MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 11 मानव नेत्र एवं रंगबिरंगा संसार

MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 11 मानव नेत्र एवं रंगबिरंगा संसार

MP Board Class 10th Science Chapter 11 पाठान्तर्गत प्रश्नोत्तर

प्रश्न शृंखला-1 # पृष्ठ संख्या 41

प्रश्न 1.
नेत्र की समंजन क्षमता से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
नेत्र की समंजन क्षमता-“नेत्र द्वारा निकटस्थ से लेकर दूरस्थ वस्तुओं को सुस्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। यह नेत्र लेन्स की फोकस दूरी को समायोजन करने से सम्भव होता है। नेत्र की इस समायोजन क्षमता को नेत्र की समंजन क्षमता कहते हैं।

प्रश्न 2.
निकट दृष्टि दोष का कोई व्यक्ति 1.2 m से अधिक दूरी पर रखी वस्तुओं को सुस्पष्ट नहीं देख सकता। इस दोष को दूर करने के लिए प्रयुक्त संशोधक लेन्स किस प्रकार का होना चाहिए?
उत्तर:
अवतल (अपसारी) लेन्स।

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प्रश्न 3.
मानव नेत्र की सामान्य दृष्टि के लिए दूर बिन्दु तथा निकट बिन्दु नेत्र से कितनी दूरी पर होते हैं?
उत्तर:
मानव नेत्र की सामान्य दृष्टि के लिए नेत्र से क्रमशः दूर बिन्दु की दूरी अनन्त तथा निकट बिन्दु की दूरी 25 cm होती है।

प्रश्न 4.
अन्तिम पंक्ति में बैठे किसी विद्यार्थी को श्यामपट्ट पढ़ने में कठिनाई होती है। यह विद्यार्थी किस दृष्टि दोष से पीड़ित है? इसे किस प्रकार संशोधित किया जा सकता है?
उत्तर:
वह विद्यार्थी निकट दृष्टि दोष से पीड़ित है। इस दोष का निवारण उपयुक्त क्षमता के अवतल (अपसारी) लेन्स के उपयोग द्वारा किया जा सकता है।

MP Board Class 10th Science Chapter 11 पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
मानव नेत्र अभिनेत्र लेन्स की फोकस दूरी को समायोजित करके विभिन्न दूरियों पर रखी वस्तुओं को फोकसित कर सकता है। ऐसा हो पाने का कारण है?
(a) जरा-दूरदृष्टिता।
(b) समंजन।
(c) निकट दृष्टि।
(d) दीर्घ दृष्टि।
उत्तर:
(b) समंजन।

प्रश्न 2.
मानव नेत्र जिस भाग पर किसी वस्तु का प्रतिबिम्ब बनाते हैं, वह है – (2019)
(a) कॉर्निया।
(b) परितारिका।
(c) पुतली।
(d) दृष्टि-पटल।
उत्तर:
(d) दृष्टि-पटल।

प्रश्न 3.
सामान्य दृष्टि के वयस्क के लिए सुस्पष्ट दर्शन की अल्पतम दूरी होती है, लगभग –
(a) 25 m
(b) 2.5 cm
(c) 25 cm
(d) 2.5 m
उत्तर:
(c) 25 cm

प्रश्न 4.
अभिनेत्र लेन्स की फोकस दूरी में परिवर्तन किया जाता है –
(a) पुतली द्वारा।
(b) दृष्टि-पटल द्वारा।
(c) पक्ष्माभी द्वारा।
(d) परितारिका द्वारा।
उत्तर:
(c) पक्ष्माभी द्वारा।

प्रश्न 5.
किसी व्यक्ति को अपनी दूर की दृष्टि को संशोधित करने के लिए 5.5 डाइऑप्टर क्षमता के लेन्स की आवश्यकता है। अपनी निकट की दृष्टि को संशोधित करने के लिए उसे +1.5 डाइऑप्टर क्षमता के लेन्स की आवश्यकता है। संशोधित करने के लिए आवश्यक लेन्स की फोकस दूरी क्या होगी?

  1. दूर की दृष्टि के लिए।
  2. निकट की दृष्टि के लिए।

उत्तर:
1. दूर की दृष्टि के लिए –
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अतः लेन्स की अभीष्ट फोकस दूरी = – 18.2 cm (लगभग) – उत्तर

2. निकट की दृष्टि के लिए –
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अतः लेन्स की अभीष्ट फोकस दूरी = 66.7 cm (लगभग) – उत्तर

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प्रश्न 6.
किसी निकट दृष्टि से पीड़ित व्यक्ति का दूर बिन्दु नेत्र के सामने 80 cm की दूरी पर है। इस दोष को संशोधित करने के लिए आवश्यक लेन्स की प्रकृति तथा क्षमता क्या होगी?
हल:
चूँकि u = – ∞ cm एवं v = – 80 cm (∵ दोनों दूरियाँ नेत्र लेन्स के सामने हैं)
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अतः अभीष्ट लेन्स की प्रकृति अपसारी अवतल लेन्स एवं उसकी अभीष्ट क्षमता = – 1.25 D – उत्तर

प्रश्न 7.
चित्र बनाकर दर्शाइए कि दीर्घ दृष्टि दोष कैसे संशोधित किया जाता है? एक दीर्घ दृष्टि दोष युक्त नेत्र का निकट बिन्दु 1 m है। इस दोष को संशोधित करने के लिए आवश्यक लेन्स की क्षमता क्या होगी? मान लीजिए कि सामान्य नेत्र का निकट बिन्दु 25 cm है।
हल:
दीर्घ दृष्टि दोष का संशोधन उपयुक्त क्षमता के उत्तल लेन्स का उपयोग करके किया जाता है।

दीर्घ दृष्टि दोष एवं उसके निवारण का किरण आरेख –
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संख्यात्मक भाग –
हम जानते हैं कि स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी (एक स्वस्थ नेत्र के लिये) = 25 cm = u = – 25 cm
दिया है: निकट बिन्दु = 1 m ⇒ u = – 100 cm
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अतः लेन्स की अभीष्ट क्षमता = 3D एवं प्रकृति अभिसारी उत्तल लेन्स।

प्रश्न 8.
सामान्य नेत्र 25 cm से निकट रखी वस्तुओं को सुस्पष्ट क्यों नहीं देख पाते?
उत्तर:
क्योंकि स्वस्थ सामान्य नेत्र के लिए स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी 25 cm होती है। इसलिए सामान्य नेत्र 25 cm से निकट रखी वस्तुओं को सुस्पष्ट नहीं देख पाते।

प्रश्न 9.
जब हम नेत्र से किसी वस्तु की दूरी को बढ़ा देते हैं तो नेत्र में प्रतिबिम्ब दूरी का क्या होता है?
उत्तर:
जब हम नेत्र से किसी वस्तु की दूरी को बढ़ा देते हैं, तो नेत्र में प्रतिबिम्ब दूरी पर नेत्र की समंजन क्षमता के कारण कोई प्रभाव नहीं पड़ता।

प्रश्न 10.
तारे क्यों टिमटिमाते हैं?
उत्तर:
तारे पृथ्वी से बहुत अधिक दूरी पर स्थित हैं, अतः तारों से चलने वाले प्रकाश को वायुमण्डल की विभिन्न परतों को पार करना पड़ता है। इन परतों का घनत्व बदलते रहने से इनकी सघनता भी बदलती रहती है। किसी विशेष तारे से आने वाली प्रकाश की किरणें इन विभिन्न परतों से अपवर्तित होकर हमारी आँखों में आती है। परतों के बदलते रहने से तारे के प्रतिबिम्ब की स्थिति भी बदलती हुई प्रतीत होती है। इसलिए तारे टिमटिमाते हैं।

प्रश्न 11.
व्याख्या कीजिए कि ग्रह क्यों नहीं टिमटिमाते?
उत्तर:
ग्रह पृथ्वी से बहुत अधिक दूरी पर नहीं होते इसलिए उनसे आने वाले प्रकाश की किरणों को विभिन्न बदलती सघनता वाली वायुमण्डल की परतों से नहीं गुजरना पड़ता तथा उनके प्रतिबिम्ब की स्थिति नहीं बदलती इसलिए ग्रह नहीं टिमटिमाते।

प्रश्न 12.
सूर्योदय के समय सूर्य रक्ताभ क्यों प्रतीत होता है?
उत्तर:
सूर्योदय के समय सूर्य से आने वाली प्रकाश किरणों को वायुमण्डल में वायु की मोटी परतों से गुजरना पड़ता है। इससे प्रकाश का प्रकीर्णन अधिक होता है लेकिन लाल रंग के प्रकाश का प्रकीर्णन नहीं हो पाता। इसलिए हमारी आँखों में लाल रंग की प्रकाश की किरणें ही पहुँच पाती हैं। इसलिए सूर्योदय के समय सूर्य रक्ताभ प्रतीत होता है।

प्रश्न 13.
किसी अन्तरिक्ष यात्री को आकाश नीले की अपेक्षा काला क्यों प्रतीत होता है?
उत्तर:
चूँकि अन्तरिक्ष यात्री पृथ्वी से इतनी अधिक ऊँचाई पर होता है कि उन तक प्रकीर्णित प्रकाश नहीं पहुँच पाता। इसलिए उन्हें आकाश नीले की अपेक्षा काला प्रतीत होता है।

MP Board Class 10th Science Chapter 11 परीक्षोपयोगी अतिरिक्त प्रश्नोत्तर

MP Board Class 10th Science Chapter 11 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
कोई छात्र आपतन कोण के विभिन्न मानों के लिए काँच के त्रिभुजाकार प्रिज्म से होकर गुजरने वाली प्रकाश किरण का पथ आरेखित करता है। प्रकाश किरण आरेखों का विश्लेषण करने पर उसे निम्नलिखित में से कौन-सा निष्कर्ष निकालना चाहिए?
(a) निर्गत किरण आपतित किरण के समान्तर होती है।
(b) निर्गत किरण आपतित किरण की दिशा से किसी कोण पर मुड़ जाती है।
(c) निर्गत किरण और अपवर्तित किरण एक-दूसरे से समकोण बनाती है।
(d) निर्गत किरण आपतित किरण के लम्बवत् होती है।
उत्तर:
(b) निर्गत किरण आपतित किरण की दिशा से किसी कोण पर मुड़ जाती है।

प्रश्न 2.
नीचे दिए गए आरेख में सही अंकित कोण कौन-से हैं?
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उत्तर:
(d) ∠r, ∠A और ∠D

प्रश्न 3.
निम्नलिखित किरण आरेख का अध्ययन कीजिए –
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इस आरेख में आपतन कोण, निर्गत कोण और विचलन कोण को क्रमशः किनके द्वारा निरूपित किया गया है?
(a) y, p, z
(b) x, q, z
(c) p, y, z
(d) p, z, y
उत्तर:
(c) p, y, z

प्रश्न 4.
स्वस्थ मनुष्य के लिए स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी है –
(a) 20 cm
(b) 25 cm
(c) 10 cm
(d) 30 cm
उत्तर:
(b) 25 cm

प्रश्न 5.
निकट दृष्टि दोष दूर करने में लेन्स प्रयुक्त होता है –
(a) उत्तल।
(b) अवतल।
(c) बेलनाकार लेन्स/उत्तल दर्पण।
(d) सामान्य लेन्स।
उत्तर:
(d) सामान्य लेन्स।

प्रश्न 6.
दूर दृष्टि दोष दूर करने में लेन्स प्रयुक्त होता है –
(a) उत्तल लेन्स।
(b) अवतल लेन्स।
(c) साधारण लेन्स।
(d) बेलनाकार लेन्स।
उत्तर:
(a) उत्तल लेन्स।

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प्रश्न 7.
एक व्यक्ति 2 m से अधिक दूरी पर रखी वस्तुओं को स्पष्ट रूप से नहीं देख पाता। यह दोष दूर किया जा सकता है –
(a) + 0.5 D
(b) – 0.5D
(c) + 0.2 D
(d) – 0.2 D
उत्तर:
(b) – 0.5D

प्रश्न 8.
एक छात्र अपनी कक्षा की आखिरी बेंच पर बैठकर श्यामपट (ब्लैकबोर्ड) पर लिखे अक्षरों को पढ़ सकता है, लेकिन अपनी पुस्तकों में लिखे अक्षरों को पढ़ने में असमर्थ है। निम्न में से कौन-सा कथन सत्य है?
(a) उसकी आँख का निकट बिन्दु दूर चला गया है।
(b) उसकी आँख का निकट बिन्दु उसके समीप आ गया है।
(c) उसकी आँख का दूर बिन्दु उसके पास आ गया है।
(d) उसकी आँख का दूर बिन्दु उससे दूर चला गया है।
उत्तर:
(a) उसकी आँख का निकट बिन्दु दूर चला गया है।

प्रश्न 9.
एक प्रिज्म ABC जिसका आधार BC है, विभिन्न मुद्राओं में रखा गया है। एक संकीर्ण श्वेत प्रकाश की किरण चित्रानुसार प्रिज्म पर आपतित होती है। निम्न में से किस स्थिति में वर्ण विक्षेपण के बाद ऊपर से तीसरा रंग आसमानी नीला रंग होगा?
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उत्तर:
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प्रश्न 10.
दोपहर में सूर्य श्वेत दिखाई देता है क्योंकि –
(a) प्रकाश कम प्रकीर्णित होता है।
(b) श्वेत प्रकाश की सभी रंग प्रकीर्णित हो जाते हैं।
(c) नीला रंग का प्रकीर्णन सबसे अधिक होता है।
(d) लाल रंग का प्रकीर्णन सबसे अधिक होता है।
उत्तर:
(a) प्रकाश कम प्रकीर्णित होता है।

प्रश्न 11.
निम्न में कौन से प्रकाश की घटनाएँ इन्द्रधनुष के निर्माण में संलिप्त होती हैं?
(a) परावर्तन, अपवर्तन एवं वर्ण विक्षेपण।
(b) अपवर्तन, वर्ण विक्षेपण एवं पूर्ण आन्तरिक परावर्तन।
(c) अपवर्तन, वर्ण विक्षेपण एवं आन्तरिक परावर्तन।
(d) वर्ण विक्षेपण, प्रकीर्णन एवं पूर्ण आन्तरिक परावर्तन।
उत्तर:
(c) अपवर्तन, वर्ण विक्षेपण एवं आन्तरिक परावर्तन।

प्रश्न 12.
तारों का टिमटिमाना निम्न वायुण्डलीय घटना के कारण होता है?
(a) जल की बूंदों के द्वारा प्रकाश का वर्ण विक्षेपण।
(b) वायुमण्डल की विभिन्न अपवर्तनांकों की परतों के द्वारा प्रकाश का अपवर्तन।
(c) धूल के कणों द्वारा प्रकाश का प्रकीर्णन।
(d) बादलों द्वारा प्रकाश का आन्तरिक परावर्तन।
उत्तर:
(b) वायुमण्डल की विभिन्न अपवर्तनांकों की परतों के द्वारा प्रकाश का अपवर्तन।

प्रश्न 13.
स्वच्छ आकाश नीला दिखाई देता है क्योंकि –
(a) नीला प्रकाश वायुमण्डल द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है।
(b) वायुमण्डल में पराबैंगनी विकिरण को अवशोषित कर लिया जाता है।
(c) बैंगनी एवं नीले रंग के प्रकाश का अन्य सभी रंग के प्रकाश की अपेक्षा अधिक प्रकीर्णन होता है।
(d) बैंगनी एवं नीले रंग के प्रकाश को छोड़कर शेष सभी रंगों के प्रकाश का प्रकीर्णन अधिक होता है।
उत्तर:
(c) बैंगनी एवं नीले रंग के प्रकाश का अन्य सभी रंग के प्रकाश की अपेक्षा अधिक प्रकीर्णन होता है।

प्रश्न 14.
श्वेत प्रकाश के विभिन्न रंग के प्रकाश के वायु में संचरण के सम्बन्ध में कौन-सा कथन सत्य है?
(a) लाल रंग का प्रकाश सबसे अधिक तेज गति से संचरण करता है।
(b) नीला प्रकाश हरे प्रकाश से अधिक तेजी से गति करता है।
(c) श्वेत प्रकाश के सभी रंग समान चाल से गति करते हैं।
(d) पीला प्रकाश लाल एवं बैंगनी प्रकाश की औसत चाल से गति करता है।
उत्तर:
(c) श्वेत प्रकाश के सभी रंग समान चाल से गति करते हैं।

प्रश्न 15.
ऊँची इमारतों की चोटी पर सबसे ऊपर खतरे के सूचक के रूप में लाल रंग के लगाए जाते हैं। ये दूर से ही आसानी से देखे जा सकते हैं क्योंकि लाल प्रकाश –
(a) धुएँ एवं कोहरे के कारण सर्वाधिक प्रकीर्णित होता है।
(b) धुएँ एवं कोहरे के कारण न्यूनतम प्रकीर्णित होता है।
(c) धुएँ एवं कोहरे के द्वारा अधिकतर अवशोषित कर लिया जाता है।
(d) वायु में सबसे तेज गति करता है।
उत्तर:
(b) धुएँ एवं कोहरे के कारण न्यूनतम प्रकीर्णित होता है।

प्रश्न 16.
सूर्यादय एवं सूर्यास्त के समय सूर्य का लाल दिखाई देना निम्न में से प्रकाश की किस घटना का परिणाम है?
(a) प्रकाश का वर्ण विक्षेपण।
(b) प्रकाश का प्रकीर्णन।
(c) प्रकाश का पूर्ण आन्तरिक परावर्तन।
(d) प्रकाश का पृथ्वी तल से परावर्तन।
उत्तर:
(b) प्रकाश का प्रकीर्णन।

प्रश्न 17.
गहरे समुद्र का जल नीला दिखाई देने के कारण है –
(a) जल में ऐल्गी एवं अन्य पौधों की उपस्थिति।
(b) आकाश का जल में परावर्तन (प्रतिबिम्ब बनना)।
(c) प्रकाश का प्रकीर्णन।
(d) समुद्र के द्वारा प्रकाश का अवशोषण।
उत्तर:
(c) प्रकाश का प्रकीर्णन।

प्रश्न 18.
जब प्रकाश की किरण नेत्रों में प्रवेश करती है, तो प्रकाश का अधिकतम अपवर्तन होता है निम्न पर –
(a) क्रिस्टलीय लेन्स।
(b) कॉर्निया का बाह्य पृष्ठ।
(c) उपतारा (आइरिस)।
(d) तारा (प्यूपिल)।
उत्तर:
(b) कॉर्निया का बाह्य पृष्ठ।

प्रश्न 19.
नेत्र लेन्स की फोकस दूरी बढ़ती है जब नेत्र की माँसपेशियाँ –
(a) विमोचित होती हैं तथा नेत्र लेन्स पतला हो जाता है।
(b) सिकुड़ती (संकुचित) हैं तथा नेत्र लेन्स मोटा हो जाता है।
(c) विमोचित होती है तथा नेत्र लेन्स मोटा हो जाता है।
(d) सिकुड़ती (संकुचित) होती है तथा नेत्र लेन्स पतला हो जाता है।
उत्तर:
(a) विमोचित होती हैं तथा नेत्र लेन्स पतला हो जाता है।

प्रश्न 20.
निम्न में कौन-सा कथन सत्य है?
(a) निकट दृष्टि दोष से पीड़ित व्यक्ति दूर रखी वस्तुओं को आसानी से देख पाता है।
(b) दूर दृष्टि दोष से पीड़ित व्यक्ति निकट में रखी हुई वस्तुओं को आसानी से देख सकता है।
(c) निकट दृष्टि दोष से पीड़ित व्यक्ति पास में रखी हुई वस्तुओं को आसानी से देख सकता है।
(d) दूर दृष्टि दोष से पीड़ित व्यक्ति दूर पर रखी वस्तुओं को आसानी से नहीं देख सकता।
उत्तर:
(c) निकट दृष्टि दोष से पीड़ित व्यक्ति पास में रखी हुई वस्तुओं को आसानी से देख सकता है।

रिक्त स्थानों की पूर्ति

  1. प्रिज्म के दो फलकों के बीच का कोण ……… कहलाता है।
  2. प्रिज्म में आपाती किरण एवं निर्गत किरण के बीच का कोण ……… कहलाता है।
  3. श्वेत प्रकाश का रंगों में विभक्त होना ………. कहलाता है।
  4. इन्द्रधनुष जल की सूक्ष्म बूंदों द्वारा प्रकाश के ……….. के कारण प्राप्त होता है।
  5. आकाश का रंग नीला प्रकाश के ………. के कारण दिखाई देता है।
  6. सामान्य दृष्टि के वयस्क के लिए सुस्पष्ट दर्शन की अल्पतम दूरी ……. है। (2019)

उत्तर:

  1. प्रिज्म कोण।
  2. विचलन कोण।
  3. वर्ण विक्षेपण।
  4. परिक्षेपण।
  5. प्रकीर्णन।
  6. 25 सेमी।

जोड़ी बनाइए
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उत्तर:

  1. → (c)
  2. → (d)
  3. → (e)
  4. → (a)
  5. → (b)

सत्य/असत्य कथन

  1. सूर्योदय के समय सूर्य लाल प्रतीत होता है।
  2. निकट की वस्तुओं को ठीक से नहीं देख पाना निकट दृष्टि दोष है।
  3. सूर्यास्त के समय सूर्य लाल दिखाई देता है।
  4. दूर की वस्तुओं को ठीक से नहीं देख पाना दूर दृष्टि दोष है।
  5. दोपहर के समय सूर्य का रंग श्वेत दिखाई देना।

उत्तर:

  1. सत्य।
  2. असत्य।
  3. सत्य।
  4. असत्य।
  5. सत्य।

एक शब्द/वाक्य में उत्तर

  1. नेत्र के किस भाग पर वस्तुओं के प्रतिबिम्ब बनते हैं?
  2. नेत्र लेन्स की फोकस दूरी को कौन समंजित करता है?
  3. श्वेत प्रकाश के विक्षेपण में किस रंग के प्रकाश का विचलन सर्वाधिक होता है।
  4. श्वेत प्रकाश के विक्षेपण में किस रंग के प्रकाश का विचलन न्यूनतम होता है।
  5. अन्तरिक्ष यात्रियों को आकाश कैसा दिखाई देगा?

उत्तर:

  1. दृष्टि पटल (रेटिना)।
  2. पक्ष्माभी।
  3. बैंगनी।
  4. लाल।
  5. काला।

MP Board Class 10th Science Chapter 11 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
निकट दृष्टि दोष किसे कहते हैं?
उत्तर:
निकट दृष्टि दोष:
“जब कोई व्यक्ति पास रखी वस्तुओं को तो आसानी से तथा स्पष्टता के साथ देख पाता है लेकिन दूरी पर रखी वस्तुओं को स्पष्ट रूप से नहीं देख पाता तो उस व्यक्ति का दृष्टि दोष निकट दृष्टि दोष कहलाता है।”

प्रश्न 2.
दूर दृष्टि (दीर्घ दृष्टि) दोष किसे कहते हैं?
उत्तर:
दूर दृष्टि (दीर्घ दृष्टि) दोष:
“जब कोई वस्तु दूरी पर रखी हुई वस्तुओं को तो स्पष्ट रूप से तथा आसानी के साथ देख पाता है लेकिन पास में रखी वस्तुओं को स्पष्ट रूप से नहीं देख पाता तो उस व्यक्ति का दृष्टि दोष दूर दृष्टि (दीर्घ दृष्टि) दोष कहलाता है।”

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प्रश्न 3.
जरा दूरदर्शिता किसे कहते हैं?
उत्तर:
जरा दूरदर्शिता:
“वृद्धावस्था के कारण नेत्र की पेशियाँ कमजोर होने के कारण जब कोई व्यक्ति न तो पास रखी हुई वस्तुओं को स्पष्टतया देख पाता है और न ही दूर रखी हुई वस्तुओं को स्पष्टतया देख पाता है तो उस व्यक्ति के नेत्र दोष को जरा दूरदर्शिता कहते हैं।”

प्रश्न 4.
स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी किसे कहते हैं?
उत्तर:
स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी:
“वह न्यूनतम दूरी जिस पर रखी वस्तु को एक स्वस्थ व्यक्ति स्पष्ट रूप से तथा आसानी से देख पाता है, स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी कहलाती है।” स्पष्ट मनुष्य के लिए इसका मान 25 cm होता है।

प्रश्न 5.
विचलन कोण किसे कहते हैं?
उत्तर:
विचलन कोण:
“जब कोई प्रकाश की किरण किसी त्रिभुजाकार प्रिज्म के पृष्ठ पर आपतित होती है तो उसके दूसरे पृष्ठ से निर्गत हो जाती है तो आपाती किरण एवं निर्गत किरण के बीच का कोण विचलन कोण कहलाता है।”

प्रश्न 6.
प्रकाश का प्रकीर्णन किसे कहते हैं?
उत्तर:
प्रकाश का प्रकीर्णन:
“वायु में उपस्थित धुआँ एवं धूल के कणों के कारण प्रकाश के विभिन्न रंग वायुमण्डल में बिखर (छिटक) जाते हैं प्रकाश की यह घटना प्रकाश का प्रकीर्णन कहलाती है।”

प्रश्न 7.
वर्ण विक्षेपण किसे कहते हैं?
उत्तर:
वर्ण विक्षेपण:
वह प्रकाशीय घटना जिसके फलस्वरूप प्रकाश के विभिन्न अवयवी रंगों के लिए विभिन्न विचलन कोण होने के कारण श्वेत प्रकाश विभिन्न अवयवी रंगों में विभक्त हो जाता है, वर्ण विक्षेपण कहलाती है।

प्रश्न 8.
वर्णक्रम क्या है?
उत्तर:
वर्णक्रम:
“वर्ण विक्षेपण के फलस्वरूप श्वेत प्रकाश का अपने अवयवी रंगों में विभक्त होकर विभिन्न रंगों का प्राप्त अनुक्रम वर्णक्रम कहलाता है।

प्रश्न 9.
स्वच्छ आकाश नीला क्यों दिखाई देता है?
उत्तर:
वायु में उपस्थित वायु के अणु एवं अन्य कण बैंगनी एवं नीले प्रकाश का तीव्रता से प्रकीर्णन कर देते हैं। प्रकीर्णित नीला प्रकाश जब हमारे नेत्रों में पड़ता है तो वह आकाश की ओर से आता प्रतीत होता है इसलिए हमें आकाश नीला दिखाई पड़ता है।

प्रश्न 10.
हम पास की और दूर की वस्तुओं को स्वच्छता के साथ देख सकने में किस प्रकार समर्थ हो सकते हैं?
उत्तर:
हमारे नेत्र की पक्ष्माभि नेत्र लेन्स की क्षमता को कम ज्यादा करने की क्षमता रखती है इसी समंजन क्षमता के कारण हम पास की वस्तुओं को भी देख सकते हैं और दूर रखी वस्तुओं को भी।

प्रश्न 11.
हम किसी तारे को आकाश में देखते हैं, क्या वह उसकी वास्तविक स्थिति है? अपने उत्तर की पुष्टि कीजिए।
उत्तर:
नहीं। वह तारे की वास्तविक स्थिति नहीं है क्योंकि तारे से आने वाला प्रकाश वायुमण्डल की निरन्तर परिवर्तनीय अपवर्तनांक वाली परतों के द्वारा अपवर्तन के बाद हमारे नेत्रों में पड़ता है। इसलिए हम उसका प्रतिबिम्ब ही देखते हैं।

प्रश्न 12.
हम वर्षा होने के बाद ही आकाश में इन्द्रधनुष क्यों देखते हैं?
उत्तर:
वर्षा के समय जो जल की बूंदें हैं वे एक प्रिज्म का कार्य करती हैं जिससे वे प्रकाश का वर्ण विक्षेपण करके वर्णक्रम प्रदान करती हैं जो धनुषाकार होता है। इसलिए हम वर्षा के बाद ही इन्द्रधनुष देखते हैं।

MP Board Class 10th Science Chapter 11 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
जब हम उगते (उदय होते), डूबते (अस्त होते) एवं दोपहर के समय सूर्य को देखते हैं तो उसके रंगों में क्या अन्तर होता है? प्रत्येक की व्याख्या कीजिए।
अथवा
हमें सर्योदय एवं सर्यास्त के समय सर्य लाल दिखाई देता है तथा दोपहर के समय सर्य लाल नहीं दिखाई देता अपितु श्वेत एवं चमकीला दिखाई देता है। हम इसकी किस प्रकार व्याख्या कर सकते हैं?
उत्तर:
सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय हमको सूर्य लाल दिखाई देता है लेकिन दोपहर के समय यह लाल दिखाई न देकर श्वेत चमकीला दिखाई देता है क्योंकि सूर्य सूर्यास्त एवं सूर्योदय के समय क्षितिज के पार होता है उस समय उसके प्रकाश को हमारे नेत्रों तक आने में बहुत लम्बी वायुमण्डलीय दूरी तय करनी पड़ती है। इससे वायु के अणुओं के द्वारा प्रकाश के अधिकांश रंगों का प्रकीर्णन हो जाता है लेकिन सर्वाधिक तरंगदैर्घ्य होने के कारण लाल रंग के प्रकाश का प्रकीर्णन नहीं हो पाता और हमारे नेत्रों में लाल रंग का प्रकाश पड़ता है इस कारण हमको सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय सूर्य लाल दिखाई देता है लेकिन दोपहर के समय सूर्य हमारे ऊपर हमसे बहुत पास होता है और उसके प्रकाश का प्रकीर्णन कम होने के कारण अधिकांश प्रकाश हमारे नेत्रों में पड़ता है इसलिए दोपहर के समय सूर्य लाल दिखाई न देकर श्वेत चमकीला दिखाई देता है।

प्रश्न 2.
निम्न के लिए किरण आरेख खींचिए –
(a) निकट दृष्टि दोष से पीड़ित नेत्र।
(b) दूर दृष्टि (दीर्घ दृष्टि) दोष से पीड़ित नेत्र।
उत्तर:
(a) निकट दृष्टि दोष से पीड़ित नेत्र का किरण आरेख –
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(b) दूर दृष्टि (दीर्घ दृष्टि) दोष से पीड़ित नेत्र का किरण आरेख –
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प्रश्न 3.
एक छात्रा पीछे की बेंच पर अपनी कक्षा में बैठी है। वहश्यामपट (ब्लैक-बोड) पर लिखे अक्षरों को तो ठीक से पढ़ नहीं पाती लेकिन पुस्तक में लिखे अक्षरों को सुगमता से स्पष्टतया देख पाती है। डॉक्टर इस छात्रा को क्या सलाह देंगे? नेत्र के इस दोष को ठीक करने के लिए प्रयुक्त युक्ति का एक किरण आरेख खींचिए।
उत्तर:
डॉक्टर उस छात्रा को बताएगा कि उसको निकट दृष्टि दोष है उसे दूर की वस्तुओं को देखने के लिए एक चश्मे का प्रयोग करना होगा और वह उसे एक ऋणात्मक लेन्स क्षमता का अवतल लेन्स युक्त चश्मा लगाने को देगा।
निकट दृष्टि दोष के निवारण का किरण आरेख –
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प्रश्न 4.
एक महिला को – 4.5D क्षमता के लेन्स के चश्मे की आवश्यकता अपने नेत्र दोष को संशोधन हेतु है।
(a) वह महिला किस प्रकार के दृष्टि दोष से पीड़ित है?
(b) उस दृष्टि दोष के संशोधन हेतु प्रयुक्त लेन्स (संशोधन लेन्स) की फोकस दूरी क्या है?
(c) उस संशोधक लेन्स की प्रकृति क्या है
उत्तर:
(a) महिला निकट दृष्टि दोष से पीड़ित है। क्योंकि उसे – 4-5 D क्षमता के संशोधक लेन्स की आवश्यकता है और यह लेन्स निकट दृष्टि दोष से पीड़ित व्यक्ति के लिए ही संशोधक लेन्स की तरह प्रयोग करने की आवश्यकता होती है।

(b) चूँकि फोकस दूरी
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अतः संशोधक लेन्स की अभीष्ट क्षमता = – 22.22 cm है।

(c) यह संशोधक लेन्स अपसारी प्रकृति का अवतल लेन्स है। – उत्तर

प्रश्न 5.
आप दो समरूप काँच के प्रिज्मों को कैसे प्रयोग करेंगे जिससे एक प्रिज्म पर आपतित संकीर्ण श्वेत प्रकाश किरण दूसरे प्रिज्म से होकर एक संकीर्ण श्वेत प्रकाश किरण के रूप में निर्गत हो? सम्बन्धित रेखाचित्र खींचिए।
उत्तर:
हम दोनों प्रिज्मों को एक-दूसरे के समान्तर चित्रानुसार इस प्रकार रखेंगे कि उनमें से एक प्रिज्म का आधार नीचे की ओर तथा दूसरे का आधार ऊपर की ओर रहे तथा उनके बीच में थोड़ा रिक्त स्थान रहे। इससे एक प्रिज्म द्वारा प्रकाश किरण का वर्ण विक्षेपण होगा जो दूसरे प्रिज्म द्वारा संयुक्त होकर एक संकीर्ण श्वेत प्रकाश की किरण के रूप में निर्गत होगा।
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प्रश्न 6.
जब एक प्रिज्म के अपवर्तक तल पर एक संकीर्ण श्वेत प्रकाश किरण आपतित होती है तो उसका वर्ण विक्षेपण हो जाता है। इस घटना को दर्शाने वाला एक किरण आरेख खींचिए तथा प्राप्त वर्णक्रम के रंगों का अनुक्रम लिखिए।
अथवा
प्रिज्म से श्वेत प्रकाश के विक्षेपण का चित्र बनाइए। (2019)
अथवा
प्रिज्य की सहायता से प्राप्त होने वाली विभिन्न रंगों की किरणों की स्थिति समझाइए।
अथवा
सिद्ध कीजिए कि सूर्य का प्रकाश सात रंगों का बना होता है।
अथवा
क्या होता है जब श्वेत प्रकाश की किरण प्रिज्म से गुजरती है? चित्र द्वारा समझाइए।
अथवा
प्रिज्म द्वारा सूर्य के प्रकाश के वर्ण विक्षेपण को चित्र सहित समझाइए।
उत्तर:
जब श्वेत प्रकाश की किरण प्रिज्म से गुजरती है तो वर्णक्रम प्राप्त होता है। चित्रानुसार सूर्य का प्रकाश एक प्रिज्म पर डालते हैं तथा प्राप्त वर्णक्रम को पर्दे पर लेते हैं तो हम देखते हैं कि वर्णक्रम में सात रंग हैं।
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जिनका अनुक्रम है – (आधार से शीर्ष की ओर)

  1. बैंगनी (Violet)
  2. जामुनी (Indigo)
  3. नीला (Blue)
  4. हरा (Green)
  5. पीला (Yellow)
  6. नारंगी (Orange)
  7. लाल (Red)

प्रश्न 7.
एक व्यक्ति दूर स्थित वस्तुओं को स्पष्टता के साथ देख सकता है लेकिन उसे पुस्तक पढ़ने में कठिनाई होती है। वह व्यक्ति किस दृष्टि दोष से पीड़ित है? इसका निवारण करने के लिए क्या करेंगे ? किरण आरेख खींचिए।
उत्तर:
वह व्यक्ति दूर दृष्टि दोष से पीड़ित है। इसके निवारण के लिए उसे उपयुक्त लेन्स क्षमता का उत्तल लेन्स का चश्मा धारण करना होगा।
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प्रश्न 8.
प्रकाश के प्रकीर्णन से क्या समझते हो? इस परिघटना की सहायता से व्याख्या कीजिए कि स्वच्छ आकाश का रंग नीला क्यों होता है?
अथवा
सूर्योदय के समय सूर्य रक्ताभ क्यों प्रतीत होता है?
उत्तर:
प्रकाश का प्रकीर्णन:
“वायु में उपस्थित धुआँ एवं धूल के कणों के कारण प्रकाश के विभिन्न रंग वायुमण्डल में बिखर (छिटक) जाते हैं प्रकाश की यह घटना प्रकाश का प्रकीर्णन कहलाती है।”

स्वच्छ अकाश का नीला प्रतीत होने की परिघटना:
वायु में उपस्थित वायु के अणु एवं अन्य कण बैंगनी एवं नीले प्रकाश का तीव्रता से प्रकीर्णन कर देते हैं। प्रकीर्णित नीला प्रकाश जब हमारे नेत्रों में पड़ता है तो वह आकाश की ओर से आता प्रतीत होता है इसलिए हमें आकाश नीला दिखाई पड़ता है।

सूर्योदय के समय सूर्य का रक्ताभ दिखाई देना:
वर्षा के समय जो जल की बूंदें हैं वे एक प्रिज्म का कार्य करती हैं जिससे वे प्रकाश का वर्ण विक्षेपण करके वर्णक्रम प्रदान करती हैं जो धनुषाकार होता है। इसलिए हम वर्षा के बाद ही इन्द्रधनुष देखते हैं।

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प्रश्न 9.
यह दर्शाने के लिए किसी क्रियाकलाप का वर्णन कीजिए कि किस प्रकार एक प्रिज्म द्वारा विपाटित श्वेत प्रकाश को अन्य सर्वसम प्रिज्म द्वारा पुनर्योजित करके पुनः श्वेत प्रकाश प्राप्त किया जा सकता है? श्वेत प्रकाश के स्पेक्ट्रम के पुनर्योजन को दर्शाने के लिए एक किरण आरेख भी खींचिए।
उत्तर:
हम दोनों प्रिज्मों को एक-दूसरे के समान्तर चित्रानुसार इस प्रकार रखेंगे कि उनमें से एक प्रिज्म का आधार नीचे की ओर तथा दूसरे का आधार ऊपर की ओर रहे तथा उनके बीच में थोड़ा रिक्त स्थान रहे। इससे एक प्रिज्म द्वारा प्रकाश किरण का वर्ण विक्षेपण होगा जो दूसरे प्रिज्म द्वारा संयुक्त होकर एक संकीर्ण श्वेत प्रकाश की किरण के रूप में निर्गत होगा।
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प्रश्न 10.
काँच के किसी प्रिज्म द्वारा श्वेत प्रकाश के विक्षेपण का कारण लिखिए। न्यूटन ने काँच के दो सर्वसम प्रिज्मों द्वारा यह किस प्रकार दर्शाया कि श्वेत प्रकाश सात वर्णों का बना है। किरण आरेख खींचकर दर्शाइए कि जब कोई संकीर्ण श्वेत प्रकाश पुंज एक-दूसरे से उल्टे व्यवस्थित काँच के दो सर्वसम प्रिज्मों के संयोजन के प्रथम प्रिज्म के एक फलक पर तिर्यकतः आपतन करता है, तो इस संयोजन में उस पुंज का क्या होता है?
उत्तर:
काँच के प्रिज्म द्वारा श्वेत प्रकाश के वर्ण विक्षेपण का कारण:
जब कोई प्रकाश किरण किसी प्रिज्म के अपवर्तक तल पर आपतित होती है तो निर्गत किरण आपतित किरण के साथ विचलन कोण बनाती है जो प्रत्येक रंग के प्रकाश के लिए भिन्न-भिन्न होता है। विचलन कोण की इसी विभिन्नता के कारण प्रकाश के अलग-अलग रंग अलग-अलग हो जाते हैं और प्रकाश का वर्ण विक्षेपण हो जाता है।

हम दोनों प्रिज्मों को एक-दूसरे के समान्तर चित्रानुसार इस प्रकार रखेंगे कि उनमें से एक प्रिज्म का आधार नीचे की ओर तथा दूसरे का आधार ऊपर की ओर रहे तथा उनके बीच में थोड़ा रिक्त स्थान रहे। इससे एक प्रिज्म द्वारा प्रकाश किरण का वर्ण विक्षेपण होगा जो दूसरे प्रिज्म द्वारा संयुक्त होकर एक संकीर्ण श्वेत प्रकाश की किरण के रूप में निर्गत होगा।

प्रश्न 11.
मानव नेत्र का नामांकित चित्र बनाइए। (2019)
उत्तर:
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MP Board Class 10th Science Chapter 11 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
मानव नेत्र की संरचना एवं उसकी कार्यविधि की व्याख्या कीजिए। हम स्पष्टता के साथ किस प्रकार पास रखी वस्तुओं को देख सकते हैं उसी स्पष्टता के साथ दूर रखी वस्तुओं को भी देख सकते हैं?
उत्तर:
मानव नेत्र की बनावट-मानव नेत्र कपाल की नेत्र गुहा में सुरक्षित रहता है। इसमें नेत्र लेन्स निकाय एक क्रिस्टलीय लेन्स होता है जिसकी लेन्स क्षमता को पक्ष्माभि पेशियाँ नियन्त्रित करती हैं। नेत्र लेन्स प्रकाश किरण पुंज को एक प्रकाश सुग्राही परदे पर जिसे दृष्टि पटल (रेटिना) कहते हैं पर प्रतिबिम्बित करता है जिस पर दृष्टि तन्त्रिकाएँ होती हैं जो प्राप्त संवेदनाओं को मस्तिष्क तक पहुँचाती हैं।

लेन्स के आगे एक पारदर्शी उभार होता है जिसे स्वच्छ मण्डल (कॉर्निया) कहते हैं। कॉर्निया से होकर ही प्रकाश नेत्र में प्रवेश करता है। कॉर्निया के पीछे एक संरचना होती है जिसे परितारिका (आइरिस) कहते हैं। यह पुतली (प्यूपिल) के आकार (साइज) को नियन्त्रित करती है।
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कार्यविधि:
जब प्रकाश हमारे नेत्रों पर पड़ता है तो प्रकाश की तीव्रता के अनुसार परितारिका पुतली के आकार को कम या अधिक कर देती है। प्रकाश किरण पुंज पुतली में होकर नेत्र लेन्स पर पड़ता है जिसकी लेन्स क्षमता को पक्ष्माभी पेशियाँ वस्तु की स्थिति के अनुसार निश्चित करती है।

लेन्स उन प्रकाश किरण पुंज को दृष्टि पटल पर फोकसित करके बिम्ब का प्रतिबिम्ब बनाता है जहाँ से इसकी संवेदना दृक् (दृष्टि) तन्त्रिकाएँ ग्रहण करती हैं और मस्तिष्क तक पहुँचाती हैं। मस्तिष्क का दृष्टि पिण्ड इन सिग्नलों की व्याख्या करता है और हमको बिम्ब का आभास होता है।

प्रश्न 2.
हम कैसे निर्धारित करते हैं कि कोई व्यक्ति निकट दृष्टि दोष से पीड़ित है या दीर्घ दृष्टि दोष से? किरण आरेखों का प्रयोग करके बताइए कि किस प्रकार निकट दृष्टि दोष एवं दीर्घ (दूर) दृष्टि दोष का निवारण कैसे किया जा सकता है?
उत्तर:
अगर कोई व्यक्ति पास की वस्तुओं को स्पष्ट रूप से देख पाता है और दूर रखी वस्तुओं को स्पष्ट रूप से नहीं देख पाता तो हम निर्धारित करेंगे कि वह व्यक्ति निकट दृष्टि दोष से पीड़ित है और यदि व्यक्ति दूर रखी वस्तुओं को स्पष्ट रूप से देख पाता है तथा पास रखी वस्तुओं को स्पष्ट रूप से नहीं देख पाता है तो हम निर्धारित करेंगे कि वह व्यक्ति दूर (दीर्घ) दृष्टि दोष से पीड़ित है।

डॉक्टर उस छात्रा को बताएगा कि उसको निकट दृष्टि दोष है उसे दूर की वस्तुओं को देखने के लिए एक चश्मे का प्रयोग करना होगा और वह उसे एक ऋणात्मक लेन्स क्षमता का अवतल लेन्स युक्त चश्मा लगाने को देगा।

निकट दृष्टि दोष के निवारण का किरण आरेख –

वह व्यक्ति दूर दृष्टि दोष से पीड़ित है। इसके निवारण के लिए उसे उपयुक्त लेन्स क्षमता का उत्तल लेन्स का चश्मा धारण करना होगा।
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प्रश्न 3.
नामांकित किरण आरेख की सहायता से किसी त्रिभुजाकार काँच की प्रिज्म के द्वारा प्रकाश के अपवर्तन की परिघटना को समझाइए। इस प्रकार विचलन कोण को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
काँच की त्रिभुजाकार प्रिज्म द्वारा प्रकाश का अपवर्तन-जब प्रकाश की किरण त्रिभुजाकार काँच के प्रिज्म के एक अपवर्तक पृष्ठ पर आपत्ति होती है तो अपवर्तन के बाद दूसरे अपवर्तक तल पर गिरती है जहाँ से पुनः अपवर्तन के पश्चात् निर्गत हो जाती है। यह निर्गत किरण मूल आपतित किरण के साथ एक कोण बनाती है जिसे हम विचलन कोण कहते हैं और इस प्रकार प्रिज्म द्वारा प्रकाश का अपवर्तन होता है।
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विचलन कोण की परिभाषा:
“जब कोई प्रकाश की किरण किसी त्रिभुजाकार प्रिज्म के पृष्ठ पर आपतित होती है तो उसके दूसरे पृष्ठ से निर्गत हो जाती है तो आपाती किरण एवं निर्गत किरण के बीच का कोण विचलन कोण कहलाता है।”

प्रश्न 4.
वायुमण्डल में प्रकाश का अपवर्तन किस प्रकार होता है? आकाश में तारे क्यों टिमटिमाते प्रतीत होते हैं जबकि ग्रह नहीं?
उत्तर:
वायुमण्डल में प्रकाश का अपवर्तन-वायुमण्डल में उपस्थित वायु की अनेक विभिन्न सघनता की परतें होती हैं जिनकी सघनता परिवर्तित होती रहती है तथा इनके अपवर्तनांक भी भिन्न-भिन्न होते हैं और वह भी परिवर्तित होते रहते हैं। इसलिए इस अपवर्तक माध्यम (वायु) की अस्थिरता के कारण इसमें होकर देखने पर हमको वस्तु की परिवर्तनशील आभासी स्थिति देखने को मिलती है। इस तरह प्रकाश का वायुमण्डलीय अपवर्तन होता है जो निरन्तर परिवर्तित होता रहता है।

तारे पृथ्वी से बहुत अधिक दूरी पर स्थित हैं, अतः तारों से चलने वाले प्रकाश को वायुमण्डल की विभिन्न परतों को पार करना पड़ता है। इन परतों का घनत्व बदलते रहने से इनकी सघनता भी बदलती रहती है। किसी विशेष तारे से आने वाली प्रकाश की किरणें इन विभिन्न परतों से अपवर्तित होकर हमारी आँखों में आती है। परतों के बदलते रहने से तारे के प्रतिबिम्ब की स्थिति भी बदलती हुई प्रतीत होती है। इसलिए तारे टिमटिमाते हैं।

ग्रह पृथ्वी से बहुत अधिक दूरी पर नहीं होते इसलिए उनसे आने वाले प्रकाश की किरणों को विभिन्न बदलती सघनता वाली वायुमण्डल की परतों से नहीं गुजरना पड़ता तथा उनके प्रतिबिम्ब की स्थिति नहीं बदलती इसलिए ग्रह नहीं टिमटिमाते।

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प्रश्न 5.
वायुमण्डलीय अपवर्तन क्या है? इस परिघटना का उपयोग करके नीचे दी गयी प्राकृतिक घटनाओं की व्याख्या कीजिए –
(a) तारों का टिमटिमाना।
(b) अग्रिम सूर्योदय और विलम्बित सूर्यास्त।
अपने उत्तरों के स्पष्टीकरण के लिए आरेख खींचिए।
उत्तर:
वायुमण्डलीय अपवर्तननिर्देश:
वायुमण्डल में प्रकाश का अपवर्तन-वायुमण्डल में उपस्थित वायु की अनेक विभिन्न सघनता की परतें होती हैं जिनकी सघनता परिवर्तित होती रहती है तथा इनके अपवर्तनांक भी भिन्न-भिन्न होते हैं और वह भी परिवर्तित होते रहते हैं। इसलिए इस अपवर्तक माध्यम (वायु) की अस्थिरता के कारण इसमें होकर देखने पर हमको वस्तु की परिवर्तनशील आभासी स्थिति देखने को मिलती है। इस तरह प्रकाश का वायुमण्डलीय अपवर्तन होता है जो निरन्तर परिवर्तित होता रहता है।

तारे पृथ्वी से बहुत अधिक दूरी पर स्थित हैं, अतः तारों से चलने वाले प्रकाश को वायुमण्डल की विभिन्न परतों को पार करना पड़ता है। इन परतों का घनत्व बदलते रहने से इनकी सघनता भी बदलती रहती है। किसी विशेष तारे से आने वाली प्रकाश की किरणें इन विभिन्न परतों से अपवर्तित होकर हमारी आँखों में आती है। परतों के बदलते रहने से तारे के प्रतिबिम्ब की स्थिति भी बदलती हुई प्रतीत होती है। इसलिए तारे टिमटिमाते हैं।

ग्रह पृथ्वी से बहुत अधिक दूरी पर नहीं होते इसलिए उनसे आने वाले प्रकाश की किरणों को विभिन्न बदलती सघनता वाली वायुमण्डल की परतों से नहीं गुजरना पड़ता तथा उनके प्रतिबिम्ब की स्थिति नहीं बदलती इसलिए ग्रह नहीं टिमटिमाते।

(a) तारों का टिमटिमाना:
तारे पृथ्वी से बहुत अधिक दूरी पर स्थित हैं, अतः तारों से चलने वाले प्रकाश को वायुमण्डल की विभिन्न परतों को पार करना पड़ता है। इन परतों का घनत्व बदलते रहने से इनकी सघनता भी बदलती रहती है। किसी विशेष तारे से आने वाली प्रकाश की किरणें इन विभिन्न परतों से अपवर्तित होकर हमारी आँखों में आती है। परतों के बदलते रहने से तारे के प्रतिबिम्ब की स्थिति भी बदलती हुई प्रतीत होती है। इसलिए तारे टिमटिमाते हैं।
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(b) अग्रिम सूर्यादय एवं विलम्बित सूर्याप्त:
सूर्योदय से पहले एवं सूर्यास्त के बाद सूर्य क्षितिज से नीचे होता है लेकिन वायुमण्डलीय अपवर्तन के कारण अनेक अपवर्तन के बाद सूर्य से आने वाला प्रकाश पूर्ण आन्तरिक परावर्तन के कारण हम तक पहुँचता है और हमको सूर्य का प्रतिबिम्ब दिखाई देता है। इसलिए हमको सूर्योदय अग्रिम तथा सूर्यास्त विलम्बित दिखाई पड़ता है।
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प्रश्न 6.
मानव नेत्र में पक्ष्माभी पेशियों का महत्व लिखिए। उस दृष्टि दोष का नाम लिखिए जो वृद्धावस्था में पक्ष्माभी पेशियों के धीरे-धीरे दुर्बल होने के कारण उत्पन्न होता है। इस दोष से पीड़ित व्यक्तियों को सुस्पष्ट देख सकने के लिए किस प्रकार के लेन्सों की आवश्यकता होती है?

अक्षय अपनी कक्षा में अन्तिम पंक्ति में बैठे हुए, ब्लैकबोर्ड पर लिखे शब्दों को स्पष्ट नहीं देख पा रहा था। जैसे ही शिक्षक महोदय को पता चला उन्होंने कक्षा में घोषणा की कि क्या पहली पंक्ति में बैठा हुआ कोई छात्र अक्षय से अपनी सीट बदलना चाहेगा? सलमान तुरन्त ही अपनी सीट अक्षय से बदलने के लिए तैयार हो गया। अब अक्षय को ब्लैकबोर्ड पर लिखा हुआ स्पष्ट दिखाई देने लगा। यह देखकर शिक्षक महोदय ने अक्षय के माता-पिता को सन्देश भेजा कि वे शीघ्र ही अक्षय के नेत्रों का परीक्षण करवायें।

उपर्युक्त घटना के सन्दर्भ में निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
(a) अक्षय किस दृष्टि दोष से पीड़ित है? इस दोष के लिए किस प्रकार का लेन्स उपयोग किया जाता है?
(b) शिक्षक महोदय एवं सलमान द्वारा प्रदर्शित मूल्यों का उल्लेख कीजिए।
(c) आपके विचार से अक्षय को शिक्षक महोदय एवं सलमान के प्रति अपनी कृतज्ञता किस प्रकार प्रकट करनी चाहिए?
उत्तर:
मानव नेत्र में पक्ष्माभी पेशियों का महत्व:
मानव नेत्र में पक्ष्माभी पेशियाँ आवश्यकतानुसार नेत्र की लेन्स क्षमता (फोकस दूरी) को परिवर्तित करके उसकी समंजन क्षमता को नियन्त्रित करती है।

वृद्धावस्था में होने वाला दृष्टि दोष एवं उसका निवारण:
वृद्धावस्था में पक्ष्माभी पेशियों के धीरे-धीरे दुर्बल होने के कारण उत्पन्न नेत्र रोग जरा दूरदर्शिता कहलाता है। इसके निवारण के लिए द्विफोकसी लेन्स के उपयोग की आवश्यकता होती है।
(a) अक्षय निकट दृष्टि दोष से पीड़ित है। इस दोष के संशोधन के लिए उपयुक्त ऋणात्मक क्षमता का अवतल लेन्स प्रयोग किया जाता है।
(b) शिक्षक महोदय और सलमान द्वारा प्रदर्शित मूल्य मानवीय मूल्य है।
(c) हमारे विचार से अक्षय को शिक्षक महोदय एवं सलमान का आभार प्रकट करते हुए धन्यवाद ज्ञापन करना चाहिए।

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प्रश्न 7.
(a) निकट दृष्टि दोष से पीड़ित कोई छात्र 5 m से अधिक दूरी पर स्थित बिम्बों को स्पष्ट नहीं देख पाता। इस दृष्टि दोष के उत्पन्न होने के दो सम्भावित कारणों की सूची बनाइए। किरण आरेखों की सहायता से व्याख्या कीजिए कि
(i) वह छात्र 5 m से अधिक दूरी पर स्थित बिम्बों को क्यों नहीं देख पाता?
(ii) इस दृष्टि दोष के संशोधन के लिए उसे किस प्रकार के लेन्स का उपयोग करना चाहिए और इस लेन्स के उपयोग द्वारा इस दोष का संशोधन किस प्रकार होता है?
(b) यदि इस प्रकरण में संशोधक लेन्स की फोकस दूरी का संख्यात्मक मान 5 m है, तो नयी कार्तीय चिह्न परिपाटी के अनुसार इस लेन्स की क्षमता ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
(a) निकट दृष्टि दोष होने के सम्भावित कारण:
अभिनेत्र लेन्स की वक्रता का अत्यधिक होना।
नेत्र गोलक का लम्बा हो जाना।
(i) चूँकि छात्र का दूर बिन्दु 5 m है अर्थात् अधिकतम 5 m दूर रखी वस्तु का प्रतिबिम्ब ही उसके दृष्टि पटल पर बनता है, इससे अधिक दूरी के बिम्ब का फोकस दृष्टि पटल से पहले ही हो जाता है। इसलिए उसे 5 m से अधिक दूरी का बिम्ब दिखाई नहीं देता।
किरण आरेख –
(a) निकट दृष्टि दोष से पीड़ित नेत्र का किरण –
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(ii) इस दृष्टि दोष के निवारण (संशोधन) के लिए उपयुक्त ऋणात्मक क्षमता के अवतल लेन्स का प्रयोग करना चाहिए। इससे यह प्रकाश किरणों का अपसरण कर देगा। दूसरे शब्दों में इसके द्वारा नेत्र लेन्स की क्षमता कम हो जायेगी और उसकी फोकस दूरी बढ़ जायेगी जिससे बिम्ब का प्रतिबिम्ब दृष्टि पटल पर बनेगा और दिखाई देगा। इस प्रकार उक्त दोष का संशोधन (निराकरण) हो जाता है।
किरण आरेख –
डॉक्टर उस छात्रा को बताएगा कि उसको निकट दृष्टि दोष है उसे दूर की वस्तुओं को देखने के लिए एक चश्मे का प्रयोग करना होगा और वह उसे एक ऋणात्मक लेन्स क्षमता का अवतल लेन्स युक्त चश्मा लगाने को देगा।
निकट दृष्टि दोष के निवारण का किरण आरेख –
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(b) चूँकि फोकस दूरी का संख्यात्मक मान 5 m है और लेन्स अवतल है जिसकी फोकस दूरी एवं लेन्स क्षमता दोनों ऋणात्मक होते हैं अतः f = – 5 m
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MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

MP Board Class 10th Science Chapter 10 पाठान्तर्गत प्रश्नोत्तर

प्रश्न श्रृंखला-1 # पृष्ठ संख्या 185

प्रश्न 1.
अवतल दर्पण की मुख्य फोकस की परिभाषा लिखिए। (2019)
उत्तर:
अवतल दर्पण की मुख्य फोकस:
“अवतल दर्पण की मुख्य अक्ष के समान्तर आने वाली प्रकाश की किरणें अवतल दर्पण से परावर्तन के पश्चात् जिस बिन्दु से होकर जाती हैं उस बिन्दु को अवतल दर्पण की मुख्य फोकस कहते हैं।” इसे अक्षर ‘F’ से व्यक्त करते हैं।

प्रश्न 2.
एक गोलीय दर्पण की वक्रता त्रिज्या 20 cm है। इसकी फोकस दूरी क्या होगी?
हल:
दिया है: गोलीय दर्पण की वक्रता त्रिज्या R = 20 cm
चूँकि फोकस दूरी (f) ⇒ \(\frac { R }{ 2 } \) ⇒ f ⇒ \(\frac { 20 }{ 2 } \) = 10 cm
अतः गोलीय दर्पण की अभीष्ट फोकस दूरी = 10 cm

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प्रश्न 3.
उस दर्पण का नाम बताइए जो बिम्ब का सीधा तथा आवर्धित प्रतिबिम्ब बना सके।
उत्तर:
अवतल दर्पण।

प्रश्न 4.
हम वाहनों में उत्तल दर्पण को पश्च-दृश्य दर्पण के रूप में वरीयता क्यों देते हैं?
उत्तर:
हम वाहनों में उत्तल दर्पण को पश्च-दृश्य दर्पण के रूप में वरीयता देते हैं क्योंकि इससे ये सदैव सीधा तथा छोटा प्रतिबिम्ब बनाते हैं तथा इनका दृष्टि क्षेत्र बहुत अधिक होता है। इसलिए इससे पीछे का पूरा दृश्य ड्राइवर को दिखाई देता है।

प्रश्न श्रृंखला-2 # पृष्ठ संख्या 188

प्रश्न 1.
उस उत्तल दर्पण की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए जिसकी वक्रता त्रिज्या 32 cm है।
हल:
दिया है: उत्तल दर्पण की वक्रता त्रिज्या R = 32 cm
चूँकि फोकस दूरी f ⇒ \(\frac { R }{ 2 } \) ⇒ f ⇒ \(\frac { 32 }{ 2 } \) = 16 cm
अतः उत्तल दर्पण की अभीष्ट फोकस दूरी = 16 cm

प्रश्न 2.
कोई अवतल दर्पण अपने सामने 10 cm की दूरी पर रखे किसी बिम्ब का तीन गुना आवर्धित (बड़ा) वास्तविक प्रतिबिम्ब बनाता है। प्रतिबिम्ब दर्पण से कितनी दूरी पर है।
हल:
चूँकि प्रतिबिम्ब बिम्ब से तीन गुना उल्टा (वास्तविक) बन रहा है अतः h’ = – 3h एवं u = –  10 cm (दिया है)
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 1
अतः प्रतिबिम्ब दर्पण के सम्मुख बाईं ओर उससे 30 cm दूरी पर है।

प्रश्न श्रृंखला-3 # पृष्ठ संख्या 194

प्रश्न 1.
वायु में गमन करती एक प्रकाश की किरण जल में तिरछी प्रवेश करती है। क्या प्रकाश किरण अभिलम्ब की ओर झुकेगी अथवा अभिलम्ब से दूर हटेगी? बताइए क्यों?
उत्तर:
प्रकाश किरण अभिलम्ब की ओर झुकेगी क्योंकि जब प्रकाश की किरण विरल माध्यम (वायु) से सघन माध्यम (जल) में तिरछी प्रवेश करती है तो प्रकाश की किरण धीमी हो जाती है तथा अभिलम्ब की ओर मुड़ जाती है।

प्रश्न 2.
प्रकाश वायु से 1.50 अपवर्तनांक काँच की प्लेट में प्रवेश करता है। काँच में प्रकाश की चाल कितनी है? निर्वात में प्रकाश की चाल 3 × 108 ms-1 है।
हल:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 2

प्रश्न 3.
सारणी 10.3 से अधिकतम प्रकाशिक घनत्व के माध्यम को ज्ञात कीजिए। न्यूनतम प्रकाशिक घनत्व के माध्यम को भी ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
पाठ्य-पुस्तक में दी सारणी 10.3 के आधार पर –
अधिकतम प्रकाशिक घनत्व वाला माध्यम = हीरा (n = 2.42)
एवं न्यूनतम प्रकाशिक घनत्व वाला माध्यम = वायु (n = 1.0003)

प्रश्न 4.
आपको कैरोसीन, तारपीन का तेल तथा जल दिए गए हैं। इनमें प्रकाश सबसे अधिक तीव्र गति से चलता है? सारणी 10.3 में दिए गए आंकड़ों का उपयोग कीजिए।
उत्तर:
जल में प्रकाश सबसे अधिक तीव्र गति से चलता है।

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प्रश्न 5.
हीरे का अपवर्तनांक 2.42 है। इस कथन का क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
हीरे का अपवर्तनांक 2.42 से अभिप्राय है कि प्रकाश की हीरे में चाल उसकी निर्वात में चाल 3 × 108 ms-1 का \(\frac { 1 }{ 2.42 } \) गुना है। दूसरे शब्दों में निर्वात में प्रकाश की चाल = 2.42 × हीरे में प्रकाश की चाल।

प्रश्न शृंखला-4 # पृष्ठ संख्या 203

प्रश्न 1.
किसी लेंस की एक डायप्टर (डाइऑप्टर) क्षमता को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
लेंस की 1 डाइऑप्टर क्षमता:
जब किसी अभिसारी (द्वि-उत्तल) लेंस की फोकस दूरी 1 m हो तो उसकी लेंस क्षमता 1 डाइऑप्टर होगी अर्थात् किसी लेंस की 1 डाइऑप्टर क्षमता उस द्वि-उत्तल लेंस की क्षमता के बराबर है जिसकी फोकस दूरी 1 m हो।

प्रश्न 2.
कोई उत्तल लेंस किसी सुई का वास्तविक तथा उल्टा प्रतिबिम्ब उस लेंस से 50 cm दूर बनाता है। यह सुई उत्तल लेंस के सामने कहाँ रखी हुई है, यदि इसका प्रतिबिम्ब उसी साइज का बन रहा है जिस साइज का बिम्ब है। लेंस की क्षमता भी ज्ञात कीजिए।
हल:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 3
अतः बिम्ब बाईं ओर लेंस से 50 cm दूर रखा होगा।
तथा
लेंस की आवर्धन क्षमता = 4 डाइऑप्टर है।

प्रश्न 3.
2 m फोकस दूरी वाले अवतल लेंस की क्षमता ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया है: अवतल लेंस की फोकस दूरी f = – 2 n
(चूँकि अवतल लेंस की फोकस दूरी ऋणात्मक होती है।)
और चूँकि
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 4
अतः अवतल लेंस की अभीष्ट क्षमता = – 0.5 डाइऑप्टर हैं।

MP Board Class 10th Science Chapter 10 पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
निम्न में से कौन-सा पदार्थ लेंस बनाने के लिए प्रयुक्त नहीं किया जा सकता?
(a) जल।
(b) काँच।
(c) प्लास्टिक।
(d) मिट्टी।
उत्तर:
(d) मिट्टी।

प्रश्न 2.
किसी बिम्ब का अवतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिम्ब आभासी, सीधा तथा बिम्ब से बड़ा पाया गया। वस्तु की स्थिति कहाँ होनी चाहिए?
(a) मुख्य फोकस तथा वक्रता केन्द्र के बीच।
(b) वक्रता केन्द्र पर।
(c) वक्रता केन्द्र से परे।
(d) दर्पण के ध्रुव तथा मुख्य फोकस के बीच।
उत्तर:
(d) दर्पण के ध्रुव तथा मुख्य फोकस के बीच।

प्रश्न 3.
किसी बिम्ब का वास्तविक तथा समान साइज का प्रतिबिम्ब प्राप्त करने के लिए बिम्ब को उत्तल लेंस के सामने कहाँ रखें?
(a) लेंस के मुख्य फोकस पर।
(b) फोकस दूरी की दोगुनी दूरी पर।
(c) अनंत पर।
(d) लेंस के प्रकाशिक केन्द्र तथा मुख्य फोकस के बीच।
उत्तर:
(b) फोकस दूरी की दोगुनी दूरी पर।

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प्रश्न 4.
किसी गोलीय दर्पण तथा किसी पतले गोलीय लेंस दोनों की फोकस दूरियाँ – 15 cm हैं। दर्पण तथा लेंस सम्भवतः है –
(a) दोनों अवतल।
(b) दोनों उत्तल।
(c) दर्पण अवतल तथा लेंस उत्तल।
(d) दर्पण उत्तल तथा लेंस अवतल।
उत्तर:
(a) दोनों अवतल।

प्रश्न 5.
किसी दर्पण से आप चाहे कितनी ही दूरी पर खड़े हों, आपका प्रतिबिम्ब सदैव सीधा प्रतीत होता है। सम्भवतः दर्पण है –
(a) केवल समतल।
(b) केवल अवतल।
(c) केवल उत्तल।
(d) या तो समतल अथवा उत्तल।
उत्तर:
(d) या तो समतल अथवा उत्तल।

प्रश्न 6.
किसी शब्दकोष (Dictionary) में पाए गए छोटे अक्षरों को पढ़ते समय आप निम्न में से कौन-सा लेंस पसन्द करेंगे?
(a) 50 cm फोकस दूरी का एक उत्तल लेंस।
(b) 50 cm फोकस दूरी का एक अवतल लेंस।
(c) 5 cm फोकस दूरी का एक उत्तल लेंस।
(d) 5 cm फोकस दूरी का एक अवतल लेंस।
उत्तर:
(c) 5 cm फोकस दूरी का एक उत्तल लेंस।

प्रश्न 7.
15 cm फोकस दूरी के एक अवतल दर्पण का उपयोग करके हम किसी बिम्ब का सीधा प्रतिबिम्ब बनाना चाहते हैं। बिम्ब का दर्पण से दूरी का परिसर (Range) क्या होना चाहिए? प्रतिबिम्ब की प्रकृति कैसी है? प्रतिबिम्ब बिम्ब से बड़ा है या छोटा? इस स्थिति में प्रतिबिम्ब बनने का एक किरण आरेख बनाइए।
उत्तर:
बिम्ब का दर्पण से दूरी का परिसर = 0 cm से 25 cm है।
प्रतिबिम्ब की प्रकृति: आभासी।
प्रतिबिम्ब का साइज: बिम्ब से बड़ा।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 5

प्रश्न 8.
निम्न स्थितियों में प्रयुक्त दर्पण का प्रकार बताइए –

  1. किसी कार का अग्र-दीप (हैड-लाइट)।
  2. किसी वाहन का पार्श्व/पश्च-दृश्य दर्पण।
  3. सौर भट्टी।

अपने उत्तर की कारण सहित पुष्टि कीजिए।
उत्तर:

  1. अवतल दर्पण: शक्तिशाली समान्तर किरण पुन्ज प्राप्त करने के लिए।
  2. उत्तल दर्पण: बहुत अधिक दृष्टि क्षेत्र प्राप्त करने एवं पश्च-दृश्य का सीधा प्रतिबिम्ब प्राप्त करने के लिए।
  3. अवतल दर्पण: सूर्य के प्रकाश को केन्द्रित करने के लिए।

प्रश्न 9.
किसी उत्तल लेंस का आधा भाग काले कागज से ढक दिया गया है। क्या यह लेंस किसी बिम्ब का पूरा प्रतिबिम्ब बना पायेगा? अपने उत्तर की प्रयोग द्वारा जाँच कीजिए। अपने प्रेक्षणों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
हाँ, यह लेंस किसी बिम्ब का पूरा प्रतिबिम्ब बना पायेगा।
निर्देश: शेष प्रयोगात्मक भाग के लिए छात्र स्वयं अपने अध्यापक की सहायता से हल करें।

प्रश्न 10.
5 cm लम्बा कोई बिम्ब 10 cm फोकस दूरी के किसी अभिसारी लेंस से 25 cm की दूरी पर रखा जाता है। प्रकाश किरण आरेख खींचकर बनने वाले प्रतिबिम्ब की स्थिति, साइज तथा प्रकृति ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
प्रतिबिम्ब बनने का प्रकाश किरण आरेख –
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 6
प्रतिबिम्ब की स्थिति: V= 167 cm (लगभग), साइज: h = 3.3 cm (लगभग)
एवं प्रतिबिम्ब की प्रकृति: वास्तविक एवं उल्टा।

प्रश्न 11.
15 cm फोकस दूरी का कोई अवतल लेंस किसी बिम्ब का प्रतिबिम्ब लेंस से 10 cm दूरी पर बनाता है। बिम्ब लेंस से कितनी दूरी पर है? किरण आरेख खींचिए।
हल:
दिया है: f = – 15 cm, v = – 10 cm
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 7
अतः बिम्ब लेंस से 30 cm की दूरी पर बाईं ओर है तथा अभीष्ट किरण आरेख निम्न है –
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 8

प्रश्न 12.
15 cm फोकस दूरी के किसी उत्तल दर्पण में कोई बिम्ब 10 cm दूरी पर रखा है। प्रतिबिम्ब की स्थिति तथा प्रकृति ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया है: f = 15 cm, u = – 10 cm
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 9
अतः अभीष्ट प्रतिबिम्ब की दर्पण से दूरी दर्पण के पीछे 6 cm होगी तथा वह प्रतिबिम्ब सीधा तथा काल्पनिक होगा।

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प्रश्न 13.
एक समतल दर्पण द्वारा उत्पन्न आवर्धन +1 है। इसका क्या अर्थ है?
उत्तर:
समतल दर्पण में प्रतिबिम्ब बिम्ब के बराबर, सीधा तथा दर्पण के पीछे समान दूरी पर बनेगा।

प्रश्न 14.
5.0 cm लम्बाई का कोई बिम्ब 30 cm वक्रता त्रिज्या के किसी उत्तल दर्पण के सामने 20 cm दूरी पर रखा है। प्रतिबिम्ब की स्थिति, प्रकृति तथा साइज ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया है: उत्तल दर्पण की वक्रता त्रिज्या R = 30 cm
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 10

प्रश्न 15.
7.0 cm साइज का कोई बिम्ब 18 cm फोकस दूरी के किसी अवतल दर्पण के सामने 27 cm की दूरी पर रखा गया है। दर्पण से कितनी दूरी पर किसी परदे को रखें कि उस पर वस्तु का स्पष्ट फोकसित प्रतिबिम्ब प्राप्त किया जा सके। प्रतिबिम्ब का साइज तथा प्रकृति ज्ञात कीजिए।
हल:
ज्ञात है: f = – 18 cm, u = – 27 cm, बिम्ब की लम्बाई h = 7.0 cm
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 11
अतः स्पष्ट प्रतिबिम्ब प्राप्त करने के लिए परदे को दर्पण के सम्मुख अभीष्ट 54 cm की दूरी पर रखना होगा तथा प्रतिबिम्ब 14 cm लम्बा, उल्टा तथा वास्तविक बनेगा।

प्रश्न 16.
उस लेंस की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए जिसकी क्षमता – 2.0 D है। यह किस प्रकार का लेंस है? (2019)
हल:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 12
अतः लेंस की अभीष्ट फोकस दूरी – 50 cm है तथा यह अपसारी अवतल लेंस होगा।

प्रश्न 17.
कोई डॉक्टर + 1.5 D का संशोधक लेंस निर्धारित करता है। लेंस की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए। क्या निर्धारित लेंस अभिसारी है अथवा अपसारी? (2019)
हल:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 13

MP Board Class 10th Science Chapter 10 परीक्षोपयोगी अतिरिक्त प्रश्नोत्तर

MP Board Class 10th Science Chapter 10 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
दिए गए किरण आरेखों का अध्ययन कीजिए और निम्नलिखित में से सही कथन चुनिए –
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 14
(a) युक्ति X अवतल दर्पण है और युक्ति Y उत्तल लेंस है, जिनकी फोकस दूरियाँ क्रमशः 20 cm और 25 cm हैं।
(b) युक्ति X उत्तल लेंस है और युक्ति Y अवतल दर्पण है जिनकी फोकस दूरियाँ क्रमशः 10 cm एवं 25 cm हैं।
(c) युक्ति X अवतल लेंस है और युक्ति Y उत्तल दर्पण है, जिनकी फोकस दूरियाँ क्रमशः 25 cm और 25 cm हैं।
(d) युक्ति X उत्तल लेंस है और युक्ति Y अवतल दर्पण है, जिनकी फोकस दूरियाँ क्रमश: 20 cm और 25 cm हैं।
उत्तर:
(d) युक्ति X उत्तल लेंस है और युक्ति Y अवतल दर्पण है, जिनकी फोकस दूरियाँ क्रमश: 20 cm और 25 cm हैं।

प्रश्न 2.
कोई छात्र उत्तल लेंस द्वारा किसी दूरस्थ बिम्ब का धुंधला प्रतिबिम्ब परदे पर प्राप्त करता है। परदे पर स्पष्ट प्रतिबिम्ब प्राप्त करने के लिए उसे लेंस को रिवर्स करना होगा –
(a) परदे से दूर।
(b) परदे की ओर।
(c) किसी ऐसी स्थिति पर जो परदे से काफी दूर है।
(d) यात्री परदे की ओर या परदे से दूर, यह प्रतिबिम्ब की स्थिति पर निर्भर करता है।
उत्तर:
(b) परदे की ओर।

प्रश्न 3.
कोई छात्र अत्यन्त सावधानीपूर्वक आपतन कोण (∠1) के विभिन्न मानों के लिए काँच के स्लैब से गुजरने वाली प्रकाश किरण का पथ आरेखित करता है। फिर वह आपतन कोण के प्रत्येक मान के लिए अपवर्तन कोण (∠r) और निर्गत कोण (∠e) के संगत मानों को मापता है। इन कोणों की माप का विश्लेषण करके उसे क्या निष्कर्ष निकालना चाहिए?
(a) ∠i > ∠r < ∠e
(b) ∠i = ∠e > ∠r
(c) ∠i < ∠r < ∠e
(d) ∠i = ∠e < ∠r
उत्तर:
(b) ∠i = ∠e > ∠r

प्रश्न 4.
दिए गए अवतल दर्पण की सन्निकट फोकस दूरी ज्ञात करने के लिए आप दर्पण द्वारा किसी दूरस्थ बिम्ब का प्रतिबिम्ब किसी परदे पर फोकसित करते हैं। पर्दे पर प्राप्त प्रतिबिम्ब, बिम्ब की तुलना में सदैव –
(a) पार्श्व परिवर्तित और छोटा होता है।
(b) उल्टा और छोटा होता है।
(c) सीधा और छोटा होता है।
(d) सीधा और अत्यधिक छोटा होता है।
उत्तर:
(d) सीधा और अत्यधिक छोटा होता है।

प्रश्न 5.
मान लीजिए आपने अपनी प्रयोगशाला की मेज के दूरस्थ सिरे पर रखी मोमबत्ती की ज्वाला का प्रतिबिम्ब उत्तल लेंस द्वारा पर्दे पर फोकसित कर लिया है। अब यदि आपके शिक्षक महोदय आपको सूर्य से आपकी मेज पर आती सूर्य की समान्तर किरणों को उसी पर्दे पर फोकसित करने का सुझाव दें, तो आपसे यह अपेक्षा की जाती है कि आप –
(a) लेंस को थोड़ा-सा पर्दे की ओर खिसकायेंगे।
(b) लेंस को थोड़ा-सा पर्दे से दूर खिसकायेंगे।
(c) लेंस को थोड़ा-सा सूर्य की दिशा में खिसकायेंगे।
(d) लेंस और पर्दे दोनों को सूर्य की ओर खिसकायेंगे।
उत्तर:
(a) लेंस को थोड़ा-सा पर्दे की ओर खिसकायेंगे।

प्रश्न 6.
आप अपनी प्रयोगशाला में विभिन्न आपतन कोणों (∠i) के लिए काँच के स्लैब से गुजरने वाली प्रकाश किरण का पथ आरेखित करते हैं तथा प्रत्येक प्रकरण में तदनुरूपी अपवर्तन कोण (∠r) और निर्गत कोण (∠e) भी मापते हैं। आपने प्रेक्षणों के आधार पर आपका सही निष्कर्ष वह है कि –
(a) ∠i बड़ा है < r से, परन्तु ∠e के लगभग बराबर है।
(b) ∠i छोटा है < r से, परन्तु ∠e के लगभग बराबर है।
(c) ∠i बड़ा है < e से, परन्तु ∠r के लगभग बराबर है।
(d) ∠i छोटा है < e से, परन्तु ∠r के लगभग बराबर है।
उत्तर:
(b) ∠i छोटा है < r से, परन्तु ∠e के लगभग बराबर है।

प्रश्न 7.
कोई छात्र अपने विद्यालय की प्रयोगशाला में दिए गए अवतल दर्पण की फोकस दूरी ज्ञात करते समय दर्पण (M) द्वारा प्रयोगशाला की दूरस्थ खिड़की (W) का स्पष्ट प्रतिबिम्ब पर्दे (S) पर प्राप्त करता है। दर्पण की फोकस दूरी ज्ञात करने के लिए उसे कौन-सी दूरी मापनी चाहिए?
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 15
(a) MW
(b) MS
(c) SW
(d) MW-MS
उत्तर:
(b) MS

प्रश्न 8.
किसी छात्र ने नीचे दिए गए आरेख में दर्शाए अनुसार एक भली-भाँति प्रदीप्त दूरस्थ भवन का प्रतिबिम्ब पर्दे (S) पर फोकसित करने के लिए किसी युक्ति (X) का उपयोग किया। इस युक्ति (X) के विषय में सही कथन चुनिए –
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 16
(a) यह युक्ति 8 cm फोकस दूरी का अवतल लेंस है।
(b) यह युक्ति 8 cm फोकस दूरी का उत्तल दर्पण है।
(c) यह युक्ति 4 cm फोकस दूरी का उत्तल लेंस है।
(d) यह युक्ति 8 cm फोकस दूरी का उत्तल लेंस है।
उत्तर:
(d) यह युक्ति 8 cm फोकस दूरी का उत्तल लेंस है।

प्रश्न 9.
कोई छात्र आयताकार काँच की सिल्ली से होकर गुजरने वाली प्रकाश किरण का पथ आपतन कोणों के विभिन्न मानों के लिए आरेखित करता है। वह प्रयोग के प्रत्येक चरण को करते समय यथासम्भव सावधानियाँ बरतता है। प्रयोग के अन्त में, मापों का विश्लेषण करने पर निम्नलिखित में से उसका सम्भावित निष्कर्ष क्या होना चाहिए?
(a) ∠i = ∠e < r
(b) ∠i < ∠e < ∠r
(c) ∠i > ∠e > ∠r
(d) ∠i = ∠e > ∠r
उत्तर:
(d) ∠i = ∠e > ∠r

प्रश्न 10.
इनमें से कौन-सी युक्ति एक बिन्दु स्रोत से आने वाले प्रकाश पुंज को समान्तर बना देती है जब वह इस पर आपतित होता है?
(a) अवतल दर्पण एवं उत्तल लेंस।
(b) उत्तल दर्पण एवं अवतल लेंस।
(c) दो समतल दर्पण 90° पर रखे हुए।
(d) अवतल दर्पण एवं अवतल लेंस।
उत्तर:
(a) अवतल दर्पण एवं उत्तल लेंस।

प्रश्न 11.
एक 10 mm लम्बी पिन को एक अवतल दर्पण के सम्मुख ऊर्ध्वाधरतः रखा गया तो उसका 5 mm लम्बा प्रतिबिम्ब दर्पण के सम्मुख दर्पण से 30 cm दूरी पर बना तो दर्पण की फोकस दूरी होगी –
(a) – 30 cm
(b) – 20 cm
(c) – 40 cm
(d) – 60 cm
उत्तर:
(b) – 20 cm

प्रश्न 12.
निम्न में से किस स्थिति में अवतल दर्पण वास्तविक बिम्ब से बड़ा प्रतिबिम्ब बना सकता है?
(a) जब वह बिम्ब अवतल दर्पण की वक्रता त्रिज्या के बराबर दूरी पर रखा गया हो।
(b) जब वह बिम्ब अवतल दर्पण की फोकस दूरी से कम दूरी पर रखा गया हो।
(c) जब वह बिम्ब अवतल दर्पण की फोकस एवं उसके वक्रता केन्द्र से बीच रखा गया हो।
(d) जब वह बिम्ब अवतल दर्पण की वक्रता त्रिज्या से अधिक दूरी पर रखा गया हो।
उत्तर:
(c) जब वह बिम्ब अवतल दर्पण की फोकस एवं उसके वक्रता केन्द्र से बीच रखा गया हो।

प्रश्न 13.
संलग्न आकृति एक प्रकाश किरण को दर्शाती है जो माध्यम –
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 17
उत्तर:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 18

प्रश्न 14.
एक प्रकाश किरण माध्यम (A) से माध्यम (B) में प्रवेश करती है जैसा कि संलग्न चित्र में दिखाया गया है। माध्यम (A) के सापेक्ष माध्यम (B) का अपवर्तनांक है –
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 19
(a) इकाई से अधिक।
(b) इकाई से कम।
(c) इकाई के बराबर।
(d) शून्य।
उत्तर:
(a) इकाई से अधिक।

प्रश्न 15.
प्रकाश पुंज किसी बॉक्स के छिद्र A एवं B से आयनित होते हैं तथा क्रमशः छिद्र C एवं D से निर्गत हो जाते हैं जैसा कि निम्न आकृति में दर्शाया गया है। बक्से के अन्दर निम्न में से कौन-सी युक्ति होगी?
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 20
(a) आयताकार काँच का गुटाका।
(b) उत्तल लेंस।
(c) अवतल लेंस।
(d) प्रिज्म।
उत्तर:
(a) आयताकार काँच का गुटाका।

प्रश्न 16.
एक प्रकाश पुंज एक बॉक्स में साइड A की तरफ से छिद्रों द्वारा आपतित होती है तथा दूसरी साइड B की तरफ के छिद्रों से निर्गत हो जाती है। जैसा कि संलग्न चित्र में दिखाया गया है। उस बॉक्स में निम्न में से कौन-सी युक्ति हो सकती है?
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 21
(a) अवतल लेंस।
(b) आयतकार काँच का गुटका।
(c) प्रिज्म।
(d) उत्तल लेंस।
उत्तर:
(d) उत्तल लेंस।

प्रश्न 17.
निम्न में से कौन-सा कथन सत्य है?
(a) एक उत्तल लेंस की क्षमता 4 D है जबकि उसकी फोकस दूरी 0.25 cm है।
(b) एक उत्तल लेंस की क्षमता – 4 D है जबकि उसकी फोकस दूरी 0.25 cm है।
(c) एक अवतल लेंस की क्षमता 4 D है जबकि उसकी फोकस दूरी 0.25 cm है।
(d) एक अवतल लेंस की क्षमता – 4 D है जबकि उसकी फोकस दूरी 0:25 cm है।
उत्तर:
(a) एक उत्तल लेंस की क्षमता 4 D है जबकि उसकी फोकस दूरी 0.25 cm है।

प्रश्न 18.
किसी वाहन में लगे पश्च-दृश्य दर्पण के द्वारा उत्पन्न आवर्धन होगा –
(a) एक से कम।
(b) एक से अधिक।
(c) एक के बराबर।
(d) एक से कम या एक से अधिक दर्पण के सम्मुख बिम्ब की स्थिति पर निर्भर करेगा।
उत्तर:
(a) एक से कम।

प्रश्न 19.
सूर्य से आने वाली प्रकाश-किरणें एक अवतल दर्पण पर आपतित होकर एक बिन्दु पर अभिसरित होती हैं जो दर्पण से 15 cm की दूरी पर स्थित है। एक बिम्ब को कहाँ रखा जाय कि प्रतिबिम्ब की लम्बाई इसके बराबर हो?
(a) दर्पण के सम्मुख 15 cm की दूरी पर।
(b) दर्पण के सम्मुख 30 cm की दूरी पर।
(c) दर्पण के सम्मुख 15 cm एवं 30 cm के बीच।
(d) दर्पण के सम्मुख 30 cm से अधिक दूरी पर।
उत्तर:
(b) दर्पण के सम्मुख 30 cm की दूरी पर।

प्रश्न 20.
दूरी पर खड़ी ऊँची इमारत का पूरी लम्बाई का प्रतिबिम्ब देखा जा सकता है निम्न से –
(a) अवतल दर्पण।
(b) उत्तल दर्पण।
(c) समतल दर्पण।
(d) समतल एवं अवतल दोनों दर्पणों में।
उत्तर:
(b) उत्तल दर्पण।

प्रश्न 21.
टॉर्चों, सर्च लाइटों एवं वाहनों की हैड लाइटों में बल्ब रखा जाता है –
(a) परावर्तक के पोल (ध्रुव) एवं फोकस के बीच।
(b) परावर्तक के फोकस के काफी समीप।
(c) परावर्तक के फोकस एवं वक्रता केन्द्र के बीच।
(d) परावर्तक के वक्रता केन्द्र पर।
उत्तर:
(b) परावर्तक के फोकस के काफी समीप।

प्रश्न 22.
परावर्तन के नियम अच्छे साबित होते हैं निम्न के लिए –
(a) केवल समतल दर्पण।
(b) केवल अवतल दर्पण।
(c) केवल उत्तल दर्पण।
(d) सभी दर्पणों के लिए चाहे उसका आकृति कुछ भी हो।
उत्तर:
(d) सभी दर्पणों के लिए चाहे उसका आकृति कुछ भी हो।

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प्रश्न 23.
चार विभिन्न विद्यार्थियों ने अलग-अलग वायु से आने वाली तथा आयताकार काँच के गुटके में से होकर निर्गत होने वाली प्रकाश किरण के पथ का आरेख बनाया जो निम्न आकृति में क्रमशः (a), (b), (c) एवं (d) से दिखाया गया हैइनमें से कौन-सा आरेख सही है?
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 22
उत्तर:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 23

प्रश्न 24.
आपको जल, सरसों का तेल, ग्लिसरीन एवं मिट्टी का तेल दिए हुए हैं। समान कोण पर आपतित होने पर प्रकाश किरण किस माध्यम में अधिक झुकेगी?
(a) मिट्टी का तेल।
(b) जल।
(c) सरसों का तेल।
(d) ग्लिसरीन।
उत्तर:
(d) ग्लिसरीन।

प्रश्न 25.
जब प्रकाश की किरण किसी अवतल दर्पण पर आपतित होती है – जैसा कि संलग्न आकृति में दिखाया गया है, तो निम्न में कौन-सा किरण आरेख सही है?
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 24
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 25
उत्तर:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 26

प्रश्न 26.
जब प्रकाश की किरण एक उत्तल लेंस पर आपतित होती है जैसा कि संलग्न चित्र में दिखाया गया है तो निम्न में कौन-सा किरण आरेख सही है ?
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MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 28
उत्तर:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 29

प्रश्न 27.
एक बच्ची एक मैजिक-दर्पण के सम्मुख खड़ी है। वह अपने सिर का प्रतिबिम्ब बड़ा तथा उसी साइज के अपने शरीर के मध्य भाग का प्रतिबिम्ब बराबर तथा उसी साइज की अपनी टाँगों का प्रतिबिम्ब छोटा देखती है तो ऊपर से नीचे तक मैजिक दर्पण में दर्पणों के संयोजन का सही क्रम होगा?
(a) समतल, उत्तल एवं अवतल।
(b) उत्तल, अवतल एवं समतल।
(c) अवतल, समतल एवं उत्तल।
(d) उत्तल, समतल एवं अवतल।
उत्तर:
(c) अवतल, समतल एवं उत्तल।

प्रश्न 28.
इनमें से किस युक्ति द्वारा अनन्त पर रखे बिम्ब का अत्यधिक छोटा एवं बिन्दु की बराबर प्रतिबिम्ब बनेगा?
(a) केवल अवतल दर्पण से।
(b) केवल उत्तल दर्पण से।
(c) केवल उत्तल लेंस से।
(d) अवतल दर्पण, उत्तल दर्पण, उत्तल लेंस एवं अवतल लेंस।
उत्तर:
(d) अवतल दर्पण, उत्तल दर्पण, उत्तल लेंस एवं अवतल लेंस।

रिक्त स्थानों की पूर्ति

  1. ……….. लेंस एवं ………… दर्पण में प्रतिबिम्ब सदैव छोटा और सीधा बनता है।
  2. µ = sin i/sin r कहलाता है ………… का नियम।
  3. सीधा एवं बड़ा प्रतिबिम्ब बनता है केवल ………… दर्पण एवं ………… लेंस में।
  4. प्रतिबिम्ब की ऊँचाई और बिम्ब की ऊँचाई का अनुपात ………… कहलाता है।
  5. उत्तल लेंस की क्षमता ………… तथा अवतल लेंस की क्षमता ………… होती है।

उत्तर:

  1. अवतल, उत्तल।
  2. स्नैल।
  3. अवतल, उत्तल।
  4. आवर्धन।
  5. धनात्मक, ऋणात्मक।

जोड़ी बनाइए
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 30
उत्तर:

  1. → (c)
  2. → (d)
  3. → (e)
  4. → (a)
  5. → (b)

सत्य/असत्य कथन

  1. अवतल दर्पण में बने प्रतिबिम्ब सदैव वास्तविक होते हैं।
  2. लेंस की क्षमता का मात्रक डायप्टर होता है।
  3. उत्तल लेंस में सदैव वास्तविक प्रतिबिम्ब बनते हैं।
  4. अपवर्तनांक का कोई मात्रक नहीं होता है।
  5. काँच का अपवर्तनांक एक से कम होते है।

उत्तर:

  1. असत्य।
  2. सत्य।
  3. असत्य।
  4. सत्य।
  5. असत्य।

एक शब्द/वाक्य में उत्तर

  1. दर्पण: सूत्र लिखिए अथवा किसी गोलीय दर्पण में फोकस अन्तर (f), बिम्ब की दर्पण से दूरी (u) एवं __ प्रतिबिम्ब की दर्पण से दूरी (v) में सम्बन्ध लिखिए।
  2. लेंस: सूत्र लिखिए अथवा लेंस की फोकस दूरी (f), बिम्ब की लेंस से दूरी (u) एवं प्रतिबिम्ब की लेंस से दूरी (v) में सम्बन्ध लिखिए।
  3. लेंस की क्षमता के लिए सूत्र लिखिए तथा उसका मात्रक भी लिखिए।
  4. किसी गोलीय दर्पण की वक्रता त्रिज्या R एवं उसकी फोकस दूरी (f) में क्या सम्बन्ध है?
  5. दो माध्यमों के बीच अपवर्तनांक एवं उनमें प्रकाश की चालों में क्या सम्बन्ध है?

उत्तर:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 31

MP Board Class 10th Science Chapter 10 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
गोलीय दर्पण किसे कहते हैं? ये कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर:
गोलीय दर्पण:
“ऐसे दर्पण जिनका परावर्तक पृष्ठ गोलीय होता है, गोलीय दर्पण कहलाते हैं।” गोलीय दर्पण के प्रकार-ये दो प्रकार के होते हैं –

  1. अवतल दर्पण।
  2. उत्तल दर्पण।

प्रश्न 2.
आवर्धन किसे कहते हैं?
उत्तर:
आवर्धन:
किसी प्रकाशिक युक्ति द्वारा उत्पन्न आवर्धन वह आपेक्षिक विस्तार है जिसमें ज्ञात होता है कि उस युक्ति द्वारा बना प्रतिबिम्ब, बिम्ब की अपेक्षा कितना गुणा आवर्धित है।
अर्थात्
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 32

प्रश्न 3.
अपवर्तनांक से क्या समझते हैं?
अथवा
अपवर्तनांक और माध्यमों में प्रकाश की चाल में क्या सम्बन्ध है?
उत्तर:
अपवर्तनांक:
एक माध्यम के सापेक्ष दूसरे माध्यम का अपवर्तनांक पहले माध्यम में प्रकाश की चाल एवं दूसरे माध्यम के प्रकाश की चाल के अनुपात के बराबर होता है। इस अनुपात को अपवर्तनांक अथवा सापेक्ष अपवर्तनांक कहते हैं।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 33

प्रश्न 4.
निरपेक्ष अपवर्तनांक से क्या समझते हो?
उत्तर:
निरपेक्ष अपवर्तनांक:
जब किसी माध्यम का अपवर्तनांक निर्वात (वायु) की सापेक्ष ज्ञात किया जाता है तब इसे निरपेक्ष अपवर्तनांक कहते हैं। इसे n से प्रदर्शित करते हैं। अर्थात् –
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 34

प्रश्न 5.
लेंस की क्षमता से क्या समझते हो? इसका मात्रक क्या है?
उत्तर:
लेंस की क्षमता:
“किसी लेंस द्वारा प्रकाश किरणों का अभिसरण या अपसरण करने की मात्रा को उस लेंस की क्षमता के रूप में व्यक्त किया जाता है।” संख्यात्मक रूप से “लेंस की मीटर में व्यक्त फोकस दूरी का व्युत्क्रम उस लेंस की क्षमता कहलाती है।”
अर्थात्
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 35
लेंस की क्षमता का मात्रक: इसका मात्रक डायप्टर (D) होता है।

प्रश्न 6.
एक पेंसिल पानी से भरे एक काँच के पात्र में तिरछी डुबोई जाती है तो यह वायु एवं जल के अन्तरापृष्ठ पर मुड़ी हुई दिखाई पड़ती है। क्या यह पेंसिल उतनी ही मुड़ी हुई प्रतीत होगी जबकि इसे जल के स्थान पर अन्य द्रव जैसे कैरोसीन या तारपीन के तेल में डुबाई जाती है। अपने उत्तर का कारण बताइए।
उत्तर:
नहीं, उतनी मुड़ी नहीं दिखाई देगी क्योंकि किसी भी माध्यम में प्रकाश की सापेक्ष चाल उनके सापेक्ष अपवर्तनांकों पर निर्भर करती है।

प्रश्न 7.
एक माध्यम का अपवर्तनांक किस प्रकार प्रकाश की चाल पर निर्भर करता है। किसी माध्यम का दूसरे माध्यम के सापेक्ष अपवर्तनांक का व्यंजक उन दोनों माध्यमों में प्रकाश की चाल के पदों में ज्ञात कीजिए।
हल:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 36

प्रश्न 8.
एक 20 cm फोकस दूरी वाला उत्तल लेंस में आवर्धित आभासी प्रतिबिम्ब एवं वास्तविक प्रतिबिम्ब दोनों प्रकार से बना सकता है। क्या यह कथन सत्य है? यदि हाँ, तो बिम्ब को प्रत्येक अवस्था में कहाँ रखना चाहिए जिससे ये प्रतिबिम्ब प्राप्त हो सके?
उत्तर:
कथन सत्य है क्योंकि उत्तल लेंस आभासी एवं वास्तविक दोनों प्रकार के आवर्धित प्रतिबिम्ब बना सकता है। पहली स्थिति में बिम्ब को दर्पण से 20 cm से कम दूरी पर रखना चाहिए और दूसरी स्थिति में बिम्ब के दर्पण से 20 cm से 40 cm के बीच दूरी पर रखना चाहिए।

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प्रश्न 9.
सुधा देखती है कि उसकी विज्ञान-प्रयोगशाला की खिड़की के कपाट का स्पष्ट प्रतिबिम्ब एक लेंस से 15 cm की दूरी पर बनता है। अब वह लेंस की स्थिति को छेड़े बिना खिड़की से बाहर दिखाई देनी वाली इमारत को फोकस करना चाहती है। उसको किस दिशा में परदे (स्क्रीन) को खिसकाना चाहिए जिससे उसे उस इमारत का स्पष्ट प्रतिबिम्ब उस परदे पर बन सके। उस लेंस की लगभग फोकस दूरी क्या है?
उत्तर:
इमारत का स्वच्छ एवं स्पष्ट प्रतिबिम्ब परदे (स्क्रीन) पर प्राप्त करने के लिए सुधा को स्क्रीन को लेंस की तरफ खिसकाना चाहिए। लेंस की लगभग फोकस दूरी 15 cm है।

प्रश्न 10.
एक लेंस की क्षमता एवं फोकस दूरी किस प्रकार सम्बन्धित है? आपको दो लेंस 20 cm एवं 40 cm फोकस दूरी के उपलब्ध कराये जाते हैं। अधिक अभिसारी प्रकाश प्राप्त करने के लिए आप कौन-सा लेंस प्रयोग में लाएँगे?
उत्तर:
किसी लेंस की क्षमता (P) उस लेंस की मीटर में मापी गयी फोकस दूरी का व्युत्क्रम होता है अर्थात् –
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अर्थात् किसी लेंस की क्षमता उसकी फोकस दूरी का व्युत्क्रमानुपाती होती है। इसलिए 20 cm फोकस दूरी वाला लेंस अधिक अभिसारी प्रकाश उपलब्ध करायेगा।

प्रश्न 11.
किसी उत्तल लेंस के मुख्य अक्ष पर लेंस के प्रकाशिक केन्द्र से 12 cm की दूरी पर कोई 4 cm लम्बा बिम्ब स्थित है। लेंस से 24 cm दूरी पर लेंस के दूसरी ओर इस बिम्ब का तीक्ष्ण प्रतिबिम्ब एक पर्दे पर बन रहा है। अब यदि इस बिम्ब को लेंस से कुछ दूर ले जाएँ, तो बिम्ब का तीक्ष्ण प्रतिबिम्ब पर्दे पर फिर प्राप्त करने के लिए पर्दे को किस दिशा में (लेंस की ओर अथवा लेंस से दूर) ले जाना होगा? प्रतिबिम्ब के आवर्धन पर इसका क्या प्रभाव होगा?
उत्तर:
परदे को थोड़ा लेंस की ओर ले जाना होगा। उपर्युक्त प्रक्रिया में लेंस से बिम्ब की दूरी u का मान बढ़ रहा है तथा प्रतिबिम्ब की लेंस से दूरी v का मान घट रहा है। इसलिए आवर्धन का मान कम हो जायेगा।

प्रश्न 12.
काँच और जल के निरपेक्ष अपवर्तनांक क्रमश: \(\frac { 3 }{ 2 } \) एवं \(\frac { 4 }{ 3 } \) हैं। यदि काँच में प्रकाश की चाल 2 × 108 m/s है तो (i) निर्वात, (ii) जल में प्रकाश की चाल परिकलित कीजिए।
हल:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 38

प्रश्न 13.
सौर भट्टियों की अभिकल्पना में उपयोग होने वाले दर्पण का नाम लिखिए। इस युक्ति द्वारा उच्च ताप किस प्रकार प्राप्त किया जाता है? इसकी व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
सौर भट्टियों की अभिकल्पना में प्रयुक्त होने वाला दर्पण दीर्घ द्वारक का अवतल दर्पण होगा। अवतल दर्पण समानान्तर सौर प्रकाश पुंज का अभिसरण करके एक बिन्दु पर केन्द्रित करेगा जिससे उस स्थान का ताप अत्यधिक बढ़ जायेगा। इस प्रकार हम उसके उपयोग से उच्च ताप प्राप्त कर सकेंगे।

प्रश्न 14.
कोई बिम्ब 15 cm फोकस दूरी की अवतल लेंस से 30 cm की दूरी पर स्थित है। लेंस द्वारा बने प्रतिबिम्ब के चार अभिलक्षणों (प्रकृति, स्थिति आदि) की सूची बनाइए।
उत्तर:
प्रतिबिम्ब:

  1. लेंस के उसी ओर फोकस एवं प्रकाशिक केन्द्र के बीच बनेगा।
  2. प्रतिबिम्ब सीधा होगा।
  3. प्रतिबिम्ब छोटा होगा।
  4. प्रतिबिम्ब आभासी होगा।

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प्रश्न 15.
आयताकार काँच के गुटके से प्रकाश के अपवर्तन का आरेख खींचिए। (2019)
हल:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 40

प्रश्न 16.
गोलीय दर्पण के वक्रता केन्द्र की परिभाषा लिखिए। (2019)
उत्तर:
गोलीय दर्पण का वक्रता केन्द्र:
“गोलीय दर्पण जिस गोले के भाग होते हैं, उस गोले का केन्द्र उस गोलीय दर्पण का वक्रता केन्द्र कहलाता है।”

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प्रश्न 1.
‘परावर्तन के नियम’ लिखिए। (2019)
अथवा
प्रकाश के परावर्तन के नियम को किरण – आरेख (रेखाचित्र) द्वारा समझाइए।
उत्तर:
परावर्तन के निम्नलिखित दो नियम हैं –

1. आपतित किरण, अभिलम्ब एवं परावर्तित किरण एक ही तल में होते हैं।

MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 39

2. आपतन कोण तथा परावर्तन कोण परस्पर बराबर होते हैं।

प्रश्न 2.
अपवर्तन के नियम लिखिए। अपवर्तन को दर्शाने वाला एक किरण आरेख खींचिए जिसमें एक प्रकाश किरण एक आयताकार काँच के गुटके से होकर निर्गत होती है।
उत्तर:
प्रकाश के अपवर्तन के नियम:

  1. आपतित किरण, अपवर्तित किरण तथा दोनों माध्यमों को पृथक् करने वाले पृष्ठ के आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब सभी एक ही तल में होते हैं।
    प्रकाश के किसी निश्चित रंग तथा निश्चित माध्यमों के युग्म के लिए आपतन कोण की ज्या (sine) तथा अपवर्तन कोण की ज्या (sine) का अनुपात स्थिर रहता है।
  2. इस नियम को स्नैल का अपवर्तन नियम कहते हैं।
    अर्थात्

MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 40

प्रश्न 3.
लेंस की क्षमता को परिभाषित कीजिए तथा इसका मात्रक भी लिखिए। एक छात्र 50 cm फोकस दूरी का लेंस प्रयुक्त करता है तथा दूसरा छात्र – 50 cm फोकस दूरी का लेंस। इन लेंसों की प्रकृति क्या है तथा इनकी लेंस क्षमता क्या-क्या है?
उत्तर:
लेंस की क्षमता की परिभाषा एवं मात्रक:
“किसी लेंस द्वारा प्रकाश किरणों का अभिसरण या अपसरण करने की मात्रा को उस लेंस की क्षमता के रूप में व्यक्त किया जाता है।” संख्यात्मक रूप से “लेंस की मीटर में व्यक्त फोकस दूरी का व्युत्क्रम उस लेंस की क्षमता कहलाती है।”
अर्थात्
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 35
लेंस की क्षमता का मात्रक: इसका मात्रक डायप्टर (D) होता है।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 41

प्रश्न 4.
एक उत्तल दर्पण द्वारा प्रतिबिम्ब बनने को दर्शाने के लिए किरण आरेख खींचिए जबकि बिम्ब स्थित है –

  1. अनन्त पर।
  2. दर्पण से किसी दूरी पर।

उत्तर:
1. उत्तल दर्पण द्वारा प्रतिबिम्ब बनना जब बिम्ब अनन्त पर स्थित है।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 42

2. उत्तल दर्पण द्वारा प्रतिबिम्ब बनना जब बिम्ब दर्पण से किसी दूरी पर स्थित है।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 43

प्रश्न 5.
निम्न प्रत्येक स्थिति में प्रकाश युक्ति गोलीय दर्पण अथवा लेंस का प्रयोग किया गया है तथा प्रत्येक स्थिति में सीधा और आभासी प्रतिबिम्ब बनता है तो प्रत्येक स्थिति में प्रयुक्त युक्ति की पहचान कीजिए –

  1. बिम्ब को युक्ति एवं इसके फोकस के बीच रखा गया है, बना हुआ प्रतिबिम्ब इस युक्ति के पीछे तथा आवर्धित है।
  2. बिम्ब को युक्ति एवं इसके फोकस के बीच रखा गया है, प्रतिबिम्ब आवर्धित एवं युक्ति के उसी तरफ बना है।
  3. बिम्ब को अनन्त एवं युक्ति के बीच रखा गया है, प्रतिबिम्ब फोकस एवं प्रकाशिक केन्द्र के बीच एवं छोटा बिम्ब की तरफ ही बनता है।
  4. बिम्ब को अनन्त एवं युक्ति के बीच रखा गया है, प्रतिबिम्ब ध्रुव एवं फोकस के बीच छोटा तथा युक्ति के पीछे बनता है।

उत्तर:

  1. अवतल दर्पण।
  2. उत्तल लेंस।
  3. अवतल लेंस।
  4. उत्तल दर्पण।

प्रश्न 6.
काँच की सापेक्ष हीरे का अपवर्तनांक 1.6 है। काँच का निरपेक्ष अपवर्तनांक 1.5 है तो हीरे का निरपेक्ष अपवर्तनांक ज्ञात कीजिए।
हल:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 44
अतः हीरे का अभीष्ट निरपेक्ष अपवर्तनांक = 2.40
वैकल्पिक विधिदिया है:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 45
अतः हीरे का अभीष्ट अपवर्तनांक = 2.40

प्रश्न 7.
एक किरण आरेख खींचकर एक प्रकाश किरण का किरण-पथ प्रदर्शित कीजिए जबकि प्रकाश किरण तिरछी आपतित होती हुई प्रवेश करती है –
(a) हवा से जल में।
(b) जल से हवा में।
उत्तर:
किरण के अपवर्तन का किरण आरेख –
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 46

प्रश्न 8.
जब एक प्रकाश किरण किसी माध्यम में डूबे काँच की आयताकार गुटके पर आपतित होती है तो निर्गत किरण आपतित किरण के समान्तर क्यों होती है? किरण आरेख खींचकर व्याख्या कीजिए।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 47
उत्तर:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 48

प्रश्न 9.
दो समतल दर्पणों के संयोजन की किस स्थिति में आपतित किरण परावर्तित किरण के समान्तर रहेगी चाहे आयतन कोण कुछ भी हो? एक आरेख के द्वारा इसे प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर:
जब दो समतल दर्पणों को परस्पर समकोण पर रखे जाएँ तो कोई भी प्रकाश किरण किसी भी कोण पर एक दर्पण पर आपतित होती है तो दोनों दर्पणों से परावर्तन के पश्चात् आपतित किरण के सदैव समान्तर परावर्तित हो जाती है।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 49

प्रश्न 10.
यदि कोई दर्पण उसके सामने कहीं भी स्थित बिम्ब का सदैव ही सीधा और साइज में छोटा प्रतिबिम्ब बनाता है, तो वह दर्पण किस प्रकार का है? अपने उत्तर की पुष्टि के लिए एक किरण आरेख खींचिए। इस प्रकार के दर्पण प्रायः कहाँ और क्या उपयोग किए जाते हैं?
उत्तर:
वह दर्पण उत्तल दर्पण है।
उत्तल दर्पण के उपयोग:

  1. वाहनों के पश्च दृश्य दर्पण के रूप में पीछे के वाहनों को देखने के लिए। इससे प्रतिबिम्ब सदैव सीधा तथा छोटा बनता है इससे दृष्टि-क्षेत्र बढ़ जाता है।
  2. नगर की सड़कों के खम्भों पर लगे विद्युत् बल्बों के परावर्तन के रूप में जिससे प्रकाश किरणें अधिक से अधिक क्षेत्रफल तक फैल सकें।

MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 50

प्रश्न 11.
किसी दर्पण द्वारा बना प्रतिबिम्ब वास्तविक, उल्टा और – 1 आवर्धन का है। यदि प्रतिबिम्ब की दर्पण से दूरी 40 cm है, तो बिम्ब कहाँ स्थित है? यदि बिम्ब को दर्पण की ओर 20 cm स्थानान्तरित कर दिया जाय तो प्रतिबिम्ब कहाँ बनेगा? अपने उत्तर की पुष्टि के लिए कारण दीजिए तथा बिम्ब की नयी स्थिति के लिए किरण आरेख खींचिए।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 51
उत्तर:
प्रतिबिम्ब के स्थान पर अर्थात् दर्पण से 40 cm की दूरी पर दर्पण के वक्रता केन्द्र पर स्थित है क्योंकि आवर्धन – 1 है अतः प्रतिबिम्ब उल्टा तथा बिम्ब के बराबर है। यह स्थिति अवतल दर्पण के वक्रता केन्द्र पर होती है।
चूँकि दर्पण की फोकस दूरी वक्रता त्रिज्या की आधी होती है। इसलिए बिम्ब को दर्पण की ओर 20 cm खिसकाने पर उसकी स्थिति फोकस पर होगी जिसका प्रतिबिम्ब अनन्त पर बनेगा।

प्रश्न 12.
2.5 cm ऊँचाई का कोई बिम्ब 10 cm फोकस दूरी के किसी उत्तल लेंस के प्रकाशिक केन्द्र ‘O’ से 15 cm की दूरी पर स्थित है। बनने वाले प्रतिबिम्ब की स्थिति और साइज ज्ञात करने के लिए किरण आरेख खींचिए। इस आरेख में प्रकाशिक केन्द्र ‘O’ मुख्य फोकस F तथा प्रतिबिम्ब की ऊँचाई अंकित कीजिए।
उत्तर:
अभीष्ट आरेख निम्न है –
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 52
यहाँ प्रतिबिम्ब लेंस के दूसरी ओर लेंस से 30 cm दूरी पर बनेगा तथा उसकी ऊँचाई 5.0 cm होगी। (आरेखानुसार मापने पर)

प्रश्न 13.
यदि कोई लेंस उसके सामने स्थित किसी बिम्ब की किसी भी स्थिति के लिए सदैव ही सीधा और छोटा प्रतिबिम्ब बनाता है, तो उस लेंस की प्रकृति क्या है? अपने उत्तर की पुष्टि किरण आरेख खींचकर कीजिए। यदि इस लेंस की क्षमता का संख्यात्मक मान 10 D है, तो कार्तीय प्रणाली के अनुसार इसकी फोकस दूरी क्या है?
उत्तर:
अवतल लेंस में ही सदैव प्रत्येक स्थिति में प्रतिबिम्ब बिम्ब से छोटा तथा सीधा बनता है अतः दिया हुआ लेंस अवतल लेंस है जिसकी प्रकृति अपसारी है। लेंस की फोकस दूरी एवं लेंस क्षमता ऋणात्मक होगी।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 53
अतः लेंस की अभीष्ट फोकस दूरी = – 10 cm है।

प्रश्न 14.
कोई छात्र 10 cm फोकस दूरी के उत्तल लेंस का उपयोग करके लेंस से लगभग 2 m दूरी पर रखी मोमबत्ती की ज्वाला को परदे पर फोकसित करता है। इसके पश्चात् वह ज्वाला को धीरे-धीरे लेंस की ओर खिसकाता है और हर बार उसके प्रतिबिम्ब को परदे पर फोकसित करता है।

  1. परदे पर ज्वाला को फोकसित करने के लिए उसे लेंस को किस दिशा में खिसकाना होता है?
  2. परदे पर बनी ज्वाला के प्रतिबिम्ब के साइज में क्या अन्तर होता है?
  3. परदे पर बनी ज्वाला की तीव्रता (चमक) में क्या अन्तर दिखाई देता है?
  4. जब ज्वाला लेंस के बहुत पास (लगभग 5 cm) दूरी पर होती है, तो परदे पर क्या दिखाई देता है?

उत्तर:

  1. लेंस को परदे से दूर मोमबत्ती की ज्वाला की ओर खिसकाना होगा।
  2. प्रतिबिम्ब का साइज बढ़ता जायेगा।
  3. ज्वाला की तीव्रता (चमक) कम होती जायेगी।
  4. परदे पर कुछ भी दिखाई नहीं देगा क्योंकि ज्वाला का प्रतिबिम्ब नहीं बनेगा।

प्रश्न 15.
अवतल दर्पण के उपयोग लिखिए। (2019)
उत्तर:
अवतल दर्पण के उपयोग:

  1. परवलयाकार अवतल दर्पण को टॉर्च, सर्चलाइट तथा वाहनों के अग्रदीपों में शक्तिशाली समान्तर किरण पुंज प्राप्त करने के लिए प्रयुक्त किए जाते हैं।
  2. नाक, कान, गला, दाँत एवं आँख का परीक्षण करने के लिए चिकित्सकों द्वारा प्रयुक्त किये जाते हैं।
  3. सोलर भट्टियाँ एवं सोलर कुकर में प्रकाश किरणों को केन्द्रित करने हेतु प्रयुक्त।
  4. शेव बनाने के लिए इनका प्रयोग होता है जिससे दाढ़ी का प्रतिबिम्ब बड़ा बन सके।

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प्रश्न 16.
एक लेंस द्वारा मोमबत्ती की ज्वाला का प्रतिबिम्ब एक पर्दे पर लिया गया जो लेंस की दूसरी ओर स्थित है। यदि प्रतिबिम्ब ज्वाला का तीन गुना बड़ा हो एवं लेंस तथा प्रतिबिम्ब के बीच दूरी 80 cm हो तो मोमबत्ती को लेंस से कितनी दूरी पर रखना चाहिए? 80 cm की दूरी पर बने प्रतिबिम्ब की एवं लेंस की प्रकृति क्या है?
उत्तर:
चूँकि प्रतिबिम्ब को पर्दे पर लिया गया है तथा प्रतिबिम्ब लेंस के दूसरी ओर बना है इसलिए प्रतिबिम्ब वास्तविक है तथा लेंस अभिसारी उत्तल लेंस है। प्रतिबिम्ब उल्टा बनेगा।

संख्यात्मक प्रश्न का हल:
दिया है: प्रतिबिम्ब की लम्बाई (h’) = 3 × बिम्ब की लम्बाई (h) एवं लेंस से प्रतिबिम्ब की दूरी v = 80 cm
चूँकि
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अतः मोमबत्ती को लेंस से लगभग 26.7 cm दूर रखना चाहिए।

MP Board Class 10th Science Chapter 10 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अवतल दर्पण में प्रतिबिम्ब का बनना दर्शाने हेतु किरण आरेख खींचिए तथा प्रत्येक स्थिति में प्रतिबिम्ब की स्थिति एवं प्रकृति आदि के बारे में लिखिए जबकि बिम्ब स्थित है –
(a) अनन्त पर।
(b) वक्रता केन्द्र से परे।
(c) वक्रता केन्द्र पर।
उत्तर:
अवतल दर्पण में प्रतिबिम्ब का बनना –
(a) जब वस्तु (बिम्ब) अनन्त पर स्थित है तो प्रतिबिम्ब बनेगा

  1. फोकस पर
  2. बिन्दु के आकार का।
  3. उल्टा।
  4. वास्तविक।

MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 55

(b) जब वस्तु वक्रता केन्द्र से परे हो (अनन्त और केन्द्र के बीच) तो प्रतिबिम्ब बनेगा –

  1. वक्रता केन्द्र (C) और फोकस (F ) के बीच।
  2. छोटा।
  3. उल्टा।
  4. वास्तविक।

MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 56

(c) जब वस्तु वक्रता केन्द्र (C) पर हो तो प्रतिबिम्ब बनेगा –

  1. वक्रता केन्द्र (C) पर।
  2. वस्तु के बराबर।
  3. उल्टा।
  4. वास्तविक।

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प्रश्न 2.
अवतल दर्पण में प्रतिबिम्ब का बनना दर्शाने के लिए किरण आरेख खींचिए तथा प्रतिबिम्ब की स्थिति एवं प्रकृति आदि के बारे में प्रत्येक स्थिति में लिखिए। जबकि बिम्ब (वस्तु) स्थित है।
(a) वक्रता केन्द्र (C) एवं फोकस (F) के बीच।
(b) फोकस (F) पर।
(c) फोकस (F ) एवं ध्रुव (P) के बीच।
उत्तर:
अवतल दर्पण में प्रतिबिम्ब बनना
(a) जब बिम्ब (वस्तु) वक्रता केन्द्र (C) एवंफोकस (F) के बीच स्थित हो तो प्रतिबिम्ब बनेगा –

  1. वक्रता केन्द्र से परे अर्थात् (वक्रता केन्द्र एवं अनन्त के बीच)।
  2. वस्तु से बड़ा (आवर्धित)।
  3. उल्टा।
  4. वास्तविक।

MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 58

(b) जब बिम्ब फोकस (F) पर हो तो प्रतिबिम्ब बनेगा –

  1. अनन्त पर।
  2. बहुत बड़ा (अति आवर्धित)।
  3. उल्टा।
  4. वास्तविक।

MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 59

(c) जब बिम्ब फोकस (F) एवं ध्रुव (P) के बीच स्थित हो तो प्रतिबिम्ब बनेगा –
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  1. दर्पण के पीछे।
  2. आवर्धित।
  3. सीधा।
  4. आभासी।

प्रश्न 3.
उत्तल लेंस द्वारा प्रतिबिम्ब बनना प्रदर्शित करने के लिए किरण आरेख खींचिए तथा प्रतिबिम्ब की स्थिति एवं प्रकृति आदि का उल्लेख कीजिए जबकि बिम्ब स्थित है –
(a) अनन्त पर।
(b) 2 F से परे अर्थात् 2 F एवं अनन्त (∞) के बीच।
(c) 2 F पर।
उत्तर:
उत्तल लेंस में प्रतिबिम्ब का बनना –
(a) जब बिम्ब अनन्त पर हो तो प्रतिबिम्ब बनेगा –

  1. लेंस दूसरी ओर फोकस (F) पर।
  2. बहुत छोटा बिन्दु आकार का।
  3. उल्टा।
  4. वास्तविक।

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(b) जब बिम्ब वस्तु अनन्त (∞) और 2 F के बीच हो तो प्रतिबिम्ब बनेगा –

  1. F एवं 2 F के बीच।
  2. छोटा।
  3. उल्टा।
  4. वास्तविक।

MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 62

(c) जब बिम्ब 2 F पर हो तो प्रतिबिम्ब बनेगा –

  1. 2 F पर।
  2. बराबर।
  3. उल्टा।
  4. वास्तविक।

MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 63

प्रश्न 4.
उत्तल लेंस में प्रतिबिम्ब बनना दर्शाने के लिए किरण आरेख खींचिए तथा प्रतिबिम्ब की स्थिति एवं प्रकृति आदि का उल्लेख कीजिए। जबकि बिम्ब स्थित है –
(a) F एवं 2 F के बीच।
(b) F पर।
(c) F और प्रकाशिक केन्द्र O के बीच।
उत्तर:
उत्तल लेंस में प्रतिबिम्ब का बनना –
(a) जब बिम्ब F एवं 2 F के बीच स्थित हो तो प्रतिबिम्ब बनेगा –

  1. 2 F से परे।
  2. आवर्धित।
  3. उल्टा।
  4. वास्तविक।

MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 64

(b) जब बिम्ब फोकस (F) पर स्थित हो तो प्रतिबिम्ब बनेगा –

  1. अनन्त पर।
  2. अति आवर्धित।
  3. उल्टा।
  4. वास्तविक।

MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 65

(c) जब बिम्ब फोकस (F) एवं प्रकाशिक केन्द्र (O) के बीच हो तो प्रतिबिम्ब बनेगा –

  1. लेंस के उसी ओर।
  2. आवर्धित।
  3. सीधा।
  4. आभासी।

MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 66

प्रश्न 5.
अवतल लेंस में प्रतिबिम्ब बनना दर्शाने के लिए किरण आरेख खींचिए तथा प्रतिबिम्ब की स्थिति एवं प्रकृति आदि का उल्लेख कीजिए जबकि बिम्ब स्थित हो –
(a) अनन्त पर।
(b) F एवं अनन्त के बीच।
(c) F पर।
उत्तर:
(a) जब बिम्ब अनन्त पर हो तो प्रतिबिम्ब बनेगा।

  1. लेंस के उसी ओर F पर।
  2. बिन्दु आकार।
  3. सीधा।
  4. आभासी।

MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 67

(b) जब बिम्ब अनन्त एवं F के बीच स्थित हो तो प्रतिबिम्ब बनेगा।

  1. फोकस (F) एवं प्रकाशिक केन्द्र (O) के बीच।
  2. छोटा।
  3. सीधा।
  4. आभासी।

MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 68

(c) जब बिम्ब फोकस (F) पर हो तो प्रतिबिम्ब बनेगा –

  1. फोकस (F) एवं प्रकाशिक केन्द्र (O) के बीच।
  2. छोटा।
  3. सीधा।
  4. आभासी।

MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 69

प्रश्न 6.
एक छात्र ने एक उत्तल लेंस का प्रयोग करके एक मोमबत्ती की ज्वाला को एक सफेद परदे पर फोकस किया। उसने मोमबत्ती, लेंस एवं पर्दे की स्थितियाँ अग्र प्रकार प्रेक्षित कर अंकित की –
मोमबत्ती की स्थिति = 12.0 cm पर।
उत्तल लेंस की स्थिति = 50.0 cm पर।
परदे की स्थिति = 88.0 cm पर।
(i) उस उत्तल लेंस की फोकस दूरी क्या है?
(ii) यदि वह छात्र मोमबत्ती को लेंस की ओर 31.0 cm की स्थिति तक खिसका देता है तो प्रतिबिम्ब कहाँ बनेगा?
(iii) यदि मोमबत्ती को पुनः लेंस की ओर खिसका दें तो बनने वाले प्रतिबिम्ब की प्रकृति क्या होगी?
(iv) उपर्युक्त स्थिति (iii) के लिए प्रतिबिम्ब बनने को दर्शाने के लिए किरण आरेख खींचिए।
हल:
(ii) चूँकि अब मोमबत्ती की नयी स्थिति = 31.0 cm पर है
⇒ मोमबत्ती की लेंस से दूरी (u) = 31 – 50 = – 19 cm
– चूँकि मोमबत्ती लेंस के फोकस पर स्थित है अत: मोमबत्ती का प्रतिबिम्ब अनन्त पर बनेगा।

(iii) यदि हम मोमबत्ती को लेंस की ओर और अधिक खिसकाएँगे तो इसकी स्थिति फोकस और प्रकाशिक केन्द्र के बीच हो जाएगी।
अतः प्रतिबिम्ब लेंस के उसी ओर सीधा एवं आभासी होगा तथा परदे पर नहीं बनेगा।

(iv) किरण आरेख – जब मोमबत्ती लेंस के फोकस (F) एवं प्रकाशिक केन्द्र (O) के बीच है।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 70

प्रश्न 7.
20 cm फोकस दूरी वाले एक दर्पण द्वारा किसी बिम्ब का प्रतिबिम्ब बिम्ब की ऊँचाई का \(\frac { 1 }{ 3 } \) भाग के बराबर का बनता है। बिम्ब को दर्पण से कितनी दूरी पर रखना चाहिए। प्रतिबिम्ब एवं दर्पण की प्रकृति क्या होगी?
हल:
इस प्रश्न में दो स्थितियाँ हो सकती हैं।
(i) जब दर्पण अवतल हो तो उसकी फोकस दूरी ऋणात्मक होगी, अर्थात् f = – 20 cm,
u एवं v दोनों ऋणात्मक होंगे।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 71
अतः बिम्ब को अवतल दर्पण से 80 cm की दूरी पर उसके सम्मुख रखना चाहिए। दर्पण अवतल तथा प्रतिबिम्ब उल्टा तथा वास्तविक होगा तथा दर्पण के सम्मुख बनेगा। – उत्तर

(ii) जब दर्पण उत्तल होगा तो दर्पण की फोकस दूरी धनात्मक अर्थात् f = + 20 cm होगी तथा प्रतिबिम्ब सीधा, आभासी तथा दर्पण के पीछे बनेगा। यहाँ u ऋणात्मक तथा v धनात्मक होगा।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 72
अतः बिम्ब को उत्तल दर्पण के सम्मुख 40 cm की दूरी पर रखना होगा। दर्पण उत्तल तथा प्रतिबिम्ब सीधा एवं आभासी होगा तथा दर्पण के पीछे बनेगा।

प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रेक्षण तालिका का विश्लेषण कीजिए, जिसमें उत्तल लेंस की स्थिति में बिम्ब दूरी (u) के साथ प्रतिबिम्ब दूरी (v) का विचरण दर्शाया गया है, और बिना कोई परिकलन किए ही निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 73
(a) उत्तल लेंस की फोकस दूरी क्या है? अपने उत्तर की पुष्टि के लिए कारण दीजिए।
(b) उस प्रेक्षण की क्रम संख्या लिखिए, जो सही नहीं है। यह निष्कर्ष आपने किस आधार पर निकाला है?
(c) किसी उचित पैमाने को चुनकर क्रम संख्या 2 के प्रेक्षण के लिए किरण आरेख खींचिए। आवर्धन का लगभग मान भी ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
(a) चूँकि प्रेक्षण क्रम संख्या 3 में हैं एवं v के संख्यात्मक मान बराबर हैं जोकि 40 cm है। यह उत्तल लेंस में तभी सम्भव होता है जब वस्तु 2 F पर होती है तो प्रतिबिम्ब 2 F पर बनता है।
इसलिए
2 F = 40 cm ⇒ f = \(\frac { 40 }{ 2 } \) = 20 cm
अतः उत्तल लेंस की अभीष्ट फोकस दूरी = 20 cm है।

(b) क्रम संख्या 6 वाला प्रेक्षण सही नहीं है क्योंकि इसमें बिम्ब की स्थिति फोकस (F) एवं प्रकाशिक केन्द्र (O) के बीच स्थित है जिससे उसका प्रतिबिम्ब आभासी बनेगा जिसका प्रेक्षण सम्भव नहीं है।

(c) स्थिति (b) में बनने वाले प्रतिबिम्ब के लिए किरण आरेख –
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प्रश्न 9.
(a) यदि किसी दर्पण द्वारा उसके सामने स्थित बिम्ब की किसी भी स्थिति के लिए सदैव ही छोटा, सीधा एवं आभासी प्रतिबिम्ब बनता है, तो इस दर्पण की प्रकृति लिखिए और अपने उत्तर की पुष्टि के लिए एक किरण आरेख भी खींचिए। इस प्रकार के दर्पणों का एक उपयोग लिखिए तथा उनका उपयोग क्यों किया जाता है? उसका उल्लेख कीजिए।
(b) गोलीय दर्पण की वक्रता त्रिज्या की परिभाषा लिखिए। किसी गोलीय दर्पण की प्रकृति और फोकस दूरी ज्ञात कीजिए, जिसकी वक्रता त्रिज्या + 24 cm है।
उत्तर:
(a) जब दो समतल दर्पणों को परस्पर समकोण पर रखे जाएँ तो कोई भी प्रकाश किरण किसी भी कोण पर एक दर्पण पर आपतित होती है तो दोनों दर्पणों से परावर्तन के पश्चात् आपतित किरण के सदैव समान्तर परावर्तित हो जाती है।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 49

(b) गोलीय दर्पण की वक्रता त्रिज्या:
“गोलीय दर्पण जिस गोले के भाग होते हैं उसकी त्रिज्या गोलीय दर्पण की वक्रता त्रिज्या कहलाती है।” दूसरे शब्दों में “गोलीय दर्पण के वक्रता केन्द्र से उसके प्रकाशिक केन्द्र की सीधी दूरी उस गोलीय दर्पण की वक्रता त्रिज्या होती है।”
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 75
अतः दर्पण की अभीष्ट फोकस दूरी + 12 cm है तथा दर्पण एक उत्तल दर्पण है।

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प्रश्न 10.
12 cm फोकस दूरी के अवतल दर्पण द्वारा किसी बिम्ब का सीधा प्रतिबिम्ब बनाने के लिए कहा गया है।
(i) दर्पण के सामने बिम्ब की दूरी का क्या परिसर होगा?
(ii) बनने वाला प्रतिबिम्ब साइज में बिम्ब से छोटा होगा या बड़ा होगा। इस प्रकरण में प्रतिबिम्ब दर्शाने के लिए किरण आरेख खींचिए।
(iii) इस बिम्ब का प्रतिबिम्ब कहाँ बनेगा यदि इसे दर्पण के सामने 24 cm की दूरी पर रख दिया जाए। अपने उत्तर की पुष्टि के लिए इस स्थिति के लिए भी किरण आरेख खींचिए।
उपर्युक्त किरण आरेखों में ध्रुव मुख्य फोकस और वक्रता केन्द्र की स्थितियों को भी दर्शाइए।
उत्तर:
(i) दर्पण के सम्मुख इस स्थिति के लिए बिम्ब की दूरी दर्पण में 12 cm से कम होनी चाहिए।
(ii) बनने वाला प्रतिबिम्ब साइज में बिम्ब से बड़ा होगा।
किरण आरेख –
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 76
(iii) जब बिम्ब को दर्पण के सम्मुख 24 cm की दूरी पर रखा जाता है तो यह स्थिति बिम्ब की वक्रता केन्द्र पर है जिसका प्रतिबिम्ब भी वक्रता केन्द्र पर ही अर्थात् दर्पण के सम्मुख दर्पण से 24 cm की दूरी पर बिम्ब के ऊपर ही बनेगा।
किरण आरेख –
जहाँ P = ध्रुव, F = मुख्य फोकस, C = वक्रता केन्द्र
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प्रश्न 11.
(a) गोलीय लेंस के प्रकाशिक केन्द्र की परिभाषा लिखिए।
(b) किसी अपसारी लेंस की फोकस दूरी 20 cm है। 4 cm ऊँचाई के किसी बिम्ब को इस लेंस के प्रकाशिक केन्द्र से कितनी दूरी पर रखा जाना चाहिए कि इसका प्रतिबिम्ब लेंस से 10 cm दूरी पर बने। प्रतिबिम्ब का साइज भी परिकलित कीजिए।
(c) उपर्युक्त स्थिति के लिए प्रतिबिम्ब बनना दर्शाने के किरण आरेख खींचिए।
उत्तर:
(a) गोलीय लेंस का प्रकाशिक केन्द्र:
“लेंस के मुख्य अक्ष पर स्थित वह बिन्दु जिससे होकर जाने वाली प्रकाश किरण अपवर्तन के पश्चात् आपतित किरण की दिशा में निर्गमित होती है, लेंस का प्रकाशिक केन्द्र कहलाता है।” यह लेंस का केन्द्रीय बिन्दु होता है।

(b) अपसारी लेंस अवतल लेंस होता है जिसकी फोकस दूरी प्रतिबिम्ब की दूरी दोनों ऋणात्मक होते हैं।
दिया है: f = – 20 cm, v = – 10 cm तथा बिम्ब की ऊँचाई h = 4 cm
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 78
अतः वस्तु को लेंस के सामने उससे 20 cm की दूरी पर रखी जानी चाहिए तथा प्रतिबिम्ब का अभीष्ट साइज लगभग 2 cm है।

(c) किरण आरेख – (अपसारी लेंस में प्रतिबिम्ब बनना)
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 79

प्रश्न 12.
किसी लेंस की क्षमता से क्या तात्पर्य है? इसके SI मात्रक की परिभाषा लिखिए। आपके पास दो लेंस A और B हैं, जिनकी फोकस दूरियाँ क्रमशः + 10 cm और – 10 cm हैं। इन दोनों लेंसों की प्रकृति लिखिए और क्षमता ज्ञात कीजिए। इन दोनों में से किस लेंस से किसी बिम्ब को लेंस से 8 cm दूरी पर रखने पर उसका आभासी और आवर्धित प्रतिबिम्ब बनेगा ? अपने उत्तर की पुष्टि के लिए एक किरण आरेख खींचिए।
उत्तर:
लेंस की क्षमता:
“किसी लेंस द्वारा प्रकाश किरणों का अभिसरण या अपसरण करने की मात्रा को उस लेंस की क्षमता के रूप में व्यक्त किया जाता है।” संख्यात्मक रूप से “लेंस की मीटर में व्यक्त फोकस दूरी का व्युत्क्रम उस लेंस की क्षमता कहलाती है।”
अर्थात्
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लेंस की क्षमता का मात्रक: इसका मात्रक डायप्टर (D) होता है।

लेंस की क्षमता के मात्रक डायप्टर की परिभाषा:
एक डायप्टर उस लेंस की क्षमता के बराबर होती है जिसकी फोकस दूरी 1 मीटर हो।
अर्थात्
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+ 10 cm फोकस दूरी वाले उत्तल लेंस द्वारा वस्तु को लेंस से 8 cm दूरी पर रखने पर अर्थात् फोकस (F) एवं प्रकाशिक केन्द्र (O) के बीच रखने पर सीधा, आभासी और आवर्धित प्रतिबिम्ब बनेगा।
किरण आरेख –
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 45

प्रश्न 13.
10 cm फोकस दूरी के किसी उत्तल लेंस के आधे भाग को काले कागज से ढक दिया गया है। क्या यह लेंस 30 cm दूरी पर स्थित बिम्ब का पूरा प्रतिबिम्ब बना सकता है? अपने उत्तर की पुष्टि के लिए एक किरण आरेख खींचिए।
कोई 4 cm लम्बा बिम्ब 20 cm फोकस दूरी के किसी उत्तल लेंस के मुख्य अक्ष के लम्बवत् रखा है। बिम्ब की लेंस से दूरी 15 cm है। प्रतिबिम्ब की प्रकृति, स्थिति और साइज ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
हाँ, इस लेंस द्वारा 30 cm दूरी पर स्थित बिम्ब का पूरा प्रतिबिम्ब बन सकता है।
किरण आरेख –
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संख्यात्मक भाग का हल –
दिया है: h = 4 cm, f= 20 cm, u= – 15 cm
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 82
अतः प्रतिबिम्ब लेंस के उसी ओर लेंस से 60 cm की दूरी पर सीधा, 16 cm ऊँचा तथा आभासी बनेगा।

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MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास

MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास

MP Board Class 10th Science Chapter 9 पाठान्तर्गत प्रश्नोत्तर

प्रश्न श्रृंखला-1 # पृष्ठ संख्या 157

प्रश्न 1.
यदि एक ‘लक्षण – A’ अलैंगिक प्रजनन वाली समष्टि के 10 प्रतिशत सदस्यों में पाया जाता है तथा ‘लक्षण – B’ उसी समष्टि में 60 प्रतिशत जीवों में पाया जाता है, तो कौन-सा लक्षण पहले उत्पन्न हुआ होगा?
उत्तर:
लक्षण – B’।

प्रश्न 2.
विभिन्नताओं के उत्पन्न होने से किसी स्पीशीज का अस्तित्व किस प्रकार बढ़ जाता है?
उत्तर:
प्रतिकूल परिस्थितियों में कोई भी स्पीशीज का अस्तित्व समाप्त हो सकता है लेकिन यदि उस स्पीशीज में विभिन्नताएँ होंगी तो कुछ विभिन्नताएँ तो उन परिस्थितियों के अनुकूल होंगी। इससे उस स्पीशीज के अस्तित्व की सम्भावनाएँ बढ़ जायेंगी।

प्रश्न श्रृंखला-2 # पृष्ठ संख्या 161

प्रश्न 1.
मेण्डल के प्रयोगों द्वारा कैसे पता चला कि लक्षण प्रभावी अथवा अप्रभावी होते हैं?
उत्तर:
मेण्डल ने अपने प्रयोगों में दो भिन्न गुणों वाले मटर के पौधों में संकरण कराया। जैसे-लम्बे पौधे और बौने पौधे। प्रेक्षण करने पर पता चला कि प्रथम पीढ़ी में केवल लम्बे पौधे प्राप्त हुए लेकिन दूसरी पीढ़ी में सभी पौधे लम्बे नहीं थे, कुछ पौधे बौने भी थे। यहाँ पौधों का लम्बा होना प्रभावी लक्षण तथा बौना होना अप्रभावी लक्षण है। इस प्रकार मेण्डल के प्रयोगों द्वारा पता चलता है कि लक्षण प्रभावी अथवा अप्रभावी होते हैं।

प्रश्न 2.
मेण्डल के प्रयोग से कैसे पता चला कि विभिन्न लक्षण स्वतन्त्र रूप से वंशानुगत होते हैं?
उत्तर:
मेण्डल के द्विसंकर संकरण के प्रयोग में F2 पीढ़ी के अन्तर्गत चार प्रकार की सन्ताने उत्पन्न होती हैं जिनमें दो जनकों के समान तथा दो जनकों के असमान होती हैं। इससे पता चलता है कि लक्षण स्वतन्त्र रूप से वंशानुगत होते हैं।

प्रश्न 3.
एक ‘A-रुधिर वर्ग’ वाला पुरुष एक स्त्री जिसका रुधिर वर्ग ‘O’ है, से विवाह करता है। उसकी पुत्री का रुधिर वर्ग ‘O’ है। क्या यह सूचना पर्याप्त है। यदि यह कहा जाय कि कौन-सा विकल्प लक्षण-रुधिर वर्ग-‘A’ अथवा ‘O’ प्रभावी लक्षण हैं? अपने उत्तर का स्पष्टीकरण दीजिए।
उत्तर:
यह सूचना पर्याप्त नहीं है जिससे यह ज्ञात किया जा सके कि कौन-सा लक्षण-रक्त-समूह ‘A’ अथवा ‘रक्त समूह ‘O’ प्रभावी है क्योंकि हमें सभी सन्तानों के रक्त समूह ज्ञात नहीं हैं।

प्रश्न 4.
मानव में बच्चे का लिंग निर्धारण कैसे होता है?
उत्तर:
मनुष्य में लिंग निर्धारण प्रक्रिया:
उच्च श्रेणी के जन्तुओं में नर एवं मादा जननांग विकसित होते हैं और इनमें ही नर एवं मादा युग्मकों का निर्माण क्रमशः शुक्रजनन एवं अण्डजनन द्वारा होता है। मनुष्य की एक कोशिका में 23 जोड़े गुणसूत्र पाये जाते हैं। 22 जोड़ी गुणसूत्र तो नर एवं मादा में समान होते हैं लेकिन 23वाँ जोड़ा नर एवं मादा में अलग-अलग होता है जिसे लिंग गुणसूत्र कहते हैं। नर में यह ‘XY’ से तथा मादा में यह ‘XX’ से प्रदर्शित होता है।

शुक्रजनन में दो प्रकार के बराबर:
बराबर X गुणसूत्र वाले एवं Y गुणसूत्र वाले शुक्राणु बनते हैं जबकि अण्डाणु समान गुणसूत्र वाले होते हैं। निषेचन की क्रिया के फलस्वरूप जब X गुणसूत्र वाला शुक्राणु X गुणसूत्र वाले अण्डाणु से संयुग्मित होकर XX गुणसूत्र वाला युग्मनज बनाता है, तो सन्तान पुत्री होगी और जब Y गुणसूत्र वाला शुक्राणु X गुणसूत्र वाले अण्डाणु से संयुग्मित होकर XY गुणसूत्र वाला युग्मनज बनाता है, तो सन्तान पुत्र होगा। इस प्रकार पुरुष का गुणसूत्र ‘XY’ लिंग निर्धारण के लिए उत्तरदायी है।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास 1
निषेचन की क्रिया के फलस्वरूप जब X-गुणसूत्र वाला शुक्राणु X-गुणसूत्र वाले अण्डाणु से संयुग्मित होकर ‘XX’ गुणसूत्र वाला युग्मनज बनाता है, तो बच्चा लड़की (पुत्री) होती है और जब Y-गुणसूत्र वाला शुक्राणु X-गुणसूत्र वाले अण्डाणु में से युग्मित होकर ‘XY’ गुणसूत्र वाला युग्मनज बनाता है तो बच्चा लड़का (पुत्र) होगा।

प्रश्न श्रृंखला-3 # पृष्ठ संख्या 165

प्रश्न 1.
वे कौन से विभिन्न तरीके हैं जिनके द्वारा एक विशेष लक्षण वाले व्यष्टि जीवों की संख्या समष्टि में बढ़ सकती है?
उत्तर:
एक विशेष लक्षण वाले व्यष्टि जीवों की संख्या समष्टि की वृद्धि में सहायक उपाय –

  1. प्राकृतिक वरण एवं सर्वश्रेष्ठ का जीवित रहना।
  2. आनुवंशिक लक्षण जो उस समष्टि में स्थानान्तरित होते हैं तथा उस समष्टि में सामान्य हो जाते हैं।
  3. जब लक्षण एक जीव में जीवन-पर्यन्त अर्जित होते रहते हैं।

प्रश्न 2.
एक एकल जीव द्वारा उपार्जित लक्षण सामान्यत: अगली पीढ़ी में वंशानुगत नहीं होते, क्यों?
उत्तर:
एकल जीव द्वारा उपार्जित लक्षण जनन कोशिकाओं में उपस्थित डी. एन. ए. को प्रभावित नहीं करते, इसलिए वे वंशानुगत नहीं होते।

प्रश्न 3.
बाघों की संख्या में कमी आनुवंशिकता के दृष्टिकोण से चिन्ता का विषय क्यों है?
उत्तर:
आनुवंशिकी के दृष्टिकोण से बाघों की कमी होना उसकी समष्टि के विलुप्त होने का संकेत है, इसलिए चिन्ता का विषय है।

प्रश्न शृंखला-4 # पृष्ठ संख्या 166

प्रश्न 1.
वे कौन से कारक हैं, जो नयी स्पीशीज के उद्भव में सहायक हैं?
उत्तर:
नयी स्पीशीज के उद्भव में सहायक कारक:

  1. आनुवंशिक विचलन (जेनेटिक ड्रिफ्ट)।
  2. प्राकृतिक वरण।
  3. डी. एन. ए. में परिवर्तन।

प्रश्न 2.
क्या भौगोलिक पृथक्करण स्वपरागित स्पीशीज के पौधों के जाति उद्भव का प्रमुख कारण हो सकते हैं? क्यों और क्यों नहीं?
उत्तर:
भौगोलिक पृथक्करण जाति उद्भव का प्रमुख कारण हो सकता है क्योंकि भौगोलिक पृथक्करण परागण को संरक्षित करता है। जबकि पौधों पर-परागित हो लेकिन स्वपरागित पौधों के सन्दर्भ में भौगोलिक पृथक्करण जाति उद्भव का प्रमुख कारण नहीं हो सकता।

प्रश्न 3.
क्या भौगोलिक पृथक्करण अलैंगिक जनन वाले जीवों के जाति उद्भव का प्रमुख कारण हो सकता है? क्यों अथवा क्यों नहीं ?
उत्तर:
भौगोलिक पृथक्करण अलैंगिक जनन वाले जीवों के जाति उद्भव का प्रमुख कारक नहीं हो सकता क्योंकि अलैंगिक जनन में जनक अपने DNA को अपनी संतति में बिना किसी परिवर्तन के स्थानान्तरित करता है।

प्रश्न शृंखला-5 # पृष्ठ संख्या 171

प्रश्न 1.
उन अभिलक्षणों का एक उदाहरण दीजिए जिनका उपयोग हम दो स्पीशीजों के विकासीय सम्बन्ध निर्धारण के लिए करते हैं।
उत्तर:
प्रमुख अभिलक्षण:

  1. समजात अंग।
  2. समरूप (समवृत्ति) अंग।

प्रश्न 2.
क्या एक तितली और चमगादड़ के पंखों को समजात अंग कहा जा सकता है? क्यों और क्यों नहीं?
उत्तर:
नहीं, क्योंकि चमगादड़ के पंख मुख्यतः उसकी दीर्घित अंगुली के मध्य की त्वचा के फैलाव से बनते हैं जबकि तितली के पंख त्वचा के झिल्लीनुमा विस्तारों के रूप में बने रहते हैं तथा खोखली नलिका रूपी शिराओं द्वारा तने रहते हैं। वास्तव में ये समरूप (समवृत्ति) अंग हैं।

प्रश्न 3.
जीवाश्म क्या हैं? वे जैव विकास प्रक्रम के विषय में क्या दर्शाते हैं ?
उत्तर:
जीवाश्म:
“प्राचीनकालीन अनेक प्रकार के जीव, पौधे एवं जन्तुओं के मृत अवशेष जो चट्टानों में परिरक्षित होते हैं, जीवाश्म कहलाते हैं।”
जीवाश्मों का संग्रह एवं आयु के अनुसार उनका अनुक्रम जैव विकास प्रक्रम के क्रम को दर्शाता है कि किस प्रकार जीवों का विकास शनैः – शनैः हुआ।

प्रश्न श्रृंखला-6 # पृष्ठ संख्या 173

प्रश्न 1.
क्या कारण है कि आकृति, आकार, रंग-रूप में इतने भिन्न दिखाई पड़ने वाले मानव एक ही स्पीशीज के सदस्य हैं?
उत्तर:
आकृति, आकार, रंग-रूप का भेद वाली प्रजातियों का कोई जैविक आधार नहीं है। ये आभासी प्रजातियाँ हैं। DNA अनुक्रम के अध्ययन से पता चलता है कि ये सभी मानव एक ही स्पीशीज के सदस्य हैं जो कालान्तर में भौगोलिक पृथक्करण और अन्य कारकों से आभासी प्रजातियों में बँट गए। यह जैव विकास की घटना है।

प्रश्न 2.
विकास के आधार पर क्या आप बता सकते हैं कि जीवाणु, मकड़ी, मछली तथा चिम्पैंजी में किसका शारीरिक अभिकल्प उत्तम है? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
विकास साधारण रूप से केवल शारीरिक संरचना को जटिल बनाता है। इसका तात्पर्य यह कदापि नहीं कि सरल शारीरिक रचना अक्रियाशील है। वास्तव में बैक्टीरिया की शारीरिक संरचना सरल है फिर भी वह सर्वव्यापी होते हैं अर्थात् वे जल में, थल पर एवं वायु में जीवित रहते हैं। इसलिए बैक्टीरिया (जीवाणु), मकड़ी, मछली एवं चिम्पैंजी विकास की पृथक्-पृथक् शाखाएँ हैं।

MP Board Class 10th Science Chapter 9 पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
मेण्डल के एक प्रयोग में लम्बे मटर के पौधे जिनके बैंगनी पुष्प थे, का संकरण बौने पौधों जिनके सफेद पुष्प थे, से कराया गया। इनकी संतति के सभी पौधों में पुष्य बैंगनी रंग के थे परन्तु उनमें से लगभग आधे बौने थे इससे कहा जा सकता है कि लम्बे जनक पौधों की आनुवंशिक रचना भिन्न थी –
(a) TTWW
(b) TTww
(c) TUWW
(d) TtWw
उत्तर:
(c) TtWW

प्रश्न 2.
समजात अंगों का उदाहरण है –
(a) हमारा हाथ, कुत्ते के अग्रपाद।
(b) हमारे दाँत, हाथी के दाँत।
(c) आलू एवं घास के उपरिभूस्तारी।
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी।

प्रश्न 3.
विकासीय दृष्टिकोण से हमारी किससे अधिक समानता है?
(a) चीन के विद्यार्थी।
(b) चिम्पैंजी।
(c) मकड़ी।
(d) जीवाणु।
उत्तर:
(a) चीन के विद्यार्थी।

प्रश्न 4.
एक अध्ययन से पता चला कि हल्के रंग की आँखों वाले बच्चों के जनक (माता-पिता) की आँखें भी हल्के रंग की होती हैं। इसके आधार पर क्या हम कह सकते हैं कि आँखों के हल्के रंग का लक्षण प्रभावी है अथवा अप्रभावी है? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
आँखों के हल्के रंग का लक्षण प्रभावी होता है या नहीं, यह हम नहीं बता सकते क्योंकि दिए हुए आँकड़े अपर्याप्त हैं कम से कम तीन पीढ़ियों के सन्दर्भ में आँकड़े होने चाहिए जबकि यहाँ केवल दो पीढ़ियों के आँकड़े ही हैं।

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प्रश्न 5.
जैव विकास तथा वर्गीकरण का अध्ययन क्षेत्र किस प्रकार परस्पर सम्बन्धित है?
उत्तर:
वर्गीकरण में जीवों को आन्तरिक एवं बाह्य संरचना में समानताओं एवं विकास के इतिहास के आधार पर सामान्य रूप से समूहों में वर्गीकृत किया जाता है।

दो जातियाँ एक-दूसरे से निकट सम्बन्ध रखती हैं यदि उनमें अधिकतर अभिलक्षण समान हों और यदि दो जातियाँ काफी निकट सम्बन्ध रखती हैं तो उनके पूर्वज नवीन ही होंगे।

हम जीवों को उनकी समानताओं के आधार पर जोकि विकास वृक्ष बनाने पर समानता रखता है, वर्गीकृत करते हैं। इस प्रकार हम देखते हैं कि जैव विकास एवं वर्गीकरण के अध्ययन क्षेत्र परस्पर सम्बन्धित होते हैं।

प्रश्न 6.
समजात एवं समरूप अंगों को उदाहरण देकर समझाइए। (2019)
उत्तर:
समजात अंग:
“प्राणियों के शरीर के ऐसे अंग जो उत्पत्ति एवं संरचना में समान होते हैं, लेकिन कार्यों में भिन्न होते हैं, समजात अंग कहलाते हैं।”
उदाहरण:
मनुष्य के हाथ, चमगादड़ एवं पक्षियों के पंख, मगर, छिपकली एवं घोड़े के अग्रपाद आदि समजात अंग हैं।

समवृत्ति अंग:
“प्राणियों के शरीर के ऐसे अंग जो उत्पत्ति एवं संरचना में भिन्न-भिन्न होते हैं लेकिन कार्य में समान होते हैं, समवृत्ति अंग कहलाते हैं।”
उदाहरण:
चमगादड़, पक्षी एवं कीटों के पंख आदि।

प्रश्न 7.
कुत्ते की खाल का प्रभावी रंग ज्ञात करने के उद्देश्य से एक प्रोजेक्ट बनाइए।
उत्तर:
कुत्ते की खाल के रंग को नियन्त्रित करने के लिए कम से कम 11 (ग्यारह) समरूप जीन्स की श्रेणी होती है जो कुत्ते की त्वचा के रंग को प्रभावित करती है। कुत्ते में प्रत्येक जनन से एक जीन वंशागत होता है। प्रभावी जीन फीनोटाइप में प्रदर्शित होता है।

उदाहरणार्थ:
एक कुत्ता आनुवंशिक रूप से B श्रेणी में काला या भूरा (ब्राउन) हो सकता है। मान लीजिए एक जनक समयुग्मजी काला (BB) है तथा दूसरा जनक समप्रभाजी भूरा (ब्राउन) है तो इस स्थिति में प्रथम पीढ़ी की सभी सन्ताने विषमयुग्मजी (Bb) होंगी और चूँकि काला जीन (B) प्रभावी है। इसलिये सभी सन्तानें काली होंगी यद्यपि वे दोनों (B) एवं (b) एलील रखते हैं।

यदि ये विषमयुग्मजी पुनः संकरण करते हैं तो 25% समयुग्मजी काली (BB), 50% विषमयुग्मजी काली (Bb) तथा 25% समयुग्मजी भूरी (ब्राउन) (bb) सन्तानें होंगी।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास 2

प्रश्न 8.
विकासीय सम्बन्ध स्थापित करने में जीवाश्म का क्या महत्व है?
उत्तर:
जैव विकास में जीवाश्म का महत्व-जैव विकास में जीवाश्म का प्रमाण बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसमें विभिन्न जीवाश्मों को एकत्रित करके उनकी आयु का निर्धारण कर लिया जाता है। फिर उन्हें आयु के क्रम में व्यवस्थित करके अध्ययन करने से विकास की प्रक्रिया ज्ञात की जा सकती है।

उदाहरणार्थ:
घोड़ों के प्राप्त जीवाश्मों के अध्ययन से ज्ञात हुआ कि घोड़े का विकास इयोसिन काल के 30 सेमी ऊँचे लोमड़ी के आकार के जीव इयोहिप्पस से हुआ। इसके विकास का क्रम जो प्राप्त जीवाश्मों के आधार पर ज्ञात किया, निम्न प्रकार है –
इयोहिप्पस से मीसोहिप्पस, मीसोहिप्पस से मेरीहिप्पस, मेरीहिप्पस से प्लायोहिप्पस तथा प्लायोहिप्पस से इक्वस, जो आधुनिक घोड़े तथा उसके सम्बन्धियों को निरूपित करता है।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास 3

प्रश्न 9.
किन प्रमाणों के आधार पर हम कह सकते हैं कि जीवन की उत्पत्ति अजैविक पदार्थों से हुई है?
उत्तर:
स्टेनले एल. मिलर एवं हैरल्ड सी. मूरे ने सन् 1953 में एक प्रयोग किया जिसमें उन्होंने एक ऐसा वातावरण तैयार किया जिसमें अमोनिया गैस, मीथेन गैस एवं हाइड्रोजन सल्फाइड गैस के अणु थे लेकिन ऑक्सीजन नहीं थी तथा इस वातावरण को जल के ऊपर एकत्रित किया यह सोचते हुए कि प्राचीनकाल में पृथ्वी पर ऐसा ही वातावरण रहा होगा।

इस वातावरण को 100°C के नीचे तापमान पर स्थापित रखा तथा इसमें विद्युत् स्पार्क पैदा किया जाय ठीक तड़ित की तरह। एक सप्ताह बाद मीथेन का 15% कार्बन, सरल कार्बनिक यौगिक अमीनो अम्लों के साथ तैयार हुआ जो प्रोटीन का निर्माण करता है तथा जीवन को साधारण स्तर पर सहयोग करता है। इससे सिद्ध होता है कि पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति अजैविक पदार्थों से हुई।

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प्रश्न 10.
अलैंगिक जनन की अपेक्षा लैंगिक जनन द्वारा उत्पन्न विभिन्नताएँ अधिक स्थायी होती हैं। व्याख्या कीजिए। यह लैंगिक प्रजनन करने वाले जीवों के विकास को किस प्रकार प्रभावित करता है?
उत्तर:
लैंगिक जनन में अधिक स्थायी विभिन्नताएँ पैदा होती हैं। इसके अनेक कारण हैं –

  1. DNA प्रतिकृति में त्रुटियाँ।
  2. युग्मक बनते समय मातृ एवं पितृ गुणसूत्रों का अचानक पृथक्करण।
  3. युग्मनज बनते समय जीन विनिमय।
  4. पीढ़ी-दर-पीढ़ी विभिन्नताओं का लैंगिक जनन द्वारा अन्तर्ग्रहण।

अलैंगिक जनन की स्थिति में DNA की प्रतिकृति में बहुत कम परिवर्तन सन्तान में जाते हैं। इसलिए अलैंगिक जनन से उत्पन्न सन्तानों (नवजातों) में अधिकतर समानताएँ पाई जाती हैं।

इससे निष्कर्ष निकलता है कि अलैंगिक जनन की अपेक्षा लैंगिक जनन द्वारा उत्पन्न विभिन्नताएँ अधिक स्थायी होती हैं। लैंगिक जनन से उत्पन्न संतति में अधिक विभिन्नताओं से जैव विकास की सम्भावनाएँ भी अधिक होती हैं और इस प्रकार यह उनके विकास को प्रभावित करता है।

प्रश्न 11.
संतति में नर एवं मादा जनकों द्वारा आनुवंशिक योगदान में बराबर की भागीदारी किस प्रकार सुनिश्चित की जाती है?
उत्तर:
मानव में नर एवं मादा जनकों की समान आनुवंशिक सहभागिता उनकी सन्तानों में दोनों जनकों के समान संख्या में गुणसूत्रों के वंशागत (आहरित) होने से निश्चित की जाती है। मानव में 23 जोड़े गुणसूत्रों होते हैं। सभी मानव गुणसूत्र 23 जोड़ों में से एक जोड़ा गुणसूत्र लिंग-गुणसूत्रों का होता है जो X एवं Y से प्रदर्शित होता है। मादा में यह जोड़ा सम (X, X) एवं नर में विषम (X, Y) होता है।

जनन के लिए मैथुन के समय बने युग्मनज में दोनों जनकों से समान मात्रा में आनुवंशिक पदार्थ गुणसूत्र की सम सहभागिता रहती है। 23 जोड़े गुणसूत्रों में पितृ जनक द्वारा अपनी सन्तान को 22 समान गुणसूत्र तथा एक X तथा एक X या Y गुणसूत्र उपलब्ध कराता है जबकि मातृ जनक 22 समान गुणसूत्र तथा एक X गुणसूत्र उपलब्ध कराता है।

प्रश्न 12.
“केवल वे विभिन्नताएँ जो किसी एकल जीव(व्यष्टि) के लिए उपयोगी होती हैं,समष्टि में अपना अस्तित्व बनाए रखती हैं।” क्या आप इस कथन से सहमत हैं? क्यों और क्यों नहीं?
उत्तर:
हम इस कथन से सहमत हैं कि केवल वे विभिन्नताएँ जो किसी एकल जीव (व्यष्टि) के लिए उपयोगी होती हैं समष्टि में अपना अस्तित्व बनाए रखती हैं। सभी विभिन्नताओं को पर्यावरण में अपना अस्तित्व बनाये रखने का समान अवसर नहीं मिलता है जिसमें वे अपने आपको पाते हैं अथवा जिस पर्यावरण में वे रहते हैं।

किसी विभिन्नता को अपना अस्तित्व बनाए रखने का अवसर उस विभिन्नता की प्रकृति पर निर्भर करता है। विभिन्न जीव विभिन्न प्रकार के लाभ रखते हैं। जो बैक्टीरिया ऊष्मा को सहन कर सकता है वह गर्मी (ऊष्मा) में जीवित रह सकता है। विभिन्नताओं का पर्यावरण द्वारा चयन ही विकास प्रक्रिया के आधार का निर्माण करता है।

MP Board Class 10th Science Chapter 9 परीक्षोपयोगी अतिरिक्त प्रश्नोत्तर

MP Board Class 10th Science Chapter 9 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
नीचे बाजार में उपलब्ध कछ सब्जियों की सची दी गई है। इनमें से उन दो सब्जियों को चनिए जिनकी संरचनाएँ समजात हैं: आलू, शकरकंद, अदरक, मूली, टमाटर, गाजर, भिण्डी।
(a) आलू और शकरकंद।
(b) मूली और गाजर।
(c) भिण्डी और शकरकंद।
(d) आलू और टमाटर।
उत्तर:
(b) मूली और गाजर।

प्रश्न 2.
यदि आपसे नीचे दी गयी सब्जियों में से उन दो सब्जियों के समूह को चुनने के लिए कहा जाए जिसकी संरचनाएँ समजात हैं, तो आप इनमें से किसे चुनेंगे?
(a) गाजर और मूली।
(b) आलू और शकरकंद।
(c) आलू और टमाटर।
(d) भिण्डी और आलू।
उत्तर:
(a) गाजर और मूली।

प्रश्न 3.
एक टोकरी में निम्नलिखित सब्जियाँ रखी हैं – आलू, टमाटर, मूली, बैंगन, गाजर, लौकी। इनमें से कौन-सी दो सब्जियाँ समजात संरचनाओं का सही निरूपण करती हैं?
(a) गाजर और टमाटर।
(b) आलू और बैंगन।
(c) मूली और गाजर।
(d) मूली और लौकी।
उत्तर:
(c) मूली और गाजर।

प्रश्न 4.
किसमें जेनेटिक पदार्थों का परस्पर विनिमय होता है?
(a) वर्धी प्रजनन।
(b) अलैंगिक प्रजनन।
(c) लैंगिक प्रजनन।
(d) मुकुलन।
उत्तर:
(c) लैंगिक प्रजनन।

प्रश्न 5.
दो पिंक रंग के पुष्पों में संकरण कराने पर परिणामस्वरूप 1 लाल, 2 पिंक एवं 1 सफेद पुष्प प्राप्त होते हैं तो संकरण की प्रकृति होगी –
(a) द्विनिषेचन।
(b) स्वपरागण।
(c) क्रॉस निषेचन।
(d) निषेचन नहीं।
उत्तर:
(b) स्वपरागण।

प्रश्न 6.
एक लम्बे पौधे (TT) एवं एक बौने पौधे (tt) के बीच क्रॉस कराने पर सन्तान में परिणामस्वरूप सभी लम्बे पौधे प्राप्त हुए, क्योंकि –
(a) लम्बापन प्रभावी लक्षण है।
(b) बौनापन प्रभावी लक्षण है।
(c) लम्बापन अप्रभावी लक्षण है।
(d) T एवं t जीन पौधे की लम्बाई को प्रभावित नहीं करते।
उत्तर:
(a) लम्बापन प्रभावी लक्षण है।

प्रश्न 7.
निम्न में कौन-सा कथन असत्य है?
(a) प्रत्येक हॉर्मोन के लिए एक जीन होता है।
(b) प्रत्येक प्रोटीन के लिए एक जीन होता है।
(c) प्रत्येक एन्जाइम के निर्माण के लिए एक जीन होता है।
(d) वसा के प्रत्येक अणु के लिए एक जीन होता है।
उत्तर:
(d) वसा के प्रत्येक अणु के लिए एक जीन होता है।

प्रश्न 8.
यदि एक गोल हरे बीज वाले मटर के पौधे की एक झुरींदार पीले बीज वाले मटर के पौधे से क्रॉस (संकरण) कराया जाता है तो F2 संतति (सन्तान) में बीज होंगे –
(a) गोल, पीले।
(b) गोल, हरे।
(c) झुरींदार, हरे।
(d) झुरींदार, पीले।
उत्तर:
(a) गोल, पीले।

प्रश्न 9.
मानव में गुणसूत्र में एक को छोड़कर सभी समान युग्मित होते हैं/यह/ये अयुग्मित गुणसूत्र है।
(i) बड़े गुणसूत्र।
(ii) छोटे गुणसूत्र।
(iii) Y-गुणसूत्र।
(iv) X-गुणसूत्र।
(a) (i) एवं (ii)
(b) केवल (iii)
(c) (iii) एवं (iv)
(d) (ii) एवं (iv)
उत्तर:
(c) (iii) एवं (iv)

प्रश्न 10.
किसी शिशु का नर होना निर्धारित होता है –
(a) युग्मनज में X गुणसूत्र द्वारा।
(b) युग्मनज में Y गुणसूत्र द्वारा।
(c) जनन कोशिका का कोशिकाद्रव्य जो लिंग निर्धारण करता है।
(d) लिंग निर्धारण एकाएक होता है।
उत्तर:
(b) युग्मनज में Y गुणसूत्र द्वारा।

प्रश्न 11.
एक युग्मजन जिसमें पिता से प्राप्त X-गुणसूत्र है, विकसित होगा –
(a) लड़के में।
(b) लड़की में।
(c) X गुणसूत्र लिंग निर्धारण नहीं करता है।
(d) या तो लड़के में अथवा लड़की में।
उत्तर:
(b) लड़की में।

प्रश्न 12.
असत्य कथन छाँटिए –
(a) किसी जीन की आवृत्ति अनेक पीढ़ियों के जनसंख्या परिवर्तन में विकास को जन्म देती है।
(b) अकाल के कारण जीवों के भार में कमी को आनुवंशिक रूप से नियन्त्रित किया जाता है।
(c) कम भार वाले जनक अधिक भार वाले नवजातों को जन्म दे सकते हैं।
(d) जो अभिलक्षण पीढ़ी दर पीढ़ी स्थानान्तरित नहीं होते वे विकास का कारण नहीं बन सकते।
उत्तर:
(b) अकाल के कारण जीवों के भार में कमी को आनुवंशिक रूप से नियन्त्रित किया जाता है।

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प्रश्न 13.
नयी समष्टि (स्पीशीज) का निर्माण हो सकता है, यदि –
(i) जनन कोशिकाओं के DNA में पर्याप्त परिवर्तन हो।
(ii) युग्मकों में गुणसूत्रों की संख्या में परिवर्तन हो।
(iii) आनुवंशिक पदार्थों में कोई परिवर्तन न हो।
(iv) मैथुन की घटना घटित न हो।
(a) (i) एवं (ii)
(b) (i) एवं (iii)
(c) (ii), (iii) एवं (iv)
(d) (i), (ii) एवं (iii)
उत्तर:
(a) (i) एवं (ii)

प्रश्न 14.
दो मटर के पौधे जिनमें एक गोल हरे बीजों वाला (RR, YY) दूसरा झुरींदार पीले बीजों वाला (rr, yy) F2 पीढ़ी में नवजातों को जन्म देते हैं जिनके बीज गोल पीले (RrYy) हैं। जब F2 पौधे में स्वपरागण होता है तो F2 पीढ़ी में संतति नये लक्षणों के युग्म से युक्त होगी। निम्न में से नवीन युग्म का चयन कीजिए –
(i) गोले, पीले।
(ii) गोल, हरे।
(iii) झुरींदार, पीले।
(iv) झुरींदार, हरे।
(a) (i) एवं (ii)
(b) (i) एवं (iv)
(c) (ii) एवं (iii)
(d) (i) एवं (iii)
उत्तर:
(b) (i) एवं (iv)

प्रश्न 15.
सही कथन चुनिए –
(a) मटर के पौधे के तन्तु (टैण्ड्रिल) एवं नागफनी के पर्णकाय स्तम्भ (फिल्लोक्लेड) समजात अंग हैं।
(b) मटर के पौधे के तन्तु (टैण्ड्रिल) एवं नागफनी के पर्णकाय स्तम्भ समवृत्ति अंग हैं।
(c) पक्षियों के पंख एवं छिपकली के पैर समवृत्ति अंग हैं।
(d) पक्षियों के पंख एवं चमगादड़ के पंख समजात अंग हैं।
उत्तर:
(a) मटर के पौधे के तन्तु (टैण्ड्रिल) एवं नागफनी के पर्णकाय स्तम्भ (फिल्लोक्लेड) समजात अंग हैं।

प्रश्न 16.
यदि किसी जीव के जीवाश्म पृथ्वी के अन्दर बहुत गहराई में मिलते हैं तो हम यह अनुमान लगा सकते हैं कि –
(a) जीव अभी हाल ही में विलुप्त हुए हैं।
(b) जीव हजारों वर्ष पूर्व विलुप्त हुए।
(c) जीवाश्म पृथ्वी की परतों में स्थित जीव के विलुप्त होने के समय से कोई सम्बन्ध नहीं रखती है।
(d) जीव के विलुप्त होने का समय हम ज्ञात नहीं कर सकते।
उत्तर:
(b) जीव हजारों वर्ष पूर्व विलुप्त हुए।

प्रश्न 17.
विभिन्नताओं के सन्दर्भ में निम्न में कौन कथन असत्य है?
(a) सभी विभिन्नताएँ जीव के जीवित रहने की समान सम्भावनाएँ रखती हैं।
(b) आनुवंशिक संरचना में परिवर्तन विभिन्नताओं को जन्म देता है।
(c) पर्यावरणीय कारकों द्वारा जीव का वरण विकास प्रक्रिया का आधार होता है।
(d) अलैंगिक जनन में विभिन्नताएँ न्यूनतम होती है।
उत्तर:
(a) सभी विभिन्नताएँ जीव के जीवित रहने की समान सम्भावनाएँ रखती हैं।

प्रश्न 18.
किसी जीव में कोई अभिलक्षण प्रभावित होता है –
(a) केवल पितृ DNA द्वारा।
(b) केवल मातृ DNA द्वारा।
(c) मातृ एवं पितृ दोनों DNA द्वारा।
(d) न मातृ DNA न पितृ DNA द्वारा।
उत्तर:
(c) मातृ एवं पितृ दोनों DNA द्वारा।

प्रश्न 19.
उस समूह का चयन कीजिए जिसमें अधिकतम समानता है –
(a) एक ही जाति (स्पीशीज) के दो जन्तु।
(b) एक ही जीन्स के दो जीव।
(c) एक ही फैमिली के दो जेनेरा।
(d) दो फैमिली के दो जेनेरा।
उत्तर:
(a) एक ही जाति (स्पीशीज) के दो जन्तु।

प्रश्न 20.
विकासवाद (विकास सिद्धान्त) के अनुसार नयी स्पीशीज का निर्माण प्रायः निम्न के द्वारा होता है –
(a) प्रकृति के द्वारा अचानक सृजन।
(b) अनेक पीढ़ियों में होते हुए विभिन्नताओं को अर्जित करके।
(c) अलैंगिक जनन के समय क्लोन का निर्माण।
(d) किसी जीव का एक आवास से दूसरे आवास को जाना।
उत्तर:
(b) अनेक पीढ़ियों में होते हुए विभिन्नताओं को अर्जित करके।

प्रश्न 21.
नीचे दी गई सूची में से उस लक्षण का चयन कीजिए जो अर्जित तो होता है लेकिन आनुवंशिक नहीं –
(a) नेत्र का रंग।
(b) त्वचा का रंग।
(c) शरीर का आकार।
(d) बालों की प्रकृति।
उत्तर:
(c) शरीर का आकार।

प्रश्न 22.
एक अभिलक्षण के दो रूप जोकि नर एवं मादा युग्मकों द्वारा लाये जाते हैं, वे निम्न में होते हैं –
(a) किसी एक गुणसूत्र की प्रतिकृतियों में।
(b) दो भिन्न गुणसूत्रों में।
(c) लिंग गुणसूत्रों में।
(d) किसी भी गुणसूत्र में।
उत्तर:
(a) किसी एक गुणसूत्र की प्रतिकृतियों में।

प्रश्न 23.
उन कथनों का चयन कीजिए जो जीन के लक्षणों की व्याख्या करते हैं –
(i) DNA अणु में जीन विशिष्ट क्रमिक आधार होते हैं।
(ii) एक जीन किसी प्रोटीन को प्रदर्शित नहीं करता।
(iii) एक दी हुई स्पीशीज के जीवों में किसी विभेध गुणसूत्र पर विशिष्ट जीन स्थित होता है।
(iv) प्रत्येक गुणसूत्र पर केवल एक जीन होता है।
(a) (i) एवं (ii)
(b) (i) एवं (iii)
(c) (i) एवं (iv)
(d) (ii) एवं (iv)
उत्तर:
(b) (i) एवं (iii)

प्रश्न 24.
मटर के शुद्ध लम्बे (TT) पौधे को बौने (tt) पौधे के साथ क्रॉस कराया गया है। F2 पीढ़ी में शुद्ध लम्बे पौधों और बौने पौधों का अनुपात होगा –
(a) 1 : 3
(b) 3 : 1
(c) 1 : 1
(d) 2 : 1
उत्तर:
(c) 1 : 1

प्रश्न 25.
मानव युग्मनज में लिंग गुणसूत्रों के जोड़ों की संख्या होगी –
(a) एक।
(b) दो।
(c) तीन।
(d) चार।
उत्तर:
(a) एक।

प्रश्न 26.
प्राकृतिक वरण द्वारा स्पीशीज के विकास का सिद्धान्त निम्न के द्वारा दिया गया था –
(a) मेण्डल।
(b) डार्विन।
(c) मॉर्गन।
(d) लैमार्क।
(b) डार्विन।

प्रश्न 27.
कुछ डायनासोरों में पंख होते थे हालांकि वे उड़ नहीं पाते थे लेकिन पक्षियों में पंख होते हैं जो ‘उनको उड़ने में सहायक होते हैं। विकास के सन्दर्भ में इसका अर्थ है कि –
(a) सरीसृपों का विकास पक्षियों से हुआ था।
(b) सरीसृपों एवं पक्षियों में विकास के सन्दर्भ में कोई सम्बन्ध नहीं है।
(c) दोनों जीवों में पंख समजात अंग हैं।
(d) पक्षियों का विकास सरीसृपों से हुआ।
उत्तर:
(d) पक्षियों का विकास सरीसृपों से हुआ।

प्रश्न 28.
मनुष्य की एक कोशिका में गुणसूत्र पाये जाते हैं –
(a) 23 जोड़े।
(b) 24 जोड़े।
(c) 20 जोड़े।
(d) 22 जोड़े।
उत्तर:
(a) 23 जोड़े।

प्रश्न 29.
आर्कियोप्टेरिक्स उदाहरण है –
(a) समजात अंग का।
(b) समवृत्ति अंग का।
(c) अवशेषी अंग का।
(d) संयोजी कड़ी का।
उत्तर:
(d) संयोजी कड़ी का।

रिक्त स्थानों की पूर्ति

  1. पीढ़ी दर पीढ़ी विभिन्न लक्षणों का संचरण ………… कहलाता है।
  2. पीढ़ी दर पीढ़ी संचारित होने वाले लक्षण ……….. कहलाते हैं।
  3. आनुवंशिकता का अध्ययन ………… कहलाता है।
  4. कर्णपल्लव को पेशियाँ, अक्लदाढ़ मानव के ………… अंग कहलाते हैं।
  5. प्राणी अपने भ्रूणीय परिवर्धन में अपने पूर्वजों की ………… अवस्थाओं को दोहराते हैं।
  6. मेण्डल ने ……….. के नियमों का प्रतिपादन किया। (2019)

उत्तर:

  1. आनुवंशिकता।
  2. आनुवंशिक लक्षण।
  3. आनुवंशिकी।
  4. अवशेषी।
  5. भ्रूणीय।
  6. वंशागाते।

जोड़ी बनाइए
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास 4
उत्तर:

  1. → (c)
  2. → (d)
  3. → (e)
  4. → (a)
  5. → (b)

सत्य/असत्य कथन

  1. पुष्प के लाल एवं सफेद रंग में सफेद प्रभावी एवं लाल अप्रभावी होता है।
  2. बीजों के गोल एवं झुरींदार गुणों में गोल प्रभावी तथा झुरींदार अप्रभावी होता है।
  3. जिन अंगों का हम निरन्तर उपयोग करते हैं वे क्षीण होते जाते हैं।
  4. प्रकृति योग्यतम का चयन करती है।
  5. जो गुण एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में संचरित नहीं होते, वे आनुवंशिक गुण कहलाते हैं।

उत्तर:

  1. असत्य।
  2. सत्य।
  3. असत्य।
  4. सत्य।
  5. असत्य।

एक शब्द/वाक्य में उत्तर

  1. योग्यतम की उत्तरजीविता के प्रवर्तक कौन थे?
  2. आनुवंशिकी के जनन का क्या नाम है?
  3. सरीसृप एवं पक्षी वर्ग की संयोजी कड़ी का नाम लिखिए।
  4. पक्षी वर्ग एवं स्तनधारियों के बीच की कड़ी कौन है?
  5. लिग निर्धारण करने वाले गुणसूत्र को क्या कहते हैं?

उत्तर:

  1. डार्विन।
  2. ग्रेगर जॉन मेण्डल।
  3. आर्कियोप्टेरिक्स।
  4. ऐकेडिना।
  5. लिंग गुणसूत्र।

MP Board Class 10th Science Chapter 9 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
आनुवंशिकता क्या है? आनुवंशिक लक्षण किन्हें कहते हैं?
उत्तर:
आनुवंशिकता:
“जीवधारियों में पीढ़ी-दर-पीढ़ी विभिन्न लक्षणों का संचरण आनुवंशिकता कहलाता है तथा ये लक्षण आनुवंशिक लक्षण कहलाते हैं।”

प्रश्न 2.
आनुवंशिकी से क्या समझते हो?
उत्तर:
आनुवंशिकी:
“विज्ञान की वह शाखा जिसमें आनुवंशिक लक्षणों, उनके संचरण एवं कारणों का अध्ययन किया जाता है, आनुवंशिकी कहलाती है।”

प्रश्न 3.
विभिन्नताएँ (जैव विविधताएँ) क्या होती हैं?
उत्तर:
विभिन्नताएँ:
एक ही जनक की सन्तानों में समानता होते हुए भी वे एक-दूसरे से भिन्न होती हैं, यही विभिन्नता अथवा जैव विविधता कहलाती है।

प्रश्न 4.
आनुवंशिक विभिन्नताएँ किन्हें कहते हैं?
उत्तर:
आनुवंशिक विभिन्नताएँ-“जो विभिन्नताएँ पीढ़ी-दर-पीढ़ी स्थानान्तरित होती हैं, आनुवंशिक विभिन्नताएँ कहलाती हैं।”

प्रश्न 5.
मेण्डल को प्रयोगों द्वारा कैसे ज्ञात हुआ कि लक्षण प्रभावी या अप्रभावी होते हैं?
उत्तर:
मेण्डल ने अपने प्रयोगों में देखा कि संकरण करने पर कुछ गुण प्रदर्शित होते हैं तथा कुछ गुण छिप जाते हैं। जो गुण प्रदर्शित होते हैं, वे प्रभावी तथा जो गुण छिप जाते हैं, वे अप्रभावी होते हैं।

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प्रश्न 6.
प्रभावी लक्षण किन्हें कहते हैं?
उत्तर:
प्रभावी लक्षण:
“जब विपरीत लक्षणों के जोड़े में क्रॉस कराया जाता है तो पहली पीढ़ी में जो लक्षण प्रदर्शित होते हैं, वे प्रभावी लक्षण कहलाते हैं।”

प्रश्न 7.
अप्रभावी लक्षण किन्हें कहते हैं?
उत्तर:
अप्रभावी लक्षण:
“जब विपरीत लक्षणों के जोड़े में क्रॉस कराया जाता है तब पहली पीढ़ी में जो लक्षण छिपा रहता है, वह अप्रभावी लक्षण कहलाता है।”

प्रश्न 8.
एकसंकर क्रॉस क्या होता है?
उत्तर:
एकसंकर क्रॉस:
“एक विपरीत लक्षण को साथ लेकर कराये गए संकरण को एकसंकर क्रॉस कहते हैं।”

प्रश्न 9.
द्विसंकर क्रॉस क्या होता है?
उत्तर:
द्विसंकर क्रॉस:
“दो विपरीत लक्षणों को साथ लेकर कराये गए संकरण को द्विसंकर क्रॉस कहते हैं।”

प्रश्न 10.
मेण्डल के प्रभाविता के नियम को समझाइए।
उत्तर:
मेण्डल के प्रभाविता के नियम:
इस नियम के अनुसार – “जब विपरीत लक्षणों के एक जोड़े को ध्यान में रखकर क्रॉस कराया जाता है, तो पहली पीढ़ी में केवल प्रभावी गुण (लक्षण) दिखाई देते हैं।” गुणों की यह प्रवृत्ति प्रभाविता तथा यह नियम प्रभाविता का नियम कहलाता है।

प्रश्न 11.
मेण्डल का पृथक्करण का नियम समझाइए।
उत्तर:
मेण्डल का पृथक्करण का नियम:
इस नियम के अनुसार – “जब युग्मकों के निर्माण के समय दो ऐलीलीय जोड़े पृथक्-पृथक् हो जाते हैं और एक युग्मक में एक ही जोड़ा जाता है।” जीन की यह प्रवृत्ति पृथक्करण तथा यह नियम पृथक्करण का नियम कहलाता है।

प्रश्न 12.
मेण्डल के स्वतन्त्र अपव्यूहन का नियम समझाइए।
उत्तर:
मेण्डल का स्वतन्त्र अपव्यूहन का नियम:
इस नियम के अनुसार-जीवों के लक्षण एक-दूसरे से प्रभावित किए बिना स्वतन्त्र रूप से युग्मकों या सन्तान में जाते हैं। अतः उन लक्षणों का पृथक्करण स्वतन्त्र रूप से है अर्थात् एक लक्षण की वंशागति दूसरे लक्षण को प्रभावित नहीं करती, इस प्रवृत्ति को स्वतन्त्र अपव्यूहन एवं इस नियम को स्वतन्त्र अपव्यूहन का नियम कहते हैं।”

प्रश्न 13.
गुणसूत्र क्या है अथवा गुणसूत्र किसे कहते हैं?
उत्तर:
गुणसूत्र:
“सभी यूकैरियोटिक कोशिकाओं के केन्द्रक में स्थित लम्बी धागेनुमा पतली संरचनाएँ जिनका आनुवंशिक पदार्थ कोशिकाद्रव्य में स्वतन्त्र रूप से न रहकर केन्द्रक में कुछ विशिष्ट संरचनाओं के रूप में व्यवस्थित होते हैं, गुणसूत्र कहलाते हैं।”
अथवा
“जीन्स को वहन करने वाली वे वैयक्तिक जीवद्रव्य इकाइयाँ सम्मिलित रूप से उत्तरोत्तर कोशिका विभाजन द्वारा द्विगुणित करती है तथा अपने व्यक्तित्व एवं आकारिकी एवं कार्यिकी को बनाए रखती है, गुणसूत्र कहलाती है।”

प्रश्न 14.
गुणसूत्र का कार्य एवं महत्व समझाइए।
उत्तर:
गुणसूत्र का कार्य एवं महत्व:

  1. आनुवंशिकी में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करना।
  2. शरीर की संरचना एवं क्रियाशीलता में महत्वपूर्ण भाग लेना।
  3. गुणसूत्र के प्रतिकृतिकरण में संतति बनती है जोकि कोशिकाओं में पहुँचकर नए जीवों का निर्माण करते हैं।

प्रश्न 15.
लिंग निर्धारण में गुणसूत्र की भूमिका को समझाइए।
उत्तर:
मनुष्य में सन्तान के लिंग का निर्धारण जनक (माता-पिता) के 23वें जोड़े के लिंग गुणसूत्र द्वारा ही होता है। इस प्रकार लिंग निर्धारण में गुणसूत्र की अहम् भूमिका है।

प्रश्न 16.
जैव विकास से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
जैव विकास अथवा विकास-“अधिक धीमी गति एवं क्रमबद्ध परिवर्तनों की वह प्रक्रिया जिसके द्वारा आधुनिक जीवों (पौधे एवं प्राणियों) की विभिन्न जातियाँ आदिकाल में उपस्थित जातियों से विकसित हुई, जैव विकास या विकास कहलाता है।”
अथवा
“आदिकाल में धीमी गति से होने वाला वह क्रमिक परिवर्तन जिसके कारण आदि-सूक्ष्म सरल जीवों से वर्तमान समय के विकसित एवं जटिल जीवों का निर्माण हुआ, विकास या जैव विकास कहलाता है।”

प्रश्न 17.
अवशेषी अंग क्या हैं? उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
अवशेषी अंग:
“प्राणियों के शरीर में पाये जाने वाले ऐसे अंग जोकि कार्य के लिए अनावश्यक होते हैं तथा पूर्ण विकसित नहीं होते हैं, लेकिन किन्हीं अन्य सम्बन्धित प्राणियों में पूर्ण विकसित होते हैं, अवशेषी अंग कहलाते हैं।”
अथवा
“वे अंग जो किसी प्राणी के पूर्वजों में पूर्ण विकसित तथा क्रियाशील अवस्था में पाये जाते रहे हों, परन्तु विकास क्रम में धीरे-धीरे अपकर्षित होकर अपशिष्ट हो गए हों, अवशेषी अंग कहलाते हैं।”
उदाहरण: कर्णपल्लव की पेशियाँ एवं कृमिरूप परिशेषिका।

प्रश्न 18.
संयोजन कड़ियों से क्या आशय है? उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
संयोजन कड़ियाँ:
“प्राणियों में कुछ ऐसे जन्तु मिलते हैं, जिनमें कुछ कम विकसित लक्षणों के साथ-साथ विकसित लक्षण भी पाये जाते हैं अर्थात् उनमें प्राचीन पूर्वज और आधुनिक रूप से विकसित प्राणी वर्गों के लक्षण पाये जाते हैं, संयोजन कड़ियाँ कहलाते हैं।”
उदाहरण: सरीसृप एवं पक्षी वर्ग की संयोजन कड़ी आर्कियोप्टेरिक्स।

प्रश्न 19.
जीवाश्म किसे कहते हैं? उदाहरण दीजिए। (2019)
उत्तर:
जीवाश्म:
“प्राचीनकालीन अनेक प्रकार के पौधे एवं प्राणियों के मृत अवशेष जो चट्टानों में परिरक्षित रहते हैं, जीवाश्म कहलाते हैं।”
उदाहरण: डायनोसोर्स एवं आर्कियोप्टेरिक्स के जीवाश्म।

प्रश्न 20.
जीवन संघर्ष से क्या समझते हो?
उत्तर:
जीवन संघर्ष:
“जीवों की संख्या में अत्यधिक वृद्धि होने से उनके जीवित रहने के लिए समस्या बढ़ जाती है। प्रकृति का सन्तुलन बनाए रखने के लिए तथा भोजन, जल, प्रकाश, वायु एवं सुरक्षित निवास के लिए जीवों में संघर्ष होने लगता है, जिसे जीवन संघर्ष कहते हैं।”

प्रश्न 21.
योग्यतम की उत्तरजीविता से क्या समझते हो?
उत्तर:
योग्यतम की उत्तरजीविता:
“ऐसे जीव जिनमें लाभदायक विभिन्नताएँ उत्पन्न होती हैं, वे ही जीवन संघर्ष में विजयी होकर जीवित रहते हैं तथा हानिकारक विभिन्नताओं वाले जीव उस जीवन संघर्ष में नष्ट हो जाते हैं। इस घटना को योग्यतम की उत्तरजीविता कहते हैं।”

प्रश्न 22.
प्राकृतिक चयन (वरण) किसे कहते हैं?
उत्तर:
प्राकृतिक चयन (वरण):
“प्रकृति जीवन संघर्ष के द्वारा योग्यतम का चयन करती रहती है, जिसे प्राकृतिक चयन (वरण) कहते हैं।”

प्रश्न 23.
जातिउद्भवन से क्या समझते हो?
उत्तर:
जातिउद्भवन:
“जब कोई एक जाति (स्पीशीज) के जीव दो वर्गों में बँट जाएँ और उनके DNA में एवं गुणसूत्रों की संख्या में इस प्रकार परिवर्तन हो जाय कि वे परस्पर जनन करने में असमर्थ हों तो नयी जाति (स्पीशीज) का उद्भव होता है। यह घटना जातिउद्भवन कहलाती है।”

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प्रश्न 24.
मानव के नवजात शिशु का लिंग निर्धारण कैसे होता है?
उत्तर:
मनुष्य में पिता से प्राप्त लिंग गुणसूत्र द्वारा बच्चे के लिंग का निर्धारण होता है। यदि बच्चा पिता के ‘X’ गुणसूत्र को ग्रहण करता है तो वह लड़की होगी और यदि वह Y-गुणसूत्र को ग्रहण करता है तो वह लड़का होगा।

प्रश्न 25.
क्या नवजात के लिंग निर्धारण में माँ का लिंग गुणसूत्र युग्म अहम् भूमिका निभाता है?
उत्तर:
नहीं, क्योंकि माँ के लिंग गुणसूत्र जोड़े में केवल X-गुणसूत्र होते हैं और नवजात चाहे लड़का हो अथवा लड़की वह माँ से केवल X-गुणसूत्र ही ग्रहण करता है।

प्रश्न 26.
मादा मानव में सभी युग्मक केवल X-गुणसूत्र ही रखते हैं, क्यों?
उत्तर:
मादा मानव में लिंग गुणसूत्र युग्म में केवल (XX) गुणसूत्र होते हैं। इसलिए युग्मक बनते समय अर्द्धसूत्र विभाजन के फलस्वरूप केवल X गुणसूत्र ही युग्मक में प्रवेश करता है। अतः प्रत्येक युग्मक में केवल X-गुणसूत्र ही होते हैं।

प्रश्न 27.
मनुष्य में नर बालक या मादा बालिका प्राप्त करने की सांख्यिकीय प्रायिकता 50 : 50 है। उचित व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
मनुष्य में बालक का लिंग निर्धारण पिता से प्राप्त लिंग गुणसूत्र द्वारा होता है चूँकि नर मनुष्य में X-गुणसूत्र एवं Y-गुणसूत्र की संख्या का अनुपात 50 : 50 है इसलिए नर बालक या मादा बालिका बनने की सांख्यिकीय प्रायिकता भी 50 : 50 होगी।

प्रश्न 28.
किसी समष्टि की छोटी जनसंख्या के विलुप्त होने की अधिक सम्भावनाएँ रहती हैं जबकि बड़ी जनसंख्या वाली स्पीशीज की विलुप्त होने की कम सम्भावनाएँ होती हैं? उचित व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
छोटी जनसंख्या वाले जीवों में जनन कम होगा फलस्वरूप उनके अन्दर विभिन्नताएँ (विविधताएँ) भी कम होंगी जबकि किसी जीव की जितनी अधिक जनसंख्या होगी उतनी ही अधिक जनन की सम्भावनाएँ होंगी और फलस्वरूप उतनी ही अधिक विभिन्नताएँ होंगी। प्रतिकूल परिस्थितियों में अधिक विभिन्नताओं वाले जीवों के जीवित रहने की सम्भावनाएँ अधिक होती हैं। इसलिए अधिक जनसंख्या वाले जीवों की अपेक्षा बहुत कम जनसंख्या वाले जीवों के विलुप्त होने की अधिक सम्भावनाएँ होती हैं।

प्रश्न 29.
समजात संरचना क्या होती है? एक उदाहरण दीजिए। क्या यह आवश्यक है कि समजात संरचना वाले जीवों के पूर्वज एक ही होंगे?
उत्तर:
समजात संरचना एवं उसके उदाहरणनिर्देश-पाठान्त प्रश्नोत्तर के प्रश्न 6 का प्रथम भाग देखिए। हाँ, उनके पूर्वज एक ही होंगे लेकिन विभिन्न क्रियाकलापों के लिए विभिन्न रूप से विकसित होंगे।

प्रश्न 30.
क्या पृथ्वी पर जन्तुओं में उत्पन्न विविधता उनके पूर्वजों की विविधता की ओर इशारा करती है? विकास के प्रकाश में इसकी व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
यद्यपि पृथ्वी पर जन्तुओं की संरचना में बड़े पैमाने पर विविधता देखने को मिलती है पर शायद उनके पूर्वज समान नहीं होंगे क्योंकि समान पूर्वजों में विविधता को कुछ सीमा तक सीमित किया होता। विविधता युक्त बहुत से जीव आज भी समान आवासों में रहते हैं। उनका भौगोलिक पृथक्करण भी उनका समान नहीं होगा। अतः सभी जीवों के समान पूर्वजों में भी समानता का सिद्धान्त नहीं है।

प्रश्न 31.
निम्न मटर के पौधों के लक्षणों के विपरीत लक्षण लिखिए तथा बताइए उनमें कौन प्रभावी है और कौन अप्रभावी?

  1. पीला बीज।
  2. गोल बीज।

उत्तर:

  1. पीला बीज का विपरीत लक्षण हरा बीज है। यहाँ पीला प्रभावी लक्षण है तथा हरा अप्रभावी।
  2. गोल बीज का विपरीत लक्षण झुरींदार बीज है यहाँ गोल प्रभावी लक्षण है और झुरींदार अप्रभावी।

प्रश्न 32.
एक औरत के केवल लड़कियाँ हैं। इस स्थिति का आनुवंशिक रूप से विश्लेषण कीजिए एवं एक उचित व्याख्या दीजिए।
उत्तर:
औरत (महिला) लिंग गुणसूत्र युग्म में केवल X-गुणसूत्र उत्पन्न करती है जबकि पुरुष के लिंग गुणसूत्र युग्म में X-गुणसूत्र एवं Y-गुणसूत्र दोनों होते हैं जो वास्तव में बच्चे का लिंग निर्धारण करते हैं। हर बार महिला के युग्मकों को पुरुष का X-गुणसूत्र वाला ही युग्मक जनन के लिए प्राप्त हो सका, इसलिए उसके केवल लड़कियाँ ही हैं।

प्रश्न 33.
कारण बताइए कि क्यों उपार्जित गुणों की वंशागति नहीं होती?
उत्तर:
उपार्जित गुणों (लक्षणों) की वंशागति नहीं होती क्योंकि ये लक्षण जनन कोशिकाओं के DNA में कोई परिवर्तन नहीं करते, केवल वे ही लक्षण वंशागत होते हैं जिनका कोई जीन होता है।

प्रश्न 34.
F2 संतति में लक्षणों के नए संयोग बनने का कारण बताइए।
उत्तर:
पौधों का लम्बा या बौना होना, बीजों का गोल या झुरींदार होना आदि लक्षण स्वतन्त्र रूप से वंशानुगत हुए हैं।

प्रश्न 35.
निम्न परपरागण एवं F2 में स्वपरागण का अध्ययन कीजिए तथा रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास 5
उत्तर:
RrYy गोल, पीले।

प्रश्न 36.
उपर्युक्त प्रश्न-34 में F2 पीढ़ी की सन्तानों में लक्षणों के कौन से संयोग बनेंगे? उनका अनुपात क्या होगा?
उत्तर:

  1. गोल, पीले।
  2. गोल, हरे।
  3. झुर्शीदार, पीले।
  4. झुर्रादार हरे।

अनुपात: 9 : 3 : 3 : 1

प्रश्न 37.
मानव की तुलना में बैक्टीरिया की शारीरिक संरचना काफी सरल है। इसका मतलब यह तो नहीं कि मानव बैक्टीरिया की अपेक्षा अधिक विकसित है? उचित व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
यह एक वाद-विवाद का विषय है। यदि शारीरिक जटिलता विकास का परिणाम है तब तो मानव बैक्टीरिया की अपेक्षा अधिक विकसित है। लेकिन जब हम पूरे जीवन की विशेषताओं को ध्यान में रखें तो यह कहना कठिन होगा कि कौन-सा जीव विकसित है।

प्रश्न 38.
विकास आण्विक संरचना को अधिक स्थायी रूप से प्रदर्शित करता है जब इसकी तुलना शारीरिक संरचना से की जाती है। इस कथन पर टिप्पणी कीजिए।
उत्तर:
जैव जगत में जीवों में आकार, आकृति, संरचना आकारिकी विशेषताओं (लक्षणों) में गहरी विभिन्नताएँ देखने को मिलती हैं लेकिन आण्विक स्तर पर ये विविधता युक्त जीव परस्पर अविश्वसनीय समानताएँ रखते हैं। उदाहरणस्वरूप प्राथमिक तौर-पर जैवीय अणु, जैसे-DNA. RNA, कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन्स आदि सभी जीवों में अत्यन्त समानता रखते हैं।

प्रश्न 39.
जैव-विविधता किसे कहते हैं? यदि किसी क्षेत्र की जैव-विविधता सुरक्षित नहीं रखी जाए, तो क्या होगा? इसके एक प्रभाव का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
विभिन्नताएँ:
एक ही जनक की सन्तानों में समानता होते हुए भी वे एक-दूसरे से भिन्न होती हैं, यही विभिन्नता अथवा जैव विविधता कहलाती है। यदि किसी क्षेत्र की जैव-विविधता सुरक्षित नहीं रखी जाए, तो प्रतिकूल परिस्थितियों में उस क्षेत्र से उस स्पीशीज की उत्तरजीविता के अभाव में विलुप्त होने की सम्भावना बढ़ जाती है। विभिन्नताओं के प्रभाव के कारण नयी स्पीशीज के उत्पन्न होने की सम्भावना बढ़ जाती है।

प्रश्न 40.
वंशागति एवं उपार्जित लक्षणों में उदाहरण सहित अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
वंशागत लक्षण:
“जो लक्षण एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को अर्थात् जनकों से सन्तान को स्थानान्तरित होते हैं, वंशागत लक्षण कहलाते हैं।”
उदाहरण: आँख का रंग, बीज़ों का रंग।

उपार्जित लक्षण:
“जो लक्षण जीवन-पर्यन्त अर्जित किए जाते हैं तथा जनक से सन्तान को स्थानान्तरित नहीं होते, उपार्जित लक्षण कहलाते हैं।”
उदाहरण: मोटापा, किसी दुर्घटना में कटी हुई अंगुलियाँ।

MP Board Class 10th Science Chapter 9 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
आनुवंशिक विभिन्नताओं के कारणों पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
आनुवंशिक विभिन्नताओं के कारण:

  1. गुणसूत्रों की संख्या में परिवर्तन – गुणसूत्रों की संख्या में परिवर्तन से आनुवंशिक पदार्थ में भी परिवर्तन आ जाता है, जिस कारण जीव अपने जनक से भिन्न हो जाता है।
  2. जीन उत्परिवर्तन – जीन संरचना में परिवर्तन होने से भी विभिन्नता उत्पन्न होती है।
  3. गुणसूत्रों की संरचना में परिवर्तन – इसमें जीन की संख्या एवं विन्यास में परिवर्तन होने से एक ही जाति के जीवों में विभिन्नता आ जाती है।
  4. लैंगिक जनन – लैंगिक जनन के समय जीन विनिमय के कारण विभिन्नताएँ उत्पन्न होती हैं।

प्रश्न 2.
मेण्डल ने अपने प्रयोग के लिए मटर का पौधा ही क्यों चुना? कारणों को समझाइए।
उत्तर:
मेण्डल के द्वारा अपने प्रयोगों के लिए मटर के पौधे का चयन करने के कारण:
मेण्डल ने अपने प्रयोग के लिए मटर के पौधे का निम्न कारणों से चयन किया –

  1. मटर का पौधा आसानी से सर्वत्र उगाया जा सकता है।
  2. मटर का पौधा वार्षिक तथा अल्पकालिक जीवन चक्र वाला होता है।
  3. मटर के पुष्प द्विलिंगी होते हैं तथा पौधे मुख्यतः स्व-परागित होते हैं।
  4. मटर के पौधे में अनेक विरोधी गुण पाये जाते हैं।
  5. मटर में कृत्रिम रूप से परपरागण द्वारा आसानी से संकरण कराया जा सकता है।
  6. स्व:निषेचन के कारण मटर के पौधे समयुग्मजी होते हैं अत: पीढ़ी-दर-पीढ़ी ये शुद्ध लक्षण वाले होते हैं।

प्रश्न 3.
मेण्डल के प्रभाविता के नियम को उदाहरण सहित समझाइए तथा इस नियम की पुष्टि के लिए रेखाचित्र बनाइए।
उत्तर:
मेण्डल के प्रभाविता के नियम:
इस नियम के अनुसार – “जब विपरीत लक्षणों के एक जोड़े को ध्यान में रखकर क्रॉस कराया जाता है, तो पहली पीढ़ी में केवल प्रभावी गुण (लक्षण) दिखाई देते हैं।” गुणों की यह प्रवृत्ति प्रभाविता तथा यह नियम प्रभाविता का नियम कहलाता है।
रेखाचित्र –
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास 6

प्रश्न 4.
मेण्डल के पृथक्करण के नियम को उदाहरण सहित समझाइए तथा इस नियम की पुष्टि के लिए रेखाचित्र खींचिए।
उत्तर:
मेण्डल के पृथक्करण का नियम:
इस नियम के अनुसार – “जब युग्मकों के निर्माण के समय दो ऐलीलीय जोड़े पृथक्-पृथक् हो जाते हैं और एक युग्मक में एक ही जोड़ा जाता है।” जीन की यह प्रवृत्ति पृथक्करण तथा यह नियम पृथक्करण का नियम कहलाता है।
रेखाचित्र –
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास 7

प्रश्न 5.
मेण्डल के स्वतन्त्र अपव्यूहन के नियम का संक्षिप्त वर्णन कीजिए। इस नियम की पुष्टि के लिए द्विगुणित क्रॉस का रेखाचित्र बनाइए।
उत्तर:
मेण्डल का स्वतन्त्र अपव्यूहन का नियम:
मेण्डल का पृथक्करण का नियम:
इस नियम के अनुसार – “जब युग्मकों के निर्माण के समय दो ऐलीलीय जोड़े पृथक्-पृथक् हो जाते हैं और एक युग्मक में एक ही जोड़ा जाता है।” जीन की यह प्रवृत्ति पृथक्करण तथा यह नियम पृथक्करण का नियम कहलाता है।
रेखाचित्र –
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास 8

प्रश्न 6.
मेण्डल के नियमों का महत्व समझाइए।
उत्तर:
मेण्डल के नियमों का महत्व:

  1. मेण्डलवाद (मेण्डल के नियमों) के आधार पर उच्च लक्षणों वाली सन्तानों को प्राप्त किया जा सकता है।
  2. रोग प्रतिरोधी पौधों की किस्मों का विकास किया जा सकता है।
  3. उन्नत किस्में बनाकर उनके उत्पादन में वृद्धि की जा सकती है।
  4. आनुवंशिक रोगों की खोज एवं उनके निदान में इसका प्रयोग हो सकता है।
  5. आनुवंशिकता के आधुनिक सिद्धान्त बनाने में बहुत मदद मिली है।
  6. जन्तुओं की अच्छी नस्ल पैदा करने में सहायता मिली है।

प्रश्न 7.
जीवों में पाई जाने वाली मूलभूत समानताओं को लिखिए।
उत्तर:
जीवों के संगठन एवं संरचना में समानताएँ:

  1. सभी जीव कोशिकाओं से निर्मित होते हैं।
  2. सभी जीवों का निर्माण जीवद्रव्य से हुआ है, जो उनकी कोशिकाओं में पाया जाता है।
  3. सभी जीवों में प्रजनन की प्रवृत्ति पाई जाती है।
  4. सभी जीवों की अपनी-अपनी जातियाँ होती हैं।

प्रश्न 8.
जैव विकास की परिकल्पना किन तथ्यों पर आधारित होती है?
उत्तर:
जैव विकास की परिकल्पना निम्न तथ्यों पर आधारित होती है –

  1. प्रकृति का वातावरण एवं उसकी दशाएँ कभी भी स्थिर या स्थायी नहीं होती हैं, इनमें निरन्तर परिवर्तन होता रहता है।
  2. आधुनिक समय में पृथ्वी पर जितनी अधिक जीव-जातियाँ पाई जाती हैं, उतनी अधिक संख्या में आदिकाल में नहीं पाई जाती होंगी।
  3. विकास के कारण एक ही जाति से अनेक जीव-जातियों की उत्पत्ति एवं विकास हुआ होगा।
  4. आदिकाल में पायी जाने वाली जीव-जातियों की संरचना, वर्तमान में पाई जाने वाली जीव-जातियों की संरचना से सरल रही होगी।
  5. जीव-जातियों के वंशज एक ही रहे होंगे।

प्रश्न 9.
समजात एवं समवृत्ति अंगों में अन्तर बताइए।
उत्तर:
समजात एवं समवृत्ति अंगों में अन्तर –

समजात अंग समवृत्ति अंग
समजात अंगों की उत्पत्ति समान होती है। समवृत्ति अंगों की उत्पत्ति भिन्न-भिन्न होती है। अर्थात् ये अलग-अलग स्थान से उत्पन्न होते हैं।
समजात अंगों की संरचना समान होती है। समवृत्ति अंगों की संरचना भिन्न-भिन्न होती है।
समजात अंगों के कार्य भिन्न-भिन्न होते हैं अर्थात् प्रत्येक समजात अंग अलग-अलग प्रकार के कार्य करता है। समवृत्ति अंग एक जैसा कार्य करते हैं।

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प्रश्न 10.
आर्कियोप्टेरिक्स के लक्षणों के आधार पर इस तथ्य की पुष्टि कीजिए कि पक्षी वर्ग का विकास सरीसृप वर्ग से हुआ।
उत्तर:
इस पुरातन पक्षी को सरीसृपों एवं पक्षियों के बीच की संयोजी कड़ी माना गया है। यह जुरैसिक कल्प में पाया जाने वाला कौवे के आकार का पक्षी था। इसमें सरीस्प एवं पक्षी वर्ग दोनों के मिश्रित लक्षण थे। इसका सिर छोटा परन्तु मजबूत था। इसके जबड़े में दाँत पाये जाते थे। अपेक्षाकृत कमजोर एवं लम्बी पूँछ पर जोड़ों में पंख व्यवस्थित थे। शरीर पर शल्क पाये जाते थे। पसलियों पर अन्सिनेट प्रवर्ध अनुपस्थित थे। V के आकार की अर्कुला पायी जाती थी। इसके लक्षणों के अध्ययन से इस तथ्य की पुष्टि होती है कि पक्षियों का विकास परीसृप से हुआ।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास 9

प्रश्न 11.
प्रत्येक के लिए एक-एक उदाहरण देकर व्याख्या कीजिए कि निम्नलिखित किस प्रकार जीवों के विकास के पक्ष में प्रमाण प्रस्तुत करते हैं?

  1. समजात अंग।
  2. समरूप अंग।
  3. जीवाश्य।

उत्तर:
1. समजात अंग:
सील एवं ह्वेल के अगपाद पक्षों में (तैरने के लिए), चमगादड़ों के पंखों में (उड़ने के लिए), घोड़ों के खुरों वाली टाँगों में (दौड़ने के लिए), मानव के हाथों में (पकड़ने के लिए) अनुकूलित होते हैं। इन सभी समजात अंगों में समान अस्थियों का बना कंकाल समान पेशियाँ आदि पायी जाती हैं। इनकी समजातता प्रमाणित करती है कि इनकी उत्पत्ति सहपूर्वजों से हुई है जो कालान्तर में वातावरण एवं आवश्यकतानुसार विभिन्न रूपों में परिवर्तित हो गए।

2. समरूप अंग (समवृत्ति अंग):
शकरकंद एवं आलूकंद दोनों ही भूमि के अन्दर पायी जाने वाले माँसल कंद होते हैं तथा दोनों ही भोजन का संचय एवं जनन का कार्य करते हैं अत: दोनों ही समरूप (समवृत्ति) अंग हैं क्योंकि दोनों के कार्य समान हैं, रूप समान हैं लेकिन शकरकंद अपस्थानिक जड़ का रूपान्तरण है तथा आलू भुमिगत तने का रूपान्तरण है। अतः इनकी उत्पत्ति सहपूर्वजों से नहीं हुई है।

3. जीवाश्म:
जैव विकास में जीवाश्म का महत्व-जैव विकास में जीवाश्म का प्रमाण बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसमें विभिन्न जीवाश्मों को एकत्रित करके उनकी आयु का निर्धारण कर लिया जाता है। फिर उन्हें आयु के क्रम में व्यवस्थित करके अध्ययन करने से विकास की प्रक्रिया ज्ञात की जा सकती है।

प्रश्न 12.
निम्नलिखित को स्पष्ट कीजिए –

  1. जातिउद्भत।
  2. प्राकृतिक वरण (चयन)।

उत्तर:
1. जातिउद्भवन:
“जब कोई एक जाति (स्पीशीज) के जीव दो वर्गों में बँट जाएँ और उनके DNA में एवं गुणसूत्रों की संख्या में इस प्रकार परिवर्तन हो जाय कि वे परस्पर जनन करने में असमर्थ हों तो नयी जाति (स्पीशीज) का उद्भव होता है। यह घटना जातिउद्भवन कहलाती है।”

2. प्राकृतिक वरण (चयन):
प्राकृतिक चयन (वरण):
“प्रकृति जीवन संघर्ष के द्वारा योग्यतम का चयन करती रहती है, जिसे प्राकृतिक चयन (वरण) कहते हैं।”

प्रश्न 13.
मेण्डल के प्रयोगों द्वारा किस प्रकार दर्शाया कि लक्षण स्वतन्त्र रूप से वंशानुगत होते हैं?
उत्तर:
मेण्डल के अपने प्रयोगों द्वारा दर्शाया कि लक्षण स्वतन्त्र रूप से वंशानुगत होते हैं। इस सन्दर्भ में उन्होंने स्वतन्त्र अपव्यूहन का नियम भी प्रतिपादित किया।
मेण्डल का स्वतन्त्र अपव्यूहन का नियम:
इस नियम के अनुसार – “जब युग्मकों के निर्माण के समय दो ऐलीलीय जोड़े पृथक्-पृथक् हो जाते हैं और एक युग्मक में एक ही जोड़ा जाता है।” जीन की यह प्रवृत्ति पृथक्करण तथा यह नियम पृथक्करण का नियम कहलाता है।
रेखाचित्र –
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास 8

प्रश्न 14.
“अध्ययन के दो क्षेत्र-‘विकास’ और ‘वर्गीकरण’ परस्पर जुड़े हुए हैं।” इस कथन की पुष्टि कीजिए।
अथवा
“जैव विकास तथा जीवों का वर्गीकरण परस्पर सम्बन्धित है।” इस कथन की कारण सहित पुष्टि कीजिए।
उत्तर:
जैव विकास एवं जैव वर्गीकरण में सम्बन्ध-स्वीडन वैज्ञानिक कैरोलस लीनियस ने वर्गीकरण की द्विनाम पद्धति को प्रस्तुत किया। इसके अनुसार इसमें द्वितीय नाम जाति तथा पहला नाम उस श्रेणी का है जिसमें इस जाति से मिलती-जुलती सभी जातियों को सम्मिलित किया गया है।

जाति पौधों एवं जन्तुओं का ऐसा समूह है जिसके सभी सदस्य परस्पर संकरण द्वारा जननक्षम संतति उत्पन्न करते हैं तथा उनमें संरचनात्मक कार्यिकीय तथा भ्रूणीय समानताएँ पायी जाती हैं। समान जातियों को श्रेण” में समान श्रेणियाँ को कुल में, समान कुलों को गण में, समान गणों को वर्गों में, वर्गों को संघों में तथा संघों का जगत में रखा गया है। दरसे इस कथन की पुष्टि होती है कि जैव विकास तथा जीवों का वर्गीकरण परस्पर सम्बन्धित है।

प्रश्न 15.
मेण्डल ने यह किस प्रकार स्पष्ट किया कि “यह सम्भव है कि कोई लक्षण वंशानुगत हो जाय परन्तु किसी जीव में व्यक्त न हो पाए।”
उत्तर:
मेण्डल ने जब मटर के दो भिन्न लक्षणों वाले पौधों में संकरण कराया तो प्रथम पीढ़ी (संतति) में दोनों के लक्षण वंशागत होते हैं। लेकिन केवल एक लक्षण ही व्यक्त होता है तथा दूसरा लक्षण व्यक्त नहीं होता अर्थात् छिपा रहता है जो अगली पीढ़ी में पुनः व्यक्त होता है। अर्थात् प्रभावी लक्षण प्रकट होता है तथा अप्रभावी लक्षण छिपा रहता है। इससे स्पष्ट होता है कि कोई लक्षण वंशानुगत तो होता है लेकिन व्यक्त नहीं होता।

उदाहरणार्थ:
मटर के लाल पुष्प एवं सफेद पुष्पों वाले पौधों में संकरण कराने पर पहली पीढ़ी में सभी पौधे लाल पुष्प वाले होते हैं जबकि अगली पीढ़ी में लाल एवं सफेद दोनों प्रकार के पुष्पों के पौधे उत्पन्न होते हैं। अर्थात् सफेद रंग वंशानुगत तो हुआ लेकिन पहली पीढ़ी में प्रकट नहीं हुआ।

प्रश्न 16.
जीवाश्म की तीन महत्वपूर्ण विशेषताएँ लिखिए जो हमको विकास के अध्ययन में सहायक हों।
उत्तर:
जीवाश्म की महत्वपूर्ण विशेषताएँ जो विकास के अध्ययन में सहायक होंगी –

  1. जीवाश्म पूर्वज स्पीशीज के संरक्षण के मोड़ को व्यक्त करते हैं अर्थात् उससे जीवाश्मीकरण की प्रक्रिया का पता चलता है।
  2. जीवाश्म जीवों और उनके पूर्वजों के बीच क्रमिक विकसित लक्षणों में सम्बन्ध स्थापित करने में सहायक होते हैं।
  3. जीवाश्म आयु निर्धारण में सहायक होते हैं। कार्बन डेटिंग की प्रक्रिया द्वारा जीवाश्मों के जीवनकाल की गणना की जा सकती है। इससे उन्हें काल
  4. खण्ड के क्रम में व्यवस्थित करके उनके क्रमिक विकास का अध्ययन किया जा सकता है।

प्रश्न 17.
क्या किसी स्पीशीज के जीवों का भौगोलिक पृथक्करण नयी स्पीशीज को जन्म देगा? एक उचित व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
हाँ, भौगोलिक पृथक्करण धीरे-धीरे समष्टि को विलुप्त होने के कगार पर ले जाता है। यह घटना पृथक्कृत जीवों में लैंगिक जनन के लिए कुछ सीमाएँ बाँध सकते हैं। धीरे-धीरे पृथक्कृत जीव परस्पर जनन करने लगते हैं और नयी विभिन्नताएँ उत्पन्न कर सकते हैं। लगातार उन विभिन्नताओं का संचयन नयी पीढ़ियों द्वारा करते-करते अन्त में नयी स्पीशीज के जनन की ओर बढ़ती है। इस प्रकार नयी स्पीशीज का जन्म होगा।

प्रश्न 18.
सभी मानव प्रजातियाँ जैसे अफ्रीकन, एशियन, यूरोपियन, अमेरिकन एवं अन्य का विकास सह-पूर्वजों से विकसित हुई हो ऐसा हो सकता है। इस विचार की पुष्टि के लिए प्रमाण दीजिए।
उत्तर:
सभी मानव प्रजातियाँ जैसे अफ्रीकन, एशियन, यूरोपियन, अमेरिकन एवं अन्य सभी का विकास एक सह-पूर्वजों से ही हुआ है। इसके प्रमाणस्वरूप निम्न तथ्य महत्वपूर्ण हैं –

  1. समान शारीरिक संरचना।
  2. समान जैव प्रक्रम एवं चयापचय क्रियाएँ।
  3. सभी में समान गुणसूत्रों की संख्या।
  4. समान आनुवंशिक ब्लूप्रिंट इत्यादि।

प्रश्न 19.
निम्न संकरणों में संतति के लक्षण लिखिए –
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास 10
उत्तर:
(a) (गोल, पीले)
(b)

  1. (गोल, पीले)
  2. (गोल, हरे)
  3. (झुरींदार, पीले)
  4. (झुरींदार, हरे)

(c) (झुरींदार, हरे)
(d) (गोल, पीले)

MP Board Class 10th Science Chapter 9 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
जीन संकल्पना की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
जीन संकल्पना की विशेषताएँ:

  1. जीन गुणसूत्रों पर स्थित होते हैं।
  2. जीन एक भौतिक इकाई है जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी जनक (माता-पिता) से सन्तान में वंशागत होते हैं।
  3. जीन गुणसूत्रों पर माला के दाने की तरह विन्यासित होते हैं।
  4. प्रत्येक जीन एक विशिष्ट गुणसूत्र में विशिष्ट स्थान पर स्थित होता है।
  5. कोई भी जीन एक से अधिक अवस्थाओं में मिल सकता है।
  6. जीन जीवों के भौतिक एवं शरीर के क्रियात्मक लक्षणों को निर्धारित करते हैं अर्थात् जीन एक भौतिक क्रियात्मक इकाई है।
  7. जीन पुनरावृत्ति करते हैं।
  8. प्रत्येक जीन एक विशेष प्रोटीन का संश्लेषण करता है।
  9. जीन जटिल कार्बनिक यौगिक होते हैं जो कार्बोहाइड्रेट्स एवं न्यूक्लिक अम्लों के रूप में संयुक्त होते हैं।

प्रश्न 2.
मेण्डल के प्रयोग ने यह कैसे दर्शाया कि –

  1. लक्षण प्रभावी अथवा अप्रभावी होते हैं?
  2. विभिन्न लक्षण स्वतन्त्र रूप से वंशानुगत होते हैं?

उत्तर:
1. लक्षण प्रभावी अथवा अप्रभावी होते हैं।
मेण्डल ने अपने प्रयोगों द्वारा दर्शाया कि लक्षण स्वतन्त्र रूप से वंशागत होते हैं। इस सन्दर्भ में उन्होंने प्रभाविता का नियम भी प्रतिपादित किया।
मेण्डल के प्रभाविता के नियम:
इस नियम के अनुसार – “जब विपरीत लक्षणों के एक जोड़े को ध्यान में रखकर क्रॉस कराया जाता है, तो पहली पीढ़ी में केवल प्रभावी गुण (लक्षण) दिखाई देते हैं।” गुणों की यह प्रवृत्ति प्रभाविता तथा यह नियम प्रभाविता का नियम कहलाता है।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास 9

2. विभिन्न लक्षण स्वतन्त्र रूप से वंशानुगत होते हैं।
मेण्डल के अपने प्रयोगों द्वारा दर्शाया कि लक्षण स्वतन्त्र रूप से वंशानुगत होते हैं। इस सन्दर्भ में उन्होंने स्वतन्त्र अपव्यूहन का नियम भी प्रतिपादित किया।
मेण्डल का स्वतन्त्र अपव्यूहन का नियम:
इस नियम के अनुसार – “जब युग्मकों के निर्माण के समय दो ऐलीलीय जोड़े पृथक्-पृथक् हो जाते हैं और एक युग्मक में एक ही जोड़ा जाता है।” जीन की यह प्रवृत्ति पृथक्करण तथा यह नियम पृथक्करण का नियम कहलाता है।
रेखाचित्र –
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास 8

प्रश्न 3.
विकास की परिभाषा लिखिए। यह किस प्रकार होता है? वर्णन कीजिए कि जीवाश्म किस प्रकार विकास के समर्थन में प्रमाण प्रस्तुत करते हैं?
उत्तर:
विकास या जैव विकास:
जैव विकास अथवा विकास-“अधिक धीमी गति एवं क्रमबद्ध परिवर्तनों की वह प्रक्रिया जिसके द्वारा आधुनिक जीवों (पौधे एवं प्राणियों) की विभिन्न जातियाँ आदिकाल में उपस्थित जातियों से विकसित हुई, जैव विकास या विकास कहलाता है।”
अथवा
“आदिकाल में धीमी गति से होने वाला वह क्रमिक परिवर्तन जिसके कारण आदि-सूक्ष्म सरल जीवों से वर्तमान समय के विकसित एवं जटिल जीवों का निर्माण हुआ, विकास या जैव विकास कहलाता है।”

विकास की प्रक्रिया:
वर्तमान जटिल जीवों का विकास पूर्व के सरल जीवों के क्रमिक परिवर्तन, विभिन्नताओं एवं अनुकूलन के द्वारा हजारों-लाखों वर्षों में धीरे-धीरे हुआ। पर्यावरण एवं जीव की आवश्यकताओं के अनुसार धीरे-धीरे जीव का विकास हुआ।

विकास के समर्थन में जीवाश्मों के प्रमाण:
जैव विकास में जीवाश्म का प्रमाण बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसमें विभिन्न जीवाश्मों को एकत्रित करके उनकी आयु का निर्धारण कर लिया जाता है। फिर उन्हें आयु के क्रम में व्यवस्थित करके अध्ययन करने से विकास की प्रक्रिया ज्ञात की जा सकती है।

प्रश्न 4.
प्रत्येक का एक-एक उदाहरण देकर उपार्जित लक्षणों और आनुवंशिक लक्षणों के बीच विभेदन कीजिए। किसी व्यष्टि द्वारा अपने सम्पूर्ण जीवनकाल में उपार्जित लक्षण/अनुभव अगली पीढ़ी में वंशानुगत क्यों नहीं होते? इस तथ्य का कारण उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
उपार्जित लक्षण एवं वंशानुगत (आनुवंशिक) लक्षणों के बीच उदाहरण सहित विभेदन:
“जो लक्षण एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को अर्थात् जनकों से सन्तान को स्थानान्तरित होते हैं, वंशागत लक्षण कहलाते हैं।”
उदाहरण: आँख का रंग, बीज़ों का रंग।

उपार्जित लक्षण: “जो लक्षण जीवन-पर्यन्त अर्जित किए जाते हैं तथा जनक से सन्तान को स्थानान्तरित नहीं होते, उपार्जित लक्षण कहलाते हैं।”
उदाहरण: मोटापा, किसी दुर्घटना में कटी हुई अंगुलियाँ।

किसी व्यष्टि द्वारा अपने सम्पूर्ण जीवनकाल में उपार्जित लक्षण/अनुभव अगली पीढ़ी में वंशानुगत नहीं होते। उपार्जित गुणों (लक्षणों) की वंशागति नहीं होती क्योंकि ये लक्षण जनन कोशिकाओं के DNA में कोई परिवर्तन नहीं करते, केवल वे ही लक्षण वंशागत होते हैं जिनका कोई जीन होता है।

प्रश्न 5.
आनुवंशिकता की तकनीक की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
आनुवंशिकता (वंशानुगत) की प्रमुख विशेषताएँ:

  1. लक्षणों का नियन्त्रण जीन्स के द्वारा होता है।
  2. प्रत्येक जीन एक-एक लक्षण को नियन्त्रित करता है।
  3. जीन दो या अधिक प्रकार रूपों के हो सकते हैं।
  4. एक प्रकार (रूप) दूसरे पर प्रभावी हो सकता है।
  5. जीन गुणसूत्रों (क्रोमोसोम्स) पर उपस्थित होते हैं।
  6. एक जीव के दो प्रकार के जीन्स हो सकते हैं समान या असमान।
  7. युग्मक बनते समय वे दोनों जीन्स के रूप अलग-अलग हो जाते हैं।
  8. वे दोनों रूप युग्मनज बनने के समय साथ-साथ आ जाते हैं।

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MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है

MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है

MP Board Class 10th Science Chapter 8 पाठान्तर्गत प्रश्नोत्तर

प्रश्न श्रृंखला-1 # पृष्ठ संख्या 142

प्रश्न 1.
डी. एन. ए. प्रतिकृति का प्रजनन में क्या महत्व है?
उत्तर:
जनन की मूल घटना डी.एन.ए. की प्रतिकृति बनना है। जनन में एक कोशिका द्वारा डी.एन.ए. की प्रतिकृति का निर्माण तथा अतिरिक्त कोशिकीय संगठन का सृजन होता है।

प्रश्न 2.
जीवों में विभिन्नता स्पीशीज के लिए तो लाभदायक है परन्तु व्यष्टि के लिए आवश्यक नहीं है, क्यों?
उत्तर:
अन्य जैव प्रक्रमों के विपरीत किसी जीव (व्यष्टि) के अपने अस्तित्व या अनुरक्षण के लिये जनन या डी.एन.ए. की प्रतिकृति बनाना आवश्यक नहीं परन्तु विभिन्न स्पीशीज (प्रजाति) की समष्टि के स्थायित्व के लिए लाभदायक है क्योंकि विभिन्नता के होते हुए भौतिक वातावरण में परिवर्तन होने पर उस प्रजाति के कुछ व्यष्टि नवीन परिस्थितियों के अनुकूल जीवित रह सकते हैं तथा जनन द्वारा वृद्धि कर सकते हैं।

प्रश्न श्रृंखला-2 # पृष्ठ संख्या 146

प्रश्न 1.
द्विखण्डन, बहुखण्डन से किस प्रकार भिन्न है? (2019)
उत्तर:
द्विखण्डन में एक कोशा प्रायः दो समान भागों में विभक्त होकर दो जीवों को एक साथ जन्म देती है जबकि बहुविखण्डन में एक कोशा अनेक संतति कोशिकाओं में एक साथ विखण्डित होकर अनेक जीवों को एक साथ जन्म देती है।

प्रश्न 2.
बीजाणु द्वारा जनन से जीव किस प्रकार लाभान्वित होता है?
उत्तर:
बीजाणुजनन की प्रक्रिया में एक बार में बहुत संख्या में बीजाणुओं का निर्माण होता है तथा ये बीजाणु वायु के द्वारा आसानी से दूर-दूर तक चले जाते हैं। इस प्रकार स्पर्धा से बचते हैं। इसके अतिरिक्त बीजाणुओं के चारों ओर एक मोटी भित्ति होती है जो प्रतिकूल परिस्थितियों में उसकी रक्षा करती है तथा अनुकूल परिस्थिति में नम सतह के सम्पर्क में आने पर बीजाणु वृद्धि करने लगते हैं। इस प्रकार बीजाणु द्वारा जनन से जीव अधिक सुरक्षित रहते हैं। इस कारण ये इस विधि से लाभान्वित होते हैं।

प्रश्न 3.
क्या आप कुछ कारण सोच सकते हैं, जिससे पता चलता हो कि जटिल संरचना वाले जीव पुनरुद्भवन द्वारा नयी संतति उत्पन्न नहीं कर सकते?
उत्तर:
जटिल संरचना वाले जीवों में विभिन्न क्रियाकलापों के लिए विभिन्न ऊतक, अंग या अंगतन्त्र होते हैं। जब इन जटिल संरचना वाले जीवों के किसी अंग के किसी भाग को काट दिया जाता है तो विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं एवं ऊतकों का निर्माण नहीं होता तथा इनमें पुनरुद्भवन की प्रक्रिया नहीं होती। इसलिए जटिल संरचना वाले जीव पुनरुद्भवन द्वारा नयी संतति उत्पन्न नहीं कर सकते।

प्रश्न 4.
कुछ पौधों को उगाने के लिए कायिक प्रवर्धन का उपयोग क्यों किया जाता है?
उत्तर:
कुछ पौधों में ऐसी क्षमता होती है कि उनके कुछ भाग; जैसे-जड़, तना तथा पत्तियाँ उपयुक्त परिस्थितियों में विकसित होकर नया पौधा बना लेती हैं। इस प्रक्रिया में नये पौधे शीघ्र तथा आसानी से उत्पन्न हो जाते हैं तथा ऐसे पौधे भी इस विधि से उगाये जा सकते हैं जो बीज उत्पन्न करने की क्षमता खो चुके होते हैं। इसके अतिरिक्त इस प्रकार से उत्पन्न पौधे आनुवांशिक रूप से जनक पौधे के समान होते हैं। इसलिए कुछ पौधों को उगाने के लिए कायिक प्रवर्धन का उपयोग किया जाता है।

प्रश्न 5.
डी. एन. ए. की प्रतिकृति बनाना जनन के लिए आवश्यक क्यों है?
उत्तर:
डी.एन.ए. के अणुओं में आनुवंशिक गुणों का संदेश होता है जो जनक से संतति पीढ़ी तक स्थानान्तरित होता है, अतः जनन की मूल घटना डी.एन.ए. की प्रतिकृति बनाना है। इसलिए जनन के लिए डी.एन.ए. की प्रतिकृति बनाना आवश्यक है।

प्रश्न श्रृंखला-3 # पृष्ठ संख्या 154

प्रश्न 1.
परागण क्रिया निषेचन से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर:
परागण, परागकणों का पुंकेसर के परागकोश से किसी भी विधि द्वारा स्त्रीकेसर के वर्तिकाग्र तक पहुँचने की क्रिया है। जबकि निषेचन परागकणों में उपस्थित नर युग्मक का अण्डाशय में स्थित मादा युग्मक से मिलना है।

प्रश्न 2.
शुक्राशय एवं प्रोस्टेट ग्रंथि की क्या भूमिका है?
उत्तर:
शुक्राशय एवं प्रोस्टेट ग्रन्थि से होने वाला स्राव शुक्राशय में जाकर शुक्राणुओं को एक तरल माध्यम प्रदान करता है। इससे इनका स्थानान्तरण सरलता से होता है तथा यह स्राव शुक्राणुओं को पोषण भी प्रदान करता है।

प्रश्न 3.
यौवनारम्भ के समय लड़कियों में कौन-से परिवर्तन दिखाई देते हैं?
उत्तर:
काँख और जाँघों के मध्य जननांगी क्षेत्र में बालगुच्छ निकल आते हैं। स्तनों के आकार में वृद्धि होने लगती है। रजोधर्म प्रारम्भ हो जाता है। इस प्रकार यौवनावस्था के समय लड़कियों में उपर्युक्त परिवर्तन दिखाई देते हैं।

प्रश्न 4.
माँ के शरीर में गर्भस्थ भ्रूण को पोषण किस प्रकार प्राप्त होता है?
उत्तर:
माँ के शरीर में गर्भस्थ भ्रूण को पोषण माँ के रुधिर से होता है। इसके लिए विशेष संरचना होती है जिसे प्लेसेण्टा कहते हैं। यह माँ से भ्रूण को ग्लूकोज, ऑक्सीजन एवं अन्य पदार्थों की आपूर्ति माँ के रक्त से करता है।

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प्रश्न 5.
यदि कोई महिला कॉपर-टी का प्रयोग कर रही है तो क्या यह उसकी यौन-संचरित रोगों से रक्षा करेगा?
उत्तर:
नहीं।

MP Board Class 10th Science Chapter 8 पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
अलैंगिक जनन मुकुलन द्वारा होता है –
(a) अमीबा में।
(b) यीस्ट में।
(c) प्लाज्मोडियम में।
(d) लेस्मानिया में।
उत्तर:
(b) यीस्ट में।

प्रश्न 2.
निम्न में से कौन मानव में मादा जनन जन्त्र का भाग नहीं है?
(a) अण्डाशय।
(b) गर्भाशय।
(c) शुक्रवाहिनी।
(d) डिम्बवाहिनी।
उत्तर:
(c) शुक्रवाहिनी।

प्रश्न 3.
परागकोश में होते हैं –
(a) बाह्यदल।
(b) अण्डाशय।
(c) अण्डप।
(d) परागकण।
उत्तर:
(d) परागकण।

प्रश्न 4.
अलैंगिक जनन की अपेक्षा लैंगिक जनन के क्या लाभ हैं?
उत्तर:
लैंगिक जनन के लाभ (महत्व) – अलैंगिक जनन की अपेक्षा:

  1. लैंगिक जनन में सन्तति में नए गुणों के विकास की सम्भावना होती है जो अलैंगिक जनन में नहीं।
  2. नवीन संतति में विभिन्नता का विकास होता है जो अलैंगिक जनन में नहीं। लैंगिक जनन के फलस्वरूप उत्पन्न विभिन्नताएँ उस स्पीशीज के अस्तित्व को बनाए रखने में सहायक होती हैं जो अलैंगिक जनन में सम्भव नहीं। अतः अलैंगिक जनन की अपेक्षा लैंगिक जनन के अनेक लाभ हैं।

प्रश्न 5.
मानव में वृषण के क्या कार्य हैं?
उत्तर:
मानव में वृषण के कार्य:
मानव वृषण में नर जनन कोशा शुक्राणुओं का निर्माण होता है। इसके अतिरिक्त टेस्टोस्टेरॉन नामक हॉर्मोन का स्राव होता है जो शुक्राणु उत्पादन के नियन्त्रण के अतिरिक्त लड़कों में यौवनावस्था के लक्षणों का भी नियन्त्रण करता है।

प्रश्न 6.
ऋतु स्राव क्यों होता है?
उत्तर:
जब अण्ड निषेचन नहीं होता तो गर्भाशय की भित्ति में बनने वाली परत का कोई उपयोग नहीं रहता। अत: यह परत धीरे-धीरे टूट कर योनि मार्ग से रुधिर एवं म्यूकस के रूप में निष्कासित होती है। इसलिए ऋतु स्राव होता है।

प्रश्न 7.
पुष्प की अनुदैर्घ्य काट का नामांकित चित्र बनाइए। (2019)
उत्तर:
पुष्प की अनुदैर्घ्य काट का नामांकित चित्र –
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है 1

प्रश्न 8.
गर्भ निरोधन की विभिन्न विधियाँ कौन-सी हैं?
उत्तर:
गर्भ निरोधन की विभिन्न विधियाँ:

  1. यान्त्रिक विधियाँ: पुरुषों द्वारा कण्डोम का उपयोग तथा स्त्रियों में लूप या कॉपर टी को गर्भाशय में स्थापित करना।
  2. शल्य क्रिया विधियाँ: पुरुषों में शुक्रवाहिकाओं को अवरुद्ध करना तथा स्त्रियों में अण्डवाहिनी को अवरुद्ध करना।
  3. शल्य क्रिया द्वारा अनचाहे गर्भ का समापन लेकिन इस विधि का दुरुपयोग हो रहा है जो गैर-कानूनी है।
  4. हॉर्मोन संतुलन द्वारा: इसके लिए गोलियों का सेवन किया जाता है।
  5. प्राकृतिक विधि: आत्म संयम द्वारा ऋतु स्राव अवधि के 10वें दिन से 17वें दिन तक यौन सम्बन्ध से दूर रहना।

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प्रश्न 9.
एककोशिक एवं बहुकोशिक जीवों की जनन पद्धति में क्या अन्तर है?
उत्तर:
एककोशिक जीवों में प्रजनन केवल अलैंगिक विधि से होता है जबकि बहुकोशिक जीवों में अलैंगिक तथा लैंगिक दोनों प्रकार से जनन हो सकता है।

प्रश्न 10.
जनन किसी स्पीशीज की समष्टि के स्थायित्व में किस प्रकार सहायक है?
उत्तर:
जनन के कारण जीवन की निरंतरता बनी रहती है। जनन में जीव लगभग अपने जैसे जीवों को जन्म देता है। इस कारण उस स्पीशीज की जनसंख्या बढ़ती जाती है। अनुकूल विभिन्नताओं का एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक संवहन जनन द्वारा ही सम्भव है। जनन का विकास में भी योगदान है। जनन किसी स्पीशीज की समष्टि का संरक्षण कर उसके स्थायित्व में सहायक है।

प्रश्न 11.
गर्भ निरोधक युक्तियाँ अपनाने के क्या कारण हो सकते हैं?
उत्तर:
यौन (लैंगिक) क्रिया द्वारा गर्भ धारण की सम्भावना सदैव ही बनी रहती है। गर्भ धारण की अवस्था में स्त्री के शरीर एवं भावनाओं की मांग एवं आपूर्ति बढ़ जाती है एवं यदि वह इसके लिए तैयार नहीं है, तो इसका उसके स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। इसके अतिरिक्त स्त्री की शारीरिक अस्वस्थता एवं असमर्थता भी उसे गर्भ धारण न करने के लिए बाध्य करती है। इस कारण गर्भ निरोधक युक्तियाँ अपनानी पड़ती हैं।

MP Board Class 10th Science Chapter 8 परीक्षोपयोगी अतिरिक्त प्रश्नोत्तर

MP Board Class 10th Science Chapter 8 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

बहुविकल्पीय

प्रश्न 1.
एक विद्यार्थी से राजमा के बीज के भ्रूण का प्रेक्षण करके उसके विभिन्न भागों की पहचान करने को कहा गया। उसने भ्रूण के भागों को पहचान कर नीचे दी गयी सूची बनाई –
(i) अन्तःकवच।
(ii) बीजचोल।
(iii) बीजपत्र।
(iv) मूलांकुर।
(v) प्रांकुर।
इनमें से सही पहचाने गए भाग हैं –
(a) (i), (ii) एवं (iii)
(b) (ii), (iii) एवं (iv)
(c) (iii), (iv) एवं (v)
(d) (i), (iii) (iv) एवं (v)
उत्तर:
(c) (iii), (iv) एवं (v)

प्रश्न 2.
प्रयोगशाला में मटर के बीज के भ्रूण का प्रेक्षण करते समय किसी छात्र ने नीचे दिए गए अनुसार भ्रूण के विभिन्न भागों की अपनी नोट बुक में सूची बनाईबीजावरण, अन्तःकवच, मूलांकुर, प्रांकुर, बीजाण्ड द्वार, बीजपत्र। उपर्युक्त सूची में से सही तीन भाग हैं –
(a) बीजावरण, मूलांकुर, बीजपत्र।
(b) अन्त:कवच, मूलांकुर, बीजाण्डद्वार।
(c) बीजपत्र, प्रांकुर, बीजावरण।
(d) मूलांकुर, बीजपत्र, प्रांकुर।
उत्तर:
(d) मूलांकुर, बीजपत्र, प्रांकुर।

प्रश्न 3.
द्विबीजपत्री बीज के भ्रूण के विभिन्न भागों को पहचानने का प्रयोग करने के लिए सर्वप्रथम आपको कोई द्विबीजपत्री बीज चाहिए। निम्नलिखित समूह में से द्विबीजपत्री बीज चुनिएगेहूँ, चना, मक्का, मटर, जौ, मूंगफली।
(a) गेहूँ, चना और मटर।
(b) चना, मटर और मूंगफली।
(c) मक्का, मटर और जौ।
(d) चना, मक्का और मूंगफली।
उत्तर:
(b) चना, मटर और मूंगफली।

प्रश्न 4.
निम्न जीवों की सूची में से अलैंगिक जनन करने वाले जीव हैं –
(i) बनाना।
(ii) कुत्ता।
(iii) यीस्ट।
(iv) अमीबा।
(a) (ii) एवं (iv)
(b) (i), (iii) एवं (iv)
(c) (i) एवं (iv)
(d) (ii), (iii) एवं (iv)
उत्तर:
(d) (ii), (iii) एवं (iv)

प्रश्न 5.
एक पुष्प में नर युग्मक एवं मादा युग्मक बनाने वाले भाग हैं –
(a) पुंकेसर एवं परागकोश।
(b) पुतन्तु एवं वर्तिकाग्र।
(c) परागकोश एवं अण्डाशय।
(d) पुंकेसर एवं स्त्रीकेसर।
उत्तर:
(c) परागकोश एवं अण्डाशय।

प्रश्न 6.
पुष्यों में लैंगिक जनन की प्रक्रिया में घटनाओं का सही क्रम क्या है?
(a) परागण, निषेचन, अंकुरण, भ्रूण।
(b) अंकुरण, भ्रूण, निषेचन, परागण।
(c) परागण, निषेचन, भ्रूण, अंकुरण।
(d) भ्रूण, अंकुरण, परागण, निषेचन।
उत्तर:
(c) परागण, निषेचन, भ्रूण, अंकुरण।

प्रश्न 7.
अलैंगिक जनन से उत्पन्न नवजातों में परस्पर अधिक समानताएँ होती हैं, क्योंकि –
(i) अलैंगिक जनन में केवल एक जनक होता है।
(ii) अलैंगिक जनन में युग्मकों की कोई भूमिका नहीं है।
(iii) अलैंगिक जनन लैंगिक जनन से पहले होता है।
(iv) अलैंगिक जनन लैंगिक जनन की बाद में होता है।
(a) (i) एवं (ii)
(b) (i) एवं (iii)
(c) (i) एवं (iv)
(d) (iii) एवं (iv)
उत्तर:
(a) (i) एवं (ii)

प्रश्न 8.
जो गुण जनकों से शिशुओं (नवजातों) में स्थानान्तरित होते हैं, वे होते हैं –
(a) साइटोप्लाज्म में।
(b) राइबोसोम्स में।
(c) गॉल्जी बॉडी में।
(d) जीन्स में।
उत्तर:
(d) जीन्स में।

प्रश्न 9.
जो गुण जनन के समय जनकों से नवजातों में स्थानान्तरित होते हैं, वे प्रदर्शित करते हैं –
(a) जनकों से केवल समानताएँ।
(b) जनकों से केवल असमानताएँ।
(c) जनकों से समानताएँ एवं असमानताएँ दोनों
(d) जनकों से न तो समानताएँ और नही असमानताएँ।
उत्तर:
(c) जनकों से समानताएँ एवं असमानताएँ दोनों

प्रश्न 10.
अमीबा, स्पाइरोगायरा एवं यीस्ट के जनन में एकसमान बात तो यह है कि –
(a) वे सभी अलैंगिक प्रजनन करते हैं।
(b) वे सभी एककोशिकीय हैं।
(c) वे सभी केवल लैंगिक जनन करते हैं।
(d) वे सभी बहुकोशिकीय हैं।
उत्तर:
(a) वे सभी अलैंगिक प्रजनन करते हैं।

प्रश्न 11.
स्पाइरोगायरा में अलैंगिक जनन निम्न के द्वारा होता है –
(a) फिलामेण्ट का छोटे-छोटे टुकड़ों में विखण्डन होना।
(b) एक कोशा का दो कोशिकाओं में विभाजन होना।
(c) एक कोशा का अनेक कोशिकाओं में विभाजन होना।
(d) पुरानी कोशिकाओं से युवा कोशिकाओं का बनना।
उत्तर:
(a) फिलामेण्ट का छोटे-छोटे टुकड़ों में विखण्डन होना।

प्रश्न 12.
प्लाज्मोडियम में जनन के समय एक कोशिका का अनेक कोशिकाओं में विखण्डित होना कहलाता है –
(a) मुकुलन (कलिकायन)।
(b) निम्नीकरण विभाजन।
(c) द्विविखण्डन।
(d) बहुविखण्डन।
उत्तर:
(d) बहुविखण्डन।

प्रश्न 13.
पुष्पी पादप में जनन स्तरों का सही क्रम है –
(a) युग्मक, युग्मनज, भ्रूण, अंकुरण।
(b) युग्मनज, युग्मक, भ्रूण, अंकुरण।
(c) अंकुरण, भ्रूण, युग्मनज, युग्मक।
(d) युग्मक, भ्रूण, युग्मनज, अंकुरण।
उत्तर:
(a) युग्मक, युग्मनज, भ्रूण, अंकुरण।

प्रश्न 14.
क्रोमोसोम्स (गुणसूत्रों) की संख्या जनकों एवं नवजातों में समान रहती है निम्न के कारण –
(a) युग्मनज बनने के बाद गुणसूत्रों की संख्या द्विगुणित हो जाती है।
(b) युग्मक बनते समय गुणसूत्रों की संख्या आधी रह जाती है।
(c) युग्मक बनने के बाद गुणसूत्रों की संख्या द्विगुणित हो जाती है।
(d) युग्मक बनने के बाद गुणसूत्रों की संख्या आधी रह जाती है।
उत्तर:
(b) युग्मक बनते समय गुणसूत्रों की संख्या आधी रह जाती है।

प्रश्न 15.
राइजोपस में नालिकीय धागे की तरह संरचना जिसके सिरों पर स्पोरेन्जिया होते हैं, कहलाती है –
(a) तन्तु।
(b) हाइफा।
(c) राइजोइड।
(d) जड़ें।
उत्तर:
(b) हाइफा।

प्रश्न 16.
नवीन पौधे तैयार करने के लिए वर्षी प्रजनन की प्रक्रिया निम्नलिखित भागों से होती है –
(a) तना, जड़ एवं फूल।
(b) तना, जड़ एवं पत्तियाँ।
(c) तना, पुष्प एवं फल।
(d) तना, पत्तियाँ एवं पुष्प।
उत्तर:
(b) तना, जड़ एवं पत्तियाँ।

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प्रश्न 17.
ब्रेड-स्लाइसों में ब्रेड-मोल्ड को तेजी से फैलाने वाले उत्तरदायी कारक हैं –
(i) स्पोर की बड़ी संख्या।
(ii) ब्रेड में नमी (आर्द्रता) एवं पोषकों की उपलब्धता।
(iii) नलिकामय शाखान्वित हाइफा की उपस्थिति।
(iv) गोलाकार स्पोरेंजिया का बनना।
(a) (i) एवं (iii)
(b) (ii) एवं (iv)
(c) (i) एवं (ii)
(d) (iii) एवं (iv)
उत्तर:
(c) (i) एवं (ii)

प्रश्न 18.
पराग नलिका की लम्बाई निम्न के बीच दूरी पर निर्भर करती है –
(a) परागकण एवं वर्तिकाग्र का ऊपरी तल।
(b) वर्तिकाग्र के ऊपरी सिरे तल पर स्थित परागकण एवं बीजाण्ड।
(c) परागकोश में परागकण एवं वर्तिकाग्र का ऊपरी तल।
उत्तर:
(b) वर्तिकाग्र के ऊपरी सिरे तल पर स्थित परागकण एवं बीजाण्ड।

प्रश्न 19.
पुष्यों के लिए निम्न में कौन-से कथन सत्य हैं?
(i) पुष्प सदैव द्विलिंगी होते हैं।
(ii) पुष्प लैंगिक जननांग है।
(iii) पुष्प पादपों के सभी समूहों में उत्पन्न होते हैं।
(iv) निषेचन के बाद पुष्प फलों में विकसित हो जाते हैं।
(a) (i) एवं (iv)
(b) (ii) एवं (iii)
(c) (i) एवं (iii)
(d) (ii) एवं (iv)
उत्तर:
(d) (ii) एवं (iv)

प्रश्न 20.
एकलिंगी पुष्यों के लिए निम्न में कौन-से कथन सत्य हैं?
(i) उनमें पुंकेसर एवं स्त्रीकेसर दोनों होते हैं।
(ii) उनमें या तो पुंकेसर होते हैं अथवा स्त्रीकेसर।
(iii) उनमें पर-परागण होता है।
(iv) वे एकलिंगी पुष्प जिनमें केवल पुंकेसर होता है, फल नहीं बना सकते।
(a) (i) एवं (iv)
(b) (ii), (iii) एवं (iv)
(c) (iii) एवं (iv)
(d) (i), (iii) एवं (iv)
उत्तर:
(b) (ii), (iii) एवं (iv)

प्रश्न 21.
पुष्पी पादपों में लैंगिक जनन के सन्दर्भ में कौन-से कथन निम्न में से सत्य हैं?
(i) इसके लिए दोनों प्रकार के युग्मकों की आवश्यकता है।
(ii) निषेचन एक आवश्यक घटना है।
(iii) इसका परिणाम सदैव युग्मनज बनाना है।
(iv) नवजात क्लोन होते हैं।
(a) (i) एवं (iv)
(b) (i), (ii) एवं (iv)
(c) (i), (ii) एवं (iii)
(d) (i), (ii) एवं (iv)
उत्तर:
(c) (i), (ii) एवं (iii)

प्रश्न 22.
संलग्न चित्र में भाग A, B एवं c हैं क्रमश:
(a) बीजपत्र, प्रांकुर एवं मूलांकुर।
(b) प्रांकुर, मूलांकुर एवं बीजपत्र।
(c) प्रांकुर, बीजपत्र एवं मूलांकुर।
(d) मूलांकुर, बीजपत्र एवं प्रांकुर।
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उत्तर:
(c) प्रांकुर, बीजपत्र एवं मूलांकुर।

प्रश्न 23.
लैंगिक जनन के परिणामस्वरूप उत्पन्न नवजात अधिक असमानताओं का प्रदर्शन करते हैं, क्योंकि –
(a) लैंगिक जनन एक लम्बी प्रक्रिया है।
(b) जनन सामग्री एक ही जाति के दो जनकों से प्राप्त होती है।
(c) जनन सामग्री दो विभिन्न जाति के जनकों से प्राप्त होती है।
(d) जनन सामग्री अनेक जनकों से प्राप्त होती है।
उत्तर:
(b) जनन सामग्री एक ही जाति के दो जनकों से प्राप्त होती है।

प्रश्न 24.
जैव जगत के लिए जनन अति आवश्यक है –
(a) जीव को जीवित रखने के लिए।
(b) उनकी ऊर्जा की आवश्यकता की पूर्ति के लिए।
(c) वृद्धि को बनाए रखने के लिए।
(d) पीढ़ी-दर-पीढ़ी अपनी जाति को बनाए रखने के लिए।
उत्तर:
(d) पीढ़ी-दर-पीढ़ी अपनी जाति को बनाए रखने के लिए।

प्रश्न 25.
युवावस्था के दौरान मानव शरीर में अनेक परिवर्तन होते हैं। निम्न में एक परिवर्तन जो लैंगिक परिपवक्ता से सम्बन्धित हो, चुनिए –
(a) दूध के दाँतों का टूटना।
(b) लम्बाई में वृद्धि।
(c) आवाज का भारी होना।
(d) भार में वृद्धि।
उत्तर:
(c) आवाज का भारी होना।

प्रश्न 26.
महिलाओं (मादा मानवों) में वह घटना जो उन्हें जनन के लिए परिपक्वता का प्रदर्शन करती है –
(a) शरीर का विकास।
(b) बालों के पेटर्न में बदलाव।
(c) आवाज में परिवर्तन।
(d) ऋतुस्राव (मासिक धर्म)।
उत्तर:
(d) ऋतुस्राव (मासिक धर्म)।

प्रश्न 27.
नर मानवों में वृषण, वृषणकोश में रहते हैं, क्योंकि यह सहायक है –
(a) मैथुन की प्रक्रियाएँ में।
(b) शुक्राणु के निर्माण में।
(c) युग्मकों के आसान स्थानान्तरण में।
(d) उपर्युक्त सभी में।
उत्तर:
(b) शुक्राणु के निर्माण में।

प्रश्न 28.
निम्नलिखित में से कौन-सा यौवनारम्भ के समय वृषण का कार्य नहीं है?
(i) शुक्राणु कोशाओं का निर्माण करना।
(ii) टेस्टोस्टेरॉन का स्रावण करना।
(iii) प्लेसेण्टा का विकास करना।
(iv) एस्ट्रोजन का स्रावण।
(a) (i) एवं (ii)
(b) (ii) एवं (iii)
(c) (iii) एवं (iv)
(d) (i) एवं (iv)
उत्तर:
(c) (iii) एवं (iv)

प्रश्न 29.
नर जनन तन्त्र में शुक्राणुओं के संवहन (गमन) में सहायक अंगों का सही क्रम है –
(a) वृषण – शुक्रवाहिनी – शिश्न।
(b) वृषण-मूत्रनली – शिश्न।
(c) वृषण – शिश्न – मूत्रनली।
(d) वृषण – शुक्रवाहिनी – मूत्रनली।
उत्तर:
(a) वृषण – शुक्रवाहिनी – शिश्न।

प्रश्न 30.
निम्न रोगों में से कौन-सा रोग मैथुन के द्वारा फैलने वाला (यौन-जनित) रोग नहीं है?
(a) सिफलिस।
(b) हिपेटाइटिस।
(c) HIV-AIDS।
(d) गोनेरिया।
उत्तर:
(b) हिपेटाइटिस।

रिक्त स्थानों की पूर्ति

  1. मनुष्य में वृषण …… में पाए जाते हैं।
  2. मनुष्य में ………….. जनन होता है।
  3. अपुष्पी पादपों में ………….. जनन होता है।
  4. मादा और गर्भस्थ शिशु के बीच जैविक सम्बन्ध स्थापित करने वाला ऊतक ………….. कहलाता है।
  5. नर युग्मक एवं मादा युग्मक के संलयन की क्रिया ………… कहलाती है।

उत्तर:

  1. वृषणकोश।
  2. लैंगिक।
  3. अलैंगिक।
  4. प्लेसेण्टा।
  5. निषेचन।

जोड़ी बनाइए
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है 3
उत्तर:

  1. → (c)
  2. → (d)
  3. → (e)
  4. → (a)
  5. → (b)

सत्य/असत्य कथन

  1. निषेचन के तुरन्त बाद युग्मनज बनता है।
  2. बहुविखण्डन की प्रक्रिया अलैंगिक जनन की है।
  3. एकलिंगी पुष्पों में स्वपरागण होता है।
  4. द्विलिंगी पुष्पों में स्वपरागण अथवा पर-परागण कुछ भी हो सकता है।
  5. एककोशीय जीवों में लैंगिक जनन होता है।

उत्तर:

  1. असत्य।
  2. सत्य।
  3. असत्य।
  4. सत्य।
  5. असत्य।

एक शब्द/वाक्य में उत्तर

  1. परागकोश से परागणकणों का वर्तिकाग्र तक पहुँचने की घटना क्या कहलाती है?
  2. नर युग्मक एवं मादा युग्मकों के संलयन को क्या कहते हैं?
  3. मनुष्य में शुक्राणु जनन क्रिया कहाँ होती है?
  4. मनुष्य में अण्डाणु जनन क्रिया कहाँ होती है?
  5. किसी जीव के उस जैव प्रक्रम का नाम लिखिए जो उसकी समष्टि की वृद्धि में सहायता करता है।
  6. जब कोई कोशिका जनन करती है तो उसके DNA का क्या होता है?
  7. क्या होता है जब कोई परिपक्व स्पाइरोगाइरा तन्तु काफी लम्बा हो जाता है?

उत्तर:

  1. परागण।
  2. निषेचन।
  3. वृषण।
  4. अण्डाशय में।
  5. जनन।
  6. भिन्नता आ जाती है।
  7. विखण्डित होकर नवजातों को जन्म देता है।

MP Board Class 10th Science Chapter 8 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
जनन क्या है?
उत्तर:
जनन:
“सजीवों की अपने समान आकृति, रंग-रूप एवं गुणों के नए जीव उत्पन्न करने की क्षमता जनन कहलाती है।”

प्रश्न 2.
अलैंगिक जनन किसे कहते हैं?
उत्तर:
अलैंगिक जनन:
जीवों में जनन की वह प्रक्रिया जिसमें युग्मकों का निर्माण नहीं होता बल्कि जनन जैव के अलैंगिक भागों (अंगों) के द्वारा होता है, अलैंगिक जनन कहलाता है।”

प्रश्न 3.
कायिक प्रवर्धन क्या होता है? (2019)
उत्तर:
कायिक प्रवर्धन:
“जब मनुष्य कृत्रिम रूप से पौधों के विभिन्न भागों (रचनाओं) से नवीन पौधे पैदा करता है तो इस प्रक्रिया को कायिक प्रवर्धन या कृत्रिम अलैंगिक जनन कहते हैं।”

प्रश्न 4.
मुकुलन क्या है?
उत्तर:
मुकुलन:
कुछ जीवों में उनके शरीर पर कुछ उभार उत्पन्न हो जाते हैं जो परिपक्व होने पर जीव से अलग होकर नए जीव को जन्म देते हैं। जनन की यह प्रक्रिया मुकुलन (कलिकायन) कहलाती है।”

प्रश्न 5.
पुनरुद्भवन (पुनर्जनन) से क्या समझते हो?
उत्तर:
पुनरुद्भवन (पुनर्जनन):
“शरीर के नवनिर्माण की वह शक्ति जिसके अन्तर्गत शरीर के टूट जाने पर उसकी मरम्मत हो जाती है और प्रत्येक टुकड़ा पूर्ण होकर नया जीव बनाता है, पुनरुद्भवन (पुनर्जनन) कहलाता है।”

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प्रश्न 6.
द्विखण्डन (द्वि-विखण्डन) क्या है?
उत्तर:
द्विखण्डन:
“एककोशिकीय जीवों में कोशिका विभाजन द्वारा दो बराबर भागों में विभक्त हो जाती है तथा प्रत्येक भाग एक नए जीव को जन्म देता है। इस प्रक्रिया को द्विखण्डन (द्वि-विखण्डन) कहते हैं।”

प्रश्न 7.
बहुखण्डन (बहुविखण्डन) क्या है?
उत्तर:
बहुखण्डन:
“कुछ एककोशिकीय जीवों में एक कोशिका अनेक संतति कोशिकाओं में एक साथ विभाजित हो जाती है तथा अनेक नवजीवों को उत्पन्न करती है। यह प्रक्रियो बहुखण्डन (बहुविखण्डन) कहलाती है।”

प्रश्न 8.
खण्डन क्या है?
उत्तर:
सरल संरचना वाले बहुकोशिकीय जीव विकसित होकर छोटे-छोटे टुकड़ों में खण्डित हो जाते हैं। ये टुकड़े (खण्ड) वृद्धि करके नए जीव में विकसित हो जाते हैं यह प्रक्रिया खण्डन कहलाती है।

प्रश्न 9.
बीजाणु समासंघ क्या होता है?
उत्तर:
बीजाणु समासंघ:
“अनेक सरल बहुकोशिकीय जीवों में विशिष्ट संरचनाएँ पाई जाती हैं जो बीजाणुधानी कहलाती हैं जिनमें बीजाणु पाए जाते हैं जो अनुकूल परिस्थितियाँ होने पर नए जीव उत्पन्न करते हैं। अलैंगिक जनन की यह प्रक्रिया बीजाणु समासंघ कहलाती है।

प्रश्न 10.
लैंगिक जनन किसे कहते हैं?
उत्तर:
लैंगिक जनन:
“नर जनन कोशा एवं मादा जनन कोशा के संयोग (सम्मिलन) से होने वाले जनन को लैंगिक जनन कहते हैं।”

प्रश्न 11.
परागण किसे कहते हैं? (2019)
उत्तर:
परागण:
“वह प्रक्रिया जिसमें परागकोश से परागकण वर्तिकाग्र तक पहुँचते हैं परागण कहलाती है।” अर्थात् “परागकणों का किसी भी माध्यम से परागकोश से वर्तिकाग्र तक पहुँचने की प्रक्रिया परागण कहलाती है।”

प्रश्न 12.
स्वपरागण क्या होता है?
उत्तर:
स्वपरागण:
“जब किसी एक पुष्प के पुंकेसर परागकोश से परागकण उसी पुष्प की स्त्रीकेसर की वर्तिकान पर पहुँचते हैं तो परागण की यह प्रक्रिया स्वपरागण कहलाती है।”

प्रश्न 13.
पर-परागण क्या है?
उत्तर:
पर-परागण:
“जब एक पुष्प के परागकोश से परागकण दूसरे पुष्प की वर्तिकाग्र तक किसी भी माध्यम की सहायता से पहुँचते हैं तो परागण की यह प्रक्रिया पर-परागण कहलाती है।”

प्रश्न 14.
निषेचन किसे कहते हैं?
उत्तर:
निषेचन: “नर युग्मक एवं मादा युग्मक का संयोग (सम्मिलन) निषेचन कहलाता है।”

प्रश्न 15.
अंकुरण किसे कहते हैं?
उत्तर:
अंकुरण:
“बीजों में भावी पौधा भ्रूण होता है जो अनुकूल परिस्थितियों में नवोद्भिद् में विकसित हो जाता है। इस प्रक्रिया को अंकुरण या बीजों का अंकुरण कहते हैं।”

प्रश्न 16.
ऋतुस्राव या रजोधर्म किसे कहते हैं?
उत्तर:
ऋतुस्राव या रजोधर्म:
“अण्ड के निषेचन न होने की अवस्था में गर्भाशय की दीवारों पर जमी माँसल पर्त धीरे-धीरे टूट कर योनि मार्ग से रुधिर एवं म्यूकस के रूप में निष्कासित होती है। इसे ऋतुस्राव अथवा रजोधर्म कहते हैं।”

प्रश्न 17.
एक द्विलिंगी पुष्य में से पुंकेसरों को काटकर निकाल दिया जाता है। इसके बाद भी वह पुष्प फल उत्पन्न करता है? ऐसी स्थिति की उचित व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
पुष्प में स्त्रीकेसर है और फल स्त्रीकेसर बनाती है तथा पर-परागण द्वारा उसे नर जनन कोशा परागकण निषेचन के लिए प्राप्त हो जाते हैं, फलस्वरूप वे फल बनाते हैं।

प्रश्न 18.
क्या आप एककोशीय जीवों में कोशिका विभाजन को जनन का प्रकार समझते हैं? एक कारण दीजिए।
उत्तर:
हाँ, एककोशीय जीवों में कोशिका विभाजन एक प्रकार का अलैंगिक जनन है, क्योंकि उस कोशिका विभाजन से नवजातों का जन्म होता है। इस प्रकार जीवों की संतति बढ़ती है।

प्रश्न 19.
क्लोन क्या होते हैं? अलैंगिक जनन के फलस्वरूप उत्पन्न नवजातों में काफी अधिक सम्मानताएँ क्यों पाई जाती है?
उत्तर:
क्लोन:
“किसी जीव के अलैंगिक जनन से उत्पन्न एकदम समरूप नवजात उस जीव के क्लोन कहलाते हैं।”
चूँकि उनका एकल जनक होता है और उनका DNA उनके जनक के DNA से एकदम मेल खाता है। इसलिए उनमें काफी अधिक समानताएँ पाई जाती हैं।

प्रश्न 20.
लैंगिक जनन से उत्पन्न नवजातों में गुणसूत्रों की संख्या उनके जनकों के गुणसूत्रों की संख्या के समान क्यों होती है?
उत्तर:
युग्मक बनने की प्रक्रिया में अर्द्धसूत्री विभाजन के कारण युग्मकों (नर एवं मादा दोनों) में गुणसूत्रों की संख्या आधी रह जाती है और जब ये युग्मक निषेचन के लिए आपस में संयुक्त होते हैं तो उनके गुणसूत्र मिलकर संख्या पुनः जनकों के गुणसूत्रों के बराबर हो जाती है। यही कारण है कि लैंगिक जनन से उत्पन्न नवजातों में गुणसूत्रों की संख्या अपने जनकों के गुणसूत्रों के समान होती है।

प्रश्न 21.
यीस्ट की कॉलोनी-जल में द्विगुणित होने में असफल हो जाती है, लेकिन शक्कर के विलयन में द्विगुणित होती है। क्यों? इसके लिए एक कारण दीजिए।
उत्तर:
शक्कर के घोल में यीस्ट के प्रजनन के लिए आवश्यक ऊर्जा पर्याप्त मात्रा में मिलती है जिससे वे द्विगुणित होते हैं, लेकिन जल में अपर्याप्त ऊर्जा मिलने के कारण ये द्विगुणित होने में असफल हो जाते हैं।

प्रश्न 22.
ब्रेड-मोल्ड नम ब्रेड स्लाइस पर अधिक तेजी से उगती है, जबकि सूखी ब्रेड स्लाइस पर नहीं, क्यों?
उत्तर:
हाइफा की वृद्धि के लिए नमी (आर्द्रता) अति-आवश्यक है। भीगी या नम (आर्द्र) ब्रेड स्लाइस ब्रेड-मोल्ड के लिए पर्याप्त नमी एवं पोषक उपलब्ध कराती है, जबकि सूखी ब्रेड स्लाइस केवल पोषक ही उपलब्ध कराती है। इसलिए नम ब्रेड स्लाइस पर ब्रेड-मोल्ड अधिक तेजी से उगती है, पर सूखी ब्रेड-स्लाइस पर नहीं।

प्रश्न 23.
लैंगिक जनन से प्राप्त नवजातों में विषमताएँ होने के दो कारण दीजिए।
उत्तर:

  1. लैंगिक जनन में दो जनक भाग लेते हैं जिनके गुण भिन्न होते हैं।
  2. युग्मकों में गुणसूत्रों का संयोग भिन्न-भिन्न होता है।

प्रश्न 24.
अगर प्लेनेरिया को ऊर्ध्वाधरतः दो भागों में काट दिया जाए तो क्या वे कटे भाग दो अलग जीवों में पुनर्जनित हो जाएंगे? निम्नलिखित आकृति में D एवं E को पुनर्जनित भाग को दर्शाते हुए पूरा कीजिए।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है 4
उत्तर:
हाँ! संलग्न चित्र में D एवं E के छायांकित भाग पुनर्जनित भाग हैं।
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प्रश्न 25.
तम्बाकू के पौधे में नर युग्मक में 24 गुणसूत्र हैं। मादा युग्मक में कितने गुणसूत्र होंगे? युग्मनज में गुणसूत्रों की संख्या क्या होगी?
उत्तर:
मादा युग्मक में गुणसूत्रों की संख्या = 24 युग्मनज में गुणसूत्रों की संख्या = 48.

प्रश्न 26.
अगर परागण नहीं घटित होता तो पुष्पों में निषेचन की क्रिया क्यों नहीं होती?
उत्तर:
पुष्पों में निषेचन के लिए दोनों नर युग्मक (परागकण) एवं मादा युग्मक (बीजाण्ड) चाहिए और अगर परागण नहीं होगा तो नर युग्मक (परागकणों) की अनुपस्थित में निषेचन भी नहीं होगा।

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प्रश्न 27.
क्या किसी जीव के युग्मनज, भ्रूणीय कोशा एवं जीव में गुणसूत्रों की संख्या सदैव निश्चित होती है? इन तीनों अवस्थाओं में निश्चित संख्या कैसे बनी रहती है?
उत्तर:
हाँ, क्योंकि तीनों अवस्थाओं में कोशिका विभाजन माइटोटिक कोशिका विभाजन होता है।

प्रश्न 28.
निषेचन के बाद पुष्य में कहाँ युग्मनज स्थित होता है?
उत्तर:
निषेचन के बाद पुष्प में युग्मनज अण्डाशय में उपस्थित बीजाण्ड में स्थित होता है।

प्रश्न 29.
“जनन किसी जीव की जनसंख्या (समष्टि) के स्थायित्व से सम्बन्धित होती है।” इस कथन की पुष्टि कीजिए।
उत्तर:
जनन की प्रक्रिया में DNA एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को स्थानान्तरित होते रहते हैं। ये DNA कुछ सूक्ष्म विभिन्नताओं के साथ कॉपी किए जाते हैं इसलिए जनसंख्या का स्थायित्व बना रहता है।

प्रश्न 30.
अण्ड के निषेचन न होने की स्थिति में गर्भाशय में क्या परिवर्तन दिखाई देता है?
उत्तर:
जब अण्ड का निषेचन नहीं होता तो भावी भ्रूण के पोषण हेतु जमा की गई मोटी माँसल एवं स्पंजी परत का गर्भाशय की दीवार से क्षरण होने लगता है और वह रक्त एवं म्यूकस के रूप में योनि मार्ग से, निष्कासित होती है।

प्रश्न 31.
जब गर्भाशय में निषेचित अण्ड (युग्मनज) स्थापित हो जाता है तो गर्भाशय में क्या परिवर्तन दिखाई देता है?
उत्तर:
गर्भाशय में निषेचित अण्ड (युग्मनज) के स्थापित होने पर गर्भाशय की दीवारें मोटी और स्पंजी हो जाती हैं तथा इनमें भ्रूण के पोषण के लिए रक्त प्रवाह बढ़ जाता है। एक विशेष ऊतक जिसे प्लेसेण्टा कहते हैं, द्वारा भ्रूण का सम्बन्ध गर्भाशय की दीवारों से हो जाता है जिसके द्वारा भ्रूण को पोषक पदार्थ एवं ऑक्सीजन की आपूर्ति होती है।

प्रश्न 32.
मैथुन के समय गर्भ निरोधक यान्त्रिक विधियों के उपयोग के क्या लाभ हैं?
उत्तर:
मैथुन के समय प्रयुक्त यान्त्रिक विधियाँ स्पर्म (शुक्राणुओं) को अण्ड तक जाने से रोकती हैं इसलिए यह गर्भ निरोध की प्रभावी युक्ति है। इसके साथ ही यह संक्रमण होने से भी बचाव करती है।

प्रश्न 33.
एक अण्ड एवं एक भ्रूण के अन्दर गुणसूत्रों की संख्या में क्या अनुपात होगा? एक शुक्राणु एवं एक अण्ड में आनुवंशिक क्या अन्तर है ?
उत्तर:
गुणसूत्रों का अनुपात 1 : 2 होगा। एक शुक्राणु में X एवं Y दोनों प्रकार के गुणसूत्र होते हैं, जबकि अण्ड में केवल X एवं X प्रकार के गुणसूत्र पाए जाते हैं।

MP Board Class 10th Science Chapter 8 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
छात्रों से यीस्ट में मुकुलन के विभिन्न चरणों को दर्शाने वाली स्थायी स्लाइडों का सूक्ष्मदर्शी की उच्च क्षमता में प्रेक्षण करने के लिए कहा गया –
(a) स्लाइडों को फोकस करने के लिए आपको सूक्ष्म समायोजन अथवा रुक्ष समायोजन में से किसे घुमाने के लिए कहा गया?
(b) यीस्ट में मुकुलन को सही क्रम में दर्शाने के लिए तीन आरेख खींचिए।
उत्तर:
(a) स्लाइडों को फोकस करने के लिए हमको सूक्ष्म समायोजन घुमाने के लिए कहा गया।

(b) यीस्ट में मुकुलन के विभिन्न चरण –
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प्रश्न 2.
कोई छात्र यीस्ट में होने वाले अलैंगिक जनन के विभिन्न चरणों को क्रमवार दर्शाने वाली स्थायी स्लाइड का प्रेक्षण कर रहा है। इस प्रक्रिया का नाम लिखिए। जो कुछ वह प्रेक्षण करता है उसे उचित क्रम में, आरेख खींचकर दर्शाइए।
उत्तर:
प्रेक्षण की इस प्रक्रिया का नाम माइक्रोस्कोपिक अवलोकन (परीक्षण) है तथा यीस्ट की अलैंगिक जनन की प्रक्रिया का नाम मुकुलन है।
प्रेक्षित जनन – क्रम का आलेख:

प्रश्न 3.
अमीबा में द्विखण्डन की प्रक्रिया को (चार चरणों द्वारा) क्रमवार आरेख खींचकर दर्शाइए। (2019)
उत्तर:
अमीबा में द्विखण्डन की प्रक्रिया का आरेख:
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प्रश्न 4.
हाइड्रा में अलैंगिक जनन की मुकुलन प्रक्रिया को तीन चरणों के सही क्रम में दर्शाने वाला आरेख खींचिए।
उत्तर:
हाइड्रा में अलैंगिक जनन की मुकुलन प्रक्रिया का चरण वार आरेख –
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है 8

प्रश्न 5.
इण्टरनेट की सहायता से 5 जन्तु एवं 5 पौधों के गुणसूत्रों की संख्याओं के बारे में सूचना एकत्रित कीजिए। इन गुणसूत्रों की संख्या का उन जीवों के आकार से सम्बन्ध स्थापित कीजिए एवं निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए –

  1. क्या बड़े जीवों में गुणसूत्रों की संख्या अधिक होती है?
  2. क्या कम गुणसूत्रों की संख्या वाले जीव आसानी से जनन करते हैं उन जीवों की अपेक्षा जिनमें गुणसूत्रों की संख्या अधिक है?
  3. जितनी अधिक गुणसूत्रों की संख्या उतनी अधिक DNA मात्रा। पुष्टि कीजिए।

उत्तर:
निर्देश – प्रथम भाग के लिए छात्र स्वयं सूचना एकत्र करें।

  1. नहीं, क्योंकि गुणसूत्रों की संख्या और जीव के आकार में कोई सम्बन्ध नहीं होता।
  2. नहीं, क्योंकि जनन की प्रक्रिया गुणसूत्रों की संख्या पर कदापि निर्भर नहीं करती वह एक सामान्य प्रक्रिया है।
  3. हाँ, क्योंकि गुणसूत्रों का प्रमुख घटक DNA है। इसलिए अधिक गुणसूत्रों की संख्या अधिक DNA की मात्रा।

प्रश्न 6.
सामान्य शारीरिक वृद्धि एवं लैंगिक परिपक्वता में क्या अन्तर है?
उत्तर:
सामान्य शारीरिक वृद्धि में विभिन्न प्रकार की विकास की प्रक्रियाएँ होती हैं। लम्बाई में वृद्धि, भार में वृद्धि तथा शरीर के प्रत्येक भाग में सामान्य रूप से वृद्धि होती है। कोई नवीन संरचना एवं नवीन प्रक्रियाएँ प्रारम्भ नहीं होती। जबकि लैंगिक परिपक्वता में लैंगिक अंगों एवं प्रक्रियाओं का विकास होता है। जैसे नर में दाढ़ी-मूंछों का आना, आवाज का भारी होना तथा मादाओं में स्तन ग्रंथियों का विकास, मासिक रजोधर्म (ऋतु स्राव) का प्रारम्भ होना तथा सभी में गुप्तांगों एवं काँख में बालों का उगना।

प्रश्न 7.
शुक्राणुओं के मोचन के समय शुक्राणुओं का मार्ग बताइए तथा नर जनन तन्त्र से सम्बन्धित ग्रंथि का नाम एवं उसके कार्य बताइए।
उत्तर:
शुक्राणुओं के मोचन के समय शुक्राणु वृषण से बाहर आकर शुक्रवाहिकाओं की सहायता से मूत्र मार्ग तक पहुँचते हैं।
शुक्राशय एवं प्रोस्टेट ग्रंथियों द्वारा होने वाले स्राव शुक्राणुओं को स्थानान्तरण के लिए एक तरल माध्यम उपलब्ध करवाते हैं जिससे उनका स्थानान्तरण सरलता से बिना घर्षण के होता है। इसके अतिरिक्त यह स्राव शुक्राणुओं को पोषण भी प्रदान करता है।

प्रश्न 8.
संलग्न चित्र में निम्न भागों के नाम लिखिए तथा उनके कार्य लिखिए –
(a) अण्डों का निर्माण।
(b) निषेचन का स्थान।
(c) युग्मनज की स्थापना का स्थान।
(d) शुक्राणुओं का प्रवेश स्थान।
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उत्तर:
(a) अण्डाशय (ओवरी)।
(b) अण्डवाहिका (फैलोपियन ट्यूब)।
(c) गर्भाशय (यूटेरस)।
(d) योनि (वेजाइना)।
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(a) अण्डाशय: वह स्थान जहाँ अण्डों का निर्माण होता है।
(b) अण्डवाहिका: वह स्थान जहाँ अण्डों की निषेचन क्रिया होती है।
(c) गर्भाशय: वह स्थान जहाँ निषेचन अण्डों (युग्मनजों) की स्थापना होती है।
(d) योनि: इस मार्ग से ही शुक्राणु प्रवेश करते हैं।

प्रश्न 9.
किसी समाज के लिए जनन स्वास्थ्य के चार महत्वपूर्ण बिन्दुओं की सूची बनाइए। हमारे देश में पिछले 50 वर्षों में जनन स्वास्थ्य से सम्बन्धित जिन क्षेत्रों में सुधार हुआ है, उनमें से किन्हीं दो के नाम लिखिए।
उत्तर:
जनन स्वास्थ्य के चार महत्वपूर्ण बिन्दु या पहलू निम्नलिखित हैं –

  1. शारीरिक स्वास्थ्य।
  2. भावनात्मक स्वास्थ्य।
  3. व्यवहारात्मक स्वास्थ्य।
  4. सामाजिक स्वास्थ्य।

हमारे देश में पिछले 50 वर्षों में भारत सरकार ने जननात्मक स्वास्थ्य से सम्बन्धित अनेक क्षेत्रों में सुधार किया है जिनमें से प्रमुख हैं –

  1. परिवार नियोजन कार्यक्रम।
  2. जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य, टीकाकरण एवं स्तनपान पर जागरूकता पैदा करना।

प्रश्न 10.
स्व-परागण एवं पर-परागण में अन्तर लिखिए।
उत्तर:
स्व-परागण एवं पर-परागण में अन्तर –
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प्रश्न 11.
प्रजनन के महत्त्व पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
प्रजनन का महत्त्व:

  1. प्रजनन के कारण जीवन की निरन्तरता बनी रहती है।
  2. प्रजनन के कारण ही स्पीशीज का संरक्षण रहता है।
  3. प्रजनन ही स्पीशीज की जनसंख्या बढ़ाने का माध्यम है।
  4. अनुकूल विभिन्नताओं का एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक संवहन प्रजनन द्वारा ही सम्भव है।
  5. प्रजनन का विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान है।

MP Board Class 10th Science Chapter 8 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
लैंगिक जनन के विशिष्ट लक्षणों की सूची बनाइए।
उत्तर:
लैंगिक जनन के प्रमुख विशिष्ट लक्षण:

  1. लैंगिक जनन में दो व्यष्टि (एकक जीवों) की भागीदारी होती है।
  2. इसमें नर एवं मादा दोनों लिंगों की आवश्यकता होती है।
  3. एक ही समष्टि के जीवों के दो भिन्न युग्मकों के निषेचन से युग्मनजों का निर्माण होता है।
  4. संतति में विभिन्नताएँ पायी जाती हैं।
  5. संतति में दोनों ही पित्रों नर एवं मादा के गुण उत्पन्न होते हैं।
  6. लैंगिक जनन से नई स्पीशीज उत्पन्न हो सकती है।

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प्रश्न 2.
गुणसूत्र क्या होते हैं? स्पष्ट कीजिए कि लैंगिक जनन करने वाले जीतों में पीढ़ी-दर-पीढ़ी संतति में गुणसूत्रों की संख्या किस प्रकार समान बनी रहती है ?
उत्तर:
गुणसूत्र:
“कोशिकाओं के केन्द्रक में स्थित धागेनुमा पतली संरचनाएँ जिनका आनुवंशिक पदार्थ DNA कोशिकाद्रव्य में स्वतन्त्र रूप में न रहकर केन्द्रक में कुछ विशिष्ट संरचनाओं के रूप में व्यवस्थित होता है, गुणसूत्र कहलाते हैं।”

लैंगिक जनन करने वाली कोशिकाओं में प्रत्येक जीव में अलग-अलग संख्या में गुणसूत्रों की जोड़ियाँ होती हैं जिनमें लिंग गुणसूत्र वाला जोड़ा निषेचन के लिए युग्मक बनाते समय अर्द्धसूत्री विभाजन के फलस्वरूप दो भागों में विभक्त हो जाता है जिसके परिणामस्वरूप युग्मकों के गुणसूत्रों की संख्या आधी रह जाती है।

जब निषेचन होता है तो नर युग्मक मादा युग्मक के साथ संलयित होता है जिससे गुणसूत्रों की संख्या पूर्ववत् हो जाती है। यह क्रम लगातार चलता रहता है। इस प्रकार लैंगिक जनन करने वाले जीवों मैं पीढ़ी-दर-पीढ़ी संतति में गुणसूत्रों की संख्या समान बनी रहती है।

प्रश्न 3.
जनन की परिभाषा लिखिए। स्पीशीज की समष्टि को स्थायित्व प्रदान करने में यह किस प्रकार सहायता करता है?
उत्तर:
जनन:
“सजीवों की अपने समान आकृति, रंग-रूप एवं गुणों के नए जीव उत्पन्न करने की क्षमता जनन कहलाती है।” जनन के कारण जीवन की निरंतरता बनी रहती है। जनन में जीव लगभग अपने जैसे जीवों को जन्म देता है। इस कारण उस स्पीशीज की जनसंख्या बढ़ती जाती है। अनुकूल विभिन्नताओं का एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक संवहन जनन द्वारा ही सम्भव है। जनन का विकास में भी योगदान है। जनन किसी स्पीशीज की समष्टि का संरक्षण कर उसके स्थायित्व में सहायक है।

प्रश्न 4.
जीवों के जनन के सन्दर्भ में उपयोग होने वाले पद “पुनरुद्भवन” (पुनर्जनन) की व्याख्या कीजिए। संक्षेप में वर्णन कीजिए कि हाइड्रा जैसे बहुकोशिकीय जीवों में पुनरुद्भवन की प्रक्रिया किस प्रकार सम्पन्न होती है?
उत्तर:
पुनरुद्भवन (पुनर्जनन):
“शरीर के नवनिर्माण की वह शक्ति जिसके अन्तर्गत शरीर के टूट जाने पर उसकी मरम्मत हो जाती है और प्रत्येक टुकड़ा पूर्ण होकर नया जीव बनाता है, पुनरुद्भवन (पुनर्जनन) कहलाता है।”

हाइड्रा में पुनरुद्भवन (पुनर्जनन):
पूर्णरूपेण विभेदित जीवों जैसे हाइड्रा किसी कारणवश क्षत-विक्षत होकर कुछ टुकड़ों में विभक्त हो जाता है तो प्रत्येक खण्ड पुनरुद्भवन की क्षमता के कारण पूर्ण नवीन जीव में विकसित हो जाता है। इस प्रकार हाइड्रा जैसे बहुकोशिकीय जीवों में पुनरुद्भवन (पुनर्जनन) की क्रिया सम्पन्न होती है। देखिए चित्र।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है 12

प्रश्न 5.
(a) लैंगिक जनन द्वारा उत्पन्न संतति में विभिन्नता दृष्टिगोचर होने के दो कारणों की सूची बनाइए।
(b)

  1. आरेख में अंकित भाग ‘A’ का नाम लिखिए।
  2. ‘A’ भाग ‘B’ तक कैसे पहुँचता है?
  3. भाग ‘C’ का महत्व लिखिए।
  4. ‘D’ द्वारा अंकित भाग का निषेचन के बाद क्या होता है?

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उत्तर:
(a)

  1. लैंगिक जनन में दो जनक भाग लेते हैं जिनके गुण भिन्न होते हैं।
  2. युग्मकों में गुणसूत्रों का संयोग भिन्न-भिन्न होता है।

(b)

  1. भाग ‘A’ का नाम: परागकण (नर जनक) है।
  2. भाग ‘A’ परागकण भाग ‘B’ वर्तिकाग्र तक परागण की प्रक्रिया द्वारा पहुँचता है।
  3. भाग ‘C’ पराग नलिका का महत्व: पराग नलिका के माध्यम से परागकण द्वारा उत्पन्न नर युग्मक बीजाण्ड तक पहुँचता है तथा बीजाण्ड का भेदन करके बीजाण्ड में उत्पन्न अण्ड कोशिका के मादा युग्मक से संलगित होकर निषेचन करता है।
  4. भाग ‘D’ बीजाण्ड निषेचित होकर युग्मनज बनाता है जो बाद में विकसित होकर बीज में परिवर्तित हो जाता है।

प्रश्न 6.
जनन सजीवों का एक महत्वपूर्ण लक्षण है। इस कथन के पक्ष में तीन कारण दीजिए।
उत्तर:
जीवधारियों में अनेक जैविक प्रक्रियाएँ होती हैं, लेकिन वे सभी स्वयं के अस्तित्व के लिए ही होती हैं। हम जानते हैं कि जीव नश्वर है और जब उसने जन्म लिया है तो उसकी मृत्यु भी असम्भावी है।
अपनी समष्टि को इस समष्टि में बनाए रखने के लिए जनन जीवों का एक महत्वपूर्ण लक्षण है, क्योंकि –

  1. जनन के द्वारा जीव अपने जैसे अनेक जीवों को जन्म देता है। इससे उन जीवों की जनसंख्या में वृद्धि होती है तथा जीव की समष्टि का अन्त भी नहीं होता, क्योंकि यदि कुछ जीव मरते भी हैं तो जनन के द्वारा उनकी प्रतिपूर्ति हो जाती है।
  2. जनन के द्वारा जीव अपने गुणों एवं विशेषताओं को पीढ़ी-दर-पीढ़ी स्थानान्तरित करते रहते हैं तथा सभी जीवों में जाति की निरन्तरता बनी रहती है।
  3. जनन के द्वारा ही जीवों में विविधता आती है तथा जाति का उद्विकास भी होता है तथा नए-नए जीवों का विकास भी जनन के कारण ही सम्भव है।

प्रश्न 7.
कायिक प्रवर्धन क्या है? इस विधि के दो लाभ और दो हानियाँ लिखिए।
उत्तर:
कायिक प्रवर्धन:
“जब मनुष्य कृत्रिम रूप से पौधों के विभिन्न भागों (रचनाओं) से नवीन पौधे पैदा करता है तो इस प्रक्रिया को कायिक प्रवर्धन या कृत्रिम अलैंगिक जनन कहते हैं।”

कायिक प्रवर्धन के लाभ:

  1. कायिक प्रवर्धन के द्वारा पौधे शीघ्र तैयार हो जाते हैं तथा शीघ्र ही फूलते-फलते हैं।
  2. इस विधि से प्राप्त पुत्री पौधे हर प्रकार से जनक पौधों के समान होते हैं।

कायिक प्रवर्धन से हानियाँ:

  1. कायिक प्रवर्धन सभी पौधों में सम्भव नहीं होता।
  2. कायिक प्रवर्धन से पौधों में विविधता नहीं आती। इस कारण प्रतिकूल परिस्थितियों में उस समष्टि के लुप्त होने का अन्देशा बना रहता है।

प्रश्न 8.
गर्भ धारण को रोकने के लिए विकसित की गई तीन तकनीकों की सूची बनाइए। इनमें से कौन-सी तकनीक पुरुषों के लिए नहीं है? इन तकनीकों का प्रयोग किस प्रकार किसी परिवार के स्वास्थ्य और समृद्धि को सीधे प्रभावित करता है?
उत्तर:
गर्भ धारण रोकने के लिए विकसित नई तकनीकें:

  1. निरोध का उपयोग
  2. शुक्रवाहिकाओं को अवरुद्ध कर देना
  3. हॉर्मोन सन्तुलन के लिए दवाओं का सेवन इनमें तीसरी तकनीक हॉर्मोन सन्तुलन के लिए दवाओं का सेवन पुरुषों के लिए नहीं है।

गर्भ निरोधक तकनीक (परिवार नियोजन) का सीधे परिवार के स्वास्थ्य एवं समृद्धि पर प्रभाव:
बार-बार गर्भ धारण करने पर महिलाओं का स्वास्थ्य बहुत गिर जाता है। परिवार नियोजन तकनीकों के प्रयोग से उनका स्वास्थ्य बना रहता है तथा वे विभिन्न यौन संक्रमण से बची रहती हैं। परिवार नियोजन से सीमित परिवार होने से संसाधनों का अच्छा उपयोग हो सकता है। अच्छा खाना, अच्छा पहनना, अच्छी शिक्षा, अच्छी सुख-सुविधाएँ उपलब्ध हो सकती हैं। आजकल के महंगाई के समय में परिवार नियोजन परिवार की खुशहाली प्रदान करता है तथा इसका सीधा प्रभाव परिवार के स्वास्थ्य एवं समृद्धि पर पड़ता है।

प्रश्न 9.
यौन संक्रमित रोगों का वर्णन कीजिए तथा उनमें बचाव के उपाय लिखिए।
उत्तर:
यौन संक्रमित रोग-“ऐसे सभी रोग जो मैथुन द्वारा संचारित होते हैं, यौन संचरित रोग कहलाते हैं। इन रोगों के लक्षण जनन क्षेत्र (गुप्तांगों) में खुजली, जलन, तरल स्राव तथा दर्द होना है। इनमें प्रमुख रोग हैं – एचआईवी संक्रमण (AIDS), गोनेरिया, सिफलिस, जननांग की हीज आदि। इन रोगों में सर्वाधिक खतरनाक रोग एड्स है। एड्स को छोड़कर प्रायः सभी रोग पूर्ण रूप से उपचार योग्य हैं।

बचाव के उपाय:
चूँकि यौन संक्रमित रोग मैथुन के द्वारा संचरित होते हैं। इसलिए सुरक्षात्मक मैथुन इसका सर्वश्रेष्ठ उपाय है। इसके लिए –

  1. मैथुन के समय गर्भ निरोधक युक्तियों का उपयोग सर्वाधिक सुगम एवं सुरक्षित है।
  2. जननांगों की नियमित स्वच्छता पर विशेष ध्यान।
  3. संक्रमित सुई एवं सिरिंज का प्रयोग न करना।
  4. वैश्यागमन या अनैतिक सम्बन्धों से बचना।
  5. संक्रमित महिलाओं को गर्भधारण न करने देना।
  6. उपयुक्त समयानुकूल टीकाकरण।
  7. बिना परीक्षण रक्त दान न करना।
  8. ड्रग्स एवं नशाखोरी से बचना आदि।

प्रश्न 10.
(a) मादा जनन तन्त्र की निम्नलिखित भागों के कार्यों का उल्लेख कीजिए –

  1. अण्डाशय
  2. गर्भाशय
  3. फैलोपियन ट्यूब।

(b) मानव मादा में प्लेसेण्टा की संरचना और कार्यों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
(a)

  1. अण्डाशय: इसमें अण्ड कोशिका का निर्माण होता है तथा ये कुछ हॉर्मोन भी सावित करता है।
  2. गर्भाशय: इसमें निषेचित अण्डा या युग्मनज स्थापित होता है तथा उसका विकास एवं पोषण होता है तथा शिशु बनने तक की सभी प्रक्रियाएँ यहाँ पूर्ण होती हैं।
  3. फैलोपियन ट्यूब (अण्डवाहिका): इसमें अण्ड कोशिका का निषेचन होता है तथा यह निषेचित अण्ड कोशिका (युग्मनज) को गर्भाशय में प्रेषित कर देती है।

(b) प्लेसेण्टा की संरचना:
प्लेसेन्टा एक विशेष तस्तरीनुमा संरचना होती है जो गर्भाशय की भित्ति में धंसी रहती है। इसमें भ्रूण की ओर के ऊतक में प्रवर्ध होते हैं जो माँ के ऊतकों में स्थित रिक्त स्थानों से आच्छादित होते हैं।

प्लेसेण्टा के कार्य:

  1. यह माँ के रक्त से भ्रूण के पोषण के लिए ग्लूकोज एवं अन्य पदार्थ तथा श्वसन के लिए ऑक्सीजन उपलब्ध कराती है।
  2. भ्रूण में उत्पन्न अपशिष्ट पदार्थों के निपटान में सहायक होती है।

प्रश्न 11.
प्लेसेन्टा क्या है? इसकी संरचना का वर्णन कीजिए। गर्भवती मानव मादा के प्रकरण में इसके कार्यों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
प्लेसेण्टा:
“मादा के गर्भाशय में भ्रूण और माँ के बीच सम्बन्ध स्थापित करने वाली विशेष संरचना प्लेसेण्टा कहलाती है।”

प्लेसेण्टा की संरचना:
प्लेसेन्टा एक विशेष तस्तरीनुमा संरचना होती है जो गर्भाशय की भित्ति में धंसी रहती है। इसमें भ्रूण की ओर के ऊतक में प्रवर्ध होते हैं जो माँ के ऊतकों में स्थित रिक्त स्थानों से आच्छादित होते हैं।

प्रश्न 12.
(a) मानव नर के उस जननांग का नाम लिखिए जो शुक्राणुओं के उत्पादन के साथ-साथ हॉर्मोन भी स्रावित करता है। स्रावित हॉर्मोन के कार्य लिखिए।
(b) मानव मादा के जनन तन्त्र के उस भाग का नाम लिखिए जहाँ –

  1. निषेचन होता है।
  2. निषेचित अण्डे का आरोपण होता है।
  3. स्पष्ट कीजिए कि माता के शरीर के भीतर भ्रूण का पोषण किस प्रकार होता है?

उत्तर:
(a) मानव नर के वृषण में शुक्राणुओं के निर्माण के साथ-साथ टेस्टोस्टेरॉन नामक हॉर्मोन का उत्पादन एवं स्रावण होता है। हॉर्मोन टेस्टोस्टेरॉन का कार्य-यह हॉर्मोन नर मानव में शुक्राणुओं के निर्माण के नियन्त्रण के साथ-साथ लड़कों में यौवनावस्था के लक्षणों का भी नियन्त्रण करता है।

(b)

  1. अण्डवाहिकाएँ (फैलोपियन ट्यूब)।
  2. गर्भाशय।
  3. माता के शरीर के अन्दर भ्रूण का पोषण:
    माता के शरीर के अन्दर भ्रूण का पोषण माता के रक्त से प्लेसेण्टा के माध्यम से होता है। प्लेसेण्टा माता के रक्त के सम्पर्क में रहता है तथा उससे ग्लूकोज, ऑक्सीजन एवं अन्य पदार्थों को अवशोषित करके भ्रूण को उपलब्ध कराता है।

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प्रश्न 13.
मुकुलन (कलिकायन) खण्डन, विखण्डन, पुनरुद्भवन (पुनर्जनन) ये सभी अलैंगिक प्रकार का जनन क्यों माना जाता है? एक स्वच्छ आकृति (रेखाचित्र) बनाकर प्लेनेरिया में पुनरुद्भवन (पुनर्जनन) की प्रक्रिया को समझाइए।
उत्तर:
जीवों में मुकुलन (कलिकायन), खण्डन, विखण्डन एवं पुनरुद्भवन (पुनर्जनन) को अलैंगिक प्रकार का जनन माना जाता है, क्योंकि इसमें जीव के लैंगिक भागों की कोई भूमिका नहीं होती है तथा इसमें नर एवं मादा युग्मक भाग नहीं लेते।

प्लेनेरिया में पुनरुद्भवन की प्रक्रिया द्वारा जनन:
प्लेनेरिया जैसे सरल जीवों में पुनरुद्भवन की क्षमता होती है, अर्थात् यदि किसी कारणवश जीव क्षत-विक्षत होकर अनेक टुकड़ों में विभक्त हो जाता है तो अपनी इस क्षमता के कारण प्रत्येक टुकड़ा एक नए जीव में विकसित हो जाता है। इस प्रकार प्लेनेरिया में पुनरुद्भवन (पुनर्जनन) द्वारा जनन होता है –
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है 14

प्रश्न 14.
अलैंगिक एवं लैंगिक जनन में अन्तर स्पष्ट कीजिए। लैंगिक जनन से उत्पन्न नवजातों में विविधता (विभिन्नताएँ) क्यों पाई जाती हैं? समझाइए।
उत्तर:
अलैंगिक जनन एवं लैंगिक जनन में अन्तर –
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  1. लैंगिक जनन में दो जनक भाग लेते हैं जिनके गुण भिन्न होते हैं।
  2. युग्मकों में गुणसूत्रों का संयोग भिन्न-भिन्न होता है।

प्रश्न 15.
परागण एवं निषेचन में अन्तर स्पष्ट कीजिए। पुष्प में निषेचन कहाँ होता है तथा निषेचन के बाद क्या बनता है? किसी पुष्प की स्त्रीकेसर का स्वच्छ नामांकित आरेख बनाइए जिसमें पराग नलिका की वृद्धि एवं इसकी बीजाण्ड में प्रवेश दिखाया गया हो।
उत्तर:
परागण तथा निषेचन में अन्तर –
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है 16
पुष्प में निषेचन स्त्रीकेसर के अण्डाशय में होता है तथा निषेचन के बाद बीजाण्ड बीज में तथा अण्डाशय फल में विकसित होता है। इस प्रकार निषेचन के बाद फलों और बीजों का उत्पादन होता है।

स्त्रीकेसर का निषेचन प्रदर्शित करती आकृति –
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है 17

प्रश्न 16.
एक पुष्प की अनुदैर्घ्य काट का स्वच्छ नामांकित चित्र बनाइए। पुष्प के युग्मक बनाने वाले भागों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  1. पुष्प की अनुदैर्घ्य काट का नामांकित आरेख:
  2. पुष्प की अनुदैर्घ्य काट का नामांकित चित्र –
  3. नर युग्मक बनाने वाला अंग: परागकोश (पुंकेसर)।
  4. मादा युग्मक बनाने वाला अंग: अण्डाशय (स्त्रीकेसर)।

प्रश्न 17.
युग्मक एवं युग्मनज में अन्तर स्पष्ट कीजिए। उनकी लैंगिक जनन में भूमिका बताइए।
उत्तर:
युग्मक लैंगिक जनन में जनन कोशिका प्रदर्शित करता है। यह दो प्रकार का होता है-नर जनन कोशिका (नर युग्मक) एवं मादा जनन कोशिका (मादा युग्मक)। युग्मनज निषेचन के परिणामस्वरूप बना उत्पाद होता है जिसमें कि नर युग्मक एवं मादा युग्मक परस्पर संलयित हो जाते हैं।

दो संलयित होने वाले युग्मक अपने DNA में अपने जनक के गुणों से युक्त होते हैं। निषेचन इन दोनों जनकों के गुणों को एक कोशिका युग्मनज में संयुक्त करते हैं। युग्मनज नई संतति (पीढ़ी) की प्रथम प्रारम्भिक कोशा है जो विभाजन की विभिन्न चरणों की प्रक्रिया द्वारा भ्रूण का निर्माण करती है। यह भ्रूण विकास की विभिन्न प्रक्रियाओं से होता हुआ धीरे-धीरे नवजात में विकसित हो जाता है।

प्रश्न 18.
निषेचन की अभिक्रिया किस प्रकार घटित होती है? निषेचन महीने में केवल एक बार ही घटित होता है, क्यों? समझाइए।
उत्तर:
लैंगिक रूप से परिपक्व महिला के अण्डाशय में बनने वाली अण्ड कोशिका प्रति माह एक बार अण्डवाहिनी में प्रवेश करता है। मैथुन के समय नर जनन कोशिका शुक्राणु योनि मार्ग में स्थापित हो जाते हैं जहाँ से ऊपर की ओर यात्रा करके अण्डवाहिका में प्रवेश कर जाते हैं, जहाँ इन शुक्राणुओं में उपस्थित नर युग्मक अण्ड कोशिका में उपस्थित मादा युग्मक से संलयित होकर निषेचन की प्रक्रिया को पूर्ण करती है। यह निषेचित अण्डा अण्डवाहिका द्वारा गर्भाशय में स्थापित हो जाता है।

चूँकि एकान्तर में प्रति माह एक अण्डाशय से एक अण्ड एक अण्ड कोशिका अण्डवाहिका द्वारा ग्रहण की जाती है तथा दूसरे माह दूसरे अण्डाशय से एक अण्ड कोशिका अण्डवाहिका द्वारा ग्रहण की जाती है। इसलिए माह में केवल एक बार ही निषेचन की क्रिया घटित होना सम्भव है।

प्रश्न 19.
जनन जीवों के लिए एक अत्यन्त आवश्यक जैव प्रक्रम है, लेकिन वह किसी जीव के स्वयं के अस्तित्व के लिए नहीं बल्कि उसकी समष्टि के अस्तित्व के लिए आवश्यक है।
उत्तर:
जनन की मूल घटना डी.एन.ए. की प्रतिकृति बनना है। जनन में एक कोशिका द्वारा डी.एन.ए. की प्रतिकृति का निर्माण तथा अतिरिक्त कोशिकीय संगठन का सृजन होता है। जनन के कारण जीवन की निरंतरता बनी रहती है। जनन में जीव लगभग अपने जैसे जीवों को जन्म देता है। इस कारण उस स्पीशीज की जनसंख्या बढ़ती जाती है। अनुकूल विभिन्नताओं का एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक संवहन जनन द्वारा ही सम्भव है। जनन का विकास में भी योगदान है। जनन किसी स्पीशीज की समष्टि का संरक्षण कर उसके स्थायित्व में सहायक है।

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MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय

MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय

MP Board Class 10th Science Chapter 7 पाठान्तर्गत प्रश्नोत्तर

प्रश्न श्रृंखला-1 # पृष्ठ संख्या 132

प्रश्न 1.
प्रतिवर्ती क्रिया तथा टहलने के बीच क्या अन्तर है?
उत्तर:
प्रतिवर्ती क्रिया एक अनैच्छिक क्रिया है जो मेरुरज्जु द्वारा नियन्त्रित होती है, जबकि टहलना एक ऐच्छिक क्रिया है जो मस्तिष्क द्वारा नियन्त्रित होती है।

प्रश्न 2.
दो तन्त्रिका कोशिकाओं (न्यूरॉन) के मध्य अन्तर्ग्रथन (सिनेप्स) में क्या होता है?
उत्तर:
एक तन्त्रिका के तन्त्रिकाक्ष (एक्सॉन) से होता हुआ विद्युत् आवेग कुछ रसायनों का विमोचन करता है जो न्यूरॉन के मध्य रिक्त स्थान अन्तर्ग्रथन (सिनेप्स) को पार करके अगली तन्त्रिका कोशिका की द्रुमिका में इसी तरह का विद्युत् आवेग पैदा करता है।

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प्रश्न 3.
मस्तिष्क का कौन-सा भाग शरीर की स्थिति तथा संतुलन का अनुरक्षण करता है?
उत्तर:
पश्च मस्तिष्क में स्थित भाग अनुमस्तिष्क शरीर की स्थिति तथा सन्तुलन का अनुरक्षण करता है।

प्रश्न 4.
हम एक अगरबत्ती की गंध का पता कैसे लगाते हैं?
उत्तर:
जब अगरबत्ती की गंध हमारी नासिका में पहुँचती है तो वहाँ उपस्थित न्यूरॉन की दुमिका में विद्युत् आवेग पैदा हो जाता है जो एक तन्त्रिका कोशिका से दूसरी तन्त्रिका कोशिका में होता हुआ अग्र मस्तिष्क के अनुभाग घ्राणपिण्ड में पहुँचता है। तब हमको अगरबत्ती की गंध का पता चलता है।

प्रश्न 5.
प्रतिवर्ती क्रिया में मस्तिष्क की क्या भूमिका है?
उत्तर:
प्रतिवर्ती क्रिया में मस्तिष्क की भूमिका-हृदय स्पंदन, श्वसन, पाचन आदि अनेक अनैच्छिक क्रियाएँ तथा पुतली का फैलना, सिकुड़ना, स्वादिष्ट भोजन को देखकर मुँह में पानी आना आदि अनैच्छिक प्रतिवर्ती क्रियाओं का नियंत्रण एवं नियमन मस्तिष्क द्वारा होता है।

प्रश्न शृंखला-2 # पृष्ठ संख्या 136

प्रश्न 1.
पादप हॉर्मोन क्या है?
उत्तर:
पादप हॉर्मोन:
“विशेष प्रकार के रासायनिक पदार्थ जो पादपों के विशिष्ट भागों या कोशिकाओं द्वारा स्रावित होते हैं और विशेष प्रकार की कोशिकाओं की क्रियाशीलता या कार्यशीलता को प्रभावित करते हैं तथा विविध क्रियाओं का नियन्त्रण एवं समन्वय करते हैं, पादप हॉर्मोन्स कहलाते हैं।”

प्रश्न 2.
छुई-मुई पादप की पत्तियों की गति, प्रकाश की ओर प्ररोह की गति से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर:
छुई-मुई पादप की पत्तियों की गति वृद्धि मुक्त होती है। इसका वृद्धि से कोई लेना-देना नहीं, जबकि प्रकाश की ओर प्ररोह की गति वृद्धिपरक होती है अर्थात् वृद्धि के कारण होती है।

प्रश्न 3.
एक पादप हॉर्मोन का उदाहरण दीजिए जो वृद्धि को बढ़ाता है।
उत्तर:
ऑक्सिन एक वृद्धि को बढ़ाने वाला पादप हॉर्मोन है।

प्रश्न 4.
किसी सहारे के चारों ओर एक प्रतान की वृद्धि में ऑक्सिन किस प्रकार सहायक है?
उत्तर:
जब कोई प्रतान किसी सहारे का सहारा लेता है उसका झुकाव जिस ओर होता है उसके विपरीत दिशा में ऑक्सिन चला जाता है और उस ओर की कोशिकाओं को लम्बाई में वृद्धि के लिए उद्दीपित करता है तो प्रतान का तना वहीं से मुड़कर जाता है। यही प्रक्रिया निरन्तर चलती रहती है और प्रतान उस सहारे के चारों ओर वृद्धि करता रहता है। इस प्रकार किसी सहारे के चारों ओर एक प्रतान की वृद्धि में ऑक्सिन सहायक होता है।

प्रश्न 5.
जलानुवर्तन दर्शाने के लिए एक प्रयोग की अभिकल्पना कीजिए।
उत्तर:
जलानुवर्तन के प्रदर्शन हेतु प्रयोग-एक बड़ा आयताकार बर्तन लेकर उसमें कुछ मिट्टी तथा लकड़ी का बुरादा भरकर एक सिरे पर एक छोटा पौधा लगा दीजिए तथा दूसरे सिरे पर मिट्टी में थोड़ा पानी डालिए। इस उपकरण को कुछ दिन सूर्य के प्रकाश में रखा रहने दीजिए। कुछ दिन बाद पौधे को निकालिए तो आप देखेंगे कि जड़ें उस ओर को मुड़ी हुई हैं जिस ओर बर्तन में पानी था। यह प्रयोग जलानुवर्तन का प्रदर्शन करता है।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय 1

प्रश्न श्रृंखला-3 # पृष्ठ संख्या 138

प्रश्न 1.
जन्तुओं में रासायनिक समन्वय कैसे होता है?
उत्तर:
जन्तुओं में रासायनिक समन्वय विशिष्ट रासायनिक पदार्थ हॉर्मोन्स द्वारा होता है जो जन्तुओं की विशिष्ट एवं विविध ग्रंथियों या अंगों में स्रावित होते हैं।

प्रश्न 2.
आयोडीन युक्त नमक के उपयोग की सलाह क्यों दी जाती है?
उत्तर:
अवटु ग्रंथि (थायरॉइड ग्रन्थि) को थायरॉक्सिन हॉर्मोन बनाने के लिए आयोडीन आवश्यक है। भोजन में आयोडीन की कमी से गॉयटर रोग से ग्रसित होने की सम्भावना बढ़ जाती है। इस बीमारी से बचाव के लिए हमें आयोडीन युक्त नमक के उपयोग की सलाह दी जाती है।

प्रश्न 3.
जब ऐड्रीनेलिन रुधिर में स्रावित होती है, तो हमारे शरीर में क्या अनुक्रिया होती है?
उत्तर:
ऐड्रीनेलिन हृदय सहित लक्ष्य अंगों या विशिष्ट ऊतकों को प्रभावित करता है। इससे हृदय की धड़कन बढ़ जाती है, श्वसन की दर बढ़ जाती है, पाचन तन्त्र एवं त्वचा में रुधिर की आपूर्ति कम हो जाती है, धमनियों के आस-पास की पेशियाँ सिकुड़ जाती हैं, रुधिर की दिशा कंकाल पेशियों की ओर हो जाती है। ये सभी अनुक्रियाएँ मिलकर शरीर को स्थिति में निपटने के लिए तैयार करती हैं।

प्रश्न 4.
मधुमेह के कुछ रोगियों की चिकित्सा इंसुलिन का इंजेक्शन देकर क्यों की जाती है?
उत्तर:
मधुमेह की बीमारी इन्सुलिन की कमी के कारण होती है। इसलिए मधुमेह के रोगियों की चिकित्सा इन्सुलिन का इन्जेक्शन देकर की जाती है ताकि इन्सुलिन की कमी को दूर किया जा सके।

MP Board Class 10th Science Chapter 7 पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से कौन-सा पादप हॉर्मोन है?
(a) इंसुलिन।
(b) थायरॉक्सिन।
(c) एस्ट्रोजन।
(d) साइटोकाइनिन।
उत्तर:
(d) साइटोकाइनिन।

प्रश्न 2.
दो तन्त्रिका कोशिका के मध्य खाली स्थान को कहते हैं –
(a) द्रुमिका।
(b) सिनेप्स।
(c) एक्सॉन।
(d) आवेग।
उत्तर:
(b) सिनेप्स।

प्रश्न 3.
मस्तिष्क उत्तरदायी है –
(a) सोचने के लिए।
(b) हृदय स्पन्दन के लिए।
(c) शरीर का संतुलन बनाने के लिए।
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी।

प्रश्न 4.
हमारे शरीर में ग्राही का क्या कार्य है? ऐसी स्थिति पर विचार कीजिए जहाँ ग्राही उचित प्रकार से कार्य नहीं कर रहे हों। क्या समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं?
उत्तर:
हमारे शरीर में ग्राही हमारे पर्यावरण से सभी सूचनाओं का संग्रह हमारी ज्ञानेन्द्रियों की सहायता से करते हैं। अगर ग्राही उचित प्रकार से कार्य नहीं कर रहे हैं तो अनेक समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं; जैसे-हमको गंध का आभास नहीं होगा, स्वाद का पता नहीं चलेगा, हम आवाज नहीं सुन सकेंगे, हम कुछ देख नहीं सकेंगे या हमको स्पर्श में कठोरता या कोमलता, ठण्ड या गर्मी आदि का अनुभव नहीं होगा।

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प्रश्न 5.
एक तन्त्रिका कोशिका (न्यूरॉन) की संरचना बनाइए तथा इसके कार्यों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
तन्त्रिका कोशिका की संरचना –
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय 2
तन्त्रिका कोशिका (न्यूरॉन) के कार्य –

  1. बाह्य वातावरण से प्राप्त प्रेरणाओं या संवेदनाओं को विद्युत् आवेगों में बदलना।
  2. इन विद्युत् आवेगों को तन्त्रिका तन्त्र के प्रमुख अंगों मस्तिष्क या मेरुरज्जु के विभिन्न भागों तक पहुँचाना।
  3. मस्तिष्क एवं मेरुरज्जु से प्राप्त आदेशों को सम्बन्धित अंगों तक पहुँचाना।
  4. सजीवों के शरीर के आन्तरिक वातावरण में विभिन्न अंगों के बीच समन्वय स्थापित करना।

प्रश्न 6.
पादप में प्रकाशानुवर्तन किस प्रकार होता है?
उत्तर:
पादप के प्ररोह के अग्र भाग (टिप) में एक पादप हॉर्मोन ऑक्सिन संश्लेषित होता है जो कोशिकाओं की लम्बाई में वृद्धि में सहायक होता है। जब पादप पर एक ओर से प्रकाश आ रहा है तब ऑक्सिन विपरीत होकर प्ररोह के छाया वाले भाग में आ जाता है। प्ररोह की प्रकाश से दूर वाली साइड में ऑक्सिन का सान्द्रण कोशिकाओं को लम्बाई में वृद्धि के लिए उद्दीपित करता है। अतः पादप प्रकाश की ओर मुड़ता हुआ दिखाई देता है। इस प्रकार पादप में प्रकाशानुवर्तन होता है।

प्रश्न 7.
मेरुरज्जु आघात में किन संकेतों के आने में व्यवधान होगा?
उत्तर:
मेरुरज्जु आघात में बाहरी आघातों, दुर्घटनाओं, आक्रमणों एवं विभिन्न प्रकार के खतरों से सम्बन्धित संकेतों के आने में व्यवधान होगा।

प्रश्न 8.
पादप में रासायनिक समन्वय किस प्रकार होता है?
उत्तर:
पादप में रासायनिक समन्वय पादप हॉर्मोन्स के स्रावण के द्वारा होता है।

प्रश्न 9.
एक जीव में नियन्त्रण एवं समन्वय की क्या आवश्यकता है?
उत्तर:
जीव में नियन्त्रण एवं समन्वय की आवश्यकता:
एक जीव की विभिन्न क्रियाकलापों के सुचारु रूप से संचालन एवं जीव के अनुरक्षण के लिए नियन्त्रण एवं समन्वय अति आवश्यक है।

प्रश्न 10.
अनैच्छिक क्रियाएँ तथा प्रतिवर्ती क्रियाएँ एक-दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं?
उत्तर:
सभी अनैच्छिक क्रियाएँ प्रतिवर्ती क्रियाएँ नहीं होतीं अपितु सभी प्रतिवर्ती क्रियाएँ अनैच्छिक क्रियाएँ होती हैं। उदाहरणार्थ हृदय की धड़कन, पाचन, श्वसन अदि अनैच्छिक क्रियाएँ हैं लेकिन प्रतिवर्ती क्रियाएँ नहीं हैं।

प्रश्न 11.
जन्तुओं में नियन्त्रण एवं समन्वय के लिए तन्त्रिका तथा हॉर्मोन क्रियाविधि की तुलना तथा व्यतिरेक (Contrast) कीजिए।
उत्तर:
जन्तुओं में नियन्त्रण एवं समन्वय का कार्य तन्त्रिका तन्त्र तथा हॉर्मोन दोनों द्वारा किया जाता है। तन्त्रिका तन्त्रं हमारी ज्ञानेन्द्रियों द्वारा सूचना प्राप्त करता है तथा हमारी पेशियों द्वारा क्रिया करता है, जबकि हॉर्मोन रसायनों के कम या अधिक स्रावण से क्रियाएँ नियमित होती हैं तथा हॉर्मोन्स जीव के एक भाग में उत्पन्न होते हैं तथा दूसरे भाग में इच्छित प्रभाव पाने के लिए गति करते हैं।

तन्त्रिका तन्त्र में मस्तिष्क, मेरुरज्जु एवं तन्त्रिका कोशिकाएँ क्रियाशील होती हैं, जबकि हॉर्मोन्स का उत्पादन विशेष ग्रंथियों में होता है। अन्य किसी अंग की आवश्यकता नहीं होती। हॉर्मोन की क्रिया को पुनर्भरण क्रियाविधि नियन्त्रित करती है।

तन्त्रिका तन्त्र में विद्युत् आवेगों का संवहन होता है, जबकि हॉर्मोन्स नियन्त्रण में विशिष्ट कार्बनिक यौगिक हॉर्मोन्स का स्रावण एवं संवहन होता है।

तन्त्रिका तन्त्र सभी ऐच्छिक, अनैच्छिक एवं प्रतिवर्ती क्रियाओं का नियन्त्रण एवं समन्वय करता है, जबकि हॉर्मोन्स ऐसा नहीं करते।

प्रश्न 12.
छुई-मुई पादप में गति तथा हमारी टाँग में होने वाली गति के तरीके में क्या अन्तर है?
उत्तर:
छुई-मुई पादप की गति में कोई तन्त्रिका या अन्य पेशी ऊतक भाग नहीं लेता, जबकि हमारी टाँग की गति में तन्त्रिका ऊतक तथा पेशी ऊतक भाग लेता है।

पादप कोशिकाओं में जन्तु पेशी कोशिकाओं की तरह विशिष्टीकृत प्रोटीन तो नहीं होती अपितु वे जल की मात्रा में परिवर्तन करके अपनी आकृति बदल लेती है।

MP Board Class 10th Science Chapter 7 परीक्षोपयोगी अतिरिक्त प्रश्नोत्तर

MP Board Class 10th Science Chapter 7 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्न कथनों में कौन-सा कथन ज्ञानेन्द्रियों के सन्दर्भ में सत्य है –
(a) स्वादेन्द्रिय स्वाद का संसूचक है, घ्राणेन्द्रिय गंध का।
(b) स्वादेन्द्रिय एवं घ्राणेन्द्रिय दोनों गंध के संसूचक हैं।
(c) दृश्येन्द्रिय गंध का संसूचक है एवं घ्राणेन्द्रिय स्वाद का।
(d) घ्राणेन्द्रिय स्वाद का संसूचक है एवं स्वादेन्द्रिय गंध का।
उत्तर:
(a) स्वादेन्द्रिय स्वाद का संसूचक है, घ्राणेन्द्रिय गंध का।

प्रश्न 2.
इलेक्ट्रिकल आवेगों का गमन तन्त्रिका कोशिकाओं में होता है –
(a) डेण्ड्राइट → एक्सॉन → एक्सॉन सिरा → कोशिकाकाय।
(b) कोशिकाकाय → डेण्ड्राइट → एक्सॉन → एक्सॉन सिरा।
(c) डेण्ड्राइट → कोशिकाकाय → एक्सॉन → एक्सॉन सिरा।
(d) एक्सॉन सिरा → एक्सॉन → कोशिकाकाय → डेण्ड्राइट।
उत्तर:
(c) डेण्ड्राइट → कोशिकाकाय → एक्सॉन → एक्सॉन सिरा।

प्रश्न 3.
सिनेप्स में रासायनिक संकेत का संवहन होता है –
(a) एक न्यूरॉन के डेण्ड्राइट सिरे से दूसरे न्यूरॉन के एक्सॉन सिरे तक।
(b) एक ही न्यूरॉन के एक्सॉन से कोशिकाकाय तक।
(c) एक ही न्यूरॉन के कोशिकाकाय से एक्सॉन सिरे तक।
(d) एक न्यूरॉन के एक्सॉन सिरे से दूसरे न्यूरॉन के डेण्ड्राइट सिरे तक।
उत्तर:
(d) एक न्यूरॉन के एक्सॉन सिरे से दूसरे न्यूरॉन के डेण्ड्राइट सिरे तक।

प्रश्न 4.
एक न्यूरॉन में इलेक्ट्रिकल संकेत का रासायनिक संकेत में परिवर्तन घटित होता है निम्न में –
(a) कोशिकाकाय।
(b) एक्सॉन सिरा।
(c) डेण्ड्राइट सिरा।
(d) एक्सॉन।
उत्तर:
(b) एक्सॉन सिरा।

प्रश्न 5.
प्रतिवर्ती चाप के अवयवों का सही क्रम है –
(a) ग्राही → पेशी → संवेदी न्यूरॉन → मोटर न्यूरॉन → मेरुरज्जु।
(b) ग्राही → मोटर न्यूरॉन → मेरुरज्जु → संवेदी न्यूरॉन → पेशी।
(c) ग्राही → मेरुरज्जु → संवेदी न्यूरॉन → मोटर न्यूरॉन → पेशी।
(d) ग्राही → संवेदी न्यूरॉन → मेरुरज्जु → मोटर न्यूरॉन → पेशी।
उत्तर:
(d) ग्राही → संवेदी न्यूरॉन → मेरुरज्जु → मोटर न्यूरॉन → पेशी।

प्रश्न 6.
शरीर का सन्तुलन निम्न द्वारा नियन्त्रित होता है –
(a) सेरीब्रम।
(b) सेरीबेलम।
(c) मेड्यूला।
(d) पोन्स।
उत्तर:
(b) सेरीबेलम।

प्रश्न 7.
मेरुरज्जु निकलती है निम्न से –
(a) सेरीब्रम।
(b) मेड्यूला।
(c) पोन्स।
(d) सेरीबेलम।
उत्तर:
(b) मेड्यूला।

प्रश्न 8.
प्रकाश की ओर प्ररोह की गति कहलाती है –
(a) गुरुत्वानुवर्तन।
(b) जलानुवर्तन।
(c) रसायनानुवर्तन।
(d) प्रकाशानुवर्तन।
उत्तर:
(d) प्रकाशानुवर्तन।

प्रश्न 9.
पौधों में ऐब्सिसिक अम्ल का मुख्य कार्य है –
(a) कोशिकाओं की लम्बाई में वृद्धि करना।
(b) कोशिका विभाजन को प्रोत्साहित करना।
(c) वृद्धि का अवरोधन करना।
(d) तने की वृद्धि को प्रोत्साहित करना।
उत्तर:
(d) तने की वृद्धि को प्रोत्साहित करना।

प्रश्न 10.
निम्नलिखित में से कौन पादप की वृद्धि से सम्बन्धित नहीं है?
(a) ऑक्सिन।
(b) जिबरेलिन।
(c) साइटोकाइनिन।
(d) ऐब्सिसिक अम्ल।
उत्तर:
(d) ऐब्सिसिक अम्ल।

प्रश्न 11.
किस हॉर्मोन के संश्लेषण के लिए आयोडीन आवश्यक है?
(a) एड्रीनेलिन।
(b) थायरॉक्सिन।
(c) ऑक्सिन।
(d) इन्सुलिन।
उत्तर:
(b) थायरॉक्सिन।

प्रश्न 12.
इन्सुलिन के सन्दर्भ में असत्य कथन चुनिए –
(a) इसका स्रावण पेंक्रियाज से होता है।
(b) यह शरीर की वृद्धि एवं विकास का नियमन करती है।
(c) यह रक्त शर्करा के स्तर का नियमन करती है।
(d) इन्सुलिन का अपर्याप्त स्रावण डायबिटीज का कारण होता है।
उत्तर:
(b) यह शरीर की वृद्धि एवं विकास का नियमन करती है।

प्रश्न 13.
निम्नलिखित में असंगत जोड़े को छाँटिए –
(a) ऐड्रीनेलिन-पिट्यूटरी ग्रंथि।
(b) टेस्टोस्टेरॉन-टेस्टीज।
(c) एस्ट्रोजन-ओवरी।
(d) थायरॉक्सिन-थायरॉइड ग्रन्थि।
उत्तर:
(a) ऐड्रीनेलिन-पिट्यूटरी ग्रंथि।

प्रश्न 14.
गार्ड कोशा के आकार में परिवर्तन होता है निम्नलिखित के कारण –
(a) प्रोटीन का कोशा में संघटन।
(b) कोशा का तापमान।
(c) कोशा में जल की मात्रा।
(d) कोशा में केन्द्रक की स्थिति।
उत्तर:
(c) कोशा में जल की मात्रा।

प्रश्न 15.
मटर के पौधों में तन्तुओं (टैण्ड्रिल) की वृद्धि निम्नलिखित के कारण होती है –
(a) प्रकाश का प्रभाव।
(b) गुरुत्व का प्रभाव।
(c) तन्तुओं की उन कोशिकाओं में तीव्र कोशिका विभाजन जो सहारे से दूर है।
(d) तन्तुओं की उन कोशिकाओं में तीव्र कोशिका विभाजन जो सहारे की सम्पर्क में है।
उत्तर:
(c) तन्तुओं की उन कोशिकाओं में तीव्र कोशिका विभाजन जो सहारे से दूर है।

प्रश्न 16.
पराग नलिका की अण्डाणु की ओर वृद्धि निम्न के कारण होती है –
(a) जलानुवर्तन।
(b) रसायनानुवर्तन।
(c) गुरुत्वानुवर्तन।
(d) प्रकाशानुवर्तन।
उत्तर:
(b) रसायनानुवर्तन।

प्रश्न 17.
सूरजमुखी पुष्प का सूर्य के मुखातिव होकर गति करना निम्न के कारण है –
(a) प्रकाशानुवर्तन।
(b) गुरुत्वानुवर्तन।
(c) रसायनानुवर्तन।
(d) जलानुवर्तन।
उत्तर:
(a) प्रकाशानुवर्तन।

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प्रश्न 18.
पकी हुई पत्तियों और फलों का वृक्षों से अलग होकर गिरना निम्न पदार्थ के कारण होता है –
(a) ऑक्सिन।
(b) जिबरेलिन।
(c) ऐब्सिसिक अम्ल।
(d) साइटोकाइनिन।
उत्तर:
(c) ऐब्सिसिक अम्ल।

प्रश्न 19.
संवेदी आवेगों के स्थानान्तरण या गमन के सन्दर्भ में कौन-सा कथन असत्य है?
(a) संवेदी आवेग गति करता है डेण्ड्राइड सिरे से एक्सॉन सिरे तक।
(b) डेण्ड्राइट सिरे पर संवेदी आवेग कुछ रसायन उत्पन्न करता है जो एक विद्युत् आवेग पैदा करता है दूसरे न्यूरॉन के एक्सॉन सिरे पर।
(c) एक न्यूरॉन के एक्सॉन सिरे पर उत्पन्न रसायन सिनेप्स को पार करके दूसरे न्यूरॉन के डेण्ड्राइट में वैसा ही विद्युत् आवेग पैदा करता है।
(d) एक न्यूरॉन विद्युत् आवेगों को केवल दूसरे न्यूरॉन को ही नहीं भेजता बल्कि पेशी एवं ग्रंथि कोशिकाओं को भी भेजता है।
उत्तर:
(b) डेण्ड्राइट सिरे पर संवेदी आवेग कुछ रसायन उत्पन्न करता है जो एक विद्युत् आवेग पैदा करता है दूसरे न्यूरॉन के एक्सॉन सिरे पर।

प्रश्न 20.
अनैच्छिक क्रियाओं का शरीर में नियन्त्रण होता है निम्न में –
(a) अग्र मस्तिष्क में मेड्यूला
(b) मध्य मस्तिष्क में मेड्यूला।
(c) पश्च मस्तिष्क में मेड्यूला।
(d) मेरुरज्जु में मेड्यूला।
उत्तर:
(c) पश्च मस्तिष्क में मेड्यूला।

प्रश्न 21.
निम्न में कौन अनैच्छिक क्रिया नहीं है?
(a) उल्टी आना।
(b) लार आना।
(c) हृदय स्पन्दन।
(d) चबाना।
उत्तर:
(d) चबाना।

प्रश्न 22.
यदि एक व्यक्ति (महिला/पुरुष) तीव्र सर्दी जुकाम से पीड़ित है, तो वह –
(a) सेब एवं आइसक्रीम के स्वाद का नहीं अन्तर कर पाता।
(b) इत्र की गंध एवं अगरबत्ती की गंध में अन्तर नहीं कर पाता।
(c) हरे प्रकाश से लाल प्रकाश में अन्तर नहीं कर पाता।
(d) ठंडी वस्तु से गर्म वस्तु में अन्तर नहीं कर पाता।
उत्तर:
(b) इत्र की गंध एवं अगरबत्ती की गंध में अन्तर नहीं कर पाता।

प्रश्न 23.
थायरॉक्सिन के सन्दर्भ में कौन-सा कथन असत्य है?
(a) थायरॉक्सिन के संश्लेषण के लिए आयरन आवश्यक है।
(b) यह कार्बोहाइड्रेड, प्रोटीन एवं वसा के चयापचय का नियमन करता है।
(c) थायरॉक्सिन के संश्लेषण के लिए थायरॉइड को आयोडीन चाहिए।
(d) थायरॉक्सिन को थायरॉइड हॉर्मोन भी कहते हैं।
उत्तर:
(a) थायरॉक्सिन के संश्लेषण के लिए आयरन आवश्यक है।

प्रश्न 24.
बौनापन परिणाम है –
(a) थायरॉक्सिन का अत्यधिक स्रावण।
(b) वृद्धि हॉर्मोन का कम स्रावण।
(c) ऐड्रीनेलिन का कम स्रावण।
(d) वृद्धि हॉर्मोन का अत्यधिक स्रावण।
उत्तर:
(b) वृद्धि हॉर्मोन का कम स्रावण।

प्रश्न 25.
यौवनारम्भ के समय उससे सम्बन्धित शारीरिक परिवर्तनों का नाटकीय ढंग से अन्तर का कारण है निम्न का स्रावण –
(a) वृषण से एस्ट्रोजन एवं अण्डाशय से टेस्टोस्टेरॉन।
(b) ऐड्रीनल ग्रंथि में एस्ट्रोजन एवं पिट्यूटरी से टेस्टोस्टोरॉन।
(c) वृषण से टेस्टोस्टेरॉन एवं एस्ट्रोजन अण्डाशय से।
(d) थायरॉइड से टेस्टोस्टेरॉन एवं पिट्यूटरी ग्रंथि से एस्ट्रोजन।
उत्तर:
(c) वृषण से टेस्टोस्टेरॉन एवं एस्ट्रोजन अण्डाशय से।

प्रश्न 26.
एक डॉक्टर एक मरीज को इन्सुलिन इन्जेक्शन लेने की सलाह देता है, क्योंकि –
(a) उसका रक्तचाप कम है।
(b) उसका हृदय स्पन्दन धीमा है।
(c) वह घेघा (गॉयटर) से पीड़ित है।
(d) उसका रक्त शर्करा का स्तर ऊँचा है।
उत्तर:
(d) उसका रक्त शर्करा का स्तर ऊँचा है।

प्रश्न 27.
मनुष्य में पौरुष बढ़ाने वाला हॉर्मोन है –
(a) एस्ट्रोजन।
(b) टेस्टोस्टेरॉन।
(c) इन्सुलिन।
(d) वृद्धि-हॉर्मोन।
उत्तर:
(b) टेस्टोस्टेरॉन।

प्रश्न 28.
निम्न में कौन-सी अन्तःस्रावी ग्रंथि युग्म में नहीं है?
(a) ऐड्रीनल।
(b) वृषण।
(c) पिट्यूटरी।
(d) अण्डाशय।
उत्तर:
(c) पिट्यूटरी।

प्रश्न 29.
दो न्यूरॉन के बीच सन्धि कहलाती है –
(a) कोशिका संधि।
(b) तन्त्रिका पेशी संधि।
(c) उदासीन संधि।
(d) सिनेप्स।
उत्तर:
(d) सिनेप्स।

प्रश्न 30.
मानव में जीवन पद्धतियों का नियन्त्रण एवं नियमन निम्न के द्वारा होता है –
(a) जनन एवं अन्तःस्रावी तन्त्र।
(b) श्वसन एवं तन्त्रिका तन्त्र।
(c) अन्तःस्रावी एवं पाचन तन्त्र।
(d) तन्त्रिका एवं अन्तःस्रावी तन्त्र।
उत्तर:
(d) तन्त्रिका एवं अन्तःस्रावी तन्त्र।

रिक्त स्थानों की पूर्ति

  1. हमारे शरीर में नियन्त्रण एवं समन्वय का कार्य ………… तथा ………… द्वारा होता है।
  2. तन्त्रिका तन्त्र हमारी …………. द्वारा सूचना प्राप्त करता है तथा हमारी ………….. द्वारा क्रिया करता है।
  3. तन्त्रिका तन्त्र की प्रमुख इकाई ………… होता है।
  4. रासायनिक समन्वय ………….. द्वारा होता है।
  5. पौधों में केवल ………….. समन्वय होता है।

उत्तर:

  1. तन्त्रिका तन्त्र, हॉर्मोन।
  2. ज्ञानेन्द्रियों, पेशियों।
  3. न्यूरॉन।
  4. हॉर्मोन।
  5. रासायनिक।

जोड़ी बनाइए
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय 3
उत्तर:

  1. → (c)
  2. → (d)
  3. → (e)
  4. → (f)
  5. → (b)
  6. → (a)

सत्य/असत्य कथन

  1. आकस्मिक पर्यावरणीय संवेदना की तुरन्त प्रतिक्रिया प्रतिवर्ती क्रिया कहलाती है।
  2. संवेदी न्यूरॉन मेरुरज्जु से आवेग को पेशियाँ तक पहुँचाती है।
  3. मोटर न्यूरॉन ग्राही अंगों से आवेग को मेरुरज्जु तक पहुँचाते हैं।
  4. संवेदी आवेगों के गमन का पथ ग्राही से मेरुरज्जु होते हुए पेशियों या ग्रंथियों तक का प्रतिवर्ती चाप कहलाता है।
  5. मस्तिष्क का सोचने-समझने वाला भाग पश्च मस्तिष्क है।
  6. सुनने, सूंघने, दृष्टि एवं याददास्त के केन्द्र अग्र मस्तिष्क में स्थित हैं।
  7. लार आना, उल्टी आना, रक्त चाप आदि अनैच्छिक क्रियाएँ पश्च मस्तिष्क के मैड्यूला द्वारा नियन्त्रित होती है।
  8. अनुमस्तिष्क हमारे शरीर के सन्तुलन को नियन्त्रित नहीं करता है।

उत्तर:

  1. सत्य।
  2. असत्य।
  3. असत्य।
  4. सत्य।
  5. असत्य।
  6. सत्य।
  7. सत्य।
  8. असत्य।

एक शब्द/वाक्य में उत्तर

  1. पौधों में नियन्त्रण एवं समन्वय किस तन्त्र द्वारा होता है?
  2. कशेरुकी जन्तुओं में किन तन्त्रों द्वारा नियन्त्रण एवं समन्वय होता है?
  3. किस हॉर्मोन की कमी से मधुमेह का रोग होता है?
  4. मनुष्य में आयोडीन की कमी से कौन-सा रोग होता है? (2019)
  5. अग्न्याशय में किस हॉर्मोन का स्रावण होता है?

उत्तर:

  1. अन्तःस्रावी तन्त्र।
  2. तन्त्रिका तन्त्र एवं अन्तःस्रावी तन्त्र।
  3. इन्सुलिन।
  4. घेघा।
  5. इन्सुलिन।

MP Board Class 10th Science Chapter 7 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
तन्त्रिका तन्त्र से क्या समझते हो?
उत्तर:
तन्त्रिका तन्त्र:
“प्राणियों में समझने, सोचने और किसी भी चीज को याद रखने के साथ-साथ शरीर के विभिन्न अंगों के कार्यों में समन्वय एवं सन्तुलन स्थापित करके, नियन्त्रण बनाए रखने वाला तन्त्र तन्त्रिका तन्त्र कहलाता है।”

प्रश्न 2.
तन्त्रिका तन्त्र को कितने भागों में विभाजित किया जाता है? उनके नाम लिखिए।
उत्तर:
तन्त्रिका तन्त्र के मुख्य भाग-तन्त्रिका तंत्र के निम्न मुख्य तीन भाग हैं –

  1. केन्द्रीय तन्त्रिका तन्त्र।
  2. परिधीय तन्त्रिका तन्त्र।
  3. स्वायत्त तन्त्रिका तन्त्र।

प्रश्न 3.
मस्तिष्क क्या होता है?
उत्तर:
मस्तिष्क: “केन्द्रीय तन्त्रिका तन्त्र का वह भाग (अंग) जो कपालगुहा में सुरक्षित रहता है, मस्तिष्क कहलाता है।”

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प्रश्न 4.
सुषुम्ना या मेरुरज्जु से क्या समझते हो?
उत्तर:
कशेरुक दण्ड की गुहिका में स्थित सुरक्षित केन्द्रीय तन्त्र का वह भाग (अंग) जो संयोजी ऊतकों से बनी तीन झिल्लियों से ढकी संरचना है, सुषुम्ना या मेरुरज्जु कहलाती है।”

प्रश्न 5.
हॉर्मोन्स से क्या समझते हो?
उत्तर:
हॉर्मोन्स:
“विशेष प्रकार के रासायनिक पदार्थ जो विशिष्ट भागों या कोशिकाओं द्वारा स्रावित होते हैं और विशेष प्रकार की कोशिकाओं की क्रियाशीलता या कार्यशीलता को प्रभावित करते हैं तथा विविध क्रियाओं का नियन्त्रण एवं समन्वय करते हैं, हॉर्मोन्स कहलाते हैं।”

प्रश्न 6.
अन्तःस्रावी ग्रंथियाँ क्या होती हैं?
उत्तर:
अन्तःस्रावी ग्रंथियाँ:
“शरीर में पायी जाने वाली विशेष प्रकार की ग्रंथियाँ जिनसे हॉर्मोन्स का स्रावण होता है, अन्तःस्रावी ग्रंथियाँ कहलाती हैं।”

प्रश्न 7.
न्यूरॉन किसे कहते हैं?
उत्तर:
न्यूरॉन या तन्त्रिका कोशा:
“तन्त्रिका तन्त्र की सूक्ष्मतम इकाई कोशा अथवा ऊतक तन्त्रिका कोशा या तन्त्रिका ऊतक या न्यूरॉन कहलाती है।”

प्रश्न 8.
प्रत्यावर्ती (प्रतिवर्ती) क्रिया किसे कहते हैं?
उत्तर:
प्रत्यावर्ती (प्रतिवर्ती) क्रिया:
“वे अनैच्छिक क्रियाएँ जो किसी प्रेरणा या उद्दीपन या फिर किसी प्रतिक्रिया के रूप में होती है। प्रत्यावर्ती (प्रतिवी) क्रियाएँ कहलाती है।”

प्रश्न 9.
प्रतिवर्ती (प्रत्यावर्ती) चाप से क्या समझते हैं?
उत्तर:
प्रतिवर्ती (प्रत्यावर्ती) चाप:
“तन्त्रिकीय तत्व जो प्रतिवर्ती क्रिया को संचालित करते हैं तथा एक चाप बनाते हैं जिसे प्रत्यावर्ती (प्रतिवर्ती) चाप कहते हैं।

प्रश्न 10.
सुषुम्ना (मेरुरज्जु) के दो प्रमुख कार्य लिखिए।
उत्तर:
सुषुम्ना (मेरुरज्जु) के प्रमुख कार्य:

  1. मस्तिष्क से आने वाली प्रेरणाओं या संवेदनाओं का संवहन करना।
  2. प्रतिवर्ती क्रियाओं का समन्वय एवं नियन्त्रण करना।

प्रश्न 11.
अनुवर्तन गति किसे कहते हैं? उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर:
अनुवर्तन गति:
“पर्यावरणीय उद्दीपन के कारण पेड़-पौधे दिशिक गतियाँ करते हैं, जिन्हें अनुवर्तन गति कहते हैं।” ये गतियाँ उद्दीपन की दिशा में भी हो सकती हैं अथवा विपरीत ।

उदाहरण:
पौधों का प्ररोह तन्त्र प्रकाश की ओर एवं जड़ तन्त्र अन्धकार की ओर गति करता है।

प्रश्न 12.
प्रकाशानुवर्तन किसे कहते हैं?
उत्तर:
प्रकाशानुवर्तन:
“पौधों का प्ररोह तन्त्र प्रकाश की ओर तथा जड़ तन्त्र अन्धकार की ओर अर्थात् प्रकाश के विपरीत गति करता है। प्रकाश के कारण होने वाले इस अनुवर्तन गति को प्रकाशानुवर्तन कहते हैं।”

प्रश्न 13.
जलानुवर्तन से क्या समझते हो?
उत्तर:
जलानुवर्तन:
“पौधों का जड़ तन्त्र जल की ओर गति करता है। जल के उद्दीपन के कारण होने वाली यह अनुवर्तन गति जलानुवर्तन कहलाती है।”

प्रश्न 14.
गुरुत्वानुवर्तन से क्या समझते हो?
उत्तर:
गुरुत्वानुवर्तन:
“पौधे का प्ररोह तन्त्र गुरुत्व के विपरीत ऊपर की ओर गति करता है तथा जड़ तन्त्र गुरुत्व की ओर अर्थात् नीचे की ओर गति करता है। गुरुत्वीय उद्दीपन के कारण होने वाली यह अनुवर्तन गति गुरुत्वानुवर्तन कहलाती है।

प्रश्न 15.
क्या होगा जब हमारे खाने में आयोडीन की कमी हो जाएगी?
उत्तर:

  1. आयोडीन की भोजन में कमी के कारण थायरॉइड द्वारा थायरॉक्सिन हॉर्मोन्स का स्रावण कम होगा जिसके फलस्वरूप कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन एवं वसा की चयापचय अभिक्रिया बाधित होगी।
  2. इसके अतिरिक्त आयोडीन की कमी से व्यक्ति घेघा रोग से पीड़ित हो सकता है।

प्रश्न 16.
दो न्यूरॉन के मध्य सिनेप्स में क्या घटित होता है?
उत्तर:
जब एक इलेक्ट्रिक आवेग एक न्यूरॉन के एक्सॉन सिरे पर पहुँचता है तो यह कुछ रासायनिक पदार्थों का विमोचन करता है जो सिनेप्स को पार करके दूसरे न्यूरॉन के डेण्ड्राइट सिरे की ओर बढ़ता है और अन्य इलेक्ट्रिक आवेग उत्पन्न करता है।

MP Board Class 10th Science Chapter 7 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित आकृति भाग (a), (b), (c) एवं (d) का नामांकन कीजिए तथा इलेक्ट्रिकल संकेत (आवेग) की दिशा प्रदर्शित कीजिए।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय 4
उत्तर:
(a) संवेदी न्यूरॉन।
(b) मेरुरज्जु (CNS)।
(c) मोटर न्यूरॉन।
(d) भुजा की पेशियाँ।

इलेक्ट्रिकल संकेत (आवेग) की दिशा –
ग्राही – संवेदी न्यूरॉन – मेरुरज्जु – मोटर न्यूरॉन – शी।

प्रश्न 2.
निम्न के लिए जबावदेय हॉर्मोन्स के नाम लिखिए –

  1. कोशिकाओं की लम्बाई में वृद्धि करना।
  2. तने की वृद्धि करना।
  3. कोशिका विभाजन को प्रोत्साहन देना।
  4. परिपक्व पत्तियों का गिरना (पतझड़)।

उत्तर:

  1. ऑक्सिन।
  2. जिबरेलिन।
  3. साइटोकाइनिन।
  4. ऐब्सिसिक अम्ल।

प्रश्न 3.
अन्तःस्रावी ग्रंथियों को संलग्न चित्र में नामांकित कीजिए।
उत्तर:
(a) पिनियल ग्रंथि।
(b) पिट्यूटरी ग्रंथि।
(c) थायरॉइड ग्रंथि।
(d) थायमस ग्रंथि।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय 5

प्रश्न 4.
संलग्न चित्र के (a), (b) एवं (c) में कौन अधिक सही है और क्यों?
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय 6
उत्तर:
(a) अधिक सत्य है, क्योंकि गुरुत्वानुवर्तन के कारण पौधे का प्ररोह तन्त्र गुरुत्व के विपरीत ऊपर की ओर गति करता है, जबकि जड़ तन्त्र गुरुत्व की ओर नीचे की तरफ गति करता है।

प्रश्न 5.
संलग्न चित्र में भाग (a), (b), (c) एवं (d) को नामांकित कीजिए।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय 7
उत्तर:
(a) डेण्ड्राइट
(b) कोशिकाकाय
(c) एक्सॉन,
(d) तन्त्रिका (न्यूरॉन) सिरा या एक्सॉन सिरा।

प्रश्न 6.
प्रतिवर्ती चाप का नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर:
प्रतिवर्ती चाप का नामांकित चित्र –
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय 8

प्रश्न 7.
प्रतिवर्ती क्रियाविधि का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
प्रतिवर्ती क्रियाविधि (Process of Reflex Action):
प्रतिवर्ती क्रिया में मेरुरज्जु (Spinal cord) भाग लेती है जबकि मस्तिष्क का इसमें कोई कार्य नहीं होता। मनुष्य की इच्छा के बिना ये क्रियाएँ बाहरी उद्दीपनों के फलस्वरूप होती हैं। जैसे कि जब हम किसी गर्म वस्तु को छूते हैं तो एकाएक अपना हाथ हटा लेते हैं। इस प्रकार संवेदनाओं को संवेदी अंगों (Sensory organs) से संवेदी तन्त्रिकाओं (Sensory neurons) के माध्यम से मेरुरज्जु तक पहुँचा दिया जाता है।

यह संवेदना या प्रेरणा सुषुम्ना में पाए जाने वाले संवेदी तन्तुओं में से होकर पृष्ठीय मूल के द्वारा सुषुम्ना तक पहुँचती हैं तथा सायटॉन के एक्सॉन सुषुम्ना के धूसर द्रव्य में इन्हें ले जाते हैं। धूसर द्रव्य में से प्रेरणा या संवेदना चालक तन्त्रिका में पहुँचती है। चालक तन्त्रिका सुषुम्ना तन्त्रिका के आधारीय मूल से निकल कर पेशियों में जाकर विभाजित हो जाती है। पेशी प्रेरणा या उद्दीपन के अनुसार कार्य करती है, अतः हाथ उठ जाता है।

प्रश्न 8.
निम्नलिखित के उत्तर दीजिए –

  1. यौवनारम्भ के समय महिलाओं में जो शारीरिक परिवर्तन देखने को मिलते हैं उसके लिए कौन-सा हॉर्मोन उत्तरदायी है ?
  2. किस हॉर्मोन की कमी से शरीर बौना रह जाता है?
  3. किस हॉर्मोन की कमी के कारण रक्त का शर्करा का स्तर बढ़ जाता है?
  4. किस हॉर्मोन के संश्लेषण के लिए आयोडीन आवश्यक है?

उत्तर:

  1. ऑस्टेरोजिन।
  2. वृद्धि हॉर्मोन।
  3. इन्सुलिन।
  4. थायरॉक्सिन।

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प्रश्न 9.
निम्नलिखित के उत्तर दीजिए –

  1. मस्तिष्क से सम्बन्धित अन्तःस्रावी ग्रंथि का नाम लिखिए।
  2. कौन-सी ग्रंथि पाचक एन्जाइम एवं हॉर्मोन्स का स्रावण करते हैं?
  3. वृक्क से सम्बन्धित अन्तःस्रावी ग्रंथि का नाम लिखिए।
  4. कौन-सी अन्तःस्रावी ग्रंथि पुरुषों में मिलती है, लेकिन महिलाओं में नहीं।

उत्तर:

  1. पिट्यूटरी।
  2. पैंक्रियाज।
  3. ऐड्रीनल।
  4. वृषण।

प्रश्न 10.
कौन-से घटक केन्द्रीय तन्त्रिका तन्त्र एवं परिधीय तन्त्रिका तन्त्र का निर्माण करते हैं? केन्द्रीय तन्त्रिका तन्त्र के घटक अवयवों की सुरक्षा कैसे होती है?
उत्तर:
मस्तिष्क एवं सुषुम्ना (मेरुरज्जु) केन्द्रीय तन्त्रिका तन्त्र का निर्माण करते हैं तथा परिधीय तन्त्रिका तन्त्र में तन्त्रिका कोशिकाओं का जाल बिछा रहता है।

मस्तिष्क की सुरक्षा कपाल गुहा से होती है जो खोपड़ी की हड्डियों से बना एक मजबूत खोल होता है जिसमें हृदय स्थित होता है तथा सुरक्षित रहता है।

सुषुम्ना (मेरुरज्जु) मजबूत हड्डियों से बनी कशेरुक दण्ड की गुहिका में सुरक्षित होता है। इसके अतिरिक्त इन दोनों अंगों की बाह्य आघातों से सुरक्षा इनमें उपस्थित मस्तिष्क-सुषुम्ना द्रव्य के द्वारा भी होती है।

प्रश्न 11.
जन्तुओं में रासायनिक नियन्त्रण एवं समन्वय कैसे होता है?
उत्तर:
जन्तुओं के शरीर में उपस्थित विभिन्न अन्तःस्रावी ग्रंथियाँ विभिन्न प्रकार के हॉर्मोनों का स्रावण करती हैं। ये हॉर्मोन रक्त में मिल जाते हैं जहाँ से विशिष्ट ऊतकों अथवा अंगों में चले जाते हैं, जिन्हें लक्ष्य ऊतक या लक्ष्य अंग कहते हैं। उस लक्ष्य ऊतक या लक्ष्य अंग में ये हॉर्मोन विशिष्ट जैव-रासायनिक या शारीरिक क्रियाओं का सम्पादन करते हैं। इस प्रकार जन्तुओं में रासायनिक या हॉर्मोनल नियन्त्रण एवं समन्वय होता है।

प्रश्न 12.
किसी सिनेप्स में एक न्यूरॉन के एक्सॉन सिरे से दूसरे न्यूरॉन के डेण्डाइट सिरे तक संकेतों या आवेग का प्रवाह होता है, लेकिन इसके उलट नहीं। क्यों?
उत्तर:
जब कोई विद्युत् आवेग किसी न्यूरॉन के एक्सॉन सिरे पर पहुँचता है, तो यह एक रासायनिक पदार्थ का विमोचन करता है। यह रसायन दूसरे न्यूरॉन के डेण्ड्राइट सिरे की सिरे की ओर प्रसरण करता है जहाँ यह विद्युत् आवेग (संकेत) उत्पन्न करता हैं। इस प्रकार विद्युत् आवेग एक रासायनिक संकेत में परिवर्तित हो जाता है। चूँकि यह रसायन डेण्ड्राइट सिरे पर अनुपस्थित होता है इसलिए इलैक्ट्रिकल संकेत रासायनिक संकेतों में परिवर्तित नहीं होता है।

MP Board Class 10th Science Chapter 7 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
मस्तिष्क के मुख्य भाग क्या हैं? विभिन्न भागों के कार्य लिखिए।
उत्तर:
मस्तिष्क के मुख्य भाग एवं उनके कार्य:
(a) अग्र मस्तिष्क-इसके निम्नलिखित दो उपभाग हैं –
(1) प्रमस्तिष्क:
इसका प्रमुख कार्य तन्त्रिका तन्त्र के अन्य शेष भागों पर नियन्त्रण रखना है। इसके अतिरिक्त यह बुद्धि, विचार, स्मृति, अनुभव एवं मनोभाव का केन्द्र है तथा सभी ऐच्छिक क्रियाओं का नियन्त्रण करता है। इसके अविकसित होने से मंदबुद्धि होते हैं।

(2) हाइपोथैलेमस:
यह तन्त्रिका तन्त्र का संगठन केन्द्र होता है। यह जननांग, अन्तःस्रावी ग्रंथियों, हृदय आदि की क्रियाओं पर नियन्त्रण रखता है।

(b) मध्य मस्तिष्क: यह दृष्टि एवं श्रवण उद्दीपन को ग्रहण करता है।

(c) पश्च मस्तिष्क:
इसके निम्नलिखित तीन उपभाग हैं –

  1. अनुमस्तिष्क-यह अंग विन्यास एवं शारीरिक संतुलन को बनाए रखता है।
  2. पॉन्स वेरोलाई-यह अनुमस्तिष्क के एक भाग से दूसरे भाग को प्रेरणाओं के प्रेषण का कार्य करता है तथा पेशीय गतियों पर नियन्त्रण रखता है।
  3. मैड्यूला ऑब्लांगेटा-यह अनैच्छिक क्रियाओं पर नियन्त्रण करता है।
  4. प्रमस्तिष्क गोलार्डों के नीचे एक छोटा भाग डायनसेफेलॉन होता है जो शरीर की उपापचय क्रियाओं पर नियन्त्रण करता है। यह शारीरिक ताप एवं जनन क्रियाओं को नियन्त्रित करता है।

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प्रश्न 2.
निम्न हॉर्मोन्स में से प्रत्येक का एक कार्य लिखिए –
(a) थायरॉक्सिन।
(b) इन्सुलिन।
(c) ऐडीनेलिन।
(d) वृद्धि हॉर्मोन्स।
(e) टेस्टोस्टेरॉन।
उत्तर:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय 9

प्रश्न 3.
विभिन्न पादप हॉर्मोनों के नाम लिखिए तथा उनके पौधों की वृद्धि एवं विकास पर शारीरिक (कायिक) प्रभावों को लिखिए।
अथवा
चार पादप हॉर्मोन के नाम एवं कार्य लिखिए। (2019)
उत्तर:
पादप हॉर्मोनों के प्रकार एवं कार्य-पादप हॉर्मोन प्रमुख्तः निम्नलिखित चार प्रकार के होते हैं –

  1. ऑक्सिन।
  2. जिबरेलिन।
  3. साइटोकाइनिन।
  4. ऐब्सिसिक अम्ल (ABA) वृद्धि रोधक।

1. ऑक्सिन:
कोशिकाओं की लम्बाई में वृद्धि, कोशिका विभाजन में सहयोग, पौधों की गतियों पर नियन्त्रण, पत्तियों को गिरने से रोकना, बीज रहित फलों के उत्पादन में सहायता करना।

2. जिबरेलिन:
बीजों के शीघ्र अंकुरण में सहायक, बौने पौधों की लम्बाई में वृद्धि, पौधों की पत्तियों को चौड़ी करने में सहायता करना।

3. साइटोकाइनिन:
प्रोटीन के संश्लेषण में सहायक, कोशिकाओं एवं तने की लम्बाई में वृद्धि, पार्श्व कलिकाओं में वृद्धि, जड़ों एवं पत्तियों की वृद्धि रोकने में सहायक एवं अंकुरण के समय उत्प्रेरक उत्पन्न करना।

4. ऐब्सिसिक अम्ल (ABA) वृद्धि रोधक:
पत्तियों के एवं फूलों के खुलने एवं बन्द करने की क्रियाओं का नियन्त्रण, पतझड़ की क्रिया को प्रोत्साहित करना तथा पौधों की वृद्धि दर को कम करना।

प्रश्न 4.
प्रतिवर्ती क्रिया क्या है? दो उदाहरण दीजिए। एक प्रतिवर्ती चाप की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
प्रतिवर्ती क्रिया:
“वे अनैच्छिक क्रियाएँ जो किसी प्रेरणा या उद्दीपन या फिर किसी प्रतिक्रिया के रूप में होती हैं, प्रतिवर्ती क्रिया कहलाती है।”

प्रतिवर्ती क्रिया के उदाहरण:

  1. गर्म वस्तु पर पैर पड़ते ही पैर का एकदम उठना।
  2. आँख के आगे अचानक तिनके के आने से आँख के पलक का झपकना।

प्रतिवर्ती चाप:
तन्त्रिकीय तन्त्र जो प्रतिवर्ती क्रिया को संचालित करते हैं तथा एक चाप बनाते हैं जिसे प्रतिवर्ती चाप कहते हैं।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 7 नियंत्रण एवं समन्वय 10

प्रश्न 5.
“तन्त्रिकीय तन्त्र एवं अन्तःस्रावी (हॉर्मोनल) तन्त्र मिलकर मानव शरीर में नियन्त्रण एवं समन्वय के कार्य को पूर्ण करते हैं।” कथन की पुष्टि कीजिए।
उत्तर:
अन्तःस्रावी तन्त्र एवं तन्त्रिका तन्त्र द्वारा मानव शरीर में नियन्त्रण एवं समन्वय मानव शरीर में हॉर्मोनल नियन्त्रण एवं समन्वय:
मानव के शरीर में विशेष प्रकार की ग्रन्थि पाई जाती है जिनसे विशेष प्रकार के कार्बनिक रासायनिक पदार्थ स्रावित होते हैं, जिन्हें जन्तु हॉर्मोन्स या हॉर्मोन्स कहते हैं। इन ग्रन्थियों को अन्त:स्रावी ग्रन्थियाँ कहते हैं। ये हॉर्मोन्स विभिन्न प्रकार की ग्रन्थियों में स्रावित होकर रक्त में मिल जाते हैं।

रक्त के द्वारा ये हॉर्मोन्स विभिन्न प्रकार के अंगों की विभिन्न कोशिकाओं में पहुँचते हैं तथा उन कोशिकाओं को उत्तेजित करके उनकी क्रियाशीलता को बढ़ा देते हैं तथा उसका नियन्त्रण करते हैं। ये हॉर्मोन्स वृद्धि उपापचय क्रियाओं एवं विभिन्न प्रकार की शारीरिक क्रियाओं का नियन्त्रण एवं समन्वय करते हैं। यह नियन्त्रण एवं समन्वय हॉर्मोनल नियन्त्रण एवं समन्वय कहलाता है।

तन्त्रिकीय समन्वय एवं नियन्त्रण (Coordination and Control by Nervous Systems):
मनुष्यों में शरीर की विभिन्न क्रियाएँ एक विशिष्ट एवं विकसित तन्त्र द्वारा समन्वित, नियन्त्रित एवं संचालित होती हैं, जिसकी तन्त्रिका तन्त्र कहते हैं। तन्त्रिका तन्त्र की संरचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई न्यूरॉन होती है। तन्त्रिका तन्त्र में संकेत तन्त्रिका उद्दीपनों के रूप में उत्पन्न होते हैं, जो कि वातावरणीय उद्दीपनों के प्रति तीव्र व्यवहार प्रवाह करती हैं।

बाह्य वातावरण से प्राप्त प्रेरणाएँ या संवेदनाएँ न्यूरॉन को उत्प्रेरित करके शरीर के विभिन्न भागों में समन्वय एवं नियमन स्थापित करती हैं। सजीवों के शरीर के आन्तरिक वातावरण में विभिन्न अंगों के बीच समन्वय, न्यूरॉन के द्वारा स्थापित किया जाता है।
शरीर की सम्पूर्ण ऐच्छिक एवं अनैच्छिक तथा प्रतिवर्ती क्रियाओं का नियन्त्रण, केन्द्रीय तन्त्रिका तन्त्र (मस्तिष्क एवं सुषुम्ना) के द्वारा किया जाता है।

इस प्रकार मनुष्य एवं अन्य बहुकोशिकीय जन्तुओं के शरीर के बाह्य वातावरण, आन्तरिक वातावरण, संतुलन एवं संवेदी अंगों में नियन्त्रण एवं समन्वय, तन्त्रिका तन्त्र के द्वारा स्थापित होता है। इस प्रकार हम देखते हैं कि किस प्रकार अन्तःस्रावी (हॉर्मोनल) तन्त्र एवं तन्त्रिका तन्त्र मिलकर मानव शरीर में नियन्त्रण एवं समन्वय बनाए रखते हैं।

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MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 6 जैव प्रक्रम

MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 6 जैव प्रक्रम

MP Board Class 10th Science Chapter 6 पाठान्तर्गत प्रश्नोत्तर

प्रश्न शृंखला-1 # पृष्ठ संख्या 105

प्रश्न 1.
हमारे जैसे बहुकोशिकीय जीवों में ऑक्सीजन की आवश्यकता पूरी करने में विसरण क्यों अपर्याप्त है?
उत्तर:
हमारे जैसे बहुकोशिकीय जीवों में ऑक्सीजन की शरीर के सभी भागों को आवश्यकता होती है तथा इन जीवों की सभी कोशिकाएँ अपने आस-पास के पर्यावरण के सीधे सम्पर्क में नहीं रहती अत: साधारण विसरण सभी कोशिकाओं की आवश्यकता की पूर्ति नहीं कर सकता इसलिए विसरण अपर्याप्त है।

प्रश्न 2.
कोई वस्तु सजीव है, इसका निर्धारण करने के लिए हम किस मापदण्ड का उपयोग करेंगे?
उत्तर:
कोई वस्तु सजीव है इसका निर्धारण करने के लिए हम विभिन्न प्रकार की अदृश्य आण्विक गतियों को जीवन सूचक मापदण्ड मानेंगे।

प्रश्न 3.
किसी जीव द्वारा किन-किन कच्ची सामग्रियों का उपयोग किया जाता है?
उत्तर:
किसी जीव द्वारा कच्ची सामग्री के रूप में विभिन्न कार्बन आधारित अणुओं, ऑक्सीजन, जल एवं सौर ऊर्जा तथा विभिन्न लवणों का उपयोग किया जाता है।

प्रश्न 4.
जीवन के अनुरक्षण के लिए आप किन प्रक्रमों को आवश्यक मानेंगे?
उत्तर:
जीवन के अनुरक्षण के लिए हम पोषण, श्वसन, शरीर के अन्दर पदार्थों का संवहन तथा अपशिष्ट हानिकारक पदार्थों के उत्सर्जन आदि प्रक्रमों को आवश्यक मानेंगे।

प्रश्न श्रृंखला-2 # पृष्ठ संख्या 111

प्रश्न 1.
स्वयंपोषी पोषण एवं विषमपोषी पोषण में क्या अन्तर है?
उत्तर:
स्वयंपोषी पोषण में जीव बाहर से कार्बन डाइऑक्साइड एवं जल ग्रहण करके क्लोरोफिल एवं सौर प्रकाश की उपस्थिति में प्रकाश – संश्लेषण की क्रिया द्वारा अपना भोजन स्वयं बनाते हैं, जबकि विषमपोषी पोषण में जीव प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से स्वयंपोषी जीवों द्वारा निर्मित भोजन ग्रहण करते हैं।

प्रश्न 2.
प्रकाश-संश्लेषण के लिए आवश्यक कच्ची सामग्री पौधा कहाँ से प्राप्त करता है?
उत्तर:
प्रकाश-संश्लेषण के लिए पौधा जल मृदा से तथा कार्बन डाइऑक्साइड वायुमण्डल से एवं ऊर्जा सौर प्रकाश से प्राप्त करता है।

प्रश्न 3.
हमारे आमाशय में अम्ल की भूमिका क्या है?
उत्तर:
हमारे आमाशय में अम्ल भोजन के साथ आये हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट करता है तथा माध्यम को अम्लीय बनाता है जो पेप्सिन एन्जाइम की क्रिया में सहायक होता है, लेकिन अधिक मात्रा में अम्ल अम्लीयता (ऐसिडिटी) पैदा करता है।

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प्रश्न 4.
पाचक एन्जाइमों का क्या कार्य है?
उत्तर:
पाचक एन्जाइम जटिल कार्बनिक पदार्थों को सरल पदार्थों में परिवर्तित करने में सहायक होते हैं। ये कार्बोहाइड्रेट्स को ग्लूकोज में, वसा को वसीय अम्लों में तथा प्रोटीनों को अमीनो अम्लों में परिवर्तित करके भोजन का पाचन करते हैं।

प्रश्न 5.
पचे हुए भोजन को अवशोषित करने के लिए क्षुद्रान्त को कैसे अभिकल्पित किया गया
उत्तर:
क्षुद्रान्त की भित्ति के आन्तरिक अस्तर पर अनेक अँगुली जैसे प्रवर्ध होते हैं जिन्हें दीर्घरोम कहते हैं। ये अवशोषण का सतही क्षेत्रफल बढ़ा देते हैं तथा दीर्घ रोमों में रुधिर वाहिकाओं की बहुतायत होती है जो पचे हुए भोजन का अवशोषण कर लेते हैं। इस प्रकार क्षुद्रान्त को पचे हुए भोजन को अवशोषित करने के लिए अभिकल्पित किया गया है।

प्रश्न श्रृंखला-3 # पृष्ठ संख्या 116

प्रश्न 1.
श्वसन के लिए ऑक्सीजन प्राप्त करने की दिशा में एक जलीय जीव की अपेक्षा स्थलीय जीव किस प्रकार लाभप्रद है?
उत्तर:
जलीय जीव श्वसन के लिए जल में घुली हुई ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं, जबकि स्थलीय जीव वायुमण्डल में उपस्थिति ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं। जल में घुली ऑक्सीजन की मात्रा वायुमण्डल में उपलब्ध ऑक्सीजन की मात्रा की तुलना में बहुत कम होती है। इसलिए श्वसन के लिए ऑक्सीजन प्राप्त करने की दिशा में एक जलीय जीव की अपेक्षा स्थलीय जीव ज्यादा लाभप्रद है।

प्रश्न 2.
ग्लूकोज के ऑक्सीकरण से भिन्न जीवों में ऊर्जा प्राप्त करने के विभिन्न पथ क्या हैं? (2019)
उत्तर:
ग्लूकोज के ऑक्सीकरण से ऊर्जा प्राप्त करने के विभिन्न पथ सर्वप्रथम कोशिकाद्रव्य में ग्लूकोज विखण्डित होकर तीन कार्बन अणु देता है, जिसे पायरुवेट कहते हैं। पायरुवेट पुनः चित्र के अनुसार विखण्डित होकर ऊर्जा देता है।

प्रश्न 3.
मनुष्य में ऑक्सीजन एवं कार्बन डाइऑक्साइड का परिवहन कैसे होता है?
उत्तर:
मनुष्य में ऑक्सीजन एवं कार्बन डाइऑक्साइड का परिवहन मनुष्य के रक्त की लाल रक्त कणिकाओं में उपस्थित लाल वर्णक हीमोग्लोबिन द्वारा होता है।

प्रश्न 4.
गैसों के विनियम के लिए मानव फुफ्फुस में अधिकतम क्षेत्रफल को कैसे अभिकल्पित किया है?
उत्तर:
हमारे फुफ्फुसों के मार्ग छोटी और छोटी नलिकाओं में विभाजित हो जाता है जिन्हें कपिका कहते हैं। कूपिका एक सतह उपलब्ध कराती है जिससे गैस का विनिमय हो सके। इस प्रकार गैसों के विनिमय के लिए मानव फुफ्फुसों में अधिकतम क्षेत्रफल अभिकल्पित किया गया है।

प्रश्न श्रृंखला-4 # पृष्ठ संख्या 122

प्रश्न 1.
मानव के वहन तन्त्र के घटक कौन-से हैं? इन घटकों के क्या कार्य हैं?
उत्तर:
मानव के वहन (परिसंचरण) तन्त्र के घटक निम्न हैं –

  1. रक्त (रुधिर)।
  2. हृदय।
  3. रुधिर वाहिकाएँ।

1. रक्त:
यह परिवहन माध्यम का कार्य करता है जो अपने अन्दर विभिन्न गैसों (कार्बन डाइऑक्साइड; ऑक्सीजन), विभिन्न एन्जाइमों, अपशिष्ट हानिकारक पदार्थों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक परिवहन करता है।

2. हृदय यह रक्त को विभिन्न भागों को भेजने एवं वहाँ से रक्त एकत्रित करने के लिए पम्प का कार्य करता है।

3. रुधिर वाहिकाएँ: इनके माध्यम से ही रक्त का विभिन्न भागों में परिवहन होता है।

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प्रश्न 2.
स्तनधारी तथा पक्षियों में ऑक्सीजनित एवं विऑक्सीजनित रुधिर को अलग-अलग करना क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
स्तनधारी एवं पक्षियों को अपने शरीर एक तापमान बनाए रखने के लिए निरन्तर ऊर्जा की आवश्यकता होती है। इसलिए उच्च ऊर्जा की आवश्यकता की आपूर्ति के लिए इनमें ऑक्सीजनित तथा विऑक्सीजनित रुधिर को अलग-अलग करना आवश्यक है जिससे उच्च दक्षतापूर्ण ऑक्सीजन की आपूर्ति हो सके।

प्रश्न 3.
उच्च संगठित पादप में वहन तन्त्र के घटक क्या हैं ?
उत्तर:
उच्च संगठित पादप में वहन तन्त्र के प्रमुख घटक हैं-जाइलम तथा फ्लोएम, जिन्हें संयुक्त रूप से संवहन ऊतक कहते हैं।

प्रश्न 4.
पादप में जल और खनिज लवण का वहन कैसे होता है?
उत्तर:
पादपों में जल एवं खनिज लवणों का वहन संवहन ऊतक जाइलम द्वारा होता है।

प्रश्न 5.
पादप में भोजन का स्थानान्तरण कैसे होता है?
उत्तर:
पादप में भोजन का स्थानान्तरण संवहन ऊतक फ्लोएम द्वारा होता है।

प्रश्न श्रृंखला-5 # पृष्ठ संख्या 124

प्रश्न 1.
वृक्काणु (नेफ्रॉन) की रचना एवं क्रियाविधि का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
वृक्काणु (नेफ्रॉन) की रचना:
केशिकागुच्छ (ग्लोमेरुलस) वृक्क में अनेक आधारी निस्यंदन एकक होते हैं, जिन्हें वृक्काणु (नेफ्रॉन) कहते हैं। इनमें बहुत वृक्क पतली भित्ति वाली रुधिर केशिकाओं का गुच्छ, (ग्लोमेरुलस) होता है जो एक नलिका के कप के आकार के सिरे के अन्दर होता है जिसे बोमन सम्पुट कहते हैं।

वृक्काणु (नेफ्रॉन) की क्रियाविधि:
वृक्क धमनी वृक्काणु की नलिका केशिका गुच्छ से छने हुए मूत्र जिसमें यूरिया, यूरिक अम्ल आदि होते हैं, को एकत्रित कर लेती है। इस प्रारम्भिक निस्यंद में कुछ उपयोगी पदार्थ ग्लूकोज, अमीनो अम्ल, लवण और प्रचुर मात्रा में जल रह जाते हैं। नलिका में मूत्र जैसे-जैसे आगे बढ़ता है। इन पदार्थों का चयनित पुनरावशोषण हो जाता है। यह मूत्र प्रत्येक वृक्काणु नलिका से संग्राहक मूत्र वाहिनी में एकत्रित होता है जहाँ से मूत्राशय में जाकर एकत्रित हो जाता है।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 6 जैव प्रक्रम 1

प्रश्न 2.
उत्सर्जी उत्पाद से छुटकारा पाने के लिए पादप किन विधियों का उपयोग करते हैं?
उत्तर:
पादप अपशिष्ट पदार्थों से छुटकारा प्राप्त करने के लिए विविध तकनीकों का उपयोग करते हैं। उदाहरण के लिए अपशिष्ट पदार्थ कोशिका रिक्तिका में संचित किए जा सकते हैं या गोंद व रेजिन के रूप में पुराने जाइलम से संचित हो सकते हैं अथवा गिरती पत्तियों द्वारा दूर किये जा सकते हैं या ये अपने आस-पास की मृदा में उत्सर्जित कर देते हैं। इस प्रकार पादप अपशिष्ट पदार्थों से छुटकारा पाने के लिए अनेक विधियों का उपयोग करते हैं।

प्रश्न 3.
मूत्र बनने की मात्रा का नियमन किस प्रकार होता है?
उत्तर:
मूत्र बनने की मात्रा का नियमन उपलब्ध अतिरिक्त जल की मात्रा एवं उत्सर्जन हेतु प्राप्त विलेय वर्ण्य की मात्रा पर निर्भर करता है।

MP Board Class 10th Science Chapter 6 पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
मनुष्य में वृक्क एक तन्त्र का भाग है, जो सम्बन्धित है – (2019)
(a) पोषण।
(b) श्वसन।
(c) उत्सर्जन।
(d) परिवहन।
उत्तर:
(c) उत्सर्जन।

प्रश्न 2.
पादप में जाइलम उत्तरदायी है –
(a) जल का वहन।
(b) भोजन का वहन।
(c) अमीनो अम्ल का वहन।
(d) ऑक्सीजन का वहन।
उत्तर:
(a) जल का वहन।

प्रश्न 3.
स्वपोषी पोषण के लिए आवश्यक है –
(a) कार्बन डाइऑक्साइड तथा जल।
(b) क्लोरोफिल।
(c) सूर्य का प्रकाश।
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी।

प्रश्न 4.
पायरुवेट का विखण्डन कार्बन डाइऑक्साइड, जल तथा ऊर्जा देता है और यह क्रिया होती है –
(a) कोशिकाद्रव्य में।
(b) माइटोकॉण्ड्रिया में।
(c) हरितलवक में।
(d) केन्द्रक में।
उत्तर:
(b) माइटोकॉण्ड्रिया में।

प्रश्न 5.
हमारे शरीर में वसा का पाचन कैसे होता है? यह प्रक्रम कहाँ होता है?
उत्तर:
हमारे शरीर में वसा का पाचन क्षुद्रान्त्र के ऊपरी भाग ग्रहणी (ड्यूओडिनम) में होता है। जहाँ पित्ताशय से क्षारीय पित्त रस पित्त नली द्वारा भोजन में मिलता है जो भोजन के माध्यम को क्षारीय बना देता है जिससे अग्न्याशय से प्राप्त पाचक रस सक्रिय होते हैं। पित्त रस वसा को इमल्सीफाई कर देता है तथा अग्न्याशय रस से प्राप्त लाइपेज एन्जाइम इमल्सीफाइड वसा का पाचन वसीय अम्लों में कर देता है। इस प्रकार वसा का पाचन हमारे शरीर में क्षुद्रान्त के ऊपरी भाग में होता है।

प्रश्न 6.
भोजन के पाचन में लार की क्या भूमिका है?
उत्तर:
मुँह में स्थित लार ग्रंथियों से लार निकलकर चबाये हुए भोजन में मिलकर इसे चिकना तथा लसलसा बना देती है जिससे यह भोजननली में आसानी से फिसल सकता है। इससे अधिक महत्वपूर्ण यह है कि लार में उपस्थित एन्जाइम एमाइलेज मण्ड के जटिल अणुओं को शर्करा में खण्डित कर देती है जो मण्ड की अपेक्षा काफी सरल अणु होते हैं। इस तरह लार भोजन के पाचन में अहम् भूमिका निभाती है।

प्रश्न 7.
स्वपोषी पोषण के लिए आवश्यक परिस्थितियाँ कौन-सी हैं और उसके उपोत्पाद क्या हैं?
उत्तर:
स्वपोषी पोषण के लिए आवश्यक परिस्थितियाँ:

  1. कार्बन डाइऑक्साइड की उपलब्धता।
  2. जल की उपलब्धता।
  3. सौर ऊर्जा की उपलब्धता।
  4. क्लोरोफिल की उपलब्धता।

स्वपोषी पोषण के उपोत्पाद:

  1. ग्लूकोज।
  2. ऑक्सीजन गैस।

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प्रश्न 8.
वायवीय एवं अवायवीय श्वसन में क्या अन्तर है? कुछ जीवों के नाम लिखिए जिनमें अवायवीय श्वसन होता है।
उत्तर:
वायवीय श्वसन एवं अवायवीय श्वसन में अन्तर:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 6 जैव प्रक्रम 2

प्रश्न 9.
गैसों के अधिकतम विनिमय के लिए कूपिकाएँ किस प्रकार अभिकल्पित हैं?
उत्तर:
कूपिकाएँ गैसों के अधिकतम विनिमय के लिए पर्याप्त सतह उपलब्ध कराती हैं।

प्रश्न 10.
हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी के क्या परिणाम हो सकते हैं?
उत्तर:
श्वसन के फलस्वरूप प्राप्त ऑक्सीजन का परिवहन करने तथा उसे ऊतकों तक पहुँचाने का कार्य हीमोग्लोबिन करता है। इसकी कमी से श्वसन क्रिया प्रभावित होगी। शरीर को ऊर्जा कम मिलेगी क्योंकि ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा प्राप्त नहीं होगी।

प्रश्न 11.
मनुष्य में दोहरे परिसंचरण की व्याख्या कीजिए। यह क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
“मनुष्य में प्रत्येक चक्र में रुधिर दो बार हृदय में जाता है। इसे दोहरा परिसंचरण कहते हैं।” इस प्रक्रिया में एक बार ऑक्सीजनित रक्त फुफ्फुसों (फेफड़ों) से हृदय में आता है तो दूसरी बार अनॉक्सीजनित रक्त शरीर के विभिन्न भागों से हृदय में आता है।
दोहरा परिसंचरण ऑक्सीजनित एवं विऑक्सीजनित रुधिर को मिलने से रोकने में सहायक होता है जिससे उच्च ऊर्जा की प्राप्ति होती है।

प्रश्न 12.
जाइलम तथा फ्लोएम में पदार्थों के वहन में क्या अन्तर है?
उत्तर:
जाइलम पादपों में जड़ों द्वारा मृदा से अवशोषित जल एवं खनिजों को पत्तियों तक पहुँचाने के लिए वहन करते हैं, जबकि फ्लोएम पत्तियों द्वारा निर्मित खाद्य पदार्थों को पादप के विभिन्न भागों तक पहुँचाने के लिए वहन करते हैं।

प्रश्न 13.
फुफ्फुस में कूपिकाओं की तथा वृक्क में वृक्काणु (नेफ्रॉन) की रचना तथा क्रियाविधि की तुलना कीजिए।
उत्तर:
फुफ्फुस में कूपिकाओं की रचना श्वसन नलिकाओं के सिरों की फूले हुए गुब्बारे की तरह संरचना होती है, जबकि वृक्क में वृक्काणु (नेफ्रॉन) की रचना में रुधिर केशिकाओं का गुच्छा होता है जो एक नलिका के कप के आकार के सिरे के अन्दर स्थित होता है।
कृपिकाओं का कार्य गैसों के विनिमय के लिए सतह उपलब्ध कराना है, जबकि वृक्काणु का कार्य मूत्र का निस्यंदन करना तथा मूत्र में मिले आवश्यक पदार्थों का पुनरावशोषण करना है।

MP Board Class 10th Science Chapter 6 परीक्षोपयोगी अतिरिक्त प्रश्नोत्तर

MP Board Class 10th Science Chapter 6 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
स्वपोषी जीवों के सम्बन्ध में निम्न में से कौन-सा कथन असत्य है?
(a) वे सौर-प्रकाश एवं क्लोरोफिल की उपस्थिति में कार्बन डाइऑक्साइड एवं जल से कार्बोहाइड्रेट का संश्लेषण करते हैं।
(b) वे कार्बोहाइड्रेट का संचय स्टार्च के रूप में करते हैं।
(c) वे कार्बन डाइ-ऑक्साइड एवं जल को सौर-प्रकाश की अनुपस्थिति में कार्बोहाइड्रेट में परिवर्तित कर देते हैं।
(d) वे खाद्य श्रृंखला के प्रथम पोषी स्तर का निर्माण करते हैं।
उत्तर:
(c) वे कार्बन डाइ-ऑक्साइड एवं जल को सौर-प्रकाश की अनुपस्थिति में कार्बोहाइड्रेट में परिवर्तित कर देते हैं।

प्रश्न 2.
निम्न में से जीवों के किस समूह में खाद्य पदार्थों को शरीर से बाहर पहले विखण्डित किया जाता है फिर अवशोषण?
(a) मशरूम, हरे पौधे, अमीबा।
(b) यीस्ट, मशरूम, ब्रेड मोल्ड।
(c) पैरामीशियम, अमीबा, कस्कुटा।
(d) कस्कुटा, लाइस, टेपवर्म।
उत्तर:
(b) यीस्ट, मशरूम, ब्रेड मोल्ड।

प्रश्न 3.
सही कथन चुनिए –
(a) विषमपोषी अपने भोजन का स्वयं संश्लेषण नहीं करते हैं।
(b) विषमपोषी प्रकाश-संश्लेषण के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग करते हैं।
(c) विषमपोषी अपना भोजन स्वयं संश्लेषित करते हैं।
(d) विषमपोषी कार्बन डाइऑक्साइड एवं जल को कार्बोहाइड्रेट में परिवर्तित करने में सक्षम हैं।
उत्तर:
(a) विषमपोषी अपने भोजन का स्वयं संश्लेषण नहीं करते हैं।

प्रश्न 4.
मानव आहार नाल के विभिन्न अंगों (भागों) का सही क्रम क्या है?
(a) मुँह → आमाशय → छोटी आँतें → ग्रसिका → बड़ी आँतें।
(b) मुँह → ग्रसिका → आमाशय → बड़ी आँतें → छोटी आँतें।
(c) मुँह → आमाशय → ग्रसिका → छोटी आँतें → बड़ी आँतें।
(d) मुँह → ग्रसिका → आमाशय → छोटी आँतें → बड़ी आँतें।
उत्तर:
(d) मुँह → ग्रसिका → आमाशय → छोटी आँतें → बड़ी आँतें।

प्रश्न 5.
यदि लार में लार-एमाइलेज का अभाव हो जाए तो मुखगुहा की कौन-सी घटना प्रभावित होगी?
(a) प्रोटीन का अमीनो अम्ल में विघटन (टूटना)।
(b) ‘स्टार्च का सुगर में विघटन (टूटना)।
(c) वसा का वसीय अम्ल में टूटना (विघटन)।
(d) विटामिनों का अवशोषण।
उत्तर:
(b) ‘स्टार्च का सुगर में विघटन (टूटना)।

प्रश्न 6.
आमाशय का आन्तरिक अस्तर की हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से रक्षा निम्न में किसके द्वारा होती है?
(a) पेप्सिन।
(b) म्यूकस।
(c) लार-एमाइलेज।
(d) पित्तरस।
उत्तर:
(b) म्यूकस।

प्रश्न 7.
भोजन नली का कौन-सा भाग यकृत से पित्तरस प्राप्त करता है?
(a) आमाशय।
(b) क्षुद्रान्त्र।
(c) वृहदान्त्र।
(d) ग्रसिका।
उत्तर:
(b) क्षुद्रान्त्र।

प्रश्न 8.
चावल के पानी में कुछ बूंदें आयोडीन विलयन की डाली जायें तो विलयन का रंग नीला-काला हो जाता है। इससे प्रदर्शित होता है कि चावल के पानी में उपस्थित है –
(a) जटिल प्रोटीन।
(b) साधारण प्रोटीन।
(c) वसा।
(d) स्टार्च।
उत्तर:
(d) स्टार्च।

प्रश्न 9.
भोजन नली के किस भाग में भोजन का पूर्ण पाचन हो जाता है?
(a) आमाशय।
(b) मुखगुहा।
(c) वृहदान्त्र।
(d) क्षुद्रान्त्र।
उत्तर:
(d) क्षुद्रान्त्र।

प्रश्न 10.
निम्नलिखित में से कौन-सा कार्य पेन्क्रियाज जूस का है?
(a) ट्रिप्सिन प्रोटीन का एवं लाइपेज कार्बोहाइड्रेट का पाचन करता है।
(b) ट्रिप्सिन इमल्सीफाइड वसा का तथा लाइपेज प्रोटीन का पाचन करता है।
(c) ट्रिप्सिन एवं लाइपेज दोनों वसा का पाचन करते हैं।
(d) ट्रिप्सिन प्रोटीन का एवं लाइपेज इमल्सीफाइड वसा का पाचन करते हैं।
उत्तर:
(b) ट्रिप्सिन इमल्सीफाइड वसा का तथा लाइपेज प्रोटीन का पाचन करता है।

प्रश्न 11.
जब चूने के पानी युक्त परखनली में मुँह से हवा फूंकते हैं, तो चूने का पानी दूधिया हो जाता है, निम्न की उपस्थिति के कारण-
(a) ऑक्सीजन।
(b) कार्बन डाइऑक्साइड।
(c) नाइट्रोजन।
(d) जलवाष्प।
उत्तर:
(b) कार्बन डाइऑक्साइड।

प्रश्न 12.
यीस्ट में अवायवीय श्वसन का सही क्रम है –
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 6 जैव प्रक्रम 3
उत्तर:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 6 जैव प्रक्रम 4

प्रश्न 13.
वायवीय श्वसन के लिए निम्न में कौन सर्वाधिक सही है?
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 6 जैव प्रक्रम 5
उत्तर:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 6 जैव प्रक्रम 6

प्रश्न 14.
निम्न में निःश्वसन में वायु प्रवाह का सही क्रम कौन-सा है?
(a) नॉस्ट्रिल → लेरिंग्स → फेरिंग्स → ट्रेकिया → फेफड़े।
(b) नॉस्ट्रिल → ट्रेकिया → फेरिंग्स → लेरिंग्स → एल्वोली।
(c) लेरिंग्स → नॉस्ट्रिल → फेरिंग्स → फेफड़े।
(d) नॉस्ट्रिल → फेरिंग्स → लेरिंग्स → ट्रेकिया → एल्वोली।
उत्तर:
(d) नॉस्ट्रिल → फेरिंग्स → लेरिंग्स → ट्रेकिया → एल्वोली।

प्रश्न 15.
श्वसन के समय गैसों का आदान-प्रदान होता है निम्न में –
(a) ट्रेकिया एवं लेरिंग्स।
(b) एल्वोली (फेफड़े)।
(c) एल्वोली एवं थ्रोट (गला)।
(d) थ्रोट (गला) एवं लेरिंग्स।
उत्तर:
(b) एल्वोली (फेफड़े)।

प्रश्न 16.
हृदय के अन्दर उसके संकुचन के समय रक्त को वापस लौटने से कौन रोकता है?
(a) हृदय में वाल्व।
(b) वेण्ट्रिकल की मोटी दीवारें।
(c) एट्रिया की पतली दीवारें।
(d) ऊपर के सभी।
उत्तर:
(a) हृदय में वाल्व।

प्रश्न 17.
गुर्दो की निस्यन्दन इकाई कहलाती है –
(a) यूरेटर।
(b) यूरेथ्रा।
(c) न्यूरॉन।
(d) नेफ्रॉन।
उत्तर:
(d) नेफ्रॉन।

प्रश्न 18.
प्रकाश-संश्लेषण के समय मुक्त होने वाली ऑक्सीजन प्राप्त होती है, निम्न से –
(a) जल।
(b) क्लोरोफिल।
(c) कार्बन डाइऑक्साइड।
(d) ग्लूकोज।
उत्तर:
(a) जल।

प्रश्न 19.
ऊतकों से निकलने के बाद रक्त में वृद्धि होती है –
(a) CO2
(b) जल।
(c) हीमोग्लोबिन।
(d) ऑक्सीजन।
उत्तर:
(a) CO2

प्रश्न 20.
निम्न में कौन-सा कथन असत्य है?
(a) जीव समय के साथ वृद्धि करते हैं।
(b) जीव अपने ढाँचे की मरम्मत एवं अनुरक्षण करते हैं।
(c) कोशिकाओं में अणुओं का संचालन नहीं होता है।
(d) जैव प्रक्रम के लिए ऊर्जा आवश्यक है।
उत्तर:
(c) कोशिकाओं में अणुओं का संचालन नहीं होता है।

प्रश्न 21.
स्वयंपोषी जीवों में आन्तरिक कोशिकीय ऊर्जा एकत्रित रहती है निम्न में –
(a) ग्लाइकोजन।
(b) प्रोटीन।
(c) स्टार्च।
(d) वसीय अम्ल।
उत्तर:
(c) स्टार्च।

प्रश्न 22.
निम्नलिखित में से कौन प्रकाश-संश्लेषण की रूपरेखा है –
(a) 6CO2 + 12H2O → C6H12O6 + 6O2 + 6H2O
(b) 6CO2 + H2O + सौर प्रकाश → C6H12O6 + O2 + 6H2O
(c) 6CO2 + 12H2O + सौर प्रकाश + क्लोरोफिल → C6H12O6 + 6O2 + 6H2O
(d) 6CO2 + 12H2O + क्लोरोफिल + सौर प्रकाश → C6H12O6 + 6 CO2 + 6H2O
उत्तर:
(c) 6CO2 + 12H2O + सौर प्रकाश + क्लोरोफिल → C6H12O6 + 6O2 + 6H2O

प्रश्न 23.
प्रकाश-संश्लेषण में घटित नहीं होने वाली घटना है –
(a) क्लोरोफिल द्वारा प्रकाश ऊर्जा का शोषण।
(b) कार्बन डाइऑक्साइड का कार्बोहाइड्रेट में अपचयन।
(c) कार्बन का कार्बन डाइऑक्साइड में उपचयन।
(d) प्रकाश ऊर्जा का रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तन।
उत्तर:
(c) कार्बन का कार्बन डाइऑक्साइड में उपचयन।

प्रश्न 24.
पर्णरन्ध्रों (Stomatal pore) के खुलने एवं बन्द होने की प्रक्रिया निम्न पर निर्भर करती है –
(a) ऑक्सीजन।
(b) तापक्रम।
(c) गार्ड कोशा में जल।
(d) पर्णरन्ध्र में CO2 की सान्द्रता।
उत्तर:
(c) गार्ड कोशा में जल।

प्रश्न 25.
ज्यादातर पेड़-पौधे नाइट्रोजन का अवशोषण निम्न रूप में करते हैं –
(i) प्रोटीन।
(ii) नाइट्रेट एवं नाइट्राइट।
(iii) यूरिया।
(iv) वायुमण्डलीय नाइट्रोजन।
(a) (i) एवं (ii)
(b) (ii) एवं (iii)
(c) (iii) एवं (iv)
(d) (i) एवं (iv)
उत्तर:
(b) (ii) एवं (iii)

प्रश्न 26.
पाचन नली में सर्वप्रथम भोजन में मिलने वाला एन्जाइम है –
(a) पेप्सिन।
(b) सेल्यूलेज।
(c) एमाइलेज।
(d) ट्रिप्सिन।
उत्तर:
(c) एमाइलेज।

प्रश्न 27.
माँस-पेशियों में ऑक्सीजन की कमी प्रायः क्रिकेट खिलाड़ियों के पैरों में जकड़न का कारण बनती है। यह निम्न के परिणामस्वरूप होता है –
(a) पाइरुवेट का एथेनॉल में परिवर्तन।
(b) पाइरुवेट का ग्लूकोज में परिवर्तन।
(c) ग्लूकोज का पाइरुवेट में परिवर्तन नहीं होना।
(d) पाइरूवेट का लैक्टिक अम्ल में परिवर्तन।
उत्तर:
(d) पाइरूवेट का लैक्टिक अम्ल में परिवर्तन।

प्रश्न 28.
हमारे शरीर में पेशाब (यूरिन) के सही पथ का चयन कीजिए –
(a) वृक्क → यूरेटर → यूरेथ्रा → यूरीनरी ब्लैडर।
(b) वृक्क → यूरीनरी ब्लैडर → यूरेथ्रा → यूरेटर।
(c) वृक्क → यूरेटर → यूरीनरी ब्लैडर → यूरेथ्रा।
(d) यूरीनरी ब्लैडर → वृक्क → यूरेटर → यूरेथा।
उत्तर:
(c) वृक्क → यूरेटर → यूरीनरी ब्लैडर → यूरेथ्रा।

प्रश्न 29.
मनुष्य के ऊतकों में ऑक्सीजन की कमी के होने पर पाइरुविक अम्ल लैक्टिक अम्ल में परिवर्तन निम्न में होता है –
(a) साइटोप्लाज्म में।
(b) क्लोरोप्लास्ट में।
(c) माइटोकॉण्ड्रिया में।
(d) गॉल्जी बॉडी में।
उत्तर:
(a) साइटोप्लाज्म में।

प्रश्न 30.
प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया पौधे के किस भाग में होती है?
(a) जड़।
(b) तना।
(c) पत्ती।
(d) फूल/फल।
उत्तर:
(c) पत्ती।

प्रश्न 31.
फेफड़े (फुफ्फुस) स्थित होते हैं –
(a) वक्षगुहा में।
(b) उदरगुहा में।
(c) आन्त्र के पास।
(d) अग्न्याशय के नीचे।
उत्तर:
(a) वक्षगुहा में।

रिक्त स्थानों की पूर्ति

  1. वे सभी प्रक्रम जो सम्मिलित रूप से अनुरक्षण का कार्य करते हैं ………….. कहलाते हैं।
  2. ऊर्जा के स्रोत भोजन को बाहर से शरीर के अन्दर ग्रहण करना ………….. कहलाता है।
  3. शरीर के बाहर से ऑक्सीजन का ग्रहण करना तथा कोशिकीय आवश्यकतानुसार खाद्य स्रोत के विघटन ___में उसका उपयोग करना ………….. कहलाता है।
  4. भोजन तथा ऑक्सीजन को शरीर के अन्दर एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाने के प्रक्रम को ………….. कहते हैं।
  5. शरीर में उपस्थित अपशिष्ट हानिकारक एवं विषैले पदार्थों का शरीर से बाहर निकालने का प्रक्रम …………… कहलाता है।

उत्तर:

  1. जैव प्रक्रम।
  2. पोषण।
  3. श्वसन।
  4. वहन या संवहन।
  5. उत्सर्जन।

जोड़ी बनाइए
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 6 जैव प्रक्रम 7
उत्तर:

  1. → (b)
  2. → (c)
  3. → (d)
  4. → (a)

MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 6 जैव प्रक्रम 8
उत्तर:

  1. → (b)
  2. → (c)
  3. → (d)
  4. → (a)

MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 6 जैव प्रक्रम 9
उत्तर:

  1. → (a)
  2. → (d)
  3. → (b)
  4. → (c)

सत्य/असत्य कथन

  1. मनुष्य में दोहरा परिसंचरण होता है।
  2. बायाँ अलिंद शरीर के विभिन्न भागों से आए ऑक्सीजनित रक्त को ग्रहण करता है।
  3. बायाँ निलय ऑक्सीजनित रक्त को शरीर के विभिन्न भागों में प्रेषित करता है।
  4. बायाँ अलिंद ऑक्सीजनित रक्त को दाएँ निलय में प्रेषित करता है।
  5. दायाँ अलिंद अनॉक्सीजनित रक्त को शरीर के विभिन्न भागों से आने पर ग्रहण करता है।

उत्तर:

  1. सत्य।
  2. असत्य।
  3. सत्य।
  4. असत्य।
  5. सत्य।

एक शब्द/वाक्य में उत्तर

  1. सौर-प्रकाश एवं क्लोरोफिल की उपस्थिति में कार्बन डाइऑक्साइड एवं जल के संश्लेषण के फलस्वरूप ग्लूकोज बनने की प्रक्रिया क्या कहलाती है?
  2. मनुष्य में ग्रहण किए गए भोजन के जटिल यौगिकों को सरल यौगिकों में विखण्डित करने की सतत् प्रक्रिया क्या कहलाती है?
  3. अपशिष्ट हानिकारक एवं विषैले पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में प्रयुक्त अंगों का समूह क्या कहलाता है?
  4. वायु की अनुपस्थिति में होने वाले श्वसन को क्या कहा जाता है?
  5. पादप के वायवीय भागों द्वारा वाष्प के रूप में जल-हानि क्या कहलाती है?
  6. हरे पौधों की पत्तियों में पाये जाने वाले वर्णक का नाम लिखिए। (2019)

उत्तर:

  1. प्रकाश-संश्लेषण।
  2. पाचक।
  3. उत्सर्जी तन्त्र।
  4. अवायवीय श्वसन।
  5. वाष्पोत्सर्जन।
  6. क्लोरोफिल।

MP Board Class 10th Science Chapter 6 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
“सभी पौधे दिन के प्रकाश में ऑक्सीजन एवं रात्रि में कार्बन डाइऑक्साइड देते हैं।” क्या आप इस कथन से सहमत हैं? कारण बताइए।
उत्तर:
दिन के प्रकाश में प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया के फलस्वरूप ऑक्सीजन बनने की दर श्वसन के फलस्वरूप कार्बन डाइऑक्साइड बनने की दर से बहुत अधिक होती है परिणामस्वरूप दिन में पौधे ऑक्सीजन देते हैं और रात में प्रकाश-संश्लेषण नहीं होता केवल श्वसन होता है। इसलिए कार्बन डाइऑक्साइड देते हैं।

प्रश्न 2.
गार्ड सेल किस प्रकार पर्णरन्ध्रों को खोलने एवं बन्द करने की प्रक्रिया को नियन्त्रित करते हैं?
उत्तर:
जल के अवशोषण से गार्ड सेल के फूलने के कारण पर्ण-रन्ध्र खुल जाते हैं और जल निष्कासन से गार्ड सेल के सिकुड़ने के कारण पर्णरन्ध्र बन्द हो जाते हैं। इस प्रकार गार्ड सेल पर्णरन्ध्रों को खोलना एवं बन्द करने की प्रक्रिया को नियन्त्रित करते हैं।

प्रश्न 3.
दो हरे पौधे अलग-अलग ऑक्सीजनरहित बन्द पात्रों में रखे जाते हैं। एक अँधेरे में तथा दूसरा लगातार सौर-प्रकाश में। कौन-सा पौधा अधिक समय तक जीवित रहेगा और क्यों?
उत्तर:
जो पौधा लगातार सौर-प्रकाश में रखा गया वह ही अधिक समय तक जीवित रहेगा, क्योंकि ये श्वसन लिए आवश्यक ऑक्सीजन प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया द्वारा उत्पन्न करने में सक्षम है।

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प्रश्न 4.
यदि कोई पौधा दिन के प्रकाश में कार्बन डाइऑक्साइड निकाल रहा है तथा ऑक्सीजन ले रहा है, क्या इसका मतलब यह है कि प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया नहीं हो रही है?
उत्तर:
प्रायः यह माना जाता है कि यदि दिन के प्रकाश में पौधे कार्बन डाइऑक्साइड निकाल रहे हैं तथा ऑक्सीजन ले रहे हैं तो या तो प्रकाश-संश्लेषण की प्रक्रिया हो नहीं रही है अथवा श्वसन की प्रक्रिया से बहुत कम गति से हो रही है लेकिन वास्तव में दिन के प्रकाश में पौधे ऑक्सीजन गैस निकालते हैं तथा कार्बन डाइऑक्साइड जो श्वसन में उत्पन्न होती है का अवशोषण कर लेते हैं। चूँकि प्रकाश-संश्लेषण की प्रक्रिया श्वसन की प्रक्रिया के सापेक्ष तीव्र गति से होती है। अत: दिन के प्रकाश में पौधे कार्बन डाइऑक्साइड नहीं बल्कि ऑक्सीजन गैस निकालते हैं।

प्रश्न 5.
जल से बाहर निकालने पर मछलियाँ क्यों मर जाती है?
उत्तर:
मछलियाँ गिल्स की सहायता से श्वसन करती हैं और इसके लिए वे जल में घुली ऑक्सीजन को ही अवशोषित करने में सक्षम होती हैं। मछलियाँ वायुमण्डलीय ऑक्सीजन का अवशोषण नहीं कर पाती अतः जल से बाहर निकालने पर श्वसन के अभाव में मर जाती हैं।

प्रश्न 6.
यदि पृथ्वी से हरे पेड़-पौधे विलुप्त हो जाएँ तो क्या होगा?
उत्तर:
सम्पूर्ण जीव पोषण के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पौधों पर निर्भर करते हैं। इसलिए सभी जीव भुखमरी से मृत्यु को प्राप्त होंगे।

प्रश्न 7.
शाकाहारी जीवों में क्षुद्रान्त्र लम्बी तथा माँसाहारी जीवों में छोटी होती है, क्यों?
उत्तर:
शाकाहारी जीवों में सेल्यूलोज का पाचन समय लेता है इसलिए उनकी क्षुद्रान्त्र लम्बी होती है, जबकि माँसाहारी जीवों में सेल्यूलोज के पाचन की आवश्यकता नहीं होती और माँसाहार जल्दी पच जाता है। इसलिए उनकी क्षुद्रान्त्र छोटी होती है।

प्रश्न 8.
यदि आमाशयिक ग्रंथियों से म्यूकस का स्रावण नहीं हो, तो क्या होगा?
उत्तर:
म्यूकस आमाशय के आन्तरिक अस्तर की हाइड्रोक्लोरिक अम्ल एवं पेप्सिन एन्जाइम की अभिक्रिया से रक्षा करता है। यदि आमाशयी ग्रंथियों से म्यूकस का स्रावण नहीं होगा तो आमाशय के आन्तरिक अस्तर का संक्षारण हो जाएगा।

प्रश्न 9.
वसा के इमल्सीकरण का क्या महत्व है?
उत्तर:
भोजन में वसा बड़ी-बड़ी कणिकाओं के रूप में उपस्थित होता है जिन पर पाचक एन्जाइम को क्रिया करने में कठिनाई होती है। इमल्सीकरण में पित्तरस द्वारा वसा की बड़ी-बड़ी कणिकाओं को यान्त्रिक रूप से छोटी-छोटी कणिकाओं में विभक्त कर दिया जाता है। इससे एन्जाइम की क्रिया आसान हो जाती है।

प्रश्न 10.
आहार नाल में अन्दर भोजन के गतिमान होने का क्या कारण है?
उत्तर:
भोजन नली की दीवारों में माँसपेशियाँ होती हैं जो लगातार संकुचन विमोचन करती रहती हैं जो पूरी आहार नाल में होती रहती है। इसके फलस्वरूप भोजन आहार नाल में आगे गतिमान होता रहता है।

प्रश्न 11.
जलीय जीवों में पार्थिव जीवों की अपेक्षा श्वसन दर क्यों अधिक होती है?
उत्तर:
जलीय जीव जल में घुली हुई ऑक्सीजन का अवशोषण श्वसन के लिए करते हैं, जिसकी मात्रा वायुमण्डलीय ऑक्सीजन से काफी कम होती है, जबकि पार्थिव जीव वायुमण्डल से ऑक्सीजन लेते हैं जो प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होती है। इसलिए जलीय जीवों की श्वसन दर पार्थिव जीवों से अधिक होती है।

प्रश्न 12.
मनुष्यों में रक्त संचरण दोहरा रक्त संचरण क्यों कहलाता है?
उत्तर:
मनुष्य के पूरे शरीर में रक्त के संचरण के एक चक्र में रक्त हृदय में दो बार गुजरता है। एक बार दाहिने भाग से अनॉक्सीजनित रक्त और दूसरी बार बाएँ भाग से ऑक्सीजनित रक्त। इसलिए मनुष्य में रक्त संचरण दोहरा रक्त संचरण कहलाता है।

प्रश्न 13.
मानव हृदय में चार प्रकोष्ठ होने के क्या लाभ हैं?
उत्तर:
मानव हृदय में चार प्रकोष्ठ होते हैं। दोनों बाएँ प्रकोष्ठ पूर्णतया दोनों दाएँ प्रकोष्ठों से पृथक्कृत होते हैं। यह ऑक्सीजनित एवं अनॉक्सीजनित रक्त को आपस में मिश्रित होने से रोकता है। इससे ऑक्सीजनित रक्त सम्पूर्ण शरीर को उपलब्ध कराने की क्षमता बढ़ जाती है।

प्रश्न 14.
जीवधारियों में ऊर्जा-मुद्रा का नाम लिखिए यह कब और कहाँ उत्पन्न होती है ?
उत्तर:
ऊर्जा-मुद्रा का नाम है-ऐडीनोसिन ट्राइ फॉस्फेट (ATP)। इसका उत्पादन जीवधारियों में श्वसन के समय एवं पेड़-पौधों में प्रकाश-संश्लेषण के समय भी होता है।

प्रश्न 15.
‘कस्कुटा’, ‘टिक्स’ एवं लीच में क्या समानता है?
उत्तर:
तीनों ही परजीवी हैं। वे अपना पोषण पेड़-पौधे एवं जन्तुओं से बिना उनका वध किए ही प्राप्त कर लेते हैं।

प्रश्न 16.
शिराओं की दीवारें धमनियों से पतली क्यों होती हैं?
उत्तर:
धमनियों में रक्त का प्रवाह हृदय से शरीर के विभिन्न भागों को अधिक दाब के साथ होता है, जबकि शिराओं में रक्त शरीर के विभिन्न भागों से हृदय में एकत्रित होता है जिसमें कोई अधिक दाब नहीं होता। इसलिए शिराओं की दीवारें धमनियों की अपेक्षा पतली होती हैं।

प्रश्न 17.
अगर रक्त में प्लेटलेट्स का अभाव हो जाए तो क्या होगा?
उत्तर:
रक्त में प्लेटलेट्स के अभाव के कारण रक्त का थक्का बनने की प्रक्रिया रुक जाएगी और चोट लगने पर रक्त बहता रहेगा।

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प्रश्न 18.
जन्तुओं की अपेक्षा पौधों को कम ऊर्जा की क्यों आवश्यकता होती है?
उत्तर:
पौधों में जन्तुओं की तरह प्रचलन नहीं होता तथा बड़े वृक्षों में मृत कोशिकाएँ पर्याप्त मात्रा में स्क्लेरेनकाइमा की तरह पाई जाती हैं। इसलिए पौधों को जन्तुओं की अपेक्षा कम ऊर्जा की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 19.
पौधों की पत्तियाँ उत्सर्जन में किस प्रकार सहायता करती हैं?
उत्तर:
बहुत से पौधों में अपशिष्ट पदार्थ मीजोफिल कोशिकाओं और एपीडर्मल कोशिकाओं में एकत्रित होते हैं। जब पुरानी पत्तियाँ पौधे से गिर जाती हैं तो अपशिष्टों का उत्सर्जन पत्तियों के साथ ही हो जाता है। इस प्रकार पत्तियाँ उत्सर्जन में सहायक होती हैं।

प्रश्न 20.
क्यों और कैसे जल लगातार जड़ की जाइलम में प्रवेश करता रहता है?
उत्तर:
जड़ों की कोशिकाएँ मृदा के सम्पर्क में रहती हैं। इसलिए सक्रियता के साथ आयन ग्रहण करती हैं। इससे जड़ के अन्दर आयन सान्द्रण बढ़ जाता है और परिणामस्वरूप परासरण दाब बढ़ जाता है जिसके कारण मृदा से लगातार जल पेड़ों के जाइलम में प्रवेश करता रहता है।

MP Board Class 10th Science Chapter 6 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्न के नाम लिखिए –

  1. पौधों में सौर ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा से जोड़ने वाली प्रक्रिया का।
  2. उन जीवों का जो अपना भोजन स्वयं बना सकते हैं।
  3. उस कोशिकांग का जहाँ प्रकाश-संश्लेषण की प्रक्रिया घटित होती है।
  4. पर्णरन्ध्र के चारों ओर से घेरे रखने वाली कोशिकाओं का।
  5. उन जीवों का जो अपना भोजन स्वयं नहीं बना सकते हैं।
  6. आमाशयी ग्रंथियों से स्रावित होने वाले उस एन्जाइम का नाम जो प्रोटीन के पाचन में सहायक है।

उत्तर:

  1. प्रकाश-संश्लेषण।
  2. स्वयंपोषी।
  3. क्लोरोप्लास्ट (हरितलवक)।
  4. गार्ड कोशिका।
  5. विषमपोषी।
  6. पेप्सिन।

प्रश्न 2.
क्या पोषण किसी जीव के लिए आवश्यक है? समझाइए।
उत्तर:
किसी भी जीव के लिए पोषण आवश्यक है, क्योंकि भोजन निम्न उद्देश्यों की पूर्ति करता है –

  1. यह विविध चयापचय क्रियाओं जो भी जीव के अन्दर घटित होती हैं, के लिए ऊर्जा प्रदान करता है।
  2. यह नई कोशिकाओं के निर्माण एवं वृद्धि तथा पुरानी टूटी-फूटी कोशिकाओं की मरम्मत करने अथवा उनके बदलने के लिए अति-आवश्यक है।
  3. यह विभिन्न बीमारियों से लड़ने की क्षमता (प्रतिरोधक क्षमता) बढ़ाने के लिए आवश्यक है।

प्रश्न 3.
एक गमले में लगे स्वस्थ पौधों की पत्तियों पर वैसलीन का लेप कर दिया गया। क्या यह पौधा लम्बे समय तक स्वस्थ बना रहेगा?
उत्तर:
यह पौधा लम्बे समय तक स्वस्थ नहीं बना रहेगा क्योंकि –

  1. यह श्वसन के लिए ऑक्सीजन ग्रहण नहीं कर सकेगा तथा ऑक्सीजन के अभाव में इसके विभिन्न प्रक्रमों के लिए ऊर्जा का अभाव हो जाएगा।
  2. यह प्रकाश-संश्लेषण के लिए कार्बन डाइऑक्साइड प्राप्त नहीं कर सकेगा जिससे पौधे के लिए भोजन का निर्माण नहीं हो सकेगा।
  3. वाष्पोत्सर्जन की प्रक्रिया नहीं होगी। इससे पौधे का अतिरिक्त जल नहीं निकल सकेगा तथा जल एवं खनिजों का जड़ से पत्तियों तक प्रवाह बाधित होगा।

प्रश्न 4.
एक धमनी एवं एक शिरा में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
धमनी एवं शिरा में अन्तर –
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 6 जैव प्रक्रम 10

प्रश्न 5.
प्रकाश-संश्लेषण के लिए पत्तियों में क्या-क्या विशेषताएँ होती हैं?
उत्तर:
प्रकाश-संश्लेषण के लिए पत्तियों में निम्न विशेषताएँ होती हैं –

  1. अधिकतम सौर ऊर्जा के शोषण के लिए पत्तियाँ अधिकतम पृष्ठीय क्षेत्रफल उपलब्ध कराती हैं।
  2. पत्तियाँ प्रायः प्रकाश स्रोत के लम्बवत् व्यवस्थित होती हैं जिसमें उनके पृष्ठ पर अधिकतम प्रकाश आपतित हो।
  3. मीजोफिल कोशिकाओं से और बाहर लाने और उनके अन्दर ले जाने के लिए द्रुत गति से संवहन हेतु कोशिकाओं का वृहदतम जाल की व्यवस्था।
  4. गैसीय विनिमय (आदान-प्रदान) हेतु अधिकतम पर्णरन्ध्रों की व्यवस्था।
  5. क्लोरोप्लास्ट (हरितलवकों) का ऊपरी पृष्ठ पर अधिकतम संख्या में उपलब्ध कराने की व्यवस्था।

प्रश्न 6.
पचित भोजन का सर्वाधिक अवशोषण क्षुद्रान्त्र में मुख्यतः क्यों होता है?
उत्तर:
पचे हुए भोजन का अधिकतम अवशोषण क्षुद्रान्त्र में होता है, क्योंकि –

  1. क्षुद्रान्त्र तक आते-आते भोजन का पूर्णतया पाचन हो जाता है।
  2. क्षुद्रान्त्र के आन्तरिक अस्तर में बहुत-सी विलाई पायी जाती हैं जो अवशोषण के लिए अधिकाधिक पृष्ठीय क्षेत्रफल उपलब्ध कराती हैं।
  3. क्षुद्रान्त्र की दीवारों में रक्त केशिकाओं का प्रचुर मात्रा में जाल बिछा होता है जो अवशोषित भोजन को तुरन्त शरीर के विभिन्न भागों में पहुँचाने का काम करती हैं।

प्रश्न 7.
प्रकाश-संश्लेषण की प्रक्रिया के दौरान होने वाली विभिन्न परिघटनाओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
प्रकाश-संश्लेषण की प्रक्रिया के समय होने वाली प्रमुख परिघटनाएँ –

  1. पर्णहरित (क्लोरोफिल) द्वारा सौर ऊर्जा का अवशोषण।
  2. प्रकाश ऊर्जा का रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तन।
  3. जल के अणु H2O का हाइड्रोजन (H2), ऑक्सीजन (O2) एवं इलेक्ट्रॉनों (e) में विखण्डन।
  4. कार्बन डाइऑक्साइड गैस (CO2) का कार्बोहाइड्रेट में अपचयन।

प्रश्न 8.
निम्न में से प्रत्येक अवस्था में प्रकाश-संश्लेषण की प्रक्रिया की दर पर क्या प्रभाव पड़ेगा? और क्यों?

  1. दिन में आकाश में बादलों का छाया रहना।
  2. क्षेत्र में वर्षा का बिल्कुल न होना।
  3. क्षेत्र में श्रेष्ठ खाद का उपलब्ध होना।
  4. धूल के कारण पर्णरन्धों (Stomata) का ढक जाना।

उत्तर:

  1. सौर प्रकाश की अनुपलब्धता के कारण प्रकाश-संश्लेषण की प्रक्रिया की दर घट जाएगी।
  2. क्षेत्र में वर्षा न होने के कारण जल की उपलब्धता में कमी होने के कारण प्रकाश-संश्लेषण की प्रक्रिया की दर घट जाएगी।
  3. क्षेत्र में श्रेष्ठ (उच्च) कोटि की खाद मिली होने से जड़ों द्वारा जल एवं खनिजों का अवशोषण बढ़ जाएगा। इससे प्रकाश-संश्लेषण की प्रक्रिया की दर बढ़ जाएगी।
  4. धूल के कारण पर्णरन्ध्रों के ढक जाने से पौधों को वायुमण्डलीय कार्बन डाइऑक्साइड एवं सौर प्रकाश की उपलब्धता घट जाएगी। इसलिए
  5. प्रकाश-संश्लेषण की प्रक्रिया की दर भी घट जाएगी।

प्रश्न 9.
भोजन के पाचन में मुख की भूमिका का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भोजन के पाचन में मुख की भूमिका –

  1. भोजन को दाँतों द्वारा चबाने पर भोजन छोटे-छोटे टुकड़ों में पीस दिया जाता है जिससे भोजन का पृष्ठीय क्षेत्रफल अधिक हो जाने से पाचक एन्जाइमों का अच्छा असर होता है।
  2. इसमें अच्छी तरह से लार और लार में उपस्थित एन्जाइम एमाइलेज मिल जाता है जो भोजन में उपस्थित स्टार्च को शर्करा में विघटित कर देता है।
  3. जिह्वा भोजन में ठीक प्रकार से लार को मिलाने का काम करती है जिससे भोजन चिकना और मुलायम हो जाता है और आसानी से आहार नाल में आगे बढ़ता है।

प्रश्न 10.
आमाशय की दीवारों में उपस्थित आमाशयी ग्रंथियों की क्या भूमिका है?
उत्तर:
आमाशय की दीवारों में उपस्थित आमाशयी ग्रंथियों की भूमिका –

  1. ये ग्रंथियाँ पेप्सिन नामक एन्जाइम का स्रावण करती हैं जो प्रोटीन का पाचन करके पेप्टोन्स बनाता है।
  2. ये ग्रंथियाँ म्यूकस का स्रावण करती हैं जो आमाशय की आन्तरिक दीवारों के अस्तर की हाइड्रोक्लोरिक अम्ल एवं पेप्सिन के द्वारा होने वाले संक्षारण से रक्षा करता है तथा भोजन को मुलायम एवं चिकना बना देता है जिससे इसे आहार नाल में खिसकने में आसानी होती है।

प्रश्न 11.
भोजन के उन सभी अवयवों के नाम लिखिए जिनको निम्न एन्जाइम पाचन करते हैं और किस प्रकार?

  1. ट्रिप्सिन।
  2. एमाइलेज।
  3. पेप्सिन।
  4. लाइपेज।

उत्तर:

  1. प्रोटीन एवं आमाशय से प्राप्त पेप्टोन्स को ट्रिप्सिन सीधे अमीनो अम्ल में अपघटित करके उनका पाचन कर देता है।
  2. स्टार्च को एमाइलेज शर्करा (ग्लूकोज) में अपघटित करके उसका पाचन कर देता है।
  3. पेप्सिन जटिल प्रोटीन को सरल पेप्टोन्स में अपघटित करके उसका पाचन कर देता है।
  4. वसा एवं तेलों का वसीय अम्ल में अपघटित करके लाइपेज उनका पाचन कर देता है।

प्रश्न 12.
पौधों के लिए वाष्पोत्सर्जन क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
पौधों में वाष्पोत्सर्जन का महत्व-वाष्पोत्सर्जन पौधों के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है, क्योंकि –

  1. इसके द्वारा पौधे में उपस्थित अतिरिक्त जल की मात्रा को वाष्प के रूप में उत्सर्जन कर दिया जाता है। इससे पौधों में जल का नियमन होता है।
  2. इसके द्वारा पौधों की ऊष्मा से रक्षा होती है, क्योंकि इसके द्वारा शीतलन होता है।
  3. यह पौधों में एक खिंचाव पैदा करता है जिससे जड़ें मृदा से लवण एवं जल को अवशोषित करके पौधे के ऊपरी भाग में पत्तियों तक प्रेषित कर पाते हैं।

प्रश्न 13.
अमीबा में पोषण विधि को समझाइए।
उत्तर:
अमीबा में पोषण:
अमीबा अपना भोजन अपनी सतह पर उभरी अस्थायी-अंगुलाकार संरचनाओं के माध्यम से ग्रहण करता है। भोजन के कण इन संरचनाओं से चिपक जाते है। ये प्रवर्ध (संरचनाएँ) भोजन के कणों को घेर लेती हैं तथा संगलित होकर खाद्य रिक्तिकाएँ बनाती हैं। (देखिए संलग्न चित्र) खाद्य रिक्तिकाओं के अन्दर जटिल पदार्थों का विघटन सरल पदार्थों में किया जाता है। ये सरल पदार्थ कोशिकाद्रव्य में प्रसरित हो जाते हैं। बचा हुआ पदार्थ कोशिका की सतह की ओर गति करता है तथा शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 6 जैव प्रक्रम 12

प्रश्न 14.
निश्वसन व निःश्वसन प्रक्रिया को समझाइए।
अथवा
श्वासोच्छ्वास कितने पदों में होता है? समझाइए।
अथवा
मनुष्यं में श्वासोच्छ्वास की क्रिया समझाइए।
उत्तर:
श्वासोच्छ्वास की क्रिया: श्वासोच्छ्वास की क्रिया अग्र दो पदों में होती है –
प्रथम पद – निश्वसन में डायाफ्राम नीचे गिरता है जिससे फेफड़े फैलते हैं अतः वायुमण्डल की ऑक्सीजनयुक्त वायु नासिका रन्ध्रों में होकर श्वास नली में होती हुई फेफड़ों में प्रवेश करती है। फेफड़ों में यह वायु रक्त के सम्पर्क में आती है जिससे रक्त की लाल रक्त कणिकाओं में उपस्थित हीमोग्लोबिन वायु की ऑक्सीजन का अवशोषण कर लेता है। कार्बन डाइ-ऑक्साइड एवं जलवाष्प रक्त में से निर्मुक्त हो जाती है।
द्वितीय पद – निःश्वसन (उच्छ्वसन) में जब डायाफ्राम ऊपर उठता है तो फेफड़ों पर दाब बढ़ने से वे सिकुड़ते हैं और वायु कार्बन डाइ-ऑक्साइड एवं जलवाष्प सहित फेफड़ों, श्वास नली और नासिका रन्ध्रों में होती हुई वायुमण्डल में चली जाती है।

प्रश्न 15.
प्रकाश-संश्लेषण क्रिया का समीकरण सहित वर्णन कीजिए।
अथवा
प्रकाश-संश्लेषण क्रिया को समझाइए।
उत्तर:
प्रकाश-संश्लेषण क्रिया विधि-सभी हरे पौधे पर्णहरिम की सहायता से सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में कार्बन डाइ-ऑक्साइड एवं जल का उपयोग करके ग्लूकोज बनाते हैं। इस क्रिया के फलस्वरूप ऑक्सीजन गैस एक सह-उत्पाद के रूप में प्राप्त होती है। प्रकाश-संश्लेषण क्रिया एक जैवरासायनिक अभिक्रिया है जिसमें जल का ऑक्सीकरण होता है तथा कार्बन डाइ-ऑक्साइड का अपचयन होता है।

रासायनिक अभिक्रिया का समीकरण:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 6 जैव प्रक्रम 13

प्रश्न 16.
वृक्क (Kidneys) में मूत्र बनने की प्रक्रिया समझाइए।
उत्तर:
वृक्क में मूत्र बनने की प्रक्रिया-वृक्क में वृक्कीय धमनी द्वारा रक्त पहुँचाता है। वृक्कीय धमनी से रक्त असंख्य कुण्डलित कोशिका-गुच्छों में पहुँचता है जो बोमन सम्पुट में स्थित होते हैं। यहीं रक्त का छानन होता है, जिसमें ग्लूकोज, विलेय लवण, यूरिया तथा यूरिक अम्ल जल में घुला होता है। यह छनित द्रव अत्यन्त छोटी-छोटी नलिकाओं से गुजरता है जहाँ ग्लूकोज एवं अन्य उपयोगी लवण पुनः अवशोषित करके वृक्कीय शिराओं द्वारा पुनः रक्त में वापस भेज दिए जाते हैं। शेष बचा द्रव ‘मूत्र’ कहलाता है। इस प्रकार वृक्क में मूत्र बनने की प्रक्रिया होती है।

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प्रश्न 17.
पौधों की वृद्धि में मृदा की क्या भूमिका है? समझाइए।
उत्तर:
पौधों की वृद्धि में मृदा की आवश्यकता-मृदा में अनेक खनिज होते हैं तथा जल के अधिशोषण की क्षमता होती है। पौधों की जड़ों द्वारा जल एवं खनिजों का अवशोषण करके पौधों के ऊपरी भाग (पत्तियों) तक उनका संवहन कर दिया जाता है। मृदा जड़ की कोशिकाओं को श्वसन के लिए ऑक्सीजन उपलब्ध कराती है।

पत्तियाँ जड़ों द्वारा अवशोषित जल एवं वायुमण्लीय कार्बन डाइऑक्साइड का सौर-प्रकाश तथा क्लोरोफिल की उपस्थिति में प्रकाश-संश्लेषण द्वारा कार्बोहाइड्रेट का निर्माण करती हैं जिससे पौधों को पोषण मिलता है। खनिज विभिन्न प्रकार से पौधों की वृद्धि में सहायक होते हैं। नाइट्रोजन से विभिन्न प्रकार के प्रोटीन्स बनते हैं जो पौधों की नवीन कोशिकाओं एवं हॉर्मोन्स का निर्माण करती हैं जो पौधों की वृद्धि एवं फलने-फूलने के लिए अति-आवश्यक होते हैं। यह सहजीविता में सहयोग देती है।

इस प्रकार मृदा पौधों की वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके अतिरिक्त मृदा पौधों को अपने अन्दर साधे रहती है।

प्रश्न 18.
जीवों में ग्लूकोज के विखण्डन के विभिन्न पथों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 6 जैव प्रक्रम 14

MP Board Class 10th Science Chapter 6 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
मानव के आहार नाल (पाचन तन्त्र) का चित्र बनाकर निम्न को नामांकित कीजिएमुख, ग्रसनी, आमाशय, आन्त्र।
अथवा
मानव के आहार नाल का नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर:
मनुष्य के आहार नाल (पाचन तन्त्र) का नामांकित चित्र –
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 6 जैव प्रक्रम 15

प्रश्न 2.
मनुष्य में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन एवं वसा का पाचन कैसे होता है? वर्णन कीजिए।
अथवा
मानव में होने वाली पाचन क्रिया को समझाइए।
उत्तर:
मनुष्य की पाचन क्रिया (Digestion in Human):
मनुष्य की पाचन क्रिया निम्नलिखित चरणों में विभिन्न अंगों में परिपूर्ण होती है –
(1) मुखगुहा में पाचन क्रिया (Digestion in Mouth Cavity):
मनुष्य मुख के द्वारा भोजन ग्रहण करता है। मुख में स्थित दाँत भोजन के कणों को चबाते हैं जिससे भोज्य पदार्थ छोटे-छोटे कणों में विभक्त हो जाता है। लार ग्रन्थियों से निकली लार भोजन में अच्छी तरह मिल जाती है। लार में उपस्थित एन्जाइम भोज्य पदार्थ में उपस्थित मंड (स्टार्च) को शर्करा (ग्लूकोज) में बदल देता है। भोजन को चिकना और लुग्दीदार बना देता है जिससे भोजन ग्रसिका में होकर आसानी से आमाशय में पहुँच जाता है।

(2) आमाशय में पाचन क्रिया (Digestion in Stomach):
जब भोजन आमाशय में पहुँचता है तो वहाँ भोजन का मंथन होता है जिससे भोजन और छोटे-छोटे कणों में टूट जाता है। भोजन में नमक का अम्ल मिलता है जो माध्यम को अम्लीय बनाता है तथा भोजन को सड़ने से रोकता है। आमाशयी पाचक रस में उपस्थित एन्जाइम प्रोटीन को छोटे-छोटे अणुओं में तोड़ देते हैं।

(3) ग्रहणी में पाचन (Digestion in Duodenum):
आमाशय में पाचन के बाद जब भोजन ग्रहणी में पहुँचता है तो यकृत से आया पित्तरस भोजन से अभिक्रिया करके वसा का पायसीकरण कर देता है तथा माध्यम को क्षारीय बनाता है जिससे अग्न्याशय से आये पाचक रस में उपस्थित एन्जाइम क्रियाशील हो जाते हैं और ये भोजन में उपस्थित प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट एवं वसा का पाचन कर देते हैं।

(4) क्षुद्रान्त्र में पाचन (Digestion in Ileum):
ग्रहणी में पाचन के बाद जब भोजन क्षुद्रान्त्र में पहुँचता है तो वहाँ आन्त्रिक रस में उपस्थित एन्जाइम बचे हुए अपचित प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट तथा वसा का पाचन कर देते हैं। आन्त्र की विलाई द्वारा पचे हुए भोजन का अवशोषण कर लिया जाता है तथा अवशोषित भोजन . रक्त में पहुँचा दिया जाता है।

प्रश्न 3.
मानव के आहार नाल (पाचन तन्त्र) का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मानव के आहार नाल (पाचन तन्त्र) का वर्णन-मानव के आहार नाल (पाचन तन्त्र) में निम्न भाग होते हैं –
(1) मुखगुहा:
मुखगुहा में दाँतों का कार्य भोजन को चबाना है। लार ग्रन्थियों का कार्य लार का स्रावण करना है जिसमें पाचक एन्जाइम होता है। जिह्वा का कार्य भोजन में लार को अच्छी तरह मिलाकर लुग्दी बनाना है।

(2) ग्रसिका:
यह मुख गुहा और आमाशय के बीच का नलिका के आकार का भाग होता है जिसके द्वारा मुखगुहा से लुग्दीदार भोजन आमाशय में पहुँचता है।

(3) आमाशय:
यह आहार नाल का सबसे चौड़ा थैलीनुमा भाग होता है जिसकी दीवारों में आमाशयी ग्रन्थियाँ होती हैं जिनसे हाइड्रोक्लोरिक अम्ल म्यूकस एवं पाचक एन्जाइम रेनिन एवं पेप्सिन का स्रावण होता है।

(4) आन्त्र: यह आहार नाल का सबसे लम्बा भाग होता है जिसके तीन भाग होते हैं –

  1. ग्रहणी (ड्यूओडिनम)-इसमें पैन्क्रियाज से स्रावित पाचक एन्जाइम मिलते हैं तथा पित्ताशय द्वारा पित्त रस मिलता है।
  2. क्षुद्रान्त्र-यह आन्त्र का सबसे लम्बा कुण्डली के आकार का भाग होता है जिसमें भोजन का पूर्ण पाचन होता है तथा विलाई द्वारा पचे भोजन का अवशोषण कर लिया जाता है जिसे रक्त वाहिकाओं में भेज दिया जाता है।
  3. वृहदान्त्र-यहाँ भोजन से अतिरिक्त जल का अवशोषण कर लिया जाता है तथा शेष अवशिष्ट गुदा मार्ग द्वारा बाहर निकाल दिया जाता है।

प्रश्न 4.
मानव के श्वसन तन्त्र का स्वच्छ नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर:
मानव के श्वसन तन्त्र का नामांकित चित्र –
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 6 जैव प्रक्रम 16

प्रश्न 5.
मानव हृदय के द्वारा रक्त के संवहन की प्रक्रिया समझाइए।
अथवा
मनुष्य के हृदय की कार्यविधि का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मानव हृदय की कार्यविधि (Function of Human Heart):
शरीर के विभिन्न भागों से अशुद्ध रक्त शिराओं द्वारा एकत्रित होकर महाशिरा के द्वारा हृदय के दाएँ अलिन्द में एकत्रित होता है, जो त्रिवलनी कपाट द्वारा दाएँ निलय में पहुँच जाता है। फुफ्फुसीय शिरा द्वारा फेफड़ों से शुद्ध रक्त बाएँ अलिन्द में
आता है, जो द्विवलनी वाल्व द्वारा बाएँ निलय में चला जाता है। दाएँ निलय से अशुद्ध रक्त शुद्ध होने के लिए फुफ्फुसीय धमनी द्वारा फेफड़ों में भेज दिया जाता है तथा बाएँ निलय से शुद्ध रक्त महाधमनी द्वारा शरीर के विभिन्न भागों को भेज दिया जाता है।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 6 जैव प्रक्रम 17
हृदय निरन्तर धड़कता (संकुचन तथा विमोचन) रहता है, जिसके फलस्वरूप यह रक्त को सारे शरीर में पम्प करता है। जब बाएँ अलिन्द में फुफ्फुस से शुद्ध रक्त आ जाता है तो दोनों अलिन्द एक साथ सिकुड़कर अपने रक्त को क्रमशः दाएँ तथा बाएँ निलय में भेज देते हैं। अब दोनों निलय एक साथ सिकुड़ते हैं। दाहिने निलय का अशुद्ध रक्त फुफ्फुसीय महाधमनी द्वारा फेफड़ों में शुद्धीकरण के लिए चला जाता है और बाएँ निलय का शुद्ध रक्त बार्टी महाधमनी द्वारा सारे शरीर में पम्प कर दिया जाता है। निलयों के सिकुड़ने की आवाजें ही हृदय की धड़कन के रूप में सुनाई देती हैं। सामान्य मनुष्य का हृदय 1 मिनट में 75 से 80 बार धड़कता है।

प्रश्न 6.
मानव के उत्सर्जन तन्त्र का नामांकित चित्र बनाइए। (2019)
उत्तर:
मानव के उत्सर्जन तन्त्र का नामांकित चित्र –
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 6 जैव प्रक्रम 18

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MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण

MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण

MP Board Class 10th Science Chapter 5 पाठान्तर्गत प्रश्नोत्तर

प्रश्न शृंखला-1 # पृष्ठ संख्या 91

प्रश्न 1.
क्या डोबेराइनर के त्रिक, न्यूलैण्ड के अष्टक के स्तम्भ में भी पाए जाते हैं? तुलना करके पता कीजिए।
उत्तर:
हाँ, पाए जाते हैं।

प्रश्न 2.
डोबेराइनर के वर्गीकरण की क्या सीमाएँ हैं?
उत्तर:
डोबेराइनर के वर्गीकरण की सीमाएँ-डोबेराइनर केवल तीन ही त्रिक बना सके, अन्य तत्वों का वर्गीकरण त्रिकों में नहीं हुआ।

प्रश्न 3.
न्यूलैण्ड के अष्टक सिद्धान्त की क्या सीमाएँ हैं? (2019)
उत्तर:
न्यूलैण्ड के अष्टक सिद्धान्त की सीमाएँ:

  1. यह सिद्धान्त भारी तत्वों पर लागू नहीं था।
  2. अक्रियशील उत्कृष्ट गैसों को सम्मिलित करने पर अष्टक सिद्धान्त मेल नहीं खाता।
  3. कुछ असमान तत्वों को एक साथ रख दिया गया है।
  4. यह सिद्धान्त केवल कैल्सियम तक लागू होता है।

प्रश्न श्रृंखला-2 # पृष्ठ संख्या 94

प्रश्न 1.
मैण्डलीफ की आवर्त सारणी का उपयोग कर निम्नलिखित तत्वों के ऑक्साइड के सूत्र का अनुमान कीजिए –
K, C, Al, Si, Ba
उत्तर:
ऑक्साइड O की संयोजकता 6 – 8 = – 2 है।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण 1

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प्रश्न 2.
गैलियम के अतिरिक्त अब तक कौन-कौन से तत्वों का पता चला है जिसके लिए मैण्डलीफ ने अपनी आवर्त सारणी में खाली स्थान छोड़ दिया था? दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:

  1. स्कैण्डियम।
  2. जर्मेनियम।

प्रश्न 3.
मैण्डलीफ ने अपनी आवर्त सारणी तैयार करने के लिए कौन-सा मापदण्ड अपनाया?
उत्तर:
मैण्डलीफ ने अपनी आवर्त सारणी तैयार करने के लिए तत्वों के परमाणु द्रव्यमान एवं उनके भौतिक तथा रासायनिक गुणों की आवर्तता का मापदण्ड अपनाया।

प्रश्न 4.
आपके अनुसार उत्कृष्ट गैसों को अलग समूह में क्यों रखा गया?
उत्तर:
चूँकि उत्कृष्ट गैसें अक्रियाशील हैं तथा प्रकृति में ये केवल वायुमण्डल में बहुत कम मात्रा में पाई जाती हैं। इनका पता आवर्त सारणी के बनने के बाद चला तथा ये अन्य तत्वों से सर्वदा भिन्न थीं इसलिए आवर्त सारणी को छेड़े बिना इन्हें अलग समूह में रखा गया।

प्रश्न शृंखला-3 # पृष्ठ संख्या 100

प्रश्न 1.
आधुनिक आवर्त सारणी द्वारा किस प्रकार से मैण्डलीफ की आवर्त सारणी की विविध विसंगतियों को दूर किया गया?
उत्तर:
आधुनिक सारणी में आधार परमाणु द्रव्यमान के स्थान पर परमाणु क्रमांक को माना गया तथा इसका दीर्घ रूप होने से मैण्डलीफ की आवर्त सारणी की विसंगतियाँ प्रायः दूर हो गईं।

प्रश्न 2.
मैग्नीशियम की तरह रासायनिक अभिक्रियाशीलता दिखाने वाले दो तत्वों के नाम लिखिए। आपके चयन का क्या आधार है?
उत्तर:

  1. कैल्सियम।
  2. स्ट्रॉन्शियम।

ये दोनों तत्व मैग्नीशियम के साथ समूह दो के तत्व हैं तथा इनकी बाहरी कोश में दो संयोजी इलेक्ट्रॉन हैं। ये धनात्मक संयोजी हैं।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित के नाम बताइए –

  1. तीन तत्वों जिनके सबसे बाहरी कोश में एक इलेक्ट्रॉन हो।
  2. दो तत्वों जिनके के सबसे बाहरी कोश में दो इलेक्ट्रॉन हों।
  3. तीन तत्वों जिनका बाहरी कोश पूर्ण हों।

उत्तर:
1.

  • लीथियम (Li)।
  • सोडियम (Na)।
  • पोटैशियम (K)।

2.

  • मैग्नीशियम (Mg)।
  • कैल्सियम (Ca)।

3.

  • हीलियम (He)।
  • निऑन (Ne)।
  • आर्गन (Ar)।

प्रश्न 4.
लीथियम, सोडियम, पोटैशियम ये सभी धातुएँ जल से अभिक्रिया करके हाइड्रोजन गैस मुक्त करती हैं। क्या इन तत्वों के परमाणुओं में कोई समानता है?
हीलियम एक अक्रियाशील गैस है, जबकि निऑन की अभिक्रियाशीलता अत्यन्त कम है। इनके परमाणुओं में कोई समानता है?
उत्तर:

  • इनके परमाणुओं के बाह्यतम कोश में एक-एक इलेक्ट्रॉन हैं।
  • इनके परमाणुओं के बाह्यतम कोश संतृप्त हैं।

प्रश्न 5.
आधुनिक आवर्त सारणी में पहले दस तत्वों में कौन-सी धातुएँ हैं?
उत्तर:
पहले दस तत्वों में लीथियम (Li) एवं बेरीलियम (Be) दो धातुएँ हैं।

प्रश्न 6.
आवर्त सारणी में इनके स्थान के आधार पर इनमें से किस तत्व में सबसे अधिक धात्विक अभिलक्षण की विशेषता है?
Ga, Ge, As, Se, Be.
उत्तर:
Be.

MP Board Class 10th Science Chapter 5 पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
आवर्त सारणी में बाईं से दाईं ओर जाने पर, प्रवृत्तियों के बारे में कौन-सा कथन असत्य
(a) तत्वों की धात्विक प्रकृति घटती है।
(b) संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की संख्या बढ़ जाती है।
(c) परमाणु आसानी से इलेक्ट्रॉन का त्याग करते हैं।
(d) इनके ऑक्साइड अधिक अम्लीय हो जाते हैं।
उत्तर:
(c) परमाणु आसानी से इलेक्ट्रॉन का त्याग करते हैं।

प्रश्न 2.
तत्व X, XCl2 सूत्र वाला एक क्लोराइड बनाता है जो एक ठोस है तथा जिसका गलनांक अधिक है। आवर्त सारणी में यह तत्व सम्भवतः किस समूह के अन्तर्गत होगा?
(a) Na
(b) Mg
(c) Al
(d) Si
उत्तर:
(b) Mg

प्रश्न 3.
किस तत्व में –

  1. किस दो कोश हैं तथा दोनों इलेक्ट्रॉनों से पूरित हैं?
  2. इलेक्ट्रॉन विन्यास 2, 8, 2 है?
  3. कुल तीन कोश हैं तथा संयोजकता कोश में चार इलेक्ट्रॉन हैं।
  4. कुल दो कोश हैं तथा संयोजकता कोश में तीन इलेक्ट्रॉन हैं।
  5. दूसरे कोश में पहले कोश से दो गुने इलेक्ट्रॉन हैं।

उत्तर:

  1. निऑन (Ne)।
  2. मैग्नीशियम (Mg)।
  3. सिलिकॉन (Si)।
  4. बोरॉन (B)।
  5. कार्बन (C)।

प्रश्न 4.
(a) आवर्त सारणी में बोरॉन के स्तम्भ के सभी तत्वों के कौन-से गुणधर्म समान हैं?
(b) आवर्त सारणी में फ्लुओरीन के स्तम्भ के सभी तत्वों के कौन-से गुणधर्म समान हैं?
उत्तर:
(a)

  1. इन सभी तत्वों के बाह्यतम कोश में तीन संयोजी इलेक्ट्रॉन हैं।
  2. ये सभी तीन इलेक्ट्रॉन त्यागकर तीन धनावेशों युक्त धनायन बनाते हैं।
  3. ये सभी त्रिसंयोजक हैं।

(b)

  1. सभी तत्वों के बाह्यतम कोश में सात इलेक्ट्रॉन हैं।
  2. सभी तत्व एक इलेक्ट्रॉन ग्रहण करके एक इकाई आवेशयुक्त ऋणायन बनाते हैं।
  3. सभी हैलोजेन कहलाते हैं तथा धातुओं के हैलाइड बनाते हैं।
  4. सभी हाइड्रोजन से संयुक्त होकर हैलोजेनिक अम्ल बनाते हैं।

प्रश्न 5.
एक परमाणु का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 7 है –

  1. इस तत्व की परमाणु संख्या क्या है?
  2. निम्नलिखित में किस तत्व के साथ इसकी रासायनिक समानता होती है? (परमाणु संख्या कोष्ठक में दी गई है।): N (7), F (9), P(15), Ar (18)।

उत्तर:

  1. परमाणु संख्या = 17 है।
  2. F(9) जहाँ 9 = 2, 7

प्रश्न 6.
आवर्त सारणी में तीन तत्व A, B तथा C की स्थिति निम्न प्रकार है –
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण 2
अब बताइए कि –
(a) A धातु है या अधातु।
(b) A की अपेक्षा C अधिक अभिक्रियाशील है या कम।
(c) C का साइज B से बड़ा होगा या छोटा।
(d) तत्व A किस प्रकार के आयन धनायन या ऋणायन बनाएगा?
उत्तर:
(a) A अधातु है।
(b) A की अपेक्षा C कम क्रियाशील है।
(c) C का साइज B से छोटा होगा।
(d) A ऋणायन बनाएगा।

प्रश्न 7.
नाइट्रोजन (परमाणु संख्या 7) तथा फॉस्फोरस (परमाणु संख्या 15) आवर्त सारणी के समूह 15 के सदस्य हैं। इन दोनों तत्वों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखिए। इनमें से कौन-सा तत्व अधिक ऋण विद्युत होगा? और क्यों?
उत्तर:
N 7 = 2, 5; P 15 = 2, 8, 5
नाइट्रोजन तत्व फॉस्फोरस तत्व से अधिक ऋण विद्युती होगा, क्योंकि इस समूह में ऊपर से नीचे जाने पर तत्वों की इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की प्रवृत्ति कम होती जाती है।

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प्रश्न 8.
तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास का आधुनिक आवर्त सारणी में तत्व की स्थिति से क्या सम्बन्ध है?
उत्तर:
तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास का आधुनिक आवर्त सारणी में तत्वों की स्थिति से गहरा सम्बन्ध है। कोशों की कुल संख्या से तत्व का आवर्त निर्धारित होता है और संयोजी इलेक्ट्रॉनों से तत्व का समूह निर्धारित होता है।

प्रश्न 9.
आधुनिक आवर्त सारणी में कैल्सियम (परमाणु संख्या 20) के चारों ओर 12, 19, 21 तथा 38 परमाणु संख्या वाले तत्व स्थित हैं। इनमें से किन तत्वों के भौतिक एवं रासायनिक गुणधर्म कैल्सियम के समान हैं?
उत्तर:
परमाणु संख्या 12 एवं 38 वाले तत्वों के भौतिक एवं रासायनिक गुणधर्म कैल्सियम के समान

प्रश्न 10.
आधुनिक आवर्त सारणी और मैण्डलीफ की आवर्त सारणी में तत्वों की व्यवस्था की तुलना कीजिए।
उत्तर:
आधुनिक दीर्घाकार आवर्त सारणी में उपसमूह A और B को अलग-अलग कर दिया गया जिससे मैण्डलीफ की आवर्त सारणी में भिन्न गुणों वाली क्षार धातुएँ तथा क्षारीय मुद्रा धातुएँ अलग-अलग हो गईं। इस प्रकार यह विसंगति दूर हो गई। इस सारणी में कुल 18 समूह बनाए गए जिसमें उत्कृष्ट तत्वों (अक्रियशील गैसों) को पृथक् 18वाँ समूह मिल गया। आधुनिक आवर्त सारणी का आधार परमाणु द्रव्यमान के स्थान पर परमाणु क्रमांक को दिया गया जिससे समस्थानिकों एवं समभारिकों की विसंगतियाँ दूर हो गईं तथा भारी तत्वों के पहले आने की विसंगति भी स्वयं दूर हो गई है। शेष हाइड्रोजन, एक्टिनाइड श्रेणी एवं लैन्थेनाइड श्रेणी की यथास्थिति है। सभी बाद में खोजे गए तत्वों को इस सारणी में उपयुक्त स्थान मिल चुका है। इससे 6 के स्थान पर 7 आवर्त हैं।

MP Board Class 10th Science Chapter 5 परीक्षोपयोगी अतिरिक्त प्रश्नोत्तर

MP Board Class 10th Science Chapter 5 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
किस तत्व तक अष्टक नियम उपयोगी है?
(a) ऑक्सीजन।
(b) कैल्सियम।
(c) कोबाल्ट।
(d) पोटैशियम।
उत्तर:
(b) कैल्सियम।

प्रश्न 2.
मैण्डलीफ के आवर्त नियम के अनुसार तत्वों को आवर्त तालिका में व्यवस्थित किया गया क्रय
(a) बढ़ते परमाणु क्रमांक।
(b) घटते परमाणु क्रमांक।
(c) बढ़ते परमाणु द्रव्यमान।
(d) घटते परमाणु द्रव्यमान।
उत्तर:
(c) बढ़ते परमाणु द्रव्यमान।

प्रश्न 3.
मैण्डलीफ की आवर्त तालिका में कुछ रिक्त स्थान भविष्य में खोजे जाने वाले तत्वों के लिए छोड़े गए। निम्न में से किस तत्व को आवर्त तालिका में स्थान मिला?
(a) जर्मेनियम।
(b) क्लोरीन।
(c) ऑक्सीजन।
(d) सिलिकॉन।
उत्तर:
(a) जर्मेनियम।

प्रश्न 4.
निम्न में से कौन से कथन आधुनिक आवर्त तालिका के सन्दर्भ में असत्य हैं –
(i) आधुनिक आवर्त तालिका में तत्वों को उनके घटते परमाणु क्रमांक के क्रम में व्यवस्थित किया गया है।
(ii) आधुनिक आवर्त तालिका में तत्वों को उनके बढ़ते परमाणु द्रव्यमान के क्रम में व्यवस्थित किया गया है।
(iii) आवर्त तालिका में समस्थानिकों को आसन्न समूहों में रखा गया है।
(iv) आधुनिक आवर्त तालिका में तत्वों को उनके बढ़ते परमाणु क्रमांक के क्रम में रखा गया है।
(a) केवल (i)
(b) (i), (ii) एवं (iii)
(c) (i), (ii) एवं (iv)
(d) केवल (iv)।
उत्तर:
(b) (i), (ii) एवं (iii)

प्रश्न 5.
निम्नलिखित में कौन-सा कथन आधुनिक आवर्त तालिका के सन्दर्भ में सत्य है?
(a) इसमें 18 क्षैतिज पंक्तियाँ हैं जो आवर्त कहलाते हैं।
(b) इसमें 7 ऊर्ध्वाधर स्तम्भ हैं जो आवर्त कहलाते हैं।
(c) इसमें 18 ऊर्ध्वाधर स्तम्भ हैं जो समूह कहलाते हैं।
(d) इसमें 7 क्षैतिज पंक्तियाँ हैं जो समूह कहलाती हैं।
उत्तर:
(c) इसमें 18 ऊर्ध्वाधर स्तम्भ हैं जो समूह कहलाते हैं।

प्रश्न 6.
दिए हुए तत्वों A, B, C, D एवं E जिनके परमाणु क्रमांक क्रमश: 2, 3, 7, 10 एवं 30 समान समूह के तत्व हैं?
(a) A, B, C
(b) B, C, D
(c) A, D, E
(d) B, D, E
उत्तर:
(b) B, C, D

प्रश्न 7.
दिए हुए तत्व A, B, C, D एवं E के परमाणु क्रमांक क्रमश: 9, 11, 17, 12 एवं 13 हैं। निम्न में से कौन-सा युग्म समान समूह का है?
(a) A एवं B
(b) B एवं D
(c) A एवं C
(d) D एवं E
उत्तर:
(c) A एवं C

प्रश्न 8.
आधुनिक आवर्त तालिका में इलेक्ट्रॉन विन्यास 2, 8 वाले तत्व की क्या स्थिति होगी?
(a) समूह 8
(b) समूह 2
(c) समूह 18
(d) समूह 10
उत्तर:
(c) समूह 18

प्रश्न 9.
सभी कार्बनिक यौगिकों का सबसे अधिक महत्वपूर्ण तत्व सम्बन्धित है –
(a) समूह 1 से।
(b) समूह 14 से।
(c) समूह 15 से।
(d) समूह 16 से।
उत्तर:
(b) समूह 14 से।

प्रश्न 10.
आवर्त 2 के तत्वों की बाह्यतम कक्षा कौन-सी है?
(a) K कोश।
(b) L कोश।
(c) M कोश।
(d) N कोश।
उत्तर:
(b) L कोश।

प्रश्न 11.
निम्न में से कौन-सा तत्व सर्वाधिक संयोजी इलेक्ट्रॉन रखता है?
(a) Na
(b) Al
(c) Si
(d) P
उत्तर:
(d) P

प्रश्न 12.
निम्न में से कौन-सा क्रम तत्वों O, F एवं N की परमाणु त्रिज्याओं के सही बढ़ते क्रम को प्रदर्शित करता है?
(a) O, F, N
(b) N, F, O
(c) O, N, F
(d) F, O, N
उत्तर:
(d) F, O, N

प्रश्न 13.
निम्नलिखित में से कौन-सा तत्व सर्वाधिक परमाणु त्रिज्या रखता है?
(a) Na
(b) Mg
(c) K
(d) Ca
उत्तर:
(c) K

प्रश्न 14.
निम्न में से कौन-सा तत्व आसानी से एक इलेक्ट्रॉन त्यागेगा?
(a) Mg
(b) Na
(c) K
(d) Ca
उत्तर:
(c) K

प्रश्न 15.
निम्न में से कौन-सा तत्व आसानी से इलेक्ट्रॉन त्यागता है?
(a) Na
(b) F
(c) Mg
(d) Al
उत्तर:
(b) F

प्रश्न 16.
निम्न में से कौन-सी विशेषताएँ किसी तत्व के समस्थानिकों से सम्बन्धित हैं?
(i) एक तत्व के सभी समस्थानिकों के परमाणु द्रव्यमान समान होते हैं।
(ii) एक तत्व के सभी समस्थानिकों के परमाणु क्रमांक समान होते हैं।
(iii) एक तत्व के सभी समस्थानिक समान भौतिक गुणों का प्रदर्शन करते हैं।
(iv) एक तत्व के सभी समस्थानिक समान रासायनिक गुणों का प्रदर्शन करते हैं।
(a) (i), (ii) एवं (iii)
(b) (ii), (iii) एवं (iv)
(c) (ii) एवं (iii)
(d) (i) एवं (iv)
उत्तर:
(d) (i) एवं (iv)

प्रश्न 17.
निम्न तत्वों को उनके घटते धात्विक गुणों के क्रम में व्यवस्थित कीजिए Na, Si, Cl, Mg, Al.
(a) Cl > Si >Al > Mg > Na
(b) Na > Mg >Al > Si > Cl
(c) Na > Al > Mg > Cl > Si
(d) Al > Na > Si > Ca > Mg
उत्तर:
(b) Na > Mg >Al > Si > Cl

प्रश्न 18.
निम्न तत्वों को उनके बढ़ते अधात्विक गुणों के क्रम में व्यवस्थित कीजिए Li, O, C, Be, F.
(a) F < O < C < Be < Li
(b) Li < Be < C < O < F
(c) F < O < C < Be < Li
(d) F < O < Be < C < Li
उत्तर:
(b) Li < Be < C < O < F

प्रश्न 19.
ऐकाऐलुमिनियम किस प्रकार का ऑक्साइड बनाता है?
(a) EO3
(b) E3O2
(c) E2O3
(d) EO
उत्तर:
(c) E2O3

प्रश्न 20.
तीन तत्व B, Si एवं Ge हैं –
(a) धातु।
(b) अधातु।
(c) उपधातु।
(d) क्रमश: धातु. अधातु एवं उपधातु।
उत्तर:
(c) उपधातु

प्रश्न 21.
निम्न में से कौन-सा तत्व अम्लीय ऑक्साइड बनाता है?
(a) परमाणु क्रमांक 7 वाला तत्व।
(b) परमाणु क्रमांक 3 वाला तत्व।
(c) परमाणु क्रमांक 12 वाला तत्व।
(d) परमाणु क्रमांक 19 वाला तत्व।
उत्तर:
(a) परमाणु क्रमांक 7 वाला तत्व।

प्रश्न 22.
परमाणु क्रमांक 14 वाला तत्व कठोर है तथा अम्लीय ऑक्साइड एवं सहसंयोजी हैलाइड बनाता है। वह तत्व निम्नलिखित में से किस वर्ग का तत्व है?
(a) धातु।
(b) उपधातु।
(c) अधातु।
(d) वामहस्त तत्व।
उत्तर:
(b) उपधातु।

प्रश्न 23.
निम्न में से कौन एक तत्व की सही परमाणु त्रिज्या को प्रदर्शित करता है?
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण 3
(a) (i) एवं (ii)
(b) (ii) एवं (iii)
(c) (iii) एवं (iv)
(d) (i) एवं (iv)
उत्तर:
(b) (ii) एवं (iii)

प्रश्न 24.
आवर्त तालिका के किसी समूह में ऊपर से नीचे जाने पर निम्न में से कौन एक नहीं बढ़ेगा?
(a) परमाणु त्रिज्या।
(b) धात्विक प्रवृत्ति।
(c) संयोजकता।
(d) कोशों की संख्या।
उत्तर:
(c) संयोजकता।

प्रश्न 25.
आवर्त तालिका में एक आवर्त में बाएँ से दाएँ जाने पर परमाणु का आकार –
(a) बढ़ता है।
(b) घटता है।
(c) परिवर्तित नहीं होता।
(d) पहले बढ़ता है फिर घटता है।
उत्तर:
(b) घटता है।

प्रश्न 26.
निम्न में से कौन-सा तत्वों का समुच्चय उनकी बढ़ती हुई धात्विकता को दर्शाता है?
(a) Be, Mg, Ca
(b) Na, Li, K
(c) Mg, Al, Si
(d) C, O, N
उत्तर:
(a) Be, Mg, Ca

प्रश्न 27.
आवर्त तालिका में आवर्तों की संख्या होती है –
(a) 4
(b) 6
(c) 7
(d) 8
उत्तर:
(c) 7

प्रश्न 28.
कौन-सा हैलोजेन सर्वाधिक क्रियाशील है?
(a) ब्रोमीन।
(b) क्लोरीन।
(c) फ्लुओरीन।
(d) आयोडीन।
उत्तर:
(c) फ्लुओरीन।

रिक्त स्थानों की पूर्ति

  1. “मैण्डलीफ के आवर्त नियम के अनुसार तत्वों के भौतिक एवं रासायनिक गुण उनके ….. के आवर्ती फलन होते हैं।”
  2. आधुनिक आवर्त नियम के अनुसार, तत्वों के भौतिक एवं रासायनिक गुण उनके ………… के आवर्ती फलन होते हैं।
  3. दीर्घ रूप आवर्त सारणी को ………. आवर्त सारणी कहते हैं।
  4. आवर्त सारणी में ऊर्ध्वाधर स्तम्भ …………. कहलाते हैं।
  5. आवर्त सारणी में क्षैतिज पंक्तियाँ ……….. कहलाती हैं।
  6. आधुनिक आवर्त सारणी में ………… समूह हैं। (2019)

उत्तर:

  1. परमाणु द्रव्यमान।
  2. परमाणु क्रमांक।
  3. आधुनिक।
  4. समूह (ग्रुप)।
  5. आवर्त।
  6. अट्ठारह (18)।

जोड़ी बनाइए
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण 4
उत्तर:

  1. → (c)
  2. → (d)
  3. → (e)
  4. → (a)
  5. → (b)

 

सत्य/असत्य कथन

  1. क्षैतिज पंक्तियाँ समूह कहलाती हैं।
  2. समूह एक के तत्व क्षार धातुएँ कहलाती हैं।
  3. ऊर्ध्वाधर स्तम्भ आवर्त कहलाते हैं।
  4. समूह 17 के तत्व हेलोजेन कहलाते हैं।
  5. समूह 2 के तत्व मुद्रा धातुएँ कहलाती हैं।

उत्तर:

  1. असत्य।
  2. सत्य।
  3. असत्य।
  4. सत्य।
  5. असत्य।

एक शब्द/वाक्य में उत्तर

  1. आवर्त तालिका का निर्माण किसने किया?
  2. आधुनिक आवर्त तालिका का निर्माण किसने किया?
  3. समूह 2 के तत्वों को क्या कहा जाता है?
  4. प्रथम आवर्त में कितने तत्व हैं?
  5. द्वितीय आवर्त में कितने तत्व हैं?

उत्तर:

  1. मैण्डलीफ।
  2. बोर एवं बरी ने।
  3. क्षारीय मृदा धातुएँ।
  4. दो।
  5. आठ।

MP Board Class 10th Science Chapter 5 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
डोबेराइनर का त्रिक नियम क्या है?
उत्तर:
डोबेराइनर का त्रिक नियम:
डोबेराइनर ने समान गुण रखने वाले तत्वों को उनके बढ़ते परमाणु द्रव्यमान के क्रम में तीन-तीन के समूह बनाए जिन्हें ‘डोबेराइनर के त्रिक’ कहते हैं। उसने एक नियम दिया जिसके अनुसार “यदि समान गुणों वाले तत्वों को उनके बढ़ते परमाणु द्रव्यमान के क्रम में तीन-तीन के समूह में व्यवस्थित किया जाए तो बीच वाले तत्व का परमाणु द्रव्यमान शेष दो तत्वों के परमाणु द्रव्यमान का लगभग औसत होता है।”

प्रश्न 2.
न्यूलैण्ड का अष्टक नियम क्या है?
उत्तर:
न्यूलैण्ड का अष्टक नियम:
“यदि तत्वों को उनके बढ़ते परमाणु द्रव्यमान के क्रम में व्यवस्थित किया जाए तो हर आठवाँ तत्व समान गुण रखता है।”

प्रश्न 3.
मैण्डलीफ का आवर्त नियम क्या है?
उत्तर:
मैण्डलीफ का आवर्त नियम-“तत्वों के भौतिक एवं रासायनिक गुण उनके परमाणु द्रव्यमान के आवर्ती फलन होते हैं।”

प्रश्न 4.
मैण्डलीफ की आवर्त सारणी से क्या समझते हो?
उत्तर:
मैण्डलीफ की आवर्त सारणी-“मैण्डलीफ ने तत्वों को एक सारणी में उनके गुणों एवं परमाणु द्रव्यमान के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित किया जिसमें 7 क्षैतिज पंक्तियाँ हैं जिन्हें आवर्त कहते हैं तथा 9 ऊर्ध्व स्तम्भ हैं जिन्हें समूह (वर्ग) कहते हैं (यद्यपि प्रारम्भ में 8 वर्ग थे, लेकिन बाद में अक्रिय गैसों का शून्य समूह और जोड़ दिया गया) यह सारणी मैण्डलीफ की आवर्त सारणी कहलाती है।”

प्रश्न 5.
आधुनिक आवर्त नियम क्या है? इसको किसने प्रतिपादित किया? अथवा मोजले का आधुनिक आवर्त नियम क्या है?
उत्तर:
आधुनिक आवर्त नियम:
मोजले ने एक नियम का प्रतिपादन किया जिसके अनुसार, “तत्वों के भौतिक एवं रासायनिक गुण उनके परमाणु क्रमांक के आवर्ती फलन होते हैं।” यह नियम आधुनिक आवर्त नियम कहलाता है।

प्रश्न 6.
नई आधुनिक आवर्त सारणी में समस्थानिकों के स्थान निर्धारण की समस्या कैसे हल होगी?
उत्तर:
चूँकि आधुनिक आवर्त सारणी तत्वों के परमाणु क्रमांकों पर आधारित है और समस्थानिकों के परमाणु क्रमांक समान हैं। इसलिए उनको एक ही समूह में रखना औचित्यपूर्ण है।

प्रश्न 7.
प्रथम एवं द्वितीय समूह के तत्व किस नाम से जाने जाते हैं?
उत्तर:
प्रथम समूह के तत्व क्षार धातुएँ तथा द्वितीय समूह के तत्व क्षारीय मृदा धातुओं के नाम से जाने जाते हैं।

प्रश्न 8.
बाएँ से दाएँ जाने पर किसी आवर्त में आयनन ऊर्जा किस प्रकार परिवर्तित होती है?
उत्तर:
किसी आवर्त में बाएँ से दाएँ जाने पर आयनन ऊर्जा में वृद्धि होती है।

प्रश्न 9.
समान गुणों वाले तीन तत्व A, B और C के परमाणु द्रव्यमान क्रमशः X, Y एवं Z हैं। Yका द्रव्यमान लगभग X एवं Z के द्रव्यमानों का औसत मान है। तत्वों की इस प्रकार की व्यवस्था क्या कहलाती है? ऐसे तत्वों के एक समूह का उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
तत्वों की उपर्युक्त व्यवस्था डोबेराइनर के त्रिक नाम से जानी जाती है। उदाहरण-लीथियम, सोडियम एवं पोटैशियम।

MP Board Solutions

प्रश्न 10.
तत्वों को उनके बढ़ते परमाणु द्रव्यमान के क्रम में निम्न प्रकार व्यवस्थित किया गया है – F, Na, Mg, Al, Si, P, S, Cl, Ar, K.
(a) तत्वों के समान गुणों वाले दो समूहों का चयन कीजिए।
(b) तत्वों की व्यवस्था का क्रम तत्वों के वर्गीकरण के किस नियम को प्रदर्शित करता है?
उत्तर:
(a)

  1. F एवं Cl
  2.  Na एवं K

(b) न्यूलैण्ड का अष्टक नियम।

प्रश्न 11.
मैण्डलीफ की आवर्त तालिका में तत्वों को उनके बढ़ते हुए परमाणु द्रव्यमान के क्रम में व्यवस्थित किया गया फिर कोबाल्ट जिसका परमाणु दव्यमान 58.93 amu है, क्या निकैल जिसका परमाणु द्रव्यमान 58.71 है, से पहले रखा गया? कारण दीजिए।
उत्तर:
यद्यपि आवर्त तालिका का सृजन परमाणु द्रव्यमान के बढ़ते क्रम के आधार पर किया गया, लेकिन गुणों की समानता और उनकी क्रमबद्धता को भी ध्यान में रखा गया इसलिए कोबाल्ट को निकैल से पहले रखा गया।

प्रश्न 12.
“आधुनिक आवर्त तालिका में हाइड्रोजन का एक विशिष्ट स्थान है।” इस कथन का औचित्य कीजिए।
उत्तर:
हाइड्रोजन प्रथम समूह के तत्व क्षार धातुओं एवं 17वें समूह के तत्व हैलोजेनों से गुणों में समानता रखता है। इसलिए इसका आधुनिक आवर्त तालिका में विशिष्ट स्थान है।

प्रश्न 13.
मैण्डलीफ के द्वारा भविष्यवाणी किए गए तत्वों एका सिलिकॉन एवं एका ऐलुमिनियम के क्लोराइडों के सूत्र लिखिए।
उत्तर:
मैण्डलीफ के द्वारा भविष्यवाणी किए गए तत्व क्रमशः एका-सिलिकॉन जरमेनियम Ge है जिसकी संयोजकता 4 है तथा एका-ऐलुमिनियम गैलियम Ga है जिसकी संयोजकता 3 है। अत: इनके क्लोराइड के सूत्र क्रमश: GeCl4 एवं GaCl3 होंगे।

प्रश्न 14.
अगर एक तत्व X समूह 14 में रखा गया है। इसके क्लोराइड का सूत्र एवं बन्ध की प्रकृति क्या होगी?
उत्तर:
चूँकि तत्व X समूह 14 में रखा गया है। अतः इसकी संयोजकता 14 – 10 = 4 होगी। इसलिए इसके क्लोराइड का सूत्र XCl4 होगा तथा इसके बन्धों की प्रकृति सहसंयोजी होगी।

प्रश्न 15.
दो नमूनों X एवं Y की परमाणु त्रिज्याओं की तुलना कीजिए तथा अपने उत्तर का कारण भी दीजिए।

  1. X में 12 प्रोटॉन एवं 12 इलेक्ट्रॉन हैं।
  2. Y में 12 प्रोटॉन एवं 10 इलेक्ट्रॉन हैं।

उत्तर:
नमूना X एक तत्व है, जबकि Y उसका धनायन। इसलिए X की परमाणु त्रिज्या Y की परमाणु त्रिज्या से अधिक होगी।

प्रश्न 16.
निम्नलिखित धातुओं को उनके धात्विक गुणों के आरोही क्रम में व्यवस्थित कीजिए Mg, Ca, K, Ge, Ga.
उत्तर:
Ge < Ga < Mg < Ca < K.

प्रश्न 17.
संयोजकता को परिभाषित कीजिए। (2019)
उत्तर:
संयोजकता:
“किसी तत्व की दूसरे किसी तत्व से संयुक्त होने की प्रवृत्ति उस तत्व की संयोजकता कहलाती है।” दूसरे शब्दों में, “इलेक्ट्रॉनों की वह संख्या जो किसी तत्व के परमाणु द्वारा स्थायी संरचना प्राप्त करने हेतु दी या ली जाती है अथवा साझा की जाती है, उस तत्व की संयोजकता कहलाती है।”

MP Board Class 10th Science Chapter 5 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
दो तत्व ‘P’ और ‘Q’ आधुनिक आवर्त सारणी के एक ही आवर्त के क्रमशः समूह-1 और समूह-2 के सदस्य हैं। इनके निम्नलिखित लक्षणों/गुणधर्मों की तालिका के रूप में तुलना कीजिए –
(a) इनके परमाणुओं में इलेक्ट्रॉनों की संख्या।
(b) इनके परमाणुओं का साइज।
(c) इनकी धात्विक प्रकृति।
(d) इनकी इलेक्ट्रॉन त्यागने की प्रवृत्ति।
(e) इनके ऑक्साइडों के सूत्र।
(f) इनके क्लोराइडों के सूत्र।
उत्तर:
तत्व ‘P’ एवं ” के दिए हुए लक्षणों/गुणधर्मों के आधार पर तुलना –
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण 5

प्रश्न 2.
परमाणु क्रमांक 16 के तत्व का उदाहरण लेकर स्पष्ट कीजिए कि आधुनिक आवर्त सारणी में किसी तत्व का स्थान उस तत्व के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास से किस प्रकार सम्बन्धित होता है तथा किसी तत्व के परमाणु क्रमांक के आधार पर उसकी संयोजकता किस प्रकार परिकलित की जाती है।
उत्तर:
परमाणु क्रमांक 16 वाले तत्व का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 6 है –
(1) तत्व के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास में उपस्थित कोशों (कक्षाओं) की संख्या उस तत्व का आधुनिक आवर्त तालिका में आवर्त की संख्या को निर्धारित करती है। जैसे उक्त तत्व का आवर्त 3 है।

(2) प्रथम आवर्त होने पर अर्थात् केवल एक कोश होने पर यदि संयोजी इलेक्ट्रॉन एक है तो प्रथम समूह और यदि दो संयोजी इलेक्ट्रॉन हैं तो समूह 18 होगा।
द्वितीय अथवा तृतीय आवर्त अर्थात् दो अथवा तीन कोश होने पर संयोजी इलेक्ट्रॉन 1 से 8 तक क्रमशः प्रथम, द्वितीय, 13वाँ, 14वाँ, 15वाँ, 16वाँ, 17वाँ एवं 18वाँ, समूह होगा।
यहाँ परमाणु संख्या 16 का विन्यास 2, 8, 6 है जो तृतीय आवर्त का तत्व है तथा संयोजी इलेक्ट्रॉन 6 है इसलिए यह 16वें समूह का तत्व है।

(3) परमाणु क्रमांक से उसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास ज्ञात करने पर यदि संयोजी इलेक्ट्रॉन (बाह्यतम कोश में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या) यदि 4 या इससे कम है तो वही संख्या उसकी संयोजकता होगी। यदि 5 या 5 से अधिक है तो उस संख्या में से 8 घटाने पर प्राप्त संख्या ही उसकी संयोजकता होगी।

प्रश्न 3.
कोई तत्व ‘X’ आधुनिक आवर्त सारणी के तीसरे आवर्त और 16वें समह में स्थित है।
(a) ‘X’ में संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की संख्या तथा इसकी संयोजकता निर्धारित कीजिए।
(b) ‘X’ की हाइड्रोजन के साथ अभिक्रिया द्वारा बने यौगिक का अणुसूत्र लिखिए तथा इसकी इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना खींचिए।
(c) तत्व ‘X’ का नाम लिखिए तथा उल्लेख कीजिए कि यह तत्व धातु है अथवा अधातु है।
उत्तर:
चूँकि तत्व ‘X’ आधुनिक आवर्त सारणी के तृतीय आवर्त एवं 16वें समूह का तत्व है। इसलिए इसकी परमाणु संख्या एवं इलेक्ट्रॉन संख्या 16 है जिसका इलेक्ट्रॉन विन्यास 16 = 2, 8, 6 है।
(a) ‘X’ में संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 6
एवं संयोजकता = 6 – 8 = – 2
(b) ‘X’ की हाइड्रोजन के साथ बने यौगिक का अणुसूत्र = H2X
(c) तत्व X का नाम = सल्फर (S)
यह एक अधातु तत्व है।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण 6

प्रश्न 4.
किसी तत्व ‘X’ की द्रव्यमान संख्या 35 तथा इसके न्यूट्रॉनों की संख्या 18 है। ‘X’ की परमाणु संख्या और उसका इलेक्ट्रॉन विन्यास लिखिए। ‘X’ की समूह संख्या, आवर्त संख्या और संयोजकता का उल्लेख भी कीजिए।
उत्तर:
चूँकि ‘X’ की द्रव्यमान संख्या A = 35 एवं न्यूट्रॉनों की संख्या n = 18 अत: उसकी परमाणु संख्या Z = A – n
⇒ Z = 35 – 18 = 17
इलेक्ट्रॉनों की संख्या = द्रव्यमान संख्या = 17
इलेक्ट्रॉन विन्यास 17 = 2, 8, 7
X की समूह संख्या = 17
X की आवर्त संख्या = 3
X की संयोजकता = 7 – 8 = – 1

प्रश्न 5.
आधुनिक आवर्त सारणी में आवों और समूहों की संख्या लिखिए।

  1. किसी आवर्त में बायीं ओर से दायी ओर जाने पर तथा
  2. किसी समूह में ऊपर से नीचे आने पर तत्वों के धात्विक अभिलक्षणों में किस प्रकार का परिवर्तन होता है? अपने उत्तर की कारण सहित पुष्टि कीजिए।

उत्तर:
आधुनिक आवर्त सारणी में आवर्तों की संख्या = 7 एवं समूहों की संख्या = 18 है।

  1. किसी आवर्त में बाईं ओर से दाईं ओर जाने पर धात्विक अभिलक्षणों का ह्रास होता है अर्थात् कमी आती है।
  2. किसी समूह में ऊपर से नीचे की ओर जाने पर धात्विक अभिलक्षणों में वृद्धि होती है।

प्रश्न 6.
Na, Mg एवं Al आधुनिक आवर्त सारणी के तीसरे आवर्त के तत्व हैं जिनकी समूह संख्या क्रमशः 1, 2 और 13 है। इनमें से किस तत्व की –
(a) संयोजकता अधिकतम
(b) परमाणु त्रिज्या अधिकतम
(c) रासायनिक अभिक्रियाशील अधिकतम है?
प्रत्येक के लिए कारण सहित अपने उत्तर की पुष्टि कीजिए।
उत्तर:
चूँकि Na, Mg एवं Al तृतीय आवर्त के क्रमशः समूह 1, 2 एवं 13 के तत्व हैं। इसलिए इनका परमाणु क्रमांक क्रमश: 11, 12 एवं 13 है, जिनका इलेक्ट्रॉन विन्यास निम्नलिखित है
Na = 11 = 2, 8, 1 में संयोजी इलेक्ट्रॉन = 1 अर्थात् संयोजकता = 1
Mg = 12 = 2, 8, 2 में संयोजी इलेक्ट्रॉन = 2 अर्थात् संयोजकता = 2
Al= 13 = 2, 8, 3 में संयोजी इलेक्ट्रॉन = 3 अर्थात् संयोजकता = 3
अतः
(a) अधिकतम 3 संयोजकता वाला तत्व Al है, क्योंकि इसके संयोजकता कोश में सर्वाधिक संयोजी इलेक्ट्रॉन है।
(b) अधिकतम परमाणु त्रिज्या वाला तत्व Na है, क्योंकि किसी आवर्त में बाएँ से दाएँ जाने पर उसका साइज अर्थात् परमाणु त्रिज्या कम होती जाती है।
(c) अधिकतम अभिक्रियाशीलता वाला तत्व Na है, क्योंकि किसी आवर्त में 14वें समूह तक अभिक्रियाशीलता घटती है।

प्रश्न 7.
क्या तत्वों के निम्नलिखित समूह डोबेराइनर के त्रिक की तरह वर्गीकृत किए जा सकते है?
(a) Na, Si, Cl
(b) Be, Mg, Ca.
परमाणु द्रव्यमान क्रमशः Be = 9, Na = 23, Mg = 24, Si = 28, Cl= 35 एवं Ca = 40 हैं। सहित व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
(a) नहीं, क्योंकि ये तत्व समान गुणों वाले नहीं हैं, जबकि डोबेराइनर के त्रिक के लिए समान गुणों वाले तत्व होने चाहिए। यद्यपि सिलिकॉन (Si) का परमाणु द्रव्यमान सोडियम (Na) एवं क्लोरीन (Cl) के परमाणु द्रव्यमानों के औसत के लगभग बराबर है।
(b) हाँ, ये डोबेराइनर के त्रिक के रूप में वर्गीकृत किए जा सकते हैं, क्योंकि ये समान गुणों वाले तत्व हैं तथा Be एवं Ca के परमाणु द्रव्यमानों क्रमशः 9 एवं 40 का औसत द्रव्यमान
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण 7
जो Mg के परमाणु द्रव्यमान 24 के लगभग बराबर है।

प्रश्न 8.
तीन तत्व A, B एवं C की बाह्यतम कोश में क्रमशः 3, 4 एवं 2 इलेक्ट्रॉन हैं। इनकी समूह संख्या आधुनिक आवर्त तालिका में क्या होगी जिसमें ये स्थित हैं। इनकी संयोजकताएँ भी बताइए।
उत्तर:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण 8

प्रश्न 9.
निम्न तत्वों को उनके परमाणु त्रिज्याओं के आरोही क्रम (बढ़ते क्रम) में व्यवस्थित कीजिए –
(a) Li, Be, F, N
(b) Cl, At, Br, I.
उत्तर:
(a) चूँकि तत्व Li, Be, F एवं N एक ही आवर्त द्वितीय के तत्व हैं जिनका बाएँ से दाएँ क्रम है Li, Be, N एवं F और चूँकि किसी आवर्त में बाएँ से दाएँ जाने पर परमाणु त्रिज्या (परमाणु साइज) घटती जाती है।
अतः परमाणु त्रिज्या का बढ़ता क्रम F < N < Be < Li है।

(b) चूँकि तत्व Cl, At, Br एवं I एक ही समूह 17 के तत्व हैं जिनका ऊपर से नीचे क्रम है Cl, Br, I एवं At और चूँकि किसी समूह में ऊपर से नीचे जाने पर परमाणु त्रिज्या (परमाणु साइज) बढ़ती जाती है।
अतः परमाणु त्रिज्या का बढ़ता क्रम Cl < Br < I < At है।

प्रश्न 10.
निम्न तत्वों में से जिनके इलेक्ट्रॉनिक विन्यास नीचे दिए गए हैं धातु तत्वों की पहचान करके उनके नाम लिखिए –
(a) 2, 8, 2
(b) 2, 8, 1
(c) 2, 8, 7
(d) 2, 1
उत्तर:
उपर्युक्त में धातु तत्व हैं –
(a) 2, 8, 2
(b) 2, 8, 1
(d) 2, 1
इनके नाम हैं –
(a) मैग्नीशियम।
(b) सोडियम।
(d) लीथियम।

प्रश्न 11.
तत्व A (परमाणु संख्या 19) जब तत्व B (परमाणु संख्या 17) से संयुक्त होकर जो यौगिक बनाता है उसका सूत्र लिखिए। उस यौगिक का इलेक्ट्रॉन बिन्दु आरेख खींचिए। बनने वाले आबन्ध की प्रकृति बताइए।
उत्तर:
A तत्व का इलेक्ट्रॉन विन्यास 19 = 2, 8, 8, 1
एवं B तत्व का इलेक्ट्रॉन विन्यास 17 = 2, 8, 7
बनने वाले यौगिक का सूत्र = AB
बनने वाले आबन्ध की प्रकृति सहसंयोजी है।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण 9

प्रश्न 12.
निम्न प्रगुणों वाले तत्वों की पहचान कीजिए। एवं उन्हें अभिक्रियाशीलता के आरोही (बढ़ते हुए) क्रम में व्यवस्थित कीजिए –
(a) एक तत्व जो मुलायम एवं अधिक अभिक्रियाशील है।
(b) चूना पत्थर की महत्वपूर्ण घटक धातु।
(c) कमरे के ताप पर द्रव अवस्था में रहने वाली धातु।
उत्तर:
(a) सोडियम (Na) अथवा पोटैशियम (K)।
(b) कैल्सियम (Ca) एवं
(c) मरकरी (Hg)।
अभिक्रियाशीलता के आरोही (बढ़ते हुए) क्रम में Hg < Ca < Na < K

प्रश्न 13.
कुछ तत्वों की प्रगुण नीचे दिए गए हैं। आप आधुनिक आवर्त तालिका में इनको कहाँ खोजेंगे?
(a) एक धातु जो मुलायम है तथा मिट्टी के तेल में रखी जाती है।
(b) एक परिवर्तनीय (एक से अधिक) संयोजकता वाला तत्व जो जल के अन्दर रखा जाता है।
(c) एक चतुसंयोजी तत्व जो कार्बनिक रसायन को आधार प्रदान करता है।
(d) परमाणु संख्या 2 वाला अक्रिय गैस तत्व।
(e) एक तत्व जिसके ऑक्साइड की पतली सतह दूसरे तत्व को एनोडाइजिंग प्रक्रिया के द्वारा संक्षारण रहित बनाती है।
उत्तर:
(a) सोडियम (Na) आवर्त तालिका के तृतीय आवर्त एवं प्रथम समूह का तत्व। अथवा पोटैशियम (K) आवर्त तालिका के चतुर्थ आवर्त एवं समूह एक का तत्व।
(b) फॉस्फोरस (P) तृतीय आवर्त एवं 15वें समूह का तत्व।
(c) कार्बन (C) द्वितीय आवर्त एवं 14वें समूह का तत्व।
(d) हीलियम (He) प्रथम आवर्त एवं समूह 18 का तत्व।
(e) ऐलुमिनियम (Al) तृतीय आवर्त एवं 13वें समूह का तत्व।

प्रश्न 14.
तत्वों का कौन-सा समूह आवर्त तालिका में पूर्व में व्यवस्थित तत्वों की स्थिति में व्यवधान डाले बिना मैण्डलीफ की आवर्त तालिका में रखा जा सकता है? कारण दीजिए।
उत्तर:
उत्कृष्ट या अक्रिय गैसें।
मैण्डलीफ के आवर्त वर्गीकरण में परमाणु द्रव्यमान को तत्वों के भौतिक एवं रासायनिक गुणों का आवर्ती फलन का आधार लेते हुए उनके भौतिक एवं रासायनिक गुणों को ध्यान में रखते हुए आवर्त तालिका में व्यवस्थित किया। उत्कृष्ट गैसें अक्रिय होने के कारण एक पृथक् समूह में रखी जाती है और जिससे वास्तविक व्यवस्था में कोई व्यवधान नहीं होता।

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प्रश्न 15.
मैण्डलीफ द्वारा तत्वों के वर्गीकरण में अपनाई गई प्रक्रिया की एक संक्षिप्त रूपरेखा दीजिए। उसने “आवर्त नियम” की व्यवस्था कैसे की?
उत्तर:
मैण्डलीफ द्वारा तत्वों के वर्गीकरण के समय मात्र 63 तत्व ज्ञात थे इन्हीं तत्वों के गुणों के आधार पर निम्न प्रकार उसने तत्वों का वर्गीकरण किया –

  1. इन तत्वों के ऑक्सीजन एवं हैलोजेनों के साथ बने यौगिकों, ऑक्साइड एवं हैलाइड का अध्ययन किया।
  2. समान गुणों वाले तत्वों को एक साथ एक वर्ग में रखा।
  3. मैण्डलीफ ने प्रेक्षण किया कि तत्व स्वत: ही बढ़ते हुए परमाणु द्रव्यमान के क्रम में व्यवस्थित हो गए। इस प्रकार मैण्डलीफ ने आवर्त नियम की व्यवस्था की।

MP Board Class 10th Science Chapter 5 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
एक तत्व आवर्त तालिका के तृतीय आवर्त के समूह द्वितीय का तत्व है, ऑक्सीजन की उपस्थिति में जलकर क्षारकीय ऑक्साइड बनाता है।
(a) उस तत्व की पहचान कीजिए।
(b) उस तत्व का इलेक्ट्रॉन विन्यास लिखिए।
(c) जब यह तत्व वायु की उपस्थिति में जलता है तो उस समय होने वाली अभिक्रिया का रासायनिक सूत्र लिखिए।
(d) जब यह ऑक्साइड जल में घुलता है तो होने वाली अभिक्रिया का रासायनिक सूत्र लिखिए।
(e) इस ऑक्साइड के बनने का इलेक्ट्रॉन बिन्दु आरेख बनाइए।
उत्तर:
(a) उक्त तत्व मैग्नीशियम (Mg) है।
(b) मैग्नीशियम (Mg) का इलेक्ट्रॉन विन्यास
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण 10

प्रश्न 2.
एक तत्व X (परमाणु क्रमांक 17) दूसरे तत्व Y (परमाणु क्रमांक 20) से अभिक्रिया करके द्वि-संयोजी हैलाइड बनाता है।
(a) X और Y तत्वों को आवर्त तालिका में कहाँ रखा गया है?
(b) तत्व X एवं Y को धातु, अधातु एवं उपधातु में वर्गीकृत कीजिए।
(c) तत्व Y के ऑक्साइड की प्रकृति कैसे होगी? बनने वाले यौगिक में आबन्ध की प्रकृति बताइए।
(d) द्वि-संयोजी हैलाइड का इलेक्ट्रॉन बिन्दु-आरेख खींचिए।
उत्तर:
(a) X आवर्त तालिका के समूह 17 एवं आवर्त तृतीय का तत्व है, जबकि Y समूह 2 के चतुर्थ आवर्त का तत्व है।
(b) X एक अधातु तत्व है एवं Y एक धातु तत्व है।
(c) ऑक्साइड क्षारकीय प्रकृति का है तथा इसमें बनने वाले आबन्ध की प्रकृति विद्युत् संयोजी (आयनिक) बन्ध है।
(d) द्वि-संयोजी हैलाइड का इलेक्ट्रॉन बिन्दु आरेख
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण 11

प्रश्न 3.
नीचे कुछ तत्वों की परमाणु संख्या दी है – 10, 20, 7, 14
(a) इन तत्वों की पहचान कीजिए।
(b) इन तत्वों के आवर्त सारणी में समूहों की पहचान कीजिए।
(c) इन तत्वों के आवर्त सारणी में आवों की पहचान कीजिए।
(d) इन तत्वों में प्रत्येक का इलेक्ट्रॉन विन्यास क्या होना चाहिए?
(e) इन तत्वों की संयोजकता ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण 12

प्रश्न 4.
मैण्डलीफ ने कुछ ऐसे तत्वों की भविष्यवाणी की जो उस समय उपलब्ध ही नहीं थे एवं उनमें से दो के नाम एका-सिलिकॉन एवं एका-ऐलुमिनियम रखा।
(a) उन तत्वों के नाम लिखिए जिन्होंने इन तत्वों का स्थान ग्रहण किया।
(b) आधुनिक आवर्त तालिका में इन तत्वों की समूह संख्या एवं आवर्त संख्या लिखिए।
(c) इन तत्वों को धातु/अधातु/उपधातु में वर्गीकृत कीजिए।
(d) इनमें से प्रत्येक में कितने संयोजी इलेक्ट्रॉन हैं।
उत्तर:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण 13

प्रश्न 5.
(a) तत्वों की विद्युत् धनात्मकता समूह में नीचे जाने पर बढ़ती है तथा आवर्त में दाएँ जाने पर घटती है।
(b) तत्वों की विद्युत् ऋणात्मकता समूह में नीचे जाने पर घटती है तथा आवर्त में दाएँ जाने पर बढ़ती है।
(c) परमाणु साइज समूह में नीचे जाने पर बढ़ती है तथा आवर्त में दाएँ जाने पर घटती है।
(d) धात्विक प्रकृति (धात्विकता) समूह में नीचे जाने पर बढ़ती है तथा आवर्त में दाएँ जाने पर घटती है।
आवर्त तालिका के उपर्युक्त लक्षणों को ध्यान में रखकर परमाणु संख्या 3 से 9 के तत्वों के सन्दर्भ में निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए
(i) उनमें अधिकतम इलेक्ट्रो-धनात्मक तत्व का नाम बताइए।
(ii) उनमें अधिकतम इलेक्ट्रो-ऋणात्मक तत्व का नाम बताइए।
(iii) उनमें न्यूनतम परमाणु साइज वाले तत्व का नाम बताइए।
(iv) उस तत्व का नाम बताइए जो उपधातु है।
(v) उस तत्व का नाम बताइए जिसकी संयोजकता सर्वाधिक है।
उत्तर:
(i) लीथियम (Li) परमाणु संख्या: 3
(ii) फ्लु ओरीन (F) परमाणु संख्या: 9
(iii) फ्लु ओरीन (F) परमाणु संख्या: 9
(iv) बोरॉन (B) परमाणु संख्या: 5
(v) कार्बन (C) परमाणु संख्या: 6, क्षमता संयोजकता (4)

प्रश्न 6.
एक पीला एवं कमरे के ताप पर ठोस तत्व श्रृंखलन क्षमता एवं बहरूपता के गुण प्रदर्शित करता है। X तत्व दो प्रकार के ऑक्साइड बनाता है जो फेरस सल्फेट के क्रिस्टलों के ऊष्मीय अपघटन के समय भी बनते हैं एवं बहुत बड़े वायु प्रदूषक भी हैं।
(a) तत्व X की पहचान कीजिए।
(b) तत्व X का इलेक्ट्रॉन विन्यास लिखिए।
(c) फेरस सल्फेट के क्रिस्टलों के ऊष्मीय अपघटन में होने वाली अभिक्रिया का संतुलित समीकरण लिखिए।
(d) बनने वाले ऑक्साइड की प्रकृति (अम्लीय/क्षारकीय) क्या है?
(e) आधुनिक आवर्त तालिका में उस तत्व की स्थिति बताइए।
उत्तर:
(a) अभीष्ट तत्व X सल्फर (S) है जिसकी परमाणु संख्या 16 है।
(b) X का इलेक्ट्रॉन विन्यास 16 = 2K, 8L, 6M
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण 16
(d) X के दोनों ऑक्साइड (SO2 एवं SO3) की प्रकृति अम्लीय है।
(e) आधुनिक आवर्त तालिका में तत्व X की स्थिति तृतीय आवर्त के समूह 16 में है।

प्रश्न 7.
आवर्त तालिका के समूह 15 का एक तत्व X द्वि-परमाण्विक अणु के रूप में रहता है एवं हाइड्रोजन से 773 K तापमान पर उत्प्रेरक की उपस्थिति में संयोग करके एक यौगिक अमोनिया का निर्माण करता है जिसकी विशिष्ट तीव्र गंध होती है।
(a) उस तत्व X की पहचान कीजिए। इसमें कितने संयोजी इलेक्ट्रॉन हैं।
(b) तत्व X के द्वि-परमाण्विक अणु की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना बनाइए। इसमें किस प्रकार का आबन्ध बनता है ?
(c) अमोनियम के अणु की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना का आरेख बनाइए। अमोनिया में किस प्रकार के आबन्ध हैं।
उत्तर:
(a) तत्व X नाइट्रोजन (N) तत्व है, जिसका इलेक्ट्रॉन विन्यास 2, 5 है अतः इसके संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या 5 है।
(b) नाइट्रोजन अणु (N) की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना का आरेख –
आबंधों की प्रकृति – त्रिसहसंयोजी आबन्ध।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण 14
(c) अमोनिया (NH3) की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना का आरेख –
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण 15
आबन्धों की प्रकृति – तीन एकल सहसंयोजी आबन्ध।

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MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक

MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक

MP Board Class 10th Science Chapter 4 पाठान्तर्गत प्रश्नोत्तर

प्रश्न शृंखला-1 # पृष्ठ संख्या 68

प्रश्न 1.
CO2 सूत्र वाले कार्बन डाइऑक्साइड की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना क्या होगी? (2019)
उत्तर:
CO2 (कार्बन डाइऑक्साइड) की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 1

प्रश्न 2.
सल्फर के आठ परमाणुओं से बने सल्फर के अणु की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना क्या होगी? (संकेत: सल्फर के आठ परमाणु एक अंगूठी के रूप में आपस में जुड़े होते हैं।)
उत्तर:
आठ परमाणु वाले सल्फर अणु Sg की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 2

प्रश्न श्रृंखला-2 # पृष्ठ संख्या 76

प्रश्न 1.
पेण्टेन के लिए आप कितने संरचनात्मक समावयवों का चित्रण कर सकते हैं?
उत्तर:
तीन का।

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प्रश्न 2.
कार्बन के दो गुणधर्म कौन-से हैं जिनके कारण हमारे चारों ओर कार्बन यौगिकों की विशाल संख्या दिखाई देती है?
उत्तर:
कार्बन के गुण जिनके कारण कार्बनिक यौगिकों की विशाल संख्या दिखाई देती है –

  • चतुःसंयोजकता।
  • श्रृंखलन क्षमता।

प्रश्न 3.
साइक्लोपेन्टेन का सूत्र एवं इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना क्या होंगे?
उत्तर:
साइक्लोपेन्टेन का सूत्र: C5H10
साइक्लोपेन्टेन की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 3

प्रश्न 4.
निम्न यौगिकों की संरचनाएँ चित्रित कीजिए –

  1. एथेनॉइक अम्ल। (2019)
  2. ब्रोमोपेन्टेन।
  3. ब्यूटेनोन।
  4. हेक्सेनेल।

क्या ब्रोमोपेन्टेन के संरचनात्मक समावयव सम्भव हैं?
उत्तर:
1. एथेनॉइक अम्ल (CH3COOH) की संरचना:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 4

2. ब्रोमोपेन्टेन (C5H11Br) की संरचना:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 5
हाँ, ब्रोमोपेन्टेन के संरचनात्मक समावयव सम्भव हैं।

3. ब्यूटेनोन (C3H8CO अथवा C2H5COCH3) की संरचना:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 6

4. हेक्सेनल (C5H11CHO) की संरचना:
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प्रश्न 5.
निम्न यौगिकों का नामकरण कैसे करेंगे?
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 8
उत्तर:
(i) ब्रोमोएथेन।
(ii) मेथेनल।
(iii) हेक्साइन।

प्रश्न शृंखला-3 # पृष्ठ संख्या 79

प्रश्न 1.
एथेनॉल से एथेनॉइक अम्ल में परिवर्तन को ऑक्सीकरण अभिक्रिया क्यों कहते हैं?
उत्तर:
क्योंकि एथेनॉल ऑक्सीजन से जुड़कर एथेनॉइक अम्ल बनाता है। इसलिए इसे ऑक्सीकरण अभिक्रिया कहते हैं।

प्रश्न 2.
ऑक्सीजन तथा एथाइन के मिश्रण का दहन वैल्डिंग के लिए किया जाता है। क्या आप बता सकते हैं कि एथाइन तथा वायु के मिश्रण का उपयोग क्यों नहीं किया जाता है?
उत्तर:
वायु में ऑक्सीजन की मात्रा कम होती है तथा वायु में उपस्थित नाइट्रोजन ऑक्सीजन की क्रियाशीलता को नियन्त्रित करती है। वायु एवं एथाइन के मिश्रण की ज्वाला में बहुत उच्च ताप प्राप्त नहीं होता जो वैल्डिंग के लिए आवश्यक है। इसलिए एथाइन एवं वायु की मिश्रण का उपयोग नहीं करते हैं।

प्रश्न श्रृंखला-4 # पृष्ठ संख्या 83

प्रश्न 1.
प्रयोग द्वारा आप ऐल्कोहॉल एवं कार्बोक्सिलिक अम्ल में कैसे अन्तर कर सकते हैं?
उत्तर:
प्रयोग द्वारा ऐल्कोहॉल एवं कार्बोक्सिलिक अम्ल में अन्तर (पहचान) करना –

  1. हम दो परखनली लेते हैं। दिए हुए नमूनों में से प्रत्येक की कुछ मात्रा एक-एक परखनली में डालते हैं फिर इनमें नीला लिटमस पेपर डुबोते हैं। जिस परखनली में डाला गया नीला लिटमस लाल हो जाता है, वह कार्बोक्सिलिक अम्ल है तथा दूसरा ऐल्कोहॉल।
  2. प्रत्येक परखनली में हम सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट की कुछ मात्रा डालते हैं।
    जिस परखनली में से बुदबुदाहट के साथ झाग देती हुई रंगहीन एवं गन्धहीन गैस निकलती है उस परखनली में कार्बोक्सिलिक अम्ल है तथा दूसरी में ऐल्कोहॉल है।

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प्रश्न 2.
ऑक्सीकारक क्या है?
उत्तर:
ऑक्सीकारक:
“जो पदार्थ अन्य पदार्थों को ऑक्सीजन देने की क्षमता रखते हैं, वे ऑक्सीकारक कहलाते हैं।”

प्रश्न शृंखला-5 # पृष्ठ संख्या 85

प्रश्न 1.
क्या आप डिटरजेन्ट का उपयोग कर बता सकते हैं कि कोई जल कठोर है या नहीं?
उत्तर:
नहीं बता सकते, क्योंकि डिटर्जेन्ट कठोर एवं मृदु दोनों प्रकार के जल के साथ समान रूप से झाग देता है।

प्रश्न 2.
लोग विभिन्न प्रकार से कपड़े धोते हैं। सामान्यतः साबुन लगाने के बाद लोग कपड़े को पत्थर पर पटकते हैं, डंडे से पीटते हैं, ब्रुश से रगड़ते हैं या वाशिंग मशीन में कपड़े रगड़े जाते हैं। कपड़ा साफ करने के लिए उसे रगड़ने की क्यों आवश्यकता होती है?
उत्तर:
कपड़ा रगड़ने से साबुन के झाग अधिक बनते हैं तथा कपड़ों का मैल साबुन के अधिक सम्पर्क में आ जाता है तथा अघुलनशील पदार्थ (स्कम) जो कपड़ों में जमा हो जाता है वह कपड़ा रगड़ने से बाहर आ जाता है और कपड़े ठीक प्रकार से साफ हो जाते हैं।

MP Board Class 10th Science Chapter 4 पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
एथेन का आण्विक सूत्र C2H6 है। इसमें –
(a) 6 सहसंयोजक आबन्ध हैं।
(b) 7 सहसंयोजक आबन्ध हैं।
(c) 8 सहसंयोजक आबन्ध हैं।
(d) 9 सहसंयोजक आबन्ध हैं।
उत्तर:
(b) 7 सहसंयोजक आबन्ध हैं।

प्रश्न 2.
ब्यूटेनॉन चतुर्कार्बन यौगिक है जिसका प्रकार्यात्मक समूह है –
(a) कार्बोक्सिलिक अम्ल।
(b) ऐल्डिहाइड।
(c) कीटोन।
(d) ऐल्कोहॉल।
उत्तर:
(b) कीटोन।

प्रश्न 3.
खाना बनाते समय यदि बर्तन की तली बाहर से काली हो रही है, तो इसका मतलब है –
(a) भोजन पूरी तरह से नहीं पका है।
(b) ईंधन पूरी तरह से नहीं जल रहा है।
(c) ईंधन आर्द्र है।
(d) ईंधन पूरी तरह से जल रहा है।
उत्तर:
(b) ईंधन पूरी तरह से नहीं जल रहा है।

प्रश्न 4.
CH3Cl में आबन्ध निर्माण का उपयोग कर सहसंयोजक आबन्ध की प्रकृति समझाइए।
उत्तर:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 9
सहसंयोजक आबन्ध की प्रकृति एकल है।

प्रश्न 5.
इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना बनाइए –
(a) एथेनॉइक अम्ल।
(b) H2S
(c) प्रोपेनोन।
(d) F2
उत्तर:
(a) एथेनॉइक अम्ल की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 10

(b) H2S की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 11

(c) प्रोपेनोन की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 12

(d) F2 की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 13

प्रश्न 6.
समजातीय श्रेणी क्या है? उदाहरण के साथ समझाइए। (2019)
उत्तर:
समजातीय श्रेणी:
“यौगिकों की ऐसी श्रृंखला जिसमें कार्बन श्रृंखला में स्थित हाइड्रोजन को एक ही प्रकार का प्रकार्यात्मक समूह प्रतिस्थापित करता है, समजातीय श्रेणी कहलाती है।”
उदाहरण:
CH3OH, C2H5OH, C3H7OH, आदि।

प्रश्न 7.
भौतिक एवं रासायनिक गुणधर्मों के आधार पर एथेनॉल एंव एथेनॉइक अम्ल में आप कैसे अन्तर करेंगे?
उत्तर:
भौतिक एवं रासायनिक गुणधर्मों के आधार पर एथेनॉल एवं एथेनॉइक अम्ल में अन्तर:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 14

प्रश्न 8.
जब साबुन को जल में डाला जाता है तो मिसेल का निर्माण क्यों होता है? क्या एथेनॉल जैसे दूसरे विलायकों में भी मिसेल का निर्माण होगा?
उत्तर:
साबुन के अणुओं के दोनों सिरों की विपरीत जलरागी एवं जलविरागी प्रकृति के कारण मिसेल का निर्माण होता है। ऐथेनॉल जैसे दूसरे विलायकों में इसका निर्माण नहीं होगा।

प्रश्न 9.
कार्बन एवं उसके यौगिकों का उपयोग अधिकतर अनुप्रयोगों में ईंधन के रूप में क्यों किया जाता है?
उत्तर:
कार्बन एवं उसके यौगिक हमारे ईंधन के प्रमुख स्रोत हैं। ये दहन के फलस्वरूप ऊष्मीय ऊर्जा उत्पन्न करते हैं। इसलिए इनका अनुप्रयोग अधिकतर ईंधन के रूप में होता है।

प्रश्न 10.
कठोर जल में साबुन से उपचारित करने पर झाग के निर्माण को समझाइए।
उत्तर:
साबुन कठोर जल में उपस्थित कैल्सियम एवं मैग्नीशियम लवणों से अभिक्रिया करता है। ऐसे में झाग उत्पन्न करने के लिए अधिक मात्रा में साबुन का प्रयोग करना पड़ता है।

प्रश्न 11.
यदि आप लिटमस पत्र (लाल एवं नीला) से साबुन की जाँच करें तो आपका प्रेक्षण क्या होगा?
उत्तर:
लाल लिटमस पत्र नीला हो जाएगा क्योंकि साबुन का विलयन क्षारीय होता है।

प्रश्न 12.
हाइड्रोजनीकरण क्या है? इसका औद्योगिक अनुप्रयोग क्या है?
उत्तर:
उपयुक्त उत्प्रेरक की उपस्थिति में हाइड्रोजन असंतृप्त कार्बनिक यौगिकों से संयुक्त होकर उन्हें संतृप्त करने की प्रक्रिया हाइड्रोजनीकरण कहलाती है। हाइड्रोजनीकरण अभिक्रिया का औद्योगिक अनुप्रयोग निकैल (Ni) उत्प्रेरक की उपस्थिति में वनस्पति तेलों की हाइड्रोजन से अभिक्रिया कराके वनस्पति घी बनाने में होता है।

प्रश्न 13.
दिए गए हाइड्रोकार्बन C2H6 C3H8, C3H6, C2H2 एवं CH4 में किसमें संकलन अभिक्रिया होती है?
उत्तर:
C3H6 एवं C2H2 में संकलन अभिक्रिया होती है।

प्रश्न 14.
मक्खन एवं खाना बनाने वाले तेल के बीच रासायनिक अन्तर समझाने के लिए एक परीक्षण बताइए।
उत्तर:
इसके लिए हम ज्वाला परीक्षण करते हैं। एक स्पैचुला पर बारी-बारी से मक्खन एवं खाना पकाने वाले तेल को लेकर जलाते हैं यदि ज्वाला धुआँदार है तो पदार्थ खाना पकाने वाला तेल (असंतृप्त वसा) है और यदि ज्वाला धुआँ रहित स्वच्छ है तो पदार्थ मक्खन (संतृप्त वसा) है।

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प्रश्न 15.
साबुन की सफाई प्रक्रिया की क्रियाविधि समझाइए।
उत्तर:
साबुन की सफाई प्रक्रिया-साबुन का अणु दो भागों से बना होता है – पहला लम्बा हाइड्रोकार्बन वाला भाग (R) तथा दूसरा Na+ युक्त छोटा अम्लीय भाग (-COONa+)। इसमें R जलविरागी तथा एक आयनिक अम्लीय सिरा जलरागी होता है।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 15
जब गंदे कपड़ों को पानी में साबुन के साथ मिलाया जाता है तो साबुन के अणु का आयनिक भाग जलरागी होने के कारण जल में विलेय हो जाता है, जबकि साबुन के अणु का दूसरा भाग जलविरागी होने के कारण तेल या ग्रीस वाले भाग से संलग्न हो जाता है। गंदे कपड़ों को साबुन विलयन में खगालने पर साबुन के अणुओं से संलग्न गंदगी के कण जल में घुलकर बाहर निकल जाते हैं। इस प्रकार कपड़े साफ हो जाते हैं।

MP Board Class 10th Science Chapter 4 परीक्षोपयोगी अतिरिक्त प्रश्नोत्तर

MP Board Class 10th Science Chapter 4 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
वायुमण्डल में कार्बन निम्न रूप में उपस्थित है –
(a) केवल कार्बन मोनोक्साइड।
(b) अल्प मात्रा में कार्बन मोनोक्साइड एवं कार्बन डाइऑक्साइड।
(c) केवल कार्बन डाइऑक्साइड।
(d) कोल।
उत्तर:
(b) अल्प मात्रा में कार्बन मोनोक्साइड एवं कार्बन डाइऑक्साइड।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में कौन-से कथन प्रायः कार्बन यौगिकों के सन्दर्भ में सत्य हैं?
(i) वे विद्युत् के सुचालक हैं।
(ii) वे विद्युत् के कुचालक हैं।
(iii) वे अपने अणुओं के मध्य प्रबल आकर्षण बल रखते हैं।
(iv) वे अपने अणुओं के मध्य प्रबल आकर्षण बल नहीं रखते हैं।
(a) (i) एवं (iii)
(b) (ii) एवं (iii)
(c) (i) एवं (iv)
(d) (ii) एवं (iv)
उत्तर:
(i) वे विद्युत् के सुचालक हैं।

प्रश्न 3.
अमोनिया के एक अणु (NH3) में है –
(a) केवल एकल बन्ध।
(b) केवल द्विबन्ध।
(c) केवल त्रिबन्ध।
(d) दो द्विबन्ध एवं एक एकल बन्ध।
उत्तर:
(a) केवल एकल बन्ध।

प्रश्न 4.
बकमिंस्टर फुलेरीन एक अपररूप है –
(a) फॉस्फोरस का।
(b) सल्फर का।
(c) कार्बन का।
(d) टिन का।
उत्तर:
(c) कार्बन का

प्रश्न 5.
निम्न में कौन ब्यूटेन का सही संरचनात्मक समावयव है?
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 16
(a) (i) एवं (ii)
(b) (ii) एवं (iv)
(c) (i) एवं (iii)
(d) (iii) एवं (iv)
उत्तर:
(c) (i) एवं (iii)

प्रश्न 6.
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 17
अभिक्रिया में क्षारीय KMnO4 है –
(a) अपचायक।
(b) उपचायक।
(c) उत्प्रेरक।
(d) निर्जलीकारक।
उत्तर:
(b) उपचायक

प्रश्न 7.
उत्प्रेरक पेलेडियम या निकैल (Ni) की उपस्थिति में तेल हाइड्रोजन से अभिक्रिया करके वसा बनाते हैं। यह उदाहरण है –
(a) संयोजन अभिक्रिया।
(b) प्रतिस्थापन अभिक्रिया।
(c) विस्थापन अभिक्रिया।
(d) उपचयन अभिक्रिया।
उत्तर:
(a) संयोजन अभिक्रिया

प्रश्न 8.
निम्न में से किस यौगिक में -OH एक क्रियात्मक समूह है?
(a) ब्यूटेनॉन।
(b) ब्यूटेनॉल।
(c) ब्यूटेनोइक अम्ल।
(d) ब्यूटेनल।
उत्तर:
(b) ब्यूटेनॉल।

प्रश्न 9.
साबुन के अणुओं में होता है –
(a) जलरागी सिर एवं जलविरागी पूँछ।
(b) जलविरागी सिर एवं जलरागी पूँछ।
(c) जलविरागी सिर एवं जलविरागी पूँछ।
(d) जलरागी सिर एवं जलरागी पूँछ।
उत्तर:
(a) जलरागी सिर एवं जलविरागी पूँछ

प्रश्न 10.
निम्नलिखित में कौन नाइट्रोजन बिन्दु आरेख का सही निरूपण है?
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 18
उत्तर:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 19

प्रश्न 11.
इथाइन का संरचना सूत्र है –
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 20
उत्तर:
(a) H – C ≡ C – H

प्रश्न 12.
निम्न में से असंतृप्त यौगिकों को पहचानिए –
(i) प्रोपेन
(ii) प्रोपीन
(iii) प्रोपाइन
(iv) क्लोरोप्रोपेन
(a) (i) एवं (ii)
(b) (ii) एवं (iv)
(c) (iii) एवं (iv)
(d) (ii) एवं (iii)
उत्तर:
(d) (ii) एवं (iii)

प्रश्न 13.
क्लोरीन कमरे के ताप पर संतृप्त हाइड्रोकार्बन से क्रिया करती है –
(a) सौर प्रकाश की अनुपस्थिति में।
(b) सौर प्रकाश की उपस्थिति में।
(c) जल की उपस्थिति में।
(d) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की उपस्थिति में।
उत्तर:
(b) सौर प्रकाश की उपस्थिति में

प्रश्न 14.
सोप मिसेल में होता है –
(a) आयनिक सिरा तल पर तथा कार्बन श्रृंखला अन्दर की ओर।
(b) आयनिक सिरा अन्दर की ओर तथा कार्बन श्रृंखला तल पर।
(c) आयनिक सिरा तथा कार्बन श्रृंखला दोनों अन्दर की ओर।
(d) आयनिक सिरा तथा कार्बन शृंखला दोनों तल पर।
उत्तर:
(a) आयनिक सिरा तल पर तथा कार्बन श्रृंखला अन्दर की ओर।

प्रश्न 15.
पेन्टेन का आण्विक सूत्र C5H12 है। इसमें हैं –
(a) 5 सहसंयोजी बन्ध।
(b) 12 सहसंयोजी बन्ध।
(c) 16 सहसंयोजी बन्ध।
(d) 17 सहसंयोजी बन्ध।
उत्तर:
(c) 16 सहसंयोजी बन्ध।

प्रश्न 16.
एथेनॉल सोडियम से अभिक्रिया करके निम्न दो उत्पाद बनाता है –
(a) सोडियम एथेनॉइट एवं हाइड्रोजन।
(b) सोडियम एथेनॉइट एवं ऑक्सीजन।
(c) सोडियम एथॉक्साइड एवं हाइड्रोजन।
(d) सोडियम एथॉक्साइड एवं ऑक्सीजन।
उत्तर:
(c) सोडियम एथॉक्साइड एवं हाइड्रोजन।

प्रश्न 17.
ब्यूटेनोइक अम्ल का सही संरचना सूत्र है –
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 21
उत्तर:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 22

प्रश्न 18.
सिरका (विनेगर) एक विलयन है –
(a) 50% – 60% ऐसीटिक अम्ल का ऐल्कोहॉल में
(b) 5% – 8% ऐसीटिक अम्ल का ऐल्कोहॉल में
(c) 5% – 8% ऐसीटिक अम्ल का जल में।
(d) 50% – 60% ऐसीटिक अम्ल का जल में।
उत्तर:
(c) 5% – 8% ऐसीटिक अम्ल का जल में।

प्रश्न 19.
खनिज अम्ल कार्बोक्सिलिक अम्लों की अपेक्षा प्रबल होते हैं, क्योंकि –
(i) खनिज अम्ल पूर्ण रूप से आयनित हो जाते हैं।
(ii) कार्बोक्सिलिक अम्ल पूर्ण रूप से आयनित हो जाते हैं।
(iii) खनिज लवण आंशिक रूप से आयनित हो जाते हैं।
(iv) कार्बोक्सिलिक अम्ल आंशिक रूप से आयनित हो जाते हैं।
(a) (i) एवं (iv)
(b) (ii) एवं (iii)
(c) (i) एवं (ii)
(d) (iii) एवं (iv)
उत्तर:
(a) (i) एवं (iv)

प्रश्न 20.
कार्बन अपने चार संयोजी इलेक्ट्रॉनों का चार एकल संयोजी परमाणुओं से साझ करके चार सहसंयोजी बन्ध बनाता है। चार सहसंयोजी बन्ध बनाने के बाद यह निम्न की इलेक्ट्रॉनिक संरचना प्राप्त करता है –
(a) हीलियम।
(b) निऑन।
(c) आर्गन।
(d) क्रिप्टन।
उत्तर:
(b) निऑन।

प्रश्न 21.
जल के अणु का सही इलेक्ट्रॉन बिन्दु आरेख है –
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 23
उत्तर:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 24

प्रश्न 22.
निम्न में से कौन सरल रेखीय श्रृंखला का हाइड्रोकार्बन नहीं है?
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 25
उत्तर:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 26

प्रश्न 23.
निम्न में से कौन असंतृप्त हाइड्रोकार्बन है?
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 27
(a) (i) एवं (iii)
(b) (ii) एवं (iii)
(c) (ii) एवं (iv)
(d) (iii) एवं (iv)
उत्तर:
(c) (ii) एवं (iv)

प्रश्न 24.
निम्न में से कौन समान सजातीय श्रेणी का सदस्य नहीं है?
(a) CH4
(b) C2H6
(c) C3H8
(d) C4H8
उत्तर:
(d) C4H8

प्रश्न 25.
यौगिक CH3 – CH2 – CHO का नाम है –
(a) प्रोपेनल।
(b) प्रोपेनॉन।
(c) प्रोपेनॉल।
(d) एथेनल।
उत्तर:
(a) प्रोपेनल।

प्रश्न 26.
CH3 – CH2 – O – CH2 – CH2Cl में विषम परमाणु है –
(i) ऑक्सीजन।
(ii) कार्बन।
(iii) हाइड्रोजन।
(iv) क्लोरीन।
(a) (i) एवं (ii)
(b) (ii) एवं (iii)
(c) (iii) एवं (iv)
(d) (i) एवं (iv)
उत्तर:
(d) (i) एवं (iv)

प्रश्न 27.
निम्नलिखित से कौन-सा साबुनीकरण अभिक्रिया को प्रदर्शित करता है?
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 28
उत्तर:
(d) CH3COOC2H5 + NaOH → CH3COONa + C2H5OH

प्रश्न 28.
ऐल्काइन सजातीय श्रेणी का सदस्य है –
(a) एथाइन।
(b) एथीन।
(c) प्रोपेन।
(d) मेथेन।
उत्तर:
(a) एथाइन।

प्रश्न 29.
साबुन बनाते समय प्रायः वनस्पति तेल और सोडियम हाइड्रॉक्साइड अभिक्रिया मिश्रण में थोड़ी मात्रा में साधारण नमक मिलाया जाता है। साधारण नमक मिलाने का निम्नलिखित में से क्या उद्देश्य है?
(a) साबुन की क्षारीय प्रकृति को घटाना।
(b) साबुन को उदासीन बनाना।
(c) साबुन की सफाई की क्षमता को बढ़ाना।
(d) साबुन के अवक्षेपण में सहायता करना।
उत्तर:
(d) साबुन के अवक्षेपण में सहायता करना।

प्रश्न 30.
प्रयोगशाला में साबुन बनाने के लिए हमें कोई तेल और कोई क्षार चाहिए। साबुन बनाने के लिए तेल और क्षार का नीचे दिया गया कौन-सा संयोजन सबसे उपयुक्त रहेगा?
(a) एरण्ड का तेल और कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड।
(b) तारपीन का तेल और सोडियम हाइड्रॉक्साइड।
(c) एरण्ड का तेल और सोडियम हाइड्रॉक्साइड।
(d) सरसों का तेल और कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड।
उत्तर:
(c) एरण्ड का तेल और सोडियम हाइड्रॉक्साइड।

प्रश्न 31.
साबुनीकरण अभिक्रिया का अध्ययन करते समय आप बीकर में जब समान मात्रा में किसी रंगहीन वनस्पति तेल में NaOH का 20% जलीय विलयन मिलाते हैं, तो क्या प्रेक्षण करते हैं?
(a) मिश्रण का रंग मध्य गहरा भूरा हो जाता है।
(b) बीकर में तीव्र बुदबुदाहट होती है।
(c) बीकर का बाहरी पृष्ठ गर्म हो जाता है।
(d) बीकर का बाहरी पृष्ठ ठंडा हो जाता है।
उत्तर:
(c) बीकर का बाहरी पृष्ठ गर्म हो जाता है।

प्रश्न 32.
बेन्जीन का संरचना सूत्र है –
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 29
उत्तर:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 30

रिक्त स्थानों की पूर्ति

  1. कार्बन की संयोजकता …………… है।
  2. …………… में श्रृंखलन क्षमता अधिक होती है।
  3. सिरका में …………… होता है।
  4. शराब (वाइन) में …………. होता है।
  5. ………….. यौगिकों में समावयवता का गुण पाया जाता है।

उत्तर:

  1. चार।
  2. कार्बन।
  3. ऐसीटिक अम्ल (एथेनॉइक अम्ल)।
  4. एथिल ऐल्कोहॉल (एथेनॉल)।
  5. कार्बनिक।

जोड़ी बनाइए
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 31
उत्तर:

  1. → (c)
  2. → (d)
  3. → (e)
  4. → (a)
  5. → (b)

सत्य/असत्य कथन

  1. R – CHO ऐल्डिहाइड (ऐल्केनल) का सामान्य सूत्र है।
  2. कार्बन, विद्युत् संयोजी बन्ध बनाता है।
  3. R – CO – R’ कीटोन (ऐल्केनोन) का सामान्य सूत्र है।
  4. कार्बनिक यौगिक विद्युत् के कुचालक होते हैं।
  5. ऐल्केन संतृप्त हाइड्रोकार्बन होते हैं।

उत्तर:

  1. सत्य।
  2. असत्य।
  3. सत्य।
  4. असत्य।
  5. सत्य।

एक शब्द/वाक्य में उत्तर

  1. ऐल्केन समजातीय श्रेणी के प्रथम सदस्य का नाम एवं सूत्र लिखिए।
  2. ऐल्कीन समजातीय श्रेणी के प्रथम सदस्य का नाम एवं सूत्र लिखिए।
  3. ऐल्काइन समजातीय श्रेणी के प्रथम सदस्य का नाम एवं सूत्र लिखिए।
  4. ऐल्केनॉल समजातीय श्रेणी के प्रथम सदस्य का नाम एवं सूत्र लिखिए।
  5. ऐल्केनॉइक अम्ल के प्रथम सदस्य का नाम एवं सूत्र लिखिए।

उत्तर:

  1. मेथेन (CH4)।
  2. एथीन (C2H4)।
  3. एथाइन (C2H2)।
  4. मेथेनॉल (CH3OH)।
  5. मेथेनोइक अम्ल (HCOOH)।

MP Board Class 10th Science Chapter 4 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
सहसंयोजी आबन्ध किसे कहते हैं? कार्बनिक यौगिकों के मध्य किस प्रकार के आबन्ध होते हैं?
उत्तर:
सहसंयोजन आबन्ध:
“दो परमाणुओं के बीच बराबर इलेक्ट्रॉनों के युग्मों की साझेदारी द्वारा बनने वाले आबन्ध सहसंयोजी आबन्ध कहलाते हैं तथा इस प्रकार बनने वाले यौगिक सहसंयोजी यौगिक कहलाते हैं। कार्बन यौगिकों की मध्य सहसंयोजी आबन्ध होते हैं।”

प्रश्न 2.
हाइड्रोकार्बन क्या है? उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर:
हाइड्रोकार्बन – ऐसे कार्बनिक यौगिक जो केवल कार्बन एवं हाइड्रोजन से मिलकर बने होते. हैं, हाइड्रोकार्बन कहलाते हैं।

उदाहरण:
मेथेन (CH4), एथेन (C2H6), एथीन (C2H4), एथाइन C2H2 एवं बेन्जीन C6H6 आदि।

प्रश्न 3.
संतृप्त एवं असंतृप्त हाइड्रोकार्बन क्या होते हैं?
उत्तर:
संतृप्त एवं असंतृप्त हाइड्रोकार्बन-वे हाइड्रोकार्बन जिनमें केवल एकल सहसंयोजी आबन्ध होते हैं, संतृप्त हाइड्रोकार्बन कहलाते हैं तथा वे हाइड्रोकार्बन जिनमें एक या अधिक द्विबन्ध या त्रिबन्ध होते हैं, असंतृप्त हाइड्रोकार्बन कहलाते हैं।

प्रश्न 4.
‘ऐल्केन’, ‘ऐल्कीन’, एवं ‘ऐल्काइन’ से आप क्या समझते हो?
उत्तर:
‘ऐल्केन’, ‘ऐल्कीन’ एवं ‘ऐल्काइन’ – वे हाइड्रोकार्बन जिनमें सभी आबन्ध एकल होते हैं। ऐल्केन, जिनमें कम-से-कम एक आबन्ध द्विबन्ध हो ऐल्कीन एवं जिनमें कम से कम एक आबन्ध त्रिबन्ध हो, ऐल्काइन कहलाते हैं।

प्रश्न 5.
प्रकार्यात्मक (क्रियात्मक या क्रियाशील) समूह किसे कहते हैं? चार विभिन्न उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
प्रकार्यात्मक (क्रियात्मक या क्रियाशील) समूह:
“किसी कार्बनिक यौगिक में विशिष्ट प्रकार से जुड़ा परमाणु या परमाणुओं का वह समूह जो उस कार्बनिक यौगिक के अभिलाक्षणिक गुणों के लिए उत्तरदायी होता है, प्रकार्यात्मक (क्रियात्मक या क्रियाशील) समूह कहलाता है।”
उदाहरण:

  1. OH (ऐल्कोहॉलिक)
  2. COOH (कार्बोक्सिलिक) ऐसीटिक
  3. CHO (ऐल्डिहाइडिक)
  4. = C = 0 (कीटोनिक)।

प्रश्न 6.
विषम परमाणु क्या कहलाते हैं? उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
विषम परमाणु:
“किसी कार्बनिक यौगिक से हाइड्रोजन को प्रतिस्थापित करने वाले तत्वों को विषम परमाणु कहते हैं।” ये प्रायः कार्बन एवं हाइड्रोजन के अतिरिक्त तत्व होते हैं।
उदाहरण:
हैलोजन, ऑक्सीजन, सल्फर, नाइट्रोजन आदि।

प्रश्न 7.
‘समावयवी’ एवं ‘समावयवता’ से आप क्या समझते हो?
उत्तर:
‘समावयवी’ एवं समावयवता’:
“जब एक ही अणुसूत्र द्वारा दो या दो से अधिक कार्बनिक यौगिक प्रदर्शित किए जाते हैं तो वे कार्बनिक यौगिक समावयवी यौगिक तथा उनका यह गुण समावयवता कहलाता है।”

प्रश्न 8.
संरचनात्मक समावयवता से आप क्या समझते हो ?
उत्तर
संरचनात्मक समावयवता:
“जब किसी कार्बनिक यौगिक का अणुसूत्र एक होते हुए उसकी संरचना विभिन्न रूपों में होती है तो इस प्रकार की समावयवता संरचनात्मक समावयवता कहलाती है तथा उसके वे समावयव संरचनात्मक समावयवी कहलाते हैं।”

प्रश्न 9.
प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ किन्हें कहते हैं?
उत्तर:
प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ-जब किसी कार्बनिक यौगिक से एक हाइड्रोजन परमाणु को विस्थापित करके कोई विषम परमाणु या परमाणुओं का समूह उसके स्थान को ग्रहण कर लेता है तो ऐसी अभिक्रियाएँ प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ कहलाती हैं।”

प्रश्न 10.
एस्टरीकरण अभिक्रियाएँ किन्हें कहते हैं?
उत्तर:
एस्टरीकरण अभिक्रियाएँ-“कार्बनिक अम्ल एवं ऐल्कोहॉल भी अभिक्रिया के फलस्वरूप जल के अतिरिक्त बनने वाले पदार्थ एस्टर कहलाते हैं तथा उनके बनने की यह अभिक्रियाएँ एस्टरीकरण अभिक्रियाएँ कहलाती हैं।”

प्रश्न 11.
किण्वन से क्या समझते हो?
उत्तर:
किण्वन:
“एन्जाइम की उपस्थिति में होने वाली जैवरासायनिक अभिक्रियाएँ किण्वन कहलाती हैं।” दूसरे शब्दों में “वे रासायनिक अभिक्रियाएँ जिनमें जटिल कार्बनिक यौगिक एन्जाइम की उपस्थिति में धीरे-धीरे कार्बनिक यौगिकों में अपघटित होते हैं, किण्वन कहलाती है।”

प्रश्न 12.
‘साबुनीकरण’ से क्या समझते हो? इसका समीकरण लिखिए।
उत्तर:
साबुनीकरण:
“क्षारों की वसा अथवा तेलों के जल-अपघटन की अभिक्रिया स्वरूप साबुन बनने का प्रक्रम साबुनीकरण कहलाता है।” दूसरे शब्दों में अकार्बनिक क्षारों की वसीय कार्बोक्सिलिक अम्लों की अभिक्रिया स्वरूप सोडियम एवं पोटैशियम के कार्बनिक यौगिक साबुन कहलाते हैं तथा उनके बनने की यह प्रक्रिया साबुनीकरण कहलाती है।

प्रश्न 13.
एथेन के अणु में सहसंयोजी आबन्धों की संख्या लिखिए तथा उसकी संरचना दीजिए।
उत्तर:
एथेन के अणु में सहसंयोजी आबन्धों की संख्या = 7 एथेन का संरचना सूत्र
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 32

प्रश्न 14.
उस ऐल्कोहॉल का नाम एवं संरचना सूत्र लिखिए जिसके अणु में तीन कार्बन परमाणु है?
उत्तर:
तीन कार्बन परमाणु वाले ऐल्कोहॉल का नाम = प्रोपेनॉल प्रोपेनॉल का संरचना सूत्र
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 33

प्रश्न 15.
उस सजातीय श्रेणी के द्वितीय एवं तृतीय सदस्य का आण्विक सूत्र लिखिए जिसका प्रथम सदस्य मेथेन है।
उत्तर:
प्रथम सदस्य मेथेन वाली समजातीय श्रेणी ऐल्केन है।
ऐल्केन के द्वितीय सदस्य का सूत्र – CH6
ऐल्केन के तृतीय सदस्य का सूत्र – C3H8

प्रश्न 16.
जब आप एक परखनली में ऐसीटिक अम्ल लेकर उसमें सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट मिलाते हैं, तब तुरन्त ही तीव्र बुदबुदाहट के साथ कोई गैस निकलती है। इस गैस का नाम लिखिए। इस गैस के परीक्षण की विधि का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
गैस का नाम – कार्बन डाइऑक्साइड (CO2)।
गैस CO2 की परीक्षण विधि – जब इस गैस को चूने के पानी Ca(OH)2 में प्रवाहित किया जाता है तो अविलेय CaCO3 बनने के कारण चूने का पानी दूधिया हो जाता है।
Ca(OH)2 + CO2 → CaCO3 + H2O

MP Board Solutions

प्रश्न 17.
कोई छात्र एक चम्मच सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट चूर्ण फ्लास्क में लिए गए एथेनॉइक अम्ल में मिलाता है। उन दो प्रेक्षणों की सूची बनाइए, जिन्हें फ्लास्क में होने वाली अभिक्रिया के विषय में अपनी नोटबुक में लिखना चाहिए। होने वाली रासायनिक अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण भी लिखिए।
उत्तर:
नोटबुक में लिखने हेतु दो प्रेक्षण:

  1. तुरन्त अभिक्रिया होती है तथा फ्लास्क में बुदबुदाहट के साथ झाग निकालती हुई गैस बाहर आती है।
  2. गैस रंगहीन एवं गंधहीन है।
    NaHCO3 + CH3COOH → CH3COONa + H2O + CO2

प्रश्न 18.
प्रयोगशाला में साबुन बनाने के लिए आवश्यक सामग्री (रासायनिक पदार्थ) का उल्लेख कीजिए। साबुनीकरण के अभिक्रिया मिश्रण की प्रकृति (अम्लीय/क्षारीय) को निर्धारित करने वाला परीक्षण आप किस प्रकार करेंगे? संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
साबुन बनाने के लिए आवश्यक रासायनिक पदार्थ:

  1. वसीय वानस्पतिक तेल।
  2. सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH)।
  3. जल।
  4. साधारण नमक (सोडियम क्लोराइड – NaCl)।

अभिक्रिया मिश्रण की प्रकृति की पहचान – बारी-बारी से मिश्रण में नीला एवं लाल लिटमस पत्र डुबोते हैं यदि –

  1. नीला लिटमस पत्र लाल हो जाता है तो मिश्रण अम्लीय प्रकृति का है।
  2. लाल लिटमस पत्र नीला हो जाता है तो मिश्रण क्षारीय प्रकृति का है।

प्रश्न 19.
डिटर्जेन्ट साबुन की अपेक्षा अच्छे सफाई कारक हैं, क्यों?
उत्तर:
साबुन कठोर जल में झाग नहीं नहीं दे पाते क्योंकि वे कैल्सियम एवं मैग्नीशियम लवणों से क्रिया करने में व्यय होते हैं, जबकि डिटर्जेन्ट कठोर जल में अच्छे झाग देते हैं। इसलिए साबुन की अपेक्षा कपड़ों की धुलाई अधिक दक्षता से कर पाते हैं तथा चिकनाई के धब्बे भी आसानी से हटा देते हैं।

प्रश्न 20.
एथेनॉल से एथीन कैसे प्राप्त की जाती है? होने वाली अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर:
जब एथेनॉल को सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल की अधिकता में 443 K तापक्रम पर गर्म किया जाता है तो एथेनॉल के निर्जलीकरण के फलस्वरूप एथीन गैस प्राप्त होती है।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 34

प्रश्न 21.
मेथेनॉल की थोड़ी-सी भी मात्रा लेना बेहोश करने वाला और हानिकारक या खतरनाक हो सकता है। समझाइए।
उत्तर:
मेथेनॉल यकृत के अन्दर मेथेनल में उपचयित (ऑक्सीकृत) हो जाता है जो तेजी से कोशिकीय अवयवों से अभिक्रिया करके प्रोटोप्लाज्म को कोएगूलेट कर देता है तथा ऑप्टिक तन्त्रिकाओं को प्रभावित करके मनुष्य को अन्धा बना देता है।

प्रश्न 22.
जब एथेनॉल सोडियम से अभिक्रिया करता है तो एक गैस निकलती है। निकलने वाली गैस का नाम लिखिए तथा अभिक्रिया का संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर:
निकलने वाली गैस का नाम – हाइड्रोजन (H2)।
अभिक्रिया का समीकरण:
2CH3CH2OH + 2Na → 2CH3CH2ONa + H2O

प्रश्न 23.
जब एथेनॉल को सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल की अधिकता में 443 K तापक्रम पर गर्म किया जाता है तो एथीन गैस प्राप्त होती है। सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल की इस क्रिया में क्या भूमिका है? अभिक्रिया का संतुलित समीकरण भी दीजिए।
उत्तर:
सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल का इस अभिक्रिया में निर्जलीकरण का कार्य करता है।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 35

प्रश्न 24.
कार्बन आवर्त तालिका के समूह 14 का तत्व है जोकि बहुत से तत्वों के साथ यौगिक बनाने के लिए जाना जाता है। निम्न के साथ बनने वाले यौगिकों का उदाहरण दीजिए –

  1. क्लोरीन (आवर्त तालिका के समूह 17 का तत्व)।
  2. ऑक्सीजन (आवर्त तालिका के समूह 16 का तत्व)।

उत्तर:

  1. कार्बन टेट्राक्लोराइड (CCl4)।
  2. कार्बन डाइऑक्साइड (CO2)।

प्रश्न 25.
इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना में संयोजी इलेक्ट्रॉनों को बिन्दुओं या क्रॉसों के द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।

  1. क्लोरीन की परमाणु संख्या 17 है। इसका इलेक्ट्रॉन विन्यास लिखिए।
  2. क्लोरीन अणु का इलेक्ट्रॉन बिन्दु आरेख खींचिए।

उत्तर:

  1. Cl का इलेक्ट्रॉन विन्यास 17 = 2, 8, 7।
  2. Cl2 (क्लोरीन अणु) का इलेक्ट्रॉन बिन्दु आरेख।
    MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 36

प्रश्न 26.
असंतृप्त हाइड्रोकार्बन में कार्बन परमाणुओं के बीच बहुसहसंयोजी बन्ध होते हैं। इसलिए ये संयोजी अभिक्रियाएँ प्रदर्शित करते हैं। एथेन को एथीन से अन्तर स्पष्ट करने के लिए परीक्षण दीजिए।
उत्तर:
जब एथेन को ज्वाला में जलाते हैं तो वह स्वच्छ नीली ज्वाला (लौ) के साथ जलती है, जबकि एथीन जलाने पर पीली धुंआदार ज्वाला (लौ) के साथ जलती है। अत: एथेन संतृप्त हाइड्रोकार्बन है और एथीन असंतृप्त हाइड्रोकार्बन।

प्रश्न 27.
साबुन एवं अपमार्जक में कोई दो अन्तर लिखिए। (2019)
उत्तर:
साबुन एवं अपमार्जक में अन्तर:

साबुन अपमार्जक
साबुन सोडियम एवं पोटैशियम के फैटी अम्लों के लवण स्टीयरेट एवं पामीटेट आदि होते हैं। अपमार्जक लम्बी कार्बोक्सिलिक अम्ल श्रृंखला के अमोनियम एवं सल्फोनेट लवण होते हैं।
साबुन कठोर जल में अधिक प्रभावी नहीं होते। अपमार्जक कठोर जल में भी अत्यन्त प्रभावी होते हैं।

साबुन की सफाई प्रक्रिया:
साबुन का अणु दो भागों से बना होता है – पहला लम्बा हाइड्रोकार्बन वाला भाग (R) तथा दूसरा Na+ युक्त छोटा अम्लीय भाग (-COONa+)। इसमें R जलविरागी तथा एक आयनिक अम्लीय सिरा जलरागी होता है।

जब गंदे कपड़ों को पानी में साबुन के साथ मिलाया जाता है तो साबुन के अणु का आयनिक भाग जलरागी होने के कारण जल में विलेय हो जाता है, जबकि साबुन के अणु का दूसरा भाग जलविरागी होने के कारण तेल या ग्रीस वाले भाग से संलग्न हो जाता है। गंदे कपड़ों को साबुन विलयन में खगालने पर साबुन के अणुओं से संलग्न गंदगी के कण जल में घुलकर बाहर निकल जाते हैं। इस प्रकार कपड़े साफ हो जाते हैं।

साबुन कठोर जल में झाग नहीं दे पाते क्योंकि साबुन कठोर जल में घुले कैल्सियम एवं मैग्नीशियम अभिक्रिया करके अविलेय लवण बनाते हैं जो कपड़ों से चिपक कर साबुन की शोधन क्षमता को कम कर देते हैं। इस कारण साबुन कठोर जल में झाग का निर्माण नहीं करते हैं।

साबुनों की तुलना में अपमार्जकों का उपयोग करने में उत्पन्न समस्याएँ निम्न हैं –

  • अपमार्जकों से कपड़े धोने के लिए अत्यधिक जल की आवश्यकता होती है। इसलिए जलाभाव वाले क्षेत्रों में उनका उपयोग कठिन हो जाता है।
  • कपड़े धोने के बाद हाथों में कुछ चिपचिपाहट पैदा हो जाती है।

प्रश्न 28.
CH4 की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना बनाइए। (2019)
उत्तर:
CH4 की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 37

MP Board Class 10th Science Chapter 4 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
किसी ऐल्कोहॉल और कार्बोक्सिलिक अम्ल में भेद करने के लिए दो प्रायोगिक परीक्षणों की सूची बनाइए और वर्णन कीजिए कि ये परीक्षण कैसे किए जाते हैं?
उत्तर:
ऐल्कोहॉल एवं कार्बोक्सिलिक अम्लों में भेद के लिए परीक्षण:

  1. लिटमस पत्र द्वारा।
  2. सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट द्वारा।

प्रयोग द्वारा ऐल्कोहॉल एवं कार्बोक्सिलिक अम्ल में अन्तर (पहचान) करना –
1. हम दो परखनली लेते हैं। दिए हुए नमूनों में से प्रत्येक की कुछ मात्रा एक-एक परखनली में डालते हैं फिर इनमें नीला लिटमस पेपर डुबोते हैं। जिस परखनली में डाला गया नीला लिटमस लाल हो जाता है, वह कार्बोक्सिलिक अम्ल है तथा दूसरा ऐल्कोहॉल।
2. प्रत्येक परखनली में हम सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट की कुछ मात्रा डालते हैं।
जिस परखनली में से बुदबुदाहट के साथ झाग देती हुई रंगहीन एवं गन्धहीन गैस निकलती है उस परखनली में कार्बोक्सिलिक अम्ल है तथा दूसरी में ऐल्कोहॉल है।

प्रश्न 2.
एथाइन की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना का चित्रण कीजिए। एथाइन और ऑक्सीजन के मिश्रण का दहन वैल्डिंग के लिए किया जाता है। आपके विचार से इस कार्य के लिए एथाइन और वायु के मिश्रण का उपयोग क्यों नहीं किया जाता है?
उत्तर:
एथाइन की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 38
वायु में ऑक्सीजन की मात्रा कम होती है तथा वायु में उपस्थित नाइट्रोजन ऑक्सीजन की क्रियाशीलता को नियन्त्रित करती है। वायु एवं एथाइन के मिश्रण की ज्वाला में बहुत उच्च ताप प्राप्त नहीं होता जो वैल्डिंग के लिए आवश्यक है। इसलिए एथाइन एवं वायु की मिश्रण का उपयोग नहीं करते हैं।

प्रश्न 3.
एथेनॉल का संरचना सूत्र लिखिए। क्या होता है जब इसे सान्द्र H2SO4 के आधिक्य में 443 K पर गर्म किया जाता है। अभिक्रिया का समीकरण लिखिए तथा इस अभिक्रिया में सान्द्र H2SO4 की भूमिका का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
एथेनॉल का संरचना सूत्र:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 39
जब एथेनॉल को सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल की अधिकता में 443 K ताप पर गर्म किया जाता है तो एथीन गैस बनती है।
अभिक्रिया का समीकरण:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 40
इस अभिक्रिया में सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल की भूमिका निर्जलीकारक की है।

प्रश्न 4.
प्रत्येक के लिए रासायनिक समीकरण की सहायता से एस्टरीकरण और साबुनीकरण अभिक्रियाओं के बीच विभेदन कीजिए। एस्टरों और साबुनीकरण प्रक्रिया का एक-एक उपयोग लिखिए।
उत्तर:
कार्बोक्सिलिक अम्ल और ऐल्कोहॉलों की अभिक्रिया द्वारा सुगन्धित कार्बनिक यौगिक, एस्टर बनने की प्रक्रिया एस्टरीकरण होती है –
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 41
जबकि एस्टर एवं सोडियम हाइड्रॉक्साइड (एक क्षार) की अभिक्रिया स्वरूप कार्बोक्सिलिक अम्ल का सोडियम लवण एवं ऐल्कोहॉल बनने की प्रक्रिया साबुनीकरण होती है।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 42
एस्टर का उपयोग: इनका उपयोग इत्र (सुगंध) बनाने तथा स्वाद उत्पन्न करने में होता है।
साबुनीकरण का उपयोग: इस प्रक्रिया का उपयोग साबुन बनाने में होता है।

प्रश्न 5.
एथेनॉइक अम्ल की निम्नलिखित के साथ अभिक्रियाओं के रासायनिक समीकरण दीजिए –

  1. सोडियम।
  2. सोडियम हाइड्रॉक्साइड।
  3. एथेनॉल।

उत्तर:
1. एथेनॉइक अम्ल की सोडियम के साथ अभिक्रिया:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 43

2. एथेनॉइक अम्ल की सोडियम हाइड्रॉक्साइड के साथ अभिक्रिया:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 44

3. एथेनॉल के साथ एथेनॉइक अम्ल की अभिक्रिया:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 45

प्रश्न 6.
किसी ऐल्डिहाइड एवं किसी कीटोन दोनों को समान अणुसूत्र C3H6O द्वारा निरूपित किया जा सकता है। इनकी संरचनाएँ एवं नाम लिखिए। विज्ञान की भाषा में इन दोनों के बीच सम्बन्ध का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 46
ऐल्डिहाइड ‘ईनोल रूप’ है तथा कीटोन कीटो रूप’।

प्रश्न 7.
एथाइन का इलेक्ट्रॉन बिन्दु आरेख एवं संरचना सूत्र बनाइए।
उत्तर:
एथाइन का इलेक्ट्रॉन बिन्दु आरेख:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 47

प्रश्न 8.
निम्न यौगिकों के नाम लिखिए –
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 48
उत्तर:
(a) पेन्टेनोइक एसिड।
(b) ब्यूटाइन।
(c) हेप्टानल।
(d) पेन्टेनॉल।

प्रश्न 9.
निम्न प्रकार्यात्मक समूह की पहचान कीजिए और उसका नाम लिखिए –
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 49
उत्तर:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 50

प्रश्न 10.
कार्बोक्सिलिक एसिड एवं एक ऐल्कोहॉल की कुछ बूंद H2SO4 की उपस्थिति में अभिक्रिया के फलस्वरूप एक यौगिक X बनता है। ऐल्कोहॉल क्षारीय KMnO4 से उपचयित होकर अम्लीकरण से वही कार्बोक्सिलिक अम्ल प्राप्त होता है जो इस अभिक्रिया में प्रयुक्त हुआ।

  1. कार्बोक्सिलिक अम्ल
  2. ऐल्कोहॉल एवं
  3. यौगिक x के नाम एवं संरचना दीजिए तथा अभिक्रिया के रासायनिक समीकरण भी लिखिए।

उत्तर:
1. कार्बोक्सिलिक अम्ल एथेनोइक अम्ल है।
संरचना:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 51
2. ऐल्कोहॉल एथेनॉल है।
संरचना:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 52
3. यौगिक X एथिल एथेनोएट है।
संरचना:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 53
रासायनिक समीकरण:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 54

प्रश्न 11.
निम्न यौगिकों में उपस्थित प्रक्रियात्मक समूहों के नाम लिखिए –

  1. CH3COCH2CH2CH2CH3
  2. CH2CH2CH2COOH
  3. CH3CH2CH2CH2CHO
  4. CH3CH2OH

उत्तर:

  1. कीटोन।
  2. कार्बोक्सिलिक एसिड।
  3. ऐल्डिहाइड।
  4. ऐल्कोहॉल।

प्रश्न 12.
श्रृंखलन एक परमाणु की उसी तत्व के दूसरे परमाणु के साथ बन्धन बनाने की क्षमता को कहते हैं। यह दोनों तत्वों कार्बन एवं सिलिकॉन द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। इन दोनों तत्वों की श्रृंखलन क्षमता की तुलना कीजिए।
उत्तर:
कार्बन, सिलिकॉन अथवा अन्य ऐसे तत्वों की अपेक्षा श्रृंखलन (कैटीनेशन) की क्षमता अधिक रखता है, क्योंकि इसका आकार बहुत छोटा है जिसके कारण C – C बन्ध अधिक प्रबल होता है, जबकि Si – Si बन्ध अपने बड़े आकार के कारण तुलनात्मक रूप से कमजोर होता है।

प्रश्न 13.
स्तम्भ ‘A’ में दी हुई अग्र अभिक्रियाओं को स्तम्भ ‘B’ में दिए हुए नामों से मिलान कीजिए –
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 55
उत्तर:

  1. → (d)।
  2. → (a)।
  3. → (b)।
  4. → (c)।

प्रश्न 14.
निम्नलिखित रासायनिक अभिक्रियाओं में तीर के चिह्न पर लिखे धातु तत्व या अभिकारकों की क्या भूमिका है?
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 56
उत्तर:
(a) Ni, एक उत्प्रेरक की भूमिका में है।
(b) सान्द्र H2SO4 एक उत्प्रेरक की भूमिका में है।
(c) क्षारीय KMnO4 एक उपचायक (ऑक्सीकारक) की भूमिका में है।

प्रश्न 15.
एक लवण X प्राप्त होता है तथा एक गैस निकलती है जब एथेनॉइक अम्ल की अभिक्रिया सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट के साथ होती है। बनने वाले लवण X का नाम तथा निकलने वाली गैस का नाम लिखिए। यह सिद्ध करने के लिए कि निकलने वाली गैस वही है जिसका आपने नाम लिया है एक क्रियाकलाप दीजिए। होने वाली अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण भी दीजिए।
उत्तर:
चूँकि सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट किसी भी अम्ल में अभिक्रिया करके कार्बन डाइऑक्साइड गैस देता है और उस अम्ल का सोडियम लवण बनाता है। इसलिए निकलने वाली गैस कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) एवं लवण X सोडियम एथेनॉइट (CH3COONa) होगा। गैस के परीक्षण के लिए हम गैस को चूने के पानी [Ca(OH)2] में प्रवाहित करते हैं तो हम देखते हैं कि यह अविलेय CaCO3 बनने के कारण दूधिया हो जाता है अतः गैस कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) ही है यह निश्चित हो जाता है।
अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 57
Ca(OH)2 + CO2 → CaCO3 + H2O

प्रश्न 16.
संतृप्त एवं असंतृप्त हाइड्रोकार्बनों में संरचनात्मक अन्तर दीजिए। प्रत्येक के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
संतृप्त हाइड्रोकार्बनों की संरचना में कार्बन परमाणुओं के मध्य तथा सभी एकल बन्ध होते हैं।
उदाहरणार्थ:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 58
जबकि असंतृप्त हाइड्रोकार्बन में कम-से-कम एक द्वि-बन्ध या त्रि-बन्ध अवश्य होता है।
उदाहरणार्थ:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 59

प्रश्न 17.
वानस्पतिक तेलों को वानस्पतिक वसा (घी) में परिवर्तित करने के लिए सामान्यतः प्रयुक्त अभिक्रिया का नाम लिखिए। इसमें प्रयुक्त (होने वाली) अभिक्रिया को विस्तार से समझाइए। अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण भी दीजिए।
उत्तर:
वानस्पतिक तेलों को वानस्पतिक वसा (घी) में बदलने के लिए जो अभिक्रिया प्रयोग की जाती है उसे हम हाइड्रोजनीकरण कहते हैं। वानस्पतिक तेलों में असंतृप्त कार्बनिक यौगिक होते हैं। जब इनको निकैल के बारीक चूर्ण की उपस्थिति में हाइड्रोजन के साथ गर्म किया जाता है तो संलयन अभिक्रिया के फलस्वरूप हाइड्रोजन से मिलकर वे संतृप्त कार्बनिक यौगिक बनाते हैं। यहाँ निकैल का चूर्ण उत्प्रेरक का कार्य करता है।
अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 60
[निर्देश: यहाँ दिए गए सूत्र सांकेतिक है।

प्रश्न 18.
कार्बन टेट्राक्लोराइड का सूत्र लिखिए तथा उसका इलेक्ट्रॉन बिन्दु आरेख बनाइए।
उत्तर:
कार्बन टेट्राक्लोराइड –
सूत्र – CCl4 (अणुसूत्र)
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 61

प्रश्न 19.
निम्न परिवर्तन आप कैसे करेंगे? प्रयुक्त प्रक्रिया का नाम एवं सम्बन्धित अभिक्रिया एवं उसका रासायनिक समीकरण लिखिए

  1. एथेनॉल से एथीन।
  2. प्रोपेनॉल में प्रोपेनोइक अम्ल।

उत्तर:
1. प्रयुक्त प्रक्रिया का नाम:
निर्जलीकरण गर्म सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4) की उपस्थिति में जब ऐथेनॉल (C2H5OH) को गर्म किया जाता है तो निर्जलीकरण के फलस्वरूप एथीन गैस (C2H4) बनती है।
समीकरण:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 62

2. प्रयुक्त प्रक्रिया का नाम – उपचयन (ऑक्सीकरण)।
ऑक्सीकारक क्षारीय KMnO4 की उपस्थिति में प्रोपेनॉल को गर्म करने पर उपचयन (ऑक्सीकरण) की प्रक्रिया के फलस्वरूप प्रोपेनोइक अम्ल प्राप्त होता है।
रासायनिक समीकरण:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 63

MP Board Class 10th Science Chapter 4 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
हेक्सेन के सभी सम्भावित समावयवों के संरचना सूत्र लिखिए।
उत्तर:
हेक्सेन के सम्भावित समावयवों के संरचना सूत्र:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 64

प्रश्न 2.
अणुसूत्र C3H6 वाले यौगिक के सम्भावित सभी समावयवों के नाम एवं संरचना सूत्र बनाइए तथा उनके इलेक्ट्रॉन बिन्दु आरेख बनाइए।
उत्तर:
अणुसूत्र C3H6 वाले यौगिक के सम्भावित समावयव हैं –
(1) प्रोपेनॉन (CH3COCH3):
संरचना सूत्र:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 65
इलेक्ट्रॉन बिन्दु आरेख:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 68

(2) प्रोपेनल (CH3 – CH2 – CHO):
संरचना सूत्र:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 67
इलेक्ट्रॉन बिन्दु आरेख:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 68

प्रश्न 3.
निम्नलिखित अभिक्रियाओं को उदाहरण सहित समझाइए –

  1. हाइड्रोजनीकरण अभिक्रिया।
  2. ऑक्सीकरण (उपचयन) अभिक्रिया।
  3. प्रतिस्थापन अभिक्रिया।
  4. साबुनीकरण अभिक्रिया।
  5. दहन अभिक्रिया।

उत्तर:
1. हाइड्रोजनीकरण अभिक्रिया:
“असंतृप्त हाइड्रोकार्बन निकैल उत्प्रेरक की उपस्थिति में हाइड्रोजन से संयुक्त होकर संतृप्त हाइड्रोकार्बन देते हैं। यह अभिक्रिया हाइड्रोजनीकरण अभिक्रिया कहलाती है।”
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 69

2. ऑक्सीकरण (उपचयन) अभिक्रिया:
“एथेनॉल क्षारीय KMnO4 की उपस्थिति में गर्म करने पर ऑक्सीजन से अभिक्रिया करके एथेनॉइक अम्ल में ऑक्सीकृत (उपचयित) हो जाते हैं। यह अभिक्रिया ऑक्सीकरण (उपचयन) अभिक्रिया कहलाती है।”
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 70

3. प्रतिस्थापन अभिक्रिया:
“सौर प्रकाश की उपस्थिति में हाइड्रोकार्बन क्लोरीन से अभिक्रिया करते हैं तथा हाइड्रोजन के परमाणु को विस्थापित करके स्वयं उसके स्थान को ग्रहण कर लेते हैं। यह अभिक्रिया प्रतिस्थापन अभिक्रिया कहलाती है।”
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 71

4. साबुनीकरण अभिक्रिया:
एस्टर सोडियम हाइड्रॉक्साइड से अभिक्रिया करके सोडियम के कार्बनिक लवण बनाते हैं। यह अभिक्रिया साबुनीकरण कहलाती है।
CH3COOC2H5 + NaOH → CH3COONa + C2H5OH

5. दहन अभिक्रिया:
“अधिकतर कार्बनिक यौगिक वायु में जलने पर प्रकाश एवं ऊष्मा उत्पन्न करते हैं। यह अभिक्रिया दहन अभिक्रिया कहलाती है।”
CH4 + 2O2 → CO2 + 2H2O + ऊष्मा + प्रकाश

प्रश्न 4.
एक कार्बनिक यौगिक A सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4) के साथ गर्म करने पर एक यौगिक B बनाता है जो एक अणु हाइड्रोजन से निकिल उत्प्रेरक की उपस्थिति में संयुक्त होकर यौगिक C बनाता है। C यौगिक का एक अणु जलने पर दो अणु CO2 एवं 3 अणु जल (H2O) देता है। यौगिक A, B, एवं C की पहचान कीजिए एवं सम्बन्धित रासायनिक अभिक्रियाओं के समीकरण लिखिए।
उत्तर:
चूँकि यौगिक C का एक अणु जलने पर 2 अणु CO2 एवं 3 अणु H2O देता है। इससे स्पष्ट होता है कि यौगिक C का अणुसूत्र C2H6 (एथेन) होगा। एथेन C का एक अणु हमको एक अणु H2 को यौगिक B से संयोग के द्वारा मिलता है। अतः यौगिक B का अणुसूत्र C2H4 (एथीन) होना चाहिए। चूँकि यौगिक B हमको सान्द्र H2SO4 के साथ यौगिक A को गर्म करने से प्राप्त होता है। इसलिए यौगिक A C2H5OH (एथेनॉल) होना चाहिए।
अभिक्रियाएँ:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 72

प्रश्न 5.
एक परखनली A में सोडियम कार्बोनेट लेकर इसमें एथेनॉइक अम्ल डालते हैं। इससे निकलने वाली गैस को एक निकास नली के द्वारा दूसरी परखनली B में रखे चूने का पानी [Ca(OH)2] कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड (विलयन) में प्रवाहित किया जाता है। निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए –

  1.  परखनली B में रखे कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड के विलयन में आप क्या परिवर्तन होते प्रेक्षित करेंगे।
  2. परखनली A एवं परखनली B में होने वाली रासायनिक अभिक्रियाओं को रासायनिक समीकरणों के साथ लिखिए।
  3. यदि एथेनॉइक अम्ल के स्थान पर एथेनॉल लिया जाए तो आप क्या परिवर्तन अपेक्षित करते हैं?
  4. चूने का पानी प्रयोगशाला में कैसे बनाया जाता है?

उत्तर:
1. परखनली B में रखे कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड का विलयन दूधिया हो जाता है तथा अधिकता में गैस प्रवाहित करने पर दूधिया रंग गायब हो जाता है।

2. परखनली A में अभिक्रिया के फलस्वरूप CO2 गैस निकलती है।
2CH3COOH + Na2CO3 → 2CH3COONa + H2O + CO2
परखनली B में अभिक्रियाएँ:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 73

3. C2H5OH एवं Na2CO3 आपस में अभिक्रिया नहीं करते। इसलिए पहले जैसा परिवर्तन अपेक्षित नहीं है।

4. चूना (कैल्सियम ऑक्साइड) को जल में घोला जाता है। घोल को कुछ समय तक रखा जाता है फिर ऊपर के द्रव को निथार लिया जाता है। इस प्रकार चूने का पानी प्रयोगशाला में प्राप्त हो जाता है।

प्रश्न 6.
कुछ कार्बनिक यौगिक हाइड्रोकार्बन क्यों कहलाते हैं? एल्केन, एल्कीन और एल्काइन की समजातीय श्रेणियाँ के सामान्य सूत्र लिखिए तथा प्रत्येक श्रेणी के प्रथम सदस्य की संरचना भी खींचिए। एल्कीन को एल्केन में परिवर्तित करने की अभिक्रिया का नाम लिखिए और रासायनिक समीकरण द्वारा इस अभिक्रिया के होने के लिए आवश्यक परिस्थितियों को भी दर्शाइए।
उत्तर:
कुछ कार्बनिक यौगिक हाइड्रोकार्बन कहलाते हैं, क्योंकि उनमें केवल कार्बन एवं हाइड्रोजन दो ही तत्व होते हैं।

  • ऐल्केन की समजातीय श्रेणी का सामान्य सूत्र: CnH2n+2
  • ऐल्कीन की समजातीय श्रेणी का सामान्य सूत्र: CnH2n
  • ऐल्काइन की समजातीय श्रेणी का सामान्य सूत्र: CnH2n-2

ऐल्केन श्रेणी का प्रथम सदस्य मेथेन (CH4) है। अत: मेथेन का संरचना सूत्र:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 74
ऐल्कीन श्रेणी का प्रथम सदस्य एथीन (C2H4) है।
अत: एथीन का संरचना सूत्र:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 75
ऐल्काइन श्रेणी का प्रथम सदस्य एथाइन (C2H2) है।
अतः एथाइन का संरचना सूत्र:
H-C≡C-H
ऐल्कीन को ऐल्केन में परिवर्तित करने की अभिक्रिया हाइड्रोजनीकरण कहलाती है।
रासायनिक समीकरण:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 76

प्रश्न 7.
साबुन तथा अपमार्जक दोनों ही एक प्रकार के लवण हैं। इनमें क्या अन्तर है? साबुन की सफाई प्रक्रिया का संक्षेप में वर्णन कीजिए। साबुन कठोर जल में झाग का निर्माण क्यों नहीं करते? साबुनों की तुलना में अपमार्जकों का उपयोग करने से उत्पन्न दो समस्याओं की सूची बनाइए।
उत्तर:
साबुन एवं अपमार्जक में अन्तर:

साबुन अपमार्जक
साबुन सोडियम एवं पोटैशियम के फैटी अम्लों के लवण स्टीयरेट एवं पामीटेट आदि होते हैं। अपमार्जक लम्बी कार्बोक्सिलिक अम्ल श्रृंखला के अमोनियम एवं सल्फोनेट लवण होते हैं।
साबुन कठोर जल में अधिक प्रभावी नहीं होते। अपमार्जक कठोर जल में भी अत्यन्त प्रभावी होते हैं।

साबुन की सफाई प्रक्रिया:
साबुन का अणु दो भागों से बना होता है – पहला लम्बा हाइड्रोकार्बन वाला भाग (R) तथा दूसरा Na+ युक्त छोटा अम्लीय भाग (-COONa+)। इसमें R जलविरागी तथा एक आयनिक अम्लीय सिरा जलरागी होता है।

जब गंदे कपड़ों को पानी में साबुन के साथ मिलाया जाता है तो साबुन के अणु का आयनिक भाग जलरागी होने के कारण जल में विलेय हो जाता है, जबकि साबुन के अणु का दूसरा भाग जलविरागी होने के कारण तेल या ग्रीस वाले भाग से संलग्न हो जाता है। गंदे कपड़ों को साबुन विलयन में खगालने पर साबुन के अणुओं से संलग्न गंदगी के कण जल में घुलकर बाहर निकल जाते हैं। इस प्रकार कपड़े साफ हो जाते हैं।

साबुन कठोर जल में झाग नहीं दे पाते क्योंकि साबुन कठोर जल में घुले कैल्सियम एवं मैग्नीशियम अभिक्रिया करके अविलेय लवण बनाते हैं जो कपड़ों से चिपक कर साबुन की शोधन क्षमता को कम कर देते हैं। इस कारण साबुन कठोर जल में झाग का निर्माण नहीं करते हैं।

साबुनों की तुलना में अपमार्जकों का उपयोग करने में उत्पन्न समस्याएँ निम्न हैं –

  • अपमार्जकों से कपड़े धोने के लिए अत्यधिक जल की आवश्यकता होती है। इसलिए जलाभाव वाले क्षेत्रों में उनका उपयोग कठिन हो जाता है।
  • कपड़े धोने के बाद हाथों में कुछ चिपचिपाहट पैदा हो जाती है।

MP Board Solutions

प्रश्न 8.
कोई कार्बन यौगिक ‘P’ आधिक्य सान्द्र H2SO4 के साथ गर्म किए जाने पर कोई अन्य यौगिक ‘Q’ बनाता है जो निकैल उत्प्रेरक की उपस्थित में हाइड्रोजन से संकलन करके कोई संतप्त यौगिक ‘R’ बनाता है। ‘R’ का एक अणु, दहन होने पर, कार्बन डाइऑक्साइड के दो अणु तथा जल के तीन अणु बनाता है। PQ और R को पहचानिए और सम्मिलित अभिक्रियाओं के रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर:
चूँकि यौगिक C का एक अणु जलने पर 2 अणु CO2 एवं 3 अणु H2O देता है। इससे स्पष्ट होता है कि यौगिक C का अणुसूत्र C2H6 (एथेन) होगा। एथेन C का एक अणु हमको एक अणु H2 को यौगिक B से संयोग के द्वारा मिलता है। अतः यौगिक B का अणुसूत्र C2H4 (एथीन) होना चाहिए। चूँकि यौगिक B हमको सान्द्र H2SO4 के साथ यौगिक A को गर्म करने से प्राप्त होता है। इसलिए यौगिक A C2H5OH (एथेनॉल) होना चाहिए।
अभिक्रियाएँ:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक 72

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MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु

MP Board Class 10th Science Chapter 3 पाठान्तर्गत प्रश्नोत्तर

प्रश्न श्रृंखला-1 # पृष्ठ संख्या 45

प्रश्न 1.
ऐसी धातु का उदाहरण दीजिए जो –
(i) कमरे के ताप पर द्रव होती है।
(ii) चाकू से आसानी से काटी जा सकती है।
(iii) ऊष्मा की सबसे अच्छी चालक होती है।
(iv) ऊष्मा की कुचालक होती है।
उत्तर:
(i) पारद (मर्करी)
(ii) सोडियम
(ii) सिल्वर एवं कॉपर
(iv) लेड एवं मर्करी

प्रश्न 2.
‘आघातवर्थ्य’ तथा ‘तन्य’ का अर्थ बताइए।
उत्तर:
आघातवर्ध्य: “वे धातुएँ जो पीटने पर पतली चादर की तरह फैल जाती हैं, आघातवर्ध्य कहलाती हैं।
तन्य: वे धातुएँ जिनके तार खींचे जा सकते हैं, तन्य कहलाती हैं।

प्रश्न श्रृंखला-2 # पृष्ठ संख्या 51

प्रश्न 1.
सोडियम को कैरोसीन में डुबोकर क्यों रखा जाता है?
उत्तर:
सोडियम धातु वायुमण्डल की नमी (आर्द्रता) के प्रति अतिक्रियाशील होती है। इसलिए इसे कैरोसीन में डुबोकर रखा जाता है, ताकि यह नमी के सम्पर्क में न आए।

प्रश्न 2.
निम्न अभिक्रियाओं के लिए समीकरण लिखिए –

  1. भाप के साथ आयरन।
  2. जल के साथ कैल्सियम तथा पोटैशियम।

उत्तर:
1. 3Fe + 4H2O → Fe3O4 + 4H2
2. Ca + 2H2O → Ca(OH)2 + H2
2K + 2H2O → 2KOH + H2

प्रश्न 3.
A, B, C एवं D चार धातुओं के नमूनों को लेकर एक – एक करके निम्न विलयन में डाला गया। इसमें प्राप्त परिणाम को निम्न प्रकार से सारणीबद्ध किया गया है –
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 1
इस सारणी का उपयोग करके धातु A, B, C एवं D के सम्बन्ध में निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए –

  1. सबसे अधिक अभिक्रियाशील धातु कौन – सी है?
  2. धातु B को कॉपर (II) सल्फेट के विलयन में डाला जाए तो क्या होगा?
  3. धातु A, B, C एवं D को क्रियाशीलता के घटते हुए क्रम में लिखिए।

उत्तर:

  1. सबसे अधिक क्रियाशील धातु: ‘B’ है।
  2. जब धातु B को कॉपर (II) सल्फेट के नीले विलयन में डाला जाता है तो विलयन का रंग उड़ जाता है तथा धातु ‘B’ पर एक भूरे रंग की कॉपर की परत चढ़ जाती है तथा BSO4 का रंगहीन विलयन प्राप्त होता है।
  3. क्रियाशीलता के घटते क्रम में: B > A > C > D

प्रश्न 4.
अभिक्रियाशील धातु को तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में डाला जाता है, तो कौन – सी गैस निकलती है? आयरन के साथ तनु H2SO4 की रासायनिक अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर:
जब अभिक्रियाशील धातु को तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में डाला जाता है तो हाइड्रोजन गैस निकलती है।

आयरन के साथ तनु H2SO4 की अभिक्रिया:
जब आयरन के साथ तनु H2SO4 की अभिक्रिया करायी जाती है तो आयरन सल्फेट (फेरस सल्फेट) का हरा विलयन प्राप्त होता है और हाइड्रोजन गैस निकलती है।
Fe + dil. H2SO4 → FeSO4 + H2

MP Board Solutions

प्रश्न 5.
जिंक को आयरन (II) सल्फेट के विलयन में डालने से क्या होता है? इसकी रासायनिक अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर:
आयरन (II) सल्फेट विलयन का रंग उड़ जाता है तथा रंगहीन जिंक सल्फेट का विलयन बनता है तथा जिंक पर आयरन की परत चढ़ जाती है।
Zn + FeSO4 → ZnSO4 + Fe

प्रश्न शृंखला-3 # पृष्ठ संख्या 54

प्रश्न 1.

  1. सोडियम, ऑक्सीजन एवं मैग्नीशियम के लिए इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना लिखिए।
  2. इलेक्ट्रॉन के स्थानान्तरण के द्वारा Na2O एवं MgO का निर्माण दर्शाइए।
  3. इन यौगिकों में कौन – से आयन उपस्थित हैं?

उत्तर:
1. सोडियम, ऑक्सीजन एवं मैग्नीशियम की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 2
2.
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 3
3. Na2O में 2Na+ आयन एवं एक O2- आयन है।
MgO में एक Mg2+ आयन एवं एक O2- आयन है।

प्रश्न 2.
आयनिक यौगिकों के उच्च गलनांक क्यों होते हैं? (2019)
उत्तर:
चूँकि प्रबल अन्तर:
आयनिक आकर्षण को तोड़ने के लिए ऊर्जा की पर्याप्त मात्रा की आवश्यकता होती है। इसलिए आयनिक यौगिकों के उच्च गलनांक होते हैं।

प्रश्न शृंखला-4 # पृष्ठ संख्या 59

प्रश्न 1.
निम्न पदों की परिभाषा दीजिए –

  1. खनिज।
  2. अयस्क (2019)।
  3. गेंग (2019)।

उत्तर:

  1. खनिज: “पृथ्वी से प्राप्त वे प्राकृतिक पदार्थ, जिनमें धातुएँ या उनके यौगिक किसी न किसी रूप में समाहित होते हैं, खनिज कहलाते हैं।”
  2. अयस्क: “ऐसे खनिज जिनसे धातुओं का आसानी से तथा लाभदायक तरीके से निष्कर्षण किया जा सकता है, अयस्क कहलाते हैं।”
  3. गेंग: “अयस्क में उपस्थित व्यर्थ पदार्थ (रेत, मिट्टी आदि) गेंग कहलाते हैं”।

प्रश्न 2.
दो धातुओं के नाम बताइए जो प्रकृति में मुक्त अवस्था में पाई जाती हैं।
उत्तर:

  1. सोना।
  2. चाँदी।

प्रश्न 3.
धातु को उसके ऑक्साइड से प्राप्त करने के लिए किस रासायनिक प्रक्रम का उपयोग किया जाता है?
उत्तर:
अपचयन का।

प्रश्न शृंखला-5 # पृष्ठ संख्या 61

प्रश्न 1.
जिंक, मैग्नीशियम एवं कॉपर के धात्विक ऑक्साइडों को अग्र धातुओं के साथ गर्म किया गया –

धातु धातु जिंक मैग्नीशियम कॉपर
जिंक ऑक्साइड
मैग्नीशियम ऑक्साइड
कॉपर ऑक्साइड

किस स्थिति में विस्थापन अभिक्रिया घटित होगी?
उत्तर:
जब कॉपर ऑक्साइड मैग्नीशियम के साथ गर्म किया जाता है तो विस्थापन होगा।

प्रश्न 2.
कौन – सी धातु आसानी से संक्षारित नहीं होती है?
उत्तर:
गोल्ड (सोना)।

प्रश्न 3.
मिश्रातु क्या होते हैं?
उत्तर:
मिश्रातु:
“दो या दो से अधिक धातुओं के समांगी मिश्रण को मिश्रातु कहते हैं।”

MP Board Class 10th Science Chapter 3 पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में कौन – सा युगल विस्थापन अभिक्रिया प्रदर्शित करता है?
(a) NaCl विलयन एवं कॉपर धातु।
(b) MgCl2 विलयन एवं ऐलुमिनियम धातु।
(c) FeSO4 विलयन एवं सिल्वर धातु।
(d) AgNO3 विलयन एवं कॉपर धातु।
उत्तर:
(d) AgNO3 विलयन एवं कॉपर धातु।

प्रश्न 2.
लोहे के फ्राइंग पैन (Frying pan) को जंग से बचाने के लिए निम्नलिखित में से कौन – सी विधि उपयुक्त है?
(a) ग्रीस लगाकर।
(b) पेंट लगाकर।
(c) जिंक की परत चढ़ाकर।
(d) ये सभी।
उत्तर:
(c) जिंक की परत चढ़ाकर।

प्रश्न 3.
कोई धातु ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया कर उच्च गलनांक वाला यौगिक निर्मित करती है। यह यौगिक जल में विलेय है। यह तत्व क्या हो सकता है?
(a) कैल्सियम।
(b) कार्बन।
(c) सिलिकन।
(d) लोहा।
उत्तर:
(a) कैल्सियम।

प्रश्न 4.
खाद्य पदार्थों के डिब्बों पर जिंक के बजाय टिन का लेप होता है, क्योंकि?
(a) टिन की अपेक्षा जिंक महँगा है।
(b) टिन की अपेक्षा जिंक का गलनांक अधिक है।
(c) टिन की अपेक्षा जिंक अधिक अभिक्रियाशील है।
(d) टिन की अपेक्षा जिंक कम अभिक्रियाशील है।
उत्तर:
(c) टिन की अपेक्षा जिंक अधिक अभिक्रियाशील है।

प्रश्न 5.
आपको एक हथौड़ा, बैटरी, बल्ब, तार एवं स्विच दिया गया है –
(a) इनका उपयोग कर धातुओं एवं अधातुओं के नमूनों के बीच आप विभेद कैसे कर सकते हैं?
(b) धातुओं और अधातुओं में विभेदन के लिए इन परीक्षणों की उपयोगिताओं का आकलन कीजिए।
उत्तर:
(a) (i) हम दिए गए हथौड़े से दिए हुए नमूनों पर प्रहार करेंगे अगर वे टुकड़े – टुकड़े होकर बिखर गए तो अधातु तथा यदि चादर की तरह फैल गए तो धातु है।
(ii) बैटरी, बल्ब, स्विच को तार के माध्यम से श्रेणीक्रम में जोड़कर दोनों नमूनों में होकर विद्युत् धारा प्रवाहित करेंगे। विद्युत् धारा जिस नमूने में होकर प्रवाहित हो जाती है अर्थात् बल्ब जल जाता है वह धातु है अन्यथा अधातु।
(b) उपर्युक्त परीक्षण एकदम विश्वस्त नहीं है, क्योंकि कुछ धातुएँ भंगुर होती हैं तथा ग्रेफाइट अधातु होते हुए भी विद्युत् धारा की सुचालक होती है।

MP Board Solutions

प्रश्न 6.
उभयधर्मी ऑक्साइड क्या होते हैं? दो उभयधर्मी ऑक्साइडों का उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
उभयधर्मी ऑक्साइड:
“जो ऑक्साइड अम्लीय एवं क्षारकीय दोनों गुणों को प्रदर्शित करते हैं, वे उभयधर्मी ऑक्साइड कहलाते हैं।”
अथवा
“जो ऑक्साइड अम्लों एवं क्षारों, दोनों से अभिक्रिया करके लवण एवं जल बनाते हैं, वे उभयधर्मी ऑक्साइड कहलाते हैं।”
उदाहरण:

  1. ऐलुमिनियम ऑक्साइड (Al2O3)।
  2. जिंक ऑक्साइड (ZnO)।

प्रश्न 7.
दो धातुओं के नाम बताइए जो तनु अम्ल से हाइड्रोजन को विस्थापित कर देंगी तथा दो धातुएँ जो ऐसा नहीं कर सकतीं।
उत्तर:
तनु अम्लों से हाइड्रोजन विस्थापित करने वाली धातुएँ –

  1. मैग्नीशियम (Mg)।
  2. जिंक (Zn)।

तनु अम्लों से हाइड्रोजन विस्थापित नहीं कर सकने वाली धातुएँ –

  1. कॉपर (Cu)।
  2. सिल्वर (Ag)।

प्रश्न 8.
किसी धातु M के विद्युत् अपघटनी परिष्करण में आप ऐनोड, कैथोड एवं विद्युत् अपघटन किसे बनाएँगे?
उत्तर:
कैथोड – शुद्ध M धातु, ऐनोड – अशुद्ध M धातु एवं विद्युत् अपघट्य – धातु M के किसी विलेय यौगिक का जलीय विलयन।

प्रश्न 9.
प्रत्यूष ने सल्फर चूर्ण को स्पैचुला में लेकर गर्म किया। संलग्न आकृति के अनुसार एक परखनली को उल्टा करके उसने उत्सर्जित गैस को एकत्रित किया
(a) गैस की क्रिया क्या होगी?
(i) सूखे लिटमस पत्र पर? सल्फर पाउडर
(ii) आदें लिटमस पत्र पर?
(b) ऊपर की अभिक्रियाओं के लिए संतुलित रासायनिक अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 4
(a)
(i) सूखे लिटमस पत्र पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
(ii) आर्द्र नीले लिटमस को लाल कर देती है, क्योंकि एकत्रित गैस सल्फर डाइऑक्साइड है जो पानी से क्रिया करके सल्फ्यूरिक अम्ल बनाती है।
(b)
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 5

प्रश्न 10.
लोहे को जंग से बचाने के लिए दो तरीके बताइए। (2019)
उत्तर:
लोहे को जंग से बचाने के दो तरीके:

  1. यशदलेपन – लोहे पर जस्ते की परत चढ़ा देते हैं।
  2. क्रोमियम लेपन – लोहे पर क्रोमियम की परत चढ़ा देते हैं।

प्रश्न 11.
ऑक्सीजन के साथ संयुक्त होकर अधातुएँ कैसा ऑक्साइड बनाती हैं? (2019)
उत्तर:
ऑक्सीजन अधातुओं से संयुक्त होकर प्रायः अम्लीय ऑक्साइड बनाती हैं, लेकिन कुछ ऑक्साइड उदासीन भी होते हैं।

प्रश्न 12.
कारण बताइए –

  1. प्लेटिनम, सोना एवं चाँदी का उपयोग आभूषण बनाने के लिए किया जाता है। (2019)
  2. सोडियम, पोटैशियम एवं लीथियम को तेल के अन्दर संग्रहीत किया जाता है।
  3. ऐलुमिनियम अत्यन्त अभिक्रियाशील धातु है, फिर भी इसका उपयोगखाना बनाने में किया जाता है।
  4. निष्कर्षण प्रक्रम में कार्बोनेट एवं सल्फाइड अयस्क को ऑक्साइड में परिवर्तित किया जाता है।

उत्तर:

  1. प्लेटिनम, सोना एवं चाँदी अत्यन्त ही क्षीण क्रियाशील होती हैं तथा इनका संक्षारण नहीं होता इसलिए इनका उपयोग आभूषण बनाने के लिए किया जाता है।
  2. सोडियम, पोटैशियम एवं लीथियम अतिक्रियाशील धातुएँ हैं और वायुमण्डल की आर्द्रता (नमी) से भी क्रिया कर सकती हैं। इसलिए इन्हें बचाने के लिए इनको तेल के अन्दर संग्रहीत किया जाता है ताकि ये नमी के सम्पर्क में न आएँ।
  3. ऐलुमिनियम ऊष्मा की अच्छी चालक है तथा इसका गलनांक उच्च होता है। यह खौलते जल से भी अभिक्रिया नहीं करती तथा हल्के अम्लों से भी नहीं। इनकी क्रियाशीलता क्षारों के प्रति अधिक होती है जो खाना बनाने में प्रयुक्त नहीं होते। इसलिए अत्यन्त अभिक्रियाशील होते हुए भी इनका उपयोग खाना बनाने वाले बर्तनों को बनाने में किया जाता है।
  4. कार्बोनेट एवं सल्फाइड अयस्कों को निष्कर्षण प्रक्रम में ऑक्साइड में परिवर्तित किया जाता है क्योंकि ऑक्साइडों का अपचयन करके धातु आसानी से निष्कर्षित की जा सकती है।

प्रश्न 13.
आपने ताँबे के मलीन बर्तनों को नींबू या इमली के रस से साफ करते अवश्य देखा होगा। यह खट्टे पदार्थ बर्तन को साफ करने में क्यों प्रभावी हैं?
उत्तर:
ताँबे के बर्तनों के ऊपर क्षारकीय ऑक्साइडों की परत जम जाने के कारण वे मलीन हो जाते हैं। नींबू, इमली या अन्य खट्टे पदार्थों में हल्का अम्ल होता है जो क्षारकीय परत से अभिक्रिया करके उसे उदासीन कर देता है और हटा देता है जिससे ताँबे के बर्तन चमकने लगते हैं। इसलिए खट्टे पदार्थ बर्तन को साफ करने में प्रभावी हैं।

प्रश्न 14.
रासायनिक गुणधर्म के आधार पर धातुओं एवं अधातुओं में विभेद कीजिए। (2019)
उत्तर:
रासायनिक गुणधर्मों के आधार पर धातुओं एवं अधातुओं में विभेद –
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 6

प्रश्न 15.
एक व्यक्ति प्रत्येक घर में सुनार बनकर जाता है। उसने पुराने एवं मलीन सोने के आभूषणों में पहले जैसी चमक पैदा करने का ढोंग रचाया। कोई संदेह किए बिना ही एक महिला अपने सोने के कंगन उसे देती है, जिसे वह एक विशेष विलयन में डाल देता है। कंगन नए की तरह चमकने लगते हैं, लेकिन उनका वजन अत्यन्त कम हो जाता है। वह महिला बहुत दुखी होती है तथा तर्क-वितर्क के पश्चात् उस व्यक्ति को झुकना पड़ता है। एक जासूस की तरह क्या आप उस विलयन की प्रकृति के बारे में बता सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, बता सकते हैं। वह विलयन एक तीव्र विलायक है जो सोने को अपने अन्दर घोल लेता है। इसका नाम अम्लराज (ऐक्वा रेजिया) कहलाता है।

प्रश्न 16.
गर्म जल का टैंक बनाने में ताँबे का उपयोग होता है, परन्तु इस्पात (लोहे की मिश्रातु) का नहीं। इसका कारण बताइए।
उत्तर:
ताँबा इस्पात (लोहे की एक मिश्रातु) से कहीं अधिक ऊष्मा का चालक होता है। इसलिए गर्म पानी का टैंक बनाने में ताँबे का उपयोग होता है, परन्तु इस्पात (लोहे का एक मिश्रातु) का नहीं।

MP Board Class 10th Science Chapter 3 परीक्षोपयोगी अतिरिक्त प्रश्नोत्तर

MP Board Class 10th Science Chapter 3 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्न में कौन – सा गुण प्रायः धातुओं द्वारा प्रदर्शित नहीं किया जाता?
(a) विद्युत् संचालन।
(b) ध्वानिक प्रकृति।
(c) चमकहीनता।
(d) तन्यता।
उत्तर:
(c) चमकहीनता।
प्रश्न 2.
पतले तारों में धातुओं के खींचे जा सकने की क्षमता कहलाती है –
(a) तन्यता।
(b) आघातवर्ध्यता।
(c) ध्वानिकता।
(d) चालकता।
उत्तर:
(a) तन्यता।

प्रश्न 3.
ऐलुमिनियम का प्रयोग खाना बनाने के बर्तन बनाने में होता है। ऐलुमिनियम का निम्न में से कौन – सा गुण इसके उपयुक्त है?
(i) ऊष्मा की प्रचालकता।
(ii) विद्युत् की सुचालकता।
(iii) तन्यता।
(iv) उच्च गलनांक।
(a) (i) एवं (ii)।
(b) (i) एवं (iii)।
(c) (ii) एवं (iii)।
(d) (i) एवं (iv)।
उत्तर:
(d) (i) एवं (iv)।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से कौन – सी धातु ठंडे एवं गर्म जल में अभिक्रिया नहीं करती है?
(a) Na
(b) Ca
(c) Mg
(d) Fe
उत्तर:
(d) Fe

प्रश्न 5.
निम्नलिखित में से आयरन के कौन से ऑक्साइड आयरन का स्टीम के साथ लम्बी अभिक्रिया के फलस्वरूप प्राप्त होंगे?
(a) FeO
(b) Fe2O3
(c) Fe3O4
(d) Fe2O3 ta Fe3O4
उत्तर:
(c) Fe3O4

प्रश्न 6.
जब कैल्सियम की अभिक्रिया जल में होती है तो क्या होता है?
(i) यह जल से अभिक्रिया नहीं करती।
(ii) यह जल से तीव्रता से अभिक्रिया करती है।
(iii) यह जल से कम तीव्रता से अभिक्रिया करती है।
(iv) हाइड्रोजन के बनने वाले बुलबुले कैल्सियम की सतह पर चिपक जाते हैं।
(a) (i) एवं (iv)।
(b) (ii) एवं (iii)।
(c) (i) एवं (ii)।
(d) (iii) एवं (iv)।
उत्तर:
(d) (iii) एवं (iv)।

प्रश्न 7.
सामान्यतः धातुएँ अम्लों से अभिक्रिया करके लवण एवं हाइड्रोजन गैस देती हैं। निम्नलिखित में से कौन – सा अम्ल धातुओं से अभिक्रिया करके हाइड्रोजन गैस नहीं देता (Mn एवं Mg को छोड़कर) –
(a) H2SO4
(b) HCl
(c) HNO3
(d) ये सभी।
उत्तर:
(c) HNO3

प्रश्न 8.
अम्लराज (ऐक्वा रेजिया) का संघटन है?
(a) तनु HCl: सान्द्र HNO3 = 3 : 1
(b) सान्द्र HCl: तनु HNO3 = 3 : 1
(c) सान्द्र HCl: सान्द्र HNO3 = 3 : 1
(d) तनु HCl: तनु HNO3 = 3 : 1
उत्तर:
(c) सान्द्र HCl: सान्द्र HNO3 = 3 : 1

प्रश्न 9.
निम्न में कौन आयनिक यौगिक नहीं है?
(i) KCl
(ii) HCl
(iii) CCl4
(iv) NaCl
(a) (i) एवं (ii)।
(b) (ii) एवं (iii)।
(c) (iii) एवं (iv)।
(d) (i) एवं (iii)।
उत्तर:
(b) (ii) एवं (iii)

प्रश्न 10.
निम्न में से किस गुण का प्रदर्शन सामान्यतः आयनिक यौगिकों द्वारा नहीं किया जाता है?
(a) जल में विलेयता।
(b) ठोस अवस्था में विद्युत् चालकता।
(c) उच्च गलनांक एवं क्वथनांक।
(d) पिघली अवस्था में विद्युत् चालकता।
उत्तर:
(b) ठोस अवस्था में विद्युत् चालकता

प्रश्न 11.
निम्नलिखित में कौन-सी धातु प्रकृति में स्वतन्त्र अवस्था में मिलती है?
(i) Cu
(ii) Au
(iii) Zn
(iv) Ag
(a) (i) एवं (ii)।
(b) (ii) एवं (iii)।
(c) (ii) एवं (iv)।
(d) (iii) एवं (iv)।
उत्तर:
(c) (ii) एवं (iv)।

प्रश्न 12.
धातुओं का निष्कर्षण अनेक विधियों से होता है। निम्न में से किन धातुओं का निष्कर्षण विद्युत् निष्कर्षण से होता है?
(i) Au
(ii) Cu
(iii) Na
(iv) K
(a) (i) एवं (ii)
(b) (i) एवं (iii)
(c) (ii) एवं (iii)
(d) (iii) एवं (iv)
उत्तर:
(a) (i) एवं (ii)

प्रश्न 13.
वायु में अधिक समय तक खुला छोड़ देने पर चाँदी की वस्तुएँ काली पड़ जाती हैं। यह निम्न बनने के कारण होता है –
(a) Ag3N
(b) Ag2O
(c) Ag2S
(d) Ag3N
उत्तर:
(c) Ag2S

प्रश्न 14.
यशदलेपन, लोहे को जंग लगने से बचाने के लिए उस पर निम्न की परत चढ़ाने की प्रक्रिया है।
(a) गेलियम।
(b) ऐलुमिनियम।
(c) जिंक।
(d) चाँदी।
उत्तर:
(c) जिंक।

प्रश्न 15.
स्टेनलेस स्टील हमारे जीवन के लिए अत्यन्त उपयोगी है। स्टेनलेस स्टील में आयरन के साथ मिला होता है –
(a) Ni एवं Cr
(b) Cu एवं Cr
(c) Ni एवं Cu
(d) Cu एवं Au
उत्तर:
(a) Ni एवं Cr

प्रश्न 16.
यदि कॉपर को वायु में खुला छोड़ दिया जाता है तो धीरे – धीरे यह अपनी ब्राउन चमकीली सतह को खोता जाता है और उस पर एक हरी परत जमती जाती है जो निम्न के बनने के कारण होती है –
(a) CuSO4
(b) CuCO3
(c) Cu(NO3)2
(d) CuO
उत्तर:
(b) CuCO3

प्रश्न 17.
प्रायः धातुएँ ठोस होती हैं। निम्न में कौन धातु कमरे के ताप पर दव अवस्था में पायी जाती है?
(a) Na
(b) Fe
(c) Cr
(d) Hg
उत्तर:
(d) Hg

प्रश्न 18.
निम्न में कौन – सी धातुएँ उनके क्लोराइडों के पिघली अवस्था में विद्युत् अपघटन से प्राप्त होती है?
(i) Na
(ii) Ca
(iii) Fe
(iv) Cu
(a) (i) एवं (iv)।
(b) (iii) एवं (iv)।
(c) (i) एवं (iii)।
(d) (i) एवं (ii)।
उत्तर:
(d) (i) एवं (ii)।

प्रश्न 19.
सामान्यतः अधातुएँ चमकहीन होती हैं, लेकिन निम्नलिखित में से कौन – सी अधातु में चमक
होती है?
(a) सल्फर।
(b) ऑक्सीजन।
(c) नाइट्रोजन।
(d) आयोडीन।
उत्तर:
(d) आयोडीन।

प्रश्न 20.
निम्नलिखित चार धातुओं में से कौन – सी धातु अपने विलयन में से अन्य तीन धातुओं से विस्थापित होगी?
(a) Mg
(b) Ag
(c) Zn
(d) Cu
उत्तर:
(b) Ag

प्रश्न 21.
सान्द्र HCl, सान्द्र HNO3 एवं सान्द्र HCl तथा सान्द्र HNO3 के 3:1 के अनुपात वाले मिश्रण में से प्रत्येक से 2 ml लेकर तीन अलग – अलग परखनलियों क्रमश: A, B एवं C में डाला फिर एक धातु का टुकड़ा प्रत्येक परखनली में डाला तो हम देखते हैं कि परखनली A एवं परखनली B में कोई परिवर्तन नहीं हुआ लेकिन धातु परखनली C में घुल गई तो वह धातु हो सकती है –
(a) Al
(b) Au
(c) Cu
(d) Pt
उत्तर:
(b) Au

प्रश्न 22.
एक मिश्रातु है –
(a) एक तत्व।
(b) एक यौगिक।
(c) एक समांग मिश्रण।
(d) एक विषमांग मिश्रण।
उत्तर:
(c) एक समांग मिश्रण

प्रश्न 23.
एक इलेक्ट्रोलाइटिक सेल में होता है –
(a) धनावेशित कैथोड।
(b) ऋणावेशित एनोड।
(c) धनावेशित ऐनोड।
(d) ऋणावेशित कैथोड।
उत्तर:
(b) ऋणावेशित एनोड

प्रश्न 24.
जिंक के इलेक्ट्रोलाइटिक शोधन में यह होता है –
(a) कैथोड पर एकत्रित
(b) ऐनोड पर एकत्रित
(c) कैथोड एवं ऐनोड दोनों पर एकत्रित
(d) विलयन में रहता है।
उत्तर:
(a) कैथोड पर एकत्रित

प्रश्न 25.
एक तत्व A मुलायम है और चाकू से काटा जा सकता है। यह वायु के प्रति अतिक्रियाशील है और यह हवा में खुला नहीं रखा जा सकता। यह जल से बहुत तीव्र अभिक्रिया करता है। निम्नलिखित में से उस तत्व A की पहचान कीजिए –
(a) Mg
(b) Na
(c) P
(d) Ca
उत्तर:
(b) Na

प्रश्न 26.
मिश्रातु एक धातु एवं दूसरी धातु अथवा अधातु के समांगी मिश्रण होते हैं। निम्न में कौन मिश्रातु में एक अधातु अवयव होता है?
(a) पीतल।
(b) कॉपर।
(c) अमलगम।
(d) स्टील।
उत्तर:
(d) स्टील।

प्रश्न 27.
मैग्नीशियम धातु के लिए निम्न में कौन – सा कथन असत्य है?
(a) यह ऑक्सीजन में चमकदार सफेद ज्वाला के साथ जलता है।
(b) यह ठंडे जल के साथ क्रिया करके मैग्नीशियम ऑक्साइड बनाता है और हाइड्रोजन गैस निकालता है।
(c) यह गर्म जल के साथ अभिक्रिया करके मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड बनाता है और हाइड्रोजन गैस देता है।
(d) यह जलवाष्प से अभिक्रिया करके मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड बनाता है और हाइड्रोजन गैस देता है।
उत्तर:
(b) यह ठंडे जल के साथ क्रिया करके मैग्नीशियम ऑक्साइड बनाता है और हाइड्रोजन गैस निकालता है।

प्रश्न 28.
निम्न मिश्रातुओं में से किसमें मरकरी (पारा) एक अवयव की तरह होता है?
(a) स्टेनलेस स्टील।
(b) एल्नीको।
(c) सोल्डर।
(d) जिंक अमलगम।
उत्तर:
(d) जिंक अमलगम।

प्रश्न 29.
X एवं Y के मध्य अभिक्रिया के फलस्वरूप एक यौगिक Z बनता है। X इलेक्ट्रॉन खोता है तथा Y इलेक्ट्रॉन ग्रहण करता है। निम्नलिखित में कौन – सा गुण Z प्रदर्शित नहीं करता है?
(a) उच्च गलनांक।
(b) निम्न गलनांक।
(c) गलित अवस्था में विद्युत् चालन।
(d) ठोस अवस्था में प्राप्ति।
उत्तर:
(b) निम्न गलनांक।

प्रश्न 30.
तीन तत्वों X, Y एवं 2 के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास निम्न हैं – X → 2, 8, Y → 2, 8, 7 एवं Z → 2, 8, 2. निम्न में कौन – सा कथन सत्य है?
(a) X एक धातु है।
(b) Y एक धातु है।
(c) Z एक अधातु है।
(d) Y अधातु तथा Z धातु है।
उत्तर:
(d) Y अधातु तथा Z धातु है।

प्रश्न 31.
यद्यपि धातुएँ क्षारकीय ऑक्साइड बनाती हैं, लेकिन निम्नलिखित में कौन-सी धातु उभयधर्मी ऑक्साइड बनाती है?
(a) Na
(b) Ca
(c) Al
(d) Cu
उत्तर:
(c) Al

प्रश्न 32.
सामान्यतः अधातुएँ विद्युत् की अचालक होती हैं, लेकिन निम्नलिखित में कौन विद्युत् की सुचालक है?
(a) हीरा।
(b) ग्रेफाइट।
(c) सल्फर।
(d) फुलैरिन।
उत्तर:
(b) ग्रेफाइट।

प्रश्न 33.
विद्युत् तारों पर एक अचालक पदार्थ की परत चढ़ी होती है। सामान्यतः इसके लिए प्रयुक्त पदार्थ होता है –
(a) सल्फर।
(b) ग्रेफाइट।
(c) PVC।
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(c) PVC।

प्रश्न 34.
निम्न में से कौन अधातु द्रव होती है?
(a) कार्बन।
(b) ब्रोमीन।
(c) फॉस्फोरस।
(d) सल्फर।
उत्तर:
(b) ब्रोमीन।

प्रश्न 35.
निम्न में से कौन रासायनिक अभिक्रिया करेगा?
(a) MgSO4 + Fe
(b) ZnSO4 + Fe
(c) MgSO4 + Pb
(d) CuSO4 + Fe
उत्तर:
(d) CuSO4 + Fe

रिक्त स्थानों की पूर्ति

  1. धातुएँ प्रायः ऊष्मा एवं विद्युत की …………. होती हैं।
  2. आघातवर्ध्यनीयता एवं तन्यता ………….. का प्रमुख गुण है।
  3. भंगुरता प्रायः …….. का प्रमुख गुण है।
  4. अधातुएँ प्रायः विद्युत् की ………….. होती हैं।
  5. …… का उपयोग थर्मामीटर एवं बैरोमीटर में किया जाता है।

उत्तर:

  1. सुचालक।
  2. धातुओं।
  3. अधातुओं।
  4. अचालक।
  5. पारा (मर्करी)।

जोड़ी बनाइए
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 7
उत्तर:

  1. → (c)
  2. → (d)
  3. → (e)
  4. → (a)
  5. → (b)

सत्य/असत्य कथन

  1. सोडियम अतिक्रियाशील धातु है।
  2. दो अधातुओं के समांग मिश्रण को मिश्रातु कहते हैं।
  3. धातुओं के ऑक्साइड प्रायः क्षारकीय प्रकृति के होते हैं।
  4. स्टैनलैस स्टील में ताँबा मिला होता है।
  5. अधातुओं के ऑक्साइड प्रायः अम्लीय प्रकृति के होते हैं।

उत्तर:

  1. सत्य।
  2. असत्य।
  3. सत्य।
  4. असत्य।
  5. सत्य।

एक शब्द/वाक्य में उत्तर

  1. जो धातुएँ कठोर सतह से टकराने पर ध्वनि उत्पन्न करती हैं, उन्हें क्या कहते हैं?
  2. धातुओं की सतह चमकदार होती है, यह गुण क्या कहलाता है?
  3. पारे की मिश्रातु क्या कहलाती है?
  4. अयस्कों में उपस्थित मिट्टी एवं रेत की अशुद्धियाँ क्या कहलाती हैं?
  5. जब कोई तत्व प्रकृति में विभिन्न रूपों में पाया जाता है तो इस गुण को क्या कहते हैं?

उत्तर:

  1. ध्वानिक (सोनोरस)।
  2. धात्विक चमक।
  3. अमलगम।
  4. गेंग।
  5. अपररूपता।

MP Board Class 10th Science Chapter 3 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
ध्वानिक (सोनोरस) किन्हें कहते हैं? उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
ध्वानिक (सोनोरस):”वे धातुएँ किसी कठोर सतह से टकराती हैं, तो वे ध्वनि करती हैं। उन धातुओं को ध्वानिक (सोनोरस) कहते हैं।
उदाहरण: मंदिर के घंटों एवं स्कूल की घंटी का धातु।

प्रश्न 2.
‘भर्जन’ से क्या समझते हो?
उत्तर:
भर्जन:
“सल्फाइड अयस्क को वायु की उपस्थिति में अधिक ताप पर गर्म करने से वह सम्बन्धित धातु के ऑक्साइड में परिवर्तित हो जाती है। इस प्रक्रिया को भर्जन कहते हैं”।

प्रश्न 3.
‘निस्तापन’ में क्या समझते हो?
उत्तर:
निस्तापन:
“कार्बोनेट अयस्कों को वायु की सीमित मात्रा में उच्च ताप पर गर्म करने पर वह सम्बन्धित धातु के ऑक्साइड में परिवर्तित हो जाता है। इस प्रक्रिया को निस्तापन कहते हैं”।

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प्रश्न 4.
‘ऐनोड पंक’ किसे कहते हैं?
उत्तर:
ऐनोड पंक:
“जब धातुओं का विद्युत् अपघटनी परिष्करण (शोधन) किया जाता है तो अशुद्ध ऐनोड विद्युत् अपघटय में घुल जाता है तथा उसमें उपस्थित अविलेय अशुद्धियाँ ऐनोड की तली में एकत्रित हो जाती हैं, जिसे ऐनोड पंक कहते हैं।”

प्रश्न 5.
‘सक्रियता श्रेणी’ से क्या समझते हो?
उत्तर:
सक्रियता श्रेणी:
“वह सूची जिसमें धातुओं को उनकी क्रियाशीलता के अवरोही क्रम में व्यवस्थित किया जाता है, सक्रियता श्रेणी कहलाती है।”

प्रश्न 6.
अपररूपता से क्या समझते हो? कार्बन के दो प्रमुख अपररूपों के नाम लिखिए।
उत्तर:
अपररूपता:
“जब कोई तत्व प्रकृति में विभिन्न रूपों में मिलता है जिनके भौतिक गुणों में भिन्नता होती है, लेकिन रासायनिक गुण समान होते हैं, तो उनको उस तत्व के अपररूप एवं उनके इस गुण को अपररूपता कहते हैं”।

कार्बन के प्रमुख अपररूप:

  1. ग्रेफाइट।
  2. डायमण्ड (हीरा)।

प्रश्न 7.
यशदलेपन से क्या समझते हो?
उत्तर:
यशदलेपन:
“लोहा एवं इस्पात को जंग लगने (संक्षारण) से बचाने के लिए उस पर जिंक (जस्ते) की परत चढ़ा दी जाती है। इस प्रक्रिया को यशदलेपन कहते हैं”।

प्रश्न 8.
अमंलगम क्या होता है?
उत्तर:
अमलगम:
“जब किसी धातु जैसे जस्ता आदि पर पारे का लेप कर दिया जाता है तो वह धातु पारे से मिलकर पारे की मिश्रातु बनाती है, जिसे अमलगम कहते हैं।”

प्रश्न 9.
थर्मिट अभिक्रिया किन्हें कहते हैं?
उत्तर:
थर्मिट अभिक्रियाएँ:
“वे धातु विस्थापन अभिक्रियाएँ जिनमें अत्यधिक ऊष्मा उत्पन्न होती है जिससे विस्थापित धातु गलित अवस्था में प्राप्त होती है, थर्मिट अभिक्रियाएँ कहलाती हैं”।

प्रश्न 10.
अयस्कों से धातुओं के निष्कर्षण की प्रक्रिया में उनके सल्फाइड एवं कार्बोनेट अयस्कों को धातुओं के ऑक्साइड में क्यों परिवर्तित करना चाहिए?
उत्तर:
धातुओं के सल्फाइड एवं कार्बोनेटों की अपेक्षा उनके ऑक्साइड से धातुएँ अपचयन द्वारा प्राप्त करना अधिक आसान है।

प्रश्न 11.
सामान्यतः जब धातुएँ खनिज अम्लों से अभिक्रिया करती हैं तो हाइड्रोजन गैस निकलती है, लेकिन Mn एवं Mg को छोड़कर अन्य धातुएँ जब NHO3 से अभिक्रिया करती हैं तो हाइड्रोजन गैस उत्पन्न क्यों नहीं होती है?
उत्तर:
चूँकि HNO3 एक प्रबल ऑक्सीकारक है। इसलिए यह हाइड्रोजन गैस को जल में उपचयित कर देता है और इस कारण वह Mn एवं Mg को छोड़कर अन्य किसी धातु से अभिक्रिया करके हाइड्रोजन गैस नहीं देता।

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प्रश्न 12.
एक अधातु तत्व X दो रूपों Y एवं Z में प्राप्त होती है। इनमें Y कठोरतम तत्व है और Z एक विद्युत् का सुचालक है। X, Y एवं Z की पहचान कीजिए।
उत्तर:
X → कार्बन, Y = हीरा (डायमण्ड) एवं Z → ग्रेफाइट है।

प्रश्न 13.
सोल्डर मिश्रातु के अवयव (घटक) कौन – कौन से हैं? सोल्डर का कौन – सा गुण इसे बिजली के तारों की वेल्डिंग करने के योग्य बनाता है?
उत्तर:
सोल्डर मिश्रातु के घटक लेड एवं टिन हैं। सोल्डर मिश्रातु का निम्न गलनांक इसे इलेक्ट्रिक तार की वेल्डिंग के योग्य बनाता है।

प्रश्न 14.
एक तत्व A, A2O3 ऑक्साइड बनाता है जोकि स्वभाव (प्रकृति) से अम्लीय है। A की पहचान धातु एवं अधातु के रूप में कीजिए।
उत्तर:
चूँकि तत्व A का ऑक्साइड प्रकृति से अम्लीय है। इसलिए तत्व A एक अधातु तत्व होगा।

प्रश्न 15.
जब ऐलुमिनियम पाउडर MnO2 के साथ गर्म किया जाता है तो निम्न अभिक्रिया होती है –
3MnO2(s) + 3Al(s) → 3Mn(l) + 2Al2O3(l) + ऊष्मा

  1. क्या ऐलुमिनियम का अपचयन हो रहा है?
  2. क्या MnO2 का उपचयन हो रहा है?

उत्तर:

  1. नहीं, ऐलुमिनियम का उपचयन हो रहा है, क्योंकि ऑक्सीजन संयुक्त हो रही है।
  2. नहीं, MnO2 का अपचयन हो रहा है, क्योंकि ऑक्सीजन की हानि हो रही है।

प्रश्न 16.
ऊष्मा की सुचालक एवं कुचालक प्रत्येक प्रकार की धातुओं के दो – दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
ऊष्मा की सुचालक धातुएँ: Ag एवं Cu.
ऊष्मा की कुचालक धातुएँ: Pb एवं Hg.

MP Board Class 10th Science Chapter 3 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
इकबाल ने एक चमकीले द्विसंयोजी तत्व M की सोडियम हाइड्रॉक्साइड के साथ अभिक्रिया करायी, उसने अभिकारक मिश्रण में अभिक्रिया के समय बुलबुले उठते प्रेक्षित किए। उसने जब इस तत्व की अभिक्रिया हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से करायी, तब भी वह प्रेक्षित किया जो पहले किया। उत्पन्न गैस की वह पहचान कैसे करें ? बताइए। दोनों अभिक्रियाओं के लिए रासायनिक समीकरण भी लिखिए।
उत्तर:
वह गैस हाइड्रोजन हो सकती है जिसकी पहचान के लिए जब जलती तीली उसके पास लाते हैं तो वह फक-फक की ध्वनि के साथ जलती है।
M + 2NaOH → Na2MO2 + H2(g)
M + 2HCl → MCl + H2(g) वह तत्व M एक धातु तत्व है।

प्रश्न 2.
धातु निष्कर्षण की प्रक्रिया के समय शुद्ध धातु प्राप्त करने के लिए इलेक्ट्रोलाइटिक शोधन की प्रक्रिया को अपनाया जाता है –

  1. सिल्वर धातु के शोधन में ऐनोड एवं कैथोड किस पदार्थ के बने होते हैं?
  2. एक उपयुक्त इलेक्ट्रोलाइट (विद्युत् अपघट्य) बताइए।
  3. इस इलेक्ट्रोलाइटिक सेल में विद्युत् धारा प्रवाहित करने पर हमको शुद्ध सिल्वर कहाँ प्राप्त होगी?

उत्तर:

  1. ऐनोड – अशुद्ध सिल्वर, कैथोड – शुद्ध सिल्वर।
  2. विद्युत् अपघट्य – किसी सिल्वर लवण का विलयन; जैसे – AgNO3 एवं AgCl2 इत्यादि।
  3. हम कैथोड पर शुद्ध सिल्वर धातु प्राप्त करेंगे।

प्रश्न 3.
एक यौगिक X एवं ऐलुमिनियम का प्रयोग रेल लाइनों को जोड़ने के काम में लाया जाता है।

  1. यौगिक X की पहचान कीजिए।
  2. इस अभिक्रिया का नाम लिखिए।
  3. इस अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण लिखिए।

उत्तर:

  1. यौगिक X है – आयरन (III) ऑक्साइड, Fe2O3
  2. अभिक्रिया का नाम हैं – थर्मिट अभिक्रिया
  3. Fe2O3 + 2Al → 2Fe + Al2O3

प्रश्न 4.
जब कोई धातु X ठण्डे जल से अभिक्रिया करती है तो यह एक क्षारकीय लवण Y देता है जिसका अणुसूत्र XOH (अणु द्रव्यमान = 40) एवं एक गैस Z निकालता है जो आसानी से आग को पकड़ लेती है। X, Yएवं Z की पहचान कीजिए तथा होने वाली अभिक्रियाओं के रासायनिक समीकरण भी लिखिए।
उत्तर:
X → Na, Y → NaOH एवं Z → H2
2Na + 2H2O → 2NaOH + H2 + ऊष्मा

प्रश्न 5.
एक धातु A जो थर्मिट प्रक्रिया में प्रयुक्त होती है, जब ऑक्सीजन के साथ गर्म की जाती है तो एक ऑक्साइड B बनाती है जो उभयधर्मी प्रकृति का है। A एवं B की पहचान कीजिए। ऑक्साइड B की HCl एवं NaOH के साथ अभिक्रियाओं के रासायनिक समीकरण भी लिखिए।
उत्तर:
A → ऐलुमिनियम (Al)
B → ऐलुमिनियम ऑक्साइड (Al2O3) है।
Al2O3 + 6HCl → 2AlCl3 + 2H2O
Al2O3 + 2NaOH → 2NaAlO2 + H2O

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प्रश्न 6.
एक धातु जो कमरे के ताप पर द्रव अवस्था में रहती है, इसके सल्फाइड को ऑक्सीजन की उपस्थिति में गर्म करके प्राप्त की जाती है। इस धातु एवं इसके अयस्क की पहचान कीजिए तथा होने वाली अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर:
सक्रियता श्रेणी में निम्न सक्रियता वाली धातुओं को उनके ऑक्साइड एवं सल्फाइड अयस्कों को गर्म करके प्राप्त की जा सकती है और केवल एक ही धातु मरकरी (Hg) कमरे ताप पर द्रव अवस्था में होती है। अतः अभीष्ट धातु मरकरी (Hg) है। यह अयस्क सिनेबार (HgS) को ऑक्सीजन की उपस्थिति में गर्म करके प्राप्त की जा सकती है।
रासायनिक अभिक्रिया का समीकरण:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 8

प्रश्न 7.
निम्नलिखित जोड़ों के संयोजन से बनने वाले यौगिकों के अणु सूत्र लिखिए –

  1. Mg एवं N2
  2. Li एवं O2
  3. AI एवं Cl2
  4. K एवं O2

उत्तर:

  1. Mg3N2
  2. Li2O
  3. AlCl3
  4. K2O

प्रश्न 8.
क्या होता है, जबकि –
(a) ZnCO3 को ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में गर्म किया जाता है।
(b) Cu2O एवं Cu2S के एक मिश्रण को गर्म किया जाता है। रासायनिक समीकरण भी लिखिए।
उत्तर:
(a) जब ZnCO3 को ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में गर्म किया जाता है तो निस्तापन की प्रक्रिया द्वारा ZnO बनता है और CO2 गैस निकल जाती है।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 9
(b) जब Cu2O एवं Cu2S के मिश्रण को गर्म किया जाता है तो SO2 गैस निकल जाती है तथा कॉपर धातु (Cu) प्राप्त होती है।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 10

प्रश्न 9.
एक अधातु तत्व A हमारे भोजन का एक महत्वपूर्ण अवयव (घटक) है। यह दो ऑक्साइड B एवं C बनाता है। ऑक्साइड B विषाक्त है तथा C वैश्विक ऊष्मता का कारक है –
(a) A, B एवं C की पहचान कीजिए।
(b) अधातु A आवर्त तालिका के किस समूह का तत्व है?
उत्तर-हमारे भोजन का महत्वपूर्ण घटक अधातु तत्व कार्बन (C) होता है तथा कार्बन दो ऑक्साइड CO एवं CO2 बनाता है जिनमें CO विषाक्त एवं CO2 वैश्विक ऊष्मता का कारक होता है। अतः
(a) A → कार्बन (C)
B → कार्बन मोनोक्साइड (CO)
C → कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) है।

(b) कार्बन अधातु तत्व आवर्त तालिका (सारणी) के समूह 14 का तत्व है।

प्रश्न 10.
कमरे के ताप पर द्रव अवस्था में रहने वाली एक धातु एवं एक अधातु का नाम लिखिए तथा ऐसी दो धातुओं के भी नाम लिखिए जिनका गलनांक 310 K (37°C) से कम है।
उत्तर:
द्रव धातु – मरकरी (Hg)।
द्रव अधातु – ब्रोमीन (Br)।
310 K (37°C) से कम गलनांक वाली दो धातुएँ हैं –

  1. सीजियम (Cs)।
  2. गैलियम (Ga)।

प्रश्न 11.
एक तत्व A जल से अभिक्रिया करके एक यौगिक B बनाता है जोकि सफेदी करने के काम आता है। यौगिक B गर्म करने पर एक ऑक्साइड C बनाता है जो पानी से अभिक्रिया करके पुनः B बनाता है। A, B एवं C की पहचान कीजिए एवं अभिक्रियाओं के रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर:
चूँकि B सफेदी करने के काम आता है और सफेदी करने में बुझा चूना [Ca(OH2)] प्रयुक्त होता है अत: B बुझा चूना [Ca(OH)2] है चूँकि तत्व कैल्सियम की जल से अभिक्रिया के फलस्वरूप हमको बुझा चूना मिलता है अतः तत्व A कैल्सियम धातु (Ca) है।
चूँकि B बुझा चूना [Ca(OH)2] गर्म करने पर कैल्सियम ऑक्साइड [CaO] देता है अत: C कैल्सियम ऑक्साइड [CaO] है, जो पानी से अभिक्रिया करके पुनः B बुझा चूना [Ca(OH)2] बनाता है।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 11

प्रश्न 12.
एक क्षारीय धातु A जल में अभिक्रिया करके एक यौगिक B (अणु – द्रव्यमान = 40) देती है जब यौगिक B की अभिक्रिया ऐलुमिनियम ऑक्साइड के साथ होती है तो विलेय यौगिक C बनता है। A, B एवं C की पहचान कीजिए एवं अभिक्रियाओं के समीकरण दीजिए।
उत्तर:
क्षारीय धातु A सोडियम (Na) हो सकता है जो जल में अभिक्रिया करके सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH) यौगिक B बनाता है जिसका अणु – द्रव्यमान 40 है जब सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH) ऐलुमिनियम ऑक्साइड (Al2O3) से अभिक्रिया करता है तो विलेय लवण C सोडियम ऐलुमिनेट (NaAlO2) बनाता है। इस प्रकार –
A → सोडियम (Na), B → सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH) एवं C → सोडियम ऐलुमिनेट (NaAlO2) है।
2Na + 2H2O → 2NaOH + H2(g)
Al2O3 + 2NaOH → 2NaAlO2 + H2O

प्रश्न 13.
जिंक को उसके अयस्क से निष्कर्षण में होने वाली अभिक्रियाओं के समीकरण लिखिए –
(a) जब जिंक अयस्क का भर्जन किया जाता है।
(b) जब जिंक अयस्क का निस्तापन किया जाता है।
उत्तर:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 12

प्रश्न 14.
एक धातु M अम्लों से अभिक्रिया करके हाइड्रोजन गैस नहीं देती है, लेकिन ऑक्सीजन से अभिक्रिया करके काला पदार्थ बनाती है। उस धातु M की एवं उस काले उत्पाद की पहचान कीजिए एवं ऑक्सीजन के साथ उस धातु की अभिक्रिया को समझाइए।
उत्तर:
चूँकि कॉपर अम्लों से अभिक्रिया करके कभी भी हाइड्रोजन गैस नहीं देती तथा ऑक्सीजन से अभिक्रिया करके काला पदार्थ कॉपर ऑक्साइड (CuO) बनाती है अतः
M= कॉपर धातु (Cu) है तथा काला पदार्थ कॉपर ऑक्साइड (CuO) है।
अभिक्रिया का समीकरण:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 13

प्रश्न 15.
कॉपर सल्फेट (CuSO4) का एक विलयन लोहे के बर्तन में रखा गया। कुछ दिन बाद लोहे के बर्तन में अनेक छेद पाए गए। सक्रियता के आधार पर इसके कारण की व्याख्या कीजिए तथा अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर:
चूँकि सक्रियता श्रेणी में लोहे (आयरन), ताँबे के ऊपर आता है अर्थात् लोहे की सक्रियता ताँबे से अधिक है। इसलिए लोहा (आयरन Fe) कॉपर सल्फेट के विलयन से कॉपर को विस्थापित करके आयरन सल्फेट बनाता है जो विलेय है। इसलिए विलयन में घुल जाता है और बर्तन में छेद हो जाते हैं। अभिक्रिया का समीकरण
Fe(s) + CuSO4(aq) → FeSO4(aq) + Cu(s)

प्रश्न 16.
तीन धातुओं X, Y एवं Z में से X ठण्डे पानी से अभिक्रिया करती है। Y गर्म पानी के साथ तथा Z केवल जलवाष्प के साथ अभिक्रिया करती है। X, Y एवंz की पहचान कीजिए एवं उनको बढ़ती हुई सक्रियता के क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
उत्तर:
चूँकि X ठण्डे पानी से अभिक्रिया करती है। इसलिए X कोई क्षार धातु Na या K है। चूंकि Y गर्म पानी के साथ अभिक्रिया करती है। इसलिए Y कोई क्षारीय मृदा धातु Mg या Ca है।
चूँकि Z जलवाष्प से अभिक्रिया करती है अत: Z = आयरन (Fe) है।
सक्रियता के आरोही क्रम में –
Z < Y < X अर्थात् Fe < Mg या Ca < Na या K

MP Board Class 10th Science Chapter 3 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
एक अधातु A जो वायुमण्डल का सबसे बड़ा घटक है, जब यह हाइड्रोजन (H2) के साथ 1 : 3 के अनुपात में Fe उत्प्रेरक की उपस्थिति में गर्म किया जाता है तो गैस B बनाता है। जब इसे ऑक्सीजन के साथ गर्म करने पर यह एक ऑक्साइड C देता है। यदि यह ऑक्साइड जल में हवा की उपस्थिति में प्रवाहित किया जाता है तो यह एक अम्ल D बनाता है जो एक प्रबल ऑक्सीकारक की तरह कार्य करता है।
(a) A, B, C एवं D की पहचान कीजिए।
(b) यह अधातु आवर्त तालिका के किस समूह का तत्व है?
उत्तर:
चूँकि वायुमण्डल का सबसे बड़ा घटक नाइट्रोजन (N) है जो एक अधातु A है और यह आयरन (Fe) उत्प्रेरक की उपस्थिति में हाइड्रोजन के साथ 1 : 3 के अनुपात में गर्म करने पर एक गैस (B) देता है, जो अमोनिया (NH3) है। नाइट्रोजन गैस ऑक्सीजन के साथ गर्म करने पर एक ऑक्साइड (C) देती है जो नाइट्रिक ऑक्साइड (NO) है। यह ऑक्साइड हवा की उपस्थिति में जल में प्रवाहित किया जाता है तो यह एक प्रबल ऑक्सीकारक (उपचायक) अम्ल (D) देती है जो नाइट्रिक अम्ल (HNO3) है, अतः
(a) A → (N2), B → (NH3), C → (NO), D → (HNO3)
(b) अधातु तत्व A अर्थात् नाइट्रोजन (N) आवर्त सारणी के समूह-15 का तत्व है।

प्रश्न 2.
निम्न एवं मध्यम सक्रियता वाली धातुओं को उनके सम्बन्धित सल्फाइड अयस्कों से निष्कर्षण की प्रक्रिया के चरण लिखिए।
उत्तर:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 14

प्रश्न 3.
निम्नलिखित की व्याख्या कीजिए –

  1. ऐलुमिनियम (Al) की सक्रियता घटती जाती है यदि इसको HNO3 में डुबाया जाता है।
  2. कार्बन, सोडियम या मैग्नीशियम के ऑक्साइड को अपचयित नहीं कर सकता।
  3. सोडियम क्लोराइड NaCl ठोस अवस्था में विद्युत् का सुचालक नहीं होता, जबकि गलित अवस्था में अथवा जलीय विलयन में यह विद्युत् प्रवाहित करता है।
  4. आयरन की वस्तुएँ यशदीकृत की जाती हैं।
  5. धातुएँ जैसे Na, K, Ca एवं Mg कभी भी प्रकृति में स्वतन्त्र अवस्था में प्राप्त नहीं होती हैं।

उत्तर:

  1. HNO3 एक उपचायक (ऑक्सीकारक) है जब इसमें ऐलुमिनियम को डुबाया जाता है तो ऐलुमिनियम ऑक्साइड बनता है जिसकी परत ऐलुमिनियम पर चढ़ जाती है और इसके कारण ऐलुमिनियम की सक्रियता घटती जाती है।
  2. सोडियम (Na) या मैग्नीशियम (Mg) कार्बन (C) की अपेक्षा अधिक क्रियाशील है। इसलिए कार्बन सोडियम या मैग्नीशियम के ऑक्साइड को अपचयित नहीं कर पाता।
  3. ठोस अवस्था में सोडियम क्लोराइड आयनित नहीं होता, जबकि गलित अवस्था में अथवा जलीय विलयन में Na+ एवं Cl आयनों में आयनित हो जाता है। इन आयनों की उपस्थिति के कारण यह विद्युत् धारा को प्रवाहित कर देता है, जबकि ठोस अवस्था में नहीं कर पाता।
  4. आयरन अपने सम्पर्क में आने वाली वायु, नमी (आर्द्रता) एवं अम्लों से संक्षारित हो जाता है। इस कारण इसकी बनी वस्तुओं पर यशदीकरण द्वारा जिंक की परत चढ़ा दी जाती है जो इसे संक्षारित होने से रोकता है।
  5. चूँकि धातुएँ जैसे Na, K, Ca एवं Mg अत्यधिक क्रियाशील होती हैं। इसलिए ये प्रकृति में स्वतन्त्र अवस्था में प्राप्त नहीं होती हैं।

प्रश्न 4.
(1) कॉपर को उसके अयस्क से निष्कर्षण के निम्न चरण दिए गए हैं इनकी अभिक्रियाएँ लिखिए –
(a) कॉपर (I) सल्फाइड का भर्जन।
(b) कॉपर (I) ऑक्साइड का कॉपर (I) सल्फाइड के साथ अपचयन।
(c) विद्युत् अपघटनी शोधन।
(2) एक स्वच्छ नामांकित चित्र कॉपर के विद्युत् अपघटनी शोधन का बनाइए।
उत्तर:
(1) विभिन्न चरणों की रासायनिक अभिक्रियाएँ:
(a) कॉपर के सल्फाइड (Cu2S) अयस्क के भर्जन से SO2 गैस निकल जाती है तथा Cu2O प्राप्त होता है।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 15
(b) Cu2O का Cu2S के साथ गर्म करके अपचयन द्वारा कॉपर (Cu) प्राप्त होता है तथा SO2 गैस निकलती है।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 16
(c) विद्युत् अपघटनी शोधन में हमको कैथोड पर शुद्ध कॉपर धातु (Cu) प्राप्त होता है।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 17
(2) विद्युत् अपघटनी शोधन का चित्र:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 19

प्रश्न 5.
एक तत्व (A) सुनहरी पीली ज्वाला के साथ वायु में जलता है। यह दूसरे तत्व (B) से जिसका परमाणु क्रमांक 17 है, अभिक्रिया करता है और उत्पाद C बनाता है। उत्पाद C का जलीय विलयन विद्युत् अपघटन की अभिक्रिया में यौगिक D देता है तथा हाइड्रोजन गैस निकालता है। A, B, C, एवं D की पहचान कीजिए। अभिक्रियाओं के रासायनिक समीकरण भी लिखिए।
उत्तर:
धातु सोडियम सुनहरी पीली ज्वाला के साथ जलता है अतः (A) सोडियम (Na) है। परमाणु क्रमांक 17 वाला तत्व (B) क्लोरीन (Cl) है। सोडियम (Na) एवं क्लोरीन (Cl) परस्पर अभिक्रिया करके उत्पाद सोडियम क्लोराइड (NaCl) बनाता है। अतः (C) सोडियम क्लोराइड (NaCl) है। NaCl का जलीय विलयन विद्युत् अपघटन के फलस्वरूप यौगिक सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH) बनाता है। अतः (D) सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH) है।
अतः (A) → (Na), (B) → (Cl), (C) → (NaCl) एवं (D) → (NaOH)
रासायनिक समीकरण:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 19

प्रश्न 6.
दो अयस्क (A) एवं (B) लिए गए। गर्म करने पर अयस्क (A) कार्बन डाइऑक्साइड (CO) देता है, जबकि अयस्क (B) सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) देता है। आप उनको धातुओं में बदलने के लिए क्या चरण अपनाएंगे?
उत्तर:
चूँकि अयस्क (A) गर्म करने पर कार्बन डाइऑक्साइड गैस (CO2) देता है अत: यह धातु का कार्बोनेट अयस्क (MCO3) है। अयस्क MCO3 जिसका निस्तापन करने पर ऑक्साइड MO देता है तथा कार्बन डाइऑक्साइड गैस (CO2) निकलती है।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 20
धातु ऑक्साइड (MO) कार्बन के साथ अपचयित होकर धातु (M) देता है।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 21
इस प्रकार अयस्क (A) से धातु (M) प्राप्त हो जाती है।
चूँकि अयस्क (B) गर्म करने पर सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) गैस देता है अतः यह धातु का सल्फाइड अयस्क (MS) है जो ऑक्सीजन की उपस्थिति में भर्जन करने पर ऑक्साइड (MO) देता है तथा सल्फर डाइऑक्साइड गैस (SO2) निकलती है –
2MS + 3O2 → 2MO + 2SO2
धातु ऑक्साइड (MO) कार्बन (C) के साथ गर्म करने पर अपचयित होकर धातु (M) देता है।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 3 धातु एवं अधातु 22
इस प्रकार अयस्क (B) से धातु (M) प्राप्त होती है।

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MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

MP Board Class 10th Science Chapter 2 पाठान्तर्गत प्रश्नोत्तर

प्रश्न श्रृंखला-1 # पृष्ठ संख्या 20

प्रश्न 1.
आपको तीन परखनलियाँ दी गई हैं। इनमें से एक में आसवित जल एवं शेष दो में से एक में अम्लीय विलयन तथा दूसरे में क्षारीय विलयन है। यदि आपको केवल लाल लिटमस पत्र दिया जाता है, तो आप प्रत्येक परखनली में रखे गए पदार्थों की पहचान कैसे करेंगे?
उत्तर:
हम दिए गए लाल लिटमस पत्र के तीन भाग कर देंगे और प्रत्येक परखनली में एक – एक भाग डुबोयेंगे जो लिटमस नीला हो जाएगा उसमें क्षारीय विलयन होगा, उसे पृथक् कर लेंगे। शेष दोनों परखनलियों में से एक में अम्लीय विलयन तथा दूसरी में आसवित जल होगा। क्षारीय विलयन वाली परखनली से नीले लिटमस को निकालकर दो भाग करके शेष दोनों परखनियों में एक – एक भाग डुबोयेंगे जिस परखनली का लिटमस पत्र पुनः लाल हो जाता है उसका विलयन अम्लीय होगा तथा दूसरी परखनली का आसुत जल। इस प्रकार तीनों विलयनों का परीक्षण कर लेंगे।

प्रश्न श्रृंखला-2 # पृष्ठ संख्या 24

प्रश्न 1.
पीतल एवं ताँबे के बर्तनों में दही एवं खट्टे पदार्थ क्यों नहीं रखने चाहिए?
उत्तर:
दही एवं खट्टे पदार्थों में अम्ल होते हैं। ये पीतल से अभिक्रिया करके जिंक एवं कॉपर के तथा कॉपर, ताँबे से क्रिया करके कॉपर के लवण बनाते हैं जो विषाक्त होते हैं। इसलिए पीतल एवं ताँबे के बर्तनों में दही एवं खट्टे पदार्थ नहीं रखने चाहिए।

प्रश्न 2.
धातु के साथ अम्ल की अभिक्रिया होने पर सामान्यतः कौन – सी गैस निकलती है? एक उदाहरण के द्वारा समझाइए। इस गैस की उपस्थिति की जाँच आप कैसे करेंगे?
उत्तर:
धातु के साथ अम्ल की अभिक्रिया होने पर प्रायः हाइड्रोजन (H2) गैस निकलती है।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 1
जब हम जलती हुई तीली इस गैस के पास लाते हैं तो यह फट – फट की ध्वनि के साथ जलती है।

प्रश्न 3.
कोई धातु यौगिक ‘A’ तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया करता है तो बुदबुदाहट उत्पन्न होती है। इससे उत्पन्न गैस जलती मोमबत्ती को बुझा देती है। यदि उत्पन्न यौगिकों में से एक कैल्सियम क्लोराइड है, तो इस अभिक्रिया के लिए एक संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 2

प्रश्न श्रृंखला-3 # पृष्ठ संख्या 27

प्रश्न 1.
HCl, HNO3 आदि जलीय विलयन में अम्लीय अभिलक्षण क्यों प्रदर्शित करते हैं, जबकि ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज जैसे यौगिकों के विलयनों में अम्लीयता के अभिलक्षण प्रदर्शित नहीं होते हैं?
उत्तर:
HCl एवं HNO3 आदि जलीय विलयन में आयनित होकर हाइड्रोजन आयन (H+) अथवा हाइड्रोनियम आयन (H3O+) बनाते हैं जिसके कारण विलयन में अम्लीयता के अभिलक्षण प्रदर्शित होते हैं, जबकि ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज जैसे यौगिक आयनित नहीं होते। इसलिए उनके विलयन में अम्लीयता के अभिलक्षण प्रदर्शित नहीं होते।

प्रश्न 2.
अम्ल का जलीय विलयन क्यों विद्युत् का चालन करता है?
उत्तर:
अम्ल के जलीय विलयन में हाइड्रोजन आयन (H+) उत्पन्न होते हैं जो विद्युत् के वाहक होते हैं। इस कारण वे विद्युत् का चालन करते हैं।

प्रश्न 3.
शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस शुष्क लिटमस पत्र का रंग क्यों नहीं बदलती?
उत्तर:
शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस शुष्क लिटमस के साथ हाइड्रोजन आयन (H+) नहीं बनाती। इस कारण उसका रंग नहीं बदलती है।

प्रश्न 4.
अम्ल को तनुकृत करते समय यह क्यों अनुशंसित करते हैं कि अम्ल को जल में मिलाना चाहिए न कि जल को अम्ल में?
उत्तर:
अम्ल का तनुकरण एक अत्यन्त ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया है तथा इसमें अत्यधिक मात्रा में ऊष्मा उत्पन्न होती है। अम्ल को जल में मिलाने पर जो ऊष्मा उत्पन्न होती जाती है वह जल द्वारा शोषित कर ली जाती है। इसलिए अम्ल को तनुकृत करने के लिए इसे जल में मिलाते हैं।

प्रश्न 5.
अम्ल के विलयन को तनुकृत करते समय हाइड्रोनियम आयन (H3O+) की सान्द्रता कैसे प्रभावित हो जाती है?
उत्तर:
अम्ल के विलयन को तनुकृत करते समय हाइड्रोनियम आयन (H3O+) की सान्द्रता प्रति इकाई आयतन कम हो जाती है।

प्रश्न 6.
जब सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन में आधिक्य क्षारक मिलाते हैं तो हाइड्रॉक्साइड आयन (OH) की सान्द्रता कैसे प्रभावित होती है?
उत्तर:
जब सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन में आधिक्य क्षारक मिलाते हैं तो विलयन में हाइड्रॉक्साइड आयन (OH) की सान्द्रता प्रति इकाई आयतन बढ़ जाती है।

प्रश्न शृंखला-4 # पृष्ठ संख्या 31

प्रश्न 1.
आपके पास दो विलयन ‘A’ और ‘B’ हैं। विलयन ‘A’ के pH का मान 6 है एवं विलयन ‘B’ के pH का मान 8 है। किस विलयन में हाइड्रोजन आयन की सान्द्रता अधिक है? इनमें से कौन अम्लीय है और कौन क्षारकीय?
उत्तर:
विलयन ‘A’ में हाइड्रोजन आयन (H+) की सान्द्रता अधिक होगी। विलयन ‘A’ अम्लीय विलयन है तथा विलयन ‘B’ क्षारकीय विलयन है।

प्रश्न 2.
H+(aq) आयन की सान्द्रता का विलयन की प्रकृति पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
H+(aq) आयन की सान्द्रता बढ़ने पर विलयन को अम्लीय प्रकृति (अम्लीयता) बढ़ती जाती है। जबकि H+ आयन की सान्द्रता कम होने पर क्षारकीय प्रकृति बढ़ती है।

प्रश्न 3.
क्या क्षारकीय विलयन में H+(aq) आयन होते हैं? अगर हाँ तो ये क्षारकीय क्यों होते हैं?
उत्तर:
हाँ, क्षारकीय विलयनों में भी H+(aq) आयन होते हैं, लेकिन उनमें H+(aq) आयनों की अपेक्षा OH(aq) आयनों की सान्द्रता अधिक होती है। इसलिए वे क्षारकीय होते हैं।

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प्रश्न 4.
कोई किसान खेत की मृदा की किस परिस्थिति में बिना बुझा हुआ चूना (कैल्सियम ऑक्साइड), बुझा हुआ चूना (कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड) या चाक (कैल्सियम कार्बोनेट) का उपयोग करेगा?
उत्तर:
जब खेत की मृदा अधिक अम्लीय होगी तो उस स्थिति में किसान बुझा या बिना बुझा चूना या चाक का उपयोग करेगा।

प्रश्न शृंखला-5 # पृष्ठ संख्या 36

प्रश्न 1.
CaOCl2 का प्रचलित नाम क्या है?
उत्तर:
विरंजक चूर्ण (ब्लीचिंग पाउडर)।

प्रश्न 2.
उस पदार्थ का नाम बताइए जो क्लोरीन से अभिक्रिया करके विरंजक चूर्ण बनाता है।
उत्तर:
बुझा हुआ चूना (कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड)।

प्रश्न 3.
कठोर जल को मृदु करने के लिए किस सोडियम यौगिक का उपयोग किया जाता है?
उत्तर:
सोडियम कार्बोनेट (धोने का सोडा)।

प्रश्न 4.
सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट के विलयन को गर्म करने पर क्या होगा? इस अभिक्रिया के लिए रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर:
सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट के विलयन को गर्म करने पर सोडियम कार्बोनेट का विलयन बनता है तथा कार्बन डाइऑक्साइड गैस निकलती है।
अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 3

प्रश्न 5.
प्लास्टर ऑफ पेरिस की जल के साथ अभिक्रिया का समीकरण लिखिए।
उत्तर:
प्लास्टर ऑफ पेरिस की जल के साथ अभिक्रिया का समीकरण:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 4

MP Board Class 10th Science Chapter 2 पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
कोई विलयन लाल लिटमस को नीला कर देता है, इसका pH सम्भवतः क्या होगा? (2019)
(a) 1
(b) 4
(c) 5
(d) 10
उत्तर:
(d) 10

प्रश्न 2.
कोई विलयन अण्डे के पिसे हुए कवच से अभिक्रिया करके एक गैस उत्पन्न करता है, जो चने के पानी को दूधिया कर देती है। इस विलयन में क्या होगा?
(a) NaCl
(b) HCl
(c) LiCl
(d) KCl
उत्तर:
(b) HCl

प्रश्न 3.
NaOH का 10 ml विलयन HCl के 8 ml विलयन से पूर्ण उदासीन हो जाता है। यदि हम NaOH के उसी विलयन का 20 ml लें तो उसे उदासीन करने के लिए HCl के उसी विलयन की कितनी मात्रा की आवश्यकता होगी?
(a) 4 ml
(b) 8 ml
(c) 12 ml
(d) 16 ml
उत्तर:
(d) 16 ml

प्रश्न 4.
अपच का उपचार करने के लिए निम्न में से किस औषधि का उपयोग होता है?
(a) ऐण्टीबायोटिक (प्रतिजैविकी)
(b) ऐनालजेसिक (पीड़ाहारी)
(c) ऐन्टैसिड
(d) ऐन्टीसेप्टिक (प्रतिरोधी)
उत्तर:
(c) ऐन्टैसिड।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित अभिक्रिया के लिए पहले शब्द समीकरण लिखिए तथा उसके बाद संतुलित समीकरण लिखिए –
(a) तनु सल्फ्यूरिक अम्ल दानेदार जिंक के साथ अभिक्रिया करता है।
(b) तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल मैग्नीशियम पट्टी के साथ अभिक्रिया करता है।
(c) तनु सल्फ्यूरिक अम्ल ऐलुमिनियम चूर्ण के साथ अभिक्रिया करता है।
(d) तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल लोह के चूर्ण के साथ अभिक्रिया करता है।
उत्तर:
शब्द समीकरण:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 5
संतुलित समीकरण:
(a) Zn(s) + Dil. H2SO4(dil) → ZnSO4 (aq) + H2
(b) Mg(s) + 2HCl(dil) → MgCl2(aq) + H2
(c) 2Al(s) + 3H2SO4(dil) → Al2(SO4)3(aq) + 3H2
(d) Fe(s) + 2HCl (dil) → FeCl2(aq) + H2

प्रश्न 6.
ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज जैसे यौगिकों में भी हाइड्रोजन होते हैं, लेकिन इनका वर्गीकरण अम्ल की तरह नहीं होता है। एक क्रियाकलाप द्वारा इसे सिद्ध कीजिए।
उत्तर:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 6
एक कॉर्क पर दो कीलें लगाकर संलग्न आकृति के अनुसार 100 ml के बीकर में रखकर कीलों को 6 V की एक बैटरी के दोनों टर्मिनलों के साथ एक बल्ब एवं स्विच के माध्यम से जोड़ दीजिए।

  • अब बीकर में थोड़ा तनु HCl डालकर विद्युत् धारा बीकर प्रवाहित कीजिए आप देखेंगे कि बल्ब जल जाता है।
  • अब इस प्रयोग को तनु H2SO4 डालकर दोहराइए कील तनुकृत अम्लीय तो आप देखेंगे कि बल्ब पुनः जल जाता है।
  • आप बारी – बारी से इस प्रयोग को ग्लूकोज विलयन एवं ऐल्कोहॉल विलयन के साथ भी दोहराइए। आप देखेंगे कि इनमें से किसी भी अवस्था में बल्ब नहीं जलता।

निष्कर्ष:
इससे स्पष्ट होता है कि अम्लों के विलयन विद्युत् धारा के चालक होते हैं जबकि ग्लूकोज एवं ऐल्कोहॉल के विलयन विद्युत् धारा के चालक नहीं होते और इसलिए इन्हें अम्लों की श्रेणी में विभाजित नहीं करते।

ज्ञातव्य: अम्ल नीले लिटमस को लाल कर देते हैं, लेकिन ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज के विलयन नहीं करते, इससे भी सिद्ध होता है कि ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज में हाइड्रोजन होते हुए भी ये अम्ल की श्रेणी में नहीं आते।।

प्रश्न 7.
आसवित जल विद्युत् का चालक क्यों नहीं होता, जबकि वर्षा का जल होता है?
उत्तर:
आसवित जल में हाइड्रोजन आयन (H+) अथवा हाइड्रॉक्साइड आयन (OH) नहीं होते जो विद्युत् के वाहक होते हैं। इसलिए आसवित जल विद्युत का चालक नहीं होता। वहीं दूसरी ओर वर्षा जल में कुछ अम्ल की मात्रा मिली होती है जो हाइड्रोजन आयन (H+) देती है, इसलिए वर्षा जल विद्युत् का चालक होता है।

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प्रश्न 8.
जल की अनुपस्थिति में अम्ल का व्यवहार अम्लीय क्यों नहीं होता?
उत्तर:
जल की अनुपस्थिति में अम्ल हाइड्रोजन आयन (H+) नहीं देते जो अम्लीय व्यवहार के कारक है। इसलिए जल की अनुपस्थिति में अम्ल का व्यवहार अम्लीय नहीं होता है।

प्रश्न 9.
पाँच विलयनों A, B, C, D एवं E की जब सार्वत्रिक सूचक से जाँच की जाती है, तो pH के मान क्रमशः 4, 1, 11, 7 एवं 9 प्राप्त होते हैं, कौन – सा विलयन?
(a) उदासीन है।
(b) प्रबल क्षारीय है।
(c) प्रबल अम्लीय है।
(d) दुर्बल अम्लीय है।
(e) दुर्बल क्षारीय है।
उत्तर:
(a) विलयन ‘D’ उदसीन है। (pH = 7)
(b) विलयन ‘C’ प्रबल क्षारीय है (pH = 11)
(c) विलयन ‘B’ प्रबल अम्लीय है। (pH = 1)
(d) विलयन ‘A’ दुर्बल अम्लीय है। (pH = 4) एवं
(e) विलयन ‘E’ दुर्बल क्षारीय है। (pH = 9)
इन pH मानों को हाइड्रोजन आयनों की सान्द्रता के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कीजिए।

प्रश्न 10.
परखनली ‘A’ एवं ‘B’ में समान लम्बाई की मैग्नीशियम की पट्टी लीजिए। परखनली ‘A’ में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) तथा परखनली ‘B’ में ऐसीटिक अम्ल (CH3COOH) डालिए। दोनों अम्लों की मात्रा तथा सान्द्रता समान है। किस परखनली में अधिक तेजी से बुदबुदाहट होगी और क्यों?
उत्तर:
परखनली ‘A’ में अधिक तेजी से बुदबुदाहट होगी क्योंकि इसमें हाइड्रोक्लोरिक अम्ल है जो ऐसीटिक अम्ल से बहुत अधिक प्रबल है।

प्रश्न 11.
ताजे दूध का pH मान 6 होता है। दही बन जाने पर इसके pH के मान में क्या परिवर्तन होगा? अपना उत्तर समझाइए।
उत्तर:
दही बन जाने पर दूध का pH मान घट जाएगा, क्योंकि दही में अम्ल होता है जिससे दूध में हाइड्रोजन आयनों (H+) का सान्द्रण बढ़ जाएगा।

प्रश्न 12.
एक ग्वाला ताजे दूध में थोड़ा बेकिंग सोडा मिलाता है –

  1. ताजा दूध के pH के मान को 6 से बदलकर थोड़ा क्षारीय क्यों बना देता है?
  2. इस दूध को दही बनने में अधिक समय क्यों लगता है?

उत्तर:

  1. बेकिंग सोडा क्षारीय (क्षारकीय) होता है जिसका pH मान 7 से अधिक होता है। इसको दूध (pH मान) में मिलाने से दूध का pH मान बढ़कर 7 से अधिक हो जाता है। इससे दूध क्षारीय हो जाता है।
  2. बेकिंग सोडा मिले दूध का pH मान साधारण दूध के pH मान से अधिक होता है। इसलिए दही बनने के लिए दूध को अधिक समय लगता है।

प्रश्न 13.
प्लास्टर ऑफ पेरिस को आर्द्र – रोधी बर्तन में क्यों रखा जाना चाहिए? इसकी व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
प्लास्टर ऑफ पेरिस आर्द्रताग्राही होता है और आर्द्रता (नमी या जलवाष्प) से क्रिया करके कठोर ठोस पदार्थ का निर्माण करता है। इसलिए प्लास्टर ऑफ पेरिस को आर्द्र – रोधी बर्तन में रखा जाना चाहिए।

प्रश्न 14.
उदासीनीकरण अभिक्रिया क्या है? दो उदाहरण दीजिए। (2019)
उत्तर:
उदासीनीकरण:
“अम्ल और क्षारक परस्पर अभिक्रिया करके एक – दूसरे को उदासीन कर देते हैं और लवण एवं जल का निर्माण करते हैं। यह प्रक्रिया उदासीनीकरण कहलाती है।”
उदाहरण:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 7

प्रश्न 15.
धोने का सोडा एवं बेकिंग सोडा के दो – दो प्रमुख उपयोग बताइए। (2019)
उत्तर:
धोने के सोडा के उपयोग:

  1. इसका उपयोग काँच, साबुन एवं कागज उद्योगों में होता है।
  2. इसका उपयोग घरों में साफ – सफाई के लिए होता है।

बेकिंग सोडा के उपयोग:

  1. इसका प्रमुख उपयोग बेकरी में उपयोग आने वाले बेकिंग पाउडर बनाने में होता है।
  2. इसका उपयोग सोडा – अम्ल अग्निशामक में किया जाता है।

MP Board Class 10th Science Chapter 2 परीक्षोपयोगी अतिरिक्त प्रश्नोत्तर

MP Board Class 10th Science Chapter 2 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

बहुविकल्पीय

प्रश्न 1.
जब एक परखनली में एक अम्ल का विलयन एवं एक क्षारक का विलयन मिलाया जाता है तो क्या होता है?
(i) विलयन का तापक्रम बढ़ता है।
(ii) विलयन का तापक्रम घटता है।
(iii) विलयन का ताप अपरिवर्तित रहता है।
(iv) लवण बनता है।
(a) केवल (i)
(b) (i) एवं (ii)
(c) (ii) एवं (iii)
(d) (i) एवं (iv)
उत्तर:
(d) (i) एवं (iv)

प्रश्न 2.
एक जलीय घोल लाल लिटमस के विलयन को नीला कर देता है। निम्न में से किसे अधिकता में मिलाने पर वह रंग पुनः वापस आ जाएगा?
(a) बेकिंग पाउडर
(b) चूना
(c) अमोनियम हाइड्रॉक्साइड विलयन
(d) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल
उत्तर:
(d) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल

प्रश्न 3.
हाइड्रोजन क्लोराइड गैस बनाते समय आर्द्रता वाले दिन गैस को कैल्सियम क्लोराइड युक्त गार्ड ट्यूब में होकर प्रवाहित करते हैं। गार्ड ट्यूब में लिए गए कैल्सियम क्लोराइड का कार्य है –
(a) निकली गैस का अवशोषण करना
(b) गैस को आर्द्र बनाना
(c) गैस से आर्द्रता का अवशोषण करना
(d) प्राप्त गैस में C – आयन को अवशोषित करना।
उत्तर:
(c) गैस से आर्द्रता का अवशोषण करना

प्रश्न 4.
निम्न में कौन – सा लवण क्रिस्टलन जल युक्त नहीं है?
(a) नीला थोथा
(b) खाना सोडा
(c) धावन सोडा
(d) जिप्सम
उत्तर:
(b) खाना सोडा

प्रश्न 5.
सोडियम कार्बोनेट एक क्षारकीय लवण है, क्योंकि यह निम्न का लवण है –
(a) प्रबल अम्ल एवं प्रबल क्षारक
(b) दुर्बल अम्ल एवं दुर्बल क्षारक
(c) प्रबल अम्ल एवं दुर्बल क्षारक
(d) दुर्बल अम्ल एवं प्रबल क्षारक
उत्तर:
(d) दुर्बल अम्ल एवं प्रबल क्षारक

प्रश्न 6.
कैल्सियम फॉस्फेट दाँत के ऐनेमल में उपस्थित है, इसकी प्रकृति है –
(a) क्षारकीय
(b) अम्लीय
(c) उदासीन
(d) उभयधर्मी
उत्तर:
(a) क्षारकीय

प्रश्न 7.
एक मृदा के नमूने को जल में मिलाया गया फिर निथारने के लिए छोड़ दिया, निथरा हुआ स्वच्छ विलयन pH पत्र को पीलापन लिए नारंगी रंग में बदल देता है। निम्न में से कौन इस pH पत्र का रंग हरापन लिए नीला कर देगा?
(a) लैमन जूस
(b) सिरका
(c) नमक
(d) प्रति अम्ल
उत्तर:
(d) प्रति अम्ल

प्रश्न 8.
निम्नलिखित में से कौन अम्लीय सान्द्रता का सही बढ़ता क्रम देता है?
(a) जल < ऐसीटिक एसिड < हाइड्रोक्लोरिक एसिड
(b) जल < हाइड्रोक्लोरिक एसिड < ऐसीटिक एसिड
(c) ऐसीटिक एसिड < जल < हाइड्रोक्लोरिक एसिड
(d) हाइड्रोक्लोरिक एसिड < जल < ऐसीटिक एसिड।
उत्तर:
(a) जल < ऐसीटिक एसिड < हाइड्रोक्लोरिक एसिड

प्रश्न 9.
एक छात्र के हाथ पर एकाएक दुर्घटना तथा सान्द्र अम्ल की कुछ बूंदें गिर जाती हैं तो क्या करना चाहिए?
(a) नमक के घोल में हाथ को धोएँगे
(b) हाथ को तुरन्त पर्याप्त जल में धोएँगे और सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट का पेस्ट लगा देंगे
(c) पर्याप्त जल से धोने के बाद हाथ पर सोडियम हाइड्रॉक्साइड का विलयन लगा देंगे
(d) किसी तीव्र क्षारक द्वारा अम्ल का उदासीनीकरण करेंगे
उत्तर:
(b) हाथ को तुरन्त पर्याप्त जल में धोएँगे और सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट का पेस्ट लगा देंगे

प्रश्न 10.
जब ऐसीटिक एसिड में सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट मिलाते हैं तो एक गैस निकलती है। उस निकलने वाली गैस के सन्दर्भ में कौन – से कथन सत्य है?
(i) यह चूने के पानी को दूधिया कर देती है।
(ii) यह जलती तीली को बुझा देती है।
(iii) यह सोडियम हाइड्रॉक्साइड के विलयन में घुल जाती है।
(iv) इसकी गंध बहुत तीखी है।
(a) (i) एवं (ii)
(b) (i), (ii) एवं (iii)
(c) (ii), (iii) एवं (iv)
(d) (i) एवं (iv)
उत्तर:
(b) (i), (ii) एवं (iii)

प्रश्न 11.
साधारण नमक का उपयोग रसोई के अतिरिक्त निम्न के निर्माण में कच्चे माल की तरह प्रयक्त होता है –
(i) धावन सोडा
(ii) विरजंन चूर्ण
(iii) खाना सोडा
(iv) बुझा चूना
(a) (i) एवं (ii)
(b) (i), (ii) एवं (iv)
(c) (i) एवं (iii)
(d) (i), (iii) एवं (iv)
उत्तर:
(c) (i) एवं (iii)

प्रश्न 12.
बेकिंग पाउडर बनाने में प्रयुक्त अवयवों में एक अवयव सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट है तो दूसरा अवयव होगा –
(a) हाइड्रोक्लोरिक एसिड
(b) टार्टरिक एसिड
(c) ऐसीटिक एसिड
(d) सल्फ्यूरिक एसिड
उत्तर:
(b) टार्टरिक एसिड

प्रश्न 13.
दंतक्षय को रोकने के लिए हमको नियमित रूप से बुश करने की सलाह दी जाती है। सामान्य – तया प्रयुक्त टूथपेस्टों की प्रकृति होगी –
(a) अम्लीय
(b) उदासीन
(c) क्षारकीय
(d) संक्षारक
उत्तर:
(c) क्षारकीय

प्रश्न 14.
एक अम्लीय विलयन एवं एक क्षारीय विलयन के सन्दर्भ में कौन – सा कथन सत्य है?
(i) उच्च pH मान प्रबल अम्ल
(ii) उच्च pH मान दुर्बल अम्ल
(iii) निम्न pH मान प्रबल क्षारक
(iv) निम्न pH मान दुर्बल क्षारक
(a) (i) एवं (iii)
(b) (ii) एवं (iii)
(c) (i) एवं (iv)
(d) (ii) एवं (iv)
उत्तर:
(d) (ii) एवं (iv)

प्रश्न 15.
पाचन के समय आमाशयिक पाचक रसों का pH मान है –
(a) 7 से कम
(b) 7 से अधिक
(c) 7 के बराबर
(d) शून्य (0)
उत्तर:
(a) 7 से कम

प्रश्न 16.
जब अम्ल की थोड़ी-सी मात्रा जल में मिलायी जाती है तब कौन – सी अभिक्रियाएँ होंगी?
(i) आयनीकरण
(ii) उदासीनीकरण
(iii) तनुकरण
(iv) लवण निर्माण
(a) (i) एवं (ii)
(b) (i) एवं (iii)
(c) (ii) एवं (iii)
(d) (ii) एवं (iv)
उत्तर:
(b) (i) एवं (iii)

प्रश्न 17.
निम्नलिखित में से कौन – सा अम्ल – क्षार सूचक दृष्टिबाधित छात्र के लिए उपयुक्त होगा?
(a) लिटमस
(b) हल्दी
(c) वनीला ऐसेन्स
(d) पिटूनिया की पत्तियाँ
उत्तर:
(c) वनीला ऐसेन्स

प्रश्न 18.
निम्नलिखित में से कौन – सा यौगिक तनु अम्ल से अभिक्रिया करके कार्बन डाइऑक्साइड गैस नहीं देगा?
(a) संगमरमर
(b) चूना पत्थर
(c) खाना सोडा
(d) चूना
उत्तर:
(d) चूना

प्रश्न 19.
निम्न में कौन प्रकृति से अम्लीय है?
(a) लाइम जूस
(b) मानव रक्त
(c) चूने का पानी
(d) प्रति अम्ल
उत्तर:
(a) लाइम जूस

प्रश्न 20.
निम्न में कौन सोने (गोल्ड) को विलेय करने के लिए प्रयुक्त होता है?
(a) हाइड्रोक्लोरिक एसिड
(b) सल्फ्यूरिक एसिड
(c) नाइट्रिक एसिड
(d) अम्लराज
उत्तर:
(d) अम्लराज

प्रश्न 21.
निम्न में कौन खनिज अम्ल नहीं है?
(a) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल
(b) साइट्रिक अम्ल
(c) सल्फ्यूरिक अम्ल
(d) नाइट्रिक अम्ल
उत्तर:
(b) साइट्रिक अम्ल

प्रश्न 22.
निम्नलिखित में कौन क्षारक नहीं है?
(a) NaOH
(b) KOH
(c) NH4OH
(d) C2H5OH
उत्तर:
(d) C2H5OH

प्रश्न 23.
निम्नलिखित में कौन हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के तनु अम्लीय विलयन में उपस्थित है?
(a) H3O+ + Cl
(b) H3O+ + OH
(c) Cl + OH
(d) अनआयनित HCl
उत्तर:
(a) H3O+ + Cl

प्रश्न 24.
कोई छात्र साबुनीकरण अभिक्रिया के अभिक्रिया मिश्रण की एक बूंद पहले नीले लिटमस पत्र पर फिर लाल लिटमस पत्र पर डालता है। वह यह प्रेक्षण करता है कि –
(a) नीले लिटमस पत्र में कोई परिवर्तन नहीं होता और लाल लिटमस पत्र सफेद हो जाता है।
(b) लाल लिटमस पत्र में कोई परिवर्तन नहीं होता और नीला लिटमस पत्र लाल हो जाता है।
(c) नीले लिटमस पत्र में कोई परिवर्तन नहीं होता और लाल लिटमस पत्र नीला हो जाता है।
(d) दोनों ही लिटमस पत्रों के रंग में कोई परिवर्तन नहीं होता है।
उत्तर:
(c) नीले लिटमस पत्र में कोई परिवर्तन नहीं होता और लाल लिटमस पत्र नीला हो जाता है।

प्रश्न 25.
आपके विद्यालय के पास – पड़ोस में प्रयोग के लिए आवश्यक कोई कठोर जल उपलब्ध नहीं है। आपके विद्यालय में उपलब्ध लवणों के नीचे दिखाए समूहों में से वह एक समूह चुनिए जिसके प्रत्येक सदस्य को आसुत जल में घोलने पर वह उसे कठोर जल बना देता है।
(a) सोडियम क्लोराइड, कैल्सियम क्लोराइड।
(b) पोटैशियम क्लोराइड, सोडियम क्लोराइड।
(c) सोडियम क्लोराइड, मैग्नीशियम क्लोराइड।
(d) कैल्सियम क्लोराइड, मैग्नीशियम क्लोराइड।
उत्तर:
(d) कैल्सियम क्लोराइड, मैग्नीशियम क्लोराइड।

प्रश्न 26.
जब आप एक परखनली में सोडियम बाइकार्बोनेट का चूर्ण लेकर उसमें ऐसीटिक अम्ल की कुछ बूंदें डालते हैं तो निम्नलिखित में से कौन – सा प्रेक्षण करते हैं?
(a) कोई अभिक्रिया नहीं होती।
(b) तीखी गंध वाली रंगहीन गैस का तीव्र बुदबुदाहट के साथ विमोचन।
(c) तीव्र बुदबुदाहट के साथ भूरे रंग की गैस का विमोचन।
(d) रंगहीन, गंधहीन गैस के बुलबुलों का बनना।
उत्तर:
(d) रंगहीन, गंधहीन गैस के बुलबुलों का बनना।

प्रश्न 27.
किसी छात्र को उसकी प्रयोगशाला में प्रयोग करने के लिए कठोर जल चाहिए जो आस – पास के क्षेत्र में उपलब्ध नहीं है। प्रयोगशाला में कुछ लवण हैं, जो आसुत जल में घोलने पर उसे कठोर जल बना सकते हैं। लवण के निम्नलिखित समूहों में से वह समूह चुनिए जिसके प्रत्येक लवण को आसुत जल में घोले जाने पर उसे कठोर जल बना देगा।
(a) सोडियम क्लोराइड, पोटैशियम क्लोराइड।
(b) सोडियम सल्फेट, पोटैशियम सल्फेट।
(c) सोडियम सल्फेट, कैल्सियम सल्फेट।
(d) कैल्सियम सल्फेट, कैल्सियम क्लोराइड।
उत्तर:
(d) कैल्सियम सल्फेट, कैल्सियम क्लोराइड।

प्रश्न 28.
जब आप ऐसीटिक अम्ल को लाल और नीले लिटमस पत्रों पर डालते हैं, तब क्या प्रेक्षण करते हैं?
(a) लाल लिटमस लाल ही रहता है और नीला लिटमस लाल हो जाता है।
(b) लाल लिटमस नीला हो जाता है और नीला लिटमस नीला ही रहता है।
(c) लाल लिटमस नीला हो जाता है और नीला लिटमस लाल हो जाता है।
(d) लाल लिटमस रंगहीन हो जाता है और नीला लिटमस नीला ही रहता है।
उत्तर:
(a) लाल लिटमस लाल ही रहता है और नीला लिटमस लाल हो जाता है।

प्रश्न 29.
कोई छात्र चार परखनलियों P, Q, R और S में प्रत्येक में लगभग 4 ml आसुत जल लेकर परखनली P में सोडियम सल्फेट, Q में पोटैशियम सल्फेट, R में कैल्सियम सल्फेट और S में मैग्नीशियम सल्फेट की समान मात्रा को प्रत्येक में घोलता है। इसके पश्चात् वह प्रत्येक परखनली में साबुन के विलयन की समान मात्रा मिलाता है। इन सभी परखनलियों को भली-भाँति हिलाने पर, वह नीचे दी गई किन परखननियों में काफी मात्रा में झाग का प्रेक्षण करता है?
(a) P और Q
(b) Q और R
(c) P, Q और S
(d) P, R और S
उत्तर:
(a) P और Q

प्रश्न 30.
निम्नलिखित में कौन – सा कथन सत्य नहीं है?
(a) सभी धातु – कार्बोनेट अम्लों से अभिक्रिया करके लवण, जल एवं कार्बन डाइऑक्साइड गैस देते हैं।
(b) सभी धातु – ऑक्साइड जल से अभिक्रिया करके लवण एवं अम्ल बनाते हैं।
(c) कुछ धातुएँ अम्लों से अभिक्रिया करके लवण एवं हाइड्रोजन गैस देते हैं।
(d) कुछ अधातु – ऑक्साइड जल से अभिक्रिया करके अम्ल बनाते हैं।
उत्तर:
(b) सभी धातु – ऑक्साइड जल से अभिक्रिया करके लवण एवं अम्ल बनाते हैं।

प्रश्न 31.
अम्लों के लिए कौन – सा कथन सत्य है?
(a) कड़वा स्वाद, लाल लिटमस को नीला कर देता है।
(b) खट्टा स्वाद, लाल लिटमस को नीला कर देता है।
(c) खट्टा स्वाद, नीले लिटमस को लाल कर देता है।
(d) खट्टा स्वाद, लाल लिटमस को नीला कर देता है।
उत्तर:
(c) खट्टा स्वाद, नीले लिटमस को लाल कर देता है।

प्रश्न 32.
जब हाइड्रोक्लोरिक गैस को जल में प्रवाहित करते हैं तो निम्न में कौन – से कथन सत्य हैं?
(i) यह सहसंयोजी यौगिक है इसलिए जल में आयनीकृत नहीं होता है।
(ii) यह विलयन में आयनीकृत हो जाता है।
(iii) यह हाइड्रोजन एवं हाइड्रॉक्सिल दोनों प्रकार के आयन देता है।
(iv) यह विलयन में हाइड्रोजन आयन के जल संयोजन के कारण हाइड्रोनियम आयन देता है।
(a) केवल (i)
(b) केवल (iii)
(c) (ii) एवं (iv)
(d) (iii) एवं (iv)
उत्तर:
(c) (ii) एवं (iv)

रिक्त स्थानों की पूर्ति

  1. धात्विक ऑक्साइड प्रायः ………….. होते हैं।
  2. अधात्विक ऑक्साइड प्रायः …………. होते हैं।
  3. जंल एक ……….. ऑक्साइड है।
  4. अम्ल नीले लिटमस पत्र को ………. कर देते हैं।
  5. क्षारक लाल लिटमस पत्र को ……….. कर देते हैं।

उत्तर:

  1. क्षारकीय
  2. अम्लीय
  3. उदासीन
  4. लाल
  5. नीला

जोड़ी बनाइए
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 8
उत्तर:

  1. → (c)
  2. → (d)
  3. → (a)
  4. → (b)

MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 9
उत्तर:

  1. → (d)
  2. → (c)
  3. → (b)
  4. → (a)

MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 10
उत्तर:

  1. → (b)
  2. → (c)
  3. → (d)
  4. → (a)

सत्य/असत्य कथन

  1. CH3OH एक क्षार है, चूँकि इसमें OH उपलब्ध है।
  2. मेथिल ओरेन्ज एवं फीनॉल्पथैलिन संश्लेषित अम्ल – क्षार सूचक होते हैं।
  3. NH3 एक अम्ल है, क्योंकि इसमें H उपलब्ध है।
  4. लिटमस एक प्राकृतिक अम्ल – क्षार सूचक है।
  5. CO एक अम्लीय ऑक्साइड है।

उत्तर:

  1. असत्य
  2. सत्य
  3. असत्य
  4. सत्य
  5. असत्य

एक शब्द/वाक्य में उत्तर (2019)

  1. शुद्ध जल का pH मान क्या है?
  2. अम्लों के pH मान की परिसर क्या है?
  3. क्षारों के pH मान की परिसर क्या है?
  4. प्रबल अम्ल एवं प्रबल क्षार से बने लवण की प्रकृति कैसी होगी?
  5. प्रबल अम्ल एवं दुर्बल क्षार से बने लवण की प्रकृति कैसी होगी?
  6. दुर्बल अम्ल एवं प्रबल क्षार से बने लवण की प्रकृति कैसी होगी?
  7. अम्ल एवं क्षार की अभिक्रिया से क्या बनता है?
  8. अम्ल धात्विक कार्बोनेटों से अभिक्रिया करके कौन – सी गैस निकालते हैं?
  9. प्रायः तनु अम्ल कुछ धातुओं से अभिक्रिया करके कौन – सी रंगहीन गैस निकालते हैं?
  10. अम्ल एवं क्षारों की अभिक्रिया को क्या कहते हैं?

उत्तर:

  1. 7
  2. 7 से कम
  3. 7 से अधिक
  4. उदासीन
  5. अम्लीय
  6. क्षारीय
  7. लवण एवं जल
  8. कार्बन डाइऑक्साइड गैस (CO2)
  9. हाइड्रोजन गैस (H2)
  10. उदासीनीकरण

MP Board Class 10th Science Chapter 2 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अम्ल किन्हें कहते हैं?
उत्तर:
अम्ल: “वे पदार्थ जो स्वाद में खट्टे होते हैं तथा नीले लिटमस पत्र को लाल कर देते हैं, अम्ल कहलाते हैं।”

प्रश्न 2.
क्षारक किन्हें कहते हैं?
उत्तर:
क्षारक: “वे पदार्थ जो स्वाद में तीखे या कड़वे या कसैले होते हैं तथा लाल लिटमस पत्र को नीला कर देते हैं, क्षारक कहलाते हैं।”

प्रश्न 3.
क्षार किन्हें कहते हैं?
उत्तर:
क्षार: “जल में विलेय क्षारक क्षार कहलाते हैं।”

प्रश्न 4.
अम्ल – क्षार सूचक किन्हें कहते हैं?
उत्तर:
अम्ल – क्षार सूचक:
“वे प्राकृतिक या संश्लेषित रसायन जो अम्ल एवं क्षार की उपस्थिति को सूचित करते हैं, अम्ल – क्षार सूचक कहलाते हैं।”

प्रश्न 5.
तनुकरण से क्या समझते हो?
उत्तर:
तनुकरण:
“जल में अम्ल या क्षारक मिलाने से विलयन में HO+ अथवा OH आयन की सान्द्रता कम हो जाती है। इस प्रक्रिया को तनुकरण कहते हैं।”

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प्रश्न 6.
गंधीय सूचक किन्हें कहते हैं? इसकी क्या उपयोगिता है?
उत्तर:
गंधीय सूचक:
“कुछ पदार्थ ऐसे होते हैं जिनकी गंध अम्लीय या क्षारकीय माध्यम में बदलने पर बदल जाती है, ऐसे पदार्थ गंधीय सूचक कहलाते हैं।” ये सूचक दृष्टिबाधित छात्रों को अम्ल-क्षारों की पहचान में सहायक होते हैं।

प्रश्न 7.
pH स्केल किसे कहते हैं?
उत्तर:
pH स्केल:
“किसी विलयन में उपस्थित हाइड्रोजन आयन की सान्द्रता ज्ञात करने के लिए एक स्केल विकसित किया गया जिसे pH स्केल कहते हैं।”

प्रश्न 8.
अम्लीय वर्षा से क्या समझते हो?
उत्तर:
अम्लीय वर्षा:
“वर्षा के जल का pH मान जब 5 – 6 से कम हो जाता है, तो वह अम्लीय वर्षा कहलाती है।”

प्रश्न 9.
क्लोर – क्षार अभिक्रिया से क्या समझते हो?
उत्तर:
क्लोर – क्षार अभिक्रिया:
“जब सोडियम क्लोराइड के जलीय विलयन में विद्युत् धारा प्रवाहित की जाती है तो यह वियोजित होकर क्लोरीन गैस एवं सोडियम हाइड्रॉक्साइड (क्षार) उत्पादित करते हैं। इस प्रक्रिया को क्लोर – क्षार प्रक्रिया या क्लोर-क्षार अभिक्रिया कहते हैं।”

प्रश्न 10.
क्रिस्टलीकरण से क्या समझते हो?
उत्तर:
क्रिस्टलीकरण:
“कुछ लवण शुद्ध अवस्था में विशिष्ट ज्यामितीय ठोस आकार के एक समान एवं चमकदार कण के रूप में होते हैं, जिन्हें क्रिस्टल कहते हैं तथा क्रिस्टल बनाने की प्रक्रिया क्रिस्टलीकरण कहलाती है।”

प्रश्न 11.
क्रिस्टलन जल क्या होता है?
उत्तर:
क्रिस्टलन जल: “लवण के एक सूत्र इकाई में जल के निश्चित अणुओं की संख्या को क्रिस्टलन जल कहते हैं।”

प्रश्न 12.
एक चींटी के डंक में उपस्थित अम्ल का नाम एवं रासायनिक सूत्र लिखिए तथा इसके उपचार का उपाय बताइए।
उत्तर:
चींटी के डंक में मेथेनॉइक अम्ल (फॉर्मिक अम्ल) होता है। इसका रासायनिक सूत्र HCOOH होता है। इसके उपचार के लिए कोई उपलब्ध क्षारकीय लवण जैसे खाने वाला सोडा लगाना चाहिए।

प्रश्न 13.
जब अण्डे के ऊपर नाइट्रिक अम्ल डाला जाता है तो क्या होता है?
उत्तर:
अण्डे के खोल में कैल्सियम कार्बोनेट होता है। जब हम नाइट्रिक अम्ल डालते हैं तो यह कार्बन डाइऑक्साइड गैस देता है। रासायनिक समीकरण निम्नलिखित है –
CaCO3 + 2HNO3 → Ca(NO3)2 + H2O + CO2

प्रश्न 14.
एक छात्रा ने दो अलग – अलग परखनलियों में विलयन बनाए –

  1. में एक अम्ल
  2. में एक क्षार लेकिन वह लेबल लगाना भूल गई। दोनों ही विलयन रंगहीन एवं गंधहीन थे तथा लिटमस पत्र उपलब्ध नहीं था। ऐसी स्थिति में वह कैसे पहचान करेगी?

उत्तर:
वह संश्लेषित रासायनिक सूचक फीनॉल्पथेलिन या मेथिल ऑरेन्ज अथवा प्राकृतिक सूचक हल्दी या चाइनारोज (गुड़हल) का प्रयोग कर सकती है।

प्रश्न 15.
जब जिंक धातु की किसी तनु प्रबल अम्ल से अभिक्रिया कराई जाती है तो एक गैस उत्पन्न होती है, जो तेलों के हाइड्रोजनीकरण में प्रयुक्त होती है। इस गैस का नाम एवं सूत्र लिखिए तथा अभिक्रिया का समीकरण दीजिए। इसका परीक्षण कैसे करेंगे?
उत्तर:
हाइड्रोजन गैस (H2):
Zn + 2HCl → ZnCl2 + H2
जब इस गैस के पास जलती हुई तीली लाते हैं तो यह गैस फक की आवाज के साथ जलती है।

प्रश्न 16.
निम्नलिखित के रासायनिक सूत्र लिखिए –

  1. विरंजक चूर्ण।
  2. प्लास्टर ऑफ पेरिस।

उत्तर:

  1. विरंजक चूर्ण: CaOCl2
  2. प्लास्टर ऑफ पेरिस: CaSO4. \(\frac { 1 }{ 2 } \) H2O

MP Board Class 10th Science Chapter 2 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्न पदार्थों की लिटमस पत्र पर क्या क्रिया होगी? शुष्क HCl गैस, आर्द्र NH3 गैस, लैमन जूस, कार्बोनेटेड सॉफ्ट ड्रिंक, दही, साबुन का विलयन।
उत्तर:
दिए हुए पदार्थों का लिटमस पत्र पर प्रभाव –
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 11

प्रश्न 2.
बेकिंग पाउडर एवं धावन सोडा को गर्म करके कैसे अन्तर करेंगे?
उत्तर:
बेकिंग पाउडर सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट (NaHCO3) होता है, जबकि धावन सोडा सोडियम कार्बोनेट (Na2CO3.10H2O) होता है। गर्म करने पर बेकिंग पाउडर (NaHCO3) कार्बन डाइऑक्साइड गैस देता है जो चूने के पानी को दूधिया कर देता है। जबकि धावन सोडा (Na2CO3.10H2O) ऐसी कोई गैस नहीं देता बल्कि उसका क्रिस्टलन जल निकल जाता है।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 12

प्रश्न 3.
सॉल्ट ‘A’ का प्रयोग सामान्यतः बेकरी उत्पाद बनाने में होता है। यह गर्म करने पर दूसरे सॉल्ट ‘B’ में परिवर्तित हो जाता है जो स्वयं जल की कठोरता दूर करने में प्रयुक्त होता है और एक गैस ‘C’ निकलती है। जब यह गैस चूने के पानी में प्रवाहित की जाती है, तो उसे दूधिया कर देती है। A, B और C की पहचान कीजिए।
उत्तर:
साल्ट ‘A’ बेकिंग पाउडर (NaHCO3) है जो सामान्यतः बेकरी उत्पादों में प्रयुक्त होता है। गर्म करने पर यह सोडियम कार्बोनेट (Na2CO3) साल्ट ‘B’ एवं कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) गैस ‘C’ बनाता है। सोडियम कार्बोनेट कठोर जल की कठोरता दूर करने में प्रयुक्त होता है तथा कार्बन डाइऑक्साइड गैस चूने के पानी को दूधिया कर देती है।
अत: A – NaHCO3, B – Na2CO3 एवं C – CO2 गैस है।
समीकरण – 2NaHCO3 अमा, Na2CO3 + H2O + CO2

प्रश्न 4.
सोडियम हाइड्रॉक्साइड के निर्माण में प्रयुक्त एक औद्योगिक प्रक्रिया एक गैस ‘X’ उप – उत्पाद के रूप में उत्पन्न होती है गैस ‘X’ चूने के पानी से अभिक्रिया करके यौगिक ‘Y’ देती है जो कि विरंजक चूर्ण की तरह प्रयुक्त होता है। ‘X’ एवं ‘Y’ की पहचान कीजिए तथा होने वाली अभिक्रियाओं के समीकरण दीजिए।
उत्तर:
सोडियम हाइड्रॉक्साइड के उत्पादन में हाइड्रोजन गैस एवं क्लोरीन गैस (‘X’) उप – उत्पाद के रूप में उत्पन्न होती है जब क्लोरीन गैस (‘X’) चूने के पानी से अभिक्रिया करती है तो यह कैल्सियम ऑक्सीक्लोराइड (‘Y’) का निर्माण करती है जोकि विरंजक चूर्ण की तरह प्रयुक्त होता है।
रासायनिक समीकरण:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 13

प्रश्न 5.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 14
उत्तर:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 15

प्रश्न 6.
‘प्रबल अम्ल’ एवं ‘दुर्बल अम्लों’ से क्या समझते हो? निम्न में से प्रबल अम्ल एवं दुर्बल अम्ल छाँटिए हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, साइट्रिक अम्ल, ऐसीटिक अम्ल, नाइट्रिक अम्ल, फॉर्मिक अम्ल एवं सल्फ्यूरिक अम्ल।
उत्तर:

  • प्रबल अम्ल: “विलयन में अधिक संख्या में H+ आयन या H3O+ आयन उत्पन्न करने वाले अम्ल प्रबल अम्ल कहलाते हैं।”
  • दुर्बल अम्ल: “विलयन में कम संख्या में H+ आयन या H3O+ आयन उत्पन्न करने वाले अम्ल दुर्बल अम्ल कहलाते हैं।
  • प्रबल अम्ल: हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, नाइट्रिक अम्ल एवं सल्फ्यूरिक अम्ल।
  • दुर्बल अम्ल: साइट्रिक अम्ल, ऐसीटिक अम्ल एवं फॉर्मिक अम्ल।

प्रश्न 7.
एक सामान्य क्षारक B की शुष्क गोलियाँ जब खुली हवा में रख दी जाती हैं तो चिपचिपी हो जाती हैं। यह क्षारक क्लोर-ऐल्कली प्रक्रिया का एक उप – उत्पाद है। B की पहचान कीजिए। जब B की क्रिया किसी अम्लीय ऑक्साइड से होती है तो किस प्रकार की अभिक्रिया होती है ? रासायनिक अभिक्रिया का एक संतुलित समीकरण लिखिए।
उत्तर:
क्षारक B सोडियम हाइड्रॉक्साइड है जो वायु में खुला रखने पर वायु की नमी को सोख लेता है चूँकि यह आर्द्रताग्राही है इसलिए यह चिपचिपा हो जाता है। यह क्लोर – ऐल्कली प्रक्रिया का उप – उत्पाद है। जब इसकी अम्लीय ऑक्साइड CO2 से अभिक्रिया होती है तो लवण Na2CO3 तथा जल बनाता है।
2NaOH + CO2 → Na2CO3 + H2O

MP Board Class 10th Science Chapter 2 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
प्रयोगशाला में हाइड्रोजन गैस बनाते समय एक परखनली में दानेदार जिंक लेकर उसमें तनु सल्फ्यूरिक अम्ल डाला जाता है तो हाइड्रोजन गैस बुलबुलों के साथ निकलती है। निम्न परिवर्तन करने पर क्या होगा?

  1. दानेदार जिंक के स्थान पर जिंक पाउडर लिया जाए।
  2. तनु सल्फ्यूरिक अम्ल की जगह तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल लिया जाए।
  3. जिंक के स्थान पर ताँबे की छीलन ली जाए।
  4. तनु सल्फ्यूरिक अम्ल के स्थान पर सोडियम हाइड्रॉक्साइड लेकर परखनली को गर्म किया जाए।

उत्तर:

  1. दानेदार जिंक के स्थान पर जिंक पाउडर लेने से पाउडर दानों की अपेक्षा अधिक तेजी से अभिक्रिया करेगा इससे अधिक तेजी से हाइड्रोजन गैस बनेगी।
  2. तनु सल्फ्यूरिक अम्ल के स्थान पर तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल लेने पर अभिक्रिया पूर्ववत् रहेगी तथा समान मात्रा में हाइड्रोजन गैस बनेगी।
  3. कॉपर की छीलन तनु सल्फ्यूरिक अम्ल से अभिक्रिया करके हाइड्रोजन विस्थापित नहीं करेगा। इस कारण इस अवस्था में हाइड्रोजन गैस नहीं बनेगी।
  4. जब तनु सल्फ्यूरिक अम्ल के स्थान पर सोडियम हाइड्रॉक्साइड लेकर गर्म किया जाता है तो वह जिंक से अभिक्रिया करके हाइड्रोजन गैस देता है इसलिए हाइड्रोजन गैस निकलेगी।
    MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 16

प्रश्न 2.
केक बनाने के लिए बेकिंग पाउडर का प्रयोग किया जाता है। यदि घर पर आपकी माता जी केक बनाने के लिए बेकिंग सोडा का प्रयोग करें, तो –

  1. यह केक के स्वाद को किस प्रकार प्रभावित करेगा और क्यों?
  2. बेकिंग सोडा को किस प्रकार बेकिंग पाउडर में परिवर्तित किया जा सकता है?
  3. टार्टरिक अम्ल का बेकिंग सोडा में मिलाने का क्या महत्व है?

उत्तर:

  1. गर्म करने पर बेकिंग सोडा धावन सोडा में परिवर्तित हो जाता है जिसका स्वाद कड़वा होता है। इसलिए केक में कड़वापन आ जाता है।
  2. बेकिंग सोडा में उपयुक्त मात्रा में टार्टरिक अम्ल मिलाने से बेकिंग सोडा बेकिंग पाउडर में परिवर्तित हो जाता है।
  3. टार्टरिक एसिड बेकिंग के समय बेकिंग सोडा के गर्म होने पर बने धावन सोडा से अभिक्रिया करके उसे उदासीन कर देता है। इस कारण केक का स्वाद कड़वा नहीं होता।

प्रश्न 3.
एक धातु का कार्बोनेट X एक अम्ल से अभिक्रिया करके एक गैस निकालता है जिसे एक विलयन Y में प्रवाहित करने पर पुनः धातु कार्बोनेट बनाता है। दूसरी तरफ एक गैस G जो नमक के विलयन के विद्युत् अपघटन के समय धनाग्र पर प्राप्त होती है, को यदि शुष्क Y पर प्रवाहित करते हैं तो एक यौगिक Z बनता है जिसका उपयोग पीने की पानी को कीटाणु रहित बनाने के काम आता है। X, Y,G एवं Z की पहचान कीजिए।
उत्तर:
नमक के विलयन के विद्युत् अपघटन के समय धनाग्र पर प्राप्त गैस क्लोरीन होती है अतः G क्लोरीन गैस (Cl2) है। जब क्लोरीन गैस को शुष्क Ca(OH)2 अर्थात् (Y) में प्रवाहित करने पर ब्लीचिंग पाउडर (CaOCl2) बनता है अत: Y बुझा चूना [Ca(OH)2] है तथा Z ब्लीचिंग पाउडर (CaOCl2) है।
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 17
चूँकि Y एवं Z कैल्सियम लवण हैं इसलिए X भी कैल्सियम लवण होगा। अतः X कैल्सियम कार्बोनेट [CaCO3] है, चूँकि
CaCO3 + 2HCl → CaCl2 + CO2 + H2O
Ca(OH)2 + CO2 → CaCO3 + H2O

प्रश्न 4.
आवर्त तालिका के समूह – दो के एक तत्व का सल्फेट लवण एक सफेद एवं मुलायम पदार्थ है। इसकी लोई (लुग्दी) बनाकर इसे किसी भी आकार में ढाला जा सकता है। यदि इस यौगिक को कुछ समय के लिए वायु में खुला छोड़ दिया जाता है तो यह एक ठोस पदार्थ बनाता है जिसे ढालने के उद्देश्य से प्रयुक्त नहीं किया जा सकता। इस सल्फेट लवण की पहचान कीजिए और बताइए कि वह ऐसा व्यवहार क्यों करता है? सम्बन्धित अभिक्रियाओं के समीकरण भी दीजिए।
उत्तर:
वह पदार्थ जो विभिन्न आकार की वस्तुएँ बनाने के काम आता है, वह प्लास्टर ऑफ पेरिस है। इसका रासायनिक नाम कैल्सियम सल्फेट हेमीहाइड्रेट [CaSO4. \(\frac { 1 }{ 2 } \) H2O] है अर्थात् CaSO4 के दो सूत्र मात्रक एक अणु जल से युक्त होते हैं। अर्थात् [2CaSO4.H2O]. इसलिए परिणामस्वरूप यह मुलायम होता है।
जब यह पदार्थ हवा में कुछ समय के लिए छोड़ दिया जाता है तो यह वायुमण्डल से नमी (आर्द्रता) का अवशोषण करके जलयोजित होकर एक कठोर ठोस पदार्थ जिप्सम बनाता है जिसका उपयोग ढालने के उद्देश्य से नहीं किया जा सकता।
अभिक्रिया का समीकरण:
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 18

प्रश्न 5.
निम्न अभिक्रियाओं के आधार पर यौगिक X की पहचान कीजिए। साथ ही A, B एवं C के नाम एवं रासायनिक सूत्र भी लिखिए –
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 19उत्तर:
X = सोडियम हाइड्रॉक्साइड [NaOH]
A = सोडियम जिंकेट [Na2ZnO2]
B = सोडियम क्लोराइड [NaCl]
C = सोडियम ऐसीटेट [CH3COONa]

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