तर रेखाओं के बीच की दूरी ज्ञात कीजिए
(i) 15x + 8y – 34 = 0 और 15x + 8y + 31 = 0
(ii) l(x +y) + p = 0 और l(x + y) – r= 0
हल:
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ Ex 10.3 img-3

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प्रश्न 7.
रेखा 3x – 4y + 2 = 0 के समान्तर और बिन्दु (-2, 3) से जाने वाली रेखा का समीकरण ज्ञात कीजिए।
हल:
3x – 4y + 2 = 0
या 4y = 3x +2
∴ y = \(\frac{3}{4} x+\frac{2}{4}\)
∴ रेखा की ढाल = \(\frac{3}{4}\)
दिया गया बिन्दु (- 2, 3) और ढाल m = \(\frac{3}{4}\) से जाने वाली रेखा का समीकरण
y – y1 = m(x – x1)
y – 3 = \(\frac{3}{4}\)(x + 2)
या 4y – 12 = 3x + 6
या 3x – 4y + 18 = 0.
दूसरी विधि : कोई भी रेखा ax + by + c = 0 के समान्तर ax + by + k = 0 के रूप में लिखी जा सकती है।
∴ 3x – 4y + 2 = 0 के समान्तर रेखा 3x – 4y + k = 0 है
यह (- 2, 3) से होकर जाती है।
∴ 3 x (- 2) – 4 x 3 + k = 0 या k = 18
अभीष्ट समान्तर रेखा का समीकरण: 3x – 4y + 18 = 0.

प्रश्न 8.
रेखा x – 7y + 5 = 0 पर लम्ब और x-अन्तः खण्ड 3 वाली रेखा का समीकरण ज्ञात कीजिए।
हल:
∵ x-अंत:खण्ड = 3
∴ रेखा A(3, 0) से होकर जाती है।
रेखा PQ : x – 7y + 5 = 0
या 7y = x +5
या y = \(\frac{1}{7}\) x + \(\frac{5}{7}\)
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ Ex 10.3 img-4
इसलिए PQ की ढाल = \(\frac{1}{7}\)
∵ PQ ⊥ AB
∴ A से होकर जाने वाली रेखा AB की ढाल = – 7
∴ बिन्दु (3, 0) से रेखा AB का समीकरण,
y – 0 = – 7(x – 3).
= – 7x + 21
या 7x + y – 21 = 0.
दूसरी विधि : ax + by + c = 0 की लम्ब कोई रेखा bx – ay + k = 0
∴ x – 7y + 5 = 0 की लम्ब रेखा 7x + y + k = 0
यह रेखा (3, 0) से होकर जाती है।
∴ 7 x 3 + 0 + k = 0, अर्थात् k = – 21
∴ अभीष्ट रेखा का समीकरण 7x + y – 21 = 0.

प्रश्न 9.
रेखाओं \(\sqrt{3}\)x + y =1 और x +\(\sqrt{3}\)y =1 के बीच का कोण ज्ञात कीजिए।
हल:
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ Ex 10.3 img-5
θ = 30° = \(\frac{\pi}{6}\) रेडियन। .

प्रश्न 10.
बिन्दुओं (h, 3) और (4, 1) से जाने वाली रेखा, रेखा 7x – 9y – 19 = 0 को समकोण पर प्रतिच्छेद करती है। का मान ज्ञात कीजिए।

माना रेखा AB बिन्दु A(h, 3), B(4, 1) से जाने वाली रेखा की ढाल,
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ Ex 10.3 img-6
चूँकि दोनों रेखाएँ एक-दूसरे को समकोण पर प्रतिच्छेद करती हैं, ∴ m1,m2 = – 1
\(\frac{2}{h-4} \times \frac{7}{9}\) = – 1
14 = – 9(h – 4) = – 9h + 36
∴ 9h = 36 – 14 = 22
h = \(\frac{22}{9}\)

प्रश्न 11.
सिद्ध कीजिए कि बिन्दु (x1, y1) से जाने वाली और रेखा Ax + By + C = 0 के समान्तर रेखा का समीकरण
A(x – x1) + B(y – y1) = 0 है।
हल:
रेखा Ax + By + C = 0
या y= – \(\frac{A}{B}\)x – \(\frac{C}{B}\)
रेखा की ढाल = – \(\frac{A}{B}\)
∴ समान्तर रेखा की ढाल = – \(\frac{A}{B}\)
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ Ex 10.3 img-7

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प्रश्न 12.
बिन्दु (2, 3) से जाने वाली दो रेखाएँ परस्पर 60° के कोण पर प्रतिच्छेद करती हैं। यदि एक रेखा की ढाल 2 है तो दूसरी रेखा का समीकरण ज्ञात कीजिए।
हल:
माना दूसरी रेखा की ढाल m है।
दोनों रेखाओं के बीच कोण
tan θ = \(\frac{m_{1}-m_{2}}{1+m_{1} m_{2}}\)
जहाँ θ = 60°, m1 = m और m2 = 2
∴ tan 60 = ± \(\frac{m-2}{1+2 m}\) = \(\sqrt{3}\)
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ Ex 10.3 img-8
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ Ex 10.3 img-9

प्रश्न 13.
बिन्दुओं (3, 4) और (- 1, 2) को मिलाने वाली रेखाखण्ड के लम्ब समद्विभाजक रेखा का समीकरण ज्ञात कीजिए।
हल:
माना बिन्दुओं A(3, 4) और B(- 1, 2) को मिलाने वाले रेखाखण्ड का मध्य बिन्दु
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ Ex 10.3 img-10
रेखा CD बिन्दु D से होकर जाती है
∴ रेखा CD का समीकरण
y – 3 = – 2(x – 1)
= – 2x + 2
∴ 2x + y – 5 = 0.

प्रश्न 14.
बिन्दु (- 1, 3) से रेखा 3x – 4y – 16 = 0 पर डाले गए लम्बपाद के निर्देशांक ज्ञात कीजिए।
हल:
मान लीजिए रेखा AB का समीकरण, 3x – 4y – 16 = 0 …(i)
या y = \(\frac{3}{4}\)x – 4
रेखा AB की ढाल = \(\frac{3}{4}\)
बिन्दु C(- 1, 3) से AB पर डाला गया लम्ब CD है
∴ AB ⊥ CD.
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ Ex 10.3 img-11
अतः रेखा CD का समीकरण,
y – y1 = m(x – x1)
y – 3 = \(\frac{-4}{3}\)(x + 1)
या 3y – 9 = – 4x – 4
या 4x + 3y – 5 = 0 …(ii)
समी (i) को 3 से और (ii) को 4 से गुणा करने पर,
9x – 12y = 48
16x + 12y = 20
इनको जोड़ने पर
25x = 68 या x = \(\frac{68}{25}\)
x का मान (i) में रखने पर,
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ Ex 10.3 img-12

प्रश्न 15.
मूल बिन्दु से रेखा y = mx + c पर डाला गया लम्ब रेखा से बिन्दु (-1, 2) पर मिलता है। m और … c के मान ज्ञात कीजिए।
हल:
माना रेखा AB का समीकरण, y = mx + c
रेखा AB की ढाल = m
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ Ex 10.3 img-13
O से रेखा AB पर लम्ब OC डाला गया है जो बिन्दु C(- 1, 2) पर मिलता है।
∴ लम्ब रेखा OC की ढाल = –\(\frac{1}{m}\)
अब रेखा OC का समीकरण,
y – 0 = –\(\frac{1}{m}\)(x – 0)
या x + my = 0
OC की प्रवणता = \(\frac{2-0}{-1-0}\) = – 2
∴ लम्ब रेखा OC की ढाल = –\(\frac{1}{m}\)
बिन्दु C (- 1, 2) निम्न रेखा पर स्थित है :
y = mx + c
⇒ 2 = – m + c
m = \(\frac{1}{2}\) रखने पर,
2 = – \(\frac{1}{2}\) + c
∴ c = 2+ \(\frac{1}{2}\) = \(\frac{5}{2}\)
अतः m = \(\frac{1}{2}\), c = \(\frac{5}{2}\)

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प्रश्न 16.
यदि p और q क्रमशः मूल बिन्दु से रेखाओं x cos θ – y sin θ = k cos 2θ और x sec θ +y cosec θ = k पर लम्ब की लंबाइयाँ हैं तो सिद्ध कीजिए कि
p2 + 4q2 = k2.
हल:
मूल बिन्दु (0, 0) से x cos θ – y sin θ = k cos 2θ की दूरी,
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ Ex 10.3 img-14
समीकरण (1) और (2) को वर्ग करके जोड़ने पर,
k2 = p2 + 4q2
अतः p2 + 4q2 = K2.

प्रश्न 17.
शीर्षों A(2, 3), B(4, – 1) और C(1, 2) वाले त्रिभुज ABC के शीर्ष A से उसकी सम्मुख भुजा पर लम्ब डाला गया है। लम्ब की लम्बाई तथा समीकरण ज्ञात कीजिए।
हल:
मान लीजिए AM रेखा BC पर लंब डाला गया है
(i) रेखा BC की ढाल
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ Ex 10.3 img-15
रेखा AM बिन्दु A से जाती है और ढाल = 1 है।
∴ AM का समीकरण
y – y1 = m(x – x1)
y – 3 = 1. (x – 2)
या x – y + 1 = 0
(ii) बिन्दु B(4, – 1) और C(1, 2) से होकर जाने वाली रेखा BC का समीकरण
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ Ex 10.3 img-16

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प्रश्न 18.
यदि p मूल बिन्दु से उस रेखा पर डाले गए लम्ब की लम्बाई हो जिसस पर अक्षों पर कटे अंत: खण्ड a और b हों, तो दिखाइए कि \(\frac{1}{p^{2}}=\frac{1}{a^{2}}+\frac{1}{b^{2}}\).
हल:
उस रेखा का समीकरण, जिसकी अक्षों पर कटे अंत:खण्ड a और b हों,
\(\frac{x}{a}+\frac{y}{b}\) = 1 (अंत:खण्ड समीकरण)
मूल बिन्दु (0, 0) बसे इस रेखा पर डाले गए लम्ब की लम्बाई
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ Ex 10.3 img-17

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MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ Ex 10.2

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प्रश्न 1 से 8 तक रेखा का समीकरण ज्ञात कीजिए जो दिए गए प्रतिबंधों को संतुष्ट करता है।
प्रश्न 1.
x- अक्ष और y- अक्ष के समीकरण लिखिए।
हल:
x- अक्ष का समीकरण y = 0.
तथा y- अक्ष का समीकरण x = 0.

प्रश्न 2.
ढाल \(\frac{1}{2}\) और बिन्दु (- 4, 3) से जाने वाली।
हल:
ढाल m = \(\frac{1}{2}\) , बिन्दु (- 4, 3)
अभीष्ट रेखा का समीकरण
y – y1 = m(x – x1)
y – 3 = \(\frac{1}{2}\) = (x + 4)
या 2y – 6 = x + 4
∴ x – 2y + 10 = 0.

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प्रश्न 3.
बिन्दु (0, 0) से जाने वाली और ढाल m वाली।
हल:
दिया है : बिन्दु (0, 0), ढाल = m
ढाल m, तथा (x1, y1) से जाने वाली रेखा का समीकरण
y – y1 = m(x – x1)
∴ y – 0 = m(x – 0)
अतः अभीष्ट समीकरण y = mx.

प्रश्न 4.
बिन्दु (2, 2\(\sqrt{3}\)) से जाने वाली और x-अक्ष से 75° के कोण पर झुकी हुई।
हल:
चूँकि रेखा x-अक्ष के साथ 75° पर झुकी हुई है, तब रेखा की ढाल
m = tan 75° = tan (45° + 30°)
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ Ex 10.2 img-1
या (2 + \(\sqrt{3}\))x – y + 2\(\sqrt{3}\) – 4 – 2\(\sqrt{3}\) = 0
अतः (2 + \(\sqrt{3}\))x – y – 4 = 0.

प्रश्न 5.
मूल बिन्दु के बाईं ओर x- अक्ष को 3 इकाई की दूरी पर प्रतिच्छेद करने तथा ढाल – 2 वाली।
हल:
मूल बिन्दु से बाईं ओर 3 इकाई की दूरी पर स्थित बिन्दु (- 3, 0) होगा तथा ढाल m = – 2
m तथा (x1, y1) के द्वारा रेखा का समीकरण,
y – y1 = m(x – x1)
वहाँ x1 = – 3 तथा y1 = 0 रखने पर,
y – 0 = – 2(x + 3)
या y = – 2x – 6
या 2x + y + 6 = 0.

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प्रश्न 6.
मूल बिन्दु से ऊपर y-अक्ष को 2 इकाई की दूरी पर प्रतिच्छेद करने वाली और x-अक्ष की धन दिशा के साथ 30° का कोण बनाने वाली।
हल:
मूल बिन्दु से y-अक्ष पर 2 इकाई की दूरी पर स्थित बिन्दु (0, 2) होगा। x-अक्ष की धन दिशा के साथ रेखा 30° का कोण बनाती है।
∴ m = tan 30° = \(\frac{1}{\sqrt{3}}\)
रेखा का समीकरण,
y – y1 = m (x – x1)
y – 2 = \(\frac{1}{\sqrt{3}}\) (x – 0)
या \(\sqrt{3}\)y – 2\(\sqrt{3}\) = x
या x – \(\sqrt{3}\)y + 2\(\sqrt{3}\) = 0.

प्रश्न 7.
बिन्दुओं (-1, 1) और (2 – 4) से जाते हुए।
हल:
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ Ex 10.2 img-2
या 3y – 3 = – 5x – 5
अतः 5x + 3y + 2 = 0.

प्रश्न 8.
उस रेखा का समीकरण ज्ञात कीजिए जिसकी मूल बिन्दु से लांबिक दूरी 5 इकाई और लंब धन x-अक्ष से 30° का कोण बनाती है।
हल:
हम जानते हैं कि लंब रूप में रेखा AB का समीकरण,
x cos ω + y sinω = P
यहाँ पर दिया है: ω = 30°, तथा p = 5
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ Ex 10.2 img-3
∴ रेखा AB का समीकरण,
x cos 30 + y sin 30 = 5
x.\(\frac{\sqrt{3}}{2}\) + y.\(\frac{1}{2}\) = 5
∴ \(\sqrt{3}\)x + y = 10.

प्रश्न 9.
∆PQR के शीर्ष P(2, 1), Q(- 2, 3) और R(4, 5) हैं। शीर्ष R से जाने वाली माध्यिका का समीकरण ज्ञात कीजिए।
हल:
PQ का मध्य बिन्दु अर्थात् m (0, 2) है।
∴ दो बिन्दुओं से जाने वाली रेखा का समीकरण,
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ Ex 10.2 img-4
अब बिन्दुओं R (4, 5) तथा M(0, 2) से जाने वाली रेखा का समीकरण,
y – 5 = \(\frac{2-5}{0-4}\) = (x – 4)
या 4(y – 5) = 3 (x – 4)
या 3x – 4y + 8 = 0
अतः माध्यिका RM का समीकरण 3x – 4y + 8 = 0.

प्रश्न 10.
(- 3, 5) से होकर जाने वाली और बिन्दु (2, 5) और (- 3, 6) से जाने वाली रेखा पर लंब रेखा का समीकरण ज्ञात कीजिए।
हल:
बिन्दु A(2, 5) और B(- 3, 6) से होकर जाने वाली रेखा का ढाल
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ Ex 10.2 img-5
यदि PL बिन्दु P(- 3, 5) से AB पर लम्ब डाला गया हो तो उसकी ढाल m2 मान लीजिए।
रेखाएँ PL और AB परस्पर लम्ब हैं।
यदि PL की ढाल × AB की ढाल = – 1
अर्थात m2 × \(\left(-\frac{1}{5}\right)\) = – 1
∴ m2 = 5
PL की ढाल 5 है और P(- 3, 5) से होकर जाती है तो PL का समीकरण,
y – y1 = m2(x – x1)
या y – 5 = 5 (x + 3)
∴ 5x – y + 20 = 0.

प्रश्न 11.
एक रेखा (1, 0) तथा (2, 3) बिन्दुओं को मिलाने वाली रेखाखंड पर लम्ब है तथा उसको 1 : n के अनुपात में विभाजित करती है। रेखा का समीकरण ज्ञात कीजिए।
हल:
रेखा AB बिन्दु A(1, 0) तथा B(2, 3) से होकर जाती है।
∴ AB की ढाल = \(\frac{3-0}{2-1}=\frac{3}{1}\)
PQ ⊥ AB
AB की ढाल = \(\frac{3}{1}\)
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ Ex 10.2 img-6
∴ PQ की ढाल, m = \(-\frac{1}{\frac{3}{1}}=-\frac{1}{3}\)
PQ रेखा AB को C पर प्रतिछेदन करती है।
साथ ही बिन्दु C रेखाखंड AB को 1 : n के अनुपात में बांटता है।
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ Ex 10.2 img-7
या (n + 1)x + 3(n + 1)y = n + 2 + 9 = n + 11
या (n+ 1) x + 3 (n + 1)y = n + 11.

प्रश्न 12.
एक रेखा का समीकरण ज्ञात कीजिए जो निर्देशांक अक्षों से समान अंत:खण्ड काटती है और बिन्दु (2, 3) से जाती है।
हल:
(i) रेखा AB बिन्दु P(2, 3) से होकर जाती है और निर्देशांक अक्षों पर समान अंत: खंड बनाती है।
OA = OB
∠BAO = 45°,
∠BAX = 135°
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ Ex 10.2 img-8
AB की ढाल, m = tan 135° = – 1
रेखा का समीकरण, y – y1 = m(x – x1)
जहाँ x1 = 2, Y1 = 3 तथा m = – 1
y – 3 = – (x – 2)
या x + y – 5 = 0
या x + y = 5.

प्रश्न 13.
बिन्दु (2, 2) से जाने वाली रेखा का समीकरण ज्ञात कीजिए जिसके द्वारा अक्षों से कटे अंतःखंडों का योग 9 है।
हल:
मान लीजिए P(2, 2) से होकर जाने वाली रेखा से अक्षों पर बने अंतः खंड a तथा b हैं।
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ Ex 10.2 img-9
अंतः खंड रूप में रेखा का समीकरण
\(\frac{x}{a}+\frac{y}{b}\) = 1
यह रेखा P(2, 2) से होकर जाती है।
∴ \(\frac{2}{a}+\frac{2}{b}\) = 1
दिया है कि अंतः खंडों का योग 9 है।
∴ a + b = 9
b = 9 – a
b का मान (1) में रखने पर,
\(\frac{2}{a}+\frac{2}{9-a}\) = 1
या 2(9 – a) + 2a = a (9 – a)
18 – 2a + 2a = 9a – a2
या a2 – 9a + 18 = 0
या (a – 6)(a – 3) = 0
a = 6, 3
b = 3, 6
जब a = 6 तथा b = 3 हो, तो रेखा का अभीष्ट समीकरण
\(\frac{x}{6}+\frac{y}{3}\) = 1
या 3x + 6y = 18
या x + 2y = 6.
जब a = 3 तथा b = 6 हो, तब रेखा का अभीष्ट समीकरण,
\(\frac{x}{3}+\frac{y}{6}\) = 1
या 6x + 3y = 18
या 2x + y = 6

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प्रश्न 14.
बिन्दु (0, 2) से जाने वाली और धन x-अक्ष से \(\frac{2 \pi}{3}\) के कोण बनाने वाली रेखा का समीकरण ज्ञात कीजिए। इसके समांतर और y-अक्ष को मूल बिन्दु से 2 इकाई नीचे की दूरी पर प्रतिच्छेद करती हुई रेखा का समीकरण भी ज्ञात करो।
हल:
माना एक रेखा PQ बिन्दु P(0, 2) से होकर जाती है और धन x-अक्ष के साथ \(\frac{2 \pi}{3}\) का कोण बनाती है।
∴ PQ की ढाल = tan\(\frac{2 \pi}{3}\)
= – \(\sqrt{3}\)
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ Ex 10.2 img-10
∴ रेखा PQ का समीकरण, y – y1 = m(x – x1 )
y – 2 = – \(\sqrt{3}\) (x – 0)
या \(\sqrt{3}\)x + y – 2 = 0.
दूसरी रेखा RS रेखा PQ के समांतर है
∴ RS का ढाल = –\(\sqrt{3}\)
यह रेखा (0, – 2) से होकर जाती है।
रेखा RS का समीकरण, y – y1 = m(x – x1)
y + 2 = –\(\sqrt{3}\) (x – 0)
\(\sqrt{3}\)x + y + 2 = 0.

प्रश्न 15.
मूल बिन्दु से किसी रेखा पर डाला गया लम्ब रेखा से बिन्दु (- 2, 9) पर मिलता है। रेखा का समीकरण ज्ञात कीजिए।
हल:
मान लीजिए रेखा AB पर मूल बिन्दु से डाला गया लम्ब AB पर मिलता है।
OP की ढाल = – \(\frac{y_{2}-y_{1}}{x_{2}-x_{1}}\)
= \(\frac{9-0}{-2-0}=-\frac{9}{2}\)
परन्तु AB ⊥ OP
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ Ex 10.2 img-11
अब AB की ढाल \(\frac{2}{9}\) है और P(- 2, 9) से होकर जाती है।
∴ AB का समीकरण
y – y1 = m(x – x1)
अर्थात् y – 9 = \(\frac{2}{9}\) = (x + 2) या
या 9y – 81 = 2x +4
या 2x – 9y + 85 = 0.

प्रश्न 16.
तांबे की छड़ की लम्बाई L (सेमी में) सेल्सियस ताप C का रैखिक फलन है। एक प्रयोग में यदि L= 124.942, जब C = 20 और L= 125.134 जब C = 110 हो, तो L को C के पदों में व्यक्त कीजिए।
हल:
L ताप C का रैखिक फलन है।
(20, 124.942), (110, 125.134) इसका रैखिक फलन है। इन दो बिन्दुओं से संतुष्ट फलन
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ Ex 10.2 img-12

प्रश्न 17.
किसी दूध भण्डार का स्वामी प्रति सप्ताह 980 लीटर दूध, 14 रू प्रति लीटर के भाव से और 1220 लीटर दूध 16 रू प्रति लीटर के भाव से बेच सकता है। विक्रय मूल्य तथा मांग के मध्य के संबंध को रैखिक मानते हुए ज्ञात कीजिए कि प्रति सप्ताह वह कितना दूध 17 रू प्रति लीटर के भाव से बेच सकता है?
हल:
दूध के भाव और मात्रा में रैखिक सम्बन्ध है। यह रेखा दो बिन्दुओं (14, 980), (16, 1220) से होकर जाती है।
इससे प्राप्त रेखा का समीकरण,
y – y1 = \(\frac{y_{2}-y_{1}}{x_{2}-x_{1}}\) (x – x1)
y – 980 = \(\frac{1220-980}{16-14}\)(x – 14)
= \(\frac{240}{2}\)(x – 14)
= 120(x – 14)
y = 980 + 120 (x – 14)
जब x का मान 17 है तो y का मान नीचे दिया गया है।
y = 980 + 120(17 – 14)
= 980 + 120 × 3
= 980 + 360
= 1340
अतः 17 रू प्रति लीटर भाव का 1340 लीटर दूध बिकेगा।

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प्रश्न 18.
अक्षों के बीच रेखाखंड का मध्य बिंदु P(a, b) है। दिखाइए कि रेखा का समीकरण \(\frac{x}{a}+\frac{y}{b}\) = 2 हैं।
P(a, b)
हल:
माना रेखा AB अक्षों पर p और q अंतःखंड बनते हैं।
∴ बिन्दु A और B के क्रमशः निर्देशांक (p, 0) और (0, q) हैं।
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MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ Ex 10.2 img-14

प्रश्न 19.
अक्षों के बीच रेखाखण्ड को बिन्दु R(h, k), 1 : 2 के अनुपात में विभक्त करता है। रेखा का समीकरण ज्ञात कीजिए।
हल:
अक्षों के बीच रेखाखंड AB को R(h, k) AR : RB = 1 : 2 के अनुपात में विभक्त करता है।
मान लीजिए अक्षों पर अंत:खण्ड OA = a और OB = b है।
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ Ex 10.2 img-15
a और b के मान रखने पर,
\(\frac{x}{\frac{3 h}{2}}+\frac{y}{3 k}\) = 1
या \(\frac{2 x}{h}+\frac{y}{k}\) = 3
या 2kx + hy = 3hk.

प्रश्न 20.
रेखा के समीकरण की संकल्पना का प्रयोग करते हुए सिद्ध कीजिए कि तीन बिन्दु (3, 0), (-2,-2) और (8, 2) संरेख हैं।
हल:
बिन्दु A(3, 0), B(- 2, – 2) से होकर जाने वाली रेखा का समीकरण
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 10 सरल रेखाएँ Ex 10.2 img-16
बिन्दु C(8, 2) इस रेखा पर पड़ता है तब इसके निर्देशांक इस समीकरण को संतुष्ट करेंगे।
∴ 2 × 8 – 5 × 2 – 6 = 0
या 16 – 16 = 0
अतः दिए हुए बिन्दु A, B, C सरेख हैं।

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MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 4 प्राणि जगत

MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 4 प्राणि जगत

प्राणि जगत NCERT प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
यदि मूलभूत लक्षण ज्ञात न हो तो प्राणियों के वर्गीकरण में आप क्या परेशानी महसूस करेंगे?
उत्तर:
प्राणियों को वर्गीकृत करने में निम्नलिखित परेशानी हो सकती है –

  • कुछ प्राणियों में कोशिकीय स्तर, कुछ में ऊतक स्तर तथा किसी में अंग स्तर का शारीरिक संगठन पाया जाता है।
  • कुछ प्राणियों में त्रिज्या सममिति तथा कुछ में द्विपाश्वीय सममिति पायी जाती है।
  • कुछ प्राणियों में खुला रक्त परिवहन तंत्र तथा कुछ में बंद प्रकार का रक्त परिवहन तंत्र पाया जाता है।
  • कुछ में बाह्य कोशिकीय तथा कुछ प्राणियों में अन्त:कोशिकीय पाचन पाया जाता है। अत: ऐसे बहुत-से लक्षणों का ज्ञान न होने पर प्राणियों को वर्गीकृत करने में परेशानी होती है।

प्रश्न 2.
यदि आपको एक नमूना (स्पेशीमेन) दे दिया जाये तो वर्गीकरण हेतु आप क्या कदम अपनाएँगे?
उत्तर:
प्राणियों की संरचना एवं आकार में भिन्नता होते हुए भी उनकी कोशिकीय व्यवस्था, शारीरिक सममिति, प्रगुहा की प्रकृति, पाचन तंत्र, परिसंचरण तंत्र व जनन तंत्र की रचना में कुछ आधारभूत समानताएँ पाई जाती हैं। हम वर्गीकरण के समय इन विशेषताओं को वर्गीकरण का आधार बनाकर अपना कदम बढ़ाएंगे।

प्रश्न 3.
देहगुहा एवं प्रगुहा का अध्ययन प्राणियों के वर्गीकरण में किस प्रकार सहायक है ?
उत्तर:
शरीर में भित्ति तथा आहारनाल के बीच की गुहा की उपस्थिति अथवा अनुपस्थिति वर्गीकरण का मुख्य आधार है। मध्य त्वचा (Mesoderm) से आच्छादित शरीर गुहा को देहगुहा (Coelom) कहते हैं तथा इससे युक्त प्राणी को प्रगुही (Coelomata) कहा जाता है। उदा.-ऐनेलिडा, मोलस्का, ऑर्थोपोडा, इकाइनोडर्मेटा वर्ग के प्राणी। कुछ प्राणियों में यह गुहा मध्य त्वचा से आच्छादित नहीं होती, बल्कि मध्य त्वचा (Mesoderm), बाह्यत्वचा (Ectoderm) एवं अंत: त्वचा (Endoderm) के बीच बिखरी हुई थैली के रूप में पायी जाती है जिसे कूटगुहिका (Pseudocoelom) कहते हैं, (उदाहरण – ऐस्केरिस)। जिन प्राणियों में शरीर गुहा नहीं पायी जाती है उन्हें अगुहीय (Acoelomata) कहा जाता है, (उदाहरण – प्लेटीहेल्मिन्थीज)।

प्रश्न 4.
अन्तःकोशिकीय एवं बाह्यकोशिकीय पाचन में विभेद कीजिए।
उत्तर:
1. अन्तः कोशिकीय पाचन (Intracellular digestion):
यह कोशिका के अन्दर पाया जाता है। भोजन के कण अन्त:भक्षण (Endocytosis) के द्वारा कोशिका के अन्दर लिये जाते हैं, कोशिकीय अंगक लाइसोसोम से स्रावित एन्जाइम द्वारा भोजन का पाचन कर लिया जाता है। अपचित पदार्थ कोशिकीय वमन क्रिया द्वारा बाहर निकाल दिया जाता है। उदाहरण- अमीबा, पैरामीशियम, आदि।

2. बाह्य कोशिकीय पाचन (Extracellular digestion):
कोशिका के बाहर उपस्थित पदार्थों का पाचन बाह्य कोशिकीय पाचन कहलाता है। बहुकोशिकीय प्राणियों के पाचन तंत्र में भोज्य पदार्थों का बाह्य कोशिकीय पाचन होता है। उदाहरण – केंचुआ, लाइकेन आदि

प्रश्न 5.
प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष परिवर्धन में क्या अंतर है ?
उत्तर:
1. प्रत्यक्ष परिवर्धन (Direct development):
इस प्रकार के परिवर्धन में लार्वा अवस्था नहीं होती है। युग्मनज (Zygote) का विकास सीधे वयस्क के रूप में होता है। उदाहरण – मनुष्य, चूहा, हाथी, बंदर।

2. अप्रत्यक्ष परिवर्धन (Indirect development):
कुछ जीवों के परिवर्धन में लार्वा की अवस्था आती है। युग्मनज पहले लार्वा में बदलता है, पश्चात् लार्वा का परिवर्धन वयस्क जीव में होता है। उदाहरण – इकाइनोडर्मेटा, ऐस्केरिस, कॉकरोच, आदि।

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प्रश्न 6.
परजीवी प्लेटीहेल्पिन्थीज के विशेष लक्षण बताइए।
उत्तर:
चपटे कृमियों (Platyhelminthes) का शरीर इनकी संरचना, आवास तथा प्रकृति के प्रति अनुकूलित होता है। चूँकि इसके शरीर में विकसित संवहन तथा उत्सर्जन तंत्र नहीं पाये जाते हैं, इस कारण इनका शरीर चपटा होता है, जिससे इनके शरीर की सभी कोशिकाएँ शरीर की बाह्य तथा पाचक गुहा की आन्तरिक सतह के करीब पहुँच सके और वहाँ O2 व भोजन को विसरण के द्वारा ग्रहण कर सके। त्वचा और दूसरे CO2 उत्सर्जी पदार्थों को विसरण के ही द्वारा शरीर से बाहर कर सकें। इनमें उत्सर्जन के लिए विशिष्ट शिखा कोशिकाएँ (Flame cells) पायी जाती हैं। इसी प्रकार परजीवी चपटे कृमियों में शरीर के चारों तरफ क्यूटिकल का आवरण, चूषकों की उपस्थिति, शरीर का मुक्त होने वाले स्वतंत्र खण्डों का बना होना, प्रचलन अंग की अनुपस्थिति, आहार नाल का कम विकसित होना तथा तीव्र प्रजनन दर आदि परजीवी अनुकूलन पाये जाते हैं।

प्रश्न 7.
ऑर्थोपोडा प्राणी समूह का सबसे बड़ा वर्ग है, इस कथन के प्रमुख कारण बताइए।
उत्तर:
ऑर्थोपोडा प्राणी जगत का सबसे बड़ा वर्ग है, जिसमें कीट भी शामिल हैं। निम्नलिखित शारीरिक अनुकूलताओं के कारण ये पृथ्वी में उपस्थित जीवों में से दो तिहाई जीव इसी वर्ग से संबंधित हैं –

  1. पैर छोटे-छोटे खण्डों में विभाजित होते हैं।
  2. ये वायु, जल, स्थल एवं परजीवी चारों अवस्थाओं में पाये जाते हैं। इनका शरीर त्रिस्तरीय, द्विपार्श्व सममित खण्डों में विखण्डित तथा
  3. काइटिन के कवच से ढंका रहता है।
  4. देहगुहा छोटी तथा परिसंचरण तन्त्र खुला होता है।
  5. उत्सर्जन मैल्पिघी नलिकाओं द्वारा होता है।
  6. सिर पर सरल या संयुक्त आँखें पायी जाती हैं।
  7. इनके लिंग अलग-अलग होते हैं।
  8. सामान्यत: शरीर के प्रत्येक खण्ड में एक जोड़ी सन्धित उपांग पाया जाता है।
  9. रुधिर में लाल रुधिर कणिकाएँ तथा हीमोग्लोबिन नहीं पाया जाता है। इसी कारण इनका रुधिर लाल नहीं होता है। हीमोग्लोबिन के स्थान पर हीमोसायनिन वर्णक पाया जाता है। उदाहरण – पेरीप्लेनेटा, पैलीमॉन, तितली।

प्रश्न 8.
जल संवहन – तंत्र किस वर्ग के प्रमुख लक्षण हैं –
(a) पोरीफेरा
(b) टीनोफेरा
(c) इकाइनोडर्मेटा
(d) कॉर्डेटा।
उत्तर:
(c) इकाइनोडर्मेटा

प्रश्न 9.
सभी कशेरुकी वर्टीब्रेट्स, रज्जूकी (कॉर्डेट्स ) हैं, लेकिन सभी रज्जूकी कशेरुकी नहीं हैं। इस कथन को सिद्ध कीजिए।
उत्तर:
सभी कशेरुकी (वर्टीब्रेट्स) संघ के प्राणियों में तीन मूलभूत लक्षण –

  • पृष्ठ रज्जू
  • पृष्ठ खोखली तंत्रिका रज्जू तथा
  • युग्मित ग्रसनी क्लोम छिद्र पाये जाते हैं।

सभी कशेरुकी द्विपार्वीय सममिति, त्रिकोरकी तथा प्रगुही प्राणी हैं। उनमें अंगतंत्र स्तर का संगठन पाया जाता है। इसमें गुदा-पश्च पूँछ तथा बंद परिसंचरण तंत्र पाया जाता है। उपरोक्त लक्षणों के आधार पर सभी कशेरुकी रज्जूकी कहलाते हैं लेकिन सभी रज्जूकी कशेरुकी नहीं हैं, क्योंकि कशेरुकी प्राणी में पृष्ठ रज्जू भ्रूणीय अवस्था में पायी जाती है। वयस्क अवस्था में पृष्ठ रज्जू अस्थिल अथवा उपास्थिल मेरुदण्ड में परिवर्तित हो जाती है। अत: कहा जा सकता है कि कशेरुकी रज्जूकी भी है, लेकिन सभी रज्जूकी कशेरुकी नहीं होते हैं।

प्रश्न 10.
मछलियों में वायु आशय (एयर ब्लैडर) की उपस्थिति का क्या महत्व है ?
उत्तर:
मछलियों में वायु आशय (एयर ब्लैडर) की उपस्थिति उत्प्लावन (Buoyancy) में सहायता करती है। वायु आशय के कारण मछलियाँ जल के निचले स्तर में जाकर तैर सकती हैं। उदाहरण – हिप्पोकैम्पस, एक्सोसीटस, रोहू, क्लेरियस आदि।

प्रश्न 11.
पक्षियों में उड़ने हेतु क्या-क्या रूपान्तरण हैं?
उत्तर:
पक्षियों के शरीर में उड़ने के लिए निम्नलिखित अनुकुलताएँ पाई जाती हैं –

  • पक्षियों के परों (Wings) में मौजूद शक्तिशाली पेशियाँ उड़ने में सहायता करती हैं।
  • पक्षियों की हड्डियाँ अत्यन्त हल्की होती हैं तथा पेशियों को जोड़ने के लिए अत्यधिक स्थान प्रदान करती हैं।
  • पक्षियों के अग्रपाद रूपान्तरित होकर पंख बनाते हैं।
  • पश्चपाद में सामान्यतः शत्क होते हैं जो रूपान्तरित होकर चलने, तैरने तथा पेड़ों की शाखाओं को पकड़ने में सहायता करते हैं।
  • पक्षियों की त्वचा शुष्क होती है।
  • पूँछ में तेल ग्रन्थि को छोड़कर त्वचा में अन्य कोई ग्रन्थि नहीं पायी जाती है।
  • पक्षियों की नौकाकार आकृति, वायु को पीछे ढकेलने में मदद करती है।

प्रश्न 12.
अंडजनक तथा जरायुज द्वारा उत्पन्न अंडे या बच्चे संख्या में बराबर होते हैं। यदि हाँ तो क्यों? यदि नहीं तो क्यों?
उत्तर:
अंडजनक (Oviparous), वे जंतु हैं, जो अण्डे देते हैं। जरायुज (Viviparous), वे जन्तु हैं, जो शिशुओं को जन्म देते हैं। अंडजनक एवं जरायुज द्वारा उत्पन्न अंडे या बच्चों की संख्या बराबर नहीं होती क्योंकि अंडजनक का निषेचन बाह्य होता है तथा परिवर्धन अप्रत्यक्ष होता है। अंडजनक अत्यधिक संख्या में अंडे उत्पन्न करते हैं किन्तु अंडे से बच्चे निकलने के पश्चात् लंबी परिवर्धन की अवस्थाओं से गुजरने के पश्चात् वयस्क बनते हैं। परिवर्धन की लंबी अवस्था में बहुत से अंडे नष्ट हो जाते हैं। जरायुज मादाओं द्वारा कम संख्या में शिशु उत्पन्न किये जाते हैं। शिशुओं का माता की गर्भाशय में प्रत्यक्ष परिवर्धन होता है। परिवर्धन की प्रक्रिया में कोई भी लार्वा की अवस्था नहीं आती है।

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प्रश्न 13.
निम्नलिखित में से शारीरिक खंडीभवन किसमें पहले देखा गया –
(a) प्लेटीहेल्मिन्थीज
(b) एस्केल्पिन्थीज
(c) ऐनेलिडा
(d) ऑर्थोपोडा।
उत्तर:
(c) ऐनेलिडा

प्रश्न 14.
निम्न का मिलान कीजिए –
MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 4 प्राणि जगत - 1
उत्तर:

  1. (h) ऑस्टिक्थीज
  2. (e) एनेलिडा
  3. (d) रेप्टीलिया
  4. (a) टीनोफेरा
  5. (b) मोलस्का
  6. (g) मैमेलिया
  7. (c) पोरीफेरा
  8. (f) साइक्लोस्टोमेटा एवं कॉन्ड्रिक्थीज

प्रश्न 15.
मनुष्यों में पाए जाने वाले कुछ परजीवों के नाम लिखिए।
उत्तर:
मनुष्यों में पाये जाने वाले परजीवी निम्नलिखित हैं –

  1. टीनिया सोलियम
  2. ऐसियोला हेपेटीका
  3. एस्केरिस लुम्बीकॉइड्स
  4. वुचेरियन बैन्क्रोफ्टी
  5. एन्साइक्लोस्टोमा।

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प्राणि जगत वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
सही विकल्प चुनकर लिखिए –
1. सिफैलोपोडा जन्तुओं का एक वर्ग है, जिसमें
(a) नोटोकॉर्ड सिर तक फैली होती है
(b) सिर, पर, पाद स्थित होता है
(c) सिर, पाद, पर स्थित होता है
(d) सिर, वक्ष से समेकित होता है।
उत्तर:
(c) सिर, पाद, पर स्थित होता है

2. मोती सीप किस वर्ग से सम्बन्धित है –
(a) गैस्ट्रोपोडा
(b) पैलिसीपोडा
(c) स्कैफोपोडा
(d) एम्फीन्यूरा।
उत्तर:
(b) पैलिसीपोडा

3. यूथीरियन स्तनी होते हैं –
(a) अण्डज
(b) जरायुज
(c) अण्डज जरायुज
(d) अण्डज एवं अण्ड जरायुज।
उत्तर:
(b) जरायुज

4. मीजोग्लिया बनी होती है –
(a) अमीबॉइड कोशिका
(b) तन्त्रिका कोशिका
(c) निमैटोसिस्ट
(d) अकोशिकीय जेली।
उत्तर:
(d) अकोशिकीय जेली।

5. निम्न वर्गों में से किसमें सबसे अधिक जन्तु संख्या पायी जाती है –
(a) स्तनी में
(b) मत्स्य में
(c) कीट में
(d) सरीसृप में।
उत्तर:
(c) कीट में

6. क्रे फिश है –
(a) क्रस्टेशियन जन्तु
(b) खाद्य मछली
(c) विषैली मछली
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(a) क्रस्टेशियन जन्तु

7. निम्न में से कौन कशेरुकियों में नहीं होता है –
(a) द्विपार्श्व सममिति
(b) क्लोम छिद्र
(c) देह शल्क
(d) देश कोरक।
उत्तर:
(d) देश कोरक।

8. निम्न में कौन स्तनी वर्ग का उदाहरण है –
(a) मैनिस
(b) प्लेनार्बिस
(c) हाइड्रोफिश
(d) सिटैकुला।
उत्तर:
(a) मैनिस

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9. निम्न में से किसमें झुण्ड बनाकर आवास बदलने की क्रिया पायी जाती है –
(a) मच्छर
(b) घरेलू मक्खी
(c) टिड्डी
(d) पाइरिला।
उत्तर:
(c) टिड्डी

10. स्पांजों में पाचन कहाँ होता है –
(a) स्पांजोसील
(b) ऑस्कुलम
(c) ऑस्टियम
(d) खाघ रिक्तिका।
उत्तर:
(d) खाघ रिक्तिका।

11. चपटे कृमियों में उत्सर्जन अंग होता है –
(a) नेफ्रीडिया
(b) ज्वाला कोशिकाएँ
(c) मैल्पीघियन नलिकाएँ
(d) हरी ग्रंथियाँ।
उत्तर:
(b) ज्वाला कोशिकाएँ

12. समुद्र की तली में पाये जाने वाले जन्तु कहलाते हैं –
(a) लेन्टिक
(b) लांटिक
(c) वेन्टिक
(d) जिलेजिक।
उत्तर:
(c) वेन्टिक

13. कंगारू होता है –
(a) प्रोटोथीरिया
(c) वेन्टिक
(c) यूथीरिया
(d) रेप्टाइलस।
उत्तर:
(c) वेन्टिक

14. निम्न में से कौन अण्डयुज स्तनी जन्तु है –
(a) व्हेल
(b) प्लेटीपस
(c) खरगोश
(d) साँप।
उत्तर:
(b) प्लेटीपस

15. मीजोग्लिया किसका बना होता है –
(a) अमीबीय कोशिकाओं का
(b) तंत्रिका कोशिकाओं का
(c) निमैटोसिस्ट का
(d) कोशिकीय जेली का।
उत्तर:
(d) कोशिकीय जेली का।

16. सिफैलोकॉर्डेटा जन्तु का वह वर्ग है, जिसमें –
(a) नोटोकॉर्ड सिर से पैरों तक होता है
(b) सिर पर पैर पाये जाते हैं
(c) पैरों पर सिर पाया जाता है
(d) सिर, सिफैलोथोरेक्स से जुड़ा रहता है।
उत्तर:
(a) नोटोकॉर्ड सिर से पैरों तक होता है

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17. इंक ग्रंथियाँ पाई जाती हैं –
(a) सीपिया में
(b) लोलिंगा में
(c) ऑक्टोपस में
(d) उपर्युक्त सभी में।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी में।

18. मासुपियम का पाया जाना किसका प्रमुख लक्षण है –
(a) मेटाथीरिया
(b) कीटोप्टेरा
(c) रोडेंशिया
(d) कॉर्नीवोरा।
उत्तर:
(a) मेटाथीरिया

19. एवियन हृदय होता है –
(a) दो कोष्ठों युक्त
(b) तीन कोष्ठों युक्त
(c) अधूरे चार कोष्ठों युक्त
(d) चार कोष्ठों युक्त।
उत्तर:
(d) चार कोष्ठों युक्त।

20. स्टारफिश किस संघ का जंतु है –
(a) कॉर्डेटा
(b) एनीलिडा
(c) इकाइनोडर्मेटा
(d) पोरीफेरा।
उत्तर:
(c) इकाइनोडर्मेटा

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –

  1. पंख तथा ……………. के आधार पर ऑर्थोपोडा को विभाजित किया गया है।
  2. पेरीपेटस …………….. वर्ग का जंतु है।
  3. सिल्वर फिश …………… संघ में सम्मिलित किया गया है।
  4. उभयचर जीव के हृदय में …………….. वेश्म होते हैं।
  5. पक्षीवर्ग की हड्डियाँ …………. होती हैं।
  6. अधिकांश चपटे कृमि अवायवीय श्वसन करते हैं, यह ……………. अनुकूलन है।
  7. स्टारफिश में …………. सममिति होती है।
  8. संधियुक्त पाद …………. संघ का प्रमुख लक्षण है।

उत्तर:

  1. उपांगों
  2. ओनिकोफोरा
  3. ऑर्थोपोडा
  4. तीन
  5. खोखली
  6. परजीवी
  7. अरीय
  8. ऑर्थोपोडा।

प्रश्न 3.
एक शब्द में उत्तर दीजिए

  1. पक्षियों की सर्वोत्तम परिभाषा है।
  2. यूथीरीयन स्तनी होते हैं।
  3. सीप (मोती) किस वर्ग से संबंधित है ?
  4. मीसोग्लिया किस संघ का लक्षण है?
  5. ऑर्थोपोडा के रुधिर का रंग हल्का नीला किसके कारण होता है?

उत्तर:

  1. परयुक्त चतुष्पादी
  2. जरायुज
  3. पैलिसीपोडा (मोलस्का)
  4. सीलेन्ट्रेटा
  5. हीमोसायनिन

प्रश्न 4.
उचित संबंध जोडिए –
MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 4 प्राणि जगत - 2
उत्तर:

  1. (d) टारपीडो
  2. (a) इकाइनोडर्मेटा
  3. (b) मोलस्का
  4. (c) पीसीज

MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 4 प्राणि जगत - 3
उत्तर:

  1. (b) एवीज
  2. (c) मैमेलिया
  3. (d) निमैटोडा
  4. (a) प्लेटीहेल्मिन्थीस

MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 4 प्राणि जगत - 4
उत्तर:

  1. (d) पेरीप्लेनेटा
  2. (c) केकड़ा
  3. (a) ऑरिलिया
  4. (e) नेरिस
  5. (b) प्लेनेरिया

प्रश्न 5.
सत्य / असत्य बताइए –

  1. कॉर्डेटा संघ के जंतु सीलोमेट तथा नॉन-कॉर्डेटा संघ के जंतु एसीलोमेट, स्यूडोसीलोमेट व यूसीलोमेट होते हैं।
  2. वर्मीकम्पोस्ट के लिए कीड़ों को पाला जाता है।
  3. नोटोकॉर्ड भ्रूण की मीसोडर्म स्तर से बनती है।
  4. चमगादड़ का पंख, पाद एवं पूँछ का फैलाव है।
  5. अंडा देने वाला स्तनी आर्निथोरिन्कस है।

उत्तर:

  1. सत्य
  2. असत्य
  3. सत्य
  4. असत्य
  5. सत्य।

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प्राणि जगत अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
त्रिज्यतः सममिति एवं द्विपार्श्व सममिति में अन्तर लिखिए।
उत्तर:
त्रिज्यतः सममिति एवं द्विपार्श्व सममिति में अन्तर –

MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 4 प्राणि जगत - 5

प्रश्न 2.
कोई तीन ऐसे लक्षण लिखिए, जिसके कारण चींटी तथा केकड़े को एक ही संघ में सम्मिलित करते हैं।
उत्तर:

  •  दोनों के उपांग (पैर) संधियुक्त होते हैं।
  • दोनों में एक जोड़ी संयुक्त नेत्र पाये जाते हैं।
  • दोनों में शिकार को पकड़ने के लिए पेडीपल्स पाये जाते हैं।

प्रश्न 3.
प्रोटोकॉर्डेट जन्तुओं के तीन लक्षण लिखिए।
उत्तर:

  • इनका नोटोकॉर्ड कशेरुक दण्ड में विकसित नहीं होता है।
  • इनमें मस्तिष्क बॉक्स (Cranium) एवं जबड़ा नहीं पाया जाता है।
  • इनमें जोड़ेदार उपांग नहीं पाये जाते हैं। उदाहरण – हर्डमानिया।

प्रश्न 4.
कोई तीन स्थिर जन्तुओं के नाम लिखिए।
उत्तर:

  • ल्यूकोसोलेनिया
  • साइकॉन
  • ग्रैन्शिया (पोरीफेरा संघ के जन्तु स्थिर होते हैं, उपर्युक्त तीनों जीव संघ पोरीफेरा के ही हैं।)

प्रश्न 5.
ऐसे स्तनधारी का नाम बताइए, जिसके R.B.Cs. में केन्द्रक पाया जाता है।
उत्तर:
ऊँट के R.B.Cs. में केन्द्रक पाया जाता है।

प्रश्न 6.
उप-संघ यूरोकॉर्डेटा के तीन लक्षणों को लिखकर एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
यूरोकॉर्डेटा के लक्षण –

  • इनके प्रौढ़ में नोटोकॉर्ड नहीं पाया जाता, जबकि डिम्भकों में पाया जाता है।
  • ये अपने शरीर के चारों तरफ एक कठोर कंचुक (Tunic) या कवच स्रावित करते हैं।
  • इनमें गिलछिद्र पाये जाते हैं। उदाहरण – हर्डमानिया, डोलिओलम।

प्रश्न 7.
उप-संघ सिफैलोकॉर्डेटा के लक्षण लिखकर एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
सिफैलोकॉर्डेटा के लक्षण –

  • इनमें क्रेनियम तथा जबड़े नहीं पाये जाते हैं।
  • ये मछली के समान होते हैं तथा इनमें नोटोकॉर्ड एवं तन्त्रिका रज्जू शरीर की पूरी लम्बाई में पाये जाते हैं।
  • इनमें कवच नहीं पाया जाता है। उदाहरण – ऐम्फिऑक्सस।

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प्रश्न 8.
ग्लास स्पंज किसे कहते हैं ?
उत्तर:
कुछ स्पंजों के कंकाल पारदर्शी होते हैं एवं इनकी कंटिकाएँ सिलिका की बनी होती हैं। पारदर्शी होने के कारण इन्हें ग्लास स्पंज कहते हैं।

प्राणि जगत लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित जन्तुओं के जन्तु वैज्ञानिक नाम लिखिए –

  1. घरेलू मक्खी
  2. हाथी
  3. शुतुरमुर्ग
  4. गोलकृमि
  5. कंगारू

उत्तर:
जन्तुओं के वैज्ञानिक नाम –

MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 4 प्राणि जगत - 6

प्रश्न 2.
एसीलोम, स्यूडोसीलोम में अन्तर स्पष्ट कीजिए एवं प्रत्येक का एक-एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
एसीलोम एवं स्यूडोसीलोम में अन्तर – जन्तु शरीर की आहारनाल और देहभित्ति के बीच एक गुहा पायी जाती है जिसे देहगुहा (सीलोम) कहते हैं। इसका विकास मध्यचर्म (Mesoderm) के दो भागों में बँट जाने के कारण होता है। मध्यचर्म से विकसित देहगुहा वास्तविक देहगुहा कहलाती है। जिन जीवों में देहगुहा नहीं पायी जाती उन्हें एसीलोमेट जीव कहते हैं। जैसे – साइकॉन, हाइड्रा। कुछ जीवों में देहगुहा मध्यचर्म से विकसित न होकर शरीर के किसी दूसरे भाग से विकसित होती है जैसे – ब्लास्टोसील, इस देहगुहा को कूट देहगुहा (स्यूडोसीलोम) कहते हैं। जैसे – फीताकृमि (टीनिया) एव रोटीफर ट्राइलोबस।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित जन्तुओं के संघ का नाम लिखिए –

  1. स्टारफिश
  2. जेलीफिश
  3. डॉग फिश
  4. इक्थियोफिश
  5. हॉर्स फिश
  6. व्हेल फिश
  7. सिल्वर फिश।

उत्तर:
जन्तु – संघ

  • स्टारफिश – इकाइनोडर्मेटा
  •  जेली फिश – सीलेण्ट्रेटा
  • डॉग फिश – कॉर्डेटा
  • इक्थियोफिश – कॉर्डेटा
  • हॉर्स फिश – कॉर्डेटा
  • व्हेल फिश – कॉर्डेटा।
  • सिल्वर फिश – ऑर्थोपोडा

प्रश्न 4.
निम्नलिखित जन्तुओं के प्रचलन अंग का नाम लिखिए –

  • अमीबा
  • केंचुआ
  • पैरामीशियम
  • सर्प
  • स्टारफिश
  • हाइड्रा
  • यूग्लीना।

उत्तर:
जन्तु – प्रचलन अंग

  1. अमीबा – कूटपाद
  2. केंचुआ – सीटी
  3. पैरामीशियम – सिलिया
  4. सर्प – पसली एवं शल्क
  5. स्टारफिश – भुजा
  6. हाइड्रा – स्पर्शक
  7. यूग्लीना – कशाभिका।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित रचनाएँ किन जन्तुओं में पायी जाती हैं, प्रत्येक के सामने केवल एक जन्तु का नाम लिखिए –

  1. संयुक्त नेत्र
  2. कैरापेस
  3. मेड्यूसा
  4. फ्लेम कोशिका
  5. प्लेकॉइड स्केल
  6. ब्लबर
  7. एक अण्डाशय
  8. पैरापोडिया
  9. मिसेण्ट्री
  10. आन्तरिक कवच।

उत्तर:

रचना – वहन करने वाला जन्तु

  1. संयुक्त नेत्र – पेरिप्लेनेटा (तिलचट्टा)
  2. कैरापेस – कैन्सर (केकड़ा)
  3. मेड्यूसा – ऑरेलिया
  4. फ्लेम कोशिका – प्लैनेरिया
  5. प्लेकॉइड स्केल – स्कॉलियोडॉन
  6. ब्लबर – नीला व्हेल (बेलिना)
  7. एक अण्डाशय – पक्षी (कबूतर = कोलम्बा)
  8. पैरापोडिया – नेरीस
  9. मिसेण्ट्री – कोरेलियम
  10. आन्तरिक कवच – सीपिया (सिफैलोपोडा जीव)।

प्रश्न 6.
कोई पाँच जन्तु संघों के नाम एवं उनके एक-एक उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
पाँच जन्तु संघ निम्नलिखित हैं –

  • पोरीफेरा – उदाहरण – साइकॉन (स्पंज)
  • सीलेण्ट्रेटा – उदाहरण – हाइड्रा
  • प्लेटीहेल्मिन्थीस – उदाहरण – प्लैनेरिया
  • निमैटोहेल्मिन्थीस – उदाहरण – ऐस्केरिस
  • ऐनीलिडा – उदाहरण – फेरेटिमा।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए –

  1. हीमोसील
  2. साइक्लोस्टोमेटा
  3. निमैटोडा।

उत्तर:
(1) हीमोसील:
जीवों की आहारनाल एवं देहभित्ति के बीच एक गुहा पायी जाती है, जिसे देहगुहा कहते हैं। इसमें एक प्रकार का द्रव भरा रहता है, जिसे देहगुहीय द्रव कहते हैं, लेकिन ऑर्थोपोडा संघ तथा दूसरे खुले परिसंचरण वाले जीवों की देहगुहा में देहगुहीय द्रव के स्थान पर रुधिर भरा होता है, इस कारण इनकी देहगुहा को हीमोसील कहते हैं। यह देहगुहा संवहन का कार्य करती है।

(2) साइक्लोस्टोमेटा:
यह संघ कॉर्डेटा का एक वर्ग है, जिसमें निम्नलिखित लश्नाण पाये जाते हैं –

  • इनमें मस्तिष्क बॉक्स उपस्थित, लेकिन जबड़ा अनुपस्थित होता है। मुख चुपक प्रकृति का होता है।
  • इनके उपांग जोड़ में नहीं होते हैं । शरीर बेलनाकार तथा लम्बा होता है।
  • ये मछली जैसे होते हैं, लेकिन त्वचा चिकनी तथा शल्कविहीन होती है।
  • सिर पर केवल एक नासा छिद्र पाया जाता है।

(3) निमैटोडा (निमैटोहेल्मिन्थीस):
यह जन्तु जगत का एक संघ है, जिसमें सूत्र-कृमि या गोल कृमि जन्तुओं को रखा गया है। इस संघ के जीवों में निम्नलिखित लक्षण पाये जाते हैं-

  • इनका शरीर त्रिस्तरीय, गोलाकार होता है।
  • ये जल तथा गीली मिट्टी में या अन्तःपरजीवी के रूप में पाये जाते हैं।
  • इनका शरीर लम्बा, पतला, सिरों पर सँकरा द्विपार्श्व सममित होता है। इसमें सिर का अभाव होता है। शरीर पर क्यूटिकल का आवरण पाया जाता है।
  • शरीर में श्वसन तथा परिसंचरण तन्त्र नहीं पाया जाता, लेकिन जनन-तन्त्र विकसित होता है। उदाहरण – ऐस्केरिस, वाउचेरिया।

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प्राणि जगत दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
संघ पोरीफेरा के लक्षण तथा दो उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
संघ पोरीफेरा के लक्षण –

  • इस संघ के जन्तु असममिति अथवा अरीय सममिति के जलीय समुद्री जन्तु होते हैं।
  • इनकी आकृति बेलनाकार, अण्डाकार, अनियमित और शाखित होती है। इनमें ऊतक या अंग नहीं बनते हैं।
  • इनमें देहगुहा (Coelom) का अभाव होता है।
  • शरीर भित्ति में अनेक सूक्ष्म छिद्र (Ostia) होते हैं। शरीर के शीर्ष पर ऑस्कुलम नामक एक छिद्र होता है।
  • शरीर में नाल तन्त्र होता है, जिसमें भोज्य पदार्थों, जल आदि का परिभ्रमण होता है। शरीर का कंकाल अनेक प्रकार की कंटिकाओं (Spicules) का बना होता है। ये कंटिकाएँ CaCO3 (कैल्सियम कार्बोनेट) या सिलिका की बनी होती हैं।
  • जनन अलैंगिक व लैंगिक दोनों प्रकार का होता है। इनमें पुनरुद्भवन की क्षमता होती है।
  • शरीर द्विस्तरीय होता है, दोनों स्तरों के मध्य में जेली के समान मध्य स्तर मीजोडर्म पायी जाती है।
  • शरीर संगठन कोशिकीय स्तर का होता है, लेकिन इनमें ऊतकों का अभाव होता है। उदाहरण – साइकॉन, ल्यूकोसोलेनिया।

प्रश्न 2.
संघ – सीलेण्ट्रेटा के विशिष्ट लक्षण तथा उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
संघ – सीलेण्ट्रेटा के लक्षण:

  • ये अधिकांश समुद्री तथा अलवणीय जल में पाये जाने वाले जन्तु होते हैं।
  • ये बहुकोशिकीय अरीय सममिति के होते हैं।
  • ये द्वि-स्तरीय होते हैं। बाहरी तथा भीतरी स्तर के बीच एककोशिकीय स्तर मीजोग्लिया (Mesoglea) पाया जाता है।
  • शरीर में एक गुहा, आन्तर गुहा (Coelenteron) पायी जाती है।
  • इनमें सिर तथा गुदाद्वार नहीं पाये जाते हैं।
  • पाचक गुहा थैली के समान होती है, गैस्ट्रोवैस्कुलर गुहा बाहर की ओर मुख से सम्बन्धित होती है।
  • मुख को घेरे हुए स्पर्शक पाये जाते हैं, लेकिन सुरक्षा तथा परिवहन तन्त्रों का अभाव होता है।
  • उनमें निमैटोसिस्ट दंशक उपकरण पाया जाता है। उदाहरण – हाइड्रा, ऑरेलिया।

प्रश्न 3.
जन्तु जगत वर्गीकरण की बाह्य रूपरेखा का चित्रण कर प्रत्येक संघ के दो – दो प्रमुख लक्षण एवं दो-दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
जन्तु जगत सभी जीवों में सबसे विकसित जगत है, जिसमें लगभग 12 लाख प्रकार के जीवों को रखा गया है। जन्तु जगत को मोटे तौर पर तीन शाखाओं में बाँटा गया है, जिन्हें पुन: कई संघों में बाँटा गया है, जो निम्नानुसार हैं –

(A) शाखा मीसोजोआ – कोशिकाओं का समूह मात्र होता है, इनमें केवल एक संघ आता है –
1. संघ-मीसोजोआ:

  • शरीर कोशिका समूह का बना होता है।
  • जल में पाये जाते हैं। उदाहरण – डाइसिमा।

(B) शाखा पैराजोआ – इनमें कोशिकीय स्तर का संगठन पाया जाता है। इनका एक संघ प्रमुख है –
2. संघ-पोरीफेरा:

  • शरीर पर असंख्य छिद्र पाये जाते हैं।
  • ये स्थिर तथा जलीय होते हैं। उदाहरण-साइकॉन, ग्रैन्शिया।

(C) शाखा मेटाजोआ –
इनमें ऊतकीय, अंगीय तथा तंत्रीय स्तर का संगठन पाया जाता है। इनके प्रमुख संघ निम्नानुसार हैं –

3. संघ-सीलेण्ट्रेटा:

  • शरीर के मध्य में एक खोखली गुहा पायी जाती है।
  • इनमें दंशक कोशिकाएँ पायी जाती हैं। उदाहरण – हाइड्रा, ऑरेलिया।

4. संघ – प्लेटीहेल्मिन्थीस –

  • शरीर चपटा व त्रिस्तरीय होता है।
  • इसमें देहगुहा नहीं पायी जाती है। उदाहरण-टीनिया, प्लैनेरिया।

5. संघ – निमैटोहेल्मिन्थीस –

  • इनका शरीर लम्बा, त्रिस्तरीय, गोलाकार कृमि के समान होता है।
  • शरीर में नलिका के अन्दर नलिका व्यवस्था पायी जाती है। उदाहरण – ऐस्केरिस, वाउचेरिया।

6. संघ-ऐनीलिडा:

  • शरीर पतला, लम्बा तथा छोटे-छोटे छल्ले समान खण्डों का बना होता है।
  • प्रचलन, शूकों द्वारा होता है। उदाहरण-फेरिटिमा, लुम्ब्रिकस।

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7. संघ – मोलस्का

  • शरीर कोमल, त्रिस्तरीय तथा खण्डहीन होता है।
  • शरीर के चारों तरफ कवच पाया जाता है। उदाहरण-पाइला, यूनियो।

8. संघ – ऑर्थोपोडा:

  • शरीर त्रिस्तरीय तथा खण्डों में बँटा होता है।
  • शरीर से संधित पैर जुड़े होते हैं। उदाहरण-पेरीप्लेनेटा, पैलीमॉन।

9. संघ – इकाइनोडर्मेटा:

  • शरीर अरीय सममिति वाला होता है।
  • शरीर भुजाओं में बँटा होता है तथा इनकी बाह्य त्वचा पर कंटिकाएँ पायी जाती हैं। उदाहरण – ऐस्टेरियास, कुकुमेरिया।

10. संघ – हेमीकॉर्डेटा –

  • शरीर प्रोबोसिस, कॉलर व धड़ में विभेदित होता है।
  • प्रोबोसिस में नोटोकॉर्ड जैसी रचना पायी जाती है।
  • शरीर कृमि जैसा होता है। समुद्री कीचड़ में रहते हैं। उदाहरण – बैलेनोग्लॉसस, रेब्डोप्ल्यूरा।

11. संघ-कॉर्डेटा:

  • जीवन की किसी-न-किसी अवस्था में नोटोकॉर्ड, नर्वकॉर्ड एवं गिल छिद्र अवश्य पाये जाते हैं।
  • सभी तन्त्र विकसित होते हैं। उदाहरण – राना टिग्रिना, होमो सैपिएन्स।

प्रश्न 4.
कॉर्डेटा संघ का वर्गीकरण एवं प्रत्येक के दो-दो लक्षण एवं दो – दो उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
कॉर्डेटा संघ का वर्गीकरण-संघ कॉर्डेटा को मोटे तौर पर निम्नलिखित 7 वर्गों में बाँटते हैं –
1. वर्ग-साइक्लोस्टोमेटा:

  • मस्तिष्क बॉक्स उपस्थित, लेकिन जबड़ा अनुपस्थित होता है।
  • शरीर पर जोड़ेदार उपांग नहीं पाये जाते हैं। उदाहरण – पेट्रोमाइजॉन, मिक्सिन। अधिवर्ग – मत्स्य वर्ग-इसके अन्तर्गत निम्न दो वर्ग हैं –

2. वर्ग-कॉण्ड्रिक्थीस –

  • इस वर्ग में वे मछलियाँ आती हैं, जिनका कंकाल उपास्थि का बना होता है।
  • श्वसन, गलफड़े (गिल) द्वारा होता है, लेकिन इस पर ऑपरकुलम नहीं पाया जाता है। उदाहरण – स्कॉलियोडॉन, टॉरपिडो।

3. वर्ग-ऑस्टिक्थीस –

  • इन मछलियों का अन्त:कंकाल अस्थि का बना होता है।
  • शरीर अस्थि शल्कों से ढंका रहता है। उदाहरण- लैबियो, हिप्पोकैम्पस।।

4. वर्ग-एम्फिबिया –

  • इस वर्ग के कशेरुकी जीव जल एवं स्थल दोनों में रह सकते हैं, लेकिन उनका भ्रूणीय विकास जल में ही होता है।
  • इनमें चार पैर पाये जाते हैं। उदाहरण-राना टिग्रिना, ब्यूफो (भेक), सेलामेंडर।

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5. वर्ग-सरीसृप –

  • ये जमीन पर रेंगकर चलते हैं।
  • इसकी त्वचा सूखी होती है। उदाहरणकैलोटिस, नाजा।

6. पक्षी वर्ग –

  • अग्र पाद पंखों में रूपान्तरित होता है तथा पूरा शरीर परों से ढंका रहता है।
  • इनकी अस्थियों में वायु कोष्ठ पायी जाती है। उदाहरण – कोलम्बा, पेसर।

7. स्तनी वर्ग –

  • चमड़ी पर बाल तथा सिर में बाह्य कर्ण पाये जाते हैं।
  • इनमें स्तन ग्रन्थियाँ पायी जाती हैं। उदाहरण – मैक्रोपस, होमो सैपिएन्स।

प्रश्न 5.
स्तनधारी जन्तु समूह के प्रमुख लक्षणों का वर्गीकरण करते हुए प्रमुख स्तनधारियों का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
अथवा
प्रोटोथीरिया एवं मेटाथीरिया में अन्तर दीजिए।
उत्तर:
स्तनधारी जन्तुओं के लक्षण-जन्तु-जगत का स्तनधारी समूह पृथ्वी का सबसे अधिक विकसित जन्तु समूह है, जिसमें निम्नलिखित लक्षण पाये जाते हैं –

  • शरीर रोयें या बालों से ढंका रहता है। त्वचा में स्वेद तथा तेल ग्रन्थियाँ पायी जाती हैं।
  • मादा में बच्चों को दूध द्वारा पोषण देने के लिए स्तन ग्रन्थियाँ पायी जाती हैं, जो नर में कम विकसित होती हैं।
  • करोटि की अस्थियाँ सीवनों द्वारा जुडी होती हैं। इनमें दो अस्थि कन्द पाये जाते हैं।
  • हृदय चार कोष्ठों का बना होता है तथा R.B.Cs. में केन्द्रक नहीं पाया जाता। ऊँट के R.B.Cs. में केन्द्रक पाये जाते हैं।
  • देहगुहा एक लचीले मध्यपट द्वारा पृष्ठीय वक्षगुहा तथा प्रतिपृष्ठीय उदर गुहा में विभाजित होती है।
  • ग्रैव कशेरुकाओं की संख्या हमेशा सात होती है।
  • ये नियततापी (Warm blooded) होते हैं।
  • इनकी कशेरुकाएँ अगर्ती होती हैं। उदाहरण – होमो सैपिएन्स, रैटस रैटस।

स्तनियों के प्रकार या स्तनियों का वर्गीकरण-स्तनियों को मोटे तौर पर 3 भागों में बाँटते हैं –
(i) प्रोटोथीरिया- इस उप-वर्ग के स्तनियों में निम्नलिखित गुण पाये जाते हैं

  • इनकी स्तन ग्रन्थियों में चूषक नहीं पाये जाते हैं।
  • इनकी मादा अण्डे देती है। इनमें बाह्य कर्ण नहीं होते हैं।
  • नर का वृषण, उदर गुहा में स्थित होता है।
  • इनमें गर्भाशय तथा योनि नहीं पाए जाते हैं। उदाहरण – डकबिल्ड, प्लेटिपस, ऐकिडना।

(ii) मेटाथीरिया – इस उप-वर्ग में निम्नलिखित गुण पाये जाते हैं –

  • ये अपरिपक्व बच्चे देते हैं। बच्चे का शेष विकास मार्क्सपियल थैली में होता है।
  • स्तनों में चूषक पाये जाते हैं।
  • इनमें बाह्य कर्ण पाये जाते हैं।
  • इनमें गर्भाशय तथा योनि पाये जाते हैं। उदाहरण – मैक्रोपस, डाइडेल्फिस।

(iii) यूथीरिया ये सबसे विकसित स्तनी हैं, इनके प्रमुख लक्षण निम्नानुसार हैं –

  • मादा परिपक्व शिशुओं को जन्म देती है तथा बच्चे का पूरा विकास गर्भाशय में ही होता है।
  • स्तन ग्रन्थियाँ विकसित चूषक युक्त होती हैं।
  • गर्भाशय तथा योनि विकसित होते हैं। उदाहरण – छछूदर(Talpa), खरगोश (Lepus), मनुष्य (Homo sapiens)।

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प्रश्न 6.
निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए –

  1. पक्षी वर्ग
  2. सरीसप वर्ग
  3. मत्स्य वर्ग।

उत्तर:
(1) पक्षी वर्ग – यह संघ कॉर्डेटा का प्रमुख वर्ग है, जिसका शरीर उड़ने के लिए अनुकूलित होता है। इनके जीवन काल में नोटोकॉर्ड, नर्वकॉर्ड तथा गिल्स जीवन की किसी-न-किसी अवस्था में पाये जाते हैं। इनके अलावा इनमें निम्नलिखित लक्षण पाये जाते हैं –

  • ये गर्म रक्त वाले जन्तु हैं। इनका शरीर परों से ढंका रहता है और सिर, धड़ एवं पूँछ में बँटा रहता है।
  • अग्रपाद का उड़ने के लिए पंखों में परिवर्तन हो जाता है। जबड़ों में दाँत नहीं पाये जाते हैं।
  • श्वसन फेफड़ों द्वारा होता है, जो वायुकोषों में बँटा होता है।
  • हृदय चार कोष्ठों का बना होता है।
  • कंकाल में छोटे-छोटे कोष्ठ पाये जाते हैं, जिन्हें वायु कूपिकाएँ कहते हैं। इनमें वायु भरी होती है।
  • इनमें केवल एक महाधमनी पायी जाती है।
  • खोपड़ी की हड्डियाँ आपस में संयुग्मित होती हैं।
  • नर में मैथुन अंग पाया जाता है। इनमें अन्त:निषेचन पाया जाता है, मादा अण्डे देती है, जिन्हें वह सेती है। उदाहरण-कोलम्बा, पैसर।

(2) सरीसृप वर्ग – इस वर्ग में संघ कॉर्डेटा के उन जन्तुओं को रखा जाता है, जो रेंगकर चलते हैं। इनके प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं –

  • ये असमतापी तथा रेंगकर चलने वाली जलीय या स्थलीय जीव हैं।
  • इनकी त्वचा रूखी तथा शल्कयुक्त होती है।
  • इनका कंकाल अस्थिमय होता है, इनकी R.B.Cs. में केन्द्रक पायी जाती है।
  • हृदय में तीन कोष्ठ पाये जाते हैं।
  • इनमें आन्तरिक निषेचन होता है। उदाहरण-छिपकली, साँप, मगरमच्छ घड़ियाल।

(3) मत्स्य वर्ग-मत्स्य वर्ग कॉर्डेटा का प्रमुख वर्ग है अर्थात् इसमें नोटोकॉर्ड, नर्वकॉर्ड एवं गिल्स जीवन की किसी-न-किसी अवस्था में अवश्य पाये जाते हैं। ये जलीय होते हैं इनके प्रमुख लक्षण निम्न हैं –

  • ये अनियततापी या शीत रुधिर (Cold blooded) जलीय जन्तु हैं।
  • इनका शरीर पार्श्व में चपटा तथा शल्कों से ढंका होता है।
  • फेफड़ा मछलियों को छोड़कर सभी में गिल द्वारा श्वसन होता है।
  • इनमें कर्णपटह कला नहीं पायी जाती है।
  • शरीर के पार्श्व में पार्श्व रेखा पायी जाती है जिसमें ज्ञानेन्द्रियाँ स्थित होती हैं।
  • हृदय आलिंद व शिरा दो भागों में बँटा होता है। उदाहरण – क्लाइमेटियस, स्कॉलियोडॉन, टॉरपिडो, रोहू।

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