MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 19 बहादुर बेटा

MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 19 बहादुर बेटा

बहादुर बेटा बोध प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ शब्दकोश से खोजकर लिखिए
उत्तर
हाहाकार = रोने, चिल्लाने की मिश्रित आवाजें; वालंटियर = अपनी ही इच्छा से सेवा के कार्य के लिए समर्पित फर्स्टएड = प्राथमिक चिकित्सा सहायता; ध्यानस्थ = ध्यान करना; रेडक्रॉस- पीड़ित मानवता की सेवा के लिए अन्तर्राष्ट्रीय संगठन; वैज = पहचान-पत्र (जो कमीज या कुर्ते की जेब में लगा रहता है)।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षेप में उत्तर लिखिए
(क) संदीप और कुलदीप को घर आने में देर क्यों हो गई?
उत्तर
संदीप और कुलदीप को घर आने में देर इसलिए हो गई क्योंकि वे दोनों बाढ़ में फंसे लोगों की सहायता में जुटे हुए थे।

(ख) नदियों में बाढ़ आ जाने से क्या-क्या हानि होती
उत्तर
नदियों में बाढ़ आ जाने से गाँव के गाँव बह जाते। हैं। सैकड़ों आदमी मर जाते हैं। जानवरों की तो गिनती ही नहीं। फसल भी बह जाती है। कई प्रकार के रोग फैल जाते हैं।

(ग) रेडक्रॉस के सदस्य क्या कार्य करते हैं?
उत्तरे
रेडक्रॉस के सदस्य बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाते हैं। बाढ़ से पीड़ित लोगों के लिए भोजन, कपड़े एवं दवाइयों का प्रबन्ध करते हैं। उन लोगों की सही देखरेख करने में सहायता करते हैं।

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(घ) संदीप पानी में कैसे बह गया?
उत्तर
संदीप बाढ़ में फंसे लोगों को नाव से सुरक्षित स्थान पर ले जा रहा था। इस बचाव कार्य में व्यस्त संदीप की नाव एकदम उलट गई। तभी पानी का बहाव भी तेज हो गया। इस तरह संदीप पानी में बह गया।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से लिखिए
(क) संदीप और कुलदीप को परोपकार की सीख कैसे मिली?
उत्तर
संदीप और कुलदीप को सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं के आदेश से बाढ़ की आपदा में फंसे लोगों की सेवा के लिए अन्न, वस्त्र, दवाएँ आदि पहुँचाने का काम करने को मिला। साथ ही मधुर नामक उनकी बहन ने बताया कि उसके पिता और चाचा ने भी आजादी की जंग में भाग लिया। देश के हजारों लोगों ने अपने प्राण बलिदान कर दिए। इस तरह उन्हें भी देश की सेवा करने, मानवता की रक्षा करने की सीख प्राप्त हुई।

(ख) संदीप द्वारा किए गए बचाव कार्य को युवती ने किस तरह बताया ? लिखिए।
उत्तर
रेडक्रॉस की सदस्या एक युवती ने बताया कि वे सभी बाढ़ पीड़ितों की सहायता करने के लिए गए हुए थे। संदीप ने वहाँ सबसे बढ़-चढ़कर काम किया। उसने अपने प्राणों की चिन्ता किए बिना ही सैकड़ों लोगों के प्राणों की रक्षा की। संदीप बहुत साहसी है। उसके साहस को देखकर सभी लोग अचम्भे में पड़ गए। बिना आराम किए ही लगातार उसने लोगों को बाढ़ के – पानी से सुरक्षित बचाया। वे सभी को नाव में बैठाने के बाद स्वयं :नाव में चढ़ते थे, परन्तु अचानक ही उनकी नाव उलट गई। संदीप – को तैरना आता था। वह बराबर उन लोगों की सहायता करते रहे। पानी में बह जाने के बाद उन्हें लोगों ने बचा लिया। कठिन परिश्रम के कारण वह बेहोश हो गया। उन्हें प्राथमिक चिकित्सा सहायता दे दी गई और वह अब ठीक हो जाएगा।

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(ग) बाढ़ पीड़ितों की क्या-क्या आवश्यकताएँ होती हैं? उन्हें किस तरह सहयोग दिया जाता है ?
उत्तर
बाढ़ पीड़ितों की सबसे पहली आवश्यकता होती है, उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुँचाने की। उनसे सम्बन्धित सामान को उनके पास पहुँचाने की। उस समय उन्हें भोजन, पानी व कपड़े आदि प्राप्ति कराने की भी जरूरत होती है। इसके अलावा उन्हें दवाइयों की भी जरूरत होती है क्योंकि बाढ़ आ जाने से पानी से फैलने वाले अनेक रोग हो जाते हैं। उन रोगों के इलाज की तुरन्त आवश्यकता होती है। इन बाढ़ पीड़ितों को रेडक्रॉस और वॉलन्टीयर्स सहायता पहुंचाते हैं। कुछ स्थानीय संस्थाएँ व देश की सेना और स्वयंसेवी संस्थाएँ भी इस कार्य में सबसे अधिक कार्य करती हैं। बाढ़ पीड़ितों के लिए अन्न, वस्त्र, औषधि आदि एकत्र करके उन्हें बाँट दिया जाता है।

(घ) इस एकांकी का सार अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर
इस एकांकी में बताया गया है कि हमें संकट काल । में सहयोग करने के लिए तैयार रहना चाहिए। कुलदीप और संदीप दो भाई हैं। उनकी बहन मधुर और माँ भी उनके साथ रहती हैं। कुलदीप को विद्यालय में सूचना मिलती है कि बाढ़ से जन-धन की हानि हुई है। वह अपने साथियों के साथ उन बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए धन संग्रह करने चला जाता है। उधर संदीप नदी की बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने के लिए चला जाता है। वह अपनी जान की परवाह किए बिना ही लोगों को सुरक्षित स्थानों को पहुंचाता है। इस काम में वह स्वयं भी डूबते-डूबते बच जाता है। इस एकांकी में परोपकार की भावना को रेखांकित किया गया है। मानव जाति की सेवा के लिए संस्थापित संस्था रेडक्रॉस का परिचय भी दिया गया है।

(ङ) बहादुर बेटा किसे कहा गया है और क्यों ?
उत्तर
संदीप को बहादुर बेटा कहा गया है। उसने अपने प्राण हथेली पर रखकर बाढ़ में फंसे लोगों को बचाया।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित कथनों में कौन, किससे कह रहा

(1) “हाँ, माँ वह जरूर चले गए होंगे। वह दिन-रात इसी तरह की बातें किया करते हैं। मैं कुछ करना चाहता हूँ, मेरे
पिता और मेरे चाचा ने आजादी की लड़ाई लड़ी थी। मेरे देश में हजारों लोगों ने अपने प्राण दिए थे। अपना सब कुछ गंवा दिया था। अब मुझे भी तो कुछ करना चाहिए। मुझे भी अपने देश की सेवा करनी चाहिए।”
(2) “खाना, कपड़ा, मकान सभी चीजों की जरूरत होगी। मास्टर जी कहते थे कि सरकार प्रबन्ध कर रही है। कैम्प लगाए हैं, माँ, मैं जाता हूँ। स्कूल में वालंटियर की जरूरत है। मैं कैम्प में जाकर तो काम कर ही सकता हूँ।”
(3) “आप लोग दुनिया की इतनी सेवा करते हैं। कभी-कभी तो हमें भी सेवा का अवसर दिया कीजिए।”
उत्तर

  1. मधुर का कथन अपनी माँ के प्रति।
  2. कुलदीप का कथन अपनी बहन मधुर और माँ के प्रति।
  3. माँ का कथन रेडक्रॉस की सदस्या युवती के प्रति।

बहादुर बेटा भाषा-अध्ययन

प्रश्न 1.
इस पाठ के योजक चिह्न वाले शब्द छाँटकर लिखिए।
उत्तर

  1. घर-घर
  2. बचाते-बचाते
  3. धीरे-धीरे।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों में से अनुस्वार और अनुनासिक वाले शब्द अलग-अलग लिखिए
गंगा, माँ, पाँच, वंचित, हूँ, मांगने, पांडव, शांत, बाँध, संहारक, संसार, जाऊंगा।
उत्तर
अनुस्वार वाले शब्द-गंगा, वंचित, पांडव, शांत, संहारक, संसार। अनुनासिक वाले शब्द-माँ, पाँच, हूँ, माँगने, बाँध, जाऊँगा।

प्रश्न 3.
हृदय, आँख तथा कान शब्द से मुहावरे बनाइए तथा उनके अर्थ लिखिए।
(क) हृदय-लगाना, टूक-टूक होना, भर आना।
(ख) आँख-तारा, गिरना, अंधा, धूल झोंकना, खुलना।
(ग) कान-खाना, कच्चा होना, पकड़ना, भरना।
उत्तर
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प्रश्न 4.
नीचे बनी वर्ग पहेली (पाठ्यपुस्तक) में से निम्नलिखित शब्दों के तीन-तीन पर्यायवाची शब्द पहचानकर लिखिए
(1) जाह्नवी
(2) जननी
(3) रात्रि
(4) सूर्य।
उत्तर

  1. जाह्नवी-गंगा, भागीरथी, सुरसरि
  2. जननी-माता, माँ, अम्बा
  3. रात्रि-रजनी, यामिनी, निशा।
  4. सूर्य-भानु, सविता, रवि।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों के तत्सम रूप लिखिएलाज, तज, धौर. सूरज, भीख, माता।
उत्तर

  1. लज्जा
  2. त्याग
  3. धैर्य
  4. सूर्य
  5. भिक्षा
  6. मातृ।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्दों में से उपसर्ग और प्रत्यय पहचानकर अलग कीजिए
गाड़ीवान, ‘अपरिचित, प्रकाशित, प्रशंसनीय, रथवान, संहारक, बेकरार, मातृहीन, दयालु, सुशोभित।
उत्तर
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प्रश्न 7.
नीचे कुछ वाक्य लिखे हैं, उनमें यथास्थान विराम चिह्न लगाइए’
(क) काश मैं उसे समझ पाता तो मैं उसके पास इस काम के लिए कभी नहीं जाता।
(ख) रेखा पूनम सुनीता और राधा बगीचे में घूम रही हैं।
(ग) जीवन में सुख दुःख लाभ हानि तो लगे ही रहते हैं। हमें इनकी कभी चिन्ता नहीं करनी चाहिए।
(घ) गीता में कहा है कर्म करो परन्तु फल की इच्छा मत करो।
उत्तर
(क) काश ! मैं उसे समझ पाता तो, मैं उसके पास इस काम के लिए कभी नहीं जाता।
(ख) रेखा, पूनम, सुनीता और राधा बगीचे में घूम रही हैं।
(ग) जीवन में सुख-दु:ख, लाभ-हानि तो लगे ही रहते हैं। हमें इनकी कभी चिन्ता नहीं करनी चाहिए।
(घ) गीता में कहा है, “कर्म करो, परन्तु फल की इच्छा मत करो

बहादुर बेटा परीक्षोपयोगी गद्यांशों की व्याख्या

(1) हाँ, माँ, वह जरूर चले गए होंगे। वह दिन-रात इसी तरह की बातें किया करते हैं-मैं कुछ करना चाहता हूँ, मेरे पिता और मेरे चाचा ने आजादी की लड़ाई लड़ी थी। मेरे देश के हजारों लोगों ने अपने प्राण दिए थे। अपना सब  कछ लुटा दिया था। अब मुझे भी तो कुछ करना चाहिए। . मुझे भी अपने देश की सेवा करनी चाहिए।

शब्दार्थ-जरूर = अवश्य; आजादी = स्वतन्त्रता; लुटा देना = त्याग दिया।

सन्दर्भ-प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘भाषा-भारती’ के पाठ ‘बहादुर बेटा’ नामक पाठ से लिया है। इसके लेखक विष्णु प्रभाकर हैं।

प्रसंग-इस एकांकी में ‘मधुर’ नामक बहन अपने भाई सन्दीप के विषय में अपनी माँ से बातें करती है।

व्याख्या-मधुर ने अपनी माँ की बात का उत्तर देते हुए कहा कि हे माँ ! सन्दीप अवश्य ही बाढ़ पीड़ितों की सेवा के लिए चले गये होंगे। संदीप भैया दिन-रात (हर समय) इसी तरह की बातें करते रहते हैं। वे अक्सर कहते रहते हैं कि वे कुछ महत्त्वपूर्ण कार्य करना चाहते हैं। उन्हें हमेशा अपने पिता और चाचा के बलिदान याद रहते हैं। वे कहते हैं कि उन्होंने देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी। मेरे देश के हजारों लोगों ने अपने देश की स्वतन्त्रता के लिए अपने प्राणों का बलिदान कर दिया। वे आजादी की लड़ाई में अपना सब कुछ त्याग चुके थे। उनके महान् त्याग से मुझे भी कुछ सीखना चाहिए और देश के लिए अति महत्त्वपूर्ण सेवा-कार्य करना ही चाहिए। देश की सेवा करना ही अब मेरा उद्देश्य है।

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(2) मैं रेडक्रॉस की सदस्या हूँ। बाहर मेरे बहुत से साथी हैं। हम सब लोग बाढ़ पीड़ितों की सहायता करने के लिए गए हुए थे। आपके पुत्र संदीप जी ने वहाँ बहुत काम किया। अपने प्राणों की चिन्ता किए बिना उन्होंने सैकड़ों लोगों को बचाया। उनका साहस देखकर हम लोग दंग रह गए। हमारे मना करने पर भी उन्होंने जरा आराम नहीं किया।

शब्दार्थ-रेडक्रॉस = रेडक्रॉस एक अन्तर्राष्ट्रीय संस्था है जो बिना किसी भेदभाव से विश्व के देशों के पीड़ित नागरिकों की युद्धकाल में, आपदा के समय में
सेवा-सहायता करती है; पीड़ित = कष्ट पाए हुए लोगों की सहायता मदद; चिन्ता = परवाह; साहस = हिम्मत; दंग रह गये = अचम्भे में पड़ गए; जरा-थोड़ा-सा।

सन्दर्भ-पूर्व की भाँति।

प्रसंग-एक युवती रेडक्रॉस की सदस्या है। वह संदीप के “द्वारा किए गए कार्य की जानकारी उसकी माता और बहन मधुर को देती है।

व्याख्या-एक युवती अपना परिचय रेडक्रॉस की सदस्या के रूप में देती है। उसके बहुत से साथी भी वहाँ आए हुए हैं जो बाहर खड़े हैं। वे सब बाढ़ से पीड़ित लोगों की सहायता करने के उद्देश्य से गए हुए थे। वह युवती संदीप के विषय में बताती है कि उन्होंने बहुत बड़ा काम किया है। उन्होंने अपने प्राणों की तनिक भी चिन्ता नहीं की। अपनी हिम्मत से उन्होंने सैकड़ों लोगों के प्राणों को बचाया। सभी लोग उनकी हिम्मत को देखकर अचम्भा कर रहे थे। उनकी टीम के सदस्यों ने कई बार इन्कार भी किया परन्तु वे बराबर अपने काम में जुटे रहे। उन्होंने थोड़ा भी आराम नहीं किया।

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MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 18 युद्ध-गीता

MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 18 युद्ध-गीता

युद्ध-गीता बोध प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ शब्दकोश से खोजकर लिखिए
उत्तर
निशाचर = राक्षस, रात्रि में विचरण करने वाले पताका = ध्वजा, झण्डी; जलद = बादल; समर = युद्ध; रेनु = धूल; घोर भयानक, डरावना; अकुलाइ व्याकुल होकर; मारु = एक विशेष राग जिसे युद्ध के मैदान में योद्धाओं में उत्साह पैदा करने के लिए बजाया जाता है; दशानन रावण; हौं- मैं. कराल = कठोर; बंद-समूह; बरन-वर्ण, रंग; जूथ-समूह; मरुत = हवा; सूर शूरवीर; सुमति = श्रेष्ठ बुद्धि; वसुधा= धरती, पृथ्वी; रव= शोर; गाजहि गरजते हैं; केहरिनाद = सिंहनाद: सुभट्टा = उत्तम वीर; भूप = राजा; मर्कट बन्दर; नाना-बान = अनेक तरह के बाण; संक- शंका या सन्देह; जान = सुन-समझकर; अधीरा- बेचैन; स्यंदन = रथ; दृढ़ = मजबूत, पक्का; घोरे = अश्व, घोड़े; कृपाना = तलवार; त्रोन = तरकस; रिपु = शत्रु; पदकंज = कमल के समान पैर; आयुध = हथियार; जोरी = जोड़ी; विरथ = बिना रथ के पदत्राना = जूते; धीरज = धैर्य चाका पहियाविरति = वैराग्य कोदण्डा- धनुष: अभेद = अभेद्य, जिसे काटा या छेदा न जा सके ताके = उसके मिस = बहाने; कटकु-सेना; गज = हाथी;प्रेरे-प्रेरित किये हुए; बहुबहुत से पयोधि-समुद्र पनवभेरी;प्रलय-विनाश;नफीरि= तुरही; पौरुष = पुरुषार्थ; मर्दहु = मसल दो; कपिन्ह = वानरों को; सपच्छ = पंखंयुक्त; चतुरंगिनी अनी = चार प्रकार की सेना; मत्त = मतवाले; गरजे = चिंघाड़ने लगे; विरदैत = युद्ध कला में चतुर; निकाया = समूह; कंधर – कंधा; निसान = नगाड़ा; घन = बादल; सहनाई-शहनाई; उच्चरहि बोल रहे थे, ऊँची आवाज में कह रहे थे; ठट्ठा = समूह; दुहाई = पुकार; भूधर = पर्वत; महादुम = बड़े-बड़े पेड़; निज-निज = अपने-अपने; वरनानि = वर्ण, रंगभेद की भलाई; सनेह = प्रेमपूर्वक; सौरज = शौर्य; परहित = दूसरे से, चर्म = ढाल; शक्ति = ताकत, बल; कवच =शरीर की रक्षा करने वाला आवरण; संसार रिपु-संसार रूपी शत्रु; पुंज = समूह; मृगराज = सिंह; भिरे = भिड़ गये, लड़ने लगे; वंदि- वन्दना करके आना अन्य प्रकार का, दूसरी तरह का; दम = इन्द्रियों का वश में होना; रज्जु = रस्सी; परसु = फरसा; सिलीमुख = बाणजाके जिसके; कहँ-कहाँ अमल = निर्मल, पवित्र।

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर लिखिए
(क) राक्षस सेना के चलने पर धरती पर क्या प्रभाव पड़ा है ?
उत्तर
राक्षस सेना के चलने पर धरती व्याकुल हो उठी।

(ख) कवि ने दौड़ते वानर-भालुओं की तुलना किससे की है?
उत्तर
कवि ने दौड़ते वानर-भालुओं की तुलना पंख धारण करके उड़ने वाले पर्वत समूह से की है। .

(ग) श्रीराम के पराक्रम का मुख्य आधार क्या है ?
उत्तर
श्रीराम के पराक्रम का मुख्य आधार धर्म केतत्व (शौर्य, धैर्य, सत्य-शील, साहस, यम-नियम, दम, दया, परोपकार आदि) हैं।

(घ) धर्मरथ के दो पहिए कौन-कौन से हैं ?
उत्तर
धर्मरथ के दो पहिए-शौर्य और धैर्य हैं।

प्रश्न 3.
शिक्षक की सहायता से सही जोड़ी बनाइए
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उत्तर
(क) → (3), (ख) → (4), (ग) → (2), (घ)→(1)

प्रश्न 4.
इन प्रश्नों के उत्तर तीन से चार पंक्तियों में लिखिए
(क) युद्धभूमि में विभीषण ने अधीर होकर श्रीराम से क्या कहा ?
उत्तर
युद्ध भूमि में विभीषण ने अधीर होकर श्रीराम से कहा कि हे स्वामी आपका शत्रु रावण युद्ध की सभी सामग्री (साधन-रथ आदि) से युक्त है। आपके पास वे साधन नहीं हैं जिनकी सहायता से युद्ध लड़ा जा सके और शत्रु पर विजय प्राप्त हो सके।

(ख) श्रीराम ने विभीषण की शंका का समाधान किस प्रकार किया?
उत्तर
श्रीराम ने विभीषण की शंका का समाधान करते हुए कहा कि जिस रथ की सहायता लेकर विजय प्राप्त की जाती है, वह अन्य (दूसरे ही) प्रकार का होता है। वह धर्म रथ होता है जिसमें शौर्य-धैर्य के पहिए, सत्य-शील की मजबूत ध्वजा होती है। विवेक का बल होता है। इन्द्रिय दमन और परोपकार के घोड़े क्षमा और कृपा की रस्सी से बँधे होते हैं। इन सभी सद्गुणों के रथ पर सवार होकर बाहरी और आन्तरिक शत्रुओं को जीता जा सकता है।

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(ग) आत्मशक्ति और बाह्यशक्ति में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
आत्मशक्ति में धर्म के वे तत्व सम्मिलित हैं जिन्हें हम धर्म के आधारभूत तत्व मानते हैं। इनमें शौर्य, धैर्य, सत्य-शील, साहस, यम-नियम, दम, दया, परोपकार आदि गुण सम्मिलित होते हैं। इसे ही सद्गुणों से संयुक्त धर्म रथ कहते हैं। बाह्य शक्ति में-भौतिक साधन होते हैं जिनमें रथ, कवच व अनेक प्रकार की युद्ध सामग्री से युक्त अति बलवान सैनिक होते हैं। इस बाह्यशक्ति में सद्गुणों का अभाव होता है।

(घ) श्रीराम ने धर्मरथ में जोते चार घोड़े किसे कहा है ?
उत्तर
श्रीराम ने धर्मरथ में जोते हुए चार घोड़े-विवेक, दम, परहित तथा क्षमा को बताया है। इनके द्वारा खींचा गया रथ सर्वत्र गति पकड़े रहता है। मनुष्य अपने विवेक, दम, परहित और क्षमा के बल से किसी भी बाधा पर विजय प्राप्त कर लेता है।

(ङ) संसार रूपी शत्रु को किस रथ पर सवार होकर जीता जा सकता है?
उत्तर
संसार रूपी शत्रु को धर्मरथ पर सवार होकर जीता जा सकता है। इस धर्मरथ में शौर्य और धैर्य के पहिए लगे रहते हैं। सत्य और शील का मजबूत ध्वज होता है। क्षमा, कृपा और समता की रस्सी से बल, विवेक, दम और परोपकार के घोड़े जुते रहते हैं। इस विशेष प्रकार के रथ पर सवार व्यक्ति संसार-शत्रु को जीतकर अपने वश में कर लेता है।

युद्ध-गीता भाषा-अध्ययन

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों को वाक्यों में प्रयोग कीजिए
लोभ, समकक्ष, पराक्रम, धर्मनीति, आत्मशक्ति, दुर्जय, मर्यादा।
उत्तर

  1. लोभ पाप का मूल होता है।
  2. रवि और मोहन को परस्पर समकक्ष ही लाभ मिल सकेगा।
  3. महाराणा प्रताप ने अपने पराक्रम से ही देश की आजादी का दीपक बुझने नहीं दिया।
  4. भारतीय धर्म नीति सहिष्णुता प्रधान है।
  5. आत्मशक्ति शम और दम से बढ़ सकती है।
  6. रावण की सेना वानर-सेना के लिए दुर्जय बन चुकी थी।
  7.  मर्यादा का उल्लंघन कष्टकारी हो सकता है।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों में प्रयुक्त उपसर्ग पहचानकर लिखिए
विशेष, विरथ, अधीर, दुर्जय।
उत्तर
शब्द उपसर्ग + शब्द

  1. विशेष = वि + शेष
  2. विरथ = वि + रथ
  3. अधीर = अ + धीर.
  4. दुर्जय = दु: + जय

प्रश्न 3.
बॉक्स में कुछ शब्द और उनके विलोम शब्द लिखे हैं। इनकी सही जोड़ियाँ बनाकर लिखिए
उचित, अपेक्षा, विजय, लाभ, जीवन, सुरक्षा, पराजय, धर्म, अनुचित, मृत्यु, असुरक्षा, उपेक्षा, अधर्म, हानि।
उत्तर
सही – जोड़ियाँ

  1. उचित → अनुचित
  2. अपेक्षा → उपेक्षा
  3. विजय → पराजय
  4. लाभ → हानि
  5. जीवन → मृत्यु
  6. सुरक्षा → असुरक्षा
  7. धर्म → अधर्म।

प्रश्न 4.
पाठ के आधार पर जोड़े बनाइए
(क) रण – (1) दर्शन
(ख) युद्ध – (2) रथ
(ग) मार्ग – (3) सिर
(घ) धर्म – (4) नीति
(ङ) दस – (5) कला
उत्तर
(क) → (4), (ख) → (5), (ग) → (1), (घ)→ (2), (ङ)→ (3)

प्रश्न 5.
निम्नलिखीत शब्दों का समास विग्रह करते हुए समास का नाम लिखिए
धर्मनीति, प्रतिदिन, आत्मशक्ति, राम-रावण।
उत्तर
MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 18 युद्ध-गीता 2

प्रश्न 6.
निम्नलिखित अनुच्छेद में यथास्थान उचित विराम चिह्न लगाइए
चरित्र का अर्थ है आचरण या चाल-चलन यहाँ आचरण का अर्थ है सदगुणों का भण्डार जिस व्यक्ति के व्यवहार में सत्य, न्याय, प्रेम, मानवता, करुणा, दया, अहिंसा, त्याग आदि गुण एकत्र हो जाते हैं वह चरित्रवान कहलाता है यहाँ चरित्र की जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है किस बल पर पाण्डव कौरवों पर भारी पड़े किस बल पर वनवासी राम ने लंकापति रावण को परास्त किया
उत्तर
चरित्र का अर्थ है, आचरण या चाल-चलन । यहाँ आचरण का अर्थ है, सद्गुणों का भण्डार। जिस व्यक्ति के व्यवहार में सत्य, न्याय, प्रेम, मानवता, करुणा, दया, अहिंसा, त्याग आदि गुण एकत्र हो जाते हैं; वह चरित्रवान कहलाता है। यहाँ चरित्र की जितनी भी प्रशंसा की जाए, कम है। किस बल पर पाण्डव कौरवों पर भारी पड़े ? किस बल पर वनवासी राम ने लंकापति रावण को परास्त किया ?

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प्रश्न 7.
(अ) निम्नलिखित छन्दों के चरणों में मात्राएँ पहचानकर उनका नाम लिखिए।
उत्तर
MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 18 युद्ध-गीता 3
चौपाई छन्द है। चौपाई के प्रत्येक चरण में 16 मात्राएँ होती हैं। अन्त में जगण और तगण का प्रयोग नहीं होता है।

प्रश्न 7.
(ब) इस पाठ में से अनुप्रास अलंकार के उदाहरण छाँटकर लिखिए। .
उत्तर

  1. बिविध भाँति बाहन रथ जाना। बिपुल बरन पताक ध्वज नाना॥
  2. बरन बरन बिरदैत निकाया। समर सूर जानहिं बहु माया॥ .
  3. अति विचित्र बाहिनी बिराजी। बीर बसंत सेनु जनु साजी॥
  4. अमन अचल मन त्रोन समाना। सम जम नियम सिलीमुख नाना॥

प्रश्न 8.
निम्नलिखित शब्दों के तत्सम शब्द लिखिए
धीरज, सौरज, सील, छमा, ईस, बुधि, ताकत, जम।
उत्तर

  1. धैर्य
  2. शौर्य
  3. शील
  4. क्षमा
  5. ईश
  6. बुद्धि
  7. शक्ति
  8. यम।

प्रश्न 9.
पाठ में आए उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा अलंकार के अन्य उदाहरण छाँटकर लिखिए।
उत्तर
उपमा-अमन अचल मन त्रोन समाना। रूपक-महा अजय संसार रिपु, जीती सकइ सो बीर। उत्प्रेक्षा-प्राबिट जलद मरुत जनु प्रेरे।

युद्ध-गीता सम्पूर्ण पद्यांशों की व्याख्या

(1) चलेउ निसाचर कटकु अपारा। चतुरंगिनी अनी बहु धारा ।।
विविध भाँति बाहन रथ जाना। बिपुल पताका ध्वज नाना।

शब्दार्थ-निसाचर = राक्षस; कटकु = सेना; अपारा = संख्या में बहुत अधिक; चतुरंगिनी-चार प्रकार की-गज सेना, रथ सेना, घुड़सवार और पैदल सेना; अनी = सेना; बहु = अनेक, बहुत प्रकार के धारा = कतार; विविध भाँति = अनेक प्रकार के बाहन = सवारियाँ; बिपुल बहुत-सी; पताका = झण्डियाँ ध्वज = झण्डे; नाना = अनेक प्रकार के।

सन्दर्भ-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘भाषा-भारती’ के पाठ ‘युद्ध-गीता’ से अवतरित हैं। इनके रचियता-तुलसीदास हैं।

प्रसंग-रामचरितमानस के लंका काण्ड से उद्धृत इन पंक्तियों में राम और रावण के मध्य होने वाले युद्ध के लिए आने वाली सेनाओं का वर्णन किया गया है।

व्याख्या-राक्षसराज रावण की अपार सेना युद्धक्षेत्र की ओर चलने लगी। वह सेना चतुरंगिनी (गज, रथ, अश्व व पैदल सेना) थी और बहुत-सी कतारों में रावण की सेना चली जा रही थी। उस सेना में बहुत प्रकार के वाहन और रथ चले जा रहे थे। उन (वाहनों) पर बहुत प्रकार की पताकाएँ और ध्वज फहरा रहे थे।

(2) चले मत्त गज जूथ घनेरे। प्राबिट जल्द मरूत जनु प्रेरे॥
बरन बरन बिरंदैत निकाया। समर सूर जानहि बहु माया॥

शब्दार्थ-मत्त = मतवाले गज = हाथी; जूथ = झुण्ड, दल; घनेरे = बहुत से; प्राबिट = बरसात; जलद = बादल; मरुत = हवा; जनु = मानो; प्रेरे = प्रेरित किए जाकर; बरन बरन = वर्ण और आकार के बिरदैत = युद्धकला में चतुर (निपुण); निकाया = समूह; समर = युद्ध; सूर = योद्धा; माया = कपट।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-रावण की सेना की विपुलता और सैनिकों की युद्धवीरता का वर्णन किया गया है।

व्याख्या-रावण की सेना में मतवाले हाथियों के बहुत-से दल युद्ध क्षेत्र की ओर उसी तरह चले जा रहे थे मानो वर्षा ऋतु में हवा से प्रेरित बादलों का समूह चला आ रहा हो। विविध वर्ण के प्रसिद्ध योद्धाओं का समूह भी था। वे सभी युद्धवीर थे और अनेक प्रकार के युद्ध सम्बन्धी कपटपूर्ण चाल से परिचित थे।

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(3) अति विचित्र बाहिनी बिराजी। बीर बसंत सेतु जनु साजी।
चलत कटक दिगसिधुर दगही। छुअित पयोधि कुधर डगमगहीं॥

शब्दार्थ-विचित्र = अनोखा; बाहिनी = फौज, सेना; बिराजी = विराजमान है; साजी = सजाई है; कटक = सेना; दिगसिंधुर-दसों दिशाओं रूपी हाथी; पयोधि सागर; छुभित= क्षुब्ध होकर; कुधर = पर्वत, पहाड़।

सन्दर्भ-पूर्ववत्। प्रसंग-रावण की सेना का सुन्दर प्रस्तुतीकरण किया गया

व्याख्या-तुलसीदासजी कहते हैं कि लंकापति रावण की सेना बड़ी विचित्र है। रावण की सेना को देखकर ऐसा लगता है कि वीर बसंतराज ने अपनी सेना को सजाया हो। उनकी सेना के चलने से दसों दिशाओं रूपी हाथी डिगने लगे, सागर क्षुब्ध हो उठे तथा पर्वत डगमगाने लगे।

(4) उठी रेनु रबि गयऊ छपाई। मरुत थकित बसुधा अकुलाई॥
पनव निसान घोर रव बाजहिं। प्रलय समय के घन जनु गाजहिं॥

शब्दार्थ-रेनु धूल: रबि-सूर्य:गयऊछपाई-छिप गया; मरुत = हवा; थकित = थक गई; बसुधा – पृथ्वी; अकुलाई = व्याकुल हो गई; पनव = युद्ध भेरी का बाजा; निसान = नगाड़ा; रव = शोर; बाजहि = बजने लगे; घन = बादल; जनु = मानो; गाजहिं = गरज रहे हों।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-राक्षसराज रावण की शक्तिशाली सेना की विशालता का वर्णन किया गया है।

व्याख्या-लंका नरेश रावण की सेना युद्धक्षेत्र की ओर जब प्रयाण (प्रस्थान) कर रही थी, तब उसके चलने से जो धूल उठी, उससे सूर्य छिप गया। हवा भी थक गई, पृथ्वी भी व्याकुल होने लगी। रणभेरी और युद्ध के नगाड़े इस तरह बजने लगे मानो प्रलय के समय के बादल गरजना कर रहे हों।

(5) भेरति नफीरि बाज सहनाई। मारु राग सुभट सुखदाई॥
कहरि नाद बीर सब करहीं। निज निज बल पौरुष उच्चरहीं।

शब्दार्थ-नफीरि = तुरही; भेरति = भेरी बज रही है। सहनाई – शहनाई; बाज = बजाई जा रही है। मारु राग- युद्ध में योद्धाओं को उत्साहित करने के लिए बजाया जाने वाला मारु राग; सुभट = योद्धाओं को; सुखदाई = अच्छा लग रहा है; केहरि नाद = सिंह नाद (सिंह गर्जना);बीर = योद्धा; पौरुष = पुरुषार्थ;
उच्चरहीं = वर्णन कर रहे थे।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-रावण के योद्धाओं की शक्ति तथा रणकौशल का वर्णन किया जा रहा है।

व्याख्या-युद्धक्षेत्र के लिए प्रस्थान करती हुई रावण की विशाल सेना को प्रेरित करने के लिए तुरही और भेरी तथा शहनाई बज रही है। युद्धवीरों को अच्छा लगने वाला मारु राग बजाया जा रहा है। सभी योद्धा सिंह गर्जना कर रहे हैं। वे सभी अपने-अपने बल और पुरुषार्थ का बखान कर रहे हैं।

(6) कहड़ दसानन सुनु सुभट्टा। मर्दहु भालु कपिन्ह के ठट्टा।
हाँ मारिऊँ भूप द्वौ भाई। अस कहि सन्मुख फौज रेंगाई।
यह सुधि सकल कपिन्ह जब पाई। धाए करि रघुबीर दुहाई॥

शब्दार्थ-दसानन दश मुख वाला रावण; कहड़ = कहने लगा; सुनु = सुनो; सुभट्टा = अत्यधिक वीर, उत्तम वीर; मर्दहु – मसल दो; कपिन्ह, बन्दरों; ठट्टा = समूह; हौं = मैं; मारिऊँ = मारूंगा; भूप द्वौ भाई = राजा के पुत्र दोनों भाइयों को; अस = ऐसा; कहि-कहकर; सन्मुख = अपने ही सामने फौज-सेना; रेंगाई = आगे को बढ़ाया, सुधि = समाचार; सकल = सभी; कपिन्ह = बन्दरों ने धाए – दौड़ पड़े; दुहाई = पुकारना।

सन्दर्भ- पूर्व की तरह।

प्रसंग-रावण द्वारा अपनी विशाल सेना को आगे बढ़ने का आदेश दे दिए जाने पर, श्रीराम की वानर-सेना भी इस समाचार को सुनकर राम की दुहाई देकर युद्धक्षेत्र की ओर दौड़ पड़ी।

व्याख्या-दशमुखों वाले रावण ने कहा कि हे श्रेष्ठ वीरो ! आप सभी सुनें। आप सभी वानरों और भालुओं के समूह को मसल डालो। मैं, राजा के पुत्र दोनों भाइयों को मारूंगा। यह कहकर अपने सामने ही अपनी सेना को आगे बढ़ाया। यह समाचार सभी वानरों ने जब प्राप्त किया तो वे भी रघुवीर श्री रामचन्द्रजी की दुहाई देते हुए दौड़ पड़े।

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(7) धाए बिसाल कराल मर्कट भालु काल समान ते।
मानहुँ सपच्छ उडाहिं भूधर बूंद नाना बानते॥
नख दसन सैल महादुमायुध सबल संक न मानहीं।
जय राम राव मत्त गज मगराज सुजसु बखानहीं।

शब्दार्थ-धाए = दौड़ पड़े; बिसाल = बड़े आकार के कराल- भयंकर; मर्कट = बन्दर; ते वे; सपच्छ = पंख धारण कर; भूधर = पहाड़, पर्वत; बंद = समूह; नाना अनेक प्रकार केबान = तीर या विस्फोटक; नख = नाखून; दसन = दाँत; सैल = पर्वत; महादुमायुध = बड़े-बड़े वृक्ष रूपी हथियार; सबल = बलवान; संक-भय, सन्देह; मत्तगज मतवाला हाथी; मृगराज = सिंह; सुजसु- महान् यश का; बखानहीं = बखान करते हैं।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह। प्रसंग-पूर्व की तरह।

व्याख्या-बड़े आकार वाले भयंकर बन्दर और भालू दौड़ पड़े। वे काल के समान थे। मानो पंख धारण किए हुए पहाड़ों का समूह उड़ रहा हो। वे अनेक तरह के बाण इत्यादि (विस्फोटक) जैसे थे। वे नाखून, दाँत, पर्वत एवं बड़े-बड़े वृक्षों को युद्ध के हथियार रूप में धारण किए हुए थे, वे बलवान होने से बिल्कुल भी भयभीत नहीं होते थे। मतवाले हाथी के समान रावण के लिए मृगराज (सिंह) बने हुए श्रीराम की वे (वानर इत्यादि) जय-जयकार कर रहे थे तथा उनके अच्छे यश का (कीर्ति का) वर्णन कर रहे थे।

(8) दुहु दिसि जय-जयकार करि निज निज जोरी जानि।
भिरे बीत इत रामहि उत रावनहि बखानि॥

शब्दार्थ-दुहु दिसि = दोनों ओर; जोरी = जोड़ी; जानि = समझकर; भिरे-भिड़ बैठे; बीत = युद्ध समाप्त हो जाने के बाद: इत = इधर; उत = उधर; रावनहि = रावण (के गुणों का); बखानि = वर्णन कर रहे थे।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-पूर्व की तरह।

व्याख्या-दोनों ओर से ही (राम की ओर से तथा रावण की ओर से) जय-जयकार करके अपनी-अपनी जोड़ी का (बराबरी का) समझकर वे भिड़ गये (युद्ध करने में लग गये)। युद्ध के समाप्त हो जाने के बाद, इधर से राम की और उधर से रावण की विशेषताओं का वर्णन कर रहे थे।

(9) रावनु रथी बिरथ रघुवीरा। देखि विभीषन भयउ अधीरा ।।
अधिक प्रीति मन भा सन्देहा। बंदि वरन कह सहित सनेहा ।

शब्दार्थ-रथी = रथयुक्त; बिरथ – बिना रथ के भयउहो गया; अधीर = धैर्यहीन; प्रीति = प्रेम होने से; सन्देहा = शंका; बंदि= वन्दना करके; कह- कहने लगा; सहित सनेहा = प्रेमपूर्वक।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-युद्ध की सामग्री से रहित राम को देखकर विभीषण बहुत ही अधीर होने लगा।

व्याख्या-युद्ध के मैदान में लंका नरेश रावण रथयुक्त था जबकि श्रीरामचन्द्रजी रथ से रहित थे। विभीषण ने जब इस तरह श्रीरामजी को बिना रथ के देखा तो वह अधीर हो उठे। विभीषण श्रीराम जी से बहुत अधिक प्रेम करते थे। प्रेम की अधिकता होने के कारण विभीषण के मन में सन्देह हो उठा। (सन्देह इस बात का कि श्रीरामचन्द्रजी युद्ध में रावण पर विजय प्राप्त नहीं कर सकेंगे।) वह विभीषण उनके (श्रीरामचन्द्रजी के) चरणों की वन्दना करके प्रेमपूर्वक कहने लगा।

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(10) नाथ न रथ नहिं तन पद जाना।
केहि बिधि जितब बीर बलवाना ।।
सुनहु सखा कह कृपा निधाना।
जेहिं जय होइ सो स्यंदन आना ॥

शब्दार्थ-तन = शरीर; पद = पैर;त्राना = रक्षक, बचाव करने वाला कवच इत्यादि केहि बिधि-किस प्रकार से;जितबजीत प्राप्त कर सकोगे; बीर बलवाना = (रावण) अत्यन्त वीर है और शक्तिशाली है; आना = अन्य या दूसरा; स्यंदन = रथ।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-रावण के शक्तिशाली होने पर विभीषण इस चिन्ता से युक्त हैं कि श्रीरामचन्द्रजी युद्ध के साधनों से रहित होकर किस तरह युद्ध में जीत प्राप्त करेंगे।

व्याख्या-विभीषण श्रीरामचन्द्रजी से कहते हैं कि हे मेरे स्वामी! आपके पास युद्ध करने के लिए रथ नहीं है, शरीर और पैरों की सुरक्षा के लिए कवच इत्यादि भी नहीं है। उस वीर और बलवान रावण को आप किस तरह जीत सकोगे। कृपानिधान श्रीरामचन्द्र जी ने कहा कि हे मेरे मित्र (विभीषण) सुनो। जिस रथ से विजय प्राप्त होती है, वह रथ तो दूसरा ही होता है।

(11) सौरज धीरज तेहि रथ चाका।
सत्य सील दृढ़ ध्वजा पताका॥
बल बिबेक दम परहित घोरे।
छमा कृपा समता रजु जोरे ॥

शब्दार्थ-सौरज = शौर्य; धीरज = धैर्य; तेहि = जिसमें; चाका = पहिये; दृढ़ = मजबूत; ध्वजा = झण्डा; पताका = झण्डियाँ; घोरे = घोड़े; रजु रस्सी; जोरे = जोते हुए हैं।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-विजय प्राप्त करने के रथ की विशेषताओं का उल्लेख श्रीरामचन्द्र जी कर रहे हैं।

व्याख्या-जिस रथ में शौर्य और धैर्य रूपी पहिए लगे हुए हैं,सत्य और शील की मजबूत ध्वजा और पताकाओं से जिस रथ को सजाया गया है, बल, विवेक, दम तथा दूसरों की भलाई करने की भावना के घोड़ों को, क्षमा, कृपा और समानता की रस्सी से जोता गया है। उस रथ से विजय प्राप्त होती है।

(12) ईस भजन सारथी सजाना। बिरति चर्म संतोष कृपाना॥
दान परसु बुधि सक्ति प्रचंडा। बर विग्यान कठिन कोदंडा॥

शब्दार्थ-ईस-ईश्वर भजनु भजन करना;सारथी-रथ हाँकने वाला; बिरति = विरक्ति, वैराग्य; चर्म = ढाल कृपाना। कृपाण, तलवार; परसु = फरसा; प्रचंडा = तीव्र बर = श्रेष्ठ, विग्यान = विज्ञान ही; कठिन = कठोर; कोदंडा = धनुष।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-बाहरी और भीतरी शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के उपाय बताए गए हैं।

व्याख्या-श्रीरामचन्द्रजी विभीषण को उपदेश देते हैं कि ईश्वर का भजन, श्रेष्ठ ज्ञान से युक्त सारथी, वैराग्य की बाल, सन्तोष की तलवार, दान का फरसा, तेज बुद्धि से युक्त शक्ति, श्रेष्ठ विज्ञान रूपी कठोर धनुष विजय प्राप्त करने के साधन हैं।

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(13) अमल अचल मन त्रोन समाना।
सम जम नियम सिलीमुख नाना॥
कवच अभेद बिन गुर पूजा।
एहि सम बिजय उपाय न दूजा॥
सखा धर्मरथ अस रथ जाकें।
जीतन कहँ न कतहुँ रिपु ताकें।

शब्दार्थ-अमल = निर्मल, पापरहित; अचल = स्थिर; त्रोन = तरकस; जम = यम; सम = शम; सिलीमुख = बाण; नाना = अनेक; अभेद = न टूट सकने वाला; बिप्र = ब्राह्मण; एहि सम = इसके समान; दूजा = दूसरा, अन्य; सखा = मित्र; अस = ऐसा, इस प्रकार का; जाकें = जिसके पास; जीतन कहाँ न कहाँ विजय प्राप्त नहीं करता कतहुं रिपु ताकें = उसके कितने ही शत्रु हो सकते हैं।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह। प्रसंग-पूर्व की तरह।

व्याख्या-श्रीरामचन्द्रजी ने विभीषण को बताया कि जिसके पापरहित (निर्मल) और स्थिर मन रूपी तरकस में शम, यम, नियम के अनेक बाण हैं; ब्राह्मण और गुरु की पूजा रूपी अभेद्य कवच जिसके पास है, तो इनके समान विजय प्राप्त करने का कोई भी दूसरा उपाय नहीं है। हे मित्र ! जिसके पास धर्मरथ रूपी ऐसा रथ है, तो वह कहाँ विजय प्राप्त नहीं करता ? चाहे, उसके कितने ही शत्रु क्यों न हों ? अर्थात् उसे सभी जगह विजय प्राप्त होती है।

(14) महा अजय संसार रिपु जीती संकइ सो बीर।
जाके अस रथ होइ दृढ़, सुनहु सखा मतिधीर ॥
सुनि प्रभु बचन बिभीषण हरषि गहे पद कंज।
ऐहि मिस मोहि उपदेसेहु राम कृपा सुख पुंज ॥

शब्दार्थ-अजय = न जीते जाने योग्य, अजेय; रिपु = दुश्मन, शत्रु; जीत सकई = जीत सकता है; सो = वहीं; जाकें = जिसका; दृढ़ = मजबूत; मतिधीर = धैर्ययुक्त बुद्धि वाला; हरषि = प्रसन्न होकर; गहे = पकड़ लिए; पद कंज = कमल जैसे चरणों को; ऐहि = इसके; मिस = बहाने से; मोहि = मुझको; उपदेसेहु – उपदेश दिया; कृपा = कृपा करके; सुखपुंज = सुख समूह, सुखराशि।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-श्रीरामचन्द्रजी के उपदेश को सुनकर विभीषण स्वयं को अत्यन्त सुखी अनुभव करने लगा।

व्याख्या-श्रीरामचन्द्रजी ने विभीषण को सम्बोधित करते हुए कहा कि हे धैर्यशाली बुद्धि वाले मेरे मित्र तुम सुनो ! जिसके पास ऐसा (ऊपर की पंक्तियों में बताया गया) मजबूत धर्म रथ होता है, वही वीर इस बहुत बड़े अजेय संसार रूपी दुश्मन को जीत सकता है। – प्रभु श्रीरामचन्द्रजी के वचनों को सुनकर प्रसन्न होकर कमल के समान उनके (श्रीराम के) चरणों को पकड़ लिया। (और कहने लगा कि) हे सुखराशि राम ! आपने इसी बहाने से मुझे उपदेश देकर बड़ी कृपा की है।

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MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 14 गुणनखंडन Ex 14.2

MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 14 गुणनखंडन Ex 14.2

प्रश्न 1.
निम्नलिखित व्यंजकों के गुणनखण्ड कीजिए –

  1. a2 + 8a + 16
  2. p2 – 10p + 25
  3. 25m2 + 30m + 9
  4. 49y2 + 84yz + 36z2
  5. 4x2 – 8x + 4
  6. 121b2 – 88bc + 16c2
  7. (l + m)2 – 4lm
  8. a4 + 2a2b2 + b4

हल:
1. a2 + 8a + 16 = (a)2 + 2 x a x 4 + (4)2
[∴ a2 + 2ab + b2 = (a + b)2]
= (a + 4)2

2. p2 – 10p + 25 = (p)2 – 2 x p x 5 + (5)2
[∴ a2 – 2ab + b2 = (a – b)]
= (p – 5)2

3. 25m2 + 30m + 9 = (5m)2 + 2 x 5m x 3 + (3)2
= (5m + 3)2

4. 49y2 + 84yz + 36z2
= (7y)2 + 2 x 7y x 6z + (6z)2
= (7y + 6z)2

5. 4x2 – 8x + 4 = (2x)2 – 2 x 4x × 2 + (2)2
= (2x – 2)2

6. 121b2 – 88bc + 16c2
= (11b)2 – 2 x 11b x 4c + (4c)2
= (11b – 4c)

7. (l + m)2 – 4lm = l2 + 2lm + m2 – 4lm
= l2 – 2lm + m2
= (l)2 – 2 x 1 x m + (m)2 = (1 – m)

8. a4 + 2a2b2 + b4 = (a2)2 + 2 x a2 x b2 + (a)2
= (a + b)2

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प्रश्न 2.
गुणनखण्ड कीजिए –

  1. 4p2 – 9q2
  2. 63a2 – 112b2
  3. 49x2 – 36
  4. 16x5 – 144x3
  5. (l + m)2 – (l – m)
  6. 9x2y2 – 16
  7. (x2 – 2xy +y2) – z2
  8. 25a2 – 4b2 + 28bc – 49c2

हल:
1. 4p2 – 9q2
a2 – b2 = (a – b) (a + b)
4p2 – 9q2 = (2p)2 – (3q)2
= (2p – 3q) (2p + 3q)

2. 63a2 – 112b2 = 7 (9a2 – 16b2)
= 7 {(3a)2 – (4b)2}
= 7 (3a – 4b) (3a + 4b)

3. 49x2 – 36 = (7x)2 – (6)2
= (7x – 6) (7x + 6)

4. 16x5 – 144x3 = 16x3 (x2 – 9)
= 16x3 (x2 – 32)
= 16x3 (x – 3) (x + 3)

5. (l + m)2 – (l – m) = [(l + m) – (l – m)][(l + m) – (l – m)]
= (l + m – 1 + m) (l + m + l – m)
= 2m x 2l = 4lm

6. 9x2y2 – 16 = (3xy)2 – (4)2
= (3xy – 4) (3xy + 4)

7. x2 – 2xy + y2 – z2 = (x – y)2 – z2
= [(x – y) – z] [(x – y) + z]
= (x – y – z) (x – y + z)

8. 25a2 – 4b2 + 28bc – 49c2
= 25a2 – (4b2 – 28bc + 49c2)
= 25a2 – [(2b)2 – 2 x 26 x 7c + (7c)2]
= (5a)2 – (2b – 7c)2
= [5a – (2b – 7c)] [5a + (2b – 7c)]
= (5a – 25 + 7c) (5a + 2b – 7c)

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित व्यंजकों के गुणनखण्ड कीजिए –

  1. ax2 + bx
  2. 7p2 + 21q2
  3. 2x2 + 2xy2 + 2xz2
  4. am2 + bm2 + bn2 + an2
  5. (lm + 1) + m + 1
  6. y (y + z) + 9 (y + z)
  7. 5y2 – 20y – 8z + 2yz
  8. 10ab + 4a + 5b + 2
  9. 6xy – 4y + 6 – 9x.

हल:
1. ax2 + bx = x (ax + b)

2. 7p2 + 21q2 = 7 (p2 + 3q2)

3. 2x2 + 2xy2 + 2xz2 = 2x (x2 + y2 + z2)

4. amv + bm2 + bn2 + an2
= (am2 + bm2) + (bn2 + an2)
= m2 (a + b) + n2 (b+ a)
= (a + b) (m2 + n2)

5. (lm + 1) + m + 1 = 1(m + 1) + 1 (m + 1)
= (m + 1) (1 + 1)

6. y (y + z) + 9 (y + z) = (y + z) (y + 9)

7. 5y2 – 20y – 8z + 2yz
= (5y2 – 20y) + (2yz – 8z)
= 5y (y – 4) + 2z (y – 4).
= (y – 4) (5y + 2z)

8. 10ab + 4a + 56+2
= (10ab + 5b) + (4a + 2)
= 5b (2a + 1) + 2 (2a + 1)
= (2a + 1) (5b + 2)

9. 6xy – 4y + 6 – 9x
= (6xy – 4y) – (9x – 6)
= 2y (3x – 2) – 3 (3x – 2)
= (3x – 2) (2y – 3)

प्रश्न 4.
गुणनखण्ड कीजिए –

  1. a4 – b4
  2. p4 – 81
  3. x4 (y + z)4
  4. x4 – (x – z)4
  5. a2 – 2a2b2 + b4

हल:
1. a4 – b4 = (a2)2 – (b2)2
= (a2 + b2) (a2 – b2)
= (a2 + b2) (a + b) (a – b)

2. p4 – 81 = (p2)2 – (9)2
= (p2 + 9) (p2 – 9)
= (p2 + 9) (p + 3) (p – 3)

3. x4 – (y + z)4 = (x2)2 – [(y + 2)2]2
= [x2 – (y + z)2] [x2 + (y + z)2]
= [x – (y + z)] [x + (y + z)] [x2 + (y + z)2]
= (x – y – z) (x + y + z) [x2 + (y + z)2]

4. x4 – (x – z)4 = (x2)2 – [(x – z)2]2
= [x2 – (x – z)2] [x2 + (x – z)]
= [x – (x – z)] [x + (x – z)] [x2 + (x2 – 2x2 + z2)] = (x – x + z) (x + x – z)(2x2 – 2xz + z2)
= z(2x – z) (2x2 – 2xz + z2)

5. a4 – 2a2b2 + b2 = (a2)2 – 2 x a2 x b2 + (b2)2
= [a2 – b2]2
= [(a – b) (a + b)]2
= (a – b)2 (a + b)2

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प्रश्न 5.
निम्नलिखित व्यंजकों के गुणनखण्ड कीजिए –

  1. p2 + 6p + 8
  2. q2 – 10q + 21
  3. p2 + 6p – 16

हल:
1. P2 + 6p + 8 = p2 + (4 + 2) p + 8
(∴8 = 4 x 2)
= p2 + 4p + 2p +8
= p (p + 4) + 2 (p + 4)
= (p + 4) (p + 2)

2. q2 – 10q + 21 = q2 – (7 + 3) q + 21
(∴ 21 = 3 x 7)
=q2 – 7q – 3q + 21
= q(q – 7) – 3 (q – 7)
= q (q – 7) (q – 3)
= (q – 3) (q – 7)

3. p2 + 6p – 16 = p2 + (8 – 2)p – 16
(∴ 16 = 8 x 2)
= p2 + 8p – 2p – 16
= p (p + 8) – 2 (p + 8)
= (p + 8) (p – 2)

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या # 234

प्रयास कीजिए (क्रमांक 14.2)

प्रश्न 1.
भाग दीजिए –

  1. 24xy23z3 को 6yz2 से
  2. 63a2b4c6 को 7a2b2c3 से।

हल:
1. 24xy2z3 + 6yz2
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 14 गुणनखंडन Ex 14.2 img-1
= 4xyz

2. 63a2b4c6 ÷ 7a2b2c3
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 14 गुणनखंडन Ex 14.2 img-2
= 9b2c3

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MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 15 महेश्वर

MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 15 महेश्वर

महेश्वर बोध प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ शब्दकोष से खोजकर लिखिए
उत्तर
संस्कृति = आचरणगत परम्परा, प्राचीन सभ्यता; पुराविद् = प्राचीन इतिहास आदि विषयों की जानकारी रखने वाला; सर्वतोन्मुखी = सभी तरह का प्रागैतिहासिक = इतिहास लिखे जाने से भी पहले के इतिहास से सम्बन्धित फलकपटल, तख्ता; अलंकरण = सजावट, पुरातात्विक = पुरातत्व सम्बन्धी उत्तरदायित्व-जिम्मेदारी; पाषाण पत्थर खननखुदाई: अवशेष = शेष भाग, वह जो बचा रहे।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में लिखिए
(क) महेश्वर का प्राचीन नाम क्या है?
उत्तर
महेश्वर का प्राचीन नाम माहेश्वरी अथवा माहिष्मती

(ख) महेश्वर मध्य प्रदेश के किस जिले में स्थित है?
उत्तर
महेश्वर मध्य प्रदेश के इन्दौर जिले में स्थित है। यह इन्दौर से लगभग 105 किलोमीटर दूर है।

(ग) महेश्वर की खुदाई में किस प्रकार की वस्तुएँ प्राप्त
उत्तर
महेश्वर की खुदाई में पुरातात्विक महत्त्व की अनेक वस्तुएँ और अवशेष प्राप्त हुए हैं।

(घ) हैहय साम्राज्य की स्थापना किसने की थी?
उत्तर
हैहय साम्राज्य की स्थापना कीर्तिवीर्य सहस्रार्जुन ने की थी।

(ङ) नर्मदा के तट पर किला और शिव का मन्दिर किसने बनवाया था?
उत्तर
नर्मदा के तट पर किला और शिव का मन्दिर महारानी अहिल्याबाई ने बनवाया था।

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से लिखिए
(क) सहस्त्रार्जुन के वध का क्या कारण था ?
उत्तर
महेश्वर नगर को सूर्यवंशी राजा मान्धाता ने बसाया था। उनके बाद इस नगर पर कीर्तिवीर्य सहलार्जुन ने अपना आधिपत्य जमा लिया था। उसका साम्राज्य हैहय कहलाया और इस नगर को अपने साम्राज्य की राजधानी बनाया था। सहस्त्रार्जुन ने परशुराम जी के पिता ऋषि जमदग्नि का वध कर दिया। इसका बदला लेने के लिए भगवान परशुराम ने सहस्रार्जुन का अन कर दिया। इसके बाद यह स्थान इतिहास के गर्त में खो गया।

(ख) महारानी अहिल्याबाई के किन-किन कार्यों से । महेश्वर प्रसिद्ध हुआ?
उत्तर
इन्दौर की महारानी अहिल्याबाई ने महेश्वर को एक बार फिर से प्रसिद्धि प्रदान की। उन्हें यह स्थान बहुत ही प्रिय था।
उन्होंने इस स्थान पर नर्मदा के तट पर एक किला और भगवान शिव का विशाल मन्दिर बनवाया। यहाँ स्थित पवित्र शिवलिंग महेश्वर के नाम से प्रसिद्ध है। मन्दिर में महारानी अहिल्याबाई द्वारा प्रज्वलित अखण्डदीप में यहाँ आने वाला प्रत्येक दर्शनार्थी घी डालकर स्वयं को धन्य समझता है। महेश्वर धार्मिक, पौरानिक, पुरातात्विक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक सम्पदा से सम्पन्न है। महारानी अहिल्याबाई ने मराठों के शासनकाल में यहाँ सुन्दर घाटों, मन्दिरों, धर्मशालाओं तथा भवनों का निर्माण कराया। इस काल में महेश्वर का सर्वतोन्मुखी विकास हुआ। यह नगर रेशमी – साड़ियों के निर्माण के लिए भी बहुत प्रसिद्ध है।

(ग) महारानी अहिल्याबाई को ‘लोकमाता’ के रूप में क्यों याद किया जाता है?
उत्तर
महारानी अहिल्याबाई ने महेश्वर नगर का सर्वतोन्मुखी विकास कराया। उन्होंने ही इसे प्रसिद्धि प्रदान करने के लिए महान् से महान् कार्य किए। नर्मदा के तटों पर सुन्दर घाटों का और मन्दिरों का निर्माण कराया। यहाँ का किला और शिवमन्दिर बहुत ही विशाल है। इस मन्दिर में दीप ज्योति निरनार जलती रहती है। इस दीप को महारानी अहिल्याबाई ने स्वयं प्रज्ज्वलित किया था। यहाँ पर देवदर्शन के लिए आने वाला प्रत्येक दर्शनार्थी परम शान्ति का अनुभव करता है। लोग प्रात: व सायं पवित्र जल वाली नर्मदा में स्नान करके नर नारी आरती की मधुर ध्वनि’ॐ नमः शिवाय:’ के मन्त्र में डूब से जाते हैं। यहाँ का वातावरण पवित्र है। यह प्राकृतिक सौन्दर्य से भरा है एवं मनोहारी है। इस सबके लिए वे महारानी अहिल्याबाई के ऋणी हैं। इसलिए उनें लोग ‘लोकमाता’ के रूप में मानते हैं।

(घ) पाषाणकालीन सभ्यता के लोग अपना जीवन किस प्रकार व्यतीत करते थे?
उत्तर
नर्मदा नदी की घाटी में पाषाणकालीन सभ्यता के पत्थर से निर्मित औजार मिले हैं। प्रागैतिहासिक काल के पुरा-अवशेषों से पता चलता है कि उस समय यहाँ के लोग घास-फूस के झोंपड़ों में या पेड़ों पर बने घरों में रहते थे। उस समय की पाई गई वस्तुओं में लाल और काले रंग के मिट्टी के बर्तनों और घड़ों के टुकड़े प्रमुख हैं। सम्भवतः वे अपनी सुरक्षा की दृष्टि से पेड़ों पर या ऊँची जमीन पर अपने घर बनाते थे। यह भी सत्य है कि पापणकाल के लोग नदियों, तालाबों आदि के किनारे ही असते रहे हैं, क्योंकि इन स्थानों पर उनकी आवश्यकता की सारी वस्तुएँ आसानी से प्राप्त हो जाती थी।

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प्रश्न 4.
रिक्त स्थानों की पूर्ति उचित शब्दों द्वारा कीजिए
नर्मदा, रेशम, पुरातात्विक, महेश्वर।
(क) महेश्वर की खुदाई में ……. महत्व की वस्तुएँ
(ख) महारानी अहिल्याबाई ने ……… में किला और शिव मन्दिर बनवाया था।
(ग) महेश्वर की बनी ….. की साड़ियाँ प्रसिद्ध हैं।
(घ) महेश्वर ……….. नदी के किनारे बसा है।
उत्तर
(क) पुरातात्विक
(ख) महेश्वर
(ग) रेशमी
(घ) नर्मदा

महेश्वर भाषा-अध्ययन

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों का शुद्ध उच्चारण कीजिए और वाक्यों में प्रयोग कीजिए
आशीवाद, सहस्रार्जुन, संस्कृति, ऋषि, जमदग्नि, दर्शनार्थी, प्रज्ज्वलित, पुरातात्विक।
उत्तर
विद्यार्थी उपर्युक्त शब्दों को वीक-ठीक पढ़कर उनका शुद्ध उच्चारण करने का अभ्यास करें।
वाक्य-प्रयोग-

  1. देवदर्शन करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
  2. सहस्त्रार्जुन ने ऋषि जमदग्नि का वध कर दिया था।
  3. भारतीय संस्कृति पूरे संसार में अपना प्रभाव जमाए
  4. ऋषि धौम्य महान् त्यागी और लोकरंजक थे।
  5. जमदग्नि, भगवान परशुराम के पिता थे।
  6. शिव मन्दिर में दर्शनार्थियों की भीड़ लगी रहती है।
  7. गाँवों में सायंकाल को घर-घर में दीप प्रज्ज्वलित किए जाते हैं।
  8. महेश्वर पुरातात्विक महत्त्व का नगर है।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों का समास-विग्रह करके, उनके सामने समास का नाम लिखिए.
लोकमाता, मधुर ध्वनि, नर-नारी, विशाल मन्दिर, अखण्ड दीप, महारानी।
उत्तर
MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 15 महेश्वर 1
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प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों में प्रयुक्त उपसर्ग छाँटकर लिखिए
अखण्ड, अवशेष, प्रसिद्ध, अनुशासन, विज्ञान।
उत्तर
MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 15 महेश्वर 3

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों के सन्धि-विच्छेद कीजिए और उनके सामने सन्धि का नाम लिखिए
महेश्वर, मनोहर, आशीर्वाद, दर्शनार्थी।
उत्तर
MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 15 महेश्वर 4

प्रश्न 5.
निम्नलिखित वाक्यों में से उद्देश्य और विधेव छाँटकर लिखिए
(क) इन्दौर की महारानी अहिल्याबाई ने सुन्दर घाटों, मन्दिरों और धर्मशालाओं का निर्माण कराया था।
(ख) पाषाणकालीन सभ्यता के औजार नर्मदा के घाटों को खुदाई में मिले हैं।
(ग) महेश्वर की सिल्क साड़ियाँ बहुत प्रसिद्ध है।
उत्तर
MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 15 महेश्वर 5
MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 15 महेश्वर 6

प्रश्न 6.
सही जोड़ी बनाइए
MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 15 महेश्वर 7
MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 15 महेश्वर 8
उत्तर
(क) → (2), (ख) → (3), (ग) → (5), (घ)→ (1), (ङ)→(4)

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प्रश्न 7.
प्रधानाध्यापक को एक पत्र लिखिए, जिसमें महेश्वर दर्शनीय स्थल पर भ्रमण-दल ले जाने का अनुरोध कीजिए।
उत्तर
विद्यार्थी स्वयं लिखें।

महेश्वर परीक्षोपयोगी गद्यांशों की व्याख्या  

(1) महेश्वर धार्मिक, पौराणिक, पुरातात्विक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक सम्पदा से सम्पन्न है। यहाँ नर्मदा – घाटी में पाषाणकालीन सभ्यता के औजार मिले हैं। प्रागैतिहासिक काल के पुरा-अवशेषों से पता चलता है कि उस समय यहाँ के लोग घास-फूस के झोंपड़ों में या पेड़ों पर बने घरों में रहते थे। उस समय की पाई गई वस्तुओं में लाल और काले रंग के मिट्टी के बरतनों और घड़ों के टुकड़े प्रमुख हैं। ईसा पूर्व की चौथी सदी से लेकर पहली सदी तक का समय महेश्वर के इतिहास में महत्त्वपूर्ण है। इस समय के भवनों के अवशेष यहाँ मिले हैं। इन भवनों में ईंटों का प्रयोग किया गया

शब्दार्थ-पुरातात्विक पुरातत्व सम्बन्धी ऐतिहासिक इतिहास सम्बन्धी; सम्पदा = सम्पत्ति; सम्पन्न – युक्त, सहित; प्रागैतिहासिक = लिखित इतिहास से पहले के इतिहास से सम्बन्धित काल-युग,समय;पुरा-प्राचीन काल के अवशेष = वह जो बचा रहे, शेष भाग;
प्रमुख = मुख्य भवनों = घरों।

सन्दर्भ-प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘भाषा-भारती’ के पाठ ‘महेश्वर’ से अवतरित है।

प्रसंग-नर्मदा घाटी के महेश्वर नगर की प्रागैतिहासिक संस्कृति के विषय में वर्णन किया गया।

व्याख्या-महेश्वर नगर धर्म और पुराण सम्बन्धी सम्पदा से युक्त स्थान है। यह पुरातत्व सम्बन्धी, प्राचीन आचार-विचार सम्बन्धी एवं इतिहास से सम्बन्ध रखने वाली सम्पत्ति से भरपूर स्थान है। यह नर्मदा नदी के किनारे स्थित है। इस नदी की घाटी में पत्थर के युग (पाषाण युग) की सभ्यता से सम्बन्ध रखने वाले औजार प्राप्त हुए हैं। इतिहास लिखे जाने की पद्धति से भी पूर्व के इतिहास सम्बन्धी समय (युग) के अति प्राचीन शेष भाग से ज्ञात होता है कि उस समय में वहाँ के रहने वाले लोग घास और फंस से बनाए गए झोंपड़ों में रहते थे अथवा वे लोग उन घरों में रहते थे जो पेड़ों पर बनाए जाते थे। ये स्थान वे हैं जब लोग अपनी सुरक्षा के लिए पेड़ों पर अपने निवास बनाते थे। नगरीय सभ्यता या गाँवों में सामूहिक रूप में रहने की सभ्यता का उस समय तक विकास नहीं हुआ था। उस युग की पाई जाने वाली वस्तुओं में लाल और काले रंग के मिट्टी के बरतन तथा घड़ों के टुकड़ें मुख्य हैं। महेश्वर नगर का इतिहास ईसा पूर्व की चौथी सदी से लेकर पहली सदी तक अति महत्त्वपूर्ण है। उस काल के भवनों के खण्डहर अभी तक अवशेष के रूप में प्राप्त हुए हैं। इन भवनों का निर्माण ईंटों से किया गया है। .

(2) मराठों के शासनकाल में महारानी अहिल्याबाई ने यहाँ सुन्दरघाटों, मन्दिरों, धर्मशालाओं तथा भवनों का निर्माण कराया। उनके काल में महेश्वर का सर्वतोन्मुखी विकास हुआ। एक बार तो मैं भूला ही जा रहा था। यहाँ की बनी रेशमी साड़ियाँ महेश्वरी साड़ियों के नाम से प्रसिद्ध हैं। महेश्वर के बारे में जितना भी लिखू कम

शब्दार्थ-निर्माण कराया = बनवाये; सर्वतोन्मुखी = सभी तरह का; विकास = बढ़ोत्तरी।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-महारानी अहिल्याबाई के द्वारा महेश्वर नगर में कराए गए विकास कार्यों के बारे में बताया गया है।

व्याख्या-मराठों के शासन काल में जो निर्माण कार्य यहाँ किया गया है, वह बेजोड़ था। महारानी अहिल्याबाई ने नर्मदा नदी के घाटों, मन्दिरों तथा धर्मशालाओं का निर्माण कराया। इसके अलावा यहाँ बहुत ही अच्छे भवनों का निर्माण किया गया। महेश्वर नगर में अपने शासन काल में सभी तरह के विकास का कार्य किया गया। लेखक यहाँ बताना नहीं भूला है कि यहाँ पर रेशम की बनी साड़ियाँ बहुत अच्छी होती हैं। इन साड़ियों को महेश्वरी साड़ियाँ कहते हैं। महेश्वर नगर के विषय में जितना भी | लिखा जाय, वह कम ही है।

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MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.3

MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.3

Question 1.
Draw the graphs for the following tables of values, with suitable scales on the axes.
(a) Cost of apples
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.3 1
(b) The horizontal line x-axis shows the time (in hours) and vertical line y-axis shows the distance (in km).
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.3 2
(i) How much distance did the car cover during the period 7.30 a.m. to 8 a.m.?
(ii) What was the time when the car had covered a distance of 100 km since it’s start?
(c) interest on deposits for a year.
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.3 3
(i) Does the graph pass through the origin?
(ii) Use the graph to find the interest on ₹ 2500 for a year.
(iii) To get an interest of ₹ 280 per year, how much money should be deposited?
Solution:
(a) The horizontal line x-axis shows the number of apples and vertical line y-axis shows the cost (in ₹) of apples.
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.3 4
(b) The horizontal line x-axis shows the time (in hours) and vertical line y-axis shows the distance (in km).
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.3 5
(i) The total distance covered by the car during the period 7.30 a.m. to 8 a.m. is (120 – 100) = 20 km.
(ii) At 7.30 a.m.car had covered a distance of 100 km since its start.
(c) The horizontal line x-axis shows deposit (in ₹) and vertical line y-axis shows simple interest (in ₹)
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.3 6
(i) Yes, graph passes through the origin.
(ii) Interest on ₹ 2500 is ₹ 200.
(iii) To get an interest of ₹ 280 per year, ₹ 3500 should be deposited.

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Question 2.
Draw a graph for the following
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.3 7
Is it a linear graph?
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.3 8
Solution:
(i) The horizontal line x-axis shows a side of square (in cm) and the vertical line y-axis shows a perimeter (in cm).
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.3 9
Yes, it is a linear graph.
(ii) The horizontal line x-axis shows a side of a square (in cm) and the vertical line y-axis shows an area (in cm2).
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.3 10
No, it is not a linear graph.

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MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.2

MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.2

Question 1.
Plot the following points on a graph sheet. Verify if they lie on a line
(a) A(4, 0), B(4, 2), C(4, 6), D(4, 2.5)
(b) P(1, 1), Q(2, 2), R(3, 3), S(4, 4)
(c) K(2, 3), L(5, 3), M(5, 5), N(2, 5).
Solution:
(a) A(4, 0), B(4, 2), C(4, 6), D(4, 2.5)
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.2 1
Yes, above all points lie on the same line,

(b) P(1, 1), Q(2, 2), R(3, 3), S(4, 4).
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.2 2
Yes, above all points lie on the same line.

(c) K(2, 3), L(5, 3), M(5, 5), N(2, 5).
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.2 3
No, above all points do not lie on the same line.

Question 2.
Draw the line passing through (2, 3) and (3, 2). Find the coordinates of the points at which this line meets the x-axis and y-axis.
Solution:
After drawing a graph the line passing through (2, 3) and (3, 2), then the co-ordinates of the points which meets the x-axis and y-axis are at (5, 0) and (0, 5) respectively.
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.2 4

MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.2

Question 3.
Write the coordinates of the vertices of each of these adjoining figures.
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.2 5
Solution:
After observing a graph we find that O(0, 0), A(2, 0), B(2, 3), C(0, 3), P(4, 3), Q(6,1), R(6, 5), S(4, 7), L(7, 7), M(10, 8), K(10, 5).

Question 4.
State whether True or False. Correct that are false.
(i) A point whose x-coordinate is zero and y-coordinate is non-zero will lie on the y-axis.
(ii) A point whose y-coordinate is zero and x-coordinate is 5 will lie on y-axis.
(iii) The coordinates of the origin are (0, 0).
Solution:
(i) True
(ii) False, because it will lie on x-axis.
(iii) True.

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MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 7 Cube and Cube Roots Ex 7.2

MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 7 Cube and Cube Roots Ex 7.2

Question 1.
Find the cube root of each of the following numbers by prime factorisation method.
(i) 64
(ii) 512
(iii) 10648
(v) 15625
(vi) 13824
(vii) 110592
(viii) 46656
(ix) 175616
(x) 91125
Solution:
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 7 Cube and Cube Roots Ex 7.2 1
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 7 Cube and Cube Roots Ex 7.2 2
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 7 Cube and Cube Roots Ex 7.2 3
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 7 Cube and Cube Roots Ex 7.2 4
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 7 Cube and Cube Roots Ex 7.2 9
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 7 Cube and Cube Roots Ex 7.2 6
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 7 Cube and Cube Roots Ex 7.2 7
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Question 2.
State true or false.
(i) Cube of any odd number is even.
(ii) A perfect cube does not end with two zeros.
(iii) If square of a number ends with 5, then its cube ends with 25.
(iv) There is no perfect cube which ends with 8.
(v) The cube of a two digit number may be a three digit number.
(vi) The cube of a two digit number may have seven or more digits.
(vii) The cube of a single digit number may be a single digit number.
Solution:
(i) False
Because the cube of any odd number is odd.

(ii) True
Because to make a perfect cube, we need each and every factor to occur three times in a group.
So, we need 3, 6, 9, …. zeros to make a perfect cube.

(iii) False
152 = 225, which ends with 5.
and 153 = 3375, which ends with 75.

(iv) False
∵ 123 = 1728, which ends with 8.

(v) False
∵ 103 = 1000, where 10 is the smallest two digit number, and its cube contains 4 digits.

(vi) False
∵ 993 = 970299, where 99 is the largest two digit number and its cube contains 6 digits.

(vii) True
∵ 13 = 1, Which is a single digit number.

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Question 3.
You are told that 1,331 is a perfect cube. Can you guess without factorisation what is its cube root? Similarly, guess the cube roots of 4913, 12167, 32768.
Solution:
The given number is 1331.
Step-1: Start making groups of three digits starting from the right most digit of the, number we get 331 and 1 as two groups of three and one digits.
Step-2: First group, i.e., 331 will give the one’s digit (unit’s) of the required cube root. The number 331 ends with 1. We know that 1 comes at the unit’s place of a number only
when its cube root ends in 1.
So, we get 1 at the unit’s place of the cube root.
Step-3: Now take another group, i.e., 1
We know that 13 = 1 and 23 = 8. Also 1 ≤ 1 ≤ 8. We take the smaller number 1 as the ten’s place of the required cube root. So, we get
\(\sqrt[3]{1331}=11\)
Cube root of 4913
Step-1: Forming groups of three digits starting ’ from the right most digit of 4913 we get two groups 913 and 4.
Step-2: One’s place digit of first group is 3.
∴ We take one’s place digit of required cube root is 7(∵ 73 = 343)
Step-3: Now the second group is 4.
13 = 1, 23 = 8
1 < 4 < 8, hence 1 is the ten’s place digit of required cube root.
So, we get \(\sqrt[3]{4913}\) = 17.
Cube root of 12167.
Step-1 : Forming groups of three digits starting from the right most digit of 12167 we get two groups 167 and 12.
Step-2 : First group is 167.
∴ unit’s place digit of required cube root is 3. (∵ 33 = 27)
Step-3: Second group is 12
23 = 8 and 33 = 27, 8 < 12 < 27
⇒ 23 < 12 < 33
∴ 2 is the ten’s place digit of required cube root. So, we get \(\sqrt[3]{12167}\) = 23.
Cube root of 32768
Step-1: Forming groups of three digits starting from the right most digit of 32768 we get two groups 768 and 32.
Step-2: First group is 768.
∴ unit’s place digit of required cube root is 2
(∵ 23 = 8).
Step-3: Second group is 32
33 = 27 and 43 = 64, 27 < 32 < 64
⇒ 33 < 32 < 43
∴ 3 is the ten’s place digit of required cube root. So, we get \(\sqrt[3]{32768}\) = 32.

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MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.1

MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.1

Question 1.
The following graph shows the temperature of a patient in a hospital, recorded every hour.
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.1 1
(a) What was the patient’s temperature at 1 p.m.?
(b) When was the patient’s temperature 38.5° C?
(c) The patient’s temperature was the same two times during the period given. What were these two times ?
(d) What was the temperature at 1.30 p.m. ? How did you arrive at your answer?
(e) During which periods did the patient’s temperature showed an upward trend?
Solution:
(a) At 1 p.m. patient’s temperature was 36.5°C.
(b) At 12 noon the patient’s temperature was 38.5°C.
(c) The patient’s temperature was 36.5°C at 1 p.m. and 2 p.m.
(d) The patient’s temperature was 36.5°C at 1.30 p.m. (because the temperature of the patient was constant from 1 p.m. to 2 p.m.). The point between 1 p.m. and 2 p.m. on the x-axis and equidistant from them will represent 1 : 30 p.m. Similarly, the point on the y-axis, between 36°C and 37°C and equidistant from them will represent 36.5° C.
(e) 9 a.m. to 10 a.m., 10 a.m. to 11 a.m. and 2 p.m. to 3 p.m.

Question 2.
The following line graph shows the yearly sales figures for a manufacturing company.
(a) What were the sales in
(i) 2002
(ii) 2006?
(b) What were the sales in
(i) 2003
(ii) 2005?
(c) Compute the difference between the sales in 2002 and 2006.
(d) In which year was there the greatest difference between the sales as compared to its previous year?
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.1 2
Solution:
(a) (i) In 2002 company’s sales were ₹ 4 crores.
(ii) In 2006 company’s sales were ₹ 8 crores.

(b) (i) The sales of a manufacturing company in 2003 were ₹ 7 crores.
(ii) The sales of a manufacturing company in 2005 were ₹ 10 crores.

(c) The difference between the sales in 2002 and 2006.
= Sales in 2006 – Sales in 2002
= ₹ 8 crores – ₹ 4 crores = ₹ 4 crores.

(d) In year 2005, the difference between the sales was greatest as compared to its previous year.

Question 3.
For an experiment in Botany, two different plants, plant A and plant B were grown under similar laboratory conditions. Their heights were measured at the end of each week for 3 weeks. The results are shown by the following graph.
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.1 3
(a) How high was Plant A after
(i) 2 weeks,
(ii) 3 weeks?
(b) How high was Plant B after
(i) 2 weeks,
(ii) 3 weeks?
(c) How much did Plant A grow during the 3rd week?
(d) How much did Plant B grow from the end of the 2nd week to the end of the 3rd week?
(e) During which week did Plant A grow most?
(f) During which week did Plant B grow least?
(g) Were the two plants of the same height during any week shown here? Specify.
Solution:
(a) (i) After 2 weeks the height of plant A was 7 cm.
(ii) After 3 weeks the height of plant A was 9 cm.

(b) (i) After 2 weeks the height of plant B was 7 cm.
(ii) After 3 weeks the height of plant B was 10 cm.
(c) During the 3rd week plant A grew (9 – 7) cm = 2 cm.
(d) The plant B grew from the end of 2nd week to the end of 3rd week
= 10 cm – 7 cm = 3 cm
(e) The plant A grew most during second week.
(f) The plant B grew least during first week.
(g) Yes, at the end of second week.

MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.1

Question 4.
The following graph shows the temperature forecast and the actual temperature for each day of a week.
(a) On which days was the forecast temperature the same as the actual temperature?
(b) What was the maximum forecast temperature during the week?
(c) What was the minimum actual temperature during the week?
(d) On which day did the actual temperature differ the most from the forecast temperature?
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.1 4
Solution:
(a) The forecast temperature is the same as actual temperature on : Tuesday, Friday and Sunday.
(b) The maximum forecast temperature during the week was 35°C.
(c) The minimum actual temperature during the week was 15°C.
(d) On Thursday, the actual temperature differed the most from the forecast temperature.

Question 5.
Use the tables below to draw linear graphs.
(a) The number of days a hill side city received snow in different years
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.1 5
(b) Population (in thousands) of men and women in a village in different years.
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.1 6
Solution:
(a) By using a given information we draw a line graph, where the horizontal line i.e. x-axis shows the year and the vertical line i.e. y-axis shows the number of days.
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.1 7
(b) The horizontal line i.e. x-axis shows the year and the vertical line i.e. y-axis shows the number of men and number of women.
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.1 8

Question 6.
A courier-person cycles from a town to a neighbouring suburban area to deliver a parcel to a merchant. His distance from the town at different times is shown by the following graph.
(a) What is the scale taken for the time axis?
(b) How much time did the person take for the travel?
(c) How far is the place of the merchant from the town?
(d) Did the person stop on his way? Explain.
(e) During which period did he ride fastest?
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.1 9
Solution:
(a) 4 units = 1 hour is the scale taken for the time axis.
(b) Time taken by a person for the travel = (1 +1 + 1+ \(\frac{1}{2}\)) hours = 3\(\frac{1}{2}\) hours.
(c) The place of the merchant from the town is at a distance of 22 km.
(d) Yes, this is indicated by the horizontal part of the graph from 10 a.m. -10.30 a.m. where the stability of a distance has been shown.
(e) Between 8.00 a.m. – 9.00 a.m. he rode the fastest.

MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.1

Question 7.
Can there be a time-temperature graph as follows? Justify your answer.
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.1 10
MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 15 Introduction to Graphs Ex 15.1 11
Solution:
Figure (i) shows temperature is increasing over time.
Figure (ii) shows temperature is decreasing over time.
Figure (iii) is not a possible time – temperature graph. because, at the same time, temperature can’t be different.
Figure (iv) shows temperature is constant over time

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MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 14 गुणनखंडन Ex 14.1

MP Board Class 8th Maths Solutions Chapter 14 गुणनखंडन Ex 14.1

प्रश्न 1.
दिए हुए पदों में सार्वगुणनखण्ड ज्ञात कीजिए –

  1. 12x, 36
  2. 2y, 22xy
  3. 14pq, 28p2q2
  4. 2x, 3x2, 4
  5. 6abc, 24ab2, 12ab
  6. 16x3, – 4x2, 32x
  7. 10pq, 20qr, 30rp
  8. 3x2y3, 10x3y2, 6x2y2z.

हल:
1. 12x = 12 × x
36 = 12 x 3
∴ सार्व गुणनखण्ड = 12

2. 2y = 2 x y
22xy = 2 x 11 × x × y
∴ सार्व गुणनखण्ड = 2 x y = 2y

3. 14pq = 2 x 7 x p x q
28 p2q2 = 2 x 2 x 7 x p x p x q x q
∴ सार्व गुणनखण्ड = 2 x 7 x p x q = 14pq

4. 2x = 2 × x × 1
3x2 = 3 × x × x × 1
4 = 2 x 2 x 1
∴ सार्व गुणनखण्ड = 1

5. 6abc = 2 x 3 x 4 x 6 x c
24ab2 =2 x 2 x 2 x 3 x a x b x b
12a2b = 2 x 2 x 3 x a x a x b
∴ सार्व गुणनखण्ड = 2 x 3 x a x b = 6ab

6. 16x3 = 2 × 2 × 2 × 2 × x × x × x
4x2 = (-1) × 2 × 2 × x × x
32x = 2 × 2 × 2 × 2 × 2 × x
∴ सार्व गुणनखण्ड = 2 × 2 × x = 4x

7. 10pq = 2 x 5 x p x q
20qr = 2 x 2 x 5 x q x r
30pr = 2 x 3 x 5 x p x r
∴ सार्व गुणनखण्ड = 2 x 5 = 10

8. 3x2y3 = 3 × x × x × y × y × y
10x3y2 = 2 × 5 × x × x × x × y × y
6x2y2z = 2 × 3 × x × x × y × y × z
∴ सार्व गुणनखण्ड = x × x × y × y = xy2

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित व्यंजकों के गुणनखण्ड कीजिए –

  1. 7x – 42
  2. 6p – 12q
  3. 7a2 + 14a
  4. -16z + 20z3
  5. 20l2m + 30alm
  6. 5x2y – 15xy2
  7. 10a2 – 15b2 + 20c2
  8. -4a + 4ab – 4ac
  9. x2y + z + xy2z + xyz2 (तीनों पदों को मिलाने पर)
  10. ax2y + bxy2 + cxyz

हल:
1. 7x – 42 = 7 × x – 2 × 3 × 7
= 7(x – 2 x 3)
= 7 (x – 6)

2. 6p – 12q = 2 x 3 x p – 2 x 2 x 3 x q
= 2 x 3 (p – 2 x q)
= 6 (p – 24)

3. 7a2 + 14a = 7 x a x a + 2 x 7 x a
= 7 x a x (a + 2)
= 7a (a + 2)

4. – 16z + 20z3
= -2 x 2 x 2 x 2 x z + 2 x 2 x 5 x z x z x z
= 2 x 2 x z x (- 2 x 2 + 5 x z x z)
= 4z (- 4 + 572)

5. 20l2m + 30alm
= 2 x 2 x 5 x 1 x 1 x m + 2 x 3 x 5 x a x l x m
= 2 x 5 x 1 x m (2 x 1 + 3 x a)
= 10lm (21+ 3a)

6. 5x2y – 15xy2
= 5 × x × x × y – 3 × 5 × x × y × y
= 5 × x × y × (x – 3 × y)
= 5xy (x – 3y)

7. 10a2 – 15b2 + 20c2
= 2 x 5 x a x a – 3 x 5 x b x b + 2 x 2 x 5 x c x c
= 5 (2 x a x a – 3 x b x b + 2 x 2 x c x c)2
=5 (2a2 – 3b2 – 4c)

8. -4a2 + 4ab – 4ac
= – 2 x 2 x a x a + 2 x 2 x a x b – 2 x 2 x a x c
= 2 x 2 x a x (- a + b – c)
= 4a (- a + b – c)

9. xyz + xyz + xyz2
= x × x × y × z + x × y × y × z + x × y × z × z
= x × y × z (x + y + z)
=xyz (x + y + z)

10. ax2y + bxy2 + cxyz
= a × x × x × y + b × x × y × y + c × x × y × z
= x × y × (a × x + b × y + c × z)
= xy (ax + by + cz)

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प्रश्न 3.
गुणनखण्ड कीजिए –

  1. x + xy + 8x + 8y
  2. 15xy – 6x + 5y – 2
  3. ax + bx – ay – by
  4. 15pq + 15 + 9q + 25p
  5. z – 7 + 7xy – xyz

हल:
1. x2 + xy + 8x + 8y = (x2 + xy) + (8x + 8y)
= x (x + y) + 8 (x + y)
= (x + y) (x + 8)

2. 15xy – 6x + 5y – 2 = (15xy – 6x) + (5y – 2)
= 3x (5y – 2) + 1 (5y – 2)
= (5y – 2) (3x + 1)

3. ax + bx – ay – by = (ax + bx) – (ay + by)
= x (a + b) – y (a + b)
= (a + b) (x – y)

4. 15pq + 15 + 9q + 25p = (15pq + 9q) + (25p + 15)
(पुनः समूहन करने पर)
= 3q (5p + 3) + 5 (5p + 3)
= (5p + 3) (3q + 5)

5. z – 7 + 7xy – xyz = z – 7 – xyz + 7xy
(पुनः समूहन करने पर)
= 1 (z – 7) – xy (z – 7)
= (z – 7) (1 – xy)

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MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 14 नव संवत्सर

MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 14 नव संवत्सर

नव संवत्सर बोध प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ शब्दकोश से खोजकर लिखिए
उत्तर
नव संवत्सर = एक वर्ष की अवधि का समय; मत्स्य = मछली; उत्सव = पर्व, त्यौहार; कार्तिकादि = कार्तिक माह से प्रारम्भ होने वाला; अमान्त = अमावस्या को समाप्त होने वाला पक्ष; शृंगार = सजावट, सजना, सजाना; जयन्ती = जन्मदिन पीर=संत, महात्मा; सृष्टि रचना, जन्म देना, बनाना; वध = मार देना, नष्ट कर देना; चैत्रादि चैत्र माह से शुरू होने वाला; पूर्णिमान्त = पूर्णमासी को समाप्त होने वाला पक्ष; ऋतु  = मौसम; सम्वर्द्धन = विकास, वृद्धि, बढ़ोतरी; आततायी = कष्ट पहुँचाने वाला, अत्याचारी।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में लिखिए

(क) नव संवत्सर से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर
नव संवत्सर से तात्पर्य है-नये वर्ष का प्रारम्भ। यह नव संवत्सर चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शुरू होता है।

(ख) गुड़ी पड़वा नाम का क्या अर्थ है ?
उत्तर
गुड़ी’ का अर्थ है ध्वज या झण्डी। पड़वा का अर्थ है प्रतिपदा। लोक में एक परम्परा व्याप्त है। उसके अनुसार यह माना जाता है कि इसी दिन श्री रामचन्द्रजी ने किष्किधा के राजा बाली का वध किया और उसके स्वेच्छाचारी राज्य का अन्त कर दिया। बाली वध के बाद वहाँ की प्रजा ने पताकाएँ फहराई और उत्सव मनाया। इन पताकाओं को महाराष्ट्र में गुड़ी कहते हैं। आज भी वहाँ इस दिन आँगन में बाँस के सहारे गुड़ी खड़ी की जाती है। इसलिए चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को गुड़ी पड़वा कहा जाता है।

(ग) विक्रम संवत् किसने प्रारम्भ किया?
उत्तर
उज्जयिनी के महान् सम्राट् विक्रमादित्य ने विदेशी आक्रमणकारी शकों पर विजय प्राप्त की। इस विजय की खुशी में उन्होंने विक्रम संवत् आरम्भ किया। यह विक्रम संवत् ईसा के ईसवीय सन् से 57 वर्ष पूर्व प्रारम्भ किया गया।

(घ) बसन्त ऋतु का आगमन किस भारतीय माह में होता है ?
उत्तर
बसन्त ऋतु का आगमन चैत्र माह में होता है।

(ङ) दक्षिण भारत में विक्रम संवत् का प्रारम्भ किस भारतीय मास से होता है ?
उत्तर
दक्षिण भारत में विक्रम संवत् का प्रारम्भ कार्तिक मास से होता है।

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प्रश्न 3.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(क) चैती चाँद पर्व भगवान ……….. की जयन्ती के रूप में मनाते हैं।
(ख) प्रत्येक चार वर्ष बाद अतिरिक्त माह को ……………… माह तथा उसके वर्ष को …………… वर्ष कहते हैं।
(ग) नवरात्रि बासंतीय..”माह में तथा नवरात्रिशारदीय ………… माह में आती है।
उत्तर
(क) झूलेलाल
(ख) अधिक, चन्द्रमास,
(ग) चैत्र, कार्तिक।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से लिखिए
(क) संवत्सरों का नामकरण किस प्रकार किया जाता है ?
उत्तर
संवत्सर का उपयोग समय की गणना के लिए एक वर्ष की अवधि के अर्थ में किया जाता है। ऋग्वेद और अथर्ववेद आदि प्राचीन ग्रन्थों में भी संवत्सर का एक काल चक्र के रूप में उल्लेख है। इस प्रकार समय की गणना करने की विधि अति प्राचीन है। जिस तरह हमारे यहाँ दिनों और महीनों के नाम दिए गए हैं; उसी तरह संवत्सरों का भी नामकरण किया गया है। ये साठ वर्ष बाद पनः एक चक्र के रूप में आते रहते हैं। विक्रम संवत 2063 का नाम विकारी नामक संवत्सर है। इसके पहले के दो संवत्सरों के नाम ‘हेमलम्ब नाम’ और ‘विलम्ब नाम संवत्सर थे।

(ख) भगवान झूलेलाल की पूजा क्यों की जाती है ?
उत्तर
भगवान झूलेलाल की पूजा इसलिए की जाती है कि वे साम्प्रदायिक सद्भाव और एकता के प्रतीक हैं। उन्होंने सम्पूर्ण मानव जाति के कल्याण के लिए समानता के आधार पर स्थापित धर्म की सराहना की। उन्होंने धर्म के सच्चे स्वरूप का विवेचन कर लोगों को सही आचरण करने की सलाह दी। उन्होंने तत्कालीन मुस्लिम शासकों को कट्टरपंथी रुख न अपनाने के लिए विनती की। उन्होंने साम्प्रदायिक सद्भाव और एकता कायम रखने के लिए लोगों को बताया कि सत्य एक है, ईश्वर एक है, अल्लाह एक है। उसके नाम व रूप अनेक हैं। भगवान झूलेलाल ने सभी लोगों को विनम्रता और अपने कर्त्तव्य धर्म का पालन करने का उपदेश दिया। उन्होंने लोगों में सद्बुद्धि बनी रहे, इसके लिए समय-समय पर सभाएँ की। इनका जन्म संवत् 1007 वि. में नसरपुर में सूर्यवंशी क्षत्रियकुल में हुआ। इनके पिता का नाम रतन राय और माता का नाम देवकी था। कहते हैं कि इनके जन्म के समय से ही प्रत्येक हिन्दू घर में कलश पूजन (वरुण की पूजा) होने लगी। भगवान झूलेलाल की पूजा-अर्चना करने से मन की अभिलाषाएँ पूर्ण हो जाती हैं। ऐसा माना जाता है।

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(ग) सौरवर्ष और चन्द्रवर्ष में क्या अन्तर है?
उत्तर
यह पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा लगभग 365 दिन में करती है। यह अवधि एक नक्षत्र सौरवर्ष कहलाती है जबकि चन्द्रवर्ष लगभग 354 दिन का होता है। इसे 360 तिथियों में बाँटते हैं। सौरवर्ष और चन्द्रवर्ष में सामंजस्य बनाने के लिए प्रत्येक 32 या 33 चन्द्रमासों के बाद एक अतिरिक्त चन्द्रमास जोड़ दिया जाता है। इस अतिरिक्त मास को अधिक मास या मलमास या लौंद का महीना कहते हैं। जिस वर्ष लौद का महीना होता है, उस वर्ष चन्द्र वर्ष 13 महीने का होता है।

(घ) सौरवर्ष और चन्द्रवर्ष के सामंजस्य के लिए क्या विधि अपनाते हैं?
उत्तर
चन्द्रवर्ष में लगभग 354 दिन होते हैं। इसे 360 तिथियों में बाँटते हैं। सौरवर्ष और चन्द्रवर्ष में सामंजस्य बनाने के लिए प्रत्येक 32 या 33 चन्द्रमासों के बाद एक अतिरिक्त चन्द्रमास जोड़ दिया जाता है। सौरवर्ष में 365 दिन होते हैं। इस सौर वर्ष के ही कारण ऋतुओं में परिवर्तन होता है। सौरवर्ष में बारह महीने होते हैं जबकि चन्द्रवर्ष में तेरह महीने होते है।

(ङ) विक्रम संवत् के अनुसार वर्ष के महीनों के नाम लिखिए।
उत्तर
विक्रम संवत् के अनुसार वर्ष के महीनों के नाम निम्न प्रकार हैं

  1. चैत्र
  2. बैसाख
  3. ज्येष्ठ
  4. आषाढ़
  5. श्रावण
  6. भाद्रपद
  7. आश्विन (क्वार)
  8. कार्तिक
  9. मार्गशीर्ष
  10. पौष
  11. माघ
  12. फाल्गुन।

(च) विक्रम संवत् की प्रथम तिथि में कौन-कौन से प्रसंग जुड़े हैं ? लिखिए।
उत्तर
विक्रम संवत् को प्रथम तिथि को गुड़ी पड़वा कहते हैं। इस दिन से भारतीय नववर्ष या संवत्सर का प्रारम्भ होता है। इसे चैत्र शुक्ल प्रतिपदा भी कहते हैं। प्रजापति ब्रह्मा ने इसी तिथि को सृष्टि का सृजन किया। भगवान विष्णु ने भी इसी तिथि को मत्स्यावतार के रूप में अवतार लिया था। साथ ही यह भी कहा जाता है कि सतयुग का भी प्रारम्भ इसी तिथि को हुआ था। इसी प्रतिपदा के (पड़वा के) दिन भगवान श्री रामचन्द्रजी ने किष्किन्धा के राजा बाली का वध किया और उसके स्वेच्छाचारी राज्य का अन्त किया था। बाली वध के बाद प्रजा ने पताकाएँ बनाई, उन्हें फहराया गया और उत्सव मनाया गया, झण्डियों को गुड़ी कहते हैं। इसलिए इस तिथि को गुड़ी पड़वा कहते हैं। इस तरह इस तिथि से अनेक प्रसंग जुड़े हुए हैं।

नव संवत्सर भाषा-अध्ययन

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों का उच्चारण कीजिए और अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए-
चैत्र, पौराणिक, किष्किंधा, ऋग्वेद, अथर्ववेद, पूर्णिमा, विक्रमादित्य, स्वेच्छाचारी।
उत्तर
विद्यार्थी उपर्युक्त शब्दों को ठीक-ठीक पढ़कर उनका शुद्ध उच्चारण करने का अभ्यास करें।
वाक्य प्रयोग-

  1. चैत्र-चैत्र मास में बसन्ती हवाएँ चलती हैं।
  2. पौराणिक-भारतवर्ष में अनेक पौराणिक कथाएँ प्रचलित हैं।
  3. किष्किधा-किष्किधा में बाली का शासन था।
  4. ऋग्वेद-ऋग्वेद सबसे प्राचीन ग्रन्थ है।
  5. अथर्ववेद-अथर्ववेद पर अभी तक अधिक शोध नहीं
  6. पूर्णिमा-पूर्णिमा के दिन हम सभी उपवास करते हैं।
  7. विक्रमादित्य-विक्रमादित्य ने विक्रमी संवत् चलाया।
  8. स्वेच्छाचारी-किष्किंधा राज्य का शासक स्वेच्छाचारी

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों में ‘इक’ प्रत्यय का प्रयोग करके नए शब्द बनाइए
प्रसंग, समाज, परिवार, नीति, साहित्य, मूल।
उत्तर

  1. प्रसंग + इक = प्रासंगिक
  2. समाज + इक = सामाजिक
  3. परिवार + इक = पारिवारिक
  4. नीति + इक = नैतिक
  5. साहित्य + इक = साहित्यिक
  6. मूल + इक = मौलिक।

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों की संधि विच्छेद कीजिए
स्वेच्छाचारी, विक्रमादित्य, सूर्योदय, पुस्तकालय, नरेन्द्र नीरोग, निष्कपट, प्रात:काल।
उत्तर
MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 14 नव संवत्सर 1

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ शब्दकोश से खोजकर लिखिए और अपने वाक्य में प्रयोग कीजिए
पर्व, गणना, मलमास, उपलक्ष्य, प्रस्थान, सम्वर्द्धन।
उत्तर
MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 14 नव संवत्सर 2
MP Board Class 8th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 14 नव संवत्सर 3

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों को वर्णक्रम के अनुसार लिखिए
शेखर, नव, पता, अखिल, चैत्र, उपयोग, ग्रंथों, ऋग्वेद, संवत्, विक्रम, बाद, रोचक, दक्षिण, और, तेरह, माह, कहा, आगमन।
उत्तर
अखिल, आगमन, उपयोग, और, ऋग्वेद, कहा, ग्रन्थों, चैत्र, तेरह, दक्षिण, नव, पता, बाद, माह, रोचक, विक्रम, शेखर, संवत्।

प्रश्न 6.
नीचे लिखे वाक्यों में विशेषण और विशेष्य छाँटकर तालिका में लिखिए
(क) नववर्ष बीते तो कितने दिन हो गए।
(ख) प्राचीन ग्रन्थों में भी संवत्सर का एक काल चक्र के रूप में उल्लेख है।
(ग) प्रत्येक माह के दो पक्ष होते हैं।
(घ) यह तो तुमने बड़ी रोचक बात बताई।
उत्तर
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नव संवत्सर परीक्षोपयोगी गद्यांशों की व्याख्या 

(1) पौराणिक कथाओं के अनुसार प्रजापति ब्रह्मा ने इसी तिथि को सृष्टि का सृजन किया था, भगवान विष्णु भी मत्स्यावतार के रूप में इसी तिथि को प्रकट हुए थे और सतयुग के प्रारम्भ होने की भी यही तिथि है।’

शब्दार्थ-पौराणिक = पुराण सम्बन्धी; सृष्टि = सभी प्राणियों का; सृजन = निर्माण; मत्स्यावतार = मछली के अवतार; प्रकट = अवतरित; प्रारम्भ होने की = शुरू होने की।

सन्दर्भ-प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक भाषा-भारती के पाठ ‘ नव संवत्सर’ से अवतरित है।

प्रसंग-इसमें लेखकगण नव संवत्सर के शुरू होने और उसके महत्त्व को बताते हैं।

व्याख्या-पुराण की अनेक कथाओं में बताया गया है कि विश्व के सभी प्राणियों के स्वामी ब्रह्मा ने इसी तिथि को उनकी रचना की थी। भगवान विष्णु ने भी इसी तिथि (दिनांक) को मत्स्यावतार (मछली के रूप में जन्म लेना) के रूप में अवतरित हुए थे। साथ ही, इसी तिथि को सतयुग का प्रारम्भ हुआ था। यह तिथि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा ही है जिस दिन से संवत्सर का प्रारम्भ होता है।

(2) गुडी का अर्थ है ‘ध्वज या झण्डी’ और पड़वा कहते हैं प्रतिपदा को। लोक परम्परा के अनुसार माना जाता है कि इसी दिन श्री रामचन्द्रजी ने किष्किंधा के राजा बाली का वध कर उसके स्वेच्छाचारो राज का अन्त किया था। बाली वध के पश्चात् वहाँ की प्रजा ने पताकाएँ, जिन्हें महाराष्ट्र में गुड़ी कहते हैं, फहराकर उत्सव मनाया था। आज वहाँ आँगन में बांस के सहारे गुड़ी खड़ी की जाती है। इसलिए चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को गुड़ी प्रतिपदा कहते

शब्दार्थ-गुड़ी = झण्डी; परम्परा = रीति; वधकर = बाण से मारकर; स्वेच्छाचारी = अपनी इच्छा के अनुसार अन्त किया समाप्त किया; पताकाएँ = झण्डियाँ; उत्सव = त्योहार; पड़वा = प्रतिपदा

सन्दर्भ-पूर्व की तरह। प्रसंग-इसमें चैत्र प्रतिपदा से जुड़ी बातें बताई गई हैं।

व्याख्या-गुड़ी का अर्थ झण्डी अथवा ध्वज होता है। प्रतिपदा को पड़वा कहते हैं। लोक में प्रचलित एक परम्परा के अनुसार यह बात मानी जाती है कि किष्किन्धा का राजा बाली था। बाली का वध श्री रामचन्द्रजी ने इसी दिन (चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को) किया था और इस प्रकार उसके राज्य का अन्त कर दिया था। वह अपने राज्य का संचालन अपनी इच्छा से करता था। जैसे ही राजा बाली का वध कर दिया गया, वैसे ही वहाँ की प्रजा ने खुशी मनाई और घर-घर पताकाएँ फहराई गई। इसी पड़वा या प्रतिपदा के दिन वहाँ उत्सव मनाया गया। महाराष्ट्र में पताकाओं को गुड़ी कहते हैं। वहीं इस प्रतिपदा के दिन आँगन में एक बाँस गाड़ दिया जाता है। उसके सहारे गुड़ी खड़ी की जाती है। इस कारण चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को गुड़ी पड़वा कहते हैं।

(3) विक्रम संवत् का प्रचलन उज्जयिनी के महान् सम्राट विक्रमादित्य ने विदेशी आक्रमणकारी शक राजाओं पर अपनी विजय के उपलक्ष्य में ईसा पूर्व सन् 57 में किया

शब्दार्थ-प्रचलन = प्रारम्भ; उज्जयिनी = उज्जैन; आक्रमणकारी = आक्रमण करने वाले या आक्रान्ता; शक = शक जाति जो विदेशों के आक्रमण करने वाले थे; उपलक्ष्य में = सन्दर्भ में, विषय में; विजय = जीत।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-इन पंक्तियों में विक्रम संवत् के प्रारम्भ होने के विषय में बताया जा रहा है।

व्याख्या-उज्जयिनी के एक महान् सम्राट थे। उनका नाम विक्रमादित्य था। शक राजाओं ने विक्रमादित्य के राज्य पर आक्रमण कर दिया था। इन विदेशी आक्रमण करने वाले शक राजाओं को विक्रमादित्य ने परास्त कर दिया। उन पर जीत प्राप्त की। अपनी जीत के सन्दर्भ की खुशी में यह संवत् चलाया। यह संवत् ईसा सन् से सत्तावन बर्ष पूर्व प्रारम्भ किया गया। इस संवत् का नाम उनके नाम के आधार पर विक्रम संवत् किया गया।

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(4) उत्तर भारत में विक्रम संवत् का प्रारम्भ चैत्र प्रतिपदा से होता है, इसे चैत्रादि कहते हैं जबकि दक्षिण भारत में संवत्सर का आरम्भ कार्तिक शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से माना जाता है, इसे कार्तिकादि कहते हैं। व्यापारी लोग भी कार्तिकादि नववर्ष मनाते हैं, इसलिए वे दीवाली पर नया बहीखाता प्रारम्भ करते हैं।

शब्दार्थ-प्रारम्भ = प्रचलन, शुरुआत; प्रतिपदा = पड़वा; चैत्रादि- चैत्र (चैत महीने) का प्रारम्भ; कार्तिकादि = कार्तिक महीने का प्रारम्भ; नववर्ष = नया साल; प्रारम्भ = शुरू।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-नव संवत्सर के प्रचलन के दो रूप बताये गये हैं।

व्याख्या-उत्तरी भारत में नव संवत्सर का प्रारम्भ चैत्र के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा (पड़वा) से माना जाता है। इसे | चैत्रादि कहते हैं। जबकि दक्षिण भारत में नव संवत्सर का प्रचलन कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शुरू होना माना गया है। इसको कार्तिकादि कहते हैं। व्यापारी वर्ग कार्तिकादि नववर्ष का उत्सव मनाते हैं। यही कारण है कि वे दीपावली पर नया बहीखाता बनाते हैं और उसे प्रारम्भ करते हैं।

(5) चैत्र माह में बसन्त ऋतु का आगमन होता है। बसन्त . ऋतु में प्रकृति भी अपना नव श्रृंगार करती है। पेड़ अपने पुराने पत्ते गिराकर नए पत्ते धारण करते हैं। ऋतु परिवर्तन के अवसर पर हमारे यहाँ नवरात्रि पर्व मनाने की परम्परा है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से प्रारम्भ होने वाली नवरात्रि वासन्तीय नवरात्रि एवं पितृमोक्ष अमावस्था के पश्चात् प्रारम्भ होने वाली नवरात्रि शारदीय कहलाती हैं। ‘वासन्तीय नवरात्रि’ का समापन रामनवमी और ‘शारदीय नवरात्रि’ का समापन दशहरा पर्व पर होता है।

शब्दार्थ-आगमन = आना या शुरू होना; नव श्रृंगार = नई सजावट, सजधज; धारण करते हैं = निकल आते हैं; परिवर्तन = बदलाव; परम्परा = रीति या रिवाज, प्रथा, प्रारम्भ = शुरू होना; वासन्तीय = वसन्त ऋतु की; समापन = समाप्ति, अन्त; शारदीय = शरद ऋतु की; पर्व = त्यौहार।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-शारदीय नवरात्रि और वासन्तीय नवरात्रि के प्रारम्भ होने की तिथि तथा उनके समापन की तिथि के विषय में बताया जा रहा है।

व्याख्या-चैत्र महीने में बसन्त ऋतु प्रारम्भ हो जाती है। बसन्त ऋतु के आने के साथ ही प्रकृति अपना नया शृंगार करती है। अपनी सजावट करती है। प्रकृति अपने स्वरूप को सजाती है। पेड़ों के पुराने पत्ते झड़ जाते हैं। उन पर नये पत्ते निकल आते हैं। प्रकृति में ऋतु सम्बन्धी परिवर्तन आ जाता है। ऋतु परिवर्तन के साथ ही हमारे यहाँ नवरात्रि का त्यौहार मनाये जाने की यह रीति है, परम्परा है। चैत्र मास की शुक्ल पक्षीय प्रतिपदा के दिन आरम्भ होने वाली नवरात्रि को वासन्तीय नवरात्रि कहा जाता है तथा पितृ पक्ष की समाप्ति पर अमावस्या के अगले – दिन से आरम्भ होने वाली नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहते हैं। वासन्तीय नवरात्रि की समाप्ति रामनवमी को होती है तथा शारदीय नवरात्रि का समापन दशहरा के त्यौहार पर होता है।

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