MP Board Class 7th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 6 राखी का मूल्य

MP Board Class 7th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 6 राखी का मूल्य

MP Board Class 7th Hindi Bhasha Bharti Chapter 6 पाठ का अभ्यास

बोध प्रश्न

Rakhi Ka Mulya Question Answer MP Board Class 7th प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए
(क) कर्मवती कौन थी?
उत्तर
कर्मवती मेवाड़ की महारानी थी।

(ख) कर्मवती ने वीरों से कौन-सी प्रतिज्ञा करने को कहा?
उत्तर
कर्मवती ने वीरों से मरते दम तक मेवाड़ की पताका को झुकने न देने की प्रतिज्ञा करने को कहा।

(ग) रानी कर्मवती ने हुमायूँ को राखी क्यों भेजी ?
उत्तर
रानी कर्मवती ने हुमायूँ से बैरभाव समाप्त कर उसे भाई बनाने के लिए राखी भेजी।

(घ) राखी पाकर हुमायूँ ने क्या निर्णय लिया ?
उत्तर
राखी पाकर हुमायूँ ने मेवाड़ की रक्षा के लिए अपनी सेना भेजने का सेनापति को आदेश दिया।

(ङ) हमारे देश में राखी का क्या महत्व है ?
उत्तर
हमारे देश में राखी को भाई-बहन के स्नेह बन्धन का प्रतीक माना गया है। सुरक्षा सूत्र को पहनकर भाई, बहन की रक्षा का संकल्प करता है।

Rakhi Ka Mulya Class 7 Question Answer MP Board प्रश्न 2.
निम्नलिखित पंक्तियों का अर्थ अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए

(क) जिन्हें प्राण देने का चाव हो, वे ही ये राखियाँ स्वीकार करें।
(ख) राखी वह शीतल प्रलेप है, जो सारे घाव भर देती
(ग) बहन का रिश्ता दुनिया के सारे सुखों, दौलतों, ताकतों और सल्तनतों से बढ़कर है।
उत्तर
(क) रानी कर्मवती मेवाड़ के वीर सपूतों को मेवाड़ की रक्षा के लिए ललकारते हुए राखियाँ आगे बढ़ाती है और कहती है कि वे ही लोग राखियों को लें जो देश-रक्षा के यज्ञ में स्वयं की आहुति देने को तत्पर हों।
(ख) व
(ग) गद्यांश 3 व 4 की व्याख्या देखें।

भाषा भारती कक्षा 7 पाठ 6 MP Board प्रश्न 3.
सही उत्तर चुनकर लिखिए

(क) इस पाठ का मुख्य उद्देश्य है
(1) राजपूतों के बारे में बताना।
(2) बहन द्वारा भाई को राखी बांधना।
(3) मुसीबत के समय बहन की मदद न करना।
(4) सांस्कृतिक एवं साम्प्रदायिक सदभावना का विकास करना।
उत्तर
(4) सांस्कृतिक एवं साम्प्रदायिक सदभावना का विकास करना।

(ख) कर्मवती कहाँ की रानी थी?
(1) झाँसी
(2) कालपी
(3) मेवाड़
(4) इन्दौर।
उत्तर
(3) मेवाड़।

भाषा अध्ययन

Rakhi Ka Mulya Class 7 MP Board प्रश्न 1.
‘भ्रातृ’ शब्द तथा ‘त्व’ प्रत्यय मिलाकर ‘भ्रातृत्व’ बना है। इसी प्रकार निम्नलिखित तालिका के शब्दों में ‘त्व’ प्रत्यय जोड़कर नए शब्द बनाइए
पितृ, मातृ, लघु, गुरु, मनुष्य, प्रभु।
उत्तर
पितृ + त्व- पितृत्व; मातृ + त्व- मातृत्व;
लघु + त्व-लघुत्व; गुरु + त्व = गुरुत्व;
मनुष्य + त्व= मनुष्यत्व, प्रभु + त्व = प्रभुत्व।

राखी का मूल्य प्रश्न उत्तर MP Board Class 7th प्रश्न 2.
निम्नलिखित सामासिक पदों का विग्रह कीजिए
रणभूमि, राजपुत्र, देशभक्ति, रसोईघर, देशनिकाला, सेनापति।
उत्तर
रणभूमि = रण की भूमि
राजपुत्र = राजा का पुत्र
देशभक्ति = देश की भक्ति
रसोईघर = रसोई का घर
देशनिकाला = देश से निकाला
सेनापति = सेना का पति।

Mp Board Class 7th Hindi Chapter 6 प्रश्न 3.
पाँचों प्रकार के योजक चिह्नों के दो-दो उदाहरण लिखिए
उत्तर
Rakhi Ka Mulya Pdf MP Board Class 7th

Rakhi Ka Mulya Class 7 Pdf Download MP Board प्रश्न 4.
इस पाठ के चारों प्रकार के (और के प्रयोग वाले) वाक्य छाँटकर लिखिए।
उत्तर
(क) जाओ रणभूमि तुम्हारी प्रतीक्षा कर रही है और बहनो, तुम घर जाकर वीरव्रत की तैयारी करो। (उपवाक्य योजक)
(ख) हम हँसते-हँसते मरेंगे और बहुतों को मारकर मरेंगे। (उपवाक्य योजक)
(ग) किन्तु और भी तो बाधाएँ हैं। (विशेषण)
(घ) इस विकट अवसर पर मेवाड़, की रक्षा का और कोई उपाय है भी तो नहीं। (विशेषण)
(ङ) भ्रातृत्व और मनुष्यत्व पर विश्वास करके हुमायूँ की परीक्षा ली जाए। (शब्द योजक)
(च) लीजिए यह राखी और यह पत्र। (शब्द योजक)
(छ) हम भी देखेंगे कि कौन कितने पानी में है ? और यह भी प्रकट हो जाएगा कि एक राजपूतानी की राखी में कितनी ताकत है?
(उपवाक्य योजक)
(ज) मेवाड़ की रानी कर्मवती ने कुछ और सोचा। (क्रिया विशेषण)

Rakhi Ka Mulya Chapter Pdf MP Board Class 7th प्रश्न 5.
‘तो’ के प्रयोग वाले वाक्य पाठ में से छाँटकर लिखिए।
उत्तर
विद्यार्थी स्वयं ऐसे वाक्यों को छाँटकर लिखें।

Rakhi Ka Mulya Summary In Hindi MP Board Class 7th प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्दों के बहुवचन लिखिए
थाली, जाली, भाई, दुश्मन, गाड़ी, साड़ी, धागा।
उत्तर
शब्द – बहुवचन
थाली – थालियाँ
जाली – जालियाँ
भाई – भाइयों
दुश्मन – दुश्मनों
गाड़ी – गाड़ियाँ
साड़ी – साड़ियाँ
धागा – धागे

Rakhi Ka Mulya Class 7 Pdf MP Board प्रश्न 7.
निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ स्पष्ट करते हुए अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए
हँसते-हँसते प्राण देना, आग उगलना, प्राण कॉपना, खौफ खाना, जादू का पिटारा,
आग में कूदना, घाव भरना, आँख उठाना, कयामत का पैगाम, तिरछी नजर करना।
उत्तर
(क) हँसते-हँसते प्राण देना-सदैव बलिदान हेतु तत्पर रहना।
वाक्य प्रयोग-मेवाड़ की रक्षा के लिए वीर राजपूतों ने हँसते-हँसते अपने प्राण दे दिये।

(ख) आग उगलना-बुराई करना।
वाक्य प्रयोग-पाकिस्तान व्यर्थ ही भारत के विरुद्ध आग – उगलता रहता है।

(ग) प्राण काँपना-अत्यधिक डर जाना।
वाक्य प्रयोग-तूफान की तीव्रगति को देख नगरवासियों के प्राण काँप गये।

(घ) खौफ खाना-डरना।
वाक्य प्रयोग-चन्द्रशेखर आजाद के व्यक्तित्व से अंग्रेज भी खौफ खाते थे।

(ङ) जादू का पिटारा-करामात की थैली।
वाक्य प्रयोग-शिक्षक के पास कोई जादू का पिटारा तो है नहीं जो उसे खोले और विद्यार्थी बिना पढ़े परीक्षा में उत्तीर्ण हो जाए।

(च) आग में कूदना-कठिन रास्ता चुनना।
वाक्य प्रयोग-कानून के विरुद्ध कार्य करना आग में कूदने के समान है।

(छ) घाव भरना-दुःख कम होना।
वाक्य प्रयोग-जहाँ तक सम्भव हो हमें दूसरों के घाव । भरने चाहिए।

(ज) आँख उठाना-चुनौती देना।
वाक्य प्रयोग-रानी लम्मीबाई ने अंग्रेजों के समक्ष आँख उठाने का साहस किया।

(झ) कयामत का प्रैगाम-प्रलय की सूचना।
वाक्य प्रयोग-पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को संरक्षण देना स्वयं उसके लिए एक दिन कयामत का पैगाम लेकर आयेगा।

(ज) तिरछी नजर करना-नाराज होना।
वाक्य प्रयोग-मेरे द्वारा सच बोलने पर तुमने अपनी नजर तिरछी क्यों कर ली?

राखी का मूल्य परीक्षोपयोगी गद्यांशों की व्याख्या

1. हम लोग सदियों से हँसते-हँसते प्राण देते आए हैं। हमारी इस अजेय शक्ति का स्रोत आप बहनों की राखियों के धागे ही तो हैं। यही तो हमें बल देते आए हैं।

सन्दर्भ-प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक भाषा-भारती’ के ‘राखी का मूल्य’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके लेखक हरिकृष्ण प्रेमी हैं।

प्रसंग-प्रस्तुत गद्यांश में एक वीर राजपूत अपने उद्गारों को रानी कर्मवती के समक्ष प्रकट कर रहा है।

व्याख्या-हम लोग युद्धभूमि में सैकड़ों वर्षों से हँसते-हँसते न्योछावर होते आये हैं। हममें यह जो शक्ति है जिसे कोई हरा नहीं सकता, वह आप जैसी बहनों की राखियों के धागों से ही प्राप्त होती आयी है। इनसे हमें एक नया बल और उत्साह प्राप्त होता रहा है।

2. मेवाड़ के सपूतो, तुम्हीं मेवाड़ के अभिमान हो, तुम्हारी कीर्ति अमर है। जाओ रणभूमि तुम्हारी प्रतीक्षा कर रही है।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-मेवाड़ के वीर सपूतों को सम्बोधित करते हुए रानी कर्मवती कहती हैं

व्याख्या-हे मेवाड़ के बहादुर पुत्रों ! तुमसे मेवाड़ स्वयं स्वाभिमान महसूस कर रहा है। तुम्हारा यश संसार में अमर है। युद्ध भूमि को तुम जैसे वीर पुत्रों की आवश्यकता है। वह तुम्हारा इन्तजार कर रही है।

3. हमारी राखी वह शीतल प्रलेप है जो सारे घाव भर देती है। राखी वह वरदान है, जो सारे बैर-भावों को जलाकर भस्म कर देती है।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-प्रस्तुत गद्यांश में रानी कर्मवती के राखी के महत्त्व को प्रदर्शित किया गया है।

व्याख्या-राखी बैर-भाव रूपी घावों को भरने के लिए मरहम का कार्य करती है। राखी एक वरदान के समान है। इससे सारे बैर-भाव जल जाते हैं तथा प्रेम और सद्भावना का वातावरण उत्पन्न होता है।

4. “मैं दुनिया को बता देना चाहता हूँ कि हिन्दुओं के रस्मों-रिवाज मुसलमान के लिए भी उतने ही प्यारे और पाक हैं जितने उनके लिए। तुम भूलते हो कि हम सब एक परवरदिगार की औलाद हैं।”

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-प्रस्तुत गद्यांश में हुमायूँ ने हिन्दुओं और मुसलमानों को एक ही ईश्वर ही सन्तान बताया है।

व्याख्या-हुमायूँ अपने सेनापति को सम्बोधित करते हुए कहता है कि हिन्दुओं और मुसलमानों में कोई अन्तर नहीं है। सब के सब उस एक मालिक की सन्तान हैं जिसने उन्हें बनाया है। आज मैं इस पूरे संसार के सामने यह सिद्ध करना चाहता हूँ कि हिन्दुओं के सभी रीति-रिवाज और परम्पराएँ एक मुसलमान के लिए भी समान रूप से प्रिय और पवित्र हैं।

5. बहन का रिश्ता दुनिया के सारे सुखों, दौलतों, ताकतों और सल्तनतों से बढ़कर है। मैं इस रिश्ते की इज्जत सल्तनत कुर्बान करके भी रखूगा।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-प्रस्तुत गद्यांश में हुमायूँ कर्मवती की राखी को स्वीकार करते हुए उसके प्रति सम्मान और बलिदान की भावना प्रकट करता है।

व्याख्या-हुमायूँ का कथन है कि बहन का रिश्ता संसार में सभी वस्तुओं से बढ़कर है। राखी भेजकर रानी कर्मवती ने उसे | भाई बनाया है तो वह इस रिश्ते का सम्मान रखने के लिए सब कुछ बलिदान करने को भी सहर्ष तैयार है।

राखी का मूल्य शब्दकोश

सर्वस्व = सब कुछ; अजेय = जिसे जीता न जा सके; मर्यादा = लोकनीति, रिवाज, सीमा; कीर्ति = यश;
आन = गौरव; वैमनस्य = बैर, दुश्मनी, मनमुटाव; पश्चाताप =पछतावा; भ्रातृत्व = भाई-भाई से अपनापन; मनुष्यत्व = मानवता; लफ़्ज = शब्द; प्रलेप = विशेष प्रकार का मरहम।

राखी का मूल्य उर्दू शब्दों के हिन्दी रूप

सल्तनत = साम्राज्य; खाक = धूल; पैगाम = सन्देश, खबर, सूचना; हिफाजत = सुरक्षा;
तरजीह = प्राथमिकता,वरीयता; मुताबिक = अनुसार; कुर्बानी – बलिदान; फौलाद = इस्पात, मजबूत लोहा; सौगात = भेंट, कयामत = प्रलय; खौफ = डर; परवरदिगार = खुदा, ईश्वर ।

MP Board Class 7th Hindi Solutions

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 20 अभियान गीत

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 20 अभियान गीत

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 20 प्रश्न-अभ्यास

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

हम चलते सीना तान के प्रश्न उत्तर MP Board Class 7th Hindi प्रश्न 1.
(क) सही जोड़ी बनाइए कटाए हैं।
1. सागर – (क) समता
2. ममता – (ख) निशान
3. वीरत्व – (ग) मान
4. गौरव – (घ) तट
5. देश – (ङ) विवेक
उत्तर-
1. – (घ)
2. – (ग)
3. – (ङ)
4. – (ग)
5. – (ख)

Mp Board Class 7th Hindi Chapter 20 प्रश्न (ख)
दिए गए विकल्पों में से उपयुक्त शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

1. जिसकी रक्षा में पुरखों ने अगणित ………………………… (सीस/शीश)
2. हम रखवाले ………………………… वाले उसके गौरव-मान के। (पोरुष/पुरुष)
3. अनगिन ………………………… में गूंजेंगे बोल हमारे गान (कंठों/कंटों)
4. फौजी ………………………… में हम सबसे पहले हिन्दुस्तान के। (वर्दी/बर्दी)
5. लिम्पू घाट की ऊँचाई ………………………… फुट है। (बीस हजार/सत्रह हजार)
उत्तर-
1. शीश,
2. पौरुष,
3. कंठों,
4. बर्दी,
5. सत्रह हजार।

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 20 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

Abhiyan Geet In Hindi MP Board Class 7th प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के एक-एक वाक्य में उत्तर लिखिए

(क) भारतमाता के बेटे क्या बनना चाहते हैं?
उत्तर-
भारत माता के बेटे फ़ौजी बनना चाहते हैं।

(ख) इस कविता के अनुसार हिन्दुस्तान की मिट्टी में किस भावना को संजोया गया है?
उत्तर-
इस कविता के अनुसार हिन्दुस्तान में हम खेले-खाए हैं।

(ग) पूजा में फूल चढ़ाने से कवि का क्या आशय है? के।
उत्तर-
पूजा में फूल चढ़ाने से तात्पर्य है, सदियों से । मेहनत करना।

(घ) सैनिकों की गाथाएँ कहाँ-कहाँ गाई जाएँगी?
उत्तर-
सैनिकों के गाथाएँ भारत के गाँव, नगर, घर गाएँगे।

(ङ) कवि किस अवसर पर आगे रहने की बात कह रहा है?
उत्तर-
कवि बलिदान के अवसर पर आगे रहने की बात कह रहा है।

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 20 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन से पाँच वाक्य में लिखिए

(क) कवि किसके एहसास के कर्ज चुकाने की बात कह रहा है?
उत्तर-
कवि इन धूल के कणों के एहसान को चुकाने के लिए कह रहा है जिसकी मिट्टी में खेलकर हम बड़े हुए है, जिसकी ममता को छाव में हमने सबकुछ सीखा है।

(ख) “अगणित शीश” कटाने की बात किस ओर अंगित कर रही है?
उत्तर-
भारत माता की रक्षा तथा मान के लिए हजारों पूर्वजों ने अपने शीश कटाए अर्थात आजादी की लड़ाई में भारत को स्वाधीन कराने के लिए अनेक लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी।

(ग) समर में सैनिक क्या कर दिखाना चाहते हैं?
उत्तर-
अपने देश की और जब कोई और देश आँख उठाकर देखता है अथवा युद्ध करता है तो देश के फौजी वीर अपनी वीरता के प्रदर्शन को दिखाने के लिए बेचैन रहते हैं अर्थात् अपने देश के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार हो जाते हैं।

(घ) फौजी वर्दी में कौन-कौन मिलकर एक हो जाते हैं?
उत्तर-
धर्म, जाति, वर्ग तथा भाषाद्ध रूप से भिन्न रहने के बावजूद, पर्वत, सागर-तट, वन, मरुस्थल, मैदान आदि जगहों के अंतरों के बावजूद फौजी वर्दी में कौन-कौन मिलकर एक हो जाते हैं।

(ङ) “देश-निशान’ से क्या तात्पर्य है? इसकी रक्षा किस प्रकार करना है।
उत्तर-‘
देश-निशान’ से तात्पर्य देश के चिह्न से है अर्थात ध्वज की शान की रक्षा के लिए कुछ भी कर जाना ही देश-निशान को नहीं मिटने देना है।

भाषा की बात

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों को सही उचारण कीजिएमरुथल, रजकण, अगणित, वीरत्व, गाथाएँ
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों की वर्तनी शुद्ध कीजिएपरवत, मिटटी, पुरुखो, गूजेंगे, पौरोष
उत्तर-
शब्द – शुद्ध वर्तनी
परवत- पर्वत
मिटटी – मिट्टी
पुरुखो – पुरखों
गूजेंगे – गूंजेंगे
दररा – दर्रा
पौरोष – पौरुष

प्रश्न 6.
निम्नलिखित मुहावरों और उनके अर्थों की सही जोड़ी बनाइए
शीश काटना – कर्त्तव्य पूरा करना
सीना तान के चलना – बलिदान होना
कर्ज चुकाना – स्वाभिमान के साथ आगे बढ़ना
उत्तर-
शीश काटना – बलिदान होना
सीना तान के चलना – स्वाभिमान के साथ आगे बढ़ना
कर्ज चुकाना – कर्त्तव्य पूरा करना

प्रश्न 7.
निम्नलिखित शब्दों के पर्चायवाची शब्द लिखिए
पर्वत, सागर, वन, फूल, समर
उत्तर-
शब्द – पर्यायवाची शब्द
पर्वत – पहाड़, नग
सागर – समुंद्र, जलधि
वन – जंगल, कानन
फूल – पुष्प, सुमन
समर – युद्ध, लड़ाई

प्रश्न 8.
निम्नलिखित उदाहरण के आधार पर बहुवचन शब्द बनाइए
उत्तर-
गाथा – गाथाएँ
माता – माताएँ
कथा – कथाएँ
सेना – सेनाएँ
विपदा – विपदाएँ
कामना – कामनाएँ

अभियान गीत पाठ का परिचय

प्रस्तुत पाठ में कवि भारत माता की शान में वर्णन करते हुए सिपाहियों ने कहा है बेशक हमारे धर्म, जाति, वर्ग और भाषा अलग-अलग हैं, या फिर हम अलग-अलग स्थानों से हैं किंतु हम एक हैं और इन सबसे पहले हम फौजी सबसे पहले है, जो सीना तान कर चलते हैं। इसकी मिट्टी में हमे बढ़े हुए, इसकी ममता में खेले, हम अपने देश समस्त एहसास चुका देंगे। हमने सदियों से अपनी मातृभूमि की पूजा की, इसकी रक्षा के लिए न जाने कितने बलिदान दिए हैं, हमें अपने ऐसे देश में पर गर्व है। हम इसके लिए खुद को मिटा सकते हैं किंतु इस पर आंच नहीं आने देंगे। हम फौजी सदैव आत्म बलिदान के लिए तत्पर रहते हैं। हम इसके गौरव के लिए देश भक्ति के गीत गाएँगे।

अभियान गीत संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्या

1.

भारत माता के बेटे हम चलते सीना तान के
धर्म अलग हों, जाति अलग हों, वर्ग अलग हों, भाषाएँ,
पर्वत, सागर-तट, वन, मरुथल, मैदानों से हम आएँ,
फौजी वर्दी में हम सबसे पहले हिंदुस्तान के।
भारत माता के बेटे हम चलते सीना तान के।
हिन्दुस्तन कि जिसकी मिट्टी में हम खेले-खाए हैं,
जिसकी रजकण को हम ममता-समता से अपनाए हैं,
कर्ज, चुकाने हैं, हमको उन रजकण के एहसान के।
भारत माता के बेटे हम चलते सीना तान के।

शब्दार्थ-मरुस्थल = वह थल जहाँ रेत की रेत हो, समता = बराबरी, रजकण = धूल के कण।

संदर्भ-प्रस्तुत काव्य पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘सुगम भारती’ (हिंदी सामान्य) भाग-7 के पाठ-20 ‘अभियान गीत’ से ली गई है। इसके रचयिता हरिवंशराय बच्चन हैं।

व्याख्या-हम फौजी हैं, हमेशा सीना तान के चलते हैं। हमारी जाति धर्म, भाषाएँ चहरे भिन्न हैं, हम चाहे अलग-अलग जगहों से आए हैं किंतु सबसे पहले हम फौजी है। हम इस देश में खेलते आए हैं। इसकी ममता में हमने बचपन बिताया है। हम इसके सारे कर्ज उतारने को तैयार हैं। हम भारत माता के सिपाही है जो सीना तार कर चलते हैं।

विशेष-

  1. भाषा सरल एवं प्रवाहमय है।
  2. देश के लिए कुछ करने का जजबा दिखाया गया है।

2.

जिसकी पूजा में सदियों से श्रम के फूल चढ़ाए हैं,
जिसकी रक्षा में पुरखों ने अगणित शीश कटाए हैं,
हम रखवाले पौरुषवाले उसके गौरव-मान के।
भारत माता के बेटे हम चलते सीना तान के।
हम गिर जाएँ किंतु न गिरने देंगे देश-निशान को,
हम मिट जाएँ किंतु न मिटने देंगे हिंदुस्तान को,
हम हैं सबसे आगे रहते अवसर पर बलिदान के।
भारत माता के बेटे हम चलते सीना तान के।

शब्दार्थ-निशान = चिन्ह, समर = युद्ध, गाथा = कहानी, अनगिन = जिन्हें गिना न जा सके, ममता = माँ का प्यार, पुरखों = पूर्वजों, पौरुष = वीरता, शीश = सिर।

संदर्भ-प्रस्तुत काव्य पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘सुगम भारती’ (हिंदी सामान्य) भाग-7 के पाठ-20 “अभियान गीत’ से ली गई हैं। इसके रचयिता हरिवंशराय बच्चन हैं।

‘प्रसंग-इसमें बलिदान को दर्शाया गया है।

व्याख्या-हमने अपनी मातृभूमि की पूजा की है। इसकी आन के लिए हमारे पूर्वजों ने हजारों सिर कटाए हैं। हम इसकी जी-जान से रक्षा करते हैं। हम खुद गिर जाएँगे किंतु देश पर आंच नहीं आने देंगे। हम मिट जाएँगे लेकिन भारत का नाम कभी मिटने नहीं देगे। हम इसकी रक्षा हेतु हम बलिदान देने में आगे रहते हैं।

विशेष-

  1. भाषा सरल एवं प्रवाहमय है।
  2. पूर्वजों के बलिदान को दर्शाया गया है।

3.

जो वीरत्व-विवेक सागर में हम सैनिक दिखलाएँगे,
उसकी गाथाएँ भारत के गाँव, नगर, घर गाएँगे,
अनगिन कंठों में गूंजेंगे बोल हमारे गान के।
भारत माता के बेटे हम चलते सीना तान के।

शब्दार्थ-वीरत्व = वीरता, विवेक = उचित, अनुचित का ज्ञान।

संदर्भ-प्रस्तुत काव्य पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘सुगम भारती’ (हिंदी सामान्य) भाग-7 के पाठ-20 ‘अभियान गीत’ से ली गई हैं। इसके रचयिता हरिवंशराय बच्चन हैं।

प्रसंग-इसमें वीरता को उजागर किया गया है।

व्याख्या-हम हर युद्ध में अपने जौहर दिखलाएँगे! फौजियों के हर बलिदान की गाथा भारत की गली-गली में सुनाएँगे। और अनगिनत लोग हमारे योगदान को दोहराएँगे। हम भारतमाता के ‘सपूत हैं जो सीना तान कर चलते हैं।

विशेष-

  1. भाषा सरल एवं प्रवाहमय है।
  2. फौजियों की गाथा को दर्शाया गया है।

MP Board Class 7th Hindi Solutions

MP Board Class 7th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 8 डॉ. अब्दुल कलाम के जीवन के प्रेरक प्रसंग

MP Board Class 7th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 8 डॉ. अब्दुल कलाम के जीवन के प्रेरक प्रसंग

MP Board Class 7th Hindi Bhasha Bharti Chapter 8 पाठ का अभ्यास

बोध प्रश्न

डॉक्टर अब्दुल कलाम के जीवन के प्रेरक प्रसंग MP Board Class 7th Hindi प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए

(क) अब्दुल कलाम का पूरा नाम क्या है ?
उत्तर
अब्दुल कलाम का पूरा नाम-‘अबुल पकीर जैनुलाब्द्दीन अब्दुल कलाम है।

(ख) कलाम ने अपनी शिक्षा पूरी करने के लिए क्या संघर्ष किया?
उत्तर
कलाम अपनी शिक्षा पूरी करने के लिए ट्यूशन – पढ़ाने लगे। मद्रास (चेन्नई) से छपने वाले एक समाचार-पत्र : ‘हिन्दू’ के लिए लेख भी लिखे। इससे उन्हें कुछ पारिश्रमिक भी प्राप्त हो जाता था। इस तरह अपनी शिक्षा पूरी करने के लिए उन्होंने निरन्तर संघर्ष किया।

(ग) रामलीला में अब्दुल कलाम ने क्या देखा ? और – उस दृश्य का उनके जीवन पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर
रामलीला में अब्दुल कलाम ने ‘राम-रावण’ युद्ध देखा। इस युद्ध में राम अग्निबाण से रावण की नाभि में स्थित अमृत को सुखा देते हैं और उसका अन्त कर देते हैं। इस दृश्य का उनके जीवन पर यह प्रभाव पड़ा कि उन्होंने इसी अग्निबाण की अवधारणा से ही अग्नि मिसाइल का सूत्रपात किया।

(घ) डॉ. अब्दुल कलाम बच्चों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं?
उत्तर
डॉ. अब्दुल कलाम बच्चों के साथ बात करके आनन्द की अनुभूति करते हैं। उनके अनुसार बच्चों में ही सम्पूर्ण राष्ट्र का विकास छिपा होता है। बच्चों से वे मित्र की तरह बातें करते हैं। बच्चे भी स्वयं गौरव की अनुभूति करते हैं।

(ङ) अब्दुल कलाम को, “मिसाइल मैन” बनने की प्रेरणा कहाँ से मिली ?
उत्तर
एक बार अब्दुल कलाम ने एक लेख अंग्रेजी समाचार-पत्र ‘हिन्दू’ में पढ़ा। उस लेख का शीर्षक था, “साफ्ट फायर”। इसका हिन्दी में अर्थ हुआ मन्त्रबाण। यह एक प्राचीन भारतीय अस्त्र का नाम है जिसका प्रयोग द्वितीय विश्व युद्ध में हुआ था। इस मन्त्रबाण ने उन्हें आगे चलकर ‘अग्नि’ मिसाइल बनाने के लिए प्रेरित किया। डॉ. अब्दुल कलाम और मिसाइल एक-दूसरे के पूरक हो गये, इसीलिए उन्हें मिसाइल मैन के नाम से भी जाना जाता है।

अब्दुल कलाम को मिसाइल मैन बनने की प्रेरणा कहां से मिली MP Board Class 7th Hindi प्रश्न 2.
डॉ. कलाम के प्रेरक विचार-बिन्दु लिखिए।
उत्तर
डॉ. कलाम के प्रेरक विचार-बिन्दु निम्नलिखित हैं

  1. विज्ञान वैदिक साहित्य की तरह है-सरस और संवेदनशील।
  2. मुझे भारतीय होने का गर्व है-यह एक महान देश है।
  3. हमारे युवकों को सपने देखने चाहिए। सपनों को विचारों में बदलना चाहिए। विचारों को क्रिया के जरिये वास्तविकता में बदलना चाहिए।
  4. वह काम करो, जिसमें तुम्हारी आस्था हो। यदि ऐसा नहीं करते हो, तो तुम अपनी किस्मत दूसरों के हवाले कर रहे हो।
  5. जो लोग अपने व्यवसाय में शीर्ष पर पहुँचना चाहते हैं, उनके भीतर पूर्ण वचनबद्धता का मूल गुण होना अत्यन्त आवश्यक है।

भाषा अध्ययन

भाषा भारती कक्षा 7 पाठ 8 MP Board प्रश्न 1.
नीचे दिए शब्दों में मूल शब्द और उपसर्ग अलग करके लिखिए
परिश्रम, परिहास, परिचर्चा, परिभ्रमण, परिधान, परिजन परिपूर्ण।
उत्तर
परि + श्रम, परि + हास, परि + चर्चा,
परि + भ्रमण, परि + धान,
परि + जन, परि + पूर्ण।

Mp Board Class 7th Hindi Chapter 8 प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों में मूलशब्द और प्रत्यय अलग कीजिए
सामाजिक, वैज्ञानिक, वैमानिक, यान्त्रिक, वैदिक, पारिश्रमिक, आर्थिक।
उत्तर
समाज + इक, विज्ञान + इक,
विमान + इक, यन्त्र +इक,
वेद + इक, परिश्रम + इक, अर्थ+ इक

Mp Board Class 7th Hindi Solution प्रश्न 3.
‘पल्लवित’ शब्द में ‘पल्लव’ के साथ ‘इत’।प्रत्यय का प्रयोग हुआ है। इसी तरह निम्नलिखित शब्दों के साथ ‘इत’ जोड़कर अन्य शब्द बनाइए
सम्बन्ध, कल्प, प्रतिष्ठा, सम्भावना, राजपत्र।
उत्तर
सम्बन्ध + इत = सम्बन्धित,
कल्प + इत = कल्पित,
प्रतिष्ठा + इत = प्रतिष्ठित,
सम्भावना + इत = सम्भावित,
राजपत्र- इत = राजपत्रित।

प्रश्न 4.
नीचे कुछ सामासिक पद दिए गए हैं। उन्हें छाँटकर तालिका में भरें
डॉक्टर अब्दुल कलाम के जीवन के प्रेरक प्रसंग MP Board Class 7th Hindi

प्रश्न 5. निम्नलिखित वाक्यों में प्रयुक्त कारक के चिन्ह पहचानिए, उनके समक्ष लिखिए
(1) डॉ. अब्दुल कलाम को बच्चों से बहुत प्रेम है।
(2) सफलता के लिए ऊँचे सपने भी देखने चाहिए।
(3) डॉ. अब्दुल कलाम ने बचपन में बहुत संघर्ष किया।
(4) तपस्वी व्यक्ति का भाल आभा से चमकता है।
(5) डॉ. कलाम गुरु शिष्य परम्परा के समर्थक थे।
(6) हे ईश्वर ! सबको सद्बुद्धि दो।
(7) रामनाथपुरम् की हाई स्कूल की दीवार पर अंकित था।
(8) सभी को बुराई से बचना चाहिए।
उत्तर

  1. को, से
  2. के लिए
  3. ने, में
  4. का, से
  5. के
  6. हे
  7. की
  8. को, से।

डॉ. अब्दुल कलाम के जीवन के प्रेरक प्रसंग परीक्षोपयोगी गद्यांशों की व्याख्या

1. “काफी कसमसाहट से भरे थे जीवन के वे दिन। एक ओर विदेशों में शानदार भविष्य था, दूसरी ओर था देशसेवा का आदर्श। इन दोनों में से एक का मेरे लिए चुनाव करना कठिन था। अन्ततः मैंने तय किया-पैसों के लिए विदेश नहीं जाऊँगा। भविष्य संवारने के मोह में देशसेवा का अवसर हाथ से जाने नहीं दूंगा।”

सन्दर्भ-प्रस्तुत पंक्तियाँ ‘डॉ. अब्दुल कलाम के जीवन … के प्रेरक प्रसंग’ नामक पाठ से अवतरित हैं। लेखकों ने भूतपूर्व

राष्ट्रपति डॉ. अब्दुल कलाम के जीवन के प्रेरक प्रसंगों से छात्रों को राष्ट्रप्रेम से परिपूर्ण करने का प्रयास किया है।

प्रसंग-डॉ. अब्दुल कलाम की देशभक्ति और सेवा के महान आदर्श को प्रस्तुत किया है।

व्याख्या-डॉ. कलाम ने वैमानिक यान्त्रिकी में शिक्षा प्राप्त की। उस समय इस शिक्षा की योग्यता वाले विद्यार्थियों की माँग यूरोप और अमेरिका में बहुत अधिक थी। इन देशों में इनको अच्छा वेतन और सम्मान दिया जाता था। इस दशा में कलाम के सामने दो विकल्प थे। पहला यह कि वे विदेश चले जायें और धनार्जन करें और एक धनवान व्यक्ति के सम्मान को प्राप्त कर लें। दूसरा यह कि वे यहीं भारत में रहकर मातृभूति की सेवा करके उसके ऋण से उऋण हों।

उन्होंने अपनी ऊहापोह की स्थिति में विदेशों में जाकर शानदार भविष्य को संवारने की भावना को एक तरफ कर दिया और देश सेवा के महान् आदर्श को स्वीकार करके सभी देशवासी यवकों को देश की सेवा करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने प्रतिज्ञा कर ली कि वे धन कमाने की दृष्टि से विदेशों को नहीं जायेंगे। उन्होंने अपने महान और विशिष्ट ज्ञान से देश की सेवा करके देशसेवा के अवसर को अपने हाथ से खिसकने नहीं दिया।

डॉ. अब्दुल कलाम के जीवन के प्रेरक प्रसंग शब्दकोश

अन्वेषक = खोजी, अन्वेषण करने वाला; आर्थिक = धन सम्बन्धी; सराबोर = डूबा हुआ, तरबतर, भीगा हुआ; मुखरित = कहना, किसी बात को स्पष्ट कर देना प्रतिबिम्ब = छाया, परछाई सोपान = सीढ़ी; परिवेश = वातावरण अस्त्र = हाथ से फेंककर चलाया जाने वाला हथियार; आभा = चमक;
परिणित = परिवर्तन, बदला हुआ; ऊहापोह = असमंजस, दुविधा; यथा अवसर = अवसर के अनुसार, उचित अवसर; कान्तिमान = चमकदार; सृजन-रचना, किसी वस्तु का निर्माण करना; आस्था = आदर, विश्वास; सहभागी – बराबरी का हिस्सेदार, सहयोगी; प्रतिमा = मूर्ति।

MP Board Class 7th Hindi Solutions

MP Board Class 7th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 4 दो कविताएँ

 MP Board Class 7th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 4 दो कविताएँ

MP Board Class 7th Hindi Bhasha Bharti Chapter 4 पाठ का अभ्यास

बोध प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए-

(क) ‘मेघ बजने’ से कवि का क्या आशय है ?
उत्तर-
‘मेघ बजने’ से कवि का आशय बादलों के तेज आवाज के साथ गरजने से है।

(ख) ‘पंक’ किस प्रकार से हरिचन्दन लगने लगता है ?
उत्तर-
बरसात में सब ओर पानी भर जाता है जिससे मिट्टी कीचड़ का रूप धारण कर लेती है और तब वह हरिचन्दन सी दिखाई देती है।

(ग) वर्षा के आगमन से क्या-क्या परिवर्तन होने लगते हैं ?
उत्तर-
वर्षा के आगमन व बिजली चमकने से मेंढक टर्र-टर्र करने लगते हैं, पृथ्वी साफ-स्वच्छ हो जाती है, मिट्टी-पानी के मिलने से बनी कीचड़ भगवान के चन्दन जैसी लगती है जिससे किसान अपने हलों के स्वागत में तिलक लगाते हैं।

(घ) ‘कदम्ब’ किसके समान झूलता दिखाई दे रहा है ?
उत्तर-
कदम्ब गेंद के समान झूलता दिखाई दे रहा है।

(ङ) धरती का हृदय किस प्रकार धुला लगने लगा है ?
उत्तर-
धूल व मिट्टी से अटी पड़ी पृथ्वी पर जब बरसात ‘ की बूंदें पड़ती हैं, तो सारी गन्दगी साफ हो जाती है और धरती – स्वच्छ दिखाई देने लगती है।

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(क) ……………………….” का कण्ठ खुला।
(ख) धरती का ………………………. धुला।
(ग) ………………………. मेघ बजे।
उत्तर-
(क) दादुर,
(ख) हृदय,
(ग) धिन-धिन-धा धमक-धमक।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए
(क) हल का है अभिनन्दन।
(ख) “टहनी-टहनी में कन्दुक सम झूले कदम्ब”
उत्तर-
पद्यांशों की व्याख्या देखें।

भाषा अध्ययन

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के तुकान्त शब्द लिखिए
उत्तर-
चन्दन – वन्दन;
चमक – दमक;
रीता – बीता;
बरस – तरस।

प्रश्न 2.
धिन-धिन शब्द युग्म में ध्वन्यात्मकता है। इसी प्रकार के अन्य ध्वन्यात्मक शब्द लिखिए।
उत्तर-
धमक-धमक, टहनी-टहनी।

प्रश्न 3.
इस कविता की जिन पंक्तियों में अनुप्रास अलंकार है, उन्हें छाँटकर लिखिए
उत्तर-
(क) “धिन-धिन-धा धमक-धमक”
(ख) “दामिनी यह गयी दमक”
(ग) “टहनी-टहनी में कन्दुक सम झूले कदम्ब”
(घ) “फूले कदम्ब, फूले कदम्ब।”

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों में से प्रयुक्त उपसर्ग को अलग कीजिए-
अभिनन्दन, अभिवादन, विराग, प्रवचन, अभियोग, वियोग, प्रयोग।
उत्तर-
अभि, अभि, वि, प्र, अभि, वि, प्र।

प्रश्न 5. सही विकल्प चुनिए
(क) कल सरिता ……….. समारोह में गई थी।
(1) अभिवन्दन
(2) अभिवादन
(3) अभिनन्दन
(4) अभिचन्दन।
उत्तर-
(3) अभिनन्दन,

(ख) लिखाई, ललचाई, पढ़ाई इन शब्दों में प्रत्यय ……………………….” है।
(1) खाई
(2) आई
(3) अई
उत्तर-
(2) आई।

दो कविताएँ सम्पूर्ण पद्यांशों की व्याख्या

1. मेघ बजे
धिन-धिन-धा धमक-धमक
मेघ बजे
दामिनी यह गयी दमक
मेघ बजे दादुर का कंठ खुला
मेघ बजे
धरती का हृदय धुला
मेघ बजे
पंक बना हरिचन्दन
मेघ बजे
हल का है अभिनन्दन
मेघ बजे।
धिन-धिन

शब्दार्थ-मेघ = बादल; दामिनी = बिजली; दादुर = मेंढक; कंठ = गला; पंक = कीचड़; अभिनन्दन = सम्मान।

सन्दर्भ-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘भाषा भारती’ के ‘दो कविताएँ’ नामक पाठ से ली गई हैं। इस कविता का शीर्षक है-‘मेघ बजे’ तथा इसके रचयिता सुप्रसिद्ध कवि नागार्जुन हैं।

प्रसंग-प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने बादलों के घिर आने एवं। वर्षाकाल का मनोहारी वर्णन किया है।

व्याख्या-तेज गर्मी व लू के पश्चात् मौसम में आने वाले। परिवर्तन के संकेत मिल चुके हैं। आसमान में अपने सिर पर। जल का अथाह भण्डार रखे बादल घुमड़-घुमड़कर घिरने लगे हैं। बादलों की गड़गड़ाहट से पृथ्वी का प्रत्येक जीव-जन्तु व वनस्पति रोमांचित है। बादलों के झरोखों में से रह-रहकर। बिजली की चमक दिख रही है। बादलों के यूँ घिरने और वर्षा

के आगमन की प्रतीक्षा में तालाबों में मेंढक टर्र-टर्र करने लगे हैं। बरसात के होने से गर्मी से व्याकुल और गंदली हुई धरा भी। सन्तुष्ट और साफ हो गयी है। वर्षा के कारण उत्पन्न हुई धरती की कीचड़ भी हरिचन्दन के समान हो गई है जिससे किसानों। ने अपने हल के स्वागत का तिलक लगाया है। बादल गर्जना करते हुए धिन-धिन-धा की विशेष संगीत-ध्वनि उत्पन्न कर रहे हैं। वास्तव में, बादलों के यूँ गरजने-बरसने से प्रकृति और भी अधिक मनोहारी हो गयी है।

♦ फूले कदम्ब

2. फूले कदम्ब
टहनी-टहनी में कन्दुक सम झूले कदम्ब
फूले कदम्ब।
सावन बीता
बादल का कोप नहीं रीता
जाने कब से वो बरस रहा
ललचाई आँखों से नाहक
जाने कब से तू तरस रहा
मन कहता है, छू ले कदम्ब
फूले कदम्ब फूले कदम्ब।

शब्दार्थ-कदम्ब = एक वृक्ष; कन्दक = गेंद; कोप = क्रोध; रीता = खाली; नाहक = अधिकार रहित; तरस = पाने की ललक।

सन्दर्भ-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘भाषा भारती’ के दो कविताएँ नामक पाठ से ली गई हैं। इस कविता का नाम है ‘फूले कदम्ब’ तथा इसके रचयिता सुप्रसिद्ध कवि नागार्जुन हैं।

प्रसंग-इन पंक्तियों में बरसात के मौसम में प्राकृतिक सौन्दर्य का वर्णन किया गया है।

व्याख्या-कवि कहता है कि वर्षाकाल में जीव-जन्तुओं के साथ-साथ वनस्पतियों में भी मानो नई जान आ गयी है। कदम्ब परिवर्तित मौसम में मदमस्त हो फलने-फूलने लगा है। वृक्ष की असंख्य शाखाओं के हिलने से ऐसा प्रतीत होता है मानो कदम्ब का पेड़ एक गेंद के समान झूल रहा है। अब सावन का माह भी गुजर चुका है, किन्तु ऐसा लगता है कि बादल का गुस्सा अभी भी थमा नहीं है। वह लगातार अपनी पूरी शक्ति से अब भी जल-वर्षा के लिए तैयार खड़ा है।

कवि आगे कहता है कि तू (बादल) बिना किसी अधिकार के, लालच भरी आँखों से जाने कब से उसे (कदम्ब) देखने के लिए तरस रहा है। तेरा मन कहता है कि तू कदम्ब को स्पर्श करके अपनी इच्छा को पूर्ण कर ले। कदम्ब तो फल-फूल रहा है।

दो कविताएँ शब्दकोश

तरस = अभाव का अनुभव, दया पाने की ललक; कन्दुक = गेंद; टहनी = डाली, छोटी शाखा; कोप = क्रोध, गुस्सा; रीता = रिक्त, खाली; ललचाई = लालच से भरी; कदम्ब = एक पेड़; नाहक = बिना हक के, अधिकार रहित; दामिनी = बिजली; दादुर = मेंढक; कण्ठ = गला; पंक = कीचड़; अभिनन्दन = सम्मान; दमक = चमक, कौंध; मेघ = बादल।

MP Board Class 7th Hindi Solutions

MP Board Class 7th General English Solutions Chapter 6 I Love Little Pussy

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MP Board Class 7th General English Solutions Chapter 6 I Love Little Pussy

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I Love Little Pussy Textual Exercises

Listen and Repeat (सुनो और दुहराओ):
Students should do themselves.
(छात्र स्वयं करें।)

Comprehension (बोध प्रश्न) :

Answer the following questions :
(निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए)

Little Pussy MP Board Class 7th General English Question 1.
What is the poem about?
(व्हॉट इज़ द पोएम् अबाऊट?) कविता किसके बारे में है?
Answer:
The poem is about the pussy cat.
(द पोएम इज़ अबाऊट द पूसी कैट।)
कविता पूसी बिल्ली के बारे में है।

Mp Board Class 7th English Chapter 6 Question 2.
What does the poet say about the cat’s coat ?
(व्हॉट डज़ द पोएट से अबाऊट द कैट्स कोट?)
कवयित्री बिल्ली के लोमचर्म के बारे में क्या कहती है?
Answer:
The poet says that the cat’s coat is warm.
(द पोएट सेज़ दैट कैट्स कोट इज वॉर्म।)
कवयित्री कहती है कि बिल्ली का लोमचर्म गर्म है।

I Love Little Puppy Poem MP Board Class 7th General English Question 3.
What will the child do with the pussy ?
(व्हॉट विल द चाइल्ड डू विद द पूसी?)
बच्ची पूसी के साथ क्या करेगी?
Answer:
The child will not pull pussy’s tail or drive her away but will play with her.
(द चाइल्ड विल नॉट पुल पूसीज़ टेल और ड्राइव हर अवे बट विल प्ले विद हर।)
बच्ची पूसी की पूँछ नहीं खींचेगी या उसे भगायेगी नहीं, पर उसके साथ खेलेगी।

I Love Little Pussy MP Board Class 7th General English Question 4.
Where will the pussy sit ?
(व्हेअर विल द पूसी सिट?)
पूसी कहाँ बैठेगी?
Answer:
Pussy will sit by poet’s side.
(पूसी कवियत्री के बगल में बैठेगी।)
पूसी कवियत्री के बगल में बैठेगी।

I Love Little Pussy Poem MP Board Class 7th General English Question 5.
Why will the pussy like the child ?
(व्हाइ विल द पूसी लाइक द चाइल्ड?)
पूसी बच्ची को क्यों पसन्द करेगी?
Answer:
Pussy will like the child because she is gentle and good.
(पूसी विल लाइक द चाइल्ड बिकॉज़ शी इज़ जैन्ट्ल् एण्ड गुड।)
पूसी बच्ची को इसलिए पसन्द करेगी क्योंकि वह सभ्य व अच्छी है।

Word Power (शब्द सामर्थ्य) :

(A) Find atleast nine words from the poem in this word square :
(इस शब्द वर्ग में कविता से कम से कम नौ शब्द ढूढ़ो।)
Answer:
Little Pussey MP Board Class 7th General English

(B) Now write the words you have found :
(अब ढूढ़े गए शब्दों को लिखिए)
Answer:

  1. Drive
  2. Gentle
  3. Hurt
  4. Love
  5. Tail
  6. Pussy
  7. Coat
  8. Warm
  9. Little.

(C) Read the following words which have similar sounds but different meanings :
(These are called homophones.)
(निम्न शब्दों को पढ़िए जिनकी ध्वनि समान हो पर अर्थ अलग हो)
Answer:
Litil Girl Pussy MP Board Class 7th General English

(D) Now choose the correct word to complete the following sentences :
(अब सही शब्द चुनकर निम्न वाक्यों को पूरा करें।)

  1. The monkey has a long …………..
  2. I saw a man with one …………..
  3. The snakes live in a …………..
  4. ………….. a letter to your friend.
  5. Fishermen go to the ………….. everyday.

Answers:

  1. tail
  2. eye
  3. hole
  4. Write
  5. sea.

Grammar in Use (व्याकरण प्रयोग):

(A) Use the following describing words
(adjectives) in the sentences given below :
(निम्न वर्णनात्मक शब्दों (विशेषणों) का प्रयोग कर दिये गये वाक्यों में प्रयोग करें।)
(as thin as, as old as, as sweet as, as big as, as good as)

  1. Sona is ……….. her sister.
  2. Meena is ……….. her friend meeta.
  3. These mangoes are not ……….. the ones. we ate yesterday.
  4. This box is ……….. the other one.
  5. Raju’s handwriting is ……….. his father’s.

Answer:

  1. as thin as
  2. as old as
  3. as sweet as
  4. as big as
  5. as good as.

(B) Write at least three things about yourself using these words:
(इन शब्दों का प्रयोग कर कम-से-कम तीन बातें अपने बारे में लिखें)
(taller, smaller, shorter, younger.)
Answer:

  1. I am taller than my brother.
  2. My brother is shorter than me.
  3. My brother is younger than me.

(C) Use the following words in the sentences given below :
(नीचे दिए वाक्यों में निम्न शब्दों का प्रयोग कीजिए।)
(the fastest, the smallest, the longest, the best, the highest.).

  1. The humming bird is ……….. bird.
  2. Mt. Everest is ……….. mountain peak in the world.
  3. A Cheetah runs ……….. of all animals.
  4. Birbal told ……….. story to Akbar.
  5. Sujata is ……….. student of her class.

Answer:

  1. the smallest
  2. the highest
  3. the fastest
  4. the longest
  5. the best

Let’s Talk (आओ बात करें):

Here are given some sentences related to two animals which you know very well. The sentences are jumbled. Separate them and write the names of the animals.
(यहाँ दो पशुओं जिन्हें आप भली-भाँति जानते हैं, से सम्बन्धित कुछ वाक्य दिये गए हैं। वाक्य आपस में मिले हुए हैं। इन्हें अलग कर पशुओं के नाम लिखिए।)
I Love Little Pussy Meaning In Hindi MP Board

Let’s Write (आओ लिखें):

(A) Write five sentences about cats.
(B) Write five sentences about your pet.
Answer:
(A) Cats

  1. A cat is a pet animal.
  2. It mews and rats run away on hearing it.
  3. It eats rats and also likes to drink milk.
  4. It is white, black or brown in colour.
  5. It is not a faithful pet and is a shrewd animal.

(B) My pet animal – Cow

  1. Cow gives us milk.
  2. We call her ‘Gau mata’ and worship her.
  3. The cow dung is used in making dung cakes (Kandas) which are used as fuel.
  4. Cow dung is also used in making gobar gas.
  5. I love my ‘Gau mata’ a lot.

Let’s Do It (आओ इसे करें) :

(A) Collect the pictures of different pet animals and write their names.
(विभिन्न पालतू जानवरों के चित्रों को इकट्ठा करिए और उनके नाम लिखिए।)
Answer:
Students can collect the pictures of different pet animals, like cow, dog, cat, horse etc. and write their names below after pasting them.

Pronunciation & Translation

I love little pussy, Her coat is so warm, And if I don’t hurt her, She’ll do no harm.
(आइ लव लिटल पूसी, हर कोट इज सो वार्म, एण्ड इफ आई डोन्ट हर्ट हर, शी विल डू नो हार्म.)
अनुवाद – मैं छोटी पूसी को प्यार करती हूँ, उसकी खाल कितनी गर्म है, और यदि मैं उसे कोई चोट नहीं पहुँचाती हूँ तो वह मुझे कोई हानि नहीं पहुँचायेगी।
So I’ll not pull her tail, or drive her away, But pussy and I, Very gently will play.
(सो आइ विल नॉट पुल हर टेल, ऑर ड्राइव हर अवे, बट पूसी एण्ड आइ, वैरी जैन्टली विल प्ले.)
अनुवाद-इसलिए मैं उसकी पूँछ नहीं खींचूँगी, या उसे बाहर नहीं धकेलूँगी, लेकिन पूसी और मैं, बड़े स्नेह से खेलेंगे।
She’ll sit by my side, And I ‘ll give her food, And she’ll like me because, I am gentle and good.
(शी विल सिट बाय माइ साइड, एण्ड आइ विल गिव हर फूड, एण्ड शी विल लाइक मी बिकॉज आइ एम जैन्टल एण्ड गुड.)
अनुवाद – वह मेरे पास बैठेगी, और मैं उसे खाना दूंगी, और वह मुझे पसन्द करेगी क्योंकि, मैं सज्जन और अच्छी हूँ।

I Love Little Pussy Word Meanings

Little (लिट्ल)-छोटा; Afraid (अफ्रेड)-डरा हुआ; Coat (कोट)-लोमचर्म; Hurt (हर्ट)-चोट; Harm (हार्म)-हानि; Drive (ड्राइव)- भगाना; Warm (वॉर्म)-गर्म: Gently ( जेन्ट्ली)-हल्के से, धीरे से; Pull (पुल)-खींचना; Silently ( साइलेंटली)-चुपचाप; Pussy (पूसी)-बिल्ली।

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MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 9 भाग्य बड़ा या साहस

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 9 भाग्य बड़ा या साहस

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 9 प्रश्न-अभ्यास

वस्तुनिष्ठ प्रश्न
Bhagya Bada Ya Sahas MP Board Class 7th प्रश्न 1.
(क) सही जोड़ी बनाइए
1. देवी = (क) कीर्ति
2. राज = (ख) घोड़े
3. यश = (ग) धाम
4. हाथी = (घ) पाट
5. काम = (ङ) देवता
उत्तर
1. (ङ), 2. (घ), 3. (क), 4. (ख), 5. (ग)

Mp Board Class 7th Hindi Chapter 9 प्रश्न (ख)
दिए गए शब्दों में से उपयुक्त शब्द चुनकर रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए
1. विक्रमादित्य……………. राजा था। (दानी/कंजूस)
2. विक्रमादित्य……………. से भी जूझ पड़ने का साहस था। (इंद्र/यमराज)
3. सेठ ने राजा……………. रुपए प्रतिदिन पर – नौकर रख लिया। (एक हजार/एक लाख)
4. आप लागों के दर्शन पाकर मैं ……………. हो गया। (धन्य/पानी-पानी)
5. सेठ को दूसरे देशों में ……………. करने के लिए बाहर निकलना पड़ गया। (युद्ध/व्यापार)
उत्तर
1. दानी
2. यमराज
3. एक लाख
4. धन्य
5. व्यापार।

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 9 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 7 Hindi Book Mp Board  प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए

(क)
भाग्य और साहस में किस बात पर झगड़ा हुआ?
उत्तर
भाग्य और साहस में इस बात पर झगड़ा हुआ कि उनमें से बड़ा कौन है।।

(ख)
भाग्य और साहस निर्णय के लिए किसके पास गए?
उत्तर
भाग्य और साहस निर्णन के लिए राजा विक्रमादित्य के पास गए।

(ग)
राजा विक्रमादित्य पराक्रमी में क्या-क्या गुण ये?
उत्तर
राजा विक्रमादित्य पराक्रमी, दानी और साहसी थे।

(घ)
राजा ने सेठ से क्या काम माँगा? उत्तर-राजा ने सेठ से कोई भी काम मांगा। (ङ) भाग्य के कारण राजा के पास क्या-क्या था?
उत्तर
भाग्य के कारण राजा के पास राज्य, महल, सिपाही, और नौकरचाकर थे।

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 9  लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 7th Hindi Chapter Number 9 MP Board प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन से पाँच वाक्यों में लिखिए

(क)
साहस ने अपने को किस तरह बड़ा सिर किया?
उत्तर
साहस ने कहा, “मान लो किसी के भाग्य में लिखा है कि उसे जंगल में अपार धन मिलेगा। अब अगर उस आदमी में साहस होगा, तभी तो वह जंगल में जाएगा। इसका सीधा अर्थ यह हुआ कि साहस भाग्य से बड़ा

(ख)
भाग्य ने अपने को क्यों बड़ा कहा?
उत्तर
भाग्य ने कहा-“सबसे बड़ा मैं हूँ। मैं जब जिसे चाहूँ राजा से रंक बना हूँ और रंक से राजा बना हूँ।” आगे भाग्य ने कहा-कोई कितना ही साहसी क्यों न हो, यदि उसके भाग्य में सुख नहीं है तो उसे साहस के बल पर सुख कदापि नहीं मिल सकता।”

(ग)
राजा एक लाख रुपए किस प्रकार खर्च करता था?
उत्तर
राजा विक्रमादित्य रोज सेठ से एक लाख रुपए लेकर आधा तो गरीब दुखियों को दान कर देता। आधे का आधा करके मंदिर में जाकर देवी-देवताओं को चढ़ा देता। फिर जो आधा बचता, उसमें से आधा बुरे समय के लिए सम्भालकर रख लेता और शेष रुपयों से ठाठ से अपना खर्च चलाया करता।

(घ)
राजा ने भाग्य और साहस में से किसको बड़ा बताया और क्यों?
उत्तर
राजा विक्रमादित्य ने अपनी पूरी कथा सुनाकर फैसला देते हुए कहा, “भाग्य देवता ने मेरे ऊपर बड़ी कृपा की थी। मुझे सेठ ने भाग्य के कारण ही प्रतिदिन एक लाख वेतन पर नौकरी दी किंतु जब जहाज बीच समुद्र में पहुंचा और अटक गया तथा मल्लाहों के धक्का देने पर भी नहीं चला; तब मैंने साहस के साथ धक्का देने का प्रयास किया तो मुझे सफलता मिली।”

(ङ)
राजा ने अपना फैसला सुनाने के लिए कितना समय माँगा और क्यों?
उत्तर
राजा ने अपना फैसला सुनाने के लिए छः महीने का समय माँगा। राजा ने सोचा-यहाँ राजमहल में तो हर प्रकार का सुख है। किसी भी चीज की इच्छा करते ही तुरंत मिल जाती है। यहाँ रहकर न तो भाग्य की परीक्षा हो पाएगी और न साहस की। इसलिए कुछ दिन इस नगर से बाहर निकलकर मुझे घूमने चाहिए-तभी पता चल पाएगा कि भाग्य बड़ा है या साहस।

भाषा की बात

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों का शुद्ध उच्चारण कीजिए
विक्रमादित्य, पृथ्वी, धर्मात्मा, स्तुति, प्रसन्न, स्वागत-सत्कार, सत्यवादी, न्यायी, तनख्वाह।
उत्तर
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों की शुद्ध वर्तनी लिखिए
आग्या, कीरति, राज्यपाट, स्तुती, दरशन, सुवागत, फेसला, परिक्षा, तंदरुस्त।
उत्तर
शब्द – शुद्ध वर्तनी
आग्य = आज्ञा
कीरति = कीर्ति
राज्यपाट = राजपाठ
स्तुती = स्तुति
दरशन = दर्शन
सुवागत = स्वागत
फेसला = फैसला
परिक्षा = परीक्षा
तंदरुस्त = तंदुरुस्त

प्रश्न 6.
(क) निम्नलिखित शब्दों को ध्यानपूर्वक पढ़िए और सोचिए
आदमी, दरबार, मतलब, मिसाल, दलील, हौसला, फैसला, तंदुरुस्त, ताज्जुब, तनख्वाह, कदर, फैसला, आखिर । ये शब्द हिंदी भाषा में अरबी, फारसी भाषाओं से आए हैं। इसी तरह रेल, फोन, स्कूल, टेलीविजन, डॉक्टर आदि शब्द अंग्रेजी भाषा से आए हैं। इस प्रकार के शब्दों को आगत अथवा विदेशी शब्द कहते हैं।

(ख)
हिंदी भाषा में प्रचलित अन्य भाषाओं के दस शब्द लिखिए
उत्तर
1. रिक्शा
2. अफसर
3. डाक्टर
4. हुजूर
5. बाजार
6. मुल्क
7.दीदार
8. जलवा
9. रोशनी
10. चिराग।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यान से पढ़िए और समझिए
“भगवान वामन ने विराट रूप धारण कर लिया। उन्होंने पहले पग में पूरी धरती और दूसरे पग में पूरा आकाश नाप लिया। तीसरे पग के लिए वामन ने और स्थान माँगा, तब राजा बलि ने अपनी पीठ को ही वामन के लिए प्रस्तुत कर दिया। भगवान वामन बलि की दानशीलता से बड़े प्रभावित हुए।”

प्रश्न 8.
कोष्ठक में लिखे कारक चिहों का रिक्त स्थान में सही प्रयोग कीजिए
(ने, के, को, में, से, के लिए)
(क) श्रीराम राजा दशरथ ……… पुत्र थे।
(ख) सैनिक शत्रु ……… लड़ता है।
(ग) शिक्षिका ……… छात्र ………. पाठ पढ़ाया।
(घ) बच्चा आम ………… रो रहा है।
(ङ) पिताजी घर ………….. है।
उत्तर
(क) के, (ख) से, (ग) ने, को, (घ) के लिए, (ङ) में।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित कारक चिहों का प्रयोग कर वाक्य बनाइए
उत्तर
(क) से (के द्वारा) : उसने पैसे से हमारी मदद की।
(ख) से (अलग, पृथकता) : राकेश सुबह ही यहाँ से चला गया।
(ग) के लिए : राम ने सीता के लिए धनुष तोड़ा।
(घ) हे! तुम : यहाँ क्या कर रहे हो?
(ङ) में, पर : हम रात में सफर करेंगे, तुम ठीक समय पर आ जाना।

भाग्य बड़ा या साहस पाठ का परिचय

रचनाकार ने प्रस्तुत पाठ में भाग्य और साहस में प्रतिस्पर्धा दिखाई है। दोनों एक-दूसरे को श्रेष्ठ कहते हैं। बहस के बाद वे इस नतीजे पर पहुँचते हैं कि राजा विक्रमादित्य का जो फैसला होगा, वह उनको मान्य होगा। राजा के पास भी तुरंत कोई जवाब नहीं था इसलिए वह छ: माह का समय माँगता है। राजा सारे सुख त्याग कर दूसरे नगर में पहुँचता है, वहाँ वह एक लाख रु. रोज वेतन पर एक व्यापारी के पास कार्य करता है। एक बार यह पानी में फंसे व्यापारी के जहाज देकर उसे चलने योग्य बनाता है। जब राजा विक्रमादित्य अपने राज्य पहुँचता है तो भाग्य और साहस उसके समीप जाते हैं और दोनों में फिर श्रेष्ठ पूछते हैं। राजा उन्हें बताता है कि साहस और भाग्य एक दूसरे के पूरक हैं न कि प्रतिस्पर्धा।

भाग्य बड़ा या साहस संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्या

1. एक बार की बात………..से बड़ा है। (प्र. 45)
शब्दार्थ-रंक = भिखारी; कदापि = बिल्कुल; अपार = अत्यधिक

संदर्भ-प्रस्तुत काव्य पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘सुगम भारती’ (हिंदी सामान्य) भाग-7 के पाठ-9 ‘भाग्य बड़ा या साहस’ से ली गई हैं।

प्रसंग-इसमें भाग्य और साहस के मध्य तर्क को दिखाया गया है।

व्याख्या-एक बार भाग्य और साहस में इस बात पर बहस छिड़ गई कि कौन श्रेष्ठतम है? यह सिद्ध करने के लिए उन्होंने कई तरह की दलीलें दीं। होते-होते यह बहस लंबी होती चली गई। भाग्य उसकी दलीलों को काटकर स्वयं को बड़ा होने की बात करता। जब वे अपने-अपने तथ्यों से संतुष्ट नहीं हुए तो उन्होंने राजा विक्रमादित्य से फैसला कराने का निर्णय लिया।

विशेष-भाग्य और साहस के मध्य तर्क सफलतापूर्वक दिखाया गया है।

2. इसी तरह……….. का साथ देते है। (पृ. 48-49)

शब्दार्थ- सरका = खिसकना; स्तुति = प्रसंशा

संदर्भ-पूर्ववत्।

प्रसंग-राजा विक्रमादित्य साहस और भाग्य का फैसला करते है।

व्याख्या-एक बार सेठ ने जहाज में माल लदवाया। विक्रमादित्य भी जहाज के साथ हो लिए। अचानक जहाज बीच में रुक गया। हुक्म पाते ही विक्रमादित्य ने जहाज को धक्का देकर चला दिया। राजा वापस अपने राजमहल आ गया। तभी भाग्य और साहस भी आ पहुँचे। राजा ने दोनों से कहा-यदि साहस न हो तो भाग्य भी साथ नहीं देता और भाग्य न हो तो साहस बेकार है। आप दोनों ही समान है। इसके बाद भाग्य और साहस में कभी झगड़ा नहीं हुआ। वे अब बड़े प्रेम से एक-दूसरे का साथ देते हैं।
विशेष-राजा का न्याव उच्चकोटि का दिखाया गया है।

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MP Board Class 7th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 11 वात्सल्य के पद

MP Board Class 7th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 11 वात्सल्य के पद

MP Board Class 7th Hindi Bhasha Bharti Chapter 11 पाठ का अभ्यास

बोध प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए

(क) कृष्ण, माँ यशोदा से किसकी शिकायत कर रहे हैं?
उत्तर
कृष्ण, माँ यशोदा से बलदाऊ या बलराम की शिकायत कर रहे हैं।

(ख) बलराम कृष्ण को क्या कहकर चिढ़ाते हैं?
उत्तर
बलराम कृष्ण को मोल देकर खरीदा हुआ बताते हैं। ‘यशोदा ने उसे जन्म नहीं दिया है। उसके (कृष्ण के) माता-पिता कौन हैं ? नन्द और यशोदा दोनों ही गोरे रंग के हैं, उसका शरीर साँवला क्यों है?’ इस तरह की अनेक बातें कहकर बलराम कृष्ण को चिढ़ाते रहते हैं।

(ग) यशोदा कृष्ण पर क्यों रीझ रही हैं ?
उत्तर
यशोदा ने बालक कृष्ण के मुख से क्रोध भरी बातें सुर्नी, तो यशोदा कृष्ण पर रीझने लग गई।

(घ) यशोदा ने गोधन की कसम खाकर क्या कहा ?
उत्तर
यशोदा ने गोधन की कसम खाकर कहा कि वह उसकी (कृष्ण की) माता है और वह (कृष्ण) उसका पुत्र है।

(ङ) कृष्ण को किन चीजों के प्रति अरुचि है?
उत्तर
कृष्ण को पकवान और मेवाओं के प्रति अरुचि है।

(च) ब्रज-युवती के मन में क्या इच्छा है ?
उत्तर
ब्रज-युवती के मन में इच्छा है कि वह (बालक कृष्ण) उस युवती के घर में चोरी-चारी मक्खन खाने जायें और जब कृष्ण मक्खन की मटकी से मक्खन खाते हुए बैठे हों, तो वह (ब्रज युवती) उन्हें छिपकर देखे। यही उस ब्रज-युवती की कामना है।

(छ) गोपी प्रातः कहाँ गई थी?
उत्तर
गोपी प्रातः नन्द बाबा के भवन (घर) गई थी।

(ज) यशोदा कृष्ण का किस तरह शृंगार कर रही है ?
उत्तर
यशोदा ने कृष्ण के शरीर पर तेल लगा दिया है, आँखों में काजल लगाकर भौहें बना दी हैं। उनके माथे पर काला टीका लगा दिया है।

प्रश्न 2.
दिये गये चार उत्तरों में से सही उत्तर छाँटकर लिखो

(क) कृष्ण को कौन चिढ़ा रहा है?
(1) सुदामा
(2) नन्द बाबा
(3) ग्वाल बाल
(4) बलराम।
उत्तर
(4) बलराम।

(ख) कृष्ण को क्या अच्छा लगता है ?
(1) दूध
(2) दही
(3) मक्खन
(4) छाछ (मट्ठा)
उत्तर
(3) मक्खन

(ग) यशोदा किसका श्रृंगार कर रही है ?
(1) बलदाऊ
(2) कृष्ण
(3) उद्धव
(4) मनसुखा
उत्तर
(2) कृष्ण।

प्रश्न 3.
रिक्त स्थान भरिए”

(क) कहा कहो एहि रिसके मारे ………… हौं नहिं जात।
(ख) तारी दै-दै हँसत ग्वाल सब सिखै देत ………..
(ग) सूर ………. मोहि गोधन की सौं हौं माता तू पूत।
(घ) सूरदास प्रभु अन्तरजामी……… मन की जानी।
(ङ) तेल लगाई, लगाई के अंजन ……… बनाई, बनाई डिठौनहि।
उत्तर
(क) खेलन
(ख) बलवीर
(ग) श्याम
(घ) ग्वालिनि
(ङ) भौंह

प्रश्न 4.
इन पंक्तियों का अर्थ के साथ मिलान कीजिए
MP Board Class 7th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 11 वात्सल्य के पद 1
उत्तर
1. →(घ), 2.→(ङ), 3.→(क), 4.→(ख), 5.→(ग)

भाषा अध्ययन

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों में स्थानीय बोली (ब्रज) और मानक भाषा के शब्द दिए गये हैं। उनके सही जोड़े मिलाइए
तारी, माखन, मक्खन, ठाढ़ी, भवन, भौन, जुग, करोड़, ताली, युग, करोर, युवती, खड़ी, जुवती, पूत, पुत्र।
उत्तर

  1. तारी-ताली
  2. माखन-मक्खन
  3. ठाढ़ीखड़ी
  4. भौन-भवन
  5. जुग-युग
  6. जुवती-युवती
  7. पूत-पुत्र
  8. करोर-करोड़।

प्रश्न 2.
इस पाठ में से अनुप्रास अलंकार के कुछ उदाहरण छाँटकर लिखिए।
उत्तर
कहा कहाँ, कहत कौन, मोही को मारन, मोहन मुख, जसुमति सुन सुन,
माता तू पूत, लगाई-लगाई, बनाई-बनाई, निहारत, बारत, चुचकारत।

प्रश्न 3.
विभिन्न प्रकार के शब्द-युग्म लिखिए।
उत्तर

  1. पुनि-पुनि
  2. दै-दै
  3. सुन-सुन
  4. मन-मन

प्रश्न 4.
(क) निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द लिखिए
भैया, शरीर, मुख, पूत ,भौन, भोर।
उत्तर
भैया = भाई
शरीर = तन (देह)
मुख = मुँह
पूत = पुत्र
भौन – सवेरा

(ख) मैया मोहि दाऊ बहुत खिझायो।
मौसों कहत मोल को लीन्हों,
तोहि जसुमति कब जायो।।

(1) यहाँ कौन किससे कह रहा है ?
उत्तर
यहाँ बालक कृष्ण अपनी माता यशोदा से कह रहा है।

(2) इसमें माता और पुत्र के बीच कौन-सा भाव प्रतीत या जागृत हो रहा है?
उत्तर
इसमें माता और पुत्र के बीच वात्सल्य भाव प्रतीत या जागृत हो रहा है।

प्रश्न 5.
इस पाठ के अतिरिक्त आपकी पाठ्य पुस्तक में से वात्सल्य रस का एक उदाहरण लिखिए।
उत्तर
मइया हौं न चरैहाँ गाई।।
सिगरे ग्वाल घिरावत माँसों मेरे पाईं पिराई।।
जौ न पत्यहि, पूछि बलदाऊहि अपनी सौह दिवाइ।
यह सुनि-सुनि जसुमति ग्वालिनि को, गारी देत रिसाइ।।
मैं पठवति अपने लरिका कौं, आपै मन बहराइ।
‘सूर’ स्याम मेरो अति बालक, मारत ताहि रिंगाई।।

वात्सल्य के पद सम्पूर्ण पद्यांशों की व्याख्या

सूरदास

1. मैया, मोहि दाऊ बहुत खिजायो।
मोसों कहत मोल को लीन्हों, तोहि जसुमति कब जायो।
का कहों एहि रिस के मारे, खेलन हौं नहिं जात।
पुनि-पुनि कहत कौन है माता, को है तुम्हरो तात।
गोरे नन्द, यशोदा गोरी, तुमकत श्याम शरीर।
तारी दै-दै हँसत ग्वाल सब, सिखै देत बलवीर।
तू मोही को मारन सीखी, दाउहि कबहुँन खीझे।
मोहन-मुख रिस की ये बातें जसुमति सुन-सुन रीझै॥
सुनहुँ श्याम बलीभद्र चबाई जनमत ही को धूत।
सूर-श्याम मोहि गोधन की सौँ हौँ माता तू पूत॥

शब्दार्थ-मोहि = मुझको; खिजायो = चिढ़ाता है; मोसों = मुझे या मुझको; मोल को लीन्हो मूल्य देकर लिया है; तोहि = तझको: जसमति = यशोदा ने जायो = जन्म देना; एहि = इस रिस के मारे = क्रोध या नाराजगी के कारण हौँ = मैं; नहिं जात = नहीं जाता हूँ; पुनि-पुनि = बार-बार; कहत = कहता है; को है = कौन है ?; तात = पिता; कत = क्यों; तारी दै-दै = ताली बजा-बजाकर; सिखै देत = सिखा देता है; बलवीर = बलदाऊ; मोही को = मुझको; खीझै = क्रोध करना; रिस = क्रोध; सुन-सुन-सुनते हुए; रीझै- प्रसन्न होती है; चबाई = चुगलखोर या इंधर-उधर की बातें जोड़-तोड़ कर बताने वाला; धूत = धूर्त; गोधन = गाय रूपी धन; सौं = शपथ लेकर (कहती हूँ); पूत = पुत्र।

सन्दर्भ-प्रस्तुत पंक्तियाँ ‘वात्सल्य के पद’ शीर्षक से अवतरित है। इसके रचयिता वात्सल्य सम्राट सूरदास हैं।

प्रसंग-कवि ने बालक कृष्ण द्वारा अपनी माता यशोदा से 1 बलदाऊ के विरुद्ध शिकायत करने के दंग का वात्सल्य प्रधान वर्णन किया है।

व्याख्या-है मेरी माँ ! मुझे बलदाऊ ने बहुत अधिक । चिढ़ाया है। वह मुझसे कहता है कि तूने कुछ मूल्य देकर मुझे खरीदा है। तुझे (मुझको) यशोदा माँ ने जन्म कब दिया है। इसी के कारण मुझे क्रोध आ गया है। अत: मैं क्या कहूँ? मैं खेलने के लिए नहीं जाता। वह (बलदाऊ) मझ से बार-बार पूछता है कि तुम्हारी माता कौन है तुम्हारा पिता कौन है ? देखो तो; बाबा नन्द और माता यशोदा दोनों ही गोरे रंग के हैं तो फिर तुम साँवले । क्यों हो? इस प्रकार सभी ग्वाले तालियाँ बजा-बजाकर मेरी हँसी उड़ाते हैं।

इस तरह बलदाऊ उन सबको सिखा देते हैं। तू मुझे ही मारना सीखी है, बलदाऊ पर कभी भी क्रोध नहीं करती। इस तरह, बालक कृष्ण के मुख से क्रोध की बातें सुन-सुनकर माता यशोदा बहुत अधिक प्रसन्न होती हैं और कहने लगी कि हे श्याम। यह बलदाऊ तो अपने जन्म से चुगलखोर है, धूर्त है। सूरदास वर्णन करते हैं कि माता यशोदा कहने लगी कि हे श्याम ! मैं अपने गाय-धन (सभी गौओं) की शपथ लेकर कहती हूँ कि मैं तेरी माँ हूँ और तू मेरा पुत्र है।

2. मैया री, मोहि माखन भावै।
जो मेवा पकवान कहति तू, मोहि नहीं रुचि आवै॥
ब्रज जुवती इक पाॐ ठाढ़ी, सुनत श्याम की बात।
मन-मन कहति कबहुँ अपनै घर देखों माखन खात॥
बैठे जाई मथनियाँ के ढिंग मैं तब रहों छपानी।
सूरदास प्रभु अन्तरजामी ग्वालिनि मन की जानी॥

शब्दार्थ-मोहि = मुझको; माखन = मक्खन; भावै = अच्छा लगता है; कहति तू = तू जो कहती है;
रुचि आवै = अच्छे लगते हैं; जुवती-युवती; इक-एक; पाएँ- पीछे; ठाढ़ी = खड़े होकर सुनत = सुनती है; मन-मन कहति = अपने मन में सोचती है अथवा कामना करती है; कबहुँ = कभी तो; देखों = देखें माखन खात = मक्खन खाते हुए; जाई = जाकर के; मथनियाँ = मटकी; ढिंग = पास; तब = उस समय; रही छपानी -छिपकर रहूँ: अन्तरयामी- हृदय की बात को जानने वाले; ग्वालिनि मन = गोपी के मन की जानी = (बात-कामना) को जान लिया।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-बालक कृष्ण माता यशोदा को स्पष्ट रूप से यह बता देते हैं कि उन्हें (बालक कृष्ण को) तो मक्खन ही अच्छा लगता है।

व्याख्या-हे माता, मुझे तो मक्खन खाना अच्छा लगता है। जिन मेवाओं और पकवान के विषय में, तुम मुझसे कहती हो, वे मुझे अच्छे नहीं लगते। ब्रज की एक युवती श्याम की इन सभी बातों को पीछे खड़ी होकर सुनती है। वह अपने मन में कामना करती है कि मैं श्याम को अपने घर में मक्खन खाते हुए (कभी तो) देखें। जैसे ही वे मक्खन की मटकी के पास जाकर बैठे, तब (तैसे ही) मैं (वहाँ) छिप जाऊँ। सूरदास कहते हैं कि प्रभु (बालकृष्ण) अन्तरयामी हैं, उन्होंने उस गोपी के मन की बात को जान लिया।

रसखान

3. आज गई हुती भोरहि हौं,
रसखानि रई कहि नन्द के भौनहि।
बाको जियो जुग लाख करोर,
जसोमति को सुख जात कहो नहिं।
तेल लगाई, लगाई के अंजन,
भौंह बनाई, बनाई डिठीनहि।
डालि हमेलानि हार निहारत,
बारत ज्यों पुचकारत छौनहिं॥

शब्दार्थ-गई हुती = गई हुई थी; हौं = मैं; रई कहि- रई माँगने के लिए (लकड़ी की बनी हुई रई (मथानी) से दही को बिलोया (मथा) जाता है); भौनहि- भवन को, घर को; बाकी = उसका; जियो – जीवित रहे; जुग लाख करोर – (युगों तक, लाख वर्ष तक, करोड़ वर्ष तक) अर्थात् दीर्घायु हो जात कहो नहिं = वर्णन नहीं किया जा सकता; अंजन = काजल; डिठौनहि = काला टीका (किसी की नजर लगने से बचाने के लिए मस्तिष्क के एक ओर काला टीका लगा दिया जाता है); हमेलानि – गले में धारण किये जाने वाला स्वर्ण अथवा चाँदी का आभूषण; निहारत = देखते हुए; बारत = न्योछावर करते हैं; ज्यों में जैसे ही; पुचकारत = पुचकारते हुए; छौनहिं = बालक को; भोरहि = प्रातः काल ही।

सन्दर्भ-प्रस्तुत पंक्तियाँ रसखान द्वारा रचित ‘सवैया’ की

प्रसंग-इस सवैया छन्द में रसखान किसी गोपिका के वात्सल्य का वर्णन करते हैं।

व्याख्या-एक गोपिका अन्य गोपी से कहती है कि मैं आज प्रातः ही अपने घर के लिए बाबा नन्द के घर से ‘रई’ माँगने के लिए गई हुई थी। (तो मैंने यशोदा के बालक को देखा) वह दीर्घायु हो। उस यशोदा के सुख का वर्णन नहीं किया जा सकता अर्थात् उसका सुख अपार है। उसने अपने बालक को तेल लगाया हुआ था, उसकी आँखों में काजल लगाकर उसकी भौहें बना दी थी और उसके माथे पर काला टीका लगा दिया था (जिससे उस सुन्दर बालक को किसी की नजर न लग सके।) मैंने जैसे ही उस कोमलाङ्ग बालक (पुत्र) को पुचकारा तो उस पुचकार के लिए उसके ऊपर मैं अनेक हार और हमेलों को न्यौछावर कर सकती हूँ।

वात्सल्य के पद शब्दकोश

जायो = जन्म देना; दाऊ = बलदाऊ; जुवती – युवती; रई = मथानी-दही बिलोने के काम में आने वाला लकड़ी का औजार; अन्जन = काजल; रिस- क्रोध, गुस्सा; एहि = इसके; ढिंग = समीप, पास; कहि- कहकर; डिठौनहि = काला टीका जो मस्तक के एक ओर लगाया जाता है, किसी की नजर लगने के प्रभाव से बचने के लिए; पुनि-पुनि = बार-बार; हौँ = मैं; छपानी-छिपकर; भौनहि- घर को; हमेलानि गले में धारण किये जाने वाला स्वर्ण अथवा चाँदी का आभूषण; सौं- शपथ लेकर; भावै = अच्छा लगता है; हुती – हुई थी; वाकी = उसका; पुचकारत – पुचकारते हुए।

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MP Board Class 7th Sanskrit Solutions Chapter 16 प्राचीन-भारतीय-वैज्ञानिकाः

MP Board Class 7th Sanskrit Solutions Surbhi Chapter 16 प्राचीन-भारतीय-वैज्ञानिकाः

MP Board Class 7th Sanskrit Chapter 16 अभ्यासः

Class 7 Sanskrit Chapter 16 MP Board प्रश्न 1.
एक शब्द में उत्तर लिखो
(क) वृक्षायुर्वेदग्रन्थस्य रचयिता कः? [वृक्षायुर्वेद ग्रन्थ के रचयिता कौन हैं?]
उत्तर:
महर्षिः पराशरः

(ख)”शुल्बसूत्रं” कः रचितवान्? [‘शुल्बसूत्र’ की रचना किसने की?]
उत्तर:
बोधायनः

(ग) प्रकाशस्य गतिं कः ज्ञातवान्? [प्रकाश की गति का किसने पता किया?]
उत्तर:
आर्यभट्टः

(घ) शल्यक्रियायाः जनकः कः? [शल्यक्रिया (सर्जरी) का जनक कौन है?]
उत्तर:
आचार्यः सुश्रुतः

(ङ) गुरुत्वाकर्षणसिद्धान्तं कः प्रतिपादितवान्? [गुरुत्वाकर्षण के सिद्धान्त को किसने प्रतिपादित किया?]
उत्तर:
भास्कराचार्यः।

Class 7 Sanskrit Chapter 16 Question Answer MP Board प्रश्न 2.
अधोलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखो
(क) महर्षिः पराशरः वनस्पतीनां किं कृतवान्? [महर्षि पराशर ने वनस्पतियों का क्या किया?]
उत्तर:
महर्षिः पराशरः वनस्पतीनां वर्गीकरणं कृतवान् [महर्षि पराशर ने वनस्पतियों का वर्गीकरण किया।]

(ख) विद्युत्कोशस्य आविष्कारकः कः आसीत्? [विद्युत्कोश का आविष्कारक कौन था?]
उत्तर:
विद्युत्कोशस्य आविष्कारकः महर्षिः अगस्त्यः आसीत्। [विद्युतकोश के आविष्कारक महर्षि अगस्त्य थे।]

(ग) “पृथ्वी सूर्यस्य परिक्रमा करोति” इति सिद्धान्तं कः प्रतिपादितवान्? [“पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है”, इस सिद्धान्त को किसने प्रतिपादित किया?]
उत्तर:
“पृथ्वी सूर्यस्य परिक्रमा करोति”, इति सिद्धान्तं आर्यभट्टः प्रतिपादितवान्। [“पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है”, इस सिद्धान्त को आर्यभट्ट ने प्रतिपादित किया।]

(घ) भास्कराचार्यः किं प्रतिपादितवान्? [भास्कराचार्य ने क्या प्रतिपादित किया?]
उत्तर:
भास्कराचार्यः गुरुत्वाकर्षण सिद्धान्तं, π (पै) इति गणित चिह्नस्य मानं त्रैराशिक-नियमादीन् प्रतिपादितवान्। [भास्कराचार्य ने गुरुत्वाकर्षण सिद्धान्त, π (पाई) नामक गणित चिह्न का मान, त्रैराशिक नियमों आदि का प्रतिपादन किया।]

(ङ) “त्वचारोपणम्” आदौ कः कृतवान्? [त्वचारोपण प्रारम्भ में किसने किया?]
उत्तर:
त्वचारोपणम् आदौ आचार्यः सुश्रुतः कृतवान्। [त्वचारोपण प्रारम्भ में आचार्य सुश्रुत ने किया।]

Class 7th Sanskrit Chapter 16 MP Board प्रश्न 3.
रेखांकित शब्द के आधार पर प्रश्न का निर्माण करो
(क) परमाणुवादस्य जनकः महर्षिः कणादः अस्ति।
(ख) विमानविद्यायाः वर्णनं भरद्वाजः अकरोत्।
(ग) भारतीकृष्णतीर्थः वैदिकगणितं रचितवान्।
(घ) रेखागणितस्य प्रमेयं शुल्बसूत्रे अस्ति।
(ङ) महर्षिः पाणिनि: अष्टाध्यायीं रचितवान्।
उत्तर:
(क) कस्य जनकः महर्षिः कणादः अस्ति?
(ख) विमानविद्यायाः वर्णनं कः अकरोत्?
(ग) भारतीय कृष्णतीर्थः किम् रचितवान्?
(घ) रेखागणितस्य प्रमेयं कस्मिन् अस्ति?
(ङ) महर्षिः पाणिनिः किम् ग्रन्थम् रचितवान्?

Sanskrit Class 7 Chapter 16 MP Board प्रश्न 4.
उचित शब्द से रिक्त स्थान को पूरा करो
(क) सः आपणम् ………. (गतवान्/गतवन्तः)
(ख) बालकाः पाठं ……….। (पठितवान्/पठितवन्तः)
(ग) ……….. पत्रं लिखितवान्। (अध्यापकः/अध्यापकाः)
(घ) ……….. मातृभूमिम् रक्षितवन्तः। (सैनिकः/सैनिकाः)
(ङ) गायकः गीतम् ……….। (गीतवान्/गीतवन्तः)
उत्तर:
(क) गतवान्
(ख) पठितवन्तः
(ग) अध्यापकः
(घ) सैनिकाः
(ङ) गीतवान्।

Chapter 16 Sanskrit Class 7 MP Board प्रश्न 5.
कोष्ठक से उचित शब्द चुनकर रिक्त स्थान को पूरा करो-
(विद्युत-कोशः, सूर्यस्य, प्रकाश निस्सारण, शल्यक्रियाम्)
(क) आर्यभट्टस्य मतेन पृथ्वी …………. परिक्रमा करोति।
(ख) सुश्रुतः शरीरस्य ………… करोति स्म।
(ग) वृक्षाः ………… क्रिया द्वारा भोजनं कुर्वन्ति।
(घ) ताम्र-जतु-पारदादीनां संयोगेन …………. उत्पन्नाः भवति।
उत्तर:
(क) सूर्यस्य
(ख) शल्यक्रियाम्
(ग) प्रकाश निस्सारण
(घ) विद्युत-कोशः।

Sanskrit Chapter 16 Class 7 MP Board प्रश्न 6.
समुचित अक्षर से रिक्त स्थान की पूर्ति करो-
Class 7 Sanskrit Chapter 16 MP Board
उत्तर:
(क) क्षा, द।
(ख) ह, हि।
(ग) आ, भ।
(घ) धा, न।
(ङ) ब्र, प्त।

Mp Board Class 7 Sanskrit Chapter 16 प्रश्न 7.
समुचित मिलान करो
Class 7 Sanskrit Chapter 16 Question Answer MP Board
उत्तर:
(क) → (4)
(ख) → (3)
(ग) → (5)
(घ) → (1)
(ङ) → (2)

प्राचीन-भारतीय-वैज्ञानिकाः हिन्दी अनुवाद

(एकस्मिन् विद्यालये आचार्य-छात्राणां मध्ये वैज्ञानिकानां विषये वार्तालापः प्रचलति)

Ch 16 Sanskrit Class 7 MP Board आचार्यः :
छात्राः! किं यूयं जानीथ, यत् रेखागणितस्य नवविंशतितमं (२९) प्रमेयं किम्?

Class 7 Sanskrit Chapter 16 Hindi Translation MP Board छात्रा: :
आम्! जानीमः, “पाइथागोरसप्रमेयम्” इति।

Sanskrit Chapter 16 MP Board आचार्यः :
एतस्य नामकरणस्य कारणं किम्?

प्रशान्तः :
अस्य प्रमेयस्य आविष्कर्ता “पाइथागोरस” नामक वैज्ञानिकः आसीत्। अतः तस्य नाम्ना एतस्य नामकरणम् अभवत्।

आचार्यः :
सम्प्रति एषः एव प्रचारः परन्तु पाइथागोरसतः १५०० वर्षपूर्व आचार्य: बोधायन:शुल्बसूत्रे एतस्य प्रमेयस्य प्रयोगं कृतवान्। भारतीयाः अङ्का अपि ततः पूर्वम् आसन्।

नीलेश: :
महोदय! प्राचीनकाले भारतदेशे वैज्ञानिकाः आसन् किम्?

आचार्य: :
भारतदेशः वैदिककालात् एव वैज्ञानिकानां देशः अस्ति। चिकित्सा-अभियान्त्रिकी-गणित-विज्ञानादिषु क्षेत्रेषु भारतीय-वैज्ञानिकाः बहुकार्यं कृतवन्तः।।

अनुवाद :
(एक विद्यालय में आचार्य-छात्रों के बीच में वैज्ञानिकों के विषय में वार्तालाप चलता है।)

आचार्य :
हे छात्रो! क्या तुम सब जानते हो कि रेखागणित के उन्तीस प्रमेय क्या हैं?

छात्र :
हाँ! जानते हैं। ‘पाइथागोरस की प्रमेय’।

आचार्य :
इसके नामकरण का कारण क्या है?

प्रशान्त :
इस प्रमेय का आविष्कार करने वाले “पाइथागोरस” नामक एक वैज्ञानिक थे। इसलिए उसके नाम से इसका नामकरण हो गया।

आचार्य :
अब तो यही प्रचारित है। परन्तु पाइथागोरस से १५०० वर्ष पूर्व (पन्द्रह सौ वर्ष पूर्व) आचार्य बोधायन ने शुल्ब सूत्र में इस प्रमेय का प्रयोग किया था। भारतीय अंक भी उससे पहले थे।

नीलेश :
महोदय! प्राचीन काल में भारत देश में क्या वैज्ञानिक थे?

आचार्य :
भारतदेश वैदिक काल से ही वैज्ञानिकों का देश है। चिकित्सा, अभियान्त्रिकी, गणित, विज्ञान आदि के क्षेत्रों में भारतीय वैज्ञानिकों ने बहुत-सा कार्य किया हुआ है।

सौम्या :
महोदय! वनस्पतिविज्ञान-विषये किं कार्यं भारते अभवत्?

आचार्यः :
महर्षिः पराशरः “वृक्षायुर्वेद” ग्रन्थे वनस्पतीनां वर्गीकरणं कृतवान्। वृक्षेषु प्रकाश-निस्सारण-क्रियायाः (प्रकाशसंश्लेषणम्) पर्णस्य अवान्तर-भागानाम् (प्लाज्माइत्यादीनाम्) अपि वर्णनं पराशरः कृतवान्।

अर्जुन: :
प्राचीनकाले विद्युत्कोशः (बैट्री) अपि आसीत् किम्?

आचार्य: :
अवश्यमेव आसीत्। ताम्रपत्र-जतुपत्रकृष्णाङ्गारचूर्ण-पारद-इत्यादीनां संयोगेन विद्युत् उत्पन्ना भवति इति महर्षिः अगस्त्यः लिखितवान्।

अनुवाद :
सौम्या-महोदय! वनस्पति विज्ञान के विषय में भारत में क्या कार्य हुआ था?

आचार्य :
महर्षि पराशर ने ‘वृक्षायुर्वेद’ नामक ग्रन्थ में वनस्पतियों का वर्गीकरण किया था। वृक्षों में प्रकाश के निकलने की क्रिया का (प्रकाश-संश्लेषण) पत्ते के अवान्तर भागों का (प्लाज्मा आदि का) भी वर्णन पराशर ने किया था।

अर्जुन :
प्राचीनकाल में विद्युत्कोश (बैट्री) भी थी क्या?

आचार्य :
अवश्य ही थी। ताम्रपत्र, जतुपत्र, कृष्णाङ्गारचूर्ण, पारद आदि के संयोग से विद्युत उत्पन्न होती है। महर्षि अगस्त्य ने लिखा था।

केशवः :
महोदय! वदतु कृपया, अस्माकं भारते गणितविषये अन्यत् किं प्रमुखं कार्यम् अभवत्?

आचार्यः :
प्राचीनः भारतीयः महान गणितज्ञः आर्यभट्टः प्रकाशस्य गतिं सम्यक् जानाति स्म। पृथ्वी गोलाकारा अस्ति। पृथ्वी स्व अक्षे भ्रमति, तेन एवं दिवारात्री भवतः। पृथ्वी सूर्यस्य परिक्रमा करोति, तेन एव षड् ऋतवः भवन्ति सप्ताहे दिनानां क्रमः, प्रकाशस्य गतिः, कालगणना, खगोलविज्ञानं त्रिकोणमितिः इत्यादिषु क्षेत्रेषु आचार्यः आर्यभट्टः बहुकार्य कृतवान्।

अनुवाद :
केशव-महोदय! कृपा करके बताइए, हमारे भारतवर्ष में गणित विषय में अन्य कौन-सा प्रमुख कार्य हुआ।

आचार्य :
प्राचीन भारतीय महान गणितज्ञ आर्यभट्ट प्रकाश की गति को ठीक तरह से जानते थे। पृथ्वी गोल आकार की है। पृथ्वी अपने अक्ष पर (कीली पर) घूमती है। उसी के कारण से दिन और रात होते हैं। पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है, उसी के कारण से छः ऋतुएँ होती हैं। सप्ताह में दिनों का क्रम, प्रकाश की गति, कालगणना, खगोलविज्ञान, त्रिकोणमिति इत्यादि के क्षेत्र में आचार्य आर्यभट्ट ने बहुत-सा कार्य किया था।

आदित्यः :
आचार्य! भास्करः अपि गणित-विषये कार्य कृतवान् किम्?

आचार्य: :
आम्! गुरुत्वाकर्षणसिद्धान्तं π (पै) इति गणितचिह्नस्य मानं त्रैराशिक-नियमादीन् भास्कराचार्यः प्रतिपादितवान्।

शालिनी :
महोदय! चिकित्साक्षेत्रे अस्माकं पूर्वजानां ज्ञानं कीदृशम् आसीत्?

आचार्यः :
शल्यचिकित्सायाः जनकः आचार्यः सुश्रुतः प्रायशः सर्वाः शल्यक्रियाः करोति स्म। यथा-त्वचारोपणम् (प्लास्टिक सर्जरी), नासिकारोपणम्, कर्णरोपणम्, तन्त्रिकाचिकित्सा नेत्रचिकित्सा इत्यादयः। शल्यक्रियायां यानि उपकरणानि सुश्रुतेन प्रयुक्तानि तानि एव उपकरणानि तथैव आधुनिक-चिकित्सा-क्षेत्रे प्रयुज्यन्ते।

अनुवाद :
आदित्य :
आचार्य! क्या भास्कर ने भी गणित के विषय में कार्य किया हुआ था?

आचार्य :
हाँ! गुरुत्वाकर्षण सिद्धान्त को π (पाई) नामक गणित के चिह्न का मान, त्रैराशिक नियम आदि को भास्कराचार्य ने प्रतिपादित किया।

शालिनी :
महोदय! चिकित्सा के क्षेत्र में हमारे पूर्वजों का ज्ञान कैसा था?

आचार्य :
शल्य चिकित्सा के जनक (जन्म देने वाले) आचार्य सुश्रुत प्रायः सभी प्रकार की शल्य क्रिया किया करते थे। जैसे-त्वचारोपण (प्लास्टिक सर्जरी), नासिकारोपण, कर्णरोपण, तन्त्रिका चिकित्सा, नेत्र चिकित्सा इत्यादि। शल्य क्रिया में जिन उपकरणों (औजारों) का प्रयोग सुश्रुत ने किया, उन्हीं उपकरणों को उसी तरह आधुनिक चिकित्सा के क्षेत्र में प्रयोग किया जाता है।

मोहित :
आचार्य! चरकः अपि भैषजरसायनं, ज्वालापरीक्षणं, वनस्पति-आधारितां च चिकित्सापद्धतिं निर्दिष्टवान्।

गरिमा :
महोदय! प्राचीन भारतीय वैज्ञानिकानां नामानि तेषाम् आविष्कारः च विस्तरेण कुत्र लभ्यन्ते?

आचार्यः :
भारतस्य वैज्ञानिकपरम्परा सुदीर्घा अस्ति। तस्याः परिचयः संस्कृतस्य प्राचीनग्रन्थेषु प्राप्यते।

अनुवाद :
मोहित-आचार्य! चरक ने भी भैषज रसायन को, ज्वाला परीक्षण को और वनस्पति पर आधारित चिकित्सा पद्धति को निर्दिष्ट किया।

गरिमा :
महोदय! प्राचीन भारतीय वैज्ञानिकों के नाम तथा उनके आविष्कार विस्तार से कहाँ प्राप्त किये जा सकते हैं?

आचार्य :
भारतवर्ष की वैज्ञानिक परम्परा बहुत ही दीर्घ है। उसका परिचय संस्कृत के प्राचीन ग्रंथों में प्राप्त होता है।

प्राचीन-भारतीय-वैज्ञानिकाः शब्दार्थाः

सम्प्रति = आजकल। विसङ्गति = असमानता। इत्यस्य = (इति + अस्य) इसका। जतु/कुप्यातु = जस्ता। वर्गीकरणम् = गुणों के आधार पर स्थान निर्धारण। अवान्तर = आन्तरिक, भीतरी। पारदः = पारा। विद्युत्कोशः = सञ्चित विद्युत का भण्डार। कृष्णाङ्गारम् = कोयला। ताम्रम् = ताँबा। π (पै) = गणित में प्रयुक्त एक चिह्न। इसका मान \( \frac{22}{7}\) होता है। त्वचारोपणम् = त्वचाप्रत्यारोपण (प्लास्टिक सर्जरी)। नासिकारोपणम् = नासिकाप्रत्यारोपण (नाक को इच्छानुसार आकार देना)। कर्णरोपणम् = कान प्रत्यारोपण (कान को इच्छानुसार आकार देना)। तन्त्रिकाचिकित्सा = तन्त्रिका तन्त्र की चिकित्सा विधि। शल्यक्रिया = चीरफाड़ द्वारा चिकित्सा करना। उपकरणानि = उपकरण। भैषजरसायनम् = पेड़-पौधों के रस द्वारा औषधि निर्माण प्रक्रिया। सुदीर्घा = लम्बी। वैदिककालादेव = (वैदिककालात् + एव) वैदिक काल से ही। प्रयुज्यमानानि = प्रयोग में आने वाले। प्रयुज्यन्ते = प्रयुक्त होते हैं। प्रकाशनिस्सारणक्रिया = प्रकाश संश्लेषण, सूर्य के प्रकाश में पौधों द्वारा भोजन संग्रहण करने की क्रिया।

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MP Board Class 7th Social Science Solutions Chapter 6 Government at the Center

MP Board Class 7th Social Science Solutions Chapter 6 Government at the Center

MP Board Class 7th Social Science Chapter 6 Text Book Questions

Choose the correct alternative from the following

Mp Board Class 7th Social Science Chapter 6 Question 1.
The minimum age to become the member of Rajya Sabha is:
(a) 35 years
(b) 30 years
(c) 40 years
(d) 25 years
Answer:
(b) 30 years

Class 7 Social Science Chapter 6 Government At The Centre MP Board Question 2.
The minimum number of the members of the Lok Sabha are:
(a) 230
(b) 545
(c) 250
(d) 552
Answer:
(b) 545

Government At The Centre Class 7th MP Board Question 3.
The maximum difference between the two sittings of the Lok Sabha is:
(a) 1 year
(b) 3 months
(c) 6 months
(d) 9 months
Answer:
(c) 6 months

Fill in the blanks:

  1. In India ……………… is the age for adult franchise.
  2. ……………… presides over the sittings in Lok Sabha.
  3. The number of members decided by the Indian constitution for Rajya Sabha is
  4. The term of a Rajya Sabha member is ………… years.
  5. The President has the power to nominate ……… number of members in die Rajya Sabha.
  6. …………. is the ex-office member of the Rajya Sabha.

Answer:

  1. 18 years
  2. Speaker
  3. 250
  4. six years
  5. 12
  6. Vice President

MP Board Class 7th Social Science Chapter 6 Short Answer Type Questions

Mp Board Class 7 Social Science Chapter 6  Question 1.
Mention three qualifications to become the member of Lok Sabha.
Answer:
Three qualifications to become the member of Lok Sabha:

  • He / She should be a citizen of India and his / hername should beinthe elctoralroll
  • He should have acquired the age of 25 years.
  • He should not be proclaimed bankrupt or insolvent by the court

Class 7th Social Science Chapter 6 MP Board Question 2.
Mention the three qualifications for a voter.
Answer:
Three qualifications for a voter are:

  • He / She must be a citizen of India and must have completed the age of 18 years.
  • His / Her name must be in the voters list of the constituency to which he / she belongs.
  • He must not be insolvent, bankrupt and must be sane.

Class 7 Social Science Chapter 6 MP Board Question 3.
What do you understand by First Reading?
Answer:
In it, copies of the bill are given to the members. The person or minister who introduces the bill in the House, gives a speech explaining the purpose of the bill The proposal of this bill is published in the government gazette of the central government.

Mp Board Solution.Com Class 7 Question 4.
Mention five subjects given in the Central List
Answer:
Among 97 subjects, 5 subjects given the Central List are:

  • Army
  • Bank
  • Currency
  • Railways
  • Post & telegraphs.

Social Science Class 7 Chapter 6 MP Board Question 5.
What is concurrent list?
Answer:
Concurrent list consists of 52 subjects on which both the Parliament and State Legislatures have the power to make laws.

MP Board Class 7th Social Science Chapter 6 Long Answer Type Questions

Social Science Chapter 6 Class 7 MP Board Question 1.
The Rajya Sabha is a Permanent body. Explain how?
Answer:
Rajya Sabha is a permanent body, it is never dissolved. The term of a Rajya Sabha member is six years. One third of its members retire every two years after the completion of their term of six years. In their place a set of new members are elected by the members of the legislative assembly. In the same way one third of its nominated members are also replaced after six years by the President

Class 7 Social Science Chapter 6 Question Answer MP Board Question 2.
Describe any two functions of the Parliament.
Answer:
The Parliament has a number of functions of which two are given below:

1. To make laws – The Parliament makes laws on all the 97 subjects given in the central list It also makes laws on the 52 subjects mentioned in the concurrent list. It also makes laws on the subjects given in the residuary list from time to time.

2. Control over the executive – The central executive is formed from among-st the members of the Parliament The Parliament controls this executive. This is done by various methods like asking questions and supplementary questions, agreements over bills and non – agreement over passing of a bill, calling attention motion and passing no – confidence motion.

Class 7th Civics Chapter 5 Government At The Centre MP Board Question 3.
Describe in brief how a bill is made a law.
Answer:
Every bill has to go through three stages in the Parliament. These stages are:

  • The first reading of the bill – In it, copies of the bill are given to the members. The person or minister who introduces the bill in the House, gives a speech explaining die purpose of die bill.
  • The second reading – In the second reading, a clause / by – clause discussion takes place on the bill.
  • The third reading – in the third reading the bill as a whole is finally discussed and put to vote.

If the majority of the members are in its favor, the bill is passed. Now the bill is sent to the other House. After the bill is sent to the other House, it goes through all the three stages as mentioned above. After toe other House passes toe bill, it is sent to toe President for his assent The bill becomes a law after it is signed by toe President.

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MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 18 कलाकार का मान

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 18 कलाकार का मान

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 18 प्रश्न-अभ्यास

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

Mp Board Class 7th Hindi Chapter 18 प्रश्न 1.
(क) सही जोड़ी बनाइए
1. संगीत – (क) कलाकार
2. साधु , – (ख) राजा
3. राज्य – (ग) संगीतज्ञ
4. कला – (घ) महात्मा
उत्तर-
1. – (ग)
2. – (घ)
3. – (ख)
4. – (क)

Sugam Bharti Class 7 MP Board प्रश्न (ख)
दिए गए शब्दों में से उपयुक्त शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. राजा ने अपने को साधु ……………………….. को बुलाने भेजा। (अनुचरों/मंत्रियों)
2. वह संगीत तो ……………………….. संयोग से बन पड़ता है। (सदैव/कभी-कभी)
3. राजा का ……………………….. शांत हो चुका था। (क्रोध/न्याय)
4. साधु की ……………………….. पर पहुँचते-पहुँचते राजा को रात हो गई। (कुटिया/झोपड़ी)
उत्तर-
1. अनुचरों,
2. कभी-कभी,
3. क्रोध,
4. झोपड़ी।

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 18 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

Mp Board Solution Class 7 प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए

(क) संगीतज्ञ कौन था?
उत्तर-
संगीतज्ञ राजा के दरबार का राज संगीतज्ञ था।।

(ख) याचक और दाता किसे कहा गया है?
उत्तर-
याचक राजा को तथा दाता साधु को कहा गया है।

(ग) स्वर्ग का गंधर्व किसे बताया गया है?
उत्तर-
साधु को स्वर्ग का गंधर्व बताया गया है।

(घ) संगीतज्ञ ने राजा को कहाँ बैठाया था?
उत्तर-
संगीतज्ञ ने राजा को झोपड़ी के बाहर चबूतरे पर बिठा दिया।

(ङ) संगीतज्ञ ने साधु से क्या निवेदन किया?
उत्तर-
संगीतज्ञ ने साधु से निवेदन किया कि महाराज, इस राग को आप ही गावें तो आपकी बड़ी कृपा हो।’

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 18 लघु उत्तरीय प्रश्न

Mp Board Class 7th Hindi प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन वाक्यों में लिखिए

(क) राजा ने साधु के पास कौन-सा संदेश भिजवाया?
उत्तर-
राजा ने साधु के पास संदेश भिजवाया “आपका सौभाग्य है महात्माजी, जो आपकी संगीत सुनने की राजा ने इच्छा प्रकट की है। यदि आपका संगीत पसंद आ गया तो आपको मुँह-माँगी रकम मिल जाएगी। महाराज – निहाल कर देंगे आपको!”

(ख) संयोग और प्रयत्न से पैदा किए गए संगीत में क्या अंतर है?
उत्तर-
जिस संगीत को राजा सुनना चाहता है वह संगीत तो कभी-कभी संयोग से बन पड़ता है। प्रयत्न से पैदा किया हुआ संगीत राजा को प्रसन्न न कर सकेगा।

(ग) कलाकार की शर्त क्या थी?
उत्तर-
कलाकार की शर्त थी-“न केवल पैदल ही, बल्कि इन राजसी वस्त्रों को उतार कर भी! यदि आपने राजा बनकर संगीत सुना तो वह संगीत विशेष संगीत बन पाएगा। वह संगीत तो फिर वही संगीत रह जाएगा जो हम नित्य आपको सुनाते हैं।”

(घ) संगीतकार की किस युक्ति से साधु ने गाना शुरू किया?
उत्तर-
संगीत की युक्ति थी-संगीतज्ञ ने राजा को झोपड़ी के बाहर बने चबूतरे पर बिठा दिया और स्वयं भी उसके समीप ही बैठकर अपनी वीणा के तार मिलाने लगा और जानकर भी गलत ढंग से राग अलापना शुरू कर दिया।

(ङ) राजा ने साधु का संगीत सुनने के पश्चात् क्या प्रतिक्रिया की?
उत्तर-
‘महाराज! आपके पास बिताए इन आनंददायक क्षणों की तुलना में मेरा सारा राज्य भी तुच्छ है। मेरा अहंकार गल गया है। यों कहते ही राजा की आँखें भर आईं और अनमोल मोती साधु के पैरों पर लुढ़क पड़े।

भाषा की बात

सुगम भारती कक्षा 7 MP Board प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों के शुद्ध उच्चारण कीजिए सौभाग्य, विशेषता, नम्र, संपत्ति, गंधर्व, श्रापित, पृथ्वी, वीणा, अंगुलियां, प्रशंसक, श्रोता, वस्त्र, ज्योत्सना, युक्ति, सकपकाया, लुढ़क
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

Hindi Sugam Bharti Class 7 Solutions MP Board प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों में से सही वर्तनी पर गोला लगाइए-
अनचर – अनुचर – अनुचर
इच्छा – इक्षा – ईच्छा
प्रयतन – परयत्न – प्रयत्न
विद्वान – बिद्वान – विद्धान
वाणि – बाणी – वाणी
संगीतग्य – संगीतज्ञ – संगीतग
श्राप – शराप – शाप
विवश – वीवश – विवश
उत्तर-
अनचर – अनूचर – अनुचर
इच्छा – इक्षा – ईच्छा
प्रयतन – परयत्न – प्रयत्न
बिद्वान – विद्धान – विद्वान
वाणि – बाणी – वाणी
संगीतग्य – संगीतज्ञ – संगीतग
श्राप – शराप – श्राप
विवश – वीवश – विवश

Mp Board Class 7th Hindi Chapter 1 प्रश्न 6.
निम्नलिखित वाक्यों के रेखांकित शब्दों में कारक पहचान कर लिखिए।
(क) राजा संगीत सुनने के लिए बेचैन था।
(ख) राजा ने साधु को बुलाया।
(ग) मंत्री ने राजा का संदेश सुनाया।
(घ) राजा की आँखे भर आईं।
उत्तर-
(क) संबंध कारक
(ख) संप्रदान कारक
(ग) कर्ता कारक
(घ) संबंध कारक

Mp Board Class 7 Hindi Book प्रश्न 7.
निम्नलिखित शब्दों में संधि पहचान कर लिखिए
(क) निः + धन = निर्धन ……………………………..
(ख) हिम + आलय = हिमालय ……………………………..
(ग) वाक् + ईश = वागीश ……………………………..
(घ) निः +इर्श = निष्पाप ……………………………..
(ङ) जगत् + ईश =, जगदीश ……………………………..
(च) प्रति = + एक= प्रत्येक ……………………………..
उत्तर-
(क) विसर्ग संधि
(ख) स्वर संधि
(ग) व्यंजन संधि
(घ) विसर्ग संधि
(ङ) व्यंजन संधि
(च) स्वर संधि

कलाकार का मान पाठ का परिचय

एक राज्य में एक साधु था जो महान् संगीतकार भी था। एक बार वहाँ के राजा को उस साधु के बारे में पता चला तो उसने उसका संगीत सुनने के लिए अपने अनुचर साधु के पास भेजे। जब अनुचर साधु के पास पहुँचे तो साधु ने विनयपूर्वक राजा के पास जाने से मना कर दिया। राजा यह जानकर क्रोधित हो गया। मंत्री ने राजा को समझाया कि दाता साधु है तो आप को उसके पास जाना चाहिए। राज संगीतकार ने भी इस बात की सहमति दी और साधारण वस्त्र पहनकर राजा, मंत्री आदि साधु का संगीत सुनने चल पड़े। जब साट I ने अपना संगीत सुनाना शुरू किया तो पता ही नहीं चला कि रात से सुबह कब हो गई। अंत में राजा साधु के पैरो में गिर पड़े।

कलाकार का मान संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्या

1. राजा ने अपने………………बाँधकर ले आएँगे। (पृ. 102)

शब्दार्थ-अनुचर = सेवक, दास; रकम = राशि, रुपए।

संदर्भ-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘सुगम-भारती’ (हिंदी सामान्य) भाग-7 के पाठ-18 ‘कलाकार का मान’ से ली गई हैं।

प्रसंग-इसमें साधु ने राजा के पास आने से मना कर दिया।

व्याख्या-राजा ने दो-तीन सेवकों को साधु को बुलाने के लिए भेजा। सेवकों ने साधु को राजा का संदेश सुनाया और निमंत्रण के लिए धन्यवाद, किंतु मैं किसी के कहने पर नहीं जाता। जब राजा को पता लगा तो वह क्रोधित हुआ और कहा कि अब मेरे सैनिक उसकी मुश्कें बंधकर लाएगें।

विशेष-

  1. भाषा सरल है।
  2. साधु निर्भिकता को दर्शाया गया है।

2. मंत्री विद्वान था …………….. आनंद लिया जाए। (पृ. 102, 103).

शब्दार्थ-निहाल = बहुत खुश; बिफर = गुस्से से चिल्लाना याचक; याचक = भिक्षुक, भीख मांगने वाला; दाता = देने वाला; संज्ञीतज्ञ = संगीत का जानकर; श्रापित = श्राप से घिरा हुआ; जीवंत = सजीव।

संदर्भ-पूर्ववत्।

प्रसंग-इसमें मंत्री राजा को साधु के पास जाने के लिए कहता है।

व्याख्या-विद्वान मंत्री ने राजा को शांत करते हुए कहा कि संगीत आपको सुनना है, याचक आप है तो आपको ही साधु के पास संगीत सुनने के लिए जाना चाहिए। राजा ने अपने राज संगीतज्ञ से इस बारे में चर्चा की तो उसने कहा कि मंत्री जी का परामर्श बिल्कुल उचित है, आपको स्वयं साधु के पास जाना चाहिए। आगे संगीतज्ञ ने साधु के बारे में बताया कि जैसे ही वीणा के तारों पर साधु की अंगुलियां फिरती हैं कि वीणा अमृत बरसाने लगती है।

विशेष-

  1. संगीतज्ञ साधु की तारीफ करता है।

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