MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 19 राष्ट्रीय आन्दोलन एवं स्वतन्त्रता प्राप्ति

MP Board Class 8th Social Science Chapter 19 अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए –
(1) रॉलेट एक्ट कब पारित हुआ था ?
(क) 7 अप्रैल, 1819
(ख) 8 मार्च, 1919
(ग) 2 जनवरी, 1872
(घ) 6 मार्च, 1919।
उत्तर:
(ख) 8 मार्च, 1919

(2) जलियाँवाला बाग हत्याकाण्ड के समय पंजाब का लेफ्टीनेन्ट गवर्नर कौन था ?
(क) लॉर्ड डलहौजी
(ख) लॉर्ड मैकाले
(ग) जनरल आर. डायर
(घ) ओ. डायर।
उत्तर:
(घ) ओ. डायर

(3) स्वराज्य दल के अध्यक्ष कौन थे ?
(क) मोतीलाल नेहरू
(ख) चितरंजन दास
(ग) गोपाल कृष्ण गोखले
(घ) दादाभाई नौरोजी।
उत्तर:
(ख) चितरंजन दास

(4) नमक सत्याग्रह आन्दोलन कब हुआ?
(क) 5 मार्च, 1931
(ख) 8 अगस्त, 1942
(ग) 12 मार्च, 1930.
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(ग) 12 मार्च, 1930

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(1) 6 अप्रैल, 1919 का दिन ………… के रूप में मनाया गया।
(2) साइमन कमीशन ………….. में भारत आया।
(3) नमक कानून तोड़ने के लिए गाँधीजी ने ………… यात्रा की।
(4) सन् 1940 ई. में मुस्लिम लीग का वार्षिक अधिवेशन ……….. में हुआ।
उत्तर:

  1. राष्ट्रीय अपमान दिवस’
  2. फरवरी, 1928 ई.
  3. दाण्डी
  4. लाहौर।

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 19 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 3.
(1) अंग्रेजों द्वारा गाँधीजी को कौन-सी उपाधि दी गई ?
उत्तर:
अंग्रेजों को दिए गए सहयोग के कारण गाँधीजी को ‘कैसर-ए-हिन्द’ की उपाधि दी गई।

(2) स्वराज्य दल के प्रमुख नेताओं के नाम बताइए।
उत्तर:
स्वराज्य दल के प्रमुख नेता पण्डित मोतीलाल नेहरू, चितरंजन दास एवं विट्ठल भाई आदि थे।

(3) द्वितीय विश्व युद्ध कब प्रारम्भ हुआ?
उत्तर:
1 सितम्बर, 1939 ई. को द्वितीय विश्व युद्ध प्रारम्भ हुआ।

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 19 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 4.
(1) खिलाफत आन्दोलन क्यों चलाया गया ?
उत्तर:
प्रथम विश्व युद्ध में इंग्लैण्ड ने तुर्की को पराजित कर वहाँ की जनता पर अत्याचार किए। खलीफा को उसके पद से हटाने का निर्णय लिया गया। तुर्की में किए गए ब्रिटेन के इस कार्य की भारत के मुसलमानों ने घोर निन्दा करते हुए अंग्रेजों की खिलाफत में खिलाफत आन्दोलन चलाया।

(2) स्वराज्य दल के प्रमुख उद्देश्य क्या थे ?
उत्तर:
स्वराज्य दल के प्रमुख उद्देश्य निम्नांकित थे –

  • स्वराज प्राप्त करना
  • सरकारी कार्यों में बाधा उत्पन्न करना
  • अंग्रेजों की नीतियों का विरोध करना
  • राष्ट्रीय चेतना का विकास करना
  • चुनाव लड़कर कौंसिलों में प्रवेश करना।

(3) गाँधीजी के द्वारा असहयोग आन्दोलन किस घटना के कारण स्थगित कर दिया गया ?
उत्तर:
5 फरवरी को उत्तर प्रदेश में चौरी-चौरा नामक स्थान पर क्रुद्ध भीड़ ने एक थानेदार व 21 पुलिसकर्मियों को थाने में बन्द कर जिन्दा जला दिया। इस घटना से दुःखी होकर गाँधीजी ने असहयोग आन्दोलन स्थगित कर दिया।

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 19 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 5.
(1) जलियाँवाला बाग हत्याकाण्ड का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पंजाब में दो लोकप्रिय नेताओं को पुलिस ने बिना किसी कारण के गिरफ्तार कर लिया। जिसके विरोध में जनता ने एक शान्तिपूर्ण जुलूस निकाला। पुलिस ने जनता को आगे बढ़ने से रोका लेकिन सफल न होने पर गोली चलाने का आदेश दिया गया। इस पर जुलूस ने उग्र रूप धारण कर लिया और सरकारी इमारतों में आग लगा दी। अमृतसर की स्थिति से घबराकर सरकार ने 10 अप्रैल, 1919 ई. को शहर का प्रशासन सैन्य अधिकारी ओ. डायर को सौंप दिया।

सभा के आयोजनों एवं प्रदर्शनों पर रोक लगा दी गई। मगर इसकी सूचना जनता को नहीं दी गई। 13 अप्रैल, सन् 1919 ई. को बैशाखी के दिन शाम को करीब साढ़े चार बजे अमृतसर के जलियाँवाला बाग में एक आम सभा का आयोजन किया गया। जिसमें लगभग 10,000 लोग सम्मिलित हुए। जनरल डायर लगभग 400 हथियारबन्द सैनिकों के साथ सभा स्थल पर पहुँचा और बिना पूर्व चेतावनी के भीड़ पर तब तक गोलियाँ चलाईं जब तक गोलियाँ समाप्त नहीं हो गईं, जिसमें हजारों लोग मारे गए और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए।

(2) असहयोग आन्दोलन के प्रमुख कार्यक्रम क्या थे ?
उत्तर:
असहयोग आन्दोलन कार्यक्रम के दो पक्ष थे बहिष्कार का पक्ष –

  • सरकारी पद और उपाधियों का परित्याग
  • सरकारी स्कूलों-कॉलेजों का बहिष्कार
  • न्यायालयों का बहिष्कार,
  • कर न देने का निर्णय
  • विदेशी वस्तुओं और वस्त्रों का बहिष्कार आदि।

रचनात्मक पक्ष –

  • राष्ट्रीय स्कूल-कॉलेजों की स्थापना
  • पंचायतों द्वारा विवादों का निर्णय
  • सत्य और अहिंसा पर बल
  • कताई-बुनाई को बढ़ावा देने के लिए चरखे को प्रोत्साहन
  • आन्दोलन को सफल बनाने के लिए 1 करोड़ स्वयंसेवकों की भर्ती आदि।

(3) सविनय अवज्ञा आन्दोलन को समझाइए।
उत्तर:
ब्रिटिश सरकार द्वारा नमक कर में अत्यधिक वृद्धि कर दी गई थी। निर्धन लोगों के लिए नमक खरीदना कठिन हो गया। गाँधीजी ने नमक को आन्दोलन का आधार बनाने का निश्चय किया। गाँधीजी ने सरकार को 11 सूत्री माँगें लिखकर भेजी, जिसमें नमक कर को कम करना प्रमुख माँग थी। माँगें न माने जाने की स्थिति में 12 मार्च, 1930 ई. को गाँधीजी द्वारा नमक कानून तोड़ने के लिए दाण्डी यात्रा प्रारम्भ की गई।

उनके साथ 78 यात्रियों ने साबरमती आश्रम से 12 मार्च को गण्डी के लिए यात्रा आरम्भ की, 6 अप्रैल, 1930 ई. की; ल को गुजरात में दाण्डी समुद्र तट पर नमक बनाकर गाँ जी ने नमक कानून भंग कर दिया और इस प्रकार सविनय अवज्ञा आन्दोलन प्रारम्भ हो गया जिसमें शासन को कर न दिया जाना भी सम्मिलित था।

(4) क्रिप्स मिशन क्या था ? उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अंग्रेज भारत के सक्रिय एवं पूर्ण सहयोग के लिए बेचैन थे। भारत की दक्षिणी-पूर्वी सीमाओं पर जापानी खतरा बढ़ रहा था। दूसरी ओर रंगून में स्थित इण्डियन नेशनल आर्मी, बर्मा (म्यांमार) के रास्ते भारत पर आक्रमण करने के लिए तैयार थी। इस परिस्थिति में इंग्लैण्ड के युद्धकालीन मन्त्रिमण्डल के सदस्य सर स्टेफोर्ड क्रिप्स को भारतीयों के लिए वर्तमान में ‘स्वशासन’ और भविष्य के लिए कुछ ठोस आश्वासन के साथ भारत भेजा गया। क्रिप्स प्रस्ताव द्वारा भारत को युद्धोपरान्त अधिराज्य का दर्जा दिया जाना था। एक संविधान सभा भी प्रस्तावित थी, परन्तु लगभग सभी दलों ने अलग-अलग कारणों से इस घोषणा को अस्वीकार कर दिया।

(5) भारत छोड़ो आन्दोलन पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
8 अगस्त, 1942 ई. को बम्बई में आयोजित अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने एक प्रस्ताव में घोषणा की कि भारत में ब्रिटिश सरकार को जल्दी समाप्त करना अति आवश्यक हो गया है। गाँधीजी ने ‘करो या मरो’ (Do or Die) का नारा दिया। 9 अगस्त, 1942 ई. की सुबह कांग्रेस के अधिकांश नेता गिरफ्तार कर लिए गए। उन्हें देश की विभिन्न जेलों में बन्द कर दिया गया। परिणामस्वरूप आन्दोलन ने उग्र रूप धारण कर लिया। गोलियाँ चली, लाठीचार्ज हुए और सारे देश में गिरफ्तारियाँ हुईं। लगभग ‘हजारों लोग घायल हुए। अन्ततः आक्रोशित जनता भी हिंसा पर उतर आयी।

बलिया और सतारा जैसे कुछ स्थान अंग्रेजी दासता से मुक्त हो गए। मगर सरकारी दमन चक्र की उग्रता अपनी सभी सीमाएँ तोड़ गईं। हवाई जहाजों से बम बरसाए गए। गोलियाँ चलाई गईं। बड़ी संख्या में लोग मारे गए। सभी बड़े नेता बन्दीगृह में थे जो बाहर थे वे भूमिगत हो गए। सरकारी दमन चक्र के कारण भारत छोड़ो आन्दोलन अधिक समय नहीं चल सका।

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