MP Board Class 11th Special Hindi पत्र-लेखन
पत्र लिखना आधुनिक युग में प्रत्येक व्यक्ति के लिए आवश्यक है। वह मानव-मन के भाव और सन्देश-प्रेषण का सर्वोत्तम सरल माध्यम है। पत्रों में जो बात कही जाती है, उसका प्रकाशन व्यक्तिगत रूप से अभिव्यक्त करने से उत्तम होता है, क्योंकि पत्र में निर्बाध रूप से वह अपने मनोभावों का चित्रण कर सकता है। यहाँ व्यक्तित्व का व्यवधान बीच में नहीं होता।
पत्र-लेखन की रूपरेखा
- प्रेषक का स्थान और पता।
- दिनांक।
- प्रेषिती को सम्बोधन।
- अभिवादन।
- पत्र का मुख्य भाग।
- प्रेषक का आत्मबोधन।
- प्रेषक के हस्ताक्षर और नाम।
औपचारिक पत्र
(कार्यालयीय एवं सरकारी पत्र)
सरकार के कार्य अनेक मन्त्रालयों, विभागों और अनेक अधीनस्थ कार्यालयों के माध्यम से सम्पन्न होते हैं। इस प्रकार जो पत्र एक सरकारी कार्यालय से दूसरे कार्यालय के मध्य एक-दूसरे को लिखे जाते हैं, वे औपचारिक पत्र (अथवा कार्यालयीय या शासकीय पत्र) कहलाते हैं। भारत सरकार की ओर से समस्त विदेशी सरकारों, राज्य सरकारों सम्बद्ध और अधीनस्थ कार्यालयों, संघ लोक सेवा आयोग तथा सरकारी, अर्द्ध-सरकारी कार्यालयों के साथ औपचारिक पत्र व्यवहार सरकारी पत्र के रूप में ही किया जाता है। इसी प्रकार राज्य सरकार की ओर से एक कार्यालय को दूसरे कार्यालय से पत्र सरकारी पत्र के रूप में ही भेजा जाता है। जनता की या सरकारी कर्मचारियों की संस्थाओं और संगठनों के साथ किये जाने वाले पत्र-व्यवहार के लिए भी इसी का प्रयोग किया जाता है।
शासनादेश, अर्द्ध-सरकारी पत्र, गैर-सरकारी पत्र, कार्यालय स्मृति पत्र, अधिसूचना, परिपत्र प्रस्ताव या संकल्प, स्मरण पत्र, प्रेस-विज्ञप्ति प्रतिवेदन तथा नागरिक या नागरिकों द्वारा किसी अधिकारी या कार्यालय के प्रमुख को लिखे पत्र भी इसी प्रकार के होते हैं।
प्रायः इन पत्रों में प्रार्थना या सूचना या परिवाद होता है। कार्यालयीय पत्रों की संरचना सम्बन्धी निम्नलिखित बिन्दुओं का ध्यान रखा जाना चाहिए-
- सरनामा-इसमें मन्त्रालय अथवा कार्यालय का नाम होता है।
- पत्र-संख्या तथा दिनांक
- पत्र पाने वाले का नाम और/या पदनाम
- विषय
- सम्बोधन
- पत्र का मुख्य उद्देश्य
- अधोलेख
- भेजने वाले के हस्ताक्षर और उसका पद नाम।
सरकारी अधिकारियों को लिखे जाने वाले पत्रों का आरम्भ ‘महोदय’ के सम्बोधन से होना चाहिए। सभी सरकारी पत्रों के अन्त में अधोलेख के रूप में प्रार्थी अथवा भवदीय लिखना चाहिए।
प्रश्न 1.
नगर के सहायक मन्त्री को जल की अनियमित आपूर्ति के सम्बन्ध में शिकायती पत्र लिखिये।
अथवा
मुख्य नगर पालिका अधिकारी को अनियमित जल प्रदाय से होने वाली परेशानी का उल्लेख करते हुए नियमित जल प्रदाय के लिए एक पत्र लिखिए। [2008]
उत्तर-
दिनांक : 25.3.20…….
प्रति,
सहायक मन्त्री,
नगर पालिका, ग्वालियर
विषय : नगर में जल की अनियमित आपूर्ति के सम्बन्ध में।
महोदय,
गतवर्ष की भांति इस साल भी नगर में जल प्रदाय की स्थिति अत्यन्त शोचनीय है। वार्ड संख्या 9 के सम्पूर्ण क्षेत्र में गत तीन दिनों से जल आपूर्ति नहीं हो रही है। क्षेत्रीय नागरिक जल की कमी से आकुल व्याकुल हैं। जब शीतकाल में ही जल आपूर्ति की इस प्रकार की अव्यवस्था है तो ग्रीष्मकाल में जल आपूर्ति की क्या स्थिति होगी यह आप स्वयं ही सोच सकते हैं।
आशा ही नहीं अपितु हमें पूर्णतः विश्वास है कि आप जलापूर्ति की नियमित व्यवस्था करके अनुग्रहीत करेंगे।
सधन्यवाद।
प्रार्थी
वार्ड संख्या 9 के समस्त नागरिक
प्रश्न 2.
नगर की अनियमित विद्युत् व्यवस्था के हेतु अधिशासी अभियन्ता के लिये शिकायती पत्र लिखिए। [2009, 12, 14]
उत्तर-
दिनांक : 2.02.20….
प्रति,
अधिशासी अभियन्ता,
विद्युत् विभाग, बिलासपुर
विषय : विद्युत् की अनियमित व्यवस्था के सम्बन्ध में।
महोदय,
विनम्र निवेदन है कि आजकल गर्मी का भीषण प्रकोप है। चिलचिलाती धूप एवं उमस भरे वातावरण में जीवनयापन करना अत्यन्त ही दुष्कर हो गया है। ऐसे समय में विद्युत् की अव्यवस्था अत्यन्त परेशानी का कारण है। अतः आपसे सानुरोध प्रार्थना है कि अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को उचित निर्देश देकर विद्युत् की सुचारु आपूर्ति का आदेश प्रदान कर अनुग्रहीत करें।
प्रार्थी
वार्ड संख्या 6 के समस्त नागरिक
बिलासपुर
प्रश्न 3.
परीक्षाकाल में ध्वनि विस्तारक यन्त्र के प्रयोग पर प्रतिबन्ध लगाने हेतु जिलाधीश को आवेदन-पत्र लिखिए। [2009, 10, 13, 15]
उत्तर-
दिनांक : 5.01.20…..
सेवा में,
जिलाधीश महोदय,
जिला-रायपुर
विषय : परीक्षा काल में ध्वनि विस्तारक यन्त्रों पर प्रतिबन्ध लगाने के सम्बन्ध में।
महोदय,
नम्र निवेदन है कि आजकल नगर के छात्र अपनी वार्षिक परीक्षा देने के लिये रात-दिन परिश्रम कर रहे हैं। ऐसे में ध्वनि विस्तारक यन्त्र प्रातः से देर रात तक भारी शोरगुल करते रहते हैं। जिससे तीव्र ध्वनि प्रदूषण के फलस्वरूप छात्र-छात्राओं के अध्ययन में अत्यधिक व्यवधान उत्पन्न हो रहा है। अतः श्रीमानजी से विनम्र प्रार्थना है कि ध्वनि विस्तारक यन्त्र पर अविलम्ब प्रतिबन्ध लगाकर छात्रों को सुचारु रूप से अध्ययन करने की सुविधा प्रदान कर अनुग्रहीत करें।
प्रार्थी
छात्रगण
उच्चतर माध्यमिक विद्यालय
जिला-रायपुर
प्रश्न 4.
आप सुदामा नगर इन्दौर में रहते हैं। आपके मोहल्ले में गन्दगी व्याप्त है, जिससे बीमारियाँ फैल रही हैं, सफाई व्यवस्था हेतु नगर निगम को पत्र लिखिए। [2016]
सेवा में,
श्रीमान् मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी
नगर निगम, इन्दौर
दिनांक : 23.09.20……
विषय-सुदामा नगर की सफाई व्यवस्था हेतु।
महोदय,
सुदामा नगर, इन्दौर का महत्त्वपूर्ण मोहल्ला है। यहाँ पर प्रतिष्ठित लोग रहते हैं किन्तु यहाँ की सफाई व्यवस्था बहुत खराब है। सड़कों पर कूड़े के ढेर लगे हैं, नालियाँ बन्द पड़ी हैं, जिससे पानी चारों ओर फैल रहा है। सीवर चॉक है, अतः उफन रही है। गन्दगी और बदबू का सभी तरफ साम्राज्य है। मक्खी-मच्छरों के प्रकोप से आक्रामक बीमारियाँ फैल रही हैं। कई घरों में लोग बीमार हैं।
सफाई की नियमित व्यवस्था का अभाव है। सफाईकर्मी या तो आते ही नहीं और आते भी हैं तो यहाँ की दशा देखकर बड़ा दल लाने की कहकर चले जाते हैं। फिर किसी के दर्शन नहीं होते हैं।
ऐसी स्थिति में आप जनहित में त्वरित कार्यवाही कर इस क्षेत्र की सफाई व्यवस्था ठीक कराने का कष्ट करें।
सधन्यवाद।
दिनांक : 23.9.20….
भवदीय
त्रिभुवन प्रसाद
सुदामा नगर, इन्दौर।
प्रश्न 5.
सचिव, माध्यमिक शिक्षा मण्डल, म. प्र., भोपाल को अंक सूची खो जाने पर अंक सूची की दूसरी प्रति प्राप्त करने हेतु आवेदन-पत्र लिखिए। [2008, 09, 17]
उत्तर-
दिनांक : 7.06.20……
सचिव,
माध्यमिक शिक्षा मण्डल,
मध्य प्रदेश, भोपाल
विषय : अंक सूची की अन्य प्रति प्रदान करने हेतु।
महोदय,
नम्र निवेदन यह है कि मैंने हायर सेकण्डरी बोर्ड की परीक्षा 20…. में उत्तीर्ण की थी। लेकिन मेरी अंकतालिका कहीं खो गई है। अत: मुझे अन्य विद्यालय में प्रवेश लेने के लिये इसकी दूसरी प्रति चाहिये। इसके सन्दर्भ में मुझसे सम्बन्धित जानकारी निम्नवत् है-
प्रार्थी
विनीत पल्लव
प्रश्न 6.
शिवपुरी के पोस्टमास्टर को एक पत्र लिखकर रकाबगंज मुहल्ले के डाकिये (पोस्टमैन) द्वारा नियमित डाक वितरण नहीं किये जाने के सम्बन्ध में शिकायती पत्र लिखिए। [2010]
उत्तर-
दिनांक : 7.01.20….
सेवा में,
पोस्ट मास्टर,
शिवपुरी (म. प्र.)
विषय : गाँधी नगर मुहल्ले में डाक-वितरण की अनियमितता के सम्बन्ध में।
महोदय,
निवेदन यह है कि आजकल हमारे क्षेत्र गाँधी नगर में डाक वितरण की व्यवस्था नियमित रूप से नहीं हो रही है। पत्र-वितरण में लगातार अनियमितता हो रही है, इसके कारण मुहल्लावासियों को अत्यधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आवश्यक पत्र विलम्ब से मिलने के फलस्वरूप यदा-कदा बहुत नुकसान भी हो जाता है।
आशा है आप मुहल्लावासियों की परेशानी दृष्टिपथ में रखते हुए क्षेत्र के पोस्टमैन को नियमित रूप से डाक वितरण किये जाने का आदेश देंगे।
प्रार्थी
अक्षय कुलश्रेष्ठ
नं. 109-A, गांधी नगर
शिवपुरी (म. प्र)
प्रश्न 7.
नगर पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर सूचित कीजिये कि आपके मोहल्ले में चोरी की घटनाओं में वृद्धि हो रही है। [2008]
उत्तर-
दिनांक : 15.02.20….
सेवा में,
नगर पुलिस अधीक्षक,
रायपुर
विषय : सुभाष नगर में चोरी की घटनाओं में वृद्धि।
महोदय,
मैं आपको सुभाष नगर में लगातार चोरी की घटनाओं के सम्बन्ध में सूचित कर इस ओर आपका ध्यान केन्द्रित करना चाहता हूँ, क्योंकि गत पन्द्रह दिनों में इस मोहल्ले में चोरी की लगभग पाँच-छ: घटनाएँ हो गयी हैं। इन चोरी की घटनाओं के कारण मोहल्लावासियों में भय व्याप्त है। अतः आपसे सानुरोध प्रार्थना है कि कॉलोनी में रात्रिकालीन पुलिस गश्त को अधिक सतर्क रहने का आदेश प्रदत्त करें।
कष्ट के लिए धन्यवाद।
भवदीय
विनोद शर्मा
सुभाष नगर, रायपुर
प्रश्न 8.
स्थानान्तरण प्रमाण-पत्र प्राप्त करने हेतु प्राचार्य को आवेदन-पत्र लिखिए। [2011]
विषय : स्थानान्तरण प्रमाण-पत्र प्राप्त करने हेतु प्राचार्य को आवेदन-पत्र लिखिए।
सेवा में,
श्रीमान् प्राचार्य
शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय,
मुरैना (म. प्र.)
महोदय,
विनम्र निवेदन है कि मैंने आपके विद्यालय से 11वीं कक्षा नियमित छात्र के रूप में उत्तीर्ण की है। अब मेरे पिताजी का स्थानान्तरण ग्वालियर के लिए हो गया है। इसलिए मैं आगे की पढ़ाई आपके विद्यालय में करने में असमर्थ हूँ। अत: मुझे स्थानान्तरण प्रमाण-पत्र प्रदान करने की कृपा करें। मुझ पर विद्यालय का कुछ भी देय नहीं है। इसका प्रमाण-पत्र संलग्न है।
दिनांक : 25.6.20….
आपका आज्ञाकारी शिष्य
विकास सिंह
कक्षा 11 ‘स’
अनौपचारिक पत्र
(सामाजिक, व्यक्तिगत, निमन्त्रण एवं बधाई पत्र)
सम्बन्धियों, मित्रों, परिचितों के बीच जिन पत्रों का आदान-प्रदान होता है, उन्हें अनौपचारिक पत्र कहा जाता है। ये पत्र पूर्णत: व्यक्तिगत विषयों से सम्बन्धित होते हैं। इन निजी पत्रों में सम्बोधन, अभिवादन तथा समापन के अंश अत्यन्त महत्त्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि इनसे परस्पर स्नेह, विश्वास, मधुर सम्बन्ध तथा पत्र-लेखक की शिष्टता का संकेत मिलता है। सम्बन्धियों को लिखे गये पत्र में अवस्था तथा पद के छोटेपन-बड़ेपन के आधार पर समुचित सम्बोधन, अभिवादन तथा आत्मबोधन पर पूरा ध्यान देना आवश्यक होता है।
विभिन्न सम्बन्धों के योग्य सम्बोधन, अभिवादन और आत्मबोधन की शब्दावली इस प्रकार होगी
(1) आयु तथा पद में बड़ों को
(2) छोटों को
(3) बराबर वालों को या मित्रों को,
(4) अपरिचितों को प्रिय
निमन्त्रण पत्र और बधाई पत्र लिखने की शैली भिन्न होती है। जीवन में ऐसे अनेक खुशी के अवसर आते हैं, जब हम मित्र की खुशी में यदि स्वयं सम्मिलित न हों तो भी पत्र द्वारा बधाई भेज सकते हैं।
हमारे यहाँ कोई मांगलिक अवसर हो तो हम स्वयं व्यस्तता के कारण न जाकर निमन्त्रण पत्र भेज सकते हैं।
प्रश्न 1.
अपने पिताजी को एक पत्र लिखिए जिसमें परीक्षा की तैयारी के विषय में जानकारी दी गयी हो। [2008, 14]
अथवा
अपने पिताजी को पत्र लिखिए जिसमें अध्ययन में आने वाली कठिनाइयों का उल्लेख हो। [2011]
उत्तर-
69, महात्मा गाँधी मार्ग,
भोपाल
दिनांक 18.1.20…..
पूजनीय पिताजी,
सादर चरण स्पर्श।
आपका पत्र प्राप्त हुआ। मेरी परीक्षाएँ समीप आती जा रही हैं। अतः इस समय विशेष रूप से पढ़ाई करनी पड़ रही है। आपने मेरे अध्ययन के विषय में पूछा है। मेरे लगभग सभी विषय भली प्रकार से तैयार हो चुके हैं। विज्ञान, गणित एवं अंग्रेजी के कुछेक अध्यायों में मुझे कठिनाई आ रही है। उनके लिए मैं सम्बन्धित अध्यापकगणों से मार्गनिर्देशन ले रहा हूँ। साथ ही पूर्ण हो चुके अध्यायों का मैं पुनः इस दृष्टि से पुनरावलोकन कर रहा हूँ जिससे अंकों का प्रतिशत बढ़ सके। मेरी परीक्षा प्रारम्भ होने में अभी 26 दिन शेष हैं। आप विश्वास रखिए मैं निश्चित रूप से प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होऊँगा। अधिक क्या, माताजी से प्रणाम कहियेगा तथा छोटू को ढेर सारा प्यार।
आपका पुत्र
सत्येन्द्र कुमार
प्रश्न 2.
आपके क्षेत्र में अधिक वर्षा से हुए नुकसान से दुःखी पिता को सांत्वना-पत्र लिखिए। [2012]
उत्तर-
14, राजकीय छात्रावास,
इन्दौर
दिनांक 27.8.20…
परमादरणीय पिताजी,
सादर चरण स्पर्श।
आपका कृपा पत्र मिला। पत्र से ज्ञात हुआ कि हमारे यहाँ अधिक वर्षा हुई है। अतिवृष्टि के कारण फसल नष्ट हो गयी है तथा पशुओं में भी बीमारी फैल गयी है। आदमी भी बीमार हो रहे हैं। स्थिति बहुत खराब है। यह जानकर बहुत दुःख हुआ किन्तु मेरा निवेदन है कि आप चिन्ताग्रस्त न हों। ईश्वर सबका भला करेंगे। जिन्होंने वर्षा के द्वारा हानि की है वे आगे की फसल में इस हानि की भरपाई कर देंगे। अधिक वर्षा से रबी की फसल बहुत अच्छी होगी। मैं भी कम खर्च में काम चलाऊँगा। अत: आप दुःखी न हों।
घर पर माताजी को चरण स्पर्श, छोटी बहन को स्नेह।
आपका आज्ञाकारी पुत्र
चरत
प्रश्न 3.
अपने बड़े भाई के विवाह में सम्मिलित होने के लिए अपनी सहेली/मित्र को निमन्त्रण-पत्र लिखिए। [2017]
अथवा
अपनी बहन के विवाह में सम्मिलित होने के लिए मित्र को पत्र लिखिए। [2008,09]
उत्तर
20, बड़ा बाजार,
जबलपुर
दिनांक 3.1.20….
प्रिय बहिन कविता,
सप्रेम नमस्ते।
अत्यन्त हर्ष के साथ आपको सूचित करना चाहती हूँ कि मेरे बड़े भाई का विवाह दिनांक 3.2.20…. को सम्पन्न होना है। कार्यक्रम 1.2.20…. से ही प्रारम्भ हो जायेंगे। अतः इस शुभ अवसर पर तुम सपरिवार आमन्त्रित हो। मैं चाहती हूँ कि तुम 1.2.20… से पूर्व ही आ जाओ। मैं तुम्हारी प्रतीक्षा करूँगी।
तुम्हारी सहेली
अंशु
प्रश्न 4.
अपने मित्र को छोटे भाई के जन्म-दिवस पर आमन्त्रित करने के लिए पत्र भेजिए।
उत्तर-
सरस्वती रोड, सागर
दिनांक 6 जनवरी, 20….
प्रिय मित्र राजू !
सप्रेम नमस्ते।
तुम्हें यह लिखते हुए अत्यन्त हर्ष हो रहा है कि मेरा छोटा भाई संजीव 5 वर्ष का हो जायेगा। अत: दिनांक 16 जनवरी, 20…. को हम उसके जन्म-दिन समारोह के उपलक्ष में सभी भाई-बहिनों के साथ तुमको सहर्ष आमन्त्रित कर रहे हैं। समारोह में सम्मिलित होकर चि. संजीव की खुशी में सहभागी बनें। अवश्य आना।
तुम्हारी प्रतीक्षा में।
तुम्हारा प्रिय मित्र
संजय
प्रश्न 5.
अपनी सहेली/मित्र को उसके जन्म-दिवस पर बधाई-पत्र भेजिए। [2008, 09]
उत्तर-
58, छोटा सर्राफा, इन्दौर
दिनांक 20 जनवरी, 20….
प्रिय नीतू !
अनेकानेक बधाइयाँ।
तुम्हारी 16वीं वर्षगाँठ मोदप्रदाता एवं मंगलमयी हो। भावी जीवन की सुखद कामना के साथ तुम्हें एक बार पुनः बधाई।
तुम्हारी शुभेच्छु
स्वाति
प्रश्न 6.
हाईस्कूल परीक्षा में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होने पर मित्र को बधाई-पत्र लिखिए। [2013]
उत्तर-
9/25, गुलमोहर कालोनी, सागर
दिनांक 25.1.20….
प्रिय मित्र रमेश,
सस्नेह नमस्कार।
आज नवजागरण में हाईस्कूल परीक्षा का परिणाम देखा। आपका अनुक्रमांक प्रथम श्रेणी में देखकर मेरा मन मयूर-मस्त होकर नृत्य करने लगा। आपका प्रावीण्य सूची में तृतीय स्थान है। इससे आप ही नहीं, शाला तथा हम लोग भी गौरवान्वित हुए हैं। अत: बधाई स्वीकार हो। मैं परमपिता परमात्मा से प्रार्थना करता हूँ कि वह इसी प्रकार आपको सदैव सफलताएँ प्रदान करता रहे और आप सुन्दर सम्पन्न जीवन में विहार करते रहें।
आपका मित्र
सतीश वर्मा
प्रश्न 7.
वाद-विवाद प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर अपने मित्र को बधाई पत्र लिखिए। [2016]
उत्तर-
प्रिय मित्र रजनीकान्त
सूबात् रोड, मुरैना
9.8.20….
सप्रेम नमस्कार।
समाचार पत्र से ज्ञात हुआ कि तुमने शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित की गयी मण्डलीय वाद-विवाद प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। तुम्हारी इस सफलता से मेरा मन उल्लसित हो रहा है, मेरी ओर से स्नेहपूर्ण हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए। मेरी हार्दिक कामना है कि तुम सफलता की इन ऊँचाइयों को हमेशा चूमते चले जाओ।
मेरे माता-पिता भी तुम्हारी इस सफलता से अत्यन्त प्रसन्नता का अनुभव कर रहे हैं। अपने पूज्य माताजी तथा पिताजी को मेरा सादर चरण स्पर्श कहना, छोटों को स्नेह।
पत्रोत्तर की प्रतीक्षा में।
तुम्हारा शुभेच्छु
पल्लव
प्रश्न 8.
अपने मित्र को, आपके गाँव में वृक्षों की कटाई का वर्णन करते हुए, पत्र लिखिए। [2015]
73, प्रेमनगर, ग्वालियर
23.4.20……
प्रिय मित्र राजेश,
सप्रेम नमस्कार।
हाँ सभी कुशल हैं, आशा है तुम्हारे यहाँ भी सभी कुशल होंगे। मैं इस पत्र से तुम्हें बताना चाहता हूँ कि हमारे गाँव में आजकल वृक्षों की भयंकर कटाई चल रही है। हमारा गाँव सारे क्षेत्र में हरा-भरा था। यहाँ कई बाग थे। किन्तु पिछले वर्ष से गाँव के लोगों ने वृक्षों को काटना प्रारम्भ कर दिया है। उन्हें समझाते हैं तो वे कहते हैं कि वृक्ष कट जायगा तो फसल अधिक होगी। वे मानते ही नहीं हैं। वृक्षों का काटना संकट को निमन्त्रण देना है परन्तु मैं इसे रोक नहीं पा रहा हूँ।
घर के समाचार बताना। आदरणीय माताजी-पिताजी को चरण स्पर्श, छोटों को स्नेह।
आपका मित्र
प्रदीप