MP Board Class 7th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 6 राखी का मूल्य

MP Board Class 7th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 6 राखी का मूल्य

MP Board Class 7th Hindi Bhasha Bharti Chapter 6 पाठ का अभ्यास

बोध प्रश्न

Rakhi Ka Mulya Question Answer MP Board Class 7th प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए
(क) कर्मवती कौन थी?
उत्तर
कर्मवती मेवाड़ की महारानी थी।

(ख) कर्मवती ने वीरों से कौन-सी प्रतिज्ञा करने को कहा?
उत्तर
कर्मवती ने वीरों से मरते दम तक मेवाड़ की पताका को झुकने न देने की प्रतिज्ञा करने को कहा।

(ग) रानी कर्मवती ने हुमायूँ को राखी क्यों भेजी ?
उत्तर
रानी कर्मवती ने हुमायूँ से बैरभाव समाप्त कर उसे भाई बनाने के लिए राखी भेजी।

(घ) राखी पाकर हुमायूँ ने क्या निर्णय लिया ?
उत्तर
राखी पाकर हुमायूँ ने मेवाड़ की रक्षा के लिए अपनी सेना भेजने का सेनापति को आदेश दिया।

(ङ) हमारे देश में राखी का क्या महत्व है ?
उत्तर
हमारे देश में राखी को भाई-बहन के स्नेह बन्धन का प्रतीक माना गया है। सुरक्षा सूत्र को पहनकर भाई, बहन की रक्षा का संकल्प करता है।

Rakhi Ka Mulya Class 7 Question Answer MP Board प्रश्न 2.
निम्नलिखित पंक्तियों का अर्थ अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए

(क) जिन्हें प्राण देने का चाव हो, वे ही ये राखियाँ स्वीकार करें।
(ख) राखी वह शीतल प्रलेप है, जो सारे घाव भर देती
(ग) बहन का रिश्ता दुनिया के सारे सुखों, दौलतों, ताकतों और सल्तनतों से बढ़कर है।
उत्तर
(क) रानी कर्मवती मेवाड़ के वीर सपूतों को मेवाड़ की रक्षा के लिए ललकारते हुए राखियाँ आगे बढ़ाती है और कहती है कि वे ही लोग राखियों को लें जो देश-रक्षा के यज्ञ में स्वयं की आहुति देने को तत्पर हों।
(ख) व
(ग) गद्यांश 3 व 4 की व्याख्या देखें।

भाषा भारती कक्षा 7 पाठ 6 MP Board प्रश्न 3.
सही उत्तर चुनकर लिखिए

(क) इस पाठ का मुख्य उद्देश्य है
(1) राजपूतों के बारे में बताना।
(2) बहन द्वारा भाई को राखी बांधना।
(3) मुसीबत के समय बहन की मदद न करना।
(4) सांस्कृतिक एवं साम्प्रदायिक सदभावना का विकास करना।
उत्तर
(4) सांस्कृतिक एवं साम्प्रदायिक सदभावना का विकास करना।

(ख) कर्मवती कहाँ की रानी थी?
(1) झाँसी
(2) कालपी
(3) मेवाड़
(4) इन्दौर।
उत्तर
(3) मेवाड़।

भाषा अध्ययन

Rakhi Ka Mulya Class 7 MP Board प्रश्न 1.
‘भ्रातृ’ शब्द तथा ‘त्व’ प्रत्यय मिलाकर ‘भ्रातृत्व’ बना है। इसी प्रकार निम्नलिखित तालिका के शब्दों में ‘त्व’ प्रत्यय जोड़कर नए शब्द बनाइए
पितृ, मातृ, लघु, गुरु, मनुष्य, प्रभु।
उत्तर
पितृ + त्व- पितृत्व; मातृ + त्व- मातृत्व;
लघु + त्व-लघुत्व; गुरु + त्व = गुरुत्व;
मनुष्य + त्व= मनुष्यत्व, प्रभु + त्व = प्रभुत्व।

राखी का मूल्य प्रश्न उत्तर MP Board Class 7th प्रश्न 2.
निम्नलिखित सामासिक पदों का विग्रह कीजिए
रणभूमि, राजपुत्र, देशभक्ति, रसोईघर, देशनिकाला, सेनापति।
उत्तर
रणभूमि = रण की भूमि
राजपुत्र = राजा का पुत्र
देशभक्ति = देश की भक्ति
रसोईघर = रसोई का घर
देशनिकाला = देश से निकाला
सेनापति = सेना का पति।

Mp Board Class 7th Hindi Chapter 6 प्रश्न 3.
पाँचों प्रकार के योजक चिह्नों के दो-दो उदाहरण लिखिए
उत्तर
Rakhi Ka Mulya Pdf MP Board Class 7th

Rakhi Ka Mulya Class 7 Pdf Download MP Board प्रश्न 4.
इस पाठ के चारों प्रकार के (और के प्रयोग वाले) वाक्य छाँटकर लिखिए।
उत्तर
(क) जाओ रणभूमि तुम्हारी प्रतीक्षा कर रही है और बहनो, तुम घर जाकर वीरव्रत की तैयारी करो। (उपवाक्य योजक)
(ख) हम हँसते-हँसते मरेंगे और बहुतों को मारकर मरेंगे। (उपवाक्य योजक)
(ग) किन्तु और भी तो बाधाएँ हैं। (विशेषण)
(घ) इस विकट अवसर पर मेवाड़, की रक्षा का और कोई उपाय है भी तो नहीं। (विशेषण)
(ङ) भ्रातृत्व और मनुष्यत्व पर विश्वास करके हुमायूँ की परीक्षा ली जाए। (शब्द योजक)
(च) लीजिए यह राखी और यह पत्र। (शब्द योजक)
(छ) हम भी देखेंगे कि कौन कितने पानी में है ? और यह भी प्रकट हो जाएगा कि एक राजपूतानी की राखी में कितनी ताकत है?
(उपवाक्य योजक)
(ज) मेवाड़ की रानी कर्मवती ने कुछ और सोचा। (क्रिया विशेषण)

Rakhi Ka Mulya Chapter Pdf MP Board Class 7th प्रश्न 5.
‘तो’ के प्रयोग वाले वाक्य पाठ में से छाँटकर लिखिए।
उत्तर
विद्यार्थी स्वयं ऐसे वाक्यों को छाँटकर लिखें।

Rakhi Ka Mulya Summary In Hindi MP Board Class 7th प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्दों के बहुवचन लिखिए
थाली, जाली, भाई, दुश्मन, गाड़ी, साड़ी, धागा।
उत्तर
शब्द – बहुवचन
थाली – थालियाँ
जाली – जालियाँ
भाई – भाइयों
दुश्मन – दुश्मनों
गाड़ी – गाड़ियाँ
साड़ी – साड़ियाँ
धागा – धागे

Rakhi Ka Mulya Class 7 Pdf MP Board प्रश्न 7.
निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ स्पष्ट करते हुए अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए
हँसते-हँसते प्राण देना, आग उगलना, प्राण कॉपना, खौफ खाना, जादू का पिटारा,
आग में कूदना, घाव भरना, आँख उठाना, कयामत का पैगाम, तिरछी नजर करना।
उत्तर
(क) हँसते-हँसते प्राण देना-सदैव बलिदान हेतु तत्पर रहना।
वाक्य प्रयोग-मेवाड़ की रक्षा के लिए वीर राजपूतों ने हँसते-हँसते अपने प्राण दे दिये।

(ख) आग उगलना-बुराई करना।
वाक्य प्रयोग-पाकिस्तान व्यर्थ ही भारत के विरुद्ध आग – उगलता रहता है।

(ग) प्राण काँपना-अत्यधिक डर जाना।
वाक्य प्रयोग-तूफान की तीव्रगति को देख नगरवासियों के प्राण काँप गये।

(घ) खौफ खाना-डरना।
वाक्य प्रयोग-चन्द्रशेखर आजाद के व्यक्तित्व से अंग्रेज भी खौफ खाते थे।

(ङ) जादू का पिटारा-करामात की थैली।
वाक्य प्रयोग-शिक्षक के पास कोई जादू का पिटारा तो है नहीं जो उसे खोले और विद्यार्थी बिना पढ़े परीक्षा में उत्तीर्ण हो जाए।

(च) आग में कूदना-कठिन रास्ता चुनना।
वाक्य प्रयोग-कानून के विरुद्ध कार्य करना आग में कूदने के समान है।

(छ) घाव भरना-दुःख कम होना।
वाक्य प्रयोग-जहाँ तक सम्भव हो हमें दूसरों के घाव । भरने चाहिए।

(ज) आँख उठाना-चुनौती देना।
वाक्य प्रयोग-रानी लम्मीबाई ने अंग्रेजों के समक्ष आँख उठाने का साहस किया।

(झ) कयामत का प्रैगाम-प्रलय की सूचना।
वाक्य प्रयोग-पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को संरक्षण देना स्वयं उसके लिए एक दिन कयामत का पैगाम लेकर आयेगा।

(ज) तिरछी नजर करना-नाराज होना।
वाक्य प्रयोग-मेरे द्वारा सच बोलने पर तुमने अपनी नजर तिरछी क्यों कर ली?

राखी का मूल्य परीक्षोपयोगी गद्यांशों की व्याख्या

1. हम लोग सदियों से हँसते-हँसते प्राण देते आए हैं। हमारी इस अजेय शक्ति का स्रोत आप बहनों की राखियों के धागे ही तो हैं। यही तो हमें बल देते आए हैं।

सन्दर्भ-प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक भाषा-भारती’ के ‘राखी का मूल्य’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके लेखक हरिकृष्ण प्रेमी हैं।

प्रसंग-प्रस्तुत गद्यांश में एक वीर राजपूत अपने उद्गारों को रानी कर्मवती के समक्ष प्रकट कर रहा है।

व्याख्या-हम लोग युद्धभूमि में सैकड़ों वर्षों से हँसते-हँसते न्योछावर होते आये हैं। हममें यह जो शक्ति है जिसे कोई हरा नहीं सकता, वह आप जैसी बहनों की राखियों के धागों से ही प्राप्त होती आयी है। इनसे हमें एक नया बल और उत्साह प्राप्त होता रहा है।

2. मेवाड़ के सपूतो, तुम्हीं मेवाड़ के अभिमान हो, तुम्हारी कीर्ति अमर है। जाओ रणभूमि तुम्हारी प्रतीक्षा कर रही है।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-मेवाड़ के वीर सपूतों को सम्बोधित करते हुए रानी कर्मवती कहती हैं

व्याख्या-हे मेवाड़ के बहादुर पुत्रों ! तुमसे मेवाड़ स्वयं स्वाभिमान महसूस कर रहा है। तुम्हारा यश संसार में अमर है। युद्ध भूमि को तुम जैसे वीर पुत्रों की आवश्यकता है। वह तुम्हारा इन्तजार कर रही है।

3. हमारी राखी वह शीतल प्रलेप है जो सारे घाव भर देती है। राखी वह वरदान है, जो सारे बैर-भावों को जलाकर भस्म कर देती है।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-प्रस्तुत गद्यांश में रानी कर्मवती के राखी के महत्त्व को प्रदर्शित किया गया है।

व्याख्या-राखी बैर-भाव रूपी घावों को भरने के लिए मरहम का कार्य करती है। राखी एक वरदान के समान है। इससे सारे बैर-भाव जल जाते हैं तथा प्रेम और सद्भावना का वातावरण उत्पन्न होता है।

4. “मैं दुनिया को बता देना चाहता हूँ कि हिन्दुओं के रस्मों-रिवाज मुसलमान के लिए भी उतने ही प्यारे और पाक हैं जितने उनके लिए। तुम भूलते हो कि हम सब एक परवरदिगार की औलाद हैं।”

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-प्रस्तुत गद्यांश में हुमायूँ ने हिन्दुओं और मुसलमानों को एक ही ईश्वर ही सन्तान बताया है।

व्याख्या-हुमायूँ अपने सेनापति को सम्बोधित करते हुए कहता है कि हिन्दुओं और मुसलमानों में कोई अन्तर नहीं है। सब के सब उस एक मालिक की सन्तान हैं जिसने उन्हें बनाया है। आज मैं इस पूरे संसार के सामने यह सिद्ध करना चाहता हूँ कि हिन्दुओं के सभी रीति-रिवाज और परम्पराएँ एक मुसलमान के लिए भी समान रूप से प्रिय और पवित्र हैं।

5. बहन का रिश्ता दुनिया के सारे सुखों, दौलतों, ताकतों और सल्तनतों से बढ़कर है। मैं इस रिश्ते की इज्जत सल्तनत कुर्बान करके भी रखूगा।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-प्रस्तुत गद्यांश में हुमायूँ कर्मवती की राखी को स्वीकार करते हुए उसके प्रति सम्मान और बलिदान की भावना प्रकट करता है।

व्याख्या-हुमायूँ का कथन है कि बहन का रिश्ता संसार में सभी वस्तुओं से बढ़कर है। राखी भेजकर रानी कर्मवती ने उसे | भाई बनाया है तो वह इस रिश्ते का सम्मान रखने के लिए सब कुछ बलिदान करने को भी सहर्ष तैयार है।

राखी का मूल्य शब्दकोश

सर्वस्व = सब कुछ; अजेय = जिसे जीता न जा सके; मर्यादा = लोकनीति, रिवाज, सीमा; कीर्ति = यश;
आन = गौरव; वैमनस्य = बैर, दुश्मनी, मनमुटाव; पश्चाताप =पछतावा; भ्रातृत्व = भाई-भाई से अपनापन; मनुष्यत्व = मानवता; लफ़्ज = शब्द; प्रलेप = विशेष प्रकार का मरहम।

राखी का मूल्य उर्दू शब्दों के हिन्दी रूप

सल्तनत = साम्राज्य; खाक = धूल; पैगाम = सन्देश, खबर, सूचना; हिफाजत = सुरक्षा;
तरजीह = प्राथमिकता,वरीयता; मुताबिक = अनुसार; कुर्बानी – बलिदान; फौलाद = इस्पात, मजबूत लोहा; सौगात = भेंट, कयामत = प्रलय; खौफ = डर; परवरदिगार = खुदा, ईश्वर ।

MP Board Class 7th Hindi Solutions

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 20 अभियान गीत

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 20 अभियान गीत

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 20 प्रश्न-अभ्यास

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

हम चलते सीना तान के प्रश्न उत्तर MP Board Class 7th Hindi प्रश्न 1.
(क) सही जोड़ी बनाइए कटाए हैं।
1. सागर – (क) समता
2. ममता – (ख) निशान
3. वीरत्व – (ग) मान
4. गौरव – (घ) तट
5. देश – (ङ) विवेक
उत्तर-
1. – (घ)
2. – (ग)
3. – (ङ)
4. – (ग)
5. – (ख)

Mp Board Class 7th Hindi Chapter 20 प्रश्न (ख)
दिए गए विकल्पों में से उपयुक्त शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

1. जिसकी रक्षा में पुरखों ने अगणित ………………………… (सीस/शीश)
2. हम रखवाले ………………………… वाले उसके गौरव-मान के। (पोरुष/पुरुष)
3. अनगिन ………………………… में गूंजेंगे बोल हमारे गान (कंठों/कंटों)
4. फौजी ………………………… में हम सबसे पहले हिन्दुस्तान के। (वर्दी/बर्दी)
5. लिम्पू घाट की ऊँचाई ………………………… फुट है। (बीस हजार/सत्रह हजार)
उत्तर-
1. शीश,
2. पौरुष,
3. कंठों,
4. बर्दी,
5. सत्रह हजार।

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 20 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

Abhiyan Geet In Hindi MP Board Class 7th प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के एक-एक वाक्य में उत्तर लिखिए

(क) भारतमाता के बेटे क्या बनना चाहते हैं?
उत्तर-
भारत माता के बेटे फ़ौजी बनना चाहते हैं।

(ख) इस कविता के अनुसार हिन्दुस्तान की मिट्टी में किस भावना को संजोया गया है?
उत्तर-
इस कविता के अनुसार हिन्दुस्तान में हम खेले-खाए हैं।

(ग) पूजा में फूल चढ़ाने से कवि का क्या आशय है? के।
उत्तर-
पूजा में फूल चढ़ाने से तात्पर्य है, सदियों से । मेहनत करना।

(घ) सैनिकों की गाथाएँ कहाँ-कहाँ गाई जाएँगी?
उत्तर-
सैनिकों के गाथाएँ भारत के गाँव, नगर, घर गाएँगे।

(ङ) कवि किस अवसर पर आगे रहने की बात कह रहा है?
उत्तर-
कवि बलिदान के अवसर पर आगे रहने की बात कह रहा है।

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 20 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन से पाँच वाक्य में लिखिए

(क) कवि किसके एहसास के कर्ज चुकाने की बात कह रहा है?
उत्तर-
कवि इन धूल के कणों के एहसान को चुकाने के लिए कह रहा है जिसकी मिट्टी में खेलकर हम बड़े हुए है, जिसकी ममता को छाव में हमने सबकुछ सीखा है।

(ख) “अगणित शीश” कटाने की बात किस ओर अंगित कर रही है?
उत्तर-
भारत माता की रक्षा तथा मान के लिए हजारों पूर्वजों ने अपने शीश कटाए अर्थात आजादी की लड़ाई में भारत को स्वाधीन कराने के लिए अनेक लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी।

(ग) समर में सैनिक क्या कर दिखाना चाहते हैं?
उत्तर-
अपने देश की और जब कोई और देश आँख उठाकर देखता है अथवा युद्ध करता है तो देश के फौजी वीर अपनी वीरता के प्रदर्शन को दिखाने के लिए बेचैन रहते हैं अर्थात् अपने देश के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार हो जाते हैं।

(घ) फौजी वर्दी में कौन-कौन मिलकर एक हो जाते हैं?
उत्तर-
धर्म, जाति, वर्ग तथा भाषाद्ध रूप से भिन्न रहने के बावजूद, पर्वत, सागर-तट, वन, मरुस्थल, मैदान आदि जगहों के अंतरों के बावजूद फौजी वर्दी में कौन-कौन मिलकर एक हो जाते हैं।

(ङ) “देश-निशान’ से क्या तात्पर्य है? इसकी रक्षा किस प्रकार करना है।
उत्तर-‘
देश-निशान’ से तात्पर्य देश के चिह्न से है अर्थात ध्वज की शान की रक्षा के लिए कुछ भी कर जाना ही देश-निशान को नहीं मिटने देना है।

भाषा की बात

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों को सही उचारण कीजिएमरुथल, रजकण, अगणित, वीरत्व, गाथाएँ
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों की वर्तनी शुद्ध कीजिएपरवत, मिटटी, पुरुखो, गूजेंगे, पौरोष
उत्तर-
शब्द – शुद्ध वर्तनी
परवत- पर्वत
मिटटी – मिट्टी
पुरुखो – पुरखों
गूजेंगे – गूंजेंगे
दररा – दर्रा
पौरोष – पौरुष

प्रश्न 6.
निम्नलिखित मुहावरों और उनके अर्थों की सही जोड़ी बनाइए
शीश काटना – कर्त्तव्य पूरा करना
सीना तान के चलना – बलिदान होना
कर्ज चुकाना – स्वाभिमान के साथ आगे बढ़ना
उत्तर-
शीश काटना – बलिदान होना
सीना तान के चलना – स्वाभिमान के साथ आगे बढ़ना
कर्ज चुकाना – कर्त्तव्य पूरा करना

प्रश्न 7.
निम्नलिखित शब्दों के पर्चायवाची शब्द लिखिए
पर्वत, सागर, वन, फूल, समर
उत्तर-
शब्द – पर्यायवाची शब्द
पर्वत – पहाड़, नग
सागर – समुंद्र, जलधि
वन – जंगल, कानन
फूल – पुष्प, सुमन
समर – युद्ध, लड़ाई

प्रश्न 8.
निम्नलिखित उदाहरण के आधार पर बहुवचन शब्द बनाइए
उत्तर-
गाथा – गाथाएँ
माता – माताएँ
कथा – कथाएँ
सेना – सेनाएँ
विपदा – विपदाएँ
कामना – कामनाएँ

अभियान गीत पाठ का परिचय

प्रस्तुत पाठ में कवि भारत माता की शान में वर्णन करते हुए सिपाहियों ने कहा है बेशक हमारे धर्म, जाति, वर्ग और भाषा अलग-अलग हैं, या फिर हम अलग-अलग स्थानों से हैं किंतु हम एक हैं और इन सबसे पहले हम फौजी सबसे पहले है, जो सीना तान कर चलते हैं। इसकी मिट्टी में हमे बढ़े हुए, इसकी ममता में खेले, हम अपने देश समस्त एहसास चुका देंगे। हमने सदियों से अपनी मातृभूमि की पूजा की, इसकी रक्षा के लिए न जाने कितने बलिदान दिए हैं, हमें अपने ऐसे देश में पर गर्व है। हम इसके लिए खुद को मिटा सकते हैं किंतु इस पर आंच नहीं आने देंगे। हम फौजी सदैव आत्म बलिदान के लिए तत्पर रहते हैं। हम इसके गौरव के लिए देश भक्ति के गीत गाएँगे।

अभियान गीत संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्या

1.

भारत माता के बेटे हम चलते सीना तान के
धर्म अलग हों, जाति अलग हों, वर्ग अलग हों, भाषाएँ,
पर्वत, सागर-तट, वन, मरुथल, मैदानों से हम आएँ,
फौजी वर्दी में हम सबसे पहले हिंदुस्तान के।
भारत माता के बेटे हम चलते सीना तान के।
हिन्दुस्तन कि जिसकी मिट्टी में हम खेले-खाए हैं,
जिसकी रजकण को हम ममता-समता से अपनाए हैं,
कर्ज, चुकाने हैं, हमको उन रजकण के एहसान के।
भारत माता के बेटे हम चलते सीना तान के।

शब्दार्थ-मरुस्थल = वह थल जहाँ रेत की रेत हो, समता = बराबरी, रजकण = धूल के कण।

संदर्भ-प्रस्तुत काव्य पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘सुगम भारती’ (हिंदी सामान्य) भाग-7 के पाठ-20 ‘अभियान गीत’ से ली गई है। इसके रचयिता हरिवंशराय बच्चन हैं।

व्याख्या-हम फौजी हैं, हमेशा सीना तान के चलते हैं। हमारी जाति धर्म, भाषाएँ चहरे भिन्न हैं, हम चाहे अलग-अलग जगहों से आए हैं किंतु सबसे पहले हम फौजी है। हम इस देश में खेलते आए हैं। इसकी ममता में हमने बचपन बिताया है। हम इसके सारे कर्ज उतारने को तैयार हैं। हम भारत माता के सिपाही है जो सीना तार कर चलते हैं।

विशेष-

  1. भाषा सरल एवं प्रवाहमय है।
  2. देश के लिए कुछ करने का जजबा दिखाया गया है।

2.

जिसकी पूजा में सदियों से श्रम के फूल चढ़ाए हैं,
जिसकी रक्षा में पुरखों ने अगणित शीश कटाए हैं,
हम रखवाले पौरुषवाले उसके गौरव-मान के।
भारत माता के बेटे हम चलते सीना तान के।
हम गिर जाएँ किंतु न गिरने देंगे देश-निशान को,
हम मिट जाएँ किंतु न मिटने देंगे हिंदुस्तान को,
हम हैं सबसे आगे रहते अवसर पर बलिदान के।
भारत माता के बेटे हम चलते सीना तान के।

शब्दार्थ-निशान = चिन्ह, समर = युद्ध, गाथा = कहानी, अनगिन = जिन्हें गिना न जा सके, ममता = माँ का प्यार, पुरखों = पूर्वजों, पौरुष = वीरता, शीश = सिर।

संदर्भ-प्रस्तुत काव्य पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘सुगम भारती’ (हिंदी सामान्य) भाग-7 के पाठ-20 “अभियान गीत’ से ली गई हैं। इसके रचयिता हरिवंशराय बच्चन हैं।

‘प्रसंग-इसमें बलिदान को दर्शाया गया है।

व्याख्या-हमने अपनी मातृभूमि की पूजा की है। इसकी आन के लिए हमारे पूर्वजों ने हजारों सिर कटाए हैं। हम इसकी जी-जान से रक्षा करते हैं। हम खुद गिर जाएँगे किंतु देश पर आंच नहीं आने देंगे। हम मिट जाएँगे लेकिन भारत का नाम कभी मिटने नहीं देगे। हम इसकी रक्षा हेतु हम बलिदान देने में आगे रहते हैं।

विशेष-

  1. भाषा सरल एवं प्रवाहमय है।
  2. पूर्वजों के बलिदान को दर्शाया गया है।

3.

जो वीरत्व-विवेक सागर में हम सैनिक दिखलाएँगे,
उसकी गाथाएँ भारत के गाँव, नगर, घर गाएँगे,
अनगिन कंठों में गूंजेंगे बोल हमारे गान के।
भारत माता के बेटे हम चलते सीना तान के।

शब्दार्थ-वीरत्व = वीरता, विवेक = उचित, अनुचित का ज्ञान।

संदर्भ-प्रस्तुत काव्य पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘सुगम भारती’ (हिंदी सामान्य) भाग-7 के पाठ-20 ‘अभियान गीत’ से ली गई हैं। इसके रचयिता हरिवंशराय बच्चन हैं।

प्रसंग-इसमें वीरता को उजागर किया गया है।

व्याख्या-हम हर युद्ध में अपने जौहर दिखलाएँगे! फौजियों के हर बलिदान की गाथा भारत की गली-गली में सुनाएँगे। और अनगिनत लोग हमारे योगदान को दोहराएँगे। हम भारतमाता के ‘सपूत हैं जो सीना तान कर चलते हैं।

विशेष-

  1. भाषा सरल एवं प्रवाहमय है।
  2. फौजियों की गाथा को दर्शाया गया है।

MP Board Class 7th Hindi Solutions

MP Board Class 7th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 8 डॉ. अब्दुल कलाम के जीवन के प्रेरक प्रसंग

MP Board Class 7th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 8 डॉ. अब्दुल कलाम के जीवन के प्रेरक प्रसंग

MP Board Class 7th Hindi Bhasha Bharti Chapter 8 पाठ का अभ्यास

बोध प्रश्न

डॉक्टर अब्दुल कलाम के जीवन के प्रेरक प्रसंग MP Board Class 7th Hindi प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए

(क) अब्दुल कलाम का पूरा नाम क्या है ?
उत्तर
अब्दुल कलाम का पूरा नाम-‘अबुल पकीर जैनुलाब्द्दीन अब्दुल कलाम है।

(ख) कलाम ने अपनी शिक्षा पूरी करने के लिए क्या संघर्ष किया?
उत्तर
कलाम अपनी शिक्षा पूरी करने के लिए ट्यूशन – पढ़ाने लगे। मद्रास (चेन्नई) से छपने वाले एक समाचार-पत्र : ‘हिन्दू’ के लिए लेख भी लिखे। इससे उन्हें कुछ पारिश्रमिक भी प्राप्त हो जाता था। इस तरह अपनी शिक्षा पूरी करने के लिए उन्होंने निरन्तर संघर्ष किया।

(ग) रामलीला में अब्दुल कलाम ने क्या देखा ? और – उस दृश्य का उनके जीवन पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर
रामलीला में अब्दुल कलाम ने ‘राम-रावण’ युद्ध देखा। इस युद्ध में राम अग्निबाण से रावण की नाभि में स्थित अमृत को सुखा देते हैं और उसका अन्त कर देते हैं। इस दृश्य का उनके जीवन पर यह प्रभाव पड़ा कि उन्होंने इसी अग्निबाण की अवधारणा से ही अग्नि मिसाइल का सूत्रपात किया।

(घ) डॉ. अब्दुल कलाम बच्चों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं?
उत्तर
डॉ. अब्दुल कलाम बच्चों के साथ बात करके आनन्द की अनुभूति करते हैं। उनके अनुसार बच्चों में ही सम्पूर्ण राष्ट्र का विकास छिपा होता है। बच्चों से वे मित्र की तरह बातें करते हैं। बच्चे भी स्वयं गौरव की अनुभूति करते हैं।

(ङ) अब्दुल कलाम को, “मिसाइल मैन” बनने की प्रेरणा कहाँ से मिली ?
उत्तर
एक बार अब्दुल कलाम ने एक लेख अंग्रेजी समाचार-पत्र ‘हिन्दू’ में पढ़ा। उस लेख का शीर्षक था, “साफ्ट फायर”। इसका हिन्दी में अर्थ हुआ मन्त्रबाण। यह एक प्राचीन भारतीय अस्त्र का नाम है जिसका प्रयोग द्वितीय विश्व युद्ध में हुआ था। इस मन्त्रबाण ने उन्हें आगे चलकर ‘अग्नि’ मिसाइल बनाने के लिए प्रेरित किया। डॉ. अब्दुल कलाम और मिसाइल एक-दूसरे के पूरक हो गये, इसीलिए उन्हें मिसाइल मैन के नाम से भी जाना जाता है।

अब्दुल कलाम को मिसाइल मैन बनने की प्रेरणा कहां से मिली MP Board Class 7th Hindi प्रश्न 2.
डॉ. कलाम के प्रेरक विचार-बिन्दु लिखिए।
उत्तर
डॉ. कलाम के प्रेरक विचार-बिन्दु निम्नलिखित हैं

  1. विज्ञान वैदिक साहित्य की तरह है-सरस और संवेदनशील।
  2. मुझे भारतीय होने का गर्व है-यह एक महान देश है।
  3. हमारे युवकों को सपने देखने चाहिए। सपनों को विचारों में बदलना चाहिए। विचारों को क्रिया के जरिये वास्तविकता में बदलना चाहिए।
  4. वह काम करो, जिसमें तुम्हारी आस्था हो। यदि ऐसा नहीं करते हो, तो तुम अपनी किस्मत दूसरों के हवाले कर रहे हो।
  5. जो लोग अपने व्यवसाय में शीर्ष पर पहुँचना चाहते हैं, उनके भीतर पूर्ण वचनबद्धता का मूल गुण होना अत्यन्त आवश्यक है।

भाषा अध्ययन

भाषा भारती कक्षा 7 पाठ 8 MP Board प्रश्न 1.
नीचे दिए शब्दों में मूल शब्द और उपसर्ग अलग करके लिखिए
परिश्रम, परिहास, परिचर्चा, परिभ्रमण, परिधान, परिजन परिपूर्ण।
उत्तर
परि + श्रम, परि + हास, परि + चर्चा,
परि + भ्रमण, परि + धान,
परि + जन, परि + पूर्ण।

Mp Board Class 7th Hindi Chapter 8 प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों में मूलशब्द और प्रत्यय अलग कीजिए
सामाजिक, वैज्ञानिक, वैमानिक, यान्त्रिक, वैदिक, पारिश्रमिक, आर्थिक।
उत्तर
समाज + इक, विज्ञान + इक,
विमान + इक, यन्त्र +इक,
वेद + इक, परिश्रम + इक, अर्थ+ इक

Mp Board Class 7th Hindi Solution प्रश्न 3.
‘पल्लवित’ शब्द में ‘पल्लव’ के साथ ‘इत’।प्रत्यय का प्रयोग हुआ है। इसी तरह निम्नलिखित शब्दों के साथ ‘इत’ जोड़कर अन्य शब्द बनाइए
सम्बन्ध, कल्प, प्रतिष्ठा, सम्भावना, राजपत्र।
उत्तर
सम्बन्ध + इत = सम्बन्धित,
कल्प + इत = कल्पित,
प्रतिष्ठा + इत = प्रतिष्ठित,
सम्भावना + इत = सम्भावित,
राजपत्र- इत = राजपत्रित।

प्रश्न 4.
नीचे कुछ सामासिक पद दिए गए हैं। उन्हें छाँटकर तालिका में भरें
डॉक्टर अब्दुल कलाम के जीवन के प्रेरक प्रसंग MP Board Class 7th Hindi

प्रश्न 5. निम्नलिखित वाक्यों में प्रयुक्त कारक के चिन्ह पहचानिए, उनके समक्ष लिखिए
(1) डॉ. अब्दुल कलाम को बच्चों से बहुत प्रेम है।
(2) सफलता के लिए ऊँचे सपने भी देखने चाहिए।
(3) डॉ. अब्दुल कलाम ने बचपन में बहुत संघर्ष किया।
(4) तपस्वी व्यक्ति का भाल आभा से चमकता है।
(5) डॉ. कलाम गुरु शिष्य परम्परा के समर्थक थे।
(6) हे ईश्वर ! सबको सद्बुद्धि दो।
(7) रामनाथपुरम् की हाई स्कूल की दीवार पर अंकित था।
(8) सभी को बुराई से बचना चाहिए।
उत्तर

  1. को, से
  2. के लिए
  3. ने, में
  4. का, से
  5. के
  6. हे
  7. की
  8. को, से।

डॉ. अब्दुल कलाम के जीवन के प्रेरक प्रसंग परीक्षोपयोगी गद्यांशों की व्याख्या

1. “काफी कसमसाहट से भरे थे जीवन के वे दिन। एक ओर विदेशों में शानदार भविष्य था, दूसरी ओर था देशसेवा का आदर्श। इन दोनों में से एक का मेरे लिए चुनाव करना कठिन था। अन्ततः मैंने तय किया-पैसों के लिए विदेश नहीं जाऊँगा। भविष्य संवारने के मोह में देशसेवा का अवसर हाथ से जाने नहीं दूंगा।”

सन्दर्भ-प्रस्तुत पंक्तियाँ ‘डॉ. अब्दुल कलाम के जीवन … के प्रेरक प्रसंग’ नामक पाठ से अवतरित हैं। लेखकों ने भूतपूर्व

राष्ट्रपति डॉ. अब्दुल कलाम के जीवन के प्रेरक प्रसंगों से छात्रों को राष्ट्रप्रेम से परिपूर्ण करने का प्रयास किया है।

प्रसंग-डॉ. अब्दुल कलाम की देशभक्ति और सेवा के महान आदर्श को प्रस्तुत किया है।

व्याख्या-डॉ. कलाम ने वैमानिक यान्त्रिकी में शिक्षा प्राप्त की। उस समय इस शिक्षा की योग्यता वाले विद्यार्थियों की माँग यूरोप और अमेरिका में बहुत अधिक थी। इन देशों में इनको अच्छा वेतन और सम्मान दिया जाता था। इस दशा में कलाम के सामने दो विकल्प थे। पहला यह कि वे विदेश चले जायें और धनार्जन करें और एक धनवान व्यक्ति के सम्मान को प्राप्त कर लें। दूसरा यह कि वे यहीं भारत में रहकर मातृभूति की सेवा करके उसके ऋण से उऋण हों।

उन्होंने अपनी ऊहापोह की स्थिति में विदेशों में जाकर शानदार भविष्य को संवारने की भावना को एक तरफ कर दिया और देश सेवा के महान् आदर्श को स्वीकार करके सभी देशवासी यवकों को देश की सेवा करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने प्रतिज्ञा कर ली कि वे धन कमाने की दृष्टि से विदेशों को नहीं जायेंगे। उन्होंने अपने महान और विशिष्ट ज्ञान से देश की सेवा करके देशसेवा के अवसर को अपने हाथ से खिसकने नहीं दिया।

डॉ. अब्दुल कलाम के जीवन के प्रेरक प्रसंग शब्दकोश

अन्वेषक = खोजी, अन्वेषण करने वाला; आर्थिक = धन सम्बन्धी; सराबोर = डूबा हुआ, तरबतर, भीगा हुआ; मुखरित = कहना, किसी बात को स्पष्ट कर देना प्रतिबिम्ब = छाया, परछाई सोपान = सीढ़ी; परिवेश = वातावरण अस्त्र = हाथ से फेंककर चलाया जाने वाला हथियार; आभा = चमक;
परिणित = परिवर्तन, बदला हुआ; ऊहापोह = असमंजस, दुविधा; यथा अवसर = अवसर के अनुसार, उचित अवसर; कान्तिमान = चमकदार; सृजन-रचना, किसी वस्तु का निर्माण करना; आस्था = आदर, विश्वास; सहभागी – बराबरी का हिस्सेदार, सहयोगी; प्रतिमा = मूर्ति।

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MP Board Class 7th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 4 दो कविताएँ

 MP Board Class 7th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 4 दो कविताएँ

MP Board Class 7th Hindi Bhasha Bharti Chapter 4 पाठ का अभ्यास

बोध प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए-

(क) ‘मेघ बजने’ से कवि का क्या आशय है ?
उत्तर-
‘मेघ बजने’ से कवि का आशय बादलों के तेज आवाज के साथ गरजने से है।

(ख) ‘पंक’ किस प्रकार से हरिचन्दन लगने लगता है ?
उत्तर-
बरसात में सब ओर पानी भर जाता है जिससे मिट्टी कीचड़ का रूप धारण कर लेती है और तब वह हरिचन्दन सी दिखाई देती है।

(ग) वर्षा के आगमन से क्या-क्या परिवर्तन होने लगते हैं ?
उत्तर-
वर्षा के आगमन व बिजली चमकने से मेंढक टर्र-टर्र करने लगते हैं, पृथ्वी साफ-स्वच्छ हो जाती है, मिट्टी-पानी के मिलने से बनी कीचड़ भगवान के चन्दन जैसी लगती है जिससे किसान अपने हलों के स्वागत में तिलक लगाते हैं।

(घ) ‘कदम्ब’ किसके समान झूलता दिखाई दे रहा है ?
उत्तर-
कदम्ब गेंद के समान झूलता दिखाई दे रहा है।

(ङ) धरती का हृदय किस प्रकार धुला लगने लगा है ?
उत्तर-
धूल व मिट्टी से अटी पड़ी पृथ्वी पर जब बरसात ‘ की बूंदें पड़ती हैं, तो सारी गन्दगी साफ हो जाती है और धरती – स्वच्छ दिखाई देने लगती है।

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(क) ……………………….” का कण्ठ खुला।
(ख) धरती का ………………………. धुला।
(ग) ………………………. मेघ बजे।
उत्तर-
(क) दादुर,
(ख) हृदय,
(ग) धिन-धिन-धा धमक-धमक।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए
(क) हल का है अभिनन्दन।
(ख) “टहनी-टहनी में कन्दुक सम झूले कदम्ब”
उत्तर-
पद्यांशों की व्याख्या देखें।

भाषा अध्ययन

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के तुकान्त शब्द लिखिए
उत्तर-
चन्दन – वन्दन;
चमक – दमक;
रीता – बीता;
बरस – तरस।

प्रश्न 2.
धिन-धिन शब्द युग्म में ध्वन्यात्मकता है। इसी प्रकार के अन्य ध्वन्यात्मक शब्द लिखिए।
उत्तर-
धमक-धमक, टहनी-टहनी।

प्रश्न 3.
इस कविता की जिन पंक्तियों में अनुप्रास अलंकार है, उन्हें छाँटकर लिखिए
उत्तर-
(क) “धिन-धिन-धा धमक-धमक”
(ख) “दामिनी यह गयी दमक”
(ग) “टहनी-टहनी में कन्दुक सम झूले कदम्ब”
(घ) “फूले कदम्ब, फूले कदम्ब।”

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों में से प्रयुक्त उपसर्ग को अलग कीजिए-
अभिनन्दन, अभिवादन, विराग, प्रवचन, अभियोग, वियोग, प्रयोग।
उत्तर-
अभि, अभि, वि, प्र, अभि, वि, प्र।

प्रश्न 5. सही विकल्प चुनिए
(क) कल सरिता ……….. समारोह में गई थी।
(1) अभिवन्दन
(2) अभिवादन
(3) अभिनन्दन
(4) अभिचन्दन।
उत्तर-
(3) अभिनन्दन,

(ख) लिखाई, ललचाई, पढ़ाई इन शब्दों में प्रत्यय ……………………….” है।
(1) खाई
(2) आई
(3) अई
उत्तर-
(2) आई।

दो कविताएँ सम्पूर्ण पद्यांशों की व्याख्या

1. मेघ बजे
धिन-धिन-धा धमक-धमक
मेघ बजे
दामिनी यह गयी दमक
मेघ बजे दादुर का कंठ खुला
मेघ बजे
धरती का हृदय धुला
मेघ बजे
पंक बना हरिचन्दन
मेघ बजे
हल का है अभिनन्दन
मेघ बजे।
धिन-धिन

शब्दार्थ-मेघ = बादल; दामिनी = बिजली; दादुर = मेंढक; कंठ = गला; पंक = कीचड़; अभिनन्दन = सम्मान।

सन्दर्भ-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘भाषा भारती’ के ‘दो कविताएँ’ नामक पाठ से ली गई हैं। इस कविता का शीर्षक है-‘मेघ बजे’ तथा इसके रचयिता सुप्रसिद्ध कवि नागार्जुन हैं।

प्रसंग-प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने बादलों के घिर आने एवं। वर्षाकाल का मनोहारी वर्णन किया है।

व्याख्या-तेज गर्मी व लू के पश्चात् मौसम में आने वाले। परिवर्तन के संकेत मिल चुके हैं। आसमान में अपने सिर पर। जल का अथाह भण्डार रखे बादल घुमड़-घुमड़कर घिरने लगे हैं। बादलों की गड़गड़ाहट से पृथ्वी का प्रत्येक जीव-जन्तु व वनस्पति रोमांचित है। बादलों के झरोखों में से रह-रहकर। बिजली की चमक दिख रही है। बादलों के यूँ घिरने और वर्षा

के आगमन की प्रतीक्षा में तालाबों में मेंढक टर्र-टर्र करने लगे हैं। बरसात के होने से गर्मी से व्याकुल और गंदली हुई धरा भी। सन्तुष्ट और साफ हो गयी है। वर्षा के कारण उत्पन्न हुई धरती की कीचड़ भी हरिचन्दन के समान हो गई है जिससे किसानों। ने अपने हल के स्वागत का तिलक लगाया है। बादल गर्जना करते हुए धिन-धिन-धा की विशेष संगीत-ध्वनि उत्पन्न कर रहे हैं। वास्तव में, बादलों के यूँ गरजने-बरसने से प्रकृति और भी अधिक मनोहारी हो गयी है।

♦ फूले कदम्ब

2. फूले कदम्ब
टहनी-टहनी में कन्दुक सम झूले कदम्ब
फूले कदम्ब।
सावन बीता
बादल का कोप नहीं रीता
जाने कब से वो बरस रहा
ललचाई आँखों से नाहक
जाने कब से तू तरस रहा
मन कहता है, छू ले कदम्ब
फूले कदम्ब फूले कदम्ब।

शब्दार्थ-कदम्ब = एक वृक्ष; कन्दक = गेंद; कोप = क्रोध; रीता = खाली; नाहक = अधिकार रहित; तरस = पाने की ललक।

सन्दर्भ-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘भाषा भारती’ के दो कविताएँ नामक पाठ से ली गई हैं। इस कविता का नाम है ‘फूले कदम्ब’ तथा इसके रचयिता सुप्रसिद्ध कवि नागार्जुन हैं।

प्रसंग-इन पंक्तियों में बरसात के मौसम में प्राकृतिक सौन्दर्य का वर्णन किया गया है।

व्याख्या-कवि कहता है कि वर्षाकाल में जीव-जन्तुओं के साथ-साथ वनस्पतियों में भी मानो नई जान आ गयी है। कदम्ब परिवर्तित मौसम में मदमस्त हो फलने-फूलने लगा है। वृक्ष की असंख्य शाखाओं के हिलने से ऐसा प्रतीत होता है मानो कदम्ब का पेड़ एक गेंद के समान झूल रहा है। अब सावन का माह भी गुजर चुका है, किन्तु ऐसा लगता है कि बादल का गुस्सा अभी भी थमा नहीं है। वह लगातार अपनी पूरी शक्ति से अब भी जल-वर्षा के लिए तैयार खड़ा है।

कवि आगे कहता है कि तू (बादल) बिना किसी अधिकार के, लालच भरी आँखों से जाने कब से उसे (कदम्ब) देखने के लिए तरस रहा है। तेरा मन कहता है कि तू कदम्ब को स्पर्श करके अपनी इच्छा को पूर्ण कर ले। कदम्ब तो फल-फूल रहा है।

दो कविताएँ शब्दकोश

तरस = अभाव का अनुभव, दया पाने की ललक; कन्दुक = गेंद; टहनी = डाली, छोटी शाखा; कोप = क्रोध, गुस्सा; रीता = रिक्त, खाली; ललचाई = लालच से भरी; कदम्ब = एक पेड़; नाहक = बिना हक के, अधिकार रहित; दामिनी = बिजली; दादुर = मेंढक; कण्ठ = गला; पंक = कीचड़; अभिनन्दन = सम्मान; दमक = चमक, कौंध; मेघ = बादल।

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MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 9 भाग्य बड़ा या साहस

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 9 भाग्य बड़ा या साहस

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 9 प्रश्न-अभ्यास

वस्तुनिष्ठ प्रश्न
Bhagya Bada Ya Sahas MP Board Class 7th प्रश्न 1.
(क) सही जोड़ी बनाइए
1. देवी = (क) कीर्ति
2. राज = (ख) घोड़े
3. यश = (ग) धाम
4. हाथी = (घ) पाट
5. काम = (ङ) देवता
उत्तर
1. (ङ), 2. (घ), 3. (क), 4. (ख), 5. (ग)

Mp Board Class 7th Hindi Chapter 9 प्रश्न (ख)
दिए गए शब्दों में से उपयुक्त शब्द चुनकर रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए
1. विक्रमादित्य……………. राजा था। (दानी/कंजूस)
2. विक्रमादित्य……………. से भी जूझ पड़ने का साहस था। (इंद्र/यमराज)
3. सेठ ने राजा……………. रुपए प्रतिदिन पर – नौकर रख लिया। (एक हजार/एक लाख)
4. आप लागों के दर्शन पाकर मैं ……………. हो गया। (धन्य/पानी-पानी)
5. सेठ को दूसरे देशों में ……………. करने के लिए बाहर निकलना पड़ गया। (युद्ध/व्यापार)
उत्तर
1. दानी
2. यमराज
3. एक लाख
4. धन्य
5. व्यापार।

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 9 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 7 Hindi Book Mp Board  प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए

(क)
भाग्य और साहस में किस बात पर झगड़ा हुआ?
उत्तर
भाग्य और साहस में इस बात पर झगड़ा हुआ कि उनमें से बड़ा कौन है।।

(ख)
भाग्य और साहस निर्णय के लिए किसके पास गए?
उत्तर
भाग्य और साहस निर्णन के लिए राजा विक्रमादित्य के पास गए।

(ग)
राजा विक्रमादित्य पराक्रमी में क्या-क्या गुण ये?
उत्तर
राजा विक्रमादित्य पराक्रमी, दानी और साहसी थे।

(घ)
राजा ने सेठ से क्या काम माँगा? उत्तर-राजा ने सेठ से कोई भी काम मांगा। (ङ) भाग्य के कारण राजा के पास क्या-क्या था?
उत्तर
भाग्य के कारण राजा के पास राज्य, महल, सिपाही, और नौकरचाकर थे।

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 9  लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 7th Hindi Chapter Number 9 MP Board प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन से पाँच वाक्यों में लिखिए

(क)
साहस ने अपने को किस तरह बड़ा सिर किया?
उत्तर
साहस ने कहा, “मान लो किसी के भाग्य में लिखा है कि उसे जंगल में अपार धन मिलेगा। अब अगर उस आदमी में साहस होगा, तभी तो वह जंगल में जाएगा। इसका सीधा अर्थ यह हुआ कि साहस भाग्य से बड़ा

(ख)
भाग्य ने अपने को क्यों बड़ा कहा?
उत्तर
भाग्य ने कहा-“सबसे बड़ा मैं हूँ। मैं जब जिसे चाहूँ राजा से रंक बना हूँ और रंक से राजा बना हूँ।” आगे भाग्य ने कहा-कोई कितना ही साहसी क्यों न हो, यदि उसके भाग्य में सुख नहीं है तो उसे साहस के बल पर सुख कदापि नहीं मिल सकता।”

(ग)
राजा एक लाख रुपए किस प्रकार खर्च करता था?
उत्तर
राजा विक्रमादित्य रोज सेठ से एक लाख रुपए लेकर आधा तो गरीब दुखियों को दान कर देता। आधे का आधा करके मंदिर में जाकर देवी-देवताओं को चढ़ा देता। फिर जो आधा बचता, उसमें से आधा बुरे समय के लिए सम्भालकर रख लेता और शेष रुपयों से ठाठ से अपना खर्च चलाया करता।

(घ)
राजा ने भाग्य और साहस में से किसको बड़ा बताया और क्यों?
उत्तर
राजा विक्रमादित्य ने अपनी पूरी कथा सुनाकर फैसला देते हुए कहा, “भाग्य देवता ने मेरे ऊपर बड़ी कृपा की थी। मुझे सेठ ने भाग्य के कारण ही प्रतिदिन एक लाख वेतन पर नौकरी दी किंतु जब जहाज बीच समुद्र में पहुंचा और अटक गया तथा मल्लाहों के धक्का देने पर भी नहीं चला; तब मैंने साहस के साथ धक्का देने का प्रयास किया तो मुझे सफलता मिली।”

(ङ)
राजा ने अपना फैसला सुनाने के लिए कितना समय माँगा और क्यों?
उत्तर
राजा ने अपना फैसला सुनाने के लिए छः महीने का समय माँगा। राजा ने सोचा-यहाँ राजमहल में तो हर प्रकार का सुख है। किसी भी चीज की इच्छा करते ही तुरंत मिल जाती है। यहाँ रहकर न तो भाग्य की परीक्षा हो पाएगी और न साहस की। इसलिए कुछ दिन इस नगर से बाहर निकलकर मुझे घूमने चाहिए-तभी पता चल पाएगा कि भाग्य बड़ा है या साहस।

भाषा की बात

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों का शुद्ध उच्चारण कीजिए
विक्रमादित्य, पृथ्वी, धर्मात्मा, स्तुति, प्रसन्न, स्वागत-सत्कार, सत्यवादी, न्यायी, तनख्वाह।
उत्तर
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों की शुद्ध वर्तनी लिखिए
आग्या, कीरति, राज्यपाट, स्तुती, दरशन, सुवागत, फेसला, परिक्षा, तंदरुस्त।
उत्तर
शब्द – शुद्ध वर्तनी
आग्य = आज्ञा
कीरति = कीर्ति
राज्यपाट = राजपाठ
स्तुती = स्तुति
दरशन = दर्शन
सुवागत = स्वागत
फेसला = फैसला
परिक्षा = परीक्षा
तंदरुस्त = तंदुरुस्त

प्रश्न 6.
(क) निम्नलिखित शब्दों को ध्यानपूर्वक पढ़िए और सोचिए
आदमी, दरबार, मतलब, मिसाल, दलील, हौसला, फैसला, तंदुरुस्त, ताज्जुब, तनख्वाह, कदर, फैसला, आखिर । ये शब्द हिंदी भाषा में अरबी, फारसी भाषाओं से आए हैं। इसी तरह रेल, फोन, स्कूल, टेलीविजन, डॉक्टर आदि शब्द अंग्रेजी भाषा से आए हैं। इस प्रकार के शब्दों को आगत अथवा विदेशी शब्द कहते हैं।

(ख)
हिंदी भाषा में प्रचलित अन्य भाषाओं के दस शब्द लिखिए
उत्तर
1. रिक्शा
2. अफसर
3. डाक्टर
4. हुजूर
5. बाजार
6. मुल्क
7.दीदार
8. जलवा
9. रोशनी
10. चिराग।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यान से पढ़िए और समझिए
“भगवान वामन ने विराट रूप धारण कर लिया। उन्होंने पहले पग में पूरी धरती और दूसरे पग में पूरा आकाश नाप लिया। तीसरे पग के लिए वामन ने और स्थान माँगा, तब राजा बलि ने अपनी पीठ को ही वामन के लिए प्रस्तुत कर दिया। भगवान वामन बलि की दानशीलता से बड़े प्रभावित हुए।”

प्रश्न 8.
कोष्ठक में लिखे कारक चिहों का रिक्त स्थान में सही प्रयोग कीजिए
(ने, के, को, में, से, के लिए)
(क) श्रीराम राजा दशरथ ……… पुत्र थे।
(ख) सैनिक शत्रु ……… लड़ता है।
(ग) शिक्षिका ……… छात्र ………. पाठ पढ़ाया।
(घ) बच्चा आम ………… रो रहा है।
(ङ) पिताजी घर ………….. है।
उत्तर
(क) के, (ख) से, (ग) ने, को, (घ) के लिए, (ङ) में।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित कारक चिहों का प्रयोग कर वाक्य बनाइए
उत्तर
(क) से (के द्वारा) : उसने पैसे से हमारी मदद की।
(ख) से (अलग, पृथकता) : राकेश सुबह ही यहाँ से चला गया।
(ग) के लिए : राम ने सीता के लिए धनुष तोड़ा।
(घ) हे! तुम : यहाँ क्या कर रहे हो?
(ङ) में, पर : हम रात में सफर करेंगे, तुम ठीक समय पर आ जाना।

भाग्य बड़ा या साहस पाठ का परिचय

रचनाकार ने प्रस्तुत पाठ में भाग्य और साहस में प्रतिस्पर्धा दिखाई है। दोनों एक-दूसरे को श्रेष्ठ कहते हैं। बहस के बाद वे इस नतीजे पर पहुँचते हैं कि राजा विक्रमादित्य का जो फैसला होगा, वह उनको मान्य होगा। राजा के पास भी तुरंत कोई जवाब नहीं था इसलिए वह छ: माह का समय माँगता है। राजा सारे सुख त्याग कर दूसरे नगर में पहुँचता है, वहाँ वह एक लाख रु. रोज वेतन पर एक व्यापारी के पास कार्य करता है। एक बार यह पानी में फंसे व्यापारी के जहाज देकर उसे चलने योग्य बनाता है। जब राजा विक्रमादित्य अपने राज्य पहुँचता है तो भाग्य और साहस उसके समीप जाते हैं और दोनों में फिर श्रेष्ठ पूछते हैं। राजा उन्हें बताता है कि साहस और भाग्य एक दूसरे के पूरक हैं न कि प्रतिस्पर्धा।

भाग्य बड़ा या साहस संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्या

1. एक बार की बात………..से बड़ा है। (प्र. 45)
शब्दार्थ-रंक = भिखारी; कदापि = बिल्कुल; अपार = अत्यधिक

संदर्भ-प्रस्तुत काव्य पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘सुगम भारती’ (हिंदी सामान्य) भाग-7 के पाठ-9 ‘भाग्य बड़ा या साहस’ से ली गई हैं।

प्रसंग-इसमें भाग्य और साहस के मध्य तर्क को दिखाया गया है।

व्याख्या-एक बार भाग्य और साहस में इस बात पर बहस छिड़ गई कि कौन श्रेष्ठतम है? यह सिद्ध करने के लिए उन्होंने कई तरह की दलीलें दीं। होते-होते यह बहस लंबी होती चली गई। भाग्य उसकी दलीलों को काटकर स्वयं को बड़ा होने की बात करता। जब वे अपने-अपने तथ्यों से संतुष्ट नहीं हुए तो उन्होंने राजा विक्रमादित्य से फैसला कराने का निर्णय लिया।

विशेष-भाग्य और साहस के मध्य तर्क सफलतापूर्वक दिखाया गया है।

2. इसी तरह……….. का साथ देते है। (पृ. 48-49)

शब्दार्थ- सरका = खिसकना; स्तुति = प्रसंशा

संदर्भ-पूर्ववत्।

प्रसंग-राजा विक्रमादित्य साहस और भाग्य का फैसला करते है।

व्याख्या-एक बार सेठ ने जहाज में माल लदवाया। विक्रमादित्य भी जहाज के साथ हो लिए। अचानक जहाज बीच में रुक गया। हुक्म पाते ही विक्रमादित्य ने जहाज को धक्का देकर चला दिया। राजा वापस अपने राजमहल आ गया। तभी भाग्य और साहस भी आ पहुँचे। राजा ने दोनों से कहा-यदि साहस न हो तो भाग्य भी साथ नहीं देता और भाग्य न हो तो साहस बेकार है। आप दोनों ही समान है। इसके बाद भाग्य और साहस में कभी झगड़ा नहीं हुआ। वे अब बड़े प्रेम से एक-दूसरे का साथ देते हैं।
विशेष-राजा का न्याव उच्चकोटि का दिखाया गया है।

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MP Board Class 12th Biology Solutions Chapter 6 वंशागति का आणविक आधार

MP Board Class 12th Biology Solutions Chapter 6 वंशागति का आणविक आधार

वंशागति का आणविक आधार NCERT प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
निम्न को नाइट्रोजनी क्षार व न्यूक्लियोटाइड के रूप में वर्गीकृत कीजिएएडेनीन, साइटीडीन, थाइमीन, ग्वानोसीन, यूरेसील व साइटोसीन।
उत्तर
MP Board Class 12th Biology Solutions Chapter 6 वंशागति का आणविक आधार 1
नोट-साइटीडीन एक न्यूक्लियोसाइड (Nucleoside) है।

प्रश्न 2.
यदि एक द्विरज्जुक DNA में 20 प्रतिशत साइटोसीन है तो DNA में मिलने वाले ऐडेनीन के प्रतिशत की गणना कीजिए।
उत्तर
इरविन चारगाफ (Erwin Chargaff) ने परीक्षण के आधार पर बताया कि ऐडेनीन व थायमिन तथा ग्वानीन व साइटोसीन के बीच अनुपात स्थिर व एक-दूसरे के बराबर होता है। यदि द्विरज्जुक DNA रज्जुक में नाइट्रोजनी क्षार की संख्या 100 है और इसमें साइसोटीन की मात्रा 20 प्रतिशत है तो ग्वानीन की मात्रा भी 20 प्रतिशत होगी। . साइटोसीन तथा ग्वानीन की कुल मात्रा 20% + 20% = 40% होगी। इसका तात्पर्य यह है कि ऐडेनीन तथा थाइमीन का कुल प्रतिशत 100 – 40 = 60 % होगा। ऐडेनीन तथा थाइमीन की मात्रा बराबर होती है अर्थात् ऐडेनीन 30 प्रतिशत तथा थाइमीन 30 प्रतिशत होगा। अतः उक्त DNA रज्जुक में ऐडेनीन की मात्रा 30 प्रतिशत होगी।

प्रश्न 3.
यदि DNA के एक रज्जुक के अनुक्रम निम्नवत लिखे हैं__5_ATGCATGCATGC ATGCATGCATGCATGC-3′ तो पूरक रज्जुक के अनुक्रमको 5′-3′ दिशा में लिखें।
उत्तर
5′—GCATGCATGCATGCATGCATGCATGCAT-3′

प्रश्न 4.
यदि अनुलेखन इकाई में कूटलेखन रज्जुक के अनुक्रम को निम्नवत लिया गया है. 5′-ATGCATGCATGCATGCATGCATGCATGC-3′ तो दूत RNA के अनुक्रम को लिखें।
उत्तर
यदि कूट लेखन रज्जुक (Coding strand) के अनुक्रम निम्न प्रकार है 5′-ATGCATGCATGCATGCATGCATGCATGC-3′ तो mRNA के अनुक्रम निम्न प्रकार होंगे5′-AUGCAUGCAUGCAUGCAUGCAUGCAUGC-3′

प्रश्न 5.
DNA द्विकुण्डली की कौन-सी विशेषता वाटसन व क्रिक को DNA प्रतिकृति के सेमीकंजर्वेटिव रूप को कल्पित करने में सहयोग किया।
उत्तर
DNA द्विकुण्डली के दोनों रज्जुकों (Strands) का एक-दूसरे के पूरक होना वाटसन व क्रिक को DNA प्रतिकृति के अर्द्ध-संरक्षी (Semi-conservative) स्वरूप को कल्पित करने के लिए महत्वपूर्ण है।

प्रश्न 6.
टेम्पलेट (DNA या RNA) के रासायनिक प्रकृति व इससे (DNA या RNA) संश्लेषित न्यूक्लिक अम्लों की प्रकृति के आधार पर न्यूक्लिक अम्ल पॉलीमरेज के विभिन्न प्रकार की सूची बनाइये।
उत्तर
(1) DNA आधारित DNA पॉलीमरेज एन्जाइम प्रतिकृति के लिए आवश्यक है। यह DNA संश्लेषण के लिए DNA टेम्पलेट (DNA template) का उपयोग करता है।

(2) DNA पर निर्भर RNA पॉलीमरेज (DNA dependent RNA polymerase) जो RNA संश्लेषण के लिए DNA टेम्पलेट का उपयोग करता है। RNA पॉलीमरेज अस्थायी रूप से प्रारम्भन कारक या समापन कारक से जुड़कर अनुलेखन का प्रारंभ व समापने करता है। केन्द्रक में RNA पॉलीमरेज के अतिरिक्त निम्नलिखित तीन प्रकार के पॉलीमरेज मिलते हैं

  • RNA पॉलीमरेज-I यह r-RNA (28 S, 18 S व 5.8S) को अनुलेखित करता है।
  • RNA पॉलीमरेज-II यह t-RNA तथा छोटे केन्द्रकीय RNA का अनुलेखन करता है।
    (स)पॉलीमरेज-III यह m-RNA के पूर्ववर्ती विषमांगी केन्द्रकीय RNA (heterogenous nuclear RNA = hn RNA का अनुलेखन करता है।

प्रश्न 7.
डीएनए आनुवंशिक पदार्थ है, इसे सिद्ध करने हेतु अपने प्रयोग के दौरान हर्षे व चेस ने डीएनए व प्रोटीन के बीच कैसे अंतर स्थापित किया ?
उत्तर
डीएनए आनुवंशिक पदार्थ है इसके बारे में सुस्पष्ट प्रमाण अल्फ्रेड हर्षे व मार्था चेस (1952) के प्रयोगों से प्राप्त हुआ। इन्होंने उन विषाणुओं पर कार्य किया जो जीवाणु को संक्रमित करते हैं जिसे जीवाणुभोजी कहते हैं। जीवाणुभोजी जीवाणु से चिपकते हैं। अपने आनुवंशिक पदार्थ को जीवाणु कोशिका में भेजते हैं। जीवाणु कोशिका विषाणु के आनुवंशिक पदार्थ को अपना समझने लगते हैं जिससे आगे चलकर अधिक विषाणुओं का निर्माण होता है। हर्षे व चेस ने इस बात का पता लगाने के लिए प्रयोग किया कि विषाणु से प्रोटीन या डीएनए ‘निकल कर जीवाणु में प्रवेश करता है।
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उन्होंने कुछ विषाणुओं को ऐसे माध्यम पर पैदा किया जिसमें एक को विकिरण सक्रिय फॉस्फोरस व दूसरे विषाणुओं को विकिरण सक्रिय सल्फर पर वृद्धि किया था। जिस विषाणु को विकिरण सक्रिय फॉस्फोरस की उपस्थिति में पैदा किया उसमें विकिरण सक्रिय डीएनए पाया गया जबकि विकिरण सक्रिय प्रोटीन नहीं था, क्योंकि डीएनए में फॉस्फोरस होता है, प्रोटीन नहीं। ठीक इसी तरह से विषाणु जिसे विकिरण सक्रिय सल्फर की उपस्थिति में पैदा किया गया उनमें विकिरण सक्रिय प्रोटीन पाई गई, डीएनए विकिरण सक्रिय नहीं था, क्योंकि डीएनए में सल्फर नहीं मिलता है।

विकिरण सक्रिय जीवाणुभोजी ई. कोलाई जीवाणु से चिपक जाते है। जैसे संक्रमण आगे बढ़ता है जीवाणु को सम्मिश्रक में हिलाने से विषाणु आवरण अलग हो जाता है। जीवाणुओं को अपकेंद्रकयंत्र में प्रचक्रण कराने से विषाणु कण जीवाणुओं से अलग हो जाते हैं। जो जीवाणु विकिरण सक्रिय डीएनए रखने वाले विषाण से संक्रमित हुए थे, वे विकिरण सक्रिय रहे । इससे स्पष्ट है कि जो पदार्थ विषाणु से जीवाणु में प्रवेश करता है, वह डीएनए है । जो जीवाणु उन विषाणुओं से संक्रमित थे जिनमें विकिरण सक्रिय प्रोटीन था, वे विकिरण सक्रिय नहीं हुए। इससे संकेत मिलता है कि प्रोटीन विषाणु से जीवाणु में प्रवेश नहीं करता है। इस कारण से आनुवंशिक पदार्थ डीएनए ही है जो विषाणु से जीवाणु में जाता है।

प्रश्न 8.
निम्न के बीच अंतर बताइए
(क) पुनरावृत्ति डी.एन.ए. एवं अनुषंगी डी.एन.ए.
(ख) एम.आर.एन.ए. और टी.आर.एन.ए.
(ग) टेम्पलेट रज्जुक और कोडिंग रज्जुक।
उत्तर
(क) पुनरावृत्ति डी.एन.ए. एवं अनुषंगी डी.एन.ए. में अंतर-DNA फिंगर प्रिंटिंग में DNA अनुक्रम में उपस्थित कुछ विशिष्ट स्थानों के बीच भिन्नता का पता लगाते हैं जिसे पुनरावृत्ति DNA कहते हैं। अनुक्रमों में DNA का छोटा भाग कई बार पुनरावृत्ति करता है। इस पुनरावृत्ति DNA को जीनोमिक DNA के ढेर (समूह) से अलग करने के लिए जो शिखर बनाते हैं घनत्व प्रवणता अपकेन्द्रीकरण (Density gradient centrifugation) विधि द्वारा पृथक करते हैं । DNA के ढेर में एक बहुत बड़ा शिखर (Peak) बनता है। जबकि साथ में अन्य छोटे-छोटे शिखर बनते हैं जिसे अनुषंगी डी.एन.ए. (Satellite DNA) कहते हैं।

(ख) एम.आर.एन.ए. तथा टी.आर.एन.ए. में अन्तर-आर.एन.ए. तीन प्रकार के होते हैं उनकी प्रमुख उपयोगिता निम्नानुसार हैं

1. संदेश वाहक आर.एन.ए. (m-RNA)-
ये केन्द्रक में DNA द्विगुणन से बनते हैं तथा इसके सन्देश को न्यूक्लियोटाइडों के विशेष क्रम के रूप में कोशिकाद्रव्य के राइबोसोम तक लाते हैं, जो इन्हीं के अनुसार प्रोटीन का संश्लेषण करता है।

2. स्थानान्तरण आर.एन.ए. (t-RNA)-
ये कोशिकाद्रव्य में पाये जाते हैं तथा m-RNA से छोटे होते हैं। ये कोशिकाद्रव्य से विशिष्ट अमीनो अम्लों को राइबोसोम तक पहुँचाते हैं।

3. राइबोसोमल आर.एन.ए. (r-RNA)-
ये राइबोसोम में पाये जाते हैं, इनका अणुभार बहुत अधिक होता है इसी में m-RNA के अनुसार अमीनो अम्ल जुड़कर प्रोटीन का संश्लेषण राइबोसोम के अन्दर करते हैं।

(ग) टेम्पलेट रज्जुक और कोडिंग रज्जुक में अंतर-DNA द्विकुण्डली रज्जुक होता है। रज्जुक जिसमें ध्रुवत्व 3′ से 5′ (3′ → 5′) की ओर हो यह टेम्पलेट की तरह कार्य करता है इसलिये यह टेम्पलेट रज्जुक कहलाता है। जिस रज्जुक का ध्रुवत्व 5′ से 3′ (5’→ 3′) व अनुक्रम RNA जैसा होता है, अर्थात् थाइमीन के अतिरिक्त इस जगह पर यूरेसील होता है, अनुलेखन के दौरान स्थानांतरित हो जाता है । यह रज्जुक जो किसी भी चीज के लिए कूटलेखन नहीं करता है, कूटलेखन (Coding) रज्जुक कहलाता है। कल्पित टेम्पलेट रज्जुक का अनुक्रम 3′ → ATGCATGCA TGC ATGCATGCATGC—5′ कल्पित कोडिंग रज्जुक अनुक्रम 5’→TAACGTACGTACGTACGTACGTACG-3′

प्रश्न 9.
स्थानान्तरण के दौरान राइबोसोम की दो मुख्य भूमिकाओं की सूची बनाइए।
उत्तर

  • कोशिकीय कारखाना जो प्रोटीन संश्लेषण के लिए आवश्यक है वह राइबोसोम है। अपनी निष्क्रिय अवस्था में यह दो उप-एकको (Sub-unit) से मिलकर बना है। जब छोटा उप-एकक (Sub-unit) मैसेंजर RNA से मिलता है तब मैसेंजर RNA का प्रोटीन में स्थानान्तरण की प्रक्रिया शुरु हो जाती है।
  • पेप्टिक बंध बनने के लिए राइबोसोम उत्प्रेरक का कार्य करता है।

प्रश्न 10.
उस संवर्धन में जहाँ ई. कोलाई वृद्धि कर रहा हो लैक्टोज डालने पर लैक-ओपेरान उत्प्रेरित होता है। तब कभी संवर्धन में लैक्टोज डालने पर लैक ओपेरान कार्य करना क्यों बंद कर देता है ?
उत्तर
लैक्टोज एंजाइम बीट-गैलेक्टोसाइडेज के लिए क्रियाधार का काम करता है जो प्रचालेक की सक्रियता के शुरू या निष्क्रियता समाप्ति को नियमित करता है। इसे प्रेरक कहते हैं। सबसे उपयुक्त कार्बन स्रोतग्लूकोज की अनुपस्थिति में यदि जीवाणु के संवर्धन माध्यम में लैक्टोज डाल दिया जाता है तब परमिएज की क्रिया द्वारा लैक्टोज कोशिका के अंदर अभिगमन करता है। (याद रखो कोशिका में लैक-प्रचालेक की अभिव्यक्ति निम्न स्तर पर हमेशा बनी रहती है अन्यथा लैक्टोज कोशिकाओं के भीतर प्रवेश नहीं कर सकता है)। इसके बाद लैक्टोज प्रचालेक को निम्न ढंग से प्रेरित करता है।
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प्रचालेक का दमनकारी आई (i) जीन द्वारा संश्लेषित (हमेशा उपस्थित रहता है) होता है। दमनकारी प्रोटीन प्रचालेक के प्रचालक स्थल से बंधकर आरएनए पॉलीमरेज को निष्क्रिय कर देता है जिससे प्रचालेक अनुलेखित नहीं हो पाता है। प्रेरक जैसे लैक्टोज (या एलोलैक्टोज) की उपस्थिति में दमनकारी प्रेरक से क्रियाकर निष्क्रियत हो जाता है। इसके फलस्वरूप आर.एन.ए. पॉलीमरेज उन्नायक से बंधकर अनुलेखन की शुरुआत करता है (चित्र) । लैक प्रचालेक के नियमन को इसके क्रियाधार द्वारा एंजाइम के संश्लेषण के रूप में निरूपित किया जा सकता है।

याद रखो लैक-प्रचालेक किए ग्लूकोज या गैलेक्टोज प्रेरक के रूप में कार्य नहीं कर सकता है। दमनकारी m-R.N.A. द्वारा लैक-प्रचालेक के नियमन को ऋणात्मक नियमन (निगेटिव रेगुलेशन) कहते हैं । लैक-प्रचालेक धनात्मक नियमन (पाजिटीव रेगुलेशन) के नियंत्रण में भी होता है।

प्रश्न 11.
निम्न के कार्यों का वर्णन (एक या दो पंक्तियों से) कीजिए
(क) उन्नायक (प्रोमोटर)।
(ख) अंतरण आरएनए (t-RNA)
(ग) एक्जॉन।
उत्तर
(क) उन्नायक (प्रोमोटर)-उन्नायक डीएनए में अनुलेखन ईकाई का एक मुख्य भाग है जो जीन अनुलेखन ईकाई बनाते हैं। संरचनात्मक जीन के 5′- किनारे पर उन्नायक स्थित होता है। अनुलेखन ईकाई में स्थित उन्नायक टेम्पलेट व कूटलेखन रज्जुक का निर्धारण करता है।

(ख) अंतरण आरएनए (t-RNA)-अंतरण आरएनए (t-RNA) अनुलेखन के लिए जिम्मेदार है। अंतरण आरएनए के एक प्रति प्रकूट (एंटीकोडान) फंदा होता है जिसमें कूट के पूरक क्षार मिलते हैं व इसमें एक अमीनों अम्ल स्वीकार्य छोर होता है जिससे यह अमीनो अम्ल से जुड़ जाता है। प्रत्येक अमीनो अम्ल के लिए विशिष्ट अंतरण R.N.A. (t-RNA) होते हैं (चित्र)। प्रारंभन हेतु दूसरा विशिष्ट अंतरण आरएनए होता है जिसे प्रारंभक अंतरण आरएनए कहते हैं। रोध प्रकूट के लिए कोई अंतरण आरएनए नहीं होता है। उपरोक्त चित्र में अंतरण आरएनए की द्वितीयक संरचना दर्शायी गयी है जो तिपतिया (क्लोवर) की पत्ती जैसी दिखाई देती है। वास्तविक संरचना के अनुसार अंतरण आर.एन.ए. सघन अणु है जो उल्टे एल (L) की तरह दिखाई देता है।
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(ग) एक्जॉन-कूटलेखन अनुक्रम या अभिव्यक्त अनुक्रमों को व्यक्तेक (एक्जॉन) कहते हैं। एक्जॉन वे अनुक्रम हैं जो परिपक्व या संसाधित आर एन ए में मिलते हैं। व्यक्तेक, अव्यक्तेक (इंट्रॉन) द्वारा अंतरापित होते हैं। अव्यक्तेक या मध्यवर्ती अनुक्रम परिपक्व या संसाधित आर एन ए में नहीं मिलते हैं।

प्रश्न 12.
मानव जीनोम परियोजना को महापरियोजना क्यों कहा गया ?
उत्तर
मानव जीनोम योजना (एच. जी. पी.) महायोजना (मेगा प्रोजेक्ट) कहलाती है। यदि इस योजना के उद्देश्यों पर ध्यान दें तो इसके विस्तार व आवश्यकता के बारे में कल्पना कर सकते हैं मानव जीनोम में लगभग 3×109 क्षार युग्म मिलते हैं, यदि अनुक्रम जानने के लिए प्रति क्षार तीन अमेरिकन डॉलर (US$3) खर्च होते हैं तो पूरी योजना पर खर्च होने वाली लागत लगभग 9 बिलियन अमेरिकी डॉलर होगा।

प्राप्त अनुक्रमों को टंकणित रूप में किताब में संग्रहित किया जाए तो जिसके प्रत्येक पृष्ठ में 1000 अक्षर हो तो इस प्रकार इस किताब में 1000 पृष्ठ होंगे तब इस तरह से एक मानव कोशिका के डीएनए सूचनाओं को संकलित करने हेतु 3300 किताबों की आवश्यकता होगी। इस प्रकार बड़ी संख्या में आँकड़ों की प्राप्ति के लिए उच्च गतिकीय संगणक साधन की आवश्यकता होती है जिससे आँकड़ों के संग्रह, विश्लेषण व पुन: उपयोग में सहायता मिलती है। एचजीपी के बारे में जानकारी जीव विज्ञान के इस नए क्षेत्र का तेजी से विस्तार से संभव हो पाया जिसे जैव सूचना विज्ञान (बायोइनफार्मेटिक्स) कहते हैं।

एच.जी.पी. के लक्ष्य-

  1. मानव डीएनए में मिलने वाले एच.जी.पी. के कुछ महत्वपूर्ण लक्ष्य निम्नलिखित हैं लगभग 20000- 25000 सभी जीनों के बारे में पता लगाना,
  2. मानव डीएनए को बनाने वाले 3 बिलियन रासायनिक क्षार युग्मों के अनुक्रमों को निर्धारित करना।
  3. उपरोक्त जानकारी को आँकड़ों के रूप में संग्रहित करना
  4. आँकड़ों के विश्लेषण हेतु नयी तकनीक का सुधार करना
  5. योजना द्वारा उठने वाले नैतिक, कानूनी सामाजिक मुद्दों (इ. एल. एस. आई.) के बारे में विचार करना।

मानव जीनोम परियोजना 13 वर्ष की योजना को जिसे अमेरिका ऊर्जा विभाग (यू एस डिपार्टमेंट ऑफ एनर्जी) व राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ) द्वारा सहयोग प्राप्त था। प्रारंभिक वर्षों में वेलकम न्यास (यू.के.) की एचजीपी में भागीदारी थी और बाद में जापान, फ्रांस, जर्मनी, चीन व अन्य देशों द्वारा सहयोग प्रदान किया गया। यह योजना 2003 में पूर्ण हो गई। विभिन्न व्यक्तियों में मिलने वाले डीएनए की विभिन्नता के बारे में प्राप्त जानकारी से मानव में मिलने वाले हजारों अनियमितताओं के बारे में पहचानने, उपचार करने व कुछ हद तक उनके रोकने में सहायता मिली है।

इसके अतिरिक्त, मानव जीव विज्ञान के सुरागों को समझने, अमानवीय जीवों के डीएनए अनुक्रमों की प्राप्त जानकारी के आधार पर उनकी प्राकृतिक क्षमताओं का उपयोग कर स्वास्थ्य सुरक्षा, कृषि, ऊर्जा उत्पादन व पर्यावरण सुधार की दिशा में उठने वाली चुनौतियों को हल किया जा सकता है। कई अमानवीय प्रतिरूप-जीवों जैसे जीवाणु, यीस्ट, केएनोरहेब्डीटीस इलीगेंस (स्वतंत्र अरोगजनक सूत्रकृमि), ड्रॉसोफिला (फलमक्खी), पौधा (धान व एरेबीडाप्सीस) आदि के अनुक्रमों के बारे में जानकारी प्राप्त हुई है।

प्रश्न 13.
DNA अंगुलिछाप (फिंगर प्रिंटिंग) क्या है ? इसकी उपयोगिता पर प्रकाश डालिए।
उत्तर
DNA फिंगर प्रिंटिंग-DNA खण्डों के एन्डोन्यूक्लियेज की सहायता से विदलन द्वारा निश्चित व्यक्ति की पहचान DNA फिंगर प्रिंटिंग कहलाती है। इस तकनीक का आविष्कार एलेक जेफ्रॉय ने 1986 में किया। DNA की संरचना तथा आनुवंशिकता प्रत्येक जीव में विशिष्ट प्रकार की होती है, जो दूसरे व्यक्ति से भिन्नता प्रदर्शित करती है। प्रत्येक जीव का DNA क्रम उसके माता एवं पिता के DNA क्रम का संयोग होता है। इस तकनीक द्वारा किसी व्यक्ति, अपराधी, बलात्कारी और किसी बच्चे के माता-पिता की पहचान की जाती है।

इस तकनीक द्वारा कपड़े पर प्राप्त रक्त के धब्बे भले ही वे वर्षों पुराने हों, की सहायता से अपराधी की पहचान भी की जा सकती है। . भारत वर्ष में इस तकनीक का प्रयोग सर्वप्रथम 1989 में एक विवादास्पद माता-पिता की पहचान के लिए मद्रास में किया गया। DNA फिंगर प्रिंटिंग प्रयोगशाला-Centre for Cell and Molecular Biology (CCMB), हैदराबाद में स्थित है। भारतवर्ष में विवादास्पद जनकों की पहचान एक बहुत बड़ी समस्या है। इनमें से अधिकांश का निपटारा DNA फिंगर प्रिंटिंग द्वारा किया जाता है।

DNA फिंगर प्रिंटिंग तकनीक-

  1. DNA फिंगर प्रिंटिंग के लिए व्यक्ति के शरीर की कोशिका रक्त के धब्बों, बाल की जड़ों एवं वीर्य के धब्बों से DNA को प्राप्त किया जाता है। DNA सैम्पल को एण्डोन्यूक्लियेज प्रकिण्व की सहायता से पचाया जाता है।
  2. इसके बाद DNA को क्षारीय विलयन से उपचारित करके इकहरी श्रृंखला में परिवर्तित किया जाता है।
  3. इसके उपरान्त DNA को बफर संतृप्त फिल्टर-पेपर द्वारा छाना जाता है।
  4. प्राप्त DNA को पेपर टॉवेल के ऊपर रखा जाता है और इसके ऊपर नाइट्रोसेल्युलोज की झिल्ली को रखा जाता है।
  5. इसके ऊपर 0.5 किग्रा. का भार रात भर के लिए रखा जाता है। ऐसा करने से नाइट्रोसेल्युलोज झिल्ली इकहरे DNA अणु को अपने अन्दर बंधित कर लेती है।
  6. नाइट्रोसेल्यूलोज झिल्ली को 8°C पर 2 से 3 घण्टे के लिए रखा जाता है, जिससे DNA झिल्ली पर स्थित हो जाता है। अब इस DNA का रेडियोग्राफ तैयार कर सम्भावित व्यक्ति के DNA के रेडियोग्राफ से मिलाया जाता है और उसकी पहचान की जाती है।

प्रश्न 14.
निम्नलिखित का संक्षिप्त वर्णन कीजिए
(क) अनुलेखन
(ख) बहुरूपता
(ग) स्थानान्तरण
(घ) जैव सूचना विज्ञान।
उत्तर
(क) अनुलेखन (Transcription)–
DNA द्वारा एन्जाइम की उपस्थिति में RNA के संश्लेषण की क्रिया को अनुलेखन कहते हैं। यह क्रिया प्रोटीन संश्लेषण का प्रथम चरण है (दूसरा चरण अनुलिपिकरण होता है।) जो RNA पॉलिमरेज एन्जाइम द्वारा उप्रेरित होता है। अनुलेखन क्रिया निम्नलिखित-पदों में पूरी होती है

(i) DNA समाक्षारों का अनावरण-इस पद में DNA की दोहरी श्रृंखला RNA पॉलिमरेज विकर की उपस्थिति में अकुण्डलित होकर इकहरी होती है, जिससे विशिष्ट स्थान के समाक्षार अनावृत्त हो जाते हैं। अनावृत्त समाक्षारों की श्रृंखला m-RNA के संश्लेषण के लिए साँचे का काम करती है।

(ii) क्षार युग्मन-DNA के खुले विशेष भाग पर राइबोन्यूक्लियोटाइड्स एक निश्चित क्रम में जुड़ने लगते हैं। G के सामने C,C से G,T से A तथा U वाले राइबोन्यूक्लियोटाइडस यथानुसार जुड़ते हैं।

(iii) RNA श्रृंखला का निर्माण-DNA पर नये जुड़े राइबोन्यूक्लियोटाइड्स RNA पॉलिमरेज एन्जाइम .के मदद से आपस में जुड़कर RNA श्रृंखला बना लेते हैं । यह m-RNA, DNA से अलग होकर कोशिकाद्रव्य में पहुँचता है, जहाँ राइबोसोम से जुड़कर विशेष प्रोटीन के निर्माण की क्रिया प्रारम्भ करता है।

(ख) बहुरूपता (Polymorphism)-उत्परिवर्तन के कारण उत्पन्न होती है। किसी व्यक्ति में नये
उत्परिवर्तन उनकी कायिक कोशिकाओं या जनन कोशिकाओं में पैदा होते हैं। विकल्पी अनुक्रम विभिन्नता जिसे परम्परागत रूप से DNA बहुरूपता कहते हैं। मानव जनसंख्या में 0.01 से अधिक आवृत्ति में एक स्थल में असंगति मिलने से होता है। साधारणतया यदि एक वंशागति उत्परिवर्तन जनसंख्या में उच्च आवृत्ति से मिलता है तो इसे DNA बहुरूपता कहते हैं। इस प्रकार की संभावना इन्ट्रान DNA (Intron DNA) अनुक्रम में ज्यादा होती है तथा इन अनुक्रमों में होने वाला उत्परिवर्तन व्यक्ति की प्रजनन क्षमता को प्रभावित नहीं कर पाता है। बहुरूपता विभिन्न प्रकार की होती है। जिसमें एक न्यूक्लियोटाइड में या विस्तृत स्तर पर परिवर्तन होता है। विकास व जाति उद्भवन में उपरोक्त बहुरूपता की बहुत बड़ी भूमिका होती है।

(ग) स्थानान्तरण (Translation)-अनुलिपिकरण (प्रोटीन-संश्लेषण)-प्रोटीन-संश्लेषण के समय विभिन्न अमीनो अम्लों के अणु निश्चित संख्या में, एक निश्चित क्रम में विन्यसित होते हैं। DNA को पॉलिन्यूक्लियोटाइड श्रृंखला में न्यूक्लियोटाइडों का क्रम पॉलिपेप्टाइड श्रृंखला में अमीनो अम्ल के अनुक्रम को निर्धारित करता है। DNA के अनुलेखन द्वारा बने m-RNA में स्थित नाइट्रोजीनस क्षारों का अनुक्रम पॉलिपेप्टाइड श्रृंखला के एक विशिष्ट अमीनो अम्ल को कोडित करता है, इसे त्रिक कोड (Triplet code) कहते हैं | m-RNA में न्यूक्लियोटाइडों की श्रृंखला के अमीनो अम्लों की पॉलिपेप्टाइड श्रृंखला में स्थानान्तरण को अनुलिपिकरण कहते हैं।
यह क्रिया निम्नलिखित चरणों में पूरी होती हैं

  • अमीनो अम्लों का कोशिकाद्रव्य में सक्रियण।
  • सक्रिय अमीनो अम्लों का t-RNA से जुड़ना।
  • m-RNA का राइबोसोम से जुड़ना।
  • पॉलिपेप्टाइड श्रृंखला का प्रारम्भन ।
  • पॉलिपेप्टाइड श्रृंखला का दीर्धीकरण अर्थात् प्रोटीन का निर्माण।
  • श्रृंखला समापन।
  • श्रृंखला का रूपान्तरण।

(घ) जैव सूचना विज्ञान (Bio-information)-यह जीवविज्ञान की एक नई शाखा है । इसके अन्तर्गत मानव आनुवंशिक आंकड़ों का संग्रहण एवं विश्लेषण करता है।

वंशागति का आणविक आधार अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

वंशागति का आणविक आधार वस्तुनिष्ठ प्रश्न

1. सही विकल्प चुनकर लिखिए

प्रश्न  1.
मुक्त अमीनो वर्ग तथा कार्बोक्सिलिक वर्ग वाले यौगिक कहलाते हैं
(a) ग्लूकोज
(b) न्यूक्लियोटाइड
(c) अमीनो अम्ल
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर
(c) अमीनो अम्ल

प्रश्न 2.
ऊर्जा स्थानान्तरण में भाग लेने वाले न्यूक्लियोटाइड हैं
(a) NAD
(b) FAD
(c) FMN
(d) ATP
उत्तर
(d) ATP

प्रश्न 3.
प्रोटीन की इकाई है
(a) वसीय अम्ल
(b) मोनोसैकेराइड्स
(c) अमीनो अम्ल
(d) ग्लिसरॉल।
उत्तर
(c) अमीनो अम्ल

प्रश्न 4.
न्यूक्लिक अम्ल किसके बहुलक हैं
(a) अमीनो अम्ल
(b) न्यूक्लियोसाइड
(c) न्यूक्लियोटाइड
(d) ग्लोब्यूलीन।
उत्तर
(c) न्यूक्लियोटाइड

प्रश्न 5.
पेप्टाइड बॉण्ड पाये जाते हैं
(a) प्रोटीन में
(b) वसा में
(c) न्यूक्लिक अम्ल में
(d) कार्बोहाइड्रेट में।
उत्तर
(a) प्रोटीन में

प्रश्न 6.
ग्लाइकोसाइडिक बन्ध किसमें पाये जाते हैं
(a) न्यूक्लिक अम्ल में
(b) प्रोटीन में
(c) पॉलीसैकेराइड में
(d) मोनोसैकेराइड में।
उत्तर
(c) पॉलीसैकेराइड में

प्रश्न 7.
आनुवंशिकी का नियन्त्रण किसके द्वारा किया जाता है
(a) DNA GRT
(b) RNA द्वारा
(c) प्रायः सभी में DNA द्वारा, लेकिन कुछ जीवों में RNA द्वारा
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर
(c) प्रायः सभी में DNA द्वारा, लेकिन कुछ जीवों में RNA द्वारा

प्रश्न 8.
निम्न में से कौन प्रोटीन नहीं है
(a) मायोसीन
(b) एक्टिन
(c) हीमेटीन
(d) एल्ब्यूमिन।
उत्तर
(c) हीमेटीन

प्रश्न 9.
तत्काल ऊर्जा देने वाला स्रोत है
(a) ग्लूकोज
(b)NADH
(c) ATP
(d) पाइरूविक अम्ल।
उत्तर
(c) ATP

प्रश्न 10.
ATP की खोज किसने की
(a) कार्ल लोमान
(b) लिपमैन
(c) बामैन
(d) ब्लैकमैन।
उत्तर
(a) कार्ल लोमान

प्रश्न 11.
कौन-सा नाइट्रोजीनस क्षार केवल RNA में पाया जाता है
(a) सायटोसीन
(b) एडिनीन
(c) यूरेसिल
(d) ग्वानीन
उत्तर
(c) यूरेसिल

प्रश्न 12.
कोशिका के अन्दर सर्वाधिक भिन्नता प्रदर्शित करने वाले अणु हैं
(a) खनिज लवण
(b) लिपिड्स
(c) प्रोटीन्स
(d) कार्बोहाइड्रेट
उत्तर
(c) प्रोटीन्स

प्रश्न 13.
DNA के डबल हेलिकल संरचना को प्रतिपादित करने वाले वैज्ञानिक थे
(a) नीरेनबर्ग
(b) कोर्नबर्ग
(c) हॉली एवं नीरेनबर्ग
(d) वाट्सन एवं क्रिक।
उत्तर
(d) वाट्सन एवं क्रिक।

प्रश्न 14.
पौधों के लिए खास महत्व नहीं रखने वाला तत्व है.
(a) Ca
(b) Zn
(c) Cu
(d)Na.
उत्तर
(d)Na.

प्रश्न 15.
DNA के एक चक्र में न्यूक्लियोटाइड्स पाये जाते हैं
(a) 9
(b) 10
(c) 11
(d) 12
उत्तर
(b) 10

प्रश्न 16.
निम्न में से कौन-सा सूक्ष्म खनिज होता है
(a)Ca
(b)N
(c)Mg
(d) Mn.
उत्तर
(d) Mn.

प्रश्न 17.
DNA एवं RNA में समानता पायी जाती है
(a) दोनों में एक प्रकार का पिरीमिडीन पाया जाता है
(b) दोनों में थायमिन होता है
(c) दोनों में एक प्रकार की शर्करा पायी जाती है
(d) दोनों न्यूक्लियोटाइड्स के पॉलीमर होते हैं।
उत्तर
(d) दोनों न्यूक्लियोटाइड्स के पॉलीमर होते हैं।

प्रश्न 18.
कोलेस्ट्रॉल है एक
(a) सरल लिपिड्स
(b) जटिल लिपिड्स
(c) व्युत्पन्न लिपिड्स
(d) प्रोटीन।
उत्तर
(c) व्युत्पन्न लिपिड्स

2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

1. जीन्स या पॉलीन्यूक्लियोटाइड श्रृंखलाओं में काट-छाँट को …………….. कहते हैं।
2. आनुवंशिक अभियांत्रिकी द्वारा …………….. में परिवर्तन किया जा सकता है।
3. U.A.A. U.A.G. एवं U.G.A……………… कोडॉन होते हैं।
4. …………… त्रिक, सार्वजनिक एवं असंदिग्ध होते हैं।
5. D.N.A. की सूचना का अनुलेखन …………….. के रूप में होता है।
6. अनुलेखन में भाग लेने वाले एन्जाइम का नाम …………….. है।
उत्तर

  1. आनुवंशिक अभियांत्रिकी
  2. जीवों के लक्षणों
  3. समापन
  4. कोडॉन
  5. m-R.N.A
  6. RNA पॉलिमरेज।

3. सही जोड़ी बनाइए

I. ‘A’ – ‘B’

1. अनियंत्रित कोशिका विभाजन की प्रेरणा – (a) ट्रांस जीन
2. आवश्यकता पड़ने पर ही अभिव्यक्ति – (b) हाउसकीपिंग जीन
3. कोशिकीय क्रियाशीलता हेतु आवश्यक – (c) आन्कोजीन
4. आनुवंशिक अभियांत्रिकी द्वारा दूसरे – (d) ऑपरेटर जीन जीनोम में प्रविष्टि
5. DNA में संरचनात्मक जीन्स की क्रिया – (e) साइलेंट जीन। शीलता का नियंत्रण
6. एक जीन एक एन्जाइम सिद्धांत – (f) बीडल-टैटम।
उत्तर
1.(c), 2. (e), 3. (b), 4. (a), 5. (d), 6. (f)

II. ‘A’ – ‘B’

1. इंसुलिन – (a) डी. एन. ए. में सकारात्मक परिवर्तन
2 जीन बैंक – (b) मानव जीनोम प्रायोजना
3. जीन अभियांत्रिकी – जीन अभियांत्रिकी
4. जीनोमिकी – (d) ज्ञात D.N.A. संरक्षण।
उत्तर
1.(c), 2. (d), 3.(a), 4. (b).

III. ‘A’ – ‘B’

1. म्यूटेशन – (a) लिंग सहलग्नता
2. हीमोफिलिया – (b) होलेन्ड्रिक जीन
3. गंजापन – (c) डी ब्रीज
4. लिंग गुणसूत्र – (d) 44 गुणसूत्र
5. ऑटोसोम – (e) X तथा Y.
उत्तर
1.(c), 2.(a), 3. (b), 4.(e),5. (d)

4. एक शब्द में उत्तर दीजिए

1. जीन्स का वह.खण्ड जो कोडित नहीं होता।
2. उस विषाणुभोजी का नाम बताइये जिसमें जीन्स ओवरलैपिंग होते हैं।
3. ऐसा रोग, जो अनियंत्रित कोशिका विभाजन के कारण होता है।
4. RNA द्वारा DNA बनाने की क्रिया।
5. प्रथमतः प्रयोगशाला में कृत्रिम जीन बनाने वाले वैज्ञानिक का नाम लिखिए।
6. जीन नियमन के संबंध में जैकब तथा मोनोड द्वारा प्रतिपादित मॉडल।
7. DNA के दोनों स्ट्रैण्ड्स के अलग होने की प्रक्रिया।
8. पॉलीपेप्टाइड श्रृंखला का समारम्भन करने वाला अमीनो अम्ल।
9. उस रासायनिक पदार्थ का नाम बतलाइये जिसकी सहायता से आनुवंशिक सूचना
पीढ़ी-दर-पीढ़ी जाती है।
10. रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन की खोज करने वाले वैज्ञानिक का नाम लिखिए।
11. वह न्यूक्लिक अम्ल जिसमें राइबोज शुगर पाया जाता है।
12. DNA द्विगुणन के पूर्व बनने वाला RNA का छोटा खण्ड।
13. एक जीन एक एन्जाइम सिद्धान्त का प्रतिपादन किसने किया।
14. ऐसा सूक्ष्मजीव, जो अपनी वृद्धि के लिए एक अथवा एक से अधिक उपापचयी क्रियाएँ नहीं बना सकते।
15. उस वैज्ञानिक का नाम बतलायें जिन्होंने मेंडेलियन कारकों को जीन कहा।
16. DNA का खण्ड जो एक पॉलीपेप्टाइड का संश्लेषण करता है।
17. प्रोटीन संश्लेषण के समय अमीनो अम्लों को ढोने वाला RNA
18. एन्जाइम के समान कार्य करने वाले RNA
19. mRNA पर पाये जाने वाले न्यूक्लियोटाइड्स के त्रियक समूह जो एक अमीनो अम्ल को कोडित करता है।
20. मिथियोनिन को कोडित करने वाला कोडॉन।
उत्तर

  1. इन्ट्रॉन
  2. φ x 174
  3. कैंसर
  4. रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन
  5. एच. जी. खुराना
  6. ओपेरॉन मॉडल
  7. डिनेचुरेशन
  8. मिथियोनीन
  9. DNA
  10. टेमिन तथा बाल्टीमोर
  11. RNA
  12. RNA प्राइमर
  13. बीडल एवं टैटम
  14. ऑक्जोट्रॉफ
  15. जोहानसन
  16. सिस्ट्रॉन
  17. tRNA
  18. राइबोजाइम
  19. कोडॉन
  20. AUG.

वंशागति का आणविक आधार अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
रेगुलेटर, प्रमोटर, ऑपरेटर तथा संरचनात्मक जीनों को एक साथ क्या कहते हैं ?
उत्तर
ओपेरॉन।

प्रश्न 2.
जब किसी जीव में इच्छित जीन को प्रवेश करा दिया जाता है तो इसे क्या कहते हैं ?
उत्तर
ट्रान्सजीनिक जीव।

प्रश्न 3.
आनुवंशिक रूप से समान कोशिकाओं अथवा जीवों का समूह क्या कहलाता है ?
उत्तर
क्लोन।

प्रश्न 4.
D.N.A. में संचित सूचना के संचरण तथा फिर से प्रकट होने एवं लक्षणों के बनने को क्या कहते हैं?
उत्तर
जीन अभिव्यक्ति।

प्रश्न 5.
RNA के शर्करा का नाम लिखिए।
उत्तर
राइबोज शर्करा।

प्रश्न 6.
AUG कौन-सा कोडॉन है ?
उत्तर
प्रारंभन कोडॉन।

प्रश्न 7.
अनुलेखन में भाग लेने वाले एन्जाइम का क्या नाम है ?
उत्तर
RNA पॉलीमरेज।

प्रश्न 8.
D.N.A. आनुवांशिक पदार्थ है। इसके बारे में सुस्पष्ट प्रमाण किसने दिये ?
उत्तर
अल्फ्रेड हर्षे व मार्था चेस ने।

प्रश्न 9.
D.N.A. में शर्करा एवं फॉस्फोरिक अम्ल के मिलने से कौन-सा बंध बनता है ?
उत्तर
फास्फोडाइएस्टर बंध।

प्रश्न 10.
ऐसे खण्डों का नाम बताइये जो hn RNA से RNA स्प्लाइसिम के द्वारा काटकर अलग कर देते हैं ?
उत्तर
इन्ट्रॉन (Intron)

प्रश्न 11.
उस एंजाइम का नाम बताइये जो अनुलेखन में सहायता करता है।
उत्तर
RNA पॉलीमरेज विकर।

प्रश्न 12.
जीन अभिव्यक्ति के नियमन की ओपेरॉन अवधारणा किन वैज्ञानिकों ने दी ?
उत्तर
जैकब व मोनाड।

प्रश्न 13.
आनुवंशिक कूट में कोमारहित से क्या तात्पर्य है?
उत्तर
दो कोडान के बीच विराम नहीं होता।

प्रश्न 14.
Sn RNP का पूर्ण नाम बताइये।
उत्तर
लघुकेन्द्रकीय राइबोन्यूक्लियो प्रोटीन (Small nuclear ribonucleo protein)।

वंशागति का आणविक आधार लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
जेनेटिक कोड क्या है ? इसकी खोज के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर
m-RNA में उपस्थित तीन न्यूक्लियोटाइडों के अनुक्रम को जो प्रोटीन अणुओं को कोड करते हैं, आनुवंशिक कोड कहते हैं। सन् 1950 में नरेनबर्ग ने सर्वप्रथम जेनेटिक कोड के ट्रिपलेट की खोज की। इन्होंने एक ऐसे RNA का संश्लेषण किया जिसमें ‘U’ बेस था। इसे इन्होंने पॉलियूरेसिल कहा। जब इन्होंने इसको ऐसे सम्वर्धन माध्यम में रखा जिसमें प्रोटीन संश्लेषण के लिए आवश्यक अवयव थे, तब इनसे प्रोटीन अवयव प्राप्त हुए।

प्रश्न 2.
ऑन्कोजीन्स (Oncogenes), साइलेंट जीन्स (Silent genes) व हॉउस कीपिंग जीन्स (House keeping genes) क्या हैं ?
उत्तर
ऑन्कोजीन्स (Oncogenes)-कुछ विषाणुवीय जीन अनियन्त्रित समसूत्री कोशिका विभाजन को प्रेरित करके पोषक कोशिकाओं में कैंसर पैदा करते हैं, जिन्हें ऑन्कोजीन्स कहते हैं।
साइलेण्ट जीन्स (Silent genes)-वे जीन्स हैं, जो अपनी अभिव्यक्ति को प्रदर्शित नहीं करते। इनकी अभिव्यक्ति आवश्यकता पड़ने पर होती है। . हॉउस कीपिंग जीन्स (House keeping genes)-ऐसे जीन्स जिनकी आवश्यकता कोशिकीय उत्पादों के निर्माण में होती है तथा ये कोशिकीय क्रियाशीलता के लिए आवश्यक होते हैं, इन्हें हॉउस कीपिंग जीन्स कहते

प्रश्न 3.
ओकाजाकी खण्ड तथा सतत् श्रृंखला (लीडिंग स्ट्रैण्ड) किसे कहते हैं ?
उत्तर

  • ओकाजाकी खण्ड-
    DNA प्रतिकृतिकरण के क्रम में हमेशा नये DNA अणु का संश्लेषण 5’3′ दिशा में होता है। इसके कारण पैतृक DNA के 3-5′ शृंखला पर बार-बार RNA प्राइमर की मदद से पूरक DNA के छोटे-छोटे खण्ड बनते हैं। इन खण्डों को ओकाजाकी खण्ड कहते हैं।
  • सतत् श्रृंखला-
    DNA के टेम्पलेट का प्रथम स्ट्रैण्ड जिस पर DNA का निर्माण सतत् स्टैण्ड (Continuous strand) के रूप में होता है, इसे लीडिंग स्ट्रैण्ड (Leading strand) कहते हैं, क्योंकि इसका निर्माण निरन्तर रूप से तथा पहले होता है।

प्रश्न 4.
DNA न्यूक्लियोटाइड कौन-से अणुओं से मिलकर बनते हैं ?
उत्तर
DNA के न्यूक्लियोटाइडों के घटक अणु| न्यूक्लियोटाइड
MP Board Class 12th Biology Solutions Chapter 6 वंशागति का आणविक आधार 5

प्रश्न 5.
पेप्टाइड बन्ध किसे कहते हैं ?
उत्तर
एक अमीनो अम्ल का अमीनो समूह दूसरे अमीनो अम्ल के कार्बोक्सिलिक समूह से मिलकर जल एक अणु को विमुक्त करता है तथा एक बन्ध बनाता है, जिसे पेप्टाइड बन्ध कहते हैं। बहुत से अमीनो अम्ल इसी बन्ध के द्वारा जुड़कर पॉलिपेप्टाइड अर्थात् प्रोटीन का संश्लेषण करते हैंMP Board Class 12th Biology Solutions Chapter 6 वंशागति का आणविक आधार 6

प्रश्न 6.
वाटसन एवं क्रिक के DNA मॉडल का विवरण दीजिए।
उत्तर
DNA संरचना की खोज वाटसन एवं क्रिक ने किया था। उनके अनुसार DNA अणु दो कुण्डलित पॉलिन्यूक्लियोटाइड शृंखलाओं का बना होता है। दोनों श्रृंखलाएँ आपस में नाइट्रोजनी क्षारकों द्वारा जुड़ी रहती हैं। कुण्डलित श्रृंखला के स्तम्भ न्यूक्लियोटाइड के शर्करा तथा फॉस्फेट समूहों के बने होते हैं। इसमें दो प्रकार के क्षारक पाये जाते हैं-प्यूरीन तथा पिरिमिडिन तथा दोनों लगभग बराबर मात्रा में होते हैं।
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प्रश्न 7.
आर. एन. ए. प्राइमर क्या है तथा यह DNA के निर्माण । में क्यों आवश्यक है ?
उत्तर
आर. एन. ए. प्राइमर एन्जाइम होता है, जो DNA के निर्माण के समारंभन के लिए आवश्यकत होता है। यह एन्जाइम एक छोटी पॉलिपेप्टाइड श्रृंखला का प्रोटीन अणु होता है। इसका निर्माण DNA टेम्पलेट पर द्विगुणन के प्रारम्भ बिन्दु पर प्राइमेज (Primase) नामक प्रकीण्व की सक्रियता से होता है।

DNA के निर्माण के प्रारम्भ हेतु एक आर. एन. ए. प्राइमर की आवश्यकता पड़ती है। यह समारंभन बिन्दु पर बनता है। RNA प्राइमर के अन्तिम राइबोन्यूक्लियोटाइड से DNA के टेम्पलेट स्ट्रैण्ड पर DNA पॉलिमरेज-III एन्जाइम द्वारा नये-नये सम्पूरक न्यूक्लियोटाइड्स 5′–3′ रेखा में जुड़ते जाते हैं।

प्रश्न 8.
कोडॉन एवं ऐण्टिकोडॉन को परिभाषित कीजिए।
उत्तर
कोडॉन (Codon)-कोडॉन m-RNA में स्थित नाइट्रोजन क्षारकों का एक त्रिक (ट्रिप्लेट) क्रम होता है, जो DNA अणु से प्रतिकृत होता है तथा एक विशिष्ट अमीनो अम्ल को कोड करता है। जैसेm-RNA पर स्थित AUG कोडॉन मिथियोनिन नामक अमीनो अम्ल को कोड करता है।

ऐण्टिकोडॉन (Anticodon)-ट्रांसफर RNA के ऐण्टिकोडॉन लूप पर स्थित तीन नाइट्रोजनी क्षारकों का वह विशिष्ट क्रम, जो प्रोटीन संश्लेषण के क्रम में विशिष्ट अमीनो अम्ल को संश्लेषण स्थल अर्थात् राइबोसोम तक ले जाने वाले t-RNA द्वारा m-RNA के कोडॉन से बन्ध बनाता है । जैस-m-RNA के AUG कोडॉन हेतु मिथियोनिन नामक अमीनो अम्ल वाहक t-RNA के ऐण्टिकोडॉन लूप पर UAC नामक ऐण्टिकोडॉन होता है।

वंशागति का आणविक आधार दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
DNA द्विगुणन को समझाइए।
उत्तर
DNA की श्रृंखला अपने ही समान दूसरी श्रृंखला बना सकती है, DNA की इसी क्रिया को DNA द्विगुणन कहते हैं । वाटसन एवं क्रिक के अनुसार द्विगुणन के समय DNA की दोनों शृंखलाओं के क्षारों के हाइड्रोजन DNA Molecule बन्ध टूट जाते हैं फलतः दोनों श्रृंखलाएँ अलग हो जाती हैं।
MP Board Class 12th Biology Solutions Chapter 6 वंशागति का आणविक आधार 8
प्रत्येक कोशिका के कोशिकाद्रव्य तथा केन्द्रक में स्वतन्त्र न्यूक्लियोटाइड्स पाये जाते हैं, ये New DNA की इकहरी श्रृंखला के न्यूक्लियोटाइड के साथ जोड़ी बना देते हैं, स्वतन्त्र ऐडीनीन न्यूक्लियोटाइड, खुली श्रृंखला के थायमीन न्यूक्लियोटाइड और ग्वानीन, साइटोसिन न्यूक्लियोटाइड से जुड़ते हैं। इसके बाद शर्करा अणु अपने फॉस्फेट घटक से जुड़कर खुली शृंखला के ही समान नई श्रृंखला बना देते हैं। इस प्रकार प्रत्येक खुली श्रृंखला पुनः नया कुण्डलित DNA बना देती है।

प्रश्न 2.
केन्द्रकीय अम्लों के कार्यों की विवेचना कीजिए।
अथवा
केन्द्रकीय अम्लों की उपयोगिता समझाइए।
उत्तर
केन्द्रकीय अम्ल हमारे लिए बहुत अधिक उपयोगी होते हैं, उनके प्रमुख उपयोग निम्नलिखित हैं

  • ये आनुवंशिक गुणों की इकाई की तरह कार्य करते हैं। पादप विषाणुओं में जिनके आनुवंशिक गुणों का वहन RNA द्वारा होता है। शेष का DNA द्वारा होता है।।
  • ये प्रकीण्वों (प्रोटीन) का निर्माण करते हैं।
  • ये प्रोटीन संश्लेषण के द्वारा शरीर की उपापचयी क्रियाओं का नियन्त्रण करते हैं ।
  • ये गुणसूत्रों का निर्माण करते हैं।
  • RNA वृद्धि की तीव्रता को बढ़ाता है।
  • ये जीवों में उत्परिवर्तन तथा जैव-विकास के लिए जिम्मेदार होते हैं।

प्रश्न 3.
आर.एन.ए. की संरचना को समझाइए।
उत्तर
RNA वह नाभिकीय अम्ल है जो पॉलीराइबोन्यूक्लियोटाइड की इकहरी श्रृंखला का बना होता है। राइबोन्यूक्लियोटाइड के निर्माण के समय ऐडीनीन, ग्वानीन, साइटोसिन तथा यूरेसिल में से कोई एक क्षारक राइबोज शर्करा से जुड़कर चार प्रकार के राइबोन्यूक्लियोसाइडों का निर्माण करता है, जो फॉस्फोरिक अम्ल से फॉस्फेट लेकर चार प्रकार के न्यूक्लियोटाइड बनाते हैं। ये न्यूक्लियोटाइड आपस में जुड़कर पॉलीराइबोन्यूक्लियोटाइड श्रृंखला बना देते हैं। यही शृंखला RNA होती है RNA बनने वाले चारों प्रकार के न्यूक्लियोसाइड तथा न्यूक्लियोटाइड निम्नलिखित
MP Board Class 12th Biology Solutions Chapter 6 वंशागति का आणविक आधार 9

प्रश्न 4.
RNA के तीन प्रकारों के नाम एवं उनकी संक्षेप में उपयोगिता लिखिए।
उत्तर
आर.एन.ए. तीन प्रकार के होते हैं उनकी प्रमुख उपयोगिता निम्नानुसार हैं

1. संदेश वाहक आर.एन.ए. (m-RNA)-
ये केन्द्रक में DNA द्विगुणन से बनते हैं तथा इसके सन्देश को न्यूक्लियोटाइडों के विशेष क्रम के रूप में कोशिकाद्रव्य के राइबोसोम तक लाते हैं, जो इन्हीं के अनुसार प्रोटीन का संश्लेषण करता है।

2. स्थानान्तरण आर.एन.ए. (t-RNA)-
ये कोशिकाद्रव्य में पाये जाते हैं तथा m-RNA से छोटे होते हैं। ये कोशिकाद्रव्य से विशिष्ट अमीनो अम्लों को राइबोसोम तक पहुँचाते हैं।

3. राइबोसोमल आर.एन.ए. (r-RNA)-
ये राइबोसोम में पाये जाते हैं, इनका अणुभार बहुत अधिक होता है इसी में m-RNA के अनुसार अमीनो अम्ल जुड़कर प्रोटीन का संश्लेषण राइबोसोम के अन्दर करते हैं।

प्रश्न 5.
न्यूक्लियोटाइडों की संरचना का वर्णन कीजिए।
उत्तर
ये एक छोटे एवं जटिल अणुओं के समूह हैं, जो कोशिका में सूचना स्थानान्तरण प्रक्रिया का महत्वपूर्ण कार्य करते हैं । ये नाभिकीय अम्ल की मूल इकाई है। ये कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन एवं फॉस्फोरस से मिलकर बने होते हैं। प्रत्येक न्यूक्लियोटाइड में एक अणु नाइट्रोजन युक्त विषम चक्रीय क्षार, एक पेण्टोज शर्करा तथा एक से तीन फॉस्फेट समूह के बने होते हैं।
न्यूक्लियोटाइड में पाये जाने वाले नाइट्रोजन युक्त क्षार दो प्रकार के होते हैं

  • प्यूरीन-दो रिंग वाले जैसे-ऐडीनीन तथा ग्वानीन (Adenine and Guanine)
  • पिरिमिडीन-एक रिंग वाले जैसे-साइटोसीन, थायमीन तथा यूरेसिल (Cytocine, Thymine and Uracil)

न्यूक्लियोटाइड के पेण्टोज शर्करा भी दो प्रकार के होते हैं

  • राइबोज शर्करा-CH2OH.(CHOH)2CHOH.CHO
  • डी-ऑक्सीराइबोज शर्करा-CH2OH.(CHOH)2CH CHO

न्यूक्लियोटाइड निर्माण के समय पाँच प्रकार के नाइट्रोजनी क्षार, राइबोज या डी-ऑक्सीराइबोज शर्करा से मिलकर न्यूक्लियोटाइड बनाते हैं। न्यूक्लियोटाइड से फॉस्फोरस अम्ल के अणु मिलकर न्यूक्लियोटाइड बना देते हैं। पाँच प्रकार के नाइट्रोजनी क्षारों के आधार पर बने न्यूक्लियोसाइड तथा न्यूक्लियोटाइड निम्नानुसार हैं
MP Board Class 12th Biology Solutions Chapter 6 वंशागति का आणविक आधार 10
राइबोज तथा डी-ऑक्सीराइबोज शर्करा के आधार पर इनमें नाम जोड़ देते हैं । इस प्रकार कुल चार प्रकार के न्यूक्लियोटाइड राइबोज शर्करा वाले तथा चार प्रकार के डी-ऑक्सीराइबोज शर्करा बाले बनते हैं।

प्रश्न 6.
न्यूक्लियोटाइडों के कार्य लिखिए।
उत्तर
न्यूक्लियोटाइडों के कार्य-

  • विभिन्न प्रकार के न्यूक्लियोटाइड बहुलीकरण द्वारा नाभिकीय अम्लों (RNA एवं DNA) का निर्माण करते हैं, जो आनुवंशिक पदार्थ के रूप में कार्य करते हैं।
  • न्यूक्लियोटाइड विशेष क्रम (कोडॉन) के रूप में प्रोटीन संश्लेषण की सूचना का संचरण करते हैं।
  • ये फॉस्फेट बन्ध (ATP) के रूप में ऊर्जा का संचय तथा संवहन करते हैं।
  • कुछ न्यूक्लियोटाइड सह-एन्जाइम जैसे-NAD, NADP, FMN, FAD इत्यादि के रूप में कार्य करते हैं।
  • कुछ न्यूक्लियोटाइड विटामिन (जैसे-राइबोफ्लेविन)के रूप में कार्य करते हैं।
  • कुछ न्यूक्लियोटाइड कोशिकाओं जैसे-राइबोसोम, माइटोकॉण्ड्रिया, हरितलवक आदि के निर्माण में भाग लेते हैं।
  • न्यूक्लियोटाइड हमारे शरीर की विविध क्रियाओं का नियन्त्रण करते हैं।

प्रश्न 7.
जेनेटिक कोड के प्रमुख लक्षण लिखिए।
उत्तर
जेनेटिक कोड के प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं

  1. ट्रिपलेट कोड-प्रत्येक आनुवंशिक कोड तीन नाइट्रोजीनस क्षारकों के समूह का बना होता है अतः प्रत्येक अमीनो अम्ल के लिए क्षार समूह का बना एक कोड आवश्यक होता है।
  2. प्रारंभिक सिगनल-पॉलिपेप्टाइड श्रृंखला के निर्माण का प्रारंभ m-RNA पर पाये जाने वाले AUG या ‘GUG कोडॉन में होता है ये क्रमश: मिथियोनिन तथा वैलिन अमीनो अम्लों को कोड करते हैं।
  3. रूकावट सिगनल-प्रत्येक पॉलिपेप्टाइड श्रृंखला की लंबाई निश्चित होती है, अतः शृंखला का निर्माण के बाद की क्रिया का समापन आवश्यक होता है | m-RNA पर पाये जाने वाले तीन कोडॉन UAA, UAG तथा UGA किसी भी अमीनो अम्ल को कोड नहीं करते। ये श्रृंखला निर्माण की क्रिया को रोकते हैं । अत: उन्हें मैनरिंग कोडॉन कहते हैं।
  4. एक कोडॉन हमेशा एक ही अमीनो अम्ल को कोड करता है दूसरे को नहीं।

प्रश्न 8.
जेनेटिक कोड की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर
जेनेटिक कोड m-RNA में स्थित नाइट्रोजनी बेस का ट्रिपलेट हैं, जो DNA अणु से प्रतिकृत होता है एवं विशिष्ट अमीनो अम्ल को कोड करता है। यह प्रोटीन अणुओं के संश्लेषण के दौरान अमीनो अम्लों को जोड़ने की सूचना को निहित रखता है।

(Special Features of Genetic Code)
(1) यह ट्रिपलेट कोड है-कोडॉन विशिष्ट क्रम में व्यवस्थित m-RNA के तीन नाइट्रोजनी बेस क्रम का होता है।

(2) कोड कोमाविहीन होता है-दो कोडॉन के बीच विराम नहीं होता है या दो संलग्न कोडॉन के बीच कोई रिक्त स्थान नहीं होता है।

(3) कोड अपह्रासित होता है-कोड तथा अमीनो अम्ल के बीच आनुपातिक सम्बन्ध होता है, यह जेनेटिक कोड अपह्रास (Degeneracy of code) कहलाता है। यह अपह्रास 3 सिरे पर उपस्थित नाइट्रोजन बेस में होता है। एक अमीनो अम्ल के लिए एक से अधिक कोड होते हैं। जैसे-सिरीन के लिए तीन कोड UCU, UCA, AGU

(4) कोड सार्वत्रिक होता है-जन्तु, पादप, जीवाणु, वाइरस सभी में एक ही प्रकार का जेनेटिक कोड होता है। यदि सिरीन के लिए UCU कोड है, तो सभी जीवों में सिरीन के लिए UCU ही कोड होगा।

(5) कोड संदिग्धता-कोशिकीय माध्यम में आनुवंशिक कोड की स्थिति असंदिग्ध होती है, क्योंकि एक विशिष्ट कोडॉन हमेशा एक अमीनो अम्ल को कोड करता है, किन्तु असामान्य परिस्थितियों में कुछ कोडॉन अलग-अलग अमीनो अम्लों को कोड करते हैं।

(6) प्रारम्भन कोडॉन एवं समापन कोडॉन-कुछ कोडॉन पॉलिपेप्टाइड श्रृंखला का प्रारम्भन तथा कुछ समापन करते हैं । इन्हें क्रमशः प्रारम्भन तथा समापन कोडॉन कहते हैं । सामान्यत: AUG ही प्रारम्भन कोडॉन के रूप में होता है, जबकि UAA, UGA तथा UAG समापन कोडॉन का कार्य करते हैं।

प्रश्न 9.
जीन संकल्पना की प्रमुख पाँच विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर
जीन संकल्पना को सटन (Sutton), ब्रिजेस (Bridges), मुलर (Muller) तथा मार्गन (Morgan) ने प्रतिपादित किया था, जिनके अनुसार जीन्स में निम्न विशेषताएँ होती हैं

  • ये गुणसूत्रों में स्थित होते हैं।
  • ये जीवों के फिजियोलॉजिकल लक्षणे का निर्धारण करते हैं
  • ये विशिष्ट लक्षणों (Specific characters) वाली क्रियात्मक इकाई (Functional units) कहलाते हैं।
  • इनमें स्वयं के अनुलिपीकरण (Self transcription) करने की क्षमता होती है।
  • इनमें उत्परिवर्तन (Mutation) होता है।
  • ये एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जनकों द्वारा पहुँचती है।

प्रश्न 10.
जीन अभिव्यक्ति किसे कहते हैं ? जीवाणुओं में जीन अभिव्यक्ति की दो विधियाँ लिखिए।
उत्तर
आनुवंशिकता के दौरान DNA में संचित सूचना के एक पीढ़ी से दूसरे पीढ़ी में संचरित होने तथा फिर से प्रकट होने एवं पैतृक लक्षणों के पुनः बनने को जीन अभिव्यक्ति या जीन भावाभिव्यक्ति कहते हैं।
जीवाणु में जीन अभिव्यक्ति की दो प्रमुख विधियाँ निम्नानुसार हैं

  • ट्रान्सडक्शन-इस विधि में जीवाणु DNA जीवाणुभोजी द्वारा स्थानान्तरित होकर सन्ततियों में पहुँचता है और अपनी अभिव्यक्ति करता है।
  • ट्रान्सफॉर्मेशन-इस विधि में एक जीवाणु DNA, दूसरे जीवाणु DNA को अपने अन्दर सम्मिलित कर इसे सन्ततियों में स्थानान्तरित करता है।

प्रश्न 11.
DNA प्रतिकृतिकरण में प्रूफ रीडिंग एवं मरम्मत की विधि का वर्णन कीजिए।
उत्तर
DNA का क्षारक युग्मन विशिष्ट प्रकार का होता है, जिसमें ऐडीनीन (A) हमेशा थायमीन (T) के साथ तथा सायटोसीन (C) हमेशा ग्वानीन (G) के साथ युग्मन करता है। कभी-कभी DNA के द्विगुणन के समय गलत क्षारकों में युग्मन हो जाता है, तब ऐसी स्थिति में DNA पॉलिमरेज- III एन्जाइम प्रूफ रीडिंग (Proof reading) का कार्य करता है। इस क्रिया के समय DNA पॉलिमरेज III एन्जाइम टेम्पलेट DNA पर 5′-73 दिशा में नये न्यूक्लियोटाइड्स बनाने के पूर्व पहले से निर्मित किए गए न्यूक्लियोटाइड्स पर वापस आकर उसमें उपस्थित गलत क्षारक को अलग करके उसके स्थान पर सही क्षारक को फिट कर देता है।

प्रश्न 12.
DNA तथा RNA में क्या अन्तर है ? (कोई चार)
उत्तर
DNA तथा RNA में अन्तरDNA
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प्रश्न 13.
DNA द्विगुणन से सम्बन्धित आवश्यक प्रकोण्वों के नाम तथा उनके कार्यों को लिखिए।
उत्तर
DNA द्विगुणन से सम्बन्धित आवश्यक प्रकोण्व तथा उसके कार्य निम्नलिखित हैं

  • न्यूक्लियेजेस (Nucleases)-ये एन्जाइम DNA के दोनों कुण्डलियों का अकुण्डलीकरण करता है, इसके क्रम में DNA श्रृंखला में उपस्थित हाइड्रोजन बन्धों का जल-अपघटन होता है।
  • RNA प्राइमेज या RNA पॉलिमरेज-इस इन्जाइम की सहायता से DNA टेम्पलेट पर RNA प्राइमर का संश्लेषण समारंभन बिन्दु पर होता है।
  • DNA पॉलिमरेजेज-ये ऐसे प्रकीण्व होते हैं जो DNA साँचे पर द्वि-ऑक्सी राइबोन्यूक्लियोटाइडों का बहुलीकरण करते हैं।
  • लाइगेजेज-यह एन्जाइम पॉलिन्यूक्लियोटाइड श्रृंखला को जोड़ने और DNA की मरम्मत का कार्य करता है।

प्रश्न 14.
अनुलेखन क्या है ? इसकी प्रक्रिया समझाइए।
अथवा
अनुलेखन (ट्रान्सक्रिप्शन ) किसे कहते हैं ? समझाइए। यह किस एन्जाइम द्वारा उत्प्रेरित होता है ?
उत्तर
DNA द्वारा एन्जाइम की उपस्थिति में RNA के संश्लेषण की क्रिया को अनुलेखन कहते हैं। यह क्रिया प्रोटीन संश्लेषण का प्रथम चरण है (दूसरा चरण अनुलिपिकरण होता है।) जो RNA पॉलिमरेज एन्जाइम द्वारा उप्रेरित होता है। अनुलेखन क्रिया निम्नलिखित-पदों में पूरी होती है

(i) DNA समाक्षारों का अनावरण-इस पद में DNA की दोहरी श्रृंखला RNA पॉलिमरेज विकर की उपस्थिति में अकुण्डलित होकर इकहरी होती है, जिससे विशिष्ट स्थान के समाक्षार अनावृत्त हो जाते हैं। अनावृत्त समाक्षारों की श्रृंखला m-RNA के संश्लेषण के लिए साँचे का काम करती है।

(ii) क्षार युग्मन-DNA के खुले विशेष भाग पर राइबोन्यूक्लियोटाइड्स एक निश्चित क्रम में जुड़ने लगते हैं। G के सामने C,C से G,T से A तथा U वाले राइबोन्यूक्लियोटाइडस यथानुसार जुड़ते हैं।

(iii) RNA श्रृंखला का निर्माण-DNA पर नये जुड़े राइबोन्यूक्लियोटाइड्स RNA पॉलिमरेज एन्जाइम .के मदद से आपस में जुड़कर RNA श्रृंखला बना लेते हैं । यह m-RNA, DNA से अलग होकर कोशिकाद्रव्य में पहुँचता है, जहाँ राइबोसोम से जुड़कर विशेष प्रोटीन के निर्माण की क्रिया प्रारम्भ करता है।

प्रश्न 15.
DNA द्विगुणन की अर्द्धसंरक्षी प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
उत्तर
DNA द्विगुणन की अर्द्धसंरक्षी प्रक्रिया का वर्णन वाटसन एवं क्रिक ने किया था। मेसेल्सन एवं स्टॉल ने इसकी प्रायोगिक पुष्टि की। DNA द्विगुणन की इस विधि में सर्वप्रथम पैतृक DNA के दोनों स्टैण्ड्स एक-दूसरे से पृथक् हो जाते हैं और दोनों स्टैण्ड्स टेम्पलेट की भाँति कार्य करके अपने सम्पूरक स्टैण्ड का निर्माण करते हैं ।
MP Board Class 12th Biology Solutions Chapter 6 वंशागति का आणविक आधार 12
इस प्रकार नवनिर्मित DNA के दोनों स्ट्रैण्ड्स में एक-एक पुराना एवं दूसरा नवनिर्मित स्ट्रैण्ड (Newly formed) होता है । इसे ही अर्द्धसंरक्षी DNA द्विगुणन कहते हैं।

प्रश्न 16.
अनुलिपिकरण किसे कहते हैं ? बताइए।
उत्तर
अनुलिपिकरण (प्रोटीन-संश्लेषण)-प्रोटीन-संश्लेषण के समय विभिन्न अमीनो अम्लों के अणु निश्चित संख्या में, एक निश्चित क्रम में विन्यसित होते हैं। DNA को पॉलिन्यूक्लियोटाइड श्रृंखला में न्यूक्लियोटाइडों का क्रम पॉलिपेप्टाइड श्रृंखला में अमीनो अम्ल के अनुक्रम को निर्धारित करता है। DNA के अनुलेखन द्वारा बने m-RNA में स्थित नाइट्रोजीनस क्षारों का अनुक्रम पॉलिपेप्टाइड श्रृंखला के एक विशिष्ट अमीनो अम्ल को कोडित करता है, इसे त्रिक कोड (Triplet code) कहते हैं | m-RNA में न्यूक्लियोटाइडों की श्रृंखला के अमीनो अम्लों की पॉलिपेप्टाइड श्रृंखला में स्थानान्तरण को अनुलिपिकरण कहते हैं।
यह क्रिया निम्नलिखित चरणों में पूरी होती हैं

  • अमीनो अम्लों का कोशिकाद्रव्य में सक्रियण।
  • सक्रिय अमीनो अम्लों का t-RNA से जुड़ना।
  • m-RNA का राइबोसोम से जुड़ना।
  • पॉलिपेप्टाइड श्रृंखला का प्रारम्भन ।
  • पॉलिपेप्टाइड श्रृंखला का दीर्धीकरण अर्थात् प्रोटीन का निर्माण।
  • श्रृंखला समापन।
  • श्रृंखला का रूपान्तरण।

प्रश्न 17.
DNA ही आनुवंशिक पदार्थ है, ग्रिफिथ ने इसके पक्ष में क्या प्रमाण दिया ? रेखाचित्र सहित समझाइए।
उत्तर
ग्रिफिथ (1920) ने चूहे पर किये गये प्रयोगों के आधार पर बताया कि DNA ही आनुवंशिक पदार्थ है। उन्होंने निमोनिया पैदा करने वाले डिप्लोकोकस न्यूमोनी के उग्रविभेद (S-II) को चूहे के अन्दर प्रवेश कराया तो, उसे निमोनिया हुआ लेकिन जब इसके निमोनिया न पैदा करने वाले अनुग्र विभेद (R-II) को चूहे में प्रवेश कराया तो उसे निमोनिया नहीं हुआ।
MP Board Class 12th Biology Solutions Chapter 6 वंशागति का आणविक आधार 13
अब इन्होंने तीसरे प्रयोग में अनुग्र विभेद के जीवित सदस्यों और उग्र विभेद (S-II) के सत्व के मिश्रण को चूहे में प्रवेश कराया तो उसे निमोनिया हो गया। जब इन चूहों का विश्लेषण किया गया तो इनमें दोनों विभेद पाये गये। यह इस बात को प्रमाणित करता है कि S-II के सत्व में कोई ऐसा पदार्थ था जिसने R-II को S-III में बदल दिया। अध्ययनों से ज्ञात हुआ कि यह पदार्थ DNA था। इस प्रयोग से यह प्रमाणित होता है कि DNA ही आनुवंशिक पदार्थ के रूप में कार्य करता है।

MP Board Class 12th Biology Solutions

MP Board Class 10th English The Rainbow Solutions Chapter 9 If

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MP Board Class 10th English The Rainbow Solutions Chapter 9 If (Rudyard Kipling)

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If Textbook Exercises

If Vocabulary

I. Fill in either ‘if’ or ‘whether’ in the following sentences:
1. The question is ……………….. to go or stay.
2. It depends on ……………. he’s ready or not.
3. It’s your decision ………….. you go or stay.
4. I wonder ………we should tell her or not.
5. ………………. I were you.
6. ……………. you pour oil on water, it floats.
7. …………………. she should phone, tell her I’m out.
Answer:

  1. whether
  2. whether
  3. whether
  4. if
  5. if
  6. if
  7. if.

II. Explain the meaning of the following words in the poem.
Triumph, Disaster, Will, The Earth, A Man.
Answer:
Triumph—Great achievement or success.
Disaster—Loss through damage or death.
Will—Mental power by which one can direct one’s thoughts and actions or influence those of others.
The Earth—The planet on which we live.
A Man—A real human being; a complete man.

III. Write different meanings of the following words:
minute, second, head, allowance, deal, watch.
Answer:
Minute—a moment; official note, careful and accurate in time, of similar quality; to support somebody.
Second—next in order of importance, size etc. to one other person or thing, another, a unit for measuring time.
Head—upper part of body, ability, side of a coin, device on tape recorder, prominent end of something.
Allowance—amount of something (money etc.); tax free money. Deal to distribute cards; to hit, to give somebody a shock, an agreement; boards of wood etc.
Watch—to look with attention, to guard or protect, an instrument for showing time

Comprehension

A. Answer the following questions in about 25 words.

Question 1.
Which of the following meanings fits the title of the poem “If”, give reasons.
(a) whether or not
(b) provided
(c) while
Answer:
‘While’ fits the title of the poem ‘If. ‘While’ means ‘during the time’. Two diverse things are given in each couplet. The poet advises his son to choose either of the two alternatives to become a complete man.

Question 2.
What does the poet want his son to do by saying “keep your head when all about you are losing theirs and blaming it on you”?
Answer:
The poet refers to the situation when people lose their cool. They get angry and start blaming someone for creating such a situation. A perfect man does not get irritated on such occasions.

Question 3.
How does the poet want his son to treat Triumph and Disaster? (M.P. Board 2016)
Answer:
His son should treat victory and defeat on equal footing. In a nutshell, he should not be puffed up on gaining something. He should also not lose heart in the event of some loss or in the face of hardships.

Question 4.
How does the poet want his son to react to loss?
Answer:
The poet wants his son to bear his loss cool headedly. He should not highlight his loss in public. He should have belief in the proverb ‘Weep and weep alone, laugh and everybody will laugh with you’. Nobody wipes the tears of a loser.

Question 5.
How does the poet want his son to deal with crowds, kings and commoners?
Answer:
The poet wants that his son should keep his virtue while talking to the crowds. He should be aware of his position in society while he walks with a king. He should not lose his touch with commoners.

Question 6.
Explain:
If you can fill the unforgiving minute
With sixty seconds’ worth of distance run,
Yours is the Earth and everything that’s in it,
And which is more you’ll be a Man, my son!
Answer:
He should not remain idle even for a single second. He should achieve his objective in piece-meals. Then he will become the sole possessor of Earth or a complete (perfect/man) human being.

B. Answer the following questions in about 50 words.

Question 1.
“If is a poem with a clear-cut moral message.” Explain.
Answer:
‘If gives a clear-cut message which resembles the message of the Gita. One should be like a lotus which lives in dirty water (mud) but is not affected by it. Man should be neutral. Loss and gain, friendship and enmity should neither affect nor infect him. He should neither be elated in prosperity nor depressed in adversity. He should trust the voice of’ his conscience. He should not show himself off. He should keep his cool amidst uproar. He should be self-sacrificing.

Question 2.
“If you can dream and not make dreams your master.” Discuss with reference to the dreams of modem youth.
Answer:
A sound body alone sleeps soundly and views dreams. However, dreams are neither real nor reliable. He, who is guided by dreams is misguided. He loses both his present and his future. The modern youths are very dreamy. They aspire to grow rich and earn fame overnight. They aspire to build a good body and sound mind. They wish to get a good wife and a lofty career. They spend beyond their capacity to achieve them and lose their precious time, health and hard earned money. They also lose their cool and get shaken. Dreams leave them frustrated and worthless.

Speaking Skill

Question 1.
Divide the class into two groups. Group 1 will put up a proposal and Group 2 will put up a condition to the proposal. An example is given below.
MP Board Class 10th English The Rainbow Solutions Chapter 9 If 1
Answer:
MP Board Class 10th English The Rainbow Solutions Chapter 9 If 2

Question 2.
Now group 2 will put up a proposal and group 1 will put a condition to it. You may try your own proposals too.
Answer:
MP Board Class 10th English The Rainbow Solutions Chapter 9 If 3

Writing Skill

Question 1.
Write a short note on ‘modesty and politeness’. (50 words)
Answer:
‘Modesty’ means ‘not talking much or boasting about one’s abilities, qualities’ etc. ‘Politeness’ means the quality of having or showing that one has good manners and consideration for other people. We should be modest in our mind, word and deeds. If a person works modestly, he shines in life. He is liked by the society. Politeness is also a noble quality of the heart. Politeness means gentle behaviour towards others. A polite person always takes care not to hurt the feelings of others by his actions or words. Through politeness, one spreads an environment of friendliness and pleasantness around him.

Question 2.
Write a motivational speech on ‘Victory favours the brave’ for’ morning assembly of your school. (150 words)
Answer:
Respected Principal, teachers and friends, I am here to tell you that ‘victory favours the brave’. Cowards do not start an undertaking for fear of defeat. They leave the undertaking in between when some hurdles crop up. The brave people are their reverse. They start an undertaking, make struggles and achieve victory in the end. He, who wins, is called ‘Sikandar’ and he, who loses the battlefield is labelled as unmanly and coward. Nothing succeeds like success. Victory is the offshoot of good preparation and unfailing strategy. Only those brave persons seek victory who fight bravely without caring for obstacles and scarifices.

Think It Over

Question 1.
You find what you look for, good or evil, problems or solutions. A loving person lives in a loving world. A hostile person lives in a hostile world.
Think it over and write two traits of good persons.
Answer:
The two traits of good persons:

  • Helpful nature.
  • Forbearance.

Question 2.
Do you sometimes envy people who seem to have made it without even trying? They have the money, looks, talent, connections, and they succeed. But you may seem to plod along making slow progress. It is important to remember that it doesn’t matter what you have, but what matters is that what you do with that. Ponder.
Answer:
Everybody is endowed with some qualities. What one should do is to identify those qualities and utilise them in positive direction. One should not be ill at ease to see people with more power and money. Instead one should concentrate on one’s potential and do accordingly.

Things To Do

Write what you and your friend do when caught in a situation given below. Draw a grid in your notebook. Ask your friend and make an entry in his column.

S.No.SituationWhat you doWhat your friend does
1.You receive a guest when
2.your parents are out. You fail to answer a
3.question in examination. Someone blames you for
4.thieving a book. You are about to lose a
match.

Answer:

S.No.SituationWhat you do?What your friend does?
1.You receive a guest when your parents are out.I offer him tea and snacks.He does not allow them to enter the house.
2.You fail to answer a question in examination.I attempt it right or wrong.He copies it from other candidate.
3.Someone blames you for thieving a book.I make him realise his folly.He get’s angry and beats him.
4.You are about to lose a match.I urge my player to play carefully.He plays more energetically.

If Additional Important Questions

A. Read the stanzas and answer the following questions:

1. ‘If you can keep your head when all about you Are losing theirs and blaming-it on you;
If you can trust yourself when all men doubt you,
But make allowance for their doubting too;
If you can wait and not be tired by waiting. (Page 76)

Questions:
(a) The poet of these lines is
(i) Rudyard Kipling
(ii) William Cowper
(iii) Robert Frost
(iv) William Wordsworth
Answer:
(i) Rudyard Kipling

(b) The one word used for ‘putting allegation’ in the above stanza is
(i) blaming
(ii) losing
(iii) doubting
(iv) waiting
Answer:
(i) blaming

(c) What should we do when others lose their heads?
Answer:
(c) We should keep our head when all others lose theirs.

2. If you can talk with crowds and keep you virtue,
Or walk with Kings-nor lose the common touch,
If neither foes nor loving friends can hurt you,
If all men count with you, but none too much. (Page 77) (M.P. Board 2011)

Questions:
(i) Name the poet and the poem.
(ii) How does the poet want his son to deal with crowds, kings and all common men?
(iii) Give the noun form of ‘Lose’.
Answers:
(i) The poet is Rudyard Kipling and poem is ‘If.
(ii) The poet wants his son to deal with crowd, kings and all common equally.
(iii) Loss.

I. Match the following:
1. Keep your head – (a) don’t deal in lies
2. Trust yourself – (b) nor talk too wise
3. If you are lied about – (c) when all others lose theirs
4. Don’t look too good – (d) and keep your virtue
5. If you can talk with crowds – (e) when all men doubt you.
Ans.
1. (c), 2. (e), 3. (a), 4. (b), 5 (d)

II. Pick up the correct choice:
(i) ‘If’ is written by:
(a) William Shakespeare
(b) John Milton
(c) William Wordsworth
(d) Rudyard Kipling.
Ans.
(d) Rudyard Kipling.

(ii) A. If you can dream and not make dreams your ……………. (master/lords).
B. If you can talk with ……….. (crowd/mobs) and keep your virtue.
C. If neither ………. (enemies/foes) nor loving friends can hurt you.
D. And …………. (still/yet) don’t look too good, nor talk too wise.
Ans.
A. master
B. crowd
C. foes
D. yet.

III. Write ‘True’ or ‘False’:
1. You should also lose your head when all about you are losing theirs.
2. Don’t trust yourself when all men doubt you.
3. Don’t be tired of waiting.
4. Hate others if others hate you.
5. If you lose, never breathe a word about your loss.
Ans.

  1. False
  2. False
  3. True
  4. False
  5. True.

IV. Fill in the following blanks:
1. Don’t look too good, nor ………….. too wise.
2. The truth you’ve spoken is sometimes ………….. by knaves to make a trap for fools.
3. If you walk with kings, don’t lose the …………… touch.
4. If all men ………………… with you, but none too much.
5. Make ……………… for others’ doubts.
Ans.

  1. talk
  2. twisted
  3. common
  4. count
  5. allowances.

B. Short Answer Type Questions (In about 25 words)

Question 1.
What should you do when all men doubt you?
Answer:
Men are suspicious by nature. They doubt anything and anybody. We should not get perturbed even if people start doubting us. We should not lose sight of the reasons behind their doubts. We should trust ourselves on such occasions.

Question 2.
What should we do if the people hate us?
Answer:
The world is full of hatred. Hatred begets hatred. It assumes the form of quarrels, fights, enmity and wars. They prove disastrous for the entire humanity. We should remove the cause behind hatred.

Question 3.
Why should one not look too good, nor talk too wise?
Answer:
We should be good because goodness has good returns. We should do good and forget. We should not display our goodness in public. We should also not show our wisdom in hollow words. Our goodness and wisdom should be known to the public through our deeds.

Question 4.
How should we hear the twisted truth?
Answer:
Good persons always speak the truth. The knaves make it alloyed. They twist the truth to their own benefit. The speaker knows that the self-vested persons are trying to entrap and be fool him. He bears to hear the twisted truth unagitated.

Question 5.
What should one do on losing his winnings?
Answer:
That which is attained (obtained) with great difficulty is also retained with great difficulty. If we happen to lose our winnings, we should not highlight our loss in the public. Rather we should start afresh to regain the lost heap.

C. Long Answer Type Questions (In about 50 words)

Question 1.
Give the central idea of the poem ‘If’.
Answer:
‘If’ mentions certain qualifications and necessary conditions for becoming the master of the Earth and a complete man. Man has risen from the position of a beast but man is not a man yet. A coward bends like others. He is shaken when others start doubting him. He shows enmity for enmity and tells lies, exaggerates his wisdom. He boils with rage at slight opposition. He weeps over his loss and exults over his joy. He kills his own will. He perceives himself as great in the company of the great. He wastes his time. Such men are not complete men. For being complete men, people should overcome all the common weakneses of mankind.

If Introduction

This is a didactic poem. The poet Rudyard Kipling mentions certain qualifications and conditions which are essential for becoming a complete or perfect man.

If Summary in English

A man can become a complete man if he has certain qualifications. He never loses his cool when others get angry and blame him. He has consideration for others’ doubts but trusts himself. He does not tell lies nor does he hate others. He does not boast of his goodness and wisdom. He is neither elated in prosperity nor depressed in adversity. He is tolerant and a patient spectator. He never loses heart on losing his achievements. He develops a strong will power. He never wastes time or his virtue. He always lives within his limits (periphery). He is neutral and uniform with his intimates or rivals. He is steadfast in his conduct. He is bold and persistent.

Summary in Hindi

मनुष्य पूर्ण मानव बन सकता है यदि उसके पास कुछ निश्चित योग्यतायें हैं। वह कभी अपना शील नहीं खोता है जब दूसरे व्यक्ति रुष्ट हो जाएँ और उसके ऊपर दोषारोपण करें। वह दूसरों के संशयों पर विचार करता है परन्तु स्वयं पर भरोसा रखता है, वह न तो झूठ बोलता है और न ही दूसरों से घृणा करता है। वह अपनी अच्छाई और बुद्धिशीलता का ढिंढोरा नहीं पीटता है।

वह न तो समृद्धि में बहुत खुश होता है और न ही विपत्ति के समय हतोत्साहित होता है। वह सहनशील होता है और धैर्यवान दर्शक होता है। अपनी उपलब्धियों के नष्ट होने पर वह कभी नहीं घबराता है। वह दृढ़ संकल्प को विकसित करता है। वह कभी समय या सदाचार (धर्मपरायणता) से मुख नहीं मोड़ता है। वह सदा अपनी सीमाओं (परिधि) के भीतर रहता है। वह अपने घनिष्ठों और प्रतिद्वंद्वियों के प्रति तटस्थ और समान रहता है। वह अपने आचरण में अडिग रहता है। वह चीर और सतत प्रयत्न वाला है।

Word-Meanings

MP Board Class 10th English The Rainbow Solutions Chapter 9 If 4

Some Important Pronunciations

MP Board Class 10th English The Rainbow Solutions Chapter 9 If 5

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MP Board Class 7th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 11 वात्सल्य के पद

MP Board Class 7th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 11 वात्सल्य के पद

MP Board Class 7th Hindi Bhasha Bharti Chapter 11 पाठ का अभ्यास

बोध प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए

(क) कृष्ण, माँ यशोदा से किसकी शिकायत कर रहे हैं?
उत्तर
कृष्ण, माँ यशोदा से बलदाऊ या बलराम की शिकायत कर रहे हैं।

(ख) बलराम कृष्ण को क्या कहकर चिढ़ाते हैं?
उत्तर
बलराम कृष्ण को मोल देकर खरीदा हुआ बताते हैं। ‘यशोदा ने उसे जन्म नहीं दिया है। उसके (कृष्ण के) माता-पिता कौन हैं ? नन्द और यशोदा दोनों ही गोरे रंग के हैं, उसका शरीर साँवला क्यों है?’ इस तरह की अनेक बातें कहकर बलराम कृष्ण को चिढ़ाते रहते हैं।

(ग) यशोदा कृष्ण पर क्यों रीझ रही हैं ?
उत्तर
यशोदा ने बालक कृष्ण के मुख से क्रोध भरी बातें सुर्नी, तो यशोदा कृष्ण पर रीझने लग गई।

(घ) यशोदा ने गोधन की कसम खाकर क्या कहा ?
उत्तर
यशोदा ने गोधन की कसम खाकर कहा कि वह उसकी (कृष्ण की) माता है और वह (कृष्ण) उसका पुत्र है।

(ङ) कृष्ण को किन चीजों के प्रति अरुचि है?
उत्तर
कृष्ण को पकवान और मेवाओं के प्रति अरुचि है।

(च) ब्रज-युवती के मन में क्या इच्छा है ?
उत्तर
ब्रज-युवती के मन में इच्छा है कि वह (बालक कृष्ण) उस युवती के घर में चोरी-चारी मक्खन खाने जायें और जब कृष्ण मक्खन की मटकी से मक्खन खाते हुए बैठे हों, तो वह (ब्रज युवती) उन्हें छिपकर देखे। यही उस ब्रज-युवती की कामना है।

(छ) गोपी प्रातः कहाँ गई थी?
उत्तर
गोपी प्रातः नन्द बाबा के भवन (घर) गई थी।

(ज) यशोदा कृष्ण का किस तरह शृंगार कर रही है ?
उत्तर
यशोदा ने कृष्ण के शरीर पर तेल लगा दिया है, आँखों में काजल लगाकर भौहें बना दी हैं। उनके माथे पर काला टीका लगा दिया है।

प्रश्न 2.
दिये गये चार उत्तरों में से सही उत्तर छाँटकर लिखो

(क) कृष्ण को कौन चिढ़ा रहा है?
(1) सुदामा
(2) नन्द बाबा
(3) ग्वाल बाल
(4) बलराम।
उत्तर
(4) बलराम।

(ख) कृष्ण को क्या अच्छा लगता है ?
(1) दूध
(2) दही
(3) मक्खन
(4) छाछ (मट्ठा)
उत्तर
(3) मक्खन

(ग) यशोदा किसका श्रृंगार कर रही है ?
(1) बलदाऊ
(2) कृष्ण
(3) उद्धव
(4) मनसुखा
उत्तर
(2) कृष्ण।

प्रश्न 3.
रिक्त स्थान भरिए”

(क) कहा कहो एहि रिसके मारे ………… हौं नहिं जात।
(ख) तारी दै-दै हँसत ग्वाल सब सिखै देत ………..
(ग) सूर ………. मोहि गोधन की सौं हौं माता तू पूत।
(घ) सूरदास प्रभु अन्तरजामी……… मन की जानी।
(ङ) तेल लगाई, लगाई के अंजन ……… बनाई, बनाई डिठौनहि।
उत्तर
(क) खेलन
(ख) बलवीर
(ग) श्याम
(घ) ग्वालिनि
(ङ) भौंह

प्रश्न 4.
इन पंक्तियों का अर्थ के साथ मिलान कीजिए
MP Board Class 7th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 11 वात्सल्य के पद 1
उत्तर
1. →(घ), 2.→(ङ), 3.→(क), 4.→(ख), 5.→(ग)

भाषा अध्ययन

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों में स्थानीय बोली (ब्रज) और मानक भाषा के शब्द दिए गये हैं। उनके सही जोड़े मिलाइए
तारी, माखन, मक्खन, ठाढ़ी, भवन, भौन, जुग, करोड़, ताली, युग, करोर, युवती, खड़ी, जुवती, पूत, पुत्र।
उत्तर

  1. तारी-ताली
  2. माखन-मक्खन
  3. ठाढ़ीखड़ी
  4. भौन-भवन
  5. जुग-युग
  6. जुवती-युवती
  7. पूत-पुत्र
  8. करोर-करोड़।

प्रश्न 2.
इस पाठ में से अनुप्रास अलंकार के कुछ उदाहरण छाँटकर लिखिए।
उत्तर
कहा कहाँ, कहत कौन, मोही को मारन, मोहन मुख, जसुमति सुन सुन,
माता तू पूत, लगाई-लगाई, बनाई-बनाई, निहारत, बारत, चुचकारत।

प्रश्न 3.
विभिन्न प्रकार के शब्द-युग्म लिखिए।
उत्तर

  1. पुनि-पुनि
  2. दै-दै
  3. सुन-सुन
  4. मन-मन

प्रश्न 4.
(क) निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द लिखिए
भैया, शरीर, मुख, पूत ,भौन, भोर।
उत्तर
भैया = भाई
शरीर = तन (देह)
मुख = मुँह
पूत = पुत्र
भौन – सवेरा

(ख) मैया मोहि दाऊ बहुत खिझायो।
मौसों कहत मोल को लीन्हों,
तोहि जसुमति कब जायो।।

(1) यहाँ कौन किससे कह रहा है ?
उत्तर
यहाँ बालक कृष्ण अपनी माता यशोदा से कह रहा है।

(2) इसमें माता और पुत्र के बीच कौन-सा भाव प्रतीत या जागृत हो रहा है?
उत्तर
इसमें माता और पुत्र के बीच वात्सल्य भाव प्रतीत या जागृत हो रहा है।

प्रश्न 5.
इस पाठ के अतिरिक्त आपकी पाठ्य पुस्तक में से वात्सल्य रस का एक उदाहरण लिखिए।
उत्तर
मइया हौं न चरैहाँ गाई।।
सिगरे ग्वाल घिरावत माँसों मेरे पाईं पिराई।।
जौ न पत्यहि, पूछि बलदाऊहि अपनी सौह दिवाइ।
यह सुनि-सुनि जसुमति ग्वालिनि को, गारी देत रिसाइ।।
मैं पठवति अपने लरिका कौं, आपै मन बहराइ।
‘सूर’ स्याम मेरो अति बालक, मारत ताहि रिंगाई।।

वात्सल्य के पद सम्पूर्ण पद्यांशों की व्याख्या

सूरदास

1. मैया, मोहि दाऊ बहुत खिजायो।
मोसों कहत मोल को लीन्हों, तोहि जसुमति कब जायो।
का कहों एहि रिस के मारे, खेलन हौं नहिं जात।
पुनि-पुनि कहत कौन है माता, को है तुम्हरो तात।
गोरे नन्द, यशोदा गोरी, तुमकत श्याम शरीर।
तारी दै-दै हँसत ग्वाल सब, सिखै देत बलवीर।
तू मोही को मारन सीखी, दाउहि कबहुँन खीझे।
मोहन-मुख रिस की ये बातें जसुमति सुन-सुन रीझै॥
सुनहुँ श्याम बलीभद्र चबाई जनमत ही को धूत।
सूर-श्याम मोहि गोधन की सौँ हौँ माता तू पूत॥

शब्दार्थ-मोहि = मुझको; खिजायो = चिढ़ाता है; मोसों = मुझे या मुझको; मोल को लीन्हो मूल्य देकर लिया है; तोहि = तझको: जसमति = यशोदा ने जायो = जन्म देना; एहि = इस रिस के मारे = क्रोध या नाराजगी के कारण हौँ = मैं; नहिं जात = नहीं जाता हूँ; पुनि-पुनि = बार-बार; कहत = कहता है; को है = कौन है ?; तात = पिता; कत = क्यों; तारी दै-दै = ताली बजा-बजाकर; सिखै देत = सिखा देता है; बलवीर = बलदाऊ; मोही को = मुझको; खीझै = क्रोध करना; रिस = क्रोध; सुन-सुन-सुनते हुए; रीझै- प्रसन्न होती है; चबाई = चुगलखोर या इंधर-उधर की बातें जोड़-तोड़ कर बताने वाला; धूत = धूर्त; गोधन = गाय रूपी धन; सौं = शपथ लेकर (कहती हूँ); पूत = पुत्र।

सन्दर्भ-प्रस्तुत पंक्तियाँ ‘वात्सल्य के पद’ शीर्षक से अवतरित है। इसके रचयिता वात्सल्य सम्राट सूरदास हैं।

प्रसंग-कवि ने बालक कृष्ण द्वारा अपनी माता यशोदा से 1 बलदाऊ के विरुद्ध शिकायत करने के दंग का वात्सल्य प्रधान वर्णन किया है।

व्याख्या-है मेरी माँ ! मुझे बलदाऊ ने बहुत अधिक । चिढ़ाया है। वह मुझसे कहता है कि तूने कुछ मूल्य देकर मुझे खरीदा है। तुझे (मुझको) यशोदा माँ ने जन्म कब दिया है। इसी के कारण मुझे क्रोध आ गया है। अत: मैं क्या कहूँ? मैं खेलने के लिए नहीं जाता। वह (बलदाऊ) मझ से बार-बार पूछता है कि तुम्हारी माता कौन है तुम्हारा पिता कौन है ? देखो तो; बाबा नन्द और माता यशोदा दोनों ही गोरे रंग के हैं तो फिर तुम साँवले । क्यों हो? इस प्रकार सभी ग्वाले तालियाँ बजा-बजाकर मेरी हँसी उड़ाते हैं।

इस तरह बलदाऊ उन सबको सिखा देते हैं। तू मुझे ही मारना सीखी है, बलदाऊ पर कभी भी क्रोध नहीं करती। इस तरह, बालक कृष्ण के मुख से क्रोध की बातें सुन-सुनकर माता यशोदा बहुत अधिक प्रसन्न होती हैं और कहने लगी कि हे श्याम। यह बलदाऊ तो अपने जन्म से चुगलखोर है, धूर्त है। सूरदास वर्णन करते हैं कि माता यशोदा कहने लगी कि हे श्याम ! मैं अपने गाय-धन (सभी गौओं) की शपथ लेकर कहती हूँ कि मैं तेरी माँ हूँ और तू मेरा पुत्र है।

2. मैया री, मोहि माखन भावै।
जो मेवा पकवान कहति तू, मोहि नहीं रुचि आवै॥
ब्रज जुवती इक पाॐ ठाढ़ी, सुनत श्याम की बात।
मन-मन कहति कबहुँ अपनै घर देखों माखन खात॥
बैठे जाई मथनियाँ के ढिंग मैं तब रहों छपानी।
सूरदास प्रभु अन्तरजामी ग्वालिनि मन की जानी॥

शब्दार्थ-मोहि = मुझको; माखन = मक्खन; भावै = अच्छा लगता है; कहति तू = तू जो कहती है;
रुचि आवै = अच्छे लगते हैं; जुवती-युवती; इक-एक; पाएँ- पीछे; ठाढ़ी = खड़े होकर सुनत = सुनती है; मन-मन कहति = अपने मन में सोचती है अथवा कामना करती है; कबहुँ = कभी तो; देखों = देखें माखन खात = मक्खन खाते हुए; जाई = जाकर के; मथनियाँ = मटकी; ढिंग = पास; तब = उस समय; रही छपानी -छिपकर रहूँ: अन्तरयामी- हृदय की बात को जानने वाले; ग्वालिनि मन = गोपी के मन की जानी = (बात-कामना) को जान लिया।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-बालक कृष्ण माता यशोदा को स्पष्ट रूप से यह बता देते हैं कि उन्हें (बालक कृष्ण को) तो मक्खन ही अच्छा लगता है।

व्याख्या-हे माता, मुझे तो मक्खन खाना अच्छा लगता है। जिन मेवाओं और पकवान के विषय में, तुम मुझसे कहती हो, वे मुझे अच्छे नहीं लगते। ब्रज की एक युवती श्याम की इन सभी बातों को पीछे खड़ी होकर सुनती है। वह अपने मन में कामना करती है कि मैं श्याम को अपने घर में मक्खन खाते हुए (कभी तो) देखें। जैसे ही वे मक्खन की मटकी के पास जाकर बैठे, तब (तैसे ही) मैं (वहाँ) छिप जाऊँ। सूरदास कहते हैं कि प्रभु (बालकृष्ण) अन्तरयामी हैं, उन्होंने उस गोपी के मन की बात को जान लिया।

रसखान

3. आज गई हुती भोरहि हौं,
रसखानि रई कहि नन्द के भौनहि।
बाको जियो जुग लाख करोर,
जसोमति को सुख जात कहो नहिं।
तेल लगाई, लगाई के अंजन,
भौंह बनाई, बनाई डिठीनहि।
डालि हमेलानि हार निहारत,
बारत ज्यों पुचकारत छौनहिं॥

शब्दार्थ-गई हुती = गई हुई थी; हौं = मैं; रई कहि- रई माँगने के लिए (लकड़ी की बनी हुई रई (मथानी) से दही को बिलोया (मथा) जाता है); भौनहि- भवन को, घर को; बाकी = उसका; जियो – जीवित रहे; जुग लाख करोर – (युगों तक, लाख वर्ष तक, करोड़ वर्ष तक) अर्थात् दीर्घायु हो जात कहो नहिं = वर्णन नहीं किया जा सकता; अंजन = काजल; डिठौनहि = काला टीका (किसी की नजर लगने से बचाने के लिए मस्तिष्क के एक ओर काला टीका लगा दिया जाता है); हमेलानि – गले में धारण किये जाने वाला स्वर्ण अथवा चाँदी का आभूषण; निहारत = देखते हुए; बारत = न्योछावर करते हैं; ज्यों में जैसे ही; पुचकारत = पुचकारते हुए; छौनहिं = बालक को; भोरहि = प्रातः काल ही।

सन्दर्भ-प्रस्तुत पंक्तियाँ रसखान द्वारा रचित ‘सवैया’ की

प्रसंग-इस सवैया छन्द में रसखान किसी गोपिका के वात्सल्य का वर्णन करते हैं।

व्याख्या-एक गोपिका अन्य गोपी से कहती है कि मैं आज प्रातः ही अपने घर के लिए बाबा नन्द के घर से ‘रई’ माँगने के लिए गई हुई थी। (तो मैंने यशोदा के बालक को देखा) वह दीर्घायु हो। उस यशोदा के सुख का वर्णन नहीं किया जा सकता अर्थात् उसका सुख अपार है। उसने अपने बालक को तेल लगाया हुआ था, उसकी आँखों में काजल लगाकर उसकी भौहें बना दी थी और उसके माथे पर काला टीका लगा दिया था (जिससे उस सुन्दर बालक को किसी की नजर न लग सके।) मैंने जैसे ही उस कोमलाङ्ग बालक (पुत्र) को पुचकारा तो उस पुचकार के लिए उसके ऊपर मैं अनेक हार और हमेलों को न्यौछावर कर सकती हूँ।

वात्सल्य के पद शब्दकोश

जायो = जन्म देना; दाऊ = बलदाऊ; जुवती – युवती; रई = मथानी-दही बिलोने के काम में आने वाला लकड़ी का औजार; अन्जन = काजल; रिस- क्रोध, गुस्सा; एहि = इसके; ढिंग = समीप, पास; कहि- कहकर; डिठौनहि = काला टीका जो मस्तक के एक ओर लगाया जाता है, किसी की नजर लगने के प्रभाव से बचने के लिए; पुनि-पुनि = बार-बार; हौँ = मैं; छपानी-छिपकर; भौनहि- घर को; हमेलानि गले में धारण किये जाने वाला स्वर्ण अथवा चाँदी का आभूषण; सौं- शपथ लेकर; भावै = अच्छा लगता है; हुती – हुई थी; वाकी = उसका; पुचकारत – पुचकारते हुए।

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MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 18 कलाकार का मान

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 18 कलाकार का मान

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 18 प्रश्न-अभ्यास

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

Mp Board Class 7th Hindi Chapter 18 प्रश्न 1.
(क) सही जोड़ी बनाइए
1. संगीत – (क) कलाकार
2. साधु , – (ख) राजा
3. राज्य – (ग) संगीतज्ञ
4. कला – (घ) महात्मा
उत्तर-
1. – (ग)
2. – (घ)
3. – (ख)
4. – (क)

Sugam Bharti Class 7 MP Board प्रश्न (ख)
दिए गए शब्दों में से उपयुक्त शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. राजा ने अपने को साधु ……………………….. को बुलाने भेजा। (अनुचरों/मंत्रियों)
2. वह संगीत तो ……………………….. संयोग से बन पड़ता है। (सदैव/कभी-कभी)
3. राजा का ……………………….. शांत हो चुका था। (क्रोध/न्याय)
4. साधु की ……………………….. पर पहुँचते-पहुँचते राजा को रात हो गई। (कुटिया/झोपड़ी)
उत्तर-
1. अनुचरों,
2. कभी-कभी,
3. क्रोध,
4. झोपड़ी।

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 18 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

Mp Board Solution Class 7 प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए

(क) संगीतज्ञ कौन था?
उत्तर-
संगीतज्ञ राजा के दरबार का राज संगीतज्ञ था।।

(ख) याचक और दाता किसे कहा गया है?
उत्तर-
याचक राजा को तथा दाता साधु को कहा गया है।

(ग) स्वर्ग का गंधर्व किसे बताया गया है?
उत्तर-
साधु को स्वर्ग का गंधर्व बताया गया है।

(घ) संगीतज्ञ ने राजा को कहाँ बैठाया था?
उत्तर-
संगीतज्ञ ने राजा को झोपड़ी के बाहर चबूतरे पर बिठा दिया।

(ङ) संगीतज्ञ ने साधु से क्या निवेदन किया?
उत्तर-
संगीतज्ञ ने साधु से निवेदन किया कि महाराज, इस राग को आप ही गावें तो आपकी बड़ी कृपा हो।’

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 18 लघु उत्तरीय प्रश्न

Mp Board Class 7th Hindi प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन वाक्यों में लिखिए

(क) राजा ने साधु के पास कौन-सा संदेश भिजवाया?
उत्तर-
राजा ने साधु के पास संदेश भिजवाया “आपका सौभाग्य है महात्माजी, जो आपकी संगीत सुनने की राजा ने इच्छा प्रकट की है। यदि आपका संगीत पसंद आ गया तो आपको मुँह-माँगी रकम मिल जाएगी। महाराज – निहाल कर देंगे आपको!”

(ख) संयोग और प्रयत्न से पैदा किए गए संगीत में क्या अंतर है?
उत्तर-
जिस संगीत को राजा सुनना चाहता है वह संगीत तो कभी-कभी संयोग से बन पड़ता है। प्रयत्न से पैदा किया हुआ संगीत राजा को प्रसन्न न कर सकेगा।

(ग) कलाकार की शर्त क्या थी?
उत्तर-
कलाकार की शर्त थी-“न केवल पैदल ही, बल्कि इन राजसी वस्त्रों को उतार कर भी! यदि आपने राजा बनकर संगीत सुना तो वह संगीत विशेष संगीत बन पाएगा। वह संगीत तो फिर वही संगीत रह जाएगा जो हम नित्य आपको सुनाते हैं।”

(घ) संगीतकार की किस युक्ति से साधु ने गाना शुरू किया?
उत्तर-
संगीत की युक्ति थी-संगीतज्ञ ने राजा को झोपड़ी के बाहर बने चबूतरे पर बिठा दिया और स्वयं भी उसके समीप ही बैठकर अपनी वीणा के तार मिलाने लगा और जानकर भी गलत ढंग से राग अलापना शुरू कर दिया।

(ङ) राजा ने साधु का संगीत सुनने के पश्चात् क्या प्रतिक्रिया की?
उत्तर-
‘महाराज! आपके पास बिताए इन आनंददायक क्षणों की तुलना में मेरा सारा राज्य भी तुच्छ है। मेरा अहंकार गल गया है। यों कहते ही राजा की आँखें भर आईं और अनमोल मोती साधु के पैरों पर लुढ़क पड़े।

भाषा की बात

सुगम भारती कक्षा 7 MP Board प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों के शुद्ध उच्चारण कीजिए सौभाग्य, विशेषता, नम्र, संपत्ति, गंधर्व, श्रापित, पृथ्वी, वीणा, अंगुलियां, प्रशंसक, श्रोता, वस्त्र, ज्योत्सना, युक्ति, सकपकाया, लुढ़क
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

Hindi Sugam Bharti Class 7 Solutions MP Board प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों में से सही वर्तनी पर गोला लगाइए-
अनचर – अनुचर – अनुचर
इच्छा – इक्षा – ईच्छा
प्रयतन – परयत्न – प्रयत्न
विद्वान – बिद्वान – विद्धान
वाणि – बाणी – वाणी
संगीतग्य – संगीतज्ञ – संगीतग
श्राप – शराप – शाप
विवश – वीवश – विवश
उत्तर-
अनचर – अनूचर – अनुचर
इच्छा – इक्षा – ईच्छा
प्रयतन – परयत्न – प्रयत्न
बिद्वान – विद्धान – विद्वान
वाणि – बाणी – वाणी
संगीतग्य – संगीतज्ञ – संगीतग
श्राप – शराप – श्राप
विवश – वीवश – विवश

Mp Board Class 7th Hindi Chapter 1 प्रश्न 6.
निम्नलिखित वाक्यों के रेखांकित शब्दों में कारक पहचान कर लिखिए।
(क) राजा संगीत सुनने के लिए बेचैन था।
(ख) राजा ने साधु को बुलाया।
(ग) मंत्री ने राजा का संदेश सुनाया।
(घ) राजा की आँखे भर आईं।
उत्तर-
(क) संबंध कारक
(ख) संप्रदान कारक
(ग) कर्ता कारक
(घ) संबंध कारक

Mp Board Class 7 Hindi Book प्रश्न 7.
निम्नलिखित शब्दों में संधि पहचान कर लिखिए
(क) निः + धन = निर्धन ……………………………..
(ख) हिम + आलय = हिमालय ……………………………..
(ग) वाक् + ईश = वागीश ……………………………..
(घ) निः +इर्श = निष्पाप ……………………………..
(ङ) जगत् + ईश =, जगदीश ……………………………..
(च) प्रति = + एक= प्रत्येक ……………………………..
उत्तर-
(क) विसर्ग संधि
(ख) स्वर संधि
(ग) व्यंजन संधि
(घ) विसर्ग संधि
(ङ) व्यंजन संधि
(च) स्वर संधि

कलाकार का मान पाठ का परिचय

एक राज्य में एक साधु था जो महान् संगीतकार भी था। एक बार वहाँ के राजा को उस साधु के बारे में पता चला तो उसने उसका संगीत सुनने के लिए अपने अनुचर साधु के पास भेजे। जब अनुचर साधु के पास पहुँचे तो साधु ने विनयपूर्वक राजा के पास जाने से मना कर दिया। राजा यह जानकर क्रोधित हो गया। मंत्री ने राजा को समझाया कि दाता साधु है तो आप को उसके पास जाना चाहिए। राज संगीतकार ने भी इस बात की सहमति दी और साधारण वस्त्र पहनकर राजा, मंत्री आदि साधु का संगीत सुनने चल पड़े। जब साट I ने अपना संगीत सुनाना शुरू किया तो पता ही नहीं चला कि रात से सुबह कब हो गई। अंत में राजा साधु के पैरो में गिर पड़े।

कलाकार का मान संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्या

1. राजा ने अपने………………बाँधकर ले आएँगे। (पृ. 102)

शब्दार्थ-अनुचर = सेवक, दास; रकम = राशि, रुपए।

संदर्भ-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘सुगम-भारती’ (हिंदी सामान्य) भाग-7 के पाठ-18 ‘कलाकार का मान’ से ली गई हैं।

प्रसंग-इसमें साधु ने राजा के पास आने से मना कर दिया।

व्याख्या-राजा ने दो-तीन सेवकों को साधु को बुलाने के लिए भेजा। सेवकों ने साधु को राजा का संदेश सुनाया और निमंत्रण के लिए धन्यवाद, किंतु मैं किसी के कहने पर नहीं जाता। जब राजा को पता लगा तो वह क्रोधित हुआ और कहा कि अब मेरे सैनिक उसकी मुश्कें बंधकर लाएगें।

विशेष-

  1. भाषा सरल है।
  2. साधु निर्भिकता को दर्शाया गया है।

2. मंत्री विद्वान था …………….. आनंद लिया जाए। (पृ. 102, 103).

शब्दार्थ-निहाल = बहुत खुश; बिफर = गुस्से से चिल्लाना याचक; याचक = भिक्षुक, भीख मांगने वाला; दाता = देने वाला; संज्ञीतज्ञ = संगीत का जानकर; श्रापित = श्राप से घिरा हुआ; जीवंत = सजीव।

संदर्भ-पूर्ववत्।

प्रसंग-इसमें मंत्री राजा को साधु के पास जाने के लिए कहता है।

व्याख्या-विद्वान मंत्री ने राजा को शांत करते हुए कहा कि संगीत आपको सुनना है, याचक आप है तो आपको ही साधु के पास संगीत सुनने के लिए जाना चाहिए। राजा ने अपने राज संगीतज्ञ से इस बारे में चर्चा की तो उसने कहा कि मंत्री जी का परामर्श बिल्कुल उचित है, आपको स्वयं साधु के पास जाना चाहिए। आगे संगीतज्ञ ने साधु के बारे में बताया कि जैसे ही वीणा के तारों पर साधु की अंगुलियां फिरती हैं कि वीणा अमृत बरसाने लगती है।

विशेष-

  1. संगीतज्ञ साधु की तारीफ करता है।

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MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 8 उत्साह

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 8 उत्साह

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 8 प्रश्न-अभ्यास

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

Mp Board Class 7th Hindi Chapter 8 प्रश्न 1.
(क) सही जोड़ी बनाइए
1. बुरी – (क) महूरत
2. बड़ी – (ख) शेर
3. बड़े – (ग) जिंदगी
4. यात्रा – (घ) शर्मिंदगी
उत्तर
1. (ग), 2. (घ) , 3. (ख) , 4. (क)

Sugam Bharti Class 7 MP Board प्रश्न (ख)
दिए गए शब्दों में से उपयुक्त शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. फिसड्डी रहे और जीते रहे। किसी का दिया पीते रहे। (दूध/पानी)
2. भला यात्रा का……….. भी है। (जरूरत/महूरत)
3. कभी तुम बड़े………….. ये ठीक है। (शेर/सियार)
4. जरा………… अपना बदलते चलो। (मार्ग/भाग)
उत्तर
1. पानी
2. महूरत
3. शेर
4. भाग।

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 8 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

Mp Board Solution Class 7 Hindi प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखिए

(क)
इस कविता में फिसड्डी रहने का क्या अर्थ है?
उत्तर
इस कविता में फिसड्डी रहने का अर्थ है ‘हर कार्य में पीछे रहना।

(ख)
कवि के अनुसार उत्साह की आवश्यकता क्यों
उत्तर
कवि के अनुसार जीवन में किसी भी कार्य में उन्नति करने के लिए उत्साह की आवश्यकता होती

(ग)
दूसरों के सहारे जीने का भाव कविता की कौन-सी पंक्ति में आया है?
उत्तर
दूसरों के सहारे जीने का भाव कविता की ‘किसी का दिया दूध पीते रहे’ पंक्ति से लिया गया है।

(घ)
हमें मुहूर्त की प्रतीक्षा में रुककर क्यों नहीं बैठना चाहिए?
उत्तर
हमें मुहूर्त की प्रतिक्षा में रुककर इसलिए नहीं बैटना चाहिए क्योंकि समय कभी किसी के लिए रुकता नहीं है।

(ङ)
क्या अपने अतीत पर अभिमान करते रहना उचित है?
उत्तर
हमें मात्र अपने अतीत के गौरव का मान करते रहना नहीं चाहिए बल्कि जीवन में आगे बढ़ते रहना चाहिए।

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 8 लघु उत्तरीय प्रश्न

Mp Board Class 7th Subject Hindi प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर कम-से-कम तीन वाक्यों में लिखिए

(क)
व्यक्ति को जीवन में सफल होने के लिए क्या आवश्यक है?
उत्तर
व्यक्ति को जीवन में सफल होने के लिए द्रढ़ निश्चय और कढ़ी मेहनत की तो आश्यकता होती ही है, किंतु सफलता में निश्चयता लाने के लिए उत्साह की जरूरत होती है।

(ख)
कवि के अनुसार बुरी जिंदगी कौन-सी है?
उत्तर
जीवन के प्रत्येक कार्य में फिसड्डी बने रहना तथा हमेशा दूसरों के दया-धर्म पर जिंदा रहना, कवि ने ऐसी जिंदगी को सबसे बुरी बना है।

(ग)
शर्मिदगी से बचने के लिए हमें क्या करना चाहिए?
उत्तर
शर्मिंदगी से बचने के लिए हमें आत्म-निर्भर तथा मेहनती बनना चाहिए। हमें कदापि दूसरों के टुकड़ों पर नहीं पलना चाहिए। यदि हमें पूर्ण विकास करना है तो निरंतर आगे बढ़ते रहना चाहिए।

(घ)
हम ‘बड़े शेर’ कब थे और कैसे?
उत्तर
प्राचीन काल में भारत प्रत्येक क्षेत्र जैसे साहित्य, व्यापार, चिकित्सा तथा कला आदि में सर्वश्रेष्ठ था। इसीलिए हम कहते है कि हम कभी शेर थे। किंतु हमें यह सोचकर हमेशा खुश नहीं रहना चाहिए बल्कि अपने वर्तमान को सुधारने के लिए आगे बढ़ते रहना चाहिए।

(ङ)
उत्साह कविता का मूल-भाव क्या है? संक्षेप में लिखिए।
उत्तर
कवि कविता के माध्यम से हम सबको संदेश देते हैं कि हमें अपने आलस्य को त्याग कर तथा दूसरों पर निर्भरता छोड़ कर स्वयं की मेहनत और कर्म पर विश्वास करना चाहिए। कभी हम सोने की चिढ़िया कहलाते थे, यह सोचकर हमेशा खुश नहीं होते रहना ‘चाहिए बल्कि हमें वर्तमान की मेहनत और लान पर भरौसा करना चाहिए।

भाषा की बात

Hindi Class 7 Mp Board प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों का शुद्ध उच्चारण कीजिए
शर्मिंदगी, जिंदगी, यात्रा, जमाना
उत्तर
छात्र स्वयं करें।

Hindi Sugam Bharti Class 7 Solutions प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों में शुद्ध वर्तनी वाले शब्दों को गोला लगाइए
उत्तर
फिसड्डी, फसड्डी, फिसीड्डी खियाल, ख्याल, खयाल सर्मिन्दगी, शर्मिंदगी, शर्मंदगी

Class 7 Hindi Sugam Bharti MP Board प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्दों के तत्सम रूप लिखिए
महूरत, दूध, जात्रा, भाग
उत्तर
शब्द – तत्सम रुप
महूरत – मुहूर्त
दुध – दुग्ध
जात्रा – यात्रा
भाग – भाग्य

Hindi Sugam Bharti Class 7 MP Board प्रश्न 7.
निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयोग कीजिए
फिसड्डी रहना, किसी का दिया दूध पीना, मुहूर्त सोचना, बड़े शेर होना, ख्यालों में बना।
उत्तर
Sugam Bharti Class 7 Hindi MP Board

उत्साह कविता का परिचय

1. प्रस्तुत कविता में कवि ने देशवासियों को सर्वदा बढते रहने के लिए कहा है। जीवन में चाहे कितनी ही कठिनाइयाँ उत्पन्न हों, हमें रूकना नहीं चाहिए। हमें किसी की दया और सहारे पर नहीं बल्कि अपने आत्मविश्वास और मेहनत पर भरोसा करना चाहिए। समय हमारे साथ है, हमें आगे बढ़ने के लिए किसी का इंतजार नहीं करना चाहिए। यह भी सोचना व्यर्थ है कि सैकड़ों वर्ष पहले हम श्रेष्ठ थे, “अब क्या है?” यह महत्त्वपूर्ण है, हम आज की कमियों को पूरा करने के लिए बढ़ते चले।

उत्साह संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्या

1. चलते चलो और चलते चलो लहरों में,
लपटों में पलते चलो।

फिसड्डी रहे और जीते रहे,
किसी का दिया दूध पीते रहे,
तो इससे बुरी जिंदगी कौन-सी?
बड़ी और शर्मिंदगी कौन-सी?

ये आराम छोड़ों, उबलते चलो
लहरों में, लपटों में चलते चलो।

शब्दार्थ-लहरों में = जीवन का उतार चढ़ाव में। लपटों में = जीवन में आने वाले कष्टों की ज्वालाओं में। फिसड्डी = पीछे रहने वाले। किसी का दिया दूध पीते रहे = दी हुई सहायता का कर्ज से पलते रहे। शर्मिंदगी = उत्साह या जोशपूर्वक चलते चलो।

संदर्भ- प्रस्तुत काव्य पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘सुगम भारती’ (हिंदी सामान्य) भाग-7 के पाठ-8 ‘उत्साह’ से ली गई हैं। इसके रचयिता भवानीप्रसाद मिश्र हैं।

प्रसंग-इन पंक्तियों में कवि ने शर्मिंदगी की जिंदगी को छोड़ आगे बढ़ने का उत्साह दिया है।

व्याख्या-कवि कहता है कि हमें कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी आगे बढ़ते रहना चाहिए। सैकड़ों सालों से हम रूढ़िवादी और फिसड्डी बने रहे हैं। हमने कभी भी आत्मनिर्भरता प्राप्त नहीं की। यह हमारे लिए बड़े शर्म की बात है। हमे सारे विश्व के साथ आगे बढ़ना चाहिए। अब हमें आलस्य को त्याग कर अपने अंदर एक उत्साह पैदा करना चाहिए। और उस उत्साह में हम बढ़ते चले जाएँ।

विशेष

  • सरल भाषा का प्रयोग है।
  • आम बोलचाल के शब्दों का उपयोग है।

2. भला यात्रा का महूरत भी है,
कहीं बैठे रहने की सूरत भी है,
निकलता चला जा रहा है समय,
महूरत न सोचो मचलते चलो।
लहरों में, लपटों में पलते चलो।

कभी तुम शेर थे, ठीक है,
उसी ख्याल में डूबना लीक है,
जमाना कहाँ से कहाँ जा चुका,
जरा भाग अपना बदलते चलो।
लहरों में, लपटों में पलते चलो।

शब्दार्थ- महूरत = शुभ-समय। बैठ रहने की सूरत = रुककर बैठे रह जाने की स्थिति या काम बंद कर देने की दशा। मचलते चलो = जिद करके अपनी धुन में बढ़े चलो। बड़े शेर = बहुत शक्तिशाली। ख्याल में डूबना = विचारों में खो जाना। लीक = परंपरा । भाग = भाग्य।

संदर्भ-पूर्ववत्।

प्रसंग-इसमें कवि ने कहा है कि इतिहास की सफलता पर ही खुश न होकर वर्तमान में भी आगे बढ़ना चाहिए।

व्याख्या-कवि के अनुसार समय कभी किसी के लिए रूकता नहीं है जो उसके साथ चलते है वहीं कामयाब रहते हैं। रूकने का कारण मत ढूंढों, बल्कि आगे बढ़ते चलो। किसी जमाने में हम सर्वश्रेष्ठ थे, किंतु उस बीती सफलता को सोच-सोच कर खुश नहीं होना चाहिए। जीवन वर्तमान संघर्ष पर विद्यमान रहता है। सारा संसार विकांस कर रहा है और हम दर्शक बने मात्र देख रहे हैं। अब हमें अपनी किस्मत बदलनी होगी और आगे बढ़ता चला जाऊँगा।

विशेष – वर्तमान सफलता पर जोर दिया गया है।

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