MP Board Class 6th Social Science Solutions Chapter 14 जनजातीय समाज

MP Board Class 6th Social Science Solutions Chapter 14 जनजातीय समाज

MP Board Class 6th Social Science Chapter 14 अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में लिखिए –
(अ) आदिवासी शब्द का आशय बताइए।
उत्तर:
आदिवासी शब्द से आशय सम्बन्धित स्थान के मूल निवासी से है।

(ब) जनजाति किसे कहते हैं ?
उत्तर:
जंगलों में निवास करने वाले लोग जिनकी अपनी विशिष्ट जीवन शैली होती है उन्हें आदिवासी, वनवासी, गिरिजन अथवा जनजाति कहते हैं।

(स) मध्य प्रदेश की कोई दो जनजातियों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  • गौंड
  • भील।

(द) सामाजिक संगठन किसे कहते हैं ?
उत्तर:
सामाजिक सम्बन्धों को व्यवस्थित रखना सामाजिक संगठन कहलाता है।

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से लिखिए
(अ) जनजातियों की कोई चार विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
जनजातियों की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –

  • एक जनजाति एक निश्चित भू-भाग में निवास करती है।
  • इनकी प्रायः अपनी भाषा (बोली) होती है।
  • एक जनजाति के सदस्यों की अपनी संस्कृति, रहन-सहन व जीवन शैली होती है। एक जनजाति के सदस्य अपनी संस्कृति के नियमों का पालन करते हैं।
  • एक जनजाति के सदस्य अपनी ही जनजाति में विवाह करते हैं।

(ब) भारतीय संविधान में जनजातियों के विकास के लिए क्या प्रावधान किये गये हैं ? लिखिए।
उत्तर:
जनजातीय विकास के लिए हमारे संविधान निर्माता भी सजग रहे एवं जनजातियों के विकास के लिए संवैधानिक प्रावधान किये।
इनमें से कुछ निम्न प्रकार हैं –

  • राज्य किसी नागरिक के विरुद्ध धर्म, वंश, जाति, लिंग, आदि के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं करेगा।
  • सार्वजनिक स्थलों, दुकानों, सड़कों, कुओं, तालाबों आदि के प्रयोग से कोई किसी को नहीं रोकेगा।
  • व्यवसायों को स्वतन्त्र रूप से करने की व्यवस्था की गई है।
  • शिक्षण संस्थाओं में धर्म, जाति, वंश अथवा भाषा के आधार पर प्रवेश से नहीं रोका जायेगा।
  • लोकसभा, विधानसभाओं, पंचायतों एवं स्थानीय निकायों में इन वर्गों के लिए स्थानों के आरक्षण की व्यवस्था की गई है।
  • संघ एवं राज्य सरकारों की सेवाओं में भी आरक्षण की व्यवस्था की गई है।

(स) जनजातियों के आर्थिक या सामाजिक जीवन पर उदाहरण सहित प्रकाश डालिए।
उत्तर:
आर्थिक जीवन:
जनजाति की अर्थव्यवस्था उन्नत समाज की अर्थव्यवस्था से भिन्न होती है। इनकी आवश्यकताएँ सीमित होती हैं। ये अपनी सीमित आवश्यकताओं के लिए प्रकृति पर निर्भर रहते हैं। ये जनजातियाँ कृषि, वन उपज संग्रह तथा मजदूरी करके अपना जीवन-यापन करती हैं। मध्य प्रदेश में जनजातियों में विशेषकर गौंड एवं भील जनजाति के लोग निवास करते हैं। इनकी जीविकोपार्जन का एक प्रमुख साधन वनोपज संग्रह है। वनोपज संग्रहण में तेंदू, अचार, हर्र, बहेड़ा, महुआ, सालबीज आदि वनोपज के साथ कंदमूल व शहद का संग्रहण करना गौंड एवं भील जनजातियों का प्रमुख आर्थिक क्रियाकलाप है।

कुछ जनजाति विशेषकर गोंड एवं बैगा वनौषधि से इलाज करने का भी कार्य करते हैं। वनोपज एकत्र करने के लिए अतिरिक्त बाँस की विभिन्न वस्तुओं का निर्माण, बढ़ईगिरी, लोहे के औजार, बोझा ढोने, कृषि व कृषि मजदूरी का कार्य भी करते हैं। सामाजिक जीवन-जनजाति के लोग प्रकृति की गोद में सरल जीवन व्यतीत करते हैं। जनजातीय समाज की अपनी परम्परा और मान्यताएँ होती हैं। इन्हीं के अनुसार ये अपने बच्चों के नामकरण व विवाह संस्कार करते हैं। जनजातीय समाज में परम्पराएँ, रीति-रिवाज, सामाजिक निषेध आदि बातों का पालन किया जाता है।

(द) जनजातियों के सांस्कृतिक जीवन पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
जनजातियों की अपनी विशेष पहचान और संस्कृति होती है। उनके अपने गीत और नृत्य होते हैं जो विशेष अवसरों पर गाए जाते हैं। जनजाति का मुखिया संस्कृति के नियमों का उल्लंघन करने पर दण्ड देता है। जनजाति के लोग अपने शरीर पर गुदना कढ़वाते हैं जो इनका एक विशिष्ट आभूषण होता है। मध्य प्रदेश की भील जनजाति में होली के समय मनाया जाने वाला उत्सव ‘भगोरिया हाट’ का विशेष महत्त्व है।

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प्रश्न 3.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(अ) ‘भगोरिया’ …………… जनजाति में लोक- प्रिय है।
(ब) जनजातीय महिलाएँ …………… को जीवन भर का आभूषण मानती हैं।
(स) लोकसभा, विधानसभाओं एवं स्थानीय निकायों में जनजातियों के लिये …………. दिया गया है।
(द) पिठौरा …………….. जनजातियों का भित्ति चित्र है।
उत्तर:
(अ) भील
(ब) गुदना
(स) आरक्षण
(द) भील।

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MP Board Class 7th Social Science Solutions Chapter 23 मुगलकालीन प्रशासन तथा जनजीवन

MP Board Class 7th Social Science Solutions Chapter 23 मुगलकालीन प्रशासन तथा जनजीवन

MP Board Class 7th Social Science Chapter 23 अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए –
(1) मुगलकाल में दीवान या वजीर क्या काम सँभालता था ?
(अ) आय-व्यय का हिसाब रखता था
(ब) सैन्य विभाग की देखभाल करता था
(स) घरेलू विभाग का हिसाब करता था
(द) न्याय विभाग का प्रमुख होता था।
उत्तर:
(अ) आय-व्यय का हिसाब रखता था

(2) मुगलकाल में लोगों का प्रमुख व्यवसाय क्या था ?
(अ) कृषि
(ब) काष्ठ उद्योग
(स) विदेशी व्यापार
(द) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(अ) कृषि

(3) अकबर ने धार्मिक सहिष्णुता के आधार पर कौन-सा नया पंथ चलाया था ?
(अ) दीन-ए-इलाही
(ब) भक्ति आन्दोलन
(स) सिक्ख सम्प्रदाय
(द) ये सभी।
उत्तर:
(अ) दीन-ए-इलाही।

प्रश्न 2.
कोष्ठक में दिए गए शब्दों में से सही शब्द चुनकर रिक्त स्थानों में लिखिए –
(1) अकबर के काल में भारतीय संगीत के महान गायक …………….. प्रसिद्ध थे। (तानसेन, तुलसीदास, रैदास, मीरा)
(2) शाहजहाँ द्वारा बनाए गए …………..को विश्वदाय भाग में शामिल कर लिया गया है। (जामा-मस्जिद, लाल-किला, ताजमहल, हवामहल)
उत्तर:
(1) तानसेन
(2) ताजमहल।

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MP Board Class 7th Social Science Chapter 23 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 3.
(1) मुगलकालीन प्रशासनिक व्यवस्था की संक्षिप्त जानकारी दीजिए।
उत्तर:
मुगलकालीन साम्राज्य में सम्राट सर्वोपरि था उसकी सहायता हेतु प्रधानमन्त्री तथा अन्य मन्त्री होते थे। दीवान या वजीर राज्य की आय-व्यय का हिसाब रखता था, मीरबख्शी सैन्य विभाग का अध्यक्ष तथा खान-ए-सामां घरेलू विभाग का प्रधान होता था। मुगल साम्राज्य 18 सूबों में विभक्त था, जिनमें केन्द्र के शासन के समान व्यवस्था थी।

(2) मुगलकाल में आयात-निर्यात की जाने वाली वस्तुओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
मुगल काल में सूती वस्त्र, मलमल, गरम मसाले, हल्दी, नमक, शोरा, नील, अफीम, चीनी, मिश्री, गोंद, हीरे-मोती, औषधियाँ आदि का निर्यात तथा सोना, चाँदी, ताँबा, सीसा, इस्पात, कांच, दर्पण, शराब, घोड़े, मूंगा, पारा आदि का आयात किया जाता था।

(3) अकबर की धार्मिक नीति का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मुगल सम्राट इस्लाम धर्म के कट्टर अनुयायी थे। विभिन्न धर्मों के तुलनात्मक अध्ययन के आधार पर उसने दीन-ए-इलाही नामक पंथ चलाया। औरंगजेब ने जजिया तथा तीर्थयात्रा कर लगाए। हिन्दुओं में वैष्णव, शैव मत अधिक प्रचलित थे। जैन धर्म का समाज में अधिक महत्व था। जैन और हिन्दुओं में तीर्थयात्रा का प्रचलन था। बौद्ध धर्म का लगभग ह्रास हो चुका था।

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MP Board Class 7th Social Science Chapter 23 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 4.
(1) मुगलकाल में स्थापत्य कला के विकास का उदाहरण सहिन वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मुगल शासक स्थापत्य कला के प्रेमी थी। इस काल के भवनों में हिन्दू-मुस्लिम स्थापत्य शैलियों का मिश्रण है। दिल्ली में हुमायूँ का मकबरा इस काल का प्रमुख उदाहरण है। अकबर द्वारा फतेहपुर-सीकरी नगर बसाया गया, जिसमें बुलन्द दरवाजा सहित अनेक उत्कृष्ट व सुन्दर इमारतों का निर्माण करवाया गया। अकबर द्वारा भवन निर्माण कार्य में लाल बलुआ पत्थरों का उपयोग करवाया गया।

नूरजहाँ द्वारा अपने पिता एतमादुदौला के मकबरे का निर्माण मूल्यवान रत्नों को लगाकर कराया गया। शाहजहाँ द्वारा अपनी बेगम मुमताज की याद में ताजमहल बनवाया गया जिसे विश्व धरोहर में शामिल किया गया है। इसमें सफेद संगमरमर पत्थरों का उपयोग किया गया है। शाहजहाँ ने आगरा में जामा मस्जिद, दिल्ली में लाल किला, शीशमहल, मोती मस्जिद आदि का सुन्दर निर्माण कराया।

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MP Board Class 7th Social Science Solutions Chapter 18 आर्द्रता एवं वर्षा

MP Board Class 7th Social Science Solutions Chapter 18 आर्द्रता एवं वर्षा

MP Board Class 7th Social Science Chapter 18 अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए –
(1) ओला होता है –
(अ) द्रव
(ब) ठोस
(स) लचीला
(द) गैसीय।
उत्तर:
(ब) ठोस

(2) पश्चिमोत्तर भारत में चक्रवातीय वर्षा किस ऋतु में होती है?
(अ) ग्रीष्म ऋतु
(ब) शीत ऋतु
(स) बसन्त ऋतु
(द) वर्षा ऋतु।
उत्तर:
(ब) शीत ऋतु।

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(1) जल के वाष्प में बदलने की क्रिया को ………….. कहते हैं।
(2) जलवाष्प के पुनः द्रव या ठोस रूप में बदलने को ………….. कहते हैं।
(3) वर्षा मापने वाले यन्त्र को ……………… कहते हैं।
उत्तर:
(1) वाष्पीकरण
(2) संघनन
(3) वर्षामापी यन्त्र।

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MP Board Class 7th Social Science Chapter 18 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 3.
(1) जलवाष्य किसे कहते हैं ?
उत्तर:
वायुमण्डल में फैले हुए छोटे-छोटे गैसीय जल कणों को जलवाष्प कहते हैं।

(2) वाष्पीकरण क्यों घटता-बढ़ता है?
उत्तर:
तापमान के घटने-बढ़ने से वाष्पीकरण घटता-बढ़ता

(3) बादल कैसे बनते हैं ?
उत्तर:
वाष्प युक्त गर्म हवा जब हल्की होकर ऊपर की ओर उठती है और फैलकर ठण्डी होती है तो इससे बादल बनते हैं।

(4) हिमपात किसे कहते हैं ?
उत्तर:
अधिक ऊँचाई पर पहुँच कर वाष्प अधिक ठण्डी होने से हिम कणों में बदल जाती है। हिम या बर्फ के रूप में हिमकणों के धरातल पर गिरने को हिमपात कहते हैं।

(5) चक्रवातीय वर्षा किसे कहते हैं ?
उत्तर:
गर्म और ठण्डी हवाओं के मिलने पर गर्म हवाएँ ऊपर की ओर उठती हैं और ठण्डी हवाएँ तेजी से कम दबाव की ओर आती हैं। पृथ्वी की गति के कारण ये हवाएँ चक्र की भाँति घूमने लगती हैं जिन्हें चक्रवात कहते हैं। चक्रवात के मध्य की हवाएँ ऊपर उठकर ठण्डी होने पर वर्षा करती हैं। इसे चक्रवातीय वर्षा कहते हैं।

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MP Board Class 7th Social Science Chapter 18 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 4.
(1) संघनन क्या है? इसके विभिन्न रूपों को लिखिए।
उत्तर:
जलवाष्प के पुनः द्रव या ठोस रूप में बदलने को संघनन कहते हैं। इसके विभिन्न रूप निम्नलिखित हैं
(i) ओस-रात में जब वायु का ताप ओसांक से कम हो जाता है तो वायु में रहने वाली जल वाष्प ठण्डी होकर पानी की बूंदों के रूप में पत्तियों तथा घास पर जमा हो जाती है, जिसे ओस कहते हैं।

(ii) पाला-जब वायु का तापमान 0° सेल्सियस से कम हो जाता है तो जल वाष्प हिम कणों में बदल जाती है और आस-पास की वस्तुओं पर बैठ जाती है, जिसे पाला कहते हैं।

(iii) कुहरा-जब आर्द्र वायु काफी ठण्डी हो जाती है, तो जल वाष्प हवा में फैले हुए धूल और धुएँ के कणों पर छोटी-छोटी बूंदों के रूप में द्रवित हो जाती है और चारों ओर का वातावरण धुंधला हो जाता है। इस धुंधलेपन को कुहरा कहते हैं।

(iv) धुन्ध-यह कुहरे का हल्का रूप है। धुन्ध में जलकण हवा में तैरते रहते हैं।

(v) बादल या मेघ-वाष्पयुक्त गर्म वायु जब हल्की होकर ऊपर उठती है और फैलकर ठण्डी होकर बादल का रूप धारण कर लेती है। जल कणों के बड़े-बड़े समूह बादल या मेघ कहलाते हैं। ये काफी ऊँचाई पर होते हैं।

(vi) वर्षा-बादलों के जल कण आपस में मिलकर बूंदों का रूप धारण कर लेते हैं और भारी हो जाते हैं। भारी होने के कारण ये हवा में उड़ नहीं पाते। यही जलकण वर्षा के रूप में बरसने लगते हैं, इन्हीं को वर्षा कहते हैं।

(vii) हिमपात-अधिक ऊँचाई पर पहुँचने पर जलवाष्प अधिक ठण्डी होकर हिमकणों में बदल जाती है। ये हिमकण धरातल पर हिम या बर्फ के रूप में बरसते हैं, इन्हें हिमपात कहते हैं।

(viii) ओले-ऊँचे आकाश में पानी की बूंदै जमकर ठोस आकार ग्रहण कर छोटे-छोटे हिमकण बन जाते हैं तथा वर्षा के साथ पृथ्वी पर गिर जाते हैं। इन्हें ओला कहते हैं।

(2) वर्षा कितने प्रकार की होती है ? सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
वर्षा तीन प्रकार की होती है –

  1. संवहनीय वर्षा
  2. पर्वतीय वर्षा
  3. चक्रवातीय वर्षा।

1. संवहनीय वर्षा – समुद्रों व अन्य जलाशयों से तेज गर्मी के कारण पानी वाष्प (भाप) बन जाता है। ये वाष्प गर्म हवाओं के साथ ऊपर काफी ऊँचाई पर पहुँचकर संघनित होकर बूंदों के रूप में बरसती हैं। इस क्रिया को ‘संवहन’ कहते हैं, इसलिए इस वर्षा को संवहनीय वर्षा कहते हैं।

MP Board Class 7th Social Science Solutions Chapter 18 आर्द्रता एवं वर्षा-1

2. पर्वतीय वर्षा – समुद्र से स्थल की ओर आने वाली वाष्पयुक्त हवाएँ पर्वतों की ऊँचाई को पार करके उनके सहारे ऊपर उठने लगती हैं। अधिक ऊँचाई पर पहुँचने पर ये हवाएँ ठण्डी होकर पर्वतों पर जल के रूप में बरसने लगती हैं। ऐसी वर्षा को पर्वतीय वर्षा कहते हैं।

MP Board Class 7th Social Science Solutions Chapter 18 आर्द्रता एवं वर्षा-2

3. चक्रवातीय वर्षा-गर्म और ठण्डी हवाओं के मिलने पर गर्म हवाएँ ऊपर की ओर उठती हैं और ठण्डी हवाएँ तेजी से कम दबाव की ओर आती हैं। पृथ्वी की गति के कारण ये हवाएँ चक्र की भाँति घूमने लगती हैं जिन्हें चक्रवात कहते हैं। चक्रवात के मध्य की हवाएँ ठण्डी होने पर वर्षा करती हैं। इसे चक्रवाती वर्षा कहते हैं।

MP Board Class 7th Social Science Solutions Chapter 18 आर्द्रता एवं वर्षा-3

(3) आर्द्रता क्या है ? आर्द्रता के विभिन्न रूपों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
वायुमण्डल में पाई जाने वाली नमी या जलवाष्प वायुमण्डल की आर्द्रता कहलाती है। संघनन की क्रिया द्वारा आर्द्रता : विभिन्न रूपों में बदल जाती है। जलवाष्प के पुनः द्रव या ठोस रूप में बदलने को संघनन कहते हैं। इसके विभिन्न रूप निम्नलिखित हैं –

1. ओस-रात में जब वायु का ताप ओसांक से कम हो जाता है तो वायु में रहने वाली जल वाष्प ठण्डी होकर पानी की बूंदों के रूप में पत्तियों तथा घास पर जमा हो जाती है, जिसे ओस कहते हैं।

2. पाला-जब वायु का तापमान 0° सेल्सियस से कम हो जाता है तो जल वाष्प हिम कणों में बदल जाती है और आस-पास की वस्तुओं पर बैठ जाती है, जिसे पाला कहते हैं।

3. कुहरा-जब आर्द्र वायु काफी ठण्डी हो जाती है, तो जल वाष्प हवा में फैले हुए धूल और धुएँ के कणों पर छोटी-छोटी बूंदों के रूप में द्रवित हो जाती है और चारों ओर का वातावरण धुंधला हो जाता है। इस धुंधलेपन को कुहरा कहते हैं।

4. धुन्ध-यह कुहरे का हल्का रूप है। धुन्ध में जलकण हवा में तैरते रहते हैं।

5. बादल या मेघ-वाष्पयुक्त गर्म वायु जब हल्की होकर ऊपर उठती है और फैलकर ठण्डी होकर बादल का रूप धारण कर लेती है। जल कणों के बड़े-बड़े समूह बादल या मेघ कहलाते हैं। ये काफी ऊँचाई पर होते हैं।

6. वर्षा-बादलों के जल कण आपस में मिलकर बूंदों का रूप धारण कर लेते हैं और भारी हो जाते हैं। भारी होने के कारण ये हवा में उड़ नहीं पाते। यही जलकण वर्षा के रूप में बरसने लगते हैं, इन्हीं को वर्षा कहते हैं।

7. हिमपात-अधिक ऊँचाई पर पहुँचने पर जलवाष्प अधिक ठण्डी होकर हिमकणों में बदल जाती है। ये हिमकण धरातल पर हिम या बर्फ के रूप में बरसते हैं, इन्हें हिमपात कहते हैं।

8. ओले-ऊँचे आकाश में पानी की बूंदै जमकर ठोस आकार ग्रहण कर छोटे-छोटे हिमकण बन जाते हैं तथा वर्षा के साथ पृथ्वी पर गिर जाते हैं। इन्हें ओला कहते हैं।

(4) वर्षा मापक का चित्र बनाइए।
उत्तर:

MP Board Class 7th Social Science Solutions Chapter 18 आर्द्रता एवं वर्षा-4

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