MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 12 ऐल्डिहाइड्स, कीटोन्स तथा कार्बोक्सिलिक अम्ल
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ऐल्डिहाइड्स, कीटोन्स तथा कार्बोक्सिलिक अम्ल NCERT पाठ्यनिहित प्रश्नोत्तर |
प्रश्न 1.
निम्न यौगिकों की संरचना लिखिये
- a -मेथॉक्सीप्रोपिऑनैल्डिहाइड
- 3-हाइड्रॉक्सीब्यूटेनल
- 2-हाइड्रॉक्सीसाइक्लोपेन्टेन का.ल्डिहाइड
- 4-ऑक्जोपेन्टेनल
- डाइ-द्वितीयक ब्यूटिल कीटोन
- 4-फ्लुओरो एसीटोफीनोन
उत्तर
प्रश्न 2.
निम्न अभिक्रियाओं के उत्पादों की संरचना लिखिये
उत्तर
प्रश्न 3.
निम्नलिखित यौगिकों को उनके क्वथनांकों के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कीजिये
CH3CHO, CH3CH2OH, CH3ÓCH3, CH3CH2CH3.
उत्तर
CH3CH2CH3 < CH3OCH3 < CH3CHO < CH3CH2OH
इस क्रम की भविष्यवाणी इनके बीच कार्य कर रहे अन्तः आण्विक आकर्षण बल के आधार पर की जा सकती है। जैसा इसमें तुलनात्मक अणुभार होता है। एल्कोहॉल में प्रबल H-बंध होता है। CH3OCH3 तथा CH3CHO में द्विध्रुव-द्विध्रुव अन्त:आण्विक आकर्षण बल होता है। जबकि CH3CHO,CH3OCH3 से ज्यादा ध्रुवीय होता है। इसलिये, इनके क्वथनांक CH3OCH3 से ज्यादा होते हैं। प्रोपेन अध्रुवीय होता है । इसलिये इसमें दुर्बल वाण्डरवाल्स बल कार्य करता है।
प्रश्न 4.
निम्नलिखित यौगिकों को नाभिकस्नेही योगात्मक अभिक्रियाओं में उनकी बढ़ती हुई अभिक्रियाशीलता के क्रम में व्यवस्थित कीजिये
- एथेनल, प्रोपेनल, प्रोपेनोन, ब्यूटेनोन
- बेन्जैल्डिहाइड, p-टॉलूऐल्डिहाइड, p-नाइट्रो-बेन्जैल्डिहाइड, एसीटोफिनोन।
उत्तर
1. ब्यूटेनोन < प्रोपेनोन < प्रोपेनल < एथेनल
इस क्रम की भविष्यवाणी दो कारकों के आधार पर की जा सकती है-
- +I प्रभाव (इलेक्ट्रॉन प्रतिकर्षी प्रभाव) तथा
- त्रिविम प्रभाव।
2. एसीटोफिनोन <p-टॉलूऐल्डिहाइड < बेन्जैल्डिहाइड <p-नाइट्रो बेन्जैल्डिहाइड
इस क्रम की भविष्यवाणी (पूर्वानुमान) प्रेरणिक प्रभाव अनुनाद तथा अतिसंयुग्मन प्रभाव द्वारा की जा सकती है।
प्रश्न 5.
निम्नलिखित अभिक्रियाओं के उत्पादों को पहचानिये
उत्तर
प्रश्न 6.
निम्नलिखित यौगिकों के IUPAC नाम दीजिये- .
उत्तर
- 3-फेनिलप्रोपेनोइक अम्ल
- 3-मेंथिलब्यूट-2-ईन-1-ओइक अम्ल
- 2-मेथिलसाइक्लोपेन्टेनकार्बोक्सिलिक अम्ल
- 2, 4, 6-ट्राइनाइट्रोबेन्जोइक अम्ल या 2, 4, 6-ट्राइनाइ-ट्रोबेन्जीनकार्बोक्सिलिक अम्ल।
प्रश्न 7.
निम्नलिखित यौगिकों को बेन्जोइक अम्ल में कैसे परिवर्तित किया जा सकता है
- एथिलबेंजीन
- एसीटोफिनोन
- ब्रोमोबेन्जीन
- फेनिलएथीन (स्टाइरीन)।
उत्तर
प्रश्न 8.
नीचे प्रदर्शित अम्लों के प्रत्येक युग्म में कौन-सा अम्ल अधिक प्रबल हैं
1. CHCO,H अथवा CH,FCO,H
2. CH,FCO,H अथवा CH,CICO,H
3. CH,FCH,CH,CO,H अथवा CH,CHFCH,COH
4.
उत्तर
1. FCHCOOH (F को -[ प्रभाव के कारण)
2. FCH,CO,H (F पर CIसे ज्यादा – प्रभाव के कारण)
3. CH, CHFCH,COOH (प्रेरणिक प्रभाव दूरी बढ़ने के साथ घटता है। अर्थात् 3-फ्लुओरोब्यूटेनोइक अम्ल, 4-क्लोरोब्यूटेनोइक अम्ल से ज्यादा प्रबल होगा।
4.
ऐल्डिहाइड्स, कीटोन्स तथा कार्बोक्सिलिक अम्ल NCERT पाठ्य-पुस्तक प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
निम्नलिखित पदों (शब्दों) से आप क्या समझते हैं, प्रत्येक का एक उदाहरण दीजिये
- सायनोहाइड्रिन
- एसीटल
- सेमीकार्बेजोन
- ऐल्डॉल
- हेमीऐसीटल
- ऑक्सिम
- कीटल
- इमीन
- 2, 4-DNP व्युत्पन्न
- शिफ-क्षारक।
उत्तर
1. सायनोहाइड्रिन-ये कार्बनिक यौगिक हैं, जिसका सूत्र । RR’C(OH)CN होता है, जहाँ R एवं R’ एल्किल समूह हो सकते हैं।
ऐल्डिहाइड और कीटोन, हाइड्रोजन सायनाइड के साथ सोडियम सायनाइड की उपस्थिति में अभिक्रिया करते हैं | NaCN यह एक उत्प्रेरक के रूप में होते हैं। ये अभिक्रियाएँ सायनोहाइड्रीन अभिक्रिया कहलाती है।
सायनोहाइड्रीन सायनोहाइड्रीन का उपयोग संश्लेषित मध्यवर्ती क्रिया में करते हैं। ,,
2. एसीटल-एसीटल, जेम-डाइ एल्कॉक्सी ऐल्केन है, जिसमें दो एल्कॉक्सी समूह, कार्बन परमाणु के टर्मिनल पर उपस्थित होते हैं। इसके एक बंध एल्किल समूह से जुड़े होते हैं जबकि दूसरा बंध हाइड्रोजन परमाणु से जुड़े होते हैं।
जब ऐल्डिहाइड, शुष्क HCI गैस की उपस्थिति में मोनोहाइड्रीक एल्कोहॉल OR’ दो समतुल्य के जैसे व्यवहार करते हैं, हेमीएसीटल बनाते हैं। जो आगे एल्कोहॉल के एसीटल की सामान्य संरचना अधिकता के साथ क्रिया करके एसीटल बनाते हैं।
3. सेमीकार्बेजोन-सेमीकार्बेजोन, ऐल्डिहाइड और कीटोन के व्युत्पन्न है, जो कीटोन या ऐल्डिहाइड और सेमीकार्बेजाइड के मध्य संघनन से बनते हैं।
4. ऐल्डॉल संघनन-वह अभिक्रिया जिसमें दो समान या विभिन्न कार्बोनिल यौगिकों के अणु जिनमें ‘a-हाइड्रोजन परमाणु उपस्थित हो तनु क्षार जैसे—NaOH, Ba(OH)2 आदि की उपस्थिति में संयुक्त होकर एक नया यौगिक बनाते हैं जो ऐल्कोहॉल और ऐल्डिहाइड या ऐल्कोहॉल और कीटोन दोनों के गुण प्रदर्शित करता है, ऐल्डॉल संघनन कहलाती है।
तनु सोडियम हाइड्रॉक्साइड पोटैशियम कार्बोनेट की उपस्थिति में । ऐसीटैल्डिहाइड से दो अणु संघनित होकर β-हाइड्रॉक्सी ब्यूटैरेल्डिहाइड (ऐल्डॉल) का एक अणु बनाते हैं।
5. हेमीऐसीटल- ये α-एल्कॉक्सी ऐल्कोहॉल होते हैं। ऐल्डिहाइड्स जब शुष्क HCL गैस की उपस्थिति में मोनोहाइड्रिक / 2 एल्कोहॉल के एक अणु से क्रिया करते हैं, तो हेमीएसीटल बनता है। हेमीऐसीटल की सामान्य संरचना
6. ऑक्सिम-ऑक्सिम कार्बनिक यौगिकों की ही एक श्रेणी होती है, जिसका सूत्र RR’CNOH होता है, जहाँ R एक कार्बनिक पार्श्व शृंखला होती है तथा R’ मोनोहाइड्रोजन या एक कार्बनिक पार्श्व श्रृंखला – N होती है। यदि R’H है तब यह एल्डोऑक्सिम और यदि R’ एक कार्बनिक पार्श्व श्रृंखला है, तब यह एक कीटोक्सिम के नाम से जाना जाता है।
हाइड्रोक्सील एमीन की दुर्बल अम्लीय माध्यम में ऐल्डिहाइड या Aldorime कीटोन से क्रिया कराने पर ऑक्सीम का निर्माण होता है।
7. कीटल-कीटल्स जेम-डाइएल्कॉक्सीएल्केन्स होते हैं, जिनमें दो एल्कॉक्सी समूह समान कार्बन अणु पर श्रृंखला के रूप में उपस्थित होते हैं। कार्बन R-C-OR’ के अन्य दो बंध दो एल्किल समूहों से संबद्ध होते हैं।
कीटोन, एथिलीन ग्लाइकॉल से शुष्क HCI गैस की उपस्थिति में क्रिया करके कोलकाता चक्रीय उत्पाद बनाता है, जिसे एथिलीन ग्लाइकॉल कोटल कहते है। R CH,OH
8. इमीन-इमीन वे रासायनिक यौगिक हैं, जिनमें काबन-नाइट्रोजन द्विबंध पाए जाते हैं।
ये तब प्राप्त किये जाते हैं, जब ऐल्डिहाइड व कीटोनों की क्रिया अमोनिया व उसके व्युत्पन्नों से कराई जाती है।
9. 2,4-DNP व्युत्पन्न-2,4-डाइनाइट्रोफिनाइल हाइड्राजोन, 2, 4-DNP का व्युत्पन्न है, जो 2,4डाइफिनाइलहाइड्राजीन के साथ ऐल्डिहाइड या कीटोनों के साथ दुर्बल अम्लीय माध्यम में क्रिया से बनते हैं।
10. शिफ-क्षारक-शिफ क्षार (एजोमेथीन) वह रासायनिक यौगिक है, जिसमें एक कार्बन-नाइट्रोजन द्विबंध पाया जाता है । जहाँ नाइट्रोजन अणु से एक एरील या एल्किल समूह जुड़ा होता है। इसका सामान्य सूत्र R,R,C=NR, है। . N इस प्रकार यह एक इमीन है। इसका नाम ह्यूगो शिफ वैज्ञानिक के नाम पर रखा गया है।
इसका उपयोग ऐल्डिहाइड व कीटोन में विलेय करने के लिए किया जाता है।
शिफ-क्षार की सामान्य संरचना
प्रश्न 2.
निम्नलिखित यौगिकों के IUPAC नामपद्धति में नाम लिखिए,
- CH3CH(CH3)CH2CH2CHO
- CH3CH2COCH(C2H5)CH2CH2CI
- CH3CH = CHCHO
- CH3COCH2COCH3
- CH3CH(CH3)CH2C(CH3)2COCH3
- (CH3)3CCH2COOH
- OHCC6H4CHO-p.
उत्तर
- 4-मेथिलपेन्टेनल
- 6-क्लोरो-4-एथिलहेक्सेन-3 ऑन
- ब्यूट-2-ईन-1-अल
- पेन्टेन-2, 4, डाइऑन
- 3, 3, 5 ट्राइमेथिलहेक्सेन-2-ओन
- 3, 3-डाइमेथिलब्यूटेनोइक अम्ल
- बेन्जीन-1, 4-डाइकार्बेल्डिहाइड।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित यौगिकों की संरचना बनाइए
- 3-मेथिलब्यूटेनल
- p-नाइट्रोप्रोपिओफीनोन
- p-मेथिलबेन्जैल्डिहाइड
- 4-मेथिलपेन्ट-3-ईन-2-ओन
- 4-क्लोरोपेन्टेन-2-ओन
- 3-ब्रोमो-4-फेनिलपेन्टेनॉइक अम्ल
- p,p’-डाइहाइड्रॉक्सीबेन्जोफीनोन
- हेक्स-2-ईन-4-इनोइक अम्ल
उत्तर
प्रश्न 4.
निम्नलिखित ऐल्डिहाइडों एवं कीटोनों के IUPAC नाम लिखिए और जहाँ संभव हो सके साधारण नाम भी दीजिए
1. CH3CO(CH2)4CH3
2. CH3CH2CHBrCH2CH(CH3) CHO
3. CH3(CH2)5CHO
4. Ph-CH = CH-CHO
5.
6. PhCOPh
उत्तर
प्रश्न 5.
निम्नलिखित व्युत्पन्नों की संरचना बनाइए
- बेन्जैल्डिहाइड का 2, 4-डाइनाइट्रोफेनिलहाइड्रेजोन
- साइक्लोप्रोपेनोन ऑक्जिम
- ऐसीटैल्डिहाइड डाइमेथिल ऐसीटल
- साइक्लोब्यूटेनोन का सेमीकार्बेजोन
- हेक्सेन-3-ओन का एथिलीन कीटल
- फॉर्मेल्डिहाइड का मेथिल हेमीऐसीटेल।
उत्तर
प्रश्न 6.
साइक्लोहेक्सेनकार्बेल्डिहाइड की निम्नलिखित अभिकर्मकों के साथ अभिक्रिया से बनने वाले उत्पादों को पहचानिए
- PhMgBr एवं तत्पश्चात् H3O+
- टॉलेन अभिकर्मक
- सेमीकार्बेजाइड एवं दुर्बल अम्ल
- एथेनॉल का आधिक्य तथा अम्ल
- जिंक अमलगम एवं तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल।
उत्तर
प्रश्न 7.
निम्नलिखित में से कौन-से यौगिकों में ऐल्डॉल संघनन होगा, किसमें कैनिजारो अभिक्रिया होगी और किसमें उपरोक्त में से कोई क्रिया नहीं होगी? ऐल्डॉल संघनन तथा कैनिजारो अभिक्रिया में संभावित उत्पादों की संरचना लिखिए
- मेथेनल
- 2-मेथिलपेन्टेनल
- बेन्जैल्डिहाइड
- बेन्जोफीनोन
- साइक्लोहेक्सेनोन
- 1-फेनिलप्रोपेनोन
- फेनिलऐसीटैल्डिहाइड
- ब्यूटेन-1-ऑल
- 2, 2-डाइमेथिलब्यूटेनल।
उत्तर
[A] (ii) 2-मेथिल पेन्टेनल, (v) साइक्लोहेक्सेनोन, (vi) 1-फेनिल-प्रोपेनोन, (vii) फेनिलऐसी टैल्डिहाइड।
इनमें एक या एक से ज्यादा a-हाइड्रोजन परमाणु है अतः इनमें एल्डोल संघनन होगा। उदाहरण के लिये
[B] (i) मेथेनल, (ii) बेन्जैल्डिहाइड, (ix)2, 2 डाइमेथिल-ब्यूटेन में a -हाइड्रोजन नहीं होता है, अतः ये कैनिजारो अभिक्रिया देते हैं।
[C] (iv) बेन्जोफिनोन एक कीटोन है, इसमें a -H नहीं है।
(viii) ब्यूटेन-1-ऑल एक एल्कोहॉल है।
ये दोनों न तो एल्डोल संघनन देते हैं और न ही कैनिजारो अभिक्रिया देते हैं।
प्रश्न 8.
एथेनल को निम्नलिखित यौगिकों में कैसे परिवर्तित करेंगे
- ब्यूटेन-1, 3-डाइऑल
- ब्यूट-2-ईनल,
- ब्यूट-2-इनोइक अम्ल
उत्तर
प्रश्न 9.
प्रोपेनल एवं ब्यूटेनल के एल्डॉल संघनन से बनने वाले चार संभावित उत्पादों के नाम एवं संरचना सूत्र लिखिए। प्रत्येक में बताइए कि कौन-सा ऐल्डिहाइड नाभिकस्नेही और कौन-सा इलेक्ट्रॉनस्नेही होगा?
उत्तर
प्रश्न 10.
एक कार्बनिक यौगिक जिसका अणुसूत्र C,H100 है 2, 4-DNP व्युत्पन्न बनाता है, टॉलेन अभिकर्मक को अपचयित करता है तथा कैनिजारो अभिक्रिया देता है, प्रबल ऑक्सीकरण पर वह 1,2-बेन्जीनडाइ-कार्बोक्सिलिक अम्ल बनाता है। यौगिक को पहचानिए।
उत्तर
प्रश्न 11.
एक कार्बनिक यौगिक (AI (आण्विक सूत्र C8H16O2) को तनु सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ जल-अपघटित करने के उपरांत एक कार्बोक्सिलिक अम्ल [B] एवं एक ऐल्कोहॉल [C] प्राप्त हुई। C| को क्रोमिक अम्ल के साथ ऑक्सीकृत करने पर [B] उत्पन्न होता है। C|निर्जलीकरण पर ब्यूट1-ईन देता है। अभिक्रियाओं में प्रयुक्त होने वाली सभी रासायनिक समीकरणों को लिखिए।
उत्तर
प्रश्न 12.
निम्नलिखित यौगिकों को उनसे संबंधित गुणधर्मों के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कीजिए
- ऐसीटैल्डिहाइड, ऐसीटोन, डाइ-तृतीयक-ब्यूटिल-कीटोन, मेथिल तृतीयक-ब्यूटिल कीटोन (HCN के प्रति अभिक्रियाशीलता)।
- CH3CH2CH(Br)COOH, CH3CH(Br)CH2COOH, (CH3)2CHCOOH, CH3CH2CH2COOH (अम्लता के क्रम में)
- वेन्जोइक अम्ल; 4-नाइट्रोबेन्जोइक अम्ल; 3, 4-डाइनाइट्रोबेन्जोइक अम्ल; 4-मेथॉक्सीबेन्जोइक अम्ल (अम्लता की सामर्थ्य के क्रम में)
उत्तर
1. जैसे-जैसे एल्किल समूह का +I प्रभाव बढ़ता है उनकी HCN योग के प्रति क्रियाशीलता घटती जाती है।
डाइ-तृतीयक ब्यूटिल कीटोन < मेथिल तृतीयक-ब्यूटिल कीटोन < एसीटोन < एसीटैल्डिहाइड।
2. -COOH समूह की अम्लीय प्रबलता को +1 प्रभाव घटाता है तथा – प्रभाव को बढ़ाता है। इसके अतिरिक्त -1 प्रभाव दूरी के साथ घटता है
3. इलेक्ट्रॉन दाता समूह अम्लीय प्रबलता को घटाता है जबकि इलेक्ट्रॉन आकर्षी प्रभाव अम्लीय प्रबलता को बढ़ाता है
4-मेथॉक्सीबेन्जोइक अम्ल < बेन्जोइक अम्ल < 4-नाइट्रो-बेन्जोइक अम्ल < 3, 4-डाइनाइट्रोबेंजोइक अम्ल
प्रश्न 13.
निम्नलिखित यौगिक युगलों में विभेद करने के लिए सरल रासायनिक परीक्षणों को दीजिए
- प्रोपेनल एवं प्रोपेनोन
- एसीटोफीनोन एवं बेन्जोफीनोन
- फीनॉल एवं बेन्जोइक अम्ल
- बेन्जोइक अम्ल एवं एथिल बेन्जोएट
- पेन्टेन-2-ओन एवं पेन्टेन-3-ओन
- बेन्जैल्डिहाइड एवं एसीटोफीनोन
- एथेनल एवं प्रोपेनल।
उत्तर
1. टॉलेन अभिकर्मक मिलाकर प्रोपेनल को गर्म करने पर रजत दर्पण बनाता है जबकि प्रोपेनोन क्रिया नहीं करता है।
वैकल्पिक विधि – I2 तथा NaOH मिलाने पर प्रोपेनोन, आयोडोफॉर्म बनने के कारण पीला अवक्षेप देता है, जबकि प्रोपेनल क्रिया नहीं करता है।
2. I2 तथा NaOH मिलाने पर एसीटोफिनोन CHI3 का पीला अवक्षेप देता है जबकि बेन्जोफिनोन नहीं देता है।
3. दोनों में अलग-अलग उदासीन FeCI3 मिलाने पर फीनॉल बैंगनी रंग देता है, जबकि बेन्जोइक अम्ल की कोई क्रिया नहीं होती है।
वैकल्पिक विधि -दोनों के जलीय विलयन में अलग-अलग NaHCO3 मिलाने पर बेन्जोइक अम्ल तीव्र बुदबुदाहट के साथ CO2 गैस देता है, जबकि फीनॉल की कोई क्रिया नहीं होता है।
4. दोनों में अलग-अलग NaHCO3 विलयन मिलाने पर बेन्जोइक अम्ल CO2 गैस के कारण तीव्र बुदबुदाहट देता है, जबकि एथिल बेन्जोएट कोई क्रिया नहीं करता है।
5. दोनों में अलग-अलग I2 तथा NaOH मिलाने पर पेन्टेन-2-ओन CHI3 का पीला अवक्षेप देता है जबकि पेन्टेन-3-ओन नहीं देता है।
6. टॉलेन अभिकर्मक मिलाने पर बेन्जैल्डिहाइड गर्म करने पर रजत दर्पण देता है जबकि एसीटोफिनोन क्रिया नहीं करता है।
7. I2 तथा NaOH मिलाने पर एथेनल आयोडोफॉर्म का पीला अवक्षेप देता है, जबकि प्रोपेनल क्रिया नहीं करता है।
प्रश्न 14.
बेन्जीन से निम्नलिखित यौगिकों का विरचन आप किस प्रकार करेंगे ? आप कोई भी अकार्बनिक अभिकर्मक एवं ऊर्जा भी कार्बनिक अभिकर्मक, जिसमें एक से अधिक कार्बन न हो, को उपयोग कर सकते हैं।
- मेथिल बेन्जोएट
- m-नाइट्रोबेन्जोइक अम्ल
- p-नाइट्रोबेन्जोइक अम्ल
- फेनिल ऐसीटिक अम्ल
- p-नाइट्रोबेन्जैल्डिहाइड
उत्तर
प्रश्न 15.
आप निम्नलिखित रूपांतरणों को अधिकतम दो चरणों में किस प्रकार से सम्पन्न करेंगे
- प्रोपेनोन से प्रोपीन
- बेन्जोइक अम्ल से बेन्जैल्डिहाइड
- ऐथेनॉल से 3-हाइड्रॉक्सीब्यूटेनल
- बेन्जीन से m-नाइट्रोऐसीटोफीनोन
- बेन्जल्डिहाइड से बेन्जोफीनोन
- ब्रोमोबेन्जीन से 1-फेनिलएथेनॉल
- बेन्जैल्डिहाइड से ३-फेनिलप्रोपेन-1-ऑल
- बेन्जैल्डिहाइड से a – हाइड्रॉक्सीफेनिलऐसीटिक अम्ल
- बेन्जोइक अम्ल से m-नाइट्रोबेन्जिल ऐल्कोहॉल।
उत्तर
प्रश्न 16.
निम्नलिखित पदों (शब्दों) का वर्णन कीजिए
- ऐसीटिलीकरण
- कैनिजारो अभिक्रिया
- क्रॉस ऐल्डॉल संघनन
- विकार्बोक्सिलिकरण
उत्तर
1. ऐसीटिलिकरण- किसी कार्बनिक यौगिक के साथ किसी एसीटिल क्रियात्मक-समूह का होना एसीटिलीकरण (Acetylation) कहलाता है। सक्रिय हाइड्रोजन परमाणु के लिए इस विधि में एक एसिटिल समूह का प्रतिस्थापी समाहित होता है। एसीटिलेटिंग एजेण्ट के रूप में सामान्यतः एसीटिल क्लोराइड या एसीटिक एन्हाइड्राइड प्रयुक्त किया जाता है। उदाहरण के रूप में एथेनॉल के एसीटिलीकरण के द्वारा एथिल एसीटेट का निर्माण होता है।
CH3CH2OH + CH3COCI → CH3COOC2H5+ HCI
2. कैनिजारो अभिक्रिया- α-हाइड्रोजन विहीन ऐल्डिहाइडों (जैसे -HCHO, C6H5CHO आदि) पर 50% NaOH विलयन की क्रिया कराने पर ऐल्डिहाइड का एक अणु अम्ल में ऑक्सीकृत होता है और दूसरा अणु ऐल्कोहॉल में अपचयित होता है। इसे कैनिजारो अभिक्रिया कहते हैं।
3. क्रॉस-ऐल्डॉल संघनन-कार्बोनिल यौगिकों के दो एकसमान अणुओं के बीच संघनन न कराके अलग-अलग अणुओं के बीच संघनन कराया जाए तो उसे मिश्रित या क्रॉस-ऐल्डॉल संघनन कहते हैं। सामान्यतः जब एक अणु -हाइड्रोजन विहीन हो तो ऐसा संघनन महत्त्वपूर्ण होता है। फॉर्मेल्डिहाइड तथा एसिटैल्डिहाइड के बीच
चूँकि इस यौगिक में अभी भी दो a-हाइड्रोजन परमाणु है अतः पुनः दो फॉर्मेल्डिहाइड अणु से यह क्रिया कर सकता है।
4. विकार्बोक्सिलीकरण-कार्बोक्सिलिक समूह का निकलना विकार्बोक्सिलीकरण कहलाता है। सोडालाइम के साथ गर्म करने पर अम्ल का विकार्बोक्सिलीकरण होता है तथा ऐल्केन बनता है (ड्यूमा विधि)।
प्रश्न 17.
निम्नलिखित प्रत्येक संश्लेषण में छूटे हुए प्रारम्भिक पदार्थ, अभिकर्मक अथवा उत्पादों को लिखकर पूर्ण कीजिए
उत्तर
प्रश्न 18.
निम्नलिखित के संभावित कारण दीजिए
- साइक्लोहेक्सेनोन अच्छी लब्धि में सायनोहाइड्रिन बनाता है परन्तु 2,2, 6-ट्राइमेथिलसाइक्लोहेक्सेनोन ऐसा नहीं करता।
- सेमीकार्बेजाइड में दो -NH2 समूह होते हैं, परन्तु केवल एक -NH2 समूह ही सेमीकार्बेजोन विरचन में प्रयुक्त होता है।
- कार्बोक्सिलिक अम्ल एवं ऐल्कोहॉल से, अम्ल उत्प्रेरक की उपस्थिति में एस्टर के विरचन के समय जल अथवा एस्टर जैसे ही निर्मित होता है उसको निकाल दिया जाना चाहिए।
उत्तर
1. 2,2, 6-ट्राइमेथिलसाइक्लोहेक्सेनोन में 3-मेथिल समूह की त्रिविम बाधा होती है। इसलिये ये साइक्लोहेक्सेनोन जिसमें त्रिविम बाधा नहीं होती है की तुलना में लब्धि प्रचुर मात्रा में सायनोहाइड्रीन नहीं बनाता है।
2. कार्बोनिल समूह से जुड़े NH, के एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म अनुनाद में शामिल होते हैं, इसलिये दान करने के लिये उपलब्ध नहीं होते हैं।
3. ऐसा इसलिये किया जाता है जिससे बना हुआ एस्टर जल-अपघटित न हो।
प्रश्न 19.
एक कार्बनिक यौगिक में 69.77% कार्बन, 11-63% हाइड्रोजन तथा शेष ऑक्सीजन है। यौगिक का आण्विक द्रव्यमान 86 है। यह टॉलेन अभिकर्मक को अपचयित नहीं करता परन्तु सोडियम हाइड्रोजन सल्फाइट के साथ योगज यौगिक देता है तथा आयोडोफॉर्म परीक्षण देता है। प्रबल ऑक्सीकरण पर एथेनोइक तथा प्रोपेनोइक अम्ल देता है। यौगिक की संभावित संरचना लिखिए।
उत्तर
मूलानुपाती सूत्र = C5H10O, मूलानुपाती सूत्रभार = 86
अणुसूत्र = C5H10O
ये टॉलेन अभिकर्मक से क्रिया नहीं करता है, अत: ये एक ऐल्डिहाइड नहीं है। ये NaHSO, के साथ योगात्मक यौगिक बनाता है इसलिये यह एक कीटोन है, तथा ये आयोडोफॉर्म परीक्षण देता है इसलिये ये एक मेथिल कीटोन है। उपरोक्त आधार पर यौगिक की संभावित संरचना होगी –
तीव्र ऑक्सीकरण पर ये ऐथेनोइक अम्ल तथा प्रोपेनोइक अम्ल देता है। अतः यौगिक पेन्टेन-2-ओन होगा, 3-मेथिल- ब्यूटेन-2-ओन नहीं होगा।
प्रश्न 20.
यद्यपि फोनॉक्साइड आयन की अनुनादी संरचनाएँ कार्बोक्सिलेट आयन की तुलना में अधिक है परन्तु कार्बोक्सिलिक अम्ल, फीनॉल की अपेक्षा प्रबल अम्ल है, क्यों ?
उत्तर
फीनॉक्साइड आयन कार्बोक्सिलेट आयन कार्बोक्सिलेट आयन पर ऋणात्मक आवेश दोनों ऑक्सीजन पर विस्थानीकृत होता है, जो बहत विद्युतऋणी है। जबकि फीनॉक्साइड आयन पर ऋणात्मक आवेश केवल एक ऑक्सीजन परमाणु पर विस्थानीकृत होता है। कार्बोक्सिलेट आयन, फीनॉक्साइड आयन से ज्यादा स्थायी होता है। इसी कारण कार्बोक्सिलिक अम्ल, फीनॉल की तुलना में ज्यादा अम्लीय होता है।
ऐल्डिहाइड्स, कीटोन्स तथा कार्बोक्सिलिक अम्ल अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
सही विकल्प चुनकर लिखिए। कीटोन से सायनो हाइड्रिन का बनना एक उदाहरण है
(a) इलेक्ट्रोफिलिक योगात्मक
(b) न्यूक्लियोफिलिक योगात्मक
(c) न्यूक्लियोफिलिक प्रतिस्थापन
(d) इलेक्ट्रोफिलिक प्रतिस्थापन।
उत्तर
(b) न्यूक्लियोफिलिक योगात्मक
प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से कौन-सा ऐल्डिहाइड सान्द्र क्षार विलयन के साथ कैनीजारो अभिक्रिया देता
(a) बेंजेल्डिहाइड
(b) ऐसीटेल्डिहाइड
(c) प्रोपेन ऐल्डिहाइड
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर
(a) बेंजेल्डिहाइड
प्रश्न 3.
ऐल्डिहाइड और कीटोन निम्न में से किस पदार्थ से क्रिया करके ऑक्सीम बनाते हैं
(a) NH3
(b) NH2 – NH2
(c) NH2OH
(4) NH2CONH.NH2
उत्तर
(c) NH2OH
प्रश्न 4.
ऐरोमैटिक ऐल्डिहाइड प्राथमिक एमीन के साथ क्रिया करके देते हैं
(a) यूरिया
(b) ऐमाइड
(c) शिफलेस
(d) ऑक्सीम।
उत्तर
(c) शिफलेस
प्रश्न 5.
क्षारीय माध्यम में ऐसीटेल्डिहाइड जो अभिक्रिया करता है, वह है
(a) बेंजोइन संघनन
(b) एल्डोल संघनने
(c) बहुलीकरण
(d) कैनीजारो अभिक्रिया।
उत्तर
(b) एल्डोल संघनने
प्रश्न 6.
निम्नलिखित में कौन-सा I, तथा NaOH के साथ पीला अवक्षेप नहीं देता है –
(a) C2H5OH
(b) CH3-CHO
(c) CH3-CO-CH3
(d) HCHO.
उत्तर
(d) HCHO.
प्रश्न 7.
Cl3-C-CH2-CHO सूत्र वाले यौगिक का IUPAC नाम है
(a) 3,3,3 ट्राइक्लोरोप्रोपेनॉल
(b) 1,1,1 ट्राइक्लोरोप्रोपेनॉल
(c) 2,2,2 ट्राइक्लोरोप्रोपेनल
(d) क्लोरल।
उत्तर
(a) 3,3,3 ट्राइक्लोरोप्रोपेनॉल
प्रश्न 8.
फेहलिंग विलयन की एथेनल से प्रतिक्रिया स्वरूप निम्नलिखित अवक्षेप प्राप्त होता है-
(a) Cu
(b) CHO
(c) Cu2O
(d) Cu2O+Cu2O3.
उत्तर
(c) Cu2O
प्रश्न 9.
किसकी उपस्थिति में ऐल्डिहाइडों और कीटोन का हाइड्रोकार्बन में अपचयन होता है.
(a) Zn /Hg एवं HCI
(b) Pd / BasO4
(c) निर्जल AlCl3
(d) Ni / Pt.
उत्तर
(a) Zn /Hg एवं HCI
प्रश्न 10.
निम्नलिखित में कौन-सा यौगिक HgCl के साथ सफेद अवक्षेप उत्पन्न करता है
(a) HCOOH
(b) CH3COOH
(c) C2H5COOH
(d) C3H7COOH.
उत्तर
(a) HCOOH
प्रश्न 11.
फॉर्मिक अम्ल
(a) जल के साथ अमिश्रणीय है।
(b) अमोनिकल सिल्वर नाइट्रेट का अपचयन करता है।
(c) एसीटिक अम्ल से साढ़े तीन गुना दुर्बल अम्ल है।
(d) KOH को गर्म करने पर प्राप्त होता है।
उत्तर
(b) अमोनिकल सिल्वर नाइट्रेट का अपचयन करता है।
प्रश्न 12.
अम्ल की प्रबलता का सही क्रम है
(a) CH3COOH > CH2CICOOH > CHCI2-COOH
(b) CHCl2-COOH > CH2CICOOH >CH3-COOH
(c) CHCl2-COOH > CH3-COOH > CH2CICOOH
(d) CH2-CICOOH > CH3-COOH > CHCl2-COOH.
उत्तर
(b) CHCl2-COOH > CH2CICOOH >CH3-COOH
प्रश्न 13.
बेंजेल्डिहाइड को ऐल्कोहॉलीय KCN के साथ गर्म करने पर देता है –
(a) बेंजायन
(b) बेंजील ऐल्कोहॉल
(c) सोडियम बेंजोएट
(d) सिन्नेमिक अम्ल।
उत्तर
(a) बेंजायन
प्रश्न 14.
निम्नलिखित में से कौन-सा अमोनियामय AgNO3 के साथ रजत दर्पण नहीं देता –
(a) HCHO
(b) CH3-CHO
(c) CH3-COOH
(d) HCOOH.
उत्तर
(c) CH3-COOH
प्रश्न 15.
वह अभिकर्मक यौगिक जो एसीटेल्डिहाइड तथा ऐसीटोन दोनों से आसानी से अभिक्रिया करता
(a) फेहलिंग विलयन
(b) ग्रिगनार्ड अभिकर्मक
(c) शिफ अभिकर्मक
(d) टॉलेन अभिकर्मक।
उत्तर
(b) ग्रिगनार्ड अभिकर्मक
प्रश्न 16.
मेथिल कीटोन की पहचान की जाती है
(a) टॉलेन अभिकर्मक से
(b) आयोडोफार्म परीक्षण से
(c) शिफ परीक्षण से
(d) बेनेडिक्ट विलयन से।
उत्तर
(b) आयोडोफार्म परीक्षण से
प्रश्न 17.
ऐल्डिहाइड तथा कीटोन का विभेद किस अभिकर्मक द्वारा होता है
(a) फेहलिंग विलयन
(b) H2SO4 विलयन
(c) NaHSO.3 विलयन
(d) NH3.
उत्तर
(a) फेहलिंग विलयन
प्रश्न 18.
कौन-सा यौगिक कैनिजारो अभिक्रिया देगा
(a) प्रोपिएनोएल्डिहाइड
(b) बेंजेल्डिहाइड
(c) ब्रोमोबेंजीन .
(d) एसीटैल्डिहाइड।
उत्तर
(b) बेंजेल्डिहाइड
प्रश्न 19.
टॉलेन अभिकर्मक है
(a) अमोनियामय क्यूप्रस क्लोराइड
(b) अमोनियामय क्यूप्रस फ्लुओराइड
(c) अमोनियामय सिल्वर ब्रोमाइड
(d) अमोनियामय सिल्वर नाइट्रेट ।
उत्तर
(d) अमोनियामय सिल्वर नाइट्रेट ।
प्रश्न 20.
फार्मेल्डिहाइड की KOH की क्रिया से मेथेनॉल तथा पोटैशियम फोमेट बनता है इस अभिक्रिया को कहते हैं
(a) पर्किन अभिक्रिया
(b) क्लेज़न अभिक्रिया
(c) कैनिजारो अभिक्रिया
(d) नोवेनजेल अभिक्रिया।
उत्तर
(c) कैनिजारो अभिक्रिया
2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
- पोटैशियम एसीटेट के विद्युत् अपघटन से ………… प्राप्त होता है।
- जिंक अमलगम और सान्द्र हाइड्रोक्लोरिक अम्ल का मिश्रण ………… कहलाता है।
- बेकेलाइट, फीनॉल और ………… का बहुलक है।
- बेंजेल्डिहाइड को ……….. भी कहते हैं।
- कीटोन टॉलेन अभिकर्मक को …………नहीं करते हैं।
- फॉर्मिक अम्ल का 40% जलीय विलयन …………कहलाता है। .
- ऐल्डिहाइड फेहलिंग विलयन के साथ …………अवक्षेप देता है।
- ऐसीटिक अम्ल को फॉस्फोरस पेन्टा ऑक्साइड के साथ गर्म करने पर . ………. बनता है।
- पैराऐल्डिहाइड का उपयोग ………… औषधि के रूप में किया जाता है।
- रोजेन्डमुण्ड अपचयन में BaSOa, Pd के लिए ………… का कार्य करता है और ऐल्डिहाइड को ………… अपचयित होने से रोकता है।
- क्रोमिल क्लोराइड द्वारा टालुइन का बेंजेल्डिहाइड में ऑक्सीकरण ……….. क्रिया कहलाता है।
- अम्ल क्लोराइड का Pd/Baso, द्वारा अपचयन करने पर ………. यौगिक बनता है।
- α हाइड्रोजन युक्त ऐल्डिहाइड की तनु NaOH के साथ क्रिया से ………… बनता है।
- कैल्सियम एसीटेट के शुष्क आसवन से ………… प्राप्त होता है।
उत्तर
- एथेन
- क्लीमेन्शन अपचयन
- HCHO
- कड़वे बादाम का तेल
- अपचयित
- फॉर्मेलीन
- लाल
- ऐसीटिक एनहाइड्राइड
- निद्राकारी
- विष ऐल्कोहॉल
- इटार्ड अभिक्रिया
- ऐल्डिहाइड
- एल्डॉल
- एसीटोन।
3. उचित संबंध जोडिए
उत्तर
- (e)
- (a)
- (c)
- (b)
- (d).
उत्तर
- (c)
- (d)
- (e)
- (b)
- (a).
उत्तर
- (e)
- (c)
- (a)
- (b)
- (d).
4. एक शब्द / वाक्य में उत्तर दीजिए
- शिफ अभिकर्मक बेंजेल्डिहाइड के साथ कौन-सा रंग देता है ?
- ग्लैशियल ऐसीटिक अम्ल का IUPAC नाम लिखिए।
- सोडियम पोटैशियम टाटरेट से संकुलित क्षारीय कॉपर सल्फेट का विलयन कहलाता है।
- कार्बोक्सिलिक अम्ल चक्रीय द्विलक के रूप में क्यों होते हैं ?
- एरोमैटिक ऐल्डिहाइड को सोडियम कार्बोक्सिलेट की उपस्थिति में एसिड एनहाइड्राइड के साथ गर्म करने पर कौन-सा यौगिक प्राप्त होगा?
- बेन्जेल्डिहाइड में KCN मिलाकर संघनन की क्रिया का नाम लिखिए।
- फॉर्मिक अम्ल के निर्जलीकरण से कौन-सी गैस प्राप्त होती है ?
- उस अभिकर्मक का नाम बताइए जो बिना एल्कोहॉल के प्रयोग से अम्ल को एस्टर में परिवर्तित कर देता
उत्तर
- गुलाबी,
- एथेनोइक अम्ल,
- फेहलिंग विलयन,
- अन्तर आण्विक हाइड्रोजन बन्ध के कारण,
- असंतृप्त एरोमैटिक कार्बोक्सिलिक अम्ल (सिन्नेमिक अम्ल),
- बेन्जोइन संघनन,
- कार्बन मोनोऑक्साइड,
- 8. CH2N2.
ऐल्डिहाइड्स, कीटोन्स तथा कार्बोक्सिलिक अम्ल लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्नलिखित अम्लों को बढ़ती हुई प्रबलता के क्रम में व्यवस्थित कीजिए
1. HCOOH, CH3-COOH, C6H5COOH.
2.
3. HCOH CHCHO और CH, COCH को बढ़ती हुई क्रियाशीलता के क्रम में लिखिए।
उत्तर
1. बढ़ती प्रबलता का क्रम
CH3-COOH < C6H5COOH < HCOOH
2. IUPAC नाम-2 मेथिल, प्रोपेनल ।
प्रचलित नाम-आइसो प्रोपिल ऐल्डिहाइड।
3. बढ़ती हुई क्रियाशीलता का क्रम
CH3-COCH3 < CH3-CHO < HCHO.
प्रश्न 2.
- हेल-वोल्हाड़ जेलेन्स्की (HVZ) अभिक्रिया क्या है ?
- फॉर्मिक अम्ल को गर्म करने पर क्या होता है ?
उत्तर
1. कार्बोक्सिलिक अम्लों की फॉस्फोरस की उपस्थिति में क्लोरीन या ब्रोमीन की अभिक्रिया से a हैलोजनीकृत अम्ल प्राप्त होते हैं यह अभिक्रिया हेल-वोल्हार्ड जेलेन्स्की अभिक्रिया कहलाती है।
2. फॉर्मिक अम्ल को 160°C तक गर्म करने पर Co और H2O बनता है।
प्रश्न 3.
- कीटोन ऐल्डिहाइड से कम क्रियाशील होते हैं, क्यों?
- बेन्जेल्डिहाइड, ऐसीटेल्डिहाइड से कम क्रियाशील है, क्यों?
उत्तर
1. कीटोन की ऐल्डिहाइड की तुलना में, कम क्रियाशीलता उसमें उपस्थित दो ऐल्किल समूह द्वारा उत्पन्न धनात्मक प्रेरणिक प्रभाव (+I) के कारण होती है जो कार्बोनिल कार्बन के धन आवेश में कमी कर देती है; फलतः इसकी नाभिकस्नेही अभिकर्मक के प्रति सुग्राहिता घट जाती है।
ऐल्डिहाइड में केवल एक ऐल्किल समूह होता है। अतः ये कीटोन की अपेक्षा अधिक क्रियाशील होते हैं।
2. बेंजेल्डिहाइड का – CHO समूह के बेंजीन चक्र में साथ अनुनाद द्वारा स्थायी हो जाता है जबकि ऐसीटेल्डिहाइड में अनुनाद नहीं पाया जाता है। बेंजेल्डिहाइड एरोमेटिक होता है व ऐल्डिहाइड एलीफैटिक होता है।
प्रश्न 4.
फॉर्मेल्डिहाइड से यूरोट्रोपीन कैसे प्राप्त करोगें ? यूरोट्रोपीन का संरचना सूत्र लिखिये।
उत्तर
फॉर्मऐल्डिहाइड और अमोनिया की क्रिया से यूरोट्रोपीन बनता है।
प्रश्न 5.
यद्यपि फीनॉक्साइड आयन की अनुनादी संरचनाएँ कार्बोक्सिलेट आयन की तुलना में अधिक है। परन्तु कार्बोक्सिलिक अम्ल CH, फीनॉल की तुलना में प्रबल अम्ल हैं। क्यों ?
यूरोट्रोपीन का संरचना सूत्र
उत्तर
कार्बोक्सिलेट आयन तथा फीनॉक्साइड आयन दोनों अनुनाद द्वारा स्थायित्व प्राप्त करते है। किन्तु कार्बोक्सिलेट आयन फीनॉक्साइड आयन की तुलना में अधिक स्थायित्व प्राप्त करता है। क्योंकि इसमे ऋणावेश दो अधिक विद्युत ऋणात्मक आक्सीजन परमाणुओं पर विस्थानीकृत होता है जबकि फोनॉक्साइड आयन की संरचना II, III तथा IV में ऋणावेश का विस्थापन कम विद्युत ऋणात्मक कार्बन पर होता है। इस कारण कार्बोक्सिलिक अम्ल फोनॉल से अधिक अम्लीय होता है।
प्रश्न 6.
टॉलेन अभिक्रिया पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। अथवा, टॉलेन अभिकर्मक क्या है ? इसकी ऐसिटैल्डिहाइड के साथ अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर
टॉलेन अभिक्रिया-अमोनियामय सिल्वर नाइट्रेट का विलयन टॉलेन अभिकर्मक कहलाता है। जब टॉलेन अभिकर्मक को ऐल्डिहाइड के साथ गरम किया जाता है, तो ऐल्डिहाइड Ag+ आयन को Ag में ‘अपचयित कर देता है और परखनली की दीवार पर चमकदार रजत दर्पण बनाता है।
प्रश्न 7.
कार्बोक्सिलिक अम्लों के क्वथनांक समान अणुभार वाले ऐल्कोहॉलों की अपेक्षा ऊँचे होते हैं। क्यों?
उत्तर
कार्बोक्सिलिक अम्ल चक्रीय द्वितीयाणु (Cyclic dimer) के रूप में होते हैं। यह अणुओं के मध्य अन्तराण्विक हाइड्रोजन बन्ध बनने के कारण होता है।
अम्लों के हाइड्रोजन बन्ध ऐल्कोहॉलों के हाइड्रोजन बन्ध की तुलना में अधिक प्रबल होते हैं, इसी कारण कार्बोक्सिलिक अम्लों के क्वथनांक समान अणुभार के ऐल्कोहॉलों से उच्च होते हैं।
प्रश्न 8.
फेहलिंग अभिक्रिया को समीकरण सहित समझाइये।
उत्तर
फेहलिंग अभिक्रिया-सोडियम पोटैशियम टाटरेट से संकुलित क्षारीय Cuso4 का विलयन फेहलिंग विलयन कहलाता है। जब ऐल्डिहाइड को फेहलिंग विलयन के साथ गर्म करते हैं, तो ऐल्डिहाइड का ऑक्सीकरण हो जाता है तथा क्यूप्रस ऑक्साइड का लाल अवक्षेप प्राप्त होता है। यह फेहलिंग परीक्षण कहलाता
प्रश्न 9.
कीटोन का क्वथनांक संगत समावयवी ऐल्डिहाइड की अपेक्षा कुछ अधिक क्यों होता है ?
उत्तर
कीटोन अपने संगत समावयवी ऐल्डिहाइड की तुलना में अधिक ध्रुवीय होते हैं, क्योंकि कीटोन में > C = 0 समूह के पास दो इलेक्ट्रॉन प्रतिकर्षी ऐल्किल समूह उपस्थित होते हैं। अतः कीटोन में द्विध्रुव आकर्षण बल ऐल्डिहाइड की अपेक्षा अधिक होता है। यही कारण है कि कीटोन का क्वथनांक संगत समावयवी ऐल्डिहाइडों की तुलना में अधिक होता है।
प्रश्न 10.
फॉर्मेल्डिहाइड, ऐसीटैल्डिहाइड और ऐसीटोन में से कौन-सा यौगिक सबसे अधिक क्रियाशील है और क्यों?
उत्तर
HCHO, CH3CHO और CH3COCH3 की क्रियाशीलता का निर्धारण कार्बोनिल समूहों के साथ जुड़े हुए समूहों की प्रकृति के आधार पर होता है। कार्बोनिल समूहों के कार्बन परमाणु पर इलेक्ट्रॉन की कमी होने के कारण यौगिक अत्यधिक क्रियाशील होते हैं। यदि>c= 0 समूह के साथ इलेक्ट्रॉन आकर्षित करने वाले– प्रभाव वाले समूह जुड़े होंगे तो वे कार्बोनिल समूह वाले कार्बन की इलेक्ट्रॉन न्यूनता को और बढ़ा देंगे जिससे यौगिक बहुत अधिक क्रियाशील हो जायेगा। इसके विपरीत यदि कार्बोनिल समूह के साथ इलेक्ट्रॉन देने वाले (+ I प्रभाव वाले) समूह जुड़े हों तो वे कार्बोनिल समूह की क्रियाशीलता को कम कर देंगे।CH, समूह का +I प्रभाव होता है। अतः उपर्युक्त तीन यौगिकों की क्रियाशीलता का क्रम नीचे दिये अनुसार होगा
प्रश्न 11.
एसीटिक अम्ल, फॉर्मिक अम्ल तथा क्लोरोऐसीटिक अम्ल की अम्लीय शक्ति की तुलना कीजिए।
उत्तर
एसीटिक अम्ल में उपस्थित एक ऐल्किल समूह के धनात्मक प्रेरणिक प्रभाव के कारण हाइड्रॉक्सिल ऑक्सीजन पर इलेक्ट्रॉन घनत्व बढ़ता है, जो अम्ल की प्रबलता को कम करता है। फॉर्मिक अम्ल में एक भी ऐल्किल समूह नहीं होता। फॉर्मिक अम्ल में ऑक्सीजन पर धन आवेश होने के कारण O-H बंध का इलेक्ट्रॉन युग्म ऑक्सीजन की ओर विस्थापित होता जाता है, फलस्वरूप O-H बंध का हाइड्रोजन प्रोटॉन के रूप में सरलता से अलग हो जाता है और फॉर्मिक अम्ल एक अम्ल के समान कार्य करता है, जबकि क्लोरोऐसीटिक अम्ल में उपस्थित क्लोरीन परमाणु प्रबल ऋणात्मक प्रेरणिक प्रभाव प्रदर्शित करता है, जिससे अम्ल में 0-H बंध बनाने वाले इलेक्ट्रॉन ऑक्सीजन की ओर सरलता से विस्थापित हो जाते हैं, जिससे सरलता से H* आयन मुक्त होता है। अतः क्लोरोऐसीटिक अम्ल फॉर्मिक अम्ल और ऐसीटिक अम्ल से अधिक प्रबल होता है।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित अभिक्रिया में A, B तथा C यौगिकों को पहचानिए
उत्तर
प्रश्न 13.
निम्नलिखित क्रियाओं के रासायनिक समीकरण लिखिये
(a) ऐसीटैल्डिहाइड की 0°C पर H3SO4 से क्रिया। ।
(b) फॉर्मेल्डिहाइड की अमोनियामय AgNO3 से क्रिया।
(c) एसीटिक ऐसिड को P2O5 के साथ गर्म करने पर।
उत्तर
प्रश्न 14.
ऐसीटैल्डिहाइड के बहुलीकरण का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर
1.साधारण ताप पर ऐसीटैल्डिहाइड सान्द्र H2SO4 की कुछ बूंदों के साथ अभिकृत किये जाने पर पैराऐल्डिहाइड में बहुलीकृत हो जाता हैं। जिसका उपयोग निद्राकारी औषधि के रूप में होता हैं।
2. 0°C पर ऐसीटैल्डिहाइड में HCI गैस प्रवाहित करने पर मेटा ऐल्डिहाइड प्राप्त होता है।
प्रश्न 15
निम्नलिखित बिन्दुओं के अन्तर्गत फॉर्मिक अम्ल और ऐसीटिक अम्ल में अन्तर लिखिए
- गर्म करने पर ,
- अम्लीय KMnO4 से क्रिया,
- Ca लवण का आसवन करने पर,
- अमोनियामय AgNO3 विलयन के साथ क्रिया,
- PCL5 से क्रिया।
उत्तर
फॉर्मिक एसिड और ऐसिटिक एसिड में अंतर|
प्रश्न 16.
स्टीफन अभिक्रिया और बेंजोइन संघनन के उदाहरण एवं समीकरण द्वारा समझाइए।
उत्तर
स्टीफन अभिक्रिया-ऐल्किल सायनाइड को ईथर या एथिल ऐसीटेट में विलेय कर उसका SnCl2 व HCl द्वारा अपचयन करके भाप आसवन करने पर ऐल्डिहाइड प्राप्त होता है। यह स्टीफन अभिक्रिया कहलाती है।
प्रश्न 17.
- पर्किन अभिक्रिया पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- क्या होता है जब ऐसीटोन को H2SO, के साथ गर्म करते हैं ?
उत्तर
1. पर्किन अभिक्रिया-ऐरोमैटिक ऐल्डिहाइड को किसी ऐलिफैटिक अम्ल के सोडियम लवण की उपस्थिति में उस अम्ल के ऐनहाइड्राइड के साथ गर्म करते हैं तो a,B असन्तृप्त अम्ल बनता है। जैसे
2. H2SO4 की उपस्थिति में ऐसीटोन के तीन अणु संघनित होकर मेसिटिलीन बनाते हैं।
प्रश्न 18.
सिरका किसे कहते हैं ? इसके दो उपयोग लिखिये। (अति महत्वपूर्ण)
उत्तर
एसीटिक एसिड का 6 से 10% जलीय विलयन सिरका कहलाता है।
उपयोग-
- अचार, चटनी, मुरब्बा के परिरक्षण में।
- बेसिक कॉपर एसीटेट बनाने में।
प्रश्न 19.
फार्मेलीन किसे कहते हैं ? इसके दो उपयोग लिखिए।
उत्तर
फार्मेलीन-ऐल्डिहाइड (H-CHO) को 40%, जलीय विलयन फार्मेलीन कहलाता है।
उपयोग-
- रोगियों के कमरे धोने में।
- मृत शरीरों के परिरक्षण में।
प्रश्न 20.
क्या होता है जब (केवल समीकरण दीजिए)
- कैल्सियम फॉर्मेट को अकेले गर्म करते हैं।
- कैल्सियम बेंजोएट को अकेले गर्म करते हैं।
- कैल्सियम फार्मेट को कैल्सियम एसीटेट के साथ गर्म करते हैं।
- कैल्सियम बेंजोएट को कैल्सियम फार्मेट का मिश्रण का शुष्क आसवन करते हैं।
उत्तर
प्रश्न 21.
क्या होता है जब (केवल समीकरण दीजिए)
- फॉर्मेल्डिहाइड अमोनिया के साथ क्रिया करता है।
- कैल्सियम फॉर्मेट को कैल्सियम एसीटेट के साथ गर्म करते हैं ?
- एसीटोन निगनार्ड अभिकर्मक से क्रिया करता है।
- एसीटिलीन जल साथ Hgso4 व H2SO4 की उपस्थिति में क्रिया करता है।
उत्तर
प्रश्न 22.
ऐल्डिहाइड और कीटोन समूहों के यौगिक में प्रमुख अन्तर लिखिए।
उत्तर
प्रश्न 23.
एक कार्बनिक यौगिक A (अणुसूत्र C8H80), धनात्मक 2,4-DNP परीक्षण देता है। यह आयोडीन तथा सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन के साथ क्रिया कराने पर यौगिक Bका एक पीला अवक्षेप देता है। यौगिक A टॉलेन अथवा फेहलिंग परीक्षण नहीं देता है। पोटैशियम परमैंगनेट के साथ प्रबल ऑक्सीकरण कराने पर यह एक कार्बोक्सिलिक अम्ल C (अणुसूत्र C7H6O2) बनाता है जो उपरोक्त अभिक्रिया में पीले यौगिक के साथ भी बनता है। A, B तथा C को पहचानिए तथा सम्बन्धित सभी अभिक्रियाओं को लिखिए।
उत्तर
यौगिक A टॉलेन अथवा फेहलिंग परीक्षण नहीं देता है। अंत: यह एक कीटोन है, ऐल्डिहाइड नहीं।
प्रश्न 24.
ट्राइ क्लोरो ऐसीटिक अम्ल अकार्बनिक अम्लों की भाँति प्रबल क्यों है ? बेंजोइक अम्ल ठोस है जबकि प्रारम्भिक ऐलीफैटिक अम्ल द्रव है। कारण दीजिए।
उत्तर
ट्राइ क्लोरो ऐसीटिक अम्ल में Cl परमाणु एक शक्तिशाली ऋणात्मक प्रेरणिक प्रभाव (-I प्रभाव) डालते हैं। इसके कारण O-H बंध का इलेक्ट्रॉन जोड़ा ऑक्सीजन की ओर विस्थापित हो जाता है। इस अणु में हाइड्रोजन परमाणु ऑक्सीजन के साथ शिथिलता से जुड़ा रहता है तथा उसका आयनन सरलता से हो जाता है। अतः ट्राइक्लोरो ऐसीटिक अम्ल अकार्बनिक अम्ल की भाँति प्रबल है।
बेंजोइक अम्ल अपनी ध्रुवीय प्रकृति एवं उच्च आण्विक द्रव्यमान के कारण ठोस है जबकि निम्न
ऐलिफैटिक अम्ल उनमें उपस्थित समूह के कारण आपस में अन्तर आण्विक हाइड्रोजन बंध द्वारा संगुणित होकर द्विलकीकृत हो जाते हैं। इस कारण ये द्रव अवस्था में पाये जाते हैं।
प्रश्न 25.
बहुलीकरण एवं संघनन में क्या अन्तर है ? (कोई चार)
उत्तर
प्रश्न 26.
ऐसीटिक अम्ल का फॉर्मिक अम्ल में और फॉर्मिक अम्ल का ऐसीटिक अम्ल में परिवर्तन की क्रियाएँ लिखिए।
उत्तर
1. एसीटिक अम्ल का फॉर्मिक अम्ल में परिवर्तन
2. फॉर्मिक अम्ल का ऐसीटिक अम्ल में परिवर्तन
प्रश्न 27.
निम्न को कैसे प्राप्त करेंगे
- एसीटिल क्लोराइड से ऐसीटैल्डिहाइड
- कैल्सियम ऐसीटेट से ऐसीटोन
- एथिल ऐसीटेट से एसीटिक अम्ल।
उत्तर
1. एसीटिल क्लोराइड में Pd युक्त BaSO4 की उपस्थिति H2 गैस प्रवाहित करने पर ऐसीटैल्डिहाइड बनता है।
2. कैल्सियम ऐसीटेट का शुष्क आसवन करने पर एसीटोन बनता है।
3. एथिल एसीटेट से एसीटिक अम्ल प्राप्त करने हेतु अम्लीय माध्यम में जल अपघटन किया जाता है।
प्रश्न 28.
जब द्रव A की एक ताजे बने हुए अमोनियामय सिल्वर नाइट्रेट विलयन के साथ क्रिया करते हैं, तो यह चमकदार रजत दर्पण देता है। यह द्रव सोडियम हाइड्रोजन सल्फाइट के साथ अभिकृत करने पर एक सफेद क्रिस्टलीय ठोस बनाता है। द्रव B भी सोडियम हाइड्रोजन सल्फाइट के साथ एक सफेद क्रिस्टलीय ठोस बनाता है किन्तु यह अमोनियामय सिल्वर नाइट्रेट के साथ परीक्षण नहीं देता है। दोनों द्रवों में से कौन-सा ऐल्डिहाइड है ? इन अभिक्रियाओं की रासायनिक समीकरणे लिखिए।
उत्तर
चूँकि द्रव A अमोनियामय सिल्वर नाइट्रेट (टॉलेन अभिकर्मक) को अपचयित करता है, अतः, A ऐल्डिहाइड है।
प्रश्न 29.
प्रयोगशाला में फॉर्मिक अम्ल बनाने की विधि और दो उपयोग बताइये।
उत्तर
प्रयोगशाला में फॉर्मिक अम्ल बनाने के लिए 100-110°C पर ऑक्सेलिक अम्ल तथा ग्लिसरॉल की अभिक्रिया करायी जाती है। अभिक्रिया इस प्रकार है
उपयोग-
- सूती तथा ऊनी कपड़ों की रंगाई में,
- चमड़ा तथा रबर उद्योग में,
- विद्युत् लेपन में,
- फलों के रसों के परिरक्षण में।
ऐल्डिहाइड्स, कीटोन्स तथा कार्बोक्सिलिक अम्ल दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
प्रयोगशाला में ऐसीटोन बनाने की विधि का वर्णन कीजिए। नामांकित चित्र एवं रासायनिक समीकरण भी दीजिए।
उत्तर
ऐसीटोन बनाने की प्रयोगशाला विधि (Laboratory Method)-प्रयोगशाला में ऐसीटोन निर्जल कैल्सियम ऐसीटेट के शुष्क आसवन से बनाया जाता है।
चित्रानुसार उपकरण तैयार करके काँच या धातु के रिटॉर्ट में निर्जल कैल्सियम ऐसीटेट लेकर गर्म करते हैं। ऐसीटोन की वाष्प बनती है, जो संघनित्र में संघनित होकर ग्राही में एकत्रित हो जाती है। यह ऐसीटोन अशुद्ध होता है। इसे सन्तृप्त NaHSO3 विलयन के साथ हिलाकर 4-5 घण्टे के लिए रख देते हैं, जिससे ऐसीटोन सोडियम बाइसल्फाइट के क्रिस्टल बनते हैं। इन्हें पृथक् करके Na2CO3 विलयन के साथ मिलाकर आसवन करते हैं। शुद्ध ऐसीटोन प्राप्त होता है। इसमें थोड़ा जल अभी भी होता है। इसलिए इसे निर्जल CaCl2 से सुखाकर पुनः आसवन करते हैं। 56°C पर शुष्क ऐसीटोन आसवित होता है।
(CH3)2C=0+ NaHSO3→(CH3)2C(OH)SO3Na
2(CH3)2C(OH)SO3Na+ Na2CO3→2(CH3)2C=0+2Na2SO3 + H2O + CO2
प्रश्न 2.
निम्नलिखित अभिक्रियाओं को उदाहरण देकर समीकरण सहित लिखिए
- आयोडोफॉर्म अभिक्रिया,
- टिशेन्को अभिक्रिया,
- गाटरमानकोच अभिक्रिया,
- रोजेनमुण्ड अभिक्रिया।
उत्तर
1. आयोडोफॉर्म (हैलोफॉर्म) अभिक्रिया-ऐसीटैल्डिहाइड या मेथिल कीटोन को आयोडीन तथा क्षार के साथ अभिक्रिया कराने पर पीले रंग का आयोडोफॉर्म (CHI3) का अवक्षेप आता है, इसे आयोडोफॉर्म परीक्षण कहते हैं।
सम्पूर्ण अभिक्रियाएँ
CH3-CO-CH3+ 312 + 4NaOH →CHI3+ CH3COONa + 3Nal + 3H20
2. टिशेन्को अभिक्रिया (Tischencko reaction)-CH3-CHO या C6H5CHO को ऐल्युमिनियम आइसो प्रोपॉक्साइड और निर्जल AICI3 या ZnCI2 के साथ गर्म करने से एस्टर बनते हैं।
3. गाटरमैन कोच ऐल्डिहाइड संश्लेषण-CO और HCI के मिश्रण को निर्जल AICI3 और CuCl (अल्प भाग) की उपस्थिति में उच्च दाब पर बेंजीन ईथर विलयन में प्रवाहित करने पर C6H5CHO बनता है।
4. रोजेनमुण्ड अभिक्रिया–ऐसिड क्लोराइड के उबले जाइलीन में बने विलयन का पैलेडियमयुक्त बेरियम सल्फेट की उपस्थिति में हाइड्रोजन द्वारा अपचयन करने पर ऐल्डिहाइड बनता है। यह अभिक्रिया रोजेनमुण्ड अभिक्रिया कहलाती है ।
BaSO5 अभिक्रिया में Pd उत्प्रेरक के लिए विष का कार्य करता है। इसकी उपस्थिति ऐल्डिहाइड का ऐल्कोहॉल में अपचयन रोकती है।
प्रश्न 3.
शीघ्र सिरका विधि से ऐसीटिक अम्ल कैसे बनाते हैं? ऐसीटिक अम्ल की क्लोरीन तथा फॉस्फोरस पेन्टाक्लोराइड से अभिक्रिया रासायनिक समीकरण देकर समझाइये।
अथवा, ऐसीटिक अम्ल बनाने की शीघ्र सिरका विधि को सचित्र समझाइये। इसके दो प्रमुख गुण और उपयोग बताइये।
उत्तर
शीघ्र सिरका विधि- इस विधि में ऐल्कोहॉल के तनु विलयन का ऑक्सीकरण वायु के द्वारा माइकोडर्मा ऐसीटी बैक्टीरिया की उपस्थिति में किया जाता है।
इस विधि में एक बाल्टीनुमा पात्र में जिसके निचले भाग में कई छेद हों पुराने सिरके से भीगी लकड़ी की छीलन भरकर ऊपर से एथिल ऐल्कोहॉल का 10% विलयन (जिसमें थोड़ा अमोनियम सल्फेट मिला हो) धीरेधीरे नीचे गिराते हैं। इसमें अमोनियम सल्फेट बैक्टीरिया के भोजन के रूप में कार्य करता है। तब नीचे तनु ऐसीटिक अम्ल या सिरका एकत्रित हो जाता है। इस तरह प्राप्त अम्ल को तब तक कई बार ऊपर से डालते हैं जब तक ऐल्कोहॉल का ऑक्सीकरण पूर्ण न हो जाये। इस प्रकार ऐसीटिक अम्ल का सान्द्रण भी हो जाता है।
रासायनिक गुण-
1. Cl2 से क्रिया-ऐसीटिक अम्ल क्लोरीन, सूर्य प्रकाश या उच्च ताप पर लाल फॉस्फोरस की उपस्थिति में क्रिया करके मोनो, डाइ एवं ट्राइक्लोरो ऐसीटिक अम्ल बनाते हैं।
2. PCI से क्रिया
CH3COOH + PCl5 → CH3COCI+ POCl3 + HCI
उपयोग-
- प्रयोगशाला में अभिकर्मक व विलायक के रूप में।
- सिरके के रूप में अचार, चटनी आदि बनाने में।
- मेथिल ऐसीटेट, एथिल ऐसीटेट तथा अन्य एस्टर बनाने में।
प्रश्न 4.
निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए
- क्लेजन संघनन,
- बेंजोइन संघनन।
उत्तर
1. क्लेजन संघनन—ऐरोमैटिक ऐल्डिहाइड, तनु क्षार की उपस्थिति में जब α -हाइड्रोजन युक्त ऐलिफैटिक ऐल्डिहाइड अथवा कीटोन के साथ संघनित होता है तो α , β असंतृप्त ऐल्डिहाइड या कीटोन बनाता
2. बेंजोइन संघनन–बेंजैल्डिहाइड को जब ऐल्कोहॉली पोटैशियम सायनाइड के साथ गर्म किया जाता है, तो इसके दो अणु संघनित होकर बेंजोइक (a – हाइड्रॉक्सी कीटोन) बनाते हैं।
प्रश्न 5.
ऐसीटिक अम्ल से आप निम्नलिखित कैसे प्राप्त करोगे ? (केवल समीकरण दीजिए)
- ऐसीटेमाइड,
- एथिल ऐसीटेट,
- ऐसीटिक ऐनहाइड्राइड,
- ट्राइक्लोरो ऐसीटिक अम्ल।
उत्तर
1. ऐसीटेमाइड
2. एथिल ऐसीटेट
3. ऐसीटिक ऐनहाइड्राइड
4. ट्राइक्लोरो ऐसीटिक अम्ल-
CH3 – COOH +3Cl2 →CCl3COOH+3HCI.
प्रश्न 6.
क्या होता है जब (केवल समीकरण दीजिए)
- एसीटोन की क्लोरोफर्म से क्रिया,
- बेन्जैल्डिहाइड की ऐसीटिक ऐनहाइड्राइड से क्रिया।
उत्तर
1. ऐसीटोन की क्लोरोफॉर्म से क्रिया-
2. बेन्जेल्डिहाइड की एसीटिक एनहाइड्राइड से क्रिया-
प्रश्न 7.
निम्नलिखित अभिक्रिया पर टिप्पणी लिखिए
- स्टीफन अभिक्रिया
- नोवेनजेल अभिक्रिया
- इटार्ड अभिक्रिया।
उत्तर
1. स्टीफन अभिक्रिया- स्टीफन अभिक्रिया-ऐल्किल सायनाइड को ईथर या एथिल ऐसीटेट में विलेय कर उसका SnCl2 व HCl द्वारा अपचयन करके भाप आसवन करने पर ऐल्डिहाइड प्राप्त होता है। यह स्टीफन अभिक्रिया कहलाती है।
2. नोवेनजेल अभिक्रिया- जब बेंजैल्डिहाइड को पिरीडीन या ग्लेश्यिल ऐसीटिक अम्ल की उपस्थिति में डाइ एथिल मैलोनेट (मैलोनिक एस्टर) से क्रिया करके α,β अंसतृप्त एरोमैटिक कार्बोक्सिलिक अम्ल बनाता है।
3. इटार्ड अभिक्रिया- कार्बन टेट्रा क्लोराइड में विलेय टालुईन को क्रोमिल क्लोराइड के साथ क्रिया कराने पर जटिल यौगिक बनता है जो जल-अपघटन पर बेंजेएल्डिहाइड देता है।
प्रश्न 8.
क्या होता है जब (केवल समीकरण)
- ऐसीटोन को ग्रिगनार्ड अभिकर्मक के साथ अभिक्रिया कराने पर
- ऐसीटोन को KOH की उपस्थिति में क्लोरोफार्म के साथ
- बेंजेल्डिहाइड को एनिलीन के साथ ।
- कार्बोक्सिलिक अम्ल के सोडियम लवण को सोडा लाइम के साथ गर्म करने पर
- बेंजीन को एसीटिल क्लोराइड के साथ निर्जल AlCl3 की उपस्थिति में।
उत्तर
1. ऐसीटोन को ग्रिगनार्ड अभिकर्मक के साथ अभिक्रिया
2. ऐसीटोन की CHCI3 के साथ अभिक्रिया
3. बेंजेल्डिहाइड की एनिलीन के साथ अभिक्रिया
4. कार्बोक्सिलिक अम्ल के सोडियम लवण (शिफ क्षार) से सोडा लाइम के साथ
5. बेंजीन की CH3COCI के साथ अभिक्रिया
प्रश्न 9.
कैसे प्राप्त करोगे
(a) ऐसीटिलीन से ऐसीटेल्डिहाइड
(b) प्रोपाइन से प्रोपेनोन।
उत्तर
(a) ऐसीटिलीन से ऐसीटेल्डिहाइड
प्रश्न 10.
ऐसीटिक अम्ल से निम्न कैसे प्राप्त करोगे
(a) एथिल ऐल्कोहॉल,
(b) एथिल ऐसीटेट,
(c) मेथिल ब्रोमाइड,
(d) ऐसीटोन
(e) ऐसीटेमाइड,
(f) एसीटिक एनहाइड्राइड,
(g) ट्राईक्लोरो ऐसीटिक अम्ल।
उत्तर
प्रश्न 11.
कैसे प्राप्त करोगे (समीकरण दीजिए)
(a) टॉलुईन से बेन्जोइक अम्ल,
(b) प्रोपेनोइक अम्ल से ऐसीटिक अम्ल,
(c) प्रोपेनोइक अम्ल से प्रोपेनॉल,
(d) ऐसीटिक अम्ल से फॉर्मिक अम्ल।
उत्तर
प्रश्न 12.
कैसे परिवर्तित करोगे
- फॉर्मेल्डिहाइड से ऐसीटेल्डिहाइड ( मेथेनल से एथेनल)
- ऐसीटेल्डिहाइड से फॉर्मेल्डिहाइड (एथेनल से मेथेनल)
- फॉर्मिक अम्ल से ऐसीटिक अम्ल।
उत्तर
1. फॉर्मेल्डिहाइड से ऐसीटेल्डिहाइड
2. ऐसीटेल्डिहाइड से फॉर्मेल्डिहाइड
3. फॉर्मिक अम्ल से ऐसीटिक अम्ल
प्रश्न 13.
निम्नलिखित की ग्रिगनार्ड अभिकर्मक से अभिक्रिया का समीकरण दीजिए
(a) CO
(b) HCN
(c) HCOOC2H5
d) CH3CN.
उत्तर
प्रश्न 14.
क्या होता है जब (केवल समीकरण दीजिए)
- एसीटिक अम्ल की एथिल एल्कोहॉल से क्रिया
- एसीटिक अम्ल की अमोनिया से क्रिया
- एसीटोन की क्लोरोफॉर्म से क्रिया
- बेन्जैल्डिहाइड की एसीटिक एनहाइड्राइड से क्रिया।
उत्तर
1. एसीटिक अम्ल की एथिल एल्कोहॉल से क्रिया
2. एसीटिक अम्ल की अमोनिया से क्रिया
3. एसीटोन की क्लोरोफॉर्म से क्रिया
4. बेन्जेल्डिहाइड की एसीटिक एनहाइड्राइड से क्रिया
प्रश्न 15.
समझाइए
- ऐल्डिहाइड और कीटोन के क्वथनांक संगत ऐल्कोहॉल व अम्ल से भिन्न होते हैं।
- अम्लों के क्वथनांक उतने ही अणु भार वाले ऐल्कोहॉलों से उच्च होते हैं।
उत्तर
1. ऐल्डिहाइड एवं कीटोन ध्रुवीय यौगिक हैं इसलिए इनके क्वथनांक अध्रुवीं हाइड्रोकार्बन से अधिक होते हैं जबकि इनके क्वथनांक समान अणुभार वाले ऐल्कोहॉलों और कार्बोक्सिलिक अम्लों की तुलना में कम होते हैं । इसका कारण यह है कि ऐल्कोहॉल एवं कार्बोक्सिलिक अम्ल अन्तर-अणुक (intermolecular) H-बन्ध बनाकर संगुणित अणु बनाते हैं। ऐल्डिहाइड एवं कीटोन में हाइड्रोजन बन्ध बनाना सम्भव नहीं है, क्योंकि अम्ल एवं ऐल्कोहॉल की तरह H-परमाणु; विद्युत् ऋणात्मक ऑक्सीजन परमाणु से आबन्धित नहीं होता है। इस प्रकार हाइड्रोजन बन्ध के कारण ऐल्कोहॉल एवं अम्ल के क्वथनांक उच्च होते हैं।
2. कार्बोक्सिलिक अम्लों के क्वथनांक लगभग समान अणुभार वाले ऐल्कोहॉलों से अधिक होते हैं, क्योंकि अम्लों में ऐल्कोहॉलों की तुलना में प्रबल हाइड्रोजन बन्ध होता है। परिणामस्वरूप कार्बोक्सिलिक अम्ल के अणु आपस में दो हाइड्रोजन बन्ध से जुड़े होते हैं और अधिक आकर्षण बल होता है जिससे इनके क्वथनांक उच्च होते हैं।