MP Board Class 10th Maths Solutions Chapter 3 दो चरों वाले रैखिक समीकरण युग्म Ex 3.2

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MP Board Class 10th Maths Solutions Chapter 3 दो चरों वाले रैखिक समीकरण युग्म Ex 3.2

प्रश्न 1.
निम्न समस्याओं में रैखिक समीकरणों के युग्म बनाइए और उनके ग्राफीय विधि से हल ज्ञात कीजिए :
(i) कक्षा X के 10 विद्यार्थियों ने एक गणित की पहेली प्रतियोगिता में भाग लिया। यदि लड़कियों की संख्या लड़कों की संख्या से 4 अधिक हो तो प्रतियोगिता में भाग लिये ‘लड़कों और लड़कियों की संख्या ज्ञात कीजिए।
(ii) 5 पेंसिल तथा 7 कलमों का कुल मूल्य ₹ 50 है जबकि 7 पेंसिल तथा 5 कलमों का मूल्य ₹46 है। एक पेंसिल का मूल्य तथा एक कलम का मूल्य ज्ञात कीजिए।
हल:
(i) मान लीजिए प्रतियोगिता में भाग लेने वाले लड़कों एवं लड़कियों की संख्या क्रमशः x एवं y है तो प्रश्नानुसार,
x + y = 10 ….(1)
⇒ y = 10 – x
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एवं y = x + 4 ….(2)
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दोनों ग्राफ परस्पर बिन्दु P (3,7) पर प्रतिच्छेद करते हैं।
अत: लड़के एवं लड़कियों की अभीष्ट संख्या क्रमश: 3 एवं 7 है।

(ii) मान लीजिए पेंसिल एवं कलम का मूल्य क्रमशः ₹ x प्रति नग एवं ₹ y प्रति नग है। तो प्रश्नानुसार,
5x + 7y = 50 …(1)
⇒ y = \(\frac { 50-5x }{ 7 } \)
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एवं 7x + 5y = 46 ….(2)
⇒ y = \(\frac { 46-7x }{ 5 } \)
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आकृति : 3.5
चूँकि दोनों ग्राफ बिन्दु P (3,5) पर परस्पर प्रतिच्छेद करते हैं।
अतः पेंसिल एवं कलम के मूल्य क्रमश ₹ 3 प्रति नग एवं ₹ 5 प्रति नग है।

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प्रश्न 2.
अनुपातों \(\frac{a_{1}}{a_{2}}, \frac{b_{1}}{b_{2}}\) और \(\frac{c_{1}}{c_{2}}\) की तुलना कर ज्ञात कीजिए कि निम्न समीकरण युग्म द्वारा निरूपित रेखाएँ एक बिन्दु पर प्रतिच्छेद करती हैं, समानान्तर हैं अथवा सम्पाती हैं।
(i) 5x – 4y + 8 = 0
7x + 6y – 9 = 0
(ii) 9x + 3y + 12 = 0
18x + 6y + 24 = 0
(iii) 6x – 3y + 10 = 0
2x – y + 9 = 0
हल:
(i) चूंकि 5x – 4y + 8 = 0 ….(1)
एवं 7x + 6y – 9 = 0 ….(2)
इसलिए \(\frac{a_{1}}{a_{2}}=\frac{5}{7}, \frac{b_{1}}{b_{2}}=\frac{-4}{6}\) एवं \(\frac{c_{1}}{c_{2}}=\frac{8}{-9}=\frac{-8}{9}\)
⇒ \(\frac{a_{1}}{a_{2}} \neq \frac{b_{1}}{b_{2}}\)
अतः समीकरण युग्म द्वारा निरूपित रेखाएँ एक बिन्दु पर प्रतिच्छेद करती हैं।

(ii) चूँकि 9x + 3y + 12 = 0 ….(1)
18x + 6y + 24 = 0 ….(2)
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अतः समीकरण युग्म द्वारा निरूपित रेखाएँ सम्पाती हैं।

(iii) चूँकि 6x – 3y + 10 = 0 …. (1)
एवं 2x – y + 9 = 0 ….(2)
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अत: समीकरण युग्म द्वारा निरूपित रेखाएँ समान्तर हैं।

प्रश्न 3.
अनुपातों \(\frac{a_{1}}{a_{2}}, \frac{b_{1}}{b_{2}}\) और \(\frac{c_{1}}{c_{2}}\) की तुलना कर ज्ञात कीजिए कि निम्न रैखिक समीकरणों के युग्म
संगत हैं या असंगत:
(i) 3x + 2y = 5; 2x – 3y = 7
(ii) 2x – 3y = 8; 4x – 6y = 9
(iii) \(\frac { 3 }{ 2 } \) x + \(\frac { 5 }{ 3 } \) y = 7; 9x – 10y = 14
(iv) 5x – 3y = 11; -10x + by = – 22
(v) \(\frac { 4 }{ 3 } \) x + 2y = 8 ; 2x + 3y = 12
हल:
(i) चूँकि 3x + 2y = 5 ⇒ 3x + 2y – 5 = 0 ….(1)
एवं 2x – 3y = 7 ⇒ 2x – 3y – 7 = 0 ….(2)
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(अर्थात् रेखा युग्म प्रतिच्छेदी हैं)
अतः उक्त रैखिक समीकरणों के युग्म संगत हैं।

(ii) चूँकि 2x – 3y = 8 ⇒ 2x – 3y – 8 = 0 ….(i)
एवं 4x – 6y = 9 ⇒ 4x – 6y – 9 = 0 ….(2)
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(अर्थात् रेखा युग्म समान्तर हैं)
अतः उक्त रैखिक समीकरणों के युग्म अंसगत हैं।

(iii) चूँकि \(\frac { 3 }{ 2 } \)x + \(\frac { 5 }{ 3 } \) y = 7 ⇒ 9x + 10y – 42 = 0 ….(1)
एवं 9x – 10y = 14 ⇒ 9x – 10y – 14 = 0 ….(2)
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(अर्थात् रेखा युग्म प्रतिच्छेदी हैं)
अतः उक्त रैखिक समीकरणों के युग्म संगत हैं।

(iv) चूँकि 5x – 3y = 11 ⇒ 5x – 3y – 11 = 0 ….(1)
एवं – 10x + 6y = – 22 ⇒ – 10x + 6y + 22 = 0 ….(2)
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(अर्थात् रेखा युग्म सम्पाती हैं)
अतः उक्त रैखिक समीकरणों के युग्म संगत हैं।

(v) चूँकि \(\frac { 4 }{ 3 } \)x + 2y = 8 ⇒ 4x + 6y – 24 = 0 ….(1)
एवं 2x + 3y = 12 ⇒ 2x + 3y – 12 = 0 ….(2)
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(अर्थात् रेखा युग्म संपाती हैं)
अत: उक्त रैखिक समीकरणों के युग्म संगत हैं।

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प्रश्न 4.
निम्न रैखिक समीकरणों के युग्मों में से कौन से युग्म संगत/असंगत हैं। यदि संगत हैं, तो ग्राफीय विधि से हल कीजिए :
(i) x + y = 5; 2x + 2y = 10
(ii) x – y = 8; 3x – 3y = 16
(iii) 2x + y – 6 = 0; 4x – 2y – 4 = 0
(iv) 2x – 2y – 2 = 0; 4x – 4y – 5 = 0
हल:
(i) चूँकि x + y = 5 ⇒ x + y – 5 = 0 ….(1)
एवं 2x +2y = 10 ⇒ 2x + 2y – 10 = 0 ….(2)
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(अर्थात् रेखा युग्म सम्पाती हैं)
अतः उक्त रैखिक समीकरणों के युग्म संगत हैं।
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चूँकि रेखा युग्म सम्पाती हैं, इसलिए रेखा का प्रत्येक बिन्दु इसका हल होगा।
अतः उक्त रैखिक समीकरण के अनन्तशः अनेक हल होंगे।

(ii) चूंकि x – y = 8 ⇒ x – y – 8 = 0 ….(1)
एवं 3x – 3y = 16 ⇒ 3x – 3y – 16 = 0 ….(2)
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(अर्थात् रेखा युग्म समानान्तर हैं)
अतः उक्त रैखिक समीकरणों का युग्म असंगत है।

(iii) चूँकि 2x + y – 6 = 0 ….(1)
एवं 4x – 2y – 4 = 0 ….(2)
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(अर्थात् रेखा युग्म प्रतिच्छेदी हैं)
अतः उक्त रैखिक समीकरणों का युग्म संगत है।
उत्तर रैखिक समीकरण युग्म का ग्राफीय हल :
चूँकि 2x + y – 6 = 0 ….(1)
⇒ y = 6 – 2x
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एवं 4x – 2y – 4 = 0 ….(2)
⇒ y = 2x – 2
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अतः उक्त रैखिक समीकरण युग्म का अभीष्ट हल (2, 2) है अर्थात् x = 2 एवं y = 2.

(iv) चूँकि 2x – 2y – 2 = 0 ….(1)
एवं 4x – 4y – 5 = 0 ….(2)
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(अर्थात् रेखा युग्म समान्तर हैं)
अतः उक्त रैखिक समीकरण युग्म असंगत है।

प्रश्न 5.
एक आयताकार बाग, जिसकी लम्बाई, चौड़ाई से 4 m अधिक है, का अर्ध परिमाप 36 m है। बाग की विमाएँ ज्ञात कीजिए।
हल:
मान लीजिए कि बाग की लम्बाई x m एवं चौड़ाई y m है।
तो प्रश्नानुसार, x = y + 4 …(1)
⇒ y = x – 4
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एवं x + y = 36 ….(2)
⇒ y = 36 -x
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चूँकि दोनों ग्राफ बिन्दु P(20, 16) पर प्रतिच्छेद करते हैं।
अतः आयताकार बाग की अभीष्ट विमाएँ 20 m एवं 16 m हैं।

प्रश्न 6.
एक रैखिक समीकरण 2x + 3y – 8 = 0 दी गई है। दो चरों में एक ऐसी और रैखिक समीकरण लिखिए ताकि प्राप्त युग्म का ज्यामितीय निरूपण जैसा कि
(i) प्रतिच्छेद करती रेखाएँ हों।
(ii) समानान्तर रेखाएँ हों।
(iii) सम्पाती रेखाएँ हों।
हल:
सम्भावित उत्तर:
(i) 3x + 2y – 7 = 0
(ii) 4x + 6y – 12 = 0
(iii) 4x + 6y – 16 = 0
ज्ञातव्य : इस प्रश्न के अनेक उत्तर हो सकते हैं।

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प्रश्न 7.
समीकरणों x – y + 1 = 0 और 3x + 2y – 12 = 0 का ग्राफ खींचिए। x-अक्ष और इन रेखाओं से बने त्रिभुज के शीर्षों के निर्देशांक ज्ञात कीजिए और त्रिभुजाकार पटल को छायांकित कीजिए।
हल:
चूँकि x – y + 1 = 0 …(1)
⇒ y = x + 1
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एवं 3x + 2y – 12 = 0 ….(2)
⇒ y = \(\frac { 12-3x }{ 2 } \)
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आकृति : 3.9
अतः दिए हुए रैखिक समीकरण रैखिक निरूपित रेखाओं एवं : अक्ष से बने अभीष्ट त्रिभुज PQR के शीर्षों के अभीष्ट निर्देशांक P (2, 3), Q(-1, 0) और R (4,0) हैं तथा प्राप्त त्रिभुजाकार पटल को उपर्युक्त आकृति में छायांकित किया गया है।

MP Board Class 10th General Hindi पत्र-लेखन

MP Board Class 10th General Hindi पत्र-लेखन

पत्र-लेखन की आवश्यकता-
हम सब अपने निकट संबंधियों, इष्ट मित्रों से बराबर सम्पर्क रखना चाहते हैं। जो हमारे पास में ही रहते हैं, उनसे तो हम मिलते रहते हैं, किंतु जो हमसे दूर दूसरे नगर या गाँव में रहते हैं, उनको तो हम लिखकर ही अपनी कुशल-क्षेम भेज सकते हैं और लिखकर ही उनकी कुशल-क्षेम मँगा सकते हैं। इस प्रकार लिखकर विचारों का जो आदान-प्रदान किया जाता है, उसे पत्र-लेखन कहते हैं। विद्यालय में भी कई अवसरों पर हमें अपने प्राचार्य को प्रार्थना-पत्र लिखने पड़ते हैं। कभी-कभी हम अपने गाँव या नगर के बाहर के किसी पुस्तक विक्रेता से अपनी जरूरत की पुस्तकें भी मँगाते हैं। इसके लिए भी हमें पत्र लिखना पड़ता है। इस तरह हम यह कह सकते हैं कि पत्र व्यवहार हम सबके लिए अनिवार्य हो गया है।

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  1. अनौपचारिक पत्र (Informal letter)-इस तरह के पत्र अपने सगे-संबंधियों एवं मित्रों को लिखे जाते हैं। जैसे-माता-पिता, भाई-बहन, चाचा-चाची, मित्र आदि के लिए लिखा गया पत्र।
  2. औपचारिक पत्र (Formal Letter)-इस तरह के पत्र कार्यालय से संबंधित होते हैं। जैसे-प्रधानाचार्य, अधिकारी, व्यापारिक वर्ग आदि के लिए इस तरह के पत्र लेखन का प्रयोग होता है।

पत्र लेखन संबंधी कुछ आवश्यक बातें-

  1. पत्र लिखते समय स्थान (जहां से पत्र लिखा जा रहा है), दिनांक, उचित संबोधन का विशेष ध्यान रखना वाहिए।
  2. पत्र की भाषा सरल एवं स्पष्ट होनी चाहिए।
  3. पत्र का विषय सुलझा हुआ होना चाहिए।
  4. अनावश्यक बातों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  5. कम शब्दों में पत्र के उद्देश्य को अधिक से अधिक स्पष्टता के साथ प्रकट करना चाहिए।
  6. भाषा की शालीनता का ध्यान रखना चाहिए।

अनौपचारिक पत्र

1. ‘वार्षिक परीक्षा की तैयारी की सूचना हेतु पिताजी को पत्र’ लिखो।
175, शिवाजी मार्ग
भोपाल
10-5-200…
पूज्य पिताजी!

सादर चरण-स्पर्श,
आपका कृपापत्र हमें 8-5-200… को मिला। पढ़कर मन खुश हुआ। मैं आप सब पूज्य-वृन्दों के आशीर्वाद से सकुशल हूँ। आशा है कि आप सब भी परमात्मा की महाकृपा से ठीक से होंगे।

पूज्य पिताजी! आजकल मैं अपनी वार्षिक परीक्षा की तैयारी में अति व्यस्त हूँ। मेरी वार्षिक परीक्षा 20-5-200… से आरंभ होने वाली है। अब तक मैंने हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विषयों की पूरी तरह से तैयारी कर ली है परीक्षा के दिन तक तो मुझे सारे विषय कंठस्थ हो जाएंगे। इस आधार पर मैं आपको यह विश्वास दिला रहा हूँ कि मैं प्रथम श्रेणी में अवश्य उत्तीर्ण हो जाऊँगा। आशा है कि इससे आप सबको आनंद और उल्लास होगा।

पूज्य माताजी को सादर चरण-स्पर्श और अनुज शशि को शुभाशीर्वाद।

आपका आज्ञाकारी पुत्र
‘रवि’

2. अपने पिताजी को पत्र लिखिए तथा उसमें मासिक जेब खर्च बढ़ाने की मांग कीजिए।
विष्णु गार्डन,
भोपाल
3-3-200…
पूज्य पिताजी,

सादर चरण-स्पर्श
आप सब सकुशल हैं, इसके लिए मैं परमात्मा से सदैव प्रार्थी हूँ, आपके पत्र की प्रतीक्षा करके मैं यह पत्र लिख रहा हूँ। आपको यह ज्ञात हो कि मेरी परीक्षा आगामी माह की 15वीं तारीख से आरंभ होने वाली है। इसके लिए मैंने जी-जान से अध्ययन आरंभ कर दिया है। कुछ पुस्तकें, कापियाँ और कुछ परीक्षोपयोगी आवश्यकताएँ आ गई हैं। इसलिए आप अब 50 रुपये और अधिक भेजते जाइएगा। ऐसा इसलिए कि परीक्षा खर्च के साथ-साथ आवागमन और सम्पर्क हेतु भी पैसे खर्च होंगे। अतएव आप 500 रुपये तो अवश्य बढ़ाकर भेजते रहियेगा। अन्यथा परीक्षा की तैयारी अधूरी रह जाएगी।

माताजी को सादर चरण-स्पर्श, अनुज, दिव्या को शुभाशीर्वाद

आपका आज्ञाकारी पुत्र
‘प्रभाकर’

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3. प्रतिदिन समाचार-पत्र पढ़ने से जो लाभ है, उन्हें अवगत कराते हुए अपने मित्र को एक पत्र लिखिए।
2/2, तिलक नगर
ग्वालियर (म.प्र.)
6-6-200…

प्रिय मित्र, रमेश!
मुझे तुम्हारा पत्र कल ही प्राप्त हुआ। तुमने लिखा है कि आजकल क्या कर रहा हूँ। तो मित्र मैं आजकल दिल-दिमाग से समाचार-पत्रों को पढ़ने में जुट गया हूँ। मैं हिंदी-अंग्रेजी दोनों ही समाचार-पत्रों को नियमित रूप से पढ़ रहा हूँ। मुझे इनसे बहुत लाभ मिल रहा है। इस विषय में बता रहा हूँ।

मित्र समाचार-पत्र पढ़ने से लाभ ही लाभ हैं। देश-विदेश की ही नहीं आस-पड़ोस की पूरी खबर घर बैठे ही मिल जाती है। समाचार-पत्र पढ़ने से अच्छा-खासा मनोरंजन हो जाता है, यही नहीं विविध प्रकार के शब्द-अर्थ और भावों-प्रतिक्रियाओं का भी ज्ञान हो जाता है। समाचार-पत्र में छपे समाचारों से अपनी स्थिति का पता लगता है। इससे न केवल वर्तमान अपितु भूत और भविष्य की भी रूप रेखा समझ में आ जाती है। वास्तव में समाचार-पत्र समाज के सभी वर्गों और जीवन के सभी क्षेत्रों के मार्गदर्शन और सच्चे संवाहक हैं। अतएव समाचार-पत्र की उपयोगिता नहीं भूलनी चाहिए।

आशा है मित्र. आप मेरे सझावानसार नियमित रूप से समाचार-पत्र पढकर लाभ उठाओगे। मेरी ओर से माताजी-पिताजी को सादर चरण-स्पर्श, लघु बन्धुओं को शुभाशीर्वाद।

तुम्हारा अभिन्न मित्र
राकेश

4. पिता को पत्र लिखिए, जिसमें 300 रुपये पुस्तकों में और अन्य खर्चे के लिए मनीऑर्डर द्वारा मँगाइए।
15 टी.टी. नगर
भोपाल
दिनांक : 15-1-200………
पूजनीय पिताजी,

सादर चरण-स्पर्शी,
मैं यहाँ सकुशल हूँ। आशा करता हूँ कि आप सब लोग सकुशल होंगे। आपके निर्देशों का मैं पूरी तरह पालन कर रहा हूँ। मेरा ध्यान ठीक चल रहा है। मेरी छ:माही परीक्षाएँ 15 दिसम्बर से हो रही हैं। मुझे कुछ पुस्तकें और स्टेशनरी आदि खरीदनी हैं। पढ़ाई के लिए मैं एक छोटा टेबिल लैंप भी लेना चाहता हूँ। इन सबके लिए लगभग 300 रुपये की आवश्यकता पड़ेगी। अतः कृपया उक्त धनराशि यथाशीघ्र मनीऑर्डर.. द्वारा भेजने का कष्ट करिएगा।

शेष कुशल है। मधु को प्यार और माताजी को चरण-स्पर्श।

आपका आज्ञाकारी पुत्र
अमित

5. वार्षिक परीक्षा में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होने पर एक बधाई-पत्र अपने मित्र को लिखिए।
नेहरू. नगर
विलासपुर
26-7-200…

प्रिय मित्र आलोक,
आज माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल द्वारा प्रकाशित कक्षा IX के परीक्षा परिणाम में तुम्हारा प्रथम श्रेणी में अनुक्रमांक व नाम देखकर हृदय को बड़ी प्रसन्नता हुई। मेरे माता-पिता भी तुम्हारी सफलता पर बहुत प्रसन्न हैं। यह वास्तव में तुम्हारे कठिन परिश्रम का फल है। तुम्हारी सफलता हम सबके लिए गौरव की बात है। मित्र मैं तुम्हें घर पर आकर बधाई देता। किंतु व्यस्तता के कारण तुम तक पहुँच नहीं पा रहा हूँ। इसलिए पत्र द्वारा मैं तुम्हें हार्दिक बधाई भेज रहा हूँ। बधाई स्वीकार करें। कभी घर पर आकर तुमसे मिठाई खाऊँगा। शेष कुशल है।

तुम्हारा अभिन्न मित्र
‘उमेश’

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6. जन्मदिवस समारोह में सम्मिलित होने के लिए अपने मित्र को आमंत्रण पत्र लिखिए।
17/15 तिलक नगर:
ग्वालियर
4 फरवरी, 200…..

प्रिय मोहन,
तुम्हें यह जानकर प्रसन्नता होगी कि मैं दिनांक 6 फरवरी को अपना जन्मदिवस मना रहा हूँ। घर में इसके लिए अच्छी तैयारियाँ की गई हैं। इस अवसर पर चाय तथा संगीत पार्टी का भी आयोजन किया गया है। गत वर्ष तुम इस अवसर पर बीमार होने के कारण नहीं आ सके परंतु इस बार अवश्य आना। तुम्हारे बिना पार्टी का रंग फीका पड़ जाएगा। आशा है तुम समय से पूर्व आकर काम में भी हाथ बँटाओगे।

पूज्य पिताजी और माताजी को मेरा प्रणाम कहना।

तुम्हारा अभिन्न मित्र
रविन्द्र सिंह

औपचारिक पत्र

1. अपने विद्यालय के प्राचार्य को निर्धन छात्र को पुस्तकालय से पुस्तकें प्रदान करने विषयक प्रार्थना पत्र लिखिए। सेवा में,
प्राचार्य
राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय
इन्दौर (म.प्र.)

महोदय,
सविनय निवेदन है कि प्रार्थी आपके विद्यालय की कक्षा 9वीं ‘द’ का एक छात्र प्रतिनिधि है। प्रार्थी की कक्षा का एक छात्र ‘रमेश’ जिसका अनुक्रमांक 30 है। यह छात्र अत्यंत निर्धन है। यह अनाथ है। जिस किसी तरह से हिम्मत बाँधकर यह अपनी ‘पढ़ाई कर रहा है। पढ़ने में तेज है। यह पुस्तकें खरीदने में असमर्थ है। अतः इसे पुस्तकालय से पुस्तकें दिलवाने की कृपा करें।

आपका आज्ञाकारी छात्र
सुरेश
कक्षा 9वीं ‘द’
अनुक्रमांक 23

दिनांक 22-5-200…

2. अवकाश स्वीकृति हेतु प्राचार्य को प्रार्थना-पत्र।
सेवा में,
प्राचार्य
राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय
इंदौर (म.प्र.)

महोदय,
सविनय निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय की कक्षा 9वीं ‘स’ का छात्र हूँ। मेरा अनुक्रमांक 23 है, दिनांक 13.5.2004 से मैं मलेरिया-ज्वर से अधिक पीड़ित हूँ। इस कारण मैं विद्यालय आने में असमर्थ हूँ। चिकित्सक के अनुसार मुझे 13-5-2004 से लेकर 16.5.2004 तक स्वस्थ तक स्वस्थ होने में समय लगेगा। अतः आप इतने दिनों तक मुझे अवकाश देने की कृपा करें। सधन्यवाद

आपका आज्ञाकारी छात्र
सुमन
कक्षा 9वीं ‘स’
अनुक्रमांक 23

दिनांक 13.5.2004

3. अपने विद्यालय के प्राचार्य को दो दिन का बीमारी के कारण अवकाश देने के लिए प्रार्थना पत्र लिखिए।
सेवा में,
श्रीमान प्राचार्य महोदय,
शासकीय सुभाष उ.मा.वि.
शिवाजी नगर, भोपाल

महोदय,
निवेदन है कि गत रात्रि से मैं सर्दी और बुखार से पीड़ित हूँ। डॉक्टर ने मुझे दो दिन पूर्ण विश्राम के लिए सलाह दी है। अतः मैं दो दिन विद्यालय में उपस्थित नहीं हो सकूँगा। कृपया दिनांक 8 एवं 9 अगस्त का अवकाश स्वीकृत करने का कष्ट करें।

धन्यवाद!

आपका आज्ञाकारी शिष्य
परसराम पाण्डेय,
कक्षा 9-ब

8-12-2004

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4. शाला (विद्यालय छोड़ने का प्रमाण-पत्र प्राप्त करने हेतु प्राचार्य महोदय को एक प्रार्थना-पत्र लिखिए।
विषय-शाला (विद्यालय) छोड़ने का प्रमाण-पत्र हेतु प्राचार्य को प्रार्थना-पत्र।
सेवा में,
प्राचार्य
राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय,
भोपाल (म.प्र.)

सविनय निवेदन है कि प्रार्थी आपके विद्यालय की कक्षा 9वीं ‘अ’ अनुक्रमांक 11 का भूतपूर्व छात्र है। प्रार्थी ने आपके विद्यालय से उपर्युक्त कक्षा को द्वितीय श्रेणी से उत्तीर्ण करके अध्ययन छोड़ दिया है जिसके प्रमाण-पत्र की आज अत्यंत आवश्यकता आ गई है। अतः आपसे प्रार्थना है कि आप उपर्युक्त प्रमाण-पत्र देने की कृपा करें।

प्रार्थी
सुरेन्द्र कुमार
कक्षा 9 ‘अ’
अनुक्रमांक 11

दिनांक 4-4-2002

5. शिक्षक पद हेतु एक आवेदन-पत्र संचालक शिक्षा विभाग के नाम लिखिए।
श्रीमान् संयुक्त संचालक महोदय,
शिक्षा विभाग
संभाग ग्वालियर (म.प्र.)
दिनांक 15-10-200……..
सेवा में,

विषय-शिक्षक पद पर नियुक्ति हेतु आवेदन-पत्र।

महोदय,
सेवा में सविनय निवेदन है कि प्रार्थी को दैनिक-पत्र आचरण व स्वदेश में प्रकाशित एक विज्ञापन से ज्ञात हुआ है कि आपके अधीनस्थ ग्रामीण अंचलों के प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के पद रिक्त हैं। अतः माध्यमिक विद्यालय हेतु शिक्षक पद पर नियुक्ति के लिए मैं अपना आवेदन-पत्र कर रहा हूँ। अतः आपसे अनुरोध है कि मेरी निम्नलिखित योग्यताओं को देखते हुए आप मेरी नियुक्ति शिक्षक पद पर करने की कृपा करें।
मेरी शैक्षणिक योग्यता का विवरण इस प्रकार है-
(1) शैक्षणिक योग्यता-बी.एस.सी.-द्वितीय श्रेणी
(2) प्रशिक्षण योग्यता-बी.एड.-द्वितीय श्रेणी
(3) हायर सेकेण्ड्री परीक्षा-प्रथम श्रेणी उत्तीर्ण
(4) अन्य योग्यता-हॉकी व क्रिकेट खेल में विशेष रुचि
(5) प्रार्थी की जन्मतिथि एवं चरित्र का प्रमाण-पत्र प्रार्थना-पत्र के साथ संलग्न है। अतः श्रीमान् से पुनः निवेदन है कि प्रार्थी को विभाग में सेवा का अवसर प्रदान करें।

पता- प्रार्थी
दर्पण कॉलोनी ठाठीपुर मुरार। कमल किशोर अष्ठाना

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6. पाठ्य-पुस्तक निगम भोपाल से निर्धारित पाठ्य पुस्तकें मँगवाने हेतु एक पत्र संचालक के नाम लिखिए।
सुभाष उच्चतर माध्यमिक विद्यालय
रतलाम
दिनांक 7-7-200

श्रीमान् संचालक महोदय,
पाठ्य-पुस्तक महोदय,
भोपाल (म.प्र.)

महोदय,
सेवा में निवेदन है कि पाठ्य-पुस्तक निगम भोपाल (म.प्र.) द्वारा प्रकाशित कक्षा 9 की पुस्तकें हैं हमारे नगर के पुस्तक विक्रेताओं के पास उपलब्ध नहीं हैं। जिन दुकानों पर कुछ पुस्तकें हैं वे दुकानदार अधिक मूल्य पर पुस्तकें बेचना चाहते हैं। अतः आपसे निवेदन है कि निम्नलिखित विषयों की पुस्तकें शासकीय दर पर कमीशन काट कर भेजने की कृपा करें।

(1) विशिष्ट हिंदी – कक्षा XI – 1 प्रति
(2) विशिष्ट अंग्रेजी – कक्षा IX – 1 प्रति
(3) गणित – कक्षा IX – 1 प्रति
(4) भौतिक शास्त्र – कक्षा IX – 1 प्रति
(5) रसायन शास्त्र – कक्षा IX – 1 प्रति

भवदीय
अशोक कुमार गौड़

MP Board Class 10th Hindi Solutions

MP Board Class 10th Special English Composition: Visual Stimulus

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MP Board Class 10th Special English Composition: Visual Stimulus

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1. Look at the visual input given below and produce a story: (M.P. Board 2011)
MP Board Class 10th Special English Composition Visual Stimulus 1
Answer:
It was a hot summer day. A thirsty crow was wandering for water. It saw a pitcher. There was a little water in it. Crow was unable to drink water from it. Suddenly an idea struck in its mind. It took a pebble and dropped it in the pitcher. It saw the water level come up. Then it began putting pebbles in it. Very soon the water level came up. It drank water and quenched its thirst. So it said where there is a will there is a way.

2. Harish wants to make a speech at the assembly titled Patriotism and the Young on Independence Day. He notices the chart given below in the paper and decides to use it as the basis for his speech. Using the chart and your own ideas write out the speech in about 150-200 words.
MP Board Class 10th Special English Composition Visual Stimulus 2
Answer:
In the present day it has become imperative to make the young people of India realize the importance of being patriotic for acquiring political strength which was always keenly felt by the leaders of India’s national movement.

While the call for throwing out the British struck a responsive chord in every Indian heart, the significance of the campaign in favour of patriotism has seldom been fully appreciated. We should take pride in being Indians and value the unity in diversity that our culture possesses. When a foreign leader praises our country or an Indian wins an international award, are the times when our pride for our country should soar high. A wave of nationalist fervour should sweep our countrymen on hearing the National Anthem, while watching the National Flag being hoisted and while watching the Republic Day parade. The plant of patriotism which sprouted when India gained her independence, was the culmination of more than a century of sacrifices offered by numerous soldiers at the altar of national freedom. At present, when we hear or read about the sacrifices of these soldiers, our heart should be filled with gratitude for them.

Just as it is the moral duty of everyone to maintain and preserve good health, it is the bounden duty of our countrymen to develop the patriotism further so that they can exist in this violence-ridden world wTith self-respect and proudly proclaim, ‘We are Indians’.

3. ABC Bank, a private bank is celebrating its 10lh anniversary in Jaipur. A director of the company is requested to give a short speech on the bank’s service to the town. Study the information given, and together with your own ideas, write a speech stressing the importance of this public service and make some practical suggestions too. Write your speech in about 150-175 words.
Answer:
As a director of ABC Bank (Ltd.), I feel extremely privileged in reading out the achievements and services rendered by our bank during the last ten years in the historical and beautiful city of Jaipur.

We came to Jaipur with a dream ten years ago to build up a nationalised bank to cater to the needs of the people. “Customer satisfaction” has been our motto ever since. Today our bank is
MP Board Class 10th Special English Composition Visual Stimulus 3
regarded as one of the most prestigious banks of the city having 15 local branches all over Jaipur. Our bank has felicitated the growth and development of many small-scale industries by providing almost 60% of the total loan to them. We have also offered modest loans of 7% and 9% to housing and medkal aid respectively. In our move towards advancement we have not ignored even our rural sector and have provided farmers with 24% of the loans I feel our greatest achievement during these ten years has been our attitude of ‘service before self’ which is imbibed most naturally by each and every person associated with our bank. We have tremendous success by increasing the number of people who have their accounts in the various branches of our bank. To further enhance and strengthen our services, it is our proposal to fully computerise all the branches of our bank in the near future and to further propagate the idea that for us each of our customers is special in his own way.

With this I would like to conclude my speech by congratu-lating all the employees who have contributed greatly towards the development of our bank.

4. A Survey was conducted to find out how teenagers spend their free time. Following trends were observed. Using the data given in the pie-charts below together with your own ideas write an article for your school magazine on the topic “How do teenagers spend their free time?” Write your answers in about 150 words giving your own reasons and conclusions for the trends.
Answer:
How do Teenagers Spend their Free Time?
By: XYZ
With the changing times the priorities of all teenagers have .also changed. The revolutionisation of the modern times has made the teenagers of today aware of a greater number of options to spend their free time.
MP Board Class 10th Special English Composition Visual Stimulus 4

Recently a survey was conducted by a weekly magazine to determine. How do teenagers spend their free time? It clearly in-dicated that about 50% of the girls and 40% of the boys spend most of their time watching television programmes. These programmes include movies, songs and serials or the sports channels on television. Though there are also about 30% boys who spend their leisure in playing indoor and outdoor games, only 5% girls spend their time in playing these games. Reading comics and general knowledge books still holds good with almost 25% girls but barely 10% boys spend their time reading books. Talking to friends comes next on the teenagers’ priority list. 15% girls and about 10% boys spend time chatting with their peers. With so much to occupy their minds in their free time, pursuing a hobby has taken a complete back seat with the teenagers. Hardly 5% girls and 10% boys collect materials for their hobbies. Thus, we note a steady downward trend in the percentage of teenagers who now pursue a constructive recreational activity as they are more prone to indulge in options that are easily accessible to them.

5. Gauri sees the following scene as she looks out of her bedroom window. She is alarmed at the way hier city has changed in the past five years. She writes an article for his city newspaper expressing his alarm and painting the present position cautioning people against environmental pollution. Write the article in not more than 150-200 words.
MP Board Class 10th Special English Composition Visual Stimulus 5
Answer:
In this vast universe, the earth is so far the only planet to be endowed with an environment that can support the lifeform which we are familiar with. What sustains life on earth is a thin cover of air and water encasing the earth and known as the biosphere. Without that our planet would have been just another lifeless, desolate form spinning around in the musky depths of space.

But nature has been suffering due to the thoughtlessness of mankind. The air we breathe, the water we drink, the two main ingredients that sustain life, have been polluted. The air that we inhale is polluted due to the smoke emitted by vehicles and chimneys of industries, indiscriminate felling of trees and over-population. Water becomes contaminated due to a variety of pollutants. Waterborne diseases have always posed a threat to mankind. The use of loudspeakers on various functions and occasions causes noise- pollution. The garbage that lies here and there on the roads is also polluting our environment at a dreadfully fast pace.

It is a serious concern today for environmental scientists and enlightened statesmen all over the world regarding man’s misuse and abuse of nature and his deliberate demaging activities to the environment under the guise of modernisation, automation and scientific or technological progress. If we do not undertake ways and means to check environmental pollution, it will gradually lead to our doom, for the day might come Soon when nature might be in no mood to stand any more abuses and excesses at the hands of humanity.

6. You are Anand/Anandi. Write a speech to be delivered at the morning assembly in your school about the increase in violence and social unrest in your area, interpreting the data given below. Also give suggestions to curb them. Write your answer in about 150-200 words.
MP Board Class 10th Special English Composition Visual Stimulus 6
Answer:
It is indeed unfortunate that there is a visible increase in the cases of violence and social unrest in our area in the past few years. Some antisocial elements are working very hard and have as good as succeeded in disturbing the peace and harmony of our area.

No longer do the people of our area feel a sense of security while walking on the roads and there is constant fear in the minds of the people that some unnecessary violence may crop up anywhere. A data study shows a constant and steady rise in the number of cases of violence during the last six years. In the year 1992-93 the number of cases of violence was ten and these cases have gone up by almost four times during the last 5-6 years. If effective and concrete steps are not taken up by the police and local authorities to curb the cases of violence, our area will surely end up as being declared as one of the most troubled areas of the city where it will become almost impossible for the common man to even exist peacefully.

The antisocial elements, who are bent upon disturbing the peace of our area, should be dealt with very strictly so that just thinking about the severity of the penalty for causing social unrest should make them feel scared constantly. Each and every one of us should also make an effort to voice our protest against the increase in social unrest more loudly and emphatically and ensure that our complaints are seriously dealt with by the concerned authorities so that our lives can be more secure and peaceful.

So, the need of the time is to collectively stand up against the increase in violent activities so that we can make our area a better place to live in without having to fear constantly about the next. hour.

7. You aie Varun/Aruna. Write a speech to be delivered at the morning assembly of your school about the increase in road accidents in your city, using the following data. Also give suggestions to curb them. Write your answer in about 150200 words.
MP Board Class 10th Special English Composition Visual Stimulus 7
Answer:
We at our school have decided to observe the Road Safety Week by making students aware about the hazards and dangers they face while walking on the road. It is extremely important to keep in mind and follow the traffic rules while one is on the road considering that there has been a constant and steady rise in the number of road accidents in our city.

It is indeed unfortunate that due to the carelessness of pedestrians and drivers alike, there has been an increase in the road accidents in our city. The number of road accidents has gone up hy more than 100% in the past four years. A data study shows that while there were 50 cases of road accidents in the year 1995, the number went up to 110 in the year 1996 and after a gradual steady rise, in the year 1999 the number of road accidents went up to as many as 205. Let us not forget that life is precious and it should not be lost due to sheer carelessness. We must always remember that traffic rules are made keeping in mind the safety of the people and so it becomes our duty to observe these rules. The result of rash and negligent driving is always dangerous. So one should always practise patience and restraint while driving. Likewise while walking on the road, pedestrians should be alert and vigilant so as to avoid any untoward incident.

Only if each and every one of us makes a combined and collective effort can we possibly lessen road accidents and make our city a safe place to walk in.

8. Based on the cartoon given below and your own ideas, write a letter to the Editor of a newspaper on the need to educate people about keeping the environment clean. Write your letter in not more than 150 words.
Answer:
75 M.G. Road
New Delhi
The Editor
The Daily News, New Delhi
3 March, 20xx

Dear sir,
MP Board Class 10th Special English Composition Visual Stimulus 8
It is indeed unfortunate that people have adopted a very callous attitude towards the environment.

The air, that we breathe in, the water that we drink and our whole surroundings have become polluted. It is high time to do something useful to curb this situation. If each and every one of us, in our own little way, helps in keeping the environment clean, we will be leading cleaner and healthier lives. This awareness about cleansing the environment will also enable us to hand over to our future generations an environment where there will be less of pollution.

Unless we do not realise the need to keep the environment clean soon, it may be too late to repair the damage done.

Yours sincerely
XYZ

9. You come across the following advertisement for graduate stu-dents. Write a letter to the Editor of a local newspaper express-ing your views on the lack of job opportunities and counselling to the youth after class X.
Write the letter in your ariswer sheet in not more than 150 words.
Answer:
The Editor
‘Jaago Bharat’
New Delhi
10th March, 20xx
MP Board Class 10th Special English Composition Visual Stimulus 9

Sir,
I had the opportunity of going through the advertisement on page 3 of your 5th March 20xx issue regarding expert counselling to students who want to study in the USA. I thought I must write to you in the hope that through the medium of your esteemed news-paper I am able to bring to light a fact that is troubling me most.

It is most astonishing that we Indians are more concerned to impart counselling for foreign universities for graduates whereas our own Xth standard students lack not only the job opportunities but also the availability of a counselling centre for them after they pass out their Matric Examination. Our priority at present should be to try and help the students of Xth standard to choose proper career in the most formative years of their life. Times have greatly changed and life has become more complex. There is an infinite variety of jobs and vocations and hence a Xth standard student is confused as to what his next step should be. So, it is the duty of our society to assess the native intelligence of the child, develop and groom it and decide where it should be placed.

To successfully harness this concept may take time. So, let us seriously divert our attention on to the accomplishment of this target.

Yours sincerely,
XYZ

10. Sunil Surana is an active member of the Youth Wing of the SPCA (Society for the Prevention of Cruelty to Animals). He saw the following scene on one of the roads. He decided to write a letter to the Editor of a newspaper, protesting against cruelty to animals. Using the’ information in the picture, together with your own ideas, write the letter in your answer sheet in not more than 175-200 words.
MP Board Class 10th Special English Composition Visual Stimulus 10
Answer:
13, Baira Road
Puri (Orissa)
The Editor,
The Bugle, Bhubaneshwar
2nd March, 20xx

Dear Sir,
I am an active member of the Youth Wing of the SPCA and am writing to you to protest against the cruelty to animals after I witnessed the most over-burdened bullock-cart on the road, the terrible weight of the burden almost making it impossible for the poor bull to even move. This is just an example. There are innumerable examples of cruelties against animals by Man.

Man has become so self-centred that to suit his own selfish means he does not mind inflicting any kind of unspeakable cruelty on animals. This cruelty may include over-burdening animals using the cane to make the animals perform to amuse the children, caging them, selling them or even slaughtering them. It is hard to believe that Man, in spite of being logical minded living being can treat animals so terribly. We should realize the wrong on our part and be humane towards all the animals. Even if each one of us decides to take one step in the positive direction, it will be a healthy sign.

I sincerely hope that through your esteemed newspaper, I am able to put forth to the readers the need for a change in our attitude towards animals. I must urge them that animals should not be taken for granted.

Your’s faithfully
Sunil Surana

11. Harish has to make a speech at the assembly on The Qualities Required for Success. He notices the chart given below in the paper and decides to use it as the basis for his speech. Using the chart arid your own ideas write the speech in about 150200 words.
MP Board Class 10th Special English Composition Visual Stimulus 11
Answer:
The present day generation is very conscious and highly aware of the qualities in life and the qualities required to attain success. Knowledge, by far, is regarded as the most important thing in life by the young people. Knowledge leads to excellence of the mind; it facilitates the creation of a critical, creative outlook, seeking the happiness of all and perfection where attainable. Love is regarded as another important virtue which enables one to win over people and value human relationships. The money factor is also important because it enables us to live a life of comfort, and be free from daily worries such as how to make both ends meet. Thirst for fame and hunger for power are also considered as essential ingredients in modern life without which it becomes almost difficult to fulfil our aims and ambitions.

If one is fortunate enough to follow and abide by these virtues which are considered important in our present life, one must not ignore the most essential factors that ensure success. It is an old saying that ‘hard work never goes waste’. So, one should never give up hard work. True talent and sincerity to work hard also help us to be successful. Relying solely on one’s luck is regarded as a sign of foolish behaviour because luck favours only those who think and work positively. Good contacts also help us to be successful but gone are the days when one needed only contacts to be successful. The most encouraging factor in the present day is that if one has the talent and the inclination to work hard, it is certain enough that slowly but surely success will definitely come one’s way and hindrances such as lack of money or contacts can very easily be overcome. The right approach to be successful is ‘To do as much as you can and then pray to God to fill in the blank.

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MP Board Class 10th Special Hindi Sahayak Vachan Solutions Chapter 10 दीपक की आत्मकथा

MP Board Class 10th Special Hindi सहायक वाचन Solutions Chapter 10 दीपक की आत्मकथा (आत्मकथा, संकलित)

दीपक की आत्मकथा अभ्यास

आत्मकथा

प्रश्न 1.
ज्ञान और दीपक के आपसी सम्बन्ध को स्पष्ट कीजिए। (2013, 16)
उत्तर:
ज्ञान और दीपक का आपस में घनिष्ठ सम्बन्ध है। ज्ञान का अर्थ प्रकाश से है तथा प्रकाश का सीधा सम्बन्ध दीपक से है। जिस प्रकार दीपक चारों ओर प्रकाश फैलाता है और अन्धकार को नष्ट करता है,उसी प्रकार ज्ञान का प्रकाश भी दीपक की भाँति होता है। ज्ञान मन के अन्दर के अहंकार को नष्ट करता है तो दीपक बाहरी अन्धकार को दूर करता है। इस प्रकार दीपक और ज्ञान एक-दूसरे के सहयोगी तथा सहधर्मी एवं पूरक हैं। दोनों का एक-दूसरे पर प्रभाव देखा जा सकता है।

प्रश्न 2.
जीवन में आने वाले संघर्षों और चुनौतियों को विकास का मार्ग क्यों कहा गया है?
उत्तर:
जीवन में आने वाले संघर्षों और चुनौतियों को विकास का मार्ग इसलिये कहा है, क्योंकि ईश्वर किसी भी महान् कार्य के लिए जब किसी व्यक्ति को चुनते हैं, तब उस व्यक्ति को जीवन की चुनौती को सबसे पहले स्वीकार करना पड़ता है। जब व्यक्ति किसी चुनौती को स्वीकार करके कोई कार्य करने को आगे बढ़ता है तो उसके मन में सदा यही भाव रहता है कि मैं अपने कार्य में सफल रहूँ चाहे कार्य पूर्ण करने के लिए कितनी भी कठिनाइयों का सामना करना पड़े। जीवन एक खेल है जिसमें प्रतिपल जुटे रहकर आगे बढ़ना है। किसी कवि का निम्न कथन देखिये-
“वह नया कच्चा खिलाड़ी
खेल के जो बीच में ही,
पूछता है साथियों से,
बंद होगा खेल कब तक।”

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प्रश्न 3.
दीपक से मानव जीवन की तुलना किस रूप में की गई है? (2012, 17)
उत्तर:
दीपक से मानव जीवन की तुलना इस प्रकार की है जैसे दीपक को बनाने से पूर्व कुम्हार मिट्टी को कूटता और कंकड़-पत्थर निकालकर उसे साफ-सुथरा करके पैरों से रौंद कर, मिट्टी को गूंथ कर लौंदे का रूप देकर चाक पर रख देता है तथा धूप में सुखाकर तथा आग पर तपा कर दीपक की आकृति प्रदान करता है।

दीपक की भाँति मानव को भी संघर्ष का सामना करना चाहिए। उसे यही सोचकर संघर्ष करना चाहिए कि इन संघर्षों के उपरान्त व्यक्ति को जीवन में नया प्रकाश मिलेगा। जिस प्रकार दीपक का प्रकाश चारों ओर फैलता है। उसी प्रकार मनुष्य भी अपने सत्कर्मों के प्रकाश से इस संसार को प्रकाशित करेगा।

प्रश्न 4
‘दीपक की आत्मकथा’ नामक पाठ से आपको क्या प्रेरणा मिलती है? (2009, 11)
उत्तर:
‘दीपक की आत्मकथा’ कहानी से प्रेरणा मिलती है कि मानव को संघर्षों की भट्टी में जलकर भी दीपक की भाँति प्रकाशित होना चाहिए।

मानव का तप और त्याग दीपक की भाँति होना चाहिए दीप स्वयं जलकर दूसरों को प्रकाश प्रदान कर अपना जीवन अर्पित कर देता है। दीपक की भाँति मनुष्य को भी विषम परिस्थितियों से जूझना चाहिए। जीवन की सार्थकता तभी है,जब वह जीवन में दीपक की भाँति त्याग करे तथा विश्व को आलोकित करे।

प्रश्न 5.
दीपक ने किस-किस को नमन किया और क्यों?
उत्तर:
दीपक ने पाँचों तत्त्वों को नमन किया है,क्योंकि उन्हीं के सहयोग से उसके भौतिक शरीर ने साकार रूप धारण किया तथा मातृभूमि उसकी माँ है जिसे उसने कृतज्ञ भाव से नमन किया।

प्रश्न 6.
माता की कुक्षि कब धन्यता प्राप्त करती है? (2018)
उत्तर:
माता की कुक्षि तब ही धन्य होती है जब बालक में अपनी मातृभूमि के प्रति समर्पण व प्रेम की भावना हो।

प्रश्न 7.
दीप ने अपने आपको ‘सच्चा दीप’ कैसे सिद्ध किया है? (2009)
उत्तर:
दीप ने अपने दुःख और कष्ट के समय के झंझाओं को सहन करके तथा कठिन संघर्षों का सामना करके भी चुनौती को स्वीकार किया।

इस प्रकार कष्टों को सहन करके अपने आपको सच्चा दीप सिद्ध किया वास्तव में दीपक स्वयं जलकर त्याग करता है तथा लोगों को प्रकाश प्रदान कर उनके जीवन में उजाला कर देता है। इस प्रकार दीपक वास्तव में सच्चा दीप है।

प्रश्न 8.
मानव जीवन को सार्थकता कैसे प्राप्त होती है?
उत्तर:
मानव जीवन की सार्थकता तभी सम्भव है जब वह दीपक से सच्चा ज्ञान प्राप्त करे। जिस प्रकार दीपक वक्त के थपेड़ों को सहता हुआ संघर्ष करके भी स्वयं जलकर दूसरों को निरन्तर प्रकाश देकर अपना जीवन समर्पित कर देता है। उसी प्रकार मनुष्य को भी जीवन के संघर्षों और कष्टों को सहन करते हुए बिना किसी रुकावट के आगे बढ़ते रहना चाहिए वास्तव में,राष्ट्र के हित में अपना सर्वस्व बलिदान करने के लिए दीपक से प्रेरणा लेकर निरन्तर सचेष्ट भाव से आगे बढ़ते रहना चाहिए। इसी में मानव जीवन की सार्थकता निहित है,क्योंकि जो सुख दूसरों के लिए त्याग करने में है, वैसा सुख अन्यत्र दुर्लभ है।

प्रश्न 9.
“गुरु कुम्हार सिष कुम्भ है ……… बाहर मारे चोट।” इन पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
लेखक का कथन है गुरु तो कुम्हार है तथा शिष्य कुम्भ (घड़े) के समान है।

जिस प्रकार कुम्हार घड़े को बनाते समय हाथ से प्रहार करके उसके खोट अर्थात् टेढ़ेपन को निकालकर सीधा करता है। उसी प्रकार गुरु भी अपने शिष्य की बुराई को दूर करने के लिए विभिन्न प्रकार से डाँटता-फटकारता एवं प्रताड़ित करता है।

कुम्हार मटके को सीधा करने के लिए उसमें हाथ डालकर बाहर से प्रहार कर सीधा करता है लेकिन साथ ही भीतर से सहारा भी देता है।

इसी प्रकार उत्तम गुरु भी शिष्य के विकारों को दूर करके उसके हृदय में ज्ञान का प्रकाश प्रज्ज्वलित कर उसके अन्तर्मन को प्रकाशित करता है।

वास्तव में,उत्तम गुरु ही शिष्य को श्रेष्ठता के शिखर पर पहुँचा देता है। कबीरदास जी ने तो गुरु को ईश्वर से भी अधिक उच्च स्थान प्रदान किया है। देखिये-
“गुरु गोविन्द दोऊ खड़े काके लागूं पाँय।
बलिहारी गुरु आपने गोविन्द दियो मिलाय॥”

इस प्रकार गुरु की महिमा अनन्त है। गुरु के बिना ज्ञान असम्भव है। चिन्तामय हृदय तथा थके हुए प्राणों को गुरु ही सांत्वना प्रदान करता है।

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दीपक की आत्मकथा महत्त्वपूर्ण वस्तुनिष्ठ प्रश्न

दीपक की आत्मकथा बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
जीवन की सार्थकता है
(क) त्याग
(ख) बल
(ग) तप
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी।

प्रश्न 2.
माता की कुक्षि कब धन्यता प्राप्त करती है?
(क) तमस् को दूर कर
(ख) मूक नमन कर
(ग) मातृभूमि के प्रति कृतज्ञता का भाव रखकर
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी।

प्रश्न 3.
मिट्टी के बर्तन बनाने वाले को कहते हैं (2009)
(क) सुतार
(ख) कुम्हार
(ग) लुहार
(घ) सुनार।
उत्तर:
(ख) कुम्हार

रिक्त स्थानों की पूर्ति

  1. मेरे तो डर के मारे ………… फूल गये।
  2. मेरी धरती भी तो कितना कुछ सहन करती है, इसीलिए तो वह …………. से भी महान है।
  3. क्योंकि त्याग के सुख का आनन्द ………… होता है, अतुलनीय होता है।

उत्तर:

  1. हाथ-पाँव
  2. स्वर्ग
  3. अनिवर्चनीय

सत्य/असत्य

  1. कुम्हार चाक को चलाते समय विचारमग्न रहता है।
  2. ‘दीपक’ को बेचकर कुम्हार अपनी जीविका नहीं चलाता है।
  3. आज भी कुछ लोग घड़े के पानी का उपयोग करते हैं।
  4. दीपक अंधकार को मिटाता है। (2014)

उत्तर:

  1. सत्य
  2. असत्य
  3. सत्य
  4. सत्य।

सही जोड़ी मिलाइए

MP Board Class 10th Special Hindi Sahayak Vachan Solutions Chapter 10 दीपक की आत्मकथा img-1
उत्तर:
1. → (क)
2. → (ग)
3. → (ख)

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एक शब्द/वाक्य में उत्तर

  1. हमारा शरीर किससे मिलकर बना है?
  2. कुम्हार बर्तन को धूप में सुखाने के बाद किस पर पकाता है?
  3. कौन स्वयं जलकर भी दूसरों को प्रकाश देता है? (2015)

उत्तर:

  1. पाँच तत्त्वों से
  2. आवे पर
  3. दीपक।

MP Board Class 10th Hindi Solutions

MP Board Class 10th Special Hindi Sahayak Vachan Solutions Chapter 9 रक्षाबंधन

MP Board Class 10th Special Hindi सहायक वाचन Solutions Chapter 9 रक्षाबंधन (कहानी, विश्वम्भरनाथ शर्मा ‘कौशिक’)

रक्षाबंधन अभ्यास

कहानी

प्रश्न 1.
धनश्याम ने अपनी माता और बहिन की खोज कहाँ-कहाँ की?
उत्तर:
घनश्याम एक स्वस्थ तथा सुन्दर युवक था। जो धन कमाने दक्षिण को गया था। इस दौरान उसका अपनी माँ तथा छोटी बहन से सम्पर्क टूट गया। जो उससे बिछुड़ गये उनको विभिन्न शहरों; जैसे-कानपुर, लखनऊ, उन्नाव आदि में तलाश किया। अन्त में जब उसकी काफी कोशिश के पश्चात् भी उसकी माँ तथा बहन न मिली, तो वह निराश हो गया।

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प्रश्न 2.
नाटकीय ढंग से हुए माँ-बेटे और बहिन के मिलन दश्य का वर्णन कीजिये।
उत्तर:
घनश्याम माँ तथा बहन से बिछुड़ने के पश्चात् नितान्त अकेला रह गया था। उसका एक मित्र अमरनाथ जो उसके भविष्य को लेकर चिन्तित रहता था; उसके लिए विवाह योग्य कन्या की तलाश में रहता था। काफी तलाश के पश्चात् अपने मित्र घनश्याम के योग्य एक कन्या देखी। वह अपने मित्र घनश्याम के साथ उस कन्या को देखने हेतु उसके घर पहुँचा उस कन्या का घर यहियागंज की गली में एक छोटा-सा मकान था। वहाँ उसकी माँ उसको देखकर बेहोश हो गई। अमरनाथ ने पानी लेकर घनश्याम की माता की आँखें तथा मुख धो दिये। थोड़ी देर में उसे होश आया। उसने आँखें खोलते ही फिर घनश्याम को देखा। वह शीघ्रता से उठकर बैठ गयी और बोली-ऐ, मैं क्या स्वप्न देख रही हूँ? घनश्याम क्या तू मेरा खोया घनश्याम है? या कोई और? माता ने पुत्र को उठाकर छाती से लगा लिया। लड़की यह सब देख सुनकर भैया-भैया कहती हुई घनश्याम से लिपट गयी घनश्याम ने देखा-लड़की कोई और नहीं,वही बालिका है जिसने पाँच वर्ष पूर्व उसके राखी बाँधी थी और जिसकी याद प्रायः उसे आया करती थी। इस प्रकार घनश्याम का अपनी माँ तथा बहन से मिलन हुआ।

प्रश्न 3.
“अमरनाथ एक सच्चा मित्र है।” क्यों कहा गया है? (2016)
उत्तर:
अमरनाथ एक सच्चा मित्र है,क्योंकि एक सच्चे मित्र में जो गुण होते हैं वह समस्त गुण अमरनाथ में हैं। घनश्याम एक सुन्दर धनी युवक है। वह अपने खोई माँ तथा बहिन के लिए चिन्तित रहता है। उसका मित्र अमरनाथ उसकी परिस्थितियों को समझता है। उसकी सहायता करने के लिए प्रयास करता रहता है।

हालांकि उसका मित्र घनश्याम धनी है। फिर भी वह उससे धन तथा अन्य किसी भी प्रकार के स्वार्थ की भावना नहीं रखता है। अमरनाथ के प्रयास से ही घनश्याम का बिछुड़ी हुई माँ तथा बहिन से मिलना होता है।

यद्यपि वह अपने विवाह के लिए कन्या देखने गया था लेकिन वहाँ उसकी मुलाकात अपनी खोई हुई माँ और बहिन से होती है। अमरनाथ में एक सच्चे मित्र का गुण है। जो अपने मित्र को अकेला परेशानियों में देखकर उसे छोड़ नहीं देता अपितु वह उसका हर परिस्थिति में साथ देता है। वास्तव में अमरनाथ एक उत्तम मित्र सिद्ध हुआ है।

इस सन्दर्भ में महाकवि तुलसी ने भी कहा है-
“धीरज, धर्म, मित्र और नारी,
आपति काल परखिए चारी।”

प्रश्न 4.
“यह सब मेरे ही कर्मों का फल है” घनश्याम के इस कथन के आलोक में माँ-बेटे के बिछुड़ने की घटना का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
घनश्याम एक पढ़ा-लिखा स्वस्थ, सुन्दर तथा महत्त्वाकांक्षी युवक था। जैसा कि युवावस्था में होता है प्रत्येक नवयुवक के मन में उमंगें होती हैं। उसी प्रकार धन कमाने की इच्छा भी घनश्याम को थी। परिणामस्वरूप घनश्याम धन कमाने दक्षिण को चला गया। वहाँ वह धन कमाने के लिए परिश्रम में इतना डूब गया कि उसको अपनी माँ तथा बहिन का ख्याल ही न रहा। परिणामस्वरूप जब वह धन कमाकर वापिस लौटा तो उसकी माँ तथा बहिन उससे निराश होकर कहीं चली गयीं। घनश्याम को अपनी गलती का आभास हुआ। उसने अपनी माँ तथा बहन को ढूँढ़ने का बहुत प्रयास किया वह विभिन्न शहरों में भटकता रहा लेकिन काफी प्रयास के पश्चात् भी उसकी माँ तथा बहिन नहीं मिलीं। निराश होकर वह कहने लगा यह सब मेरे कर्मों का फल है। क्योंकि न मैं इतना व्यस्त होता,न ही मेरा,मेरी माँ तथा बहिन से सम्पर्क टूटता अतः घनश्याम अब पछताने लगा। अतः किसी ने उचित ही कहा है-
“जो जस करहिं सो तस फल चाखा।”

प्रश्न 5.
प्रस्तुत कहानी के माध्यम से कहानीकार क्या सन्देश देना चाहता है?
उत्तर:
प्रस्तुत कहानी के माध्यम से कहानीकार ने यह बताने का प्रयत्न किया है कि खून के रिश्ते कभी झूठे नहीं होते हैं, क्योंकि यह सम्बन्ध भावात्मक होता है। व्यक्ति चाहे अपने प्रियजन से कितना भी दूर क्यों न हो लेकिन उसके हृदय में आत्मीयता अवश्य होती है। इस कहानी के माध्यम से लेखक ने यह बताने का प्रयत्न किया है कि मनुष्य को रुपया-पैसा कमाने के चक्कर में इतना व्यस्त नहीं होना चाहिए कि आपसी सम्बन्धी बिछुड़ जायें जीवन की धूप-छाँव में व्यस्त रहते हुए भी अपने प्रियजनों को कुछ समय अवश्य देना चाहिए।

रक्षाबन्धन कहानी के द्वारा लेखक ने भाई-बहन, माँ-पुत्र के रिश्तों की गरिमा को समझाते हुए उसका महत्त्व बताया है। लेखक का कथन है मानव को कर्म करते हुए अपने आत्मीय सम्बन्धों को भूलना नहीं चाहिए। यदि वे इस प्रकार की भूल करते हैं तो उन्हें जीवन भर पछतावे के अलावा कुछ नहीं मिलता है। इस कहानी के द्वारा लेखक सन्देश देना चाहता है कि धन और सत्ता के पीछे जो मानव आवश्यकता से अधिक भागता है,उसका परिणाम हमेशा दुःखद ही होता है। अतः आवश्यकता से अधिक धन कमाने के फेर में नहीं पड़ना चाहिए। जब मानव पारिवारिक सम्बन्धों को मन-मानस में गहराई से स्थान देता है,तब रोती हुई घटाओं में हँसती हुई बहारें बरसने लगती हैं। मुसीबतों का अँधेरा उजाले में परिवर्तित हो जाता है।

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रक्षाबन्धन महत्त्वपूर्ण वस्तुनिष्ठ प्रश्न

रक्षाबन्धन बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
‘रक्षाबन्धन’ पाठ की विधा है (2014)
(क) कविता
(ख) कहानी
(ग) आत्मकथा
(घ) संस्मरण।
उत्तर:
(ख) कहानी

प्रश्न 2.
“सब तेरे ही कर्मों से नाश हो गया”; कथन किसका है?
(क) बालिका का
(ख) घनश्याम का
(ग) बालिका की माँ का
(घ) अमरनाथ का।
उत्तर:
(ग) बालिका की माँ का

प्रश्न 3.
घनश्याम की बहन का नाम क्या था? (2009)
(क) शारदा
(ख) सुन्दरी
(ग) श्यामा
(घ) सरस्वती।
उत्तर:
(घ) सरस्वती।

रिक्त स्थानों की पूर्ति

  1. राखी बंधवा कर युवक ने जेब में हाथ डाला और ……………… निकालकर बालिका को देने लगा।
  2. मेरे हृदय में सुख शान्ति नहीं तो धन किस ……………. की दवा है।
  3. आखिर यह …………… बाँधा किसने है?

उत्तर:

  1. दो रुपये
  2. मर्ज
  3. डोरा।

सत्य/असत्य

  1. घनश्याम अपनी माँ और बहिन से बिछुड़ा नहीं था।
  2. राखी का त्योहार श्रावणी कहा जाता है।
  3. घनश्याम के पिता का निधन हो गया था।

उत्तर:

  1. असत्य
  2. सत्य
  3. सत्य।

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सही जोड़ी मिलाइए

MP Board Class 10th Special Hindi Sahayak Vachan Solutions Chapter 9 रक्षाबंधन img-1
उत्तर:
1. → (घ)
2. → (ख)
3. → (क)
4. → (ग)

एक शब्द/वाक्य में उत्तर

  1. श्रावण मास की पूर्णिमा को कौन-सा पर्व मनाया जाता है? (2009)
  2. घनश्याम के लिए सुन्दर सी दुल्हन किसने ढूँढ़ ली?
  3. “यह सब मेरे ही कर्मों का फल है।” कथन किसका है?

उत्तर:

  1. रक्षाबन्धन
  2. अमरनाथ ने
  3. घनश्याम का।

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MP Board Class 10th Special Hindi Sahayak Vachan Solutions Chapter 8 बेटियाँ पावन दुआएँ हैं

MP Board Class 10th Special Hindi सहायक वाचन Solutions Chapter 8 बेटियाँ पावन दुआएँ हैं (कविता, अजहर हाशमी)

बेटियाँ पावन दुआएँ हैं अभ्यास

कविता

प्रश्न 1.
कवि ने बेटियों को गौरव कथाएँ क्यों कहा है? स्पष्ट कीजिये। (2009, 12, 15)
उत्तर:
कवि ने बेटियों को गौरव कथाएँ इसलिये कहा है,क्योंकि बेटियाँ संसार में ईश्वर के वरदान के समान हैं। बेटियाँ पैगम्बर और गुरु ग्रन्थ साहिब की वाणी की भाँति पवित्र हैं। बेटियाँ वेदों की ऋचाओं की भाँति ईश्वर की पवित्र वाणी हैं। बेटियाँ उन प्रार्थनाओं की भाँति हैं, जो साक्षात् ईश्वर का दर्शन कराती हैं।

शास्त्रों में भी कहा है कि नारी का सम्मान करने से ईश्वर प्रसन्न होता है-
“यत्र नार्यस्तु पूजयन्ते रमन्ते तत्र देवता।”

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प्रश्न 2.
‘जीवन में बेटियों का महत्त्व’ विषय पर अपने विचार प्रकट कीजिये।
उत्तर:
जीवन में बेटियों का महत्त्व समझाते हुए कवि ने कहा कि वे जीवन को सुन्दर आकांक्षाओं से भर देने वाली होती हैं। बेटियाँ उन प्रार्थनाओं की भाँति हैं,जो साक्षात् ईश्वर का दर्शन कराती हैं। बेटियाँ जल की घटाओं के समान हैं। वे ही मानव को दुःख की घड़ी में सांत्वना प्रदान करती हैं। बेटियाँ ईश्वर ने इस प्रकार बनाई हैं कि वे जीवन के लू-लपटों अर्थात् कष्टों से भरे दिनों में ममता व दुलार से शान्ति प्रदान करने वाली होती हैं।

जीवन के दुःख भरे कठिनाइयों के समय वे संवेदना का मरहम लगाने वाली होती हैं। जीवन राह की कठिनाइयों में वे आशीष बन जाती हैं। पतझड़ में बसन्त की आभा विकीर्ण करती हैं।

प्रश्न 3.
‘आज के बच्चे कल के नागरिक हैं’ विषय पर दस पंक्तियाँ लिखिये।
उत्तर:

  1. आज का बच्चा ही कल का एक संभ्रान्त नागरिक होगा, यह बात अक्षरशः सत्य है।
  2. हमारे देश के बच्चे ही बड़े होने के पश्चात इसकी बागडोर थामेंगे।
  3. वे ही देश के विकास के लिए प्रयत्नशील रहेंगे।
  4. मार्ग में आने वाली समस्त बाधाओं का निराकरण करके अपने पथ को प्रशस्त करेंगे।
  5. हम यह कदापि नहीं जानते कि आगे चलकर कौन-सा बच्चा, गाँधी, नेहरू अथवा बोस की भाँति वीर और सत्यवक्ता होगा।
  6. हमें इन बच्चों को उत्साहित करके आगे बढ़ने में सहायता करनी चाहिए जिससे देश का भविष्य उज्ज्वल हो।
  7. बीज के सृदश बालक के मन-मानस में विकास की सम्भावनाएँ निहित होती हैं।
  8. इतिहास साक्षी है कि बालकों ने असम्भव कार्य को भी सम्भव किया है।
  9. बालक अच्छे बनकर देश की फुलबगिया में पुष्प के समान पल्लवित होंगे।
  10. बच्चे कल के नागरिक बनकर देश की यश-सुरभि को विकीर्ण करेंगे।

प्रश्न 4.
‘बेटियाँ’ कविता का केन्द्रीय भाव स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
‘बेटियाँ पावन दुआएँ हैं’ इस कविता के रचयिता अजहर हाशमी हैं। उन्होंने इस कविता की रचना करके बेटियों को सम्मान प्रदान किया है। उन्होंने बेटियों के महत्त्व को स्वीकारा जो इस प्रकार है। कवि का कथन है कि बेटियाँ ईश्वर के वरदान के समान जीवन को शुभ आकांक्षाओं से भर देने वाली हैं। बेटियाँ पवित्र दुआएँ हैं, वे आशीर्वाद का साकार स्वरूप हैं। बेटियाँ पैगम्बर के अमूल्य उपदेशों की भाँति हैं और बेटियाँ ही गौतम बुद्ध के आदर्श चरित्र कथाओं की भाँति हैं। बेटियाँ गुरु ग्रन्थ साहब की वाणी की भाँति पवित्र हैं। बेटियाँ वेदों की ऋचाओं की भाँति ईश्वर की वाणी हैं। ईश्वर स्वयं इनमें निवास करता है। बेटियाँ उन प्रार्थनाओं की भॉति हैं,जो साक्षात् ईश्वर का दर्शन कराती हैं।

बेटियाँ ईश्वर ने इस प्रकार बनाई हैं कि वे जीवन के ल-लपटों से अर्थात भयंकर कष्टों से भरे दिनों को घटाओं से जल बरसाने की भाँति शीतल करने वाली हैं अर्थात् कष्ट के दिनों में सांत्वना देने वाली बेटियाँ ही होती हैं।

आज के वातावरण में वैचारिक प्रदषण बढ़ गया है। इस प्रकार के भ्रष्टाचार और अनाचार के युग में बेटियाँ वातावरण में सुगन्ध बिखेरती हुई प्रतीत होती हैं। इस भाँति जीवन के कठिन और दुःख भरे दुर्दिनों में बेटियाँ ही संवेदना प्रकट करके हमारे कष्टों पर मरहम लगाने वाली होती हैं।
बेटियों के सम्बन्ध में किसी कवि का निम्न कथन है-
“पड़े तुम्हारे पाँव जहाँ हो,
तीरथ वहाँ सबेरे का।”

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बेटियाँ पावन दुआएँ हैं महत्त्वपूर्ण वस्तुनिष्ठ प्रश्न

बेटियाँ पावन दुआएँ हैं बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
बेटियाँ वेदों की ऋचाओं की भाँति वाणी हैं
(क) गुरु ग्रन्थ की
(ख) वीरता की
(ग) साहस की
(घ) सभी की।
उत्तर:
(क) गुरु ग्रन्थ की

प्रश्न 2.
बेटियों को कवि ने बताया है
(क) वेदों की ऋचाएँ
(ख) पावन दुआएँ
(ग) जल की घटाएँ
(घ) ये सभी।
उत्तर:
(घ) ये सभी।

प्रश्न 3.
जब वातावरण में प्रदूषण का भ्रष्टाचार छाया हो तो बेटियाँ
(क) शुभकर्म करती हैं।
(ख) वातावरण सुगंधित करती हैं
(ग) शक्ति प्रदान करती हैं
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(ख) वातावरण सुगंधित करती हैं

रिक्त स्थानों की पूर्ति

  1. दुर्दिनों के दौर में देखा बेटियाँ …………. हैं।
  2. मुस्कुरा के पीर पीती बेटियाँ ………… व्यथाएँ हैं।
  3. बेटियाँ पावन ………. हैं।

उत्तर:

  1. संवेदनाएँ
  2. हर्षित
  3. दुआएँ।

सत्य/असत्य

  1. बेटियाँ पावन दुआएँ हैं,कविता में बेटियों का महत्त्व दर्शाया है।
  2. बेटियों को गौरव कथा कहा है। (2009)
  3. बेटियों में ईश्वर स्वयं बसता है।

उत्तर:

  1. सत्य
  2. सत्य
  3. सत्य

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सही जोड़ी मिलाइए

MP Board Class 10th Special Hindi Sahayak Vachan Solutions Chapter 8 बेटियाँ पावन दुआएँ हैं img-1
उत्तर:
1. → (ख)
2. → (ग)
3. → (क)

एक शब्द/वाक्य में उत्तर

  1. ‘बेटियाँ पावन दुआएँ’ हैं कविता के रचयिता कौन हैं?
  2. कवि ने बेटियों को लू-लपट को दूर करने वाली क्या कहा है?
  3. बेटियाँ प्रदूषण के युग में किसके समान हैं?

उत्तर:

  1. अजहर हाशमी
  2. जल की घटाएँ
  3. सुरभित फिजाओं के।

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MP Board Class 10th Special Hindi Sahayak Vachan Solutions Chapter 7 यक्ष प्रश्न

MP Board Class 10th Special Hindi सहायक वाचन Solutions Chapter 7 यक्ष प्रश्न (वार्ता, संकलित)

यक्ष प्रश्न अभ्यास

वार्ता

प्रश्न 1.
विषैले तालाब के नजदीक युधिष्ठिर ने क्या देखा?
उत्तर:
युधिष्ठिर जैसे ही तालाब के पास पहुँचे, वहाँ पर उन्होंने अपने चारों भाइयों को मृत अवस्था में देखा।

प्रश्न 2.
यक्ष के, संसार के सबसे बड़े आश्चर्य सम्बन्धी प्रश्न पर युधिष्ठिर ने क्या उत्तर दिया? (2015, 18)
उत्तर:
यक्ष के, संसार के सबसे बड़े आश्चर्य सम्बन्धी प्रश्न पर युधिष्ठिर ने उत्तर दिया कि प्रतिदिन आँखों के समक्ष न जाने कितने प्राणियों को मौत के मुख में जाते देखकर भी बचे हुए प्राणी इस बात की इच्छा रखते हैं कि हम अमर रहें, यह कितने आश्चर्य की बात है।

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प्रश्न 3.
युधिष्ठिर ने नकुल को जीवित करवाने का निश्चय क्यों किया?
उत्तर:
युधिष्ठिर ने नकुल को जीवित करने के लिए इसलिए कहा क्योंकि उनके पिता की दो पत्नियाँ थीं। उनमें से एक पत्नी कुंती के पुत्र वे स्वयं थे। अतः यदि यक्ष नकुल को जीवित करेंगे तो माता माद्री का भी एक पुत्र जीवित हो जायेगा। इस प्रकार दोनों का एक-एक पुत्र जीवित रहेगा।

प्रश्न 4.
यक्ष ने आशीर्वाद देते हुए युधिष्ठिर से क्या कहा? (2009)
उत्तर:
यक्ष ने युधिष्ठिर को आशीर्वाद देते हुए कहा कि मैं तुम्हारे सद्गुणों और शिष्टाचार से प्रसन्न हूँ। अब बारह वर्ष के वनवास की अवधि पूर्ण होने जा रही है लेकिन एक वर्ष तक तुम्हें अज्ञातवास करना है, वह भी सफलता से पूरा हो जायेगा। मेरे आशीर्वाद से इस अवधि में कोई भी व्यक्ति तुम्हें पहचान नहीं पायेगा।

प्रश्न 5.
वनवास की कठिनाइयों के बीच अर्जुन, भीम और युधिष्ठिर ने क्या-क्या प्राप्त किया? (2010)
उत्तर:
वनवास की कठिन घड़ी में अर्जुन, भीम और युधिष्ठिर को कुछ न कुछ अनुभव और आशीर्वाद प्राप्त हुए-

  1. अर्जुन को वनवास के समय ही इन्द्रदेव के दिव्य अस्त्र प्राप्त हुए।
  2. भीम को हनुमान से भेंट और आलिंगन करने के पश्चात् हनुमान का बल प्राप्त हुआ।
  3. युधिष्ठिर को मायावी सरोवर के समीप धर्मदेव ने दर्शन दिये तथा उन्हें गले लगाकर आशीर्वाद प्रदान किया।

इस प्रकार वनवास की कठिनाइयों के मध्य तीनों ने विभिन्न प्रकार के वरदान प्राप्त किये।

प्रश्न 6.
युधिष्ठिर के द्वारा दिये गये उत्तरों की यक्ष पर क्या प्रतिक्रिया हुई?
उत्तर:
युधिष्ठिर के द्वारा दिये गये उत्तरों को सुनकर यक्ष, युधिष्ठिर के सद्गुणों से प्रभावित हुए; क्योंकि युधिष्ठिर के द्वारा दिये गये सभी प्रश्नों के उत्तर सटीक और सार्थक थे। उन्होंने हर प्रश्न का उत्तर बुद्धि और विवेक का प्रयोग कर निरपेक्ष भाव से दिया था। यक्ष युधिष्ठिर के बुद्धि, कौशल और चातुर्य से प्रभावित थे। मन ही मन यक्ष, युधिष्ठिर के मनोभावों को भी पढ़ते जा रहे थे।

लेकिन युधिष्ठिर ने यक्ष के हर प्रश्न का उचित उत्तर देकर परीक्षा में सफलता प्राप्त की। साथ ही धर्मदेव बने यक्ष से आशीर्वाद भी प्राप्त किया। यथार्थ में मानव का विवेक एवं बुद्धि कौशल सफलता की सीढ़ी है।

प्रश्न 7.
यक्ष-युधिष्ठिर संवाद से आपको क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर:
यक्ष और युधिष्ठिर के संवाद से यह शिक्षा मिलती है कि मानव को कभी भी किसी की अवहेलना नहीं करनी चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है कि किसी भी वस्तु का उपयोग उस वस्तु के स्वामी से पूछकर ही करें।

ईश्वर व्यक्ति की किसी भी समय परीक्षा ले सकता है। अतः व्यक्ति को सदैव सत्य, निष्ठा और धर्म का आचरण करना चाहिए। यदि व्यक्ति सद्गुणों पर चलेगा, तो सदैव कर्तव्य के मार्ग में आगे बढ़ता रहेगा। जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को सत्यनिष्ठ व धर्मनिष्ठ होना चाहिए। यही सफलता का मूलमन्त्र है।

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यक्ष प्रश्न महत्त्वपूर्ण वस्तुनिष्ठ प्रश्न

यक्ष प्रश्न बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
युधिष्ठिर ने विषैले तालाब के पास देखा
(क) दोनों भाई मूर्छित हैं
(ख) भाई अदृश्य थे
(ग) वहाँ कोई नहीं था
(घ) चारों भाई मृत से पड़े हुए थे।
उत्तर:
(घ) चारों भाई मृत से पड़े हुए थे।

प्रश्न 2.
हवा से भी अधिक तेज चलने वाला कौन है? (2009, 15)
(क) तितली
(ख) मन
(ग) मस्तिष्क
(घ) मक्खी
उत्तर:
(ख) मन

प्रश्न 3.
किस वस्तु को गँवाकर व्यक्ति धनी बनता है?
(क) प्रेम को
(ख) क्रोध को
(ग) स्त्री को
(घ) लालच को।
उत्तर:
(घ) लालच को।

रिक्त स्थानों की पूर्ति

  1. उन्होंने युधिष्ठिर के सद्गुणों से मुग्ध होकर उन्हें …………. से लगा लिया।
  2. युधिष्ठिर की माता का नाम …………. है। (2009)
  3. ………… राजा विराट बड़े शक्तिसम्पन्न थे।

उत्तर:

  1. छाती
  2. कुन्ती
  3. मत्स्याधिपति

सत्य/असत्य

  1. धैर्य मनुष्य का सबसे बड़ा साथी होता है।
  2. युधिष्ठिर ने यक्षराज से सहदेव को जीवित करवाना चाहा।
  3. बारह वर्ष तक कौरवों को अज्ञातवास करना पड़ा।

उत्तर:

  1. सत्य
  2. असत्य
  3. असत्य

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MP Board Class 10th Special Hindi Sahayak Vachan Solutions Chapter 7 यक्ष प्रश्न img-1
उत्तर:
1. → (ग)
2. → (क)
3. → (ख)

एक शब्द/वाक्य में उत्तर

  1. भीमसेन में कितने हाथियों के बराबर बल था?
  2. बर्तनों में सबसे बड़ा बर्तन कौन-सा है?
  3. हवा से भी तेज चलने वाला कौन है? (2013)
  4. मायावी सरोवर के पास युधिष्ठिर को किसके दर्शन हुए?
  5. किस चीज़ को गँवाकर मनुष्य धनी बनता है? (2014)

उत्तर:

  1. दस हजार
  2. भूमि ही सबसे बड़ा बर्तन है
  3. मन
  4. धर्मदेव
  5. लालच को।

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MP Board Class 10th Special Hindi Sahayak Vachan Solutions Chapter 6 निंदा रस

MP Board Class 10th Special Hindi सहायक वाचन Solutions Chapter 6 निंदा रस (व्यंग्य निबन्ध, हरिशंकर परसाई)

निंदा रस अभ्यास

व्यंग्य निबन्ध

प्रश्न 1.
लेखक ने निन्दकों को पास में रखने की सलाह क्यों दी है?
उत्तर:
हीनता की भावना ही निन्दा की जन्मदात्री है। निन्दा की प्रवृत्ति आलस्य तथा प्रमाद से उत्पन्न होती है। निठल्ला इन्सान दूसरों को कार्य में जुटा देखकर उनसे अकारण ईर्ष्या करने लगता है। प्रमादी मानव कार्य करने से जी चुराता है। यही अकर्मण्यता व्यक्ति को निन्दक के रूप में परिवर्तित कर देती है। निन्दा से बचने का एकमात्र साधन कर्म में प्रतिपल जुटे रहना है। कर्म से आत्म-सन्तुष्टि मिलती है।

प्रश्न 2.
अपने निन्दकों को उचित उत्तर देने का लेखक ने क्या उपाय सुझाया है?
उत्तर:
लेखक ने निन्दकों को उचित उत्तर देने का सर्वश्रेष्ठ उपाय बताया है कि कठोर श्रम से हम ईर्ष्या,जलन, ढाह आदि बुरी भावनाओं का समूल नाश कर सकते हैं। निन्दकों को उचित उत्तर देने का यही सर्वश्रेष्ठ उपाय है।

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प्रश्न 3.
निन्दा की प्रवृत्ति से बचने के लिए क्या करना चाहिए? (2009)
उत्तर;
जो इन्सान निन्दा में प्रवृत रहता है, उसका मन कमजोर तथा अशक्त होता है। उसके मन में हीनता की भावना विद्यमान रहती है। निन्दा के माध्यम से वह दूसरों को अपने से हीन तथा तुच्छ करार देता है। इस प्रकार के कृत्य से वह अपने अहम् को पारितोष देता है। निन्दा से छुटकारा पाने का एकमात्र उपाय काम में जुटे रहना है। कर्म में प्रवृत्त रहने से धीरे-धीरे निन्दा का अवगुण समाप्त हो जाता है। कठिन कर्म ही निन्दा को नष्ट करता है। कार्यरत मानव को दूसरे की निन्दा करने का अवकाश ही नहीं मिलता।

प्रश्न 4.
“छल का धृतराष्ट्र जब आलिंगन करे तो पुतला ही आगे बढ़ाना चाहिए।” कथन का आशय स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
पुतला निर्जीव एवं भावना-शून्य होता है। लेखक की धारणा है कि जब कोई इन्सान छल-कपट की भावना मन-मानस में छिपा कर हमसे मिले तो हमें भी ऐसे इन्सान के साथ मिलने तथा प्रेम-प्रदर्शन की औपचारिकता को ही निभाना चाहिए। इनके साथ हमें इसी भाँति मिलना चाहिए जिस तरह कि कृष्ण ने धृतराष्ट्र के समक्ष भीम की जगह पर भीम का पुतला आगे बढ़ा दिया था। इस कथन का तात्पर्य यह है कि कपटी तथा छली धृतराष्ट्र भी भीम के आलिंगन का इच्छुक न होकर,उसको मौत के घाट उतारना चाहता था।

प्रश्न 5.
“कुछ लोग बड़े निर्दोष मिथ्यावादी होते हैं।” कथन की विवेचना कीजिये। (2009, 14, 16)
उत्तर:
कुछ इन्सान बड़े निर्दोष-मिथ्यावादी स्वभाव वाले होते हैं। वे स्वभाववश झूठ का आश्रय लेते हैं। बिना किसी कारण निष्प्रयास असत्य बोलते हैं। ठीक बात उनके मुख से कभी निकलती ही नहीं है। इस प्रकार के मिथ्यावादियों के लिए लेखक ने निर्दोष शब्द का जो प्रयोग किया है, वह उचित प्रतीत होता है। जो इन्सान इस प्रकार का झूठ बोलता है, वह किसी को नुकसान नहीं पहुँचाता। वे झूठ का सहारा स्वभाववश लेते हैं। दुनिया में अक्सर लोग अपने व्यक्तिगत स्वार्थ हेतु या दूसरों को नुकसान पहुँचाने के लिए झूठ का सहारा लेते हैं, परन्तु निर्दोष मिथ्यावादी अपनी प्रकृति के वशीभूत होकर ही असत्य बोलता है।

प्रश्न 6.
इस पाठ से आपने क्या शिक्षा ग्रहण की और क्या निश्चय किया? स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
हीनता की भावना से निन्दा का जन्म होता है। जिस इन्सान में हीनता की भावना होती है, निन्दक बन जाता है। हीनता की भावना से ग्रसित होकर व्यक्ति अपनी श्रेष्ठता का प्रभाव जमाना चाहता है। अपने अहम् को सन्तुष्ट करने के लिए वह निन्दा करता है। निन्दक की प्रवृत्ति आलस्य तथा प्रमाद से उत्पन्न होती है। प्रमादी मानव कार्य करने से जी चुराता है। निन्दा रस से बचने का एकमात्र साधन कर्म में प्रतिपल जुटे रहना है। कर्म से आत्म-सन्तुष्टि मिलती है। इस पाठ से हमने यह शिक्षा ग्रहण की है कि निन्दा रस से बचने के लिए हमेशा कर्म में जुटे रहना चाहिए जिसके परिणामस्वरूप हमारे भीतर की निन्दा रस रूपी बुराई समूल नष्ट हो जाती है। इस पाठ के अध्ययन के उपरान्त हमने निश्चय किया कि हम प्रतिक्षण अपने कर्म में जुटे रहेंगे तथा निन्दा रस रूपी बुराई अपने हृदय से निकालकर अपना तथा आसपास के वातावरण को खुशहाल बनायेंगे।

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निन्दा रस महत्त्वपूर्ण वस्तुनिष्ठ प्रश्न

निन्दा रस बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
सूरदास जी ने निन्दा के विषय में लिखा है
(क) ‘निन्दा सबद रसाल’
(ख) विशाल निन्द
(ग) रस निन्दा
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(क) ‘निन्दा सबद रसाल’

प्रश्न 2.
निन्दा का उद्गम है
(क) दीनता
(ख) निन्दक
(ग) हीनता और कमजोरी
(घ) कमजोरी।
उत्तर:
(ग) हीनता और कमजोरी

प्रश्न 3.
निन्दा कुछ लोगों की पूँजी होती है, इससे वे फैलाते हैं
(क) बुराई
(ख) प्रतिष्ठा
(ग) पूँजी
(घ) लम्बा चौड़ा व्यापार।
उत्तर:
(घ) लम्बा चौड़ा व्यापार।

रिक्त स्थानों की पूर्ति

  1. छल का धृतराष्ट्र जब आलिंगन करे, तो ………… ही आगे बढ़ाना चाहिए।
  2. निंदा रस नामक निबन्ध में ………… तत्त्व की प्रधानता है। (2009)
  3. मनुष्य अपनी ……………. से दबता है।

उत्तर:

  1. पुतला
  2. व्यंग्य
  3. हीनता।

सत्य/सत्य

  1. कुछ लोग बड़े निर्दोष मिथ्यावादी होते हैं।
  2. कठिन कर्म ही ईर्ष्या और द्वेष को जन्म देता है।
  3. बड़ी लकीर को कुछ मिटाकर छोटी लकीर बनती है।
  4. निन्दा रस व्यंग्य निबन्ध है। (2010)
  5. निंदक समाज में सम्मान के पात्र होते हैं। (2015)

उत्तर:

  1. सत्य
  2. असत्य
  3. सत्य
  4. सत्य
  5. असत्य

सही जोड़ी मिलाइए

MP Board Class 10th Special Hindi Sahayak Vachan Solutions Chapter 6 निंदा रस img-1
उत्तर:
1. → (ख)
2. → (ग)
3. → (क)
4. → (घ)

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एक शब्द/वाक्य में उत्तर

  1. लेखक ने किसको अपने पास रखने की सलाह दी है?
  2. कौन-सा रस आनन्ददायक है?
  3. किस व्यक्ति की स्थिति बड़ी दयनीय होती है?
  4. निन्दा रस के लेखक कौन हैं? (2017)

उत्तर:

  1. निन्दकों को
  2. निन्दा रस
  3. निन्दक की
  4. हरिशंकर परिसाई।

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MP Board Class 10th Special Hindi Sahayak Vachan Solutions Chapter 5 भगिनी निवेदिता

MP Board Class 10th Special Hindi सहायक वाचन Solutions Chapter 5 भगिनी निवेदिता (संस्मरण, प्रवाजिका आत्मप्राणा)

भगिनी निवेदिता अभ्यास

संस्मरण

प्रश्न 1.
स्वामी विवेकानन्द से निवेदिता की मुलाकात कब, कहाँ और कैसे हुई? (2013, 17)
उत्तर:
स्वामी विवेकानन्द से निवेदिता की मुलाकात सन् 1893 के शिकागो के विश्वधर्म सम्मेलन में हई स्वामीजी लन्दन अपने मित्रों के आग्रह पर आये थे यहीं पर मार्गरेट (निवेदिता) ने स्वामीजी के प्रवचन सुने और अपना आदर्श मान लिया।

प्रश्न 2.
स्वामी जी के साथ हिमालय यात्रा में निवेदिता को क्या अनुभव हुए?
उत्तर:
स्वामीजी के साथ हिमालय यात्रा में निवेदिता पैदल ही चलीं। मार्ग में वे पटना, वाराणसी, लखनऊ, पंजाब, रावलपिण्डी, बारामुला होते हुए कश्मीर पहुँचे। उन्होंने पहली बार भारत की पवित्र भूमि पर पाँव रखा था।

भारत के पवित्र तीर्थस्थान गाँव, पर्वत, नदियाँ तथा भारत के श्रद्धालुओं से मिलने का अवसर उन्हें प्राप्त हुआ।

वे अमरनाथ की दुर्गम यात्रा पर स्वामी जी के साथ अकेली ही गयीं इस यात्रा के पश्चात् उनकी जीवन शैली में बहुत बड़ा परिवर्तन आ गया। वे स्थान-स्थान पर व्याख्यान देने लगीं। उन्होंने शिक्षा के उत्थान के लिए अपनी अदम्य शक्ति लगायी और निरन्तर प्रयास किया कि सभी महिलाएँ शिक्षित हो जायें। उनका कहना था यह सम्पूर्ण देश तुम्हारा है और देश को तुम्हारी आवश्यकता है। अतः अपने मूल्यवान समय को देश के हित के लिए लगाओ।

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प्रश्न 3.
अमरनाथ यात्रा से भगिनी निवेदिता को भारत को समझने में किस प्रकार सहायता मिली?
उत्तर:
अमरनाथ यात्रा से भगिनी निवेदिता को भारत के रहन-सहन, खान-पान एवं वेश-भूषा की पर्याप्त जानकारी मिली। स्थान-स्थान पर रुकने से वहाँ के लोगों की बोली और विचारों से अवगत हुई।

भगिनी निवेदिता भारत के ज्ञान,दर्शन,संस्कृति व परम्पराओं से परिचित हुईं। वे यहाँ की संस्कृति और सभ्यता से इतना अधिक प्रभावित हुईं कि उन्होंने स्वयं को भारत की माटी में ही एकाकार (समाहित) कर लिया।

उन्होंने यहाँ महिलाओं के आचार-व्यवहार व रहन-सहन तथा वात्सल्यपूर्ण व्यवहार को देखा। यात्रा के दौरान उन्होंने प्रकृति का अपूर्व आनन्द लिया। उनका कहना था कि भारत में जितनी शान्ति है, उतनी अन्य कहीं नहीं वास्तव में इस देश की सभ्यता एवं संस्कृति, दुनिया को एक नई रोशनी प्रदान करने वाली है। यहाँ के प्रत्येक दृश्य एवं संस्कार अपनी अलौकिक छटा विकीर्ण कर रहे हैं।

प्रश्न 4.
कलकत्ता में फैले प्लेग के समय निवेदिता ने किस प्रकार सेवा की?
उत्तर:
निवेदिता ने 13 नवम्बर, सन् 1896 को कलकत्ता (कोलकाता) में अपने निवास स्थान के समीप एक बालिका विद्यालय की स्थापना की, लेकिन अगले वर्ष जैसे ही निवेदिता को कलकत्ता (कोलकाता) में प्लेग फैलने का समाचार मिला, वे अपने सभी शिष्यों के साथ टोली बनाकर रोगियों की सेवा में जुट गयीं। वे रात-दिन भूखी-प्यासी रहकर और अपनी चिन्ता छोड़कर रोगियों की चिकित्सा में निःस्वार्थ भाव से जुटी रहती थीं। रोगियों की सेवा के उपरान्त उन्हें हार्दिक प्रसन्नता प्राप्त होती थी। उन्हें रोगियों से पर्याप्त स्नेह और आदर मिलता था। उनके विषय में जिला चिकित्सा अधिकारी ने एक रिपोर्ट में लिखा है-
“निवेदिता अपने आराम, स्वास्थ्य, भोजन तक की चिन्ता न कर गन्दी बस्तियों में घूमती रहीं।”
इस प्रकार निवेदिता ने निःस्वार्थ भाव से रोगियों की सेवा की।

प्रश्न 5.
स्त्री शिक्षा पर निवेदिता के विचार स्पष्ट कीजिये। (2018)
उत्तर:
निवेदिता जब भारत आयीं, उस समय उनके मन में एक विद्यालय स्थापित करने की भावना ने जन्म लिया। अतः सन् 1896 में 13 नवम्बर को उन्होंने अपने घर के पास बालिका विद्यालय की स्थापना की थी, माँ ने इस विद्यालय का विधिवत् उद्घाटन किया। इस विद्यालय में लड़कियों को पढ़ने-लिखने के अतिरिक्त चित्रकारी, मिट्टी का काम भी सिखाया जाता था। उनको इस कार्य में अपूर्व सुख की अनुभूति होती थी। लगभग छः माह बाद धनाभाव के कारण विद्यालय चलाने में असुविधा हुई। अतः धन संग्रह के लिए वे पुनः विदेश गयीं और वहाँ उन्होंने देखा कि विदेशों में भारतवासियों की झूठी और घृणित तस्वीर प्रस्तुत की जा रही है। विशेषकर भारत की स्त्रियों की निन्दा की जा रही है। उन्होंने स्त्रियों की उचित स्थिति को व्यक्त किया।

प्रारम्भ में बालिका विद्यालय में कोई भी अपनी बालिका को नहीं भेजना चाहता था, लेकिन निवेदिता ने अपनी सेवा तथा सरल चित्तवृत्ति के द्वारा लोगों के मन को आकर्षित किया और लोगों ने अपनी बालिकाओं को विद्यालय भेजना शुरू कर दिया।

धीरे-धीरे विद्यालय बढ़ने लगा और आज भी यह विद्यालय सुव्यवस्थित रूप से चल रहा है।

प्रश्न 6.
भारतीय स्त्रियों के कौन-कौन से गुणों ने निवेदिता को प्रभावित किया? (2015)
उत्तर:
भारतीय स्त्रियों के निम्नलिखित गुणों ने निवेदिता को प्रभावित किया-
(1) ममतामयी माँ :
निवेदिता ने भारत की महिलाओं को आदर्श माँ के रूप में पाया। वात्सल्य भाव की जो छवि भारत की स्त्रियों में पायी जाती है,वह अन्यत्र दुर्लभ है। वे वास्तव में ममता और प्रेम से परिपूर्ण हैं।

(2) आदर्श पत्नी :
निवेदिता ने भारत की स्त्रियों को आदर्श पत्नी के रूप में पाया। माँ-बाप तथा सास-ससुर की सेवा का जो आदर्श भाव यहाँ की महिलाओं में है, वह अन्य कहीं नहीं है। वह अपने पति की रक्षा के लिए अपने प्राणों का भी बलिदान कर देती हैं।

(3) वीरता की साक्षात् प्रतिमूर्ति :
भारत की स्त्रियाँ वीरता की साक्षात् मूर्ति हैं। रानी लक्ष्मीबाई और अहिल्याबाई इसका साक्षात् उदाहरण हैं। वास्तव में यहाँ की महिलाएँ देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों को न्योछावर करने वाली हैं।

(4) दया और सद्भावना :
भारत की स्त्रियों में दया और सद्भावना अधिक है। यह बात निवेदिता ने यहाँ की स्त्रियों के सम्पर्क में आकर ही जानी भारत आने के बाद ही उन्हें स्त्रियों के समुचित गुणों का सही रूप में ज्ञान हुआ। वास्तव में भारत की महिलाएँ धन्य हैं। अतः किसी विद्वान ने उचित ही कहा है-
“यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता।”

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भगिनी निवेदिता महत्त्वपूर्ण वस्तुनिष्ठ प्रश्न

भगिनी निवेदिता बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
भगिनी निवेदिता पर लिखा गया ‘संस्मरण’ के लेखक हैं- (2011)
(क) अजहर हाशमी
(ख) प्रवासिका आत्मप्राणा
(ग) डॉ.श्यामसुन्दर दुबे
(घ) डॉ. यतीन्द्र अग्रवाल।
उत्तर:
(ख) प्रवासिका आत्मप्राणा

प्रश्न 2.
निवेदिता ने गुरु मान लिया था
(क) दयानन्द को
(ख) रामानुजाचार्य को
(ग) विवेकानन्द को
(घ) रामानन्द को।
उत्तर:
(ग) विवेकानन्द को

प्रश्न 3.
भगिनी निवेदिता का वास्तविक नाम था (2009)
(क) मार्गरेट थेचर
(ख) मिस वीन्स
(ग) मार्गरेट एलिजाबेथ नोबुल
(घ) लिली।
उत्तर:
(ग) मार्गरेट एलिजाबेथ नोबुल

रिक्त स्थानों की पूर्ति

  1. उनकी लन्दन में एक संन्यासी …………… से भेंट हुई।
  2. समुद्री यात्रा पर उन्होंने अपने ……………. से बहुत कुछ सीखा।
  3. वे भारत को महान ………….. का देश कहा करती थीं।
  4. कलकत्ता में …………. फैला था। (2016)

उत्तर:

  1. विवेकानन्द
  2. गुरु
  3. महिलाओं
  4. प्लेग।

सत्य/असत्य

  1. निवेदिता भारत आकर अप्रसन्न थीं।
  2. निवेदिता गीता का निरन्तर अध्ययन करती थीं।
  3. रामकृष्ण शारदा मिशन भगिनी निवेदिता बालिका विद्यालय आज भी चल रहा है।
  4. भगिनी निवेदिता संस्मरण नहीं है। (2010)

उत्तर:

  1. असत्य
  2. सत्य
  3. सत्य
  4. असत्य

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सही जोड़ी मिलाइए

MP Board Class 10th Special Hindi Sahayak Vachan Solutions Chapter 5 भगिनी निवेदिता img-1
उत्तर:
1. → (ग)
2. → (ख)
3. → (क)

एक शब्द/वाक्य में उत्तर

  1. निवेदिता नाम का क्या अर्थ है?
  2. शिक्षा के लिए धन एकत्र करने उन्हें कहाँ जाना पड़ा?
  3. अपने विद्यालय में उन्होंने क्या चलाना सीखा?

उत्तर:

  1. समर्पण
  2. विदेश
  3. चरखा।

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MP Board Class 10th Special Hindi Sahayak Vachan Solutions Chapter 4 थके हुए कलाकार से

MP Board Class 10th Special Hindi सहायक वाचन Solutions Chapter 4 थके हुए कलाकार से (कविता, धर्मवीर भारती)

थके हुए कलाकार से अभ्यास

कविता

प्रश्न 1.
अधबनी धरा पर अभी क्या-क्या बनना शेष है? (2015, 17)
उत्तर:
अधबनी धरा पर अभी चाँदनी पूरी तरह नहीं फैल पायी है। पुष्प की कली भी अभी अधखिली है। अभी तो इस धरा में भी अपूर्णता है, क्योंकि इसकी नींव का भी पता नहीं है। अभी तो संसार की सृष्टि का सृजन भी अधूरा है। इस कारण सभी वस्तुएँ अभी अपने आप में अपूर्ण हैं। इस धरा की सम्पूर्ण वस्तुओं का अभी विकास होना है।

प्राकृतिक वस्तुएँ इस बात का स्पष्ट संकेत दे रही हैं कि जिस भाँति उनका विकास अपूर्ण है, तद्नुकूल संसार की प्रगति भी अभी अवशेष है।

प्रश्न 2.
स्वर्ग की नींव का पता किस प्रकार लग सकता है? (2014, 17)
उत्तर:
स्वर्ग की नींव का पता अभी नहीं चल सकता है, क्योंकि धरा अभी अपूर्ण है। अतः सृष्टि का सृजन भी अपूर्ण है। अतः हे थके हुए कलाकार! तुम्हें प्रतिपल सजग रहकर धरती को स्वर्ग में परिणित करने के लिए चलते रहना चाहिए। तभी धरती पर स्वर्ग की नींव का पता चल सकता है।

प्रश्न 3.
कवि के अनुसार प्रलय से कलाकार को निराश क्यों नहीं होना चाहिए?
उत्तर:
कवि के अनुसार प्रलय से कलाकार को निराश नहीं होना चाहिए, क्योंकि निराश होने पर कलाकार अपनी कृति को पूर्ण नहीं कर सकता। कलाकार को अपनी कृति पूर्ण करने के लिए प्रतिपल जीवन के झंझाओं से जूझने के लिए तत्पर रहना चाहिए। सबल प्राणों से तभी जीवन का संचार होगा जबकि कलाकार बिना रुके अपने सृजन में निरन्तर लगा रहेगा, क्योंकि गति का नाम ही अमर जीवन है। निम्न कथन इस बात का द्योतक हैं, देखिए-
“प्राणदीप जूझे झंझा से, फिर भी मन्द प्रकाश न हो,मेरे मीत उदास न हो।”

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प्रश्न 4.
‘थके हुए कलाकार से’ कविता का केन्द्रीय भाव स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
थके हुए कलाकार से’ कविता के माध्यम से धर्मवीर भारती ने मानव को निरन्तर चलते रहने की प्रेरणा दी है।

कवि का कथन है कि हे देवता! तू सृष्टि की थकान का विस्मृत कर दे,क्योंकि धरती तो अभी अधूरी है। जिस मृदुल चाँदनी की कल्पना तुमने की थी, वह भी अधूरी है। ये जीवन सुगन्धि से युक्त नहीं है क्योंकि अभी कली पूर्णरूप से खिली नहीं है। इस अपूर्ण धरती पर स्वर्ग की नींव का कोई भी चिह्न नहीं है। अतः हे देवता! तू सृष्टि के सृजन को भूल कर निरन्तर चलता रह,क्योंकि चलने का अर्थ ही जीवन है। रुकने का अर्थ है सृजन को बन्द करना। यदि अन्धकार में रास्ता भूल गये हो अथवा कोई रोशनी की किरण नहीं मिल रही हो अथवा सूर्य कहीं बादलों में छिप गया हो; तुम्हें इस पथ में व्यवधान उत्पन्न करने वाली बाधाओं को परास्त करना हो। नई सृष्टि का रंगों का सपना विलुप्त हो जायेगा, यदि तुम रुक जाओगे तो संसार का सृजन रुक जायेगा। तुम्हें इस पथ पर व्यवधान से उत्पन्न होने वाली बाधाओं को परास्त करना है।

इस प्रकार इस अपूर्ण सृजन से तुम निराश मत होना और सृजन की थकान को भूलकर, यदि तुझे प्रलय से कोई निराशा हुई हो तो तुम अपनी अव्यवस्थित श्वांसों को झरोखों से शुद्ध वायु लेकर; उनमें प्राणों का संचार करना यदि कलाकार की बाँहें थक जायेंगी तो प्रलय भी अपूर्ण होगी और सृजन की योजना भी अधूरी होकर खो जायेगी।

अतः यदि इस प्रलय से तुझे निराशा हुई हो तो क्या पता इस नाश में कहीं पर मूच्छित जिन्दगी पड़ी हो अतः हे देवता! तू सृजन की थकान को भूल जा क्योंकि अभी इस धरती पर सभी वस्तुएँ अपूर्ण हैं।

प्रश्न 5.
कवि ने अधूरे सृजन से निराश न होने की बात कहकर क्या संकेत देना चाहा है?
उत्तर:
कवि ने अधूरे सृजन से निराश न होने की बात कहकर यह संकेत किया है कि हे मानव! तू निराश मत हो क्या पता इस निराशा में ही तुझे कोई आशा की किरण मिल जाये। कवि का अभिप्राय है कि कलाकार की बाहें चाहे कितनी भी थकी हों,उसे अपनी कला को अपूर्ण नहीं छोड़ना चाहिए।

कवि का कथन है कि कभी-कभी नष्ट वस्तुओं में भी जीवन होता है। कलाकार का कर्तव्य है उन वस्तुओं में जीवन डाल कर प्राणों का संचार कर दे।

जीवन में चाहे कितनी ही विपत्तियों के बादल मँडरायें,मानव को धैर्य नहीं खोना चाहिए। आशा ही एक ऐसा सम्बल जिसके माध्यम से मानव अपने मन-मन्दिर में आशा का भाव जाग्रत करके नई जिन्दगी जीने की प्रेरणा लेता है।

इस सन्दर्भ में निम्न कथन देखिये-
“जिनके जीवन में आशा नहीं, उनके लिये जगत ही तमाशा है।”

थके हुए कलाकार से महत्त्वपूर्ण वस्तुनिष्ठ प्रश्न

थके हुए कलाकार से बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
‘थके हुए कलाकार से’ कविता के रचयिता हैं
(क) अज्ञेय
(ख) संकलित
(ग) गजानन्द माधव
(घ) धर्मवीर भारती।
उत्तर:
(घ) धर्मवीर भारती।

प्रश्न 2.
‘थके हुए कलाकार से’ कविता के द्वारा कवि ने प्रेरणा दी है
(क) गति करने की
(ख) निरन्तर चलने की
(ग) निराश न होने की
(घ) निराश होने की।
उत्तर:
(ख) निरन्तर चलने की

प्रश्न 3.
सृष्टि का सृजनकर्ता कौन है?
(क) कलाकार
(ख) ईश्वर
(ग) मानव
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(ख) ईश्वर

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रिक्त स्थानों की पूर्ति

  1. अधूरी धरा पर नहीं है कहीं, अभी ………. की नींव का भी पता।
  2. अभी अधखिली ज्योत्स्ना की कली,नहीं जिन्दगी की …………. में सनी।
  3. रुका तू, गया रुक ………. का सृजन।

उत्तर:

  1. स्वर्ग
  2. सुरभि
  3. जग।

सत्य/असत्य

  1. ‘थके हुए कलाकार से’ कविता में धर्मवीर भारती ने निरन्तर चलते रहने की प्रेरणा दी है।
  2. कलाकार प्रलय होने पर कला को त्याग देता है।
  3. इस कविता में कवि ने प्राकृतिक उपमानों का प्रयोग नहीं किया है।

उत्तर:

  1. सत्य
  2. असत्य
  3. असत्य

सही जोड़ी मिलाइए

MP Board Class 10th Special Hindi Sahayak Vachan Solutions Chapter 4 थके हुए कलाकार से img-1
उत्तर:
1. → (ग)
2. → (क)
3. → (ख)

एक शब्द/वाक्य में उत्तर

  1. ‘थके हुए कलाकार से’ के कृतिकार का नाम लिखिए। (2018)
  2. ‘थके हुए कलाकार से’ कविता में कवि ने क्या प्रेरणा दी है?
  3. कलाकार अपना सम्पूर्ण जीवन किसको समर्पित कर देता है?

उत्तर:

  1. धर्मवीर भारती
  2. निरन्तर चलने की
  3. कला को।

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