MP Board Class 7th Social Science Solutions Chapter 30 यूरोप महाद्वीप : भौगोलिक स्वरूप

MP Board Class 7th Social Science Chapter 30 अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित की सही जोड़ियाँ बनाइए
MP Board Class 7th Social Science Solutions Chapter 30 यूरोप महाद्वीप - भौगोलिक स्वरूप-1
उत्तर:
(1) (b) कैस्पियन सागर
(2) (e) टैगा
(3) (a) एलब्रुस चोटी
(4) (c) रेण्डियर
(5) (d) माउण्ट ब्लैक

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प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(1) क्षेत्रफल की दृष्टि से यूरोप ……………. महाद्वीप से बड़ा है।
(2) यूरोप की सबसे बड़ी नदी ……………. है।
(3) यूरोप महाद्वीप का अधिकांश भाग कटिबन्ध में फैला है।
(4) आल्पस पर्वत का सबसे ऊँचा शिखर ……………” है।
(5) यूरोप की पूर्वी सीमा ……………. पर्वत बनाता है।
उत्तर:
(1) आस्ट्रेलिया
(2) वोल्गा
(3) शीतोष्ण
(4) माउण्ट ब्लैक
(5) यूराल।

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MP Board Class 7th Social Science Chapter 30 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 3.
(1) यूरोप महाद्वीप का अक्षांशीय विस्तार लिखिए।
उत्तर:
यूरोप महाद्वीप 35° उत्तरी अक्षांश से 72° उत्तरी अक्षांश के बीच स्थित है।

(2) यूरोप की कौन-सी महत्त्वपूर्ण नदी काला सागर में गिरती है ?
उत्तर:
यूरोप की डेन्यूब नदी काला सागर में गिरती है।

(3) यूरोप की जलवायु पर किन हवाओं का प्रभाव सबसे अधिक है ?
उत्तर:
यूरोप की जलवायु पर पछुआ हवाओं का प्रभाव सबसे अधिक पड़ता है।

(4) भूमध्यसागरीय वनस्पति की विशेषताएँ क्या हैं ?
उत्तर:
भूमध्यसागरीय वनस्पति की विशेषताएँ –

  • ये गहरी जड़ों वाले छोटे पौधे होते हैं।
  • ये छोटी, मोटी और चमकीली पत्तियों वाले वृक्ष होते हैं।

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MP Board Class 7th Social Science Chapter 30 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 4
(1) यूरोप की जलवायु तथा वनस्पति का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
यूरोप की जलवायु – यूरोप शीतोष्ण जलवायु वाला महाद्वीप है। इसका अधिकांश भाग शीतोष्ण कटिबन्ध में है। यहाँ की जलवायु पर समुद्र की समीपता, पर्वतों, पठारों, उत्तरी अटलांटिक प्रवाह तथा पछुआ हवाओं का गहरा प्रभाव पड़ता है। साल भर चलने वाली पछुआ हवाओं और समुद्री धाराओं के प्रभाव से पश्चिम में पर्याप्त वर्षा होती है। पश्चिम से पूर्व की ओर जाने वाली वर्षा कम होती जाती है तथा ठण्ड बढ़ती जाती है। इस प्रकार की जलवायु महाद्वीपीय जलवायु कहलाती है।

यहाँ गर्मियों में अधिक गर्मी तथा जाड़ों में अधिक ठण्ड पड़ती है। पर्वतीय भागों में वर्षा 100 से 200 सेमी तक होती है। दक्षिणी यूरोप भूमध्यसागरीय जलवायु वाला क्षेत्र है। यहाँ गर्मी प्रायः सूखी निकल जाती है तथा जाड़ों में वर्षा होती है। यूरोप का उत्तरी भाग आर्कटिक वृत्त में आ जाने से यहाँ ठण्ड अधिक पड़ती है और वर्षा बहुत कम होती है। रूस और नार्वे के उत्तरी भाग में तेज ठण्डी हवाओं के कारण लगभग साल भर बर्फ जमी रहती है। इसे टुण्ड्रा की जलवायु कहते हैं।

वनस्पति – यूरोप के लगभग एक चौथाई भाग में वन हैं।
(i) टुण्ड्रा के वन – महाद्वीप के सबसे उत्तरी भाग में नार्वे देश के उत्तर में टुण्ड्रा प्रदेश है। यहाँ साल भर बर्फ जमे रहने के कारण वनों का अभाव है। गर्मियों में बर्फ पिघलने पर लिचेन, काई तथा मॉस नामक छोटी झाडियाँ उग आती हैं।

(ii) टैगा के वन – टुण्ड्रा के दक्षिण में कोणधारी पेड़ों के वन पाए जाते हैं, जिन्हें टैगा कहते हैं। यहाँ के पेड़ों की आकृति कोण के समान तथा पत्तियाँ नुकीली होती हैं। मुख्य वृक्ष फर,। पाइन, स्यूस, लार्च आदि हैं।

(iii) मिश्रित वन – यूरोप के मध्यवर्ती व पश्चिमी भाग में कोणधारी व चौड़ी पत्ती वाले मिश्रित वन हैं। यह वन टैगा वनों के दक्षिण में पाए जाते हैं जिनमें ओक, ऐस, पोपलर आदि वृक्ष मुख्य हैं।

(iv) स्टेप्स के घास के मैदान – यूरोप के दक्षिणी-पूर्वी भाग में कम वर्षा के क्षेत्र में छोटी घास विशेष रूप से पैदा होती है।

(v) भूमध्यसागरीय वनस्पति – यूरोप के दक्षिण में भूमध्य सागर के पास विशेष प्रकार की भूमध्य सागरीय वनस्पति पाई जाती है। गहरी जड़ों वाले छोटे पौधे इस जलवायु में विशेष रूप से पैदा होते हैं। ये छोटी, मोटी और चमकीली पत्तियों वाले वृक्ष होते हैं।

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(2) यूरोप के प्राकृतिक विभागों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
यूरोप को चार भागों में बाँटा जा सकता है –

(i) उत्तरी – पश्चिमी उच्च भूमि – महाद्वीप के उत्तरीपश्चिमी भाग में पर्वत और पठार हैं। इनका विस्तार नार्वे तथा स्वीडन देशों में अधिक है। अतः इन्हें नार्वे और स्वीडन के पर्वत और पठार भी कहते। इन्हें स्केन्डिनेवियन पर्वत भी कहा जाता है। नार्वे के समुद्री तट बहुत कटे-फटे, सँकरे और अधिक ढालू हैं, जिन्हें फियोर्ड तट कहते हैं।

(ii) मध्य के विशाल मैदान-ये मैदान पश्चिम में अटलांटिक महासागर के तट पर फ्रांस से लेकर पूर्व में यूराल पर्वत तक यूरोपीय रूस में फैले हुए हैं। मैदानों की चौड़ाई रूस में सबसे अधिक है और ये पश्चिम की ओर क्रमश: सँकरे होते गए हैं। उत्तर में श्वेत सागर से लेकर दक्षिणी पर्वतमाला तक इन मैदानों का विस्तार सामाणिकपशाग है। नदियों के कछार बनने के कारण यहाँ की मिट्टी उपजाऊ है। मैदान के पूर्वी भाग में वोल्गा नदी तथा पश्चिम में डेन्यूब नदी है जो क्रमशः कैस्पियन सागर तथा काला सागर में गिरती हैं।

(iii) मध्यवर्ती पठार – यूरोप के मैदानी भाग के दक्षिण में पठारों और कम ऊँचे पर्वतों की श्रृंखला फैली हुई है। इनमें फ्रांस का मैसिफ, ब्लैक फॉरेस्ट और बोहेमियाँ के पठार हैं। पुर्तगाल व स्पेन में भी पठारों का विस्तार है। अधिकांश भाग चट्टानी तथा अनुपजाऊ है।

(iv) दक्षिणी अल्पाइन पर्वतमाला – दक्षिण में ऊँचे नवीन पर्वतों की श्रृंखला भी है। यह श्रृंखला पश्चिम में अटलांटिक महासागर से पूर्व में कैस्पियन सागर तक फैली है। इनमें सबसे महत्वपूर्ण आल्पस पर्वत की श्रृंखला है, जिसकी सबसे ऊँची चोटी माउण्ट ब्लैक है। अन्य पर्वत श्रेणियों में पेरेनीज, एपीनाइन, डिनारिक, कार्पेशियन और कॉकेशस हैं। कॉकेशस की सबसे ऊँची चोटी एलब्रुस चोटी है।

मानचित्र कार्य:
निम्नांकित को यूरोप के रेखा मानचित्र में दर्शाइए –

  • आल्पस और स्केन्डिनेवियन पर्वत
  • सीन, राइन और वोल्गा नदी
  • टैगा वनों का क्षेत्र
  • आइसलैण्ड, नार्वे
  • वाल्टिक सागर, भूमध्य सागर, काला सागर, श्वेत सागर।
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