MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Solutions विविध प्रश्नावली 2

प्रश्न 1.
सही जोड़ी बनाइए.
1. कर्त्तव्य – (क) दिवस
2. सहन – (ख),परायणता
3. उपभोक्ता – (ग) जोखा
4. लेखा – (घ) शीलता
उत्तर-
1. – (ख)
2. – (घ)
3. – (क)
4. – (ग)

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प्रश्न 2.
सही विकल्प चुन कर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. मुझको अपनी ……………………………… पर बहुत-बहुत अभिमान है। (मानवता/दानवता)
2. बाथरूम की फिसलन पाठ ……………………………… विधा के अंतर्गत आता है। (कटानी/व्यंग्य)
3. सबको अपने जीवन से ……………………………… होता है। (मोह/विद्रोह)
4. नर्मदा ……………………………… की ओर बहती है। (पूर्व/पश्चिम)
5. वस्तु का उपयोग करने वालों को ……………………………… कहते हैं। (विक्रेता/उपभोक्ता)
उत्तर-
1. मानवता,
2. व्यंग्य,
3. मोह,
4. पश्चिम,
5. उपभोक्ता

प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में दीजिए

(क) ‘कोई नहीं पराया’ कविता में कवि ने अपना आराध्य किसे माना है?
उत्तर-
‘कोई नहीं पराया’ कविता मे कवि ने अपना आरध्य आदमी को माना है।

(ख) आई.एस.आई. और एगमार्क अंकित वस्तुएँ ही क्यों खरीदनी चाहिए,
उत्तर-
आई.एस.आई. और एगमार्क अंकित वस्तुएँ ही खरीदनी चाहिए क्योंकि इनमें धोखे या ठगी की गुंजाइश नहीं होती है।

(ग) गौंड, भील, बैगा स्त्रियों को किस चीज से लगाव होता है?
उत्तर-
गौंड़, भील, बैगा स्त्रियों को गुदनों से बड़ा लगाव होता है।

(घ) राजेन्द्र सिंह ने कौन-सा सम्मान प्राप्त किया था?
उत्तर-
राजेन्द्र सिंह ने पानी बचाने का सम्मान प्राप्त किया था।

(ङ) मदन मोहन मालवीय जी ने अपने जीवन में कौन-सा सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कार्य किया?
उत्तर-
मदन मोहन मालवीय जी ने अपने जीवन में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कार्य हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना कर के किया।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन से पाँच वाक्यों में दीजिए।

(क) साहसी व्यक्ति को किन-किन गुणों से पहचाना जाता है?
उत्तर-
साहसी व्यक्ति को हृदय की पवित्रता, उदारता, चरित्र की दृढ़ता तथा कर्तव्यपरायणता जैसे गुणों से पहचाना जाता है। उच्च कोटि के साहस के लिए कर्तव्यपरायण बनना परम आवश्यक है। इन गुणों के अतिरिक्त साहसी के लिए स्वार्थ त्याग भी अत्यंत आवश्यक

(ख) लेखक कटुवादी होने से क्यों बचना चाहता था?
उत्तर-
लेखक कटुवादी होने से इसलिए बचना चाहता था ताकि वह सबका प्रिय बना रह सके। उसकी जिंदगी चैन से गुजरे तथा उसके मित्र और सगे-संबंधी उससे खुश रह सकें।

(ग) ‘नई सुबह’ कहानी में गीता ने पिताजी से क्या निवेदन किया?
उत्तर-
‘नई सुबह’ कहानी में गीता ने पिताजी से यह – निवेदन किया, दहेज की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष माँग करने वाला दंडनीय होता है। आप शंभूपुरा वालों के घर जाकर अपनी बात कहिए। मैं उस लड़के को अच्छी तरह जानती हूँ। वह आपकी लाज रख लेगा।

(घ) ‘नर व्याघ्र’ का प्रयोग किसके लिए किया गया है और क्यों?
उत्तर-
यहाँ ‘नर व्याघ्र’ सुयोधन अर्थात् दुर्योधन को कहा गया है। यह संबोधन उसके व्यक्तित्व में निहित पशुता के भाव को उजागर करता है। दुयोधन नर होते हुए भी पशु के लक्षण से युक्त है, इसलिए उसे ‘नर व्याघ्र’ कहा गया है।

(ङ) पामवन के पुल की क्या विशेषताएँ हैं?
उत्तर-
पामवन का पुल लोहे का बना हुआ है और समुद्र पर बाँधा गया है यह रेल पुल स्थिर नहीं है। जब जहाजों को निकलना होता है तब यह पुल उठा दिया जाता है जिससे स्टीमर एक ओर से दूसरी ओर चला जाए।

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प्रश्न 5.
(क) दिए गए शब्दों में से समुद्र, पथ, नर, माता एवं सर्प के पर्यायवाची छांटकर लिखिए सागर, जननी, पुरुष, जलनिधि, माँ, मनुष्य, भुजंग, रास्ता, विषधर, मार्ग।
उत्तर-

(ख) निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयोग कीजिए रक्त उबल पड़ना, नौ-दो ग्यारह होना, दिन-रात एक करना, ईद का चांद होना।
उत्तर-
रक्त उबल पड़ना (अत्यंत क्रोधित होना)- उसकी बातें सुनकर मेरा रक्त उबल पड़ा।
नौ-दो ग्यारह होना (भाग जाना)-पुलिस को देखकर चोर नौ-दो ग्यारह हो गया।
दिन-रात एक करना (कठिन मेहनत करना)-परीक्षा में प्रथम आने के लिए नेहा ने दिन रात एक कर दिया।
ईद का चांद होना (बहुत दिन के बाद दिखाई देना)-पूजा आज कल ईद का चांद हो गई है, दिखाई नहीं देती।

प्रश्न 6.
(क) निम्नलिखित शब्दों से विशेषण छाँटकर लिखिए-
काला बादल, लम्बी सड़क, चंचल मन, मधुर वाणी
उत्तर-
काला, लम्बी, चंचल, मधुर

(ख) दिए गए वाक्यों में से अविकारी शब्द छाँटकर लिखिए-
समीक्षा अपने पापा के साथ मेला देखने गई। लगातार परिश्रम करने से सफलता प्राप्त होती है।
उत्तर-
के साथ लगातार

प्रश्न 7.
(क) कोष्टक में दिए गए सर्वनाम शब्दों में से रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए (उसे, मेरी, तुम्हारी, हमारा)
(क) राखी ने कहा ये सब …………………… सहेलियाँ हैं।
(ख) अजय को बुलाओ ……………………… बाजार भेजना है।
(ग) ………………………… घर विद्यालय के सामने है।
(घ) पल्लवी ने राधिका से कहा ……………………………… फ्राक बहुत सुन्दर है।
उत्तर-
(क) मेरी,
(ख) उसे,
(ग) हमारा,
(घ) तुम्हारी।

(ख) निम्नलिखित शब्दों को ‘र’ के विभिन्न रूपों का प्रयोग कर शुद्ध शब्द बनाइए
चरचा, टराली, परखर, निरदेशक
उत्तर-
चर्चा, ट्राली, प्रखर, निर्देशक

प्रश्न 8.
दिए गए शब्दों की संधि कीजिए
अध+ गति, कवि + ईश, देव + ऋषि, उत् + चारण, उत् + हरण, निः + धन, अति + अधिक, विद्या + आलय
उत्तर-
अध + गति – अधोगति
कवि + ईश – कवीश

प्रश्न 9.
‘नई सुबह’ कहानी का सारांश लिखिए।
उत्तर-

कथा का सारांश

यह कथा दहेज प्रथा की बुराइयों को दर्शाती है। कथा की नायिका गीता अपने माता-पिता की अकेली संतान है। उसके पिता रामनाथ उसका विवाह एक इंजीनियर से निश्चित करते हैं। लड़के के पिता स्वयं को दहेज के विरुद्ध बताते हैं परंतु साथ ही यह भी कहते हैं कि यदि रामनाथ अपनी लड़की और दामाद को कुछ देना चाहें तो उन्हें कोई एतराज नहीं होगा। रामनाथ जी उनकी बातों का अर्थ नहीं समझ पाते और विवाह की तैयारियों में लग जाते हैं। परंतु गीता का हृदय किसी अनजानी आशंका से भयभीत है। उसे शंका है कि लड़के के परिवार वाले दहेज लोभी हैं और यह निराधार नहीं है। विवाह के दिन बाराती जरा जरा सी बात पर नखरे दिखाने लगते हैं और हद तो तब हो जाती है जब लड़के के पिता यह फरमाइश रखते हैं कि लड़का अपनी कार में बैठकर ही लड़की के दरवाजे तक जाएगा। रामनाथ जी यह सुनकर घबरा जाते हैं। गीता को दूल्हे की कार की माँग के बारे में पता चलता है तो वह क्रोधित हो जाती है और शादी से इंकार कर देती है। वह अपने पिता को बताती है कि दहेज की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष माँग दंडनीय है और उनसे शंभुपुरा वालो के यहाँ जाने का अनुरोध करती है जिनका रिश्ता उनकी गरीबी के कारण रामनाथ जी ने स्वीकार नहीं किया था। गीता को यकीन है कि आधी रात में शंभुपुरा जाते हैं और रघुनाथ जी को सारा हाल सुनाकर उनसे अपने पूर्व व्यवहार के लिए क्षमा माँगते हैं। मानवतावादी रघुनाथ जी गीता जैसी सुशील बहू पाने के लिए रिश्ता स्वीकार कर लेते हैं और संबंधियों के साथ लग्न मंडप में पहुँच जाते हैं। मध्य रात्रि को विवाह संपन्न होता है और सुबह गीता की विदाई भी हो जाती है। इधर दूल्हा और उसके पिता सारी बात जानकर हाथ मलते रह जाते हैं और समाज में उनकी खूब बदनामी भी होती है। वहीं दूसरी ओर गीता के जीवन की नई सुबह उसके लिए अनगिनत खुशियाँ लेकर आती हैं।

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प्रश्न 10.
किसी एक विषय पर 100 शब्दों में निबंध लिखिए-

  • साहस
  • दहेजप्रथा
  • जागरुक उपभोक्ता
  • सहनशीलता

उत्तर-

दहेज प्रथा

दहेज प्रथा हमारे समाज की एक ऐसी कुरीति है, जिसका शीघ्र नाश अत्यंत आवश्यक है। भारत जैसे प्रगतिशील राष्ट्र में एक ऐसी कुरीति के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए, जिसके कारण उपजी परिस्थतियाँ उसे सदियों पीछे धकेत देती हों। विवाह के अवसर पर वर पक्ष द्वारा कन्या पक्ष से धन एवं बहुमूल्य वस्तुओं की माँग दहेज कहलाती है। यह प्रथा आरंभ कब हई, यह तो पता नहीं, परंतु आज इसके कारण नव विवाहिताओं की हत्या तक की जा रही है। इसी प्रथा के कारण कन्या 1 भ्रूण हत्या, बाल विवाह तथा अनमेल विवाह भी समाज में अपनी जड़े जमाए हुए हैं। जाहिर है दहेज का दंश इतना बड़ा है कि लोग या तो कन्या को जन्म नहीं देना चाहते, या फिर जल्द से जल्द किसी तरह उसे विदा कर मुक्ति पाना चाहते हैं। दहेज प्रथा के कारण ही कन्या को लक्ष्मी मानने वाले भारत में बेटी का बाप होना लाचारी का पर्याय बन गया है। इस प्रथा ने स्त्रियों की प्रगति को अवरुद्ध कर रखा है। बेटियों को उच्च शिक्षा देने के स्थान पर उनके विवाह के लिए धन जमा करना लोग ज्यादा जरूरी समझते हैं। अतः इस प्रथा को शीघ्र-अति-शीघ्र। नष्ट करना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए शिक्षित युवाओं को आगे आना होगा और दहेज न लेने और न देने की शपथ लेनी होगी। तभी भारत इस कुरीति 1 से मुक्त हो सकेगा।

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