MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 4 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 4.4

MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 4 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 4.4

प्रश्न 1.
निम्न चतुर्भुजों की रचना कीजिए –
(i) चतुर्भुज DEAR जिसमें –

  • DE = 4 cm
  • EA = 5 cm
  • AR = 4.5 cm
  • ∠E = 60°
  • और ∠A = 90° है।

(ii) चतुर्भुज TRUE जिसमें –

  • TR =3.5 cm
  • RU = 3 cm
  • UE = 4 cm
  • ∠R = 75°
  • और ∠U = 120° है।

हल:
(i) रचना के चरण –

  1. सर्वप्रथम रेखाखण्ड EA = 5 cm बनाया।
  2. E बिन्दु पर ∠XEA= 60° बनाते हुए रेखा XE खींची।
  3. E बिन्दु को केन्द्र मानकर तथा 4 cm त्रिज्या लेकर ED = 4 cm रेखा EX में से काट लिया।
  4. अब A बिन्दु 90° का कोण बनाते हुए रेखा AY खींची।
  5. अब A बिन्दु को केन्द्र मानकर तथा 4.5 cm त्रिज्या लेकर AR = 4.5 cm AY में से काट लिया।
  6. DR को मिलाया।
  7. इस प्रकार बनी हुई आकृति DEAR अभीष्ट चतुर्भुज है।

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(ii) रचना के चरण –

  1. सर्वप्रथम रेखाखण्ड RU = 3 cm बनाया।
  2. R बिन्दु पर ∠XRU = 75° बनाया।
  3. R बिन्दु को केन्द्र मानकर तथा 3.5 cm की त्रिज्या लेकर एकचाप लगा जो RX को T बिन्दु पर काटता है। TR = 3.5 cm.
  4. U बिन्दु पर 120° का कोण बनाती हुई रेखा UY खींची। R को केन्द्र मानकर तथा 4 cm त्रिज्या लेकर इसमें से UE = 4 cm काट लिया।
  5. ET को मिलाया। इस प्रकार बनी हुई आकृति TRUE अभीष्ट चतुर्भुज है।

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पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 72

प्रयास कीजिए

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प्रश्न 1.
आप एक आयत PQRS की रचना कैसे करेंगे यदि आप केवल PO और QR की लम्बाई जानते हैं?
हल:
हमें यहाँ आयत की केवल दो आसन्न भुजाएँ ज्ञात हैं। लेकिन यह आयत है, अतः आयत के गुणधर्म के अनुसार –

  1. इसकी सम्मुख भुजाएँ बराबर होंगी।
  2. प्रत्येक कोण 90° का होगा।

अतः सर्वप्रथम हम PQ रेखाखण्ड बनाएँगे। Q बिन्दु पर ∠PQR = 90° बनाते हुए दी हुई लम्बाई की PQ रेखा खींचेंगे।
पुनः P बिन्दु पर ∠SPQ = 90° बनाएँगे तथा PS = QR बनाकर SR को मिलाएँगे।
इस प्रकार प्राप्त आकृति PQRS अभीष्ट आयत होगा।
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प्रश्न 2.
एक पतंग EASY की रचना कीजिए यदि AY = 8 cm, AE = 4 cm और EY = 6 cm है। रचना के दौरान आपने पतंग के कौन-से गुणों का प्रयोग किया?
हल:
पतंग की रचना के दौरान हम निम्न गुणधर्म प्रयुक्त करते हैं –

  1. पतंग के आसन्न भुजाओं के युग्म बराबर होते हैं।
  2. सम्मुख भुजाएँ असमान लम्बाई की होती हैं।

रचना के चरण –

  1. सर्वप्रथम 8 सेमी लम्बाई की रेखा AY खींचते हैं।
  2. अब A को केन्द्र मानकर परकार में AE = AS = 4 सेमी की त्रिज्या लेकर दो चाप (एक ऊपर व एक नीचे) लगाते हैं।
  3. अब Y को केन्द्र मानकर परकार में YE = YS = 6 सेमी की त्रिज्या लेकर दो चाप लगाते हैं जो पहले वाले चापों को क्रमशः E व S पर काटते हैं।
  4. EA, AS, SY तथा YE तथा ES को मिलाया। इस प्रकार हम अभीष्ट पतंग EASY प्राप्त करते हैं।

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MP Board Class 8th Social Science Solutions विविध प्रश्नावली 1

MP Board Class 8th Social Science Solutions विविध प्रश्नावली 1

MP Board Class 8th Social Science विविध प्रश्नावली 1 अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए –
(1) 1608 ई. में प्रथम अंग्रेजी जहाजी बेड़ा किसके नेतृत्व में भारत पहुँचा था ?
(क) डूप्ले
(ख) रॉबर्ट क्लाइव
(ग) कैप्टन हॉकिन्स
(घ) चार्ल्स द्वितीय।
उत्तर:
(ग) कैप्टन हॉकिन्स

(2) इंग्लैण्ड में कानून बनाकर भारतीय कपड़े के आयात पर कब रोक लगाई गई ?
(क) 1700 ई. में
(ख) 1813 ई. में
(ग) 1793 ई. में
(घ) 1716 ई. में।
उत्तर:
(क) 1700 ई. में

(3) अंग्रेजों के विरुद्ध ‘संन्यासी विद्रोह’ का उल्लेख किस पुस्तक में मिलता है ?
(क) गीत गोविन्द
(ख) आनन्द मठ
(ग) कामायनी
(घ) आइने अकबरी।
उत्तर:
(ख) आनन्द मठ

(4) प्राचीन काल में वर्ण व्यवस्था किस पर आधारित थी?
(क) धर्म
(ख) कर्म
(ग) यज्ञ
(घ) जाति।
उत्तर:
(ख) कर्म

(5) लोकतन्त्र जनता का, जनता के लिए और जनता द्वारा शासन है” यह कथन है –
(क) अब्राहम लिंकन
(ख) महात्मा गांधी
(ग) पं. जवाहरलाल नेहरू
(घ) कार्ल मार्क्स।
उत्तर:
(क) अब्राहम लिंकन

(6) पृथ्वी की सबसे बाहरी व ऊपरी पर्त को क्या कहते –
(क) भूपर्पटी
(ख) शैल
(ग) जलमण्डल
(घ) वायुमण्डल
उत्तर:
(क) भूपर्पटी

(7) नर्मदा नदी अपने मुहाने पर बनाती है –
(क) ज्वारनदमुख
(ख) वी-आकार की घाटी
(ग) जलप्रपात
(घ) गोखुर झील
उत्तर:
(क) ज्वारनदमुख

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(1) अलीवर्दी ………….. खाँ ई. में बंगाल का नवाब बना।
(2) 1843 ई. में कानून बनाकर ………… प्रथा पर रोक लगाई गई।
(3) ………….. के नेतृत्व में खासी विद्रोह हुआ था।
(4) …………. के माध्यम से शिक्षा देना अधिक सरल एवं उपयोगी होता है।
(5) हमारे देश में संविधान के अनुसार ………… शासन पद्धति की स्थापना की गई है।
(6) पृथ्वी के ऊपरी धरातल का लगभग 80 प्रतिशत भाग …………. चट्टानों से ढका है।
(7) जबलपुर के पास भेड़ाघाट ………….. दर्शनीय है।
उत्तर:

  1. 1740
  2. दास
  3. राजा तीरह सिंह
  4. मातृभाषा
  5. लोकतन्त्र
  6. अवसादी
  7. का महाखड्ड

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MP Board Class 8th Social Science विविध प्रश्नावली 1 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 3.
(1) डलहौजी द्वारा अवध को किस आधार पर ब्रिटिश शासन का अंग बनाया गया ?
उत्तर:
1856 ई. में अवध के नवाब पर कुशासन का आरोप लगाकर डलहौजी द्वारा अवध को ब्रिटिश शासन का अंग बनाया गया।

(2) एशियाटिक सोसाइटी की स्थापना कब व किसके द्वारा की गई ?
उत्तर:
सन् 1784 ई. में सर विलियम जोंस द्वारा एशियाटिक सोसाइटी की स्थापना की गई।

(3) बैरकपुर में नये कारतूसों का इस्तेमाल करने से किसने मना किया था ?
उत्तर:
मंगल पांडे ने बैरकपुर में नये कारतूसों का इस्तेमाल करने से मना किया था। .

(4) हमारे राष्ट्रीय पर्व कौन-कौन से हैं ?
उत्तर:
स्वतन्त्रता दिवस, गणतन्त्र दिवस व गाँधी जयन्ती हमारे राष्ट्रीय पर्व हैं।

(5) लोकतन्त्र का चौथा स्तम्भ किसे कहा गया है ?
उत्तर:
स्वतन्त्र प्रेस को लोकतन्त्र का चौथा स्तम्भ कहा गया है।

(6) भूकम्प की उत्पत्ति जिस स्थान पर होती है, उसे क्या कहते हैं। भूकम्प की उत्पत्ति
उत्तर:
भूकम्प की उत्पत्ति जिस स्थान पर होती है उसे ‘भूकम्प केन्द्र (फोकस)’ कहते हैं। .

(7) लोएस किसे कहते हैं ?
उत्तर:
अत्यन्त महीन बालू मृदा के साथ बहुत दूर जाकर जमा होती है और इस तरह जिस मैदान की रचना होती है उसे लोएस कहते हैं।

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MP Board Class 8th Social Science विविध प्रश्नावली 1 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 4
(1) भारत में अंग्रेजों की सफलता का कोई एक कारण बताइए।
उत्तर:
अंग्रेजों की सफलता का कारण उनके हल्के और छोटे हथियार तथा प्रशिक्षित सेनाएँ थीं। अंग्रेजों के पास एक अच्छा तोपखाना भी था जो उनकी विजय का कारण बना।

(2) रैय्यतवाड़ी व्यवस्था क्या थी ?
उत्तर:
रैय्यतवाड़ी व्यवस्था में भूमि जोतने वाले को भू-स्वामी माना गया। इनसे कम्पनी सीधे कर लेती थी। लगान न देने पर किसानों का भूमि पर से अधिकार समाप्त कर दिया जाता था।

(3) रामोसी विद्रोह का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पश्चिम घाट में बसने वाली एक आदिम जाति रामोसी ने अंग्रेजी प्रशासन के विरुद्ध 1822 ई. में अपने सरदार चित्तर सिंह के नेतृत्व में विद्रोह कर दिया और उन्होंने सतारा के आस-पास का क्षेत्र लूट लिया था।

(4) राष्ट्रीय एकीकरण में पर्यटन के महत्त्व को समझाइए।
उत्तर:
प्रारम्भ से ही पर्यटन राष्ट्रीय एकीकरण का महत्त्वपूर्ण तत्व रहा है। इतने विशाल देश को समझने में और सभी में एकता का भाव जगाने में पर्यटन सहयोगी होता है। पर्यटन से एक-दूसरे की विशेषताओं और समस्याओं को समझते हैं, जिसके कारण समान भाव, विचार और दृष्टिकोण विकसित होता है।

(5) निःशस्त्रीकरण से क्या आशय है ?
उत्तर:
निःशस्त्रीकरण का अर्थ शस्त्रों की दौड़ समाप्त करने अथवा शस्त्रों को कम या समाप्त करने से है। निःशस्त्रीकरण विश्व शान्ति की स्थापना के लिए आवश्यक है।

(6) मैदानों को ‘सभ्यता का पालना’ क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
मैदान मानव निवास के लिए सबसे उपयुक्त स्थल है। क्योंकि मैदान ही उसकी भोजन, वस्त्र, मकान और अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं, इसलिए विश्व की लगभग सभी सभ्यताओं का जन्म मैदानी भू-भाग में हुआ है। इसीलिए मैदानों को ‘सभ्यता का पालना’ कहा जाता है।

(7) जैविक अपक्षय किसे कहते हैं ?
उत्तर:
जैविक अपक्षय वनस्पतियों, जीव-जन्तुओं और मनुष्यों द्वारा होता है। वृक्षों की जड़ें चट्टानों की संधियों में पहुँचकर और अधिक चौड़ा कर उन्हें तोड़ देती हैं। चूहे, दीमक, चीटियाँ, केंचुए और जीव नरम चट्टानों को तोड़ते-फोड़ते और खुरचते हैं। मनुष्य भी कृषि उपयोग के लिए, भवन निर्माण के लिए, सड़क निर्माण के लिए चट्टानों की तोड़-फोड़ करता है। इस प्रकार के अपक्षय को ‘जैविक अपक्षय’ कहते हैं।

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MP Board Class 8th Social Science विविध प्रश्नावली 1 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 5.
(1) बक्सर के युद्ध का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
प्लासी के युद्ध के बाद नवाब मीर जाफर कम्पनी के लिए एक कठपुतली शासक के समान था। नवाब का खजाना कम्पनी और उसके कर्मचारियों को भेंट और रिश्वत देने में खाली हो गया। कम्पनी की माँग में निरन्तर वृद्धि होती जा रही थी। इससे पहले कि नवाब मीर जाफर कोई कठोर निर्णय लेता, कम्पनी ने उसे गद्दी से हटाकर उसके दामाद मीर कासिम को बंगाल का नया नवाब बना दिया। मीर कासिम कम्पनी पर अपनी निर्भरता को कम करना चाहता था।

उसने शक्ति संचय करना शुरू कर दिया। नया सैनिक संगठन खड़ा किया। व्यापारिक चुंगी समाप्त कर दी। जिससे कम्पनी को नुकसान हुआ। परिणामस्वरूप 1736 ई. में नवाब मीर कासिम और कम्पनी के मध्य हुए युद्ध में मीर कासिम पराजित हुआ। मीर कासिम भागकर अवध चला गया। अवध का नवाब शुजाउद्दौला भी अंग्रेजों से नाराज था। मुगल सम्राट शाह आलम भी दिल्ली से भागकर अवध में ही निवास कर रहा था। तीनों ने मिलकर बक्सर नामक स्थान पर 23 अक्टूबर, 1764 ई. को कम्पनी की सेनाओं के साथ युद्ध किया। मुगल सम्राट और दोनों नवाब युद्ध में पराजित हुए।

(2) ब्रिटिश शासन की न्याय एवं कानून व्यवस्था का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
किसी भी देश के शासन संचालन के लिए कानून का होना आवश्यक है। जिसका अनुपालन सरकार एवं जनता द्वारा किया जाना जरूरी है। ब्रिटिश शासनकाल में सरकार द्वारा न्यायालयों की स्थापना गई। न्यायालयों द्वारा कानूनों का उल्लंघन करने वाले लोगों पर कठोर दण्डात्मक कार्यवाही की जाती थी।

प्रारम्भ में अंग्रेजों ने भारत में प्रचलित कानूनों के साथ छेड़छाड़ नहीं की और विवाह, उत्तराधिकार सम्बन्धी कानून, रीति – रिवाज और धर्म ग्रन्थों पर आधारित पुरातन कानूनों को चलने दिया, किन्तु अंग्रेजों और भारतीयों में विवाद होने पर उसका निराकरण अंग्रेजी कानून से होता था। सन् 1793 ई. में बनाये गये बंगाल रेग्यूलेशन एक्ट के तहत न्यायालयों में भारतीयों के निजी एवं मालिकाना अधिकारों के लिए फैसले होने लगे थे। इस एक्ट में हिन्दुओं और मुसलमानों के निजी,कानूनों को शामिल किया गया। इससे भारत में लिखित कानूनों का चलन आरम्भ हुआ था।

(3) 1857 से पूर्व किसानों और दस्तकारों की स्थिति का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
अंग्रेजों द्वारा लागू की गई भूमि व्यवस्थाओं से किसानों की हालत बदतर हो गई थी। पुराने जमींदारों को हटा देने पर किसानों की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। बल्कि कम्पनी और उसके कर्मचारियों का किसानों पर अत्याचार बढ़ गया। कई मामलों में राजस्व की माँग में वृद्धि हुई तो किसानों के कष्ट और बढ़ गए। जब इंग्लैण्ड में तैयार हुआ माल भारत में पहुँचने लगा तो यहाँ के पुराने हस्तशिल्प बरबाद हो गये। पीड़ित किसान और कारीगर ब्रिटिश शासन को उखाड़ फेंकने की लड़ाई के लिए मजबूर हो गये।

(4) साम्प्रदायिकता देश की एकता के लिए खतरा है। समझाइए।
उत्तर:
साम्प्रदायिकता’ शब्द सम्प्रदाय से बना है। साम्प्रदायिकता का अर्थ है, ऐसी भावनाएँ व क्रियाकलाप जो अपने सम्प्रदाय और उसकी विशेषताओं को तो श्रेष्ठ समझें तथा दूसरे के सम्प्रदाय और विश्वासों को हीन समझें। ऐसा दृष्टिकोण अपने धर्म अथवा सम्प्रदाय के आधार पर किसी समूह विशेष के हितों पर बल देता है और उन हितों को राष्ट्रहितों के ऊपर समझता है – हम जानते हैं कि संकीर्ण साम्प्रदायिक विचारों के कारण 1947 में साम्प्रदायिक दंगे हुए तथा भारत दो भाग, भारत और पाकिस्तान में विभाजित हो गया।

लाखों लोग इन दंगों में मारे गए और बेघर हुए। स्वतन्त्रता के इतने वर्षों के बाद आज भी भारत में भिन्न-भिन्न स्थानों पर सामाजिक तनाव, साम्प्रदायिक दंगों में परिवर्तित हो जाते हैं। यह सब स्वार्थ, अज्ञानता और धार्मिक कट्टरता के कारण होता है। अनेक पंथ होने से कोई हानि नहीं है, लेकिन जब इन पंथों को मानने वाले अपने हितों को राष्ट्रहितों से ऊपर रखते हैं तो इससे देश की एकता और अखण्डता को खतरा पैदा हो जाता है और यह इस देश का दुर्भाग्य है।

(5) लोकतन्त्र में मतदान के महत्व को समझाइए।
उत्तर:
प्रजातान्त्रिक व्यवस्था में मतदान का बहुत अधिक महत्व है। मतदान द्वारा मतदाता यह तय करता है कि वह किस प्रकार के प्रतिनिधियों को अपने शासक के रूप में देखना चाहता है। परन्तु हमारे देश में कुछ नागरिक अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं करते। जिसका मुख्य कारण है जागरूकता की कमी और शिक्षा का अभाव।

कुछ नागरिक उदासीनता के कारण मतदान नहीं करते। नागरिकों को समझदारी का परिचय देते हुए ऐसे राजनीतिक दलों के प्रत्याशी को अपना मत देना चाहिए, जो देश की एकता और अखण्डता बनाये रखने और सभी नागरिकों के हितों की रक्षा करने के लिए तत्पर हो। जाति, धर्म या क्षेत्र विशेष की भावनाओं में प्रेरित मतदान लोकतन्त्र को कमजोर बनाता है। अतः इससे बचना चाहिए।

(6) ज्वालामुखी के प्रकारों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
ज्वालामुखी मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं –

  • सक्रिय ज्वालामुखी – जिन ज्वालामुखियों से एक बार उद्भेदन होने के बाद निरन्तर समय-समय पर उद्भेदन होते रहते हैं, उन्हें सक्रिय ज्वालामुखी कहते हैं। इटली के एटना तथा स्ट्राम्बोली ज्वालामुखी इसके उदाहरण हैं।
  • अर्द्धसक्रिय या प्रसुप्त ज्वालामुखी – ये वे ज्वालामुखी हैं जिनसे कई बार. उद्भेदन के बाद उद्भेदन की समस्त क्रियाएँ कुछ समय के लिए बन्द हो जाती हैं। किन्तु अकस्मात् पुनः उद्भेदन हो जाता है। इन्हें अर्द्धसक्रिय या प्रसुप्त ज्वालामुखी कहते हैं। इटली का विसूवियस ज्वालामुखी इसका उदाहरण है।
  • विसुप्त या शान्त ज्वालामुखी – जिन ज्वालामुखियों में एक बार उद्भेदन होने के बाद लम्बे समय तक उद्भेदन नहीं होता तथा पुनः उद्भेदन की सम्भावना भी नहीं होती, ऐसे ज्वालामुखी विसुप्त या शान्त ज्वालामुखी कहलाते हैं। अफ्रीका का किलिमंजारो पर्वत इसका उदाहरण है।

(7) नदी अपरदन से निर्मित स्थलाकृतियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
नदी अपरदन से अग्रलिखित स्थलाकृतियों का निर्माण होता है –
1. महाखड्ड-अपने ऊपरी भाग में, उद्गम के पास और अपनी युवावस्था में नदी का प्रमुख कार्य अपनी घाटी को गहरा करना होता है। इस भाग में जल वेग अधिक होने से चट्टानों के टुकड़े अपनी तली को खुरच-खुरच कर गहरा करते रहते हैं। इसके कारण गहरी कन्दराएँ, महाखड्ड और केनियन का निर्माण होता है।

2.  वी (V) आकार की घाटी-नदी के अपरदन कार्य का लक्ष्य अपने आधार तल तक पहुँचना होता है। उस झील या समुद्र के तल को जिसमें वह गिरती है नदी अपरदन का ‘आधार तल’ कहते हैं। नदी अपनी घाटी को गहरा और किनारों को चौड़ा करती है, जिससे वी (V) आकार की घाटी का विकास होता है।

3. जल प्रपात-जब नदी का जल किसी चट्टानी कगार पर ऊपर से सीधा नीचे गिरता है तो उसे जल प्रपात कहते हैं। यदि नदी के मार्ग में कोई कठोर चट्टान लम्बवत् खड़ी पाई जाती है तो गिरने वाला जल अपनी अपरदन शक्ति से नीचे की कोमल चट्टानों को तेजी से काटता है। जलधारा के नीचे गहरा गड्ढा बन जाता है।

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MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 10 हमारा समाज

MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 10 हमारा समाज

MP Board Class 8th Social Science Chapter 10 अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए –
(1) समाज को उन्नत कैसे बनाया जा सकता है ?
(क) व्यक्तियों में जागृति लाकर
(ख) व्यक्तियों को आर्थिक सहायता देकर
(ग) उद्योग लगाकर
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी

(2) मौलिक अधिकारों में शामिल किया गया है –
(क) विदेश में बसने का अधिकार
(ख) विदेश में घूमने-फिरने का अधिकार
(ग) 6-14 आयु वर्ग के बच्चों को निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार
(घ) संविधान का पालन करना।
उत्तर:
(ग) 6-14 आयु वर्ग के बच्चों को निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार

(3) कार्यात्मक साक्षरता है –
(क) आत्मनिर्भरता
(ख) अपने अभावों के कारणों को जानना
(ग) अभाव के कारणों को दूर करना
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी।

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(1) हमारे देश में स्वतन्त्रता प्राप्ति के समय साक्षरता दर प्रतिशत थी।
(2) नशीले पदार्थों के सेवन से स्वास्थ्य पर …………. प्रभाव पड़ता है।
(3) अस्पृश्यता को …………… घोषित किया गया है।
(4) अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों के विकास के लिए समाज की मनोवृत्ति इनके प्रति ……….. की होनी चाहिए।
(5) शिक्षा से व्यक्ति …………. व ………… नागरिक बनते हैं।
(6) 14 वर्ष से कम आयु के बच्चे से कारखाने व होटल आदि में काम कराना कानूनी …………. है।
उत्तर:

  1. 18
  2. बुरा
  3. अपराध
  4. सहयोग
  5.  जागरूक, उत्तम
  6. अपराध

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 10 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 3.
(1)मनुष्य में सामाजिकता का गुण किस कारण से है ?
उत्तर:
मनुष्य में सामाजिकता का गुण पारस्परिक निर्भरता के कारण है।

(2) हमारे प्राचीन भारत का समाज कैसा था ?
उत्तर:
हमारे प्राचीन भारत का समाज उन्नत व समृद्धशाली था।

(3) उत्तम नागरिक लोकतन्त्रीय सरकार के संचालन में कैसे सहयोग करते हैं ?
उत्तर:
उत्तम नागरिक लोकतन्त्रीय सरकार के संचालन में सहज सहयोग देते हैं।

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 10 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 4.
(1) लोकतन्त्रीय देश में सभी नागरिकों को समान अधिकार क्यों दिये जाते हैं ?
उत्तर:
लोकतन्त्रीय देश में सभी नागरिकों को समान अधिकार इसलिए दिये जाते हैं जिससे सभी अपना, अपने धर्म व अपने समाज का समुचित विकास कर सकें और सभी अपने
को समान मानते हुए परस्पर सहयोग द्वारा देश हित में कार्य कर सकें।

(2) किसी एक सामाजिक समस्या का कारण बताइए।
उत्तर:
अशिक्षा, गरीबी और बड़े परिवार के कारण प्रायः बच्चों को अपना पेट भरने एवं पारिवारिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कम उम्र में ही काम करने के लिए मजबूर होना पड़ता है, जबकि इस आयु में उन्हें स्कूल जाना चाहिए।

(3) वर्तमान समाज में क्या-क्या परिवर्तन हुए हैं ?
उत्तर:
वर्तमान समाज में शिक्षा के प्रसार और जागरूकता से स्थिति में सुधार हो रहा है। अब सभी जातियों के लोग लोक सेवकों, वैज्ञानिकों, न्यायाधीशों जैसे पदों पर कार्य कर रहे हैं। शिक्षा का प्रतिशत बढ़ रहा है और आर्थिक सामाजिक दशा में सुधार हो रहा है।

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 10 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 5.
(1) मद्यपान व धूम्रपान से व्यक्ति व समाज को क्या-क्या हानियाँ हैं ?
उत्तर:
विभिन्न प्रकार के पान मसाले, गुटका पाउचों के रूप में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में इनका सेवन बढ़ रहा है। ऐसे पदार्थ स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालते हैं। मद्यपान एवं धूम्रपान भी एक सामाजिक बुराई है। भारत जैसे विकासशील देशों में ये आदतें परिवारों का विघटन कर रही हैं। नशे के आदी व्यक्ति घर पर बच्चों एवं महिलाओं पर अत्याचार करने लगते हैं। इससे घर एवं समाज की शान्ति भंग होती है, आर्थिक तंगी भी बढ़ती है। ऐसे परिवारों का सम्मान भी कम होता है। नशे की बुरी आदत के कारण अपराध बढ़ रहे हैं, चारित्रिक गिरावट आ रही है।

(2) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के कल्याण के लिए राज्य द्वारा क्या-क्या व्यवस्थाएँ की गई हैं ?
उत्तर:
भारतीय संविधान द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के कल्याण के लिए तथा शेष समाज को समान स्तर पर लाने के लिए निम्नलिखित व्यवस्थाएँ की गई हैं –

  • संविधान में इनके हितों व अधिकारों का उल्लेख किया गया है। अस्पृश्यता को अपराध घोषित किया गया है।
  • संविधान द्वारा इन वर्गों को संरक्षण प्रदान किया गया है।
  • अन्याय तथा शोषण से मुक्ति के लिए कानून बनाये गये हैं।
  • लोक सभा, विधान सभाओं, स्थानीय स्व-शासन संस्थाओं में इनकी जनसंख्या के आधार पर स्थान आरक्षित किये गये हैं।
  • इनके कल्याण के लिए अलग मन्त्रालय, विभाग, पुलिस व न्यायालय में प्रकोष्ठ बनाये गये हैं।
  • शिक्षा प्राप्त करने के लिए स्थान आरक्षित हैं तथा छात्रवृत्ति आदि की व्यवस्था की गई है।
  • निर्धारित न्यूनतम योग्यता प्राप्त कर लेने पर शासकीय | सेवाओं में स्थान आरक्षित किये गये हैं।
  • इन वर्गों को योग्यता सम्बन्धी शर्तों में भी कुछ छूट दी गई है।

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MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 9 धार्मिक व सामाजिक सुधार आन्दोलन और सांस्कृतिक चेतना का विकास

MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 9 धार्मिक व सामाजिक सुधार आन्दोलन और सांस्कृतिक चेतना का विकास

MP Board Class 8th Social Science Chapter 9 अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए –
(1) सन् 1828 ई. में ब्रह्म समाज की स्थापना किसने की थी?
(क) ईश्वरचन्द्र विद्या सागर
(ख) स्वामी दयानन्द सरस्वती
(ग) राजा राममोहन राय
(घ) केशवचन्द्र सेन।
उत्तर:
(ग) राजा राममोहन राय

(2) प्रार्थना समाज की स्थापना कब तथा किसने की थी?
(क) सन् 1867 ई. में महादेव गोविन्द रानाडे ने
(ख) सन् 1875 ई. में स्वामी दयानन्द सरस्वती ने
(ग) सन् 1897 ई. में स्वामी विवेकानन्द ने
(घ) सन् 1882 ई. में मैडम ब्लावाट्स्की ने।
उत्तर:
(क) सन् 1867 ई. में महादेव गोविन्द रानाडे ने

(3) ‘मोहम्मडन एंग्लो ओरियंटल कॉलेज’ की स्थापना किसने की थी ?
(क) नवाब अब्दुल लतीफ ने
(ख) शरीमतुल्लाह ने
(ग) मुहम्मद इकबाल ने
(घ) सर सैय्यद अहमद खाँ ने।
उत्तर:
(घ) सर सैय्यद अहमद खाँ ने

(4) ‘वंदेमातरम्’ गीत की रचना किसने की थी ?
(क) रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने
(ख) स्वामी विवेकानन्द ने
(ग) बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय ने
(घ) स्वामी दयानन्द सरस्वती ने।
उत्तर:
(ग) बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय ने।

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(1) सन् 1829 ई. में लॉर्ड विलियम बैंटिंक के सहयोग से राजा राममोहन राय ने …………… के विरुद्ध कानून – पास करवाया था।
(2) सन् ………….. ई. में ‘डेक्कन एजूकेशन सोसायटी’ की स्थापना महादेव गोविन्द रानाडे द्वारा की गई थी।
(3) ज्योतिबा फुले ने ………… के उत्थान के लिये कार्य किये।
(4) स्वामी दयानन्द सरस्वती ने …………… नामक अपना ग्रन्थ प्रकाशित किया।
(5) रामकृष्ण मिशन की स्थापना …………. ने की थी।
उत्तर:

  1. सती प्रथा
  2. 1884
  3. दलितों
  4. सत्यार्थ प्रकाश
  5. स्वामी विवेकानन्द

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 9 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 3.
(1) पं. मदनमोहन मालवीय द्वारा बनारस में किस विश्वविद्यालय की स्थापना की गई ?
उत्तर:
पं. मदनमोहन मालवीय द्वारा बनारस में ‘हिन्दू विश्वविद्यालय’ की स्थापना की गई।

(2) रवीन्द्रनाथ ठाकुर को 1913 ई. में कौन-सा सर्वोच्च पुरस्कार प्राप्त हुआ था ?
उत्तर:
रवीन्द्रनाथ ठाकुर को 1913 ई. में नोबल पुरस्कार’ प्राप्त हुआ था।

(3) स्वामी विवेकानन्द का बचपन का नाम क्या था ?
उत्तर:
स्वामी विवेकानन्द का बचपन का नाम ‘नरेन्द्रनाथ’ था।

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 9 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 4.
(1) राजा राममोहन राय द्वारा सामाजिक हित में किये गये किन्हीं दो कार्यों को लिखिए।
उत्तर:
राजा राममोहन राय द्वारा सामाजिक हित में किये गये कार्य –

  • सती प्रथा पर रोक लगवाकर उसे अपराध घोषित कराया एवं
  • जाति प्रथा का घोर विरोध किया।

(2) आर्य समाज द्वारा समाज व संस्कृति के लिये किये गये किन्हीं तीन प्रमुख कार्यों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
आर्य समाज द्वारा समाज एवं संस्कृति के लिए किए गए प्रमुख तीन कार्य इस प्रकार हैं –

  • आर्य समाज ने ही सबसे पहले हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार एवं स्वराज्य की बात कही।
  • आर्य समाज ने बाल विवाह का विरोध किया एवं
  • आर्य समाज ने ‘विधवा पुनर्विवाह’ का समर्थन किया।

(3) रामकृष्ण मिशन की स्थापना स्वामी विवेकानन्द ने किस उद्देश्य से की थी ?
उत्तर:
स्वामी विवेकानन्द ने भारतीय राष्ट्रवाद को आध्यात्म की अच्छाइयों से जोड़कर समाज की सेवा करने के उद्देश्य से रामकृष्ण मिशन की स्थापना की।

(4) दलितों के हित में ‘ज्योतिबा फुले’ द्वारा किये गये किन्हीं दो कार्यों को लिखिए।
उत्तर:
‘ज्योतिबा फुले’ द्वारा दलितों के हित में प्रमुख रूप से निम्नलिखित दो कार्य किये गये –

  • छुआछूत का विरोध करते हुए जन-आन्दोलन चलाया एवं
  • विधवा पुनर्विवाह का समर्थन करते हुए उन्होंने इस कार्य में व्यक्तिगत रूप से सहयोग किया।

(5) श्रीमती ऐनी बेसेण्ट द्वारा समाज के हित में किये गये दो प्रमुख कार्यों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
श्रीमती ऐनी बेसेण्ट द्वारा समाज हित में किये गये दो प्रमुख कार्य इस प्रकार हैं –

  • उन्होंने भारतीयों को उनकी संस्कृति की महानता को समझाते हुए पुनः जाग्रत करने का प्रयास किया एवं
  • उन्होंने बाल-विवाह एवं जाति प्रथा का डटकर विरोध किया।

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 9 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 5.
(1) मुस्लिम समाज सुधार आन्दोलन में सर सैय्यद अहमद खाँ द्वारा किये गये कार्यों को लिखिए।
उत्तर:
मुस्लिम समाज सुधार आन्दोलन में सर सैय्यद अहमद खाँ द्वारा प्रमुख रूप से निम्नलिखित कार्य किये गये –

  • उन्होंने मुसलमानों के लिए आधुनिक शिक्षा के अध्ययन पर बल दिया तथा भाग्यवादिता को दूर करने का प्रयास किया।
    उन्होंने सन् 1864 ई. में एक अनुवाद समिति की स्थापना की, जो विज्ञान तथा अन्य विषयों की अंग्रेजी पुस्तकों का उर्दू में अनुवाद करने का कार्य करती थी।
  • उन्होंने सन् 1877 ई. में अलीगढ़ में ‘मोहम्मडन एंग्लो ओरियंटल कॉलेज’ की स्थापना की, जहाँ अंग्रेजी माध्यम से कला एवं विज्ञान विषयों को पढ़ाया जाता था।
  • उन्होंने हिन्दू-मुस्लिम एकता का समर्थन किया, किन्तु बाद में वे पूर्णतः अंग्रेजों के प्रभाव में आ गये थे।
  • उन्होंने दास प्रथा को इस्लाम के विरुद्ध बताया तथा कुरान के अध्ययन पर जोर दिया।
  • उन्होंने अपने विचारों को ‘तहजीब उल अखलाक’ नामक पत्रिका का प्रकाशन कर समाज के सामने प्रस्तुत किया।

(2) सिक्ख आन्दोलन का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पाश्चात्य शिक्षा व सुधार आन्दोलनों से प्रभावित होकर सिक्खों ने भी अपने सम्प्रदाय व समाज में सुधार लाने का इस प्रकार प्रयास किया –

  • सिक्खों के गुरुद्वारे पुरोहितों व महंतों के कब्जों में हो गये थे, जिन्हें वे अपनी निजी सम्पत्ति समझने लगे थे।
  • इसलिए महंतों से गुरुद्वारों को मुक्त कराने के लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी और अकाली दल ने मिलकर आन्दोलन चलाया और गुरुद्वारों का नियन्त्रण सिक्ख समाज को सौंपने की माँग की।
  • शान्तिपूर्ण ढंग से चलाये गये इस आन्दोलन में जन समुदाय ने भी सहयोग किया।
  • सभी के संयुक्त प्रयासों से सन् 1925 ई. में एक कानून बना जिसके अनुसार गुरुद्वारा के संचालन का भार ‘शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबन्धक समिति’ को सौंप दिया गया।

(3) उन्नीसवीं शताब्दी में चलाये गये धार्मिक व सामाजिक आन्दोलनों का भारतीय समाज पर क्या प्रभाव पड़ा ? समझाइए।
उत्तर:
उन्नीसवीं शताब्दी में भारत में जो धार्मिक एवं सामाजिक सुधार आन्दोलन चलाये गये, उनके प्रभाव से भारतीय समाज के शैक्षणिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक प्रत्येक क्षेत्र में निम्नलिखित सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिले –

  • आधुनिक शिक्षा, ज्ञान, विज्ञान, दर्शन एवं साहित्य के अध्ययन में लोगों की रुचि में वृद्धि हुई।
  • देश में स्कूलों एवं कॉलेजों की संख्या में वृद्धि हुई।
  • महिलाओं की स्थिति में भी कुछ सुधार हुआ। सती–प्रथा, बाल विवाह तथा पर्दा प्रथा में कमी आई एवं उनकी शिक्षा का विकास हुआ।
  • सभी सुधारकों द्वारा वेदों के पुनः अध्ययन एवं संस्कृति के गौरव गान ने भारतीयों में स्वतन्त्रता व राष्ट्रीयता की भावना को और मजबूती प्रदान की।
  • इन सुधार आन्दोलनों से पूरे देश में एक नई जाग्रति फैली तथा सांस्कृतिक चेतना का विकास हुआ। परिणामस्वरूप भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलनों को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण योगदान मिला।

(4) उन्नीसवीं शताब्दी में विज्ञान के क्षेत्र में हुए विकास का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
अनेक सुधारकों ने विज्ञान के विकास से ही देश की प्रगति को सम्भव बताया, इसलिए उन्होंने विज्ञान के अध्ययन पर जोर दिया एवं अनेक वैज्ञानिक संस्थाएँ भी स्थापित की।

  • चिकित्सा विज्ञान के पहले भारतीय विद्यार्थी, महेन्द्रनाथ सरकार थे, जिन्होंने विज्ञान का प्रसार करने वाली प्रमुख संस्था ‘इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टिवेशन ऑफ साइंस’ की स्थापना सन् 1876 ई. में की थी।
  • बीसवीं सदी के तीसरे दशक में ‘इण्डियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन’ की स्थापना हुई।
  • अंग्रेजी शासनकाल के प्रमुख भारतीय वैज्ञानिकों में मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया (1861-1962) ने इंजीनियरिंग एवं टैक्नोलोजी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिये।
  • प्रफुल्लचन्द्र राय, जगदीशचन्द्र बसु, सत्येन्द्र नाथ बसु, मेघनाथ शाह, जी. एन. वाडिया एवं बीरबल साहनी आदि वैज्ञानिकों का योगदान भी महत्वपूर्ण रहा।

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MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 8 1858 ई. के बाद ब्रिटिश प्रशासन और नीतियाँ

MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 8 1858 ई. के बाद ब्रिटिश प्रशासन और नीतियाँ

MP Board Class 8th Social Science Chapter 8 अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर. लिखिये –
(1) महारानी विक्टोरिया की घोषणा हुई थी
(क) 1757 ई. में
(ख) 1858 ई. में
(ग) 1957 ई. में
(घ) 1965 ई. में।
उत्तर:
(ख) 1858 ई. में

(2) भारत का प्रशासन इंग्लैण्ड की महारानी को सौंपा गया –
(क) 1858 के अधिनियम द्वारा
(ख) 1861 के अधिनियम के द्वारा
(ग) 1865 के अधिनियम द्वारा
(घ) 1876 के अधिनियम द्वारा।
उत्तर:
(क) 1858 ई. के अधिनियम द्वारा

(3) प्रथम नगर पालिका स्थापित की गई
(क) 1865 ई. में मद्रास में
(ख) 1867 ई. में बंगाल में
(ग) 1868 ई. में उत्तर प्रदेश में
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(क) 1865 में ई. में मद्रास में

(4) भारत सचिवालय का प्रमुख कहलाता था
(क) भारत सचिव
(ख) वायसराय
(ग) गवर्नर जनरल
(घ) सचिव
उत्तर:
(क) भारत सचिव

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(1) वायसराय की सहायता के लिए …………. सदस्यों की परिषद् का गठन किया गया था।
(2) ब्रिटिश सरकार की आर्थिक नीतियाँ ………….. के हितों की रक्षा के लिए बनाई गई थीं।
(3) 1876 ई. में सिविल सेवा में भाग लेने की न्यूनतम आयु कर दी गई थी।
(4) लॉर्ड रिपन के द्वारा वुड के प्रस्तावों को क्रियान्वित करने के लिए ……….. आयोग का गठन किया गया।
उत्तर:
(1) चार
(2) केवल इंग्लैण्ड
(3) 19 वर्ष
(4) हण्टर

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 8 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 3.
(1) किस अधिनियम द्वारा इंग्लैण्ड की महारानी को भारत की साम्राज्ञी घोषित किया गया ?
उत्तर:
1858 ई. के अधिनियम द्वारा इंग्लैण्ड की महारानी को भारत की साम्राज्ञी घोषित किया गया।

(2) 1858 के बाद गवर्नर जनरल को किस नाम से जाना जाने लगा ?
उत्तर:
1858 के बाद गवर्नर जनरल को वायसराय के नाम से जाना जाने लगा।

(3) स्थानीय स्वशासन का जनक किसे कहा जाता था ?
उत्तर:
लॉर्ड रिपन को स्थानीय स्वशासन का जनक कहा जाता था।

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 8 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 4
(1) महारानी की घोषणा का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
अपनी घोषणा में महारानी ने कहा था कि –

  • अंग्रेजी राज्य में भारत का अब कोई नवीन क्षेत्र नहीं मिलाया जायेगा।
  • न्याय में समानता, उदारता एवं धार्मिक सहिष्णुता का पालन किया जायेगा।
  • भारत के राजाओं के सम्मान एवं अधिकारों का हनन । नहीं किया जायेगा।
  • भारत के लोगों के लिए नैतिक एवं भौतिक उन्नति के उपाय किये जायेंगे।
  • भारतीय प्रजा को ब्रिटिश प्रजा के समान माना जायेगा।

(2) 1861 ई. के अधिनियम में क्या परिवर्तन किये गये?
उत्तर:
1861 ई. में भारत परिषद् अधिनियम द्वारा गवर्नर जनरल की कार्यकारी परिषद् में न्यूनतम 6 सदस्य तथा अधिकतम 12 अतिरिक्त सदस्यों को नियुक्त करने की व्यवस्था की गई। प्रान्तों में विधान परिषदें स्थापित की गईं। विधान परिषदें प्रान्तीय प्रशासन के लिए उत्तरदायी थीं, किन्तु कोई भी कानून बनाने से पूर्व उन्हें गवर्नर जनरल की अनुमति लेना अनिवार्य था। प्रान्तों में गवर्नर सर्वोच्च अधिकारी था।

(3) 1858 ई. के पश्चात् प्रशासनिक विभाजन का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
1858 ई. के पश्चात् प्रशासनिक व्यवस्थाओं में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुआ। 1861 ई. के अधिनियम से प्रशासनिक व्यवस्था के विभाजन की एक नई प्रक्रिया आरम्भ हुई। प्रान्तों में विधान परिषदें गठित हुईं। 1919 ई. के अधिनियम के साथ दोहरी शासन व्यवस्था लागू की गई। 1935 ई. के अधिनियम के द्वारा प्रान्तीय स्वायत्तता लागू की गई। प्रान्तीय सरकारों को भूमिकर, आबकारी कर, राजकीय स्टाम्प, विधि व न्याय पर नियन्त्रण का अधिकार प्रदान कर दिया गया।

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 8 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 5.
(1) 1858 ई. के अधिनियम में लिए गये निर्णय बताइए।
उत्तर:
ब्रिटिश सरकार ने अपनी प्रशासनिक नीतियों में परिवर्तन की सोच को लागू करते हुए सर्वप्रथम 1858 ई. में एक अधिनियम पारित किया, जिसे ‘1858 ई. का अधिनियम कहा जाता है।
इसमें निम्नलिखित निर्णय लिये गये –

  • भारत में ईस्ट इण्डिया कम्पनी के प्रशासन को समाप्त कर दिया गया।
  • भारत का प्रशासन सीधे इंग्लैण्ड की महारानी के अधीन कर दिया गया।
  • वायसराय को भारत में इंग्लैण्ड की महारानी का प्रतिनिधि बनाया गया।
  • भारतीय प्रशासन पर नियन्त्रण स्थापित करने के लिए इंग्लैण्ड में भारत सचिव एवं उसकी परिषद् का निर्माण किया गया।
  • भारत सचिव को भारत की प्रशासनिक व्यवस्था का उत्तरदायित्व सौंपा गया।

(2) सेना के पुनर्गठन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
भारत में पुनः सैनिक अंग्रेजों के विरुद्ध शस्त्र न उठा सकें। इसलिए भारतीय सेना को संगठित एवं सुदृढ़ किया गया, ताकि वह अंग्रेजी साम्राज्य के प्रसार एवं रक्षा में अपना योगदान दे सकें।
इसी उद्देश्य से सेना में इस प्रकार परिवर्तन किये गये –

  • ईस्ट इण्डिया कम्पनी की यूरोपीय सेना को अंग्रेजी सेना में मिला लिया गया।
  • सेना में भारतीय सैनिकों की संख्या घटा दी गई तथा यूरोपीय सैनिकों की संख्या में वृद्धि की गई।
  • सेना में जातिवाद के आधार पर नियुक्तियाँ आरम्भ कर दी गईं।
  • सेना में प्रान्तीय निष्ठा की भावना भड़काकर पंजाब, गढ़वाल, कुमायूँ, सिख, राजपूत एवं मराठा जैसी रेजीमेंटों का गठन किया गया,
  • ताकि सैनिकों में राष्ट्रीय भावना जाग्रत न हो सके।
  • भारतीयों को लड़ाकू एवं गैर-लड़ाकू जैसे दो वर्गों में बाँट दिया गया।
  • इंग्लैण्ड की सेना के पदाधिकारियों एवं सैनिकों को नियमित रूप से भारत भेजने की व्यवस्था की गई।

(3) स्थानीय प्रशासन के विकास की संक्षिप्त जानकारी दीजिए।
उत्तर:
1861 ई. के पश्चात् जिला परिषद् एवं नगर पालिका जैसी संस्थाओं की आवश्यकता महसूस की गई, फलस्वरूप 1865 ई. से मद्रास में, 1867 ई. से पंजाब में तथा 1868 ई. से उत्तर प्रदेश में नगर पालिकाएँ स्थापित की गईं। आगे चलकर नगरपालिका अधिनियम पारित कर नगर पालिकाओं को कर लगाकर वित्तीय रूप से स्वावलम्बी बनने का अवसर प्रदान किया गया। इससे एक ओर जहाँ नगरपालिकाओं की आमदनी में वृद्धि।

हुई, वहीं दूसरी ओर चुनाव प्रक्रिया को बल मिला। 1881- 82 ई. में एक अधिनियम पारित करके स्थानीय स्वशासन के नियमों में वृद्धि की गई। आगामी दो वर्षों में नगर पालिकाओं के संविधान शक्तियों एवं कार्य क्षेत्र में परिवर्तन किया गया। इसमें साधारण व्यक्ति को भी नगरपालिका प्रमुख बनने की अनुमति प्रदान की गई। 1882 ई. के बाद ही ग्रामीण क्षेत्रों में जिला बोर्ड स्थापित किये गये और 1908 में पुनर्गठन आयोग द्वारा पंचायतों एवं जिला बोर्ड के विकास पर बल दिया गया।

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(4) ब्रिटिश आर्थिक नीतियों का संक्षेप में मूल्यांकन कीजिए।
उत्तर:
1858 ई. के बाद भारतीय संसाधनों के पूर्ण दोहन एवं शोषण की नई प्रवृत्ति को अपनाया गया। भारत में स्वतन्त्र व्यापार की अनुमति प्रदान कर दी गई। फलस्वरूप अनेक विदेशी कम्पनियाँ भारत में स्थापित हो गयीं तथा भारत के उद्योग-धन्धे समाप्त होने लगे। भारतीय उद्योगों का शोषण होने लगा। ब्रिटिश सरकार की आर्थिक नीतियाँ केवल इंग्लैण्ड के हितों की रक्षा के लिए बनाई गई थीं।

इन नई आर्थिक नीतियों के अन्तर्गत केन्द्रीय एवं प्रान्तीय सरकारों के मध्य आय का बँटवारा किया गया। भारतीय किसानों को भूमिकर तथा पट्टेदारी की नीति अपनाकर जमींदार और पट्टेदार जैसे दो वर्गों में बाँट दिया गया। जिससे ग्रामीणों तथा मजदूरों की स्थिति दिन-प्रतिदिन दयनीय होती चली गई। इसी समय बाल मजदूरी को भी प्रोत्साहित किया गया था जो भारतीयों के हित में नहीं था। इस प्रकार ब्रिटिश सरकार की आर्थिक नीतियों के कारण आर्थिक क्षेत्र में भारत का विकास पूर्णरूप से रुक गया था।

(5) ब्रिटिश शिक्षा नीति का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
18वीं शताब्दी के आरम्भ में ही अंग्रेजी शिक्षा की पहल की जा चुकी थी। 1854 ई. में वुड प्रस्ताव में अंग्रेजी शिक्षा के साथ-साथ भारतीय भाषाओं के अध्ययन का भी सुझाव दिया गया था। इसी प्रस्ताव में अध्यापकों के प्रशिक्षण का सुझाव भी था। 1882 ई. में लॉर्ड रिपन ने वुड प्रस्ताव को क्रियान्वित करने के लिए हण्टर आयोग का गठन किया। इसमें
प्राइमरी शिक्षा को प्रोत्साहित किया गया था तथा विद्यार्थियों की मानसिक एवं शारीरिक शिक्षा पर जोर दिया गया था।

1904 ई. में विश्वविद्यालय अधिनियम पारित कर विश्वविद्यालय की सम्बद्धता एवं विद्यार्थियों की शिक्षा के अनुसार प्राध्यापकों की नियुक्ति की व्यवस्था की गई। 1919 ई. के अधिनियम में शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी प्रान्तीय विधान मण्डलों को सौंप दी गई। शिक्षा के लिए सार्जेन्ट योजना (1944) के अन्तर्गत स्कूलों में 6 वर्ष से 14 वर्ष तक के बच्चों के लिए निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा की व्यवस्था की गई थी, आरम्भ में ब्रिटिश शिक्षा नीति का प्रत्यक्ष लाभ भारतीयों को भले ही न मिला हो किन्तु इसने भारतीयों को राष्ट्र के प्रति संगठित एवं समर्पित करने में महती भूमिका निभाई थी।

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MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 4 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 4.3

MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 4 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 4.3

प्रश्न 1.
निम्नलिखित चतुर्भुजों की रचना कीजिए –
(i) चतुर्भुज MORE जिसमें –

  • MO = 6 cm
  • OR = 4.5 cm
  • ∠M = 60°
  • ∠0 = 105°
  • ∠R = 105° है।

(ii) चतुर्भुज PLAN जिसमें –

  • PL = 4 cm
  • ∠A = 6.5 cm
  • ∠P = 90°
  • ∠A = 110°
  • ∠N = 180° है।

(iii) समान्तर चतुर्भुज HEAR जिसमें –

  • OK = 7 cm
  • HE = 5 cm
  • KA = 5 cm है।

(iv) आयत OKAY जिसमें –

  • EA = 6 cm
  • ∠A = 85° है।

हल:
(i) रचना के चरण –

  1. सर्वप्रथम रेखाखण्ड MO = 6 cm बनाया।
  2. बिन्दु M पर ∠ZMO = 60° बनाती हुई रेखा OZ खींची।
  3. बिन्दु O पर 105° का कोण बनाती हुई रेखा OX खींची।
  4. बिन्दु को केन्द्र मानकर तथा 4.5 cm की त्रिज्या लेकर OR = 4.5 cm OX में से काट ली।
  5. बिन्दु R पर ∠ORY बनाती हुई रेखा RY खींची जो MZ को E पर प्रतिच्छेद करती है।
  6. इस प्रकार बनी हुई आकृति MORE अभीष्ट चतुर्भुज है।

MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 4 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 4.3 img-1

(ii) रचना के चरण –

  1. सर्वप्रथम रेखाखण्ड PL = 4 cm बनाया।
  2. ∠PLA = 360° – (90° + 110° + 85°) = 360° – 285° = 75° प्राप्त किया।
  3. बिन्दु P पर 90° का कोण बनाती हुई रेखा PX खींची।
  4. बिन्दु L पर 75° का कोण बनाते हुए LY खींची।
  5. बिन्दु L को केन्द्र मानकर तथा 6.5 cm त्रिज्या लेकर LA = 6.5 cm, LY में से काट लिया।
  6. A बिन्दु पर ∠LAZ = 110° का कोण बनाते हुए रेखा AZ खींची; जो PX को N पर काटती है।

इस प्रकार बनी हुई आकृति PLAN अभीष्ट चतुर्भुज है।
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 4 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 4.3 img-2
(iii) रचना के चरण –

  1. सर्वप्रथम रेखाखण्ड HE = 5 cm बनाया।
  2. E बिन्दु पर ∠HEX = 85° का कोण बनाती हुई रेखा PX खींची।
  3. E बिन्दु को केन्द्र मानकर तथा 6 cm त्रिज्या लेकर ox में से EA = 6 cm काट लिया।
  4. अब H व R को केन्द्र मानकर क्रमशः HR = 6 cm तथा AR = 5 cm त्रिज्याएँ चाप लगाए जो परस्पर बिन्दु R पर काटते हैं।
  5. HR तथा AR को मिलाया।

इस प्रकार बनी हुई आकृति HEAR अभीष्ट समान्तर चतुर्भुज है।
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 4 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 4.3 img-3

(iv) रचना के चरण –

  1. सर्वप्रथम रेखाखण्ड OK = 7 cm बनाया।
  2. K बिन्दु पर ∠OKX = 90° बनाती हुई रेखा OX खींची।
  3. K बिन्दु को केन्द्र मानकर तथा 5 cm त्रिज्या लेकर एक चाप लगाया जो KX को A पर काटता है। AK को मिलाया।
  4. O व A बिन्दु को केन्द्र मानकर क्रमशः OY = 5 cm तथा AY = 7 cm त्रिज्याएँ लेकर चाप लगाए जो परस्पर Y बिन्दु पर काटते हैं।
  5. OY तथा AY को मिलाया।
  6. इस प्रकार बनी आकृति OKAY अभीष्ट आयत है।
    MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 4 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 4.3 img-4

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 71

सोचिए, चर्चा कीजिए और लिखिए (क्रमांक 4.5)

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प्रश्न 1.
उपर्युक्त उदाहरण 4 में, हमने सर्वप्रथम BC खींची। इसके स्थान पर दूसरे अन्य प्रारम्भ बिन्दु और कौन-से हो सकते हैं?
उत्तर:
BC के स्थान पर दूसरे अन्य प्रारम्भ बिन्दु AB अथवा CD रेखाखण्ड हो सकते हैं।

प्रश्न 2.
हमने अभी तक चतुर्भुजों की रचना के लिए कोई पाँच मापों का प्रयोग किया। क्या एक चतुर्भुज की रचना के लिए पाँच मापों के अलग-अलग समुच्चय (अभी तक देखे गए मापों के अतिरिक्त) हो सकते हैं?
निम्नलिखित समस्याएँ प्रश्नों के उत्तर देने में आपकी सहायता कर सकती हैं –

  1. चतुर्भुज ABCD जिसमें AB = 5 cm, BC = 5.5 cm, CD = 4 cm, AD = 6 cm और ∠B = 80° है।
  2. चतुर्भुज PQRS जिसमें PQ = 4.5 cm, ∠P= 70°, ∠Q = 100°, ZR = 80° और ∠S = 110° है।

आप स्वयं कुछ और उदाहरणों की रचना कीजिए और एक चतुर्भुज की रचना के लिए आँकड़ों की पर्याप्तता/ अपर्याप्तता ज्ञात कीजिए।

उत्तर:

  1. इन आँकड़ों में चार भुजाएँ और एक कोण चतुर्भुज ABCD की रचना के लिए दिए गए हैं।
  2. इन आँकड़ों से चतुर्भुज PQRS की रचना नहीं की जा सकती है।
  3. निम्न आँकड़ों से चतुर्भुज की रचना नहीं कर सकते चतुर्भुज ABCD की रचना कीजिए जिसमें AB = 8 cm,
    BC = 4.5 cm, CD = 4 cm, ZB = 60° और AB || CD.

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MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 7 परिवर्तनकारी बाह्य शक्तिया

MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 7 परिवर्तनकारी बाह्य शक्तियाँ

MP Board Class 8th Social Science Chapter 7 अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए –
(1) किस प्रक्रिया द्वारा चट्टानों के टूटे पदार्थ अपने मूल स्थान पर संग्रहीत होते हैं ?
(क) अपरदन
(ख) परिवहन
(ग) अपक्षय
(घ) निक्षेपण।
उत्तर:
(ग) अपक्षय

(2) निम्न में से किस क्षेत्र में पवन अपने कार्य सम्पन्न करती है ?
(क) मरुस्थलीय क्षेत्र में
(ख) पर्वतीय क्षेत्र में
(ग) समुद्रतटीय क्षेत्र में
(घ) मैदानी क्षेत्र में।
उत्तर:
(क) मरुस्थलीय क्षेत्र में

(3) मृदा को उपजाऊ बनाने में कौन-सा तत्व महत्व पूर्ण है ?
(क) मूल चट्टानी पदार्थ
(ख) ह्यूमस
(ग) जलवायु
(घ) मनुष्य
उत्तर:
(ख) ह्यूमस

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(1) जब कोई चट्टान बिना किसी रासायनिक परिवर्तन के टुकड़ों में टूट जाती है, उसे ……….. अपक्षय कहते
(2) असमतल धरातल के समतल होने की क्रिया को ………….. कहते हैं।
(3) हिमानी जो कंकड़, पत्थर, रेत आदि जमा करती है उसे …………… कहते हैं।
(4) नदी के निक्षेपण से ……………. झील का निर्माण होता
(5) भारत में उड़ीसा (ओडिशा) के तट पर लैगून झील का उत्तम उदाहरण ………… नामक झील है।
उत्तर:

  1. भौतिक
  2. तल सन्तुलन
  3. हिमोढ़
  4. गोखुर
  5. चिल्का

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 7 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 3.
(1) नदी के तीन कार्य कौन-कौनसे हैं ?
उत्तर:
अपरदन
परिवहन और
निक्षेपण नदी के तीन कार्य हैं।

(2) नदी की तीन अवस्थाएँ कौन-कौनसी हैं ?
उत्तर:
नदी की तीन अवस्थाएँ-युवावस्था, प्रौढ़ावस्था और वृद्धावस्था होती हैं।

(3) ज्वारनदमुख (एश्चुअरी) किसे कहते हैं ?
उत्तर:
जहाँ नदी के अधिकांश मुहाने का भू-भाग नीचा होता है, ऐसी स्थलाकृति को ज्वारनदमुख या एश्चुअरी कहते हैं।

(4) गीजर किसे कहते हैं ?
उत्तर:
भूगर्भिक गर्मी से जिन गर्म जलस्रोतों का जल बड़े वेग से गुब्बारे की भाँति बाहर फूट पड़ता है उनको ‘गीजर’ कहते हैं।

MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 7 परिवर्तनकारी बाह्य शक्तिया img 1

(5) यारदांग कौन बनाता है ?
उत्तर:
पवन अपरदन से यारदांग की आकृति बनती है।

(6) लैगून किसे कहते हैं ?
उत्तर:
खारे जल की भरी हुई समुद्रतटीय झील को लैगून कहते हैं।

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 7 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 4.
(1) मृदा निर्माण के प्रमुख कारकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
चट्टानों के अपक्षय और अपरदन क्रिया द्वारा मृदा का निर्माण होता है। मृदा निर्माण में सहायक कारकों में मुख्य हैं-मूल चट्टानें, धरातलीय बनावट, जलवायु, समय एवं वनस्पति व जीव-जन्तु।

(2) अपक्षय किसे कहते हैं ? अपक्षय के विभिन्न प्रकारों के नाम लिखिए।
उत्तर:
अपक्षय एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें खुली चट्टानों का विघटन और ‘अपघटन’ अपने मूल स्थान पर ही होता है। अपक्षय तीन प्रकार से होता है

  • भौतिक अपक्षय
  • रासायनिक अपक्षय और
  • जैविक अपक्षय।

(3) निम्नीकरण और अधिवृद्धि में अन्तर बताइए।
उत्तर:
अपरदन की प्रक्रिया द्वारा चट्टानों को घिसकर, खुरचकर या काट कर उनको अपने मूल स्थान से हटा दिया जाता है, इसमें ऊँचे स्थान धीरे-धीरे नीचे होते जाते हैं। इस प्रक्रिया को निम्नीकरण कहते हैं और निचले क्षेत्रों या गड्ढों में अपरदित पदार्थों के जमा होते रहने को निक्षेपण कहते हैं। अपरदित पदार्थ गड्ढों में जैसे-जैसे भरता जाता है। उसकी ऊँचाई बढ़ती जाती है। इस प्रक्रिया को अधिवृद्धि कहते हैं।

(4) वी (V) आकार की घाटी का निर्माण किस प्रकार होता है ?
उत्तर:
नर्दी के अपरदन कार्य का लक्ष्य अपने आधार तल तक पहुँचना होता है। इस झील या समुद्र के तल को जिसमें वह गिरती है नदी अपरदन का आधार तल’ कहते हैं। नदी अपन घाटी को गहरा और किनारों को चौड़ा करती है, जिससे वी (V) आकार की घाटी का निर्माण होता है।

MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 7 परिवर्तनकारी बाह्य शक्तिया img 2

(5) हिमोढ़ किसे कहते हैं ? उनके प्रकारों के नाम लिखिए।
उत्तर:
जब हिमानी पिघलती है अथवा पिघलकर पीछे हटती है, तब वह अपने साथ लाये पदार्थों को घाटी के विभिन्न

MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 7 परिवर्तनकारी बाह्य शक्तिया img 3

MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 7 परिवर्तनकारी बाह्य शक्तिया img 4

भागों में जमा कर देती है। इस प्रकार के निक्षेपित पदार्थों को “हिमोढ़’ कहते हैं। घाटी में स्थिति के आधार पर हिमोढ़ चार प्रकार के होते हैं –

  • अन्तस्थ, हिमोढ़
  • पाश्विक हिमोढ़
  • मध्यस्थ हिमोढ़ तथा
  • तलस्थ हिमोढ़

(6) भूमिगत जल स्तर किसे कहते हैं ?
उत्तर:
धरातल पर बरसने वाले वर्षा जल का कुछ जल – रिसकर भूमि में चला जाता है। भूमिगत जल का वह तल जिसके नीचे चट्टानें जल से पूरी तरह भरी होती हैं वह भूमिगत ‘जल स्तर’ कहलाता है।

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 7 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 5.
(1) तल सन्तुलन की प्रक्रिया को समझाइए।
उत्तर:
परिवर्तनकारी बाह्य शक्तियाँ धरातल को समतल करने के लिए निरन्तर क्रियाशील रहते हुए अपरदन, परिवहन E और निक्षेपण का कार्य करती हैं। इसे ही ‘तल सन्तुलन’ कहते हैं। (नदियाँ, हिमानियाँ, पवन, भूमिगत जल और समुद्री लहरें तल सन्तुलन के प्रमुख कारक हैं।) तल सन्तुलन के कार्यों को दो भागों में बाँट सकते हैं –

  • निम्नीकरण, और
  • उच्चयन (अधिवृद्धिकरण)

अपरदन की प्रक्रिया द्वारा चट्टानों को घिसकर, खुरचकर या काटकर उनको अपने मूल स्थान से हटा दिया जाता है, इससे ऊँचे स्थान धीरे-धीरे नीचे होते हैं। इस प्रक्रिया को निम्नीकरण कहते हैं। निचले क्षेत्रों या गड्ढों में अपरदित पदार्थों के जमा होते रहने को निक्षेपण कहते हैं। अपरदित पदार्थ गड्ढों में जैसे-जैसे भरता जाता है उसकी ऊँचाई बढ़ती जाती है। इस प्रक्रिया को उच्चयन (अधिवृद्धीकरण) कहते हैं।

(2) मृदा अपरदन किसे कहते हैं ? मृदा अपरदन के कारण तथा संरक्षण के तीन उपाय लिखिए।
उत्तर:
मृदा अपरदन – प्राकृतिक शक्तियों या मानवीय क्रियाओं द्वारा मृदा के आवरण को हटाने या नष्ट करने को मृदा अपरदन कहते हैं।

मृदा अपरदन के कारण:
पशुओं द्वारा अत्यधिक चराई एवं मानव द्वारा वनों की अन्धाधुन्ध कटाई के कारण भूमि से वनस्पति का आवरण हट जाता है और तेज वर्षा व तेज पवन द्वारा मृदा की ऊपरी परत के मृदा कण (जो कि मानव व जीव-जन्तुओं के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं) बह एवं उड़ जाते हैं। इसके अतिरिक्त अत्यधिक उर्वरकों व कीटनाशकों का प्रयोग एवं अनियन्त्रित सिंचाई के कारण भी मृदा का अपरदन होता है। अतः मृदा अपरदन के मुख्य कारण मानव, जीव-जन्तु एवं प्राकृतिक शक्तियाँ हैं।

मृदा संरक्षण:
मृदा संरक्षण के तीन प्रमुख उपाय इस प्रकार हैं –

  • वनों का संरक्षण-वृक्षों की जड़ें मृदा पदार्थों को बाँधे रखती हैं। वृक्षों की सड़ी-गली पत्तियाँ मृदा को उपजाऊ बनाती हैं। इसलिए वनों का संरक्षण आवश्यक है।
  • वृक्षारोपण – नदी घाटियों, बंजर भूमियों तथा पर्वतीय ढालों पर वृक्ष लगाना मृदा संरक्षण का महत्वपूर्ण उपाय है। इसके द्वारा मरुस्थलों के विस्तार को रोका जा सकता है।
  • भूमि उद्धार – जल द्वारा बनी उबड़-खाबड़ भूमियों को समतल बनाकर मृदा अपरदन को रोका जा सकता है।

(3) पवन अपरदन किस प्रकार होता है ? पवन अपरदन से निर्मित स्थलाकृतियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पवन अपरदन का कार्य अपवाहन, सन्निघर्षण एवं अपघर्षण के रूप में सम्पन्न होता है। अपवाहन क्रिया में पवन चट्टान कणों को उड़ा ले जाता है। सन्निघर्षण क्रिया में पवन में उड़ते कण परस्पर टकराते हैं एवं विखण्डित हो जाते हैं। अपघर्षण क्रिया में रेत कणों युक्त पवन चट्टानों को रगड़रगड़ कर घिसता है। पवन अपरदन के फलस्वरूप छत्रक, बालू के टीले, यारदांग आदि आकृतियाँ बनती हैं।

छत्रक – रेत कणों से मुक्त पवन चट्टानों से टकराता है और अपघर्षण क्रिया के फलस्वरूप चट्टान के मध्य एवं नीचे का भाग घिस जाता है और चट्टान की आकृति एक छत्रक के समान हो जाती है। जहाँ पवन चारों दिशाओं में बहती है वहाँ इनका निर्माण होता है।

MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 7 परिवर्तनकारी बाह्य शक्तिया img 5

बालू के टीले-बालू मिश्रित पवन के मार्ग में अवरोध आने पर बालू के ढेर टीलों के रूप में निर्मित होते हैं। ये अर्द्ध चन्द्राकार टीले होते हैं। इनका निर्माण एक ही दिशा में चलने वाली पवन से होता है।

MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 7 परिवर्तनकारी बाह्य शक्तिया img 6

(4) हिमानी किसे कहते हैं ? हिमानी के प्रकार उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर:
खिसकती हुई हिम राशि को ‘हिमानी’ या हिमनदी’ कहते हैं। उत्पत्ति क्षेत्रों तथा स्थिति के आधार पर हिमानियाँ दो वर्गों में विभाजित की जा सकती हैं –

  • महाद्वीपीय हिमानियाँ – हिमाच्छादित बड़े क्षेत्रों को महाद्वीपीय हिमानी कहते हैं। ऐसी हिमानियाँ ग्रीनलैण्ड और अन्टार्कटिका में पाई जाती हैं।
  • घाटी हिमानी – ऊँचे पर्वतीय भागों में हिमराशि किसी घाटी में खिकसने लगती है तो ऐसी हिमानी को ‘घाटी हिमानी’ या ‘पर्वतीय
  • हिमानी’ कहते हैं। भारत की सबसे लम्बी हिमानी कराकोरम पर्वत श्रृंखला में सियाचीन हिमानी (ग्लेशियर) है।

(5) भूमिगत जल के कार्यों का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भूमिगत जल के अपरदन परिवहन एवं निक्षेपण प्रमुख कार्य हैं। भूमिगत जल अपना कार्य विशेष रूप से चूना

MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 7 परिवर्तनकारी बाह्य शक्तिया img 7fl

प्रदेश में पूरा करता है। चूने का पत्थर एक ऐसी चट्टान है जो वर्षा जल में आसानी से घुल जाती है क्योंकि उसमें कार्बन डाइऑक्साइड मिली हुई होती है। जिन चट्टानों में यह धरातलीय जल भूमि में प्रवेश कर बहता है वहाँ चट्टानों में अपरदन कार्य पूरा होता है।

धरातल के ऊपर निर्मित आकृतियों में घोल रन्ध्र और विलय रन्ध्र प्रमुख हैं। धरातल के नीचे बनने वाली स्थलाकृतियाँ कन्दराएँ, स्टेलैक्टाइट (आकाशीय स्तम्भ) और स्टेलैग्माइट (पातालीय स्तम्भ) प्रमुख हैं। ये आकृतियाँ चूना मिश्रित जल के निरन्तर टपकने से बनती हैं। जल अंश के बह जाने पर चूना जमता जाता है और एक स्तम्भ का आकार ले लेता है।

(6) समुद्र की लहरें किस तरह अपरदन और निक्षेपण का कार्य करती हैं ? –
उत्तर:
समुद्र का जल कभी शान्त नहीं रहता। वह लहरों। धाराओं और ज्वारभाटा के रूप में सदैव गतिशील रहता है। लहरें अपरदन, परिवहन और निक्षेपण का कार्य करती हैं।

  • अपरदन – समुद्र की शक्तिशाली लहरें निरन्तर तटीय भागों पर स्थित कठोर चट्टानों पर प्रहार करती रहती हैं। अपरदन के इस कार्य में चट्टानों के छोटे-छोटे नुकीले टुकड़े तथा बालू के कण लहरों के साथ औजार का कार्य करते हैं। इनके कारण चट्टानों के अपरदन से समुद्री भृगु, समुद्री गुफाएँ आदि का निर्माण होता है।
  • निक्षेपण – समुद्र की लहरें अपेक्षाकृत सपाट और समतल तटों पर निक्षेपण का कार्य सम्पन्न करती हैं इसके परिणामस्वरूप तटों पर पुलिन (बीच, रोधिका व लैगून आदि) स्थलाकृतियों की रचना होती है।

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MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 4 राष्ट्रीय एकीकरण

MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 4 राष्ट्रीय एकीकरण

MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 4 अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए –

(1) राष्ट्रीय एकीकरण में नागरिकों के मन में कौन-सी भावना व्याप्त रहती है?
(क) राष्ट्रीयता की भावना
(ख) धार्मिक भावना
(ग) जातीयता की भावना
(घ) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(क) राष्ट्रीयता की भावना

2. संविधान में कितनी भारतीय भाषाओं को अधिसूचित किया गया है?
(क) 14
(ख) 18
(ग) 22
(घ) 261
उत्तर:
(ग) 22

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(1) भारतीय संविधान में …………. मौलिक अधिका का प्रावधान है।
(2) अशोक चिह्न हमारा ………… प्रतीक चिह्न है।
(3) प्राचीन काल में वर्ण व्यवस्था ………. पर आधारित थी।
(4) भारत का विभाजन सन् ………… में हुआ।
उत्तर:

  1. 6
  2. राष्ट्रीय
  3. कर्म
  4. 1947 ई।

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 4 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 3.
(1) राष्ट्रीय एकीकरण का अर्थ क्या है?
उत्तर:
राष्ट्रीय एकीकरण का अर्थ राष्ट्र में रहने वाले निवासियों के बीच जाति, पंथ, क्षेत्र और भाषा का भेदभाव किए बिना सुख-दुःख की एकता की भावना का होना है।

(2) पंथ्र निरपेक्षता से क्या आशय है?
उत्तर:
पंथ निरपेक्षता का आशय प्रत्येक धर्म के अनुयायी को धार्मिक स्वतन्त्रता का अधिकार देने व किसी धर्म के प्रति भेदभाव न करने से है।

(3) विविधता में एकता का क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
विविधता में एकता से अभिप्राय लोगों में वेशभूषा, खाना-पीना, रहने के तौर-तरीके और उपासना पद्धतियों में अन्तर होने के बावजूद सभी में राष्ट्रीय हितों को लेकर एकता का होना है।

MP Board Class 8th Social Science Chapter 4 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 4.
(1) जाति प्रथा के प्रमुख दोषों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
जाति प्रथा के प्रमुख दोष इस प्रकार हैं –

  1. जाति व्यवस्था समाज को उच्च व निम्न वर्ग में बाँटती है।
  2. उच्च जातियाँ छोटी जातियों का शोषण करती हैं।
  3. जातिगत भेदभाव कठोर हो जाते हैं।
  4. जातियों का दबाव राजनीति को प्रभावित करता है।
  5. जाति प्रथा से देश की एकता और आर्थिक प्रगति में बाधा आती है।

(2) हमारे राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
राष्ट्रीय ध्वज-तिरंगा, राष्ट्रगान-जन-गण-मन, राष्ट्रीय गीत-वन्दे मातरम्, राष्ट्रीय चिह्न-अशोक चिह्न आदि हमारे राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न हैं।

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 4 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 5.
(1) मौलिक अधिकारों एवं कर्तव्यों पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
मौलिक अधिकार:
भारतीय संविधान में 6 मौलिक अधिकारों का प्रावधान है। ये मूल अधिकार भारतीय नागरिकों को बिना किसी भेदभाव के समान रूप से प्राप्त हैं। नागरिकों को विकास के अवसर प्रदान करने के लिये मौलिक अधिकारों और समानता, स्वतन्त्रता और सामाजिक न्याय आदि का प्रावधान है। इन संवैधानिक प्रावधानों के अन्तर्गत समाज के कमजोर वर्गों अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों को संरक्षण प्राप्त है। प्रत्येक समुदाय को अपने धर्म एवं भाषा आदि की स्वतन्त्रता प्राप्त है।

मौलिक कर्तव्य:
मौलिक कर्तव्यों का भी भारतीय संविधान में उल्लेख है। भारत के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह संविधान और उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्रगान का आदर करे। सभी नागरिकों को भारत की एकता और अखण्डता हेतु राष्ट्र की सेवा को सदैव तैयार रहना चाहिए तथा बन्धुत्व की भावना का निर्माण और सार्वजनिक सम्पत्ति की सुरक्षा करनी चाहिए।

(2) पृथकतावाद का विस्तार से वर्णन कीजिए।
उत्तर:
देश से अलग होकर अपना स्वतन्त्र राज्य बनाने की माँग करना पृथकतावाद है। क्षेत्रवाद की अति आक्रामक अवस्था पृथकतावाद को जन्म देती है। कई जाति और भाषा के लोग यहाँ रहते हैं। कभी-कभी अपनी उपेक्षा महसूस करने पर ये पृथक् राज्य बनाने की माँग करने लगते हैं। प्रायः सीमावर्ती राज्यों में इस प्रकार की प्रवृत्ति पाई जाती है, जिसके दुष्परिणाम से पृथकतावाद की भावना प्रबल होने लगती है।

इस भावना को देश की अस्थिरता में रुचि रखने वाली बाहरी ताकतों द्वारा भड़काया जाता है। देश के अन्दर रहने वाले कुछ लोग भी अपने निहित स्वार्थों की पूर्ति के लिए इस प्रकार की भावनाओं का प्रयोग करते हैं। राष्ट्र विरोधी और कट्टरपंथी लोग तो हिंसक साधनों एवं आतंकवादी तरीकों तक का प्रयोग करने लगते हैं। पृथकतावाद की प्रवृत्ति राष्ट्रीय एकता के लिए गम्भीर चुनौती है।

(3) राष्ट्रीय एकीकरण के सहायक तत्वों का वर्णनकीजिए।
उत्तर:
राष्ट्रीय एकीकरण के सहायक तत्व इस प्रकार हैं –
(i) समान मौलिक अधिकार:
भारतीय संविधान में 6 मौलिक अधिकारों का प्रावधान है। ये मूल अधिकार भारतीय नागरिकों को बिना किसी भेदभाव के समान रूप से प्राप्त हैं। इनमें समानता, स्वतन्त्रता और सामाजिक न्याय का प्रावधान है।

(ii) समान मौलिक कर्तव्य:
भारत के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह संविधान और उसके आदर्शों, संस्थाओं,राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान का आदर करे। सभी नागरिकों को भारत की एकता और अखण्डता हेतु राष्ट्र की सेवा को सदैव तैयार रहना चाहिए और सार्वजनिक सम्पत्ति की सुरक्षा करनी चाहिए।

(iii) पंथ निरपेक्ष:
हमारे संविधान ने भारत को एक पंथ निरपेक्ष राष्ट्र घोषित किया है। प्रत्येक धर्म के अनुयायी को धार्मिक स्वतन्त्रता का अधिकार है। सरकार किसी धर्म के प्रति भेदभाव नहीं करती।

(iv) समान प्रतीक चिह्न:
हमारे राष्ट्रीय चिह्न-राष्ट्रीय ध्वज-तिरंगा, राष्ट्रगान-जन-गण-मन, राष्ट्रगीत-वन्देमातरम्, राष्ट्रीय चिह्न-अशोक चिह्न आदि हैं तथा ये राष्ट्रीय भावना व राष्ट्रीय एकीकरण को बल प्रदान करते हैं।

(v) पर्यटन:
पर्यटन से हम एक-दूसरे के निकट आते हैं। एक-दूसरे की विशेषताओं और समस्याओं को समझते हैं, जिसके कारण समान भाव, विचार और दृष्टिकोण विकसित होता है।

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(4) राष्ट्रीय एकता में बाधक तत्वों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
राष्ट्रीय एकता में बाधक प्रमुख तत्व इस प्रकार हैं –
(i) साम्प्रदायिकता:
साम्प्रदायिकता का अर्थ है, ऐसी भावनाएँ व क्रियाकलाप जो अपने सम्प्रदाय और उसकी विशेषताओं को तो श्रेष्ठ समझें तथा दूसरे के सम्प्रदाय और विश्वासों को हीन समझें। साम्प्रदायिकता हमारे देश की एकता के लिए मुख्य खतरा है।

(ii) भाषावाद:
असुरक्षा की भावना से ग्रस्त होकर भिन्न भाषायी समूह अपने भाषायी हितों को राष्ट्रहित से अधिक प्राथमिकता देने लगते हैं। वे अपनी मातृभाषा से प्रेम और दूसरी भाषाओं के प्रति संकीर्णता और घृणां की भावना रखने लगते हैं। इस प्रकार की प्रवृत्ति राष्ट्रीय एकता को कमजोर करती है।

(iii) जातिवाद:
जाति एक ऐसी इकाई है, जिसके सदस्य आपस में ही शादी-विवाह और खानपान के नियमों में बँधे रहते हैं। वर्तमान में शिक्षा के प्रसार, विज्ञान और औद्योगिक विकास तथा शहरीकरण से जाति व्यवस्था के बंधन शिथिल हुए हैं। भारत के संविधान में छुआछूत एवं जातिगत भेदभाव को गैर-कानूनी घोषित किया गया है।

(iv) आतंकवाद:
वांछित उद्देश्यों की पूर्ति के लिए हिंसा का सुनियोजित प्रयोग आतंकवाद है। आतंकवादी विचारधारा के लोग भय व आतंक के द्वारा अपने विचार मनवाना चाहते हैं। धार्मिक कट्टरता से प्रेरित लोग निर्दोष व्यक्तियों की जान लेने के लिए मरने-मारने की घटनाओं में भाग लेते हैं।

(v) पृथकतावाद:
देश से अलग होकर अपना स्वतन्त्र राज्य बनाने की माँग करना पृथकतावाद है। कभी-कभी अपने उपेक्षा महसूस करने पर राज्य या धर्मविशेष के लोग अपना पृथक राज्य बनाने की माँग करने लगते हैं, जिसके दुष्परिणाम से पृथकतावाद की भावना प्रबल होने लगती है।

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MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 4 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 4.2

MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 4 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 4.2

प्रश्न 1.
निम्नलिखित चतुर्भुजों की रचना कीजिए –
(i) चतुर्भुज LIFT जिसमें –

  • LI = 4 cm
  • IF = 3 cm
  • TL = 2.5 cm
  • LF = 4.5 cm
  • IT = 4 cm है।

(ii) चतुर्भुज GOLD जिसमें –

  • OL = 7.5 cm
  • GL = 6 cm
  • GD = 6 cm
  • LD = 5 cm
  • OD =10 cm है।

(iii) समलम्ब BEND जिसमें –

  • BN = 5.6 cm
  • DE = 6.5 cm है।

हल:
(i) रचना के चरण –

  1. सर्वप्रथम रेखाखण्ड LI = 4 cm बनाया।
  2. L व I को केन्द्र मानकर क्रमशः LF = 4.5 cm तथा IF = 3 cm त्रिज्याएँ लेकर चाप लगाए जो परस्पर F बिन्दु पर काटते हैं।
  3. पुनः L व I को केन्द्र मानकर क्रमशः LT = 3 cm तथा IT = 4 cm त्रिज्याएँ लेकर चाप लगाए जो परस्पर T बिन्दु पर काटते हैं।
  4. LF, IF, LT, TF तथा IT को मिलाया। इस प्रकार बनी आकृति LIFT अभीष्ट चतुर्भुज है।

MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 4 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 4.2 img-1

(ii) रचना के चरण –

  1. सर्वप्रथम रेखाखण्ड OL = 7.5 cm बनाया
  2. L व 0 को केन्द्र मानकर क्रमशः LD = 5 cm तथा OD = 10 cm त्रिज्याएँ लेकर चाप लगाए जो परस्पर D बिन्दु पर काटते हैं।
  3. पुनः एव D को केन्द्र मानकर तथा GL = GD = 6 cm त्रिज्या लेकर चाप लगाए जो परस्पर G बिन्दु पर काटते हैं।
  4. GO, OD, LG, DL व GD को मिलाया।
  5. इस प्रकार बनी आकृति अभीष्ट चतुर्भुज GOLD है।

MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 4 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 4.2 img-2

(iii) रचना के चरण –

  1. सर्वप्रथम रेखाखण्ड BN = 5.6 cm बनाया।
  2. BN का लम्ब समद्विभाजक XY खींचा, जो BN को 0 पर काटता है।
  3. अब o को केन्द्र मानकर OE = OD = = (6.5) cm = 3.25 cm XY में से काट लिया।
  4. BE, EN, ND तथा DB को मिलाया। इस प्रकार बनी आकृति BEND अभीष्ट समचतुर्भुज है।

MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 4 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 4.2 img-3

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 69

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सोचिए, चर्चा कीजिए और लिखिए (क्रमांक 4.4)

प्रश्न 1.
यदि हमें M पर 75° माप के स्थान पर 100° की माप दी हुई हो तो क्या आप ऊपर बताए गए चतुर्भुज MIST की रचना कर सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, हम M पर 75° माप के स्थान पर 100°C माप लेकर चतुर्भुज MIST की रचना कर सकते हैं।

प्रश्न 2.
क्या आप एक चतुर्भुज PLAN की रचना कर सकते हैं, यदि PL = 6 cm, LA = 9.5 cm, ∠P = 75°, ∠L = 150° और ∠A = 140° है।
संकेत:
कोण-योगफल गुण को स्मरण कीजिए।
हल:
∴ ∠P = 75°, ∠L = 150° और ∠A = 140°
∴ ∠P + ∠L + ∠A = 75° + 150° +140° = 365°
चूँकि तीन कोणों की माप का योग 360° से अधिक है। इसलिए चतुर्भुज PLAN की रचना नहीं कर सकते हैं।

प्रश्न 3.
एक समान्तर चतुर्भुज में दो आसन्न भुजाओं की लम्बाइयाँ दी हुई हैं। क्या हमें रचना करने के लिए अभी भी कोणों की मापों की आवश्यकता हैं जैसा कि उदाहरण 3 में दिया है?
उत्तर:
समान्तर चतुर्भुज में दो आसन्न भुजाओं की लम्बाई ज्ञात होने पर भी हमें उसकी रचना करने के लिए उनके बीच के कोण के माप की आवश्यकता होगी।

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MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 6 स्थलमण्डल-स्थल एवं स्थलाकृतियाँ

MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 6 स्थलमण्डल-स्थल एवं स्थलाकृतियाँ

MP Board Class 8th Social Science Chapter 6 अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए –
(1) पृथ्वी का लगभग कितने प्रतिशत भाग जलमण्डल से घिरा हुआ है?
(क) 61 प्रतिशत
(ख) 71 प्रतिशत
(ग) 81 प्रतिशत
(घ) 51 प्रतिशत
उत्तर:
(ख) 71 प्रतिशत

(2) किस देश में सबसे अधिक भूकम्प आते हैं ?
(क) भारत
(ख) फ्रांस
(ग) जापान
(घ) श्रीलंका
उत्तर:
(ग) जापान

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(1) पृथ्वी का लगभग ……………… प्रतिशत भाग स्थल द्वारा घिरा हुआ है।
(2) पृथ्वी की सबसे. बाहरी पर्त को भूपर्पटी या ………… कहते हैं।
(3) सियाल में सिलिका तथा ……………….. धातुओं की प्रधानता होती है।
(4) प्रति 32 मीटर गहराई पर ………………. सेल्सियस तापमान बढ़ जाता है।
उत्तर:

  1. 29
  2. बाहरी परत
  3. एल्युमिनियम
  4. 12

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 6 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 3.
(1)भू-पटल की प्राथमिक शैलें कौन-सी हैं ?
उत्तर:
आग्नेय शैलें भू-पटल की प्राथमिक शैलें हैं।

(2) धरातल की तीन प्रमुख स्थलाकृतियों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  • पर्वत
  • पठार
  • मैदान

धरातल की तीन प्रमुख स्थलाकृतियाँ हैं।

(3)शैलों में जब लहरनुमा मोड़ पड़ जाते हैं तो उन्हें क्या कहते हैं ?
उत्तर:
शैलों में जब लहरनुमा मोड़ पड़ जाते हैं तो उन्हें ‘वलन’ कहते हैं।

(4)संसार में सबसे अधिक ज्वालामुखी कहाँ हैं ?
उत्तर:
संसार में सबसे अधिक ज्वालामुखी प्रशान्त महासागर के चारों ओर तटीय भागों तथा महाद्वीपीय क्षेत्रों में हैं।

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 6 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 4.
(1) वलन तथा भ्रंशन में क्या अन्तर है ?
उत्तर:
पृथ्वी के अन्दर क्षैतिज भू-संचलन द्वारा जब शैलों में लहरनुमा मोड़ पड़ जाते हैं तो इन्हें ‘वलन’ कहते हैं जबकि क्षैतिज भू-संचलन से उत्पन्न दबाव तथा तनाव के कारण शैलों के टूटकर अलग होने की प्रक्रिया को ‘भ्रंशन’ कहते हैं।

(2) अवसादी शैलों का निर्माण कैसे होता है ?
उत्तर:
जल, वायु एवं हिम द्वारा बहाकर लाये कंकड़, पत्थरों के छोटे-छोटे कण, जीवाश्म आदि (अवसाद) भू-भाग या समुद्र तल में परतों के रूप में जमा हो जाते हैं और ये अवसाद की परतें गर्मी तथा दबाव के कारण कठोर हो जाती हैं। यही कठोर पदार्थ अवसादी शैल कहलाते हैं।

(3) ज्वालामुखी किसे कहते हैं ? उद्भेदन के दो कारण दीजिए।
उत्तर:
ज्वालामुखी’ भू-पटल पर एक गोल छेद या दरार वाला खुला भाग होता है। इससे होकर पृथ्वी के अत्यन्त तप्त | भू-गर्भ से गैसें, तरल लावा, ऊष्ण जल, चट्टानों के टुकड़े, राख व धुआँ आदि निकलता है। प्लेटों का खिसकना व भूकम्प ज्वालामुखी उद्भेदन के दो प्रमुख कारण हैं।

(4) भूकम्प से लाभ तथा हानियाँ लिखिए।
उत्तर:
भूकम्प से लाभ –

  • इससे कभी-कभी उपजाऊ भूमि उभर आती है।
  • नवीन भू-आकारों का निर्माण होता है।
  • इनसे बहुमूल्य खनिज पदार्थ धरातल पर आ जाते हैं।
  • इनसे नीचे हो जाने वाले भू-भाग पर झीलों का निर्माण होता है। भूकम्प से हानियाँ
  • इससे जन-धन की हानि होती है। मनुष्य, पशु आदि मर जाते हैं। इमारतें गिर जाती हैं। रेलें, सड़कें टूट जाती हैं, कारखाने नष्ट हो जाते हैं।
  • नदियों के मार्ग रुकने से भयंकर बाढ़ आ जाती है। समुद्र में बहुत ऊँची विनाशकारी लहरें उठती हैं।
  • भूखण्डों में दरारें पड़ जाती हैं तथा कुछ भाग नीचे स जाता है।

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 6 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 5.
(1) शैल किसे कहते हैं ? शैलों के विभिन्न प्रकार बताइए।
उत्तर:
धरातल की रचना करने वाले सभी पदार्थ शैल कहलाते हैं। अर्थात् जिन पदार्थों से भूपृष्ठ का निर्माण हुआ है, उन्हें शैल कहते हैं। शैलों के तीन प्रकार हैं –

(1) आग्नेय शैलें – ये शैलें भूपृष्ठ की प्रारम्भिक शैलें हैं। इन्हें प्राथमिक शैलें भी कहते हैं। ये शैलें पृथ्वी के आन्तरिक भाग में पिघले पदार्थों के ठण्डे होने से बनी हैं। भूपृष्ठ के नीचे अति गर्म पिघला पदार्थ भू-पर्पटी में अथवा उसके ऊपर ठण्डा होकर कठोर हो जाता है, उसे आग्नेय शैल कहते हैं।

(2) अवसादी शैल – जल, वायु एवं हिम द्वारा बहाकर लाये गये कंकड़, पत्थरों के छोटे-छोटे कण, जीवाश्म आदि भू-भाग या समुद्र तल में परतों के रूप में जमा होते जाते हैं। इस प्रकार जमे हुए पदार्थ को ‘अवसाद’ कहते हैं। यही अवसाद की पर्ते गर्मी तथा दबाव के कारण कठोर हो जाती हैं तो उन्हें अवसादी या परतदार शैल कहा जाता है।

(3) कायान्तरित शैलें – जब आग्नेय तथा अवसादी शैलों के रूप, रंग और गुण में आन्तरिक ताप तथा दबाव के कारण पूर्ण रूप से परिवर्तन हो जाता है तो उन्हें कायान्तरित या परिवर्तित शैल कहा जाता है।

(2) पृथ्वी की संरचना को रेखाचित्र द्वारा समझाइए।
उत्तर:
पृथ्वी की सबसे बाहरी व ऊपरी पर्त को भू-पर्पटी या स्थलमण्डल कहते हैं। इसी पर प्राणी जगत निवास करता है। यह मण्डल हल्की जलज शैलों से बना हआ है और इसकी मोटाई लगभग 10 से 70 किमी है। स्थलमण्डल की ऊपरी परत को सियाल (Sial) भी कहते हैं। इसमें सिलिका तथा ऐल्युमीनियम –

MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 6 स्थलमण्डल-स्थल एवं स्थलाकृतियाँ img 1
पृथ्वी की आन्तरिक संरचना

दो धातुओं की प्रधानता है। सियाल के नीचे की परत को सीमा (Sima) कहते हैं। इसमें सिलिका और मैग्नीशियम धातुओं की प्रधानता है। इसके नीचे मैंटल है। इसमें ओलिवाइन और पाइरॉक्सिन खनिजों की प्रधानता है। इसके नीचे पृथ्वी का क्रोड है जिसे ‘नीफे’ (Nife) कहते हैं।

(3) ज्वालामुखी के मानव जीवन पर होने वाले प्रभाव बताइए।
उत्तर:
ज्वालामुखी के मानव जीवन पर होने वाले प्रमुख प्रभाव इस प्रकार हैं –
ज्वालामुखी से विभिन्न स्थलाकृतियों की रचना होती है, जैसे मैदान, पठार, पर्वत आदि। इनसे हमें बहुमूल्य खनिज पदार्थों की प्राप्ति होती है। ज्वालामुखी से निकला लावा चारों ओर फैलकर कालान्तर में उपजाऊ मिट्टी का निर्माण करता है। शान्त ज्वालामुखी के मुख में वर्षा का जल भरने से झीलों का निर्माण होता है। ज्वालामुखी से कई लाभ के साथ-साथ हानियाँ भी होती हैं। ज्वालामुखी उद्गार से मानव, जीव-जन्तु, वनस्पति, कृषि क्षेत्र, मानव आवास एवं बड़े-बड़े नगर, गाँव जलकर नष्ट हो जाते हैं अथवा दबकर ध्वस्त हो जाते हैं।

(4) भूकम्प किसे कहते हैं ? भूकम्प आने के कारण लिखिए
उत्तर:
भूकम्प – भूकम्प शब्द दो शब्दों से बना है – भू तथा कम्प, जिसका सामान्य अर्थ ‘पृथ्वी का कम्पन’ है। जिस तरह किसी शान्त जल में पत्थर का टुकड़ा फेंकने पर गोलाकार लहरें, केन्द्र से चारों ओर प्रवाहित होती हैं उसी तरह भूगर्भ उद्गम केन्द्र (गड़बड़ी वाले स्थान) से भूकम्प लहरें चारों ओर फैलती हैं। भूकम्प की उत्पत्ति जिस स्थान पर होती है, उसे ‘भूकम्प केन्द्र (फोकस)’ कहते हैं।
भूकम्प आने के कारण –

  • भूगर्भ में यदाकदा अचानक हलचल हो जाने के कारण पृथ्वी की सतह पर. भूकम्प आ जाते हैं।
  • तीव्र ज्वालामुखी उद्भेदन होने पर भी भूकम्प आते हैं।
  • कभी – कभी भूगर्भ में बनने वाली गैसों एवं जल वाष्प भी कमजोर भू-पटल को हिला देती है जिससे भूकम्प आते हैं।

(5) निम्नलिखित शैलों को दिये गये शैलों के प्रारूप में अंकित कीजिए
(1) संगमरमर
(2) कोयला
(3) ग्रेनाइट
(4) चूने का पत्थर
(5) बेसाल्ट
(6) हीरा
उत्तर:
शैलों का प्रारूप:
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