MP Board Class 10th General Hindi व्याकरण वाक्य संशोधन

MP Board Class 10th General Hindi व्याकरण वाक्य संशोधन

प्रश्न-
सामान्य अशुद्धियाँ कितने तरह की होती हैं? उदाहरण सहित उन पर प्रकाश डालें।
उत्तर-
भाषा का शुद्ध और स्पष्ट लेखन उस समय तक संभव नहीं है, जब तक कि शब्दों और उनके अर्थ के विषय में पूर्ण ज्ञान न हो। शुद्ध वाक्य रचना के लिए अशुद्धियों पर ध्यान देना बड़ा आवश्यक है। अशुद्ध वाक्य उतना ही अरुचिपूर्ण लगता है जितना कि बेतरतीब बनाया हुआ भोजन। अतः अशुद्धियों का विवरण नीचे दिया जा रहा है-

1. लिंग संबंधी अशुद्धियाँ-संज्ञा शब्दों में लिंग परिवर्तन होता है;

जैसे-

पुल्लिंग – स्त्रीलिंग
1. पाठक – पाठिका
2. विद्वान् – विदुषी
3. सभापति – सभानेत्री

2. वचन संबंधी अशुद्धियाँ-
1. वह किसके कमल है-वह किसकी कलम है?
2. उसका भाग्य फूट गया-उसके भाग्य फूट गए।
3. मेरे बटुआ उड़ गया-मेरा बटुआ उड़ गया।
4. क्या तेरा प्राण निकल रहा है-क्या तेरे प्राण निकल रहे हैं?

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3. समास संबंधी अशद्धियाँ-

अशुद्ध – शुद्ध
1. माता भक्ति- मातृ भक्ति
2. भ्रातगण – भ्रातागण
3. कालीदास – कालिदास
4. महाराज – महाराजा

4. संधि समास अशुद्धियाँ-
1. निरस-नीरस (निः + रस)
2. उपरोक्त-उपर्युक्त (उपरि + उक्त)
3. सदोपदेश-सदुपदेश (सद् + उपदेश)

5. कारक संबंधी अशुद्धियाँ-कर्ता और क्रिया के वचन, लिंग और पुरुष समान होने चाहिएँ। यदि ऐसा न हुआ तो वाक्य अशुद्ध हो जाता है। उदाहरण के लिए

अशुद्ध वाक्य – शुद्ध वाक्य
1. गाय दूध देता है। – गाय दूध देती है।
2. हम लौटूंगा। – मैं लौटूंगा।

6. शब्दों का यथा स्थान रखना-वाक्य में कर्ता, कर्म, कारण, विशेषण, विशेष्य, क्रिया-विशेषण आदि के स्थान निश्चित होते हैं। यदि वे निश्चित स्थान पर न रखे गए अथवा उनका स्थान बदल दिया गया तो वाक्य अशुद्ध हो जाता है।

अशुद्ध – शुद्ध
1. बंदर को मोहन ने मारा डंडे से। – 1. मोहन ने बंदर को डंडे से मारा।
2. विमला मेरी घड़ी हाय-हाय न – 2. हाय हाय! विमला मेरी घड़ी न जाने
जाने कहाँ खो गई। – कहाँ खो गई।

7. अनावश्यक शब्दों का प्रयोग-
1. रोज प्रतिदिन नवल पाठशाला जाता है। – 1. नवल पाठशाला प्रतिदिन जाता है।
2. वह लड़की क्या नाम कहाँ पढ़ता है? – 2. वह लड़की कहाँ पढ़ती है?

8. वर्ण और मात्रा संबंधी अशुद्धियाँ

अशुद्ध – शुद्ध
1. उदेश्य – उद्देश्य
2. जागृत – जाग्रत
3. उज्जवल – उज्ज्वल
4. कोतुहल – कौतूहल
5. कलस – कलश
6. ग्यान – ज्ञान
7. पैत्रिक – पैतृक

प्रश्न 2 :
निम्नलिखित वाक्यों के शुद्ध रूप लिखिए :
1. इंदिरा गांधी की मृत्यु पर भारत में दुःख छा गया।
2. मैं कल आगरा से वापस लौटूंगा।
3. तुमने यह काम करना है।
4. कोप ही दंड का एक विधान है।
5. आग में कई लोगों के जल जाने की आशा है।
उत्तर-
1. इंदिरा गांधी की मृत्यु पर भारत में शोक छा गया।
2. मैं कल आगरा से लौटूंगा।
3. तुम्हें यह काम करना है।
4. दंड ही कोप का एक विधान है।
5. आग में कई लोगों के जल जाने की आशंका है।

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प्रश्न 3 :
निम्नलिखित अशुद्ध शब्दों को शुद्ध कीजिए-

अशुद्ध शब्द – शुद्ध शब्द
1. राजनीतिक – राजनैतिक
2. सन्मुख – सम्मुख
3. कलेश – क्लेश .

प्रश्न 4 :
चार विकल्पों में शुद्ध शब्द खोजकर उसे चिह्नित कीजिए
1. संग्रहित
(क) संघरित
(ख) संगृहीत
(ग) संग्रहीत
(घ) संघह्वीत
उत्तर-
(ख) संगृहीत।

2. प्रथक
(क) पृथक्
(ख) पिरथक
(ग) परथिक
(घ) पिर्थक
उत्तर-
(क) पृथक्

3. उज्जवल
(क) उजवल
(ख) उज्ज्वल
(ग) उजवल्य
(घ) उज्जवल
उत्तर-
(ख) उज्ज्व ल।

4. प्रनाम
(क) पिरणाम
(ख) पिरनाम
(ग) पृणाम
(घ) प्रणाम
उत्तर-
(घ) प्रणाम।

प्रश्न 5 :
निम्नलिखित वाक्यों के सही रूप चुनकर लिखें।
1. भैंस और बैल खड़े हैं
(क) भैंस खड़ा और बैल खड़ी है।
(ख) भैंस और बैल दोनों खड़ी हैं।
(ग) भैंस और बैल खड़ा हुआ है।
(घ) भैंस और बैल दोनों खड़े हैं।
उत्तर-
(घ) भैंस और बैल दोनों खड़े हैं।

2. आगरा के अंदर हैजा का जोर है
(क) आगरा के अंदर हैजा का प्रकोप है।
(ख) हैजा का जोर है आगरा में।
(ग) हैजा का प्रकोप है आगरा में।
(घ) आगरा में प्रकोप है हैजा का।
उत्तर-
(घ) आगरा में प्रकोप है हैजा का।

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3. उसे अनुत्तीर्ण होने की आशा है
(क) आशा है उसे अनुत्तीर्ण होने की।
(ख) अनुत्तीर्ण होने की उसे आशंका है।
(ग) उसे आशंका है अनुत्तीर्ण होने की।
(घ) उसे अनुत्तीर्ण होने की आशंका है।
उत्तर-
(घ) उसे अनुत्तीर्ण होने की आशंका है।

प्रश्न 6 :
शब्दों के क्रम संबंधी अशुद्धियों को शुद्ध कीजिए-
(क) अशुद्ध-राम, जो कल भूखा भा, ने अभी तक कोई भोजन नहीं किया।
(ख) अशुद्ध-राम बाजार से फूलों की माला एक लाई।
(ग) अशुद्ध-सब लड़कियाँ अपनी किताब और कलम से लिख और पढ़ रहे थे।
उत्तर-
(क) शुद्ध-राम, जो कल भूखा था अभी तक भोजन नहीं किया।
(ख) शुद्ध-राम बाजार से एक फूलों की माला लाया।
(ग) शुद्ध-सब लड़कियाँ अपनी किताब और कलम से पढ़ और लिख रही थीं।।

प्रश्न 7 :
प्रत्यय संबंधी अशुद्धियाँ दूर कीजिए
(क) अशुद्ध-राम यह कार्य आवश्यकीय है।
(ख) अशुद्ध-आपकी सौजन्यता से मेरे पुत्र को नौकरी मिल गई।
(ग) अशुद्ध-साधू के माथे पर रामानन्द तिलक है।
उत्तर-
(क) शुद्ध-राम यह कार्य आवश्यक है।
(ख) शुद्ध-आपके सौजन्य से मेरे पुत्र को नौकरी मिल गई।
(ग) शुद्ध-साधू के माथे पर रामानन्दी तिलक है।

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प्रश्न 8 :
अनुस्वार एवं चन्द्र बिंदु संबंध अशुद्धियाँ शुद्ध कीजिए
1. आँख,
2. ऊंचा,
3. सांप,
4. कुंअर,
5. दांत,
6. हंसिया,
7. चंवर
उत्तर :
आँख, ऊँचा, साँप, कुँअर, दाँत, हँसिया, चँवर

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MP Board Class 10th General Hindi व्याकरण वाक्यांश के लिए एकार्थी या एक शब्द

MP Board Class 10th General Hindi व्याकरण वाक्यांश के लिए एकार्थी या एक शब्द

संक्षेप में बात कहना एक कला है। मुहावरे के रूप में कहें तो यह गागर में सागर भरने के समान है। बहुत थोड़े शब्दों में गंभीर और महत्त्वपूर्ण बात कहने के लिए हमारा शब्द–भंडार समृद्ध होना चाहिए। हमें उन शब्दों की पर्याप्त जानकारी होनी चाहिए जो वाक्यांशों के लिए प्रयोग किए जाते हैं। ऐसे शब्दों के प्रयोग से वाक्य में आकर्षण और कसावट आ जाती है। दो उदाहरण देखिए–

1.
(क) भीष्म ने जीवन–भर विवाह न करने की प्रतिज्ञा की।
(ख) भीष्म ने आजीवन विवाह न करने की प्रतिज्ञा की।

2.
(क) विजय अपने प्रति किए गए उपकार को न माननेवाला लड़का है।
(ख) विजय कृतघ्न है।

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ऊपर क और ख वाक्यों में एक ही बात को दो प्रकार से लिखा गया है। लेकिन इन दोनों वाक्यों के गठन में अंतर है। 1 के क वाक्य में ‘जीवन–भर’ का प्रयोग किया गया है और ख में ‘आजीवन’। इसी प्रकार 2 के क वाक्य में ‘अपने प्रति किए गए उपकार को न माननेवाला’ के लिए ख में केवल ‘कृतघ्न’ शब्द का प्रयोग हुआ है। निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि क वाक्यों की अपेक्षा ख वाक्य अधिक आकर्षक हैं। हमें अपने लेखन आकर्षक बनाने के लिए ऐसे शब्दों का ही प्रयोग करना चाहिए।

यहाँ वाक्यांशों के लिए प्रयोग किये जाने वाले शब्द दिए जा रहे हैं–

वाक्यांश – एक शब्द

  • अभिनय करनेवाला पुरुष – अभिनेता
  • अभिनय करनेवाली स्त्री – अभिनेत्री
  • आगे आने वाला समय – भविष्य
  • अपने प्रति किए गए उपकार को न मानने वाला – कृतघ्न
  • अपने प्रति किए गए उपकार को मानने वाला – कृतज्ञ
  • अच्छे आचरण वाला – सदाचारी
  • आकाश को चूमने वाली – गगनचुंबी
  • कम बोलने वाला – मितभाषी
  • कम खर्च करने वाला – मितव्ययी
  • जिसका अंत न हो – अनन्त
  • छोटा भाई – अनुज
  • खेती करने वाला – कृषक
  • जो आसानी से प्राप्त हो जाता है – सुलभ।
  • जो सर्वत्र विद्यमान हो। – सर्वव्यापी
  • जो सब कुछ जानता हो – सर्वज्ञ
  • जब सर्दी और गर्मी समान हो – समशीतोष्ण
  • जो सदा अस्तित्व में रहता हो – शाश्वत
  • जिसका कोई शत्रु न हो – अजातशत्रु
  • जो सहन न हो सके – असह्य
  • जिस जमीन पर कुछ न उगता हो – बंजर
  • इतिहास से संबंधित – ऐतिहासिक
  • नाव चलानेवाला – केवट, नाविक
  • दुख देने वाला – दुखदायी
  • जिसका करना कठिन है – दुष्कर
  • जो नया आया हुआ हो – नवागंतुक
  • जो रात्रि में विचरण करता है – निशाचर
  • जो नीति को जानता हो – नीतिज्ञ
  • जिसके पास धन न हो – निर्धन
  • जिसको भय न हो – निर्भय
  • जो लज्जित न हो – निर्लज्ज
  • जिसका कोई आश्रय न हो – निराश्रय
  • जिसका कोई विरोध न हो – निर्विरोध
  • किसी एक का पक्ष लेनेवाला – पक्षपाती
  • जो किसी के अधीन हो – पराधीन
  • किसी लिखे हुए की नकल – प्रतिलिपि
  • जो किसी के अधीन हो – पराधीन
  • जिस समय बहुत कठिनाई से भिक्षा मिलती हो – दुर्भिक्ष
  • जिसकी सीमा न हो – असीम
  • जिस पुरुष की स्त्री मर गई हो – विधुर
  • जिस स्त्री का पति मर गया हो – विधवा
  • जहाँ दो या अधिक नदियों का मिलन हो – संगम
  • जो पढ़ना–लिखना न जानता हो – निरक्षर
  • जो कभी न मरे – अमर
  • जो मांस का आहार करता हो – मांसाहारी
  • जो मांस का आहार न करता हो – शाकाहारी
  • जो ईश्वर की सत्ता को न मानता हो – नास्तिक
  • जो ईश्वर की सत्ता को मानता हो – आस्तिक
  • जो अच्छे कुल में उत्पन्न हुआ हो – कुलीन
  • जन्मभर – आजन्म
  • जो दूसरों से ईर्ष्या करता हो – ईर्ष्यालु
  • जो प्राणी जल में रहे – जलचर
  • जो लोक में प्रिय हो – लोकप्रिय
  • दोपहर का समय – मध्याह्न
  • बीता हुआ समय – अतीत
  • किसी परिश्रम के बदले मिलनेवाला धन – पारिश्रमिक
  • बहुत बातें जानने वाला – बहुज्ञ
  • मीठी बात कहनेवाला – मृदुभाषी
  • बहुत बोलने वाला – वाचाल
  • जो राजगद्दी का अधिकारी हो – युवराज
  • जहाँ नाटक खेला जाता हो – नाट्यशाला या रंगमंच
  • जो पुरुष लोहे की तरह बलिष्ठ हो – लौह पुरुष
  • जो सारे विश्व में व्याप्त हो – विश्वव्यापी
  • शारीरिक दृष्टि से जिसका पूर्ण विकास हो गया हो – वयस्क
  • एक वर्ष में होने वाला – वार्षिक
  • किसी विषय को विशेष रूप से जानने वाला – विशेषज्ञ
  • जो स्वतंत्रता की रक्षा के लिए अथवा उसे प्राप्त करने के लिए जान गँवाता है – शहीद
  • किसी चीज का सबसे ऊंचा सिरा – शीर्ष
  • वह स्थान जहाँ मुर्दे जलाए जाते हैं – श्मशान
  • शिव की उपासना करने वाला – शैव
  • वह जो किसी प्रकार का संवाद देता हो – संवाददाता
  • जहाँ लोगों का मिलन हो – सम्मेलन
  • अपना मतलब पूरा करनेवाला – मतलबी, स्वार्थी
  • जो तीनों लोकों का स्वामी हो – त्रिलोकीनाथ
  • दूर की सोचने वाला – दूरदर्शी
  • देखने योग्य – दर्शनीय
  • जो लज्जाविहीन हो – निर्लज्ज
  • शक्ति के अनुसार – यथाशक्ति
  • जो सभी का प्रिय हो – सर्वप्रिय
  • जिस पर विश्वास न किया जा सके – अविश्वसनीय
  • जिसका वर्णन न किया जा सके – अवर्णनीय
  • जो उत्तर न दे सके – निरुत्तर
  • जो प्राणी जल में रहे – जलचर
  • दुष्ट बुद्धि वाला – दुर्बुद्धि
  • जिसके समान दूसरा कोई न हो – अद्वितीय
  • जिसमें दया न हो – निर्दयी
  • जिसमें विकार न हो – निर्विकार
  • जो नष्ट न होने वाला हो – अमर
  • जानने की इच्छा – जिज्ञासु
  • सूर्य से संबंध रखने वाला – सौर
  • जो दान करता हो – दानी

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MP Board Class 10th General Hindi व्याकरण विलोम या विपरीतार्थी शब्द

MP Board Class 10th General Hindi व्याकरण विलोम या विपरीतार्थी शब्द

किसी शब्द का विपरीत या उल्टा अर्थ देने वाले शब्द विपरीतार्थी या विलोम शब्द कहलाते हैं।
यहाँ कुछ शब्दों के विलोम या विपरीतार्थी शब्द दिए जा रहे हैं-

MP Board Class 10th General Hindi व्याकरण विलोम या विपरीतार्थी शब्द img-1
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MP Board Class 10th General Hindi व्याकरण अनेकार्थक या अनेकार्थी शब्द

MP Board Class 10th General Hindi व्याकरण अनेकार्थक या अनेकार्थी शब्द

अनेकार्थक या अनेकार्थी शब्द वे शब्द कहलाते हैं, जिनके अर्थ एक से अधिक होते हैं। जैसे – ‘कल’। ‘कल’ शब्द का अर्थ ‘शोर’ भी है, ‘मशीन’ भी है, ‘शांति’ भी है और ‘आने वाला अथवा बीता हुआ दिवस’ भी है। इस प्रकार के कई शब्द एक भाषा में रहते हैं। इनसे परिचित होना अत्यंत आवश्यक है।

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नीचे कुछ शब्द दिए जा रहे हैं–

  • अक्षर – नष्ट न होने वाला, स्वर – व्यंजन वर्ण, ईश्वर।
  • अनन्त – न अंत होने वाला, ईश्वर।
  • अम्बर – आकाश, कपड़ा, एक सुगंधित द्रव्य।
  • अमर – शाश्वत, देवता।
  • अर्थ – धन, व्याख्या, के लिए।
  • अलि – भँवरा, सखी।
  • अंक – गोद, गणना के अंक, मध्य।
  • उत्तर – जवाब, बाद का, दिशा का नाम।
  • कल – चैन, बीता हुआ कल, आने वाला दिन, मशीन, शोर।
  • कोट – किला, पहनने का एक वस्त्र।
  • ग्रहण – लेना, चाँद – सूर्य का ग्रहण।
  • गुण – विशेषता, रस्सी। गुरु – शिक्षक, बड़ा (महत्त्वपूर्ण)।
  • जड़ – मूल, मूर्ख।
  • जेठ – पति का बड़ा भाई, महीना विशेष।
  • खग – पक्षी, आकाश।
  • नव – नया, नौ।
  • नाग – साँप, हाथी।
  • पतंग – सूर्य, उड़ाई जाने वाली, गुड़िया, विशेष प्रकार का कीड़ा।
  • पय – दूध, पानी, अमृत।
  • फल – परिणाम, सेब, केला आदि, छुरी – बाण आदि का नुकीला भाग।
  • मधु – मीठा शहद, शराब।
  • लाल – रंग, बेटा, मूल्यवान पत्थर।
  • वर्ण – जाति, रंग, अक्षर।
  • विधि – ब्रह्मा, भाग्य, पद्धति, रीति।
  • हरि – विष्णु, सूर्य, इन्द्र, सिंह, सर्प।
  • हार – पराजय, आभूषण – विशेष।
  • श्री – शोभा, लक्ष्मी, धन – वैभव।

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MP Board Class 10th General Hindi व्याकरण पर्यायवाची

MP Board Class 10th General Hindi व्याकरण पर्यायवाची

एक अर्थ प्रकट करने के लिए प्रत्येक भाषा में कई शब्द होते हैं। ऐसे शब्द समानार्थी या पर्यायवाची शब्द कहलाते हैं। वास्तव में तो एक–एक शब्द के सभी पर्यायवाची शब्दों का अर्थ एक समान नहीं होता, उनमें सूक्ष्म अंतर होता है। हवा, प्रभंजन, समीर, झंझा पर्यायवाची शब्द हैं।

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नीचे कुछ पर्यायवाची शब्द दिए जा रहे हैं–

  • अग्नि – आग, पावक, अनल, वह्नि।
  • अमृत – सुधा, अमिय, सोम पीयूष।
  • आकाश – नभ, गगन, आसमान, अंबर।
  • आँख – नेत्र, लोचन, नयन, दृग।
  • कमल – सरोज, जलज, पंकज, राजीव।
  • घर – गृह, गेह, सदन, मंदिर।
  • चंद्रमा – शशि, विधु, चंद्र मयंक।
  • जल – पानी, नीर, वारि, सलिल।
  • पर्वत – शैल, गिरि, पहाड़, अचल।
  • पुष्प – फूल, कुसुम, सुमन, प्रसून।
  • बादल – मेघ, घन, पयोद, नीरद।
  • मनुष्य – नर, मानव, आदमी, मानुष।
  • रात – रात्रि, निशा, रैन, यामिनी।
  • राजा – नृप, भूप, नरेश, नरेन्द्र।
  • समुद्र – सागर, जलधि, सिंधु, रत्नाकर।
  • सूर्य – भानु, रवि, दिवाकर, आदित्य।
  • सिंह – शेर, मृगेन्द्र, नाहर, मृगराज।
  • सर्प – भुजंग, विषधर, नाग, साँप।
  • स्त्री – नारी, भार्या, कांता, वधू।
  • हवा – वायु, समीर, बयार, अनिल।
  • हाथी – गज, करी, नाग, गयंद।
  • घोड़ा – अश्व, बाजि, तुरंग, तुरग।
  • कृष्ण – हरि, केशव, घनश्याम, मोहन।
  • कोयल – कोकिला, पिक, अलि, श्यामा।
  • पक्षी – विहग, खग, पखेरू, चिड़िया।
  • पुत्र – सुत, तनय, बेटा, पूत।
  • पुत्री – सुता, तनया, बेटी, तनूजा।
  • महादेव – शिव, शंभु, शंकर, गिरीश।
  • माता – मां, जननी, अम्ब, मातृ।।
  • मोर – केकी, मयूर, कलापी, सारंग।
  • सरस्वती – शारदा, भारती, वीणापाणि, गिरा।
  • सोना – कंचन, कनक, हेम, स्वर्ण।
  • हनुमान – पवनसुत, महावीर, कपीश्वर, रामदूत।
  • आम – रसाल, आम्र, अमृतफल, सहकार।
  • दुःख – क्लेश, विषाद, वेदना, संताप।
  • विष – गरल, हलाहल, जहर, माहुर।
  • सेना – सैन्य, दल, चमू, फौज।
  • शत्रु – रिपु, अरि, अमित्र, वैरी।
  • सुंदर – ललित, रम्य, चारु, सुरम्य।
  • मित्र – सखा, मीत, सुहृद, अंतरंग।
  • लक्ष्मी – कमला, पद्मा, श्री, हरिप्रिया।
  • पत्थर – पाषाण, उपल, पाहन, प्रस्तर।

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MP Board Class 10th General Hindi व्याकरण शब्द विचार

MP Board Class 10th General Hindi व्याकरण शब्द विचार

प्रश्न 1.
शब्द की परिभाषा दें।
उत्तर-
शब्द की परिभाषा-निश्चित अर्थ को प्रकट करने वाले वर्ण-समूह को शब्द कहते हैं। जैसे-घर, रोटी, अर्थ, विचार, शब्द आदि।

प्रश्न 2.
शब्द के कितने रूप हैं? उदाहरण सहित समझाएँ।
उत्तरउत्पत्ति के आधार पर हिंदी में शब्द के चार भेद हैं

  1. तत्सम,
  2. तद्भव,
  3. देशज,
  4. विदेशी।

1. तत्सम-संस्कृत भाषा के ऐसे शब्द, जो हिंदी में भी अपने मूल रूप में प्रचलित हैं, तत्सम कहलाते हैं। जैसे-वायु, नारी, सत्य, छात्र, समुद्र आदि।
2. तद्भव-जो शब्द संस्कृत भाषा के शब्दों से बिगड़ कर हिंदी में प्रचलित हैं, तद्भव कहलाते हैं। जैसे-सपना (स्वप्न), दूध (दुग्ध)।
3. देशज-जो शब्द स्थानीय पदार्थ के रूप में, कार्य के रूप में अथवा ध्वनि के अनुसार प्रसिद्ध और प्रचलित हैं, देशज कहलाते हैं। ये शब्द देश की विभिन्न बोलियों से लिये गए हैं। जैसे–पेट, खिड़की, थूक, चीनी।
4. विदेशी-वे शब्द, जो अंग्रेज़ी, अरबी, फारसी, तुर्की, पुर्तगाली, फ्रांसीसी आदि विदेशी भाषाओं से हिंदी में आए हैं, विदेशी कहलाते हैं। जैसे-स्कूल, बटन, आलू, गरीब, किताब, लाश।

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MP Board Class 10th General Hindi व्याकरण शब्द विचार 1

प्रश्न 3.
तत्सम एवं तद्भव शब्द रूपों के अन्तर उदाहरण सहित समझाएँ।
उत्तर-
तत्सम और तद्भव शब्द-

तत्सम शब्द-
हिंदी में संस्कृत के कुछ शब्दों को ज्यों का त्यों (यथावत्) ले लिया है। ऐसे शब्द तत्सम कहलाते हैं।

तद्भव शब्द-
संस्कृत के कुछ शब्द ऐसे हैं, जिनका रूप परिवर्तन करके हिंदी में अपनाया गया है। ऐसे शब्दों को तद्भव शब्द कहते हैं। यहाँ कुछ तद्भव शब्द और उनके तत्सम रूप दिए जा रहे हैं

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प्रश्न 4.
हिन्दी में प्रयुक्त होने वाले कुछ विदेशी शब्दों के उदाहरण दें?
उत्तर-
अंग्रेजी-स्टेशन, राशन, सिनेमा, टेलीविजन, टिकट, फीस, रेडियो, डॉक्टर, बैंक आदि।
अरबी-मौलवी, अदालत, अमीर, मालिक, दुनिया, फकीर, तारीख, किताब, कसर आदि।
फारसी-जिंदगी, बाग, चश्मा, खरगोश, चाकू, कारखाना, रूमाल, शिकायत, जल्दी, खरीद, तमाम, ज़मीन, फौज़, काग़ज़, हज़ार, दुकान, बादाम आदि।
पुर्तगाली-प्याला, आलू, साबुन, नीलाम, पिस्तौल, आदि।
ग्रीक-सुरंग, दाम आदि।
तुर्की-दारोगा, तमगा, काबू, लाश, कालीन, तोप आदि।
फ्रांसीसी-कूपन, अंगरेज़, कारतूस आदि।

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MP Board Class 10th General Hindi व्याकरण वर्तनी

MP Board Class 10th General Hindi व्याकरण वर्तनी

प्रश्न 1.
वर्तनी की परिभाषा दें।
उत्तर-
‘वर्तनी’ का अर्थ है उच्चारण के अनुरूप वर्ण-विन्यास। इसे अंग्रेजी में (spelling) कहते हैं। सामान्यतया लिखने की रीति को वर्तनी कहते हैं। वर्तनी की शुद्धता के लिए उच्चारण की शुद्धता आवश्यक है। यदि उच्चारण गलत हुआ तो वर्तनी भी गलत होती है।

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प्रश्न 2.
वर्तनी संशोधन के नियमों पर प्रकाश डालें।
उत्तर-
वर्तनी संबंधी कुछ नियम हैं, जिनका पालन करने से शब्दों के शुद्ध रूप लिखे जा सकते हैं।
1. किसी भी स्वर के साथ किसी अन्य स्वर की मात्रा नहीं लगनी चाहिए।

जैसे-

‘अ’ अिस, ओक, अपर-ये अशुद्ध रूप हैं।
इस, एक, ऊपर-ये शुद्ध रूप हैं।

2. भाववाची-ति, नि, धि, टि से समाप्त होने वाली स्त्रीलिंग संज्ञाओं की अंतिम ‘इ’ ह्रस्व होती है।

जैसे-

भक्ति, शक्ति, नीति, प्रीति, रीति, जाति आदि।

3. संस्कृत के तत्सम पुल्लिंग शब्द के अंतिम इ, उ, प्रायः ह्रस्व होते हैं।

जैसे-

कवि, कपि, हरि, रवि, वाल्मीकि, उदधि आदि।

4. तद्भव तथा विदेशी भाषाओं में आए पुल्लिंग शब्दों के अंतिम इ, उ दीर्घ होते हैं।

जैसे-

अंग्रेजी, फ्रांसीसी, आलू, भालू, डाकू, लड़ाकू।

5. ‘ऋ’ स्वर है। कभी-कभी उसका उच्चारण, रि, रु इस प्रकार करके इसी से शब्द लिखते हैं, वह अशुद्ध रूप है। ‘ऋ’ प्रारंभ में लगने वाले शब्द को ‘र’ से नहीं ‘ऋ’ से लिखना चाहिए

जैसे-

ऋतु लिखना चाहिए, रितु नहीं।
शुद्ध रूप-ऋचा, ऋग्वेद, ऋण, वृष्टि, कृषक, कृष्ण, तृण, तृष्णा आदि।

6. ‘घ’ तथा ‘ध’ वाले शब्द-‘घ’-घर, घोड़ा, घनश्याम, घड़ा, घमण्ड आदि।

‘ध’-धैर्य, धर्म, धन, धमाका, धाम आदि।

7. ‘व’ और ‘ब’ में अंतर-‘व’ के उच्चारण में होठ’ (ओठ) खुले रहते हैं और ‘ब’ के उच्चारण में बंद हो जाते हैं।

‘व’ वाले शब्द-वह, वर्ण, विवाहर, विश्व इत्यादि।
‘ब’ वाले शब्द-बाहर, बंद, बंदर, बँटवारा, बाप, बतासा, बनावट, बारात इत्यादि।

8. श, ष, स का अन्तर-‘श’ वाले शब्द-शहर, शरबत, शेर इत्यादि।

‘ष’ वाले शब्द-षट्कोण, नष्ट, कष्ट, राष्ट्र, युधिष्ठिर, विशिष्ट इत्यादि।
‘स’ वाले शब्द-समाज, सपेरा, समय, सावन, स्वागत, सरौता, सबेरा, स्वर्ग इत्यादि।

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प्रश्न 3.
परसर्ग या कारक चिह्न का प्रयोग कहाँ किया जाता है?
उत्तर-
परसर्ग या कारक चिह्न का प्रयोग-संज्ञा शब्दों के साथ होना चाहिए। इस प्रकार जैसे-राम ने, मोहन को, घर में सर्वनाम के साथ प्रयोग-जैसे-मैंने, आपने, उन्होंने, उनको, जिसको इत्यादि।

प्रश्न 4.
योजक चिह्न का प्रयोग सोदाहरण समझाइये।
उत्तर-
योजक चिह्न का प्रयोग समानपद में करना चाहिए।

जैसे-

माता-पिता,
भाई-बहन,
पाप-पुण्य,
सरस्वती – वन्दना,
शोध-संस्था,
रात-दिन आदि।

प्रश्न 5.
शुद्ध एवं अशुद्ध वर्तनी को उदाहरण सहित समझाएँ।
उत्तर-
जैसे-
MP Board Class 10th General Hindi व्याकरण वर्तनी 1

प्रश्न 6.
वर्ण तथा शब्द में क्या अंतर है?
उत्तर-
ध्वनि का लिखित रूप वर्ण कहलाता है। वर्ण भाषा की सबसे छोटी इकाई है। इन्हें विभाजित नहीं किया जा सकता, परन्तु वर्णों के सार्थक समूह से शब्दों का निर्माण होता है।

जैसे-

अ, आ, इ, ई वर्ण हैं जबकि र् + आ + म् + अ = ‘राम’ शब्द है।

प्रश्न 7.
हिन्दी की लिपि का नाम बताएँ।
उत्तर-
हिन्दी की लिपि का नाम देवनागरी लिपि है। प्रश्न 8. वर्तनी के नियमों में से कोई भी दो नियम लिखिए।
उत्तर-
1. किसी भी स्वर के साथ किसी अन्य स्वर की मात्रा नहीं लगती है।

जैसे-

अशुद्ध-ओक, शुद्ध-एक।

2. ‘ऋ’ स्वर का शुद्ध उच्चारण

जैसे-

रितु-अशुद्ध, ऋतु-शुद्ध शब्द है।

प्रश्न 9.
मानक वर्तनी क्या है? सोदाहरण समझाएँ।
उत्तर-
वर्तनी संबंधी कुछ महत्वपूर्ण नियम हैं। शुद्ध शब्द उच्चारण के लिए, उनका पालन करने से मानक शुद्ध वर्तनी प्रस्तुत होती है।
जैसे-
‘ष’ के स्थान पर ‘श’ संबंधी अशुद्धियाँ।
अशुद्ध शब्द – मानक (शुद्ध) वर्तनी
द्वेश – द्वेष
निर्दोष – निर्दोश

प्रश्न 10.
निम्नांकित शब्दों के (मानक) शुद्ध रूप लिखिए।
उत्तर-
अशुद्ध रूप – मानक (शुद्ध रूप)

  1. उज्वल – उज्ज्व ल
  2. क्षन – क्षण
  3. एकलौता – इकलौता
  4. सौंदर्यता – सौंदर्य
  5. आशीर्वाद – आशीर्वाद
  6. चाहिये – चाहिए
  7. अनाधिकार – अनधिकार
  8. मैथली – मैथिली
  9. उपरोक्त – उपर्युक्त
  10. अनुग्रहित – अनुगृहीत

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प्रश्न 11.
‘ऋ’ तथा ‘रि’ से बनने वाले कोई चार शब्द लिखिए।
उत्तर-
‘रि’ –

  1. रिगवेद
  2. रितु
  3. रिषि
  4. रिचा।।

‘ऋ’ –

  1. ऋग्वेद
  2. ऋतु
  3. ऋषि
  4. ऋचा।

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MP Board Class 10th General Hindi व्याकरण प्रत्यय

MP Board Class 10th General Hindi व्याकरण प्रत्यय

प्रश्न 1.
प्रत्यय किसे कहते हैं?
उत्तर-
मूल शब्दों के अंत में जो शब्दांश जुड़कर नये शब्द बनाए जाते हैं, उन्हें प्रत्यय कहते हैं। दूसरे शब्दों में जो शब्दांश शब्द के अंत में जुड़कर नये-नये शब्दों का निर्माण करते हैं, उन्हें प्रत्यय कहते हैं।

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प्रश्न 2.
प्रत्यय कितने प्रकार के होते हैं? उत्तर-प्रत्यय दो प्रकार के होते हैं-कृत और तद्धित।

प्रश्न 3.
कृत प्रत्यय को सोदाहरण समझाएँ:
उत्तर-
कृत प्रत्यय-क्रिया शब्दों के अंत में जो शब्दांश जोड़े जाते हैं, वे कृत प्रत्यय कहलाते हैं,

जैसे-

पढ़ना + ई = पढ़ाई ; लिखना + ई = लिखाई।

क्रिया में प्रत्यय जोड़कर संज्ञाएँ भी बनाई जाती हैं और विशेषण भी। संज्ञा बनाने वाले हिंदी के प्रमुख कृत् प्रत्यय निम्नलिखित हैं-
MP Board Class 10th General Hindi व्याकरण प्रत्यय img-1

विशेषण बनाने वाले प्रत्यय
MP Board Class 10th General Hindi व्याकरण प्रत्यय img-2
MP Board Class 10th General Hindi व्याकरण प्रत्यय img-3

प्रश्न 4.
तद्धित प्रत्यय को सोदाहरण समझाएँ।
उत्तर-
तद्धित प्रत्यय-जो प्रत्यय संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण के साथ जुड़कर नये शब्द बनाते हैं, उन्हें तद्धित प्रत्यय कहते हैं।

संज्ञा बनाने वाले तद्धित प्रत्यय-
MP Board Class 10th General Hindi व्याकरण प्रत्यय img-4

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विशेषण बनाने वाले तद्धित प्रत्यय-
MP Board Class 10th General Hindi व्याकरण प्रत्यय img-5

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MP Board Class 10th General Hindi व्याकरण उपसर्ग

MP Board Class 10th General Hindi व्याकरण उपसर्ग

प्रश्न 1.
उपसर्ग किसे कहते हैं?
उत्तर-
उपसर्ग वे अविकारी (अव्यय) शब्दांश होते हैं, जो किसी शब्द के पूर्व में जुड़कर मूल शब्द के अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं।

प्रश्न 2.
उपसर्ग की विशेषता बताइये।
उत्तर-
उपसर्ग किसी भी शब्द को परिवर्तित कर देता है। इससे

  1. शब्द के अर्थ में एक नयी विशेषता आ जाती है।
  2. शब्द का अर्थ बदल जाता है।
  3. कहीं-कहीं शब्द के अर्थ में कोई विशेष अंतर नहीं आता। हिंदी में जो उपसर्ग मिलते हैं, वे संस्कृत, हिंदी और उर्दू भाषा के हैं।

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प्रश्न 3.
उपसर्ग कितने तरह के होते हैं? उनके उदाहरण दें।
उत्तर-
संस्कृत उपसर्ग
MP Board Class 10th General Hindi व्याकरण उपसर्ग img-1

हिंदी उपसर्ग

MP Board Class 10th General Hindi व्याकरण उपसर्ग img-2MP Board Class 10th General Hindi व्याकरण उपसर्ग img-3

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MP Board Class 10th Sanskrit व्याकरण धातु रूप-प्रकरण

MP Board Class 10th Sanskrit व्याकरण धातु रूप-प्रकरण

क्रिया-जिसके द्वारा किसी कार्य का करना अथवा होना पाया जाता है, उसे क्रिया कहते हैं। प्रयोग के अनुसार क्रियाओं में परिवर्तन होने से पहले क्रिया का जो मूल रूप होता है, उसे संस्कृत में ‘धातु’ कहते हैं।

जैसे-

‘रामः मन्दिरं गच्छति’
(राम मन्दिर जाता है।)

इस वाक्य में ‘गच्छति’ (जाता है) क्रिया के द्वारा जाने का कार्य हो रहा है, अतः ‘गच्छति’ क्रिया है। यह गम्’ मूल धातु से बनी है। अतः इसमें ‘गम्’ धातु है।
पद-क्रियाओं के रूप चलने के क्रम को पद कहते हैं। पद दो होते हैं-
१. परस्मैपद,
२. आत्मनेपद,

पद के अनुसार धातु भेद-पद के अनुसार धातुएँ तीन प्रकार की होती हैं-
१. परस्मैपदी,
२. आत्मनेपदी,
३. उभयपदी।

प्रत्येक क्रिया किसी न किसी समय में सम्पन्न होती है। अतः इस समय को सूचित करने के लिए संस्कृत में दस लकार होते हैं। यहाँ पाठयक्रम में पाँच लकारों के रूप दिये जा रहे हैं-
१. लट्लकार – वर्तमान काल।
२. लुट्लकार – भविष्यकाल।
३. लङ्लकार – भूतकाल।
४. लोट्लकार – आज्ञा-सूचक।
५. विधिलिङ्लकार – इच्छार्थक – चाहिए अर्थ में।

♦ I. परस्मैपदी

१. “भू” (भव्) होना

MP Board Class 10th Sanskrit व्याकरण धातु रूप-प्रकरण img 1
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२. गम् (गच्छ) जाना

MP Board Class 10th Sanskrit व्याकरण धातु रूप-प्रकरण img 3
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३. दृश् (पश्य) देखना

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४. पच् (पकाना)

MP Board Class 10th Sanskrit व्याकरण धातु रूप-प्रकरण img 7
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५. पा (पिब्) पीना

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♦ II. आत्मनेपदी

६. लभ् (पाना)

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७. सेव (सेवा करना)

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८. वृध् (बढ़ना)

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९. वृत् (होना)

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♦ III. अभयपदी

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लङ्लकार
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लुट्लकार
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लोट्लकार
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विधिलिङ्लकार
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११. ह् (हरना)

लट्लकार
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लङ्लकार
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लङ्लकार
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लोट्लकार
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विधिलिङ्लकार
MP Board Class 10th Sanskrit व्याकरण धातु रूप-प्रकरण img 28

१२. याच् (माँगना)

लट्लकार
MP Board Class 10th Sanskrit व्याकरण धातु रूप-प्रकरण img 29

ललकार
MP Board Class 10th Sanskrit व्याकरण धातु रूप-प्रकरण img 30

लुट्लकार
MP Board Class 10th Sanskrit व्याकरण धातु रूप-प्रकरण img 31

लोट्लकार
MP Board Class 10th Sanskrit व्याकरण धातु रूप-प्रकरण img 32

विधिलिङ्लकार
MP Board Class 10th Sanskrit व्याकरण धातु रूप-प्रकरण img 33

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

बहु-विकल्पीय

प्रश्न १. ‘भवति’ रूप बनता है
(अ) प्रथम पुरुष – द्विवचन,
(ब) प्रथम पुरुष – एकवचन,
(स) प्रथम पुरुष – बहुवचन,
(द) मध्यम पुरुष – एकवचन।
उत्तर-
(ब) प्रथम पुरुष – एकवचन,

२. ‘भू’ धातु, लृट् लकार, प्रथम पुरुष, बहुवचन का रूप
(अ) भवन्ति,
(ब) भविष्यामि,
(स) भविष्यामः,
(द) भविष्यन्ति।
उत्तर-
(द) भविष्यन्ति।

३. ‘गम्’ धातु, लङ्लकार, प्रथम पुरुष, एकवचन का रूप
(अ) अगच्छत्,
(स) अगच्छः
(ब) अगच्छम्,
(द) अगच्छत।
उत्तर-
(अ) अगच्छत्,

४. ‘दृश्’ धातु का ‘द्रक्ष्यति’ रूप किस प्रकार का है?
(अ) लट्,
(ब) लङ्,
(स) लृट,
(द) लोट।
उत्तर-
(स) लृट,

५. ‘पिबन्ति’ रूप ‘पा’ धातु के किस पुरुष, से बनता है?
(अ) प्रथम,
(ब) मध्यम,
(स) उत्तम,
(द) अधम।
उत्तर-
(अ) प्रथम,

रिक्त स्थान पूर्ति
१. ‘भू’ धातु, लङ् लकार, उत्तम पुरुष, एकवचन का रूप ………………………………… है।
२. ‘गम्’ धातु, लृट् लकार, मध्यम पुरुष, बहुवचन का रूप ………………………………… है।
३. ‘दृश्’ धातु, लट् लकार, उत्तम पुरुष, द्विवचन का रूप ………………………………… है।
४. ‘पचेत्’ रूप ………………………………… लकार, प्रथम पुरुष, एकवचन का रूप ………………………………… है।
५. ‘द्रक्ष्यति’ रूप लट् लकार, प्रथम पुरुष, ………………………………… वचन का रूप है।
उत्तर-
१. अभवम्,
२. गमिष्यथ,
३. पश्यावः,
४. विधिलिङ्,
५. एक।

सत्य/असत्य
१. ‘भवामि’ रूप लृट् लकार का है।
२. ‘गमिष्यामि’ रूप मध्यम पुरुष में बनता है।
३. ‘द्रक्ष्यति’ रूप लृट् लकार में बनता है।
४. ‘पचेत्’ रूप विधिलिङ् लकार प्रथम पुरुष का है।
५. ‘पा’ धातु, लट्लकार, उत्तम पुरुष, बहुवचन का रूप पचामः
उत्तर-
१. असत्य,
२. असत्य,
३. सत्य,
४. सत्य,
५. सत्य।

जोड़ी मिलाइए
MP Board Class 10th Sanskrit व्याकरण धातु रूप-प्रकरण img 34t
उत्तर-
१. → (iv)
२. → (i)
३. → (v)
४. → (ii)
५. → (iii)

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