MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 20 कित्तूर की रानी चेन्नम्मा
MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 20 प्रश्न अभ्यास
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
(क) सही जोड़ी बनाइए
1. सेना – (क) माता
2. तोप – (ख) जल
3. भारत – (ग) नायक
4. सरोवर – (घ) बारूद
उत्तर-
1. (ग),
2. (घ),
3. (क),
4. (ख)
प्रश्न (ख)
दिए गए शब्दों में से उपयुक्त शब्द चुन कर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. शत्रु ……………………….. दिखाकर भाग गया। (पीठ/पेट)
2. ऐसी ……………………….. हमने बहुत सुनी है। (गीदड़ भभकियाँ सिंह की दहाड़ें)
3. अंग्रेजों को चुनौती देना ……………………….. हाथ डालना है। (साँप की बांबी में/चूहे के बिल में)
4. लालच में आदमी कितना अंधा और नीच बन जाता है, तुम इसके ……………………….. उदाहरण हो। (जीते-जागते/मृतप्रायः)
उत्तर-
1. पीठ,
2. गीदड़ भभकियाँ,
3. सांप की बांबी में,
4. जीते-जागते।
MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 20 अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में दीजिए
(क) ‘कंपनी सरकार की भी तो जय कहिए।’ यह किसने किससे कहा?
उत्तर-
यह रानी चेन्नम्मा ने मल्लप्पा से कहा।
(ख) लालच आने पर आदमी में क्या परिवर्तन हो जाते हैं?
उत्तर-
लालच आदमी को अंधा बना देता है।
(ग) समय आने पर नारी क्या कर सकती है?
उत्तर-
समय आने पर नारी प्रलय ला सकती है।
(घ) नारी की शक्ति के बारे में चेन्नम्मा ने मल्लप्पा से क्या कहा?
उत्तर-
चेन्नम्मा ने पल्लप्पा से कहा कि समय आने पर नारी प्रलय भी ला सकती है।
(ङ) दास बनकर जीवन बिताने से किस प्रकार का जीवन जीना अच्छा है?
उत्तर-
दास बनकर जीवन बिताने से लड़कर मर जाना कहीं अच्छा है।
MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 20 लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन-से-पाँच वाक्यों में दीजिए
(क) चेन्नम्मा ने सरकार के फरमान का उत्तर किन शब्दों में दिया?
उत्तर-
चेन्नम्मा ने सरकार के भेजे हुए फरमान के टुकड़े-टुकड़े कर दिया और कहा कि अंग्रेज यदि समझते हैं कि एक असहाय नारी को डरा धमकाकर उसका राज्य छीन लेंगे, तो यह उनकी भूल है। नारी को दुर्बल समझने वाले नहीं जानते कि समय आने पर वो प्रलय भी ला सकती हैं।
(ख) यदि मल्लप्पा जैसे भेड़िए शत्रु से मिल जाएँ तो क्या होगा?
उत्तर-
यदि मल्लप्पा जैसे भेड़िए शत्रु से मिल जाएँ तो बड़े-से-बड़ा शक्तिशाली साम्राज्य भी मिट्टी में मिल जाएगा। अभेद्य दुर्ग भी ढह जाएँगे तथा वीर एवं बहादुर योद्धा भी परास्त हो जाएँगे।
(ग) अंग्रेजों को चुनौती देना साँप की बांबी में हाथ डालना है।’ का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर-
अंग्रेज अत्यंत शक्तिशाली थे और उनकी क्षमता अपार थी। उन्हें हरा पाना कित्तूर जैसे छोटे राज्य के लिए संभव नहीं था। उन्हें युद्ध के लिए आमंत्रित करना अपने अस्तित्व के लिए खतरा मोल लेना था।
(घ) मल्लप्पा का अंत किस प्रकार हुआ?
उत्तर-
रानी चेन्नम्मा के गिरफ्तार होने के बाद मल्लप्पा उनके सामने यह आशा व्यक्त करता है कि संभवतः अंग्रेज सरकार उसे ही कित्तूर की गद्दी सौंप देगी। यह सुनकर रानी क्रोधित हो जाती हैं और फुर्ती से कटार निकाल कर उसके सीने में भोंक देती हैं। इस तरह मल्लप्पा. का अंत होता है।
(ङ) लड़ाई की तैयारी के बारे में रायण्णा ने चेन्नम्मा को क्या बताया? .
उत्तर-
रायण्णा ने चेन्नम्मा को बताया कि लड़ाई के |लिए वे अच्छी तरह तैयार हैं। राज्य के गोदामों में इतना अन्न भर है। कि वर्षों तक समाप्त नहीं होगा। बारूद इतना है कि तोपें पिघल जाएँगी पर बारूद समाप्त नहीं होगा।
भाषा की बात
प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों का शुद्ध उच्चारण कीजिए-
आज्ञा, अन्यथा, आँसू, फाँसी, समाप्त
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों की वर्तनी शुद्ध कीजिए-
कपनी, नीती, देशदोही, पारंभ, शक्ती
उत्तर-
कंपनी, नीति, देशद्रोही, प्रारंभ, शक्ति
प्रश्न 6.
निम्नलिखित मुहावरों का वाक्य में प्रयोग कीजिए
उत्तर-
दो-दो हाथ करना-परिस्थितिवश रानी को अंग्रेजों से दो-दो हाथ करना ही पड़ा। मिट्टी में मिलाना-अंग्रेजों ने सोचा था वे कित्तूर को मिट्टी में मिला देंगे, पर ऐसा नहीं हुआ।
दाँत खट्टे करना-रानी चेन्नम्मा ने अंग्रेजों के दाँत खट्टे कर दिए।
जिस थाली में खाना उसी में छेद करना-मल्लप्पा ने जिस थाली में खाया उसी में छेद किया।
उपर्युक्त मुहावरों के अलावा पाठ में आए अन्य मुहावरे छाँटकर लिखिए।
आग बबूला होना, सबक सिखाना, जीना हराम करना, साँप की बांबी में हाथ डालना, दुम दबाकर भागना, बाल बाँका न करना, वीरगति को प्राप्त होना।
प्रश्न 7.
नीचे दिए वाक्यों में गुणों का अभाव हैं जिस गुण का अभाव हो उसे वाक्य में से सम्मुख दिए गए रिक्त कोष्ठक में लिखिए
(क) दिन में काम करते हैं। (आकांक्षा)
(ख) किसान लाठी से खेत जोतता है। (योग्यता)
(ग) पुस्तक पढ़ी सौरभ ने। (पदक्रम)
(घ) बाघ और बकरी एक घांट पर पानी पीती है। (अन्विति)
(ङ) शुभम शाला से वापस लौटता है। (सार्थकता)
कित्तूर की रानी चेन्नम्मा प्रसंग सहित व्याख्या
1. चेन्नम्माः (क्रोध से) फरमान का यह उत्तर कंपनी सरकार को दे देना। अंग्रेजों ने समझा होगा कि एक असहाय नारी को डरा-धमका कर उसका राज्य छीन लेंगे, उसे मिट्टी में मिला देंगे। यह उनकी सरासर भूल है। नारी को वे दुर्बल तो समझते हैं, किंतु वे यह नहीं जानते कि समय आने पर वह प्रलय भी कर सकती है।
शब्दार्थ-फरमान = आदेश। असहाय = बेसहारा। सरासर=निश्चित रूप से, बिलकुल। दुर्बल कमजोर। प्रलय-सर्वनाश का समय।
प्रसंग-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य पुस्तक सुगम भारती-6 में संकलित एकांकी ‘कित्तूर की रानी चेन्नम्मा’ से ली गई हैं। इसके लेखक शंकर बाम हैं। इन पंक्तियों में रानी कंपनी सरकार के प्रति अपना क्रोध प्रकट करती रही हैं।
व्याख्या-रानी चेन्नम्मा कंपनी सरकार के कित्तूर अधिग्रहण के फरमान का उत्तर देते हुए कहती हैं कि अंग्रेज सरकार उन्हें कमजोरं समझकर यह न सोचें कि वे उनका राज्य हथिया लेंगे। उन्हें असहाय समझना अंग्रेजों की भूल है। वे नारी को कमचोर समझते हैं परंतु उन्हें यह नहीं पता है कि यही नारी समय आने पर प्रलय भी ला सकती है।
विशेष-
1. वीर रस की प्रधानता है।
2. रानी चेन्नम्मा के स्वाभिमान का पता चलता है।
2. चेन्नम्मा : शर्म नहीं आई तुम्हें यह कहते हुए, मल्लप्पा। जीवन-भर जिसका तुमने नमक खाया, स्वार्थ में पड़ कर उसी का गला काट रहे हो, लालच में आदमी कितना अंधा और नीच बन जाता है, तुम इसके जीते-जागते उदाहरण हो, किंतु याद रखो, जो अपने देश को धोखा देता है, उसके साथ गद्दारी करता है, ईश्वर उसे कभी क्षमा नहीं करता।
शब्दार्थ-गद्दारी-देशद्रोह। क्षमा माफ।
प्रसंग-पूर्ववत्
व्याख्या-चेन्नम्मा मल्लप्पा को धिक्कारते हुए कहती हैं कि कित्तूर की गद्दी पाने का सपना देखते हुए तुम्हें शर्म नहीं आई। तुमने जीवन भर जिसका नमक खाया, उसका कर्ज उतारने की जगह अपने स्वार्थ के लिए तुम उसके साथ गद्दारी कर रहे हो । लालच ने तुम्हें गिरा दिया है परंतु इतना याद रखना कि एक देशद्रोही को भगवान कभी माफ नहीं करता है।
विशेष-
1. स्वार्थ और लालच के दुष्परिणाम से अवगत कराया गया है।
2. मल्लप्पा के प्रति रानी के क्रोध एवं नफरत का पता चलता है।