MP Board Class 11th Biology Solutions Chapter 14 पादप में श्वसन
पादप में श्वसन NCERT प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
इनमें अंतर कीजिए –
- साँस (श्वसन)और दहन
- ग्लाइकोलिसिस और क्रेब्स चक्र
- ऑक्सी-श्वसन और किण्वन।
उत्तर:
(1) श्वसन एवं दहन में अन्तर –
श्वसन (Respiration):
- यह जैविक क्रिया है।
- यह क्रिया कोशिका के अन्दर होती है।
- यह क्रिया एन्जाइम की उपस्थिति में होती है।
- इस क्रिया में ऊर्जा उत्पन्न होती है, जो ATP के रूप में संगृहीत हो जाती है।
दहन (Burning):
- यह एक भौतिक क्रिया है।
- यह क्रिया कोशिका के बाहर होती है।
- इस क्रिया के लिये एन्जाइम की आवश्यकता नहीं होती।
- इस क्रिया में ऊर्जा ऊष्मा एवं प्रकाश के रूप में मुक्त होती है।
(2) ग्लाइकोलिसिस एवं क्रेब्स चक्र में अंतर –
ग्लाइकोलिसिस (Glycolysis):
- यह क्रिया कोशिकाद्रव्य में पूर्ण होती है।
- यह ऑक्सी तथा अनॉक्सी दोनों प्रकार के श्वसन में होती है।
- यह श्वसन का प्रथम चरण है।
- यह एक रेखीय पथ (Linear pathway) है।
- इस क्रिया में ग्लूकोज के एक अणु के विखण्डन से पायरुविक अम्ल के दो अणु बनते हैं।
- इस क्रिया में ग्लूकोज के एक अणु के विखण्डन से 2NADH2 तथा 2ATP उत्पन्न होते हैं।
- इसे एम्ब्डेन मेयरहॉफ पथ (Embden-meyerhof pathway) या EMP पथ भी कहा जाता है।
क्रेब्स चक्र (Krebs’ cycle):
- यह क्रिया माइटोकॉण्ड्रिया के मैट्रिक्स में होती है।
- यह केवल ऑक्सी श्वसन में होती है।
- यह श्वसन का तृतीय चरण है।
- यह एक चक्रीय पथ (Cyclic pathway) है।
- इस क्रिया में ऐसीटिल को-एन्जाइम-A के पूर्ण विखण्डन से अकार्बनिक पदार्थों (CO2 व H2O) का निर्माण होता है।
- इस क्रिया में एसीटिल को-एन्जाइम-A के दो अणुओं से 6NADH2 2FADH2 तथा 2ATP प्राप्त होता है।
- इसे साइट्रिक अम्ल चक्र या ट्राइ कार्बोक्सिलिक अम्ल चक्र (Tricarboxylic acid cycle) या TCA चक्र भी कहा जाता है।
(3) ऑक्सी श्वसन तथा किण्वन में अन्तर –
ऑक्सी श्वसन (Aerobic respiration):
- शर्करा का विघटन एवं ऑक्सीकरण पूर्णरूप से होता है।
- यह क्रिया ऑक्सीजन की उपस्थिति में होती है।
- इसमें CO2 अधिक मात्रा में उत्पन्न होती है।
- यह क्रिया कोशिका के बाहर होती है।
किण्वन (Fermentation):
- शर्करा का आंशिक ऑक्सीकरण होता है।
- ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं होती।
- इसमें CO2 कम मात्रा में उत्पन्न होती है।
- यह क्रिया कोशिका के अन्दर होती है।
प्रश्न 2.
श्वसनीय क्रियाधार क्या है ? सर्वाधिक साधारण क्रियाधार का नाम बताइए।
उत्तर:
श्वसनीय क्रियाधार (Respiratory substrate):
ऐसे पदार्थ, जो कि जीवित कोशिकाओं के अन्दर ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए विघटित होते हैं, उन्हें श्वसनीय क्रियाधार कहा जाता है। जैसे-भोज्य पदार्थों में उपस्थित कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन आदि। सबसे सामान्य क्रियाधार ग्लूकोज (glucose) है।
प्रश्न 3.
ग्लाइकोलिसिस को रेखाचित्र द्वारा बनाइए।
उत्तर:
प्रश्न 4.
ऑक्सी-श्वसन के मुख्य चरण कौन-कौन-से हैं ? यह कहाँ सम्पन्न होती है ?
उत्तर:
क्रेब्स चक्र:
ग्लाइकोलिसिस के दौरान बने पाइरुविक अम्ल को पहले कोशिकाद्रव्य में ही ऐसीटिल को-एन्जाइम-A में बदला जाता है, जिसका अगला ऑक्सीकरण माइटोकॉण्ड्रिया के क्रिस्टी झिल्ली में CO2 एवं H2O में होता है। माइटोकॉण्ड्रिया में होने वाले ऐसीटिल को-एन्जाइम-A ऑक्सीकरण को ही क्रेब्स चक्र या ‘ट्राइकार्बोक्सिलिक अम्ल चक्र’ कहते हैं। क्रेब्स चक्र की क्रिया-विधि-क्रेब्स चक्र में निम्नलिखित क्रियाएँ होती हैं –
ऐसीटिल को-एन्जाइम-A, ऑक्जेलो ऐसीटिक अम्ल तथा जल से क्रिया करके साइट्रिक अम्ल बना देता है। को-एन्जाइम मुक्त होकर फिर से नया ऐसीटिल को-एन्जाइम-A बनाता है।
- साइट्रिक अम्ल से जल निकलकर इसे सिस-ऐकोनाइटिक अम्ल में बदल देता है। इसके बाद यह पुनः जल का एक अणु ग्रहण करके आइसोसाइट्रिक अम्ल बना देता है।
- यह आइसोसाइट्रिक अम्ल 2 हाइड्रोजन परमाणु NADP को देकर आक्जेलो सक्सिनिक अम्ल बना देता है।
- आक्जेलो सक्सिनिक अम्ल CO2 को त्याग कर α – कीटो ग्लूटेरिक अम्ल बना देता है।
- α – कीटोग्लूटेरिक अम्ल एक अणु CO2 तथा 2 परमाणु H2 को त्यागकर सक्सिनिल को-एन्जाइमA बना देता है।
- सक्सिनिल को-एन्जाइम-A थायोकाइनेज प्रकीण्व की उपस्थिति में सक्सिनिक अम्ल बना देता है और GTP के अणु का संश्लेषण होता है।
- सक्सिनिक अम्ल 2 हाइड्रोजन परमाणु त्यागकर फ्यूमेरिक अम्ल तथा फ्यूमेरिक अम्ल से क्रिया करके मैलिक अम्ल बना देता है।
- मैलिक अम्ल 2 हाइड्रोजन परमाणु त्यागकर फ्यूमेरिक अम्ल तथा फ्यूमेरिक अम्ल से क्रिया करके मैलिक अम्ल बना देता है।
- मैलिक अम्ल 2 हाइड्रोजन परमाणुओं को त्यागकर फिर से ऑक्जेलो ऐसीटिक अम्ल बना देता है जो पुनः ऐसीटिल को-एन्जाइम-A से क्रिया करता है, इस प्रकार केब्स चक्र में रासायनिक क्रियाएँ एक चक्र के रूप में होती रहती हैं।
प्रश्न 5.
क्रेब्स चक्र का समग्र रेखाचित्र बनाइए।
उत्तर:
प्रश्न 6.
इलेक्ट्रॉन परिवहन तंत्र का वर्णन कीजिये।
उत्तर:
क्रेब्स चक्र के दौरान विभिन्न पदार्थों के ऑक्सीकरण के दौरान एक जोड़ी (2H) हाइड्रोजन परमाणु बाहर निकलते हैं।
2H ⇌ 2H+ + 2e–
ये विभिन्न हाइड्रोजन ग्राहियों द्वारा ग्रहण कर NADH2 NADPH2 व FADH2 जैसे यौगिक बनते हैं। इनके पुनः ऑक्सीकरण से (H+ एवं e– को निकालकर) इन्हें वायुमंडलीय O2 से क्रिया कर जल में बदल दिया जाता है।
\(\frac { 1 }{ 2 }\) O + 2H2 + 2e– → H2 O2
2NADH + O2 +2H+→ 2NAD2 + 2H2O
प्रत्येक चरण में कुछ ऊर्जा मुक्त होती है कुछ चरणों में इतनी अधिक ऊर्जा मुक्त होती है कि इसमें A.T.P. का संश्लेषण होता है।
इलेक्ट्रॉन स्थानान्तरण तन्त्र में हाइड्रोजन ग्राही (NAD या NADP) से 2 इलेक्ट्रॉन एवं 2H+FAD द्वारा ले लिया जाता है, यह अपचयित (Reduced) होकर FAD. 2H बना देता है। इसके बाद 2H+ और इलेक्ट्रॉन को-एन्जाइम – Q द्वारा ले लिये जाते हैं और NAD. 2H तथा FAD. 2H अपचयित होकर NAD और FAD बन जाते हैं। को – एन्जाइम – Q(Co.Q) से हाइड्रोजन आयन मुक्त होकर माइटोकॉण्ड्रिया के मैट्रिक्स में चले जाते हैं और इलेक्ट्रॉन सायटोक्रोम (Cytochrome = एक लौह प्रोटीन है, जिसका लौह अणु इलेक्ट्रॉन या हाइड्रोजन परमाणु को ग्रहण करके फेरिक से फेरस आयन बनाता रहता है) द्वारा ग्रहण कर लिया जाता है।
यह इलेक्ट्रॉन सायटोक्रोम b1 सायटोक्रोम c1 साइटोक्रोम a और a3 से होते हुए ऑक्सीकरण परमाणु को स्थानान्तरित कर देता है तथा O2 परमाणु इस इलेक्ट्रॉन और मैट्रिक्स के हाइड्रोजन परमाणु को ग्रहण करके जल का अणु बना देती है। यह क्रिया केब्स चक्र और ग्लाइकोलिसिस क्रियाओं के साथ-साथ चलती है।
प्रश्न 7.
निम्न में अंतर बताइए –
- ऑक्सी-श्वसन एवं अनॉक्सी-श्वसन।
- ग्लाइकोलिसिस तथा किण्वन।
- ग्लाइकोलिसिस तथा सिट्रिक अम्ल चक्र।।
उत्तर:
(1) ऑक्सी और अनॉक्सी-श्वसन में अन्तर –
ऑक्सी – श्वसन (Aerobic respiration):
- यह एक साधारण श्वसन की क्रिया है, जिसमें O2 ली जाती है एवं CO2 छोड़ी जाती है।
- इसमें ग्लूकोज का पूर्ण ऑक्सीकरण होता है।
- इसमें क्रियाफल, जल तथा CO2 होते हैं।
- इसमें ग्लूकोज के एक अणु के ऑक्सीकरण से 673 k. cal ऊर्जा का विमोचन होता है।
- यह क्रिया कोशिकाद्रव्य तथा माइटोकॉण्ड्रिया दोनों में होती है।
अनॉक्सी – श्वसन (Anaerobic respiration):
- यह क्रिया O2 के अभाव में असाधारण रूप से होती है।
- इसमें ग्लूकोज का अपूर्ण ऑक्सीकरण होता है।
- इसमें क्रियाफल, ऐल्कोहॉल तथा CO2 होते हैं।
- इसमें ग्लूकोज के एक अणु के ऑक्सोकरण में 21 k.cal ऊर्जा का विमोचन होता है।
- यह क्रिया केवल कोशिकाद्रव्य में होती है।
(2) ग्लाइकोलिसिस तथा किण्वन में अन्तर –
ग्लाइकोलिसिस (Glycolysis):
- यह क्रिया कोशिकाद्रव्य में पूर्ण होती है।
- इस क्रिया में ग्लूकोज के अपूर्ण ऑक्सीकरण के कारण पायरुविक अम्ल के 2 अणु बनते हैं।
- यह क्रिया सूक्ष्मजीवों के अनुपस्थिति में होती है।
- इस क्रिया में कुछ ऊर्जा ATP के रूप में इस क्रिया में प्राप्त होती है।
किण्वन (Fernientation):
- यह यीस्ट में तथा ऐसी पेशी कोशिकाओं में पायी जाती है जहाँ ऑक्सीजन की कमी के कारण पूर्ण कोशिकीय श्वसन (Cellular
- Respiration) का अभाव होता है।
- किण्वन की क्रिया एंजाइमों की उपस्थिति में पूर्ण होती है।
- यह क्रिया सूक्ष्मजीवों की उपस्थिति में होती है।
- इस क्रिया में ATP का निर्माण नहीं होता है। सभी ऊर्जा ऊष्मा के रूप में निकलती है।
(3) ग्लाइकोलिसिस तथा सिट्रिक अम्ल चक्र में अंतर –
ग्लाइकोलिसिस (Glycolysis):
- यह क्रिया कोशिकाद्रव्य में पूर्ण होती है।
- यह ऑक्सी तथा अनॉक्सी दोनों प्रकार के श्वसन में होती है।
- यह श्वसन का प्रथम चरण है।
- यह एक रेखीय पथ (Linear pathway) है।
- इस क्रिया में ग्लूकोज के एक अणु के विखण्डन से पायरुविक अम्ल के दो अणु बनते हैं।
- इस क्रिया में ग्लूकोज के एक अणु के विखण्डन से 2NADH2 तथा 2ATP उत्पन्न होते हैं।
- इसे एम्ब्डेन मेयरहॉफ पथ (Embden-meyerhof pathway) या EMP पथ भी कहा जाता है।
क्रेब्स चक्र (Krebs’ cycle):
- यह क्रिया माइटोकॉण्ड्रिया के मैट्रिक्स में होती है।
- यह केवल ऑक्सी श्वसन में होती है।
- यह श्वसन का तृतीय चरण है।
- यह एक चक्रीय पथ (Cyclic pathway) है।
- इस क्रिया में ऐसीटिल को-एन्जाइम-A के पूर्ण विखण्डन से अकार्बनिक पदार्थों (CO2 व H2O) का निर्माण होता है।
- इस क्रिया में एसीटिल को-एन्जाइम-A के दो अणुओं से 6NADH2 2FADH2 तथा 2ATP प्राप्त होता है।
- इसे साइट्रिक अम्ल चक्र या ट्राइ कार्बोक्सिलिक अम्ल चक्र (Tricarboxylic acid cycle) या TCA चक्र भी कहा जाता है।
प्रश्न 8.
शुद्ध एटीपी के अणुओं की प्राप्ति की गणना के दौरान आप क्या कल्पनाएँ करते हैं ?
उत्तर:
ग्लाइकोलिसिस के दौरान ATP का निर्माण –
उपरोक्त गणना कुछ निश्चित कल्पनाओं के आधार पर की गई है –
(1) यह एक क्रमिक, व्यवस्थित एवं क्रियात्मक पथ है, जिसमें एक क्रियाधार (Substrate) से-दूसरे क्रियाधार का निर्माण होता है जो ग्लाइकोलिसिस से शुरु होकर टी.सी.ए. पथ (TCA) तथा इलेक्ट्रॉन परिवहन तंत्र तक जारी रहता है।
(2) ग्लाइकोलिसिस में संश्लेषित NADH माइटोकॉण्ड्रिया में आता है जहाँ उसका फॉस्फोरिलीकरण (Phosphorelation) होता है।
(3) पथ का कोई भी मध्यवर्ती यौगिक (Intermediate Compound) दूसरे यौगिक के निर्माण में उपयोग नहीं आता है।
(4) श्वसन में केवल ग्लूकोज का ही उपयोग होता है कोई दूसरा क्रियाधार पथ के किसी भी मध्यवर्ती चरण में प्रवेश नहीं करता है। हालांकि इस प्रकार की कल्पना सजीव तंत्र में वास्तव में तर्क संगत नहीं होती। सभी पथ एक के बाद एक नहीं, बल्कि एक साथ कार्य करते हैं।
प्रश्न 9.
“श्वसनी पथ एक ऐम्फीबोलिक पथ होता है।” इसकी चर्चा कीजिए।
उत्तर:
श्वसन क्रिया में ग्लूकोज एक अनुकूल क्रियाधार (Substrate) है। श्वसन में सभी कार्बोहाइड्रेट उपयोग में लाने के पहले ग्लूकोज में परिवर्तित होते हैं। अन्य क्रियाधार भी श्वसन क्रिया में उपयोग किये जा सकते हैं, लेकिन ये प्रथम चरण में श्वसन पथ में प्रवेश नहीं कर पाते हैं। चूँकि श्वसन के समय क्रियाधार टूटते हैं, अतः श्वसन क्रिया परंपरागत अपचयी प्रक्रिया है और श्वसन पथ, अपचयी श्वसन पथ है। अतः पथ में प्रवेश करने से पहले वसीय अम्ल जब क्रियाधार के रूप में उपयोग में आते हैं तो उपयोग में आने से पहले एसीटिल COA में विखंडित हो जाते हैं।
जब जीवधारी को वसा अम्ल का संश्लेषण करना होता है तो श्वसनी पथ से COA अलग हो जाता है। इसलिए वसा अम्ल के संश्लेषण तथा विखंडन के द्वारा श्वसनी पथ का उपयोग होता है। सजीवों में विघटन अपचय (Catabolism) तथा संश्लेषण उपचय (Anabolism) कहलाती है। चूंकि श्वसनी पथ में अपचय तथा उपचय दोनों ही क्रियाएँ होती हैं, इसलिए श्वसनी पथ (Respiratory pathway) को ऐम्फीबोलिक पथ (Amphibolic pathway) कहना उचित है।
प्रश्न 10.
साँस गुणांक को परिभाषित कीजिए। वसा के लिए इसका मान कितना होता है ?
उत्तर:
साँस या श्वसन गुणांक-श्वसन के दौरान मुक्त हुई CO2 तथा उपयोग में लाई गई ऑक्सीजन के अनुपात को श्वसन गुणांक कहते हैं।
प्रोटीन एवं वसा का श्वसन गुणांक 1-0 से कम होता है। इसका कारण यह है कि इनमें O2 की मात्रा कम होती है। अतः इनके पूर्ण ऑक्सीकरण के लिए O2 के अधिक अणुओं की आवश्यकता पड़ती है जिसके कारण श्वसन गुणांक का मान एक से कम होता है।
प्रश्न 11.
ऑक्सीकारी फॉस्फोरिलीकरण क्या है ?
उत्तर:
ऑक्सीकारी फॉस्फोरिलीकरण:
ग्लाइकोलिसिस, क्रेब्स चक्र और इलेक्ट्रॉन स्थानान्तरण श्रृंखला ऐसी क्रियाएँ हैं, जिनके द्वारा भोज्य पदार्थों का ऑक्सीकरण होता है और ऊर्जा मुक्त होती है, ये क्रियाएँ श्रृंखलाबद्ध क्रियाओं के रूप में होती हैं। श्रृंखला में कुछ स्थानों पर इतनी अधिक ऊर्जा मुक्त होती है कि यह ADP को अकार्बनिक फॉस्फेट से क्रिया कराके ATP में बदल देती हैं चूँकि यह क्रिया पदार्थों के ऑक्सीकरण के कारण होती है और इसमें फॉस्फेट अणु ADP से जुड़ता है। इस कारण इसे ऑक्सीकारी फॉस्फोरिलीकरण (Oxidative phosphorelation) कहते हैं।
प्रश्न 12.
साँस के प्रत्येक चरण में मुक्त होने वाली ऊर्जा का क्या महत्व है ?
उत्तर:
कोशिका के अन्दर ऑक्सीकरण के दौरान श्वसनी क्रियाधार (Respiratory substrate) में स्थित संपूर्ण ऊर्जा कोशिका में एक साथ मुक्त नहीं होती है। यह एन्जाइम द्वारा नियंत्रित चरणबद्ध अभिक्रिया के रूप में मुक्त होती है तथा रासायनिक ऊर्जा के A.T.P. के रूप में संचित हो जाती है। इस ऊर्जा की जब भी शरीर को आवश्यकता पड़ती है, तब ये विघटित होकर जैव-रासायनिक क्रिया में ऊर्जा प्रदान करती है। इसीलिए A.T.P. को ऊर्जा मुद्रा (Energy currency) कहा जाता है। A.T.P. में संचित ऊर्जा जीवधारियों की विभिन्न ऊर्जा आवश्यक प्रक्रियाओं में उपयोग की जाती है।
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प्रश्न 1.
सही विकल्प चुनकर लिखिए –
प्रश्न 1.
ग्लाइकोलिसिस की क्रिया होती है –
(a) साइटोप्लाज्म में
(b) क्लोरोप्लास्ट में
(c) राइबोसोम में
(d) माइटोकॉण्ड्रिया में।
उत्तर:
(a) साइटोप्लाज्म में
प्रश्न 2.
केब्स चक्र में A.T.P. के कितने अणु निर्मित होते हैं –
(a)28
(b) 18
(c) 30
(d) 8
उत्तर:
(c) 30
प्रश्न 3.
अवायवीय श्वसन में ग्लूकोज के एक अणु से A.T.P. के कितने अणु बनते हैं –
(a) 8
(b) 16
(c) 2
(d) 14.
उत्तर:
(c) 2
प्रश्न 4.
A.T.P.क्या है –
(a) ऑक्सीकारक एन्जाइम
(b) हॉर्मोन
(c) प्रोटीन
(d) उच्च ऊर्जा स्तरीय फॉस्फेट अणु।
उत्तर:
(d) उच्च ऊर्जा स्तरीय फॉस्फेट अणु।
प्रश्न 5.
A.T.P. संश्लेषण के लिए माइटोकॉण्ड्रिया को आवश्यकता होती है –
(a) O2
(b) NADP
(c) FMN
(d) पायरुविक अम्ल की।
उत्तर:
(a) O2
प्रश्न 6.
एल्कोहॉल बनता है –
(a) वायवीय श्वसन में
(b) अवायवीय श्वसन में
(c) प्रकाश-संश्लेषण में
(d) प्रकाशीय श्वसन में।
उत्तर:
(b) अवायवीय श्वसन में
प्रश्न 7.
क्रेब्स चक्र होता है –
(a) एण्डोप्लाज्मिक रेटीकुलम की वेसल्स में
(b) माइटोकॉण्ड्रिया के मैट्रिक्स में
(c) डिक्टोसोम में
(d) लाइसोसोम में।
उत्तर:
(b) माइटोकॉण्ड्रिया के मैट्रिक्स में
प्रश्न 8.
हाइड्रोजन, ऑक्सीजन के साथ किस क्रिया के अंत में जुड़ता है –
(a) ग्लाइकोलिसिस
(b) इलेक्ट्रान परिवहन तंत्र (ETS)
(c) क्रेब्स चक्र
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(b) इलेक्ट्रान परिवहन तंत्र (ETS)
प्रश्न 9.
ग्लाइकोलिसिस का अन्तिम उत्पाद है –
(a) आक्जेलो एसीटिक एसिड
(b) एसीटिक एसिड
(c) पाइरुविक एसिड
(d) एल्कोहॉल।
उत्तर:
(c) पाइरुविक एसिड
प्रश्न 10.
हमारी पेशियों में अनॉक्सी श्वसन का उत्पाद है –
(a) मैलिक अम्ल
(b) लैक्टिक अम्ल
(c) साइट्रिक अम्ल
(d) एल्कोहॉल।
उत्तर:
(b) लैक्टिक अम्ल
प्रश्न 11.
क्रेब्स चक्र का अन्तिम उत्पाद है –
(a) CO2 और H2O
(b) HO और साइट्रिक अम्ल
(c) H2O और OAA
(d) H2O और NADH2.
उत्तर:
(a) CO2 और H2O
प्रश्न 12.
T.C.A. का दूसरा नाम है –
(a) क्रेब्स चक्र
(b) कैल्विन चक्र
(c) EMP
(d) हैच एवं स्लैक चक्र।
उत्तर:
(a) क्रेब्स चक्र
प्रश्न 13.
किसी जीवित कोशिका का ऊर्जा रूपी पैकेट है –
(a) साइटोक्रोम
(b) ADP
(c) ATP
(d) पर्णहरिम।
उत्तर:
(c)ATP
प्रश्न 14.
फॉस्फेट अणु का ADP से जुड़कर ATP बनाना कहलाता है –
(a) प्रोटीन-संश्लेषण
(b) प्रकाश-संश्लेषण
(c) फॉस्फोराइलेशन
(d) पिनोसाइटोसिस।
उत्तर:
(c) फॉस्फोराइलेशन
प्रश्न 15.
क्रेब्स चक्र में 6 कार्बन यौगिक का संश्लेषण, किस-किस के मध्य रासायनिक क्रिया के पश्चात् होता है –
(a) मैलिक अम्ल तथा एसीटिल Co – A
(b) ऑक्जेलो एसीटिक अम्ल तथा एसिटिल Co – A
(c) फ्यूमेरिक अम्ल तथा पाइरुविक अम्ल
(d) सक्सीनिक अम्ल तथा एसीटिल Co – A.
उत्तर:
(b) ऑक्जेलो एसीटिक अम्ल तथा एसिटिल Co – A
प्रश्न 16.
किस क्रिया के समय ऑक्सीडेटिव फॉस्फोरिलीकरण नहीं होता है –
(a) प्रोटीन निर्माण
(b) नाइट्रोजन स्थिरीकरण
(c) श्वसन
(d) वाष्पोत्सर्जन।
उत्तर:
(c) श्वसन
प्रश्न 17.
प्रकाश-श्वसन किन पौधों का विशेष गुण होता है –
(a) C3
(b)CA
(c) CAM
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(a) C3
प्रश्न 18.
ग्लूकोज के वायवीय श्वसन से कितनी ऊर्जा उत्पन्न होती है –
(a) 637kcal.
(b) 640kcal.
(c) 673 kcal.
(d) 693 kcal.
उत्तर:
(c)673 kcal.
प्रश्न 19.
ग्लाइकोलिसिस एवं क्रेब्स चक्र के बीच की कड़ी है –
(a) साइट्रिक अम्ल
(b) मैलिक अम्ल
(c) फ्यूमेरिक अम्ल
(d) एसीटिल Co – A
उत्तर:
(d) एसीटिल Co – A
प्रश्न 20.
प्रकाश-संश्लेषण और श्वसन दोनों के लिए आवश्यक होता है –
(a) क्लोरोफिल
(b) CO2
(c) पानी
(d) साइटोक्रोम।
उत्तर:
(d) साइटोक्रोम।
प्रश्न 21.
ATP के ADP में जल-अपघटन से कितनी ऊर्जा उत्पन्न होती हैं –
(a) 120 cal.
(b) 1200 cal.
(c) 12000 cal.
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(c) 12000 cal.
प्रश्न 22.
अण्डी के अंकुरित बीजों का R.Q. होता है –
(a) एक
(b) एक से कम
(c) एक से अधिक
(d) शून्य।
उत्तर:
(b) एक से कम
प्रश्न 23.
सायटोक्रोम में पाया जाता है –
(a) Mg
(b) Fe
(c) Mn
(d) Cu.
उत्तर:
(b) Fe
प्रश्न 24.
ग्लाइकोलिसिस के फलस्वरूप कितने ATP बनते हैं –
(a) 0
(b) 2
(c) 4
(d) 8.
उत्तर:
(d) 8.
प्रश्न 25.
प्रकाश-श्वसन की क्रिया से सम्बन्धित है –
(a) ग्लाइऑक्सीसोम
(b) लाइसोसोम
(c) मोजोसोम
(d) राइबोसोम।
उत्तर:
(a) ग्लाइऑक्सीसोम
प्रश्न 26.
माइटोकॉण्ड्रिया में इलेक्ट्रॉन अभिगमन तन्त्र स्थित होता है –
(a) बाहरी झिल्ली में
(b) अन्तर क्रिस्टी कोष्ठ में
(c) आन्तरिक झिल्ली में
(d) आन्तरिक झिल्ली कोष्ठ में।
उत्तर:
(c) आन्तरिक झिल्ली में
प्रश्न 27.
फोटोफॉस्फोरिलेशन का अर्थ है –
(a)ADP से ATP का बनना
(b) NADP का बनना
(c) ATP से ADP का बनना
(d) PGA का बनना।
उत्तर:
(a)ADP से ATP का बनना
प्रश्न 28.
ग्लाइकोलिसिस के अन्त में परिवर्तित होता है –
(a) प्रोटीन, ग्लूकोज में
(b) ग्लूकोज, फ्रक्टोज में
(c) मण्ड, ग्लूकोज में
(d) ग्लूकोज, पाइरुविक अम्ल में।
उत्तर:
(d) ग्लूकोज, पाइरुविक अम्ल में।
प्रश्न 29.
ग्लाइकोलिसिस में भाग लेने वाले एन्जाइम होते हैं –
(a) माइटोकॉण्ड्रिया में
(b) कोशिका द्रव्य में
(c) माइटोकॉण्ड्रिया एवं कोशिका द्रव्य में
(d) रिक्तिका में।
उत्तर:
(b) कोशिका द्रव्य में
प्रश्न 30.
निम्न में से कौन बिना ऑक्सीजन के प्रयोग के भी श्वसन कर सकता है –
(a) जड़
(b) बीज
(c) तना
(d) पत्ती।
उत्तर:
(b) बीज
प्रश्न 2.
एक शब्द में उत्तर दीजिए –
- किसी कोशा में अवायवीय श्वसन कहाँ होता है ?
- कोशा में ग्लाइकोलिसिस कहाँ संपन्न होता है ?
- कोशा में क्रेब्स चक्र कहाँ होता है ?
- ग्लूकोज के 1 अणु के पूर्ण ऑक्सीकरण से कितनी ऊर्जा प्राप्त होती है ?
- क्रेब्स चक्र में A.T.P. के कितने अणु उत्पन्न होते हैं ?
- ग्लाइकोलिसिस की क्रिया में A.T.P. के कितने अणु उत्पन्न होते हैं ?
- A.T.P.क्या है ? 8. कोशा में एल्कोहॉल के निर्माण के लिए कौन-सी क्रियाविधि उत्तरदायी है ?
- श्वसन में ऊर्जा किस रूप में उत्पन्न होती है ?
- उस संरचना का नाम लिखिए जहाँ इलेक्ट्रॉन परिवहन शृंखला होती है।
उत्तर:
- साइटोप्लाज्म
- साइटोप्लाज्म
- माइटोकॉण्ड्रिया
- 38 A.T.P.
- 30 A.T.P.
- 8 A.T.P.,
- A.T.P. कोशिकीय ऊर्जा की मुद्रा है
- अवायवीय श्वसन
- A.T.P
- माइटोकॉण्ड्रिया।
प्रश्न 3.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
- C6H12O6+ → 6CO2+ 6H2O + ………….. ATP
- कार्बनिक अम्लों का R.Q. हमेशा ………….. होता है।
- जन्तु कोशिकाओं में पाइरुविक अम्ल के अवायवीय श्वसन से ………… बनता है।
- क्रेब्स चक्र ………….. में होता है।
- कोशिकाओं में ऊर्जा मुद्रा …………. को कहते हैं।
- CAM चक्र ………….. पौधों का विशिष्ट लक्षण है।
- ग्लाइकोलिसिस क्रिया के अन्त में ………….. बनता है।
- यीस्ट कोशाओं द्वारा किण्वन ………….. नामक एन्जाइम की सहायता से होता है।
- ग्लाइकोलिसिस और क्रेब्स चक्र के बीच की कड़ी ………….. है।
- श्वसन में केवल ………….. का ही उपयोग होता है।
- उपापचयी पथ जिसके द्वारा इलेक्ट्रॉन एक वाहक से अन्य वाहक की ओर गुजरता है इसे ………. कहते हैं।
उत्तर:
- 6O238
- एक-से-अधिक
- 2C2H5OH
- लैक्टिक अम्ल
- माइटोकॉण्ड्रिया
- ATP
- मांसलोद्भिद्
- पाइरुविक अम्ल
- जाइमेज
- एसीटिल-को-एन्जाइम
- ग्लूकोज
- इलेक्ट्रॉन परिवहन तंत्र।
प्रश्न 4.
उचित संबंध जोडिए –
उत्तर:
- (b) कोशिकाद्रव्य
- (c) माइटोकॉण्ड्रिया
- (d) C3 पौधे
- (e) फॉस्फोरिलेशन।
- (a) इलेक्ट्रॉन ट्रांसपोर्ट तंत्र
उत्तर:
- (b) R.Q.=1
- (a) R.Q. = 1 से कम
- (e) R.Q. = 1 से अधिक।
- (d) 0.7
- (c) R.Q.= 0
पादप में श्वसन अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
अनॉक्सी श्वसन में ऑक्सी श्वसन की अपेक्षा कम ऊर्जा क्यों प्राप्त होती है ?
उत्तर:
अनॉक्सी श्वसन में भोज्य पदार्थों का अपूर्ण ऑक्सीकरण होने के कारण भोज्य पदार्थों की कुछ ऊर्जा उसमें रह जाती है, जबकि ऑक्सी श्वसन में पूर्ण ऑक्सीकरण होने के कारण भोज्य पदार्थों की सम्पूर्ण ऊर्जा बाहर निकल जाती है, इसी कारण अनॉक्सी श्वसन में ऑक्सी श्वसन की अपेक्षा कम ऊर्जा प्राप्त होती है।
प्रश्न 2.
कोशिका में अनॉक्सी श्वसन कहाँ होता है ?
उत्तर:
कोशिका में अनॉक्सी श्वसन कोशिकाद्रव्य में जबकि ऑक्सी श्वसन (पाइरुविक अम्ल का ऑक्सी ऑक्सीकरण) माइटोकॉण्ड्रिया में होता है।
प्रश्न 3.
अनॉक्सी श्वसन किसे कहते हैं ?
उत्तर:
वह श्वसन है, जिसमें भोज्य पदार्थों का अपूर्ण ऑक्सीकरण ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में होता है। इसमें अपेक्षाकृत कम ऊर्जा मुक्त होती है। इसे निम्नांकित समीकरण से व्यक्त करते हैं –
C6H122O6 → 2CO2 + 2C2H5OH + 21 k.cal 91 2 ATP 375f
प्रश्न 4.
ऑक्सी श्वसन किसे कहते हैं ? समीकरण द्वारा समझाइए।
उत्तर:
वह श्वसन है, जिसमें ऑक्सीजन की उपस्थिति में भोज्य पदार्थों का पूर्ण ऑक्सीकरण CO2 तथा H2O में हो जाता है। इस श्वसन में अपेक्षाकृत अधिक ऊर्जा निकलती है। इसे निम्नलिखित समीकरण से व्यक्त करते हैं –
C6H122O6 + 6O2 → 6CO2 +6H2O + 673 k.cal या 38 ATP ऊर्जा
प्रश्न 5.
ऑक्सी तथा अनॉक्सी श्वसन के दौरान एक अणु (एक मोल) ग्लूकोज के ऑक्सीकरण से कितनी ऊर्जा प्राप्त होती है ?
उत्तर:
ऑक्सी श्वसन के दौरान ग्लूकोज के एक अणु के ऑक्सीकरण से 673 कि. कैलोरी या 38 ATP जबकि अनॉक्सी श्वसन के दौरान 21 कि. कैलोरी या 2 ATP ऊर्जा प्राप्त होती है।
प्रश्न 6.
ग्लाइकोलिसिस किसे कहते हैं ?
उत्तर:
ग्लाइकोलिसिस कोशिकाद्रव्य में होने वाली वह क्रिया है, जिसमें ग्लूकोज का एक अणु अपघटित होकर 2 अणु पाइरुविक अम्ल बनाता है
C6H12O6 + 2ATP + 4ADP + H3PO4 + 2NAD → 2CH3COCOOH + 2ADP + 4ATP + 2NADH2 + H2O
प्रश्न 7.
पौधों के गमलों को रात के समय सोने के कमरे में नहीं रखना चाहिए, क्यों ?
उत्तर:
पौधों में रात के समय श्वसन के दौरान बनी CO2 का प्रयोग प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया में नहीं हो पाता, जिसके कारण कमरे में CO2 की सान्द्रता बढ़ती है, इस कारण रात को सोने के कमरे में पौधों को नहीं रखते हैं।
प्रश्न 8.
ग्लाइकोलिसिस का प्रारम्भिक पदार्थ एवं अन्तिम उत्पाद कौन-सा है और सम्पूर्ण क्रिया कहाँ होती है ?
उत्तर:
ग्लाइकोलिसिस का प्रारम्भिक पदार्थ शर्करा (ग्लूकोज) होता है एवं अंतिम उत्पाद पायरुविक अम्ल होता है और यह सम्पूर्ण क्रिया कोशिकाद्रव्य में होती है।