MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 20 नन्हा सत्याग्रही

MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 20 नन्हा सत्याग्रही

नन्हा सत्याग्रही बोध प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ शब्दकोश से खोजकर लिखिए
उत्तर
सलूक- व्यवहार; दफा हो जाना = तेजी से भाग जाना या चला जाना; नाचीज = महत्त्वहीन, तुच्छ; बदतमीजी = अभद्रता, बुरा व्यवहार; सकपकाए = घबराए: हलाकानव्याकल, व्यग्र।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में – लिखिए
(क) वह बात जरा-सी थी’, वह जरा-सी बात क्या थी जिसके कारण मोहन रोये जा रहा था ?
उसर
वह ‘बात जरा-सी थी’, वह यह थी कि थानेदार के दर्जे के पुलिस अधिकारी ने मोहन नामक छोटे से बालक को चपत लगा दी थी। मोहन का कोई कसूर नहीं था। फिर भी उसे चपत लगा दी गई। इस छोटी-सी (जरा-सी) बात पर मोहन रोये जा रहा था।

(ख) “जा, जा कुछ नहीं हुआ। पीट दिया हमने। कर ले जो कुछ करना है, अब शेरसिंह के भीतर बैठा पुलिस वाला बोला।” इस कथन में पुलिस वाले का क्या भाव है ? सही उत्तर चुनकर लिखिए।
(क) घमण्ड
(ख) घृणा
(ग) क्रोध
(घ) लापरवाही
उत्तर
(क) घमण्ड।

(ग) मोहन के मित्रों ने उसका साथ कैसे दिया?
उत्तर
मोहन के मित्र प्रभात फेरी के लिए निकले। वे तख्तियाँ लिए हुए थे। उन्हीं में मोहन को भी जाना था परन्तु पुलिस चाचा के द्वारा चपत लगाये जाने पर वह उनके घर के फाटक पर सत्याग्रह कर बैठ गया कि पुलिस चाचा बताएँ कि उसकी क्या गलती है जिसके लिए उसे चपत लगाई। यह बात सुनकर सभी बच्चे रुक गये। बड़े बच्चे ने तिरंगा ऊँचा करके कहा कि इन्सपेक्टर साहब को सफाई तो देनी ही होगी। इसी पर गाँधी जी के नाम के जयकारे लगे। इस प्रकार मित्रों ने मोहन का साथ दिया और पुलिस इन्स्पेक्टर ने अपनी ज्यादती के कसूर को मान लिया।

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से लिखिए
(क) इस पाठ में कुछ वाक्य ऐसे हैं जिनमें बालकों की बात पर ध्यान न देने का भाव दिया है। ऐसे चार वाक्य पाठ में से छाँटकर लिखिए।
उत्तर

  1. “अरे भाई, बड़े हैं, जरा जल्दी होगी, किसी ने उन्हें नहीं टोका। एक तुम्हीं उनके आड़े आ गए।”
  2.  “लड़का जिरह किये जाता है, इसे कौन समझाए ?”
  3.  “रोता है, रोने दो-कब तक रोएगा?”
  4.  “अभी थककर आप चुप हो जाएगा।”
  5. “चलो जी चलो …सब इन्स्पेक्टर साहब आप भी चलें .
    ” सुबह-ही-सुबह रोनी सूरत सामने पड़ी। छुट्टी का दिन न बिगड़ जाए।”

(ख) “लड़का जिरह किए जाता है, इसे कौन समझाए ? लोग किस आधार पर ऐसा कह रहे थे? .
उत्तर
लड़का जिरह किए जाता है, इसे कौन समझाए ? इस तरह की बात लोग इस आधार पर कह रहे थे कि मोहन को पुलिस अधिकारी के द्वारा एक चपत लगाए जाने पर वह रोता ही जा रहा था। वह कह रहा था कि उसका अपराध क्या है जिसके लिए उसे चपत लगा दी गई। केवल इसलिए कि मैं छोटा हूँ और कमजोर हूँ, साथ ही बड़ों ने कभी नहीं टोका उन्हें; मोहन ने टोक दिया तो उसे पीट दिया। कोई बड़ा उन्हें रोकता-टोकता तो क्या वह उसके चाँटा जड़ देते ? नहीं तो, परन्तु मोहन को इसलिए पीट दिया कि वह बच्चा है, छोटा है, कमजोर है।

(ग) आस-पास की मुंडेरों से उभर आए चार-पाँच चेहरों ने जो देखा, उससे सम्बन्धित पंक्तियाँ लिखिए।
उत्तर
आस-पास की मुंडेरों से उभर आए चार-पाँच चेहरों ने जो देखा उससे सम्बन्धित पंक्तियाँ निम्नलिखित हैं

  1. बरामदे के सामने मुँह बिसूरता मोहन खड़ा है और अपने बरामदे में झल्लाए शेरसिंह।
  2. “जाएगा भी यहाँ से या दो-एक चपत खाकर ही टलेगा।”
  3.  “अजीब उजङ्क-ढीठ लड़का है। एक पड़ोसी ने कहा।
  4. “देखिए, आप इसे समझाएँ अगर यहाँ से दफा नहीं हुआ तो मैं इसे कोतवाली में बन्द करवा दूंगा।” शेरसिंह गरजे।
  5.  “आप जो चाहें सो करें, पर मेरा कसूर बताएँ, जिससे मैं आगे ऐसा कुछ न करूं कि बड़ों को मुझ पर हाथ उठाना पड़े?” मोहन बोला।

(घ) फरीद बाबा ने शेरसिंह को क्या-क्या कहा होगा? जिसे सुनकर वे माफी मांगने आ गए।
उत्तर
फरीद बाबा ने फाटक खोला और भीतर गये। उन्होंने शेरसिंह से कहा कि सभी बच्चे मोहन के मित्र हैं। वे सब इकटेहोकर तुम्हारे घर के फाटक पर नारेबाजी कर रहे हैं। आज गाँधी जयन्ती है। शहर में सभी लोग इधर से उधर आ-जा रहे हैं। आपके खिलाफ नारेबाजी हुई तो अखबार वाले छोटी-सी बात को बढ़ा-चढ़ाकर छापेंगे। बात का बतंगड़ हो जाएगा। अभी-अभी तो आपको तरक्की मिली है। ऐसा न हो कि तुम्हारे खिलाफ तुम्हारे अधिकारी कोई कदम उठा लें। सम्भवतः इसी बात को सुनकर शेरसिंह माफी माँगने आ गए।

नन्हा सत्याग्रही भाषा-अध्ययन

प्रश्न 1.
‘चपत’ से बना है ‘चपतिया’ ऐसे ही ‘इया’ प्रत्यय लगाकर पाँच शब्द बनाइए।
उत्तर

  1. चपत + इया = चपतिया।
  2. खाट + इया = खटिया।
  3. लोटा + . इया = लुटिया।
  4. लखटका + इया = लखटकिया।
  5. लकुटी + इया = लकुटिया।

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों से भाववाचक संज्ञाएँ बनाइए
ईमानदार, बेईमान, कमजोर, खराब, सफेद, चालाक।
उत्तर

  1. ईमानदारी
  2. बेईमानी
  3. कमजोरी
  4. खराबी
  5. सफेदी
  6. चालाकी।

प्रश्न 3.
नीचे लिखे शब्दों में दूसरा शब्द ‘आत्मा’ है। प्रथम शब्द क्या है ? लिखिए।
महात्मा, धर्मात्मा, पुण्यात्मा, परमात्मा, पापात्मा।
उत्तर

  1. महा + आत्मा
  2. धर्म + आत्मा
  3. पुण्य + आत्मा
  4. परम + आत्मा
  5. पाप + आत्मा।

प्रश्न 4.
आगे लिखे वाक्यों में कोष्ठक में अंकित मूल क्रिया का सही रूप बनाकर रिक्त स्थान भरिए
(1) स्कूल की घण्टी ……….. मन्दिर में घण्टा ……… (बजाना)
(2) हम गाँधी जयन्ती …… बच्चे बाल दिवस …………. (मनाना)
(3) प्रधान जी ने झण्डा ……. अध्यापक ने झण्डियाँ (फहराया)
(4) घर में भाई ………… घर में बहन …… (आना)
उत्तर

  1. बजी, बजाया गया;
  2. मनाते हैं, मनाते हैं;
  3. फहराया, फहराई
  4. आया, आई

प्रश्न 5.
कुछ शब्दों में से “या” हट गये हैं। जहाँ जो जरूरी हो, वहाँ वही चिह्न लगाकर ठीक/सही कर दें।
पाच, डका, मुह, हसना, आख, तख्तिया, गाधी, मच।
उत्तर

  1. पाँच
  2. डंका
  3. मुँह
  4. हँसना
  5. आँख
  6. तख्तियाँ
  7. गाँधी
  8. मंच।

प्रश्न 6.
बड़ा’ या ‘बड़े’ शब्द का प्रयोग भिन्न-भिन्न अर्थों में प्रयोग कीजिए और अर्थ भी लिखिए।
उत्तर
बड़ा-आकार में या उम्र में बड़ा, पद में बड़ा। खाने की वस्तु का नाम।
वाक्य प्रयोग-

  1. उसका घर बड़ा है।
  2. रामू मोहन का बड़ा भाई है।
  3. मोहन आजकल बड़ा अधिकारी है।
  4. आज मैंने दही के साथ बड़े का स्वाद चखा।

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प्रश्न 7.
इन मुहावरों के अर्थ लिखिए और वाक्य में – प्रयोग कीजिए
टस से मस न होना, पहाड़ टूट पड़ना।
उत्तर

  1. टस से मस न होना-न-हटना या प्रभावित न होना या न हिलना। वाक्य प्रयोग-धरने पर बैठे लोग समझाते, पर भी टस से मस नहीं हुए।
  2. पहाड़ टूट पड़ना-बड़ी विपत्ति आ जाना।
    वाक्य प्रयोग-मोहन को अधिकारी के द्वारा चपत लगा दी तो उस पर कौन-सा-पहाड़ टूट पड़ा।

प्रश्न 8.
‘खाना’ सहायक क्रिया का विभिन्न अर्थों में प्रयोग करते हुए चार वाक्य लिखिए।
उत्तर

  1. वह खाना खा रहा है। (भोजन-संज्ञा)
  2. वह कुछ खा रहा है। (क्रिया)
  3. वह चार खाने की कमीज पहने है। (रंग कला)
  4. वह चारों खाने चित्त गिर पड़ा। (स्थिति)

प्रश्न 9.
निम्नलिखित प्रेरणावर्धक क्रियाओं को अलग-अलग वाक्यों में प्रयोग कीजिए
बनवाया, करवाना, सुनवाया,धुलवाना। उत्तर-विद्यार्थी स्वयं करें।

नन्हा सत्याग्रही परीक्षोपयोगी गद्यांशों की व्याख्या 

(1) “सुनिए, वह लड़का अभी तक फाटक पर उटा है, कह दो कि गुस्सा आ गया था। क्यों जगत् में डंका पिटवाते हो कि बित्तेभर को छोकरा थानेदार के दर्जे के सरकारी अफसर के दरवाजे पर सत्याग्रह किए बैठा है। कहीं अखबार वालों को भनक पड़ गई तो तिल का ताड़ बनेगा। फिर आज गाँधी जयन्ती भी है।”

शब्दार्थ-डटा है = अडिग खड़ा है (जमकर खड़ा होना); गुस्सा = क्रोध; जगत् = दुनिया में;
डंका पिटवाना = बात को फैलाना; बित्तेभर = बालिस्त के बराबर आकार का; छोकरा = लड़का; दर्जे का = बराबरी का; अफसर = अधिकारी; भनक पड़ना = सुन लेना; तिल का ताड़ बनेगा = छोटी बात बढ़ जायेगी।

सन्दर्भ-प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक भाषा-भारती’ के पाठ ‘नन्हा सत्याग्रही’ से अवतरित है। इसके लेखक आलमशाह खान हैं।

प्रसंग-थानेदार के दर्जे के सरकारी अफसर शेरसिंह की पत्नी, उन्हें समझाते हुए कहती है कि इस छोटे से बच्चे को यह कह दो कि तुम्हें गुस्सा आ गया था।

व्याख्या-शेरसिंह की पत्नी अपने सरकारी अफसर पति को पुकारती हुई कहती है कि जरा आप सुनो तो। वह छोटा-सा बालक अभी भी फाटक पर जमकर खड़ा है। उससे आप केवल इतना भर कह दीजिए कि आपको क्रोध आ गया था, इसलिए तुमने धीरे से चपत लगा दिया था। कहीं ऐसा न हो कि यह बात
सभी जगह फैल जाए। देखिए न। यह लड़का बालिस्त भर का है, छोटे आकार का है, कम उम्र का है, फिर भी थानेदार के दर्जे के सरकारी अधिकारी के फाटक पर सत्याग्रह किये लोग है। वह वहाँ से टलने का नाम भी नहीं लेता है। अगर अखबार वालों को इसकी सूचना मिल गई तो यह छोटी-सी बात बहुत बढ़ जाएगी जिस पर आज गाँधी जयन्ती का दिन है।

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MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 3 त्रिकोणमितीय फलन Ex 3.1

MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 3 त्रिकोणमितीय फलन Ex 3.1

प्रश्न 1.
निम्नलिखित डिग्री माप के संगत रेडियन माप ज्ञात कीजिए:
(i) 25°
(ii) – 47° 30′
(iii) 240°
(iv) 520°
हल:
(i) 180° = π रेडियन
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 3 त्रिकोणमितीय फलन Ex 3.1 img-1
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 3 त्रिकोणमितीय फलन Ex 3.1 img-2

प्रश्न 2.
निम्नलिखित रेडियन माप के संगत डिग्री माप ज्ञात कीजिए (π = \(\frac{22}{7}\)) का प्रयोग करें :
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 3 त्रिकोणमितीय फलन Ex 3.1 img-3
हल:
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 3 त्रिकोणमितीय फलन Ex 3.1 img-4
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 3 त्रिकोणमितीय फलन Ex 3.1 img-5
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 3 त्रिकोणमितीय फलन Ex 3.1 img-6

प्रश्न 3.
एक पहिया एक मिनट में 360° परिक्रमण करता है तो एक सेकंड में कितने रेडियन माप का कोण बनाएगा?
हल:
1 परिक्रमण में पहिया द्वारा बना कोण = 21 रेडियन
∴ 360 परिक्रमण में पहिया द्वारा बना कोण = 360 × 2π रेडियन
∵ 1 मिनट अर्थात् 60 सेकण्ड में 360 × 2π रेडियन का कोण बनता है।
∴ 1 सेकण्ड में पहिया द्वारा बना कोण = \(\frac{360 \times 2 \pi}{60}\)
= 12π रेडियन।

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प्रश्न 4.
एक वृत्त जिसकी त्रिज्या 100 सेमी है, 22 सेमी लंबाई की चाप वृत्त के केन्द्र पर कितने डिग्री माप का कोण बनाएगी? (π = \(\frac{22}{7}\) का प्रयोग कीजिए)
हल:
∵ चाप = त्रिज्या × कोण
जहाँ चाप, l = 22 सेमी
त्रिज्या r = 100 सेमी
22 = 100 × θ
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 3 त्रिकोणमितीय फलन Ex 3.1 img-7

प्रश्न 5.
एक वृत्त जिसका व्यास 40 सेमी. है, की एक जीवा 20 सेमी. लंबाई की है तो इसके संगत छोटे चाप की लंबाई ज्ञात कीजिए।
हल:
व्यास = 40 सेमी
त्रिज्या = 20 सेमी
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 3 त्रिकोणमितीय फलन Ex 3.1 img-8
त्रिभुज OAB एक समबाहु त्रिभुज है
∠AOB = 60°
= \(\frac{60 \times \pi}{180}\) रेडियन
= \(\frac{\pi}{3}\) रेडियन
मान लीजिए चाप AB = l
केन्द्र O पर चाप द्वारा बना कोण, θ = \(\frac{\pi}{3}\)
चाप AB की लम्बाई,
l = rθ = 20 × \(\frac{\pi}{3}\) रेडियन
= \(\frac{20 \pi}{3}\) रेडियन।

प्रश्न 6.
यदि दो वृत्तों के समान लंबाई वाले चाप अपने केन्द्रों पर क्रमशः 60° तथा 75° के कोण बनाते हों, तो उनकी त्रिज्याओं का अनुपात ज्ञात कीजिए।
हल:
माना चाप की लंबाई = l
चाप द्वारा केन्द्र पर बना कोण θ1 = 60°
= \(\frac{\pi}{3}\) रेडियन
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 3 त्रिकोणमितीय फलन Ex 3.1 img-9
मान लीजिए इसकी त्रिज्या = r1
l = r1θ1
= r1 \(\frac{\pi}{3}\)
∴ r1 = \(\frac{3 l}{\pi}\) …(i)
दूसरे वृत्त के लिए,
माना त्रिज्या = r2
चाप की लंबाई = l
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 3 त्रिकोणमितीय फलन Ex 3.1 img-10
चाप द्वारा केन्द्र पर बना कोण, θ2 = 75°
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 3 त्रिकोणमितीय फलन Ex 3.1 img-11
समीकरण (i) को समीकरण (ii) से विभाजित करने पर
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प्रश्न 7.
75 सेमी लम्बाई वाले एक दोलायमान दोलक का एक सिरे से दूसरे सिरे तक दोलन करने से जो कोण बनता है, उसका माप रेडियन में ज्ञात कीजिए, जबकि उसके नोक द्वारा बनाए गए चाप की लम्बाई निम्नलिखित हैं :
(i) 10 सेमी
(ii) 15 सेमी
(iii) 21 सेम
हल:
त्रिज्या = 75 सेमी
(i) चाप की लम्बाई l1 = 10 सेमी
यदि चाप द्वारा केन्द्र पर बना कोण θ रेडियन हो, तो
l1 – rθ1
10 = 75θ2
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 3 त्रिकोणमितीय फलन Ex 3.1 img-13

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MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 19 बहादुर बेटा

MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 19 बहादुर बेटा

बहादुर बेटा बोध प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ शब्दकोश से खोजकर लिखिए
उत्तर
हाहाकार = रोने, चिल्लाने की मिश्रित आवाजें; वालंटियर = अपनी ही इच्छा से सेवा के कार्य के लिए समर्पित फर्स्टएड = प्राथमिक चिकित्सा सहायता; ध्यानस्थ = ध्यान करना; रेडक्रॉस- पीड़ित मानवता की सेवा के लिए अन्तर्राष्ट्रीय संगठन; वैज = पहचान-पत्र (जो कमीज या कुर्ते की जेब में लगा रहता है)।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षेप में उत्तर लिखिए
(क) संदीप और कुलदीप को घर आने में देर क्यों हो गई?
उत्तर
संदीप और कुलदीप को घर आने में देर इसलिए हो गई क्योंकि वे दोनों बाढ़ में फंसे लोगों की सहायता में जुटे हुए थे।

(ख) नदियों में बाढ़ आ जाने से क्या-क्या हानि होती
उत्तर
नदियों में बाढ़ आ जाने से गाँव के गाँव बह जाते। हैं। सैकड़ों आदमी मर जाते हैं। जानवरों की तो गिनती ही नहीं। फसल भी बह जाती है। कई प्रकार के रोग फैल जाते हैं।

(ग) रेडक्रॉस के सदस्य क्या कार्य करते हैं?
उत्तरे
रेडक्रॉस के सदस्य बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाते हैं। बाढ़ से पीड़ित लोगों के लिए भोजन, कपड़े एवं दवाइयों का प्रबन्ध करते हैं। उन लोगों की सही देखरेख करने में सहायता करते हैं।

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(घ) संदीप पानी में कैसे बह गया?
उत्तर
संदीप बाढ़ में फंसे लोगों को नाव से सुरक्षित स्थान पर ले जा रहा था। इस बचाव कार्य में व्यस्त संदीप की नाव एकदम उलट गई। तभी पानी का बहाव भी तेज हो गया। इस तरह संदीप पानी में बह गया।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से लिखिए
(क) संदीप और कुलदीप को परोपकार की सीख कैसे मिली?
उत्तर
संदीप और कुलदीप को सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं के आदेश से बाढ़ की आपदा में फंसे लोगों की सेवा के लिए अन्न, वस्त्र, दवाएँ आदि पहुँचाने का काम करने को मिला। साथ ही मधुर नामक उनकी बहन ने बताया कि उसके पिता और चाचा ने भी आजादी की जंग में भाग लिया। देश के हजारों लोगों ने अपने प्राण बलिदान कर दिए। इस तरह उन्हें भी देश की सेवा करने, मानवता की रक्षा करने की सीख प्राप्त हुई।

(ख) संदीप द्वारा किए गए बचाव कार्य को युवती ने किस तरह बताया ? लिखिए।
उत्तर
रेडक्रॉस की सदस्या एक युवती ने बताया कि वे सभी बाढ़ पीड़ितों की सहायता करने के लिए गए हुए थे। संदीप ने वहाँ सबसे बढ़-चढ़कर काम किया। उसने अपने प्राणों की चिन्ता किए बिना ही सैकड़ों लोगों के प्राणों की रक्षा की। संदीप बहुत साहसी है। उसके साहस को देखकर सभी लोग अचम्भे में पड़ गए। बिना आराम किए ही लगातार उसने लोगों को बाढ़ के – पानी से सुरक्षित बचाया। वे सभी को नाव में बैठाने के बाद स्वयं :नाव में चढ़ते थे, परन्तु अचानक ही उनकी नाव उलट गई। संदीप – को तैरना आता था। वह बराबर उन लोगों की सहायता करते रहे। पानी में बह जाने के बाद उन्हें लोगों ने बचा लिया। कठिन परिश्रम के कारण वह बेहोश हो गया। उन्हें प्राथमिक चिकित्सा सहायता दे दी गई और वह अब ठीक हो जाएगा।

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(ग) बाढ़ पीड़ितों की क्या-क्या आवश्यकताएँ होती हैं? उन्हें किस तरह सहयोग दिया जाता है ?
उत्तर
बाढ़ पीड़ितों की सबसे पहली आवश्यकता होती है, उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुँचाने की। उनसे सम्बन्धित सामान को उनके पास पहुँचाने की। उस समय उन्हें भोजन, पानी व कपड़े आदि प्राप्ति कराने की भी जरूरत होती है। इसके अलावा उन्हें दवाइयों की भी जरूरत होती है क्योंकि बाढ़ आ जाने से पानी से फैलने वाले अनेक रोग हो जाते हैं। उन रोगों के इलाज की तुरन्त आवश्यकता होती है। इन बाढ़ पीड़ितों को रेडक्रॉस और वॉलन्टीयर्स सहायता पहुंचाते हैं। कुछ स्थानीय संस्थाएँ व देश की सेना और स्वयंसेवी संस्थाएँ भी इस कार्य में सबसे अधिक कार्य करती हैं। बाढ़ पीड़ितों के लिए अन्न, वस्त्र, औषधि आदि एकत्र करके उन्हें बाँट दिया जाता है।

(घ) इस एकांकी का सार अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर
इस एकांकी में बताया गया है कि हमें संकट काल । में सहयोग करने के लिए तैयार रहना चाहिए। कुलदीप और संदीप दो भाई हैं। उनकी बहन मधुर और माँ भी उनके साथ रहती हैं। कुलदीप को विद्यालय में सूचना मिलती है कि बाढ़ से जन-धन की हानि हुई है। वह अपने साथियों के साथ उन बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए धन संग्रह करने चला जाता है। उधर संदीप नदी की बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने के लिए चला जाता है। वह अपनी जान की परवाह किए बिना ही लोगों को सुरक्षित स्थानों को पहुंचाता है। इस काम में वह स्वयं भी डूबते-डूबते बच जाता है। इस एकांकी में परोपकार की भावना को रेखांकित किया गया है। मानव जाति की सेवा के लिए संस्थापित संस्था रेडक्रॉस का परिचय भी दिया गया है।

(ङ) बहादुर बेटा किसे कहा गया है और क्यों ?
उत्तर
संदीप को बहादुर बेटा कहा गया है। उसने अपने प्राण हथेली पर रखकर बाढ़ में फंसे लोगों को बचाया।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित कथनों में कौन, किससे कह रहा

(1) “हाँ, माँ वह जरूर चले गए होंगे। वह दिन-रात इसी तरह की बातें किया करते हैं। मैं कुछ करना चाहता हूँ, मेरे
पिता और मेरे चाचा ने आजादी की लड़ाई लड़ी थी। मेरे देश में हजारों लोगों ने अपने प्राण दिए थे। अपना सब कुछ गंवा दिया था। अब मुझे भी तो कुछ करना चाहिए। मुझे भी अपने देश की सेवा करनी चाहिए।”
(2) “खाना, कपड़ा, मकान सभी चीजों की जरूरत होगी। मास्टर जी कहते थे कि सरकार प्रबन्ध कर रही है। कैम्प लगाए हैं, माँ, मैं जाता हूँ। स्कूल में वालंटियर की जरूरत है। मैं कैम्प में जाकर तो काम कर ही सकता हूँ।”
(3) “आप लोग दुनिया की इतनी सेवा करते हैं। कभी-कभी तो हमें भी सेवा का अवसर दिया कीजिए।”
उत्तर

  1. मधुर का कथन अपनी माँ के प्रति।
  2. कुलदीप का कथन अपनी बहन मधुर और माँ के प्रति।
  3. माँ का कथन रेडक्रॉस की सदस्या युवती के प्रति।

बहादुर बेटा भाषा-अध्ययन

प्रश्न 1.
इस पाठ के योजक चिह्न वाले शब्द छाँटकर लिखिए।
उत्तर

  1. घर-घर
  2. बचाते-बचाते
  3. धीरे-धीरे।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों में से अनुस्वार और अनुनासिक वाले शब्द अलग-अलग लिखिए
गंगा, माँ, पाँच, वंचित, हूँ, मांगने, पांडव, शांत, बाँध, संहारक, संसार, जाऊंगा।
उत्तर
अनुस्वार वाले शब्द-गंगा, वंचित, पांडव, शांत, संहारक, संसार। अनुनासिक वाले शब्द-माँ, पाँच, हूँ, माँगने, बाँध, जाऊँगा।

प्रश्न 3.
हृदय, आँख तथा कान शब्द से मुहावरे बनाइए तथा उनके अर्थ लिखिए।
(क) हृदय-लगाना, टूक-टूक होना, भर आना।
(ख) आँख-तारा, गिरना, अंधा, धूल झोंकना, खुलना।
(ग) कान-खाना, कच्चा होना, पकड़ना, भरना।
उत्तर
MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 19 बहादुर बेटा 1
MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 19 बहादुर बेटा 2

प्रश्न 4.
नीचे बनी वर्ग पहेली (पाठ्यपुस्तक) में से निम्नलिखित शब्दों के तीन-तीन पर्यायवाची शब्द पहचानकर लिखिए
(1) जाह्नवी
(2) जननी
(3) रात्रि
(4) सूर्य।
उत्तर

  1. जाह्नवी-गंगा, भागीरथी, सुरसरि
  2. जननी-माता, माँ, अम्बा
  3. रात्रि-रजनी, यामिनी, निशा।
  4. सूर्य-भानु, सविता, रवि।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों के तत्सम रूप लिखिएलाज, तज, धौर. सूरज, भीख, माता।
उत्तर

  1. लज्जा
  2. त्याग
  3. धैर्य
  4. सूर्य
  5. भिक्षा
  6. मातृ।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्दों में से उपसर्ग और प्रत्यय पहचानकर अलग कीजिए
गाड़ीवान, ‘अपरिचित, प्रकाशित, प्रशंसनीय, रथवान, संहारक, बेकरार, मातृहीन, दयालु, सुशोभित।
उत्तर
MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 19 बहादुर बेटा 3

प्रश्न 7.
नीचे कुछ वाक्य लिखे हैं, उनमें यथास्थान विराम चिह्न लगाइए’
(क) काश मैं उसे समझ पाता तो मैं उसके पास इस काम के लिए कभी नहीं जाता।
(ख) रेखा पूनम सुनीता और राधा बगीचे में घूम रही हैं।
(ग) जीवन में सुख दुःख लाभ हानि तो लगे ही रहते हैं। हमें इनकी कभी चिन्ता नहीं करनी चाहिए।
(घ) गीता में कहा है कर्म करो परन्तु फल की इच्छा मत करो।
उत्तर
(क) काश ! मैं उसे समझ पाता तो, मैं उसके पास इस काम के लिए कभी नहीं जाता।
(ख) रेखा, पूनम, सुनीता और राधा बगीचे में घूम रही हैं।
(ग) जीवन में सुख-दु:ख, लाभ-हानि तो लगे ही रहते हैं। हमें इनकी कभी चिन्ता नहीं करनी चाहिए।
(घ) गीता में कहा है, “कर्म करो, परन्तु फल की इच्छा मत करो

बहादुर बेटा परीक्षोपयोगी गद्यांशों की व्याख्या

(1) हाँ, माँ, वह जरूर चले गए होंगे। वह दिन-रात इसी तरह की बातें किया करते हैं-मैं कुछ करना चाहता हूँ, मेरे पिता और मेरे चाचा ने आजादी की लड़ाई लड़ी थी। मेरे देश के हजारों लोगों ने अपने प्राण दिए थे। अपना सब  कछ लुटा दिया था। अब मुझे भी तो कुछ करना चाहिए। . मुझे भी अपने देश की सेवा करनी चाहिए।

शब्दार्थ-जरूर = अवश्य; आजादी = स्वतन्त्रता; लुटा देना = त्याग दिया।

सन्दर्भ-प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘भाषा-भारती’ के पाठ ‘बहादुर बेटा’ नामक पाठ से लिया है। इसके लेखक विष्णु प्रभाकर हैं।

प्रसंग-इस एकांकी में ‘मधुर’ नामक बहन अपने भाई सन्दीप के विषय में अपनी माँ से बातें करती है।

व्याख्या-मधुर ने अपनी माँ की बात का उत्तर देते हुए कहा कि हे माँ ! सन्दीप अवश्य ही बाढ़ पीड़ितों की सेवा के लिए चले गये होंगे। संदीप भैया दिन-रात (हर समय) इसी तरह की बातें करते रहते हैं। वे अक्सर कहते रहते हैं कि वे कुछ महत्त्वपूर्ण कार्य करना चाहते हैं। उन्हें हमेशा अपने पिता और चाचा के बलिदान याद रहते हैं। वे कहते हैं कि उन्होंने देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी। मेरे देश के हजारों लोगों ने अपने देश की स्वतन्त्रता के लिए अपने प्राणों का बलिदान कर दिया। वे आजादी की लड़ाई में अपना सब कुछ त्याग चुके थे। उनके महान् त्याग से मुझे भी कुछ सीखना चाहिए और देश के लिए अति महत्त्वपूर्ण सेवा-कार्य करना ही चाहिए। देश की सेवा करना ही अब मेरा उद्देश्य है।

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(2) मैं रेडक्रॉस की सदस्या हूँ। बाहर मेरे बहुत से साथी हैं। हम सब लोग बाढ़ पीड़ितों की सहायता करने के लिए गए हुए थे। आपके पुत्र संदीप जी ने वहाँ बहुत काम किया। अपने प्राणों की चिन्ता किए बिना उन्होंने सैकड़ों लोगों को बचाया। उनका साहस देखकर हम लोग दंग रह गए। हमारे मना करने पर भी उन्होंने जरा आराम नहीं किया।

शब्दार्थ-रेडक्रॉस = रेडक्रॉस एक अन्तर्राष्ट्रीय संस्था है जो बिना किसी भेदभाव से विश्व के देशों के पीड़ित नागरिकों की युद्धकाल में, आपदा के समय में
सेवा-सहायता करती है; पीड़ित = कष्ट पाए हुए लोगों की सहायता मदद; चिन्ता = परवाह; साहस = हिम्मत; दंग रह गये = अचम्भे में पड़ गए; जरा-थोड़ा-सा।

सन्दर्भ-पूर्व की भाँति।

प्रसंग-एक युवती रेडक्रॉस की सदस्या है। वह संदीप के “द्वारा किए गए कार्य की जानकारी उसकी माता और बहन मधुर को देती है।

व्याख्या-एक युवती अपना परिचय रेडक्रॉस की सदस्या के रूप में देती है। उसके बहुत से साथी भी वहाँ आए हुए हैं जो बाहर खड़े हैं। वे सब बाढ़ से पीड़ित लोगों की सहायता करने के उद्देश्य से गए हुए थे। वह युवती संदीप के विषय में बताती है कि उन्होंने बहुत बड़ा काम किया है। उन्होंने अपने प्राणों की तनिक भी चिन्ता नहीं की। अपनी हिम्मत से उन्होंने सैकड़ों लोगों के प्राणों को बचाया। सभी लोग उनकी हिम्मत को देखकर अचम्भा कर रहे थे। उनकी टीम के सदस्यों ने कई बार इन्कार भी किया परन्तु वे बराबर अपने काम में जुटे रहे। उन्होंने थोड़ा भी आराम नहीं किया।

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MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 18 युद्ध-गीता

MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 18 युद्ध-गीता

युद्ध-गीता बोध प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ शब्दकोश से खोजकर लिखिए
उत्तर
निशाचर = राक्षस, रात्रि में विचरण करने वाले पताका = ध्वजा, झण्डी; जलद = बादल; समर = युद्ध; रेनु = धूल; घोर भयानक, डरावना; अकुलाइ व्याकुल होकर; मारु = एक विशेष राग जिसे युद्ध के मैदान में योद्धाओं में उत्साह पैदा करने के लिए बजाया जाता है; दशानन रावण; हौं- मैं. कराल = कठोर; बंद-समूह; बरन-वर्ण, रंग; जूथ-समूह; मरुत = हवा; सूर शूरवीर; सुमति = श्रेष्ठ बुद्धि; वसुधा= धरती, पृथ्वी; रव= शोर; गाजहि गरजते हैं; केहरिनाद = सिंहनाद: सुभट्टा = उत्तम वीर; भूप = राजा; मर्कट बन्दर; नाना-बान = अनेक तरह के बाण; संक- शंका या सन्देह; जान = सुन-समझकर; अधीरा- बेचैन; स्यंदन = रथ; दृढ़ = मजबूत, पक्का; घोरे = अश्व, घोड़े; कृपाना = तलवार; त्रोन = तरकस; रिपु = शत्रु; पदकंज = कमल के समान पैर; आयुध = हथियार; जोरी = जोड़ी; विरथ = बिना रथ के पदत्राना = जूते; धीरज = धैर्य चाका पहियाविरति = वैराग्य कोदण्डा- धनुष: अभेद = अभेद्य, जिसे काटा या छेदा न जा सके ताके = उसके मिस = बहाने; कटकु-सेना; गज = हाथी;प्रेरे-प्रेरित किये हुए; बहुबहुत से पयोधि-समुद्र पनवभेरी;प्रलय-विनाश;नफीरि= तुरही; पौरुष = पुरुषार्थ; मर्दहु = मसल दो; कपिन्ह = वानरों को; सपच्छ = पंखंयुक्त; चतुरंगिनी अनी = चार प्रकार की सेना; मत्त = मतवाले; गरजे = चिंघाड़ने लगे; विरदैत = युद्ध कला में चतुर; निकाया = समूह; कंधर – कंधा; निसान = नगाड़ा; घन = बादल; सहनाई-शहनाई; उच्चरहि बोल रहे थे, ऊँची आवाज में कह रहे थे; ठट्ठा = समूह; दुहाई = पुकार; भूधर = पर्वत; महादुम = बड़े-बड़े पेड़; निज-निज = अपने-अपने; वरनानि = वर्ण, रंगभेद की भलाई; सनेह = प्रेमपूर्वक; सौरज = शौर्य; परहित = दूसरे से, चर्म = ढाल; शक्ति = ताकत, बल; कवच =शरीर की रक्षा करने वाला आवरण; संसार रिपु-संसार रूपी शत्रु; पुंज = समूह; मृगराज = सिंह; भिरे = भिड़ गये, लड़ने लगे; वंदि- वन्दना करके आना अन्य प्रकार का, दूसरी तरह का; दम = इन्द्रियों का वश में होना; रज्जु = रस्सी; परसु = फरसा; सिलीमुख = बाणजाके जिसके; कहँ-कहाँ अमल = निर्मल, पवित्र।

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर लिखिए
(क) राक्षस सेना के चलने पर धरती पर क्या प्रभाव पड़ा है ?
उत्तर
राक्षस सेना के चलने पर धरती व्याकुल हो उठी।

(ख) कवि ने दौड़ते वानर-भालुओं की तुलना किससे की है?
उत्तर
कवि ने दौड़ते वानर-भालुओं की तुलना पंख धारण करके उड़ने वाले पर्वत समूह से की है। .

(ग) श्रीराम के पराक्रम का मुख्य आधार क्या है ?
उत्तर
श्रीराम के पराक्रम का मुख्य आधार धर्म केतत्व (शौर्य, धैर्य, सत्य-शील, साहस, यम-नियम, दम, दया, परोपकार आदि) हैं।

(घ) धर्मरथ के दो पहिए कौन-कौन से हैं ?
उत्तर
धर्मरथ के दो पहिए-शौर्य और धैर्य हैं।

प्रश्न 3.
शिक्षक की सहायता से सही जोड़ी बनाइए
MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 18 युद्ध-गीता 1
उत्तर
(क) → (3), (ख) → (4), (ग) → (2), (घ)→(1)

प्रश्न 4.
इन प्रश्नों के उत्तर तीन से चार पंक्तियों में लिखिए
(क) युद्धभूमि में विभीषण ने अधीर होकर श्रीराम से क्या कहा ?
उत्तर
युद्ध भूमि में विभीषण ने अधीर होकर श्रीराम से कहा कि हे स्वामी आपका शत्रु रावण युद्ध की सभी सामग्री (साधन-रथ आदि) से युक्त है। आपके पास वे साधन नहीं हैं जिनकी सहायता से युद्ध लड़ा जा सके और शत्रु पर विजय प्राप्त हो सके।

(ख) श्रीराम ने विभीषण की शंका का समाधान किस प्रकार किया?
उत्तर
श्रीराम ने विभीषण की शंका का समाधान करते हुए कहा कि जिस रथ की सहायता लेकर विजय प्राप्त की जाती है, वह अन्य (दूसरे ही) प्रकार का होता है। वह धर्म रथ होता है जिसमें शौर्य-धैर्य के पहिए, सत्य-शील की मजबूत ध्वजा होती है। विवेक का बल होता है। इन्द्रिय दमन और परोपकार के घोड़े क्षमा और कृपा की रस्सी से बँधे होते हैं। इन सभी सद्गुणों के रथ पर सवार होकर बाहरी और आन्तरिक शत्रुओं को जीता जा सकता है।

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(ग) आत्मशक्ति और बाह्यशक्ति में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
आत्मशक्ति में धर्म के वे तत्व सम्मिलित हैं जिन्हें हम धर्म के आधारभूत तत्व मानते हैं। इनमें शौर्य, धैर्य, सत्य-शील, साहस, यम-नियम, दम, दया, परोपकार आदि गुण सम्मिलित होते हैं। इसे ही सद्गुणों से संयुक्त धर्म रथ कहते हैं। बाह्य शक्ति में-भौतिक साधन होते हैं जिनमें रथ, कवच व अनेक प्रकार की युद्ध सामग्री से युक्त अति बलवान सैनिक होते हैं। इस बाह्यशक्ति में सद्गुणों का अभाव होता है।

(घ) श्रीराम ने धर्मरथ में जोते चार घोड़े किसे कहा है ?
उत्तर
श्रीराम ने धर्मरथ में जोते हुए चार घोड़े-विवेक, दम, परहित तथा क्षमा को बताया है। इनके द्वारा खींचा गया रथ सर्वत्र गति पकड़े रहता है। मनुष्य अपने विवेक, दम, परहित और क्षमा के बल से किसी भी बाधा पर विजय प्राप्त कर लेता है।

(ङ) संसार रूपी शत्रु को किस रथ पर सवार होकर जीता जा सकता है?
उत्तर
संसार रूपी शत्रु को धर्मरथ पर सवार होकर जीता जा सकता है। इस धर्मरथ में शौर्य और धैर्य के पहिए लगे रहते हैं। सत्य और शील का मजबूत ध्वज होता है। क्षमा, कृपा और समता की रस्सी से बल, विवेक, दम और परोपकार के घोड़े जुते रहते हैं। इस विशेष प्रकार के रथ पर सवार व्यक्ति संसार-शत्रु को जीतकर अपने वश में कर लेता है।

युद्ध-गीता भाषा-अध्ययन

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों को वाक्यों में प्रयोग कीजिए
लोभ, समकक्ष, पराक्रम, धर्मनीति, आत्मशक्ति, दुर्जय, मर्यादा।
उत्तर

  1. लोभ पाप का मूल होता है।
  2. रवि और मोहन को परस्पर समकक्ष ही लाभ मिल सकेगा।
  3. महाराणा प्रताप ने अपने पराक्रम से ही देश की आजादी का दीपक बुझने नहीं दिया।
  4. भारतीय धर्म नीति सहिष्णुता प्रधान है।
  5. आत्मशक्ति शम और दम से बढ़ सकती है।
  6. रावण की सेना वानर-सेना के लिए दुर्जय बन चुकी थी।
  7.  मर्यादा का उल्लंघन कष्टकारी हो सकता है।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों में प्रयुक्त उपसर्ग पहचानकर लिखिए
विशेष, विरथ, अधीर, दुर्जय।
उत्तर
शब्द उपसर्ग + शब्द

  1. विशेष = वि + शेष
  2. विरथ = वि + रथ
  3. अधीर = अ + धीर.
  4. दुर्जय = दु: + जय

प्रश्न 3.
बॉक्स में कुछ शब्द और उनके विलोम शब्द लिखे हैं। इनकी सही जोड़ियाँ बनाकर लिखिए
उचित, अपेक्षा, विजय, लाभ, जीवन, सुरक्षा, पराजय, धर्म, अनुचित, मृत्यु, असुरक्षा, उपेक्षा, अधर्म, हानि।
उत्तर
सही – जोड़ियाँ

  1. उचित → अनुचित
  2. अपेक्षा → उपेक्षा
  3. विजय → पराजय
  4. लाभ → हानि
  5. जीवन → मृत्यु
  6. सुरक्षा → असुरक्षा
  7. धर्म → अधर्म।

प्रश्न 4.
पाठ के आधार पर जोड़े बनाइए
(क) रण – (1) दर्शन
(ख) युद्ध – (2) रथ
(ग) मार्ग – (3) सिर
(घ) धर्म – (4) नीति
(ङ) दस – (5) कला
उत्तर
(क) → (4), (ख) → (5), (ग) → (1), (घ)→ (2), (ङ)→ (3)

प्रश्न 5.
निम्नलिखीत शब्दों का समास विग्रह करते हुए समास का नाम लिखिए
धर्मनीति, प्रतिदिन, आत्मशक्ति, राम-रावण।
उत्तर
MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 18 युद्ध-गीता 2

प्रश्न 6.
निम्नलिखित अनुच्छेद में यथास्थान उचित विराम चिह्न लगाइए
चरित्र का अर्थ है आचरण या चाल-चलन यहाँ आचरण का अर्थ है सदगुणों का भण्डार जिस व्यक्ति के व्यवहार में सत्य, न्याय, प्रेम, मानवता, करुणा, दया, अहिंसा, त्याग आदि गुण एकत्र हो जाते हैं वह चरित्रवान कहलाता है यहाँ चरित्र की जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है किस बल पर पाण्डव कौरवों पर भारी पड़े किस बल पर वनवासी राम ने लंकापति रावण को परास्त किया
उत्तर
चरित्र का अर्थ है, आचरण या चाल-चलन । यहाँ आचरण का अर्थ है, सद्गुणों का भण्डार। जिस व्यक्ति के व्यवहार में सत्य, न्याय, प्रेम, मानवता, करुणा, दया, अहिंसा, त्याग आदि गुण एकत्र हो जाते हैं; वह चरित्रवान कहलाता है। यहाँ चरित्र की जितनी भी प्रशंसा की जाए, कम है। किस बल पर पाण्डव कौरवों पर भारी पड़े ? किस बल पर वनवासी राम ने लंकापति रावण को परास्त किया ?

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प्रश्न 7.
(अ) निम्नलिखित छन्दों के चरणों में मात्राएँ पहचानकर उनका नाम लिखिए।
उत्तर
MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 18 युद्ध-गीता 3
चौपाई छन्द है। चौपाई के प्रत्येक चरण में 16 मात्राएँ होती हैं। अन्त में जगण और तगण का प्रयोग नहीं होता है।

प्रश्न 7.
(ब) इस पाठ में से अनुप्रास अलंकार के उदाहरण छाँटकर लिखिए। .
उत्तर

  1. बिविध भाँति बाहन रथ जाना। बिपुल बरन पताक ध्वज नाना॥
  2. बरन बरन बिरदैत निकाया। समर सूर जानहिं बहु माया॥ .
  3. अति विचित्र बाहिनी बिराजी। बीर बसंत सेनु जनु साजी॥
  4. अमन अचल मन त्रोन समाना। सम जम नियम सिलीमुख नाना॥

प्रश्न 8.
निम्नलिखित शब्दों के तत्सम शब्द लिखिए
धीरज, सौरज, सील, छमा, ईस, बुधि, ताकत, जम।
उत्तर

  1. धैर्य
  2. शौर्य
  3. शील
  4. क्षमा
  5. ईश
  6. बुद्धि
  7. शक्ति
  8. यम।

प्रश्न 9.
पाठ में आए उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा अलंकार के अन्य उदाहरण छाँटकर लिखिए।
उत्तर
उपमा-अमन अचल मन त्रोन समाना। रूपक-महा अजय संसार रिपु, जीती सकइ सो बीर। उत्प्रेक्षा-प्राबिट जलद मरुत जनु प्रेरे।

युद्ध-गीता सम्पूर्ण पद्यांशों की व्याख्या

(1) चलेउ निसाचर कटकु अपारा। चतुरंगिनी अनी बहु धारा ।।
विविध भाँति बाहन रथ जाना। बिपुल पताका ध्वज नाना।

शब्दार्थ-निसाचर = राक्षस; कटकु = सेना; अपारा = संख्या में बहुत अधिक; चतुरंगिनी-चार प्रकार की-गज सेना, रथ सेना, घुड़सवार और पैदल सेना; अनी = सेना; बहु = अनेक, बहुत प्रकार के धारा = कतार; विविध भाँति = अनेक प्रकार के बाहन = सवारियाँ; बिपुल बहुत-सी; पताका = झण्डियाँ ध्वज = झण्डे; नाना = अनेक प्रकार के।

सन्दर्भ-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘भाषा-भारती’ के पाठ ‘युद्ध-गीता’ से अवतरित हैं। इनके रचियता-तुलसीदास हैं।

प्रसंग-रामचरितमानस के लंका काण्ड से उद्धृत इन पंक्तियों में राम और रावण के मध्य होने वाले युद्ध के लिए आने वाली सेनाओं का वर्णन किया गया है।

व्याख्या-राक्षसराज रावण की अपार सेना युद्धक्षेत्र की ओर चलने लगी। वह सेना चतुरंगिनी (गज, रथ, अश्व व पैदल सेना) थी और बहुत-सी कतारों में रावण की सेना चली जा रही थी। उस सेना में बहुत प्रकार के वाहन और रथ चले जा रहे थे। उन (वाहनों) पर बहुत प्रकार की पताकाएँ और ध्वज फहरा रहे थे।

(2) चले मत्त गज जूथ घनेरे। प्राबिट जल्द मरूत जनु प्रेरे॥
बरन बरन बिरंदैत निकाया। समर सूर जानहि बहु माया॥

शब्दार्थ-मत्त = मतवाले गज = हाथी; जूथ = झुण्ड, दल; घनेरे = बहुत से; प्राबिट = बरसात; जलद = बादल; मरुत = हवा; जनु = मानो; प्रेरे = प्रेरित किए जाकर; बरन बरन = वर्ण और आकार के बिरदैत = युद्धकला में चतुर (निपुण); निकाया = समूह; समर = युद्ध; सूर = योद्धा; माया = कपट।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-रावण की सेना की विपुलता और सैनिकों की युद्धवीरता का वर्णन किया गया है।

व्याख्या-रावण की सेना में मतवाले हाथियों के बहुत-से दल युद्ध क्षेत्र की ओर उसी तरह चले जा रहे थे मानो वर्षा ऋतु में हवा से प्रेरित बादलों का समूह चला आ रहा हो। विविध वर्ण के प्रसिद्ध योद्धाओं का समूह भी था। वे सभी युद्धवीर थे और अनेक प्रकार के युद्ध सम्बन्धी कपटपूर्ण चाल से परिचित थे।

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(3) अति विचित्र बाहिनी बिराजी। बीर बसंत सेतु जनु साजी।
चलत कटक दिगसिधुर दगही। छुअित पयोधि कुधर डगमगहीं॥

शब्दार्थ-विचित्र = अनोखा; बाहिनी = फौज, सेना; बिराजी = विराजमान है; साजी = सजाई है; कटक = सेना; दिगसिंधुर-दसों दिशाओं रूपी हाथी; पयोधि सागर; छुभित= क्षुब्ध होकर; कुधर = पर्वत, पहाड़।

सन्दर्भ-पूर्ववत्। प्रसंग-रावण की सेना का सुन्दर प्रस्तुतीकरण किया गया

व्याख्या-तुलसीदासजी कहते हैं कि लंकापति रावण की सेना बड़ी विचित्र है। रावण की सेना को देखकर ऐसा लगता है कि वीर बसंतराज ने अपनी सेना को सजाया हो। उनकी सेना के चलने से दसों दिशाओं रूपी हाथी डिगने लगे, सागर क्षुब्ध हो उठे तथा पर्वत डगमगाने लगे।

(4) उठी रेनु रबि गयऊ छपाई। मरुत थकित बसुधा अकुलाई॥
पनव निसान घोर रव बाजहिं। प्रलय समय के घन जनु गाजहिं॥

शब्दार्थ-रेनु धूल: रबि-सूर्य:गयऊछपाई-छिप गया; मरुत = हवा; थकित = थक गई; बसुधा – पृथ्वी; अकुलाई = व्याकुल हो गई; पनव = युद्ध भेरी का बाजा; निसान = नगाड़ा; रव = शोर; बाजहि = बजने लगे; घन = बादल; जनु = मानो; गाजहिं = गरज रहे हों।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-राक्षसराज रावण की शक्तिशाली सेना की विशालता का वर्णन किया गया है।

व्याख्या-लंका नरेश रावण की सेना युद्धक्षेत्र की ओर जब प्रयाण (प्रस्थान) कर रही थी, तब उसके चलने से जो धूल उठी, उससे सूर्य छिप गया। हवा भी थक गई, पृथ्वी भी व्याकुल होने लगी। रणभेरी और युद्ध के नगाड़े इस तरह बजने लगे मानो प्रलय के समय के बादल गरजना कर रहे हों।

(5) भेरति नफीरि बाज सहनाई। मारु राग सुभट सुखदाई॥
कहरि नाद बीर सब करहीं। निज निज बल पौरुष उच्चरहीं।

शब्दार्थ-नफीरि = तुरही; भेरति = भेरी बज रही है। सहनाई – शहनाई; बाज = बजाई जा रही है। मारु राग- युद्ध में योद्धाओं को उत्साहित करने के लिए बजाया जाने वाला मारु राग; सुभट = योद्धाओं को; सुखदाई = अच्छा लग रहा है; केहरि नाद = सिंह नाद (सिंह गर्जना);बीर = योद्धा; पौरुष = पुरुषार्थ;
उच्चरहीं = वर्णन कर रहे थे।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-रावण के योद्धाओं की शक्ति तथा रणकौशल का वर्णन किया जा रहा है।

व्याख्या-युद्धक्षेत्र के लिए प्रस्थान करती हुई रावण की विशाल सेना को प्रेरित करने के लिए तुरही और भेरी तथा शहनाई बज रही है। युद्धवीरों को अच्छा लगने वाला मारु राग बजाया जा रहा है। सभी योद्धा सिंह गर्जना कर रहे हैं। वे सभी अपने-अपने बल और पुरुषार्थ का बखान कर रहे हैं।

(6) कहड़ दसानन सुनु सुभट्टा। मर्दहु भालु कपिन्ह के ठट्टा।
हाँ मारिऊँ भूप द्वौ भाई। अस कहि सन्मुख फौज रेंगाई।
यह सुधि सकल कपिन्ह जब पाई। धाए करि रघुबीर दुहाई॥

शब्दार्थ-दसानन दश मुख वाला रावण; कहड़ = कहने लगा; सुनु = सुनो; सुभट्टा = अत्यधिक वीर, उत्तम वीर; मर्दहु – मसल दो; कपिन्ह, बन्दरों; ठट्टा = समूह; हौं = मैं; मारिऊँ = मारूंगा; भूप द्वौ भाई = राजा के पुत्र दोनों भाइयों को; अस = ऐसा; कहि-कहकर; सन्मुख = अपने ही सामने फौज-सेना; रेंगाई = आगे को बढ़ाया, सुधि = समाचार; सकल = सभी; कपिन्ह = बन्दरों ने धाए – दौड़ पड़े; दुहाई = पुकारना।

सन्दर्भ- पूर्व की तरह।

प्रसंग-रावण द्वारा अपनी विशाल सेना को आगे बढ़ने का आदेश दे दिए जाने पर, श्रीराम की वानर-सेना भी इस समाचार को सुनकर राम की दुहाई देकर युद्धक्षेत्र की ओर दौड़ पड़ी।

व्याख्या-दशमुखों वाले रावण ने कहा कि हे श्रेष्ठ वीरो ! आप सभी सुनें। आप सभी वानरों और भालुओं के समूह को मसल डालो। मैं, राजा के पुत्र दोनों भाइयों को मारूंगा। यह कहकर अपने सामने ही अपनी सेना को आगे बढ़ाया। यह समाचार सभी वानरों ने जब प्राप्त किया तो वे भी रघुवीर श्री रामचन्द्रजी की दुहाई देते हुए दौड़ पड़े।

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(7) धाए बिसाल कराल मर्कट भालु काल समान ते।
मानहुँ सपच्छ उडाहिं भूधर बूंद नाना बानते॥
नख दसन सैल महादुमायुध सबल संक न मानहीं।
जय राम राव मत्त गज मगराज सुजसु बखानहीं।

शब्दार्थ-धाए = दौड़ पड़े; बिसाल = बड़े आकार के कराल- भयंकर; मर्कट = बन्दर; ते वे; सपच्छ = पंख धारण कर; भूधर = पहाड़, पर्वत; बंद = समूह; नाना अनेक प्रकार केबान = तीर या विस्फोटक; नख = नाखून; दसन = दाँत; सैल = पर्वत; महादुमायुध = बड़े-बड़े वृक्ष रूपी हथियार; सबल = बलवान; संक-भय, सन्देह; मत्तगज मतवाला हाथी; मृगराज = सिंह; सुजसु- महान् यश का; बखानहीं = बखान करते हैं।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह। प्रसंग-पूर्व की तरह।

व्याख्या-बड़े आकार वाले भयंकर बन्दर और भालू दौड़ पड़े। वे काल के समान थे। मानो पंख धारण किए हुए पहाड़ों का समूह उड़ रहा हो। वे अनेक तरह के बाण इत्यादि (विस्फोटक) जैसे थे। वे नाखून, दाँत, पर्वत एवं बड़े-बड़े वृक्षों को युद्ध के हथियार रूप में धारण किए हुए थे, वे बलवान होने से बिल्कुल भी भयभीत नहीं होते थे। मतवाले हाथी के समान रावण के लिए मृगराज (सिंह) बने हुए श्रीराम की वे (वानर इत्यादि) जय-जयकार कर रहे थे तथा उनके अच्छे यश का (कीर्ति का) वर्णन कर रहे थे।

(8) दुहु दिसि जय-जयकार करि निज निज जोरी जानि।
भिरे बीत इत रामहि उत रावनहि बखानि॥

शब्दार्थ-दुहु दिसि = दोनों ओर; जोरी = जोड़ी; जानि = समझकर; भिरे-भिड़ बैठे; बीत = युद्ध समाप्त हो जाने के बाद: इत = इधर; उत = उधर; रावनहि = रावण (के गुणों का); बखानि = वर्णन कर रहे थे।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-पूर्व की तरह।

व्याख्या-दोनों ओर से ही (राम की ओर से तथा रावण की ओर से) जय-जयकार करके अपनी-अपनी जोड़ी का (बराबरी का) समझकर वे भिड़ गये (युद्ध करने में लग गये)। युद्ध के समाप्त हो जाने के बाद, इधर से राम की और उधर से रावण की विशेषताओं का वर्णन कर रहे थे।

(9) रावनु रथी बिरथ रघुवीरा। देखि विभीषन भयउ अधीरा ।।
अधिक प्रीति मन भा सन्देहा। बंदि वरन कह सहित सनेहा ।

शब्दार्थ-रथी = रथयुक्त; बिरथ – बिना रथ के भयउहो गया; अधीर = धैर्यहीन; प्रीति = प्रेम होने से; सन्देहा = शंका; बंदि= वन्दना करके; कह- कहने लगा; सहित सनेहा = प्रेमपूर्वक।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-युद्ध की सामग्री से रहित राम को देखकर विभीषण बहुत ही अधीर होने लगा।

व्याख्या-युद्ध के मैदान में लंका नरेश रावण रथयुक्त था जबकि श्रीरामचन्द्रजी रथ से रहित थे। विभीषण ने जब इस तरह श्रीरामजी को बिना रथ के देखा तो वह अधीर हो उठे। विभीषण श्रीराम जी से बहुत अधिक प्रेम करते थे। प्रेम की अधिकता होने के कारण विभीषण के मन में सन्देह हो उठा। (सन्देह इस बात का कि श्रीरामचन्द्रजी युद्ध में रावण पर विजय प्राप्त नहीं कर सकेंगे।) वह विभीषण उनके (श्रीरामचन्द्रजी के) चरणों की वन्दना करके प्रेमपूर्वक कहने लगा।

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(10) नाथ न रथ नहिं तन पद जाना।
केहि बिधि जितब बीर बलवाना ।।
सुनहु सखा कह कृपा निधाना।
जेहिं जय होइ सो स्यंदन आना ॥

शब्दार्थ-तन = शरीर; पद = पैर;त्राना = रक्षक, बचाव करने वाला कवच इत्यादि केहि बिधि-किस प्रकार से;जितबजीत प्राप्त कर सकोगे; बीर बलवाना = (रावण) अत्यन्त वीर है और शक्तिशाली है; आना = अन्य या दूसरा; स्यंदन = रथ।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-रावण के शक्तिशाली होने पर विभीषण इस चिन्ता से युक्त हैं कि श्रीरामचन्द्रजी युद्ध के साधनों से रहित होकर किस तरह युद्ध में जीत प्राप्त करेंगे।

व्याख्या-विभीषण श्रीरामचन्द्रजी से कहते हैं कि हे मेरे स्वामी! आपके पास युद्ध करने के लिए रथ नहीं है, शरीर और पैरों की सुरक्षा के लिए कवच इत्यादि भी नहीं है। उस वीर और बलवान रावण को आप किस तरह जीत सकोगे। कृपानिधान श्रीरामचन्द्र जी ने कहा कि हे मेरे मित्र (विभीषण) सुनो। जिस रथ से विजय प्राप्त होती है, वह रथ तो दूसरा ही होता है।

(11) सौरज धीरज तेहि रथ चाका।
सत्य सील दृढ़ ध्वजा पताका॥
बल बिबेक दम परहित घोरे।
छमा कृपा समता रजु जोरे ॥

शब्दार्थ-सौरज = शौर्य; धीरज = धैर्य; तेहि = जिसमें; चाका = पहिये; दृढ़ = मजबूत; ध्वजा = झण्डा; पताका = झण्डियाँ; घोरे = घोड़े; रजु रस्सी; जोरे = जोते हुए हैं।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-विजय प्राप्त करने के रथ की विशेषताओं का उल्लेख श्रीरामचन्द्र जी कर रहे हैं।

व्याख्या-जिस रथ में शौर्य और धैर्य रूपी पहिए लगे हुए हैं,सत्य और शील की मजबूत ध्वजा और पताकाओं से जिस रथ को सजाया गया है, बल, विवेक, दम तथा दूसरों की भलाई करने की भावना के घोड़ों को, क्षमा, कृपा और समानता की रस्सी से जोता गया है। उस रथ से विजय प्राप्त होती है।

(12) ईस भजन सारथी सजाना। बिरति चर्म संतोष कृपाना॥
दान परसु बुधि सक्ति प्रचंडा। बर विग्यान कठिन कोदंडा॥

शब्दार्थ-ईस-ईश्वर भजनु भजन करना;सारथी-रथ हाँकने वाला; बिरति = विरक्ति, वैराग्य; चर्म = ढाल कृपाना। कृपाण, तलवार; परसु = फरसा; प्रचंडा = तीव्र बर = श्रेष्ठ, विग्यान = विज्ञान ही; कठिन = कठोर; कोदंडा = धनुष।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-बाहरी और भीतरी शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के उपाय बताए गए हैं।

व्याख्या-श्रीरामचन्द्रजी विभीषण को उपदेश देते हैं कि ईश्वर का भजन, श्रेष्ठ ज्ञान से युक्त सारथी, वैराग्य की बाल, सन्तोष की तलवार, दान का फरसा, तेज बुद्धि से युक्त शक्ति, श्रेष्ठ विज्ञान रूपी कठोर धनुष विजय प्राप्त करने के साधन हैं।

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(13) अमल अचल मन त्रोन समाना।
सम जम नियम सिलीमुख नाना॥
कवच अभेद बिन गुर पूजा।
एहि सम बिजय उपाय न दूजा॥
सखा धर्मरथ अस रथ जाकें।
जीतन कहँ न कतहुँ रिपु ताकें।

शब्दार्थ-अमल = निर्मल, पापरहित; अचल = स्थिर; त्रोन = तरकस; जम = यम; सम = शम; सिलीमुख = बाण; नाना = अनेक; अभेद = न टूट सकने वाला; बिप्र = ब्राह्मण; एहि सम = इसके समान; दूजा = दूसरा, अन्य; सखा = मित्र; अस = ऐसा, इस प्रकार का; जाकें = जिसके पास; जीतन कहाँ न कहाँ विजय प्राप्त नहीं करता कतहुं रिपु ताकें = उसके कितने ही शत्रु हो सकते हैं।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह। प्रसंग-पूर्व की तरह।

व्याख्या-श्रीरामचन्द्रजी ने विभीषण को बताया कि जिसके पापरहित (निर्मल) और स्थिर मन रूपी तरकस में शम, यम, नियम के अनेक बाण हैं; ब्राह्मण और गुरु की पूजा रूपी अभेद्य कवच जिसके पास है, तो इनके समान विजय प्राप्त करने का कोई भी दूसरा उपाय नहीं है। हे मित्र ! जिसके पास धर्मरथ रूपी ऐसा रथ है, तो वह कहाँ विजय प्राप्त नहीं करता ? चाहे, उसके कितने ही शत्रु क्यों न हों ? अर्थात् उसे सभी जगह विजय प्राप्त होती है।

(14) महा अजय संसार रिपु जीती संकइ सो बीर।
जाके अस रथ होइ दृढ़, सुनहु सखा मतिधीर ॥
सुनि प्रभु बचन बिभीषण हरषि गहे पद कंज।
ऐहि मिस मोहि उपदेसेहु राम कृपा सुख पुंज ॥

शब्दार्थ-अजय = न जीते जाने योग्य, अजेय; रिपु = दुश्मन, शत्रु; जीत सकई = जीत सकता है; सो = वहीं; जाकें = जिसका; दृढ़ = मजबूत; मतिधीर = धैर्ययुक्त बुद्धि वाला; हरषि = प्रसन्न होकर; गहे = पकड़ लिए; पद कंज = कमल जैसे चरणों को; ऐहि = इसके; मिस = बहाने से; मोहि = मुझको; उपदेसेहु – उपदेश दिया; कृपा = कृपा करके; सुखपुंज = सुख समूह, सुखराशि।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-श्रीरामचन्द्रजी के उपदेश को सुनकर विभीषण स्वयं को अत्यन्त सुखी अनुभव करने लगा।

व्याख्या-श्रीरामचन्द्रजी ने विभीषण को सम्बोधित करते हुए कहा कि हे धैर्यशाली बुद्धि वाले मेरे मित्र तुम सुनो ! जिसके पास ऐसा (ऊपर की पंक्तियों में बताया गया) मजबूत धर्म रथ होता है, वही वीर इस बहुत बड़े अजेय संसार रूपी दुश्मन को जीत सकता है। – प्रभु श्रीरामचन्द्रजी के वचनों को सुनकर प्रसन्न होकर कमल के समान उनके (श्रीराम के) चरणों को पकड़ लिया। (और कहने लगा कि) हे सुखराशि राम ! आपने इसी बहाने से मुझे उपदेश देकर बड़ी कृपा की है।

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MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 2 संबंध एवं फलन विविध प्रश्नावली

MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 2 संबंध एवं फलन विविध प्रश्नावली

प्रश्न 1.
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 2 संबंध एवं फलन विविध प्रश्नावली img-1
दर्शाइए कि क्यों है एक फलन है और g फलन नहीं है।
हल:
(i) दिए गए अंतराल 0 ≤ x ≤ 3 में, f(x) = x2 जो कि पूर्णतया परिभाषित है। इस प्रकार अन्तराल 3 ≤ x ≤ 10 में f(x) = 3x भी पूर्णतया परिभाषित है। x = 3, हो, तब x2 = 9, और 3x = 9.
अत f(3) = 9
इस प्रकार f एक फलन है।
(ii) अंतराल 0 ≤ x ≤ 2 में g(x) = x2 जो कि पूर्णतया परिभाषित है।
अंतराल 2 ≤ x ≤ 10 में g(x) = 3x पूर्णतया परिभाषित है।
x = 2 पर x2 = 4 और 3x = 6
x = 2 पर g(x) के दो मान हैं।
अतः संबंध g एक फलन नहीं है।

प्रश्न 2.
यदि f(x) = x2 तो \(\frac{f(1.1)-f(1)}{1.1-1}\) ज्ञात कीजिए।
हल:
f(x) = x2
∴ f(1.1) = (1.1)2 = 1.21, और f(1) = 12 = 1
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 2 संबंध एवं फलन विविध प्रश्नावली img-2

प्रश्न 3.
फलन f(x) = \(\frac{x^{2}+2 x+1}{x^{2}-8 x+12}\) का प्रान्त ज्ञात कीजिए।
हल:
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 2 संबंध एवं फलन विविध प्रश्नावली img-3
x = 2 और x = 6 पर परिभाषित नहीं है।
अतः फलन का प्रान्त संख्याओं 6 और 2 को छोड़कर शेष वास्तविक संख्याओं का समुच्चय है।

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प्रश्न 4.
f(x) = \(\sqrt{x-1}\) द्वारा परिभाषित वास्तविक फलन का प्रांत तथा परिसर ज्ञात कीजिए।
हल:
f(x) = \(\sqrt{x-1}\)
यदि x – 1 < 0 या x < 1, फलन परिभाषित नहीं है।
फलन का प्रांत = {x : x ϵ R, x ≥ 1) = [1, ∞)
(ii) मान लीजिए y = \(\sqrt{x-1}\) या y2 = x – 1 या x = 1 + y2
अतः फलन का परिसर = {y : y ϵ R, Y ≥ 0} = [0, ∞).

प्रश्न 5.
f(x) = |x – 1| द्वारा परिभाषित वास्तविक फलन का प्रांत तथा परिसर ज्ञात कीजिए।
हल:
f(x) = |x – 1|
x के सभी वास्तविक मूल्यों के लिए फलन परिभाषित है
f का प्रांत = R
f(x) = |x – 1|, f का मान जब x ϵ R, एक धनात्मक संख्या है।
अतः f का परिसर = ऋणेत्तर वास्तविक संख्याएँ।

प्रश्न 6.
मान लीजिए कि f = \(\left\{\left(x, \frac{x^{2}}{1+x^{2}}\right) : x \in R\right\}\) R से R में एक फलन है।। f का परिसर निर्धारित कीजिए।
हल:
माना f(x) = \(\frac{x^{2}}{1+x^{2}}\) या y + yx2 = x2 या x2 – x2y = y या x2 (1 – y) = y तब x2 = \(\frac{y}{1-y}\)
⇒ y ≠ 1
x की सभी वास्तविक मूल्यों के लिए y ≥ 0
f का अंश हर से सदैव कम है, y ≤ 1
∴ f का परिसर = कोई भी धन वास्तविक संख्या इस प्रकार कि 0 ≤ x ≤ 1.

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प्रश्न 7.
मान लीजिए कि f, g : R → R क्रमशः f(x) = x + 1, g(x) = 2x – 3 द्वारा परिभाषित है। f + g, f – g और \(\frac{f}{g}\) ज्ञात कीजिए।
हल:
f(x) = x + 1, g(x) = 2x -3
(f + g) = f(x) + g(x) = x + 1 + 2x – 3 = 3x – 2.
(f – g) (x) = f(x) – g(x) = (x + 1) – (2x – 3) = x + 1 – 2x + 3 = – x + 4.
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 2 संबंध एवं फलन विविध प्रश्नावली img-4

प्रश्न 8.
मान लीजिए कि f = {(1, 1), (2, 3), (0, -1), (-1, -3)} Z से Z में, f(x) = ax + b, द्वारा परिभाषित एक फलन है, जहाँ a, b कोई पूर्णांक हैं। a, b को निर्धारित कीजिए।
हल:
दिया है : f = {(1, 1). (2, 3), (0, -1), (- 1, -3)}
और f(x) = ax + b …(A)
जब x = 1, y = 1, हो तब a + b = 1 …(i)
और जब x = 2, y = 3, 2a + b = 3 …(ii)
समीकरण (i) और (ii) से,
a = 2, b = -1
a तथा b के इन मानों को समीकरण (A) में रखने पर,
f(x) = 2x – 1
जब x = 0, f(x) = -1
और जब x = – 1, f(x) = – 3
अतः f(x) = 2x – 1
तथा a = 2, b = – 1.

प्रश्न 9.
R = {(a, b) : a, b ϵ N तथा a = b2} द्वारा परिभाषित N से N में, एक संबंध R है। क्या निम्नलिखित कथन सत्य है।
(i) {a, a} ϵ R सभी a ϵ N
(ii) (a, b) ϵ R का तात्पर्य है कि (b, a) ϵ R
(ii) (a, b) ϵ R, (b, c) ϵ R का तात्पर्य है कि (a, c) ϵ R? प्रत्येक दशा में अपने उत्तर का औचित्य भी बताइए।
हल:
(i) a = a यह सत्य है जब a = 0. 0 ∉ N,
अत: यह एक संबंध नहीं है।
(ii) a = b2, और b = a2, यह a, b ϵ N, a, b के सभी मूल्यों के लिए सत्य नहीं है। अत: यह एक संबंध नहीं है।
(iii) जब a = b2, b = c2 तब a ≠ c2
∴ यह संबंध नहीं है।

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प्रश्न 10.
मान लीजिए A = {1, 2, 3, 4}, B = {1, 5, 9, 11, 15, 16} और f= {(1, 5), (2, 9), (3, 1), (4, 5), (2, 11)}, क्या निम्नलिखित कथन सत्य है ?
(i) f, A से B में एक संबंध है।
(ii) f, A से B में एक फलन है। प्रत्येक दशा में अपने उत्तर का औचित्य बताइए।
हल:
(i) दिया है: A = {1, 2, 3, 4} तथा B = {1, 5, 9, 11, 15, 16}
∴ A × B = {(1, 1), (1, 5), (1, 9), (1, 11), (1, 15), (1, 16), (2, 1), (2, 5), (2, 9), (2, 11), (2, 15), (2, 16), (3, 1), (3, 5), (3, 9), (3, 11), (3, 15), (3,16), (4, 1), (4, 5), (4, 9), (4, 11), (4, 15), (4, 16)}
अवयव , A × B का उपसमुच्चय है।
अतः यह एक संबंध है।
(ii) f में (2, 9) और (2, 11) अवयव प्रथम घटक दोनों युग्मों में 2 है।
∴ यह फलन नहीं है।

प्रश्न 11.
मान लीजिए कि f, f= {{ab, a + b); a, b ϵ Z द्वारा परिभाषित Z × Z का एक उपसमुच्चय है। क्या f, Z से Z में एक फलन है ? अपने उत्तर का औचित्य भी स्पष्ट कीजिए।
हल:
मान लीजिए a = 0, b = 1 हो, तब
ab = 0 और a + b = 0 + 1 = 1
पुनः माना a = 0, b = 2 हो, तब
ab = 0, a + b = 2
अवयव 0 के दो प्रतिबिंब 1 और 2 हैं।
अतः f एक फलन नहीं है।

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प्रश्न 12.
मान लीजिए कि A= {9, 10, 11, 12, 13} तथा f : A → N ,f(n) = n का महत्तम अभाज्य गुणक द्वारा परिभाषित है। का परिसर ज्ञात करो।
हल:
यदि n = 9 = 3 × 3 तो 3 इन गुणनखंडों में सबसे बड़ी अभाज्य संख्या है।
n = 10 = 2 × 5 तो 5 इन गुणनखंडों में सबसे बड़ी अभाज्य संख्या है।
n = 11 = 1 × 11 तो 11 इन गुणनखंडों में सबसे बड़ी अभाज्य संख्या है।
n = 12 = 22 × 3 तो 3 इन गुणनखंडों में सबसे बड़ी अभाज्य संख्या है।
n = 13 = 1 × 13 तो 13 इन गुणनखंडों में सबसे बड़ी अभाज्य संख्या है।
अतः f का परिसर = {3, 5, 11, 13}.

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MP Board Class 12th Maths Solutions Chapter 11 प्रायिकता Ex 11.3

MP Board Class 12th Maths Solutions Chapter 11 प्रायिकता Ex 11.3

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों में से प्रत्येक में समतल के अभिलम्ब का दिक् कोसाइन और मूल बिन्दु से दूरी ज्ञात कीजिए-
(a) z = 2
(b) x + y + z = 1
(c) 2x + 3y – 2 = 5
(d) 5y + 8 = 0
हल:
माना दिये गये समतल का कार्तीय समीकरण ax + by + cz =d तथा अभिलम्ब के दिक् अनुपात a, b, c हैं।
तब मूल बिन्दु से लम्बवत् दूरी = \(\left|\frac{d}{\sqrt{a^{2}+b^{2}+c^{2}}}\right|\)
(a) समतल का समी० z = 2
∴ दिक् कोसाइन 0, 0, 1 हैं।
(b) समतल x + 1 + z = 1
दिक अनुपात 1, 1, 1 हैं।
तब दिक् कोसाइन
MP Board Class 12th Maths Solutions Chapter 11 प्रायिकता Ex 11.3 1
MP Board Class 12th Maths Solutions Chapter 11 प्रायिकता Ex 11.3 2

प्रश्न 2.
उस समतल का सदिश समी० ज्ञात कीजिए जो मूल बिन्दु से 7 मात्रक दूरी पर है और सदिश \(3 \hat{\mathbf{i}}+5 \hat{\mathbf{j}}-6 \hat{\mathbf{k}}\) पर अभिलम्ब है।
हल:
MP Board Class 12th Maths Solutions Chapter 11 प्रायिकता Ex 11.3 3

प्रश्न 3.
निम्नलिखित समतलों का कार्तीय समी० ज्ञात कीजिए–
MP Board Class 12th Maths Solutions Chapter 11 प्रायिकता Ex 11.3 4
हल:
MP Board Class 12th Maths Solutions Chapter 11 प्रायिकता Ex 11.3 5

प्रश्न 4.
निम्न स्थितियों में, मूल बिन्दु से खींचे गए लम्ब के पाद के निर्देशांक ज्ञात कीजिए–
(a) 2x + 3y + 4z – 12 = 0
(b) 3y + 4z – 6 = 0
(c) x + y + z = 1
(d) 5y + 8 = 0
हल:
(a) समतल का समीकरण
2x + 3y + 4z – 12 = 0 ……(i)
MP Board Class 12th Maths Solutions Chapter 11 प्रायिकता Ex 11.3 6
(b) समतल का समीकरण
MP Board Class 12th Maths Solutions Chapter 11 प्रायिकता Ex 11.3 7
MP Board Class 12th Maths Solutions Chapter 11 प्रायिकता Ex 11.3 8
(c) समतल का समीकरण
MP Board Class 12th Maths Solutions Chapter 11 प्रायिकता Ex 11.3 9
(d) समतल का समीकरण
MP Board Class 12th Maths Solutions Chapter 11 प्रायिकता Ex 11.3 10

प्रश्न 5.
निम्नलिखित प्रतिबंधों के अन्तर्गत समतलों का सदिश व कार्तीय समीकरण ज्ञात कीजिए जो-
(a) बिन्दु (1,0,-2) से जाता हो और \(\hat{i}+\hat{j}-\hat{k}\) समतल पर अभिलंब हो।
(b) बिन्दु (1, 4, 6) से जाता हो और \(\hat{\boldsymbol{i}}-2 \hat{\boldsymbol{j}}+\hat{\boldsymbol{k}}\) समतल पर अभिलम्ब सदिश है।
हल:
(a) बिन्दु (1, 0, – 2) का स्थिति सदिश
MP Board Class 12th Maths Solutions Chapter 11 प्रायिकता Ex 11.3 11
यही अभीष्ट कार्तीय समीकरण है।
MP Board Class 12th Maths Solutions Chapter 11 प्रायिकता Ex 11.3 12
यही अभीष्ट कार्तीय समीकरण है।

प्रश्न 6.
उन समतलों का समीकरण ज्ञात कीजिए जो निम्नलिखित तीन बिन्दुओं से गुजरता है।
(a) (1, 1, – 1), (6, 4, – 5), (- 4, – 2, 3)
(b) (1, 1, 0), (1, 2, 1), (- 2, 2, – 1)
हल:
(a) माना
(x1, y1, z1) ≡ (1, 1, – 1)
(x2, y2, z2) ≡ (6, 4, – 5)
(x3, y3, z3) ≡ ( – 4, – 2, 3)
इन तीन बिन्दुओं से जाने वाले समतल का समी०
MP Board Class 12th Maths Solutions Chapter 11 प्रायिकता Ex 11.3 13
समीकरण (1), (2), (3) में से a, b, c को लुप्त करने से, समतल का समीकरण
\(\left|\begin{array}{ccc}{x-1} & {y-1} & {z} \\ {0} & {1} & {1} \\ {3} & {-1} & {1}\end{array}\right|\) = 0
⇒ 2(x – 1) + 3 (y – 1) – 3z = 0
⇒ 2x – 2 + 3y – 3 – 3z = 0
⇒ 2x + 3y – 3z = 5

प्रश्न 7.
समतल 2x + y – x = 5 द्वारा काटे गये अन्तः खण्डों को ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया गया समतल 2x + y – z = 5 समी० को अन्तः खण्ड रूप में लिखने पर
\(\frac{x}{\frac{5}{2}}+\frac{y}{5}+\frac{2}{(-5)}\) = 1
जो कि \(\frac{x}{a}+\frac{y}{b}+\frac{z}{c}\) = 1 के रूप की हैं।
अत: अक्षों से कटे अन्तः खण्ड, \(\frac{5}{2}\), 5, – 5 हैं।

प्रश्न 8.
उस समतल का समी० ज्ञात कीजिए जिसका y- अक्ष पर
अंतः खण्ड 3 और जो तल ZOX के समांतर है।
हल:
अक्ष ZOX का समी० y = 0 है।
∴ इस समतल के समांतर समी० y = a
∵ समतल का -अक्ष पर अंत: खण्ड 3 है इसलिए समतल y- अक्ष पर (0, 3, 0) पर मिलता हैं।
∴ 3 = a
अतः समतल का समी० y = 3

प्रश्न 9.
उस समतल का समीकरण ज्ञात कीजिए जो समतलों 3x – y + 22 – 4 = 0 और x + y + z – 2 = 0 के प्रतिच्छेदन तथा बिन्दु (2, 2, 1) से होकर जाता है।
हल:
समतल तथा उसके प्रतिच्छेदन बिन्दु से जाने वाले तल का समीकरण
(3x – y + 2z – 4) + λ (x + y + z – 2) = 0 …(i)
परन्तु तल बिन्दु (2.2.1) से होकर जाता है तब
(6 – 2 + 2 – 4) + (2 + 2 + 1 – 2) = 0
2 + 3λ = 0
λ = – \(\frac{2}{3}\)
λ का यह मान समीकरण (i) में रखने पर
(3x – y + 2z – 4) – \(\frac{2}{3}\) (x + y + z – 2) = 0
(9x – 3y + 6z – 12) – (2x + 2y + 2z – 4) = 0
7x – 5y + 4z – 8 = 0

प्रश्न 10.
उस समतल का सदिश समीकरण ज्ञात कीजिए जो समतलो \(\vec{r} \cdot(2 \hat{i}+2 \hat{j}-\hat{3} \hat{k})=7\), \(\vec{r} \cdot(2 \hat{i}+5 \hat{j}+3 \hat{k})=9\) के प्रतिच्छेदन रेखा और (2, 1, 3) से होकर जाता है।
हल:
MP Board Class 12th Maths Solutions Chapter 11 प्रायिकता Ex 11.3 14
MP Board Class 12th Maths Solutions Chapter 11 प्रायिकता Ex 11.3 15

प्रश्न 11.
तलों x + y+ z = 1 और 2x + 3y + 4z = 5 के प्रतिच्छेदन रेखा से होकर जाने वाले तथा तल x – y + z = 0 पर लम्बवत् तल का समीकरण ज्ञात कीजिए।
हल:
समतल x + y + z = 1 और 2x + 3y + 4z = 5 के प्रतिच्छेदन रेखा से होकर जाने वाली समतल का समीकरण
(x + y + z – 1) + λ (2x + 3y + 4z – 5) = 0
या (1+ 2λ) x + (1+3λ) y+ (1+4λ) z – 1 – 5λ = 0
यह तल x – y + z = 0 पर लम्बवत् है
∴ (1 + 2λ) . 1 + (1 + 3λ)(- 1) + (1 + 4λ) . 1 = 0 (∵ a1 a2 + b1 b2 + c1 c2) = 0
या 1 = 2λ – 1 – 3λ + 1 + 4λ = 0
⇒ 1 + 3λ = 0
⇒ λ = – \(\frac{1}{3}\)
λ का मान समी० (i) में रखने पर,
MP Board Class 12th Maths Solutions Chapter 11 प्रायिकता Ex 11.3 16
x – z + 2 = 0

प्रश्न 12.
समतलों जिनके सदिश समीकरण \(\vec{r} \cdot(2 \hat{i}+2 \hat{j}-3 \hat{k})=5\) और \(\vec{r}(3 \hat{i}-3 \hat{j}+5 \hat{k})=3\) हैं के बीच का कोण ज्ञात करो।
हल:
माना
MP Board Class 12th Maths Solutions Chapter 11 प्रायिकता Ex 11.3 17

प्रश्न 13.
निम्नलिखित प्रश्नों में ज्ञात कीजिए कि क्या दिए गए समतलों के युग्म समान्तर हैं अथवा लम्बवत् हैं और उस स्थिति में, जब ये न तो समान्तर हैं और न ही लम्बवत्, उनके बीच का कोण ज्ञात कीजिए।
(a) 7x + 5y + 6z + 30 = 0 और 3x -y – 10z + 4 = 0
(b) 2x + y + 3z – 2 = 0 और x – 2y + 5 = 0
(c) 2x – 2y + 4x + 5 = 0 और 3x – 3y + 6z – 1 = 0
(d) 2x – y + 3z – 1 = 0 और 2x – y + 3x + 3 =0
(e) 4x + 8y + 7 – 8 = 0 और y + 2 – 4 = 0
हल:
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(b) दिए गए समतल
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प्रश्न 14.
निम्न प्रश्नों में प्रत्येक दिये गये बिन्दु से दिये गये संगत समतलों की दूरी ज्ञात कीजिए।
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हल:
MP Board Class 12th Maths Solutions Chapter 11 प्रायिकता Ex 11.3 23
MP Board Class 12th Maths Solutions Chapter 11 प्रायिकता Ex 11.3 24

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MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 2 संबंध एवं फलन Ex 2.3

MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 2 संबंध एवं फलन Ex 2.3

प्रश्न 1.
निम्नलिखित संबंधों में से कौन से फलन हैं ? कारण का उल्लेख कीजिए। यदि संबंध एक फलन है तो उसका परिसर निर्धारित कीजिए।
(i) {(2, 1), (5, 1), (8, 1), (11, 1), (14, 1), (17, 1)}
(ii) {(2, 1), (4, 2), (6, 3), (8, 4), (10, 5), (12, 6), (14, 7)}
(iii) {(1, 3), (1, 5), (2, 5)}
हल:
(i) माना R = {(2, 1), (5, 1), (8, 1), (11, 1), (14, 1), (17, 1)}
यह संबंध एक फलन है क्योंकि किसी भी दो क्रमित युग्म का पहला घटक बराबर नहीं है।
प्रान्त = {2, 6, 8, 11, 14, 17} तथा परिसर = {1}.
(ii) माना R = {(2, 1), (4, 2), (6, 3), (8, 4), (10, 5), (12, 6), (14, 7)}
यह एक फलन है क्योंकि किसी भी दो क्रमित युग्म का पहला घटक बराबर नहीं है।
अतः प्रांत = {2, 4, 6, 8, 10, 12, 14}, परिसर = {1, 2, 3, 4, 5, 6, 7}.
(iii) यह एक फलन नहीं है क्योंकि (1, 3), (1,5) में पहला घटक समान है।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित वास्तविक फलनों के प्रांत तथा परिसर ज्ञात कीजिए।
(i) f(x) = – |x|
(ii) f(x) = \(\sqrt{9-x^{2}}\)
हल:
दिया है : f(x) = – |x |, f(x) ≤ 0 सभी x ⊂ R के लिए
f का प्रान्त = R
तथा f का परिसर = {y : y ϵ R, Y ≤ 0) = (-∞, 0]
(ii) (a) f(x) = \(\sqrt{9-x^{2}}\)
f(x) परिभाषित नहीं है जब 9 – x2 < 0 या x2 > 9
⇒ x > 3 और x < -3
∴ f परिभाषित है जब – 3 ≤ x ≤ 3.
f का प्रान्त = – 3 ≤ x ≤ 3, x ϵ R
अब मान लीजिए y = \(\sqrt{9-x^{2}}\) या y2 = 9 – x2
x2 = 9 – y2, x = \(\sqrt{9-x^{2}}\)
f परिभाषित है यदि 9 ≥ y2 2 0 या y2 ≤ 9
⇒ y ≤ 3, y ≠ – ve
(b) f का परिसर = y ≤ 3 और y ≥ 0
= {y : y ≤ R और 0 ≤ y ≤ 3}.

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प्रश्न 3.
एक फलन f(x) = 2x – 5 द्वारा परिभाषित है। निम्नलिखित के मान लिखिए :
(i) f(0)
(ii) f(7)
(iii) f(-3)
हल:
f(x) = 2x – 5
(i) f(o) = 2 × 0 – 5 = -5
(ii) f(7) = 14 – 5 = 9
(iii) f(-3) = 2 × (-3) – 5 = – 6 – 5 = – 11.

प्रश्न 4.
फलन ‘t’ सेल्सियस तापमान का फारेनहाइट तापमान में प्रतिचित्रण करता है, जो t(C) = \(\frac{9 C}{5}+32\) द्वारा परिभाषित है। निम्नलिखित को ज्ञात कीजिए :
(i) t (0)
(ii) t (28)
(iii) t (-10)
(iv) C का मान, जब t(C) = 212
हल:
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 2 संबंध एवं फलन Ex 2.3 img-1
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 2 संबंध एवं फलन Ex 2.3 img-2

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प्रश्न 5.
निम्नलिखित में से प्रत्येक फलन का परिसर ज्ञात कीजिए :
(i) f(x) = 2 – 3x, x ϵ R, x > 0.
(ii) f(x) = x + 2, x एक वास्तविक संख्या है।
(iii) f(x) = x, x एक वास्तविक संख्या है।
हल:
(i) दिया है : f(x) = 2 – 3x, x ϵ R, x > 0
= y (माना)
∴ 2 – 3x = y या 2 – y = 3x या x = \(\frac{2-y}{3}\)
दिया है: x > 0 अर्थात \(\frac{2-y}{3}\) > 0 या 2 – y > 0 या y < 2
अतः f का परिसर = y < 2 या (-∞, 2)
(ii) f(x) = y = x2 + 2, x ϵ R
या x2 = y – 2
या x = \(\sqrt{y-2}\)
अर्थात y – 2 ≤ 0 या y ≥ 2
अतः f का परिसर y = {y : y ϵ R और y ≥ 2}
= [2, ∞].
(iii) f(x) = y = x या x = y
∵ x ϵ R और x = y तब y ϵ R
अतः f का परिसर = {y : y ϵ R} = R.

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MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 2 संबंध एवं फलन Ex 2.2

MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 2 संबंध एवं फलन Ex 2.2

प्रश्न 1.
मान लीजिए A= {1, 2, 3, ……. 14}, R = {(x, y): 3x – y = 0, जहाँ x, Y ϵ A) द्वारा A से A का एक संबंध R लिखिए। इसके प्रांत, सहप्रांत और परिसर लिखिए।
हल:
A = {1, 2, 3, ….., 14}, R : A जबकि
(i) R = {(x, y) : 3x – y = 0 या y = 3x}
= {(1, 3), (2, 6), (3, 9), (4, 12),….}
(ii) प्रांत : संबंध R के समुच्चयों में x के अवयव = {1, 2, 3, 4}.
सहप्रांत : {1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13, 14}.
परिसर : संबंध R के समुच्चयों में y के अवयव = {3, 6, 9, 12}.

प्रश्न 2.
प्राकृत संख्याओं के समुच्चय पर R = {x, y) : y = x + 5, x संख्या 4 से कम, एक प्राकृत संख्या है, x,y ϵ N} द्वारा एक संबंध R परिभाषित कीजिए। इस संबंध को
(i) रोस्टर रूप में इसके प्रांत और परिसर लिखिए।
हल:
संबंध R, दिया गया है।
R = {(x, y) : y = x + 5, x, y ϵ N तथा x < 4}
= {(1, 6), (2, 7), (3, 8)}.
(i) प्रान्त = {1, 2, 3}.
परिसर = {6, 7, 8}.

प्रश्न 3.
A = {1, 2, 3, 5} और B = {4, 6, 9}, A से B में एक सम्बन्ध
R = {x, y} : x और y का अंतर विषम है, x ϵ A, y ϵ B} द्वारा परिभाषित कीजिए। R को रोस्टर रूप में लिखिए।
हल:
दिया है: A = {1, 2, 3, 5} और B = {4, 6, 9}. A से B में संबंध,
R = {(x, y) : x, में अंतर विषम है, x ϵ A, y ϵ B}
= {1, 4,), (1, 6), (2, 9), (3, 4), (3, 6), (5, 4), (5, 6)}.

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प्रश्न 4.
दी हुई आकृति समुच्चय P से Q का एक संबंध दर्शाती है। इस संबंध को (i) समुच्चय निर्माण रूप में (ii) रोस्टर रूप में लिखिए। इसके प्रांत व परिसर क्या हैं ?
MP Board Class 11th Maths Solutions Chapter 2 संबंध एवं फलन Ex 2.2 img-1
हल:
(i) समुच्चय निर्माण रूप में, R = {(x, y) : y = x – 2, x = 5, 6, 7 के लिए}
(ii) रोस्टर रूप में, R = {(5, 3), (6, 4), (7, 5)}
प्रान्त = {5, 6, 7}
और परिसर = {3, 4, 5}.

प्रश्न 5.
मान लीजिए कि A= {1, 2, 3, 4, 6) मान लीजिए कि R, A पर {(a, b) : a, b ϵ A, संख्या a संख्या b को यथावथ विभाजित करती है} द्वारा परिभाषित एक संबंध है।
(i) R को रोस्टर रूप में लिखिए।
(ii) R का प्रांत ज्ञात कीजिए।
(iii) R का परिसर ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया है :
A = {1, 2, 3, 4, 6}
R = {(a, b) : a, b ϵ A, a संख्या b को विभाजित करती है}
(i) रोस्टर रूप में, R = {(1, 1), (1, 2), (1, 3), (1, 4), (1, 6), (2, 2), (2, 4), (2, 6), (3, 3), (3, 6), (4,4), (6, 6)}
(ii) R का प्रांत = {1, 2, 3, 4, 5, 6}
(iii) R का परिसर = {1, 2, 3, 4, 5, 6}.

प्रश्न 6.
R = {(x, x + 5) : x ϵ {0, 1, 2, 3, 4, 5}} द्वारा परिभाषित संबंध R के प्रांत और परिसर ज्ञात कीजिए।
हल:
R = {(x, x + 5) : x ϵ {0, 1, 2, 3, 4, 5}}
= {(0, 5), (1, 6), (2, 7), (3, 8), (4, 9), (5, 10)}
R का प्रांत = {0, 1, 2, 3, 4, 5}
R का परिसर : {5, 6, 7, 8, 9, 10}.

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प्रश्न 7.
संबंध R = {(x, x3) : x संख्या 10 से कम एक अभाज्य संख्या है} को रोस्टर रूप में लिखिए।
हल:
10 से कम अभाज्य संख्याएँ 2, 3, 5, 7
रोस्टर रूप में, R = {(x, x3) : x एक अभाज्य संख्या है जो 10 से कम है}
= {(2, 8), (3, 27), (5, 125), (7, 343)}.

प्रश्न 8.
मान लीजिए कि A = {x, y, } और B = {1, 2}, A से B के संबंधों की संख्या ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया है: A = {x, y, z}, B = {1, 2}
A × B = {(x, 1), (x, 2), (y, 1), (y, 2), (z, 1), (z, 2)}
n(A × B) = 6
संबंधों की कुल संख्या = A × B के उपसमुच्चयों की संख्या
= 26 = 64.

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प्रश्न 9.
मान लीजिए कि R, Z पर, R = {(a, b) : a, b ϵ z, a – b एक पूर्णांक है}, द्वारा परिभाषित एक संबंध है। R के प्रांत व परिसर ज्ञात कीजिए।
हल:
R समुच्चय Z पर एक संबंध है तथा R = {(a, b), a ϵ Z, b ϵ Z, a – b एक पूर्णांक संख्या है।
∴ प्रांत (R) = Z
परिसर (R) = Z.

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MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 15 महेश्वर

MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 15 महेश्वर

महेश्वर बोध प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ शब्दकोष से खोजकर लिखिए
उत्तर
संस्कृति = आचरणगत परम्परा, प्राचीन सभ्यता; पुराविद् = प्राचीन इतिहास आदि विषयों की जानकारी रखने वाला; सर्वतोन्मुखी = सभी तरह का प्रागैतिहासिक = इतिहास लिखे जाने से भी पहले के इतिहास से सम्बन्धित फलकपटल, तख्ता; अलंकरण = सजावट, पुरातात्विक = पुरातत्व सम्बन्धी उत्तरदायित्व-जिम्मेदारी; पाषाण पत्थर खननखुदाई: अवशेष = शेष भाग, वह जो बचा रहे।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में लिखिए
(क) महेश्वर का प्राचीन नाम क्या है?
उत्तर
महेश्वर का प्राचीन नाम माहेश्वरी अथवा माहिष्मती

(ख) महेश्वर मध्य प्रदेश के किस जिले में स्थित है?
उत्तर
महेश्वर मध्य प्रदेश के इन्दौर जिले में स्थित है। यह इन्दौर से लगभग 105 किलोमीटर दूर है।

(ग) महेश्वर की खुदाई में किस प्रकार की वस्तुएँ प्राप्त
उत्तर
महेश्वर की खुदाई में पुरातात्विक महत्त्व की अनेक वस्तुएँ और अवशेष प्राप्त हुए हैं।

(घ) हैहय साम्राज्य की स्थापना किसने की थी?
उत्तर
हैहय साम्राज्य की स्थापना कीर्तिवीर्य सहस्रार्जुन ने की थी।

(ङ) नर्मदा के तट पर किला और शिव का मन्दिर किसने बनवाया था?
उत्तर
नर्मदा के तट पर किला और शिव का मन्दिर महारानी अहिल्याबाई ने बनवाया था।

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से लिखिए
(क) सहस्त्रार्जुन के वध का क्या कारण था ?
उत्तर
महेश्वर नगर को सूर्यवंशी राजा मान्धाता ने बसाया था। उनके बाद इस नगर पर कीर्तिवीर्य सहलार्जुन ने अपना आधिपत्य जमा लिया था। उसका साम्राज्य हैहय कहलाया और इस नगर को अपने साम्राज्य की राजधानी बनाया था। सहस्त्रार्जुन ने परशुराम जी के पिता ऋषि जमदग्नि का वध कर दिया। इसका बदला लेने के लिए भगवान परशुराम ने सहस्रार्जुन का अन कर दिया। इसके बाद यह स्थान इतिहास के गर्त में खो गया।

(ख) महारानी अहिल्याबाई के किन-किन कार्यों से । महेश्वर प्रसिद्ध हुआ?
उत्तर
इन्दौर की महारानी अहिल्याबाई ने महेश्वर को एक बार फिर से प्रसिद्धि प्रदान की। उन्हें यह स्थान बहुत ही प्रिय था।
उन्होंने इस स्थान पर नर्मदा के तट पर एक किला और भगवान शिव का विशाल मन्दिर बनवाया। यहाँ स्थित पवित्र शिवलिंग महेश्वर के नाम से प्रसिद्ध है। मन्दिर में महारानी अहिल्याबाई द्वारा प्रज्वलित अखण्डदीप में यहाँ आने वाला प्रत्येक दर्शनार्थी घी डालकर स्वयं को धन्य समझता है। महेश्वर धार्मिक, पौरानिक, पुरातात्विक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक सम्पदा से सम्पन्न है। महारानी अहिल्याबाई ने मराठों के शासनकाल में यहाँ सुन्दर घाटों, मन्दिरों, धर्मशालाओं तथा भवनों का निर्माण कराया। इस काल में महेश्वर का सर्वतोन्मुखी विकास हुआ। यह नगर रेशमी – साड़ियों के निर्माण के लिए भी बहुत प्रसिद्ध है।

(ग) महारानी अहिल्याबाई को ‘लोकमाता’ के रूप में क्यों याद किया जाता है?
उत्तर
महारानी अहिल्याबाई ने महेश्वर नगर का सर्वतोन्मुखी विकास कराया। उन्होंने ही इसे प्रसिद्धि प्रदान करने के लिए महान् से महान् कार्य किए। नर्मदा के तटों पर सुन्दर घाटों का और मन्दिरों का निर्माण कराया। यहाँ का किला और शिवमन्दिर बहुत ही विशाल है। इस मन्दिर में दीप ज्योति निरनार जलती रहती है। इस दीप को महारानी अहिल्याबाई ने स्वयं प्रज्ज्वलित किया था। यहाँ पर देवदर्शन के लिए आने वाला प्रत्येक दर्शनार्थी परम शान्ति का अनुभव करता है। लोग प्रात: व सायं पवित्र जल वाली नर्मदा में स्नान करके नर नारी आरती की मधुर ध्वनि’ॐ नमः शिवाय:’ के मन्त्र में डूब से जाते हैं। यहाँ का वातावरण पवित्र है। यह प्राकृतिक सौन्दर्य से भरा है एवं मनोहारी है। इस सबके लिए वे महारानी अहिल्याबाई के ऋणी हैं। इसलिए उनें लोग ‘लोकमाता’ के रूप में मानते हैं।

(घ) पाषाणकालीन सभ्यता के लोग अपना जीवन किस प्रकार व्यतीत करते थे?
उत्तर
नर्मदा नदी की घाटी में पाषाणकालीन सभ्यता के पत्थर से निर्मित औजार मिले हैं। प्रागैतिहासिक काल के पुरा-अवशेषों से पता चलता है कि उस समय यहाँ के लोग घास-फूस के झोंपड़ों में या पेड़ों पर बने घरों में रहते थे। उस समय की पाई गई वस्तुओं में लाल और काले रंग के मिट्टी के बर्तनों और घड़ों के टुकड़े प्रमुख हैं। सम्भवतः वे अपनी सुरक्षा की दृष्टि से पेड़ों पर या ऊँची जमीन पर अपने घर बनाते थे। यह भी सत्य है कि पापणकाल के लोग नदियों, तालाबों आदि के किनारे ही असते रहे हैं, क्योंकि इन स्थानों पर उनकी आवश्यकता की सारी वस्तुएँ आसानी से प्राप्त हो जाती थी।

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प्रश्न 4.
रिक्त स्थानों की पूर्ति उचित शब्दों द्वारा कीजिए
नर्मदा, रेशम, पुरातात्विक, महेश्वर।
(क) महेश्वर की खुदाई में ……. महत्व की वस्तुएँ
(ख) महारानी अहिल्याबाई ने ……… में किला और शिव मन्दिर बनवाया था।
(ग) महेश्वर की बनी ….. की साड़ियाँ प्रसिद्ध हैं।
(घ) महेश्वर ……….. नदी के किनारे बसा है।
उत्तर
(क) पुरातात्विक
(ख) महेश्वर
(ग) रेशमी
(घ) नर्मदा

महेश्वर भाषा-अध्ययन

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों का शुद्ध उच्चारण कीजिए और वाक्यों में प्रयोग कीजिए
आशीवाद, सहस्रार्जुन, संस्कृति, ऋषि, जमदग्नि, दर्शनार्थी, प्रज्ज्वलित, पुरातात्विक।
उत्तर
विद्यार्थी उपर्युक्त शब्दों को वीक-ठीक पढ़कर उनका शुद्ध उच्चारण करने का अभ्यास करें।
वाक्य-प्रयोग-

  1. देवदर्शन करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
  2. सहस्त्रार्जुन ने ऋषि जमदग्नि का वध कर दिया था।
  3. भारतीय संस्कृति पूरे संसार में अपना प्रभाव जमाए
  4. ऋषि धौम्य महान् त्यागी और लोकरंजक थे।
  5. जमदग्नि, भगवान परशुराम के पिता थे।
  6. शिव मन्दिर में दर्शनार्थियों की भीड़ लगी रहती है।
  7. गाँवों में सायंकाल को घर-घर में दीप प्रज्ज्वलित किए जाते हैं।
  8. महेश्वर पुरातात्विक महत्त्व का नगर है।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों का समास-विग्रह करके, उनके सामने समास का नाम लिखिए.
लोकमाता, मधुर ध्वनि, नर-नारी, विशाल मन्दिर, अखण्ड दीप, महारानी।
उत्तर
MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 15 महेश्वर 1
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प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों में प्रयुक्त उपसर्ग छाँटकर लिखिए
अखण्ड, अवशेष, प्रसिद्ध, अनुशासन, विज्ञान।
उत्तर
MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 15 महेश्वर 3

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों के सन्धि-विच्छेद कीजिए और उनके सामने सन्धि का नाम लिखिए
महेश्वर, मनोहर, आशीर्वाद, दर्शनार्थी।
उत्तर
MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 15 महेश्वर 4

प्रश्न 5.
निम्नलिखित वाक्यों में से उद्देश्य और विधेव छाँटकर लिखिए
(क) इन्दौर की महारानी अहिल्याबाई ने सुन्दर घाटों, मन्दिरों और धर्मशालाओं का निर्माण कराया था।
(ख) पाषाणकालीन सभ्यता के औजार नर्मदा के घाटों को खुदाई में मिले हैं।
(ग) महेश्वर की सिल्क साड़ियाँ बहुत प्रसिद्ध है।
उत्तर
MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 15 महेश्वर 5
MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 15 महेश्वर 6

प्रश्न 6.
सही जोड़ी बनाइए
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उत्तर
(क) → (2), (ख) → (3), (ग) → (5), (घ)→ (1), (ङ)→(4)

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प्रश्न 7.
प्रधानाध्यापक को एक पत्र लिखिए, जिसमें महेश्वर दर्शनीय स्थल पर भ्रमण-दल ले जाने का अनुरोध कीजिए।
उत्तर
विद्यार्थी स्वयं लिखें।

महेश्वर परीक्षोपयोगी गद्यांशों की व्याख्या  

(1) महेश्वर धार्मिक, पौराणिक, पुरातात्विक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक सम्पदा से सम्पन्न है। यहाँ नर्मदा – घाटी में पाषाणकालीन सभ्यता के औजार मिले हैं। प्रागैतिहासिक काल के पुरा-अवशेषों से पता चलता है कि उस समय यहाँ के लोग घास-फूस के झोंपड़ों में या पेड़ों पर बने घरों में रहते थे। उस समय की पाई गई वस्तुओं में लाल और काले रंग के मिट्टी के बरतनों और घड़ों के टुकड़े प्रमुख हैं। ईसा पूर्व की चौथी सदी से लेकर पहली सदी तक का समय महेश्वर के इतिहास में महत्त्वपूर्ण है। इस समय के भवनों के अवशेष यहाँ मिले हैं। इन भवनों में ईंटों का प्रयोग किया गया

शब्दार्थ-पुरातात्विक पुरातत्व सम्बन्धी ऐतिहासिक इतिहास सम्बन्धी; सम्पदा = सम्पत्ति; सम्पन्न – युक्त, सहित; प्रागैतिहासिक = लिखित इतिहास से पहले के इतिहास से सम्बन्धित काल-युग,समय;पुरा-प्राचीन काल के अवशेष = वह जो बचा रहे, शेष भाग;
प्रमुख = मुख्य भवनों = घरों।

सन्दर्भ-प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘भाषा-भारती’ के पाठ ‘महेश्वर’ से अवतरित है।

प्रसंग-नर्मदा घाटी के महेश्वर नगर की प्रागैतिहासिक संस्कृति के विषय में वर्णन किया गया।

व्याख्या-महेश्वर नगर धर्म और पुराण सम्बन्धी सम्पदा से युक्त स्थान है। यह पुरातत्व सम्बन्धी, प्राचीन आचार-विचार सम्बन्धी एवं इतिहास से सम्बन्ध रखने वाली सम्पत्ति से भरपूर स्थान है। यह नर्मदा नदी के किनारे स्थित है। इस नदी की घाटी में पत्थर के युग (पाषाण युग) की सभ्यता से सम्बन्ध रखने वाले औजार प्राप्त हुए हैं। इतिहास लिखे जाने की पद्धति से भी पूर्व के इतिहास सम्बन्धी समय (युग) के अति प्राचीन शेष भाग से ज्ञात होता है कि उस समय में वहाँ के रहने वाले लोग घास और फंस से बनाए गए झोंपड़ों में रहते थे अथवा वे लोग उन घरों में रहते थे जो पेड़ों पर बनाए जाते थे। ये स्थान वे हैं जब लोग अपनी सुरक्षा के लिए पेड़ों पर अपने निवास बनाते थे। नगरीय सभ्यता या गाँवों में सामूहिक रूप में रहने की सभ्यता का उस समय तक विकास नहीं हुआ था। उस युग की पाई जाने वाली वस्तुओं में लाल और काले रंग के मिट्टी के बरतन तथा घड़ों के टुकड़ें मुख्य हैं। महेश्वर नगर का इतिहास ईसा पूर्व की चौथी सदी से लेकर पहली सदी तक अति महत्त्वपूर्ण है। उस काल के भवनों के खण्डहर अभी तक अवशेष के रूप में प्राप्त हुए हैं। इन भवनों का निर्माण ईंटों से किया गया है। .

(2) मराठों के शासनकाल में महारानी अहिल्याबाई ने यहाँ सुन्दरघाटों, मन्दिरों, धर्मशालाओं तथा भवनों का निर्माण कराया। उनके काल में महेश्वर का सर्वतोन्मुखी विकास हुआ। एक बार तो मैं भूला ही जा रहा था। यहाँ की बनी रेशमी साड़ियाँ महेश्वरी साड़ियों के नाम से प्रसिद्ध हैं। महेश्वर के बारे में जितना भी लिखू कम

शब्दार्थ-निर्माण कराया = बनवाये; सर्वतोन्मुखी = सभी तरह का; विकास = बढ़ोत्तरी।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-महारानी अहिल्याबाई के द्वारा महेश्वर नगर में कराए गए विकास कार्यों के बारे में बताया गया है।

व्याख्या-मराठों के शासन काल में जो निर्माण कार्य यहाँ किया गया है, वह बेजोड़ था। महारानी अहिल्याबाई ने नर्मदा नदी के घाटों, मन्दिरों तथा धर्मशालाओं का निर्माण कराया। इसके अलावा यहाँ बहुत ही अच्छे भवनों का निर्माण किया गया। महेश्वर नगर में अपने शासन काल में सभी तरह के विकास का कार्य किया गया। लेखक यहाँ बताना नहीं भूला है कि यहाँ पर रेशम की बनी साड़ियाँ बहुत अच्छी होती हैं। इन साड़ियों को महेश्वरी साड़ियाँ कहते हैं। महेश्वर नगर के विषय में जितना भी | लिखा जाय, वह कम ही है।

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MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.3

MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.3

Question 1.
Draw the graphs for the following tables of values, with suitable scales on the axes.
(a) Cost of apples
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.3 1
(b) The horizontal line x-axis shows the time (in hours) and vertical line y-axis shows the distance (in km).
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.3 2
(i) How much distance did the car cover during the period 7.30 a.m. to 8 a.m.?
(ii) What was the time when the car had covered a distance of 100 km since it’s start?
(c) interest on deposits for a year.
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.3 3
(i) Does the graph pass through the origin?
(ii) Use the graph to find the interest on ₹ 2500 for a year.
(iii) To get an interest of ₹ 280 per year, how much money should be deposited?
Solution:
(a) The horizontal line x-axis shows the number of apples and vertical line y-axis shows the cost (in ₹) of apples.
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.3 4
(b) The horizontal line x-axis shows the time (in hours) and vertical line y-axis shows the distance (in km).
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.3 5
(i) The total distance covered by the car during the period 7.30 a.m. to 8 a.m. is (120 – 100) = 20 km.
(ii) At 7.30 a.m.car had covered a distance of 100 km since its start.
(c) The horizontal line x-axis shows deposit (in ₹) and vertical line y-axis shows simple interest (in ₹)
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.3 6
(i) Yes, graph passes through the origin.
(ii) Interest on ₹ 2500 is ₹ 200.
(iii) To get an interest of ₹ 280 per year, ₹ 3500 should be deposited.

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Question 2.
Draw a graph for the following
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.3 7
Is it a linear graph?
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.3 8
Solution:
(i) The horizontal line x-axis shows a side of square (in cm) and the vertical line y-axis shows a perimeter (in cm).
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.3 9
Yes, it is a linear graph.
(ii) The horizontal line x-axis shows a side of a square (in cm) and the vertical line y-axis shows an area (in cm2).
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.3 10
No, it is not a linear graph.

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