MP Board Class 9th Sanskrit Solutions Chapter 14 वीरबाला

MP Board Class 9th Sanskrit Solutions Durva Chapter 14 वीरबाला (संवादः)

MP Board Class 9th Sanskrit Chapter 14 पाठ्य पुस्तक के प्रश्न

प्रश्न 1.
एकपदेन उत्तरं लिखत (एक शब्द में उत्तर लिखो)-
(क) वीरबालायाः नाम किम्? (वीरबाला का क्या नाम था?)
उत्तर:
चम्पा। (वीरबाला का नाम चम्पा था)

(ख) चम्पायाः पितुः नान किम्? (चम्पा के पिता का नाम क्या था?)
उत्तर:
महाराणा प्रताप। (महाराणाप्रताप)।

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(ग) रोटिकाद्वयम् कुत्र स्थापितम्? (दोनों रोटियाँ कहाँ रखी थीं?)
उत्तर:
पाषाणतले। (पत्थर के नीचे)!

(घ) उद्वेलितः प्रतापः किं कर्तुमुद्यतः अभवत्? (दुःखी प्रताप क्या करने के जिए तैयार हो गए?)
उत्तर:
अकबरस्याधीनता। (अकबर की आधीनता स्वीकार करने के लिए)।

प्रश्न 2.
एकवाक्येन उत्तरं लिखत (एक वाक्य में उत्तर लिखो)
(क) अस्माकं देशे काः काः वीरबालाः जाताः? (हमारे देश में कौन-कौन-सी वीरबालाएँ हुईं?)
उत्तर:
अस्माकं देशे चम्पा, कृष्णा, वीरमती, पद्मादयः वीरबालाः जाताः। (हमारे देश में चम्पा, कृष्णा, वीरमती, पद्ममा जैसी वीरबालाएँ हुईं।)

(ख) प्रतापेन का प्रतिज्ञा कृता? (राणा प्रताप ने क्या प्रतिज्ञा की?).
उत्तर:
प्रतापेन प्रतिज्ञा कृताः अकबरस्य अधीनतां न स्वीकृतवान्। (प्रताप ने अकबर की आधीनता न स्वीकरने की प्रतिज्ञा की।)

(ग) चम्पया रोटिकाद्वयम् किमर्थं संरक्षिता? (चम्पा दोनों रोटियों को किसलिए सुरक्षित रखी थी?)
उत्तर:
चम्पया रोटिकाद्वयम् अनुजाय भोजनार्थम् संरक्षिता। (चम्पा दोनों रोटियों को छोटे भाई के भोजन के लिए सुरक्षित रखी थी।)

(घ) राजकुमारः कथं सुप्तवान् आसीत्? (राजकुमार कैसे सो गया?)
उत्तर:
राजकुमारः बुभुक्षितः सुप्तवान् आसीत्। (राजकुमार भूखा सो गया।)

प्रश्न 3.
अधोलिखितप्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत
(क) महाराणाप्रतापस्य प्रतिज्ञा का आसीत्? (महाराणाप्रताप की प्रतिज्ञा क्या थी?)
उत्तर:
महाराणाप्रतापस्य प्रतिज्ञा आसीत् अकबरस्य अधीनतां न स्वीकृत। (महाराणा। प्रताप की प्रतिज्ञा थी कि अकबर की अधीनता न स्वीकारूँगा।)

(ख) चम्पा केन कारणेन मूर्छिता जाता? (चम्पा किस कारण से मूर्छित हो गई?)
उत्तर:
चम्पा दौर्बल्यात् कारणेन मूर्च्छिता जाता। (चम्पा दुर्बल होने के कारण मूर्च्छित हो गई।)

(ग) महाराणाप्रतापः किमर्थं चिन्तामग्नः आसीत्? (महाराणाप्रतापः को किस बात की चिंता थी?)
उत्तर:
महाराणाप्रतापः अतिथिः भोजनार्थम् चिन्तामग्नः आसीत्। (महाराणाप्रताप को अतिथि के लिए भोजन की व्यवस्था की चिंता थी।)

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प्रश्न 4.
यथायोग्यं योजयत
MP Board Class 9th Sanskrit Solutions Chapter 14 वीरबाला img-1

प्रश्न 5.
शुद्धवाक्यानां समक्षम् ‘आम्’ अशुद्धवाक्यानां समक्ष कोष्ठके ‘न’ इति लिखत
(क) अरावलीपर्वतस्य उपत्यकायां महाराणाप्रतापः एकाकी आसीत्। (आम्)
(ख) अतिथिः महाराणागृहात् अनश्नन् गतवान्।
(ग) चम्पा स्वभागस्य रोटिकां स्वानुजं ददाति स्म।
(घ) महाराणाप्रतापः आधीनताविषये पत्रं लिखितवान्।
उत्तर:
(क) (आम्)
(ख) (न)
(ग) (आम्)
(घ) (न)

प्रश्न 6.
उचितविकल्पेन वाक्यानि पूरयत
(क) अरावलीपर्वतस्य उपत्यकायाम् कष्टमनुभूतम्। (उपत्यकायाम्/गुहायाम्)
(ख) पाषाणतले रोटिकाद्वयम् संरक्षिता आसीत्। (रोटिका/रोटिकाद्वयम्)
(ग) चम्पामूर्छिता जाता अनश्नन्। (अश्नन्/अनश्नन्)
(घ) कष्टान् अवलोक्य महाराणाप्रतापः उद्वेलितः जातः। (जाता/जातः)
(ङ) राजकुमारः बुभुक्षया पीडित सुप्तवान्। (बुभुक्षया/पिपासया)

प्रश्न 7.
कोष्टकात् चित्वा वाक्यानि रचयत्
यथा- घटना – एक घटना महाराणाप्रताप कालीना आसीत्
(क) चम्पा – एषा महाराणाप्रतापस्य पुत्री आसीत्।
(ख) राजकुमारः – एषः महाराणाप्रतापस्य पुत्रः आसीत।
(ग) शपथः – महाराणाप्रतापः शपथः गृहीतवान्।
(घ) पत्रम् – महाराणाप्रतापः पत्रम् अलिखत्।
(ङ) वीरः – महाराणाप्रतापः वीरः च आसीत्।

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प्रश्न 8.
अधोलिखितशब्दानां धातुं प्रत्ययं च पृथक् कुरुत
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प्रश्न 9.
MP Board Class 9th Sanskrit Solutions Chapter 14 वीरबाला img-3

प्रश्न 10:
निम्नलिखत क्रियापदानां धातुं लकारं पुरुषं वचनञ्च लिखत
MP Board Class 9th Sanskrit Solutions Chapter 14 वीरबाला img-4

प्रश्न 11.
निम्ललिखित अव्यायानां वाक्यप्रयोगं कुरुत-
उदाहरणं यथा-
कदा – सः कदा पठति? तदा-यदा अहं आगमिष्यामि तदा त्वम् गमिष्यसि
अद्य – अद्य सोमवासरः अस्ति। ह्यः-ह्यः दीपावली अस्ति।।
कृते – संस्कृतस्य कृते अहं जीवनम् ददामि।
एव – अहं दुग्धं न पिवामि, अहं चायमेव पिवामि।
च – मोहितः राशिन्तश्च विद्यालयं गच्छति।

वीरबाला पाठ-सन्दर्भ/प्रतिपाद्य

मेवाड़ के राजा उदयसिंह के पुत्र महाराणा प्रताप पिता के समान विशाल, वीर व पराक्रमी थे। उसने प्रतिज्ञा की कि जब तक मैं अकबर को पराजित नहीं करूँगा और चित्तौड़ के दुर्ग को नहीं जीत लूँगा तब तक पत्ते में भोजन करूँगा तथा जमीन पर शयन करूँगा परिवार पर आए संकट से विचलित होकर उन्होंने अपनी प्रतिज्ञा बदलने की इच्छा की किन्तु उनकी पुत्री चम्पा के जीवन का उत्सर्ग करने के बाद महाराणा प्रताप अपनी पूर्व प्रतिज्ञा पर दृढ़ होकर मेवाड़ के गौरव की रक्षा के लिए पुनः प्रतिज्ञा की। प्रस्तुत पाठ में भारतीय बालाओं की गौरव गाथा है

वीरबाला पाठ का हिन्दी अर्थ

1. शिक्षक-भो छात्राः अस्माकं भारतदेशे बहव्यः वीरबालाः चम्पा, कृष्णा, वीरमती, पद्मा दयः सञ्जाताः।
आनन्द :
आचार्य! एतासु केयम् चम्पा? कृपया तद्विषये कथयतु। शिक्षक-आम्! शृणोतु, किं भवन्तः महाराणाप्रताप विषये जानन्ति?

वेदान्त :
किं स एव महाराणाप्रतापः यः भारतवर्षभूषणः स्वदेशस्वातन्त्र्याभिमानी च।

शिक्षक :
आम् तस्यैव पुत्री आसीत् चम्पा।

आरती :
तस्याः विषये विस्तारेण न जानीमः।

शिक्षक :
शृण्वन्तु। महाराणाप्रतापः अकबरस्य अधीनतां न स्वीकृतवान्। अनेन कारणेन अरावलीपर्वतस्य उपत्यकाय गुहासु वनेषु च सपरिवारंपरिभ्रमन् अत्यधिकं कष्टम् अन्वभवत्।

भरत :
तत्र ते कुत्र स्वपन्ति, स्म किञ्च खादन्ति स्म?

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शब्दार्थ :
बहव्य-बहुत-सी-Many; आदय-आदि-and; सजाता-हुए-Happen; केयम्-यह कौन-who is that; तद्विषये-उस विषय में-in that subjects;जानन्ति-जानते हैं-knows; किं-कौन-who; भवन्त-आप सब-every body; स-वह-He, Smile, it; एव-भी-also; भूषण-भूषण-Bhushan; तस्यैव-उसका ही-His; आसीत्-था-was; तस्याः -उसके-His; शृण्वन्तु-सुनिए-listen; जानीमः-जानते हैं-knows; अनेन-इस तरह-This type; अन्वभवत्-अनुभव किया-felt; स्वपन्ति-सोते थे-were sleeping, स्म-थे-were.

हिन्दी अर्थ :
शिक्षक-हे विद्यार्थियो! हमारे देश भारत में अनेक वीर बालाएँ-कृष्णा, चंपा, वीरमती, पद्मा आदि हुई हैं।

आनन्द :
गुरुजी! इनमें चम्पा कौन थी? कृपया उसके विषय में बताएँ।

शिक्षक :
ठीक है, सुनो। क्या आप लोग महाराणा प्रताप के विषय में जानते हैं?

वेदान्त :
क्या वही महाराणा प्रताप जो भारतवर्ष के गौरव तथा अपने देश की स्वतंत्रताभिमानी थे?

शिक्षक :
हाँ, उन्हीं की पुत्री चंपा थी।

आरती :
उसके विषय में हम विस्तारपूर्वक नहीं जानते।

शिक्षक :
सुनो! महाराणा प्रताप ने मुगल सम्राट अकबर की अधीनता नहीं स्वीकार की जिसके कारण उन्होंने अरावली पर्वत की घाटियों, गुफाओं, उपत्यका में परिवार सहित गुप्त भ्रमण करते हुए अत्यधिक कष्ट पूर्ण जीवन बिताया।

भरत :
(उन उपत्यकाओं में) वे कहाँ सोते थे और क्या खाते थे।

2. शिक्षक-अहोरात्रं पदातिरेव ते चलन्ति स्म भूमौ शिलायां वा स्वपन्ति स्म। बहुधा उपवासं कृत्वा यदा कदा। बदरीफलानि वा तृणरोटिकांश्च खादन्ति स्म। नैकवारं ईदृशः समयः आगतः यदा तृणरोटिकाम् अपि त्यक्त्वा पलायनार्थं शत्रुभि विवशीकृताः। तस्मिन् काले प्रतापस्य पुत्री चम्पा एकादशवर्षीया पुत्रश्च चतुर्वर्षीयः आस्ताम्।

शालिनी :
आचार्य। यदि तयोः विषये कापि अस्ति तर्हि नूनं कथयतु।

शिक्षक :
एकदा राजकुमारः चम्पा च नदीतटे क्रीडतः आस्ताम्। तदैव राजकुमारः क्षुधापीडितः अभवत्। सः रोटिकां याचमानः रोदितवान!। सः न जानाति स्म यत् रोटिकायाः ग्रासमेकमपि नास्ति। चम्पा तं कथां श्रावयित्वा विनोदयामास। राजकुमारः बुभुक्षितः एव सुप्तवान्।

प्रियङ्का :
(सोत्साहेन पृच्छति) तदा किम् अभवत्?

शिक्षकः :
शृणवन्तु! सुप्तं अनुजं अङ्के नीत्वा चम्पा शयनाय मातुः समीपे आगत्य पितरं चिन्तामग्नम् अपश्यत् अपृच्छच्च भवान् किमर्थं चिन्तातुरोऽस्ति? तदा तेनोक्तम्-सुते। अस्माकं गृहे एकः अतिथिः आगतः, किं चित्तौड़महाराणागृहात् सः अनश्नन् एव गच्छेत् तदा चम्पा अवदत पितः! भवान् मा चिन्तयतु। ह्यः भवता दत्तम् रोटिकाद्वयं सुरक्षितम् अस्ति! मे बुभुक्षा नास्ति। भवान् रोटिकाद्वयम् तस्मै ददातु।

शब्दार्थ :
अहोरात्रं-रात्रि में-on night; चलन्ति-चलते हैं-walks; स्म-थे-were; स्वपन्ति-सोते थे-were slept; बहुधा-बहुत अधिक-very much; कृत्वा-करके-do; वदरीफलानि-बेर का फल-fruit of Bare; तृणरोटिकांश्च-और घास की रोटियाँ-and grass’s chapati; त्यक्त्वा -छोड़कर-After left; पलायनार्थ-भागने के लिए-for running; तस्मिन्-उस-That; प्रतापस्य-प्रताप के-famous; तयो-वे दोनों-these two; कापि-कोई भी-Anybody; वार्ता-वार्ता-Talking, conversation; नूनं-निश्चित ही-certainly;, कथयतु-कहिए-Say; च-और-and; तदेव-उसके अनुसार-According to him;अभवत्-हुआ-Happend; रोटिकां-रोटी को-for chapati; यत्-जो-who; तं-उसको-him; श्रावयित्वा-सुनकर-Listening; एव-भी-Also; मुप्तवान्-सो गया-he slept; नीत्वा-ले जाकर-for going; आगत्य-आकर-for coming; पितरं-माता-पिता-Mother and father; देखा-Seeing; अपश्यत्-देखा-seeing; भवान्-आप-you; तेनोक्तय-उसके कहे अनुसार-his according to saying; आगत-आया-came; गच्छेत्-जाने के लिए-for going; ह्य-बीता हुआ कल-Past; दत्तम्-देने के लिए-for giving; मे-मुझे-me: तस्मै-उसे-His; ददातु-दो-give.

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हिन्दी अर्थ :
शिक्षक-वे रात्रि में चलते थे, भूमि एवं शिलाओं पर सोते थे। अधिकतर उपवास करते थे। कभी-कभी बेर के फल एवं तृण आदि की रोटियाँ खाते थे। एक बार ऐसा समय आ गया जब शत्रुओं ने घास की रोटी खाता छोड़ भागने पर विवश कर दिया। उस समय प्रताप की पुत्री चम्पा ग्यारह वर्ष एवं बालक 4 वर्ष का था।

शालिनी :
गुरु जी! यदि उन दोनों के विषय में कोई कथा हो तो कहें।

शिक्षक :
एक बार राजकुमार एवं चम्पा नदी के तट पर क्रीड़ा कर रहे थे तभी राजकुमार भूख से पीड़ित हो गए और वह रोटियों की माँग करते हुए रोने लगे। उन्हें यह पता नहीं था कि रोटियों के लिए घास नहीं है। चम्पा ने उसे कहानियाँ सुनाकर मन बहलाया। राजकुमार भूखा-प्यासा ही सो गया।

प्रियंका :
(उत्साहपूर्वक) तब क्या हुआ?

शिक्षक :
सुनो! फिर चम्पा सोते हुए अनुज को गोद में लेकर माँ के पास आई तो पिता को चिंता में निमग्न देखा और पूछा-आप क्यों चिंतित हैं? उन्होंने (प्रताप) ने कहा-बेटी! हमारे घर में एक अतिथि आया है। क्या चित्तौड़गढ़ के महाराजा के घर से वह भूखा ही जाएगा? चम्पा बोली-पिताजी! आप चिंतित न हों। आपने कल जो दो रोटी मुझे दी थी, वे अब भी मसुरक्षित रखी हुई हैं। आप दोनों रोटी मेहमान को खिलाएँ। मुझे भूख नहीं है।

3. सर्वेश-ततः किम् अभवत्?

शिक्षक :
तदनन्तरं चम्पा पाषाणतले संरक्षितां तृणरोटिकाम् आनीत्य अतिथये ददाति अतिथिः उपभुज्य गतवान्। परन्तु स्वपरिवार प्रति आगतान् कष्टान् अवलोक्य उद्वेलितः महाराणा स्वप्रतिज्ञां परित्यज्य अकबरस्याधीनता विषये पत्रमलिखत्।

प्रभा :
तदनन्तरं किं जातम?

शिक्षक :
तस्यै बालायै नैक दिनान्तराले याः तृणरोटिकाः मिलन्ति स्म ताः अपि अनुजं भोजयति स्म। अनेन कारणेन क्षुत्क्षामा वीरबाला चम्पा अति दुर्बलतां प्राप्ता। एकदा दौर्बल्यात् सा मूर्छिता जाता। तदा महाराणाप्रतापः ताम् अङ्के उत्थाय रुदन्नवदत्-पुत्रि! इतोप्यधिकम! दुःखम् त्वाम् न दास्यामि। मया अकबरस्य कृते पत्रं लिखितम्। अर्धचेतनायाम् इदम् पितुर्वाक्यं श्रुत्वैव सा पितरमवदत् तात। भवान् किं कथयति, अस्मभ्यं जीवनरक्षणाय दासतां स्वीकरिष्यति भवान्। किं वयम् कदापि न मरिष्यामः? देशस्य अवमानं मा करोतु! देशस्य कुलस्य च गौरवरक्षार्थं लक्षवारमपि यदि वयम् प्राणानुत्सृजामः तदपि न्यूनमस्ति।

अतः मम आग्रहः एषः यत् भवान् कदापि अकबरस्य अधीनतां मा स्वीकरोतु। वीरबाला चम्पा एवं वदन्ती एव महाराणाङ्के चिरनिद्रां गता। ततः महाराणाप्रतापः पराधीनतायाः विचारम् अत्यजत्। इत्थं चम्पया स्वजीवनोत्सर्गेण न केवलं महाराणाप्रतापस्य विचारपरिवर्तनम् : अपितु मेवाड़गौरवस्य रक्षणमपि विहतम्।

शब्दार्थ :
अभवत्-हुआ-happen; तदनन्तरं-इसके बाद-After this; आनीत्यलाया-getting; ददाति-देता है-gives; गतवान्-गया-went; स्वपरिवारं-अपने परिवार को-for own family; आगतान्-आया-came; उद्वेलित-बहुत दुःखी-very sad; स्वप्रतिज्ञां-अपनी प्रतिज्ञा-our promise; तदनन्तरं-इसके बाद-After this; मिलन्ति-मिलते हैं-meet; स्म-थे-was; ता-उसके-his; अपि-भी-also; अनेन-इस कारण-That reason; अङ्के-गोद में-In lap; त्वाम्-तुम में-In you;मया-मेरे-my; कृते-के लिए-for; अर्धचेतनयाम्-अर्ध चेतन स्थिति में-half unconscious situation; श्रुत्वैव-सुनकर भी-to listening; भवान्-आप-you; कथयति-कहें-say; अस्मभ्यं-हमारे-our; दासतां-दासता-Slavery; वयम्-हम सब-we all; मरिष्याम-मरेंगे-will die; अवमान-अपमान-Defame; न्यूनमस्ति-थोड़ा-Little; मम-मेरा-my; आग्रह-निवेदन-Application; अधीनता-अधीनता-Under, Ruled; स्वीकरोतु-स्वीकार करो-to accept; अत्यजत्-छोड़ा-left; इत्थं-इस तरह-That type; रक्षणमपि-रक्षा में भी-In defence also; निहितम्-निहित-Constant.

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हिन्दी अर्थ :
सर्वेश-तब क्या हुआ?

शिक्षक :
तब चम्पा पत्थर के नीचे सुरक्षित रखी तृण की रोटियां निकाल कर अतिथि को प्रदान कर दी। अतिथि उसका उपभोग कर चले गए। परन्तु अपने परिवार पर आए कष्ट को देखकर राजा प्रताप का मन विचलित हो उठा और उन्होंने प्रतिज्ञा को छोड़कर अकबर की अधीनता स्वीकार करने के लिए पत्र लिखा।

प्रभा :
फिर क्या हुआ?

शिक्षक :
उनके बच्चों को प्रतिदिन रोटी न मिलकर एक दिन के अंतराल पर रोटी खाने को मिलती थी। उसे भी उसका छोटा भाई खा जाता था इसलिए वह लड़की चम्पा बहुत दुबली हो गई। एक बार दुर्बलता के कारण वह बेहोश हो गई। तब महाराणा प्रताप उसे गोद में उठा रोते हुए बोले-पुत्री! अब मैं इससे अधिक कष्ट तुम्हें नहीं दूंगा, मैं अकबर को पत्र लिखूगा। अर्द्ध मूर्छितावस्था में इस तरह (हताश) पिता के वाक्यों को सुनकर बोली-पिताजी! यह आप क्या कह रहे हैं? हमारे जीवन की रक्षा के लिए आप गुलामी स्वीकार करेंगे? क्या हम कभी मरेंगे नहीं? पिताजी! देश का अपमान न करें देश और कुल के मान की रक्षा के लिए यदि हमें लाखों बार प्राण देने पड़ें तो भी वह थोड़ा है।

मेरी प्रार्थना है कि आप इस तरह कभी भी अकबर की अधीनता स्वीकार न करें…इस प्रकार कहती हुई वह वीर बाला चम्पा महाराणा प्रताप की गोद में ही प्राण त्याग दिए। तब महाराणा ने अधीनता स्वीकार करने की बात अपने मन से निकाल दी। इस प्रकार चम्पा के प्राणोत्सर्ग से न केवल महाराणा के विचारों में परिवर्तन हुआ, बल्कि मेवाड़ के गौरव की रक्षा भी हुई।

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MP Board Class 7th Maths Solutions Chapter 8 राशियों की तुलना Ex 8.1

MP Board Class 7th Maths Solutions Chapter 8 राशियों की तुलना Ex 8.1

प्रश्न 1.
अनुपात ज्ञात कीजिए :
(a) ₹ 5 का 50 पैसे से
(b) 15 kg का 210g से
(c) 9 m का 27 cm से
(d) 30 दिनों का 36 घण्टों से
हल:
(a) ₹5 का 50 पैसे से,
= ₹ 5 : 50 पैसे
= 5 × 100 पैसे : 50 पैसे (∵ 1 रुपया = 100 पैसे)
= 500 : 50 = \(\frac { 500 }{ 50 } \) : \(\frac { 50 }{ 50 } \)
(∵500 और 50 का म. स. = 50)
= 10 : 1

(b) 15 kg का 210 g से
= 15 kg : 210g = 15 × 1000g : 210g (∵ 1 kg = 1000g)
= 15000 : 210 = \(\frac { 15000 }{ 30 } \) : \(\frac { 210 }{ 30 } \)
(∵ 15000 और 210 का म. स. = 30)
= 500 : 7

(c) 9 m का 27 cm से,
= 9 m : 27 cm = 9 × 100 cm : 27 cm (∵ 1 m = 100 cm)
= 900 : 27 = \(\frac { 900 }{ 90 } \) : \(\frac { 27 }{ 9 } \) (∵ 900 और 27 का म .स. = 9)
= 100 : 3

(d) 30 दिनों का 36 घण्टे से
= 30 दिन : 36 घण्टे = 30 × 24 घण्टे : 36 घण्टे (∵ 1 दिन = 24 घण्टे)
= 720 घण्टे : 36 घण्टे = \(\frac { 720 }{ 36 } \) : \(\frac { 36 }{ 36 } \)
(∵ 720 और 36 का म. स. = 36)
= 20 : 1

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प्रश्न 2.
एक कम्प्यूटर प्रयोगशाला में 6 विद्यार्थियों के लिए 3 कम्प्यूटर होने चाहिए। ज्ञात कीजिए कि 24 विद्यार्थियों के लिए कितने कम्प्यूटरों की आवश्यकता होगी?
हल:
माना कि आवश्यक कम्प्यूटर = x
∴ 3 : x = 6 : 24
या x × 6 = 3 × 24
या x = \(\frac{3 \times 24}{6}\) = 12
अतः अभीष्ट कम्प्यूटरों की संख्या = 12

प्रश्न 3.
राजस्थान की जनसंख्या = 570 लाख और उत्तर प्रदेश की जनसंख्या = 1660 लाख; राजस्थान का क्षेत्रफल = 3 लाख km2 और उत्तर प्रदेश का क्षेत्रफल = 2 लाख km2 ज्ञात कीजिए :
(i) इन दोनों राज्यों में प्रति km2 कितने व्यक्ति हैं ?
(ii) किस राज्य की जनसंख्या कम घनी है ?
हल:
(i) राजस्थान की जनसंख्या = 570 लाख, राजस्थान का क्षेत्रफल = 3 लाख km2
∴ प्रति km2 में व्यक्तियों की संख्या
= \(\frac { 570 }{ 3 } \) = 190 लाख प्रति km2
उत्तर प्रदेश की जनसंख्या = 1660 लाख, उत्तर प्रदेश का क्षेत्रफल = 2 लाख km2
∴ प्रति km2 में व्यक्तियों की संख्या
= \(\frac { 1660 }{ 2 } \) = 830 लाख प्रति km2

(ii) ∵ 190 लाख < 830 लाख
अत: राजस्थान की जनसंख्या कम घनी है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 170

रीना एक मेज के ऊपरी भाग (टॉप) को बनाने के लिए 100 भिन्न-भिन्न रंगों वाली टाइलें प्रयोग करती है। उसने पीले, हरे, लाल और नीले रंग वाली टाइलें अलग-अलग गिनीं और एक तालिका में निम्न प्रकार लिखा। क्या आप इस तालिका को पूरी करने में उसकी सहायता करेंगे ?
हल:
MP Board Class 7th Maths Solutions Chapter 8 राशियों की तुलना Ex 8.1 image 1

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पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 171

प्रयास कीजिए

प्रश्न 1.
निम्न आँकड़ों के लिए विभिन्न ऊँचाई वाले बच्चों का प्रतिशत ज्ञात कीजिए।
हल:
MP Board Class 7th Maths Solutions Chapter 8 राशियों की तुलना Ex 8.1 image 2

प्रश्न 2.
एक दुकान में विभिन्न मापों वाले जूतों की जोडियों की संख्या निम्न प्रकार है-माप 2:20, माप 3:30, माप 4:28, माप 5:14, माप 6:8.
इस सूचना को ऊपर की भाँति एक तालिका के रूप में लिखिए और दुकान में उपलब्ध जूते की हर माप को प्रतिशतता में भी ज्ञात कीजिए।
हल:
MP Board Class 7th Maths Solutions Chapter 8 राशियों की तुलना Ex 8.1 image 3

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 172

प्रयास कीजिए

प्रश्न 1.
विभिन्न रंगों वाली 10 टुकड़ों (Chips) का संग्रह इस प्रकार से है:
MP Board Class 7th Maths Solutions Chapter 8 राशियों की तुलना Ex 8.1 image 4
तालिका पूर्ण कीजिए तथा प्रत्येक रंग वाले टुकड़ों का प्रतिशत ज्ञात कीजिए।
हल:
यहाँ (G) = 4, (B) = 3, तथा (R) = 3, योग = 10
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प्रश्न 2.
माला के पास चूड़ियों का एक संग्रह है जिनमें 20 सोने तथा 10 चाँदी की चूड़ियाँ हैं। प्रत्येक प्रकार की चूड़ियों का प्रतिशत क्या है ? क्या आप इसके लिए भी ऊपर की तरह तालिका बना सकते हैं ?
हल:
हाँ, तालिका बना सकते हैं।
आँकड़ों को तालिका के रूप में रखने पर,
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पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या #173

सोचिए, चर्चा कीजिए एवं लिखिए

प्रश्न 1.
निम्न उदाहरणों को ध्यान से देखिए और चर्चा कीजिए कि उनमें प्रत्येक के लिए कौन-सी विधि अधिक उपयुक्त है ?
1. वातावरण में, 1 gm वायु में उपस्थित हैं:
0-78 ग्राम नाइट्रोजन अथवा 78% नाइट्रोजन
0-21 ग्राम ऑक्सीजन अथवा 21% ऑक्सीजन
0-01 ग्राम अन्य गैस अथवा 1% अन्य गैस

2. एक कमीज के कपड़े में होते है :
\(\frac { 3 }{ 5 } \) सूती अथवा 60% सूती
\(\frac { 2 }{ 5 } \) अथवा 40% पॉलिस्टर
उत्तर:
दोनों उदाहरणों की तुलना करने पर दूसरी विधि अर्थात् प्रतिशत विधि अधिक उपयुक्त है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 174

सोचिए, चर्चा कीजिए एवं लिखिए

प्रश्न (i) क्या आप किसी ‘केक’ (Cake) का 50% खा सकते हैं ?
क्या आप किसी केक’ (Cake) का 100% खा सकते है ?
क्या आप किसी ‘केक’ (Cake) का 150% खा सकते है ?
(ii) क्या किसी वस्तु का मूल्य 50% बढ़ सकता है ?
क्या किसी वस्तु का मूल्य 100% बढ़ सकता है ?
क्या किसी वस्तु का मूल्य 150% बढ़ सकता है ?
उत्तर:
(i) जब हम भागों के बारे में सोचते हैं तो यह 100% या इससे कम होता है। अतः
हम किसी केक का 50% खा सकते हैं।
हम किसी केक का 100% खा सकते हैं।
हम किसी केक का 150% नहीं खा सकते हैं।
(ii) जब हम किसी वस्तु के मूल्य में बढ़ोत्तरी के बारे में सोचते हैं, तो बढोत्तरी में प्रतिशत 100% से ज्यादा हो सकता है। अतः
किसी वस्तु का मूल्य 50% बढ़ सकता है।
किसी वस्तु का मूल्य 100% बढ़ सकता है।
किसी वस्तु का मूल्य 150% बढ़ सकता है।

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प्रयास कीजिए

प्रश्न 1.
निम्नलिखित भिन्नों को प्रतिशत में बदलिए:
(a) \(\frac { 12 }{ 16 } \)
(b) 3.5
(c) \(\frac { 49 }{ 50 } \)
(d) \(\frac { 2 }{ 2 } \)
(e) 0.05
उत्तर:
(a) \(\frac { 12 }{ 16 } \) = \(\frac { 12 }{ 16 } \) × 100% = 75%
(b) 3.5 = 3.5 × 100% = 350%
(c) \(\frac { 49 }{ 50 } \) = \(\frac { 49 }{ 50 } \) × 100% = 98%
(d) \(\frac { 2 }{ 2 } \) = \(\frac { 2 }{ 2 } \) × 100% = 100%
(e) 0.05 = 0.05 × 100% = 100%

प्रश्न 2.
(i) 32 विद्यार्थियों में 8 अनुपस्थित हैं। विद्यार्थियों का क्या प्रतिशत अनुपस्थित है ?
(ii) 25 रेडियो सैट में 16 खराब हैं। खराब रेडियों सैटों का प्रतिशत क्या है ?
(ii) एक दुकान में 500 पुर्जे हैं जिनमें से 5 बेकार हैं। बेकार पुों का प्रतिशत क्या है ?
(iv) 120 मतदाताओं में से 90 ने ‘हाँ’ में मत दिया। कितने प्रतिशत ने ‘हाँ’ में मत दिया ?
हल:
(i) अनुपस्थित विद्यार्थियों का प्रतिशत
= \(\frac { 8 }{ 32 } \) × 100% = 25%

(ii) खराब रेडियों सैटों का प्रतिशत
= \(\frac { 16 }{ 25 } \) × 100% = 64%

(iii) खराब पुर्जी का प्रतिशत
= \(\frac { 5 }{ 500 } \) × 100% = 1%

(iv) ‘हाँ’ में मत देने वालों का प्रतिशत
= \(\frac { 90 }{ 120 } \) × 100% = 75%

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 175

प्रश्न 1.
निम्न तालिका को ध्यान से देखकर पूरा कीजिए :
हल:
MP Board Class 7th Maths Solutions Chapter 8 राशियों की तुलना Ex 8.1 image 7

प्रश्न 2.
ऐसे कुछ अन्य उदाहरण बनाइए और उन्हें हल भी कीजिए।
हलः
अन्य उदाहरण:
MP Board Class 7th Maths Solutions Chapter 8 राशियों की तुलना Ex 8.1 image 8

प्रयास कीजिए

प्रश्न 1.
35% + ….% = 100%
64% + 20% + ….% = 100%
45% = 100% – ….%
70% = ….. % – 30%
हल:
35% + 65% = 100%
64% + 20%+16% = 100%
45% = 100%-55%
70% = 100%-30%

प्रश्न 2.
किसी कक्षा के विद्यार्थियों में 65% के पास साइकिलें हैं। कितने प्रतिशत विद्यार्थियों के पास साइकिलें नहीं हैं ?
हल:
विद्यार्थी जिनके पास साइकिलें हैं = 65%
शेष विद्यार्थी = 100%-65%= 35%
अत: 35% विद्यार्थियों के पास साइकिलें नहीं हैं।

प्रश्न 3.
हमारे पास सेब, सन्तरों तथा आमों से भरी एक टोकरी है। यदि उसमें 50% सेब तथा 30% सन्तरे हैं, तब आमों का प्रतिशत कितना है?
हल:
सेबों का प्रतिशत = 50%, संतरों का प्रतिशत = 30%
सेबों तथा संतरों का कुल प्रतिशत = 50% + 30% = 80%
∴ आमों का प्रतिशत = 100%-80% = 20%
अत: टोकरी में आमों का प्रतिशत 20% है।

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सोचिए, चर्चा कीजिए एवं लिखिए

प्रश्न 1.
एक परिधान के बनाने पर हुए व्यय को देखिए। कढ़ाई पर 20%, कपड़े पर 50%, सिलाई पर 30%। क्या आप कुछ अन्य ऐसे ही उदाहरण दे सकते हैं।
उदाहरण – (i) पढ़ाई पर व्यय-फीस =50%, वाहन = 15%, किताबें व स्टेशनरी = 35%
(ii) भोजन पर व्यय-भोजन सामग्री = 60%, मजदूरी = 10%, गैस = 20%, मसाले = 10%

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 176

प्रयास कीजिए

प्रश्न 1.
निम्न आकृतियों का कितने प्रतिशत छायांकित है ?
MP Board Class 7th Maths Solutions Chapter 8 राशियों की तुलना Ex 8.1 image 9
चित्र 8.1
हल:
(i) छायांकित भाग = \(\frac { 1 }{ 4 } \) + \(\frac { 1 }{ 4 } \) + \(\frac { 1 }{ 4 } \) = \(\frac { 3 }{ 4 } \)
छायांकित भाग का प्रतिशत = \(\frac { 3 }{ 4 } \) × 100% = 75%
(ii) छायांकित भाग = \(\frac { 1 }{ 4 } \) + \(\frac { 1 }{ 8 } \) + \(\frac { 1 }{ 8 } \) = \(\frac { 2+1+1 }{ 8 } \) = \(\frac { 4 }{ 8 } \) = \(\frac { 1 }{ 2 } \)

छायांकित भाग का प्रतिशत = \(\frac { 1 }{ 2 } \) × 100% = 50%

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 177

प्रयास कीजिए

प्रश्न 1.
ज्ञात कीजिए :
(a) 164 का 50%
(b) 12 का 75%
(c) 64 का 125%
हल:
(a) 164 का 50% = \(\frac { 50 }{ 100 } \) × 164
= \(\frac { 1 }{ 2 } \) × 164 = 82

(b) 12 का 75% = \(\frac { 75 }{ 100 } \) × 12
= \(\frac { 3 }{ 4 } \) × 12 = 3 × 39

(c) 64 का 12 \(\frac { 1 }{ 2 } \)% = \(=\frac{12 \frac{1}{2}}{100} \times 64\)
= \(\frac { 25 }{ 2 } \) × \(\frac { 1 }{ 100 } \) 64 = 8

प्रश्न 2.
25 बच्चों की कक्षा में 8% बच्चे वर्षा में भीगना पसंद करते हैं। वर्षा में भीगने वाले बच्चों की संख्या ज्ञात कीजिए।
हल:
वर्षा में भीगने वाले बच्चे = 25 का 8%
= \(\frac { 8 }{ 100 } \) × 25 = \(\frac { 8 }{ 4 } \) × 1 = 2

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 178

प्रयास कीजिए

प्रश्न 1.
9 किस संख्या का 25% है ?
हल:
मानाकि अभीष्ट संख्या x है।
∴ x का 25% = 9
या \(\frac { 25 }{ 100 } \) × x = 9
या x = \(\frac{9 \times 100}{25}\) = 9 × 4 = 36
अतः अभीष्ट संख्या 36 है।

प्रश्न 2.
15 किस संख्या का 75% है ?
हल:
मानाकि अभीष्ट संख्या x है।
∴ x का 75% = 15
या \(\frac { 75 }{ 100 } \) × x = 15
या x = \(\frac{15 \times 100}{75}\) = \(\frac { 100 }{ 5 } \) = 20
अतः अभीष्ट संख्या 20 है।

MP Board Class 7th Maths Solutions

MP Board Class 9th Sanskrit Solutions Chapter 13 गीतादर्शनम्

MP Board Class 9th Sanskrit Solutions Durva Chapter 13 गीतादर्शनम् (पद्यम्)

MP Board Class 9th Sanskrit Chapter 13 पाठ्य पुस्तक के प्रश्न

प्रश्न 1.
एकपदेन उत्तरं लिखत-(एक शब्द में उत्तर लिखो)
(क) ईश्वरः किमर्थम् आत्मानं सृजति? (ईश्वर किसलिए आत्मा का सृजन करता है?)
उत्तर:
धर्मउत्थानाय। (धर्म के उत्थान के लिए)।

(ख) ते अधिकाराः कुत्र? (तुम्हारा अधिकार क्या है?)
उत्तर:
कर्मानिश्व। (स्वयं का कम)।

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(ग) जातस्यध्रुवं किम्? (जन्म लेने वाले का क्या होता है?)
उत्तर:
मृत्युः। (मृत्यु होती है।)

(घ) अन्नात् कानि भवन्ति? (अन्न से क्या होता है?)
उत्तर:
भूतानि। (भूख मिटती है।)

(ङ) कामात् कः अभिजायते? (काम से क्या पैदा होता है?)
उत्तर:
क्रोधो। (क्रोध उत्पन्न होता है।)

प्रश्न 2.
एकवाक्येन उत्तरं लिखत (एक वाक्य में उत्तर लिखो)
(क) तत्त्वदर्शिनः कथम् उपदेक्ष्यन्ति? (तत्त्वज्ञाता क्या उपदेश देते हैं?)
उत्तर:
तत्त्वदर्शिनः ज्ञानिनः ज्ञानम् उपदेयन्ति। (तत्त्वज्ञाता ज्ञान का उपदेश देते हैं।)

(ख) मनः कथं वशी भवति? (मन किस तरह वश में होता है?)
उत्तर:
मनः यतः यतः निश्चरति ततः ततः नियम्य आत्यनि एव वशम् नयेत्। (मन यहाँ-वहाँ विचरण करता है तब स्वयं द्वारा उसे वश में किया जाता है।)

(ग) त्वं कस्मिन्नर्थे न शोचितुमर्हसि? (तुम्हें किसके लिये सोच नहीं करना चाहिए?)
उत्तर:
त्वं जातस्य मृत्युः ध्रुवः मृतस्य जन्म ध्रुवं च तस्मात् अपरिहार्ये अर्धे शोचितुम् न अर्हषि।। (जिसका जन्म हुआ है, उसकी मृत्यु निश्चित है और जो मर रहा है वह जन्मेगा अतः व्यर्थ सोच नहीं करना चाहिये।)

(घ) बुद्धिनाशात् किं भवति? (बुद्धि के नाश होने से क्या होता है?)
उत्तर:
बुद्धिनाशः बुद्धिनाशात् प्रणश्यति। (बुद्धि के नाश होने से व्यक्ति नष्ट हो जाता है।)

प्रश्न 3.
अधोलिखितप्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत
(क) पुरुष कथं विनश्यति? (पुरुष का विनाश कैसे होता है?)
उत्तर:
पुरुषः बुद्धिनाशात् विनश्यति। (पुरुष का विनाश बुद्धि के नाश होने पर होता है।)

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(ख) तत्त्वदर्शिनः कथं उपदेक्ष्यन्ति? (तत्त्वदर्शी क्या उपदेश देते हैं?)
उत्तर:
तत्त्वदर्शिनः ज्ञानिनः ज्ञानम् उपदेक्ष्यन्ति। (तत्त्वदर्शी ज्ञान का उपदेश देते हैं।)

(ग) ईश्वरः कदा सम्भवति? (ईश्वर कब जन्म लेता है?)
उत्तर:
यदा, यदा धर्मस्य ग्लानिः अधर्मस्य अभ्युत्थानम् भवति तदा हि अहम् आत्मानम् सृजामि। (जब-जब पृथ्वी में धर्म का नाश होता है तब धर्म को बचाने के लिये और अधर्म का नाश करने के लिये ईश्वर अवतार लेता है।)

(घ) यज्ञाः कस्मात् संभवति? (यज्ञ किससे संभव है?)
उत्तर:
यज्ञ कर्मात् संभवति। (यज्ञ कर्म से संभव है।)

प्रश्न 4.
रेखाङ्कितशब्दान् आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत
(क) क्रोधात् सम्मोहः भवति। (क्रोध से सम्मोह होता है।)
उत्तर:
कस्मात् सम्मोहः भवति? (किससे सम्मोह होता है?)

(ख) स्मृतिविभ्रमः सम्मोहात् भवति। (स्मृति भ्रम सम्मोह से होती है।)
उत्तर:
कस्मात् स्मृतिविभ्रमः भवति? (किससे स्मृति भ्रमित होती है?)

(ग) बुद्धिनाशः स्मृतिभ्रशांत् भवति। (बुद्धि का नाश स्मृतिविभ्रम से होता है।)
उत्तर:
कस्य नाशः स्मृतिभंशात भवति? (किसका नाश स्मृति विभ्रम से होता है?)

(घ) यज्ञात् भवति पर्जन्यः। (यज्ञ से पर्जन्य होता है।)
उत्तर:
यज्ञात् कः भवति? (यज्ञ से क्या होता है?)

प्रश्न 5.
श्लोकपूर्ति कुरुत
उत्तर :
(क) विद्यार्थी स्वयं करें।
(ख) अन्नाद्भवन्ति भूतानि पर्जन्यादन्न संभवः।
यज्ञाद्भवति पर्जन्यो यज्ञः कर्म समुद्भवः॥

प्रश्न 6.
उचितं योजयत्-
MP Board Class 9th Sanskrit Solutions Chapter 13 गीतादर्शनम् img-1

प्रश्न 7.
उचितशब्देन रिक्तस्थानानि पूरयत-
(क) यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिः भवति।
(ख) ते कर्मणि एवं अधिकारः।
(ग) जातस्य हि ध्रुवो मृत्युः।
(घ) ध्यायतो विषयानुपुंसः सङ्गस्तेषूपजायते।

प्रश्न 8.
अधोलिखितपदाना पर्यायवाचि लिखत
(क) साधुः = सज्जनः
(ख) पर्जन्यः = जलम्
(ग) चञ्चलम् = लोलम्
(घ) यज्ञ = अध्वरः

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प्रश्न 9.
अधोलिखत पदानां विलोमपदानि लिखत
(क) सङ्गः = पृथकः
(ख) मृत्युः = जन्मः
(ग) धर्मः = अधर्मः
(घ) अन्यः = विशेषः
(ङ) परित्राणः = विनाशः।

प्रश्न 10.
पञ्चमी विभक्तिः स्थाने तसिल (तः) प्रत्ययं इति योजयित्वा लिखत
यथा- ग्रामात् – ग्रामतः
(क) सङ्गात् – सङ्गतः
(ख) कामात् – कामतः
(ग) क्रोधात् – क्रोधतः
(घ) सम्मोहात् – सम्मोहतः
(ङ) स्मृतिभ्रंशात् – स्मृतिभ्रंशतः।
(च) बुद्धिनाशात् – बुद्धिनाशतः
(छ) अन्नात्। – अन्नतः।
(ज) पर्जन्यात् – पर्जन्यतः
(स) यज्ञात् – यज्ञतः।

प्रश्न 11.
सन्धिं कुरुत
(क) अभि + उत्थानम् = अभ्युत्थानम्।
(ख) सृजामि + अहम् = सृजाम्यहम्।
(ग) क्रोधः + अभिजायते = क्रोधाभिजायते।
(घ) मनः + चञ्चलं + अस्थिरम् = मनश्चञ्चलमस्थिरम्।
(ङ) कर्मणि + एव + अधिकारः + ते = कर्मण्येवाधिकारस्ते।

गीतादर्शनम् पाठ-सन्दर्भ/प्रतिपाद्य

विश्व के दर्शन ग्रन्थों में सर्वोत्कृष्ट ग्रन्थ उपनिषद हैं। सारे उपनिषदों का सार है-श्रीमद् भगवद्गीता। यह महाभारत का एक अंश है। इसमें भगवान श्री कृष्ण अर्जुन को उपदेश देते हैं। यह मूल उपदेश है इसलिए युद्धादि कर्तव्य में भी इसका अवश्य ही पालन करना चाहिए।

गीतादर्शनम् पाठ का हिन्दी अर्थ

1. यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ॥

शब्दार्थ :
अभ्युत्थानम्-वृद्धि-Progress; अधर्मस्य-अधर्म की-Non-religon; तदा-उस समय-That time; आत्मानम्-अपने को-Own; सृजामि-प्रकट करता है-Presentation.

हिन्दी अर्थ :
हे भारत अर्थात् अर्जुन! जब-जब धर्म का पतन होता, अधर्म की बहुलता होती है तब अधर्म से मुक्ति दिलाने हेतु मैं अपने को प्रकट करता हूँ अर्थात् अवतार लेता हूँ।

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2. परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्।
धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे॥

शब्दार्थ :
परित्राणाय-उद्धार के लिए-Compulsion; संस्थापन-स्थापितSetup, अर्थाय-करने-DD; सम्भवामि-प्रकट होता है-Appears.

हिन्दी अर्थ :
साधु-पुरुषों के उद्धार हेतु एवं दुष्टों का विनाश करने एवं पुनः धर्म राज्य की स्थापना के लिए मैं प्रत्येक युग में प्रकट होता हूँ।

3. कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भूमा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि

शब्दार्थ :
कर्मण्ये-कर्म में-At work; मा-नहीं-Never, not; कदाचन-कभी-Any time; सङ्ग-लिप्त होना-To involve; अस्तु-हों-are.

हिन्दी अर्थ :
हे अर्जुन! तुम्हारा केवल कर्म करने का अधिकार है, उसके फल को प्राप्त करने का अधिकार तुम्हारा नहीं हैं। तुम कर्म के फल की इच्छा वाले मत बनो और न ही अकर्मण्यता की ओर से प्रवृत्त हो।

4. जातस्य हि ध्रुवो मृत्युर्धवं जन्म मृतस्य च।
तस्मादपरिहार्येऽर्थे न त्वं शोचितुमर्हसि ।।

शब्दार्थ :
ज्ञातस्य-उत्पन्न होना-Rising: ध्रुवो-अटल-Fix; तस्माद-इसलिए-So; अपरिहार्येऽर्थे-अचानक-Suddenly.

हिन्दी अर्थ :
हे अर्जुन! इस संसार में प्राणी का जन्म निश्चित है और मृत्यु भी शाश्वत है। अतः न टाले जाने योग्य कारण के लिए तुम्हें शोक करना उचित नहीं है।

5. अन्नाद्भवन्ति भूतानि पर्जन्यादन्नसंभवः।
यज्ञाभ्दवति पर्जन्यो यज्ञः कर्म समुभ्दवः॥

शब्दार्थ :
सम्भव-सम्भव होती है-possibles; पर्जन्यः-वर्षा-Rain; यज्ञः-यज्ञ का सम्पन्न होना-Finished worship; कर्म-नियत कर्त्तव्य से-with good manner; समुद्धवः-उत्पन्न होता है-grows.

हिन्दी अर्थ :
सारे प्राणी अन्न पर निर्भर हैं। यह अन्न वर्षा से उत्पन्न होता है। वर्षा यज्ञादि कर्म से होती है। यज्ञ नियत कर्मों से होता है।

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6. ध्यायतो विषयान्पुंसः सङ्गस्तेषूपजायते।
सङ्गात्संजायते कामः कामाक्रोधोऽभिजायते॥

शब्दार्थ :
ध्यायतः-चिन्तन करते हुए-meditating; विषयान-इन्द्रिय को-Tosenses; तेषु-उन इन्द्रिय-विषयों में-These senses subject; उपजायते-विकसित होती है-Increase, Develop; सगात्-अशक्ति से-Not interest; अभिजायते-प्रकट होता है-Rising.

हिन्दी अर्थ :
इन्द्रियों के विषय में (निरंतर) सोचने से मनुष्य की उसमें आसक्ति उत्पन्न हो जाती है। इसी आसक्ति को कामोद्वेग उत्पन्न होता है और काम से क्रोध प्रकट होता है।

7. क्रोधाद्भवति संमोहः संमोहात्स्मृतिविभ्रमः।
स्मृतिभ्रंशाद् बुद्धिनाशो बुद्धिनाशात्प्रणश्यति॥

शब्दार्थ :
भवति-होता है-Happens; सम्मोह-पूर्ण मोह-full love; बुद्धि-नाशः-बुद्धि का विनाश-The mind is kill; प्रणश्यति-पतन होता है-Ruins.

हिन्दी अर्थ :
क्रोध से अविवेक उपजता है, अविवेक के उपजने से स्मरण-शक्ति नष्ट हो जाती है। जब स्मरण-शक्ति विभ्रमित हो जाती है तो बुद्धि का नाश होता है। बुद्धि के नष्ट होने से मनुष्य नष्ट हो जाता है।

8. तद्विद्धि प्रणिपातेन परिप्रश्नेन सेवया।
उपदेक्ष्यन्ति ते ज्ञानं ज्ञानिनस्तत्त्वदर्शिनः।।

शब्दार्थ :
विद्धि-जानने का प्रयास करा-Try to know; प्रणिपातेन-गुरु के पास जाकर-Go to near of teacher; परिप्रश्नेन-विनीत जिज्ञासा से-For kindly desire; सेवया-सेवा के द्वारा-Throw seves; ज्ञानिन-स्वरूप सिद्ध-Proved face.

हिन्दी अर्थ :
तुम तत्त्व वेत्ता गुरु के समीप जा उन्हें दण्डवत प्रणाम कर विनीत भाव से, सेवाभाव से युक्त होकर सत्य का ज्ञान प्राप्त करने का प्रयास करो। वही तत्त्व वेत्ता गुरु ही तुम्हें सत्य (ज्ञान) का बोध कराएँगे क्योंकि उन्होंने ही सत्य का साक्षात्कार किया है।

9. यतो यतो निश्चरति मनश्चञ्चलमस्थिरम्।
ततस्ततो नियम्यैतदात्मन्येव वशं नयेत्॥

शब्दार्थ :
निश्चलति-विचलित होती है-Disturbing; नियम्य-वश में करके-In under; एतत्-इस-This; एव-निश्चय ही-certainly.

हिन्दी अर्थ :
चंचल मन अपनी अथिरता के कारण जहाँ-जहाँ भी विचरण करता हो, मनुष्य का कर्तव्य है कि वह उसे खींचकर अर्थात् उसे नियंत्रित कर अपने वश में लाए।

MP Board Class 9th Sanskrit Solutions

MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 9 धार्मिक व सामाजिक सुधार आन्दोलन और सांस्कृतिक चेतना का विकास

MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 9 धार्मिक व सामाजिक सुधार आन्दोलन और सांस्कृतिक चेतना का विकास

MP Board Class 8th Social Science Chapter 9 अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए –
(1) सन् 1828 ई. में ब्रह्म समाज की स्थापना किसने की थी?
(क) ईश्वरचन्द्र विद्या सागर
(ख) स्वामी दयानन्द सरस्वती
(ग) राजा राममोहन राय
(घ) केशवचन्द्र सेन।
उत्तर:
(ग) राजा राममोहन राय

(2) प्रार्थना समाज की स्थापना कब तथा किसने की थी?
(क) सन् 1867 ई. में महादेव गोविन्द रानाडे ने
(ख) सन् 1875 ई. में स्वामी दयानन्द सरस्वती ने
(ग) सन् 1897 ई. में स्वामी विवेकानन्द ने
(घ) सन् 1882 ई. में मैडम ब्लावाट्स्की ने।
उत्तर:
(क) सन् 1867 ई. में महादेव गोविन्द रानाडे ने

(3) ‘मोहम्मडन एंग्लो ओरियंटल कॉलेज’ की स्थापना किसने की थी ?
(क) नवाब अब्दुल लतीफ ने
(ख) शरीमतुल्लाह ने
(ग) मुहम्मद इकबाल ने
(घ) सर सैय्यद अहमद खाँ ने।
उत्तर:
(घ) सर सैय्यद अहमद खाँ ने

(4) ‘वंदेमातरम्’ गीत की रचना किसने की थी ?
(क) रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने
(ख) स्वामी विवेकानन्द ने
(ग) बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय ने
(घ) स्वामी दयानन्द सरस्वती ने।
उत्तर:
(ग) बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय ने।

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(1) सन् 1829 ई. में लॉर्ड विलियम बैंटिंक के सहयोग से राजा राममोहन राय ने …………… के विरुद्ध कानून – पास करवाया था।
(2) सन् ………….. ई. में ‘डेक्कन एजूकेशन सोसायटी’ की स्थापना महादेव गोविन्द रानाडे द्वारा की गई थी।
(3) ज्योतिबा फुले ने ………… के उत्थान के लिये कार्य किये।
(4) स्वामी दयानन्द सरस्वती ने …………… नामक अपना ग्रन्थ प्रकाशित किया।
(5) रामकृष्ण मिशन की स्थापना …………. ने की थी।
उत्तर:

  1. सती प्रथा
  2. 1884
  3. दलितों
  4. सत्यार्थ प्रकाश
  5. स्वामी विवेकानन्द

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 9 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 3.
(1) पं. मदनमोहन मालवीय द्वारा बनारस में किस विश्वविद्यालय की स्थापना की गई ?
उत्तर:
पं. मदनमोहन मालवीय द्वारा बनारस में ‘हिन्दू विश्वविद्यालय’ की स्थापना की गई।

(2) रवीन्द्रनाथ ठाकुर को 1913 ई. में कौन-सा सर्वोच्च पुरस्कार प्राप्त हुआ था ?
उत्तर:
रवीन्द्रनाथ ठाकुर को 1913 ई. में नोबल पुरस्कार’ प्राप्त हुआ था।

(3) स्वामी विवेकानन्द का बचपन का नाम क्या था ?
उत्तर:
स्वामी विवेकानन्द का बचपन का नाम ‘नरेन्द्रनाथ’ था।

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 9 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 4.
(1) राजा राममोहन राय द्वारा सामाजिक हित में किये गये किन्हीं दो कार्यों को लिखिए।
उत्तर:
राजा राममोहन राय द्वारा सामाजिक हित में किये गये कार्य –

  • सती प्रथा पर रोक लगवाकर उसे अपराध घोषित कराया एवं
  • जाति प्रथा का घोर विरोध किया।

(2) आर्य समाज द्वारा समाज व संस्कृति के लिये किये गये किन्हीं तीन प्रमुख कार्यों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
आर्य समाज द्वारा समाज एवं संस्कृति के लिए किए गए प्रमुख तीन कार्य इस प्रकार हैं –

  • आर्य समाज ने ही सबसे पहले हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार एवं स्वराज्य की बात कही।
  • आर्य समाज ने बाल विवाह का विरोध किया एवं
  • आर्य समाज ने ‘विधवा पुनर्विवाह’ का समर्थन किया।

(3) रामकृष्ण मिशन की स्थापना स्वामी विवेकानन्द ने किस उद्देश्य से की थी ?
उत्तर:
स्वामी विवेकानन्द ने भारतीय राष्ट्रवाद को आध्यात्म की अच्छाइयों से जोड़कर समाज की सेवा करने के उद्देश्य से रामकृष्ण मिशन की स्थापना की।

(4) दलितों के हित में ‘ज्योतिबा फुले’ द्वारा किये गये किन्हीं दो कार्यों को लिखिए।
उत्तर:
‘ज्योतिबा फुले’ द्वारा दलितों के हित में प्रमुख रूप से निम्नलिखित दो कार्य किये गये –

  • छुआछूत का विरोध करते हुए जन-आन्दोलन चलाया एवं
  • विधवा पुनर्विवाह का समर्थन करते हुए उन्होंने इस कार्य में व्यक्तिगत रूप से सहयोग किया।

(5) श्रीमती ऐनी बेसेण्ट द्वारा समाज के हित में किये गये दो प्रमुख कार्यों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
श्रीमती ऐनी बेसेण्ट द्वारा समाज हित में किये गये दो प्रमुख कार्य इस प्रकार हैं –

  • उन्होंने भारतीयों को उनकी संस्कृति की महानता को समझाते हुए पुनः जाग्रत करने का प्रयास किया एवं
  • उन्होंने बाल-विवाह एवं जाति प्रथा का डटकर विरोध किया।

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 9 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 5.
(1) मुस्लिम समाज सुधार आन्दोलन में सर सैय्यद अहमद खाँ द्वारा किये गये कार्यों को लिखिए।
उत्तर:
मुस्लिम समाज सुधार आन्दोलन में सर सैय्यद अहमद खाँ द्वारा प्रमुख रूप से निम्नलिखित कार्य किये गये –

  • उन्होंने मुसलमानों के लिए आधुनिक शिक्षा के अध्ययन पर बल दिया तथा भाग्यवादिता को दूर करने का प्रयास किया।
    उन्होंने सन् 1864 ई. में एक अनुवाद समिति की स्थापना की, जो विज्ञान तथा अन्य विषयों की अंग्रेजी पुस्तकों का उर्दू में अनुवाद करने का कार्य करती थी।
  • उन्होंने सन् 1877 ई. में अलीगढ़ में ‘मोहम्मडन एंग्लो ओरियंटल कॉलेज’ की स्थापना की, जहाँ अंग्रेजी माध्यम से कला एवं विज्ञान विषयों को पढ़ाया जाता था।
  • उन्होंने हिन्दू-मुस्लिम एकता का समर्थन किया, किन्तु बाद में वे पूर्णतः अंग्रेजों के प्रभाव में आ गये थे।
  • उन्होंने दास प्रथा को इस्लाम के विरुद्ध बताया तथा कुरान के अध्ययन पर जोर दिया।
  • उन्होंने अपने विचारों को ‘तहजीब उल अखलाक’ नामक पत्रिका का प्रकाशन कर समाज के सामने प्रस्तुत किया।

(2) सिक्ख आन्दोलन का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पाश्चात्य शिक्षा व सुधार आन्दोलनों से प्रभावित होकर सिक्खों ने भी अपने सम्प्रदाय व समाज में सुधार लाने का इस प्रकार प्रयास किया –

  • सिक्खों के गुरुद्वारे पुरोहितों व महंतों के कब्जों में हो गये थे, जिन्हें वे अपनी निजी सम्पत्ति समझने लगे थे।
  • इसलिए महंतों से गुरुद्वारों को मुक्त कराने के लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी और अकाली दल ने मिलकर आन्दोलन चलाया और गुरुद्वारों का नियन्त्रण सिक्ख समाज को सौंपने की माँग की।
  • शान्तिपूर्ण ढंग से चलाये गये इस आन्दोलन में जन समुदाय ने भी सहयोग किया।
  • सभी के संयुक्त प्रयासों से सन् 1925 ई. में एक कानून बना जिसके अनुसार गुरुद्वारा के संचालन का भार ‘शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबन्धक समिति’ को सौंप दिया गया।

(3) उन्नीसवीं शताब्दी में चलाये गये धार्मिक व सामाजिक आन्दोलनों का भारतीय समाज पर क्या प्रभाव पड़ा ? समझाइए।
उत्तर:
उन्नीसवीं शताब्दी में भारत में जो धार्मिक एवं सामाजिक सुधार आन्दोलन चलाये गये, उनके प्रभाव से भारतीय समाज के शैक्षणिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक प्रत्येक क्षेत्र में निम्नलिखित सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिले –

  • आधुनिक शिक्षा, ज्ञान, विज्ञान, दर्शन एवं साहित्य के अध्ययन में लोगों की रुचि में वृद्धि हुई।
  • देश में स्कूलों एवं कॉलेजों की संख्या में वृद्धि हुई।
  • महिलाओं की स्थिति में भी कुछ सुधार हुआ। सती–प्रथा, बाल विवाह तथा पर्दा प्रथा में कमी आई एवं उनकी शिक्षा का विकास हुआ।
  • सभी सुधारकों द्वारा वेदों के पुनः अध्ययन एवं संस्कृति के गौरव गान ने भारतीयों में स्वतन्त्रता व राष्ट्रीयता की भावना को और मजबूती प्रदान की।
  • इन सुधार आन्दोलनों से पूरे देश में एक नई जाग्रति फैली तथा सांस्कृतिक चेतना का विकास हुआ। परिणामस्वरूप भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलनों को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण योगदान मिला।

(4) उन्नीसवीं शताब्दी में विज्ञान के क्षेत्र में हुए विकास का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
अनेक सुधारकों ने विज्ञान के विकास से ही देश की प्रगति को सम्भव बताया, इसलिए उन्होंने विज्ञान के अध्ययन पर जोर दिया एवं अनेक वैज्ञानिक संस्थाएँ भी स्थापित की।

  • चिकित्सा विज्ञान के पहले भारतीय विद्यार्थी, महेन्द्रनाथ सरकार थे, जिन्होंने विज्ञान का प्रसार करने वाली प्रमुख संस्था ‘इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टिवेशन ऑफ साइंस’ की स्थापना सन् 1876 ई. में की थी।
  • बीसवीं सदी के तीसरे दशक में ‘इण्डियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन’ की स्थापना हुई।
  • अंग्रेजी शासनकाल के प्रमुख भारतीय वैज्ञानिकों में मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया (1861-1962) ने इंजीनियरिंग एवं टैक्नोलोजी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिये।
  • प्रफुल्लचन्द्र राय, जगदीशचन्द्र बसु, सत्येन्द्र नाथ बसु, मेघनाथ शाह, जी. एन. वाडिया एवं बीरबल साहनी आदि वैज्ञानिकों का योगदान भी महत्वपूर्ण रहा।

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MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 8 1858 ई. के बाद ब्रिटिश प्रशासन और नीतियाँ

MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 8 1858 ई. के बाद ब्रिटिश प्रशासन और नीतियाँ

MP Board Class 8th Social Science Chapter 8 अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर. लिखिये –
(1) महारानी विक्टोरिया की घोषणा हुई थी
(क) 1757 ई. में
(ख) 1858 ई. में
(ग) 1957 ई. में
(घ) 1965 ई. में।
उत्तर:
(ख) 1858 ई. में

(2) भारत का प्रशासन इंग्लैण्ड की महारानी को सौंपा गया –
(क) 1858 के अधिनियम द्वारा
(ख) 1861 के अधिनियम के द्वारा
(ग) 1865 के अधिनियम द्वारा
(घ) 1876 के अधिनियम द्वारा।
उत्तर:
(क) 1858 ई. के अधिनियम द्वारा

(3) प्रथम नगर पालिका स्थापित की गई
(क) 1865 ई. में मद्रास में
(ख) 1867 ई. में बंगाल में
(ग) 1868 ई. में उत्तर प्रदेश में
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(क) 1865 में ई. में मद्रास में

(4) भारत सचिवालय का प्रमुख कहलाता था
(क) भारत सचिव
(ख) वायसराय
(ग) गवर्नर जनरल
(घ) सचिव
उत्तर:
(क) भारत सचिव

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(1) वायसराय की सहायता के लिए …………. सदस्यों की परिषद् का गठन किया गया था।
(2) ब्रिटिश सरकार की आर्थिक नीतियाँ ………….. के हितों की रक्षा के लिए बनाई गई थीं।
(3) 1876 ई. में सिविल सेवा में भाग लेने की न्यूनतम आयु कर दी गई थी।
(4) लॉर्ड रिपन के द्वारा वुड के प्रस्तावों को क्रियान्वित करने के लिए ……….. आयोग का गठन किया गया।
उत्तर:
(1) चार
(2) केवल इंग्लैण्ड
(3) 19 वर्ष
(4) हण्टर

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 8 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 3.
(1) किस अधिनियम द्वारा इंग्लैण्ड की महारानी को भारत की साम्राज्ञी घोषित किया गया ?
उत्तर:
1858 ई. के अधिनियम द्वारा इंग्लैण्ड की महारानी को भारत की साम्राज्ञी घोषित किया गया।

(2) 1858 के बाद गवर्नर जनरल को किस नाम से जाना जाने लगा ?
उत्तर:
1858 के बाद गवर्नर जनरल को वायसराय के नाम से जाना जाने लगा।

(3) स्थानीय स्वशासन का जनक किसे कहा जाता था ?
उत्तर:
लॉर्ड रिपन को स्थानीय स्वशासन का जनक कहा जाता था।

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 8 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 4
(1) महारानी की घोषणा का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
अपनी घोषणा में महारानी ने कहा था कि –

  • अंग्रेजी राज्य में भारत का अब कोई नवीन क्षेत्र नहीं मिलाया जायेगा।
  • न्याय में समानता, उदारता एवं धार्मिक सहिष्णुता का पालन किया जायेगा।
  • भारत के राजाओं के सम्मान एवं अधिकारों का हनन । नहीं किया जायेगा।
  • भारत के लोगों के लिए नैतिक एवं भौतिक उन्नति के उपाय किये जायेंगे।
  • भारतीय प्रजा को ब्रिटिश प्रजा के समान माना जायेगा।

(2) 1861 ई. के अधिनियम में क्या परिवर्तन किये गये?
उत्तर:
1861 ई. में भारत परिषद् अधिनियम द्वारा गवर्नर जनरल की कार्यकारी परिषद् में न्यूनतम 6 सदस्य तथा अधिकतम 12 अतिरिक्त सदस्यों को नियुक्त करने की व्यवस्था की गई। प्रान्तों में विधान परिषदें स्थापित की गईं। विधान परिषदें प्रान्तीय प्रशासन के लिए उत्तरदायी थीं, किन्तु कोई भी कानून बनाने से पूर्व उन्हें गवर्नर जनरल की अनुमति लेना अनिवार्य था। प्रान्तों में गवर्नर सर्वोच्च अधिकारी था।

(3) 1858 ई. के पश्चात् प्रशासनिक विभाजन का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
1858 ई. के पश्चात् प्रशासनिक व्यवस्थाओं में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुआ। 1861 ई. के अधिनियम से प्रशासनिक व्यवस्था के विभाजन की एक नई प्रक्रिया आरम्भ हुई। प्रान्तों में विधान परिषदें गठित हुईं। 1919 ई. के अधिनियम के साथ दोहरी शासन व्यवस्था लागू की गई। 1935 ई. के अधिनियम के द्वारा प्रान्तीय स्वायत्तता लागू की गई। प्रान्तीय सरकारों को भूमिकर, आबकारी कर, राजकीय स्टाम्प, विधि व न्याय पर नियन्त्रण का अधिकार प्रदान कर दिया गया।

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 8 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 5.
(1) 1858 ई. के अधिनियम में लिए गये निर्णय बताइए।
उत्तर:
ब्रिटिश सरकार ने अपनी प्रशासनिक नीतियों में परिवर्तन की सोच को लागू करते हुए सर्वप्रथम 1858 ई. में एक अधिनियम पारित किया, जिसे ‘1858 ई. का अधिनियम कहा जाता है।
इसमें निम्नलिखित निर्णय लिये गये –

  • भारत में ईस्ट इण्डिया कम्पनी के प्रशासन को समाप्त कर दिया गया।
  • भारत का प्रशासन सीधे इंग्लैण्ड की महारानी के अधीन कर दिया गया।
  • वायसराय को भारत में इंग्लैण्ड की महारानी का प्रतिनिधि बनाया गया।
  • भारतीय प्रशासन पर नियन्त्रण स्थापित करने के लिए इंग्लैण्ड में भारत सचिव एवं उसकी परिषद् का निर्माण किया गया।
  • भारत सचिव को भारत की प्रशासनिक व्यवस्था का उत्तरदायित्व सौंपा गया।

(2) सेना के पुनर्गठन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
भारत में पुनः सैनिक अंग्रेजों के विरुद्ध शस्त्र न उठा सकें। इसलिए भारतीय सेना को संगठित एवं सुदृढ़ किया गया, ताकि वह अंग्रेजी साम्राज्य के प्रसार एवं रक्षा में अपना योगदान दे सकें।
इसी उद्देश्य से सेना में इस प्रकार परिवर्तन किये गये –

  • ईस्ट इण्डिया कम्पनी की यूरोपीय सेना को अंग्रेजी सेना में मिला लिया गया।
  • सेना में भारतीय सैनिकों की संख्या घटा दी गई तथा यूरोपीय सैनिकों की संख्या में वृद्धि की गई।
  • सेना में जातिवाद के आधार पर नियुक्तियाँ आरम्भ कर दी गईं।
  • सेना में प्रान्तीय निष्ठा की भावना भड़काकर पंजाब, गढ़वाल, कुमायूँ, सिख, राजपूत एवं मराठा जैसी रेजीमेंटों का गठन किया गया,
  • ताकि सैनिकों में राष्ट्रीय भावना जाग्रत न हो सके।
  • भारतीयों को लड़ाकू एवं गैर-लड़ाकू जैसे दो वर्गों में बाँट दिया गया।
  • इंग्लैण्ड की सेना के पदाधिकारियों एवं सैनिकों को नियमित रूप से भारत भेजने की व्यवस्था की गई।

(3) स्थानीय प्रशासन के विकास की संक्षिप्त जानकारी दीजिए।
उत्तर:
1861 ई. के पश्चात् जिला परिषद् एवं नगर पालिका जैसी संस्थाओं की आवश्यकता महसूस की गई, फलस्वरूप 1865 ई. से मद्रास में, 1867 ई. से पंजाब में तथा 1868 ई. से उत्तर प्रदेश में नगर पालिकाएँ स्थापित की गईं। आगे चलकर नगरपालिका अधिनियम पारित कर नगर पालिकाओं को कर लगाकर वित्तीय रूप से स्वावलम्बी बनने का अवसर प्रदान किया गया। इससे एक ओर जहाँ नगरपालिकाओं की आमदनी में वृद्धि।

हुई, वहीं दूसरी ओर चुनाव प्रक्रिया को बल मिला। 1881- 82 ई. में एक अधिनियम पारित करके स्थानीय स्वशासन के नियमों में वृद्धि की गई। आगामी दो वर्षों में नगर पालिकाओं के संविधान शक्तियों एवं कार्य क्षेत्र में परिवर्तन किया गया। इसमें साधारण व्यक्ति को भी नगरपालिका प्रमुख बनने की अनुमति प्रदान की गई। 1882 ई. के बाद ही ग्रामीण क्षेत्रों में जिला बोर्ड स्थापित किये गये और 1908 में पुनर्गठन आयोग द्वारा पंचायतों एवं जिला बोर्ड के विकास पर बल दिया गया।

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(4) ब्रिटिश आर्थिक नीतियों का संक्षेप में मूल्यांकन कीजिए।
उत्तर:
1858 ई. के बाद भारतीय संसाधनों के पूर्ण दोहन एवं शोषण की नई प्रवृत्ति को अपनाया गया। भारत में स्वतन्त्र व्यापार की अनुमति प्रदान कर दी गई। फलस्वरूप अनेक विदेशी कम्पनियाँ भारत में स्थापित हो गयीं तथा भारत के उद्योग-धन्धे समाप्त होने लगे। भारतीय उद्योगों का शोषण होने लगा। ब्रिटिश सरकार की आर्थिक नीतियाँ केवल इंग्लैण्ड के हितों की रक्षा के लिए बनाई गई थीं।

इन नई आर्थिक नीतियों के अन्तर्गत केन्द्रीय एवं प्रान्तीय सरकारों के मध्य आय का बँटवारा किया गया। भारतीय किसानों को भूमिकर तथा पट्टेदारी की नीति अपनाकर जमींदार और पट्टेदार जैसे दो वर्गों में बाँट दिया गया। जिससे ग्रामीणों तथा मजदूरों की स्थिति दिन-प्रतिदिन दयनीय होती चली गई। इसी समय बाल मजदूरी को भी प्रोत्साहित किया गया था जो भारतीयों के हित में नहीं था। इस प्रकार ब्रिटिश सरकार की आर्थिक नीतियों के कारण आर्थिक क्षेत्र में भारत का विकास पूर्णरूप से रुक गया था।

(5) ब्रिटिश शिक्षा नीति का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
18वीं शताब्दी के आरम्भ में ही अंग्रेजी शिक्षा की पहल की जा चुकी थी। 1854 ई. में वुड प्रस्ताव में अंग्रेजी शिक्षा के साथ-साथ भारतीय भाषाओं के अध्ययन का भी सुझाव दिया गया था। इसी प्रस्ताव में अध्यापकों के प्रशिक्षण का सुझाव भी था। 1882 ई. में लॉर्ड रिपन ने वुड प्रस्ताव को क्रियान्वित करने के लिए हण्टर आयोग का गठन किया। इसमें
प्राइमरी शिक्षा को प्रोत्साहित किया गया था तथा विद्यार्थियों की मानसिक एवं शारीरिक शिक्षा पर जोर दिया गया था।

1904 ई. में विश्वविद्यालय अधिनियम पारित कर विश्वविद्यालय की सम्बद्धता एवं विद्यार्थियों की शिक्षा के अनुसार प्राध्यापकों की नियुक्ति की व्यवस्था की गई। 1919 ई. के अधिनियम में शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी प्रान्तीय विधान मण्डलों को सौंप दी गई। शिक्षा के लिए सार्जेन्ट योजना (1944) के अन्तर्गत स्कूलों में 6 वर्ष से 14 वर्ष तक के बच्चों के लिए निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा की व्यवस्था की गई थी, आरम्भ में ब्रिटिश शिक्षा नीति का प्रत्यक्ष लाभ भारतीयों को भले ही न मिला हो किन्तु इसने भारतीयों को राष्ट्र के प्रति संगठित एवं समर्पित करने में महती भूमिका निभाई थी।

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MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 4 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 4.3

MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 4 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 4.3

प्रश्न 1.
निम्नलिखित चतुर्भुजों की रचना कीजिए –
(i) चतुर्भुज MORE जिसमें –

  • MO = 6 cm
  • OR = 4.5 cm
  • ∠M = 60°
  • ∠0 = 105°
  • ∠R = 105° है।

(ii) चतुर्भुज PLAN जिसमें –

  • PL = 4 cm
  • ∠A = 6.5 cm
  • ∠P = 90°
  • ∠A = 110°
  • ∠N = 180° है।

(iii) समान्तर चतुर्भुज HEAR जिसमें –

  • OK = 7 cm
  • HE = 5 cm
  • KA = 5 cm है।

(iv) आयत OKAY जिसमें –

  • EA = 6 cm
  • ∠A = 85° है।

हल:
(i) रचना के चरण –

  1. सर्वप्रथम रेखाखण्ड MO = 6 cm बनाया।
  2. बिन्दु M पर ∠ZMO = 60° बनाती हुई रेखा OZ खींची।
  3. बिन्दु O पर 105° का कोण बनाती हुई रेखा OX खींची।
  4. बिन्दु को केन्द्र मानकर तथा 4.5 cm की त्रिज्या लेकर OR = 4.5 cm OX में से काट ली।
  5. बिन्दु R पर ∠ORY बनाती हुई रेखा RY खींची जो MZ को E पर प्रतिच्छेद करती है।
  6. इस प्रकार बनी हुई आकृति MORE अभीष्ट चतुर्भुज है।

MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 4 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 4.3 img-1

(ii) रचना के चरण –

  1. सर्वप्रथम रेखाखण्ड PL = 4 cm बनाया।
  2. ∠PLA = 360° – (90° + 110° + 85°) = 360° – 285° = 75° प्राप्त किया।
  3. बिन्दु P पर 90° का कोण बनाती हुई रेखा PX खींची।
  4. बिन्दु L पर 75° का कोण बनाते हुए LY खींची।
  5. बिन्दु L को केन्द्र मानकर तथा 6.5 cm त्रिज्या लेकर LA = 6.5 cm, LY में से काट लिया।
  6. A बिन्दु पर ∠LAZ = 110° का कोण बनाते हुए रेखा AZ खींची; जो PX को N पर काटती है।

इस प्रकार बनी हुई आकृति PLAN अभीष्ट चतुर्भुज है।
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 4 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 4.3 img-2
(iii) रचना के चरण –

  1. सर्वप्रथम रेखाखण्ड HE = 5 cm बनाया।
  2. E बिन्दु पर ∠HEX = 85° का कोण बनाती हुई रेखा PX खींची।
  3. E बिन्दु को केन्द्र मानकर तथा 6 cm त्रिज्या लेकर ox में से EA = 6 cm काट लिया।
  4. अब H व R को केन्द्र मानकर क्रमशः HR = 6 cm तथा AR = 5 cm त्रिज्याएँ चाप लगाए जो परस्पर बिन्दु R पर काटते हैं।
  5. HR तथा AR को मिलाया।

इस प्रकार बनी हुई आकृति HEAR अभीष्ट समान्तर चतुर्भुज है।
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 4 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 4.3 img-3

(iv) रचना के चरण –

  1. सर्वप्रथम रेखाखण्ड OK = 7 cm बनाया।
  2. K बिन्दु पर ∠OKX = 90° बनाती हुई रेखा OX खींची।
  3. K बिन्दु को केन्द्र मानकर तथा 5 cm त्रिज्या लेकर एक चाप लगाया जो KX को A पर काटता है। AK को मिलाया।
  4. O व A बिन्दु को केन्द्र मानकर क्रमशः OY = 5 cm तथा AY = 7 cm त्रिज्याएँ लेकर चाप लगाए जो परस्पर Y बिन्दु पर काटते हैं।
  5. OY तथा AY को मिलाया।
  6. इस प्रकार बनी आकृति OKAY अभीष्ट आयत है।
    MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 4 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 4.3 img-4

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 71

सोचिए, चर्चा कीजिए और लिखिए (क्रमांक 4.5)

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प्रश्न 1.
उपर्युक्त उदाहरण 4 में, हमने सर्वप्रथम BC खींची। इसके स्थान पर दूसरे अन्य प्रारम्भ बिन्दु और कौन-से हो सकते हैं?
उत्तर:
BC के स्थान पर दूसरे अन्य प्रारम्भ बिन्दु AB अथवा CD रेखाखण्ड हो सकते हैं।

प्रश्न 2.
हमने अभी तक चतुर्भुजों की रचना के लिए कोई पाँच मापों का प्रयोग किया। क्या एक चतुर्भुज की रचना के लिए पाँच मापों के अलग-अलग समुच्चय (अभी तक देखे गए मापों के अतिरिक्त) हो सकते हैं?
निम्नलिखित समस्याएँ प्रश्नों के उत्तर देने में आपकी सहायता कर सकती हैं –

  1. चतुर्भुज ABCD जिसमें AB = 5 cm, BC = 5.5 cm, CD = 4 cm, AD = 6 cm और ∠B = 80° है।
  2. चतुर्भुज PQRS जिसमें PQ = 4.5 cm, ∠P= 70°, ∠Q = 100°, ZR = 80° और ∠S = 110° है।

आप स्वयं कुछ और उदाहरणों की रचना कीजिए और एक चतुर्भुज की रचना के लिए आँकड़ों की पर्याप्तता/ अपर्याप्तता ज्ञात कीजिए।

उत्तर:

  1. इन आँकड़ों में चार भुजाएँ और एक कोण चतुर्भुज ABCD की रचना के लिए दिए गए हैं।
  2. इन आँकड़ों से चतुर्भुज PQRS की रचना नहीं की जा सकती है।
  3. निम्न आँकड़ों से चतुर्भुज की रचना नहीं कर सकते चतुर्भुज ABCD की रचना कीजिए जिसमें AB = 8 cm,
    BC = 4.5 cm, CD = 4 cm, ZB = 60° और AB || CD.

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MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 7 परिवर्तनकारी बाह्य शक्तिया

MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 7 परिवर्तनकारी बाह्य शक्तियाँ

MP Board Class 8th Social Science Chapter 7 अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए –
(1) किस प्रक्रिया द्वारा चट्टानों के टूटे पदार्थ अपने मूल स्थान पर संग्रहीत होते हैं ?
(क) अपरदन
(ख) परिवहन
(ग) अपक्षय
(घ) निक्षेपण।
उत्तर:
(ग) अपक्षय

(2) निम्न में से किस क्षेत्र में पवन अपने कार्य सम्पन्न करती है ?
(क) मरुस्थलीय क्षेत्र में
(ख) पर्वतीय क्षेत्र में
(ग) समुद्रतटीय क्षेत्र में
(घ) मैदानी क्षेत्र में।
उत्तर:
(क) मरुस्थलीय क्षेत्र में

(3) मृदा को उपजाऊ बनाने में कौन-सा तत्व महत्व पूर्ण है ?
(क) मूल चट्टानी पदार्थ
(ख) ह्यूमस
(ग) जलवायु
(घ) मनुष्य
उत्तर:
(ख) ह्यूमस

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(1) जब कोई चट्टान बिना किसी रासायनिक परिवर्तन के टुकड़ों में टूट जाती है, उसे ……….. अपक्षय कहते
(2) असमतल धरातल के समतल होने की क्रिया को ………….. कहते हैं।
(3) हिमानी जो कंकड़, पत्थर, रेत आदि जमा करती है उसे …………… कहते हैं।
(4) नदी के निक्षेपण से ……………. झील का निर्माण होता
(5) भारत में उड़ीसा (ओडिशा) के तट पर लैगून झील का उत्तम उदाहरण ………… नामक झील है।
उत्तर:

  1. भौतिक
  2. तल सन्तुलन
  3. हिमोढ़
  4. गोखुर
  5. चिल्का

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 7 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 3.
(1) नदी के तीन कार्य कौन-कौनसे हैं ?
उत्तर:
अपरदन
परिवहन और
निक्षेपण नदी के तीन कार्य हैं।

(2) नदी की तीन अवस्थाएँ कौन-कौनसी हैं ?
उत्तर:
नदी की तीन अवस्थाएँ-युवावस्था, प्रौढ़ावस्था और वृद्धावस्था होती हैं।

(3) ज्वारनदमुख (एश्चुअरी) किसे कहते हैं ?
उत्तर:
जहाँ नदी के अधिकांश मुहाने का भू-भाग नीचा होता है, ऐसी स्थलाकृति को ज्वारनदमुख या एश्चुअरी कहते हैं।

(4) गीजर किसे कहते हैं ?
उत्तर:
भूगर्भिक गर्मी से जिन गर्म जलस्रोतों का जल बड़े वेग से गुब्बारे की भाँति बाहर फूट पड़ता है उनको ‘गीजर’ कहते हैं।

MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 7 परिवर्तनकारी बाह्य शक्तिया img 1

(5) यारदांग कौन बनाता है ?
उत्तर:
पवन अपरदन से यारदांग की आकृति बनती है।

(6) लैगून किसे कहते हैं ?
उत्तर:
खारे जल की भरी हुई समुद्रतटीय झील को लैगून कहते हैं।

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 7 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 4.
(1) मृदा निर्माण के प्रमुख कारकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
चट्टानों के अपक्षय और अपरदन क्रिया द्वारा मृदा का निर्माण होता है। मृदा निर्माण में सहायक कारकों में मुख्य हैं-मूल चट्टानें, धरातलीय बनावट, जलवायु, समय एवं वनस्पति व जीव-जन्तु।

(2) अपक्षय किसे कहते हैं ? अपक्षय के विभिन्न प्रकारों के नाम लिखिए।
उत्तर:
अपक्षय एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें खुली चट्टानों का विघटन और ‘अपघटन’ अपने मूल स्थान पर ही होता है। अपक्षय तीन प्रकार से होता है

  • भौतिक अपक्षय
  • रासायनिक अपक्षय और
  • जैविक अपक्षय।

(3) निम्नीकरण और अधिवृद्धि में अन्तर बताइए।
उत्तर:
अपरदन की प्रक्रिया द्वारा चट्टानों को घिसकर, खुरचकर या काट कर उनको अपने मूल स्थान से हटा दिया जाता है, इसमें ऊँचे स्थान धीरे-धीरे नीचे होते जाते हैं। इस प्रक्रिया को निम्नीकरण कहते हैं और निचले क्षेत्रों या गड्ढों में अपरदित पदार्थों के जमा होते रहने को निक्षेपण कहते हैं। अपरदित पदार्थ गड्ढों में जैसे-जैसे भरता जाता है। उसकी ऊँचाई बढ़ती जाती है। इस प्रक्रिया को अधिवृद्धि कहते हैं।

(4) वी (V) आकार की घाटी का निर्माण किस प्रकार होता है ?
उत्तर:
नर्दी के अपरदन कार्य का लक्ष्य अपने आधार तल तक पहुँचना होता है। इस झील या समुद्र के तल को जिसमें वह गिरती है नदी अपरदन का आधार तल’ कहते हैं। नदी अपन घाटी को गहरा और किनारों को चौड़ा करती है, जिससे वी (V) आकार की घाटी का निर्माण होता है।

MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 7 परिवर्तनकारी बाह्य शक्तिया img 2

(5) हिमोढ़ किसे कहते हैं ? उनके प्रकारों के नाम लिखिए।
उत्तर:
जब हिमानी पिघलती है अथवा पिघलकर पीछे हटती है, तब वह अपने साथ लाये पदार्थों को घाटी के विभिन्न

MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 7 परिवर्तनकारी बाह्य शक्तिया img 3

MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 7 परिवर्तनकारी बाह्य शक्तिया img 4

भागों में जमा कर देती है। इस प्रकार के निक्षेपित पदार्थों को “हिमोढ़’ कहते हैं। घाटी में स्थिति के आधार पर हिमोढ़ चार प्रकार के होते हैं –

  • अन्तस्थ, हिमोढ़
  • पाश्विक हिमोढ़
  • मध्यस्थ हिमोढ़ तथा
  • तलस्थ हिमोढ़

(6) भूमिगत जल स्तर किसे कहते हैं ?
उत्तर:
धरातल पर बरसने वाले वर्षा जल का कुछ जल – रिसकर भूमि में चला जाता है। भूमिगत जल का वह तल जिसके नीचे चट्टानें जल से पूरी तरह भरी होती हैं वह भूमिगत ‘जल स्तर’ कहलाता है।

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 7 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 5.
(1) तल सन्तुलन की प्रक्रिया को समझाइए।
उत्तर:
परिवर्तनकारी बाह्य शक्तियाँ धरातल को समतल करने के लिए निरन्तर क्रियाशील रहते हुए अपरदन, परिवहन E और निक्षेपण का कार्य करती हैं। इसे ही ‘तल सन्तुलन’ कहते हैं। (नदियाँ, हिमानियाँ, पवन, भूमिगत जल और समुद्री लहरें तल सन्तुलन के प्रमुख कारक हैं।) तल सन्तुलन के कार्यों को दो भागों में बाँट सकते हैं –

  • निम्नीकरण, और
  • उच्चयन (अधिवृद्धिकरण)

अपरदन की प्रक्रिया द्वारा चट्टानों को घिसकर, खुरचकर या काटकर उनको अपने मूल स्थान से हटा दिया जाता है, इससे ऊँचे स्थान धीरे-धीरे नीचे होते हैं। इस प्रक्रिया को निम्नीकरण कहते हैं। निचले क्षेत्रों या गड्ढों में अपरदित पदार्थों के जमा होते रहने को निक्षेपण कहते हैं। अपरदित पदार्थ गड्ढों में जैसे-जैसे भरता जाता है उसकी ऊँचाई बढ़ती जाती है। इस प्रक्रिया को उच्चयन (अधिवृद्धीकरण) कहते हैं।

(2) मृदा अपरदन किसे कहते हैं ? मृदा अपरदन के कारण तथा संरक्षण के तीन उपाय लिखिए।
उत्तर:
मृदा अपरदन – प्राकृतिक शक्तियों या मानवीय क्रियाओं द्वारा मृदा के आवरण को हटाने या नष्ट करने को मृदा अपरदन कहते हैं।

मृदा अपरदन के कारण:
पशुओं द्वारा अत्यधिक चराई एवं मानव द्वारा वनों की अन्धाधुन्ध कटाई के कारण भूमि से वनस्पति का आवरण हट जाता है और तेज वर्षा व तेज पवन द्वारा मृदा की ऊपरी परत के मृदा कण (जो कि मानव व जीव-जन्तुओं के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं) बह एवं उड़ जाते हैं। इसके अतिरिक्त अत्यधिक उर्वरकों व कीटनाशकों का प्रयोग एवं अनियन्त्रित सिंचाई के कारण भी मृदा का अपरदन होता है। अतः मृदा अपरदन के मुख्य कारण मानव, जीव-जन्तु एवं प्राकृतिक शक्तियाँ हैं।

मृदा संरक्षण:
मृदा संरक्षण के तीन प्रमुख उपाय इस प्रकार हैं –

  • वनों का संरक्षण-वृक्षों की जड़ें मृदा पदार्थों को बाँधे रखती हैं। वृक्षों की सड़ी-गली पत्तियाँ मृदा को उपजाऊ बनाती हैं। इसलिए वनों का संरक्षण आवश्यक है।
  • वृक्षारोपण – नदी घाटियों, बंजर भूमियों तथा पर्वतीय ढालों पर वृक्ष लगाना मृदा संरक्षण का महत्वपूर्ण उपाय है। इसके द्वारा मरुस्थलों के विस्तार को रोका जा सकता है।
  • भूमि उद्धार – जल द्वारा बनी उबड़-खाबड़ भूमियों को समतल बनाकर मृदा अपरदन को रोका जा सकता है।

(3) पवन अपरदन किस प्रकार होता है ? पवन अपरदन से निर्मित स्थलाकृतियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पवन अपरदन का कार्य अपवाहन, सन्निघर्षण एवं अपघर्षण के रूप में सम्पन्न होता है। अपवाहन क्रिया में पवन चट्टान कणों को उड़ा ले जाता है। सन्निघर्षण क्रिया में पवन में उड़ते कण परस्पर टकराते हैं एवं विखण्डित हो जाते हैं। अपघर्षण क्रिया में रेत कणों युक्त पवन चट्टानों को रगड़रगड़ कर घिसता है। पवन अपरदन के फलस्वरूप छत्रक, बालू के टीले, यारदांग आदि आकृतियाँ बनती हैं।

छत्रक – रेत कणों से मुक्त पवन चट्टानों से टकराता है और अपघर्षण क्रिया के फलस्वरूप चट्टान के मध्य एवं नीचे का भाग घिस जाता है और चट्टान की आकृति एक छत्रक के समान हो जाती है। जहाँ पवन चारों दिशाओं में बहती है वहाँ इनका निर्माण होता है।

MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 7 परिवर्तनकारी बाह्य शक्तिया img 5

बालू के टीले-बालू मिश्रित पवन के मार्ग में अवरोध आने पर बालू के ढेर टीलों के रूप में निर्मित होते हैं। ये अर्द्ध चन्द्राकार टीले होते हैं। इनका निर्माण एक ही दिशा में चलने वाली पवन से होता है।

MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 7 परिवर्तनकारी बाह्य शक्तिया img 6

(4) हिमानी किसे कहते हैं ? हिमानी के प्रकार उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर:
खिसकती हुई हिम राशि को ‘हिमानी’ या हिमनदी’ कहते हैं। उत्पत्ति क्षेत्रों तथा स्थिति के आधार पर हिमानियाँ दो वर्गों में विभाजित की जा सकती हैं –

  • महाद्वीपीय हिमानियाँ – हिमाच्छादित बड़े क्षेत्रों को महाद्वीपीय हिमानी कहते हैं। ऐसी हिमानियाँ ग्रीनलैण्ड और अन्टार्कटिका में पाई जाती हैं।
  • घाटी हिमानी – ऊँचे पर्वतीय भागों में हिमराशि किसी घाटी में खिकसने लगती है तो ऐसी हिमानी को ‘घाटी हिमानी’ या ‘पर्वतीय
  • हिमानी’ कहते हैं। भारत की सबसे लम्बी हिमानी कराकोरम पर्वत श्रृंखला में सियाचीन हिमानी (ग्लेशियर) है।

(5) भूमिगत जल के कार्यों का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भूमिगत जल के अपरदन परिवहन एवं निक्षेपण प्रमुख कार्य हैं। भूमिगत जल अपना कार्य विशेष रूप से चूना

MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 7 परिवर्तनकारी बाह्य शक्तिया img 7fl

प्रदेश में पूरा करता है। चूने का पत्थर एक ऐसी चट्टान है जो वर्षा जल में आसानी से घुल जाती है क्योंकि उसमें कार्बन डाइऑक्साइड मिली हुई होती है। जिन चट्टानों में यह धरातलीय जल भूमि में प्रवेश कर बहता है वहाँ चट्टानों में अपरदन कार्य पूरा होता है।

धरातल के ऊपर निर्मित आकृतियों में घोल रन्ध्र और विलय रन्ध्र प्रमुख हैं। धरातल के नीचे बनने वाली स्थलाकृतियाँ कन्दराएँ, स्टेलैक्टाइट (आकाशीय स्तम्भ) और स्टेलैग्माइट (पातालीय स्तम्भ) प्रमुख हैं। ये आकृतियाँ चूना मिश्रित जल के निरन्तर टपकने से बनती हैं। जल अंश के बह जाने पर चूना जमता जाता है और एक स्तम्भ का आकार ले लेता है।

(6) समुद्र की लहरें किस तरह अपरदन और निक्षेपण का कार्य करती हैं ? –
उत्तर:
समुद्र का जल कभी शान्त नहीं रहता। वह लहरों। धाराओं और ज्वारभाटा के रूप में सदैव गतिशील रहता है। लहरें अपरदन, परिवहन और निक्षेपण का कार्य करती हैं।

  • अपरदन – समुद्र की शक्तिशाली लहरें निरन्तर तटीय भागों पर स्थित कठोर चट्टानों पर प्रहार करती रहती हैं। अपरदन के इस कार्य में चट्टानों के छोटे-छोटे नुकीले टुकड़े तथा बालू के कण लहरों के साथ औजार का कार्य करते हैं। इनके कारण चट्टानों के अपरदन से समुद्री भृगु, समुद्री गुफाएँ आदि का निर्माण होता है।
  • निक्षेपण – समुद्र की लहरें अपेक्षाकृत सपाट और समतल तटों पर निक्षेपण का कार्य सम्पन्न करती हैं इसके परिणामस्वरूप तटों पर पुलिन (बीच, रोधिका व लैगून आदि) स्थलाकृतियों की रचना होती है।

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MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 4 राष्ट्रीय एकीकरण

MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 4 राष्ट्रीय एकीकरण

MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 4 अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए –

(1) राष्ट्रीय एकीकरण में नागरिकों के मन में कौन-सी भावना व्याप्त रहती है?
(क) राष्ट्रीयता की भावना
(ख) धार्मिक भावना
(ग) जातीयता की भावना
(घ) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(क) राष्ट्रीयता की भावना

2. संविधान में कितनी भारतीय भाषाओं को अधिसूचित किया गया है?
(क) 14
(ख) 18
(ग) 22
(घ) 261
उत्तर:
(ग) 22

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(1) भारतीय संविधान में …………. मौलिक अधिका का प्रावधान है।
(2) अशोक चिह्न हमारा ………… प्रतीक चिह्न है।
(3) प्राचीन काल में वर्ण व्यवस्था ………. पर आधारित थी।
(4) भारत का विभाजन सन् ………… में हुआ।
उत्तर:

  1. 6
  2. राष्ट्रीय
  3. कर्म
  4. 1947 ई।

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 4 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 3.
(1) राष्ट्रीय एकीकरण का अर्थ क्या है?
उत्तर:
राष्ट्रीय एकीकरण का अर्थ राष्ट्र में रहने वाले निवासियों के बीच जाति, पंथ, क्षेत्र और भाषा का भेदभाव किए बिना सुख-दुःख की एकता की भावना का होना है।

(2) पंथ्र निरपेक्षता से क्या आशय है?
उत्तर:
पंथ निरपेक्षता का आशय प्रत्येक धर्म के अनुयायी को धार्मिक स्वतन्त्रता का अधिकार देने व किसी धर्म के प्रति भेदभाव न करने से है।

(3) विविधता में एकता का क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
विविधता में एकता से अभिप्राय लोगों में वेशभूषा, खाना-पीना, रहने के तौर-तरीके और उपासना पद्धतियों में अन्तर होने के बावजूद सभी में राष्ट्रीय हितों को लेकर एकता का होना है।

MP Board Class 8th Social Science Chapter 4 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 4.
(1) जाति प्रथा के प्रमुख दोषों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
जाति प्रथा के प्रमुख दोष इस प्रकार हैं –

  1. जाति व्यवस्था समाज को उच्च व निम्न वर्ग में बाँटती है।
  2. उच्च जातियाँ छोटी जातियों का शोषण करती हैं।
  3. जातिगत भेदभाव कठोर हो जाते हैं।
  4. जातियों का दबाव राजनीति को प्रभावित करता है।
  5. जाति प्रथा से देश की एकता और आर्थिक प्रगति में बाधा आती है।

(2) हमारे राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
राष्ट्रीय ध्वज-तिरंगा, राष्ट्रगान-जन-गण-मन, राष्ट्रीय गीत-वन्दे मातरम्, राष्ट्रीय चिह्न-अशोक चिह्न आदि हमारे राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न हैं।

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 4 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 5.
(1) मौलिक अधिकारों एवं कर्तव्यों पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
मौलिक अधिकार:
भारतीय संविधान में 6 मौलिक अधिकारों का प्रावधान है। ये मूल अधिकार भारतीय नागरिकों को बिना किसी भेदभाव के समान रूप से प्राप्त हैं। नागरिकों को विकास के अवसर प्रदान करने के लिये मौलिक अधिकारों और समानता, स्वतन्त्रता और सामाजिक न्याय आदि का प्रावधान है। इन संवैधानिक प्रावधानों के अन्तर्गत समाज के कमजोर वर्गों अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों को संरक्षण प्राप्त है। प्रत्येक समुदाय को अपने धर्म एवं भाषा आदि की स्वतन्त्रता प्राप्त है।

मौलिक कर्तव्य:
मौलिक कर्तव्यों का भी भारतीय संविधान में उल्लेख है। भारत के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह संविधान और उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्रगान का आदर करे। सभी नागरिकों को भारत की एकता और अखण्डता हेतु राष्ट्र की सेवा को सदैव तैयार रहना चाहिए तथा बन्धुत्व की भावना का निर्माण और सार्वजनिक सम्पत्ति की सुरक्षा करनी चाहिए।

(2) पृथकतावाद का विस्तार से वर्णन कीजिए।
उत्तर:
देश से अलग होकर अपना स्वतन्त्र राज्य बनाने की माँग करना पृथकतावाद है। क्षेत्रवाद की अति आक्रामक अवस्था पृथकतावाद को जन्म देती है। कई जाति और भाषा के लोग यहाँ रहते हैं। कभी-कभी अपनी उपेक्षा महसूस करने पर ये पृथक् राज्य बनाने की माँग करने लगते हैं। प्रायः सीमावर्ती राज्यों में इस प्रकार की प्रवृत्ति पाई जाती है, जिसके दुष्परिणाम से पृथकतावाद की भावना प्रबल होने लगती है।

इस भावना को देश की अस्थिरता में रुचि रखने वाली बाहरी ताकतों द्वारा भड़काया जाता है। देश के अन्दर रहने वाले कुछ लोग भी अपने निहित स्वार्थों की पूर्ति के लिए इस प्रकार की भावनाओं का प्रयोग करते हैं। राष्ट्र विरोधी और कट्टरपंथी लोग तो हिंसक साधनों एवं आतंकवादी तरीकों तक का प्रयोग करने लगते हैं। पृथकतावाद की प्रवृत्ति राष्ट्रीय एकता के लिए गम्भीर चुनौती है।

(3) राष्ट्रीय एकीकरण के सहायक तत्वों का वर्णनकीजिए।
उत्तर:
राष्ट्रीय एकीकरण के सहायक तत्व इस प्रकार हैं –
(i) समान मौलिक अधिकार:
भारतीय संविधान में 6 मौलिक अधिकारों का प्रावधान है। ये मूल अधिकार भारतीय नागरिकों को बिना किसी भेदभाव के समान रूप से प्राप्त हैं। इनमें समानता, स्वतन्त्रता और सामाजिक न्याय का प्रावधान है।

(ii) समान मौलिक कर्तव्य:
भारत के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह संविधान और उसके आदर्शों, संस्थाओं,राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान का आदर करे। सभी नागरिकों को भारत की एकता और अखण्डता हेतु राष्ट्र की सेवा को सदैव तैयार रहना चाहिए और सार्वजनिक सम्पत्ति की सुरक्षा करनी चाहिए।

(iii) पंथ निरपेक्ष:
हमारे संविधान ने भारत को एक पंथ निरपेक्ष राष्ट्र घोषित किया है। प्रत्येक धर्म के अनुयायी को धार्मिक स्वतन्त्रता का अधिकार है। सरकार किसी धर्म के प्रति भेदभाव नहीं करती।

(iv) समान प्रतीक चिह्न:
हमारे राष्ट्रीय चिह्न-राष्ट्रीय ध्वज-तिरंगा, राष्ट्रगान-जन-गण-मन, राष्ट्रगीत-वन्देमातरम्, राष्ट्रीय चिह्न-अशोक चिह्न आदि हैं तथा ये राष्ट्रीय भावना व राष्ट्रीय एकीकरण को बल प्रदान करते हैं।

(v) पर्यटन:
पर्यटन से हम एक-दूसरे के निकट आते हैं। एक-दूसरे की विशेषताओं और समस्याओं को समझते हैं, जिसके कारण समान भाव, विचार और दृष्टिकोण विकसित होता है।

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(4) राष्ट्रीय एकता में बाधक तत्वों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
राष्ट्रीय एकता में बाधक प्रमुख तत्व इस प्रकार हैं –
(i) साम्प्रदायिकता:
साम्प्रदायिकता का अर्थ है, ऐसी भावनाएँ व क्रियाकलाप जो अपने सम्प्रदाय और उसकी विशेषताओं को तो श्रेष्ठ समझें तथा दूसरे के सम्प्रदाय और विश्वासों को हीन समझें। साम्प्रदायिकता हमारे देश की एकता के लिए मुख्य खतरा है।

(ii) भाषावाद:
असुरक्षा की भावना से ग्रस्त होकर भिन्न भाषायी समूह अपने भाषायी हितों को राष्ट्रहित से अधिक प्राथमिकता देने लगते हैं। वे अपनी मातृभाषा से प्रेम और दूसरी भाषाओं के प्रति संकीर्णता और घृणां की भावना रखने लगते हैं। इस प्रकार की प्रवृत्ति राष्ट्रीय एकता को कमजोर करती है।

(iii) जातिवाद:
जाति एक ऐसी इकाई है, जिसके सदस्य आपस में ही शादी-विवाह और खानपान के नियमों में बँधे रहते हैं। वर्तमान में शिक्षा के प्रसार, विज्ञान और औद्योगिक विकास तथा शहरीकरण से जाति व्यवस्था के बंधन शिथिल हुए हैं। भारत के संविधान में छुआछूत एवं जातिगत भेदभाव को गैर-कानूनी घोषित किया गया है।

(iv) आतंकवाद:
वांछित उद्देश्यों की पूर्ति के लिए हिंसा का सुनियोजित प्रयोग आतंकवाद है। आतंकवादी विचारधारा के लोग भय व आतंक के द्वारा अपने विचार मनवाना चाहते हैं। धार्मिक कट्टरता से प्रेरित लोग निर्दोष व्यक्तियों की जान लेने के लिए मरने-मारने की घटनाओं में भाग लेते हैं।

(v) पृथकतावाद:
देश से अलग होकर अपना स्वतन्त्र राज्य बनाने की माँग करना पृथकतावाद है। कभी-कभी अपने उपेक्षा महसूस करने पर राज्य या धर्मविशेष के लोग अपना पृथक राज्य बनाने की माँग करने लगते हैं, जिसके दुष्परिणाम से पृथकतावाद की भावना प्रबल होने लगती है।

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MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 4 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 4.2

MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 4 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 4.2

प्रश्न 1.
निम्नलिखित चतुर्भुजों की रचना कीजिए –
(i) चतुर्भुज LIFT जिसमें –

  • LI = 4 cm
  • IF = 3 cm
  • TL = 2.5 cm
  • LF = 4.5 cm
  • IT = 4 cm है।

(ii) चतुर्भुज GOLD जिसमें –

  • OL = 7.5 cm
  • GL = 6 cm
  • GD = 6 cm
  • LD = 5 cm
  • OD =10 cm है।

(iii) समलम्ब BEND जिसमें –

  • BN = 5.6 cm
  • DE = 6.5 cm है।

हल:
(i) रचना के चरण –

  1. सर्वप्रथम रेखाखण्ड LI = 4 cm बनाया।
  2. L व I को केन्द्र मानकर क्रमशः LF = 4.5 cm तथा IF = 3 cm त्रिज्याएँ लेकर चाप लगाए जो परस्पर F बिन्दु पर काटते हैं।
  3. पुनः L व I को केन्द्र मानकर क्रमशः LT = 3 cm तथा IT = 4 cm त्रिज्याएँ लेकर चाप लगाए जो परस्पर T बिन्दु पर काटते हैं।
  4. LF, IF, LT, TF तथा IT को मिलाया। इस प्रकार बनी आकृति LIFT अभीष्ट चतुर्भुज है।

MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 4 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 4.2 img-1

(ii) रचना के चरण –

  1. सर्वप्रथम रेखाखण्ड OL = 7.5 cm बनाया
  2. L व 0 को केन्द्र मानकर क्रमशः LD = 5 cm तथा OD = 10 cm त्रिज्याएँ लेकर चाप लगाए जो परस्पर D बिन्दु पर काटते हैं।
  3. पुनः एव D को केन्द्र मानकर तथा GL = GD = 6 cm त्रिज्या लेकर चाप लगाए जो परस्पर G बिन्दु पर काटते हैं।
  4. GO, OD, LG, DL व GD को मिलाया।
  5. इस प्रकार बनी आकृति अभीष्ट चतुर्भुज GOLD है।

MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 4 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 4.2 img-2

(iii) रचना के चरण –

  1. सर्वप्रथम रेखाखण्ड BN = 5.6 cm बनाया।
  2. BN का लम्ब समद्विभाजक XY खींचा, जो BN को 0 पर काटता है।
  3. अब o को केन्द्र मानकर OE = OD = = (6.5) cm = 3.25 cm XY में से काट लिया।
  4. BE, EN, ND तथा DB को मिलाया। इस प्रकार बनी आकृति BEND अभीष्ट समचतुर्भुज है।

MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 4 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 4.2 img-3

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 69

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सोचिए, चर्चा कीजिए और लिखिए (क्रमांक 4.4)

प्रश्न 1.
यदि हमें M पर 75° माप के स्थान पर 100° की माप दी हुई हो तो क्या आप ऊपर बताए गए चतुर्भुज MIST की रचना कर सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, हम M पर 75° माप के स्थान पर 100°C माप लेकर चतुर्भुज MIST की रचना कर सकते हैं।

प्रश्न 2.
क्या आप एक चतुर्भुज PLAN की रचना कर सकते हैं, यदि PL = 6 cm, LA = 9.5 cm, ∠P = 75°, ∠L = 150° और ∠A = 140° है।
संकेत:
कोण-योगफल गुण को स्मरण कीजिए।
हल:
∴ ∠P = 75°, ∠L = 150° और ∠A = 140°
∴ ∠P + ∠L + ∠A = 75° + 150° +140° = 365°
चूँकि तीन कोणों की माप का योग 360° से अधिक है। इसलिए चतुर्भुज PLAN की रचना नहीं कर सकते हैं।

प्रश्न 3.
एक समान्तर चतुर्भुज में दो आसन्न भुजाओं की लम्बाइयाँ दी हुई हैं। क्या हमें रचना करने के लिए अभी भी कोणों की मापों की आवश्यकता हैं जैसा कि उदाहरण 3 में दिया है?
उत्तर:
समान्तर चतुर्भुज में दो आसन्न भुजाओं की लम्बाई ज्ञात होने पर भी हमें उसकी रचना करने के लिए उनके बीच के कोण के माप की आवश्यकता होगी।

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MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 6 स्थलमण्डल-स्थल एवं स्थलाकृतियाँ

MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 6 स्थलमण्डल-स्थल एवं स्थलाकृतियाँ

MP Board Class 8th Social Science Chapter 6 अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए –
(1) पृथ्वी का लगभग कितने प्रतिशत भाग जलमण्डल से घिरा हुआ है?
(क) 61 प्रतिशत
(ख) 71 प्रतिशत
(ग) 81 प्रतिशत
(घ) 51 प्रतिशत
उत्तर:
(ख) 71 प्रतिशत

(2) किस देश में सबसे अधिक भूकम्प आते हैं ?
(क) भारत
(ख) फ्रांस
(ग) जापान
(घ) श्रीलंका
उत्तर:
(ग) जापान

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(1) पृथ्वी का लगभग ……………… प्रतिशत भाग स्थल द्वारा घिरा हुआ है।
(2) पृथ्वी की सबसे. बाहरी पर्त को भूपर्पटी या ………… कहते हैं।
(3) सियाल में सिलिका तथा ……………….. धातुओं की प्रधानता होती है।
(4) प्रति 32 मीटर गहराई पर ………………. सेल्सियस तापमान बढ़ जाता है।
उत्तर:

  1. 29
  2. बाहरी परत
  3. एल्युमिनियम
  4. 12

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 6 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 3.
(1)भू-पटल की प्राथमिक शैलें कौन-सी हैं ?
उत्तर:
आग्नेय शैलें भू-पटल की प्राथमिक शैलें हैं।

(2) धरातल की तीन प्रमुख स्थलाकृतियों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  • पर्वत
  • पठार
  • मैदान

धरातल की तीन प्रमुख स्थलाकृतियाँ हैं।

(3)शैलों में जब लहरनुमा मोड़ पड़ जाते हैं तो उन्हें क्या कहते हैं ?
उत्तर:
शैलों में जब लहरनुमा मोड़ पड़ जाते हैं तो उन्हें ‘वलन’ कहते हैं।

(4)संसार में सबसे अधिक ज्वालामुखी कहाँ हैं ?
उत्तर:
संसार में सबसे अधिक ज्वालामुखी प्रशान्त महासागर के चारों ओर तटीय भागों तथा महाद्वीपीय क्षेत्रों में हैं।

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 6 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 4.
(1) वलन तथा भ्रंशन में क्या अन्तर है ?
उत्तर:
पृथ्वी के अन्दर क्षैतिज भू-संचलन द्वारा जब शैलों में लहरनुमा मोड़ पड़ जाते हैं तो इन्हें ‘वलन’ कहते हैं जबकि क्षैतिज भू-संचलन से उत्पन्न दबाव तथा तनाव के कारण शैलों के टूटकर अलग होने की प्रक्रिया को ‘भ्रंशन’ कहते हैं।

(2) अवसादी शैलों का निर्माण कैसे होता है ?
उत्तर:
जल, वायु एवं हिम द्वारा बहाकर लाये कंकड़, पत्थरों के छोटे-छोटे कण, जीवाश्म आदि (अवसाद) भू-भाग या समुद्र तल में परतों के रूप में जमा हो जाते हैं और ये अवसाद की परतें गर्मी तथा दबाव के कारण कठोर हो जाती हैं। यही कठोर पदार्थ अवसादी शैल कहलाते हैं।

(3) ज्वालामुखी किसे कहते हैं ? उद्भेदन के दो कारण दीजिए।
उत्तर:
ज्वालामुखी’ भू-पटल पर एक गोल छेद या दरार वाला खुला भाग होता है। इससे होकर पृथ्वी के अत्यन्त तप्त | भू-गर्भ से गैसें, तरल लावा, ऊष्ण जल, चट्टानों के टुकड़े, राख व धुआँ आदि निकलता है। प्लेटों का खिसकना व भूकम्प ज्वालामुखी उद्भेदन के दो प्रमुख कारण हैं।

(4) भूकम्प से लाभ तथा हानियाँ लिखिए।
उत्तर:
भूकम्प से लाभ –

  • इससे कभी-कभी उपजाऊ भूमि उभर आती है।
  • नवीन भू-आकारों का निर्माण होता है।
  • इनसे बहुमूल्य खनिज पदार्थ धरातल पर आ जाते हैं।
  • इनसे नीचे हो जाने वाले भू-भाग पर झीलों का निर्माण होता है। भूकम्प से हानियाँ
  • इससे जन-धन की हानि होती है। मनुष्य, पशु आदि मर जाते हैं। इमारतें गिर जाती हैं। रेलें, सड़कें टूट जाती हैं, कारखाने नष्ट हो जाते हैं।
  • नदियों के मार्ग रुकने से भयंकर बाढ़ आ जाती है। समुद्र में बहुत ऊँची विनाशकारी लहरें उठती हैं।
  • भूखण्डों में दरारें पड़ जाती हैं तथा कुछ भाग नीचे स जाता है।

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 6 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 5.
(1) शैल किसे कहते हैं ? शैलों के विभिन्न प्रकार बताइए।
उत्तर:
धरातल की रचना करने वाले सभी पदार्थ शैल कहलाते हैं। अर्थात् जिन पदार्थों से भूपृष्ठ का निर्माण हुआ है, उन्हें शैल कहते हैं। शैलों के तीन प्रकार हैं –

(1) आग्नेय शैलें – ये शैलें भूपृष्ठ की प्रारम्भिक शैलें हैं। इन्हें प्राथमिक शैलें भी कहते हैं। ये शैलें पृथ्वी के आन्तरिक भाग में पिघले पदार्थों के ठण्डे होने से बनी हैं। भूपृष्ठ के नीचे अति गर्म पिघला पदार्थ भू-पर्पटी में अथवा उसके ऊपर ठण्डा होकर कठोर हो जाता है, उसे आग्नेय शैल कहते हैं।

(2) अवसादी शैल – जल, वायु एवं हिम द्वारा बहाकर लाये गये कंकड़, पत्थरों के छोटे-छोटे कण, जीवाश्म आदि भू-भाग या समुद्र तल में परतों के रूप में जमा होते जाते हैं। इस प्रकार जमे हुए पदार्थ को ‘अवसाद’ कहते हैं। यही अवसाद की पर्ते गर्मी तथा दबाव के कारण कठोर हो जाती हैं तो उन्हें अवसादी या परतदार शैल कहा जाता है।

(3) कायान्तरित शैलें – जब आग्नेय तथा अवसादी शैलों के रूप, रंग और गुण में आन्तरिक ताप तथा दबाव के कारण पूर्ण रूप से परिवर्तन हो जाता है तो उन्हें कायान्तरित या परिवर्तित शैल कहा जाता है।

(2) पृथ्वी की संरचना को रेखाचित्र द्वारा समझाइए।
उत्तर:
पृथ्वी की सबसे बाहरी व ऊपरी पर्त को भू-पर्पटी या स्थलमण्डल कहते हैं। इसी पर प्राणी जगत निवास करता है। यह मण्डल हल्की जलज शैलों से बना हआ है और इसकी मोटाई लगभग 10 से 70 किमी है। स्थलमण्डल की ऊपरी परत को सियाल (Sial) भी कहते हैं। इसमें सिलिका तथा ऐल्युमीनियम –

MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 6 स्थलमण्डल-स्थल एवं स्थलाकृतियाँ img 1
पृथ्वी की आन्तरिक संरचना

दो धातुओं की प्रधानता है। सियाल के नीचे की परत को सीमा (Sima) कहते हैं। इसमें सिलिका और मैग्नीशियम धातुओं की प्रधानता है। इसके नीचे मैंटल है। इसमें ओलिवाइन और पाइरॉक्सिन खनिजों की प्रधानता है। इसके नीचे पृथ्वी का क्रोड है जिसे ‘नीफे’ (Nife) कहते हैं।

(3) ज्वालामुखी के मानव जीवन पर होने वाले प्रभाव बताइए।
उत्तर:
ज्वालामुखी के मानव जीवन पर होने वाले प्रमुख प्रभाव इस प्रकार हैं –
ज्वालामुखी से विभिन्न स्थलाकृतियों की रचना होती है, जैसे मैदान, पठार, पर्वत आदि। इनसे हमें बहुमूल्य खनिज पदार्थों की प्राप्ति होती है। ज्वालामुखी से निकला लावा चारों ओर फैलकर कालान्तर में उपजाऊ मिट्टी का निर्माण करता है। शान्त ज्वालामुखी के मुख में वर्षा का जल भरने से झीलों का निर्माण होता है। ज्वालामुखी से कई लाभ के साथ-साथ हानियाँ भी होती हैं। ज्वालामुखी उद्गार से मानव, जीव-जन्तु, वनस्पति, कृषि क्षेत्र, मानव आवास एवं बड़े-बड़े नगर, गाँव जलकर नष्ट हो जाते हैं अथवा दबकर ध्वस्त हो जाते हैं।

(4) भूकम्प किसे कहते हैं ? भूकम्प आने के कारण लिखिए
उत्तर:
भूकम्प – भूकम्प शब्द दो शब्दों से बना है – भू तथा कम्प, जिसका सामान्य अर्थ ‘पृथ्वी का कम्पन’ है। जिस तरह किसी शान्त जल में पत्थर का टुकड़ा फेंकने पर गोलाकार लहरें, केन्द्र से चारों ओर प्रवाहित होती हैं उसी तरह भूगर्भ उद्गम केन्द्र (गड़बड़ी वाले स्थान) से भूकम्प लहरें चारों ओर फैलती हैं। भूकम्प की उत्पत्ति जिस स्थान पर होती है, उसे ‘भूकम्प केन्द्र (फोकस)’ कहते हैं।
भूकम्प आने के कारण –

  • भूगर्भ में यदाकदा अचानक हलचल हो जाने के कारण पृथ्वी की सतह पर. भूकम्प आ जाते हैं।
  • तीव्र ज्वालामुखी उद्भेदन होने पर भी भूकम्प आते हैं।
  • कभी – कभी भूगर्भ में बनने वाली गैसों एवं जल वाष्प भी कमजोर भू-पटल को हिला देती है जिससे भूकम्प आते हैं।

(5) निम्नलिखित शैलों को दिये गये शैलों के प्रारूप में अंकित कीजिए
(1) संगमरमर
(2) कोयला
(3) ग्रेनाइट
(4) चूने का पत्थर
(5) बेसाल्ट
(6) हीरा
उत्तर:
शैलों का प्रारूप:
MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 6 स्थलमण्डल-स्थल एवं स्थलाकृतियाँ img 2

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