MP Board Class 8th Special Hindi अपठित गद्यांश

MP Board Class 8th Special Hindi अपठित गद्यांश(Apathit Gadyansh)

निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(1) “मेरे स्वराज्य का ध्येय अपनी सभ्यता को अक्षुण्य बनाए रखना है। मैं बहुत-सी नई बातों को लेना चाहता हूँ, पर उन सबको भारतीयता का जामा पहनाना होगा। भारत ने पूर्ण स्वतन्त्रता प्राप्त कर ली है। ऐसा तभी कहा जा सकेगा, जब जनता यह अनुभव करने लगेगी कि उसे अपनी उन्नति करने तथा रास्ते पर चलने की आजादी है।”

प्रश्न-
(i) पंक्तियों का उपयुक्त शीर्षक दीजिए।
(ii) स्वराज्य का ध्येय क्या है?
(iii) ‘पूर्ण स्वतन्त्रता प्राप्त कर ली है’, ऐसा कब कहा जा सकेगा?
उत्तर-
(i) स्वराज्य का ध्येय’ उपयुक्त शीर्षक है।
(ii) स्वराज्य का ध्येय है कि हम अपनी सभ्यता, अपनी संस्कृति को निरन्तर बनाए रखें। हम अपनी सभ्यता और संस्कृति में बाहर की बहुत-सी बातों को ग्रहण कर लेना तो चाहते हैं परन्तु उन्हें भारतीयता में बदलकर।
(iii) भारतवर्ष एक स्वतन्त्र देश है। ‘इसने पूर्ण आजादी प्राप्त कर ली है।’ ऐसा तो तभी कहा जा सकेगा जब हम अपनी उन्नति करने में भी आजाद हों। साथ ही, हमें उन उपायों की भी जानकारी होनी चाहिए, जिन पर चलकर हम उन्नति कर सकें और अपनी आजादी की रक्षा कर सकें।

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(2) राष्ट्रीय एकता के अर्थ की विशदता उसकी। गम्भीरता को समझने के लिए सम्पूर्ण भारत की आर्थिक,। सामाजिक, राजनैतिक एवं वैचारिक समानता और एकता की भावभूमि को समझना होगा। हमारे विश्वास, पूजा-पाठ की विधियाँ, खान-पान, रहन-सहन तथा वेशभूषा में अन्तर हो सकता है लेकिन भारतवर्ष की राष्ट्रीय एवं प्रभुसत्ता। सम्बन्धी स्तर पर प्रत्येक नागरिक के एकमत होने की बात। महत्त्व रखती है। यही तो वह हस्ती है जो पराधीनता में भी स्वाधीनता की ज्वाला धधकती रही। प्रत्येक भारतीय के। हृदय में आज स्वाधीन भारत के एकत्व का आधार उसकी अनेकता की शिला है जिसकी गहरी नींव पड़ी है।

प्रश्न-
(i) पंक्तियों का उपयुक्त शीर्षक दीजिए।
(ii) राष्ट्रीय एकता के लिए किसका समझना जरूरी
(iii) ‘स्वाधीन भारत के एकत्व का आधार’ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
(i) उपयुक्त शीर्षक है ‘राष्ट्रीय एकता’।
(ii) राष्ट्रीय एकता के लिए सम्पूर्ण भारत की आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक एवं वैचारिक समानता एवं एकता की भावभूमि को समझना जरूरी है।
(iii) स्वाधीन भारत के एकत्व का आधार उसकी अनेकता की शिला है जिसकी गहरी नींव पड़ी हुई है। यहाँ के नागरिक वेशभूषा में अन्तर कर सकते हैं लेकिन वे भारत की एकता और प्रभुसत्ता के स्तर पर एकमत ही रहते हैं।

(3) किसी भी समाज की प्रगति का मापदण्ड उस समाज द्वारा दी गई स्त्रियों की पद-मर्यादा है, क्योंकि स्त्रियाँ प्रत्येक सामाजिक संगठन का आधार और संस्कृति की स्त्रोत मानी जाती हैं। इसलिए कहा जाता है कि नारी शक्ति का अपार भण्डार है। नारी के वास्तविक महत्त्व को पारिवारिक सन्दर्भ में समझा जा सकता है-नारी परिवार की नींव है, परिवार समुदाय की नींव है और समुदाय राष्ट्र की। यह आज की ही सच्चाई नहीं है, यह तो आदिकालीन सच्चाई है, क्योंकि प्रसिद्ध विद्वान रायडन ने कहा था-स्त्रियों ने ही प्रथम सभ्यता की नींव डाली और उन्होंने ही जंगलों में मारे-मारे, भटकते-फिरते पुरुषों का हाथ पकड़कर उन्हें स्थिर जीवन दिया और ‘घर’ में बसाया।

प्रश्न-
(i) पंक्तियों का उपयुक्त शीर्षक दीजिए। .
(ii) नारी के महत्त्व को किस सन्दर्भ में समझा जा सकता है?
(ii) प्रसिद्ध विद्वान रायडन के कथन का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-
(i) स्त्रियों की पद-मर्यादा’ उपयुक्त शीर्षक है।
(ii) नारी के महत्त्व को पारिवारिक सन्दर्भ में समझा जा सकता है, परिवार समुदाय की नींव है और समुदाय राष्ट्र की।
(iii) प्रसिद्ध विद्वान रायडन का कथन है-“स्त्रियों ने ही प्रथम सभ्यता की नींव डाली और उन्होंने ही जंगलों में मारे-मारे, भटकते-फिरते पुरुषों का हाथ पकड़कर उन्हें स्थिर जीवन दिया और ‘घर’ में बसाया।”

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(4) भारतीय जनता का अधिकांश भाग गाँवों में बसता है। उनका मुख्य उद्योग कृषि है और कृषि कार्य भारतीय जीवन में और भारतीय संस्कृति में सर्वोपरि, महत्त्वपूर्ण और श्रेष्ठ कहा गया है। कृषि कार्य को आध्यात्म और समन्वित श्रेष्ठ स्वरूप में उपस्थित किया गया है, परन्तु आज के वैज्ञानिक युग में कृषि कर्म के महत्त्व को गिरा दिया है और नौकरी को प्राथमिकता दी जा रही है लेकिन अत्यन्त दुःख की बात तो यह है कि कृषक स्वयं ही अपने कर्म को निकृष्ट और निम्नकोटि का मानने लगा है।

प्रश्न-
(i) पंक्तियों का उपयुक्त शीर्षक दीजिए।
(ii) कृषि कार्य के सन्दर्भ में क्या कहा गया है?
(iii) कृषि कर्म के प्रति कृषक की क्या सोच है?
उत्तर-
(i) इन पंक्तियों का उपयुक्त शीर्षक है-‘मुख्य उद्योग कृषि’।
(ii) कृषि कार्य के सन्दर्भ में कहा गया है कि भारतीय जीवन में तथा भारतीय संस्कृति में कृषि कार्य सर्वोपरि है और महत्त्वपूर्ण है। कृषि कार्य अध्यात्म और श्रम से संयुक्त होने से श्रेष्ठ है।
(iii) आज विज्ञान का युग है। किसान ने ही कृषि कर्म के महत्व को बहुत गिरा दिया है। उसने नौकरी को प्राथमिकता दी है। यह निन्दनीय भी है कि किसान ने ही अपने कर्म को निकृष्ट और पतित बना दिया है।

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MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.3

MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.3

Question 1.
Match the following:
MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.3 1
Solution:
(i) ➝ (c)
(ii) ➝ (d)
(iii) ➝ (a)
(iv) ➝ (e)
(v) ➝ (b)

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Question 2.
Classify each one of the following angles as right, straight, acute, obtuse or reflex:
MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.3 2
Solution:
(a) Acute angle
(b) Obtuse angle
(c) Right angle
(d) Reflex angle
(e) Straight angle
(f) Acute angle

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MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti लेखकों और कवियों का जीवन परिचय

MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions लेखकों और कवियों का जीवन परिचय

कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’

जीवन परिचय-कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’ का जन्म उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के देवबन्द नगर में सन् 1906 ई. में हुआ था। आपके पिता रामदत्त मिश्र पूजा-पाठ व पुरोहिताई से अपनी जीविका प्राप्त करते थे। आपने स्वाध्याय से ही संस्कृत, अंग्रेजी आदि भाषाओं का ज्ञान प्राप्त किया। स्वतन्त्रता आन्दोलन में सक्रिय भाग लेने के कारण आपको अनेक बार कारावास का दण्ड भोगना पड़ा। ‘प्रभाकर’ जी एक ख्याति प्राप्त पत्रकार थे। पत्रकारिता के क्षेत्र में आपने महान् मानवीय आदर्शों की स्थापना की। मानव कल्याण के प्रति समर्पित साहित्यकार के रूप में आपने युगीन परिस्थितियों और समस्याओं का सजीव चित्रण अपनी कृतियों में चित्रित किया है।

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भाषा-शैली-‘प्रभाकर’ जी की भाषा तत्सम प्रधान शुद्ध साहित्यिक खड़ी बोली है। सुबोधता, माधुर्यमय, स्पष्टता, मुहावरों और कहावतों के प्रयोग से भाषा सशक्त हो गई है।

‘प्रभाकर’ जी की शैली में भावात्मकता, वर्णनात्मकता, नाटकीयता का गुण मिलता है।

प्रमुख कृतियाँ-पत्रकारिता और साहित्यिक क्षेत्र में आपने रेखाचित्र, संस्मरण, निबन्ध और रिपोर्ताज आदि विधाओं पर अपनी कलम का प्रभाव दिखाया। ‘ज्ञानोदय’, ‘नया जीवन’, ‘विकास’, पत्रिकाओं का सम्पादन करके पत्रकारिता को काफी ऊँचाई प्रदान की। ‘जिन्दगी मुस्कराई’, ‘माटी हो गई फूल’ ‘आकाश के तारे’, ‘धरती के फूल’, ‘दीप जले शंख बजे’ आपकी प्रसिद्ध रचनाएँ हैं।

पं. माखन लाल चतुर्वेदी

जीवन परिचय-पं. माखन लाल चतुर्वेदी का जन्म 4 अप्रैल, सन् 1889 ई. को मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले के 5 बाबई ग्राम में हुआ था। इनके पिता पं. नन्दलाल चतुर्वेदी गाँव के प्राइमरी स्कूल में अध्यापक थे। इन्होंने घर पर ही संस्कृत, बंगला, गुजराती और अंग्रेजी भाषा का अध्ययन किया। पन्द्रह वर्ष की। उम्र में ही इनका विवाह हो गया था। इन्होंने आठ रुपये मासिक पर अध्यापन कार्य किया। इन्होंने राष्ट्रीय आन्दोलनों में भाग लिया और इन्हें जेल यात्राएँ भी करनी पड़ी। पं. माखन लाल चतुर्वेदी को सन् 1943 ई. में हिन्दी साहित्य सम्मेलन का अध्यक्ष बनाया गया। इनका उद्देश्य साहित्य सृजन और देश सेवा ही रहा। इसके लिए भारत सरकार ने इन्हें पद्मभूषण और सागर विश्वविद्यालय ने डी. लिट् की मानद उपाधियाँ प्रदान की। मध्य प्रदेश शासन ने। 7500 रुपये की भेंट तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। 80 वर्ष की। उम्र में 30 जनवरी, सन् 1968 ई. को उनका देहावसान हो गया।

भाषा-शैली-इनकी भाषा शुद्ध मजी हुई खड़ी बोली है।

जहाँ-तहाँ उर्दू के शब्दों का प्रयोग किया है। उनकी शैली मुक्तक। प्रधान है। उसमें छायावाद का पुट है।

प्रमुख कृतियाँ-

  1. हिम किरीटनी, हिम तरंगिनी, माता, युगचारण, समर्पण, वेणु लो गूंजे धरा (काव्यसंग्रह)।
  2. साहित्य देवता (गद्यकाव्य),
  3. चिन्तक की लाचारी, आत्मदीक्षा (भाषा संग्रह),
  4. अमीर इरादे, गरीब इरादे (निबन्ध संग्रह),
  5. नागार्जुन युद्ध (नाटक),
  6. वनवासी, कला का अनुवाद (कहानी संग्रह),
  7. प्रभा, कर्मवीर (सम्पादन)।

गुणाकर मुले

  • जन्म स्थान-महाराष्ट्र के अमरावती जिले का सिन्दी बुजरुक गाँव।
  • जन्म काल-सन् 1955 ई.।
  • शिक्षा-इलाहाबाद में उच्च शिक्षा।
  • कार्यक्षेत्र-स्वतन्त्र पत्रकारिता। विज्ञान में जटिल विषयों। को रोचक ढंग से प्रस्तुत करना।

डॉ. परशुराम शुक्ल

  • जन्म स्थान-कानपुर जिले का मैबूल नामक ग्राम।
  • जन्म काल-6 जून, सन् 1947 ई.।
  • लेखन विषय-शिशुगीत, बाल कविताएँ, बाल एकांकी तथा बाल उपयोगी
  • ज्ञान-विज्ञान से सम्बन्धित आलेख।
  • कृतियाँ-वृक्ष-कथा, मास्टर दीनदयाल, विश्व जलचर कोश तथा ज्ञान-विज्ञान कोश।

विष्णु प्रभाकर

  • जन्म स्थान-ग्राम मीरनपुर, जिला-मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश)।
  • जन्म काल-सन् 1912 ई.।
  • विधाएँ-कहानी, उपन्यास, नाटक, एकांकी, रिपोर्ताज।
  • कृतियाँ-उपन्यास-‘ढलती रात’, ‘स्वप्नमयी’।
  • कहानी संग्रह-‘आदि और अन्त’, ‘संघर्ष के बाद’।
  • एकांकी संग्रह-‘डॉक्टर’, ‘प्रकाश’, ‘परछाइयाँ’।

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डॉ. बरसाने लाल चतुर्वेदी

जीवन परिचय-डॉ. बरसाने लाल चतुर्वेदी व्यंग्य और हास्य के प्रमुख हस्ताक्षर हैं। श्री चतुर्वेदी राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय क्षेत्र में ख्याति प्राप्त कवि हैं। ऊर्जावान् कवि डॉ. चतुर्वेदी ने लगभग 40 ग्रन्थों की रचना की है। गद्य तथा पद्य दोनों में आपका बराबर अधिकार है। डॉ. चतुर्वेदी को हास्य व्यंग्य लेखन के लिए ठिठोली ‘चकल्लम’, ‘मानव बिन्दु’ मुख्य विषय हैं। आपको भारत सरकार ने पद्मश्री से अलंकृत किया है।

सूरदास

जीवन परिचय-कृष्ण भक्त सूरदास का जन्म मथुरा-आगरा सड़क के किनारे बसे रुनकता गाँव में सन् 1478 ई. में हुआ था। ये जन्मान्ध थे। संगीत प्रतिभा जन्म से ही थी। गऊघाट पर रहकर ईश्वर भजन करते थे। यहाँ से महाप्रभु बल्लभाचार्य की प्रेरणा पाकर रंगनाथ जी के मन्दिर में आ गए और श्रीकृष्ण की लीलाओं का गान पदों के माध्यम से करने लगे।
सन् 1582 ई. में इनका निधन हो गया। इस तरह इन्होंने 104 वर्ष का यशस्वी जीवन प्राप्त किया।
कृतियाँ-सूर-सागर, सूरसारावली तथा साहित्य लहरी इनकी प्रसिद्ध कृतियाँ हैं।

रस-सूर के काव्य में वात्सल्य एवं शृंगार रस का अपूर्व प्रयोग हुआ है।
भाषा-सूर की भाषा ब्रजभाषा है। कहावतों और लोकोक्तियों के प्रयोग से भाषा सजीव हो उठी है। भाषा की मधुरता सम्पूर्ण काव्य में व्याप्त है।

तुलसीदास

जीवन परिचय-रामभक्ति शाखा के प्रमुख कवि तुलसी का जन्म सन् 1532 ई. में बाँदा जिले के राजापुर गाँव में हुआ था। इनके पिता का नाम आत्माराम और माता का नाम हुलसी था। इनके गुरु नरहरिदास थे। गुरु की कृपा से इन्हें भक्ति मार्ग मिला। सन् 1623 ई. में 94 वर्ष की उम्र में इनका निधन हो गया।

कृतियाँ-रामचरितमानस, विनय-पत्रिका, कवितावली, गीतावली, बरवै-रामायण आदि प्रसिद्ध रचनाएँ हैं।। रस-सभी नव-रसों का प्रयोग तुलसी ने अपने काव्य में किया है।

भाषा-तुलसी ने अपने काव्य में ब्रज और अवधी भाषा का। प्रयोग किया है। भाषा संस्कृतनिष्ठ परिमार्जित तथा श्रुतिमाधुर्य गुण प्रधान है।

मीराबाई

जीवन परिचय-मीरा का जन्म सन् 1498 ई. में राजस्थान के चौकड़ी (मेड़ता), जोधपुर में हुआ था। मीरा पर अपने पितामह दूदाजी का प्रभाव था। वे वैष्णव भक्त थीं। मीरा का। विवाह उदयपुर के राणा साँगा के पुत्र भोजराज के साथ हुआ था, परन्तु भोजराज की असमय मृत्यु हो गई। मीरा ने अपना मन। संसार के माया-मोह से हटा लिया और वे श्रीकृष्ण के रंग में रंग गईं। सन् 1546 ई. में उनका निधन हो गया।।

कृतियाँ-‘नरसी जी का मायरा’, ‘गीत गोविन्द की टीका’, ‘राग गोविन्द’, ‘राग सोरठा के पद’ प्रसिद्ध रचनाएँ हैं।

रस-मीरा के काव्य में शान्त और श्रृंगार रस का प्रयोग हुआ है।

भाषा-मीरा की कविता में राजस्थानी संस्कारित ब्रजभाषा का प्रयोग हुआ है।

सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’

जीवन परिचय-निराला जी का जन्म बंगाल के मेदिनीपुर में सन् 1897 ई. में हुआ था। आपके पिता पं. रामसहाय त्रिपाठी उन्नाव जिले के ‘गढाकोला’ गाँव के रहने वाले थे। आपका कार्यक्षेत्र प्रमुख रूप से उत्तर प्रदेश ही रहा है। आपकी रचनाओं में प्रेम, सौन्दर्य, उल्लास, ओज और भक्ति के स्वर हैं। हिन्दी के छायावादी कवियों में आप निराले ही हैं। हिन्दी कविता को मुक्त छन्द आपकी देन है। आपका निधन 15 अक्टूबर, सन् 1961 ई. को हो गया।

कृतियाँ-

  1. काव्य-अनामिका, परिमल, गीतिका, तुलसीदास, अपरा, अणिमा, बेला, नये पत्ते, कुकुरमुत्ता।
  2. उपन्यास-अप्सरा, अलका, प्रभावती, निरूपमा।
  3. कहानी-लिली, सखी, चतुरी, चमार, सुकुल की बीबी।
  4. हास्य-व्यंग्य-कुल्लीभाट, बिल्लेसुर बकरिहा।
  5. समालोचना-रवीन्द्र कविता कला आदि। रस-शृंगार, करुण, शान्त, वीर और रौद्र रसों का प्रयोग। भाषा-संस्कृत गर्भित खड़ी बोली।

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शिवमंगल सिंह ‘सुमन’

जीवन परिचय-शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ का जन्म सन् 1916 ई. बसन्त पंचमी को झगरपुर, जिला उन्नाव, उत्तर प्रदेश में। हुआ था। आपकी आधी शिक्षा मध्य भारत में हुई थी। ग्वालियर के महारानी लक्ष्मीबाई कॉलेज में व्याख्याता के पद पर उनकी नियुक्ति हुई। उज्जैन के माधव कॉलेज में वे प्राचार्य रहे। वे। विक्रम विश्वविद्यालय के बरसों तक कुलपति के रूप में कार्य करते रहे। सुमन जी हिन्दी के अग्रणी कवियों में माने जाते

कृतियाँ-‘हिल्लोल’, ‘जीवन के गान’, ‘प्रलय सृजन’, ‘विश्वास बढ़ता ही गया’, ‘आँखें भरी नहीं’, ‘विन्ध्य-हिमाचल’, “माटी की बारात’। ‘माटी की बारात’ पर आपको साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत किया गया है।

रस-करुण, वीर और शान्त रस की अभिव्यक्ति।
भाषा-परिमार्जित लालित्य प्रधान खड़ी बोली।

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MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.2

MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.2

Question 1.
What fraction of a clock wise revolution does the hour hand of a clock turn through, when it goes from
(a) 3 to 9
(b) 4 to 7
(c) 7 to 10
(d) 12 to 9
(e) 1 to 10
(f) 6 to 3
Solution:
(a) \(\frac{1}{2}\) or two right angles
(b) \(\frac{1}{4}\) or one right angle
(c) \(\frac{1}{4}\) or one right angle
(d) \(\frac{3}{4}\) or three right angles
(e) \(\frac{3}{4}\) or three right angles
(f) \(\frac{3}{4}\) or three right angles

Question 2.
Where will the hand of a clock stop if it
(a) starts at 12 and makes \(\frac{1}{2}\) of a revolution, clockwise?
(b) starts at 2 and makes \(\frac{1}{2}\) of a revolution, clockwise?
(c) starts at 5 and makes \(\frac{1}{4}\) of a revolution, clockwise?
(d) starts at 5 and makes \frac{3}{4} of a revolution, clockwise?
Solution:
(a) At 6
(b) At 8
(c) At 8
(d) At 2

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Question 3.
Which direction will you facing
(a) east and make \(\frac{1}{2}\) clockwise?
(b) east and make \(1 \frac{1}{2}\) clockwise?
(c) west and make \(\frac{3}{4}\) of a revolution anti-clockwise?
Solution:
(a) West
(b) West
(c) North
(d) South
No, it is not necessary to specify because whether we turn clock wise or anti-clockwise, one full revolution will bring use back to the original position.

Question 4.
What part of a revolution have you turned through if you stand facing
(a) east and turn clockwise to face north?
(b) south and turn clockwise to face east?
(c) west and turn clockwise to face east?
Solution:
(a) \(\frac{3}{4}\)
(b) \(\frac{3}{4}\)
(c) \(\frac{1}{2}\)

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Question 5.
Find the number of right angles turned through by the hour hand of a clock when it goes from
(a) 3 to 6
(b) 2 to 8
(c) 5 to 11
(d) 10 to 1
(e) 12 to 9
(f) 12 to 6
Solution:
(a) One right angle
(b) Two right angles
(c) Two right angles
(d) One right angle
(e) Three right angles
(f) Two right angles

Question 6.
How many right angles do you make if you start facing
(a) south and turn clockwise to west?
(b) north and turn anti-clockwise to east?
(c) west and turn to west?
(d) south and turn to north?
Solution:
(a) One right angle
(b) Three right angles
(c) Four right angles
(d) Two right angles

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Question 7.
Where will the hour hand of a clock stop if it starts
(a) from 6 and turns through 1 right angle?
(b) from 8 and turns through 2 right angles?
(c) from 10 and turns through 3 right angles?
(d) from 7 and turns through 2 straight angles?
Solution:
(a) At 9
(b) At 2
(c) At 7
(d) At 7

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MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.1

MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.1

Question 1.
What is the disadvantage in comparing line segments by mere observation?
Solution:
There may be chance of error due to improper viewing.

Question 2.
Why is it better to use a divider than a ruler, while measuring the length of a line segment?
Solution:
It is better to use a divider than a ruler, because the thickness of the ruler may cause difficulties in reading of the length of a line segment. However, a divider gives accurate measurement.

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Question 3.
Draw any line segment, say \(\overline{A B}\). Take any point C lying in between A and B. Measure the lengths of AB, BC and AC. Is AB = AC + CB? [Note : If A, B, C are any three points on a line such that AC + CB = AB, then we can be sure that C lies between A and B.]
Solution:
MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.1 1
AB = 4 cm,
AC = 2 cm,
CB = 2 cm
Hence, AC + CB = 2 cm + 2 cm = 4 cm = AB
Yes, AB = AC + CB.

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Question 4.
If A, B, C are three points on a line such that AB = 5 cm, BC = 3 cm and AC =8 cm, which one of them lies between the other two?
Solution:
Since, \(\overline { AC }\) is the longest line segment. Thus B is the point lying between A and C.

Question 5.
Verify, whether D is the mid point of AG.
MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.1 2
Solution:
AD = 3 units,
DG = 3 units,
AD = DG
Thus, D is the mid-point of AG.

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Question 6.
If B is the mid point of \(\overline { AC }\) and C is the mid point of \(\overline { BD }\), where A, B, C, D lie on a straight line, say why AB = CD?
Solution:
B is the mid point of \(\overline { AC }\).
∴ AB = BC … (i)
And C is the mid point of BD.
∴ BC = CD … (ii)
From (i) and (ii), we get
AB = CD

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Question 7.
Draw five triangles and measure their sides. Check in each case, if the sum of the lengths of any two sides is always less than the third side.
Solution:
Sum of the lengths of any two sides of a triangle can never be less than length of the third side.
MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 5 Understanding Elementary Shapes Ex 5.1 3

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MP Board Class 7th Special Hindi व्याकरण

MP Board Class 7th Special Hindi व्याकरण

संज्ञा

परिभाषा–किसी प्राणी, वस्तु, स्थान, भाव, गुण, दशा आदि के नाम को संज्ञा कहते हैं। संज्ञा के तीन भेद होते हैं

  1. जातिवाचक संज्ञा–एक ही जाति का बोध कराने वाले शब्द जातिवाचक संज्ञा कहलाते हैं; जैसे–पुस्तक, विद्यालय, घोड़ा, मनुष्य, लड़का आदि।
  2. व्यक्तिवाचक संज्ञा–जिस शब्द से किसी एक ही विशेष व्यक्ति का बोध हो, उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं; जैसे–राम, सीता, भोपाल, नर्मदा, गंगा आदि।
  3. भाववाचक संज्ञा–जिस संज्ञा से किसी पदार्थ के गुण–दोष, स्वभाव, अवस्था आदि का ज्ञान हो उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं; जैसे–सुन्दरता, बचपन, बुढ़ापा आदि।

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लिङ्ग

परिभाषा–संज्ञा शब्द के जिस रूप से स्त्री अथवा पुरुष जाति का बोध होता है, उसे लिङ्ग कहते हैं। लिङ्ग दो प्रकार के होते हैं
(क) पुल्लिङ्ग,
(ख) स्त्रीलिङ्ग।

(क) पुल्लिङ्ग से किसी पुरुष जाति का बोध होता है; जैसे–राम, घोड़ा, बालक आदमी आदि।
(ख) स्त्रीलिङ्ग से किसी स्त्री जाति का बोध होता है; जैसे–लड़की, नारी, सीता आदि।।

वचन वचन दो प्रकार के होते हैं–
(क) एकवचन,
(ख) बहुवचन।

(क) जिन शब्दों से एक संख्या का बोध हो, एकवचन कहलाते हैं; जैसे–घर, दिन, पुस्तक आदि।
(ख) जिन शब्दों से एक से अधिक संख्या का बोध होता है, उन्हें बहुवचन कहते हैं; जैसे–पुस्तकें, लड़कियाँ आदि।

सर्वनाम

परिभाषा–जो शब्द संज्ञा के स्थान पर प्रयोग किए जाते हैं, उन्हें सर्वनाम कहते हैं; जैसे–वह, हम, तुम, वे, मैं, यहाँ, वहाँ आदि।

सर्वनाम के भेद–सर्वनाम निम्नलिखित छः प्रकार के होते हैं–

  • पुरुषवाचक सर्वनाम,
  • निश्चयवाचक सर्वनाम,
  • अनिश्चयवाचक सर्वनाम,
  • सम्बन्धवाचक सर्वनाम,
  • प्रश्नवाचक सर्वनाम,
  • निजवाचक सर्वनाम।

विशेषण

परिभाषा–संज्ञा तथा सर्वनाम की विशेषता प्रकट करने वाले शब्दों को विशेषण कहते हैं; जैसे–सुन्दर बालक, मीठा फल, काला घोड़ा आदि। इनमें सुन्दर, मीठा, काला शब्द विशेषण हैं। वे क्रमशः बालक, फल, घोड़ा शब्दों (संज्ञा) की विशेषता बताते हैं।

विशेषण के प्रकार–विशेषण छः प्रकार के होते हैं-

  • गुणवाचक विशेषण,
  • संख्यावाचक विशेषण,
  • परिमाणवाचक विशेषण,
  • संकेतवाचक विशेषण,
  • व्यक्तिवाचक विशेषण,
  • प्रश्नवाचक विशेषण।

क्रिया

परिभाषा–जिन शब्दों से किसी वाक्य में कार्य का करना या होना पाया जाता है, उन्हें क्रिया कहते हैं; जैसे–जाना, खाना, पीना, उठना, बैठना. पढना आदि।

क्रिया के भेद–क्रिया दो प्रकार की होती है–

  1. अभिकर्मक (अकर्मक) क्रिया–जिस क्रिया में कर्म न होकर केवल कर्ता ही होता है, वह अकर्मक (अभिकर्मक)। क्रिया कहलाती है; जैसे–मोहन गया। वे हँसते हैं।
  2. सकर्मक क्रिया–जिस क्रिया में कर्म होता है, उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं। जैसे–मोहन किताब लिखता है। इस वाक्य में लिखता है’ क्रिया का कर्म, ‘किताब’ है।

काल

परिभाषा–किसी भी क्रिया के होने या करने के समय को काल कहते हैं। काल तीन प्रकार के होते हैं

  • भूतकाल–जैसे–मोहन शहर गया।
  • वर्तमानकाल–जैसे–सीता गाना गा रही है।
  • भविष्यत्काल–जैसे–मैं पत्र लिखूगा।

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क्रिया–विशेषण

परिभाषा–किसी भी क्रिया की विशेषता बताने वाले शब्दों को क्रिया–विशेषण कहते हैं; जैसे–घोड़ा तेज दौड़ता। है। इस वाक्य में ‘तेज’ शब्द क्रिया विशेषण है। इसमें ‘दौड़ता। है’ क्रिया की विशेषता बतायी जा रही है। अतः ‘तेज’ शब्द क्रिया–विशेषण हुआ।

सम्बन्ध बोधक परिभाषा–दो शब्दों में सम्बन्ध स्थापित करने वाले अव्ययों को सम्बन्धबोधक अव्यय कहते हैं; जैसे–छत के ऊपर चोर है। इस वाक्य में छत और चोर का सम्बन्ध ‘ऊपर’ के द्वारा बताया गया है अतः ऊपर’ शब्द सम्बन्धबोधक अव्यय है।

समुच्चय बोधक

परिभाषा–दो शब्दों, वाक्यों या वाक्यांशों को मिलाने वाले शब्द समुच्चयबोधक अव्यय कहलाते हैं; जैसे– राम और श्याम भाई–भाई हैं। राम श्याम को मिलाने वाला ‘और’ शब्द समुच्चयबोधक अव्यय है।

विस्मयादिबोधक

परिभाषा–विस्मय, हर्ष, विषाद, तिरस्कार, लज्जा, उत्साह, चिन्ता, घृणा आदि मनोभावों को प्रकट करने वाले अव्यय विस्मयबोधक कहलाते हैं;
जैसे–
हे ! हो ! हरे ! आदि।
मुहावरे तथा लोकोक्तियाँ

और उनके वाक्य प्रयोग
1. अक्ल का दुश्मन–मुर्ख।
प्रयोग–वह तो अक्ल का दुश्मन है, किसी की भी राय नहीं मानेगा।

2. अपना उल्लू सीधा करना–स्वार्थ सिद्ध करना।
प्रयोग–तुम्हें भले–बुरे से क्या मतलब ? तुम तो अपना उल्लू सीधा करो।

3. अंगूठा दिखाना–निराश कर देना।
प्रयोग–उसने रुपये लौटाने का वायदा किया था, फिर भी अँगूठा दिखा दिया।

4. आँखों का तारा–बहुत प्यारा।
प्रयोग–मोहन अपने माता–पिता की आँखों का तारा है।

5. आँख का अन्धा–मूर्ख।
प्रयोग–प्रत्येक व्यापारी चाहता है कि कोई आँख का अन्धा व्यक्ति ही उसके हाथ लगे।

6. अपमान के चूंट पीना–अपमान सहन करना।
प्रयोग–चुनाव में हार होने पर मुखिया अपमान का घूट पिये बैठा है। .

7. अन्धे की लकड़ी–एकमात्र सहारा।
प्रयोग–श्रवण कुमार अपने माता–पिता के लिए अन्धे की लकड़ी था।

8. आँखों में धूल झोंकना–धोखा देना।
प्रयोग–बाजार में ठग दुकानदार की आँखों में धूल झोंककर माल ले गये।

9. आँख दिखाना–डराना, धमकाना।
प्रयोग–छोटे बच्चों को कभी भी आँखें नहीं दिखानी चाहिए।

10. आँखें चुराना–छिपना।
प्रयोग–पहले तो सोचा नहीं, अब आँखें चुराते फिरते हो।

11. आँखों में खून उतरना–बहुत क्रोधित होना।
प्रयोग–अपराधी को देखते ही, मेरी आँखों में खून उतर आया।

12. आँखें बिछाना–स्वागत करना।
प्रयोग–राष्ट्रपति के आने पर जनता ने उनके सामने अपनी आँखे बिछा दीं।

13. ईंट से ईंट बजाना–सर्वनाश करना।
प्रयोग–भारत के वीरों ने अंग्रेजी राज्य की ईंट से ईंट बजा दी।

14.ईद का चाँद होना–बहुत कम दर्शन होना।
प्रयोग–दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी लोगों के लिए ईद का चाँद हो जाता है।

15. काम तमाम करना–मार डालना।
प्रयोग–शिकारी ने अपनी एक ही गोली से शेर का काम तमाम कर दिया।

16. काफूर होना–नष्ट होना।
प्रयोग–हामिद की बात सुनकर उसकी दादी का क्रोध काफूर हो गया।

17. गले न उतरना–समझ में न आना।
प्रयोग–आपकी कोई भी बात मेरे गले नहीं उतर रही है।

18. गंध भी न मिलना–कोई पता न चलना।
प्रयोग–मेरा मित्र जब से गया है, तब से अभी तक उसकी गंध भी नहीं मिल रही है।

19. टेढ़ी खीर–कठिन कार्य।
प्रयोग–भारत का प्रधानमंत्री बनना टेढ़ी खीर है।

20. छक्के छुड़ाना–घबरा देना।
प्रयोग–सन् 1857 के प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम में रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिये।

21. ठण्डा होना–मर जाना।
प्रयोग–शिकारी की गोली लगते ही शेर ठण्डा पड़ गया।

22. नौ दो ग्यारह होना–भाग जाना।
प्रयोग–पुलिस को देखते ही चोर नौ दो ग्यारहे हो गये।

23. दंग रह जाना–आश्चर्यचकित होना।
प्रयोग–ताजमहल की कारीगरी देखकर विदेशी दंग रह जाते हैं।

24. पीठ दिखाना–भाग जाना।
प्रयोग–वीर पुरुष कभी भी युद्ध के मैदान से पीठ दिखाकर नहीं भागते।

25. धोबी का कुत्ता घर का न घाट का–कहीं का न रहना।
प्रयोग–मोहन ने चपरासी की नौकरी छोड़ दी, यह सोचकर कि अब अच्छी नौकरी करेगा। नौकरी तो उसे मिलती नहीं अतः उसकी दशा धोबी के कुत्ते जैसी है, जो न तो घर का है और न घाट का।

26. काला अक्षर भैंस बराबर–अनपढ़।
प्रयोग–मोहन के लिए काला अक्षर भैंस बराबर है।

27. एक पंथ दो काज–एक ही रास्ते से दो काम।
प्रयोग–वह 26 जनवरी का उत्सव देखने दिल्ली गया। लौटते हुए वह अपने भाई से भी मिल लिया। इस तरह उसने एक पंथ दो काज कर लिए।

28. आम के आम गुठलियों के दाम–एक वस्तु से दो लाभ लेना।
प्रयोग–अखबार पढ़ लेते हैं तथा उसे बेचकर पैसे भी प्राप्त कर लेते हैं, इस प्रकार आम के आम गुठलियों के दाम हो जाते हैं।

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तत्सम तथा तद्भव शब्द

MP Board Class 7th Special Hindi व्याकरण 1
MP Board Class 7th Special Hindi व्याकरण 2

विलोम शब्द

MP Board Class 7th Special Hindi व्याकरण 3
MP Board Class 7th Special Hindi व्याकरण 4
MP Board Class 7th Special Hindi व्याकरण 5

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पर्यायवाची शब्द।

  • अग्नि–पावक, अनल, आग, ज्वाला, दहन, कृशानु, वैशांदुर।
  • अमृत–सोम, अमीय, सुधा, पीयूष, सुरभोग।
  • आँख–लोचन, नयन, नेत्र, चक्षु, द्रग।
  • असुर–दानव, दैत्य, राक्षस, निशाचर, दनुज, तमोचर।
  • आकाश–व्योम, गगन, अम्बर, शून्य, अनन्त, अन्तरिक्ष।
  • घोड़ा–अश्व, तुरंग, वाजि, हय, घोटक, रवि–सुत।
  • इन्द्र–पुरन्दर, मघवा, सुरेन्द्र, सुरेश, सुरपति, देवराज।
  • पानी–जल, वारि, अम्बु, तोय, नीर, पय, सलिल।
  • कमल–जलज, वारिज, अम्बुज, तोयज, नीरज, पंकज, सरोज।
  • बादल–जलद, वारिद, अम्बुद, नीरद, तोयद, जलधर, मेघ।
  • समुद्र–जलधि, वारिधि, अम्बुधि, नीरधि, तोयधि, पयोधि, नदीश।
  • सूर्य–दिवाकर, दिनेश, भानु, भाष्कर, रवि, दिवाकर, प्रभातकर, पतंग।
  • चन्द्रमा–मयंक, शशि, राकेश, राकापति, सोम, हिमकर, रजनीश, निशाकर।
  • पृथ्वी–भू, भूमि, धरती, धरा, वसुधा, अवनि, मही, वसुन्धरा।
  • कोयल–कोकिला, पिक, वनप्रिय, परमृत, वसन्तदूत।
  • कामदेव–मदन, अनंग, मन्मथ, मनोज, मार।
  • गंगा–सुरनदि, देवसरि, देवपगा, त्रिपथगा, भागीरथी, देवनदी, जाह्नवी।
  • घर–धाम, गृह, सदन, भवन, मन्दिर, निकेतन।
  • तालाब–सर, तड़ाग, सरोवर, ताल, जलाशय, पुष्कर।
  • दिन–दिवस, वासर, दिवा, अह्न, द्यौस, दिवा।
  • नदी–सरिता, आपगा, तरंगिणी, नद, तटनी, सरि।
  • फूल–पुष्प, सुमन, कुसुम, प्रसून, पुहुप।
  • पक्षी–खग, पतंग, पखेरू, परिंदा, द्विज।
  • हवा–वायु, पवन, समीर, अनिल, मारूति, ब्यार।
  • पेड़–तरु, विटप, वृक्ष, पादप, द्रुम।
  • धनुष–चाप, कोदण्ड, धनु, सरासन, कमान।
  • नाव–नौका, नैया, तरिणी, तरी।
  • पत्थर–पाहन, पाषाण, प्रस्तर, उपल, अश्म।
  • पर्वत–अचल, नग, गिरि, भूधर, शैल।
  • पुत्र–तनय, सुत, आत्मज, नन्दन, तात।
  • बिजली–विद्युत, दामिनी, चपला, तड़ित, चंचला।
  • भौंरा–अलि, मधुकर, भ्रमर, मधुप, भुंग।
  • मोर–केकी, शिखी, मयूर, नीलकंठ, शिखण्डी।
  • यमुना–कालिन्दी, अर्कजा, रवितनया, कृष्णा, तरणि तनूजा।
  • राजा–नृप, भूप, महीप, नृपति, नरेश।
  • रात्रि–रजनी, निशा, यामिनी, विभावरी, रैन।
  • लक्ष्मी–रमा, श्री, चंचला, पद्मा, हरिप्रिया, कमला।
  • विष्णु–नारायण, हरि, श्रीपति, चतुर्भुज, उपेन्द्र।
  • सिंह–मृगराज, केहरि, केसरी, पंचानन।
  • सोना–स्वर्ण, कनक, हेम, कंचन, कुन्दन।
  • स्वर्ग–देवलोक, विष्णुलोक, सुरपुर, ब्रह्मलोक, बैकुण्ठ।
  • साँप–सर्प, नाग, भुजंग, विषधर, व्याल।
  • स्त्री–नारी, तिय, अबला, कामिनी, रमणी।
  • सरस्वती–शारदा, भारती, वीणावादिनि, हंस वाहिनी वागेश्वरी।
  • हाथी–गज, हस्ती, कुंजर, नयन्द, दन्ती।
  • मृग–सारंग, कुरंग, मृणीक, हिरण।

समास

परिभाषा–किन्हीं दो पदों (शब्दों) के योग को समास कहते हैं। समास का अर्थ संक्षिप्त होता है।
जैसे–

  • दिन–रात, माता–पिता आदि।

समास के भेद–समास छः प्रकार के होते हैं-
1. द्वन्द्व समास–इस समास में दोनों पद प्रधान होते हैं। बीच में ‘और’ शब्द का लोप होता है।
जैसे–

  • माता–पिता = माता और पिता।
  • भाई–बहन = भाई और बहन।
  • दिन–रात = दिन और रात।

2. द्विगु समास–जिस समास में पहला पद संख्यावाची विशेषण हो, वह द्विगु समास होता है।
जैसे–

  • त्रिभुवन = तीन भुवनों का समूह,
  • नवरत्न = नौ रत्नों का समूह।

3. कर्मधारय समास–जिसमें पहला पद विशेषण तथा दूसरा पद विशेष्य हो, तो वहाँ कर्मधारय समास होता है।
जैसे–

  • नीलकमल = नीला है जो कमल।
  • महादेव = महान है जो देव।
  • घनश्याम = घन के समान श्याम।

4. तत्पुरुष समास–जिस समास में उत्तर पद प्रधान होता है तथा बीच में विभक्तियों का लोप होता है, वह तत्पुष समास कहलाता है,
जैसे–

  • राम–भजन = राम का भजन।
  • राजपुत्र = राजा का पुत्र।
  • विद्याहीन = विद्या से हीन।

5. अव्ययीभाव समास–जिस समास में पहला पद अव्यय तथा दूसरा पद प्रधान होता है, वहाँ अव्ययीभाव समास होता है।
जैसे–
यथाशक्ति = शक्ति के अनुसार, (यथा + शक्ति)।

  • यथोचित = यथा + उचित।
  • प्रतिदिन = प्रति + दिन।
  • अनुदिन = अनु + दिन।

6. बहुब्रीहि समास–जिस समास में किसी भी पद की प्रधानता न होते हुए अन्य तीसरे पद की प्रधानता होती है वहाँ बहुब्रीहि समास होता है।
जैसे–

  • दशानन = दस हैं आनन जिसके अर्थात् रावण।
  • नीलकंठ = नीला है कंठ जिसका अर्थात् महादेव।
  • लम्बोदर = लम्बा है उदर जिसका अर्थात् गणेशजी।

उदाहरण–
निम्नलिखित शब्दों के पद–विग्रह सहित समास लिखो-
MP Board Class 7th Special Hindi व्याकरण 6

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अलंकार

परिभाषा–जिस प्रकार किसी सुन्दरी की शोभा बढ़ाने के लिए कुछ आभूषणों का प्रयोग किया जाता है। उसी प्रकार भाषा रूपी सुन्दरी को सजाने के लिए कुछ शब्दों का प्रयोग करते हैं। उन्हें अलंकार कहते हैं।

अलंकार के भेद–अलंकार दो प्रकार के होते हैं
(1) शब्दालंकार,
(2) अर्थालंकार।
शब्दालंकार से शब्द में चमत्कार पैदा होता है। अर्थालंकार से अर्थ में चमत्कार पैदा होता है।

(क) शब्दालंकारों में अनुप्रास, यमक और श्लेष मुख्य
1. अनुप्रास अलंकार–जब एक ही अक्षर दो या दो से अधिक बार प्रयोग हो रहा हो, तो वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है।
जैसे-
तरनि तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाये।
इस वाक्य में ‘त’ वर्ण कई बार आया है।
अत: यहाँ अनुप्रास अलंकार है।

2. यमक अलंकार–जिस वाक्य में एक ही शब्द दो या दो से अधिक बार आये तथा उनके अर्थ अलग–अलग हों, तो वहाँ यमक अलंकार होता है।
जैसे–
‘कनक–कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय’ में कनक शब्द दो बार प्रयुक्त हुआ है। पहले ‘कनक’ का अर्थ स्वर्ण (सोना) है तथा दूसरे ‘कनक’ का अर्थ है ‘धतूरा’। इसलिए यहाँ यमक अंलकार है।

3. श्लेष अलंकार–श्लेष शब्द का अर्थ है चिपका हुआ। जहाँ किसी एक शब्द का एक ही बार प्रयोग हो तथा उसके अर्थ अनेक हों, वहाँ श्लेष अलंकार होता है।
जैसे–
रहिमन पानी राखिये बिनु पानी सब सून।
पानी गये न ऊबरे, मोती मानुस चून॥
इस पद्यांश में प्रयुक्त ‘पानी’ शब्द का अर्थ–चमक, प्रतिष्ठा, तथा जल है अतः यहाँ श्लेष अलंकार है।

(ख) अर्थालंकारों में उपमा, रूपक तथा उत्प्रेक्षा विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं-
1. उपमा–जहाँ एक वस्तु की समानता किसी दूसरी वस्तु से दिखायी जाती है, वहाँ उपमा अलंकार होता है। उपमां के चार भेद होते हैं– उपमेय, उपमान, धर्म, वाचक।
उदाहरण–
‘हरि पद कोमल कमल से।’ इस वाक्य में हरिपद उपमेय है, ‘कमल’ उपमान है ‘से’ वाचक है तथा ‘कोमल’ साधारण धर्म है।

2. रूपक–जहाँ उपमेय और उपमान को एक ही रूप दे दिया जाता है, तो वहाँ रूपक अलंकार होता है।
जैसे–
“चरण कमल बन्दी हरि राई।” – यहाँ पर ‘चरण’ उपमेय है, और ‘कमल’ उपमान है। दोनों को ही एक रूप दे दिया गया है, अतः यहाँ रूपक अलंकार है।

3. उत्प्रेक्षा–जहाँ उपमेय में उपमान की कल्पना की जाये, तो वहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। इसमें जनु, मनु, जानहु, मानहु, आदि शब्द ‘वाचक’ होते हैं।
उदाहरण–
सोहत ओढ़े पीत पट श्याम सलोने गात।
मनहु नीलमणि शैल पर आतप पर्यो प्रभात ॥
यहाँ श्रीकृष्ण के श्याम सलोने शरीर की समानता नीलमणि के पर्वत से की है, शरीर पर पीलावस्त्र नीलमणि के पर्वतरूपी श्यामवर्ण शरीर पर पड़ी हुई प्रातःकालीन धूप है।

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शब्दसमूह के लिए एक शब्द
शब्दसमूह   –         एक शब्द
1. कभी निष्फल न होने वाला – अमोघ
2. सम्पूर्ण संसार का स्वामी – अखिलेश
3. जो ईश्वर को नहीं मानता हो – नास्तिक
4. जो कभी न मरे – अमर
5. दूसरों का एहसान न मानता हो कृतघ्न या – अकृतज्ञ
6. जिसके माता–पिता हैं – सनाथ
7. जिसके माता–पिता न हों – अनाथ
8. बहुत अधिक बोलने वाला – वाचाल
9. बुराई करने वाला – निन्दक
10. दूसरों की भलाई करने वाला – परोपकारी
11. भ्रमण करने वाला – पर्यटक
12. दूसरे देश का रहने वाला – विदेशी
13. घोड़े बाँधने का स्थान – अस्तबल
14. गोद लिया पुत्र – दत्तक पुत्र
15. भाषण देने वाला – वक्ता
16. जो लिखना पढ़ना जानता हो – साक्षर
17. क्षणभर में नष्ट होने वाला – क्षणभंगुर
18. वह स्त्री जिसका पति मर चुका हो – विधवा
19. वह आदमी जिसकी स्त्री मर विधुर – चुकी हो
20. जो बिना बुद्धि का हो – निर्बुद्धि
21. जो बिना चरित्र का हो – चरित्रहीन
22. मांस खाने वाला – मांसाहारी
23. दूर तक की सोचने वाला। – दूरदर्शी
24. नीति का ज्ञाता – नीतिज्ञ
25. जिसे जीता न जा सके – अजेय
26. घृणा के योग्य – घृणित
27. जिसे सभी कामों में सफलता। सफल – मिली हो
28. ईश्वर में विश्वास करने वाला – आस्तिक
29. जो बूढ़ा न हो – अजर
30. सौ वर्ष का समय – शताब्दी
31. शरण में आया हुआ – शरणागत
32. आज्ञा मानने वाला – आज्ञाकारी
33. बहुत कम जानने वाला – अल्पज्ञ
34. दोपहर का समय – मध्याह्न
35. आकाश को छूने वाला – गगनचुम्बी
36. कम बोलने वाला – मितभाषी
37. दोपहर के बाद का समय – अपराह्न
38. पूजा के योग्य – पूज्य
39. सम्पूर्ण दिन का कार्यक्रम – दिनचर्या
40. जिसका जन्म पहले हुआ हो। – अग्रज
41. मांस न खाने वाला – शाकाहारी
42. जिसका कोई शत्रु न हो – अजातशत्रु
43. पति तथा पत्नी – दम्पत्ति
44. निष्फल न होने वाली – अचूक
45. जिसका आकार न हो – निराकार

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MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 4 Basic Geometrical Ideas Ex 4.6

MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 4 Basic Geometrical Ideas Ex 4.6

Question 1.
From the figure, identify:
MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 4 Basic Geometrical Ideas Ex 4.6 1
(a) the centre of circle
(b) three radii
(c) a diameter
(d) a chord
(e) two points in the interior
(f) a point in the exterior
(g) a sector
(h) a segment
Solution:
(a) O is the centre of circle.
(b) Three radii: \(\overline{O A}\), \(\overline{O B}\) and \(\overline{O C}\)
(c) A diameter : \(\overline{A C}\)
(d) A chord : \(\overline{E D}\)
(e) Two interior points : O and P
(f) Exterior point: Q
(g) A sector : OAB (shaded part)
(h) A segment: ED (shaded part)

MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 4 Basic Geometrical Ideas Ex 4.6

Question 2.
(a) Is every diameter of a circle also a chord?
(b) Is every chord of a circle also a diameter?
Solution:
(a) Yes, every diameter of a circle is also a chord. It is the largest chord of a circle.
(b) No, every chord of a circle is not a diameter.

MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 4 Basic Geometrical Ideas Ex 4.6

Question 3.
Draw any circle and mark
(a) its centre
(b) a radius
(c) a diameter
(d) a sector
(e) a segment
(f) a point in its interior
(g) a point in its exterior
Solution:
MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 4 Basic Geometrical Ideas Ex 4.6 2
(a) O is the centre of the circle.
(b) \(\overline{O A}\) is the radius
(c) \(\overline{A B}\) is the diameter.
(d) OAC is the sector, (shaded part)
(e) EF is the segment, (shaded part)
(f) Q is a point in its interior.
(g) R is a point in its exterior.
(h) \(\widehat{A C}\) is an arc.

MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 4 Basic Geometrical Ideas Ex 4.6

Question 4.
Say true or false:
(a) Two diameters of a circle will necessarily intersect.
(b) The centre of a circle is always in its interior.
Solution:
(a) True
(b) True

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MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 4 Basic Geometrical Ideas Ex 4.5

MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 4 Basic Geometrical Ideas Ex 4.5

Question 1.
Draw a rough sketch of a quadrilateral PQRS. Draw its diagonals. Name them. Is the meeting point of the diagonals in the interior or exterior of the quadrilateral?
Solution:
MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 4 Basic Geometrical Ideas Ex 4.5 1
Diagonal PR and diagonal SQ meet at point O, which is in the interior of the quadrilateral PQRS.

MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 4 Basic Geometrical Ideas Ex 4.5

Question 2.
Draw a rough sketch of a quadrilateral KLMN. State,
(a) two pairs of opposite sides,
(b) two pairs of opposite angles,
Solution:
MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 4 Basic Geometrical Ideas Ex 4.5 2
(a) Two pairs of opposite sides :
\(\overline{K L}\) and \(\overline{N M}\), \(\overline{K N}\) and \(\overline{L M}\)

(b) Two pairs of opposite angles :
∠K and ∠M, ∠L and ∠N

(c) Two pairs of adjacent sides :
\(\overline{K N}\) and \(\overline{N M}\) , \(\overline{K L}\) and \(\overline{L M}\)

(d) Two pairs of adjacent angles :
∠K and ∠N, ∠L and ∠M

MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 4 Basic Geometrical Ideas Ex 4.5

Question 3.
Investigate :
Use strips and fasteners to make a triangle and a quadrilateral.
Try to push inward at any one vertex of the triangle. Do the same to the quadrilateral.
Is the triangle distorted? Is the quadrilateral distorted? Is the triangle rigid?
Why is it that structures like electric towers make use of triangular shapes and not quadrilaterals?
Solution:
No, the triangle is not distorted but the quadrilateral is distorted and also the triangle is rigid.
Structures like electric towers make use of triangular shape so that they could not be distorted and they could be rigid.

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MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 4 Basic Geometrical Ideas Ex 4.4

MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 4 Basic Geometrical Ideas Ex 4.4

Question 1.
Draw a rough sketch of a triangle ABC. Mark a point P in its interior and a point Q in its exterior. Is the point A in its exterior or in its interior?
Solution:
We have,
MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 4 Basic Geometrical Ideas Ex 4.4 1
A is neither in the interior nor in the exterior of the triangle ABC. It is a vertex.

MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 4 Basic Geometrical Ideas Ex 4.4

Question 2.
(a) Identify three triangles in the figure.
(b) Write the names of seven angles.
(c) Write the names of six line segments.
(d) Which two triangles have ∠B as common?
MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 4 Basic Geometrical Ideas Ex 4.4 2
Solution:
(a) The three triangles are ∆ABC, ∆ABD, ∆ADC
(b) 7 angles are ∠ADB, ∠ADC, ∠ABD, ∠ACD, ∠BAD, ∠CAD, ∠BAC
(c) 6 line segments are \(\overline{A B}\), \(\overline{A C}\), \(\overline{A D}\), \(\overline{B D}\), \(\overline{D C}\), \(\overline{B C}\)
(d) Two triangles having ∠B as common are ∆ABC, ∆ABD

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MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 4 Basic Geometrical Ideas Ex 4.3

MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 4 Basic Geometrical Ideas Ex 4.3

Question 1.
Name the angles in the given figure.
MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 4 Basic Geometrical Ideas Ex 4.3 1
Solution:
There are four angles in the given figure i.c., ∠ABC, ∠CDA, ∠DAB, ∠DCB

MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 4 Basic Geometrical Ideas Ex 4.3

Question 2.
In the given diagram, name the point(s)
(a) In the interior of ∠DOE
(b) In the exterior of ∠EOF
(c) On ∠EOF
MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 4 Basic Geometrical Ideas Ex 4.3 50
Solution:
(a) Point in the interior of ∠DOE : A
(b) Points in the exterior of ∠EOF : C, A, D
(c) Points on ∠EOF : E, O, B, F

MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 4 Basic Geometrical Ideas Ex 4.3

Question 3.
Draw rough diagrams of two angles such that they have
(a) One point in common.
(b) Two points in common.
(c) Three points in common.
(d) Four points in common.
(e) One ray in common.
Solution:
MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 4 Basic Geometrical Ideas Ex 4.3 2
Here, two angles are ∠AOD and ∠BOC and point O is common.

(b)

MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 4 Basic Geometrical Ideas Ex 4.3 3
Here, two angles are ∠AOB and ∠CDE and two points F and G are common.

MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 4 Basic Geometrical Ideas Ex 4.3 4
Here, two angles are ∠AOB and ∠CDE and three points F, D and G are common.

MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 4 Basic Geometrical Ideas Ex 4.3 5
Here, two angles are ∠AOB and ∠CDE and four points F, G, H and I are common.

MP Board Class 6th Maths Solutions Chapter 4 Basic Geometrical Ideas Ex 4.3 6
Here, two angles are ∠AOB and ∠AOC and ray OA is common.

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