MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions विविध प्रश्नावली 2

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

1. एक वाक्य के लिए एक शब्द के आधार पर सही जोड़ी बनाइए
(1) उपकार मानने वाला – (क) अनुकरणीय
(2) कम खाने वाला – (ख) आस्तिक
(3) जो ईश्वर में विश्वास रखता है – (ग) सर्वज्ञ
(4) जो सब कुछ जानता हो – (घ) कृतज्ञ
(5) जो अनुकरण करने योग्य हो – (ङ) मिताहारी
उत्तर-
(1) → (घ)
(2) → (ङ)
(3) → (ख)
(4) → (ग)
(5) → (क)

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2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(क) पाटलिपुत्र नगर …………………………………. के अध्ययन के लिए मशहूर था।
(ख) मुंडा जन जाति में ‘सिंग’ का अर्थ है ………………………………….
(ग) कहा जाता है कि …………………………………. ऋषि ने भेड़ाघाट में …………………………………. तपस्या की थी।
(घ) सबद सुनै सब कोय …………………………………. सबै सुहावन।
(ङ) बहुत अधिक फूल खिलने के कारण पटना का नाम ………………………………….” भी था।
उत्तर-
(क) ज्योतिष,
(ख) सूर्य,
(ग) भृगु,
(घ) कोकिला,
(ङ) कुसुमपुर।

3.सही विकल्प भरिए
(क) सत्याग्रह शब्द का संधि-विच्छेद है
(1) सत्य + ग्रह,
(2) सत्य + आग्रह,
(3) सत्या + ग्रह,
(4) सत्याग + रह।
उत्तर-
(2) सत्य + आग्रह,

(ख) युवावस्था शब्द का संधि-विच्छेद है
(1) युवा + अवस्था,
(2) युवाव + आस्था,
(3) युव + अवस्था,
(4) युव + आस्था।
उत्तर-
(1) युवा + अवस्था,

(ग) ‘हाथ पाँव फूलना’ मुहावरे का अर्थ है
(1) सूजन आ जाना,
(2) ताकतवर हो जाना,
(3) घबरा जाना,
(4) खुश होना।
उत्तर-
(3) घबरा जाना।

4. निम्नलिखित समास विग्रहशब्दों के समक्ष सामासिक पद लिखिए-
शंख से नाद, गाँव के वासी, राजा का दण्ड, हर एक वर्ष, शौर्य के लिए चक्र, सेना का पति, नीला कमल।
उत्तर-

  1. शंख से नाद = शंखनाद,
  2. गाँव के वासी = गाँववासी;
  3. राजा का दण्ड = राजदण्ड;
  4. हर एक वर्ष = प्रतिवर्ष;
  5. शौर्य के लिए चक्र = शौर्यचक्र;
  6. सेना का पति = सेनापति;
  7. नीलाकमल = नीलकमल।

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5. निम्नलिखित शब्दों का अनुनासिक और अनुस्वार चिह्न के आधार पर वर्गीकरण कीजिए-
गाँव, पंचम, दण्ड, मंगल, काँच, हँस, बाँधना, बंधन, सम्बंध, हंस।
उत्तर-
MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti विविध प्रश्नावली 2 1

MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti अति लघु उत्तरीय प्रश्न

(1) पाटलिपुत्र किन-किन सम्राटों की राजधानी रहा
उत्तर-
पाटलिपुत्र नगर नंद, मौर्य और गुप्त सम्राटों की राजधानी रहा है।

(2) ज्ञान विज्ञान के क्षेत्र में भारत की सबसे बड़ी देन क्या है?
उत्तर-
ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में भारत की सबसे बड़ी देन है-शून्य सहित केवल दस अंक संकेतों से भी संख्याओं को व्यक्त करना। इस दाशमिक स्थानमान अंक पद्धति की खोज आर्यभट्ट से तीन चार सदियों पहले हो चुकी थी।

(3) राजा अभयसिंह ने खेजड़ली ग्राम जाकर किसलिए क्षमा माँगी?
उत्तर-
राजा अभयसिंह खेजड़ली ग्राम गये। वहाँ जाकर उन्होंने अपने सैनिकों के दुष्कृत्य के लिए क्षमा माँगी।

(4) मध्य प्रदेश सरकार द्वारा शहीद अमृता देवी विश्नोई पुरस्कार किस उद्देश्य की पूर्ति के लिए दिया जाता है?
उत्तर-
मध्य प्रदेश सरकार वन सम्वर्द्धन और वन्य प्राणियों की रक्षा के उद्देश्य की पूर्ति के लिए शहीद अमृता देवी पुरस्कार देती है।

MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti लघु उत्तरीय प्रश्न

(1) ‘भेड़ाघाट’ पाठ के लेखक की ममता नर्मदा से स्वाभाविक रूप से क्यों हैं?
उत्तर-
लेखक की ममता नर्मदा से स्वाभाविक रूप से है, क्योंकि उसने अपनी शिक्षा और अपना शारीरिक विकास भी नर्मदा के ही किनारे प्राप्त किया। नर्मदा के किनारे ऊँचे रुके हुए हैं। यहाँ का वातावरण और वायुमण्डल खुला है। इसके आसपास के बीहड़, उसके झरने और उनकी घर्षण की ध्वनि बहुत अच्छी लगती है। नर्मदा संघर्षमयी है। उसके संघर्ष ने लेखक को भी संघर्षशील बना दिया।

(2) ‘भेड़ाघाट’ पाठ का लेखक विधाता को क्या चुनौती देना चाहता है और क्यों?
उत्तर-
लेखक विधाता को चुनौती देना चाहता है कि हे विधाता! तू इस सतपुड़ा के ऊँचे-ऊँचे गौरवशाली शिखरों को एक-सा बनाकर दिखाओ तो। ये धवल शिखर इतने ऊँचे हैं कि उनकी ऊँचाई में और श्वेतता में आसमान का नीलापन मालूम ही नहीं पड़ता, वह कहीं खो सा गया है। संगमरमरी श्वेत पर्वत शिखरों का क्रम अट है। उन्हें सृष्टिकारक विधाता भी नीचे झुका नहीं सकता।

(3) किस घटना ने बिरसा मुंडा के जीवन की दिशा बदल दी?
उत्तर-
बिरसा मुंडा चाईबासा के लूथरन मिशन स्कूल में पढ़ते थे। वहाँ उन्हें दासता का अनुभव हुआ। बिरसा ने शोषण किए जाते लोगों की व्यथा के दृश्यों को देखा। वे अंग्रेजों के कारनामों की टीका-टिप्पणी करने लगे। उन्हें विद्यालय से निकाल दिया गया। उनकी पढ़ाई छूट गई। वे इस समय युवावस्था में प्रवेश कर रहे थे। विद्यालय से निष्कासन की घटना ने उनके जीवन की दिशा बदल दी।

(4) बिरसा मुण्डा के आन्दोलन के समय और कौन-कौन से सेनानियों की चर्चा की गई है?
उत्तर-
बिरसा मुंडा ने अपना आन्दोलन अन्याय और शोषण के विरुद्ध शुरू कर दिया। इस आन्दोलन के समय महान् सेनानियों में-झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे, नाना साहब, कुँवर सिंह आदि के नाम की चर्चा की गई है।

(5) अर्जुन अपने लक्ष्य में कैसे सफल हुआ?
उत्तर-
अर्जुन अपने लक्ष्यवेध में सफल उस समय हुआ, जब तन्मय होकर उसका समस्त ध्यान लक्ष्य में ही केन्द्रित हो गया।

(6) वृद्धा सेठजी के पास अपनी अमानत वापस माँगने क्यों गई थी?
उत्तर-
वृद्धा सेठजी के पास अपनी अमानत वापस माँगने इसलिए गई थी कि उसे अपने पैसे मिल जायें, तो वह अपने। बीमार बच्चे को किसी डॉक्टर को दिखाकर उसका इलाज करा सके।

(7) वाक्य रचना की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर-
वाक्य रचना की विशेषताएँ

  1. योग्यता-वाक्य में प्रयुक्त शब्दों में अर्थ प्रकट करने की योग्यता हो।
  2. सार्थकता-वाक्य में निरर्थक शब्दों का प्रयोग न हो।
  3. आकांक्षा-वाक्य में एक पद सुनते ही, उसके विषय में जानने की इच्छा होती है।
  4. पदक्रम-वाक्य में शब्दों का एक विशेष क्रम होता है।
  5. अन्वय-व्याकरण की दृष्टि से वचन, लिंग, कारक। और क्रिया आदि की सम्बद्धता हो।
  6. आसक्ति-वाक्य में प्रयोग किये गये शब्दों में समीपता होनी चाहिए जब उन्हें बोला व लिखा जाये।

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MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

(1) “नाच रहे पागल हो ताली दे-दे चल दल” का भावार्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
भावार्थ-वर्षा ऋतु में पीपल वृक्ष के चंचल बने हुए पत्ते ताली दे-देकर खुशी से पागल होकर नाच रहे हैं।

(2) “पकड़ वारि की धार झूलता है मेरा मन” कहकर कवि क्या कहना चाहता है?
उत्तर-
भावार्थ-कवि कहता है कि मेरा मन जल की धार को पकड़कर अनेक कल्पनाओं के झूले में झूलने लगता है।

(3) सावन मन भावन क्यों लगने लगता है? .
उत्तर-
सावन मन भावन इसलिए लगने लगता है कि सावन। के महीने में होने वाली वर्षा सभी ओर के वातावरण को खुशनुमा। बना देती है। सर्वत्र हरियाली छा जाती है। हवा शीतल बहती है। पर्यावरणीय सुन्दरता मनुष्य को कल्पनाशील बना देती हैं उनके जागरण के साथ ही मनुष्य क्रियाशील हो जाता है। उसकी क्रियाशीलता मन की इच्छाओं को साकार करती है। मन में अच्छे-अच्छे विचार उठते हैं। जिस तरह वर्षा का जल धूल से भरी भूमि को अंकुरित कर देता है। उसी तरह मनुष्य के मन में भी अनेक कल्पनाएँ जन्म लेकर “गीत सावन” के रूप में अवतरित हो जाती हैं।

(4) जन्मभूमि की स्वतन्त्रता का बिरसा का सपना अधूरा कब रह गया?
उत्तर-
बिरसा मुंडा ने अंग्रेज शासकों के विरुद्ध आन्दोलन चलाने का संकल्प ले लिया। उन्होंने गाँव-गाँव जाकर सभाएं की। देश की आजादी के लिए लड़ने हेतु मुंडा व अन्य जन-जातियाँ भाले और तीर कमान लेकर चारकाड गाँव में एकत्र होने लगे। बिरसा की क्रान्तिकारी गतिविधियों से परेशान होकर डिप्टी कमिश्नर ने उन्हें आदेश दिया कि वे उसके सामने उपस्थित होवें।

परन्तु बिरसा ने उसका आदेश नहीं माना। पुलिस अधीक्षक ने रात में बिरसा को उनके घर से गिरफ्तार कर लिया। राँची जेल में डाल दिया गया। दो वर्ष की सजा हुई। सजा काटने के बाद मुंडा समाज ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई तेज कर दी। बिरसा को देशद्रोहियों ने फिर पकड़वा दिया। बीमार हो जाने से सुनवाई के दिन खून की उल्टी हो जाने पर उनकी मृत्यु हो गई। इस तरह जन्मभूमि की स्वतन्त्रता का बिरसा का सपना अधूरा रह गया।

(5) “प्राण जाएँ पर वृक्ष न जाए” पाठ का मुख्य सन्देश अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर-
‘प्राण जाएँ पर वृक्ष न जाए’ पाठ का मुख्य सन्देश है कि पर्यावरण की रक्षा की जानी बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। इसके लिए अर्थात् पर्यावरण की शुद्धता के लिए वृक्ष लगाये जाएँ और उनकी सुरक्षा भी की जाए। आज वृक्षों की संख्या दिन-प्रतिदिन घटती जा रही है। इसके कारण समूचे विश्व में पर्यावरण की रक्षा की चिन्ता की जा रही है। वृक्षों की अन्धाधुन्ध कटाई पर रोक लगाई जा रही है तथा नये वृक्ष उगाने और उनको रोपने तथा. उनकी रक्षा किए जाने पर जोर दिया जा रहा है। ‘प्राण जाएँ पर वृक्ष न जाए’ पाठ का मुख्य सन्देश यही है कि वृक्षों को कटने से रोका जाए और वृक्षारोपण किया जाए। वातावरण में प्रतिदिन बढ़ते प्रदूषण से बचने के लिए हमें पेड़ों की रक्षा करनी ही होगी और नये पेड़ लगाने ही होंगे। वृक्षारोपण, वृक्ष रक्षा तथा जीवन रक्षा का संकल्प लेना ही इस पाठ का मुख्य सन्देश है।

(6) याचक और दाता’ कहानी में सही अर्थों में याचक कौन है और क्यों? कारण सहित उत्तर लिखिए।
उत्तर-
‘याचक और दाता’ कहानी में सही अर्थों में याचक सेठ बनारसी दास हैं। कहानी में एक वृद्धा मन्दिर के दरवाजे पर फूल बेचती है। उस काम से जो भी धन उसे बचता है, उससे एक बच्चे का पालन-पोषण भी करती है। यह बच्चा, वास्तव में उसका नहीं है। बच्चे के पढ़ने-लिखने और उसका पूर्ण विकास करने के उद्देश्य से वह वृद्धा फूल बेचने के काम में लगी रहती है।

फूल बेचने के काम से जो भी धन उसे मिलता है, उसको गाँव के सेठ बनारसीदास के पास जमा कर देती है। वह धन को। सेठजी के पास इसलिए जमा करती है कि उसके पीछे उसकी। झोंपड़ी से कोई भी धन को चुरा सकता है। सेठजी के पास जमा रहने पर वह धन सुरक्षित ही बना रहेगा परन्तु बच्चा बीमार हो जाता है उसके इलाज के लिए धन की जरूरत पड़ती है। वृद्धा सेठजी के पास जाकर धन वापस लेने की याचना करती है। उसं आवश्यकता की घड़ी में सेठ धन लौटाने से मुकर जाता है। वास्तविकता यह है कि वह बच्चा भी सेठजी का है जो एक दिन खो गया था। सेठजी बीमार बच्चे को देखकर पहचान लेते हैं और बच्चे को प्राप्त कर लेते हैं। वृद्धा के धन को वे लौटाना चाहते। हैं परन्तु वृद्धा कहती है कि वह धन भी तो उसी बच्चे के लिए। एकत्र किया गया है। बच्चे और धन दोनों को वृद्धा उस सेठ को .। सौंप देती है। इस प्रकार सेठजी स्वयं याचक हैं और दाता है वृद्धा।

(7) आपके आसपास की कोई प्रसिद्ध नदी तथा उसके आसपास का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
उत्तर-
मैं जिस शहर का निवासी हूँ, उस शहर के समीप। से ही एक नदी बहती है। यह नदी अपने जल की शुद्धता और अपने आसपास के सौन्दर्य के लिए बहुत प्रसिद्ध है। इस नदी के दोनों किनारे ऊँचे-ऊँचे हैं। वे संगमरमरी पत्थरों से बने हैं। कहीं-कहीं पर दूसरे प्रकार के कच्चे पत्थर भी हैं जो बराबर समय-समय पर जल प्रवाह से प्रभावित होकर कटते रहते हैं। इस नदी के आस-पास के क्षेत्र का मैं स्वयं निवासी हूँ। यहाँ की रमणीय प्राकृतिक सुन्दरता मुझे आकर्षित करती रहती है। हरे-भरे ऊँचे-ऊँचे वृक्ष इसके आस-पास की सुन्दरता को चार चाँद लगा देते हैं। भक्तजन प्रायः सायं इसके जल में डुबकी लगाते हैं। किनारे के मन्दिर और पूजा स्थल पर जाकर देव दर्शन के लाभ प्राप्त करते हैं। – वृक्षों के घने कुंजों में पक्षियों की मधुर आवाजें मन और मस्तिष्क के ज्वार-भाटे को दूर कर देती हैं। बरसात में तो वहाँ की सुन्दरता और बढ़ जाती है। इसका प्रवाह विस्तृत और तेज हो जाता है। समुद्र जैसा फैलाव, उफनते जल पर फैन उसकी मदमाती युवावस्था का प्रतीक होती है। लोग बाढ़ में बढ़ती नदी की पूजा करते हैं कि वह अपनी सीमाओं में रहकर सभी प्राणियों को सुख-समृद्धि देती रहे।

(8) निम्नलिखित गद्यांश की सन्दर्भ सहित व्याख्या कीजिए-
“जब हम सूर्य की किरणों को किसी आतशी शीशे के सहारे एक कागज के टुकड़े पर केन्द्रित करते हैं तो वह जल उठता है, जल में प्रच्छन्न विद्युत को कुछ साधनों से केन्द्रित करके बड़े-बड़े कारखाने चलाए जाते हैं। एकाग्र करके उससे संसार को हिलाया जा सकता है।”
उत्तर-
सन्दर्भ-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘भाषा भारती’ के पाठ लक्ष्य वेध’ से अवतरित हैं। इसके लेखक श्री रामनाथ सुमन हैं।

प्रसंग-मन के अन्दर व्याप्त इच्छा शक्ति को जब किसी एक कार्य में केन्द्रित करके प्रयुक्त किया जाता है तो यह स्थिति तन्मयता की होती है।

व्याख्या-लेखक का मत है कि मन में जो चेतना और इच्छा शक्ति व्याप्त है, उसे यदि किसी कार्य में किसी एक दिशा में अथवा किसी एक लक्ष्य को प्राप्त करने में एकाग्र भाव से प्रस्तुत किया जाता है तो यह स्थिति तन्मयता की (तल्लीनता की अथवा एकाग्रता की) कही जाती है। आतशी शीशे से गुजारी गई सूर्य की किरणें उस कागज को जला देती हैं जिस पर वे केन्द्रित की गई हैं। सूर्य की किरणों का केन्द्रीकरण उन्हें ऊर्जावान बना देता है। इससे वे उस कागज को जला डालती हैं। इसी तरह जल में भी छिपी शक्ति को कुछ यन्त्रों रूपी साधनों में केन्द्रित किया जा सकता है और बड़े-बड़े कल-कारखाने चलाये जा सकते हैं। इसी ऊर्जा को एक ही स्थान पर लगा दिया जाये तो सम्पूर्ण संसार को हिलाया जा सकता है।

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(9) निम्नलिखित पंक्तियों को ध्यान से पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
“ठाँउ न रहत निदान, जियत जग में जस लीजै। मीठे वचन सुनाय, विनय सब ही सौं कीजै, कह गिरधर कविराय, अरे यह सब घट तौलत।
पाहुन निस दिन चारि, रहत सबही के दौलत।”
(क) पंक्तियों में कौन-सा छन्द है? नाम लिखकर उसके लक्षण लिखिए।
(ख) पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार का नाम लिखिए।
(ग) रचनाकार का नाम बताइए।
(घ) कवि इन पंक्तियों के माध्यम से क्या कहना चाहता है?
उत्तर-
(क) इन पंक्तियों में कुंडलिया छन्द है। इसका लक्षण इस प्रकार है कुंडलिया छन्द के छः चरण होते हैं। प्रत्येक चरण में 24 मात्राएँ होती हैं। इस छन्द के प्रारम्भ में दोहा तथा अन्त में रोला छन्द होता है। इस छन्द की एक विशेषता यह भी है कि जो शब्द इसके आरम्भ में आता है, वही इसके अन्त में भी आता है।
(ख) इन पंक्तियों में अनुप्रास अलंकार का प्रयोग हुआ है।
(ग) इस छन्द के रचयिता (कवि) गिरधर हैं।
(घ) कवि ने इन पंक्तियों में लोक व्यवहार की अनुभवजन्य एवं उपयोगी बातों को बताया है। कवि का सन्देश है कि हमें विनयशील और मीठी वाणी बोलने वाला होना चाहिए। इस तरह हम अपने जीवन को सहज और बेहतर बना सकते हैं।

(10) “चाँद आता है तो चाँदी जैसी चमक उठती है,सूरज आता है तो उस जैसी तप उठती है।”
(क) यह कथन किसके बारे में कहा गया है?
(ख) पंक्ति का आशय अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर-
(क) यह कथन नर्मदा तट की संगमरमरी चट्टानों के बारे में कहा गया है।
(ख) पंक्ति का आशय यह है कि चन्द्रमा के उदय होने पर संगमरमर की धवल चट्टानों में से चाँदी की सी चमक उठती है। सूर्य के उदित होने पर सूरज की किरणों का ताप उन्हें तपा देता। है उससे वे तपने लगती हैं, वे गरम हो जाती हैं अर्थात् रात्रि और। दिन के तापमान का उन चट्टानों पर प्रभाव पड़ता है।

(11) भारतवर्ष में प्रचलित संवत्/सन् आदि की सूची बनाइए।
उत्तर-
विक्रम संवत्, ईसवी संवत् या सन्, हिजरी संवत् शालिवाहन संवत्, कलिसंवत, बंगला संवत् आदि।

(12) पाण्डवों और कौरवों की परीक्षा सम्बन्धी घटना लिखिए।
उत्तर-
पाण्डवों और कौरवों के गुरु आचार्य द्रोण अन्तिम परीक्षा के लिए उन्हें एक वन में ले गये। एक वृक्ष के ऊपर बैठी चिड़िया की आँखों की पुतली के लक्ष्यवेध का निश्चय हुआ। आचार्य ने सबको निशाना ठीक करने को कहा और तब एक छोटा-सा प्रश्न हुआ-“तुम्हें क्या दिखाई देता है?” किसी ने कहा, ‘वह वृक्ष की पतली टहनी है, उस पर लाल रंग की चिड़िया बैठी है, उसकी आँख दिखाई दे रही है।’ किसी ने कहा, ‘मुझे चिड़िया दिखाई देती है और उसकी आँख में मैं निशाना लगा रहा हूँ।’ जब अर्जन की बारी आई और आचार्य ने उनसे वही प्रश्न दोहराया तो उन्होंने कहा, “गुरुदेव मुझे सिवाय आँखों की पुतली के और कुछ दिखाई नहीं देता है।” आचार्य ने अर्जन की पीठ ठोकी और आशीवार्द दिया। अर्जुन परीक्षा में सफल हुआ। मानव जीवन की सफलता-असफलता की यह एक चिरन्तन कथा है। यह लक्ष्यवेध का एक ही उपाय बताती है-‘लक्ष्य में तन्मयता’।

(13) गिरधर कवि की कुण्डलियाँ पढ़कर आपके मन में जो विचार उत्पन्न हुए हैं, उन्हें अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर-
पाठ-11 “गिरधर की कुण्डलियाँ’ के आधार पर विद्यार्थी स्वयं लिखें।

(14) वृक्षों से लाभ’ विषय पर एक निबंध लिखिए।
उत्तर-
विद्यार्थी स्वयं प्रयास करें।

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